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सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 21 फ़रवरी

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मुसीबत में है शहर के सैकड़ों हितग्राही, नहीं डाली जा रही है आवास किश्त की राशि
शिवसेना युवा सेना ने संयुक्त कलेक्टर को दिया ज्ञापन 
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सीहेार। शिवसेना युवा सेना ने गुरूवार को कलेक्ट्रेटोरेट पहुंचकर प्रधानमंत्री आवास योजना के पीडि़त हिग्राहियों के हित में संयुक्त कलेक्टर राजीव रंजन पांडे को ज्ञापन दिया। युवा सेना जिला उपाध्यक्ष  सुनील राय के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका की सुस्त कार्यशैली के विरोध में नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने संयुक्त कलेक्टर को बताया की बैंक खातों में प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्ते नहीं पहुंच रहीं है। शहर के सैकड़ों हितग्राहियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कई पात्र हितग्राहियों के अबतक सूची में नाम तक नहीं आए है। नपा में कार्यरत योजना क्रियान्वयन से संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा हितग्राहियों से किश्त जारी करने के एवज में रिश्वत की मांगी जा रहीं है।  युवासेना उपाध्यक्ष श्री राय ने प्रशासन को सात दिनों का अल्टीमेटम नगर पालिका परिषद प्रधानमंत्री आवास योजना क्रियांवयन कार्यशेल्ी को दुरूस्त करने और पात्र हितग्राहियों को तत्काल योजना का लाभ दिलाने के लिए दिया है। परिणाम नहीं मिलने पर युवासेना कार्यकर्ता नगर पालिका और प्रशासन के खिलाफ धरना प्रर्दशन करने के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन सौपने वालों में आकाश रावत, प्रदीप नागर, विशाल पाटीदार, शुभम पाटीदार, शुभव वर्मा, शेलेंद्र यादव, लवीश राजपूत, विजय भारती, सौरभ वर्मा, पंकज मालवीय, आदर्श शर्मा, त्रिलोक पाटीदार, योगेंद्र मालवीय, रवि विश्वकर्मा, रविन्द्र पटेल, रवि शर्मा, विकास राय, अतुल राय सोनू त्यागी, जय गोस्वामी मयंक जोशी सहित अन्य कार्यकर्तागण शामिल है। 

आगंवाडी केन्द्र ,स्कुल ,तथा छात्रावास का निरिक्षण

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मध्यप्रदेश  राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य माननीय अंजू मिश्रा ने सीहोर जिले में संचालित आगंवाडी केन्द्र ,स्कुल ,तथा छात्रावास का निरिक्षण  किया  तत्पश्चात शामकीय जिला चिकित्सालय में शिशु वार्ड  का निरिक्षण किया तथा  बच्चो से संबंधीत इलाज तथा देखभाल हेतु अस्पताल  प्रबंधन को हिदायत दी।  इस अवसर पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राम स्वरूप साहु , सदस्य श्री मती चन्द्रा जैन, अनिल सक्सैना, जूगल किशोर तथा सामाजिक कार्यकर्ता शशि राठौर  अपस्थित रही ।

लोकसभा निर्वाचन 2019 को लेकर राजनैतिक दलों की बैठक आज
निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन, ई-रोल के संबंध में दी जाएगी जानकारी 
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी को किया जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची के सेट एवं आवश्यक जानकारी के लिए बैठक आयोजित की गई है। साथ ही इस दौरान राजनैतिक दलों की बैठक भी आयोजित की जाएगी।  बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शाम 4 बजे आयोजित होगी। बैठक में ई-रोल के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। बैठक में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों उपस्थिति अपेक्षित है।

दो दिवसीय रोजगार मेले आज से होगा प्रारंभ

जिला प्रशासन एवं जिला रोजगार कार्यालय सीहोर के तत्वाधान में बेरोजगारों के लिये दो दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन 22-23 फरवरी को प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक पीजी कालेज सीहोर में किया जाएगा। जिसमें विभिन्न कंपनियों द्वारा विभिन्न पदों पर आवेदकों का चयन किया जायेगा। इच्छुक आवेदक अपने समस्त प्रामण पत्रो सहित उपस्थित हों। अधिक जानकारी हेतु जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष नम्बर 6260632579 पर संपर्क कर सकते हैं। रोजगार मेले में एलआईसी सीहोर, एसबीआई लाईफ सीहोर, सेनापति सिक्योरेटी सर्विस, एसआईएस नीमच, ट्राईडेंट कंपनी बुदनी, ग्लोबल स्कूल आफ एक्सीलेंस सीहोर, एमीनेंस टेली सीहोर, आईएमसी हार्बल लुधियाना, एचडीएफसी लाईफ सीहोर, विक्ट्री टरमिनल फाइनेशियल सर्विस, सेल मेन्युफेक्चिरिंग कंपनी आष्टा, संपूर्ण समिति जबलपुर, शिवशक्ति बायो टेक्निलॉजी भोपाल, धनवंतरी डिस्ट्रीब्यूटर्स, एडवांस इलेक्ट्रिक प्रा., अमलताश मल्टीलेवल मार्केटिंग आदि कपंनियों द्वारा योग्यता अनुसार विभिन्न पदों पर आवेदकों का चयन किया जाएगा।

सातवें वेतनमान के अनुमोदन की तिथि 31 मार्च तक बढ़ी 

सभी विभागों में पदस्थ कर्मचारियों के सातवें वेतनमान का अनुमोदन पूर्व में शासन द्वारा 31 दिसम्बर तक कराने के निर्देश दिए थे। शासन ने अब कर्मचारियों के सातवें वेतनमान का अनुमोदन की तिथि 31 मार्च 2019 तक बढ़ा दी है। सभी कार्यालय प्रमुखों से अनुरोध किया है कि वह अपने विभाग में पदस्थ सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका सातवें वेतनमान का निर्धारण कर जिला पेंशन कार्यालय में प्रस्तुत कर अनुमोदन 31 मार्च 2019 तक आवश्यक रूप से करा सकते हैं।

आष्टा में आयोजित आयुष्मान भारत निरामयम् स्वास्थ्य शिविर में 351 हितग्राहियों का हुआ उपचार
40 चिन्हित हितग्राहियों को गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु रेफर किया गया
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आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) अंतर्गत आयोजित आयुष्मान निरामयम् मध्यप्रदेश योजन अंतर्गत सिविल अस्पताल आष्टा में निःशुल्क विकासखण्ड स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न बीमारियों के 351 हितग्राही ने पंजीयन कराया वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों के दल द्वारा जांच उपरांत 40 हितग्राहियों को गंभीर बीमारियों में चिन्हित करते हुए उन्हें मेडिकल कालेज भोपाल, शासकीय हमिदिया अस्पताल भोपाल, जिला चिकित्सालय सीहोर तथा आयुष्मान निरामयम योजना के अंतर्गत चिन्हित निजी चिकित्सालयों में रेफर किया गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके ने बताया कि शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 351 हितग्राहियों की जांच के उपरांत स्त्रीरोग से संबंधित 02, नेत्र रोग 06, मेडिसिन के 12, नाक नाक गले से संबंधित 05, अस्थी रोग 07, शिशु रोग से संबंधित 02, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्र से संबधित 06 हितग्राहियों को उच्च स्तरीय उपचार के लिए मेडिकल कालेज एवं जिला चिकित्सालय सीहोर के लिए रेफर किया गया। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.बीके चतुर्वेदी,स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अमीता श्रीवास्तव, बीएमओ डॉ.प्रवीर गुप्ता, डॉ.जीडी सोनी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.एके जैन, डॉ.बुसरा सिद्धिकी, आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ.साईनी अंजूम, डॉ.रजनी वर्मा, डॉ.करम हुसैन, डॉ.स्वीटी जैन, डॉ.तैसीन फातमा द्वारा चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई गई वहीं शिविर की सफलता के लिए बीईई श्री मोहन श्रीवास्तव,बीसीएम श्री तरूण राठौर, श्री ओपी परसाई सहित समस्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता अधिकारी/कर्मचारियो का विशेष योगदान रहा। जिला स्तर पर रेफर हितग्राहियों का उपचार 26 फरवरी को आयोजित जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर में किया जाएगा।      

कृषि विपणन पुरस्कार योजना अन्तर्गत कूपन ड्रा का कार्यक्रम निरस्त

सहायक संचालक कृषि उपज मंडी समिति श्री करुणेश तिवारी ने बताया कि 22 फरवरी को दोपहर 2 बजे कृषि विपणन पुरस्कार योजना 2018 के अन्तर्गत कूपनों के ड्रा कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था। यह आयोजन अपरिहार्य कारणों से ड्रा कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। कार्यक्रम की आगामी तिथि की सूचना पृथक से जारी की जाएगी।

शहरी क्षेत्र में लगाए जा रहे निःशुल्क आउटरीच स्वास्थ्य शिविर
विशेषज्ञों चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा उपचार एवं निःशुल्क जांच
सीहोर शहरी क्षेत्र की मलीन बस्तियों तथा वंचित समुदाय के लिए आउटरीच निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन 20 फरवरी से किया जा रहा है। शिविरों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों तथा आयुष चिकित्सा अधिकारियों द्वारा सभी प्रकार की स्वाथ्य सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है वहीं लेब तकनीशियनों द्वारा भी निःशुल्क लैब जंाच की जा रही है। ये सभी शिविर अलग-अलग दिवसों तथा तिथियों में 14 मार्च 2019 तक संचालित होंगे। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके ने जानकारी दी कि 23 फरवरी जमशेदनगर, 25 फरवरी इन्द्रानगर, 27 फरवरी बड़ियाखेडी, 28 फरवरी साल्वेट कालोनी, 2 मार्च दुर्गा कालोनी,4 मार्च तलाईया मोहल्ला,6 मार्च दशहरा वाला बाग,7 मार्च भागवती कालोनी,9 मार्च स्वदेश नगर,11 मार्च लूनिया मोहल्ला,13 मार्च रानी मोहल्ला,14 मार्च संजय कालोनी की आंगनबाडी में यह शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दीलिप चैरसिया, डॉ.नीरा श्रीवास्तव, डॉ अमित राजवानी, डॉ.श्रीमह स्वदेश साहू, आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक मालवीय, स्टाफ नर्स श्रीमती कविता मालवीय, श्रीमती कविता अमरूते, लेब तकनीशियन श्री पंकज शर्मा, एड्स काउंसलर श्रीमती पुष्पा साहू, श्री कुलदीप तिग्गा एवं शहरी क्षेत्र में कार्यरत ए.एन.एम.श्रीमती ममता भादे, रेखा तोमर, छाया शर्मा, श्रीमती ज्योति सोलंकी, श्रीमती मीना सोनी, सुरा पणीकर, रूपा सोनी, जमना मालवीय, रेणु भावसार, रामरति सविता, बिल्किस फातिमा, ताजवर खानम एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। इन शिविरों में लैब तकनीशियन द्वारा निःशुल्क जांच की जा रही है वहीं चिकित्सा अधिकारियों द्वारा निःशुल्क उपचार कर हितग्राहियों को दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

किसानों को फसल ऋण माफी के बाद प्रदाय किए जाएंगे उन्नत बीज 

मध्यप्रदेश शासन द्वारा किसानों को राहत एवं आर्थिक समृद्धि के लिए बड़े पैमाने पर उन्नत बीज प्रदाय किये जाएगें। इसके लिए राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं को और अधिक गतिशील बनाया जाएगा। किसानों को जिंदगी भर कर्ज की स्थिति में रहने से उबारने के लिए जय किसान ऋण माफी योजना एक सार्थक कदम है। अगला कदम किसानों की आर्थिक समृद्धि है। उन्नत बीज प्रदाय से किसन लाभांवित होंगे। करीब 85 प्रतिशत किसान सीमांत और लघु श्रेणी के हैं। इनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है। सहकारी क्षेत्र में बीज उत्पादक एवं विपणन संघ को बीज ग्रेडिंग और आपूर्ति का जिम्मा देकर गतिशील बनाया जाएगा। किसानों को मुर्गी पालन, मत्स्य-पालन, खाद्य प्र-संस्करण जैसे व्यवसाय से आमदनी बढ़ाने में सहकारी क्षेत्र पूरा सहयोग करेगा।   

लोकसभा निर्वाचन को लेकर मद्य निषेध दलों का गठन 

लोकसभा निर्वाचन 2019 को लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार जिला आबकारी अधिकारी श्री शादाब अहमद सिद्दकी के मार्गदर्शन में जिले में मद्य नियंत्रण दल का नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के दौरान अवैध शराब अधीपत्य/परिवहन/बिक्री पर नियंत्रण रखने के लिए चारों विधानसभा क्षेत्रों में आबकारी विभाग के विशेष दलों का गठन किया गया है।         विधानसभा क्षेत्र अनुसार गठित दलों में विधानसभा क्षेत्र आष्टा, इछावर एवं सीहोर के लिए दल प्रमुख सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री सी.के.साहू एवं सदस्य सुश्री शारदा करोलिया, श्री ललित गीते, श्रीमती प्रियवंदना पाण्डेय एवं विधानसभा क्षेत्र बुदनी के लिए दल प्रमुख सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री जहांगीर खान एवं सदस्य सुश्री अरुणा शुक्ला, श्री सेवाराम रघुवंशी, श्री राजकुमार सीतलानी, वैभव नागवंशी शामिल हैं। यह दल जिले में विधानसभावार अवैध मदिरा के विक्रय एवं वितरण, अवैध धारण, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण रखेंगे। यह दल तत्काल प्रभाव से निर्वाचन परिणामों की घोषणा तक क्रियाशील रहेंगे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 21 फ़रवरी

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आघुनिक मषीनों से सुनने की जांच  24फरवरीको

विदिषां ंसेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 24 फरवरी रविवार को सुबह 10बजे से माई ईयर हियरिंग एंड स्पीच क्लीनिक भोपाल की डा ईषा जैन एंव उनकी टीम दृारा सुनने की जांच की जायेगी। सेवाभारती के सचिव राजीव भार्गव ने ऐसे बच्चे जो जन्म से ही गूग,ेंबहरे,सुनने और बोल ना पाते हों जिनकी आयु 5 साल से कम हो उनके आपरेषन निःषुल्क किये जायेगें। ऐसे मरीज भी जिनको सुनने में दिक्कत हो, कान के कारण चक्कर आते हों,जिनको कान में सुनने के लिये मषीन लगाने की आवष्यकता बताई हो वह भी इस षिविर का लाभ ले सकतें हैं।मरीजों का पंजीयन 24 फरवरी रविवार को सुबह 9 बजे से 10 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। 

मांग पत्र के माध्यम से मकोडिया बांध निर्माण, रेल्वे के क्षेत्र सुविधाओं में विस्तार एवं ट्रेनों के स्टापेज हेतु विधायक शषांक भार्गव ने केन्द्रीय विदेष मंत्री से मांग की

विदिषाः पारिवारिक कार्यक्रम में विदिषा से बाहर होने के कारण विदिषा विधायक शषांक भार्गव रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृति भवन के लोकार्पण समारोह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विधायक भार्गव ने शहर वासियों को संस्कृति एवं कला को सहेजने के लिए बने नए भवन के लोकार्पण की शुभकामनायें दी है।  विधायक शषांक भार्गव विगत कई वर्षो से मकोडिया बांध निर्माण के लिए संघर्ष कर रहें है। मकोडिया बांध निर्माण से विदिषा एवं रायसेन जिले के किसानों की हजारों हैक्टर भूमि को सिचाई की सुविधा मिलेगी साथ ही बीना रिफाईनरी एवं विदिषा शहर को भरपूर पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने एक मांग पत्र के माध्यम से विदेष मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज से मकोडिया बांध निर्माण की केन्द्र सरकार से यथाषीघ्र स्वीकृति की मांग की है। साथ ही विधायक भार्गव ने विदेष मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को अपडाउनर्स को सुविधा हेतु गंजबासौदा, विदिषा, भोपाल, होषंगाबाद तक विषेष मेमो ट्रेन चलाये जाने, जैन धर्म के पवित्र तीर्थ षिखर जी जाने-आने के लिए विदिषा के यात्रियों को सुविधा प्राप्त हो इस हेतु विदिषा से हावडा तक प्रतिदिन ट्रेन सुविधा, विदिषा से सीधे बैंगलोर जाने वाले यात्रियों के लिए कर्नाटक एक्सप्रेस का स्टापेज, विदिषा के व्यापारियों एवं आमजन के हित में शताब्दी एक्सप्रेस का स्टापेज, विदिषा नगर में स्वीकृत खरीफाटक अण्डरब्रिज निर्माण यथाषीघ्र प्रारंभ किया जाए जिससे नगर वासियों को यातायात की सुलभ सुविधा प्राप्त हो सके। रेल्वे क्षेत्र की सुविधाओं एवं ट्रेनों के स्टापेज हेतु विधायक भार्गव की अनुपस्थिति में वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेन्द्र पीतलिया के मार्गदर्षन में ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र पीतिलया एवं विधायक प्रतिनिधि मनोज कपूर, महेन्द्र यादव, रईस अहमद कुरैषी, रवि कपूर, लक्ष्मणसिंह रघुवंषी, अब्दुल मजीद खान, अजय कटारे, नरेन्द्र रघुवंषी, अनुज लोधी, दीवान किरार, देवेन्द्रसिंह दांगी, डाॅ. राजेन्द्रसिंह दांगी, सुश्री प्रियंका किरार, राजकुमार डीडोत, सुनील शर्मा, प्रदीप वैद्य, सुनील रघुवंषी पाॅझ, डी.के. रैकवार, यषपाल रघुवंषी, दीपक दुबे आदि ने विदिषा सांसद एवं विदेष मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को विधायक शषांक भार्गव की ओर से मांग पत्र सौंपा।

रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन लोकार्पित

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विदिशा जिला मुख्यालय पर नवनिर्मित रवीन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन का लोकार्पण समारोह कार्यक्रम आज मैंदामील परिसर में सम्पन्न हुआ। विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने अनावरण पट्टिका की रस्सी खींचकर भवन को लोकार्पित किया। संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डाॅ विजय लक्ष्मी साधौ ने इस प्रकार के भवन को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि लोककला, लोक साहित्य के प्रस्तुतिकरण हेतु सुगमता से मंच प्राप्त होगा। सांस्कृतिक विचारधारा को फैलाने में उक्त भवन कारगर साबित होगा। उन्होंने रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन से विदिशा की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुई है। उन्होंने प्रदेश में संस्कृति को बढावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।  संस्कृति मंत्री डाॅ साधौ ने कहा कि प्रदेश में हर चालीस किलोमीटर के उपरांत नई संस्कृति देखने को मिल रही है जो अपने आप में अद्भुत है और हृदय प्रदेश को एकजुटता में जोड़ने का काम कर रही है। सांस्कृतिक विचारों के आदान प्रदान में, ख्याति फैलाने में यह भवन मील का पत्थन साबित होगा।  कुटीर एवं ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव ने कहा कि सांस्कृतिक भवन मात्र ईंटगारे, लोहे पत्थर से नही बना है बल्कि संस्कृति को बढावा देेने का केन्द्र बनेगा। उन्होंने वर्तमान में संस्कृति को सजोए रखना अपने आप में अविरल है। प्रदेश के छोटे-छोटे क्षेत्रों की संस्कृति को बढावा देेने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे है। संस्कृति से जहां लोगो को बौद्विक ज्ञान की सहजता से प्राप्ति होती है वही एकता को बल मिलता है।  स्थानीय सांसद एवं विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने दिए गए वचनों को पूरा करने की कड़ी में रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति को बढावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त समन्वय प्रयासों से प्रत्येक सांसद के क्षेत्र में एक-एक रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन के निर्माण हेतु 60 प्रतिशत राशि का योगदान केन्द्र सरकार द्वारा शेष संबंधित राज्य का अंशदान होगा।  गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर की 150 वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर उनकी स्मृति में एक-एक रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन बनाए जाने का निर्णय तत्कालीान  केन्द्रीय संस्कृति मंत्री द्वारा लिया गया था। इसी के अनुपालन में सबसे पहले मैंने विदिशा में इस भवन के निर्माण की पहल की है। श्रीमती स्वराज ने इस दौरान संसदीय काल की अवधि में विदिशा के विकास के संबंध में लिए गए निर्णयों को भी उन्होंने रेखांकित किया। पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि संस्कृति हमें जोडे रखती है। सांस्कृतिक भवन का निर्माण विदिशा के लिए सौगात है आधुनिक टाउन हाल आज विदिशा को मिला है। उन्होंने केन्द्र एवं राज्य के संयुक्त प्रयास से गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन की पहल पूरी होने पर संबंधितों के प्रति आभार व्यक्त किया।  विदिशा जिले में नवनिर्मित उक्त नवीन भवन परिसर दस हजार वर्ग मीटर है जिसमें सांस्कृतिक भवन का निर्माण 3300 वर्ग मीटर में किया गया है। यह भवन अनेक सुविधाओं से सुसज्जित है जिसमें एक साथ पांच सौ लोगो के बैठने की व्यवस्था है। यह भवन पूर्ण वातानुकूलित, अग्नि सुरक्षा से सुसज्जित है। विभिन्न कार्यक्रमों के लिए विशेष ध्वनि और प्रकाश प्रणाली, भवन पूर्ण रूप से एलईडी रोशनी से विद्युतीकृत है। सौर आधारित बाहरी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गई है। ध्वनिक दीवारे, सुव्यवस्थित पूर्वभ्यास कक्ष एवं सज्जागृह के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों में आवश्यक अनेक विधाओं की पूर्ति से सुसज्जित है। कार्यक्रम के दौरान पुलवामा में शहीद हुए सैनिको को दो मिनिट का मौनधारण कर श्रद्वांजली दी गई। लोकार्पण समारोह कार्यक्रम में सांसद सागर श्री लक्ष्मीनारायण यादव, बासौदा विधायक श्रीमती लीना संजय जैन, शमशाबाद विधायक श्रीमती राजश्री रूद्रप्रताप सिंह के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरन सिंह दांगी तथा विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा समेत अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे। आगंतुको के प्रति आभार अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने व्यक्त किया वही कार्यक्रम का संचालन डाॅ दीप्ति शुक्ला ने किया।

ओला वृष्टि से क्षति हुई फसलों का प्रभारी मंत्री द्वारा जायजा
शीघ्र सर्वे कर पीड़ितो को राहत राशि मुहैया कराई जाएगी
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कुटीर एवं ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव ने आज विदिशा तहसील में ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री श्री यादव ने पीड़ित किसानों का ढांढस बढाते हुए उनसे कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार आपके साथ है। वाजिब पीड़ितो को शत प्रतिशत राहत राशि मिलेगी। इसके लिए उन्होंने शीघ्र सर्वे कर रिपोर्ट देेने के निर्देश दिए है ताकि राशि वितरण का कार्य शीघ्र सम्पादित हो सकंे। प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव ने आज विदिशा तहसील में ओलावृष्टि से प्रभावित ग्राम बिलाई में कृषक रामबाबू की चना फसल को तथा मानसिंह की क्षतिग्रस्त मसूर फसल को खेत में जाकर देखा। प्रभारी मंत्री ने ग्राम अम्बार में कृषक चतर सिंह, ग्राम करैया में बद्रीप्रसाद और ग्राम अम्बार में क्षतिग्रस्त फसल का जायजा लिया। प्रभारी मंत्री श्री यादव ने भ्रमण के दौरान सर्वे दल के सदस्यों को सचेत करते हुए कहा कि एक भी पीड़ित कृषक सर्वे से वंचित ना रहें इसी प्रकार जिनके घर अथवा अन्य सम्पत्ति का नुकसान ओलावृष्टि से हुआ है उन सबको आरबीसी के प्रावधानो के तहत राहत राशि मिले इस हेतु डोर-टू-डोर तथा खेत-टू-खेत सर्वे करें और नुकसान का आंकलन पेन से लिखें ताकि उसमें किसी भी प्रकार की हेराफेरी काटपीट ना हो सकें। प्रभारी मंत्री श्री यादव के भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा समेत अन्य अधिकारी के अलावा श्री महेन्द्र यादव, श्री देवेन्द्र राठौर, श्री अनुज लोधी, श्री दीवान किरार समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक साथ मौजूद थे।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आज विदिशा आएंगे

प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट 22 फरवरी शुक्रवार को विदिशा आएंगे। मंत्री जी का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार शुक्रवार की प्रातः 8.30 बजे भोपाल से प्रस्थान कर 9.30 बजे विदिशा आएंगे और सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधि और आमजनों से भेंट करेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री सिलावट प्रातः साढे दस बजे एसएटीआई के खेल मैदान में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के शुभांरभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके पश्चात् पूर्वान्ह 11.30 बजे सम्राट अशोक अभियांत्रिकीय संस्थान की प्रयोगशाला के शुभांरभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मंत्री श्री सिलावट जी का दोपहर 12 बजे से 12.30 बजे तक का समय आरक्षित रखा गया है। साढे बारह बजे सिलावट समाज मंदिर चैपडा विदिशा में आमजनों से भेंट करेंगे तथा दोपहर एक बजे स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री सिलावट दोपहर दो बजे विदिशा से भोपाल के लिए रवाना होंगे।

मधुबनी : DM एवं SP ने किया वार्षिक माध्यमिक परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) 21,फरवरी जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा गुरूवार को जिले में चल रहे वार्षिक माध्यमिक परीक्षा-2019 को लेकर परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। जिसमें जिला पदाधिकारी,मधुबनी एवं पुलिस अधीक्षक,मधुबनी द्वारा षिवगंगा बालिका उच्च विद्यालय,मधुबनी तथा जे0एन0काॅलेज,मधुबनी स्थित परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। इस क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा सभी केन्द्राधीक्षकों को कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन कराये जाने को लेकर आवष्यक निदेष दिया गया। विदित हो कि जिले में गुरूवार को वार्षिक माध्यमिक परीक्षा-2019 के पहले दिन प्रथम पाली में 32840 परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था,जिसमें 32263 परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। 577 परीक्षार्थी प्रथम पाली की परीक्षा में अनुपस्थित पाये गये। साथ ही जिले के किसी भी परीक्षा केन्द्रों पर निष्कासन की कारवाई नहीं की गयी है। वहीं द्वितीय पाली में 32247 परीक्षार्थियों को परीक्षा में भाग लेना था,जिसमें 31658 परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। द्वितीय पाली की परीक्षा में 589 परीक्षार्थी अनुपस्थित पाये गये। द्वितीय पाली की परीक्षा में भी निष्कासन की कार्रवाई नहीं की गयी है। इस प्रकार दिनांक 21.02.2019(परीक्षा के पहले दिन) प्रथम एवं द्वितीय पाली में जिले में कुल 65087 परीक्षार्थियों को परीक्षा में भाग लेना था,जिसमें 63921 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। तथा कुल 1166 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे।

बसपा के साथ गठबंधन पर मुलायम अप्रसन्न

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लखनऊ, 21 फरवरी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बसपा के साथ सपा के गठबंधन पर बृहस्पतिवार को अप्रसन्नता जाहिर की । मुलायम ने सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब उन्होंने :अखिलेश यादव: मायावती के साथ आधी सीटों पर गठबंधन किया है । आधी सीटें देने का आधार क्या है ? ‘‘अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गयी हैं । हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है । ’’  उन्होंने कहा कि हम सशक्त हैं लेकिन हमारे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं । हमने कितनी सशक्त पार्टी बनायी थी और 'मैं मुख्यमंत्री बना और रक्षा मंत्री भी बना ।'  मुलायम ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए उन्हें आवेदन दें । उन्होंने कहा, 'आपमें से कितनों ने मुझे आवेदन दिया ? किसी ने नहीं ... तब टिकट कैसे पाओगे ? अखिलेश टिकट देंगे लेकिन मैं उसे बदल सकता हूं ।'  भाजपा की प्रशंसा करते हुए मुलायम ने कहा कि भाजपा की चुनावी तैयारी बेहतर है । सपा प्रत्याशियों के नाम जल्द घोषित होने चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र में जाकर जमीनी कार्य कर सकें । मुलायम ने बीते दिनों लोकसभा में यह बयान देकर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज कर दी थी कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने हर किसी को साथ लेकर चलने का प्रयास किया । 'मुझे आशा है कि सभी सदस्य जीतेंगे और वापस आएंगे और आप :मोदी: फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे ।'  मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव ने कभी सपा की धुर विरोधी रही बसपा के साथ गठबंधन किया है । दोनों ही दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने पर राजी हुए हैं ।

तीन तलाक अध्यादेश फिर से जारी

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी, एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा को मुस्लिम पुरुषों के लिए दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश को बृहस्पतिवार को तीसरी बार जारी किया गया। कानून मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) दूसरा अध्यादेश, 2019 पर हस्ताक्षर कर दिये है। कैबिनेट ने मंगलवार को विवादास्पद तीन तलाक अध्यादेश को फिर से जारी करने पर सहमति दी थी। तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाले एक विधेयक को लोकसभा ने पारित किया था और यह विधेयक फिलहाल राज्यसभा में लंबित है। मौजूदा लोकसभा के भंग होने के साथ ही तीन जून को यह विधेयक भी समाप्त हो जाएगा। एक वर्ष से भी कम समय में इस अध्यादेश को तीसरी बार फिर से जारी किया गया है। विपक्षी पार्टियों और समुदाय के कुछ नेताओं ने इस विधेयक पर आपत्ति जताई है, जबकि सरकार का कहना है कि इससे मुस्लिम महिलाओं को न्याय और बराबरी का हक मिलेगा।

नमामि गंगे के लिये धन की कमी नहीं : गडकरी

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हरिद्वार (उत्तराखंड), 21 फरवरी, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि नमामि गंगे के तहत परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये धन की कोई कमी नहीं है। करीब 5,555 करोड़ रुपये की लगात वाली विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उद्घाटन करने के बाद यहां चंडीघाट पर दिये संबोधन में केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘गंगा को साफ करने तथा उसका निर्बाध प्रवाह बनाये रखने के लिये शुरू की गयी नमामि गंगे परियोजना के लिये धन की कोई कमी नहीं है। केन्द्र यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें लागू करने में कोई बाधा ना आए।’’  उन्होंने यह भी कहा कि गंगा का प्रवाह बढाने के लिये लक्सर में बाणगंगा को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। गडकरी ने इस संबंध में जनता से व्यक्तिगत योगदान देने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका योगदान सीधे नमामि गंगे खाते में जमा किया जायेगा। उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजनाओं की स्थिति गडकरी ने कहा कि राज्य में स्थापित किये जाने वाले 33 जल-मल शोधन संयंत्रों में से 19 का काम पूरा हो चुका है। 12 अन्य पर काम चल रहा है, बाकि दो भी जल्दी ही शुरू हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि 40 करोड रुपये की लागत से हर की पौडी का सौंदर्यीकरण किया जायेगा। भविष्य की योजनाओं के बारे में गडकरी ने कहा कि उनका सपना है कि गंगोत्री से गंगासागर तक मोटरबोट में यात्रा करें। इस दिशा में कार्ययोजना बनायी जा रही है। चारधाम के लिये ‘ऑल वेदर रोड’ पर गडकरी ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरणीय चिंताओं पर दखल नहीं दिया होता तो इस समय तक वह इस सड़क का उद्घाटन कर चुके होते। हालांकि उन्होंने इस परियोजना के जल्दी पूरे होने की संभावना जताई।

महात्मा गांधी की जीवनशैली एक महत्वपूर्ण सबक : मोदी

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सियोल, 21 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का सामना कर रही दुनिया के लिए महात्मा गांधी की जीवनशैली एक महत्वपूर्ण सबक है। दरअसल, उन्होंने ऐसा जीवन जिया जिसने कोई ‘‘कार्बन फुटप्रिंट’’ नहीं छोड़ा।  महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का यहां प्रख्यात योनसेई विश्वविद्यालय में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई - इन और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून के साथ अनावरण करने के दौरान मोदी ने कहा कि 20 वीं सदी में महात्मा गांधी शायद मानव जाति को सबसे बड़ा तोहफा थे।  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछली सदी में अपनी शख्सियत, अपने जीवन एवं मूल्यों के जरिए महात्मा गांधी ने हमें दिखाया कि भविष्य क्या होगा। वह कहा करते थे कि मेरा जीवन मेरी सीख है।’’ मोदी दो दिनों की यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे।  उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी कहा करते थे कि ईश्वर और प्रकृति ने मानव की जरूरत को पूरा करने के लिए हर चीज दी है लेकिन लालच के लिए नहीं दी है। यदि हम अपने लालच को संतुष्ट करना चाहते हैं तो प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त नहीं होंगे। वह कहा करते थे कि हमारा जीवन जरूरत आधारित होना चाहिए, ना कि लालच आधारित। ’’  मोदी ने कहा कि आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन वह दो बड़ी चुनौतियां हैं जिसका मानव जाति सामना कर रही है । वहीं, महात्मा गांधी की शिक्षाएं दुनिया को इन दोनों मुद्दों का हल करने में मदद कर सकती हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी के जीवनकाल में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन उन्होंने ऐसा जीवन जिया जिसने कोई कार्बन फुटप्रिंट नहीं छोड़ा। उन्होंने यह प्रदर्शित किया कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित ग्रह (पृथ्वी) छोड़ना महत्वपूर्ण है।’’  गौरतलब है कि ‘‘कार्बन फुटप्रिंट’’ को किसी व्यक्ति, संगठन या उत्पाद द्वारा किए गए कार्बन डाइऑक्साइड के कुल उत्सर्जन के रूप में परिभाषित किया जाता है।  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गांधी कहा करते थे कि हमें भावी पीढ़ी से प्राकृतिक संसाधनों को छीनने का कोई अधिकार नहीं है। हम उनके लिए एक बेहतर दुनिया छोड़ सकते हैं ताकि वे स्वच्छ हवा में सांस ले सकें, स्वच्छ जल प्राप्त कर सकें। ’’  मोदी राष्ट्रपति मून जेई - इन के न्यौते पर दक्षिण कोरिया की यात्रा पर हैं। 2015 से उनकी दक्षिण कोरिया की यह दूसरी यात्रा और राष्ट्रपति मून जेई - इन के साथ दूसरी बैठक है।  महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री दक्षिण कोरियाई शहर गिमहाई के मेयर से मिले और दोनों देशों के बीच करीबी संबंधों को प्रदर्शित करते हुए उन्हें बोधि वृक्ष का एक पौधा उपहार में दिया।  अयोध्या और गिमहाई को सिस्टर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 2000 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। 

प्रधानमंत्री कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाये जाने पर चुप क्यों हैं : उमर

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श्रीनगर, 21 फरवरी, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाये जाने पर चुप क्यों हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पुलवामा जैसे हमलों की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के साथ वार्ता नहीं हो सकती है। पुलवामा हमले के एक हफ्ते बाद अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने मुंहतोड़ जवाब की बात कही है लेकिन वर्तमान स्थिति में ऐसा जवाब संभव नहीं है।’’  पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से उन कश्मीरी विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया जो पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कथित धमकियों और मार-पीट के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से लौटने को मजबूर हुए हैं। कश्मीर में मुख्य धारा के नेताओं की सुरक्षा वापस लिये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रतिगामी कदम है और वह किसी के भी द्वारा सुरक्षा का दुरूपयोग किये जाने से अवगत नहीं हैं। नेकां नेता ने कहा, ‘‘जब हम (कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए) वार्ता की बात करते हैं तो हमें राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है।’’ 

सऊदी अरब के ‘विजन 2030’ में साझेदार बनना चाहता है भारत : कोविंद

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नयी दिल्ली, 20 फरवरी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के सम्मान में आयोजित भोज के दौरान कहा कि भारत सऊदी अरब के ‘विजन 2030’ में साझेदार बनना चाहता है। भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आए सऊदी अरब के युवराज का स्वागत करते हुए कोविंद ने कहा कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने सौहार्द्रपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों का महत्व देता है और खाड़ी क्षेत्र को अपना वृहत पड़ोस मानता है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, कोविंद ने कहा कि हमें अपने मौजूदा विक्रेता-खरीददार के संबंध को आगे सामरिक स्तर तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत सऊदी अरब के ‘विजन 2030’ में साझेदार बनने को इच्छुक है।

मैं महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरित हूं : बान

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सियोल, 21 फरवरी, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरित हैं और प्रतिष्ठित योनसेई विश्वविद्यालय में लगी उनकी आवक्ष प्रतिमा दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत का काम करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए यहां दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जी ईन और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून के साथ योनसेई विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। बान ने कहा, ‘‘यह (महात्मा गांधी की प्रतिमा) कोरिया के लोगों और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अमूल्य उपहार है।’’ उन्होंने कहा कि आज से यह आम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत का काम करेगा। उन्होंने कहा कि 1972 में उन्होंने भारत से राजनयिक कॅरियर की शुरुआत की थी और महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रेरित हुए। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव ने कहा, ‘‘गांधी जी ने सात पाप बताए -- बिना सिद्धांत की राजनीति, बिना श्रम का धन, बिना अंतरात्मा की खुशी, चरित्र के बगैर शिक्षा, नैतिकता के बगैर व्यापार, मानवता के बगैर विज्ञान, बलिदान के बगैर पूजा। यह हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।’’ 

बांग्लादेश में रासायनिक गोदामों में भयानक आग, 81 लोगों की मौत

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ढाका, 21 फरवरी, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक पुराने इलाके में रासायनिक गोदामों के रूप में इस्तेमाल होने वाली अनेक इमारतों में बुधवार रात को भयानक आग लगने से कम से कम 81 लोग मारे गए तथा कई घायल हो गए।  तेजी से फैलती आग ने आसपास की इमारतों को भी चपेट में ले लिया। दमकल अधिकारियों ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में एक मस्जिद के पीछे हाजी वाहिद मैंशन नाम की चार मंजिला इमारत के भूतल पर रासायनिक गोदाम में आग लगी और तेजी से एक सामुदायिक केंद्र समेत आसपास की चार अन्य इमारतों में फैल गई। ढाका साउथ के मेयर सईद खोकोन ने बताया ‘‘आग बुझाने का काम समाप्त हो रहा है।’’  दमकल अधिकारियों ने बताया कि आग से अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है। ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस (डीएमपी) के अधिकारियों ने कहा कि इलाके में रसायनों के कई गोदाम होने से आग तेजी से फैली।

दमकल सेवा नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता कमरूल अहसन ने 81 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की।  सरकारी ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल एकेएम नसीरूद्दीन ने बताया कि 78 शव अस्पताल में रखे गए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर है जिनका बर्न यूनिट में इलाज चल रहा है। खोकोन ने करीब 14 घंटे की कोशिश के बाद दोपहर 12 बज कर दस मिनट पर बचाव अभियान बंद कर दिया। 37 दमकल वाहनों और 200 दमकल कर्मियों की मदद से आग बुझाई गई। संकरी गलियां होने की वजह से दमकल वाहनों को मौके तक पहुंचने में दिक्कत हुई। बांग्लादेश दमकल सेवा के प्रमुख अली अहमद ने बताया कि ढाका के पुराने इलाके चौकबाजार में आग गैस सिलेंडर से लगी होगी जिसके बाद वह तेजी से पूरी इमारत में फैल गई जहां ज्वलनशील पदार्थों का भंडार था। उन्होंने कहा, ‘‘आग की लपटें उससे जुड़ी चार इमारतों तक भी फैल गई। इनका रासायनिक गोदामों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। जब आग लगी तब ट्रैफिक जाम लगा हुआ था इसलिए लोग भाग नहीं पाए।’’  टीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि एक इमारत का मुख्य द्वार बंद है जिससे लोग अंदर ही फंसे रह गए और भाग नहीं पाए।  प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों में इमारत के पास से गुजर रहे लोग, नजदीक के ही रेस्त्रां में खाना खा रहे लोग और एक शादी समारोह के कुछ सदस्य शामिल हैं।

ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बर्न यूनिट और सर सलीमुल्ला मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है। इमारत से कूदने के कारण कई लोग घायल हो गए। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि दमकल की 37 गाड़ियां घटनास्थल रवाना हुई लेकिन संकरी गलियां होने के कारण उन्हें वहां तक पहुंचने में दिक्कत हुई। उन्हें आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों और लंबे पाइपों का इस्तेमाल करना पड़ा।  अतिरिक्त उपायुक्त शफीकुल ने बताया कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए 20,000 टका (238 अमेरिकी डॉलर) की राशि मुहैया कराएगा। राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों की मौत पर शोक जताया और घायलों के बेहतरीन इलाज के आदेश दिए हैं। सरकारी अस्पतालों को घायलों का मुफ्त इलाज करने के लिए कहा गया है। मीडिया की खबरों के अनुसार, जिस इमारत में आग लगी, अब नुकसान की वजह से उसके ढहने का खतरा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इमारत की पहली मंजिल का इस्तेमाल प्लास्टिक के सामान, कॉस्मेटिक्स और परफ्यूम के गोदाम के रूप में किया जाता था। कुछ परिवार ऊपरी मंजिलों पर रहते थे। जिस भूतल से आग लगी वहां पर कई दुकानें थी। इमारत में आग लगने के तुरंत बाद एक बिजली का ट्रांसफॉर्मर फट गया जिससे वहां गली में खड़ी कई कारों में आग लग गई। नजदीक के सामुदायिक केंद्र में शादी समारोह के कारण गली में लोग भरे हुए थे।  आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच समिति गठित कर दी गई है। गौरतलब है कि ढाका की एक पुरानी इमारत में 2010 में आग की ऐसी ही घटना में 120 से अधिक लोग मारे गए थे। इसे बांग्लादेश में आग लगने की सबसे खतरनाक घटना बताया जाता है। इससे जन आक्रोश पैदा हुआ था और लोगों ने रासायनिक गोदामों और भंडारों को इलाके से स्थानांतरित करने की मांग की थी लेकिन पिछले नौ वर्षों में इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ।

पाकिस्तान को विश्व कप में हिस्सा लेने से नहीं रोक सकता बीसीसीआई

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी, प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआई ने आगामी विश्व कप में पाकिस्तान को प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर कोई नोट तैयार नहीं किया है और अगर ऐसा कदम उठाया भी जाता है तो भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इसे खारिज कर देगा। पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है और इसका असर खेल के मैदान पर भी दिख रहा है। पहले ही पाकिस्तान के खिलाड़ियों को शनिवार से नयी दिल्ली में शुरू हो रहे विश्व कप के लिए वीजा नहीं दिया गया। इसके साथ ही 16 जून को विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले भारत के मुकाबले के बहिष्कार की मांग की जा रही है। इस मुद्दे पर 27 फरवरी से दो मार्च के बीच दुबई में होने वाली आईसीसी की बैठक के इतर चर्चा हो सकती है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘संवैधानिक या अनुबंध के जरिये ऐसा करने का कोई तरीका नहीं (पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करने का)। आईसीसी का संविधान सदस्यों को क्वालीफाई करने की स्थिति में आईसीसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का अधिकार देता है।’’  इन अटकलों के बीच अध्यक्ष विनोद राय और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना इडुल्जी की मौजूदगी वाली सीओए शुक्रवार को दिल्ली में बैठक कर उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाली कई इकाइयों के मुद्दे पर चर्चा करेगी। इस नियमित बैठक पर हालांकि पाकिस्तान मामले का असर दिखने की उम्मीद है। इडुल्जी ने कहा, ‘‘हम सभी संभावित विकल्पों पर कल बात करेंगे और वह करेंगे जो देश के लिए सर्वश्रेष्ठ होगा।’’  बीसीसीआई के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि अगर नोट तैयार भी किया जाता है और आईसीसी इसे वोटिंग के लिए सदस्य बोर्ड के समक्ष रखने को राजी भी हो जाता है तो भी बीसीसीआई को अन्य देशों से समर्थन मिलने की संभावना बेहद कम है। सूत्र ने कहा, ‘‘अगर भारत पाकिस्तान को हटाने के लिए आईसीसी को लिखता है तो सबसे पहले हमें अप्रैल में वार्षिक बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखने के लिए सहमति बनानी होगी। फिलहाल आईसीसी बोर्ड में हमारे पास बहुमत नहीं है। अगर इस पर वोटिंग होती है तो हमारा हारना तय है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं 2021 में चैंपियन्स ट्राफी और 2023 में विश्व कप की हमारी मेजबानी की संभावना पर भी गंभीर सवाल खड़े होंगे।’’ 

विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलकर भारत को नुकसान होगा : गावस्कर

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी, पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि आगामी विश्व कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करके भारत को नुकसान होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में खेलने से इनकार की नीति जारी रखते हुए भारत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी की परेशानी बढ़ा सकता है। पिछले हफ्ते पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों की मौत के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह की अगुआई में पाकिस्तान के पूर्ण क्रिकेट बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 16 जून को विश्व कप का राउंड रोबिन मैच खेलना है। गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा, ‘‘भारत अगर विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने का फैसला करता है तो कौन जीतेगा? और मैं समीफाइनल और फाइनल की बात ही नहीं कर रहा। कौन जीतेगा? पाकिस्तान जीतेगा क्योंकि उसे दो अंक मिलेंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने अब तक विश्व कप में हर बार पाकिस्तान को हराया है इसलिए हम असल में दो अंक गंवा रहे हैं जबकि पाकिस्तान को हराकर हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे प्रतियोगिता में आगे नहीं बढ़ें।’’  इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘(लेकिन) मैं देश के साथ हूं, सरकार जो भी फैसला करेगी, मैं पूरी तरह से इसके साथ हूं। अगर देश चाहता है कि हमें पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिए तो मैं उनके साथ हूं।’’  भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 से द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं हुआ है और दोनों देशों के बीच पिछली पूर्ण श्रृंखला 2007 में खेली गई थी। गावस्कर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को कहां नुकसान होगा? उन्हें पीड़ा तब पहुंचेगी जब वे भारत के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलेंगे। कई टीमों वाली प्रतियोगिता में भारत को उनके खिलाफ नहीं खेलकर नुकसान होगा। इस पूरे मामले को थोड़ी अधिक गहराई से देखे जाने की जरूरत है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब आप उनसे नहीं खेलोगे तो क्या होगा? मुझे पता है कि ये दो अंक गंवाने के बावजूद भारतीय टीम इतनी मजबूत है कि क्वालीफाई कर लेगी लेकिन आखिर क्यों ना उन्हें हराया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि वे क्वालीफाई नहीं कर पाएं। ’’

गावस्कर ने कहा कि अगर अटकलों के अनुसार बीसीसीआई इस मामले को आईसीसी के समक्ष उठाता है और पाकिस्तान को 30 मई से इंग्लैंड में शुरू हो रही प्रतियोगिता से बाहर करने की मांग करता है तो उसकी इस मांग को ठुकराए जाने की संभावना अधिक है। दुबई में 27 मार्च से दो मार्च के बीच होने वाली आईसीसी की बैठक के संदर्भ में गावस्कर ने कहा, ‘‘वे प्रयास कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अन्य सदस्य देशों को इसे स्वीकार करना होगा और मुझे ऐसा होता नजर नहीं आता। मैं सुनिश्चित नहीं हूं कि आईसीसी का सम्मेलन इसके लिए सही मंच है।’’  गावस्कर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील की कि वे भारत के साथ संबंधों में सुधार के लिए जरूरी ‘पहला कदम’ उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इमरान खान से सीधे बात करने दीजिए, ऐसा व्यक्ति जिसकी मैं काफी प्रशंसका करता हूं, जिसे मैं समझता हूं कि मित्र है। मैं इमरान से कहता हूं ‘जब तुमने कमान संभाली थी तो कहा था कि यह नया पाकिस्तान होगा’।’’  गावस्कर ने कहा, ‘‘आपने कहा कि भारत को एक कदम उठाना चाहिए और पाकिस्तान दो कदम उठाएगा लेकिन राजनेता नहीं बल्कि औसत खिलाड़ी के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि पहला कदम पाकिस्तान को उठाना चाहिए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि सीमा पार से घुसपैठ नहीं हो, आपको सुनिश्चित करना होगा कि जो लोग पाकिस्तान में हैं और भारत में समस्या पैदा कर रहे हैं उन्हें सौंपा जाए, अगर भारत को नहीं तो संयुक्त राष्ट्र को। आप दो कदम उठाइये और आप देखेंगे कि भारत कई मैत्रीपूर्ण कदम उठाएगा।’’

गावस्कर चाहते हैं कि भारत-पाक क्रिकेटरों की तरह दोनों देशों के लोगों के बीच भी दोस्ताना संबंध हों। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि कई भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेटर मित्र हैं। आप (इमरान) मेरे मित्र हैं, वसीम अकरम मेरा मित्र है, रमीज राजा मेरा मित्र है, शोएब अख्तर मेरा मित्र है। जब हम भारत में या भारत के बाहर मिलते हैं तो अच्छा समय बीतता है और मुझे लगता है कि दोनों देशों के लोग भी इस तरह अच्छा समय बिताने के हकदार हैं।’’  गावस्कर ने कहा, ‘‘इसलिए आप यह पहला कदम उठाइये। नए पाकिस्तान को यह पहला बड़ा कदम उठाने दीजिए और आप देखेंगे कि भारत कई कदम उठाएगा। इमरान को भारत में जो प्यार मिलता है वह अविश्वसनीय है।’’  उन्होंने कहा, ‘‘उसने देश में काफी समय बिताया है। वह किसी अन्य पाकिस्तानी की तुलना में भारतीय लोगों को बेहतर जानता है और मुझे विश्वास है कि वह ये कदम उठाने में सक्षम है।’’  यह पूछने पर कि क्या इमरान उनकी बात को तवज्जो देखें, गावस्कर ने अतीत की एक घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं इंग्लैंड में श्रृंखला (1987) के बाद संन्यास लेने के बारे में सोच रहा था लेकिन उसने कहा ‘नहीं,नहीं, एक बार और भिड़ते हैं, मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान भारत को भारत में हराए और अगर आप टीम में नहीं होंगे तो वो बात नहीं होगी’।’’  उन्होंने कहा, ‘‘तब मैंने उसकी बात सुनी थी लेकिन यह मैदान पर था। यह पूरी तरह से अलग है। यह क्रिकेट के खेल की तुलना में कहीं अधिक लोगों के जीवन को छूता है।’’ 

डीके जैन को बीसीसीआई का प्रथम लोकपाल नियुक्त

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डी के जैन को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड का प्रथम लोकपाल नियुक्त किया जो इस संपन्न क्रिकेट बोर्ड के नये संविधान के प्रावधानों के अनुरूप काम करेंगे। शीर्ष अदालत ने लोकपाल की नियुक्ति के मामले में तात्कालिकता और इसके महत्व से संबंधित मुद्दे पर विचार के दौरान अपनी खुशी जाहिर की कि उसके समक्ष सभी पक्ष न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) के नाम पर सहमत हुये हैं।  न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि पक्षकारों की सहमति और सुझावों के माध्यम से बीसीसीआई का लोकपाल बनाने के लिये न्यायमूर्ति डी के जैन के नाम पर सहमति हो गयी है।  पीठ ने कहा, ‘‘तद्नुसार, हम इस न्यायालय द्वारा नौ अगस्त, 2018 के आदेश के अंतर्गत बनाये गये बीसीसीआई के संविधान के चैप्टर नौ के अनुच्छेद 40 के तहत न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) को बीसीसीआई का प्रथम लोकपाल नियुक्त करते हैं।’’  पीठ ने कहा कि न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा बीसीसीआई के लोकपाल के रूप में न्यायमूर्ति जैन की नियुक्ति के बारे में उनसे बात करेंगे और शीर्ष अदालत को सूचित करेंगे कि वह कब पदभार ग्रहण करेंगे।  लोकपाल को मुंबई में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय में ही मामलों की सुनवाई करनी होगी। शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने न्यायालय को सौंपी अपनी दसवीं स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि बोर्ड में लोकपाल और एक आचार अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। न्यायालय क्रिकेट बोर्ड के प्रशासनिक मुद्दों की निगरानी कर रहा है।

रिपोर्ट में समिति ने यह स्पष्ट किया कि नये चुनावों से पहले ये दो नियुक्तियां करना क्यों आवश्यक है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई के नये पंजीकृत संविधान में विवादों के स्वतंत्र समाधान के लिये आम सभा की बैठक में लोकपाल नियुक्त करना जरूरी है।’’  पीठ को बताया गया कि लोकपाल शीर्ष अदालत का कोई सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होने चाहिए और उनका कार्यकाल एक साल का होगा लेकिन वह अधिकतम तीन बार इस पर पर रह सकते हैं। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिये पीठ के समक्ष लिफाफे में शीर्ष अदालत के छह सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम पेश किये गये थे। इनमें न्यायमूर्ति जैन पहली पसंद थे। पीठ ने जब यह कहा कि सूची में न्यायमूर्ति जैन का अच्छा नाम है, विभिन्न पक्षों के लिये पेश वकीलों ने इस सुझाव को स्वीकार किया।  इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे पी एस नरसिम्हा ने लोकपाल पद के लिये संभावित नामों की सूची पीठ को उपलबध करायी थी।  पीठ को बताया गया कि लोकपाल की भूमिका राज्य क्रिकेट एसोसिएशनों में खिलाड़ियों से संबंधित विवादों और वित्तीय मसलों को सुलझाने की होगी। शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त, 2018 को अपने फैसले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लिये लोकपाल नियुक्त करने की सिफारिश की थी। नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि यदि बोर्ड में पहले से लोकपाल होता तो हाल ही में दो खिलाड़ियों हार्दिक पाण्ड्या और के एल राहुल से जुड़ा विवाद प्राथमिकता के आधार पर सुलझा लिया गया होता।

पाकिस्तान ने हाफिज सईद के जेयूडी, और एफआईएफ को प्रतिबंधित किया

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इस्लामाबाद, 21 फरवरी, पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले जमात-उद-दावा और उसकी परमार्थ संस्था फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा था। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘गैरकानूनी करार दिए गए संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला बैठक में लिया गया।’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह तय किया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को गैरकानूनी घोषित किया जाए।’’  इससे पहले गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था। अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे औरस्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।

सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘भारत का पानी’ रोकने का फैसला किया

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नयी दिल्ली, 21 फरवरी, सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ने का फैसला किया । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे ।  गडकरी ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का निर्णय किया है । हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तित करेंगे और जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे । ’’  सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रावी, व्यास और सतलुज नदियों से पाकिस्तान जाने वाले जल को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा ।  गडकरी ने कहा कि रावी नदी पर शाहपुर..कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू कश्मीर में उपयोग के लिये हमारे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा ।

इमरान ने सेना को भारत के किसी भी ‘दुस्साहस’ का निर्णायक जवाब देने कहा

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इस्लामाबाद, 21 फरवरी , पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच मौजूद तनाव के मद्देनजर भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने का अपनी सेना को बृहस्पतिवार को अधिकार दिया। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इस कायरतापूर्ण कृत्य का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी गई है। खान ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें देश की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार अपने लोगों की रक्षा करने में सक्षम है।

बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने भारत के किसी भी आक्रामण या दुस्साहस का निर्णायक और व्यापक रूप से जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को अधिकृत किया है।’’  रेडियो पाकिस्तान ने खान के हवाले से बताया, ‘‘यह एक नया पाकिस्तान है और हम अपने लोगों को यह दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि मुल्क उनकी रक्षा करने में सक्षम है।’’  बयान के अनुसार, ‘‘देश के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने कहा है, ‘‘पाकिस्तान पुलवामा घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है।’’  इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने पूरी ईमानदारी के साथ ‘‘घटना’’ की जांच कराने और आतंकवाद समेत भारत के साथ अन्य विवादित मुद्दों पर बातचीत करने की पेशकश की है। इसमें कहा गया है, ‘‘हम इन पेशकश पर भारत से सकारात्मक जवाब की उम्मीद करते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि जांच के आधार पर या कोई भी ठोस सबूत उपलब्ध कराया जाता है तो पाकिस्तान उस किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगा जिसने इस कृत्य के लिए उसकी सरजमीं का इस्तेमाल किया होगा। एनएससी ने कश्मीर मुद्दे के समाधान में वैश्विक समुदाय से अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

खान ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश में भारत को आश्वासन दिया था कि यदि नई दिल्ली ‘‘कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी’’ साझा करता है तो वह पुलवामा आतंकवादी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा लेकिन उन्होंने साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि कोई भी कार्रवाई की गई तो पाकिस्तान उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। वहीं, भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के संदर्भ में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणियों खारिज कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में मंगलवार को जारी एक बयान में कहा था कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हुए हमले को आतंकवादी कृत्य मानने से इंकार कर दिया है, साथ ही इस जघन्य कृत्य की न तो निंदा की और न ही पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था, ‘‘ आतंकी हमले से अपना कोई संबंध नहीं होने की बात कहना पाकिस्तान का पुराना बहाना रहा है।’’  एनएससी की बैठक से पहले प्रधानमंत्री खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक बैठक की जिसमें क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गत 14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया था, जिससे 40 जवान शहीद हो गये थे।

दीपक का त्यागपत्र, अब छिंदवाड़ा से कमलनाथ चुनाव लड़ेंगे

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भोपाल, 21 फरवरी, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से दो माह पहले निर्वाचित हुए कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने इसे स्वीकार कर लिया है। श्री प्रजापति ने पंद्रहवीं विधानसभा के दूसरे सत्र की समाप्ति के कुछ समय पहले आज सदन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री सक्सेना ने कल त्यागपत्र दिया और इसे स्वीकार कर लिया गया है। अब यह सीट रिक्त मानी जाएगी।  आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब इस संबंध में विधिवत सूचना निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही है। औपचारिक तौर पर छिंदवाड़ा सीट को रिक्त घोषित करने और उपचुनाव कराने संबंधी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग ही करेगा।  दिसंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में सामने आयी थी और सत्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री कमलनाथ ने शपथ ली थी। चुनाव में इसके अलावा भाजपा को 109 सीटे मिलीं। दो सौ तीस सदस्यीय विधानसभा में शेष सात सीट बसपा, सपा और निर्दलीयों के खाते में गयीं।  श्री कमलनाथ वर्तमान में छिंदवाड़ा संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। नियमों के अनुसार मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री कमलनाथ को छह माह के अंदर विधानसभा में विधायक के रूप में पहुंचना आवश्यक है। मुख्यमंत्री के नजदीकी माने जाने वाले श्री सक्सेना का विधायक पद से त्यागपत्र इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ही छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होगा और श्री कमलनाथ कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर यहां से उपचुनाव लड़ेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वे चार दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं और केंद्रीय स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं। श्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में पंद्रह वर्षों बाद लगभग सवा दो माह पहले सरकार बनायी है।

दुनिया रंग बिरंगी : पछतावा

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हमारे पड़ोस में रहने वाले आनंदीलाल जी सत्तर के करीब होंगे। काया दुर्बल है, अत: चलने-फिरने में दिक्कत महसूस करते हैं। सुबह-सुबह जब मैं बच्चों के साथ अपने प्रांगण में बैड-मिंटन खेलता हूँ तो वे मुझे धीमी चाल से चहल-कदमी करते हुए दिखाई पड़ते है। सिर झुकाए तथा वितृष्ण नजरों को इधर-उधर घुमाते हुए वे भारी कदमों से मेरे सामने से निकलते हैं। क्षण-भर के लिए वे मुझ पर नजऱें गड़ाते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं। उनकी छोटी-छोटी आँखों में मुझे अवसाद की गहरी परतें जमी हुई नजर आती हैं। मैं सोचता हूँ कि शायद मंदिर जा रहे होंगे, किन्तु मंदिर के फाटक तक पहुँच जाने के बाद वे वापस मुड़ जाते हैं। मुझे वे ऐसे घूरते हैं मानो मैं कोई अपराधी होऊँ। उनकी तरफ देखकर मुझे ऐसा लगता है जैसे फटकार लगाकर मुझे कुछ कहना चाहते हों- 

''काल की चाल को कौन थाम सका है भाई? योगी भी नहीं, महात्मा भी नहीं। अब भी वक्त है, चेत जा बाबू, चेत जा।“ 

उनकी नजरों की फटकार से बचने के लिए मैं अक्सर अपनी गर्दन मोड़ लेता हूँ और बच्चों के साथ खेल में लग जाता हूँ। आगे बढऩे के बाद वे एक बार फिर पीछे मुड़कर देखने लगते हैं, शायद यह जानने के लिए कि मैं भी उन्हें देख रहा हूँ कि नहीं। 

हमारा यह मौन-संभाषण तब से चला आ रहा है जब से मैं और आनंदीलाल जी इस आवासीय कॉलोनी में रहने लगे हैं। हमारी ही लाइन में सात-आठ मकान पीछे उनका मकान है। एक दिन की बात है- आनंदीलाल जी अपनी दिनचर्या के मुताबिक मेरे मकान के सामने से निकले। दिनचर्या के तुमाबिक ही उन्होंने मेरे ऊपर नजऱें गड़ाई। उस दिन जाने ऐसा क्या हुआ कि वे देर तक मुझे देखते रहे। मैने भी नजरें हटाई नहीं बल्कि आँखों ही आँखों में उनको आदरभाव के साथ अभिवादन पेश किया। मुझे लगा कि मेरे इस अभिवादन को पाने की शायद वे बहुत दिनों से प्रतीक्षा कर रहे थे। क्षण-भर में अपरिचय, संकोच और औपचारिकता की सारी दीवारें जैसे ढह गईं। हाथ के इशारे से उन्होंने मुझे अपनी ओर बुलाया। मैं चाहता तो उनके पास नहीं जाता, मगर मुझे लगा कि वे मुझे कुछ कहना चाहते हैं। शायद कई दिनों से वे इस अवसर की तलाश में थे। मैं सड़क पार कर उनके पास पहुँचा। हाथ जोड़कर मैंने नमस्ते की। उन्होंने मेरे कन्धे पर अपना दायां हाथ रखा, जिसका मतलब था कि वे मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं। इस बीच मेंने अनुभव किया कि उनकी छोटी-छोटी आँखों में अश्रु-कण तैरने लगे हैं। सांस उनकी फूली हुई है तथा टाँगें लरज रही हैं। इससे पहले कि मैं कुछ कहता, वे बोल पड़े- 

'तुम मास्टर हो, बच्चों को पढ़ाते हो ना?’ 

'हाँ-हाँ, लडकों को पढ़ाता हूँ। कॉलेज का प्रोफेस र हूँ।‘मैंने बड़ी शालीनता से निवेदन किया। 

मेरी बात सुनकर जैसे उनकी वाणी खुल-सी गई। 

दूसरा हाथ भी मेरे कन्धे पर रखकर वे बोले- 

'प्रोफेसर साहब, अब भी वक्त है। चेत जाओ, चेत जाओ...’ 

मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया कि आनंदीलाल जी कहना क्या चाहते हैं। मैंने अन्दाज लगाने की खूब कोशिश की, किन्तु नाकामयाबी ही हाथ लगी। मेरी उलझन को वे भांप गये, बोले- 

'घर आ जाओ कभी, सारी उलझन दूर हो जाएगी...।‘ 

मुझे लगा कि मैं पकड़ा जा रहा हूँ और मेरी ज्ञान-गरिमा चकना-चूर होती जा रही है। मैं मन-ही-मन इस बूढ़े आदमी की आत्मविश्वास एवं जीवन-सार से भरी हुई बातों की प्रशंसा करने लगा। क्या मनोवैज्ञानिक दृष्टि है ! क्या आत्म-बल है ! ....कहीं ऐसा तो नहीं कि जीवन के निचोड़ से निकले किसी बहुमूल्य रहस्य अथवा तथ्य को यह शख्स मुझे बताना चाहता हो। पर मुझे ही क्यों,....कॉलोनी में और भी तो इतने सारे लोग रहते हैं। मेरी चुप्पी उन्होंने तोड़ी, बोले- 

'कोई मजबूरी नहीं है। मर्जी हो तो आ जाना। तुम्हारे लेख मैं अखबार में पढ़ता रहूता हूँ’ यह कहकर वे हल्की-सी मुझकराहट के साथ आगे बढ़ गए। उनके आखिरी वाक्य ने मुझे भीतर तक गुदगुदा दिया। मेरे अनुवादों और कहानियों को यह आदमी अपनी भाषा में लेख कहता है। कोई बात नहीं। पढ़ता तो है। पड़ोसी होने के रिश्ते को लेखक-पाठक के रिश्ते ने और बल प्रदान किया। मैं उसी दिन शाम के वक्त आनंदीलाल जी के घर चला गया। दरवाजा उन्होंने ही खोला। हल्की-सी मुस्कराहट के साथ उन्होंने मेरा स्वागत किया। हम दोनों आमने-सामने बैठ गए। काफी देर तक वे मुझे देखते रहे और मैं उन्हें। बीच-बीच में वे मामूली-सा मुस्करा भी देते। मौन-संभाषण जारी था। वे मुझे क्या चेताना चाह रहे थे, यह मैं आज जानना चाहता था। इस बीच मैंने महसूस किया कि वे बड़े सहज भाव से मेरी हर गतिविधि का अपनी अनुभवी नजरों से बड़ी गहराई के साथ अध्ययन कर रहे हैं। मुझे अपने मित्त-भाषी स्वभाव पर दया आई। आनंदीलाल जी अब भी संयत-भाव से मुझे तके जा रहे थे और मंद-मंद मुस्कराए जा रहे थे। तभी उनकी श्रीमती जी ने प्रवेश किया। पानी के दो गिलास हमारे सामने रखकर वह भीतर चली गई। जाते-जाते उसने अपने पति को कुछ इस तरह से घूर कर देखा मानो कह रही हो कि मुझे चाय बनाने के लिए मत कहना, मुझ में अब वह ताकत नहीं रही। 

पानी पीकर गिलास को जैसे ही मैंने नीचे रखा, आनंदीलाल जी बोल पड़े- 

'मन्दिर का मतलब मालूम है ?’ 

'मैं कुछ सकपकाया। अचानक ऐसा सवाल उन्होंने दे मारा था मुझ पर कि मैं सकते में आ गया। शब्दों को जमाते हुए मैंने कहा- 

'जहाँ भगवान की मूर्ति रहती है, जहाँ भक्तजन पूजा-अर्चना करते हैं, वह पवित्र-स्थान मन्दिर कहलाता है।‘ 

'न-न, यह सही उत्तर नहीं है’ वे ऐसे बोले मानो मेरी प्रोफेसरी का बल निकालने पर तुले हुए हों । 

‘तो फिर ?’ मैंने पूछा। 

'मन के अन्दर जो रहे, वह मन्दिर।‘ कहकर वे हल्का-सा हंस दिए। 

मन्दिर की यह परिभाषा सुनकर मेरे विस्मय की सीमा नहीं रही। सचमुच, इस परिभाषा में दम था। वे एक बार फिर मुस्करा दिए मुझे देखकर, शायद यह सोचकर कि उन्होंने मुझे भिड़ते ही चित कर दिया था। मैंने पाया कि उनके चेहरे पर विजयोल्लास झलक रहा था। मेरी बेचैनी बढ़ गई। सोचने लगा कि यदि इन्होंने और कोई ऐसा ही निरुत्तर करने वाला प्रश्न ठोंक दिया तो मेरी प्रतिष्ठा खतरे में पड़ सकती है। मैंने विनत होकर पूछा- 

'वह आप चेत जाने की बात कह रहे थे ना।‘ 

'हां-हां कह रहा था, मगर पहले मेरे एक और प्रश्न का जवाब दो।‘ 

मैं आनंदीलाल जी की तरफ जिज्ञासाभरी नजरों से देखने लगा। मुझे लगा कि वे इस वक्त सचमुच यक्ष बने हुए हैं। 

'यह बताओ जीवन में गहन पछतावा कब होता है ?’ 

प्रश्न कोई कठिन नहीं था। मैंने तत्काल उत्तर दिया- 

'गलत काम करने पर पछतावा होता है।‘ 

'नहीं, इस बार भी तुम सही जवाब नहीं दे सके।‘ 

'तो सही जवाब क्या है ?’ मैंने झुंझलाते हुए कहा। 

उन्होंने लम्बी-गहरी सांस ली। इधर-उधर नजरें घुमाई और कहने लगे- 

'ममता किसी से मत रखो, अपनी संतान से भी नहीं। नहीं तो बुढ़ापे में पछताओगे। मैं तो पछता रहा हूँ। तुम चेत जाओ।‘ 

आनंदीलाल जी अब इस संसार में नहीं रहे। उनकी धर्मपत्नी का भी पिछले महीने स्वर्गवास हो गया। मैंने आनंदीलाल जी के अतीत को जानने की कोशिश की तो मालूम पड़ा कि अपने समय के प्रतिष्ठित व्यापारियों में उनकी गणना थी। अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने पुस्तक-प्रकाशन का कारोबार जमाया था। जब बच्चे बड़े हो गए तो उनको अपना कारोबार संभलाकर खुद चालीस वर्षों की थाकन को उतारने की गर्ज़ से घर पर रहने लगे। लड़कों की शादियाँ हुई, घर-गृहस्थी नए आयाम और नए विस्तार लेती गई। कारोबार भी फैलता गया और एक दिन नौबत यह आ गई कि कारोबार का बंटवारा हो गया। तीनों लड़के अलग हो गए और अलग-अलग रहने लगे। आनंदीलाल जी और उनकी पत्नी इस संसार में अकेले रह गए और उनके साथ रह गई उनके अतीत की यादें, जिन यादों को अपने सीने में संजोए जाने कितनी रातें उन्होंने करवटें बदल-बदल कर काटी होंगी, इसका अनुमान मैं अच्छी तरह लगा सकता हॅँ।




---शिबन कृष्ण रैणा---

दुनिया रंग बिरंगी : यह जीवन है!

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यातायात के विकसित साधनों ने व्यक्ति को भ्रमणशील तो बनाया ही है, साथ ही उसमें रोज़गार के समुचित अवसरों को तलाशने का अवसर भी प्रदान किया है।पहले के जमाने में पढाई-लिखाई समाप्त कर लेने के बाद व्यक्ति अपने ही शहर-गाँव में रोज़गार तलाशता था।घर से बाहर निकलने में वह सकुचाता था।मां-बाप भी यही चाहते थे कि उनका बेटा उनसे दूर न जाय।ज्यों-ज्यों बड़े शहरों का औद्योगीकरण हुआ और उनका विकास-विस्तार हुआ, त्यों-त्यों इन बड़े शहरों ख़ास तौर पर महानगरों में रोज़गार के अवसर भी बढ़ गये।छोटे शहरों से रोज़गार की तलाश में शिक्षित युवा-वर्ग इन शहरों में आ गया।यहाँ इन बड़े शहरों में उसे अपना भविष्य अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और रोमांच-भरा लगने लगा।यह बात अलग है कि अपने घर-गाँव से विलग होने की टीस का अंदाज़ उसे बाद में होने लग जाता है मगर तब तक ‘जेहलम’ में खूब पानी बह चुका होता है।अब वह चाहकर भी पीछे मुड नहीं सकता।कभी मन अवश्य करता है कि अपने गाँव चले चलें।उन गली-कूचों,मुहल्ले वालों,यारों-दोस्तों आदि को देखें जिनको देख-देखकर वह बड़ा हुआ है।

आखिर एक दिन लगभग तीस वर्षों तक बाहर रहने के बाद उसने अपने घर-गाँव को देखने का मन बना ही लिया।

तीस वर्षों की अवधि कोई कम तो नहीं होती। तीस वर्ष! यानी पूरे तीन दशक। बच्चे जवान हो जाते हैं, जवान प्रौढ़ और प्रौढ़ जीवन के आखिरी पड़ाव में पहुंचकर 'क्या पाया, क्या खोया की दुविधा मन में पाले दिन-दिन धकियाते जाते हैं। झेलम ने अपना रुख तो नहीं बदला, पर हाँ इन तीस वर्षों में उसकी जन्मभूमि, उसके पैदाइशी नगर में काफी बदलाव आ गया था। जो खस्ताहाल मकान उसके मौहल्ले में खड़े थे, वे या तो नए बन गए थे या फिर उन्हें दूसरों ने खरीद लिया था। दुकानों पर बैठने वाले परिचित चेहरे गायब-से हो गए थे। उन पर अब कोई और ही बैठे नजर आर रहे थे। सड़कें कहीं-कहीं चौड़ी हो चुकी थीं। कुछेक दुकानों ने तो स्थान और सामान दोनों बदल लिए थे।जहाँ पहले अखबार-पत्रिकाएँ बिका करती थीं, वहाँ अब दूध- डबलरोटी बिकती थी। जहाँ पहले डाकघर हुआ करता था, वहाँ अब हलवार्ई की दुकान खुल गई थी। डाकघर कहीं दूसरी जगह चला गया था। फल-सब्ज़ी वाली दुकान अब 'वीडियो-कार्नर’ में बदल गई थी। एक और चौकाने वाला परिवर्तन इन तीस वर्षों में यह हो गया था कि उसके मोहल्ले की सड़क पर कभी टै्फिक जाम नहीं होता था, मगर अबके उसने देखा कि आध-आध घंटे तक आगे सरकने को जगह नहीं मिल रही थी। दरअसल, तीस वर्षों में जनसंख्या बढ़ी तो खूब है, पर लोगों ने वाहन भी तो खूब खरीद लिए हैं।

तीस वर्ष पहले जब वह घर से निकला था तो अनुभवों का विस्तृत आकाश उसके सामने था। तब घर और अपने परिवेश की सीमित-सी-दुनिया को अलविदा कहकर उसने नए परिवेश में प्रवेश किया था। उसे अच्छी तरह याद आया कि जब वह घर से चला था तो मात्र पचास रुपए लेकर चला था। दादाजी ने अलग से दस रुपए उसकी जेब में और डाल दिये थे और सर पर हाथ फेरते हुए समझाया था- 'देखो बेटा, पहली बार घर से बाहर जा रहे हो। एक बात का हमेशा ध्यान रखना, बेटा, परदेश में हम लोग तो तुम्हारे साथ होंगे नहीं, पर हाँ, तुम्हारी मेहनत, लगन और मिलन-सारिता हरदम तुम्हारा साथ देगी। औरों के सुख में सुखी और उनके दु:ख में दु:खी होना सीखना, यही सबसे बड़ा मानव-धर्म है।‘

उसने महसूस किया कि गाड़ी किसी बड़े स्टेशन पर रुक गई है। कुछेक यात्री उतरे हैं और कुछेक चढ़े हैं। अनधिकृत रूप से चढ़े किसी यात्री को कंडक्टर ने बदसलूकी के साथ उतार दिया है। गाड़ी मामूली-सी सरसराहट के साथ फिर धड़धड़ाने लगती है।

यह उसके दादाजी की दूरदर्शिता ही थी कि वह आगे पढ़ पाया था अन्यथा उसके पिताजी मैट्रिक के बाद उससे नौकरी करवाने के पक्ष में थे। इंजीनियरिंग की डिग्री मिल जाने के बाद उसकी नौकरी बाहर लगी। बस तभी से वह बाहर है। दिन-पर-दिन बीतता गया और उसकी गृहस्थी भी बढ़ती गई। पहले आठ-दस सालों तक घर वालों से, दोस्तों से पत्रों का खूब आदान-प्रदान हुआ। वह भी विभोर होकर उनका उत्तर देता रहा। माता-पिता का हालचाल, दादाजी के समाचार, छोटे-भाई बहनों की बातें, पड़ोसियों की सूचनाएँ पत्रों में पाकर उसे लगता कि परदेश में रहकर भी वह अपने गाँव में ही है।

धीरे-धीरे एक अंतराल आया। घर से दूरी ने संबंधों में कडुवाहट घोल दी। अब पत्रों की संख्या घटने लगी। हालचाल कम और मतलब की बातें ज्य़ादा होने लगी। इस बीच दादाजी का स्वर्गवास हो चुका था। भाई-बहनों की शादियाँ हो चुकी थीं। काका-ताऊ दूसरी जगहों पर चले गए थे। पड़ोसियों में कुछ थे और कुछ भगवान को प्यारे हो गए थे।

गाड़ी फिर रुक गई। इस बार शायद किसी ने चेन खींची थी, अन्यथा इस सुनसान जगह पर गाड़ी रुकने की कोई वजह न थी।

उसने धीमे से आँखें खोलीं। सामने वाली बर्थ पर अधलेटे-से एक भारी भरकम महाशय नीचे उतर आए थे। उन्होंने बत्ती जलाई। कम रोशनी में उनका चेहरा उसे अपने पिताजी के चेहरे जैसा दिखाई दिया। हां, बिल्कुल वैसा ही। वैसी ही रोबदार मूँछे, बाल भी वैसे ही। उस पर उड़ती-सी नजर डालते हुए वे महाशय बाथरूम की तरफ बढ़ गए। उनके चेहरे पर भारी अवसाद की रेखाएँ साफ दिख रही थीं। उसे ध्यान आया डिप्रेशन के समय उसके पिताजी की मुखाकृति भी कुछ ऐसी ही हो जाती थी। परसों की ही तो बात है। पिताजी की किसी बात पर जाने क्यों वह अपने को संयत न रख सका था। इन बीस-तीस वर्षों में हमेशा पिताजी ही बोलते रहे थे और उसने एक आज्ञाकारी बालक या सिपाही की तरह उन्हें हमेशा सुना था, पलटकर जवाब कभी नहीं दिया। पिताजी जब बात शुरू करते हैं तो अपने अनुभवों, संघर्षों और अभावों की आड़ में बहुत कुछ कह डालते हैं। उनकी सारी व्यथा ले-देकर यह होती है कि उनका लड़का उनसे दूर क्यों हो गया ? पास में रहता तो उनके सुख-दु:ख में काम आता। दरअसल, बुढ़ापे के अहसास ने उन्हें भीतर तक हिला दिया है। माना कि उनका सोचना गलत नहीं है, मगर इस परेशानी के लिए जि़म्मेदार कौन है? समय, परिस्थितियों, अवसर आदि इनकी भी तो हमारी नियति को स्थिर करने में खासी भूमिका रहती है। शायद इसी को आबोदाना कहते हैं! 

परसों की घटना उसे फिर याद आई। वे दोनों बातों ही बातों में असंयत हो उठे थे। ऐसा उन दोनों के बीच पहली बार हुआ था। पिताजी की आँखें लाल हो गई थीं। पहली बार किसी ने उनके गढ़ को फोडऩे का दु:साहस किया था। इस चुनौती की उन्होंने कभी कल्पना भी न की होगी। अगली सुबह उसे लौट जाना था। रात को पिताजी बिल्कुल भी सो नहीं पाए थे, ऐसा उसे मां से मालूम पड़ा था। नहा-धोकर वह तैयार हो चुका था। सामान आदि भी बँध चुका था। टोकरी के लिए एक छोटा-सा ताला पिताजी कहीं से ढूँढ़कर लाए थे। निकलते समय सकुचाते हुए उसने पिताजी से हाथ मिलाए तो गीली आँखों से बड़ी ही गम्भीर मुद्रा में उन्होंने उसके बालों पर हाथ फेरा। पोलिथिन का एक छोटा-सा बैग पकड़ाते हुए पिताजी बोले थे-

'इसमें यहाँ की मौसमी सब्ज़ी और फल हैं। कुछ नाश्ता भी रखा है। रास्ते में काम आएगा। पहुँचते ही चिट्ïठी भेजना। चिंता रहती है।‘

भारी मन से सब से विदा लेकर वह चल दिया था।

गाड़ी गंतव्य पर पहुँचने ही वाली थी। उसने अपना सामान समेटा। पोलिथीन के बैग में हाथ डाला। दो मीठे कुलचे निकाले। चाय के साथ वे उसे और भी मीठे लगे। वह सोचने लगा, काश उस दिन वह तकरार न हुई होती- !!

इस बीच गाड़ी स्टेशन पर पहुंच चुकी थी।





शिबन कृष्ण रैणा
2/537 अरावली विहार,
अलवर (राजस्थान)
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