Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 73727 articles
Browse latest View live

नीतिगत सुधारों से बढ़ रहे हैं नये भारत की ओर : मोदी

0
0
ue-to-policy-making-reforms-moving-towards-new-india-modi/
नयी दिल्ली 23 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार 130 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने हेतु एक नये भारत के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। श्री मोदी ने आज यहां ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान दिये गये अपने संबोधन में पूर्व की सरकार और अपनी सरकार की नीतियों की तुलनात्मक रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि उन्होंने जब सत्ता संभाली तब देश नीतिगत रूप से लकवाग्रस्त था, जिससे देश ‘फ्रैजाइल फाइव’ देशों की सूची में शामिल हो गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में भारत के अलावा ब्राजील, इंडोनेशिया, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका इस सूची में शामिल थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के नीतिगत फैसलों के कारण देश तेजी से विकसित होता राष्ट्र बना है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की साख बढ़ी है और अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में इसने लंबी छलांग लगायी है। उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता रही है कि किसी भी विकासशील देश में महंगाई दर बढ़े बगैर लंबे समय तक विकास दर में बढोतरी नहीं हो सकती है। उदारवाद के बाद देश में बनी लगभग हर सरकार को इस समस्या का सामना करना पड़ा। इसी कारण हमारी विकास दर में सतता नहीं रही।  उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 से 1996 के बीच औसत विकास दर पांच प्रतिशत के करीब रही लेकिन औसत महंगाई दर 10 प्रतिशत से भी अधिक रही। हमारी सरकार के सत्ता में आने से ठीक पहले की सरकार में यानी वर्ष 2009-14 के बीच देश की विकास दर औसत 6.5 प्रतिशत रही लेकिन महंगाई दर दहाई अंकों में रही। वर्ष 2014 के बाद यह परिदृश्य बदला है। वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत होगी और महंगाई दर 4.5 प्रतिशत से कम होगी।  उन्होंने पूर्व की सरकार पर तंज कसते हुए कहा “वर्ष 2014 के बाद से विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के बीच विकास काे लेकर प्रतिस्पर्धा होती है। अब प्रतिस्पर्धा काम काे जल्दी पूरा करने को लेकर है। हमारी सरकार के सत्ता में आने से पहले भी प्रतिस्पर्धा थी लेकिन वह अलग ही तरह की थी। वह प्रतिस्पर्धा इस बात को लेकर थी कौन कितना अधिक भ्रष्टाचार कर सकता है। कौन भ्रष्टाचार के कितने नायाब तरीके ढूंढ सकता है। पहले यह जाना जाता था कि काेयला ब्लॉक आवंटन में अधिक पैसा मिलेया है या स्पेक्ट्रम आवंटन में। हमें यह भी अच्छी तरह पता है कि इनके पीछे मुख्य खिलाड़ी कौन थे। यह मैं आप पर छोड़ता हूं कि आपको कौन सी प्रतिस्पर्धा चाहिए।”

भारत-पाक तनाव पर कुरैशी ने सुरक्षा परिषद अध्यक्ष को लिखा पत्र

0
0
quraishi-writes-letter-to-security-council-chairman-on-indo-pak-tension
नयी दिल्ली/इस्लामाबाद, 23 फरवरी, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत की आेर से सख्त कार्रवाई के संकेतों के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष फ्रांसिस्को एंटोनियो कोरटोरियल को पत्र लिखकर पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बल प्रयोग की धमकी के परिणामस्वरूप क्षेत्र में ‘बिगड़ती सुरक्षा स्थिति’ की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है।  श्री कुरैशी ने अपने पत्र में कहा, “यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है....यह स्पष्ट है कि भारत अपने गलत अनुमानों को स्थापित तथ्यों के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा है। वह अपनी स्वयं की सामरिक और नीतिगत विफलताओं को छिपाना चाहता है और अपना दोष पाकिस्तान पर डालना पर डालना चाहता है।” इस पत्र की एक सॉफ्ट कॉपी दिल्ली में उपलब्ध करायी गयी है।  पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि वह पहले ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को इस गंभीर स्थिति से अवगत करा चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र से दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है।  उन्होंने पत्र में कहा, “मैं पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बल प्रयोग की चेतावनी के परिणामस्वरूप हमारे क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करा रहा हूं। घरेलू राजनीतिक कारणों से भारत ने जानबूझकर पाकिस्तान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण बयानबाजी की है और माहौल काे तनावपूर्ण बनाया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई सार्वजनिक बयानों में “मुंहतोड़ जवाब देने” की धमकी देने का आरोप भी लगाया है श्री कुरैशी ने कहा, “इसके अलावा, भारत सरकार के वरिष्ठ सदस्य नदियाें के जल को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की धमकी दे रहे हैं। सिंधु जल संधि के तहत लंबे समय से चली आ रही कानूनी व्यवस्थाओं को बाधित करने की कोशिश की जा रही है।”

दुमका : भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री व आईईडी बम पुलिस ने किया बरामद

0
0

explosive-found-in-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन)  उप राजधानी दुमका के प्रखंड व थाना गोपीकांदर अन्तर्गत  महुआगढ़ी पहाड़ से एस एस बी व दुमका पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री व आईईडी बम बरामद किये। एस पी वाई एस रमेश, दुमका व 2 एण्ड इन कमान एस एस बी संजय गुप्ता ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिन शनिवार को उपरोक्त आशय की जानकारी दी। मालूम हो आसन्न लोक  सभा चुनाव 2019 ज्यों-ज्यों नजदीक आता जा रहा है हार्डकोर माओवादियों द्वारा एक बड़ी घटना को अंजाम देने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। भारी मात्रा में जब्त किये गए विस्फोटकों से फिलवक्त एक बड़ा हादसा टल गया। पुलिस व  एस एस बी की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी हैै।  सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने  5-5 किलो के 14  व 10-10 किलो के 3 केन बम शामिल हैं।  एसपी वाई एस रमेश और एसएसबी अधिकारी संजय गुप्ता ने बताया कि मुखबिरों  से प्राप्त सूचना के  अनुसार लोकसभा चुनाव में सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने बम प्लांट किए थे। मुखबिरों की  सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी को अंजाम दिया गया।  इस दौरान एक हैंड ग्रेनेड, 200 डेटोनेटर, एक बंडल वायर व नक्सली साहित्य भी   बरामद किया गया।  टीम ने तत्काल सभी केन बम को मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया।  नक्सलियों के खात्मे के लिए पुलिस लगातार सर्च अभियान चला रही है।  दिन  शनिवार को गश्त करते हुए पुलिस व एसएसबी टीम ने  17  केन बम बरामद किये। पुलिस का कहना है कि इसमें करीब 100 किलो से ज्यादा विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। 

हजारीबाग से हजारों की संख्या में आदिवासी पैदल ही कूच कर रहे हैं रांची की ओर

0
0
वन पट्टा पर दिये गये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पास किया निंदा प्रस्तावआज शनिवार को चैथा दिन रामगढ़ के करीब पहुंचे
tribal-foot-march-for-van-adhikar-law
रांची।आज जंगल पर कॉरपोरेट घरानों की नजर है. इसके खिलाफ झारखंडियों में उफान है.इसके आलोक में नेशनल अलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के बैनर तले हजारों की संख्या में आदिवासी पैदल ही हजारीबाग से रांची की ओर कूच कर रहे हैं. आज शनिवार को यह यात्रा रामगढ़ के करीब पहुंच चुकी है. 27 फरवरी को यात्रा रांची पहुंचेगी। 

अपने पूर्वज बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू के रास्ते पर निकल पड़े हैं आदिवासी 
यहां के आदिवासी अपनी पैतृक संपत्ति सहित जल, जंगल, जमीन की हिफाजत के लिए सड़क पर उतर आये हैं. राज्य और केंद्र सरकार के रवैये से नाराज आदिवासी फिर बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू के रस्ते पर निकल पड़े हैं. राज्य सरकार द्वारा वर्षों से उनकी मांगों की उपेक्षा होती रही, तो उन्होंने अब सड़कों पर अभियान चलाने का फैसला किया है. हजारीबाग से रांची तक की जा रही पदयात्रा में शामिल होकर हजारों आदिवासी युवाओं, छात्र-छात्राओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने सरकार के नीतियों के खिलाफ उलगुलान का आगाज कर दिया है. पदयात्रा का नेतृत्व ग्रामीण युवा कर रहे हैं. 20 फरवरी को संत कोलंबस कॉलेज ग्राउंड से निकाली गयी पदयात्रा 27 फरवरी को रांची पहुंचेगी. शनिवार को यह यात्रा रामगढ़ के करीब पहुंच चुकी है. यात्रा में ग्रामीण सरकार के विरोध में नगाड़ों की थाप पर आक्रोश भरे नारे लगाते हुए चल रहे हैं.

प्राकृतिक संसाधनों को पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी में है सरकार 
नेशनल अलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के संस्थापक रहे वीरेंद्र कुमार कहते हैं, “हम जान रहे थे कि 20 फरवरी को उच्च न्यायालय का फैसला आदिवासी और वन क्षेत्र में रहनेवाले समुदायों के विरोध में अयेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों को पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी कर रखी है. ऐसे में 20 फरवरी को ही नेशनल अलायंस फॉर पीस एंड जस्टिस के बैनर तले यात्रा का फैसला किया गया. जब सरकार और न्यायालय आदिवासियों की अन्याय से हिफजत नहीं कर सकते, तो मजबूरी में हमें सड़क पर उतरना पड़ा. बड़कागांव में 25 सौ एकड़ फॉरेस्ट लैंड गैरकानूनी ढंग से एनटीपीसी को दे दी गयी है. ग्राम सभा के अधिकारों का राज्य में अनुपालन नहीं हो रहा है. 27 फरवरी को राजभवन के समक्ष प्रदर्शन कर अपनी मांग राज्यपाल को सौंपेंगे.”

सामुदायिक भूमि को रघुवर सरकार ने लैंड बैंक में शामिल कर दिया 
पदयात्रा में शामिल जेवियर मरांडी ने कहा, “वन विभाग द्वारा जब मर्जी होती है, तब ग्रामीणों की झोपड़ी गिरा दी जाती है, घर तोड़ दिये जाते हैं. जिस भूमि पर वर्षों से खेती कर रहे हैं, उस जमीन पर पौधारोपण कर दिया जाता है. इतना ही नहीं, वन विभाग द्वारा कई मामलों में आदिवासियों पर मुकदमा कर उन्हें जेल में भी डाल दिया गया है. सामुदायिक भूमि को रघुवर सरकार ने लैंड बैंक में शामिल कर दिया है. राज्य में भू-अर्जन कानून का अनुपालन सरकार नहीं कर रही है. पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून को सरकार राज्य में लागू नहीं कर रही है. ऐसे में हम विवश होकर संविधान प्रदत्त अधिकारों को पाने के लिए हजारीबाग से रांची तक पदयात्रा पर निकले हैं. साथ ही, वन पट्टा पर दिये गये शीर्ष न्यायालय के फैसले के विरोध में संगठन की ओर से निंदा प्रस्ताव पास किया गया है.” आदिवसी और जल, जंगल, जमीन का रिश्ता खून के रिश्ते से भी ज्यादा गहरा है. अंग्रेजों के जमाने से ही वन संपदाओं पर औपनिवेशिक शासकों के विरोध में झारखंड में समुदाय द्वारा विद्रोह किया जाता रहा है और यह दौर झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी जारी रहा. झारखंड में आदिवासी-मूलवासी समुदाय जल, जंगल, जमीन की हिफाजत के लिए और समुदाय का अधिकार कायम रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 

हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे 
पदयात्रा में शामिल राजेश कहते हैं, “हम यहां अपने पेड़ों और पर्यावरण की रक्षा के लिए घर से निकले हैं. सरकार ने ढांचागत विकास के नाम पर हमारी जमीन छीन ली है. जिस रफ्तार से वनों की कटाई प्लांट बनाने के लिए की जा रही है, उसने सबकुछ नष्ट कर दिया है. इससे हमारे लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जहां उन्हें अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे.” कई अन्य प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि यह कोई राजनीतिक रैली नहीं है.

पदयात्रा में शामिल लोगों की सरकार से ये हैं मांगें
राज्य के उन सभी मामलों को सरकार वापस ले, जो गलत तरीके से आदिवासियों पर दायर किये गये हैं.किसी भी तरह से भूमि अधिग्रहण से पहले ग्रामसभा से अनुमति ली जाये.जनजातीय अधिकारों को सरकार लागू करे.वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक भूमि अधिकार 2006 लागू करने के लिए सरकार अभियान चलाकर छह महीने के भीतर अधिकार दे.गैर-लकड़ी वन उपज का मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाये, ताकि पारंपरिक वन आवास समुदाय ग्राम पंचायत के माध्यम से एनटीएफपी का लाभ उठा सकें और इसका निपटान कर सकें.सीएनटी एक्ट और एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाये.सामूहिक भूमि को भूमि बैंक की पकड़ से मुक्त किया जाये. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को तुरंत लागू किया जाये.

खाने का सामान साथ लेकर कर हैं पदयात्रा
पदयात्रियों में बड़ी संख्या में शामिल लोग दूरदराज के गांवों से अपने अधिकार की मांग के लिए निकले हैं. वे बेहद गरीब हैं, जिनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है. पैदल मार्च के दौरान उनमें से प्रत्येक राशन और बुनियादी खाद्य पदार्थों से भरा बैग लेकर चल रहे हैं. यात्रा के पांच दिन होने के बाद भी सरकार की ओर से  उनकी मांगों पर प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. यात्रा का नेतृत्व वीरेंद्र कुमार, सरोजिनी मरांडी, जेवियर मरांडी, सहदेव राम, फुलमनी तिग्गा, राजू उरांव, करण मिंज जैसे सैकड़ों युवा कर रहे हैं. इनमें से कई लोगों को सत्याग्रह पदयात्रा करने का अनुभव है। जन संगठन एकता परिषद व समान विचारधारा रखने वालों ने जनादेश-2007,जन सत्याग्रह-2012 और जनांदोलन-2018 सत्याग्रह पदयात्रा आयोजित किए थे।

बिहार : मोकामा के सुधार गृह से 07 लड़कियाँ हुई फरार

0
0
05 लड़कियाँ मुजफ्फपुर शेल्टर होम मुजफ्फरपुर काण्ड की पीड़िता थीं
7-girl-flew-from-sheltor-home
अरुण कुमार (आर्यावर्त) मुजफ्फरपुर शेल्टर होम प्रकरण के बाद शनिवार को एक बार फिर बालिका सुधार गृह से 07 लड़कियों के फरार होने का मामला सामने आया है। इस बार मोकामा के नाजरथ अस्पताल द्वारा संचालित बालिका सुधार गृह से 07 लड़कियाँ फरार हो गई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि फरार लड़कियों में 05 लड़कियाँ मुजफ्फरपुर कांड की पीड़िताएं हैं। 07 लड़कियों के साथ फरार होने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। फरार लड़कियों की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। प्राइमरी इन्वेस्टीगेशन में नाजेरथ सोसायटी द्वारा संचालित एनजीओ की लापरवाही से लड़कियों के फरार होने की बात सामने आ रही है। हालांकि, पटना की एस०एस०पी० गरिमा मलिक ने इस मामले में फिलहाल कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है।मुजफ्फरपुर शेल्टर होम प्रकरण को लेकर पूरे देश में बिहार के लिए मजाक या यूँ कहें कि (गाली)एक तमाचा बन चुकी है। इस मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा तक दागदार हो चुकीं हैं। वहीं इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर जेल में बंद है।फरार लड़कियों की तलाश में छापामारी की जा रही है।बताया जा रहा है कि लड़कियां ग्रिल काटकर फरार हुईं हैं। एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी जाने नहीं दिया जाता था। कई बार निरीक्षण के लिए गए पुलिस पदाधिकारियों को भी सोसायटी द्वारा संचालित एनजीओ के असहयोग का सामना करना पड़ा था। वरीय पदाधिकारी भी वहाँ निरीक्षण के लिए जाते थे तो नाजरथ सोसाइटी द्वारा संचालित एनजीओ के असहयोग का सामना करना पड़ा था।ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर एन०जी०ओ० अफसरों की जाँच से कतराता क्यों था? साफ है कि लड़कियों के लापता होने का मामला बेहद गंभीर है और इस मामले में बवाल होना भी मुनासिब ही है।

बेगूसराय : गढ़े में उलटी स्कूली बस कई बच्चे हुए घायल

0
0
school-bus-accident-begusaray
अरुण कुमार (आर्यावर्त) बेगूसराय :- जिले में आज एक बड़ा हादसा होते-होते उस वक्त टल गया जब एक निजी विद्यालय की मिनी स्कूल बस गड्ढे में जा पलटी, जिसमें 03 स्कूली छात्र घायल हो गए।घटना डंडारी थाना इलाके के कल्याणपुर मोर की है।घायल छात्रों में एक का हाथ भी टूट गया है। घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार ऑक्सफैम एकेडमी की गाड़ी शनिवार को जगह-जगह से बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी।इसी दौरान ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया जिससे मिनी स्कूल बस गहरे गड्ढे में जा पलटी।और ये हादसा हो गया,ग्रामीणों के सहयोग से घायल बच्चों को नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिये पहुँचाया गया जहाँ घायल बच्चों का इलाज जारी है।घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी घटनाआ स्थल पहुँचकर घटना से पीड़ित बच्चों को अस्पताल भिजवाया और घटनाआ का जायजा लेने में जुट गए हैं।सामाचार लिखने तक किसी तरह की अप्रिय बात की सूचना नहीं है।

बिहार : अब दिखेगी बिहार में प्रशासन की रुतवा

0
0
administration-alert-in-bihar
अरुण कुमार (आर्यावर्त) प्राप्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बिहार मे अब हर शनिवार को वाहन जाँच होगी। वाहन जाँच में बिना हेलमेट बाईक चलाने वालों पर विशेष नजर होगी। परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सूबे के सभी डी०ई०ओ० और एम०वी०आई० को विशेष निर्देश दिए हैं। आज  शनिवार को बिहार के सभी जिलों में सघन जाँच अभियान चलाया गया। बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के वाहन चलाने वाले को चलान काट कर उनसे जुर्माना भी वसूला गया।शनिवार को सूबे के सभी जिलों मे वाहन जाँच की गई। कुल 2300 वाहनों की जाँच की गई, जिसमें 1500 वाहनों पर फाइन लगा कर जुर्माना भी वसूला गया। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए दोपहिया चालकों को हेलमेट पहनना और चारपहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। अगर वाहन चालक यातायात के नियमों का पालन करते हुए हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें तो सड़क दुर्घटना में नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। इसी दिशा में  वाहनों की सघन जाँच की जा रही है। सभी जिलों के डीटीओ, एम०वी०आई० और इ०एस०आई० को वाहन जाँच व चलान काटने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। जो भी चालक नियमों का उल्लंघन करेंगे उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।राजधानी पटना में शनिवार को हेलमेट और सीट बेल्ट जाँच के दौरान 345 वाहनों की जाँच की गई। इसमें कुल 108  वाहनों पर फाइन लगाया गया और कुल 64  हजार 300 रुपए की वसूली भी की गई। वहीं सिवान में 65  वाहनों की जाँच की गई,जिसमें  38 वाहनों से 10 हजार 600 रुपए का जुर्माना वसूला गया।भोजपुर जिले में 48 वाहनों की जाँच में 23 वाहनों पर 2300 रुपये का जुर्माना लगाया गया। मधेपुरा में 76 वाहनों की जाँच में 18 वाहनों पर 1800 रुपए जुर्मान लगाया गया।

बिहार : 4354 वनभूमि पर रहने वालों पर खतरा मंडराने लगा

0
0
झारखंड के 28 हजार 107 आदिवासी परिवारों पर बेघर होने का खतराबिहार के 4354 वनभूमि पर रहने वालों पर खतरा मंडराने लगा
tribal-in-trouble-bihar
पटना। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आंध्र प्रदेश के 66,351, असम के 27,534,बिहार के 4354, छत्तीसगढ़ के 20,095, गोवा के 10,130, गुजरात के 1,82,869, हिमाचल प्रदेश के 2223, झारखंड 28,107,कर्नाटक के 1,76,540,केरल के 894, मध्यप्रदेश 3,53,787,महाराष्ट्र के 22,509, ओडिशा के 1,48,870,राजस्थान 37,069,तमिलनाडु के 9029,तेलंगाना के 82,075,त्रिपुरा के 68,257, उत्तराखंड के 51,उत्तर प्रदेश के 58,661 और बंगाल के 86,144 कुल खारिज दावे 13,86,549 है। मणिपुर के सरकारी वकील ने अदालत को बताया है कि राज्य सरकार चार हफ्ते के भीतर अनुपालन संबंधी हलफनामा दाखिल करेगी. दरअसल, वन अधिकार कानून के तहत 2005 से पूर्व वन क्षेत्र में निवास करने वाले परिवार को जमीन और आवास पट्टा देने की बात की गयी थी. 2006 में पास हुए इस कानून में केन्द्र सरकार ने कहा था कि आदिवासियों या पारंपरिक रूप से जंगलों में निवास करने वालों के प्रति किये गये ऐतिहासिक अन्याय को स्वीकार किया गया. इस ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए वनाधिकार कानून को अधिनियमित किया गया. जिसके तहत जंगल में निवास करने वाले प्रत्येक परिवार को चार एकड़ भूमि इस कानून के द्वारा देने का प्रावधान था.

298 दावों को वन विभाग की ओर से खारिज किया गया था 
इसके बाद भी ग्रामसभा के अनुमोदन पर झारखंड के 1,07,187 आदिवासी परिवार एवं 3569 अन्य पांरपरिक वन निवासी ने जमीन के पट्टा के लिए सरकार के समक्ष दावा पेश किया था. इसमें आदिवासी परिवार के 27,809 दावों और (अन्य पारंपरिक वन निवासी) के 298 दावों को वन विभाग की ओर से खारिज कर दिया गया था. उन परिवार को वन क्षेत्र से निकाले जाने का आदिश परित किया गया है. 16 राज्यों के कुल 11,27,446 आदिवासी और अन्य वन-निवास के दावों को अस्वीकार कर दिया गया है.

क्या कहा गया है 20 जनवरी के फैसले में 
उच्चतम न्यायालय ने 16 राज्यों, जिसमें झारखंड भी शमिल है, के वनवासी परिवारों को बेदखल करने का आदेश दिया. इस फैसले से 16 राज्य के 10 लाख से अधिक परिवारों की अजीविका और आवास का संकट पैदा हो गया है. शीर्ष अदालत ने 13 फरवरी को वन अधिकार अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि नए कानून के तहत पारंपरिक वनक्षेत्रों से संबंधित दावों को खारिज कर दिया जाना चाहिए. केंद्र के वकील उस दिन सुनवाई से गायब थे. उन्होंने अभियान फॉर सर्वाइवल एंड डिग्निटी और वनवासियों के आंदोलनों के लिए एक समूह पर आरोप लगाया. संसद ने 2006 में वन अधिकार कानून पारित किया था. कानून ने पारंपरिक वनवासियों को गांव की सीमाओं के भीतर वन भूमि, संसाधनों तक पहुंचने, प्रबंधन और शासन करने के उनके अधिकारों को वापस दे दिया, जो औपनिवेशिक काल से वन विभाग द्वारा नियंत्रित थे. कानून ग्रामसभा को वनक्षेत्रों के प्रबंधन और उनकी सुरक्षा के लिए वैधानिक निकाय बनाता है. यह बताता है कि इन जंगलों में किसी भी गतिविधि को तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि व्यक्ति और समुदाय के दावों का निपटारा नहीं हो जाता. अदालत ने राज्य सरकारों को आदिवासियों को बेदखल करने का निर्देश दिया, जिनके दावे खारिज कर दिए गये हैं. जस्टिस अरुण मिश्रा, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी वाली तीन जजों की बेंच ने राज्यों को 27 जुलाई तक का समय दिया. इसी समय मामले की अगली सुनवाई होगी. इसने सरकारों से इस मामले पर उच्चतम न्यायालय में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा.

20 फरवरी के आदेश में क्या है?
सर्वोच्च अदालत ने 20 फरवरी को इस मामले में लिखित आदेश जारी किया. “यदि मामले में निष्कासन नहीं हुआ है, जैसा कि पूर्वोक्त है, तो इस मामले को गंभीरता से अदालत द्वारा देखा जाएगा. न्यायालय ने राज्यों को यह बताने के लिए भी कहा कि दावों की अस्वीकृति के बावजूद कोई सबूत क्यों नहीं थे. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार 16 राज्यों में से लगभग अन्य राज्यों ने जो विवरण प्रदान नहीं किया है, उन्हें शीर्ष अदालत ने ऐसा करने के लिए कहा है. अन्य राज्यों द्वारा अपना डेटा जमा करने के बाद संख्या बढ़ने की संभावना है.

क्या कहते है वन आधिकार के कार्यकर्ता ?
वन आधिकार के कार्यकर्ता फादर जार्ज का कहना है की झारखंड में वन अधिकार कानून के तहत पट्टा देने में सरकार कोताही बरत रही है. ग्रामसभा के द्वारा पास किये गये दावे में अनुमंडल और जिला स्तर पर कटौती कर दी जाती है. ग्रामसभा की कोई भूमिका नहीं होती है. जबकि दावे को निरस्त करने में ग्रामसभा की राय लेनी जरूरी है. वन विभाग की ओर से राज्य में जितने पट्टे दिये गये हैं, उन दावों में भी भूमि का रकबा कम करने का खेल विभाग के द्वारा किया गया है. दावे को खरिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया है. सरकार के द्वारा इस आदेश के अमल में लाने के बाद झारखंड के तीस हजार से आधिक आदिवासी परिवार के समक्ष संकट खड़ा हो जायेगा.

28 हजार 107 परिवारों के समक्ष भुखमरी का खतरा 
सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर पाल कहते हैं, न्यायालय के आदेश आने के बाद झारखंड के तीस हजार से अधिक परिवारों के समक्ष आजीविका और आवास का संकट हो जाएगा. न्यायालय में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपना पक्ष जनबूझ कर सही ढंग से नहीं रखा है. या फिर केन्द्र सरकार ने सजिश के तहत वन क्षेत्र को कॉरपोरेट के हवाले करने के लिए सैकड़ों साल से रह रहे आदिवासियों को निकालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. जब इस अधिनियम को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जा रही थी, उस समय ही जंगलों से लाखों आदिवासियों और गरीब किसानों को बाहर निकालने के संकेत मिल गये थे.

दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना

0
0
delhi-s-per-capita-income-is-almost-three-times-of-national-average
नयी दिल्ली, 23 फरवरी, दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय  औसत से तीन गुना हो गयी है और वर्ष 2018-19 में यह वृद्धि 8.61 प्रतिशत दर्ज की गयी है। दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण (2018-19) में यह जानकारी दी गयी है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का अग्रिम आंकलन 2018-19 में मौजूदा कीमतों में 7,79,652 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जिसमें 2017-18 के मुकाबले 12.98 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वास्तविक आधार पर 2018-19 में यह वृद्धि 8.61 प्रतिशत के आसपास है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जिसमें कहा गया है कि 2018-19 में मौजूदा कीमतों में राजधानी में प्रति व्यक्ति आय 3,65,529 रुपये रही जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,25,397 रुपये थी जो यह दर्शाता है कि राजधानीवासियों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना है। राजधानी दिल्ली में 2017-18 में कर संग्रह में 2016-17 के 3.03 प्रतिशत के मुकाबले 14.70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और राजधानी ने अपना राजस्व अधिशेष 2017-18 में 4,913 करोड़ रुपये बनाकर रखा है। दिल्ली में सामाजिक सेवाओं पर होने वाला खर्च 2014-15 के 68.71 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 2017-18 में 74.76 प्रतिशत हो गया है और 2018-19 के बजट में इन योजनाओं तथा परियोजनाओं का आवंटन 83.60 प्रतिशत है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 2017-18 में उत्पादन अौर उत्पादन सूचकांकों के अाधार पर पहला समग्र उत्पाद बजट तैयार किया है और पारंपरिक बजट प्रकिया से हटकर उत्पादन आधारित बजटीय प्रकिया को अपनाया है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा क्षेत्र लगातार पहली प्राथमिकता बना रहा और इसके लिए कुल 27.36 प्रतिशत बजटीय आवंटन किया गया था। इसके बाद सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं पर 16.63 प्रतिशत, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य पर 14.81 प्रतिशत तथा आवास एवं शहरी विकास पर 14.12 प्रतिशत , यातायात पर 11.67 प्रतिशत और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता पर 10.68 प्रतिशत बजटीय आवंटन किया गया है।

जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 94 हुई

0
0
worst-ever-hooch-tragedy-claims-94-lives-in-assam
गुवाहाटी, 23 फरवरी, असम के जोरहाट और गोलाघाट जिलों में अवैध शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 94 हो गयी है तथा यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, सबसे अधिक मौतें गोलाघाट जिले में हुई हैं और यहां मृतकों का आंकड़ा 59 के करीब बताया जा रहा है। यह हादसा गुरूवार को हुआ था। गोलाघाट उपायुक्त धीरेन हजारिका ने बताया कि गोलाघाट जिले में 59 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। जोरहाट जिले की उपायुक्त रोशनी कोराती ने बताया कि 35 लोगों की मौत की पुष्टि प्रशासनिक तौर पर की जा चुकी है और दोनों जिलों के 200 से अधिक लोग जोरहाट मेडिकल कालेज तथा अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले में अभी तक छह लोगों की गिरफ्तारी की गई है और घटना की जांच अलग अलग स्तर पर की जा रही है। प्रशासन की तरफ मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की अनुदान राशि दिए जाने की घोषणा की गई है। जोरहाट मेडिकल कालेज में इस समय दो सौ से अधिक लोग भर्ती हैं और गोलाघाट सिविल अस्पताल में 100 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है। तिताबोर उप डिवीजन अस्पताल में आठ लोगों का उपचार किया जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जेएमसीएच का आज दौरा किया और अस्पताल में शामिल लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और अस्पताल में भर्ती लोगों को पचास-पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हिमंता बिस्वा शर्मा ने सुबह अस्पताल का दौरा करने के बाद बताया कि डिब्रूगढ़ और तेजपुर अस्पतालों से अतिरिक्त चिकित्सकों को बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं और उनके तीमारदारों को भी निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते पुलिस ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। गोलाघाट जिले में अवैध शराब रखने के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहे दो गोदामों को बंद कर दिया गया है। ऊपरी असम के मंडलायुक्त जूली सोनोवाल ने पहले ही मामले की जांच शुरू कर दी है और अतिरिक्त आयुक्त की अगुवाई में आबकारी विभाग की टीम ने अलग से जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा जोरहाट में हुई मौतों की अलग से मजिस्ट्रेट जांच करने के आदेश दिए जा चुके हैं। गोलाघाट जिले के आबकारी विभाग के दो अधिकारियों को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कल मामले की जांच के लिए मंत्री तपन कुमार गोगोई, सांसद कामाख्या प्रसाद तासा तथा विधायक मृणाल सैकिया को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा था।हालमिरा चाय बागान में गुरुवार रात कुछ लोगों की मौत हुई थी और शुरूआती जांच में पता चला है कि पीड़ितों ने अवैध शराब ‘सुलाई’ पी थी जो स्थानीय तौर पर बनाई गई थी।

इस बार हिसाब पूरा होगा : मोदी

0
0
his-time-the-account-will-be-completed-modi
टोंक 23 फरवरी , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को भारत के साथ बताते हुए कहा है कि देश बुलंद हौंसलों के साथ सीना तानकर विश्व पटल पर खड़ा हैं और इस बार सबका हिसाब और पूरा हिसाब होगा।  श्री मोदी आज यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विजय संकल्प रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पुलवामा शहीदों को नमन करते हुए कहा कि पुलवामा हमले के बाद देश तो एक साथ है ही, विश्व भी देश के साथ हैं। देश और दुनियां आज पुलवामा हमले के खिलाफ एकजूट हैं और एक स्वर हैं। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार और मां भगवती पर भरोसा रखो, इस बार सबका हिसाब होगा, पूरा हिसाब होगा।  उन्होंने कहा कि मानवता के दुश्मनों को सबक और दुनियाभर में इनका दाना पानी बंद होना चाहिए और देश का प्रधानसेवक इसी काम में जुटा हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में तब तक शांति नहीं हैं जब तक आतंकवादी की फैक्ट्री ऐसे ही चलती रहेगी। इस पर ताला लगाने का काम भी मेरे ही हिस्से रखा हैं तो ऐसा ही सही। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध पूरी दुनिया में एक रुप में मन बन गया हैं और आतंकवाद के गुनहगारों को सजा देने के लिए हर मोर्चे पर मजबूती के साथ आगे बढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रनीति और राष्ट्र के स्वाभीमान का सवाल हैं।  श्री मोदी ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान का एक एक हिसाब लिया जा रहा है। सरकार द्वारा फैसले लेने के बाद वहां हड़कंप मचा हुआ हैं। देश में रह रहे अलगाववादियों पर सख्त कार्रवाई हुई और सख्त होती रहेगी। हम चुपचाप नहीं बैठेंगे और हम आतंकवाद को कुचलना भी जानते हैं। यह नई रीति एवं नई नीति वाला भारत हैं।  उन्होंने कहा कि देश में सेना को पूरी छूट दे दी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद एवं मानवता के दुश्मनों के खिलाफ हैं। यह लड़ाई कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ हैं कश्मीरियों के नहीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग भी आतंकवाद के खिलाफ हैं और वे पिछले चालीस साल से आतंकवाद के भुगतभोगी हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पंच और सरपंचों ने उनसे कश्मीर में आतंकवादियों को स्कूल नहीं जलाने देने का वादा किया और उन्होंने ये स्कूले नहीं जलाने देकर इसे पूरा भी किया।  उन्होंने कहा कि लड़ाई जीतनी हैं और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना हैं। कश्मीरी भी आतंकवाद से मुक्ति चाहते हैं, लेकिन पिछले सरकारे ऐसे बीज बोए हैं, अब कश्मीरियों के सपने पूरे यही सरकार करेगी। श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुए कहा था कि बहुत लड़ चुके भारत और पाकिस्तान, पाकिस्तान ने कुछ नहीं पाया, हर लड़ाई हार चुका हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। आप तो क्रिकेट से राजनीति में आये हो, भारत और पाकिस्तान मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़े, अशिक्षा से लड़े, यह बात उस दिन कही थी। उस समय श्री खान ने उनसे कहा था कि मोदीजी मैं पठान का बच्चा हूं, सच्चा बोलता हूं और सच्चा करता हूं, आज यह कसौटी पर खरा उतरने का समय हैं।  श्री मोदी ने कहा कि मैं देखता हूं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस पर कितना खरा उतरते हैं।  उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि लोग पाकिस्तान जाकर कहते हैं कि कुछ भी करो मोदी को हटाओं। मुम्बई हमले के बाद आतंकवादी सरपरस्तों को जवाब देने की उनमें हिम्मत नहीं हैं। ऐसे लोग देश के किस काम के हैं। 

राजनीतिक दलों के साथ न्यायपालिका और मीडिया भी आरटीआई के दायरे में आए : राहुल गाँधी

0
0
political-party-judiciary-media-should-come-under-rti-rahul-gandhi
नयी दिल्ली, 23 फरवरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वह राजनीतिक पार्टियों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने के विरोध में नहीं हैं, बशर्ते न्यायपालिका और मीडिया सहित अन्य संस्थाएं भी इस दायरे में लाई जाएं। स्थानीय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में विश्वविद्यालयों के छात्रों से चर्चा के दौरान राजनीतिक फंडिंग के स्रोतों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बात कही। राहुल ने कहा, ‘‘पारदर्शिता बढ़ाई जानी चाहिए, मैं इससे शत प्रतिशत सहमत हूं। राजनीतिक पार्टियां लोगों के लिए एक संस्था है। और फिर न्यायपालिका, प्रेस, नौकरशाही, यह भी संस्थाएं हैं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में यदि आप उन्हें (राजनीतिक पार्टियों को) आरटीआई के दायरे में लाने की बात करते हैं तो न्यायपालिका, प्रेस, नौकरशाही और व्यक्तिगत तौर पर नौकरशाहों को इसके दायरे में क्यों नहीं लाना चाहिए। मैं पूरी तरह पारदर्शिता के पक्ष में हूं, लेकिन यह सब पर लागू होना चाहिए।’’  राहुल ने सवाल किया कि देश के शीर्ष 20 उद्योगपतियों को आरटीआई के दायरे में लाने का प्रावधान क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि वे क्या कर रहे हैं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यदि आप सिर्फ इसके तहत राजनीतिक पार्टियों को लाने की बात करेंगे तो आप अन्य सभी संस्थाओं की तुलना में राजनीतिक पार्टियों को कमजोर करेंगे। यदि राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाया जाता है तो मुझे बहुत खुशी होगी और यदि सभी इसके दायरे में लाया जाता है तो मैं कल सुबह ही यह कर दूंगा।’’  राहुल ने दावा किया, ‘‘क्योंकि, यदि आप सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के लिए ऐसा करेंगे तो इससे राजनीतिक पार्टियां बुनियादी तौर पर कमजोर होंगी और इससे भारत के लोग कमजोर होंगे।’’  कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार आरटीआई कानून को ही ‘‘नष्ट’’ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार पर हमले के कई तरीके हैं जिनमें लोकपाल भी है, लेकिन इसकी अनुमति ही नहीं दी जा रही।’’ 

हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीरियों के खिलाफ नहीं : मोदी

0
0
fight-for-kashmir-not-kashmiri-modi
टोंक : राजस्थान :, 23 फरवरी,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरियों पर हुए हमले को नामंजूर करते हुए शनिवार को कहा कि हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है , कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है ।  प्रधानमंत्री ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा , ‘‘ हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है , कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है । कश्मीरी बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। कश्मीर का बच्चा-बच्चा आतंकवादियों के खिलाफ है। हमें उसे अपने साथ रखना है।’’ उन्होंने कहा कि अमरनाथ की यात्रा करने लाखों श्रद्धालु जाते हैं, उनकी देखभाल कश्मीर का बच्चा करता है। अमरनाथ यात्रियों को जब गोली लगी तो कश्मीर के मुसलमान खून देने के लिए कतार लगाकर खड़े हो गए थे। उन्होंने कहा कि "हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, कश्मीर के खिलाफ नहीं है। पिछले दिनों कश्मीरी बच्चों के साथ हिंदुस्तान के किसी कोने में क्या हुआ, क्या नहीं हुआ, घटना छोटी थी या बड़ी थी.. मुद्दा यह नहीं है। इस देश में यह होना नहीं चाहिए। कश्मीर में जैसे हिदुस्तान के जवान शहीद होते हैं, वैसे ही कश्मीर के लाल भी इन आतंकवादियों की गोलियों से शहीद होते हैं। ऐसी हरकतें उन लोगों को ताकत देते हैं जो भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को आशीर्वाद देने जाते हैं।"उन्होंने कहा , ‘‘ अगर हमें आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना है तो गलती नहीं करनी है। ’’ 

मोदी ने कहा कि आम कश्मीरी भी आतंकवाद से मुक्ति चाहता है , लेकिन पहली सरकारों ने ऐसे बीज बोये की उनके सपने पूरे नहीं हुए।  गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण है जब उच्चतम न्यायालय ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जनहित याचिका पर केन्द्र और 11 राज्यों को नोटिस जारी किया था । शीर्ष अदालत ने कश्मीरियों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। केंद्र ने शुक्रवार रात सभी राज्यों को जम्मू कश्मीर से संबंधित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पीडीपी , नेशनल कांफ्रेस सहित कुछ राजनीति दलों ने भी इस विषय को उठाया था । प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ है। अगर कश्मीरियों के सपने कोई पूरा करेगा तो यही नया हिंदुस्तान करेगा ।  मोदी ने कहा कि कश्मीर के पंच-सरपंचों ने मुझसे किया वादा निभाया है। मैंने उनसे कहा था कि जब आतंकवादी स्कूल जलाता है तब वह इमारत नहीं जलाता है, आपके बच्चों का भविष्य जलाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ आज मैं गर्व के साथ कहता हूं कि कश्मीर घाटी के मेरे पंच-सरपंचों ने एक भी स्कूल जलने नहीं दिया । ’’  प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका ये प्रधानसेवक दुनियाभर में आतंकियों का दाना पानी बंद करने में जुटा है। दुनिया में तब तक शांति संभव नहीं है, जब तक आतंक की फैक्ट्रियां चलती रहेंगी।  उन्होंने कहा कि आतंक की फैक्ट्रियों पर ताला लगाना का काम मेरे ही हिस्से लिखा है, तो ऐसा ही सही ।  मोदी ने कहा कि आज प्रत्येक हिंदुस्तानी देश की सेना के साथ है, देश की भावनाओं के साथ है, लेकिन मुझे उन मुट्ठी भर लोगों पर अफसोस होता है, जो भारत में रहते हुए पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। ये वही लोग है जो पाकिस्तान जाकर कहते है कि कुछ भी करो मगर मोदी को हटाओ । ये वही लोग हैं जो मुंबई हमले के बाद आतंकवाद को जवाब नहीं दे पाए थे।

जम्मू कश्मीर में 150 लोग हिरासत में लिये गये, तनाव व्याप्त

0
0
150-arrest-in-jammu-kashmir
श्रीनगर, 23 फरवरी, उच्चतम न्यायालय में संविधान के अनुच्छेद 35-ए पर सुनवाई से पहले सरकार ने अलगाववादियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जिससे शनिवार को कश्मीर घाटी में तनाव व्याप्त हो गया। हिरासत में लिये गये लोगों में मुख्य रूप से जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज सहित इसके सदस्य शामिल हैं।  हालांकि, पुलिस ने इसे नियमित प्रक्रिया करार देते हुये कहा कि कुछ नेताओं और संभावित पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि जमात-ए-इस्लामी पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है। उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35-ए पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है जिसके तहत जम्मू कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार मिले हुये हैं। संगठन पूर्व में हिज्बुल मुजाहिदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करता था। हालांकि, उसने हमेशा खुद को एक सामाजिक और धार्मिक संगठन बताया है। राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के बावजूद तनाव व्याप्त है और सड़कों पर लोगों को समूहों में आते-जाते देखा जा रहा है। श्रीनगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज ने अपने संकाय सदस्यों के शीतकालीन अवकाश को रद्द कर दिया और उन्हें सोमवार को काम के लिए सकारात्मक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दक्षिण श्रीनगर में अपने कर्मचारियों को शनिवार की शाम तक अपने-अपने क्षेत्रों में खाद्यान्न की बिक्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिये थे। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10,000 जवान) कश्मीर घाटी भेजी गई हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सैनिकों की आवाजाही चुनाव से पूर्व तैनाती के तहत है। जमात ने एक बयान जारी कर लोगों को हिरासत में लिये जाने की निंदा की है और कहा है, ‘‘...यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता की राह प्रशस्त करने के लिए भली-भांति रची गई साजिश है।’’  लड़ाकू विमानों के उड़ने की आवाज शुक्रवार की देर रात डेढ़ बजे तक सुनाई दी जिससे पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर निवासियों में चिंताएं पैदा हो गईं। हालांकि, आईएएफ के अधिकारियों ने इसे एक नियमित अभ्यास बताया। पेट्रोल पंपों के बाहर लम्बी पंक्तियां दिखाई दीं और लोग दुकानों पर आवश्यक वस्तुएं खरीदते हुए दिखाई दिये। जमात ने दावा किया 22 और 23 फरवरी की दरम्यानी रात में पुलिस और अन्य एजेंसियों ने एक व्यापक गिरफ्तारी अभियान चलाया और घाटी में कई घरों पर छापेमारी की। उसके केन्द्रीय और जिला स्तर के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया जिसमें अमीर (प्रमुख) डॉ. अब्दुल हमीद फैयाज और वकील जाहिद अली (प्रवक्ता) शामिल हैं। जमात ने उच्चतम न्यायालय में अनुच्छेद 35 ए पर एक याचिका की सुनवाई के पहले हुई छापेमारी को ‘संशय में डालने वाली’ करार दिया। 

इसके अलावा पुलिस ने शुक्रवार रात जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को भी हिरासत में लिया। 
 स बीच अलगाववादियों के संगठन 'ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप' (जेआरएल) ने रविवार को घाटी में बंद रखने का आह्वान किया। जेआरएल ने एक बयान में कहा, ‘‘मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारियों, रात में छापेमारी, राज्य में दमन, हत्या और सेंसरशिप के कारण लोगों के बीच असुरक्षा और अनुच्छेद 35-ए के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के विरोध में 24 फरवरी (रविवार) को हड़ताल की जायेगी।’’  पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने छापेमारी की वैधता पर शनिवार को सवाल उठाते हुये कहा कि ‘मनमाने’ कदम से राज्य में ‘‘मामला जटिल’’ ही होगा। महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह की मनमानी कार्रवाई को समझ नहीं पा रही हूं, इससे जम्मू कश्मीर में केवल हालात जटिल ही होंगे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘किस कानूनी आधार पर उनकी गिरफ्तारी न्यायोचित ठहराई जा सकती है? आप एक व्यक्ति को हिरासत में रख सकते हैं लेकिन उनके विचारों को नहीं।’’  माकपा के विधायक मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने कहा कि यह कार्रवाई और बिना किसी ठोस कानूनी आधार पर अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारियां राज्य के लिए अच्छा नहीं है। वहीं, हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लेने और जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के नेताओं पर छापेमारी की निंदा की और कहा कि ‘बल प्रयोग और डराने से’ स्थिति केवल ‘खराब’ ही होगी। मीरवाइज ने ट्वीट किया, ‘‘जमात-ए-इस्लामी नेतृत्व और इसके कार्यकर्ताओं पर रात में हुई कार्रवाई और यासीन मलिक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं। कश्मीरियों के खिलाफ इस तरह के गैरकानूनी और कठोर उपाय निरर्थक हैं और जमीन पर वास्तविकताएं नहीं बदलेंगी। बल प्रयोग और डराने से स्थिति केवल खराब होगी।

ईडन गार्डन्स से पाक क्रिकेटरों की तस्वीरें हटाने पर फैसला जल्द : गांगुली

0
0
pak-players-will-remove-from-eden-garden-ganguly
कोलकाता, 23 फरवरी, पूर्व भारतीय कप्तान और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शनिवार को कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के क्रिकेटरों की तस्वीरों को ईडन गार्डन्स से हटाने के बारे में फैसला जल्द किया जाएगा।  गांगुली ने यह टिप्पणी भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के ईडन गार्डन्स के बाहर प्रदर्शन करने के बाद की। प्रदर्शनकारी स्टेडियम की दीवारों से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सहित वहां के अन्य क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटाने की मांग कर रहे थे।  गांगुली से जब तस्वीरें हटाने के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर काम कर रहे हैं। इस पर जल्द ही फैसला होगा।’’  विदर्भ, पंजाब और राजस्थान क्रिकेट संघों ने पहले ही पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटा दिया है।  गांगुली ने इससे पहले पाकिस्तान के साथ हर तरह के क्रिकेट संबंध तोड़ने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि आगामी विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलने पर भारतीय टीम के अभियान पर खास असर नहीं पड़ेगा। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 24 फ़रवरी

0
0
संत गाडगे महाराज को स्वच्छता अभियान को प्रारंभ करने वाले जनक के रूप  में सदैव स्मरण किया जावेगा- गुमानसिंह डामोर
शहीदों को स्मरण कर श्रद्धांजलि दी - रज्जक समाज ने धुमधाम से मनाई संत गाडगे जयंतिन्गर मे निकाली गई विषाल शोभायात्रा
jhabua news
झाबुआ । डेबुजी झिंगराजि जानोरकर साधारणतः संत गाडगे महाराज और गाडगे बाबा के नाम से जाने जाते थे। वे एक समाज सुधारक और घुमक्कड भिक्षुक थे जो महाराष्ट्र में सामाजिक विकास करने हेतु साप्ताहिक उत्सव का आयोजन करते थे। उन्होंने उस समय भारतीय ग्रामीण भागो का काफी सुधार किया और आज भी उनके कार्यो से कई राजनैतिक दल और सामाजिक संस्थान प्रेरणा ले रहे है। उनका वास्तविक नाम देवीदास डेबुजी था। महाराज का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अँजनगाँव सुरजी तालुका के शेड्गाओ ग्राम में एक धोबी परिवार में हुआ था। गाडगे महाराज एक घूमते फिरते सामाजिक शिक्षक थे। वे पैरो में फटी हुई चप्पल और सिर पर मिट्टी का कटोरा ढककर पैदल ही यात्रा किया करते थे। और यही उनकी पहचान थी। जब वे किसी गाँव में प्रवेश करते थे तो गाडगे महाराज तुरंत ही गटर और रास्तो को साफ करने लगते। और काम खत्म होने के बाद वे खुद लोगो को गाँव के साफ होने की बधाई भी देते थे। संत गाडगे बाबा सच्चे निष्काम कर्मयोगी थे। महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएँ, गौशालाएँ, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का उन्होंने निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख माँग-माँगकर बनावाया किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई । स्वच्छता अभियान को प्रारंभ करने वाले जनक के रूप में उन्हे सदैव स्मरण किया जावेगा । ’ उक्त  उदबोधन क्षेत्रीय विधायक गुमानसिंह डामोर ने शनिवार को राजवाडा चैक पर रज्जक धोबी समाज के आदी पुरूष संत गाडगेमहाराज की जन्म जयंती पर आयोजित झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के रज्जक धोबी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहीं । इसके पूर्व रज्जक धोबी समाज सकल पंचायत द्वारा राजवाडा चैक पर पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि का आयैक्रम आयोजित किया । इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक गुमानसिंह डामोर, जिला भाजपाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, ओपी राय, बबलु सकलेचा,डा.अरविन्द दांतला, कल्याणसिंह डामोर, भूपेश सिंगोड, चैतना चैहान, प्रेमलता महोदिया,पार्षद अजय सोनी, हिमेश महोदिया, नरेन्द्रसिंह महोदिया, पार्षद नरेन्द्र राठौरिया सहित बडी संख्या में झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के समाज जन उपस्थित थे । श्रद्धांअर्पित करके के बाद विधायक श्री डामोर एवं समाजजनों द्वारा रथ में बिराजित श्री गाडगे महाराज की प्रतिमा एव ंचित्र की आरती उतारी गई । और संत गाडगे महाराज की शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ बेंड बाजों के साथ निकला । महिलायें जुलुस  के आगे नृत्य एवं गरबा करती हुई चल रही थी । शोभायात्रा का समापन माहेश्वरी समाज के श्री लक्ष्मीपति मंदिर पर किया गया जहां आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया गया तथा रज्जक समाज के सभी उपस्थितों ने अपने घर से लेकर पूरे नगर एवं प्रदेश की स्वच्छता का संकल्प दुहराया ।

इधर परीक्षाये चल रही उधर हो रहा कृषि विज्ञान मेले का कार्यक्रम-
बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड कर रहा शासन-प्रषासनकोलाहल नियंत्रण लागू होने के बाद भी क्यो दी स्कूल परिसर में कार्यक्रम की अनुमति- गुमानसिंह डामोर
jhabua news
झाबुआ । एक तरफ शासन-प्रशासन स्कूली बच्चों की परीक्षाओं के समय को लेकर डीजे एवं अन्य कोलाहलों को कठोरतम कार्यवाही करने का ढिंढोरा पिट रही है, वही दूसरी और स्कूली बच्चों की परीक्षाओं के समय स्वयं ही बच्चों की स्कूल के ठीक सामने ही कानफोडू माईक एवं स्पीकरों की आवाज में अपने आयोजनो को करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड करने में कोई कसर नही रख रही है। क्षेत्रीय विधायक गुमानसिंह डामोर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल के मुख्य आतिथ्य मे उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय  के मैदान में  त्रि दिवसीय जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले का आयोजन करके स्कूली बच्चों जिनकी परीक्षायें प्रारंभ हो चुकी है, के  भविष्य के साथ घिनौना खिलवाडा करने पर तुली हुई है। विधायक गुमानसिंह डामोर ने बताया कि  23 से 25 फरवरी तक तीन दिनों तक उत्कृष्ठ मैेदान पर उक्त कृषि विज्ञान मैला प्रशासन की अनुमति से आयोजित होरहा है  जबकि शनिवार को उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे कक्षा 11 वी की वार्षिक परीक्षा दोपहर 1 बजे से होने के कारण बच्चें सुबह से स्कूल परिसर में अपनी पुस्तके आदि लेकर तेयारी करने के लिये आये थे किन्तु बच्चों को इस आयोजन मे लगे माईक एवं स्पीकरों की कानफोडू आवाज के कारण परीक्षा पूर्व रीविजन एवं पढाई करने में  व्यापक परेशानियों का सामना करना पडा । परीक्षा के लिये निकटवर्ती एवं दूर दराज रहने वाले स्कूली छात्र-छात्रायें भी इस आशा के साथ आये थे कि वे परीक्षा पूर्व सुकुन से अध्ययन  एवं पूर्वाभ्यास कर सकेगें। वही शनिवार को ही कक्षा 10वी की भी प्रिपेड परीक्षा होने के चलते इन परीक्षार्थियों को भी आगामी तीन दिनों तक कोलाहल के कारण अपने भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है। विधायक श्री डामोर ने आरोप लगाया कि सिर्फ प्रभारी मंत्री के इस आयोजन करने के नाम पर प्रशासन ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाडा किया है। उन्होने कहा कि परीक्षाओं के समय सामाजिक एवं विवाह शादी के आयोजन में तो प्रशासन बच्चों की परीक्षा को लेकर कडे कदम उठाने की बात करता है फिर सैकडो छात्रों की जहां परीक्षायें चल रही है वहां इस प्रकार के कार्यक्रम को आयोजित करने की प्रशासन ने किस कारण अनुमति दी यह मनन एवं जांच का विषय है । श्री डामोर ने कहा कि इसे लेकर वे विधानसभा में भी मुद्दा उठाने में पीछे नही रहेगें।

सरस्वती षिषु मंदिर के वार्षिकोत्सव का हुआ समापन, पुलवामा के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई

jhabua news
झाबुआ। जिले की सरस्वती षिषु मंदिर झकनावदा के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आयोजन शुभारंभ के पुर्व सरस्वती षिषुु मंदिर द्वारा पुलवामा आतंकी हमले शहीद हुए जवानो को रांगोली द्वारा भारत का नक्षा बनाकर पधारे अतिथियो एवं स्कुल स्टाॅफ तथा श्रोताओ द्वारा मोमबत्तीयां जलाकर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर पुलवामा के शहीद रणबंकुरो के भक्ति गीत पर श्रृद्धांजलि दी गई। तत्पष्चात् उपस्थित अतिथियो ने आयोजन का श्रीगणेष करते हुए मां शारदा की तस्वीर पर पुष्पमाला पहनाकर दीप प्रज्जवलित किया। बाद स्कूल संस्था द्वारा उपस्थित मुख्य अतिथी नरेन्द्र कोठारी (नगर सेठ), चैकी प्रभारी भागीरथ बघेल, भवानी शंकर राठौर, भवरलालजी कोटड़िया (समाज सेवी), पारस जैन, महेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार देवेन्द्र बैरागी, श्री राजपुत करणी सेना के प्रदेष उपाध्यक्ष जगपालसिंह राठौर का पुष्पमाला एवं उपहार भेट कर सम्मान किया गया।

सरस्वती वंदना से आयोजन हुआ प्रारंभ
आयोजन श्रीराम मंदिर प्रांगण में आयोजित किया गया। जहां आयोजन की शुरूवात सरस्वती वंदना के साथ की गई। जिसके बाद नन्हे-मुन्ने बाल कलाकारो द्वारा एक से बढकर एक प्रस्तुतिया दी गई। इसके साथ ही फेंसी डेªस में भगवान महांकाल, राम भक्त हनुमान ने भक्तो को दर्षन देकर साक्षातकार करवाया। बाल कलाकारो की प्रस्तुतियां एक से बढकर एक रहीं। जिसको देख श्रोता तालियां बजाने को मजबूतर हो गए। आयोजन के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के सदस्यो द्वारा समस्त उपस्थित बच्चो एवं श्रोताओ को स्वलपाहार करवाया गया। इसके साथ ही आयोजन के चलते स्कूल प्राचार्य श्रीमती वीणा राठौर एवं स्कूल स्टाॅफ की सराहना करते हुए आॅल मिडिया जर्नलिस्ट सोषल वेलफेयर एसोसिएषन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीष कुमट, लक्ष्मण चैधरी, पारस जैन द्वारा उपहार भेट कर सम्मानित किया गया। साथ ही वीणा दीदी ने समस्त उपस्थित अतिथीयो एवं श्रोताओ को समल आयोजन बनाने हेतु धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया एवं बताया कि आयोजन में एकल नृत्य, युगल नृत्य व फेन्सी डेªस में प्रथम द्वितीय तृतीय का निर्णायक श्रीमती रंजना बर्फा एवं कु. निषा मिस्त्री द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार चयन कर पुरस्कृत किया जाएगा।

आयोजन में इनका रहा सराहनय सहयोग
सफल आयोजन में बच्चो को नृत्य-डांस, फेंसी डेªस में तैयारी करवाने में मुख्य रूप से श्रीमती वीणा राठौर, श्रीमति आरती मिस्त्री, ज्योति राव, कु. नैना मिस्त्री, हितेष्वरी राठौर व अमन राठौर, प्रिन्स चैहान का सराहनीय सहयोग रहा। आयोजन का संचालन मनीष कुमट व मितेष कुमट ने किया एवं आभार पारस जैन ने माना।

‘‘मैं रहु या ना रहु..भारत ये रहना चाहिए‘‘ कि थीम पर हुआ वार्षिकोत्सव.......

jhabua news
पिटोल । संतश्री आसारामजी गुरुकुल में ‘‘मैं रहूं या ना रहु..भारत ये रहना चाहिए‘‘की थीम  पर वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुतियों के द्वारा देशभक्ति व राष्ट्रीयता के भाव को जागृत कर जनसमुदाय को राष्ट्रप्रेम की भावना से भर दिया।कार्यक्रम में छोटे बच्चो के द्वारा महापुरुषों की जीवंत प्रस्तुति की ग्रामीणों ने काफी सराहना की।कार्यक्रम को देखने के लिये बड़ी संख्या में आस पास के ग्रामीण भी मौजूद रहे।       .....झांसी की रानी एवं वीर शिवाजी की जीवंत प्रस्तुतियों की ग्रामीणों ने खूब प्रशंसा की.......कार्यक्रम में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई बनी संतोषी गोहिल ने घोड़े पर सवार होकर अपनी सेना के साथ प्रस्तुति दी एवं वीर शिवाजी बने भावेश मेड़ा ने शिवाजी महाराज के अखाड़े व हिन्दवी स्वराज्य का जीवंत प्रस्तुति दी।विद्यालय के संचालक डॉ जगदीश खतेडिया ने बताया कि विद्यालय के 150 विद्यार्थियों ने लाइट एवं साउंड शो के माध्यम से बाजीराव,स्वामी विवेकानंद,वीर शिवाजी,रानी लक्ष्मी बाई के जीवन की गाथाओ को दर्शाते हुए 2 घंटे की अनवरत प्रस्तुति दी गई।कार्यक्रम की शुरुआत निर्वाण षट्कम से हुई तथा समापन भारत माता की आरती से हुआ।...........कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजाराम जी कटारा एवं मेगजी भाई अमलियार रहे तथा अध्यक्षता डॉ भरत भोकण (गुरु गोविंद यूनिवर्सिटी गोधरा)ने की।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये स्वाति शर्मा,अमृत पूरी,रवीना पांचाल,रेणुका नायक,स्वाती,पल्लवी वर्मा,हंसा नायक ,जयदीप गुर्जर,रुचिता खतेडिया,हीना नायक ने काफी मेहनत की।कार्यक्रम का संचालन दर्शन कहार एवं शिवम बिल्लोरे ने किया,एवं आभार विद्यालय की प्रधानाचार्य गीता खतेडिया ने माना।

विशेष : पुलवामा :मर्यादाहीन बयानों की बढ़ती राजनीति

0
0
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद देश में कुछ दिनों तक जिस प्रकार की बयानबाजी की गई, उससे यही लग रहा था कि देश के सभी राजनीतिक दल राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर रुख अपना रहे हैं। वास्तव में यह एक ऐसा मामला है, जिस पर सारे देशवासियों का एक स्वर होना चाहिए, लेकिन हमारे देश में राजनीतिक विसंगतियां भी साथ-साथ चलती हैं। सरकार के विरोधी राजनीतिक दलों से जैसे बयानों की उम्मीद की जा रही थी, लगभग वैसा ही प्रदर्शित होना प्रारंभ हो गया है। जहां पूरा विश्व पुलवामा हमले पर भारत के प्रति समर्थन का भाव व्यक्त कर रहा है, वहीं हमारे देश के राजनेता सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे बयानों के चलते अप्रत्यक्ष रुप से दुश्मन देश को ही समर्थन मिलता है। यह बात सही है कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत ही आवश्यक था, लेकिन इस हमले की प्रतिक्रिया शीघ्र हो और बिना किसी तैयारी के हो, तब विपक्षी दलों के नेताओं के बयानों को जल्दबाजी ही कहा जाना उचित होगा।

यह सार्वभौमिक सत्य है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए, लेकिन भारत में पहले भी खुलकर राजनीति होती रही है और आज भी हो रही है। विपक्षी राजनीतिक दलों का यह कदम निश्चित रुप से सरकार को कमजोर बताने का एक ऐसा खेल है, जो दुश्मन देश को यही संदेश देता है कि भारत सरकार कमजोर है और उससे विदेशी शक्तियां अनुचित लाभ उठा सकती हैं। यह बात भी सही है कि बड़ी कार्यवाही करने के लिए ठोस योजना बनाई जाती है, लेकिन हमारे राजनेताओं को यह उक्ति समझ में नहीं आ रही। वह तत्काल कदम उठाने की ओर बाध्य कर रहे हैं। हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि तात्कालिक प्रतिक्रिया कभी कभी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होता है। पाकिस्तान को सटीक उत्तर देने के लिए अच्छी और ठोस योजना की आवश्यकता है। हम जानते हैं कि कांगे्रस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री पर विराजमान पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी नवजोत सिंह सिद्धू को भारत की जनता ने इस तरह से बेनकाब किया है कि अब वह देश में कहीं भी जाने की स्थिति में नहीं हैं। उन पर सवाल उठ रहे हैं कि वह जो शांति का पैगाम लेकर आए थे, उसके परिणाम स्वरुप पुलवामा में हमला हो गया। आज देश की जनता आक्रोशित है और हमारे यहां बयानों की राजनीति प्रारंभ हो गई है। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान का पानी रोका जाना भी देश के कई नेताओं को अच्छा नहीं लगा है। यह बात सही है कि पानी रोकने की प्रक्रिया बहुत ही लम्बी है, लेकिन इस कदम से भारत सरकार के इरादों का पता चलता है। पानी बंद कब होगा, सवाल इस बात का नहीं है, सवाल तो यह है कि जब पानी बंद हो जाएगा तो पाकिस्तान की स्थिति क्या होगी। यह भारत सरकार का सबसे बड़ा कूटनीतिक कदम है।

राजनेता जिस प्रकार से भाषाई मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। वह कहीं न कहीं सरकार के कदमों को रोकने जैसे ही लग रहे हैं। कांगे्रस नेता रणदीप सुरजेवाला का बयान पूरी तरह से सरकार पर हमले करने जैसा ही है। कांगे्रस की ओर से यह बयान एक प्रकार से सेना की रणनीति में अवरोधक बनने का काम कर रहा है। क्योंकि जब केन्द्र सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सेना को पूरी छूट दे दी है, तब यह तो मानना ही पड़ेगा कि सेना योजना भी बना रही होगी। हम यह भी जानते हैं कि कांगे्रस ने सेना की कार्यवाही पर कई बार सवाल उठाने का दुस्साहस किया है। पाकिस्तान में सीमा पर स्थिति आतंकी केन्द्रों पर भारत द्वारा की गई सर्जीकल स्ट्राइक पर भी कांगे्रस ने गंभीर सवाल सठाए थे। वास्तव में कांगे्रस की इस प्रकार की राजनीति देश के साथ विश्वासघात करने जैसा ही है। यह बात भी सही है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश की जनता भी अब पाकिस्तान को माफ करने के मुद्रा में नहीं है। यहां तक पाकिस्तान से सारे संबंध तोडऩे के भी स्वर मुखरित हो रहे हैं। मोस्ट फेवरेट नेशन का दर्जा वापस लेने का कदम जन भावनाओं के अंतर्गत उठाया गया कदम ही है, इसके बाद अब पानी रोकने का निर्णय लिया गया है। लेकिन हमारे देश के राजनेताओं को इस सत्य से परिचित होना ही चाहिए कि केन्द्र सरकार ने अपनी कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। यह दोनों कदम छोटे कदम नहीं कहे जा सकते हैं।

जब पूरा देश पाकिस्तान से संबंध नहीं रखने की बात कर रहा है, तब राजनेताओं को आपत्तिजनक बयान देने से परहेज करना चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव जहां भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच को नहीं रोके जाने की वकालत करते दिख रहे हैं, वहीं कांगे्रस के मनीष सिंघवी का स्पष्ट कहना है कि ऐसे मैच नहीं होने चाहिए। इस बयान से यह साफ जाहिर होता है कि हमारे यहां सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की राय व्यक्त की जा रही हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि जिनको राष्ट्रीय मर्यादाओं की जानकारी नहीं होती, वही नकारात्मक बयान देते हैं। आज मुद्दा क्रिकेट के खेल का नहीं है, बल्कि राष्ट्रीयता का मामला है। जब जनता चाह रही है कि पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहिए, तब एक मात्र खेल के बारे में सोचना ठीक नहीं कहा जा सकता। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि विपक्ष के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी सवाल उठा रहे हैं, लेकिन क्या ये विपक्ष के नेता ये भी जानने का प्रयास करेंगे कि मोदी की यह विदेश यात्रा किस लक्ष्य पर केन्द्रित है। दक्षिण कोरिया में मोदी ने साफ शब्दों में आतंकवाद पर ही प्रहार किया है, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पाकिस्तान को घेरने के लिए ही है। इसलिए भारतीय राजनेताओं को ऐसे हर किसी कदम का समर्थन ही करना चाहिए, जो आतंकवाद के विरोध में हो।

live aaryaavart dot com

---सुरेश हिन्दुस्थानी---
102 शुभदीप अपार्टमेंट, 
कमानी पुल के पास
लक्ष्मी गंज, लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9770015780

बिहार : पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने शिवानंद भाई का आदमकद प्रतिमा का अनावरण

0
0
ग्रामभारती सह सर्वोदय आश्रम के संस्थापक थे शिवानंद भाईप्रथम पुण्य तिथि पर याद किए जेपी सेनानी
shivanand-bhai-statue-inaugrated
जमुई। जमुई जिले के सिमुलतला में स्थित ग्रामभारती सह सर्वोदय आश्रम में शुक्रवार को लोगों का जमावाड़ा रहा। इस ग्रामभारती सह सर्वोदय आश्रम के संस्थापक शिवानंद भाई की प्रथम पुण्य तिथि है। इस अवसर पर अवसर पर शिवानंद भाई का आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया। इसके पूर्व आगत गणमान्य लोगों ने प्रतिमा पर फूल एवं माला अर्पित किए। मौके पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, शिवानंद भाई की पत्नी सरला बहन,खुरंडा पंचायत के पूर्व मुखिया बालदेव यादव आदि ने पुष्प अर्पितकर श्रद्धांजलि दिए।

प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद भाई के मूर्ति का अनावरण पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर आगे पूर्व मंत्री ने कहा कि जिस तरह देश गांधी को भूल रहा है उसी तरह यह क्षेत्र शिवानंद भाई को भूल रहा है। झाझा,सोनो एवं चकाई प्रखंड में उन्होंने पर्यावरण ,जल संरक्षण,गरीब,असहाय एवं दलितों के लिए जो लड़ाई लड़ी वह उनकी महानता को दर्शाता है। स्व.भाई शिवानंद ने खून-पसीना बहा कर हमेशा समाज को कुछ देने का काम किया है। जो भी सपना अधूरा है उसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। वर्ष 1974 के आंदोलन में एक सक्रिय नेता के रूप में अपना योगदान दिया था। 19 महीने जेल में रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ रेडियो स्टेशन के गायक चन्द्रदेव सिंह चंदन के सर्वप्रथम प्रार्थना भजन के साथ हुआ। वहं बा  कार्यक्रम का संचालन  ग्राम भारती के संचालक कुमार विमलेश एवं डाॅ. मनोज झा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को बिहार सर्वोदय मंडल के पूर्व अध्यक्ष तपेश्वर भाई, बिहार सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष कुमार कलिका, बिहार प्रदेश लोक समिति के मंत्री सौदागर जी,कर्नल बीबी सिंह, झारखंड सर्वोदय मंडल के संयोजक कुमार रंजन,सिमुलतला आवासीय विघालय के प्राचार्य डाॅ. राजीव रंजन, पूर्व प्राचार्य डाॅ. शंकर कुमार एवं कुमार संतोष ने संबोधित किया। मौके पर साईमन घोष,पूर्व मुखिया बालदेव यादव, सूर्या वत्स,डाॅ. सुधांशु कुमार, प्रकाश पंडित,गब्बर सिंह, सरपंच श्रीधर पंडित, राधेकांत यादव, पूर्व मुखिया चमकीला देवी के साथ झाझा,चकाई एवं सोनो प्रखंड के सर्वोदयी नेता एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

बिहार में "दिनकर फिल्मसिटी"स्थापित करनेवाले अमित कश्यप को मिला "फ़िल्म रत्न सम्मान"

0
0
amit-kashyap-awarded-in-delhi
बिहार की प्रतिभाएँ नित नई ऊंचाई को छू रही है।विभिन्न जिलों के उत्साही युवा आये दिन अपने कृतित्व के बल पर सुर्खियों में रहा करते हैं।इसी कड़ी में शनिवार की संध्या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली स्थित "कंस्टीच्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया"के सभागार में "चर्चित बिहार"परिवार ने विभिन्न विधाओं के दर्जनभर वैसे युवाओं को सम्मानित किया जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किया।हिंदी,भोजपुरी व मैथिली सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के साथ ही बिहार के बेगूसराय में पहली "दिनकर फिल्मसिटी"स्थापित करने के लिए "बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन"के संस्थापक अध्यक्ष सह मशहूर फ़िल्म अभिनेता अमित कश्यप को भी भारत सरकार की केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी एवम भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार सह सांसद मनोज तिवारी के हाथों "बिहार फ़िल्म रत्न सम्मान"से सम्मानित किया गया।अयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता अभिजीत सिंह एवम संचालन प्रभाकर कुमार राय ने किया।मौके पर राज्यसभा सांसद अनिल बरौली, विधान पार्षद संजय मयूख, दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार राजेश राज,"लव यू दुल्हिन"मैथिली फ़िल्म के निर्माता बिष्णु पाठक,सुप्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक मनोज श्रीपति, निगम पार्षद मनीष चौधरी, ज्ञानेश भारद्वाज, सिंटू झा,प्रो.डॉ. हृदय कुमार, अधिवक्ता बसंत कुमार सिंह, रजनीश भास्कर आदि थे।अमित कश्यप के सम्मान पाने पर सिनेमा इंडस्ट्री से जुड़े बिहार के कलाकारों में खुशी की लहर दौड़ गई।दिनकर फिल्मसिटी के कार्यकारी निर्माता राकेश महंथ ने इसे कला जगत का सम्मान बताया। बताते चलें कि बेगूसराय के मंसुरचक से जुड़े अभिनेता अमित कश्यप ने चौहर(हिंदी),जट जटिन(हिंदी), गुलमोहर(हिंदी), सईयां ई रिक्शावाला (भोजपुरी), टूटे न सनेहिया के डोर(भोजपुरी), तीज(भोजपुरी), लव यू दुल्हिन(मैथिली) सहित हिंदी,भोजपुरी व मैथिली भाषा मे लगभग दर्जनभर फीचर फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया।सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ काम कर चुके अभिनेता अमित कश्यप बिहार में सिनेमा इंडस्ट्री के विकास को संकल्पित हैं।

युवक ने प्रेमिका की हत्या के बाद की आत्महत्या

0
0
youth-kills-girlfriend-then-commit-suicide
जम्मू, 24 फरवरी, जम्मू कश्मीर में 24 वर्षीय एक युवक ने अपनी प्रेमिका की कथित रूप से हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली। पुलिस ने रविवार को बताया कि राकेश कुमार (24) और शालू देवी (25) दोनों पड़ोसी थे। दोनों के शव शनिवार को कुमार के घर से बरामद हुए। पुलिस ने बताया कि कुमार का शव उसके कमरे में फंदे से लटका मिला जबकि युवती का शव पास में ही पड़ा था जिसपर चाकू घोंपने के निशान थे। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चलता है कि दोनों का प्रेम प्रसंग था और उनमें किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जिसके बाद कुमार ने युवती पर चाकू से वार किया और फिर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। कुमार इलाके में ही एक दुकान पर सेल्समैन की नौकरी करता था। पुलिस मामला दर्ज कर तहकीकात कर रही है।

Viewing all 73727 articles
Browse latest View live




Latest Images