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जम्मू बस स्टैंड पर हुए धमाके में किशोर की मौत, 32 घायल, एक गिरफ्तार

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जम्मू, सात मार्च, जम्मू शहर के बीचों-बीच स्थित भीड़-भाड़ वाले एक बस स्टैंड इलाके में बृहस्पतिवार को हथगोले से किये गये धमाके में एक किशोर की मौत हो गई जबकि 32 लोग घायल हो गए। इस संबंध में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से संदिग्ध रूप से जुड़े एक हमलावर को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखंड के हरिद्वार के निवासी 17 साल के मोहम्मद शरीक की अस्पताल में मौत हो गई। उसकी छाती पर चोट लगी थी। वह अस्पताल में भर्ती कराए गए 33 लोगों में शामिल था। शाम को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) एम के सिन्हा ने कहा कि पुलिस ने नगरोटा के टोल प्लाजा से यासीन जावेद भट को पकड़ा है। सिन्हा ने कहा कि वह कुलगाम में हिज्बुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर फारूक अहमद भट के संपर्क में था। उसे सीसीटीवी फुटेज तथा चश्मदीदों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान भट ने बताया कि उसने कुलगाम में फारूक भट से हथगोला प्राप्त किया था और वह सुबह जम्मू पहुंचा था। पिछले साल मई से लेकर अब तक जम्मू बस स्टैंड इलाके में आतंकवादियों द्वारा हथगोले से किया गया यह तीसरा हमला है। सुरक्षा एजेंसियां इसे शहर में शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास के तौर पर देख रही हैं।  उन्होंने कहा कि चार अन्य घायलों की हालत ‘‘गंभीर’’ है और इनमें से दो का डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया है। अधिकारियों ने कहा कि घायलों में कश्मीर के 11, बिहार के दो और छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा का एक-एक व्यक्ति शामिल है। सिन्हा ने बताया कि प्रारंभिक जांच से लगता है कि किसी ने दोपहर के वक्त बस स्टैंड इलाके में हथगोला फेंका जिससे विस्फोट हुआ। 

तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने वाले सिन्हा ने बताया कि विस्फोट के बाद बी सी रोड के आस-पास के इलाके की घेराबंदी की गई और हथगोला फेंकने वाले को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में बस स्टैंड पर खड़ी सरकारी बस को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ और इस विस्फोट से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। आईजी ने कहा, “जब भी चौकसी ज्यादा होती है, हम जांच-पड़ताल सख्त कर देते हैं लेकिन किसी के उससे बच निकलने की आशंका रहती है और यह ऐसा ही मामला लग रहा है।”  अधिकारी ने कहा कि शहर में इस तरह के हमले का कोई स्पष्ट इनपुट नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘सामान्य इनपुट हमेशा रहते हैं और तैनाती की जाती है। हमें जब भी इनपुट मिलता है तो हम इस पर काम करते हैं लेकिन इस बारे में कोई स्पष्ट इनपुट नहीं था।’’  उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, “निश्चित तौर पर मंशा सांप्रदायिक शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने की थी।”  उन्होंने बताया कि पुलिस सबूत एकत्रित कर रही है और “हम निश्चित तौर पर उसे (हमलावर को) ढूंढ निकालेंगे।”  धमाके के फौरन बाद लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ दौड़े और स्थिति सामान्य होने के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।  अधिकारियों ने बताया कि पुलिस गश्त दल फॉरेन्सिक विशेषज्ञों एवं खोजी कुत्तों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा और हमलावर को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया। संदिग्ध आतंकवादियों ने 28-29 दिसंबर को स्थानीय थाने की इमारत को निशाना बनाकर बस स्टैंड पर ग्रेनेड से हमला किया था। इससे सात महीने पहले बी सी रोड पर 24 मई 2018 को एक अन्य विस्फोट हुआ था जिसमें दो पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हुआ था।

जब कांग्रेस की सरकार आती है तब नक्सलवाद आता है : अमित शाह

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रायपुर, सात मार्च,भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब कांग्रेस की सरकार आती है तब नक्सलवाद आता है और जब कांग्रेस की सरकार जाती है तब नक्सलवाद चला जाता है। शाह ने रायपुर शहर के इंडोर स्टेडियम में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में जब नक्सलवाद का जन्म हुआ, तब कांग्रेस की सरकार थी। आंध्रप्रदेश में नक्सलवाद बढ़ा, तब कांग्रेस की सरकार थी। जब नक्सलवाद आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ पहुंचा, तब कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में नक्सलवाद तब गया (कमजोर हुआ), जब वहां से कांग्रेस की सरकार गई। आंध्र से नक्सलवाद तब गया, जब वहां से कांग्रेस की सरकार गई और छत्तीसगढ़ में भी नक्सलवाद तब समाप्त हुआ, जब राज्य में भाजपा की रमन सिंह की सरकार आई। जब कांग्रेस (सरकार) आती है तब नक्सलवाद आता है और जब कांग्रेस (सरकार) जाती है तब नक्सलवाद जाता है।  शाह ने पूछा कि ऐसा क्यों होता है। (इन दोनों के बीच) क्या रिश्ता है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ देश विरोधी तत्वों ने जब नारे लगाए थे कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, तब उनके समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) खड़े हुए थे, जो यह दिखाता है कि उनकी प्रतिबद्धता क्या है।

शाह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी पूछते हैं कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने क्या किया है। मैं कहना चाहुंगा कि कांग्रेस की सरकार ने जो 55 वर्ष में नहीं किया, वह नरेंद्र मोदी की 55 माह की सरकार ने कर दिखाया है। देश में 10 वर्ष तक संप्रग की सरकार थी। उस दौरान पाकिस्तान से घुसपैठ होती थी और जवानों के सर काट लिए जाते थे। उन्हें अपमानित करते थे और कोई जवाब देने वाला नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब उरी में हमला हुआ, तब हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया। और जब पुलवामा में हमला हुआ, तब एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में आतंकियों के अड्डों के परखच्चे उड़ाने का काम भाजपा की नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया।’’ 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक होने से पहले पूरी दुनिया में केवल दो ही देश (अमेरिका और इजराइल) थे, जो अपने शहीद सैनिकों का बदला लेते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन देशों की सूची में तीसरा नाम ‘भारत’ का जोड़ दिया है। शाह ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाए जाने के विषय पर कहा कि वहां राम जन्मभूमि पर जल्द से जल्द भव्य मंदिर बनाने के लिए भाजपा कटिबद्ध है और हम उसे बना कर रहेंगे। लेकिन उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस के वकील खड़े हो जाते हैं और इस मामले पर तारीख पर तारीख मांगते हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में जो महागठबंधन बना है उसके नेताओं को लोकसभा चुनाव से पहले स्पष्ट करना चाहिए कि अयोध्या में उस स्थान पर राम का मंदिर बनाए जाने के लिए वे तैयार हैं, या नहीं। शाह ने कहा, ‘‘हम एनआरसी लेकर आए जिसमें घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की व्यवस्था है। 40 लाख घुसपैठियों को प्रथम दृष्टया चिह्नित करने का काम किया गया है।’’

लोकसभा चुनाव की तारीखें जल्द घोषित करेगा चुनाव आयोग

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नयी दिल्ली, सात मार्च, चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखें जल्द घोषित करेगा जो अप्रैल-मई में सात-आठ चरणों में संपन्न हो सकते हैं। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग 17वीं लोकसभा के चुनाव कराने के लिए साजो-सामान की तैयारियां पूरी करने के अंतिम चरण में है। चुनाव के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा इस सप्ताहांत तक या अगले सप्ताह की शुरूआत तक हो सकती है। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अगले सप्ताह पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक होगी। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि आयोग किसी भी दिन तारीखों की घोषणा करने के लिए तैयार है और यह ऐलान इस सप्ताहांत तक या ज्यादा से ज्यादा मंगलवार तक हो सकता है। सूत्रों के अनुसार पहले चरण के मतदान के लिए अधिसूचना मार्च के आखिर तक जारी हो सकती है और इसके लिए मतदान अप्रैल के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। पूरी संभावना है कि आयोग पुरानी परंपरा की तरह आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ करा सकता है। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग हो चुकी है, इसलिए आयोग मई में समाप्त हो रही छह महीने की अवधि के अंदर यहां भी नये सिरे से चुनाव कराने के लिए बाध्य है। एक राय है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे, लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण राज्य के जटिल सुरक्षा हालात को मद्देनजर रखते हुए ही फैसला किया जाएगा।

देश में नफरत फैला रहे हैं मोदी और भाजपा : राहुल गांधी

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मोगा (पंजाब), सात मार्च, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को यहां आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश में नफरत फैला रही है। राहुल ने यहां रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस भूमि पर हमें गुरु नानक देव जी की याद आती है। गुरु नानक जी ने प्रेम और भाईचारे का रास्ता न केवल पंजाब को बल्कि पूरे देश को दिखाया था।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मगर आज देश में नफरत और गुस्से के हालात हैं। भाजपा के लोग और प्रधानमंत्री जी देश में नफरत फैला रहे हैं जिसके खिलाफ गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया।.....एक तरह से यह उनके (गुरु नानक) के विचारों पर हमला है। यह स्थिति केवल पंजाब में नहीं बल्कि पूरे देश में है।’’ राहुल ने आरोप लगाया कि वास्तविक मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वह प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियों के सृजन और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य जैसे वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप देश में युवाओं से पूछें कि आप क्या करते हैं? उनका उत्तर होता है, ‘कुछ नहीं’।’’ उन्होंने दावा किया कि मोदी जी ने पिछले पांच साल में 15 उद्योगपतियों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये माफ किए, लेकिन देश के किसान का एक पैसा भी माफ नहीं किया। 

सायना और श्रीकांत आल इंग्लैंड के क्वार्टरफाइनल में

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बर्मिंघम, 07 मार्च, आठवीं सीड भारत की सायना नेहवाल ने पहले गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए गुरूवार को डेनमार्क की लाइन हेजमार्क जार्सफेल्ड को 8-21 21-16 21-13 से हराकर प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया। सायना की जीत की ख़ुशी को दोगुना करते हुए सातवीं सीड किदाम्बी श्रीकांत ने भी क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली जबकि बी साई प्रणीत दूसरे दौर में हार कर बाहर हो गए। पिछले साल पहले ही दौर में बाहर होने वाली सायना ने इस बार पहले राउंड में स्कॉटलैंड की कर्स्टी गिलमूर को बुधवार को 35 मिनट में 21-17, 21-18 से पराजित किया था और अब दूसरे दौर में उन्होंने जार्सफेल्ड को 51 मिनट में 8-21 21-16 21-13 से हराकर अंतिम आठ में जगह बना ली। सातवीं सीड श्रीकांत ने पहले दौर में फ्रांस के ब्राइस लेवरदेज को 30 मिनट में 21-13, 21-11 से हराया। दूसरे दौर में श्रीकांत ने इंडोनेशिया के जोनाथन कर्स्टी को 58 मिनट में 21-17 11-21 21-12 से हराकर अंतिम आठ में जगह बना ली।। श्रीकांत का क्वार्टरफाइनल में टॉप सीड जापान के केंतो मोमोता से मुकाबला होगा।  दूसरे दौर के एकल मुकाबले में बी साई प्रणीत को हार का सामना करना पड़ा। प्रणीत को हांगकांग के एनजी का लोंग एंगस ने 35 मिनट में 21-12, 21-17 से हराया। इस हार से एंगस के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी का 1-3 का रिकार्ड हो गया है। पहले राउंड में भारत के समीर वर्मा को छठी सीड डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन ने एक घंटे पांच मिनट में 16-21, 21-18, 21-14 से हरा दिया। पुरूष युगल में मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी, महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी तथा मिश्रित युगल में प्रणव जैरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी को पहले ही राउंड में हार का सामना करना पड़ा।

चिदम्बरम ने राफेल के चोरी हुए दस्तावेजों के प्रकाशन का किया समर्थन

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नयी दिल्ली 07 मार्च, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने राफेल सौदे से जुड़े चोरी हुए दस्तावेजों को छापने को अपराध बताने की सरकार की धमकी को खारिज करते हुए कहा है कि इन्हें प्रकाशित करना संवैधानिक अधिकार के दायरे में आता है इसलिए इनकाे सामने लाने से रोका नहीं जा सकता है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के उच्चतम न्यायालय में राफेल दस्तावेजों के रक्षा मंत्रालय से चोरी हाेने और इनका प्रकाशन या इनके आधार पर कोई लेख प्रकाशित करना गोपनीय कानून के तहत अपराध बताने के एक दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को कहा कि रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेजों को अति गोपनीय बताकर इनका प्रकाशन रोका नहीं जा सकता। श्री चिदम्बरम ने कहा कि राफेल से जुड़े दस्तावेज गायब हैं और उनको प्रकाशित कर सामने लाने का वह पूरी तरह समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 19 में बोलने और लिखने की आजादी की व्यवस्था है और इसके तहत इन दस्तावेजों का प्रकाशन अपराध नहीं है।  कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का 1971 में पेंटागन के दस्तावेजों को प्रकाशित करने का आदेश अटॉर्नी जनरल के तर्कों का सही जवाब है। उन्होंने कहा कि 30 जून 1971 को अमेरिका में रिचर्ड निक्सन प्रशासन ने वियतनाम युद्ध से जुड़े दस्तावेजों को अति गोपनीय बताकर न्यूयार्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट को उनको छापने से रोकने का फरमान जारी किया था। इसी तरह से भारत सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में राफेल से जुड़े दस्तावेजों के गायब होने की बात की और धमकी दी कि कोई इनका प्रकाशन नहीं कर सकता है और ना ही इन दस्तावेजों के आधार पर लेख लिख सकते हैं। 

अयोध्या विवाद में मध्यस्थता पर शुक्रवार को आदेश सुनायेगा सुप्रीम कोर्ट

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नयी दिल्ली, 07 मार्च,उच्चतम न्यायालय अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाए जाने के मसले पर शुक्रवार को फैसला सुनायेगा। शीर्ष अदालत के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सूची) की ओर से आज शाम जारी नोटिस में इस बाबत जानकारी दी गयी।  मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ कल इस बारे में आदेश जारी करेगी कि अयोध्या विवाद का निपटारा मध्यस्थता के जरिये किया जायेगा या नहीं। संविधान पीठ ने कल वृहद सुनवाई के बाद इस मसले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि संविधान पीठ के समक्ष मध्यस्थता के मसले पर कल सुनवाई हुई थी, जिसमें दोनों हिन्दू पक्षकारों- निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के वकीलों ने इस विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाए जाने के प्रयास का विरोध किया था। उनका कहना था कि यह मसला पूरी तरह भूमि विवाद का है और इसे मध्यस्थता के जरिये नहीं सुलझाया जाना चाहिए। मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने हालांकि मध्यस्थता का विरोध नहीं किया था। शीर्ष अदालत ने हिन्दू पक्षकारों की ओर से मध्यस्थता से इन्कार किये जाने पर आश्चर्य जताया था। न्यायालय ने कहा था कि अतीत पर उसका कोई वश नहीं, लेकिन वह बेहतर भविष्य की कोशिश जरूर कर सकता है। संविधान पीठ ने इसके साथ ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था कि अयोध्या विवाद का निपटारा मध्यस्थता के जरिये हो या नहीं। संविधान पीठ में न्यायमूर्ति गोेगोई के अलावा, न्यायमूर्ति एस ए बाबडे , न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 

राफेल आने में देरी मोदी के कारण : राहुल गांधी

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धर्मशाला, 07 मार्च, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि राफेल लड़ाकू विमान देश में आने में देरी का कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।  यहां कांगड़ा जिले के शाहपुर में चंबी मैदान पर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय जो करार किया जा रहा था, उसके मुताबिक राफेल विमान जल्दी मिलने थे पर नरेंद्र मोदी सरकार ने देरी की और अब प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि विमान मिलने में देरी से देश को नुकसान हो रहा है।  प्रधानमंत्री पर पुलवामा हमले के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए श्री गांधी ने कहा कि हमले के तुरंत बाद कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार के साथ है और स्पष्ट कहा था कि पार्टी हमले का राजनीतिकरण नहीं करेगी पर अफसोस कि जब विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था, प्रधानमंत्री हमले का राजनीतिकरण कर रहे थे।  हमले में मारे गये हिमाचल प्रदेश के सीआरपीएफ जवान तिलक राज को श्रद्धांजलि देते हुए श्री गांधी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद अर्धसैनिक बलों के जवानों को शहीद का दर्जा देगी।  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकारों ने पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में किसानों के कर्ज माफ किये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 15-20 उद्योगपतियों के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये हैं पर किसानों की कर्जमाफी नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री मोदी अपने पूंजीपति दोस्तों की मदद करते हैं जिनमें से अडानी को हाल में छह हवाई अड्डे व झारखंड में 14000 करोड़ का ठेका मिला।  श्री गांधी ने प्रधानमंत्री पर हिमाचल प्रदेश वासियों से किये वायदे पूरे न करने का भी आरोप लगाया। श्री गांधी ने कहा कि हथकरघा, हस्तकला और पर्यटन जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, पर नोटबंदी से असर पड़ा।  उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरल करने व न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू करने के वायदे भी दोहराये। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, हिमाचल प्रदेश में पार्टी मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ व विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी संबोधित किया। 

एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी

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नयी दिल्ली 07 मार्च, मोदी सरकार ने आम चुनाव की घोषणा किये जाने से पहले ताबड़तोड़ किये जा रहे शिलान्यास और उद्घाटनाें के बीच गुरूवार को मंत्रिमंडल की बैठक में एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 12 विभिन्न परियोजनाओं और आर्थिक सहायता को मंजूरी प्रदान की।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल और उसकी आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गयी जिनमें मुंबई में परिवहन को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए 33,690 करोड़ रुपये की लागत वाली मुंबई शहरी परिवहन परियोजना फेज तीन ए , 24948.65 करोड़ रुपये की लागत वाले दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के विस्तार का चौथा चरण, पश्चिम बंगाल के नारायणगढ़ और ओडिशा के भद्रक के बीच 1866.31 करोड़ रुपये की लागत वाली 155 किलोमीटर लम्बी तीसरी रेलवे लाइन निर्माण परियोजना शामिल है।  चीनी मिलों को एथनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए दिए गये रिण पर ब्याज सहायता के वास्ते 2790 करोड़ रुपये भी मंजूर किये गये हैं। इसके अलावा 4500 करोड़ रुपये की लागत से देश में बंद पड़े 50 हवाई अड्डाें एवं एयर स्ट्रिप के विकास, बिहार के बक्सर में 10439.09 करोड़ रुपये की लागत से 1320 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र परियोजना भी शामिल है।  देश में संक्रामक रोग एड्स की रोकथाम में मिली सफलता को देखते हुए एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को 2020 तक जारी रखने तथा इसके लिए 6434 करोड़ रुपये व्यय करने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले के खुर्जा में 11089.42 करोड़ रुपये की लागत से सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी आधारित 660- 660 मेगावाट क्षमता की दो बिजली उत्पादन इकाइयां स्थापित की जायेंगी। इस संयंत्र तथा मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में अमेलिया काेयला खदान के लिए 11,089.42 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जायेगी। देश में बाढ़ की रोकथाम के उपाय करने के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) को मंजूरी दी गयी है जिसपर 3342 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर 624 मेगावाट की किरु पनबिजली परियोजना निर्माण को मंजूरी दी गयी है जिस पर 4287 करोड़ 59 लाख रुपये का खर्च होने का अनुमान है। स्कूली स्तर पर मिली सफलता को देखते हुये एक हजार करोड़ रुपये की लागत से 10 हजार स्कूलों में अटल टिकरिंग लैब स्थापित करने के लिए अटल नवाचर मिशन को वर्ष 2019-10 तक जारी रखने को अनुमोदित किया गया है। इसके अतिरिक्त सिक्किम में लैंको तीस्ता हाईड्रो पावर लिमिटेड के अधिग्रहण एवं तीस्ता स्टेज छह एचई परियोजना को एनएचपीसी द्वारा पूरा किये जाने को भी मंजूरी प्रदान की गयी। इस पर कुल 5748.04 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। 

पाक की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने को तैयार वायु सेना

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नयी दिल्ली 07 मार्च, पुलवामा हमले के बाद के घटनाक्रम के कारण भारत और पाकिस्तान में बनी तनाव की स्थिति के बीच वायु सेना ने कहा है कि वह पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने लिए पूरी तरह तैयार है।  वायु सेना ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में वह किसी भी कथित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार तथा उसका मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। पाकिस्तानी वायु सेना की ओर से किसी भी आक्रमणकारी कदम के जवाब में कड़ी कार्रवाई के लिए भारतीय वायु सीमा में सख्त निगरानी की जा रही है और हर क्षेत्र पर वायु सेना की पैनी नजर है।  वक्तव्य में कहा गया है कि पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना संख्या ए0234/19 के अनुसार उसने अमान, ईरान , अफगानिस्तान और चीन की सीमाओं से लगते अपने वायुमार्गों को खोल रखा है जबकि भारत-पाकिस्तान सीमा से लगते आवागमन के 11 वायुमार्ग अभी भी बंद हैं।  उल्लेखनीय है कि पुलवामा हमले के बाद वायु सेना ने गत 26 फरवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निकट बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के शिविर पर कार्रवाई की थी। पाकिस्तानी वायु सेना ने इसके जवाब में 27 फरवरी को ही भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। वायु सेना ने इस हमले को विफल कर दिया और हवा में दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच संघर्ष में पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया गया। इस दौरान भारत का भी मिग-21 विमान पाकिस्तान के क्षेत्र में गिर गया। उसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को भी पैराशूट के जरिये पाकिस्तान में उतरना पड़ा। भारत के कूटनीतिक और सैन्य दबाव के चलते पाकिस्तान को उन्हें दो दिन बाद ही छोड़ना पड़ा। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने उसकी वायु सीमा का उल्लंघन करने वाले पाकिस्तान के एक ड्रोन को मार गिराया।  इस घटनाक्रम के मद्देनजर दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तानी सेना उसी दिन से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर गोलाबारी कर रही है। कई बार उसने शहरी क्षेत्रों को भी निशाना बनाया है। भारत भी इसके जवाब में भारी गोलाबारी कर रहा है। 

शिक्षकों के लिए दो सौ अंक के रोस्टर पर अध्यादेश लाएगी सरकार

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नयी दिल्ली, 07 मार्च, सरकार ने केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में शिक्षकों के आरक्षण के लिए 200 अंक के रोस्टर को लागू करने की खातिर अंततः अध्यादेश लाने का फैसला किया है। इस फैसले से पिछड़े वर्ग तथा दलित एवं आदिवासी शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। इसके अलावा सरकार ने 50 नये केन्द्रीय विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में रोस्टर लागू करने के लिए अध्यादेश लाने तथा 50 नये केन्द्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।  बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के कारण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जो अधिसूचना जारी की थी उससे पिछड़े तथा दलित और आदिवासी शिक्षकों के आरक्षण में विसंगतियां आ गयी थीं और उन्हें कम प्रतिनिधित्व मिल रहा था या बिल्कुल ही नहीं मिल रहा था,इसलिए सरकार ने विश्वविद्यालय को इकाई मानते हुए दो सौ अंको वाला रोस्टर लागू करने का फैसला किया और इसके लिए अध्यादेश लाने फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने 50 नये केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना को सिद्धांत: मंज़ूरी दे दी है। ये अर्ध सैनिक क्षेत्रों तथा उन इलाकों में खोले जायेंगे जहाँ रेलवे के कर्मचारी है और जहाँ केन्द्रीय स्कूल नही हैं। ये स्कूल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी खोले जायेंगे। उन्होंने बताया कि देश में 12 हज़ार दो केन्द्रीय स्कूल हैं और तीन विदेशों में हैं।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 08 मार्च

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चौकी पर हुई शान्ति समिति की बेठक, भगोरीया पर उठी शराब को प्रतिबंध करने कि मांग

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पारा-- थाना कोतवाली के अंर्तगत आज गुरुवार को चैकी पारा पर अगामी त्योहार के मद्दे नजर शांति समिति कि बेठक का आयोजन किया गया। बेठक मे रामा ब्लाक के प्रभारी तहसीलदार प्रवीण अहोरीया टीआई कोतवाली झाबुआ नरेन्द्रसिह रघुवंशी पारा नगर सहीत क्षेत्र के समस्त तडवी पटेल सरपंच राजनितिक दलो के सदस्य गणमान्य नागरीक उपस्थित थे। चौकी पारा पर रखी गई शांति समिति कि बेठक मे रामा ब्लाक के प्रभारी तहसीलदार प्रवीण अहोरीया व टीआई नरेन्द्रसिह रघुवंशी ने भगोरीया होली व गल आदी त्योहार को लेकर नगर वक्षेत्र कि सुरक्षा व्यवस्था का के बारे मे उपस्थित जनो के सुझाव लिए कि किस तरह से क्षेत्र कि सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कि जा सके।  इस पर उपस्थित सभी गणमान्य नागरीको ने अवेध शराब , ताडी व नशीले पेय पदार्थो पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की । सभी ने एक मत होकर कहा कि यदि नशीले पेय पदार्थो पर सख्ती कर ली जावेगी तो किसी भी प्रकार की काई घटना नही होगी। क्योकि अधिंकाश घटनाए नशे के कारण ही होती हे। वही भगोरीया पर्व के दिन नगर कि यातायात व्यवस्था समुचित कि जावे। नगर मे कोई भी चार पहीया वाहन प्रवेश न करे। नगर की चर्तुस सीमा पर बेरीकेटस लगाकर चार पहीया वाहनो को बायपास से डायर्वट किया जावे। झुले चकरी को 4 बजे बंद किया जावे। किसी भी प्रकार के हथीयार लेकर चलने पर भी प्रतिबंधींत किया जावे। गल वाले स्थान पर  धुलेंडी के दिन पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने कि भी नागरीको पुलिस से मांग कि है। इस तहसीलदार श्री अहोरीया व टीआई श्री रघुवंशी ने समस्त सुझावो को स्वीकार कर व्यवस्था चाक चैबंद रखने का आश्वासन दिया। व चैकि प्रभारी रमेश कोली को निर्देश दिया कि नगर सहीत समुचे क्षेत्र मे हथियार प्रतिबंध की मुनादी कि जावे।  इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कटारा, दिलीप डावर,सरेश पचाया, क्षेत्र के गणमान्य नागरीक, पत्रकार, क्षेत्र के पटवारी, कोटवाल,सैनिक सहीत एसआई मिथिलेश वाजपेयी व चैकी पारा का समस्त स्टाफ उपस्थित था।

राश्ट्रीय मीन्स कम मेरिट परिक्षा मे पारा नवापाडा के 6 बच्चे उर्तीण          

jhabua newsपारा । राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा ,राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट परीक्षा2018-19 के गत दिवस घोषित हुए परिक्षा परिणाम के अनुसार उत्..ष्ट माध्यमिक विद्यालय नवापाड़ा पारा से इस वर्ष भी छःछात्र-छात्राओं न बाजी मारी। उक्त जानकारी देते हुए संकुल पारा ग्राम नवापडा स्कुल के प्रभारी विनोद कलम ने बताया कि विगत वर्शो कि तरह ही इस वर्श भी स्कुल के 6 विधार्थीयो अपना उत्..ष्ट प्रदर्शन करते हुएराष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण कर शाला व जिले का नाम गौरवान्वित किया ।श्री कलम ने यी भी बताया कि अब तक पिछले 5 वर्ष में शाला से कुल 24 बच्चे इस परिक्षा सफल हुए है। प्रति वर्श हाने वालीइस परीक्षा में नवापाडा स्कुल के 20 से 22 विधार्थी शामील होते हे। उत्तीर्ण होने वाले छात्र व छात्रा को शासन की ओर से बारह हजार रुपए प्रति वर्ष दिए जाते है। इस वर्ष सफल हुए बच्चों के नाम, ममता वास्केल,पूजा वास्केल,मनीषा वास्केल,कविता कलेश, पंकज अजनार एवं विक्रम चैहान है। शाला शिक्षक बापूसिंह चैहान, कमल नरगावे, समन्वयक शम्भूसिंह भूरिया व शाला प्रभारी ने शुभकामनाएं एवम शुभाशीष प्रदान किया हे । राश्ट्रीय स्तर कि परिक्षा मे उर्तीण होने पर विधालय मे व बच्चो के अभीभावको मे बडा हर्श हे। सभी ने बच्चो के उज्जवल भविश्य कि कामना की हे।

नेशनल लोक अदालत 9 मार्च को, 13 खंडपीठों का हुआ गठन

झाबुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीष तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्री अषोककुमार तिवारी के मार्गदर्षन में 9 मार्च शनिवार को नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। लोक अदालत हेतु झाबुआ न्यायालय में 9 खंडपीठ एवं तहसील थांदला में 1 तथा तहसील पेटलावद में 3 खंडपीठ, इस प्रकार कुल 13 खंडपीठों का गठन किया गया है।  यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के सचिव श्री किसना अतुलकर ने बताया कि गठित खंडपीठों पर न्यायालय के लंबित लगभग 2 हजार 833 प्रकरण निराकृत हेतु रखे जाएंगे एवं प्रिलिटिगेषन के रूप मंे मनी रिकवरी, बीएसएनएल. बिल एवं नगर पालिका के संपत्तिकर-जलकर बिल के लगभग 2 हजार 319 प्रकरण रखे जाएंगंे। प्रिलिटिगेषन प्रकरणों में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी।

इन प्रकरणों का भी होगा निपटारा
नेषनल लोक अदालत में समझोता योग्य आपराधिक प्रकरण, दिवानी प्रकरण, निगोषिएबल इंस्टूªमेंट एक्ट की धारा 138 के प्रकरण, मनी रिकवरी प्रकरण, एमएसीटी. (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं जलकर बिल संबंधी प्रकरण (राजीनामा योग्य), वैवाहिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय में लंबित) संबंधी आदि प्रकरणों का निराकरण आपसी सुलह समझौते के माध्यम से किया जाएगा एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के रूप में समझौता योग्य आपराधिक प्रकरण, दिवानी प्रकरण, निगोषिएबल इंस्टूªमेंट एक्ट की धारा 138 के प्रकरण, मनी रिकवरी प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, विद्युत एवं जलकर बिल संबंधी प्रकरण (राजीनामा योग्य), भरण-पोषण प्रकरणों का निराकरण आपसी सुलह एवं समझौते के माध्यम से होगा। अतः प्रकरणों के पक्षकारों से अपील है कि 9 मार्च को नेषनल लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निराकरण करवाकर लोक अदालत का अधिकाधिक लाभ ले।

8 मार्च अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर विषेष
झाबुआ की पांच महिला विभूतियों का हो रहा अलंकरण, समाजसेवा, साहित्य, कला धर्म आध्यात्म में रचा खिताब 
झाबुआ। अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में 10 मार्च को देष की प्रथम षिक्षिका प्रतिभाबाई फूले की पुण्यतिथि पर झाबुआ के पैलेस गार्डन पर आयोजित अखिल भारतीय मातृ शक्ति सम्मान समारोह में झाबुआ की पांच महिलाओं को उत्कृष्ट सेवा अलंकरण से नवाजा जा रहा है। यह महिलाएं समाजसेवा के साथ साहित्य, षिक्षा, कला, धर्म, समाजसेवा और आध्यात्म के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त है, उनके उल्लेखनीय कार्यों के चलते उन्हें उत्कृष्ट सेवा अलंकरण से देष की ख्याति प्राप्त हस्तीयांे द्वारा नवाजा जाएगा। इन महिलाओं के जीवन परिचय से संक्षिप्त में हम अवगत करवाते है।

आध्यात्म के क्षेत्र में पिछले 30 वर्षों से दे रहीं सेवाएं
प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय ग्राम गोपालपुरा झाबुआ की बीके जयंती दीदी पिछले 30 वर्षों से आध्यात्म के क्षेत्र में जुड़कर सेवाएं दे रहीं है। पिछले 5-6 वर्षों से वह गोपालपुरा संस्था में सेवाएं देकर परमपिता परमात्मा षिव बाबा के संदेषों का जन-जन में प्रचारित-प्रसारित करने के साथ आघ्यात्म को बढ़ावा देने का कार्य नियमित करती आ रहीं है। कई लोगों को संस्था से जोड़ा है। ब्रम्हकुमारी की गोपालपुरा संस्था पर वर्तमान में झाबुआ शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अनेकों महिला-पुरूष, युवा एवं बच्चें आध्यात्म की ओर बढ़ते हुए नियमित राजयोग (मेडिटेषन) कर रहे है। जिससे उनके मानसिक विकार दूर होकर मन को शांति मिलने के साथ आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का कार्य हो रहा है। बीके जयंती दीदी के अनुसार राजयोग करने से मनुष्यों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही कई स्वास्थ्य षिविर एवं योगिक खेती के प्रकल्पों को भी जयंती दीदी बखूबी संचालित कर रहीं है।

गायत्री शक्तिपीठ से जुड़कर नारियों को विष्व शक्ति के रूप में जागृत करने का कार्य
झाबुआ के काॅलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना से लेकर अब तक श्रीमती नलिनी बैरागी जिलेभर के अनेकों गायत्री परिजनों, जिसमें महिला-पुरूषों को शक्तिपीठ से जोड़कर एक अच्छी टीम बनाकर धर्म-आराधना से जोड रहंीं है। यह गायत्री परिजन घर-घर जाकर यज्ञ, हवन, भजन-किर्तन करने के साथ धर्म के प्रति जागरण के अतिरिक्त श्रीमती बैरागी नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका होने से नारियों को धर्म की ओर अग्रसर करने के अतिरिक्त नारी शक्ति को विष्व की सबसे बड़ी एवं जबूत शक्ति के रूप में जागृत करने की अनूठी पहल कर रहीं है। वर्तमान में आप झाबुआ के आदिवासी क्षेत्रों में जाकर धर्म प्रचार के साथ विभिन्न संस्कार भी संपन्न करवाएं जाते है।

उच्च षिक्षा गृहण करने के साथ गोल्ड मेडल अर्जित किएं
झाबुआ निवासी एवं हाॅल मुकाम गुजरात के कच्छ के मांडवी में रहने वाली डाॅ. किर्तीदा व्यास ने काफी उच्च कोर्स कर उच्च डिग्रिया हासिल की है। जिसमें बीए, एमएसयू में गोल्ड मेडल, एमए, एमएसयू में गोल्ड मेडल, बीएड एमएसयू बड़ौदा से किया। पीएचडी की डिग्री हासिल की। आपने आरक्षण और नारी, भारतीय आधुनिक परिप्रेक्ष्य में, महाभारत में द्रोपदी का पात्र, स्त्री भ्रूण हत्या एक सामाजिक अपराध में गहन रिसर्च कर कई किरदार निभाएं है। 5 से अधिक प्रसिद्ध रेडियो शो में अपना प्रस्तुतीकरण दिया है। आपने नारी विषय पर कवियत्री सम्मेलन में कविता प्रस्तुत की। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का भी अनूठा संदेष दिया। आज आज की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।

देशभक्ति के मुख्य आयोजनों का किया जाता है सफलतापूर्वक संचालन
शहीद चन्द्रषेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ की वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. गीता दुबे ने जिस तरह से वर्षों तक अपनी शासकीय ड्यूटी को बखूबी निभाया है। उसी तरह आप वरिष्ठ कवियत्री होकर पूरे देष में एक सषक्त एवं मजबूत महिला के रूप में स्थापित है। अपने समुधर व्यवहार और अनुभव के साथ तर्जुबा आपका काफी उत्कृष्ट है। प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एवं 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर होने वाले मुख्य समारोह का सफल संचालन डाॅ गीता दुबे द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त आप राष्ट्रीय सेवा योजना की झाबुआ जिला प्रभारी है तथा राष्ट्रीय सेवा योजना में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई बार आप सम्मानित हो चुकी है। आपका अध्ययन उच्च होकर व्यवहार में उतनी ही मधुरता है।

आदिवासी लोक कला एवं गायिका के रूप में पूरे देष में प्रसिद्ध
झाबुआ के रामकृष्ण नगर निवासी श्रीमती अन्नू भाबोर पिछले ढ़ाई दषक से भी अधिक समय से आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी हुई है। अपना बचपन गरीबी एवं अषिक्षा के बीच में बीताकर अन्नू भाबोर ने विवाह उपरांत पढ़ाई कर शासकीय सेवा में रत हुई। साथ ही आपने इसरो एवं दूरदर्षन के टीवी-चेनलों में बरसो तक एक अच्छे कलाकार के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया। शासन-प्रषासन द्वारा आयोजित सम्मेलनों और कार्यक्रमों में जिले के आदिवासी समाजजनों के बीच आदिवासी लोकगीत गाना एवं एक प्रतिभावान कलाकार के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कई फिल्मों में मुख्य पात्र निभाएं है। उन्हें उनकी इसी ख्याति के चलते कई बाद प्रदेष स्तर के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है। वह झाबुआ जिले में झमकूबाई के नाम से भी प्रसिद्ध है।

’बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने मप्र व देश उन्नति के लिए की दुआएं’

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झाबुआ। पिछले दिनों 23 फरवरी को झाबुआ जिले के मेघनगर रेलवे स्टेशन पर बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने मप्र में मुंबई से आगमन किया था। मेघनगर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद सीधे वे थांदला पहुंचे थे। मेघनगर रेलवे स्टेशन पर हजारों समाजजनों समेत क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया, थांदला विधायक वीरसिंह भूरिया, समाजसेवी सुरेशचंद्र (पप्पूभैया) जैन, पंकज वागरेचा समेत अनेकों समाज के लोगों ने सैयदना साहब का इस्तकबाल किया था। साथ ही सैयदना साहब ने तीन दिनों थांदला एवं उसके बाद झाबुआ में धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत की थी। इन सभी कार्यक्रमों प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा उन्हें राजकीय अतिथि का सम्मान दिया गया था। साथ ही थांदला में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि मंडल के तौर पर प्रभारी मंत्री हनीसिंह बघेल, सांसद कांतिलाल भूरिया, सांसद प्रतिनिधि युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया, विधायक वीरसिंह भूरिया , पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष व समाजसेवी सुरेशचंद जैन (पप्पूभैया) समेत अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता सैयदना साहब से मिलकर मुख्यमंत्री का बधाई पत्र सैयदना साहब को सौंपा और उनसे आशीर्वाद भी लिया।

सैयदना साहब ने धार्मिक कार्यक्रमों में लिया हिस्सा-
पिछले दिनों अपने तीन दिन के प्रवास पर थांदला पहुंचे सैयदना साहब के दर्शन के लिए थांदला शहरवासी पहुंचे और उनसे दुआएं की। वहीं सैयदना साहब ने धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए कहा कि बोहरा समाज के लोग इमानदारी से व्यापार करे तथा अपने मुल्क के प्रति वफादार रहे। साथ ही उन्होंने अपने आसपास गली, मोहल्ले में साफ-सफाई की सीख बोहरा समाज को दी। वहीं इसके पश्चात वे झाबुआ पहुंचे जहां धार्मिक आयोजनों में शिरकत कर बोहरा समाज के जायरीनों को अपना दीदार करवाया। तो वे राणापुर भी पहुंचे और समाज तथा सभी धर्मों के लोगों के लिए दुआएं की। उनकी जियारत करने के लिए देश, प्रदेश भर के बोहरा समाज के लोगों हजारों की संख्या में पहुंचे।

’सैयदना साहब ने भी मुख्यमंत्री को लिखा पत्र’
सैयदना साहब ने मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिए गए राजकीय अतिथि के दर्जे के पश्चात उन्होंने 5 मार्च को एक पत्र लिखा। यह पत्र मुख्यमंत्री के नाम संबोधित था जिसमें लिखा गया  कि मप्र की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो उनको राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है उससे वे प्रसन्न है तथा उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश यूं ही उन्नति करता रहे है तथा प्रदेश के साथ ही देश में हमेशा शांति, अमन, सुकून बना रहे। उन्होंने इस पत्र में लिखा कि मध्यप्रदेश स्वच्छता में देश में आगे बढ़ रहा है जो काबिले तारीफ है। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों बेहतर स्वास्थ्य, दीघार्यु, उन्नति की दुआएं की। इस पत्र को मुख्यमंत्री को देने के लिए सांसद कांतिलाल भूरिया के साथ एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल गया। जिसमें थांदला आमील साहब जनाब मुस्तनसीर भाईसाहब, थांदला वालीमुल्ला शेख हैदर भाई कल्याणपुरावाला, शेख अली हुसैन नाकेदार ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को सैयदना साहब का संदेश पत्र सौंपा। साथ ही शॉल ओढ़ाकर सम्मान भी किया व प्रदेश सरकार का आभार माना। उक्त जानकारी बोहरा समाज मेघनगर अध्यक्ष वालीमुल्ला अली असगर इज्जी ने दी।

विशेष : बदलाव और विकास विरोधी है भारत बंद

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बदलाव प्रकृति का नियम है। रोज दिन बदलता है। रात बदलती है। रोज का सूरज नया होता है। चांद नया होता है। प्रकाश नया होता है। हर क्षण नया होता है। मिनट, सेकेंड और घंटा नया होता है। ऋतुएं भी बदलती रहती है। बहती हुई नदी की हर बूंद नई होती है।  दुनिया गतिशील है। धरती भी निरंतर घूमती रहती है फिर मानव ही क्यों ठहरा हुआ है?वह माटी का माधव क्यों बना हुआ है। जड़, चेतन, स्थावर सभी अपने को बदल रहे हैं तो मानव एक जैसा ही क्यों बना रहना चाहता है? उसके आचार-व्यवहार में, उसकी दिनचर्या में अपेक्षित बदलाव क्यों नहीं आ रहा है, विचार तो इस पर करना होगा। कब तक मानव समाज एक ही लीक पर चलता रहेगा। जबकि अपने देश में तो एक कहावत भी है कि लीक छोड़ तीनों चलें शायर, सिंह,सपूत। अब हमें तय करना होगा कि हम किस कोटि में आते हैं। आजकल जिसे देखिए वह भारत बंद करता है। प्रदेश बंद करता है। इससे किसे क्या मिलता है, इस पर कभी सोचने-समझने की जहमत नहीं उठाई गई। भारत बंद मतलब देश के काम काज बंद। रेल मार्ग बंद, सड़क मार्ग बंद; वायु मार्ग पर बस नहीं है अन्यथा भाई लोग उसे भी बंद करा देते। स्कूल बंद, कॉलेज बंद, अस्पताल बंद, कारखाने बंद, दुकानें बंद। मतलब एक बार भारत बंद और राज्य बंद होने का मतलब है कि लोगों का व्यापार बंद। यह बंद शांति से हो जरूरी तो नहीं। शांतिपूर्ण आंदोलन से मजा नहीं आता। अहिंसक आंदोलन लंबा खिंचता है। लोगों का ध्यान उधर नहीं जा पाता। आंदोलन के अगुआ तुरंत प्रचार चाहते हैं और ऐसा हिंसा से ही संभव है। तोड़-फोड़ और आगजनी से ही संभव है।  विचारणीय तो यह है कि एक दिन का आंदोलन देश को कितना पीछे ले जाता है? एक दिन आदमी कमाए नहीं तो उसका बजट कितना गड़बड़ होता है। उसकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में कितना समय लगता है, इसका अंदाजा लगाने की तो किसी को फुर्सत ही नहीं है। 
  
21 राजनीतिक दलों के समर्थन से दलितों और पिछड़ों ने भारत बंद आयोजित किया। रेल रोकी, सड़कें अवरुद्ध कीं। जाम लगाने के लिए वाहनों के टायरों की हवा निकाली। कुछ वाहनों को आग के हवाले किया। तोड़-फोड़ और उपद्रव किया। हासिल क्या हुआ? दिन भर अपने काम का नुकसान किया। जो आमदनी हो सकती थी, नहीं हो पाई। कई आदिवासी और दलित आंदोलन में उलझे रहे। जो आंदोंलन में शरीक नहीं होना चाहते थे, वे भी काम पर नहीं जा पाए क्योंकि शहर जाने के रास्ते उन्हीं के अपने लोगों ने बंद कर रखे थे। आंदोलन में हजारों लाखों लोग शामिल होते हैं लेकिन नाम तो कुछ खास लोगों का ही छपता है। शोहरत भी कुछ खास लोगों को ही मिलती है। आंदोलन में शामिल होने से पहले अगर लोग यह सोचने और पूछने लगें कि इससे उन्हें क्या लाभ और हानि होगी तो भी इससे आंदोलन की राजनीति करने वालों का मनोबल टूटेगा लेकिन आजकल तो देशवासियों ने जैसे सोच-विचार से तौबा ही कर लिया है। यही वजह है  कि आंदोलन की आड़ में कुछ लोग अपने स्वार्थों की संपूर्ति करने लगे हैं। जनता आंदोलन में तो आगे नजर आती है लेकिन जब सुविधाओं की मलाई खाने की बात आती है तो नेता आगे आ जाते हैं।  जनता पीछे छूट जाती है। आरक्षण की जब देश में अवधारणा बनी थी तो उसके पीछे मकसद था जो विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन्हें सहारा देकर आगे बढ़ाना।  बच्चा जब चलने में अक्षम होता है तो उसे वॉकर के सहारे चलाया जाता हे लेकिन बड़े हाने पर भी क्या वह वॉकर लेकर ही चलता है? नहीं तो फिर देश की आजादी के 70 साल बाद भी देश के किसी भी तबके को आरक्षण की जरूरत क्यों है?जिन वर्गों को इतने साल तक आरक्षण का लाभ मिला, उन्हें और कितने साल आरक्षण दिया जाए जिससे कि वे पूर्णतः सक्षम हो जाएं। यह सवाल सर्वोच्च न्यायालय भी पूछ चुका है। गत वर्ष तो उसने एससी एसटी अत्याचार निवारण एक्ट में संशोधन तक का आदेश तक दे दिया था। यह और बात है कि केंद्र की मोदी सरकार दलितों के हिंसक आंदोलन के समक्ष झुक गई थी और उसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध अध्यादेश लाना पड़ा था। इसका सवर्णों ने भी मुखर विरोध किया था। तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा को सवर्णों की नाराजगी का खामियाजा हार के रूप में भुगतना भी पड़ा था। उस नाराजगी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार को अध्यादेश लाकर आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को नौकरी और शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था लेकिन इसे लेकर राजनीतिक दलों ने बात का बतंगड़ बना रखा है। सवर्णों को शिक्षा और नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण के साथ ही देश में राजनीतिक सरगरमी बढ़ गई है।

   विपक्ष को अपना सिराजा ढहता नजर आ रहा है। सवर्णों का रुझान भाजपा की ओर न हो जाए, इसे लेकर अधिकांश राजनीतिक दल परेशान है। इस निमित्त वे दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को भड़काने में जुटे हैं। दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को समर्थन देकर उन्होंने साफ कर दिया है कि आर्थिक वर्ग से पिछड़े सामान्य वर्ग के हित उनके लिए कोई खास मायने नहीं रखते। अब सवर्णों को सोचना है कि वे किसके साथ जाना पसंद करेंगे? किसका समर्थन करेंगे जो उनकी जड़ें खोद रहे हैं या उनका जो उनके लिए सोच रहे हैं। दलितों और आदिवासियों ने जो भारत बंद किया उसमें प्रमुखता से  आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान रद्द करने की मांग की गई। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में  20 लाख आदिवासी परिवारों को ‘वनभूमि से बेदखल करने’ का आदेश दे रखा है। प्रबुद्ध वर्ग ने चिंता जताई है कि आदिवासी जंगल में नहीं रहेंगे तो कहां रहेंगे? ये वे लोग हैं जो आदिवासियों के जीवन स्तर में उन्नयन बर्दाश्त ही नहीं करना चाहते। वे नहीं चाहते कि आदिवासी भी शहरियों जैसा जीवन जीएं। उनके बच्चे भी पढ़-लिखकर विकास की मुख्य धारा में शामिल हों। चकवड़ का शाक खाकर और पेंच पीकर आदिवासी समाज कब तक जीवन बसर करता रहे, इस दशा में कोई सोचने को तैयार नहीं है। जंगल में रहना तो वैसे भी  कष्टसाध्य है। वन्य पशुओं के हमले का भी डर रहता है। उनके पुनर्वास की चिंता तो आजादी के बाद से ही की जानी चाहिए थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अगर उन्हें वनाधिकार से वंचित किया है तो इसमें उसकी दूर दृष्टि ही होगी। नीति कहती है कि एक दरवाजा बंद होता है तो दस दरवाजे खुलते हैं। आदिवासी जंगल में ही रहे तो कभी  तरक्की नहीं कर पाएंगे। विकास की मुख्य धारा में आदिवासियों को शामिल होन हे तो उन्हें अतीत का मोह छोड़ना ही होगा। देश के 20 लाख लोग असमान्य जीवन जीएं, यह तो नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत भी नहीं है। न्यायालय के निर्णयों पर आक्षेप करने से पहले उसके गुण-दोष पर भी विचार करना होगा। 

उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने की मांग की जा रही है। पहले भी विश्वविद्यालयों में 200 प्वाइंट रोस्टर था। तब उसे लेकर बड़ी जातियों में आक्रोश था। एक पद हुआ तो वह आरक्षण से ही भर जाता था। यह मामला अदालत में गया और इस व्यवस्था में परिवर्तन की जरूरत महसूस हुई। अदालत ने भी  इस मामले को गंभीरता से लिया और अब जब केंद्र सरकार दे भर के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रकिया विभागवार करने की बजाय विश्वविद्यालयवार करने जा रही है तो सभी दल छटपटाने लगे हैं। वे दलितों और पिछड़ों को भड़काकर अपना राजनीतिक हित साधना चाहते हैं। उन्हें लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को उछालकर वह केंद्र सरकार को दोबारा सत्ता में आने से रोक सकते हैं लेकिन अपने इस दांव से वे इस देश का कितना बड़ा नुकसान कर रहे हैं, देश के समाजशास्त्री इस पर चिंतन नहीं कर पा रहे हैं। इससे देश में सामाजिक विघटन और विद्रोह विप्लव  के हालात बनेंगे, इसकी चिंता किसी को भी नहीं है। राजीतिक दलों का ‘ आपन कुसल कुसल जग मांहीं’ का यह प्रयोग देश को कहां ले जाएगा, इस पर गहन चिंतन-मनन करने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी और आरजेडी समेत देश के 21 दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस रोस्टर सिस्टम पर पहले ही सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि हमारे आदिवासी भाई -बहन संकट में हैं। संवैधानिक आरक्षण में छेड़छाड़ और वनाधिकार छीनने से उनके जंगल और जीवन के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री के झूठे वायदों से आदिवासी और दलित सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं। यशस्वी यादव ने कहा है कि देश में आरक्षण को कोई छू नहीं सकता। जो छुएगा, वह जल कर राख हो जाएगा। 90 प्रतिशत आरक्षण पर दलितों और पिछड़ों का अधिकार है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी भाजपा  सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में लागू आरक्षण विरोधी 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के सख्त विरोध में हैं। दलित, ओबीसी, पिछड़ा, कमजोर, वंचित विरोध केंद्रित यह नीति संविधान की उपेक्षा व अवहेलना है। उनके रिश्तेदार लालू यादव कब पीछे रहते। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अस्तित्व पर ख़तरा मंडरा रहा है। आदिवासियों की ज़मीनें छीनी जा रही है। संविधान के साथ छेड़छाड़ कर वंचित वर्गों का आरक्षण समाप्त किया जा रहा है। दलितों पर उत्पीड़न बढ़ गया है। आरएसएस की जातिवादी नीतियों को देश  में लागू किया जा रहा है। यह सब देश में विघटन के प्रास नहीं तो और क्या हैं? समाजवादियों ने तो प्रयागराज के बैरहना क्षेत्र में गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया।  ट्रैक पर उतकर प्रदर्शन किया। यह ट्रेन शहर के बैरहना इलाके में रोकी गई। बिहार में बंद के नाम पर जो कुछ हुआ, उसे बहुत उचित नहीं ठहराया जा सकता। 

आंदोलनकारियों की ओर से तर्क यह दिया जा रहा हे कि 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के अनुसार, विश्वविद्यालयों के किसी विभाग में जब तक 4 सीट नहीं होगी तब तक पिछड़ी जाति से कोई प्रोफेसर नहीं बन पाएगा। इसी तरह जब तक 7 सीट की एक साथ विज्ञापित नहीं होंगी तब तक कोई दलित प्रोफेसर नहीं आ पाएगा और 14 सीट नहीं आई तो कोई आदिवासी प्रोफेसर नहीं बन पाएगा। इस रोस्टर का कड़ा विरोध हो रहा है। अभी तक यह हो रहा था कि जो कुछ पद विज्ञापित हो रहे थे उसमें दलितों और पिछड़ों की तो नियुक्ति हो जा रही थी और सवर्णों को मौका नही मिल पा रहा था। सवाल यह हे कि 200 प्वाइंट रोस्टर के साथ सामान्य वर्ग की भावनाओं उसकी योग्यता और दक्षता से राजनीतिक दल आखिर कब तक खेलते रहेंगे।  आंदोलनकारियों की मांग यह है कि देश भर में देश भर में 24 लाख खाली पदों को भरा जाए। 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लाए और  2 अप्रैल, 2018  के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। मतलब देश के 21 दलों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर भी ऐतराज है। यूं तो पूरा आंदोलन आदिवासी अधिकार आंदोलन, आल  इंडिया आंबेडकर सभा और संविधान बचाओं संधर्ष समिति के बैनर तले हो रहा है लेकिन राजद, सपा ने जिस तरह जगह-जगह तोड़-फोड़ की है, उसे बहुत उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहीं 35 ए और जमात ए इस्लामी पर प्रतिबंध के विरोध में जम्मू-कश्मीर में भी बंद बुलाया गया है। इसे भी राजनीतिक दल दलितों और आदिवासियों जैसा ही समर्थन दे रहे हैं। एक ओर तो राजनीतिक दल पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर दुख बता रहे हैं, वहीं एक प्रमुख विपक्षी दल के नेता इस हादसे को दुर्घटना बताने से भी पीछे नहीं रह रहे हैं।  राजनीतिक दलों को यह तो बताना ही होगा कि वे विरोध किसका कर रहे हैं और इसका क्या औचित्य है? उन्हें इस देश को यह बताना चाहिए कि देश के विकास का उनके पास रोडमैप क्या है? चाहे जो मजबूरी हो हमारी मांगें पूरी हो का नारा लगाने वालों को यह भी सोचना  होगा कि वे देश को मजबूर बनाकर खुद कितना मजबूत हो पाएंगे। अपने हितों की रक्षा के लिए देश के हितों को नजरंदाज करना उचित तो नहीं है। 




--सियाराम पांडेय ‘शांत’--

बेगुसराय : उत्साह भड़ा भीड़ हुआ कोहराम में तब्दील

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) जम्मू कश्मीर में शहीद पिंटू सिंह के परिजनों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिनको देखने-सुनने को लेकर जुटी भीड़।अचानक उस वक़्त भीड़ में कोहराम मच गया जब सामने के मकान पर चढ़े आधा दर्जन बच्चे चदरा के छत टूटने से घायल हो गए।नीतीश कुमार के आगमन को लेकर पंचायत में गजब का उत्साह दिख रहा था।लेकिन पुलिस सड़क पर भी निकलने से लोगों को मना कर रही थी। पहली बार इस गांव में मुख्यमंत्री के आने से उत्साहित लोग उनके एक झलक पाने को छत का सहारा लिया और छत पर चढ़ गया तो पुलिस-प्रशासन के लोगों ने राहत की सांस ले रहे थे कि उनका भू-मार्ग साफ है।लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला आगे बढ़ा कि और भी अधिक भीड़ बढ़ जाने के कारण छत पर और भी भीड़ बढ़ने लगी नतीजन भीड़ों भरा एक छत टूट गया।जो कि चदरे की थी। मुख्यमंत्री के कारकेट का अंतिम दो कार आगे बढ़ना शुरू ही किया था कि दुर्घटना घट गई।कारकेट के चालक अगर सावधानी नहीं बरतते तो और बड़़ी घटना घट सकती थी। आनन- फानन में घायल बच्चों को मुख्यमंत्री के लिए बनाए गए अस्थायी हेल्थ कैप में पहुंचाया गया।जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को एम्बुलेंस से बखरी पी०एच०सी० भेज दिया गया।जहां तीन बच्चे को गंभीर रूप से घायल बताया गया है।हालांकि तीनों खतरे से बाहर बताए गए हैं।आगे आपको बताते चलें कि शहीद पिन्टू सिंह के घर के ठीक सामने अर्जुन शर्मा के घर के चदरा वाले छत पर बच्चों की अधिक भीड़ जमा हो गई थी।जिससे छत टूट गया।छत गिरने से धड़ाम की आवाज हुई तो लोग उधर दौड़ पड़े।पुलिस पदाधिकारी व जवानों ने भी स्थिति को नियंत्रित करते हुए घायलों को बाहर निकालने में मदद की।घायल बच्चों को घटनास्थल के बगल में बनाए गए कैम्प हास्पिटल में पहुंचाया गया।जिला जदयू अध्यक्ष भूमिपाल राय ने प्रशासन को तुरंत एंबुलेंस भेजने के लिए फोन किया।कुछ देर में ही एंबुलेंस पहुंची और घायलों को लेकर रवाना हो गई तो लोगों ने राहत की सांस ली।गंभीर रूप से घायल तीन बच्चों में स्वर्गीय शंकर शर्मा के पुत्र ललन कुमार (8वर्ष), अनु शर्मा के पुत्र सत्यम कुमार (7वर्ष) और  गोरेलाल पासवान की पुत्री नंदनी कुमारी (5वर्ष) बताए गए हैं।तीनों बच्चों का इलाज जारी है।

टाटा फंडामेंटल इंस्टिट्यूट में आधा वेतन

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विजय सिंह ,मुंबई,आर्यावर्त ,8 मार्च 2019, देश का प्रतिष्ठित नाभिकीय विज्ञान अनुसन्धान एवं गणित केंद्र टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च ( टीआईएफआर )इन दिनों कोष की कमी से जूझ रहा है। अपर्याप्त फंड की वजह से संस्थान ने अपने कार्यरत कर्मचारियों व अनुसंधानरत विद्यार्थियों से फरवरी माह का आधा वेतन लेने की अधिसूचना जारी की है।मुंबई स्थित टाटा मूलभूत अनुसन्धान संस्थान के रजिस्ट्रार जॉर्ज अंटोनी के हस्ताक्षर से ६ मार्च ,२०१९ को  जारी पत्र में कर्मचारियों से आधा वेतन लेने की बात कही गयी है जबकि बकाया वेतन कोष की स्थिति सामान्य होने पर भुगतान की बात कही गयी है। हालाँकि संस्थान ने कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह होने वाली बचत कटौती को नियमानुसार उनके सम्बंधित खातों में हर माह की तरह सामान्य रूप से जमा करने को आश्वस्त किया है। "लाइव आर्यावर्त"ने इस सन्दर्भ में टीआईएफआर के निबंधक विंग कमांडर (अवकाश प्राप्त) जॉर्ज अंटोनी से उनका पक्ष जानना चाहा परन्तु समाचार लिखे जाने तक संस्थान की प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी।

‘नये भारत के नये संस्कार’ गढ़ने में महिलाओं को अहम भूमिका : मोदी

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वाराणसी, 08 मार्च,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को ‘नये भारत के नये संस्कार’ गढ़ने में अहम भूमिका निभाने वाली शक्ति बताते हुए शुक्रवार को यहां कहा अब वह ‘स्वाबलंबन से सशक्तिकरण’ के नये पड़ाव पर पहुंच गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ालालपुर के दीन दयाल हस्तकला संकुल पर आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय आजीविका सम्मेलन-2019’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के मात्र साढ़े चार वर्षों के चौतरफा प्रयास का असर देश में साफ-साफ दिखने लगा है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में मातृशक्ति की नई पहचान बनी है। बेटियां ‘फाइटर जेट चलान से लेकर समद्री तट की रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे कदम बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ को ‘गर्व का दिन’ बताते हुए कहा कि आज वाराणसी के बाबातपुर स्थित लाल बाहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और मध्यप्रदेश के भोपाल में एक ट्रेन संचालन की पूरी जिम्मेवारी महिलाओं ने संभाल ली है। इससे पहले भी कई मौकों पर महिलाओं ने इसी प्रकार से अपनी ताकत दिखाई है। श्री मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए आर्थिक, शैक्षाणिक, सामाजिक एवं कानूनी समेत हर पहलु को ध्यान में रखते हुए उनकी सरकार ने अनेक अभियाना शुरु किये। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक रुप से मजबूत बनाने की दिशा में कई कदम उठाये गए हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’ अभियान से बालिकाओं को शिक्षा के प्रति आगरुकता बढ़ी है और अब हर कोई पढ़ाई का महत्व समझने के साथ ही अपनी बच्चों को स्कूल भेजने लगे हैं। बेटियों के प्रति समाज का नजरिया बदला। कानूनी रुप से भी महिलाओं ताक दी गई है। सरकारी योजनाओं में उन्हें प्रथमिकता दी जा रही है। उनके नाम मकान एवं अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री को प्राथमिकता देने वाला प्रावधान किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को फांसी देने का प्रावधान कानून में जोड़ा गया है।

नीतीश ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दी बधाई

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पटना 08 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। श्री कुमार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा, “राज्य एवं राष्ट्र के निर्माण में विभिन्न स्तरों एवं माध्यमों से अपना योगदान दे रही महिलाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।”

गूगल ने डूडल में किया नारी शक्ति को सलाम

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नयी दिल्ली, 08 मार्च, इंटरनेट सर्च ईंजन गूगल ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने डूडल के जरिए समूचे विश्व की नारी शक्ति को सलाम किया है।  गूगल ने अपने होमपेज पर विशेष डूडल बनाया है। डूडल में विभिन्न 14 भाषाओं में महिला सशक्तिकरण के प्रेरक कोट्स लिखे गए हैं। इसमें उन महिलाओं के नाम भी शामिल किए गए हैं, जिन्‍होंने ये कोट्स दिए हैं। इन महिलाओं में भारतीय मुक्‍केबाज मैरी कॉम का भी नाम शामिल है।  उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से होंगे सपा प्रत्याशी

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लखनऊ 08 मार्च, समाजवादी पार्टी(सपा) ने पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर लग रहे कयासों को विराम देते हुये उन्हें मैनपुरी सीट से प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी ने भी लोकसभा चुनाव के लिए गुरूवार को अपने छह प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। इनमें सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का नाम भी हैं। सपा राष्ट्रीय मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव ने पार्टी के छह प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी की है। श्री मुलायम सिंह यादव अपनी पुरानी सीट मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे। सपा संरक्षक इस समय आजमगढ़ सीट से सांसद है। उनके लोकसभा चुनाव लडऩे के लेकर लग रहे कयास पर आज विराम लग गया है।  सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए छह प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इस पहली सूची में पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम नहीं है। श्री मुलायम सिंह यादव के अलावा धर्मेंद्र यादव को बदायूं, अक्षय यादव को फीरोजाबाद, कमलेश कठेरिया को इटावा (सुरक्षित), भाईलाल कोल को राबटर्सगंज (सुरक्षित), तथा शब्बीर वाल्मिकी को बहराइच (सुरक्षित) से प्रत्याशी बनाया गया है।

राजशेखरन का इस्तीफा, कोविंद ने किया स्वीकार

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नयी दिल्ली, 08 मार्च, मिजोरम के राज्यपाल कुम्मणम राजशेखरन ने इस्तीफा दे दिया है जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया है।  राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री कोविंद ने असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वह मिजोरम में राज्यपाल पद पर नियमित नियुक्ति होने तक यह दायित्व संभालेंगे। 
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