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बिहार : भाकपा-माले ने 20 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी.

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जिग्नेश मेवाणी करेंगे माले प्रत्याशियों का प्रचार, 31 मार्च को पहुंचेंगे सिवान.चर्चित महिला नेत्री कविता कृष्णन व जेएनयूएसयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईं बाला जी भी पहुंच रहे सिवान.जेएनयू छात्रों की टीम आरा में महागठबंधन समर्थित माले प्रत्याशी राजू यादव के प्रचार में उतरी.
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पटना 30 मार्च 2019, भाकपा-माले ने अपने 20 स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को सौंप दिया है. इसमें पार्टी महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ पार्टी नेता स्वदेश भट्टाचार्य, चर्चित महिला नेत्री कविता कृष्णन, बिहार पार्टी के सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, यूपी के पार्टी प्रभारी रामजी राय, केंद्रीय कार्यालय के प्रभारी प्रभात कुमार चैधरी, विधायक महबूब आलम, तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, दिल्ली पार्टी के सचिव रवि राय, यूपी के लोकप्रिय नेता मो. सलीम, किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चैधरी, दरौली विधायक सत्यदेव राम, अमर यादव, झारखंड के पूर्व विधायक विनोद सिंह, आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे आदि नाम शामिल हैं. ये सभी नेता आरा, सिवान, जहानाबाद व काराकाट लोकासभा निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार करेंगे.

विधायक जिग्नेश मेवाणी माले प्रत्याशियों का करेंगे प्रचार
गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी बिहार दौरे पर हैं. 31 मार्च को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष काॅ. चंद्रशेखर तथा काॅ श्यामनारायण यादव शहादत दिवस पर सिवान पहुंचेंगे और श्याम नारायण यादव के गांव से निकले संकल्प मार्च में शामिल होंगे. सिवान में चंद्रशेखर चैक पर सभा आयोजित की जाएगी. 1 अप्रैल को वे आरा लोकसभा का दौरा करेंगे और महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले उम्मीदवार काॅ. राजू यादव के लिए जनसंपर्क अभियान का हिस्सा बनेंगे. सिवान के आयोजन में भाकपा-माले की पोलि ब्यूरो सदस्य व चंद्रशेखर के समय जेएनयू में आइसा की नेता कविता कृष्णन, जेएनयूएसयू के वर्तमान अध्यक्ष एन साईं बालाजी, आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे सिवान पहुंच रहे हैं. जेएनयू के कई छात्र नेता आरा लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन समर्थित माले प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार में उतर चुके हैं. आइसा के महासचिव व जेएनयूएसयू के पूर्व महासचिव संदीप सौरभ ने आरा में प्रचार की कमान संभाल ली है. जेएनयूएसयू की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी, पूर्व महासचिव चिंटू कुमारी, पूर्व अध्यक्ष आशुतोष कुमार भी राजू यादव के प्रचार में आरा पहुंच रहे हैं.

बेगुसराय : जिलाधिकारी ने बखरी दौरा के बाद बैठक कर अधिकारियों को दिया दिशा निर्देश

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम राहुल कुमार शुक्रवार को बखरी पहुंच गए।उन्होंने लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा भयमुक्त संपन्न कराने के साथ ही अधिकाधिक मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मध्य विद्यालय बखरी के प्रांगण में मतदाता जागरूकता के तहत स्कूल एवं आंगनवाड़ी के बच्चों द्वारा बनाई गई आकर्षक रंगोली, चित्रांकन और मेहंदी प्रतियोगिता को देखा।आकर्षक रंगोली के माध्यम से बच्चों की कलात्मक प्रतिभा को देखकर वे तारीफ करने से नहीं चुके।मतदाताओं को मतदान के प्रति प्रेरित करने की प्रयास को सबने सराहा।बच्चों की प्रतिभा को देखकर जिलाधिकारी राहुल कुमार ने प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को स्कूल बैग के साथ काॅपी कलम देकर पुरस्कृत भी किया।प्रतियोगिता में शामिल मध्य विद्यालय बखरी की सुप्रिया,शिवानी, उमवि रामपुर हबीब की प्रेयसी,निकिता, जयलख बालक की रौशनी,शकरपुरा की दीपिका,टाइम्स वर्ल्ड की खुशी पुरस्कृत की गई।डीएम ने विद्यालय में बने सेल्फी प्वाईंट पर जाकर अपने मोबाइल से अधिकारियों के साथ सेल्फी भी ली।कहा सेल्फी प्वाईंट भी मतदाताओं को जागरूक करने का एक माध्यम है।सेल्फी में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी संदीप कुमार,एसडीओ सुधीर कुमार,एसडीपीओ ओमप्रकाश,बीडीओ अमित कुमार पांडेय,सीओ कृष्ण मोहन कुमार, इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष संजय कुमार आदि जिलाधिकारी के साथ थे।जिलाधिकारी ने मौके पर लोगों से कहा कि मतदान लोकतंत्र का महापर्व है।मतदाता भयमुक्त होकर मतदान करें।चुनाव में अधिकाधिक मतदाताओं की भागीदारी स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है। अधिक से अधिक मतदाताओं को बूथ तक पहुंचा कर मतदान प्रतिशत को बढ़ाना ही प्रशासन का लक्ष्य है।एसडीओ सुधीर कुमार ने कहा कि देशहित में हमलोग अच्छे प्रतिनिधि को चुनेंं।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे,आंगनवाड़ी सेविका – सहायिकाएं, आशा कार्यकर्ता,जीविका ग्रूप की महिलाओं के अलावा स्वयंसेवी महिलाएं उपस्थित थीं। संचालन शिक्षक प्रेम किशन मन्नू ने किया।इस कार्यक्रम के बाद डीएम अनुमंडल कार्यालय पहुंचे और निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को कई निर्देश दिए।भयमुक्त वातावरण में स्वच्छ और निष्पक्ष मतदान कराने को लेकर कड़ी हिदायत भी दी।संवेदनशील बूथों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए सभी बूथों पर बेहतर व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश दिया।बैठक में उन्होंने सभी बूथों पर बिजली,पानी,शौचालय,रैम्प के अलावे पारा मिलिट्री फोर्स के ठहरने की व्यवस्था,बॉर्डर चेक पोस्ट,वाहन जांच आदि की समीक्षा की।विधि व्यवस्था के साथ ही आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया। एसडीओ को समय-समय पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्वाचन से जुड़ी हर अद्यतन जानकारी को साझा करने का भी निर्देश दिया।

बिहार : सीवान लोकसभा क्षेत्र से दो बाहुल्य की पत्नियों के बीच होगी घामासन।

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आलोक में।बिहार में सीवान अकेला ऐसा लोकसभा क्षेत्र है जहां के चुनावी रण की योद्धाएं महिला हैं। चुनावी मैदान में दो बाहुबालियों की पत्नी ताल ठोकने उतर गई हैं। एक तरफ मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब तो दूसरी तरफ दरौंदा की विधायक कविता सिंह हैं। दोनों के बीच आर-पार की  होगी टक्कर।वैसे सीवान में यह पहली दफा होगा जब दो प्रमुख दलों के प्रत्याशी महिलाएं होंगी। राजद की तरफ से एक बार फिर से हिना शहाब चुनावी मैदान में हैं। हीना शहाब सीवान से चार दफे चुनाव जीते कुख्यात शहाबदुद्दीन की पत्नी हैं।जदयू ने वहां से दरौंदा की विधायक कविता सिंह को चुनावी रण मे उतारा है।कविता सिंह के पति अजय सिंह सीवान इलाके के बाहुबली माने जाते हैं।

ओमप्रकाश को टिकट काट कविता को मिला है टिकट।
सीवान से दो बार के सांसद रहे ओमप्रकाश यादव को इस बार टिकट नहीं मिला है।बीजेपी-जदयू के बीच सीट बंटवारे में सीवान सीट जदयू के खाते मे चली गई।लिहाजा वहां से बीजेपी के सीटिंग सांसद ओमप्रकाश का पत्ता साफ हो गया।सीवान सीट जदयू के खाते मे जाने के बाद पार्टी ने दबंग अजय सिंह की विधायक पत्नी कविता सिंह को टिकट दे दिया।

शहाबुद्दीन के सजायाफ्ता होने के बाद हिना को मिला था टिकट
सीवान के चर्चित तेजाब कांड़ में शहाबुद्दीन को सजा मिली थी।इसके बाद चुनाव नहीं लडने की स्थिति में शहाबुद्दीन ने अपनी पत्नी हिना शहाब को 2009 में टिकट दिलवा दिया।लेकिन 2009 के चुनाव में हिना सहाब ओमप्रकाश यादव के हाथों हार गई थी। इसके बाद 2014 में भी बीजेपी उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव के हाथों शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को फिर से हार का सामना करना पड़ा था। एक बार फिर से हिना शहाब तीसरी बार सीवान के रण में उतरी हैं।लेकिन इस बार हिना शहाब के सामने ओमप्रकाश यादव नहीं बल्कि एक महिला कविता सिंह होंगी।

बेगुसराय : मामा जी के कृतियों को बढ़ाते चलूँगा : गिरिराज सिंह

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अरुण कुमार (आर्यावर्त)बेगूसराय।लोहिया नगर में शुक्रवार को भाजपा के संस्थापक सदस्य व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा राजबल्लभ कुंवर उर्फ मामा जी के द्वादशाह श्राद्ध कर्म श्रद्धांजलि समारोह के मौके पर कई भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और कार्यकर्ता के अलावे कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए।इस मौके पर सैकड़ो नेता तथा समाजिक कार्यकर्ता ने उनके तैल्य चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री तथा बेगूसराय लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्यासी गिरिराज सिंह स्व० राजबल्लभ कुंवर जी के तैल चित्रो पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि स्व० राजबल्लभ कुंवर जी भारतीय जनता पार्टी को उस समय विपरीत परिस्थिति में भी एक कार्यकर्ता के रूप में अपने पार्टी संगठन के लिए मजबूत किया था।मंत्री ने कहा,कि यहा पर कभी सिर्फ कांग्रेस और कम्युनिस्ट दो ही पार्टियों का बोलवाला था।उस समय उनहोंने भारतीय जनता पार्टी के लिए एक सिपाही की तरह राजनीतिक और सामाजिक जीवन में पार्टी को  स्थापित कर मजबूत किया था।आज हम लोग  सभी उनके कृतियों को याद कर रहे हैं। राजबल्लभ कुमार जी जैसे लोग ने जिस तरह एक संगठन की भूमिका निभाया।बीजेपी की नीव को रखने में क्या क्या कठिनाइयो को झेलना उस समय पड़ा होगा ये तो वही बता सकते थे।मैं जब संगठन के लिए काम करता था।उस समय भी राजबल्लभ कुमार जी का आशीर्वाद मुझे मिलता था और आज भी मैं जब एक उम्मीदवार के रूप में इनके श्रद्धांजलि समारोह में खड़ा हूं ।तो निश्चित रूप से इनका आशीर्वाद मेरे प्रति हमेशा मृत आत्मा से भी मिलता रहेगा।गिरिराज ने कहा कि उनके प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि मेरी होगी कि उनकी कृतियों को मैं हमेशा बढ़ाता चलूँगा।  बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री और जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजबल्लभ कुंवर जैसे लोग जिन्होंने एक विषम परिस्थिति में भी अपने राष्ट्रवाद को आजीवन समर्पित किया। ऐसे लोगों को मैं शत शत नमन करता हूँ।राष्ट्र वैभव हमेशा उनका अमर रहेगा।कार्यकर्ताओं के बीच वो हमेशा  एक  प्रेरणादायक के रूप में याद किए जाएंगे। इस श्रद्धांजलि समारोह को पूर्व मंत्री अशोक महतो,भाजपा के पूर्व बखरी विधायक रामानंद राम,वरिष्ठ अधिवक्ता वैद्यनाथ प्रसाद सिंह , भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता  सह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ,नीरज कुमार सिह,पार्टी के मीडिया प्रभारी शुभम भारुद्वाज ,जदयू जिला अध्यक्ष भूमिपाल राय,रामवरण सिह,भाजपा नेता डाँ० सुरेश प्रसाद राय, विकाश विद्यालय के चेयरमेन राज किशोर सिह ,राजीव कुमार,भाजपा जिला अध्यक्ष संजय सिंह मिथिलेश सिंह ,महेश्वर सिंह बाबा, शंभू सिंह,लल्लू बाबू ,भाजपा महिला नेत्री उषा रानी ,अनिता राय के अलावे कई अन्य लोगों ने भी उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार पूर्वक  अपने विचार रखें ।इस मौके पर स्व० राजबल्लभ कुँवर जी की पुत्री सह भाजपा नेत्री आभा सिह ,नूतन सिंह और उनके पोता प्रियम  और जयम ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन उनके प्रति अर्पित किया ।

दुमका : झूठ का सहारा लेकर झामुमों ने मतपेटी व अर्थपेटी भरने का काम किया है : रघुवर दास

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) संताल परगना अन्तर्गत तीन लोकसभा क्षेत्र दुमका, गोड्डा व राजमहल में भाजपा व गठबंधन अप्रत्याशित जीत अर्जित करेगा। झारखण्ड के तमाम 14 लोकसभा सीटों से पार्टी अभूतपूर्व जीत हासिल करेगी। पूरे देश में चार सौ प्लस पर एनडीए की अप्रत्याशित जीत होगी। दिन शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपरोक्त बातें कही। श्री दास ने कहा कि पूराा देश नरेन्द्र मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री के रुप में देखना चाहता है। आतंकवाद के विरुद्ध पीएम मोदी की रणनीति और पाकिस्तान के अन्दर घूसकर आतंकवादियों को समाप्त कर जिस तरह पूरे विश्व के सामने पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की प्रतिष्ठा को उँचा मुकाम दिया देश आज उसे याद कर रहा है। पहले सर्जिकल स्ट्राईक फिर एयर स्ट्राईक और फिर कुछ दिनों पूर्व एन्टी सेटेलाईट मिसाईल से अंतरिक्ष में देश की ताकत से विश्व को अवगत कराया गया, भारत के स्वाभिमान के लिये यह मील का पत्थर साबित होगा। देश पीएम नरेन्द्र मोदी पर विश्वास करता है। जनता जानती है कि पीएम के रुप में नरेन्द्र मोदी ही देश को विकास के रास्ते पर ले जा सकते हैं। झारखण्ड के तमाम सीटों पर पीएम नरेन्द्र मोदी की उप लब्धियों को बताकर जनता से पार्टीी वोट मांगेगी और पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि जनता एनडीए को छोड़कर कहीं नहीं जाएगी। सूबे की मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी, अनंत ओझा, रमेश हेम्ब्रम व अन्य की उपस्थिति में रघुवर दास ने कहा कि दुमका रा जमहल लोकसभा क्षेत्र की जनता की नाराजगी झामुमों सांसदों के विरुद्ध लगातार देखने को मिल रहा है। इन क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र की समस्या से कभी अवगत कराने का काम नहीं किया। समस्याओं के समाधान के लिये कभी कोई प्रयास नहीं किया। संताल परगना की भोली-भाली जनता को हमेशा ठगी गई। एक ओर जहाँ इस क्षेत्र की जनता से मतपेटी भरने का काम किया गया वहीं दूसरी ओर अर्थपेटी भी खूब भरा गया। काॅग्रेस व झामुमों हमेशा ही झारखण्ड की जनता को छलते रहे। श्री दास ने कहा भाजपा में व्यक्ति नहीं संगठन चुनाव लड़ता है। संगठन जो निर्णय लेता है, वही मान्य होता है। गरीबी हटाओ का नारा देने वाली काॅग्रेस पार्टी ने 55 वर्षों तक देश को गुमराह करने का काम किया। श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने वर्ष 1971 में ही गरीबी हटाओ का नारा दिया था किन्तु लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद काॅग्रेस गरीबी नहीं हटा सकी। श्री दास ने कहा कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियों द्वारा किसानों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। झामुमों व काॅग्रेस के लोग राष्ट्रविरोधी शक्तियों को प्रश्रय देते रहे हैं। सूबे के किसान उन्नत खेती कर समृद्ध बनें इन पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता नहीं चाहते। कृषि के विकास के लिये 5 महिलाओं सहित कुल 100 किसानों को इजरायल भेजकर उन्हें उन्नत कृषि तकनीक का प्रशिक्षण दिलवाया गया। डीबीटी के माध्यम किसानों को अब सीधे उनके खाते में राशि भेजने का कार्य किया जा रहा है। पहली किस्त के रुप में दो-दो हजार रुपये खाते में भेज भी दिये गए। अगलाा किस्त शीघ्र ही चला जाएगा। प्रतिवर्ष किसानों को केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग सहायता राशि दी जानी है। कृषि आर्शीवाद योजना के तहत मई महीनें से सीधे किसानों के खाते में पैसे चले जाऐगें। झारखण्ड के 57 लाख परिवारों को पाँच लाख रुपये का गोल्डेन कार्ड दिया जा रहा है। श्री दास ने कहा कि संतालों का सबसे बड़ा शोषक झामुमों रही है। लोगो को बरगलाकर व झूठ का सहारा लेकर मतपेटी और अर्थपेटी भरी गई। एक-एक दिन में छः छ‘ रजिस्ट्री कर पाँच सौ करोड़ रुपये की भूमि राज्य के विभिन्न जिलों यथा-राँची, बोकरो, गिरिडीह, देवधर, दुमका, साहेबगंज व अन्य स्थानों पर खदीदी गइ्र्र है। श्री दास ने सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि इतने सारे पैसे कहाँ से आए। सुनील सोरेन दुमका का लाल है। लोगांे को आहवान करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसा चुनें जो सेवाभाव रखते हों। श्री दास ने कहा कि झारखण्ड देश का दूसरा ऐसा राज्य है जो गुजरात के बाद लगातार उपर उठने की जुगत में भिड़ा हुआ हैं। 

विशेष दर्जा वापस लिया तो जम्मू कश्मीर और भारत संघ का संबंध समाप्त हो जाएगा : महबूबा

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श्रीनगर 30 मार्च, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की वकालत करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को यदि खत्म किया गया तो भारत संघ और राज्य के बीच संबंध समाप्त हो जाएगा।महबूबा ने यहां अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘जेटली को यह समझना चाहिए। यह कहना आसान नहीं है। यदि आप (अनुच्छेद) 370 खत्म करते हैं तो जम्मू कश्मीर के साथ आपके संबंध समाप्त हो जाएंगे।’’ जेटली ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की वकालत करते हुए कहा था कि अनुच्छेद 35ए जो जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थायी निवासियों को संपत्ति खरीदने पर रोक लगाता है वह ‘‘संवैधानिक रूप से दोषपूर्ण’ है और राज्य के आर्थिक विकास को बाधित कर रहा है। महबूबा ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारत संघ और राज्य के बीच एक सेतु है और यदि संविधान के विशेष प्रावधान को खत्म किया गया तो नयी दिल्ली को जम्मू कश्मीर के साथ अपने संबंध ‘‘फिर से बातचीत करके तय करने होंगे’’।उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपने भारत के संविधान में हमें एक विशेष दर्जा दिया है और आप उस दर्जे को तोड़ते हैं तब हमें पुनर्विचार करना होगा कि क्या हम आपके साथ बिना शर्त रहना भी चाहते हैं या नहीं।’’ इससे पहले नेशनल कान्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अब्दुल्ला वानी और अवामी इंसाफ पार्टी प्रमुख गुलाम अहमद शेख सलूरा अपने समर्थकों के साथ पीडीपी में शामिल हो गए। महबूबा और पार्टी संरक्षक मुजफ्फर हुसैन बेग ने वानी और सलूरा का पार्टी में स्वागत किया।

पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे अमित शाह ने गांधीनगर सीट से पर्चा भरा

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अहमदाबाद 30 मार्च, पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को गुजरात में गांधीनगर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस सीट का प्रतिनिधित्व फिलहाल पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी कर रहे हैं, जो इस निर्वाचन क्षेत्र में 1998 से लगातार निर्वाचित हुए हैं। शाह ने बाद में एक रैली में कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में एक ऐसा नेता देखा, जिनका वह पिछले 70 बरसों से इंतजार कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने एक रोड शो किया और रैली को भी संबोधित किया। भाजपा के दो पूर्व अध्यक्षों -- राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी--, पार्टी के सहयोगी दल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान शाह के साथ मंच पर मौजूद थे। इस घटनाक्रम को उनकी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और उन्हें पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता के रूप में देखा जा रहा है।


शाह ने शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले यहां एक बड़ा रोड शो भी किया। चार किलोमीटर लंबे इस रोड शो के दौरान लाखों लोगों ने शाह का अभिनंदन किया। वह एक खुले वाहन में सवार थे। उनके साथ केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और अन्य स्थानीय नेता भी थे। इसके बाद शाह गांधीनगर गए और गांधीनगर जिला कलेक्टर एस. के. लांगा को नामांकन पत्र सौंपा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली के अलावा सिंह, ठाकरे और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे। भाजपा अध्यक्ष ने रोड शो से पहले एक जनसभा में कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि चुनाव के बाद देश का नेतृत्व कौन करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि कौन देश का नेतृत्व करेगा। मैंने हिमाचल से लेकर कन्याकुमारी और कामरूप से लेकर गांधीनगर तक लोगों से यह सवाल पूछा तो मुझे केवल एक आवाज सुनाई दी - मोदी, मोदी मोदी।’’ 



शाह ने कहा, ‘‘देश में अलग-अलग स्थानों पर अपने दौरे के दौरान मैंने पाया कि लोग देश का नेतृत्व करने के लिए केवल मोदी का नाम पुकार रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सिर्फ पांच साल में समूचे देश के चहेते कैसे बन गए? ऐसा इसलिए है कि नरेंद्र मोदी में लोगों ने ऐसा नेता पाया, जिनका वे पिछले 70 वर्षों से इंतजार कर रहे थे।उन्होंने दावा किया कि सिर्फ मोदी, भाजपा और राजग सरकार ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती।  राज्यसभा सदस्य शाह ने कहा कि भाजपा उनकी जिंदगी है। उन्होंने 1982 में पार्टी का एक कार्यकर्ता रहने से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तक के सफर को याद किया। भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ मेरा ‘‘सौभाग्य’’ है कि भाजपा ने मुझे गांधीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया, जिसका प्रतिनिधित्व लालकृष्ण आडवाणी, अटलजी और पुरुषोत्तम गणेश मावलंकर कर चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विनम्रता और तहेदिल से आडवाणीजी की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा।’’ शाह बतौर विधायक सारखेज विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। परिसीमन के बाद वह नारनपुरा से विधायक थे। ये दोनों सीटें गांधीनगर लोकसभा सीट के तहत आती हैं।



हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शनिवार के कार्यक्रमों में आडवाणी की गैर मौजूदगी से यह संकेत मिलता है कि वह इन घटनाक्रमों से खुश नहीं रहे होंगे। लेकिन शाह ने इस बात का भी जिक्र किया कि शाह के 2014 में पार्टी प्रमुख का प्रभार संभालने के बाद से पार्टी में उनका कद बढ़ता गया है। रैली में राजनाथ ने कहा कि यदि पाकिस्तान से बांग्लादेश को मुक्त कराने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिया जाता है तो प्रधानमंत्री मोदी को बालाकोट हवाई हमले का श्रेय क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। बादल और पासवान ने भी मोदी की सराहना की। वहीं, ठाकरे ने कहा कि दोनों भगवा दलों के बीच मतभेद दूर हो गए हैं। गडकरी ने कहा कि पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो कुछ हुआ वह पिछले 50 बरसों में नहीं हुआ था। जेटली ने कहा कि गांधीनगर भाजपा के लिए एक अहम सीट है और यही कारण है कि शाह को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रदेश भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के शाह के फैसले से गुजरात में पार्टी में उत्साह बढ़ेगा और उसे राज्य में सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत में मदद मिलेगी।

मधुबनी : महागठबंधन की ऊहापोह कार्यकर्ताओं के साथ वोटरों में भी

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मधुबनी (रजनीश के झा) 30 मार्च,महागठबंधन ने सीटों के साथ साथ उम्मीदवारों की भी घोषणा लगभग कर दी है. मधुबनी जिले के दो संसदीय सीट में से जहाँ झंझारपुर से राजद के प्रत्याशी गुलाब यादव की उम्मीदवारी तय हुई है वहीँ मधुबनी सीट मुकेश सहनी की पार्टी वी आई पी के पाले में गई है. एक और एनडीए ने अपने प्रत्याशी डॉ अशोक यादव के नाम का एलान कर जन संपर्क में जोर शोर से जुट गई है वहीँ महागठबंधन के तमाम नेताओं के साथ साथ कार्यकर्ताओं और समर्थकों में अब तक स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण लगभग भ्रम की स्थिति बनी हुई है. जानना जरूरी है कि वीआईपी पार्टी का जिले में संगठनात्मक ढांचा ना होने के कारण जहाँ उम्मीदवारी पर भ्रम है वहीँ महागठबंधन के अन्य घटक के साथ साथ अन्य कई कद्दावर नेता भी भी टिकट के लिये अपनी मूल पार्टी से इतर वीआईपी टिकट के रेस में हैं. वीआईपी टिकट के रेस में कांग्रेस, राजद ही नही भाजपा के नताओं का नाम भी सामने आ रहा है. मधुबनी से पूर्व सांसद रहे कांग्रेस के शकील अहमद का नाम इस रेस में लिया जा रहा है, सूत्र की माने तो शकील अहमद को वीआईपी टिकट मिलना लगभग तय है, वहीँ राजद के कद्दावर नेता रहे अली अशरफ फातमी अपने टिकट को काटे जाने से खासे नाराज हैं, मधुबनी में हुए प्रेस सम्मलेन में जिस तरह से नाराजगी के साथ फातमी ने संकेत दिए वो कदम बढ़ने के ही संकेत थे, फातमी के समर्थक उन संकेतों को बखूबी समझ रहे हैं. वहीं वीआईपी टिकट के रेस में सबसे अलग नाम मधुबनी से भाजपा के विधान पार्षद सुमन महासेठ का सामने आ रहा है. शहरी सूत्र ने तो इसको कन्फर्म तक किया कि अंत में नाम महासेठ जी का ही आने वाला है. 

मिथिलेश झा 
वीआईपी को मधुबनी का सीट मिलने के बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म रहा कि इस बार मधुबनी बागियों की रणभेरी से गूंजेगा  और इस रणभेरी की गूँज मधुबनी संसदीय सीट सुन रहा है. विभिन्न सूत्र की माने तो मधुबनी में अफवाहों ने माहौल को गर्म बना रखा है जिसमें शकील साहेब के बागी होने कि बात सबसे आगे चल रही है वहीँ सुमन महासेठ क वीआईपी में संभावना तलाशना हो या राजद के फातमी की नाराजगी, राजनीतिक रणभेरी अब तक अबूझ बनी हुई है. शहरी मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ रखने वाले अमानुल्ला खान का नाम भी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी में लिया जा रहा है लेकिन इस सबके बीच भारती कम्युनिष्ट पार्टी की कार्यकारिणी ने आज मधुबनी से चुनाव लड़ने का एलान कर मधुबनी के फिर से वाम सुगबुगाहट पर मुहर लगे है. भाकपा के प्रत्याशी के रेस में सबसे आगे जिला सचिव मिथिलेश झा का नाम चल रहा है. जब तक नामों पर अंतिम मुहर नहीं लगती मधुबनी के नेता, कार्यकर्त्ता और मतदाता में भ्रम रहेगा, इस भ्रम का सर्वाधिक लाभ भाजपा उम्मीदवार अशोक यादव को मिलेगा.

बिहार : सांस्कृतिक पूंजी के अभाव में हाशिए के समुदाय का विकास अवरूद्ध

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मिशनरी स्कूलों में महादलित मुसहर समुदाय के बच्चों को मिले दाखिले में प्राथमिकता
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पटना,30 मार्च। सांस्कृतिक पूंजी के अभाव में हाशिए के समुदाय का विकास अवरूद्ध। इन लोगों के सांस्कृतिक पूंजी को बहाल करके ही इनको विकास के डगर पर लाया जा सकता है। आखिर कौन हैं वह हाशिए पर रहने वाले समुदाय? जिनका आजादी के 72 सालों के बाद भी विकास के डगर पर नहीं लाया जा सका। वह है महादलित मुसहर समुदाय। सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं की मनपंसदगी समुदाय है। नवज्योति निकेतन के मुख्य सभागार में जेवियर इंस्टीच्यूट आॅफ सोशल रिसर्च के द्वारा आयोजित 14 वें अरूपे मेमोरियल ऋंखला के तहत ‘सांस्कृतिक पूंजी के अभाव और विकासः बिहार राज्य एवं समाज क्या और क्यों करे ? विषयक पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। मौके पर दीप जलकर व्याख्यान माला का उद्घाटन किया गया। अपने व्याख्यान में बैकुण्ड मेहता नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ काॅपरेटिव मैनेजमेंट, पूणे के प्रोफसर अनिरूद्ध प्रसाद ने कहा कि बिहार के हाशिए के समुदाय के बेहतर विकास के लिए सरकार एवं समाज को ना केवल उनके आर्थिक विकास की आवश्यकता है बल्कि उनके सांस्कृतिक पूंजी के अभाव को भी समाप्त करने आश्वयकता है। आगे प्रो. प्रसाद ने कहा कि बिहार 6 तरह के महत्वपूर्ण अभावों की दौर से गुजर रहा है। अव्वल विकास का अभाव, प्रशासनिक अभाव, वैधानिकता का अभाव, लोकतांत्रिकता का अभाव, राष्ट्र निर्माण का अभाव और नागरिक निर्माण का अभाव। इस तरह के अभावों को हर तरह के आपसी विचार-विमर्श कर सरकार के सामने हाषिए पर रहने वाले समुदाय के सांस्कृतिक पूंजी को विकसित करने का उपाय रखना होगा। उनके समक्ष समुदाय प्रसंग को उठाते रहना चाहिए। ऐसा करने से हाषिए के समुदाय का विकास सुनिश्चित ही होगा। प्रजातंत्र के चारों स्तम्भों के सामने भी सांकृस्तिक पूंजी वाले लक्ष्यों को रखना चाहिए ताकि प्रजातंत्र के प्रहरी के रूप में संज्ञान ले सके। वहीं प्रो. प्रसाद ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने संविधान में प्रावधान निहित कर रखा है। संविधान ने राष्ट्र के संस्थापकों का अनुमानित लक्ष्य दे रखा है। सर्वविदित है कि हमारा संविधान स्वंत्रता, समानता और बंधुता पर आधारित समाज निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। बैकुण्ड मेहता नेशनल इंस्टीच्यूट आॅफ काॅपरेटिव मैनेजमेंट, पूणे के प्रोफसर अनिरूद्ध प्रसाद ने व्याख्यान में हाशिए पर मुसहर समुदाय को केन्द्र में रखकर खुलासा कर दिया। उन्होंने कहा कि यह समुदाय अनुसूचित जाति की कुल जनसंख्या में एक चैथाई वाली अनुसूचित जाति के जनसंख्या के लोग ही हाशिए पर हैं। यह वाकई में अन्तद्वद है, जो हिन्दू एवं दलित समाज के अंतिम पायदान पर विराजमान हैं। इनका लगातार होने वाले आर्थिक दोहन एवं सामाजिक -सांस्कृतिक उत्पीड़न होने के कारण मुसहरों को राजनीतिक में खामोशी में रहने के लिए विवश किया जाता है। इस हाशिए वाले समुदाय के बीच से गरीबी, अत्याचारी और अशिक्षा को समाप्त करवाना ही होगा ताकि इनका जीवन बेहतर हो सके। मुसहरों के आर्थिक विकास में भागीदारी को बढ़ाने के अतिरिक्त उनके शिक्षा,विशेषकर लड़कियों की शिक्षा को बढ़ाने में पहल करना ज्यादा प्रभावी होगा। ऐसा करने से इस समुदाय में शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। अंधविश्वास को दूर करने में सहायता भी मिलेगी। 

14 वें अरूपे मेमोरियल ऋंखला के तहत ‘सांस्कृतिक पूंजी के अभाव और विकासः बिहार राज्य एवं समाज क्या और क्यों करे ? विषयक पर प्रस्तुत व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि सरकार का यह प्राथमिक काम है कि वह सभी नागरिकों का विकास करें और सभी के बीच समानता को सुनिश्चित करे जो संविधान में वर्णित है। हाशिए के लोगों को मुख्यधारा में लाना एक विशिष्ट कार्य है। जगजाहिर हैं कि श्रीकांत जी पत्रकार भी हैं। मौके पर एक्स आई एस आर के रेक्टर फादर जोसेफ थंडावल ने कहा कि गरीबों के प्रति येसु के सेवाभाव का उन्मुखीकरण करने में फादर पेडरो अरूपे का महान योगदान रहा है। फादर पेडरो अरूपे येसु समाजी के सुपेरियर जेनरल थे। अपने सुपेरियर जेनरल को स्मरण करने के हमलोग प्रयासरत हैं। संत माइकल हाई स्कूल में फादर पेडरो अरूपे के स्मरण में प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। इसके साथ एक्स आई एस आर के द्वारा प्रत्येक साल व्याख्यान माला आयोजित की जाती है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक और गैर सरकारी संस्था जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस स्थापित करना और एक्स आई एस आर जैसे संस्था के माध्यम से येसु समाज के नेतृत्व में बौद्धिक क्षमता का विकास किया जा रहा है।  इसके पूर्व एक्स आइ एस आर के निदेशक डाॅ. जोस कलापुरा ने सभी आगत अतिथियों का जोरदार ढंग से स्वागत किया। उन्होंने एक्स आई एस आर के द्वारा किए गए शोधों एवं प्रकाषित सामग्रियों पर विशेष प्रकाश डाला। इस व्याख्यान माला में लगभग 100 लोग उपस्थित हुए जिसमें प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता सिसिल साह भी उपस्थित थे। अंत में एक्स आई एस आर के सहयोगी शोधार्थी प्रवीण कुमार मधु ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

कांग्रेस ने मोदी सरकार की निकाली 100 खामियां

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मुंबई 30 मार्च, महाराष्ट्र की कांग्रेस पार्टी ने आज एक पुस्तिका जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार की पिछले पांच वर्ष में की गयी 100 गलतियों को गिनाया है। इस पुस्तिका का प्रकाशन महाराष्ट्र की कांग्रेस पार्टी ने की है जिसे पार्टी के महासचिव मल्लिकार्जुन खडगे, के सी वेणुगोपाल, मधुसूदन मिस्त्री, राज्य के पार्टी अध्यक्ष अशोक चव्हाण और विधान सभा में विपक्षी नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जारी किया। पुस्तिका में श्री मोदी सरकार की कई विफलताएं गिनायी गयी। पुस्तिका में अच्छे दिन की विफलता, 56 इंच सीने और झूठे वादों का जिक्र किया गया है। इसके अलावा पुस्तिका में विमुद्रीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि गया कि इससे आतंकवाद पर तो कोई लगाम लगी नहीं लेकिन अपने रुपये निकालने के लिए लाइन में खड़े होने वाले 100 अधिक लोगों की जान चली गयी। इसके अलावा देश में बेरोजगारी बड़ी पैमाने पर बढ़ी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2008 में मंदी के बावजूद अच्छी थी और उस समय समय विकास के लिए जो नीतियां बनायी गयी थी वह मोदी सरकार की अदूरदर्शिता के कारण नष्ट हो गयी। पुस्तिका में जीएसटी के साथ ही रक्षा सौदों का जिक्र किया गया है। महाराष्ट्र सरकार के संबंध मे कहा गया है कि महाराष्ट्र के किसानों के कर्ज माफी की बात कही गयी लेकिन ढूंढने पर भी राज्य में कर्ज माफी वाला कोई किसान नहीं मिलता। भाजपा के राम मंदिर नीति पर कहा गया है कि ‘सिर्फ जनता को उकसाने के लिए राम मंदिर का झांसा दिया जाता है।’ पुस्तिका में किसान, महिला, युवा, स्वास्थ्य, सोसल मीडिया, बैंक के क्षेत्र में संकट और मीडिया निगरानी की बात कही गयी है।

चौकीदार ने की कांग्रेस, आंतकवादियों की नींद हराम: मोदी

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गुवाहाटी, 30 मार्च, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दावा किया कि उनकी सरकार पिछले पांच वर्षों में जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी है और ‘चौकीदार’ कांग्रेस परिवार और आतंकवादियों की रातों की नींद हराम कर रहा है। श्री मोदी ने असम के मोरन में चुनावी रैली में पिछले पांच वर्षों के दौरान केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की विकासात्मक गतिविधियों को सूचीबद्ध करते हुए जनता से पूछा कि क्या वे उनके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। श्री मोदी ने भीड़ से कहा,“ मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या यह चौकीदार आपकी उम्मीदों पर खरा उतरा है? क्या आप लोग अपने चौकीदार से खुश हैं? जिसका जवाब तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दिया गया लेकिन कुछ लोग रात को सो नहीं पा रहे हैं जिनमें से एक कांग्रेस परिवार है और दूसरे आतंकवादी हैं।”

लोगों ने मोदी में ऐसा नेता देखा, जिनका उन्होंने 70 साल इंतजार किया : शाह

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अहमदाबाद, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में एक ऐसा नेता देखा, जिनका वह पिछले 70 बरसों से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि चुनाव के बाद देश का नेतृत्व कौन करेगा। गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले यहां एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भजपा उनकी जिंदगी है और उन्होंने 1982 में पार्टी का एक कार्यकर्ता रहने से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तक के सफर को याद किया। गांधीनगर सीट से इस बार शाह लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि इस सीट पर 1998 से भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी चुनाव जीतते आ रहे थे। इस सीट पर आडवाणी ने छह बार जीत दर्ज की थी। वहीं, शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी, भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, शिअद सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और लोजपा संस्थापक राम विलास पासवान शाह के साथ मंच पर मौजूद रहे। शाह ने कहा, ‘‘देश में अलग-अलग स्थानों पर अपने दौरे के दौरान मैंने पाया कि लोग देश का नेतृत्व करने के लिए केवल मोदी का नाम पुकार रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव केवल इस मुद्दे पर लड़ा जाएगा कि कौन देश का नेतृत्व करेगा। मैंने हिमाचल से लेकर कन्याकुमारी और कामरूप से लेकर गांधीनगर तक लोगों से यह सवाल पूछा तो मुझे केवल एक आवाज सुनाई दी - मोदी, मोदी मोदी।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सिर्फ पांच साल में समूचे देश के चहेते कैसे बन गए? ऐसा इसलिए है कि नरेंद्र मोदी में लोगों ने ऐसा नेता पाया, जिनका वे पिछले 70 वर्षों से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ मोदी, भाजपा और राजग सरकार ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है। 

भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ मेरा ‘‘सौभाग्य’’ है कि भाजपा ने मुझे गांधीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया, जिसका प्रतिनिधित्व लाल कृष्ण आडवाणी, अटलजी और पुरुषोत्तम गणेश मावलंकर कर चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं विनम्रता से और तहेदिल से आडवाणीजी की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा।’’  प्रदेश भाजपा का मानना है कि शाह के नामांकन से गुजरात में पार्टी में उत्साह बढ़ेगा और उसे राज्य में सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत में मदद मिलेगी। शाह ने शनिवार को गांधीनगर लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले यहां एक बड़ा रोड शो भी किया। चार किलोमीटर लंबे इस रोड शो के दौरान लाखों लोगों ने शाह का अभिनंदन किया।

राहुल गांधी अमेठी के साथ ही वायनाड से भी लड़ेंगे चुनाव : एंटनी

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नयी दिल्ली 31 मार्च, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अपने पारंपरिक गढ़ अमेठी के अलावा केरल की वायनाड संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। केरल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि गांधी ने प्रदेश इकाई के अनुरोध के बाद वायनाड से लड़ने पर सहमति जताई है। एंटनी ने कहा, “राहुल गांधी केरल की वायनाड संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे।” इस फैसले को कांग्रेस की तरफ से दक्षिण भारत, खासकर केरल में अपने जनाधार को मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “यह दक्षिणी राज्यों को एक संदेश है कि वे अत्यंत सम्मानित हैं एवं उन्हें बेहद मूल्यवान माना जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह अमेठी का प्रतिनिधित्व करेंगे लेकिन वह दक्षिणी राज्यों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे क्योंकि वे भारतीय जनजीवन का अहम हिस्सा हैं।” उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा है कि अमेठी उनकी ‘कर्मभूमि’ है और वह उसे कभी नहीं छोड़ेंगे। केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की प्रदेश इकाइयों ने ऐसे वक्त में उनसे दक्षिण भारत से लड़ने का आग्रह किया है जब “मोदी सरकार की तरफ से भाषा एवं संस्कृति पर हमले हो रहे हैं।” 



कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “यह दक्षिण भारत की आकांक्षाओं के समर्थन की लड़ाई है। यह उन ताकतों को करारा जवाब देने की लड़ाई है जो संस्कृतियों, भाषाओं एवं जीवनशैली के साथ ही उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच गहरे संपर्क पर हमला करते हैं।” सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी के लोग इस तथ्य पर भरोसा करते हैं कि राहुल गांधी के वहां रहने से वे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का काम षड्यंत्र रचने का है जबकि हमारा कार्य निर्माण का है।” कांग्रेस नेता एंटनी ने कहा कि वायनाड केरल में स्थित है लेकिन वह तमिलनाडु और कर्नाटक से भी घिरा हुआ है। उन्होंने कहा, “एक तरीके से यह तीनों दक्षिणी राज्यों के अनुरोध को संतुष्ट करेगा।” एंटनी ने कहा कि इन तीनों राज्यों की तरफ से राहुल से कई आग्रह किए गए। 

उन्होंने कहा, “इसलिए वायनाड पर विचार के सबसे बड़े कारणों में से एक यह था कि यह तीन दक्षिणी राज्यों का त्रिकोणीय जंक्शन है।” पिछले कुछ हफ्तों से कांग्रेस के कई नेता एवं कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष से दक्षिण की किसी सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे थे और उन्होंने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया।

कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया संसद के तहत कोई निकाय नहीं, बल्कि एक पंजीकृत सोसाइटी है: पुस्तक

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नयी दिल्ली 31 मार्च, लुटियन दिल्ली में स्थित ‘कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया’ न तो राज्य (सरकार) के स्वामित्व वाला है, न ही उसके द्वारा वित्त पोषित या नियंत्रित है। यह संसद के तहत कोई निकाय भी नहीं है, बल्कि यह ‘सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट’ के तहत एक पंजीकृत सोसाइटी है और यह एनजीओ मौजूदा एवं भूतपूर्व सांसदों द्वारा संचालित किया जाता है। वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव की पुस्तक से यह जानकारी सामने आई है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) पर आधारित श्याम लाल यादव की पुस्तक ‘‘आरटीआई से पत्रकारिता..खबर, पड़ताल, असर’’ में कंस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया के संदर्भ में यह बात सामने आई है कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मावलंकर आडिटोरियम का प्रशासनिक नियंत्रण कंस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया (सीसीआई) को हस्तांतरित करने की अगस्त 2014 में मंजूरी दी थी। हालांकि, संप्रग के शासनकाल में कंस्टीट्यूशन क्लब आफ इंडिया के इस तरह के अनुरोध पर तत्कालीन शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने ‘‘अनापत्ति’’ दिया था। फिर भी, तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसे खारिज कर दिया था।

पुस्तक के अनुसार, आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के तहत इन परिसम्पत्तियों का प्रशासनिक नियंत्रण पहले लोकसभा सचिवालय से शहरी विकास मंत्रालय के पास स्थानांतरित किया गया और फिर यह सीसीआई को स्थानांतरित किया गया। इसमें कहा गया है कि दस्तावेज दशार्ते हैं कि सीसीआई सचिव और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी चाहते थे कि सीपीडब्ल्यूडी एक नये परिसर का निर्माण करें जिसके लिये सीपीडब्ल्यूडी ने 140 करोड़ रूपये का आरंभिक अनुमान लगाया था और शहरी विकास मंत्रालय को इसकी मंजूरी देनी थी। लोकसभा सचिवालय ने आडिटोरियम के नवीकरण के लिये 7.07 करोड़ रूपये की धनराशि मंजूर की थी और सीपीडब्ल्यूडी द्वारा एक अगस्त 2014 से कार्य आरंभ किया जाना अपेक्षित था। लेकिन छह जनवरी 2015 को तत्कालीन आवास एवं शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के कार्यालय ने उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया कि सदस्यों द्वारा इस्तेमाल करने के लिये नये परिसर का निर्माण तीन वर्ष के अंदर किया जाए।


पुस्तक में कहा गया है कि मीरा कुमार द्वारा अपील खारिज किए जाने के बाद एनडीए के सत्ता में आने पर राजीव प्रताप रूडी ने सुमित्रा महाजन के समक्ष अपील की और सीसीआई का नियंत्रण हस्तांतरित करने के पक्ष में कारण बताए। इस नई अपील पर लोकसभा सचिवालय ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ने मावलंकर आडिटोरियम का प्रशासनिक नियंत्रण 1989 में स्थानांतरित कर दिया था, पर इसने स्वामित्व नहीं दिया था तथा कानूनी तौर पर लोकसभा सचिवालय इसे आगे किसी तीसरे पक्ष को सुपुर्द नहीं कर सकता ।


पुस्तक में कहा गया है कि इसलिये सुमित्रा महाजन ने 13 जुलाई 2014 को यह मंजूरी दी थी कि मावलंकर आडिटोरियम का प्रशासनिक नियंत्रण शहरी विकास मंत्रालय को सुपुर्द किया जा सकता है । छह अगस्त 2014 को यह सूचना लोकसभा सचिवालय को दे दी गई। इससे पहले 25 जुलाई 2014 को तत्कालीन आवास एवं शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सूचित किया कि सीसीआई द्वारा मावलंकर आडिटोरियम का प्रबंधकीय नियंत्रण अपने हाथ में लिये जाने पर शहरी विकास मंत्रालय को कोई आपत्ति नहीं है। इसके परिणामस्वरूप अगस्त 2014 से मावलंकर आडिटोरियम का भी नियंत्रण अब सीसीआई के पास है । आरटीआई आधारित स्टोरी संबंधी इस पुस्तक में कहा गया है कि सीसीआई को मावलंकर आडिटोरियम का नियंत्रण प्रदान करने के लिये किये गए प्रयासों के साथ ही रूडी ने विठ्ठल भाई पटेल हाऊस (वी पी हाऊस) के 41 सुइट्स पर भी ध्यान दिया और इसी तरीके से 32 सुइट्स का नियंत्रण सीसीआई को स्थानांतरित कर दिया गया।

शक्तिहीन लोगों का चेहरा हूं: पंकज त्रिपाठी

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मुंबई 31 मार्च, अभिनेता पंकज त्रिपाठी का कहना है कि वह ताकतवर नहीं बल्कि शक्तिहीन लोगों का चेहरा बनने में दिलचस्पी रखते हैं। पंकज ने एक साक्षात्कार में कहा, "मुझे ताकत दिखाने में दिलचस्पी नहीं है। मैं इसका भूखा नहीं हूं।" पंकज को फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर'में सुल्तान कुरैशी नामक कसाई के किरदार से पहचान मिली थी। तब से वह फिल्मों में कभी सौम्य शिक्षक, तो कभी एक प्रगतिशील पिता तो कभी एक मजाकिया चाचा का किरदार निभा चुके हैं। अभिनेता ने कहा, "लोग अक्सर मुझे शक्तिशाली भूमिका देते हैं, लेकिन एक शक्तिहीन व्यक्ति का किरदार निभाने में जो मजा है, वह बेजोड़ है। अपने दफ्तर में निचले पद पर काम करने वाला व्यक्ति जब घर आता है तो बॉस बन जाता है। प्यार में भी पति-पत्नी के बीच ताकत दिखाने का खेल होता है।"  उन्होंने कहा, "मैं यह महसूस करता हूं कि शक्तिहीन लोगों को कोई स्वीकार नहीं करता। कोई भी ऐसा होने की आकांक्षा नहीं रखता। हमारे पास ऐसे लोग क्यों नहीं हो सकते जो पहचान बनाना नहीं चाहते और भीड़ में खो जाते हैं? यह एक दिलचस्प बात है। ‘मसान’ में मेरे बस दो सीन थे। वह ट्रेन टिकट बुक करता है और यही उसका किरदार है। यहां तक कि 'निल बटे सन्नाटा'में मैंने शिक्षक का किरदार किया जिसे कोई नहीं जानता।" पंकज ने कहा, "ये किरदार मुझे हमेशा अपनी ओर खींचते हैं क्योंकि मैं इन जैसे लोगों को देखकर बड़ा हुआ हूं। अगर हम देखें तो ऐसे कई लोग हैं जो ताकत, प्रसिद्धि या धन के पीछे भागे बिना काम कर रहे हैं।"


विशेष : जीवन व्यस्त हो, अस्तव्यस्त नहीं

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असन्तुलन एवं अस्तव्यस्तता ने जीवन को जटिल बना दिया है। बढ़ती प्रतियोगिता, आगे बढ़ने की होड़ और अधिक से अधिक धन कमाने की इच्छा ने इंसान के जीवन से सुख, चैन व शांति को दूर कर दिया है। सब कुछ पा लेने की इस दौड़ में इंसान सबसे ज्यादा अनदेखा खुद को कर रहा है। बेहतर कल के सपनों को पूरा करने के चक्कर में अपने आज को नजरअंदाज कर रहा है। वह भूल रहा है कि बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता, इसलिए कुछ समय अपने लिए, अपने शरीर, अपने शौकों और उन कामों के लिए, जो आपको खुशियां देते हैं, रखना भी बहुत जरूरी है। 

समय ही नहीं मिलता! कितनी ही बार ये शब्द आप दूसरों को बोलते हैं तो कितनी ही बार दूसरे आपको। क्या वाकई समय नहीं मिलता? सच ये भी तो है कि जिनसे हम बात करना या मिलना चाहते हैं, उनके लिए समय निकाल ही लेते हैं। यही समय प्रबन्धन है, इसके लिये लेखिका पैट होलिंगर पिकेट कहती हैं, ‘ये आपको तय करना है कि अपना समय कैसे बिताएंगे। वरना हम यूं ही व्यस्त बने रहते हैं और जीवन कहीं और घटता रह जाता है। भगवान महावीर ने ‘काले कालं समायरे’ जैसे समय-प्रबन्धन के अनेक सूत्र दिये हैं। जो व्यक्ति समय को पहचानता है, हर कार्य समय पर ही करता है, वह जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ता है, क्योंकि कल आता  नहीं है अतः आज का ही प्रयोग करना चाहिए। लेकिन जिस तेजी से समय बदल रहा है, हमारी अव्यवस्थित होती जीवनशैली और आदतों में बदलाव आ रहा है। यह हमारी सेहत के लिए ही नहीं बल्कि हमारे विकास के लिये भी बहुत अवरोधक है और कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण भी हंै। अगर आप अपने माता-पिता, दादा-दादी व नाना-नानी की दिनचर्या देखें तो पायेंगे कि उनकी दिनचर्या आपसे कई मायनों में भिन्न है। उनका जीवन और दिनचर्या उनके बनाए नियमों के मुताबिक है। अधिकांश बुजुर्गों का अपनी दिनचर्या पर नियंत्रण है। ‘समयं गोयम! मा पमायए’ महावीर के इस अनमोल वचन को इन लोगों ने न केवल अपने जीवन में उतारा बल्कि अपने परिपाश्र्व को भी इसका प्रतिबोध दिया। इसी जीवन-सूत्र को जीवन में अंगीकार करने के कारण वे सुबह जल्दी उठते हैं और समय पर सोते हैं। खाने में भी उनके कई तरह के परहेज हैं। प्रायः बुजुर्ग बाहर का खाना या फास्टफूड पसंद नहीं करते। यदि आप सुबह-सुबह पार्कों में देखें तो बुजुर्गों की संख्या आपको ज्यादा मिलेगी। ऐसी बात भी नहीं है कि सभी बुजुर्ग अपनी सेहत के प्रति सचेत हों, लेकिन अधिकांश बुजुर्गों की जीवनशैली ऐसी है, जो उनके शरीर के लिए फायदेमंद है। 

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समस्या युवाओं और कामकाजी लोगों के साथ ज्यादा है। कारण भी स्पष्ट है- समय की कमी या फिर यूं कहें कि समय को ठीक से मैनेज न कर पाना, जीवन को अव्यवस्थित कर रहा है। जीवन व्यस्त होना अच्छी बात है, लेकिन अस्तव्यस्त होने से  उसका असर जीवन के हर पहलू पर पड़ रहा है। ‘क्षणे क्षणे यन्नवतामुपैति तदेव रूपं रमणीयतायाः’ कालिदास की यह उक्ति आधुनिक जीवनशैली का आदर्श बने, तभी जीवन में हम मनोहारी एवं रमणीय बने रह सकते हैं। एक सुंदर और अच्छे जीवन के लिए जरूरी है- अच्छी सेहत। और अच्छी सेहत के लिए जरूरी है- समय पर सोना और सुबह जल्दी जागना, लेकिन आज के समय में अधिकांश युवाओं के सोने और जागने का समय निश्चित ही नहीं है। रात को देर तक काम करने की वजह से सुबह देर तक सोना आज आम बात हो गई है। आठ घंटे की नींद भी कम ही लोगों को नसीब हो रही है। पूरी नींद न लेना कई बीमारियों की वजह बन जाती है। आज लगभग आॅफिसों में कम्प्यूटर पर ही सब काम होता है, इसलिए आंखों में दर्द, जलन, सिरदर्द व माइग्रेन की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही हैं।

आज जिस तरह युवाओं और विशेषतः महिलाओं में एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ मची है और अधिकांश युवाओं एवं कामकाजी महिलाओं का मुख्य मकसद अधिक-से-अधिक धन कमाना हो गया है। इसलिए वे ‘आराम हराम है’ के फाॅर्मूले को अपने जीवन में अपना रहे हैं। कई ऐसे लोग जिनका यह मानना है कि यही तो वक्त है पैसा कमाने का, अभी कमा लिया तो कमा लिया, फिर जिंदगीभर आराम ही आराम है। इस सोच के चलते वे इस बात को भूल जाते हैं कि अच्छा काम तभी संभव है, जब सेहत अच्छी होगी। एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। अत्यधिक काम के चलते युवाओं में बी.पी., तनाव व डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है। धैर्य की कमी हो रही है। आज का युवा हार को सहजता से स्वीकार नहीं कर पा रहा, हार का मूल्यांकन करने के बजाय वह अवसाद एवं कुण्ठाग्रस्त हो रहा है। हमारी बदलती जीवनशैली के चलते जहां सोने व सुबह उठने का समय बदला है, वहीं हमारी खान-पान की आदतों में भी तेजी से बदलाव आया है। जहां पहले घर में बने खाने को लोग ज्यादा महत्व दिया करते थे, आज बाहर खाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। चार मेहमान घर पर आए नहीं कि खाने का आॅर्डर बाहर दे दिया जाता है। बच्चों में भी घर में बने खाने की अपेक्षा फाॅस्ट फूड के प्रति ज्यादा उत्सुकता रहती है। खान-पान की बदलती आदतें और दिनचर्या धीरे-धीरे हमारे शरीर को हानि पहुंचा रही है और हमें कई तरह के रोगों की गिरफ्त में लाती जा रही है। चाहे वह मोटापे की समस्या हो या फिर बालों का झड़ना व असमय सफेद होना।
उन्नत एवं संतुलित जीवनशैली के लिये आचार्य तुलसी की यह अभिव्यक्ति जीवन का आदर्श बन सकती है-

आत्मा सुख-दुःख का कत्र्ता है, स्वयं वही उपभोक्ता।
अपना शुभ अपने द्वारा, जीवन के बनो प्रयोक्ता।।

शांत और स्थिर दिमाग बेहतर काम करता है। हर समय की बेचैनी किसी काम नहीं आती। ना हम वो कर पाते हैं, जो करना चाहते हैं और ना ही वो, जो दूसरे अपेक्षा कर रहे होते हैं। समस्याएं कैसी भी हों, हमारा व्यवस्थित ना होना समस्याओं को बढ़ा देता है। लेखक एकहार्ट टोल कहते हैं, ‘हमारी भीतरी दुनिया जितनी सुलझी हुई होती है, बाहरी दुनिया उतनी व्यवस्थित होती चली जाती है।’



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(ललित गर्ग)
बी-380, निर्माण विहार, 
दूसरा माला दिल्ली-110092
मो, 9811051133

पापा को बहुत पहले ही कॉंग्रेस ज्वाइन कर लेनी थी : सोनाक्षी सिन्हा

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने कहा है कि उनके पिता, शत्रुघन सिन्हा राजद और कांग्रेस के बीच एक पुल का काम करेंगे. सोनाक्षी ने कहा कि पिता जी को कांग्रेस ज्वाइन करने का काम बहुत पहले कर डालना चाहिए था।उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस में वे और अच्छा काम कर पाएंगे और अलग-थलग नहीं पड़ेंगे। सोनाक्षी ने एक ट्वीट में कहा मेरे पिता अटल-आडवाणी के वक्त से पार्टी से जुड़े थे।पार्टी के अंदर उनका बड़ा सम्मान था।पर लगता है कि पूरे ग्रुप को वह इज्जत नहीं मिली जिसके ये सब लोग हकदार थे।पिता जी ने फैसला लेने में देर कर दी।पिताश्री को यह काम बहुत पहले ही करना था।सोनाक्षी ने एक और बात बड़े पते की कही। वे बोली रिश्तों में गड़बड़ी हुई तो शत्रुघ्न सिन्हा राजद और कांग्रेस के बीच सेतु का काम करेंगे।उल्लेखनीय है कि शत्रुघ्न के राजद से बहुत अच्छे रिश्ते हैं।

वाराणसी : समाज की ताकत दर्शाने से ही राजनीतिक क्षेत्र में सफलता संभव : रवीन्द्र जायसवाल

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विभिन्न मनमोहक सांस्कृतिक व रंगारंग जीवंत कार्यक्रमों के जरिए समाज के बच्चों ने बाधा समां जायसवाल क्लब का होली मिलन समारोह 
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वाराणसी (सुरेश गांधी) । होली की खुमारी लोगों में सिर चढ़कर बोल रही है। शहर से लेकर देहात तक में होली मिलन समारोह की धूम है। इसी कड़ी में जायसवाल क्लब की ओर से नाटी इमली स्थित गणेश मंडपम् में शनिवार को होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति के साथ-साथ सम्मान समारोह और वैवाहिक परिचय के कार्यक्रम आयोजित हुए। कार्यक्रम में समाज के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने ब्रज की होली से लेकर सोनी टीवी की ख्यातिलब्ध शो सारेगमा में धूम मचा चुकी बच्चियों ने अपने गीत-संगीत सुनाकर लोगों को गुनगुनाने पर विवश किया तो युवा बच्चों ने पूरी दुनिया में धूम मचा चुकी देशभक्ति फिल्म ‘बार्डर‘ का मशहूर गाना ‘संदेशे आते है, की धून पर जीवंत एकांकी प्रस्तुत कर लोगों की आंखे नम कर दी। कार्यक्रम का उद्घाटन नेपाल के पूर्व सांसद एवं कैबिनेट मंत्री श्रीमती चन्द्रा चैधरी ने पूज्य राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु भगवान के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। जबकि कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि शहर उत्तरी विधायक रवीन्द्र जायसवाल ने विभिन्न क्षेत्रों में समाज के लिए महती भूमिका निभाने वाले एवं कलाकार बच्चों को सम्मानित कर किया। 

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कार्यक्रम का शुभारंभ नन्हें-मुन्ने बच्चों ने गणेश वंदना से की। इसके बाद समाज के बच्चों ने होली के रंगों में भोजपुरी की मिठास घोल कर उपस्थित लोगों को थिरकने पर विवश कर दिया। राधा एवं नटखट गोपाल बने बच्चों ने जब गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेली और होरी गीतों पर मोहक नृत्य ने लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। इस दौरान पंडाल में मौजूद लोगों ने भी सभी को होली की बधाई देते हुए एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर गले मिले। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक समारोह में होली की पारम्परिक गीतों पर लोग झूम उठे। समाज के बच्चों ने एक से बढ़कर एक अपनी प्रस्तुतियों और झांकियों से लोगों का मन मोह लिया। होली खेलें मशाने, गीत पर पूरा पांडाल बम-बम बोल रहा था। इसके अलावा अन्य गीतों पर पेश की गई सजीव झांकी से सभी रोमांचित हो उठे। होली खेलें रघुबीरा के गीतों की प्रस्तुति को काफी सराहा गया। भारत माता की सजीव झांकी प्रस्तुत की गई थी। 

मुख्य अतिथि विधायक रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि कहा कि किसी समाज के लिए शिक्षा जरुरी है। शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। समाज की राजनीतिक भागीदारी के संबंध में उन्होंने कहा कि जायसवाल बंधुओं को एकजुटता के साथ अपनी ताकत का अहसास कराना होगा। तभी राजनीतिक क्षेत्र में बड़ी सफलता मिल सकती है। समाज को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर राजनीतिक भागीदारी के लिए हर परिवार से एक-दो बच्चों को आगे आना होगा। समाज में व्याप्त भेदभाव को मिटाने पर जोर देते हुए विधायक ने कहा कि सामाजिक बुराइयों को दूर कर एकजुटता के साथ आगे बढें। जायसवाल क्लब का यह पहल सराहनीय है। इस तरह के आयोजनों से आपसी सद्भाव बढता है। होली मिलन समारोह समाज को एकसूत्र में पिरोने का उचित माध्यम है। समाज के लोगों को समाज के निर्बल और कमजोर लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कई उदाहरणों से व्यापारियों की सामाजिक व मानसिक स्थिति को स्पष्ट करते हुए पुरानी धारणाओं को तोड़ने को प्रेरित किया। कहा कि समस्याओं से घबराएं नहीं, उसे चुनौती के रूप में लीजिए, तभी आगे बढ़ पाएंगे। यह जरूरी नहीं कि हमें विरासत में क्या मिला है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि हम विरासत में क्या छोड़कर जाएंगे। विधायक ने कहा कि सामाजिक कार्यों में सक्रियता के बाद भी यह वर्ग राजनीतिक रूप से उपेक्षित है। इसका मूल कारण समाज में एकजुटता का अभाव है। लोकतंत्र में पूछ उसी की होती है, जिसमें ताकत होती है। इसके लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बंटोगे तो मिट जाओगे और अगर जुड़ोगे तो मिटा दोगे। उन्होंने कहा कि अधिकार चाहिए तो लड़ना होगा, भीख मांगने से कुछ नहीं मिलता। 

कार्यक्रम की उद्घाटनकर्ता नेपाल के पूर्व सांसद एवं मंत्री चंद्रा चैधरी ने कहा कि होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जायसवाल समाज की ओर से आयोजित होली मिलन समारोह समाज के दबे लोगों को ऊपर उठाने का एक सराहनी कदम है। होली मिलन के माध्यम से एक-दूसरे के करीब पहुंचने का मौका मिलता है। जायसवाल समाज को शासन द्वारा कोई सुविधा नहीं दी जाती है, उसके बाद भी समाज के अन्दर बहुत कुछ करने की क्षमता है। कहा, समाज की ताकत दर्शाने से ही राजनीतिक क्षेत्र में सफलता संभव है। इसके लिए जरुरी है कि महिलाएं भी आगे आएं। उन्होंने अपनी गाधा बताते हुए कहा कि वे हाउसवाइफ होते हुए भी समाज के लिए काम करती रही और एक दिन सांसद एवं मंत्री तक की मुकाम हासिल की। सामाजिक और राजनीतिक उत्थान के लिए समाज से एकजुटता का आह्वान करते हुए चंद्रा चैधरी ने कहा कि अब किसी से डरने, संकोच करने का वक्त नहीं है। खुलकर, बताकर, जताकर और हल्ला करते हुए अपनी राजनीतिक निष्ठा को प्रदर्शित करें, तभी हमारी बात सुनी जाएगी। उन्होंने भारत एवं नेपाल की संस्कृति, रहन-सहन एक जैसा बताते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि पूर्व की भांति आज भी दोनों देशों की संधिया बनी रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रयास सराहनीय है। 

जायसवाल क्लब के संस्थापक अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि संगठन समाज के उत्थान के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने संगठन को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जल्द ही जायसवाल समाज के सभी वर्ग एवं उपवर्गां को एकजुट कर बड़ा सगंठन तैयार किया जाएगा। समाज का सम्मान हो यही हमारा नारा है। उन्होंने स्वजातीय लोगों से अपने अतीत और समाज के महापुरुषों से प्रेरणा लेने की अपील की। कार्यकम में महिला संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रीता जायसवाल, जायसवाल क्लब के महिला संगठन अध्यक्ष रानिका जायसवाल, संरक्षक गुलाब जायसवाल, राजकुमार जायसवाल, प्रोफेसर कृपाशंकर जायसवाल, महामंत्री प्रदीप जायसवाल, कोषाध्यक्ष गोपाल जी जायसवाल, लक्ष्मी नारायण, संदीप, अरविन्द, महादेव, डा मनोज, सरद जायसवाल आदि का खासा योगदान रहा। 

दुमका : पैनल अधिवक्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

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हर व्यक्ति को अनुशासित होना चाहिए : पीडीजे
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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित न्याय सदन में पैनल अधिवक्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम  दिन शनिवार को आरंभ हुआ।  नालसा, दिल्ली व झालसा, रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित  करवाया गया। 51 पैनल अधिवक्ताओं को यह  प्रशिक्षण दिया जा रहा है।प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन प्राधिकार के चेयरमैन सह पीडीजे ओमप्रकाश सिंह सहित अन्य न्यायाधीशों ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलित कर किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीडीजे श्री सिंह ने अधिवक्ताओं को अनुशासन में रहकर कानून की बारिकियां जानने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अनुशासित हर व्यक्ति को होना चाहिए। चाहे बच्चे हो, बड़ा हो, बुढ़े हो, जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन जरूरी है। अनुशासित व्यक्ति ही जीवन में तरक्की करती है। उन्होंने कहा कि समय से काम करने पर दुनिया उसी रूप में जानेगी। काम के आधार पर लोगों की पहचान बनती है। उन्होंने समय की महत्ता देते हुए कहा कि समय से न्यायिक पदाधिकारी को बैठना चाहिए। अधिवक्तओं को भी न्यायालय में समय से आने की सलाह दी। जिससे ससमय न्यायिक कार्यो का निपटारा किया जा सके। पैनल अधिवक्ताओं के सूची में फेर-बदल पर कहा कि परिवर्तन ही संसार का नियम है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि कुछ नये चेहरे आने चाहिए और परिवर्तन आवश्यक है। उन्होंने पुरानी बातें को पुनवृति नहीं होने और दायित्वों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आपस में चर्चा होने से न्यायधिशों और अधिवक्ताओं को भी सिखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि अच्छे कामों के लिए सवोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से पीएलवी मंगला देहरी को सम्मान पाना जिले के लिए गर्व की बताया। अधिवक्ताओं से भी उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित होने एवं चयनित होने में हर सहयोग का आश्वासन दिया। प्राधिकार सचिव निशांत कुमार के सकारात्मक कार्यो की सराहना की।  वहीं पैनल अधिवक्ताओं का बकाया की जल्द भुगतान का आश्वासन दिया। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि फैमली जज नलीन कुमार चयनित पैनल अधिवक्ताओं को उनके उद्देश्यों से अवगत करवाते हुए न्यायिक प्रक्रिया के तहत गरीब और पिछड़े लोगों को न्याय दिलाना बताया। उन्होंने कहा कि वकालत का फायदा है कि इसके कोई कायदे नहीं होते है। लेकिन स्वयं अनुशासन के मान दंडों को तय करना से उसका महत्व बढ़ जाता है। इस लिए अधिवक्ताओं को खुद अनुशासन का महत्व तय कर अनुशासित होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किस तरह का मुकदमा अधिवक्ता लड़े यह वादी तय करता है। अधिवक्ता केस के बहस से अधिक सिखते है। ऐसे में वैसे केस जो उनके पास नहीं आता है, उन पहलूओं को जानने से वंचित हो जाते है। उन्होंने प्रशिक्षण के जरीए सिखने की सलाह देते हुए कहा कि सिखने की कोई उम्र नहीं होती है। डीजे वन तौफिकुल हसन ने मुख्य कार्य की अग्रसर रहने वादियों को दिभ्रमित नहीं कर अधिक से अधिक समझौता करवाने का सलाह दिया। उन्होंने कहा कि गरीब पर ईश्वर की कृपा होती है। उसी मे खुशी महसूस करता है। छोटे-छोटे चीजों को लेकर लड़ाई नहीं करने और सुलह-समझौता से वादों का निपटारा दिलाने में सहयोग की अपील की। डीजे टू पवन कुमार ने कहा कि जिम्मेदारियों की महत्ता समझ ईमानदारीपूर्वक जिम्मेदारियों को निर्वहन को प्रेरित किया। सीजेएम देवाशीष महापात्रा ने कहा कि कानून का अंत नहीं है। कानूनी पहलूओं को बार-बार अभ्यास करने और मिल बैठक चर्चा करने से नया आयाम निकलता है। उन्होंने न्याय के माध्यम से सभी का कल्याण को प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्यायिक विभिन्न पहलूओं पर चर्चा होगी। न्यायाधिशों में एसीजेएम संजय दूबे, एसडीजेएम प्रताप चंद्र, प्रथम श्रेणी, न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार, बंकिमचंद्र चटर्जी, प्रशिक्षु जज विजय यादव एवं जितेंद्र राम उपस्थित थे। उद्घाटन कार्यक्रम में मंच संचालन प्राधिकार सचिव निशांत कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह ने किया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 31 मार्च

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स्वीप तहत साप्ताहिक गतिविधियांें का आयोजन

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लोकसभा निर्वाचन-2019 के दरिम्यान जिले में अधिक से अधिक मतदाता अपने मतो का प्रयोग करंे इस बावत मतदाता जागरूकता के लिए स्वीप गतिविधियों के तहत हर रोज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में स्वीप गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु साप्ताहिक कैलेण्डर तय किया गया है जिसके अनुसार एक सप्ताह मेंे जिला स्तर, विधानसभा क्षेत्र स्तर एवं मतदान केन्द्र स्तर पर पृथक-पृथक गतिविधियांे का संचालन कर मतदाताओं को मतदान करने हेतु अभिप्रेरित किया जाएगा।  एक से सात अपै्रल तक आयोजित होने वाले स्वीप गतिविधियों के संबंध में स्वीप के जिला नोडल अधिकारी एवं जिपं सीईओ आईएएस श्री मयंक अग्रवाल ने बताया कि पूरे सप्ताह में जिला स्तर पर युवा चला मतदान केन्द्र, मेगा ईवेन्ट्स स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से जन-जन तक मतदान का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इसी प्रकार के आयोजन पूरे सप्ताह जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे।  जिपं सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि मतदान केन्द्र स्थल पर एक से सात अपै्रल के दरम्यिान युवा चला मतदान केन्द्र गतिविधियांे के अलावा ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपैट की हेण्डस आॅन टेªनिंग मतदान केन्द्र स्तर पर आगंतुक मतदाताओं को दी जाएगी।

विज्ञापन प्रसारणों की अनुमति, आरो स्तर की एमसीएमसी से

लोकसभा निर्वाचन 2019 के दरिम्यान राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक तथा सोशल मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का आरो स्तर की एमसीएमसी से अनुमोदन प्राप्ति के उपरांत जारी करना होगा।  निर्वाचन आयोग द्वारा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत नाम निर्देशन प्राप्ति के लिए निर्धारित किए गए आरो को संसदीय क्षेत्र की एमसीएमसी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है वही संबंधित जिले के जनसम्पर्क अधिकारी को समिति का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।  राजनैतिक दलो एवं अभ्यर्थीगणो के लिए विज्ञापनों का प्रमाणीकरण आरो स्तर की एमसीएमसी समिति से कराने हेतु आवेदन नियत समयावधि में प्रस्तुत करना होगा ताकि समिति के सदस्य सचिव द्वारा आरो के माध्यम से अनुमति प्राप्ति उपरांत आदेश की काॅपी प्रसारण हेतु संबंधित आवेदनकर्ता को तय अवधि में उपलब्ध कराई जा सकें।  विदिशा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि संसदीय क्षेत्र 05 सागर से संबंधित विज्ञापनों के अनुमोदन हेतु आरो एवं सागर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी को तथा संसदीय क्षेत्र 18 विदिशा के लिए अभ्यर्थियों तथा राजनैतिक दलों को प्रिन्ट, इलेक्ट्राॅनिक एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित कराने वाले विज्ञापनों की बकायदा लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी इसके लिए संबंधित आवेदक अपने आवेदन आरो रायसेन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी समिति के कार्यालय में अनुमति प्राप्ति हेतु आवेदन निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित अवधि में प्रस्तुत करना होगा। उल्लेखनीय है कि विदिशा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता मंे गठित एमसीएमसी समिति के द्वारा केवल मानिटरिंग की जाएगी। उक्त समिति द्वारा विज्ञापन प्रसारण संबंधी किसी भी प्रकार के आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे और ना ही अनुमति प्रदान की जाएगी। पूर्व उल्लेखित संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्र में विज्ञापन प्रसारण संबंधी आवेदनों की पूर्व अनुमतियां संबंधित जिले के आरो, कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी से प्राप्ति उपरांत प्रसारण कर सकेंगे। 

मतदाताओं के घर पहुंचाई जाएगी मतदाता पर्ची 

लोकसभा निर्वाचन-2019 में भी मतदाताओं की सुविधा के लिए फोटो वाली वोटर पर्ची के पीछे पोलिंग बूथ का नजरी नक्शा प्रिंट कराया जायेगा। आयोग के निर्देशानुसार वोटर पर्ची को बीएलओ द्वारा मतदाता के घर चुनाव की तिथि से पांच दिन पहले पहुंचाया जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार फोटो मतदाता पर्ची उसी भाषा में होगी जिस भाषा में उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया है।  निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदाताओं को मतदान के पहले घर-घर वितरित की जाने वाली मतदाता पर्ची के पीछे पोलिंग बूथ के नजरी नक्शा के अलावा, बूथ नम्बर, चुनाव की तिथि एवं समय, हेल्पलाइन नम्बर, बीएलओ का नाम एवं मोबाइल नम्बर सहित मतदाता के मार्गदर्शन हेतु महत्वपूर्ण सूचनाएं मुद्रित की जा सकेगी। वोटर पर्ची का प्रकाशन फोटोयुक्त वोटर लिस्ट के माध्यम से किया जाएगा ताकि मतदाता की फोटो में भिन्नता की स्थिति निर्मित न हो। वोटर पर्ची का वितरण बीएलओ द्वारा राजनैतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट के साथ किया जाएगा ताकि किसी भी राजनैतिक दल को शिकायत का अवसर न मिल सके। सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा पर्ची का वितरण कार्यक्रम निर्धारित किया जाएगा तथा कार्यक्रम की सूचना राजनैतिक दलों को भी दी जाएगी।  चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बीएलओ द्वारा इस वोटर पर्ची को संबंधित मतदाता को या परिवार के किसी वयस्क सदस्य को ही सौंपा जा सकेगा। वोटर पर्ची के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ द्वारा एक रजिस्टर भी संधारित किया जाएगा। वितरण से शेष रह गई वोटर स्लिप को बीएलओ द्वारा अपने से संबंधित क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को सौंपा जायेगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अवितरित फोटो वोटर स्लिप की वर्णानुक्रम में सूची तैयार करने के बाद उन्हें सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रख देंगे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को मतदान केन्द्रवार वर्णानुक्रम में तैयार की गई अवितरित फोटो वोटर स्लिप की सूची की दो प्रतियां रिटर्निंग अधिकारी को भी सौंपना होगी। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को बीएलओ द्वारा अवितरित फोटो वोटर स्लिप वापस कर दिये जाने के बाद इनका वितरण किसी भी स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग के नये निर्देश के अनुसार बीएलओ द्वारा घर-घर पहुंचाई जाने वाली वोटर स्लिप के आधार पर इस लोकसभा चुनाव में वोट डालना संभव नहीं होगा। मतदाता को वोट डालने के लिए वोटर स्लिप के साथ वोटर आईडी कार्ड भी मतदान केन्द्र पर प्रस्तुत करना होगा। यदि मतदाता के पास फोटो वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो इस स्थिति में उसे निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित 11 दस्तावेजों में से कोई एक फोटोयुक्त पहचान का दस्तावेज मतदान केन्द्र पर प्रस्तुत करने पर ही वोट डालने की अनुमति होगी। 

च्ॅक् मोबाईल ऐप से दिव्यांगो को मतदान केन्द्र पर पहुंचने के लिये घर बैठे मिलेगी सुविधा

लोकसभा निर्वाचन-2019 में सभी दिव्यांग मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिव्यांग एप (च्ूक्े) लांच किया हैं। इस एप्लीकेशन को कोई भी दिव्यांग प्ले स्टोर से अपने एंड्राइड फोन पर आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपने मतदाता परिचय पत्र के लिये ऑनलाईन आवेदन कर सकता हैं एवं अपने आप को मतदाता सूची में दिव्यांग के रूप में मार्किंग करवा सकता हैं। इस एप्लीकेशन में अन्य और भी कई फिचर हैं जैसे सर्च पोलिंग स्टेशन, बूथ लोकेटर, चैक स्टेटस् आदि। साथ ही इसमें सबसे महत्वपूर्ण च्ॅक् एप्लीकेशन में सबसे महत्वपूर्ण आप्शन व्हील चेयर की मॉग हैं। कोई भी दिव्यांग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं अपने लिये घर बैठे अपने मोबाईल फोन से व्हील चेयर की भी मॉग कर सकता हैं। 

दोपहिया वाहन पर लगाया जा सकेगा एक गुना आधा फीट का ध्वज 

 भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई भी व्यक्ति दोपहिया वाहन पर एक फीट गुणा आधा फीट का ध्वज लगा सकता है। लेकिन यदि इस पर उम्मीदवार का नाम या फोटो होगा तो वह उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ेगा। इसी प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा अपने वाहन पर एक या दो छोटे स्टीकर भी लगा सकता है। फ्लैग की स्टिक किसी भी दशा में 3 फीट से अधिक नहीं हो सकती है। आयोग के मुताबिक राजनैतिक दल के कार्यालय या उम्मीदवार के स्वयं के भवन पर अधिकतम तीन झंडे लगाए जा सकते हैं। रोड शो के दौरान प्रत्येक 10 वाहनों के उपरांत 100 मीटर का अंतराल रखना आवश्यक है। यदि कोई वाहन इसका उल्लंघन करता है तो उसको संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया तक के लिए जप्त किया जा सकता है। रोड शो के दौरान बैनर की अधिकतम साइज 4 फीट गुणा 6 फीट हो सकती है।   आयोग ने चुनाव प्रचार में वाहनों के उपयोग के बारे में कहा है कि यदि कोई व्यक्ति प्राइवेट व्हीकल पर स्वयं के लिए ध्वज या स्टीकर लगाकर चलता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। लेकिन यदि वह किसी अन्य के समर्थन में ध्वज को लगाए हुए हैं तो इस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एच के प्रावधान लागू होंगे। कमर्शियल वाहन की दशा में स्वयं के वाहन पर भी ध्वज लगाने के लिए रिटर्निंग अधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक होगी। इसी प्रकार यदि वाहन में सामान्य किस्म का मॉडिफिकेशन किया जाता है जो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52 के तहत है तो वह अनुमन्य है लेकिन इससे किसी दूसरे को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए।  आदर्श आचार संहिता के दौरान यदि कोई प्रत्याशी या राजनैतिक दल कैप मास्क या स्कार्फ का वितरण करता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा बशर्ते प्रत्याशी द्वारा इस हेतु खर्चे के संबंध में सूचना दे दी गई हो। परंतु यदि प्रत्याशी या पार्टी द्वारा मुख्य वस्त्र जैसे साड़ी या शर्ट वितरित की जाती है तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा। 

वोटर लिस्ट में अपना नाम ढूंढने के लिए एसएमएस करें या कॉल करें 

 लोकसभा निर्वाचन-2019 में सिर्फ वही लोग मतदान कर सकेगे जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज होगा। किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है कि नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई भी व्यक्ति वोटर हेल्पलाइन 1950 नम्बर पर फोन लगाकर जानकारी ले सकता है। इसके अलावा वोटर हेल्पलाइन एप डाउनलोड कर भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा किसी व्यक्ति को यदि अपना ईपिक नम्बर याद है तो वह 1950 नम्बर पर अपना ईपिक नम्बर एसएमएस कर जानकारी ले सकता है। भारत निर्वाचन आयोग का नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल एनव्हीएसपी भी मतदाताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी है। इस एप के माध्यम से ही मतदाता सूची में अपना नाम कोई भी व्यक्ति ढूंढ सकता है तथा इसी पोर्टल के माध्यम से मतदाता सूची में यदि नाम नही है तो नाम जोड़ने की कार्यवाही भी सम्पन्न की जा सकती है। 

चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी को खर्च का सही व स्पष्ट लेखा रखना होगा 

 भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का सही-सही व स्पष्ट लेखा रखना और निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय लेखा का शेडो व्यय लेखा रजिस्टर रिटर्निंग अधिकारी की ओर से तैयार किया जाएगा। आयोग के निर्देशों में कहा गया है रिटर्निंग अधिकारियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए सभी प्रकार की आवश्यक अनुमतियों की एक नस्ती संधारित करनी होगी। अर्थात् क्षेत्र में जितने उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे उतनी नस्तियां संधारित करनी होगी।  रिटर्निंग अधिकारियों को यह भी ध्यान रखना होगा कि कार्यालय में जब भी किसी अभ्यर्थी का कोई आवेदन किसी भी प्रकार की अनुमति हेतु प्राप्त होता है तो उस आवेदन में प्रत्येक मद में होने वाले खर्च का स्पष्ट विवरण होना चाहिए साथ ही समस्त मदों को मिलाकर कुल कितना खर्च उक्त अनुमति में उल्लेखित कार्य करने में आयेगा उसका उल्लेख भी स्पष्ट रूप से होना चाहिए। यदि किसी आवेदन में खर्च का उल्लेख नहीं है तो वह आवेदन पूर्ण नहीं माना जाना चाहिए। यह भी उल्लेखनीय है कि आवेदित अनुमति के कार्य पर किया जाने वाला खर्च स्वयं अभ्यर्थी, अभ्यर्थी का कोई समर्थक, पार्टी इत्यादि में से भले ही कोई भी वहन करे लेकिन आवेदन में सभी मदों का पृथक-पृथक खर्च एवं कुल खर्च का उल्लेख होना आवश्यक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनसभा में पंडाल, मंच, बैठने की कुर्सियां, कालीन झंडे, माइक, लेबर, परिवहन इत्यादि-इत्यादि समस्त आवश्यक मदों के खर्चों का उल्लेख होना चाहिए। सभी मदों का समुचित उल्लेख होने के उपरांत ही कानून व्यवस्था इत्यादि दृष्टिगत उचित पाये जाने पर अनुमति प्रदाय करनी चाहिए। इसी प्रकार यदि कोई अभ्यर्थी जुलूस इत्यादि निकालने की अनुमति मांगता है तो आवेदन में स्पष्ट रूप से जुलूस में सम्मलित होने वाले प्रत्येक वाहन, पी.ओ.एल. वाहन में उपयोग होने वाले माइक, झंडे, पोस्टर, बैनर एवं अन्य जो भी प्रचार सामग्री संभव हो सकती है उसका विवरण एवं जुलूस के स्पष्ट मार्ग इत्यादि के उल्लेख के साथ प्रत्येक मद के खर्च एवं कुल खर्च बताते हुए पेश आवेदन ही मान्य  किया जाना चाहिए। बिना खर्च बताये दिये आवेदनों पर कोई अनुमति जारी नहीं हो सकती।  अभ्यर्थी द्वारा प्रचार हेतु वाहनों की अनुमति चाही जाने पर आवेदन में वाहन का प्रति दिन का किराया पी.ओ.एल. वाहन पर लगे ड्रायवर की मजदूरी, वाहन में लगे माइक का किराया, प्रचार सामग्री का विवरण एवं उन समस्त मदों पर आने वाले व्यय की मदवार जानकारी के साथ प्रतिदिन के कुलव्यय का उल्लेख होना चाहिए और यदि वाहन की अनुमति एक से ज्यादा दिन के लिए है तो जितने दिनों के लिए अनुमति है उतने दिनों में उक्त प्रचार वाहन पर होने वाले कुल खर्च का उल्लेख भी आवेदन में अनिवार्य होना चाहिए। 

होर्डिंग्स-बैनर की अनुमति लेनी होगी 

अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार के लिए जगह-जगह कट आउट, होर्डिंग्स, बैनर व झंडे भी लगाये जाते है, ये भी बिना अनुमति के नहीं लग सकेंगे। जहां-जहां पर उपरोक्त में से किसी भी प्रचार माध्यम का प्रयोग किया जायेगा, वहां उस पर आने वाला प्रतिदिन का खर्च एवं कुल खर्च का उल्लेख आवेदन में होने पर ही आवेदन पर विचार किया जाना चाहिए। यहां भी उल्लेखनीय है कि कोई भी अभ्यर्थी किसी प्रायवेट व्यक्ति के मकान, दुकान या परिसर से किसी प्रकार का कोई प्रचार करना चाहता है तो उसको सर्वप्रथम उस संबंधित व्यक्ति से उक्त परिसर पर प्रचार सामग्री लगाने अथवा दीवार पर लिखने के लिए लिखित सहमति लेनी होगी  और उसके बाद उक्त स्थान पर लिखने, झंडे-बैनर लगाने की अनुमति खर्च बताते हुए प्राप्त करनी होगी। संबंधित अधिकारी से अनुमति प्राप्त होने के बाद ही अभ्यर्थी मकान पर लेखन या झंडा-बैनर या पोस्टर या कट आउट लगा सकेगा अन्यथा की स्थिति में या तो प्रकरण संपत्ति विरूपण में आयेगा या लेखा में उचित जानकारी न देने का प्रकरण बनेगा।  वर्णित स्थितियों से हटकर भी बहुत सारी अन्य स्थितियां हो सकती हैं। यह बारीकी से देखना है कि चुनाव प्रचार का कोई भी कार्य बगैर किसी खर्च के संपन्न नहीं होता और चुनाव प्रचार में किसी अभ्यर्थी के पक्ष में खर्च करने वाला अभ्यर्थी से भिन्न व्यक्ति भी हो सकता है परंतु बिना अनुमति के एवं बिना अभ्यर्थी की सहमति के उक्त व्यय नहीं हो सकता तथा ऐसे समस्त खर्च का हिसाब बिना पेश किए तथा अनुमति प्राप्त किये ऐसा कोई कार्य कराना अभ्यर्थियों के लिए अनुमत नहीं है।   प्रत्येक उपरोक्त प्रकार की गतिविधि एवं अन्य संभावित चुनाव प्रसार की गतिविधि की वीडियो रिकार्डिंग व्ही.एस.टी. द्वारा की जाएगी। 

मतदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित 
मतदान के दिन श्रमिकों, मजदूरों, कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश देने के निर्देश 
 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले मतदान के तिथि 12 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कामगारों को सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जाएगा।  लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह दैनिक मजदूर या केजुअल (आकस्मिक) श्रमिक श्रेणी का ही हो तथा जो लोकसभा निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, उसे मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश की पात्रता होगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत जारी इस आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि मतदान के लिए सवैतनिक अवकाश मंजूर किये जाने के कारण श्रमिकों या कामगारों की मजदूरी से कोई कटौती या कमी नहीं की जायेगी। यदि कोई व्यक्ति ऐसे कार्यों में नियोजित है, जिसकी अनुपस्थिति से कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती हो, तो उस पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा। फिर भी ऐसे व्यक्तियों को भी मतदान हेतु बारी-बारी से सुविधा प्रदान की जाना चाहिए, किन्तु यह ध्यान रहे कि यह सुविधा इस प्रकार की हो कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। किसी नियोजक द्वारा यदि उक्त प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है, तो उस पर 500 रुपये तक जुर्माना तथा उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत भी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी। इसमें एक माह तक के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों से ही दण्डित किया जा सकता है।

बिना लाइन में लगे वोट डाल सकेंगे दिव्यांग मतदाता, मतदान कक्ष तक व्हीलचेयर से जाने की अनुमति भी होगी 

लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें इसके लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में विशेष व्यवस्थायें की जा रही हैं।  दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र में जहां रैम्प बनाये गये हैं, वहीं चिन्हित मतदान केन्द्रों पर व्हीलचेयर अथवा ट्राइसाइकिल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।  प्रत्येक मतदान केन्द्र पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए स्थानीय स्वयंसेवी युवाओं को दिव्यांग मित्र नियुक्त किया जायेगा।   जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उन्हें विशेष छूट देते हुए तीन पहिया वाहन सीधे मतदान कक्ष तक जाने की अनुमति दी जायेगी। दिव्यांग मतदाताओं को बिना कतार में लगे सीधे मतदान करने की अनुमति भी होगी। मतदान केन्द्रों पर तैनात किये जा रहे मतदान कर्मियों को भी मतदान में दिव्यांगों की सहायता के निर्देश दिये गये हैं।  ऐसे मतदाता जिनके पास दिव्यांग मतदाता वाली पर्ची होगी उसे मतदान कक्ष तक ले जाने के निर्देश मतदान कर्मियों को दिये गये हैं।   जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार ऐसे मतदान केन्द्रों पर जहां मूक-बधिर मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां सांकेतिक भाषा के विशेषज्ञों को नियुक्त किया जायेगा। जबकि ऐसे मतदान केन्द्र जहां नेत्रहीन मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीनों के बारे में मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई जायेगी।  इन मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रोललिपि में डमी बैलेट पेपर भी रखे जायेंगे। नेत्रहीन मतदाताओं को मतदान में सहायता के लिए सहायक रखने की अनुमति भी होगी।  इसके साथ ही ईव्हीएम मशीनों की बैलेट यूनिट में ब्रोललिपि में दर्ज उम्मीदवार क्रमांक की सहायता से भी नेत्रहीन मतदाता वोट डाल सकेंगे।  जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक ऐसे मतदान केन्द्रों जहां दिव्यांग मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक आने-जाने के लिए वाहन सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। दिव्यांग मतदाताओं के अलावा निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बुजुर्ग मतदाताओं और गर्भवती मतदाताओं के लिए भी विशेष व्यवस्थायें की गई हैं।  ऐसे मतदाता भी बिना लाइन में लगे सीधे मतदान कर सकेंगे। 

निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा रखने में सहायता के लिए अभ्यर्थी, कर सकेंगे अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट की नियुक्ति

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन पर होने वाले खर्च का दैनिक लेखा-जोखा रखने में अपनी सहायता हेतु एक अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट (निर्वाचन व्यय अभिकर्ता)की नियुक्ति की अनुमति दी है। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति को संसद या विधान मण्डल का सदस्य होने अथवा चुने जाने के अयोग्य घोषित किया गया है तो ऐसे व्यक्ति को अभ्यर्थी द्वारा अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने राज्य या केन्द्र के मंत्री, संसद सदस्य, विधायक, पार्षद, स्थानीय निकायों के मेयर, अध्यक्ष या सभापति को भी अतिरिक्त एजेंट के रूप में नियुक्त करने पर रोक लगाई है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी द्वारा नियुक्त अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट केवल असांविधिक कार्यों के निष्पादन के लिए ही होते हैं।  अतिरिक्त एजेंट, अभ्यर्थी की ओर से नियुक्त निर्वाचन एजेंट की तरह कर्त्तव्य निष्पादित करने के लिए प्राधिकृत नहीं होंगे। 

नाम निर्देशन-पत्र के साथ एक अतिरिक्त फोटो देना होगा

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन में अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ एक अतिरिक्त फोटो देना होगा। इस फोटो का उपयोग ईव्हीएम में उपयोग होने वाले मतपत्र में किया जायेगा। यदि नाम निर्देशन-पत्र के साथ अभ्यर्थी द्वारा अतिरिक्त फोटो नहीं दिया जाता है, तो नाम निर्देशन-पत्र में लगाये गये फोटो को स्कैन कर मतपत्र में मुद्रित किया जायेगा। 

उम्मीदवारों को आपराधिक प्रकरण की जानकारी समाचार पत्र एवं चैनलों में प्रसारित करानी होगी
सामान्य को 25 हजार एवं अनु.जा. एवं जनजाति के प्रत्याशी को 12500 की राशि जमा करनी होगी
 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने भारत निर्वाचन आयोग के जारी आदेशो का हवाला देते हुए बताया कि अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ दो अतिरिक्त फोटो देने होगें। इन फोटो का उपयोग ईव्हीएम में उपयोग होने वाले मतपत्र में किया जायेगा।  आयोग के दिशा निर्देशानुसार अभ्यर्थियों द्वारा जो छायाचित्र दिए जाए वह स्पष्ट हो। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आपराधिक प्रकरण की जानकारी तीन समाचार पत्रों एवं तीन समाचार चैनलों में अलग-अलग तिथियों में प्रसारित एवं प्रकाशित करानी होगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए है कि मतदान के दिन मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता पहचान पर्ची के साथ फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र लाना आवश्यक होगा। मतदाता पहचान पत्र न लाने की स्थिति में मतदाता को आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों में से एक दस्तावेज लाना होगा।

उम्मीदवारों को पृथक से बैंक खाता खुलवाना होगा
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन हेतु चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने से दो या तीन दिन पूर्व बैंक में पृथक से खाता खुलवाना होगा। इसी खाते से चुनाव के दौरान राशि खर्च की जाएगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार की राशि, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को 12 हजार 500 रूपए की राशि निक्षेप राशि के रूप में जमा करनी होगी।   अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री वृदावंन सिंह ने बताया कि उम्मीदवार तीन से अधिक वाहन का उपयोग नहीं कर सकेंगे। 100 मीटर के अंदर नाम निर्देश पत्र के दौरान उम्मीदवार सहित पांच से अधिक लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे।  ज्ञातव्य हो कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार संसदीय क्षेत्र 05 सागर के लिए नाम निर्देशन पत्र प्राप्ति हेतु आरो एवं कलेक्टर सागर को इसी प्रकार संसदीय क्षेत्र क्रमांक 18 विदिशा हेतु नाम निर्देशन पत्र प्राप्ति के लिए आरो एवं कलेक्टर रायसेन के समक्ष नियत तिथि एवं समय पर नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर सकेंगे।  

सी-विजिल एप्प से आम नागरिक भी कर सकते हैं आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन-2019 में जागरूक नागरिकों के लिए आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए  मोबाइल एंड्रायड एप्प का निर्माण किया गया है। जिसके तहत जागरूक नागरिक आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की सीधी रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से भेज सकते हैं। जिसके आधार पर कार्यवाही हेतु बनाई गई उड़नदस्ता टीमों के द्वारा उसकी समय सीमा में रिपोर्टिंग की जाकर संबंधित क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी द्वारा साक्ष्य आधारित समय सीमा में शिकायत  पर निर्णय लेने में इस एकीकृत आईटी एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। इसमें शिकायत रजिस्टर्ड होने पर एक शिकायत की यूनिक आईडी नागरिक शिकायतकर्ता हेतु जनरेट होगी, जिसके माध्यम से वह अपनी शिकायत की स्थिति का भी पता कर सकेगा।  इस एप्प के माध्यम से सिर्फ आदर्श आचरण संहिता से संबंधित शिकायत ही दर्ज की जा सकेंगी। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा वीडियो-फोटो के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाएगी। सुविधा, सुगम एवं समाधान एप्प के तहत विभिन्न प्रकार के आवेदन जो अभ्यर्थी  या  राजनैतिक दल द्वारा दिए जाएंगे उनका निराकरण समय सीमा में किया जाएगा।

प्रशिक्षण एक से चार अपै्रल तक

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि जिले की पांचो विधानसभाओं में नियुक्त पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारी क्रमांक-एक के लिए विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे है। उक्त प्रशिक्षण एक से चार अपै्रल के दरम्यिान विदिशा जिले की पांचो विधानसभाओं में एक साथ आयोजित किए गए है।  अपर कलेक्टर एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि विकासखण्ड स्तरों पर आयोजित होने वाले उक्त प्रशिक्षणों में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के नियुक्त किए गए पीठासीन अधिकारी के साथ-साथ मतदान दल अधिकारी क्रमांक एक प्रशिक्षण में शामिल होंगे। 
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