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पूर्णिया : विकास के मामले में उपेक्षित खरहिया पंचायत फुटपाथ पर चलती है ग्रामसभा व ग्राम कचहरी

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता)  : अमौर प्रखंड का खरहिया पंचायत विकास के मामले में सर्वाधिक उपेक्षित है। पंचायती राज व्यवस्था कायम होने के 18 साल से अधिक की अवधि गुजरने के बाद भी इस पंचायत में पंचायत भवन व पंचायत सरकार भवन नहीं बन पाया है और पंचायत की ग्राम आमसभा व ग्राम कचहरी की कार्रवाई फुटपाथ पर चलती है। इस संबंध में पंचायत के प्रबुद्ध नागरिक मो मुस्तफा, मोतीलाल विश्वास, अनिल कुमार विश्वास, सुभाष कुमार विश्वास, विद्यानंद विश्वास, राजेश कुमार, नितेश्वर विश्वास, लक्ष्मी मंडल, राजेंद्र मंडल, विनोद कुमार, किशोर कुमार ने बताया कि इस पंचायत के गांवों में विकास रोशनी अब तक नहीं पहुंच पाई है। विकास योजनाओं के नाम पर अधिकारियों एवं बिचौलियों के वारे न्यारे हो रहे हैं। जबकि यहां के गांव के लोग बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं। इस पंचायत की एक भी ग्रामीण सड़कें चलने लायक नहीं है और शिक्षा स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल है। बेरोजगारी की समस्या मुंह बाये खड़ी है और रोजगार की तलाश में यहां के नौजवान दर दर भटक रहे हैं। इस पंचायत में पूर्व में बनी ईंट की दिवाल और टीन छत की बनी पंचायत भवन को तोड़ कर उक्त स्थान पर वित्तीय वर्ष 2013-14 की अवधि में मनरेगा योजना के तहत दो कमरे का भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। जिसे अभिकर्ता ने आधे अधूरे निर्माण कर छोड़ दिया है और विभागीय सांठगांठ से योजना मद की आवंटित राशि बंदरबांट कर लिया है। जो प्रशासनिक जांच का विषय है।    

...अधर में लटका है पंचायत सरकार भवन निर्माण का प्रस्ताव : 
इस पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण का प्रस्ताव वर्षों से प्रखंड कार्यालय अमौर में लंबित है। पंचायती राज विभाग विहार सरकार पटना के निर्देशानुसार वित्तिय वर्ष 2013-14 की अवधि में इस पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए 1.14 एकड़ बिहार सरकार की जमीन चिन्हित की गई। जिसे आमसभा में सर्वसम्मति से पारित कर जमीन संबंधी सभी दस्तावेजों के साथ प्रस्ताव प्रखंड कार्यालय को दिया गया है। जिस पर आज तक स्वीकृति की मोहर नहीं लग पाई है और पंचायत सरकार भवन निर्माण का प्रस्ताव प्रखंड कार्यालय में धूल फांक रहा है। 

...पंचायत के मुख्य मार्ग जर्जर, पुलों के निर्माण में घोर शिथिलता : 
इस पंचायत से गुजरने वाला मुख्य मार्ग जो 2017 के प्रलयंकारी बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था और जर्जर अवस्था में है। जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। इस मुख्य मार्ग के जीर्णोद्धार की दिशा में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इस पंचायत से गुजरने वाले मुख्य मार्ग में दो बड़ी बड़ी आरसीसी पुल का निर्माण कार्य पुलकट्टा धार व डकैता धार में वित्तीय वर्ष 2013-14 की अवधि में प्रारंभ किया गया था। जिसे एक साल की अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना था लेकिन पांच साल की अवधि गुजरने के बाद भी संवेदक द्वारा इन पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। जिससे यहां लोगों में रोष व्याप्त है।

...पंचायती राज के तहत चलाए गए हैं ग्राम विकास कार्यक्रम : 
पंचायत राज व्यवस्था के तहत इस पंचायत में कुछ ग्राम विकास कार्यक्रम चलाए गए हैं। जिससे इस पंचायत के मौलिक दशाओं में कोई खास परिवर्तन नहीं हो पाया है। प्रबुद्ध नागरिकों ने योजनाओं के क्रियान्वयन में अभिकर्ता द्वारा बरती गई अनियमितताओं की जांच कर आवश्यक कार्रवाई किए जाने, लंबित योजनाओं को शीघ्र पूरा करने तथा पंचायत की अन्य समस्याओं का समाधान किए जाने की दिशा में ठोस पहल किए जाने का अनुरोध जिला प्रशासन से किया गया है। 

...दिए गए हैं जांच के आदेश : 
खरहिया पंचायत में वर्षों से लंबित मनरेगा भवन निर्माण योजना को संज्ञान में लिया गया है और पीआरएस को जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। : ज्योति कुमार सिंह, कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा, अमौर (पूर्णिया)।  

खरहिया पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए दिए गए प्रस्ताव व जमीन संबंधी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांचोपरांत जमीन उपयुक्त होने पर प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए पंचायती राज विभाग पटना को भेजी जाएगी। पंचायत की अन्य समस्याओं का भी शीघ्र समाधान किया जाएगा। : रघुनंदन आनंद, बीडीओ, अमौर, पूर्णिया।  

...एक साल के अंदर निर्माण कार्य पूरा होगा : 
खरहिया पंचायत में लंबित पुलकट्टा व डकैता धार में पुल का निर्माण कार्य ग्रामीण कार्य विभाग की देखरेख में पुन: प्रारंभ हो गया है और तीव्र गति से हो रहा है। संवेदक द्वारा कोर्ट में एक साल के अंदर इन दोनों पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने का एग्रीमेंट किया गया है। : गिरजानंद सिंह, कनीय अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल बायसी, पूर्णिया।

9000 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित किया

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बाफना केंद्र ने मानव सेवा के क्षेत्र में रचा नया इतिहास
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गुवाहाटी (आर्यावर्त संवाददाता) : 30 अप्रैल : पूर्वोत्तर भारत को विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के महान उद्देश्य से गुवाहाटी के अमीनगाँव में 28 मार्च 1991 को स्थापित तोलाराम बाफना कृृत्रिम पैर व कैलिपर केंद्र ने गत 29 अप्रैल को 8 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम पैर व कैलिपर प्रत्यारोपित करने के साथ ही 9000 विकलांगों को नि:शुल्क अत्याधुनिक कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर मानव सेवा के क्षेत्र में नया कीॢतमान स्थापित किया है। विशिष्ट समाजसेवी शुभकरण बाफना ने अपने दिवंगत पिता द्वारा मृत्यु शैय्या पर दिये 'कर भला तो हो भलाÓ के उपदेश को सार्थक करते हुए अपने पिता की पुण्य स्मृति में इस केंद्र की स्थापना की थी। यह केंद्र अब तक 9000 विकलांगों को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर जीवन भर के लिए विकलांगता के अभिशाप से मुक्त कर चुका है। गत 29 अप्रैल को बाफना केंद्र के मुख्य तकनीशियन पवित्र बोड़ो के नेतृत्व में तकनीशियनों के दल ने हाथीखुली (काजीरंगा) के अभिजित भूमिज, गोलाघाट के देवाशीष बोरा, केन्दुकोना के इद्रीस अली, कोकराझाड़ के नवीन राय, बासुगाँव के संजय शाह, बंगाईगांव के जमालुद्दीन, एवोदीपाड़ा (चिरांग) की खोतेजा बेगम तथा नगाँव के फजलुल हक को नि:शुल्क कृृत्रिम जयपुरी पैर प्रत्यारोपित कर 9000 विकलांगों को कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण का नया कीॢतमान स्थापित किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कारणों से जीवन भर के लिए पैर गंवाने वाले अभागे विकलांगों के लिए पूर्वोत्तर में कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण की सुविधा न होने की वजह से क्षेत्र के विकलांगों को जीवन भर मानसिक व शारीरिक कष्ट भोगने के साथ ही विकलांगता का अभिशाप झेलना पड़ता था। बाफना केंद्र की स्थापना के बाद पूर्वोत्तर के विकलांगों को घर के समीप ही नि:शुल्क कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण की सुविधा हासिल होने से उन्हें जीवन भर के लिए विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति मिल गई है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने के अवसर पर केंद्र के संचालक शुभकरण बाफना ने कहा कि पिता द्वारा मृत्यु शैय्या पर दिये अंतिम उपदेश ने उनके जीवन की धारा को ही बदल दिया तथा उन्होंने दूसरों का भला करने को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाते हुए इस केंद्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि 9000 विकलांगों को कृृत्रिम पैर प्रत्यारोपण का लक्ष्य हासिल करने पर उन्हें अपना जीवन सार्थक होने की खुशी महसूस हो रही है। बाफना केंद्र के प्रचार सचिव राजकुमार झांझरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में पूर्वोत्तर के सभी नागरिकों से उनके क्षेत्र में अगर कोई भी विकलांग हो तो उसे बाफना केंद्र में भिजवाने अथवा मोबाईल नंबर- 98641-03086 पर संपर्क करने का अनुरोध किया है, ताकि पूर्वोत्तर को पूर्णतया विकलांगता के अभिशाप से मुक्त करने का लक्ष्य जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।

पूर्णिया : एक किलोमीटर कच्ची सड़क जो अब तक पक्की सड़क में नहीं हो सकी तब्दील, ग्रामीणों में आक्रोश

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 - यह सड़क राजीगंज रानीपतरा गांव से प्राथमिक विद्यालय डलिया हुसैनाबाद बियारपुर पंचायत को जोड़ती है
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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता)  : जिले के पूर्णिया पूर्व प्रखंड के बियारपुर पंचायत स्थित डलिया हुसैनाबाद जाने के लिए एकमात्र कच्ची सड़क है। जिसकी लंबाई लगभग एक किलोमीटर है। जिसमें बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं। दरसल यह सड़क राजीगंज पंचायत से बियारपुर पंचायत को जोड़ती है। इसके किनारे प्राथमिक विद्यालय डलिया हुसैनाबाद भी है। उसी कच्ची सड़क पर चलकर बच्चे स्कूल तक पढ़ने जाते हैं। चूंकि कच्ची सड़क होने की वजह से धूल मिट्टी से बच्चों का शरीर पूरी तरह गंदगी से भर जाता है। चार चक्का वाहन चलाना जैसे मौत को आमंत्रण देना है। बरसात के दिनों में यह सड़क पूरी तरह से बंद हो जाती है। बच्चे एक से दो महीने तक स्कूल नहीं जा पाते हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सड़क में बड़े बड़े गड्ढे होने की वजह से बरसात के दिनों में हमलोगों को सात से आठ किलोमीटर का रास्ता अतिरिक्त तय करना पड़ता है। बासदेव ऋषि, कैलाश ऋषि, जगदीश चौधरी, लक्ष्मीकांत चौधरी, सत्यनारायण चौधरी, संजय चौधरी, पूरन दास, मेराज खान, जफर अली, नाहिद अख्तर कहते हैं कि इस सड़क के माध्यम से मंझेली, रानीपतरा, मटिया, कमलीबारी, धनगामा, उचितपुर, शेखपुरा जा सकते हैं फिर भी आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं है। अगर यह सड़क पक्की बन जाती है तो बेशक हमलोगों को कठिनाई का सामना करना नहीं पड़ेगा एवं समय भी बचेगा।

बिहार : 72 साल की आजादी में आधी आबादी वाली की स्थिति दयनीय

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सिमरी गांव में 3 पीढ़ी से रहते हैं महादलित, अबतक 1 आंगनबाड़ी सहायिका और 2 ममता ही बन सकी हैं महिलाएं
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बखरी (आर्यावर्त संवाददाता) ,30 अप्रैल। 17 वीं लोकसभा के गठन को लेकर पहलकदमी तेज है। बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में लेफ्ट पार्टी और दक्षिणपंथी विचारधाराओं के बीच में उफान चरम पर रहा। यहां पर चतुर्थ चरण का चुनाव 29 अप्रैल को समाप्त हो गया। इसके बाद चाय की दुकान पर जीत और हार की बाजीगरी शुरू हो गयी। इसी क्रम में महेन्द्र राम के ज्येष्ठ पुत्र रंजीत कुमार गाल बजाने से पीछे नहीं रहे। उनका कहना है कि कन्हैया कुमार ने देश और संविधान की रक्षा करने हेतु मैदान में खड़े हैं। वहीं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पक्ष में राजन क्लेमेंट साह कहते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देशभक्ति को जनजन तक पहुंचाने के लिए चुनावी दंगल में हैं। खैर, इन दोनों के बीच में वाक्युद्ध के बाद सामने आयी सिमरी गांव की दास्तान। महेन्द्र राम और द्रोपति देवी के पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ा रंजीत कुमार है। 24 अप्रैल से कन्हैया कुमार के पक्ष में हवा बहाने निकला। जेब खर्च से 15 सौ रू.लुटा दिए। बिहार अम्बेदकर विघार्थी मंच  के जिला उत्प्रेरक रंजीत कुमार कहते हैं कि बखरी प्रखंड के घाघड़ा पंचायत के सिमरी गांव में महादलित राम जाति के लोग रहते हैं। 3 पीढ़ी से 40 घरों में 200 लोग रहते हैं। आजादी के 72 सालों में 5 लड़के और 6 लड़कियां मैट्रिक उत्र्तीण हैं। अबतक यहां पर 1 आंगनबाड़ी सहायिका और 2 ममता ही आधी आबादी बन सकी हैं। आंगनबाड़ी सहायिका का नाम है उषा देवी।रूबि देवी और रतनी देवी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ममता पद तक पहुंच पायी हैं। कुछ दिन पहले रतनी देवी मर गयी। 

बिहार अम्बेदकर विघार्थी मंच के जिला उत्प्रेरक रंजीत कुमार ने कहा कि रोजगार की तलाश में अधिकांश महादलित पलायन कर जाते हैं। इसका कारण है कि महात्मा गांधी नरेगा का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से नहीं हो रहा है। खुलासा करते हैं कि घाघड़ा पंचायत के मुखिया सूर्यकांत पासवान के शह पर रोजगार सेवक मणिकांत पहलवान बन गया है। मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को काम करके रोजगार सेवक मणिकांत मजदूरी नहीं देते हैं। मजे की बात है कि घर में लाखपति मणिकांत लाखपति बन गए हैं। महादलितों का रोजगार कार्ड रोजगार सेवक हथिया लिए हैं। मनमौजी ढंग से मनरेगा कर्मियों के बैंक खाता में 3 से 4 हजार टपका देता है। इसके खिलाफ प्रशासन से शिकायत करने से कार्रवाई नहीं होती है। अंत में कहते हैं कि काॅलेज के अभाव में बेगूसराय के विघार्थियों को जिला बदर करके समस्तीपुर जिले में जाकर पढ़ना पड़ता है।  

पूर्णिया : बायसी के ताराबाड़ी पंचायत के बीचोंबीच बहती है नदी, 72 साल से है ग्रामीणों को पुल का इंतजार

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददता)  :बायसी प्रखंड के ताराबाड़ी पंचायत के लोग गांव के बीच से बह रही नदी पर पुल नहीं बनने से काफी परेशान हैं। उन्हें नदी के बीच से होकर आर पार करना पड़ता है। खासकर सर्दी के मौसम में ठंडे पानी के बीच से ही लोगों को गांव के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुंचने में नदी पार करके ही जाना पड़ता है। वहीं बारिश में तो स्थिति भयावह बनी रहती है। जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है उस वक्त नाव से भी आर पार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। बारिश के दिनों गांव दो हिस्सों में बंट जाता है। गांव वालों का कहना है कि पिछले 72 साल से लगातार वे लोग सरकार और सरकारी पदाधिकारियों से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गांव के बुजुर्ग 70 वर्षीय संदी लाल यादव का कहना है कि 1970 से लगातार वे गांव में नदी पर पुल बनाने के लिए हर मंत्री और अधिकारी तक पहुंचे हैं लेकिन झूठे आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। कई बार गांव वालों ने प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज तक सरकारी अमला ये जानने की कोशिश तक नहीं की कि आखिर यहां के लोग इतने परेशान क्यों हैं। ग्रामीणों के द्वारा बार बार कहे जाने के बाद पदाधिकारियों के द्वारा यह आश्वासन तो दिया गया कि सरकार को प्रस्ताव लिखकर भेजा गया है लेकिन अब तक कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर ही है। ग्रामीण अशोक यादव, फर्जून यादव, ऐजाज अंजुम, मो आफाक, जहांगीर, जियाउर रहमान, नेपाल ठाकुर, अजमल हुसैन समेत अन्य ने जिलाधिकारी से पुल निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 30 अप्रैल

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हड्डी एंव जोडरोगएंव मषीनों सेसुननेकीजांच 5मई को

विदिषा सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में रविवार  5 मई को सुबह10 बजे से हड्डी, जोड रोग से पीड.ीत मरीजों के उपचार के लिये एंव माई ईयर भोपाल के वाॅक श्रवण विषेषज्ञ दृारा सुनने की जांच की जायेगी। इस षिविर मे भोपाल के चिकित्सा विषेषज्ञ डाॅ विषाल बंसल दृारा किया जायेगा। सेवाभारती के सचिव राजीव भार्गव ने ऐसे बच्चे जो जन्म से ही गूग,ेंबहरे,सुनने और बोल ना पाते हों जिनकी आयु 5 साल से कम हो उनके आपरेषन निःषुल्क किये जायेगें एंव सभी उम्र के मरीज इस उपचार  षिविर का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन 5 मई रविवार को सुबह 09बजे से 11 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं। 

प्रधानमंत्री आवास आवंटन में भेदभाव नहीं होना चाहिए-भार्गव 

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विदिशाः वार्ड भ्रमण के कार्यक्रम के तहत विधायक शशांक भार्गव व अन्य कांग्रेस नेता प्रातः 6ः30 बजे से वार्ड 31, 32 के सुभाष नगर बस्ती में द्वार-द्वार पहुॅचकर रहवासियों से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को समझा। वार्ड के रहवासियों ने बताया कि गली नं. 6 में नाले के पानी निकासी की समस्या बताई व नियमित साफ-सफाई नही होने पर वार्ड की महिलाओं ने आक्रोश जाहिर किया।  वार्ड के कंछेदीलाल अहिरवार, ब्रजेश बाल्मिकी, शांतिबाई, उमराव सहित कई लोगो ने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने में नगर पालिका पर भेदभाव का आरोप लगाया। विधायक भार्गव ने रहवासियों को आश्वस्त किया कि किसी भी गरीब के साथ आवास आवंटन में भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।  इस दौरान वरिष्ठ इंका नेता रवि कपूर, सुरेन्द्र भदौरिया, अजय कटारे, सुरेशबाबू पाठक, जसवंत यादव, नरेन्द्र राजपूत, लालू लोधी, रामलाल अहिरवार, घनश्याम यादव, जितेन्द्र तिवारी, ओ.पी. सोनी, बंटी सक्सैना, बाबू पाल, मनोज कुशवाह, रामस्वरूप शर्मा, डालचंद साहू, माधौसिंह अहिरवार, राम कुशवाह, राजकुमार डीडोत सहित कई कार्यकर्ता व वार्ड नागरिक मौजूद रहें।  इसी क्रम में विधायक भार्गव कांग्रेस नेताओं के साथ आज प्रातः 6ः30 बजे से ऊषा इण्डस्ट्रीज बंटी नगर से प्रारंभ होकर बंटी नगर, उदय नगर कालोनी बस्ती में संपर्क करेंगे। 

पूर्णिया : एक सप्ताह के अंदर सभी विक्रेता संघ सर्वेक्षित वेंडरों की सूची निगम को करें समर्पित

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता)  : नगर निगम के सभागार में मेयर सविता देवी की अध्यक्षता व नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह की मौजूदगी में फुटपाथी विक्रेता संघ के सदस्यों के साथ बैठक की गई। जिसमें अपर नगर प्रबंधक, नगर मिशन प्रबंधक, पूर्णिया शहर स्तरीय फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, फुटपाथ विक्रेता संघ के अधिकारी एवं सदस्यगण भी शामिल हुए और अपनी समस्याएं मेयर व नगर आयुक्त के समक्ष रखी। बैठक में जदयू नेता सह समाजसेवी प्रताप सिंह भी विशेष रूप से मौजूद रहे। मेयर ने सभी वेडर्स को यह आश्वासन दिया कि पूर्व से प्रस्तावित वेंडिंग जोन को जल्द ही शहर में उनकी सुविधा के लिए डेवलप किया जाएगा। जिसके बाद उन्हें विस्थापित होने की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा और अतिक्रमण हटाओ अभियान का खामियाजा भी नहीं भुगतना पड़ेगा। इस दौरान संघ के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने वेंडर्स की विभिन्न समस्याओं से उन्हें अवगत कराया और जल्द निष्पादन की मांग की। वहीं नगर आयुक्त ने कहा कि शहर को व्यवस्थित और सुंदर बनाने में वेंडर्स का भी सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि वेंडर्स के कारण भी शहर में जाम लगने व गंदगी फैलने की समस्या बनी रहती है। इसलिए जरूरी है अनुशासित होकर अपनी दुकानें सड़क किनारे लगाएं। 

...इन मांगों पर हुई चर्चा : 
- टीवीसी की बैठक दो सालों से नहीं हो रही हैं। पूर्व टीवीसी की बैठक के द्वारा सभी वेंडिंग जाेन पारित किया जा चुका है 
- डीपीआर पत्र के माध्यम से विभाग द्वारा बार बार मांगा जा रहा है पर अब तक उपलब्ध नहीं किया गया है 
- सभी यूएलबी में पहचान पत्र वितरण किया जा रहा है पर पूर्णिया नगर निगम में नहीं हो रहा है
- अभी यह पहचान पत्र (नगर निगम) द्वारा प्रिंट कर वितरण कराया जाना है
- अमीन के द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही है जबकि पूर्व नगर आयुक्त द्वारा जमीन को पूर्व में पत्र के माध्यम से आदेश निर्गत है
- स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014  में साफ तौर पर निर्देर्शित है कि टीवीसी ही हटा सकती है और बसा सकती है यदि किसी और के द्वारा तोड़ा जाता है तो संविधान के खिलाफ है और उच्च न्यायालय के निर्देश की अवहेलना है 
- बैठक में नगर आयुक्त के द्वारा बैठक के दौरान वेंडरों को व्यवस्थित कराने के लिए सर्वप्रथम लाइन बाजार स्थित मार्केट कमेटी में पाइप के द्वारा घेराबंदी कर उसके अंदर (सर्वेक्षित) वेंडरों को व्यवस्थित करवाया जाएगा फिर उसके अंदर बचे हुए वेंडरों को व्यवस्थित किया जाएगा
- बैठक में यह भी कहा गया कि (एनएचएआई) को एनओसी के लिए पत्र भेजा गया है, वहां से स्वीकृति मिलने पर जल्द ही वेंडिंग जोन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा 
- तत्काल हर कमेटी से नगर आयुक्त के द्वारा (सर्वेक्षित) वेंडरों की सूची एक सप्ताह के अंदर मांगी गई है जिसमें वेंडरों को तत्काल व्यवस्थित कराया जाएगा, जिसमें आने वाले समय में जाम से मुक्ति संभव हो सकेगी। बैठक में फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, मीडिया प्रभारी दीपक हिन्दुस्तानी, रविशंकर चौधरी, गणेश साहनी, मनोज कुमार शर्मा, पंकज भटाचार्य, पप्पू कुमार, शानु रहमान, उमेश गुप्ता, नीलम देवी, सावित्री देवी, देवंती देवी, सुमित्रा देवी के अलावा दर्जनों वेंडर्स मौजूद थे।

बिहार : आधुनिकता के दौर में समाप्ति के कगार पर है कुआं

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- एक तरफ सरकार द्वारा जल संचयन के लिए और लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं वहीं कभी लोगों की प्यास बुझाने वाले कुएं के अस्तित्व पर वर्तमान में प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है
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निक्कू कुमार झा । चंपानगर :एक समय था जब कुआं लोगों की प्यास बुझाता था लेकिन वर्तमान में अब कुआं खुद प्यासा है। कुआं के अस्तित्व पर ग्रहण सा लग गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो कहीं कहीं कुआं नजर आता है। जब लोग कुओं पर आश्रित थे तब जलस्तर भी ठीक था। एक तरफ सरकार द्वारा जल संचयन के लिए और लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं वहीं कभी लोगों की प्यास बुझाने वाले कुएं के अस्तित्व पर वर्तमान में प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। प्राचीन काल से नदी के बाद कुआं मानव सभ्यता का आवश्यक अंग रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में शहर की कौन पूछे गांवों में भी कुआं की संख्या तेजी से कम हो रही है। नया कुआं खुद नहीं रहा बल्कि पुराना कुआं भी घर बनाने की महंगी हो रही जमीन के बीच दफन हो रहा है। कुआं हिंदू संस्कृति में शादी की रस्म और परंपरा से जुड़ा है। हर युवक और युवती की शादी में कुआं से एक हाथ के सहारे पानी खींचने की रस्म होती है। लेकिन कुआं के अभाव में इस रस्म पर संकट आ गया है। गांव में खोजने से भी शादी में कुआं नहीं मिलता है। गांव की कौन पूछे शहर में भी आमलोगों तक पानी पहुंचाने का सिस्टम ध्वस्त हो गया है। कभी लोगों की प्यास बुझाने के साथ कई धार्मिक संस्कारों की भी कुआं पूरा कराते थे। लेकिन आधुनिकता के इस दौर में अब इन कुओं को कोई पूछ नहीं रहा है। पहले कुआं कई तरीके से पानी की समस्या को दूर करता था। इसे विलुप्त होने से बचाने की जरूरत है।

...अब देखने को नहीं मिलता है कुआं : 
गांव से लेकर शहर तक कुआं देखने को नहीं मिलता है। पहले गर्मी के मौसम में गांव के लोग इकट्ठे होकर दिन भर कुंआ की सफाई करते थे। अब यह सब देखने को नहीं मिलता है। : पशुपतिनाथ सिंह, निवासी, प्राणपट्टी

...शादी विवाह में होती है परेशानी : 
अब शादी विवाह में भी कुआं में पानी भरने का प्रचल दिनों दिन खत्म होते जा रहा है। कुंआ हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। लोग जमीन की अधिक बर्बादी के कारण इसे समाप्त कर रहे हैं। : अंजुला देवी, निवासी, मसुरिया

...चापाकल ने कुआं की परंपरा तोड़ी : 
गांवों में चापाकल ने कुआं की परंपरा ही तोड़कर रख दी है। कुआं घरेलू उपयोग के साथ  सिंचाई के लिए मजबूत साधन होता था। अब कुआं खुदाई का काम दिखता ही नहीं है। : राजू कुमार, निवासी, चंपानगर

...सरकारी स्तर से भी नहीं हो रहा प्रयास : 
गांव में कुआं वर्षा जल संचय का भी साधन होता था। इससे लोग तरह तरह का काम कर लेते थे। लेकिन अब कहीं कुआं दिखता ही नहीं है। सरकारी स्तर से भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं होता है। : नीरस झा, निवासी, चंपानगर

...कुआं का नहीं है कोई विकल्प : 
समय के साथ सब बदल रहा है। कुआं की सुविधा दूसरा विकल्प नहीं दे सकता है। अब पानी के कई विकल्प आ गए हैं। इसके बावजूद भी हर गांव में गांव का अस्तित्व जिंदा रखना जरूरी है। जल संरक्षण की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण हो सकता है। : पंकज दास, निवासी, चंपानगर

आजम खां के प्रचार करने पर फिर से रोक

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल, चुनाव आयोग ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां पर उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने और सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के मामले में मंगलवार को 48 घंटे के लिए प्रचार करने पर नयी पाबंदी लगा दी। आयोग ने इस महीने आजम पर दूसरी बार इस तरह का प्रतिबंध लगाया है। यह पाबंदी बुधवार सुबह छह बजे से प्रभाव में आएगी। इससे पहले उन्हें भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के लिए 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया गया था। उन्हें पिछले कुछ दिन में उत्तर प्रदेश में अनेक जगहों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए कारण बताओ नोटिस दिये जा चुके हैं। चुनाव आयोग ने एक बार उनके बयान का उदाहरण देते हुए बताया कि सपा नेता ने कथित तौर पर कहा कि ‘फासीवादी उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं।’  एक अन्य मौके पर उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को मारा। उन्होंने ऐसे अनेक बयान दिये।

दिल्ली में आठ मई को महारैली करेंगे मोदी

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की निगाहें राष्ट्रीय राजधानी पर टिकी है, जहां प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी आठ मई को महारैली करेंगे। वहीं अमित शाह तथा राजनाथ सिंह बुधवार को अपने उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियां करेंगे। भाजपा ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ मई को एक महारैली करेंगे, वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को क्रमश: वसंत कुंज के डीडीए पार्क तथा शास्त्री पार्क में रैली करेंगे। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार मनोज तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ मई को दिल्ली में एक महारैली करेंगे।’’  शाह दक्षिण दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी और नयी दिल्ली से पार्टी की उम्मीदवार मीनाक्षी लेखी के समर्थन में चुनावी रैली करेंगी। पार्टी की आयोजन समिति ने बैठकों के लिए व्यवस्थाओं एवं सुरक्षा का निरीक्षण किया है। मोदी सरकार में भाजपा एवं केंद्रीय मंत्रियों का लगभग पूरा शीर्ष नेतृत्व दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेगा। भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां मतदान छठे चरण में 12 अप्रैल को होगा। वहीं मतगणना 23 मई को की जाएगी।

दिल्ली : देर से ऑफिस आने वालों की अब खैर नहीं!

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल, देर से ऑफिस आने वालों पर लगाम कसते हुए दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने अपने कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश (सीएल) काटने के अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है।  एक परिपत्र में विभाग ने कहा कि विशेष परिस्थतियों में देरी से आने या जल्दी जाने के लिए 10 मिनट की छूट दी गई है। बयान में कहा गया है, ‘‘एक महीने में दो बार देरी से आना/जल्दी जाना वैध आधार पर माफ किया जा सकता है, देरी से आने या जल्दी जाने पर आधे दिन की सीएल काट ली जाएगी और आदतन देरी से आने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।’’ 

उनके घर के सुरक्षा कर्मी भी बता सकते हैं कि चौकीदार कौन है : राहुल गाँधी

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दमोह (मध्यप्रदेश), 30 अप्रैल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कटाक्ष किया कि देश की जनता अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जाकर वहां तैनात सुरक्षा बलों के सामने ‘चौकीदार’ कहेगी, ‘‘तो वे (सुरक्षा कर्मी) भी कहेंगे ‘चोर है’। जिले के पथरिया में दमोह लोकसभा सीट के पार्टी प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘पांच साल से नरेन्द्र मोदी जी वादा करते जा रहे हैं। पहले नारा हुआ करता था ‘अच्छे दिन आएंगे’ लेकिन अब नया नारा है...‘चौकीदार’....चोर है’। उन्होंने कहा कि अब भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि कि राहुल गांधी‘ चौकीदार’ शब्द का प्रयोग कर रहा है। उन्हें ‘चौकीदार’ शब्द नहीं प्रयोग करना चाहिए। राहुल ने कहा, जब मैं ‘चौकीदार’ बोलता हूं तो जनता जवाब देती है ‘चोर है’। कांग्रेस अध्यक्ष कहा, ‘‘आप कोशिश कीजिए। रेसकोर्स रोड (अब लोक कल्याण मार्ग) के सामने आप दिल्ली में जाइये। बोलिये - ‘चौकीदार’ ..जवाब मिलेगा। शायद नरेन्द्र मोदी जी के घर के सामने जो सेक्युरिटी वाले खड़े हैं वे कहेंगे .. ‘चोर है’।’’  उन्होंने दावा किया कि पूरा देश इसका कारण जानता है। पिछले पांच साल में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 15 लोगों का पांच लाख 55 हजार करोड़ रूपये का कर्जा माफ किया। राहुल ने दावा किया, ‘’30,000 करोड़ रूपया नरेन्द्र मोदी ने अनिल अंबानी को राफेल घोटाले में दिया।’’  संप्रग सरकार के शासनकाल में दिये गये बुंदेलखंड पैकेज का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि हमारी सरकार ने बुंदेलखंड इलाके के विकास के लिए 3800 करोड़ रूपये का बुंदेलखंड पैकेज दिया था, लेकिन फिर भी इस इलाके का विकास नहीं हुआ। चुनावी सभा में राहुल के साथ मौजूद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि प्रदेश की पूर्व भाजपा शासन के दौरान दिये गये इस बुंदेलखंड पैकेज की जांच करवायी जाए। उससे पता लगेगा कि यह 3800 करोड़ रूपये किसके हाथों में गया? 

राहुल गांधी को अपनी नागरिकता स्पष्ट करनी चाहिए : पीयूष गोयल

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वाराणसी, 30 अप्रैल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को मांग की कि राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह ब्रिटेन के नागरिक हैं या भारतीय नागरिक। कांग्रेस अध्यक्ष की नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार द्वारा नोटिस जारी करने के बाद उन्होंने स्पष्टीकरण देने की मांग की। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जारी नोटिस में गांधी से कहा कि एक पखवाड़े के अंदर स्पष्ट करें कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उनकी नागरिकता को लेकर जो शिकायत की है उसमें उनका ‘‘तथ्यात्मक रूख’’ क्या है। सांसद के पत्र का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि बैकॉप्स लिमिटेड नाम की कंपनी 2003 में ब्रिटेन में पंजीकृत थी जिसके निदेशकों में गांधी भी थे। ब्रिटेन में पंजीकृत कंपनी से जुड़े दस्तावेजों में गांधी की नागरिकता ‘‘ब्रिटिश’’ घोषित की गई है। गोयल ने आरोप लगाया कि कंपनी में वह सचिव के साथ ही निदेशक भी थे। राफेल मुद्दे पर भी उन्होंने कांग्रेस प्रमुख पर प्रहार करते हुए दावा किया कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया था और प्रधानमंत्री पर निराधार आरोप लगाए थे।

डोभाल के पुत्र व बंगाल में भाजपा के 10 उम्मीदवारों को मिली वीआईपी सुरक्षा

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल को ‘‘जेड’’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि उन्हें संभावित खतरों को देखते हुए यह सुरक्षा प्रदान की गयी है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे 10 भाजपा उम्मीदवारों को भी केंद्र ने सीमित अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान की है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के बाद शौर्य डोभाल को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के ‘‘मोबाइल सुरक्षा कवर’’ के तहत लाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें उनके पिता और अन्य लोगों के विरोधियों से खतरा है। इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शौर्य डोभाल (43) को 'जेड'श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। इसके तहत उनकी सुरक्षा में सीआईएसएफ कमांडो तैनात होंगे। कमांडो एके -47 हथियारों से लैस होंगे। उनकी सुरक्षा में 15-16 कमांडो रहेंगे। शौर्य डोभाल थिंक-टैंक 'इंडिया फाउंडेशन'के प्रमुख हैं। अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा ‘‘जेड प्लस’’श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी गयी है। अजीत डोभाल को करीब चार साल पहले इस सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था। इसी प्रकार सरकार ने पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे भाजपा के कई उम्मीदवारों को भी ‘‘सीमित अवधि’’ के लिए वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है। यादवपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार अनुपम हाजरा और और बैरकपुर से चुनाव लड़ रहे अर्जुन सिंह को केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक कमांडो की 'वाई'सुरक्षा प्रदान की गयी है। इसी तरह, केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री और दुर्गापुर से उम्मीदवार एस एस अहलूवालिया, कूच बिहार से उम्मीदवार निशित प्रमाणिक, पूर्व आईपीएस अधिकारी और घटाल सीट से उम्मीदवार भारती घोष को वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गयी है। इसके तहत 5-6 सशस्त्र कमांडो सुरक्षा में तैनात होते हैं। भाजपा नेता सिद्धार्थ शेखर दास को भी सुरक्षा प्रदान की गयी है। उत्तरी 24 परगना सीट से भाजपा उम्मीदवार शांतनु ठाकुर को 'वाई'श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है, जबकि न्यूनतम 'एक्स'श्रेणी की सुरक्षा दुलाल चंद्र बार और खगेन मुर्मू को दी गयी है। पश्चिम बंगाल में सुरक्षा पाने वाले सभी राजनीतिक लोगों के साथ सशस्त्र कमांडो मतदान समाप्त होने तक होंगे और गृह मंत्रालय ने मई-जून तक उनकी सुरक्षा वापस लेने का निर्देश दिया है।

तेज बहादुर का नामांकन हो सकता है खारिज

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वाराणसी, 30 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने वाले बीएसएफ़ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन खारिज किया जा सकता है।  तेज बहादुर यादव वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव से चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाकर जमा करने का निर्देश दिया है । इस प्रमाणपत्र को जमा करने के लिए तेज बहादुर यादव को एक दिन का समय दिया गया है। यह प्रमाणपत्र उन्हें 1 मई को सुबह 11 बजे तक जमा करना है। प्रमाणपत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त किया जा सकता है।  इस विषय में तेज बहादुर यादव का कहना है कि नामांकन के वक्त उनसे इस तरह के किसी भी प्रमाणपत्र की मांग नहीं की गयी। यदि मेरे नामांकन फोरम में किसी भी तरह की कमी थी तो मुझे उसी वक्त बताना चाहिए था। मंगलवार तीन बजे जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मुझसे अनापत्ति प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कल 11 बजे तक का समय दिया गया। कल 11 बजे तक अनापत्ति प्रमाणपत्र लाना किसी भी कीमत पर संभव नहीं है। इससे यह बात साफ दिख रही है की प्रधानमंत्री मोदी जी का निर्वाचन कार्यालय पर दबाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि मैं यहाँ से उन के खिलाफ चुनाव लड़ूँ।  गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को पहले निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया था। जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव को मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है। यह प्रमाणपत्र उन्हें 1 मई को सुबह 11 बजे तक जमा करना है। प्रमाणपत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त किया जा सकता है। 

चौथे चरण के बाद विपक्ष की नींद उड़ चुकी है : मोदी

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बहराइच/बाराबंकी (उप्र), 30 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यह कहते हुए विपक्षी दलों पर प्रहार किया कि जो संसद में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं जीत सकते, वे प्रधानमंत्री बनने के लिए कपड़े सिलवा रहे हैं। उन्होंने यह कहते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर हमला किया कि इस गठबंधन के लिए 23 मई आखिरी तारीख है और उस दिन चुनाव परिणाम घोषित हो जाने के बाद उसके नेता एक दूसरे के कपड़े फाडेंगे। उन्होंने दावा किया कि उनके डर से देश में आतंकवाद की घटनाएं रुकी हैं, मगर इस खतरे को पूरी तरह खत्म करने के लिये केन्द्र में उनके नेतृत्व वाली मजबूत सरकार दोबारा बनानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो देश के किसानों की हालत बहुत अच्छी होती।

मोदी ने बहराइच और बाराबंकी में चुनावी रैलियों में कहा कि उनकी सरकार की प्रतिबद्धता की वजह से आतंकवाद एक दायरे तक सिमट गया है। उन्होंने कहा 'अब आपको मंदिरों, बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर बम धमाके की खबरें नहीं सुनायी देती हैं। ये मोदी के डर के कारण बंद हुआ है, लेकिन अभी वो सुधरे नहीं हैं, खतरा अभी टला है, खत्म होना बाकी है। आज भी हमारे आसपास आतंकी नर्सरी चल रही है।'उन्होंने कहा 'इस क्षेत्र को रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के जरिये पूरे देश से जोड़ा जा रहा है, लेकिन याद रखिये, जब आतंकवाद बढ़ता है तो उसका पहला शिकार आस्था के ऐसे ही केन्द्र होते हैं, इसलिये देश को ऐसी ही मजबूत सरकार की जरूरत होगी। कमल पर पड़ने वाला वोट राष्ट्र रक्षा के लिये होगा।'मोदी ने कहा कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो किसानों की हालत इतनी अच्छी होती, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता। सरदार पटेल किसानों के लिये सोचने वाले नेता थे, लेकिन कांग्रेस ने उनको देश का पहला प्रधानमंत्री नहीं बनाया। प्रधानमंत्री ने मतदान का प्रतिशत कम होने का ठीकरा सपा और बसपा के सिर फोड़ते हुए कहा कि पहले 'प्रधानमंत्री-प्रधानमंत्री'खेलने वाले लोग अब 'छिपम-छिपाई'खेलने लगे हैं। जनता ने चार चरणों के चुनाव में उनके सपनों को चूर-चूर कर दिया है। अब इन लोगों ने एक अफवाह फैलाना शुरू किया है। वे मतदाताओं से कहते हैं कि अरे अपने इलाके में मोदी, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की सभा की क्या जरूरत है। भाजपा तो चुनाव जीत ही गयी है। वे मतदाताओं के दिमाग में यह बात भर रहे हैं, ताकि मतदान कम हो। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि आज हालत ऐसी है कि इस बात का पता ही नहीं है कि उसे प्रतिपक्ष का नेता बनने का मौका मिलेगा भी या नहीं। वर्ष 2014 में तो मौका मिला नहीं था। इस बार तो जनता इतने गुस्से में है कि 2019 में भी उन्हें कुछ नसीब नहीं होगा।

उन्होंने कहा 'जो लोग 50-55 सीट लेकर विपक्ष का नेता बनने तक की स्थिति में नहीं हैं, वो प्रधानमंत्री बनने के लिये दर्जी के पास कपड़े सिला रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि किसी भी तरह खिचड़ी सरकार बन जाए। कमजोर सरकार बन जाए। तब तीन महीने कोई प्रधानमंत्री बनेगा और तीन महीने कोई और। आपको क्या ऐसी बात मंजूर है? ऐसे लोगों को क्या वाकई देश और उसकी जनता के भविष्य की चिंता है?'मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बेनामी सम्पत्ति के खिलाफ कानून बनाकर उसे लागू किया, जिसकी वजह से अब तक हजारों करोड़ रुपये की लगभग दो हजार बड़ी-बड़ी बेनामी सम्पत्तियां हमारी सरकार जब्त कर चुकी है। जिन लोगों की सम्पत्तियां जब्त हुई वे अब मोदी को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाख दबाव के बावजूद उन्होंने करीब साढ़े तीन लाख फर्जी कम्पनियों को एक झटके में ताला लगवा दिया। ये कम्पनियां काले धन की मशीन थीं, मोदी ने इस मशीन को ही बंद नहीं किया, बल्कि काले धन की टंकी की टोटी को ही सील कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और नये भारत के सपने तभी पूरे हो सकते हैं, जब सुरक्षा की गारंटी होगी, इसलिये आपको बहुत चौकन्ना रहने की भी जरूरत है। वोट बैंक से मजबूर ये 'महामिलावटी'लोग देश को 2014 से पहले की स्थिति में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि बुलंद हौसले वाली सरकार ही गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े और आदिवासियों के हित में बिना किसी भेदभाव के काम कर सकती है। सबका साथ, सबका विकास हमारा मंत्र है और सबको सुरक्षा तथा सबको सम्मान देना हमारा प्रण है। बीते पांच वर्ष हमने इसी के लिये काम किया है और आने वाले पांच वर्षों में भी हम इसी रास्ते पर चलने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के जरिये पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त कराने की सुविधा दी है। उज्ज्वला योजना ने सभी माताओं और बहनों को गम्भीर बीमारियों से बचाने का रास्ता निकाला है। साल 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर मिलेगा, यह भी मोदी का वादा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि याद करिये जब मोदी सरकार में नहीं आया था, तब देश की बड़ी आबादी के घर में ना तो शौचालय था, ना गैस कनेक्शन और ना ही बैंकों में खाता था। जब खाता नहीं था तो बैंक से कर्ज कैसे मिलता और गरीब अपना कामकाज कैसे शुरू कर पाता। हमने इस खाई को पाटने का काम किया है। उन्होंने महागठबंधन करके चुनाव लड़ रहे सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 'महामिलावटी'लोगों को सिर्फ अपने वोट बैंक की चिंता है। इसी राजनीति के लिये इन लोगों ने प्रदेश के साथ बहुत भेदभाव और अन्याय किया है। मोदी ने सपा-बसपा पर प्रहार करते हुए कहा कि इन पार्टियों की सरकारों के दौरान एनआरएचएम घोटाला, स्मारक घोटाला, चीनी मिल बिक्री घोटाला, बिजली घोटाला आदि हुए मगर कांग्रेस तो इन सभी की मास्टर है। भ्रष्टाचार ऐसा कि जमीन से लेकर हवा तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो कांगेस के पंजे के शिकंजे से बच पाया हो। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ देश के हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देने में जुटी है।

पूरे हिन्दुस्तान को मालूम है कि राहुल हैं हिन्दुस्तानी : प्रियंका गाँधी वाड्रा

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अमेठी (उप्र), 30 अप्रैल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर जारी नोटिस पर मंगलवार को कहा कि पूरे हिन्दुस्तान को मालूम है कि राहुल गांधी हिन्दुस्तानी हैं । प्रियंका ने इस बाबत सवाल किये जाने पर संवाददाताओं से कहा, 'पूरे हिन्दुस्तान को मालूम है कि राहुल गांधी हिन्दुस्तानी हैं ... उनके सामने पैदा हुए ... उनके सामने उनकी परवरिश हुई । यह क्या बकवास है।'उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में हार के डर से यह मुद्दा उठा रही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के मामले में मिली शिकायत के आधार पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें नोटिस जारी कर एक पखवाड़े के भीतर इस पर उनका ‘तथ्यात्मक रूख’ पूछा है।

उन्होंने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव ना लड़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा 'मैं वाराणसी से चुनाव लड़ने के फैसले से पलटी नहीं हूं। मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और उत्तर प्रदेश में संगठन के अपने साथियों से सलाह-मशविरा किया। उनका स्पष्ट मत था कि मुझ पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की 41 सीटों का जिम्मा है और मेरे सभी प्रत्याशी चाहते हैं कि मैं उनके क्षेत्र में जाऊं। मुझे लगा कि अगर मैं किसी एक सीट से चुनाव लड़ी तो उन्हें थोड़ी निराशा होगी।'इस सवाल पर कि क्या इससे कोई गलत संदेश गया, प्रियंका ने कहा, ‘‘ मैंने वहीं किया जो पार्टी ने कहा। मैं उसके निर्देश को मानती हूं।’’ इस प्रश्न पर कि क्या राहुल गांधी खुद को अमेठी में अपनी जीत का पक्का यकीन ना होने के कारण वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं, कांग्रेस महासचिव ने कहा 'वह जरा भी असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। वह वायनाड सीट से भी सिर्फ इसलिये चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि वहां के कार्यकर्ताओं ने इसकी मांग की थी। अमेठी में कांग्रेस के संगठन ने भी इसका समर्थन किया था।'उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जनता से किये गये वादे पूरा ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हर राजनेता के दिल में यह डर होना चाहिये कि अगर वह कोई वादा करता है और उसे पूरा नहीं करता तो जनता उसे सबक सिखाएगी।

प्रियंका ने कहा, ‘‘ मैं भदोही के एक गांव में गयी, वहां के लोगों ने मुझसे माइक पर वादा करने को कहा कि मैं वहां पुल बनवाऊंगी। तब मुझे डर लगा क्योंकि मैं नहीं जानती कि सरकार के पास वह पुल बनवाने के लिये संसाधन हैं या नहीं। मैं नहीं जानती कि इतनी बड़ी नदी पर पुल बनना सम्भव है या नहीं। मैंने सोचा कि मैं यह वादा कैसा कर सकती हूं। मेरे दिल में यह जो डर है वह हर राजनेता के दिल में होना चाहिये।’’ अमेठी के दौरे पर आयीं प्रियंका ने एक नुक्कड सभा में 'किसान सम्मान योजना'को किसान सम्मान योजना नहीं बल्कि 'किसान अपमान योजना'बताया। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'जहां देखो, जनता का आदर नहीं, अपमान हो रहा है । :स्मृति ईरानी: दुनिया भर की मीडिया बुलाकर जूते बंटवाती हैं । ये दिखाने के लिए कि अमेठी की जनता की ये हालत है कि इनके पास जूते ही नहीं हैं ।'प्रियंका ने कहा कि अमेठी की जनता ने कभी भीख नहीं मांगी है। अगर भीख मांगनी है तो नेता वोटों की भीख मांगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा शुरू की गयी परियोजनाओं को बंद कर दिया ।

उन्होंने कहा, 'एनआईएफटी, आईआईआईटी, फूड पार्क, रेल कोच फैक्टरी, सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर ... उसने सारा बंद करा दिया ।'प्रियंका ने कहा कि अगर नीयत ठीक थी, अमेठी की जनता की भलाई चाहते तो केन्द्र में सरकार थी और प्रदेश में भी सरकार थी लेकिन इनकी नीयत ठीक नहीं थी । राहुल के प्रोजेक्ट को बंद किया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह केवल सत्ता की मोह माया में घिरी हुई है । वह केवल यही चाहती है कि वो आगे बढे और उसके उद्योगपति मित्र आगे बढें। प्रियंका ने कहा, 'कुछ बडे उद्योगपति हैं ... जितनी भी बीमा राशि आपसे ली जाती है ... उनका 10 हजार करोड रूपये का फायदा हुआ है किसानों के बीमा से ... खेत में या आप पर कोई आपत्ति आती है तो बीमा नहीं मिलता है ।'उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में जो नेता होता है, वह जनता की समस्या समझता है । मेरे पिता जी के समय से आपने यही देखा है कि वह सब समझते थे क्या चाहिए ... दूसरी राजनीति इससे अलग है जो समझ से बाहर है । बडे़ बडे़ भाषण देते हैं । हवाई जहाज में कभी अमेरिका कभी जापान चले जाते हैं ।'

वैचारिक दिवालियेपन से जूझ रहा है विश्व कम्युनिस्ट आंदोलन : प्रचंड

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काठमांडू 30 अप्रैल, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने मंगलवार को कहा कि दुनिया का कम्युनिस्ट आंदोलन ‘वैचारिक दिवालियेपन’ से जूझ रहा है। प्रचंड ने एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की पूर्व संध्या के मौके पर काठमांडू में यह टिप्पणी की। इस कार्यक्रम में, उन्होंने विज्ञान एवं पर्यावरण के पूर्व मंत्री और ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता गणेश शाह को सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं को ‘‘ समाजवाद का पक्ष लेने और साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ खड़े’’ होने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘ विश्व कम्युनिस्ट आंदोलन वैचारिक दिवालियेपन से ग्रस्त है।’’  वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के उप महासचिव एच महादेवन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय न केवल राजनीतिक फासीवाद का सामना कर रहा है बल्कि आर्थिक फ़ासीवाद से भी पीड़ित है क्योंकि मुट्ठी भर पूंजीपति विश्व की 90 प्रतिशत संपत्ति पर नियंत्रण कर रहे हैं।

न्यायालय ने आम्रपाली समूह से मांगा धोनी के साथ लेनदेन

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नयी दिल्ली , 30 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने कानूनी और वित्तीय संकटों में फंसे आम्रपाली समूह को धोनी के साथ लेनदेन और समझौतों का ब्योरा बुधवार तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी 2009 से 2015 के बीच अचल सम्पत्ति का कारोबार करने वाली इस कंपनी के ब्रांड एबेंसडर रहे। शीर्ष न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह चाहता है कि उसके सामने पूरी तस्वीर रखी जाए। उसमें धोनी के साथ हुए हर लेनदेन और समझौते की व्याख्या भी हो।  न्यायालय ने कहा कि हो सकता है कि आम्रपाली ने धोनी को "धोखा दिया हो’’ और यही कारण है कि कुछ मीडिया हाउस ने इस बारे में खबरें भी दीं हैं।  न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कंपनी को पूरी जानकारी बुधवार तक जमा करने को कहा है। पीठ ने कहा , "हम चाहते हैं कि बुधवार तक पूरी तस्वीर हमारे सामने पेश की जाए। आपके और धोनी के बीच कितने पैसों का लेनदेन हुआ और उनके साथ आपके क्या समझौते थे। विज्ञापनों के लिए आपने उन्हें (धोनी) कितने पैसों का भुगतान किया। हम पूरी जानकारी चाहते हैं। हो सकता है कि आप ने उन्हें धोखा दिया हो इसी वजह से मीडिया हाउसों ने उसके मामले को रिपोर्ट किया है। " 

शुरू में न्यायालय ने दो फॉरेंसिक ऑडिटर पवन अग्रवाल और रवि भाटिया को नियुक्त किये थे। दोनों ने पीठ को बताया कि उन्होंने आम्रपाली संमूह और एम / एस ऋति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बीच 24 लेनदेन की पहचान की है। इस स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी के पास धोनी के विज्ञापन क्षेत्र के कारोबार का प्रबंध करती है।  अग्रवाल ने पीठ को बताया कि एक लेनदेन में धोनी ने आम्रपाली समूह को करीब 25 करोड़ रुपये दिए थे और आम्रपाली समूह की विभिन्न कंपनियों के साथ भी कई लेनदेन किए गए।  घर खरीदारों की तरफ से पेश वकील एम एल लाहोटी ने कहा कि धोनी की पत्नी साक्षी आम्रपाली समूह की पूर्व निदेशक रह चुकी हैं। पीठ ने आम्रपाली के वकीलों गीता लूथरा और गौरव भाटिया को मांगी गयी जानकारी बुधवार तक प्रस्तुत करने को कहा है।  

धोनी ने पहले हलफनामा दे रखा है कि उन्होंने आम्रपाली होम्स प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज दे रखा है और जून 2014 में एक संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए उसके साथ समझौता किया था। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत झारखंड के रांची और उसके आस - पास के इलाकों में आवासीय परियोजनाएं विकसित करना था। धोनी ने कहा था कि संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए आम्रपाली समूह के चेयरमैन अनिल कुमार शर्मा और उनके बीच एमओयू हुआ था और इस उद्यम के लिए उन्होंने शुरुआती पूंजी के तौर पर 25 करोड़ रुपये का योगदान किया था। 

पूर्णिया : अचानक तेज धमाका के साथ विद्यालय के बरामदे का एक हिस्सा टूटकर जमीन पर गिरा

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पूर्णिया (आर्यावर्त संवाददाता) :जिले के डगरुआ प्रखंड क्षेत्र के बेलगच्छी पंचायत अंतर्गत रईसा प्राथमिक विद्यालय गंडवास हरिजन टोला में विद्यालय के बरामदे की छत वाली दीवार बीम सहित अचानक धराशायी हो गई। संयोग से उस वक्त भवन का छज्जा बीम सहित धराशायी हुआ जब विद्यालय बंद था। अन्यथा कई मासूमों की जाने जा सकती थी। अब भी भवन की छत कई जगहों पर क्रैक है। इससे बच्चे तो खौफजदा हैं ही उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। बच्चों को विद्यालय भेजने से अब वे डरने लगे हैं। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि पूर्व से विद्यालय का भवन जर्जर हालत में है। जिस पर कई बार प्रधानाध्यापक को भवन को दुरुस्त करवाने का आग्रह भी किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस कारण बड़ा हादसा होते होते टल गया। यह तो गनीमत रही कि उस वक्त विद्यालय में कोई बच्चे नहीं थे जबकि इस विद्यालय में करीब एक सौ बच्चे नामांकित हैं। ग्रामीणों का कहना है प्रधानाध्यापक विगत लगभग 13 वर्षों से इस विद्यालय में पदस्थापित हैं।  विद्यालय की जर्जर स्थिति जानते हुए भी घोर लापरवाही कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा कुछ भी सलाह दिए जाने पर भी वे कोई तवज्जो नहीं देते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उक्त विद्यालय के भवन निर्माण कार्य को इन्होंने ही करवाया था। जिसमें बरती गई अनियमितता के चलते आज भवन की यह स्थिति है। भवन निर्माण के बाद आज तक इसकी स्थिति को झांकने तक कोई नहीं आया। भवन निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की मांंग ग्रामीणों ने की है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार ने कहा कि हमने विद्यालय भवन का निर्माण नहीं किया। भवन भूकंप में जर्जर हो गया था। इस पर हमने अपने स्तर से विभाग को लिखित रूप से शिकायत भी की थी जिसपर कोई अमल नहीं हुआ। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विनायक त्रिपाठी ने कहा कि इस संबंध में हमें जानकारी नहीं है और न ही किसी प्रकार का कोई आवेदन हमें प्राप्त हुआ है।
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