Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74327 articles
Browse latest View live

तृणमूल कांग्रेस का एक और विधायक भाजपा में शामिल

$
0
0
one-more-tmc-mla-join-bjp
नयी दिल्ली, 29 मई, तृणमूल कांग्रेस के एक और विधायक मोनिरूल इस्लाम बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये जिससे पार्टी को एक और झटका लगा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायकों एवं नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी तृणमूल के दो विधायक और 50 से अधिक पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे। तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम विधायक के भगवा पार्टी में शामिल होने को भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ को समर्थन के रूप में देख रही है। मोदी ने लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन के सांसदों को संबोधित करते हुए यह नारा दिया था। इस्लाम के अलावा पूर्व विधायक गदाधर हाजरा समेत तृणमूल कांग्रेस के कुछ अन्य नेता भी भाजपा नेताओं मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भगवा पार्टी में शामिल हुए। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता मुकुल रॉय ने इस घटनाक्रम को ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ करार दिया और कहा कि यह अल्पसंख्यकों के विश्वास को जीतने के लिए पार्टी से किये गये मोदी के आह्वान को दर्शाता है। इस्लाम द्वारा दिये गये कुछ विवादित बयानों जिसमें उन्होंने कथित रूप से हिंसा का समर्थन किया था, के बारे में पूछे जाने पर विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा हिंसा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं करती है और एक नेता के पार्टी में शामिल होने के बाद इस तरह के विचारों के लिए कोई जगह नहीं है। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से इंकार किया है, विजयवर्गीय ने कहा कि वह नहीं आने का बहाना ढूंढ रही थीं और वह उनको मिल गया है। 

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 मई को नरेन्द्र मोदी एवं उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की रजामंदी देने के बाद बुधवार को समारोह में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है ।  ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ मेरी योजना थी कि समारोह में जाऊंगी लेकिन मैं मीडिया रिपोर्ट देख रही हूं जिसमें भाजपा दावा कर रही है कि बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा में 54 लोग मारे गए । यह झूठ है । बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। ये हत्याएं आपसी रंजिश, पारिवारिक झगड़े एवं अन्य विवाद के कारण हुई है। ये राजनीति से जुड़े मामले नहीं है। हमारे पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है। इसलिये मुझे खेद है नरेन्द्र मोदी जी कि मैं समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।’’  भाजपा नेताओं ने दावा किया कि आने वाले दिनों में तृणमूल कांग्रेस के और विधायक पार्टी में शामिल होंगे। इस्लाम ने पत्रकारों से कहा कि अल्पसंख्यक अब मोदी के विकास एजेंडे के कारण उनका ‘‘समर्थन’’ कर रहे हैं। मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशू राय समेत तीन विधायक और माकपा के देवेन्द्र नाथ रॉय मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गये थे। इस बीच कोलकाता में भाजपा सूत्रों ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के छह और विधायकों - दक्षिण बंगाल से चार और उत्तर बंगाल से दो- के पार्टी के कुछ पूर्व सांसदों समेत अगले कुछ दिनों में पार्टी में शामिल होने की संभावना है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘तृणमूल के छह विधायकों के जल्द ही भाजपा में शामिल होने की संभावना है। विभिन्न नगरपालिकाओं के और पार्षद भी इस कतार में है। बस इंतजार करें और देखें।’’  भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीती जबकि तृणमूल कांग्रेस की सीटों की संख्या घटकर 22 पर आ गई। तृणमूल कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘तृणमूल का एक निलंबित विधायक कल भाजपा में शामिल हुआ। अन्य कांग्रेस और माकपा से थे। पार्षदों की संख्या छह थी। उन्हें ऐसा करने के लिए बंदूक की नोक पर मजबूर किया गया था।’’  तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा पर खरीद फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया था। हालांकि भाजपा ने इस आरोप को खारिज किया था। भाजपा के इससे पहले 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में केवल तीन विधायक थे।

अमरनाथ यात्रा के लिये सुरक्षा के कड़े इंतजाम, यात्रियों को दी जाएगी बारकोड पर्चियां

$
0
0
high-security-for-amarnath
नयी दिल्ली, 29 मई, जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिये सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिये गए हैं। अधिकारी तीर्थयात्रियों को 'बारकोड'पर्चियां जारी करने पर विचार कर रहे हैं ताकि अमरनाथ गुफा से आने-जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या पर नज़र रखी जा सके। तीर्थयात्रा की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तीर्थयात्रियों और इससे जुड़े अन्य नागरिकों को लाने ले जाने वाले वाहनों पर उन्नत विद्युत चुम्बकीय चिप या आरएफआईडी (रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन) टैग लगाएगा। केन्द्र ने एक जुलाई से शुरू हो रही 46 दिवसीय यात्रा की सुरक्षा में केन्द्रीय बलों और राज्य पुलिस बल के 40,000 से ज्यादा जवानों को तैनात करने का फैसला लिया है। यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी, जिसमें अनंतनाग का पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले का सबसे छोटा बालताल मार्ग शामिल है।  अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त को संपन्न होगी। इसी दिन देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।  सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने  बताया, "हम इस बार एक पायलट प्रोजेक्ट लेकर आएंगे और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को बारकोडयुक्त यात्रा पर्चियां दी जाएंगी। इससे हमें अमरनाथ गुफा से आने-जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या पर नज़र रखने और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।"

मोदी और शाह को तथ्यों के आधार पर क्लीन चिट दी गयी : सीईसी

$
0
0
clean-chit-to-modi-shah-on-evidence-cec
नयी दिल्ली, 29 मई , मुख्य चुनाव आयुक्त : सीईसी: सुनील अरोड़ा ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पक्षपात करते हुए ‘‘क्लीन चिट’’ दिए जाने के आरोपों को खारिज किया और कहा कि इस बारे में फैसला गुण-दोष और तथ्यों के आधार पर लिया गया।  दरअसल, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी और शाह के भाषणों से जुड़ी शिकायतों पर उन्हें दी गई चुनाव आयोग की सिलसिलेवार ‘‘क्लीन चिट’’ पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति जताई थी। वहीं, विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर पक्षपात के साथ फैसला करने का आरोप लगाया था। सीईसी अरोड़ा ने आयोग के आचार संहिता आदेशों में कोई असहमति दर्ज कराने की चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग से जुड़े विवाद पर कहा कि किसी भी चीज पर बोलने और उस पर चुप रहने का एक समय होता है। उन्होंने संकेत दिया कि इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव के बाद उठाया जा सकता था। अरोड़ा ने चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दी गई ‘क्लीन चिट’ का भी बचाव करते हुए कहा कि फैसले गुण-दोष और तथ्यों के आधार पर लिए जाते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं किसी की भी नैतिकता पर कैसे फैसला दे सकता हूं । लवासा तो वैसे भी वरिष्ठ सहयोगी हैं। अरोड़ा ने कहा, ‘‘भले ही उनका कुछ शक शुबहा या भावनाएं रही हों, आखिरकार हममें से कोई भी खुद को झूठ नहीं बोल सकता।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के सभी सदस्य हू-बहू एक दूसरे जैसे नहीं हो सकते।  यह पूछे जाने पर कि क्या लवासा की असहमति से जुड़े विवाद को चुनाव के दौरान टाला जा सकता था, अरोड़ा ने कहा, ‘‘मैंने विवाद शुरू नहीं किया...मैंने कहा था कि चुप रहना हमेशा मुश्किल होता है लेकिन गलत समय पर विवाद पैदा करने की बजाय चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखना कहीं अधिक जरूरी था। मैंने यही कहा था और मैं इस पर कायम हूं। ’’  उन्होंने कहा कि वह यह भी कहते आ रहे हैं कि चुनाव आयोग के तीनों सदस्य एक दूसरे की तरह हू्-बहू नहीं हो सकते।  उन्होंने कहा कि चाहे यह मौजूदा चुनाव आयोग हो या पहले का, लोग एक दूसरे की ‘फोटो कॉपी’ नहीं हैं। 

आयोग को अपने कानूनी सलाहकार एस. के. मेंदीरत्ता से मिली कानूनी राय का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें अर्द्ध न्यायिक मामलों की श्रेणी में नहीं आती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश का कानून है। पार्टियों के चुनाव चिह्न से जुड़े मामले और राष्ट्रपति एवं राज्यपाल से मिले संदर्भ अर्द्ध न्यायिक होते हैं, जहां दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व वकीलों द्वारा किया जाता है।’’  अरोड़ा ने कहा कि तीनों लोगों - सीईसी और दो चुनाव आयुक्तों- की राय हमेशा ही फाइलों में दर्ज की जाती है।  उन्होंने कहा, ‘‘जब हम फैसले को औपचारिक तौर पर बताते हैं, चाहे यह 2:1 से बहुमत का फैसला हो या सर्वसम्मति से, हम उस (आदेश) पर नहीं लिखते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) भी बहु सदस्यीय संस्था है। जब वह (यूपीएससी) किसी उम्मीदवार को पास या फेल करती है, तो वह सिर्फ नतीजे के बारे में सूचना देती है लेकिन इसका उल्लेख कभी नहीं करती कि किस सदस्य ने क्या लिखा है।’’  प्रधानमंत्री और शाह से जुड़े मामलों में पूर्वाग्रह के साथ उनके पक्ष में फैसले देने के विपक्षी दलों सहित कुछ हलकों के आरोपों पर अरोड़ा ने कहा, ‘‘यदि क्लीन चिट दी गई, तो यह गुण दोष और तथ्यों के आधार पर दी गई। मुझे इस पर और कुछ नहीं कहना। ’’  चुनाव आयोग के आदेशेां में अपनी असहमति दर्ज कराने की लवासा की मांग नहीं माने जाने पर उन्होंने (लवासा ने) चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था।  समझा जाता है कि लवासा ने चार मई को अरोड़ा को लिखे कड़े शब्दों वाले एक पत्र में कहा था कि उन्हें पूर्ण आयोग की बैठकों से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि अल्पमत के फैसले को दर्ज नहीं किया जा रहा है।  मोदी और शाह से जुड़ी चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के निपटारे में चुनाव के धीमी गति से काम करने के विपक्ष के आरोपों और इस विषय में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बारे में अरोड़ा ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की थीं।  उन्होंने कहा कि लेकिन जब आयोग ने शिकायतों पर फैसला लेना शुरू कर दिया तब शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर और जोर नहीं दिया। 

मोदी ने शाह से मुलाकात की, सरकार गठन को दिया गया अंतिम रूप

$
0
0
modi-shah-meet-to-decide-cabinet
नयी दिल्ली, 29 मई , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से एक दिन पहले बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ लंबी बैठक की और अपनी सरकार के गठन को अंतिम रूप दिया। माना जा रहा है कि सरकार में अधिकतर सहयोगी दल शामिल होंगे और देश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी को मिली जीत की झलक भी इसमें होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य आधार पर मंत्री नहीं बनने के फैसले के बाद अटकलें लगायी जा रही हैं कि जेटली के स्थान पर किन्हें यह महत्वपूर्ण विभाग मिलेगा। इस पद के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को प्रमुख दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसी चर्चा भी है कि शाह जो गांधीनगर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं, सरकार में शामिल हो सकते हैं। अगर वह मोदी कैबिनेट में शामिल होते हैं, तो उन्हें चार प्रमुख विभागों वित्त, गृह, रक्षा या विदेश में से कोई एक मिल सकता है।

भाजपा ने सरकार के संभावित सदस्यों के बारे में कोई भी आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है और पार्टी नेताओं ने जोर दिया कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान जैसे वरिष्ठ नेताओं के दूसरी मोदी सरकार में शामिल होने की संभावना है।  सिंह ने भी बुधवार को मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के कुछ अधिकारियों ने भी बुधवार को शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने शाह के साथ मंगलवार को भी लंबी बैठक की थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य आधार पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन पार्टी के भीतर एक राय है कि वह भी नए मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगी। संभावना है कि करीब 60 मंत्री शपथ ले सकते हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना ​​है कि संगठन के कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है। अगर शाह सरकार में शामिल होते हैं, तो जे पी नड्डा और भूपेंद्र यादव को पार्टी अध्यक्ष के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा के सहयोगी दलों जैसे शिवसेना, जनता दल (यू), अन्नाद्रमुक, लोजपा, अकाली दल और अपना दल का भी सरकार में प्रतिनिधित्व होना तय है। शिवसेना और जद (यू) जैसी पार्टियों को दो स्थान मिल सकते हैं क्योंकि वे भाजपा के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सबसे बड़े घटक हैं। अन्य दलों को एक-एक पद मिल सकता है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि मोदी कुछ चेहरों के साथ लोगों को चौंका भी सकते हैं। मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में आर के सिंह और हरदीप पुरी जैसे कई पूर्व नौकरशाहों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी, मनोज सिन्हा जैसे नेताओं को भी शामिल कर सकते हैं, जो लोकसभा चुनाव हार गए । हालांकि पिछली सरकार में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा। 

आम नागरिकों की सुरक्षा राष्ट्र सरकारों की सबसे अहम जिम्मेदारी : भारत

$
0
0
citizen-safety-important-india-in-un
संयुक्त राष्ट्र, 29 मई, भारत ने कहा है कि संघर्षों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्रीय सरकारों की सबसे पहली जिम्मेदारी है न कि शांतिरक्षकों की। भारत ने चिंता जताई है कि सुरक्षा की राष्ट्रीय एवं सामाजिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बहुत कम काम किया गया है।  संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि के.नागराज नायडू ने कहा कि गलत तरीके से यह मान लेना आम प्रवृत्ति है कि आम लोगों की सुरक्षा संघर्ष में शामिल पक्षों, शांतिरक्षकों और मानवीय सहायता देने वाले संगठनों की जिम्मेदारी है। हालांकि यह जिम्मेदारी सबसे पहले राष्ट्रीय सरकारों की है।  उन्होंने ‘सशस्त्र संघर्षों में आम नागरिकों की सुरक्षा’ विषय पर सुरक्षा परिषद में खुली चर्चा में ये बातें कहीं।  विश्व निकाय में भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि ने कहा कि संरक्षण की राष्ट्रीय एवं सामाजिक क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिहाज से बहुत कम काम किया गया है।  नायडू ने कहा, “बाहरी एजेंसियां राष्ट्रीय सरकारों की जिम्मेदारी की पूरक हो सकती हैं लेकिन उनकी जगह नहीं ले सकती।”  साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों के संदर्भ में आम लोगों की सुरक्षा एक जटिल मुद्दा है। इसके मुख्य कारण सशस्त्र संघर्षों की अलग-अलग प्रकृति, संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण के लंबे समय से माने जा रहे सिद्धांतों के संभावित विरोधाभास, जनादेशों की सीमाओं और शांतिरक्षण मिशनों के लिए संसाधनों की अपर्याप्त उपलब्धता हैं।

विश्व कप से पहले लार्ड्स पर कोहली के मोम के पुतले का अनावरण

$
0
0
kohli-wax-statue-lords
लंदन, 29 मई, मोम के पुतले तैयार करने के लिये मशहूर मैडम तुसाद ने आईसीसी विश्व कप से पहले भारतीय कप्तान कप्तान विराट कोहली के मोम के पुतले का यहां लार्ड्स में अनावरण किया।  विश्व के चोटी के बल्लेबाज का मोम का पुतला गुरुवार से लेकर 15 जुलाई तक मैडम तुसाद में प्रदर्शित किया जाएगा।  मैडम तुसाद लंदन के महाप्रबंधक स्टीव डेविस ने कहा, ‘‘अगले कुछ सप्ताह तक देश भर में क्रिकेट का बुखार हावी रहेगा इसलिए हमारे पड़ोसी लार्ड्स की मदद से विराट कोहली के पुतले का अनावरण करने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता था। ’’  उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि क्रिकेट प्रशंसक न कवेल अपने नायक को पिच पर खेलते हुए देखकर उसका लुत्फ उठाएंगे बल्कि यहां मैडम तुसाद में उनके साथ क्रीज भी संभालेंगे। ’’  ऐतिहासिक लार्ड्स में पहली बार प्रदर्शित किया गया पुतला भारत की आधिकारिक पोशाक में है। पुतले में जो जूते और दस्ताने पहनाये गये हैं। इन्हें खुद कोहली ने मुहैया कराया था। गुरुवार के बाद कोहली मैडम तुसाद में उसैन बोल्ट, सर मो फराह और साथी भारतीय क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर के साथ विराजमान रहेंगे। 

बेगूसराय : वीरपुर के व्यवसायी पृथ्वी चौधरी हत्याकांड का हुआ खुलासा

$
0
0
murder-case
अरुण कुमार (आर्यावर्त) बेगूसराय, वीरपुर में व्यवसायी पृथ्वी चौधरी हत्याकांड मामले में बुधवार को पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है।पुलिस की जांच में पता चला है की अपराधियों ने व्यवसायी पृथ्वी चौधरी की हत्या,अपहरण के महज 15 मिनट बाद ही कर दी थी।इसके बाद शव को एक सुनसान स्थान पर फेक कर भाग गए थे। पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि इस हत्याकांड मामले में कुल 8 लोग शामिल थे। पुलिस की तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि पृथ्वी चौधरी की हत्या 5 लाख रुपये रंगदारी के लिए की गई थी।इस हत्याकांड में शामिल कुल आठ अपराधियो मे से 3 की गिरफ्तारी पुलिस ने कर ली है।इसके पास से पुलिस ने 2 ऑटोमेटिक पिस्टल,तीन देसी कट्टा, 6 जिंदा कारतूस, 3 खोखा बरामद किया है। पकड़े गए अपराधियों में गौतम कुमार, विक्रम कुमार और राम कुमार महतो शामिल है। गौतम कुमार पर अब तक बीरपुर थाना में 2 मामले पहले से दर्ज हैं वहीं विक्रम कुमार पर भी बीरपुर थाने में 2 मामले पूर्व से ही दर्ज हैं।

बिहार : प्रखण्ड में सेविका व सहायिका की होगी बहाली

$
0
0
women-assistant-appointment-bihar
अरुण कुमार (आर्यावर्त) प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में सेविका व सहायिका की रिक्त पदो पर बहाली की प्रक्रिया बाल विकास परियोजना कार्यालय में आरंभ हो गई है।इस बाबत निदेशक आई सी डी एस निदेशालय बिहार पटना अपने पत्रांक 2684 दिनांक 24 मई के आलोक मे अपना दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।जिसके आलोक मे ही आगनवाड़ी सेविका व सहायिका के रिक्त पद पर चयन का कार्य करना है।बहाली हेतु विज्ञापन प्रकाशन की तिथि27 मई, ऑन लाइन आवेदन करने की तिथि 27 मई से 10 जून 2019 तक,मेधा सूची का प्रकाशन 12 जून 2019 को किया जाएगा।आवेदिका को आवेदन के साथ सभी वांछित दस्तावेज यथा मैट्रिक का अंक पत्र, मूल प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, विकलांग प्रमाण पत्र, विधवा प्रमाण पत्र आदि साथ ही निर्धारित साईज में अपलोड करना होगा।आवेदन में किसी तरह की कठिनाई होने पर संबंधित कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। परियोजना अंतर्गत रिक्त के विरूद्ध आँगनवाड़ी सेविका व सहायिका के चयन हेतु रिक्ति की सूचना अवलोकन बाल विकास परियोजना तथा प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कार्यालय के सुचना पट पर किया जा सकता है।उपरोक्त जानकारी संबंधित पदाधिकारी, आमलोग तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि को दे दी गई है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 30 मई

$
0
0
साज रंग झाबुआ द्वारा रंग संस्कार षिविर का समापन समारोह 1 जून को, नृत्य, नाटक, चित्रकला एवं संगीत की दी जाएगी अभिनव प्रस्तुति

jhabua news
झाबुआ। जिले की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था साज रंग झाबुआ द्वारा 26वां रंग संस्कार षिविर का आयोजन विगत 7 मई से संस्था के थांदला गेट स्थित कार्यालय किया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे एवं शाम 5 से रात्रि 8 बजे तक दो सत्रों में षिविरार्थी बच्चों को नृत्य, नाटक, चित्रकला एवं संगीत का प्रषिक्षण दिया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए षिविर प्रभारी आलोक रावत ने बताया कि षिविर में अलग-अलग विद्याओं के प्रषिक्षक प्रषिक्षण दे रहे है। यह षिविर 31 मई तक चलेगा। षिविर का समापन समारोह झाबुआ के शासकीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय के प्रांगण में 1 जून को शाम 7.30 बजे से होगा। इस अवसर पर अतिथि के रूप के साज रंग के संरक्षक एवं वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। समापन अवसर पर प्रषिक्षित नव-कलाकारों द्वारा षिविर में सीखी गई उक्त विद्याओं की सार्वजनिक मंच पर शानदार प्रस्तुति दी जाएगी। अंत में सभी प्रतिभागी बच्चों को रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ के उमंग सक्सेना की ओर से स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए जाएंगे। साज रंग संस्था के समस्त पदाधिकारी-सदस्य एवं रंगकर्मी तथा युवा कलाकारों ने समापन समारोह में शहर के सभी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पधारकर नव-कलाकारों की प्रस्तुति को निहारने और उनका उत्साहवर्धन करने हेतु अपील की है।समापन समारोह को सफल बनाने की अपील की।

बाल व्यक्तित्व विकास षिविर में अपने व्यक्तित्व को निखारने की ओर अग्रसर हो रहे बच्चें, योग, राजयोग के साथ गेम्स और चित्रकला का दिया जा रहा प्रषिक्षण

jhabua news
झाबुआ। प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय संस्था गोपालपुरा पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास षिविर का आयोजन 28 मई से किया जा रहा है। षिविर का शुभारंभ बीके जयंती दीदी एवं ज्योति दीदी के साथ प्रषिक्षकों एवं प्रषिक्षणार्थी बच्चों द्वारा ऊॅं की आकृति पर दीप प्रज्वजलन कर किया गया। षिविर में बच्चों को योग, राजयोग के साथ मनोरंजन हेतु गेम्स और कहानियां आदि सुनाई जा रहीं है। शिविर के बारे में जानकारी देते हुए बीके ज्योति दीदी ने बताया कि 28 मई को षिविरार्थी बच्चों को सर्वप्रथम राजयोग (मेडिटेषन) करवाने के साथ आध्यामिक षिक्षा अर्थात अध्यात्म के महत्व के बारे में जानकारी बीके जयंती दीदी एवं ज्योति दीदी द्वारा दी गई। इसके साथ ही उन्हें नैतिकता एवं भारतीय संस्कृति का पाठ भी पढ़ाया गया। जिसमें बताया गया कि हमारे दैनिक जीवन में क्या-क्या कर्तव्य है। जिसमें प्रतिदिन सुबह जल्दी उठना, स्कूल के दिनों में सुबह स्कूल जाने के साथ ग्रीष्मकालीन अवकाष में भी हमे सुबह जल्दी उठकर प्रतिदिन अपने माता-पिता एवं घर के अन्य बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्ष करना चाहिए। कपड़े साफ और स्वच्छ रखने से बिमारियां नहीं फैलती है। अपने घर-आंगनों को साफ-सुथरा रखने के लिए कूड़ा-कचरा जहा-तहां नहीं फैंकते हुए डिस्टबिन या कचरे के डिब्बे में ही डालना, नाखून समय पर काटना एवं उनमें मेल जमा नहीं होने देना, शुद्ध आहार ग्रहण करना, माता-पिता का कहना मानना एवं उनका अनादर ना करना, सुबह जल्दी उठकर प्रभु भक्ति करना और प्रतिदिन सुबह एवं शाम को राजयोग करना आदि की षिक्षा दी गई।

योग करवाया गया
शिविर के दूसरे दिन षिविर समय सुबह 8 से 10.30 बजे तक जिले की योग प्रषिक्षिका सुश्री रूक्मणी वर्मा द्वारा पहुचंकर बच्चों को योग करवाया गया। बच्चों को योग के सरलतम आसन एवं प्रणायाम उनकी आयु के अनुसार करवाएं गए। बाद सुश्री वर्मा ने बताया कि जिस तरह से राजयोग करने से हमारा मन शांत रहता है और सकारात्मक विचारों का संचार होता है उसी तरह योग से हमारा शरीर तंदरूस्त होकर स्वस्थ रहता है। योग करने से हमे कई तरह की बिमारियों से भी मुक्ति मिलती है।

अंतिम दिन चित्रकला का प्रषिक्षण दिया जाएगा
बीके ज्योति दीदी ने बताया कि षिविर में 8 से 15 वर्ष आयु समूह के झाबुआ सहित मेघनगर, रानापुर, डूमपाड़ा ग्राम के 30 से भी अधिक बच्चें भाग ले रहे है। 30 मई को षिविर के अंतिम दिन सभी बच्चों को पेटिंग करना प्रषिक्षक रूचि चैरसिया द्वारा सीखाई जाएगी। इसके साथ ही आर्टस के क्षेत्र में कागज एवं वेस्ट सामग्रीयों से नवीन सामग्रीयां एवं वस्तुएं बनाना सीखाया जाएगा। समापन अवसर पर सभी बच्चों को ईष्वरीय सौगात के रूप में उपहार भी प्रदान किए जाएंगे।

आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह 2 जून को

झाबुआ। शहर के सामाजिक कार्यों में हमेषा अग्रणी रहने वाली संस्था आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट झाबुआ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी शहर के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह का आयोजन 2 जून को शाम 7.30 बजे से स्थानीय पैलेस गार्डन पर पर किया जाएगा। इस अवसर पर कक्षा 10वीं (हाईस्कूल) में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र-़छात्राओं का भावभरा सम्मान कर उनके उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की जाएगी। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ समाजसेवीएवं साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ को ‘श्रेष्ठ साहित्य सृजक अलंकरण’ सम्मान से नवाजा जाएगा। यह जानकारी देते हुए आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर एवं संस्थापक सचिव नीरजसिंह राठौर ने बताया कि उक्त आयोजन को लेकर गत 27 मई, रविवार को आसरा ट्रस्ट की महत्वपूर्ण बैठक भी संपन्न हुई। जिसमें उक्त सम्मान समारोह को भव्य बनाने हेतु रूपरेखा तैयार की गई। सम्मानित किए जाने वाले छात्र-छात्राओं की सूची शहर के शासकीय एवं अषासकीय विद्यालयों से तैयार करवा ली गई है।

90 प्रतिषत से अधिक लाने वाले विद्यार्थियांे का सम्मान
कुल 17 विद्यार्थियों का इस दौरान सम्मान किया जाना है, जिन्होंने हाईस्कूल परीक्षा में 90 प्रतिषत से अधिक अर्जित किए है। आसरा ट्रस्ट के परामर्षदाता सुधीरसिंह कुषवाह, सेवा प्रकल्प अध्यक्ष रविराजसिंह राठौर एवं सचिव सुनिल चैहान ने ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों से उक्त आयोजन में पधारकर इसे सफल बनाने की अपील की है।

दस्तक अभियान हेतु एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यषाला आयोजन 30 मई को

झाबुआ । दस्तक अभियान हेतु एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन 30 मई 2019 को कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति की अध्यक्षता में षाम 4.00 बजे कलेक्ट्रेट सभागृह झाबुआ में आयोजित की जावेगी।

दस्तक अभियान के अन्तर्गत आज उन्मुखीकरण पर व्याख्यान किया गया

झाबुआ । जिला झाबुआ में दस्तक अभियान के अंतर्गत सेक्टर सुपरवाइजर, डाटा एंट्री आॅपरेटर एवं बीपीएम का उन्मुखीकरण पर व्याख्यान जिला कार्यक्रम प्रबधंक श्री आर आर खन्ना एवं श्री सोनल नीमा मानिटरिंग व ईवेल्युवेषन अधिकारी द्वारा किया गया।

किसान स्वयं के तैयार बीज की साफ-सफाई कर उसके अंकुरण प्रतिषत की जांच करे
नया बगीचा लगाने हेतु उचित दूरी पर गड्ढे तैयार करे
झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी 5 दिवसों में आसमान मे साफ से छिटपुट बादल रहने, तापमान सामान्य रहने व वर्षा नही होने की संभावना है, इसे देखते हुए खेत मे लगी फसल, सब्जी व पौधो की सिंचाई दोपहर के समय न करे, सिंचाई सुबह, षाम व रात मे करे। कटाई उपरांत खेत से मिट्टी परीक्षण हेतु मिट्टी के नमूने ले। परीक्षण हेतु प्रयोगषाला भेजे, इसके बाद गहरी जुताई कराये। कटाई उपरांत खेत मे बचे अवषेष (नरवाई) को जलाये नही, गहरी जुताई कराए।ग्रीष्म कालीन मूॅग, उडद, भिण्डी व कछदुवर्गीय सब्जियों की 7 से 8 दिन के अतंराल से सिंचाई कर अनुसंषित उर्वरक की मात्रा देे। नया बगीचा लगाने हेतु उचित दूरी पर गड्ढे तैयार करे। स्वयं के तैयार बीज की साफ-सफाई कर उसके अंकुरण प्रतिषत की जांच करे।

बढ़ती गर्मी के मद्देनजर लू से बचाव करने की आम नागरिकों से अपेक्षा

 झाबुआ । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बढ़ती गर्मी के मद्देनजर लू से बचाव के लिये आम नागरिक¨ं क¨ आवश्यक सुझाव दिए हैं। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। आम नागरिकों को लू से बचाव करने की अपेक्षा की है। सीएमएचओ द्वारा आमजन क¨ धूप व गर्मी से बचने क¨ कहा गया है। घर के अन्दर हवादार, ठंडे स्थान पर रहे। यदि बाहर कार्य करना अति आवश्यक ह¨ त¨ बाहरी गतिविधियाँ सुबह व शाम के समय में ही करें। अत्यधिक शारीरिक श्रम वाली गतिविधियाँ दिन के अधिकतम तापमान वाले घंट¨ं में नहीं करे। सफेद व हल्के रंग के पतले वस्त्र¨ं का उपय¨ग करे। सिर क¨ कसे कपड़े या ट¨पी से ढके। जूते-चप्पल तथा नजर के काले चश्मे का प्रयाग करें। धूप में जाने से पहले भ¨जन व पर्याप्त पानी ले।  इसी प्रकार अधिक से अधिक पेय पदाथर्¨ं, नाॅन अल्क¨हाॅलिक जैसे नींबू पानी, लस्सी, छाछ, जलजीरा, आम पना, दही, नारियल पानी आदि का सेवन करें। ताजा एवं स्वच्छ भ¨जन का सेवन करें। शिशुअ¨ं तथा बच्च¨ं, 65 वर्ष से अधिक आयु के महिला-पुरूष¨ क¨ घर के अन्दर रखे। बंद गाड़ी के अन्दर का तापमान बाहर से अधिक ह¨ता है। कभी भी किसी क¨ बंद, पार्किग में रखी गाड़ी में अकेला नहीं छ¨ड़े। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमर¨ं, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के म©सम में अत्यावश्यक ह¨ने पर ही करें। जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार किसी व्यक्ति क¨ लू लगने के लक्षण दिखाई देते हैं, त¨ उसे तत्काल ठण्डे स्थान पर रखें। पानी, छाछ व अन्य तरल पदाथर्¨ं क¨ पर्याप्त मात्रा में पिलाये। यदि आराम नहीं लगे त¨ तुरन्त निकट के शासकीय या निजी चिकित्सालय में उपचार करवाये।

विशेष : कांग्रेस को अपनी हार नहीं, बीजेपी की जीत की समीक्षा करनी चाहिए

$
0
0
congress-and-bjp
2019 के लोकसभा नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर लेकर आए। और जैसा कि अपेक्षित था, देश की सबसे पुरानी पार्टी में भूचाल आ गया। एक बार फिर हार की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन हो चुका है। पार्टी में इस्तीफों की बाढ़ आ गई है। खबर है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हैं। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से लेकर आम कार्यकर्ता तक राहुल गांधी और उनके नेतृत्व में अपना विश्वास जता रहे हैं। यह अच्छी बात है कि ऐसे कठिन दौर में भी किसी संगठन का अपने नेतृत्व पर भरोसा कायम रहे। लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि लगातार मिलने वाली असफलताओं के बावजूद उस संगठन के बड़े नेता से लेकर आम कार्यकर्ता तक अपने नेता के साथ मजबूती से खड़े हों। सभी लोग राहुल को यह समझाने में लगे हैं कि उन्होंने चुनावों में बहुत मेहनत की और चुनावों में पार्टी की हार क्यों हुई उसकी समीक्षा की जाएगी वे मन छोटा ना करें पार्टी हर हाल में उनके साथ है। इससे पहले भी 2014 के लोकसभा चुनाव हों या फिर उसके बाद होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव भाजपा लगातार अपने कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को चरितार्थ करने में लगी थी और राज्य दर राज्य सत्ता कांग्रेस के हाथों से धीरे धीरे फिसलती जा रही थी। महाराष्ट्र हरियाणा आंध्रप्रदेश हिमाचल प्रदेश असम जैसे राज्य जहाँ कहीं वो सत्ता में थी तो नकार दी गई तो गोआ उत्तरप्रदेश बिहार गुजरात जैसे राज्य जहाँ सत्ता में नहीं थी तो भी नकार दी गई। और जिन तीन राज्यों मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राजिस्थान में अभी मात्र चार महीने पहले सत्ता में आई थी वहां भी वो इन चुनावों में जनता का भरोसा नहीं जीत पाई। इन परिस्थितियों में राहुल का इस्तीफा देने की पेशकश करने और कांग्रेस का उनमें एक बार फिर विश्वास जताना ना सिर्फ अत्यंत निराशाजनक है बल्कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए भी घातक है। दरअसल आपसी गुटबाजी के चलते गाँधी परिवार के ही किसी सदस्य के हाथों कांग्रेस की कमान सौंपना कांग्रेस की आज की मजबूरी है। लेकिन यह भी सच है कि सोनिया गांधी और काफी हद तक कांग्रेस के बड़े नेताओं की आपसी गुटबाजी का कांग्रेस की इस मजबूरी को बनाने में काफी अहम योगदान रहा है। इन सभी के तात्कालिक स्वार्थों की राजनीति देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी पार्टी की यह दशा कर देगी इतनी दूरकालिक दृष्टि इनमें से किसी ने नहीं रखी। इसलिए आज एक ऐसे शख्स के हाथों में पार्टी की कमान देना जिसके पास गाँधी परिवार का सदस्य होने के अलावा और कोई योग्यता ना हो पार्टी की मजबूरी बन गई है। और खास बात यह रही कि राहुल गांधी ने भी अब तक के अपने कार्यकाल को एक मजबूरी की भाँती इस तरह निभाया कि इस पूरे कालखंड विशेष तौर पर चुनावों के समय के उनके आचरण और उसके बाद चुनाव परिणामों ने उनकी योग्यता पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिए।

लेकिन अब राहुल नाराज़ बताए जा रहे हैं। पार्टी के कुछ नेताओं को छोड़कर वो किसी से नहीं मिल रहे हैं क्योंकि पार्टी के कुछ नेताओं के पुत्र मोह को पार्टी की हार की वजह मान रहे हैं। उनका कहना है कि इन नेताओं ने अपने स्वार्थ को पार्टी हित से ऊपर रखा। वैसे इस विषय में उनका अपनी मां सोनिया गांधी के बारे में क्या विचार हैं यह जानना रोचक होगा। खैर, हम बात कर रहे थे कांग्रेस की हार की। तो अगर सचमुच कांग्रेस अपनी वर्तमान स्थिति से दुखी है और इन परिस्थितियों से उबारना चाहती है तो सबसे पहले उसे अपनी सोच और अपनी अप्रोच दोनों बदलनी होगी। आदमी जो चीज़ हासिल करना चाहता है उसे उसपर फोकस करना चाहिए। सबसे बड़ी गलती जो कांग्रेस बार बार करती आ रही है कि वो जीतना चाह रहे हैं लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी की जीत के कारणों के बजाए अपनी हार की समीक्षा करते हैं। क्यों? कांग्रेस तो यह समीक्षा 1991 से लगभग लगातार ही करती आ रही है। राजीव गांधी की हत्या के बाद भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। चाहे 1991 की नरसिम्हा राव की सरकार हो या 2004 और 2009 की यूपीए की सरकार हो, कांग्रेस अपने दम पर पूर्ण बहुमत 1984 के बाद कभी भी हासिल नहीं कर पाई। इस बीच वो कई बार हारी। 2014 तो कांग्रेस के इतिहास की सबसे बुरी हार थी और 2019 सबके सामने है। जाहिर है पार्टी ने हर बार हार के कारणों की समीक्षा की होगी। सोचने वाली बात है कि इतनी समीक्षाओं के बाद भी पार्टी का प्रदर्शन क्यों नहीं सुधर रहा?
अगर सच में कांग्रेस अपनी स्थिति सुधारना चाहती है तो ,

1, सर्वप्रथम उसे स्वयं को चाटुकारों से मुक्त करना होगा। 
2, यह बात सही है कि राहुल पर वंशवाद के आरोप लगते हैं और सुनने में आ रहा है कि अब वो गांधी परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष बनाना चाहते हैं लेकिन यह भी सच है कि इस काम के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है। 
3, राहुल के लिए यह समय है खुद को सिद्ध करने का ना कि परिस्थियों से भागने का। जिस पार्टी का अध्यक्ष उन्हें परिवारवाद के कारण बनाया गया उसके लिए अब वो अधिकारबोध नहीं कर्तव्यबोध से एक नई शुरुआत करें। जमीनी संगठनात्मक ठोस बदलाव करके उसमे से भ्रष्टाचार में लिप्त अहंकार में डूबे और वीआईपी पञ्च सितारा संस्कृति में डूबे पुराने चेहरों से कांग्रेस को मुक्त करें और  भविष्य के लिए ऐसे नए चेहरे तैयार करें जो भविष्य में पार्टी की बागडोर संभलने के सक्षम हों और यह सुनिश्चित करें कि आने वाले समय में कांग्रेस परिवारवाद की दीमक से मुक्त हो सके
4, जीतना चाहते हैं तो जीत के कारणों की समीक्षा करें हार की नहीं।
5, अपनी जीत की समीक्षा करें कि जब कांग्रेस जीतती थी तो क्यों जीतती थी क्योंकि कांग्रेस को अपनी आज की हार के कारण अपनी पिछली विजय के कारणों में ही मिलेंगे।

दरअसल 1952 में जब आज़ाद भारत का पहला लोकसभा चुनाव हुआ था तब से लेकर 1971 तक के चुनावों में कांग्रेस लगभग जीती हुई बाज़ी ही खेलती थी। देखा जाए तो ये चुनाव कांग्रेस के लिए लगभग एकतरफा चुनाव होते थे। क्योंकि देश की आजादी के लिए एकता जरूरी थी इसलिए अपनी अलग अलग विचारधाराओं के बावजूद देश की आज़ादी के लिए लड़ने वाले लगभग सभी संघठनों ने राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस में विलय करके अपनी पहचान तक से समझौता कर लिया था। इसलिए 1947 में जब कांग्रेस के नेतृत्व में देश आजाद हुआ और महात्मा गांधी की इच्छानुसार जवाहरलाल नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री बने तो देश में यह संदेश गया कि कांग्रेस ने ही देश को आज़ाद कराया है। और जनमानस के इसी मनोविज्ञान का फायदा कांग्रेस को 1971 तक मिला। 1952 के पहले लोकसभा चुनावों से लेकर 1971 तक कांग्रेस के सामने विपक्ष भी अनेक छोटे छोटे दलों में बंटा लगभग ना के ही बराबर था। लेकिन समय के साथ विपक्ष मजबूत होता जा रहा था और शास्त्री जी के बाद वापस गांधी नेहरु परिवार की शरण में जाने से कांग्रेस कमजोर। 1975 में कांग्रेस द्वारा देश पर थोपा गया आपातकाल कांग्रेस की सत्ता पर कमजोर होती जा रही उसकी पकड़ का सबूत था। और 1977 में बुरी तरह हारने वाली कांग्रेस जब 1980 में फिर एक बार जीती तो उसमें कांग्रेस की योग्यता से ज्यादा विपक्षी दलों का योगदान था। और 1985 में कांग्रेस की जीत में इंदिरा गांधी की हत्या का। लेकिन 1985 में राजीव गांधी के नेतृत्व में 400 से अधिक सीटें जीतने वाली कांग्रेस उसके बाद फिर कभी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई यहां तक कि राजीव गांधी की हत्या के बाद भी नहीं। यानी जब तक खेल एकतरफा था कांग्रेस जीतती रही लेकिन जब जब सामने विपक्ष मजबूत और एक होकर आया वो हारी है। इसलिए आज अगर राहुल कांग्रेस को मजबूत करना चाहते है तो सबसे पहले उन्हें खुद को मजबूत करना होगा क्योंकि वो इस बात को समझ लें कि भले ही वो मुहं में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हों लेकिन उनके सामने चुनौतियाँ नेहरू से अधिक हैं। क्योंकि तब कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी ना तो सक्षम थे और ना ही उनमें एकता थी लेकिन आज राहुल का जिनसे सामना है वो एक भी हैं और सक्षम भी यह वो दो बार साबित कर चुके हैं वो भी पहले से अधिक ताकत के साथ। 

अगर वो कांग्रेस को वाकई में मजबूत करना चाहते हैं तो उनके नाम में जो गाँधी लगा है उसे चरितार्थ करना होगा। गांधीजी ने अफ्रीका से लौटने पर देश के स्वतंत्रता आंदोलन को शुरू करने से पहले पूरे भारत का भ्रमण किया था वो भी ट्रेन के तृतीय श्रेणी के डब्बे में ताकि वे असली भारत को जान पाएं। राहुल को भी अगर लोगों के दिल में जगह बनानी है तो उन्हें भारत को समझना होगा यहां के जनमानस का मन पढ़ना होगा। राजनीति में विदेश से हासिल डिग्री विपक्ष का मुँह तो बन्द कर सकती है लेकिन वोट नहीं दिलवा सकती। ऎ सी कमरों में रोज़ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर आरोप तो लगाए जा सकते हैं लेकिन उन आरोपों पर देश की विश्वसनीयता नहीं जीती जा सकती। जिस पार्टी की आज़ादी के बाद पहली सरकार पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लग गए हों और 2014 तक आते आते अनगिनत आरोपों से घिर चुकी हो लोगों के मन में ऐसी पार्टी के लिए एक बार फिर जगह बनाना राहुल के लिए आसान नहीं होगा। खास तौर पर तब जब मात्र चार महीने पुरानी मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो रहे हों। लेकिन अगर वो सच में कांग्रेस को इस हार से उबारना चाहते है तो उन्हें भ्रष्टाचार पर अपना कड़ा रुख देश को दिखाना होगा। लेकिन जब एक प्रदेश की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के तार आलाकमान के ही दफ्तर से जुड़ रहे हों तो? और सबसे महत्वपूर्ण बात पार्टी की विचारधारा को नए सिरे से स्पष्ठ करना होगा। आज जो राहुल अपने कुछ नेताओं पर पार्टी हित से पहले स्व हित को रखने का आरोप लगा रहे हैं वो राहुल भूल रहे हैं कि राष्ट्र हित से पहले पार्टी हित और पार्टी हित से पहले स्वयं का हित कांग्रेस की शुरू से ही परंपरा रही है। इसीलिए उसने सेक्युलरिज्म की आड़ में तुष्टीकरण अभिव्यक्ति की आड़ में देशविरोधी गतिविधियों का समर्थन मानवाधिकारों की आड़ में अलगाववादियों का समर्थन जैसे कदमों से वोटबैंक की राजनीति करने से भी परहेज नहीं किया।  लेकिन अब अगर राहुल कांग्रेस को सच में उबारना चाहते हैं तो उन्हें शुरुआत से शुरू करना होगा। कांग्रेस की विचारधारा से लेकर परंपरा को बदलना होगा क्योंकि जितना आवश्यक कांग्रेस का खुद को इस हार से उभारना है उतना ही आवश्यक इस देश के लोकतंत्र के लिए एक मजबूत विपक्ष का होना है। 


-डॉ नीलम महेंद्र-

मंत्रिपरिषद को अंतिम रूप दिया गया, नये चुने गए मंत्री मोदी से मिलेंगे

$
0
0
maodi-cabinet-final-by-modi-shah
नयी दिल्ली, 30 मई , मंत्री पद की शपथ ग्रहण लेने के लिए चुने गए नेता बृहस्पतिवार की शाम साढे़ चार बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे । सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी है । इससे पहले आज सुबह, नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से पहले अपनी मंत्रिपरिषद को व्यवस्थित रूप देने के लिये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ अंतिम दौर की वार्ता की । नयी सरकार आज शाम शपथ लेगी ।  नरेन्द्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिये राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में शाम 7 बजे शपथ लेंगे ।  सरकार गठन को लेकर मोदी और शाह पिछले दो दिनों में कई दौर की वार्ता कर चुके हैं ।  सरकार गठन के संदर्भ में गहमागहमी के बीच अमित शाह का अकबर रोड स्थित आवास केंद्र बना हुआ है। उनसे मिलने वालों में पार्टी के संगठन मंत्री राम लाल शामिल है।  सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 303 सीटों के साथ बड़ी जीत दिलाने में शिल्पकार रहे अमित शाह मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं । पार्टी के वरिष्ठ सदस्य जैसे राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रकाश जावड़ेकर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे ।  इसके अलावा अर्जुन राम मेघवाल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, जयंत सिन्हा, गिरिराज सिंह, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, दिलीप घोष, जितेन्द्र सिंह, पुरूर्षोत्तम रूपाला, नित्यानंद राय को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने के संकेत मिले हैं । साथ ही प्रहलाद पटेल, कैलाश चौधरी के अलावा तेलंगाना से कृष्णा रेड्डी, कर्नाटक से सुरेश अंगड़ी, महाराष्ट्र से राव साहब दानवे को भी मंत्रिपरिषद में स्थान मिलने के संकेत हैं।

संभावना है कि नये मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा की बढ़ती ताकत प्रतिबिंबित हो सकती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शाह से मुलाकात की। समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने सरकार में जनता दल यू के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की। लोकजनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें उसके अध्यक्ष रामविलास पासवान को मोदी सरकार में उसके प्रतिनिधि के तौर पर शामिल करने की सिफारिश की गई । अन्नाद्रमुक जो कि पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा नहीं थी, उसने मात्र एक सीट जीती है। उसे एक मंत्री पद दिया जा सकता है क्योंकि पार्टी तमिलनाडु में सत्ता में है और भाजपा की प्रमुख सहयोगी द्रविड़ पार्टी है। अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिपरिषद में शामिल होने के संकेत मिले हैं । अपना दल से अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकती हैं ।  शपथ ग्रहण से एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी को पत्र लिखकर कहा कि वह खराब सेहत के चलते नयी सरकार में मंत्री पद के इच्छुक नहीं हैं। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ हजार मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। वर्ष 2014 में मोदी को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षेस देशों के प्रमुखों सहित 3500 से अधिक मेहमानों की मौजूदगी में शपथ दिलायी थी।  राष्ट्रपति भवन के प्रांगण का इस्तेमाल आम तौर पर देश की यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकार के प्रमुखों के औपचारिक स्वागत के लिए किया जाता है। इससे पहले 1990 में चंद्रशेखर और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ दिलायी गई थी। शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों ... बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामां के राष्ट्रपति यू विन मिंट और भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग ने शामिल होने की पुष्टि पहले ही कर दी है। थाईलैंड से उसके विशेष दूत जी बूनराच देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के अलावा बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इन नेताओं के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष और किर्गिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति जीनबेकोव और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है।  मोदी नीत भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 542 सीटों में से 303 सीटें जीतकर सत्ता में बहुमत के साथ वापसी की है।

धनशोधन मामले में ईडी के सामने फिर पेश हुए रॉबर्ट वाड्रा

$
0
0
ed-call-robert-vadra
नयी दिल्ली, 30 मई, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा विदेश में कथित अवैध सम्पत्तियों की खरीदारी से जुड़े धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। वाड्रा की पत्नी एवं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सुबह करीब साढ़े 10 बजे उन्हें यहां इंडिया गेट के निकट एजेंसी के कार्यालय के बाहर छोड़ा। वाड्रा को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष बयान देने के लिए बुलाया गया था जहां धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। वाड्रा ने अपने ट्विटर और फेसबुक पेज पर बताया कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों में जांच एजेंसी के सामने वह इस बार 11वीं बार पेश हुए और उनसे अब तक 70 घंटे पूछताछ हो चुकी है। वाड्रा ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘भारतीय न्यायपालिका पर मुझे भरोसा है। मैंने सरकारी एजेंसियों के सभी समन/नियमों का पालन किया है और मैं आगे भी करता रहूंगा। मैंने 11 बार बयान दिए हैं और इस दौरान करीब 70 घंटे मुझसे पूछताछ की गई। मैं भविष्य में भी तब तक सहयोग करूंगा, जब तक कि मैं सभी झूठे आरोपों में पाक साफ साबित नहीं हो जाता।’’  एजेंसी ने वाड्रा की अग्रिम जमानत रद्द करने की हाल में मांग की थी और उनकी विदेश यात्रा का भी विरोध किया था। एक स्थानीय अदालत ने वाड्रा को विदेश यात्रा की अनुमति देने के संबंध में अपने आदेश को तीन जून के लिए बुधवार को सुरक्षित रख लिया था।  ईडी ने पिछले ही हफ्ते वाड्रा को इस मामले में मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया था और तब दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाब मांगते हुए वाड्रा को नोटिस जारी किया था। ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा था कि उन्हें वाड्रा को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और निचली अदालत ने उन्हें राहत देने वाले आदेश में मामले की गंभीरता पर विचार नहीं किया। वाड्रा के खिलाफ दर्ज ईडी का मामला लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्कॉयर में 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति की खरीद में हुए धन शोधन के आरोपों से जुड़ा हुआ है। इस संपत्ति पर वाड्रा का कथित तौर पर मालिकाना हक है।  एजेंसी ने दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि उन्हें लंदन में वाड्रा से जुड़ी कई नयी संपत्तियों की सूचना मिली है।  वाड्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है तथा इसे अपने खिलाफ राजनीतिक शत्रुता करार दिया है। 

जगनमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ

$
0
0
jagan-mohan-took-oath
अमरावती (आंध्र प्रदेश), 30 मई, आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाने वाले वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हन ने 46 वर्षीय नेता को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनकी पार्टी को विधानसभा की 175 में से 151 सीटें मिली हैं। वाईएसआर कांग्रेस ने पांच साल पहले तेलंगाना के गठन के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने एन. चन्द्रबाबू नायडू की तेदेपा को बुरी तरह हराया है। इसके साथ ही, वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत दर्ज की है। रेड्डी ने वियजवाड़ा के आईजीएमसी स्टेडियम में आयोजित समारोह में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर तेलुगू भाषा में शपथ ली। गुरुवार को सिर्फ रेड्डी ने शपथ ली है। उनकी मंत्रिपरिषद सात जून को शपथ लेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव, द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन और पुडुचेरी के स्वास्थ्य मंत्री मलादी कृष्ण राव विशेष अतिथि थे। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री महमूद अली, विधानसभा के अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी, मंत्री टी. श्रीनिवास यादव भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। रेड्डी की मां और वाईएसआर की मानद अध्यक्ष वाई एस विजयम्मा, उनकी पत्नी भारती और बहन शर्मिला के अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी वहां मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू गठबंधन बनाने में नाकाम, इजराइल में फिर होंगे चुनाव

$
0
0
netanyahu-fail-to-make-alliance-re-election-in-israel
यरूशलम, 30 मई, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आधी रात की समय सीमा से पहले गठबंधन सरकार गठित करने में नाकाम रहे जिसके बाद इजराइली सांसदों ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए संसद को भंग करने के पक्ष में मतदान किया।  सांसदों के इस कदम के बाद अब 17 सितंबर को फिर से आम चुनाव कराए जाएंगे। इजराइली सांसद छह सप्ताह पहले ही निर्वाचित हुए थे। उन्होंने 21वीं नेसेट (इजराइली संसद) को भंग करने के पक्ष में 45 के मुकाबले 74 मतों से मतदान किया।  इजराइल के इतिहास में यह पहली बार है, जब कोई नामित प्रधानमंत्री सरकार गठन नहीं कर पाया है। नेतन्याहू ने नौ अप्रैल को हुए चुनाव में रिकॉर्ड पांचवीं बार उल्लेखनीय जीत हासिल की थी, लेकिन वे एक सैन्य विधेयक को लेकर गतिरोध के कारण गठबंधन करने में नाकाम रहे।

विश्व कप में कमेंटेटर के रूप में नयी पारी का आगाज करेंगे तेंदुलकर

$
0
0
sachin-new-inning-as-commentator
मुंबई, 30 मई, चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आईसीसी विश्व कप के दौरान टीवी कमेंटेटर के रूप में अपने कैरियर की नयी पारी का आगाज करेंगे । मास्टर ब्लास्टर इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच टूर्नामेंट के पहले मैच में कमेंट्री करते नजर आयेंगे । वह स्टार स्पोर्ट्स पर मैच से पहले शो में कमेंटेटरों की पैनल में होंगे । उनका अपना खास कार्यक्रम ‘सचिन ओपंस अगेन ’ होगा ।  भारत के लिये छह विश्व कप खेल चुके 46 बरस के तेंदुलकर ने 2003 विश्व कप में 673 रन बनाये थे जो एक रिकार्ड है ।  भारत को पहला मैच पांच जून को दक्षिण अफ्रीका से खेलना है । 

भाई ने बहन की गोली मारकर हत्या की

$
0
0
brother-killed-sister
बरेली (उप्र), 30 मई, क्योलडिया थानाक्षेत्र के करूआ साहबगंज में बृहस्पतिवार को भाई ने बहन की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि बहन के पति को गंभीर रूप से घायल कर दिया।  बरेली के एसपी देहात संसार ने बताया कि नरगिस उर्फ मोहिनी (19) का पड़ोसी राम किशोर बरेठा से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ अप्रैल 2018 में कोर्ट मैरिज कर ली थी। कुछ दिन बाद पति..पत्नी गांव में ही आकर रहने लगे।  संसार ने बताया कि नरगिस से नाराज गुलशेर ने बृहस्पतिवार को दोनों को मारने के इरादे से फायरिंग कर दी। नरगिस की मौके पर ही मौत हो गई जबकि राम किशोर घायल हो गया।  उन्होंने बताया कि आरोपी गुलशेर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। वह फिलहाल फरार है। राम किशोर को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

नाबालिग बेटी से पिता ने किया दुष्कर्म

$
0
0
father-rape-minor-doughter
सीकर, 30 मई, राजस्थान के सीकर जिले के रानोली थानाक्षेत्र के एक गांव में एक पिता द्वारा दो साल से अपनी ही नाबालिग बेटी से बलात्कार करने का मामला प्रकाश में आया है। बच्ची के ननिहाल जाने पर मामला सामने आया और पीड़िता ने मां के साथ थाने आकर पिता के खिलाफ ज्यादती का मामला दर्ज करवाया। रानोली थानाधिकारी पवन कुमार चौबे ने बताया कि 14 वर्षीय नाबालिग लड़की ने अपनी मां के साथ थाने पहुंचकर मामला दर्ज करवाया कि करीब दो साल से उसका पिता उसके साथ बलात्कार कर रहा है। इस दौरान पीड़िता में आरोपी पिता का ऐसा खौफ बैठ गया कि वह अपनी मां तक को बार बार हो रही ज्यादती के बारे में नहीं बता पायी। पीड़िता नौवीं कक्षा में पढ़ती है और गर्मी की छ़ुट्टियों में अपनी मां के साथ अपने ननिहाल गई थी। उन्होंने बताया कि इस दौरान पीड़िता ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर अपनी मामी को घटना के बारे में बताया। इसके बाद मां को घटना का पता चला तो मां अपनी नाबालिग बेटी को साथ लेकर रानोली थाने पहुंची। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता, गरीबों, वंचितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये काम करेंगे : मोदी

$
0
0
modi-said-priority-work
नयी दिल्ली, 30 मई, नरेन्द्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी, राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को नमन किया और कहा कि इनके आदर्श हमें गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर खड़े लोगों के जीवन एवं शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा लोगों के जीवन में बदलाव लाने को प्रेरित करेंगे। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता भी करार दिया।  मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी, सम्मान प्रकट किया । इस वर्ष हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं । मैं आशा करता हूं कि यह विशेष अवसर बापू के नेक विचारों एवं आदर्शों को और लोकप्रिय बनाने तथा गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में हमें प्रेरित करेंगे ।’’  उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘ हम अपने प्रिय अटलजी को हर क्षण स्मरण करते हैं । वे भाजपा को, लोगों की सेवा करने का इतना बड़ा अवसर मिलता देख, बहुत खुश होते ।’’  मोदी ने कहा ‘‘अटलजी के जीवन एवं उनके कार्यों से बहुत प्रेरित हूं । हम शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे ।’’  अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘कर्तव्य का निर्वाह करते हुए शहीद होने वाले वीर पुरूषों एवं महिलाओं पर भारत को गर्व है । राष्ट्रीय समर स्मारक पर हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की । ’’  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारत की एकता और अखंडता की सुरक्षा के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी । राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है ।  मोदी सबसे पहले राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद वह अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि 'सदैव अटल'पहुंचे और वहां पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ भााजपा अध्यक्ष अमित शाह, जेपी नड्डा, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावडेकर, गिरिराज सिंह सहित भाजपा के कई नेता मौजूद थे।  बापू और अटल को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंच कर शहीदों को नमन किया। उन्होंने इसी साल 26 फरवरी को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन किया था। इस दौरान उनके साथ निवर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।

चिदंबरम, कार्ति को एक अगस्त तक गिरफ्तारी से राहत

$
0
0
stay-karti-chidambaram-arrest
नयी दिल्ली, 30 मई, दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट बृहस्पतिवार को एक अगस्त तक बढ़ा दी। दोनों के खिलाफ मामलों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं। विशेष जज ओ. पी. सैनी ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद छूट की अवधि बढ़ाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दोनों की अग्रिम जमानत पर दलीलें पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा। इस पर चिदंबरम और उनके पुत्र के वकील ने उन्हें पहले से प्राप्त गिरफ्तारी से छूट की अवधि बढ़ाने को कहा। एजेंसी ने कहा कि उनके विशेष निदेशक सिंगापुर गए हैं और यह देखना होगा कि इसमें कुछ प्रगति हुई है या नहीं।  प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वह जिन बैंक खातों पर जांच कर रहा है, उनसे जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हैं। यह मामला एयरसेल मैक्सिस सौदे में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 30 मई

$
0
0
शंाति समिति की बैठक एक को

vidisha map
ईद-उल-फितर के परिपेक्ष्य में शांति समिति की बैठक एक जून को आयोजित की गई है। कलेक्टर श्री केव्ही सिंह की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक नवीन कलेक्टेªट के सभाकक्ष में दोपहर तीन बजे से शुरू होगी।  अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में यह बैठक 31 मई को आयोजित की गई थी अपरिहार्य कारणों से तिथि में परिवर्तन किया गया है। नवीन तिथि के अनुसार अब एक जून की अपरान्ह तीन बजे से कलेक्टेªट के सभाकक्ष में आहूत उक्त बैठक की सूचनाएं समिति के सम्माननीय सदस्यगणों को प्रेषित की जा चुकी है और सभी सदस्यों को जारी नवीन तिथि, समय व स्थल पर उपस्थित होने की अपील की गई है। 

दस्तक अभियान क्रियान्वयन रणनीति तय निर्धारण हेतु बैठक आज

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में दस्तक अभियान की क्रियान्वयन संबंधी बैठक 31 मई को आयोजित की गई है।  जिला पंचायत के सभागार कक्ष में यह बैठक अपरान्ह 12 बजे से शुरू होगी। उक्त बैठक मेें समस्त एसडीएम, जनपदों के सीईओ व निकायों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। 

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस आज, विविध कार्यक्रमों का आयोजन

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई को जिला मुख्यालय पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। विदिशा जनपद पंचायत की सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा ने बताया कि प्रातः सात बजे नगरपालिका एवं जनपद पंचायत के संयुक्त तत्वाधान में रैली का आयोजन किया गया है। जागरूकता रैली माधवगंज से शुरू होगी और जनपद पंचायत कार्यालय विदिशा में सम्पन्न होगी।

डिप्लोमा इन शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम हेतु आवेदन आमंत्रित

शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालय शिवपुरी में शिक्षा सत्र 2019-20 में डिप्लोमा इन शारीरिक शिक्षा (माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबंद्व) दो वर्षीय पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में विभागीय एवं विभागेत्तर पुरूष उम्मीदवारों के प्रवेश हेतु आवेदन तीन जून तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उचित माध्यम से जमा कराए जा सकते है।  चयन प्रक्रिया के संबंध में पूर्ण जानकारी एवं आवेदन पत्र का प्रारूप स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल www.educationportal.mp.gov.in पर उपलब्ध है। 

मलेरिया नियंत्रण निरोधक गतिविधियों का आयोजन मासांत तक 

जिले में भी जून मासांत को मलेरिया नियंत्रण निरोधक गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा इस हेतु आमजनों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधियों का संदेश पहुंचे इसके लिए जून माह तक जागरूकता रथ जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करेगा ताकि आमजन मलेरिया किन कारणो से होता है से भलीभांति अवगत होकर उन कारणो का निदान अपने घरो में कर सकें।  जिला चिकित्सालय परिसर में मलेरिया निरोधक माह के परिपेक्ष्य में एक जून को प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी श्री बीएम वरूण ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री शशांक भार्गव होंगे। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री केव्ही सिंह समेत अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। जिला चिकित्सालय परिसर मंे एक जून की प्रातः दस बजे से कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आयोजन स्थल के समीप मलेरिया निरोधक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी वही मलेरिया से बचाव पर आधारित साहित्य का भी वितरण किया जाएगा।  अतिथियों द्वारा मलेरिया नियंत्रण निरोधक रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। उक्त रथ जून मासांत तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर आमजनों को मलेरिया के प्रति जनजागृति के उद्वेश्यों की प्राप्ति हेतु साहित्य का वितरण करेगा तथा रक्तपट्टिका संग्रहित करेगा। 

त्रि-स्तरीय पंचायत का परिसीमन हेतु गाइड लाइन जारी 25 जून तक परिसीमन कार्य पूर्ण करें

त्रि-स्तरीय पंचायतांे का सामान्य निर्वाचन 2019-20 के लिए परिसीमन संबंधी दिशा निर्देश व क्रियान्वयन तिथिवार कार्यक्रम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जारी किया जा चुका है।  कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिले के समस्त एसडीएम को पत्र प्रेषित कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परिसीमन के संबंध में जारी दिशा निर्देशो के अनुसार समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए है।  मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई अपेक्षा के अनुरूप त्रि-स्तरीय पंचायतों के वार्डो/निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाकर आगामी पंचायत आम चुनाव 2019-20 के लिए आयोग द्वारा एक जनवरी 2020 की आर्हता तारीख के अनूकुल पंचायतों की निर्वाचन नामावलियों का पुर्नरीक्षण कर अद्यतन कराई जाएगी।  पंचायतों के आम चुनाव के पूर्व संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को ऐसी पंचायतों के वार्ड, निर्वाचक क्षेत्रों का परिसीमन करना है जिनका क्षेत्र, गांव नगरीय निकाय में शामिल/पृथक होना या कोई ग्राम, कोई गांव छूट गया है (जो नगरीय या पंचायत ग्रामीण क्षेत्र मेेंें भी सम्मिलित नही है) या नवगठित जिलों के लिए नवीन जिला पंचायत का गठन किया जाना है एवं उनके वार्ड/निर्वाचन क्षेत्रों को परिसीमन 25 जून तक पूर्ण किया जाना है ताकि निर्वाचन क्षेत्रों का आरक्षण एवं चुनाव समय सीमा में पूर्ण कराए जा सकें। जनसंख्या का आधार 2011 की जनगणना ही रखा गया है।  कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि पंचायतों के परिसीमन के संबंध में कार्यवाही की जाने हेतु मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वरोजगार अधिनियम की धाराओं एवं मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1955 (सीमाओं का परिवर्तन, मुख्यालयों का विस्थापन या बदला जाना) नियम 1994 का भलीभांति अध्ययन करने के निर्देश अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए गए है। प्रत्येक पंचायत अपनी प्रथम बैठक से पांच वर्ष तक की अवधि के लिए गठित होती है।  कलेक्टर श्री केव्ही सिंह ने त्रि-स्तरीय पंचायतों के परिसीमन संबंधी कार्य शासन द्वारा निर्धारित परिपत्र अनुसार ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत के परिसीमन हेतु जारी कार्यक्रम से आमजन के प्रकाशनार्थ हेतु जिला पंचायत मंे गठित प्रकोष्ठों को समय पूर्व उपलब्ध कराने के निर्देश प्रसारित किए है।
Viewing all 74327 articles
Browse latest View live




Latest Images