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पश्चिम बंगाल को एक और गुजरात नहीं बनने देंगे : ममता बनर्जी

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कोलकाता, 10 जून, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि शनिवार को हुई हिंसा में दो लोग मारे गये थे और भाजपा का पांच लोगों के मारे जाने का दावा झूठा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा हिंसा भड़काने की और फर्जी खबरें फैलाकर उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है तथा तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल को एक और गुजरात नहीं बनने देगी। बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल को भेजे परामर्श को ‘‘पर्दे के पीछे से खेला जा रहा खेल’’ करार दिया और कहा कि राज्य के मुख्य सचिव इसका जवाब दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (भाजपा) सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। केंद्र सरकार और (भाजपा) पार्टी के कार्यकर्ता राज्य में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। हम बंगाल को एक और गुजरात नहीं बनने देंगे।’’  मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी भाजपा के इशारे पर गलत जानकारी प्रसारित करके राज्य का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव 2021 से पहले होने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। बनर्जी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद कुछ केंद्रीय नेताओं के इशारे पर भाजपा एक साजिश के तहत पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग और जंगलमहल इलाकों में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रही है।  उन्होंने कहा कि भाजपा को ‘आग से नहीं खेलना चाहिए।’  तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह सुनियोजित खेल है। उनकी योजना मेरी आवाज दबाने की है क्योंकि उन्हें पता है कि देश में उनके खिलाफ आवाज उठाने वाली एक मात्र शख्सियत ममता बनर्जी है। हमारी सरकार को गिराने की यह साजिश सफल नहीं होगी।’’  उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी साजिश का शिकार नहीं होंगे और लोगों से शांत रहने को कहेंगे।’’ लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं भी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव का विषय बन गयी हैं।  उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शनिवार रात भड़की हिंसा के बाद तीन लोगों के शव बशीरहाट अस्पताल लाये गये थे। भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि इनमें से दो लोग उनके समर्थक थे वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि एक उनका सक्रिय कार्यकर्ता था। दोनों दलों ने दावा किया कि उनके कई समर्थक हिंसा के बाद से लापता हैं। पुलिस और उत्तर 24 परगना जिले के अधिकारियों ने शनिवार के बाद हुए संघर्षों के बारे में कुछ नहीं बोला और मृतकों की संख्या पर कोई बयान नहीं दिया। हालांकि बनर्जी ने कहा कि मृतकों की संख्या दो है। उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया और भाजपा पर राज्य में हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य सचिवालय में कहा, ‘‘दो लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन वे (भाजपा) दावा कर रहे हैं कि पांच लोग मारे गये हैं। वे झूठ बोल रहे हैं। मैंने एक भाजपा नेता को एक समाचार चैनल में बोलते सुना कि तीन लोग लापता हैं। अगर यह सच है तो आप उनका नाम पता क्यों नहीं बताते।’’  उन्होंने राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव को लेकर मीडिया में चल रही अटकलों की आलोचना करते हुए उन्हें खारिज कर दिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव की संभावना को भी मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया।  उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव दो साल बाद होंगे। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में कोई संबंध नहीं है। आप गलत खबरें चला रहे हैं।’’  उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप वही लिख रहे हो जो भाजपा नेता आपसे कह रहे हैं। आपने यह क्यों लिखा कि चार या पांच लोग मारे गये हैं? आप भाजपा नेताओं के दावों की जांच नहीं कर रहे। मुझे पता है कि भाजपा आपको विज्ञापन देती है। मुझे सब पता है।’’  मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में छिटपुट घटनाएं घटीं। वो भी भाजपा की वजह से। उन्होंने खुद को भगवान समझना शुरू कर दिया है। लेकिन याद रखिए, हमने घटनाओं को नियंत्रित कर लिया है।’’  बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में आज के हालात की तुलना 2009 में माकपा की अगुवाई वाली वाम मोर्चा सरकार के समय से किये जाने पर कहा, ‘‘अब और तब के हालात में बहुत अंतर है।’’

कठुआ बलात्कार एवं हत्या मामले में तीन को आजीवन कारावास

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तीन अन्य को पांच वर्ष की कैद
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पठानकोट (पंजाब), दस जून ,जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय खानाबदोश लड़की से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में तीन मुख्य आरोपियों को सोमवार को यहां की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए तीन अन्य को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। करीब 17 महीने पहले हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। अदालत में पीड़िता के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले मुबिन फारूकी के मुताबिक, करीब एक वर्ष तक मुकदमा चलने के बाद अदालत ने मामले में छह को दोषी करार दिया जबकि मुख्य षड्यंत्रकर्ता सांजी राम के बेटे विशाल जंगोतरा को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के वकील संतोख सिंह ने कहा कि जिस देवस्थानम (मंदिर) में अपराध हुआ था वहां की देखभाल करने वाले सांजी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और एक अन्य आरोपी परवेश कुमार को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) के तहत आपराधिक साजिश, हत्या, अपहरण, सामूहिक बलात्कार, साक्ष्यों को नष्ट करने, पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाने और समान आशय के तहत अपराध को अंजाम देने का दोषी करार दिया गया। अभियोजन ने उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की थी। अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और आपराधिक षड्यंत्र एवं हत्या के लिए उन पर एक- एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।  उन्होंने कहा कि आजीवन कारावास की सजा का मतलब है कि नैसर्गिक मृत्यु होने तक वे जेल में रहेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें आरपीसी के तहत विभिन्न अपराधों के लिए जेल की अलग अलग अवधि की सजा भी सुनाई गई जो आजीवन कारावास की सजा के साथ चलेगी। उन्होंने बताया कि तीन सह अपराधियों -- पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, मुख्य आरक्षक (हेड कांस्टेबल) तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेन्दर वर्मा को साक्ष्य नष्ट करने के लिए पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई और प्रत्येक पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। उन्होंने कहा कि अगर वे जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल में अतिरिक्त छह महीने कैद की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के वकीलों की टीम में जे के चोपड़ा, एस एस बसरा, हरमिंदर सिंह और भूपिंदर सिंह शामिल थे। उन्होंने मुख्य आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की और विशाल को बरी किए जाने के खिलाफ वे अपील करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘‘हत्या और सामूहिक बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए सभी तीनों आरोपियों के लिए हमने फांसी की सजा की मांग की। यह हम सभी की कड़ी मेहनत और जांच एवं कानूनी समझ का नतीजा है। हमें 99 फीसदी परिणाम हासिल हुआ है।’’  अदालत कक्ष में सातों आरोपी मौजूद थे जहां मीडिया को जाने से रोक दिया गया था। अदालत कक्ष के अंदर मौजूद लोगों के मुताबिक फैसला सुनाए जाते ही राम और खजुरिया स्तब्ध रह गए। दोनों के परिवार के कुछ सदस्य उन्हें जेल भेजे जाने की खबर सुनकर अदालत परिसर के अंदर ही बेहोश हो गए। जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने एक किशोर सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। किशोर के खिलाफ अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है क्योंकि उसकी उम्र तय करने की याचिका पर जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल में दायर 15 पन्नों के आरोपपत्र के मुताबिक, लड़की का अपहरण पिछले वर्ष दस जनवरी को हुआ और गांव के एक छोटे मंदिर में उसे चार दिनों तक नशीला पदार्थ देकर उससे बलात्कार किया गया। मंदिर की देखरेख सांजी राम करता था। बाद में लड़की की हत्या कर दी गई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सजा का स्वागत किया लेकिन कहा कि वह सभी छह दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की उम्मीद कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ऊपरी अदालत में अपील करनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने सात मई 2018 को आदेश दिया था कि मामले को जम्मू-कश्मीर के बाहर भेजा जाए जिसके बाद इसे जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से करीब 30 किलोमीटर दूर पंजाब के पठानकोट के जिला एवं सत्र न्यायालय में पिछले वर्ष जुलाई के पहले हफ्ते में भेजा गया। मामले की अदालत में रोजाना सुनवाई हुई।

सरकार ने भ्रष्टाचार, कदाचार के लिए 12 वरिष्ठ आयकर अधिकारियों को बर्खास्त किया

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नयी दिल्ली , 10 जून, सरकार ने भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इनमें आयुक्त और संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।  इस सूची में शामिल एक बर्खास्त संयुक्त आयुक्त के खिलाफ स्वयंभू धर्मगुरु चंद्रास्वामी की मदद करने के आरोपी एक व्यवसायी से जबरन वसूली तथा भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें हैं।  सूत्रों ने बताया कि इसमें नोएडा में तैनात आयुक्त (अपील) पद के एक आईआरएस अधिकारी भी है। उस पर आयुक्त स्तर की दो महिला आईआरएस अधिकारियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है।  एक अन्य आईआरएस अधिकारी ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 3.17 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी। यह संपत्ति कथित तौर पर पद का दुरुपयोग करके और भ्रष्ट एवं गैर - कानूनी तरीकों से अर्जित की गई थी।इस अधिकारी को समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने का निर्देश दिया गया है।  आयकर विभाग के एक आयुक्त के खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने आय से अधिक का मामला दर्ज किया था और उन्हें अक्टूबर 2009 में सेवा से निलंबित कर दिया था। उन्हें भी सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्त लेने के लिए कहा है।  एक अन्य अफसर जो भ्रष्टाचार और जबरन वसूली में लिप्त था और कई गलत आदेश पारित किए थे। इन आदेशों को बाद में अपीलीय प्राधिकरण ने पलट दिया था। उसे भी सेवा से बर्खास्त किया गया है।  आयुक्त स्तर के एक अन्य अधिकारी पर मुखौटा कंपनी के मामले में एक व्यवसायी को राहत देने के एवज में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। इसके अलावा उसने पद का दुरुपयोग करके चल / अचल संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगा था। उसे भी जबरिया सेवानिवृत्ति कर दिया गया है। 

आरबीआई ने शून्य राशि वालों खातों के लिये नियमों में ढील दी

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अब मिलेंगे चेक बुक समेत अन्य सुविधाएं
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मुंबई, 10 जून, रिजर्व बैंक ने प्राथमिक खातों (बेसिक एकाउंट) के मामले में सोमवार को नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेंगी। हालांकि बैंक इन सुविधाओं के लिये खाताधारकों को कोई न्यूनतम राशि रखने के लिये नहीं कह सकते। प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से आशय ऐसे खातों से है जिसे शून्य राशि से खोला जा सकता है। इसमें कोई न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है। इससे पहले नियमित बचत खाते जैसे खातों को ही अतिरिक्त सुविधा मिलती थी। अत: इन खातों में न्यूनतम राशि रखने की जरूरत होती है और अन्य शुल्क भी देने होते हैं। वित्तीय समावेशी अभिभयान के तहत आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने को कहा। इसमें बिना किसी शुल्क के कुछ न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती थी। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक न्यूनतम सुविधाओं के अलावा चेक बुक जारी करने समेत अतिरिक्त मूल्य वर्द्धित सेवाएं देने के लिये स्वतंत्र हैं....अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने से ये खाते गैर-बीएसबीडी खाते नहीं हो जाएंगे....।’’  केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ किया है कि अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश को लेकर बैंकों को ग्राहकों से न्यूनतम राशि रखने को नहीं कहना चाहिए। बीएसबीडी खाता नियतों के तहत खाताधारकों को न्यूनतम राशि रखने की जरूरत नहीं है और उन्हें कुछ न्यूनतम सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। इन सुविधाओं में एटीएम से एक महीने में चार बार निकासी, बैंक शाखा में जमा तथा एटीएम कार्ड शामिल हैं। इन खातों में एक महीने में जमा राशि की संख्या और मूल्य पर कोई सीमा नहीं है।

युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, कहा अब आगे बढ़ने का समय

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मुंबई, दस जून , कैंसर पर विजय हासिल करने के आठ साल बाद भावुक युवराज सिंह ने सोमवार को उतार चढ़ाव से भरे अपने करियर को अलविदा कहने की घोषणा की जिसमें उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि भारत की 2011 की विश्व कप जीत में अहम योगदान रहा।  प्रतिभा के धनी इस करिश्माई खिलाड़ी को सीमित ओवरों की क्रिकेट का दिग्गज माना जाता रहा है लेकिन उन्होंने इस टीस के साथ संन्यास लिया कि वह टेस्ट मैचों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये।  बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि संन्यास लेने से पहले कई बार परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ने के प्रयास किये।  इस 37 वर्षीय क्रिकेटर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने 25 साल 22 गज की पिच के आसपास बिताने और लगभग 17 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया और यही वजह है कि मैं आज यहां पर हूं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत भाग्यशाली रहा कि मैंने भारत की तरफ से 400 मैच खेले। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था। ’’  इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि वह अब ‘जीवन का लुत्फ’ उठाना चाहता है और बीसीसीआई से स्वीकृति मिलने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न टी20 लीग में फ्रीलांस खिलाड़ी के रूप में खेलना चाहता है। लेकिन अब वह इंडियन प्रीमियर लीग में नहीं खेलेंगे। 

युवराज ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने टेस्ट मैचों में 1900 और वनडे में 8701 रन बनाये। उन्हें वनडे में सबसे अधिक सफलता मिली। टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1177 रन दर्ज हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘यह इस खेल के साथ एक तरह से प्रेम और नफरत जैसा रिश्ता रहा। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि वास्तव में यह मेरे लिये कितना मायने रखता है। इस खेल ने मुझे लड़ना सिखाया। मैंने जितनी सफलताएं अर्जित की उससे अधिक बार मुझे नाकामी मिली पर मैंने कभी हार नहीं मानी।’’  बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने करियर के तीन महत्वपूर्ण क्षणों में विश्व कप 2011 की जीत और मैन आफ द सीरीज बनना, टी20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में छह छक्के जड़ना और पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 2004 में पहले टेस्ट शतक को शामिल किया।  विश्व कप 2011 के बाद कैंसर से जूझना उनके लिये सबसे बड़ी लड़ाई थी।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बीमारी से हार मानने वाला नहीं था। ’’  इसके बाद हालांकि उनकी फार्म अच्छी नहीं रही। उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी मैच जून 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे के रूप में खेला था। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच 2012 में खेला था।  इस साल आईपीएल में वह मुंबई इंडियन्स की तरफ से खेले लेकिन उन्हें अधिक मौके नहीं मिले। दक्षिण अफ्रीका में 2007 में खेले गये विश्व कप में उनकी उपलब्धि का कोई सानी नहीं है। उन्होंने किंग्समीड में स्टुअर्ट ब्राड के एक ओवर में छह छक्के लगाये थे जिसे क्रिकेट प्रेमी कभी भूल नहीं पाएंगे। इंग्लैंड के खिलाफ इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केवल 12 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया जो कि एक रिकार्ड है।  युवराज वनडे में मध्यक्रम के मुख्य बल्लेबाज बन गये थे और इस बीच उन्होंने अपनी गेंदबाजी से भी प्रभावित किया। उन्होंने विश्व कप 2011 में अपनी आलराउंड क्षमता का शानदार नमूना पेश किया तथा 300 से अधिक रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी लिये। इस दौरान उन्हें चार मैचों में मैन आफ द मैच और बाद में मैन आफ द टूर्नामेंट चुना गया।  युवराज ने कहा, ‘‘विश्व कप 2011 को जीतना, मैन आफ द सीरीज बनना, चार मैन आफ द मैच हासिल करना सब सपने जैसा था जिसके बाद कैंसर से पीड़ित होने के कारण मुझे कड़वी वास्तविकता से रू ब रू होना पड़ा। ’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह सब तेजी से घटित हुआ और तब हुआ जब मैं अपने करियर के चरम पर था। मैं अपने परिवार और दोस्तों से मिले सहयोग को शब्दों में बयां नहीं कर सकता जो मेरे लिये उस समय मजबूत स्तंभ की तरह थे। बीसीसीआई और बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने भी मेरे उपचार के दौरान सहयोग किया। ’’  युवराज ने सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी को अपना पसंदीदा कप्तान बताया तथा अपने करियर में जिन गेंदबाजों को खेलने में उन्हें मुश्किल हुई उनमें श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन और आस्ट्रेलिया के ग्लेन मैकग्रा का नाम गिनाया। 

प्रचंड गर्मी से देश के विभिन्न हिस्सों में भीषण कहर

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दिल्ली में पारा 48 डिग्री पहुंचा
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नयी दिल्ली, 10 जून, देश में विभिन्न हिस्सों में प्रचंड गर्मी का भीषण कहर जारी है तथा राष्ट्रीय राजधानी में पारा अभी तक सबसे ऊंचे स्तर 48 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया जबकि उत्तर भारत के कई जगहों पर यह 50 डिग्री के आसपास बना रहा। इस गर्मी से फिलहाल कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभगा के अनुसार दक्षिणी और पूर्वोत्तर में मानसून की बेहद धीमी गति के कारण उत्तरी और पश्चिमी भारत के राज्यों को अगले कुछ दिन तक कोई राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। देश में सोमवार को सबसे गर्म स्थान रहा चुरू। राजस्थान के इस शहर में अधिकतम तापमान 50.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के बांदा में तापमान 49.2 डिग्री सेल्सियस, इलाहाबाद में 48.9, राजस्थान के श्रीगंगानगर में 48.5 और हरियाणा के नारनौल में 48.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जून की बात करें तो दिल्ली के इतिहास में सोमवार को गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 48 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ 10 जून, 2019 दिल्ली के इतिहास में इस महीने का सबसे गर्म दिन रहा। इससे पहले नौ जून, 2014 को पालम में सबसे ज्यादा 47.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। भारत मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पालम वेधशाला में सोमवार को दिल्ली के इतिहास में सबसे अधिक तापमान, 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया, ‘‘रूखी पछुआ हवाओं, पश्चिम विक्षोभ का मैदानी इलाकों पर कोई प्रभाव नहीं होना और जून के महीने की भीषण गर्मी के कारण तापमान इतना ज्यादा हुआ है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण संभवत: मंगलवार को तापमान में एक-दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आए। लेकिन लू चलना जारी रहेगा।’’  हालांकि, सफदरजंग वेधशाला में सोमवार के लिए अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि मौसम विभाग के अनुसार, यदि किसी क्षेत्र में तापमान लगातार दो दिन 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहे तो वहां लू की स्थिति घोषित कर दी जाती है। यदि पारा 47 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर चला जाए तो ‘लू की गंभीर स्थिति’ बन जाती है। विभाग ने बताया कि दिल्ली जैसी छोटी जगहों (भौगोलिक सीमा के आधार पर) पर अगर तापमान एक दिन भी 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाए तो लू की स्थिति घोषित कर दी जाती है। पंजाब और हरियाणा में भी कई जगहों पर पारा 45 के पार रहा। दोनों राज्यों में सबसे गर्म रहा नारनौल, जहां पारा 48.3 डिग्री सेल्सियस रहा। भिवानी और हिसार में अधिकतम तापमान क्रमश: 46.8 और 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि अंबाला और करनाल में पारा 44.8 और 44.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

पंजाब के अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में भी तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। राजस्थान में सोमवार को चुरू में पारा एक बार फिर 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहा। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के लोगों को इस गर्मी से अगले चौबीस घंटे में भी कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। सोमवार को चुरू में दिन का अधिकतम तापमान 50.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, गंगानगर में अधिकतम तापमान 48.5 डिग्री, बीकानेर में 47.4 डिग्री, कोटा में 47.3 डिग्री और जयपुर में 46.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बाड़मेर, जैसलमेर और अजमेर में भी तापमान 45 डिग्री से ऊपर रहा। मध्यप्रदेश के नौगांव में सोमवार को अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सर्वाधिक गर्म रहा। मौसम वैज्ञानिक एस के डे ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘राजस्थान से मध्यप्रदेश की ओर शुष्क हवा आ रही है, जिसके चलते मध्यप्रदेश के नौगांव एवं ग्वालियर-चंबल इलाके सहित कई भाग तीव्र लू की चपेट में हैं।’’ उन्होंने कहा कि सोमवार को मध्यप्रदेश में अधिकतम तापमान नौगांव में 49 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कल के मुकाबले एक डिग्री सेल्सियस अधिक था। डे ने बताया कि इसके बाद, खजुराहो में अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर में 47.8 डिग्री, दमोह में 47.2 डिग्री, सतना में 47.1 डिग्री, गुना में 46.8 डिग्री, रीवा में 46.6 डिग्री, राजगढ़ में 46.4 डिग्री, रायसेन में 46.2 डिग्री, शाजापुर एवं सागर में 46 डिग्री, सीधी में 45.8 डिग्री, उमरिया में 45.7 डिग्री एवं टीकमगढ़ में 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, मध्यप्रदेश की राजधानी में भोपाल में सोमवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस, जबलपुर में 44.7 डिग्री एवं इंदौर में 42.4 डिग्री सेल्सियस रहा। उन्होंने कहा कि अगले दो दिन मौसम ऐसा ही रहने की उम्मीद है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून

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हस्तषिल्प प्रदर्षनी 14 तक रहेगी जारी

विदिषा-11 जून 2019/ भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन विकास आयुक्त कार्यालय (हस्तषिल्प) नई दिल्ली के मार्गदर्षी सहयोग से ज्ञानपथ षिक्षा एवं समाज कल्याण समिति भोपाल द्वारा स्थानीय स्वर्णकार काॅलोनी स्थित पंजाबी धर्मषाला में हस्तषिल्प प्रदर्षनी आयोजित की गई है। 5 जून से जारी यह प्रदर्षनी 14 जून तक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से रात्रि 9 बजे तक निरंतर खुली रहेगी। इस प्रदर्षनी में स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुएं, जैसे जूट बैग, जरी वर्क, एम्ब्रायड्री उत्पाद आदि अवलोकन तथा क्रय किए जाने हेतु उपलब्ध हैं। ज्ञानपथ षिक्षा एवं समाज कल्याण समिति भोपाल के अध्यक्ष आईएस चैहान ने सबसे इस प्रदर्षनी का अवलोकन तथा स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुएं क्रय करने का आग्रह किया है। 

टीएल समेत अन्य बैठकों का आयोजन आज

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कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बुधवार 12 जून को टीएल समेत विभिन्न्न बैठकों का आयोजन नवीन कलेक्टेªट के सभाकक्ष में किया गया है।  बैठकों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी एवं अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि बुधवार 12 जून की प्रातः 11 बजे से कलेक्टर द्वारा प्रथम पाली में लोक निर्माण विभाग, पीआईयू, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, एमपीआर-डीसी, ब्रिज कार्पोरेशन एवं आरईएस के माध्यम से सम्पन्न कराए जाने वाले विकास कार्यो की समीक्षा की जाएगी।  बुधवार 12 जून को ही दोपहर डेढ़ बजे से टीएल बैठक का आयोजन नवीन कलेक्टेªट के सभाकक्ष में किया गया है।  कलेक्टर श्री सिंह के द्वारा अपरान्ह दो बजे से द्वितीय पाली मंे जिन विभागों के विकास कार्यो, योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी उनमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग के निर्माण कार्य, जनभागीदारी, डीपीओ, सांसद-विधायकनिधि के विकास कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं युवा स्वाभिमान योजना शामिल है। 

गुरूवार को आहूत बैठको की जानकारी

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार 13 जून को नवीन कलेक्टेªट के सभाकक्ष में जिन विभागों की बैठके आहूत की जाएगी उनमें प्रातः 11 बजे से प्रथम पाली में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशु चिकित्सा विभाग एवं मत्स्य विभाग शामिल है। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि गुरूवार 13 जून को द्वितीय पाली की बैठके दोपहर दो बजे से शुरू होगी। उक्त पाली में कलेक्टर द्वारा कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग तथा खाद्य विभाग के कार्यो क अद्यतन समीक्षा की जाएगी।  

जनसुनवाई कार्यक्रम में 157 आवेदन प्राप्त हुए

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के मार्गदर्शन मंे मंगलवार को आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 157 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में एसडीएम श्री लोकेन्द्र सरल, डिप्टी कलेक्टर श्री अनिल कुमार जैन समेत अन्य विभागों के जिलाधिकारियों ने पंक्तिबद्व-रो मंे बैठकर आवेदकों की समस्याओं को सुना और निराकरण की कारगर पहल की गई है। आज सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में मौके पर 53 आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। आज सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकांश आवेदन बीपीएल सूची में नाम दर्ज करने, वृद्वावस्था पेंशन दिलाए जाने, आवासीय कुटीर प्रदाय करने, कम्प्यूटर रिकार्ड में भूमि की अद्यतन जानकारियां दर्ज कराने, इलाज हेतु आर्थिक सहायता दिलाए जाने के प्राप्त हुए थे। संबंधित आवेदकों को नियमों के तहत सम्पन्न होने वाली कार्यवाही से अवगत कराया गया है। बासौदा तहसील के ग्राम रामनगर के आवेदक श्री मौजीलाल ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में 2700 रूपए जमा है किन्तु बैंक द्वारा पैसे देने मेें आनाकानी की जा रही है उक्त प्रकरण में एलडीएम को कार्यवाही कराने हेतु अधिकृत किया गया है। बासौदा तहसील के ही अयोध्या नगर निवासी श्रीमती राजकुमारी ने दो सौ रूपए प्रतिमाह की दर से विद्युत कनेक्शन दिलाए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर बासौदा अनुविभाग क्षेत्र के डीई को कार्यवाही करने हेतु अधिकृत किया गया है। सिरोंज तहसील के ग्राम इमामनगर के श्री कुंवर लाल ने गांव में पेयजल आपूर्ति हेतु हेण्ड पंप खनन कराए जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को परीक्षण कर कार्य करने हेतु निर्देश दिए गए है। विदिशा के आवेदक श्री गौरीशंकर चैबे ने बताया कि पहले राशन दुकान से सस्ती दर पर खाद्यान्न सामग्री मिल रही थी किन्तु अब बंद हो गई है आवेदक की समग्र आईडी का परीक्षण कराने हेतु निर्देश दिए गए है। सिरोंज तहसील के ग्राम अमदखेडी की सूरजबाई अहिरवार ने जमीन नपती हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर तहसीलदार को कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिए गए है। 

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम आज

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत विदिशा जनपद पंचायत के ग्राम भाटनी मेें सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।  जनपद सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा ने बताया कि वैवाहिक कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष श्रीमती रामदेवी रंधीर सिंह ठाकुर के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि वर-वधु को आशीर्वाद देने हेतु उपस्थित रहेंगे। ग्राम पंचायत भाटनी में आयोजित वैवाहिक सम्मेलन हेतु अब तक 46 जोडो के द्वारा विवाह हेतु पंजीयन कराया गया है। योजना के अंतर्गत वधु के बैंक खाते मंें 48 हजार रूपए जमा किए जाएंगे। 

बाल श्रम के विरूद्व विश्व दिवस का आयोजन आज

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के द्वारा प्रतिवर्ष 12 जून को बाल श्रम के विरूद्व विश्व दिवस मनाया जाना वर्ष 2002 से प्रारंभ किया गया है।  जिला श्रम पदाधिकारी श्री सुधीश कमल ने बताया कि विदिशा जिले में भी बाल श्रम के विरूद्व विश्व दिवस मनाए जाने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन बुधवार 12 जून को किया गया है। आयोजन के अंतर्गत विदिशा शहर में जनजागरण अभियान हेतु विदिशा नगर के रेल्वे स्टेशन रोड से लेकर तिलक चैक मेन बाजार होते हुए बाल एवं कुमार (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रावधानो से अवगत कराने हेतु प्रातः नौ बजे से जनजागरण अभियान की शुरूआत होगी। अभियान के अंतर्गत दुकानदारों एवं अन्य नगरवासियों को अधिनियम की जानकारी से अवगत कराया जाएगा साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मापदण्डों की जानकारी दी जाएगी। जनजागरण अभियान में श्रम विभाग के अलावा चाइल्ड लाइन, बाल संरक्षण अधिकारी एवं टाॅस्क फोर्स के अन्य सदस्यगण भी शामिल होंगे। 

कृषि स्थायी समिति की बैठक 14 को

जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की बैठक 14 जून शुक्रवार को आयोजित की गई है यह बैठक कृषि ज्ञान केन्द्र करैया खेडा रोड विदिशा में दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। कृषि स्थायी समिति की सभापति श्रीमती गीता सिंह राजपूत की अध्यक्षता में आहूत उक्त बैठक में शामिल ऐजेण्डा बिन्दु के बारे में समिति के सदस्य सचिव एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चैकसे ने बताया कि बैठक में रबी वर्ष 2018-19 के लक्ष्यों का अनुमोदन, खरीफ 2019 के लक्ष्यों का अनुमोदन के अलावा समिति की सभापति द्वारा चर्चा हेतु अनुमोदित विषयांतर्गत मत्स्य पालन, रेशम, पशुपालन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, आत्मा परियोजना, कृषि यंत्री, एमपी एग्रो, बीज निगम, जिला विपणन, उद्यान, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, सम्राट अशोक सागर परियोजना, संजय सागर बाह्य परियोजना, विद्युत वितरण कंपनी के कार्यो की भी समीक्षा की जाएगी।  

डीडीटी छिड़काव की कार्ययोजना

संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के राज्य कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा जारी दिशा निर्देशो के अनुपालन में विदिशा जिले में डीडीटी छिडकाव का दो चक्रो में विकासखण्ड, उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा ग्रामवार कार्ययोजना को मूर्तरूप दिया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी श्री बीएम वरूण ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीपलखेडा के अधीन ग्राम पंचायतों में 16 जून से 25 जून तक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ग्यारसपुर अंतर्गत 27 जून से 12 जुलाई तक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्योंदा के अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों में डीडीटी का छिड़काव 14 जुलाई से शुरू होगा जो 21 जुलाई तक क्रियान्वित किया जाएगा।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून

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दुष्कर्मियों को नहीं दी जा रहीं है खतरनाक सजा  जनवादी महिला समिति ने दिया राष्ट्रपति के नाम  ज्ञापन 

sehore news
सीहेार। जनवादी महिला समिति ने मासूम बच्च्यिों के साथ दरिंदगी को अंजाम देने वाले हत्यारों को कठौर सजा देने की मांग की। महिलाओं ने जनवादी महिला समिति महासचिव श्रीमति संतोष प्रजापति ने नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन अपर कलेक्टर बीके चतुर्वेदी को दिया।  जनवादी महिला समिति ले राष्ट्रपति से पांच सूत्रीय मांग बच्चियों की सुरक्षा के लिए की। समिति महासचिव श्रीमति प्रजापति ने कहा की सरकार बच्चियों के साथ कुकर्म और जघन्य हत्याओं को रोक नहीं पा रहीं है। महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। महिलाओं युवतियों और बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को खतरनाक सजा नहीं दी जा रहीं है जिस कारण देश की बहु बेटी और बच्चियां असुरक्षित हो गई है। इस तरह के अपराधियों को किसी भी हालत में जमानत नहीं दी जाए। दुष्कर्म के अपराधियों को फांसी पर लटका दिया जाए या ताउर्म जेल में रखा जाए। बिना भेदभाव बिना किसी वीआईपी के दबाव के पीडि़तों को न्याय दिया जाए। ज्ञापन सौपते समय जनवादी महिला समिति की मधु जैन, संगीता जैन, सुनीता पाटीदार, प्रिया ठाकुर, राजबाला तोमर, सहित अन्य महिलाए मौजूद रहीं। 

प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील आज आएंगे सीहोर जिले के ग्राम पंचायत माथनी

गैस त्रासदी, राहत एवं पुर्नवास, पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग मध्यप्रदेश शासन तथा सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील 12 जून को सीहोर आएंगे। जारी दौरा कार्यक्रम अनुसार प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील 12 जून को प्रात:9 बजे भोपाल से कार द्वारा प्रस्थान कर प्रात: 10:30 बजे सीहोर जिले की रेहटी तहसील के ग्राम माथनी पंचायत (सलकनपुर) पहुंचेंगे। जहां जन सामान्य से चर्चा करेंगे।  प्रात: 11:30 बजे ग्राम माथनी से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे। 

कृषकों के पुत्र-पुत्रियां अपना उद्योग स्थापित करने के लिए कर सकते हैं आवेदन

जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति सीहोर के कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति जिला सीहोर को मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी, युवा उद्यमी, स्वरोजगार, आर्थिक कल्याण एवं सावित्री बाई फूले समून योजनाओं के अन्तग्रत वार्षिक लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। आवेदक एमपीऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से WWW.SCWELFARE.MPONLINE.GOV.IN पर आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना अन्तर्गत कृषक पुत्र-पुत्रियों को उद्योग स्वरोजगार स्थापना सहायता के लिए 50 हजार से 1 करोड़ रुपये तक का बैंक ऋण राशि पर मार्जिनमनी सहायता 12 लाख रुपये प्रदाय किया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना अन्तर्गत आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष के मध्य हो शैक्षणिक योग्यता 10 वीं उत्तीर्ण हो स्वयं का उद्योग सेवा उद्यम स्थापित करने के लिए बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना है। आवेदक 10 लाख से 2 करोड़ रुपये तक ऋण एवं 12 लाख रुपये तक का अनुदान प्राप्त कर सकता है। आय का बंधन नहीं है बैंक का चूककर्ता डिफाल्टर न हो। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा की स्थापना हेतु आवेदक की क्षैक्षणिक योग्यता 5 वीं उत्तीर्ण हो आवेदक की उम्र 18 से 45 वर्ष के मध्य हो बैंक का चूककर्ता न हो आय को कोई बंधन नहीं है। आवेदक 10 लाख तक का ऋण एवं 2 लाख रुपये तक की मार्जिनमनी सहायता प्राप्त कर सकता है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अन्तर्गत आवेदक 18 से 55 वर्ष के मध्य हो बैंक का चूककर्ता न हो बीपीएल कार्डधारी/पी.डी.एस. कार्डधारी  50 हजार तक का ऋण एवं 15 हजार रुपये तक का अनुदान प्राप्त कर सकता है। सावित्री बाई फूले स्वसहायता समूह योजना अन्तर्गत लघु, कुटीर उद्योग आवेदिका 18 से 55 वर्ष के मध्य हो, बीपीएल कार्डधारी हो, बैंक का चूककर्ता न हो, प्रत्येक समूह में 5 से 10 या अधिक का समूह हो सकता है। 50 हजार पर प्रत्येक को 15 हजार रुपये तक का अनुदान देने का प्रावधान है। अधिक जानकारी के लिये नवीन कलेक्ट्रेट भवन कक्ष क्रमांक 122 में कार्यालयीन समय में संपर्क कर सकते हैं।

जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक 13 जून को

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पंचायत सीहोर की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक 13 जून 2019 को शाम 4 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा करेंगी। बैठक में जिला पंचायत के प्रथम तल एवं द्वितीय तल के शौचालयों के पार्टीशन एवं मरम्मत पर होने वाले अनुमानित व्यय के संबंध में, वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में केन्द्र शासन एवं राज्य शासन प्राप्त राशि के आय-व्यय पर चर्चा की जाएगी।

निपाह वाइरस को लेकर अलर्ट जारी

निपाह वाइरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। निपाह वाइरस एक संक्रामक एवं उभरती हुई जूनोटिक बीमारी है। पिछले वर्ष केरल से भी निपाह के कुछ प्रकरण तथा मृत्यु दर्ज की गई थी। बीमारी का संक्रमण चमगादड़ द्वारा कुतरे हुए फल को सुअर द्वारा ग्रहण करने पर सुअरों को हो जाती है एवं मनुष्यों में यह बीमारी दूषित कच्ची ताड़ी पीने से एवं संक्रामित चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से होती है।   मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि निपाह वाइरस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी, सुस्ती, बेहोशी और उल्टी दस्त शामिल है। वर्तमान में संबंधित बीमारी की जांच की सुविधा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी पुणे में है। जांच के लिए थ्रोट स्वाब, पेशाब, रक्त एवं सीएसएफ के नमूने लिए जाते हैं। निपाह वायरस बीमारी से बचाव हेतु चमगादड़ के द्वारा खाऐ हुए अपशिष्ट फलों का सेवन न करें। ताड़ी का सेवन ना करें। केवल अच्छी तरह धोकर फलों का सेवन करें। लम्बे समय से उपेक्षित कुओं में प्रवेश ना करें। चमगादड़ों एवं सुअरों के संपर्क से बचें। संभावित निपाह वाइरस बीमारी के रोगी से दूर रहे। संदिग्ध लक्षणों वाले मरीज मिले तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में संपर्क करें। सिविल सर्जन सहित समस्त बीएमओ को निर्देशित किया गया है कि संदिग्ध मरीज मिलने पर तत्काल इसकी सूचना जिला एवं राज्य सर्विलेंस इकाई को तत्काल देवें।   

दस्तक अभियान के लिए विकासखण्ड स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त

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दस्तक अभियान प्रथम चरण की शत प्रतिशत सफलता तथा मानीटरिंग के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा विकासखण्ड स्तरीय जिम्मेदारी विभागीय महकमे के जिला स्तर के अधिकारियों को दी गई है। इछावर ब्लाक की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके को सौंपी गई है वहीं श्यामपुर एवं सीहोर शहरी क्षेत्र के लिए जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.आनंद शर्मा को जिम्मेदार बनाया गया है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एम.चंदेल को नसरूल्लागंज, जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ.नमीता नीलकंठ को बुदनी तथा जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे को आष्टा ब्लाक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि दस्तक अभियान में शत प्रतिशत लक्ष्य की उपलब्धि सुनिश्चित करने तथा ब्लाक मुख्यालय पर सांयकालीन बैठक आयोजित कर प्रतिदिन के लक्ष्य एवं उपलब्धि की समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए गए है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून

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राष्ट्रीय पक्षी मोरो की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति शासन और जिला प्रषासन का रवैया पूरी तरह से उदासीन, सोमवार को जागरूक नागरिकों ने एक मोर को कुत्ते का भोजन बनते बचाया

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झाबुआ। जिले के पेटलावद तहसील एवं उक्त तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम झकनावदा में राष्ट्रीय पक्षी मोरो की संख्या करीब 400 से भी अधिक है, लेकिन इनके आहार एवं पानी हेतु कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इनके दाना-पानी हेतु कोई समुचित स्थान भी नियत नही है। जिसके चलते मोर आए दिन विचरते हुए दाना-पानी चुगने हेतु सड़क किनारे आ जाते है और जंगली जानवरों के साथ कुत्ते-बिल्ली आदि के शिकार हो जाते है।  ऐसी ही एक घटना सोमवार सुबह 8 बजे की है, जब एक मोर पानी पीने नाली के किनारे पहुंचा, जहां पानी पीते समय मोर को एक कुत्ते का शिकार होते देख ठाकुर जगपालसिंह राठौर, ठाकुर विजय बहादुर, रतनलाल चोयल ने कुत्ते का शिकार होते मोर की जान बचाई। बाद इसकी जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमट व गोपाल विश्वकर्मा को मिलने पर सभी ने मिलकर मोर का प्राथमिक उपचार कर समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्र पर करवाकर बाद वापस गड़ी में उचित स्थान पर छोड़ दिया।

तत्कालीन कलेक्टर को मोर अभ्यारण केंद्र बनाए हेतु दिया गया था आवेदन
इस हेतु पूर्व में भी राष्ट्रीय मानवधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की टीम व झकनावदावासियो ने झकनावदा में मोर अभ्यारण केंद्र बनाने हेतु पूर्व तत्कालीन कलेक्टर आशीष सक्सेना को झकनावदा प्रवास के दौरान आवेदन के माध्यम से अवगत भी करवाया था, जिसके बाद भी आज तक शासन-प्रषासन द्वारा राष्ट्रीय पक्षी मोर को सुरक्षित करने की दृष्टि से कोई पुख्ता इंतजामात या व्यवस्थाएं नहीं की गई है। यदि इसी तरह राष्ट्रीय पक्षी को समय पर दाना-पानी नहीं मिलने एवं जहरीले जानवरों का षिकार होने से आगामी समय में इनकी संख्या में नाम-मात्र की ही रह जाएगी।

जवाबदारों का कहना
- मैं अभी मीटींग में व्यस्त हूॅ, बाद में चर्चा करता हूॅ। प्रबल सिपाहा, कलेक्टर झाबुआ।
- आपकी बात से मैं सहमत हूॅ। नेषनल बर्डस मोर की सुरक्षा एवं उनके समय पर आहार एवं पानी की व्यवस्था होना चाहिए। इसके लिए वन विभाग ध्यान दे रहा है। मैं विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर निर्देषित करती हूॅ।
श्रीमती जमुना भिड़े, सीईओ, जिला पंचायत झाबुआ।

झाबुआ सहित प्रदेश के आठ स्थानों में खोले जायेंगे उत्कृष्ट संस्थान

झाबुआ । 10 जुन झाबुआ जिले को म.प्र.की सरकार द्वारा एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब झाबुआ सहित प्रदेश के आठ स्थानों में इन्दौर, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, जबलपुर , सागर, ग्वालियर और रीवा में उत्कृष्ट संस्थान खाले जायेंगे। जिला युवा कांगे्रस अध्यक्ष डाॅ. विक्रान्त भूरिया एवं जिला कांगे्रस प्रवक्ता हर्ष भटट ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने अपने भोपाल दोरे के दोरान प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से भेंट कर झाबुआ में उत्कृष्ट संस्थान खोलने की मांग की थी । जिन्हें मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री ने उनकी मांग को मानते हुए झाबुआ में उत्कृष्ट संस्थान खोले जाने की घोषणा की ।  ज्ञातव्य है कि सन 1995 में तत्कालिन कांगे्रस सरकार के मुख्यमंत्री श्री दिग्गविजयीसिंह जी ने भोपाल में उच्च शिक्षा उत्कृष्ट संस्थान की स्थापना भोपाल में की थी। इस संस्थान को प्रशासनिक, अकादमिक एवं वित्तिय मामलों में शासकिय महाविद्यालय की अपेक्षा स्वतंत्र रखा गया है। यह प्रयोग पुरी तरह सफल रहा है। पिछले पन्द्रह वर्षों में तत्कालिन भाजपा सरकार द्वारा नये संस्थान खोलने मंे कोई रूची नहीं दिखाई गई । कांगे्रस सरकार ने इस योजना पर अमल करते हुए प्रदेश में नये संस्थान खोलकर  प्रतिभाशाली छात्रों को इस संस्थान में प्रवेश दिया जायेगा तथा उन्हें अच्छी तकनिकी शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसमें आॅनलाईन शिक्षा, विडियो काॅम्फ्रैसींग के जरीये शिक्षा प्रदान की जाएगी । साथी ही गरीब छात्र चाहे वह किसी भी वर्ग का हो उसे दो हजार तक की पुस्तकें मुफ्त मिलेगी साथ ही लेपटाॅप एवं टेबलेट की भी सुविधा मुहैया कराई जायेगी । प्रदेश सरकार द्वारा दी गई इस सौगात पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथजी एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का आभार व्यक्त करते हुए पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया कहा कि झाबुआ जिले के लिये शिक्षा के क्षेत्र में यह सौगात मील का पत्थर साबित होगी । इस संस्थान के खुलने से झाबुआ जिले एवं आस-पास जिले के गरीब एवं आदिवासी छात्रों को इसका लाभ मिलेगा जिससे कि वे अपनी प्रतिभा का उपयोग कर अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे तथा उच्च पदों के लिये भी वे सक्षम सिद्ध होंगे। जिला कांगे्रस अध्यक्ष निर्मल मेहता वरिष्ठ कांगे्रस नेता रमेश डोसी, सुरेशचन्द्र जैन शांतिलाल पडियार, विधायक सुश्री कलावती भूरिया वालसिंग मेड़ा, वीरसिंग भूरिया , मुकेश पटेल पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर उपाध्यक्ष चन्द्रविरसिंग राठोर , नगरपालिका अध्यक्ष मन्नुबेन डोडियार ,कांगे्रस नेता प्रकाश रांका , गुरूप्रसाद अरोड़ा , रूपसिंग डामोर, ठाकुर हनुमन्तसिंह डाबड़ी साबिर फिटवेल , आचार्य नामदेव , विरेन्द्र मोदी , अलिमुद्धिन सयद , राजेश भटट् विनय भाबोर , आशिष भूरिया , हेमचन्द डामोर, बन्टू अग्निहोत्री, गौरव सक्सेना , केलाश डामोर , चन्दू पडियार , शंकर भूरिया, मनोहर भण्डारी, विजय पांण्डे , मनिष व्यास , जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री , सुरेश मुथा, गोपाल शर्मा विजय भाबोर , वशिम सैयद , रसीद कुरैसी अविनाश डोडियार, जय मुणिया रवि डोडियार , कांगे्रस नेत्री कल्पना भूरिया , शायराबानो, शिला मकवाना ब्लाॅक कांगे्रस अध्यक्ष गेन्दाल डामोर , यामिन शेख नरेन्द्रपाल सल्लुमिया , अग्निनारायणसिंह , भूरसिंग अजय ब्होरा , फतेहसिंह , आदि ने मुख्यमंत्री कमलनाथजी उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी प्रभारी मंत्री सुरेन्द्रसिंह बघेल(हन्नी) एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया जी का आभार माना ।

भगवान ही स्वयं वक्ता भी है और श्रोता भी है - पण्डित सतीष षर्मा शास्त्री भागवत कथा में राम, परषुराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया
नन्द के घर आनन्द भयो पर सैकडो पावं थिरके कमल तलाई मनारेथ के दर्षनों के लिये रही बेतहाषा भीड
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झाबुआ । श्री गोवर्धननाथ जी की हवेली की स्थापना के 151 वें वर्ष पर परम पूज्ष्य गोस्वामी दिव्येश कुमार जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में  11 दिवसीय भव्य पाटोत्सव की कडी में जहां भगवान गोवर्धननाथ के मंदिर में उल्लासपूर्वक नंदमहोत्सव मनोरथ का आयोजन दिन को हुआ वही पैलेस गार्डन में पण्डित सतीशजी शर्मा शास्त्री के श्रीमुख से भागवत कथा में रविवार को श्रीराम जन्म, श्री कृष्ण जन्म एवं नंद महोत्सव का प्रसंग सुनाया गया । भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव पर खचाखच भरे कथा पाण्डाल में महिला एवं पुरूष हर्षित होकर नृत्य करने लग गये । पूरा माहौल गोकूल मथुरा में तब्दिल हो गया । भागवत कथा में भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए पण्डित सतीश शास्त्री ने कहा कि राम का वनवास मे जाना केवल उनकी लीला मात्र थी । राम का बनवास भी असूरों के संहार के साथ ही धर्म की स्थापना रहा है। उन्होने कहा कि राम को सबसे अधिक अपनी माता कैकई प्रिय थी, और राम के अनुरोध पर ही कैकई ने अपने पति दशरथ की जान की पर्वाह किये बिना राम केआग्रह पर ही उनका वनवास वरदान में मांगा था । यह रहस्य सिर्फ राम एवं कैकई ही जानते थे । कैकई ने राम के लिये अपने पति, अपने सुहाग तक को कुर्बान कर दिया । कैकई का पात्र बडा ही विलक्षण है जिसे समझ पाना आम जनों के लिये मुमकीन नही है । पण्डित सतीशजी ने आगे कहा कि स्वर्ग वही जाना चाहते है जिनमें स्वार्थ होता है । असूरों के बढते पापाचार को देखते हुए देवताओ मां सरस्वती से वंदना करके कैकई के जिव्हा पर बिरिाजित होने का आग्रह किया ताकी राम वनवास को जाये और दुष्टो का संहार हो सकें । कथा में उन्होने परशुूराम अवतार की भी विषद व्याख्या करते हुए कहा कि इस अवतार मेंभी कई रहस्य छिपे हुए है । जब सुखदेवजी भागवत कथा स्रुना रहे थे तब वे समाधिस्थ हो गये तब भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं ने सुखदेवजी कें शरीर मे प्रवेश कर राजा परिक्षित को भागवत कथा सुनाई थी । इसलिये  भागवत कथा के लिये यह कहना सार्थक होगा कि भगवान ही स्वयं वक्ता भी है और श्रोता भी है । श्री कृष्ण के प्राकट्योत्सव के बारे में बताते हुए  उन्होने कहा कि जब कंस के अत्याचारों से चारों तरफ पाप बढ़ने लगा तो भगवान कृष्ण बाल रूप में माता देवकी के जन्म लेकर यशोदा मैया के घर पर यशोदा का पुत्र बनकर धरती पर आए पापियों का संहार किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है। इसलिए इस कलयुग में दया, धर्म व भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार करते हुए मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए भगवान भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। उन्होंने भगवान कृष्ण के जन्म का वर्णन कर श्रोताओं का मन मोह लिया। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस माना जाता है। इसी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में वसुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन मथुरा में राज्य करता था। उसके आततायी पुत्र कंस ने उसे गद्दी से उतार दिया और स्वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार से हुआ था। एक समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससुराल पहुंचाने जा रहा था। रास्ते में आकाशवाणी हुई- हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े प्रेम से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गर्भ से उत्पन्न आठवां बालक तेरा वध करेगा। यह सुनकर कंस वसुदेव को मारने के लिए उद्यत हुआ। तब देवकी ने उससे विनयपूर्वक कहा- मेरे गर्भ से जो संतान होगी, उसे मैं तुम्हारे सामने ला दूंगी। बहनोई को मारने से क्या लाभ है ? कंस ने देवकी की बात मान ली और मथुरा वापस चला आया। उसने वसुदेव और देवकी को कारागृह में डाल दिया। वसुदेव-देवकी के एक-एक करके सात बच्चे हुए और सातों को जन्म लेते ही कंस ने मार डाला। अब आठवां बच्चा होने वाला था। कारागार में उन पर कड़े पहरे बैठा दिए गए। उसी समय नंद की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था। उन्होंने वसुदेव-देवकी के दुखी जीवन को देख आठवें बच्चे की रक्षा का उपाय रचा। जिस समय वसुदेव-देवकी को पुत्र पैदा हुआ, उसी समय संयोग से यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ, जो और कुछ नहीं सिर्फ माया थी। जिस कोठरी में देवकी-वसुदेव कैद थे, उसमें अचानक प्रकाश हुआ और उनके सामने शंख, चक्र, गदा, पद्म धारण किए चतुर्भुज भगवान प्रकट हुए। दोनों भगवान के चरणों में गिर पड़े। तब भगवान ने उनसे कहा- अब मैं पुनः नवजात शिशु का रूप धारण कर लेता हूं। तुम मुझे इसी समय अपने मित्र नंदजी के घर वृंदावन में भेज आओ और उनके यहां जो कन्या जन्मी है, उसे लाकर कंस के हवाले कर दो। इस समय वातावरण अनुकूल नहीं है। फिर भी तुम चिंता न करो। जागते हुए पहरेदार सो जाएंगे, कारागृह के फाटक अपने आप खुल जाएंगे और उफनती अथाह यमुना तुमको पार जाने का मार्ग दे देगी। उसी समय वसुदेव नवजात शिशु-रूप श्रीकृष्ण को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमुना को पार कर नंदजी के घर पहुंचे। वहां उन्होंने नवजात शिशु को यशोदा के साथ सुला दिया और कन्या को लेकर मथुरा आ गए। कारागृह के फाटक पूर्ववत बंद हो गए। कंस को सूचना मिली कि वसुदेव-देवकी को बच्चा पैदा हुआ है। उसने बंदीगृह में जाकर देवकी के हाथ से नवजात कन्या को छीनकर पृथ्वी पर पटक देना चाहा, परंतु वह कन्या आकाश में उड़ गई और वहां से कहा- अरे मूर्ख, मुझे मारने से क्या होगा? तुझे मारनेवाला तो वृंदावन में जा पहुंचा है। वह जल्द ही तुझे तेरे पापों का दंड देगा। कृष्ण गाकून पहूंच गये और नन्द यशोदा के घर पुत्र जन्म पर खुशिया मनाई गई,नन्दोत्सव मनाया गया । भगवान कृष्ण को देवकीनंनद भी कहा जाता है और यशोदा का लाल भी पुकारा जाता है । कथा में पण्डित जी बताया कि आज कल हमारी प्राचिन पंरपरा का ह्रास हो रहा है और आधुनिक परिवेश केचलते मर्यादायें भी भंग होने लगी है ।हमे सत्कर्म करके अपने जीवन को बचाना चाहिये ताकि प्रभू कृपा सतत बरसती रहे । कथा में नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैयालाल की, हाथी घोडा पाकली जय कन्हैया लाल की भजन पर हजारोंपाव थिरक उठे ।महिलाओं एवं पुरूषो ं ने जमक र नृत्य कर अपनी भक्ति भावना प्रवाहित की । इस अवसर पर पूज्य दिव्येशकुमारजी द्वारा भागवतजी की आरती करके नन्दोत्सव के दौरान अपने हाथो से श्रद्धालुओं के बीच मीठाई, एवं खिलोने लुटाये जिसे प्राप्त करने के लिये सभी मचल उठे । माखन मिश्री एवं पंजरी की प्रसादी का वितरण किया गया ।

कमल तलाई मनोरथ के दर्षन के लिये उमडे श्रद्धालु जन
रात्री शयन काल में ’’बैठे  व्रजराज कुंवर प्यारी संग यमुना तीरे ’’ भजन के साथ भगवान गोवर्धननाथजी,श्रीकृष्ण जी एवं राधे रानी बनाई गई कमल तलाई में सुंदर कमल के फुलो से सजी झांकी मे बिराजित हुए जहां पूज्य दिव्येशकुमारजी ने उनकी पूजा अर्चना के साथ लाड लडाने का अनुष्ठासन किया । पूरा मंदिर खचाखच भर गया था तािा कतार बद्ध होकर लोगों ने भगवान के इस मनोहारी स्वरूप का दर्शन किया ।

भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण को देवतुल्य स्थान दिया गया है- पूज्य दिव्येषकुमार जी
हाथीपावा पर किया वृक्षा रोपण पक्षियों के लिये दाना डाला
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झाबुआ । श्री गोवर्धननाथजी की हवेली मे बिराजित परम पूज्य गोस्वामी दिव्येशकुमार जी सोमवार को प्रातः 7 बजे हाथी पावा के टेकरी पर पहूंचे जहां गुड मार्निंग क्लब हाथीपावा के सदस्य अजय रामावत, कमलेश पटेल, नीरजसिंह राठौर, श्रीराम, श्री पटेल, आशीष डोसी, राजेन्द्र शाह, के अलावा हरिश शाह, गोपाल हरसौला आदि लोगों ने पूज्यश्री का पुष्पमालाओं से स्वागत किया । दिव्येशकुमार जी ने हाथी पावा पहाडी पर मोरों के चुगने के लिये बनाये गये चबुतरे पर अनाज डाल कर पक्षियों के आहार  प्रदान किया । इस अवसर पर उन्होने हाथीपावा के टेकरी पर वृक्षारोपण भी किया । इस अवसर पर उन्होने पर्यावरण संरक्षण के लिये नगरवासियों विशेष कर गुड मार्निंब क्लब के सदस्यों द्वारा वृक्षों को जीवित रखने के लिये प्रतिदिन पानी पीलाने के कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि विश्व की प्राचीनतम् संस्कृति भारतीय सनातन हिन्दू संस्कृति में पर्यावरण को देवतुल्य स्थान दिया गया है। यही कारण है कि पर्यावरण के सभी अंगों को जैसे जल, वायु, भूमि को देवताओं से जोड़ा गया हैं, देवता ही माना गया है। हिन्दू दर्शन में मूल ईकाई जीव में मनुष्य में पंच तत्वों का समावेश माना गया है। मनुष्य पांच तत्वों जल, अग्नि, आकाश, पृथ्वी और वायु से मिलकर बना । भारतीय पौराणिक ग्रंथों, ज्योतिष ग्रंथों व आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहों व नक्षत्रों से संबंधित पौधों का रोपण व पूजन करने से मानव का कल्याण होता है। आम लोगों को इन वृक्षों के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, ज्योतिषीय व आयुर्वेदिक महत्व के बारे में पता होना चाहिए, जिससे प्रकृति पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले । यह एक उत्तम कार्य होगा आने वाली पीढ़ी और संस्कृति संरक्षण के लिए। पूज्य श्री ने हाथीपावा टेकरी के विभिन्न दर्शनीय स्थानों का भी अवलोकन किया तथा स्वयं ने हाथीपावा पहाडी के नीचे के जंगलों का अवलोकर करके इसे प्रकृर्ति का वरदान बताया । उन्होने ध्यान केन्द्र, सहित विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया ।उन्होने पक्षियों की सेवा के लिये क्लब के सदस्यों द्वारा प्रति दिन 15 किलो अनाज की व्यवस्था करके मुक पक्षियों के लिये किये जारहे कार्यो की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की ।

रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ द्वारा फिजियोथैरापी सेंटर का लोकार्पण 12 जून को रोटरी सदन में

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झाबुआ। रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ द्वारा अपने एक बड़े स्थायी प्रकल्प के रूप में 12 जून, बुधवार को दोपहर 11 बजे स्थानीय सिद्धेष्वर काॅलोनी स्थित रोटरी सदन में श्रीमती अनिता बसंत मेमोरियल फिजियोथैरापी सेंटर का लोकार्पण किया जा रहा है। लोकार्पण नव-निर्वाचित सांसद गुमानसिंह डामोर के मुख्य आतिथ्य एवं सीनियर रोटेरियन लोकेन्द्र पापालाल एवं रोटेरियन नीतिन डफरिया (पूर्व मंडलाध्यक्ष) के विषेष आतिथ्यि में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ रो. एसपी बंसल (ंइंदौर) करेंगे। यह जानकारी देते हुए प्रकल्प प्रभारी रो. यषवंत भंडारी एवं रो. उमंग सक्सेना तथा रोटरी क्लब ‘मेन’ अध्यक्ष रो. अमितसिंह जादौन (यादव) ने बताया कि स्थानीय रोटरी सदन में फिजियोथैरापी सेंटर प्रारंभ होने से शहर सहित संपूर्ण जिले को एक बड़ी सौगात मिल सकेगी। लोगों को फिजियोथैरापी सेंटर खुलने से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी सुविधा होगी। रोटरी क्लब ‘मेन’ द्वारा लोकार्पण समारोह की पूर्व तैयारियां के क्रम में समारोह में रोटरी, रोटरेक्ट, इन्हरव्हील क्लब, रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प के सभी पदाधिकारी-सदस्यो को आमंत्रण पत्र देने के साथ ही विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदधिकारियों की सहभागित हेतु भी आमंत्रण पत्र वितरित किए जा रहे है। सुविधायुक्त फिजियोथैरापी सेंटर बनकर तैयार हो चुका है। सभी मषीने भी आ चुकी है। इसका लोकार्पण गरिमामय रूप से अतिथियों द्वारा किया जाएगा।

लोकार्पण समारोह को सफल बनाने की अपील
लोकार्पण समारोह मंे शहर की सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, गणमान्य नागरिकों के साथ रोटरी के चार क्लबों के पदाधिकारियों-सदस्यों से आयोजन में पधारकर सफल बनाने की अपील वरिष्ठ रोटेरियन नुरूद्दीनभाई बोहरा, एमएल गादिया, प्रदीप रूनवाल, दिनेष सक्सेना, डाॅ. आईएस तोमर, प्रतापसिंह सिक्का, प्रमोद भंडारी, शैलेन्द्र चोरे, सचिव हिमांष त्रिवेदी, उपाध्यक्ष अर्पित संघवी, सह-सचिव यषिल शाह, कोषाध्यक्ष कार्तिक नीमा, मनोज पाठक, कार्यवाहक सचिव राकेष पोतदार, रोटरेक्ट क्लब अध्यक्ष रिंकू रूनवाल, सचिव दौलत गोलानी, इन्हरव्हील क्लब ‘मेन’ से संस्थापक ज्योति रांका, अध्यक्ष अंजु भंडारी, सचिव अर्चना सिसौदिया, कल्पना सकलेचा, रोटरी ग्रामीण सेवा प्रकल्प से अध्यक्ष नवटर डोडियार, सचिव निलेष भाबोर आदि ने की है।

गंगा दषमी और गायत्री माताजी का अवतरण दिवस पर गायत्री शक्तिपीठ काॅलेज मार्ग पर होंगे विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, दीप यज्ञ एवं महाआरती का होगा आयोजन

झाबुआ। मां गंगा दषमी और वेद माता गायत्रीजी की जयंती (अवतरण) दिवस पर 12 जून, बुधवार को स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे। इस दिन मुख्य रूप से शाम को मंदिर में दीप यज्ञ एवं महाआरती का आयोजन रखा गया है। यह जानकारी देते हुए गायत्री शक्तिपीठ से जुड़ी नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका श्रीमती नलिनी बैरागी ने बताया कि मंदिर में बुधवार को अलसुबह 4.30 बजे गायत्री माताजी का महाभिषेक पश्चात् 7.30 बजे मंगला आरती होगी। 6 से 8 बजे के बीच साधकों द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर गायत्री महामंत्र का जाप (उच्चारण) भी किया जाएगा। बाद 9 से 12 बजे के बीच गर्भवती महिलाओं के गभोत्सव संस्कार गायत्री परिवार के जिला समन्वयक पं. घनष्याम बैरागी द्वारा संपन्न करवाएं जाएंगे। शाम 7 बजे दीप यज्ञ होगा एवं बाद रात 8 बजे महाआरती का आयोजन रखा गया है। तत्पष्चात् प्रसादी वितरण होगा।

वेद माता गायत्रीजी की महिमा
नारी जागरण अभियान की जिला संयोजिका श्रीमती नलिनी बैरागी ने मां गायत्रहजी की महिमा बताई कि गायत्री माता वेदो की माता है। उनसे संपूर्ण वेद आदि ज्ञान प्रकट हुआ है। उन्हें देव माता भी कहा गया है, यहीं माता समस्त देवताओं की उत्पत्ति करती है। उन्हें जगत माता भी कहा गया है, यहीं समस्त विष्व की जननी और पालन करने वाली है। गायत्री मंत्रजी का देवता सविता (सूर्य) है। गायत्री साधक सविता के तेज का ध्यान करने से भी महातेजस्वी बन जाता है। गायत्री मंत्रजी के ऋषि विष्वामित्रजी है। स्वयं भगवान श्री रामजी एवं श्री कृष्णजी भी गायत्री मंत्र का नित्य जाप करते थे। ऐसी मां गायत्रीजी की साधकों द्वारा आराधना-भक्ति-पूजा-अर्चना करने से समस्त संकटों एवं विपत्तियो का नाष होता है एवं घर-परिवार में सुख-षांति और समृद्धि बनी रहती है।

जिला योजना समिति की बैठक 15 जून को प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल करेगे अध्यक्षता

झाबुआ । झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेन्द्रसिंह बघेल राज्यमंत्री नर्मदा घाटी विकास विभाग, पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक 15 जून को दोपहर 12.00 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की जायेगी। बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा नियमित विद्युत आपूर्ति एवं रख-रखाव, ग्रामीण एवं षहरी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था, जय किसान ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन, उपार्जन, स्वास्थ्य विभाग एवं आगामी षैक्षणिक सत्र की तैयारी की समीक्षा की जायेगी।

मत्स्याखेट 16 जून से 15 अगस्त तक प्रतिबंधित

झाबुआ । प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त 2019 तक मत्स्याखेट प्रतिबंधित रहेगा। संचालक मत्स्योद्योग द्वारा मत्स्य प्रजनन काल को देखते हुए नदीय मत्स्योद्योग नियम के तहत यह आदेश जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि छोटे तालाब अथवा अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा में नहीं लिया गया है उन पर मत्स्याखेट निषेध का यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

दस्तक अभियान का षुभारंभ जन प्रतिनिधियो एवं कलेक्टर की उपस्थिति में किया गया
प्रचार रथ को अतिथियों ने हरी झण्डी दिखाकर किया रवानादस्तक अभियान का प्रथम चरण 10 जून से 20 जुलाई तक चलाया जायेगा
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झाबुआ । दस्तक अभियान का प्रथम चरण 10 जून से 20 जुलाई तक चलाया जायेगा। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा के नेतृत्व में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती षांति डामोर, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमति मन्नु डोडियार, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्रीमती रोषनी डोडियार, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ बी एस बारीया, एवं सिविल सर्जन डाॅ आर एस प्रभाकर, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ राहुल गणावा, डाॅ एन के पठान, डाॅ एस.एस.गाडरीया, डाॅ. सावन चैहान, श्री आर एस बघेल, श्री राजाराम खन्ना जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रबंधक की उपस्थिति में जिला चिकित्सालय झाबुआ में आज दस्तक अभियान का उद्वघाटन कर दस्तक अभियान दल को हरी झण्डी देकर जन जागरूकता रैली से अभियान की षुरूआत की गयी। अभियान अन्तर्गत 271 दस्तक दल, 39 जिला स्तरीय अधिकारियों की मानीटरिंग में जिले के कुल 153644 पाॅच वर्र्षीय बच्चों की जाॅच कर उन्हें बाल एनीमिया, दस्त रोग, कुपोषण, निमोनिया, जन्मजात विकृति की जानकारी, छुटे हुए टीकों की पहचान कर उनका टीकाकरण, एसएनसीयु व एनआरसी से छुटी प्राप्त बच्चों को उनका फालोअप, इत्यादि सेवाओं का आच्छादन किये जाने हेतु एएनएम, आषा व आॅगनवाडी कार्यकर्ताओं को अपने अपने कार्य क्षेत्रों में रवाना किया गया।

झाबुआ  ब्लाॅक के रोटला  तालाब गहरीकरण हेतु 10 एच पर चूने की लाइन डाली गई
ग्रामीण क्षेत्रो में ग्रामीणो द्वारा जन सहयोग से किया जा रहा तालाबो का गहरीकरण
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झाबुआ । कलेक्टर प्रबल सिपाहा के नेत्तृव मंें जिले में जल संरक्षण के कार्य प्राथमिकता से किये जा रहे। झाबुआ ब्लाॅक के रोटला, कालापीपल, उमरी, भगोर एवं पिलीयाखदान में जनसहयोग से तालाबो का गहरीकरण आम जनता द्वारा सहर्ष किया जा रहा है। रोटला तालाब का गहरीकरण हेतु 10 एच पर चुने की लाईन डाली गई। किसानो द्वारा अपने व्यव पर मिटटी निकालने का कार्य किया जा रहा था। किसान तालाब की उपजाऊ मिटटी को अपने खेतो में स्वयं के व्यय से टेªक्टर की व्यवस्था कर ले जा रहे है। इस तरह कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा के मार्ग दर्षन में तालाबों का गहरीकरण होने से उन में ओर अधिक जल संचय हो पायेगा एवं  किसानो को भी उपजाऊ मिट्टी मिल जायेगीं।

विद्यार्थियो के लिये अवकाष  23 जून तक भीषण गर्मी को देखते हुवे षासन ने जारी किया आदेष

झाबुआ । जिले के अंतर्गत संचालित समस्त षासकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों को शासन के निर्देशानुसार विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु 23 जून तक संचालित नहीं किया जायेगा। भीषण गर्मी से विद्यार्थियों को बचाने के लिये षासन द्वारा इस सम्बंध में आदेष जारी कर पालन करवाने हेतु निर्देष दिये गये है। उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश ने प्रदेश के सभी शिक्षक संस्थानों के ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनांक को लेकर पहले ही निर्देश दे दिये थे, जिसके अनुसार प्रदेश के समस्त शिक्षण संस्थानों में 1 अप्रैल 2019 से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र 2019-20 हेतु ग्रीष्मकालीन अवकाश शिक्षकों के लिये दिनांक 1 मई, 2019 से 9 जून, 2019 रहेगा। वहीं विद्यार्थियों हेतु 1 मई, 2019 से 16 जून, 2019 तक अवकाश घोषित किया गया था।

बिहार : 3799 ए.एन.एम.को मिला हैण्डसेट

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  • बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांण्डेय के द्वारा 50 फीसदी ए.एन.एम. के बीच टैबलेट वितरित 

17855 ए.एन.एम. को डिजिटल दुनिया के साथ जुड़ाव का अवसर उपलब्ध करवाएगा. फिरवक्त 13 आकांक्षी जिलों को 50 फीसदी ए.एन.एम. को 3799 टैबलेट वितरित किया गया है. नवम्बर माह में शेष 25 जिलों के सभी ए.एन.एम.के पास यह सुविधा उपलब्ध होगी.
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पटना,11 जून। पुराने सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में सोमवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत की. इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ बिहार प्रदेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है. जब गांव-गांव में ए.एन.एम. (आॅक्सीलरी नर्स मिडवाइफ ) अपने हाथों में टैबलेट लिए नजर आएंगी तो बिहार की बदलती हुई तस्वीर भी लोगों को नजर आएगी. उन्होंने बताया कि वह हमेशा से ही बिहारवासियों को तकनीक आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराने के लिए कार्यरत हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 13 आकांक्षी जिलों के 50 प्रतिशत ए.एन.एम. को 3799 टैबलेट वितरित किया गया. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के कर कमलों द्वारा इन सभी ए.एन.एम. को टैबलेट एवं बायोमेट्रिक डिवाइस प्रदान करवाया गया. इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्पालक निदेशक मनोज कुमार, अपर कार्यपालक निर्देशक डॉ. करुणा कुमारी, प्रशासी पदाधिकारी खालिद अरशद, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, संयुक्त सचिव अनिल कुमार, यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पाण्डेय और बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह आदि कई गणमान्य लोग मौजूद थे. इसके अलावा राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में यह राज्य स्वास्थ्य समिति का एक बड़ा कदम है. डाटा संग्रहण में आईटी का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इस टैबलेट के माध्यम से डाटा आधारित कार्यक्रम का संचालन होगा. इसके साथ ही बायोमेट्रिक डिवाइस से पहचान और डाटा संरक्षण में आसानी होगी. अरविंद कुमार, सिस्टम एनलिस्ट सह डाटा अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति ने टैबलेट एवं बायोमेट्रिक की विशेषता एवं उपयोगिता के बारे में अवगत कराया. प्रथम चरण के 13 आकांक्षी जिलों में अररिया, पूर्णिया, कटिहार, औरंगाबाद, गया, नवादा, बांका, शेखपुरा, जमुई, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, खगड़िया और बेगूसराय शामिल हैं. वहीं पटना, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल, बक्सर, भभुआ, पश्चिमी चम्पारण,पूर्वी चम्पारण, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, भागलपुर, दरभंगा,गोपालगंज, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, सासाराम, समस्तीपुर,सारण, सिवान, शेखपुरा और शिवहर शेष है. इन जिलों के ए.एन.एम.को नवम्बर माह में टैबलेट एवं बायोमेट्रिक डिवाइस मिलेगा. बिहार राज्य ने जन स्वास्थ्य सेवाओं को ससमय उपलब्ध कराने व स्वास्थ्य सुविधा के सुढृढीकरण हेतु राज्य के सभी ए.एन.एम. को ‘टैबलेट’ एवं ‘बायोमेट्रिक डिवाइस’ उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. ताकि एएनएम द्वारा टैबलेट का उपयोग कर ऑनलाइन आंकड़ों को प्रतिवेदित की जा सके तथा मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को यथासंभव कम किया जा सके. यह प्रयोग जहां 17855 ए.एन.एम. को डिजिटल दुनिया के साथ जुड़ाव का अवसर उपलब्ध करवाएगा. वहीं दूसरी ओर महिला सशक्तिकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की ओर यह एक और कदम होगा. आज प्रथम चरण में राज्य के कुल 13 आकांक्षी जिलों को 50 फीसदी ए.एन.एम. को 3799 टैबलेट वितरित किया जा रहा है. द्वितीय चरण में राज्य के शेष सभी ए.एन.एम. के पास यह सुविधा उपलब्ध होगी. इस टैबलेट के साथ बायोमेट्रिक्स उपकरण भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके माध्यम से सेवार्थियों से संबंधित सभी सुचनाएं स्वतः पोर्टल पर हस्तानान्तरित होगी और सेवार्थियों के अधिकारिता के अनुसार उनकी देय राशियां तत्काल उनके एकाउन्ट में प्रेषित किया जाएगा. यह सुविधाएं आगामी 2 से 3 माह में स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जाएगा. उपर्युक्त प्रयासों से राज्य की सभी ए.एन.एम. ऑनलाइन हो जाएंगी. इस गतिविधि का नाम अनमोल रखा गया है.

आध्यात्मिक नेता विश्व शांति और सदभाव का रास्ता दिखा सकते हैं - तुलसी गवार्ड

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तुलसी गबार्ड ने आचार्य लोकेश के साथ विश्व शांति और सदभाव पर चर्चा कीअमेरिका और भारत को मिलकर हिंसा, आतंकवाद और गरीबी से लड़ना चाहिए- तुलसी गवार्ड
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नई दिल्ली / न्यूयॉर्क 11 जून:संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव की उम्मीदवार श्रीमती तुलसी गबार्ड ने संयुक्त राज्य अमेरिका में शांति और सदभाव दौरे के दौरान जैन आचार्य डॉ लोकेश मुनि से मुलाकात की। आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए जैन संत से आशीर्वाद लेते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आध्यात्मिक संकट से जूझ रही है। आध्यात्मिक नेता विश्व शांति और सदभाव  प्राप्त करने की दिशा में रास्ता दिखा सकते हैं। उसने कहा कि अमेरिका ने हमेशा ज्ञान के प्रसार का समर्थन किया है। आध्यात्मिक ज्ञान ज्ञान का उच्चतम रूप है जो आध्यात्मिक नेताओं के पास है, वे आने वाले दशकों में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। श्रीमती तुलसी ने अमरीका में आचार्य डॉ। लोकेश मुनि की शांति और सदभाव यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि गरीबी, हिंसा और अशिक्षा प्रमुख वैश्विक समस्याएं हैं। अमेरिका और भारत के राजनीतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और व्यापारिक नेता इन वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। वह अहिंसा विश्व भारती के 15 वें स्थापना वर्ष पर आचार्य डॉ लोकेश मुनि के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रही थीं। अहिंसा विश्व भारती के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राज भायानी और श्री बिपिन संगनकर प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। आचार्य डॉ लोकेश मुनि ने आगामी यूएसए राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल करने के लिए तुलसी गबार्ड को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारे सामने तीन प्रमुख चुनौतियां हैं, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और असमानता। इन समस्याओं के समाधान महावीर दर्शन, अहिंसा (अहिंसा), अनेकांत (विविधता में एकता) और अपरिग्रह (त्याग) में हैं। शांति शिक्षा कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए आचार्य लोकेश ने कहा कि 21 वीं सदी आध्यात्मिकता की होगी। धर्म को अध्यात्म और विज्ञान से जोड़ने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म को सामाजिक कल्याण के उद्देश्य से काम करना चाहिए और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करनी चाहिए। विकास के लिए शांति आवश्यक है। शांति और समृद्धि का गहरा संबंध है। उन्होंने स्कूल शिक्षा के हिस्से के रूप में 'शांति शिक्षा'शुरू करने पर जोर दिया। आचार्य लोकेश ने श्रीमती तुलसी को JAINA कन्वेंशन 2019 के बारे में 4 जुलाई से 7 जुलाई 2019 तक लोसएन्जलिस में आयोजित होने की जानकारी दी। कन्वेंशन में उत्तरी अमेरिका के 69 जैन केंद्रों के प्रतिनिधियों के अलावा, कनाड़ा, अमेरिका, ब्रिटेन और भारत के 4000 से अधिक जैन प्रतिनिधि शामिल होंगे।संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.5 लाख से अधिक जैन आबादी है।

आचार्य लोकेश मुनि के बारे में:
एक संत, एक सामाजिक सुधारक और एक शांति दूत आचार्य डॉ। लोकेश मुनि जी, 'अहिंसा विश्व भारती'के संस्थापक अध्यक्ष का उद्देश्य दुनिया में शांति, सद्भाव और अहिंसा को बढ़ावा देना है। वह ध्यान, योग और शांति शिक्षा के क्षेत्र में एक मास्टर हैं और उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति, भारत के प्रधान मंत्री और कई अन्य प्रमुख हस्तियों द्वारा शांति और सद्भाव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आचार्य के प्रयास लोकेश मुनि और कई प्रतिष्ठित नेताओं ने सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा देने की घोषणा की। आचार्यजी ने 2001 में भूकंप पीड़ितों के पुनर्वास कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए उन्होंने 2008 में गुर्जर आन्दोलन द्वारा हिंसा को समाप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बिहार : दुखान्त यात्रा का वृतान्त,गरीबी की मार को कैसे झेलने को विवश लोग हैं

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) गरीबी की मार से पीड़ित रोजगार के लिए निकले कोसी और सीमांचल के मजदूरों से ट्रेनों में जगह कम पड़ने लगी है।खासकर दिल्ली-पंजाब की ओर जाने वाली ट्रेनों में सबसे अधिक भीड़ रहने लगा है।आये दिन लोगों का आना-जाना लगा रहता है।जनसेवा एक्सप्रेस में भारी भीड़ के चलते अमृतसर तक का 26 घंटे का सफर किसी यातना से कम नहीं होता है।अनगिनत लोगों को ट्रेन में कपड़े के झूले में लटक कर सफर करना पड़ रहा है।

कैसे कटता है मजबूरी का सफर :-
जनसेवा एक्सप्रेस के हर कोच के सीट में कपड़े को बांधकर यात्री झूला बना लेते हैं और फिर इसमें लेटकर डेढ़ हजार किलोमीटर से अधिक का सफर तय करते हैं।सोमवार को जनसेवा एक्सप्रेस से अमृतसर जा रहे कुमारखंड निवासी परमेश्वर महतो ने भीड़ के कारण ट्रेन में कपड़े बांधकर झूला बनाया।इसी में लेटकर वे अमृतसर के लिए रवाना हुए। उन्हीं की तरह अन्य डिब्बों में भी अनेक लोग थे जो ऐसे ही सफर कर रहे थे। 

हजारों लोग रह गए स्टेशन पर :-
इन दिनों कोसी,सीमांचल इलाके के अलावा नेपाल बॉर्डर पास के लोग हजारों की संख्या में हररोज पंजाब,हरियाणा और दिल्ली का रुख ले रहे हैं।सोमवार को जनसेवा के अलावा अंबाला के लिए चली जनसाधारण स्पेशल में भी यात्रियों की भारी भीड़ रही।ट्रेनों में भारी भीड़ के चलते अनेक लोग ट्रेन में चढ़ नहीं पाने के कारण सहरसा स्टेशन पर ही रह गए।  यात्रियों की भारी भीड़ के बावजूद सोमवार को कम कोच के साथ जनसेवा एक्सप्रेस चली। ट्रेन में 22 की बजाय सिर्फ16 कोच ही थे।यह हाल तब है जब रोज 12 से 14 हजार की संख्या में मजदूर दिल्ली,पंजाब का रुख कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अफसर :-
सीनियर डीसीएम वीरेन्द्र कुमार ने  कहा कि 12 जून को अंबाला से सहरसा के लिए स्पेशल ट्रेन(05534)चलेगी।अंबाला से यह अहले सुबह  03.10 बजे चलेगी और दूसरे दिन सुबह 09 बजे सहरसा पहुंचेगी।

 तीन दिन में कटे 49 हजार टिकट 
सहरसा स्टेशन के टिकट काउंटर पर तीन दिन में 49 हजार टिकटों की बिक्री से रेलवे को 98 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।रेल अधिकारियों के अनुसार सात जून को 17 हजार टिकट की बिक्री हुई थी,जबकि आठ जून को लगभग 14 हजार टिकट बिके।वहीं नौ जून को भी 18 हजार टिकट की बिक्री हुई है।

बिहार : 15 दिवसीय समर थियेटर एडवेंचर वर्कशॉप का समापन समारोह

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बच्चों द्वारा बनायीं गयी पेंटिंग मूर्ति की लगायी गयी प्रदर्शन।
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अरुण कुमार (आर्यावर्त) एसओएस के बच्चों की प्रतिभा अद्भुत है। उन्होंने जो अपनी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी है वो काबिले तारीफ़ है। खासकर बच्चों ने जो लाइव पेंटिंग बनाकर जो अपनी प्रतिभा दिखाई वो आश्चर्यचकित करने वाला था। ये बातें मेयर उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने ऊलाव स्थित एसओएस बालग्राम में कही। 15 दिन से एसओएस में चल रहे समर थियेटर एडवेंचर वर्कशॉप  का सोमवार को समापन किया गया। दो हफ्ते के इस वर्कशॉप में एसओएस के बच्चों को पेंटिंग, क्राफ्टिंग, मूर्तिकला, नाटक, क्लासिकल और वेस्टर्न नृत्य और माइम का प्रशिक्षण दिया गया था। समापन समारोह का उद्घाटन मेयर के साथ उपमेयर राजीव रंजन, जद यू जिलाधयक्ष भूमिपाल राय, समाजसेवी दिलीप सिन्हा, वार्ड दो के पार्षद रामविलास सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। समारोह में बच्चों द्वारा बनायी गयी पेंन्टिंग, मिट्टी की बनायीं गयी मूर्ति और कागज़ से बनायीं गयी जीवजन्तु की प्रदर्शनी लगायी गयी थी। इसमें 500 से भी ऊपर बच्चों द्वारा बनायीं गयी कलाकृति प्रदर्शित की गयी थी। अतिथि सहित समारोह में आये लोगों ने इस प्रदर्शनी को खूब सराहा। बाद में समारोह में बच्चों ने नाटक, और नृत्य का प्रदर्शन किया। आये दिन समाज में लड़कियों के साथ हो रहे हिंसक वारदात पर आधारित एकल नाटक को लोगों ने खूब सराहा। वहीं खुले में शौच न करने को लेकर बनायीं गयी म्यूजिकल लघु नाटिका ने जहाँ सबो को खूब हँसाया वहीं ओडीएफ को लेकर एक बेहतर सन्देश भी दिया। इसके अलावे कत्थक नृत्य, वेस्टर्न नृत्य आदि की भी प्रस्तुति दी गयी। जो दर्शकों को लुभाने में कामयाब रही। मेयर ने कहा कि बच्चों की हर कलाकृति और प्रस्तुति समाज को एक बेहतर सन्देश दे रही है। उपमेयर राजीव रंजन ने कहा कि शुरू दिन से वे वर्कशॉप में बच्चों की प्रतिभा देखते रहे है। हमारी शुभकामना है कि बच्चे युही आगे बढ़ते रहे। समारोह को संबोधित करते जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय ने कहा कि इन कम समय में बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाई है वो इस जिले की उर्वरता को बयां करता है। भविष्य में ये बच्चे जिले के एक चमकते सितारे बन जिले का नाम रौशन करेंगे। समारोह के अंत में प्रतिभागी बच्चों को पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम के निर्देशक चन्दन कुमार सोनू ने आगत सभी अतिथियों एवं अभिभावकों का स्वागत किया। मंच संचालन एसओएस के निशांत राज ने किया। समारोह में एसओएस के रीतु सिंह, अविनाश कुमार के अलावे बच्चों के प्रशिक्षक किशन कुमार, रबिन कुमार, अनिकेत कुमार, श्रुति वर्मा, शिवम् कुमार सहित जदयू के मुकेश कुमार, प्रभाकर राय, व अन्य उपस्थित थे। वर्कशॉप का आयोजन द पलयेर्स एक्ट ने किया था। जबकि गृहलक्ष्मी परिवार ने सपोर्टिंग पार्टनर के रूप में सहयोग प्रदान किया था।

बेगूसराय : नागार्जुन कलाश्री से सम्मानित कलाकार गुरुदेव अजीज

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) साहित्य जगत में “यात्री” के नाम से मशहूर बाबा नागार्जुन के 108वें जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को मानकी संगीत कला केंद्र ने चर्चित मंच उद्घोषक सह सिने अभिनेता गुरुदेव अजीज को “बाबा नागार्जुन कलाश्री सम्मान” से सम्मानित किया।बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष सह बॉलीवुड एक्टर अमिय कश्यप एवम संस्था के निदेशक अजय अनंत ने मानकी म्यूज़िक के सभागार में गुरुदेव अजीज को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।कलाकारों की बैठक को संबोधित करते हुए अभिनेता अमिय कश्यप ने कहा कि बाबा नागार्जुन ने साहित्य के क्षेत्र में बिहार को एक नई ऊँचाई दी।उन्होंने बाबा के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाने की भी बात कही।उन्होंने कहा कि जिस तरह से बाबा ने लोक साहित्य को विकसित किया उसी तरह से गुरुदेव अजीज भी ग्रामीण परिवेश से निकलकर लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।इसीलिए इस सम्मान के लिए इनका चयन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के निदेशक अजय अनंत ने किया और संचालन युवा कलाकार बिट्टू पोद्दार ने किया।अपने सम्मान से अभिभूत गुरुदेव अजीज ने संस्था के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस सम्मान के बाद काम करने का उत्साह और बढ़ेगा।मौके पर दिनकर फिल्मसिटी के कार्यकारी निर्माता राकेश महंथ, फ़िल्म निर्देशक अरविंद पासवान, समाजसेवी एम के झा, लोकगायक बबलू आनंद,राजीव कुमार सहित दर्जनों कलाकार उपस्थित थे।

विशेष : रेव पार्टियों के नशे की भेंट चढ़ती युवापीढ़ी

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दिल्ली के युवा वर्ग में रेव पार्टियों का बढ़ता प्रचलन गंभीर चिन्ता का विषय है, एक त्रासदी है, विडम्बना है। ऐसे बहुत से गिरोह सक्रिय हैं जो दिल्ली के युवावर्ग को नशे की दलदल में ढकेल रहे हैं। दिल्ली और एनसीआर में एक के बाद एक पकड़ी जा रही रेव पार्टियों से स्पष्ट है कि दिल्ली का युवा वर्ग नशे की चपेट में आ चुका है। पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक फार्म हाउस में चल रही रेव पार्टी पर छापा मारा गया था, तब 192 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें 31 युवतियां भी शामिल थीं। अब दिल्ली के छतरपुर में एक कम्पाउंड में रेव पार्टी पर छापेमारी की गई। दिल्ली पुलिस और एक्साईज डिपार्टमेंट की कार्रवाई में नाबालिग लड़कों और लड़कियों समेत एक हजार लोगों को पकड़ा गया। भारी मात्रा में शराब और नशीले पदार्थ पकड़े गये हैं। पंजाब की तर्ज पर दिल्ली एवं एनसीआर में बढ़ती रेव पार्टियां उन्मुक्त होने एवं नशे की अंधी सुरंगों में उतरने का एक माध्यम है, जो समाज एवं राष्ट्र के लिये खतरनाक साबित होती जा रही है। क्या ऐसी पार्टियां बिना स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के हो सकती हैं? यह सब कुछ पुलिस और ड्रग्स एवं नशे का धंधा करने वालों की सांठगांठ से ही होता है। इसमें सरकार की नीतियों पर भी प्रश्न खड़े होते हैं।  

रेव पार्टियों की नई पनप रही संस्कृति अनेक विकृतियों का सबब बन रही है, जिसमें युवापीढ़ी को नये-नये नशे के साधन उपलब्ध कराये जाते हैं। देर रात तक चलने वाली इन पार्टियों में महफिलें जमती हैं, दिल्ली में हर वीकेंड पर फार्म हाउस एवं आलीशान बिल्डिंगों, होटलों में ये महफिलें सजती हैं। इन महफिलों में आने वाले लोगों को पूरी रात डांस, म्यूजिक, ड्रग्स और सैक्स का काकटेल मिलता है। इन रेव पार्टी में भारी मात्रा में विदेशी ब्रांड की शराब के साथ ब्रिक्स कोकिंग टैबलेट और हरियाणा की शराब परोसी जाती है। रात भर उन्मुक्तता, अश्लीलता एवं सैक्स से भरपूर मनोरंजन तरह-तरह के नशे के साथ परोसा जाता है। नशे एवं पागलपन की हद तक चूर हो जाने के बाद छात्र-छात्रायें अपनी चमचमाती गाड़ियों में घर लौट जाते हैं। इन महफिलों की सूचना भी खास-खास लोगों को सोशल मीडिया पर दी जाती है। समाज में नशीले पदार्थों एवं सैक्स के एजेंट सक्रिय हैं जो युवा पीढ़ी को ऐसी पार्टियों के लिये आकर्षित करते हैं। रेव पार्टियों में पकड़े जाने वाले लोगों में स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं से लेकर बड़े बिजनेसमैन, राजनीतिज्ञों और अफसरों के बच्चे तक शामिल हैं। ऐसी पार्टियों में ऊंची पहुंच वाले और पैसे वाले ही जा सकते हैं। आयोजक न केवल एक ही रात में लाखों कमाते हैं बल्कि जो लड़के-लड़कियां अपने ज्यादा दोस्तों को लाते हैं, उन्हें भी मोटी कमीशन दी जाती है। यह दिल्ली के रातों को रंगीन बनाने का जरिया बनता जा रहा है। लेकिन ये रंगीनियां कितने अंधेरों एवं खतरों का कारण बन रही है, इस चिन्तन करना जरूरी है।

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गोवा, पुणे, खंडाला, पुष्कर, मनाली से चली रेव पार्टियों ने अब दिल्ली और आसपास के शहरों में जगह बना ली है। ड्रग्स का धंधा करने वालों के लिये यह पार्टियां फायदे का धंधा बन गई हैं। जो देश के युवाओं को बर्बाद कर रहे हैंै, अब तो लड़कियों ने भी सारी सीमाएं तोड़ दी है। नशीले पदार्थों, शराब, बीयर से लेकर तेज मादक पदार्थों, औषधियांे तक की सहज उपलब्धता से इन रेव पार्टियां के प्रति युवा एवं किशोर वर्ग का आकर्षक बढ़ता जा रहा है। इस दीवानगी को ओढ़ने के लिए प्रचार माध्यमों ने भी भटकाया है। सरकार भी विवेक से काम नहीं ले रही है। शराबबन्दी का नारा देती है, नशे की बुराइयों से लोगों को आगाह भी करती है और शराब, तम्बाकू का उत्पादन भी बढ़ा रही है। राजस्व प्राप्ति के लिए जनता की जिन्दगी से खेलना क्या किसी लोककल्याणकारी सरकार का काम होना चाहिए? कैसी विडम्बना एवं विसंगति है कि लाइसेंस से ज्यादा की शराब बरामद हुई इसलिये आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई हुई, लेकिन तयसीमा में पार्टी करने का सरकारी लाइसैंस होने पर ऐसी पार्टियां आयोजित हो सकती है? यह कैसी समाज-व्यवस्था है जिसमें लाइसैंस लेकर आप चाहे जो करों? इनके पीछे कौन-कौन लोग हैं, जो देश के युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं, ड्रग्स एवं नशीले पदार्थों के सेवन से जवानी खत्म हो रही है। बावजूद इसके उन पर हाथ डालने की हिम्मत किसी में नहीं होती।  विश्व की गम्भीर समस्याओं में प्रमुख है नशीले पदार्थों का उत्पादन, तस्करी और सेवन की निरंतर हो रही वृद्धि। नई पीढ़ी इस जाल में बुरी तरह कैद हो चुकी है। आज हर तीसरा व्यक्ति किसी न किसी नशे का आदी हो चुका है। गुजरात प्रांत में कुल शराबबन्दी है, क्योंकि वह महात्मा गांधी का गृह प्रदेश है। क्या पूरा देश गांधी का नहीं है? वे तो राष्ट्र के पिता थे, जनता के बापू थे। नशे की संस्कृति युवा पीढ़ी को गुमराह कर रही है। अगर यही प्रवृत्ति रही तो सरकार, सेना और समाज के ऊंचे पदों के लिए शरीर और दिमाग से स्वस्थ व्यक्ति नहीं मिलेंगे। एक नशेड़ी पीढ़ी का देश कैसे अपना पूर्व गौरव प्राप्त कर सकेगा?

राजधानी दिल्ली की बस्तियों में नजर डालें तो आपको पार्कों में, सड़कों के किनारे नशा करते लोग दिखाई दे जायेंगे। पुनर्वास कालोनियों में तो 80 फीसदी बच्चे ड्रग्स के आदी हो चुके हैं। कबाड़ बीन कर रोजाना तीन सौ रुपये कमाने वाले लोग अपना पैसा ड्रग्स पर खर्च कर रहे हैं। नशा और नशे का कारोबार अपनी सीमायें पार कर रहा है। अमीर वर्ग महंगे ड्रग्स की दलदल में फंसा है तो गरीब वर्ग सस्ते नशों की गिरफ्त में है। पानी सिर के ऊपर बहने लगा है। जब तक ड्रग्स सप्लाई की चेन नहीं टूटेगी तब तक नशे का खात्मा करना मुश्किल है, भले ही कानून कितने ही सख्त क्यों न हों। प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी मैराडोना, पाॅप संगीत गायक एल्विस प्रिंसले, तेज धावक बेन जाॅनसन, युवकों का चहेता गायक माईकल जैक्सन, ऐसे कितने ही खिलाड़ी, गायक, सिने कलाकार नशे की आदत से या तो अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके हैं या बरबाद हो चुके हैं। नशे की यह जमीन कितने-कितने आसमान खा गई। विश्वस्तर की ये प्रतिभाएं कीर्तिमान तो स्थापित कर सकती हैं, पर नई पीढ़ी के लिए स्वस्थ विरासत नहीं छोड़ पा रही हैं। नशे की ओर बढ़ रही युवापीढ़ी बौद्धिक रूप से दरिद्र बन जाएगी। जीवन का माप सफलता नहीं सार्थकता होती है। सफलता तो गलत तरीकों से भी प्राप्त की जा सकती है। जिनको शरीर की ताकत खैरात में मिली हो वे जीवन की लड़ाई कैसे लड़ सकते हैं?

कितने ही परिवारों की सुख-शांति परिवार का मुखिया शराब के साथ पी जाता है। बूढ़े मां-बाप की दवा नहीं, बच्चांे के लिए कपड़े-किताब नहीं, पत्नी के गले में मंगलसूत्र नहीं, चूल्हे पर दाल-रोटी नहीं, पर बोतल रोज चाहिए। अस्पतालों के वार्ड ऐसे रोगियों से भरे रहते हंै जो अपनी जवानी नशे को भेंट कर चुके होते हैं। ये तो वे उदाहरणों के कुछ बिन्दु हैं, वरना करोड़ों लोग अपनी अमूल्य देह में बीमार फेफड़े और जिगर लिए एक जिन्दा लाश बने जी रहे हैं पौरुषहीन भीड़ का अंग बन कर। इन रेव पार्टियों में परोसे जाने वाले खतरनाक नशील पदार्थ, शराब और तम्बाकू से भी ज्यादा हानिकारक हैं। लगता है हजारों युवा लोग स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहकर इस प्रकार के घातक नशे करने के तरीके इन रेव पार्टियों में अपना रहे हैं। हजारों-लाखों लोग अपने लाभ के लिए नशे के व्यापार में लगे हुए हैं और राष्ट्र के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। चमड़े के फीते के लिए भैंस मारने जैसा अपराध कर रहे हैं। बढ़ती नशा प्रवृति के चलते महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि दिल्ली में उड़ता पंजाब की तर्ज पर नशा युवापीढ़ी के लिये नासूर बन रहा है फिर भी कहीं से कोई इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा है, कैसा विचित्र सन्नाटा पसरा है। राजधानी ने बड़े-बड़े राजनीतिक एवं सामाजिक आन्दोलन देखे हैं लेकिन इस समय जरूरत है एक नशामुक्ति आन्दोलन की, रेव पार्टियों पर अंकुश की। नशे की जड़ को समाप्त करना है और स्वस्थ समाज का वातावरण बनाना है तो समाज को जागना होगा और राजनीतिक दलों को भी। भावी पीढ़ी को बचाना है तो राजनीतिक दलों और समाज को मिलकर नशे के विरुद्ध अभियान चलाना होगा और पुलिस को भी युवाओं को मौत की ओर धकेलने वाली अपने भीतर की काली भेड़ों की पहचान करनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो युवा वर्ग नशे की दलदल में इतना फंस जायेगा जहां से उसे निकालना मुश्किल होगा। किसी भी महानगर का रात की बांहों में झूमना जीवन की शैली हो सकता है लेकिन नशे में झूमना एक कैंसर है। नशे की आदत कांच की तरह नहीं टूटती, इसे लोहे की तरह गलाना पड़ता है। पक्षी भी एक विशेष मौसम में अपने घांेसले बदल लेते हैं। पर मनुष्य अपनी वृत्तियां नहीं बदलता। वह अपनी वृत्तियां तब बदलने को मजबूर होता है जब दुर्घटना, दुर्दिन या दुर्भाग्य का सामना होता है। आखिर हम क्यों दुर्घटना, दुर्दिन या दुर्भाग्य का इंतजार कर रहे हैं?






 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
मो. 9811051133

मधुबनी : वनरक्षी पद के लिखित परीक्षा की तैयारी हेतु हुआ समीक्षा बैठक

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) प्रभारी, जिला पदाधिकारी, मधुबनी की अध्यक्षता में मंगलबार को स्थानीय समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में केन्द्रीय चयन पर्षद(सिपाही भत्र्ती) द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवत्र्तन विभाग, बिहार सरकार में वनरक्षी पद की 902 रिक्तियों के लिए दिनांक 16.06.2019(रविवार) को आयोजित लिखित परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया गया।  बैठक में केन्द्रीय चयन पर्षद(सिपाही भत्र्ती) द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवत्र्तन विभाग, बिहार सरकार में वनरक्षी पद की रिक्तियों के लिए प्रकाशित विज्ञापन के क्रम में दिनांक 16.06.2019(रविवार) को एक पाली में अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा आयोजित किये जाने की चर्चा की गयी। इस परीक्षा के अवसर पर जिला पदाधिकारी को परीक्षा संयोजक एवं श्री दुर्गानंद झा, अपर समाहत्र्ता, मधुबनी को सहायक संयोजक के रूप में नामित किया गया है। परीक्षा का आयोजन प्रथम पाली में 10ः00 बजे पूर्वा0 से 12ः00 बजे मध्याह्न तक तथा अभ्यर्थियों की रिर्पोटिंग टाईम 09ः00 बजे पूर्वाह्न है। परीक्षा के लिए जिले में 10 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है। जिसमें आर0के0 काॅलेज, मधुबनी, रिजनल सेकेड्री स्कूल, जीवछ चौक,सप्ता, मधुबनी, इंडियन पब्लिक स्कूल, स्टेडियम रोड, मधुबनी, पोल स्टार, जीवछ चौक, सप्ता, मधुबनी, एस0एन0एस0डी0एन0जी0,वाटसन+2 विद्यालय, मधुबनी, जे0एन0काॅलेज, मधुबनी, शिवगंगा बालिका+2 उच्च विद्यालय, मधुबनी, मिथिला टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज, बसुआरा, मधुबनी, जी0एम0एस0एस0उ0 विद्यालय, मधुबनी तथा मिल्लत टीचर्स ट्रेनिंग काॅलेज, मधुबनी को परीक्षा बनाया गया है। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की शिथिलता बरतने या कदाचार को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विभाग द्वारा निर्गत आदेश की अवहेलना जैसी गंभीर अपराध होने की स्थिति में परीक्षा कार्य में संलग्न प्राध्यापक, अध्यापक,प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल को जिम्मेवार माना जायेगा। सभी परीक्षा केन्द्रों पर स्टैटिक दंडाधिकारी/पुलिस पदाधिकारी/उड़नदस्ता दल/पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।  सभी परीक्षा केन्द्र के प्रवेश द्वार पर सभी परीक्षार्थियेां की जांच हेतु केन्द्राधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई अभ्यर्थी परीक्षा केन्द्र में प्रवेश पत्र या परीक्षा संबंधी अन्य कागजात के अलावे किसी प्रकार का कागजात/मोबाईल साथ नहीं ले जायेगे। सभी परीक्षा केन्द्रों के 500 गज की परीधि में अनुमंडल पदाधिकारी, सदर मधुबनी के द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 परीक्षा अवधि तक लागू की जायेगी। परीक्ष के दौरान जिले के सभी परीक्षा केन्द्रों पर सूक्ष्म निगाह रखते हुए स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के उदेश्य से अनुमंडल कार्यालय, सदर मधुबनी में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जायेगी। जिसका दूरभाष संख्या-06276-222201 है। सभी पदाधिकारियों को केन्द्राधीक्षकों एवं पुलिस पदाधिकारियों को अपने सूझ-बूझ एवं विवेक से कार्य करते हुए शांतिपूर्ण तथा कदाचारमुक्त वातावरण में परीक्षा संपन्न कराने का निदेश दिया गया।

बिहार : बुधवार 12 जून को सुबह 8 बजे से चर्च में मिस्सा पूजा होगी

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रंजीत लौरेंस नहीं रहे
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पटना,11 जून।आज झारखंड से बिहार में खबर आयी। अब हमलोगों के बीच में रंजीत लौरेंस नहीं रहे। पटना के विख्यात नोट्रे डेम एकेडमी में कार्यरत रंजीत लौरेंस गर्मी की छुट्टी बिताने धनबाद के बेरमो में गए थे। वहां पर बेरमो में स्थित ढोड़ी माता की यात्रा करने भी गए थे। लालपनिया भी घुमने गए थे। इस बीच रंजीत लौरेंस को जोरदार दिल का दौरा पड़ा। हाॅस्पीटल जाते-जाते दुनिया को छोड़ गए। इस तरह की खबर सुनकर लोग आश्चर्यचकित हो गए। हमलोग नौजवान रंजीत लौरेंस को दिए। इसकी पूर्ति असंभव है।  बताते चले कि लाइव आर्यावर्त के संवाददाता आलोक कुमार के रंजीत लौरेंस सूचक भी थे। इस बीच जानकारी मिली है झारखंड से रंजीत का पार्थिव शरीर पटना आ गया है। उनका घर शिवाजी नगर बगीचा में है। यहां पर से पार्थिव शरीर को कल प्रेरितों की रानी ईश मंदिर लिया जाएगा। कल बुधवार 12 जून को सुबह 8 बजे से चर्च में मिस्सा पूजा होगी। इसके बाद ईसाई धर्मरीति के अनुसार रजीत लौरेंस का पार्थिव को कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया जाएगा। झारखंड विधानसभा के एंग्लो इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि विधायक ग्लेन जोसेफ गोलस्टेन ने कहा कि यह जानकर बहुत दुख और हैरानी हुई कि रंजीत लॉरेंस का निधन हो गया। वह इतने अच्छे इंसान थे। शोक संतप्त परिवार के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना। भगवान उसे शाश्वत आराम दे, उसकी आत्मा को शांति मिले। अलीशा आल्फ्रेड कहती हैं कि कल 10 जून को रंजीत लौरेंस भइया और भाभी से मुलाकात हुई थी। हमलोग आपलोगों का वास्तव में याद करते हैं। भइया ...यह यकीन नहीं हो रहा है कि अब आप नहीं रहे। कल भइया आपलोग लालपनिया घुमने आये थे... मुझे क्या मालूम कि भइया से आखिरी मुलाकात हो रही हैं। काफी विचलित हो गयी हूं। कुर्जी पल्ली के पूर्व पल्ली पुरोहित फादर रेमंड केरोबिन के साथ 250 से अधिक रंजीत के चाहने वालों ने श्रद्धांलजि अर्पित की है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह, बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह, नोट्रे डेम एकेडमी में कार्यरत सहकर्मी अजय फ्रांसिस आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। संजय सेबेस्टियन ने कहा बहुत ही चैंकाने वाली दुखद खबर आज सुबह सुनाई दी ,,,, सर्वशक्तिमान भगवान के साथ रणजीत के स्वर्ग में जगह दे सकते हैं। रेमंड पास्कल, मनोज पास्कल,राजेश पॉल, मनीष लकड़ा, संदीप रेमी, अनीता विलियम्स, दीप कुमार, शमीन डोमिनिक ने हार्दिक संवेदना!शोक संतप्त परिजनों के लिए प्रार्थना की।पंकज पास्कल, आनंद कुमार पीटर साह, रंजीत हेनरी आदि श्रद्धांजलि दी है।

विशेष : एक न्यूरो सर्जन की जीवन-कथा

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मानव तन में जन्म लेना और इस जन्म को सार्थकता प्रदान करना दो अलग-अलग बात है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको खुद से और सिर्फ खुद से ही मतलब रहता है। अपने लिए जीना और अपने लिए ही मर जाना। इस तरह की जिंदगी एकरेखीय होती है। वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो जीवन को सार्थकता प्रदान करने के लिए संघर्ष करते हैं। समाज के लिए जीते हैं। समष्टिगत हित ही उनके लिए सर्वोपरी होता है। जीवन के तमाम झंझावतों को खुशी-पूर्वक सहते हैं। ऐसे ही एक चिकित्सक हैं डॉ. मनीष कुमार।

बिहार के समस्तीपुर जिला के रामपुर विषुन (छोटी गोही) गांव में एक किसान परिवार के घर जन्में डॉ. मनीष कुमार की  हाइ स्कूल तक की पढ़ाई गांव के ही प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय में हुई। उनके पिता श्री हरेकृष्ण ठाकुर खेती-किसानी करते थे। उनकी माँ सुशीला देवी जी सरकारी स्कूल में हिन्दी की शिक्षक हैं। इसका असर भी उनके जीवन पर पड़ा। पिता की सामाजिकता एवं माता जी का अकादमिक बैकग्राउंड ने बालक मनीष को गांव की मिट्टी से परिचय कराया। लोगों के दुःख दर्द को महसूसने का माहौल दिया। बालक मनीष ने अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा लंगट सिंह कॉलेज मुजफ्फरपुर से पूरी की। इस कॉलेज का भी अपना साहित्यिक एवं ऐतिहासिक महत्व रहा है। लंगट सिंह एक व्यवसायी होने के संग-संग खुद स्वतंत्रता सेनानी भी थे। अंग्रेजियत की मानसिकता को दूर करने के लिए ही उन्होंने इस कॉलेज की नींव रखी थी। इस कॉलेज में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सहित तमाम नामचीन लोग शिक्षक रह चुके हैं। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने मनीष कुमार के जीवन को राष्ट्र के प्रति अनुरागी बनाया। सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहने  के कारण आइएसी की परीक्षा में मनीष कुमार को महज 57 फीसद अंक प्राप्त हुए। कम अंक आने का नुक्सान यह हुआ कि मनीष का एएफएमसी (आर्मी कॉलेज) पुणे में प्रवेश नहीं हो सका। 60 फीसद आता तो उनका दाखिला आर्मी कॉलेज में हो गया होता और आज के डॉ. मनीष संभवतः कैप्टन मनीष या कर्नल मनीष के नाम से जाने जा रहे होते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद ठीक भी हुआ।

उसके बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) बनारस में बीएससी में दाखिला मिल गया। अभी साल भी नहीं पूरा हुआ कि मनीष का सेलेक्शन ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) में हो गया। पूरे भारत में 1200 रैंक आया। अच्छा रैंक आने के कारण एमबीबीएस पाठ्यक्रम हेतु उनका दाखिला मदुरई मेडिकल कॉलेज में हो गया। उत्तरभारत के लड़के दक्षिण भारत जाना पड़ा। यह जगह भी कम ऐतिहासिक नहीं है। आज भी मदुरई की पहचान यहां के मिनाक्षी मंदिर के कारण होती है। साथ ही मदुरई में स्वामी विवेकानंद का भाषण भी हुआ था। देश के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना भी यही घटी। यानी महात्मा गांधी ने मदुरई की सभा में ही एक ही धोती पहनने और ओढ़ने का संकल्प लिया था। इस ऐतिहासिक तथ्यों के साथ मनीष की एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हुई। पांच वर्ष में 19 लिखीत एवं 13 प्रैक्टिकल पीरक्षा उतीर्ण करने के बाद एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त हो सकी।

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डॉ. मनीष के पिताजी की हार्दिक इच्छा थी कि उनका बेटा डॉक्टर बनकर सबसे पहले गांव की सेवा करे। उसके बाद कही और जाए। समाजसेवी पिता की बात की इच्छा के अनुरूप डॉ. मनीष एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद सबसे पहले अपने गांव आए। यहां पर दो सालों तक गांव के लोगों की सेवा की। इसी बीच पीजी इंट्रेंस की तैयारी करते भी करते रहे। पीजी का एंट्रेंस पास करने के बाद अपोलो चेन्नई में रख लिया गया। पांच वर्ष का यह भी कोर्स था। 2015 तक चेन्नई के अपोलो एवं एसआरएम जैसे अस्पतालों में काम करने के बाद देश की राजधानी दिल्ली की ओर प्रस्थान किए। वैसे भी दिल्ली की पुरानी आदत है, वह आसानी से किसी को नहीं अपनाती है। उसके धैर्य एवं हूनर का पूरा परीक्षण करती है। ऐसा ही डॉ. मनीष के साथ भी हुआ। शुरु के दिनों में उन्हें सोनीपत, रेवाड़ी, फरीदाबाद, रोहतक, पानीपत, गन्नौर, भिवाड़ी स्थित विभिन्न अस्पतालों में ब्रेन एवं स्पाइन की सर्जरी किए। वर्तमान समय में वे दिल्ली-एनसीआर के गुड़गांव एवं द्वारका स्थित अस्पतालों में अपनी सेवाए दे रहे हैं। इस बीच स्वस्थ भारत अभियान के साथ जुड़कर वे देश के लोगों को न्यूरों एवं स्पाइन की समस्याओं पर एडवोकेसी का काम भी कर रहे हैं। स्वस्थ भारत अभियान के कहने पर डॉ. मनीष ने अपने जुरीडिक्शन से बियॉड जाकर गरीब मरीजों की मदद की है। वर्तमान में स्वस्थ भारत (न्यास)  द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के मार्गदर्शक के रुप में अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई में हुए खर्च के बारे में डॉ. मनीष कहते हैं कि, उन दिनों सरकारी कॉलेजों में पढ़ने में बहुत ज्यादा खर्च तो नहीं होता था। 1000 रुपये से भी कम परीक्षा शुल्क होता था। लेकिन रहने में जरूर 3 हजार रुपये महीने का खर्च था। यह खर्च भेज पाना भी मेरे पिताजी के लिए आसान काम नहीं था। सामजिक सरोकारों पर भी पिताजी खुलकर खर्च करते रहे हैं। इसलिए उनपर जिम्मेदारियां भी बहुत रही है।

न्यूरो सर्जरी के अनुभवों को साझा करते हुए डॉ. मनीष कहते हैं कि सिर्फ डिग्री ले लेना पर्याप्त नहीं होता है। हमें खुद को उस स्तर तक तैयार करना होता है,  जब हम खुद ब्रेन को खोलकर उसे ठीक से हैंडल कर सकें।  एमबीबीएस के शुरु के डेढ़ साल मुर्दे पर प्रैक्टिकल करना होता है। इससे कंफीडेंस बढ़ता है। किसी भी सर्जन के लिए हिलते-डूलते मरीज की सर्जरी करना आसान नहीं होता है या यू कहें  कि आउट ऑफ कोर्स हो जाता है। हालांकि कई बार सिर्फ विशेष अंग को सून कर भी सर्जरी की जाती है। ऐसा मैंने भी कई बार किया है। लेकिन इसके लिए मरीज एवं चिकित्सक के बीच हेल्दी संवाद जरूरी है। वैसे भी आजकल एनेस्थिसिया की बेहतर व्यवस्था होने के कारण कठीन से कठीन सर्जरी करने में भी सहुलियत हुई है। डॉ. मनीष कहते हैं कि मेरा प्रमुख ध्येय यह होता है कि मरीज का ईलाज सही तरीके से हो। साथ ही उस पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी न पड़े, इस बात का विशेष ध्यान रखता हूं। शायद यही कारण है कि बिहार की गलियो से निकलने वाले डॉ. मनीष कुमार दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद उत्तर-भारत के मरीजों के बीच लोकप्रिय होते जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर ने भी उन्हें अपना लिया है। यह सब इसलिए संभव हो पाया है कि वे अपने मरीज के साथ ईमानदार हैं। उसकी जरूरत एवं आर्थिक स्थिति का भरपुर ख्याल रखते हैं। मौजूदा व्यवसायिक चिकित्सा तंत्र में मरीजों को मरीज की तरह महसूस करने वाले चिकित्सको आभाव होता जाता रहा है। इस अभाव को डॉ. मनीष कम करने में और बेहतर तरीके से अपनी भूमिका निभाएं एवं स्वस्थ भारत के सपने  को साकार करने में अपने हिस्से की आहूति प्रदान करें, यहीं कामना करता हूं।



कथाकार: आशुतोष कुमार सिंह

छह राज्यपालों ने अमित शाह से मुलाकात की

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नयी दिल्ली, 11 जून, राजस्थान समेत छह राज्यों के राज्यपालों ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अपने-अपने राज्यों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी  जिन राज्यपालों ने शाह से मुलाकात की उनमें राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के अलावा गुजरात के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली, कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला और उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने भी शाह से भेंट की। राज्यपालों ने शाह से अलग-अलग मुलाकात की और गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन बैठकों को नए गृह मंत्री के साथ शिष्टाचार भेंट बताया। बतौर गृह मंत्री, शाह ने एक जून को कार्यभार संभाला था। अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्यपालों के साथ उनके राज्यों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

शोपियां में मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर

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श्रीनगर, 11 जून, जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ‘‘इस्लामिक स्टेट (आईएस) की विचारधारा से प्रेरित’’ दो स्थानीय आतंकवादी मारे गए। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने शोपियां के अवनीरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद मंगलवार तड़के इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि आंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर गोलीबारी के बाद तलाश अभियान मुठभेड़ में बदल गया। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।’’  पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान कुलगाम निवासी सायर अहमद बट और अवनीरा निवासी शाकिर अहमद वाघे के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस के रिकार्ड के अनुसार मारे गए दोनों आतंकवादी आईएस की विचारधारा से प्रेरित थे और आतंक के मामलों में उनकी तलाश की जा रही थी।
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