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योग से जीवन निर्माण का नया दौर : आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि

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अनादिकाल से भारतभूमि योग भूमि के रूप में विख्यात रही है। यहां का कण-कण, अणु-अणु न जाने कितने योगियों की योग-साधना से आप्लावित हुआ है। योगियों की गहन योग-साधना के परमाणुओं से अभिषिक्त यह माटी धन्य है और धन्य है यहां की हवाएं, जो योग-साधना के शिखर पुरुषों की साक्षी हैं। संसार के प्रथम ग्रंथ ऋग्वेद में कई स्थानों पर यौगिक क्रियाओं के विषय में उल्लेख मिलता है। भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है। इसके पश्चात पतंजली ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया। कभी भगवान महावीर, बुद्ध एवं आद्य शंकराचार्य की साधना ने इस माटी को कृतकृत्य किया था। इस महान् भूमि ने योग की गंगा को समूची दुनिया में प्रवाहित करके मानवता का महान् उपकार किया है।

भारत की धरा साक्षी है रामकृष्ण परमहंस की परमहंसी साधना की, साक्षी है यहां का कण-कण विवेकानंद की विवेक-साधना का, साक्षी है क्रांत योगी से बने अध्यात्म योगी श्री अरविन्द की ज्ञान साधना का और साक्षी है। योग साधना की यह मंदाकिनी न कभी यहां अवरुद्ध हुई है और न ही कभी अवरुद्ध होगी। इसी योग मंदाकिनी से आज समूचा विश्व आप्लावित हो रहा है, निश्चित ही यह एक शुभ संकेत है सम्पूर्ण मानवता के लिये। विश्व योग दिवस की सार्थकता इसी बात में है कि सुधरे व्यक्ति, समाज व्यक्ति से, विश्व मानवता का कल्याण हो। सचमुच योग वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। लोगों का जीवन योगमय हो, इसी से युग की धारा को बदला जा सकता है। गीता में लिखा भी है-योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की यात्रा है। योग धर्म का वास्तविक एवं प्रायोगिक स्वरूप है। दरअसल परम्परागत धर्म तो लोगों को खूँटे से बाँधता है और योग सभी तरह के खूँटों से मुक्ति का मार्ग बताता है। इसीलिये मेेरी दृष्टि में योग मानवता की न्यूनतम जीवनशैली होनी चाहिए। आदमी को आदमी बनाने का यही एक सशक्त माध्यम है। एक-एक व्यक्ति को इससे परिचित- अवगत कराने और हर इंसान को अपने अन्दर झांकने के लिये प्रेरित करने हेतु विश्व योग दिवस को और व्यवस्थित ढंग से आयोजित करने के उपक्रम होने चाहिए। इसी से योगी बनने और अच्छा बनने की ललक पैदा होगी। योग मनुष्य जीवन की विसंगतियों पर नियंत्रण का माध्यम है। 

किसी भी व्यक्ति की जीवन-पद्धति, जीवन के प्रति दृष्टिकोण, जीवन जीने की शैली-ये सब उसके विचार और व्यवहार से ही संचालित होते हैं। आधुनिकता की अंधी दौड़ में, एक-दूसरे के साथ कदमताल से चलने की कोशिश में मनुष्य अपने वास्तविक रहन-सहन, खान-पान, बोलचाल तथा जीने के सारे तौर-तरीके भूल रहा है। यही कारण है, वह असमय में ही भांति-भांति के मानसिक/भावनात्मक दबावों के शिकार हो रहा है। मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाने से शारीरिक व्याधियां भी अपना प्रभाव जमाना चालू कर देती है। जितनी आर्थिक संपन्नता बढ़ी है, सुविधादायी संसाधनों का विकास हुआ है, जीवन उतना ही अधिक बोझिल बना है। तनावों/दबावों के अंतहीन सिलसिले में मानवीय विकास की जड़ों को हिला कर रख दिया है। योग ही एक माध्यम है जो जीवन के असन्तुलन को नियोजित कर जीवन में शांति, स्वस्थता, संतुलन एवं खुशहाली का माहौल निर्मित करता है।  अंतःकरण को शुद्ध करने के लिए कर्म, भक्ति, ज्ञान, जप, तप, प्राणायाम तथा सत्संग आदि अनेक साधन हैं। ये समस्त साधन विषयासक्ति के त्याग पर बल देते हैं। विषयासक्ति का त्याग ही वास्तविक विषय-त्याग है। आसक्ति अविद्याजनित मोह से होती है। जहां तक बुद्धि मोह से ढकी हुई है, वहां तक विषयों से वास्तविक वैराग्य नहीं हो सकता, कैवल्य प्राप्ति एवं मोक्ष तो संभव ही नहीं है। कहा गया है कि जब हमारा जीवन सांसारिक दलदल से निकल जाएगा तभी वास्तविक सुख एवं शांति अवतरित होगी।

मानवीय व्यक्तित्व को समग्रता से उद्भाषित परिभाषित करने वाले चार सकार हैं- स्वास्थ्य, सौंदर्य, शक्ति और समृद्धि। इनकी प्राप्ति और सुरक्षा के लिए प्रत्येक समझदार व्यक्ति सतत प्रयत्नशील रहता है पर अपेक्षा है उल्लेखित चारों तत्व श्रृंखलाबद्ध हों, एक दूसरे से जुड़े हुए हों। इन्हें टुकड़ों-टुकड़ांे में बांट कर जीवन को समग्रता प्रदान नहीं की जा सकती। उक्त सकार चतुष्टयी को एकसूत्रता में जोड़ने वाला सशक्त माध्यम है योग यानी स्वस्थ मनोभूमि का निर्माण। मन का धरातल यदि स्वस्थ न हो तो स्वास्थ्य कब क्षीण हो जाए, सौंदर्य पुष्प कब कुम्हला जाए, शक्ति कब चुक जाए और समृद्धि की इमारत कब भरभरा कर गिर पड़े, कहा नहीं जा सकता। अतः योग को जीवनशैली बनाना आवश्यक है। भारत में विभिन्न योग पद्धतियां प्रचलित हैं, मेरे गुरु आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान के रूप में नवीन ध्यान पद्धति प्रदत्त की है, जो अंतःसौन्दर्य को प्रकट करने एवं उसे देखने की वैज्ञानिक प्रक्रिया है। स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का यह विलक्षण प्रयोग है। यह योग मनुष्य को पवित्र बनाता है, निर्मल बनाता है, स्वस्थ बनाता है। यजुर्वेद में की गयी पवित्रता-निर्मलता की यह कामना हर योगी के लिए काम्य है कि ‘‘देवजन मुझे पवित्र करें, मन में सुसंगत बुद्धि मुझे पवित्र करे, विश्व के सभी प्राणी मुझे पवित्र करें, अग्नि मुझे पवित्र करें।’’ योग के पथ पर अविराम गति से वही साधक आगे बढ़ सकता है, जो चित्त की पवित्रता एवं निर्मलता के प्रति पूर्ण जागरूक हो। निर्मल चित्त वाला व्यक्ति ही योग की गहराई तक पहुंच सकता है।

बर्टेªंड रसेल अपने योगपूर्ण जीवन के सत्यों की अभिव्यक्ति इस भाषा में देते हैं-‘‘अपने लम्बे जीवन में मैंने कुछ धु्रव सत्य देखे हैं-पहला यह है कि घृणा, द्वेष और मोह को पल-पल मरना पड़ता है। निरंकुश इच्छाएं चेतना पर हावी होकर जीवन को असंतुलित और दुःखी बना देती हैं। एक साधक आवश्यकता एवं आकांक्षा में भेदरेखा करना जानता है। इसलिए इच्छाएं उसे गलत दिशा में प्रवृत्त नहीं होने देतीं।’ आज योग दिवस के माध्यम से सारा मानव जाति आत्म-मंथन की ओर प्रवृत्त हो रही है, निश्चित ही दुनिया में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देगा। योग किसी भी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या भाषा से नहीं जुड़ा है। योग का अर्थ है जोड़ना, एकीकरण करना। अच्छी एवं सकारात्मक ऊर्जाओं को संगठित करने एवं परम परमात्मा से साक्षात्कार का यह अनूठा माध्यम है। इसलिए यह प्रेम, अहिंसा, करुणा और सबको साथ लेकर चलने की बात करता है। योग, जीवन की प्रक्रिया की छानबीन है। यह सभी धर्मों से पहले अस्तित्व में आया और इसने मानव के सामने अनंत संभावनाओं को खोलने का काम किया। आंतरिक व आत्मिक विकास, मानव कल्याण से जुड़ा यह विज्ञान सम्पूर्ण दुनिया के लिए एक महान तोहफा है। आज योगिक विज्ञान जितना महत्वपूर्ण हो उठा है, इससे पहले यह कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा। आज हमारे पास विज्ञान और तकनीक के तमाम साधन मौजूद हैं, जो दुनिया के विध्वंस का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे में यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमारे भीतर जीवन के प्रति जागरूकता और ऐसा भाव बना रहे कि हम हर दूसरे प्राणी को अपना ही अंश महसूस कर सकें, वरना अपने सुख और भलाई के पीछे की हमारी दौड़ सब कुछ बर्बाद कर सकती है। इन्हीं भावों के साथ अहिंसा विश्व भारती विश्व में योग को स्थापित करने एवं अहिंसक समाज रचना के संकल्प को आकार देने के लिये प्रयत्नशील है।

कहते हैं कि दुनिया की कुल आबादी में लगभग दस करोड़ व्यक्ति किसी न किसी मनोरोग से पीड़ित है। एक अध्ययन के अनुसार अकेले भारतवर्ष में ही दो करोड़ से अधिक लोग मनोरोगी हैं। जाने-अनजाने प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी मनोरोग से सदा पीड़ित रहता है। चिंता, घबराहट, नींद की कमी, निराशा, चिड़चिड़ापन, नकारात्मक सोच-ये सब मनोरोग के लक्षण हैं। यह मानसिक पंगुता की शुरुआत है। इससे मस्तिष्क कुंठित हो जाता है। बौद्धिक स्फुरणा अवरुद्ध हो जाती है। दिमागी मशीनरी के जाम होते ही शरीर-तंत्र भी अस्त-व्यस्त और निष्क्रिय हो जाता है। असंतुलित मन स्वयं रोगी होता है और तन को भी रोगी बना देता है। इस तरह एक बीमार एवं खंडित समाज का निर्माण हो रहा है, जिसे योग के माध्यम से ही संतुलित किया जा सकता है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि इस आधुनिक युग में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। हमारे रहन-सहन, बोल-चाल और खान-पान बिल्कुल ही बनावटी हो चुकी है। हमारी जिंदगी मशीनों पर पूरी तरह से निर्भर हो चुकी है। हमे एहसास भी नहीं है लेकिन हम इस दुनिया की ओर तेजी से आगे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में योग ही वह कारगर उपाय है जो हमें बनावटी दुनिया से मुक्त करके प्रकृति और आध्यात्म की दुनिया की ओर ले जाती है, प्रकृतिस्थ बनाता है।  अगर लोगों ने अपने जीवन का, जीवन में योग का महत्व समझ लिया और उसे महसूस कर लिया तो दुनिया में व्यापक बदलाव आ जाएगा। जीवन के प्रति अपने नजरिये में विस्तार लाने, व्यापकता लाने में ही मानव-जाति की सभी समस्याओं का समाधान है। उसे निजता से सार्वभौमिकता या समग्रता की ओर चलना होगा। भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, हमने गत वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण राष्ट्रों में योग दिवस के सफलतम आयोजनों के माध्यम से दुनिया में योग का परचम फहराने का प्रयत्न किया, जो इस पूरी धरती पर मानव कल्याण और आत्मिक विकास की लहर पैदा करने की आहट थी ।


आचार्य लोकेश आश्रम, 
63/1 ओल्ड राजेन्द्र नगर, 
करोल बाग मेट्रो स्टेशन के समीप, 
नई दिल्ली-60 
सम्पर्क सूत्रः 011-25732317, 9313833222,


'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान'

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चित्तौड़गढ़।  साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान 'संभावना'ने अपने संरक्षक और  सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के नाम पर एक वार्षिक सम्मान की घोषणा की है। संभावना संस्थान के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में प्राच्य विद्या, स्वतंत्रता आंदोलन या भारतीय मध्यकालीन साहित्य से सम्बंधित किसी एक कृति को चुना जाएगा। सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी।  सम्मान की राशि 11000 रुपये (अक्षरे ग्यारह हजार रुपये) है।   सम्मान के लिए कृति की प्रति भेजी  जा सकती है अथवा कृति का प्रस्ताव कोई भी पाठक कर सकता है। लेखक स्वयं अपनी कृति का प्रस्ताव न करे ऐसा आग्रह है। यह कृति मौलिक साहित्य, आलोचना अथवा विश्लेषण के रूप में हो सकती है। कृति न्यूनतम 150 पृष्ठों की होनी अपेक्षित है। आयोजन चित्तौड़गढ़ में संभावना द्वारा किया जाएगा। डॉ शर्मा ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना ने स्वतंत्रता आंदोलन तथा इसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सहयोग दिया। वे गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे थे तथा चित्तौड़गढ़ के गाडी लौहार सेवा समिति से भी उनका जुड़ाव रहा। वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। डॉ शर्मा ने बताया कि संभावना के सहयोगी डॉ कनक जैन को 'स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान'का संयोजक बनाया गया है इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। इस वर्ष 30 जुलाई 2019 तक प्रस्ताव लिए जा सकेंगे।

पूर्णिया : दुर्घटना को दावत दे रहा सड़क किनारे सूखा पेड़

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पूर्णिया  : आए दिन सड़क के किनारे सूखे पेड़ के कारण दुर्घटना होती रहती है। प्रशासन की देख रेख में कमी के कारण अभी भी मुख्य मार्ग के किनारे सूखे पेड़ दो तीन वर्षों से पड़े हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। बता दें कि कटिहार पूर्णिया मुख्य मार्ग के किनारे दर्जनों सूखे पेड़ हैं और कई बार सूखे पेड़ की टहनियां टूट कर सड़क पर गिर चुकी हैं। इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों की संख्या में छोटी बड़ी गाड़ियों की आवाजाही होती है। रानीपतरा बाजार के समीप वर्षों से एक सूखा पेड़ मुख्य मार्ग के समीप खड़ा है। जो कभी भी राहगीरों के लिए दुर्घटना का कारण बन सकता है। अगर सही समय पर विभाग द्वारा ऐसे झुके व सूखे पेड़ को काट कर नहीं हटाया गया तो बेशक बड़ी दुर्घटना को टाला नहीं जा सकता है। ऐसे सूखे पेड़ हल्की बारिश होने से या हवा चलने से गिर जाते हैं। जिससे कभी भी बड़ी घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है। वहीं कटिहार पूर्णिया मुख्य मार्ग के रानीपतरा, मटिया, सतडोभ, श्रीनगर, दिवानगंज, बेलौरी आदि जगहों पर दर्जनों सूखे पेड़ हैं। स्थानीय राजेश कुमार, रण विजय पोद्दार, बलवीर साह, अरुण कुमार बताते हैं कि वर्षों से ये सूखे पेड़ सड़क किनारे हैं। यहां से गुजरने के समय काफी डर लगा रहता है। ऐसा लगता है किसी भी वक्त यह पेड़ गिर जाएगा। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कई बार वन विभाग के पदाधिकारियों को बोला भी गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी प्रतिदिन बेलोरी स्थित दर्जनों लकड़ी मिल जांच करने आते हैं और वहीं से लौट जाते हैं। वन विभाग के कोई भी अधिकारी रानीपतरा जाकर सूखे पेड़ की स्थिति जानना भी व्यर्थ समझते हैं। यही सूखे पेड़ जब बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे देंगे तब वन विभाग के अधिकारी आकर आनन फानन में पेड़ को काट कर हटाएंगे।

पूर्णिया : रैक प्वाइंट : रोजगार सृजन के साथ साथ जाम से आम आवाम हलकान

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- वर्ष 2013 में यहां रैक प्वाइंट बनाया तो गया लेकिन ट्रकों की आवाजाही के लिए बाजार के उत्तरी हिस्से में सड़क का निर्माण नहीं कराया गया
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कुमार गौरव । पूर्णिया : छह वर्षों से रानीपतरा बाजार के लोग जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। 15 जून को जिला परिषद की सामान्य बैठक में जिप सदस्य राजीव सिंह ने रैक प्वाइंट को जोड़ने के लिए बाजार से अलग सड़क निर्माण की मांग की। जिस पर सहमति तो बनी है लेकिन सड़क निर्माण कार्य को मूर्तरूप कब दिया जाएगा इसका जिक्र नहीं किया गया है। बता दें कि रानीपतरा रेलवे स्टेशन पर रैक प्वाइंट बनने से एक ओर जहां रोजगार के द्वार खुले हैं तो दूसरी ओर रेलवे व जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था से आम आवाम हलकान है। जाम की समस्या से लोग प्रतिदिन त्रस्त रहते हैं। सुबह सुबह यदि आप ससमय घर से निकल गए तो ठीक एकाध घंटा विलंब होने के बाद आप अपने गंतव्य स्थल तक नहीं पहुंच सकते। कुछ ऐसा ही नजारा प्रतिदिन रानीपतरा बाजार में देखने को मिलता है। वर्ष 2013 में यहां रैक प्वाइंट बनाया तो गया लेकिन ट्रकों की आवाजाही के लिए बाजार के उत्तरी हिस्से में सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। बाजार के बीचोंबीच संकरी सड़क के माध्यम से ट्रकों की आवाजाही कराई जाती है। जिससे हर वक्त जाम की समस्या बनी रहती है। खासकर गर्मी के दिनों में तो स्थिति और विषम हो जाती है। 

...कई बार हुआ प्रदर्शन, नहीं हुई कार्रवाई : 
रानीपतरा रैक प्वाइंट तक जाने के लिए सड़क निर्माण को लेकर कई बार जिला पार्षद राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है। जिला पार्षद ने जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा को क्षेत्र की इस विषम समस्या को ले गत दिनों ज्ञापन भी सौंपा था। जिसमें रानीपतरा रैक प्वाइंट से पूर्णिया कटिहार राष्ट्रीय उच्च पथ तक नई सड़क और रानीपतरा स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज के निर्माण की मांग की थी। बता दें कि रैक प्वाइंट पर सैकड़ों की तादाद में ट्रकों पर लोडिंग व अनलोडिंग का कार्य होता है। ओवरलोडेट ट्रकों की आवाजाही से रानीपतरा बाजार से चांदी कठवा एवं मंझेली जाने वाली मुख्य सड़क किनारे बसे लोग व दुकानदारों को भारी परेशानी होती है। उनके घरों में दरार तक पड़ चुके हैं। आलम यह है कि सवेरा होते ही ट्रकों का परिचालन शुरू हो जाता है जो कि देर रात तक जारी रहता है। 

...डीआरएम व रेल महाप्रबंधक को दिया गया है आवेदन : 
रैक प्वाइंट पर ट्रकों की आवाजाही से निजी वाहन चालक व बाजार में खरीदारी करने पहुंचे लोगों को परेशानी होती है। पूर्णिया में सदर अस्पताल व कटिहार मेडिकल कॉलेज होने के कारण रेफर किए गए मरीजों को एंबुलेंस के माध्यम से इसी मार्ग से पूर्णिया कटिहार समेत अन्य जगहों पर ले जाया जाता है। जाम के कारण मरीजों को भी राहत नहीं मिल पाती है। स्कूली बच्चे भी इस जाम की समस्या से त्रस्त रहते हैं। यह सड़क चांदी कठुआ, रानीपतरा गांव, बेलवा, घोरघट, मंझेली सहित दो दर्जन गांवों के लोगों के आवागमन का सहारा है। ग्रामीण बलवीर प्रसाद साह कहते हैं कि बार बार शिकायत के बाद भी न तो रेल और न ही जिला के प्रशासनिक पदाधिकारी ही इस दिशा में ध्यान दे रहे हैं। हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है। उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सर्वोदय आश्रम होकर ले जाना पड़ता है जो कि काफी दूर पड़ता है। नीलेश कुमार कहते हैं कि रैक प्वाइंट बनने से राेजगार के अवसर तो सृजित हुए लेकिन सड़क निर्माण नहीं होने से परेशानी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि ट्रकों के निर्बाध परिचालन को ले पूर्व में उत्तर दिशा की ओर सड़क निर्माण का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन रेल व जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि स्थानीय लोगों के द्वारा एनएफ रेल मंडल कटिहार के डीआरएम व रेलवे महाप्रबंधक को भी आवेदन दिया गया है। 

...जल्द होगी कार्रवाई : 
रानीपतरा रैक प्वाइंट बनने के बाद जाम की समस्या के मद्देनजर फुट ओवरब्रिज व इसकी कनेक्टिंग सड़क निर्माण को लेकर जल्द ही संबंधित विभाग के पदाधिकारियों से बात की जाएगी। 15 जून को हुई जिप बैठक में इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। जल्द ही इसका कोई समाधान निकाला जाएगा।  : क्रांति देवी, अध्यक्ष, जिला परिषद, पूर्णिया।

दुमका : महिलाओं की संस्था ’’वी’’ (विमेन इम्पावरमेंट) कार्यालय में योग शिविर का आयोजन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्व योग दिवस के अवसर पर संस्था ’’वी’’ (विमेन इम्पावरमेंट) कार्यालय में दिन गुरुवार की सुबह एक योग शिविर का आयेाजन किया गया। इस अवसर पर शिविर की अध्यक्षा अमिता रक्षित ने मानव जीवन में योग के महत्व पर चर्चा करते हुए सदस्यों को सूर्य नमस्कार, अनुलोम-विलोम, कपाल भाति, भ्रामरी, बज्रासन व प्राणायाम जैसे योग क्रिया की जानकारी देते हुए उसे कराया। इस अवसर पर सेस्था की सचिव सिंहासन कुमारी सहित कोषाध्यक्ष अन्नू व सदस्यगण छवि बागची, नीतू झा, संगीता सिन्हा, रेणू दारुका, किरण तिवारी, शीला झा, कल्पना झा, छवि दास, झुमा मराण्डी, मुमताज बेग, शिवानी वर्मा, गौरी देवी व अन्य महिलायें उवस्थित थीं। 

दुमका : गर्ल्स एनसीसी कैडेटों के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर

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रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों ने प्राथमिक उपचार का दिया प्रशिक्षण 

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दुमका के राजकीय पोलिटेक्निक में आयोजित गल्र्स एनसीसी कैडेटों के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में दिन गुरूवार को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के दुमका के पदाधिकारियों ने प्राथमिक उपचार के बारे में प्रशिक्षण दिया। रेड क्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन आर के उपाध्याय ने सर्प दंश, जलने, कीट के काटने, कुत्ता के काटने, दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के लिए स्ट्रेचर बनाने, आखों में कुछ गिर जाने पर किये जानेवाले प्राथमिक उपचार की जानकारी दी। सोसाइटी के सचिव अमरेन्द्र कु0 यादव ने एनसीसी कैडेट्स को बिजली का झटका लगने, दुर्घटना में हड्डी टूटने, आपातकाल में प्रभावित लोगों को बेहोशी से बाहर निकालने के लिए कृत्रिम श्वास देने की विधि, सीपीआर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की मरीज या घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए सीपीआर एक बहुत महवपूर्ण तरीका है। सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन से कार्डियक अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। रेड क्रॉस के संयुक्त सचिव मनोज कुमार घोष ने ब्लड ग्रुप, रक्दान की जरूरत, रक्तदान के लिए जरूरी अर्हता आदि की जानकारी देते हुए रक्तदान के लिए एनसीसी कैडेटों को जागरूक किया। एसोसिएट एनसीसी आफिसर सुमिता सिंह ने बताया की झारखंड गर्ल्स बटालियन एनसीसी कैडेटों का वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 17 जून से 26 जून तक चलेगा इस प्रशिक्षण शिविर में 500 एनसीसी कैडेट्स एवं 50 अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। एसोसिएट एनसीसी आफिसर इंदू कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

पूर्णिया : वार्ड पार्षद ने उठाए सवाल, कहा हमारे वार्ड में नहीं हो रहे विकास कार्य

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रानीपतरा : नगर निगम पूर्णिया के वार्ड नंबर 43 के पार्षद वजलू रहमान ने आगा टोला सतडोभ की समस्याओं पर नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह व मेयर सविता देवी का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश की है। उन्होंने नगर निगम के आयुक्त एवं उसकी एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है। वार्ड में हरेक पोल पर लगाई गई एलईडी लाइट के बारे में बताया कि 30 फीसदी लाइट खराब पड़ी है। वार्ड वासियों को प्रधानमंत्री आवास की सुविधा नहीं मिल रही है। वार्ड में सड़क की स्थिति दयनीय है। वर्ष  19 जुलाई 2017 में पंचम वित्त आयोग (मुख्यमंत्री सात निश्चय नाली एवं गली) योजना अंतर्गत वार्ड नंबर 43 में हुसैन अली के घर से वर्तमान वार्ड पार्षद के घर के आगे होते हुए मो सफदर अली के घर तक सड़क में पक्कीकरण का कार्य होना था। जिसका शिलान्यास पूर्व मेयर विभा कुमारी के द्वारा किया गया था एवं प्राकलित राशि 14 लाख 37 हजार 570 रूपए है। जिसमें संवेदक नुजहत दरखसां को बनाया गया। दो साल होने को है लेकिन अभी तक सड़क का पक्कीकरण कार्य नहीं हो सका है। जिस पर वार्ड वासी बाबूराम शर्मा, रामलगन चौधरी, तिनकोरी चौधरी, वाजिद अली, शशि उरांव, अर्पण उरांव का कहना है कि बरसात का समय आने वाला है अगर उससे पहले सड़क बन जाती है तो हमलोगों को कीचड़युक्त व गड्ढायुक्त सड़क का सामना करना नहीं पड़ेगा। वार्ड पार्षद ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा हम पर उंगली उठाने का काम किया जा रहा है एवं उसके कोपभाजन बनना पड़ रहा है।

बिहार में मौत का डबल अटैक, जिम्मेवार कौन ?

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बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 125 से अधिक  हो चुकी है, जबकि मुजफ्फरपुर के लोगों की मानें तो यहां सरकारी आंकड़ों से कई गुणा अधिक बच्चों की अबतक मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के सबसे बड़े सदर अस्पताल में लगातार चमकी बुखार से प्रभावित मासूम बच्चे पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं इस बीमारी से अभी भी लगातार मौतें हो रही है। वहीं प्रचंड गर्मी की वजह और लू लगने से अब तक सूबे के कई इलाकों में सैकड़ो लोग काल के गाल में समा चुके हैं। इतना ही नहीं इस बुखार की चपेट में मुजफ्फरपुर के अलावे आस-पास के जिले सीतामढ़ी, बेगूसराय और मोतिहारी में भी बच्चे इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। इसको लेकर आम जनता में भय की स्थिति बनी हुई है। वहीं बिहार में चढ़ते पारा के साथ लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि अब तक गया और औरंगाबाद में लू लगने से मरने वालों की संख्या 100 को पार कर चुकी है। चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई है। चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर अब तक जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वो नाकाम साबित हो रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया था, जहां पिछले एक पखवाड़े में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 125 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।
 
विशेषज्ञों की एक टीम ने पहले से ही इस बीमारी की एक वजह लीची खाने को भी माना है। मगर सोचने वाली बात ये है कि जो भी ज्यादातर मौतें हो रही है उ बच्चों का डिहाइड्रेशन लेबल बहुत ही खराब रहता है, उनकी सेहत भी खराब रहती है, अतः ऐसा माना जा सकता है कि लीची से ज्यादा गरीबी और कुपोषण भी बच्चों की मौत की वजह बन रही है। अगर सरकार ने गरीबी और कुपोषण के लिए कारगर कार्य किए हैं तो फिर ये गरीबी और कमजोरी देखने को क्यों मिल रही है। यह भी राज्य से लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रहा है। यहां चमकी बुखार की वजह ढूंढ़ने की बजाए इसी को आधार बनाकर रिसर्च करने की बात करके लोग अपना पल्ला भले ही झाड़ रहे हैं, मगर यह एक गंभीर मसला जिसका हल निकालना भी जरुरी है। इस बीमारी से मरने वालों में 15 वर्ष आयु वर्ग तक के बच्चे शामिल हैं जबकि सर्वाधिक एक से सात साल के बीच के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। चिकित्सकों ने इसके लक्षण में बताया कि तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर हो रहे कंपन ‘चमकी’ होना है।  इस पूरे मसले पर सरकार आनन-फानन में गंभीर रुख अख्तियार करते हुए दिल्ली से लौटकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठकें की और कई दिशा निर्देश जारी किए साथ ही आखिर इस बीमारी की वजह क्या है इसको जानना बहुत जरुरी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि चमकी के अलावे किसी अन्य बीमारी से भी बच्चे हताहत हो रहे हैं। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को भी तत्पर रहना होगा कि अपने बच्चों को इतनी कड़ी धूप में घर से बाहर निकलने न दें औऱ बच्चों पर नजर बनाए रखें। लगातार हो रहे बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दौरा किया। इस बीमारी के इलाज के लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि मुजफ्फऱपुर में एईएस के लिए एक रिसर्च सेंटर खोली जाएगी, ताकि आए दिन फैलने वाली इस बीमारी का पता चल सके और सही समय पर इलाज किया जा सके। लेकिन इसी बीच एक मामला और है कि मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी को ओर से दायर इस मुकदमे में 24 जून को सुनवाई भी होनी है। बिहार में एक तरफ चमकी बुखार से बच्चों की लगातार मौत हो रही है वहीं लू लगने से सैकड़ो लोगों की हुई मौत ने बिहार के लोगों की नींद उड़ा रखी है। अब ऐसे में सोचने का विषय यह है कि बिहार में मौत के डबल अटैक के लिए किसे जिम्मेवार माना जाए।
  


मुरली मनोहर श्रीवास्तव

विशेष : पिता-पुत्र के संबंधों की जीवंत संस्कृति

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अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस यानी फादर्स डे इस साल 16 जून 2019 को भारत समेत विश्वभर में मनाया जायेगा। यह दिवस जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में पिताधर्म, पिता के अवदानों तथा पुरुषों द्वारा अपनी संतान की परवरिश का सम्मान करने के लिये एक उत्सव के रूप में हुई। यह हमारे पूर्वजों की स्मृति और उनके सम्मान में भी मनाया जाता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन और विविध परंपराओं के कारण उत्साह एवं उमंग से यह दिवस मनाया जाता है। हिन्दू परंपरा के मुताबिक पितृ दिवस भाद्रपद महीने की सर्वपितृ अमावस्या के दिन होता है। सोनेरा डोड जब नन्ही-सी थी, तभी उनकी मां का देहांत हो गया। पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरो के जीवन में मां की कमी नहीं महसूस होने दी और उसे मां का भी प्यार दिया। एक दिन यूं ही सोनेरा के दिल में ख्याल आया कि आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? इस तरह 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की। 1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ। जर्मनी में इसकी परंपरा चर्च और यीशू मसीह के स्वर्गारोहण से जुड़ी हुई है। यह हमेशा होली थर्सडे यानी पवित्र गुरुवार को ईस्टर के 40 दिन बाद बनाया जाता है। इस दिन जर्मनी में छुट्टी होती है और इसे पुरुष दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आम धारणा के विपरीत, वास्तव में फादर्स डे सबसे पहले पश्चिम वर्जीनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई 1908 को मनाया गया था। कई महीने पहले 6 दिसम्बर 1907 को मोनोंगाह, पश्चिम वर्जीनिया में एक खान दुर्घटना में मारे गए 210 पिताओं के सम्मान में इस विशेष दिवस का आयोजन श्रीमती ग्रेस गोल्डन क्लेटन ने किया था। प्रथम फादर्स डे चर्च आज भी सेन्ट्रल यूनाइटेड मेथोडिस्ट चर्च के नाम से फेयरमोंट में मौजूद है।

मानवीय रिश्तों में दुनिया में सबसे बड़ा स्थान मां को दिया जाता है, लेकिन एक बच्चे को बड़ा और सभ्य बनाने में उसके पिता का योगदान कम करके नहीं आंका जा सकता। बच्चे को जब कोई खरोंच लग जाती है तो जितना दर्द एक मां महसूस करती है, वही दर्द एक पिता भी महसूस करते हैं। यह अलग बात है कि बेटे को चोट लगने पर मां पुचकार देती है, चोट लगी जगह पर फूंक की ठंडक देती है, वहीं पिता अपने बेटे की चोट पर व्यथित तो होता है लेकिन उसे बेटे के सामने मजबूत बने रहना है। ताकि बेटा उसे देख कर जीवन की समस्याओं से लड़ने का पाठ सीखे, सख्त एवं निडर बनकर जिंदगी की तकलीफों का सामना करने में सक्षम हो। माँ ममता का सागर है पर पिता उसका किनारा है। माँ से ही बनता घर है पर पिता घर का सहारा है। माँ से स्वर्ग है माँ से बैकुंठ, माँ से ही चारों धाम है पर इन सब का द्वार तो पिता ही है। उन्हीं पिता के सम्मान में पितृ दिवस मनाया जाता है। आधुनिक समाज में पिता-पुत्र के संबंधों की संस्कृति को जीवंत बनाने की अपेक्षा है। पिता एक ऐसा शब्द जिसके बिना किसी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक ऐसा पवित्र रिश्ता जिसकी तुलना किसी और रिश्ते से नहीं हो सकती। बचपन में जब कोई बच्चा चलना सीखता है तो सबसे पहले अपने पिता की उंगली थामता है। नन्हा-सा बच्चा पिता की उँगली थामे और उसकी बाँहों में रहकर बहुत सुकून पाता है। बोलने के साथ ही बच्चे जिद करना शुरू कर देते हंै और पिता उनकी सभी जिदों को पूरा करते हैं। बचपन में चॉकलेट, खिलौने दिलाने से लेकर युवावर्ग तक बाइक, कार, लैपटॉप और उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने तक संतान की सभी माँगों को वो पूरा करते रहते हैं लेकिन एक समय ऐसा आता है जब भागदौड़ भरी इस जिंदगी में बच्चों के पास अपने पिता के लिए समय नहीं मिल पाता है। इसी को ध्यान में रखकर पितृ दिवस मनाने की परंपरा का आरम्भ हुआ।

एक शिल्पकार प्रतिमा बनाने के लिए जैसे पत्थर को कहीं काटता है, कहीं छांटता है, कहीं तल को चिकना करता है, कहीं तराशता है तथा कहीं आवृत को अनावृत करता है, वैसे ही मेरे पूज्य पिताश्री रामस्वरूपजी गर्ग ने मेरे व्यक्तित्व को तराशकर उसे महनीय और सुघड़ रूप प्रदान किया। आज वे देह से विदेह होकर भी हर पल मेरे साथ प्रेरणा के रूप में, शक्ति के रूप में, संस्कार के रूप में रहते हैं। हर पिता अपने पुत्र की निषेधात्मक और दुष्प्रवृत्तियों को समाप्त करके  नया जीवन प्रदान करता है। वरुण जल का देवता होता है। जैसे जल वस्त्र आदि के मैल को दूर करता है, वैसे ही पिता पुत्र की मानसिक कलुषता को दूर कर सद्संस्कारों का बीजारोपण करता है एवं उसके व्यक्तित्व को नव्य और स्वच्छ रूप प्रदान करता है। चन्द्रमा सबको शांति और अह्लाद प्रदान करता है, वैसे ही पिता की प्रेरणाएं पुत्र को मानसिक प्रसन्नता और परम शांति देती है। जैसे औषधि दुख, दर्द और पीड़ा का हरण करती है, वैसे ही पिता शिव शंकर की भांति पुत्र के सारे अवसाद और दुखों का हरण करते हैं। पय का अर्थ है-दूध। जैसे माता का दूध पुष्टि प्रदान करता है, वैसे ही पिता पुत्र के आत्मिक बल को पुष्ट करते हैं। पिता हर संतान के लिए एक प्रेरणा हैं, एक प्रकाश हैं और संवेदनाओं के पुंज हैं। मेरे लिये मेरे पिता देवतुल्य एवं गहन आध्यात्मिक-धार्मिक जीवट वाले व्यक्तित्व थे। उनकी जैसी सादगी, उनकी जैसी सरलता, उनकी जैसा समर्पण, उनकी जैसी धार्मिकता, उनकी जैसी पारिवारिक नेतृत्वशीलता और उनकी जैसी संवेदनशीलता को जीना दुर्लभ है। उन्होंने परिवार एवं समाज को समृद्धशाली और शक्तिशाली बनाने की दृष्टि से उल्लेखनीय कार्य किया। मेरे लिये तो वे आज भी दिव्य ऊर्जा के केन्द्र हैं।

पिता आंसुओं और मुस्कान का एक समुच्चय है, जो बेटे के दुख में रोता तो सुख में हंसता है। उसे आसमान छूता देख अपने को कद्दावर मानता है तो राह भटकते देख अपनी किस्मत की बुरी लकीरों को कोसता है। पिता गंगोत्री की वह बूंद है जो गंगा सागर तक एक-एक तट, एक-एक घाट को पवित्र करने के लिए धोता रहता है। पिता वह आग है जो घड़े को पकाता है, लेकिन जलाता नहीं जरा भी। वह ऐसी चिंगारी है जो जरूरत के वक्त बेटे को शोले में तब्दील करता है। वह ऐसा सूरज है, जो सुबह पक्षियों के कलरव के साथ धरती पर हलचल शुरू करता है, दोपहर में तपता है और शाम को धीरे से चांद को लिए रास्ता छोड़ देता है। पिता वह पूनम का चांद है जो बच्चे के बचपने में रहता है, तो धीरे-धीरे घटता हुआ क्रमशः अमावस का हो जाता है। पिता समंदर के जैसा भी है, जिसकी सतह पर असंख्य लहरें खेलती हैं, तो जिसकी गहराई में खामोशी ही खामोशी है। वह चखने में भले खारा लगे, लेकिन जब बारिश बन खेतों में आता है तो मीठे से मीठा हो जाता है ।

‘पिता!’ वह अलौकिक शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही रोम-रोम में शक्ति और साहस का संचरण होने लगता है। हृदय में भावनाओं का अनहद ज्वार स्वतः उमड़ पड़ता है और मनोःमस्तिष्क स्मृतियों के अथाह समुद्र में डूब जाता है। ‘पिता!’ वो अमोघ मंत्र है, जिसके उच्चारण मात्र से ही हर पीड़ा का नाश हो जाता है। ‘पिता!’ का स्नेह और अपनापन के तेज और स्पर्श को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। वह विलक्षण, साहस और संस्कारदाता होता है। जो समस्त परिवार को आदर्श संस्कार ही नहीं देता, बल्कि जीवन निर्वाह के साधन उपलब्ध कराता है। उनके दिए गए संस्कार ही संतान की मूल थाती होती है। इसीलिये पिता के चरणों में भी स्वर्ग एवं सर्व कहा गया है। क्योंकि वे हर क्षण परिवार एवं संतान के लिए छाया की भांति एक बड़ा सहारा बनते हैं और उनका रक्षा कवच परिवारजनों के जीवन को अनेक संकटों से बचाता है। जीवन में जब भी निर्माण की आवाज उठेगी, पौरुष की मशाल जगेगी, सत्य की आंख खुलेगी तब हम, हमारा वो सब कुछ जिससे हम जुड़े होंगे, वो सब पिता का कीमती तौहफा होगा, इस अहसास को जीवंत करके ही हमें पिता-दिवस को मनाने की सार्थकता पा सकेंगे।



 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
मो. 9811051133

पूर्णिया : स्मार्ट सिटी बनने में साफ सफाई, कचरा प्रबंधन, जलजमाव व पेजयल की समस्या सबसे बड़ी अड़चन

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- ये हैं रूकावटें : पैरामीटर पर खरा नहीं उतर पा रहा है पूर्णिया नगर निगम, निगम प्रशासन को करनी होगी मशक्कत 
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पूर्णिया :नगर निगम प्रशासन शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने की जद्दोजहद में लगा है। मेयर सविता देवी व नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह ने जहां निगम के अधिकारियों और कर्मियों को मुस्तैदी से काम करने की नसीहत दी है वहीं दूसरी ओर एकाध माह के बाद बारिश होने के बाद जो डैमेज होगा उसके कंट्रोल की कोई व्यवस्था फिलहाल नगर निगम के द्वारा नहीं की जा रही है। यही कारण है कि कहीं नाला उफन रहा है तो कहीं आज भी सड़क का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। लिहाजा, लोगों में आक्रोश का माहौल पनप रहा है। बता दें कि वार्ड नंबर 28 अंतर्गत खजांची हाट रोड के आसपास रहने वाले लोगों को इन दिनों बरसात के बाद के जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। नाले की उड़ाही नहीं होने व कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा नाले को जाम कर देने से नाले का पानी उफनकर सड़क पर आ रहा है। जिससे सड़ांध व गंदगी से लोगों का जीना दूभर हो गया है। बता दें कि इस नाले में शहर के भगेलू साह नाला, कसाई मोहल्ला, सज्जाद कॉलोनी, बाड़ीहाट मोहल्ला समेत आस पास के इलाके के नालों का पानी इसी नाले से होकर गुजरता है। इस बदहाली की चपेट में करीब 500 घरों के लोग हैं। जिन्हें प्रतिदिन इस गंदगी का सामना करना पड़ता है और रमजान में रोजेदारों को इसी गंदगी से होकर नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाना पड़ा था। इसके बाद भी नगर निगम के पदाधिकारियों व कर्मियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। दीपांकर चटर्जी, सलीम अंसारी, प्रो असगर आलम, नाहिद अंसारी, वकील सफाउर रहमान, अंजुम अंसारी, मजरूल हक, रामचंद्र वर्मा समेत कई अन्य लोगों ने बताया कि यह समस्या विगत एक माह से है। शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह कि शहरी क्षेत्र में साफ सफाई, पेयजल सप्लाई, कचरा प्रबंधन, अतिक्रमण, ऑटो स्टैंड व वेंडिंग जोन के अलावा जलजमाव की समस्या से छुटकारा पाए बगैर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में कैसे अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। 

...गंदगी का नहीं हुआ निदान : 
शहर में गंदगी का फैलाव किसी भी एंगल से स्मार्ट सिटी बनाने का सपना देखने वालों के लिए बड़ी चुनौती है। शहर की गंदगी को दूर करने के लिए नगर निगम के न अधिकारी और न ही कर्मी गंभीर हैं। शहरवासी भी कचरा निस्तारण के लिए पूरी तरह निगम पर ही आश्रित हैं। इतना सब होने के बाद भी जहां तहां कचरा फेंक कर निगम कर्मी और शहर के लोग शहर को और भी गंदा करने में कहां पीछे रहते हैं। कचरा निस्तारण प्रबंधन का भी अभी तक ठोस प्रबंध नगर निगम नहीं कर पाया है। हालांकि गत दिनों पुपरिया में ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट लगाए जाने पर बात तो जरूर बनी थी लेकिन अब तक कार्रवाई कुछ भी नहीं हो पाई है। इसके अलावे बायो कम्पोस्टिंग प्लांट के लिए विभिन्न वार्डों में छह जगहों का भी चयन किया गया है। जिस पर कार्य होना बाकी है। 

...शहरी जल निकासी के लिए बनी योजनाएं भी अधर में लटकीं :
शहर में जलजमाव बड़ी समस्या है। इसका मुख्य कारण जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होना है। शहरी जल निकासी के लिए बनी योजनाएं भी लंबे समय से अधर में लटकी हुई हैं। नाला निर्माण योजनाएं लंबित रहने से जलजमाव शहर की दूसरी सबसे बड़ी की समस्या बनी हुई है। शहर के लालगंज व भगेलु साह मुख्य नाला समेत छोटे छोटे नालों को यदि ससमय दुरूस्त कर दिया गया होता तो बेशक शहर में जलनिकासी की समस्या नहीं रहती। 

...सड़क पर अतिक्रमण व यातायात व्यवस्था खराब : 
शहर में बेतरतीब दुकानों का फैलाव और मकानों का निर्माण यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर रखा है। मुख्य सड़कों का अतिक्रमण भी स्मार्ट सिटी बनने के लिए अनुकूल नहीं है। जहां तहां सड़कों पर ट्रैफिक जाम ने यातायात व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है। शहर के विभिन्न चौक चौराहे पर करीब 16 जगहों पर ऑटो स्टैंड व 11 वेंडिंग जोन बनाने की योजना थी लेकिन अब तक नतीजा सिफर है। 

...कई योजनाओं का हुआ है क्रियान्वयन : 
शहर में नई सरकार बनने के एक साल के दौरान करीब 31 करोड़ रूपए के विकास कार्यों को हरी झंडी दिखाई गई है। बीच में चुनाव होने के कारण कई कार्य रूक गए लेकिन अब इसमें तेजी लाई जा रही है। सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शहर को चार हिस्सों में बांटकर कार्य कराया जाएगा। जहां कहीं से भी गंदगी की शिकायत मिलती है त्वरित कार्रवाई की जाती है। शहर में नई सरकार बनने के बाद काफी परिवर्तन हुआ है। खासकर एलईडी लाइट, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन, शौचालय निर्माण, सड़क व नाला निर्माण को लेकर कई योजना तैयार की गई है और कार्य भी चल रहा है।  : सविता देवी, मेयर, नगर निगम पूर्णिया।

पूर्णिया : सड़क सुरक्षा के मानकों का पालन करवाने में प्रशासन विफल, नौसिखिया के हाथों में स्टेयरिंग

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- हाल के दिनों में शहर की कई सड़कें चकाचक हुई हैं खासकर सिक्सलेन पर तो दिन हो या रात वाहन चालक रेस लगाते हैं
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पूर्णिया :हाल के दिनों में शहर में सड़क दुर्घटना के बढ़ने के पीछे वैसे तो कई कारण हैं लेकिन अप्रशिक्षित वाहन चालकों के द्वारा चलाए जा रहे वाहन, अतिक्रमित सड़क, यातायात नियमों का पालन न करना मुख्य कारण है। इसमें ऑटो, पिकअप, ट्रैक्टर, बाइक और कई अन्य छोटी गाड़ियों को चलाने वाले नौसिखिये चालक शामिल हैं। इनमें से आधे के पास ही ड्राइविंग लाइसेंस हैं। पुलिस और सड़क सुरक्षा से जुड़े अधिकारी सब देखकर भी कुछ कर पाने की स्थिति में नही हैं। गंतव्य तक पहुंचने की जल्दबाजी में ये चालक अनुभव नहीं होनेे के कारण रेस लगाते हैं और हादसे के शिकार होते हैं। सिग्नल व्यवस्था की कमतरी ऐसे चालकों को मनमानी की छूट देती है। पहले सड़कों के खास्ताहाल दुर्घटनाओं के चलते बनते थे लेकिन अब चिकनी सड़कों पर दुर्घटनाओं के तोहमत लग रहे हैं। हाल के दिनों में शहर की कई सड़कें चकाचक हुई हैं खासकर सिक्सलेन पर तो दिन हो या रात वाहन चालक रेस लगाते हैं। सड़क हादसों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बावजूद भी लोग सर्तक नहीं हो पा रहे हैं। सड़कों की हालत बदलने के बाद भी दुर्घटनाओं में वृद्धि के कई कारण हैं। अतिक्रमण से सड़कें संकरी होकर आधी बची हैं। कहीं भी सड़क के किनारे फ्लेंक नहीं बच गया है। सड़क के किनारे वाले पिच तक सड़क को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। वहीं डीटीओ पूर्णिया विकास कुमार कहते हैं कि सप्ताह में एक दिन सघन वाहन जांच शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जाएगी। साथ ही सभी बस व ट्रक चालकों से प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करने को ले जागरूक किया जाएगा। बात नहीं बनी तो बेशक कार्रवाई की जाएगी। 

...हेलमेट नहीं लगाना बन गया है फैशन : 
क्षेत्र में सबसे अधिक मौत बाइक दुर्घटनाओं में हो रही है। बिना हेलमेट पहने सड़कों पर फर्राटा भर रहे युवा अपने अलावा दूसरों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। दुर्घटनाओं में घायल होने वाले कम उम्र के युवा व टीनएजर्स की संख्या अधिक है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुभाष बैद्यनाथन कहते हैं कि अभिभावक इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेवार हैं। जागरूकता के अभाव में टीनएजर बाइक सवार हेलमेट व जूते का प्रयोग नहीं करते हैं। आमतौर पर पहले ड्राइविंग के दौरान नशे में धुत रहने या मोबाइल के प्रयोग के चलते भी कई दुर्घटना होती थी लेकिन शराबबंदी के बाद ऐसे हादसों की संख्या में कमी आई है। लेकिन वाहन चलाने के क्रम में मोबाइल का प्रयोग एमवी एक्ट में दंडनीय होने के बाद भी धड़ल्ले से जारी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन नियमित अंतराल पर वाहन चेकिंग कर लोगों में जागरुकता पैदा करता है। नाबालिगों को गाड़ी देने पर गाड़ी मालिक के ऊपर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को बिना परिपक्व हुए गाड़ी चलाने को न दें, सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। वहीं सदर अस्पताल सूत्रों की माने तो प्रतिदिन कम से कम 20 मामले सड़क हादसे में घायल लोगों के आते हैं। 

...होगी कार्रवाई : 
नौसिखिये वाहन चालकों पर नजर रखी जा रही है और पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी। बिना हेलमेट व जूतों के बाइक चलाने वालों और सीट बेल्ट बांधे बगैर कार ड्राइव करने वालों पर जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ट्रक व बस चालकों पर भी नकेल कसी जाएगी और प्रेशर हॉर्न को गाड़ियों से दूर किया जाएगा।  : विकास कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया।

बिहार : मैथमेटिक्स गुरु आर के श्रीवास्तव 8 रुपए गुरु दक्षिणा लेकर बनाते हैं इंजीनियर

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12 घण्टे फ्री पढ़ाने हेतु वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड है इनके नामगूगल बॉय कौटिल्य पंडित के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता  है।सिर्फ 50 मिनट में पाइथागोरस प्रमेय को 50 से ज्यादा तरीके से कर चुके हैं सिद्ध छुट्टी के दिनों में अन्य राज्य के स्टूडेंट्स भी श्रीवास्तव से गणित का गुर सीखने आते हैं
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देश में मेडिकल, इंजीनियरिंग, बैंकिंग, आईएएस, आईपीएस जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ना जाने कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट होंगे। कोचिंग संस्थान चलाने वाले संचालक अपने कोचिंग के प्रचार-प्रसार के लिए ना जाने कौन-कौन से हथकंडे अपनाते हैं । कोचिंग चलाने के नाम पर छात्रों से रकम वसूलने के किस्से भी आए दिन सुनने और देखने को मिलते रहते हैं। लेकिन इन सबके बीच देश मे मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव  जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक संस्थान में स्टूडेंट्स से ली जाती है सिर्फ 8 रुपये / माह गुरु दक्षिणा यानी एक वर्ष में सिर्फ 100 रुपये गुरु दक्षिणा। 

10 वर्षों से 8 रुपया में बनाते हैं इंजीनियरः
पिछले 10 वर्षों से 8 रुपए गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को गणित पढ़ा रहा एक नौजवान प्रतियोगिता का दौर, गिरता शिक्षा स्तर और स्टूडेंट्स की मजबूरी शायद इन्ही कारणों से कोचिंग संस्थानों का बाजार गर्म है। लेकिन व्यवसायिकता के इस दौर में बिहार के युवा मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव के लिए शिक्षा कोई 'बजारू'चीज नही है। वे छात्रों का भविष्य सवारने और कोचिंग संस्थानों को करारा जवाब देने के लिए पिछले 10 वर्षो से सिर्फ 8 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर गणित का गुर स्टूडेंट्स को सिखाते हैं और वैसे स्टूडेंट्स जो बिल्कुल आर्थिक रूप से गरीब है उन्हें  निःशुल्क शिक्षा के अलावे अन्य शैक्षणिक सुविधाएं भी मुहैया करवाते हैं आर के श्रीवास्तव।

शिक्षा में गिरावट से जुझ रहे हैं स्टूडेंटः
आमतौर पर शिक्षा के स्तर का गिरावट का सबसे बड़ा खामियाजा इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे तकनीकी विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। जिन्हें कोचिंग के लिए लाखों रुपये देने पड़ रहे है। पिछले कई वर्षो से आरके श्रीवास्तव ने शिविर लगाकर इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हजारो गरीब स्टूडेंट्स को नाईट क्लासेज प्रारूप के माध्यम से पूरी रात लगातार 12 घण्टे तक गणित के सवाल हल करने की नई -नई तकनीकों और बारीकियों की जानकारी देते आ रहे हैं। 

वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में जब दर्ज हुएः
आर के श्रीवास्तव के नाईट क्लासेज प्रारूप के तहत लगातार 12 घण्टे पूरी रात निःशुल्क शिक्षा देने हेतु इनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड एवम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो चुका है। उनका दावा है कि इस शिविर में पढ़ाई करने वाले में से प्रत्येक वर्ष 60% से अधिक छात्र-छात्राएं आईआईटी, एनआईटी, एनडीए सहित तकनीकी प्रवेश परीक्षाओं में सफल होते है। छात्रों के इस नाईट क्लासेज शिविर की ओर आकर्षित होना देश मे चर्चा का विषय बन चुका है।

50 मिनट में 50 तरीके से पढ़ाते हैं पाइथागोरसः
 मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव न सिर्फ बिहार में लोकप्रिय हैं बल्कि अपने गणित पढ़ाने के जादुई तरीके एवम गणितीय शोध के लिए प्रायः सुर्खियों में भी रहते है। क्लासरूम प्रोग्राम में सिर्फ 50 मिनट में ही पाइथागोरस प्रमेय को 50 से ज्यादा तरीको से सिद्ध कर आरके श्रीवास्तव ने गणित विरादरी में काफी वाहवाही बटोर चुके हैं। गूगल बॉय कौटिल्य पंडित के गुरु के रूप में भी देश इन्हें जानता  है।

"आर्थिक रुप से गरीबों की नही रुकेगी पढ़ाई"का चला रहे देशव्यापी अभियानः
फिलहाल वह गरीब छात्रों को शिक्षा देने में जुटे हुए है। उनके इस प्रयास से प्रभावित होकर अलग- अलग क्षेत्रों के उच्चे ओहदे के कुछ लोगो ने शिविर में अतिथि शिक्षक के बतौर छात्र- छात्राओ को पढ़ाया। बहरहाल श्रीवास्तव ने कोचिंग संस्थानों के विरोध का एक नायब सूत्र ढूंढा है, बकौल आरके श्रीवास्तव, "गणित की शिक्षा देना मेरा पेशा नही बल्कि शौक है, ब्यवसायिक शिक्षण में छात्र- छात्राओं और शिक्षकों के बीच परस्पर प्रेम और विश्वास का संबंध नही रह पाता और वैसे भी मैं तो एक छात्र हु। इन दिनों इसी वर्ष 2019 से आरके श्रीवास्तव 11वी, 12वी एवम जेईई  की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को गणित पढ़ाने हेतु बिहार के आरा जिला में भी सिर्फ 8 रुपये में गणित का गुर सिखाते नजर आ रहे है। आरके श्रीवास्तव बताते है कि आने वाले दिनों में "आर्थिक रुप से गरीबों की नही रुकेगी पढ़ाई"अभियान को देशव्यापी रूप दिया जाएगा। बिहार के रोहतास जिला के बिक्रमगंज शहर में यह अभियान पिछले 10 वर्षो से चल रहा है। सैकड़ो गरीब प्रतिभाएं निःशुल्क शिक्षा ग्रहण कर आईआईटी, एनआईटी, एनडीए, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्टित संस्थानों में दाखिला ले अपने सपने को पंख लगा रहे। रोहतास की तरह बिहार के आरा जिला के स्टूडेंट्स भी अब आरके श्रीवास्तव से सिर्फ 8 रुपये गुरु दक्षिणा में गणित का गुर सीख रहे।

बिहार के अलावे कई राज्यों से आते हैं बच्चेः
आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक आंगन में पढ़ते हैं कई राज्यों के बच्चे। देश के विभिन्न राज्यों की शैक्षणिक संस्थाएं आरके श्रीवास्तव के नाईट क्लास मॉडल एवम शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिए गेस्ट फैकल्टी के रूप में अपने यहाँ शिक्षा देने के लिए बुलाते है। आर के श्रीवास्तव के शैक्षणिक आंगन में ऐसा नहीं है कि सिर्फ बिहार के छात्र पढ़ते हैं बल्कि शैक्षणिक आंगन में झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी छात्र आकर आरके श्रीवास्तव  से मिलकर उनसे गणित का गुर सीखते है। छुट्टी के दिनों में अन्य राज्य के स्टूडेंट्स भी श्रीवास्तव से गणित का गुर सीखाते है।

मुफलिसी में गुजरा बचपनः
आर के श्रीवास्तव का बचपन काफी गरीबी से गुजरा है. परन्तु अपनी कड़ी मेहनत, उंची सोच, पक्का इरादे के बल पर आज देश मे मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर हैं, वे कहते हैं कि मेरे जैसे देश के कई बच्चे होंगे जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते। आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं, वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते है।



मुरली मनोहर श्रीवास्तव
(लेखक सह पत्रकार, पटना)

दुमका विवि के ऐकेडमिक काउन्सिल की बैठक लिये गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) कुलपति एसकेएमयू, दुमका प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में दिन गुरुवार को विवि के ऐकेडमिक काउन्सिल की बैठक आयोजित की गई। मिनी कॉन्फ्रेन्स हॉल में आयोजित इस बैठक में पाँच वर्षीय इंटेग्रेटेड एलएलबी व दो वर्षीय एलएलएम कोर्स शुरू करने के लिए रेग्युलेशन व सिलेबस का अनुमोदन किया गया। उपरोक्त दोनो ही कोर्स सीबीसीएस के माध्यम से किए जाएँगे। इस सिलसिले में विवि आवश्यक अनुमति प्राप्त करेगा। संताल परगना में यह पहला ऐसा कोर्स होगा। बरहड़वा कॉलेज के प्रस्ताव पर इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, मशरूम कल्टिवेशन एंड सेल प्रमोशन पर डिप्लोमा कोर्स व स्पोकेन इंग्लिश में सर्टिफिकेट कोर्स के सिलेबस को काउन्सिल में पास किया गया। विवि ने बी फार्मा की पढ़ाई के लिए रेग्युलेशन व सिलेबस को भी पास किया गया। बैठक में आगामी सत्र से बीएड व एमएड की पढ़ाई सीबीसीएस के तहत करवाने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग,, संताली विभाग, अंग्रेजी विभाग, जंतु विज्ञान विभाग, वनस्पति विज्ञान विभाग, रसायन शास्त्र विभाग के सिलेबस में मामूली फेर बदल की अनुमति प्रदान की गई। जहाँ पीजी की पढ़ाई होती है उन सभी काॅलेजों के सभी विभागाध्यक्षों को इस सम्बंध में आवश्यक सूचना प्रदान करने के लिए निर्देश दिया है। बैठक में प्रति कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद शर्मा, डीएस डब्लू डॉ गौरव गांगुली, कुल सचीव डॉ डी एन सिंग, प्राचार्य डॉ सिकंदर प्रसाद यादव, डॉ नीरजा दूबे, डॉ बी के गुप्ता, डॉ प्रमोदिनी हंसदा, डॉ सुधीर सिंह, डॉ अमरनाथ झा, विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार, डॉ डी एन गोराई, डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ संजय सिन्हा, डॉ जैनेंद्र यादव इत्यादि उपस्थित थे। 

पूर्णिया : ईश्वर भक्ति के लिए सच्ची श्रद्धा जरूरी : पूज्य भगीरथ बाबा

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- सच्चे गुरू अपने शिष्यों को अंधकार से प्रकाश में ले जाते हैं- केनगर में तीन दिवसीय संतमत सत्संग का हुआ समापन

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केनगर :ईश्वर भक्ति के लिए सच्ची श्रद्धा जरूरी है। अगर हमलोग गुरू पर पूर्ण विश्वास कर उनके बताए मार्ग पर चलते रहेंगे तो मनुष्य शरीर पाने की सार्थकता पूर्ण हो जाएगी। उक्त प्रवचन संतसदगुरू परमहंस जी महाराज के शिष्य पूज्य स्वामी भगीरथ जी महाराज केनगर में आयोजित त्रिदिवसीय संतमत सत्संग ध्यान यज्ञ अधिवेशन के समापन पर बोल रहे थे। उन्होंने नवधा भक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि माता सबरी के गुरू मतंग ऋषि जब अपना शरीर छोड़ रहे थे तो उन्होंने सबरी को कहा था कि एक दिन भगवान राम इसी कुटिया में आएंगे और तुम्हें दर्शन देगें। माता सबरी ने 14 हजार वर्ष तक गुरू के बातों पर विश्वास कर मतंग ऋषि की कुटिया में रही और एक दिन भगवान राम वनवास के दौरान मतंग ऋषि की कुटिया में पहुंचकर माता सबरी को दर्शन दिया। भगवान राम ने माता सबरी को नौ प्रकार की भक्ति करने का उपदेश दिया। जिसमें प्रथम भक्ति संतों का संगा करना, दूसरी भक्ति ईश्वर की कथा में मन लगाना, तीसरी भक्ति गुरू के चरणों की सेवा करना, चौथी भक्ति ईश्वर के गुणों की चर्चा करना, पांचवी भक्ति मंत्र का जाप करना आदि है। माता सबरी ने अपने गुरू के वचनों पर इतनी दृढ थी कि उसे कोई डिगा नहीं सकता था और 14 हजार वर्षों तक मतंग ऋषि की कुटिया में इसलिए रही कि गुरू ने उन्हें बताया था कि एक न एक दिन भगवान राम अवश्य इसी कुटिया में आएंगे। कहने का अर्थ है कि अपने गुरू के बताए वचनों पर जो अडिग रहता है उसका कल्याण अवश्य होता है। जिस प्रकार सबरी माता का हुआ। पूज्य बाबा ने कहा कि लोगों को नियमित सत्संग व ध्यान करना चाहिए। सत्संग व ध्यान करने से मन का विकार दूर होता है और मन पवित्र होता है। जब मन पवित्र हो जायेगा तब ईश्वर की प्राप्त होगी। उन्होंने सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने माता पिता व अग्रजों की सेवा गुरू की तरह करने को कहा। क्योंकि अगर अपने माता पिता की सेवा नहीं करेंगे तो कभी भी दूसरों के प्रति सेवाभाव पैदा नहीं होगा। इसलिए अपने माता पिता की सेवा सबसे पहले करनी चाहिए। माता पिता ही पहले भगवान होते हैं। इससे पूर्व महुआ बाजार से आये पूज्य अरविंद बाबा ने भी भक्ति की महिमा पर विस्तार से चर्चा की और लाेगों को मनोयोग से गुरू के बताए मार्ग पर चलने की अपील की। इस मौके पर स्वामी नरेशानंद बाबा, स्वामी परमानंद बाबा, पूज्य धीरेंद्र बाबा, पूज्य दशमू बाबा, पूज्य सुरेंद्र बाबा, पूज्य संजय बाबा, पूज्य नाथू बाबा, कृष्णा बाबा, संतदयाल बाबा सहित बड़ी संख्या में साधू संत व श्रद्धालु उपस्थित थे। तीन दिनों तक केनगर आश्रम की ओर से भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया। पूज्य सुरेंद्र बाबा ने इस तीन दिवसीय सत्संग के सफल समापन पर केनगर के श्रद्धालुओं सहित जिलेवासियों को साधुवाद दिया।

पूर्णिया : नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक, कई अहम फैसलों पर विचार

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purnia-corporation-meetingपूर्णिया : नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक आज सभागार में होगी। इस बैठक में गत दिनों हुई बोर्ड की दो बैठक व सशक्त स्थाई समिति की तीन बैठकों में लिए गए निर्णयों का न सिर्फ अवलोकन होगा बल्कि कई पेंडिंग पड़ी योजनाओं पर मुहर लगने की भी संभावना है। हालांकि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर मेयर सविता देवी व नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह के द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णयों पर पार्षदों ने घेरने की तैयारी भी की है। बता दें कि नगर आयुक्त के द्वारा 15 जून को इस बाबत ज्ञापांक संख्या 472 सभी वार्ड पार्षदों को जारी किया गया। जिसमें 27 दिसंबर 2018 व 20 मई 2019 को हुई बोर्ड बैठक व 12 फरवरी 2019, 18 मार्च 2019 व 04 जून 2019 को हुई सशक्त स्थाई समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की संपुष्टि पर विचार करने की बात कही गई है। इसके अलावे नगर निगम के स्थाई संरचनाओं मसलन कार्यालय परिसर, मार्केट भवन के ऊपर मासिक किराये के आधार पर इच्छुक एजेंसी जिओ (jio) को मोबाइल टावर लगाने के लिए अनुमति देने पर विचार, प्रधानमंत्री आवास एवं राजीव आवास याेजना की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए दक्ष कर्मियों की सेवा आउटसोर्सिंग के जरिये लिए जाने पर भी विचार व अन्यान्य प्रस्तावों पर भी विचार किए जाने की बात कही गई है। जिस पर पार्षदों के तेवर तल्ख हैं। इस संबंध में वार्ड 22 की पार्षद सरिता राय व वार्ड नंबर 8 के पार्षद पोलो पासवान ने इन तमाम मुद्दों को हाथोंहाथ लिया है और बाकायदा लिखित आवेदन नगर निगम के पदाधिकारी व मेयर को सौंपने की बात कही है। 

...इन मुद्दों पर क्या है पार्षदों का तर्क : 
इन सभी मुद्दों पर पार्षदों का कहना है कि जब आज होने वाली बैठक के एजेंडे में स्पष्ट रूप से जिओ कंपनी का नाम शामिल किया गया है तो मंशा स्पष्ट है। जबकि यह पूरी तरह से गलत है और इसके लिए किसी खास कंपनी को चिन्हित करने के बजाए सार्वजनिक रूप से निविदा की प्रक्रिया की जानी चाहिए ताकि निगम के राजस्व में इजाफा हो सके और निगम की कार्यशैली में भी पारदर्शिता आ सके। इसके अलावे उनका तर्क है कि जब पूर्व से बहाल कार्यरत आवास कर्मियों से सेवा ली जा रही थी तो नए सिरे से बहाली की प्रक्रिया का क्या औचित्य है। उनका कहना है कि जब इन योजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन के लिए कर्मी जो लगातार 02 वर्षों से कार्य कर रहे थे और उनलोगों के द्वारा लगभग 3900 से ज्यादा अभिलेखों को संधारित किया गया तो आखिर किस परिस्थिति में 5 अक्टूबर 2018 को प्रशासनिक एवं निगम की वित्तीय स्थिति को दर्शाते हुए बिना किसी आरोप के उन्हें पदमुक्त कर दिया गया था। जबकि आज भी निगम की आर्थिक स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में नए कर्मियों को बहाल करने के बजाए पूर्व से कार्यरत कर्मियों को ही दोबारा क्यों न सेवा करने का मौका दिया जाए। यही नहीं इन पार्षदों का कहना है कि बजट को लेकर एकल प्रस्ताव लाए जाने का प्रावधान है न कि सशक्त स्थाई समिति से पारित बजट की कॉपी के आधार पर। बता दें कि पूर्व में लोकसभा चुनाव को ले स्थाई समिति की बैठक में आनन फानन में बजट को तत्काल पारित कराया गया था लेकिन बोर्ड बैठक में इसका अनुमोदन होना बाकी है। पार्षदों का कहना है कि सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों का नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 84 के तहत कोई सुझाव या आपत्ति प्राप्त है तो वह बजट की छायाप्रति में शामिल किया जाना चाहिए था जो संलग्न नहीं है। 

...प्रस्ताव दर्ज नहीं किए जाने का लगाया आरोप : 
पार्षद सरिता राय का कहना है कि पूर्व की बैठकों में स्थापित संवाद पर अपना पक्ष लिखित या संवाद के माध्यम से रखा गया था। लेकिन उसे दर्ज नहीं किया गया। साथ ही अन्यान्य में जनता और निगम के राजस्व हित में जो जो प्रस्ताव दिए गए उसे दर्ज नहीं किया गया। जो कि एक जनप्रतिनिधि की गरिमा का हनन है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर आज होने वाली बैठक में चर्चा होगी। हालांकि एकाध पार्षदों को छोड़ दें तो बाकी पार्षदों की चुप्पी कहीं न कहीं सवाल खड़ा कर रही है।

विशेष : भारतीय रसोई एवं भोजन पर मंडरा रहे खतरे

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भारत की संस्कृति में घर के चूल्हें पर बनने वाले भोजन का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। न केवल स्वास्थ्य बल्कि संस्कारों पर इसका व्यापक असर देखने को मिलता रहा है। भारतीय भोजन की प्रतिष्ठा देश ही नहीं दुनिया में अव्वल हैं। आधुनिक संस्कृति, सभ्यता एवं शिष्टता के साथ भोजन में हो रहे बदलाव की चर्चा करे तो आश्चर्य होगा यह जानकर कि आज किस कद्र भोजन के प्रति हम उदासीन एवं लापरवाह हो रहे हैं। हमारी खानपान की आदतों में जबर्दस्त बदलाव आ रहा है। तथाकथित आधुनिक परिवारों में पूरे दिन घर में चूल्हा न जलना अब अपवाद नहीं रह गया है। लोग रेस्टोरेंट में बना खाना ज्यादा खाने लगे हैं। वे या तो रेस्तरां में जाकर खाते हैं या घर बैठे फूड-ऐप्स के जरिए खाना मंगवा लेते हैं। लेकिन भारतीय रसोई एवं भोजन स्वयं में जो एक औषधशाला रही है, आज उस पर मंडरा रहे खतरों का हमारे सम्पूर्ण जीवन पर घातक असर हो रहा है। आधुनिक बीमारियों, दुःख एवं तनाव का बड़ा कारण बाहर जाकर खाना या बाहर का खाना घर मंगा कर खाना है। कहावत है ‘‘जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन।’’ भोजन तीन प्रकार का होता है- सात्विक, तामसिक और राजसिक। सात्विक भोजन जहां मन को शुद्ध करता है, वहां तामसिक और राजसिक भोजन मन में एक प्रकार की उत्तेजना पैदा करते हैं, जिससे शरीर की ऊर्जा का अपव्यय होता है। इसलिए आहार-शास्त्र में सात्विक भोजन की सिफारिश की गई है और तामसिक तथा राजसिक भोजन से बचने का आग्रह किया गया है। बाहर का खाना तो तामसिक भोजन ही है और इसे व्यावसायिक हितों के तहत षडयंत्रपूर्वक देश में प्रचलित किया जाता रहा है। होटल और क्लबों में देर रात होने वाली पार्टियां, शादी-विवाह पर विविध गरिष्ठ व्यंजनों के साथ भोज का आयोजन, शान-शौकत, झूठी वाहवाही पाने की प्रतिस्पर्धा एवं बाहर से मंगाया भोजन करने के प्रचलन ने सत्संस्कारों एवं स्वास्थ्य की बुनियादें हिला दी हैं।

नेशनल रेस्टोरेंट असोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में लोग महीने में औसतन 6.6 बार बाहर खाने जाते हैं या बाहर का खाना घर मंगवाते हैं। हालांकि कई एशियाई देशों की तुलना में यह अब भी काफी कम है। पड़ोसी देश सिंगापुर में तो यह औसत 30 पर पहुंचा हुआ है। कुछ एशियाई शहरों की बात करें तो बैंकॉक में यह 45 और शांघाई में 60 है, यानी किचन पर ताला! जाहिर है, बाहर का खाना खाने का ट्रेंड भारत में नया है लेकिन इसके बढ़ने की रफ्तार काफी तेज है। जिसके हमारे शरीर पर होने वाले घातक परिणाम भी कम नहीं हैं। यह और भी नुकसानदायक इसलिए है कि बाहर के खाने में स्वाद भले ज्यादा हो, लेकिन प्रयुक्त होने वाली खाद्य सामग्री एवं मसाले की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती। इस बाहरी भोजन का ज्यादा इस्तेमाल हमारे दिमाग की क्षमता को कम करता है और अनेक बीमारियों को आमंत्रित करता है। हाल में चूहों पर किए गए रिसर्च से पता चला कि लगातार एक सप्ताह तक फास्ट फूड खाने से उनकी दिमागी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। बाहर के खाने पर एक भारतीय परिवार महीने में औसतन 2500 रुपये खर्च करता है। भारतीयों की बदलती रुचि के कारण देश में फूड इंडस्ट्री का आकार भी लगातार बढ़ रहा है। मुंबई में यह उद्योग सबसे ज्यादा व्यवस्थित है, जहां इसका कारोबार 41 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा छू रहा है। दिल्ली में यह 31 हजार करोड़ तो बंगलुरू में 20 हजार करोड़ पर है। लोगों के सामने आज खाने के असंख्य विकल्प मौजूद हैं। हमारे देश में शुद्ध एवं सात्विक आहार की समृद्ध परम्परा एवं प्रचलन रहा है। लेकिन बाजारवाद एवं विदेशी कम्पनियों ने जंकफूड एवं तरह-तरह के चाइनीज, इटालियन, मुगलई व्यंजनों को महिमामंडित करके जनजीवन में प्रतिष्ठापित किया गया है। जबकि हमारे यहां तो घर के चूल्हें पर बनने वाले भोजन तरह-तरह के तनाव, विकारों एवं बीमारियों को दूर करने में सक्षम रहे हैं। कहा गया है कि जितने आदमी भूख से मरते हैं, उससे अधिक ज्यादा खाने, बाहर का खाना खाने एवं विकृत खानपान से मरते हैं। आहार का संतुलित, शुद्ध एवं सात्विक एवं संयमित होना जरूरी है। 

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वडा पाव, समोशा, पिज्जा, बर्गर, रोल, चाऊमिन, चिली, फैंच फ्राइ आदि बाहर से मंगाये भोजन ने लोगों के शुद्ध एवं स्वास्थ्यवर्द्धक खानपान पर कब्जा कर लिया है। आज लोग पौष्टिक आहार को कम फास्ट फूड, जंक फूड या बाहर से मंगाये खाने को ज्यादा तवज्जों देने लगे हैं। लेकिन इस बाहर से मंगाये भोजन एवं जंक फूड से हमारी जिंदगी को कितना नुकसान पहुंच रहा है आपको अंदाजा नहीं है। खानपान की रुचियों में यह बदलाव तथाकथित आधुनिक जीवनशैली और उससे जुड़े सामाजिक-आर्थिक कारणों से आया है। अब महिलाएं भी पुरुषों की तरह बाहरी काम-धंधों में जुट गई हैं तो पति-पत्नी दोनों के पास घर में खाना बनाने का वक्त नहीं रहता। ऐसे में बाहर के खाने पर निर्भरता स्वाभाविक है। उनकी क्रय-शक्ति भी बढ़ी है इसलिए वे खाने पर ज्यादा खर्च करने लगे हैं। सचाई यह है कि भोजन को लेकर अब मान्यता बदल रही है। नियमित भोजन लोग शरीर की जरूरतें पूरी करने के लिए करते आए हैं। लेकिन अभी स्वाद प्राथमिकता पर आ गया है। इस स्वाद के नाम पर वे जो खा रहे हैं, वह उनके लिये एक खतरे की घंटी बनता जा रहा है।  दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोग जीवन की विवशता के चलते बाहर के खाने की विकृति की वजह से बीमार हो रहे हैं। खानपान की इस विकृति का नाम है जंकफूड एवं बाहर का होटलों, रेस्टोरंेटों, ढाबों में बना भोजन और इससे पैदा हुई महामारियां। इनमें सबसे खतरनाक मोटापा है। स्थिति तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है, जब हमें पता चलता है कि इनमें चैथाई तो बच्चे हैं। दिल्ली के स्कूली बच्चों के भोजन में सतर प्रतिशत जंक फूड है। और इसी जंक फूड से भारतीय महिलाएं मोटापा एवं अन्य घातक बीमारियों की शिकार हो रही है। 

बाहर से मंगाया भोजन एवं जंक फूड का सेवन इतना नुकसानदेह है कि निरंतर इसके सेवन से शरीर शिथिल होता है, खुद को थका हुआ महसूस करते हैं। आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से यह भोजन ऊर्जा के स्तर को कम कर देता है। इनका लगातार सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बनता है। बढती उम्र में बच्चों में कई तरह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। जंक फूड जैसे चाऊमिन, पिज्जां, बर्गर, रोल खाना बढ़ते बच्चों के लिए एक समस्या बन रहा है और वे डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। मैदे और तेल से बने ये जंक फूड एवं भोज्य पदार्थ पाचन क्रिया को भी प्रभावित करते हैं। इससे कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्कत करते हैं। ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड एवं बाहरी भोजन का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर में भी योगदान देता है। वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय, रक्त वाहिकाओं, जिगर जैसे कई बीमारियों का कारण हैं।  आज हम भोगवादी सभ्यता में जी रहे हैं। हमारा तन नाना प्रकार की सुविधाएं चाहता है। धन चाहता है, वैभव की आकांक्षा करता है और क्षणिक सुख के पीछे दौड़ता है। इसी तरह मन भी बेकाबू होकर छलांग लगाता है, भांति-भांति की चीजों की ओर ललचाता है। जहां तक बुद्धि का संबंध है, उसका दायरा बहुत सिमट गया है, सिकुड़ गया है। वह असार को देखती है और सार को गौण मान लेती है। निरोगी जीवन के लिए आवश्यक है कि हमारी इन्द्रियां हमारे काबू में रहें, मन स्थिर हो और बुद्धि निर्मल हो। तभी हमारी सारी बीमारियां दूर हो सकती हैं और हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसके लिये जरूरत भारतीय रसोई एवं भोजन पर मंडरा रहे खतरे से सावधान होने की है।




 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
मो. 9811051133

बेगूसराय : योग दिवस पर जिले के विभिन्न जगहों पर लगाए गए योग शिविर

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जिसमें बड़े-बुजुर्गों के साथ छोटे बच्चे और छात्र-छात्राओं ने भी लिए भाग
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अरुण कुमार (आर्यावर्त) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विभिन्न संघ संगठन व संस्थानों ने शुक्रवार को योगाभ्यास शिविर का आयोजन किया।इस कार्य-क्रम में वीपीएस कम्प्यूटर,कार्यक्रम अध्ययन केन्द्र इग्नू एवं मौलाना मजहरूल हक़ विश्वविद्यालय के ज्ञान संबर्धन केन्द्र में योग का योगाभ्यास कराया गया।संस्थान निदेशक वीएन ठाकुर ने कहा कि वैश्वीकरण के बाद दुनिया के लोगोंं का दिनचर्या काफी बदल गया है।योग तो दूर लोग व्यायाम व पैदल चलना तक भूल गए हैं।जिसके चलते लोग अस्वस्थ रहने लगे हैंं।उन्होने साथ ही यह भी कहा कि निरोग रहने के लिए योगाभ्यास वरदान है।यह हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।बच्चे से बूढ़े तक जो कोई भी योगाभ्यास करेगा,उसे इसका लाभ जीवन के आखिरी समय तक मिलता रहेगा।कहा छात्र-छात्राएं दैनिक जीवन में योगाभ्यास को अपनाकर निरोग ही नहीं अपने मेधाशक्ति को भी बढ़ा सकते हैं।आज के योगाभ्यास में संस्थान के वरीय प्रबंधक व इग्नू के कार्यक्रम प्रभारी ई०अमरेन्द्र कुमार,प्राचार्य मौलाना मजहरूल हक विवि के मनीष कुमार, प्रभा कुमारी,सीतेश कुमार,स्वाति कुमारी, संजीव कुमार एवं संस्थान के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के शिविर में जयराम बने योग गुरु।अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से भाजपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष जयराम दास के आवासीय परिसर में योगाभ्यास कराया गया। योग गुरु की भूमिका में जयराम दास स्वयं नजर आए।नियमित योगाभ्यास करने वाले श्री दास ने योगासन के कई आयामों को बताया, साथ ही किस आसन के अभ्यास से किस रोग का निदान हो सकता है पर प्रकाश डाला।अनुलोम-विलोम,कपालभाति आदि विभिन्न आसनों का अभ्यास किया और कराया।इस योगाभ्यास में डाँँ०राजेश कुमार रोशन सहित दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर लाभ उठाया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 21 जून

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योग कर मनाया कर्मचारियों ने योग दिवस

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सीहोर। अंतरराष्ट्रिय योग दिवस के मौके पर ग्राम पिपलिया मीरा स्थित फैक्ट्री जयश्री गायत्री फुड प्रोडक्ट्स प्रा. लि. में सभी कर्मचारीयों के लिए एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में योगाचार्य श्री कमल बकबैया एवं श्री दिपेश राठौर द्वारा सभी कर्मचारियों को योग के लाभों की जानकारी प्रदान की गई तथा योग के महत्वों को समझाया गया। इसमें सभी कर्मचारियों ने योगाचार्यो के मार्गदर्शन में साथ मिलकर योग किया। इस मौके पर कम्पनी के डारेक्टर श्री राजेन्द्र प्रसाद मोदी जी ने सभी कर्मचारियों को बताया की अपनी  दिनचर्या में योग को शामिल कर महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए जिससें कभी किसी को कोई भी बिमारी नही होगी और वे सदैव स्वस्थ बने रहेगें। उन्होंने बताया कि अब योग केवल भारत तक ही सिमित नही है अपितु सम्पूर्ण विश्व में फैल चुका है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जी.ऍम. श्री सुनील कुमार त्रिपाठी, श्री दीपचन्द बघेल, श्री ओमप्रकाश सिकरवार, श्री अमित कुक्लोद, श्री अखिलेश राठौर, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार एच.आर. श्री जगजीत सिंह ने किया ।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिले में सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित   

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पांचवे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस अवसर पर जिला मुख्यालय सहित जिले के समस्त विकासखण्डों, पंचायत स्तर एवं शाला स्तर पर सामूहिक योग प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए गए। पूरे जिले में लगभग 5 हजार लोगों ने योगाभ्यास किया। जिला मुख्यालय स्थित चन्द्रशेखर आजाद महाविद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय सामूहिक योग कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अजय गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री शशीन्द्र चौहान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा, अनुविभागीय अधिकारी श्री वरुण अवस्थी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी/कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।   योग हमें प्रकृति से जोड़ता है और जीने की कला सिखाता है। योग को नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। जो लोग नियमित योग करते हैं वे शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहते हैं और उनका व्यक्तित्व भी रचनात्मक होता है। सामूहिक योग प्रदर्शन के दौरान उपस्थितजनों ने वक्रासन, मुकरासन, भुजंगासन, मुक्तासन, शवासन, कपालभाति, प्रणायाम, अनुलोम विलोम सहित अन्य आसन किए। 

आनंद सम्मेलन के संबंध में बैठक आज

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्चकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य आनंद संस्थान द्वारा जिला स्तरीय आनंद सम्मेलन का आयोजन 27 जून को प्रात:10 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में किया जाएगा। आनंद सम्मेलन के संबंध में 22 जून को प्रात: 11:30 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष क्रमांक 13 (NIC) में बैठक आयोजित की जाएगी। आनंद सम्मेलन के आयोजन के लिए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्री संजय जोशी एन.आई.सी. जिला नोडल अधिकारी रहेंगे। कलेक्टर श्री गुप्ता द्वारा जिला आयुष अधिकारी डॉ रामप्रताप सिंह, शासकीय आवासीय खेलकूद संस्थान प्राचार्य श्री आलोक शर्मा, जिला शहरी विकास अभिकरण सहायक परियोजना अधिकारी श्री कमलेश शर्मा को आनंद सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन दायित्व सौंपे गये हैं।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गेहलोत 23 जून को सीहोर आएंगे   

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत 23 जून को सीहोर आएंगे। जारी दौरा कार्यक्रम अनुसार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत 23 जून को दोपहर 2 बजे भोपाल से प्रस्थान कर 2:30 बजे सीहोर आएंगे। सीहोर में सेकड़ाखेड़ी जोड़ के पास मानसिक पुर्नवास केन्द्र के निर्माण स्थल का अवलोकन करेंगे। तत्पश्चात अपरान्ह 3 बजे सीहोर से देवास के लिए प्रस्थान करेंगे। 

26 जून को मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस  

26 जून को नशीले पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य उन प्रभावों को सशक्त करना है, जिससे नशीले पदार्थों व नशीली दवाईयों से मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके।  सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण उपसंचालक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, परियोजना अधिकारी शिक्षा केन्द्र, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला खेज एवं युवा कल्याण समिति, समस्त नगरपालिका एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, प्राचार्य महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, शासकीय महिला आईटीआई अधीक्षक, डीन आरएके महाविद्यालय, समन्वय जन अभियान परिषद सीहोर एवं गायत्री शक्तिपीठ प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि जिला जनपद पंचायत, नगरीय निकाय, ग्राम पंचायत स्तर पर नशामुक्ति वातावरण बनाने के लिए रैली/दौड़ का आयोजन किया जाए। रैली/दौड़ शहर के अलग-अलग स्थानों से निकालकर एक मुख्य सभास्थल पर समाप्त की जाए। विद्यालय और महाविद्यलयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, सेमीनार तथा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। नशीले पदार्थों के दुष्परिणामों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए। व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। नशे से पीड़ितजनों का उपचार, परामर्श के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाए। कलापथक दल/सांस्कृतिक कलामंडिलियों द्वारा नाटक, गीत आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

स्कूल चलें हम अभियान के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए निर्देश  

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय, खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बुदनी, नसरुल्लागंज, इछावर, आष्टा एवं श्यामपुर, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेहटी, जावर, बिलकिसगंज, दोराहा, लाड़कुई, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बकतरा, मरदानपुर, नीनौर, शाहंगज, अमलाहा, दीपड़िया, रामनगर, भाउखेड़ी, वीरपुर डेम, मैना, कोठरी, सिद्दीकगंज, अहमदपुर, बमूलिया, इटावा इटारसी, वाईभोरी, गोपालपुर एवं चकल्दी को निर्देशित किया है कि जिले के समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शत प्रतिशत नामांकन एवं ठहराव का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्कूल चलें हम अभियान द्वितीय चरण संचालित किया जाएगा। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नवीन शिक्षा सत्र 2019-20 के दौरान आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं अन्य मैदानी कर्मचारी प्रेरक के रूप में करेंगे। समस्त अधिकारी/कर्मचारी अपने अधीन्स्थ अमले को निर्देशित कर जिम्मेदारियों का निर्वहन पूर्ण रूप से कराकर स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रम को सफल बनाएं।

कृषि विभाग ने दी खरीफ कृषि मौसम पर आधारित कृषकों को सलाह   

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री अवनीश चतुर्वेदी द्वारा जिले के किसानों को सलाह दी गई है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आसमान में बादल छाये रहेंगे। हवाओं की गति सामान्य से अधिक गति से चलने का अनुमान है। तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हाने का अनमान है। खरीफ में जरुरत के आदानों जैसे खाद-बीज का प्रबंध क्षेत्रीयता के अनुसार फसल चक्र एवं सिंचाई की उपलब्धता के अनुसार उन्नत किस्मों को चयन करें। श्री चतुर्वेदी ने जानकारी दी कि आगामी मौसम को देखते हुए 22 जून के लगभग मौसमी वर्षा के आगमन का पूर्वानुमान है। सोयाबीन की उन्नत जातियां जैसे आर.व्ही.एस 14 (90 से 95 दिन), आर.व्ही.एस 24 (80 से 85 दिन) एवं आर.व्ही.एस 18 (80 से 85 दिन) J.S.20-34, J.S.20-39, J.S.20-98, J.S.93-05, J.S.95-60, J.S.97-52 आदि के बीजों की बुवाई के लिए अग्रिम व्यवस्था करें। बीज को पीएसबी एवं राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बोयें। बीज उपचार के लिए अनुशंसित फफूंदनाशक जैसे पेनफ्लूफेन+ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबीन अथवा थायरम + कार्बोक्सीन अथवा थायरम+कार्बेन्डाजिम उपयोग के लिए उपलब्धता सुनिश्चत करें। साथ ही जैविक कल्चर ब्रेडीराइझोबियम जपोनिकम एवं स्फूर घोलक जीवाणु दोनों प्रत्येक 5 ग्राम/कि.ग्रा.बीज की दर से उपयोग करें। अरहर की उन्नत जातियां जैसे टी.जे.टी-501, जवाहर अरहर-4 आशा, जे.के.एम-7 एवं 189 आदि बोएं। दलहनी फसलों के बीज को राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर से उपचारित करें। धान की उन्नतशील जातियां शीघ्र पकने वाली जैसे जे.आर.345, जे.आर.201 पुर्णिमा तथा मध्यम अवधि की आईआर 64, आईआर 54, माधुरी, क्रान्ति, महामाया, पूसा बासमती आदि का रोपा डालें। जितने क्षेत्र में रापण करना हो उसके बीसवां भाग में रोपणी/नर्सरी बनायें। गन्ना बुवाई के इच्छुक किसान जवाहर 86141, को जवाहर 86572, को 86032 आदि किस्मों को बुवाई के लिए चयनित करें। खरीफ फसलों के बीच की बुवाई से पहले मृता में 8 इंच गहराई तक नमी होना अनिवार्य है अर्थात इस नमी पर ही बुवाई करें।

दर्शन, विज्ञान और कर्म का समुच्चय है योग   

योग शब्द का जिक्र वेदों, उपनिषदों, गीता एवं पुराणों में पुरातन काल से होता आया है। भारतीय दर्शन में योग एक महत्वपूर्ण शब्द है। आत्म-दर्शन एवं समाधि से लेकर कर्म क्षेत्र तक योग का व्यापक व्यवहार हमारे शास्त्रों में हुआ है। 'योग दर्शन'के उपदेष्टा महर्षि पतंजलि योग शब्द का अर्थ 'वृत्ति निरोध'करते हैं- "योगश्चित्तवृत्ति निरोध:''अर्थात ऐसी अवस्था जिसमें चित्त की वृत्तियों का निरोध हो जाये, वह योग है। आत्मा का परमात्मा के साथ योग कर समाधि का आनंद लेना 'योग'है। ऋषियों के अनुसार योग का तात्पर्य स्व-चेतना और चेतना के मुख्य केन्द्र परम् चैतन्य प्रभु के साथ संयुक्त हो जाना है। भारतीय संस्कृति में गीता का महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय सन्तों ने तो गीता के योग का प्रचार विश्वभर में किया है। गीता में योगेश्वर श्री कृष्ण योग को विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त करते हैं। अनुकूलता-प्रतिकूलता, सिद्धि-असिद्धि, सफलता-विफलता, जय-पराजय इन समस्त भावों में आत्मस्थ रहते हुए सम रहने को योग कहते हैं।

"योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धन\जय।
सिद्धयसिद्धयो: समौभूत्वा समत्वं योग उच्यते॥

असंख्य भाव में दृष्टा बनकर अंतर की विश्व प्रेरणा से प्रेरित होकर कुशलता से कर्म करना गीता में योग माना गया है।- 'योग: कर्मसु कौशलम्''जैनाचार्यों के अनुसार जिन साधनों से आत्मा की सिद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है, वह योग है। अन्यत्र जैन दर्शन में मन, वाणी एवं शरीर की शक्तियों को भी कर्मयोग कहा गया है। योगी श्री अरविंद के अनुसार परमदेव के साथ एकत्व की प्राप्ति के लिये प्रयत्न तथा इसे प्राप्त करना ही सब योगों का स्वरूप है। इस प्रकार कह सकते हैं कि मन को एकाग्र कर संयमपूर्वक साधना करते हुए आत्मा का परमात्मा के साथ योग कर (जोड़ कर) समाधि का आनंद लेना योग है। योग का अर्थ है, अपनी चेतना/अस्तित्व का बोध होना। अपने अंदर निहित शक्तियों को विकसित कर आत्मा का साक्षात्कार एवं पूर्ण आनंद की प्राप्ति करना योग है। इन यौगिक प्रक्रिया में विविध प्रकार की क्रियाओं का विधान हमारे ऋषि-मुनियों ने किया है। मुख्य रूप से अष्टांग योग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान एवं समाधि) से मानव पूर्ण स्वस्थ रह सकता है। योग से रक्त परिभ्रमण सुचारु रूप से होने लगता है। शरीर विज्ञान के सिद्धांत अनुसार शरीर के मंत्रोचन एवं विमोचन होने से शक्ति का विकास होता है तथा रोगों से छुटकारा मिलता है। आसन एवं प्राणायामों द्वारा शरीर की ग्रंथियों तथा माँसपेशियों में कर्षण-अपकर्षण, आकुंचन-प्रसारण तथा शिथिलीकरण की क्रियाएँ आरोग्य बनाती हैं। रक्त प्रदाय करने वाली धमनियाँ एवं शिराएँ भी स्वस्थ एवं सक्रिय हो जाती हैं। आसन एवं यौगिक क्रिया से पेन्क्रियाज एक्टिव होकर इन्स्युलिन ठीक मात्रा में बनाने लगता है, जिससे डायबिटीज आदि रोग दूर होते हैं। पाचन-तंत्र पर पूरे शरीर का स्वास्थ्य निर्भर करता है। सभी बीमारियों का मूल पाचन-तंत्र की अस्वस्थता है। योग से पाचन-तंत्र पूर्ण स्वस्थ हो जाता है, जिसमें शरीर स्वस्थ एवं स्फूर्तिदायक बन जाता है। योग से ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। फेफड़ों में पूर्ण स्वस्थ वायु के प्रवेश से फेफड़े स्वस्थ होते हैं तथा दमा, श्वास, एलर्जी आदि से छुटकारा मिलता है। फेफड़ों में स्वस्थ वायु जाने से ह्रदय को भी बल मिलता है। यौगिक क्रियाओं से शरीर का भार कम होने पर, वह स्वस्थ, सुडौल एवं सुंदर बनता है। योग से इंद्रियों एवं मन का विग्रह होता है। सु-स्वास्थ्य ही सम्पूर्ण सुखों का आधार है। स्वास्थ्य है तो जहान है, नहीं तो श्‍मशान है। ऋषियों ने "स्वस्थ''शब्द की बहुत ही व्यापक एवं वैज्ञानिक परिभाषा की है। स्वस्थ कौन है? आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ सुश्रुत में ऋषि लिखते हैं-

समदोषा: समग्निश्च समधातुमलक्रिय:
प्रसन्नात्मेन्द्रियमन: स्वस्थ इत्यभिधीयते॥

जिनके तीन दोष वात, पित्त एवं कफ सम हों, जठराग्नि सम हो, शरीर को धारण करने वाली सप्त धातुएँ रस, रक्त, मास, मेद, अस्थि, मज्जा तथा वीर्य उचित अनुपात में हो, मल-मूत्र की क्रिया सम्यक प्रकार से होती हो और दस इंद्रियों (कान, नाक, आँख, त्वचा, रसना, गुदा, उपस्थ, हाथ, पैर और जिह्वा), मन एवं इनकी स्वामी आत्मा भी प्रसन्न हो तो ऐसे व्यक्ति को स्वस्थ कहा जाता है। अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिये आहार, निज एवं ब्रह्मचर्य तीन स्तम्भ हैं। इनके ऊपर यह शरीर टिका हुआ है। भगवद् गीता में योगेश्वर श्री कृष्ण कहते हैं-

युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्तस्वप्नावाबोधस्य योगो भवति दु:खहा॥

जिनके आहार, विहार, विचार एवं व्यवहार संतुलित एवं संयमित हैं। जिनके कार्यों में दिव्यता, मन में सदा पवित्रता एवं शुभ के प्रति अभीप्सा है, जिनका शयन एवं जागरण अर्थपूर्ण है, वही सच्चा योगी है। आजकल देश-विदेशों में सर्वत्र योग की चर्चा है। व्यापकता तथा अलौकिक शक्ति देने वाली विद्या होने से लोग योग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

प्रमुख आसन
कुछ आसन हैं, जिसके करने से मनुष्य को लाभ प्राप्त होता है, वह स्वस्थ बना रहता है।
1.  'पद्मासन'- ध्यान के लिये उत्तम आसन है। मन की एकाग्रता तथा प्राणोत्थान में सहायक है। जठराग्नि को तीव्र करता है। वात-व्याधि में लाभदायक है।
2.   'मत्स्यासन'- पेट के लिये उत्तम है। आँतों को सक्रिय कर कब्ज को दूर करता है। थाइराइड, पेराथाइड एवं एड्रिनल को स्वस्थ बनाता है। सर्वाइकल पेन या ग्रीवा की पीछे की हड्डी बढ़ी होने पर लाभदायक है। फेफड़ों के रोग दमा, श्वास आदि की निवृत्ति करता है।
3.  'वज्रासन'- ध्यानात्मक आसन है। मन की चंचलता दूर करता है। घुटनों की पीड़ा दूर होती है। भोजन के बाद किया जाने वाला यह एकमात्र आसन है। इसके करने से अपचन, अम्ल पित्त, गैस, कब्ज से छुटकारा मिलता है। भोजन के बाद 5 से 15 मिनट तक करने से भोज्य का पाचन ठीक से हो जाता है।
4. 'मण्डूकासन'- अग्नाशय (पेन्क्रियाज) को सक्रिय करता है। इसलिये इन्स्युलिन अधिक मात्रा में बनने लगता है। अत: डायबिटीज को दूर करने में सहायक होता है। उदर रोगों में उपयोगी और ह्रदय के लिये लाभदायक है।
5.  'चक्रासन'- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाकर वृद्धावस्था नहीं आने देता। जठर एवं आँतों को सक्रिय करता है। शरीर में स्फूर्ति, शक्ति एवं तेज की वृद्धि करता है। कटि-पीड़ा, श्वांस रोग, सिर-दर्द, नेत्र विकारों, सर्वाइकल तथा स्पांडोलाइसिस में विशेष हितकारी है। हाथ-पैरों की माँसपेशियों को सबल बनाता है। महिलाओं के गर्भाशय के विकारों को दूर करता है।
6.  'मर्कटासन'- कमर-दर्द, सर्वाइकल स्पांडोलाइटिस, स्लिप-डिस्क एवं सायटिका में विशेष लाभकारी है। पेट-दर्द, दस्त, कब्ज एवं गैस को दूर कर पेट को हल्का बनाता है। नितम्ब, जोड़ के दर्द में विशेष लाभदायक है। मेरूदण्ड की सभी विकृतियों को दूर करता है।
7.   'भुजंगासन'- सर्वाइकल, स्पांडोलाइटिस एवं स्लिप-डिस्क, समस्त मेरू दण्ड रोगों के लिये अति-महत्वपूर्ण है।
8.  'धनुरासन'- मेरू दण्ड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है। सर्वाइकल स्पांडोलाइटिस, कमर-दर्द एवं उदर-रोगों में लाभदायक है। नाभिटलना दूर करता है। स्त्रियों की मासिक धर्म संबंधी विकृतियों में लाभदायक है। गुर्दों को पुष्ट कर मूत्र विकार को दूर करता है।
9.   'मकरासन'- स्लिप-डिस्क, सर्वाइकल आदि के लिये यह लाभकारी है। अस्थमा तथा फेफड़े संबंधी किसी भी विकार तथा घुटनों के दर्द के लिये विशेष गुणकारी है।
10.   'अर्धमत्स्येन्द्रासन'- मधुमेह एवं कमर-दर्द में लाभकारी है। पृष्ठ देश की सभी नस-नाड़ियों में रक्त संचार को सुचारु रूप से चलाता है। उदर विकारों को दूर कर आँतों को बल प्रदान करता है।

इन यौगिक क्रियाओं को करने से मानव पूर्ण रूप से स्वस्थ रहता है। योग ही ऐसी विद्या है जो प्राणी-मात्र को सफल जीवन की कला सिखाती है। अमृत्व से सत, मृत्यु से अमृत्व, अंधकार से प्रकार, दु:ख से परम-सुख, असफलता से सफलता की ओर अग्रसर करने के लिये योग ही एकमात्र विज्ञान है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 21 जून

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योग का आयोजन

vidisha news
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील मुख्यालयों पर सामूहिक योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।  जिला मुख्यालय पर सामूहिक योग कार्यक्रम आज शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रागंण में आयोजित हुआ। सामूहिक योग दिवस कार्यक्रम में विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकोें, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता निभाई। 

मानोरा मेला की व्यवस्थाओें का भौतिक सत्यापन कर लिया जायजा

चार जुलाई से आयोजित मानोरा मेला के मद्देनजर की जाने वाली व्यवस्थाओं का भौतिक सत्यापन  एसडीएम श्रीमती आरती यादव ने भ्रमण कर आज लिया है। एसडीएम श्रीमती यादव ने आवंटित दुकानदारो को हिदायत देते हुए कहा कि यातायात में दुकाने बाधित ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए। मेला परिसर मेें पेयजल आपूर्ति के अलावा आगंतुक श्रद्वालुओं के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए निर्धारित व्यवस्थाओं के लिए आवंटित स्थलों का भी अवलोकन उनके द्वारा किया गया और व्यवस्थाओं के परिपेक्ष्य में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। भ्रमण के दौरान ग्यारसपुर जनपद सीईओ के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारी साथ मौजूद थे।  

हिट एण्ड रन के एक प्रकरण में आर्थिक मदद जारी 

कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सड़क दुर्घटना में मृृतक के निकटतम परिजन को पन्द्रह हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी कर दी है।  जारी आदेश में उल्लेख है कि सिरोेंज तहसील के ग्राम कोरवासा निवासी कमरलाल की मृत्यु हो जाने पर मृतक की पत्नी कलाबाई को पन्द्रह हजार रूपए की आर्थिक सहायता जारी कर दी गई है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 21 जून

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जिले की पेयजल समस्या को दूर करने के लिये हैडपम्प एवं बांध बनाना अतिआवष्यक- ओम शर्मा

jhabua news
झाबुआ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे द्वारा कलेक्टर कार्यालय में विभागिय बैठक ली गई। जिसमें जिले की पेयजल समस्या को लेकर सभी से समस्याओ एवं सुझाव के बारे में जाना। सांसद प्रतिनिधी के रूप में ओमप्रकाश शर्मा द्वारा जिले की पेयजल समस्या को लेकर बताया गया कि जिले में कई ऐसे इलाके है जिनमे पीने के पानी के लिये लोगो को कई किलोमीटर का फासला तय करना पडता है। इनमें कुछ जगह पेटलवाद क्षेत्र , फिमफलिया पंचायत पिटोल, कुन्दनपुर आदि कई ऐसे क्षेत्र है जो आज भी पेयजल की समस्याओ से झुझ रहे है। श्री शर्मा ने बताया कि जिले में पेयजल समस्या को दूर करने के लिये हर एक गांव में हैडपंप एवं बडे बडे बांधो का निर्माण किया जाए जिससे की पेयजल समस्या को दूर करने में आसानी हो सके। श्री शर्मा द्वारा ग्रामिण क्षेत्रो की सुची भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री पंासे को सौपी गई जिसमें हैडपंप एवं बांध निर्माण की अति आवश्यकता है। मंत्री श्री पंासे द्वारा दी गई सुची अनुसार विभाग की ओर प्रषित कर उन्हे प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द इस पेयजल समस्या को दूर करने के लिये निर्देशित किया।

आम जन से लिये समस्या संबंधी आवेदन

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झाबुआ । जिले के भ्रमण पर आये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री सुखदेव पासे ने विश्राम के दौरान अपनी समस्या संबंधी आवेदन लेकर उनसे मिलने पहुचे ग्रामीणो से स्थानीय सर्किट हाउस एवं कलेक्टर कार्यालय परिसर में बैठक लेने के पूर्व आम जन से आवेदन प्राप्त किये एवं समस्या का समाधान करवाने के लिये आष्वस्त किया। झाबुआ षहर में अतिक्रमण हटाने से प्रभावित हुवे फल एवं सब्जी के ठेले लगाने वाले व्यवसायी मंत्रीजी से मिले एवं उन्होने स्थाई जगह आवंटित करवाने के लिये मंत्री जी से अनुरोध किया। मंत्रीजी ने सीएमओ नगरपालिका को समक्ष में निर्देषित किया कि जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था न हो तब तक ठेले पर व्यवसाय करने वाले व्यवसाईयों को नहीं हटाये। व्यवसाय करने के लिये सड़क के पास जगह चिन्हित कर ठेला व्यवसायों को व्यवसाय के लिये उपलब्ध कराये।

सकल व्यापारी संघ द्वारा होगा झाबुआ टेलेंट हंट का आयोजन, शहर के व्यापारी परिवार के अलावा सभी आयु वर्ग की विभिन्न विद्याओं की छुपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का अवसर होगा प्राप्त

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झाबुआ। सकल व्यापारी संघ झाबुआ के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक गत 19 मई, बुधवार रात स्थानीय पैलेस गार्डन पर संपन्न हुई। जिसमें मुख्य रूप दो मुद्दो आगामी दिनों में सकल व्यापारी संघ द्वारा भव्य रूप से आयोजित किए जाने वाले झाबुआ व्यापारी टेलेंट हंट एवं व्यापारी साख सहकारी संस्था की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। बैठक के प्रारंभ में संचालन करते हुए सकल व्यापारी संघ सचिव पंकज जैन मोगरा ने जानकारी दी कि उक्त दोनो मुद्दों पर आज उक्त बैठक का आयोजन रखा गया है। जिसमें आप सभी के सुझाव एवं विचार आमंत्रित है। बाद झाबुआ टेलेंट हंट के प्रभारी बनाए गए जय भंडारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त आयोजन संभवतः आगामी 13 जुलाई को किया जाएगा। जिसमें शहर की सिंगिंग, डासिंग, संगीत, मीमिक्री, मोनो एक्टिंग के साथ अन्य विद्याओं की प्रतिभाओं के सिलेक्षन के लिए आॅडिषन होंगे। टेलेंट हंट में हिस्सा लेने के लिए व्यापारी सहित शहर के किसी भी प्रतिभागी को वह जिस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन करना चाहता है, उसकी 5 मिनिट की वीडियो क्लिीपिंग बनाकर व्हाट्स-एप पर सेंड करना होगी। उनके आधार पर चयन टीम प्रतिभागी का सिलेेक्षन 8 एवं 9 जुलाई को करेगी। 10 जुलाई को फायनल रूप से चयन किया जाएगा। इस टेलेंट हंट की खासियत यह रहेगी कि इसमें आयु सीमा का कोई बंधन नहीं रखा गया है। कोई भी प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले सकता है। ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों के हिस्सा लेने के साथ ही इसमें शहर के नागरिक भी इसमें पार्टीसिपेट कर सकते है। विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। पहले इस प्रतियोगिता का नाम व्यापारी टेलेंट हंट रखा जा रहा था लेकिन उपस्थित सभी व्यापारी संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों की सहमति बनी कि इसे झाबुआ टेलेंट हंट के नाम देकर इसमें शहर की उक्त विद्याओं में छुपी हुई प्रतिभाओं को भी निखारने का अवसर दिया जाए। इस निर्णय पर विषेष रूप से सहमति सकल व्यापारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेष पटेल ने प्रदान की।

दिए अलग-अलग सुझाव
बाद उपस्थित अन्य पदाधिकारियों में व्यापारी संघ के विधि सलाहकार रमेष डोषी ने इस आयोजन के रखे जाने पर प्रसंषा व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें ज्यादा से ज्यादा व्यापारी एवं उनके परिवारजन भी शामिल हो। मनोज बाबेल ने सुझाव दिया कि इसमें व्यापारी वर्ग, शासकीय अधिकारी-कर्मवारी, युवा वर्ग, बच्चें आदि सभी का अलग-अलग क्राईटेरिया तय किया जाए, जिससे यह आयोजन व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा। साथ ही कार्यक्रम में अधिक से अधिक पुरस्कार रखे जाए। युवा दर्षन शुक्ला ने कहा कि आयोजन के लिए एक अलग से पैनल बनाई जाएं। साथ ही टेंलेंट हंट के होस्ट एवं जजेस बाहर से बुलवाएं जाए। भरत बाबेल ने कहा कि इसमें आयु वर्ग को बंधन नहीं रखते हुए सभी को अपनी प्रतिभा के प्रदर्षन करने का अवसर प्रदान किया जाए।

छुपी हुई प्रतिभाओं में निखार के साथ आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे
मनोज सोनी ने सुझाव दिया कि सिलेक्षन के लिए वीडियो सोष्यल मीडिया पर नहीं आमंत्रित करते हुए जसेस के सामने ही संबंधित प्रतिभागी की प्रस्तुति देखकर उसका सिलेक्षन हो। संदीप जैन ‘राजरतन’ ने कहा कि यह आयोजन अच्छा से अच्छा हो और गरिमा के अनुरूप हो। युवा अंकुष कांठी ने झाबुआ टेलेंट हंट को भव्य स्तर पर मनाने हुते कहा। मयंक रूनवाल ने आयोजन की प्रसंषा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से शहर में विभिन्न विद्याओं में छुपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक मंच प्राप्त होगा और उन्हें आगे बढ़ने की संभावना में भी वृद्धि होगी।

वीपीएल का आयोजन सितंबर माह में
इस अवसर पर सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर ने व्यापारी टेलेंट हंट आयोजन के उद्देष्य पर प्रकाष डालते हुए बताया कि यह आयोजन व्यापारी संघ इसलिए कर रहा है कि हम शहर में ऐसी प्रतिभाओं को तराष सके, जो छुपी होकर उन्हें उचित प्लेटफार्म मिल सके। सकल व्यापारी संघ द्वारा इस आयोजन को अपने प्रतिवर्ष होने वाले कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। इसमें सभी को आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही श्री राठौर ने बताया कि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष होने वाले व्यापारी प्रिमीयर लीग (वीपीएल) का आयोजन इस बार लोकसभा चुनाव के तहत लगी आचार संहिता एवं स्कूली विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा के कारण समय पर अप्रेल या मई माह में नहीं हो पाया, इसे संभवतः सितंबर माह में किया जाएगा। अध्यक्ष श्री राठौर ने बताया गया कि शहर से सटी हाथीपावा पहाड़ियों को निरंतर मनोरमी एवं सुंदर बनाने के लिए व्यापारी संघ से जुड़े सदस्य जिसमें कमलेष पटेल, राजेष शाह, हरिष शाह लालाभाई, पंकज जैन ‘मोगरा’ आदि दिन-रात लगे हुए है, उनका यह सहयोग वाकई में काफी प्रसंषनीय है। उन्होंने आगामी वर्षाकाल में सकल व्यापारी संघ द्वारा जिले के पर्यटन स्थल हाथीपावा पर 500 पौधे रोपे जाने के प्रोजेक्ट की भी जानकारी दी।

प्राफिट में चल रहीं व्यापारी साख सहकारी संस्था
बाद झाबुआ टेलेंट हंट के आयोजन हेतु सर्व सम्मित से बनाई गई समिति में जय भंडारी, नितेष कोठारी, दर्षन शुक्ला, कमलेष पटेल, पंकज ‘जैन’ मोगरा को शामिल किया गया। उक्त समिति पूरे आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही समिति द्वारा आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करवाया जाएगा। इस दौरान सकल व्यापारी संघ के वरिष्ठ संरक्षक राजेन्द्र यादव ने व्यापारी साख सहकारी संस्था की प्रगति की जानकारी दी कि संस्था द्वारा अब तक 1.50 करोड़ रूपए का लोन व्यापारियों को दिया जा चुका है और इससे संस्था को करीब 5 लाख रू. का प्राफिट हुआ है।

15 अगस्त के स्वल्पाहार के लाभार्थी संदीप जैन ‘राजरतन’ का किया गया सम्मान
आयोजन में मुख्य रूप से आगामी 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर प्रतिवर्ष सकल व्यापारी संघ द्वारा शहर में प्रभात फैरी निकालकर राजवाड़ा पर ध्वजारोहण के पश्चात् सभी व्यापारियों के लिए स्वल्पाहार का आयोजन किया जाता है। जिसके लाभार्थी इस बार संदीप जैन ‘राजरतन’ द्वारा बनने पर उनका सकल व्यापारी संघ के उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों ने मिलकर पुष्पमाला पहनाकर सम्मान करने के साथ ही व्यापारी साख सहकारी संस्था के प्रमुख संचालनकर्ता राजेन्द्र यादव का भी पुष्पामाला पहनाकर भावभरा सम्मान किया।

चमकी बुखार से मृतकों को दी भावांजलि
बैठक की व्यवस्था में विषेष सहयोग अमित जैन एवं मनोज कटकानी का रहा। इस अवसर पर देषभर में जगह-जगह चमकी बुखार, जिसका फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के पास भी ईलाज संभव नहीं है एवं इसे लाईलाज बिमारी की संज्ञा दी गई है, इससे मृतकों को दो मिनिट का मौन रखरकर उपस्थित सभी व्यापारीजनों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

ये थे उपस्थित
बैठक में व्यापारी संघ के वरिष्ठजनों में अषोक शर्मा, विधि सलाहकार राजेन्द्र संघवी, सुबोध कटकानी, मनोज संघवी, निलेष घोड़ावत, विकास शाह, युवा हार्दिक अरोरा, अक्षिष नीमा, दौलत गोलानी, कमलेष सोनी, राजकुमार पाटीदार, सुनिल कटकानी, श्री बोहरा, हनीफ लोधी, प्रवीण रूनवाल, आषीष डोषी, अजय पंवार, नीतिन सांकी, शुभम जैन, प. विष्णु व्यास आदि सहित अनेक व्यापारीजन उपस्थित थे। अंत में सभी के प्रति आभार सकल व्यापारी संघ सचिव पंकज ‘जैन’ मोगरा ने माना।

संत कबीर को हिन्दू और मुस्लिम दोनो मानते है, वे जागरूक समाज सुधारक के साथ कवि भी,  क्रांतिकारी संत कबीर की जयंती मनाई गई

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झाबुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के बेनर तले स्थानीय आदर्ष विद्या मंदिर में क्रांतिकारी संत कबीरजी की जयंती वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. रामषंकर चंचल के मुख्य आतिथ्य, पं. गणेषप्रसाद उपाध्याय की अध्यक्षता एवं संस्था संचालक सुरेषचन्द्र जैन के विशेष आतिथ्य में उत्साहपूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम के आयोजक भेरूसिंह चैहान ‘तरंग’ रहे। प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वतीजी एवं संत कबीर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वजलन किया गया। पं. गणेष उपाध्याय ने संत कबीर के जीवन प्रसंग को लेकर प्रेरणादायी घटना सुनाई। उन्होंने बताया कि संत कबीर को हिन्दू और मुस्लिम दोनो ही वर्ग मानते है। साथ ही उन पर रचित दोहे भी सुनाएं। साहित्यकार डाॅ. रामषंकर चंचल एवं सुरेषचन्द्र जैन ने भी प्रेरणास्पद उद्बोधन दोहो के साथ दिया।

सर्व-धर्म समभाव के मार्ग पर चलने की प्रेरणा
साहित्यकार भेरूसिंह चैहान ‘तरंग’ ने बताया कि संत कबीर जागरूक समाज साधरक और कवि होकर उनकी वाणी और संदेष को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प शासन-प्रषासन की ओर से भी किया गया है। जिससे कि आने वाली पीढ़ी महान क्रांतिकारी कबीर से प्रेरणा प्राप्त कर ‘‘सर्व-धर्म समभाव’’ के मार्ग पर चल सके। इनके पद और साखिएं एकता, प्रेम और भाईचारे का संदेष देते है। बाद श्री चैहान ने कतिपय दोहो की प्रस्तुति भी दी। संचालन पीडी रायपुरिया ने एवं आभार भेरूसिंह चैहान ने माना।

शहर में गाजों-बाजों के साथ निकलेगी भगवान जगन्नाथजी की रथ यात्रा, आयोजन को लेकर समिति की महत्वपूर्ण बैठक 23 जूुन को

झाबुआ। शहर में आगामी 4 जुलाई को भगवान जगन्नाथजी के जन्मोत्सव पर भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा शाम 4 बजे श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति झाबुआ द्वारा काॅलेज मार्ग स्थित प्राचीन जगदीष मंदिर से निकाली जाएगी। इसको लेकर समिति की विशेष बैठक 23 जून, रविवार रात्रि 8 बजे जगदीष मंदिर पर संपन्न होगी। यह जानकारी देते हुए समिति के सदस्य महेन्न्द्रसिंह पंवार ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी समिति द्वारा काॅलेज मार्ग जगदीष मंदिर से रथ यात्रा आरंभ होकर मालीसेरी गली, भोज मार्ग, श्री चारभुजा नाथ मंदिर परिसर, श्री गौवर्धनाथ मंदिर तिराहा, आजाद चैक, बाबेल चैराहा, थांदला गेट, रूनवाल बाजार, जैन मंदिर तिराहा, लक्ष्मीबाई मार्ग, राजवाड़ा से होते हुई पुनः मंदिर पर पहुंचेगी।

महाआरती एवं केसरिया भात का वितरण
यात्रा पश्चात् मंदिर में महाआरती का आयोजन का होगा। बाद सभी भक्तों को केसरिया भात का वितरण किया जाएगा। समिति की विषेष बैठक में सदस्यों द्वारा उक्त आयोजन की वृहद रूपरेखा तैयार करने के साथ आवष्यक विचार-विमर्ष किया जाएगा।

अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को, जन-जागरूकता अभियान चलाया गया

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झाबुआ। 21 जून को संपूर्ण विष्व में योग दिवस मनाया जाएगा। योग दिवस मनाने की शुरूआत देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई। योग का भारतीय संस्कृति में विषेष महत्व है। इसी को प्रतिपादित करने हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। इसकी तैयारियां झाबुआ जिले में भी की गई है। झाबुआ के समीपस्थ ग्राम तलावली में फिल्ड आउटरीचब्यूरो द्वारा विष्व योग दिवस के पूर्व योग विषय पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रधान अध्यापक श्री भूरा एवं जिले के ख्याति प्राप्त योग प्रषिक्षक जितेन्द्रसिंह सोलंकी थे। साथ ही इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग की सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती अनिता कटारा भी उपस्थित थी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों ने हिस्सा लिया।

योग से कई प्रकार के रोगों का होता है क्षय
योग प्रषिक्षक श्री सोलंकी द्वारा ग्रामीणों को योग से किस प्रकार से स्वस्थ रहा जा सकता है एव इससे कई प्रकार के रोगों का निदान किया जा सकता है, इसकी विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही श्री सोलंकी ने ग्रामवासियों, जिसमें महिला-पुरूष, युवा एवं बच्चों को योग के कई प्रणायाम-आसन करवाकर उन्हें आनंदित किया। इस अवसर पर प्रष्न-मंच का भी आयोजन हुआ। जिसमें विजेताओं को फिल्ड आउटरीच ब्यूरो द्वारा पुरस्कृत किया गया। इससे पूर्व बीती 15 जून को ग्राम सजेली मालजी साथ एवं 19 जून को ग्राम नरसिंहपुरा में भी यह कार्यक्रम रखा गया।

ऐसी नल जल योजना जो स्त्रोत सुख जाने की वजह से बंद है उन्हे पास के डेम अथवा तालाब से पानी लेकर चालू करवाये - पीएचई मंत्री श्री पांसे
पेयजल व्यवस्था के लिए बजट की कोई कमी नही आने दी जायेगी
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झाबुआ । जिले के भ्रमण पर आये श्री सुखदेव पांसे मंत्री मध्यप्रदेष षासन लोक स्वाथ्य यांत्रिकी विभाग ने आज कलेक्टर कार्यालय झाबुआ के सभा कक्ष में जिले मे पेयजल की संुचारू व्यवस्था के लिए विभागीय अधिकारियो एवं जनप्रतिनिधियो की बैठक लेकर समीक्षा की एवं आवष्यक निर्देष दिये।  बैठक में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री पांसे ने ई.ई. पीएचई को निर्देष दिये कि ऐसी नल जल योजना जो पानी का स्त्रोत सुख जाने की वजह से बंद है। उन्हे पास के डेम अथवा तालाब से पानी लेकर चालू करवाये । हेण्डपम्प का कार्य त्वरित  गति से करने के लिए मषीनो की संख्या बडा ले एवं 10-12 दिन मे हेण्डपम्प खनन का कार्य पूर्ण करवाना सुनिष्चित करे। मंत्री श्री पांसे ने सभी जनप्रतिनिधियो को कहा की ऐसी साईट जहा तालाब अथवा डेम का निर्माण हो सकता है। चिन्हित कर बताये , पेयजल के स्थाई समाधान हेतु जलस्त्रोतो का निर्माण कार्य षासन द्वारा प्राथमिकता से करवाया जाएगा। अधिकारी कर्मचारी समस्या का समाधान प्राथमिकता से करे। किसी भी गांव षहर में आमजन को पेयजल की उपलब्धता सुनिष्चित करवाना मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता है। पेयजल के लिए बजट आवंटन की कोई समस्या नही आने दी जाएगी। भविष्य के लिए पेयजल के स्थाई समाधान के लिए योजना बनाकर कार्यवाही करे। पेटलावद षहर की पेयजल व्यवस्था सुचारू करवाने के लिए सी एम ओ पेटलावद एवं ईई पीएचई समन्वय कर समस्या का समाधान सुनिष्चित करे। जिले में पेयजल व्यवस्था के स्थाई समाधान के लिए कार्ययोजना बनाकर अगले 15 दिवस में अनुमोदन के लिए भेजने के लिए कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने मंत्री जी को आष्वस्त किया। मंत्री श्री पांसे ने बैठक मे कहा कि आमजन की समस्या का तत्काल निराकरण करे ,समस्या का निराकरण करने में लापरवाही बरतने  वाले अधिकारी /कर्मचारी को बकषा नही जायेगा। बैठक मे विधायक पेटलावद श्री वालसिंह मैडा , विधायक थांदला श्री वीरसिंह भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती षंाति डामोर,कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा,सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिंडे, नगरपालिका अध्यक्ष झाबुआ श्रीमती मन्नू डोडियार ,श्री दिपक रत्नावत चीफ इन्जीनियर इंदौर,श्री अषोक बघेल चीफ इन्जीनियर भोपाल,श्री एनएस भिडे ईई पीएचई झाबुआ सहित जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं सभी जनपद पंचायतो /नगरीय निकायो के अध्यक्ष उपस्थित थे।

नगरपालिका की भेदभावपूर्ण अतिक्रमण मुहीम को लेकर ठेला एवं फुटकर व्यवसायी पहुंचे पीएचई मंत्री के पास, विरोध के स्वर हुए बुलंद, कार्रवाई की मांग की

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झाबुआ। नगरपालिका द्वारा प्रायः यह देखा गया है कि जब भी शहर में अतिक्रमण मुहीम संचालित की जाती है, तो इसमें अस्थायी अतिक्रमण के रूप में फल-फ्रूट ठेला, सब्जी व्यवसाईयों एवं चाय-नाष्ता गुमटी व्यवसाईयों को तो सख्ती से हटाया जाता है, लेकिन स्थायी अतिक्रमण की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है। 20 जून, गुरूवार को भी नपा प्रषासन एक बार फिर अतिक्रमण मुहीम के तहत बाजारों में निकली और केवल हाथ ठेलो और सब्जी व्यवसाईयों को हटाने से विरोध के स्वर बुंलद हो गए। जिस पर ये व्यवसायी शहर के जागरूक युवा पार्षद पपीष पानेरी एवं विष्व हिन्दू परिषद् के नगर अध्यक्ष हिमांषु त्रिवेदी के नेतृत्व में अपनी पीढ़ा व्यक्त करने कलेक्टोरेट पीएचई मंत्री सुखदेव पासे के समक्ष पहुंचे। जिसको मंत्री द्वारा गंभीरता से लेते हुए तत्काल जिला प्रषासन के अधिकारियों को मुहीम रूकवाने हेतु निर्देषित किया गया। नगरपालिका झाबुआ द्वारा गुरूवार को चलाई गई अतिक्रमण मुहीम में उस समय पक्षपात के आरोप लगेख् जब नगरपालिका अमले ने अस्थायी व्यवसाईयों, जिसमें फल-फूल, सब्जी एवं गुमटी व्यवसाईयों का अतिक्रमण हटाने में अत्यधिक सख्ती बरती तथा अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए सामान जप्ती की भी कार्रवाई की। इस दौरान नपा अमले के साथ इन व्यवसाईयों के विवाद भी होते देखे गए। नाराज हाथ ठेला एवं फुटकर व्यवसायी इस समस्या को लेकर कलेक्टोरेटे लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के मंत्री श्री पांसे के समक्ष पहुंचे। इस दौरान इन व्यवसाईयांे की समस्या जायज मानते हुए शहर के जागरूक पार्षद श्री पानेरी एवं विहिप के नगर अध्यक्ष श्री त्रिवेदी ने भी पीएचई मंत्री को नपा की भेदभावपूर्ण अतिक्रमण मुहीम संबंधी आवेदन भी सौंपा।

राजस्व निरीक्षक पर लगाया अभद्रता एवं भेदभाव का आरोप
समस्त व्यवसाईयों के हस्ताक्षरयुक्त दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया कि उक्त व्यापारी झाबुआ शहर में सड़क के किनारे हाथ ठेले एवं नीचे बिछात कर छोटे-मोटा व्यवसाय करते है तथा अपने एवं परिवार का पालन-पोषण करते है। उनके कारण किसी को परेषानी ना हो, इसका भी विषेष ध्यान दिया जाता है। इसके बावजूद नगरपालिका झाबुआ के राजस्व निरीक्षक अयूब खान द्वारा अतिक्रमण हटाओ मुहीम की आड़ में प्रार्थीगणों के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार किया जाता है। 20 जून को दोपहर 11 बजे करीब राजस्व निरीक्षक द्वारा बस स्टेंड चैराहे पर मनीषा जानकी से अभ्रदतापूर्ण व्यवहार किया गया। आवेदन में कहा गया कि यदि सड़क किनारे व्यवसाय करने पर व्यवसाईयों से नगरपालिका को आपत्ति है, तो नपा द्वारा हमारे व्यवसाय के लिए समुचित स्थान उपलब्ध करवाएं तथा नगर में व्यवसाय करने वाले सभी लोगों पर समान रूप से नियम लागू कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाए।

मंत्री के निर्देष पर रोकी गई कार्रवाई
उक्ताषय का आवेदन पीएचई मंत्री श्री पांसे को देने के बाद उनके द्वारा जिला प्रषासन के अधिकारियों को उक्त कार्रवाई रोके जाने हेतु निर्देषित किया गया। बाद मंत्री श्री पांसे द्वारा इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने पर इस हेतु वार्ड पार्षद पपीष पानेरी, विहिप के हिमांषु त्रिवेदी सहित आवेदन देने आए समस्त व्यवसाईयों ने पीएई मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। 

रपटो पुलियो पर संकेतक एव आवष्यकतानुसार ड्राप गेट लगवाए-कलेक्टर

झाबुआ । जिले मे वर्षा ऋतु मे लगातर बारिष से सडक के रपटो एवं पुलियो पर पानी बहने की स्थिती बनती है। ऐसे सभी रपटो पुलियो पर संकेतक एव आवष्यकतानुसार ड्राप गेट लगवाने के लिए कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने सबंधित अधिकारीयो को निर्देषित किया है। साथ ही आवष्यक मरम्मत करवाने के निर्देष दिये । साथ ही सभी तहसीलदारो को निर्देषित किया कि वर्षाकाल के दौरान सभी तहसीलदार तहसील स्तर पर एक कंट्रोल रूप स्थापित कर 24 घण्टे कंट्रोल रूम पर कर्मचारीयो की ड्युटी लगाना सुनिष्चित करे। प्राकृतिक आपदा की स्थिती से निपटने हेतु संबंधित अधिकारीयो का एक व्हाटसअप ग्रुप बनाया जावे। मुख्य नगरपालिका अधिकारी समस्त नगरपालिका/पंचायत क्षेत्रो की नालियो/नालो की सफाई 100 प्रतिषत सुनिष्चित करे। नगरीय क्षेत्र मे जीर्ण -षीर्ण मकान खाली करवा लिये जाए ओर चिन्हित कर सूची बनाकर कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध करवाये।

बीते 6 माह में लिए गए कर्मचारी कल्याण के महत्वपूर्ण फैसले

झाबुआ ।  राज्य सरकार ने पिछले 6 माह में राज्य शासन के कर्मचारिय¨ं के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सभी वगर्¨ं के अधिकारिय¨ं-कर्मचारिय¨ं क¨ सेवाकाल में 240 दिवस के स्थान पर 300 दिवस के अर्जित अवकाश के नगदीकरण की पात्रता प्रदान की गई है। जनवरी 2019 से देय महंगाई भत्ते की मंजूरी दी गई है। शासकीय पेंशनर्स अ©र परिवार पेंशनर्स क¨ जनवरी 2018 अ©र जुलाई 2018 से देय महंगाई राहत की द¨ किश्त¨ं की मंजूरी अप्रैल 2019 में दी गई।      राज्य में शासकीय सेवक¨ं क¨ सातवें वेतनमान के एरियर की दूसरी किश्त के भुगतान के आदेश भी जारी किए गए। शासकीय सेवक¨ं क¨ देय सातवें वेतनमान में वेतन पुनरीक्षण के लिए विकल्प में सुधार करते हुए एक अ©र अवसर प्रदान किया गया। राज्य सरकार ने तिलहन संघ से शासन में संविलियन अथवा प्रतिनियुक्ति के माध्यम से पदस्थ सेवामुक्त¨ं क¨ छठवें अ¨र सातवें वेतनमान का लाभ देने के निर्देश जारी किये हैं।

अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस 26 जून को
     
झाबुआ । जनसामान्य में ड्रग्स की विभीषिका के बारे में जागरूकता लाने तथा नशीले पदार्थो एवं नशीली दवाईयों से मुक्त समाज का निर्माण करने के लिए प्रति वर्ष 26 जून को नशीले पदार्थो के दुरूपयोग और अवैध व्यापार के विरूद्ध अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस मनाया जाता है। जिले में 26 जून को जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय तथा ग्राम पंचायत स्तर पर नशामुक्त वातावरण मनाने के लिए रैली तथा दौड आदि का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही 26 जून को विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, सेमीनार तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नशीले पदार्थो के दुष्परिणामों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा तथा कलापथ दल, सांस्कृतिक कला मंडलियों द्वारा नाटक, गीत आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नशे से पीडितजनों के उपचार तथा परामर्श के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) के तहत मिलेंगे नवीन कार्ड

झाबुआ ।  मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत प्रदेश के असंगठित श्रमिकों का चिन्हांकन किया गया एवं योजना के अंतर्गत पंजीयन हेतु उनसे आवेदन-मय-घोषणा पत्र की जांच उपरांत उनके नाम, लिंग, जन्म तिथि, पता, नियोजन आदि का सत्यापन कर पात्र पाये जाने पर विधिवत रूप से जनकल्याण पोर्टल पर पंजीयन कर उन्हें असंगठित श्रमिक पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी किये गये। अल्प अवधि में योजनाओं के संचालन क्रियान्वयन के कारण असंगठित श्रमिकों को जारी किये गये पंजीयन प्रमाण-पत्र में आधार नम्बर को लिंक एवं उनका सत्यापन नहीं किया जा सका और न ही सभी का मोबाइल नम्बर अनिवार्यतः दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों को त्वरित गति से योजनाओं के लाभ के साथ-साथ आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ प्राप्त हो सके, इसे ध्यान में रखकर नवीन कार्ड (नया सवेरा) पंजीयन प्रमाण-पत्र जिसमें श्रमिक का आधार ईकेवायसी उपरांत सीडिंग हो तथा मोबाईल नम्बर दर्ज हो प्रदाय किया जाएगा। नवीन पंजीयन प्रदायकर्ता एजेंसी का कार्य प्रदेश में कार्यरत लोक सेवा केन्द्र, सी.एस.सी. (कॉमन सर्विस सेंटर) तथा एम.पी. ऑनलाईन के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा संपादित किया जाएगा। नया सेवरा कार्ड उपलब्ध कराने के लिए श्रमिक द्वारा पुराना संबल कार्ड, आधार नम्बर तथा मोबाईल नम्बर की जानकारी सेवा प्रदायकर्ता अधिकृत केन्द्र पर उपलब्ध करानी होगी। श्रमिकों के नाम एवं आधार नम्बर का बायो-मीट्रिक ओटीपी का उपयोग कर ई-केवाईसी से प्राप्त जानकारी के सत्यापन के उपरांत, नवीन लेमिनेटेड कार्ड जनकल्याण पोर्टल से जनरेट कर निशुल्कः प्रदाय किया जावेगा। नवीन लेमिनेटेड कार्ड प्राप्त करने के लिए पंजीकृत असंगठित श्रमिक अपना पूर्व में जारी कार्ड अधिकृत सेवा प्रदायकर्ता को जमा करेंगे। सेवा प्रदायकर्ता जनकल्याण पोर्टल पर श्रमिक के पंजीयन कार्ड तथा आधार नम्बर में दर्ज विवरण का सत्यापन करेगा। सत्यापन करते समय ई-केवायसी के माध्यम से आधार कार्ड में अंकित जानकारी सत्यापित करने के लिए बायोमेट्रिक या आधार से संलग्न मोबाईल नम्बर पर प्राप्त ओटीपी इन दोनों में से किसी एक माध्यम का उपयोग किया जा सकता है।

शासकीय आईटीआई में ऑनलाईन प्रवेश कार्यक्रम
       
झाबुआ ।  मध्यप्रदेश स्थित शासकीय आईटीआई में संचालित एनसव्हीटी, एससीव्ही के पाठयक्रमों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी इंटरनेट के माध्यम से अपने स्तर  अथवा एमपीऑनलाईन के अधिकृत केन्द्रों से या एम.पी.ऑनलाईन के म.प्र. स्थित किसी भी कियोस्क से iti.mponline.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते है। प्रवेश विवरणिका वेबसाईट पर उपलब्ध है। इस विवरिण्का में आईटीआई वार व्यवसाय सीटों की संख्या रजिसट्रेशन च्वाईस फिलिंग तथा प्रवेश की जानकारी उपलब्ध है। आईटीआई में प्रवेश के लिए सभी आवेदकों को एमपी ऑनलाईन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।

विष्व योग दिवस पर जिला स्तर पर मन्डी प्रांगण मे होगा कार्यक्रम
        
झाबुआ । विष्व योग दिवस 21 जून 2019 के अवसर पर  अंतराष्ट्रीय योग दिवस का जिला स्तरीय वृहद आयोजन मंडी पं्रागण में प्रातः 7 बजे से होगा। जिसमें शासकीय, अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, कॉलेजों के विद्यार्थियों के साथ, योग संस्थानों, अन्य सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी, पुलिस विभाग और सीआरपीएफ जवान, एनसीसी, एनएसएस, शासकीय अधिकारी कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधि व आम नागरिक सहभागिता करेंगे। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने दिनांक 21 जून को जिले मे आयोजित होने वाले कार्यक्रम मे उपस्थित होने के लिए आहवान किया है। योग कार्यक्रम का आयोजन ब्लाक स्तर पर भी किया जायेगा।

ये रहेगा कार्यक्रम
योग एक शारीरिक एवं आध्यात्मिक क्रिया है। सामूहिक योग प्रदर्शन व्यक्ति विशेष के लिये स्वैच्छिक होगा। प्रदेश में उक्त कार्यक्रम आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारित किया जायेगा।  अतिथिगण का आगमन प्रातः 6.40 बजे,से होगा। उसके बाद प्रातः 06.42 बजे मध्य प्रदेष गान होगा। मुख्यमंत्री जी के संदेष का प्रसारण प्रातः 6.45 बजे से होगा।, सामान्य योगाभ्यास, काॅमन योग प्रोटोकाॅल प्रातः 7.00 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक होगा।

विष्व योग दिवस हेतु जन जागरूकता अभियान  चलाया गया

झाबुआ । गा्रम तलावली विकास खण्ड मेघनगर जिला झाबुआ मे फील्ड आउटरीचब्युरो झाबुआ द्वारा दिनाक 20.06.2019 को विष्व योग दिवस के पूर्व विषय पर जन जागरूकता कार्य क्रम आयोजित किया गया जिसमे जितेंद्र सोलंकी योग षिक्षक थे। बडी संख्या मे आमजनो ने भाग लिया। योग षिक्षक द्वारा ग्रामीणो को योग का महत्व समझाया गया कि किस प्रकार योग से  स्वस्थ्य रह सकते है।े ओर कई प्रकार के रोगो का निदान योग द्वारा किया जा सकता है। योग षिक्षक द्वारा कई प्रकार की योग मुद्रा का प्रदर्षन किया गया। इस अवसर पर प्रश्र मंच का भी आयोजन किया गया जिसमे विजेताओ को फील्ड आउटरीचब्यूरो द्वारा पुरस्कृत किया गया कार्यक्रम क्षेत्रीय लोक सम्पर्क बयुरो झाबुआ द्वारा आयोजित किया गया।

दस्तक अभियान के तहत कार्यकर्ता घर-घर जाकर दे रही है स्वास्थ्य सेवाएं
ग्राम छोटा घोसलिया में ग्राम सभा आयोजित की गई
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झाबुआ । वर्ष 2019-20 में ‘‘दस्तक अभियान’’ का प्रथम चरण सोमवार 10 जून से जिले में चलाया जा रहा है स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चे वाले परिवारों के घर-घर जाकर दस्तक अभियान अंतर्गत दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवायें बच्चों को दी जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता व ग्राम की आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा महिलाओ को एकत्रित करके अभियान संबंधी व स्वास्थ्य की जानकारी देकर परिवारों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। दस्तक अभियान के लिए ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम छोटा घोसलिया मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डाॅ. बारीया ने भी सहभागिता की।
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