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पूर्णिया : चचरी पुल के सहारे जान जोखिम में डाल करते हैं लोग आवागमन, विभाग बेफिक्र

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जानकीनगर : थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर तिलक पंचायत के वार्ड नंबर 12 के धार में पुल निर्माण नहीं होने से पंचायत के लोगों को आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा अन्य कई पंचायत के लोगों को भी पूरे माह चचरी पुल के सहारे आवागमन करना पड़ता है। बता दें कि अनुमंडल क्षेत्र के रामपुर तिलक गांव आजादी के समय से ही विकास की रोशनी से कोसों दूर है। लगभग पांच सौ की आबादी वाले टोला तक जाने के लिए न तो सड़क है और न ही पुल। बरसात में तो ग्रामीणों की शामत ही आ जाती है। स्थानीय अमरेंद्र सिंह, चंदन कुमार वार्ड सदस्य, अमित कुमार सहित कई लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि जब जनप्रतिनिधि व सरकार ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी तो स्थानीय पीड़ित लोगों ने खुद ही बांस बत्ती के सहारे चचरी पुल बना दिया। आवागमन में राहगीरों, साइकिल व मोटरसाइकिल सवारों, खासकर स्कूली बच्चों के लिए उक्त चचरी पुल काफी खतरनाक व जानलेवा साबित होता है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल वर्षा ऋतु में वे लोग इस धार पर स्वयं ही चचरी बना लिया करते हैं। बोले हाहा नाला धार से पश्चिम टोले में ही अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र है। जिस कारण लोगों की आवाजाही लगातार होते रहती है। अवकाश प्राप्त शिक्षक योगेंद्र सिंह, शिक्षक राजेंद्र झा व कई प्रबुद्ध लोगों की मानें तो यदि इस स्थान पर एक आरसीसी पुल बन जाए तो क्षेत्र की आबादी को आवागमन की सुविधा तो मिलेगी ही साथ ही धार से पश्चिम टोले वासियों का मुख्य सड़क से सीधा संपर्क हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है।


पूर्णिया : शहर की सफाई को ले तीन एजेंसियों को एक सप्ताह के अंदर किया जाएगा अधिकृत

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- लोकसभा चुनाव के कारण करीब दो माह तक सारे कार्यों पर ग्रहण सा लग गया था, इस दिशा में दोबारा कार्रवाई की जा रही है - एक सप्ताह के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी कर शहर के तीन हिस्सों में एनजीओ व एक हिस्से में नगर निगम के सफाई कर्मी खुद सफाई कार्य करेंगे
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कुमार गौरव । पूर्णिया :शहर में सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गत 27 मार्च को निविदा की प्रक्रिया की गई थी। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही शहर को चार हिस्सों में बांटकर सफाई व्यवस्था कराई जाएगी। लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण करीब दो माह तक सारे कार्यों पर ग्रहण सा लग गया था। हालांकि इस दिशा में दोबारा कार्रवाई की जा रही है और एकाध सप्ताह के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी कर शहर के तीन हिस्सों में एनजीओ व एक हिस्से में नगर निगम के सफाई कर्मी खुद सफाई कार्य करेंगे। शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तीन एजेंसियों को एक सप्ताह के अंदर कार्यभार सौंपा जा सकता है। बता दें कि अबकी बार स्मार्ट सिटी की रेस में पिछड़ने के बाद नगर निगम के पदाधिकारी हरकत में हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शहर को चार हिस्सों में बांटने का निर्णय लिया है। जिसके तहत कुल 46 वार्डों में सफाई कार्य के लिए 12-12-12 वार्डों को तीन हिस्सों में बांटा गया है और इन हिस्सों में सफाई का जिम्मा अधिकृत एजेंसी को दिया जाएगा। जबकि शेष 10 वार्डों में नगर निगम द्वारा स्वयं सफाई का कार्य कराया जाएगा। 

...बदल जाएगी सूरत : 
शहर को चार हिस्सों में बांटने की कवायद पर सभी पार्षदों व पदाधिकारियों ने हामी भर दी है। निविदा की कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे बोर्ड बैठक में पार्षदों से अनुमोदित कराया जाएगा। वहीं अधिकृत एजेंसियों के द्वारा कार्य की शुरूआत होने के बाद गंदगी बीते दिनों की बात हो जाएगी। ऐसी कई बातें इन दिनों नगर निगम में हो रही हैं जिससे ऐसी स्थिति देखने की ललक भी बढ़ती जा रही है। 

...एक सप्ताह के अंदर सफाई एजेंसी की होगी नियुक्ति : 
शहर में सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद पूर्व में की गई थी। जिसके तहत कुछ लोगों के द्वारा एजेंसी की नियुक्ति को ले निविदा का प्रपोजल दिया गया है। जिसे एक सप्ताह के अंदर फाइनल कर दिया जाएगा। साथ ही बोर्ड बैठक में सभी सदस्यों से अनुमोदित कराने के बाद शहर के चारों हिस्सों में एनजीओ व निगम कर्मियों से सफाई कार्य की शुरूआत कर दी जाएगी।  : विजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया।

बिहार : सरकार राज्य में दिमागी बुखार को आपदा घोषित करें

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  • इससे मरने वाले लोगों को भी आपदा राहतकोष से मुआवजा मिले

सभी चैाराहों, गांवों तथा बस्ती में टंकी के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाये। दिमागी बुखार और लू से मौत होने पर सभी का पोस्टमार्टम कराया जाये। 
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पटना, 21 जून। बिहार के नागरिकों की तरफ से प्रेसवार्ता कर रिपोर्ट जारी की गयी। प्रदेश में जारी दिमागी बुखार, गर्मी और लू से असामयिक मौत और प्रशासन की विफलता से नन्हें-मुन्ने बच्चे काल के गाल में समा जाने को बाध्य हैं। उनपर वृहत रिपोर्ट तैयार करने के लिए बिहार के सिविल सोसाइटी की तरफ से चार टीम गठित की गई। अबतक करीब 500 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें लगभग 200 बच्चे भी शामिल हैं। जारी आपात स्थिति को आकलन करने को लेकर सिविल सोसाइटी ने एक टीम को मुजफ्फरपुर भेजकर दिमागी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की हुई मौत के बारे में, दूसरी टीम औरंगाबाद, तीसरी टीम गया और चैाथी टीम मनेर में जाकर गर्मी और लू से हुई मौत की तात्कालीन नागरिक आकलन रिपोर्ट बनाई है। टीम में सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, पत्रकार, धार्मिक पुरोहित आदि थे। टीम में शामिल शाहीद कमाल ने बताया कि मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार से लगभग 200 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। यह दिमागी बुखार की बीमारी 5-6 जून से कहर बरपाने लगी है और वह सिलसिला रोज ही बढ़ता ही चला जा रहा है। शाहीद कमाल जब 17 जून को एडवोकेट मुकेश और परलयंकर के साथ मिलकर श्रीकृष्ण मेडिकल काॅलेज अस्पताल में गए तो देखे कि यहां पर 11 बच्चे और यहां के बाद केजरीवाल अस्प्ताल में गए तो वहां पर दो बच्चों ने दम तोड़ चुके थे। हां यह सिलसिला रोज बढ़ता ही चला जा रहा है। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों  के अनुसार 104 से बढ़कर 134 बच्चों की मृत्यु हो जाने की पुष्टि करते है। परन्तु सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक ही यह आंकड़ा है। करीब 200 से कहीं अधिक ही बच्चों की मौत हो गयी है। विडम्बना है कि सरकारी विभाग आंकड़ों में उलझी है और वहां बच्चे लगातार दम तोड़ रहे हैं। मुजफ्फरपुर शहर के दो विख्यात अस्पताल है। श्रीकृष्ण मेडिकल काॅलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और किसी ट्रस्ट द्वारा संचालित केजरीवाल अस्पताल। इन दोनों अस्पतालों में बच्चे और खिदमतदारों से त्राहिमाम मचा हुआ है। यहां पर हर तरफ मौत के कारण रोना और चीख चिल्लाना रूटीन सा बन गया है। इस दिमागी बुखार नामक बीमारी के लक्षण है 104 डिग्री तक बुखार और बेहोशी हो जाना । जो अस्पताल में बच्चे आ रहे हैं वे सभी बीमार बच्चे प्रायः ग्रामीण इलाकों के ही हैं। ये बच्चे कमजोर सामाजिक और आर्थिक पृष्टभूमि होने के कारण शाम में 7 बजे ही आधा पेट खाना खाकर सो जाते हैं, और सुबह उठते ही कै-दस्त और तेज बुखार के कारण बेहोश हो हो जाते हैं। यह बीमारी मुख्यतः बुढ़ी गंडक के दोनों तरफ के इलाके को प्रभावित कर रही है। प्रभावित बच्चे की उम्र 6 महीने से 5-6 साल तक की ही होती है। पिछले 10-11 साल से जब भीषण गर्मी पड़ती है तो इस बीमारी का प्रकोप शुरू होता है और बारिश होने के साथ ही खत्म हो जाता है। बीमारी गरीब बच्चों को ही प्रभावित करती है। चार साल पहले सामाजिक संगठनों के दबाव पर सरकार ने  Virology Research Centre Pune का एक सेंटर यहां खोलने की बात कही। पुणे सेंटर से एक टीम भी आयी परन्तु यह रिपोर्ट पब्लिक नहीं हुई। उस समय सरकार ने मृत बच्चे के परिवार को 50000 रूपये देने की बात कही, परन्तु किसी प्रभावित परिवार को यह राशि नहीं मिली। एक बार फिर सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रू. देने की घोषणा की है। यह बता दें कि चार साल पहले इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम बंद कर दिया गया था जिसका परिणाम इस साल दिखाई दे रहा है। इस बीमारी के कारक में लीची खाने को जोड़ कर देखा और कहा जा रहा है, मगर यह इस बीमारी का एकमात्र कारण नहीं है, क्योंकि मृत्यु की घटना इस क्षेत्र विशेष में ही घटित हो रही है। बीमार होकर मरने वाले बच्चे 6 माह से 6 वर्ष तक के हैं। इनमें से सभी बच्चे लीची खाने से बीमार हुए इस बात का प्रमाण अभी तक टीम को नहीं मिली।

यह निष्कर्ष निकाला गया
1. राज्य सरकार ने प्रतिवर्ष होने वाली इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। 2. बीमारी के असली कारणों को जानने केे लिए अनुसंधान होना चाहिए, वह नदारद रहा। 3.जागरूकता कार्यक्रम को ठीक से नहीं चलाया गया। 4. बीमार होने के बाद सही इलाज की व्यवस्था में कमी। 5.यह बीमारी पानी की गुणवता बच्चों में कुपोषण, गर्मी, धूप से बच्चों का बचाव मुख्य कारण है। 6. इससे निपटने के लिए कार्यक्रमों का संचालन सही नहीं है। 7. बिहार में गैर बराबरी, आजीविका का संकट, सरकार द्वारा लगातार काटे जा रहे पेड़ और पहाड़, प्रशासनिक विफलता है। 

 सिविल सोसाइटी की मुख्य मांगे
1.सरकार द्वारा दिमागी बुखार से निपटने के लिए 2015-2016 में बनाये गए तथा 2018 में संशोधित एसओपी आधार पर मूल्यांकन किया जाये। 2. कमजोर स्वास्थ्य सेवा संरचना ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया। मुजफ्फरपुर की कुल जनसंख्या के अनुपात में वहां 160 पीएचसी होने चाहिए थे जबकि वहां मात्र 16 पीएचसी उपलब्ध है। 2. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की 80 प्रतिशत रिक्त पदों पर भत्र्ती त्वरित रूप से होनी चाहिए। 3. पीएचसी में वातानुकूलित वार्डों की व्यवस्था हो जिससे मुख्यालय के जाने से पूर्व स्वास्थ्य सेवा ग्रामीणों को निकट में उपलब्ध हो सके। 4. 2014 में केन्द्र सरकार द्वारा किये गए वादों पर अमल नहीं हुआ और पुनः उन्हें दुहराया गया है, इस बार इन वादों पर ठोस कार्रवाई हो। गया से सामाजिक कार्यकर्ता शत्रुध्न कुमार ने बताया कि हीट वेव से लोगों की मृत्यु हुए है शुरू में सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। जब गर्मी बढ़ने लगी तब जाकर जिला पदाधिकारी ने जांच का आदेश दिया। लोगों ने सरकारी अस्पताल में सुविधा की कमी, बेड, शौचालय, पानी, दवा, नर्स, डाक्टर आदि की कमी के काण निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गए। इन सबों को आपदा के तहत मुआवजा मिलना चाहिए। लेकिन जो लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराये हैं उन्हें मुआवजा मिलना असंभव दिखता है। इस लिए हमारी मांग है कि इसे मरीजों को चिन्हित कर स्थानीय प्रशासन मुआवजा सुनिश्चित करें। औरंगाबाद से राजेश्वर पासवान ने बताया कि जिला में पानी बहुत किल्लत है, लगभग 90 प्रतिशत चापाकल सूख चुके हैं। इसके लिए सरकार मात्र अपर्याप्त मात्रा में पानी टैंकर से उपलब्ध करा रही है। नल जल योजना के तहत जिला कि प्रत्येक पंचायत में 13-15 लाख तक मुहैया कराया लेकिन सभी भ्रष्टाचार में लूट लिया गया है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए आदमी और जानवर तरस रहे हैं। यह भयंकर महामारी की स्थिति है। अभी भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। गांव में मृतकों की संख्या इससे ज्यादा है जिसका कोई अभी आकलन नहीं हुआ है। बिहार में लू और दिमागी बुखार से हो रहे मौत को रोकने के लिए सरकार दो स्तर पर कार्रवाई करे वह भी अविलम्ब और समय सीमा में।

* विभिन्न आपदाओं के समय राहत कार्य करने वाले संस्थाओं/ एजेसिंयों से सम्र्पक कर तत्काल मेडिकल किट ओआरएस, पैरासिटामोल, ग्लूकोज, थर्मामीटर, सूती कपड़ा आदि की व्यवस्था की जाएगी। स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा लू और दिमागी बुखार के लक्षण वाले लोगों के प्राथमिक उपचार जैसे बुखार आने पर ठण्डे पानी की पट्टी लगाना, दांत बैठाने पर मुंह में दांतों के बीच सूती कपड़ा लगाना, बुखार जांचना आदि सिखया जाये। इस संदर्भ में जागरूकता अभियान चलायी जाएगी।
* एक टीम बनाकर निजी चिकित्सा सेवा ( निजी प्रैक्टिस) करने वाले चिकित्सकों से संपर्क कर उन्हें स्थानीय स्तर पर प्रभावित लोगों को मुफ्त इलाज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस संदर्भ में सरकार द्वारा भी एक कैबिनेट आदेश के द्वारा निजी चिकित्सा सेवा ( निजी प्रैक्टिस) वाले डाक्टरों को स्थानीय स्तर पर अस्थाई स्वास्थ्य केन्द्र चलाया जाये। निजी एम्बुलैंस को तत्काल सेवा में लगाई जाये। प्राथमिक सूचना और प्राथमिक उपचार के लिए आंगनबाड़ी को केन्द्र बनाया जाये तथा एम्बुलैंस की जानकारी भी वहां से हो। मुखिया, वार्ड सदस्य, विकास मित्र तथा आशा आदि को इसके लिए निर्देशित किया जाये।
* राज्य में दिमागी बुखार को आपदा घोषित करते हुए इससे मरने वाले लोगों को भी आपदा राहतकोष से मुआवजा मिले।
* सभी  चैाराहों, गांवों तथा बस्ती में टंकी के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाये।
* दिमागी बुखार और लू से मौत होने पर सभी का पोस्टमार्टम कराया जाये। 

पूर्णिया : तीन बोर्ड व तीन सशक्त स्थाई समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों पर लगी मुहर

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- पूर्व की बैठकों में छोटी बड़ी 455 योजनाओं पर जो विचार किया गया था उसे व वित्तीय वर्ष 2019-20 की बजट को इस बोर्ड बैठक में फाइनल टच दे दिया गया- 36 करोड़ रूपए की विभिन्न योजनाओं पर कार्य चल रहा है, 23 करोड़ रूपए की योजनाओं की लॉटरी 22 व 24 जून को कराई जाएगी जबकि 36 करोड़ की योजनाओं की टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी की जा रही है : मेयर 
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कुमार गौरव । पूर्णिया : नगर निगम सभागार में मेयर सविता देवी की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में जहां कई अहम फैसले लिए गए वहीं गत दो बोर्ड बैठक व तीन सशक्त स्थाई समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों की संपुष्टि की गई। पूर्व की बैठकों में छोटी बड़ी 455 योजनाओं पर जो विचार किया गया था उसे व वित्तीय वर्ष 2019-20 की बजट को इस बोर्ड बैठक में फाइनल टच दे दिया गया। जिसके बाद शहर के सभी 46 वार्डों में सड़क, नाला, पार्क, बायो कम्पोस्टिंग प्लांट समेत साफ सफाई के लिए एनजीओ की तैनाती का भी रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि आठ माह पूर्व बनी नगर सरकार के द्वारा कुल 95 करोड़ रूपए के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। जिसमें 36 करोड़ रूपए की विभिन्न योजनाओं पर कार्य चल रहा है। 23 करोड़ रूपए की योजनाओं की लॉटरी 22 व 24 जून को कराई जाएगी जबकि 36 करोड़ की योजनाओं की टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी की जा रही है। मेयर ने कहा कि पूर्व से स्वीकृत सभी वार्डों को विकास कार्य के लिए दिए जाने वाली 50-50 लाख रूपए की राशि के लिए सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और ग्रुप नंबर 1-60 के लिए 22 जून को टेंडर होगा जबकि ग्रुप नंबर 61-124 के लिए 24 जून को टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद शहर के सभी गली मोहल्लों में सड़क व नाले का निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। इस कार्य की निगरानी के लिए 4 कनीय अभियंताओं की टीम की तैनाती भी की गई है। मेयर ने कहा कि इसके अलावे इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में स्वीकृत सभी वार्डों के लिए 75-75 लाख रूपए की योजनाओं के लिए जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके तहत शहर को चार हिस्सों में बांटकर विकास कार्य कराए जाएंगे ताकि शहर का समग्र विकास हो सके। 

...सफाई कार्य के लिए 29 जून को होगा टेंडर : 
वहीं दूसरी ओर शहर को चार हिस्सों में बांटकर सफाई कराने की योजना पर भी मुहर लग गई है। इसे लेकर 29 जून को टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी। जिसके बाद तीन एजेंसियों को 12-12-12 वार्डों में सफाई की जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं शेष 10 वार्डों में निगम कर्मी स्वयं सफाई कार्य करेंगे। बोर्ड बैठक में नगर निगम के स्थाई संरचनाओं मसलन कार्यालय परिसर, मार्केट भवन के ऊपर मासिक किराये के आधार पर इच्छुक एजेंसी जिओ (jio) को मोबाइल टावर लगाने पर सभी पार्षदों ने असहमति दर्ज की। प्रधानमंत्री आवास एवं राजीव आवास याेजना की प्रगति को गति प्रदान करने के लिए दक्ष कर्मियों की सेवा आउटसोर्सिंग के जरिये लिए जाने को लेकर काफी हो हंगामा हुआ और अंत में दक्ष व पुराने कर्मियों को ही मौका दिए जाने पर विचार किया गया। इन मुद्दों को लेकर वार्ड पार्षद सरिता राय, पंकज यादव, पोलो पासवान, लीला देवी, रिंकू देवी, रीमा दास, अर्जुन सिंह ने आवाज बुलंद की। बैठक में मौजूद लीला देवी ने कबीर अंत्येष्ठि योजना को लेकर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से इस मद की राशि सरकार के द्वारा मुहैया नहीं कराई जा रही है। जिस पर विधायक ने जल्द कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन दिया। विधायक ने राज्य योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों की फाइल तैयार कराने की भी दिशा निर्देश दिया। बता दें कि राज्य योजना के तहत पिछले दो वर्षों से नगर निगम के द्वारा डीपीआर तक तैयार नहीं कराया गया है। बैठक के दौरान विधायक ने शहर में सफाई व्यवस्था के लिए निजी कोष से 08 ई-रिक्शा दिए जाने की घोषणा की। 

...और गूंज उठी तालियों की गड़गड़ाहट :
बोर्ड बैठक के दौरान उस वक्त उत्साह का माहौल देखने को मिला जब पूर्व डिप्टी मेयर व वर्तमान पार्षद संतोष यादव ने अपने वार्ड के विकास मद की राशि 75 लाख रूपए 30, 39 व 40 वार्ड को दिए जाने की घोषणा की। जिस पर इन वार्डों के पार्षद रेणु कुमारी, विलास चौधरी व जानकी देवी ने संतोष यादव का धन्यवाद किया। सभी अन्य पार्षदों ने भी संतोष यादव के इस फैसले का स्वागत किया। इस संबंध में संतोष यादव ने कहा कि उनका वार्ड पहले से ही विकसित है और उन्होंने अपने वार्ड के विकास मद की राशि 75 लाख रूपए इन तीनों वार्ड में देने की घोषणा की। 

...बजट की प्रक्रिया संदेह उत्पन्न करती है : 
नगर निगम पूर्णिया की बोर्ड की बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट पारित के लिए सदन में प्रस्ताव रखा गया। जिस पर डिप्टी मेयर विभा कुमारी ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 का जो बजट सदन में पारित करने के लिए रखा गया है उस बजट की प्रक्रिया पर मेरी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि बजट जिस पर साल भर का नगर निगम का आय व्यय निर्भर करता है उसे आनन फानन तरीके से पेश करना संदेह उत्पन्न करता है। साथ ही एक साथ पांच बोर्ड व सशक्त स्थाई समिति के निर्णय को संपुष्ट कराना नगर निगम की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उत्पन्न करता है। जब बजट में शीर्षवार  अंकित व्यय का पृष्ठ शून्य दिखाया जाता है तो लोक उपयोगी बजट पर स्वतः संदेह उत्पन्न होना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि मैं विकास के सभी कार्यों में नियमवद्ध तरीके से सदन के साथ हूं। 

...आठ माह में 95 करोड़ रूपए का कराया विकास कार्य : 
शहर के विकास के लिए निगम सरकार प्रतिबद्ध है। आठ माह में अब तक 95 करोड़ रूपए की लागत से विकास कार्य कराए जा रहे हैं। बोर्ड बैठक में बजट की स्वीकृति मिल चुकी है जिसके बाद अन्य जितने भी पेंडिंग कार्य हैं उसे ससमय पूरा कर लिया जाएगा। सर्किट हाऊस के सामने व मेला ग्राउंड में पार्क के निर्माण के अलावा कई हिस्सों में सड़क व नाला निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखा दी गई है। 
: सविता देवी, मेयर, नगर निगम, पूर्णिया। 

...रूके कार्यों को दी जाएगी गति : 
पूर्व से रूके विकास कार्यों को अब गति दे दी जाएगी। 29 जून को एनजीओ के लिए निविदा की प्रक्रिया की जाएगी। साथ ही 2-3 दिनों के अंदर सभी 46 वार्डों में घर घर डस्टबिन को बांटने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।   : विजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया।

बिहार : पटना सदर की एसडीओ अनुपम सिंह के सुरक्षाकर्मी ने की आत्महत्या

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नेताओं और अधिकारियों के सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की व्यापक जांच करने की जरूरत है। उनके सामाजिक-आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक जांच की जरूरत है।
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पटना। अपराधियों पर लगाम लगाने के बदले खुद ही केशव प्रसाद ने गोली मार आत्महत्या कर ली है। यह खबर आग की तरह फैल गयी है। अभी अभी पटना से बड़ी खबर सामने आ रही हैं। पटना सदर की एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह के सुरक्षाकर्मी ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली है। यह वीभत्स घटना पटना सदर एसडीओ के छज्जूबाग स्थित सरकारी आवास में घटी बतायी जाती है। मृतक का नाम केशव प्रसाद है। मृतक केशव प्रसाद पटना सदर अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह के आवास में बतौर सुरक्षाकर्मी तैनात था। इस घटना की खबर फैलने के साथ ही प्रशासनिक महकमे में सनसनी मच गई है। हर कोई इस घटना के पीछे के कारण जानने को उत्सुक है। मगर अभी तक घटना के पीछे के वास्तविक कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।मौका ए वारदात पर पहुंची पुलिस की टीम घटना की जांच कर रही है।

बिहार : चमकी बुखार के जरिये जारी मौत का आतंक,चिकित्सा प्रणाली किंकर्तव्यविमूढ़

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 135 पहुंच गई है।पूरे मामले में सरकार खामोश है,सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 117 बच्चों की मौत हो चुकी है।12 मौतें मोतिहारी और 6 मौतें बेगूसराय में भी ही चुकी है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में व्यस्त हैं,तो डिप्टी सीएम सुशील मोदी पटना में।हर कोई सवाल पूछ रहा है कि बच्चों की सांसें छिनने का सिलसिला कब खत्म चलेगा,फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस बीच बुधवार को मुजफ्फरपुर के अस्पताल में चमकी बुखार के 16 नए मामले आए हैं।मोतिहारी के सदर अस्पताल में बुधवार को 19 बच्चे भर्ती हुए,बेगूसराय में भी 3 नए केस सामने आए हैं।मासूमों की मौत का केंद्र बन चुके मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में हालात बदलने की कोशिश की जा रही है।हालात ये है कि अस्पताल में कूलर लग गए हैं,एसी लग गए हैं, लेकिन बिजली की कमी फिर मुंह चिढ़ा रही है।मुजफ्फरपुर अस्पताल में बिजली का नया ट्रांसफॉर्मर जोड़ दिया गया है,केंद्र से 15 लोगों की टीम आ चुकी हैं,जिनकी मदद ली जा रही है।मुजफ्फरपुर अस्पताल के आईसीयू में 17 बेड और जोड़े गए हैं।कैदी वार्ड को शिशु वार्ड में बदल दिया गया है।मुजफ्फरपुर प्रशासन ने लोगों को जागरुक करने के लिए 32 लोगों की टीम बनाई है।जिन जगहों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं,वहां 10 अतिरिक्त एबुलेंस को लगाया गया है,घर-घर लोगों को ओआरएस बांटने की तैयारी है।देश के बाकी हिस्सों में भी चमकी बुखार का डर राज्य सरकारों को सता रहा है।ओडिशा में लीची के सैंपल लेकर जांच की जा रही है।राजस्थान सरकार ने चिकित्सा विभाग को पहले से ही सतर्क रहने को कहा है।झारखंड में भी सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है।(क्या है चमकी बुखार के लक्षण)यह एक संक्रामक बीमारी है!इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं।शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं,मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं,जिसकी वजह से शरीर का ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ खराब हो जाता है।चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है,बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं।शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है,शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं, यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है।

विशेष : योग परम ब्रह्म से एकाकार होने का विज्ञान

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भारतीय योग एवं ध्यान के माध्यम से भारत दुनिया में गुरु का दर्जा हासिल करने में सफल हो रहा है। इसीलिये समूची दुनिया के लिये अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस स्वीकार्य हुआ है। आज जीवन का हर क्षेत्र समस्याओं से घिरा हुआ है। दैनिक जीवन में अत्यधिक तनाव/दबाव महसूस किया जा रहा है। हर आदमी संदेह, अंतद्र्वंद्व और मानसिक उथल-पुथल की जिंदगी जी रहा है। मानसिक संतुलन अस्त-व्यस्त हो रहा है। मानसिक संतुलन का अर्थ है विभिन्न परिस्थितियों में तालमेल स्थापित करना, जिसका सशक्त एवं प्रभावी माध्यम योग ही है। योग एक ऐसी तकनीक है, एक विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन, विचार एवं आत्मा को स्वस्थ करती है। यह हमारे तनाव एवं कुंठा को दूर करती है। जब हम योग करते हैं, श्वासों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, प्राणायाम और कसरत करते हैं तो यह सब हमारे शरीर और मन को भीतर से खुश और प्रफुल्लित रहने के लिये प्रेरित करती है।

योग मनुष्य की चेतना शुद्ध एवं बुद्ध करने की प्रक्रिया है, यह मनुष्य को ऊपर उठाने का उपक्रम है, जीवन में संतुलन स्थापित करने का साधन है एवं परमात्मा एवं परम ब्रह्म से एकाकार होने का विज्ञान है। ब्रह्म का साक्षात्कार ही जीवन का काम्य है, लक्ष्य है। यह साक्षात्कार न तो प्रवचन से ही प्राप्त हो सकता है, न बुद्धि से ही प्राप्त हो सकता है और न बहुत सुनने से ही प्राप्त हो सकता है, उसके लिये जरूरी है स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार और यह साक्षात्कार उसी को होता है जिसका अंतःकरण निर्मल और पवित्र है। पवित्र अंतःकरण ही वह दर्पण है जिसमें आत्मा का दर्शन, प्रकृति का प्रदर्शन और ब्रह्म का संदर्शन होता है। शुद्ध अंतःकरण मंे बुद्धि आकाशवत् निर्मल और स्वच्छ रहती है, मन गंगा जैसा पवित्र रहता है, चित्त ऐसा स्थिर रहता है जैसे बिना वायु के अविचल दीपक की ज्योति और सम्पूर्ण चेतना भगवान में मिलने के लिए ऐसी बहती है जैसे समुद्र में मिलने के लिए नदियां। जैसे शीशे में अपना चेहरा तभी दिखलायी पड़ता है जबकि शीशा साफ और स्थिर हो, इसी प्रकार शुद्ध अंतःकरण से ही परम ब्रह्म के दर्शन होते हैं।  जिस योग का महत्व हमारे वेदों या उससे भी पहले के साहित्य में मिलता है आज वही योग दुनियाभर में अपनी प्रसिद्धि पा रहा है। इसके फायदों को देखते हुए हर कोई अपनी भागती हुई जिंदगी में इसे अपनाता हुआ दिख रहा है। धीरे-धीरे ही सही लेकिन लोगों को यह बात समझ में आ रही है कि योग करने से ना केवल बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है बल्कि अपने जीवन में खुशहाली भी लाई जा सकती है, जीवन को संतुलित किया जा सकता है, कार्य-क्षमताओं को बढ़ाया जा सकता है, शांति एवं अमन को स्थापित किया जा सकता है।  शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक शांति एवं स्वस्थ्यता के लिये योग की एकमात्र रास्ता है। लेकिन भोगवादी युग में योग का इतिहास समय की अनंत गहराइयों में छुप गया है। वैसे कुछ लोग यह भी मानते हैं कि योग विज्ञान वेदों से भी प्राचीन है। हड़प्पा और मोहन जोदड़ों के समय की पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में अनेक ऐसी मूर्तियां मिली हैं जिसमें शिव और पार्वती को विभिन्न योगासन करते हुए दिखाया गया है। दुनिया में भारतीय योग को परचम फहराने वाले स्वामी विवेकानंद कहते हैं-‘‘निर्मल हृदय ही सत्य के प्रतिबिम्ब के लिए सर्वोत्तम दर्पण है। इसलिए सारी साधना हृदय को निर्मल करने के लिए ही है। जब वह निर्मल हो जाता है तो सारे सत्य उसी क्षण उसमें प्रतिबिम्बित हो जाते हैं।...पावित्र्य के बिना आध्यात्मिक शक्ति नहीं आ सकती। अपवित्र कल्पना उतनी ही बुरी है, जितना अपवित्र कार्य।’’ आज विश्व में जो आतंकवाद, हिंसा, युद्ध, साम्प्रदायिक विद्धेष की ज्वलंत समस्याएं खड़ी है, उसका कारण भी योग का अभाव ही है। 

आज की तेज रफ्तार जिंदगी मनुष्य को अशांति, असंतुलन, तनाव, थकान तथा चिड़चिड़ाहट की ओर धकेल रही हैं, जिससे अस्त-व्यस्तता बढ़ रही है। ऐसी विषमता एवं विसंगतिपूर्ण जिंदगी को स्वस्थ तथा ऊर्जावान बनाये रखने के लिये योग एक ऐसी रामबाण दवा है जो माइंड को कूल तथा बॉडी को फिट रखता है। योग से जीवन की गति को एक संगीतमय रफ्तार दी जा सकती है। योग हमारी भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम पहचान है। योग-चेतना के जागरण से भावशुद्धि होती है। इसकी प्रक्रिया है आत्मा के द्वारा आत्मा को देखना। राग-द्वेष मुक्त चेतना द्वारा स्वयं ही वृत्तियों, प्रवृत्तियों तथा चित्तदशाओं को देखना। सम्यक् दर्शन ही ‘स्व‘ को बदलने का सशक्त उपक्रम है। स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार के प्रयोगों से ग्रंथि-तंत्र के स्राव संतुलित होते हैं। इससे भाव पवित्र रहते हैं, विचार स्वस्थ बनते हैं। इन्हीं से हिंसा, आतंकवाद, युद्ध एवं भ्रष्टाचार जैसी विश्वव्यापी समस्याओं का समाधान संभव है।  प्रत्येक प्राणी सुख चाहता है और उसकी तलाश में जीवन भर प्रयास भी करता है। शाश्वत सुख किस में है, इस बात का ज्ञान न होने से वह भौतिक वस्तुओं की ओर दौड़ता है और उनमें सुख ढूंढता है, परन्तु यह निर्विवाद सत्य है कि बाहरी वस्तुओं में सुख नहीं है। मनुष्य को सुख अपने अंदर ही खोजना चाहिए। इस पार्थिव शरीर में निहित आत्मा में अनंत शक्ति व अनंत ज्ञान है और असली स्वरूप प्राप्त करने पर ही शाश्वत सुख की प्राप्ति हो सकती है और इसके लिये योग को जीवनशैली बनाना होगा। 

जब मानव अपनी आधिदैविक, आधिभौतिक तथा आध्यात्मिक समस्याओं को सुलझाने के लिए अथवा उनका समाधान पाने के लिए योग का आश्रय लेता है तो वह योग से जुड़ता है, संबंध बनाता है, जीवन में उतारने का प्रयास करता है। किन्तु जब उसके बारे में कुछ जानने लगता है, जानकर क्रिया की प्रक्रिया में चरण बढ़ाता है तो वह प्रयोग की सीमा में पहुंच जाता है। इसी प्रयोग की भूमिका को जीवन का अभिन्न अंग बनाकर हम मानवता को एक नयी शक्ल दे सकते हंै। हम भारतीयों के लिये यह गर्व का विषय है कि योग भारत की विश्व को एक महान देन है। योग भारतीयों के जीवन का एक अभिन्न अंग रहा है। लेकिन अब यह संपूर्ण विश्व का विषय एवं मानव मात्र के जीवन का अंग बन रहा है। यह जीव नाना प्रकार के संस्कार रूपी रंगों से रंगे हुए शरीर में रहता है, लेकिन योगाभ्यास द्वारा तपाया गया शरीर रोग, तनाव, बुढ़ापा, क्रोध, असन्तुलन आदि से रहित होकर स्वरूपानुभूति के योग्य होता है। लोगों की खुशहाली, संतुलन, तनावमुक्ति, स्वास्थ्य, विश्वशांति और भले के लिये, पूरे विश्व भर के लोगों के लिये एक पूर्णतावादी दृष्टिकोण उपलब्ध कराने हेतु विश्व योग दिवस की निरन्तरता बनी रहे, यह अपेक्षित है। यह जीवनशैली बने-यही योग दिवस का उद्घोष हो, इसी से लोगों को नयी सोच मिले, नया जीवन-दर्शन मिले। 


(ललित गर्ग)
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विशेष : आचार्य महाप्रज्ञ तुम्हारे अहिंसा बल को प्रणाम!

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भारतभूमि अनादिकाल से अहिंसा एवं योग की प्रयोगभूमि रही है। अहिंसा एवं योग-साधना की यह गंगा बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में जिस श्लाकापुरुष में आत्मसात् हुई, उनका नाम था- आचार्य श्री महाप्रज्ञ। जो एक गण के नायक थे तो साधना के महानायक एवं महायोगी थे। वे आत्मिक दृष्टि से इंसान को शक्तिशाली बनाने वाले पांव-पांव चलने वाले सूरज थे। इसी माह उनका जन्म शताब्दी वर्ष की आयोजना शुरु हो रही हैं। यूं तो आचार्य श्री महाप्रज्ञ के जीवन के अनेक अवदान है लेकिन अहिंसा-यात्रा उनका एक ऐसा विशिष्ट अवदान है जिसके अन्तर्गत उन्होंने पांव-पांव चलकर समूचे देश में अहिंसा की ज्योति जलाई, असंख्य लोगों को अहिंसा का प्रशिक्षण दिया, विश्व स्तर पर अहिंसा को प्रतिष्ठापित किया। आचार्य महाप्रज्ञ की अहिंसा यात्रा युग का दस्तावेज है। सफल हस्ताक्षर है। आचार्य महाप्रज्ञ ने देश एवं दुनिया की अनेक महाशक्तियों को अहिंसा के प्रयोग की सफलतम प्रेरणाएं दी। लेकिन मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को दी गयी अहिंसा की प्रेरणा सर्वाधिक सफल एवं कारगर सिद्ध हुई। उन्हीं की प्रेरणा थी कि डाॅ. कलाम ने राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने के लिये जहां अस्त्र-शस्त्र की शक्ति को संगठित करने पर जोर दिया वही अमन एवं शांति के लिये अहिंसा को भी तेजस्वी बनाया। वे दुनिया को अणुबम से अणुव्रत ( अहिंसा ) की ओर ले जाने वाले विरल महामानव थे। आचार्य श्री महाप्रज्ञ से वे इतने अधिक प्रभावित थे कि अपना हर जन्म दिन आचार्य महाप्रज्ञ की सन्निधि में ही मनाते थे। जहां भी आचार्य महाप्रज्ञ होते वे वहां पहुंच जाते थे। भारत को परमाणु अस्त्रों से समृद्ध बनाने वाले महान वैज्ञानिक डाॅ॰ कलाम अपने ही द्वारा विकसित किए गए परमाणु अस्त्रों को निस्तेज करने की चुनौती भरी जंग लड़ते रहे। वे अहिंसा और शांति की स्थापना के लिए प्रयासरत थे। इन परमाणु अस्त्रों और शस्त्रों की होड़ में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल करने वाले इस महान वैज्ञानिक का हृदय आचार्य महाप्रज्ञ की प्रेरणा से एकाएक बदल हो गया। यह एक चुनौती भरा रास्ता था जिसपर चलते हुए डाॅ॰ कलाम को अपने ही द्वारा विकसित किए और निर्मित किए गए हिंसा के अत्यधिक नवीनतम आविष्कारों को निस्तेज करने की सोचना पड़ा और समूची दुनिया को शांति और अहिंसा से जीने के लिए अभिप्रेरित करने के प्रयासों में जुटना पड़ा। डाॅ॰ कलाम इन्हीं विशिष्ट लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जुटे रहे।  शांति और अहिंसा हमारे जीवन का व्याख्या सूत्र है और यही आचार्य श्री महाप्रज्ञ के जीवन का ध्येय रहा है। शांति और अहिंसा ही वह माध्यम है जो असफलताओं में से सफलताओं को खोज लाती है। शांति और अहिंसा ही सफलता का दूसरा नाम है। इसीलिये उन्होंने जीवन को सफल बनाने के लिए जन-जन को शांतिवादी और अहिंसक बनने का पाठ पढ़ाया। क्योंकि यही मनुष्य की सार्थक यात्रा का सारांश है। असल में शांति और अहिंसा एक गहरा जीवन दर्शन है जिसके बल पर ही हर छोटा या बड़ा काम संभव होता है, हर छोटी या बड़ी सफलताएं मिलती है और हर छोटी या बड़ी बाधा से पार पाया जाता है। डाॅ॰ कलाम का जीवन अहिंसा और शांति को समर्पित रहा है, लेकिन उन्हें इस ओर अग्रसर करने का श्रेय आचार्य महाप्रज्ञ को ही जाता है। डाॅ. कलाम एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हिंसा, अस्त्र-शस्त्र, परमाणु शस्त्र के शीर्ष व्यक्तित्व माने जाते हैं। मिसाइल मैन के नाम से विश्व विख्यात इस व्यक्तित्व का जीवन एकाएक कैसे शांति और अहिंसा को समर्पित हो गया? सचमुच डाॅ॰ कलाम के लिए यह एक चुनौती भरी डगर थी जिसपर वे धीरे धीरे आगे बढ़ते रहे और शांति और अहिंसा की स्थापना के अनूठे, सफलतम एवं विलक्षण प्रयास उन्होंने किये हैं।

डाॅ. कलाम राष्ट्रपति बनने के साथ नई सहस्त्राब्दी में  भारत को एक शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने के एक अभिनव स्वप्न को संजोये हुए निरन्तर सक्रिय रहे। वे भारत को परमाणु शक्ति-संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए चर्चित हुए लेकिन अपनी पहली मुलाकात में महान दार्शनिक संत एवं अहिंसा के संदेशवाहक आचार्य महाप्रज्ञ ने उन्हें अध्यात्म साधना केन्द्र, महरौली, दिल्ली में भारत को शक्ति के साथ अध्यात्म संपन्न राष्ट्र बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी। उन विलक्षण क्षणों के साथ ही एक ऐसा ऐतिहासिक और अभिनव उपक्रम शुरू हुआ, जिसने डाॅ. कलाम की जीवन की दिशा ही बदल दी। विज्ञान के शिखर पुरुष डाॅ. कलाम और अध्यात्म के शिखर पुरुष आचार्य श्री महाप्रज्ञ- दोनों ही महामानव भारत को एक आध्यात्मिक - वैज्ञानिक राष्ट्र बनाने के लिए जुट पड़े और उसके सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दिये और भविष्य में इनके प्रयत्नों से स्पष्ट शुभताएं दुनिया को देखने को मिलेगी। दोनों ही महापुरुषों के संयुक्त लेखन में एक पुस्तक भी लिखी, जिसमें भारत को 2020 तक एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विकसित करने की रूपरेखा प्रस्तुत है। समृद्ध एवं शक्ति संपन्न राष्ट्र के स्वप्न को लेकर डाॅ. कलाम वर्ष में 2-3 बार आचार्य महाप्रज्ञ से आध्यात्मिक प्रेरणा एवं मार्गदर्शन लेने पहुंचते थे। इसी शृंखला में वे गुजरात के सूरत और अहमदाबाद एवं महाराष्ट्र के मुंबई महानगरी में इन्हीं विशिष्ट कार्यक्रमों एवं उद्देश्यों को लेकर यात्राएं कीं। 15 अक्टूबर, 2003 को राष्ट्रपति डाॅ. कलाम ने अपना जन्मदिन सूरत में मनाया और इस दिन आचार्य महाप्रज्ञ के सान्निध्य में आध्यात्मिक नेताओं और विद्वानों ने राष्ट्रपति कलाम के 2020 के समृद्ध भारत के सपने और उससे जुड़े पांच सूत्रीय कार्यक्रमों पर गंभीर एवं गहन चर्चाएं की थी। इसकी निष्पत्ति देश के लिए एक सुखद एवं शुभ शुरूआत रही कि इससे यूनिटी आॅफ माइंड (दिमागों की एकता) यानि सांप्रदायिक सौहार्द, आपसी भाईचारा, प्रेम एवं सद्भावना का एक अनूठा वातावरण बना और इस तरह का वातावरण बनाने के लिए ‘‘फाउंडेशन फाॅर यूनिटी आॅफ रिलिजियन एंड इनलाइटेंड सिटीजनशिप’’ के रूप में एक संगठित कार्यक्रम की शुरूआत भी हुई थी। गुजरात के सांप्रदायिक दंगों के बाद उत्पन्न आपसी कटुता, घृणा, नफरत, द्वेष और हिंसा को खत्म करने के लिए आचार्य महाप्रज्ञ के सान्निध्य में डाॅ. कलाम द्वारा किये गये प्रयासों के सार्थक परिणाम आये।

आखिर डाॅ. कलाम आचार्य महाप्रज्ञ के प्रति इतने आकर्षित क्यों हुए? क्यों उनमें इतना अहिंसा के प्रति आकर्षण पैदा हुआ? क्यों वे धार्मिक सहिष्णुता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बनाने के लिये अपनी सेवाएं देना चाहते थे। ये ऐसे प्रश्न हंै जिससे रूबरू होना आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष में मुख्य ध्येय होना ही चाहिए। अपनी पहली मुलाकात में आचार्य महाप्रज्ञ के व्यक्तित्व से डाॅ. कलाम इसलिए प्रभावित हुए कि वह मुलाकात पोखरण में परमाणु विस्फोट के एक दिन बाद दिल्ली में आयोजित हुई। उस समय जब समूची दुनिया और देश के विशिष्ट जन डाॅ. कलाम को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दे रहे थे तब आचार्य महाप्रज्ञ ने उनसे कहा कि आपने शक्ति का परीक्षण किया है, अब शांति के परीक्षण की ओर अग्रसर होना है। क्या आप शांति के लिए कोई मिसाईल बनायेंगे? आचार्य महाप्रज्ञ की वह प्रेरणा डाॅ. कलाम को असमंजस की स्थिति में ले गयी और ऊहापोह की स्थिति से वे लंबे समय तक जूझते रहे, क्योंकि डाॅ. कलाम के लिए परमाणु हथियारों को बेअसर तथा प्रभावहीन कर देने की यह जीवन की सर्वाधिक विषम चुनौती थी। डाॅ. कलाम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और राष्ट्रपति बनने के बाद वे अहिंसा के संदेश और व्यवहार को जनव्यापी बनाने एवं हिंसा की संहारक शक्ति को कम करने के विशिष्ट अभियान में जुट पड़े।

आचार्य महाप्रज्ञ के प्रति डाॅ. कलाम का आकर्षण अकारण नहीं था क्योंकि उन्हें आचार्य महाप्रज्ञ के परिपाश्र्व में ऐसे कार्यक्रम और जीवन मूल्य प्राप्त हुए जिनमें संपूर्ण मानवता के कल्याण और उन्नयन के सूत्र निहित थे। इसके साथ ही वे प्रेरणाएं भी रही जो मानवता के प्रबल हिमायती एवं अहिंसा के मसीहा आचार्य महाप्रज्ञ ने उन्हें दी, जैसे गुजरात के दंगों के संदर्भ में आचार्य महाप्रज्ञ का यह कथन कि-‘‘कुछ लोगों के अपराध के कारण से समूची जाति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’’ उन्हें दिल तक छू गयी। इसके साथ ही विकास की अवधारणा में अहिंसा की भूमिका एवं सभी धर्मों के त्यौहारों में आपसी सहभागिता आदि की प्रेरणाएं उल्लेखनीय थीं। अध्यात्म और विज्ञान के दोनों शिखर पुरुषों में कई समानताएं थी। आचार्य महाप्रज्ञ धर्मगुरु होने के बावजूद विज्ञान के घोर हिमायती थे। डाॅ. कलाम वैज्ञानिक होते हुए भी धर्म को सही मायने में जीते थे। दोनों शिखर पुरुष धर्म को अध्यात्म से जोड़ना चाहते थे। दोनों प्रयोगधर्मा थे। डाॅ. कलाम जहां राष्ट्रपति भवन को प्रयोगशाला में तब्दील कर वे घंटों-घंटों नए-नए प्रयोग व अनुसंधान करते थे। वहीं आचार्य महाप्रज्ञ अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय को केवल विचार के स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक स्तर पर लाकर उसके प्रयोग प्रस्तुत किये। प्रेक्षाध्यान आचार्य महाप्रज्ञ का एक ऐसा अवदान है जो अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय का प्रतीक है। प्रेक्षाध्यान के प्रयोग से अध्यात्म को नवजीवन प्राप्त हुआ है। जो लोग धर्म को रूढ़ि, ढकोसला या आडंबर मात्र मानकर उससे दूर रहने का प्रयास करते थे, धर्म के प्रति जिनकी कोई आस्था और रुचि नहीं रह गई थी। प्रेक्षाध्यान के माध्यम से वे लोग फिर से अध्यात्म की ओर लौटने लगे थे। आचार्य महाप्रज्ञ ने शिक्षा जगत् के सामने भी जीवन विज्ञान रूप में एक नया प्रकल्प प्रस्तुत किया था। जिसका उद्देश्य आने वाले समय में ऐसे व्यक्तियों का निर्माण है जो आध्यात्मिक भी हो और वैज्ञानिक भी। कोरा आध्यात्मिक व्यक्ति, समाज व राष्ट्र के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं होता। अध्यात्मविहीन वैज्ञानिक भी समाज विकास में सहायक नहीं हो सकता। अपेक्षा है कि एक ही व्यक्तित्व में ये दोनों तत्व एक साथ निर्मित हों।

 डाॅ. कलाम जीवन विज्ञान और प्रेक्षाध्यान के उपक्रम से इतने प्रभावित थे कि वे मानसिक रूप से अविकसित बच्चों के विकास हेतु इनके प्रयोगों को एक आशा की किरण के रूप में स्वीकारते थे और इस प्रकार के अनुसंधान में प्रेरणा मार्गदर्शन प्रदान करते रहे। डाॅ. कलाम का प्रत्येक कार्य सार्थक एवं सोद्देश्य होता था। उनकी सादगी एवं समर्पण बेजोड़ था। उनके हर कर्म का ध्येय राष्ट्र को शक्तिशाली बनाना रहा। नये भारत के निर्माण के संकल्प को लेकर वे निरंतर प्रयासरत रहे। यह एक सुखद संयोग ही कहा जायेगा कि राजनीति के शीर्ष व्यक्तित्व के माध्यम से आध्यात्मिक क्रांति की बात होती रही वहीं अध्यात्म के शिखर पुरुष के माध्यम से राजनैतिक और आर्थिक क्रांति की सार्थक पहल की जा रही थी। जब ऐसे सुखद संयोग सामने आते हैं तो निश्चित ही नये निर्माण और संकल्पों की बुनियाद रखी जाती है। अध्यात्म के लिए तो भारत दुनिया में चर्चित रहा ही है लेकिन अब आर्थिक विकास और शक्तिसंपन्नता की दृष्टि से भी वह शिखर पर आरोहण कर रहा है, यह सुखद अवसर इन दो महापुरुषों की ही देन कही जायेगी। आज जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात जो देखने में आ रही  है वह यह कि आर्थिक-अध्यात्मिक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत एक लम्बी छलांग लगाने में सक्षम बन रहा है तो उसके लिये भी आचार्य महाप्रज्ञ की प्रेरणाओं एवं डाॅ. कलाम के योगदान को कमतर नहीं आंका जा सकता। सचमुच आचार्य श्री महाप्रज्ञ भारत की अध्यात्म परम्परा के उज्ज्वल नक्षत्र थे।



 (ललित गर्ग)
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पूूर्णिया : ईश्वर भक्ति से जीव का कल्याण होता है : स्वामी भगीरथ बाबा

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- मनुष्य शरीर के अंदर मोक्ष पाने की सीढ़ी 
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पूूर्णिया : ईश्वर भक्ति करने से जीव का परम कल्याण संभव है। संत महात्मा कहते हैं कि मनुष्य शरीर के अंदर तीन सीिढ़यां है जिसके द्वारा जीव स्वर्ग, नरक एवं मोक्ष जा सकता है। उक्त प्रवचन महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के शिष्य स्वामी भगीरथ बाबा संतमत सत्संग आश्रम मधुबनी में आयोजित एक दिवसीय संतमत सत्संग के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आंख बंद करने पर जो अंधकार दिखता है वह नरक जाने की सीढ़ी है। अंधकार के बाद प्रकाश दिखता है वह स्वर्ग जाने की सीढ़ी है और प्रकाश के बाद शब्द सुनाई पड़ता है वह मोक्ष जाने की सीढ़ी है। संत महात्मा कहते हैं मनुष्य अंत: साधन के द्वारा मोक्ष प्राप्त कर सकता है। इसके लिए अंदर चलना होगा। अंदर चलने के लिए सच्चे संत के शरण में जाकर अंदर चलने की कला सीखनी होगी। उन्होंने कहा कि मनष्य शरीर ही एक एेसा साधन है जिससे जीव आवागमन के चक्र से छूट सकता है। शरीर पाने के लिए देवी, देवता भी लालायित रहते हैं। मनुष्य शरीर अद्भूत है। इसके अंदर संपूर्ण ब्रह्मांड, सभी देवी, देवताएं, संपूर्ण विद्याएं आदि विद्यमान है। जो अंत: साधन के द्वारा अंधकार से प्रकाश व प्रकाश से शब्द की ओर बढ़ते जाते हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह कैसे होगा इसके लिए ईश्वर भक्ति करनी होगी। ईश्वर भक्ति करने की विधि सच्चे संत के पास जाने से प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि 84 लाख याेनियों में भटकने के बाद मनुष्य शरीर मिलता है। परमपिता परमात्मा जीव को अपने जीव से मिलने के लिए मनुष्य शरीर प्रदान करते हैं। मनुष्य शरीर पाकर भी अगर ईश्वर भक्ति नहीं की तो फिर 84 लाख योनियों में भटकना होगा। इसलिए गुरू से दीक्षा लेकर नियमित सत्संग ध्यान करना चाहिए। इस एक दिवसीय सत्संग में पूज्य धीरेंद्र बाबा, पूज्य चंद्रानंद बाबा, पूज्य शैलेंद्र बाबा, पूज्य सुरेंद्र बाबा, पूज्य संजय बाबा आदि संत महात्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे। एक दिवसीय सत्संग के आयोजककर्ता लाला प्रसाद रजक ने बताया कि पूज्य बाबा शुक्रवार की सुबह पूर्णिया से प्रस्थान करेंगे।

बिहार : दादर घाट पुल का विधायक ने किया निरीक्षण, ग्रामीणों को जल्द निर्माण का दिया आश्वासन

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जलालगढ़ : प्रखंड के दादर घाट पुल के टूटने की खबर मिलने के साथ ही कसबा विधायक मो आफाक आलम ने उक्त पुल का निरीक्षण किया। उनके पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने विधायक से इस पुल के क्षतिग्रस्त होने की बात पूर्व से ही कह रहे थे और वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग कर रहे थे। विधायक ने ग्रामीणों को बताया कि इस दादर घाट पुल को लेकर पूर्व में विधानसभा में आवाज उठाई गई है। लगातार इस पुल को लेकर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से लिखित व मौखिक रूप से पुल की मरम्मती को ले संवाद कर रहे थे। लेकिन फंड नहीं होने के कारण न तो इस पुल की रिपेयरिंग की गई और न ही नया पुल का निर्माण हो सका है। उन्होंने बताया कि इस पुल पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि 28 जून से सदन का सत्र शुरू होगा। सदन में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। बता दें कि दादर घाट पुल 2005 से क्षतिग्रस्त है और वर्ष 2017 में आई बाढ़ में यह पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे आवागमन करने में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों की शिकायत पर सीओ व बीडीओ ने पहल की थी और पूर्व में पुल पर तत्काल आवागमन बहाल करने के लिए बेडमिसाइल व ईंट का टुकड़ा डालकर वाहनों का परिचालन शुरू कराया गया था। लेकिन बारिश होने के बाद स्थिति विषम हो जाती है। इस पुल के टूटने से अररिया, किशनगज, पूर्णिया के कई पंचायतों के लोगों का संपर्क टूट गया है। हल्की बारिश होने पर लोगों को 6 से 10 किमी की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है। इस मौके पर विधायक प्रतिनिधि शकील अहमद, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सुमित दूबे, पुराण दास, परमानंद मंडल, प्रदीप मंडल, मो सत्तार, पप्पू, संजीव कुशवाहा समेत कई अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

बिहार : ऐतिहासिक अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को जन जुटान

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  • आवासीय भूमि को लेकर पतरघट प्रखंड पर करेंगे क्रांति की शुरूआत

द्वितीय विश्व युद्ध में समर्थन लेने के बावजूद जब अंग्रेज भारत को स्वतंत्र करने को तैयार नहीं हुए तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में आजादी की अंतिम जंग का ऐलान कर दिया जिससे ब्रितानिया हुकूमत में दहशत फैल गई। इस आंदोलन की शुरुआत नौ अगस्त 1942 को हुई थी इसीलिए इतिहास में नौ अगस्त के दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है। 9 अगस्त की रात को कांग्रेस के बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए। महात्मा गांधी को भी ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया।
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सहरसा।इस जिले में है पतरघट प्रखंड। इस प्रखंड में है धबौली पश्चिम पंचायत। इस पंचायत में है कहरा गांव । यहां काफी संख्या में  महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। आजादी के 72 साल के बाद भी आवासीय भूमिहीन हैं। सड़क के किनारे किसी तरह से झोपड़ी बनाकर जीवन व्यापन करते हैं। आवासीय भूमिहीन लोगों ने एकता परिषद के बैनर तले ‘लाखों वंचितों के आजीविका के आवासभूमि एवं श्मशान के अधिकारों के लिए- एक दिवसीय जनजुटान‘ कार्यक्रम आयोजित किया।  बताते चले कि सहरसा जिले के अनेक लोग सत्याग्रह में शामिल हुए थे। इसमें ओमप्रकाश सदा के नेतृत्व में पतरघट प्रखंड के लोग लगातार एकता परिषद के द्वारा आयोजित 2007 में जनादेश, 2012 में जन सत्याग्रह और 2018 में जनांदोलन में भाग लिए थे। ग्वालियर से शुरूआत पदयात्रा में शामिल होने वाले सत्याग्रही आवासीय भूमि जुटान के नाम पर जमा हुए थे।इसके बाद एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी की अध्यक्षता में बैठक की गयी। इस बैठक में बिहार सरकार की आलोचना की गयी। आवासीय भूमिहीनों को दस डिसमिल जमीन देने का प्रावधान सरकार बना रखी है मगर उसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। सरकारी प्रावधान के अनुसार अगर गैर मजरूआ भूमि नहीं है तो सरकार जमीन खरीदकर देगी। मगर ऐसा नहीं हो रहा है। इसके कारण महादलितों में आक्रोश व्याप्त है। इस बैठक में निर्णय लिया  गया कि शहीद दिवस के अवसर पर 9 अगस्त 2019 को पतरघट प्रखंड में भूमिहीन परिवार आवास भूमि की मांग को लेकर निर्णायक जनजुटान करेंगे। इस क्षेत्र के एकता परिषद के कार्यकर्ता ओमप्रकाश सदा ने कहा कि हमलोग व्यापक तैयारी कर रहे हैं। इसमें मध्यप्रदेश और पटना के भी साथी भाग लेने आएंगे। यह कार्यक्रम अपने आप में अनोखा होगा।  

बिहार : कुमार अमरेश की "लोकतंत्र की हत्या"की समीक्षा

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) मंसूरचक के दूरस्थ गांव कस्तौली के प्रतिभावान शिक्षक साहित्यकार सह कवि के द्वारा रचित "लोकतंत्र की हत्या"नाट्य पुस्तक में तीन छोटे छोटे नाटकों को संग्रह किया गया है।"बेटी तू वरदान","बिहारी हिम्मत वाला"और "लोकतंत्र की हत्या"में काल्पनिक चरित्र को एक जीवंत चरित्र में रूपांतरित  करने की कला ने मनमुग्ध कर लिया। तीनों नाटकों ने समाज के लोगों को मार्गदर्शन का कार्य किया है। नाट्य लेखन की कौशलता इस तरह है कि पढ़ते समय मानो सामने को चलचित्र चल रहा हो,बेटी तू वरदान में विमला जैसी सोच की महिलाओं को तमाचा मारने का प्रयास किया गया है वह सराहनीय है,सूरज और उसके मित्र मंडली इस बात की सूचक है कि विद्या को मूल्य देकर या बड़े शहरों में ही सिर्फ नहीं ग्रहण किया जा सकता।प्रतिभावान विद्यार्थी कहीं भी विद्या ग्रहण कर सकते हैं।ममता ने जिला कलेक्टर बन कर बेटियों में उत्साह और उमंग भरने का कार्य किया है,ममता जैसी बेटी को सलाम है।बिहारी हिम्मतवाला नाटक में दिखाया गया है कि बिहार का व्यक्ति योग्य और सक्षम होने के उपरांत भी,बिहार राज्य के होने मात्र से अनेक समस्याओं का सामना करने के लिये विवश होते हुए,अनेकों तरह की प्रताड़ना सहने को भी विवश हो जाता है।किसी एक बिहारी व्यक्ति के कारण पूरे बिहार को एक जैसा मूल्यांकन करते हैं,और आपने राज्य का नाम भी स्पष्ट रूप से बताने में कतराते हैं जो शर्मनाक है।इन सब को नज़रंदाज़ करते हुई  बिरजू अपना परिचय हमेशा एक बिहारी के रूप में देता है जो एक हिम्मत का कार्य है और फैसला करता है वो बिहार आकर उच्चतम शिक्षा ग्रहण करेगा और गर्व से कहेगा मै बिहारी हूँ।तीसरा नाटक लोकतंत्र की हत्या में दर्शाया गया है कि लोकतंत्र में ही लोगो का हनन किस तरह किया जाता है और दानवीर जैसा लोकतंत्र की हत्यारा लोक तंत्र के पुजारी को कभी धनरूपी अस्त्र से तो कभी धमकी से हटाना चाहता है और इस नाटक में राजनीतिक और कानून के रक्षकों के बीच  के तालमेल का काला चिट्ठा खोलता है।विमल जैसे ईमानदार पत्रकार और सूरज जैसे समाजसेवी ने तिल भर भी लोकतंत्रवाद से निष्ठा नहीं हटाई और इसके परिणाम स्वरूप विमल की हत्या का दोषी सूरज को रखा गया,लेकिन आखिर में भले ही लोक तंत्र की जीत हुई लेकिन निर्दोष भी इसके अंदर मसले गए इसलिए ये लोक तंत्र की हत्या हुई।कुल मिलाकर ये नाटक संग्रह गागर में सागर का कार्य करेगा।अब आवश्यकता है इसे मंच पर आने की।

पूर्णिया : एक साल से डंप पड़ा है डस्टबिन, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन में होना था इस्तेमाल

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कुमार गौरव । पूर्णिया :गत दिनों मेयर सविता देवी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम (एनजीटी) की बैठक हुई थी। जिसमें यह तय किया गया था कि हर हाल में 30 जून तक सभी 46 वार्ड के 35 हजार घरों में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन के तहत डस्टबिन बांटा जाएगा। लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि जनसुविधा के लिए खरीदे गए करीब 70 हजार छोटे डस्टबिन को घर घर तक पहुंचाने के बजाए इसे राजनीतिक रंग दे दिया गया है। जिससे इसकी सुविधा से आम आवाम महरूम है। हालांकि 19 जून को हुई बोर्ड बैठक के बाद नगर आयुक्त विजय कुमार सिंह ने इसे एक सप्ताह के अंदर बांटे जाने की बात तो जरूर कही है लेकिन राजनीतिक कारणों से जो आरोप प्रत्यारोप गत बैठकों में हुआ है उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि डस्टबिन वितरण की राह फिलवक्त कठिन है। क्योंकि डिप्टी मेयर विभा कुमारी ने एनजीटी की हुई बैठक में अपना पत्ता साफ कर दिया था कि जो आरोप उनके मेयर रहते डस्टबिन खरीद को लेकर लगाए गए थे उसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग उन्होंने की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि आखिर किस कारण से उनके कार्यकाल में खरीदे गए 70 हजार डस्टबिन को बेकार व दोयम दर्जे का करार दिया गया था और यदि सबकुछ साफ नहीं हुआ तो इस मामले में वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगी। ऐसे में डस्टबिन वितरण का मामला खटाई में पड़ सकता है। यहां यह जानना अहम है कि डस्टबिन की खरीदारी को लेकर 10 फरवरी 2018 को निविदा प्रकाशित की गई थी। जिसमें टेंडर करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी से बढ़ाकर 06 मार्च 2018 कर दी गई थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह कि आखिर राजनीतिक रस्साकसी का शिकार आम जनता क्यों हो। इतनी बड़ी संख्या में जब उनकी सुविधा के लिए डस्टबिन की खरीदारी हुई है तो बेशक उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए। 

...पहले हो भंडारण की व्यवस्था : 
डस्टबिन की खरीदारी फिर इसके वितरण को लेकर हायतौबा मचा है। वार्ड पार्षद सरिता राय ने कहा कि 19 जून को हुई बोर्ड बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सभी 46 वार्ड में डस्टबिन का वितरण किया जाएगा। बता दें कि पूर्व में इस बात को लेकर काफी हायतौबा मची थी कि फिलहाल उन्हीं 25 वार्डों में डस्टबिन का वितरण किया जाएगा जहां वर्तमान में शिवम जनस्वास्थ्य एनजीओ के द्वारा सफाई व डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन किया जाता है। लेकिन इस निर्णय का विरोध होने के बाद निर्णय में बदलाव लाया गया है। पार्षद का तर्क है कि नगर निगम पहले कचरा संग्रहण के लिए स्थल चिन्हित कर ले तब ही डस्टबिन का वितरण करे। ताकि आगामी दिनों किसी प्रकार की कोई समस्या न रहे। इस पर विचार करने से पूर्व डस्टबिन वितरण की बात की जा रही है। 

...इसी माह बांटे जाएंगे डस्टबिन : 
गत दिनों नगर निगम की बैठक मूल रूप से विभागीय आदेश आने के बाद की गई थी। जिसमें सिर्फ डस्टबिन वितरण पर चर्चा की गई थी। 19 जून को हुई बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया। जिसके बाद सहमति के आधार पर ही डस्टबिन का वितरण इसी माह सभी वार्डों में कर दिया जाएगा।  : विजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम पूर्णिया।

सामयिक : तुम कब बदलोगी ममता बनर्जी!

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पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सत्तारूढ़ तृणमूल कांगेस की नेता और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर रही हैं। वे उन पर हमला करने के क्रम में असंसदीय और अमर्यादित शब्दों के उपयोग से भी गुरेज नहीं करतीं। उनके भाषणों में भाजपा के प्रति एक प्रकार की नफरत और हिंसक आक्रामकता होती है। उसका असर निस्संदेह उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर पड़ता है और वे भी आक्रामक एवं हिंसक रूख अख्तियार करते देखे जाते हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के समय से लेकर ताजा घटनाक्रमों में ममता बनर्जी ने साबित कर दिया है कि वोट की राजनीति एवं सत्ता की भूख उन्हें किस स्तर तक ले गयी है? उन्होंने अपने वोट बैंक को रिझाने के लिये उस लोकतंत्र की मर्यादा और गरिमा को सरे बाजार बेइज्जत कर दिया है, जिसका अधिकार उनके वोट बैंक ने भी उन्हें नहीं दिया है। इसी वोट की ताकत के बूते पर तो आज भारत के लोकतंत्र के ढांचे के भीतर ममता बनर्जी नेता बनी। आज पश्चिम बंगाल के तीव्रता से बदलते समय में, लगता है ममता लोकतांत्रिक मूल्यों को तीव्रता से भुला रही हैं, जबकि और तीव्रता से इन मूल्यों को सामने रखकर उन्हें अपनी सरकार व लोकतांत्रिक जीवन प्रणाली की रचना करनी चाहिए।

लोकतंत्र श्रेष्ठ प्रणाली है। पर उसके संचालन में शुद्धता हो। लोक जीवन में लोकतंत्र प्रतिष्ठापित हो और लोकतंत्र में लोक मत को अधिमान मिले। यह प्रणाली उतनी ही अच्छी हो सकती है, जितने कुशल चलाने वाले होते हैं। अधिकारों का दुरुपयोग नहीं हो, मतदाता स्तर पर भी और प्रशासक स्तर पर भी। लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल में तंत्र ज्यादा और लोक कम रह गया है। इसी का परिणाम है कि वहां लगातार राजनीतिक हिंसा हो रही है, अराजकता का माहौल है, ममता मनमानी कर रही है, अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही है, आक्रामक बना रही है। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का इतिहास पुराना है। वहां मामूली बातों का लेकर भी अक्सर सत्तापक्ष और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पंे हो जाती हैं। ताजा घटना में भी विवाद झंडा उतारने को लेकर हुआ और वह इस कदर बढ़ा कि चार कार्यकर्ताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के बीच वैचारिक टकराव स्वाभाविक प्रक्रिया है, पर वह हिंसक रूप ले ले तो उसे किसी भी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता। इसके लिए संबंधित दलों का नेतृत्व जिम्मेदार माना जाता है, क्योंकि वह अपने कार्यकर्ताओं को मर्यादित और लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करने की सीख देने में विफल होता है। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई ने वहां एक अनवरत चलने वाली हिंसा का वातावरण बना दिया है, जिसने लोकतंत्र की मर्यादा एवं अस्मिता को ही दांव पर लगा दिया है। 

भारतीय लोकतंत्र की एक बड़ी विडम्बना एवं विसंगति है कि यहां हर राजनीतिक दल में कहीं न कहीं इसे लेकर स्वीकार्यता है कि बाहुबल और हिंसा के जरिए अपना दबदबा बनाया जा सकता है। इसीलिए हर राजनीतिक दल आपराधिक वृत्ति के अपने कार्यकर्ताओं के दोष छिपाने का प्रयास करता देखा जाता है। जाहिर है, इससे नीचे के कार्यकर्ताओं में कहीं न कहीं यह भरोसा बना रहता है कि पार्टी के नेता उनकी अराजक एवं हिंसक गतिविधियों पर परदा डालते रहेंगे। बंगाल की हिंसा के पीछे भी यही मानसिकता काम कर रही है। अगर पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व हिंसा के खिलाफ होते, तो वे एक-दूसरे पर दोषारोपण करने के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासित करने में जुटते, शांति स्थापित करते। पश्चिम बंगाल में बात केवल राजनीतिक हिंसा एवं आक्रामकता की ही नहीं है बल्कि कुशासन एवं अराजकता की भी है। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 10 जून की रात जो हुआ, वह इसका एक काला अध्याय है। इलाज के दौरान एक बुजुर्ग मरीज की मृत्यु के बाद एक वर्ग विशेष के लोगों ने डाॅक्टरों पर हमला बोल दिया, जिससे कई डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ तो आज भी अस्पताल में दाखिल हैं। भारत में डॉक्टर को लगभग भगवान का दरजा मिला हुआ है। ऐसे में, आमतौर से उन पर हमला किसी ऐसे निरंकुशता और असंवेदनशीलता की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए, जो तंत्र से पोषित एवं संरक्षित होता है। उसकी हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता, पर इसे किसी शून्य की उपज भी नहीं कह सकते।

पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और ममता बनर्जी कमजोर विकेट पर खड़ी हैं। वह चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। मरने वाला मरीज मुसलमान था, इसलिए सबसे आसान था इस मामले को सांप्रदायिक रंग देना। उन्होंने यही किया, पर वह भूल गईं कि इस बार जिस प्रतिद्वंद्वी से पाला पड़ा है, उसे इस मैदान में शिकस्त देना मुश्किल है। डॉक्टरों को सुरक्षा देने का वादा करने या मारपीट करने वालों की धर-पकड़ कराने की बजाय उन्होंने डॉक्टरों को ही धमकाना शुरू कर दिया। पहले भी उन्होंने मस्जिदों के इमामों को भत्ते देकर या सिर पर पल्लू ढक नमाज पढ़ने की दिलचस्प कोशिश करके सांप्रदायिक धू्रवीकरण किया है, पर इससे हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में उनका नुकसान ही हुआ है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। फिर भी वे जातीय, साम्प्रदायिक एवं हिंसक राजनीति का सहारा लेने की भूल कर रही है। गरीब एवं अल्पसंख्यक समुदायों को गुमराह करके वे राजनीतिक सफलता की सीढ़िया चढ़ना चाहती है। लेकिन मतदाता भी अब गुमराह होने को तैयार नहीं है। यह समझना होगा कि केवल गरीब एवं अल्पसंख्यक लोगों को बेवकूफ बनाने से कुछ नहीं हो सकता और उनके नाम पर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने से वोट पक्के नहीं हो सकते। जमाना बदल रहा है, तुम कब बदलोगी ममता बनर्जी! जन भावना लोकतंत्र की आत्मा होती है। लोक सुरक्षित रहेगा तभी तंत्र सुरक्षित रहेगा, यह बात कब ममता को समझ में आयेगी। 

पश्चिम बंगाल में ममता की जिस तरह निरंकुशता एवं अराजकता बढ़ रही है, उसी तरह भाजपा के प्रति जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर देते हुए अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। भाजपा की यह शानदार एंट्री तृणमूल एवं ममता की बौखलाहट का कारण बन रही है, उसका मलाल भी कहीं न कहीं तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं में बना हुआ है। मगर हिंसा एवं अराजकता के जरिए राजनीतिक हैसियत पाने की कोशिश किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती, लोकतंत्र में तो यह किसी भी रूप में मान्य नहीं है। यदि किसी राज्य में हालात एक सीमा से अधिक बिगड़ते हैैं तो केंद्र सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह उन पर न केवल ध्यान दे, बल्कि ऐसे उपाय भी करे जिससे हालात संभलें। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि जब देश के किसी हिस्से में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैैं तो उससे देश की छवि और प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। अब मसला ममता की राजनीतिक अपेक्षाओं का नहीं रहा, देश की प्रतिष्ठा एवं लोकतांत्रिक मूल्यों का है। पश्चिम बंगाल के लोक के लिए, लोक जीवन के लिए, लोकतंत्र के लिए कामना है कि उसे शुद्ध सांसें मिलें। लोक जीवन और लोकतंत्र की अस्मिता को गौरव मिले।



 (ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : बिलखती आंखों की यही पुकार, मेरे बच्चे को बचा लो सरकार

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मजफ्फरपुर में बच्चों की हो रही मौत, सरकारी व्यवस्था पर उठा रहा सवालपिछले कई वर्षों से बीमारियों के निदान के लिए नहीं निकाला गया कोई उपायज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे हो रहे हैं इसके शिकार

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मेरे बच्चे को बचा लो साहब...देखो न कैसे-कैसे कर रहा है...हम गरीब हैं...हमारे आप ही सबकुछ हैं...आप सुनते क्यों नहीं....और दारुण आवाज के साथ क्रंदन करती मां अस्पताल के दहलीज पर अपने माथे को पटकती रह जाती है...मगर किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। कुछ पल जैसे ही गुजरा कि अस्पताल के किसी वार्ड से दिल को दहलाने वाली मां की चित्कार ने सबको रुला कर रख दिया। कहां हैं सरकार, हम किस हालत में हैं देखने तो आईये, कोई उपाय तो कीजिए कि मेरा लाल बच जाए। अगर इसे कुछ हो गया तो हम किसके सहारे जिएंगे.... मुजफ्फरपुर हमेशा से मौत का चश्मदीद बनता रहा है। चमकी बुखार कोई नई बात नहीं है। बल्कि इससे पहले भी यहां कई गंभीर बीमारियों की चपेट में नौनिहालों ने दम तोड़ा है। राजनेताओं एवं पदाधिकारियों के लिए भले ही यह एक घटना मात्र हो, मगर एक मां की गोद सुनी होने पर उनके दिल पर क्या गुजरती है शायद उसकी सिसकियों को सुनने वाला आज तक इसे समझ नहीं पाया।

उत्तर बिहार की राजधानी कही जाने वाली मुजफ्फरपुर से सभी परिचित हैं। यह वही मुजफ्फरपुर है जहां सबसे कम उम्र के देशभक्त खुदीराम बोस ने अपनी आने वाली पीढ़ियों की आजादी के लिए खुद को कुर्बान कर दिया था।  आज उसी भूमि पर लगातार चमकी बुखार की चपेट में आकर मासूम दम तोड़ रहे हैं और सूबे की सरकार केवल आश्वासन की घूंट पिला रही है। मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में स्थिति भयावह बनी हुई है। मरीज के परिजन परेशान हैं, मगर सरकार निश्चिंत होकर सूबे के विकास की बात करके बैठकों का हिस्सा बन रही है। सरकारी आंकड़े सौ को पार कर गई है अगर सही मायनों में देखें तो मरने वाले बच्चों की संख्या इससे बहुत ज्यादा तक पहुंच गई है। अस्पताल के दरवाजे पर जैसे ही कोई बड़ी गाड़ी आकर रुकती है परेशान मरीज के परिजनों की आंखों में उम्मीद की किरण जाग उठती है कि कोई न कोई उनके बीमार मासूम को जरुर बचा लेगा। लेकिन ऐसा नहीं होता साहब, होता है तो बस आगे क्या किया जाए जिससे किसी प्रकार के होने वाले प्रकोप से बचा जा सके इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो जाता है। खबरों में आए लोगों की खबरें सुर्खियों में छा जाती हैं। मगर एक बार दिल पर हाथ रखकर सोचना होगा कि अगर इस अस्पताल में किसी का कोई अपना होता तो क्या सरकारी नुमाइंदे ऐसे ही आकर, घोषणाएं करके चले जाते। इन सभी बातों से कुछ नहीं होने वाला है। अभी मासूमों को बचाने के लिए इन गरीबों, मजलूमों को अपनी सरकार से ज्यादा अब ऊपरवाले भरोसा है कि अब वही कुछ कर सकता है, ये तो सिर्फ राजनीतिक गोटियों सेंक कर चले जाएंगे। 



मुरली मनोहर श्रीवास्तव
(लेखक सह पत्रकार)
पटना
मो.9430623520

बिहार : भाकपा ने लूट की घटना की कड़ी निन्दा की

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पटना, 22 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कल राजीव नगर के दीघा-अषियाना रोड में स्थित पंचवटी रत्नालय आभूषण दुकान से हुई पाँच करोड़ रूपये मूल्य के आभूषण तथा 13 लाख रूपये नकद की लूट की घटना की कड़ी निन्दा की है और बिहार के राज्यपाल माननीय लालजी टंडन से मांग की है कि बिहार की चैपट विधि व्यवस्था के बारे में हस्तक्षेप करे, क्योंकि राज्य सरकार राज्य की कानून व्यवस्था को बनाये रखने मे पूरी तरह फेल हो गई है।  श्री सत्य नारायण सिंह ने जारी अपने बयान में कहा है कि राजधानी पटना में दिनदहाड़े दुकान से इतनी बड़ी लूट की घटना से पूरा पटना शहर खासकर व्यवसायी समूह दहषत में है। पुलिस की लाख चैकसी और सतर्कता के बावजूद पटना राजधानी सहित पूरे राज्य में लूट-पाट, डकैती-चोरी, हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाओं से आम लोगों में आतंक और भय का वातारण बना हुआ है। राज्य के कारोबार पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। लेकिन राज्य सरकार की कुभकरणी नींद नहीं टूट रही है। अपराधी बेखौफ अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में लगे हुए है। सरकार की निष्क्रियता से स्पष्ट होता है कि आपराधियों का सत्ताधारी राजनेताओ से सांठ-गांठ है। कम्युनिस्ट नेता ने राज्यपाल महोदय से अपील की है कि राज्य सरकार की अपराध रोकने में लापरवाही का संज्ञान लेते हुए स्वयं कठोर कदम उठावें ताकि राज्य के जान-माल और इज्जत -आबरू की रक्षा हो सके। खासकर व्यवसाय में लगे लोगों की सुरक्षा हो सके।   

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 22 जून

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लोक निर्माण विभाग एवं परियोजना कार्यान्वयन ईकाई के कार्यों की कलेक्टर ने की समीक्षा

कलेक्टर श्री अजय गुप्ता द्वारा शनिवार को लोक निर्माण विभाग एवं परियोजना कार्यान्वयन ईकाई के कार्यों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने संपूर्ण जिले में इन एजेंसियों द्वारा लंबित कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। परियोजना कार्यान्वयन ईकाई द्वारा हाईस्कूलों के सौन्दर्यीकरण, शासकीय भवन निर्माण, छात्रावास निर्माण आदि कार्यों की संपूर्ण जानकारी कलेक्टर ने विभाग के कार्यपालन यंत्री से ली। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि अन्तर-विभागीय मसलों में अतिरिक्त समय जा़या न करें और समय सीमा में कार्यों को पूर्ण करने का हर संभव प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले कुछ महीनों में जिन भवनों का लोकार्पण कराया जा सकता है उनकी सूची शीघ्र प्रस्तुत करें। इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यो की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने संबंधितों को निर्देश दिये कि सोमवार को टीएल बैठक में अप्रारंभ कार्यों की सूची लेकर आएं जिनकी समीक्षा बैठक में की जाएगी।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गेहलोत आज सीहोर आएंगे   

भारत सरकार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत 23 जून को सीहोर आएंगे। जारी दौरा कार्यक्रम अनुसार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत 23 जून को दोपहर 2 बजे भोपाल से प्रस्थान कर 2:30 बजे सीहोर आएंगे। सीहोर में सेकड़ाखेड़ी जोड़ के पास मानसिक पुर्नवास केन्द्र के निर्माण स्थल का अवलोकन करेंगे। तत्पश्चात अपरान्ह 3 बजे सीहोर से देवास के लिए प्रस्थान करेंगे।  

कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह , कृषि आदान विक्रेता के विरुद्ध शिकायत 07562-224044 पर दर्ज करायें  

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री अवनीश चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषकों को उन्नत किस्म के कृषि आदान जैसे बीज, खाद एवं कीटनाशक औषधि उपलब्ध हो सके इसके लिए जिले में कृषि आदान गुण नियंत्रण का विशेष सघन अभियान चलाकर समस्त बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक औषधि विकेताओं के विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता जांच हेतु नमूने भी लिए जा रहे हैं। सघन अभियान के तहत अभी तक जिले में उर्वरक के 119, बीज के 58 एवं कीटनाशक के 2 नमूने लेकर विशलेषण के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं। परिणाम प्राप्त होने पर तदानुसार कार्यवाही की जाएगी। श्री चतुर्वेदी द्वारा जिले के किसानों को सलाह दी गई है कि वे कोई भी कृषि आदान बिना पक्के बिल के क्रय नहीं करें एवं कृषि आदान विक्रेता के विरुद्ध यदि कोई शिकायत हो तो किसान कल्याण तथा कृषि विकास उपसंचालक कार्यालय के फोन नबंर 07562-224044 पर अवगत करायें।   

नेशनल लोक अदालत के संबंध में बैठक संपन्न   

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जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजवर्धन गुप्ता के मार्गदर्शन में आगामी 13 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण हो सके इस संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रथम अपर जिला न्यायाधीश सुश्री अनीता वाजपेयी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्री शैलेन्द्र कुमार नागौत्रा एवं बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस, रेलाइंस जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, रायल सुंदरम इंश्योरेंस, यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, इफको टोकियो जनरल, ओरिएण्टल कंपनी, चोलामंडलम इंश्योरेंस कंपनी, लिबर्टी जनरल कंपनी, भारती एक्सा जनरल कंपनी, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी व अन्य कंपनी के अधिवक्तागण एवं आवेदक के अधिवक्तागण उपस्थित थे। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण कराने के लिए बीमा कंपनियों के अधिवक्ताओं ने सहमति दी। नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त अधिवक्ताओं ने रुचि दिखाई।                                  

आनंद सम्मेलन के संबंध में अधिकारियों को दिये निर्देश   

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राज्य आनंद संस्थान द्वारा जिला स्तरीय आनंद सम्मेलन का आयोजन 27 जून को प्रात:10 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में किया जाएगा। आनंद सम्मेलन के संबंध में शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष क्रमांक 13 (NIC) में बैठक आयोजित की गई।  बैठक में आनंद सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अधिकारियों को अपने-अपने दायित्व सौंपे गए। आनंद सम्मेलन के आयोजन के लिए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्री संजय जोशी एन.आई.सी.जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला आयुष अधिकारी डॉ रामप्रताप सिंह राजपूत को आनंद सम्मेलन में लगभग 100 आनंदकों को भाग दिलाने के लिए ऑनलाईन पंजीयन कराने, शासकीय आवासीय खेलकूद संस्थान प्राचार्य श्री आलोक शर्मा को आनंद सम्मेलन में उपस्थित होने वाले आनंदकों का कार्यक्रम स्थल पर पंजीयन से संबंधित आवश्यक सामग्री आदि कार्य अपने स्तर से दल गठित कर व्यवस्था करवानें एवं सहायक परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण श्री कमलेश शर्मा को आयोजन पर बैठक व्यवस्था, मुख्य अतिथि के स्वागत हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं, आनंद सम्मेलन में दीप प्रज्जवलन की व्यवस्था, पंजीयन की उपस्थिति अनुसार आनंदक एवं अतिथियों के लिए पानी, नाश्ता, भोजन संबंधित व्यवस्था करवाने के दायित्व सौंपे गये हैं।

जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक 24 जून को   

कलेक्टर श्री अजय गुप्ता के निर्देशानुसार जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक 24 जून को सायं 4 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी द्वारा समस्त विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि बैठक में जिन विषयों पर चर्चा करना है उसका एजेण्डा कर्मचारी संघो के पदाधिकारियों द्वारा बैठक में साथ लायें। एजेण्डा में कर्मचारी हितों की मांग रखी जाए तथा शासन द्वारा निर्धारित मान्यता प्राप्त संगठन के पदाधिकारी/अधिकृत प्रतिनिधि ही बैठक में उपस्थित हों।

पशुओं में आहार प्रबन्धन  के लिए दिया प्रशिक्षण   

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सी.आर.डी.ई.कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियां द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र पर विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए’’ पशुओं में आहार प्रबन्धन‘’ विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 25 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को संतुलित आहार प्रबन्धन तथा पशुओं पर इसके सकारात्मक प्रभाव को बताना था। श्री संदीप टोडवाल, प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनिया द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य एवं पशुपालन में आहार के महत्व पर चर्चा की गई। डॉ विमलेश कुमार, वैज्ञानिक, पशुपालन द्वारा आहार क्या है, संतुलित आहार किसे कहते है एवं उसके लाभ, पशु की अवस्था एवं उत्पादन के अनुसार आहार की मात्रा, पशु आहार में हरे चारे एवं खनिज मिश्रण का महत्व आदि विषयों पर चर्चा की गई। डॉ. विमेलश कुमार ने बताया कि पशुओं के छोटे बच्चों को उनके वजन का 10 प्रतिशत दूध प्रतिदिन के हिसाब से पिलायें तथा 70 दिवस तक दूध के साथ-साथ दाना एवं हरा चारा ही खिलायें। अधिक दूध उत्पादन के लिये पशु का स्वस्थ्य होना जरूरी है और संतुलित आहार खिलाने से ही यह संभव हो सकता है। पशु आहार पशु के शरीर भार एवं उसके दूध उत्पादन के अनुरूप  होना चाहियें तभी पशु को सभी जरूरी पोषक तत्व उचित मात्रा एवं निष्चित अनुपात में मिल पाते है। गाय को प्रति 3 किग्रा दूध पर 01 किग्रा एवं भैंस को प्रति 02 किग्रा. दूध पर 01 किग्रा. संतुलित दाना खिलायें, इसके अतिरिक्त शरीर निर्वाह के लिये गाय को 01 किग्रा तथा भैंस को 02 किग्रा अतिरिक्त दाना अवश्य खिलायें। उन्होनें बताया कि पशु आहार में काई भी बदलाव अचानक से न करें। मात्रा को धीरे- धीरे ही बढ़ाये एवं घटायें। चारे एवं दाने के साथ- साथ स्वच्छ एवं ताजा पानी भी पशुओं को आवश्यकतानुसार (शरीर भार, दूध उत्पादन, मौसम एवं चारे के अनुसार) अवश्य पिलायें।   

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 जून

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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विष्व में योग का बजाया डंका -ः भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाष शर्मा, भाजपा नगर मंडल ने अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर किया आयोजन

झाबुआ। देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूरे विष्व के योग का डंका बजाया है। आयुष मंत्रालय के निर्देष पर आज पूरे देष हीं नहीं अपितु पूरे विष्व में 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाया गया। योग करने से हमारा तन स्वस्थ रहने के साथ मन में भी सकारात्मक विचारों का संचार होता है। योग 100 रोगों की एक दवा है। हमे केवल एक दिन योग ना करते हुए पूरे वर्ष करना चाहिए। उक्त प्रेरणादायी बात भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाष शर्मा ने भाजपा नगर मंडल झाबुआ द्वारा भाजपा जिला कार्यालय के पीछे 21 जून अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में कहीं। इस अवसर पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष दीपेष बबलू सकलेचा ने भी योग की महत्वता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि नियमित योग करने से हमारे शरीर का संतुलन बना रहता है और इसके कई प्रकार की बिमारियों से मुक्ति मिलने के साथ इसका आयुर्वेद में विषेष महत्व है। इस दौरान सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने मिलकर योग के कठिनतन आसान एवं प्रणायाम कर अपने शरीर के अंदर स्फूर्ति महसूस की।

एक घंटे तक चला आयोजन
उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों को योगाभ्यास भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजय पोरवाल द्वारा करवाया गया। यह कार्यक्रम सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक चला। इस अवसर पर भाजपा ने अन्य पदाधिकारियों में जिला महामंत्री प्रवीण सुराना, जिला उपाध्यक्ष ओपी राय, स्वच्छता अभियान के संयोजक कल्याणसिंह डामोर, किर्ती भावसार, मंडल महामंत्री हेमेन्द्र नाना राठौर, भूपेष सिंगोड़, अंकुर पाठक, महेष वार्मा, अमरू डामोर, पार्षद जुवानसिंह गुंडिया, शेखर, वर्धमान, चेतना चैहान, योगेन्द्र ब्रजवासी, कार्तिक हटिला, आईटी सेल संयोजक अर्पित कटाकानी आदि सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

झाबुआ की बेटी गरिमा जायसवाल ने श्रीनगर (उत्तराखंड) यूनिवर्सिंटी में योग दिवस पर करवाया सभी को योग

झाबुआ। झाबुआ की बेटी सुषीमकुमार जायवाल की पुत्री गरिमा जायसवाल योग में पूरे देष में पहचान बनाने के साथ अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति हासिल कर रहीं हे। 21 जून को अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर गरिमा जायसवाल ने हेमवती नंदन बहुगुणा विष्वविद्यालय श्रीनगर (उत्तराखंड) में सभी को सामूहिक योगाभ्यास करवाया। 5वें अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर योग विभाग की शोध छात्रा गरिमा जायसवाल ने यूनिवर्सिटी के समस्त प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राओं को योगाभ्यास करवाया। गरिमा वर्तमान में योग में पीएचडी कर रहंी है। जिसमें वह महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर योग के प्रभाव का अध्ययन कर रहंीं है। कु. गरिमा अब तक झाबुआ सहित देष के कई शहरों में योग की प्रस्तुति देने के साथ अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली योग काॅम्पिटिषन में भी हिस्सा लेकर सम्मानित एवं पुरस्कृत हो चुकी है।

अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर विषेष: महिला पतंजलि योग समिति बारह मासी योग का करती है आयोजन, योग गुरू एवं प्रषिक्षक सुश्री रूक्मणी वर्मा अपनी महिला टीम के साथ योग से जिले के प्रत्येक नागरिक को जोड़ने का कर रहीं प्रयास

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झाबुआ। 21 जून अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर हम झाबुआ की एक ऐसी महिला से परिचय करवाना चाहते है, जिनकी योग के क्षेत्र. में ख्याति ना केवल झाबुआ शहर अपितु संपूर्ण जिले में है। एक दषक से भी अधिक समय से वह योग के क्षेत्र में सक्रिय होकर बारह मासी लोगों को योग के तहत कठिन से कठिनतम प्रणायाम एवं आसन करवाकर योग की महत्वता बताने के साथ योग कर लोग स्वस्थ एवं तंदरूस्त रहने के साथ अनेकों प्रकार की बिमारियों का भी क्षय हो रहा है। इसी के चलते वह अब जिले में योग गुरू एवं प्रषिक्षक के रूप में पहचानी जाने लगी है। महिलाओं की एक वृहद समिति बनाकर अपनी टीम के साथ ना केवल शहर अपितु पूरे जिले के सभी लोगों को योग से जोड़ने का निरंतर प्रयास कर रहंी है। उक्त महिला का नाम है झाबुआ के सुभाष मार्ग निवासी सुश्री रूक्मणी वर्मा। सुश्री रूक्मवी वर्मा आज वह नाम है, जो जिले में योग के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम के रूप में लिया जाता हे। सुश्री रूक्मणी वर्मा ने बताया कि उनका सपना जिले के प्रत्येक व्यक्ति को योग से जोड़ना है, इसके पीछे उनका उद्देष्य है कि योग करने से हर व्यक्ति स्वस्थ एवं तंदरूस्त रहने के साथ इससे कई प्रकार के रोगों का क्षय होता है। मन शांत और निर्मल बनता है। सुश्री वर्मा ने बताया कि वे अपनी युवा अवस्था से ही योग के क्षेत्र में कदम रखकर अपनी सक्रियता का परिचय दे रहीं है। योग को उन्होंने अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल किया है। इस कारण वे स्वयं स्वस्थ रहने के साथ आज अधिक उम्र होने के बाद भी वे पूर्णतः निरोगी है।

महिला पतंजलि योग समिति का किया गठन
सुश्री रूक्मणी वर्मा अखिल विष्व शांतिकुंज हरिद्वार से जुड़कर उन्होंने जिले में महिला पतजंलि योग समिति का गठन किया और वर्तमान में वे उक्त समिति की जिला प्रभारी होकर उन्होंने समिति का विस्तार पूरे जिले में कर इसमें महिलाओं की टीम बनाई है, जो प्रतिदिन सुबह एवं शाम षिविर का आयोजन कर षिवरार्थी, जिसमें बच्चे, बड़े, बुजुर्ग एवं युवाओं को योग करवाकर उन्हें इसके लाभ के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

झाबुआ शहर में सभी महिलाएं सक्रिय
झाबुआ शहर में भी सुश्री वर्मा के साथ पूरी महिला ब्रिगेड सक्रिय होकर योग का झंडा गाड़ने में लगी है। महिला पंतजलि योग समिति की शहर के प्रत्येक वार्डों में महिला टीम गठित है। इन महिला टीम को प्रषिक्षण सुश्री वर्मा द्वारा प्रदान करने के बाद ये महिलाएं स्वयं अपने-अपने वार्डों में आने वाले षिवरार्थियों पूरे उत्साह और उमंग के साथ प्रतिदिन सुबह एवं शाम योग करवाती है।

योग केवल एक दिन ना कर बारह मासी करना चाहिए
योग गुरू सुश्री रूक्मणी वर्मा के अनुसार योग हमे केवल एक दिन अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस पर ना करते हुए पूरे वर्ष ही योग के तहत प्रणायाम, आसन एवं कठिन से कठिन योग क्रियाएं करना चाहिए। हम आज एक ओर जहां गंभीर बिमारियों का षिकार होकर लाखों रूपए उपचार एवं दवाईयों में खर्च कर देते है। हमारा काम में मन नहीं लगता है एवं शरीर फिट आदि रखने के लिए योग एक कारगर उपाय है। योग निःषुल्क रूप से सिखाएं एवं किए जाने से हम कई गंभीर रोगों से बचने के साथ शरीर को स्वस्थ और तंदरूस्त महसूस करते है। योग प्रातःकाल एवं सांयकाल दो समय करने से काफी लाभ मिलता है। सुश्री वर्मा के साथ महिला पतंजलि योग समिति की महिलाएं बारह मासी लोगांे को योग करवाती है।

महिला टीम में ये शामिल
महिला पतंजलि योग समिति में सुश्री वर्मा जिला प्रभारी होने के साथ समिति में सक्रिय महिलाओं में ज्योति जोषी, जरीना अंसारी, मधु जोषी, भावना जैन, कृष्णा शेखावत, रीना जैन, भावना टेलर, नीलम जैन, विनीता टेलर, ममता जैन, प्रमिला भंडारी, सोनल कटकानी, चंदा भंडारी, साधना चैहान, संध्या पटेल, आषा पंवार प्रतिदिन अपने-अपने वार्डों में रहवासियों को योग करवाने के साथ उनके द्वारा जिले के स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय संस्था पर जाकर भी षिविर लगाकर लोगांे को योगाभ्यास करवाया जाता है।

कम्प्यूटर आपरेटर ने सरकार से लगाई गुहार निकाले गए आपरेटर को पुनः सेवा मे रखा जाए

झाबुआ । विगत दिनाँक 17 एवं 18 जून को मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ द्वारा मध्य प्रदेश शासन के समस्त कंप्यूटर को बन्द करने का आह्वान किया गया था जिसमे महासंघ साठ प्रतिशत सफल रहा। शासन के बहुत से कार्य प्रभावित रहे। सत्ता परिवर्तन के बाद से ही शासन के अनेको विभागों से कंप्यूटर आपरेटरों को लगातार निकाला जा रहा है बेरोजगार किया जा रहा है जबकि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को महासंघ के आपरेटरों द्वारा विधान सभा चुनाव के पूर्व पूर्ण रूप से समर्थन दिया गया था। मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ द्वारा सरकार से गुहार लगाई गई है कि जिन विभागों में आपरेटरों को निकाल गया है उन्हें दोबारा कार्य पर रखे एवं अनेको विभागों में कंप्यूटर आपरेटरों के पक्ष में जो फाइलें अटकी पड़ी है उन्हें जल्द से जल्द फाइनल करते हुए लाभ प्रदान करे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सेटअप की फाइल आज दिनाँक तक अपूर्ण है, वन विभाग की फाइल का कोई अता पता नही है, इसी प्रकार अन्य विभागों में कंप्यूटर आपरेटरों से कार्य लिया जा रहा है लेकिन उनका शोषण लगातार होता जा रहा है। बिजली विभाग में माननीय मंत्री महोदय ने इंटरेस्ट दिखाया है, बाकी विभागों में आज दिनाँक तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। शासन से गुहार है कि जल्द से जल्द रोजगार पर प्रहार करने वाला जो अमानवीय कृत्य किया जा रहा है उसे रोकते हुए कंप्यूटर आपरेटरों का भविष्य सुरक्षित करें ऐसा ना किये जाने पर आने वाले समय मे मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ भोपाल में वृहद धरना प्रदर्शन एवं सरकार से सिधे संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।    

हाथीपावा को समय पर पानी उपलब्घ करवाने एवं विकसित करने में महत्वपूर्ण सहयोग देने वाले पीएचई कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र मावी को दी गई पर्यावरण मित्र की उपाधि
मार्निंग क्लब हाथीपावा ने पीएचई ईई के स्थानांतरण पर उनका विदाई एवं सम्मान समारोह रखा
झाबुआ। शहर से सटे हाथीपावा पर जो सुंदर एवं मनोहारी दृष्य आज हमे देखने को मिल रहा है। उसमें मार्निंग क्लब हाथीपावा से जुड़े समस्त सदस्यों का सराहनीय सहयोग रहा है। समस्त सदस्यों ने सेवा भावना के साथ हाथीपावा को हरियालीमय एवं जिले के पर्यटल स्थल के रूप में तब्दील रखने हेतु दिन-रात सेवाएं दी है। इसमें से ही एक है, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री जितेन्द्र मावी, जो मार्निंग क्लब हाथीपावा के सक्रिय सदस्य होकर समय-समय पर हाथीपावा पर पानी की समुचित व्यवस्था करने के साथ इसके विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहंी है। श्री मावी के झाबुआ जिले से भिंड स्थानांतरित होने पर मार्निंग क्लब हाथीपावा के सदस्यों द्वारा उनके हाथीपावा पर किए गए अमूल्य सहयोग को ताजा करते हुए हाथीपावा पर ही उनका विदाई एवं सम्मान एक साथ रखा गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिले के कलेक्टर प्रबल सिपाहा, पुलिस अधीक्षक विनीत जैन के साथ स्थानांतरित जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जुमना भिड़े, डिप्टी कलेक्टर पराग जैन, जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी शामिल हुए। बैठक के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत मार्निंग क्लब के सदस्यों में राजेषसिंह गोतम, अषोक शर्मा, अजय रामावत, नीरजसिंह राठौर, कमलेष पटेल, राजेष शाह, हरिष शाह लालाभाई, सुषील शर्मा, नीतिन सांकी, सचिन बैरागी, पंकज जैन मोगरा, अजय शर्मा, आषीष डोषी, श्री मिश्रा, भव्य जैन, अमित जैन, करिष रामावत आदि द्वारा किया गया। पीएचई विभाग के दिनेष जैन ने स्थानांतरित हुए ईई जितेन्द्र मावी के कार्यकाल पर प्रकाष डाला। बाद उनके हाथीपावा में दिए गए योगदान को मार्निंग क्लब हाथीवा के सदस्यों मंें नीरजसिंह राठौर, कमलेष पटेल, राजेषसिंह गौतम, अजय रामावत, अषोक शर्मा आदि द्वारा प्रतादित किया गया। कु. भूमिका डोषी ने पर्यावरण पर अति सुंदर गीत ‘‘वर्षा बहुत सुहानी है, पेड़ो के ये हिलते पत्ते, मोती सी जल की बंूदे, कन्याओं के भीगते आंचल, खूषबू मिट्टी की दीवानी है ....’’ प्रस्तुत किया गया।

हाथीपावा पर सभी लोगों का आत्मीय सहयोग सराहनीय
कलेक्टर प्रबल सिपाहा एवं पुलिस अधीक्षक विनीत जैन ने इस अवसर पर कहा कि हाथीपावा के सौंदर्यीकरण को बरकरार रखने में एवं इसे ओर अधिक मनोहारी बनाने में मार्निंग क्लब हाथापावा का सहयोग सरानीय है। अलसुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही मार्निंग क्लब के सभी सदस्य हाथीपावा पहुंच जाते है और पौधांे को पानी देना, श्रमदान करना, साफ-सफाई करने आदि जैसे कार्य प्राथमिकता से उनके द्वारा किए जाते है। पीएचई के कार्यपालन यंत्री श्री मावी ने भी हाथीपावा पर पानी की व्यवस्था सुचारू रखने एवं अन्य सहयोग निरंतर दिया है, उसके लिए वे साधुवाद के पात्र है। जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी ने जितेन्द्र मावी के साथ उनके रहे विभागीय तालमेल पर प्रकाष डाला।

पर्यावरण मित्र की उपाधि प्रदान की गई
बाद सभी अतिथियों द्वारा मिलकर स्थानांतरित कार्यपालन यंत्री श्री मावी का पुष्पामाला, पुष्प गुच्छ भेटकर भावभरा सम्मान किया गया। साथ ही उनका अभिनंदन-पत्र देकर भावभरा सम्मान अतिथियों ने किया। वहीं मार्निंग क्लब हाथीपावा एवं समस्त सामाजिक संस्थाओं की ओर से उन्हें पर्यावरण मित्र की उपाधि देते हुए उक्ताषय का अभिनंदन-पत्र भी प्रदान किया। सभी ने बारी-बारी से श्री मावी का स्वागत एवं सम्मान करते हुए साथ ही उन्हें भिंड में स्थानांतरित होने पर विदाई भी की। इस दौरान पीएचई विभाग की ओर से समस्त अधिकारी-कर्मचारियों ने भी उपस्थित रहकर श्री मावी का सम्मान कर उन्हें आत्मीय विदाई दी। वन विभाग के भी समस्त अधिकारी-कर्मचारियों ने स्थानांतरित कार्यपालन यंत्री का भव्य स्वागत कर उनके हाथीपावा पर सराहनीय सहयोग का उल्लेख किया।

सभी का योगदान है
अपने सम्मान के प्रति उत्तर में श्री मावी ने कहा कि ‘‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’’ हाथीपावा को विकसित सभी का योगदान है, जो अविस्मरणीय है। समारोह का सफल संचालन मार्निंग क्लब हाथीपावा के सदस्य शैलेन्द्रसिंह राठौर ने किया एवं अंत में आभार युवा सदस्य विपुल पंचाल ने माना। इस अवसर पर हाथीपावा से जुड़े आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। अंत में अतिथियों सहित समस्तजनों ने सहभोज का आनंद लिया।

21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिले भर में हुए सामूहिक योग के कार्यक्रम मंडी प्रांगण में हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम

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झाबुआ ।  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को जिले भर में सामूहिक योग के कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम जिला, विकासखंड और पंचायत स्तर तक आयोजित किये गये। योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम कृषिउपज मंडी प्रंागण झाबुआ में हुआ। कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वावधान में किया गया। सामूहिक योग कार्यक्रम की शुरूआत प्रार्थना से हुई। इसके बाद योग प्रशिक्षकों ने उपस्थित लोगों को चालन क्रियायें, योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया। योगासनों में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्द्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, दंडासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्द्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्थानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन,भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्थानपादासन, अर्द्धहलासन, पवनमुक्तासन, शवासन का अभ्यास कराया गया। इसके पश्चात कपालभाती, अनुलोम- विलोम, शीतली और भ्रामरी प्राणायाम कराया गया। फिर ध्यान, संकल्प एवं शांतिपाठ किया गया। कार्यक्रम में योग करने के लाभ बताये गये। योग करने से तन- मन और बुद्धि स्वस्थ रहती है। कार्यक्रम मे कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा, पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जैन , जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती षंाति डामोर, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिंडे, नगरपालिका अध्यक्ष झाबुआ श्रीमती मन्नू डोडियार  सहित जनप्रतिनिधि, षासकीय अधिकारी कर्मचारी एवं आमजन  उपस्थित थे।

वर्षा को देखते हुए किसानो को दी गई सलाह
          
झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी पांच दिनो के लिये जिले मे आसमान मे मध्यम से घने बादल रहने ,तापमान सामान्य रहने व वर्षा 20.0 मि.मि.होने की संभावना है। बादलयुक्त मौसम , तापमान मे कमी व आर्द्रता प्रतिषत मे वृद्वि को देखते हुए धान के रोपा की 8 से 10 दिन के अंतराल से ंिसचाई करें। ग्रीष्मकालीन भिण्डी व कद्दूवर्गीय सब्जियो की 8 से 10 दिन के अंतराल से सिंचाई कर अनुसंषित उर्वरक की मात्रा दें। नया बगीचा लगाने  हेतु उचित  दूरी पर तैयार गड्ढे को गोबर की खाद /वर्मी कंपोष्ट - मिट्टी ़वालू के मिश्रण से भरे। इस वर्ष मानसून आने मे हो रही देरी को देखते हुए षीघ्र / मध्यम अवघि की जातियो / फसलो के बीज की व्यवस्था करे। खरीब फसलो की खेती हेतु आदान की व्यवस्था अभी से करें। खुद के द्वारा तैयार किए बीज को भण्डार गृह से निकालकर सफाई करें। टमाटर ,भिण्डी ,बैगन ,पालक , ग्वारफली , कद्दूवर्गीय सब्जियो एवं हरी मिर्च की समय पर तुडाई कर ग्रेडिग कर बाजार मे बेचे। बादलयुक्त मौसम तापमान में कमी व आर्द्रता प्रतिषत मे वृद्वि को देखते हुए ग्रीष्मकालीन सब्जियो की 8 से 10 दिन के अंतराल से सिचाई कर अनुष्ंासित उर्वरक की मात्रा दे। टमाटर ,मिर्च ,बैगन , अगेती , खरीफ प्याज की नर्सरी लगाए।

दत्तकग्रहण हेतु मुक्त करने के लिए दावे आपति आमंत्रित
         
झाबुआ । जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा सर्व संबंधितो को सूचित किया हैे कि जिला झाबुआ मे थाना रायपुरिया क्षेत्रान्तर्गत समर्पित नवजात षिषु संस्था से दिये गये नाम षिषु निरूद्व (नवीन नाम ) पुरूष 14.10.2018 को समय 8.45 रात्रि में नेषनल पेट्रोलियम झाबुआ में पाया गया-थाना झाबुआ 7.1/2 माह उपरोक्तानुसार षिषु को प्रावधानो के अंतर्गत वैधानिक संरक्षण प्रदान कर दत्तक ग्रहण एजेंसी मे प्रवेषित कराया गया है। उसके बाद विधिक रूप से दत्तक ग्रहण हेतु षिषु को मुक्त किया जाना है तद्नुसार षिषु के जैविक माता-पिता एवं अन्य संबंधितो द्वारा सुपुर्दगी प्राप्त करनें हेतु विज्ञप्ति प्रकाषित होने के 7 दिवसीय कार्यालयीन अवधि एवं समय में दावा आपति कार्यालय जिला संरक्षण अधिकारी झाबुआ ,बाल सम्प्रेक्षण गृह परिसर झाबुआ कें उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकते हैं उसके बाद षिषु को दत्तकग्रहण हेतु मुक्त कर दिया जावेगा।

विद्युत कम्पनिय¨ं के आउटस¨र्स कर्मचारिय¨ं की भर्ती में अनियमिता पर ह¨गी कड़ी कार्रवाई

झाबुआ । ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनिय¨ं के आउटस¨र्स कर्मचारिय¨ं के संबंध में नीतिगत निर्णय लिया जायेगा। आउटस¨र्स कर्मचारिय¨ं की भर्ती में अनियमितता करने वाले अधिकारिय¨ं के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि 7वें वेतन आय¨ग से संबंधित विसंगतिय¨ं का निराकरण किया जायेगा। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण¨ं पर जल्द निर्णय लेने के साथ ही कर्मचारिय¨ं के लिये स्वास्थ्य बीमा य¨जना बनाने पर भी विचार किया जायेगा। विद्युत वितरण कर्मचारिय¨ं की सुरक्षा के लिये सुरक्षा अधिनियम बनाने के संबंध में चर्चा के बाद निर्णय लिया जायेगा। कम्पनी के स्ट्रक्चर के संबंध में कर्मचारी संगठन¨ं से भी बात की जायेगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि घर-घर बिजली पहुँचाने में कर्मचारिय¨ं का य¨गदान सराहनीय है।

निपाह वायरस को लेकर मध्यप्रदेष में अलर्ट जारी

झाबुआ । निपाह वायरस को लेकर मप्र सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को भी इस बीमारी के लक्षण पहचानने और निगरानी के लिए कहा है। मप्र मे इसके मरीज नही मिले है। लेकिन एहतियात के दौर पर एक गाइडलाइन हर जिले को जारी  कर दी है। निपाह वायरस में भी तेज बुखार, सिर व बदन दर्द , खंासी ,संास लेने मे तकलीफ , बैचेनी, सुस्ती और उल्टी- दस्त होता है। चमगादड द्वारा कुतरे गए फलो से इसके फैलने की आषंका ज्यादा होती है। किसी के षारीरिक संपर्क मे आने पर भी इसके संक्रमण की आषंका बढ जाती है। इस अलर्ट मे कहा गया है कि निपाह वायरस प्रभावित क्षेत्रो से आने वाले लोगो पर निगरनी रखी जाए । नगर निगम को भी पत्र लिखने के  लिए कहा गया है। पीएचई विभाग को भी चमगादडो और सूअरो से दूषित हुए जल की जाॅच के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि इस बीमारी का सबसे पहला मरीज सिंतबर 1998 से मई1999 के बीच मलेषिया और सिंगापुर में मिला था। 2001 में भारत में इसके मरीज मिले। सन् 2007 मे पष्चिम बंगाल और आसपास के देषो मे भी इसके केस रिपार्ट हुए।

प्ंाचायत की फोटोयुक्त मतदाता सुची के वार्षीक पुनरीक्षण हेतु कार्यक्रम निर्धारित

झाबुआ । मध्यप्रदेष पंचायत निर्वाचन के लिए मध्यप्रदेष राज्य निर्वाचन आयोग ्द्वारा पंचायतों के पुनरीक्षण हेतु कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मतदान केन्द्रो के युक्तियुक्तकरण के संबंध मे प्रस्ताव तैयार कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को सौंपने का कार्य  21 जून 2019 तक किया जायेगा। मतदान केन्द्रो के युक्तियुक्तकरण के संबंध मे प्राप्त प्रस्तावो का परीक्षण कर उन्हे अंतिम करना ओर कंट्रोल टेबल में यथासंषोधित करने का कार्य  28 जुन 2019 तक किया जायेगा। कंट्रोल टेबल का परीक्षण कर  संषोधन होने पर निर्देषानुसार यथोचित हस्ताक्षर करने का कार्य रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा  19 जून  से 28 जून 2019 तक किया जायगा। कंट्रोल टेबल का डिजिटल हस्ताक्षर से वेरिफिकेषन 01 जुलाई 2019 को किया जायगा। षिफिटग सूची के विलोपन वेरिफिकेषन सुची ओर संषोधन वेरिफिकेषन सुची म्त्डै से जेनरेट कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उपलब्ध कराने का कार्य वेण्डर 05 जुलाई 2019 तक किया जायेगा। षिफिटग सूची विलोपन वेरिफिकेषन सूची ओर संषोधन वेरिफिकेषन मे मार्किग कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को प्रदान करना।08 जुलाई 2019 षिफिटग सुची विलोपन वेरिफिकेषन सुची ओर संषोधन वेरिफिकेषन मे मार्किग कर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को  11 जुलाई 2019 तक प्रस्तुत की जायेगी षिफिटग सुची विलोपन वेरिफिकेषन सुची ओर संषोधन वेरिफिकेषन मे प्राधिकृत कर्मचारी द्वारा की गई मार्किग की रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जाॅच एवं वंरिफिकेषन का कार्य 15 जुलाई 2019 तक किया जायेगा। षिफिटग संबंधी विवादांे के निराकरण के लिए बैठक का आयोजन कर  बैठक का कार्यवाही विवरण रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उपलब्ध कवाने के लिए  15 जुलाई 2019 से 22 जुलाई  2019 के मध्य की तिथि नियत की गई है। षिफिटग सबंधी विवादो के निराकरण के लिए आयोजित बैठक के कार्यवाही विवरण अनुसार यथोचित कार्यवाही 23 जुलाई 2019 तक की जायेगी। मार्कड षिफिटग सुची विलोपन वेंरिफिकेषन सुची ओर संषोधन वेरिफिकेषन सुची म्त्डैे में प्रविष्टि हेतु वेण्डर को 26 जुलाई 2019 तक प्रदाय की जायेगी षिफिटग विलोपन ओर संषोधन की कार्यवाही म्त्डैे के माध्यम से पूर्ण कर चेकलिस्ट रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को 02  अगस्त 2019 तक उपलब्ध करवाई जायेगी। चेकलिस्ट की जाँच करना ओर जाॅच उपरात परिलक्षित त्रुटियो को सुधारने के लिए चेकलिस्ट वेण्डर को वापस करने के लिए  05 अगस्त 2019 तक तिथि नियत की गई है। त्रुटियो को सुधार कर एकीकरण कर फोटोरहित ओर फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता सुची जेनरेट करने का कार्य  13 अगस्त 2019 तक किया जायेगा।फोटोरहित प्रारूप मतदाता सूची वेबसाईट पर 14 अगस्त तक अपलोड की जायेगी।  फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता सुची का मुद्रण कर वेण्डर द्वारा रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को प्र्रदाय करने का कार्य  19 अगस्त 2019 तक सपन्न होगा। फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता सुची का गा्रम पंचायत एंव अन्य विहित स्थानो पर सार्वजनिक प्रकाषन 21 अगस्त 2019 को किया जायेगा।प्रारूप मतदाता सुची का सार्वजनिक प्रकाषन किए जाने संबंधी प्रमाण पत्र स्केन कर अपलोड करने का कार्य   26 अगस्त 2019 तक किया जायेगा। 1. स्टेण्डिग कमेटी की बैठक का आयोजन  21 अस्गत 2019 से 26 अगस्त 2019 के मध्य किया जायेगा।रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को जाॅच सुची ओर डुप्लिकेट सुची प्रदान करने का कार्य  19 अगस्त 2019 तक किया जायेगा। 1.दावे आपति प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत कर्मचारीयो का द्वितिय प्रषिक्षण एवं उन्हे आवष्यक सामग्री प्रदाय करने ,. दावा आपति केंद्रो के पर्यवेक्षण हेतू नियुक्त अधिकारीयो का प्रषिक्षण 14 अगस्त 2019 से 19 अगस्त 2019 के मध्य आयोजित किया जायेगा।  दावा आपति केंद्र पर दावे आपति प्राप्त करने का कार्य 21 अगस्त 2019 से 30 अगस्त 2019 को  अपराह 03.00 बजे तक किया जायेगा। दावा आपति आवेदन पत्रो के निराकरण की अंतिम तिथि 05 सितंबर 2019 नियत की गई है। निराकृत दावा आपति आवेदन पत्रो की म्त्डैे मे प्रविष्ट की अंतिम तिथि  09 सितंबर 2019 नियत की गई है। अंतिम मतदाता सुची की चेकलिस्ट जाॅच हेतु रजिस्ट्रकरण अधिकारी को उपलब्ध कराने का कार्य वेण्डर द्वारा 12 सितंबर 2019 तक किया जायेगा। चेकलिस्ट की जाच कर त्रुटि सुधार उपरांत वंेण्डर को वापस करने का कार्य  16 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा। फोटोरहित  औेर फोटोयुक्त  अंतिम मतदाता सूची जेनरेट करने का कार्य  18 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा। फोटोरहित अंतिम मतदाता सूची को वेबसाईट पर अपलोड करने का कार्य 20 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा। फोटोयुक्त अंतिम सुची को मुद्रित कर रजिस्ट्रकरण अधिकारी को उपलब्ध कराने का कार्य वेण्डर द्वारा 23 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता सुची का ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थानो पर सार्वजनिक प्रकाषन  25 सितम्बर 2019 को किया जायेगा।  फोटोयुक्त अंतिम मतदाता सुची विक्रय के लिए  26 सितम्बर 2019 से उपलब्ध होगी। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता सूची के सार्वजनिक प्रकाषन का प्रमाणपत्र स्केन कर अपलोड करने का कार्य रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा 30 सितम्बर 2019 तक किया जायेगा।

दस्तक अभियान के तहत कार्यकर्ता घर-घर जाकर दे रही है स्वास्थ्य सेवाएं

  झाबुआ । वर्ष 2019-20 में ‘‘दस्तक अभियान’’ का प्रथम चरण सोमवार 10 जून से जिले में चलाया जा रहा है स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चे वाले परिवारों के घर-घर जाकर दस्तक अभियान अंतर्गत दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवायें बच्चों को दी जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता व ग्राम की आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा महिलाओ को एकत्रित करके अभियान संबंधी व स्वास्थ्य की जानकारी देकर परिवारों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

मदरसा नवीनीकरण की आखरी तारीख 30 जून
      
झाबुआ । मदरसा मान्यता नवीनीकरण सत्र 2019-20 के लिए में आॅनलाईन आवेदन की आखरी तारीख 30 जून कर दी गई है। आॅनलाईन आवेदन करने से वंचित रहे मदरस¨ं के लिए एम.पी. आॅनलाईन के अधिकृत प¨र्टल पर 30 जून तक यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विस्तृत जानकारी मदरसा ब¨र्ड की अधिकृत वेबसाईट ूूूण्उचउइण्वतह एवं एम.पी. आॅनलाईन के प¨र्टल पर मदरसा-ब¨र्ड पेज पर देखी जा सकती है।

सभी महाविद्यालयों में लगेंगे विद्यार्थियों के लिए संचालित योजनाओं के फ्लेक्स
        
झाबुआ । प्रदेश के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कॉलेज चलो अभियान के अन्तर्गत उच्च शिक्षा की विभिन्न योजनाओं के फ्लेक्स लगाए जायेंगें। फ्लेक्स से महाविद्यालयों में नवीन प्रवेशित विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा विभाग की विभिन्न छात्र-हित की योजनाओं की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। विद्यार्थियों के लिए संचालित योजनाएँ  गाँव की बेटी योजना - गाँव की पाठशाला से प्रथम श्रेणी में 12 वीं परीक्षा उत्तीर्ण छात्राओं के लिए प्रति वर्ष रू. 5,000/- प्रोत्साहन राशि। प्रतिभा किरण योजना- शहर की पाठशाला से प्रथम श्रेणी में 12 वीं परीक्षा उत्तीर्ण एवं बी.पी.एल. कार्डधारी छात्राओं के लिए प्रति वर्ष रू. 5,000/- प्रोत्साहन राशि। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना - मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना सभी वर्गों के लिए हैं। पिताध्पालक की वार्षिक आय 6 लाख से कम। 12वीं कक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल से उत्तीर्ण होने पर न्यूनतम 70 प्रतिशत, सी.बी.एस.सी.,आई.सी.एस.सी. से उत्तीर्ण होने पर न्यूनतम 85 प्रतिशत होना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री विद्यार्थी जनकल्याण योजना - मुख्यमंत्री विद्यार्थी जनकल्याण शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश शासन के श्रम विभाग में असंगठित कर्मकार के रूप में पंजीयन हो। सभी वर्गों के विद्यार्थियों के लिए, जो स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करते हैं, तो उनका शिक्षण शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। विदेश में उच्च शिक्षा - विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनारक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए स्नातकोत्तर एवं पी-एच.डी. उपाधि के लिए छात्रवृत्ति योजना अधिकतम 02 वर्ष तक 40 हजार डॉलर प्रतिवर्ष का प्रावधान है।

वचन-पत्र के सहकारी संस्थाओं के मुद्दों पर कार्यवाही के लिए समिति गठित
        
झाबुआ । राज्य सरकार द्वारा वचन-पत्र में सहकारी संस्थाओं के कर्मियों को पृथक कैडर गठित कर बेहतर सुविधाएँ देने के मुद्दे पर कार्यवाही के लिये समिति गठित की है। सहकारिता विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार इस दस सदस्यीय समिति में श्री भगवान सिंह यादव ग्वालियर, श्री नन्हे सिंह धुर्वे जबलपुर, श्री दीपक सक्सेना छिन्दवाड़ा, श्री यादवेंद्र सिंह टीकमगढ़, श्री रामेश्वर पटेल इंदौर, श्री उदय प्रताप सिंह भिण्ड, श्री चन्द्रिका द्विवेदी छतरपुर और अपर पंजीयक (स्थापना) सहकारी संस्थाएँ भोपाल, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक शामिल हैं। संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएँ, (साख) मुख्यालय भोपाल समिति के संयोजक होंगे।यह समिति पंजीयक और आयुक्त सहकारी संस्थाओं को प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। समिति की पहली बैठक 22 जून को समन्वय भवन में होगी।

आदिम जाति कल्याण की स्वरोजगार योजना में आॅनलाईन लिये जायेंगे आवेदन
         
झाबुआ।  मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम भोपाल के निर्देशानुसार निगम द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री कृषक युवा उद्यमी योजना के क्रियान्वयन के लिये एमपी आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्राप्त किये जाने के निर्देश हैं। आवेदनकर्ता स्वरोजगार योजनाओं के आवेदन एमपी आॅनलाईन पोर्टल के माध्यम से जमा कर  आवेदन पत्र की हार्ड काॅपी की एक प्रति कार्यालय जिला संयोजक अनुसूचति जाति, जनजातीय कार्य विभाग में जमा करें।

संविदाकर्मियों की माँगों और अभ्यावेदनों का परीक्षण करेगी तीन सदस्यीय समिति
मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद समिति की बैठक सम्पन्न
झाबुआ ।  सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की अध्यक्षता में कर्मचारी कल्याण के लिये गठित मंत्रि-परिषद समिति की बैठक मंत्रालय में आयोजित की गई। समिति द्वारा अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों और अन्य संविदाकर्मी संगठनों से प्राप्त अभ्यावेदन और माँगों पर विचार-विमर्श किया गया।  मंत्रि-परिषद समिति ने निर्णय लिया कि अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति विभिन्न कर्मचारी संगठनों से प्राप्त सभी ज्ञापन, माँग-पत्र और अभ्यावेदन का परीक्षण कर दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। मंत्रि-परिषद की अगली बैठक में समिति की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के बाद कर्मचारी हितैषी निर्णय लिये जायेंगे।

प्रदेश में 6 महीने में 1300 कि.मी.सडकों का उन्नयन हुआ
  
झाबुआ ।  लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया है कि प्रदेश में पिछले 6 माह में 602 करोड खर्च कर 1300 किलोमीटर सडकों का उन्नयन और 1550 सडकों का नवीनीकरण कराया गया है। इसी अवधि में 186 करोड लागत के 27 पुलों का निर्माण भी पूर्ण कराया गया है। प्रदेश में सडक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सडक की ज्योमेट्रिक डिजाइन, रोड मार्किंग और रोड फर्नीचर का प्रावधान करने के बारे में मैदानी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। कौन-सी सडक किस विभाग द्वारा बनाई जायेगी, इसके संबंध में स्टेट रोड पॉलिसी तैयार करने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा 74 करोड खर्च कर नवी मुम्बई स्थित मध्यलोक भवन का निर्माण पूरा किया गया है। भोपाल-इन्दौर एक्सप्रेस-वे फोरलेन सडक को सिक्स लेन में परिवर्तित किये जाने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार के सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। परियोजना की लंबाई 142.63 किलोमीटर है। प्रदेश में सडक यातायात को सुगम बनाने के लिए आगामी पाँच वर्षो में वृहद एवं मध्यम पुल, आर.ओ.बी. और फ्लाई ओवर्स के निर्माण की कार्य-योजना क्रियान्वित की जा रही है। इसमें 200 करोड लागत के 400 बडे एवं मध्यम पुल,1600 करोड के 55 आर.ओ.बी. और 1940 करोड के 17 फ्लाई ओवर्स शामिल हैं। एनडीवी परियोजना अन्तर्गत प्रदेश में 56.45 किलोमीटर बैरसिया-नरसिंहगड मार्ग, भोजापुरा-अहमदपुर एवं दोराहा-अहमदपुर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस पर 108 करोड 49 लाख रूपये की राशि खर्च की गई। सिवनी-कटनी टू-लेन राजमार्ग लंबाई 78.30 किलोमीटर को पूरा किया गया है। इसके निर्माण पर 92 करोड रूपये खर्च किये गये। मध्यप्रदेश सडक विकास निगम के अन्तर्गत एशियन डेव्हलपमेंट बैंक (एडीबी) के छठवें ऋण के अन्तर्गत 1638 किलोमीटर सडकों के लिये 3595 करोड के कार्यों की निविदाएँ स्वीकृत की गई हैं।

जेलों की बेहतरी के सभी इंतजाम किये जायेंगे
     
झाबुआ । प्रदेश के गृह, जेल, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा कि जेलों की बेहतरी के सभी इंतजाम किये जायेंगे। जेलों की क्षमता वृद्धि के लिए जेल काम्पलेक्स, नई जेल व अतिरिक्त बैरकों के निर्माण की कार्यवाही करायी जायेगी। जेल मंत्री ने कहा कि जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए बाउण्ड्रीबाल निर्माण कराते हुए उसमें फेंसिंग व इलेक्ट्रिक वायरिंग फेंसिंग तथा सीसीटीवी कैमरा की भी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि बंदियों को चिकित्सालय तक लाने ले जाने के लिए पुलिस बल के अतिरिक्त स्टाफ की सुनिश्चितता के प्रयास होंगे साथ ही जेल अधिकारियों के जेल परिसर में ही भवन निर्माण के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जाने हेतु कार्ययोजना बनायी जायेगी।

प्रायवेट स्कूल¨ं की मान्यता नवीनीकरण, आॅनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून
    
झाबुआ । शिक्षा का अधिकार कानून के तहत संचालित प्रायवेट स्कूल¨ं की मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन 30 जून 2019 तक आॅनलाईन प्राप्त किये जाएंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र के प्रस्ताव पर एनआईसी द्वारा ढूूू.मकनबंजपवदचवतजंस.उच.हवअ.पद/तजमझ पर निजी विद्यालय¨ं के लिए यह सुविधा प्रारंभ की गई है। संबंधित बीआरसीसी के द्वारा आवेदन तिथि के 15 दिन में स्कूल¨ं का भ©तिक सत्यापन किया जाकर आॅनलाईन निरीक्षण रिप¨र्ट जिला शिक्षा अधिकारी क¨ प्रेषित की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारिय¨ं द्वारा प्राप्त मान्यता आवेदन¨ं का 30 दिन में निराकरण किया जायेगा। प्रायवेट स्कूल¨ं की मान्यता नवीनीकरण की यह आॅनलाईन प्रक्रिया एजुकेशन प¨र्टल ढूूू.मकनबंजपवदचवतजंस.उच.हवअ.पदझ के आरटीई प्रभाग से संचालित ह¨गी।

सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

झाबुआ । किसान कल्‍याण एवं कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री त्रिवेदी ने सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी है। उन्‍होंने बताया कि उत्पादन में स्थिरता की दृष्टि से 2 से 3 वर्ष में एक बार खेत की गहरी जुताई करना लाभप्रद होता है। अतः जिन किसान भाईयों ने खेत की गहरी जुताई नही की हो कृपया अवश्‍य करें। उसके बाद बख्खर, कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। उपलब्धता अनुसार अपने खेत में 10 मीटर के अंतराल पर सब-सॉयलर चलाए जिससे मिट्टी की कठोर परत को तोडने से जल अवशोषण नमी का संचार अधिक समय तक बना रहे।  खेत की अंतिम बखरनी से पूर्व अनुशंसित गोबर की खाद (10 टन हे.) या मूर्गी के मल की खाद (2.5 टन हे.) की दर से डालकर खेत में फैला दें। अपने क्षेत्र के लिये अनुशंसित सोयाबीन किस्मों में से उपयुक्त किस्म का चयन कर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उपलब्ध सोयाबीन बीज का अंकुरण परीक्षण (न्यूनतम 70 प्रतिशत) सुनिश्चित करें। बोवनी के समय आवश्‍यक आदान जैसे उर्वरक,  खरपतवारनाशक,  फुंदनाशक, जैविक कल्चर आदि का क्रय कर उपलब्धता सुनिश्चित करें। पीला मोजाईक बीमारी की रोकथाम हेतु अनुशंसित कीटनाषक थायोमिथाक्सम 30 एफ.एस. (10 मि.ली., कि.ग्रा. बीज) या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. (1.2 मि.ली., कि.ग्रा. बीज) से बीज उपचार करने हेतु क्रय उपलब्धता सुनिष्चित करें। वर्षा के आगमन पश्‍चात,  सोयाबीन की बौवनी हेतु मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है। नियमित मानसून के पश्‍चात लगभग 4 इंच वर्षा होने के बाद ही बुवाई करना उचित होता है। मानसून पूर्व वर्षा के आधार पर बोवनी करने से सूखे का लंबा अंतराल रहने पर फसल को नुकसान हो सकता है।

पुलिस सेवा में भर्ती हेतु बालिकाओ को निःषुल्क प्रषिक्षण दिया जाएगा 29 जून तक महिला सषक्तिकरण कार्यालय में आवेदन जमा किये जा सकते है
   
झाबुआ । राज्य मे महिलाओ के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्मित करने हेतु पुलिस के प्रति महिलाओ मे विष्वास जगाने हेतु पुलिस विभाग मे महिलाओ की नियुक्ति पर्याप्त संख्या मे आवष्यक है इस उदेष्य से सषक्त वाहिनी अभियान चलया जा रहा है अभियान के तहत् पुलिस भर्ती प्रक्रियाओ मे म.प्र. षासन के निर्देषानुसार महिलाओ को 33 प्रतिषत आरक्षण का प्रावधान है पुलिस विभाग मे भर्ती / प्रषिक्षण हेतु बालिकाओ को निःषुल्क प्रषिक्षण दिया जायेगा । उक्त प्रषिक्षण हेतू बालिका कम से कम 12 वी पास हो इच्छूक बालिकाओ जिसकी लम्बाई 158 सेन्टी मीटर या उससे अधिक हो व 18 से 28 वर्ष की आयु हो । विषय सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान व गणित से परीक्षा पास की हो आवेदन कर सकती है। प्रषिक्षण प्रतिदिन दो घण्टे दिया जायेगा। इच्छुक बालिकाये  अपना आवेदन बाल सम्प्रेक्षण परिसर कार्यालय जिला महिला एवं बाल विकास कोर्ट के सामने फोन नं. 73922423452 झाबुआ मे जमा कर सकती है।

जिले में 24 घण्टो मे 2.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

झाबुआ । जिले में इस वर्ष अब तक औसतन 11.5 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। विगत 24 घण्टो मे औसत 2.1 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापक केन्द्र झाबुआ में नील, रामा में 0.0 मि.मी., पेटलावद मे नील, थांदला मे 0.0 मि.मी., मेघनगर मे नील, राणापुर मे 13.0 मि.मी वर्षा दर्ज की गई।

ग्राम पंचायत की पहल पर तालावपाडा के चार फलियो के रहवासियों की बुझी प्यास
   
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झाबुआ । ग्रीष्मकाल में पानी के लिए जहां चहुंओर हाहाकार मचा हुआ था ऐसे समय झाबुआ जिले के ग्राम तलावपाडा के चार फलियो सिगंार फलिया, माल भूरीया फलिया, जाम फलिया,वसुनिया फलिये केे स्थानीय रहवासियों को सुगमता से आवश्यकतानुसार पानी की पूर्ति संभव हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के निदान हेतु झाबुआ जिले मे पूर्वं से ही विशेष कार्ययोजना तैयार की गई थी,जिसका लाभ ग्रामीणजनों को अविलम्ब मिला है। सूचनाओं की प्राप्ति के आधार पर पेयजल आपूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा किए गए प्रयासों से लाभांवित हितग्राही धन्यवाद ज्ञापित करने से नही चूक रहे है। गांव के सिराज बंगराला ने बताया कि ग्राम के सभी हेण्डपंपो का जल स्तर नीचे चले जाने से हेण्ड पंप ड्राय हो गए थे और पेयजल पूर्ति के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक रहवासियों को पानी लेने जाना पड़ रहा था ऐसे समय शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के मार्फत से ग्राम पंचायत द्वारा गांव में ही पेयजल आपूर्ति के लिए टेंकर माध्यम से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। ग्रामीण विजेन्द्र डामोर, नेवु भुरीया ,मुनसिह ने बताया कि गांव के हेण्डपंप सूख जाने से खेती बाडी के काम छोडकर दिनभर पानी का इन्तजाम करने मे लग जाता था। ग्राम पंचायत द्वारा अब निःशुल्क पानी उपलब्ध करा देने से बडी राहत मिली है अब हम पानी कि चिंता से मुक्त होकर अपनी खेती बाडी के काम कर रहे है। वसुनिया फलिये की महिला संगीता डामोर, अन्नु जामणीया ने बताया कि खाना बनाने ,कपडे धोने एवं मवेशियो को पानी पीलाने के लिए दिनभर में 100-200 लिटर तक पानी प्रतिदिन लगता है ऐसे मे हेण्डपंपो मे पानी सूख जाने से दिनभर पानी की जुगाड करने मे लग जाता था।इससे हमारे लिए बडी समस्या हो गई थी तेज धुप मे दिनभर  पानी ही भरना पडता था। ग्राम पंचायत द्वारा अब टेंन्कर से पानी उपलब्ध करा देने से हमारी समस्या का समाधान हो गया है।

पी.एन.डी.टी. की बैठक 22 जून को
       
झाबुआ । पी.सी.पी.एन.डी.टी. अंतर्गत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक दिनाक 22 जून 2019 को प्रातः 11ः00 बजे से मुख्य चिकित्सा  एव स्वास्थ अधिकारी के कार्यालयीन कक्ष में आयोजित की जावेगी।

आर्थिक गणना के लिए निकली वाहन रैली
बाइक रैली को कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना किया
झाबुआ । सातवी आर्थिक गणना की जागरूकता के लिए षुक्रवार को सीएससी ई गवर्नेन्स सर्विसेस इंडिया लिमिटेड द्वारा निकानी गई बाइक रैली को कलेक्टर प्रबल सिपाहा ,जिला पंचायत सीईओ जमुना भिडे, आदिवासी विभाग के आयुक्त प्रषांत आर्य और जिला योजना और सांख्यकीय प्रभारी वसुनिया मेडम ने हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना किया। साथ ही जिला ई गवर्नेस प्रबंधक धर्मेद्र मीणा और जिला लोकसेवा प्रबन्धक संत कुमार चैबे उपस्थित थे। सीएससी जिला प्रबंधंक राहुल वाघेला एवं रंजीत नियमा ने बताया कि रैली झाबुआ षहर के प्रमुख मार्गा से होती हुई स्थानीय अम्बेडकर गार्डन मे समापन किया गया। रैली के माध्यम से आम लोगो मे आर्थिक गणना के फायदे के नारे लगाते रहे। रैली में जिले के 150 से ज्यादा वीएलई एनिमेटर उपस्थित रहे।

पूर्णिया : जोगबनी से पटना वाया पूर्णिया जंक्शन ट्रेन की सुविधा हो बहाल : सरिता राय

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- जन सुविधा को देखते हुए पूर्णिया जंक्शन से ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने व सौंदर्यीकरण कराए जाने समेत कई अन्य मांग पर रेलवे के उच्च पदस्थों का ध्यान आकृष्ट कराया है
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पूर्णिया : एनएफ रेल मंडल कटिहार अंतर्गत पूर्णिया जंक्शन पर सुविधाओं में इजाफा किए जाने को लेकर आवाज बुलंद होने लगी है। स्टेशन सलाहकार समिति सदस्य सह वार्ड 22 की पार्षद सरिता राय ने मंडल रेल प्रबंधक को पत्र प्रेषित कर विभिन्न मांगों काे जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया जंक्शन सीमांचल क्षेत्र का प्रमुख रेल जंक्शन है और यहां से प्रतिदिन हजारों की आबादी ट्रेन से सफर करती है। साथ ही नेपाल व बांग्लादेश के यात्री भी रेल सुविधा का लाभ उठाते हैं। बता दें कि वर्तमान में पूर्णिया शहर की आबादी करीब साढ़े तीन लाख है और रेल सुविधा के नाम पर यहां कुछ खास मयस्सर नहीं है। जन सुविधा को देखते हुए पूर्णिया जंक्शन से ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने व सौंदर्यीकरण कराए जाने समेत कई अन्य मांग पर रेलवे के उच्च पदस्थों का ध्यान आकृष्ट कराया है। 

...ये हैं मांगें : 
पूर्णिया स्टेशन सलाहकार समिति की सदस्य सरिता राय के द्वारा जो सूची सौंपी गई है उसमें,
- स्टेशन परिसर के साथ साथ प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 व 3 पर यूरिनल और शौचालय की व्यवस्था किए जाने
- जोगबनी से वाया पूर्णिया पटना के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस का परिचालन
- स्टेशन परिसर के बाहर पार्किंग व वाहन शेड की समुचित व्यवस्था 
- स्टेशन परिसर को अतिक्रमणमुक्त बनाए रखने
- प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 व 3 पर शेड बहुत छोटा होने के कारण बरसाती दिनों व गर्मी में धूप से बचने में रेलयात्रियों को काफी परेशानी होती है इस कारण शेड का विस्तार किए जाने की मांग की गई 
- सीमांचल एक्सप्रेस का ठहराव दो मिनट की जगह 5 मिनट किए जाने 
- जानकी एक्सप्रेस की समय सारिणी को बदलकर रात्रि के 9 बजे या फिर 10 बजे किए जाने
- रैक प्वाइंट को सुदृढ़ करने, लोकल व्यापारियों के प्रोत्साहन के लिए कटिहार में ट्रामसिटमेंट की व्यवस्था किए जाने
- यार्ड की उत्तर दिशा में हाईमास्ट लाइट लगाए जाने
- पूर्णिया जंक्शन के बगल में रेलवे ओवरब्रिज पर लाइटिंग की व्यवस्था 
- कोसी हटिया एक्सप्रेस को पूर्णिया जंक्शन तक विस्तार किए जाने चूंकि सुरक्षा व असुविधा के दृष्टिकाेण से यात्रीगण कोर्ट स्टेशन नहीं जाना चाहते हैं 
- आम्रपाली एक्सप्रेस का परिचालन जोगबनी स्टेशन तक किए जाने 
- स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज दक्षिण की ओर बढ़ोत्तरी कर बाहर की ओर निकासी की व्यवस्था किए जाने 
- इसके अलावा स्टेशन पर डिस्प्ले बोर्ड, कुलियों के लिए विश्रामालय, सस्ते कैंटीन, स्टेशन परिसर में प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी के लिए पूर्ण सुविधायुक्त प्रतीक्षालय की व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला आरक्षी बल की तैनाती किए जाने, दिव्यांगों के लिए स्टेशन परिसर में सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराए जाने, आरक्षण काउंटर में वैसे बंद काउंटर जो पूर्व में चालू थे उसे पुन: चालू किए जाने और दिव्यांग व वरिष्ठ जनों के लिए अलग से काउंटर की सुविधा बहाल किए जाने, अनारक्षित टिकट काउंटर जो रात्रि प्रहर में बंद रहता है उसे भीड़ में चालू किए जाने, रेलवे परिसर समेत रेलवे क्वार्टर में स्वच्छता अभियान व पौधरोपण कार्यक्रम सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई है।

पूर्णिया : प्रतिदिन रेलवे को होती है 75 हजार की कमाई, सुविधा के नाम पर पेयजल व शौचालय तक नहीं

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- पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर प्रतिदिन सैकड़ों यात्री होते हैं सवार, पेयजल, सुरक्षा व यात्री सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं मिलता   
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कुमार गौरव । पूर्णिया : पूर्णिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर व एनएफ रेल मंडल कटिहार के मुहाने पर है। एक ओर जहां पूर्णिया जंक्शन में सारी सुविधाएं बहाल हैं तो दूसरी ओर पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर अंतर्गत पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर यात्रियों के लिए पेयजल तक की सुविधा नहीं है। इन दो स्टेशनों की दूरी महज दो से तीन किलोमीटर है लेकिन सुविधा में जमीन आसमान का अंतर है। पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से प्रतिदिन तीन जोड़ी पैसेंजर समेत हाटे बाजारे एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता है। हालांकि इनमें से हाटे बाजारे, हमफसर व जानकी का ठहराव नहीं है लेकिन चार जोड़ी ट्रेनों का ठहराव होता है और प्रतिदिन की कमाई करीब 75 हजार रूपए है। इसके बाद भी इस स्टेशन पर सुविधा के नाम पर रेलयात्रियों को पानी तक नसीब नहीं है। बता दें कि गत दिनों आई आंधी में दो टंकी गिर चुकी है जिसे दुरूस्त करने के लिए संबंधित विभाग के लोग लगातार स्टेशन पहुंच रहे हैं और पूर्व से लगे 3 एचपी क्षमता वाले मोटर को भी बदलने की बात कही जा रही है। 

...प्लेटफाॅर्म बनी है सड़क :
आमतौर पर इस स्टेशन पर बनाए गए आरपीएफ पोस्ट पर हरवक्त ताला लटका रहता है। ताला यदा कदा ही खुलता है। आमजन अपनी दो पहिया गाड़ी को प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से चलाते हैं। जिस कारण नियम कानून का मखौल उड़ता है और सुरक्षा पर भी कई सवाल उठते हैं। यदि आरपीएफ सक्रिय रहते तो बेशक ऐसे हालात उत्पन्न नहीं होते। वहीं दूसरी ओर रेलयात्रियों के लिए बनाए गए शौचालय तो कंडम स्थिति में है और ताला लटकने के साथ साथ गंदगी इस कदर व्याप्त रहती है कि स्वस्थ आदमी शौच जाए तो बेशक बीमार पड़ जाए। यही हाल स्टेशन के बाहरी हिस्सों का भी है। गत वर्ष 08 जून 2018 को पूर्णिया कोर्ट स्टेशन का जायजा लेने पहुंचे समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आरके जैन ने परिसर में घूमकर जल्द से जल्द झाड़ी समेत गंदगी की सफाई करने का निर्देश दिया था। साथ ही 50 लाख रूपए की योजना तैयार कर विकास कार्य कराए जाने की बात कही थी। जिसके बाद कार्य तो हुए लेकिन क्वालिटी के नाम पर समझौता कर लिया गया। आजतक नल से पानी की एक बूंद तक यात्रियों को नहीं मिली है। ठेकेदार द्वारा कार्य में शिथिलता बरती जा रही है। पानी टंकी समेत छह जगहों पर 24 टोटियां लगाई जा चुकी हैं लेकिन इनसे एक बूंद पानी नहीं निकल पाया है। जबकि डीआरएम ने त्वरित कार्रवाई के तहत इसे चालू करने का दिशा निर्देश दिया था। वहीं दूसरी ओर रेल ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो पाने के कारण स्कूली बच्चे व लाइन के पार रहने वाले लोग पटरी पार कर आवागमन करते हैं। इस दौरे में डीआरएम के साथ सीनियर डीसीएम बिरेंद्र कुमार, सीनियर डीईएन बीके सिंह, सीनियर डीईएन 3 संजय कुमार, सीनियर डीएसटीई अभिषेक कुमार, सीनियर डीएमई दिलीप कुमार, सीनियर डीओएम अमरेश कुमार, आरपीएफ कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित शामिल थे।

...जाप कार्यकर्ताओं ने सौंपा था ज्ञापन : 
गत वर्ष जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डीआरएम से मिलकर मांग पत्र सौंपा था। जाप छात्र परिषद के प्रदेश प्रवक्ता राजेश यादव ने डीआरएम से मिलकर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर जानकी एक्सप्रेस के ठहराव, कटिहार से सहरसा के बीच एक जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन, कोर्ट स्टेशन में फुट ओवरब्रिज का निर्माण, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन परिसर में शुद्ध पेयजल, शौचालय एवं स्ट्रीट लाइट की समुचित व्यवस्था कराए जाने, पूर्णिया से लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन की मांग शीघ्र कराए जाने की मांग की। जिस पर डीआरएम ने मांगों पर विचार किए जाने का आश्वासन दिया था। 

...उच्च पदस्थों को दी गई है जानकारी : 
रेल मंडल समस्तीपुर के उच्च पदस्थों को यहां की समस्या की जानकारी दी गई है। कुछ दिनों पहले पेयजल की समस्या को दूर करने व 20 हजार लीटर की क्षमता वाली टंकी में पानी भरने के लिए मोटर लगाया गया था लेकिन कम क्षमता यानी 3 एचपी का होने के कारण काम नहीं कर सका। शौचालय के लिए सुलभ इंटरनेशनल से बात हुई है। जल्द ही परिसर में शौचालय निर्माण का भी रास्ता साफ हो जाएगा। परिसर में प्रतिदिन साफ सफाई का कार्य होता है। 
: मृत्युंजय मिश्रा, स्टेशन अधीक्षक, पूर्णिया कोर्ट स्टेशन।
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