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बिहार : शनिवार को अस्पताल में पोस्टमॉर्टम हाउस के पीछे झाड़ियों में एक शव भी मिला

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  • मस्तिष्क ज्वर के चलते बिहार में शनिवार सुबह तक 173 बच्चों की मौत हो चुकी, 2010 से 2019 तक 471 बच्चों की मौत हो गयी है

गंगा बचाओं अभियान ट्रस्ट के संस्थापक विकास चन्द्र उर्फ गुड्डू बाबा ने कहा कि बिहार अस्पताल के कैंपस मे ये किसकी लाशें और कैसी लाशें सैकड़ों के तादात मे जलाई गई है। यहाँ इधर उधर मानव कंकाल पड़े हुए हैं। इसका जिम्मेवार कौन है अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों ये जांच का विषय है।
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पटना, 22 जून। गंगा बचाओं अभियान ट्रस्ट के संस्थापक है विकास चन्द्र उर्फ गुड्डू बाबा। दीघा थानान्तर्गत बालूपर मोहल्ला में रहते हैं। यहां से चलकर मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृण मेडिकल एंड हाॅस्पिटल (एसकेएमसीएच) पहुंचे। वहां पर जाकर सीधे बगीचा में जा पहुंचे। वहां पर जाकर गुड्डू बाबा ने साबित कर दिया कि वास्तव में एक समाज सेवी हैं। हाॅस्पिटल के द्वारा अमानवीय कृत्यों को पर्दाफाश कर दिया।  बताते चले कि आज एक चैनल के खोजी रिपोर्टर ने सनसनीखेज उद्भेदन किया कि हाॅस्पिटल में मर जाने वाले लोगों का शव को बिना अंतिम संस्कार किये ही बगीचा रूपी जंगल में फेंके  दिया जाता है। इसके कारण यहां मानव कंकालों का अम्बार हो गया था। यहां पर मुख्यमंत्री आने वाले थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन के पूर्व इधर उधर फेंके गए शवों को उठा कर सामूहिक दाह संस्कार किया गया। बेहतर ढंग से कार्य नहीं करने के कारण अनेक नर कंकाल जंगल में पड़ा ही रह गया था। डायनामिक इंडिया ग्रुप के सचिव के.के. सिंह कहा है कि आजतक सरकार और जिला प्रशासन एवं मीडिया क्यों नहीं पहुंचा। क्योंकि सभी अपने पॉकेट भरने के लिए ही ज्यादा काम करते हैं। समाज के लिए नहीं, मानवता को शर्मसार करने वाले इस घटना का जवाब कौन देगा? एक नजर में सिर्फ और सिर्फ सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि एक- दो कंकाल भी मिलना संदेह के घेरे में है, क्या हॉस्पिटल के आड़ में कहीं न कहीं कोई जीवन और मृत्यु का खेल तो नहीं खेला जा रहा है, क्या खूनी खेल तो नहीं खेला जा रहा था, इतने कंकाल का होना कहीं न कहीं किडनैप और लापता बच्चों की ओर इशारा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं अमीरों के लिए इतने मासूम के कोई अंगों को लेकर उनके बॉडी को फेंक तो नहीं दिया गया है? ये रूटिंग में मरने वाले कंकाल नहीं लग रहे हैं, ये साजिश के तहत मारे गए मानव का कंकाल है। जाँच जल्द से जल्द करने का आदेश दिया जाना चाहिए। ऐसे समाज सेवी को दिल से धन्यवाद देता हूं ऐसे समाज सेवी ही देश का दशा और दिशा बदल सकते हैं, सरकार तो कैसे कुर्सी बचे यही सोचने में पूरा पाँच साल बीता देते हैं। इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित सरकारी अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के पीछे शनिवार को मानव कंकाल मिले हैं। यह अस्पताल बिहार में फैले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से चर्चा में है। इस अस्पताल में अब तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं,बिहार में शनिवार सुबह तक 173 बच्चे इस बीमारी के चलते जान गंवा चुके हैं। हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम हाउस के पीछे नर कंकालों के टुकड़े और हड्डियां मिलीं। झाड़ी में एक शव भी मिला। हॉस्पिटल प्रशासन ने इस मामले में जांच कराने की बात कही है। बताया जा रहा है कि अस्पताल कर्मी इन झाड़ियों में लावारिस लाशों को फेंक देते हैं। इस संबंध में एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ.एसके शाही ने बताया कि पोस्टमॉर्टम विभाग प्रिंसिपलके अधिकार क्षेत्र में है। शव के साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए। मैं इस संबंध में प्रिंसिपल से बात करूंगा और उनसे इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए कहूंगा। 

130 से ज्यादा बच्चे अभी भी यहां भर्ती
एसकेएमसी हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार शाही ने बताया कि मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित 68 बच्चे अभी आईसीयू में एडमिट हैं और 65 बच्चों का इलाज सामान्य वार्ड में चल रहा है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अस्पताल का दौरा किया था। 

2012 में हुई थी 120 बच्चों की मौत
एसकेएमसीएच हॉस्पिटल से मिले आकड़ों के मुताबिक, हुई थी। 2010 में 59 भर्ती हुए और 24 की मौत हुई। 2011 में 121 भर्ती हुए और एक भी मौत नहीं हुई। 2012 में 336 भर्ती और 120 की मौत हुई। 2013 में 124 भर्ती और 39 की मौत हुई। 2014 में 701 भर्ती और 90 की मौत हुई। 2015 में 75 भर्ती और 11 मौत हुई। 2016 में 31 भर्ती और 04 मौत हुई। 2017 में 17 भर्ती और 11 मौत हुई। 2018 में 14 भर्ती और 7 मौत हुई। एईएस से अब तक 165 जानें गईं, नहीं थम रही परिजनों की चीख-पुकार जारी है।

बिहार : सड़क हादसों में अब लोगों को मदद करना हुआ आसान, मिलेगा इनाम

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम की शुरूआत की है।सड़क हादसे में घायल लोगों की मदद करने वाले को अब 2500 रूपये प्रति व्यक्ति नगद,ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाएगा।अब पीड़ित लोगों को लोग मदद करने के लिये रहेंगे तत्पर।यूँ तो पहले भी लोग मदद करते ही थे, मगर पुलिसप्रशासन द्वारा अनाप-सनाप पूछताछ करने से बचने के लिये बहुत लोग नजरअंदाज भी कर दिया करते थे,किन्तु प्रशासन के तरफ से उठाए गए इस कदम को लेकर अब कोई भी किसी व्यक्ति की मदद करने से पीछे नहीं हटेगा।जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग से  घायल लोगों की मदद करने वाले लोगों की पहचान कर लिस्ट भेजने को कहा है।इसके साथ ही पटना में सड़क हादसे से बचाव के लिए जगह जगह सुरक्षा से संबंधित साइनेज भी लगाए जाएंगे।जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकांश सड़क हादसा मानवीय भूल के कारण से होती है।इसमें कमी लाने के लिए समय समय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

पूर्णिया : वृद्धजन पेंशन योजना में छूटे हुए लाभार्थी के निबंधन में लाएं तेजी : बीडीओ

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अमौर : मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में छुटे हुए लाभार्थियों के निबंधन में तेजी लाएं। उक्त बातें अमौर बीडीओ रघुनंदन आनंद ने प्रखंड सभागार में वृद्धजन पेंशन योजना को लेकर आयोजित प्रखंड कर्मियों की साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धजनों को सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना अघिसूचित की गई है। जिसमें सभी आय वर्ग के वृद्धजन जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो और जिन्हें केंद्र/राज्य सरकार से कोई वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त न हो रहा हो। उन्हें 60-69 आयु वर्ग के लिए 400 रूपए एवं 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लिए 500 रूपए का मासिक पेंशन देय होगा। इस योजना में लाभुकों के निबंध के लिए पंचायतवार 01 जून से 30 जून 2019 तक रोस्टर तैयार कर आरटीपीएस कॉउंटर के माध्यम से आवेदन लिया जा रहा है। प्रखंड में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत अभी तक विॆभिन्न पंचायतों से कुल 1720 आवेदन लिए गए हैं। जिसमें 688 आवेदन स्वीकृत हो गया है और लाभुकों के खाते में पेंशन योजना की राशि हस्तांतरित कर दी है। शेष लाभुकों के आवेदनों की जांच चल रही है। जांचोपरांत स्वीकृति प्रदान की जाएगी। 

...प्रखंड में आवेदन देने में भवानीपुर पंचायत अव्वल, तीयरपाड़ा पंचायत सबसे पीछे :
प्रखंड में इस योजना के तहत आवेदन देने में भवानीपुर पंचायत अव्वल रहा है। इस पंचायत में अभी तक 181 लाभुकों के आवेदन सृजित किए गए हैं। सबसे खराब स्थिति तीयरपाड़ा पंचायत की है। जहां महज 09 लाभुकों ने आवेदन दिए हैं। प्रखंड में अब तक अमौर पंचायत से 63, बकेनिया बरेली से 154, बंगरा मेहंदीपुर से 138, बाड़ा ईदगाह से 97, बरबट्टा से 39, भवानीपुर से 181, विष्णुपुर से 79, डौहुआबाड़ी से 62, दलमालपुर से 59, मच्छटा से 44, मझुवाहाट से 50, पोठिया गंगेली से 75, रंगरैया लालटोली से 17, तालबाड़ी से 52, तीयरपाड़ा पंचायत से 09 आवेदन सृजित किए गए हैं। समीक्षात्मक बैठक में बीडीओ ने मुखंयमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में छूटे हुए लाभार्थियों के निबंधन में तेजी लाने, पंचायत स्तर पर योजना का प्रचार प्रसार करने तथा आमलोगों को योजना के प्रति जागरूक करने का अनुरोध किया। बैठक में प्रखंड के सभी पंचायत सचिव, कार्यपालक सहायक एवं प्रखंड कर्मी मौजूद थे।

बेगूसराय : सदस्यता अभियान की बैठक में मासूमों के प्रति शोक सभा का आयोजन फिर 56 भोग का व्यंजन

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) सदस्यता अभियान को लेकर बुलाई गई बीजेपी की बैठक की शुरुआत मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले मासूमों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। मंच पर बैठे तमाम बड़े नेताओं ने हाथ बांधकर बच्चों की मौत पर शोक जताया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर में फैले मातम पर सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालने के बजाय बात को को ले आये बिहार में पार्टी को कैसे सबसे मजबूत बनाया जाए इसको लेकर चर्चा छिड़ गई।शायद सरकार के पास मासूमों के लिये कोई कदम उठाने जैसी बात ही नहीं रह गई हो।कारण की मासूम तो मर चुके है,इस दुनियां में रहे ही नहीं तो उनके लिये सिक्दहाना क्या?और जी हैं वो रहें या नहीं सरकार को इससे फर्क ही क्या पड़नेवाला है।जी रहेगा वो चुनाव के समय में वोट तो देगा ही चाहे जैसे दे।तो आम जन-जीवन के बारे में औपचारिकता पूरी करनी थी सी शोक माना कर कर लिया और बात आ गई सदस्यता अभियान में तेजी लाने की रणनीति पर और उसके बाद यह लक्ष्य तय हुआ कि 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में बीजेपी सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी बने।बैठक खत्म होने के साथ मासूमों के लिए संवेदना का दौर पीछे छूट गया। कारण यह था कि ऐसी में बैठकर बकबक करते करते पेट खाली हो चुका था,और सामने 56 भोग भी परोसा हुआ था। तो नीचे से  लेकर ऊपर तक के सभी कार्यकर्ता तक पार्टी दफ्तर में आयोजित दावत पर टूट पड़े। सामने जायकेदार भोजन था लिहाजा किसी को इस बात की फिक्र नहीं रही की जिनके घरों का चिराग चमकी बुखार ने बुझा दिया उनके यहां शायद कई दिनों से चूल्हा तक नहीं जला होगा। और ये नेता लोग अपने पेट की आग बुझाने के साथ साथ जिह्वा को स्वाद देने के लिये आतुर भजन पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े।बिहार में पार्टी को सबसे मजबूत बनाना है लिहाजा कार्यकर्ताओं और नेताओं को खा पीकर तंदुरुस्त रहना होगा। लेकिन उनका क्या जो आए तो थे जिंदगी जीने के लिये,लेकिन चमकी बुखार ने उन्हें काल के गाल में पहुंचा दिया।ताज्जुब है इन नेताओं को कैसे खाया गया मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि देने के बाद,सही में नेता के पास दिल नाम की कोई चीज ही नहीं होती है,यह बात भी इस बैठक में साबित हो ही गया।

पूर्णिया : सदर अस्पताल में जरूरत 60 डॉक्टरों की, काम चला रहे 33 से, विशेषज्ञों की है भारी कमी

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- कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन डॉक्टर की नहीं की गई है तैनाती- अस्पताल में एएनएम की जरूरत है 250 की लेकिन काम चला रहे 43 से
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पूर्णिया : सदर अस्पताल कोसी और सीमांचल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। जिस कारण प्रतिदिन यहां हजारों की तादाद में लोग अपना इलाज कराने पहुंचते हैं। लेकिन इसके बाद भी यहां कई ऐसी कमियां हैं जो कि जानलेवा है। मसलन यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों का नितांत अभाव है। बता दें कि कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन डॉक्टर की यहां तैनाती तक नहीं की गई है। डॉक्टर और नर्सों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिस कारण मौजूदा डॉक्टर और नर्स भी परेशान रहते हैं। यह समस्या सिर्फ आज की नहीं वर्षों पुरानी है। हर बार डॉक्टर व नर्स की नियुक्ति के लिए कवायद शुरू होती है लेकिन मामला बीच में अटक जाता है। सदर अस्पताल में हर रोज एक हजार से अधिक रोगी इलाज के लिए आते हैं। लेकिन आलम यह है कि डॉक्टरों की कमी के कारण समय पर जांच नहीं हो पाता है और कई लोग बिना जांच कराए ही वापस चले जाते हैं। अस्पताल में मरीजों की तुलना में डॉक्टर और नर्सों की भारी कमी है। 

...जरूरत 60 डॉक्टरों की है मौजूद हैं 33 : 
अस्पताल में डॉक्टरों की जरूरत करीब 60 से अधिक है लेकिन फिलहाल सिर्फ 33 डॉक्टरों से काम चलाया जा रहा है। इन्हीं डॉक्टरों को अस्पताल के 16 वार्डों को देखना पड़ता है। जिस कारण मरीजों का समय पर इलाज नहीं हो पाता है और अक्सर हो हंगामा होता है। सदर अस्पताल में करीब 16 से अधिक वार्ड हैं। जिसमें आईसीयू और ओटी महत्वपूर्ण है। लेकिन इन वार्डों में डॉक्टरों की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है। यहां तक कि प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी के कारण आईसीयू वार्ड बंद है। जानकारों की माने तो सदर अस्पताल में न्यूरो सर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट व आईसीयू के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं हैं। न्यूरो सर्जन नहीं होने के कारण न्यूरो से संबंधित ऑपरेशन या इलाज नहीं हो पाता है। वहीं कार्डियोलाॅजिस्ट व नेफ्रोलॉजिस्ट और आईसीयू के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को हायर सेंटर के नाम पर रेफर कर दिया जाता है। 

...एएनएम की जरूरत 250 की है काम चला रहे 43 से :
सदर अस्पताल में डॉक्टर के बाद नर्सों की भी भारी कमी है। अस्पताल में एक वार्ड में हर रोज करीब 80 मरीज भर्ती रहते हैं। इन मरीजों की देखभाल व इलाज के लिए मात्र एक से दो नर्स रहती हैं। जबकि अस्पताल 24 घंटे संचालित रहता है। अस्पताल में जरूरत है 250 नर्सों की लेकिन मात्र 43 नर्सों से काम लिया जाता है। 

...अस्पताल के किस वार्ड में कितने डॉक्टर हैं कार्यरत :
फिजीशियन-7, सर्जन-4, बच्चा रोग-3, अार्थोपेडिक-3, डेंटल-3, ईएनटी-1, आंख-4, चर्म रोग-1, मनोरोग-1, पैथोलॉजिस्ट-1, ब्लड बैंक-1, महिला रोग विशेषज्ञ-2, एनेस्थेसिस्ट-4. 

...पोस्टमार्टम में फॉरेंसिक विशेषज्ञ की है कमी :
सदर अस्पताल में हर रोज दो से सात की संख्या में लाश का पोस्टमार्टम होता है। जिसमें कई लाश का फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल लिया जाता है। लेकिन अस्पताल में पोस्टमार्टम करने और फॉरेंसिक सैंपल के लिए विशेषज्ञ नहीं है। अस्पताल में फॉरेंसिक विशेषज्ञ की जगह दूसरे विभाग के डॉक्टर पोस्टमार्टम करते हैं और फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल निकालते हैं। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक सैंपल विशेषज्ञ ही निकाल सकते हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधक डॉक्टरों को दबाव डालकर पाेस्टमार्टम का काम कराते हैं। 

...मेडिकल कॉलेज तैयार होने पर होगी डॉक्टरों की बहाली : 
सदर अस्पताल में डाॅक्टरों की भारी कमी है। मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। कॉलेज निर्माण होने के बाद सभी खाली पदों पर बहाली की जाएगी।  : डॉ मधुसूदन प्रसाद, सिविल सर्जन, पूर्णिया।

बिहार : कुख्यात अपराधी पप्पू यादव को गिरफ्तार करने के मिली पुलिस को बड़ी कामयाबी

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) पुलिसप्रशासन अपराधियों पर नकेल कसने की पूरी कोशिश कर रही है।एएसपी लिपि सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया है।बताया जा रहा है कि,पप्पू यादव कई दिनों से हत्या के मामले में फरार चल रहा था।उसके ऊपर कई थानों में दर्जनों मामले दर्ज है,पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।पुलिस के मुताबिक फरार होने के बाद पुलिस को मिली इस सफलता की जानकारी देते हुए एएसपी लिपि सिंह ने बताया कि भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।साथ ही पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है, वो सफलता ये है कि,पुलिस ने बैंक ग्राहकों की रेकी कर पैसे की छिनतई करने वाले गिरोह के सदस्य को भी धर दबोचने में सफलता प्राप्त की है।

विचार : ओम बिड़ला का लोकसभा अध्यक्ष बनना

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नरेन्द्र मोदी उच्च पदों के लिये व्यक्तियों का चयन करते हुए न केवल अंचभित करते रहे हैं, चैंकाते रहे हैं, बल्कि सारे राजनीतिक गणित को फेल करते रहे हैं। सत्रहवीं लोकसभा के अध्यक्ष पद को लेकर भी उन्होंने ऐसा ही किया। जैसी ही यह खबर आई कि ओम बिड़ला अगले लोकसभा अध्यक्ष होंगे, सभी राजनीतिक पंडितों के आंकलन फेल हो गए। क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में बिड़ला कोई स्थापित नाम नहीं है, उनका कोई लम्बा राजनीतिक इतिहास भी नहीं है, न वे सुर्खियों में रहने वाले नेता हैं। लेकिन उनकी विशिष्ट पहचान सामाजिक एवं संवेदनशील कार्यकर्ता के रूप में रही हैं। वे भारतीय राजनीति के जुझारू एवं जीवट वाले नेता हैं, यह सच है कि वे राजस्थान के हैं यह भी सच है कि वे भारतीय जनता पार्टी के हैं किन्तु इससे भी बड़ा सच यह है कि वे विलक्षण विशेषताओं के धनी हैं। देश की वर्तमान राजनीति में वे दुर्लभ व्यक्तित्व हैं। उदात्त संस्कार, लोकजीवन से इतनी निकटता, इतनी सादगी, सरलता और इतनी सचाई ने उनके व्यक्तित्व को बहुत और बहुत ऊँचा बना दिया है और वे लोकसभा के अध्यक्ष बन गये हैं।

ओम बिड़ला राजस्थान के कोटा से सांसद हैं। बीजेपी ने उनका नाम तय किया है। सिर्फ दो बार के सांसद बिड़ला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने संदेश दिया है कि अहम पदों के लिए सिर्फ अनुभव ही नहीं और भी समीकरण मायने रखते हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में जब गुणवत्ता, निपुणता और तत्परता पर सबसे अधिक फोकस करने की बात कही थी, तभी यह संदेश सामने आ गया था कि वरिष्ठता ही जिम्मेदारी सौंपने का एकमात्र पैमाना नहीं है। यही कारण है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह, रमापति राम त्रिपाठी, एस. एस. आहुलवालिया और डाॅ. वीरेंद्र कुमार जैसे कई बड़े नामों की चर्चा के बीच अचानक से भाजपा की ओर से ओम बिड़ला का नाम चैंकाने वाला रहा। मोदी और शाह के लिए एक बात जो लगातार कही जाती है कि वह यह है कि वो दोनों ऐसे निर्णय लेने में माहिर है जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है। उदाहरण के तौर पर थोड़ा पीछे चलते हैं और याद करते हैं 2017 को जब राष्ट्रपति पद को लेकर सभी कई नामों में भी मोदी-शाह ने रामनाथ कोविंद का नाम आगे कर तमाम अटकलों को धता बता दिया। ओम बिड़ला के संदर्भ में भी ठीक ऐसा ही हुआ है। अब तक लोकसभा के अध्यक्ष पद उसी व्यक्ति को दिया गया है जिन्हें संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव रहा हो। जैसे बलराम जाखड़, शिवराज पाटिल, मनोहर जोशी, पीए संगमा, सोमनाथ चटर्जी, मीरा कुमार और सुमित्रा महाजन। ऐसे में ओम बिड़ला का नाम विपक्ष को भी चैंकाने वाला रहा फिर भी विपक्ष ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।

वैश्य बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सिर्फ दो बार के सांसद रहे ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाना एक नये राजनीतिक इतिहास का सृजन है। उनके कम अनुभव के सवाल पर कहा जा रहा है कि वह राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लीक से हटकर कई नई पहल की और अपनी राजनीतिक क्षमता एवं योग्यता को उजागर किया। 2014 में उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति, सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था। इसके अलावा उनकी प्रबंधन क्षमता भी अच्छी है। बड़े नेताओं से रिश्ते भी अच्छे हैं। ऊर्जावान भी हैं। इन सब कारणों से उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। राजनीतिक कैरियर की बात करें तो चार दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिड़ला 2014 में 16वीं लोकसभा के चुनाव में पहली बार सांसद बने। इससे पहले 2003,  2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक बने। इस प्रकार वह कुल तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। वे सहकारी समितियों के चुनाव में भी रुचि रखते हैं। 1992 से 1995 के बीच वह राष्ट्रीय सहकारी संघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष रहे। वे अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के लगातार 6 वर्ष तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। वे नेहरू युवा केंद्र नई दिल्ली के संयुक्त सचिव भी रहे। उन्होंने नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से सम्पूर्ण देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन की विस्तृत योजना बनाकर ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढाने के अभियान का नेतृत्व किया। कोटा में सहकारी समितियों में आज भी उनका दखल बताया जाता है। परिवार की बात करें तो पत्नी अमिता बिड़ला पेशे से चिकित्सक हैं। पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला और माता का नाम शकुंतला देवी हैं। दो बेटे और दो बेटियां हैं।

शिक्षा की काशी कहे जाने वाले कोटा का व्यापक परिवर्तन एवं उसे विकास के शिखर देने वाले ओम बिड़ला जुझारू एवं संवेदनशील व्यक्तित्व हैं। वे समाज की पीड़ा को हरने वाले एवं शीतलता की छांव देने वाले बरगद हैं। बिड़लाजी ने एक व्रत लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा और वे इसके लिये एक प्रसादम नाम की योजना चलाते हैं जो आज भी चल रही है। उन्होंने राजनीति का केंद्र बिंदु जन आंदोलन से ज्यादा जनसेवा को बनाया। बारां जिले के सहरीया आदिवासी क्षेत्र में कुपोषण समाप्त करने के लिए भी उन्होंने कार्य किया। जनवरी 2001 में गुजरात में आये भयंकर भूकम्प पीड़ितों की सहायतार्थ चिकित्सकों सहित लगभग 100 से अधिक स्वयंसेवकों के राहत दल का नेतृत्व करते हुए उन्होंने लगातार 10 दिन तक दिन -रात भूकम्प पीड़तों की सहायता की तथा उन्हें खाद्य एवं चिकित्सा सामग्री वितरित की। जब केदारनाथ का हादसा हुआ तो बिड़लाजी अपनी टोली के साथ उत्तराखंड में समाज सेवा के लिए लग गए और अपने कोटा में भी अगर किसी के पास ठंड के सीजन में कंबल नहीं है तो रातभर कोटा की गलियों में निकलकर जन भागीदारी से लोगों को कंबल पहुंचाते रहे हैं। विभिन्न अवसरों, जयन्तियों एवं आवश्यकतानुसार रक्तदान शिविरों का भी उन्होंने समय-समय पर आयोजन करवाया। शहर की कच्ची बस्तियों में अस्थाई रूप से रहने वाले निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जन सहयोग से बस्ती में ही ‘मेरी पाठशाला’ के नाम से स्कूल स्थापित किया। वर्ष 2014 में ओला वृष्टि के कारण फसल खराब होने के कारण हताशा एवं आर्थिक परेशानियों से घिरे किसानों को जन सहयोग से सबल देने के लिए एक मुठ्ठी अन्न राहत अभियान भी उन्होंने चलाया। उन्होंने निर्धन, असहाय एवं जरूरतमन्द व्यक्तियों को निःशुल्क उपचार एवं दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए जनसहयोग से ‘मेडिसिन बैंक’ प्रकल्प की स्थापना भी की। युवा पीढी में राष्ट्रीय भावना जागृत करने, शहीदों के बलिदान को सदैव याद रखने तथा नई पीढी में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण की भावना स्थापित करने के उद्देश्य से कोटा शहर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम ‘‘आजादी के स्वर’’ का पिछले 13 वर्षों से उनके नेतृत्व में आयोजन किया जा रहा है। कोटा शहर में आई.आई.टी की स्थापना के लिए भी उन्होंने व्यापक आन्दोलन चलाया। इसके अलावा बूंदी जिले को चम्बल नदी का पानी उपलब्ध कराने के लिए भी उन्होंने काम किया। तभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओम बिड़ला को सक्रिय और सामाजिक कार्यों से जुड़े रहनेवाला शख्स बताया।

ओम बिड़ला तो कर्मयोगी हैं, देश की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहते हैं, किसी पद पर रहे या नहीं, हर स्थिति में उनकी सक्रियता एवं जिजीविषा रहती है, एक राष्ट्रवादी सोच की राजनीति उनके इर्दगिर्द गतिमान रहती है। वे सिद्धांतों एवं आदर्शों पर जीने वाले व्यक्तियों की शंृखला के प्रतीक हैं। आज तक वे किसी मंत्री पद पर नहीं रहे। अब वह सीधे लोकसभा अध्यक्ष बन रहे हैं तो उनकी इस उपलब्धि को राजनैतिक जीवन में शुद्धता की, मूल्यों की, राजनीति में सिद्धान्तों की, आदर्श के सामने राजसत्ता को छोटा गिनने की या सिद्धांतों पर अडिग रहकर न झुकने, न समझौता करने की मौलिक सोच की उपलब्धि ही कहा जायेगा। हो सकता है ऐसे कई व्यक्ति अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हों। पर ऐसे व्यक्ति जब भी रोशनी में आते हैं तो जगजाहिर है- शोर उठता है, नये कीर्तिमान स्थापित होते हैं। ओम बिड़ला ने स्वल्प समय में सक्रिय राजनीति, सेवा की राजनीति करते रहे, पर वे सदा दूसरों से भिन्न रहे। घाल-मेल से दूर। भ्रष्ट राजनीति में बेदाग। विचारों में निडर। टूटते मूल्यों में अडिग। घेरे तोड़कर निकलती भीड़ में मर्यादित। उनके जीवन से जुड़ी विधायक धारणा और यथार्थपरक सोच ऐसे शक्तिशाली हथियार है जिसका वार कभी खाली नहीं गया, इस बार तो उन्हें ऐसे शिखर पर स्थापित कर दिया कि सभी आश्चर्यचकित हैं। ओम बिड़ला के जीवन की खिड़कियाँ राष्ट्र एवं समाज को नई दृष्टि देने के लिए सदैव खुली रहती है। इन्हीं खुली खिड़कियों से आती ताजी हवा के झोंकों का अहसास देश का सर्वोच्च लोकतांत्रिक सदन लोकसभा महसूस करेगा। वे लोकसभा को संचालित करने में खरे उतरेंगे, इसमें कोई सन्देह नहीं हैं। वे इस सदन को अनुशासित भी करेंगे और अनुप्रेरित भी करेंगे और निष्पक्ष होकर अपनी भूमिका का निर्वहन भी करेंगे। उनके कार्यकाल में सदन देश के लिए उत्तम से उत्तम तरीके से काम कर सकेगा और वे इस सदन की गरिमा को नए स्तर तक ले जाने में सक्षम होंगे, ऐसा विश्वास है। 




(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92

विशेष : बिहार के जेपी को भाजपा की कमान

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‘जेपी’ शब्द बिहार का पर्यायवाची बन चुका है। 1974 में जेपी आंदोलन के प्रणेता जेपी (जय प्रकाश नारायण) जिन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार की चूल हिलाकर रख दी थी। आज उसी राह पर एक बार फिर जेपी (जगत प्रकाश नड्डा) को भाजपा ने कमान सौंप कर एक नया प्रयोग करने की कोशिश की है। सही मायने में देखी जाए तो जेपी आंदोलन देश की राजनीति में एक अलग तरीके से देखी जाती है। इस आंदोलन से उपजे नेता ही आज की तारीख में एंटी कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करने में कामयाब रहे हैं।  एक बार फिर भाजपा ने जेपी को अपनी कमान देने का निर्णय लिया है। इन दोनों जेपी का संबंध बिहार से ही रहा है और दोनों की कार्यशैली ही इन्हें अग्रणी बनाता है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा, जेपी नड्डा सभी जेपी आंदोलन की उपज हैं।

नड्डा का राजनीतिक सफरः
जेपी नड्डा के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1975 में जेपी आंदोलन से हुई। देश के सबसे बड़े आंदोलनों में शुमार इस आंदोलन का जेपी नड्डा हिस्सा बने थे। इस आंदोलन में भाग लेन के बाद जेपी नड्डा बिहार की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए थे। वर्ष 1977 में नड्डा कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़े पटना यूनिवर्सिटी के सचिव का चुनाव लड़े उसमें उन्हें जीत हासिल हुई। 1991 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा का नड्डा को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मवेरी सौंपी गई। 1993 में हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर सीट से चुनाव लड़े, शानदार जीत दर्ज कराने के साथ ही नड्डा को प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। 1998 और 2007 के चुनाव में इस सीट से फिर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस दौरान नड्डा को प्रदेश की कैबिनेट में भी जगह दी गई। प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया। नड्डा की बेहतर कार्यशैली का नतीजा रहा कि पार्टी ने 2012 में उन्हें हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा में भेजा। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम पदभार संभाला। नड्डा को नीतिन गडकरी, राजनाथ सिंह और अमित शाह के अध्यक्षीय कार्यकाल में राष्ट्रीय महासचिव बनने का भी गौरव प्राप्त हुआ। उमा भारती के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनने के पहले जेपी नड्डा ही युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।  वह भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। हलांकि इनकी निष्ठा और ईमानदारी से किए जा रहे कार्यों का ही नतीजा कहा जा सकता है कि पार्टी ने इनके ऊपर विश्वास जताते हुए भाजपा का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपी है।

नड्डा का पारिवारिक जीवनः
नड्डा भले ही हिमाचल प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं लेकिन इनका जन्म बिहार के पटना में ब्राह्मण परिवार में 2 दिसंबर, 1960 में पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में पिता डॉ.नारायण लाल नड्डा और माता और कृष्णा नड्डा के यहां जन्म हुआ था। इनकी सेंट जेवियर स्कूल और कुछ दिनों के लिए राममोहन राय सेमिनरी स्कूल में स्कूली शिक्षा हुई। सेंट जेवियर से मैट्रिक पास करने के बाद पटना कॉलेज में इंटर में नामांकन हुआ और 1980 में यहीं से स्नातक पास हुए। कुछ दिन पहले पटना आए थे नड्डा और पटना विश्वविद्यालय परिसर में घूमते वक्त अपने अतीत में खो गए थे। विलासपुर (हिमाचल प्रदेश) के मूल निवासी डॉ.नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में कॉमर्स विभाग में प्रोफेसर थे, जो बाद में यहां के प्राचार्य भी हुए और यहीं से 1980 में रिटायर भी इसके बाद सपरिवार हिमाचल प्रदेश लौट गए। वर्ष 1992 में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मल्लिका नड्डा से परिणय सूत्र में बंध गए। जेपी और मल्लिका को दो बच्चे भी हैं। मल्लिका के पिता भी जबलपुर से सांसद रह चुके हैं। जेपी नड्डा का ताल्लुकात हिमाचल प्रदेश से है। उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर पार्टी में ऊंचा मुकाम बनाया है। लेकिन इनका बिहार की मिट्टी से खासा लगाव रहा है क्योंकि नड्डा ने अपने जीवन के अहम समय को पटना में ही गुजारा है। हमेशा सकारात्मक सोच रखने वाले जेपी नड्डा ने कई देशों का दौरा कर चुके हैं। जिसमें कोस्ट रिका, तर, कनाडा, अमेरिका, ग्रीस ,आस्ट्रेलिया प्रमुख हैं। नड्डा को विश्व तंबाकू नियंत्रण के लिए विशेष मान्यता पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। बिहार के लोग इस बात से काफी उत्साहित हैं कि बिहार से जुड़ा रहने वाला एक व्यक्ति विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की जिम्मेवारी संभालने जा रहा है। इससे बिहार के लोगों को संगठन के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने में सुविधा तो होगी ही, साथ ही साथ सरकार की योजनाओं और भाजपा की नीतियों को भी नजदीक से समझने और उसका लाभ उठाने का मौका मिलेगा। 




मुरली मनोहर श्रीवास्तव
(लेखक सह पत्रकार)
पटना
मो.9430623520

पूर्णिया : रानीपतरा से रजीगंज जाने वाली सड़क दो वर्षों से जर्जर, नहीं हो रही कार्रवाई

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पूर्णिया : प्रखंड के रानीपतरा बाजार से रजीगंज होते हुए श्रीनगर चौक जाने वाली मुख्य सड़क की स्थिति पिछले दो वर्षों से काफी जर्जर है। मालूम हो कि सड़क जितनी तेजी से बनी थी उतनी ही तेजी से वह धूल धूसरित हो गई है। बड़े बड़े गड्‌ढ़ों से होकर लोगों को आवागमन करना पड़ता है। जिससे आम अवाम परेशान है। 2010 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत लगभग 32 लाख की लागत से इस सड़क का निर्माण कार्य हुआ था। जिसकी दूरी 7.480 किमी है। सड़क निर्माण होने के बाद धीरे धीरे गड्‌ढ़े में तब्दील हो रही है। आज स्थिति यह है कि इस सड़क से चलने वाले लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ती है। इस सड़क के माध्यम से रजीगंज, फसिया, मोतीनगर, श्रीनगर आदि गांवों के हजारों लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। मालूम हो कि रानीपतरा बाजार के पास अगर किसी कारणवश जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है तो ज्यादातर गाड़ी इसी सड़क के माध्यम से होकर गुजरती है। लेकिन सड़क खराब होने के लोगों को काफी कठनाई झेलनी पड़ती है। रजीगंज गांव के गौरव कुमार, विनय साह, अनील साह का कहना है कि गांव की आबादी सैकड़ों में है और करीब 100 घर हैं। लेकिन सड़क की समस्या के साथ साथ शुद्ध पेय जल की व्यवस्था नहीं हो पाई है। समय पर सड़क की देखभाल नहीं होने के कारण सड़क का ये हाल है। वहीं ग्रामीण मंटू चौधरी बताते हैं कि हमलोगों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से सड़क की समस्या को लेकर शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुअा। इस समस्या को लेकर वरीय पदाधिकारी को भी लिखित आवेदन देने की बात ग्रामीणों ने कही।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 23 जून

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गो वंश अधिनियम मे मामला दर्ज आरोपी फरार

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पारा --यहा से करिब 20 किलोमीटर दुर पारा पुलिस चैकी के अंर्तगत आने वाले गांव छापरी रणवास मे रविवार कि सुबह तडके चार बजे के लगभग गांव के हि कुछ लोगो ने हल्के अंधेरे मे गोवंश को काटते हुवे देखा व पारा पुलिस को इस की सुचना दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को तडके फरियादी राम चन्द्र ने पुलिस चौकी पारा को सुचना दि कि ग्राम छापरी रणवास मे अंधेरे का लाभ लेते हुवे गोवेश को काट करहे हे। घटना कि सुचना मिलते ही पारा पुलिस चैकी प्रभारी रमेश कोली एएसआई मिथिलेश वाजपेयी प्रधान आरक्षक प्रेम चन्द आरक्षक भारत ,जितेन्द्र व सेनिक को लेकर तत्काल घटना स्थल पर पहुचे लेकिन अंधेरे का लाभ उठाते हुए आरोपी फारार हो गए। पुलिस ने गोवंश का मांस जब्त करके मामले का पंचनामा बनाया व पशु चिकित्सक से उसका पी एम करवा कर गो मांस को सुरक्षित जमीन मे दफनाया । पुिलस ने  भादवि कि धारा 429 व मप्र गोवंश अधिनियम 2012 कि धारा 4 व 9 मे आठ आदमी तोलिया,दिनु, भीलु, पारासिह,हमीर, नरसिह, दलसिह व सरदार सभी निवासी छापरी रणवास  चैकी पारा थाना कोतवाली झाबुआ के विरुद्ध नामजद प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना मे लेलिया हे। घटना स्थल से जो गो वंश का मंास बरामद हुव वह फरियादी की दो दिन से गुमशुदा गाय का हे। जेसा कि फरियादि ने बताया। क्षेत्र मे इस प्रकार कि घटना घटने से समग्र हिन्दु समाज मे काफी आक्रेाश हे। इस घटना को लेकर विश्व हिन्दु परिषद के कमल महाराज कोकावद वाले सहीत संगठन के अनेक लोग भी घटना के प्रति  काफी आक्रोशीत थे। सभी ने पुलिस चैकी पारा पर पहुच कर पुलिस से तत्काल आरोपीयो को पकड कर कडी से कडी कारवाही करने की अपील की हे।

राजनैतिक रसूक बनाये रखने के लिये पूर्व सांसद भूरिया कर रहे अब निरीक्षण की नाटकबाजी - ओम प्रकाष शर्मा
भाजपा ने भूरिया के  अस्पताल निरीक्षण को लेकर उठाया मुद्दा
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झाबुआ । अपने राजनैतिक वजूद को बनाये रखने तथा लोकसभा चुनाव में अपनी हार से खिजवाये हुए पूर्व सांसद  कांतिलाल भूरिया येन-केन प्रकारेण अपना वर्चस्व बनाने के लिये हर तरह के प्रयास कर रहे  है । कभी जिला योजना समिति की बैठक में राज्यसभा सांसद के रूप  में पिछले दरवाजे से शामील होने तो कभी एक जन प्रतिनिधि की तरह जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के नाम पर अपने पुत्र के निकट भविष्य में  शुरू हो रहे  हास्पीटल की मार्केटिंग को लेकर शनिवार को जिला चिकित्सालय झाबुआ का प्रातः निरीक्षण के नाम पर चिकित्सकों  को ऐसे निर्देश दिये जिससे जिले के आदिवासी प्रधान जिले के इस रैफरल हास्पीटल में पहले से ही मरीजों को परेशानिया झेलना नियति बन चुका है कि अब मरीज वहां पूरा इलाज नही मिलने पर मजबुरन आदिवासी मरीज  अपने  पुत्र डा. विक्रांत के निकट भविष्य में शुरू हो रहे आलिशान हास्पीटल में जाकर अपना उपचार करवाये और आदिवासियो को आयुष्मान योजना सहित सरकारी तौर पर  मिल रहे सुविधाओं से भी वंचित होना पडे । उक्त आरोप लगाते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने बयान जारी कर कहा है कि सांसद रहते हुए श्री भूरिया को कभी भी जिला चिकित्सालय के भ्रमण निरीक्षण की फुर्सत ही नही मिली । अब वे किसी भी संवैधानिक पद पर नही है तब अपने रसूक को बनाये रखने के लिये जिला चिकित्सालय का भ्रमण निरीक्षण का नाटक कर रहे है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने पूर्व विधायक जेवियर मेडा को साथ लेकर अस्पताल के निरीक्षण के दौरान  जिला चिकित्सालय की दो डायलिसीस मशीन को ही चालू रखने  और अधिक  सुविधायें प्रदान नही करने के निर्देश दिये है । इससे तो ऐसा लगता है कि  सांसद भूरिया अब हताशा में आकर तथा भविष्य में मरीजों को पुत्र के नव निर्मित हो रहे विशाल अस्पताल में मरीजों को बुलाने की सोची समझी रणनीति बताई जारही है । चूंकि प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार काबिज है ऐसे  में श्री भूरिया अपने रसूक के चलते इस प्रकार से जिला चिकित्सालय का निरीक्षण का नाटक कर रहे  तथा चिकित्सकों को ऐसे  निर्देश दे रहे है  ।ं

पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा के प्रयासांे से झाबुआ शहर में गैस पाईप लाईन की योजना ले रहीं साकार रूप, पेट्रोलियम मंत्रालय दिल्ली से मिली हरी झंडी, गैल झाबुआ ने इस क्षेत्र में कार्य शुरू किया

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झाबुआ। गत 5 फरवरी 2012 को तत्कालीन विधायक जेवियर मेड़ा ने तत्कालीन अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी तथा तत्कालीन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी और जतीन प्रसाद को झाबुआ नगर में गैस पाईप लाईन के जरिए घर-धर घरेलु गैस उपलब्ध हो एवं प्रत्येक घर मे गैस कनेक्षन के माध्यम से गैस मुहैया हो, इस हेतु एक मांग पत्र देकर पूरजोर तरीके से यह मुद्दा उठाया था, जो अब धरातल स्थर पर साकार होता दिखाई दे रहा है। गत 23 फरवरी 2012 को नई दिल्ली में तत्कालीन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने उक्त योजना का उद्घाटन कर इसमें झाबुआ शहर को शामिल करने के साथ ही मप्र के उज्जैन, देवास पिथनपुर को भी योजना से जोड़ा गया था। जिसमें जमीन अधिग्रहण के लिए 505 करोड़ रूपए मंजूर किए गए एवं 7 माह में गैस पाईप लाईन का सर्वे कर 2200 किमी की गैस पाईप लाईन डालने की ऐतिहासिक घोषणा की गई थी। इस बीच वर्ष 2015 में भारत सरकार की सबसे बड़ी कंपनी गैस अथाॅरिटी आॅफ इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली से आई सर्वे टीम ने भी इस हेतु सर्वे किया।

दिल्ली से मिली हरी झंडी
ज्ञातव्य है कि इस योजना को लागू होने काीवर्षों से झाबुआ शहर के लोगों को प्रतिक्षा थी। जिसे तत्कालीन विधायक रहे जेवियर मेड़ा के प्रयासों से अब पेट्रोलियम मंत्रालय दिल्ली से हरी झंडी मिल चुकी है। इस क्षेत्र में गैल इंडिया लिमिटेड झाबुआ ने कार्य शुरू कर दिया है। औपचारिक प्रक्रियाओं के बाद शीघ्र ही शहर के सभी 18 वार्डों में इस हेतु सर्वे भी प्रारंभ किया जाएगा। गैल कंप्रेषर, झाबुआ के समीपस्थ ग्राम गेहलर बड़ी में स्थापित है, वहां से संभवतः गैस पाईप लाईन जोड़कर झाबुआवासियों को सीधे पाईप लाईन के माध्यम से गैस उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। जिसके तहत उपभोक्ताओं को बाहर से गैस सिलेंडर खरीदने की मषक्कत नहीं करना पड़ेगी। साथ ही गैस पाईप लाईन से गैस लेने से वे जितनी गैस इस्तेमाल करेंगे, उनता ही पैसा उन्हें पैसा देना होगा। यह योजना करीब 50 से 100 करोड़ की रहेगी।

जेवियर मेड़ा के प्रति माना आभार
उक्त योजना धीरे-धीरे साकार होती दिखने पर जहां झाबुआ शहर की जनता में खुषी है वहीं उक्त योजना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा के प्रति कांग्रेस पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं, पंच-सरपंच, पार्षदगणों के साथ शहर की जनता में उनके इस प्रयासों की सराहना की है।

आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के सदस्य कर रहे शुक्रताल महातीर्थ की यात्रा, भागवत कथा के समापन पर कथा वाचक का किया गया भावभरा सम्मान

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झाबुआ। संपूर्ण देष में प्रसिद्ध उत्तरप्रदेष के शुक्रताल महातीर्थ की यात्रा आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट झाबुआ के सदस्यों द्वारा गत 18 जून से की जा रहीं है। शुक्रताल महातीर्थ की खासियत यह है कि यहां बारह मासी भागवत कथा का दौर चलता है। यहां पहुंचकर समुधर भागवत कथा का श्रावण आसरा ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर, लीना नागर एवं सरोजकांता नागर द्वारा किया जा रहा हे। उनके द्वारा शुक्रताल महातीर्थ पर दर्षन-वंदन के पश्चात् यहां सत्त चलने वाली भागवत कथाओं में शामिल होकर कथा का श्रवण कर धर्म की गंगा में गौते लगाए जा रहे है। आसरा ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर ने बताया कि यह तीर्थ भागवत कथा के कारण ही प्रसिद्ध है। यहां बारह मासी अलग-अलग स्थानों पर भागवत कथा चलती रहंी है। प्रतिवर्ष यहां लाखों की संख्या में लोग दर्षन-वंदन एवं भावगत कथा का श्रवण करने हेतु पधारते है तथा धर्म लाभ प्राप्त करते है।

24 जून तक की यात्रा
आसरा के उक्त सदस्यों द्वारा 24 जून तक यहां रहकर दर्षन-वंदन एवं भागवत कथा के श्रवण का लाभ लिया जााएगा। इसी क्रम में आसरा ट्रस्ट के राजेष नागर, लीना नागर एवं सरोजकांता नागर द्वारा शुक्रताल महातीर्थ में भागवत कथा की पूर्णाहूति होने पर कथा वाचक 15 वर्षीय बाल संत सुधीर नागर का भावभरा सम्मान शाल ओढ़ाकर, केसरिया दुपट्टा पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। बाद उनका आषीर्वाद प्राप्त किया। 24 जून को सभी पुनः झाबुआ लौटेंगे।

तन और मन का एकीकरण करना ही योग है -ः डीपीए अध्यक्ष यषवंत भंडारी, प्रषिक्षण षिविर के समापन पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया योगाभ्यास

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झाबुआ। योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़, जिस तरह जोड़ से अंकों का मिलान करते है, उसी तरह योग के द्वारा मन और शरीर का एकीकरण होता है। आज के इस आपाधापी भरे जीवन में योग ही एक ऐसा सरल  माध्यम है, जिसे करने से जीवन में आनंद एवं उत्साह की प्राप्ति के साथ शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। उक्त प्रेरणादायी उद्बोधन झाबुआ के समीपस्थ ग्राम बिलिडोज स्थित जिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिक प्रषिक्षण केंद्र पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 32 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर ‘‘जीवन में योग क्यो जरूरी’’ विषय पर संबोधित करते हुए मुख्य प्रवक्ता जिला दहेज सलाहकार बोर्ड (डीपीए) के अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने दिए। आपने योग के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि योग-साधना से शरीर एवं मन को असीमित ऊर्जा प्राप्त होती है एवं मन में सकारात्मक विचारों का प्रवेष होता है। आपने बताया कि कि आज के इस तनावयुक्त जीवन से मुक्ति पाने के लिए योग ही सर्वश्रेष्ठ साधन है। योग से हम अपने अंदर शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का संचार कर सकते है। प्रतिदिन कुछसमय के लिए भी जो व्यक्ति नियमित योग करता है, उस व्यक्ति का मन सदैव प्रसन्नता रहता है तथा बुद्धि स्वस्थ रहती है।

योग देष की प्राचीन धरोहर है
डीपीए अध्यक्ष श्री भंडारी ने आगे बताया कि योग हमारे देष की प्राचीन परंपरा की बहुत बड़ी धरोहर है। वर्तमान में देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सद्प्रयासो से इसे पूरे विष्व में 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। जिसमें देष के हर नागरिक योग के महत्व को समझे और योग के माध्यम से अपने जीवन को सफल बनाएं, यह संदेष दिया जा रहा है। आप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी प्रषिक्षण कार्यक्रम पश्चात् अपने जीवन को स्वस्थ एवं निरोगी रखने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास करना है।

आधे घंटे तक किया योगाभ्यास
इसके पूर्व जिले के पांच विकासखंडों से आई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आधे घंटे तक योगाभ्यास किया। योगाभ्यास आंगनवाड़ी केंद्र की प्रभारी श्रीमती कल्पना यादव ने करवाया। बाद श्री भंडारी द्वारा योग के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। प्रषिक्षण के समापन पर पधारे प्रमुख वक्ता श्री भंडारी का स्वागत एवं परिचय श्रीमती यादव ने दिया। अंत में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने श्री भंडारी के प्रति आभार व्यक्त किया। 

पेंशनर संघ ने किया जिला चिकित्सालय का निरीक्षण

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झाबुआ । जिला पेंशनर एसोसिएशन के द्वारा जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर सुविधाओ के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। जिस पर से जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन आर एस प्रभाकर से मिलकर ब्लड बैंक, डायलीसीस मशीन ओर ओपीडी के साथ ही वार्ड में भर्ती मरीजो एवं उनके परिजनो से ईलाज संबंधी भी चर्चाये की गई। जिला चिकित्सालय व्याप्त कमियो एवं मरिजो की परेशानियों को लेकर सिविल सर्जन से संपर्क कर उनके निराकरण करने की ठोस कदम उठाने की पहल की गई। तथा व्यवस्था को मरीजो के हित में सतत बनाये रहने का आव्हान किया। इस अवसर पर संगठन के सुभाष दुबे, बालमुकंद सिंह चैहान, गोपालसिह चैहान, शषि त्रिवेदी, निरंजन सिंह चैहान, भगवतीलाल शाह, रूपसिंह खपेड, श्रीनाथ चैहान, जर्नादन शुक्ला, भारतसिंह तोमर आदि ने इस पुनित कार्य में सहभागिता की।

शिल्पा को क्लेट परीक्षा में मिली सफलता

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झाबुआ। अब झाबुआ के छात्र छात्राएं भी किसी से कम नही है। हर कोई अपने जिले का नाम रोशन करने में लगा है। कोई मेडल ला रहा है तो कोई अच्छी रेंक से पास हो रहा है।  ऐसा ही कुछ शिल्पा ने अपने हौंसलों की उडान से क्लेट की परीक्षा में सफलता हासिल की। उदयपुरिया दिलीप गेट निवासी व जिला झाबुआ कलेक्टर कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी श्रीमती उर्सिला पिता जोसफ रावत की पुत्री कुमारी शिल्पा रावत ने क्लेट की परीक्षा में सफलता हासिल की। उसे आॅल इंडिया एसटी वर्ग में 56 वीं रेंक प्राप्त हुई और नेशनल लाॅ इंन्स्टीटयूट युनिवरसीटी भोपाल काॅलेज में सीट मिली। इस सफलता के लिए परिवार ने पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए हर्ष व्यक्त किया व उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।

युवा योग से जुड़कर अपने जीवन को बनाए खुषहाल और आनंदमयी -ः श्रीमती नलिनी बैरागी, प्रतिदिन गायत्री शक्तिपीठ परिसर में करे योग

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झाबुआ। स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर अंर्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रातःकाल गायत्री परिवार की महिलाओं एवं युवाआंे ने मिलकर योग किया। बाद श्रीमती नलिनी बैरागी ने योग दिवस के महत्व को प्रतिपादित करते हुए विषेष रूप से युवाओं को नियमित कर अपने जीवन को खुषहाल और आनंदमयी बनाने की प्रेरणा दी। गायत्री शक्तिपीठ पर सुबह 6.30 से 7.30 बजे तक योग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें उपस्थित गायत्री परिवार की महिलाओं एवं शक्तिपीठ से जुड़े युवाओं को योग की विभिन्न क्रियाएं एवं आसन नारी जागरण अभियान की जिला संयोजक श्रीमती नलिनी बैरागी एवं विजय बजाज के साथ युवा नन्नू डूडवे  ने करवाई। इस अवसर पर सभी ने सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार की क्रियाएं भी की। करीब एक घंटे महिलाआंे ने योग के प्रणायाम एवं आसन कर अपने शरीर में स्फूर्ति के साथ आनंद की अनुभूति की।

योग करने से व्यक्ति होता है निरोगी
इस असर पर संबोधित करते हुए नारी जागरण अभियान की जिला संयोजक श्रीमती बैरागी ने उपस्थित महिलाओं एंव युवाओं से कहा कि योग करने से एक ओर जहां हमारे शरीर के अंदर स्फूर्ति और शक्ति का संचार होता है। वहीं नियमित योग करने से कई प्रकार की बिमारियों से भी बचा जा सकता है। श्रीमती बैरागी ने इस अवसर पर उपस्थित युवाओं को प्रेरित किया कि वे गायत्री शक्तिपीठ परिसर में नियमित योग करे। योग करने का आपका अध्ययन कार्य में मन लगने के साथ आपके मन में सकारात्मक विचारों का भी संचार होगा।

ये थे उपस्थित
इस अवसर पर गायत्री परिवार की महिलाओं में नम्रता शेखावत, रीना शर्मा, कृष्णा शर्मा के साथ शक्तिपीठ से जुड़े युवाओं मे सोनू भूरिया, रायसिंह भिड़े, मोती सिंगाड़, भन्द्रू भूरिया, राजू भूरिया, मंसूर वसुनिया, मन्नु गुंडिया जगला, रामसिंह, अभरम, नानसिंह, किर्तन आदि उपस्थित थे।

डाॅ. जीएस अवास्या उत्कृष्ट कार्यों के लिए भोपाल में सम्मानित, दी गई शुभकामनाएं

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झाबुआा। स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल द्वारा जिला नेत्र चिकित्सालय के प्रभारी डाॅ. जीएस अवास्या को झाबुआ जिले में अपने कार्यों के प्रति सक्रिय रहने एवं नेत्र रोगियों को उत्कृष्ट सेवाएं देने हेतु उनका सम्मान किया गया। उन्हें यह सम्मान भोपाल में आयोजित एक कार्यषाला में नेषनल प्रोग्राम फाॅर कंट्रोल आॅफ ब्लाईंडनेस एंड विसयुल इंपायरमेंट के तहत संचालक एमपी डाॅ. बीएन चैहान एवं कमिष्नर हेल्थ एमपीनिलेष व्यास (आईएएस) के हस्ताक्षरयुक्त सौंपा गया है। बाद डाॅ. अवस्या ने कार्यषालान में झाबुआ जिले में नेत्र रोगियों को दी जा रहीं सेवाओं के संबंध में अपने विचार भी व्यक्त किए। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बीएस बारिया, सिविल सर्जन डाॅ. आरएस प्रभाकर सहित समस्त चिकित्सकों, नेत्र चिकित्सालय के समस्त स्टाॅफ द्वारा शुभकामनाएं प्रेषित की गई है।

बारिश पूर्व नगरपालिका द्वारा शहर में चलाई जा रहीं स्वच्छता मुहीम, नाले-नालियों के साथ सड़कों की विषेष सफाई अभियान

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झाबुआ। नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार एवं सीएमओ एलएस डोडिया के निर्देष पर नगरपालिका की स्वच्छता शाखा द्वारा पूरे शहरभर में पिछले कुछ दिनों से स्व्च्छता मुहीम छेड़ी गई है। इसके तहत शहर में निर्मित नाले-नालियों के साथ सड़कों की नियमित सफाई का कार्य चल रहा है। यह जानकारी देते हुए नगरपालिका के सेनेट्री प्रभारी कमलेष जायसवाल ने बताया कि वर्षाकाल में प्रायः बारिष के कारण नाले-नालियों में पूर्व से कूड़ा-कचरा एवं गंदगी जमा होने से बारिष के पानी के बहाव से नाला जाम हो जाने की समस्या एवं दिक्कते तो आती है। साथ ही नाले का गंदा पानी एवं कूड़ा-कचरा तेज बारिष के पानी से सड़कों पर बहने लगता है एवं उसका सड़कों पर ही एकत्रीकरण हो जाता है। इस कारण सड़कों पर चलने वाले पैदल राहगीरों और वाहन चालकों को काफी परेषानी होने के साथ साथ ही नाला चैक हो जाने से आसपास के रहवासियों के घरों में पानी घुसने की समस्या निर्मित होती है।

सफाई अभियान संचालित किया जा रहा
जिसको देखते हुए नपा द्वारा अध्यक्ष श्रीमती डोडियार एवं सीएमओ श्री डोडिया के निर्देष पर शहर के प्रत्येक वार्डों में पिछले दिनों से नाले-नालियों की सफाई का अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सड़कों पर जो पूर्व से कूड़ा-कचारा पसरा है, उसकी भी सफाईकर्मियों से नियमित सफाई करवाई जा रहीं है, ताकि बारिष में शहरवासियांे को किसी प्रकार की कोई परेषानी का सामना ना करना पड़े।

शनिवार को इन जगहों पर चलाया अभियान
शनिवार को नगरपालिका के सेनेट्री कमलेष जायसवाल एवं सहायक स्वच्छता निरीक्षक टोली मलिया के नेतृत्व में झाबुआ के बस स्टेड फव्वारा चैक पर पुलिस चैकी के समीप नाला, उदयपुरिया क्षेत्र में महिन्द्रा शो-रूम के पीछे के नाले एवं मेन बाजार प्रधान डाकघर के समीप नाले की सफाईकर्मियों द्वारा सफाई कर इन्हें साफ-सुथरा किया गया। श्री जायसवाल के अनुसार आगामी दिनों में भी यह स्वच्छता अभियान शहर में जारी रहेगा।

याकूब को 4 लाख रूपये आर्थिक सहायता स्वीकृत
           
झाबुआ ।  जिले के ग्राम कचलदरा तहसील मेघनगर के रहने वाले याकूब के पुत्र आषीष उम्र 04 वर्ष की दिनांक 05.05.2019 को पानी की टंकी (होद) के अन्दर पानी में डुबनेे से मृत्यु हो जाने पर मृतक आषीष के वैध वारिस उसके पिता याकूब पिता रमसू निवासी कचलदरा को 4 लाख रूपयें की आर्थिक सहायता राशि एसडीएम मेघनगर द्वारा स्वीकृत की गई है। स्वीकृत राशि बैंक खाते में ई-पेमेन्ट द्वारा भूगतान की जाएगी।

श्खरीफ फसलों मे कामलिया कीट / फाल आर्मीवर्म से होने वाले नुकसान के लिये कृषकों के लिये उपयोगी सलाह

झाबुआ ।  जिले मे कामलिया कीट का प्रकोप वितग वर्षों मे होता आया है । इस कारण से खरीफ की मुख्यतया सोयाबीन फसल मे अधिक नुकसान की संभावना बनी रहती है । कामलिया कीट का जीवन चक्र्र मानसून की पहली वर्षा के साथ षुरू होता है। यह तितली पलाष के पत्तो के पृष्ठ भाग पर अण्डे देता है जो वर्षा मे कुछ समय की खेंच/अवर्षा की स्थिति में ईल्ली के रूप मे परिवर्तित हो कर नवांकुरित सोयाबीन फसल के पौधों को खा कर नष्ट कर देती है।  इसी प्रकार आर्मी वर्म एक बहु भक्षी कीट है परन्तु मक्का इसकी सबसे पसंदीदा फसल है इस कीट के पतंगे हवा के बहाव के साथ 100 किलोमीटर तक प्रवास कर सकते है तथा इसकी प्रजनन् क्षमता बहुत अधिक होती है इसकी मादा अपने जीवनकाल मे 1 से 2 हजार तक अंडे दे सकती है । इस कीट का झुंड आक्रमण कर एक रात मे क्षैत्र की पूरी फसल नष्ट कर सकता है । इसकी ईल्लियां अण्डो से निकल कर छोटी छोटी पत्तीयों के हरे भाग को खुरच -खुरच कर खा जाती है, जिससे पत्तियो मे छोटे, बडे छेद कर नुकसान पहुचाती है । इसकी ईल्लियां भुट्टोंॅ/मंजरीयो को खा कर भी नुकसान पहुचाती है । विगत वर्षो मे आस पास के राज्यो मे इसका प्रकोप बहुत रहा है एवं इस बार इसके प्रकोप की संभावना प्रदेष मे बन रही है अतः-

ऐसे करें नियंत्रण
समन्वित कीट नियंत्रण विधियो को अपनाऐं , इस हेतु ग्रीष्म काल मे गहरी जुताई करें । ग्रीष्म काल मे खेत मे गहरी जुताई उपरांत 250 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर नीम खली भूमि मे मिलावें बोनी के समय पर देरी से बुआई करने पर नवांकुर होने पर उक्त कीटों का प्रकोप होने पर पौधों को अधिक नुकसान होता है । मक्के के साथ साथ अरहर, मुंग , उडद की अंतरवर्तीय फसले लेवें । लाईट ट्रेप का उपयोग करें या रात्री मे खेतो के मेढो पर अलाव जलावे । फ्युजीपरडा फिरोमोन प्रपंत्र 15 /हेक्टेयर का उपयोग करें। उर्वरकों का सन्तुलित मात्रा मे उपयोग करें। फसलों /पलाष के पत्तों के पृष्ठ भाग पर अण्डे दिखाई देने पर एकत्र कर नष्ट करें ,टी.आकार. की खुटीयां लगाऐें ताकि उस पर प़क्षी बैठ कर इस कीट की ईल्लियो को खा कर नष्ट कर देवे।ग्रसित फसल की पोगली मे बारीक सूखी रेत , राख अथवा बुरादा डाल दे। प्रकोप की प्रारम्भिक अवस्था मे नीम तेल 10000 पी पी. एम या एन.एस.के.ई. 5ः का एक लीटर /हैक्टेयर छिडकाव करें ।

रक्तदान षिविर 26 जून से 10 जुलाई तक लगाये जायेगे

झाबुआ । जिले में 10 जून 2019 से 20 जुलाई 2019 तक दस्तक अभियान के प्रथम चरण का आयोजन किया जा रहा है । इस अवधि में दस्तक दल द्वारा घर घर दस्तक देकर गंभीर एनिमिक बच्चों की पहचान की जायेगी । चिंहीत गंभीर एनिमिक बच्चों को ब्लड ट्रांसफयूून की आवष्यकता होगी। दस्तक अभियान को दृष्टिगत रखते हुये 26 जून से 10 जुलाई तक विकासखण्डों में स्वैच्छिक रक्तदान षिविरों का आयोजन किया जायेगा। स्वैच्छिक रक्तदान षिविर प्रत्येक विकासखण्ड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल अस्पताल में प्रात 9 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किये जायेगे । स्वैच्छिक रक्तदान षिविर हेतु संबंधित बीएमओ नोडल अधिकारी होगे एवं बीपीएम तथा बीईई सहायक नोडल अधिकारी होगे। स्वैच्छिक रक्तदान षिविर 26 जून 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थांदला में, 29 जून 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेघनगर मे, 01 जुलाई 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रानापुर में, 03 जुलाई .2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुरा में ,06 जुलाई 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामा मे एवं 10 जुलाई 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र /सिविल अस्पताल पेदलावद में आयोजित किये जाएगे। स्वयंसेवी संगठनों, महाविद्यालयों, व्यापारी संगठनों, अन्य शासकीय समन्वित विभागों से आपसी समन्वय से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करे ।      

खाद्यान्न कोटे में बढोत्तरी की जाये -खाद्य मंत्री श्री तोमर
केन्द्रीय खाद्य मंत्री श्री पासवान को भेजा पत्र
झाबुआ ।  प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भारत सरकार से माँग की है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश के खाद्यान्न कोटे में बढोत्तरी की जाये। इस सिलसिले में श्री तोमर ने केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया है।  मंत्री श्री तोमर ने प्रेषित पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर हकदारी आधारित खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत देशवासियों को उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न पोषण की सुरक्षा दी गई है। इस अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी को सस्ती दर पर राशन मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रदेश में कुल 5 करोड 46 लाख पात्र परिवारों को राशन मुहैया कराया जा रहा है जबकि यह संख्या वर्ष 2011 में प्रदेश की कुल जनसंख्या 8 करोड 23 लाख की मात्र 66 प्रतिशत ही है। श्री तोमर ने कहा कि नतीजतन निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सस्ती दर पर पात्र परिवारों को राशन मुहैया कराने में राज्य सरकार को व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पडता है। अधिसूचित प्राथमिकता परिवारों में पात्र होने पर भी पात्र व्यक्तियों को लक्षित सार्वजनिक प्रणाली हकदारी नहीं मिल पाती है क्योंकि उन्हें केन्द्रीय योजना की निर्धारित खाद्यान्न आवंटन सीमा से बाहर होने के कारण सूची में सम्मिलित नहीं किया जा सकता है।  श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यूनाइटेड नेशन डेव्हलपमेंट प्लॉन के अंतर्गत वर्ष 2030 तक तय किये गये सब्स्टेंशियल डेव्हलपमेंट गोल में जीरो हंगर की सहमति भारत सरकार द्वारा दिये जाने का भी अपने पत्र में जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार से प्राप्त खाद्यान्न आवंटन सीमा अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 5 करोड 46 लाख हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। अधिनियम के अंतर्गत समस्त प्राथमिक परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। अनेक न्यूट्रिशियन गणनाओं में भी यह निष्कर्ष सामने आया है कि एक वयस्क व्यक्ति को पर्याप्त पोषण के लिये एक माह में न्यूनतम 8 किलो खाद्यान्न की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया है कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही खाद्यान्न की मात्रा वास्तविक आवश्यकता से 3 किलो कम है। श्री तोमर ने माँग की है कि अंत्योदय अन्न योजना के लिये हितग्राहियों को 35 किलो के स्थान पर 45 किलो प्रति परिवार खाद्यान्न दिया जाना चाहिये। खाद्य मंत्री श्री तोमर ने केन्द्रीय मंत्री श्री पासवान से आग्रह किया है कि अधिनियम अंतर्गत प्राथमिक प्राप्त परिवार को दिये जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा 5 किलो प्रति सदस्य से बढाकर 8 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह तथा अंत्योदय अन्न योजना के लिये हितग्राहियों को 45 किलो प्रति परिवार की जाये ताकि हितग्राहियों को पर्याप्त खाद्यान्न प्राप्त हो सके।

जिला य¨जना समितिय¨ं क¨ सशक्त बनाने राज्य-स्तरीय समिति गठित
            
झाबुआ । राज्य सरकार ने जिला य¨जना समितिय¨ं क¨ सशक्त बनाने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य एवं प्रमुख सचिव य¨जना, आर्थिक एवं सांख्यकी क¨ समिति में सदस्य मन¨नीत किया गया है। यह समिति सभी विभाग¨ं में संचालित की जा रही ऐसी य¨जनाअ¨ं क¨ चिन्हाकित करेगी, जिन्हें जिला स्तर पर संचालित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभाग¨ं द्वारा संचालित य¨जनाअ¨ं की माॅनीटरिंग जिला य¨जना समिति द्वारा किये जाने की व्यवस्था करेगी।

पर्यावरण संरक्षणजीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिये 13 स्थानों पर विशेष व्यवस्था
नदियों के 22 प्रदूषित स्थलों की क्लीनिंग प्रोग्राम योजना
झाबुआ । प्रदेश में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 स्थानों पर संयुक्त जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की गई है। इन स्थानों पर चिकित्सीय अपशिष्टों का परिवहन करने वाले 820 वाहनों में जीपीएस उपकरण लगाये गये हैं। जीव चिकित्सा अपशिष्ट को 4 श्रेणियों में बाँटा गया है। राज्य में इनके उपचार की विभिन्न पद्धतियों जैसे इन्सीरिनेशन, ऑटोक्लेविंग, माइक्रोवेविंग रासायनिक उपचार, कटिंग, ग्रेडिंग तथा भूमि में गहरा गड्डा किया जाकर उपयोग करना प्रमुख है। अधिकांश चिकित्सालय एवं निजी नर्सिंग होम आबादी वाले क्षेत्रों में हैं। इनके कचरे के डिस्पोजल की अलग से व्यवस्था नहीं होने के कारण उपचार की यह व्यवस्था की गई है। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 11 टन अपशिष्ट का निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। राज्य के प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता की सतत निगरानी के लिये उज्जैन, पीथमपुर, देवास, मण्डीदीप, सिंगरौली, दमोह, रीवा, इंदौर, सतना, रतलाम और मैहर में ऑनलाइन कन्टीन्यूअस एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग सिस्टम की स्थापना कर वायु गुणवत्ता की मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके अलावा 4 प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर में जन-सामान्य को जागरूक करने के मकसद से राज्य की वायु गुणवत्ता दर्शाने वाले 9 बड़े डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदेश की नदियों के 22 प्रदूषित स्थलों के क्लीनिंग प्रोग्राम की योजना अनुमोदित की गई है। इस पर शीघ्र काम शुरू किया जा रहा है। जीवनदायिनी नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर तट पर और भोपाल स्थित बड़े तालाब की जलवायु गुणवत्ता मापन के लिये रियल टाइम कन्टीन्यूअस वाटर गुणवत्ता परिणाम डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से जन-साधारण के लिये प्रदर्शित किये जा रहे है।

अपने बच्चों को एलपीजी चलित वाहनों से स्कूल न भेजें परिवहन विभाग ने बच्चों के पालकों को दी सलाह

झाबुआ । अपने बच्चों कोे स्कूल भेजने के लिए वाहन का चयन करते समय यह जरूर देखे कि वाहन में समस्त सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है कि नहीं, साथ ही वाहन चालक के पास वैध ड्राईविंग लायसेंस तथा अन्य आवष्यक वैध दस्तावेज है अथवा नहीं। चंूकि एलपीजी गैस से संचालित वाहनों का प्रयोग स्कूली बच्चों के परिवहन हेतु पूर्णतः प्रतिबंधित है। अतः अभिभावकगण गैस से संचालित किसी भी वाहन से अपने बच्चों को स्कूल न भेजंे। बच्चों के पालकों से अपील की गई है कि वे मारूति वेन से बच्चों को बिल्कुल स्कूल न भेजे, तथा ऐसे किसी भी वाहन से बच्चों को स्कूल न भेजंे जो डबल फ्यूल से संचालित हो। अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय यह ध्यान रखे कि आॅटो रिक्शा में 12 वर्ष से कम 5 छोटे अथवा 12 वर्ष से अधिक 3 बडे बच्चों से अधिक सवारी को न बैठाऐं। आॅटो में बच्चों को कदापि आगे वाहन चालक के पास नही बैठाएं। स्कूली बच्चों को ले जाते समय माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर व्दारा निर्देषों का पालन अनिवार्यतः किया जाएं। स्कूल प्रबंधन व्दारा बच्चे को स्कूल परिसर में ऐसे सुरक्षित स्थान पर ही वाहन में बिठाया व चढ़ाया जा रहा है, जहाॅं सीसीटीवी कैमरे लगे हों। यदि कोई भी वाहन चालक स्कूली बच्चों का असुरक्षित ढंग से परिवहन कर रहा है, तो उसी समय उसका फोटों खींचकर, तथा वाहन का रजिस्ट्रेषन नंबर नोटकर कार्यालय अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सूचना दे सकते है। आपकी सूचना सही पायी जाने पर वाहन चालक के ड्राईविंग लायसेंस तथा वाहन का पंजीयन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।

विद्युत व्यवधान से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए 1912 का उपयोग करें
              
झाबुआ । पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा अपने-अपने कंपनी कार्य क्षेत्र में प्री-मानसून और मानसून के कारण अचानक आने वाले विद्युत व्यवधान के त्वरित निराकरण के लिए केन्द्रीय काल-सेंटर बनाए गए हैं। कॉल-सेंटर का टोल-फ्री नंबर 1912 है। कॉल-सेंटर में उपभोक्ता द्वारा शिकायत दर्ज कराते ही निराकरण तक हर स्तर पर मॉनीटरिंग की जा रही है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा है कि विद्युत व्यवधान की शिकायतों के लिए 1912 के अलावा हर क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर भी विद्युत व्यवधान के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल नंबर, वाट्सऐप नंबर जारी किए गए हैं। उपभोक्ता इनका भी उपयोग कर सकते हैं। कॉल-सेंटर का नम्बर 1912 व्यस्त मिलने पर मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल कमिश्नरी कार्य क्षेत्र के उपभोक्ता कॉल-सेंटर के नंबर 0761-2972020, 18002331266, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, चंबल कमिश्नरी कार्यक्षेत्र के उपभोक्ता कॉल-सेंटर के नंबर 0755-2551222, 18002331912 तथा मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर एवं उज्जैन कमिश्नरी कार्य क्षेत्र के बिजली उपभोक्ता कॉल-सेंटर के नंबर 0731-6700000, 18004191912 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

लोक सेवा केन्द्रों में सुधार के लिए उप समिति गठित
             
झाबुआ । राज्य सरकार ने लोक सेवा केन्द्रों के संचालन की प्रक्रिया में आवश्यक सुधार के लिए गृह मंत्री श्री बाला बच्चन की अध्यक्षता में मं‍त्रि-परिषद उप-समिति का गठन किया है। समिति में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल और वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत को सदस्य मनोनीत किया गया है। उप-समिति के संयोजक का दायित्व प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन को सौंपा गया है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लगाई गई ड्यूटी
        
झाबुआ । जिले में अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक प्रकोप से निपटने के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 07392-243319 है। नियंत्रण कक्ष में कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने शासकीय सेवको की ड्यूटी लगाई जाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। नियंत्रण कक्ष में अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ के शासकीय सेवक 25 जून तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, जिला आबकारी अधिकारी झाबुआ के शासकीय सेवक 25 जून से 6 जुलाई तके प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, सहायक आुयक्त आदिवासी विभाग झाबुआ के शासकीय सेवक 6 जुलाई से 17 जुलाई तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी झाबुआ जनपद के शासकीय सेवक 17 जुलाई से 28 जुलाई तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन  क्रमांक 1 झाबुआ के शासकीय सेवक 28 जुलाई से 09 अगस्त तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, परियोजना प्रशासक एकीकृत आदि.परि. झाबुआ के शासकीय सेवक 09 अगस्त से  19 अगस्त तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग झाबुआ  के शासकीय सेवक 19 अगस्त से 30 अगस्त तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, उप संचालक पशु चि.कि. सेवा झाबुआ  के शासकीय सेवक 30 अगस्त से 10 सितम्बर तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, उप संचालक कृषि विभाग झाबुआ  के शासकीय सेवक 10 सितम्बर से 21 सितम्बर तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक, जिला महिला एवं बाल विकास झाबुआ के शासकीय सेवक 21 सितम्बर से 30 सितम्बर तक प्रातः 8.00 बजे से प्रातः 8.00 बजे तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी करेगे। ड्यूटीरत कर्मचारी संधारित उपस्थिति पंजी में अपने हस्ताक्षर करेगे तथा प्राप्त दूरभाष संदेश/निर्देश इस हेतु रखी गई पंजी में अंकित करेगे। विशेष परिस्थिति में दूरभाष से नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख झाबुआ को सूचित करेगे। प्राप्त संदेश सर्व संबंधितो को सूचित करेगे, तथा दूरभाष संदेश/निर्देश पंजी में दर्ज करेगे।

मुख्यमंत्री कमलनाथ 24 जून को झाबुआ में विवाह/निकाह सम्मेलन मे होगंे सम्मिलित 
            
झाबुआ । प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ 24 जून को झाबुआ जिले के भ्रमण पर रहेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ 24 जून को प्रातः 11ः00 बजे भोपाल से प्रस्थान कर दोपहर 12ः15 बजे झाबुआ पहुचेगे। उसके बाद 12ः30 बजे उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ मे स्कूल चले हम अभियान कार्यक्रम में सहभागिता करेगे।तत्पष्चात दोपहर 1ः15 बजे स्थानीय पोलोटेलिक काॅलेज झाबुआ के परिसर मे आयोजित मुख्यमत्रंी कन्या/निकाह योजना अंर्तगत आयोजित विवाह सम्मेलन मे सम्मिलित होगे। उसके बाद निर्माण कार्याे का लोकार्पण/भूमिपूजन करेगे। उसके बाद र्सिर्कट हाॅउस पर जनप्रतिनिधियो की बैठक लेगे। तत्पष्चात् झाबुआ से सायः 05ः00 बजे भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे।

दस्तक अभियान के तहत कार्यकर्ता घर-घर जाकर दे रही है स्वास्थ्य सेवाए
ं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बारीया द्वारा दस्तक अभियान की समीक्षा की गई
झाबुआ । वर्ष 2019-20 में ‘‘दस्तक अभियान’’ का प्रथम चरण सोमवार 10 जून से जिले में चलाया जा रहा है स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चे वाले परिवारों के घर-घर जाकर दस्तक अभियान अंतर्गत दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवायें बच्चों को दी जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता व ग्राम की आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व्दारा महिलाओ को एकत्रित करके अभियान संबंधी व स्वास्थ्य की जानकारी देकर परिवारों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बारीया द्वारा दस्तक अभियान की समीक्षा की गई एवं आवष्यक निर्देष दिये गये। बैठक मे आगामी कार्ययोजना के सबंध मे प्रषिक्षण भी दिया गया।

एडीएम श्री चैहान ने किया अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण
        
झाबुआ । एडीएम श्री चैहान ने आज जिला चिकित्सालय झाबुआ का आकस्मिक निरीक्षण किया एवं जिला चिकित्सालय मे साफ सफाई व्यवस्था को ठीक करवाने के निर्देष दिये। साथ ही चिकित्सालय मे पानी की व्यवस्था सूचारू रखने के निर्देष दिये। निरीक्षण के दौरान उनके साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बारीया, एसडीएम श्री परते सहित षासकीय सेवक उपस्थित थे।

जिले में 24 घण्टो मे 9.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

झाबुआ । जिले में इस वर्ष अब तक औसतन 20.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। विगत 24 घण्टो मे औसत 9.2 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापक केन्द्र झाबुआ में 1.0, रामा में 0.0 मि.मी., पेटलावद मे नील, थांदला मे 31.4 मि.मी., मेघनगर मे नील, राणापुर मे 23.0 मि.मी वर्षा दर्ज की गई।

तहसील कार्यालयो मे वाहन किराये पर लेने के लिये निविदा आमंत्रित

झाबुआ । जिले के तहसील कार्यालयों झाबुआ/रानापुर/रामा मेघनगर/थांदला/पेटलावद में कार्यरत तहसीलदारों/अतिरिक्त तहसीलदारों के लिये वाहन की अधिकतम कीमत रूपये 6.50 लाख के अन्तर्गत महेन्द्रा बोलेरो वाहन के समकक्ष वाहन मासिक किराये पर लगाने हेतु एक वर्ष तक की अवधि के लिए इच्छुक निविदाकारो से खुली निविदाऐ 29 जून 2019 को साय 4.00 बजे तक आमंत्रित की गई है। नियम एवं षर्तो की जानकारी के लिये कलेक्टर कार्यालय नजारत षाखा में संपर्क कर सकते है। 

आन्नदको का सम्मेलन 26 जून को

झाबुआ । जिले में म.प्र. षासन अध्यात्म विभाग के अधिन राज्य आनंद संस्थान में पंजीकृत आनंदको का एक दिवसीय षिविर सम्मेलन होगा। अपने जीवन को तनाव मुक्त रखने व आनंद के पलो का एहसास दूसरो की मदद करने में खुषी जैसे गतिविधि आधारित कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम को आयोजन 26 जून 2019 को दस बजे से षाम पांच बजे तक रहेगा। संभाग समन्वयक के.बी मंसारे ने बताया कि संभाग से मास्टर टैनर आनंदम सहयोगीयो का पांच सदस्य दल षिविर संचालन करेगे। जिला प्रषासन के निर्देषानुसार षिविर संपन्न होगा।

स्कूलों में  प्रवेश हेतु आधार कार्ड अनिवार्य नही हैं
          
झाबुआ । जिले  में  नविन सत्र के लिए  शासकीय एवं प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश का प्रारम्भ हो चुके हैं।  स्कूलों  में  प्रवेश हेतु  छात्रों के आधार कार्ड मांगे जा रहे है। परन्तु स्कूलों में  प्रवेश हेतु आधार कार्ड अनिवार्य नही हैं द्य यदि किसी  भी शासकीय एवं प्राइवेट स्कूलों  में  आधार कार्ड  के कारण  छात्रों को  प्रवेश नहीं दिया जाता हैंए तो उस शासकीय   स्कूल  की शिकायत आदिम जाती कल्याण विभाग झाबुआ  एवं  प्राइवेट स्कूल  की कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी झाबुआ  को करे द्य एवं आधार से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या हेतु जिला ई गवर्नेंस प्रबंधक श्री धर्मेन्द्र सिंह मीना ;7509129772  से संपर्क करे

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 जून

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चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज ने की आयोजन समिति गठित  भव्य रूप से निकाली जाएगी भगवान जगदीश की रथ यात्रा 

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सीहोर। अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज की जिला स्तरीय बैठक रविवार को कार्यमंगलम परिसर में आयोजित की गई। जिला पदाधिकारियों ने युवा कार्यकर्ताओं की सहमति से भगवान जगदीश की रथ शोभायात्रा आयोजन समिति का गठन किया। इस दौरान सामाजिक विकास और संगठनिक प्रगति को लेकर विशेष चर्चा की भी की गई।  भगवान जगदीश जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज के वरिष्ठजनों ने बैठक का शुभारंभ किया। तत्पश्चात वरिष्ठजनों का यु़वाओं के द्वारा पुष्प मालाओं से स्वागत किया गया। जिला मुख्यालय पर निकाले जाने वाले भव्य भगवान जगदीश के चल समारोह रथ शोभायात्रा की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। सर्वसहमति से रथ यात्रा आयोजन समिति सरंक्षक मंडल में सुनील वर्मा, संजय वर्मा, रामप्रकाश चौधरी, मंगलेश सरंपच, सतीष सुनानिया, नरेंद्र सरपंच, संयोजक मंडल में हिरदेश पटेल, भगवान सिंह, ठाकुर प्रसाद,  अजय पटेल, रामचंद्र समिति अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, कोषाध्यक्ष प्रेमनारायण, महामंत्री मोहन पटेल, प्रवेश वर्मा, उपाध्यक्ष आकाश वर्मा, सचिव वर्मा, महासचिव शेलेंद्र पटेल, सचिव निलेश पटेल, डब्लू पटेल, मीडिया प्रभारी सचिन वर्मा, नीरज वर्मा, सोशल मीडिया प्रभारी अक्षय पटेल, व्यवस्थापक सचिन पटेल, सीहोर शहर प्रभारी शुभम पटेल, हिमाशु वर्मा, ग्रामीण प्रभारी सुरेंद्र चौधरी, कृष्णकांत पटेल हेमंत वर्मा, इछावर प्रभारी आष्टा प्रभारी मनोज वर्मा, को चुना गया। बैठक के दौरान समाजसेवी  सुनील वर्मा, राजू वर्मा, अखलेश वर्मा, रामचंद्रर के द्वारा रथ यात्रा के लिए नगद राशि भेंट की गई। बैठक में समाजध्यक्ष ओमप्रकाश पटेल, राम सिंह, मडलोई, प्रफुल, दीपक, जीवन, जितेंद्र, अमित, संदीप आदि सहित बड़ी संख्या में समाजिक बंधु  मौजूद रहे। 

जिले के दसों प्रखंड़ों मेंं मनाया जाएगा अखंड भारत दिवस  विश्वहिन्दू परिषद की जिला बैठक में लिया गया है निर्णय 
मंडलों ने एकत्रित की लक्ष्य से अधिक धर्मरक्षा निधि 
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सीहोर। भारतीय संस्कृति के संरक्षण और धर्म रक्षा के लिए विश्वहिन्दू परिषद बजरंगदल के जिला और खंड प्रखंड के पदाधिकारियों ने लक्ष्य से अधिक निधि जिले से एकत्रित की है। विश्व हिन्दू परिषद आगामी १४ अगस्त को जिले के दसों प्रखंड़ों में अखंड भारत दिवस भी शोर्य और भगवाध्वजों के साथ विशाल चल समारोह निकाल कर मनाएगा। बाबा बूढ़ा अमरनाथ यात्रा को और भी अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा।  विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल सिद्ध पुर की जिला बैठक रविवार को त्यागी बाबा के आश्रम में आयोजित की गई। प्रांत पदाधिकरी अजीत शुक्ला एवं राजेंद्र टाक जिला अध्यक्ष सुनील कुमार शर्मां ने श्रीरामदरबार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर बैठक का शुभारंभ किया। जिलाध्यक्ष श्री शर्मा ने संगठन के द्वारा संचालित किए जाने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने अखंड़ भारत दिवस को मनाने के लिए पदाधिकारियों के समक्ष रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रांत पदधिकारियों ने बैठक में सम्मिलित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संगठन को मजबूत करने के टिप्स दिए। जिलाध्यक्ष श्री शर्मा ने धर्म सुरक्षा निधि लक्ष्य के अनुसार संग्रहित करने पर खंंड प्रखंड के पदाधिकारियों को आभार व्यक्त किया। जिला उपाध्यक्ष जगदीश कुशवाह जिला मंत्री राकेश विश्वकर्मां जिला संयोजक विवेक  राठौर जिला कोषाध्यक्ष पंडित मोहित पाठक जिला गोरक्षा प्रमुख जितेन्द्र नरोलिया जिला समरसता प्रमुख डॉ गगन नामदेव जिला सह मंत्री कमलेश  कूकनदा ने भी अपने विचार रखे। बैठक में प्रमुख रूप से नगर मंत्री यग्गेश शेव संयोजक आशीष कुशवाहा, नगर गौरक्षा प्रमुख महेंद्र सोलंकी, सीहोर ग्रामीण अध्यक्ष महेश मेवाड़ा मंत्री कमल परमार उपाध्यक्ष राम सिंह धनगर श्यामपुर प्रखंड आशीष सिसोदिया मंत्री मोहन भाटी गुलाब प्रजापति इछावर प्रखंड अध्यक्ष मंगलेश  वर्मा, संयोजक अजय वर्मा, जावर प्रखंड अध्यक्ष धीरज सिंह  ठाकुर, संयोजक राकेश  ठाकुर, खाचरोद प्रखंड अध्यक्ष रेवाशंकर  जाट, एवं देवीपुरा प्रखंड से राजेश राजपूत सहित अन्य सभी दायित्व वान पदाधिकारी उपस्थित रहे। 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने किया मानसिक पुर्नवास केन्द्र निर्माण स्थल का अवलोकन 

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री (भारत सरकार) श्री थावरचंद गेहलोत रविवार को सीहोर पहुंचे जहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। सीहोर में भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर बनने वाले राष्ट्रस्तरीय मानसिक पुर्नवास केन्द्र के निर्माण स्थल का अवलोकन किया। उन्होंने पानी, बिजली आदि की व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर श्री अजय गुप्ता से चर्चा की।  मंत्री श्री गेहलोत ने कलेक्टर से निर्माण स्थल एवं पुर्नवास केन्द्र में पानी, बिजली व अन्य सुविधाओं की जानकारी हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों से भी चर्चा की। उन्होंने निर्माण कार्य शीघ्र शुरु किये जाने के लिए स्थल पर उपस्थित सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों एवं इंजीरियर्स को निर्देशित किया। इस अवसर पर विधायक सीहोर श्री सुदेश राय, विधायक इछावर श्री करन सिंह वर्मा, सांसद देवास श्री महेन्द्र सिंह सौलंकी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा, अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी, उप पुलिस अधीक्षक श्री समीर यादव, अनुविभागीय अधिकारी श्री वरुण अवस्थी, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती रचना बुधौलिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।

जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आज

कलेक्टर श्री अजय गुप्ता के निर्देशानुसार जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक 24 जून को सायं 4 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी द्वारा समस्त विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि बैठक में जिन विषयों पर चर्चा करना है उसका एजेण्डा कर्मचारी संघो के पदाधिकारियों द्वारा बैठक में साथ लायें। एजेण्डा में कर्मचारी हितों की मांग रखी जाए तथा शासन द्वारा निर्धारित मान्यता प्राप्त संगठन के पदाधिकारी/अधिकृत प्रतिनिधि ही बैठक में उपस्थित हों।

जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रभारी मंत्री
आज समस्त शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायरसेकेण्ड्री संस्थाओं में आयोजित होगा प्रवेशोत्सव
जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.पी त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 जून को जिले के समस्त शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री संस्थाओं में नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के अवसर पर प्रवेशोत्सव का आयोजन किया जाएगा। नवीन सत्र में संस्था में प्रवेश लेने वाले छात्र एवं छात्राओं को विद्यालय में प्रवेश के शैक्षिक वातावरण को उत्सव के तौर पर मनाया जाएगा एवं विशेष कार्यक्रम संस्थाओं में आयोजित किये जाएंगे जिसमें छात्र एवं छात्राओं को भयमुक्त एवं शैक्षिक वातावरण तैयार कर उन्हें शिक्षा की जानकारी प्रदान की जाएगी। जिला स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम शासकीय हाईस्कूल पचामा में दोपहर 1 बजे से आयोजित होगा जिसमें सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री आरिफ अकील शामिल होकर छात्र एवं छात्राओं से सीधे संवाद करेंगे। प्रभारी मंत्री मध्यप्रदेश शासन की ओर से छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठयपुस्तक एवं सायकल का वितरण करेंगे।   

शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने को लेकर जिला परिवहन अधिकारी दिए निर्देश 

शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए 24 जून को स्कूल प्रारंभ हो रहे हैं। स्कूल बच्चों का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चत करने के लिए‍ जिला परिवहन अधिकारी श्री अनुराग शुक्ता द्वारा स्कूल संचालकों एवं पालकों को निर्देश दिए गए है। जिला परिवहन अधिकारी श्री शुक्ला ने निर्देशित किया है कि बच्चों के माता-पिता स्वयं स्कूल वाहन को निरीक्षण करें और यह संतुष्टि करें कि वाहन में समस्त सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। साथ ही वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज हैं अथवा नहीं। एलपीजी से संचालित वाहन का प्रयोग स्कूल बच्चों के परिवहन के लिए पूर्णत: प्रतिबंधित है। अभिभावक एलपीजी से संचालित किसी भी वाहन में बच्चों को स्कूल न भेजें। अभिभावक मारूती वेन से बच्चों को स्कूल न भेजें तथा ऐसे किसी भी वाहन से बच्चे को न भेजें जो डबल फ्यूल से संचालित हो। ऑटो में 5 छोटे (12 वर्ष से कम) अथवा 3 बड़े (12 वर्ष से से अधिक) बच्चों को न बैठाएं। ऑटो में बच्चों को कदापि आगे वाहन चालक के पास न बैठाएं। स्कूली बच्चों को ले जाते समय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर से जारी निर्देशों का पालन अनिवार्यता से किया जाए। अभिभावक स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चे को स्कूल परिसर में ऐसे सुरक्षित स्थान पर ही वाहन में बैठाया व चढ़ाया जाए जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हों। यदि कोई भी वाहन चालक स्कूली बच्चों का असुरक्षित ढंग से परिवहन कर रहा है तो उस समय उसका फोटो खींचकर तथा वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर नोटकर जिला परिवहन अधिकारी श्री अनुराग शुक्ला के मोबाईल नंबर 9644631358 या सूबेदार ट्रेफिक श्री देवनारायण पांडे-7049128338 एवं आष्टा के लिए सुश्री प्राची राजपूत 7049128744 पर सूचना दे सकते हैं। 

कृषक ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर कर सकते हैं आवेदन

सहायक कृषि यंत्री सीहोर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2019-20 में कृषि यंत्रों एवं सिंचाई उपकरणों के क्रय पर अनुदान दिये जाने के लिए कृषकों से ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन लिए तिथियां निर्धारित की गई हैं।   कृषक रेज्ड बेड प्लांटर स्वचलित राइस ट्रांसप्लांटर(चार कतार), रेज्ड बेड प्लांटर विथ इंक्लाइंड प्लेट एंड शेपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, जीरो टिलेज सीड कम फर्टिलाइजर ड्रील, सीड ड्रील रोटोवेटर, रिवर्सिबल हाइड्रोलिक प्लाउ(2) हेप्पी सीडर के लिए 24 जून दोपहर 12 बजे से ऑनलाइन आवदेन जमा कर सकते हैं। इसी प्रकार ट्रेक्टर, पॉवर टिलर (8 बी.एच.पी. से अधिक) के लिए 25 जून दोपहर 12 बजे से तथा स्प्रिंकलर सेट, पंप सेट, पाईप लाईन सेट एवं रेनगन के लिए 27 जून को दोपहर 12 बजे से ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।  उन्होंने बताया कि जो किसान कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत सामाग्री का क्रय कर अनुदान का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं वे अपना आवेदन किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर अन्य कियोस्क अथवा सामग्रियों के पंजीकृत डीलरों के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। इस योजना के अनतर्गत व्यक्ति के परिचय के संबंध में आधार कार्ड, संवर्ग (सीमांत, लघु, सामान्य) जमीन के कागज-बी 1 खसरा एवं जाति संबंधित लगने वाले दस्तावेज आवश्यक हैं।  कृषक dbt.mpdage.org पर आवेदन प्रस्तुत करें। आवेदन पंजीकृत होने के पश्चात पंजीकृत डीलर सूची से डीलर का चयन करें। डीलर चयन करने के उपरांत आवेदन क्रय स्वीकृति के बाद यंत्र क्रय करें। भौतिक सत्यापन अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान दस्तावेज एवं यंत्र सत्यापित करवाएं। पात्रता सही पाए जाने पर अनुदान भुगतान की कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित नियम एवं शर्तों की अधिकारी जानकारी आवेदन के संबंध में समस्या होने पर संबंधित कार्यालय सहायक कृषि यंत्री या उपसंचालक कार्यालय से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

धान की सीधी बुवाई से समय, पानी, मजदूर एवं ईंधन की बचत

धान की सीधी बुवाई किसान अपने खेत में कर सकते है। खरीफ के मौसम की धान को सुखी सीधे सीड ड्रिल से बुवाई कर सकता है एवं इसके लिये एक निश्चित गहराई पर बोनी करनी होगी। किसान इस विधि से बोनी करके समय पर बुवाई कर सकते है इस विधि में अन्य विधियों की तुलना में बोनी में कम समय लगता है जिससे समय की बचत होती है तथा सीधी बुवाई विधि में खेत में पानी भरकर नहीं रखना होता है जिससे पानी की भी बचत होती है। इस विधि द्वारा बुवाई बरसात होने के पूर्व पूर्ण कर लेने चाहिए, किसान इस विधि को अपना कर खरीफ की धान की बुवाई कर सकते है एवं इस तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी लेने के लिए जिले के किसान कृषि विज्ञान केंद्र पर भी संपर्क कर सकते है। जिससे धान की सीधी बुवाई तकनीक अपनाने में कोई तकनीकी परेशानी का सामना न करना पड़े।

पिता की स्मृति में बेटियों ने रेल यात्रियों को बांटा शरबत 

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सीहोर। रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेट फार्म पर रविवार को फादर्स डे को सार्थक करते हुए बेटियां ने पिता की पावन स्मृति में यात्रियों को शीतल शरबत का वितरण किया। मंडी क्षेत्र के जनता कॉलोनी में निवासरत वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय अजय कुमार सुलोदिया का दो वर्ष पूर्व स्भाभविक दहवासन हो गया था। स्वर्गीय सुलोदिया को अपनी बेटियों से काफी स्नेह था। बेटियों रचना और अर्चना ने पिता की स्मृति में परिवार की काजल, रिंकू, हिमानी, अंजली, मुस्कान, आयूशी, कशीश, महक, नूतन, राजेश्वरी, प्रभा सहित राजवीर, गौरव हेंमत प्रफुल, शंकर, हरिशंकर, अभिषेक के साथ दोपहर में मालवा एक्सप्रेस, भोपाल पेंसेंजर में बैठे और प्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों को शरबत का वितरण किया। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 जून

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पर्यावरण की रक्षा हेतू वृक्षारोपण के लिये गंभीरता से हो प्रयास - भार्गव

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विदिशा विधायक शंशाक भार्गव ने अपने साथियो सहित आज विदिशा भोपाल मार्ग पर अग्रवाल एकदमी स्कूल के सामने वायपास मार्ग पर वृक्षारोपण कार्य का शुभारंभ किया उन्होने कहा कि आने वाले भविष्य को खुशहाल रखना है तो प्रत्येक नागरिक, समाज सेवी संस्थाओं का एवं शासन प्रशासन की एंजशियों का कर्तव्य है कि वे पर्यावरण की रक्षा करे, आगामी वर्षा काल अधिकतम एवं सुरक्षित वृक्षारोपण कार्य में अपना सहयोग निस्वार्थ भाव से प्रदान करें, उन्होने विदिशा नगर सहित संपूर्ण जिले को हरा भरा बनाने के प्रयासों में प्रत्येक नागरिक सहयोग प्रदान करें तभी हम विदिशा को हरा भरा बनाने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकगे आज के लिये पर्यावरण की रक्षा करना और इस के लिये किये जा रहे प्रयासों में अपना सहयोग दे में की भावना हम सभी में जाग्र्रत हो इस अवसर पर प्रमुख से नगर पालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टंडन जी, नागरिक बैक से श्री महेन्द्र यादव जी समाज सेवी श्री निशित मिश्रा जी, राजेन्द्र गुम्ता, श्री नन्दकिशोर शर्मा, श्री मोहर सिंह रघुवंशी, श्री रवि कपूर जी, श्री जितेन्द्र तिवारी, मनोज जैन, मनोज पांडे, अशर्फ खां शरिफ खां माजीद खान, मलखान मीना पहाड़ सिंह रघुवंशी, ओ.पी. सोनी, जितेन्द्र दांगी, बबलु भंडारी, योगेश सेन, दिनेश श्रीवास्तव संजीव प्रजापती, मनोज कुशवाह, मनोज साहू, मनोज जादव मुन्ना टे्लर, बाबुपाल, राजकुमार डीडोंत बप्पा राव, हिन्दु उत्सव समिति से अतुल तिवारी संजीव शर्मा आदि उपस्थित थे। कल दिनंाक 24.06.2019 सोमवार को नीमताल के चारों ओर नीम के पौधों का रोपण करवायेगे विधायक भार्गव जी प्रातः 6ः30 बजे।

सहरसा : गरमाया रेल ओवरब्रिज निर्माण का मामला,

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कोसी युवा संगठन के नेतृत्व में सहरसा की जनता 25 जून को करेगी प्रदर्शन   
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सहरसा :शहर की समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षों से आवाज बुलंद कर रहे समाजसेवी व युवा नेता सोहन झा अब रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के मामले को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। पिछले दिनों उन्होंने जहां अपने समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन किया था वहीं दूसरी ओर शहर के बंगाली बाजार स्थित रेलवे झाला पर आरओबी निर्माण को लेकर वो लगातार सूबे के मंत्री व रेलवे के उच्च पदस्थों से मुलाकात कर रहे हैं। कोसी युवा संगठन के बैनर तले उन्होंने मोर्चा खाेल दिया है। जिसे आमजनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले संगठन के सदस्यों व स्वयं सोहन झा ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। जिसके बाद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा बंगाली बाजार आरओबी निर्माण मद में 74 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई थी। यही नहीं सोहन झा ने जब सूबे के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव से बात की तो उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद कार्य की शुरूआत किए जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि 05 जून 2019 को जब सूबाई सरकार ने सूबे में तीन नए आरओबी निर्माण मद में राज्यांश उपलब्ध कराया तो उसमें सहरसा बंगाली बाजार स्थित आरओबी का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है। जिससे सहरसा की जनता एक बार फिर ठगा महसूस कर रही है। लेकिन अबकी बार फिजा कुछ बदली बदली है और यहां की जनता चुप बैठने वाली नहीं है। 25 जून को कोसी युवा संगठन के बैनर तले यहां की जनता सूबाई सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी और सहरसा बंद करेगी। इस मसले पर कोसी युवा संगठन के संस्थापक सोहन झा ने कहा कि सरकार के खिलाफ जनांदोलन करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि सहरसा के साथ हमेशा से भेदभावपूर्ण नीति अपनाई गई है जिसका हर मोर्चे पर विरोध होगा। इसी उपेक्षापूर्ण नीतियों के खिलाफ 25 जून को सहरसा की जनता विरोध प्रदर्शन करेगी।  

पूर्णिया : सर्पगंधा की खेती कर मालामाल हो रहे किसान

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परंपरागत खेती को छोड़ नई तकनीक से कर रहे औषधीय पौधों की खेती 
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कुमार गौरव । पूर्णिया : सर्पगंधा की खेती कर जिले के जलालगढ़ प्रखंड के किसान जितेंद्र कुशवाहा खुशहाल जीवन जी रहे हैं। वो पिछले करीब दस वर्षों से अनाज की खेती के साथ साथ सर्पगंधा की खेती दो से तीन एकड़ में कर रहे हैं और महज 75 हजार रूपए खर्च कर 3-4 लाख रूपए की आमद कर रहे हैं। विशेष बातचीत के क्रम में जितेंद्र कहते हैं कि इसकी खेती वे केवीके जलालगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर कर रहे हैं और इसका फायदा भी उन्हें मिल रहा है। बता दें कि सर्पगंधा की कई प्रजातियां होती हैं। जिसमें राववोल्फिया सरपेंटिना प्रमुख है। राववोल्फिया टेट्राफाइलस दूसरी प्रजाति है। जिसे औषधीय पौधों के रूप में उगाया जाता है। सर्पगंधा के जड़ औषधि के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं। इस पौधे के नर्म जड़ से सर्पेंन्टीन नामक दवा निकाली जाती है। इसके अलावा जड़ में रेसरपीन, सरपेजीन, रौलवेनीन, टेटराफिर्लीन आदि अल्कलाइड भी होते हैं। यह एक छाया पसंद पौधा है इसलिए आम, लीची एवं साल पेड़ के आसपास प्राकृतिक रूप से उगाया जा सकता है। जिले के जलालगढ़ में जितेंद्र कुशवाहा के अलावा एकाध किसान ही इसकी खेती करते हैं। जितेंद्र ने बताया कि सपंगंधा की फसल 18 माह में तैयार हो जाती है। 

...10 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर होती है खेती : 
कृषि विज्ञानी सुनील झा कहते हैं कि इसकी खेती उष्ण एवं समशीतोष्ण जलवायु में की जा सकती है। 10 डिग्री सेंटीग्रेड से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तक इसकी खेती के लिए बेहतर तापमान है। जून से अगस्त तक इसकी खेती की जाती है। 1200-1800 मिलीमीटर तक वर्षा वाले क्षेत्र में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। सर्पगंधा की खेती बीज के द्वारा, तना कलम एवं जड़ कलम के द्वारा की जा सकती है। इसकी खेती सभी तरह की जमीन में की जा सकती है। लाल लैटेरिटक उपजाऊ मिट्टी उपयुक्त है। यह अम्लीयता को बर्दाश्त करता है। 

...ये हैं औषधीय गुण : 
- स्थानीय लोग इसे सांप काटने में प्रयोग में लाते हैं
- गांव में औरतें इसका उपयोग बच्चों को सुलाने में करती हैं क्योंकि इसमें सुस्ती गुण होता है। प्रसव काल में भी इसका उपयोग किया जाता है
- मानसिक रोगी को रिलैक्स करने के लिए इसे दिया जाता है, इससे रोगी शांत हो जाता है
- यह रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कम करता है
- जड़ के एक्सट्रेक्ट को पेचिस तथा हैजा में इसका इस्तेमाल होता है
- पेटदर्द तथा पेट के कीड़े को मारने के लिए गोलमिर्च के साथ जड़ का काढ़ा बनाकर दिया जाता है

...कैसे तैयार करें पौधे : 
कृषि वैज्ञानिक डॉ अभिषेक प्रताप सिंह कहते हैं कि बीज द्वारा नर्सरी में बिचड़ा तैयार किया जा सकता है। इसके लिए ऊंचा नर्सरी बनाते हैं। बीज की बुआई वर्षा के आरंभ में (मई-जून) में करते हैं तथा रोपाई अगस्त माह में करते हैं। एक हेक्टेयर के लिए 8-10 किलो बीज की आवश्यकता होती है। बुआई के पहले बीज को पानी में 24 घंटे पानी में फुला लेने पर अंकुरण अच्छा होता है। बीज अंकुरण कम (15-30 प्रतिशत) होता है तथा 3-4 सप्ताह समय लगता है। नर्सरी में 20-25 सेंटीमीटर के फासले पर 2 सेंटीमीटर गहरे कुंड में 2-5 सेंटीमीटर की दूरी पर गिराते हैं। दो माह के बाद तैयार बिचड़े को (10-12 सेंटीमीटर के होने पर) 45 सेंटीमीटर गुना 50 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपाई करते हैं। वहीं कलम द्वारा जड़ अथवा तना दोनों को लिया जा सकता है। जड़ में कलम के लिए पेंसिल मोटाई के 2.5 से 5 सेंटीमीटर लंबाई के छोटे छोटे टुकड़े कर लेते हैं। इसे 5 सेंटीमीटर की गहराई पर पौधशाला में लगाते हैं। तीन सप्ताह बाद कल्ले आने पर तैयार खेत में रोपाई करते हैं। तना से पौधा तैयार करने के लिए 15-20 सेंटी मीटर पेंसिल मोटाई के कलम बनाते हैं। हरेक कलम में 2-3 नोड (गांठ) रहना जरूरी है। कलम को पौधशाला में लगाते हैं। 4-6 सप्ताह में रूटेड कटिंग को तैयार खेत में रोपाई करते हैं। रूट शूट कटिंग द्वारा भी प्रसारण किया जा सकता है। इसमें 5 सेंमी रूट कटिंग के साथ तना का कुछ हिस्सा को भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि खेत को मई माह में जुताई करते हैं। वर्षा आरंभ होने पर गोबर की सड़ी खाद 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देकर मिट्टी में मिला दें। लगाते समय 45 किलो नाइट्रोजन, 45 किलो फॉस्फोरस तथा 45 किलो पोटाश दें। नाइट्रोजन की यही मात्रा (45 किलो) दो बार अक्टूबर एवं मार्च में दें। कोड़ाई कर खरपतवार निकाल दें। जनवरी माह से लेकर वर्षा काल आरंभ होने तक 30 दिन के अंतराल पर तथा जाड़े के दिनों में 45 दिन के अंतराल पर सिंचाई दें। सर्पगंधा डेढ़ से दो वर्ष की फसल है। जाड़े के दिनों में जब पत्तियां झड़ जाती हैं तब जड़ को सावधानीपूर्वक उखाड़ना चाहिए। पौधों को छोड़ देने पर उपज बढ़ जाती है। तीन साल के पौधे में अधिकतम उपज होती है। उखाड़ते समय जड़ से छिलका नहीं हटना चाहिए। जड़ को 12-15 सेंटीमीटर टुकड़े में काटकर सूखा लिया जाता है। सूखने पर 50-60 प्रतिशत वजन की कमी हो जाती है। औसत उपज 100 किलो होती है। बिक्री दर 70-80 रूपए प्रतिकिलो है।

बिहार : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश नियोजित शिक्षकों की आपात बैठक

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अरुण कुमार (आर्यावर्त) बिहार सरकार के रवैये से परेशान नियोजित शिक्षक क्या रुख अपनाते हैं ये तो वक्त ही बताएगा।फिलहाल समान काम समान वेतन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद बिहार के नियोजित शिक्षक अब अगली रणनीति बनाने की तैयारी में हैं।रणनीति पर चर्चा के लिए नियोजित शिक्षकों के संगठन प्रमुख परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ में आज आपात बैठक बुलाई गई  है।पटना के आईएमए हॉल में रविवार को परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की स्थितियों पर चर्चा की जाएगी।नियोजित शिक्षकों के संगठन ने बिहार सरकार पर वादाखिलाफी के साथ-साथ तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।संघ ने स्पष्ट किया है कि सरकार के फैसले से नियोजित शिक्षकों में भारी आक्रोश और निराशा है ऐसे में आपात बैठक करके आगे आंदोलन की दिशा तय की जाएगी।

बिहार : बिजली मिस्त्री लाइन बनाने के दरम्यान धू-धू कर जलकर मर गया

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अरवल। फिर एक बार साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की नाकामयाबी सामने आयी है। पूर्ण होशियारी से बिजली मिस्त्री पोल पर जरूर चढ़ा। फिर खुद ही नहीं उतर सका। बिजली मिस्त्री लाइन बनाने के दरम्यान धू-धू कर जलकर मर गया। वह विघुत संचालित तार में फंस गया। आसपास के लोगों के सहयोग से बांस से तार में मार-मार कर बिजली मिस्त्री को नीचे गिराया गया। 

बिजली मिस्त्री लाइन बनाने के दौरान धू-धू कर जला
यह दर्दनाक हादसा अरवल में  हुआ। वह बिजली मिस्त्री लाइन बनाने गया था। जहां बिजली की चपेट में आ जाने से धू-धू कर जल गया। एक दर्दनाक हादसे में पोल पर चक्कर काम करने के दौरान ही करंट आ जाने से एक युवा बिजली मिस्त्री की दर्दनाक मौत हो गयी। इस हादसे को देख रहे लोगो का रोआ सिहर गया। पोल पर चढ़ा बिजली मिस्त्री करंट की चपेट में आने से झुलस कर धू धू कर जलने तो लोग शोर मचाने लगे। कुछ साहसी युवाओं ने बांस से मिस्त्री को ऊपर से गिराने का असफल प्रयास जरुर किया लेकिन बिजली मिस्त्री की मौत उपर में करंट प्रवाहित तार पर ही हो गयी। इसी तरह कुछ माह पूर्व दीघा थाना क्षेत्र के जमाखारिज में रहने वाले बिजली मिस्त्री की मौत हो गयी थी।

दुमका : विश्व कवि रविन्द्र नाथ टैगोर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थेः डाॅ. रंजीत कु. सिंह

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) टैगोर विचार मंच साहिबगंज के तत्वावधान में दिन रविवार (23 जून) को स्टेशन परिसर साहिबगंज में द्वार विश्व कवि व नोबेल पुरस्कार विजेता कविगुरु रविंद्र नाथ टैगोर की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। टैगोर विचार मंच के अध्यक्ष डॉ रंजीत कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विश्व कवि रविन्द्र नाथ टैगोर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। चाहे साहित्य का क्षेत्र हो या फिर संगीत, चित्रकला, मानव सेवा व जनकल्याण का, उपरोक्त सभी क्षेत्रों में कविगुरु ने भारतीय समाज व दुनिया को अमूल्य भेंट दिया है। बतौर मुख्य अतिथि बोरियो विधायक ताला मरांडी ने इस कार्यक्रम के  आयोजकों को बधाई दी और कहा कि उनके इस सराहनीय कदम से टैगोर के विचारों की महक साहिबगंज की अनुपम धरती पर सुशोभित हो रही है।  उन्होंने सुझाव दिया कि स्मारिका व मासिक पत्रिका (साहित्यिक) के माध्यम से जन जन तक उनका संदेश पहुंचाने का काम हो। समाजसेवी सिंघेश्वर मंडल ने यह कहा टैगोर भारत के सबसे महान लेखकों में एक गिने जाते हैं। उनका साहित्य मानवता, जन कल्याण व देशप्रेम की भावनाओं से सराबोर है ओतप्रोत है। हमें टैगोर के विचारों को अपनाकर समाज को गढ़ने की दिशा में काम करने की जरुरत है। एनएसएस की छात्रा नमिता कुमारी ने कहा कि रविंद्र नाथ टैगोर एक कवि, साहित्यकार, नाटककार व संगीतकार ही नहीं बल्कि एक श्रेष्ठ व्यक्ति भी थे। टैगोर को शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता। उनकी भूमिका इस संसार में अतुलनीय है। यदि उनके  कार्यों को किसी शब्दों में पिरोया जाये तो वह भी कम पड़ जाए। उनकी उपलब्धियों की व्याख्या में एक और गीतांजलि की रचना की जा सकती है। उनकी अप्रतिम रचनाओं में अलौकिक छटा देखने को मिलती है। एनएसएस छात्र अमन कुमार होली ने कहा कि किसी भी देश की संस्कृति व सभ्यता मात्र घटनाओं, तिथियों, सिद्धांतों व नियमों की स्थापना से रूपांतरित नहीं होती बल्कि उनका सत्य और यथार्थ रविंद्र नाथ जैसे मनीषियों का जीवन है जो उनके कार्यों से रूपांतरित होती है। टैगोर विचार मंच के सचिव हिमांशु शेखर गुहा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। रवीन्द्र विचार मंच के तत्वावधान में नव निर्मित भव्य मूर्ति पुनर्स्थापित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व बोरियो विधायक ताला मरांडी के अलावे इस कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि नगर अध्यक्ष श्रीनिवास यादव के द्वारा टैगोर मूर्ति का अनावरण किया गया। इस अवसर पर मालदह (कोलकाता) के संजीव नियोगी, बिमलेन्दू बोष विप्लव राय चैधरी, शिक्षक मुरलीधर ठाकुर, मंच के सिद्धेश्वर मंडल, हिमांशु शेखर गुहा, सोना पाल, कल्याण श्रीवास्तव, दिनानाथ झा, शशी कुमार सुमन, चंपक दत्ता, सोमनाथ व महाविद्यालय की नमिता कुमारी, अमन कुमार होली, रवि कुमार वर्मा, रवि कुमार, नरेंद्र ठाकुर, मनोज कुमार चैरसिया, राजीव कुमार पांड,े संजय कुमार मिश्रा, वृज बिहारी यादव, शशि कुमार सुमन, शशिभूषण झा, अभिजीत घोष, स्यामूल चैरसिया व अन्य लोग इस अवसर पर मौजूद थे। 

बिहार : केन्द्र में एन.डी.ए. सरकार आ जाने से एन.जी.ओ. को बहुत कुछ होने लगा है

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पटना,22 जून।एन.डी.ए. ने प्रथम पाली में एन.जी.ओ.पर नकेल कस दी थी। वह दूसरी पाली में भी जारी है। एन.जी.ओ. को हर गतिविधि की जानकारी सरकार को देनी पड़ेगी। अब एन.जी.ओ. को गृह मंत्रालय को पदाधिकारियों में बदलाव की जानकारी नहीं देने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है। गृह मंत्रालय ने कहा कि हर हालत में गैर सरकारी संगठनों को सूचित करना ही।  गृह मंत्रालय ने गैर-सरकारी संगठनों को दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी, अगर उन्होंने बिना बताए अपने पदाधिकारियों को बदल दिया है। मंत्रालय ने बताया कि गैर-सरकारी संगठनों को एक महीने के भीतर बदलाव के बारे में सूचित करना चाहिए, द हिंदू ने बताया। विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत पंजीकृत एनजीओ, जो उन्हें विदेशी दान के लिए पात्र बनाता है, ने पदाधिकारियों और प्रमुख पदाधिकारियों के बारे में विवरण हटाने, हटाने और बदलने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया है। यह देखा गया है कि अधिनियम के तहत पंजीकृत कुछ संघों व्यक्तियों ने एमएच से अनुमोदन के बिना और इन विवरणों के परिवर्तन के लिए ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर इस डेटा को अपडेट किए बिना अपने पदाधिकारियों प्रमुख पदाधिकारियों को बदल दिया है,इस तरह के सभी संघों को एफसीआरए अधिनियम, 2010 और नियम, 2011 में दंडात्मक कार्रवाई के तहत उपयुक्त प्रावधानों को विफल करने के लिए ऑनलाइन परिवर्तन प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है। मंत्रालय के एक अज्ञात वरिष्ठ अधिकारी, जो अब भारतीय सार्वजनिक पार्टी के प्रमुख अमित शाह की अध्यक्षता में हैं, ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ गैर-सरकारी संगठनों की जांच में प्राप्त निधियों को निस्तारित किया है। ‘अधिसूचना केवल नियम की स्थिति को दोहराती है,‘ उन्होंने कहा। अप्रैल में, राजनाथ सिंह के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एफसीआरए अधिनियम के तहत ग्रीनपीस इंडिया के पंजीकरण को रद्द कर दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संगठन की गतिविधियों ने देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया है। जनवरी में, केंद्रीय राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में, 4,800 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों को इस तरह के धन को रद्द करने के लिए उनके लाइसेंस के बाद विदेशी धन प्राप्त करने से रोक दिया गया है। रिजिजू ने कहा कि ये एनजीओ अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में विफल रहे हैं।

बिहार : अधिकारियों को मिला "नीतीश कुमार"का निर्देश

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आंधी-तूफान और बज्रपात से मरनेवालों के आश्रितों को मिले 4/4 लाख का अनुदान
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अरुण कुमार (आर्यावर्त) पिछले 2 दिनों में राज्य के अंदर आंधी तूफान और वज्रपात से मारे गए लोगों के आश्रितों को सरकार 4-4 लाख रुपए का अनुदान देगी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंधी तूफान और वज्रपात के कारण मारे गए लोगों के लिये गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ हैं।आगे आपको बताते चलूँ कि 21 और 22 जून को राज्य में आंधी तूफान और वज्रपात के कारण खगड़िया में 3, जमुई में 2   बक्सर में 1, बेगूसराय में 1, और बांका में 3 लोगों की मौत हो गई थी।अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मृतकों के आश्रितों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है।

बिहार : मरीजो की संख्या में कमी ज़रूर आई पर परिस्थिति अभी भी गम्भीर

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मुजफ्फरपुर में बच्चों की मरने का वजह कुछ और है, सरकार छुपा रही है नाकामी
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मुजफ्फरपुर। आज मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखने एसकेएमसीएच पहुंचे कांग्रेस के नेताओं को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। रविवार को भीड़ के साथ कांगेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और वीरेंद्र सिंह राठौर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। करीब 15 वाहनों का काफिला लेकर आए थे, इसके कारण मरीजों को लेकर एम्बुलेंस का आवाजाही ठप पड़ गया था। इसको लेकर विरोध शुरू कर दिये। आज फिर एक बार मुज़फ़्फ़रपुर जा कर बच्चों और उनके परिवार वालों से मुलाक़ात की। पहले के तुलना से परिस्थिति थोड़ी ठीक हुई है पर आज भी लोग दवा ना मिलने को ले परेशान दिखे।मरीजो की संख्या में कमी ज़रूर आई पर परिस्थिति अभी भी गम्भीर है और सरकार को इस दिशा में बहुत कुछ करने की ज़रूरत है एक अन्य समाचार के अनुसार राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान पटना की सात सदस्यीय टीम ने कल मुजफ्फरपुर और हाजीपुर वैशाली की लगभग सात अलग अलग- गांवों में जाकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिला। उनके साथ उनसे कुछ जानने की कोशिश की है जो चैकाने वाली है। बताते चले कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार ने बच्चों की मौत को लीची में समेटने की कोशिश की है लेकिन जैसे- जैसे अलग अलग टीम जाकर इस मामले का खुलासा की है वो नाकाफी है जबकि असल बात कुछ और है। बता दें कि एनसीडीएचआर की टीम ने इस मामले में पूरी तरह से राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नाकामी बताई है। यह कुपोषण का मामला है, लीची तो एक बहाना है। टीम ने कई ऐसे बच्चों के माता पिता से मिले उनके बच्चे की मौत सिर्फ पैसे नहीं रहने के वजह से हुई है । और इसमें बहुत ज्यादा मौतें ैज्ञडब्भ् के उन मेडिकल छात्रों के वजह से हुई हैं। जो बहुत ही चिंतनीय है क्योंकि एक अदना सा बुखार एक बड़ी बहाना बनी और सैकड़ो बच्चों की जान ले ली। टीम के लोगों ने सरकार से सभी गाँव में सर्वे करने की माँग की है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिमा पासवान ने कहा कि आज भी उन बच्चों के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। वो भी एक वजह है,कुपोषण का जिसे छुपाने की पूरी कोशिश की जा रही है । महिला अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनामिका ने कहा कि जिस प्रकार से बच्चों की मौत हुई है वो आंकड़ा ज्यादा है लेकिन मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार सिर्फ 132 मौतें क्यों दिखाई जा रही है। इलाज करने वाले के पास किसी भी प्रकार की एडमिशन स्लिप नहीं हैं, आखिर यह खेल क्या खेला जा रहा है। क्या अब ये मामला बच्चों के लाश के बाद उसके मुआवजे की स्कैमिंग का खेल शुरू होगा।
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