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बिहार : जेपी के आह्वान पर जेल जाने वाले जौर्ज केरोबिन को आयोग का उपाध्यक्ष बनाने की मांग

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अभी तक केवल मुसलमान ही अध्यक्ष बने हैं बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में। श्री हारूण रसीद, श्री जाबिर हुसैन, श्री सोहेल अहमद,नौशाद अहमद, मो.सलाम और डा. प्रो. युनुस। अल्पसंख्यक में द्वितीय पायदान में रहने वाले ईसाइयों को उपाध्यक्ष बनाने कर शांत कर दिया जाता है। इसको लेकर ईसाइयों को लेकर अन्य धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों में आक्रोश व्याप्त है।
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पटना,29 जून।सूबे में एक अध्यक्ष के बल पर चल रहा है बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग। अध्यक्ष मोहम्मद सलाम के नेतृत्व में सदस्यों ने 17.5.2017 को त्याग-पत्र दे दिया है। इसके बाद 2019 में मो.युनुस को अध्यक्ष बनाया गया है। इन्हीं के बल पर आयोग लड़खड़ाकर चल रहा है। यह हाल गठन के 48 साल के बाद हुआ है। अधिसूचना संख्या-5742ध्सी दिनांक 26.4.71 द्वारा धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यक आयोग के गठन का आदेश निर्गत किया जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा सदस्य सचिव लोक शिकायत आयुक्त श्री एस0 आलम को बनाया गया। अधिसूचना के संकल्प में यह कहा गया कि भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को चाहे वे किसी र्धम या सम्प्रदाय के हो समान मौलिक अधिकार दिया गया है। अनुच्छेद-15 में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य के किसी नागरिक के प्रति धर्म, जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव नही बरतेगा। उसी तरह अनुच्छेद-16 में यह उपबंध है कि कोई नागरिक धर्म,जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर राज्य के अंर्तगत किसी भी नियुक्ति के लिए अयोग्य नही समझे जायेंगे और न इस संबंध में उनके प्रति इस आधार पर कोई भेदभाव बरता जायेगा। अनुच्छेद-25 के अनुसार प्रत्येक धर्म के मानने वाले को धार्मिक उद्देश्य के लिए अपनी संस्था स्थापित करना तथा उसकी व्यवस्था करने का पूर्ण अधिकार है। अनुच्छेद - 30 के अंर्तगत सभी अल्पसंख्यक चाहे वे किसी भी धर्म, भाषा या जाति का हो, अपनी शैक्षणिक संस्था स्थापित करने का पूर्ण अधिकार है। इस अनुच्छेद में यह भी उपबंध है कि ऐसी शैक्षणिक संस्था को सहायता देने में राज्य भी किसी प्रकार का भेदभाव नही बरतेगा। 

1. संविधान के उपबंध के अतिरिक्त राष्ट्रीय एकता परिषद में भी समय-समय पर अल्पसंख्यक के अधिकार की रक्षा के लिए बहुत सारे सुझाव दिये है। इन सुझावों पर राज्य सरकार ने यथासंभव कार्रवाई भी की है। 2. संविधान को लागू हुए 21 वर्ष हो गये फिर भी कुछ सम्प्रदायों के बीच वैमनस्य और अविश्वास की भावना अभी नही मिटी है। कुछ लोगों की ऐसी शिकायत और धारणा है कि संविधान के अन्तर्गत दिये गये मौलिक अधिकारों का उपयोग करने का उन्हे पूरा अवसर नही दिया जा रहा है। 3. भाषाजात अल्पसंख्यकों की धारणा और शिकायत है कि उनकी समस्याओं का समुचित सामाधान नही हो पाया है। इस संबंध में भारत सरकार के भाषाजात अल्पसंख्यकों के आयुक्त तथा 1961 में मुख्य मंत्रियों के सम्मेलन की विभिन्न अनुशंसाओं के अनुसार बहुत सारी कार्रवाई की गई है। फिर भी, भाषाजात अल्पसंख्यकों के बीच ऐसी भावना है कि उनके न्यायोचित तथा संवैधानिक अधिकारों की पूरी रक्षा नही की जा रही है। 4. राज्य सरकार की यह नीति है कि सभी वर्गों और विशेषकर अल्पसंख्यकों को संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों की पूर्ण रक्षा हो जिससें वे देश के विकास में अपना सहयोग प्रदान करें। सरकार ने बिहार राज्य धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जिसके अध्यक्ष एवं सचिव को छोड़कर 23 सदस्य थे।1. संविधान में विभिन्न सम्प्रदायों को जो मौलिक अधिकार दिये गये हैं उनका पालन किस हद तक हो रहा है और यदि कमी है तो पूरा करने के लिए कौन से उपाय उपेक्षित हैं। 2. राष्ट्रीय एकता परिषद द्वारा जो विभिन्न अनुशंसा समय-समय पर की गई है उसका अनुपालन किस हद तक हो रहा है और इसकी कमी को किस तरह पूरा किया जा सकता है। 3. भाषाजात अल्पसंख्यकों को संविधान में जो अधिकार दिये गये हैं उसका पालन किस हद तक हो रहा है और इसमें कोई कमी है तो उसे दूर करने के लिए क्या आवश्यक है। 4. भाषाजात अल्पसंख्यको के संबंध में भारत सरकार की नीति 1961 के मुख्य मंत्रियों के सम्मेलन में दिये गये सुझाव तथा समय-समय पर भाषाजात अल्पसंख्यकों के आयुक्त की अनुशंसा पर अपेक्षित कार्रवाई हुई है या नही और यदि नही तो क्यों और इसे पूर्ण रूप से कार्यान्वित करने के लिए कौन सी कार्रवाई आवश्यक है।

मुख्यमंत्री भी रहे हैं आयोग के अध्यक्ष
बताते चले कि 19.08.1972 को आयोग का पुर्नगठन किया गया तथा मुख्यमंत्री उसके अध्यक्ष एवं अब्दुल कयूम अंसारी उसके उपाध्यक्ष बनाए गये तथा सदस्य सचिव का पद श्री नीतीश्वर प्रसाद, सदस्य, विधान सभा को दिया गया। पुनः 27.11.1975 को इसका पुर्नगठन करते हुए मुख्यमंत्री को अध्यक्ष एवं श्री नीतीश्वर प्रसाद को सचिव बनाया गया। दिनांक 27.11.1976 को फिर आयोग का पुर्णगठन किया गया तथा श्री जव्वार हुसैन, सासंद को अध्यक्ष तथा श्री नीतीश्वर प्रसाद सदस्य सचिव बनाये गये। 01.11.1977 को इस आयोग का पुर्नगठन हुआ तथा मुख्यमंत्री अध्यक्ष एवं श्री तकी रहीम उपाध्यक्ष मनोनित हुए। गृह विशेष विभाग के उपसचिव श्री सरयु प्रसाद सिंह, सदस्य सचिव बने। 01.06.1981 को आयोग का पुर्नगठन करते हुए मुख्यमंत्री पदेन अध्यक्ष हुए तथा उपाध्यक्षों की संख्या एक से बढ़ा कर दो हो गयी। उपाध्यक्ष के रूप में श्री हारून रशीद एवं श्री जोगिन्दर सिंह ‘जोगी‘ को मनोनित किया गया। संयुक्त सचिवध्उपसचिव, गृह विशेष, सदस्य सचिव मनोनित किये गये। 17.07.1989 को एक उपाध्यक्ष का दर्जा बढ़ा कर कार्यकारी अध्यक्ष का कर दिया गया तथा श्री हारून रशीद, कार्यकारी अध्यक्ष मनोनित हुए और उपाध्यक्ष श्री जोगीन्दर सिंह जोगी को ही बनाया गया। श्री हारूण रशीद 18.10.1990 तक कार्यकारी अध्यक्ष बने रहे तथा 19.10.1990 से श्री जाबिर हुसैन को कार्यकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष श्री जोगिन्दर सिंह तथा श्री एस० दास बनाए गये।

1991 में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम बना
इसमें यह प्रावधान किया गया कि आयोग के लिए एक अध्यक्ष दो उपाध्यक्ष एवं आठ सदस्य जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाएगे। अधिनियम के आलोक श्री जाबिर हुसैन को 24.02.1994 को अध्यक्ष मनोनित किया गया जिन्हो्रने 10.04.1995 को त्याग पत्र दे दिया। तत्पश्चात 12.10.1995 को प्रो० सुहैल अहमद को बिहार राज्य अल्पसंख्यक अयोग का अध्यक्ष मनोनित किया गया। जो आयोग के अध्यक्ष के रूप में 22.07.2006 तक पदासीन रहे। नवम्बर 2005 आयोग के लिए सुनहरा युग आरम्भ हुआ जब दलितों पीड़ितों, पिछड़ी एवं अल्पसंख्यकों के मसीहा के रूप में श्री नीतीश कुमार का बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पदापर्ण हुआ। उन्होंने बिहार में अल्पसंख्यकों विशेष कर मुसलमानों की गरीबी, आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक पिछड़ापन से चिंतित होकर उसका गहराई से अध्ययन किया और उनकी समस्याओं के निराकरण का बीड़ा उठाया। इस संदर्भ में पहले उन्होने अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अधिसूचना सं० 1284 दि० 05.08.2006 द्वारा आयोग का पुनर्गठन करते हुए श्री नौशाद अहमद, अध्यक्ष एवं दो उपाध्यक्ष श्री सरदार चरण सिंह , श्री फादर पीटर अरोक्कास्वामी एंव आठ अन्य सदस्यों को मनोनित किया गया। पुनः अधिसूचना सं0 457 दि0 22.01.2009 द्वारा आयोग का पुनः गठन हुआ जिसके द्वारा श्री नौशाद अहमद अध्यक्ष, डाॅ0 कैप्टन दिलीप कुमार सिन्हा एवं श्री सरदार चरण सिहं उपाध्यक्ष एंव आठ सदस्य मनोनित किये गये। वर्ष 2015 में अधिसूचना संख्या 1069, दिनांक 05.08.2015 द्वारा आयोग का अगले कार्यकाल के लिए गठन किया गया। मोहम्मद सलाम अध्यक्ष बनाये गये तथा एम्ब्रोस पैट्रिक एंव डॉक्टर कप्तान दिलीप कुमार सिन्हा उपाध्यक्ष मनोनित हुए। सदस्य के रूप में कुलवंत सिंह सलूजा, मोहम्मद अब्दुल्लाह, अहमद अली तमन्ने मनोनित किए गये। मोहम्मद सलाम अध्यक्ष तथा एम्ब्रोस पैट्रिक एंव डॉक्टर कप्तान दिलीप कुमार सिन्हा उपाध्यक्ष तथा तीनों सदस्य दिनांक 17-15-2017 को त्याग - पत्र दे दिया है अभी डा.प्रो. युनुस अध्यक्ष हैं।लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर जेल जाने वाले जौर्ज केरोबिन को आयोग का उपाध्यक्ष बनाने की मांग जोरों से जारी है।

नवविवाहिता का अपहरण, पिता की मौत

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new-bride-kidnaped-father-deathकोटा, 29 जून,राजस्थान में कोटा के किशोरपुरा थानाक्षेत्र में एक नवविवाहिता का चार दिन पहले एक युवक ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया। कहा जाता है कि इससे दुखी युवती के पिता की तबियत बिगड़ गयी और उनकी शनिवार को अस्पताल में मौत हो गयी। लड़की के पिता एवं परिवार वालों ने शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया था कि अपह्रत दुल्हन को जल्द से जल्द बरामद किया जाए। पुलिस ने कहा, ‘‘ बंजारा कॉलोनी की युवती और दुल्हन शोभा मेघवाल का एक युवक ने मंगलवार को कथित तौर पर अपहरण कर लिया। अपहर्ता की पहचान उसी इलाके के मोनू उर्फ इमरान के रूप में की गयी है। ’’  शोभा की शादी 21 जून को ही गोलू सिंह के साथ हुई थी जिसमें दोनों पक्षों के परिवार वाले मौजूद थे। कहा जाता है कि नवविवाहिता 25 जून को कोटा जिला अदालत में शादी के जरूरी कागजात पर हस्ताक्षर करने के बाद घर लौट ही थी तो रास्ते में इमरान मिला। इमरान व्यक्तिगत बात करने का कहकर शोभा को अलग लेकर गया और वहां से उसका अपहरण कर लिया।  आरोपी के खिलाफ अपहरण के साथ साथ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की कई टीमें आरोपी की तलाश कर रही हैं लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। इस बारे में युवती के घरवाले प्रदर्शन भी कर चुके हैं।  इस बीच लड़की के पिता नवल किशोर (52) का शनिवार को अस्पताल में निधन हो गया। कहा जा रहा है कि उन्हें सदमे में दिल का दौरा पड़ा। उनके परिवार वालों व अन्य नागरिकों ने एमबीएस अस्पताल के बाहर प्रदर्शन भी किया।

स्टेशन पर ट्रेन से उतारे गए 113 मदरसा छात्र

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बरेली (उप्र), 29 जून, मालदा टाउन-आनंद विहार एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे लगभग 113 मदरसा छात्रों को शनिवार को संदेह के आधार पर बरेली रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। पुलिस अधीक्षक (रेलवे) सुभाष चन्द्र ने बताया कि आनंद विहार-मालदा टाउन ट्रेन में 100 से ज्यादा संदिग्ध बच्चों के होने की सूचना मिली थी। ट्रेन के बरेली पहुंचने पर उन बच्चों को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों ने स्टेशन पर उतार लिया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि वे बच्चे अलग—अलग मदरसों के हैं, जो छुट्टी के बाद वापस जा रहे थे। उनके नाम—पते की तस्दीक की जा रही है। बच्चे दिल्ली, हापुड़, अमरोहा और मुरादाबाद के मदरसों के बताये जा रहे हैं। चन्द्र ने बताया कि इन बच्चों के पास उपलब्ध परिचय—पत्र, आधार कार्ड, उनके घर और मदरसों के बताये गये पतों की पड़ताल से पता चला है कि वे अलग—अलग मदरसों के छात्र हैं और वापस मदरसे जा रहे हैं। उन्हें अगली ट्रेन से गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अभी जांच चल रही है। जरूरत पड़ी तो उन्हें फिर बुलाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सूचना मिली थी कि 12 से 16 साल तक की उम्र के 100 से ज्यादा बच्चों को कहीं ले जाया जा रहा है। रेल प्रशासन को स्थानीय अभिसूचना इकाई से इसकी जानकारी मिली थी। सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी इंटेलीजेंस और सिविल पुलिस ने ट्रेन को बरेली जंक्शन पर घेर लिया और बोगियों में मौजूद लड़कों को उतार लिया गया। रेलवे प्रशासन की इस कार्रवाई से रेलवे स्टेशन पर अफरा—तफरी मच गई।

मोदी की व्यस्त कार्यक्रमों से भरी जापान यात्रा संपन्न, अंतिम दिन कीं छह बैठकें

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ओसाका, 29 जून , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडोनेशिया, ब्राजील, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और चिली के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और व्यापार, आतंकवाद से लड़ाई, रक्षा, समुद्री सुरक्षा और खेल जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मोदी दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए जापान के ओसाका में थे। उन्होंने शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन अपनी पहली आधिकारिक वार्ता इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ की। दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, रक्षा और समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मित्र के साथ मुलाकात से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-इंडोनेशिया सहयोग को गहरा करने के तौर-तरीकों पर राष्ट्रपति जोकोवि (जोको विडोडो) से वार्ता की।’’  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘समग्र रणनीतिक भागीदारी को आगे ले जाते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशियाई राष्ट्रपाति जोकोवि से उपयोगी मुलाकात की। व्यापार और निवेश, रक्षा, समुद्री, अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग विस्तारित करने पर चर्चा की और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’  इसके तुरंत बाद मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों, खासकर व्यापार और निवेश में सहयोग, कृषि और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में जैव ईंधन जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘घनिष्ठ और बहुआयामी रणनीतिक भागीदारी को गहरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने द्विपक्षीय संबंधों, खासकर व्यापार और निवेश में सहयोग, कृषि और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में जैव ईंधन जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।’’ 

मोदी ने इसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की और व्यापार एवं निवेश, रक्षा तथा आतंकवाद से लड़ाई सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने भारत और तुर्की के बीच मजबूत विकास भागीदारी पर चर्चा की। कुमार के अनुसार दोनों नेताओं के बीच वार्ता व्यापार और निवेश, आतंकवाद से लड़ाई, सूचना प्रौद्योगिकी और नागर विमानन जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ओसाका में बातचीत जारी। जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति आरटी (रजब तैयब) एर्दोआन के साथ उपयोगी बैठक। दोनों नेताओं ने भारत और तुर्की के बीच मजबूत विकास भागीदारी पर वार्ता की।’’  ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘खेलों, खनन प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री सहयोग तथा हिन्द-प्रशांत जैसे मुद्दों पर अच्छी बातचीत हुई।’’  मॉरिसन और मोदी के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की बानगी उस वक्त देखने को मिली जब ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने मोदी के साथ एक सेल्फी ट्वीट की और उनकी सराहना करते हुए हिंदी में लिखा, ‘‘कितने अच्छे हैं मोदी।’’  मोदी ने उनके ट्वीट का यह कहते हुए जवाब दिया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की ऊर्जा को लेकर वह ‘‘उत्साहित’’ हैं।  प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘कितने अच्छे हैं मोदी लिखकर आपने संदेश को वायरल कर दिया।’’  मोदी ने इसके बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग और चिली के राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। शुक्रवार को मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित कई नेताओं के साथ बैठकें कीं। मोदी ने जापान, अमेरिका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इंडोनेशिया, ब्राजील, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ कुल नौ द्विपक्षीय बैठक, थाईलैंड, वियतनाम, विश्व बैंक, यूएनएसजी, फ्रांस, इटली, सिंगापुर और चिली के नेताओं के साथ आठ ‘पुल असाइड मीटिंग’ (सार्वजनिक स्थल पर निजी बैठकें) कीं तथा दो सीमित बहुपक्षीय:जापान-अमेरिका-भारत (जेएआई) और रूस-भारत-चीन (आरआईसी) बैठकें और ब्रिक्स देशों की एक बहुपक्षीय बैठक की। इसके अलावा वह जी-20 के चार सत्रों और एक सामुदायिक आयोजन में शामिल हुए।

इंग्लैंड पर ‘नाकआउट पंच’ लगाना चाहेगा भारत

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अब तक छह मुकाबलों में भारतीय टीम को हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है और विराट कोहली की टीम 11 अंक के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश की ओर है लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ जीत से वह तालिका में शीर्ष स्थान को मजबूत करेगी। अगर भारत इसमें जीत जाता है तो मेजबान टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जायेगी।  टूर्नामेंट से पहले इंग्लैंड खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी लेकिन इयोन मोर्गन की टीम अहम मैचों लड़खड़ा गयी जिसके अब सात मैचों में केवल आठ अंक हैं और वह टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर है।  यह दुखद है कि कप्तान मोर्गन, जोस बटलर, जानी बेयरस्टो, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद इंग्लैंड की हाल के वर्षों में सर्वश्रेष्ठ वनडे टीम को इस तरह बाहर होना पड़ेगा।  रविवार को बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारतीय दर्शकों की मौजूदगी दबाव में घिरी टीम को और परेशान करेगी। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान और केविन पीटरसन पर जानी बेयरस्टो के बयान से भी दबाव काफी बढ़ गया है।   बेयरस्टो ने पत्रकारों से कहा, ‘‘लोग हमारे असफल होने का इंतजार कर रहे थे।’’    बेयरस्टो ने कहा, ‘‘वे कई मायनों में हमारी जीत से खुश नहीं हैं। वे इंतजार कर रहे हैं कि हम हार जायें और वे हमारी आलोचना करें। यह इंग्लैंड में आम है, बल्कि हर खेलों में है।" 

भारत के खिलाफ मैच से पहले वान को यह टिप्पणी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में इसे ‘नकारात्मक और दयनीय मानसिकता’ करार दिया। भारत के लिए इंग्लैंड को हराने का यह बेहतर समय है क्योंकि मेजबान टीम काफी दबाव में है। मैच के दौरान धूप खिली होगी और सूखी पिच पर टर्न  सामान्य से ज्यादा होगा।  इन परिस्थितियों में दो कलाई के स्पिनरों के साथ जसप्रीत बुमराह का सामना करना इंग्लैंड के लिये मुश्किलें पैदा कर सकता है।  इंग्लैंड की टीम हालांकि इस बात से राहत ले सकती है कि उन्होंने घरेलू सरजमीं पर पिछली द्विपक्षीय श्रृंखला में भारत को 2-1 से हराया था, लेकिन बुमराह उस समय चोटिल थे और उस श्रृंखला में नहीं खेले थे।  तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हालांकि कहा की भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ ज्यादा रणनीति बनाने में नहीं लगी।  दो मैचों में आठ विकेट लेने वाले शमी ने कहा, ‘‘ प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में सोचने के बजाय बेहतर यही है कि हम अपने प्रदर्शन पर ध्यान लगायें। यदि हम अच्छा करते हैं तो हमें प्रतिद्वंद्वी के बारे में भी सोचने की जरूरत नहीं होगी। ’’  भारतीय टीम के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने अभी तक अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला है, फिर भी वह आसानी से जीत हासिल कर रही है।   मध्यक्रम बल्लेबाजी अब भी चिंता का विषय है और चौथे नंबर पर विजय शंकर का प्रदर्शन निश्चित रूप से उन्हें कमजोर कड़ी बनाता है। टीम प्रबंधन ने अब तक ऋषभ पंत को मैदान में उतारने का संकेत नहीं दिया है।  पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पीटीआई से कहा था, ‘‘उन्होंने शंकर जैसे युवा खिलाड़ी पर भरोसा दिखाया है। टीम प्रबंधन को लगता है कि वह टीम की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। टीम अच्छी तरह जीत रही है इसलिए उन्हें इसी विजयी संयोजन के साथ जारी रहना चाहिए। ’’  युवा गांगुली ने इसी मैदान पर 1999 के विश्व कप में इस मैदान पर हरफनमौला प्रदर्शन से इंग्लैंड को हराया था।  लेकिन इंग्लैंड के ताबूत में अंतिम कील लगाने वाले खिलाड़ियों में रोहित शर्मा, कोहली या फिर हार्दिक पंड्या शामिल हो सकते हैं। 

टीम इस प्रकार है।  भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, विजय शंकर, केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, भुवनेश्वर कुमार, रवींद्र जडेजा में से। 

इंग्लैंड : 
इयोन मोर्गन (कप्तान), जेम्स विंस, जानी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जो रूट, बेन स्टोक्स, जोस बटलर, मोईन अली, आदिल राशिद, मार्क वुड, क्रिस वोक्स, जोफ्रा आर्चर, जेसन राय, लियाम प्लंकेट, टाम कुरेन और लियाम डासन। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 30 जून

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जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक आज

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मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पंचायत सीहोर की सामान्य सभा की बैठक 1 जुलाई को सायं 4 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। बैठक कर अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला मरेठा करेंगी। बैठक में कृषि, महिला बाल विकास, उद्यान, मत्स्य, वन, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग (शिक्षकों के स्थानांतरण पर चर्चा), पंचायत प्रकोष्ठ शाखा जिला पंचायत ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण पर चर्चा जिला पंचायत/जनपद पंचायत स्तर पर अन्य विभाग के कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ/ सम्बद्ध है पर चर्चा सहित अन्य विषय पर समीक्षा की जाएगी।

जनसंख्या नियंत्रण के लिये विकासखंडों में लगाये जाएंगे परिवार विकास मेले

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई से 11 अगस्त तक प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता के उद्देश्य से सभी विकासखंड मुख्यालय पर परिवार विकास मेले लगाए जाएंगे। मेले में जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। मिशन द्वारा जिला स्तर पर परिवार विकास मेले में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सेवाप्रदाता और प्रेरकों को स्वतंत्रता दिवस पर प्रशस्ति-पत्र दिये जायेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जनसंख्या दिवस की गतिविधियों को दो हिस्सों में क्रियान्वित किया जाएगा। पहले हिस्से में 10 जुलाई तक दम्पत्ति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसमें एएनएम, आशा कार्यकर्ता और अन्य मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर सम्पर्क स्थापित कर लक्ष्य दम्पत्ति सर्वे करेंगे। इसमें हितग्राहियों को चिन्हित कर उन्हें स्थाई एवं अस्थायी परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिये प्रेरित करेंगे। आरोग्य केन्द्र में लक्ष्य दम्पत्तियों की सूची प्रदर्शित की जाएगी। गतिविधियों के दूसरे हिस्से में 11 जुलाई से 11 अगस्त जनसंख्या स्थिरता माह के दौरान चिन्हित हितग्राहियों को परिवार नियोजन की सेवाएँ दी  जाएंगी ।

अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के उपचार और बचाव हेतु बेहतर इंतजाम के निर्देश

स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों को मौसमी बीमारियों जैसे लू, जल-जनित रोग, उल्टी-दस्त, आंत्रशोथ, फुड पाइजनिंग, वाहक जनित रोग, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के उपचार और रोकथाम के बेहतर इंतजाम रखने के निर्देश दिये हैं। जिला-स्तर पर रेपिड रिस्पांस टीम गठित की गई हैं। जल-जनित रोगों की रोकथाम के लिये शुद्ध पेयजल के उपयोग और ग्राम में ओआरएस डिपो होल्डर की स्थापना की गई है। मच्छर से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये मच्छर निरोधक गतिविधियाँ की जा रही हैं। मस्तिष्क ज्वर, दिमागी बुखार (एक्यूट इंसेफ डिसीज सिण्ड्रोम) किसी भी उम्र में होने वाली बीमारी है।यह बीमारी कई कारणों से हो सकती है, जिसमें वायरस, वेक्टीरिया, परजीवी, हाइपोग्लाइ सीमिया, टॉक्सिस आदि प्रमुख हैं। मस्तिष्क ज्वर होने पर रोगी को तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टियाँ, झटके आना, मानसिक विचलन और बेहोशी जैसे प्रमुख लक्षण होते हैं। बिहार राज्य में एक्यूट इंसेफ डिसीज सिण्ड्रोम से मृत्यु का संभावित कारण बच्चों का खाली पेट अधिक मात्रा में लीची फल खाने के चलते होना पाया गया है। लीची फल में मिथाईलीन, साइक्लो प्रोपाइल ग्लाईसिन अधिक मात्रा में होता है, जो लीवर में होने वाली ग्लूको न्यूजेनेसिस प्रक्रिया को ब्लॉक कर देता है। इसके कारण रोगी को हाईपोग्लाईसीमिया हो जाता है। इसके फलस्वरूप रोगी को सेरीब्रल इन्फ्लेमेशन हो जाती है। प्रदेश में इस प्रकार की कोई भी स्थिति नहीं है और ऐसा कोई भी प्रकरण अब तक प्रकाश में नहीं आया।

बिहार : आरक्षी स्नेहा कांड की सीबीआई जांच कराये सरकार

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माले का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा मंुगेर.
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पटना 30 जून , भाकपा-माले विधायक सत्यदेव राम, राज्य कमिटी के सदस्य उमेश सिंह व ऐपवा की नेता संगीता सिंह की तीन सदस्यों की टीम आज मंुगेर पहुंची और आरक्षी स्नेहा कांड की सीबीआई जांच कराने के सवाल पर विगत 24 जून से आंदोलनरत लोगों से मुलाकात की व उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया. माले विधायक सत्यदेव राम ने न्याय की मांग कर रहे अनशनकारियों व अन्य आंदोलनकारियों पर झूठे मुकदमे थोपने की कड़ी निंदा की और उसे अविलंब वापस लेने की मांग की है. कहा कि इस सवाल को विधानसभा के अंदर भी मजबूती से उठाया जाएगा. जांच टीम में पार्टी के स्थानीय नेता काॅ. दशरथ सिंह, विनय प्रसाद सिंह, सतीश प्रसाद सिंह, बीडी राम आदि शामिल थे. माले जांच दल ने कहा है कि सिवान में तैनात आरक्षी (महिला) स्नेहा कांड के संबंध में जो घटनाक्रम उभरकर सामने आया है उससे प्रतीत होता है कि स्नेहा का लंबे समय से यौन शोषण किया जा रहा था और फिर उसकी हत्या कर दी गई. मामले को रफा-दफा करने के लिए उसके लाश को भी गायब कर दिया गया. इसमें पुलिस के उच्च अधिकारी तक शामिल हैं. जब इस कांड की सीबीआई जांच की मांग उठी तो आनन-फानन में उसे खारिज कर दिया गया और सीआईडी जांच बैठा दिया गया. मृतक स्नेहा के पिता मंुगेर निवासी विवेकानंद मंडल बताते हैं कि सिवान पुलिस को क्लिन चिट दिया जाना उच्च अधिकारियों को बचाने की कवायद है. यदि मामले की सही से जांच हो तो सिवान पुलिस के उच्च अधिकारी की सहभागिता स्पष्ट हो जाएगी. 29 मई को विवेकानंद मंडल को स्थानीय चैकीदार के माध्यम से पता चला कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है. वे सिवान अपनी बेटी को देखने पहुंचे लेकिन उन्हें अपनी बेटी से मिलने नहीं दिया गया. कहा गया कि हाॅस्पीटल में भरती है. सिवान पुलिस इधर-उधर की बात करते रही. फिर बताया गया कि उनकी बेटी की मौत हो गई. उसके बाद भी बेटी की लाश विवेकानंद मंडल को नहीं दिखलाया गया. सिवान में पोस्टमार्टम की बजाए स्नेहा का पोस्टमार्टम पीएमसीएच, पटना में कराया गया. सिवान के डाॅक्टरों ने जब गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने से इंकार कर दिया, तो सिवान पुलिस ने उनकी जमकर पिटाई भी कर दी.  पीपीएमसीएच में बिना शव को दिखाए उसके पिता विवेकानंद मंडल का सुपुर्द किया गया और शव को घर ले जाने के लिए मजबूर किया गया. विवेकानंद मंडल का कहना है कि शव उनकी बेटी का था ही नहीं, उसकी जगह 20-25 दिनों का सड़ा’-गला लाश उन्हें सुपुर्द किया गया. जब लाश लेने से परिजनों ने इंकार कर दिया तब मंुगेर एसपी गौरव मंगला और एसडीओ खगेशचंद झा के द्वारा नौवागढ़ी के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दी गई. पुलिस प्रशासन ने अपनी मौजूदगी में उस लाश का अंतिम संस्कार करवाया. इसके खिलाफ 2 जून को आक्रोशित समुदाय ने सड़क जाम किया तो प्रशासन ने सबके उपर मुकदमा दायर कर दिया गया. इस बर्बर घटना के खिलाफ मुंगेर में 24 जून से धरना व 25 जून से धारावाकिह अनशन का कार्यक्रम चल रहा है. स्नेहा के पिता विवेकांनद की हालत बेहद खराब हो चुकी है और वे फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं. भाकपा-माले जांच दल ने कहा है कि इस सवाल को प्रमुखता से विधानसभा में उठाया जाएगा. हमारी मांग है कि बिहार सरकार दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करे और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराये. इसके पहले भी पटना में महिला आरक्षियों के आक्रोश का विस्फोट हम सब देख चुके हैं. यह बेहद शर्मिंदगी की बात है कि पुलिस विभाग में महिला आरक्षियों का यौन शोषण हो रहा है. महिला सशक्तीकरण का दावा करने वाली भाजपा-जदयू सरकार का असली महिला विरोधी चेहरा हर दिन बेनकाब हो रहा है.

एक दुलारा देश हमारा प्यारा हिंदुस्तान गीत के साथ शिविर का समापन

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अहिंसा के रास्ते चलकर युवा अपने अधिकारों को लेने में सफल होगें : एस. एन. सुब्बाराव
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जौरा। महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में आयोजित ग्रामीण युवाओं के नेतृत्व विकास विकास शिविर का समापन महान गांधीवादी एस. एन. सुब्बाराव जी के संदेश के साथ हुआ। यह शिविर भूमि एवं जल के अधिकारों को हासिल करने के मुद्दों पर महिलाओं एवं आदिवासी समुदाय के युवाओं का नेतृत्व विकास करने के संचालित था। स्नेह से     सुब्बाराव को भाई जी कहा जाता है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा देश के बड़े बड़े महानगरों में 6 मंजिल से 20 मंजिलों के बीच में स्विमिंगं पुल बने हुये हैं जिसमें लोग दो दो बार स्नान कर रहे हैं, दूसरी तरफ ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में पीने के पानी के लिये लोग अपने निवास से 2 किलोमीटर दूरी पर झरना, नदी या पोखर का पानी पीने को मजबूर हैं। कहीं कहीं के गरीब लोगों को पानी खरीद कर पीने के लिये मजबूर होना पड़ता हैं जबकि देश का संविधान इसका अधिकार नहीं देता है और तो और वर्तमान स्थिति बेहद ही निराशा जनक है। भाई जी ने आगे कहा संघठन में शक्ति है गांधी जी के अहिंसात्मक रास्ते पर चलकर हम अपने हक अधिकार लेने में सफल होगें। 

समापन से पूर्व इस 3 दिवसीय शिविर का परिचय देते हुये एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रनसिंह परमार जी ने बताया कि मुरैना जिले के ग्रामीण क्षैत्र के युवाओं को गाँव में संगठन निर्माण व रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के साथ साथ चम्बल क्षेत्र के आदिवासियों के भूमि अधिकार, जल के अधिकार के साथ साथ नेतृत्व कोशल को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिविर को एकता परिषद के उत्तर प्रदेश के संयोजक राकेश दीक्षित जी एवं चम्बल मुरैना क्षेत्र के  उदयभान सिंह परिहार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। शिविर में युवा एवं मुखियाओं की समान भागीदारी रही।  सिकरवारी करका क्षेत्र के सरसेनी, बर्रेड़, कोलूडांड़ा , लोहरी का पुरा, मथुरापुर, बागचीनी, अधन्नपुर  गाँव के लोगों ने भी आदिवासियों के हक व अधिकार के लिये समर्थन दिया है। शिविर में में पहाड़गढ़ क्षेत्र      के मरा, बघेबर, देवगढ, बहराई, मानपुर , जरेरु, खड़ैयापुरा, देवकच्छ, चेटीखेड़ा ,गोहलारी, बोलाज, कैमारा कला, पठानपुरा, शाहपुर कला आदि से 109 युवाओं द्वारा भागीदारी की गई। कार्यक्रम में पंजाब से डा. गुरुदेव सिंह, उत्तर प्रदेश से डा. आर. सी गुप्ता,श्री अजय पांडे,इन्दोर से श्री महेन्द्र कुमार,केरला से श्री सुकमारन, राजस्थान से कु. निधि प्रजापति,कर्नाटक से सुश्री प्यारीजान , मणीपुर से श्री गजराज भाई, दिल्ली से संजयराम, रामकान्त एवं जयपुर से श्री हनुमान भाई उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री उदयभान सिंह द्वारा किया गया । इस अवसर पर महात्मा गांधी आश्रम जौरा के प्रबंधक श्री प्रफुल्ल भाई , दिलीप जैन एवं रबीन्द्र सक्सैना आदि उपस्थित रहें।

बिहार : पुणे हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दे सरकार

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माले विधायक ने पीड़ित परिजनों से मिलकर दुख की घड़ी में ढांढस बंधाया.
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पटना 30 जून, भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने महराष्ट्र के पुणे में अत्यधिक बारिश के कारण बलरामपुर विधानसभा के 12 मजूदरों की दर्दनक मौत पर गहरा दुख वयक्त किया है और बिहार सरकार से मृतक परिजनों को 10 लाख रुपये तथा घायलों को बेहतर इलाज सहित 4 लाख रुपये तत्काल उपलब्ध करवाने की मांग की है. सभी मृतक महिसाल पंचायत के हैं. उन्होंने पटना में पहले से तय अपने कार्यक्रम को बीच में रद्द कर दिया और आज सुबह अपने विधानसभा पहुंच गए. उन्होंने कहा कि भयानक विपदा व दुख की घड़ी में हमारी पार्टी पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है. बिहार सरकार द्वारा की गई घोषणा पूरी तरह अपर्याप्त है.

माले विधायक महबूब आलम ने कहा है कि इस मामले में हम किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे. यह केंद्र-राज्य की असफलता ही है कि आज भी सीमांचल व पूरे बिहार के मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में दर-ब-दर की ठोकरे खा रहे हैं. केंद्र व राज्य द्वारा पलायन रोकने के बड़े-बड़े दावे के बावजूद मजदूरों का पलायन पहले से कहीं और अधिक बढ़ गया है और वे पूरी तरह एक असुरिक्षत जीवन व्यतीत करते हैं. सीमांचल का इलाका लंबे अर्से से बिहार सरकार की घोर राजनीतिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है, जहां भीषण गरीबी है. बिहार में उद्योग धंधों की भारी कमी होने के कारण ही लोग जीविकोपार्जन के लिए बाहर के प्रदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं. यह काफी चिंताजनक है. यदि कटिहार शहर के जुट फैक्टरी, कांटी फैक्टरी, साबुन फैक्टरी, माचिस फैक्टरी आदि को चालू किया जाता तो इस पलायन को और इस प्रकार के हादसे को रोका जा सकता था.

चिकित्सकों की सुरक्षा के विषय पर होगा परिसंवाद

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स्वस्थ भारत (न्यास) एवं बिहार मेडिकल फोरम कर रहा है आयोजनदिल्ली के जाने-माने चिकित्सक ले रहे हैं भाग
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नई दिल्ली 30 जून, विगत कुछ दशकों में चिकित्सकों के साथ हिंसा के मामले में इजाफा हुआ है। हाल ही में बंगाल के रेजिडेंट डॉक्टर के साथ भीड़ द्वारा मारपीट का मामला बहुत सुर्खियों में रहा था। जिन पर देश के स्वास्थ्य का दारोमदार है, आज वे ही खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में समाज के लिए चिकित्सकों की सुरक्षा का प्रश्न एक अहम मुद्दा बन जाता है। इसी मसले को समझने के लिए स्वस्थ भारत (न्यास) एवं बिहार मेडिकल फोरम के संयुक्त तत्वावधान में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषदि परियोजना के सहयोग से नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर हो रहा है। इस परिसंवाद का विषय है 'चिकित्सकों की सुरक्षा का प्रश्न'। इस प्रश्न से जुड़े तमाम सवालों को सुलझाने एवं समझाने की कोशिश करने के लिए दिल्ली के तमाम बड़े चिकित्सक कल यानी 1 जुलाई को दोपहर के ढ़ाई बजे दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में उपस्थित हो रहे हैं। साथ में स्वास्थ्य विषय से जुड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पत्रकारों की उपस्थिति भी इस आयोजन में चार चांद लगाएगी। आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार व मेडिकेयर न्यूज के मैनेजिंग एडिटर धनन्जय कुमार कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इस आयोजन का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी, एंकर,कवि एवं गीतकार मनोज सिंह 'भावुक'कर रहे हैं। इस आयोजन में वरिष्ठ न्यूरो-सर्जन डॉ. मनीष कुमार, बिहार मेडिकल फोरम के सचिव व वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश पार्थ सारथी, वरिष्ठ ऑनकोलोजिस्ट डॉ. सुशील कुमार, वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक डॉक्टर पंकज अग्रवाल एवं डॉ. आर.कांत, डॉ. ममता ठाकुर, वेल नोन लाइफ एंड वेलनेस कोच डॉ. अभिलाषा द्विवेदी, फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुमेध संदनशिव सहित दिल्ली के तमाम वरिष्ठ चिकित्सकों उपस्थिति एवं उनके वक्तव्य इस आयोजन को गरीमा प्रदान कर रहे हैं। गौरतलब है कि न्यास के रूप में स्वस्थ भारत विगत 4 वर्षों से स्वास्थ्य एडवोकेसी का कार्य कर रहा है जबकि अभियान के रूप में विगत 7 वर्षों से। लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वस्थ भारत ने दो बार पूरे भारत की यात्रा की है। वही बिहार मेडिकल फोरम दिल्ली में चिकित्सक एवं मरीजों के हितों के लिए लगातार प्रयारसत संस्था है।

समस्तीपुर : विधायक ने मानसून पूर्व तैयारी को लेकर तैयारी पूरी करने की मांग की

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समस्तीपुर (आर्यावर्त संवाददाता) समस्तीपुर के स्थानीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रशासन से मानसून पूर्व तैयारी को लेकर अविलम्ब सर्वदलीय  समीक्षा बैठक आहूत करने तथा   संबंधित अधिकारियों से मानसून से पूर्व सभी तैयारी पूरी करने की मांग की है l विधायक ने मानसून से पूर्व शहर के सभी नालों की सफाई कराने, कई जगहों पर टूटे फूटे बांध की मरम्मत कराने की मांग किया ।  उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में बाढ़ से बचने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार नहीं है। जबकि मानसून दस्तक दे रहा है , लेकिन अभी तक न तो जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है और न ही खतरनाक बांधो/ पुलियों पर जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। बाढ़ राहत की तैयारियां मानसून (arrived mansoon)  की संभावित तारीख से पहले ही हो जानी चाहिए थीं। उन्होंने कहा कि मानसून पूर्व तैयारियो के तहत खतरनाक जगहों पर नदी के तट पर न तो चेतावनी बोर्ड फिर से लिखवाए गए हैं और न ही बेरीकेटिंग करवाई गई है।  विधायक श्री शाहीन ने अविलम्ब  सर्वदलीय बैठक बुलाने , तैयारियों की समीक्षा करने , पर्याप्त मात्रा में दवाएं, वस्त्र , नौकाएं , राशन का भंडारण करने तथा नियंत्रण कक्ष/मेडिकल टीम के गठन करने की मांग की है l

बडगाम मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया

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श्रीनगर, 30 जून जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच रविवार को हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने रविवार सुबह मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के बुगाम इलाके में घेराबंदी कर खोज अभियान शुरू किया । उन्होंने बताया कि बल के जवान खोज अभियान में जुटे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दी। अधिकारी ने बताया कि बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया। उन्होंने बताया कि आतंकवादी का शव बरामद कर लिया गया है। मौके से हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ है। आतंकवादी की पहचान और उसके समूह के संबंध में जानकारी हासिल की जा रही है।

लोकतंत्र देश का संस्कार, संस्कृति और विरासत : मोदी

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नयी दिल्ली, 30 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र को देश के संस्कार, संस्कृति और विरासत का हिस्सा बताया और आपातकाल का जिक्र करते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी । मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आकाशवाणी पर प्रसारित पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में जल संरक्षण के महत्व और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भी रेखांकित किया । उन्होंने कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था। दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था ।’’ लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों से परे, लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है। और आपातकाल में हमने अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहूत कर चुका था ।’’ उन्होंने कहा कि 2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था। मोदी ने कहा कि भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में विश्व के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है ।

लोकसभा चुनाव के संदर्भ में मोदी ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी परिश्रम की पराकाष्ठा की । उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के एक रिमोट इलाके में, महज एक महिला मतदाता के लिए मतदान केंद्र बनाया गया। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहाँ पहुँचने के लिए दो-दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी - यही तो लोकतंत्र का सच्चा सम्मान है । मोदी ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र भी भारत में ही है और यह मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्फिति क्षेत्र में 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूँ । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है ।’’ मोदी ने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘ मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें ।’’ उन्होंने कहा कि देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है। हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूँ । प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 21 जून को देश दुनिया में उल्लास के साथ योग दिवस मनाये जाने का भी जिक्र किया । प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है। ये हमें बताता हाँ कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मज़बूती, ताक़त और टैलेंट की कोई कमी नहीं है । उन्होंने कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच ‘मन की बात’ जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था। हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे ।

सामाजिक आधार पर एससी, एसटी छात्रों के साथ भेदभाव से बचें : यूजीसी

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नयी दिल्ली, 30 जून, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके पदाधिकारी और संकाय सदस्य अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव करने से बचें। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट पर एक पेज बनाएं जहां इससे जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई जा सकें और ऐसी किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘विश्वविद्यालय और कॉलेजों को यह सुनिश्चत करना चाहिए कि कोई भी पदाधिकारी या संकाय सदस्य किसी भी समुदाय या श्रेणी के छात्रों के खिलाफ भेदभाव ना करे। उन्हें अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रों के साथ उनके सामाजिक स्तर के कारण भेदभाव करने से बचना चाहिए।’’  जैन ने कहा, ‘‘गलती करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो। विश्वविद्यालय ऐसी शिकायतों से निपटने के लिए समिति का गठन भी कर सकता है। पदाधिकारियों को बेहद संवेदनशीलता के साथ ऐसी शिकायतों का निपटारा करना चहिए और इस संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट 30 दिन के भीतर यूजीसी को भेजी जानी चाहिए।’’ 

जायरा वसीम ने फिल्मों में काम नहीं करने की घोषणा की

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श्रीनगर, 30 जून,राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री जायरा वसीम ने अभिनय क्षेत्र को छोड़ने की रविवार को यह कहते हुए घोषणा की वह इस काम से खुश नहीं है क्योंकि यह उनके धर्म के रास्ते में आ रहा है।  अपने फेसबुक पेज पर विस्तार से लिखे गए एक पोस्ट में “दंगल” फिल्म से लोकप्रियता पाने वाली जायरा वसीम ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि, “भले ही मैं यहा सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं।” उन्होंने एक लंबे से पोस्ट में कहा, “पांच साल पहले मैंने एक फैसला लिया जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। मैंने जैसे ही अपने कदम बॉलीवुड में रखे, इसने मेरे लिए लोकप्रियता के दरवाजे खोल दिए। मैं लोगों के ध्यान का मुख्य चेहरा बन गई। मुझे सफलता के विचार के तौर पर पेश किया जाने लगा और अक्सर युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर मेरी पहचान होने लगी। जायरा ने कहा, “हालांकि मैंने कभी भी ऐसा करना या बनना नहीं चाहा था खासकर सफलता एवं विफलता के मेरे विचारों के संबंध में, जिन्हें मैंने समझना एवं खोजना अभी शुरू ही किया है।”  उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने इस पेशे में पांच साल पूरे कर लिए हैं इस बात को स्वीकार करती हैं कि काम की वजह से मिले पहचान से वह खुश नहीं हैं । उन्होंने कहा, “बहुत वक्त बाद अब ऐसा लग रहा है कि मैं कोई और बनने के लिए संघर्ष कर रही थी। मैंने चीजों को समझना शुरू ही किया है जिसके लिए मैंने अपना समय, कोशिश एवं भावनाएं दी हैं और नयी जीवनशैली पर पकड़ बनाने का प्रयास करते हुए मुझे अब महसूस हुआ कि भले ही मैं यहां सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं।”  उन्होंने कहा, ‘‘यह क्षेत्र निश्चित तौर पर मेरे लिए ढेर सारा प्यार, सहयोग और सरहाना लेकर आया लेकिन साथ ही इसने मुझे अज्ञानता के रास्ते पर धकेल दिया क्योंकि मैं चुपचाप और अनजाने में ‘ईमान’ के रास्ते से भटक गई थी। चूंकि मैं लगातार मेरे ‘ईमान’ के बीच आने वाले माहौल में काम कर रही थी, मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में पड़ गया था।” 


कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ पहला जत्था

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जम्मू, 30 जून, अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए ‘बम बम भोले’ के जयकारों के बीच 2,234 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यहां के एक आधार शिविर से रविवार को रवाना हुआ। यह यात्रा सोमवार से शुरू होने वाली है।  अब तक देश भर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने 46 दिन चलने वाली यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। यह यात्रा अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदेरबल जिले के 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होती है।  राज्यपाल के सलाहकार के के शर्मा ने आज तड़के यहां के भगवती नगर आधार शिविर से तीन मोटरसाइकल समेत 93 वाहनों के पहले काफिले को कश्मीर के लिए रवाना किया जिनमें श्रद्धालु सवार थे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण एवं सुचारु यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर दिए गए हैं।  यह यात्रा सोमवार को कश्मीर के दोहरे मार्गों से आधिकारिक रूप से शुरू होगी और यह 15 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर समाप्त होगी।  अधिकारियों ने बताया कि 17 बच्चों समेत कुल 2,234 श्रद्धालु नूनवां-पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों के लिए रवाना हो गए। एक ओर जहां 130 महिलाओं, सात बच्चों एवं 45 साधुओं समेत 1228 श्रद्धालुओं ने पारंपरिक पहलगाम मार्ग चुना है वहीं दूसरी ओर 203 महिलाएं एवं 10 बच्चों समेत 1,006 श्रद्धालु बालटाल मार्ग से यात्रा करेंगे। श्रद्धालुओं का जत्था आज शाम तक दो आधार शिविरों तक पहुंच जाएंगे और यात्रा के लिए रवाना होने से पहले रात भर वहां रुकेंगे। 

अमेरिका, रूस परमाणु हथियार नियंत्रण पर वार्ता शुरू करेंगे : पुतिन

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ओसाका, 29 जून, अमेरिका और रूस के विदेश मंत्री परमाणु हथियार नियंत्रण पर वार्ता शुरू करेंगे लेकिन यह वार्ता परमाणु निरस्त्रीकरण संधि स्टार्ट 3 का विस्तार नहीं होगी। यह बात शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने कही। ओसाका में शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद पुतिन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस विषय पर विचार-विमर्श शुरू करने के लिए हमने अपने विदेश मंत्रियों को जिम्मा सौंपा है... लेकिन हम अभी तक यह नहीं कह सकते कि यह स्टार्ट 3 का विस्तार होगी।’’ पुतिन ने यह नहीं बताया कि वार्ता कब शुरू होगी। स्टार्ट 3 दोनों परमाणु शक्तियों के बीच प्रस्तावित समझौते से जुड़ी हुई है जिसके लिए वार्ता कई वर्ष पहले टूट गई थी। पूर्ववर्ती समझौतों के बाद यह वार्ता शुरू की गई थी जिसमें दोनों परमाणु महाशक्तियों को अपने परमाणु हथियारों की तैनाती में कमी लानी थी। दोनों देशों के बीच 2010 में नयी स्टार्ट संधि हुई थी जिसके तहत परमाणु हथियारों की संख्या शीत युद्ध से कम स्तर पर रखनी है। यह संधि 2021 में खत्म हो जाएगी और पुतिन अमेरिका से अपील करते रहे हैं कि इसका विस्तार किया जाए। पुतिन का कहना है कि वॉशिंगटन अगर ऐसा नहीं करता है तो हथियार नियंत्रण के लिए खतरा पैदा हो सकता है।

भाजपा का देशव्यापी सदस्यता अभियान शनिवार से

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नयी दिल्ली, 30 जून, देशभर में छह जुलाई से भाजपा का एक महीने लंबा सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है और इस दौरान दिल्ली में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को कम से कम 14 लाख नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। पार्टी ने प्रत्येक पोलिंग बूथ पर ‘पंच परमेश्वर’ के रूप में पांच कार्यकर्ताओं को तैनात किया है जो पार्टी और उस क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं को आपस में जोड़ने का काम करेंगे। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में सदस्यता अभियान अन्य राज्यों के मुकाबले अलग होगा जहां 20 प्रतिशत नए सदस्यों को पार्टी के साथ जोड़ने का लक्ष्य है। तिवारी ने कहा कि सदस्यता अभियान सामान्य प्रकृति का होगा जिसमें अन्य राज्यों के 20 प्रतिशत नए सदस्यों से ज्यादा करीब 14 लाख नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा गया हैं  फिलहाल दिल्ली में भाजपा के करीब 27 लाख सदस्य हैं। दिल्ली में सदस्यता अभियान के सह-प्रभारी हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली में 13,816 मतदान केन्द्र हैं और करीब 58,000 बूथस्तर के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा, अगर सदस्यता अभियान के दौरान प्रत्येक पंच परमेश्वर 50 नए सदस्यों को भी जोड़ता है तो भी हम आसानी से इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। भाजपा ने 2017 के निकाय चुनावों से पहले राजधानी दिल्ली के सभी 13,816 बूथों के लिए पंच परमेश्वरों की नियुक्ति की थी। भाजपा करीब दो दशक से सत्ता से बाहर है, ऐसे में मनोज तिवारी का मानना है कि इस सदस्यता अभियान से विधानसभा चुनावों में भाजपा को लाभ होगा। लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात सीटें भाजपा के खाते में आयी हैं।

उत्तर कोरिया की जमीन पर कदम रखने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने ट्रम्प

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पनमुनजोम (दक्षिण कोरिया) 30 जून, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से रविवार को भारी सुरक्षा के बीच असैन्यीकृत क्षेत्र में मुलाकात की और उत्तर कोरिया के साथ परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए। वियतनाम में फरवरी में दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता टूटने के बाद पहली बार दोनों देशों के नेताओं ने आमने- सामने वार्ता की। बैठक के बाद ट्रम्प ने घोषणा की कि दोनों देश आगामी हफ्ते में वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए हैं। लेकिन वार्ता के भविष्य और उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों का जखीरा खत्म करने की मंशा को लेकर संदेह बरकरार है।  इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान ट्रंप दक्षिण और उत्तर कोरिया को बांटने वाली कंक्रीट की सीमा पर पहुंचे, जहां किम उनका स्वागत करने आए और दोनों ने हाथ मिलाया। फिर दोनों ने साथ में उत्तर कोरियाई क्षेत्र की ओर रुख किया । ट्रम्प के उत्तर कोरियाई जमीन पर कदम रखते ही किम ने तालियां बजाई और फिर एक बार दोनों ने हाथ मिलाया और तस्वीरें खींचवाई। इसके बाद दोनों फिर दक्षिण कोरिया की ओर बढ़े जहां ‘फ्रीडम हाउस’ में दोनों ने बैठक की। ट्रम्प ने किम से कहा ‘‘ मैं सरहद के पार (उत्तर कोरिया में) कदम रख सम्मानित हूं। विश्व के लिए यह एक महान क्षण है और यहां आना मेरे लिए सम्मान की बात है।’’  किम ने भी इस पल को सराहते हुए कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण अतीत को खत्म करने और एक नया भविष्य बनाने की उनकी इच्छा की अभिव्यक्ति है। ”  उन्होंने कहा कि वह ट्रम्प की ओर से शनिवार को अचानक मिले आमंत्रण से ‘‘हैरान’’ थे। ट्रम्प ने कल ही अचानक इस दौरे की जानकारी ट्विटर पर दी थी। ट्रम्प ने पहले दो मिनट के लिए मुलाकात करने की बात कही थी लेकिन यह बैठक 50 मिनट तक चली। ‘फ्रीडम हाउस’ में ट्रम्प के साथ उनकी बेटी इवांका ट्रम्प और दामाद जेरेड कुशनर सहित व्हाइट हाउस के सलाहकार मौजूद थे। पत्रकारों को वार्ता के फिर शुरू होने की जानकारी देते हुए ट्रम्प ने कहा, ‘‘ हम जल्दबाजी नहीं चाहते। हम सही कदम उठाना चाहते हैं।’’  उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रहेंगे, लेकिन उत्तर कोरिया को रियायत ना देने के प्रशासन के पिछले फैसले को बदले जाने की उम्मीद दिखी। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान ऐसा हो सकता है। ट्रम्प ने पत्रकारों से उत्तर कोरिया के नेता को व्हाइट हाउस आमंत्रित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन्हें तत्काल आमंत्रित करूंगा।’’  राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के दल ‘‘अगले दो या तीन सप्ताह’’ में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता शुरू करेंगे। इससे पहले ‘आब्जर्वेशन पोस्ट ओहलेट’ (सैन्य चौकी) पर ट्रम्प ने हनोई में फरवरी में बेनतीजा रही शिखर वार्ता की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘ बस हाथ मिलाकर एक दूसरे का अभिवादन करेंगे क्योंकि हम वियतनाम के बाद से मिले नहीं हैं।’’  ट्रम्प ने कहा कि स्थिति पहले काफी खतरनाक थी लेकिन हमारी पहली शिखर वार्ता के बाद सारा खतरा टल गया है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से जल संरक्षण आंदोलन शुरू करने की अपील की

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नयी दिल्ली, 30 जून ,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में पानी की समस्या से जुड़ी चुनौती की जिक्र करते हुए लोगों से स्वच्छता आंदोलन की तरह ‘जल संरक्षण’ आंदोलन चलाने और जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह किया ।  प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का डाटा बैंक बनाने की भी बात कही । मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है ।’’ उन्होंने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें ।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘देशवासियों से उनका दूसरा अनुरोध यह है कि देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। आप सभी से जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूँ ।’’ जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #जलशक्ति4जलशक्ति के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके । उन्होंने कहा कि जो भी पोरबंदर के कीर्ति मंदिर जायें वो उस पानी के टांके को जरुर देखें। 200 साल पुराने उस टांके में आज भी पानी है और बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था है, ऐसे कई प्रकार के प्रयोग हर जगह पर होंगे । मोदी ने कहा कि जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है और इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे । उन्होंने कहा कि पानी की एक एक बूंद के संरक्षण के लिये जागरूकता अभियान की शुरूआत करें और इसमें पानी से जुड़ी समस्याओं और इसे बचाने के उपायों के बारे में बताएं । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से अलग अलग क्षेत्र की हस्तियों को जल संरक्षण के क्षेत्र में नवोन्मेषी अभियान चलाने का आग्रह करता हूं । फिल्म जगत, खेल जगत, मीडिया के साथी हों, सामाजिक एवं सांस्कृति क्षेत्र के लोगों से जुड़े लोग हों या कथा कीर्तन करने वाले लोग... हर कोई अपने अपने तरीके से इस आंदोलन का नेतृत्व करे ।’’ मोदी ने कहा कि उन्होंने ग्राम प्रधानों को पानी के संरक्षण के संबंध में पत्र भी लिखा है । उन्होंने इस क्रम के महान साहित्याकार मुंशी प्रेमचंद की कहानियों के महत्व को भी रेखांकित किया ।  प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 21 जून को देश दुनिया में उल्लास के साथ योग दिवस मनाये जाने का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा कि शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहाँ इंसान हो और योग के साथ जुड़ा हुआ न हो, इतना बड़ा, योग ने रूप ले लिया है । मोदी ने कहा कि योग के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की घोषणा, अपने आप में मेरे लिए एक बड़े संतोष की बात थी। यह पुरस्कार दुनिया भर के कई संगठनों को दिया गया है । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैं पढ़ता हूं, सुनता हूं कि लोग मन की बात को मिस कर रहे हैं तब अपनापन महसूस करता हूं। मुझे लगता है कि ये मेरी स्व में समष्टि की यात्रा है। ये मेरी अहम से वयम की यात्रा है ।’’
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