ज्वालामुखी के जाने माने समाज सेवी एवं चिकित्सक डा0 आर के कुण्डु का लंबी बिमारी के बाद निधन
ज्वालामुखी, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। ज्वालामुखी के जाने माने समाज सेवी एवं चिकित्सक डा0 आर के कुण्डु का आज लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया। वह पिछले अरसे से बीमार चल रहे थे। व बिस्तर पर ही थे। मूलत: पशिचम बंगाल के कोलकत्ता के रहने वाले आर के कुण्डु पिछले पच्चास साल से चिकित्सा पेशे से जुड़े थे। उन्होंने हिमाचल को ही अपना घर बना लिया था। उन्होंने अपना क्लििनक ज्वालामुखी के बोहण चौक के पास स्थापित किया था। एक जमाना था जब उनकी पूरे हिमाचल में तूती बोलती थी। व हर कोई उनका मुरीद था। यही वजह है कि उन्होंने अपने जीवन काल में खूब ख्याति अर्जित की। आज शाम को उनका समाचार सुनते ही पूरा ज्वालामुखी नगर शोक में डूब गया। बड़ी तादाद में लोग उनके आवास पर जुटे हैं। पूर्व विधायक रमेश धवाला, कांग्रेस प्रवक्ता बी के शर्मा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रशांत भूषण को लीज पर दी गई भूमि को वापिस लेने के कांगड़ा जिला दण्डाधिकारी के आदेश को न्यायसंगत बताया
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम सीमित द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रशांत भूषण को लीज पर दी गई भूमि को वापिस लेने के कांगड़ा जिला दण्डाधिकारी के आदेश को न्यायसंगत बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान प्रशांत भूषण को नोटिस जारी किया गया था और पालमपुर के नजदीक कमलगढ़ गांव में आबंटित भूमि का उपयोग निश्चित कार्य से हट कर किसी दूसरे उद्देश्य से करने के लिए उनके विरूद्ध कार्यवाही आरम्भ की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए इसका आबंटन किया गया था और यह प्रक्रिया लम्बे समय से चल रही थी तथा अब उपायुक्त ने इस मामले की विस्तृत छानबीन करने के उपरान्त जमीन को वापिस लेने का निर्णय लिया है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि समाज में अच्छा रूतबा रखने वाले प्रशांत भूषण जैसा व्यक्तित्व इस तरह का व्यवहार एवं आधारहीन ब्यानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण को पूर्व भाजपा सरकार के समय नोटिस जारी किया गया था और उन्हीं के शासनकाल में इसकी कई बार सुनवाई हुईं है और कार्यवाही चलती रही है। पालमपुर में चाय बागानों की अवैध खरीद व फरोख्त मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय के बागानों पर न केवल हिमाचल बल्कि देश के अन्य भागों में भी भूमि सीमा अधिनियम में छूट दी गई है और प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि पालमपुर क्षेत्र में चाय बागानों की खरीद व फरोख्त न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चाय बागानों को परिवार के भीतर विभाजन और हस्तांतरण को छोडक़र किसी अन्य को बेचने एवं हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चाय बागानों के खरीद व फरोख्त के सन्दर्भ में कड़े कानून बनाएगी और इनका सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित बनाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में नियमों में हुई किसी भी प्रकार की अवह्ेलना की जांच की जाएगी। सिन्धू जल संधि के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमण्डल के दौरे का स्वागत करती है और 1960 की सिन्धू जल संधि के अनुरूप दोनों देश परियोजना स्थल पर विकास कार्यों का जायजा ले सकते हैं। यदि कोई परियोजना चन्द्र-भागा नदी पर स्थापित होती है तो इससे न ही जल प्रवाह बाधित होगा और न ही पानी की कमी होगी। गुजरात, राजस्थान तथा अन्य राज्यों में हुए उप-चुनावों के नतीजों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी लहर धीरे-धीरे लुप्त हो रही है और अब लोगों ने मुद्दों के आधार पर वोट किया है। उन्होंने कहा कि उप-चुनाव भावनाओं के बजाए मुद्दों के आधार पर लड़े गए थे। लोगों का ध्यान पूरी तरह विकास और नीतियों पर है। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सन्दर्भ में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार धर्मशाला में होने वाले क्रिकेट मैच के लिए सुरक्षा मुहैया करवाएगी लेकिन, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को इसके लिए भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि यह एक वाणिज्यिक उद्यम है तथा यह उचित और सही होगा कि वे मुहैया करवाई गई सेवाओं के लिए शुल्क अदा करें और पूर्व में हुए मैचों के लम्बित बिलों की भी अदायगी की जानी चाहिए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में किए जा रहे हंगामें के सन्दर्भ में पूछे जाने पर मुख्यमत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिसर में किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि कोई विश्वविद्यालय परिसर में अशांति फैलाता है तो ऐसे विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा सामरिक पठानकोट-लेह रेल लाईन को स्वीकृति देने के सन्दर्भ में आज समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस निर्णय का स्वागत करती है और साथ ही सरकार ने भानूपल्ली-बिलासपुर-बेरी-लेह रेल लिंक वाया मण्डी के विस्तार का भी प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह प्रस्ताव किया है कि मण्डी से रेल लिंक कांगड़ा की पहाडिय़ों से होते हुए अन्तत: ब्रॉड गॉज रेल लाईन पठानकोट से मिले। इससे न केवल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इसका सामरिक महत्व भी होगा। जम्मू-कश्मीर में आई आपदा के सन्दर्भ में पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों की सुविधा के लिए श्रीनगर से लेह लद्दाख, सरचू, बारालाचा-ला तथा केलंग होते हुए वाहनों की आवाजाही के लिए आगामी 31 दिसम्बर तक रोहतांग दर्रे को खुला रखेगी।
मतदाता सूची तैयार करने में बूथ स्तर अधिकारियों की भूमिका अह्म -भरत खेड़ा
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। मतदाता सूचियों के निर्माण की प्रकिया में बूथ स्तर के अधिकारियों की भूमिका बड़ी अह्म होती हैं । मण्डलायुक्त श्री भरत खेड़ा ने यह विचार आज बचत भवन में चुनाव से सम्बन्धित कार्याशाला की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये । भरत खेड़ा ने कहा कि त्रुटि रहित मतदाता सूचियों तैयार करने से मतदाताओं के साथ-साथ चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न करवाने वाले अधिकारियों को भी सुविधा मिलती है । उन्होंने कहा कि स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए सभी स्तरों पर प्रशिक्षण की आवश्यकता है ।यह प्रशिक्षण भारत चुनाव आयोग के निर्देशानुरूप चुनावी कार्यो में लगे सभी स्तरों के अधिकारियों को दिया जा रहा है । चनाव आयोग द्वारा जारी आवश्यक दिशानिर्देशों की सही जानकारी से अधिकारियेां को अवगत करवाना इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य हैं । इस प्रशिक्षण कार्यशाला में शिमला, सिरमौर, किन्नौर व सोलन जिला के चुनावी अधिकारियेां को प्रशिक्षित किया गया ।
जिला में मतदाता सूचियों का पुन: निरीक्षण कार्य 15 अक्तूबर से 10 नवम्बर, 2014 तक किया जाएगा
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त, शिमला श्री दिनेश मल्होत्रा ने बताया कि जिला में मतदाता सूचियों का पुन: निरीक्षण कार्य 15 अक्तूबर से 10 नवम्बर, 2014 तक किया जाएगा । 01 जनवरी, 2015 तक जो मतदाता 18 वर्ष की आयु के हो जाएगें वह अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा सकते हैं । उन्होंने कहा कि पुन: निरीक्षण कार्य के दौरान मतदाता अपने दावे व आपतियां भी दर्ज करवा सकते हैं । उन्होंने बताया कि मतदाता अपने मतदान केन्द्र, निर्वाचन रजीस्ट्ररकरण अधिकारी/उपमण्डलाधिकारी कार्यालय, सहायक निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन कार्यालय में जाकर अपना नाम अथवा दवे व आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं । कार्यशाला में प्रमुख प्रशिक्षु के रूप में उपमण्डलाधिकारी पॉवटा साहिब ने मतदाता सूचियों की प्रशासनिक व कानूनी व्यवस्था तथा प्रेरणा एवं विषय की महत्ता के सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया, जबकि नायब तहसीलदार शिमला (निर्वाचन) श्री राजेन्द्र कुमार ने मतदाता सूचियों के पुन: निरीक्षण के तरीकों व खाका तैयार करने, सेवारत मतदाता व प्रवासी मतदाताओं के सम्बन्ध जानकारी दी । नायब तहसीलदार निर्वाचन (सिरमौर-नाहन) ने मतदाता सूचियों के निर्माण का मसौदा व दावे व आपतियों के निपटारे के सम्बन्ध में जानकारी दी । इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक श्री विवके खरे, अवर सचिव, श्री विजय कुमार के अलावा अतिरिक्त उपायुक्त श्री यूनुस, अतिरिक्त संयुक्त मुख्य चुनाव अधिकारी हिमाचल प्रदेश श्री विकास सूद भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री से मध्य प्रदेश की उच्च स्तरीय विधानसभा प्राक्लन समिति की भेंट
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। मध्य प्रदेश की उच्च स्तरीय विधानसभा प्राक्लन समिति के सदस्यों ने समिति अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के नेतृत्व में आज यहां मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से उनके आधिकारिक निवास ‘ओक ओवर’ में भेंट की। विधायकों ने प्रदेश में विभिन्न विकास के मुद््दों और अलग-अलग क्षेत्रों में अर्जित सफलताओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने पेयजल सुविधाओं के सन्दर्भ में उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग सभी गांवों में नलों के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध है और सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके घरों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवा रही है। श्री वीरभद्र सिंह ने उच्च स्तरीय समिति को प्रदेश की बारहमासी नदियों से जल उठाव तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की वन सम्पदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने प्रदेश में विकास और जन कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों और विषयों पर भी चर्चा की। श्री वीरभद्र सिंह ने समिति के सदस्यों को परम्परागत हिमाचली शॉल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया। समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें दिए गए आदर सत्कार के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
राज्यपाल से प्रधान महालेखाकार की भेंट
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह से आज यहां राजभवन में प्रधान महालेेखाकार (ऑडिट) श्री आर.एम. जोहरी ने भेंट की। शिमला में अपना कार्यभार संभालने के उपरान्त यह एक शिष्टाचार भेंट थी।
जल विद्युत उत्पादन को बड़े पैमाने पर दिया जा रहा है बढ़ावा:श्री वीरभद्र सिंह
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं की निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए निर्माताओं और निवेशकों को अनापति प्रमाण पत्र तथा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के नियमों में ढील दी है। परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित बनाने के लिये प्रदेश सरकार ने जल विद्युत नीति-2006 तथा पुनरर्वास योजना के विशेष प्रावधान को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह आज यहां होटल पीटरहॉफ में जल विद्युत विकास में ‘चुनौतियां और बाधाएं’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में जल विद्युत क्षेत्र मेें निवेश के लिये उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि विद्युत उत्पादकों को जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने के लिए सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, लोक निर्माण, राजस्व और मत्स्य पालन विभागों से अनापति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि जल विद्युत सबसे अधिक राजस्व सृजित करने वाले क्षेत्रों मेें से एक है और परियोजनाओं को स्थापित करने से पूर्व स्थानीय लोगों और बनाई गई स्थानीय समितियों से सलाह-मशविरा किया जाता है, इसके अतिरिक्त परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिये स्थानीय क्षेत्र विकास निधि बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सामाजिक और अन्य विकासात्मक गतिविधियां के लिये पर्याप्त मुआवजा राशि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विद्युत क्षेत्र में अनेकों चुनौतियों जैसे कमजोर अधोसंरचना, कोयले से विद्युत उत्पादन में अत्यधिक लागत, प्राकृतिक गैस की कमी और नाभिकीय संसाधनों की अनुपलब्धता का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा हालांकि भारत का नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी पर खरा उतरता है, परन्तु जापान की फुकुशिमा में हुई दुर्घटना और रूस में हुई चरणोबाईल आपदा के उपरान्त नाभिकीय संयत्रों की सुरक्षा को लेकर लोगों और नीति-निर्धारकों को समझाना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 27,436 मैगावाट जल विद्युत उत्पादन की सम्भावना है, जिसमें से 9,202.89 मैगावाट का दोहन किया जा चुका है और 11361 मैगावाट की परियोजनाओं का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सम्पूर्ण विद्युतिकरण के क्षेत्र में प्रदेश ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है तथा शत-प्रतिशत विद्युतकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल विद्युत क्षेत्र के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों के प्रति सजग है, और इनसे निपटने के लिये पहले ही प्रभावी कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन भी किया। ऊर्जा मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान जल विद्युत संभावनाओं को बढ़ाने और निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान कर निवेश के लिये आमंत्रित करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर जल विद्युत क्षेत्र का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि प्रदेश के राजस्व सृजन में इसकी महत्वूपर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दो जल विद्यूुत परियोजनाओं सौ मैगावाट की सैंज तथा 65 मैगावाट की कशांग-1 में अगले वर्ष से विद्युत उत्पादन आरम्भ होगा। इससे पूर्व हि.प्र. ऊर्जा निगम सीमित के प्रबन्धक निदेशक श्री देवेन्द्र के. शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और प्रदेश में जल विद्युत क्षेत्र के विकास की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा खपत में जबरदस्त बृद्वि हुई है। वर्ष 1972 में महज 39 यूनिट थी, आज बढक़र 1071 यूनिट हो गई है। उन्होंने विभिन्न ऐजेन्सियों के साथ हि.प्र. ऊर्जा निगम सीमित के सहयोग और वित्त पोषण के संदर्भ में जानकारी दी। केन्द्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री आर. जेयासीलन ने भी इस अवसर पर विचार रखें। केन्द्रीय बोर्ड सिंचाई एवं ऊर्जा के सचिव श्री वी.के. कन्जलिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विधायक श्री रवि ठाकुर, मुख्य सचिव श्री पी.मित्रा, प्रधान सचिव ऊर्जा श्री एस.के.बी.एस. नेगी, राष्ट्रीय जल विकास ऐजेन्सी के महानिदेशक श्री मसूद हुसैन, अरूणाचल प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव श्री एच. के. पालीवाल और गणमान्य व्यक्तियों के अलावा जल विद्युत क्षेत्र के उत्पादक और निवेशक इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने किया शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव का शुभारम्भ
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने गत सांय ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में हिमाचल सरकार द्वारा दिल्ली सरकार की पंजाबी अकादमी के सहयोग से आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने इस उत्सव के दौरान भारत के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा अपनी प्रस्तुति करने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका श्रीमती परवीण सुल्ताना का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने एक दिन पूर्व अपने परिवार में एक सदस्य की मृत्यु के बावजूद इस उत्सव में अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि यह श्रीमती सुल्ताना की संगीत के प्रति सेवा और समर्पण की भावना को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने संगीत उत्सव में प्रस्तुतियों के लिए मुम्बई और दक्षिण भारत से आए कलाकारों को भी सम्मानित किया। इससे पूर्व, अतिरिक्त मुख्य सचिव, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग श्रीमती उपमा चौधरी ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनी राम शांडिल, हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानिया, उपायुक्त शिमला श्री दिनेश मल्होत्रा और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा शहर के गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
धूमल तथा भाजपा के नेता मुंगेरी लाल के सपने देख रहे
शिमला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री अतुल शर्मा, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह, मिल्कफैड के अध्यक्ष श्री चेत राम तथा राज्य आवास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री यशवंत छाजटा ने आज यहां एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल के उस बयान को हास्यास्पद बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार स्थिर नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्री धूमल तथा भाजपा के नेता मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित बहुमत वाली सरकार को अस्थिर बताकर भाजपा के नेता जनादेश का निरादर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों ने भाजपा को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और भाजपा के नेता इस भूमिका को निभाने में बुरी तरह असफल रहे हैं। श्री शर्मा, बावा हरदीप सिंह, श्री चेत राम तथा श्री छाजटा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के गतिशील नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश की सरकार विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता तो यह है कि भाजपा एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता पर सत्ता की भूख इस कदर हावी है कि वे लोगों के द्वारा सरकार को दिए गए पांच वर्ष के जनादेश को भी पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्री धूमल को लोकतांत्रिक परम्परा में विश्वास ही नहीं है इसलिए वे आए दिन सरकार को गिराने का बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि श्री धूमल केवल सत्ता में बने रहना चाहते हैं और विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लागों ने कांग्रेस सरकार को स्पष्ट बहुमत दिया है तथा वर्तमान प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और पूरे पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के नेता प्रदेश में हो रहे अभूतपूर्व विकास को पचा नहीं पा रहे हैं और हाल ही में देश के विभिन्न राज्यों में उप चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार देख कर इस प्रकार की आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जब पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में व्यापक औद्योगिक विकास हो रहा है तो भाजपा के नेता को इसमें भी खोट दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह तथा उद्योग मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री के प्रयासों की सराहना करने के स्थान पर भाजपा के नेता उन पर ही निराधार बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तविकता तो यह है कि भाजपा के नेता सदन की कार्यवाही तक से भागते रहे हैं, क्योंकि उन्हें आम आदमी के कल्याण तथा प्रदेश के विकास से कोई सरोकार ही नहीं है।
टीजीटी पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
ऊना18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, हिमाचल प्रदेश ने ओबीसी भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए टीजीटी नॉन-मैडिकल के 35 पद तथा टीजीटी मैडीकल के 41 पद अधिसूचित किए हैं। यह जानकारी देते हुए जिला रोजगार अधिकारी आर.सी. कटोच ने बताया कि इन पदों के लिए आवेदन करने हेतु आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच तथा शैक्षणिक योग्यता टीईटी पास सहित बीएससी बीएड होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पद अनुबंध के आधार पर भरे जाएंगे जिसके लिए प्रतिमाह वेतन के रूप में 13 हजार 900 रूपये मिलेंगे। उन्होंने बताया कि इच्छुक आवेदक अपने निकटतम रोजगार कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
पशुपालकों के लिए चड़तगढ़ में आयोजित हुए फार्म स्कूल
ऊना18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। आतमा परियोजना के अंतर्गत आज यहां ग्राम पंचायत चड़तगढ़ में पशु पालन संबंधी फार्म स्कूल का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 25 पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस शिविर में पशुपालन की नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाई गई। इस अवसर पर डा. राजीव वालिया, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, ऊना ने पशु पालकों को पशु पालन विभाग की सभी स्कीमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा. दीपिका जोशी, पशु चिकित्सा अधिकारी, संतोषगढ़ ने पशु पालकों को पशु आहार के बारे में जानकारी दी तथा अच्छी नस्ल के पशु पालने का भी आहवान किया। डा. दीप शिखा, पशु चिकित्सा अधिकारी, बसदेहड़ा ने पशुओं में पाई जाने वाली बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा टीकाकरण के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर कृषि विभाग से विषय वाद विशेषज्ञ डा. अश्वनी दत्ता भी विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होंने कृषि विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त निशा अत्री, खंड तकनीकी प्रबंधक, ऊना ने आतमा परियोजना के बारे में बताया तथा पशुपालकों को इस परियाजना का लाभ उठाने का आहवान किया। इस शिविर में एक प्रगतिशील पशुपालक महिला को उन्नत किस्म के खनिज पदार्थ व संतुलित आहार भी प्रयोग के लिए प्रदान किए गए ताकि निकट भविष्य में अच्छे परिणाम आने पर गांव के शेष पशुपालक भी अपने पशुओं को यही खनिज पदार्थ व संतुलित आहार दें। इस अवसर पर राजन वशिष्ट, कवि दत्त, श्याम सुन्दर, हरि पाल सहित भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।
पनोह में आयोजित हुआ ग्राहक जागरूकता शिविर
ऊना18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा आज गांव पनोह में ग्राहक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग एक सौ लोगों ने भाग लिया। शिविर में कांगड़ा बैंक ऊना के सह प्रबंधक अशोक पुरी ने बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर कांगड़ा बैंक की बसाल, धुसाड़ा, टकोली व भदसाली शाखाओं के प्रबंधक भी उपस्थित थे।
कृषक सम्मान समारोह 20 सितम्बर को पालमपुर में
धर्मशाला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश विधानसभा श्री बृज बिहारी लाल बुटेल 20 सितम्बर, 2014 को प्रात: 10 बजे कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आतमा, कांगड़ा के तत्वावधान से कृषक सम्मान समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। इस अवसर पर कृषि निदेशक डॉ0 जे.सी.राणा समारोह की अध्यक्षता करेंगे। यह समारोह बिला काम्मेलिया, पालमपुर क परिसर में प्रात: 10 बजे से आरंभ होगा।
जिला प्रतिरक्षण बचाव दल की बैठक 19 सितम्बर को
धर्मशाला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। जिला प्रतिरक्षण बचाव दल की बैठक 19 सितम्बर, 2014 को सायं 3 बजे उपायुक्त कांगड़ा के चैम्बर में होगी जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त सी.पॉलरासु करेंगे। इस बैठक के सभी उपमंडलों के उपमंडलाधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भाग लेंगे।
जगजीवन पाल करेंगे जिला कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता
धर्मशाला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। जिला कल्याण समिति कांगड़ा की बैठक 19 सितम्बर, 2014 को प्रात: 11 बजे डीआरडीए हॉल में आयोजित की जाएगी जिसकी अध्यक्षता मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल करेंगे।
बाली करेंगे जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता
धर्मशाला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। परिवहन तथा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री, जी.एस.बाली की अध्यक्षता में 23 सितम्बर, 2014 को प्रात: 11 बजे जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक जिला परिषद् हॉल, धर्मशाला में आयोजित की जाएगी। इसके उपरांत सायं 3 बजे जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने कसा शिकंजा
धर्मशाला, 18 सितंबर (विजयेन्दर शर्मा)। जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले रविन्द्र सिंह ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा आज धर्मशाला के सब्जी एवं फल बिक्रेताओं की दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया। इस अभियान में तीन दर्जन के करीब परचून विक्रेताओं को चैक किया गया तथा उनके बिल व रेट लिस्टें जांची गई। उन्होंने बताया कि रेट लिस्ट न लगाने पर कचहरी अड्डा, रामनगर, श्यामनगर एवं चरान खड्ड में पांच परचून विक्रेताओं से सब्जियां कब्जे में लेकर विभागीय मामले दर्ज किये गये। जिला नियंत्रक ने बताया कि पिछले कई दिनों से श्यामनगर से शिकायतें आ रही थीं कि सब्जी विक्रेता मंहगे दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं तथा तराजू भी ग्राहकों के सामने न रखकर दुकान के अंदर उपभोक्ताओं से काफी दूर रखते हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में जो भी दुकानदार चाहे वह सब्जी विक्रेता है या अन्य खाद्य सामग्री का विक्रेता, उसे मूल्य सूची ग्राहकों के देखने योग्य स्थान पर लगानी होगी तथा वह निर्धारित लाभांश से अधिक मूल्य बसूल नहीं कर पाएगा। उन्होंने जिला के सभी व्यापारियों को निर्देश दिए कि जो भी दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक बसूल करता पाया जाएगा या मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं करेगा अथवा तराजू उपभोक्ताओं के देखने योग्य स्थान पर नहीं रखेगा, उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस अभियान में खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी मिलाप चंद शांडिल, निरीक्षक मदन लाल, मीरा बाई, मोहिन्द्र सिंह और मनजीत सिंह साथ थे।