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छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (27 सितम्बर)

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डॉक्टर के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश

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छतरपुर। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रदीप दुबे की अदालत ने जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. लखन तिवारी के द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने पर डॉ. तिवारी के विभागीय जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जिला अस्पताल छतरपुर में कार्यरत डॉ. लखन तिवारी के द्वारा मारपीट के एक मामले में थाना ओरछा रोड द्वारा भेजे गए घायल पूरन विश्वकर्मा की एमएलसी में लापरवाही की गई थी। डॉक्टर की इस लापरवाही के कारण अदालत ने घायल पूरन के संबंध में आरोपी को बरी कर दिया। डॉ. लखन तिवारी की लापरवाही बरतने पर जेएमएफसी प्रदीप दुबे की अदालत ने डॉ. श्री तिवारी के खिलाफ विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मप्र शासन भोपाल को पत्र भेजकर निर्देशित किया है साथ ही इस संबंध में अदालत के द्वारा कलेक्टर छतरपुर एवं सीएमएचओ को भी सूचित किया गया है। 

क्या है मामला
विधि संवाददाता लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 30 अप्रैल 2012 को ग्राम कालापानी निवासी जामवती बढ़ई अपने पति पूरन के साथ खेत पर काम कर रही थी। सुबह करीब 9 बजे गांव का ही शंकर पुत्र माखन बढ़ई खेत पर आ गया। शंकर ने जामवती के साथ गाली-गलौच कर वाद-विवाद किया और जामवती, पूरन के साथ शंकर ने मारपीट की जिसकी शिकायत पर थाना ओरछा रोड ने शंकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस द्वारा जामवती और पूरन को आई चोटों का मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल भेजा गया था। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. लखन तिवारी के द्वारा पूरन बढ़ई की एमएलसी में आरोपी शंकर का नाम घायल व्यक्ति के रूप में दर्शा दिया एवं अन्य लापरवाही एमएलसी में बरतीं जिसका लाभ उठाकर आरोपी शंकर को पूरन की मारपीट के संबंध में न्यायाधीश श्री दुबे की अदालत ने बरी कर दिया गया।

दुष्कर्मी को 8 साल की कठोर कैद

छतरपुर। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी को 8 साल की कठोर कैद के साथ 6 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि पुलिस थाना ईशानगर क्षेत्र अंतर्गत स्थित रमनपुर निवासी कथुल्ला पुत्र रजुआ अहिरवार पर आरोप था कि उसने दिनांक 13 अगस्त 2013 को पीडि़ता महिला के घर में जब वह अकेली थी तभी दिन के करीब 2-3 बजे जबरन आरोपी घुस गया। आरोपी कथुल्ला ने महिला को जबरन पकड़ कर जमीन में पटकते हुए मुंह कपड़ा ठूंस दिया और महिला के दुष्कृत्य किया। थाना ईशानगर में कथुल्ला के खिलाफ दुष्कृत्य का मामला दर्ज किया गया। थाना ईशानगर के तत्कालीन एसआई के.एन. अरजरिया ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला अदालत को सुपुर्द कर दिया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांता वैश्य की अदालत ने मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए आरोपी कथुल्ला को दुष्कृत्य के आरोप का दोषी करार दिया। न्यायाधीश श्रीमती वैश्य की अदालत ने आरोपी कथुल्ला को आईपीसी की धारा 450 एवं 376 (1) में तीन तीन साल की कठोर कैद के साथ 6 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

जयललिता दोषी करार, 4 वर्षो का कारावास

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा करने के एक मामले में शनिवार को यहां एक अदालत ने दोषी ठहराते हुए 100 करोड़ रुपये जुर्माना और चार वर्षो की कैद की सजा सुनाई है। डीएमके महासचिव के. अनबाझगन द्वारा 1996 में आरोप लगाए जाने के बाद करीब 18 वर्ष तक चली कानूनी जंग के बाद न्यायाधीश जॉन माइकल कुन्हा ने जयललिता (66) को दोषी ठहराया। जयललिता अपनी पार्टी एआईएडीएमके की महासचिव भी हैं। डीएमके तमिलनाडु में अब विपक्ष में है।

इस फैसले के बाद तमिलनाडु में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच अम्मा उपनाम से मशहूर जयललिता को विधानसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ेगा।  विशेष लोक अभियोजक जी. भवानी सिंह ने कहा कि न्यायाधीश ने जयललिता के अलावा तीन अन्य आरोपियों -शशिकला और उनके रिश्तेदार वी. एन. सुधाकरन और जे. इल्लावरसी-को भी दोषी ठहराया और चार वर्ष कैद की ही सजा सुनाई है। शशिकला मुख्यमंत्री की सहेली हैं।

न्यायाधीश ने सहआरोपियों में से प्रत्येक पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा प्रत्येक सहआरोपी को 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह माह अतिरिक्त साधारण कैद की सजा भी सुनाई है। दोनों सजाएं एकसाथ चलेंगी। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "यदि वे (दोषी) जुर्माना अदा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त जेल में बिताना पड़ेगा।"अदालत का फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद ही जयललिता एवं अन्य तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और चिकित्सकीय परीक्षण के लिए उन्हें शहर में एक अस्पताल ले जाया गया।

सिंह ने यह भी साफ किया कि इस मामले में जमानत की अर्जी भी नहीं दी जा सकती है, क्योंकि सजा तीन वर्ष से अधिक की है। उन्होंने कहा, "जुर्माने की रकम सुनवाई के दौरान जब्त आभूषण और भूमि को बेचकर वसूली जाएगी।"इस बीच राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील बी. टी. बेंकटेश ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाने वाला व्यक्ति उच्च अदालत से सजा निलंबित किए जाने तक अयोग्य माना जाता है और वह किसी भी कार्यकारी पद पर बने नहीं रह सकता।

वेंकटेश ने आईएनएस से कहा, "चूंकि जयललिता दोषी करार दी गई हैं और उन्हें चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है तो ऐसे में स्वत: ही उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाएगी और मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़नी पड़ेगी।"चूंकि दोषी को सजा के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करने का वैधानिक अधिकार होता है, अत: वे कर्नाटक या तमिलनाडु में सजा को निलंबित करने के लिए अपील कर सकती हैं।

शरीफ, 10 अन्य के खिलाफ एफआईआर का आदेश

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पाकिस्तान में एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने शनिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य 10 लोगों के खिलाफ पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इन सभी को 30 अगस्त को तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है। डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अदालत में अर्जी दायर की थी।

पार्टी ने थाने के सचिवालय से प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने के लिए संपर्क किया था। पार्टी ने प्रधानमंत्री शरीफ, उनके भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ, गृहमंत्री चौधरी निसार, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलमंत्री साद रफीक, आईजी रेलवे और तीन अन्य के खिलाफ पीटीआई और पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के द्वारा संघीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों की मौत को लेकर मामला दर्ज करने की गुहार लगाई थी। पीटीआई ने हिंसा के एक दिन बाद ही पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन पुलिस की अनाकानी के बाद पार्टी ने सत्र अदालत से गुहार लगाई।

चव्हाण का इस्तीफा मंजूर, कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे

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महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी. राव ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने शनिवार को दी। अधिकारी ने यहां कहा, "चव्हाण से कहा गया है कि वैकल्पिक बंदोबस्त होने तक वह पद पर बने रहें।" चव्हाण ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस से 15 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ते हुए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस घटना के बाद एक राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। जबकि विधानसभा चुनाव में महज तीन सप्ताह बचे हैं।

कांग्रेस नेतृतव वाली सरकार से राकांपा के 62 विधायकों के अलग हो जाने के बाद 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार अल्पमत में आ गई थी, क्योंकि कांग्रेस के पास सिर्फ 82 विधायक हैं। राकांपा ने यह कदम विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर सहमति न बन पाने के बाद उठाया। चुनाव 15 अक्टूबर को होने हैं। चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार में 22 मंत्री कांग्रेस के और 20 मंत्री राकांपा के थे।

बिहार में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध समागम शुरू

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budh-samagam-starts-in-gayaअंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल और बौद्ध धर्मावलंबियों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल बिहार के बोधगया में शनिवार को तीन दिवसीय 'अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध समागम'का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपद नाइक और बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किया। इस समागम में 33 देशों के 131 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि सिलसिलेवार विस्फोटों के एक साल बाद इतने व्यापक स्तर पर इस समागम का आयोजन कर पर्यटकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि स्थिति अब बिल्कुल सामान्य हो गई है। बौद्ध तीर्थयात्रियों व विदेशी पर्यटकों को डरना नहीं चाहिए। वहीं, नाइक ने कहा कि केंद्र सरकार बोधगया सहित समूचे बुद्धिस्ट सर्किट के विकास में मदद करेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

राज्य के पर्यटन मंत्री जावेद इकबाल ने कहा कि संपूर्ण विश्व में बिहार की विरासत को देश-दुनिया के सामने बताने का यह बेहतरीन मौका है। उन्होंने कहा कि समागम में भाग लेने वाले लोगों को बोधगया, राजगीर और नालंदा की विरासत से अवगत कराया जाएगा। यहां से लौटने के बाद ये लोग अपने देशों के लोगों को बिहार आने के लिए प्रेरित करेंगे। गया के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जापान सहित 33 देशों के 131 विदेशी प्रतिनिधि इस समागम में भाग ले रहे हैं। समागम का आयोजन केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और बिहार पर्यटन विभाग ने संयुक्त रूप से किया है।

अधिकांश विदेशी प्रतिनिधि शुक्रवार को ही बोधगया पहुंच गए। समागम में भाग ले रहे लोगों ने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में बारी-बारी से पूजा-अर्चना की तथा भगवान बुद्ध को नमन किया। बोधिवृक्ष की छांव में थेरवादी व जापानी बौद्ध भिक्षुओं ने'नमो तस्य भगवतो अरहतो सम्म सम बुद्धस्य'का पाठ किया। वियतनाम और चीन से आए प्रतिनिधियों ने सुत्त पाठ किया।  विशेष प्रार्थनासभा में बोधगया स्थित बौद्धमठ के 300 से ज्यादा बौद्ध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया। समागम में भाग लेने आए प्रतिनिधियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच महात्मा बुद्ध की 80 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा का अवलोकन किया। साथ ही बकरौर स्थित सुजाता स्तूप का परिभ्रमण किया। अधिकारियों ने बताया कि भाग लेने आए प्रतिनिधि प्रस्तुतियां पेश करेंगे, विचार विमर्श करेंगे तथा अंतर्राष्ट्रीय व देसी टूर आपरेटरों के बीच बैठकें भी होंगी।  

बिहार शर्म : डायन बता महिला की पीट-पीटकर हत्या

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बिहार के औरंगाबाद जिले के सलैया थाना क्षेत्र में एक महिला को डायन बताकर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है। सलैया के थाना प्रभारी सुबोध प्रसाद ने शनिवार को बताया कि मदनपुर के भुइया बिगहा में गांव के ही कुछ लोगों ने देवंती देवी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। देवंती के पति जनार्दन का आरोप है कि देवंती सुबह खेत में काम करने गई थी, तभी गांव के महेश यादव, उसकी पत्नी और मोहन यादव तथा उसका परिवार वहां पहुंचे और देवंती की पीट-पीटकर हत्या कर दी। 

आरोप है कि महेश और उसकी पत्नी देवंती को डायन कहकर पहले भी प्रताड़ित किया करते थे। महेश के आठ वर्षीय बेटी ममता बीमार रहती है। उसके अंधविश्वासी परिजनों का कहना है कि देवंती डायन है, उसी ने ममता पर तंत्र-मंत्र चलाया है। थाना प्रभारी ने बताया कि महिला के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है तथा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। 

जयललिता विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाली पहली मुख्यमंत्री

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आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) प्रमुख जे.जयललिता शनिवार को पहली मुख्यमंत्री बन गईं, जिन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने पर विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। बेंगलुरू की एक निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें दोषी ठहराया है। यह मामला उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल (1991-96) का है। उनके खिलाफ तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार ने अपने कार्यकाल में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 


इससे पहले वर्ष 2001 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। न्यायालय ने फैसले में कहा था कि आपराधिक कृत्य में दोषी करार दिए जाने के बाद वह पद पर बने नहीं रह सकतीं। उस वक्त अभिनेत्री से नेता बनीं जयलिलता ने वरिष्ठ मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राशिद मसूद की सदस्यता अलग-अलग मामले में दोषी साबित होने पर रद्द कर दी गई थी। 

दुनिया के एकजुट होने का समय : मोदी

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modi in united nation
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज दुनिया कई जी समूहों में बंट गया है। संयुक्त राष्ट्र जैसा संगठन के होने बावजूद कई जी समूह बना लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह बेहतर नहीं होगा कि अलग-अलग समूहों के बजाय एक ही 'जी ऑल'हो जाए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले भाषण में मोदी ने सवाल किया, 'क्या हम इंटर डिपेंडेंट होने के बाद भी एकजुट हो पाए हैं?' मोदी ने कहा कि जिस साइबर और स्पेस के क्षेत्र में हम सभी साथ थे, अब वहां झगड़े की बातें हो रही हैं। जिस समुद्र से हम जुड़ते हैं, वह हमारे लिए संघर्ष का कारण बन रहा है। 


उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो दूसरों के लाभ को अपना नुकसान और दूसरों के नुकसान को अपना फायदा समझते हैं, हमें इस प्रवृत्ति को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी देशों को इसके लिए उपाय करने होंगे, ऐसे नियम बनाने होंगे जिसमें अपना विकास तो हो लेकिन दूसरे का नुकसान न हो। मोदी ने कहा कि कोई भी देश या समूह दुनिया की दिशा और दशा तय नहीं कर सकता। दुनिया के सभी देशों को समय के साथ बदलना होगा। अगर वैश्विक संस्थाएं समय के साथ नहीं बदलीं तो उन पर अप्रासंगिक होने का खतरा पैदा हो जाएगा। 



मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उचित विस्तार की अपेक्षा है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन को बेहतर बनाया जाए, इसके लिए इसमें शामिल देशों को निर्णय लेने में भी जगह मिले। उन्होंने कहा कि सयुक्त राष्ट्र 70 साल का होने जा रहा है, यह लेखा-जोखा का साल है, इस पर विचार मंथन हो। आइए हम सुरक्षा परिषद में विस्तार की बात को पूरा करें। हम 2015 के विकास लक्ष्य को आगे बढ़ाएं। 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हो : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत करनी चाहिए और इसे अंगीकार करना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत के लिए प्रकृति का सम्मान अध्यात्मवाद का अनिवार्य हिस्सा है। हम प्रकृति की विपुलता को पवित्र मानते हैं। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। मोदी ने कहा कि योग मन और शरीर को, विचार और कार्य को, अवरोध और सिद्धि को साकार रूप प्रदान करता है और यह व्यक्ति और प्रकृति के बीच सामंजस्य बनाता है। यह स्वास्थ्य को अखंड स्वरूप प्रदान करता है। इसमें केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और मनुष्य के बीच की कड़ी है। यह जलवायु परिवर्ततन से लड़ने में हमारी मदद करता है। उन्होंने आह्वान किया, "आइए, हमसब मिलकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत करें।" 


आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हों : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया अभी महत्वपूर्ण समय से गुजर रही है, बड़े युद्ध नहीं हो रहे हैं लेकिन कई समस्याएं मौजूद हैं। आतंकवाद नित कई रूपों में हमारे सामने आ रहा है और इससे लड़ने के लिए सभी को साथ आना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपने क्षेत्र में 40 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं, यह नित नए रूप में हमारे सामने आ रहा है। सवाल यह है कि आतंकवाद से निपटने के लिए क्या हम मिलकर प्रयास कर रहे हैं? मोदी ने कहा कि आज भी कई देश आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं और यह उनकी नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए हम सभी को साथ आना चाहिए। 


वसुधैव कुटुम्बकम है भारत की परंपरा : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसकी परंपरा हमेशा से 'वसुधैव कुटुम्बकम'की रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जिसने दुनियाभर में न्याय, गरिमा, अवसर और समृद्धि के हक में आवाज उठाता रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया का छठा हिस्सा रहता है और यह देश सामाजिक आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में लोकतंत्र की लहर है। अफगानिस्तान, नेपाल और भूटान में लोकतंत्र की सफलता दिखाई दे रही है। मोदी ने कहा कि अफ्रीका सहित दुनिया के कई देशों में स्थिरता की नई उम्मीद दिख रही है। लैटिन अमेरिका स्थिरता के लिए स्थिरता के लिए एकजुट हो रहा है और यह विश्व के लिए उदाहरण हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा भविष्य क्षेत्र की स्थिरता से जुड़ा है। 


बाढ़ पीड़ित कश्मीर की मदद का समय : 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा यहां उठाने से कोई हल निकल आएगा, इस पर शक है। उन्होंने कहा कि अभी कश्मीर में बाढ़ की समस्या है, हमारा ध्यान पीड़ितों को राहत पहुंचाने पर होना चाहिए।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक दिन पहले महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया था और वहां जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। मोदी ने अपने जवाब में कहा, "हमारा भविष्य क्षेत्र की स्थिरता से जुड़ा है, इसीलिए हमारी सरकार ने पहले दिन से ही पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध के प्रयास किए हैं।"उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी सहायता की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सार्थक और शांतिपूर्ण वार्ता चाहता है 'लेकिन पाकिस्तान की भी यह जवाबदेही है कि वह बातचीत के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाए।' 

मोदी तक सम्मन पहुंचाने वाले को मिलेगा 10000 डॉलर का इनाम, सुरक्षा घेरा कड़ा किया गया

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में मुकदमा दर्ज कराने वाले एक मानवाधिकार संगठन ने इस मामले के संबंध में अमेरिकी अदालत द्वारा जारी समन को मोदी तक पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम दिए जाने की पेशकश की है।

भारत ने आज बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि 5 दिन की अमेरिका यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा है और इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि कोई उन्हें सम्मन दे सके तथा मामले में कार्रवाई जारी है।

सम्मन के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, भारतीय प्रतिनिधि के इर्द गिर्द सुरक्षा का कड़ा घेरा किया गया है। इस बात का कोई सवाल ही नहीं उठता कि कोई भारत के संप्रभु प्रतिनिधि को सम्मन पहुंचा सके। यह बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह का कोई मुद्दा नहीं होगा। विदेश विभाग भी आज यह स्पष्ट कर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रक्रिया के अनुरूप मामले से निपटेगी और इस पर कार्रवाई जारी है।

न्यूयॉर्क में रहने वाले कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने  कहा कि अमेरिकन जस्टिस सेंटर’’ (एजेंसी) ने अगले दो दिनों में शहर में मोदी के विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान अदालत के सम्मन उन तक (मोदी तक) पहुंचाने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम देने की पेशकश की है।यह इनाम उस व्यक्ति को दिया जाएगा जो मोदी को सम्मन देगा और सबूत के तौर पर तस्वीर और वीडियो ला कर देगा। यह तस्वीर या वीडियो इस बात का प्रमाण होगा कि उस व्यक्ति ने मोदी तक अदालत का सम्मन पहुंचा दिया। एक बार मोदी को सम्मन दे दिए जाने के बाद, अदालत ने उसके जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

हालांकि अमेरिकी सरकार का कहना है कि जब किसी राष्ट्र के शासनाध्यक्ष अमेरिका में हों तब उन्हें निजी संरक्षा प्राप्त होती है। इसका मतलब है कि मुकदमे की प्रक्रिया शुरू करने के लिए न तो उन्हें निजी तौर पर दस्तावेज सौंपे जा सकते हैं और न ही उन तक भिजवाए जा सकते हैं। भारत ने इस मामले को, मोदी की यात्रा के दौरान माहौल खराब करने के लिए निहित तत्वों द्वारा किया जा रहा ओछा और विद्वेषपूर्ण प्रयास बताते हुए निर्थक करार दिया है। साथ ही भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि मोदी कड़ी सुरक्षा के घेरे में रहेंगे और किसी के भी द्वारा उन तक कोई सम्मन पहुंचाए जाने का सवाल ही नहीं उठता तथा इस संबंध में कार्रवाई जारी है।

एजेंसी का कहना है कि जो कुछ किया जा रहा है वह न्यूयार्क के कानून के अनुसार किया जा रहा है जिसके मुताबिक, यह काम कम से कम 10 फुट की दूरी से भी किया जा सकता है और संबद्ध व्यक्ति की ओर दस्तावेज उछाले भी जा सकते हैं। इस प्रक्रिया को इस तरह माना जाएगा कि सम्मन दिया जा रहा है। एजेसी ने मोदी को सम्मन देने के लिए कुछ लोगों को भाड़े पर भी नियुक्त किया है। मोदी के खिलाफ सम्मन बृहस्पतिवार को दक्षिणी जिले न्यू यॉर्क की अमेरिकी संघीय अदालत (यूएस फेडरल कोर्ट) ने वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में उनकी कथित भूमिका को ले कर जारी किए हैं। तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

ये सम्मन मोदी के खिलाफ एजेसी और गुजरात में गोधरा दंगों के दौरान हुई हिंसा से प्रभावित दो अन्य लोगों द्वारा दायर मुकदमे के सिलसिले में जारी किए गए हैं। यह मुकदमा ‘एलियन टॉर्ट क्लेम्स एक्ट’ और ‘टॉर्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट’ के तहत दायर किया गया है। ये कानून इसलिए लागू किए गए ताकि मानवाधिकारों के हनन के पीड़ित, अमेरिका के बाहर अपराध होने पर भी अपने आरोपियों के खिलाफ न्याय की गुहार लगा सकें।

क्षतिपूर्ति और दंडात्मक कार्रवाई की मांग करने वाली 28 पन्नों की शिकायत में मोदी पर मानवता के खिलाफ अपराध करने, न्यायेत्तर हत्याएं करने, पीड़ितों (जिनमें से अधिकतर मुस्लिम हैं) को प्रताड़ित करने और उन्हें मानसिक एवं शारीरिक आघात पहुंचाने के आरोप हैं। एजेसी के अध्यक्ष जोसेफ व्हाइटिंगटन ने कहा कि मोदी तक सम्मन पहुंचाना आसान नहीं होगा, लेकिन यह वर्ष 2002 के दंगा पीड़ितों के लिए प्रतीकात्मक विजय होगी।

पन्नुन ने कहा प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को उन कार्यो के लिए छूट होगी जो उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर किये लेकिन उन कार्यो के लिए यह छूट नहीं होगी जो उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर किए जिस समय दंगे हुए थे।

महाराष्ट्र में लगेगा राष्ट्रपति शासन, केंद्र की मंजूरी,

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कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन टूटने और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शुक्रवार को इस्तीफा देने के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मंजूरी दे दी है।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की संक्षिप्त बैठक में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश करने का निर्णय किया गया।

कांग्रेस से गठबंधन टूटने और एनसीपी द्वारा राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कल इस्तीफा दे दिया था, जिसे राज्यपाल विद्यासागर राव ने आज स्वीकार कर लिया।

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति भवन और पीएमओ से

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स्वच्छ भारत अभियान के तहत शनिवार को राष्ट्रपति भवन और पीएमओ में सफाई अभियान की शुरुआत की गई। प्रेसिडेंशियल एस्टेट के दो हजार अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रपति भवन परिसर में सफाई अभियान में हिस्सा लिया। इनमें राष्ट्रपति के अंगरक्षक, आर्मी गार्ड और दिल्ली पुलिस के कर्मी शामिल थे। इनका नेतृत्व राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल ने किया। 

स्वच्छता अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति भवन के तीन विभिन्न खंडों में की गई और सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए 27 - 28 सितंबर के सप्ताहांत को कार्य दिवस घोषित किया गया था।  राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के मुताबिक सफाई अभियान गांधी जयंती दो अक्तूबर तक जारी रहेगा।  

उल्लेखनीय है कि दुर्गापूजा के चलते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गांधी जयंती पर पश्चिम बंगाल के मिराती में अपने पैतृक घर में रहेंगे। वह बीरभूम जिले के किरनहर शिव चन्द्र हाई स्कूल में महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस दौरान वे स्थानीय स्कूल के बच्चों द्वारा किए जाने वाले सफाई अभियान का शुभारंभ कराएंगे। 

एक सरकारी बयान के मुताबिक सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पीएमओ परिसर के अंदर चिन्हित स्थानों की सफाई की। सफाई अभियान के दौरान पुराने फर्नीचरों, अखबारों आदि को परिसर से हटाया गया एवं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया। साथ ही गलियारों की दीवारों को पेंटिंग और फोटो फ्रेम के साथ एक नया रूप दिया गया। इस मौके पर निबंध, बहस, चित्रकला प्रतियोगिता सहित कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया । 

 जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शनिवार को राजधानी के श्रम शक्ति भवन में अपने दफ्तर के आसपास साफ-सफाई की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मीडिया के सहयोग और आम लोगों की जागरुकता से गंदगी को दूर किया जा सकता है। लोग नियमित तौर पर साफ-सफाई पर ध्यान देंगे तो अन्य लोग भी इससे जुडेंगे। उन्होंने कहा कि वह मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए सफाई नहीं कर रही हैं, बल्कि मीडिया के नहीं होने पर भी वह यह काम करना चाहेंगी।

बिहार : अगर सरकार चाहे तो भूमि बन्दोबस्ती विधेयक 2013 के तहत अधिग्रहण से मुक्त कर दें

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  • ‘खून देंगे,जान देंगे, जमीन-मकान कभी न देंगे।’यह नारा बुलंद

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पटना। केन्द्र सरकार के द्वारा पारित भूमि बन्दोबस्ती विधेयक 2013 की धारा 24 (2) के आलोक में 1024.52 एकड़ जमीन को मुक्त कर सकती है। इसमें प्रावधान है कि अगर लोग चाहेंगे तो अधिग्रहण और भूमि बेची जा सकती है। हमलोग तो पूर्णतः बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा तथाकथित अधिग्रहण के विरोध में हैं। इनकी संख्या 1000 किसान और 10 हजार की संख्या में निर्मित मकान मालिकों की है। जो 1974 से ही बेहाल और परेशान हैं।

दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संद्यर्ष समिति के अध्यक्ष मनोरंजन प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण दीघा के किसान परेशान हैं। बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा किसानों को जमीन की कीमत नहीं अदा की है। वहीं बोर्ड ने सिर्फ 22 सौ रूपए प्रति कट्टा जमीन की कीमत निर्धारित की है। इस समय सरकार ने सर्किल रेट निर्धारित 27 लाख रूपए कर रखी है। तब यह सवाल उठता है कि बोर्ड के द्वारा किसानों को मात्रः 22 सौ रूपए कीमत निर्धारित कर रखी है। खुद 27 लाख रूपए कीमत निर्धारित कर रखी है। सरकार खरीदे कम कीमत पर और सरकार बेचे अधिक कीमत पर। यह अब चलना वाला नहीं है। इस स्थिति में हमलोग न तो जमीन का मुआवजा देंगे, न तो जमीन का मुआवजा लेंगे। सरकार के समक्ष एक राह है कि 1024.52 एकड़ भूमि को अधिग्रहण से पूर्णतः मुक्त कर दें। दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संद्यर्ष समिति के महासचिव वीरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि सुशासन सरकार के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 37 हजार लोगों का हस्ताक्षरयुक्त स्मार-पत्र देने का प्रयास किया गया। मगर श्री कुमार ने घास ही नहीं डाला। इससे समस्या और विकराल रूप धारण करने लगा। मजबूरी में हमलोगों ने गांधी,विनोबा,जयप्रकाश आदि के बताए मार्ग पर चलकर अहिंसात्मक आंदोलन करने लगे। अभी लगातार धरना ,प्रदर्शन ,सड़क जाम, नुक्कड़ सभा, मशाल जुलूस, आमसभा आदि करने लगे। इस बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात कर दीघा की भूमि को अधिग्रहण से मुक्त करने की मांग रखे। इस पर मुख्यमंत्री ने भरपूर आश्वासन दिए हैं। अगर सरकार आश्वासन पूर्ण नहीं करती है। तब 2015 का चुनाव का वहिष्कार कर दिया जाएगा। 

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अब दीघा के किसान एवं मजदूर नारा बुलंद करने लगे हैं। ‘खून देंगे,जान देंगे, जमीन-मकान कभी न देंगे।’यह नारा राजीव नगर, केशरी नगर, जयप्रकाश नगर, नेपाली नगर, चन्द्रविहार काॅलोनी के निवासियों ने भी लगाना प्रारंभ कर दिए हैं। इसके अलावा सरकार के द्वारा पारित दीघा भूमि बन्दोबस्ती विधेयक 2010 तथा नियमावली 2014 का जोरदार विरोध किया जा रहा है। इसका परिणाम भी दिखा जब दीघा भूमि बन्दोबस्ती विधेयक 2010 तथा नियमावली 2014 में अहम किरदार अदा करने वाले विधायक नितिन नवीन के विरोध में नारा बुलंद और आमसभा में जोरदार ढंग से हंगामा खड़ा कर दिया गया। 

इस अवसर पर विधायक नितिन नवीन ने कहा कि हमलोगों की समस्याओं से वाकिफ मेरे स्वर्गीय पिताश्री नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी थे। दीघा कृषि भूमि अधिग्रहण से मुक्त करने की मांग की जंग में शामिल थे। उनके परलोक सिधारने के बाद और खुद विधायक बनते ही 2006 में पहली बार फाइल देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसी समय से आंदोलन से मन से जुड़ गया हूं। पूर्व मुख्यमंत्री महोदय ने चुटकी लेते हुए कहा कि माननीय पटना उच्च न्यायालय से जीत का आदेश पारित मिल गया है। अब आप अपनी विधायकी बचा लें। 26 मार्च 2010 में दीघा भूमि बन्दोबस्ती विधेयक 2010 पारित की गयी। हम आपकी लड़ाई में एक कदम पीछे नहीं है। आप लोगों को जोड़े। यह बड़ी लड़ाई। इस बड़ी लड़ाई में सभी लोगों का साथ लें। अगर आपके समर्थन में आते हैं तो आपकी समस्याओं से सरोकार रखते हैं। आपस में मिलजुलकर कार्य करने से सफलता जरूर मिल जाएगी। 
आंदोलन के साथ सर्वश्री अशोक कुमार, के.के.सिंह, वी.वी.सिंह,आर.सी.सिंह,अमोद दत्ता, वीरेन्द्र कुमार, भानू प्रसाद, शालीग्राम सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह, ललटुना झा, रामविलास आचार्य, संजय कुमार सिंह, दीपक चैरसिया, धनराज देवी, मंटु सिंह, विनय सिंह, जग्गू सिंह, बलिन्दर कुमार , विपिन शंकर पराशर, दीपक कुमार, राजेश कुमार, कुमुन्द रंजन मिश्रा, सीताराम सिंह, रवि सिन्हा, सोनू पटेल, बिन्दी देवी, चन्द्रवंशी सिंह मुखिया, शशि कुमार, रामपदारथ सिंह, डा.रामान्द सिंह रहे। 




आलोक कुमार
बिहार 

आलेख : राजनीतिक दलों का साझा चूल्हा...!!

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अपने देश में गठबंधन की राजनीति के लड़ाई - झगड़े बिल्कुल पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद जैसे होते हैं। एक ही समय में  दोनों पक्षों  के कर्णधार आपस में हाथ मिला रहे होते हैं, तभी सीमा पर दोनों तरफ के सैनिक दांत पीसते नजर आते हैं। कभी हुआ कि अब लड़े ... कि अब लड़े, फिर पलक झपकते आपसी सामंजस्य बढ़ाने का साझा बयान जारी हो गया। लेकिन लड़ाई कभी - कभी असली भी होती है। बिल्कुल भाजपा - शिवसेना या कांग्रेस - एनसीपी गठबंधन की तरह। इन दलों के बीच न जाने कितनी बार एेसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई कि लगा कि अब दोनों को अलग हुए बिना कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन जैसे - तैसे गठबंधन चलता रहा। गठबंधन की राजनीति का सबसे पहला व सफल प्रयोग पश्चिम बंगाल  में कम्युनिस्ट दलों के बीच देखने को मिला। वाममोर्चा के घटक दल तमाम किंतु - परंतु के साथ लगातार 34 साल तक सरकार में बने रहे। 

एेसा नहीं कि इनके बीच हमेशा सौहार्द ही बना रहा। कार्यकर्ताओं के बीच खूनी लड़ाई - झगड़े तक हुए। बैठकों में तनातनी और आंखें तरेरने का सिलसिला भी लगातार चलता रहा। यह तनातनी समय और परिस्थतियों के हिसाब से नरम - गरम होती रही । वाम शासन काल के बिल्कुल अंतिम दौर में नंदीग्राम हिंसा को लेकर जब माकपा बुरी तरह से घिर गई थी, तब घटक दलों ने भी इसकी खूब लानत - मलानत की। लेकिन गठबंधन आज भी कायम है। सत्ता परिवर्तन के बाद भी प्रदेश में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गठबंधन रहा, लेकिन यह बमुश्किल एक साल ही चल पाया। लगभग अच्छे दिनों में ही दोनों दलों ने अपने - अपने चूल्हे अलग कर लिए। 90 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वी. पी. सिंह के दौर के कथित तीसरे मोर्चे को आखिर कोई कैसे भूल सकता है। जिसमें तमाम बेमेल विचारधारा वाले दल कुछ समय के लिए एक छत के नीचे रहने को मजबूर रहे। लेकिन जल्द ही उनमें अलगौझी हो गई। 

आज भी लगभग हर चुनाव के दौरान चौथे मोर्च की चर्चा उसी दौर की याद दिलाता है।  महाराष्ट्र में भी सत्ता व विरोधी दोनों खेमों का गठबंधन टूट गया। अस्तित्व में आने के बाद से अब तक न जाने कितनी बार भाजपा - शिवसेना और कांग्रेस - एनसीपी के बीच लट्ठ -लट्ठ की नौबत आई। लेकिन किंतु - परंतु के साथ कुनबा बरकरार रहा। कदाचित यह प्रेशर पॉलिटिक्स का ही परिणाम रहा  कि अच्छे और बुरे दिन वाले दोनो खेमों की दोस्ती टूट गई। शायद दबाव की राजनीति दोधारी तलवार की तरह होती है, जो दोनों तरफ से काटती है। जब कोई दल सत्ता में होता हैं तब भी साझेदार अधिक सीटों के लिए दबाव बनाते हैं कि ये  अच्छे  दिन सिर्फ आपकी वजह से नहीं आए, इसमें हमारा भी कुछ योगदान है। और जब बुरा दौर चलता है तब भी कि  बात नहीं मानी गई तो हमारा रास्ता अलग। वैसे भी अब आपकी हैसियत ही क्या है।





तारकेश कुमार ओझा,
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।

वार्ता की पुन: बहाली पर मोदी का बयान सराहनीय : पाकिस्तान

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Sartaj Aziz
पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्लामाबाद के साथ वार्ता के संबंध में दिए गए बयान को उत्साहवर्धक बताया। पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज में रविवार को प्रसारित खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मोदी के पाकिस्तान-भारत वार्ता को पुन: बहाल करने वाले बयान का स्वागत किया। अजीज ने जियो न्यूज से कहा कि मोदी का वार्ता फिर से बहाल करने का बयान उत्साहवर्धक है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में नवाज द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाया जाना बेहद महत्वपूर्ण था, ताकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह पता चले कि कौन से हितधारक समाधान की राह में बाधा बन रहे हैं। गौरतलब है कि मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान का मंच नहीं है।

मोदी ने कहा, "मैं पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के साये से दूर शांतिपूर्ण माहौल में गंभीर बातचीत के लिए तैयार हूं, ताकि हमारे बीच दोस्ती और सहयोग को प्रोत्साहन मिले। हालांकि, पाकिस्तान को भी उचित माहौल स्थिापित करने के लिए अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना चाहिए।"

न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू ने शपथ ली

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न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू ने रविवार को देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शपथ दिलाई। वह भारत के 42वें प्रधान न्यायाधीश हैं और वह दो दिसंबर, 2015 तक इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा का स्थान लिया है, जो 27 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं।

शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति के दरबार हॉल में संपन्न हुआ जिसमें उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एल.के.आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडु, पूर्व न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा और न्यायमूर्ति ए.एस.आनंद मौजूद थे। न्यायमूर्ति दत्तू 17 दिसंबर, 2008 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे और इससे पहले वह केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। 

वह 18 दिसंबर, 1995 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। इसके बाद वह 12 फरवरी, 2007 को छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। इसके तीन महीने बाद 18 मई, 2007 को उनका केरल उच्च न्यायालय में स्थानांतरण कर दिया गया। तीन दिसंबर, 1950 को प्रधान न्यायाधीश दत्तू ने 23 अक्टूबर 1975 में वकालत शुरू किया था।

इमरान खान लाहौर रैली के लिए तैयार

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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान लाहौर के मिनार-ए-पाकिस्तान में रविवार को रैली निकालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। 'डॉन'के मुताबिक, पीटीआई के नेताओं ने कहा कि रैली शाम पांच बजे के करीब शुरू होगी, इमरान शाम सात बजे रैली को संबोधित करेंगे। रैली स्थल पर पीटीआई ने बड़ा स्क्रीन लगाया है और बैठने की भी व्यवस्था की है। 

इससे पहले पीटीआई की लाहौर इकाई के अध्यक्ष अलीम खान ने रैली में भाग लेने वालों लोगों से कहा कि 28 सितंबर ऐतिहासिक दिन होगा, जब इमरान देश की सबसे बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। इमरान ने इससे पहले कहा था कि 'पाकिस्तान रिजोल्यूशन' 23 मार्च, 1940 को पारित हुआ था और अब देश की जनता 'नया पाकिस्तान रिजोल्यूशन' 28 सितंबर को पारित करेगी। 

ग्राहक संतुष्टि में दिल्ली मेट्रो दुनियाँ में शीर्ष 2 में

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ग्राहक संतुष्टि के मामले में दिल्ली मेट्रो को दुनिया की 18 मेट्रो प्रणालियों के बीच दूसरा सर्वोत्तम स्थान मिला है। यह जानकारी रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान से मिली। ग्लोबल मेट्रो बेंचमार्किं ग समूह 'नोवा'और 'कॉमेट'द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक तीन सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वालों में रहीं दिल्ली मेट्रो, लंदन डॉकलैंड्स लाइट रेलवे और बैंकाक। बयान के मुताबिक, "यह सर्वेक्षण यूरोपीय मानक 13816 के तहत किया गया, जो सरकारी परिवहन कंपनियों द्वारा पेश की जा रही सेवा की गुणवत्ता को मापने का स्थापित मानक है।"

सर्वेक्षण में उपलब्धता, सेवा हासिल करने सुविधा, उपयोग में आसानी, यात्रा पूर्व सूचना, यात्रा के दौरान सूचना, विश्वसनीयता, ग्राहक देखभाल, आराम, भीड़ और सुरक्षा जैसे पहलुओं पर सेवा का विश्लेषण किया गया। बयान के मुताबिक, "सर्वेक्षण में दुनिया भर के 41 हजार से अधिक लोगों ने अपनी राय दी। सर्वेक्षण 18 मेट्रो के वेबसाइटों और सोशल मीडिया लिंक के जरिए 28 अप्रैल से 25 मई के बीच इस साल कराया गया था।"

सर्वेक्षण में शामिल किए गए कुछ अन्य प्रमुख मेट्रो प्रणालियों में हैं हांगकांग एमटीआर, लंदन अंडरग्राउंड, मेट्रो डी मैड्रिड, पेरिस आरएटीपी, न्यूकैसल नेक्सस और मेट्रो रियो।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (28 सितम्बर)

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प्रधान शिक्षिका के विरूद्ध कार्रवाई नहीं करने पर अधिकारियों के विरूद्ध पटना उच्च न्यायालय में जाने की धमकी

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज प्रखण्ड के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी की उदासीनता व लापरवाही के कारण राजकीय प्राथमिक विद्यालय गदियानी टोला में अनियमितता चरम पर रहता है। उस क्षेत्र के अधिवक्ता लिपिक जहीर अहमद की शिकायत पर उच्चाधिकारी के निर्देश को ठेंगा दिखाने वाले बीईओ जगता नन्द राम ने आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किया। शिकायत पर एक जाँच के दौरान उस विद्यालय में 8 मई 2014 को विद्यालय में नामांकित 536 बच्चों के विरूद्ध मात्र 145 बच्चे मौजूद पाए गये और छात्रोपस्थिति पंजी का अवलोकन करने पर 423 बच्चों को विद्यालय प्रशासन ने उपस्थित बताया था। विद्यालय की शिक्षिकाएँ अनुपस्थित थी परन्तु उनकी उपस्थिति पंजी में मौजूद पाई गयीं। विद्यालय की प्रधान शिक्षिका की जगह उनके पति कार्य सम्पादन करते है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश रहता है अलबत्ता प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के मेल में रहने से काई कुछ नहीं बिगाड़ सकता हैं। जहीर अहमद द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगे गये सूचना के बावजूद कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गयी। जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहाँ अपील करने पर प्रधान शिक्षिका वहाँ डी ई ओ के आदेश का पालन भी नहीं कर सकी। जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्रांक 2897 दिनांक 9 सितम्बर 2013 और 3147 दिनांक  30 सितम्बर 2013 के अनुसार प्रधान शिक्षिका को हिदायत दी गयी कि जहीर अहमद द्वारा मांगी गयी सूचना के संबंध में आवश्यक कागजात मुहैया कराये जाए लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। इधर जहीर अहमद ने अधिकारियों से गदियानी टोला की प्रधान शिक्षिका के विरूद्ध सक्षम प्राधिकार से जाँच नहीं कराने व उनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं किये जाने की सूरत में सभी सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की धमकी दी गयी है। इससे सम्बन्धित सभी पत्र उच्चाधिकारियों और प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया है।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (28 सितम्बर)

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खुलासा यूपी पुलिस करे, गुड वर्क उत्तराखंड पुलिस का  
  • लूट के एक भी सामान की बरामदगी न होना कही फर्जी खुलासा तो नहीं!

देहरादून, 28 सितम्बर । उत्तराखंड पुलिस अब नकरोंदा मामले को लेकर भले ही अपनी पीठ क्यों न थपथपा ले लेकिन यदि उत्तरप्रदेश पुलिस ने नगीना लूट को न खोला होता तो उत्तराखंड की पुलिस आज भी अँधेरे में हाथ पांव मार रही होती. हुआ यह था कि बिजनौर एसओजी ने नगीना में हुई एक लूट के मामले में दो बदमाशों को दबोचा था। नगीना में पकडे गए दोनों बदमाशों से जब एसओजी ने अन्य वारदातों के बारे में पूछा तो इन्होने नकरौंदा कांड में हाथ की बात स्वीकार ली है। इसे बाद एसओजी ने उत्तराखंड पुलिस को इस मामले की फीड बेक दी जो बदमाशों को राज्य के आसपास के जिलों सहित पड़ोसी राज्यों के कई स्थानों पर ढूंढ-ढूंढकर  निराश हो चुकी दून पुलिस के लिए यह खबर वरदान सावित हुई है। सहायक कृषि अधिकारी के घर डकैती के दौरान उनके बेटे को मौत के घाट उतारने वाले बदमाश किस्मत से पुलिस के हाथ आ गए दोनों बदमाशों से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने घटना में घायल हुए तीसरे बदमाश नदीम को भी हरिद्वार से दबोच लिया है। बाकी बदमाशों की तलाश में सहारनपुर, शामली, मंगलौर और भगवानपुर के आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश चलती रही। इसी दिन देर रात अलग-अलग दिशाओं में दौड़ रही कई टीमें बिजनौर पहुंच गईं। देर रात तक कड़ी पूछताछ के बाद वारदात में शामिल बदमाशों के चेहरे बेनकाब हो गए। शनिवार सुबह से ही दून और बिजनौर पुलिस फरार बदमाशों की धरपकड़ और माल बरामदगी के लिए दबिश देती रही। देहरादून में काम कर चुकी बिजनौर की एसपी सिटी कल्पना सक्सेना और देहरादून के एसपी सिटी अजय सिंह पुलिस टीम के साथ रात दून लौट आए। इसके बाद पूरी कार्रवाई की जानकारी एसएसपी अजय रौतेला को दी गई। सूत्रों की मानें तो इस गैंग में यूपी सहारनपुर निवासी साजिद और साजिद उर्फ मोटा, साजिद का साला इखलाक निवासी भगवानपुर हरिद्वार, अनीस निवासी मंगलौर रुड़की, मुच्छड़ निवासी शामली और बिजनौर का एक बदमाश शामिल था। हरिद्वार निवासी नदीम को पुलिस ने दबोच लिया। नदीम सहायक कृषि अधिकारी के घर से भागते वक्त घायल हो गया था।बदमाशों से पुलिस पूछताछ में मिली जानकारी के मुताबिक नकरौंदा में वारदात को अंजाम देने वाला यह गैंग हरिद्वार कारागार में रहते हुए बना था। यूपी और उत्तराखंड के यह अपराधी आपस में परिचित नहीं थे। एक साथ जेल में रहते हुए उनकी मुलाकात हुई थी। बाहर आने के बाद इन बदमाशों ने मिलकर गैंग चलाने का फैसला किया। रविवार को पुलिस मुख्यालय में इस मामले का खुलासा करते हुए डीजीपी सिद्धु ने पुलिस टीम को 20 हजार रूपये ईनाम स्वरूप दिये और एक लाख रूपये की संस्तुति मुख्यंमत्री को की है। बीती देर रात तक दोनों जिलों के अधिकारी कार्रवाई का खाका तैयार करने में जुटे थे.लेकिन असली मामला अब थपलियाल के घर से लुटे गए सामान की बरामदगी को लेकर फंसा था जो अभी तक बरामद नहीं हो पाया है इसी से पता चलेगा कि पुलिस को कितनी कामयाबी मिली है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त नदीम पुत्र मोइनुददीन निवासी मोहितपुर थाना भगवानपुर जनपद हरिद्वार, अभियुक्त शहजाद उर्फ यामीन पुत्र मौ.शफीक अहमद निवासी मोमीन नगर, कोतवाली देहात जिला बिजनौर को बिजनौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। जबकि अन्य में साजिद पुत्र नानू निवासी झबरेडा थाना झबरेडा जनपद हरिद्वार, साजिद पहलवान पुत्र चैधरी सत्तार निवासी मानकमऊ जनपद सहारनपुर हाल निवासी हसनपुर चूंगी, सहारनपुर, अकरम निवासी ग्राम बुंटा, थाना भवन जनपद मुजफरनगर, अखलाक पुत्र इस्लाम निवासी रोशनाबाद जनपद हरिद्वार शामिल हैं जिनसे घटना में लूट गये जेवरात को बेचकर उसके हिस्से में आये 18,000 रूपये में से 14,250 रूपये बरामद किये गये बताया गया है। गौरतलब हो कि 10 सितंबर को तड़के साढ़े तीन बजे सात बदमाश नकरौंदा में विवेक विहार निवासी सहायक कृषि अधिकारी सुरेंद्र सिंह थपलियाल के घर में घुस गए थे। बदमाशों ने रॉड से हमला कर सुरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी अंजनि को लहूलुहान कर दिया था और मां-बाप को बचाने के लिए उनका बेटा अंकित बदमाशों से भिड़ गया था। इसी बीच एक बदमाश ने अंकित को गोली मार दी थी। बदमाशों ने मकान के एक हिस्से में किराए पर रहने वाले एलआईयू सिपाही रघुबीर सिंह की पत्नी शांति की भी पिटाई की थी और नकदी और जेवरात लूटकर फरार हो गए थे। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने डकैती में शामिल रहे बदमाश नदीम की शनाख्त भी सुरेन्द्र सिंह थपलियाल से कराई जिसको उन्होंने पहचान भी लिया है। इस कार्रवाई को बेहद गोपनीय रूप से अंजाम दिया गया। यह वहीं बदमाश था जो घटना के बाद घायल हो गया था। परिजनों सहित पुलिस के अधिकारियों ने भी घटना के बारे में कुछ भी बोलने से परहेज किया। 

पुलिस ने किया नकरौंदा लूट एवं हत्या का खुलासा, दो आरोपी पुलिस गिरफ्त में, 4 फरार

देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। गत 10 सितम्बर को रायपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बालावाला के नकरौंदा, विवेक विहार में हुई लूट एवं हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धु ने बताया कि एक आरोपी दून पुलिस व एक अन्य यूपी पुलिस की गिरफ्त में है। जबकि 4 आरोपी अभी फरार हंै। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश के कब्जे से लूट से हिस्से में आये 14250 रुपये बरामद कर लिये। डीजीपी ने लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। जबकि एक लाख के इनाम का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि नकरौंदा के विवेक विहार में सुरेन्द्र थपलियाल के घर में घुसकर उनके पुत्र अंकित की हत्या कर लूट करने वाले गिरोह के एक सदस्य नदीप पुत्र मोइनुद्दीन निवासी मोहितपुर जनपद हरिद्वार को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से लूट से उसके हिस्से में आये 14250 रुपये बरामद कर लिये। गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि गत 9 सितम्बर की रात्रि शहजाद उर्फ यामीन पुत्र मौ. शफीक निवासी कोतवाली देहात बिजनौर, साजिद पुत्र नानू निवासी झबरेड़ा हरिद्वार, साजिद पहलवान पुत्र चैधरी सत्तार निवासी मानकमऊ, सहारनपुर और अकरम निवासी ग्राम बुंटा निवासी मुजफ्फरनगर सहारनपुर में एकत्र हुए और वहां से बस के जरिये आईएसबीटी देहरादून पहुंचे। वहां से वह आॅटो के जरिये नकरौंदा विवेक विहार पहुंचे। जहां उन्हें अखलाक पुत्र इस्लाम निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार मिला। अखलाक देहरादून में टैक्ट्रर चलाता है। आरोपी 9 बजे के लगभग घटना स्थल पर पहुंचे और झाडि़यों में छिप गये। बाद में मौका देख साजिद ने सुरेन्द्र थपलियाल के घर की ग्रिल उखाड़ी जहां से सब घर के अन्दर दाखिल हुए। जैसे ही वह घर के अन्दर दाखिल हुए तो सुरेन्द्र थपलियाल की पत्नी की आंख खुल गयी। इसपर उसके शोर मचाने पर लुटेरों ने घर में मौजूद लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट का शोर सुनकर ऊपर के कमरे में सो रहा सुरेन्द्र थपलियाल का पुत्र अंकित भी उठकर नीचे आ गया। इस दौरान दिलेरी दिखाते हुए अंकित ने बदमाशों में से एक से तमंचा छीन लिया। जिसके कारण दूसरे बदमाश ने अंकित को गोली मार दी, जिसके कारण अंकित की मौके पर ही मौत हो गयी। मारपीट के दौरान बदमाशों ने अपने ही साथी नदीम के सर पर गलती से डंडा मार दिया जिससे वह घायल हो गया। बदमाश लूट की घटना को आंजाम देकर जंगल के रास्ते फरार हो गये। बदमाश मैक्स गाड़ी से हरिद्वार पहुंचे और वहां से अपन-अपनेे घर पहुंच गये। डीजीपी ने बताया कि बालावाला की लूट की घटना के बाद इस गिरोह ने बिजनौर के नगीने में भी लूट की एक घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि यह गिरोह ऐसे मकानों को चिन्हित करता है जिसके पास खाली प्लाट व झाडि़याु हो और यह रेलवे स्टेशन या मेन रोड़ के नजदीक हो। इस मकान की ग्रिल में पेच लगे हों। जिससे आसानी से उखाड़ कर घर के अंदर घुसा जा सके। यह डंडे और तमंचे लेकर घर के अंदर घुसते हैं और विरोध करने पर हत्या कर देते हैं। डीजीपी ने कहा कि फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास लुटेरों के खिलाफ मजबूत फोरैंसिक साक्ष्य हैं। पुलिस के पास फिंगर प्रिट और मौके पर घायल हुए बदमाश के बल्ड़ सैंपल भी हैं जिसके कारण लुटेरों को सजा दिलाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि लूूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रूपये का इनाम देने की घोषणा की गयी है। जबकि एक लाख रूपये के इनाम देने के लिए सरकार से संस्तुति की गयी है।

दफौती के निधन पर जताया दुख

देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनपद बागेश्वर के राज्य आंदोलनकारी गुसाई सिंह दफौती के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने स्व. दफौती की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्व. दफौती के राज्य आंदोलन में दिये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इसी तरह मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कर्मचारी नेता दौलत राम सेमवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने स्व. सेमवाल की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा स्व. सेमवाल कर्मचारी संगठनों व सामाजिक संगठनों से भी जुड़े थंे।

पीएम राहत कोष में दिये 1.51 लाख का चेक

देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। रविवार को मुख्यमंत्री आवास बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेड़ीज क्लब बीएचईएल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 01 लाख 51 हजार रूपये का चेक भेंट किया। इस अवसर मुख्यमंत्री श्री रावत ने लेड़ीज क्लब बीएचईएल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को ही नहीं निभाती है, बल्कि समाज के प्रति भी सजग रहती है। इस अवसर पर श्रीमती ज्योसना अश्वनी और लेड़ीज क्लब बीएचईएल के सदस्य मौजूद थे।

तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन संपन्न
  • किसी धर्म-विशेष तक सीमित नहीं संस्कृत भाषा: राज्यपाल 

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देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। उत्तराखंड के श्री राज्यपाल डा.अज़ीज़ कुरैशी ने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत की यदि कोई सर्वमान्य भाषा हो सकती है तो वह संस्कृत है। संस्कृत भाषा किसी धर्म-विशेष तक सीमित नहीं है, भोपाल के मुसलिम शासकों ने 240 साल तक संस्कृत की पढ़ाई जारी रखी। हमें संस्कृत भाषा की गहराइयों को समझना होगा। उन्हांेने संस्कृत के राष्ट्रव्यापी विस्तार के लिए राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति के कुलपति की अध्यक्षता में कुलपतियों की स्टैंडिग कमेटी गठित करने का ऐलान किया। यह कमेटी संस्कृत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विजन-डाक्यूमेंट तैयार करेगी जिसके आधार पर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी।  रविवार को राजभवन के प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय ‘अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन’ के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति उनका बचपन से लगाव रहा है। देवभूमि उत्तराखंड संस्कृत भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाये, देश-विदेश में संस्कृत शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े, इसके लिये उन्होंने आयोजन की पहल की। राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत को मजबूती प्रदान करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के कुलपति की अध्यक्षता में सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल करते हुए उच्च स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी बनाने की घोषणा की। उन्होंने सुझाव दिया कि यह कमेटी जल्द बैठक आयोजित करके संस्कृत के राष्ट्रीय स्तर का विजन-डाक्यूमेंट तैयार करे। यह कमेटी संस्कृत का आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ने के लिए भी केंद्र सरकार के लिए अनुशंसाएं तैयार करेगी। इस कार्य के समन्वय की जिम्मेदारी उत्तराखंड संस्कृत वि.वि. के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल को सौंपी गई है। समिति की पहली बैठक अगले महीने दिल्ली में होगी। श्री राज्यपाल ने विभिन्न संदर्भाें और उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि भोपाल की मुसलिम रिसायत के स्कूल-काॅलेजों में करीब 240 साल तक संस्कृत पढ़ाई गई। इससे पता चलता है कि संस्कृत किसी धर्म या वर्ग विशेष तक सीमित नहीं है। उन्होंने मौजूदा वैश्विक हालात के परिप्रेक्ष्य में कहा कि यदि कालिदास वर्तमान परिवेश में मेघदूत की रचना करते तो वे उत्तराखंड के सुरम्य पर्वतों, सुहानी हवाओं, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाते और दुनिया भर से आतंकवाद, अत्याचार, शोषण को बटोरकर उसे गहरे समुद्र में दफन कर पूरे विश्व को शांति और अमन का पैगाम देते।  इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि गंगा व हिमालय के जो प्रयास हो रहे हैं, वैसे ही प्रयास संस्कृत भाषा के विकास के लिये भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा संस्कृत भाषा के विकास के लिये जो पहल की गई है, उसे आगे बढ़ाया जायेगा। इस सम्मेलन के निष्कर्षों को प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जायेगा। उन्हांेने श्री राज्यपाल को आश्वस्त किया कि वे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। समारोह की विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री दीपा कौल ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति का हिस्सा है। संस्कृत को बचाकर ही हम अपनी संस्कृति को बचा पाएंगे। उन्हांेने संस्कृत के विकास-विस्तार के लिए आधुनिक संचार माध्यमों के उपयोग पर जोर दिया। समापन समारोह को गुरुकुल कांगड़ी विवि के पूर्व उप-कुलपति प्रो. वेदप्रकाश, श्री जगन्नाथ पुरी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकृष्ण सतपथी, प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी, डाॅ. नंदिता शास्त्री, रजनीश शुक्ल ने संबोधित किया। समारोह का संचालन संस्कृत वि.वि. के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने किया। इस मौके पर लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. डी.पी. जोशी, लोक सेवा आयोग की सदस्य डाॅ. छाया शुक्ला, प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रो. वीके जैन, प्रो. एच.एस. धामी, प्रो. यू.एस. रावत, प्रो. एम.सी. पन्त, अपर मुख्य सचिव एस. राजू, राज्यपाल के सचिव अरुण ढौंडियाल, प्रभावी सचिव डाॅ. निधि पांडेय आदि अनेक विशिष्ट लोग मौजूद थे। 

तमिलनाडु : पन्नीरसेल्वम को दोबारा मिली कमान

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एआईएडीएमके के विधायकों ने रविवार को तमिलनाडु के वित्त मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को विधायक दल का नेता चुन लिया। इस तरह वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का स्थान लेंगे। चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी गई। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पन्नीरसेल्वम राज्यपाल के. रोसैया से आज देर शाम तक मिलेंगे। विधायक दल की बैठक के पूर्व पन्नीरसेल्वम और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता रविवार को बेगलुरू केद्रीय कारागार में जयललिता से मिले थे। जयललिता अपनी पार्टी एआईएडीएमके की महासचिव भी हैं। जयललिलता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में शनिवार को चार साल जेल की सजा सुनाई गई और फिलहाल वह जेल में हैं। 

इसी तरह की परिस्थिति में पन्नीरसेल्वम 2001 में भी मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल चुके हैं। 2001 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद जयलिलता को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। उस वक्त भी अभिनेत्री से नेता बनीं जयलिलता ने वरिष्ठ मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम पर ही भरोसा जताया था और मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें नामित किया था। वर्ष 2001 में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले में कहा था कि आपराधिक कृत्य में दोषी करार दिए जाने के बाद वह पद पर बने नहीं रह सकतीं। 

वर्ष 2002 में मद्रास उच्च न्यायालय से बरी होने के बाद वह फिर से मुख्यमंत्री बन गईं। बाद में वह आंदीपत्ती विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गईं। पन्नीरसेल्वम फिलहाल प्रदेश सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 1951 में जन्मे पन्नीरसेल्वम किसान परिवार से आते हैं। बताया जाता है कि उनके पास कुछ कृषि भूमि है और वह एक चाय की दुकान भी चलाते थे जो अब भी मौजूद है। वह पेरियाकुलम नगर निगम के 1996 में अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2001 में वह पहली बार विधायक चुने गए और जयललिता सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए। 

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आय के ज्ञात स्रोत से 66 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति जमा करने के एक मामले में शनिवार को अदालत ने दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। जयललिता के जेल जाने से राज्य सरकार पर खतरा नहीं है, क्योंकि 234 सदस्यीय विधानसभा में एआईएडीएमके के पास 150 सीटें हैं। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा था और उसने प्रदेश की 39 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की थी। 
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