खुलासा यूपी पुलिस करे, गुड वर्क उत्तराखंड पुलिस का
- लूट के एक भी सामान की बरामदगी न होना कही फर्जी खुलासा तो नहीं!
देहरादून, 28 सितम्बर । उत्तराखंड पुलिस अब नकरोंदा मामले को लेकर भले ही अपनी पीठ क्यों न थपथपा ले लेकिन यदि उत्तरप्रदेश पुलिस ने नगीना लूट को न खोला होता तो उत्तराखंड की पुलिस आज भी अँधेरे में हाथ पांव मार रही होती. हुआ यह था कि बिजनौर एसओजी ने नगीना में हुई एक लूट के मामले में दो बदमाशों को दबोचा था। नगीना में पकडे गए दोनों बदमाशों से जब एसओजी ने अन्य वारदातों के बारे में पूछा तो इन्होने नकरौंदा कांड में हाथ की बात स्वीकार ली है। इसे बाद एसओजी ने उत्तराखंड पुलिस को इस मामले की फीड बेक दी जो बदमाशों को राज्य के आसपास के जिलों सहित पड़ोसी राज्यों के कई स्थानों पर ढूंढ-ढूंढकर निराश हो चुकी दून पुलिस के लिए यह खबर वरदान सावित हुई है। सहायक कृषि अधिकारी के घर डकैती के दौरान उनके बेटे को मौत के घाट उतारने वाले बदमाश किस्मत से पुलिस के हाथ आ गए दोनों बदमाशों से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने घटना में घायल हुए तीसरे बदमाश नदीम को भी हरिद्वार से दबोच लिया है। बाकी बदमाशों की तलाश में सहारनपुर, शामली, मंगलौर और भगवानपुर के आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश चलती रही। इसी दिन देर रात अलग-अलग दिशाओं में दौड़ रही कई टीमें बिजनौर पहुंच गईं। देर रात तक कड़ी पूछताछ के बाद वारदात में शामिल बदमाशों के चेहरे बेनकाब हो गए। शनिवार सुबह से ही दून और बिजनौर पुलिस फरार बदमाशों की धरपकड़ और माल बरामदगी के लिए दबिश देती रही। देहरादून में काम कर चुकी बिजनौर की एसपी सिटी कल्पना सक्सेना और देहरादून के एसपी सिटी अजय सिंह पुलिस टीम के साथ रात दून लौट आए। इसके बाद पूरी कार्रवाई की जानकारी एसएसपी अजय रौतेला को दी गई। सूत्रों की मानें तो इस गैंग में यूपी सहारनपुर निवासी साजिद और साजिद उर्फ मोटा, साजिद का साला इखलाक निवासी भगवानपुर हरिद्वार, अनीस निवासी मंगलौर रुड़की, मुच्छड़ निवासी शामली और बिजनौर का एक बदमाश शामिल था। हरिद्वार निवासी नदीम को पुलिस ने दबोच लिया। नदीम सहायक कृषि अधिकारी के घर से भागते वक्त घायल हो गया था।बदमाशों से पुलिस पूछताछ में मिली जानकारी के मुताबिक नकरौंदा में वारदात को अंजाम देने वाला यह गैंग हरिद्वार कारागार में रहते हुए बना था। यूपी और उत्तराखंड के यह अपराधी आपस में परिचित नहीं थे। एक साथ जेल में रहते हुए उनकी मुलाकात हुई थी। बाहर आने के बाद इन बदमाशों ने मिलकर गैंग चलाने का फैसला किया। रविवार को पुलिस मुख्यालय में इस मामले का खुलासा करते हुए डीजीपी सिद्धु ने पुलिस टीम को 20 हजार रूपये ईनाम स्वरूप दिये और एक लाख रूपये की संस्तुति मुख्यंमत्री को की है। बीती देर रात तक दोनों जिलों के अधिकारी कार्रवाई का खाका तैयार करने में जुटे थे.लेकिन असली मामला अब थपलियाल के घर से लुटे गए सामान की बरामदगी को लेकर फंसा था जो अभी तक बरामद नहीं हो पाया है इसी से पता चलेगा कि पुलिस को कितनी कामयाबी मिली है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त नदीम पुत्र मोइनुददीन निवासी मोहितपुर थाना भगवानपुर जनपद हरिद्वार, अभियुक्त शहजाद उर्फ यामीन पुत्र मौ.शफीक अहमद निवासी मोमीन नगर, कोतवाली देहात जिला बिजनौर को बिजनौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। जबकि अन्य में साजिद पुत्र नानू निवासी झबरेडा थाना झबरेडा जनपद हरिद्वार, साजिद पहलवान पुत्र चैधरी सत्तार निवासी मानकमऊ जनपद सहारनपुर हाल निवासी हसनपुर चूंगी, सहारनपुर, अकरम निवासी ग्राम बुंटा, थाना भवन जनपद मुजफरनगर, अखलाक पुत्र इस्लाम निवासी रोशनाबाद जनपद हरिद्वार शामिल हैं जिनसे घटना में लूट गये जेवरात को बेचकर उसके हिस्से में आये 18,000 रूपये में से 14,250 रूपये बरामद किये गये बताया गया है। गौरतलब हो कि 10 सितंबर को तड़के साढ़े तीन बजे सात बदमाश नकरौंदा में विवेक विहार निवासी सहायक कृषि अधिकारी सुरेंद्र सिंह थपलियाल के घर में घुस गए थे। बदमाशों ने रॉड से हमला कर सुरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी अंजनि को लहूलुहान कर दिया था और मां-बाप को बचाने के लिए उनका बेटा अंकित बदमाशों से भिड़ गया था। इसी बीच एक बदमाश ने अंकित को गोली मार दी थी। बदमाशों ने मकान के एक हिस्से में किराए पर रहने वाले एलआईयू सिपाही रघुबीर सिंह की पत्नी शांति की भी पिटाई की थी और नकदी और जेवरात लूटकर फरार हो गए थे। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने डकैती में शामिल रहे बदमाश नदीम की शनाख्त भी सुरेन्द्र सिंह थपलियाल से कराई जिसको उन्होंने पहचान भी लिया है। इस कार्रवाई को बेहद गोपनीय रूप से अंजाम दिया गया। यह वहीं बदमाश था जो घटना के बाद घायल हो गया था। परिजनों सहित पुलिस के अधिकारियों ने भी घटना के बारे में कुछ भी बोलने से परहेज किया।
पुलिस ने किया नकरौंदा लूट एवं हत्या का खुलासा, दो आरोपी पुलिस गिरफ्त में, 4 फरार
देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। गत 10 सितम्बर को रायपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बालावाला के नकरौंदा, विवेक विहार में हुई लूट एवं हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धु ने बताया कि एक आरोपी दून पुलिस व एक अन्य यूपी पुलिस की गिरफ्त में है। जबकि 4 आरोपी अभी फरार हंै। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश के कब्जे से लूट से हिस्से में आये 14250 रुपये बरामद कर लिये। डीजीपी ने लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की। जबकि एक लाख के इनाम का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि नकरौंदा के विवेक विहार में सुरेन्द्र थपलियाल के घर में घुसकर उनके पुत्र अंकित की हत्या कर लूट करने वाले गिरोह के एक सदस्य नदीप पुत्र मोइनुद्दीन निवासी मोहितपुर जनपद हरिद्वार को उसके गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से लूट से उसके हिस्से में आये 14250 रुपये बरामद कर लिये। गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि गत 9 सितम्बर की रात्रि शहजाद उर्फ यामीन पुत्र मौ. शफीक निवासी कोतवाली देहात बिजनौर, साजिद पुत्र नानू निवासी झबरेड़ा हरिद्वार, साजिद पहलवान पुत्र चैधरी सत्तार निवासी मानकमऊ, सहारनपुर और अकरम निवासी ग्राम बुंटा निवासी मुजफ्फरनगर सहारनपुर में एकत्र हुए और वहां से बस के जरिये आईएसबीटी देहरादून पहुंचे। वहां से वह आॅटो के जरिये नकरौंदा विवेक विहार पहुंचे। जहां उन्हें अखलाक पुत्र इस्लाम निवासी रोशनाबाद, हरिद्वार मिला। अखलाक देहरादून में टैक्ट्रर चलाता है। आरोपी 9 बजे के लगभग घटना स्थल पर पहुंचे और झाडि़यों में छिप गये। बाद में मौका देख साजिद ने सुरेन्द्र थपलियाल के घर की ग्रिल उखाड़ी जहां से सब घर के अन्दर दाखिल हुए। जैसे ही वह घर के अन्दर दाखिल हुए तो सुरेन्द्र थपलियाल की पत्नी की आंख खुल गयी। इसपर उसके शोर मचाने पर लुटेरों ने घर में मौजूद लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट का शोर सुनकर ऊपर के कमरे में सो रहा सुरेन्द्र थपलियाल का पुत्र अंकित भी उठकर नीचे आ गया। इस दौरान दिलेरी दिखाते हुए अंकित ने बदमाशों में से एक से तमंचा छीन लिया। जिसके कारण दूसरे बदमाश ने अंकित को गोली मार दी, जिसके कारण अंकित की मौके पर ही मौत हो गयी। मारपीट के दौरान बदमाशों ने अपने ही साथी नदीम के सर पर गलती से डंडा मार दिया जिससे वह घायल हो गया। बदमाश लूट की घटना को आंजाम देकर जंगल के रास्ते फरार हो गये। बदमाश मैक्स गाड़ी से हरिद्वार पहुंचे और वहां से अपन-अपनेे घर पहुंच गये। डीजीपी ने बताया कि बालावाला की लूट की घटना के बाद इस गिरोह ने बिजनौर के नगीने में भी लूट की एक घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि यह गिरोह ऐसे मकानों को चिन्हित करता है जिसके पास खाली प्लाट व झाडि़याु हो और यह रेलवे स्टेशन या मेन रोड़ के नजदीक हो। इस मकान की ग्रिल में पेच लगे हों। जिससे आसानी से उखाड़ कर घर के अंदर घुसा जा सके। यह डंडे और तमंचे लेकर घर के अंदर घुसते हैं और विरोध करने पर हत्या कर देते हैं। डीजीपी ने कहा कि फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास लुटेरों के खिलाफ मजबूत फोरैंसिक साक्ष्य हैं। पुलिस के पास फिंगर प्रिट और मौके पर घायल हुए बदमाश के बल्ड़ सैंपल भी हैं जिसके कारण लुटेरों को सजा दिलाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि लूूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रूपये का इनाम देने की घोषणा की गयी है। जबकि एक लाख रूपये के इनाम देने के लिए सरकार से संस्तुति की गयी है।
दफौती के निधन पर जताया दुख
देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनपद बागेश्वर के राज्य आंदोलनकारी गुसाई सिंह दफौती के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने स्व. दफौती की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्व. दफौती के राज्य आंदोलन में दिये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इसी तरह मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कर्मचारी नेता दौलत राम सेमवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने स्व. सेमवाल की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा स्व. सेमवाल कर्मचारी संगठनों व सामाजिक संगठनों से भी जुड़े थंे।
पीएम राहत कोष में दिये 1.51 लाख का चेक
देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। रविवार को मुख्यमंत्री आवास बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत को लेड़ीज क्लब बीएचईएल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 01 लाख 51 हजार रूपये का चेक भेंट किया। इस अवसर मुख्यमंत्री श्री रावत ने लेड़ीज क्लब बीएचईएल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को ही नहीं निभाती है, बल्कि समाज के प्रति भी सजग रहती है। इस अवसर पर श्रीमती ज्योसना अश्वनी और लेड़ीज क्लब बीएचईएल के सदस्य मौजूद थे।
तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन संपन्न
- किसी धर्म-विशेष तक सीमित नहीं संस्कृत भाषा: राज्यपाल
देहरादून, 28 सितम्बर (निस)। उत्तराखंड के श्री राज्यपाल डा.अज़ीज़ कुरैशी ने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत की यदि कोई सर्वमान्य भाषा हो सकती है तो वह संस्कृत है। संस्कृत भाषा किसी धर्म-विशेष तक सीमित नहीं है, भोपाल के मुसलिम शासकों ने 240 साल तक संस्कृत की पढ़ाई जारी रखी। हमें संस्कृत भाषा की गहराइयों को समझना होगा। उन्हांेने संस्कृत के राष्ट्रव्यापी विस्तार के लिए राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति के कुलपति की अध्यक्षता में कुलपतियों की स्टैंडिग कमेटी गठित करने का ऐलान किया। यह कमेटी संस्कृत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विजन-डाक्यूमेंट तैयार करेगी जिसके आधार पर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी। रविवार को राजभवन के प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय ‘अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन’ के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति उनका बचपन से लगाव रहा है। देवभूमि उत्तराखंड संस्कृत भाषा के विकास में अग्रणी भूमिका निभाये, देश-विदेश में संस्कृत शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े, इसके लिये उन्होंने आयोजन की पहल की। राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत को मजबूती प्रदान करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के कुलपति की अध्यक्षता में सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल करते हुए उच्च स्तरीय स्टैंडिंग कमेटी बनाने की घोषणा की। उन्होंने सुझाव दिया कि यह कमेटी जल्द बैठक आयोजित करके संस्कृत के राष्ट्रीय स्तर का विजन-डाक्यूमेंट तैयार करे। यह कमेटी संस्कृत का आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ने के लिए भी केंद्र सरकार के लिए अनुशंसाएं तैयार करेगी। इस कार्य के समन्वय की जिम्मेदारी उत्तराखंड संस्कृत वि.वि. के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल को सौंपी गई है। समिति की पहली बैठक अगले महीने दिल्ली में होगी। श्री राज्यपाल ने विभिन्न संदर्भाें और उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि भोपाल की मुसलिम रिसायत के स्कूल-काॅलेजों में करीब 240 साल तक संस्कृत पढ़ाई गई। इससे पता चलता है कि संस्कृत किसी धर्म या वर्ग विशेष तक सीमित नहीं है। उन्होंने मौजूदा वैश्विक हालात के परिप्रेक्ष्य में कहा कि यदि कालिदास वर्तमान परिवेश में मेघदूत की रचना करते तो वे उत्तराखंड के सुरम्य पर्वतों, सुहानी हवाओं, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाते और दुनिया भर से आतंकवाद, अत्याचार, शोषण को बटोरकर उसे गहरे समुद्र में दफन कर पूरे विश्व को शांति और अमन का पैगाम देते। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि गंगा व हिमालय के जो प्रयास हो रहे हैं, वैसे ही प्रयास संस्कृत भाषा के विकास के लिये भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा संस्कृत भाषा के विकास के लिये जो पहल की गई है, उसे आगे बढ़ाया जायेगा। इस सम्मेलन के निष्कर्षों को प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जायेगा। उन्हांेने श्री राज्यपाल को आश्वस्त किया कि वे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। समारोह की विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री दीपा कौल ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति का हिस्सा है। संस्कृत को बचाकर ही हम अपनी संस्कृति को बचा पाएंगे। उन्हांेने संस्कृत के विकास-विस्तार के लिए आधुनिक संचार माध्यमों के उपयोग पर जोर दिया। समापन समारोह को गुरुकुल कांगड़ी विवि के पूर्व उप-कुलपति प्रो. वेदप्रकाश, श्री जगन्नाथ पुरी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिकृष्ण सतपथी, प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी, डाॅ. नंदिता शास्त्री, रजनीश शुक्ल ने संबोधित किया। समारोह का संचालन संस्कृत वि.वि. के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने किया। इस मौके पर लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. डी.पी. जोशी, लोक सेवा आयोग की सदस्य डाॅ. छाया शुक्ला, प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रो. वीके जैन, प्रो. एच.एस. धामी, प्रो. यू.एस. रावत, प्रो. एम.सी. पन्त, अपर मुख्य सचिव एस. राजू, राज्यपाल के सचिव अरुण ढौंडियाल, प्रभावी सचिव डाॅ. निधि पांडेय आदि अनेक विशिष्ट लोग मौजूद थे।