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हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज

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हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पेप्पर स्प्रे (काली मिर्च का पाउडर) छोड़ा जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं. इस बीच छात्र नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत के लिए फिर सहमति जताई है. विरोध प्रदर्शन का सातवां दिन है और लोकतंत्र समर्थक, सरकारी मुख्यालयों के समीप एडमाइरेल्टी जिले में शांति रैली निकालने के लिए एकत्र हुए. वह लोग लोकतंत्र के पक्ष में नारे लगा रहे थे.

इसी बीच मोंग कॉक जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को घेर कर अपराधियों के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया जिसके बाद पुलिस ने उन पर पेप्पर स्प्रे छोड़ा. पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया और फिर दोनों पक्षों में झड़पें हुईं और वहां तनाव फैल गया. लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी पूरे सप्ताह आंदोलन करते रहे. प्रदर्शनकारी ऐसे व्यक्ति को नामित करने का अधिकार मांग रहे हैं जो वर्ष 2017 में होने जा रहे चुनावों में उनके नेता के तौर पर खड़ा हो सके. बीजिंग का कहना है कि चुनाव में वही प्रत्याशी खड़े होंगे जिन्हें उसने मंजूरी दी है.

विदेशी पूंजी भंडार मामले में भारत 8वें स्थान पर

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विश्व बैंक के 'डाटा'खंड में 'इंडिकेटर'पृष्ठ पर 'अर्थव्यवस्था और विकास'मुख्य शीर्षक के तहत 'कुल भंडार (स्वर्ण भंडार और डॉलर सहित)'उप शीर्षक लिंक से जुड़े पृष्ठ पर उपलब्ध ताजातरीन 2013 के आंकड़े के मुताबिक चीन के पास दुनिया में सबसे बड़ा 3,880 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी पूंजी भंडार है. विश्व बैंक के मुताबिक इस भंडार में संबंधित देशों का स्वर्ण भंडार भी शामिल है. इसके अलावा इसमें विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में संबंधित देश का सुरक्षित भंडार और विदेशी मुद्रा भंडार को शामिल किया गया है.

स्वर्ण भंडार की गणना 31 दिसंबर 2013 को लंदन में सोने की कीमत के आधार पर की गई है और पूरा आंकड़ा डॉलर में है. यह सूची हालांकि सर्वाधिक से न्यूनतम भंडार के आधार पर सजाई गई नहीं है, बल्कि देशों के नाम के वर्णक्रम पर आधारित है.

विभिन्न देशों के आंकड़ों की तुलना करने पर चीन का भंडार सबसे अधिक देखा गया. सूची के मुताबिक आलोच्य अवधि में भारत के पास 298 अरब डॉलर का विदेशी पूंजी भंडार है और यह आठवें स्थान पर है. चीन के अलावा भारत से अधिक भंडार रखने वालों में हैं जापान, सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड, रूस, ब्राजील और कोरिया गणराज्य. भारत से कम भंडार वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं सिंगापुर और जर्मनी.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (05 अक्टूबर)

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संासद श्री भूरिया सतर्कता एवं पर्यवेक्षण समिति के संसदीय अध्यक्ष नामित
  • प््राधानमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को जिले के विकास के लिये लिखे पत्र

झाबुआ --- सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने बताया कि भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्राम विकास कार्यक्रमों के लिए सर्तकता एवं पर्यवेक्षण समितियाॅ का पुर्नगठन कर उन्हे झाबुआ, अलीराजपुर व रतलाम जिले के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, और रतलाम जिले के लिए चिन्तामणी मालवीय को सह अध्यक्ष बनाया गया है। इसी अनुक्रम में श्री भूरिया ने संबंधित जिला कलेक्टरो को पत्र लिखकर इस समिति की बैठक शीघ्र ही आयोजित करने के लिए कहा है । ज्ञातव्य है कि श्री भूरिया को ग्रामीण विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन का गहन अनुभव है एवं उनको इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की अपेक्षा अनुसार तेजी लाई जा सकेगी। दिलीपसिंह भूरिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीको पत्र लिखकर उनके द्वारा प्रांरभ की गई जन-धन योजना के अच्छे परिणाम प्राप्त होने से उत्साहित होकर आग्रह किया है कि देष में कार्यरत अनेक औधोगिक संस्थान, कल-कारखाने चाय बागान, छोटी-छोटी फेक्ट्रीयों, माल, दुकानो, सडक निर्मााण कम्पनियों व ठेकेदारो और पेट्रोल पंपो तथा यात्री एवं माल परिवहन के नियोजनो में संलग्न श्रमिको, कारीगरो एवं कर्मचारियों को भी अनिवार्य रूप से जन-धन योजना के अंतर्गत बैंको में उनके खाते खुलवाये जाकर उनके पारिश्रमिक और वेतन का भुगतान इन खातों के माध्यम से किया जाना अनिवार्य किया जावें ताकि जन-धन योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही बीमा कवरेज योजना का लाभ भी उन्हे प्राप्त हो सकें । प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई स्वच्छ भारत योजना के संबंध में श्री भूरिया द्वारा प्रदेष के मुख्यमंत्री श्री षिवराजसिंह चैहान को पत्र लिखकर उनका ध्यान नगर पालिका अधिनियम 1961, मध्यप्रदेष पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के अंतर्गत बनाये गये स्वच्छता सफाई और न्युसेन्स का निवारण तथा उपषमन नियम 1999 और नगर निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानो की ओर आर्कषित हुए लिखा है कि स्वच्छता साफ सफाई और प्रदुषण मुक्ति के लिए वैधानिक प्रावधान एवं दायित्व होते हुए भी स्थानीय संस्थाओ द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही की जा रही है । इस कारण आम लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडने से एक ओर उन्हे ईलाज में काफी व्यय करना पडता है दुसरी ओर उनकी कार्य क्षमता भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने के कारण भारत का उत्पादकता सूचनांक भी अपेक्षित रूप से नही बढ पाता है । श्री भूरिया ने जोर देकर आग्रह किया है कि व्यापक जनहित में स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत कुडा करकट एकत्रित करने और वेस्ट मेनेजमेंट की योजनाएॅ प्रत्येक ग्राम, नगर व शहर में 1 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से लागू करने और इसमें असफल रहने पर ऐसी संस्थाओ को तत्काल प्रभाव से भंग कर उनका प्रबंधन राज्य षासन द्वारा अपने हाथ में लेने के लिए अध्यादेष जारी किया जावें, ताकि प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से सम्मिलित होकर प्रांरभ किये गये अभियान को वास्तविक रूप से क्रियान्वित किये जाने के परिणाम परिलक्षित हो । इसके साथ ही श्री भूरिया ने मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान को पत्र लिखकर उनका ध्यान हाल ही में राज्य शासन द्वारा अप्रत्याषित रूप से प्रदेष में विभिन्न दस्तावेजों, शपथ-पत्रो, अनुबंधो, प्रत्याभूमि पत्रो, वसीयत आदि पर बढाये गये स्टाम्प शुल्क और दस्तावेजों के निरीक्षण तथा खोज एवं प्रभार के पंजीयन हेतु देय शुल्क में पाॅच से दस गुना तक की गई वृद्वि को अनुचित बताते हुए तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगो को इस शुल्को से मुक्त रखे जाने हेतु निवेदन किया है । श्री भूरिया ने चर्चा में यह भी बताया कि उनके द्वारा इन्दौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के अधूरे कार्य को शीघ्र ही पूर्ण किये जाने के लिए नितिन गडकरी परिवहन मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखे गये थे जिसके उत्तर में मंत्रीजी ने उक्त मार्ग के कुछ भाग पर भूमि के पूर्व मालिको द्वारा अपने निर्माण नही हटाने और भूमि का नामांतरण कार्य शीघ्र पूर्ण करवाने हेतु उनके सहयोग की अपेक्षा की  है और इस मार्ग को शीघ्र ही चालू करवाने संबंधी कार्यवाही के लिए आष्वासन दिया है 

ईदुलजुहा पर्व पर जिला कांग्रेस ने दी बधाई

झाबुआ--- ईदुलजुहा पर्व पर कांग्रेसजनों ने मुस्लिम समाज एवं बोहरा समाज को बधाई दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने देष एवं प्रदेषवासियों को इस पाक मौके पर अपनी ओर से ईदुलजुहा के इस पावन त्यौहार पर बधाई देते हुए कहा कि हमारे सुबे में अमन, एकता और भाईचारे को ओर अधिक मजबूती प्रदान करे। जिससे कि सुबे का हर बाषिंदा अमन और सांप्रदायिक सद्भाव के माहौल में तरक्की कर सके तथा हमारा सुबा भी तरक्की के रास्ते पर चलकर आगे बढ़े। जिला कांग्रेस अध्यक्ष हनुमंतसिंह डाबड़ी, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेषचन्द्र जैन, शांतिलाल पडियार, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया ने इस ईदुलजुहा के बलिदान पर्व पर सभी समाजजनों को बधाई देते हुए सुख-समृद्धि की कामना की। जिला कांगे्रस के वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण, पूर्व विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण, जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, शहर कांगे्रस, किसान कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, विभिन्न मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों सहित समस्त कांग्रेसजनों द्वारा इस मौके पर अपनी ओर से बधाईयां दी गई है।

वायु से ज्यादा मन कि गति तेज हे--पियुष विजय मूनि

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झाबूआ---राजगढ मोहनखेड़ातीर्थ पर चातुर्मासार्थ विराजित प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य देवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., प.पू. ज्योतिषसम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में चातुर्मास के अन्तर्गत 47 दिवसीय उपधान तप आराधना का भव्य आयोजन चल रहा है पूर्णाहूति 12 नवम्बर को होगी । शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना पूर्णाहूति 8 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर होगी । मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने श्रीपाल रास पर आधारित प्रवचन देते हुऐ कहा कि वायु से भी ज्यादा तेज गति मन की होती है मन और मस्तिष्क बहुत ही तीव्रगति से गतिमान होते है ऐसी स्थिति में मन पर अंकुश जरुरी है । समय की धारा के साथ - साथ काफी परिवर्तन देखने को मिलते है आज से 30 वर्ष पहले श्री मोहनखेड़ा तीर्थ का स्वरुप छोटा था जो विकास के क्रम में आज विशाल रुप में फैल चूका है । इस पूण्यभूमि पर अरबों की संख्या में जाप हो चूके है और यह क्रम जारी है । मुनिश्री ने कहा हमेशावाणी पर संयम बहुत जरुरी है । बिना सोचे समझे बोलने के बहुत ही गम्भीर परिणाम देखने को मिलते है । व्यक्ति की वाणी से निकला हुआ शब्द तपस्वी और धर्मानुरागी को धर्म से दूर भी कर देता है ओर वही शब्द धर्म से दूर रहने वाले व्यक्ति को धर्मानुरागी बनाकर उसे तप के मार्ग में जोड़कर उसकी आत्मकल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर देता है । संसारिक बातो को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दे और ज्ञानियों की बात सूनकर जीवन में अंगीकार कर ले । जीवन में ज्ञान और दूःख गर्भित वेराग्य होता है । ज्ञान गर्भित वेराग्य से आत्मा अपने सारे भवों को सुधार लेती है और दूःख गर्भित वेराग्य में आत्मा संसार के दूःखों से तंग आकर वेराग्य धारण करती है । संत की छाया जिस पर पड़ जाती है उस आत्मा के जीवन में मंगल ही मंगल होता है । संत की साधना के प्रकाश से व्यक्ति का जीवन प्रकाशमय बन जाता है । सुपात्र दान देने से पाप कर्मो का अंत होकर पुण्य कर्मो का बंध होता है । घर की दहलीज पर यदि कोई भिक्षुक भिक्षा मांगने आवे उसे कभी नही दूत्कारे । जिन शासन में दया शब्द को बहुत ही महत्व दिया गया है । भिखारी को पेट भर भोजन करवाना उचित है । संत दया के सागर होते है और मानव से महामानव बनने की यात्रा की और अग्रसर रहते है । साधारण मनुष्य मानव बनने की और अग्रसर हो जाये और मानवता मानव में आ जाये तो सारा संसार स्वतः सुखी हो जायेगा । श्री मोहनखेड़ातीर्थ पर प.पू. गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. की पावन निश्रा में शरद पूर्णिमा के अवसर पर आसोज सुदी पूनम को प.पू. सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. की सुशिष्या साध्वी श्री तत्वरक्षाश्री जी म.सा. की बड़ी दीक्षा विधि सम्पन्न होगी साथ ही प.पू. प्रशांतमूर्ति श्री मोहनखेड़ा तीर्थोद्धारक गुरुदेव श्री मद्विजय विद्याचन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. का स्मृति दिवस प्रसंग पर गुणानुवाद सभा, जीवदया यात्रा, अनुकंपादान, राजगढ़ नगर व श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के समस्त स्कूलों, कालेजों के बच्चों का भोजन प्रसादी का आयोजन रखा गया है ।

बहला फूसला कर किया अपहरण
         
झाबूआ--- फरियादी भागीरथ पिता रामसिंह, उम्र 36 वर्ष, निवासी नारंदा ने बताया कि उसकी लडकी रीना पिता भागीरथ ,उम्र 17 वर्ष, निवासी नारंदा की दिनांक 20.09.2014 को बदली पिता टिटिया, निवासी नारंदा के साथ मोहनकोट माताजी के मंदिर गयी थी, जो वापस घर नहीं आयी, आसपास तलाश करने पर पता चला कि बदली का भाई मेसु पिता टिटिया गांव में नहीं है, शंका है कि उसकी लडकी रीना को आरोपी मेसु बहला-फुसला कर भगा ले गया। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्र0 324/14, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बुरी नियत से हाथ पकडा
         
झाबूआ--- फरियादिया ने बताया कि आरोपी रूमाल पिता पूना कटारा, केसरसिंह पिता रूमाल कटारा, निवासीगण मातापाडा उन्नई ने बुरी नीयत से हाथ पकड उसके साथ छेडछाड की। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 421/14, धारा 354,34 भादवि एवं म0प्र0संशोधन अधिनियम 2013 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जहरीली दवा पिने दो कि से मोत

झाबूआ---भरत पिता शंभू, उम्र 35 वर्ष निवासी बावडी ने बताया कि मडी पति पूनम, उम्र 25 वर्ष निवासी बावडी द्वारा जहरीली दवाई पीने से पेटलावद चिकित्सालय में भर्ती किया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में मर्ग क्रमांक 72/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर जांच में लिया गया। फरियादी बालु पिता विसिया, उम्र 45 वर्ष निवासी झावलिया ने बताया कि अनिता पिता बालू, उम्र 15 वर्ष निवासी झावलिया द्वारा जहरीली दवाई पीने से  पेटलावद चिकित्सालय में भर्ती किया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में मर्ग क्रमांक 36/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया

मेमो टे्रन से टकराकर मोत
      
झाबूआ--- फरियादी सिरीज पिता नानालाल, उम्र 24 वर्ष निवासी मेघनगर ने बताया कि अज्ञात पुरूष की ट्रेन क्र0 69182 मेमो से टकराकर मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 28/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर जांच में लिया गया।  

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (05 अक्टूबर)

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जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन हेतु रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त  

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छतरपुर/05 अक्टूबर/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने म0प्र0 पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 42 तथा पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नियम 20 एवं 21-1 के द्वारा प्रदत्त षक्तियों का प्रयोग कर रिटर्निंग एवं जिला व विकासखण्डस्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की है, जिसके तहत जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. अख्तर 8225012682 रिटर्निंग अधिकारी होंगे, जबकि निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 1 से 11 तक के लिये जिला स्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारी के रूप में अपर कलेक्टर एस सी गंगवानी 8989917635 एवं निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 12 से 22 तक के लिये डिप्टी कलेक्टर चिरोंजी लाल चनाप जिला स्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। इसी तरह 8 विकासखण्डस्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। छतरपुर विकासखण्ड के लिये एसडीएम डी पी द्विवेदी 9425473592, नौगांव विकासखण्ड के लिये एसडीएम दिव्या अवस्थी 9098701019, बिजावर विकासखण्ड के लिये एसडीएम अनुराग वर्मा 9479982030, बड़ामलहरा विकासखण्ड के लिये तहसीलदार बबीता राठौर 9826076584, बक्स्वाहा विकासखण्ड के लिये तहसीलदार अरविन्द कुमार फुसकेले 9424401927, लवकुषनगर विकासखण्ड के लिये एसडीएम हेम करण धुर्वे 9424690258, बारीगढ़ विकासखण्ड के लिये तहसीलदार आर एन त्रिपाठी 9425641414 एवं राजनगर विकासखण्ड के लिये एसडीएम हरवंष षर्मा 9425143938 को ब्लाॅक स्तरीय एआरओ बनाया गया है। जनपद पंचायत सदस्य के निर्वाचन के लिये भी रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जिसके तहत नौगांव जनपद पंचायत क्षेत्र के लिये एसडीएम दिव्या अवस्थी, राजनगर जनपद के लिये एसडीएम हरवंष षर्मा, छतरपुर जनपद के लिये एसडीएम डी पी द्विवेदी, गौरिहार जनपद के लिये तहसीलदार आर एन त्रिपाठी, लवकुषनगर जनपद के लिये एसडीएम हेमकरण धुर्वे, बिजावर जनपद के लिये एसडीएम अनुराग वर्मा, बक्स्वाहा जनपद के लिये तहसीलदार अरविन्द कुमार फुसकेले एवं बड़ामलहरा जनपद के लिये तहसीलदार बबीता राठौर को रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि जनपद पंचायत सदस्य के निर्वाचन हेतु समस्त 8 विकासखण्डों में कुल 84 एआरओ नियुक्त किये गये हैं।  

नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के वित्तीय समावेश के लिए 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन

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नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के समुचित वित्तीय समावेश को लेकर एक्शन कमेटी फॉर फॉर्मल फाइनेंस फॉर नॉन कॉर्पोरेट स्माल बिज़नेस ने आगामी 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया है जिसमें इस सेक्टर से जुड़े व्यापारी, ट्रांसपोर्ट, ट्रक ऑपरेटर, लघु उद्योग, हॉकर्स, स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी, किसान और अन्य वर्गों के राष्ट्रीय संगठनों के विभिन्न राज्यों के लगभग 500 नेता भाग लेंगे ! सम्मेलन में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए वित्तीय ढांचे के स्वरुप और उसकी आवश्यकता पर चर्चा होगी जिसे बाद में एक रिपोर्ट की शक्ल में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री सहित सभी राज्यों के मुख्य मंत्रियों को दी जाएगी !

केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा इस वर्ष के बजट में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक वित्तीय ढांचा बनाने की घोषणा की गयी थी जिसके अनुरूप हाल ही में वित्त मंत्रालय ने श्री के.वी.कामथ की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित  की है जो इस मुद्दे पर तीन महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी !

एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की यह राष्ट्रीय सम्मिलन इसलिए महत्वपूर्ण है की पहली बार नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के सभी वर्गों ने  पहली बार एक मंच पर आकर अपने लिए एक वित्तीय ढांचा बनवाने का संक्लप लिया है! उन्होंने ने कहा की अब तक की सरकारों ने सदा नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर की उपेक्षा ही की है जबकि इस सेक्टर ने जीडीपी, रोजगार, निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग सभी क्षेत्रों में कॉर्पोरेट सेक्टर से कहीं ज्यादा योगदान दिया है लेकिन इसके बावजूद इस सेक्टर के केवल 4  प्रतिशत लोगों को ही बैंकों से क़र्ज़ मिल पाया है और इस सेक्टर की वित्तीय आवश्कताओं के अब तक अनदेखी ही की गयी है !

छोटे व्यापार के लिए वित्त -अर्थव्यवस्था की प्रगति का मूल के स्लोगन के साथ 14 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए वित्तीय ढांचे की आवशयकता के विभिन पहलुओं पर विचार होगा जिसमें मुख्य रूप से नॉन कॉर्पोरेट छोटे व्यापार की महत्वत्ता, इस सेक्टर के लिए वित्तीय ढांचे की प्रासंगिकता, नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर की वित्तीय जरूरतों के अनुभव, किस प्रकार का वित्तीय ढांचा बने आदि पर विभिन प्रमुख अर्थ विशेषज्ञ बातचीत करेंगे ! सम्मेलन इस मुद्दे पर एक राष्ट्रीय प्रचार अभियान चलाये जाने का रोडमैप भी तैयार करेगा ! एक्शन कमेटी ने लघु,माध्यम एवं सूक्षम मंत्री श्री कलराज मिश्रा, वाणिज्य राज्य मंत्री श्रीमती निर्मल सीतारमण एवं वरिष्ठ भाजपा नेता तथा आर्थिक चिंतक डॉ. मुरली मनोहर जोशी को सम्मेलन में भाग लेने के आमंत्रित किया है !

नॉन कॉर्पोरेट सेक्टर को अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी कहा जाता है जो प्रतिवर्ष 6 .28 लाख करोड़ रुपये का वैल्यू एडिशन करता है ! इस सेक्टर में लगभग 5 .77 करोड़ वाणिज्यिक प्रतिष्ठान कार्यरत है जो लगभग 46 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं जिसमें से 24 करोड़ लोग स्वयं उद्यमी हैं ! इस सेक्टर में काम करने वाले लगभग 61 प्रतिशत लोग पिछड़े वर्ग के हैं !

श्री खण्डेलवाल ने कहा की इस सेक्टर के लगभग 90 प्रतिशत लोगों को बैंकों अथवा बैंकिंग संस्थानों से क़र्ज़ ही नहीं मिल पाता है ! बैंक इस सेक्टर को क़र्ज़ देने में बेहद काम रुचि रखते हैं और क़र्ज़ लेने की बैंकिंग प्रक्रिया इतनी जटिल है की आम उद्यमी उसको पूरा कर पाने असमर्थ रहता है ! उन्होंने ने सुझाव दिया है की इस सबको देखते हुए इस सेक्टर के लिए अलग से स्माल बैंकिंग फाइनेंस कंपनी अथवा संस्थान गठित किया जाएँ जो आसान शर्तों और बेहद कम कागज़ी कार्यवाही पर इस सेक्टर के लोगों को क़र्ज़ मुहैय्या कराये !

एक्शन कमेटी इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र तैयार कर रही है जिसे प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, लघु,माध्यम एवं सूक्षम मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, विभिन राजनैतिक दलों के शीर्ष नेताओं और रिज़र्व बैंक के गवर्नर सहित संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को दिया जाएगा !

शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा: नरेंद्र मोदी

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महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे की गैरमौजूदगी में हो रहे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान मराठी वोटों को रिझाने के लिए भाजपा-शिवसेना बाला साहेब का कार्ड खेल रही हैं। प्रचार अभियान में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह बाला साहेब ठाकरे के प्रति श्रद्घा व्यक्त करने के लिए शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। शिवसेना सुप्रीमो उद्घव ठाकरे के बेटे और पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कहा कि गठबंधन तोड़कर भाजपा ने बाला साहेब ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है। शनिवार से महाराष्ट्र में विभिन्न रैलियों को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिवसेना पर चुप्पी साधे रखी थी। रविवार को उन्होंने साफ कर दिया कि वह अपने पूर्व सहयोगी दल के खिलाफ कोई शब्द नहीं बोलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'बाला साहेब ठाकरे की गैरहाजिरी में महाराष्ट्र में यह पहला विधानसभा चुनाव है। मैंने तय किया है कि मैं बाला साहेब के प्रति आदर व्यक्त करने के लिए शिवसेना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलूंगा।'

मोदी के भाषण के कुछ घंटे बाद ही नासिक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना से हाथ मिलाकर महाराष्ट्र में अपनी ताकत बढ़ाई। अब जब पार्टी केंद्र में सत्ता हासिल कर चुकी है तो उसने शिवसेना से गठबंधन तोड़ दिया। आदित्य ने कहा कि ऐसा करके भाजपा ने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है। मोदी ने चुनावी भाषषणों में मराठी वोट बैंक पर निशाना साधते हुए मराठी में भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि चुनावी मैदान में उतरने से पहले वह रायगढ़ के किले पर गए थे और शिवाजी की मूर्ति के पास बैठे थे। मोदी ने कहा, 'वाजपेयी सरकार ने मुंबई हवाई अड्डे और विक्टोरिया टर्मिनल का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा।'

मोदी के बयान पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि मोदी हमें भी प्रिय हैं। हम भी उनके प्रति आदर सम्मान रखते हैं, लेकिन अगर 25 साल पुराना गठबंधन बनाए रखते तो यह बाला साहेब के प्रति सच्ची श्रद्घांजलि होती। सांगली की रैली में मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस और राकांपा पर जमकर निशाना साधा। खासकर राकांपा प्रमुख शरद पवार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि पवार बताएं कि इस इलाके में चीनी मिलें बंद क्यों हुई? जबकि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता में हिस्सेदार थी और वे खुद केंद्र में कृषिष मंत्री थे। मोदी ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा का चरित्र एक जैसा ही है। दोनों दो दल हैं, लेकिन उनका दिल एक है। उन्होंने कहा कि पवार में शिवाजी के चरित्र के गुण नहीं आ सकते। अगर वे शिवाजी की सिंचाई योजना से सीख लेते तो महाराष्ट्र में किसान खुदकुशी नहीं करते।

टेलिकॉम कंपनियों ने इंटरनेट दरें 100 फीसद तक बढ़ाईं

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टेलिकॉम कंपनियों ने इंटरनेट दरें 100 फीसद तक बढ़ाईं
टेलिकॉम ऑपरेटर्स ने जून-सितंबर की अवधि के दौरान देशभर में अपनी मोबाइल इंटरनेट दरों में 100 प्रतिशत तक का इजाफा किया है। ताजातरीन मामले में एयरटेल ने अपनी मोबाइल दरों में 33 पर्सेंट का इजाफा किया है। वहीं वोडाफोन व आइडिया ने जून से धीरे-धीरे मोबाइल इंटरनेट दरों में बढ़ोतरी का क्रियान्वयन शुरू किया है। मोबाइल सेवा बाजार में इन तीनों कंपनियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 57 प्रतिशत है। एयरटेल व आइडिया सेल्युलर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। वोडाफोन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'दो माह पहले हमने 1जीबी के 2जी पैक के लिए आधार दर 155 से बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है। इसे विभिन्न सर्किलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।' 

एयरटेल व आइडिया ने भी 1 जीबी के 2जी मोबाइल पैक के लिए दर 155 रुपये से बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है। आमतौर पर टेलिकॉम ऑपरेटर मोबाइल दरों में बढ़ोतरी की सार्वजनिक घोषणा नहीं करते हैं। नई दरों को लागू करने के बाद इस बदलाव को वे अपनी वेबसाइट पर डालते हैं। आमतौर पर ऑपरेटर नए बिलिंग चक्र से पहले पोस्टपेड ग्राहकों को एसएमएस के जरिये दरों में बदलाव की सूचना देते हैं। कुल टेलिकॉम बाजार में 90 फीसदी प्रीपेड बाजार है। उन्हें दरों में संशोधन के बारे में उस समय जानकारी मिलती है, जब वे अपने मोबाइल फोन का रिचार्ज कराने जाते हैं। टेलिकॉम ऑपरेटर्स को दरों में बदलाव की सूचना भारतीय टेलिकॉम नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को देनी होती है। वोडाफोन व आइडिया सेल्युलर ने रैक दरों में 100 प्रतिशत की वृद्धि की है। इन कंपनियों ने इसे प्रति 10 केबी के डेटा के लिए दर 2 से बढ़ाकर 4 पैसे कर दी है। 

इसका मतलब है कि वोडाफोन और आइडिया के नेटवर्क पर 1जीबी के 2जी या 3जी मोबाइल इंटरनेट की दर अब 4,000 रुपये बैठेगी जो पहले 2,000 रुपये बैठती थी। ये कंपनियां इसकी पेशकश 175 रुपये में कर रही हैं। एयरटेल ने सितंबर के पहले सप्ताह से मोबाइल इंटरनेट दरों में बढ़ोतरी शुरू की है। अब उसकी रैक दर वोडाफोन व आइडिया के बराबर हो गई है। हालांकि, यह बढ़ोतरी सिर्फ 33 फीसद है, क्योंकि कंपनी पहले से 10 केबी के लिए 3 पैसे का शुल्क ले रही थी।

नेपाली संविधान का पहला मसौदा जनवरी तक पूरा होगा: देउबा

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नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा ने कहा है कि आगामी 22 जनवरी की तय समय सीमा तक नए संविधान का पहला मसौदा तैयार हो गए जाएगा। नेपाली कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि देउबा ने ब्रिटेन में रहने वाले नेपाली समुदाय को भरोसा दिलाया कि नए संविधान का मसौदा तैयार करने का काम तय समयसीमा में पूरा हो जाएगा। देउबा लंदन में कल नेपाली दूतावास की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

देउबा ने कहा, ‘नए संविधान के पहले मसौदे को समय से पूरा करने को लेकर किसी तरह की असहमति नहीं थी क्योंकि राजनीतिक दलों के बीच संघवाद को छोड़कर बाकी सभी प्रमुख मुद्दों पर सहमति बन गई है।’ उन्होंने दावा किया कि संविधान का मसौदा तैयार करने में शामिल पार्टियों ने प्रवासी नेपालियों को विशेष नागरिकता प्रदान करने पर सहमति जताई है, हालांकि उन्होंने यह भी कि राजनीतिक अधिकार देने में जटिलताएं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राजनीतिक पदों को संभालने वालों में यह असमंजस होगा कि किस देश को प्राथमिकता दी जाए।’

स्वच्छ भारत मुहीम से जुड़े सचिन, बनाई टीम, की सफाई

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सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के सदस्य हैं और वह भी भारत सरकार की स्वच्छ भारत मुहीम से जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचिन तेंदुलकर को इस अभियान में एक लीडर का रोल सौंपा है।

सचिन ने इसी को ध्यान में रखते हुए अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक टीम बनाई है जो स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक ही नहीं करेगी, बल्कि खुद भी गंदगी को साफ करने की कोशिश करती रहेगी।

झारखंड पुलिस को मिली योगेंद्र साव की तीन दिन की ट्रांजिट हिरासत

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दिल्ली की एक अदालत ने झारखंड पुलिस को राज्य के कांगेस विधायक योगेंद्र साव की तीन दिन हिरासत दे दी जिन्हें शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक झुग्गी झोपड़ी कॉलोनी में गिरफ्तार किया गया था। हजारीबाग की एक अदालत से गैर जमानती वॉरंट जारी होने के बाद साव फरार चल रहे थे। वहां की अदालत ने कथित रूप से अतिवादी संगठन चलाने के मामले में साव के विरूद्ध गैर जमानती वॉरंट जारी किया था। 

उन्हें शनिवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने झारखंड पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में शकुरपुर इलाके की झुग्गियों से गिरफ्तार किया जहां वह छिपे हुए थे। उसके बाद झारखंड पुलिस उन्हें अपने राज्य ले जाने के लिए ट्रांजिट हिरासत की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत में पहुंची। साव को हथियार कानून और अपराध को अंजाम देने में सहयोग करने के तहत दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) अशोक चांद ने बताया कि मामले सीआईडी रांची को हस्तांतरित किया गया था जिसे सूचना मिली थी कि साव पुलिस के जाल से बचने के लिए दिल्ली में छिपे हुए हैं।

देश का विदेशी पूंजी भंडार 1.5 अरब डॉलर घटा

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देश का विदेशी पूंजी भंडार 26 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में 1.415 अरब डॉलर घटकर 314.1815 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 19,347.9 अरब रूपए के बराबर है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़े में यह जानकारी दी। विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार आलोच्य सप्ताह में 1.3914 अरब डॉलर घटकर 287.3923 अरब डॉलर हो गया, जो 17,721.4 अरब रूपए के बराबर है। बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद पाउंड स्टर्लिग, येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।

आलोच्य अवधि में देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य बिना किसी बदलाव के 20.9331 अरब डॉलर बरकरार रहा, जो 1,265.9 अरब रूपए के बराबर है। इस दौरान देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 1.74 करोड़ डॉलर घटकर 4.3072 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 265.2 अरब रूपए के बराबर है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में मौजूद देश के भंडार का मूल्य आलोच्य अवधि में 62 लाख डॉलर घटकर 1.5489 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 95.4 अरब रूपए के बराबर है।

पटना भगदड़ : आयुक्त, डीआईजी, डीएम और एसएसपी का तबादला

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पटना शहर स्थित गांधी मैदान के बाहर गत शुक्रवार को मची भगदड में 33 की लोगों की मौत तथा 29 लोग घायल हो जाने के दो दिन बाद रविवार को बिहार सरकार ने पटना प्रमंडल की आयुक्त एन विजयालक्ष्मी, पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजिताभ कुमार, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनु महाराज का तबादला कर दिया। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पटना प्रमंडल के आयुक्त के पद पर तैनात एन विजयालक्ष्मी का तबादला करते हुए उन्हें पदस्थापन की प्रतिक्षा में सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने को कहा गया है।

तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त के पद पर तैनात नर्मदेश्वर लाल को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक के लिए पटना प्रमंडल के आयुक्त के पद पर तैनात किया गया है जबकि राजस्व परिषद के अपर सदस्य के पद पर तैनात अतुल प्रसाद का तबादला तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त के पद पर किया गया है। पटना के जिलाधिकारी के पद पर तैनात मनीष कुमार वर्मा का स्थानांतरण किए जाने के साथ उन्हें पदस्थापन की प्रतिक्षा में सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने को कहा गया है। पूर्वी चंपारण जिला के जिलाधिकारी के पद पर तैनात अभय कुमार सिंह का तबादला अगले आदेश तक के लिए पटना के जिलाधिकारी के पद पर किया गया है।

बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात जितेंद्र श्रीवास्तव का तबादला अगले आदेश तक के लिए पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी के पद पर किया गया है। गृह विभाग की एक अधिसूचना के अनुसार डीआईजी (केंद्रीय प्रक्षेत्र) के पद पर तैनात अजिताभ कुमार का तबादला करते हुए उन्हें पदस्थापन की प्रतिक्षा में पुलिस मुख्यालय में योगदान देने को कहा गया है। पटना रेल पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात उपेंद्र कुमार सिन्हा को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक के लिए डीआईजी (केंद्रीय प्रक्षेत्र) के पद पर तैनात किया गया है।

पटना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात मनु महाराज का तबादला करते हुए उन्हें पदस्थापन की प्रतिक्षा में पुलिस मुख्यालय में योगदान देने को कहा गया है। मुजफ्फरपुर जिला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात जितेंद्र राणा को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक के लिए पटना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है।

विशेष शाखा में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रंजीत कुमार मिश्र का तबादला करते हुए अगले आदेश तक के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर जिला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है। पटना के गांधी मैदान में भगदड़ के दो दिनों बाद हुए इन तबादलों के बारे में पूछे जाने पर बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादलों से जुडी अधिसूचना जारी हुई है, पर उसके अलावा वह कुछ कहना नहीं चाहते।

सोचविहीन पार्टी बन गई है कांग्रेस: बीजेपी

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दूरदर्शन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के भाषण का सीधा प्रसारण करने के विरोध में कांग्रेस द्वारा आज किए गए प्रदर्शन को भाजपा की दिल्ली इकाई ने यह कहते हुए आड़े हाथ लिया कि वह एक ‘‘सोचविहीन पार्टी’’ बन गई है । 
     
कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा, ‘‘दिल्ली में कांग्रेस एक सोचविहीन पार्टी बन गई है। जनता द्वारा खारिज किए जा चुके उसके नेता मीडिया की खबरों में बने रहने की खातिर तुच्छ मुद्दे उठाते रहते हैं ।’’ 
    
कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आज यहां प्रदर्शन कर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की मांग की। पार्टी का आरोप है कि जावड़ेकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के भाषण का नागपुर से सीधा प्रसारण दिखाने के लिए दूरदर्शन को मजबूर किया था । 

अरविंद केजरीवाल आठ अक्टूबर को ई-रिक्शा ड्राइवरों को संबोधित करेंगे

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आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय राजधानी में ई-रिक्शा के परिचालन के मुद्दे पर आज केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर निशाना साधा और दावा किया कि उन्होंने ऐसे वाहनों के ड्राइवरों को ‘‘चांद दिलाने का वादा किया था’’ लेकिन वह उनके हितों की रक्षा करने में नाकाम रहे.

पार्टी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आठ अक्तूबर को जंतर-मंतर पर ई-रिक्शा ड्राइवरों को संबोधित करेंगे. ई-रिक्शा ड्राइवर अपने वाहनों के संचालन के बाबत तैयार की गई अधिसूचना के मसौदे को सरल बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी मांग है कि भूतल परिवहन मंत्रालय वह भारी-भरकम शुल्क हटाए जो उनसे वसूले जाने का प्रस्ताव है. ‘आप’ ने दावा किया कि अधिसूचना का मसौदा ई-रिक्शा ड्राइवरों की चिंताओं का निदान पूरी तरह नहीं करता है.

विशेष आलेख : भीलों का उजड़ता जीवन

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महाभारत के महाकाव्य में जब एक साधारण सा आदिवासी बालक एकलव्य धनुषविद्या में अर्जुन से आगे निकलता दिखा त¨ गुरु द्र¨णाचार्य ने उससे गुरु दक्षिणा के रूप में उसका अंगूठा मांग लिया। वह बालक एक भील था। रामायण नामक महाकाव्य में जब रावण द्वारा अपहृत सीता जी क¨ श्रीराम वन में ढूंढ रहे थे तब शबरी नाम की वृद्धा ने श्रीराम क¨ अपने जूठे बेर खिलाए थे। शबरी एक भील थी। केवल यही नहीं भील नामक जनजाति का जिक्र इतिहास में अ©र भी कई जगह¨ं पर पाया जाता है। वह मेवाड़ में महाराणा प्रताप की सेना में थे। महाराष्ट्र में शिवाजी की सेना में थे। किंतु अपने इस लंबे-च©ड़े अ©र महत्वपूर्ण इतिहास ह¨ने का वर्तमान में इन भील आदिवासिय¨ं क¨ क¨ई फायदा नहीं है।
            
जब हम टीवी के रूपहले पर्दे पर भील आदिवासियों को रंग-बिरंगी पोषाकों में नाचते हुए देखते हैं तो मोहित हो जाते हैं पर जब हम उनसे सीधा साक्षात्कार करते हैं तो उनके कठिन जीवन की असलियत देख-सुनकर वह आकर्षण काफूर हो जाता है। ऐसा ही अहसास मुझे तब हुआ जब मैं उनसे मिला और उनके दुख-दर्द की कहानियां सुनीं।  हाल ही मुझे 31 अगस्त से 3 सितंबर तक पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर में रहने का मौका मिला। इस दौरान एक भिलाला युवक रेमू के साथ डेढ़ दर्जन गांवों में गया और ये सभी गांव अलीराजपुर जिले के थे। इनमें से कुछ हैं-खारकुआ, छोटा उण्डवा, तिति नानपुर, घोंगसा, उन्दरी, हिरापुर,फाटा इत्यादि। 
          
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यहां के गांवों में बसाहट घनी नहंी है, दूर-दूर घर बसे हुए हैं। पहाडियों की टेकरियों पर बने इनके घर  कच्चे हैं और खपरैल वाले हैं। इन घरों को मिलाकर एक मोहल्ला बनता है। घास-फूस व लकडि़यों के घर में दीवारें कच्ची, लकड़ी की और कुछ ईंटों की बनी हैं। मुर्गा- मुर्गी, बकरी और मवेशी भी साथ-साथ रहते हैं। जमीन ऊंची-नीची ढलान वाली व पहाड़ी है तो कहीं समतल मैदान वाली। पेड़ बहुत कम हैं। जब पेड़ नहंी हैं तो पक्षी भी नहीं। वे पेड़ों पर घोंसला बनाकर रहते हैं या बैठते है। छींद और ताड़ी के पेड़ दिखाई दिए, छातानुमा बहुत सुंदर। इन्हीं पेड़ों से ताड़ी निकाली जाती है। गर्मी में ठंडा के रूप में ताड़ी पी जाती है। खेतों में मूंग, उड़द, मूंगफली और बाजरा की फसल लहलहा रही थी तो कुछ खेतों में कपास भी था। पानी की कमी है, कुछ किसानों ने बताया कि मूंगफली में जब पानी की कमी होती है तो टेंकर से पानी मंगाते हैं। यह जानकारी नई थी।
           
जब हम गांवों में पहुंचते तो चरवाहे हमें देखकर दौड़ लगा देते या पेड़ों के पीछे छिप जाते।  जब हम उनसे किसी का पता-ठिकाना पूछते तो जवाब नहीं देते। फिर रेमू अपनी भीली में पूछता तो बता देते। गांवों में अधिकांश बुजुर्ग लंगोटी में मिले और कुछ जगह हुक्का वाले भी दिखाई दिए। यहां खेती -किसानी पर ही लोगों की आजीविका निर्भर है, लेकिन खेती में ज्यादा लागत और कम उपज होती है। कर्ज बढ़ता जाता है। उसी कर्ज के दुष्चक्र में हमेषा के लिए फंस जाते हैं। महिलाएं और पुरूष मिलकर खेती का काम करते हैं। वे खेतों में उड़द और मूंगफली की निंदाई करते हुए दिखे। इसके अलावा, महिलाओं पर घर के काम की पूरी जिम्मेदारी होती है। भोजन पकाना, पानी लाना, ईंधन लाना, साफ-सफाई करना, गाय-बैल, बकरी चराना इत्यादि। बच्चों संभालने का काम तो रहता ही है।
          
आदिवासियों की जिंदगी उधार के पैसे से चलती है, इसके लिए वे साहूकार व महाजनों से कर्ज लेते हैं। लेकिन अक्सर गरीबी और तंगी के कारण समय पर अदा नहीं कर पाते। इसलिए जो वस्तु गिरवी रखते हैं, उसे वापस नहीं ले पाते। बारिश नहीं हुई तो फसल भी नहीं। मजबूर होकर लोग काम की तलाश में गुजरात चले जाते हैं। भोपाल और दिल्ली भी जाते हैं जो खेती और निर्माण कार्य में मजदूरी करते हैं, उन्हें न उचित मजदूरी मिलती है, न वहां जीने के लिए बुनियादी सुविधाएं। पलायन करने वालों में युवा, स्त्री-पुरूष सभी हैं। ज्यादातर परिवारों में घर के छोटे खाने-कमाने जाते हैं और बड़े-बूढ़े घर की जिम्मेदारी संभालते हैं।
           
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पहले यहां बहुत अच्छा जंगल हुआ करता था, वह बड़ा सहारा थे। जंगल से उनका मां-बेटे जैसा संबंध था। वे उससे उतना ही लेते थे जितनी उनको जरूरत होती थी। लेकिन जंगल अब साफ हो चुका है। यहां के पहाड़ नंगे हो गए हैं, जैसे आदमी के सिर पर उस्तरा फेर दिया गया हो और वह गंजा हो गया हो। आदिवासियों की हालत के बारे में सामाजिक कार्यकर्ता शंकर तलवडा बताते हैं कि हमारे सामाजिक ताने-बाने को छिन्न भिन्न कर दिया गया है।  बाजार ने हमारी सामूहिकता को तोड़ दिया है। लालच ने एक-दूसरे को सहयोग करने की भावना को खत्म कर दिया। वे बताते हैं कि फसल चक्र के बदलाव ने हमारे देसी अनाजों को खत्म कर दिया। अब आदिवासी पूरी तरह बाजार के हवाले हो गया, जहां उसे शोषण का शिकार होने पड़ रहा है। वहीं जीने के लिए उसे बुनियादी सुविधाएं और रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है।
           
कहने क¨ त¨ आदिवासिय¨ं के हित¨ं की रक्षा के लिए आदिवासी मामल¨ं का मंत्रालय म©जूद है। उनके लिए कई योजनाएं और आयोग बने। रिपोर्टें भी आईं। कानून भी बने। लेकिन आदिवासियों के जीवन कठिन से कठिनतम होता जा रहा है। सवाल उनकी अस्मिता और संस्कृति का है। खेती-किसानी का है। शिेक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति कैसे अच्छी होगी, यह सवाल है। बेहतर भविष्य का सवाल है। 






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बाबा मायाराम
संपर्क : 09424437330
(चरखा फीचर्स)

गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का सामाजिक समरसता समारोह सम्पन्न !

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छतरपुर - गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब प्रान्तीय समिति, प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले  व्दारा सामाजिक समरसता का जो आयोजन षहनाई गार्डन छतरपुर में जिला के पत्रकारों का सम्मेलन, प्रतिभा पत्रकार सम्मान समारोह, दषहरा मिलन, ईद मुबारकवाद, का हुआ जिसमें जिला के लगभग एक सैकड़ा संपादक, पत्रकारो, साहित्यकारों, समाजसेवी नागरिकों अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला के बरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेन्द्र षर्मा (षिरीष ) मुख्य अतिथ्य श्री के0 सी 0 जैन डी आई जी छतरपुर रेंज, बिषिष्ट अतिथ्य पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार, , छतरपुर एस.डी.एम. श्री डी पी व्दिवेदी, नौगाॅव एसडीएम श्रीमती दिव्या अवस्थी,, संपादक डा0 रज्जब खाॅ, संपादक श्री सुरेन्द्र अग्रवाल, बरिष्ठ पत्रकार श्री राकेष षुक्ला (अधिबक्ता) संचालन युवा पत्रकार श्री अंकुर यादव ने किया । कार्यक्रम माॅ सरस्व्ती पूजन व षहीद गणेषषंकर विद्यार्थी जी के चित्र पर पुष्प माला अर्पित करते हुए हुआ । कार्यक्रम में युवा पत्रकार श्री रविन्द्र अरजरिया एवं श्री मनेन्द्रु पहारिया ने ओजस्व पूर्ण विचार रखे । 
   
पत्रकारिता में नाकारात्मक सोच के नतीजे ठीक नही होते है- डी आई जी

मुख्य अतिथ्य श्री के0सी0 जैन डी आई जी छतरपुर ने अपने बिचार रखते हुये कहा कि यदि पत्रकारिता अगर सकारात्मक सोच से होगी तो उसके अच्छे नतीजे होंगे । नाकारात्मक सोच के नतीजे ठीक नही होते है ।  आलोचना होनी चाहिए लेकिन वह भी सकारात्मक हो । आपने आगे कहा कि हम बाहर जाते है तो वहां की व्यवस्था में ढल जाते है लेकिन यहां रहकर हम व्यवस्थाओं में नही ढलते, जबकि नियम कानून यहां भी बने हुये है । आपने उदाहरण दिया कि हम लोगों से कहते हे कि हेलमेट लगाओं लेकिन लेाग नही लगाते , इसी प्रकार लोग सफाई व्यवस्था को लेकर भी लापरवाही करते है ।  पत्रकारों को चाहिए  िकवह ऐसी अव्यवस्थाओं के बिरूध्द जन अभियान छोड़े ताकि समाज में सुधार हो सकें । सुरक्षा को लेकर अगर सभी एलर्ट रहेगें तो वह सुरक्ष्ज्ञित रहेगे ।  आपने जीवन में इंसानियत , अनुषासन, सहनषीलता एवं संवेदनषीलता अपनाने पर भी जोर दिया । 
   
साहित्यकार एवं पत्रकार एक ही सिक्के के दो पहलू -सुरेन्द्र षर्मा

गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का सामाजिक समरसता समारोह की अध्यक्षता कर रहे बरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र षर्मा (षिरीष ) ने कहा कि साहित्यकार एवं पत्रकार एक सिक्के के दो पहलू हैं, जो साहित्यकार होता है वहीं पत्रकार होता है ।  जिस तरह साहित्य के लिए साधना करनी पड़ती है उसी तरह पत्रकार के लिये भी मेहनत करनी पड़ती है ।  आपने पत्रकारों से अपेक्षा की कि वे गणेष षंकर विद्यार्थी के जीवन से प्रेरणा लेकर पत्रकारिता करे । इस संगठन के प्रदेषाध्यक्ष संतोष गंगेले ने जो आयोजन किया उसकी खुले कंठ से सराहना होनी चाहिए । 

मतभेद होना चाहिए, मनभेद नही -एस पी 

छतरपुर पुलिस अधीक्षक ललित ष्षाक्यवार ने कहा कि जहां चार बर्तन होते है उसमें कभी न कभी टकराव हो ही जाता है, लेकिन मतभेद होना चाहिए, मन भेद नहीं, क्योंकि जहंा मतभेद हो जाता हैं वहीं प्रगति से रूकने लगती है । इसलिए मतभेद होते रहते है, मनभेद नही होना चाहिए । उन्होने कहा कि मीडिया का अपना एक महत्व है यदि मैं एसपी नही हेाता तो पत्रकार होता ।  आपने बरिष्ठ पत्रकारों से अपेक्षा की कि वह नये पत्रकारों को पत्रकारिता की सही राह दिखायें । पत्रकारों को चाहिए कि -वह जो भी समाचार प्रकाषित करें वही सही होना चाहिए । 

विद्यार्थी जी के जीवन से प्र्रेरणा लें - डी पी व्दिवेव्दी 

एसडीएम श्री डी पी व्दिवेव्दी ने कहा कि ष्षहीद गणेष षंकर विद्यार्थी ने पत्रकारिता के माध्यम से जो चेतना जगाई है उससे प्रेरण लेकर सकारात्मक पत्रकारिता होनी चाहिए । आपने पत्रकार एवं प्रषासन को एक दूसरे का पूरक बताते हुये कहा कि लोग एक पैर से भी चल लेते है लेकिन यदि दूसरा पैर साथ दे तो और अच्छा होता है । 

समाज कोक आईना दिखते हैं पत्रकार- दिव्या अवस्थी 

राज्यप्रषासनिक सेवा अधिकारी श्रीमती दिव्या अवस्थी (नौगाॅव ) ने पत्रकारिता के व्यवसायीकारण पर चिंता  व्यक्त करते हुए कहा कि समाज को पत्रकार आईना दिखतें है वे जो प्रकाषित करते है समाज उसे सही मान लेता है, इसलिए किसी भी खराब छवि प्रदर्षित नही होनी चाहिए ।  बल्कि समाचार प्रकाषित करने के पूर्व उसकी सत्यता का पता लगाया जाना चाहिए । 

प्रेस एवं प्रषासन में समन्वय जरूरी है-राकेष षुक्ल

पूर्व लोक अभियोजक एवं बरिष्ठ पत्रकार श्री राकेष ष्षुक्ल ने कहा कि अगर पत्रकारों में एकता है तो वह किसी भी परिस्थितियों में जूझ सकते है, उन्होने पत्रकारों के संघर्ष एवं सफलताओं ने अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि पत्रकारिता में छतरपुर जिला का अपना एक इतिहास रहा है । उन्होने कहा कि पत्रकारिता जुझारू एवं संघर्षषील होना जरूरी है । 
                              
जिला के पत्रकारों को संगठित होकर पत्रकारिता करना चाहिए-हरि अग्रवाल

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समाजसेवी संपादक श्री हरि अग्रवाल ने अपने उदवोधन में कहा कि ष्षहर की गंगा जमनी संस्कृति बनी रहे , जिला के सभी पत्रकारों को संगठित होकर पत्रकारिता करना चाहिए, संगठन में ही ष्षक्ति है, मेरी सभी को ष्षुभ कामनाऐंह ै, आपने समाज में अच्छे काय करने वालों का जिक्र करते हुए कहा कि समाज में पारस दुवे (डब्बू महाराज) एवं संजयष्षर्मा जैसे समाजसेवी है, जो निःस्वार्थ भाव से सेवा का काम करते है । 

छतरपुर की पत्रकारिता का गौरवषाली इतिहास रहा है-डा0 रज्जव

संपादक डा0 रज्जब खाॅ ने ष्षायरी के साथ अपने बिचार व्यक्त करते हुये कहा कि छतरपुर की पत्रकारिता का गौरवषाली इतिहास रहा है । युवा पीढ़ी को कुछ सीखना चाहिए  । उन्होने गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का सामाजिक समरसता समारोह की सराहना करते हुये कहा कि संतोष गंगेले ने जो संगठन तैयार किया है यह प्रदेष में अपना जल्दी ही स्थान बना लेगा । 

प्रषासन की भूमि सकारात्मक - डा0 अजय दोसाज 

छतरपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं संपादक डा0 अजय दोसाज ने कहा कि परिस्थितियों बष कभी-कभी पत्रकार एवं प्रषासन के बीच भ्रान्तियाॅ उत्पन्न हो जाती है , फिर भी प्रषासन की भूमिका सकारात्मक रहती है ।  पत्रकारों को ऐसे आयोजन समय समय पर करते रहना चाहिए । इससे भ्रांतियाॅ को दूर करने मंे मदद मिलती है । 

जैसा नाम, बैसा काम - रमाषंकर मिश्रा 
               
भारतीय संस्कृति एंव संस्कारों को लेकर समाज सेवा करने वाले साहित्यकार पं. श्री रमाषंकर मिश्र (मनीषी जी ) ने कहा कि षहीद गणेषषंकर विद्यार्थी जी का जैसा नाम था, वैसा ही उनका काम था । समाज अच्छा होगा, तो हर क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी अच्छे होगे ।   क्यों कि सभी लोग समाज से ही आते है । पत्रकारों को चाहिए कि वह समाज के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने में अपनी भूमिका का निर्वाह करे । 

मेरा जीवन पत्रकारिता के लिए समर्पित रहेगा - संतोष गंगेले

 गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का सामाजिक समरसता समारोह के आयोजक प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं उपस्थित सभी संपादकों, पत्रकारों, साहित्यकारों, समाजसेवी नागरिकों एवं अपने सहयोगी श्री के0के0 रिछारिया, श्री राजेष षिवहरे, श्री कमलेष जाटव, श्री नन्हेराजा, श्री स्वदेष पाठक श्री खेमचन्द्र रैकवार मुन्ना सहित सभी का आभार प्रर्दषन करते हुये कहा कि 35 सालों की पत्रकारिता में अनेक ऊॅचाईयों को देखा है, बर्तमान पत्रकारिता को साथ लेकर चलने के लिए प्रदेष में सगठन का विस्तार किया जा रहा है जो मेरा जीवन है वह समाज के लिए समर्पित रहेगा । इस अवसर पर युवा कवि रतनदीप गंगेले ने अंग्रेजी में अपना भाषण देकर देष प्रेम की एक कविता का पाठन किया । जिसकी सभी ने सराहना की है । 

मां विन्ध्यवासिनी की परिक्रमा मात्र से होती है मोक्ष की प्राप्ति

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  • मां विन्ध्यवासिनी के चारों रुपों की आरती दर्शन से मिलता है हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल 
  • मां काली, मां सरस्वती व महालक्ष्मी के रुप में भी भक्तों को दर्शन दर्शन देती है मां विन्ध्यवासिनी 
  • भक्तों को यहां मां का दर्शन होता है गुफा के एक छोटे झरोखे से 
  • मां के तीनों रुप में एक त्रिकोण पर विराजमान है, जिनकी परिक्रमा कर लेने मात्र से न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है 
  • मंदिर पसिर में ही स्थित कुंड में बारहों मास होता है हवन-पूजन, जलती है अखंड ज्योति 
  • इस हवन में पूर्णाहुति करने से शत्रु तो परास्त होते ही है, मिलता है राजसत्ता सुख का वरदान 
  • बिगड़े काम भी बना देती है मां विन्ध्यवासिनी 
  • राजा हो या रंक मां के नेत्र सभी पर एक समान बरसाते है कृपा 
  • चैत व शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक लगता है विशाल मेला 
  • तंत्र साधना के साधक भी मां के दरबार में अपना मत्था टेक कर सिद्धी प्राप्त करते हैं 

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चमत्कार के ढेरों कहानियां अपने अंदर समेटे विन्ध्य पहाड़ी पर विराजमान है आदि शक्ति जगत जननी मां विन्ध्यवासिनी। वह भी एक-दो नहीं, बल्कि तीन रुपों में भक्तों को दर्शन देती है मां विन्ध्यवासिनी। पहला मां विन्ध्यवासिनी, दुसरा मां काली और तीसरा मां सरस्वती, जिन्हें अष्टभुजा के रुप में भी जाना जाता है। मां किसी को भी अपने दरबार से खाली हाथ नहीं भेजती, तभी तो मां अपने भक्तों की चिंता तो दूर करती ही है, यहां वही भक्त पहुंच पाता है, जिसे मां का बुलावा होता है। मां का ये धाम अनोखा व अद्भूत इसलिए भी है कि भक्तों को यहां मां का दर्शन होता है गुफा के एक छोटे झरोखे में। खास बात यह है कि मां के तीनों रुप एक त्रिकोण पर विराजमान है, जिनकी परिक्रमा व विधि-विधान से पूजन-हवन कर लेने मात्र से भक्त न सिर्फ मोक्ष को प्राप्त होता है, बल्कि लौकिक व इलौकिक सुखों को भोगता हुआ प्राणियों की हर प्रकार की मुरादें पूरी होती है। इसके अलावा मंदिर पसिर में ही स्थित कुंड में हवन बारहों महीने अखंड ज्योति के रुप में जलता रहता है, जिसमें पूर्णाहुति कर लेने से शत्रु तो परास्त होते ही है, मिलता है राजसत्ता सुख का वरदान। मां के आशीर्वाद से बिगड़े काम भी तो बन जाते ही हैं, सफलता की राह में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती है। मुश्किलों को हरने वाली मां के शरण में आने वाला राजा हो या रंक मां के नेत्र सभी पर एक समान कृपा बरसाते ळें मां की कृपा से असंभव कार्य भी पूरे हो जाते है।   

मां के चमत्कारों की कहानी लंबी है और महिमा अनंत। मां के द्वार पर एक बार जो आ गया, वो फिर कहीं और नहीं जाता। कहते है दरबार में नित्य होने वाली मां के चारों रुपों की आरती का दर्शन कर लेने मात्र से हजार अश्वमेघ यज्ञ के फलों की प्राप्ति होती है। यह दिव्य मनोरम जगह है बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी व भगवान विष्णु की नगरी प्रयाग के मध्य पवित्र विन्ध्याचल धाम, जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में है। जहां यूपी ही नहीं देश के कोने-कोने से तो श्रद्धालुओं का मां के दर्शन को तो आना होता ही है, चैत व शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक विशाल मेला लगता है। इस मेले में लाख-दो लाख नहीं बल्कि 25 लाख से भी अधिक श्रद्धालु पहुंचते है मां का दर्शन कर मन्नतों की झोली भरकर ले जाते है। मंदिर के प्रधान पुजारी श्रृंगारिया शेखर सरन उपाध्याय कहते है, विन्ध्य क्षेत्रे परम् दिव्यम् नास्ति ब्रह्मांड गोलके अर्थात विन्ध्याचल जैसा स्थान, जहां मां भगवती के तीनों रुप मां लक्ष्मी, मां काली मां सरस्वती एक ऐसे त्रिकोण पर विराजमान है, जो पूरे ब्रहमांड में कहीं नहीं है। नंदगोप गृहे जाता यशोदागर्भसम्भवा, तत्स्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलवासिनी।। अर्थात भगवती जी ने स्वयं बोली है मैं द्वापर युग में नंद के यहां यशोदा के गर्भ से पैदा होगी और कंस के हाथों से मुक्त होकर विन्ध्य क्षेत्र में निवास करेगी। 

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देश के तमाम स्थानों में शक्तिपीठ है, लेकिन यहां की शक्तिपीठ की महिमा अद्भूत व निराली है। पुराणों में विन्ध्याचल को शक्तिपीठ, सिद्धपीठ व मणिपीठ कहा गया है। चूणामणि में 51 शक्तिपीठ व श्रीमद्भागवत में 108 पीठों का उल्लेख मिलता है। जिसमें विन्ध्याचल शक्तिपीठ का विशेष महत्व है। विन्ध्य पर्वत माला की आंचलों में स्थित यह विंध्याचल शक्तिपीठ अनादिकाल से ही शक्ति की लीला भूमि रही है। शास़्त्रों के अनुसार शती के पृष्ठभाग का विपार्थ हुआ था। कहा जाता है कि मां देवी पार्वती ने यहीं पर तप कर अर्पणा नाम पाया व भगवान शिव को प्राप्त किया। इस क्षेत्र को साधना व तपस्या हेतु जागृत प्रदेश माना जाता है। विन्ध्य क्षेत्र में ही नारायण ने महादेव की आराधना कर चक्र सुदर्शन प्राप्त किया था। इसके पीछे कथा यह है कि भगवान विष्णु की आराधना से जब महादेव प्रसंन हुए तो बदले में उनका नेत्र मांगा और जैसे ही विष्णु ने चाकू से अपनी आंख निकालने की कोशिश की, महादेव नेे रोक लिया और विश्व कल्याण व सुरक्षा के लिए सुदर्शन चक्र भेंट किया। इसके बाद यहीं पर मां लक्ष्मी ने शिवशंकर की तपस्या की तथा महादेव से स्त्री यौवन व सदैव युवती रहने का वरदान प्राप्त किया। 

कहा जाता है कि एक बार नारायण ने भगवान महादेव से विन्ध्य क्षेत्र की महिमा का वृतांत पूछा, महादेव ने कहा, विन्ध्य क्षेत्रस्य महात्मयम वक्तु शिशु परमेश्वर लिखतुम हहया क्षचु दृष्टतः सुरेश्यम् अर्थात विन्ध्य क्षेत्र की महिमा हजार मुख वाले सिस, लिखने को हजार भुजा वाले अर्जुन व सहस्त्र शस्त्रों से युक्त इंद्र भी बताने में असमर्थ है। कहा जाता है कि एक बार ब्रहमा ने तराजु पर वैकुंठ व विंध्याचल को तौला था। वैकुंठ का पलड़ा हल्का होने से वह स्वर्ग चला गया, जबकि विंध्य पृथ्वी पर ही रह गया। इस तरह वैकुंठ स्वर्ग से भी विन्ध्यधाम अतिउत्तम है। कहा जाता है कि सूरज का रास्ता रोकने वाला इस संसार में एकमात्र विन्ध्य पर्वत ही था। विन्ध्य पर्वत द्वारा रास्ता रोक दिये जाने से परेशान सूर्यदेव, विन्ध्य के गुरु अगस्त्य मुनि की शरण में गये। सूरज की प्रार्थना सुनकर गुरु अगस्त्य मुनि ने विन्ध्य पर्वत से कहा कि, वह अपना आकार बढ़ाना रोक दे। अगस्त्य मुनि का कहना था, कि वे अब बूढ़े हो चले हैं। उनसे अब और ऊँचाई पर चढ़ पाना इस बढ़ती उम्र में असंभव है। अगस्त्य मुनि के लाख आग्रह के बाद भी जब विन्ध्य पर्वत नहीं माना तो उन्होंने श्राप देने को कहा, तभी विन्ध्य पर्वत शरणागत होते हुए क्षमा याचना की। मुनि द्वारा क्षमा किए जाने के बाद विन्ध्य पर्वत ने अपना आकार बढ़ाना रोक दिया। इसके बाद ही सूरज को आगे बढ़ने का रास्ता मिलना संभव हो पाया था। कहते हैं कि, तभी से विन्ध्य पर्वत आज भी जहां के तहां सिर झुकाये खड़ा है, अपने गुरु की आज्ञा पालन के लिए। इस तथ्य का उल्लेख श्वामन पुराण के 18वें अध्याय में भी है। कहते हैं कि, पर्वतराज विन्ध्य के ऊपरी शिखर पर ही मां भगवती दुर्गा आज भी निवास करती हैं। भगवान भास्कर की पहली किरण विध्याचल धाम पर ही पड़ती ळें विन्ध्य क्षेत्रे समं क्षेत्रं, नास्ति ब्रहृमांड गोलके। विन्ध्य क्षेत्रं परम् दिव्यं, पावनं मंगलं प्रदत।। 

मां विन्ध्ययवासिनी की चारों आरती 
मां विन्ध्यवासिनी की चार आरती में चार पुरुषार्थ धर्म, काम, अर्थ व मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भक्त जिस आरती में सरीक होता है उस आरती में उसे मां का उसी दिव्य स्वरुप का दर्शन होता है, और उसे उसी प्रकार के फलों की प्राप्ति होती है। ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 4 बजे मां की प्रथम मंगला आरती होती है। इस आरती में मां का बाल्यवस्था का दर्शन होता है। इस आरती से भक्त को धर्म की प्राप्ति होती है। जिसमें उसका भविष्य मंगलमय होता है। मां के चरणों में शीश झुकाकर भक्त मनवांछित फल प्राप्त करता है। मध्यान्ह 12 बजे मां की द्वितीय आरती की जाती है, जिसे राजश्री आरती कहा जाता है। इसमें मातारानी का स्वरुप राज राजेश्वरी युवा अवस्था का होता है। इस आरती से भक्तों को अर्थ अर्थात समृद्धि एवं वैभव की प्राप्ति होती है जिससे मनुष्य धन-धान्य से परिपूर्ण होता है। मां विन्ध्यवासिनी को वन देवी भी कहा जाता है। इन्हीं के इच्छा से शती का प्रार्दुभाव हुआ। सायंकाल 7 बजे मां की तृतीय आरती छोटी आरती होती है जिसमें मां का स्वरुप द्रोणा अवस्था का होता है। इस आरती से भक्त को संतान तथा वंशवृद्धि की प्राप्ति होती है। मां की चतुर्थ शयन यानी बड़ी आरती रात साढ़े नौ बजे की जाती है इसमें मां का स्वरुप वैभव व वृद्धा अवस्था का होता है। इस आरती में शामिल होने वाले भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां की सुबह-शाम होने वाली आरती में जो लोग शामिल होते हैं वो अखंड पुण्य के भागी होते हैं। आरती की लौ में मां का असीम आशीर्वाद है और आरती के लौ की रौशनी जीवन के तमाम कष्टों का अंधियारा हर कर भक्तों के जीवन में खुशियों का उजियारा लाती है। हजारों लाखों भक्त मां के दर्शन करने, उनकी आरती में शामिल होने के लिए घंटों इंतजार करते हैं और जब ढोल नगाड़ों व घंटे की आवाजों के मां का श्रृंगार और उनकी आराधना होती है तो भक्तों की हर कामना पूरी हो जाती है। 

मंदिर प्रागंण में है लघु त्रिकोण 
मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में दो प्रवेश द्वार व दो निकास द्वार है। इस मंदिर में मां अपने दिव्य रुप में विराजमान हो भक्तों को दर्शन देती है। हृदय में भक्ति और नैनों में दर्शन का उत्साह लिए उत्साह भक्तों को दर्शन मात्र से ही होती है फलों की प्राप्ति। लघु त्रिकोण पर मां के मंदिर में मां का विग्रह श्रीयंत्र पर है। कहते है नवरात्र के नौ दिनों में मां के मंदिर में लगे ध्वज पर ही विराजती है। नवरात्र में मां भक्तों को नौ रुपों में भक्तों को दर्शन देकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करती है। देवी के द्वादस ग्रहों में मां विन्ध्यवासिनी ही है। मंदिर प्रांगण में पंचमुखी महादेव है। यहां मां काली व मां सरस्वती का भी दिव्य स्थल है। जो भक्त वृहद त्रिकोण परिक्रमा नहीं कर सकते उनके लिए मां के मंदिर में ही लघु त्रिकोण परिक्रमा हो जाती है। भक्त लक्ष्मी स्वरुपा माता के गर्भ परिसर में स्थित सभी देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन करते है। तो उन्हें लघु त्रिकोण का फल प्राप्त हो जाता है। गर्भ गृह परिसर में दक्षिण दिशा में महाकाली, पश्चिम में महा सरस्वती एवं महादेव विराजमान होकर त्रिकोण का फल प्रदान करते है। यहां विशाल नीम के पेड़ पर मां चूड़ा छोड़ती है ऐसा भक्तों का मान्यता है। अतः जहां भी मां का मंदिर होता हे वहां नीम का पेड़ अवश्य होता है। मां के श्रृंगार हेतु यहीं पर चंदन घिसा जाता है। मां के द्वार पर विराजित गणेश जी की पूजा के बाद मां की श्रृंगार फिर आरती की जाती है। मंदिर का उपरी परिसर जहां भक्त परिक्रमा व धागा बांधते है। मंदिर में पाठ करते हुए ये देवी भक्त साध रहे है जिनका मां इनका कल्याण करती है। भक्त हलवे का प्रसाद बनाकर लाते हे और मंदिर के भक्तों में वितरीत कराते है।

त्रिकोण पर विराजती है मां 
मां विन्ध्यवासिनी का मंदिर त्रिकोण पर स्थित है। कहते है यहां मां का प्रार्दुभाव नहीं प्राकट्य होता है, इनका भी प्राकट्य हुआ था। भूमंडल में अद्भूत यह त्रिकोण तीन शक्तियों से जागृत त्रिकोण होता है। सारे जगत में उद्भव, सम्ृति व संहार का प्रतीक है। उसमें एक बिन्दु पर महालक्ष्मी के रुप में विराजमान है तो दुसरे बिन्दु पर महाकाली और तिसरे बिन्दु पर मां सरस्वती अष्टभुजा के नाम से जानी जाती है। इन्हीं तीनों रुपों का लोग दर्शन करते है। भगवती के दर्शन से अर्थ, मोक्ष काम धर्म प्राप्त होता है। यहां ज्ञानी और अज्ञानी दोनों प्रकार के लोग साधनाएं कर भगवती से अपनी क्षमता के अनुसार साधना ग्रहण करते है। मां के मंदिर से 6 किमी की दूर पहाड़ी पर महाकाली, महालक्ष्मी और अष्टभुजा के रुप में भी विराजती है। इसके बाद काली खोह में स्थित मां काली के दर्शन के लिए जाना होता है। दोनो मंदिरों की दूरी ज्यादा नहीं है। विन्ध्यवासिनी से काली मां के मंदिर को आटो-रिक्शा से जाया जा सकता है। 

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कालीखोह में मां काली 
मां काली के बारे में मान्यता है कि मां ने रक्तबीज का नाश करने के लिए मां दुर्गा का रुप धारण किया, लेकिन रक्तबीज को मारने के दौरान उसका रक्त जमीन पर गिरते ही वह जीवित हो उठता था। इसके बाद मां ने चंडी का रुप धारण किया फिर भी वह नहीं मरा। मां विन्ध्यवासिनी ने पुनः काली का रुप धारण किया, जो आकाश की ओर मुंह खोली थी और रक्त बीज का रक्त पान करने लगी, जिससे एक भी बूंद जमीन पर नहीं गिरा और उसकार सर्वनाश हो गया। मां के अधिक क्रोध के कारण शरीर काला पड़ गया। काली खोह में मां उसी मुद्रा में विराजमान है। जहां भक्त मां के दर्शन कर मनवांछित फलों को प्राप्त करते है। यहां भी चारों वक्त मां की आरती है। यहां भगवान शिव भी विराजमान है और जहां पर रक्तबीज का रक्त गिरा वह आज भी लाल है। इस मनोरम स्थान पर परम शांति मिलती है। पेड़ो पर यहां लंगूरों का जमावड़ा रहता है, भक्त इन्हें प्यार से चना खिलाते है। कालांतर में मां भगवान शिव की पत्नी बनी। सती और शिव का संबंध अटूट है। भगवान भोले में बसती हैं सती और शक्ति के हृदय में रहते हैं शिव, लेकिन दक्ष यज्ञ में सती की अग्निसमाधि के बाद जब शिव, सती का शरीर लेकर समूचे ब्रह्मांड में भटक रहे थे तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। धरती पर ये टुकड़े जहां-जहां गिरे वो स्थान शक्तिपीठ कहलाए। उन 51 शक्तिपीठों में से एक है मां काली देवी मंदिर जहां मां के शरीर के पक्ष का भाग का विपार्थ हुआ था। मां काली की सर्वसिद्धि ममता सर्वविदित है। बलि पूजा और पंचमकार साधना यहां की जागिर है। 

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मां अष्टभुजा 
काली मां के दर्शन के बाद कुछ दूर आगे जाकर अष्टभुजा देवी का मंदिर है। मंदिर से दिखाई देना वाला पास ही बह रही गंगा का दृश्य अत्यंत मनोरम दिखाई देता है। अष्टभुजा मां को भगवान श्रीकृष्ण की सबसे छोटी और अंतिम बहन माना जाता है। कहा जाता है, श्रीकृष्ण के जन्म के समय ही इन मां का जन्म हुआ था। इनके जन्म की सुनकर कंस इन्हें ले आया। कंस ने जैसे ही इन मां की हत्या के लिये इन्हें पत्थर पर पटका, वे उसके हाथों से छूटकर आसमान की ओर चली गयीं। जाते-जाते मां ने घोषणा भी कि थी, कि कंस तुझे मारने वाला (भगवान श्रीकृष्ण) इस युग में धरती पर आ चुका है। कहते है मां भगवती ने मनु-सत्रुपा के तपस्या से प्रसंन होकर उन्हें वंश वृद्धि का आर्शीवाद देकर कहा था कि वह विन्ध्य पर्वत पर निवास करेगी। इसीलिए मां गंगा भी मां के धाम को स्पर्श करते हुए बहती है। मां महा-सरस्वती और विन्धयवासिनी देवी के रुप में साक्षात महा-लक्ष्मी जी हैं। सबसे पहले मां दुर्गा (पार्वती मां जिन्हें विन्यवासिनी भी कहा जाता है) के दरबार में पूजा के लिए जाया जाता है। मां अष्टभुजा मंदिर के पास ही एक झरना बहता है। इस झरने का जल इस हद तक शुद्ध और लाभकारी है, कि इसके पीने से शरीर के तमाम रोग दूर हो जाते हैं। इस झरने और जल के बारे में मां के दरबार में प्रसाद की दुकान लगाने वाले किसी भी दुकानदार से पूछा जा सकता है। मां अष्टभुजा मंदिर परिसर में ही पातालपुरी का भी मंदिर है। यह एक छोटी गुफा में स्थित देवी मंदिर है। 

चारों दिशाओं में विराजमान है लाटभैरव 
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देवी मंदिर के अलावा बाहरी बाधाओं से रक्षा के लिए शहर के चारों दिशाओं में लाट भैरव भी स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि जिनके प्रभाव से शहर सुरक्षित रहता है। शहर के पूर्वी हिस्से में आनंद भैरव का मंदिर है, पश्चिम की ओर सिद्धनाथ का मंदिर, दक्षिण दिशा में कपाल भैरव एवं उत्तर की ओर रूद्र भैरव का मंदिर स्थित है। इन मंदिरों में भी भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। तो दुसरी तरफ दिखता है मोइद्दीन चिश्ती का दरगाह। एक ही ईश्वर के दो रुपों के दर्शन। यहां बरतर तिराहा बटुक हनुमान जी का मंदिर है। परम सुखदायी, कल्याणकारी, हितकारी मां के सेवक व रक्षक बटुक हनुमान जी का दर्शन कर विन्ध्याचल के कोतवाल कहे जाने वाले बटूक भैरव के दर्शन बहुत जल्द ही होते है। संयोग देखिएं यहां भौतिक कोतवाल व दैविक कोतवाल दोनों आमने-सामने है। कहा जाता है कि जो भी भक्त आता है, बाबा का दर्शन जरुर करता है। बाबा के दर्शन बगैर मां का दर्शन पूर्ण नहीं होता और न ही फलों की प्राप्ति होती है। यहां जो भक्त अर्जी लगाता है तभी मां का दर्शन पूर्ण होता है और फल मिलता है। बटूक दर्शनोंपरांत प्राचीन संतोषी मां के भी दर्शन हो जाते है, जो पास में ही है। यहां महादेव भी विराजते है, जिन्हें वनखंडी भोलेनाथ के नाम से जाने जाते है।  

मुंडन संस्कार 
यहां मुंडन संस्कार उत्सव के रुप में होता है, लोग गंगा किनारे बच्चों का मुंडन कराने के बाद मां को अपनी श्रद्धा समर्पित कर दर्शन को मंदिर में जाते है। गंगा किनारे नौका बिहार हेतु यहां नाव का सुंदर प्रबध होता है। नाविक अपने नाव को सजाकर यात्रियों को गंगा के बीच ले जाते हे जहां मां का दर्शन और आनंद दोनों हो जाता है। लोग किसी मनौती के पूरा होने पर भी मां का दर्शन कर चढ़ावा चढ़ाते हैं। साथ ही पूर्वांचल के ज्यादातर परिवार के बच्चों का मुण्डन भी मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में होता है। धार्मिक आस्था में गहरे से विश्वास रखने वाले इस देश में विन्ध्याचल का अपना खास महत्व है। घण्ट-घडि़यालों के संगीतमयी स्वर से गूंजने वाले इस क्षेत्र में लोगों का मन शांतचित्त हो जाता है। पतित पावनी मां गंगा एवं शक्तिरूपी मां विन्ध्यवासिनी से मिर्जापुर की धरती पवित्र हो जाती है। पंडा समाज के पं अमरेश पांडेय ने बताया कि सिद्धपीठ विन्ध्याचल धाम पुरातन काल से ऋषियों-मुनियों व जनसाधारण के लिए आकर्षण एवं प्रेरणा का स्रोत रहा है। 

सीता कुंड 
अष्टभुजा के पश्चिम भाग में भगवती जगत नंदिनी सीता जी द्वारा निर्मित सीता कुंड स्थल प्रकृति की सुरम्यकोण मौजूद है। यहां श्रीराम जानकी की मूर्ति लक्ष्मण के साथ प्रतिष्ठित है। कहा जाता है वनवास काल में मां सीता ने यहां रसोई बनाई थी। जल की आवश्यकता पड़ने पर भगवान श्रीराम ने बाण मारकर यहां पानी का श्रोत निकाला था। बारहों मास इस कुंड का जल अत्यंत शीतल, मधुर व स्वास्थ्यवर्धक है। यहां प्राचीन कलात्मक मंदिर है, जहां मां सीता के चरण चिन्ह आज भी देखने को मिलता है। कहा यह भी जाता है कि वशिष्ठ मुनि के कहने पर भगवान श्रीराम ने अपने पिता का श्राद्ध तर्पण यहीं पर शिवलिंग की स्थापना कर किया थाजो आज भी रामेश्वरनाथ से मौजूद है। यहां स्नान करने से सभी की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हे। पितृ विसर्जन के दौरान भक्त अपने पूर्वजों का यहां तर्पण करने भी आते है।    

धूमधाम से होता है कजरी महोत्सव 
मां विन्ध्यवासिनी का स्थान महाशक्तिपीठ है। यह सिद्धपीठ भी है। माता मंदिरों में सीढि़यों से सटाएं कुंड है, जो साल में एक ही बार खुलता है। लोग दर्शन-पूजन के लिए रात से ही मां के दरबार में कतारबद्ध हो जाते हैं। भोर में मंदिर का कपाट खुलने के साथ ही मां के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है। नवरात्र के नौ दिन उत्सवमयी महौल रहता है। मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में बड़ा एवं महत्वपूर्ण कजरी महोत्सव जून में होता है। महोत्सव में कजरी गायन की प्रतियोगिता भी होती है। मां का आर्शिवाद प्राप्त कर जब कलाकार कजरी की स्वरलहरियों की तान लगाते हैं तो पूरा विन्ध्याचल धाम झंकृत हो जाता है। जिस विन्ध्याचल पर्वत पर यह त्रिकोण देवी मंदिर हैं, उस पर्वत का भी अपना दिलचस्प इतिहास है। महेंद्र, मलय, सह्य, शक्तिमान, ऋक्ष, विन्ध्य और परियात्र। इन सात पर्वतों को कुल-पर्वत माना गया है। यह सातों पर्वत हिंदुस्तान में पुण्यक्षेत्र के रुप में स्वीकारे गये हैं। इन पर्वतों में विन्ध्य पर्वत का अपना विशेष स्थान है। 




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(सुरेश गांधी)

संवेदनशील मीडिया बहुकर्मियों के साथ जल जीवन और संरक्षण पर राष्ट्रीय सेमीनार

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  • मीडिया चौपाल का दिल्ली में होगा आगाज़
  • देश भर के संजीदा सरोकारी मीडियाकर्मी और सामाजिक सरोकारी करेंगे परिचर्चा 
  • आई आई एम् सी बनेगा जल जीवन और संरक्षण परिचर्चा का केंद 

media chaupal
‘नद्द: रक्षति रक्षित:’ (नदी संरक्षण) विषय पर केंद्रित ‘मीडिया चौपाल’ में वेब मीडिया संचालकों, ब्लॉग लेखकों और पत्रकारों के जुटान का आयोजन भोपाल की स्पंदन नामक संस्था और मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की साझा अगुवाई में किया जा रहा है। आयोजन को पं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, विज्ञान प्रसार, इंडियन साइंस राइटर्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, विज्ञान भारती, इंडिया वाटर पोर्टल, जम्मू कश्मीर अध्ययन संस्थान और भारतीय जनसंचार संस्थान आदि मदद कर रही है।

देश के 150 से अधिक मीडियाकर्मी नदियों की हालत और उसमें सुधार की गुंजाइश तलाशने के लिए राजधानी दिल्ली में जुटेंगे। मीडिया शिक्षा के लिए मशहूर भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में 11-12 अक्टूबर को ‘मीडिया चौपाल’ नाम से इसका आयोजन किया जा रहा है।

स्पंदन के संयोजक अनिल सौमित्र ने इस बारे में बताया कि बीते तीन साल से इन कोशिशों के जरिए हम समाज को जागरूक करने वाले मीडियाकर्मियों के बीच किसी खास मसले पर चर्चा करते हैं। चर्चा से सामने आए फैसलों और उपायों को प्रशासन और सरकार के साथ ही समाज के संबंधित जगहों पर पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि ‘विकास की बात विज्ञान के साथ : नये मीडिया की भूमिका’ और ‘जन-जन के लिए विज्ञान और जन-जन के लिए मीडिया’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पिछले दो सालों में मीडिया चौपाल का सफल आयोजन भोपाल में हो चुका है। तीसरी मीडिया चौपाल दिल्ली में भारतीय जनसंचार संस्थान के परिसर में जमेगी।

उन्होंने कहा कि भारत की लगभग सभी नदियों और उससे जुड़े इंसान समेत सभी जीवों के सामने जब संकट खड़ा हो, तब संचार के नए माध्यम ‘सोशल मीडिया’ की पहुंच, प्रयोग और प्रभाव का नदी संरक्षण के लिए उपयोग करने पर चर्चा करना बहुत जरूरी और अहम पहल है।

पाकिस्तानी सैनिकों ने की गोलीबारी, 5 की मौत, 29 लोग घायल

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पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा स्थित गांवों और भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर की गई भारी गोलाबारी में पांच ग्रामीणों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हो गए। यह संघर्ष विराम उल्लंघन की अब तक की सबसे भीषण घटनाओं में से एक है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि पाकिस्तानी रेंजरों ने जम्मू जिले के अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 10 सीमा चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर कल रात 10 बजे से बिना उकसावे के भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे। प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजरों ने सीमावर्ती गांवों और चौकियों को निशाना बनाने के लिए छोटे, स्वचालित और मोर्टार बमों का इस्तेमाल किया। सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। क्षेत्र में रूक-रूक कर गोलीबारी हो रही है।

आर एस पुरा तहसील के उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) देवेन्द्र सिंह ने बताया कि गोलाबारी में पांच ग्रामीण मारे गए और 29 घायल हो गए। घायलों में से 25 को जम्मू के जीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारी गोलाबारी के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाली पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे सिंह ने बताया कि गोलाबारी में बड़ी संख्या में मकान नष्ट हुए और मवेशी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर खतरे वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को वहां से निकाला जाएगा।

बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बल का कोई कर्मी हताहत नहीं हुआ है। जम्मू कश्मीर में भारत-पाक सीमा पर पिछले चार दिन में संघर्ष विराम का यह 11वां उल्लंघन है। पुंछ में नियंत्रण रेखा पर सात बार और जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। तीन अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों और रेंजरों ने कश्मीर घाटी के गुलमर्ग सेक्टर और पुंछ तथा जम्मू सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था जिसमें एक लड़की मारी गई थी और छह अन्य लोग घायल हो गए थे।

जम्मू में अस्पताल भेजे गए घायलों के परिजनों के चेहरों पर भय साफ देखा जा सकता है। पिंडी गांव के करन सिंह ने कहा कि मोर्टार बमों की झड़ी और उनके फटने की आवाज से हमें लग रहा था कि हम किसी भी समय मारे जा सकते हैं। रानो देवी ने कहा कि पाकिस्तान हमें बार-बार निशाना बनाता रहता है। सरकार को तत्काल कुछ न कुछ करना चाहिए। हम मरने के लिए सीमा पर नहीं रह सकते।

कल पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पर, पुंछ जिले में स्थित बालनोई सब सेक्टर में अग्रिम भारतीय चौकियों पर सुबह करीब आठ बजे बिना उकसावे के भारी गोलाबारी की थी। चार अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा से लगते इलाकों में भीषण गोलाबारी की थी, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया था। पाकिस्तानी सैनिकों ने एक और दो अक्टूबर को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर दो बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था, जिसमें तीन महिलाओं सहित छह लोग घायल हो गए थे। सेना के अनुसार, जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के मद्देनजर पाकिस्तान आधारित आतंकी नेतृत्व भारी गोलीबारी की आड़ में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को घुसाना चाहता है, ताकि राज्य में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।

उधमपुर आधारित रक्षा प्रवक्ता कर्नल एसडी गोस्वामी ने कहा था कि वे राज्य में विधानसभा चुनाव में खलल डालना चाहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बड़ी संख्या में उनके कैडरों का पहले ही सफाया हो चुका है। इसलिए उनकी संख्या बढ़ाने के लिए वे राज्य में अपने अधिक से अधिक लोगों को घुसाने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे पहले, पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की भीषण घटना 26 अगस्त की रात को हुई थी। पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से 45 दिन से की जा रही भीषण गोलीबारी और गोलाबारी से सीमा पर उत्पन्न तनाव को कम करने के प्रयास के तहत 29 अगस्त को जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में ऑक्टराय बीओपी में दोनों देशों के बीच सेक्टर कमांडर (डीआईजी-ब्रिगेडियर) स्तर की महत्वपूर्ण फ्लैग मीटिंग हुई थी। बीएसएफ के सैनिकों ने 28 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा सेक्टर की बल्लार्ड चौकी में रेंजरों के साथ कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग की थी।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बिना उकसावे के पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी और गोलीबारी से प्रभावित हुए जम्मू के सीमावर्ती गांव अरनिया का दौरा करेंगे जिसमें पांच लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। हजरतबल दरगाह में ईद की नमाज पढ़ने के बाद उमर शहर के सरकारी अस्पताल गए और वहां उन्होंने रक्तदान किया। इसके बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती सीमापार से गोलाबारी में घायलों के देखने के लिये जम्मू गये। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अरनिया गांव का दौरा करेंगे। यह वही इलाका है, जो पिछली रात से बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

 बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक भी इलाके की सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली से जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं। जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों एवं चौकियों पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से की जा रही गोलाबारी एवं गोलीबारी में पांच ग्रामीण मारे गए हैं और 29 लोग घायल हो गए हैं। यह पाकिस्तान की ओर से अब तक के सबसे गंभीर संघर्षविराम उल्लंघनों में से एक है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के उल्लंघन की निंदा करते हुए आज कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह से तैयार है और सीमापार से ऐसे प्रत्येक उकसावे का जवाब दे रही हैं। जेटली ने कहा कि पाकिस्तान को यह समक्षना चाहिए कि जिस तरह का माहौल वह दोनों देशों के बीच पैदा कर रहा है, उससे संबंधों को सामान्य बनने में निश्चित तौर पर मदद नहीं मिलने जा रही है। संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरुप संघर्ष विराम का लगातार उल्लंघन हो रहा है। इसके कारण निर्दोष नागरिकों की जान जा रही है।

जेटली ने कहा कि पाकिस्तान को समक्षना चाहिए कि दोनों देशों के बीच वह जिस तरह का माहौल पैदा कर रहा है, उससे संबंधों को सामान्य बनाने में निश्चित तौर पर कोई मदद नहीं मिलने नहीं जा रही है। सकारात्मक माहौल बनाने की जवाबदेही पाकिस्तान पर है जो ऐसा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि लोग इस बात से आश्वस्त रहें कि हमारी सशस्त्र सेनाएं और अर्धसैनिक बल पूरी तरह से तैयार है और पाकिस्तान की ओर से प्रत्येक उकसावे का जवाब दे रही हैं।

सीमा पर तनाव के हालात के बीच ईद के मौके पर पंजाब में वाघा सीमा पर भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच आज मिठाई नहीं बांटी गयी, जो परंपरागत तरीके से हर साल बांटी जाती है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के सेक्टर कमांडरों के बीच कल देर शाम को हुई फ्लैग वार्ता में दूसरे पक्ष ने आज आयोजित होने वाले समारोह के लिए कोई समय तय करने से इनकार कर दिया। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने आज ईद पर मिठाइयों के आदान-प्रदान से इनकार कर दिया। उन्होंने कोई वजह नहीं बताई, लेकिन समझा जाता है कि दूसरी तरफ से बिना उकसावे के गोलीबारी की घटनाओं के मददेनजर जम्मू कश्मीर सीमा पर फैला तनाव एक वजह हो सकती है। इसलिए बीएसएफ ने आज वाघा सीमा पर कोई गतिविधि नहीं की और गेट बंद रहे।

दोनों पक्षों के बीच सीमा पर मिठाइयों का आदान-प्रदान एक पुरानी परंपरा है, जिसका मकसद सदभावना बनाये रखना है। दिवाली और दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस पर भी यह परंपरा निभाई जाती है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक रोजाना होने वाली इवनिंग र्रिटीट होने की संभावना है। जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आज पाकिस्तानी जवानों की ओर से मोर्टार दागे जाने और गोलीबारी में पांच ग्रामीणों की मृत्यु हो गयी और 29 लोग घायल हो गये। जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से भारी गोलीबारी और गोलाबारी के कारण पांच ग्रामीणों की मौत एवं 29 लोगों के घायल हो जाने के बाद भारत ने आज पाकिस्तान से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं रोकने के लिए कहा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को अब संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं रोकनी चाहिए और इस वास्तविकता को समझना चाहिए कि भारत में समय बदल चुका है। उन्होंने कहा कि केंद्र स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जम्मू-कश्मीर सरकार पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित हुए सीमावर्ती इलाकों के निवासियों को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठा रही है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है और उसे ऐसी हरकतों से बचना चाहिए। भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, पाकिस्तान जो भी कर रहा है, वह निश्चित रूप से एक गंभीर मुद्दा है। हम पाकिस्तान को यह बताना चाहते हैं कि ऐसी गतिविधियों में शामिल होना उनके अपने लिए अच्छा नहीं है। पाकिस्तान की गतिविधियों की निंदा करते हुए पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह बेहद निंदनीय बात है कि इस तरह की घटनाएं ईद के मौके पर हुई हैं। इससे ज्यादा बुरा और कुछ नहीं हो सकता।

कल रात से जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गांवों और सीमा चौकियों को निशाना बनाकर पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी और गोलीबारी में पांच ग्रामीण मारे गए और 29 लोग घायल हो गए हैं। पाकिस्तान की ओर से यह संघर्ष विराम उल्लंघन की सर्वाधिक भयावह घटना है। पिछले चार दिनों में जम्मू-कश्मीर में स्थित भारत-पाक सीमा पर किया गया यह 11वां संघर्ष विराम उल्लंघन है। तीन अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों और रेंजरों ने कश्मीर घाटी के गुलमर्ग सेक्टर और पुंछ एवं जम्मू सेक्टरों में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था, जिसमें एक लड़की मारी गई थी और छह लोग घायल हो गए थे।

जम्मू कश्मीर के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सेना ने घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम करते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में पांच अक्टूबर और छह अक्टूबर की मध्य रात्रि तंगधार पटटी में नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे आतंकवादियों का एक समूह नजर आया। भारतीय सैनिकों ने उन्हें ललकारा। इसके बाद गोलीबारी हुई और तीन आतंकवादी मारे गए। घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी गई। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से तीन एके राइफलें बरामद की गई हैं।


शिवसेना ने भाजपा पर गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया

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शिवसेना ने भाजपा पर करारा हमला करते हुए उस पर 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया और अपने पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए उपजे सम्मान पर सवाल उठाया ।गौरतलब है कि मोदी ने महाराष्ट्र में एक चुनाव रैली में दिवंगत बाल ठाकरे के प्रति सम्मान जताते हुए, भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है, मोदी कहते हैं कि वह अपने भाषणों में शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि वह बाला साहेब ठाकरे का सम्मान करते हैं। हम भी प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं।

मुखपत्र के संपादकीय में पार्टी ने कहा है, लेकिन जब केवल सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर आपने हमारी पीठ में छुरा घोंपा, तब वह सम्मान कहां था, हिन्दुत्व के सिद्धांतों पर किया गया गठबंधन तोड़ने से पहले आपने बाला साहेब के बारे में नहीं सोचा।

सांगली जिले के तासगांव में कल चुनाव प्रचार कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह बाल ठाकरे का सम्मान करते हैं जिसके चलते शिवसेना के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहेंगे। मोदी ने कहा था कि राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि (चुनाव प्रचार के दौरान) अपने भाषणों में मोदी ने शिवसेना की आलोचना क्यों नहीं की। दिवंगत बाल ठाकरे के बिना यह पहला चुनाव है। मैंने शिवसेना के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहने का फैसला किया है। यह बाला साहेब ठाकरे को मेरी श्रद्धांजलि है।

शिवसेना ने भाजपा को भ्रष्ट कांग्रेस और राकांपा के समकक्ष बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता को अब एहसास हुआ है कि राज्य के असली और छिपे हुए चोर कौन हैं। संपादकीय में कहा गया है, यह सर्वविदित तथ्य है कि कांग्रेस और राकांपा ने महाराष्ट्र को लूटा है। लेकिन गुजरात की मुख्यमंत्री आनन्दी बेन पटेल किस उद्देश्य से महाराष्ट्र आई थीं, अगर वह सभी उद्योगपतियों से महाराष्ट्र छोड़ कर गुजरात में अपना आधार बनाने के लिए कहती हैं तो यह भी महाराष्ट्र को लूटना ही हुआ।

इसमें आगे कहा गया है, आप राज्य के खजाने पर नजर रखने और (गुजरात के फायदे के लिए) मुंबई की खातिर सौदा करने को क्या कहेंगे, क्या यह महाराष्ट्र को लूटना नहीं है, इसके बाद शिवाजी महाराज के आशीर्वाद की बातें करना दिखावे के अलावा और कुछ नहीं है। शिवसेना ने आगे लिखा है, पहले कभी किसी ने शिवाजी महाराज के आशीर्वाद का बाजार नहीं खोला।

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