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विशेष आलेख : करवा चौथ पर विशेष

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  • चार महामंत्रों की जाप से व्रती महिलाओं की पूरी होगी हर इच्छा 
  • पति न सिर्फ तरक्की के राह पर होंगे बल्कि विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्त व लंबी आयु भी पा सकेंगे और रोजी-रोजगार, नौकरी, सुरक्षा सहित धन-यश आदि से भी होंगे मालामाल 
  • कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी को पड़ने वाला करवा चौथ इस बार चित्रा नक्षत्र में है 
  • करवा चैथ 11 अक्टूबर दिन शनिवार को है। पूजा मुहूर्त 17 बजकर 52 मिनट से 19 बजकर 07 मिनट तक है। यह नक्षत्र 11 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट से शुरु होकर 12 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 33 मिनट तक रहेगा

karwa chauth
ऊँ नमो आनंदिनी श्री वर्धिनी गौर्ये नमः, ऊँ श्री सर्वसौभाग्यदायिनी सर्वम् पूरण श्री ऊँ नमः, त्रिचक्रे त्रिरेखं सुरेखे उज्जवले नमः व ऊँ नमो अष्टभाग्यप्रदे धात्रिदैव्ये नमः। ये चार ऐसे है महामंत्र है, जो इस बार करवा चैथ पर जाप करने से व्रती महिलाओं के पति न सिर्फ तरक्की के राह पर होंगे बल्कि विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्त व लंबी आयु भी पा सकेंगे और रोजी-रोजगार, नौकरी, सुरक्षा सहित धन-यश आदि से भी होंगे मालामाल। जी हां, आचार्य रामदुलार उपाध्याय का दावा है कि इस बार इन चारों मंत्रों का उच्चारण करने से व्रती महिलाओं की पति के खुशहाली की हर मनोकामनाएं पूरी होंगी। क्योंकि इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदयव्यापिनी चतुर्थी को पड़ने वाला करवा चैथ चित्रा नक्षत्र में है। इस नक्षत्र में विधि-विधान से की जाने वाली व्रत हर इच्छा पूरी करेगा। करवा चैथ 11 अक्टूबर दिन शनिवार को है। पूजा मुहूर्त 17 बजकर 52 मिनट से 19 बजकर 07 मिनट तक है। यह नक्षत्र 11 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट से शुरु होकर 12 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। असल में करवा चैथ मन के मिलन का पर्व है। सुहाग की सलामती का पर्व, चांद से सुख समृद्धि मांगने का दिन भी होता है करवाचैथ। पूरे श्रृंगार में सुहागिनें मां पार्वती और शिव के साथ चांद की पूजा कर मांगती हैं खुशियों का वरदान। इस पर्व में साज-श्रृंगार का मतलब है विवाहित जीवन की इच्छाएं और भावनाएं सदैव युवा रहें। समय बीतने के साथ उबाऊ न बनें। 

करवा चैथ व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी को किया जाता है। विवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत अखंड सौभाग्य का कारक होता है। व्रती महिलाएं दिनभर निर्जल उपवास रखती हैं और चंद्रोदय में अपने प्राण बल्लभ की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की कामना करके भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद अ‌र्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। व्रत तोड़ने से पूर्व चलनी में दीपक रखकर, उसकी ओट से पति की छवि को निहारने की परंपरा भी करवा चैथ पर्व की है। भारतीय संस्कृति में पति को परमेश्वर माना गया है। यह व्रत पति पत्नी दोनों के लिए नव प्रणय निवेदन और एक दूसरे के प्रति हर्ष, प्रसन्नता, अपार प्रेम, त्याग एवं उत्सर्ग की चेतना लेकर आता है। इस दिन स्त्रियां नव वधू की भांति पूर्ण शृंगार कर सुहागिन के स्वरूप में रमण करती हुई भगवान रजनीश से अपने अखंड सुहाग की प्रार्थना करती हैं। स्त्रियां शृंगार करके ईश्वर के समक्ष व्रत के बाद यह प्रण भी करती हैं कि वे मन, वचन एवं कर्म से पति के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना रखेंगी तथा धर्म के मार्ग का अनुसरण करती हुई धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को प्राप्त करेंगी। भावनाओं से जुड़ाव इस त्योहार का सबसे बड़ा सामाजिक पक्ष है। इस दिन बहुएं अपनी सास को चीनी के करवे, साड़ी और श्रृंगार सामग्री प्रदान करती हैं। पति की ओर से पत्‍‌नी को तोहफा देने का चलन भी इस त्योहार में है। इस व्रत में रात्रि बेला में शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा के चित्रों एवं सुहाग की वस्तुओं की पूजा का विधान है। इस दिन निर्जल व्रत रखकर चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अघ्र्य अर्पण कर भोजन ग्रहण करना चाहिए। कुंआरी कन्याएं इस दिन गौरा देवी का पूजन करती हैं। शिव पार्वती के पूजन का विधान इसलिए भी है कि जिस प्रकार शैलपुत्री पार्वती ने घोर तपस्या करके भगवान शंकर को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया वैसा ही सौभाग्य उन्हें भी प्राप्त हो।

karwa chauth
पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों के बनवास के समय जब अर्जुन तप करने इंद्रनील पर्वत की ओर चले गए। तब किसी कारणवश उन्हें वहीं रूकना पड़ा। उन्हीं दिनों पांडवों पर गहरा संकट आ पड़ा। इससे चिंतित व शोकाकुल द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया तथा कृष्ण के दर्शन होने पर पांडवों के कष्टों के निवारण हेतु उपाय पूछा। श्रीकृष्ण बोले- हे द्रौपदी! मैं तुम्हारी चिंता एवं संकट का कारण जानता हूं। उसके लिए तुम्हें एक उपाय करना होगा। जल्दी ही कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी आने वाली है, उस दिन तुम पूरे मन से करवा चैथ का व्रत रखना। भगवान शिव, गणेश एवं पार्वती की उपासना करना, तुम्हारे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे तथा सबकुछ ठीक हो जाएगा। श्रीकृष्ण की आज्ञा का पालन कर द्रोपदी ने वैसा ही करवा चैथ का व्रत किया। तब उसे शीघ्र ही अपने पति के दर्शन हुए और उसकी सारी चिंताएं दूर हो गईं। कहा यह भी जाता है कि इंद्रप्रस्थ में वेद शर्मा नामक एक विद्वान ब्राह्मण के सात पुत्र तथा एक पुत्री थी जिसका नाम वीरावती था। उसका विवाह सुदर्शन नामक एक ब्राह्मण के साथ हुआ। ब्राह्मण के सभी पुत्र विवाहित थे। एक बार करवा चैथ के व्रत के समय वीरावती की भाभियों ने तो पूर्ण विधि से व्रत किया, लेकिन वीरावती सारा दिन निर्जल रहकर भूख न सह सकी तथा निढाल होकर बैठ गई। भाइयों की चिंता पर भाभियों ने बताया कि वीरावती भूख से पीडि़त है। करवा चैथ का व्रत चंद्रमा देखकर ही खोलेगी। यह सुनकर भाइयों ने बाहर खेतों में जाकर आग जलाई तथा ऊपर कपड़ा तानकर चंद्रमा जैसा दृश्य बना दिया और जाकर बहन से कहा कि चांद निकल आया है, अघ्र्य दे दो। यह सुनकर वीरावती ने अघ्र्य देकर खाना खा लिया। नकली चंद्रमा को अघ्र्य देने से उसका व्रत खंडित हो गया तथा उसका पति अचानक बीमार पड़ गया। वह ठीक न हो सका। इसके बाद एक बार इंद्र की पत्नी इंद्राणी करवा चैथ का व्रत करने पृथ्वी पर आईं। इसका पता लगने पर वीरावती ने जाकर इंद्राणी से प्रार्थना किया कि उसके पति के ठीक होने का उपाय बताएं। इंद्राणी ने कहा कि तेरे पति की यह दशा तेरी ओर से रखे गए करवा चैथ व्रत के खंडित हो जाने के कारण हुई है। यदि तू करवा चैथ का व्रत पूर्ण विधि-विधान से बिना खंडित किए करेगी तो तेरा पति ठीक हो जाएगा। वीरावती ने करवा चैथ का व्रत पूर्ण विधि से संपन्न किया जिसके फलस्वरूप उसका पति बिलकुल ठीक हो गया। करवा चैथ का व्रत उसी समय से प्रचलित है। अतः सौभाग्य, पुत्र-पौत्रादि और धन-धान्य के इच्छुक स्त्रियों को यह व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए। 

एक अन्य कथा के अनुसार जब मां पार्वती द्वारा भगवान शिव से पति की दीर्घायु एवं सुख-संपत्ति की कामना की विधि पूछी तब शिव ने करवा चैथ व्रत’ रखने की कथा सुनाई थी। करवा चैथ का व्रत करने के लिए श्रीकृष्ण ने दौपदी को निम्न कथा का उल्लेख किया था। पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी। उसका पति बूढ़ा और निर्बल था। एक दिन जब वह नदी के किनारे कपड़े धो रहा था तभी अचानक एक मगरमच्छ वहां आया, और धोबी के पैर अपने दांतों में दबाकर यमलोक की ओर ले जाने लगा। वृद्ध पति यह देख घबराया और जब उससे कुछ कहते नहीं बना तो वह करवा..! करवा..! कहकर अपनी पत्नी को पुकारने लगा। छक्पति की पुकार सुनकर धोबिन करवा वहां पहुंची, तो मगरमच्छ उसके पति को यमलोक पहुंचाने ही वाला था। तब करवा ने मगर को कच्चे धागे से बांध दिया और मगरमच्छ को लेकर यमराज के द्वार पहुंची। उसने यमराज से अपने पति की रक्षा करने की गुहार लगाई और साथ ही यह भी कहा की मगरमच्छ को उसके इस कार्य के लिए कठिन से कठिन दंड देने का आग्रह किया और बोली- हे भगवान! मगरमच्छ ने मेरे पति के पैर पकड़ लिए है। आप मगरमच्छ को इस अपराध के दंड-स्वरूप नरक भेज दें। करवा की पुकार सुन यमराज ने कहा- अभी मगर की आयु शेष है, मैं उसे अभी यमलोक नहीं भेज सकता। इस पर करवा ने कहा- अगर आपने मेरे पति को बचाने में मेरी सहायता नहीं कि तो मैं आपको श्राप दूंगी और नष्ट कर दूँगी। करवा का साहस देख यमराज भी डर गए और मगर को यमपुरी भेज दिया। साथ ही करवा के पति को दीर्घायु होने का वरदान दिया। तब से कार्तिक कृष्ण की चतुर्थी को करवा चैथ व्रत का प्रचलन में आया। जिसे इस आधुनिक युग में भी महिलाएं अपने पूरी भक्ति भाव के साथ करती है और भगवान से अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

पूजा का विधि-विधान 
इस व्रतमें शिव-पार्वती और स्वामीकार्तिकेय और चन्द्रमाका पूजन का विधान है। ‘मम सुखसौभाग्यपुत्रपोत्रादिसुस्थिरश्रीप्राप्तये करकचतुर्थीव्रतमहं करिष्ये।’ पूजन से पहले पीली मिट्टी की गौरी भी बनायी जाती है। फिर एक पट्‍टे पर जलसे भरा लोटा एवं एक करवे में गेहूं भरकर रखते हैं। कुछ स्त्रियां परस्पर चीनी या मिट्टी का करवा आदान प्रदान करती हैं। लोकाचार में कई स्त्रियां काली चिकनी मिट्टी के कच्चे करवे में चीनी की चासनी बनाकर डाल देती हैं अथवा आटे को घी में सेंककर चीनी मिलाकर लड्डू आदि बनाती हैं। पूरी-पुआ और विभिन्न प्रकार के पकवान भी इस दिन बनाए जाते हैं। नव विवाहिताएं विवाह के पहले वर्ष से ही यह व्रत प्रारंभ करती हैं। चैथ का व्रत चैथ से ही प्रारंभ कराया जाता है। इसके बाद ही अन्य महीनों के व्रत करने की परम्परा है। नैवेद्य (भोग) में से कुछ पकवान ब्राह्मणों को दक्षिणा सहित दान करें तथा अपनी सासू मां को 13 लड्डू, एक लोटा, एक वस्त्र, कुछ पैसे रखकर एक करवा चरण छूकर दे दें। करवा तथा पानी का लोटा रोली पाटे पर रखती हैं और कहानी सुनकर करवा अपनी सास के पैरों में अर्पित करती हैं। सास न हो तो मंदिर में चढ़ाती हैं। 13 जगह सीरा पूड़ी रखकर हाथ फेरें। सभी पर रुपया भी रखें। रुपया अपनी सास को दे दें। 13 सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराने के बीच दे दें। कुंआरी कन्याएं इस दिन गौरा देवी का पूजन करती हैं। शिव पार्वती के पूजन का विधान इसलिए भी है कि जिस प्रकार शैलपुत्री पार्वती ने घोर तपस्या करके भगवान शंकर को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया वैसा ही सौभाग्य उन्हें भी प्राप्त हो। दीवार पर या कागज पर चन्द्रमा उसके नीचे शिव-पार्वती तथा कार्तिकेयकी चित्रावली बनाकर पूजा की जाती है। कथा सुनते हैं। इस दिन निर्जल व्रत किया जाता है। चन्द्रमा को देखकर अर्घ्य देते हैं फिर भोजन करते हैं। नव विवाहिताएं विवाह के पहले वर्ष से ही यह व्रत प्रारंभ करती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है। इस दिन निर्जल व्रत रखकर चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अघ्र्य अर्पण कर भोजन ग्रहण करना चाहिए।

महिलाओं का कर्तव्य 
भारतवर्ष के धराधाम में हजारों ऐसी महिलाएँ हुई हैं जिनकी पतिव्रता पालन की मिसाल दी जाती है, लेकिन उनमें से भी कुछ ऐसी हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नो में लिखा जा चूका हैं। जैसे ..अहिल्या द्रौपदी सीता तारा मंदोदरी तथा । पंचकन्या ना स्मरेन्नित्यं महापातकनाशनम् ।। जो संस्कृत में ना बोल सके सो हिंदी में इन पवित्र आत्माओं का नाम लेकर स्वयं इनके नाम के प्रताब का अनुभव कर सकती है। महिलाओं को चाहिए कि वह सर्वप्रथम अपने पति को खुश रखे, साथ ही पति का भी कर्तव्य बनता है की वो भी अपनी भार्या का ध्यान रखे। प्रातः काल उठते ही जो पत्नी अपने पति के पैर छू कर आशीर्वाद लेती है वह सदा सुहागन रहती है। जो महिलाये पति धर्म का जीवन में पालन करती है, तो वह निर्वाह किया हुआ धर्म सभी संकटों में उसकी रक्षा करेगा। धर्मो रक्षति रक्षितः। जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। अतः स्वप्न में भी पराये पुरुष के संपर्क में ना आये। नारी के लिए पति को ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव से अधिक माना गया है। उसके लिए अपना पति ही शिवरूप है। जो स्त्री पति के कुछ कहने पर क्रोधपूर्वक कठोर उत्तर देती है, वह इस जीवन में सुख नहीं भोग पाती है। जो पति को तू कहकर बोलती है, वह अगले जन्म में गूंगी होती है। जो स्त्री पति की आंख बचाकर दूसरे पुरुष पर दृष्टि डालती है वह कानी, टेढ़े मुंहवाली तथा कुरूपा होती है। जो दुराचारिणी स्त्रियां अपना शील भंग कर देती हैं, वे अपने माता-पिता और पति तीनों कुलों को नीचे गिराती हैं और परलोक में दुख भोगती हैं। सनातन धर्म में स्त्री को शक्ति और लक्ष्मी स्वरूपा माना गया है, हिन्दू धर्म में स्त्री के बारे में कहा गया है कि -यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता द्ययत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला क्रिया। अर्थात, जहां पर स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता रमते हैं, जहाँ उनकी पूजा नहीं होती, वहाँ सब काम निष्फल होते हैं। 




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(सुरेश गांधी)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 अक्टूबर)

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षरद पूर्णिमा पर राजवाडा मित्र मंडल ने बांटे पूरस्कार, फिल्म कलाकार अम्रता राव ने कि षिरकत

jhabua news
झाबुआ--- षरद पूर्णिमा के अवसर पर राजवाडा मित्र मंडल ने श्रेश्ठ गरबा प्रदर्षन करने वाले प्रतिभागीयो को आकृशक पूरस्कारो का वितरण किया।इस अवसर पर देष कि जानी मानी फिल्म अदाकारा अम्रता राव ने भी प्रतिभागीयो के साथ गरबा प्रस्तूत किया व कार्यक्रम कि समाप्ती पर मंडल के प्रमूख ब्रजेष षर्मा उर्फ चून्नू भेया व सूरेष चन्द्र जेन उर्फ पप्पू भेया के सहयोग से सर्व श्रेश्ठ गरबा प्रस्तूत करने वालो को पूरस्कार वितरण किए। आषुतोश वर्मा व मोनू वर्मा बाईक पुरूश वर्ग मे, कुमारी तान्या सिसौदिया स्कूटी महिला वर्ग मे,योगेष चैहान मिक्सर पुरूश, ष्वेता राठौर ( मिक्सर )महिला, सांत्वना पुरूस्कार पुरूश वर्ग मे मयूरसिंह वाघेला, रोहित मेडा बबलू बसोड, गौरव कोठारी, सार्थक मेहता,सांत्वना पुरूस्कार महिला वर्ग मे कु. सोनू राठौर, कु. टीषा चैरसिया, श्रीमती मोनिका सोनी, कु.प्रतिका सुसालादे, कु. टीषा कोठारी,सर्वश्रेश्ठ ग्रुप प्रियंका नीमा, हिना जैन, सैजल जैन, रिद्धी भंडारी, सिद्धी भंडारी,विशेश पुरूस्कार श्रीमती प्रतिभा गुप्ता, श्रीमती सपना संघवी को दिया गया।

कृषि महाविद्यालय की छात्राओं हेतु कार्यषाला आयोजित

झाबूआ---जिला सहकारी केन्द्रीय बेैंक मर्यादित झाबुआ मे कृषि महाविद्यालय की छात्राओं को सहकारिता एवं बैंक से संबंधित जानकारी से अवगत कराये जाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ की अनुषंसा पर एक कार्यषाला आयोजित की गई ।  उक्त कार्यषाला में बैंक के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री विजयसिंह कुर्मी द्वारा उपस्थित छात्राओं को बैंक से संबंधित जानकारी- अमानत संग्रहण, खरीफ/रबी सीजन मे ऋण वितरण एवं वसूली करना, एवं बैंक से संबंद्ध 72 सहकारी संस्थाओ के माध्यम से शासकीय योजनाओं मे ऋण वितरण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्तर्गत खाद्यान्न वितरण, रासायनिक खाद/बीज/कल्चर दवाई आदि किसानों को उपलब्ध कराने का कार्य एवं कृषि से जुडी महत्वपूर्ण जानकारीयों से अवगत कराया गया । उक्त कार्यषाला मे समुह प्रमुख कु. नेहा राजावत सहित लगभग 32 छात्राएं उपस्थित थी ।

सट्टा खेलते हुए आरोपी गिरफ्तार
          
झाबूआ---पुलिस अधीक्षक ने बताया कि थाना पेटलावद पुलिस ने आरोपी मदनलाल पिता मोहनलाल उम्र 32 वर्ष निवासी वडलीपाडा को सट्टा खेलते हुए रंगे हाथों गिरफ्तारी किया। आरोपी के कब्जे से सटटा अंक लिखी पर्ची नग चार, एक लीड-पेन, नगदी 300/- रू0 जप्त किये गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 428/14, धारा 4 क धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

पशु क्रुरता अधिनियम मे आरोपी गिरफतार 
         
झाबूआ--- पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ ने बताया कि आरोपी मिनेश पिता खुमार मचार निवासी थेथम अन्य 11 द्वारा ट्रक क्रमांक आरजे 08 जीए 1300 में क्षमता से अधिक 20 बैल/पशु परिवहन करते ले जाना पाया गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 234/14, धारा 11-घ म0प्र0 पशु कु्ररता निवारण अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

फर्जी चिकित्सक पर प्रकरण दर्ज

झाबूआ--फरियादी मनोहरलाल पिता टीकमचंद उम्र 42 वर्ष तैनात थांदला चिकित्सालय ने बताया कि आवेदन क्रमांक 495-49 की जांच में पाया गया कि आरोपी गोतम पिता संतोष राय निवासी ग्राम भामल द्वारा अवैध रूप से क्लिनीक पर पे्रेक्टीस करते पाये जाने पर दवाईया जप्त की गयी थी। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 473/14, धारा 24 आर्युविज्ञान अधिनियम 1987 का पंजीबद्ध कर विववेचना में लिया गया।   

 जहरीली दवा पिने से मौत
         
झाबूआ--- प्रकाश पिता खीमा मोरी उम्र 25 वर्ष निवासी शिवगढ महुडा की जहरीली दवाई पीने से ईलाज के चलते मृत्यु हो गयी। थाना थांदला में मर्ग क्रमांक 62/14, धारा 174 जाफौ का कायम कर विवेचना में लिया गया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 अक्टूबर)

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तहसील बना दी, एसडीएम के पद 10 वर्ष बाद भी सृजित नहीं
  • कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए नहीं है एसडीएम का पद सृजित 
  • चकराता के उपजिलाधिकारी के भरोसे ही हैं यह दोनों तहसीलें भी 
  • एसडीएम का पद सृजित न होने से लोगों को नहीं मिल पा रहा लाभ 

देहरादून, 8 अक्टूवर (राजेन्द्र जोशी)।देहरादून जिले की कालसी और त्यूणी तहसीलों में 10 वर्षों बाद भी एसडीएम के पद स्वीकृत नहीं हो पाए हैं। यह दोनों तहसीलें चकराता के एसडीएम के भरोसे हैं। चकराता का एसडीएम भी कभी कभार ही तहसील मुख्यालय में बैठता है। कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए उपजिलाधिकारियों के पद सृजित न होने से इन तहसील क्षेत्र के लोगों को अलग तहसील बनाए जाने का कोई ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। जौनसार-बावर क्षेत्र के अंतर्गत दो ब्लॉक व तीन तहसीलें हैं। पहले संपूर्ण जौनसार-बावर क्षेत्र चकराता तहसील के अंतर्गत आता था। इस तहसील में पहले आईएएस स्तर के एसडीएम की तैनाती होती थी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वर्ष 2004 में चकराता तहसील क्षेत्र को बांटकर कालसी और त्यूणी तहसीलें सृजित की गईं। त्यूणी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत 80 राजस्व गांव आते हैं जबकि कालसी तहसील के अंतर्गत 169 राजस्व गांव हैं। चकराता तहसील के अंतर्गत 109 राजस्व गांव आते हैं। 2004 में कालसी और त्यूणी तहसीलें सृजित होने के बावजूद अभी तक इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित नहीं हो पाए हंै। कालसी और त्यूणी तहसीलों में केवल तहसीलदार ही बैठते हैं। इन दोनों तहसीलों के एसडीएम का जिम्मा भी चकराता के एसडीएम के पास ही है। एसडीएम से पड़ने वाले कामों के लिए लोगों को कई किमी दूर चकराता आना पड़ता है। चकराता का एसडीएम भी नियमित रूप से चकराता में नहीं बैठता है, जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चकराता का एसडीएम रात्रि को वहां नहीं ठहरता, एसडीएम देहरादून में ठहरता है। चकराता का एसडीएम भी ज्यादातर देहरादून में ही बैठता है। आखिर जब सरकार 10 वर्षों बाद भी कालसी और त्यूणी तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित नहीं कर पाई है तो इन तहसीलों को बनाया क्यों गया। एसडीएम के पद सृजित न होने से लोगों को इन तहसीलों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रवासी पिछले लंबे समय से इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजित करने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक एसडीएम के पद सृजित नहीं हो पाए हैं। इन दोनों तहसीलों के लिए एसडीएम के पद सृजन का मामला शासन स्तर पर लंबित पड़ा है। 

प्रदेश में चारों ओर अराजकता का माहौलः भट्ट 
  • कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं और चहेतों को रेवडि़यों की तरह लालबत्ती बांट रही सरकार 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चारों ओर अराजकता का माहौल उत्पन्न कर दिया है। प्रदेश में चारों ओर हड़ताल और धरना-प्रदर्शन के अलावा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पटवारियों ने पुलिस कार्य छोड़ दिया है, पहाड़ों की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है किन्तु सरकार को कोई भी चिंता नहीं है। वहीं दूसरी ओर मिनिस्ट्रिीयल कर्मचारियों की हड़ताल को 1 महीना होने जा रहा है आज तक उनसे वार्ता नहीं की गयी है, सरकार की हठधर्मिता के कारण जहां प्रदेश का विकास चैपट हो गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की जनता को आये दिन के काम-काज कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने एवं कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने में उनकी मांगों को मानने के लिए सरकार के पास धन का अभाव है किन्तु अपने चहेतों को रेवडि़यों की तरह लालबत्ती बाॅटकर सरकारी खजाने पर करोड़ों रूपये का चूना लगाने में उसे धनाभाव नजर नहीं आता है। श्री भट्ट ने कहा कि आये दिन सत्ता पक्ष का कोई न कोई विधायक धरने पर बैठ जाते हैं और उन्हें मंत्री स्तर की सुख सुविधायें दिये जाने में सरकार प्रदेश के सरकारी खजाने की थोड़ी भी चिंता नहीं करती है। उन्होंने कहा कि सरकार के भीतर यदि थोड़ी भी नैतिकता बची है तो शीघ्र ही बी0पी0एड0 प्रशिक्षितों की तथा कर्मचारियों की मांगों को माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता पक्ष के विधायकों से लेकर सभी कार्यकर्ताओं को लालबत्ती से नवाजा जा रहा है और प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया जा रहा है जिसका जवाब जनता समय आने पर कांग्रेस को जरूर देगी। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार खनन, शराब और भू-माफियाओं के दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आखिर किन कारणों से चंद समय में ही हरिद्वार के एसएसपी दाते को उनके पद से हटाया गया इसका जवाब सरकार के पास भी नहीं है, क्योंकि उन्हें खनन माफियाओं के दबाव में हटाया गया है।  

17 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन करेगी आंगनवाडी कार्यकत्रियां

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। आंगनबाड़ी कर्मचारी बाल विकास का सम्पूर्ण काम करने के साथ तमाम तरह के सर्वे सम्पादित करती हैं। परंतु वे न्यूनतम वेतन तक से वंचित है। असल में उत्तराखण्ड बनने के बाद महिला कामगारों की जितनी उपेक्षा हुई है उतनी किसी की भी नहीं हुई। एक्टू से सम्बद्ध उत्तराखंड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की राज्य कमेटी की बैठक को सम्बोधित करते हुए एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने यह बात कही। कार रोड, बिन्दुखत्ता में दीपक बोस भवन में हुई बैठक में एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने कहा कि देश भर के मजदूरों में मोदी सरकार के श्रम सुधारों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा हैं। देश की तमाम वामपंथी ट्रेड यूनियन्स इस गुस्से की अगुवाई करते हुए पूरे देश में 5 दिसम्बर को विशाल धरने-प्रदर्शन आयोजित करेंगी जिसमें श्रम सुधारों को वापस लेने की मांग की जायेगी। आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की अध्यक्ष दीपा पांडेय ने कहा कि हमें मानदेय नहीं वेतन चाहिये। इसके लिए लड़ाई तेज करनी होगी। जिसके लिये बड़ी एकता की जरूरत है। संगठन की एकता और संघर्ष ही वो कुंजी है जिसमें हम अपनी लड़ाई जीत सकते हैं। एक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि सिडकुल से लेकर आंगनबाड़ी कर्मियों तक श्रमिकों के श्रम का खुला शोषण जारी है। राज्य सरकार श्रम अधिकारों को लेकर जुबानी जमा खर्च करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है और मुनाफा कुछ चंद हाथों तक सीमित किया जा रहा है। बैठक में फैसला लिया गया कि आगामी 17 अक्टूबर को राज्य सरकार सेें आंगनबाड़ी कर्मियों को राज्य कर्मचारी घोषित किये जाने, न्यूनतम वेतन देने, समान काम का समान वेतन देने, मिनी आंगनबाड़ी को भी पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा देने , आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण करने, ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश आदि मांगों पर ब्लाक-जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। 9 नवम्बर को महिला कामगारों की एक वर्कशाप हल्द्वानी में करने का भी फैसला लिया गया। बैठक में उत्तराखण्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री कैलाश पाण्डेय के अलावा हीरा भट्ट, सरोज पंत, मंजू बोरा, उषा पंत, हंसा कन्याल, सरोज मोनी, भागीरथी भट्ट, जानकी जोशी, गोविन्दी पंत, विमला बिष्ट, रूबी भारद्वाज आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। 

बैडमिंटन खेल राज्यपाल ने किया चैम्पियनशिप का शुभारंभ

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी ने आज देहरादून के पुलिस लाइन में पी.ए.सी. बैण्ड की धुनों के बीच 4 दिवसीय ‘7वीं आॅल इण्डिया पुलिस बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2014‘ की विधिवत घोषणा के साथ ही बैडमिंटन खेल कर प्रतियोगिता का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने नागरिकों को सुरक्षित तथा शान्तिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए देश भर के पुलिस बलों की उल्लेखनीय भूमिका की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि होली, दीपावली व ईद जैसे प्रमुख त्यौहारों व निजी कार्यो की परवाह किए बिना 24 घंटे मुस्तैदी से अपने ड्यूटी पर हाजिर रहकर जनसामान्य को हर तरह से सुरक्षित होने का एहसास दिलाने वाली पुलिस फोर्स पर भारत को गर्व है। पुलिस कर्मियों द्वारा समाज में शांति व सुरक्षा की स्थापना के लिए दी जाने वाली सेवाओं के सापेक्ष उनको मिलने वाली सुविधाओं को अपर्याप्त बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुलिस कर्मियों को उनकी सेवाओं का वाजिफ हक मिलना ही चाहिए। उन्होनें विशेष रूप से उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में अनुशंसा करते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों की क्षमताओं का मानवीय दृष्टि से सदुपयोग करने के लिए उनकी ड्यूटी का समय निर्धारित होना चाहिए ताकि कार्याधिक्य के दवाब में उनके मन में शोषण जैसी कोई भी प्रतिकूल भावनांए न पनप सकें। राज्यपाल ने खेल सम्बंधी गतिविधियों को निरन्तर प्रोत्साहित किए जाने पर बल देते हुए यह भी कहा कि बेरोजगार खेल प्रतिभाओं को पुलिस में नौकरी/रोजगार मिलने के सर्वाधिक अवसर प्राप्त होते हैं। उत्तराखण्ड पुलिस को दूसरी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी का अवसर मिलने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होनें विभिन्न राज्यों से आये 28 टीमों के प्रतिभागियों को शुभकामनांए देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रतियोगिता सच्ची खेल भावना से खेली जायेगी। उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में गृहमंत्री प्रीतम सिंह तथा प्रमुख सचिव गृह एम.एच.खान के अलावा पुलिस के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। पुलिस महानिदेशक डी.एस.सिद्धू द्वारा राज्यपाल एवं गृह मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्रतियोगिता के आयोजक पुलिस उपमहानिरीक्षक पी.ए.सी. श्री अमित सिन्हा द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इससे पूर्व डी.आई.जी. गढ़वाल मण्डल संजय गुंज्याल ने सभी प्रतिभागियों को खेल भावना से खेलने की शपथ दिलाई। सूच्य है कि प्रतिभागियों में आई.टी.बी.पी, आर.पी.एफ, आई.बी, सी.आर.पी.एफ, एस.एस.बी, बी.एस.एफ, एन.एस.जी, सी.बी.आई, सहित 8 केन्द्रीय पुलिस संगठनों के अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, अरूणाचल, आसाम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दादरा-नगर-हवेली, तेलंगना तथा उत्तराखण्ड पुलिस बल के कुल 150 प्रतिभागी शामिल है।

रैली को किया रवाना

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड के माननीय पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने आज सुबह क्राॅस रोड माॅल, देहरादून से टिहरी एडवेंचर रैली को झंडा दिखा कर रवाना किया। रैली में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी, उत्तराखण्ड से करीब लगभग 40 राइडर्स ने हिस्सा लिया। इस मौके पर श्री धनै ने कहा कि इस रैली द्वारा हम यह सन्देश विश्व में देना चाहते है कि उत्तराखण्ड पूर्णतः सुरक्षित है और राज्य में सहासिक पर्यटन के नये-नये स्थान विकसित किये जा रहे है। जिससे राज्य में पर्यटन रोजगार की सम्भावना बढे। इसी क्रम में 42 किलो मीटर लम्बी टिहरी झील को साहसिक पर्यटन के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां दो दिवसीय (9 अक्टूबर एवं 10 अक्टूबर, 2014) एडवेंचर टूरिज्म फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है। यह रैली राज्य में सहासिक पर्यटन को बढावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल है एवं आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित कराये जाते रहेगें। इस अवसर पर शैलेश बगौली, डा. आनन्द श्रीवास्तव, ऐ.के. द्विवेदी, वी.एस. चैहान मुख्य रूप से मौजूद थे। 

प्रदेश में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के 190 पद पड़े हैं रिक्त 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। राज्य में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों की जबरदस्त कमी बनी हुई है। महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के स्वीकृत 250 पदों में से 190 पद रिक्त पड़े हुए हैं। महिला विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी के चलते सरकारी हाॅस्पिटलों में गभर्वती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक ओर सरकार संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों को सरकार द्वारा पिछले लंबे समय से नहीं भरा गया है। अधिकांश अस्पतालों में महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े होने के कारण गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पतालो का रूख करना पड़ता है। निजी चिकित्सालयों में फीस अधिक होने के कारण विशेषकर गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रदेश में महिला विशेषज्ञ डाक्टरों के 250 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कि केवल 60 महिला विशेषज्ञ चिकित्सक ही कार्यरत हैं। महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के 190 पद पिछले काफी समय से रिक्त पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े होने का फायदा निजी चिकित्सालय उठा रहे हैं। निजी चिकित्सालयों द्वारा मरीजों से मनमानी फीस वसूली जा रही है।    

श्रद्धाजंलि सभा में शामिल हुए कांग्रेस सह प्रभारी व अध्यक्ष

kishore upadhyay
देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रे्रस सह प्रभारी संजय कपूर एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त एवं पेट्रोलियम मंत्री स्व0 ब्रहमद्त्त की श्रद्धांजलि सभा में उन्हें पार्टी की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अपने आज के उत्तरकाशी दौरे को स्थगित करते हुए श्री उपाध्याय एवं संजय कपूर स्व0 ब्रहमदत्त के पैत्रिक आवास विकासनगर पहुंचे तथा वहां पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ दौरे में शामिल प्रदेश कांग्रेस के मुख्य समन्वयक जोत ंिसह बिष्ट तथा विधायक एवं संसदीय सचिव विजय पाल सजवाण भी स्व0 ब्रहमदत्त को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। स्व0 ब्रहमदत्त को श्रद्धांजलि देने के उपरान्त श्री उपाध्याय एवं अन्य कांग्रेसजन अपने दौरा स्थल के लिए रवाना हो गये। शोकसभा में बोलते हुए श्री उपाध्याय ने कहा कि श्रद्धेय ब्रहमदत्त के देहावसान से कांग्रेस ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश को क्षति हुई है। उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र सरकार में मंत्री रहते हुए क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नही ंजा सकता। स्व0 ब्रहमदत्त जी विभिन्न विषयों के ज्ञाता थे विधान परिषद सदस्य से लेकर टिहरी सांसद एवं केन्द्र में वित्त व पेट्रोलियम मंत्री के रूप में देश के विकास में उन्होंने अविस्मरणीय योगदान दिया है जिसके लिए वे सदैव याद किये जाते रहेंगे। प्रयार्ववरण संवर्द्धन के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान से न केवल घर-घर कुकिंग गैस पहुंची बल्कि वनो का संरक्षण तथा माताओं एवं बहनों के जीवन में खुशियों का समावेश हुआ। उनका असमय जाना कांग्रेस एवं उत्तराखण्ड राज्य की अपूर्णीय क्षति है। 

दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाइवे की हालत ठीक नहीं 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-496 की हालत ठीक नहीं है। मार्ग पर के रखरखाव की ओर विभाग द्वारा ध्यान न दिए जाने से मार्ग बदहाल हो चुका है। कई स्थानों पर हाइवे की पेंटिंग उखड़ चुकी है और गड्ढे बने हुए हैं, जबकि कई स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त हो रखी हैं। मार्ग खस्ताहाल होने से इस पर आए दिनों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। विभाग मार्ग के रखरखाव के प्रति उदासीन बना हुआ है। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड बड़कोट के अधीन आता है। यह राजमार्ग क्षेत्र का अत्यन्त महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग से अनेक यात्री चारधाम को भी जाते हैं। इसके साथ ही लखवाड क्षेत्र सहित कई गांवों को जाने वाले संपर्क मार्ग भी इससे जुड़े हैं। दर्जनों गांवों की यातायात व्यवस्था मुहैया कराने वाले हाइवे की वर्तमान में हालत बहुत खराब है। यह मार्ग कालसी से लेकर जुड्डो तक जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। कई जगह मलबा गिरने से वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है, किनारों पर सुरक्षा दीवार न होने के कारण अकसर दुर्घटना का खतरा बना रहता है। हाइवे की बदहाली के कारण बड़कोट, नौगांव, पुरोला को जाने वाले वाहन कालसी-बैराटखाई मोटर मार्ग से गुजर रहे हैं। इस कारण चालकों को 30 से 40 किमी की अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है। इससे यात्रियों का किराया अधिक लग रहा है और अधिक समय भी खर्च हो रहा है। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के यात्री चारधाम यात्रा को आते हैं। दिल्ली-यमुनोत्री हाइवे की बोसान बैंड के पास हालत ऐसी है कि किसी भी दिन कोई हादसा हो सकता है। क्षेत्र के एकमात्र दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। विभागीय अधिकारियों के सुध न लेने के कारण हाइवे दिन प्रतिदिन बदहाल होता जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई बार मार्ग की हालत सुधारने की मांग करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाइवे काली मंदिर कालसी से शुरू होता है। विभागीय उपेक्षा व रखरखाव के अभाव में यह मार्ग इतना जर्जर हो चुका है कि इस पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जगह-जगह मलबा, पत्थर आने व कई जगह से मार्ग धंसने से इस मार्ग पर छोटे वाहन बड़े जोखिम से गुजर रहे हैं। मार्ग पर गड्ढे बने होने से कई दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। हाइवे के बौसान बैंड के पास भूस्खलन में पूरी सड़क ही कट चुकी है। थोड़ा सा मार्ग बचा होने पर यहां जोखिम लेकर छोटे वाहन निकाले जा रहे हैं।

29 अवरुद्ध मोटर मार्गों को नहीं खोल पाया लोक निर्माण विभाग 

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 29 मोटर मार्ग अब भी अवरुद्ध पड़े हुए हैं। मोटर मार्गों के अवरुद्ध पड़े होने से क्षेत्रवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह मोटर मार्ग आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जो कि अभी तक नहीं खुल पाए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं, जबकि चमोली जिले में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्व हैं। हरिद्वार जनपद के अन्तर्गत 1 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। उत्तरकाशी जनपद में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हंै। नैनीताल में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध पड़े हैं। बागेश्वर जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। अल्मोड़ा जिले में 3 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। टिहरी जिले में 5 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। पिथौरागढ़ जिले में लोक निर्माण विभाग, एडीबी एवं पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत सर्वाधिक 8 मोटर मार्ग मलबा आने से अवरूद्व पड़े हंै। यह मोटर मार्ग आपदा के दौरान अवरुद्ध हो गए थे, जो कि अभी तक यातायात के लिए नहीं खोले जा सकें हैं। इन मोटर मार्गों में जगह-जगह पर मलबा आ रखा है। कुछ स्थानों पर दीवारें क्षतिग्रस्त पड़ी हुई हैं। मार्गों के बंद पड़े होने से लोगों को कई किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। विभाग अवरु़द्ध मोटर मार्गों को खोलने को लेकर उदासीन बना हुआ है। विभाग कई महीनों बाद भी इन अवरुद्ध मोटर मार्गों को नहीं खोल पाया है।  

रेल के चपेट में आने से तीन की मौत

देहरादून, 8 अक्टूवर,(निस)। बुधवार सुबह के समय टेªन की चपेट में आकर एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहंुची लेकिन तब तक मृतकों के परिजन उनके शवों को उठाकर अपने साथ ले गये। सभी मृतक सहारनपुर जनपद के बताये गये हैं। मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब साढे दस बजे रेलवे फाटक बंद था तभी मुगलखेड़ा निवासी इकबाल (30) पुत्र इल्हाम अपनी पत्नि व मां मुना (60) तथा पुत्री रबिया (3) अपनी ससुराल पुहाना एक अकीका (जसूटन) के कार्यक्रम में भाग लेेने के लिए जा रहे थे। फाटक बंद होने के कारण रुड़की की ओर से एक टेªन जैसे ही क्रॅासिंग पार हुई तभी उक्त युवक अपनी पत्नि व मोटरसाईकिल के साथ रेलवे लाईन पास कर गया लेकिन उसकी बूढ़ी मां छोटी बच्चों को गोद में लिये थे वह लाईन पर गिर गई और उसे उठाने के लिए इकबाल जैसे ही उनके पास आया कि सहारनपुर की ओर से आ रही 9105 अहमदाबाद मेल की चपेट में आ गये और तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से वहां कोहराम मच गया। मृतकों के साथ अन्य रिश्तेदार भी गाड़ी से चल रहे थे। आनन-फानन में उन्होंने सभी शवों को एक टैम्पू में रखवा लिया और पुलिस के पहंुचने से पहले ही वह मुगलखेड़ा के लिए रवाना हो गये। इकबालपुर पुलिस सूचना मिलने पर मौके पर पहंुची लेकिन उन्हें क्राॅसिंग पर कुछ नहींे मिल पाया। पुलिस ने इस बाबत आस-पास जानकारी भी की लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। बताया गया है कि सूचना पर जीआरपी रुड़की भी मौके पर पहंुची वह भी बैरंग लौट गई। इस घटना से गांव में कोहराम मचा हुआ है और मृतक की ससुराल के लोग भी मुगलखेड़ा पहंुच रहे हैं। सनद रहे कि फाटक बंद होने पर लोग अक्सर उसके नीचे से निकलते हैं इस कारण अचानक टैªक पर दुर्घटना हो जाती है। इसके लिए रेलवे विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। जिसके कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। आज भी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आस-पास के गांव में काफी मातम है।

आंध्र, ओडिशा तट को छुएगा चक्रवाती तूफान हुदहुद

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अंडमान सागर और उसके आसपास गहरे दबाव की वजह से आज एक चक्रवात तूफान तेज हो गया और इसके 12 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और ओडीशा के तट पर पहुंचने की आशंका है। ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संबंधित विभागों के साथ हालात का जायजा लिया और कहा कि पिछले साल फैलिन चक्रवात से निपटने के लिए जैसी तैयारियां की गई थीं, उसी तरह की तैयारियां इस बार की गई हैं।

भारतीय मौसम विभाग द्वारा यहां जारी गयी नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात तूफान हुडहुड गोपालपुर से करीब दक्षिणपूर्व दिशा में करीब 1150 किलोमीटर की दूरी पर 12.30 अक्षांश उत्तर और 92.90 देशांतर पूर्व उत्तर अंडमान सागर और उससे लगे दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सुबह साढ़े आठ बजे केंद्रित था ।आईएमडी ने कहा कि तूफान अब लांग आईलैंड के पास अंडमान निकोबार द्वीप से गुजर रहा है। यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ना जारी रखेगा और अगले 24 घंटे में एक गंभीर चक्रवात और इसके बाद बहुत गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है।

आईएमडी ने कहा कि प्रणाली 12 अक्टूबर को दोपहर तक विशाखापत्तनम और गोपालपुर के बीच उत्तर आंध्र प्रदेश और उससे लगे ओडीशा तट से गुजरेगी। मौसम विभाग ने कहा कि इसके परिणाम स्वरूप अगले 24 घंटे में ओडीशा में एक या दो जगहों पर बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ सकती हैं।

मौसम विभाग ने ओडीशा के पारादीप और गोपालपुर बंदरगाहों पर तूफान की चेतावनी देने के लिए पूर्व के दूरस्थ चेतावनी संकेत संख्या एक (डीडब्लयू-1) की जगह दूरस्थ सावधानी संकेत संख्या दो (डीसी-2) जारी करने की सलाह दी है। विभाग ने साथ ही गहरे समुद्र जल में मछली पकड़ रहे मछुआरों से तत्काल तट पर लौटने को कहा है।

आज है वायु सेना का 82 वां स्थापना दिवस

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वायु सेना दिवस के 82वें स्थापना दिवस समारोह में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने परेड की सलामी ली। इस दौरान वहां थलसेनाध्यक्ष दलवीर सिंह सुहाग व नौसेना प्रमुख एडमिरल रॉबिन धवन भी मौजूद थे। वायु सेना के ब्रांड एंबेसडर और पूर्व क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी मंच पर मौजूद थे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वायु सेना के 82 साल के इस सफर पर बधाई दी है और इसे गर्व की बात बताई।
भारतीय वायु सेना के 82वें स्थापना दिवस पर एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया। राहा ने कहा कि आज का दिन वायु सेना की 82 साल की यात्रा का गवाह बना है। वायु सेना के जवानों की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने दुनिया भर में अपनी सफलता की छाप छोड़ी है। इस दौरान वायु सेना के जवानों ने परेड के साथ-साथ 13 मिनट का एयर शो भी प्रस्तुत किया। इसमें आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैराराइडर आकाश गंगा से नीचे उतरे और वायु सेना व राष्ट्रीय ध्वज को हवा में लहराया। इस मौके पर वायु सेना के बेड़े में शामिल ट्रेनी पायलट टाइगर मोथ ने भी उड़ान भरा। मिराज, मिग, सुखोई, सारंग हेलीकाप्टर, सुपर हरक्यूलिस व ग्लोब मास्टर भी अपना दम प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम के दौरान वहां उपस्थित हुए पूर्व क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को ग्रुप कैप्टन की उपाधि से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय वायु सेना दिवस पर वायु सेना कर्मियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है और उनकी बहादुरी एवं प्रतिबद्धता आगे भी प्रेरित करती रहेगी।

भारत के अनूप जैन को मिला ग्लोबल सिटिजन अवॉर्ड

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भारतीय युवा अनूप जैन ने प्रतिष्ठित ग्लोबल सिटिजन अवॉर्ड जीत लिया है। सामुदायिक सफाई के क्षेत्र में काम करने वाले अनूप को अवॉर्ड के साथ एक लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 60 लाख रुपए) दिए जाएंगे। आयोजकों के मुताबिक यह वही क्षेत्र है, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सुधार चाहते हैं।

अनूप जैन को 2011 में बिहार के ग्रामीण इलाकों में सामुदायिक सफाई के क्षेत्र में काम करने के लिए 2014 का वेसलिट्ज ग्लोबल सिटीजन अवॉर्ड दिया गया है। अवॉर्ड की घोषणा उसी सेंट्रल पार्क में की गई, जहां एक सप्ताह पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारों लोगों को संबोधित किया था। आयोजकों के मुताबिक अनूप का काम मानवीय शक्ति का इस्तेमाल कर 2019 तक देश के हर स्कूल में शौचालय बनाने के उस अभियान से जुड़ा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिबद्धता बताया है।

अनूप इस अवॉर्ड के लिए अंतिम चार प्रतिभागियों में से एक थे। उन्हें दुनियाभर से मिले वोटों के आधार पर विजेता चुना गया। मेलबर्न स्थित वेसलिट्ज फाउंडेशन के चेयरमैन और संस्थापक एलेक्स वेसलिट्ज ने कहा कि इस अवॉर्ड से अनूप जैन जैसे कई युवाओं को जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा मिल सकती है। उनकी कंपनी इनाम में मिली धनराशि का इस्तेमाल देश के ग्रामीण इलाकों में शौचालय के निर्माण में करेगी। अंतिम चार में एक और भारतीय स्वप्निल चतुर्वेदी भी शामिल थे। स्वप्निल ने समग्र सैनिटेशन की स्थापना की थी।


वेब मीडिया पर संगोष्‍ठी 16 अक्‍टूबर को, दस वेब लेखक होंगे सम्‍मानित

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विचार पोर्टल प्रवक्‍ता डॉट कॉम 'वेब मीडिया की बढ़ती स्‍वीकार्यता'विषय पर एक संगोष्‍ठी का आयोजन करने जा रही है। यह संगोष्‍ठी 16 अक्‍टूबर 2014 को स्‍पीकर हॉल, कांस्टिट्यूशन क्‍लब, नई दिल्‍ली में सायं 4.30 बजे आयोजित होगी। 'प्रवक्‍ता'के छह साल पूरे होने के अवसर पर आया‍ेजित यह कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्‍वविद्यालय, रायपुर (छत्‍तीसगढ़) द्वारा संचालित कबीर संचार अध्‍ययन शोधपीठ के सहयोग से संपन्‍न होगा। 

इस संगोष्‍ठी के मुख्‍य अतिथि हैं- केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर, वक्‍तागण हैं- यथावत पत्रिका के संपादक श्री रामबहादुर राय, वरिष्‍ठ लेखक एवं स्‍तंभकार श्री ए. सूर्यप्रकाश, कबीर संचार अध्‍ययन शोधपीठ के निदेशक डॉ. आर. बालशंकर, साहित्‍यशिल्‍पी डॉट कॉम के संपादक श्री राजीव रंजन प्रसाद तथा कार्यक्रम की अध्‍यक्षता करेंगे कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार वि‍श्‍वविद्यालय, रायपुर (छत्‍तीसगढ़) के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जोशी। 

उपरोक्‍त जानकारी देते हुए प्रवक्‍ता डॉट कॉम के संपादक श्री संजीव सिन्‍हा ने बताया कि वेब मीडिया रेडियो, प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया का विकल्‍प बनकर उभरा है। सुदूर देहात में जहां अभी भी समाचार-पत्र नहीं पहुंच पाते, वहां मोबाइल के जरिए समाचार पहुंचने लगे हैं। वेब मीडिया की बढ़ती स्‍वीकार्यता पर जहां संगोष्‍ठी में चर्चा होगी वहीं गत वर्ष की भांति इस बार भी दस लेखकों को प्रवक्‍ता सम्‍मान से सम्‍मानित किया जाएगा, जिनमें सर्वश्री पंडित सुरेश नीरव, श्री अशोक गौतम, श्री विजय कुमार, श्रीमती बीनू भटनागर, श्री गौतम चौधरी, श्री शादाब जाफर ‘शादाब’, डॉ. सौरभ मालवीय, सुश्री सारदा बनर्जी, श्री हिमांशु शेखर एवं श्री शिवानंद द्विवेदी ‘सहर’ के नाम उल्‍लेखनीय हैं। इसके साथ ही तृतीय प्रवक्‍ता ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्‍कृत भी किया जाएगा।

भारत-पाक सीमा पर जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगाः प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से लगती सीमा पर सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। वहीं सरकार ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की ओर से की जा रही पूरी तरह से बिना उकसावे की गोलाबारी का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और यह तब तक जारी रहेगा जब कि दूसरा पक्ष यह बंद नहीं कर देता। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि वार्ता तभी हो सकती है जब पाकिस्तान गंभीरता दिखाए। सूत्रों ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भारत संयुक्त राष्ट्र सहित किसी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा जिससे पाकिस्तान ने सम्पर्क किया है। वायुसेना दिवस के मौके पर वायुसेना प्रमुख अरूप राहा की ओर से आयोजित जलपान में शामिल मोदी से जब पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्षविराम उल्लंघनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।
      
मोदी ने इस बारे में और कुछ नहीं कहा लेकिन शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत पाकिस्तान की दबाव वाली कूटनीति के आगे घुटने नहीं टेकेगा और पाकिस्तान की गोलाबारी का करारा जवाब देगा। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की पूरी तरह से बिना उकसावे की कार्रवाई का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। सूत्रों ने पाकिस्तानी मीडिया की खबरों को उद्धत किया और कहा कि गत दो दिनों के दौरान उस ओर 35 लोग मारे गए हैं। इनमें से 20 कल मारे गए थे जबकि 15 उससे एक दिन पहले मारे गए थे। सूत्रों ने साथ ही यह भी कहा कि इस मृतक संख्या की कोई भी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को रुकना चाहिए। हम केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि हमने उकसावे की कार्रवाई नहीं की और हम अपनी कार्रवाई में कमी नहीं करेंगे।

यह उल्लेख किए जाने पर कि यह लंबे समय तक चलने वाला मामला हो सकता है, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान यदि नहीं रुका तो भारत लंबी कार्रवाई के लिए तैयार है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई मामले को गरम करने और बार बार मुंह की खाने के बाद कश्मीर मुद्दे को केंद्र बिंदु में लाने के लिए किया है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का प्रयास किया था जिसमें वह सफल नहीं हुआ और संभव है कि वह अब स्थिति को बढ़ा रहा है ताकि विश्व समुदाय का ध्यान आकृष्ट कर सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने भी प्रधानमंत्री को जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्र की वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी।

राष्ट्रपति ने दिल्ली का फैसला उपराज्यपाल पर छोड़ा

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दिल्ली में सरकार गठन के मसले पर आज राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा सरकार गठन को लेकर भेजी गई उस फाइल को लौटा दिया है जिसमें उन्होंने सरकार गठन को लेकर सबसे बड़े दल को न्यौता भेजने की अनुमति मांगी थी. राष्ट्रपति ने बिना कोई राय दिए इस फाइल को लौटा दिया है. राष्ट्रपति ने इसके साथ ही दिल्ली का भविष्य एलजी के विवेकाधिकार पर छोड़ दिया है.

इसके बाद अब दिल्ली में सरकार गठन पर केन्द्र से राय लेने की जरूरत नहीं रही है. दिल्ली में सरकार गठन करना है या विधान सभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराना है. इस बात का फैसला करने के लिए उप राज्यपाल नजीब जंग अब पूरी तरह से स्वतंत्र हैं.

गौरतलब है कि 14 फरवरी 2014 को अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में राजनीतिक-वैधानिक संकट छाया हुआ है.

फ्लिपकार्ट के बिग बिलियन डे को लेकर मिली शिकायतें

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फ्लिपकार्ट की भारीभरकम छूट के साथ बिक्री पेशकश पर व्यापारियों की ओर से मिली कई शिकायतों के बाद केद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि वह उनकी चिंताओं पर गौर करेगी और यह देखेगी कि क्या ई-कामर्स खुदरा कारोबार को लेकर और स्पष्टता की जरूरत है. फ्लिपकार्ट की सोमवार को ‘बिग बिलियन डे’ सेल के दौरान विभिन्न उत्पादों पर भारी छूट की पेशकश की गई. इसको लेकर छोटे बड़े व्यापारियों ने काफी चिंता जताई है कि इस तरह के अभियान से परंपरागत खुदरा बाजार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.

वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमें काफी जानकारी मिली है. कई लोगों ने चिंता जताई है. हम इसे देखेंगे.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ई-कामर्स खुदरा क्षेत्र के लिए किसी विशेष नीति पर विचार कर रही है, निर्मला ने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे. उन्होंने कहा, ‘काफी शिकायतें मिल चुकी हैं. हम मामले का अध्ययन करेंगे. क्या किसी अलग नीति की जरूरत है या फिर स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत है, हम जल्द इस बारे में बताएंगे.’ हाल के समय में कई ई कामर्स पोर्टल भारी छूट की पेशकश कर चुके हैं.

फ्लिपकार्ट ने कहा है कि ‘बिग बिलियन डे’ सेल के दौरान उसके पोर्टल पर शापिंग करने वाले लोगों की संख्या 15 लाख रही. कंपनी ने यह भी दावा किया है कि इस योजना के तहत सिर्फ 10 घंटे में 600 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे गए. इससे पहले इसी सप्ताह व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से ऑनलाइन कारोबार की निगरानी व नियमन के लिए कदम उठाने की मांग की थी. विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह जल्द आएगी.

रिटायर जजों की सरकारी पदों पर नियुक्ति रोकने की मांग खारिज

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उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों के सेवानिवृत्त होने के बाद कोई सरकारी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करने की अवधि निर्धारित करने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम द्वारा प्रधान न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त होने के बाद राज्यपाल का पद ग्रहण करने पर यह मुद्दा जोर शोर से चर्चा में आया था। प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस संबंध में मोहम्मद अली की जनहित याचिका खारिज कर दी।

याचिका में शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को एक निश्चित अवधि तक कोई भी सरकारी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करने और सरकार को प्रधान न्यायाधीश या उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के परामर्श और उनकी सहमति के बगैर किसी भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति दत्तू के पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन इस संबंध में राय व्यक्त करते हुये कहा था कि सेवानिवृत्त हो रहे न्यायाधीशों को कम से कम दो साल तक कोई नयी जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि वह इस अवधि में कोई भी सरकारी जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करेंगे।

जनहित याचिका में कहा गया था कि न्यायपालिका की सत्यनिष्ठा की रक्षा के लिये इस संबंध में आदेश पारित करना जरूरी है। याचिका में कहा गया था कि संविधान में इस बारे में कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि संविधान निर्माताओं ने यह कल्पना नहीं की थी कि देश का कोई पूर्व प्रधान न्यायाधीश सरकार द्वारा किसी पद के लिये की गयी पेशकश स्वीकार करेगा।

डीडीए हाउसिंग स्कीम की तारीख 15 अक्टूबर तक बढी

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दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आवासीय योजना में फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख बढा दी गई है। आधिकारिक सुत्रों के अनुसार, पहले इस स्कीम की अंतिम तारीख नौ अक्टूबर थी जिसे बढाकर 15 अक्टूबर कर दिया गया है। इस स्कीम के लिए 15 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक फॉर्म जमा होंगे। वहीं, ड्रा की तिथि में भी बदलाव किया गया है। हाउसिंग स्कीम के ड्रा अब 5 नवंबर को निकाले जाएंगे। डीडीए के अधिकारियों की बैठक में इस बाबत फैसला किया गया है। गौरतलब है कि डीडीए की हाउसिंग स्कीम 2014 के तहत विभिन्न श्रेणी के कुल 25,034 फ्लैट्स रखे गए हैं। इस स्कीम के तहत पहले ड्रॉ 30 अक्टूबर तक होने वाला था।

 ड्रा और फार्म जमा करने की तारीख बढाने के पीछे आवेदकों की संख्या कम होना बताया जा रहा है। एक अधिकारी के अनुसार, आवेदकों की संख्या घटने के पीछे बडा कारण यह है कि फ्लैटों की बिक्री पर 5 साल के लॉक-इन प्रावधान किया गया है। जिसके तहत कोई भी सफल आवंटी पांच साल तक की अवधि तक फ्लैटों की बिक्री नहीं कर पाएगा। वैसे इस बार आवेदन के लिए कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं। मसलन इलाके और श्रेणी को चुनने के लिए केवल तीन विकल्प ही लोगों को दिए गए हैं। एक ही फार्म में ईडब्ल्यूएस, सामान्य व आरक्षित तीनों के लिए कॉलम है। 

दिल्ली में सरकार गठन पर केंद्र के रुख को लेकर अटकलें तेज

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राजधानी में सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई के पहले इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं कि इस मुद्दे पर शुक्रवार को शीर्ष अदालत में केंद्र का रुख क्या होगा। राजनीतिक स्थिति की मंगलवार को समीक्षा करते हुए बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत के बिना सरकार बनाने के बदले नए चुनाव के लिए तैयार होने का संकेत दिया था। केंद्र के अगले कदम के बारे में अटकलों के बीच बीजेपी के एक सूत्र ने दावा किया कि केंद्र ने उपराज्यपाल नजीब जंग को दिल्ली में सरकार गठन के बारे में फैसला करने का संकेत दिया था। हालांकि सरकारी सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर को केंद्र से कहा था कि सरकार गठन के संबंध में नजीब जंग द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के नतीजे से 10 अक्टूबर को उसे अवगत कराए। यह पूछे जाने पर कि अगर उपराज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं, तो पार्टी क्या करेगी, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ऐसी किसी पेशकश को ठुकरा सकती है। 70-सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को 31 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन अब उसके सदस्यों की संख्या 28 रह गई है। उसके तीन विधायक लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए हैं। तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 67 रह गई है।

पटना दशहरा भगदड़: जन सुनवाई पूरी, जल्‍द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

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बिहार की राजधानी पटना में दशहरा उत्सव के बाद मची भगदड़ मामले में मंगलवार से शुरू हुई जन सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई. जन सुनवाई के दूसरे दिन मामले की जांच कर रहे गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने 16 प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित परिवारों के बयान लिए.
दूसरी ओर, पटना समाहरणालय में हो रही जन सुनवाई में पहुंचे पीड़ित को जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. जन सुनवाई में पहुंचे लोगों का कहना है कि सरकार कुछ करे न करे, लेकिन ऐसी व्यवस्था जरूर कर दे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. गृह सचिव सुबहानी ने कहा कि जन सुनवाई के दो दिनों में 67 पीड़ित परिवारों और प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने-अपने बयान दर्ज कराए.

पहले दिन 51 लोगों ने बयान दर्ज कराए थे. बयान की वीडियोग्राफी भी कराई गई है, वहीं जांच रिपोर्ट सौंपने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंप दी जाएगी. लेकिन वे कोई निर्धारित तिथि नहीं बता पाए. गौरतलब है‍ कि बीते शुक्रवार को गांधी मैदान में दशहरा के मौके पर रावण दहन के बाद मची भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गई थी और 29 से ज्यादा घायल हो गए. घायलों का इलाज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है. इसके बाद राज्य सरकार ने गृह सचिव और अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) की दो सदस्यीय जांच टीम का गठन कर पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए थे.

घटना के दूसरे दिन ही दोनों अधिकारियों ने राम गुलाम चौक और गांधी मैदान का जयाजा लिया था और पीएमसीएच पहुंच कर घायलों और पीड़ित परिवारों से पूछताछ की थी. पिछले रविवार को राज्य सरकार ने मामले में पटना के आयुक्त, पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया.

आचार संहिता से पहले की है वाड्रा डील: चुनाव आयोग

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चुनाव आयोग ने वाड्रा लैंड डील पर अपनी रिपोर्ट दे दी है. चुनाव आयोग ने कहा है कि यह मामला आचार संहिता लागू होने से पहले का है. दरअसल, प्रधानमंत्री ने वाड्रा लैंड डील पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी. दरअसल हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच विवादास्पद जमीन सौदे को मंजूरी दे दी थी. मंजूरी की चिट्ठी 16 जुलाई को लिखी गई थी. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के सीनियर आईएएस अशोक खेमका ने इस सौदे को नामंजूर किया था.

यह जमीन गुड़गांव के शिकोहपुर में है. यह डील वाड्रा की कंपनी 'स्काई लाइट हॉस्पिटलिटी'और 'डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड'की बीच हुई है. हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि खेमका के आदेश वैध नहीं थे. गुड़गांव के डिप्टी कमिशनर शेखर विद्यार्थी ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और फाइनेंशियल कमिशनर को 16 जुलाई को लिखी चिट्ठी में कहा था कि जमीन को लेकर हुआ करार सही है और राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक इसका मालिकाना हक डीएलएफ के पास है.इस रिपोर्ट में खेमका के आदेश को अवैध बताया गया था.

चीनी घुसपैठ करते रहे, पीएम झूला झूलते रहे : राहुल गांधी

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का प्रचार लगातार तेज होता जा रहा है। आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में रैली की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री चुनाव से पहले कहते थे कि वह सत्ता में आएंगे तो पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाएगा, लेकिन वही पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है।

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री चीनी राष्ट्रपति के साथ झूला झूलते रहे और चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसपैठ करते रहे। आखिर प्रधानमंत्री इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि नई सरकार गरीबों के हित में बनाए गए सारे कानूनों को बंद दरवाजे के पीछे खत्म कर रही है।

राहुल ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़ी बातें करना आसान होता है, लेकिन करना मुश्किल। कांग्रेस ने किसानों की मदद की है और गरीबों के लिए हमेशा लड़ाई लड़ी है। राहुल ने यह भी कहा कि बीजेपी की मार्केटिंग अच्छी है। पीएम जब एक कार्यक्रम में झाड़ू लगाते हैं, तो सब जगह दिखता है, लेकिन जब चीनी सैनिक सीमा में आते हैं, तो सब जगह चुप्पी रहती है।

पाकिस्तान के साथ नहीं होगी कोई ‘फ्लैग मीटिंग’ : सरकार

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘‘स्थिति के अनुसार, कोई ‘फ्लैग मीटिंग’ नहीं होने जा रही है क्योंकि हमारे बल उचित जवाब दे रहे हैं. हम गौर करेंगे कि वहां क्या परिणाम आता है.’’

सरकार ने कल कहा था कि ‘फ्लैग मीटिंग’ के बारे में कोई फैसला करने से पहले वह आने वाले दिनों में पाकिस्तान के ‘‘आचरण’’ पर गौर करेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय बल ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे तनाव और बढे लेकिन वे स्थिति के अनुसार जवाब देंगे.

रिजिजू ने यहां एक चुनावी सभा में कहा, ‘‘ हमें देखना होगा कि स्थिति हाथ से बाहर नहीं हो जाए. हमारे बल हर चीज पर नजर रख रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री भले ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वह जमीनी स्थिति के संपर्क में नहीं हैं. निर्देश दिए जा रहे हैं.’’

मद्रास हाईकोर्ट का लड़कियों की विवाह की कानूनी आयु बढ़ाने का प्रस्ताव

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मद्रास हाईकोर्ट ने लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाने का आज प्रस्ताव किया. अदालत ने यह प्रस्ताव उन घटनाओं पर रोक लगाने के एक समाधान के रूप में दिया जिसमें युवा आयु में विवाह करने वाली सैकड़ों लड़कियां कुछ वर्ष बाद अपने पति से अलग हो जाती हैं.

न्यायमूर्ति मणिकुमार और न्यायमूर्ति वी एस रवि की खंडपीठ ने कहा, ‘‘पुरूष के लिए विवाह की आयु 21 वर्ष तय की गयी है. लड़की के लिए यह 18 साल है. लेकिन 17 साल की आयु तक दोनों लड़का.लड़की समान स्कूल माहौल में बड़े होते हैं.’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘लड़किया 18 वर्ष में लड़कों से अधिक परिपक्व कैसे हो जाती हैं.’’ अदालत ने यह टिप्पणी भारतीय वयस्कता कानून 1875 और बाल विवाह प्रतिबंध कानून में कुछ संशोधन का सुझाव देते हुए की ताकि लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु के मुद्दे का समाधान निकाला जा सके.

न्यायाधीशों ने ध्यान दिलाया कि हाईकोर्ट में उन लड़कियों की पेशी से संबंधित दर्ज होने वाले मामलों की संख्या बढ़ रही है जो 18 वर्ष की होने पर लड़के के साथ भाग गयी. इसमें कहा गया कि कोई भी अभिभावक नहीं चाहेगा कि उनका बच्चा परिवार से चला जाये और उनकी अनुपस्थिति में शादी कर ले. पीठ ने आर त्यागराजन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए यह टिप्पणी की.

बेगम अख्तर के जन्मदिन पर 100 रुपये का सिक्का जारी

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प्रख्यात गजल और ठुमरी गायिका बेगम अख्तर की 100वीं जयंती पर संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को उनकी स्मृति में एक विशेष सिक्का जारी किया. साथ ही बेगम के सम्मान में सालभर चलने वाला जन्मशती समारोह भी शुरू हुआ. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने यहां एक समारोह के दौरान पांच रुपये और 100 रुपये का सिक्का जारी किया. कई जाने-माने गायकों की प्रस्तुति के साथ बेगम अख्तर की जन्मशती समारोह की शुरुआत हुई.

मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया, "एक राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति (एनआईसी) का भी गठन किया गया है जो वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों एवं गतिविधियों को आयोजित करेगी."मंत्रालय के अनुसार, बेगम अख्तर के जन्मशती समारोह के अंतर्गत दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, भोपाल और कोलकाता में शताब्दी महोत्सव भी आयोजित किए जाएंगे.

वर्षभर चलने वाले इस समारोह के अंतर्गत बेगम अख्तर से जुड़े दस्तावेजों, प्रकाशनों, और उनकी गायन विरासत को संरक्षित किया जाएगा और उसका डिजिटलीकरण किया जाएगा, प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी और कार्यशालाओं और सेमिनार का आयोजन किया जाएगा तथा युवा कलाकारों को स्कॉलरशिप दी जाएगी. बेगम अख्तर का जन्म सात अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में हुआ. उन्हें गायकी के लिए संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से नवाजा गया था. मल्लिका-ए-गजल के उपनाम से जानी जाने वाली बेगम अख्तर भारत सरकार की ओर से पद्मश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित हैं.

कोई जीत के गुमान में न रहे : वसुंधरा

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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रिश्तों में तल्खी साफ नजर आने लगी है। लोकसभा चुनाव के बाद जब वसुंधरा राजे ने पहली बार जयपुर में एक जनसभा को संबोधित किया, तो उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी थे। राजस्थान की मुख्यमंत्री ने मोदी का नाम लिए बिना कहा, 'कोई व्यक्ति इस गुमान में ना रहे कि उसकी वजह से राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें आई हैं'।

केन्द्र में महज एक राज्यमंत्री बनने से मोदी और वसुंधरा राजे के बीच मनमुटाव की खबरें आती रही हैं। उपचुनाव में चार में से तीन सीटों पर शिकस्त मिली और वसुंधरा राजे तीन दिनों तक दिल्ली में बैठी रहीं। लेकिन चुनावी व्यस्तता की वजह से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मिलने का वक्त नहीं दिया। इसके बाद एक ओवरब्रिज के उद्घाटन के मौके पर वसुंधरा राजे ने जुबान खोली, तो हर किसी को लगा निशाना मोदी थे। जहां हर कोई भारी संख्या में सीटें जीतने का श्रेय नरेन्द्र मोदी को दे रहा है। वहीं वसुंधरा को राज्य में चुनावी सफलता का सेहरा मोदी के सिर बंधना रास नहीं आ रहा।

जनसभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में आपने 25 सांसद भेजे और विधानसभा चुनाव में 163 विधायक आपने जिताए। किसी व्यक्ति को ये गुमान नहीं होना चाहिए कि ये जीत उसकी वजह से मिली है। जनता जिताने निकलती है तो दिल खोलकर और हराने निकलती है तो घर भेज देती है'इसके बाद वसुंधरा ने कहा, 'स्वच्छ भारत अभियान के बारे में पूछताछ के लिए दिल्ली से फोन आया, तो हमने कहा कि ये तो अब कर रहे हैं, हमने तो अपने बजट में इसका प्रावधान किया है। 2003 में ही झाड़ू लगाकर इसकी शुरुआत कर दी। वसुंधरा राजे ने 2 अक्टूबर को सफाई की शुरुआत देरी से एक गांव में की थी। इस वजह से दिल्ली से पूछताछ के लिए मैसेज आ गया। इसके अलावा वसुंधरा की नाराजगी की वजह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में प्रचार के लिए घनश्याम तिवाड़ी और रामदास अग्रवाल जैसे नेताओं को बुलाया जाना भी है। वसुंधरा के बयानों के बाद बीजेपी की अंदरुनी राजनीति एक बार फिर गरमा गई है।
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