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निचले पायदान पर बल्लेबाजी करें विराट : गावस्कर

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खराब फॉर्म से जूझ रहे टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली की फॉर्म टीम के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह फ्लॉप रहे कोहली बुधवार को घरेलू मैदान पर भी वेस्ट इंडीज के साथ पहले मैच में सिर्फ 2 रन बना सके। भारत यह मैच 124 रन से बुरी तरह हार गया।कोहली की खराब फॉर्म पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावसकर ने कहा है कि कोहली को बैटिंग ऑर्डर में नीचे भेजा जाना चाहिए ताकि वह अपनी लय वापस पा सकें।

गावसकर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'जो बल्लेबाज पहले सेंचुरी बनाता रहा हो और अब वह 10-20 रन भी नहीं बना पा रहा हो तो स्थिति गंभीर हो जाती है। कोहली के साथ तकनीकी समस्याएं हैं। टीम मैनेजमैंट को उन्हें नंबर-4 या नंबर-5 पर भेजना चाहिए। वनडे क्रिकेट में आप एक ही बैटिंग ऑर्डर के साथ नहीं खेल सकते बल्कि उसमें लचीलापन होना चाहिए।'

गावसकर ने कहा कि कोहली की समस्या ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों और शरीर से दूर खेलने की है। यह समस्या आगे और भी उजागर हो सकती है। इसलिए कोहली को फॉर्म में वापसी के लिए नंबर-5 पर उतारा जाना चाहिए। गावसकर ने इस बात से इनकार किया कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहले वनडे में मिली बड़ी हार से टीम इंडिया का मनोबल गिरेगा। साथ ही उन्होंने वेस्ट इंडीज के बल्लेबाजों की भी तारीफ की।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (10 अक्टूबर)

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आरकेस्ट्रा के नाम पर (किशोरियों) नाबालिगों का यौन शोषण

नरकटियागंज (पच) आरकेस्ट्रा संचालकों के द्वारा नाबालिग बालाओं से खुलेआम व बेखौफ नृत्य के नाम पर शादियों के बारातों में अश्लीलता परोसने का खेल बदस्तुर जारी है। इसका बुरा असर समाज के किशोरवय व युवा पीढी पर सीधे तौर पर पड़ रहा है। बावजूद इसके अश्लीलता के कारोबार से जुड़े लोग, स्थानीय पुलिस प्रशासन के कथित तालमेल से ये सांस्कृतिक प्रदूषण का दौर जारी है। पुलिस विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय मुकदर्शक बने हुये है। अगर शहर के प्रबुद्धजनों की मानें तो शादी समारोह में बारात के दौरान फूहड़ गीतों पर नाबालिग बालाओं द्वारा नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसने का गंदा धन्धा करना पड़ रहा है। सम्पन्न परिवार के बारातों में आॅरकेस्ट्रा के नाम पर अश्लीलता परोसने से समाज कें कई वर्ग को इस काम को इस कार्य कों सही बताती है। वही इसका बुरा प्रभाव को लेकर जहां महिलायों को शर्मसार होना पडता है। वहीं इसका बुरा असर युवा पिढी के साथ-साथ समाज पर भी पड रहा है। लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी नृत्य के नाम पर अश्लीलता परोसने व नाबालिग बालाओं के शोषण की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्रवाई करना उचित्त नहीं समझते। अगर जानकारों की माने तो बंगाल सहित अन्य राज्यों से आरकेस्ट्रा में नृत्य कराने के नाम पर बहला फुसला कर लाया जाता है तथा इनसे जिस्मफरोसी का काम भी करवाया जाता है। आरकेस्ट्रा में नृत्य करने वाली नाबालिग बालाओं के साथ शारीरिक शोषण करने के कई मामले पुलिस के समक्ष भी पहुंचा है लेकिन कार्रवाई के बजाय महज खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा कर दिया गया। शहर के धुमनगर चैक, हरदिया चैक, पंडई चैक समेत आस पास के विभिन्न गांवों में सैकडो आरकेस्ट्रा पार्टीयों का संचालन अवैध रूप से बेखौफ व धडल्ले से जारी है तथा आरकेस्ट्रा मे नृत्य कराने के नाम पर नाबालिग बालाओं का शारीरिक शोशण तथा जिस्मफरोसी का खेल भी जारी है। 

घटना के लगभग दो वर्ष बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी

नरकटियागंज(पच) पुलिस की उदासीनता कहे या लापरवाही घटना के एक वर्ष बाद भी मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है। सरकार जहाँ घोषणा करती है कि पुलिस जनता के बीच आपसी तालमेल और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाकर रखे। यहाँ पीडि़त का कहना है कि पुलिस उसके साथ सहयोगात्म रवैया नहीं अपना रही है। गौरतलब है कि अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड के लछनौता के एक व्यक्ति की मोबाईल नम्बर 8002395210 पर 25 जनवरी 2013 की शाम एक व्यक्ति ने विधायक नरकटियागंज के नाम पर 5 लाख रूपये की रंगदारी की मांग मोबाईल नम्बर 8294397958 से की अन्यथा उसकी पुत्री को बम से उड़ाने की भी चेतावनी दी। इस मामले में गौनाहा पुलिस के तत्कालीन एसएचओ किरण शंकर ने सत्य बताते हुए शिकारपुर परिक्षेत्र का बताया था। उक्त बाते सूचना के अघिकार के तहत मांगी गयी जानकारी से मिली कि 03 फरवरी 2013 को कैलाश राम अहरार पिपरा निवासी अपने दो पुत्रों व अन्य दो के साथ मंजय के वर्तमान निवास शिकारपुर थाना के नयाटोला स्थित घर का दरवाजा खोलकर घुस आए और धमकाया कि मोबाईल पर धमकी वाला केस नहीं होना चाहिए, उनके लोगों ने मारपीट भी किया और अंगूठी छीन लिया। घटना के उपरान्त मंजयलाल सत्यम ने शिकारपुर पुलिस को इस बाबत मोबाईल पर सूचित कर एक आवेदन दिया और एसडीपीओ संजय कुमार के मोबाईल पर इसकी सूचना भी दी। उक्त आवेदन के उपरान्त तत्कालीन थानाध्यक्ष हिमांशु कुमार सिंह ने सिर्फ यह आश्वासन दिया कि मै गश्ती दल को भेज रहा हूँ अलबत्ता कोई कार्रवाई नहीं किया गया। करीब 70 दिनो तक पुलिस की उदासीनता के बाद मंजयलाल सत्यम ने सूचना का अधिकार के तहत पुलिस अवर निरीक्षक बेतिया से मामले से जुड़ी जानकारी की मांग की तो गौनाहा थानाध्यक्ष (तत्कालीन) किरण शंकर ने जवाब दिया कि मंजयलाल के साथ घटी घटना शिकारपुर थाना क्षेत्र की है और सच है। इस घटना के उपरान्त डीआइजी चम्पारण परिक्षेत्र बेतिया से 12 अप्रील 2013 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गयी कि मंजयलाल के साथ घटित घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी। उसके बाद उन्होंने पत्रांक 26 दिनांक 22 अप्रील 2013 को बेतिया के पुलिस अधीक्षक से आवेदक को सूचना उपलब्ध काराने का कहा गया। उसके बाद शिकारपुर पुलिस के वर्तमान थानाध्यक्ष रामनरेश पासवान ने 18 जून 2013 को शिकारपुर थाना में बुलाकर यह लिखित ले लिया कि सूचना की कोई  आवश्यकता नहीं है। इसके बाद मंजय लाल ने शिकारपुर थाना से निकलकर एसडीपीओ नरकटियागंज और एसपी बेतिया को सरकारी मोबाईल पर सूचना दिया कि उससे शिकारपुर पुलिस ने वर्दी का धौंस दिखाकर जबरन लिखित लिया कि उन्हें सूचना के अधिकार के तहत कोई जानकारी लेने की जरूरत नहीं। दूसरे दिन इस आशय से जुड़ा आवेदन 19 जून 13 को पुलिस अधीक्षक बेतिया को निबंधित पत्र द्वारा दिया। जिसकी प्रतिलिपि डीआजी बेतिया और एसडीपीओ नरकटियागंज को भेजा। पुनः18 जुलाई 2013 को डीआईजी बेतिया से सूचना के अधिकार के तहत उपर्युक्त जानकारी मांगी गयी। उसके आलोक में एसपी बेतिया के ज्ञापांक 54 दिनांक 01 अगस्त 2013 के निर्देश पर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी नरकटियागंज के कार्यालय के ज्ञापांक 1867 दिनांक 23 अक्टूबर 2013 के अनुसार जाँच अधिकारी के प्रतिवेदन जिसमें आवेदक ने सुलहनामा कर लिया है। उधर मंजय को अपनी बेटी और परिवार की फिक्र है, उसकी बेटी कई माह स्कूल नहीं जा सकी। फिलहाल पीडि़त बताते है कि उन्हें इसी वजह से पुलिस प्रताडि़त करती रही है और उसके दूसरे अन्य मामलों में भी पुलिस उदासीन बनी हुई हैं। जिससे उनका भरोसा पुलिस विभाग से उठता जा रहा है। आखिर कितने दिनों में पुलिस जाँचकर प्राथमिकी दर्ज करेगी।

बिजनेस फैसिलिटेटरों को बैंक अधिकारियों के अलावे संगठन ने दिया धोखा

बेतिया (पच) भारतीय स्टेट बैंक के व्यवसाय प्रवर्तको का मामला गहराता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एक की गलती की सजा बैंक ने सभी प्रवर्तकों को दे दिया, बैंक का कहना है कि वे सभी भ्रष्टाचारी थे। इसकी रिर्पोर्टिंग उपर तक पहुंचाने वालों में 80 प्रतिशत से ज्यादा अधिकारी भ्रष्ट है। इस बाबत व्यवसाय प्रवर्तकों ने बताया कि बैंको में भ्रष्टाचार चरम पर है। भारतीय स्टेट बैंक ने रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया के निर्देशों का भी उलंघन किया है, बिजनेस फैसिलिटेटरों को दिया जाने वाला न्युनतम मानदेय 3500 कभी नहीं दिया। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर बैंक अधिकारी यह दर्शाना चाहते हैं कि उनसे बड़ा कोई नहीं रूपये के बूते कोई काम किया जा सकता हैं। ऐसा नहीं कि बैंको में ईमानदार अधिकारी नहीं हैं, भारतीय स्टेट बैंक में अशोक कुमार सिन्हा, राजीव कुमार और शैलेन्द्र कुमार सरीखे बहुतेरे ऐसे अधिकारी ह,ै जिनकी याद लोगो को आती है और उनके कार्याें की सराहना की जाती है। व्यवसाय प्रवर्तकों के काम भी काफी अच्छे चल रहे थे। कमीशन पर काम करने वाले ये व्यवसाय प्रवर्तक भी काफी ईमानदार हुए है, बैंक द्वारा इन्हे कार्य मुक्त किये जाने के बाद भी उनके घर पहुंचकर लोग बैंक सम्बन्धी जानकारी लेते हैं। विडम्बना है कि नरकटियागंज शाखा में कतिपय अधिकारियों की शह पर कार्य करने वाले एक बिचैलिये ने बैंक के तत्कालीक डेवलपमेन्ट बैंकिंग प्रभाग के प्रबंधक को बुरी तरह फँसा डाला ऐसे में बैंक ने क्या किया ? जाहिर हैं प्रबंधन ने अधिकारी का बचाव किया, उनका स्थानान्तरण कर दिया उसके बाद भी बैंक से फर्जी निकासी का काम बदस्तूर जारी रहा। बैंकिंग बिजनेस फैसिलिटेटरों ने बताया कि पूर्व में युनियन के लोगों ने आपसी फूट के कारण न्यायालीय कार्य में शिथिलता बरती और युनियन के चन्दे से प्राप्त रूपये का घालमेल किया। विगत दो माह पूर्व पटना के संजय गाँधी जैविक उद्यान में एक गुप्त बैठक की गयी जिसमें संगठन के शीर्ष नेता नहीं पहुँचे जिसमें सदस्यों के पूछे गये जवाब नहीं मिले और चन्दा से प्राप्त राशि के संबंध में कोई ठोस बात नहीं बताई गयी करीब आठ-दस लाख रूपये में 75 हजार रूपये शेष बताए गये। जबकि कोई केस पटना उच्च न्यायालय में दर्ज नहीं किया जा सका हैं।

संविदाकर्मियांे का स्थानांतरण नियम विरूद्ध, सिविल सर्जन की मंशा पर फिरेगा पानी

नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) नरकटियागंज सरकारी अस्पताल के तीन और लौरिया के एक संविदा आधारित स्वास्थ्यकर्मी का स्थानान्तरण सिविल सर्जन बेतिया ने कर दिया हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के नियमानुसार संविदा पर नियुक्त स्वास्थ्यकर्मियांे का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके सिविल सर्जन बेतिया के पत्रांक डीएचएस 717 दिनांक 25 सितम्बर 2014 के अनुसार संविदा के आधार पर नियुक्त स्वास्थ्य प्रबंधक शशांक शेखर(नरकटियागंज), रविशंकर सिंह(लौरिया), प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक रीना मोदी और लेखापाल संजीव कुमार(नरकटियागज) का स्थानांतरण अनियमित ढंग से कर दी गयी है। राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार पटना के पत्रांक 11655 दिनांक 20 अगस्त 2009 और पत्रांक 17068 दिनांक 7 मई 2010 के अनुसार निदेशित है कि संविदा के आधार पर नियुक्ति अस्थानांतरणीय है। ऐसे में उपर्युक्त कर्मियांे का स्थानांतरण नियमानुसार नही है। पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में संविदाकर्मियों का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। यदि किसी संविदा कर्मी का स्थानांतरण विशेष परिस्थिति में किये जाने की आवश्यकता किसी सिविल सर्जन को पड़ती है तो उन्हे राज्य स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन लेने की आवश्यकता पड़ेगी। किन्तु सिविल सर्जन ने संभवतः स्थानांतरण की आड़ में अवैध उगाही का मन बनाकर ऐसा अनियमित कार्य कर डाला है। लेकिन उनके इस कार्य का विभाग में व्यापक विरोध हुआ है। जिसके कारण उनकी मंशा पर पानी फिरता नजर आने लगा है।

शहर में जुआ के अड्डों से करीब 9 गिरफ्तार

नरकटियागंज(पच) स्थानीय शिकारपुर पुलिस ने दो दिनों की छापामारी में अवैध जुआ के अड्डों पर छापामारी किया और करीब 9 जुआडि़यों को धर दबोचा। इस बावत शिकारपुर थानाध्यक्ष आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि शहर में जुआ नहीं होने दिया जाएगा। गिरफ्तार लोगों में राजकुमार सोनी, प्रमोद वर्णवाल व समेत करीब नौ है। जिनसे या तो जुर्माना वसूला जाएगा या न्यायालय के हवाले किया जाएगा।

स्वच्छता अभियान में कुण्डिलपुर पंचायत आया आगे

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नरकटियागंज(पच) कुण्डिलपुर पंचायत के मुखिया अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में कुण्डिलपुर गाँव में सफाई अभियान चलाया गया। कुण्डिलपुर के मुखिया अभय कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग के लिए सबके आभारी है। पूरे पंचायत में मुख्य सड़क के किनारे खुले में शौच करने वालों से पंचायत के मुखिया और सफाई करने वालों ने आग्रह किया कि वे राष्ट्रहित में सड़क के किनारे शौच नहीं करे। अपने घर की सफाई कर कचरा को सड़क पर नहीं फेंके। अपने घर व आस पास को स्वच्छ रखे, प्रत्येक घर में कूड़दान बना कर रखे। पंचायत और शहर के प्रशासन को चाहिए कि वे अपने पंचायत और शहर को स्वच्छ बनाए रखने का हर संभव प्रयास करे। उधर कुण्डिलपुर के युवा नेता श्रीकान्त कुमार ने कहा कि वे अपने आस-पास व सड़क की सफाई स्वयं कर रहे है।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (10 अक्टूबर)

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मुख्यमंत्री ने पूह में किया मिनी सचिवालय भवन का लोकार्पण

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शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने किन्नौर जिला के पूह में 2.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मिनी सचिवालय भवन का लोकार्पण करने के उपरान्त पूह में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवनिर्मित मिनी सचिवालय से लोगों को एक छत्त के नीचे विविध सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि पूह तथा कल्पा में शीघ्र ही पार्किंग सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।वीरभद्र सिंह ने कहा कि किन्नौर जिला में पिछले वर्ष जून माह के दौरान भारी वर्षा के कारण सडक़ों और मकानों को भारी क्षति हुई थी, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रभावी कदम उठाते हुए लोगों को करोड़ों रुपये की राहत राशि राज्य निधि से वितरित की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर उरनी सडक़ का बन्द होना यातायात के लिए एक बड़ी बाधा है और जल्दी ही इसका स्थाई हल निकाला जाएगा।मुख्यमंत्री ने किन्नौर के लोगों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए वन विभाग से और अधिक पौधारोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो तो इन पौधों में पानी देने के लिए स्थानीय लोगों की सेवाएं ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि जहां संभावना होगी, वहां नदियों से बागीचों और खेतों की सिंचाई के लिए और पेयजल एवं अन्य उपयोग के लिए पानी उठाया जाएगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी जिम्मेवारी पूरे प्रदेश के विकास को देखना है, फिर भी वह किन्नौर जिला के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा अनिवार्य है और व्यक्तित्व विकास के लिए सभी को अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए।वीरभद्र सिंह ने कहा कि किन्नौर जिला के लोगों से उनका गहरा संबंध है, जो हमेशा रहेगा। उन्होंने पूह के लिए उप-स्वास्थ्य केन्द्र की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पूह मेें भारतीय सेना के 36-हैडक्वार्टर इन्फैंट्री ब्रिगेड़ के युद्ध स्मारक का दौरा भी किया।मुख्यमंत्री ने पूह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को 25 हजार रुपये की राशि देने की घोषणा भी की।विधानसभा उपाध्यक्ष श्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि श्री वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2006 में मिनी सचिवालय की आधाशिला रखी थी और यह एक यादगार मौका है कि आज पूह के लोगों को मिनी सचिवालय मिला है।नेगी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्रों के विकास को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में श्री वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सही मायने में विकास को देखा है। उन्होंने जिला में भारी वर्षा और बाढ़ के दौरान लोगों को वित्तीय सहायता और नैतिक सहारा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने इस वर्ष अगस्त माह में भारी वर्षा से फसलों के नुकसान के लिए 17 करोड़ रुपये और मकानों के लिए 8 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रभावितों को वितरित करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने नौतोड़ भूमि की प्रक्रिया को सरल करने के लिए भी उनका आभार जताया और लोगों के हित में राजस्व संबंधी कुछ और जटिलताओं को दूर करने की मांग की।उन्होंने कहा कि पूह, काफनू, ग्याबंग, पिओ तथा सांगला में मिनी स्टेडियमों का निर्माण प्रगति पर है और इसी तरह चांगों, लियो, मूरंग, निचार और अन्य स्थानों पर खेल के मैदान बनाए जाएंगे।अतिरिक्त मुख्य सचिव, जनजातीय विकास श्री वी.सी. फारका, पंचायत समिति की अध्यक्ष सुश्री आशा नेगी, जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री सूर्य बोरस, लोबरंग के उप-प्रधान श्री कर्म सिंह, किन्नौर के उपायुक्त श्री डी.डी. शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री राहुल नाथ और विभिन्न पंचायतों के प्रधानों व उप-प्रधानों सहित वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

जनजातीय क्षेत्रों के अधिकाधिक गांवों को सडक़ सुविधा से जोडऩे पर बल: मुख्यमंत्री

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शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने किन्नौर जिला के सांगला में सांगला घाटी के प्रसिद्ध फूलों के त्यौहार ‘उख्यांग’ के समापन समारोह के अवसर पर कहा कि मेले और त्यौहार प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के अभिन्न अंग हैं और हिमाचल के लगभग सभी गांवों में इनका आयोजन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्सव की शुरूआत के लिए सांगला के लोग बधाई के पात्र हैं, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा और संस्कृति के संर्बद्धन को बल मिलेगा। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अगले दो सालों के लिए नौतोड़ की प्रक्रिया को सरल बनाया है। उन्होंने कहा कि अब नौतोड़ कम पेड़ों वाली भूमि पर भी उपलब्ध किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद राज्य ने विकास की अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसे बरकरार रखकर प्रदेश के विकास को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सडक़े पहाड़ी राज्यों की जीवन रेखाएं है और सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों विशेषकर जनजातीय और दूरदराज क्षेत्रों को सडक़ सुविधा उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सडक़ सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत जल्द स्वीकृति प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री वीरभद्र सिंह ने सांगला से दिल्ली के लिए सीधी बस सेवा चलाने और सांगला स्टेडियम में चार दिवारी लगाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी शशी नेगी तथा महिला बॉक्सरों, जिन्होंने धर्मशाला में 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की चैम्पियनशिप में 9 से अधिक स्वर्ण पदक जीते हैं, को भी सम्मानित किया। विधानसभा उपाध्यक्ष श्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और किन्नौर जिला में विकास कार्यों के लिए उनका आभार प्रकट किया। तीन दिवसीय उत्सव के दौरान कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के वैज्ञानिकों ने किसान मेले का आयोजन किया। 

विधिक साक्षरता शिविर

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। शिमला ग्रामीण क्षेत्र की दूरदराज पंचायत मूलबरी (देवनगर) में एक दिवसीय विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया । सिविल जज, सीनियर डिविजन व एडीशनल जुडिशीयल मजिस्ट्रेट, श्री अमित मण्डयाल ने शिविर की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कुछ लोग पिछड़ेपन, आर्थिक व लाचारी के कारण अन्याय का शिकार हो जाते हैं । उन लोगों को सुलभ  और शीघ्र न्याय के लिए जागरूक किया जाए, इसलिए विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है ।उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोग जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रूपये से कम है, उन्हें मुफ्त कानूनी सेवा प्रदान की जाती है।शिविर में अधिवक्ता, श्रीमती रीता ठाकुर ने घरेलू हिंसा तथा भरणपोषण अधिनियम, अधिवक्ता, मोहेन्द्र कंवर ने किशोर न्याय अधिनियम, बाल विवाह निषेध कानून, अधिवक्ता, श्री वीरेन्द्र शर्मा ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम तथा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बारे में जानकारी दी ।ग्राम पंचायत प्रधान श्रीमती किरण शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा उप-प्रधान श्री जीत सिंह ने आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर वार्ड सदस्य श्रीमती निशा शर्मा, महिला मण्डल की प्रधान, श्रीमती चम्पा शर्मा, सचिव, श्रीमती चन्द्रकला के अलावा शिविर में 90 लोगों ने भाग लिया ।

जुब्बल-कोटखाई में विकास योजनाओं पर 177 करोड़ रूपये खर्च

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। विगत डेढ वर्षो के दौरान जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र के विकास पर 177 करोड़ रूपये की राशि खर्च की गई है । मुख्य संसदीय सचिव श्री रोहित ठाकुर ने आज यह जानकारी  कोटखाई के डी.ए.वी. सेन्टेनरी कॉलेज में उत्तर भारत इन्टर यूनिवर्सिटी वॉलीबाल चैमपियनशिप के समापन अवसर पर दी ।उन्होंने बताया कि इस सेब सीजन के दौरान अभी तक 2 करोड़ 40 लाख पेटियॉं प्रदेश से विभिन्न मण्डियो में पहुंचाई गई हैं, जबकि 8 हजार मीट्रिक टन सेब मण्डी मध्यस्ता के तहत इक्टठा किया गया है । सेब सीजन के दौरान बागवानो को सरकार द्वारा हर सम्भव सुविधा उपलब्ध करवाई गई है ।उन्होंने कहा कि 321 करोड़ रूपये की राशि से बन रहे ठियोग, हाटकोटी व खड़ापत्थर सडक़ का निर्माण कार्य 2 वर्षो में पूरा कर लिया जाएगा ।यह वर्तमान सरकार की वचनबद्धता है और इस सडक़ के निर्माण में कोई भी कोताही नही बरती जाएगी । इस सडक़ के निर्माण के लिए सरकार द्वारा समीक्षा कमेटी के माध्यम से निरन्तर निगरानी रखी जाएगी । उन्होंने बताया कि जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में सडक़ो के विस्तार के लिए सरकार बचनबद्ध हैं । इस क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 100 करोड़ रूपये की राशि सडक़ व पुलों के निर्माण पर खर्च की जा रही है । वर्तमान सरकार का प्रयास है कि जुब्बल कोटखाई की हर पंचायत मुख्यालय को पक्की सडक से जोड़ा जाए । उन्होंने कहा कि 11 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली कोटखाई-खनेटी सडक़ के लिए प्रथम चरण में 5 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हो चुकी है जिस पर कार्य तुरन्त आरम्भ किया जाएगा । जुब्बल कोटखाई क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई योजनाओं पर 75 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा रही है । इस क्षेत्र में डेढ वर्षो के दौरान 21 मुख्य परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं । उन्होंने बताया कि जुब्बल कोटखाई क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थानों में जहां-जहां स्टाफ की कमी है, वहां कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है । रोहित ठाकुर ने  बताया कि डेढ करोड़ रूपये की लागत से  एफ.आर. यू. कोटखाई अस्पताल को जल्द ही तैयार कर जनता को समर्पित किया जाएगा । कोटखाई में 43 लाख रूपये की लागत से निर्मित 22 के.वी. कन्ट्रोल पवांयट ने कार्य करना आरम्भ कर दिया गया है । इससे क्षेत्र में बिजली की समस्या को निजात मिलेगी । उन्होंने अपनी ऐच्छिक निधी से टुर्नामैन्ट के लिए 30 हजार रूपये देने की घोषणा की ।  उत्तरी भारत के विभिन्न क्षेत्रों से 23 विश्वविद्यालयों के 262 खिलाडिय़ों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पहला स्थान प्राप्त किया तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दूसरे स्थान पर रहा । पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला तीसरे व गुरू नानक देव विश्वविद्यायल अमृतसर चौथे स्थान पर रहे । पहले, दूसरे, तीसरे व चौथे स्थानों पर आने वाली टीमें राष्ट्रीय स्तर पर बॉलीबाल प्रतिस्पर्धा में भाग लेगी । इस अवसर पर डी.ए.वी. सेन्टेनरी कॉलेज कोटखाई की प्रधानाचार्य श्रीमती स्नेह लता रैना ने मुख्यतिथि का स्वागत किया व इस आयोजन की सफलता के लिए सभी की सक्रिय भागेदारी के लिए आभार व्यक्त किया । उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस शिमला श्री गुमान सिंह, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जुब्बल कोटखाई श्री रमेश चौहान, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री राजेन्द्र चौहान, निदेशक हिमफैड श्री पवन चौहान, निदेशक शारीरिक शिक्षा डॉ. रमेश चौहान भी उपस्थित थे । 

अन्तर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण शिमला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री नीरज कुमार ने आज यहां बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस-समर्थ 2014 के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम 13 अक्तूबर, 2014 को प्रात: 11 बजे ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित किया जाएगा । इस अवसर पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ आरट्रैक, शिमला लैफ्टिनेंट जनरल बी.एस. सच्चर,   एस.एम., वी.एस.एम. मुख्यातिथि होंगे ।इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन पर आधारित नाटक, मॉकड्रिल के साथ-साथ प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी ।

शिमला जिला मुसाबी से ल_े के डिजिटलाईजेशन में अग्रणी

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। विभिन्न विकास कार्यों के दौरान राजस्व प्रक्रिया  के अनुपालन में मुसाबी यानि गॉंव के मानचित्र की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है । मुसाबी राजस्व विभाग की बंदोवस्त शाखा द्वारा बंदोवस्त के दौरान तैयार की जाती है । यह सामान्यत: 30 से 50 वर्षो बाद पुन: बनाई जाती है। इस अवधि के दौरान बार-बार प्रयोग किए जाने के कारण मुसाबी के खराब होने की सम्भावना बनी रहती है ।  जिला शिमला में 3325 राजस्व गॉंव हैं । इन सभी राजस्व गॉंवों में मुसाबी से ल_े की प्रतिलिपियॉं तैयार करने में कई वर्ष लग सकते हैं । मुसाबी से ल_ा तैयार करने की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जिला प्रशासन शिमला ने महत्वकांक्षी योजना तैयार कर इसका क्रियान्वयन आरम्भ किया है ।प्रचलित तरीके से मुसाबी से ल_ा (विलेज मैप )की प्रतिलिपि तैयार करने में लगभग 40 दिन का समय लगता है । जिला शिमला में ल_ा अब आधुनिकतम डिजिटल प्रक्रिया से तैयार किया जा रहा है । इस तकनीक से मुसाबी से ल_ा तैयार करने के लगभग 10 घण्टे लगते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान मुसाबी की हाई-रिजोलयूशन स्कैनिंग, ई कॉपिंग व पलॉंटिग कर प्रिंट टॉंसफर किया जाता है ।नीरज कुमार, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी शिमला (प्रोटोकॉल) ने बताया कि इस तकनीक से बनाया गया ल_ा न केवल समयबद्ध तैयार होता है बल्कि ल_े की गुणवत्ता भी निर्धारित मापदण्डों के अनुसार होती है। इस प्रक्रिया से प्रशासन को लोगों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने में मद्द मिलेगी ।डिजिटल मुसाबी तकनीक के माध्यम से खराब हो चुके ल_ों के डिजिटल प्रिंट उपलब्ध होगें और राजस्व रिकार्ड को व्यवस्थित करने में भी मद्द मिलेगी।डिजिटल तकनीक से ल_ा तैयार करने में जिला शिमला नेे प्रदेश भर में अग्रणी पहल की है । यह कदम निश्चित रूप से राजस्व रिकार्ड के डिजिटलाईजेशन में भी मील का पत्थर साबित होगा ।   

मनाली विधानसभा क्षेत्र के निर्चाचकगण सूची  लोगों के निरीक्षण के लिए तैयार
   
कुल्लू   , 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मनाली विनय धीमान ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि मनाली विधानसभा क्षेत्र के निर्चाचकगण सूची  लोगों के निरीक्षण के लिए तैयार की गई है, जिसकी एक प्रति कार्यालय समय के दौरान उपमण्डल कार्यालय मनाली, सम्बन्धित तहसील कार्यालय तथा प्रत्येक मतदान केंद्र में निरीक्षण के लिए उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि निर्चाचक नामावली तैयार करने की तिथि 1 जनवरी, 2014 है। इस अर्हक तिथि के बाद प्रकाशित नामावली में किसी नाम को शामिल किये जाने वाले कोई भी दावा या किसी नाम के शामिल किये जाने के लिए कोई आक्षेप किया जाता है तो 10 नवम्बर, 2014 से पूर्व अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए मतदाताओं को 6,7,8 व 8क फॉर्म को भरकर कार्यालय में जमा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह दावा उपमण्डल अधिकारी कार्यालय, सम्बन्धित तहसील कार्यालय तथा मतदान केंद्र में अभिहित अधिकारी के समक्ष पेश किया जाए या डाक द्वारा उपमण्डलाधिकारी मनाली को भेजा जा सकता है।
 
हिमाचल की कबड्डी टीम क्वाटर फाइनल में

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। पांडीचेरी में खेली जा रही ऑल इंडिया सीविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता, 2014-15 में हिमाचल प्रदेश की टीम ने गुजरात को हराकर क्वाटर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। हिमाचल प्रदेश कबड्डी टीम के कोच श्री प्रमोद चौहान ने आज यहां यह जानकारी दी। श्री चौहान ने कहा कि इस प्रतियोगिता में देश भर की 22 कबड्डी टीमें भाग ले रही हैं और राष्ट्रीय कबड्डी टीम के सदस्य और एशियाई कबड्डी टीम के कई सदस्य इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का अब तक उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है और टीम ने पहले आठ में क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया है। आज हुए मैच में हिमाचल की टीम ने गुजरात को 28 के मुकाबले 31 से हराकर क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया। 

भाजपा ने किया गरीबों के हितों पर कुठाराघात: विक्रमादित्य सिंह

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा ने ‘अच्छे दिन आएंगे’ का नारा देकर केंद्र में सरकार बनाई। लेकिन, देश की जनता समझ गई है कि किसके अच्छे दिन आए। केंद्र में पूंजीपतियों की सरकार चल रही है और केंद्र की 100 दिन की सरकार ने गरीबों के हितों पर कुठारघात किया है। श्री विक्रमादित्य सिंह ने आज हरियाणा के यमुनानगर जिला के संठोरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी राजपाल भुकरी के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि हरियाणा की हुड्डा सरकार ने राज्य के विकास में अनेक आयाम स्थापित किए हैं। पिछले 10 वर्षों में हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र में अनेक संस्थान स्थापित किए गए हैं। आज प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश के मामले में हरियाणा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। युवा, किसान, मजदूर और आम आदमी के लिए हुड्डा सरकार ने अनेक योजनाएं कार्यान्वित कीं, जिसका परिणाम है कि आज राज्य को विकास का आदर्श माना जाता है। खेलों में राज्य से अनेक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देश का नाम रौशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार पुन: सत्तासीन होगी और भाजपा को इन चुनावों में लोग आईना दिखाएंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर खोखली बातें करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को गुमराह कर लोगों का विश्वास हासिल नहीं किया जा सकता। 

3.53 करोड़ रुपये से निर्मित मूलिंग पुल का लोकार्पण

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की पूर्वानुमति से लाहौल एवं स्पीति के विधायक श्री रवि ठाकुर ने आज 353 लाख रुपये की लागत से निर्मित मूलिंग पुल का लोकार्पण किया। इस पुल के बनने से जिले के दो सबसे बड़े गांव गोशाल और मुलिंग के हजारों लोग लाभान्वित होंगे। ठाकुर ने 1.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित केलांग जिम्नेजिय़म का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जिम्नेजिय़म के निर्माण से क्षेत्र के युवाओं को हर मौसम में व्यायाम की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके पश्चात्, विधायक ने कारगा में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम की भी अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम मेें पांच पंचायतों, जिनमेें गोशाल, शांशा, रानीका और बारी शामिल हैं, के लोगों ने विधायक को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। विधायक ने जिला प्रशासन की उपस्थिति में लोगों की समस्याओं का मौके पर निपटारा किया और संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त श्री हंसराज चौहान, उप-मण्डलाधिकारी नागरिक श्री सुरजीत सिंह राठौर, परियोजना अधिकारी, एकीकृत जनजातीय विकास श्री मुरारी लाल, मूरिंग पंचायत के प्रधान श्री शेर सिंह, केलंग पंचायत के प्रधान श्री ग्याल सन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी करवाचौथ की बधाई

शिमला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह और मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने महिलाओं को करवाचौथ की पूर्व संध्या पर बधाई दी है।राज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि करवाचौथ का त्यौहार वैवाहिक जीवन के सुदृढ़ एवं पवित्र बंधन का द्योतक है।मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि करवाचौथ महिलाओं का एक पवित्र एवं विशिष्ट त्यौहार है जिसके माध्यम से वे अपने पति की दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सरकारी विभागों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए करवाचौथ को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है ताकि वे पूर्ण विधि-विधान से इस त्यौहार को मना सकें।
             
दशहरे में दुरूस्त रही बिजली-पानी और यातायात व्यवस्था
  • कुल्लू का अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव इस वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास, प्राचीन परंपराओं के बीच और और नए अनुभवों के साथ शांतिपूर्वक एवं सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 
कुल्लू , 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। कोई भी आयोजन तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसमें जन भागीदारी सुनिश्चित न हो। 3 से 9 अक्तूबर तक आयोजित कुल्लू दशहरा उत्सव भी आम लोगों की भागीदारी से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। दशहरा उत्सव को सफल बनाने में विभिन्न विभागों ने भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दशहरा उत्सव के दौरान कुछ विभागों द्वारा दी जा रही सुविधाएं सीधे तौर पर आम जनता को प्रभावित कर सकती हैं और ये विभाग हैं पुलिस, बिजली, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग और नगर परिषद आदि। सात दिनों के दौरान मेला स्थल सहित समूचे कुल्लू शहर में विद्युत, पेयजल और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं काफी अच्छी रही। इतने बड़े आयोजन में बिजली व पानी की पर्याप्त व सुचारू व्यवस्था बनाए रखना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन विद्युत बोर्ड और सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हुए व्यापारियों, आम लोगों और बाहर से बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को पर्याप्त पेयजल और बिजली की आपूर्ति की। उत्सव के दौरान एक मिनट के लिए भी बिजली की सप्लाई बाधित नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने भी सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग की सराहना की। उनके अनुसार दशहरे के दौरान कुल्लू की स्थानीय आबादी के अलावा बाहर से आए व्यापारियों व दुकानदारों को भी विभाग पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाया तथा शहर में पानी की किल्लत नहीं आने दी। इसी प्रकार सफाई व्यवस्था में नगर परिषद के कर्मचारियों ने भी सराहनीय योगदान दिया। मेले में कानून और यातायात व्यवस्था भी काफी दुरूस्त रही। इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई तथा वाहनों की भारी संख्या के बावजूद इनकी आवाजाही सुचारू बनी रही। दशहरे के दौरान अक्सर कुल्लू शहर व इसके बाहरी इलाकों में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती थी और कई घंटों तक ट्रैफिक जाम रहता था लेकिन इस बार शहर की यातायात व्यवस्था में काफी सुधार देखा गया तथा आम लोग भी पुलिस की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नजर आए। इस ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेषकर कालेज व स्कूल के एनसीसी कैडेटों तथा रोवर्स एंड रेंजर्स का भी विशेष योगदान रहा। इन विद्यार्थियों ने पूरी निष्ठा व नि:स्वार्थ भाव से इस कार्य को बखूबी अंजाम देकर पुलिस का सहयोग किया। विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने दशहरा उत्सव के दौरान ढालपुर के सभी मैदानों में कूड़ा-कर्कट एकत्रित करने का बीड़ा उठाया जिसकी आम नागरिकों काफी सराहना की। प्रिंट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया ने बेहतर कवरेज करके इस उत्सव को देश-विदेश के पाठकों व दर्शकों तक पहुंचाया। विभिन्न संस्थाओं के वालंटियर्स एवं स्कूली बच्चों ने भी अपनी सेवाएं दशहरा उत्सव के दौरान दीं। इस बार दशहरा उत्सव का एक प्रमुख आकर्षण रहा ‘प्राइड ऑफ कुल्लू’ का आयोजन। इसमें जिले भर के महिला मंडलों की सदस्याओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूली छात्राओं और स्थानीय लोक कलाकारों बड़ी संख्या में भाग लिया। स्थानीय लोक कलाकारों के सहयोग से ‘प्राइड ऑफ कुल्लू’ को सफलता मिली। 

आरटीओ के स्थान पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण का गठन
  • नगरोटा में 200 करोड़ से भी अधिक की योजनाओं पर चल रहे है: बाली 
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धर्मशाला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। बिना लाईसैंस, ओवरलोड़, तेज रफतार से बस चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के स्थान पर अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण को इस प्रकार के उल्लघंन पर भारी जुर्माना करने का अधिकारी होगा। यह जानकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा एवं परिवहन मंत्री जीएस बाली ने आज यहां मिनी सचिवालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये दी। उन्होंने बताया कि डिप्टी सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई यह कमेटी बिना परमिट, बिना पासिंग गाड़ी, के भी चालान करेंगी। यह समिति आज से ही कार्य आरम्भ कर देगी। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर प्राधिकरण की अधिसूचना जारी कर दी जायेगी। ऐसा करने से प्रदेश में होने वाली बस दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व यह समस्त कार्य सम्बन्धित आरटीओ के अधीन थे। आरटीओ द्वारा कम जुर्माना करने के कारण प्राइवेट आप्रेटर बार-बार उल्लघंन करते थे, जिससे दुर्घटनाओं के गा्रफ दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा था। प्राधिकरण के प्रभावी ढग़ से कार्य करने पर निजी आप्रेटरों में अनुशासन आयेगा। बाली ने कहा कि प्रदेश में प्रदूषण के संदर्भ में किये गये सवेंक्षण में यह सामने आया है कि प्रदेश पूर्व प्रचलित मालवाहक वाहन सबसे अधिक प्रदृषण कर रहे है जबकि आधुनिक मल्टीएक्सल वाहन प्रचलित मालवाहकों की अपेक्षा कम ईधन की खपत एवं कम प्रदूषण कर रहे है। इस बात को ध्यान में रखते हुये प्रदेश में मल्टी एक्सल वाहनों को ही मालवाहक के तौर पर प्रयोग करने को बढ़ावा देने के दृष्टिगत एक राष्ट्र स्तरीय कार्यशाला परिवहन निदेशालय में शीघ्र ही करवाई जायेगी, तथा भविष्य में मल्टीएक्सल वाहनों को खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित किया जायेगा। प्रदेश के बस अड्डों एवं कार्यशालाओं सुधार हेतु फ्रांस की टीम प्रदेश दौरे पर आ रही है जो इनके सुधार के संदर्भ में प्रदेश सरकार को सलाह देगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि जेएनयूआरएम योजना के अन्तर्गत आने वाली 850 बसों में से पहली खेप नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में प्रदेश में पहुंच जायेगी।उन्होंने कहा कि इन बसों को तय दर पर विभिन्न कलस्टरों के मध्य चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि 200 बसें जिला कांगड़ा में आयेगी जिनके लिए जिला में चार विभिन्न कलस्टर तय किये गये है जोकि पालमपुर, धर्मशाला, ज्वालामुखी व नूरपुर निर्धारित किये गये है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के समस्त कार्यरत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को उनके देय भत्ते एवं लाभ जारी करने के निर्देश भी जारी कर दिये गये है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को यातायात की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सम्बन्धित एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटियां गठित की गई है जो सरकार को इन क्षेत्रों में क्षमता अनुसार वाहनों की उपलब्धता के लिए सिफारिश करेगी। बाली ने कहा कि कुछ शरारती तत्व यह अफवाह फैला कर लोगों भ्रमित कर रहे है कि नगरोटा बगवॉ में विकास कार्य बंद पड़े है। उन्होंने जानकारी देते हुये बताया कि नगरोटा में 200 करोड़ से भी अधिक की योजनाओं पर कार्य चल रहे है। वर्तमान में 42 करोड़ रूपये सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से विभिन्न पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं पर व्यय हो रहे है जबकि 90 करोड़ रूपये राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज पर व्यय होगा, जिसके तीन खंडों के निर्माण के लिए 11 करोड़ जारी कर दिये गये है तथा एक करोड़ रूपये निर्माण स्थल के साथ लगते नाले के चैनलाईजेशन पर व्यय किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग को भदरेहड़-चामुण्डा मार्ग के निर्माण के लिए 6 करोड़ रूपये प्रदान किये गये है व डाढ़- मलां मार्ग के सुधारीकरण के लिए 2 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये है। प्रदेश में पैट्रोलियम पदार्थों के निर्माण के लिए 650 कनाल भूमि उना के मैहतपुर में एक रूपया टोकन लीज पर इडियन ऑयल कार्पोरेेशन को 90 वर्षों के लिए लीज पर प्रदान की जा रही है।उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में पैट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता सुगमता से हो पायेगी।इस अवसर पर एडीएम राकेश शर्मा, जिला कॉग्रेस कमेटी के महासचिव मनोज मैहता, नगरोटा बगवॉ ब्लॉक कॉग्रेस के अध्यक्ष मान सिंह चौधरी, राकेश नागपाल, रोशन लाल चौधरी सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। 

एक बार फिर छाए लोरेट के होनहार

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धर्मशाला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। एक बार फिर लोरेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी कथोग के छात्र और छात्राओं ने अपना लोहा प्रदेश भर में मनवा लिया है । हाल ही में आये हिमाचल प्रदेश तकनिकी विश्वविदलया के प्रणामो के अनुसार फार्मेसी वर्ग में मिस दीपिका कौंडल ने छठे सेमेस्टर में प्रदेश भर में तीसरा स्थान, राधिका सूद नवां स्थान , अजय चौधरी दूसरा सेमेस्टर में पांचवा स्थान, प्रतिभा चौधरी ने सातवां स्थान  प्राप्त किया है । इस की लेकर इंस्टिट्यूट में ख़ुशी का मौहल बना हुआ है। कॉलेज के निदेशक डा रण सिंह और प्राचार्य डा एम् एस आशावय ने  सभी यूनिवर्सिटी में स्थान  हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को बधाई दी और  कहा की उन्हें आने वाले गत वर्ष के वार्षिक महोत्सव में सम्मानित किया जायेगा । छात्र छात्राओं ने अपनी इस जीत का श्रय अपने शिक्षकों को दिया ।

बाली ने सुनी लोगों की समस्याएं     

धर्मशाला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। खाद्य नागरिक आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा एवं परिवहन मंत्री जीएस बाली ने मिनी सचिवालय धर्मशाला में लोगों की समस्याओं को सुना व मौके पर निपटारा कर दिया शेष समस्याओं को सम्बन्धित अधिकारियों को शीघ्र निपटाने के निर्देश देेते हुये कहा कि लोगों की समस्याओं के हल प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए। बाद दोपहर खाद्य नागरिक आपूर्ति, तकनीकी शिक्षा एवं परिवहन मंत्री जीएस बाली ने नगरोटा बगवॉ, पठियार, सेराथाना, 53 मील, सरोत्री तथा बालूगलोआ में बिजली, पानी, सडकों, सामाजिक पैंशन, चिकित्सा इत्यादि सम्बन्धित लोगों की जन समास्याएं सुनीं, अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निपटारा कर दिया शेष शिकायतों के लिए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को शीघ्र निपटाने के निर्देंश दिये। 

13 व 14 अक्तूबर को बिजली बंद

धर्मशाला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल नम्बर-दो के एसके चड्डा ने जानकारी देते हुये बताया कि विद्युत एचटी लाईनों की मरम्मत तथा उचित रख-रखाव के कारण फरसेटगंज, मैकलोडगंज, जोगीबाडा रोड, मंदिर रोड़, हीरू, माउट्रेनिंग संस्थान, दलाईलामा कम्पलैक्स इत्यादि में 13 अक्तूबर, 2014 को प्रात: 10 बजे से सायं 5 बजे तक बिजली बंद रहेगी। इसके अतिरिक्त सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल शाहपुर ने जानकारी देते हुये बताया कि 33/11 केवी उपकेन्द्र शाहपुर फीडर में विद्युत लाईनों की मरम्मत व उचित रख-रखाव के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में शाहपुर, रैत, रजोल, हरनेरा, द्रमण, दरीणी इत्यादि क्षेत्रों में 14 अक्तूबर, 2014 को प्रात: 9 बजे से सायं 5 बजे तक बिजली बंद रहेगी।उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के कारण यह कार्य अगले दिन किया जायेगा। 

17-शाहपुर तथा 18-धर्मशाला में नये मतदाताओं के बनेंगे वोट    

धर्मशाला, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। जिला निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एसडीएम धर्मशाला बलवीर ठाकुर ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कांगड़ा जिला के निर्देशानुसार 01 जनवरी, 2015 को आधार तिथि मानते हुये उपमंडल धर्मशाला के 17- शाहपुर तथा 18-धर्मशाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की फोटोयुक्त मतदाता सूचियां दिनांक 15 अक्तूबर, 2014 को प्रारूप में प्रकाशित की जा रही है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 15 अक्तूबर, 2014 को 17-शाहपुर तथा 18-धर्मशाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर उपमंडलीय निर्वाचन कार्यालय धर्मशाला तथा सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (तहसीलदार) धर्मशाला/ शाहपुर के कार्यालयों में किया जायेगा।  उन्होंने बताया कि प्रारूप में प्रकाशित मतदाता सूचियां प्रत्येक मतदान केन्द्र पर जनसाधारण के नि:शुल्क निरीक्षण हेतू 15 अक्तूबर से 10 नवम्बर, 2014 अभिहित अधिकारियों के पास उपलब्ध रहेंगी। जिसमें फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन (मतदान केन्द्रों और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक अधिकारियों के कार्यालयों में 15 अक्तूबर, 2014 को, दावे/आक्षेप दाखिल करने की अवधि उपरोक्त सभी स्थानों पर 15 अक्तूबर, 2014 से 10 नवम्बर, 2014 तक, फोटोयुक्त मतदाता सूची का सम्बन्धित भाग/अनुभाग गा्रम सभा/ स्थानीय निकायों की बैठकों में पढ़ा/सत्यापन किया जाना 17 अक्तूबर व 30 अक्तूबर, 2014 को, विशेष अभियान की तारीखें 19 अक्तूबर व 2 नवम्बर, 2014 तथा फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन 5 जनवरी, 2015 को होगा। उन्होंने बताया कि 17-शाहपुर तथा 18- धर्मशाला विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों से अनुरोध है कि सभी पात्र नागरिक जो 1 जनवरी, 2015 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली होगी और उस क्षेत्र के साधारण निवासी हो, और जिनका नाम किसी कारणवश प्रारूप में प्रकाशित फोटोयुक्त मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं है वे अपना नाम दर्ज करने हेतू अपने सम्बन्धित मतदान केन्द्र अभिहित अधिकारी के पास प्ररूप-6 के साथ साधारण आवास प्रमाण-पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र तथा दो पासपोर्ट के नवीनतम फोटो सहित आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि मतदाता सूुची में पहले से दर्ज किसी मतदाता के नाम को, जिसकी मृत्यु हो चुकी है, स्थान त्याग कर गये तथा किसी मतदाता के नाम दो बार दर्ज है को हटाने के लिए आपति प्रारूप-7 पर, किसी नाम को ठीक करने के लिण् प्रारूप-8 तथा निर्वाचन क्षेत्र के भीतर किसी प्रविष्टि को अन्यत्र रखने के लिए प्रारूप-8 पर दावा प्रस्तुत किया जा सकता उन्होंने बताया जिस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं होगा वह आगामी विधानसभा/ लोकसभा निर्वाचनों में वोट नहीं डाल सकेगा। चाहे उसके पास मतदाता पहचान-पत्र उपलब्ध होगा। उन्होंने राजनैतिक दलों एवं पात्र मतदाताओं से आहवान् किया है कि उपरोक्त स्थलों पर निर्धारित अवधि के बीच मतदाता सूचियों का निरीक्षण कर लें और दावे या आक्षेप समुचित प्रारूप पर प्रस्तुत करें।

सीपीएस ने बड़ाग्रां में वितरित कीं स्पोट्र्स किट्स, सठवीं पंचायत में लोगों की समस्याएं भी सुनीं
  • विकास कार्यों का लिया जायजा अधिकारियों को दिए निर्देश
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हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। मुख्य संसदीय सचिव इंद्र दत्त लखनपाल ने बड़ाग्रां पंचायत में युवाओं को स्पोट्र्स किट्स वितरित की गई। इस अवसर पर इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं इसके अतिरिक्त राजीव गांधी खेल अभियान के तहत खिलाडिय़ों को अभ्यास के लिए खेल मैदानों का निर्माण भी करवाया जा रहा है ताकि ग्रामीण प्रतिभाएं आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि एशियाई गेम्स में हिमाचल के खिलाडिय़ों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया गया है। इंद्र दत्त लखनकहा कि वर्तमान सरकार ने खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरियों में तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है ताकि युवाओं में खेलों के प्रति दिलचस्पी पैदा हो सके।  उन्होंने कहा कि बच्चों में प्रारंभ से ही खेलों के प्रति रूचि पैदा करने के लिए प्राथमिक पाठशालाओं की खेल प्रतियोगिताओं को अनिवार्य किया गया है जबकि राजीव गांधी खेल अभियान के तहत ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए ब्लाक स्तर तथा जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जा रही हैं इन खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को राज्य तथा राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इसके उपरांत मुख्य संसदीय सचिव ने सठवीं पंचायत में लोगों की समस्याएं भी सुनीं तथा विकास कार्यों का जायजा भी लिया गया। सीपीएस ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए तथा सभी कार्यों को समयबद्व पूरा किया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग विकास कार्यों से लाभाविंत हो सकें। उन्होंने कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों में बिना किसी भेदभाव के समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। इस अवसर पर बड़ाग्रां के पंचायत प्रधान बलराम, उपप्रधान पुरूषोत्तम, रमेश चंद, विमला, शमसेर सिंह, कर्म सिंह, पुरवाकर सिंह, जाकिर हुसैन, विमला देवी, चत्तर सिंह, होशियार सिंह सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

वन विभाग ने छेड़ा सफाई अभियान
   
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हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। वन विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने स्वच्छता अभियान के तहत अपने कार्यालय परिसरों में साफ सफाई की गई तथा प्रत्येक सप्ताह कम से कम दो घंटे सफाई अभियान के लिए समर्पित करने का संकल्प भी लिया गया। इस अवसर पर सहायक अरण्यपाल प्रदीप ठाकुर ने बताया कि दो अक्तूबर से प्रारंभ हुए स्वच्छता अभियान को नियमित तौर पर चलाया जा रहा है तथा इस के लिए वन विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी प्रत्येक सप्ताह कम से कम दो घंटे सफाई अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सभी के लिए अनिवार्य है इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग नियमित तौर पर स्वच्छता अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेगा। इस अवसर पर डीएफओ अनिल जोशी ने भी कर्मचारियों को स्वच्छता के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
        
भोरंज में एसडीएम राकेश कुमार शर्मा ने किया स्वीप का शुभारम्भ, स्वीप प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित
   
हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत 10 अक्तूबर को 11:30 बजे विधान सभा क्षेत्र 36-भोरंज (अ0जा0)  के लघु सचिवालय के प्रांगण से निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं एस.डी.एम.भोंरज राकेश कुमार शर्मा ने स्वीप रैली का शुभारम्भ किया । रैली में राजकीय महाविद्यलय तरक्वाड़ी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भोरंज के छात्र व छात्राओं ने भाग लिया । इस अवसर पर रैली में आए छात्र व छात्राओं को मतदान करने व लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये प्रेरित किया  गया । इस श्रृंखला में गत दिन राजकीय महाविद्यालय, तरक्वाड़ी , औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, भोंरज में भाषण प्रतियोगिता , नारा लेखन प्रतियोगिता व वाद-विवाद प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता में राजकीय महाविद्यालय , तरक्वाड़ी के  रोहित  कुमार प्रथम , अनिल कुमार द्वितीय  व अनीता चौहान तृतीय  स्थान पर रहे तथा आई.टी.आई.,भोरंज से दीक्षा प्रथम , सुनील द्वितीय व सुनील कु मार तृतीय स्थान पर रहे। एस.डी.एम. राकेश कुमार शर्मा ने विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया । 

सावधानी के तौर पर विद्युत की उच्च वोल्टेज लाईन से हमेशा दूर रहें
   
हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। हिमाचल प्रदेश विद्युत परिषद् लिमिटेड द्वारा 33 के0वी0 टिक्कर पावरग्रिड लाईन जो गधरियाणा, चौकी और कनकरी गांवों से गुजर रही है, को सफलतापूर्वक एनराइजस कर लिया है। यह जानकारी अभियंता पावरग्रिड, हमीरपुर, रोशन सिंह ने दी। उन्होंने सर्वसाधारण के अतिरिक्त विशेष तौर पर जिला हमीरपुर की जनता से आग्रह किया है कि वे भारतीय विद्युत एक्ट के दिशा निर्देशों की अनुपालना करते हुए इस उच्च वोल्टेज  लाईन से भविष्य के लिये हर प्रकार की सावधानियां रखते हुए हमेशा दूर रहें। 

12 अक्तूबर को बिजली बंद रहेगी
   
हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। सहायक अभियंता , विद्युत उपमण्डल 2, ई. बलदेव चंद ने जानकारी दी है कि 12 अक्तूबर को बिजली की लाईनों की मुरम्मत एवं रिकंडक्टिंग एवं नए विद्युत पोल स्थापित करने के कारण 250 केवीए मटानी, 100 केवीए चयन बोर्ड, 100 केवीे पक्का भरो-।। ,  गोपाल नगर तथा पक्का भरो और दडूही ट्रांसफार्मरों के आस-पास के क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति 10 बजे से 5:30 बजे तक बंद रहेगी।  उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। 

2 दिवसीय उपमण्डल स्तरीय विज्ञान सम्मेलन का आयोजन
   
हमीरपुर, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 2 दिवसीय उपमण्डल स्तरीय विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में विकास खण्ड भोरंज के 71 स्कूलों के 400 बच्चों ने भाग लिया । मौसम का मुख्य उद्देश्य नन्हेें विज्ञानिकों के अन्दर विज्ञान से संबन्धित अधिकाधिक रूचि पैदा करना और जलवायु एवं मौसम को समझना था । सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता मण्डी समिति के अध्यक्ष प्रेम कौशल ने की । इस अवसर पर उन्होंने सर्व प्रथम भारतीय विज्ञानिकों को कड़ी मेहनत कर कम व्यय कर चन्द्रयान को स्पेस में  प्रथम प्रयास में ही स्थापित करने के लिये बधाई दी ।  उन्होंने अध्यापकों से आग्रह किया कि वे बच्चों प्रतिदिन होने वाली घटनाओं को विज्ञान से जोड़ कर पढ़ाएं।  उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए कहा कि विज्ञान विषय को केवल अंक अर्जित करने के लिये ही न पढ़े अपितु आपके परिवेश में दैनिक घटनाओं को सांईस से जोड़ कर उनके उपर अपने गुरूजनों की सहयता से खोज करने के लिये समय दें। इस मौके पर उन्होंने बच्चों के द्वारा निर्मित मॉडल का अवलोकन किया और सराहना करते हुए नन्हें विज्ञानिकों को उत्साहित किया । उन्होंने  दो दिवसीय विभिन्न वर्गों के विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया । इससे पूर्व जिला विज्ञान पर्यवेक्षक अश्वनी चम्बियाल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खण्ड स्तरीय प्रतियोगिता के विजेताओं को राजकीय डिग्री कॉलेज, हमीरपुर में 5,6,7 नवम्बर को होने वाली जिला स्तरीय विज्ञान सम्मेलन में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा । प्रतियोगिता परिणाम इस प्रकार रहे  साईस क्वीज की प्रबतियोगिता  जिसमें  वरिष्ठ वर्ग में रावमापा जाहू के अशीष कुमार  तथा अभिषेक ठाकुर प्रथम , लक्ष्मी मैमोरियल पब्लिक स्कूल की एकता तथा अक्ष्य नेगी द्वितीय तथा रावमापा परोल की ममता तथा शिवम तीसरे स्थान पर रहे  ।  शहरी क्षेत्र के मैट्रिक स्तर के बच्चों में  लक्ष्मी मैमोलियर पब्लिक स्कूल (एलएमपीएस) भोटी के रिश्व   तथा नवनीत प्रथम  तथा रावमापा भोरंज की मनीषा और नाचिके ता द्वितीय रहीं। ग्रामीण क्षेत्र के मैट्रिक स्तर के बच्चों में ग्रीन बैली पब्लिक स्कूल जाहू की अंचल वर्मा तथा अतुल कुमार प्रथम तथा रावमापा, जाहू के अतुल शर्मा और डिम्पल शर्मा द्वितीय तथा न्यू इरा स्कूल परोल के अनीष पंडित  तथा शाहिल शर्मा तीसरे स्थान पर रहे ।  शहरी क्षेत्र के 8वी स्तर के बच्चों की प्रतियोगिता में एलएमपीएस भोटी की राधिका और अंजली प्रथत तथा रावमपा भोरंज की भूमिका तथा शुभम द्वितीय स्थान पर रहे जबकि इसी स्तर के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों मे राजकीय माध्यमिक पाठशला लल्यार के अक्षय और शिवांग प्रथत तथा राजकीय माध्यमिक पाठशाला खतरवाड़ की अनु और निशा द्वितीय और शांति निकेतन पब्लिक स्कूल भरेड़ी के अखिल और जतिन तृतीय स्थान पर रहे । प्रोटोकॉल (एक्टिविटी कॉर्नर) में वरिष्ठ वर्ग में रावमपा भोरंज के मुकल डोगरा प्रथम तथा न्यू ईरा पब्लिक स्कूल परोल के प्रतीक शर्मा द्वितीय,  9वी, 10वीं स्तर के वरिष्ठ गा्रमीण में न्यू ईरा परोल के आयुष भारती प्रथत तथा रावमापा ताल के विनय कुमार द्वितीय , शहरी वर्ग में एलएमपीएस भोटी के अक्षित प्रथत  तथा रावमपा भोरंज की काजल द्वितीय, 8वीं स्तर के ग्रामीण  कनिष्ठ वर्ग में राजकीय उच्च पाठशाला, बडैहर की दिवयांस प्रथम तथा ग्रीन वैली जाहू के निखल ठाकुर ,ितीय  जबकि शहरी वर्ग में रावमापा भोरंज के हिमांशु प्रथत तथा एलएमपी भोटी की शाक्षी आर्य  द्वितीय स्थान पर रहीं।  रावमपा बगवाड़ा की पूनम , ग्रीन वैली पीएस जाहू के दरेश भाटिया  तथा आशिश पब्लिक स्कूली डिडवीं टिक्कर के रोहित और रावमपा भोटी पट़टा की अक्षिता  ओवर आल वेस्ट मॉडल रहे। इस अवसर पर कल्याण बोर्ड के सदस्य गरीब दास, एपीएमसी सदस्य देव राज, प्रधान ग्राम पंचायत भोंरज सुषमा देवी, प्रधान ग्राम पंचायत सुधरियाण कुलदीप महला, स्कूल प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष रणवीर ठाकुर, अध्यापक संघ के अध्यक्ष केवल सिंह, स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य कुलदीप डोगरा,  प्रधानाचार्य लक्ष्मी मैमोरियल पब्लिक स्कूल भोटी करतार पटियाल के अतिरिक्त अन्य गणमानय व्यक्ति उपस्थित थे। 

हिमाचल भवन एवं निर्माण कामगार संगठन (इंटक) को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बचत भवन ऊना में

ऊना, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। हिमाचल भवन एवं निर्माण कामगार संगठन (इंटक) को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बचत भवन ऊना में प्रदेश भवन एवं निर्माण कामगार निर्माण संगठन इंटक के प्रदेशाध्यक्ष कामरेड जगतराम शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में इंटक के महामंत्री व राष्ट्रीय इंटक के विशेष आमंत्रित सदस्य सीता राम सैणी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। इस बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कि मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को भी भवन एवं अन्य निर्माण कामगार बोर्ड  में जोडऩे के लिए प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री व प्रदेश इंटक अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह का आभार व्यक्त किया गया। इस बैठक में विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई व प्रदेश सरकार के समक्ष विभिन्न मांगों को भी उठाया गया। जिनमें राष्ट्रीय स्वास्थय बीमा योजना के अन्तर्गत दिए जाने वाली राशि के क्रडिट कार्ड बनाना। महिलाओं को साईकिल के स्थान पर सिलाई मशीन प्रदान की जाए। पहली कक्षा से स्नातक कक्षा तक शिक्षा हेतू प्रदान करने वाली वित्तिय सहायता में प्रति कक्षा 500 रूपए बढौतरी करना, व्यवसायिक कोर्स में शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रशिक्षुओं को प्रति कक्षा शिक्षा अनुदान में 5000 रूपए की बढौंतरी करना, बोर्ड में श्रमिकों के लम्बित पड़े क्लेम का शीघ्र निपटारा करना, श्रमिकों को स्टोव की बजाए इंडक्शन चूल्हे प्रदान करना इत्यादि मांगे शामिल हैं। इस बैठक में लगभग एक दर्जन वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस बैठक में वरिष्ठ अध्यक्ष सुषमा शर्मा, रामजी दास, महामंत्री रूप सिंह ठाकुर, सुरेखा राणा, कांंगड़ां के प्रधान नरेश सैणी, कुल्लू के प्रधान उमेश शर्मा, सिरमौर के राम चन्द सहित कामगार संगठन के सर्वश्री प्रेम लाल भाटिया, टेक चन्द राणा, जगदीश राम, मोहिन्द्र राणा, दिपीका, नरेश ठाकुर, संदीप कुमार कपिला, मोहन लाल धीमान, जगतार वैंस सहित प्रदेश भर  के कार्यकारिणी के सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित रहे।

स्वां तटीयकरण की फडिंग में अब कोई दिक्कत नहीं रही, केन्द्र व प्रदेश सरकार ने जारी की राशि , इस साल खर्च होंगे 308 करोड़: : मुकेश अग्रिहोत्री
                 
ऊना, 10 अक्तूबर (विजयेन्दर शर्मा )। उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा है कि जिला ऊना के लिए वरदान साबित होने वाली 922 करोड़ 48 लाख लागत की स्वां तटीयकरण योजना की फंडिग में अब कोई दिक्कत नहीं रही है। केन्द्र जल संसाधन मंत्रालय व प्रदेश सरकार ने 70: 30 के अनुपात में अपने- अपने हिस्से की राशि जारी कर दी है और इस वर्ष स्वां तटीयकरण पर जिला में 308 करोड़ रूपए खर्च करने का मार्ग पूरी तरह प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि स्वां तटीयकरण प्रोजेक्ट पर केन्द्र अपनी 70 प्रतिशत भागेदारी के हिसाब से 645.74 करोड़ रूपए खर्च करेगा जबकि प्रदेश सरकार अपने 30 प्रतिशत हिस्से के रूप में 276.75 करोड़ रूपए देगी। इसमें से केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने 7 अक्तूबर को 107.80 करोड़ रूपए जारी कर दिए हैं और प्रोजेक्ट की गाईडलाईन के मुताबिक इस राशि का 50 फीसदी खर्च होते ही जल संसाधन मंत्रालय 107.80 करोड़ की दूसरी किश्त भी जारी कर देगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने अपने 30 फीसदी हिस्से के 51 करोड़ रूपए भी जारी कर दिए हैं और इसे मिलाकर प्रदेश सरकार अब तक 152 करोड़ रूपए जारी कर चुकी है। उद्योग मंत्री ने इसके लिए  मुयमंत्री वीरभद्र सिंह का आभार भी व्यक्त किया। उद्योग मंत्री ने कहा कि देश की इस सबसे बड़ी तटीयकरण योजना के तहत इस वर्ष 308 करोड़ रूपए खर्च करके 137 किलोमीटर क्षेत्र का तटीयकरण करने का लक्ष्य रखा गया है  जिससे 2200 हैक्टेयर जमीन रिक्लेम होगी । इसमें से अब तक 20 किलोमीटर क्षेत्र में तटीयकरण कार्य पूरा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत 120 करोड़ के टैंडर पहले ही अलाट किए जा चुके हैं जिन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।  इस माह के अंत तक 200 करोड़ के टैंडर भी अलाट कर दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि मार्च, 2017 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करके जिला में खुशहाली की नई इबारत लिखी जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में इस प्रोजेक्ट के लिए 15 करोड़ 86 लाख रूपए का वित्तीय लक्ष्य रखा गया था, जिसे शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया था और अब दिनों दिन इस परियोजना का कार्य युद्ध स्तर पर पूरा किया जायेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि जिला ऊना की जनता भाग्यशाली है कि उसे कांग्रेस सरकार के प्रयासों की बदौलत यह ऐतिहासिक तोहफा मिला है और कार्य की क्वालिटी पर अधिकारियों को विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।

तटीयकरण से 165 गांवों के लोग होंगे लाभान्वित
              
उद्योग मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से ऊना जिला में दौलतपुर पुल से गगरेट पुल तक स्वां नदी का 11 किलोमीटर लंबा क्षेत्र चेनेलाईज किए जाने के साथ-साथ ऊना जिला की दौलतपुर से संतोषगढ़ पुल तक सभी 73 खड्डें चौनेलाईज हो जायेंगी। तटीकरण की कुल लंबाई 387.58 किलोमीटर होगी और इसमें 1200 वर्ग किलोमीटर जलागम क्षेत्र शामिल होगा। परियोजना के क्रियान्वयन से 7163.40 हैक्टेयर भूमि जोकि अभी तक बाढ़ के कारण बेकार वड़ी थी, पर पुन: फसल लहलहाएगी। इस परियोजना से 165 गांवों के 2 लाख 35 हजार 834 लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य 31 मार्च, 2017 तक पूरा किया जाना है । परियोजना के कार्य को गति देने के लिए सरकार ने ऊना में स्वां प्रोजेक्ट का सर्कल व कुंगढ़त में  नई डिवीजन खोली है। इसके अलावा 2 सब डिवीजनें हरोली व ऊना में खोली हैं। उन्होंने बताया कि 2015-16 में 333.48 करोड़ रूपए खर्च करके 3300 हैक्टेयर भूमि रिक्लेम की जायेगी जबकि 2016-17 में 265.16 करोड़ रूपए के वित्तीय लक्ष्य से 1664 हैक्टेयर भूमि फिर से रिक्लेम होगी।  

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (10 अक्टूबर)

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नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाष सत्यार्थी मूलतः विदिषावासी हैं
  • उन्होंने ऐसा ही अनुपम चमत्कार विदिषा में ही साठ के दषक में भी किया था, जब उस चमत्कार ने उन्हें विष्व स्तर पर व्यापक चर्चित तथा प्रचारित कर दिया था
  • क्या था वो बेमिसाल क्रांतिकारी करिष्मा ?

विदिषा-10 अक्टूबर 2014 (अमिताभ शर्मा)/विष्व के सर्वोच्च सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित-अभिनंदित होने का परम चमत्कार करने वाले कैलाष सत्यार्थी मूलतः कस्बाई मानसिकता के विदिषा जिला मुख्यालय के निवासी हैं। वे चाहे लम्बे अरसे पहले नई दिल्ली के निवासी हो गए हों पर उनके खानदान के अनेक परिवार अब भी विदिषा में ही निवासरत हैं। इससे भी बड़ा चमत्कार उन्होंने साठ के दषक में विदिषा में ही किया था, जिसने उन्हें ना केवल विदिषा क्षेत्र अपितु समूचे प्रदेष तथा देष के साथ पूरे विष्व में रातों-रात सुपर ह्यूमन हीरो की तरह चर्चित और प्रचारित कर दिया था। वो निष्चित रूप से अनुपम क्रांतिकारी अप्रतिम चमत्कार ही था। उस चमत्कार के बारे में तत्कालीन जनसंपर्ककर्मी जगदीष शर्मा बताते हुए अभिभूत हो उठे हैं। 
जगदीष शर्मा के अनुसार वो घटना साठ के दषक में अब से दषकों पूर्व तब हुई थी, जब देष को स्वतंत्र हुए कोई डेढ़-दो दषक से अधिक की अवधि बीत चुकी थी। इसके बाद भी देष भर में जाति-पांति और छुआ-छूत का दौर कमोवेष सब दूर पहले की भांति ही जारी था। उस समय आमतौर पर घरों में कच्चे शौचालय ही होते थे और सफाई कामगारों द्वारा इन शौचालयों का मैला सिर पर ढोकर फेंकने ले जाया जाता था। इन कामगारों में भी अधिकांषतः महिलाएं ही सिर पर मैला ढोने का काम करतीं थीं। जाहिर है कि जाति-पांति और छुआ-छूत के उस दौर में भी सफाई कामगारों को ही परम्परानुसार सर्वाधिक अछूत और अस्पृष्य माना जाता था। दूसरी ओर उस समय केन्द्र सहित अधिकांष राज्य सरकारों पर कांग्रेस का एक छत्र राज हुआ करता था। अन्य दल तो नगण्य ही थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पे्ररणा से कांग्रेस ने जाति-पांति और छुआ-छूत को दूर करने का संकल्प चाहे लिया था, पर कांग्रेस के सत्तासीन दिग्गज नेता भी कहीं भी संकल्प का अनुसरण नहीं कर रहे थे। कांग्रेसी नेता भी छुआ-छूत और जाति-पांति की पुरानी परम्परा ढो रहे थे। इन्हीं हालात में राष्ट्रीय पर्व (स्वतंत्रता दिवस अथवा गणतंत्र दिवस) ने दस्तक दी। पर्व दिवस के दो-तीन रोज पहले कैलाष सत्यार्थी ने तत्कालीन स्थानीय कांग्रेसी सांसदों, विधायकों, संगठन नेताओं सहित विभिन्न उच्च जातियों के अग्रगण्य व्यक्तियों से संपर्क कर उन्हें एक निमंत्रण दिया। उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के परिसर में उस पर्व दिवस भोजन करने आमंत्रित किया था। साथ ही यह भी कहा था कि वहां भोजन एक सफाई कामगार महिला द्वारा बनाया जाएगा। उन्होंने ऐसा आमंत्रण विदिषावासी पूर्व मुख्यमंत्री बाबू तख्तमल जैन, राज्यसभा सांसद बाबू रामसहाय सक्सेना को भी दिया था। बस, फिर क्या था तमाम कांग्रेस नेता विदिषा में राष्ट्रीय पर्व मनाने के स्थान पर कोई ना कोई बहाना बनाकर विदिषा से बाहर चले गए और जो बाहर नहीं जा सके उन्होंने बीमारी का बहाना बनाकर घर से बाहर निकलने से इन्कार कर दिया था। जाहिर है कि श्री सत्यार्थी का आमंत्रण किसी नेता, गणमान्य व्यक्ति तो दूर की बात, किसी साधारण व्यक्ति ने भी स्वीकार नहीं किया था। आमंत्रण चाहे किसी ने भी स्वीकार नहीं किया था, पर राष्ट्रपिता के प्रतिमा स्थल पर सुबह से ही भारी भीड़ उस बेमिसाल करिष्मे को देखने एकत्र हो गई थी। फिर हुआ ये कि श्री सत्यार्थी और सफाई कामगार महिला पूर्व निर्धारित समय पर प्रतिमा स्थल पहुंच गए, जहां महिला र्ने इंटों का चूल्हा तैयार कर साथ में लाए गए लकड़ी-कण्डों से चूल्हा जलाया और दाल, चावल पकाए। फिर उसने वह भोजन वहीं श्री सत्यार्थी को परोसा, जिसे सत्यार्थी ने सार्वजनिक रूप से प्रेमपूर्वक ग्रहण किया। बस, फिर क्या था, जैसे ही स्थानीय पत्रकारों ने राजधानी भोपाल के समाचार-पत्रों को घटना के समाचार भेजे और अगले रोज समाचार पहले पेज पर प्रधान समाचार के रूप में छपने का परिणाम यह हुआ कि देष के राष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्रों के पत्रकार भी भोपाल और विदिषा पहुंच गए और उन्होंने भी राष्ट्रीय स्तर पर भी वैसा ही प्रमुखतापूर्ण कवरेज किया। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों के प्रतिनिधि भी पे्ररित हुए और उन्होंने भी भोपाल तथा विदिषा पहुंचकर अपने-अपने पत्रों में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाषित की, जिससे कैलाष सत्यार्थी विष्व स्तरीय सुपर ह्यूमन हीरो बन गए थे। यहां यह भी स्मरणीय है कि हिन्दुओं में सफाई कामगारों को सबसे नीची जाति का और सर्वथा अछूत तथा अस्पृष्य मानने की परम्परा थी, जबकि सत्यार्थी हिन्दुओं की सर्वोच्च जाति ब्राह्मण के थे। किसी ब्राह्मण से इस प्रकार के क्रांतिकारी निर्णय की तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। इसके बाद वे दिल्ली में बसे और बचपन बचाओ आंदोलन को विष्व व्यापी बना दिया। इसी आंदोलन ने उन्हें नोबेल सम्मान प्रदान कराया है, परन्तु इस आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल बनाने में विदिषा में साठ के दषक में घटी घटना और उससे उन्हें मिले विष्व व्यापी प्रचार ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई।

फायर सेफ्टी प्लान बनाएं-संभागायुक्त श्री सिंह

  • अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए सतर्कता एवं सावधानियां बरते 

vidisha news
अग्नि सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता अभियान पुलिस अग्निशमन सेवा के द्वारा जिले में किया गया। उनके द्वारा लगातार दो दिन तक कार्यशाला का आयोजन कर परिचर्चा एवं डेमो प्रदर्शन के माध्यम से अग्नि दुर्घटना रोकने के लिए बरती जाने वाली सतर्कता एवं सावधानियां, कही कोई अग्नि दुर्घटना होती है तो किन बातो का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि जनहानि को रोका जा सकें इत्यादि की जानकारी इस दौरान विस्तारपूर्वक दी गई। भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने विदिशा शहर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने छोटे-छोटे फायर सेफ्टी प्लान बनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने गतवर्ष हुई शहर में आगजनी दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व मंे ही सेफ्टी प्लान तैयार रहता तो अग्नि दुर्घटना में जनहानि को रोका जा सकता था। उन्होंने मोहल्लेवार छोटे-छोटे प्लान तैयार करने की समझाईंश दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन सेवाएं, डाॅ विजय कुमार ने अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने हेतु किए जाने वाले प्रबंधन, दुर्घटना के उपरांत किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने नगरवासियों से कहा कि वे आगजनी दुर्घटना रोकने के लिए सावधानियों का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने पूर्व तैयारियों किस प्रकार से की जाए को भी रेखांकित किया। जालोरी गार्डन में आयोजित कार्यशाला में शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सोनकर, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती ज्योतिशाह, ग्यारसपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा, पूर्व विधायक श्री गुरूचरण सिंह, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष श्री देवराज अरोरा, श्री शशांक भार्गव समेत अन्य व्यवसाईगण मौजूद थे। जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी और अधीनस्थ स्टाफ, समस्त बैंको के प्रतिनिधि, पेट्रोल पम्प के संचालक और स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इस दौरान आग से सुरक्षा के बचाव, उपायों और सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया भी मौजूद थे। पुलिस अग्निशमन सेवा के अधिकारियों द्वारा डेमो के माध्यम से फायर सेफ्टी का प्रदर्शन भी किया गया।

संभागायुक्त द्वारा शैक्षणिक संस्थान एवं छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण

भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने शुक्रवार को ग्राम बीलाढाना के स्कूल का और कुरवाई में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग की कन्या छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी साथ मौजूद थे।संभागायुक्त श्री सिंह ने ग्राम बीलाढाना की प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय में पहुंचकर शैक्षणिक गतिविधियों, विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। यहां उन्होंने शिक्षक श्रीमती विरजीनाबी, श्री अजय सिंह राजपूत और श्री शैलेन्द्र रघुवंशी को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए। संबंधितों के अवकाश आवेदन पूर्व तिथि के पाए जाने पर उक्त कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। संभागायुक्त श्री सिंह ने स्कूली विद्यार्थियों से रूबरू होकर अध्यापन कार्यो की गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चे नियमित स्कूल आएं इसके लिए हर माह पालक समिति की बैठक अनिवार्यतः आयोजित की जाए जिसमें शिक्षक, बालक और उसके पालक परिचर्चा कर शैक्षणिक गुणवत्ताओं में सुधार और विद्यार्थियों के लिए क्रियान्वित योजनाओं का सुगमता से उन्हें लाभ मिल सकें इत्यादि का क्रियान्वयन किया जाए। संभागायुक्त श्री सिंह ने कुरवाई की कन्या छात्रावास का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने रसोईघर में पहुंचकर भोजन तैयार कर रही महिलाओं से संवाद स्थापित कर जानकारी प्राप्त की। दसवीं में अध्ययनरत कु निशा चिढ़ार, कु शारदा मालवीय, कु कीर्ति अहिरवार ने छात्रावास में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की बिन्दुवार जानकारी दी। इस दौरान संभागायुक्त ने उनसे जानना चाहा कि वे बडे़ होकर क्या बनना चाहती है तो अधिकांश छात्राओं ने पुलिस और डाक्टर बनने की इच्छा जाहिर की। संभागायुक्त ने उनसे कहा कि अच्छी पढ़ाई करने से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है।

क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था उन्नत करें-संभागायुक्त श्री सिंह

भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा कुरवाई के एसडीएम कार्यालय में की। जिसमें उन्होंने खण्ड स्तरीय अमले से कहा कि शासन की जो भी जनकल्याणकारी योजनाएं है उसका लाभ संबंधित हितग्राही को मिल रहा है कि नही, इसका पता लगाने के लिए क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था उन्नत करें। इस कार्य में तहसील स्तरीय कम्यूनिकेशन प्लान का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह उन्होंने दी। संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि बच्चे नियमित स्कूल आए उन्हें मीनू अनुसार मध्यान्ह भोजन मिले। समय-समय पर उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाए इसी प्रकार आंगनबाडी केन्द्रो के माध्यम से दी जाने वाली सुविधाआंे के संबंध में अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चे चिन्हित है उन पर विशेष ध्यान रखा जाए और यह संख्या आशातीत भविष्य में शून्य हो के सफल प्रयास किए जाए।संभागायुक्त श्री सिंह ने खाद्य विभाग के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली पात्रतापर्चियों के संबंध में कहा कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि हितग्राही द्वारा अनाज का क्रय किया जा रहा है कि नही और उन्हें मिलने वाला केरोसिन का कोई दुरूपयोग तो नही कर रहा है। तहसील की सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानो की क्रास माॅनिटरिंग करने की सलाह उन्होंने दी। श्री सिंह ने कहा कि जिन दुकानों पर राशन, केरोसिन पहुंचाया जा रहा है की जानकारी उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पटवारी को मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाए। जिन ट्रक, टेकरों से परिवहन किया जा रहा है उनमें होमगार्ड के जवान को साथ भेजा जाए। उन्होंने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सेे कहा कि जिन दुकानो का उनके द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है उसका उल्लेख टूर डायरी में किया जाए।

गुणात्मक सुधार
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि जनहितैषी योजनाओं से लाभांवित होने वाले हितग्राहियों में गुणात्मक सुधार परलिक्षित होना चाहिए। कृषि विभाग का ग्रामीण अमला ग्राम पंचायत में किस दिन बैठेगा की जानकारी दीवार पर अंकित कराई जाए।

मिट्टी परीक्षण
संभागायुक्त श्री सिंह ने मिट्टी परीक्षण पर बल देते हुए कहा कि हर किसान के खेत की मिट्टी का परीक्षण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए और कार्ड में समुचित जानकारी अंकित की जाए ताकि किसान को इस बात का भलीभांति ज्ञान हो कि उसे खेत में कौन सा खाद डालना जरूरी है। संभागायुक्त ने फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर की जगह रीफर का प्रयोग अधिक से अधिक करने की सलाह दी ताकि नरवाई जैसी समस्या से किसान सुगमता से बच सकें और उन्हें अधिक से अधिक मात्रा में भूसा की प्राप्ति हो सकें। बैठक मंे कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना तहत आवेदन आमंत्रित, तिरूपति दर्शन हेतु दो सौ तीर्थयात्रिओं का चयन होगा

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत जिले के तीर्थ यात्री दो नवम्बर को तिरूपति दर्शन हेतु विशेष टेªन से रवाना होगे। इच्छुक तीर्थ यात्री अपने आवेदन 26 अक्टूबर तक नजदीक के तहसील कार्यालय में जमा कर सकते है। जिले को प्राप्त लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर तीर्थयात्रिओं का चयन कम्प्यूटर रेण्डम प्रणाली से किया जाएगा। ऐसे तीर्थ यात्री जो पूर्व में उक्त योजना का लाभ ले चुके है वे आवेदन ना करें। 

सरकार ने ई.रिक्शा के लिए अधिसूचना जारी की

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केन्द्र सरकार ने ई.रिक्शा चलाने के नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसमें 'ड्राइविंग लाइसेंस'को अनिवार्य बनाया गया है और इसकी अधिकतम सीमा 25 किमी प्रति घंटे तय की गई है। सरकार ने केन्द्रीय मोटर वाहन (16वें संशोधन) कानून, 2014 को अधिसूचित किया है जो 'विशेष उद्देशीय बैटरी परिचालित वाहनों'को चलाने के मार्ग को प्रशस्त करता है। 

नए कानून में व्यवस्था है कि ई.रिक्शा पर 4 यात्रियों को बिठाया और 40 किलोग्राम का सामान ले जाया जा सकेगा जबकि ई.वाहन में 310 किलो तक सामान ढोया जा सकेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई को यह कहते हुए ई.रिक्शा को चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया था कि प्रथम दृष्टया यह राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अन्य वाहनों के अलावा नागरिकों के लिए जोखिम भरा है।

बिहार में पांच महादलित महिलाओं के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म

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बिहार के भोजपुर जिले के सिकरहटा थाना क्षेत्र में एक कबाड़ी की दुकान (कबाड़खाना) में हथियार के बल पर महादलित परिवार की पांच महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आई है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, तरारी थाना क्षेत्र में पांच महिलाएं कबाड़ चुनने के बाद उसे बेचने के लिए बुधवार शाम पास के गांव गई थीं। कबाड़ी दुकानदार ने खुदरा पैसा नहीं होने और कुछ देर में पैसा देने की बात कह कर उन्हें रोक लिया।

आरोप है कि शाम होने के बाद तीन लोगों ने हथियार के बल पर सभी महिलाओं को जबरदस्ती शराब पिलाई और उसके बाद बारी-बारी से उनके साथ दुष्कर्म किया। आरोपियों ने पीड़ितों को इस बारे में किसी से नहीं बताने की धमकी भी दी। बदहवास महिलाएं जब देर रात घर पहुंचीं, तो उन्होंने सारी बात घरवालों को बताई। गुरुवार को इसकी सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने गुरुवार देर शाम पीड़िताओं से पूछताछ की तथा घटनास्थल पर जाकर छानबीन की।

भोजपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में एक प्राथमिकी संबंधित थाना में दर्ज कराई गई है, जिसमें कबाड़ी दुकान के मालिक उसके कर्मचारी जग्गू और उसके भाई को आरोपी बनाया गया है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पीरो के पुलिस उपाधीक्षक कृष्ण कुमार सिंह क्षेत्र में मौजूद हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। घटना के विरोध में भाकपा (माले) के कार्यकर्ता शुक्रवार को सुबह सड़कों पर उतर आए। वे फतेहपुर-सिकरहटा मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

घायल मोहित की जगह इशांत शर्मा टीम में शामिल

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घायल गेंदबाज मोहित शर्मा भारत और वेस्ट इंडीज के बीच जारी वनडे मैच की सीरीज के दो मैचों में नहीं खेल पाएंगे। उनकी जगह तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को टीम में शामिल किया गया है। सीरीज का दूसरा मैच 11 अक्टूबर को दिल्ली में होना है। मीडियम पेसर मोहित वेस्ट इंडीज के साथ जारी सीरीज के पहले वनडे में खेलते हुए चोटिल हो गए थे। हालांकि, वह इस मैच में सफल नहीं रहे थे और उन्होंने 9 ओवरों में 61 रन खर्च किए थे और एक भी विकेट नहीं ले सके थे। सीरीज के बाकी दो वनडे मैचों के लिए अभी टीम की घोषणा नहीं की गई है।

इससे पहले वेस्ट इंडीज के साथ सीरीज के तीन मैचों के लिए घोषित की गई 14 सदस्यीय टीम में इशांत शर्मा का नाम नहीं था। भारत और वेस्ट इंडीज के बीच पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच भारत 124 रनों से हार चुका है। इस हार का वनडे रैंकिंग में टॉप पर बैठे भारत की रैंकिंग पर भी असर पड़ेगा। इशांत ने इस साल जनवरी के बाद से कोई वनडे मैच नहीं खेला है। उन्होंने आखिरी मैच जनवरी में ही न्यू जीलैंड के खिलाफ खेला था जिसके बाद उन्हें बांग्लादेश और इंग्लैड के साथ हुई वनडे सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला था। इशांत के लिए खुद को फिर से टीम इंडिया के लिए अहम खिलाड़ी साबित करने का मौका है। 

फुटबॉल में भारत की प्रगति मानसिकता पर निर्भर: जिको

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ब्राजील के पूर्व महान फुटबॉलर और कोच जिको का मानना है कि अगर भारत को वैश्विक खेल जगत में बुलंदियों को छूना है तो यह पूरी तरह से स्थानीय खिलाड़ियों की 'मानसिकता'और विकसित होने की उनकी 'क्षमता'पर निर्भर करता है। इंडियन सुपर लीग की शुरुआत रविवार को होगी और जिको एफसी गोवा की कोचिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जो 20 दिसंबर तक चलने वाले इस टूर्नमेंट में हिस्सा ले रही आठ फ्रेंचाइजियों में से एक है। कई लोगों का मानना है कि आईएसएल भारतीय फुटबॉल को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन जहां तक इस टूर्नमेंट के फायदों का सवाल है तो अपने शानदार खेल के कारण 'वाइट पेले'के नाम से मशहूर 61 वर्षीय जिको की राय अलग है। 

जिको ने कहा, 'यह निर्भर करता है। अगर भारत प्रगति करना चाहता है तो यह उसके फुटबॉल खिलाड़ियों की मानसिकता पर निर्भर करता है। हम अपने अपार अनुभव और कोचिंग के जरिए उनकी मदद कर सकते हैं लेकिन प्रगति करने की क्षमता पूरी तरह से खिलाड़ी पर निर्भर है।'जिको ने कहा, 'मैं फुटबाल को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए यहां हूं फिर खिलाड़ी अमेच्योर हो या पेशेवर। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि महासंघ और सरकार की संयुक्त मदद से फुटबॉल नई बुलंदियों को छूने में सफल रहेगा।' 

विश्व कप नहीं जीत पाने वाले दिग्गज खिलाडियों में शामिल जिको हैरान हैं कि भारत जैसा बड़ा देश जिसकी जनसंख्या इतनी ज्यादा है वह वैश्विक स्तर पर छाप नहीं छोड़ पाया है। जापान की फुटबॉल को नई बुलंदियों में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले जिको ने कहा कि वह भारत एक मिशन के साथ आए हैं। उन्होंने कहा, 'भारत काफी बड़ा देश है लेकिन यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि फुटबॉल का स्तर काफी ऊंचा नहीं है। मैं 2004 में विश्व कप के प्रारंभिक मैचों के लिए कोलकाता आया था और मैंने स्टेडियम देखे थे जो खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने वाले और खेल का लुत्फ उठाने वाले लोगों से भरे पड़े थे।' 

जिको ने कहा, 'एशियाई फुटबॉल और भारतीय फुटबॉल मजबूत हो रहा है। मैं सिर्फ यात्री बनने के लिए यहां नहीं आया हूं, मैं देश में फुटबॉल के विकास का हिस्सा बनने के लिए यहां आया हूं।'उन्होंने कहा, 'सफलता के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी। मैंने अपने देश में ऐसा किया है और भारत में भी ऐसा ही करूंगा। मैं देश में फुटबॉल को बेहतर करने के लिए अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करूंगा।'

मोदी के रेडियो प्रसारण से नहीं हुआ आचार संहिता का उल्लंघन : चुनाव आयोग

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चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीन अक्तूबर का रेडियो प्रसारण चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। एक संक्षिप्त आदेश में चुनाव आयोग ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल को बताया कि आयोग को प्रसारण की सामग्री में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे आचार संहिता का उल्लंघन होता हो। महाराष्ट्र और हरियाणा में 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए 12 सितम्बर से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।

चुनाव आयोग ने कहा कि निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उसने भाषण का आडियो सुना और उसकी स्क्रिप्ट का अवलोकन किया। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की नई पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार रेडियो के माध्यम से लोगों से संपर्क किया और अपने 'मन की बात कार्यक्रम'के जरिये लोगों से निराशा त्यागने तथा अपने सामथ्र्य, क्षमता और कौशल का उपयोग देश की समृद्धि के लिए करने की अपील की।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हरियाणा और महाराष्ट्र में 15 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ऑल इंडिया रेडियो से 'मन की बात'कार्यक्रम प्रसारित कर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग से इस बारे में की गई शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि इस कार्यक्रम का प्रसारण चुनाव आयोग द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू किए जाने के बाद जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है।

पार्टी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद दूरदर्शन या आकाशवाणी पर किसी राजनीतिक दल का प्रसारण, प्रसार भारती द्वारा चुनाव आयोग के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्हें (राजनीति दल को) आवंटित किए गए समय के अनुसार ही हो सकता है। एआईसीसी के कानूनी प्रकोष्ठ के सचिव केसी मित्तल ने कहा कि राज्य चुनावों में मोदी ही भाजपा के एक मात्र प्रमुख प्रचारक और एक मात्र चेहरा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों का 'दुरुपयोग'कर सत्ता में बैठी पार्टी (भाजपा) के हितों को आगे बढ़ाने के लिए खास तौर पर तैयार और डिजाइन किए गए चुनाव प्रचार का हिस्सा है।

शरीफ की चेतावनी, 'गलतफहमी में न रहे भारत'

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि वह उसकी शांति की इच्छा को लेकर किसी गलतफहमी में न रहे। नवाज ने कहा कि भारत सीमाओं पर गोलीबारी को तुरंत बंद करे। शरीफ ने भारत से नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा की गरिमा का तुरंत सम्मान किए जाने तथा ठोस शांति के लिए गोलीबारी बंद करने को कहा। शरीफ इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कैबिनेट सदस्यों, जॉइंट चीफ आफ स्टाफ कमिटी के अध्यक्ष तथा तीनों बलों के प्रमुखों और आईएसआई प्रमुख ने हिस्सा लिया।

पाक प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि शांति की उनकी इच्छा को लेकर गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। नवाज ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि वह तुरंत नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा (अस्थायी सीमा) की गरिमा का सम्मान करते हुए, ठोस शांति के लिए गोलीबारी बंद करे। बैठक में भारत के साथ सीमा तनाव तथा सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। शीर्ष सैन्य नेताओं ने बैठक में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की ताजा स्थिति की जानकारी दी। शरीफ को बताया गया कि पाकिस्तानी बल केवल अपने बचाव में गोलीबारी कर रहे हैं और नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बना रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले एक हफ्ते से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी हो रही है। इस बैठक में सुरक्षा के समग्र हालात तथा उत्तरी वजीरिस्तान में जर्ब ए अज्ब अभियान पर भी चर्चा की गई। गुरुवार को क्षेत्र का दौरा करने वाले शरीफ ने इलाके से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए सफल अभियान पर संतोष जताया। इससे पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ, नौसेना प्रमुख एडमिरल जकुल्लाह तथा विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने प्रधानमंत्री से अलग-अलग मुलाकात की और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चर्चा की।

मलाला ने की नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ से पुरस्कार समारोह में आने की गुजारिश

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नोबेल का शांति पुरस्कार पाने वाली मलाला यूसुफजई ने भारत-पाकिस्तान के बीच अमन का संदेश दिया है। मलाला ने दोनों देशों के बीच शांति कायम करने की इच्छा जताते हुए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से एक मंच पर आने की गुजारिश की है।

मलाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ से अपने पुरस्कार समारोह में एक साथ आने की गुजारिश की है। मलाला का कहना है कि उनकी इच्छा है कि जब उन्हें पुरस्कार दिया जाए तो वहां पर दोनों प्रधानमंत्री भी मौजूद हों।

पुरस्कार का ऐलान होने का बाद आज मलाल एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रही थीं। इसी दौरान उन्होंने ये बात कही। मलाला ने कैलाश सत्यार्थी से कहा कि वो नरेंद्र मोदी तक उनका संदेश पहुंचाएं।

रविवार को हुदहुद का आंध, ओड़िशा तटों पर पहुंचने के आसार

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हुदहुद चक्रवात के रविवार को आंध्र प्रदेश और ओड़िशा तटों पर पहुंचने की उम्मीद के बीच, राज्यों के अधिकारियों ने शनिवार को हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात के कल दोपहर तक विशाखापट्टनम पहुंचे की संभावना है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के पांच तटवर्ती जिलों से 1.11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने 5,14,725 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रबंध किया है। सेना एवं नौसेना ने अपने कर्मियों को राहत एवं बचाव अभियानों के लिए तैयार रहने को कहा है। राज्य आपदा प्रबंधन आयुक्त ए आर सुकुमार को प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार श्रीकाकुलम जिले में 35 हजार लोगों, विजयनगरम में 6000 लोगों, विशाखापट्टनम में 15 हजार लोगों, पूर्वी गोदावरी जिले में 50 हजार लोगों और पश्चिमी गोदावरी जिल में पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया है।

मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू ने शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है तथा इसरो से हुदहुद के मार्ग की उपग्रह तस्वीरें भेजने का अनुरोध किया है। प्रदेश के पांच जिलों में 64 मंडलों के कुल 436 गांवों के समक्ष चक्रवात का खतरा है। सरकार ने इन जिलों में बचाये गये लोगों के लिए 370 राहत शिविरों की पहचान की है।

ओड़िशा में राज्य सरकार ने शनिवार को चक्रवात की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया। इसी बीच इन मार्गों की दो उड़ानों एव 39 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। विशेष राहत आयुक्त पीके महापात्र ने बताया कि आठ जिलों कोरापुट, मलकानगिरी, नवरंगपुर, रायगढ़ा, गजपति, गंजाम, कालाहांडी एवं कंधमाल के जिलाधीश लोगों को संवेदनशील स्थानों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

विशेष राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार कुछ इलाकों विशेषकर दक्षिणी क्षेत्रों में बारिश की खबर है लेकिन अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। दिल्ली में भारतीय मौसम विभाग के बुलेटिन में कहा गया कि बेहद भीषण चक्रवात में तब्दील हो चुके हुदहुद के विशाखापट्टनम एवं गोपालपुर के समीप पहुंचने के साथ ही अगले 48 घंटों में आंध्र प्रदेश एवं ओड़िशा में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है।
  
विभाग ने कहा कि यह चक्रवात पिछले छह घंटे में पश्चिम से उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसका केन्द्र विशाखपट्टनम से 260 किलोमीटर दक्षिण और ओड़िशा के गोपालपुर से 350 दक्षिण दक्षिणपूर्व है। इसमें कहा गया कि यह चक्रवात उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 12 अक्तूबर को अपराह्न में विशाखपट्टनम के पास आंध्र प्रदेश के तट से गुजरेगा।

विभाग ने कहा कि इस चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश के पूर्वी एवं पश्चिमी गोदावरी जिले, विशापट्टनम, विजयनगरम एवं श्रीकाकुलम जिलों तथा ओड़िशा के कोरापुट, मलकानगिरी, नवरंगपुर, रायगढ़ा, गजपति, गंजाम, कालाहांडी, कंधमाल एवं फूलबनी में अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।

दीपावली पर विशेष : उत्सव नहीं तमाम जिंदगियों का उजाला है दीवाली

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महालक्ष्मी सांसारिक, दैहिक, दैविक और भौतिक दृश्य-अदृश्य सभी प्रकार की संपत्तियों एवं निधियों की अधिष्ठात्री है। दीपावली का दिन महालक्ष्मी की पूजा का श्रेष्ठ दिन है। इस दिन शास्त्रोक्त विधान से किया गया लक्ष्मी पूजन व्यक्ति को समस्त भौतिक सुख-समृद्धि प्रदान कर वर्ष भर आने वाली आर्थिक समस्याओं को दूर करता है। भगवान गणेश सिद्धि-बुद्धि एवं शुभ-लाभ के दाता तथा सभी अमंगलों एवं अशुभों के नाशक हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि बिना बुद्धि और ज्ञान के लक्ष्मी प्राप्ति असंभव है। अतः लक्ष्मी के साथ बुद्धिमता गणेश एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन अनिवार्य है। 

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दीपावली सिर्फ उत्सव या त्योहार भर ही नहीं, बल्कि किसी की पूरी जिंदगी व तमाम जिंदगियों का उजाला भी है। शायद यही वजह भी है कि दीवाली के दिन इसकी रौनक देखने लायक बनती है। अर्श से लेकर फर्श तक चमचमाते नजर आते है। मकान-दुकान-दफतर सबके कोने-काने में स्वच्छता झलकती है। बच्चे हो या फिर बड़े-बुजुर्ग या फिर नौजवान, सबके सब खुशियों से इस कदर इठलाते-मुस्कारते-झुमते नजर आते है जैसे मानों पूरा जहान उनकी मुठ्ठी में समाया हो। चाहे वह अमीर हो या गरीब सभी के चेहरे की रौनक अट्हास करती दिखती है। मतलब दीपावली जिंदगी को प्रकाश से रु-ब-रु कराने के अलावा अच्छाई की ओर ले जाने के साथ ही साफ-सफाई का भी सिख उसी तरह देता है, जिस तरह शरद की अमावस्या की कालरात्रि को भेदकर कण-कण प्रकाशित करता है। वैसे भी दीपावली एक पर्व श्रृंखला की शुरुवात है। धनतेरस, नरकचतुर्दशी से प्रारंभ होकर दीपावली, गोवर्धन पूजा, यमद्वितीया के बाद छठ पूजा की गहमागहमी के बाद क्षीर सागर में चीर नीद्रा में सो रहे भगवान विष्णु भी जाग उठते है। बाजारों में रौनक तो देखते ही बनती है। महालक्ष्मी सांसारिक, दैहिक, दैविक और भौतिक दृश्य-अदृश्य सभी प्रकार की संपत्तियों एवं निधियों की अधिष्ठात्री है। दीपावली का दिन महालक्ष्मी की पूजा का श्रेष्ठ दिन है। इस दिन शास्त्रोक्त विधान से किया गया लक्ष्मी पूजन व्यक्ति को समस्त भौतिक सुख-समृद्धि प्रदान कर वर्ष भर आने वाली आर्थिक समस्याओं को दूर करता है। कहा यह भी जाता है कि लक्ष्मी पूजन का यह पर्व चोर-साहूकार सबके लिए समान फलदायी है। साधु-असाधु सभी लक्ष्मी की चकाचैंध में लिप्त होते है।

भगवान गणेश सिध्दि-बुध्दि एवं शुभ-लाभ के दाता तथा सभी अमंगलों एवं अशुभों के नाशक हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि बिना बुद्धि और ज्ञान के लक्ष्मी प्राप्ति असंभव है। अतः लक्ष्मी के साथ बुद्धिमता गणेश एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन अनिवार्य है। दीपावली की रात्रि को महानिशीथ के नाम से जाना जाता है। और इस रात्रि में कई प्रकार के तंत्र-मंत्र से महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर पूरे साल के लिए सुख-समृद्धि और धन लाभ की कामना की जाती है। दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदोंकी आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का त्योहार आता है। इस दिन बाजारों में चारों तरफ जनसमूह उमड़ पड़ता है। बरतनों की दुकानों पर विशेष साज-सज्जा व भीड़ दिखाई देती है। धनतेरस के दिन बरतन खरीदना शुभ माना जाता है अतैव प्रत्येक परिवार अपनी-अपनी आवश्यकता अनुसार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। इस दिन तुलसी या घर के द्वार पर एक दीपक जलाया जाता है। इससे अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली होती है। इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं। अगले दिन दीपावली आती है। इस दिन घरों में सुबह से ही तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बाजारों में खील-बताशे, मिठाइयाँ, खांड़ के खिलौने, लक्ष्मी-गणेश आदि की मूर्तियाँ बिकने लगती हैं। स्थान-स्थान पर आतिशबाजी और पटाखों की दूकानें सजी होती हैं। सुबह से ही लोग रिश्तेदारों, मित्रों, सगे-संबंधियों के घर मिठाइयाँ व उपहार बाँटने लगते हैं। पूजा के बाद लोग अपने-अपने घरों के बाहर दीपक व मोमबत्तियाँ जलाकर रखते हैं। चारों ओर चमकते दीपक अत्यंत सुंदर दिखाई देते हैं। रंग-बिरंगे बिजली के बल्बों से बाजार व गलियाँ जगमगा उठते हैं। बच्चे तरह-तरह के पटाखों व आतिशबाजियों का आनंद लेते हैं। रंग-बिरंगी फुलझडि़याँ, आतिशबाजियाँ व अनारों के जलने का आनंद प्रत्येक आयु के लोग लेते हैं। देर रात तक कार्तिक की अँधेरी रात पूर्णिमा से भी से भी अधिक प्रकाशयुक्त दिखाई पड़ती है। दीपावली से अगले दिन गोवर्धन पर्वत अपनी अँगुली पर उठाकर इंद्र के कोप से डूबते ब्रजवासियों को बनाया था। इसी दिन लोग अपने गाय-बैलों को सजाते हैं तथा गोबर का पर्वत बनाकर पूजा करते हैं। अगले दिन भाई दूज का पर्व होता है। दीपावली के दूसरे दिन व्यापारी अपने पुराने बहीखाते बदल देते हैं। वे दूकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की उन पर विशेष अनुकंपा रहेगी। कृषक वर्ग के लिये इस पर्व का विशेष महत्त्व है। खरीफ की फसल पक कर तैयार हो जाने से कृषकों के खलिहान समृद्ध हो जाते हैं। कृषक समाज अपनी समृद्धि का यह पर्व उल्लासपूर्वक मनाता हैं। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर की तरंग पर सुख से सोते हैं और लक्ष्मी जी भी दैत्य भय से विमुख होकर कमल के उदर में सुख से सोती हैं। इसलिए मनुष्यों को सुख प्राप्ति का उत्सव विधिपूर्वक करना चाहिएं। 

पूजन सामग्री
महालक्ष्मी पूजन में केसर, रोली, चावल, पान का पत्ता, कुंकम, मौली, सुपारी, फल, फूल, दूध, खील, बतासे, सिन्दूर, सूखे मेवे, मिठाई, दही गंगाजल धूप, कपूर, अगरबत्ती दीपक रुई, कलावा, अक्षत, हल्दी, लौंग, इलायची, पंचामृत यज्ञोपवीत, वस्त्र, नैवेद्य, आसन, पंचपात्र,  नारियल और कलश होना चाहिए।

पूजन की तैयारी
थाल में या भूमि को शुद्ध करके नवग्रह बनाएं या नवग्रह का यंत्र स्थापित करें। इसके साथ ही एक ताम्बे का कलश रखें, जिसमें गंगाजल, दूध, दही, शहद, सुपारी, सिक्के और लौंग आदि डालकर उसे लाल कपड़े से ढक कर उसपर एक कच्चा नारियल कलावे से बांध कर रख दें। जहां पर नवग्रह यंत्र बनाया है, वहां पर रुपया, सोना या चांदी का सिक्का, लक्ष्मी जी की मूर्ति या मिट्टी के बने हुए लक्ष्मी-गणेश सरस्वती या ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवी देवताओं की मूर्तियां या चित्र सजायें। कोई धातु की मूर्ति हो तो उसे साक्षात रूप मानकर दूध, दही और गंगाजल से स्नान कराकर अक्षत, चंदन का श्रृंगार करके फल-फूल आदि से सजाएं। इसके दाहिने ओर एक पंचमुखी दीपक अवश्य जलायें जिसमें घी या तिल का तेल प्रयोग किया जाता है। दीवाली के दिन की विशेषता लक्ष्मी जी के पूजन से संबन्धित है। इस दिन हर घर, परिवार, कार्यालय में लक्ष्मी जी के पूजन के रूप में उनका स्वागत किया जाता है। दीवाली के दिन जहां गृहस्थ और कारोबारी धन की देवी लक्ष्मी से समृद्धि और धन की कामना करते हैं, वहीं साधु-संत और तांत्रिक कुछ विशेष सिद्धियां अर्जित करने के लिए रात्रिकाल में अपने तांत्रिक कर्म करते हैं। 

गणेश-लक्ष्मी पूजा विधि 
घर के बड़े-बुजुर्गों को या नित्य पूजा-पाठ करने वालों को महालक्ष्मी पूजन के लिए व्रत रखना चाहिए। घर के सभी सदस्यों को महालक्ष्मी पूजन के समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। सभी सदस्य स्नान करके पवित्र आसन पर बैठकर आचमन, प्राणायाम करके स्वस्ति वाचन करें। फिर लक्ष्मी-गणेशजी का स्मरण करें कि-‘पदमासनां, पद्मकरां पद्ममाला विभूषितां। क्षीर सागरसंभूतां हेमवर्ण समप्रभां। क्षीरवर्ण समं वस्त्रं दधानां हरिवल्लभां। भावने भक्तियोगेन भार्गवीं कमलां शुभा।। श्री महालक्ष्म्यै नमः ध्यानं समर्पयामि।’ इसके बाद अपने दाहिने हाथ में गन्ध, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, द्रव्य और जल आदि लेकर दीपावली महोत्सव के निमित्त गणेश, अम्बिका, महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली, कुबेर आदि देवी-देवताओं के पूजनार्थ संकल्प करें। कुबेर पूजन करना लाभकारी होता है। कुबेर पूजन करने के लिये सबसे पहले तिजोरी अथवा धन रखने के संदूक पर स्वास्तिक का चिन्ह बनायें, और कुबेर का आह्वान करें। सबसे पहले गणेश और अम्बिका का पूजन करें, फिर कलश स्थापन, षोडशमातृका पूजन और नवग्रह पूजन करके महालक्ष्मी आदि देवी-देवताओं का पूजन करें। पूजन के बाद सभी सदस्य प्रसन्न मुद्रा में घर में सजावट और आतिशबाजी का आयोजन करें। हाथ में अक्षत, पुष्प, जल और धन राशि ले लें। यह सब हाथ में लेकर यह संकल्प मंत्र को बोलते हुए संकल्प कीजिए कि ‘मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान और समय पर अमुक देवी-देवता की पूजा करने जा रहा हूं जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हो’। सबसे पहले गणेश जी और गौरी का पूजन कीजिए। हाथ में थोड़ा-सा जल ले लें और भगवान का ध्यान करते हुए पूजा सामग्री चढ़ाएं। हाथ में अक्षत और पुष्प ले लें। अंत में महालक्ष्मी जी की आरती के साथ पूजा का समापन करें। घर पूरा धन-धान्य और सुख-समृद्धि हो जाएगा। दीपावली का विधिवत-पूजन करने के बाद घी का दीपक जलाकर महालक्ष्मी जी की आरती की जाती है। आरती के लिए एक थाली में रोली से स्वास्तिक बनाएं। उस में कुछ अक्षत और पुष्प डालें, गाय के घी का चार मुखी दीपक चलायें और मां लक्ष्मी की शंख, घंटी, डमरू आदि के बीच ॐ न तत्र सूर्याभति न चंद्रतारकं। नेमा विद्युतो भान्ति कृतोयमग्निः। तमेव भान्त। अनुभाति सर्व तस्यभाषा सर्व मिदं विभाति॥ श्री महालक्ष्मै नमः नीराजनं समर्पयामि।’ का गान करते हुए आरती उतारें। आरती करते समय परिवार के सभी सदस्य एक साथ होने चाहिए। परिवार के प्रत्येक सदस्य को माता लक्ष्मी के सामने सात बार आरती घूमानी चाहिए। सात बार होने के बाद आरती की थाली को लाइन में खड़े परिवार के अगले सदस्य को दे देना चाहिए। यही क्रिया सभी सदस्यों को करना चाहिए। दीपावली पर सरस्वती पूजन करने का भी विधान है। इसके लिए लक्ष्मी पूजन करने के पश्चात मां सरस्वती का भी पूजन करना चाहिए। दीपावली एवं धनत्रयोदशी पर महालक्ष्मी के पूजन के साथ-साथ धनाध्यक्ष कुबेर का पूजन भी किया जाता है। कुबेर पूजन करने से घर में स्थायी सम्पत्ति में वृद्धि होती है और धन का अभाव दूर होता है। पूजन कार्य प्रसन्नचित्त होकर श्रध्दा-भक्तिपूर्वक, पूर्वाभिमुख या फिर उत्तर की ओर मुंह करके करें।

बही-खाता आदि का पूजन
बही खातों, लैपटाप, कंप्यूटर आदि का पूजन करने के लिए पूजा मुहुर्त समय अवधि में नवीन खाता पुस्तकों व इससे संबंधितों पर केसर युक्त चंदन से या फिर लाल कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। इसके बाद इनके ऊपर ‘श्री गणेशाय नमरू’ लिखना चाहिए। फिर एक नई थैली लेकर उसमें हल्दी की पांच गांठे, कमलगट्ठा, अक्षत, दुर्गा, धनिया व दक्षिणा रखकर, थैली में भी स्वास्तिक का चिन्ह लगाकर सरस्वती मां का स्मरण करना चाहिए। मां सरस्वती का ध्यान करें, जो मां अपने कर कमलों में घटा, शूल, हल, शंख, मूसल, चक्र, धनुष और बाण धारण करती हैं, चन्द्र के समान जिनकी मनोहर कांति है, जो शुंभ आदि दैत्यों का नाश करने वाली है। ‘वाणी’ जिनका स्वरुप है, तथा जो सच्चिदानन्दमय से संपन्न हैं, उन भगवती महासरस्वती का मैं ध्यान करता हूं। ध्यान करने के बाद बही खातों का गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्ध से पूजन करना चाहिए। जहां पर नवग्रह यंत्र बनाया गया है वहां पर रुपया, सोना या चांदी का सिक्का, लक्ष्मी जी की मूर्ति या मिट्टी के बने हुए लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती जी की मूर्तियां सजायें। कोई धातु की मूर्ति हो तो उसे साक्षात रुप मानकर दूध, दही ओर गंगाजल से स्नान कराकर अक्षत, चंदन का श्रृंगार करके फूल आदि से सजाएं। इसके दाहिने और एक पंचमुखी दीपक अवश्य जलायें, जिसमें घी या तिल का तेल प्रयोग किया जाता है। पूजन के बाद घर के सभी कोनों में एक-एक दीप जलता हुआ रख दें। साथ ही नदी, तालाब या कुंए के किनारे, मंदिर के द्वार तथा वृक्ष के नीचे भी दिया जला कर रख दें। 

क्यों होती है आतिशबाजी 
दीपावली के दिन आतिशबाजी की प्रथा के पीछे धारण यह है कि दीपावली-अमावस्या से पितरों की रात आरम्भ होती है। कहीं वे मार्ग भटक न जाएं, इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था इस रूप में की जाती है। इस प्रथा का बंगाल में विशेष प्रचलन है। दीपावली पर कहीं-कहीं जुआ भी खेला जाता है। इसका प्रधान लक्ष्य वर्ष भर के भाग्य की परीक्षा करना है। इस प्रथा के साथ भगवान शंकर तथा पार्वती के जुआ खेलने के प्रसंग को भी जोड़ा जाता है, जिसमें भगवान शंकर पराजित हो गए थे। 

सूप पीटना 
रात्रि की ब्रह्मबेला अर्थात प्रातःकाल चार बजे उठकर स्त्रियां पुराने सूप में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाती हैं तथा सूप पीटकर दरिद्रता भगाती हैं। सूप पीटने का तात्पर्य यह है कि आज से लक्ष्मीजी का वास हो गया। दुख दरिद्रता का सर्वनाश हो। फिर घर आकर स्त्रियां कहती हैं- इस घर से दरिद्र चला गया है। हे लक्ष्मी जी! आप निर्भय होकर यहाँ निवास करिए। 

क्यों होती है लक्ष्मी-गणेश की पूजा साथ-साथ 
पौराणिक कथानुसार, एक राजा ने एक लकड़हारे पर प्रसन्न होकर उसे एक चंदन की लकड़ी का जंगल उपहार स्वरुप दे दिया पर लकड़हारा तो ठहरा लकड़हारा, भला उसे चंदन की लकड़ी का महत्व क्या मालूम, वह जंगल से चंदन की लकडि़यां लाकर उन्हें जलाकर, भोजन बनाने के लिये प्रयोग करता था। जब राजा को अपने गुप्तचरों से पता चला तो, उसकी समझ में आ गया कि, धन का उपयोग भी बुद्धिमान व्यक्ति ही कर पाता है। यही कारण है कि लक्ष्मी जी और श्री गणेश जी की एक साथ पूजा की जाती है। ताकि व्यक्ति को धन के साथ-साथ उसे प्रयोग करने कि योग्यता भी आयें। वैसे भी दर्शन के क्षेत्र में ज्ञान और अज्ञान विशिष्ट अर्थो में प्रकट होते है। देखा जाएं तो हमारे सब तरफ अज्ञान ही अज्ञान है। लाखों में से किसी एक को ज्ञान प्राप्त होता है। अज्ञान का मतलब है सांसारिकता। हम सभी की त्रासदी यह है कि हम सभी एक ढर्रेदार जिंदगी जीए चले जाते है। कभी भी यह नहीं जानना चाहते  िकइस तमाम सारी भागदौड़ का मकसद क्या है? कभी यह प्रश्न नहीं पूछते कि वजह क्या रही होगी यहां दुनिया में आने की। नास्तित्व से अस्तित्व में हम आएं तो क्यों आएं। शायद यह प्रश्न हम डर के कारण नहीं पूछते। डर अर्थात अंधकार। यह डर हमारे भीतर कहां से आया है? यह डर उस अंधकार से आया है जिसे हमने जन्म के साथ झेला था। हम जिस अंधी सुरंग से होकर पृथ्वी पर गिरते है हमारी वह यात्रा अंधकार की दमघोटू माहौल में हुई थी। अंधकार का ऐसा तृक्ष्ण अनुभव हमें जिंदगी भर नहीं भूलता। लेकिन दीवाली की याद व अनुभव हमें दूनी जिजीविषा के साथ हर चुनौती को दूने साहस के साथ लड़ने की शक्ति भी प्रदान करता है और अंधकार की चर्चा से बचने की युक्ति भी सुझाता है। 

राम के अयोध्या लौटने की खुखी में मनता है दीवाली 
धार्मिक ग्रन्थ रामायण के अनुसार, जब 14 साल का वनवास काट कर राजा राम, लंका नरेश रावण का वध कर, वापस अयोध्या आये थे, उन्ही के वापस आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने अयोध्या को दीयों से सजाया था। अपने भगवान के आने की खुशी में अयोध्या नगरी दीयों की रोशनी में जगमगा उठी थी। मतलब वह राम जो सबके है, भारत के इतिहास में रोशनी का प्रतीक है। राम ने रावण के अहंकार को चुनौती दी, उसकी आत्मा के अंदर व्याप्त अंधकार को भगाया। और इस तरह राम हम सबके दिलों में जगमगाएं यानी सारे समाज को अच्छाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। भगवान श्रीकृष्ण ने दीपावली से एक दिन पहले नरकासुर का वध किया था। नरकासुर एक दानव था और उसके पृथ्वी लोक को उसके आतंक से मुक्त किया था। इसी कारण बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में भी दीपावली पर्व मनाया जाता है। भगवान विंष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। तथा इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए। 
जैन मतावलंबियों के अनुसार चैबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी दीपावली को ही है। 

सिक्खो की दीवाली 
सिक्खों के लिए भी दीवाली महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में वर्ष 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। इसके अलावा 1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। नेपालियों के लिए यह त्योहार इसलिए महान है क्योंकि इस दिन से नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है। पंजाब में जन्मे स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुआ। इन्होंने दीपावली के दिन गंगातट पर स्नान करते समय ओम कहते हुए समाधि ले ली। महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया। इन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में दौलतखाने के सामने 40 गज ऊँचे बाँस पर एक बड़ा आकाशदीप दीपावली के दिन लटकाया जाता था। बादशाह जहाँगीर भी दीपावली धूमधाम से मनाते थे। मुगल वंश के अंतिम सम्राट बहादुर शाह जफर दीपावली को त्योहार के रूप में मनाते थे और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में वे भाग लेते थे। शाह आलम द्वितीय के समय में समूचे शाही महल को दीपों से सजाया जाता था एवं लालकिले में आयोजित कार्यक्रमों में हिन्दू-मुसलमान दोनों भाग लेते थे।
एक अन्य कथा के अनुसार एक गांव में एक साहूकार था, उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल पर जल चढ़ाने जाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वह जल चढ़ाती थी, उस पेड़ पर लक्ष्मी जी का वास था। एक दिन लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी से कहा ‘मैं तुम्हारी मित्र बनना चाहती हूं’। लड़की ने कहा की ‘मैं अपने पिता से पूछ कर आऊंगी’। यह बात उसने अपने पिता को बताई, तो पिता ने ‘हां’ कर दी। दूसरे दिन से साहूकार की बेटी ने सहेली बनना स्वीकार कर लिया। दोनों अच्छे मित्रों की तरह आपस में बातचीत करने लगे। एक दिन लक्ष्मीजी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गई। अपने घर में लक्ष्मी जी उसका दिल खोल कर स्वागत किया। उसकी खूब खातिर की. उसे अनेक प्रकार के भोजन परोसे। मेहमाननवाजी के बाद जब साहूकार की बेटी लौटने लगी तो, लक्ष्मी जी ने प्रश्न किया कि अब तुम मुझे कब अपने घर बुलाओगी। साहूकार की बेटी ने लक्ष्मी जी को अपने घर बुला तो लिया, परन्तु अपने घर की आर्थिक स्थिति देख कर वह उदास हो गई। उसे डर लग रहा था कि क्या वह, लक्ष्मी जी का अच्छे से स्वागत कर पायेगीं। साहूकार ने अपनी बेटी को उदास देखा तो वह समझ गया, उसने अपनी बेटी को समझाया, कि तू फौरन मिट्टी से चैका लगा कर साफ-सफाई कर। चार बत्ती के मुखवाला दिया जला, और लक्ष्मी जी का नाम लेकर बैठ जा। उसी समय एक चील किसी रानी का नौलखा हार लेकर उसके पास डाल गया। साहूकार की बेटी ने उस हार को बेचकर भोजन की तैयारी की। थोड़ी देर में श्रीगणेश के साथ लक्ष्मी जी उसके घर आ गई। साहूकार की बेटी ने दोनों की खूब सेवा की, उसकी खातिर से लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न हुई। इसके बाद वो साहूकार बहुत अमीर बन गया। 

एक अन्य कथा के अनुसार एक बार देवताओं के राजा इन्द्र से डर कर राक्षस राज बलि कहीं जाकर छुप गये। देवराज इन्द्र दैत्य राज को ढूंढते-ढूंढते एक खाली घर में पहुंचे, वहां बलि गधे के रूप में छुपे हुए थे। दोनों की आपस में बातचीत होने लगी। उन दोनों की बातचीत अभी चल ही रही थी, कि उसी समय दैत्यराज बलि के शरीर से एक स्त्री बाहर निकली। देवराज इन्द्र के पूछने पर स्त्री ने कहा कि ‘मै, देवी लक्ष्मी हूं। मैं स्वभाववश एक स्थान पर टिककर नहीं रहती हूं’। परन्तु मैं उसी स्थान पर स्थिर होकर रहती हूं, जहां सत्य, दान, व्रत, तप, पराक्रम तथा धर्म रहते हैं। जो व्यक्ति सत्यवादी होता है, ब्राह्मणों का हितैषी होता है, धर्म की मर्यादा का पालन करता है, उसी के यहां मैं निवास करती हूं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि महाप्रतापी तथा दानवीर राजा बलि ने अपने बाहुबल से तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली, तब बलि से भयभीत देवताओं की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर प्रतापी राजा बलि से तीन पग पृथ्वी दान के रूप में मांगी। महाप्रतापी राजा बलि ने भगवान विष्णु की चालाकी को समझते हुए भी याचक को निराश नहीं किया और तीन पग पृथ्वी दान में दे दी। राजा बलि की दानशीलता से प्रभावित होकर भगवान विष्णु ने उन्हें पाताल लोक का राज्य दे दिया, साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि उनकी याद में भू लोकवासी प्रत्येक वर्ष दीपावली मनाएंगे। यह भी कहा जाता है कि ’राक्षसों का वध करने के लिए मां देवी ने महाकाली का रूप धारण किया। राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का भी विधान है। ईसा पूर्व चैथी शताब्दी में रचित कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मंदिरों और घाटों (नदी के किनारे) पर बड़े पैमाने पर दीप जलाए जाते थे। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मीजी, विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती देवी की पूजा-आराधना की जाती है। ब्रह्मपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या की इस अंधेरी रात्रि अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीके से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। इसलिए इस दिन घर-बाहर को खूब साफ-सुथरा करके सजाया-संवारा जाता है। दीपावली मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सद्गृहस्थों के घर निवास करती हैं। 

धनतेरस 
वास्तव में धनतेरस, नरक चतुर्दशी (जिसे छोटी दीवाली भी कहा जाता है) तथा महालक्ष्मी पूजन- इन तीनों पर्वों का मिश्रण है दीपावली। भारतीय पद्धति के अनुसार प्रत्येक आराधना, उपासना व अर्चना में आधिभौतिक, आध्यात्मिक और आधिदैविक इन तीनों रूपों का समन्वित व्यवहार होता है। इस मान्यतानुसार इस उत्सव में भी सोने, चांदी, सिक्के आदि के रूप में आधिभौतिक लक्ष्मी का आधिदैविक लक्ष्मी से संबंध स्वीकार करके पूजन किया जाता हैं। घरों को दीपमाला आदि से अलंकृत करना इत्यादि कार्य लक्ष्मी के आध्यात्मिक स्वरूप की शोभा को आविर्भूत करने के लिए किए जाते हैं। इस तरह इस उत्सव में उपरोक्त तीनों प्रकार से लक्ष्मी की उपासना हो जाती है। हमारे देश में इस दिन से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार राजा हिमा का 16-वर्षीय पुत्र अपनी शादी की चैथी रात को ही सांप के काटने के कारण लगभग मृत्युशैया पर पहुंच गया, परन्तु उसकी नवविवाहिता पत्नी ने अपने सभी आभूषण तथा सोने के सिक्के निकाले, अपने पति के शरीर के इर्द-गिर्द फैलाए, ढेरों दिये जलाकर चारों ओर रख दिए, तथा गीत गाने लगी... जिस समय मृत्यु के देवता यमराज राजा हिमा के पुत्र के प्राण हरने पहुंचे, दियों की गहनों से आती चमकदार रोशनी से उनकी आंखें चुंधिया गईं, तथा उसके तुरन्त बाद उनके कानों में राजकुमार की पत्नी की कर्णप्रिय आवाज सुनाई दी, और वह मंत्रमुग्ध होकर सारी रात गीत सुनते रहे... सवेरा होते ही राजकुमार की मृत्यु का समय टल गया, और यमराज को खाली हाथ मृत्युलोक लौटना पड़ा... इस तरह राजकुमारी अपने पति को मृत्यु के मुख से वापस लाने में सफल रही... उसी समय से धनतेरस का पर्व यमोदीपदान के रूप में भी मनाया जाता है, और पूरी रात घर के बाहर दीप जलाकर रखते हैं, ताकि यमराज को घर में प्रवेश से रोका जा सके। धनतेरस से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन देवताओं के वैद्य माने जाने वाले धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर सुरों-असुरों के समक्ष उपस्थित हुए थे। धनतेरस का दिन धनागमन की दृष्टि से शुभ माना जाता है, तथा पुरानी मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीदारी लाभदायक होती है, और माना जाता है कि नया धन घर में धनागमन के प्रवेश का प्रतीक है। दो दिन बाद दीवाली की रात में लक्ष्मी पूजन के दौरान भी धनतेरस पर खरीदी गई वस्तुओं की पूजा की जाती है। धनतेरस के अवसर पर बर्तनों, वाहनों, तथा घरेलू सामान की भी खरीदारी की जाती है। रात के समय धन्वन्तरि भगवान की पूजा करते हैं, और दिया जलाकर घर के दरवाजे पर रखते है। उससे पूर्व संध्या के समय नदी, तालाब के किनारे, अथवा कुओं-बावडि़यों की जगत पर, तथा गोशालाओं-मंदिरों में भी दिये जलाए जाते हैं। 

नरक चतुर्दशी
कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी (14वीं तिथि) को दीवाली पर्व का दूसरा दिन मनाया जाता है, जिसे नर्क चतुर्दशी अथवा नरक चैदस कहा जाता है। इस दिन को आम बोलचाल में छोटी दीवाली भी कहते हैं। इस दिन भी कुछ स्थानों पर पटाखे जलाए जाते हैं, तथा दीप प्रज्वलित किए जाते हैं। नरक चैदस पर सूर्योदय से पहले उठकर तेल मालिश के बाद स्नान को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भी माना जाता है कि दीवाली के दौरान तीन दिन तक (धनतेरस, नर्क चतुर्दशी तथा दीपावली) दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजन करने से मृत्यु के बाद यम यातना नहीं भोगनी पड़ती, तथा पूजन करने वाला सभी पापों से मुक्त होकर स्वर्ग को प्राप्त होता है। इस त्योहार को रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है, और इसी दिन रामभक्त हनुमान का जन्म हुआ था। इस दिन से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार प्रागज्योतिषपुर में नरकासुर नामक राजा हुआ करता था, जिसने युद्ध के दौरान देवराज इंद्र को परास्त करने के बाद देवमाता अदिति के कर्णफूल छीन लिए, तथा 16,100 देवपुत्रियों तथा मुनिपुत्रियों को रनिवास में कैद करके रख लिया। देवमाता अदिति देवलोक की शासक होने के साथ-साथ भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा की संबंधी थीं, जिन्हें इस घटना की सूचना मिलने पर बहुत क्रोध आया, तथा उन्होंने भगवान कृष्ण से नरकासुर को खत्म करने की अनुमति मांगी। कथानुसार नरकासुर की मृत्यु एक श्राप के कारण किसी स्त्री के हाथों ही हो सकती थी, सो, कृष्ण ने सारथि का स्थान ग्रहण कर सत्यभामा को नरकासुर से युद्ध का अवसर प्रदान किया, और अंततः सत्यभामा ने नरकासुर को पराजित कर मार डाला। जिन देवपुत्रियों तथा मुनिपुत्रियों को नरकासुर की कैद से मुक्ति दिलाई गई, भगवान कृष्ण ने उन सभी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर उनका खोया सम्मान उन्हें लौटाया, तथा देवमाता अदिति के कर्णफूल भी उन्हें पुनः अर्पित कर दिए गए। विजय के प्रतीक चिह्न के रूप में भगवान कृष्ण ने नरकासुर के रक्त से अपने मस्तक पर तिलक किया, तथा नर्क चतुर्दशी की सुबह वह घर लौट आए, जहां उनकी पत्नियों ने उन्हें सुगंधित जल से स्नान करवाया तथा इत्र का छिड़काव किया, ताकि नरकासुर के शरीर की दुर्गन्ध भगवान के शरीर से चली जाए। ऐसी मान्यता है कि इसी कारण नर्क चतुर्दशी के दिन सायंकाल में स्नान की परम्परा आरम्भ हुई। नर्क चतुर्दशी पर संध्या के समय स्नान कर कुलदेवता तथा पुरखों की पूजा की जाती है, तथा उन्हें नैवेद्य चढ़ाकर दीप प्रज्वलित किए जाते हैं। माना जाता है कि नर्क चतुर्दशी की पूजा से घर-परिवार से नर्क अर्थात् दुरूख-विपदाओं को बाहर निकाल दिया जाता है। इस दिन घर के आंगन, बरामदे और द्वार को रंगोली से सजाया जाता है। 

गोवर्धन पूजा 
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा, अर्थात कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि, अर्थात दीवाली से अगले दिन गोवर्द्धन पूजा या अन्नकूट पूजा मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन गाय के गोबर से गोवर्द्धन पर्वत के सम्मुख भगवान श्रीकृष्ण, गायों व बालगोपालों की आकृतियां बनाकर उनकी पूजा करते हैं।  प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार गोकुलवासी वर्षा के देवता कहे जाने वाले इंद्र को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक वर्ष उनकी पूजा करते थे, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें ऐसा करने से रोककर गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा। इस पर इंद्र ने क्रोधवश गोकुल पर भारी मूसलाधार बारिश करवा दी, जिससे ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपने हाथ की कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) पर सात दिन तक गोवर्द्धन पर्वत को उठाए रखा, तथा सभी ग्रामीणों, गोपी-गोपिकाओं, ग्वाल-बालों व पशु-पक्षियों की रक्षा की। सातवें दिन भगवान ने पर्वत को नीचे रखा और सभी गोकुलवासियों को प्रतिवर्ष गोवर्द्धन पूजा कर अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। इसके बाद से ही श्रीकृष्ण भगवान गोवर्द्धनधारी के नाम से भी प्रसिद्ध हुए और इंद्र ने भी कृष्ण के ईश्वरत्व को स्वीकार कर लिया। इस दिन भगवान की पूजा के उपरान्त विविध खाद्य सामग्रियों से उन्हें भोग लगाया जाता है। 

भैयादूज व चित्रगुप्त पूजा 
दीपावली के पांच-दिवसीय महापर्व का अंतिम पड़ाव होता है- भैयादूज। यह भाई-बहन के अगाध प्रेम का प्रतीक है, तथा इस दिन बहनें अपने भाइयों को भोजन कराकर तिलक करती हैं तथा उनके कल्याण व दीर्घायु की कामना करती हैं, और भाई भी बहनों को आशीर्वाद देकर भेंट दिया करते हैं। यह भी कहा जाता है कि दीवाली का महापर्व भैयादूज के बिना सम्पूर्ण नहीं होता। कथानुसार यमराज इस दिन अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जिसने यमराज की पूजा कर उनके मंगल, आनन्द तथा समृद्धि की कामना की, सो, तभी से सभी बहनें इसी दिन अपने भाइयों की रक्षा के लिए पूजा करती आई हैं। कहा यह भी जाता है कि इसी दिन भगवान महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था, जिससे उनके भाई राजा नंदीवर्द्धन बहुत व्यथित हुए... तब उनकी बहन सुदर्शना ने उन्हें काफी दिलासा दी, तथा उनकी सुख-शांति तथा रक्षा के लिए पूजा-अर्चना की। तभी से सभी महिलाएं भैयादूज मनाकर अपने भाइयों की रक्षा की प्रार्थना करती आई हैं। विधि के अनुसार बहनें इस दिन अपने भाई की दीर्घायु की कामना करते हुए उपवास रखती हैं, तथा सुबह स्नान के उपरान्त पूजा की थाली सजाकर भाई का तिलक करती हैं तथा बुरी नजर से बचाने के लिए उनकी आरती उतारती हैं। इसके एवज में भाई भी बहनों को उपहार दिया करते हैं। भैयादूज के दिन ही जीवों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना भी की जाती है, जिसे श्दवात पूजाश् के नाम से भी जाना जाता है, और कलम-दवात की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने अपने शरीर के विभिन्न अंगों से 17 पुत्रों की रचना की तथी, जिनमें चित्रगुप्त अंतिम थे। चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के पेट से हुई मानी जाती है, सो, यही कारण है कि ब्रह्मा के अन्य पुत्रों से इतर चित्रगुप्त का जन्म पुरुष काया के साथ हुआ, और इसी कायाधारी होने के कारण ही इन्हें कायस्थ नाम से भी जाना जाता है। 






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(सुरेश गांधी)

नरेंद्र मोदी 14 को काशी में होंगे

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  • बीएचयू के 334 बेड वाले हाईटेक ट्रॉमा सेंटर का करेंगे उद्घाटन 
  • इस ट्रॉमा सेंटर से यूपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के लोगों का होगा फायदा 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अक्टूबर को अपने संसदीय क्षेत्र काशी में होंगे। वह इस दिन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 334 बेड वाले हाईटेक ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन करेंगे। यहां पीएम मोदी कई घंटे रहेंगे और व्याख्यान भी देंगे। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री 13 अक्टूबर को ही वाराणसी पहुंच जाएंगे। ट्रॉमा सेंटर के कर्ताधर्ता व ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) प्रो. डीके सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री के इस बेशकीमती सौगात से न सिर्फ पूर्वांचल सहित पूरा यूपी बल्कि बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ की जनता को लाभ मिलेगा। यह ट्रॉमा सेंटर प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत 197 करोड़ की लागत से तैयार की गयी है। यह ट्रॉमा सेंटर 14 हाईटेक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर से लैस है। 

श्री सिंह ने बताया कि यहां कई अत्याधुनिक मशीनों और एक्सपर्ट्स डॉक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज किया जाएगा। साथ ही यहां 50 बेड का स्पेशल आईसीयू भी बनाया गया है। इनदिनों पूरी दुनिया सोशल साइट्स से जुड़ी हुई है। इसे ध्यान में रखते ट्रॉमा सेंटर में बने विशेष मोबाइल एंबुलेंस को सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जोड़ा जाएगा। इसे वाट्सऐप, फेसबुक और जीमेल से सीधा कनेक्ट किया जाएगा। इससे मरीज के परिजन या कोई अन्य व्यक्ति उसका वीडियो या फोटो संबंधित सेंटर को भेजेगा और उसकी कंडीशन के हिसाब से तुरंत एंबुलेंस भेजा जाएगा। फिर वरीयता के आधार पर उसका इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना का एक प्रोजेक्ट है, जिसका संकल्प पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने अपने कार्यकाल में लिया था। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी, रजिस्ट्रेशन, सिटी स्कैन, रेडियोलॉजी, रिसेप्शन, एनाउंसमेंट केबिन होगा, जबकि दुसरे फ्लोर पर आईसीयू, तीसरे व चैथे फ्लोर पर वार्ड, पांचवे फ्लोर पर विशेष अधिकारी केबिन, कॉन्फ्रेंस रूम व छठें फ्लोर पर इमरजेंसी वार्ड होगा। मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर-10, एडवांस मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर-3, एडवांस इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर-1, आईसीयू- 50, टोटल बेड-334, इमरजेंसी-50 होगा। ट्रॉमा सेंटर के विभाग और पूरी टीम में नर्सिंग स्टाफ के लिए हर फ्लोर पर अलग स्थान। अलग-अलग विभागों की 44 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम। 480 पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ होंगे। इसमें मुख्य विभाग- न्यूरो सर्जरी, जनरल सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स और इमरजेंसी होगा। नर्सिंग स्टाफ रूम और डॉक्टर्स रूम, हर फ्लोर पर होंगे। तीन बेड पर दो नर्स और आईसीयू में एक बेड पर एक नर्स रहेगी। प्रो. डीके सिंह ने बताया कि ब्लड बैंक अभी सर सुंदरलाल अस्पताल से मदद लेगा। भविष्य में ट्रॉमा सेंटर में ब्लड बैंक बनाया जाएगा। साथ ही मरीजों के लिए फाउंटेन पार्क, ग्रीन गार्डन और रॉक गॉर्डन भी बनाने की योजना है। साथ ही, बीएचयू अस्पताल से इसे अंडरग्राउंड रोड द्वारा जोड़ने की भी योजना है। प्रो. डीके सिंह ने बताया कि अस्पताल को एम्स के रूप में अपग्रेड करने के लिए पीएम मोदी से अपील करेंगे। इससे मरीजों की सेवा और अच्छे तरीके से की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि यदि फंड की कमी नहीं होगी तो अस्पताल गरीब मरीजों की देखभाल और बेहतर तरीके से करेगा। साथ ही, उन्हें मुफ्त दवाएं भी दी जाएंगी। 

सीमा पर पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन

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एक दिन सीमा पर शांति बरतने के बाद शनिवार को पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बार फिर सीजफायर उल्लंधन किया।  सेना के सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि संघर्ष विराम के उल्लंघन का करारा जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीमा पार से रुक-रुक कर फायरिंग की जा रही है और भारतीय सेना उसका मुंह तोड़ जवाब देने में कामयाब हो रही है। 

बीएसएफ के प्रमुख डी के पाठक ने कहा कि एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से हो रही फायरिंग में आज कोई हताहत नहीं हुआ है और उन्होंने यह भी बताया कि सीमा पर 24 घंटे से शांति का माहौल बना हुआ था और गुरुवार की रात आठ बजे के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई।

बीएसएफ को पाकिस्तान की ओर जारी फायरिंग में ढील नहीं देनी चाहिए पाकिस्तान पर लगातार फायरिंग चालू रखनी चाहिए और वंहा की स्थिति पर कडी नजरें गढ़ायें रखी जानी जरूरी है। पाठक ने बताया है कि भारतीय जवान सीमा पर पूरी तरह से तैनात हैं और यदि पाकिस्तान फिर भी नहीं मानता है तो उसका और मुंह तोड़ जवाब देना है।

फॉरवर्ड प्रेस के समर्थन में आगे आये लेखक संगठन

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  • बिहार के भागलपुर में पुलिस दमन के खिलाफ प्रदर्शन


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जनवादी लेखक संघ ने आज अपने प्रेस नोट में ( नीचे उद्धृत ) फारवर्ड प्रेस के बहुजन –श्रमण अंक का समर्थन करते हुए फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ पुलिस दमन की निंदा की है वहीं बिहार के भागलपुर में फोरम फॉर फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन ने प्रतिरोध मार्च निकाला . फोरम के संयोजक ओम सुधा ने कहा कि ‘गृह मंत्रालय को तत्काल प्रभाव से फॉरवर्ड प्रेस के खिलाफ ऍफ़ आई आर वापस लेनी चाहिए.’

पटना में लेखकों ने बैठक की और पुलिस कार्रवाई की कडी निंदा भी की तथा कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई भारतीय संविधान के खिलाफ है, जो अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता देता है। ​इस बीच दक्षिणपंथी छात्रों के समूह ने वसंतकुंज थाने में एक और शिकायत भेजकर चित्रकार लाल रत्नाकर,जिन्होंने ‘दुर्गा मिथ’ के नए पाठ के साथ चित्र कथा प्रस्तुत की है तथा फॉरवर्ड प्रेस के एक लेखक के खिलाफ कारवाई की मांग की है.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (11 अक्टूबर)

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कुख्यात गांव मे पहूची पूलीस अधिक्षक, चर्चा कर जनता से दोस्ती के लिए बढाया हाथ

jhabua news
पिटोल--- झाबुआ जिले मे अपराधिक गतिविधियों मे कुख्यात रह चुके गाॅव नागनखेडी मे षनिवार दोपहर पहुची जिले की पुलिस अधिक्षक कृष्णावेणी देसावतु ने ग्रामीणों के बीच बैठ कर बैबाकी से चर्चा की एवं कहा की मैं जिले की एस पी हु आप सभी से दोस्ती करने आयी हुॅ। पुलिस अमले एवं ग्रामीण जनों व पत्रकारों के बीच बैठी पुलिस अधिक्षक से ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याए साझा की एवं जमीन विवादों के साथ ही क्षेत्र मे होने वाले अपराधों के साथ डाकन क्या है, कैसी होती है, क्या करती है, के मुददे को लेकर कहानी सुनने के बहाने पुलिस व जनता के बीच बनी झिझक व डर को खोलते हुवे पुलिस व जनता के बीच दोस्ती का हाथ बढाया,। उल्लेखनिय है कि जिले मे लगातार बढते अपराधों के ग्राफ को नियत्रण मे लाने के लिये कम्युनिटी पुलिसिंग के इन नये फण्डे को जोडने के लिये की गई षुरूआत के पहले दिन एसपी कृष्णावेणी देसावतु पिटोल के समीप स्थित गाॅव नागनखेडी पहुची थीं। नागनखेडी पंचायत पर उपस्थित आसपास के गाॅव सहीत पिटोल पंचायत से पहुचे ग्रामीणों से सीधें संवाद कर ग्रामीणों से उनका विष्वास जितने का प्रयास किया देसावतु ने अपने मोबाइल नम्बर 9479994540 को सार्वजनिक करते हुवें बताया की किसी समस्या को लेकर वे उनसे सिधे सम्पर्क कर सकते है।
        
पुछा कि आपकी दिनचर्या क्या है..........
पुलिस अधिक्षक ने ग्रामीणों से पुछे गये कइ्र्र सवालो के बीच उनकी दिनचर्या के बारे मे पुछा ग्रामीणों ने बताया की मजदुरी व खेती उनका प्रमुख पेषा हे जिसके सहारे व अपना जिवन यापन करते हे। इस वर्ष पानी की कमी के कारण फसल नही हो पायी हैै।

अपराध करने के लिये पटवारी जिम्मेदार है.........
ग्रामीणों ने बताया की इस समय गाॅव के लोग जमीन विवाद को लेकर खासे परेषान है कारण की पटवारी सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर हमे आपस मे लडवा रहे है एक ही सर्वे क्रमांक वाली जमीन के पटटे देा अलग अलग लोगो को बाठ कर आपस मे विवाद की स्थिति निर्मित कर देते हे। जिसके चलते गाव मे आपस में लडाई झगडे मारपिट जैसी आपराधिक घटनाएॅ हो रही है। क्षैत्रिय आदिवासी भाषा मे पूलिस अधिक्षक से चर्चा कर रहे आदिवासीयों की बेबाक र्चचा एवं षिकायतो को थाना प्रभारी आर सी भाकर ने बखूूूुबी से पूलिस अधिक्षक को समझाते हुवे जिले मे अपराधो की क्षेणी मे किसी दुर्घटना के पश्चात तोड के रूप मे पैसे लेने के कुप्रचलन को एवं जिले मे हो रही ओवरलोडींग के संबध मे बताया। उपस्थित ग्रामीणो को कहा की वे इस प्रकार के अपराधो से भी दूर रहें।

स्कुली बच्चे भेी कर गये पलायन...........
प्ुलिस अधिक्षक से चर्चा मे एक स्थानिय अघ्यापक ने यह बताया की इन दिनांे जिले से अन्यत्र सोयाबिन काटने के जिये हजारों की संख्या मे पलायन हुआ है जिसमे नागनखेडी एवं आसपास की स्कुलो के बच्चे भी अपने माॅ बाप के साथ स्कुल छोड कर अन्यत्र सोयाबिन कि फसल काटने जा रहे है। कारण की उन्हे वहाॅ मजदूरी के रूप में बडी राषी मिल रही है।

मै फिर लौट कर आउंगी..............
पुलिस अधिक्षिका कृष्णावेणी देसावतू ने एक मैत्रि पूर्ण माहोल के बीच ग्रामीणों से विदा लेते हूुवे उनके चाय के आग्रह पर कहा की वे इस चाय के बहाने फिर उनसे मिलने एक बार आयेंगी वे उनके समपर्क मे रहें। इस अवसर पर कार्यक्रम में थाना प्रभारी आरसी भाकर, चोकी प्रभारी ओपी मोहता, पिटोल पत्रकार गण, नागनखेडी सरंपच कमा रमेष मच्छार, काना गुण्डीया, पिटोल उपसरपंच कुवर जितेन्द्रसिह ठाकुर, दिनंष मेवाड सहित बडी संख्या मे ग्रामीण जन उपस्थित थे।

नोबेल पुरस्कार विजेता सत्यार्थी को जिला कांग्रेस ने भेजी बधाइ्र्रयां 

झाबुआ--- जिला कांग्रेस ने  मध्यप्रदेष के कैलाष सत्यार्थी को नोबल पुरस्कार प्राप्त करने पर खुषिया जाहिर करते हुए बधाईया दी है । 11 जनवरी 1954 को विदीषा में जन्मे कैलाष सत्यार्थी पिछले 30 बरसों से भारत मे बचपन बचाओं आंदोलन के प्रणेता रहे है । सत्यार्थी बाल मजदुरी के खिलाफ काफी समय से सक्रिय रहे है तथा उन्होने करीबन 80 हजार बच्चों को बाल मजदुरी के दल दल से निकाल कर उनके पुनर्वास एवं षिक्षा की व्यवस्था की है । पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि  कैलाष सत्यार्थी भारत की शान है, वे मानवता के वे लडाके है  जिन्होने विष्व के सामने संधर्ष की नई मसिाल पेष की है ं। दुनिया के लोगों को उनसे सीख लेना चाहिये तथ विष्व मे सभी देष एक दुसरे से परस्पर प्रेम एवं सहयोग कर विष्वषांति की पहल करना चाहिये । जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने इसे प्रदेष एवं देष का गौरव बताते हुए कहा कि बच्चों के लिये समाज की सोच एवं व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने से देष में नई उर्जा का संचार होता है ।जिला कांग्रेस अध्यक्ष हनुमंतसिंह डाबरी, पूर्व अध्यक्ष सुरेषचंद्र जैन, शांतिलाल पडियार, जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, प्रवक्ता हर्ष भट्ट, नामदेव आचार्य पूर्वं विधायक  जेवियर मेढा, वालसिंह मेडा, वीरसिंह भूरिया रतनसिंह भाभर काग्रंेस नेता डाॅ विक्रंात भूरिया  मानसिंह मेडा,, रमेश डोशी लोक सभा युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशिष भूरिया एवं सेवादल संगठक राजेश भटट, एनएसयुआइ अध्यक्ष विनय भाभर  तथा महिला कांग्रेस अध्यक्ष कलावती मेडा, काग्रंेस नेता नारायण भटट, नगीन षाह शब्बीरभाई बोहरा, जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, कालूसिंह नलवाया, ठाकुर जोरावरसिंह, रूपसिंह डामोर विजय पाण्डे, मनीष व्यास, जामसिंह डामोर ,चन्द्रवीरसिंह राठौर, राजेन्द्र अग्निहोत्री,नदंलाल मैण,  चन्दुलाल पडियार, प्रकाश रांका, निर्मल मेहता मनोहर भंडारी प्रकाष जेन विरेन्द्र मोदी , हेमचन्द्र डामोर, यामिन शेख सलिम षेख अजय बोरा, गेन्दाल डामोर, केमता डामोर,,कलसिंह भूरिया सलेल पठान नरवरसिंह भूरिया सुरेश मुथा, अगिननारायणसिंह,  चन्दनसिंह गेहलोद, अजहर हुसैन बन्टू अग्निहोत्री, बलवीर सिंह सोहेल देवीलाल भानपुरिया जोसफ पीटर गौरव सक्सेना, विजय भाभर,गोपाल शर्मा रिकू रूनवाल शीला मकवाना, सायरा बानो एवं पार्षदगण धुमा डामोर, अविनाश डोडियार, वरुण मकवाना रशीद खान  आदि ने बधाइ्रया प्रेषित की है ।

समय को साधने वाला सब को साध लेता  हे--पियुष मुनि जी

झाबूआ---राजगढ़ मोहनखेड़ा तीर्थ पर चल रहे उपधान तप आराधना की प्रवचन माला में मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने प्रवचन देते हुऐ कहा कि समय को पहचान कर उसे सार्थक करने का प्रयास करने वाला व्यक्ति जीवन में सबकुछ पा जाता है जो व्यक्ति समय को साध लेता है वह दुनिया के सभी लोगों को साध लेता है । समय सबके जीवन में आता है प्रकृति सबको समय का अवसर प्रदान करती है उस समय व्यक्ति उस समय को पहचान कर उसका पूरा लाभ प्राप्त कर सकता है । जो व्यक्ति गुरु के जितना ज्यादा सानिध्यता में रहता है वह व्यक्ति जीवन जीने की उत्तम शैली को सीखकर अपना जीवन सुखी बना लेता है जीवन में गोली दवाई का असर मरीज को खाने के बाद पता लगता है । उसी प्रकार प्रवचन का असर एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देने से नहीं होता है । प्रवचन का श्रवण कर उसे आत्मा के भीतर उतारने वाला व्यक्ति अपनी आत्मा का कल्याण कर लेता है । गोली - दवाई शरीर के रोगों को दूर करती है प्रवचन की गोली आत्मा में लगे रोगों एवं कष्टों को दूर करती है । बिना भक्ति भाव के व्यक्ति कुछ भी धर्म कार्य नहीं कर सकता है । मुनिश्री ने कहा हमारे पास प्लाट, जमीन, मकान आदि होते है हम जब भी मकान बनाते है तब एक घर मंदिर जरुर बनाना चाहिये उसमें नियमित रुप से प्रक्षाल, पूजा, आरती नियमित रुप से होना चाहिये । सम्प्रतिराजा के जीवन से हमें दान, धर्म, मंदिर निर्माण की प्रेरणा लेना चाहिये । गुरु का उपदेश सुनने वाला गुरु के आदेश को कभी खाली नहीं जाने देता है । बिना साधना के सिद्धि नहीं मिलती है और पुण्य दशा के जागृत होने पर ही सद्गुरु की प्राप्ती होती है । श्री मोहनखेड़ातीर्थ पर चातुर्मासार्थ विराजित प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., प.पू. ज्योतिषसम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में 47 दिवसीय उपधान तप आराधना चल रही है इसकी पूर्णाहूति एवं मौक्ष माला का कार्यक्रम 12 नवम्बर 2014 को तीर्थ परिसर में आयोजित होगा ।

जहरीली दवाई पिने से तिन की मौत, एक तालाब मे डुबा दूसरे ने फांसी लगाई

झाबूआ--हुमजी पिता बदिया गुण्डिया, उम्र 50 वर्ष निवासी गोमजी सात ने बताया कि कैलाबाई पति प्रकाश गुण्डिया, उम्र 26 वर्ष निवासी गोमजी सात की मृत्यु जहरीली दवाई पीने से ईलाज के दौरान हो गयी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में मर्ग क्रमांक 35/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया। बदहिग पिता मोती चरपोटा, उम्र 50 वर्ष निवासी झापादरा ने बताया कि मृतिका कु0 काली पुत्री हुरसिंह चरपोटा, उम्र 06 वर्ष निवासी झापादरा की मृत्यु तालाब में डुबने से मृत्युु हो गयी। प्र्रकरण में थाना काकनवानी में मर्ग क्रमांक 36/14, धारा 174 जा0फौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया। अमन पिता प्रमोद डामोर, उम्र 26 वर्ष निवासी थांदला ने बताया कि अजय पिता पेट्रिक वाखला, उम्र 19 वर्ष निवासी झाबुआ का थांदला मेहमान गया था, जो पंखे पर रस्सी से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। प्र्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्रमांक 63/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। खेताबाई पति सीबु बिलवाल, उम्र 50 वर्ष निवासी कुबेरपुरा ने बताया कि सुरीयाबाई पति जितेन्द्र, उम्र 30 वर्ष, विक्रम पिता जितेन्द्र बिलवाल, उम्र 01 वर्ष निवासी कुबेरपुरा के द्वारा जहरीली दवाई पी ली थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्रमांक 98,99/14, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया।

दहेज प्रताड़ना का मामला कायम
झाबूआ---आरोपी शाहिद पिता आशिफ हुसैन मुसलमान एवं अन्य 05 निवासी कैलाश मार्ग झाबुआ के द्वारा फरि0 को विवाह के बाद से ही दहेज लाने की मांग कर आये दिन फरि0 को प्रताडित कर मारपीट कर जलाने की धमकी देते रहते थे। आवेदन जांच पर से प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 725/2014, धारा 498-ए, 34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गरबा देखने गई लडकी का अपहरण 
झाबूआ---फरियादी बदिया पिता लिमजी भूरिया, उम्र 45 वर्ष निवासी डूमपाडा ने बताया कि फरि0 की उसकी लडकी ममता उम्र 14 वर्ष गांव के लोगों के साथ गरबा देखने राजवाडा चैक झाबुआ आयी थी। आरोपी राकेश पिता लसू डामोर, करमू पिता रामा डामोर निवासीगण आमलीफलिया ममता को डूमपाडा छोड देगें कहकर बहला फुसलाकर मो0सा0 पर बैठाकर भगा ले गये। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 724/2014, धारा 363,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (11 अक्टूबर)

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प्रेक्षक श्री एस सी षुक्ला 13 से 17 अक्टूबर तक जिले के भ्रमण पर रहेंगे 

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छतरपुर/11 अक्टूबर/राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा छतरपुर जिले के लिये नियुक्त किये गये निर्वाचन प्रेक्षक सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर श्री षरद चंद्र षुक्ला 12 अक्टूबर को भोपाल से प्रस्थान कर छतरपुर आयेंगे। प्रेक्षक श्री षुक्ला 13 से 17 अक्टूबर तक प्रतिदिन जिले के निर्धारित केंद्रों में चल रहे मतदाता सूची रिवीजन कार्य के दौरान प्राप्त की जा रही दावा-आपत्तियों एवं उनके निपटारा के कार्य का निरीक्षण करेंगे। प्रेक्षक श्री षुक्ला के कार्य में सहयोग हेतु तत्काल प्रभाव से षिक्षा विभाग के स्टेनोग्राफर के के खरे एवं सत्कार अधिकारी के रूप में आरईएस विभाग के उपयंत्री राजेष गुप्ता की ड्यूटी निर्धारित की गई है।    

मनरेगाकर्मियों का मानदेय दस प्रतिषत बढ़ा

छतरपुर/11 अक्टूबर/राज्य षासन द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत संविदा पर पदस्थ अमले को वर्तमान में प्रदान किये जा रहे मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने संबंधी आदेष विगत् 1 अक्टूबर को जारी कर दिया गया है। मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य कर रहे अधिकारियों-कर्मचारियों को अभी छठवें वेतनमान के अनुसार 72 प्रतिषत डीए जोड़कर संविदा पारिश्रमिक दिया जा रहा है। अब मनरेगा अधिकारियों-कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2014 से 10 प्रतिषत् बढ़ाकर मानदेय का भुगतान किया जायेगा।    

सरपंच महादेव प्रसाद अहिरवार पद से पृथक

छतरपुर/11 अक्टूबर/अनुविभागीय अधिकारी, बड़ामलहरा रवीन्द्र चैकसे ने ग्राम पंचायत महाराजगंज के सरपंच महादेव प्रसाद अहिरवार को हितग्राहीमूलक योजनों के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 में प्रदत्त षक्तियों का प्रयोग कर पद से पृथक कर दिया है। सरपंच श्री अहिरवार को 6 वर्श तक चुनाव लड़ने के लिये भी अपात्र घोशित किया गया है। सरपंच श्री अहिरवार पर 26 कपिलधारा कूपों का निर्माण कार्य श्रमिकों से न कराकर जेसीबी मषीन से कराने का आरोप था, साथ ही मस्टर रोल में फर्जी नाम अंकित कर 1 लाख 30 हजार रूपये की वित्तीय अनियमितता पायी गयी थी।  

षासकीय कर्मचारियों का कम्प्यूटर प्रषिक्षण 15 अक्टूबर से

छतरपुर/11 अक्टूबर/जिला पंचायत सभाकक्ष के उपरी कक्ष में स्थापित किये गये क्षेत्रीय क्षमता संवर्धन केंद्र में षासकीय विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रषिक्षण प्रदान करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। जिसके तहत 15 अक्टूबर से 12 नवंबर तक 18 दिवसीय कम्प्यूटर प्रषिक्षण सत्र का आयोजन प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा। प्रषिक्षण में 9 विभागों के कुल 30 अधिकारी-कर्मचारी प्रषिक्षित होंगे।  

महाराजा काॅलेज में वाणिज्य शिक्षा के महत्व पर व्याख्यान संपन्न

छतरपुर! वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में रोजगार की दृष्टि से वाणिज्य शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। इस विषय का क्रेज देखते हुए देश भर के काॅमर्स कालेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। ये विचार महाराजा काॅलेज, छतरपुर के वाणिज्य विभाग में आयोजित एक व्याख्यान माला में विषय विशेषज्ञ के रूप में डाॅ. एम.के. नायक विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग, शास. पी.जी. काॅलेज, टीकमगढ़ ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ. एल.एल. कोरी ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डाॅ. एल.सी. चैरसिया विभागाध्यक्ष वनस्पति विभाग एवं व्याख्यानमाला के संयोजक डाॅ. आर.सी. पाठक विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग सहित अनेक प्राध्यापक तथा बी.काॅम. व एम.काॅम. के विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रारंभ में कार्यक्रम का संचालन कर रहे डाॅ. सुमति प्रकाश जैन ने व्याख्यानमाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग की मंशानुसार विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा एवं रोजगार उन्मुख बनाने हेतु ऐसे महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रतिवर्ष आयोजित कराए जाते है। डाॅ. जैन ने डाॅ. नायक का परिचय भी दिया। आयोजन के संयोजक डाॅ. आर.सी. पाठक ने स्वागत भाषण देते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु ऐसे व्याख्यान कराते रहने की बात कही। डाॅ. एम.के. नायक ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी वाणिज्य के किसी एक विषय को ही महत्व न देकर सभी विषयों में महारत हासिल करे। विषय का गहराई से अध्ययन-मनन करे और आज की कड़ी प्रतिस्पर्धा में सफल होने के लिए अपने को हर प्रकार से तैयार करे, तभी उसका कॅरियर अच्छा बन सकता है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डाॅ. एल.एल. कोरी ने, जो स्वयं वाणिज्य के प्राध्यापक रहे हैं, ने कहा कि आज कारपोरेट युग और बैंकिग क्षेत्र में काॅमर्स के छात्रों के लिए रोजगार के अपार अवसर है। जरूरत है अपने को उस काबिल बनाने की। छात्रों को खूब मन लगा कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी साथ-साथ करना चाहिए। प्रारंभ में अतिथियों ने पुष्प-मालाओं से मां सरस्वती का अर्चन-वंदन किया। बी.काॅम. प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं शिवा चैरसिया, कीर्ति एवं रितिका सिंह ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की एवं छात्र ओमप्रकाश अहिरवार ने अतिथियों के स्वागत में मधुर स्वागतगीत प्रस्तुत किया। छात्र श्याम दास अहिरवार, पंकज दुबे, शैलेन्द्र अहिरवार, सोमनाथ, शिवम पाठक, छात्रा कु. कृतिका चैबे व शिवा चैरसिया ने पुष्प मालाओं से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. डी.पी. शुक्ला ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (11 अक्टूबर)

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टिहरी झील से रोजगार के सपने होंगे साकार
  • पेरिस,पोखरा ,गोवा व कश्मीर की डल झील का मिश्रित पर्यटन स्थल होगा श्री देव सुमन सरोवर  

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टिहरी बाँध ने जिस तरह से गंगा का पानी रोक दिया है ठीक वैसे ही प्रदेश सरकार इस बाँध के अथाह जल को रोजगार से जोड़कर पलायन को भी रोकना चाहती है, यदि सरकार की योजना परवान ंचढ़ी तो वह दिन दूर नहीं जब टिहरी बाँध जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने श्रीदेव सुमन सागर का नाम दिया है, उसमें पेरिस ही नहीं बल्कि गोवा व कश्मीर की डल झील में चलते हुए शिकारे व हाउस बोट के दीदार होंगे जिसमे सैर करने को दुनिया तरसती है. पेरिस  की तर्ज पर यहाँ सैलानियों को जलक्रीडा के लिए वाटर स्कूटर तो चलेंगे ही साथ ही पॉवर बोट के पीछे रस्सी के सहारे वाटर सर्फिंग के नजारे भी देखने को मिलेंगे। गोवा व समुद्र के किनारे स्थित उत्तरपूर्वी देशों की तर्ज पर बड़े-बड़े तैरते रेस्टोरेंट व मरीना तो इस सरोवर में दिखाई ही देंगे साथ ही लॉस वेगास की तर्ज पर कैसिनो को खोलने की भी सरकार की योजना है. नेपाल के पोखरा की तर्ज पर सैलानियों को हिमालय दर्शन जहाँ हवाई जहाज व हेलीकाप्टर से कराने की सरकार की योंजना है तो इस सरोवर से सी - प्लेन उड़ाने के सपने भी सरकार देख रही है, इतना ही नही इस सरोवर में क्रूज चलाकर सैकड़ों बेरोजगारों को स्वरोजगार से भी जोड़ने की सरकार की योजना है। प्रदेश सरकार इस श्री देव सुमन सरोवर के चारों तरफ की 45 हजार हेक्टेयर भूमि को विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना चाहती है इसके लिए सरकार ने डीपीआर तैयार कर दी है। इस योजना के तहत झील के चरों तरफ एक रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा जिस पर कई इस तरह के स्थान चिन्हित होंगे जहाँ विभिन्न तरह की पर्यटन गतिविधियाँ की जाएँगी, पर्यटन सचिव उमाकांत पंवार के अनुसार राज्य सरकार ने इसके विकास के लिए एक महायोजना तैयार कर ली है। क्योंकि अभी शुरुआती दौर में ही इसकी योजना ठोस होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस इलाके अनियंत्रित निर्माण न हो जिनकी वजह से इसकी खूबसूरती पर कोई प्रभाव न पड़े. उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग इन सभी योजनाओं के लिए सिंगल विंडो योजना शुरू करेगा ताकि यहाँ निवेश करने वालों को कोई परेशानी न हो। पर्यटन सचिव उमाकांत पंवार ने बताया कि उनका उद्देश्य यहाँ की संस्कृति को संजोकर रख पर्यटन विकास की है ताकि देश दृविदेश से आने वाले पर्यटक यहाँ की संस्कृति से रूबरू भी हो सकें, उनका कहना है कि टिहरी एक ऐतिहासिक शहर था लिहाजा पर्यटकों  को यहाँ के इतिहास की जानकारी होनी जरुरी है, उन्होंने बताया यहाँ ग्रामीण पर्यटन को विकसित करके स्थानीय ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने की भी सरकार की योजना है, इतना ही नहीं सरकार चाइना व ऋषिकेश की तर्ज पर यहाँ स्वास्थ्य पर्यटन को भी बढ़ाना चाहती है, सरकार की योजना है कि सरोवर इलाके के ऊँचाई वाले स्थानों को केबल कार व रोपवे से जोड़ा जाये ताकि पर्यटन से और भी रोजगार प्राप्त हो सके। वहीं 44 वर्ग किलोमीटर की इस झील में जितने भी साहसिक खेल होते हैं प्रदेश सरकार उनको भी यहाँ करने की योजना बना रही है. इसके लिए देश दृविदेश के पर्यटन उद्योग में काम करने वाले लोगों व कंपनियों से सरकार बात कर रही है। इतना ही नहीं इस इलाके को हवाई सेवा से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे को विकसित करने जा रही है जो अगले अक्टूबर तक तैयार हो जायेगा. इससे अस्तित्व में आने के बाद देश व विदेश से हवाई सेवा होने से समय की बचत भी हो सकेगी जिसका सीधा लाभ पर्यटकों को मिलेगा. टिहरी सरोवर में आयोजित हुए दो दिवसीय साहसिक खेलों के आयोजन से सरकार सहित स्थानीय युवाओं में उम्मीदें जगी हैं जिसका लाभ बेरोजगारों के साथ ही यहाँ के पर्यटन को भी मिलेगा ऐसी उम्मीद की जा सकती है।

बाहरी नियुक्तियों का यूकेडी करेगा विरोध!

देहरादून,11 अक्टूवर (निस)। प्रदेश में हो रहीे बाहरी नियुक्तियों के विरोध मंे उत्तराखण्ड क्रांति दल ने पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की रणनीति बनाई है तथा नियुक्त किये गये बाहरी लोगों को किसी भी सूरत मंे कार्यालयों कार्य न करने देने का ऐलान किया है। केन्द्रीय कार्यालय में हुई बैठक को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपनों की उपेक्षा कर बाहरी राज्यों के लोगों को रोजगार दे रही है जिसे किसी भी सूरत मंे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के निर्माण के पीछे विकास और रोजगार दो प्रमुख मुद्दे रहे हैं। राष्ट्रीय दलों की सरकारों ने पहाड़ के विकास को तो नजरअंदाज किया ही है लेकिन अब यहां के निवासियों को रोजगार से वंचित कर बाहरी लोगों को रोजगार देकर उत्तराखण्ड के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। सोची समझी साजिश के तहत मानकों का हवाला देकर  यहां के योग्य युवाओं को वरीयता देने के बजाय बाहरी प्रदेश के लोगों को नियुक्तियां प्रदान की जा रही हैं जिसे किसी भी दशा मंे उत्तराखण्ड क्रांति दल स्वीकार नहीं करता। बैठक मंे निर्णय लिया गया कि बाहरी नियुक्तियों के खिलाफ पूरे प्रदेश मंे स्थानीय युवाओं को साथ लेकर सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों में तालाबंदी की जाये और जब तक बाहरी लोगों को सरकार नियुक्तियों से बेदखल नहीं करती तब तक इन नियुक्तियों पर कार्यरत लोगों को कार्यालयों मंे काम नहीं करने दिया जायेगा। बैठक मंे दल के महासचिव शशिभूषण भट्ट, उपाध्यक्ष लताफत हुसैन, मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा,  महामंत्री सूफी खलीक अहमद, प्रवक्ता नागेन्द्र रतूडी, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र पेटवाल, किशन सिंह रावत, चंद्रमोहन सिंह नेगी, बीएस सजवाण, सुरेन्द्र पोखरियाल, अशोक नेगी, मनोज कुमार, हुकम सिंह रावत, बासु सती, महावीर राणा, मनोज घिल्डियाल, सिया सिंह चैहान आदि उपस्थित थे।

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (11 अक्टूबर)

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करमाई में विधिक सेवा एवं सहायता शिविर तथा अंत्योदय मेला सम्पन्न 
  • डेढ़ हजार हितग्राहियों को 2 करोड़ का लाभांश वितरित

sidhi news
सीधी 11 अक्टूबर 2014    जिले के मझौली जनपदीय अंचल के दूरदराज क्षेत्र में बसे ग्राम करमाई में आज लगे विधिक सेवा एवं सहायता शिविर तथा अंत्योदय मेला में ना सिर्फ ग्रामवासियों की समस्याएं सुनी गईं, बल्कि जरूरतमंद व्यक्तियों को रोजगार मूलक इकाइयां तथा अन्य प्रकार के लाभदायक उपकरण भी बांटे गए। 1506 हितग्राहियों को दो करोड़ तीन लाख  इक्कीस हजार पाॅच सौ नब्बे रूपए के लाभांश बांटे गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री अजीत सिंह एवं विशिष्ठ अतिथि न्यायमूर्ति श्री शान्तनु केमकर ने कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के सदस्य सचिव श्री दिनेश कुमार नायक तथा न्यायाधीश एवं प्राधिकरण की उप सचिव श्रीमती गिरेवाल सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री व्ही.पी.सिंह चैहान, कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सदस्य सचिव श्री दिनेश कुमार नायक ने शिविर आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विधि द्वारा आम लोगों को कौन-कौन से अधिकार दिए गए हैं, उनके बारे में आम लोगों को जानकारी देना शिविर का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण का उद्देश्य है कि आम लोग एवं गरीब वर्ग के लोग न्याय से वंचित ना रहें। उन्हें हरहाल में सुगमता से न्याय उपलब्ध हो। इसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरण काम कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति न्याय के लिए प्राधिकरण से निःशुल्क विधिक सलाह एवं विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय से कहा कि अगर उन्हें लगता है कि उन्हें किसी कानून की जानकारी नहीं है और उसके बारे में वे जानना चाहते हैं या कानूनी सहायता चाहते हैं, तो उन्हें विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क स्थापित करना चाहिए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वी.पी.सिंह चैहान ने कहा कि इस प्रकार के शिविरों के आयोजन का मकसद उन व्यक्तियों को कानून की जानकारी देकर लाभांवित करना है, जिन्हें कानून की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविरों के आयोजन का उद्देश्य यही होता है कि शिविर ऐसे स्थानों पर लगाए जाएं, जहां के लोगों को कानून व उनके अधिकारों और योजनाओं की जानकारी ना हो। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने हितग्राहियों को वितरित की जाने वाली रोजगार मूलक इकाइयों आदि की जानकारी दी। न्यायमूर्ति श्री अजीत सिंह एवं न्यायमूर्ति शान्तनु केमकर ने तमाम हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ट्राईसाइकिलें, श्रवण यंत्र, कृत्रिम अंग, रोजगार मूलक इकाइयां तथा लाभांश बांटे। उन्होंने ग्राम विधिक सहायता एवं देखभाल केन्द्र का शुभारम्भ किया तथा नेत्र परीक्षण एवं श्रवणयंत्र शिविर समेत कार्यक्रम स्थल पर लगे विभिन्न विभागों के काउंटरों पर जाकर हितग्राही मूलक गतिविधियों का जायजा लिया। कार्यक्रम का संचालन ब्यवहार न्यायाधीश एवं सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी श्री राजेश यादव ने किया। शिविर में लगे रोजगार मेले में 13 कम्पनियों ने 341 बेरोजगारों का पंजीयन किया और रोजगार हेतु 216 व्यक्तियों का चयन किया। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मेडिकल बोर्ड ने विकलांगों को प्रमाण-पत्र दिए तथा कृषि विभाग द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों एवं बीज मिनीकिटों का वितरण किया गया। शिविर में विभागवार काउन्टर बनाए गए थे, जहां जरूरतमंदों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ हितग्राहीमूलक योजनाओं से लाभांवित भी किया गया। अंत्योदय मेले में जनपद पंचायत मझौली ने 340 हितग्राहियों को 4 लाख 94 हजार 375 रूपए, राजस्व विभाग मझौली ने 116 हितग्राहियों को, महिला एवं बाल विकास कार्यालय मझौली ने 478 हितग्राहियों को 28 लाख 19 हजार 250 रूपए, किसान कल्याण विभाग मझौली ने 192 हितग्राहियों को 14 लाख 37 हजार 920 रूपए, पशु चिकित्सा विभाग मझौली ने 13 हितग्राहियों को एक लाख 53 हजार 600 रूपए, नगर परिषद मझौली ने 148 हितग्राहियों को 3 लाख 19 हजार 50 रूपए, वन विभाग मझौली (पशु हानि/जनहानि/पशुघायल) ने 2 हितग्राहियों को 8 हजार 795 रूपए, शिक्षा विभाग/बी.आर.सी.सी. (गणवेश वितरण) के लिए 63 हितग्राहियों को प़च्चीस हजार दो सौ रूपए, आदिम जाति कल्याण विभाग (सामुदायिक वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र वितरण) ने 31 हितग्राहियों को, उच्च शिक्षा विभाग कला एवं वाणिज्य विभाग ने 39 हितग्राहियों को एक लाख 95 हजार रूपए, सी.सी.बी. मझौली (के.सी.सी.) ने 31 हितग्राहियों को एकतालिस लाख बत्तीस हजार चार सौ रूपए, मध्यांचल ग्रामीण बैंक मझौली ने 33 हितग्राहियों को बत्तीस लाख नब्बे हजार रूपए, यूनियन बैंक मझौली ने 20 हितग्राहियों को तीस लाख रूपए वितरित किए। उक्त अवसर पर बड़ी संख्या में हितग्राही एवं लोग मौजूद थे। 
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