Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74313 articles
Browse latest View live

शशि थरूर शामिल हुए स्वच्छता अभियान में

$
0
0
प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की सराहना करने के कारण पार्टी की गाज झेलने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आज महात्मा गांधी को याद करते हुए राज्य राजधानी के बाहरी हिस्से में स्वच्छता कार्यक्रम में भागीदारी की और कहा कि वह नरेन्द्र मोदी के लिए गांधीजी को नहीं छोड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि देश को स्वच्छ रखना एक राष्ट्रीय सरोकार है और उनके द्वारा इसका समर्थन करने के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. थरूर ने अपने संसदीय क्षेत्र में यहां तटवर्ती नगर विझिंजम में स्थानीय निवासियों द्वारा कचरे की सफाई कार्यक्रम में भागीदारी की. इसके बाद उन्होंने अपने आलोचकों को शांत करवाने के प्रयास में कहा, ‘‘वैसे भी यह कोई भाजपा का अभियान नहीं है..मैं मोदी के लिए गांधीजी को नहीं छोड़ूंगा..मैं मोदी के लिए (सरदार) पटेल को नहीं छोड़ूंगा.’’

इस माह के शुरू में केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के दबाव में थरूर को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था. केपीसीसी ने पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि वह मोदी और उनकी स्वच्छ भारत अभियान जैसी पहल की सराहना करने के लिए थरूर पर पाबंदी लगायेंगे. अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी का बचाव करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘यह किसी एक राजनीतिक दल का विशेषाधिकार नहीं है और अपने आसपास की जगह को स्वच्छ रखने का संदेश पहली बार महात्मा गांधी ने दिया था.’’

संवाददाताओं ने उनसे यह सवाल किया था कि क्या उनके इस कदम को पार्टी की चेतावनी के उल्लंघन के रूप में पेश नहीं किया जायेगा. इस पर उन्होंने कहा, ‘‘गांधीजी ने कहा था कि साफ सफाई आजादी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. लेकिन गांधी के लिए मन एवं शरीर की शुद्धता भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी जिसका अर्थ है कि दिल से घृणा और हिंसा को दूर किया जाये.’’

केरल की राजधानी से पिछली दो बार से सांसद ने कहा कि एआईसीसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा था कि वे दो अक्तूबर से शुरू होने वाले एक माह के स्वच्छता अभियान में शामिल हों. थरूर इस सवाल का कोई सीधा जवाब देने से बच रहे थे कि क्या उनका यह प्रयास ‘‘स्वच्छ भारत’’ अभियान का हिस्सा है. थरूर ने कहा, ‘‘आप इसे कोई भी नाम दे सकते हैं लेकिन महत्वपूर्ण बात देश को स्वच्छ रखना है. आप मेरे आसपास स्थानीय लोगों को देख रहे हैं. इसमें कई कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हैं..पार्टी राजनीति पर ध्यान दिये बिना देश को स्वच्छ रखना महत्वपूर्ण है.’’

अपने कदम को सही ठहराते हुए थरूर ने कल ट्वीट किया, ‘‘विझिंजम तट, एक अद्भुत स्थल था जो गंदगी और कचरे से तबाह हो गया. मैं स्थानीय निवासियों की मदद से कल उसे साफ करूंगा.’’ केरल के कांग्रेस नेताओं ने थरूर के इस कदम पर कोई भी अनुकूल या प्रतिकूल टिप्पणी करने से अपने को अलग रखा. बहरहाल, केपीसीसी के महासचिव अजय थारायिल ने कहा कि पार्टी ने उनके इस कदम की अनदेखी करने का निर्णय किया है. इस माह के शुरू में थरूर को एआईसीसी के आधिकारिक प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था. इससे पहले केपीसीसी ने मोदी की तारीफ करने के कारण उनके खिलाफ रिपोर्ट भेजी थी.


सरदार पटेल का जन्मदिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा

$
0
0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल को एक और श्रद्धांजलि दी है. मोदी सरकार ने देश को एकजुट करने के सरदार पटेल के प्रयास के प्रति श्रद्धांजलि के तौर पर उनकी जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है.

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने संबंधी कार्यक्रम नई दिल्ली में संसद मार्ग के पटेल चौक पर किया जाएगा. सभी बड़े शहरों, जिला मुख्यालय, शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य स्थानों पर भी ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज के सभी वर्ग खासकर कॉलेज, एनसीसी और एनएसएस के युवक हिस्सा लेंगे.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में में राजपथ पर विजय चौक से इंडिया गेट तक ‘रन फॉन यूनिटी’ आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर सभी सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य संस्थानों में शपथ ग्रहण समारोह का भी आयोजन किया जाएगा. संबंधित संगठन इसका समय तय करेंगे. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी के तट पर पटेल की दुनिया की सर्वोच्च प्रतिमा लगाने की पहल पहले ही शुरू की थी. पटेल गुजरात से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अवसर हमारे राष्ट्र को एकता, अखंडता तथा सुरक्षा के सामने खड़े वास्तविक एवं भारी खतरों के प्रति अपनी ताकत एवं दृढता के प्रति फिर से निश्चय प्रकट करने का मौका प्रदान करेगा.

कांग्रेस ने विवादित लेख पर बीजेपी और मोदी से स्पष्टीकरण मांगा

$
0
0
कांग्रेस ने कथित तौर पर ‘‘इतिहास को दुर्भावना से तोड़ मरोड़ कर पेश’’ करने के लिए आज आरएसएस और भाजपा की तीखी आलोचना की तथा आरएसएस के मुखपत्र में प्रकाशित एक आलेख पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग की. उस आलेख में कहा गया है कि नाथूराम गोडसे को महात्मा गांधी के बदले जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था यह आलेख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ‘केसरी’ के मलयालम संस्करण में प्रकाशित हुआ है. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इस लेख को ‘‘बर्बर तथा गैरकानूनी’’ करार देते हुए कहा कि मोदी और भाजपा को इस संबंध में तत्काल अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए.

माकन ने कहा, ‘‘ उनकी ओर से चुप्पी उनकी संलिप्तता की ओर ही इशारा करेगी. भाजपा नेता की दलील कि गोडसे को महात्मा गांधी के बदले नेहरू की हत्या करनी चाहिए थी, पुष्टि करती है कि उनकी विचारधारा के मूल सिद्धांत घृणा और हिंसा हैं.’’ 

माकन ने कहा, ‘‘ आरएसएस और भाजपा के दिवालिया मस्तिष्क के अंधेरे कोने के अलावा कहीं और इस प्रकार का विकृत प्रवचन पाना कठिन है.’’ आलेख के लेखक बी गोपालकृष्णन हालिया लोकसभा चुनावों में केरल में भाजपा के उम्मीदवार भी थे. उन्होंने यह दावा भी किया है कि नेहरू का कभी भी राष्ट्रपिता के प्रति वास्तविक लगाव नहीं था. आरएसएस ने इस लेख से अपने को अलग करने का प्रयास किया और कहा कि वह लेखक द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का समर्थन नहीं करता.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को इस संबंध में अपना रूख स्पष्ट करते हुए बयान जारी करना चाहिए या लेख के लेखक को ‘‘निष्कासित’’ कर देना चाहिए तथा पत्रिका के संपादक को पद से हटा दिया जाना चाहिए. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ क्या यह भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की शुरूआत है? भाजपा, आरएसएस और मोदी को इस संबंध में स्पष्ट बयान देना चाहिए. मैं जानता हूं कि वे नहीं करेंगे.’’ सिंह ने कहा कि आलेख ‘‘ आरएसएस की कट्टर विचारधारा को प्रकट करता है’’ और वह इसकी ‘‘कड़ी’’ निंदा करते हैं.

साप्ताहिक के संपादक लेख के समर्थन में दिखे हालांकि उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को जोरदार खंडन किया. शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लेख न सिर्फ इतिहास के साथ दुर्भावनापूर्ण छेडछाड़ है बल्कि बीमार मानसिकता की भी पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि यह पुष्टि करता है कि आरएएस का दर्शन हिंसा और हत्याओं के समर्थन करने का है.

शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा कुछ समय से कांग्रेस के दो नेताओं महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘‘छीनने’’ का प्रयास कर रही है. शर्मा ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि राष्ट्रपिता की हत्या में आरएसएस के लोग संदेह के घेरे में थे. उन्होंने कहा कि इस कारण तत्कालीन गृह मंत्री पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. कांग्रेस ने कहा, ‘‘ पटेल द्वारा गोलवरकर (आरएसएस प्रमुख एम एस गोलवरकर) को भेजा गया पत्र संगठन का ऐतिहासिक अभियोग है तथा इसके कार्यकर्ता गोडसे के कायराना कृत्य को महिमामंडित कर रहे हैं.’’

माकन ने एक बयान में कहा कि चिंताजनक बात यह है कि सत्तारूढ़ पार्टी के एक सदस्य के ऐसे भयावह और गैरकानूनी विचार आरएसएस मुखपत्र में प्रकाशित किए जा रहे हैं.’’ इस बीच सिंह ने एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर निशाना साधा. उन्होंने बिना हेलमेट के गडकरी द्वारा स्कूटर चलाकर यातायात नियमों का उल्लंघन करने संबंधी खबरों के बाद यह ट्वीट किया. सिंह ने सवाल किया कि क्या नागपुर के पुलिस आयुक्त उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे या गडकरी के खिलाफ किसी जनहित याचिका की प्रतीक्षा करेंगे.

चुनाव का समय सही नहीं: नेशनल कांफ्रेंस

$
0
0
नेशनल कांफ्रेंस ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव का यह सही समय नहीं है क्योंकि राज्य विनाशकारी बाढ़ के बाद की स्थितियों से निपट रहा है. पार्टी द्वारा भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर विचार-विमर्श करने का निर्णय किया गया है.

पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा, ‘‘भारत के निर्वाचन आयोग ने राज्य में चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है, नेशनल कांफ्रेंस आगामी कदम को लेकर पार्टी के अंदर विचार-विमर्श करेगा.’’

सागर ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस समय चुनाव कराने का विरोध किया था क्योंकि ‘‘हमारा मानना था कि यह सही समय नहीं है क्योंकि लोग राज्य में आए बाढ़ के बाद की स्थितियों का सामना कर रहे हैं .’’ राज्य में विधानसभा चुनावों की तिथि घोषित किए जाने के बाद यह प्रतिक्रिया आई है . राज्य में पांच चरणों में चुनाव 25 नवम्बर और 20 दिसम्बर के बीच होने वाले हैं .

नीतीश कुमार 13 नवंबर से 32 जिलों में संपर्क यात्रा करेंगे

$
0
0
बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है. नीतीश कुमार 13 नवंबर से 29 नवंबर तक बिहार के 32 जिलों में ‘संपर्क यात्रा’ करेंगे. अगले वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 13 नवंबर से 29 नवंबर तक बिहार के 32 जिलों में ‘संपर्क यात्रा’ करेंगे.
     
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को पटना में बताया कि नीतीश कुमार की इस यात्रा का उद्देश्य पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने, पार्टी कार्यकताओं को उर्जावान और संगठित करने और उन्हें वर्तमान राजनीतिक हालात की चुनौतियों को सामना करने के लिए तैयार करना है. उन्होंने कहा कि नीतीश की इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण जिला के बेतिया से शुरू होकर पटना में समाप्त होगी.
     
वशिष्ठ ने बताया कि नीतीश अपनी इस यात्रा के लिए आगामी 12 नवंबर को पटना से बेतिया के रवाना होंगे और वहां रात्रि विश्राम करने के बाद अगले दिन पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि नीतीश अपनी 16 दिनों की संपर्क यात्रा के दौरान प्रदेश के 38 जिलों में से 32 जिलों की यात्रा के दौरान कुल 32 सभाओं को संबोधित करेंगे.
     
वशिष्ठ ने स्पष्ट किया कि नीतीश अपनी संपर्क यात्रा पर पार्टी के वरिष्ठ नेता के तौर पर निकलेंगे न कि पूर्व मुख्यमंत्री और भावी मुख्यमंत्री के तौर पर. उन्होंने कहा कि नीतीश की इस यात्रा में पार्टी के एक कार्यकर्ता की हैसियत से मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और अन्य मंत्री भी इच्छानुसार भाग ले सकते हैं.
     
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए नीतीश कुमार वर्ष 2009 में विकास यात्रा, वर्ष 2011 में सेवा यात्रा और वर्ष 2013 में अधिकार यात्रा पर निकले थे और उन्होंने अपनी इन तीनों यात्राओं की शुरूआत बेतिया से ही की थी.

पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार रेलवे से नाराज

$
0
0
पूर्व रेलमंत्री नीतीश कुमार ने रेल मंत्रलय के कामकाज व प्रबंधन पर अपनी गहरी नाराजगी जतायी है. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है - केंद्र की निकम्मी सरकार के कुप्रबंधन के कारण बिहार के लोग सम्मान से छठ महापर्व भी नहीं मना पा रहे हैं. भेड़ बकरियों की तरह लोग चलने को मजबूर हैं, पूरा किराया देने के बाद लोग शौचालय में सफर कर रहे हैं. शर्म आनी चाहिए रेल मंत्रलय को कि इनके कुप्रबंधन के कारण किसी को अपनी जान गंवानी पड़ी तो किसी की टांग कट गयी. 

अपने फेसबुक पेज के माध्यम से उन्होंने रेल मंत्रलय से बिहार के लोगों से माफी मांगने और कार्रवाई करने की मांग की है. नीतीश के फेसबुक पेज पर लिखा गया है - मृतकों के परिवार को रेलवे में नौकरी मिले, घायलों का उपचार हो और मुआवजा मिले. जिन यात्रियों को टिकट के अनुसार सुविधा नहीं मिली उन्हें पूरे पैसे लौटाये जायें. फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि बिहार के लोगों के सम्मान और आस्था की लड़ाई जदयू लड़ेगा, जबतक न्याय नहीं मिले. 

उल्लेखनीय है कि शनिवार को दिल्ली में ट्रेन पर चढ़ने की हड़बड़ी में पटरी पर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी व एक अन्य घायल हो गया था. छठ पर्व पर दूसरे राज्यों व शहरों में रहने वाले बिहार के लोग बड़ी संख्या में अपने घर आते हैं. बिहार में छठ को सबसे बड़े व पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है. पिछले साल भी छठ के दौरान ही नयी दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ मच गयी थी. ऐसे में नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों के सवाल के माध्यम से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. 

चक्रवात नीलोफर से खतरा, गुजरात की तरफ बढ़ा

$
0
0
हुदहुद के बाद अब नीलोफर चक्रवात का असर दिखने लगा है. अरब सागर में उठा समुद्री तूफान नीलोफर अगले 24 घंटे के अन्दर  देश के पश्चिमी किनारे तक पहुंच जाएगा. अभी यह मुंबई से 1270 किमी दूर अरब सागर में है. मौसम विभाग के अनुसार यह गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश को प्रभावित कर सकता है. गुजरात सरकार ने कांडला बंदरगाह के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.

अगले 24 घंटे के दौरान नीलोफर के और भयंकर रूप में तेज होने पर गुजरात के तटीय जिलों में 30 अक्टूबर से छिटपुट स्थानों खूब बारिश होने की आशंका है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रविवार को एक बयान में कहा कि अरब सागर के पश्चिम मध्य और उसके आसपास दक्षिण पश्चिमी इलाके से चक्रवातीय तूफान नीलोफर आंशिक रूप से उत्तर की ओर बढ़ा और रविवार शाम साढ़े पांच बजे गुजरात के नलिया से दक्षिण पश्चिम दिशा में 1240 किलोमीटर की दूरी, पाकिस्तान के कराची से दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 1300 किलोमीटर की दूरी पर और ओमान के सलाह से दक्षिण-पूर्व में 900 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रित था.

नीलोफर अगले 24 घंटे के दौरान भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में और तेज होगा. साथ ही यह अगले 48 घंटे के दौरान उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा. फिर वह उत्तरपूर्व की ओर मुड़ जाएगा और 31 अक्टूबर की सुबह तक उत्तरी गुजरात व समीप में पाकिस्तान के तटीय इलाकों में पहुंचेगा.

मौसम विभाग ने कहा, 'इस चक्रवात के प्रभाव से सौराष्ट्र व कच्छ के तटीय जिलों में 30 अक्टूबर सुबह से छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने लगेगी.'उसने कहा कि 30 की सुबह से गुजरात तट और उससे दूर समुद्र में 45-65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा बहेगी. समुद्र की दशा खराब से काफी खराब रहेगी. विभाग ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे तट से लौट आएं.

केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में आज काला धन मामले में तीन नामों का खुलासा कर सकती है

$
0
0
केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों के नाम उजागर करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार एक हलफनामा दायर कर विदेशी बैंकों में खाता रखने वाले तीन लोगों के नाम बता सकती है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि इसमें किसी राजनीतिक दल से जुड़े व्यक्ति का नाम नहीं है।

काला धन मुद्दे पर सरकार कोर्ट को यह बताएगी कि जिनका विदेशी बैंकों में खाता है, वो काला धन है या नहीं। किसी विदेशी बैंक में खाता खोलना अवैध नहीं है, न ही इसके लिए आरबीआई की अनुमित लेना जरूरी है। नियमों के मुताबिक आरबीआई एक शख्स को एक साल में विदेशी खाते में सवा लाख डॉलर रुपये भेजने की इजाजत देता है। ऐसे में सरकार खातों में रखे धन को काला धन साबित करेगी और इसकी पुष्टि होने के बाद ही सरकार इन नामों को सार्वजनिक कर सकती है।

पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एनडीटीवी से साक्षात्कार में कहा था कि काला धन रखने वाले खाताधारकों के नाम को जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इन नामों की वजह से कांग्रेस को कुछ शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी। जेटली के बयान पर पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एनडीटीवी से कहा कि काला धन रखने वालों की सूची का 'बड़ा नाम'कांग्रेस को कतई शर्मिंदा नहीं करेगा। चिदंबरम ने कहा कि कालेधन की सूची में किसी निजी नेता का नाम उसका खुद का अपराध होगा और इसे कांग्रेस पार्टी से नहीं जोड़ सकते।



मुकदमा चलाने योग्य मामलों में ही नाम का खुलासा होगा: अरुण जेटली

$
0
0
 सरकार काला धन के मामले में सिर्फ उन नामों को ही सार्वजनिक करेगी जिनके खिलाफ विदेशों में खोले गये बैंक खातों के मद्देनजर कर चोरी का मुकदमा चलाया जा सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह बात कही। वहीं कांग्रेस ने मांग की है कि काला धन रखने वाले सभी लोगों के नाम उजागर किए जाएं।

जेटली ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, हम सिर्फ उन नामों का खुलासा करेंगे जिनके खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत हैं। वित्त मंत्री का यह बयान सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में तीन नामों का और खुलासा किए जाने के कुछ घंटों बाद आया है। इनमें डाबर इंडिया के एक प्रवर्तक प्रदीप बर्मन, एक सर्राफा कारोबारी तथा गोवा के एक खनन कारोबारी का नाम शामिल है। इन लोगों के खिलाफ सरकार ने कथित तौर पर विदेशी बैंकों में काला धन रखने के मामले में अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की है।

काला धन रखने वाले जांच के दायरे में आए और लोगों का नाम उजागर करने का वादा करते हुए सरकार ने कहा है कि विदेशों में खोले गए सभी बैंक खातों को ‘गैरकानूनी’ करार नहीं दिया जा सकता। इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जेटली के उस बयान पर उन्हें (जेटली को) आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा कि यदि सभी नामों का खुलासा कर दिया जाए तो कांग्रेस के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो जाएगी । जेटली  के बयान को ‘शरारतपूर्ण’ करार देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, यदि उनमें साहस है, तो वह उन नामों का खुलासा करें। सिंह ने कहा कि यदि कांग्रेस के किसी सदस्य का नाम विदेशों में गैरकानूनी तरीके से धन रखने वालों में पाया जाता है, तो पार्टी उसे दंडित करेगी।

एक अन्य कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यदि सभी नामों को सार्वजनिक कर दिया जाए, तो पार्टी को इससे किसी तरह की परेशानी नहीं है। जेटली ने इससे पहले कहा था कि सरकार ऐसा कोई जोखिम वाला काम नहीं करेगी जिससे भविष्य में अन्य देशों से सहयोग मिलने का रास्ता बंद होता हो। उन्होंने जोर देकर कहा था कि काले धन पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का रवैया दृढ़ निश्चय वाला होगा, जोखिम भरा नहीं।उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा 1995 में जर्मनी के साथ किए गए करार को भी विदेशों में रखे काले धन के ब्यौरे का खुलासा करने के रास्ते की अड़चन बताया था। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने विदेशी बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा काले धन को वापस लाने का वादा किया था।

काले धन पर कुछ नामों का सरकार ने किया खुलासा

$
0
0
केन्द्र सरकार ने विदेशों में काला धन जमा करने वालों के खिलाफ अभियान के तहत डाबर समूह के एक प्रवर्तक प्रदीप बर्मन सहित दो प्रमुख व्यवसायियों तथा गोवा की एक खनिज कंपनी और उसके पांच निदेशकों के नामों की जानकारी सोमवार को उच्चतम न्यायालय को दी। न्यायालय में दाखिल 16 पेज के केन्द्र के हलफनामे में राजकोट स्थित सर्राफा कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढ़ीया और गोवा की कंपनी टिंब्लो प्रा लि तथा उसके पांच निदेशकों श्रीमती राधा एस टिंब्लो, चेतन टिंब्लो, रोहन टिंब्लो, श्रीमती अन्ना टिंब्लो और श्रीमती मल्लिका टिंब्लो के नामों का उल्लेख है।

फ्रांस सरकार से मिली सूचना के आधार पर बर्मन के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई थी जबकि अन्य के मामले दूसरे देशों से मिली सूचना पर आधारित हैं जिनके नामों का जिक्र वित्त मंत्रालय के हलफनामे में नहीं था। इन नामों का खुलासा करने के प्रति टालमटोल रवैया अपनाने के आरोप के साथ राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों का निशाना बन रही सरकार ने इस हलफनामे में काला धन जमा करने वाले उन व्यक्तियों के नामों का और खुलासा करने का वायदा किया है जो उसकी जांच के दायरे में आए हैं लेकिन साथ ही उसने कहा है कि विदेशी बैंकों में सभी खातों को गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता है।

न्यायालय में पहले दायर किए गए हलफनामे के बाद सरकार ने यह अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया है। पहले हलफनामे में सरकार ने कहा था कि विदेशी बैंकों में खाता धारकों के नामों का उस समय तक खुलासा नहीं किया जा सकता जब तक उनके खिलाफ कर चोरी के साक्ष्य नहीं हों और भारत में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की गई हो। शीर्ष अदालत में नामों का खुलासा होने के तुरंत बाद ही डाबर इंडिया प्रमोटर परिवार बर्मन ने कहा कि इस खाते के बारे में सभी कानूनी औपचारिकतायें पूरी की गई हैं। डाबर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह खाता उन्होंने (प्रदीप) ने उस वक्त खोला था जब वह प्रवासी भारतीय थे और उन्हें कानूनी रूप से यह खाता खोलने की अनुमति थी।

प्रवक्ता ने कहा कि हमने सारे कानूनों का पालन किया है और इस खाते के बारे में आवश्यक सारी जानकारी स्वेच्छा से आयकर विभाग को दी गई है और देय कर का समुचित भुगतान किया गया है। लोढ़ीया ने स्विस बैंक में खाता होने से ही इंकार किया है। उन्होंने कहा है, हम पहले ही आयकर विभाग के समक्ष इसकी घोषणा कर चुके हैं और इसमें कुछ भी नहीं है। हमारा कोई भी स्विस खाता नहीं है और मैं सिर्फ यही कह सकता हूं। राधा टिंब्लो ने हलफनामे में उनके नाम का जिक्र होने पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर टिप्पणी करने से पहले वह इसका अध्ययन करेंगी।

डाबर इंडिया की स्थापना करने वाले बर्मन परिवार ने अपने एक सदस्य प्रदीप बर्मन को विदेशी बैंक खाताधारक के तौर पर नामजद किए जाने के बीच कहा है कि संबंधित खाते के मामले में हर तरह की कानूनी शर्तें पूरी की गई हैं। डाबर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम कहना चाहते हैं कि यह खाता तब खोला गया था, जब वह (प्रदीप) प्रवासी भारतीय (एनआरआई) थे और उन्हें यह खाता खोलने की कानूनी छूट थी। प्रवक्ता ने कहा कि हमने हर कानून का अनुपालन किया है और इस खाते से जुड़ी सारी जानकारी स्वैच्छिक तौर पर और कानून के अनुसार आयकर विभाग को दी गई थी और जो भी कर बनता था उसे समुचित रूप से चुकाया गया है। डाबर रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद बनाने वाली घरेलू कंपनी है। प्रदीप बर्मन फिलहाल इसमें किसी पद पर नहीं हैं। वह एक समय डाबर इंडिया के पूर्णकालिक निदेशक थे।

बयान में अफसोस जताया गया है कि कानूनी और गैरकानूनी विदेशी बैंक खातों में भेद नहीं किया गया है। प्रवक्ता ने कहा, अफसोस है कि हर उस व्यक्ति को एक निगाह से देखा जा रहा जिसका विदेशी बैंक में खाता है। उन्होंने कहा कि बर्मन परिवार कंपनी संचालन के उच्चतम मानदंडों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह सभी स्तरों पर नैतिक व्यवहार को प्रोत्साहित करता है।

काले धन मामले में सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में आज दायर हलफनामे में डाबर के प्रवर्तक बर्मन परिवार के प्रदीप बर्मन का नाम शामिल होने की खबर के फैलते ही आज दिन में बंबई शेयर बाजार में डाबर इंडिया का शेयर 9 प्रतिशत तक लुढ़क गया। बीएसई में यह 8.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 196.40 रुपये पर तथा नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) 8.94 फीसदी गिरकर 196.55 रुपये पर चल रहा था। बाद में यह सुधर कर एक बजे के आस पास 3.71 फीसद की कमजोरी के साथ 207.80 रुपये पर चल रहा था।

शहर के सर्राफा कारोबारी पंकज लोढ़िया, जिनका नाम काले धन से जुड़े मामले में केन्द्र द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में है, ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि विदेशी बैंक में उनका कोई खाता है। उन्होंने कहा कि सूची में अपना नाम आने पर वह हैरान हैं। लोढ़िया ने संवाददाताओं से कहा कि स्विस बैंक में मेरा कोई खाता नहीं है। मेरा कोई विदेशी बैंक खाता नहीं है। मुझे इस बारे में मीडिया से पता चला। मैं हैरान हूं। उन्होंने कहा कि मैंने आयकर विभाग को अपनी सारी संपत्ति का ब्यौरा दिया है। यह पूछे जाने पर कि उनका भविष्य का कदम क्या होगा, लोढ़िया ने कहा कि हम सभी अभिकरणों का सहयोग करेंगे और कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे। लोढ़िया शहर की सर्राफा कारोबार कंपनी श्रीजी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हैं। स्वर्ण व्यापार के लिए देश के सभी बड़े शहरों में इसके कारोबारी संपर्क हैं। कंपनी घरेलू उपभोक्ताओं, आभूषण निर्माताओं, स्वर्णकारों, जौहरियों और अर्ध थोक विक्रेताओं को थोक सर्राफा बिक्री करती है।

कालाधन मामले में आयकर विभाग ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी पूर्व केन्द्रीय मंत्री परनीत कौर को नोटिस दिया है।  परनीत कौर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)  सरकार में विदेशराज्य मंत्री थीं। एक निजी टेलीविजन के साथ बातचीत में परनीत कौर ने आयकर का नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है। उन्होंने माना है कि विदेश में कथितरूप से काला धन रखने के मामले में उनके खिलाफ जांच हो रही है। हालांकि उन्होंने इस बात का खंडन किया है कि उनके पास कोई काला धन है।  
      
कौर ने साफ किया कि विदेशों में उनके नाम पर कोई खाता नहीं है। उधर मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि स्विटजरलैंड के बैंकों में अवैध खातों में काला धन जमा कराने वाले जिन भारतीयों की जांच हो रही है। उनमें कांग्रेस के चार नेताओं के भी नाम हैं और परनीत कौर का नाम शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जांच के दायरे में एक अन्य शख्स उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद हैं तथा महाराष्ट्र के एक बडे राजनीतिक परिवार के दो सदस्यों के नाम भी इसमें शमिल हैं। गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि काला धन रखने वाले खाताधारकों के नामों को जल्द सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इन नामों की वजह से कांग्रेस को शर्मिंदगी झेलनी पडेगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पीचिदंबरम ने कहा था कि काला धन रखने वालों की सूची के नाम कांग्रेस को कतई शर्मिंदा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि कालेधन की सूची में यदि किसी नेता का नाम मिलता है तो यह उसकी अपनी गलती होगी। इससे कांग्रेस पार्टी  को नहीं जोडा जा सकता। कांग्रेस ने सोमवार कहा कि सरकार को काला धन जमा करने वालों में से चुनींदा लोगों के नाम उजागर करने की बजाय सभी के नाम बताने चाहिए।

कांग्रेस के प्रवक्‍ता एवं पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि नाम उजागर किये जाने पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन चुनींदा लोगों के नाम ही बताना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे ऐसा लगे कि वह राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही है। उसे कानून के अनरूप काम करना चाहिए। सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर करकाला धन जमा करने वाले तीन लोगों के नाम उजागर किये हैं। इनमें डाबर समूह के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रदीप बर्मन, राजकोट के सर्राफा व्यापारी पंकज चमन लाल लोढिया तथा गोवा की खनन कारोबारी राधा टिम्व्लो का नाम शामिल हैं।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि पीएम को चुनावों के दौरान काला धन वापस लाने और सभी गरीब के खातों में उस पैसे से तीन तीन लाख रुपये जमा करवाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए।

आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार पर कालाधन मामले में चुन चुन कर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि अंबानी बंधुओं मुकेश. अनिल उनकी मां कोकिला बेन. जेट एयरवेज के मालिक नरेश कुमार गोयल और यशवर्धन बिडला के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं। उच्चतम न्यायालय में आज सरकार की तरफ से कालाधन मामले में तीन लोगों के नाम दिए जाने के बाद यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल वरिष्ठ नेता और जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार भी नाम बताने में आनाकानी कर रही है। इस मौके पर आप नेता मनीष सिसौदिया, आशुतोष और संजय सिंह भी मौजूद थे। 
     
केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने तीन नाम घोषित किए हैं जबकि विदेशों में कालाधन रखने वालों की सूची में मुकेश धीरुभाई अंबानी, अनिल धीरुभाई अंबानी, रिलायंस समूह की कंपनी मोटेक साफ्टवेयर प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, संदीप टंडन, अनु टंडन, कोकिला धीरुभाई अंबानी, नरेश कुमार गोयल, बर्मन परिवार के तीन सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन तीन नामों का खुलासा किया है उसमें प्रदीप बर्मन का नाम है। आप की तरफ से पहले जारी सूची में भी इनका नाम था । इससे यह बात पुख्ता होती है कि हमने जो पहले खुलासा किया था वह सही था। 

सुप्रीम कोर्ट में नलिनी की याचिका खारिज

$
0
0
सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा भुगत रही नलिनी की उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया जिसमें उसकी और छह अन्य दोषियों की रिहाई के लिए केंद्र की मंजूरी की अनिवार्यता संबंधी कानून को चुनौती दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति एके सीकरी की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, सॉरी, हमारी दिलचस्पी नहीं है। नलिनी ने इस याचिका में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 435 (1) को चुनौती दी थी जिसके तहत यदि केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच से संबंधित कोई मामला है तो ऐसे दोषी को समय से पहले रिहा करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से परामर्श करना होगा।

नलिनी पिछले 23 साल से जेल में है। मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किए जाने के कारण वह सजा भुगत रही है। निचली अदालत ने इस मामले में उसे 28 जनवरी 1998 में मौत की सजा सुनाई थी।

तमिलनाडु के राज्यपाल ने 24 अप्रैल, 2000 को नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। नलिनी ने अपनी याचिका में कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उम्रकैद की सजा भुगत रहे 2200 कैदियों को पिछले करीब 15 साल में दस साल से भी कम समय जेल में बिताने पर रिहा कर दिया था लेकिन इसके मामले पर सिर्फ इस आधार पर विचार नहीं किया गया कि उसके अपराध की जांच सीबीआई ने की थी। केंद्र सरकार ने इससे पहले न्यायालय में दलील दी थी कि उसकी सहमति के बगैर तमिलनाडु सरकार ऐसे कैदी को रिहा नहीं कर सकती है। केंद्र सरकार के इस रूख के कारण राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने का राज्य सरकार का निर्णय परवान नहीं चढ़ सका था।

इस हत्याकांड के तीन दोषियों मुरूगन, संतन और पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने के शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद तमिलनाडु सरकार 19 फरवरी को सभी सात कैदियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा करना चाहती थी। तमिलनाडु सरकार के इस निर्णय को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायालय ने 20 फरवरी को राज्य सरकार के इस निर्णय पर रोक लगाते हुए सारा मामला संविधान पीठ को सौंप दिया था।

टिम्बलू ने बीजेपी को दिया था करोड़ों का चंदा

$
0
0
काला धन मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर तीन नामों का खुलासा किया है. सोमवार सुबह से इस बाबत गोवा की खनन कारोबारी राधा सतीश टिम्बलू, डाबर ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप बर्मन और राजकोट के कारोबारी पंकज चमनलाल का नाम चर्चा में रहा. लेकिन शाम ढलते-ढलते इलेक्शन कमीशन वॉच की एक खबर ने इसे नया मोड़ दे दिया. मामले में नया खुलासा यह है कि टिम्बलू प्राइवेट लिमिटेड ने बीते 9 वर्षों में सिर्फ बीजेपी को 1.18 करोड़ रुपये चुनावी चंदा दिया है.

राजनैतिक दलों के लिए कॉरपोरेट कंपिनयों से चंदे की चाहत कोई नई बात नहीं है. लेकिन इलेक्शन कमीशन वॉच की खबर ने कालाधन मामले में नया रोमांच जरूर जोड़ दिया है. इसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2004-05 और 2011-12 के बीच राधा टिम्बलू ने बीजेपी को 1.18 करोड़, जबकि 7 वर्षों में कांग्रेस को 65 लाख रुपये का चंदा दिया है. यही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2011-12 में राजकोट के चमनभाई लोढ़ि‍या ने भी बीजेपी को 51 हजार रुपये का चंदा दिया है.

गौरतलब है कि देश में 13 इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं, जिनमें सिर्फ 7 सीबीडीटी से अप्रूव हैं. इसके पीछे कारण यह है कि इन ट्रस्ट का निर्माण 2013 में सीबीडीटी रूल्स आने के बाद हुआ. बाकी छह ट्रस्ट सीबीडीटी से अप्रूव नहीं हैं इसलिए नियमों के मुताबिक वह चंदा देने के क्रम में इस बाबत कोई जानाकरी साझा नहीं करते. सीबीडीटी नियमों के मुताबिक सभी 7 ट्रस्ट को अपने चंदे की जानकारी निर्वाचन आयोग को देनी होती है. दिलचस्प यह भी है कि बाकी 6 ट्रस्ट ने भी वित्तीय वर्ष 2004-05 और 2011-12 के बीच 105 करोड़ रुपये का चंदा दिया है, जिसकी बारे में निर्वाचन आयोग को अधि‍क जानकारी नहीं है.

इसका अर्थ यह हुआ कि जानकारी के अभाव में यह कहना मुश्कि‍ल है कि बाकी 6 ट्रस्ट के जरिए कंपिनयों ने दलों को जो चंदा दिया वह वाकई टैक्स से छूट का आधार था या कालेधन को सफेद करने का एक तरीका. जाहिर तौर पर खुलासों और कालेधन के इस दौर में जरूरत इस बात की भी है कि बाकी 6 इलेक्टोरल ट्रस्ट चंदे की रकम के बारे में विस्तार से जानकारी दें ताकि सही मायने में कालेधन पर स्थि‍ति साफ हो सके. इन 6 ट्रस्ट में जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट, इलेक्टोरल ट्रस्ट, कॉरपोरेट इलेक्टोरल ट्रस्ट, भारती इलेक्टोरल ट्रस्ट और सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट के नाम शामिल हैं.

24 नवंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र

$
0
0
संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरू होकर और 23 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सरकार का विधायी कार्य का बड़ा एजेंडा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की ससंदीय मामलों की समिति ने सोमवार को इन तिथियों की सिफारिश राष्ट्रपति से की।

महीने भर चलने वाले संसद के इस सत्र की कुल 22 बैठकें होंगी, जिसमें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्यसभा में 59 और लोकसभा में आठ विधेयक लंबित हैं और सरकार इनमें से कम से कम 30 से 35 विधेयकों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी।

इस साल मई में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद संसद का यह दूसरा प्रमुख सत्र है। लोकसभा में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिए जाने को लेकर लंबे समय से हो रही प्रतीक्षा शीतकालीन सत्र के पहले समाप्त हो जाने की संभावना है। संसद के एक अधिकारी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि शीतकालीन सत्र के पहले इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पिछले पांच शीतकालीन सत्रों में औसतन 22 बैठकें हुईं और पुरानी परंपराओं के आधार पर ये तिथियां तय की गई हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू मंत्रिमंडल की ससंदीय मामलों की समिति के सदस्य हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और संसदीय कार्य राज्यमंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं संतोष गंगवार समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।

भारत दक्षिण चीन सागर में अतिरिक्त तेल ब्लॉक स्वीकार करेगा

$
0
0
चीन को संभावित तौर पर नाराज करने वाले एक कदम के तहत भारत और वियतनाम कल यहां दक्षिण चीन सागर में तेल की खोज पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. भारत यात्रा पर आए वियतनामी प्रधानमंत्री नगुएन तान डुंग ने घोषणा की है कि चीन के विरोध के बावजूद उनका देश क्षेत्र में भारतीय जहाजों को आने की अनुमति देगा. सूत्रों के अनुसार, भारत ने ओएनजीसी विदेश लिमिटेड की तकनीकी-वाणिज्यिक व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर दक्षिण चीन सागर में 2 से 3 वियतनामी तेल ब्लॉकों को स्वीकार करने करने का फैसला किया है और वार्ता के बाद कल इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जाएगा.

मौजूदा तीन तेल ब्लॉकों के अतिरिक्त वियतनाम ने भारत को पांच तेल ब्लॉकों की पेशकश की थी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड उनपर व्यवहार्यता के आलोक में गौर कर रहा था. हाल में वियतनाम ने एक और साल के लिए दक्षिण चीन सागर में दो तेल ब्लॉकों के लिए भारत की लीज का नवीकरण किया था.

दक्षिण चीन सागर को लेकर गतिरोध के कारण चीन और वियतनाम के बीच संबंध शत्रुतापूर्ण है. दक्षिण चीन सागर हाइड्रोकार्बन का बड़ा स्रोत है. चीन विवादित क्षेत्रों में भारत की तेल अन्वेषण परियोजनाओं पर आपत्ति कर रहा है. इस बीच, मोदी से वार्ता से पहले वियतनामी प्रधानमंत्री नगुयेन तान डुंग ने सभी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए भारत के सक्रिय समर्थन का आह्वान किया और क्षेत्र में उसके अधिक जुड़ाव की मांग की.

 एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के बहुआयामी संपर्क को बढ़ाने का समर्थन करता है. मैत्री और आदान-प्रदान के उद्देश्य के लिए हम भारत समेत अन्य देशों के जहाजोंे को वियतनाम आने की अनुमति देना जारी रखेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम को उम्मीद है कि भारत अपनी बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका के साथ क्षेत्र और दुनिया में शांति और स्थिरता को कायम रखने में सकारात्मक और जिम्मेदार योगदान देगा.’’

वियतनामी प्रधानमंत्री की टिप्पणी हो सकता है चीन को रास न आए. चीन विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में तेल अन्वेषण परियोजनाओं को लेकर भारत की मौजूदगी पर आपत्ति व्यक्त कर रहा है. पिछले महीने, चीन ने भारतीय नौसैनिक जहाज आईएनएस ऐरावत से जल क्षेत्र को ‘‘चीनी जलक्षेत्र’’ बताते हुए वहां से चले जाने को कहा था. आईएनएस ऐरावत वियतनामी बंदरगाह के लिए जा रहा था और दक्षिण चीन सागर में खुले अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में यात्रा कर रहा था. दक्षिण चीन सागर विवाद पर उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी सागर में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और संरक्षा और क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए विवादांे का उचित समाधान क्षेत्र और उसके बाहर देशों के साझा हित में है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसी भावना में वियतनाम को उम्मीद है कि क्षेत्र और दुनिया में बड़ी शक्ति के रूप में भारत सभी विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के लिए संबद्ध पक्षों का सक्रियता से समर्थन करेगा और उन कार्रवाइयों से बचेगा जो हालात को और जटिल बना सकते हैं. इस प्रकार पूर्वी सागर में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा तथा नौवहन की स्वतंत्रता को कायम रखने में योगदान देगा.’’ दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र संबंधी विवाद में द्वीपीय और समुद्री दावे दोनों शामिल हैं. इसपर क्षेत्र के सात संप्रभु देश ब्रूनेई, चीन, ताइवान, मलेशिया, फिलीपीन और वियतनाम दावा करते हैं.


पूर्वी सागर पर अपने रख को स्पष्ट करते हुए तान ने कहा कि वियतनाम और अन्य आसियान देशों ने लगातार अंतरराष्ट्रीय कानून 1982 के यूएनसीएलओएस का पालन करने तथा पूर्वी सागर में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता को कायम रखने के महत्व को रेखांकित किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या वियतनाम पूर्वी सागर में फिलहाल सक्रिय विदेशी तेल एवं गैस कंपनियों के हितों को सुनिश्चित करने में सक्षम होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और वियतनाम के कंटीनेंटल शेल्फ में वियतनामी कानून और अंतरराष्ट्रीय कानून खासतौर पर 1982 के यूएनसीएलओएस को ध्यान में रखते हुए भारतीय कंपनियों समेत अपने विदेशी भागीदारों और वियतनामी तेल एवं गैस कंपनियों के बीच सामान्य आर्थिक सहयोग गतिविधियों के लिए सभी तरह की अनुकूल दशा पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसका स्वागत करता है.’’ भारत और वियतनाम कल नालंदा विश्वविद्यालय पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे. तान आज बिहार पहुंचे. उन्होंने बोधगया की यात्रा की और बोधगया से हनोई के लिए सीधी उड़ान और आगमन पर वीजा सुविधा पर जोर दिया.

भारत और वियतनाम के सैन्य सहयोग को बढ़ाने और क्या इसे चीन को लक्षित समझा जाए, यह पूछने पर तान ने कहा, ‘‘वियतनाम की विदेश नीति सतत है. हम किसी अन्य देश के खिलाफ किसी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं होते हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वियतनाम चीन के साथ विवाद का समाधान द्विपक्षीय तरीके से करेगा या अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर कार्रवाई करेगा तो वियतनामी प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश चीन के साथ हमेशा पारंपरिक मैत्री और व्यापक सहयोग को सम्मान देता रहा है और उन्होंने संकेत दिया कि वह चाहेगा कि विवाद का अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में समाधान किया जाए.

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वियतनाम होआंग सा और ट्रूओंग सा द्वीपसमूहों पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के साथ-साथ इन जल क्षेत्रों में अपने संप्रभु अधिकारों और अधिकार क्षेत्रों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है.’’ तान ने कहा, ‘‘सौहार्द और सतत विदेश नीति की परंपरा के अनुसार वियतनाम हमेशा बल के इस्तेमाल बिना या धमकी का सहारा लिए बिना शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से अपने सभी विवादों का समाधान करने पर दृढ़ रहा है. उसने ऐसा आत्मनियंत्रण के आधार पर किया है और अंतरराष्ट्रीय कानून, 1982 के यूएनसीएलओएस, दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचरण पर घोषणापत्र (डीओसी) और आचार संहिता :सीओसी: का पालन करते हुए वह ऐसी कार्रवाई से बचता रहा है जो स्थिति को और जटिल बना सकती है.’’

एलएंडटी को मिला सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए 2,979 करोड़ रुपये का ठेका

$
0
0

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण का ठेका आज गुजरात सरकार द्वारा अग्रणी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ( एलएंडटी) को दिया गया। स्टैचू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे उंची प्रतिमा होगी।


गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने कहा कि सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का निर्माण 2,979 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। उन्होंने एक समारोह में प्रतिमा निर्माण का ठेका एलएंडटी को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस विशाल प्रतिमा का निर्माण चार साल में पूरा होगा और इस पर 2,979 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका ठेका देश की अग्रणी निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को दिया गया है।'

उन्होंने कहा, '1,347 करोड़ रुपये मुख्य प्रतिमा पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च होंगे। वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे। 83 करोड़ रपये पुल के निर्माण पर खर्च होंगे।'मुख्यमंत्री ने कहा कि 182 मीटर ऊंचे 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी'का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी'से दोगुना है।

शिवसेना भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री का समर्थन करने को तैयार

$
0
0

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद से अपने रुख में और नरमी लाते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में अपने पूर्व सहयोगी द्वारा चुने गए किसी भी नेता का समर्थन करने को तैयार है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘लक्ष्मी पूजा के दिन (देवेन्द्र) फड़नवीस ने (नितिन) गडकरी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। बाद में गडकरी आरएसएस प्रमुख से मिले और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। ये सभी आशीर्वाद नि:संदेह महत्वपूर्ण हैं लेकिन जनता का आशीर्वाद सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। शिवसेना ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन करने को तैयार है जो जनता के आशीर्वाद से महाराष्ट्र को आगे ले जाये।’ पार्टी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को हालांकि राज्य के मामलों में ज्यादा अनुभव है, लेकिन अंतिम निर्णय दिल्ली में भाजपा हाई कमान को करना है।
शिवसेना के मुखपत्र के अनुसार, ‘अंतिम निर्णय (मुख्यमंत्री के नाम) दिल्ली में हाईकमान करेगा, इसलिए प्रदेश के नेताओं के लिए यह सोचने का विषय नहीं है। गडकरी को राज्य का अच्छा तजुर्बा है और महाराष्ट्र के विकास को लेकर एक दृष्टि है। दूसरी ओर फड़नवीस को शासन चलाने का अनुभव नहीं है।’
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि हमें खुशी है कि भाजपा ने चुनाव जीता और भ्रष्ट कांग्रेस एवं राकांपा को सत्ता से उखाड़ फेंका। राज्य को इन दोनों दलों के सत्ता से हटने का फायदा होगा। गौरतलब है कि भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता जे पी नड्डा मंगलवार को मुम्बई में पार्टी विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेंगे, जहां राज्य के नये मुख्यमंत्री का चयन होगा।
भाजपा और शिवसेना में विभागों के बंटवारे पर कोई ठोस बातचीत नहीं होने के बीच शिवसेना को इस बारे में स्पष्टता के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक तक इंतजार करना होगा।

गंगा के तटों पर अस्थि विसर्जन पर होगी रोक

$
0
0
गंगा नदी में प्रदूषण रोकने के तौर तरीके ढूंढने में सरकार के जुटे रहने के बीच केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि इस पावन नदी के तटों पर अस्थि विसर्जन नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘गंगा में अस्थि विसर्जन पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन यह नदी के मध्य में गहरे पानी में किया जाना चाहिए न कि तटों पर. हम तटों पर अस्थि विसर्जन नहीं करने देंगे.’’

पुनर्गठित राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की यहां पहली बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि जहां तक अस्थि विसर्जन की बात है तो संतों ने हमसे कह दिया है कि हम जो भी फैसला करेंगे, उन्हें वह स्वीकार्य होगा. 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आधी जली हुई लकड़ी नदी में नहीं फेंकी जाए, श्मशानघाट के डिजायन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक दाह संस्कार की बात है तो दोनों की विकल्प- लकड़ियों से दाह संस्कार और इलेक्ट्रिक दाह संस्कार खुले हैं.  उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी की अंतिम इच्छा लकड़ियों से दाह संस्कार कराए जाने की है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि वह कम से कम लकड़ियों से हो. मैंने हमेशा ही एक ऐसे डिजायन की बात की है जिसमें कम लकड़ियां खपत होती हों. यदि साधु हमसे कहते हैं कि इलेक्ट्रिक दाह संस्कार ठीक है तो हमें दोनों तरह के दाह संस्कार सुनिश्चित कर सकते हैं.’’

उमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लकड़ियों वाले दाह संस्कार को लेकर मैंने सिर्फ इतना कहा था कि डिजायन ऐसा हो कि कम से कम लकड़ियों की जरूरत हो तथा शव पूरी तरह जल जाए ताकि आधी जली हुई लकड़ियां नदी में नहीं फेंकी जाए.’’ उन्होंने कहा कि आईआईटी, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान तथा सीपीसीबी वाली तकनीकी समिति द्वारा संतों के साथ परामर्श कर समीक्षा किए जाने के बाद ही उसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूजा सामग्रियों के विसर्जन पर कोई रोक नहीं होगी. लेकिन श्रद्धालुओं की नजर से दूर जाल से इन सामग्रियों को निकाला जा सकता है. इसमें एनजीओ और नगर निकाय शामिल हो सकते हैं.

बिंदु ने सट्टेबाजी की बात स्वीकारा

$
0
0
अभिनेता विंदु दारा सिंह ने अंतत: यह बात स्वीकार कर ही ली कि उन्होंने और गुरुनाथ मयप्पन ने IPL मैचों पर सट्टा लगाया था। ने कहा कि सट्टेबाजी में उन्हें न तो कोई पैसा मिला और न ही उन्होंने किसी राशि का भुगतान किया। विंदु ने यह भी बताया कि कि उन्होंने चेन्नै सुपर किंग्स के मैचों पर सट्टा जरूर लगाया लेकिन टीम हार गई थी। यह भी साफ किया कि उन्होंने कभी भी मैच फिक्सिंग नहीं की। 

मुंबई की फॉरेंसिक लैब ने पाया है कि मयप्पन और विंदु दारा सिंह के बीच कथित बातचीत के टेप में जो आवाज है, वो एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन की ही है। मुंबई पुलिस ने भी पिछले साल मयप्पन पर सट्टेबाजों को मैच से जुड़ी अहम जानकारी मुहैया कराने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि वह विंदु दारा सिंह के जरिए ही सट्टा लगाते थे। कमिटी ने जांच में यह भी पाया कि मयप्पन सिर्फ अति उत्साही क्रिकेट फैन नहीं थे, जैसा कि वे और उनके ससुर श्रीनिवासन कहते रहे हैं।

आईटीबीपी की 12 बटालियनों को चीन से लगी सीमा के लिए मंजूरी मिलेगी

$
0
0
सरकार भारत चीन सीमा की सुरक्षा करने वाले बल आईटीबीपी की 12 बटालियन गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की तैयारी में है. ताकि बल में करीब 12,000 नए जवानों की भर्ती की जा सके और सामरिक दृष्टि से इस महत्वपूर्ण मोर्चे पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाई जा सके. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘सैद्धांतिक रूप’ से मंजूरी दे दी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह बल के स्थापना दिवस पर अरुणाचल प्रदेश में भारत तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) की 54 नई सीमा चौकियां स्थापित करने की घोषणा की थी.

अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर इन अतिरिक्त चौकियों के मद्देनजर आईटीबीपी ने सरकार को बताया कि इन स्थानों पर जवानों की तैनाती के लिए एक दर्जन से अधिक बटालियन गठित करने की जरूरत होगी. इन बटालियन का गठन चरणबद्ध तरीके से पांच वर्ष की अवधि के भीतर होगा.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया ‘इस संबंध में सिद्धांत रूप में मंजूरी दी जा चुकी है. अब जबकि गृह मंत्रालय पहले ही 54 सीमा चौकियां स्थापित करने को मंजूरी दे चुका है, इस बारे में मानव संसाधन की नियुक्ति और प्रशिक्षण कार्य की तत्काल जरूरत है. बल अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसके बाद बड़े पैमाने पर नियुक्ति की जाएगी.’ पर्वतीय इलाकों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित बल ने हाल ही में ‘पुनर्गठन’ कार्य पूरा किया जिससे नौ नई बटालियन और एक सेक्टर मुख्यालय का गठन हुआ. यह पहल 3,448 किलोमीटर लम्बी सीमा की निगरानी करने के आईटीबीपी के प्राथमिक कार्य को ध्यान में रखते हुए की गई.

54 नई सीमा चौकियां स्थापित करने के अलावा गृह मंत्री ने इसी समारोह में अरुणाचल प्रदेश में सीमा के पास आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए 175 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी. यह घोषणा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया था कि भारत चीन के साथ बातचीत के जरिये सीमा विवाद को सुलझाना चाहता है.

उन्होंने कहा कि चीन और अन्य पड़ोसियों से अच्छे दोस्ताना संबंध बनाने के लिए सबसे बड़ी जरूरत सम्मान के साथ शांति है. आईटीबीपी की सभी नयी सीमा चौकियां अरुणाचल प्रदेश में स्थापित होंगी जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बल के कर्मियों की मौजूदगी पर्याप्त नहीं है. अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ 1,126 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है.

अंबानी बंधु के नाम छिपाए जा रहे हैं: केजरीवाल

$
0
0
तीन स्विस बैंक खाताधारकों के नाम सामने आने के बाद काले धन को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर सिर्फ चुनिंदा लोगों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी , उनकी मां कोकिला बेन और जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं. काला धन मामले पर सरकार ने सोमवार को जो अतिरिक्त हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था, उस पर आज सुनवाई होनी है. इस हलफनामे में डाबर के पूर्व डायरेक्टर प्रदीप बर्मन, कारोबारी पंकज लोढ़िया और राधा टिम्बलू के नाम हैं. खबर है कि रिव्यू कमेटी की बैठक के बाद और नामों का खुलासा भी हो सकता है. 

इससे पहले सोमवार शाम प्रेस कांफ्रेंस AAP नेता केजरीवाल ने उन 15 लोगों के यहां तुरंत छापा मारने की मांग की. उन्‍होंने कहा कि डाबर कंपनी से जुड़े बर्मन परिवार के तीन भाइयों के भी विदेशी बैंकों में खाते हैं. केजरीवाल ने बताया कि 2012 में काले धन से संबंधित जो सूची उन्होंने जारी की थी, उसमें भी प्रदीप बर्मन का नाम था और अब दोबारा उनका नाम सामने आने से उनकी वह लिस्ट भी सत्यापित हो गई है.

गौरतलब है कि केजरीवाल की उस लिस्ट में अंबानी बंधुओं का भी नाम था. AAP नेता अंबानी बंधुओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साठ-गांठ के आरोप लगाते रहे हैं. सोमवार को भी उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'अनिल अंबानी को प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए नॉमिनेट किया है तो उस पर वह कार्रवाई कै से करेंगे. वहीं मोदी मुकेश अंबानी के अस्पताल के उद्घाटन के निजी कार्यक्रम में पहुंचे और पीएमओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नीता अंबानी का भाषण शेयर किया गया. यानी प्रधानमंत्री दोनों के करीबी हैं तो उन पर कार्रवाई कैसे की जाएगी.'केजरीवाल ने जिन हस्तियों के नाम लिए हैं, उनमें से किसी की ओर से अपना पक्ष नहीं रखा गया है.

Viewing all 74313 articles
Browse latest View live




Latest Images