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भारत-इजरायल के बीच होगा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग

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वैश्विक आतंकवाद के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत और इजरायल ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प किया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार रात इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुई मुलाकात में क्षेत्रीय स्थिति और वैश्विक समुदाय पर आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की। दोनो के बीच एक घंटे चली मुलाकात में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। कार्यक्रम के बाद जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि  'गृहमंत्री ने आतंकवाद को न सिर्फ भारत और इजरायल जैसे देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक खतरा बताया है। उन्होंने इस क्षेत्र में मौजूदा सहयोग और भावी संभावनाओं की भी समीक्षा की।'

बैठक में साइबर सुरक्षा संबंधी मुद्दा को मुखरता से उठाया गया। इसके अतिरिक्त गृहमंत्री ने रक्षा और कृषि समेत अनेक क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्तों में वृद्धि पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया। सिंह ने कहा कि भविष्य में ज्ञान पर आधारित दो अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के बीच हाईटेक साझेदारी स्थापित करने पर हमारा जोर होना चाहिए। इन दोनों नेताओंने आपसी संबंधों को मजबूत करने की अपने-अपने देशों की उत्सुकता को भी जाहिर किया। 

झारखण्ड : हेमन्त के जाल में फँसते दिखलाई पड़ रहे प्रो0 स्टीफन मराण्डी

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stephen marandi
दुमका विधानसभा सीट पर अपनी मुकम्मल जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से झामुमों नेता व सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने एक बड़ी चाल चली, झामुमों के टिकट पर पार्टी के पूर्व चहेते प्रो0 स्टीफन मराण्डी को लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का आॅफर देकर। प्रो0 स्टीफन मराण्डी मुँहबोले भतीजे हेमन्त सोरेन के मायाजाल में पूरी तरह फँसते दिखलाई पड़ भी रहे। भाजपा के विरुद्ध झामुमों प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार-प्रसार की बात खुले तौर पर इन दिनों वे करते भी नहीं थक रहे। लम्बे समय तक झामुमों से जुड़े रहने के बाद शिबू सोरेन का परिवार मोह व हेमन्त सोरेन की विरोधाभाष नीतियों व मोनोपोली से आजिज काॅग्रेस का दरवाजा खटखटाने वाले प्रो0 स्टीफन मराण्डी ने राजनीति का एक महत्वपूर्ण काल काॅग्रेस में भी बिताया। काॅग्रंेस प्रदेशस्तरीय नेताओं की दोहरी नीतियाँ व नेताओं की मोनोपोली से खिन्न प्रो0 मराण्डी ने बाद में झारखण्ड विकास मोर्चा में अपना विकल्प तलाशा। 

झाविमों सुप्रिमों बाबूलाल मराण्डी से हाथ मिलाने की सबसे बड़ी वजह लोगों ने उपरोक्त मुद्दों को ही पाया। अनमने मन से ही सही आखिरकार प्रो0 स्टीफन मराण्डी ने  झाविमों से यह कहकर कि वे और बाबूलाल मराण्डी ने ही आपस में मिलकर झाविमों की नींव डाली थी, दोनों के एक साथ रहने से भ्रष्टाचार में लिप्त झामुमों व सांप्रदायिक पार्टी भाजपा के विरुद्ध आवाज उठाने में बल मिलेगा, झाविमों में शामिल हो गए। प्रो0 मराण्डी को झाविमों भी रास नहीं आया और अब वे फिर से एक बार झामुमों की परिक्रमा के लिये आकुल-व्याकुल दिखलाई पड़ रहे। यूँ कहा जाय तो प्रो0 स्टीफन मराण्डी राजनीति के संक्रमणकाल से गुजर रहे हैं। दुमका विधानसभा सीट पर वर्षों तक राज करने वाले प्रो0 स्टीफन मराण्डी की किस्मत वर्ष 2005 से खराब चल रही है। कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर लगातार वे फुदक रहे। किसी डाल पर स्थायी ठौर की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। झारखण्ड विधानसभा चुनाव-2014 में झारखण्ड विकास मोर्चा ने दुमका विधानसभा सीट से वतौर पार्टी उम्मीदवार उनके नाम की घोषणा तक कर दी, तथापि उन्हें खुद इस बात का विश्वास नहीं रहा कि वे दुमका से झाविमों के टिकट पर झामुमांे प्रत्याशी हेमन्त सोरेन व भाजपा प्रत्याशी डाॅ0 लुईस मराण्डी को पटखनी देकर विधानसभा की चैखट तक पहुँच पाऐगें। 

अब जबकि झामुमों से हरी झंडी मिलती नजर आ रही है एक बार फिर से बुढ़ी हड्डियों में चुनाव लड़ने का जोश तैयार हो गया। लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में साईमन मराण्डी का दबदबा रहा है। झामुमों विधायक के रुप में लिट्टीपाड़ा की जनता उन्हें अपना नजदीकी मानती रही है। झामुमों से अलग होकर साईमन मराण्डी ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने लिट्टीपाड़ा विधानसभा सीट से साईमन को प्रत्याशी बना दिया। झामुमोें की सीट पर भाजपा की कड़ी निगाह को स्थूल करने के उद्देश्य से जहाँ एक ओर लिट्टीपाड़ा से प्रो0 स्टीफन मराण्डी को प्रत्याशी बनाए जाने की कवायद झामुमों की ओर से चल रही है वहीं दूसरी ओर दुमका सीट से अपनी मुकम्मल जीत को ध्यान में रखकर झामुमो ने प्रो0 स्टीफन मराण्डी को लिट्टीपाड़ा से टिकट का आॅफर देकर विरोध का स्वर ही समाप्त कर दिया। 





अमरेन्द्र सुमन 
दुमका 
(झारखण्ड)

पीएम ने काशी के बुनकरों को दी 150 करोड़ का तोहफा

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  • लालपुर में व्यापार केन्द्र व पावरलूम सर्विस सेंटर का शिलान्यास 
  • केन्द्र की तरफ से बुनकरों के खातों में सीधे पैसे देगी सरकार 
  • यूपी सरकार पर हमला, कहा शहर के पास नहीं दी जमीन 
  • खुद को बताया बनारस का सेवक, कहा बोलूंगा कम, करके दिखाउंगा 
  • पूर्वी यूपी के बंद पड़े 16 बैंकों को जीवित करने के लिए 2375 करोड़ के पैकेज दिए जाने की बात मोदी ने कही 

modi in varanashi
वाराणसी (सुरेश गांधी )।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सालों से उपेक्षित काशी के बुनकरों को बड़ा तोहफा देकर उनका भरोसा जीत लिया है। उन्होंने शहर से 5 किमी दूर लालपुर में 150 करोड़ की लागत से व्यापार केन्द्र व पावरलूम सर्विस सेंटर का शिलान्यास किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बुनकरों को आधुनिक टेक्नोलाॅजी से सुसज्जित करने की वकालत करते हुए कहा अब बुनकरों के दिन बहुरने वाले है। केन्द्र की तरफ से बुनकरों को दी जाने वाली सब्सिडी सरकार सीधे उनके खातों में पैसे देगी। यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा उनकी मंशा थी कि यह सेंटर शहर में खुले, लेकिन यूपी सरकार ने जमीन नहीं दी। इसके अलावा मोदी ने खुद को बनारस का उसेवक बताते हुए कहा, बोलूंगा कम करके दिखाउंगा। 

शिलान्यास से पहले बाबतपुर एअरपोर्ट पर सुबह 9.35 बजे सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री के प्रथम आगमन पर पोर्ट पर ही फूलमालाओं से उनका स्वागत किया। शिलान्यास स्थल पर बुनकरों की सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, साड़ी एक ऐसी इंडस्टी है, जो बुनकरों को न सिर्फ सम्मान दिलाता है बल्कि टेक्सटाइल अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र भी है। कृषि के बाद यह इंडस्टी लोगों को कम पूंजी में अधिक रोजगार का अवसर प्रदान करता है। इस उद्योग में विकास की अपार संभावनाएं है। इस इंडस्टी में मालिक व मजदूर के बीच खाई नहीं है। जबकि खेती में ऐसा नहीं है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां पूरा माहौल अपनेपन या परिवार का होता है। न कोई जातिवाद और न ही साम्प्रदायवाद का, ठीक उसी तरह जैसे कपड़े के ताना-बाना बुना जाता है उसी तरह ये बनने वाले समाज के भी ताने-बाने बुनते रहते है। यह सामाजिक ताना-बाना हर हथकरघे से जुड़ा नजर आता है। लेकिन समय रहते इन क्षेत्रों में विकास नहीं होता तो पिछड़ापन नजर आता है। ऐसे में आज के आधुनिकता को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र में भी बदलाव कर नए-नए तौर-तरीकों, नए टेक्नोलाॅजी, नए मार्केटिंग की जरुरत है। इसका शुभारंभ बनारस की धरती से किया गया। इस सेंटर से बुनकरों को कंप्यूटर डिजाइनिंग, नए-नए रिसर्च खोजने में सहायक होगा। डिजाइनिंग में कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ेगा, कारीगरों को बेहतर टेनिंग का अवसर मिलेगा। कहा, जब क्वालिटी बेहतर होगा तो बिक्री भी अधिक होगा। हमारी नयी पीढ़ी को भी जुड़ने की जरुरत है। 

modi in varanashi
बनारस की साड़ी की महत्ता बताते हुए कहा हिन्दुस्तान में कोई ऐसी महिला नहीं होगी जो बनारसी साड़ी से अवगत न हो। बनारसी साड़ी देशभर में मशहूर है। हर शादी में मां-बाप का सपना होता है कि वह अपनी बेटी को बनारसी साड़ी दे। मतलब हर साल 20 करोड़ बेटियों की शादी होता है यानी 20 करोड़ का साड़ी मार्केट है। जमीन की लागत जोड़ने पर इस योजना की लागत 500 करोड़ का हो जायेगा। उन्होंने कहा साड़ी कारोबार आपके सम्मान से जुड़ा है, इसलिए नयी पीढ़ी को भी जुड़ना चाहिए। कहा, हर ग्राहक को नए प्रोजक्ट चाहिए, इसलिए हमें ग्लोबल मार्केट के अनुरुप अपने उत्पाद को बनाना होगा। आज दुनिया में ई-बिजनेस का बोलबाला है। ऐसे में कारीगरों को भी आधुनिक बनाने की जरुरत है। और वह जब आधुनिकता से रुबरु हो जायेगा तो मार्केटिंग भी वह अच्छा कर लेगा। उन्होंने यूएस के बोस्टन की तुलना बनारस से करते हुए कहा यहां सबकुछ मौजूद है। यहां की विरासत को लेकर हम आगे बढ़ सकते है। हमारे पूर्वजों का इस कारोबार में बड़ा योगदान है, जिन्होंने एक अवसर हमारे लिए छोड़ रखी है, काशी का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है। कहा, सिर्फ पश्चिमी छोर के विकास से भारत का विकास संभव नहीं है। कहा, एक हाथ मजबूत हो, दुसरा अपंग हो तो शरीर का विकास नहीं कहा जा सकता। इसलिए हमने हिन्दुस्तान के इस पूर्वी हिस्से को भी विकास करने पर जोर दिया है। कहा, पूर्वी यूपी में 16 बैंक बंद पड़े है। इसका ज्यादा नुकसान गरीबो को उठाना पड़ा। इन बैंको को जिंदा करने के लिए पूर्वी यूपी के सहकारी ग्रामीणों बैंको को 2375 करोड़ के पैकेज दिए गए है। इस धन से हर तबके का विकास होगा। हर सामान्य व्यापारी इस बैंक से जुड़कर कारोबार कर सकेगा। प्रधानमंत्री जन योजना के जरिए गरीब से गरीब लोग लाभ ले सकते है। अंत में उन्होंने बनारस के लोगों में आत्मीयता जताते हुए कहा, आपने हम पर भरोसा जताया है, हमारा पूरा प्रयास होगा इस क्षेत्र का विकास करु। बनारस की विरासत जिक्र करते हुए कहा कि पैसा हीं नहीं हर तरह के सहयोग के लिए वह तैयार है। 

जयापुर को मोदी ने लिया गोद

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सांसद आदर्श ग्राम के रूप में जयापुर को चुनने का मकसद गांव की बदहाली, कहा, जिस वक्त वह काशी के सांसद प्रत्याशी घोषित किए गए उसी वक्त आग लगने से यहां के 5 लोगों की मौत हो गयी थी, मतलब संकट की घड़ी में इस गांव का नाम सुना और मेरा उसी दिन से इस गांव से जुड़ाव हो गया 

modi adopted jatyapur
वाराणसी (सुरेश गांधी )।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सांसद आदर्श ग्राम के रूप में जयापुर को गोद लेने का ऐलान किया। कहा, इस गांव को चुनने का मेरा मकसद सिर्फ एक ही है गांव की बदहाली। कहा जिस वक्त वह काशी के सांसद प्रत्याशी घोषित किए गए उसी वक्त आग लगने से यहां के 5 लोगों की मौत हो गयी थी। मतलब संकट की घड़ी में इस गांव का नाम सुना और मेरा उसी दिन से इस गांव से जुड़ाव हो गया। इस मामले में लोगों के अन्य तर्क-वितर्क बेबुनियाद है। मोदी ने कहा कि मैंने जयापुर को गोद नहीं लिया है, बल्कि जयापुर ने मुझे गोद लिया है। बड़ी बात तो यह है कि आदर्श ग्राम योजना के लिए कोई फंड नहीं है। हमें अपने संकल्प शक्ति से गोद लिए गए गांवों को आदर्श बनाना है, इसमें गांव वालों की ही तस्वीर बदलने की जिम्मेदारी है। 

यहां आयोजित सभा में मौजूद लोगों से प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जयापुर गांव को गोद लेने को लेकर उन्हें कई बातें पढ़ने और सुनने को मिल रही हैं कि इस गांव को इस या उस वजह से चुना गया। इस विषय में जो भी बातें चल रही है वे सब गलत हैं। कहा, जब पार्टी ने उन्हें वाराणसी से चुनाव लड़ने का फरमान जारी किया उसी वक्त जयापुर में एक हादसा हुआ। बिजली का तार गिरने की वजह से लगी आग में पांच लोगों की मौत हो गई थी। संकट के समय ही जयापुर से मेरा नाता जुड़ गया। कहा जाता है कि विपत्ति के समय बना संबंध स्थायी होता है। इसलिए मैंने जयापुर गांव को आदर्श ग्राम योजना के लिए चुना। गांवों में बढ़ती बीमारियों की चर्चा करते हुए मोदी ने लोगों से कहा कि गांव के सभी लोग संकल्प लें कि हम बिना हाथ धोएं कुछ नहीं खाएंगे। क्योंकि हाथों के स्वच्छ नहीं होने से बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गो में बीमारिया बढ़ती है, जो कभी-कभी जानलेवा हो जाती है। इसलिए आज से हमें संकल्प लेना होगा कि हाथ धोए बिना खाना नहीं खायेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह घर में बच्चा पैदा होने पर लोग जन्मदिन मनाते है या अपना जन्मदिन मनाते है, उसी तरह हमें अपने गांव का भी जन्म दिन मनाना चाहिए। इस दिन सभी लोग एक जगह जुटें और खुशियां मनाएं। जो लोग रोजी-रोटी के जुगाड़ में बाहर है उन्हें भी इस उत्सव में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। ऐसे लोग जब गांव की जरूरतें देखेंगे तो मदद के लिए आगे आएंगे। फिर सरकार पर निर्भरता कम होगी। श्री मोदी ने गांव वालों का आह्वान किया कि अपनी माटी की ताकत को पहचानें और उसका उपयोग करें। अपनी, समाज की शक्ति से गांव का विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भावनात्मक वक्तव्य देते हुए जयापुर के लोगों से अपील की कि वह अपने सांसद (मोदी) को गोद लें और सिखाए कि कैसे गांवों का विकास हो सकता है। इस योजनामें पैसे नहीं है इतने पैसे खर्च होने के बाद भी गांव का विकास नहीं हो पा रहा। क्या सबको को मिलकर अपने गांव को स्वच्छ साफ नहीं बनाना चाहिए। मंत्रालयों के सचिवों को 3 दिन गांव में रुकने व गांव वालों से मिलने को कहा है, आप अपनी समस्याएं उन्हें जरुर बताएं। सब मिलकर गांव को स्वच्छ बनायें। बच्चों के स्कूल में स्वयं जाकर देखे कि मास्टर स्कूल आ रहे है कि नहीं। स्कूल में क्या हो रहा है। गांव की जातिवाद खत्म हुआ तो गांव तेजी से विकास होगा। गांव की प्रधान पढ़ी लिखी है तो बाकि सब बच्चियां क्यों नहीं पढ़ी। गांव के नौजवान छोटे बच्चों को पोलियों की खुराक जरुर पिलाए। 

काफी पिछड़ा है जयापुर 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सासंद आदर्श गांव के तहत गोद लिया है वह जयापुर गांव बनारस से 25 किलोमीटर दूर है। मिश्रित जनसंख्या वाले इस गांव में कई जाति व समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं। लेकिन बिजली, पानी, सड़क, नाली आदि मूलभूत सुविधाओं से यह गांव काफी पिछड़ा है। गांव की जनसंख्या 2974 है। इसमें पुरुषों की संख्या 1541 है जबकि महिलाओं की संख्या 1433। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है। यहां न तो कोई स्वास्थ्य केंद्र है न मिडिल स्कूल। यहां कोई पशु चिकित्सालय भी नहीं है। लोगों को कई सुविधाओं के लिए पास के गांव जक्खिनी जाना पड़ता है। जयापुर के लोग गांव की सड़कों के निर्माण को लेकर वर्षों से सपने संजोए थे लेकिन लगता है सपना अब पूरा हो रहा है। विकास कार्य होता देख ग्रामीणों में खुशी की लहर है। उन्हें उम्मीद है कि अब गांव की तस्वीर बदल जाएगी।

महिला की माइक जब मोदी ने संभाली 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी विशिष्ट शैली से जयापुर गांव के लोगों को भी अपना दीवाना बना दिया। मौका था गांव के गोद लेने के दौरान पीएम के स्वागत का। स्वागत के दौरान गांव की एक महिला प्रधान जो लंबाई में कम कद की वजह से जब उसकी आवाज कम सुनाई दे रही थी, तब प्रधानमंत्री ने प्रधान का माइक खुद खड़े होकर दुरूस्त किया। इसके बाद से दुर्गा देवी की आवाज लोगों तक पहुंच सकी। जयापुर गाव की प्रधान दुर्गा देवी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि दुर्गा देवी में गजब का आत्मविश्वास है। भारत के राजनैतिक इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ है जब किसी प्रधानमन्त्री ने खुद ही अपने हाथो से किसी वक्ता के लिए माईक सेट किया हो। यही सिम्प्लिसिटी मोदी को सबसे अलग करती हैं। 

पूरा हुआ सपना 
गांव के पूर्व प्रधान सूर्य प्रसाद सिंह ने वर्ष 1993 में आदर्श गांव के तहत स्वागत गेट बनवाया था। गांव वालों ने लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसी किसी हस्ती के आगमन का सपना देखा था लेकिन वह अब पूरा हो रहा है। आइटीआई के छात्र संतोष राय व अरविंद गौड़ मोदी को ईश्वर का प्रतिरूप कहते हैं। गांव की बदहाल जिंदगी में उन्होंने बड़ी मुश्किल से पढ़ाई की थी लेकिन सांसद द्वारा गोद लेने पर अच्छे भविष्य की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। 

अखिलेश को नसीहत 
पीएम ने सहकारी बैंकों को फिर जिंदा करने के लिए अपनी घोषणा की जानकारी देने के बाद राज्य सरकार को हिदायत दी कि वह इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर सोचे और काम करे। मोदी ने अन्य विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए घोषित योजनाओं को पूरा करने और इस इलाके की बेहतरी के लिए सियासत से ऊपर उठकर अपना योगदान करें। कहा वह चाहते थे कि व्यापार सेवा केंद्र शहर के पास हो लेकिन राज्य सरकार से मांगी गई जगह नहीं मिल पाई। विवशता में शहर से दूर केंद्र स्थापित करना पड़ रहा है। फिर भी बनारस आनेवाला हर देशी-विदेशी पर्यटक इस स्थान पहुंचे बगैर नहीं लौटेगा।

जब सुरक्षाकर्मियों की चुटकी ली 
प्रधानमंत्री ने बड़ा लालपुर में जब भाषण शुरू किया तो घेरा के चलते उन्हें घूटन महसूस हुआ और कहा कार्यक्रम स्थल बंद कर दिया है। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बंद परदे खोलने को कहा। ताकि हवा आ सके। पीएम के इस अंदाज पर हर-हर महादेव और तालियों से स्वागत किया। उद्घाटन अवसर पर बड़ा लालपुर में प्रधानमंत्री ने हर स्टाल पर रुककर जानकारी ली। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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अब तक किसी भी अभ्यर्थी के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल नही किया गया

vidisha map
विदिशा जिले की नगरपालिका बासौदा, सिरोंज और नगर परिषद कुरवाई एवं लटेरी की निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पादित कराए जाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार अधिसूचना जारी होने के उपरांत आज शुक्रवार तक संबंधित क्षेत्रों के रिटर्निंग आफीसर के समक्ष किसी भी अभ्यर्थी द्वारा नामांकन पत्र दाखिल नही किया गया है। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 12 नवम्बर है। 

विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज आज विदिशा आएंगी

केन्द्रीय विदेश मंत्री और स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज 8 नवम्बर शनिवार को विदिशा आएंगी। श्रीमती स्वराज का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार शनिवार की दोपहर 12 बजे सिमरियाखुर्द (सिलवानी) से हेलीकाप्टर द्वारा ग्राम सेमराधामनोद (ग्यारसपुर) के लिए प्रस्थान कर, दोपहर 12.15 बजे सेमराधामनोद में आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगी। इसके पश्चात् दोपहर 1.15 बजे सेमराधामनोद से प्रस्थान कर विदिशा आएंगी और विदिशा नगर में दोपहर 1.30 बजे आयोजित स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेगी। श्रीमती स्वराज दोपहर 2.30 बजे विदिशा से हेलीकाप्टर द्वारा रवाना होगी। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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विधायक ने 15 लाख के सीसी रोड का किया भूमि पूजन 

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झाबुआ ---केन्द्र एवं प्रदेष की भाजपा सरकार द्वारा समुचे देष के गा्रमीण अंचलों में विकास के लिये करोडो की राषि आबंटित करके हर गा्रम को समृद्ध बनाने की दिषा में कार्य किया जारहा है । प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान ने भी आदिवासी अंचल के विकास के लिये ढेरों योजनायें लागू की है 150 से अधिक योजनाओं के माध्यम से जनजन की खुषिहाली के लिये धन की कोई कमी नही दी जारही है । स्वास्थ्य षिक्षा के साथ ही गा्रमीण अंचलों में पंचायतों के माध्यम से जनभावनाओं के अनुरूप  कार्यो को करने का सिलसिला शुरू हो चुका है । पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से जन जन के कल्याण हेतु हम सभी प्रतिबद्ध है। उक्त उद्गार शुक्रवार 7 नवम्बर को समोई, काकरादरा, रेतालूंजा, दौंतड,  में 15 लाख की लागत के सीसी रोड के भूमि पूजन के अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने मुख्य अतिथि के रूप  में शुभारंभ के अवसर पर कहीं । इस अवसर पर भाजपा नेता मनोहर सेठिया, भानू भूरिया, मंडल अध्यक्ष शेलेन्द्रसिंहसोलंकी, राजेन्द्र मचार, नरूभाई सरपंच,पेमाभाई जनपद प्रतिनिधि, सुभाषसेठ कुंदनपुर, जितेन्द्र पांचाल, हरू भूरिया सहित बडी संख्या में सरपंचगण एवं गा्रमीणजन उपस्थित थें ।

आतिषबाजी एवं बेंडबाजों के साथ हुई महा आरती, खेडापति हनुमानजी को अर्पित किया छप्पन भोग 

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झाबुआ ---कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्थानीय तुलसी गली स्थित खेडापति हनुमान मंदिर पर संकल्प ग्रुप एवं खेडापति भक्त मंडल के संयुक्त तत्वावधान में 56 भोग प्रसादी अर्पित करने का कार्यक्रम  श्रद्धा एवं भक्ति के साथ आयोजित किया गया । संकल्प गु्रप की श्रीमती भारती सोनी के नेतृत्व में  संकल्पग्रुप की महिलाओं श्रीमती षीतल जादौन, सुमन सोनी,कृतिका सोनी,निवेदिता सक्सैना, राधा चैहान, मोनिका बाजपेयी, आषा त्रिवेदी षषि त्रिवेदी, नेहा आचार्य आदि एवं खेडापति भंक्त मंडल के ओम प्रकाष सोनी, मनोज सोनी, चेतन सोनी, नटवरलाल सोनी, राजेन्द्र यादव, हरिषचंद्र षाह, योगेन्द्र सोनी, विजय वर्मा, राजेन्द्र सोनी,  आदि ने भगवान खेडापति हनुमान को 56 भोग अर्पण के कार्यक्रम में बढचढ कर भाग लिया ।  बेंडबाजों एवं भव्य आतिषबाजी के साथ मंदिर के पूजारी प्रकाष त्रिवेदी द्वारा भगवान हनुमानजी की आरती सम्पन्न होने के साथ ही अर्पित किये गये 56 भोग प्रसादी का विजरण सैकडो की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को अनुषासित तरिके से हुआ । ज्ञातव्य है कि खेडापति हनुमान भक्त मंडल एवं संकल्प ग्रुप की ओर से इस वर्ष पंचत छप्पनभोग अर्पित करने का आयोजन किया गया । इस अवसर पर हनुमान चालिसा का पाठ भी किया गया । संकल्प ग्रुप की श्रीमती भारती सोनी ने आयोजन मे पधारे सभी श्रद्धालुओं का कार्यक्रम सफल बनाने के लिये आभार व्यक्त किया ।

गुरूनानक देवजी का जन्मोत्सव  

झाबुआ--- कार्तिक पूर्णिमा  एवं गुरूवार को श्री सत्यसाई सेवा समिति झाबुआ द्वारा गुरूनानक देवजी का जन्मोत्सव श्रद्धा एवं भक्ति के साथ विवेकानंद कालोनी स्थित शरद पंतोजी के निवास सत्यधाम पर मनाया गया । इस अवसर पर  सर्वनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया । इस अवसर पर गुरूनानक देव के जीवन पर बोलते हुए सन्तोष यावले ने कहा कि गुरूनानक देव ने सत्य,धर्म,षांति, प्रेम एवं अहिंसा का मार्ग बता कर मानव मात्र के बीच सौहार्द्रता स्थापित करने का कार्य किया । नानक जी ने हमेषा ही गरीबों की सेवा करने के कार्य को भगवान की पूजा से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया । लोगों को बुराईयों का त्याग कर अच्छाईयों के मार्ग पर चलने का सन्देष दिया । श्री यावले ने गुरू नानक देव का दृष्टांत देते हुएकहा कि गुरूनानक देव अपने षिष्यों के साथ देषाटन पर निकले तब उन्होने एक गा्रम में विश्राम किया । वहां के लोगों ने गुरूनानक देव को गालिया दी, दुव्र्यवहार किया और उन्हे ठहरने के लिये भी परेषानिया खडी की । जाने वक्त नानक देव ने गांव को आषीर्वाद दिया कि भगवान करें यह गांव बना रहे । अगले गांव में जब वे पहूंचे तो वहां उनका भव्य आदर सत्कार हुआ और लोगों ने सत्संग आयोजित कर उनके उपदेषों को ग्रहण किया । गुरूनानक देव जब वहां से बिदा हुए तो उन्होने आषीर्वाद दिया कि भगवान करें यह गांव बिखर जाये । इस पर उनके षिष्यों को ताज्जुब हुआ कि जहां अपमान हुआ वहां बने रहने का और जहां स्वागत हुआ वहां बिखरजाने का वरदान समझ मेे नही आया तो नानक देव से इसके बारे में पुछा तो उन्होने सहज भाव से कहा कि जो लोग बुराई को ग्रहण कर चुके है वे एक ही स्थान पर बने रहे तो अच्छा है और जो दूसरे गांव के लोग जो परोपकारी एवं अच्छे विचारों के है वे सब दूर बिखर जाये ताकि पूरा देष, विष्व उनके जैसा बन सकें । महामंगल आरती ओम प्रकाष नागर द्वारा की गई तथा विभूति एवं प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।

नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2014 में आपराधिक तत्वों पर रहेगी कड़ी नजर

झाबुआ ----राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय 2014 की घोषण 2 नवम्बर से कर दी गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के क्रम में जिला झाबुआ में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री बी.चन्द्रशेखर ने ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये है, जिनकी मतदाताओं को भयभीत करने, बूथ केपचरिंग आदि में संलग्न होने की आशंका हो। ऐसे व्यक्ति/अपराधियों की सूची तैयार कर, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं रिटंर्निग आफीसर को देने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये है। नगरीय निकाय को देखते हुए पूर्व अपराधी घोषित, फरार भगोडा अपराधियों की थानेवार, सूची एक विशेष अभियान चलाकर, निर्वाचन कार्यालय को भिजवाईजावे तथा आयोग द्वारा मांगी जाने पर अद्यतन जानकारी भिजवाई जावे। जिला झाबुआ में लम्बित वारंटों, चालानों की स्थिति में सुधार लाने के लिये विशेष अभियान चलाया जाकर, तामिली करवाई जावें तथा उसकी प्रगति से दैनिक रिपोर्ट में अवगत करावे। नगरीय निकाय को देखते हुए, पूर्व निर्वाचकों के दौरान पंजीबद्ध अपराधों में अन्वेषण और अभियोजन के कार्य में प्रगति लाई जावे तथा उससे जिला निर्वाचन अधिकारी को अवगत करावे। जिला झाबुआ में शस्त्र अनुज्ञप्तियों और गोला,बारूद की दुकानो की जाॅच की जावे तथा अनियमितता में लिप्त होने, राजनैतिक होने एवं पूर्व इतिहास को देखते हुए कड़ी निगरानी रखी जावे। एक विशेष अभियान चलाकर, जिले में अवैध हथियारो की खोजबीन जाॅच पडताल की जाय और ऐसे प्रकरण प्रकाश में आने पर जिला निर्वाचन अधिकारी की जानकारी में लाया जाय। इसी प्रकार अवैध शराब बिक्री करने वाले क्षैत्रों/स्थानों में भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जावे, इसकी जानकारी भी डेली रिपोर्ट में दी जावे। जिले में नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के दौरान आचरण संहिता का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। संपत्ति विरूपण अधिनियम की रोकथाम के लिये प्रभावी कार्यवाही की जावे। नगरीय निकाय 2014 के दौरान नागरिकों को शांतिपूर्ण जीवन यापन लोकशांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये अपराधियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जावे। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग, निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी निर्देशो के अनुरूप राजनैतिक दलों द्वारा किया जावें, ऐसी व्यवस्थाए सुनिश्चित की जावे। नगरीय निकाय 2014 के दौरान राजनैतिक दलों के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही वाहनों का उपयोग किया जावें। वाहनों के दुरूपयोग, करने वालो के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। अनाधिकृत वाहनों के संचालन करने वालों के खिलाफ संख्त कार्यवाही की जावे। नगरीय निकाय 2014  के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल द्वारा अपना प्रचार प्रसार करने के लिए लोगो को अपनी नीति एवं उद्देशो से आकर्शित करने के लिए सभाओं, रैली व अन्य माध्यमों से किया जायेगा, इन कार्यक्रमों में कानून व्यवस्था बनी रहे, इस हेतु प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी रखने के लिए अधिकारियों को उचित निर्देश दिये गये।

छूटे हुए परिवारो को पात्रता पर्ची जारी करने के लिए जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय को उत्तरदायित्व सौपा

झाबुआ ---राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत अन्नपूर्णा योजनान्तर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संशोधित स्वरूप 1 मार्च 2014 से लागू किया गया है। नवीन प्रणाली में पात्र परिवारों की दो श्रेणी अन्त्योदय अन्य योजना एवं प्राथमिकता परिवार है। कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने बताया कि जिले में शासन द्वारा निर्धारित प्राथमिकता परिवार की विभिन्न श्रेणियों के पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है पात्रता पर्ची परिवार के मूल राशनकार्ड में चस्पा की गई है। ऐसे परिवार जो शासन द्वारा चिन्हांकित श्रेणी में पात्र है किन्तु जो किसी कारणवशः पात्रता पर्ची से छूट गये है ऐसे परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने तथा पूर्व में जारी पात्रता पर्चीयों में संशोधन या डुप्लीकेट पात्रता पर्ची जारी करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर आॅनलाईन जानकारी अद्यतन ना होने के कारण अगर किसी पात्र हितग्राही को योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता है या अन्य अपात्र हितग्राही योजना का लाभ उठाते है तो इसकी समस्त जवाबदारी संबंधित जनपद पंचायत/नगरीय निकाय की होगी।

प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग किया जा सकेगा

झाबुआ ---राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 02 नवम्बर द्वारा झाबुआ जिले की नगर परिषद मेघनगर के चुनाव की घोषणा की गई है। घोषणा के फलस्वरूप नगर परिषद मेंघनगर में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के दुरूपयोग से विवाद को रोकने एवं निर्वाचन के दौरान ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने आदेश पारित किया है कि निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक कोई भी राजनैतिक दल या व्यक्ति संबंधित अनुभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी से 48 घण्टें पूर्व अनुमति प्राप्त किए तथा पुलिस को इस बाबत् पूर्व सूचना दिये बिना किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग किसी भी आम सभा, जुलूस, जलसा या चलित वाहन में नहीं करेगा। आदेश का उल्लघंन करने वाले व्यक्तियों/राजनैतिक दलों के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा म.प्र. कोलाहल नियंत्रण 1985 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जावेगी। चूंकि यह आदेश तत्काल रूप से प्रसारित किया जाना आवश्यक है। अतः यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी उन व्यक्तियों/राजनैतिक दलों के 48 घण्टे पूर्व आवेदन प्रस्तुत करने पर लाउडस्पीकर के प्रयोग की अनुमति निम्न शर्तो के अधीन प्रदान कर सकेगे। म0प्र0 कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के प्रावधानों के तहत संबंधित व्यक्ति/राजैतिक दल ध्वनि विस्तारकों का उपयोग 1/4 वाॅल्यूम में प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक कर सकेगा। यदि अनुमति चलित वाहन में लाउडस्पीकर के प्रयोग हेतु ली जाती है तो वाहन/वाहन चालक तथा उपयोग में लाये जाने वाले मार्ग का विवरण आवेदक को प्रस्तुत करना होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति विश्राम क्षेत्र, न्यायालय, चिकित्सालय, कलेक्ट्रेट, जेल धार्मिक स्थान, विद्यालय शासकीय कार्यालय,पुलिस थाना, बैंक दूरसंचार तथा अन्य क्षेत्र जो अन्यथा घोषित किए जाये, से 200 मीटर की परिधि से बाहर करने के लिए प्रदान की जायेगी।

कुष्ठ स्क्रीन शिविर संपन्न

झाबुआ ----जिला चिकित्सालय झाबुआ में विगत 6 नवम्बर को कुष्ठ स्क्रीन शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उदघाटन डाॅ. श्रीमती रजनी डावर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ के द्वारा किया गया। शिविर का उद्देश्य विकृति वाले कुष्ठ रोगियों का आपरेशन कर विकृति मुक्त करना। जिले में कार्यरत ए.एनएम द्वारा अपने-अपने क्षैत्र से विकृति वाले कुष्ठ रोगियो को आपरेशन हेतु प्रेरित करते हुए शिविर में लाया गया। शिविर ‘‘लेप्रा सोसायटी सनावद‘‘ की टीम में श्री रामकृष्ण मूर्ति टेक्निकल आॅफिसर, सिस्टर ग्रेसी परियोजना अधिकारी, श्री कृष्ण मोहन बिरला फिजियोथेरोपिस्ट द्वारा आयोजित किया गया। शिविर में कुल 22 विकृति वाले कुष्ठ रोगियो का परिक्षण किया गया जिसमें कुल 12 मरीजो को आपरेशन हेतु चयनित करते हुए 01 मरीज को टीम के साथ सनावद ले जाया गया। शेष रोगियो को पृथक से आपरेशन करवाने हेत भेजा जावेगा। उक्त शिविर में लेप्रा सोसायटी सनावद की टीम का आभार जिले के एन.एम.एस./एन.एम.ए. द्वारा व्यक्त किया गया।

पिता ने अपने बच्चे का किया अपहरण लाश बरामद
         
झाबूआ---फरियादी अनिता पति उदयराम मुनिया उम्र 29 साल निवासी सोयला ने बताया कि वह अपने बच्चे के ईलाज हेतु पेटलावद रूपगढ़ रोड़ पर आई तब उसका पति आरोपी उदयराम पिता धनिया मुनिया भील नि. सोयला मो.सा. से आया व बोला कि यह बच्चा उसका नहीं है, कहकर फरियादिया के बच्चे अर्पित उम्र 11 माह को छीन कर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 476/14, धारा 364 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। बालक का शव मिलने के कारण, अपराध पंजीबद्ध किये जाने के पूर्व प्रकरण में थाना पेटलावद में मर्ग क्रमांक 79/14, धारा 174 जाफौ का कायम किया गया था। जांच उपरांत अपराध कायम किया गया।

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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नगरीय निकाय निर्वाचन 2014, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबन्धित

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टीकमगढ़, 7 नवंबर 2014। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री केदार शर्मा ने माननीय उच्च न्यायालय और म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में जिले में म.प्र.कोलाहल अधिनियम के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबन्धातमक आदेश जारी किये है। साथ ही निर्वाचन प्रयोजनों एवं अन्य आवश्यकताओं पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सक्षम अधिकारी के अनुमति के पश्चात ही करने के निर्देश जारी किये है । जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबन्धात्मक आदेश में उल्लेख किया गया है कि लाउड स्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली का प्रयोग रात में 10 बजे अपरान्ह से 6 बजे पूवान्ह तक नहीं किया जायें, सिवाय जब तक कि वह भीतरी संसूचना के लिये बंद परिसर में न हो। उदाहरणतया बंद सम्मेलन कक्ष,समुदाय हल और प्रीतिभोज हाॅल जिसमें आवाज बाहर न जाती हो। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार निर्वाचन प्रयोजनों के लिये आम सभाओं के दौरान स्थिर दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों में लगाए गए लाउडस्पीकर या सार्वजनिक अभिभाषण प्रणाली या किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रवर्धक का प्रयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः6 बजे के मध्य नहीं किया जायेगा। लाउड स्पीकर या लोक प्रणाली का प्रयोग केवल तभी किया जाये जब सक्षम प्राधिकारी संबंधित एस.डी.एम., तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा लिखित अनुज्ञा प्राप्त की गई हो। अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालयों, छात्रावासों, सरकारी कार्यालयों के आस-पास तथा कम से कम 100 मीटर तक के क्षेत्र को इन नियमों के प्रयोजन के लिये शांत क्षेत्र/परिक्षेत्र घोषित किया गया है। अतः इन क्षेत्रों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। शहरी क्षेत्र में निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले माइक्रोफोन एवं अन्य विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक रहेगी परन्तु 125 डेसीबल से अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले माईक्रोफोन एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट लोकहित में आवश्यक समझे तो लेखाबद्व किये जाने वाले कारणों से सभी प्रकार के कोलाहल का प्रतिबंध करते हुये किसी क्षेत्र क्षेत्र विशेष को कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र (जोन्स आफ साईलेंस) विनिर्दिष्ट कर सकेगा। उक्त प्रतिबंधो के प्रकाश में ऐसे कोई पुलिस अधिकारी जो हेड कानिस्टेबल की पद श्रेणी से अनिम्न है अथवा कार्यपालक मजिस्ट्रेट अथवा दोनों,समाधान पूर्वक प्रतिभूओं सहित या रहित ध्वनि विस्तारक यंत्र के स्वामी/संचालनकर्ता से यह वचन निष्पादित करा सकेंगे कि वे ध्वनि विस्तारक नियंत्रण के उक्त आदेशों/निर्देशों का पालन करेंगे। प्राधिकृत विहित प्राधिकरण अनुविभागीय दंडाधिकारी ध्वनि विस्तारक यंत्र चलाये जाने की अनुज्ञा कारण बताते हुये आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर दे सकेगा। उनके द्वारा दी गई अनुज्ञा इस आदेश और अधिनियम के प्रावधानों में उल्लेखित शर्तो के अधीन दी जाए। किसी भी कार्यक्रम विशेेष में दो घण्टे से अधिक अवधि के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों की अनुमति न दी जाये । विशेष परिस्थिति में इससे अधिक अवधि के लिये दी जा सकेगी। उक्त अनुमति इस शर्त पर दी जावे कि ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग से इस अधिनियम में परिभाषित ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न न हो। विहित प्राधिकारी अनुज्ञा की परिस्थिति के अनुरूप विनियमित कर सकेंगे । इस आदेश का उल्लंघन अपराध होगा तथा उल्लघंनकर्ता को एक माह से 6 माह तक के कारावास तथा 500 से एक हजार रूपये तक के जर्माने से न्यायालय द्वारा दण्डित किया जा सकेगा। प्रधान आरक्षक व उससे वरिष्ठ किसी भी पुलिस अधिकारी को बिना अनुमति उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण सामग्री को जप्त करने का अधिकार होगा। यह आदेश जिले की नगरीय निकायों के क्षेत्राधिकार के लिये बंधनकारी होगा।

व्यय लेखा दल गठित 

टीकमगढ़, 7 नवंबर 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि नगरीय निकायों के निर्वाचन 2014 में अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले समय-सीमा में भेजने हेतु जिला स्तर पर व्यय लेखा दल का गठन किया गया है। तदनुसार इस दल में जिला पंचायत में पदस्थ श्री कपिल जैन आॅडीटर मनरेगा, श्री संतराम कुशवाहा आॅडीटर मनरेगा, श्री कैलाश जैन सहायक वर्ग-2, श्री देवेन्द्र गौतम कार्यालय सहायक, श्री योगेश समाधिया सहायक उद्यानिकी तथा श्री मोहम्मद जियाउद्दीन डाटा एंट्री आॅपरेटर शामिल हंै।

प्रचार सामग्री की प्रिंट लाईन में मुद्रक अ©र प्रकाशक का नाम पता स्पष्ट ह¨

टीकमगढ़, 7 नवंबर 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा ने निर्देशित किया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन के द©रान प्रिंटिंग प्रेस द्वारा मुद्रित की जाने वाली प्रचार-सामग्री की प्रिंट लाईन में मुद्रक अ©र प्रकाशक का नाम अ©र पता स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि मुद्रक¨ं अ©र प्रकाशक¨ं क¨ चुनाव के द©रान मुद्रित की जाने वाली प्रचार-सामग्री के लिए ल¨क प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क का पालन करने क¨ कहा गया। मुद्रक¨ं, प्रकाशक¨ं क¨ बताया गया कि मुद्रित की जाने वाली निर्वाचन पुस्तिका, पर्चे, रिकार्ड व प¨स्टर की प्रिंट लाईन में मुद्रक अ©र प्रकाशक की जानकारी एक्ट के मुताबिक ह¨ना चाहिए। मुद्रित की गई सामग्री की चार प्रतियाँ अ©र प्रकाशक के घ¨षणा-पत्र की एक प्रति (अनुबंध-ए) मुद्रण के तीन दिन के भीतर निर्वाचन कार्यालय क¨ अनुबंध ’बी’ के साथ अनिवार्यतरू भिजवाई जाना चाहिए। श्री शर्मा ने बताया कि ल¨क प्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन क¨ गंभीरता से लिया जायेगा तथा उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध कठ¨र से कठ¨र वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। मुद्रित सामग्री की चार प्रतियाँ तथा घ¨षणा पत्र के साथ संलग्न किये जाने वाले प्रारूप में आवश्यक विवरण भी दिया जाए, जिस पर मुद्रक के हस्ताक्षर के साथ रबर मुद्रा भी ह¨नी चाहिए। 

संपत्ति निरूपण की रोकथाम

टीकमगढ़, 7 नवंबर 2014। नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने तथा आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए संपत्ति निरूपण अधिनियम 1994 के आदेशों का पालन करने के निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा द्वारा दिए गए हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत निर्वाचन प्रचार के दौरान राजनैतिक गतिविधियों में अशासकीय के साथ-साथ शासकीय भवनों एवं परिसम्पत्तियों जैसे विद्युत तथा टेलीफोन खम्बें, दीवारों आदि में पैंफ्लेट, पोस्टर, होर्डिंग्स, नारे-लेखन तथा झंडिया लगाना आदि गतिविधियों को शामिल किया जाता है। इस अधिनियम की धारा 3 के तहत संपत्ति की स्वामी की लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित कर उसके स्वरूप को नष्ट करने पर एक हजार रूपए के जुर्माने से दण्डनीय होगा। यदि किसी राजनैतिक दलों या अन्य व्यक्तियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों पर बैनर लगाए जाते हैं तथा विद्युत टेलीफोन के पोल पर झण्डे लगाए जाते हैं तो उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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नगरीय निकाय निर्वाचन हेतु 344 मतदान केंद्र निर्धारित 

छतरपुर/07 नवंबर/नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत जिले के 5 नगरीय निकायों में 28 नवम्बर को तथा 9 नगरीय निकायों में 2 दिसम्बर को मतदान होना है। इस दौरान मतदाता 344 मतदान केंद्रों में उपस्थित होकर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी रविन्द्र चैकसे ने बताया कि छतरपुर नगर पालिका में 123 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इसी तरह हरपालपुर, राजनगर, बारीगढ़, सटई, महाराजपुर, गढ़ीमलहरा, बिजावर, बक्स्वाहा, ब़ड़ामलहरा एवं चंदला में 15-15 मतदान केंद्र निर्धारित किये गये हैं, जबकि नौगांव में 38, लवकुषनगर में 16 एवं खजुराहो में 17 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।        

बगैर अनुमति के नलकूप उत्खनन करने पर रोक 

छतरपुर/07 नवंबर/कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने आगामी मानसून सत्र तक की अवधि तक के लिये छतरपुर जिले को जल अभावग्रस्त घोशित कर दिया है। म0प्र0 पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3-1 के तहत जल अभावग्रस्त क्षेत्र में घरेलू प्रयोजन को छोड़कर किसी भी अन्य प्रयोजन जैसे सिंचाई एवं औद्योगिक प्रायेजन के लिये किन्हीं भी साधनों द्वारा जल लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, साथ ही सार्वजनिक जलस्रोत से पेयजल व पषुओं हेतु पानी लेने के अतिरिक्त अन्य उपयोग के लिये पानी का उद्वहन करना निशिद्ध कर दिया है। उक्त कार्यवाही जिले में प्रायः जल के अभाव की समस्या को ध्यान में रखकर की गई है। अपरिहार्य स्थिति में कलेक्टर की पूर्व अनुमति प्राप्त कर नलकूप उत्खनन किया जा सकेगा। आदेष का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को दो हजार रूपये का जुर्माना अथवा 2 वर्श के कारावास अथवा दोनों से दंडित किया जायेगा।  

ईव्हीएम का रेण्डमाईजेषन आज

छतरपुर/07 नवंबर/नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मषीनों का प्रथम रेण्डमाईजेषन 8 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है। रेण्डमाईजेषन कार्य कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न होगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने रेण्डमाईजेषन कार्य के दौरान राजनैतिक पार्टियों के अध्यक्ष व पदाधिकारियों से उपस्थित रहने की अपील की है।  

विश्व विख्यात हटयोगी मोहन सिंह धीरज ब्रम्हलीन, शोभायात्रा के बाद होंगे समाधिस्थ
chhatarpur news-07-november
छतरपुर 07 नवम्बर। परमपूज्य उडऩयोगीराज नाम से विश्व विख्यात पंचवटी आश्रम के गुरू श्री श्री 1008 हटयोगी मोहन सिंह धीरज आज प्रात: ब्रम्हलीन हो गए है। जैसे ही इनके ब्रम्हलीन होने की खबर शिष्यों को मिली तो सभी में शोक की लहर दौड़ गयी। योगी मोहन सिंह का शोभायात्रा निकालकर पंचवटी आश्रम में समाधिस्थ होंगे। योगी मोहन सिंह के शोभायात्रा एवं समाधिस्ट कार्यक्रम में शामिल होने देश के कौने-कौने से शिष्यगण आ रहे है। शिष्य लखन राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि योग तथा ध्यान सभी क्रियाओं में पारंगत तथा छतरपुर का नाम विश्व में रोशन करने वाले बहुचर्चित छतरपुर महोबा रोड स्थित गुरूद्वारा के पीछे निवास करने वाले मोहन सिंह धीरज जिन्हें लाखों लोग योग साधक की संज्ञा देते है। देश की आजादी के पूर्व तथा गुलामी के कार्यकाल में देश के प्रांत पंजाब में जिला जलंदर के छोटे से गांव माला में एक कृषक परिवार में 17 दिसम्बर 1925 को जन्में मोहन सिंह धीरज ने 5वीं तक शिक्षा प्राप्त की। अपरिहार्य कारणों के चलते योगी साधक करीब 68पूर्व छतरपुर आए और छतरपुर ही नहीं देश तथा विदेशों मेें योग क्रियाओं को लेकर जाने-पहचाने  जाते रहे हैं। करीब 89वर्षीय योग साधक अपने बाल्यकाल से ही भागवत भक्ति लेकर पैदा हुए। यह बचपन से ही जंगल से भागकर जंगल चले जाया करते थे जहां ये ध्यानमग्र होकर साधना किया करते थे। आपने योग क्षेत्र में आकर सभी क्रियाएं सीखी तथा लाखों की संख्या में शिष्यगण योग के बाहर के जरिए लोगों को निरोगी तथा सुख, समृद्धि प्रदान करने के लिए कार्य करते रहे। 43वर्ष पहले पूर्वा प्रधानमंत्री स्र्व. श्रीमती इंदिरा गांधी के गुरू धीरेंद्र ब्रम्हचारी आपके पास योग की विशेष क्रियाएं सीखने के लिए छतरपुर आए थे। उडऩयोगी के नाम से विख्यात मोहन सिंह योग कार्यक्रमों में प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से होता रहा। योग की कठिन से कठिन क्रियाएं जिन्हें देश के बहुत कम योग साधक जानते है। उन क्रियाओंं को मोहन स्वयं खूब करते थे और अपने शिष्यों को सिखाते थे। योग की कठिन क्रियाओं में खेंचरी मुद्रा, बस्ती, बजरोली तथा नौली क्रियाएं बताते हुए इन क्रियाओं के साथ योगाशन तथा प्रणायाम के जरिए सभी रोगों को दूर किया जा सकता है। स्वभाव से सरल, मिलनसारव ईमानदार योगी साधक रात्रि के समय बहुत कम सोते थे तथा ध्यान व योग क्रियाओं सहित प्रणायाम में लगे रहते थे। योगी साधक होने के साथ-साथ कर्मयोगी भी रहे जिसमें उन्होंने छतरपुर व खजुराहो में स्थित विभिन्न भवनों में फर्नीचर की विशिष्ट कलाकारी का काम किया जो आज भी देखने को मिला जो देखने में एकदम नये प्रतीत होते है। समाजसेवा के क्षेत्र में आप बढ़-चढक़र हिस्सा लेते रहे हैं। गुरूपर्णिमा के दिन नारायणपुरा रोड स्थित पंचवटी आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। आपने ने अब तक लंदन, ब्राजील, कनाडा सहित विश्व के अनेक देशों का भ्रमण कर योग क्रियाओं का ज्ञान दिया है। आपके गुरू रघुवर दास जी एवं बब्बा गुरू विश्व प्रसिद्ध देवराहा बाले बाबा थे। आपने अपने गुरू रघुवरदास जी जुरगुणु किशनगढ़ छतरपुर के जंगलों में रहते थे जहां जाकर आपने योग की क्रियाएं सीखी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानीजेल सिंह जैसे लोग आपके शिष्य थे तथा आज भी आपके शिष्ट हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में जज है एवं अनेक प्रशासनिक पदों पर पदस्थ है। महान समाजसेवी योग साधक  मोहन सिंह विश्व कल्याण का कार्य करते रहे। योगी राज की 5 संताने है जिनमें तीन पुत्रियों, दो पुत्र है। बड़ा पुत्र रमेश सिंह धीरज लंदन में एयरफोर्स सिक्योरिटी का आफीसर है तथा छोटा पुत्र परमजीत सिंह छतरपुर बस स्टैण्ड में जनरल स्टोर की दुकान संचालित करते है। छतरपुर में आपके प्रिय शिष्यों में फूलचंद्र जैन, वीरेंद्र रिछारिया, लखन कुशवाहा, उपेंद्र श्रीवास्तव, हीरा भुर्जी, गिरीश दुबे, सुदर्शन दुबे, इंजीनियक अशोक गुप्ता, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष बोटू जैन प्रमुख है।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (07 नवम्बर)

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जिलेभर में धारा 144 के तहत प्रतिबंध लागू, जिलेभर में अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर प्रतिबंध

पन्ना 07 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव के लिए जिले में प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।  शांतिपूर्वक तथा निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने एवं कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला दण्डाधिकारी आर.के. मिश्रा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिलेभर में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। यह आदेश सम्पूर्ण पन्ना जिले में 5 नवंबर से 10 दिसंबर 2014 तक लागू रहेगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत घातक अस्त्र-शस्त्रों जैसे बंदूक, रायफल, पिस्तौल, भाला, बरछी, तलवार, बल्लम, लाठी आदि को लेकर चलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। सुरक्षा कार्य तथा निर्वाचन कार्य के समय सुरक्षा कार्य में तैनात व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल सशस्त्र जुलूस नही निकालेगा। आपत्तिजनक पोस्टर लगाने एवं नारे लगाने को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। मतदान केन्द्र, मतणगना केन्द्र, तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय तथा सभी शासकीय कार्यालयों के आस-पास जन समुदाय अथवा भीड एकत्रित करने पर प्रतिबंध रहेगा। प्रतिबंध की अवधि में किसी भी तरह का धरना प्रदर्शन, घैराव और नारेबाजी पर पूरी तरह से रोक रहेगी। जुलूस एवं आम सभाएं केवल सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति से ही आयोजित की जा सकेगी। कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल धार्मिक स्थल, अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं अथवा न्यायालयों के आस-पास आमसभा तथा रैली का आयोजन नही करेगा। लाउड स्पीकर अन्य ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे के बीच पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। अस्पताल, टेलीफोन केन्द्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थाएं, छात्रावास, शासकीय कार्यालय, बैंक तथा स्थानीय निकाय के कार्यालयों से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से एक पक्षीय रूप में लागू कर दिया गया है। 

सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का उल्लंघन दण्डनीय अपराध-कलेक्टर

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पन्ना 07 नवंबर 14/नगरीय निकायों के आम चुनाव शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एव निष्पक्ष निर्वाचन कराने तथा लोक शांति व्यवस्था, लोक सुरक्षा तथा लोक सम्पत्ति की सुरक्षा बनाए रखने की दृष्टि से मध्य प्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम 1994 लागू किया गया है। इसके तहत शासकीय परिसम्पत्तियों का किसी भी प्रकार से विरूपण करने पर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। अधिनियम के तहत शामिल सम्पत्ति शासकीय भवन, दीवार, शासकीय भूमि पर स्थापित खम्भा तथा अन्य संरचनाएं शामिल हैं। इनमें किसी भी तरह का विज्ञापन लिखने अथवा पोस्टर, झण्डे लगाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। निजी परिसम्पत्तियों मंे भी उसके मालिक की लिखित अनुमति के बाद ही प्रचार सामग्री लगाई जा सकती है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आर.के. मिश्रा ने बताया कि सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कोई भी दल, प्रत्याशी अथवा व्यक्ति किसी शासकीय भूमि अथवा भवन पर प्रचार सामग्री न लगाएं। निजी भवनों में भी लिखित अनुमति के बाद ही प्रचार सामग्री लगाएं। सभी एसडीएम सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का कठोरता से पालन सुनिश्चित करें। इसका उल्लंघन करने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करें।

नामांकन के साथ उम्मीदवार देंगे देनदारी और सम्पत्ति का विवरण, शपथ पत्र अधूरा तो नामांकन पत्र होगा अमान्य-श्री मिश्रा

पन्ना 07 नवंबर 14/नगरीय निकायों के अध्यक्ष तथा पार्षद पदों के लिए 5 नवंबर से 12 नवंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवारों को देनदानी और सम्पत्ति का वितरण देना अनिवार्य है। इसके लिए उम्मीदवार को नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में शपथ पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने बताया कि नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार को निर्धारित प्रपत्र में शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा। शपथ पत्र यदि अधूरा है अथवा उसका कोई कालम रिक्त छोड दिया गया है तो नामांकन पत्र अमान्य कर दिया जाएगा। नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता, चल-अचल सम्पत्ति तथा सम्पूर्ण देनदारियों की भी जानकारी देना अनिवार्य होगा। यह जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराने के साथ मीडिया को भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति अधिकतम दो नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है। नामांकन पत्र के साथ नगद अथवा चालान के रूप में निष्क्षेप राशि जमा करना अनिवार्य होगा।  

नामांकन के दूसरे दिन भी दाखिल नही हुए नामांकन पत्र

पन्ना 07 नवंबर 14/पन्ना जिले के नगरीय निकायों के अध्यक्ष तथा पार्षद पदों की अधिसूचना 5 नवंबर को जारी कर दी गई। इसके साथ ही नगर पालिका पन्ना, नगर परिषद अजयगढ, देवेन्द्रनगर, ककरहटी, पवई तथा अमानगंज में अध्यक्ष तथा पार्षद पदों के लिए नामांकन पत्र भरने का क्रम आरंभ हो गया। दूसरे दिन तक किसी भी पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल नही किए गए। कलेक्ट्रेट कार्यालय पन्ना में कलेक्टर एवं रिटर्निंग आफीसर आर.के. मिश्रा तथा अपर कलेक्टर एवं सहायक रिटर्निंग आफीसर चन्द्रशेखर शुक्ला ने आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए तैनात रहे। आवेदन पत्र प्राप्त करने की व्यवस्था कलेक्टर न्यायालय में की गई है। नगर परिषद पवई, अमानगंज, देवेन्द्रनगर, ककरहटी तथा अजयगढ में भी अध्यक्ष तथा पार्षद पदों के लिए 7 नवंबर तक एक भी नामांकन पत्र दाखिल नही किए गए। नामांकन पत्र 12 नवंबर को दोपहर बाद 3 बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं। इनकी जांच 13 नवंबर को की जाएगी। नामांकन पत्र 8 नवंबर को द्वितीय शनिवार का अवकाश होने के बाद भी दाखिल किए जाएंगे। 

राजस्व तथा पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक आज

पन्ना 07 नवंबर 14/नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा शांतिपूर्वक मतदान एवं मतगणना सम्पन्न कराने के लिए राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की जा रही है। बैठक 8 नवंबर को शाम 4 बजे से जिला पंचायत सभागार में आरंभ होगी। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे। बैठक में संवेदनशील मतदान केन्द्र, अपराधियों तथा असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही, शस्त्र जमा कराने, मतदान केन्द्रों में सुरक्षा व्यवस्था एवं शांतिपूर्वक मतदान सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रबंधों की समीक्षा की जाएगी। अपर कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों, मुख्य नगरपालिका अधिकारियों तथा संबंधित अधिकारियों से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। बैठक में ईव्हीएम का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

मेडिकल बोर्ड का ही प्रमाण पत्र होगा मान्य

पन्ना 07 नवंबर 14/जिला निर्वाचन अधिकारी तथा कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के कारण केवल मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र के आधार पर ही चिकित्सा अवकाश मान्य किया जाएगा। गंभीर रूप से बीमार होने पर ही अवकाश के लिए आवेदन करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इसके लिए डाक्टरों के ड्यिूटी लगाकर आवश्यक व्यवस्था करें। 

जिले के 5644 नेत्र रोगियों को मिली मोतियाबिन्द से मुक्ति

पन्ना 07 नवंबर 14/पन्ना जिले में मोतियाबिन्द के रोगी बडी संख्या में है। हर वर्ष नियमित आपरेशन करके नेत्र रोगियों को मोतियाबिन्द से मुक्ति दी जा रही है। जिला प्रशासन के सहयोग से सतगुरू सेवा संघ ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा पन्ना को मोतियाबिन्द मुक्त जिला बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 13 जून 2014 से आरंभ हुआ। अभियान के तहत जिले भर में नेत्र शिविर लगाकर तथा सतगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट में आपरेशन करके 5644 नेत्र रोगियों को मोतियाबिन्द से मुक्त किया गया। जिलेभर में यह अभियान लगातार जारी है। मोतियाबिन्द की जांच आपरेशन तथा चश्मा निःशुल्क दिया जा रहा है। इस संबंध में सतगुरू सेवा ट्रस्ट द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन के सहयोग से जिलेभर में जून माह से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की 442 आशा कार्यकर्ताओं तथा 939 आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद इन कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर मोतियाबिन्द रोगियों की पहचान करके उनका पंजीयन किया। पंजीयन के बाद चिन्हित 21439 नेत्र रोगियों की 363 शिविर लगाकर जांच की गई। इसमें से आपरेशन के योग्य पाए गए 5644 नेत्र रोगियों का सफल आपरेशन विशेषज्ञ डाॅक्टरों द्वारा किया गया। विकासखण्ड पन्ना के 2044, विकासखण्ड गुनौर के 1597, विकासखण्ड पवई के 500, विकासखण्ड शाहनगर के 279 तथा विकासखण्ड अजयगढ के 1224 नेत्र रोगी इससे लाभान्वित हुए। शेष नेत्र रोगियों की जांच तथा आपेरशन का कार्य निरंतर किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने में राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सराहनीय योगदान दिया जा रहा है। 

दो पहिया सवार विद्यार्थी अनिवार्यता लगाए हेलमेट-कलेक्टर 

पन्ना 07 नवंबर 14/पन्ना जिले में प्रतिदिन सडक दुर्घटनाएं घटित हो रही है। लापरवाही से वाहन चलाने के कारण कई व्यक्ति असमय काल के गाल में समा जाते हैं। कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हेलमेट वाहन चालक की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर इससे शरीर के सबसे संवेदनशील भाग सिर की सुरक्षा होती है। शासन के गृह विभाग द्वारा दो पहिया वाहन से शिक्षण संस्था में आने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए हेलमेट का उपयोग अनिवार्य किया गया है। दो पहिया वाहनों से स्कूल तथा काॅलेज आने वाले विद्यार्थी अनिवार्य रूप से हेलमेट का उपयोग करें। यातायात पुलिस शिक्षण संस्थाओं में शिविर लगाकर विद्यार्थियों को यातायात के नियमों तथा हेलमेट के उपयोग के लिए जागरूक करें। नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही करें। 

स्वच्छ भारत मिशन की राशि तत्काल जमा करें-श्री शुक्ला

पन्ना 07 नवंबर 14/स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जा रहा था। इस अभियान के संबंध में शासन द्वारा नये निर्देश जारी किए गए हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2 अक्टूबर 2014 तक व्यय की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मिशन के तहत शेष बची राशि तत्काल जिला पंचायत के बैंक खाते में जमा करें। मिशन के तहत अब पूरी राशि ग्राम पंचायतों के बैंक खाते में जारी की जाएगी। ग्राम पंचायतों मंे स्वच्छ भारत अभियान के तहत नये बैंक खाते खोलकर उसकी पासबुक की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं। नये निर्देशों के अनुसार व्यक्तिगत हितग्राहियों को राशि जारी की जाएगी। उसके प्रस्ताव के साथ ग्राम पंचायत का प्रस्ताव तथा हितग्राही द्वारा पूर्व में निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय का लाभ प्राप्त न करने संबंधी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। निर्देशों का तत्परता से पालन करें। 

मातृ एवं शिशु की मृत्यु की सूचना फोन पर होगी दर्ज

पन्ना 07 नवंबर 14/पन्ना जिले में मातृ एवं शिशु मृत्युदर पर नियंत्रण के लिए गत 31 अक्टूबर को विशेष जीआईएस तकनीक पर आधारित पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया। इसके तहत जियोग्राफिक्स इन्फार्मेशन सिस्टम के द्वारा जिले में मातृ एवं शिशु मृत्य की सूचना एवं जानकारी टोल फ्री फोन नम्बर 111 के द्वारा दर्ज की जा सकती है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी ने बताया कि पन्ना जिले के एसटीडी कोड 07732 के साथ टोल फ्री नम्बर 111 डायल करके मातृ एवं शिशु मृत्युदर की निःशुल्क सूचना दी जा सकती है। जिलेभर में इसे प्रारंभ कर दिया गया है। नवीन तकनीक का प्रभावी उपयोग करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया। इन्हें एमपी टास्ट के प्रतिनिधि डाॅ. राहुल भावसार, शक्तिविशाल यादव तथा उमाशंकर द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। टोल फ्री नम्बर से कोई भी व्यक्ति मातृ एवं शिशु मृत्यु की सूचना दर्ज करा सकता है। यह सूचना संबंधित विकासखण्ड, चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्राप्त होगी। 

12 को होगा ’’आदिवासी आक्रोश आंदोलन’’ सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन

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  • नायब तहसीलदार सर्किल हनुमानगढ, सीधी मंे संचालित हो।

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आज दिनांक 07.11.2014 को टोंकों-रोंकों-ठोंकों क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा कलेक्टर सीधी को 5 सूत्रीय ज्ञापन-पत्र सौंपा गया। ज्ञापन-पत्र मोर्चा के संयोजक श्री उमेश तिवारी के नेतृत्व में दिया गया। कलेक्टर को ज्ञापन-पत्र सौंपते समय प्रभात वर्मा, वृजेन्द्र सिंह चैहान, अरविन्द्र मिश्रा, अजय सिंह, आरिफ खान, कंधर सिंह, सत्यदेव सिंह, बाबूलाल सिंह, जय कुमार सिंह, लखपति सिंह, देवलाल बैगा, सूर्यभान सिंह सरौता, दलवीर सिंह, आदि भी उपस्तिथ रहे, ज्ञापन-पत्र सौंपकर कलेक्टर को सूचना दी गयी की ज्ञापन-पत्र में लिखित जन समस्याओं के समाधान हेतु टोंकों-रोंकों-ठोंकों क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा दिनांक 12 नवम्बर को ग्राम कुशमहर तहसील रामपुर में सुबह 10 बजे से आदिवासी आक्रोश आंदोलन किया जाऐगा। 

ज्ञापन-पत्र में मांग की गई है कि दिनांक 07 सितम्बर 2014 को ग्राम चरकी के आदिवासी शिवमंगल सिंह की हत्या उनके घर से लगभग 300 मीटर दूर जंगल में कर उनकी 56 बकरियाॅ हत्यारे लूट कर ले गये, परन्तु हत्यारों की गिरफतारी आज तक नही की गयी। जन चर्चा है की मझौली पुलिस की हत्यारों से साॅठ-गाॅठ होने के कारण गिरफतार नही किया जा रहा है। हत्यारों को शीघ्र गिरफतार किया जाय तथा स्वं. शिवमंगल सिंह के आश्रितों को 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाय। 

ज्ञापन-पत्र की दूसरी मांग है कि कैम्प लगा कर आदिवासियों को वन-भूमि का पट्टा प्रदान किया जाय। ज्ञापन-पत्र की तीसरी मांग है कि मजदूर संनिर्माण कर्मकार मंडल में मजदूरों का पंजीयन कराकर पंजीयन कार्ड प्रदान किया जाय। ज्ञापन-पत्र की चैथी मांग है की समस्त आदिवासी, हरिजन एवं गरिबों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची (कूपन) प्रदान किया जाय तथा मुख्य मंत्री मजदुर सुरक्षा योजना और भवन संनिर्माण, कर्मकार मंडल योजना में किये गये पंजीयन का नवीनीकरण कराकर कुपन प्रदान किया जाय। कूपन वितरण में अनियमितता के दोषियों के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की जाय। ज्ञापन-पत्र की पाचवीं मांग है कि नायब तहसीलदार सर्किल हनुमानगढ कार्यालय का संचालन रामपुर के बजाय पुर्वत सीधी में संचालित किया जाय। 

विशेष आलेख : संदेह के घेरे में सचिन के दावे

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  • द्रविड़ की प्रतिक्रिया के बाद तथ्यों पर उठने लगे हैं सवाल

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रिलीज होने से पहले ही चर्चा में आ चुकी सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ का विमोचन बुधवार को हुआ। किताब की पहली प्रति सचिन ने अपनी मां को प्रदान किया। इस किताब में सचिन ने भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर हमला बोलते हुए उन्हें रिंगमास्टर बताया है। किताब के मुताबिक, चैपल ने 2007 विश्व कप से कई महीनों पूर्व राहुल द्रविड़ को कप्तानी से हटाने का प्रयास भी किया था और उनकी जगह सचिन को भारतीय टीम की कमान संभालने की पेशकश की थी। सचिन के  खुलासे के बाद उनके समर्थन में लक्ष्मण, हरभजन और जहीर सरीखे साथी खिलाड़ियों ने भी चैपल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। चैपल के साथ सबसे ज्यादा विवादों में रहे पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने दावा किया है कि द्रविड़ को चैपल की साजिश के बार में पता था। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम पर द्रविड़ की प्रतिक्रिया ने सचिन और गांगुली के दावों की पोल खोल दिए हैं। द्रविड़ ने चैपल की साजिश के सवाल पर कहा कि वे जब किताब पढ़ेंगे तभी कुछ कहेंगे। वहीं गांगुली के दावों के बारे में उनका कहना है कि वे अपनी बात मेरे मुंह से बुलवाना चाहते हैं। द्रविड़ ने कहा, ‘मुझे इस पूरे विवाद के बारे में कुछ भी नहीं बोलना है। क्योंकि मुझे कोई जानकारी नहीं है। जहां तक गांगुली के आरोपों की बात है तो मुझे लगता है कि वे अपनी बात मुझ से बुलवाना चाहते हैं।’ बहरहाल, चैपल ने सचिन के आरोपों का खंडन भी कर दिया है। चैपल के अनुसार वे एक बार ही सचिन के घर गए हैं और वो भी किताब में बताए गए तारीख से लगभग एक साल पहले। उनके साथ दो और लोग भी थे। ऐसे में सवाल है कि सच कौन बोल रहा है? अब तक सचिन इस मुद्दे पर चुप क्यों थे? आखिर उसी वक्त उन्होंने बीसीसीआई को चैपल की शिकायत क्यों नहीं की? चूंकि सचिन क्रिकेट के बड़े आइकन हैं उनकी बातों को बोर्ड गंभीरता से लेता। 

सचिन को सिर्फ एक बार तब प्रतिक्रिया करते देखा गया, जब विश्व कप-2007 के दौरान ग्रेग चैपल ने उनका बल्लेबाजी क्रम बदलने की कोशिश की थी। विश्व कप से लौटने के बाद सचिन यह मामला बीसीसीआई तक लेकर गए। लेकिन द्रविड़ मामले में चुप क्यों रहे? इससे उनके इमान पर सवाल उठता है।   वहीं अतीत में और झांके तो पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली तब चैपल के खिलाफ बोलने वालों में अकेले थे और उन्हें इसके एवज में अपनी कप्तानी गंवानी पड़ी थी. गांगुली ने तब सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा था कि चैपल ने द्रविड़ को अपने पक्ष में करके उन्हें कप्तानी से हटाया लेकिन यहां एक विवादजनक स्थिति पैदा होती है. अगर द्रविड़, चैपल से इतने नजदीक थे तो उन्हें हटाकर तेंदुलकर को कप्तान कैसे बनाया जा सकता था। अगर सचिन के दावे सचमुच मजबूत हैं तो उन्हें अपने घर की विजिटर डायरी (आने-जाने वालों का लेखा-जोखा )  सार्वजनिक करनी चाहिए जिसके तहत यह साफ हो सके की चैपल झूठे हैं या फिर सचिन सच बोल रहे हैं। क्योंकि यह मुद्दा अब विश्व क्रिकेट के बहस का हिस्सा बन चुका है। विदेशी खिलाड़ियों की भी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं ऐसे में सचिन को रिकॉर्ड में रखी गई विजिटर डायरी को सार्वजनिक करने की जरूरत है।  कुछ भी हो एक खिलाड़ी के तौर पर सचिन के योगदान पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता। उन्हें भगवान मानने वाले उनके लिखे को सर आंखों पर रखेंगे ही और निश्चित तौर पर प्रकाशक जब ऐसे महान खिलाड़ी की आत्मकथा लेकर आते हैं तो उनका मकसद कुछ ऐसी चीजें लेकर आना होता है जो लेखक के समर्थकों को पुस्तक खरीदने पर विवश कर दे।

एक संदेह यह भी
सचिन ने पूर्व कोच ग्रेग चैपल से जुड़े विवाद में राहुल द्रविड़ का नाम क्यों लिया, इस पर कई सवाल उठ रहे हैं। यह संभव है कि सचिन ने 2004 में पाकिस्तान के मुल्तान में जो कुछ हुआ, उसका बदला लिया हो। दरअसल, उस समय द्रविड़ टीम इंडिया के कप्तान थे और उन्होंने तब पारी की घोषणा कर दी थी, जब सचिन 194 रन पर खेल रहे थे। जाहिर तौर पर सचिन दोहरा शतक बनाने चाह रहे थे, लेकिन ऐसा न हो सका। उस वक्त सचिन की नाराजगी जगजाहिर हुई थी। जानकारों की माने तो चैपल विवाद में द्रविड़ का नाम लेकर सचिन ने यह जताने की कोशिश की है कि वे ही बेहतर कप्तान थे और इसी कारण चैपल की पसंद भी थे। हालांकि द्रविड़ पर भी आरोप लगे कि उन्होंने अपने रिकॉर्ड का बचाव किया। क्योंकि राहुल द्रविड़ उस टेस्ट मैच तक करियर के चार दोहरा शतक बना चुके थे और सचिन तीन ही बना सके थे। 


दीपक कुमार 
लेखक अमर उजाला से जुड़े हैं

विशेष आलेख : काशी के घाटों पर दिखा देवलोक का नजारा

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  • दीपों की रोशन से जगमग हुआ शहर, खूब चला आतिशबाजी का दौर 
  • 84 घाटों पर रोशन किए गए 51 लाख से भी अधिक जले दीप 
  • इस अलौकिक छटा को निहारने उमड़े लाखों देशी-विदेशी सैलानी 
  • गंगा आरती  के बाद भोजपूरी गायक मनोज तिवारी के गीतों पर थिरके श्रद्धालु 
  • कार्तिक स्नान के लिए सुबह से शाम तक लाखों आस्थावानों ने लगाई गंगा में डूबकी 
  • गंगा तट पर जीवंत हुआ इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति का सेट 

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देव के देव महादेव की नगरी काशी में गुरुवार को सुबह से दोपहर तक कार्तिक स्नान के लिए लाखों आस्थावानों ने गंगा में डूबकी लगाई। जबकि गोधूली बेला में जब 84 घाटों पर 51 लाख से अधिक दीपों की लड़ी जली तो लगा सचमुच देवताओं की टोली पृथ्वी पर आ गयी है। इस अलौकिक व अद्भुत मनोहारी छटा देखने लाखों देशी-विदेशी सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा। चारों तरफ मुंड ही मुंड दिखाई दी। काफी संख्या में लोगों ने मां गंगा में दीपदान भी किए। घाट किनारे गूजते वैदिक मंत्र, संख के बीच घंट-घडि़यालों की ध्वनि व भजन से पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया। एक साथ जलते दीपों से तो ऐसा लगा जैसे दीपों की गंगा बह रही है। इसके अलावा मंदिर व आसपास के भवनों को विद्युत झालरों से भी सजाया गया था। हर घाट पर करीब 50 से 60 हजार दीप जलाएं गए। शहर के कुंड व तालाबों पर भी करीब 25 लाख से भी अधिक दीप जगमग हुए। देश के अनूठे शहीद स्मारक इंडिया गेट की प्रतिकृति भी दीपों की रोशनी से नहा उठी। अमर जवान ज्योति में सिर्फ दीपों की लौ दिख रही थी। इस जगमग रोशनी के बीच भोजपुरी गायक मनोज तिवारी के गीतों पर न सिर्फ घंटों दशाश्वमेघ घाट स्रोता जमे रहे, बल्कि झूमने पर भी विवश हो गए। करीब-करीब हर घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते दिखाई पड़ा।   

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गंगा स्नान करने वाले सुबह से घाटों पर पहुंचने लगे थे। स्नान का सिलसिला त़ड़के से शुरु होकर दोपहर तक चला। इसके बाद आयोजकों की टोली काशी के 84 अर्धचंद्राकार गंगा घाट करीब 51 लाख दीपों जलाने की तैयारी में जुट गए। गोधूलि बेला में जब इस छोर से उस ओर तक एक साथ दीपों ने रोशनी बिखेरी तो देखने वालों की आंखे इस अद्भूत नजारे को एकटक निहारती ही रही। 

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दशाश्वमेध घाट गंगा आरती के बीच शंखनाद की गूंज लोगों को झूमने पर विवश कर दी। गंगा को नमन करती युवतियां अपनी हर मुराद को पूरा करने की प्रार्थना करतीं नजर आईं। महिलाएं जितनी ज्यादा से ज्यादा दिए मां गंगा में प्रवाहित कर सकें इसके लिए दिए तैयार करने में व्यस्त दिखीं। कहा जाता है कि भगवान शंकर ने देवताओं कि प्रार्थना पर सभी का उत्पीड़न करने वाले राक्षस त्रिपुरा सुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं ने खुशी मनाने के लिए स्वर्ग को दीपक से जगमगा दिया था। यह भी माना जाता है कि बनारस में भगवान भोले नाथ साक्षात विराजते हैं और हर साल देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस आकर दीप जलाते हैं। इसी लिए इस त्योहार को देव दीपावली कहा जाता है। जीवंत प्रमाण है घाट पर दीपोत्सव को भव्यता देने के लिए इंदौर की तत्कालीन महारानी अहिल्याबाई द्वारा सन् 1720 के आसपास बनवाया गया लाल पत्थर का वह अनूठा दीप स्तंभ जो पूरे एक हजार पथरीली दीप शिखाओं से सुसज्जित है। ठेठ बनारसी संबोधन में इसे ‘हजारा’ के नाम से पुकारा जाता है। आज भी देव दीपावली के अवसर पर हजारा की दीप शिखाएं प्रज्जवलित होने के बाद ही काशी के चैरासी घाटों पर दीप जलाने का क्रम शुरू होता है। दीपस्तंभ की सहस्त्र दीप शिखाओं के एक साथ प्रकाशित होने के बाद यह विशाल स्तंभ एक धधकते धूमकेतु सा आभामंडित हो जाता है। काशी में चैदहवीं सदी से ही ‘देव विजय’ के उपलक्ष्य में घाट किनारे राजाओं-महाराजाओं की ओर से राजकीय स्तर पर भव्य दीपोत्सव के दृष्टांत मिलते हैं। त्रिपुर नाम के दुर्दात असुर पर भगवान शिव की विजय गाथा की पौराणिक कथा को जानने वाली कुछ श्रद्धालु महिलाएं पूर्णिमा पर गंगा घाटों तक आती और कुछ दीप जलाकर लौट जाती थीं। उत्साही कुछ युवाओं ने पौराणिक पृष्ठों को पलटा और नारायण गुरु के नेतृत्व में धीरे-धीरे रंगत निखारने की कसम खाई। वर्ष 1986 में पंचगंगा सहित कुल छह घाट जब दीप मालाओं से जगमगाए तो नगर तक उल्लास की लहरें ले आए। श्रीमठ पीठाधीश्वर स्वामी रामनरेशाचार्य का इसे प्रोत्साहन-संरक्षण मिला। 




(सुरेश गांधी)

हिमाचल : ऑनलाइन रिटेल को विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया जाए

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  • ओडिशा सरकार ने ऑनलाइन रिटेल से आने वाली वस्तुओं पर एंट्री टैक्स लगाया

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ऑनलाइन रिटेल के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच कल नई दिल्ली में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं ब्रांड कम्पनियों के शीर्ष अधिकारीयों के बीच एक बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह महसूस किया गया की ऑनलाइन रिटेल देश में उभरता हुआ बड़ी संभावनाओं का बाजार है इस दृष्टि से इस फॉर्मेट में किसी भी प्रकार से अस्वस्थ एवं अनुचित व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा न मिले, लागत से भी कम मूल्य पर सामान की बिक्री न हो और प्रभुत्व के चलते प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने की कोई कोशिश न हो और इस फॉर्मेट को उपभोक्ता के अनुरूप तथा विश्वास के योग्य बनाने की ओर हर संभव प्रयास किये जाने आवश्यक हैं ! बैठक की अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने की !

श्री खण्डेलवाल ने बताया की ब्रांड कम्पनियों के साथ आज हुई बैठक के बाद निकट भविष्य में कैट संगठित रिटेलरों एवं ऑनलाइन रिटेल कम्पनियों के साथ भी बैठक करेगा ! इस बैठक में कैट के साथ ब्रांड कम्पनियों के लोग भी शामिल होंगे, ऐसा आशवासन कम्पनियों के शीर्ष अधिकारीयों की ओर से दिया गया ! बैठक में सहमति के आधार पर कहा गया की दोनों ही पक्ष न तो ऑनलाइन रिटेल फॉर्मेट अथवा किसी कम्पनी के खिलाफ हैं किन्तु भारतीय रिटेल सेक्टर के सभी वर्गों को बराबरी के स्तर पर रखा जाए और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शी व्यापार ऑनलाइन रिटेल फॉर्मेट पर हो, इस हेतु सभी संभव प्रयास जरूर किये जाएंगे !

बैठक में ब्रांड कम्पनियों के शीर्ष अधिकारीयों के अलावा कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैकचरर्स एसोसिएशन के महामंत्री श्री अमित चड्ढा एवं इंडियन सेलुलर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पंकज महेंद्रू सहित मोबाइल, कंस्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर्स,गिफ्ट आर्टिकल्स, फैशन वियर, फुटवियर,घड़ियाँ, ट्रेवल लगेज, चाय, कागज़ सहित ऍफ़ एम सी जी की डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल थे !

बैठक में यह राय थी की ऑनलाइन रिटेल व्यापार अतिरिक्त व्यापार अर्जित करने का एक बेहतर माध्यम है! इस दृष्टि से इस फॉर्मेट में पनप रही विकृतियों को दूर किया जाना बेहद जरूरी है ! जिस प्रकार से अनुचित एवं अस्वस्थ तरीके अपनाये जा रहे हैं वो इस रिटेल फॉर्मेट के भविष्य को कलंकित करते है वहीँ दूसरी ओर ब्रांड कम्पनियों की इमेज पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है ओर इस बेहतर संभावनाओं वाले रिटेल फॉर्मेट का सारा व्यापारिक चरित्र ही बिगड़ रहा है ! सभी सम्बंधित पक्ष मिलकर इस गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए हालत ठीक करें जिससे किसी भी वर्ग को हानि नहीं पहुंचे !

 इसी बीच श्री खण्डेलवाल ने बताया की ओडिशा सरकार ने ऑनलाइन रिटेल के माध्यम से ओडिशा में प्रयोग के लिए आने वाली सभी वस्तुओं पर एंट्री टैक्स लागू कर दिया है और इस हेतु एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए सभी ट्रांसपोर्ट, कूरियर कम्पनी अथवा सी एंड ऍफ़ एजेंट को बाध्य किया गया है की ऑनलाइन रिटेल के माध्यम से ओडिशा के बाहर किसी अन्य राज्य से ख़रीदे हुए प्रत्येक माल की जानकारी देते हुए उनके द्वारा एक फॉर्म भरा जाना अनिवार्य है और ऐसे सभी माल पर एंट्री टैक्स दिया जाना भी अनिवार्य है !

आलेख : कैसे करें शाश्वत मूल्यों की सुरक्षा?

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कोई भी समाज अपने समय के साथ जीता और चलता है। समय बदलने के साथ ही अनेक सारी मान्यताएं तथा परम्पराएं बदल जाती हैं। जहां नहीं बदलती हैं वहां यह माना जाता है कि यह समाज दृढ़ और कट्टर है। जनसंख्या नियंत्रण का मामला हो या विकास की अवधारणा या फिर अंधविश्वास-अगर ये समय के साथ अपने आपको बदल नहीं पाए तो उसे देश या समाज की जड़ता मानी जाती है।

हमें पहले यह जानना चाहिए कि हम किस ‘समय’ और ‘समाज व्यवस्था’ में जी रहे हैं। यह एक बुनियादी सरोकार है। इससे कटकर हम नहीं चल सकते। यह तो हमें स्वीकार करना ही होगा कि औद्योगिक क्रांति के बाद पूरे विश्व ने अपनी दशा और दिशा में परिवर्तन किया है। हमें भी अपने विकास के मानदंडों की समीक्षा करनी होगी तभी विकसित और अर्धविकसित समाज की पहचान कर सकते हैं। अतः समाज को समझने और बदलने की महत्ती जिम्मेदारी पैदा हो गई है।

कहना होगा कि हमारा राजनीतिक ढांचा लोकतांत्रिक है और इसमें सत्ता तथा जनता की बराबर की हिस्सेदारी है। यहां आजादी महसूस की जा सकती है। हमारें यहां सकारात्मक बात यह है कि भारत में हमेशा मूल्यों की प्रधानता रही है जिसका जाने-अनजाने संबंध अध्यात्म से रहा है। पहले यही जीवन-मूल्य समाज और व्यक्ति को संचालित करते थे। इसी से पूरा समाज अनुशासित और संयमित रहता था। वे मूल्य आज भी उतने ही खरे हैं। ईमानदारी, सच्चरित्रता, सेवा, साधना, नैतिकता, अस्तेय-आज का भी सच है। भारत की पूजा और इज्जत इसी कारण हो रही है। पश्चिम इसी लिए भारत की ओर भागा आ रहा है।

औद्योगिक क्रांति से पैदा हुई जटिल अर्थव्यवस्था ने निश्चित तौर पर मानवीय-मूल्यों को हाशिए क चीज बना दिया है। आज तो संकट यह हो गया है कि क्या ये मूल्य जिंदा रह पायेंगे? अगर नहीं तो इसके बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं? औद्योगिक क्रांति ने अगर विकास के द्वार खोले हैं तथा वैज्ञानिक उपादानों की भरमार लगाई हैं तो इसने स्वतंत्रता को भी बाधित किया है। इससे स्वतंत्रता की नई परिभाषा का गठन किया है जो पूरी तरह से भौतिक और आर्थिक मुद्दों से जुड़ी हुई है। यह स्वतंत्रता मौज करने, भौतिक उपादानों के साथ जीने आदि की है जो दरअसल एक तरह की गुलामी है। आदमी इस युग में पैसे का दास हो गया है। आर्थिक पूर्ति के लिए वह अपना पूरा जीवन दांव पर लगा रहा है। उसकी आंखों से नींद गायब है और वह सरपट दौड़े जा रहा है। उसे कहां जाना है, क्या करना है, खुद पता नहीं है। उसके चारों ओर एक बदहवाशी छाई हुई है।

यही फर्क है पश्चिम के विकास की अवधारणा तथा भारतीय विकास की अवधारणा में। भारतीय अवधारणा शांति, सह-अस्तित्व और सामाजिक संतुलन की है जो किसी विपरीत परिस्थिति में भी उद्देश्य-विहीन नहीं है। वह मौलिक आजादी की पक्षधर है जो शरीर और मन के स्तर तक की होती है। वह आजादी उसके विवेक से निकलती है। किसी के द्वारा लादी नहीं जाती और न छीनी जा सकती है। भारत के पास मूल्यों का एक शाश्वत ढांचा है। उसे तैयार करने में मनीषियों, साधकों और समाज वैज्ञानिकों की हजारों वर्षों की तपस्या लगी है। उस अनुभव से जो ढांचा तैयार हुआ है, उसे चुनौती देना संभव नहीं है। यह अलग बात है कि सामाजिक पूर्वाग्रहों के कारण उसे ढांचे की यात्रा में अनेक कुप्रसंग और सिद्धांत जुड़ गए हैं जिसने समाज को कटघरे में खड़ा किया है। कुछ अफलातून लोग उसी का सहारा लेकर दिन-रात शाश्वत मूल्यों को कोसने में लगे हैं। वे तो यह आरोप भी लगा रहे हैं कि भारतीय मूल्यों और परम्पराओं ने आदमी को धर्म-सम्प्रदाय और जातियों में बांट दिया है। इस कारण यहां का पूरा-का-पूरा समाज अनेक गुटों और वर्गों में विभाजित है। उसे मानवता का हनन भी हो रहा है।

इस नई धारणा ने अंग्रेज इतिहासकारों की शह पाकर सांस्कृतिक प्रदूषण फैलाने का काम किया है। इसे खास तौर साम्यवादी और जातिवादी विचारधारा के लोग तूल दे रहे हैं। यह कैसा विरोधाभास है। जिस देश में सदियों की सांस्कृतिक परम्परा है, उस पर गर्व करने के बजाए ऐसे लोग हीनता से ग्रस्त हैं। वे कभी पश्चिम तो कभी साम्यवादी देशों की नई कुत्सित सांस्कृतिक परम्परा की प्रशंसा करते थकते नहीं है। उनके लिए प्राचीन भारतीय ग्रंथ फुटपाथी साहित्य कहलाता है। जबकि वे कार्ल माक्र्स के ‘दास कैपिटल’ जैसे विरोधाभासी ग्रंथ को अंतिम सत्य मानकर चल रहे हैं। जिस तरह यहां रामायण, आगम, त्रिपिटक और गुरु ग्रंथ साहिब को जो गौरव हासिल है, वही गौरव वे विदेशी किताबों को देना चाहते हैं। यह एक सुनियोजित साजिश है और इसमें विश्व के कई देश शामिल हैं। वे भारतीय दिक्भ्रमित लोगों की मदद से अपनी मान्यता को स्थापित करना चाहते हैं।

एसे ही दिक्भ्रमित लोगों के कारण समाज के वे लोग इज्जत हासिल कर रहे हैं जो अपराधी और भ्रष्ट हैं, अखबारों के पन्ने उन्हीं की काली करतूतों की दास्तान से रंगे होते हैं। यह एक नई परम्परा बन गई है कि प्रचारवादी लोग सिर्फ ‘पाॅजिटिव’ प्रचार पर ही विश्वास नहीं करते, अपितु ‘निगेटिव’ प्रचार भी उन्हें जीवनदायिनी लगता है। पूरी मीडिया उस प्रचार में शामिल हो गई है। समाज में जो लोग अच्छा काम कर रहे हैं या जो मानवता के लिए समर्पित हैं, वे मुश्किल से ही खबर के प्लाॅट की सुर्खी बन पा रहे हैं। यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो औद्योगिक क्रांति ने पैदा की थी और अब आर्थिक  उदारतावाद उसे बाजार में लाकर स्थापित कर रहा है। यानी मानवता की कोई खबर नहीं, समाज का सबसे भ्रष्ट आदमी और कुख्यात अपराधी अखबारों की शोभा बढ़ाने वाले बन गए हैं। इस प्रवृत्ति के विरोध में नए सिरे से सोचने-समझने का वक्त आ गया है।

सवाल खड़ा हो गया है हम मूल्य किसे मानंे? उसे जो आज का बाजारवाद स्थापित कर रहा है या उसे जो हमारी परम्परा में सुरक्षित है। बहस इस पर होनी चाहिए। अगर हम इससे कतराते रहे तो निश्चित तौर पर जिस तरह अंग्रेजी हमारे जीवन में समा गई है, उसकी वेश-भूषा के बिना नहीं रह सकते, जैसे विदेशी सामानों से हमारा बाजार भरा हुआ है और हमारे घरों में स्वदेशी वस्तुओं को विस्थापित कर रहा है, उसी तरह पश्चिमी विचारधारा भी हमारे मन-प्राण में समा जाएगी। हमारे अपने शाश्वत मूल्य कहीं फुटपाथों पर भीख मांगते मिलेंगे और हम भी उसे उपेक्षा की नजरों से देखने के आदी हो जायेंगे। हमें पश्चिम की आंधी और उसके मीठे जहर को निस्तेज और प्रभावहीन करने के लिए अपनी परम्परा की तरफ जाना होगा। उसके पन्ने पलटने होंगे। अगर कुछ अवैज्ञानिक है तो उसके बारे में बहस शुरू करनी होगी।

तब यह भी सवाल कुरेदना होगा कि हमारे मूल्यों का लोप क्यों हो रहा है? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आखिर क्यों नैतिक शिक्षा के नाम पर कुछ लोग नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं? इसमें उन्हें साम्प्रदायिक भावना कहां से दिखाई पड़ जाती है? इन सवालों पर संवेदनशील होकर सोचने की जरूरत है। यह भी तय करना होगा कि ‘मूल्य-संपदा’ को किस तरह स्थापित किया जाए ताकि हमारा समाज आर्थिक उदारतावाद के युग में भी भारतीय समाज बनकर रह सके। 






- आचार्य डाॅ.लोकेशमुनि-
आचार्य लोकेश आश्रम, 
63/1 ओल्ड राजेन्द्र नगर, 
नई दिल्ली-60 
सम्पर्क सूत्रः 011-25732317, 9313833222,

हिमाचल की विस्तृत खबर (08 नवम्बर)

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हिमाचल के बेहतर औद्योगिक वातावरण में उद्योगपतियों को निवेश का आग्रह 

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शिमला, 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कर्नाटक के बैंगलुरू में आयोजित ‘एमरजिंग हिमाचल इंवेस्टर’ मीट के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगपतियों को राज्य में दिए जा रहे औद्योगिक प्रोत्साहनों, कर छूट, भूमि की उपलब्धता, विद्युत, जल, दक्ष श्रमशक्ति, एकल खिडक़ी स्वीकृति इत्यादि प्रोत्साहनों से अवगत करवाया। इंवेस्टर मीट में उद्योग मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री सहित हिमाचल प्रदेश सरकार के 15 वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कर्नाटक में बड़े औद्योगिक घरानों से प्रदेश में निवेश को लेकर विस्तृत चर्चा की और कहा कि हिमाचल प्रदेश निवेशकों का पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है तथा पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आईटीईएस, दवा उद्योग, जल विद्युत, ऑटो मोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट्स एवं इलैक्ट्रोनिकस उत्पादन इत्यादि में औद्योगिक घराने निवेश के लिए व्यापक स्तर पर आकर्षित हुए हैं। श्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने कर्नाटक के उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए खुला निमंत्रण दिया है, जिसके लिए प्रदेश सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल की विशेष भौगोलिक विशेषताएं हैं, जो उत्तरी क्षेत्र के बाजारों की मांगों को पूरा करने के लिए उपयुक्त स्थल है, जिसके दृष्टिगत हिमाचल निवेशकों को अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ‘मीट’ का उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय राज्य के लोग केवल कृषि पर ही निर्भर थे। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्री लाल बहादुर शास्त्री तथा श्रीमती इंदिरा गांधी के योगदान एवं पूर्ण सहयोग से राज्य को विकास के लिए विशेष पैकेज के साथ-साथ नीतियां बनीं। यह वह समय था, जब हिमाचल प्रदेश तथा अन्य पहाड़ी राज्यों को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया गया ताकि पहाड़ी राज्यों के विकास के लिए प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जा सके। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को दिए गए अनेक प्रोत्साहनों के परिणामस्वरूप राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिली है और अब नए क्षेत्रों में भी उद्योगपति निवेश के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय 83,899 रुपये है तथा राज्य की साक्षरता दर 82.82 प्रतिशत है, जो देश के उत्तरी क्षेत्रों में सर्वाधिक है। प्रदेश में शिक्षा पर प्रति व्यक्ति सार्वजनिक व्यय 1391 रुपये है, जो देशभर में सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के शिक्षण संस्थानों से 60 हजार विद्यार्थी प्रति वर्ष गुणात्मक शिक्षा प्राप्त करते हैं, जो उद्योगों के लिए दक्ष श्रमशक्ति उपलब्ध करवाने में सहायक है। प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसरंचना क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश उत्तरी भारत में अग्रणी है। यहां पर स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति सार्वजनिक व्यय 377 रुपये है, जो क्षेत्र में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार अधोसरंचना विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य के सभी क्षेत्र सडक़ सुविधा से जुड़े हैं। प्रदेश में दूरसंचार सेवाएं देश भर में सर्वश्रेष्ठ हैं। प्रदेश के सभी गांव का विद्युतिकरण किया गया है और प्रदेश आज सरपल्स विद्युत क्षमता वाला राज्य बनकर उभरा है। श्री वीरभद्र सिंह ने योजना आयोग को बंद करने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी तक इसके स्थान पर किसी दूसरी एजेंसी के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की गई है, जिसके कारण वित्तीय आवंटन बीच में ही रूक गया है। उन्होंने भारत सरकार से योजना आयोग के स्थान पर किसी अन्य निकाय के गठन का आग्रह किया ताकि राज्य को विकासात्मक गतिविधियों के लिए पर्याप्त रियायतें एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन से निश्चित तौर पर कठिनाइयां आती हैं लेकिन, यदि सरकार की कुछ योजनाओं में बदलाव एवं बंद करने की योजना है तो उसे उसी दिन से तुरंत इसके साथ ही विकल्प की घोषणा भी करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिकीकरण एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और प्रदेश सरकार अपनी क्षमताओं से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए लम्बा सफर तय करना है ताकि हिमाचल निवेशकों का पंसदीदा स्थल बन सके। उन्होंने कहा कि औपचारिकताओं व स्वीकृति में देरी की शिकायतों का अब निराकरण किया गया है और यदि कोई अपनी इकाई किसी को बेचना चाहता है तो हिमाचल प्रदेश लैंड टेनेंसी एक्ट की धारा-118 में औपचारिताओं को पूरा करने में छूट प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि मनिपाल विश्वविद्यालय हिमाचल में निवेश कर गुणात्मक शिक्षण संस्थान खोलना चाहता है तो उनके आग्रह का प्रदेश सरकार स्वागत करेगी। उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री ने ‘इंवेस्टमेंट बाई इनविटेशन’ पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थल बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पहले ही वर्ष 2018 तक विद्युत दरों में वृद्धि न करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश के सीमावर्ती उत्तरी भारतीय राज्यों की अपेक्षा विद्युत दरें 20 से 30 प्रतिशत कम हैं, जो प्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करेगी। उन्होंने टीवीएस औद्योगिक इकाई को हर संभव सहायता उपलब्ध करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अग्रणी रेनबेक्सी फार्मा इकाई द्वारा देश भर में नौ इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें से प्रदेश में पांच इकाइयां कार्यरत हैं। श्री अग्निहोत्री ने हिमाचल में निवेश करने वाली मुख्य इकाइयों की भी जानकारी दी। उन्होंने सभी स्वीकृतियां 90 दिनों के भीतर पूरी करने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश का आग्रह किया तथा कहा कि सरकार के पास उद्योग स्थापित करने के लिए पर्याप्त भूमि बैंक है और एकल खिडक़ी प्रणाली के तहत औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए डीम्ड स्वीकृति दी जाएगी। सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष, कर्नाटक राज्य परिषद एवं करलोन लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक श्री सुधाकर पाई ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विकास के क्षेत्र में देश भर में आदर्श राज्य बनकर उभरा है और यह देश का आर्थिक रूप से सर्वाधिक विकसित राज्य बनने की क्षमता रखता है। हिमाचल प्रदेश कृषि एवं बागवानी क्षेत्रों में पहाड़ी राज्यों के लिए आदर्श बनकर उभरा है और यहां पर उद्यमियों को निवेश के लिए अनेक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम और बेहतर औद्योगिक वातावरण यहां की पहचान है और प्रदेश सरकार पर्यटन, लाइट इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण और सूचना प्रौद्योगिकी, इलैक्ट्रॉनिक, जैव विज्ञान अधोसरंचना इत्यादि में निवेश के लिए व्यापक अवसर प्रदान कर रही है। नवीकरण, बॉयो टैक, शिक्षा एवं प्रशिक्षण में कार्य कर रही मैसर्ज केएनके प्राईवेट लिमिटेड ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने 500 करोड़ रुपये की परियोजना प्रस्तावित की है, जिस पर प्रदेश सरकार ने सैद्धान्तिक रूप से स्वीकृति दी है। इस अवसर पर, परिचर्चा सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें निवेशकों के प्रश्नों के उत्तर दिए गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, प्रधान सचिव राजस्व श्री तरूण श्रीधर, प्रधान सचिव वित्त डॉ. श्रीकांत बाल्दी, प्रधान सचिव ऊर्जा श्री एस.के.बी.एस. नेगी, प्रधान सचिव उद्योग एवं श्रम श्री आर.डी. धीमान, उद्योग विभाग के निदेशक श्री राजेन्द्र सिंह, औद्योगिक सलाहकार श्री राजेन्द्र चौहान, पर्यटन विभाग के निदेशक श्री मोहन चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 

लोगों की समस्याएं गंभीरता से हल करें अधिकारी: बुटेल
  • गोपालपुर और जिया में अध्यक्ष ने निपटाई समस्याएं

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पालमपुर 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  शनिवार को विधान सभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने जनसंपर्क अभियान के तहत ग्राम पंचायत गोपालपुर और जिया के लागों की समस्याओं का समाधान किया। पानी, सडक़ बिजली और रास्तों इत्यादि की समस्याओं को विधान सभा अध्यक्ष ने मौक पर ही निपटारा कर दिया। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिये कि लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर इनका निपटारा करें। लोगों को संबोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार, प्रदेश के लोगों के विकास और उत्थान के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि लोगों को आने वाली समस्याओं के शीघ्र निष्पादन के लिए अधिकारियों को आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की समस्याओं को उनके घर हल किया जा रहा है, जिससे लोगों को काफी राहत मिल रही है। गोपालपुर में श्री बुटेल ने भट्ट बस्ती वार्ड न0 2 में पुरानी पाईप लाईन बदलने, शहीद राकेश कुमार के घर से आसण पट्ट सडक़ को ठीक करने, स्काड खड्ड में पुल के शेष कार्य को शीघ्र पुरा करने, जीपीएस गोपालपुर की चारदीवारी, वार्ड न0 3 में पुली रिपेयर, लिंक सडक़ पांजला बस्ती की रिपेयर और वार्ड न0 1 ग्राम पंचायत दराटी में संपर्क मार्ग के रिपेयर के आदेश दिये। उन्होंने ग्राम पंचायत जिया में भी पेयजल के सुधार और सडक़ों की रियेयर इत्यादि के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि दोनों पंचायतों में मनरेगा के तहत 12 लाख रुयपे के विभिन्न कार्य संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा इन दोनों पंचायतों को मिड़ हिमालय परियोजना में भी शामिल किया गया है, इस परियोजना में दोनों पंचायतों में विभिन्न विकास योजनाओं पर 1 करोड़ 14 लाख रुपये व्यय किये गये हैं। कार्यक्रम में गोपालपुर पंचायत के प्रधान अनिल कुमार, जिया पंचायत के प्रधान  झोंफी राम, जिला परिषद सदस्य कपूर चंद, बीडीसी सदस्य त्रिलोक चंद, ऋषि राज, डॉ0 मदन, मुकेश कोंडल, जसवंत सिंह, राम कुमार, मुस्कान धीमान, डीएफओ, रघु राम मानव, बनवारी लाल धीमान, बीएमओ गोपालपुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। 

नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र ने छुए विकास के नए आयाम- बॉली

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धर्मशाला, 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है, नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र ने विकास के नए आयाम छुए हैं। यह जानकारी परिवहन, तकनीकी शिक्षा और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री जी.एस.बाली ने आज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बालूगलोआ, सरोत्री, नगरोटा-बगवां, घलूं, सेराथाना व रजियाणा में लोगों की समस्याओं को सुनने के उपरांत दी। परिवहन मंत्री ने बताया कि नगरोटा-बगवां को गत एक वर्ष में एक इंजीनियरिंग कॉलेज, बड़ोह में डिग्री कॉलेज, एक अतिरिक्त डिग्री कॉलेज और बड़ोह में पुलिस चौकी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य व विद्युत विभाग के माध्यम से लगभग 90 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से लगभग 46 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें विधानसभा के चंगर क्षेत्र में पेयजल योजना के लिए 14 करोड़ रुपए तथा नगरोटा-बगवां शहर व आस-पास की पंचायतों हटवास, बुनेड़ व थाड़ू के लिए 11 करोड़ रुपए की पेयजल योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त चंगर क्षेत्र की पूर्व में चल रही पेयजल योजनाओं के सुधारीकरण के लिए 4 करोड़ 25 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है तथा डेढ़ करोड़ रुपए ग्राम पंचायत घलूं व साढ़े तीन करोड़ रुपए सदरपुर, रजियाणा व ठानपुर पंचायतों में पेयजल के लिए व्यय किए जा रहे हैं। किसानों को खेतीबाड़ी के लिए उचित मात्रा में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पठियार-अम्बाड़ी कूहल के निर्माण के लिए दो करोड़ तथा रड्-मुंडल कूहल को डेढ़ करोड़ रुपए से पक्का किया जा रहा है। परिवहन मंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न सडक़ों को पक्का करने व चौड़ा करने पर इस वर्ष लगभग 30 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके अंतर्गत 2 करोड़ 35 लाख सरूट-चपरेहड़-टोहरू के लिए, 3 करोड़ 85 लाख मरियाड़ी सडक़ के लिए, 3 करोड़ 50 लाख चाहड़ी-पठियार सम्पर्क सडक़ के लिए, 4 करोड़ 50 लाख रुपए बलधर-सिहुंड-जदरांगल के लिए, एक करोड़ 72 लाख रुपए बलधर-जसौर सडक़ के लिए, एक करोड़ 30 लाख रुपए निहारघलूं-भाटी-बराणा सडक़ के लिए, 5 करोड़ 50 लाख रुपए अम्बाड़ी-चाहड़ी-नगरोटा-बगवां-सब्जी मंडी सडक़ के लिए तथा 2 करोड़ 16 लाख रुपए मलां-डाढ सडक़ के सुधार के लिए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में 6 करोड़ रुपए विद्युत विभाग को विभिन्न योजनाओं को पूर्ण करने के लिए स्वीकृत किए गए हैं जिसके अंतर्गत डेढ़ करोड़ रुपए नगरोटा-बगवां सब-स्टेशन को अपग्रेड करने के लिए प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अढ़ाई करोड़ रुपए नगरोटा-बगवां-मारंडा में नई विद्युत लाईन डालने के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त विधानसभा क्षेत्र के लिए 100 नए ट्रॉसफार्मर लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई है जबकि एक करोड़ रुपए 10 पुराने ट्रांसफार्मरों को स्तरोन्नत करने के लिए प्रदान किए गए हैं। श्री बाली ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों को विकास कार्यों के लिए प्रदान की गई धनराशि को शीघ्र व्यय करने के निर्देश पंचायत प्रतिनिधियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो पंचायत लंबे समय तक विकास कार्यों के लिए धन को व्यय नहीं करेगी, उस धनराशि को वापिस ले लिया जाएगा तथा संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों की इस संदर्भ में जिम्मेवारी तय की जाएगी। उन्होंने इस अवसर पर ग्राम पंचायत सराहा, जंदराह में सम्पर्क मार्ग के लिए एक लाख रुपए, बड़ोह में सैनिक भवन में फर्नीचर उपलब्ध करवाने के लिए 30 हजार रुपए तथा थाना-लाहड़ में एक अतिरिक्त हैंडपंप स्थापित करने व ग्राम पंचायत कीर-चम्बा में स्थापित किए गए हैंडपंप के लिए विद्युत मोटर भी स्वीकृत की। इस अवसर पर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मान सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सुभाष खन्ना, मनोज मेहता, प्रताप चौधरी व राकेश नागपाल, डॉ0 चांद, गोल्डी चौधरी सहित डीएम एचआरटीसी सपैहिया, डीएम खाद्य आपूर्ति निगम कालिया, आईपीएच के अधिशासाी अभियंता दीपक गर्ग, विद्युत के अधिशासी अभियंता अजय गौतम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 6 दिवसीय फेकल्टी डेवैल्पमैंट प्रोग्राम सम्पन्न।

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हमीरपुर, 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर द्वारा आयोजित 6 दिवसीय फेकल्टी डेवैल्पमैंट प्रोग्राम सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर आर0 एल0 शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की तथा समस्त प्रतिभागियों से आहवान किया कि अध्यापक अपनी भूमिका को शिक्षा के बदलते परिवेश में पहचाने तथा छात्रों की आवश्यकता के अनुसार अपने पढ़ाने की कला को विकसित करें। उन्होंने कहा कि कोई भी तकनीकी विकास अध्यापक की भूमिका का विकल्प नहीं बन सकता। आज भी क्लास रूम टीचिंग का कोई विकल्प नहीं है बशर्ते अध्यापक प्रभावशाली ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करे। प्रोग्राम के सचिव तथा विश्वविद्यालय के डीन डॉ0 एन0 एन0 शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हाने वाला यह प्रथम अध्यापक प्रशिक्षण एवं विकास प्रोग्राम है जिसमें विश्वविद्यालय से सम्बन्धित हिमाचल के 40 से भी अधिक इंजीनियरिगं फार्मेसी, मैनेजमैंट तथा कम्पयूटर शिक्षा के महाविद्यालयों के 47 प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा शिक्षा जगत में अपना विशेष शैक्षणिक अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों ने प्रतिभागी अध्यापकों को एक प्रभावशाली एवं एक अच्छा अध्यापक बनने हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की। केन्द्रिय विश्वविद्यालय धर्मशाला से डॉ0 रोशन लाल डीन, राजकीय शिक्षा महाविद्यालय धर्मशाला के प्राचार्य डॉ0  अजय लखनपाल, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य आर0 पी0 चोपड़ा, राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के डॉ0 विनोद कपुर, डॉ0 नरोत्तम, डॉ0 प्रदीप कुमार, डॉ0 प्यार चंद, डॉ0 भगवान सिंह केन्द्रिय विश्वविद्यालय धर्मशाला तथा तकीनीकी विश्वविद्यालय के डीन प्रो0 ललित कुमार अवस्थी, डीन डॉ0 एन0 एन0 शर्मा, डीन डॉ0 वेद प्रकाश पटियाल, वित्त अधिकारी श्री अशोक धीमान तथा सहायक रजिस्ट्रार परीक्षा श्री संजीवन मनकोटिया ने विभिन्न क्षेत्रों में अध्यापक के विकास हेतु अपने विचार सांझे किए। डॉ0 एन0 एन0 शर्मा डीन एकैडमिक ने बताया कि विश्वविद्यालय जो कि निसंन्देह चार वर्ष पुराना है ने इस अल्प समय में ही कई नए आयाम स्थापित किए है तथा गुणात्मक शिक्षा के प्रसार तथा प्रचार हेतु भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें। प्रोग्राम के संयोजक डॉ0 ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि ऐसे प्रोग्राम आयोजित होने से गुणात्मक शिक्षा तथा अध्यापकों के मनोबल बढ़ाने में आवश्यक सहायता होगी। इस अवसर पर डीन डॉ0 वेद प्रकाश पटियाल, परियोजना अधिकारी श्री सतीश कटवाल, वित्त अधिकारी श्री अशोक धीमान तथा विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारीगण, समस्त प्रतिभागी मुख्यरूप से उपस्थित थे।

राज्य स्तरीय सोमभद्रा महोत्सव में लगा सैनिक कल्याण विभाग का स्टॉल, स्टॉल में मिलेगी सैनिकों के कल्याणार्थ चली योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी

ऊना , 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  9 से 11 नवम्बर, 2014 तक इंदिरा मैदान ऊना में मनाए जा रहे राज्य स्तरीय सोमभद्रा महोत्सव के दौरान जिला सैनिक कल्याण विभाग ने अपना स्टॉल स्थापित किया है। उक्त जानकारी देते हुए उपनिदेशक जिला सैनिक कल्याण ऊना मेजर रघुवीर सिंह ने बताया कि इस स्टॉल मेें पूर्व सैनिकों, सैनिकों की विध्वाओं व उनके आश्रितों को विभाग के माध्यम से मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होने प्रदेश तथा जिला ऊना के समस्त सैनिक वर्ग व उनके परिवारजनों से अनुरोध किया है कि राज्य स्तरीय सोमभद्रा महोत्सव के दौरान इंदिरा मैदान ऊना में पधार कर पूर्व सैनिकों के कल्याणार्थ सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी सैनिक वर्ग की कोई समस्या हो तो वह समस्त सेना दस्तावेजों सहित स्टाल नं0-28 में सम्पर्क कर सकते हैं। 

डीसी ने लिया सोमाद्रा महोत्सव की तैयारियों का जायजा, कल सीएम करेंगे शुभारंा

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ऊना, , 08 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा)।  डीसी एवं राज्य स्तरीय सोमभद्रा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक जैन ने आज प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ इंदिरा स्टेडियम का दौरा करके महोत्सव की तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिये। एडीएम राजेश कुमार मारिया, एसडीएम धनवीर ठाकुर, सहायक आयुक्त राम प्रसाद, डीआरओ विशाल शर्मा व तहसीलदार ाी उनके साथ थे। सोमभद्रा महोत्सव 9 नवबर से 11 नवबर तक मनाया जा रहा है और मुयमंत्री वीरभद्र सिंह कल इसका शुभारंभ करेंगे। इंदिरा मैदान में वाटरप्रूफ मंच व पंडाल तैयार किया गया है। पंडाल में करीब चार हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। मीडिया के लिए विशेष गैलरी बनाई गई है। मैदान में 70 से अधिक सरकारी व गैर-सरकारी विभाग अपनी प्रदर्शनियां लगा रहे हैं। आज दोपहर तक सैनिक कल्याण विभाग व सूचना एवं जन सपर्क विभाग ने अपने स्टाल लगा लिए थे, जिनमें सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रमुखता से दर्शाया गया है। कल सुबह तक मैदान में बाकि के स्टाल ाी सज जाएंगे। डीसी ने बताया कि दोपहर दो बजे मुयमंत्री शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगे जो नगर परिषद पार्क से शुरू होकर मुय सडक़ मार्ग से होती हुई इंदिरा स्टेडियम पहुंचेगी। शोभायात्रा में झांकियां, गतका दल, पारंपरिक वाद्य यंत्र और ब्रास बैंड मुयाकर्षण होंगे। इंदिरा स्टेडियम में सायं चार बजे मुयमंत्री प्रदर्शनियों का लोकार्पण करेंगे और फिर सायं सात बजे मुयमंत्री दीप प्रज्जव्लित करके सोमाद्रा महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। पहली सांस्कृतिक संध्या में सर्वजीत चीमा स्टार कलाकार होंगे, जबकि स्थानीय कलाकार ाी कलामंच पर अपनी प्रस्तुतियों की छटा बिखेरेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम सायं पांच बजे से शुरू होंगे। डीसी ने बताया कि पहली सांस्कृतिक संध्या रात 12 बजे तक चलेगी, जबकि दूसरी व तीसरी सांस्कृतिक संध्याओं में रात 10 बजे तक ही कार्यक्रम होंगे। उन्होंने बताया कि दूसरी सांस्कृतिक संध्या में उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री व अंतिम सांस्कृतिक संध्या में महामहिम राज्यपाल श्रीमती उर्मिला सिंह मुयातिथि होंगी। उन्होंने बताया कि बच्चों के मनोरंजन के लिए मैदान में झूले भी लगाये गये हैं। इसके अलावा खाने पीने के स्टाल ाी लगाये जाएंगे। डीसी ने बताया कि मुयमंत्री वीरभद्र सिंह 9 नवबर को शोभायात्रा में शामिल होने से पहले घालूवाल में स्वां बाढ़ नियंत्रण केन्द्र का शिलान्यास ाी करेंगे। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 नवम्बर)

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बडे तालाब की सफाई के लिये जुटे उत्साही हाथ -
  • तालाब से जलकुंभी निकालने का काम बना जन अभियान

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झाबुआ ---देवउठनी एकादषी को राजगढनाका मित्र मंडल, त्रिवेणी परिवार, उर्स कमेटी एवं नगरपालिका की संयुक्त बैठक में लिये गये निर्णय के परिपालन में शनिवार 8 नवम्बर को  प्रातः 9 बजे से स्थानीय बहादूर सागर तालाब की सफाई का प्रभावी अभियान का श्रीगणेष हुआ । इस अवसर पर इन संस्थाओं के अलावा आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के सदस्यों ने भी तालाब से जलकुंभी निकालने के कार्यक्रम में भागीदारी की । भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे,  विधायक शांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एम आर निंगवाल, भूपेंष सिंगोड, जितेन्द्रसिंह राठौर, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, बबलू सकलेचा, संजय षाह, विवके मेडा,नरेन्द्र पंवार, जाकीर कुर्रेषी, अषोक त्रिवेदी, पार्षद सईदुल्लाखान,नंदलाल रेड्डी, मुकेष अजनार, सुनील सिंगाड, जयदेवभाउ दवाण्डे, रामेष्वर सोनी, अर्जुन चैहान, संदीप पाल, मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी, अजय रामावत,राजेष नागर, लोकेन्द्र सोलंकी, नीरजसिंह राठौर, द्विजेंद्र व्यास, सुधीर कुष्वाह, विष्णु व्यास, अब्बूदादा, रविराज राठौर, सुभाष गिडवानी, जयेन्द्र बैरागी, घनष्याम भाटी  आदि के अलावा नगरपालिका के कर्मचारियों की पूरी टीम ने बडा तालाब में फैल रही जलकुंभी एवं कचरें को निकाला । स्वयं जिला भाजपाध्यक्ष, विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष, नपा के सीएमओं एवं पार्षदों एवं उपस्थित टीम के कार्यकर्ताओं ने तालाब में ट्युब के माध्यम से  पहूंच कर बडी मषक्कत के साथ जलकुंभी को निकालने का कार्य प्रारंभ किया तथा जलकुंभी को तगारियों में भरकर ट्रेक्टर ट्राली मे डाला । शनिवार को चले इस अभियान में स्वच्छता अभियान के तहत पांच संस्थाओं ने संयुक्त रूप  से करीब 6 ट्रक ट्राली जलकुंभी को बाहर निकाल कर उसे ट्रीचिंग ग्राउंड पर फिकवाया । जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दुबे एवं नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया के अनुसार बडे तालाब के सफाई अभियान का सतत रूप  से जारी रहेगा तथा प्रति दिन प्रातः 9 बजे से बडा तालाब की सफाई करने के इस कार्य को प्राथमिकता से संचालित किया जावेगा । नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया के अनुसार झाबुआ नगर को स्वच्छ एवं साफ बनाये रखने के लिये जन सहयोग से चलाये जारहे इस अभियान में स्वेच्छिक रूप  से युवा एवं समाजसेवी अपनी भूमिका रहे है । पूरे नगर में इसी के साथ ही सफाई अभियान का श्रीगणेष हो चुका है तथा नगरपालिका जन सहयोग से नगर के विकास कार्यो में भी पूरी तरह कृत संकल्पित है।  नगरपालिका, राजगढ नाका मित्र मंडल, उर्स कमेटी, त्रिवेणी परिवार,  आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने नगर की समाज सेवी संस्थाओं,धार्मिक संस्थाओं एवं युवकों से आव्हान किया है कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत चलाये जारहे नगर के बडा तालाब की सफाई की अभियान में वे भी सहभागी बन कर नगर स्वच्छता के इस अभियान में अपनी सार्थक भूमिका का निर्वाह करे तथा प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से बडा तालाब सफाई अभियान में षामील होकर कार्यक्रम का सफल बनावे ।

सांसद दिलीपसिंह भूरिया करेगें कृषि उपज मंडी मे निलामी का शुभारंभ 

झाबुआ --- कृषि उपज मंडी समिति के मुख्य मंडी प्रांगण मे आज रविवार हाट बाजार के दिन प्रातः 10 बजे से सांसद दिलीपसिंह भूरिया, विधायक शांतिलाल बिलवाल, जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे सहित पार्टी पदाधिकारियों ,नगारिकों एवं किसानों की उपस्थिति में कृषक माल निलामी की कार्रवाही का शुभारंभ होगा ।  मंडी अध्यक्ष भंवरसिंह बिलवाल, उपाध्यक्ष बहादूर हटिला एवं मंडी संचालकों के अनुसार क्षेत्रीय सांसद दिलीपसिंह भूरिया, विधायक श्री बिलवाल एवं जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दूबे द्वारा क्षेत्र के किसानों व व्यापारियों सहित मंडी पक्षकारों को मंडी प्रांगण में नियमित कृषि उपज बिक्री के लिये समझाईष दी जाकर मंडी प्रांगण में कृषि उपज को लाकर उसके विक्रय से किसानों को होने वाले फायदों के बारे में अवगत किया जावेगा  साथ ही क्षेत्र के किसानों सहित मंडी के विकास तथा शासन एवं मंडी द्वारा समय समय पर संचालित योजनाओ का लाभ किसानों को मिल सके इस बारें मे विस्तार से जानकारी दी जावेगी । मंडी अध्यक्ष भंवरसिंह बिलवाल  एवं मंडी समिति सदस्यों द्वारा क्षेत्र के सभी किसानाों, व्यापारियों, हुम्माल,तुलावटी भाईयों से इस अवसर पर अधिक से अधिक संख्या मे ंउपस्थित रह कर  कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है। श्री बिलवाल के अनुसार किसानों के हित में समस्त कृषि उपज का विक्रय मंडी प्रांगण में लाकर ही सही तोल, सही दाम एवं समय पर भुगतान प्राप्त करने की योजना का लाभ उठाया जावे ।

दीक्षार्थीयों के कपड़े केसर से रंगे व छाब भरायी, समय की कीमत को परखें अन्यथा समय व्यक्ति को सजा देता है : - आचार्य रवीन्द्रसूरि

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झाबूआ---राजगढ़ मोहनखेड़ातीर्थ पर विराजित दीक्षा महोत्सव में प.पू. गच्छाधिपति वर्तमान आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा., प.पू. ज्योतिषसम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म.सा, मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा., शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में दीक्षा महोत्सव के तृतीय दिन तथा भीनमाल जैन संघ के स्नेह सम्मेलन का उद्घाटन सत्र में आचार्य श्री ने कहा कि जिसने समय को पहचान लिया उसने जीवन में सब कुछ जान लिया है । समय की किमत को परखें अन्यथा समय व्यक्ति को मुख्य धारा से बाहर फेक देता है समय बहुत बलवान है समय को यदि आलस्य में गवांया तो कुछ भी हाथ नहीं लगने वाला है । समय व्यक्ति को सद्बुद्धि और कुबुद्धि भी देता है । समय के अनुरुप अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके अपनी आत्मा का दिन में एक घण्टे चिन्तन जरुर करें । जब व्यक्ति का समय बूरा होता है तब शेर को भी बकरी बनना पड़ता है । 1448 में माण्डव वाणिज्य की राजधानी थी तब वहा के हमारे जैन श्रावक व्यापार हेतु आने वाले जैन साधार्मिक भाई को एक ईंट, एक स्वर्ण मूद्रा, एक मुठ्ठी चुना मकान बनाने हेतु देकर साधार्मिक भक्ति करते थे । आज के परिवेष में इस प्रथा की जरुरत है । साधार्मिक वात्सल्य कर लेने भर से साधार्मिक भक्ति नहीं होती है । मुम्बई में यह प्रथा लागु हो सकती है पुण्य प्रकृति सभी की एक जैसी नहीं होती है । पूर्व जन्म के कर्म उदय से ही पूण्य प्रकृति प्राप्त होती है सुखी व्यक्ति चिन्तन की ज्योत जला ले व चिन्तन करें की स्वयं के पास यदि पांच करोड़ है तो उसके साधार्मिक भाई के पास भी पांच लाख हो जाये । दीक्षार्थी बहनों के जयकारों के साथ परिजनों ने दीक्षार्थीयों को अपने कंधों पर उठाकर प्रवचन पाण्डाल में दीक्षा उपकरणों की छाब के साथ लाया गया । अपार हर्षोल्लास के साथ नाचते - झुमते दीक्षार्थी बहने प्रवचन पाण्डाल में आई और पाट पर विराजित आचार्यश्री एवं मुनिमण्डल के समक्ष अक्षत गहुंली की । तत पश्चात् आचार्यश्री व मुनिमण्डल एवं साध्वीवृद्धों पर दीक्षार्थीयों ने केशर से छीटे डाले । दीक्षार्थीयों द्वारा ओढी जाने वाली चादर पर आचार्य श्री ने अभिमंत्रित वासक्षेप आशिर्वाद प्रदान किया और उसी चादर पर आचार्यश्री द्वारा केशर छीटे किये गये और दीक्षार्थी बड़े ही उल्लास के साथ झुमने लगें । आज श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में मुम्बई से स्पेशल ट्रेन द्वारा 900 यात्रीयों का यात्री संघ भीनमाल का स्नेह सम्मेलन के अन्तर्गत आया । भीनमाल जैन संघ मुम्बई द्वारा आचार्य श्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. की निश्रा में आयोजित स्नेह सम्मेलन में अ.भा. त्रिस्तुतिक जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भीनमाल जैन संघ के अध्यक्ष चम्पालाल वर्धन सहित समस्त पदाधिकारायों एवं श्री आ. रा. जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज सेठ, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ सहित समस्त ट्रस्टीयों ने प्रभु श्री पाश्र्वनाथ एवं दादा गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन किया । स्वागत भाषण मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ द्वारा दिया गया । अध्यक्षीय भाषण चम्पालाल जी वर्धन द्वारा दिया गया । भीनमाल जैन संघ के पदाधिकारीयों का बहुमान आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट की और से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्ट प्रतिनिधि बाबुलालजी वर्धन, मांगीलाल जी रामाणी द्वारा किया गया । प्रचार मंत्री नरेन्द्र वाणीगोता एवं भीनमाल जैन संघ के मिडिया प्रवक्ता ने जानकारी देते हुऐ बताया कि आज श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में अ. भा. विराट कवि सम्मेलन का आयोजन भीनमाल जैन संघ के द्वारा आयोजित किया गया है जिसमें हास्य कवि जानी बैरागी राजोद, धीरज शर्मा माण्डव, कुलदीप रंगीला इन्दौर, शशिकांत यादव देवास, प्रेरणा ठाकरे नीमच, अतुल ज्वाला इन्दौर कविगण अपनी काव्य रचना का पाठ रात्रि 9 बजे से प्रारभ करेगें । भीनमाल जैन संघ के सचिव मुकेश वर्धन द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया । दोपहर में श्री राजेन्द्रसूरि गुरुपद महापूजन का भव्य आयोजन मुमुक्षु कु. गीता के दीक्षा निमित्त एवं प.पू. गुरुवर्या श्री महेन्द्रश्री जी म.सा. के 91 वें जन्म दिवस की उजवणी के निमित्त में धार निवासी श्रीमती सरोज केसरीमलजी जैन द्वारा आयोजित किया गया । उपधान पूर्णाहूति के अवसर पर लाभार्थी परिवार ने जानकारी देते हुऐ बताया कि 11 नवम्बर को तपस्वीयों का प्रातः 8 बजे भव्य वरघोड़ा रखा गया है, दोपहर में सिद्धचक्र महापूजन एवं शाम को मेंहदी वितरण व महिला सांझी का आयोजन रखा गया है । रात्रि में भक्ति भावना में बहुमान कार्यक्रम होगा । दोपहर में पंचकल्याणक पूजन का आयोजन होगा । पूर्णाहूति एवं मोक्ष माला का कार्यक्रम 12 नवम्बर 2014 को तीर्थ परिसर में आयोजित होगा । प्रातः 10 बजे मोक्ष माला आरोहण विधि प्रारम्भ होगी । दीक्षा महोत्सव में 9 नवम्बर को वर्षीदान वरघोड़ा राजगढ़ नगर में प्रातः 8 बजे राजेन्द्र भवन से प्रारम्भ होगा नगर के प्रमुख मार्गो से निकलकर श्री मोहन गार्डन में दीक्षा अभिनन्दन अनुमोदना समारोह में परिवर्तित होगा । यहा पर श्रीसंघ के स्वामीवात्सल्य का आयोजन दीक्षार्थी के धर्म के माता - पिता बने सराफ परिवार राजगढ़ द्वारा रखा गया है व विदाई समारोह एवं 10 नवम्बर को भागवती दीक्षा होगी ।

नाबालीग का हूआ अपहरण

झाबूआ---फरियादी अपसिंह पिता मल्ला कटारा उम्र 50 साल निवासी ग्राम बरखेड़ा ने रिपोर्ट किया कि उसकी लड़की कमला उम्र 14 साल की दुकान पर से बिना बताये कहीं चली गई थी, जिसकी आसपास रिश्तेदारों में तलाश करने पर कोई पता नहीं चला फरियादी द्वारा बदीया पर संदेह जताया कि संदेही उसकी लड़की कमला को बहला फुसला कर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 279/14, धारा 363 भा.द.वि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

काॅलेज पढने गई लडकी घर नही लोटी

झाबूआ--फरियादी अपेश पिता बंशीलाल सोनी, उम्र 39 साल निवासी झाबुआ ने रिपोर्ट किया कि उसकी लड़की प्रिया उम्र 18 साल को पी.जी.कालेज झाबुआ छोड़कर आया था फरियादी की लड़की पी.जी.कालेज झाबुआ में बी.ए.प्रथम सेम. में अध्ययरनत है । वापस लेने गया तो प्रिया नहीं मिली, जिसकी आसपास रिश्तेदारों में तलाश करने पर नहीं मिली। फरियादी अपेश की रिपोर्ट पर थाना झाबुआ में अपराध क्रमांक 789/14 धारा 363 भा.द.वि. अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है ।

अज्ञात आदमी ने मंदिर कि मूर्तियो मे की तोड फोड
      
झाबूआ---फरियादी प्रकाश पिता आम्बाराम निनामा उम्र 25 साल निवासी सिंगदेवी मातापाड़ा ने रिपोर्ट किया कि अज्ञात आरोपी ने सिंगदेवी माता मंदिर की मूर्तियों में तोड़फोड़ कर हिन्दू धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। फरियादी प्रकाश निनामा की रिपोर्ट पर थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 265/14 धारा 295 भा.द.वि. अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

10 वर्ष पूर्व पुलिस अभिरक्षा से फरार स्थाई वारंटी गिरफ्तार 

झाबूआ---पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी ने बताया कि दिनांक 07/11/2014 को पिछले 10 वर्षों से फरार आरोपी कालू उर्फ कल्लू पिता देवीसिंह भील, उम्र 29 साल निवासी आंबाखोदरा थाना झाबुआ को प्र0आर0 सैय्यद, आर0 बसु, लालसिंह आदि द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि दिनांक 28.08.2014 को स्व0 प्र.आर. 146 हीरालाल राठोर, तैनात डी.आर.पी.लाईन झाबुआ, आरोपी कालू उर्फ कल्लू भील को लेकर मुलजिम पेशी हेतु गुजरात राज्य गये थे, प्र0आर0 राजकोट एक्सप्रेस से आरोपी कालु को लेकर वापस लोट रहे थे कि मेघनगर स्टेशन से गेट के बाहर मुलजिम कालू भील हथकड़ी से हाथ निकालकर भाग गया था, जिस पर थाना मेघनगर में आरोपी कालू भील के विरूद्ध अपराध क्रमांक 106/2004, धारा 224 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया जाकर आरोपी की तलाश की जा रही थी। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (08 नवम्बर)

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मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त, दस-दस लाख देने की घोषणा
  • ग्रामीणजनों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण होगा-सांसद श्रीमती स्वराज

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केन्द्रीय विदेश मंत्री और स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज ने जिला मुख्यालय एवं ग्यारसपुर विकासखण्ड के ग्राम सेमराधामनोद में आयोजित कार्यक्रम में मतदाताआंे के प्रति आभार व्यक्त किया और दोनो जगह विकास कार्यो के लिए दस-दस लाख रूपए की राशि सांसद निधि से देने की घोषणा की। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत भी साथ मौजूद थे। विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज ने ग्राम सेमराधामनोद में कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नही छोड़ी जाएगी। उन्होंने श्री मुकेश सोनी के द्वारा सौंपे गए मांग पत्र को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सभी मांगो की पूर्ति की जाएगी। उन्होंने इसके लिए वरीयता क्रम निर्धारण करने की बात कही। सिन्चित रकवा बढ़ाए जाने के लिए लघु सिंचाई परियोजना पर शीघ्र कार्य कराए जाने का आश्वासन उन्होंने दिया। सांसद श्रीमती स्वराज ने कहा कि ग्रामीणजनो ने जो मूलभूत समस्याओं के आवेदन दिए है उन पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। कार्यक्रम को बासौदा के पूर्व विधायक श्री हरिसिंह रघुंवशी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम स्थल पर पूर्व विधायक श्री रामकिशन सिंह चैहान, सांसद प्रतिनिधि श्री तोरन सिंह दांगी के अलावा अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, वन संरक्षक श्री एकेएस चैहान समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। आगंतुको के प्रति आभार ग्यारसपुर जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा ने व्यक्त किया।

परीक्षा आवेदनों में त्रुटिसुधार की अनुमति 20 तक

माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षा सत्र 2014-15 की परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों द्वारा आवेदन भरे गए है उनके आवेदनों में यदि कोई त्रुटि है तो उसमें सुधारने के लिए अंतिम तिथि 20 नवम्बर नियत की गई है कि जानकारी देते हुए शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विदिशा की प्राचार्य श्रीमती चारूलता सक्सेना ने बताया है कि परीक्षार्थी त्रुटि सुधार संबंधी कार्य एमपी आॅन लाइन कियोस्क के माध्यम से अंतिम तिथि तक कर सकते है। त्रुटि सुधार करने के उपरांत एक प्रति समन्वयक संस्था शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा में 25 नवम्बर तक जमा कराना आवश्यक है। उक्त नाॅमिनल रोल के साथ जिन आवेदन पत्रों एवं नामांकन अभिलेख में संशोधन किया गया है। ऐसे समस्त छात्रों से आॅन लाइन आवेदन का प्रिन्ट कियोस्क के माध्यम से संशोधन उपरांत प्राप्त कर संस्था प्राचार्य स्वंय एवं छात्र, छात्रा के पालक के हस्ताक्षर इस उद्धेश्य से करवाकर समन्वयक संस्था मंे जमा करेंगे। जिन छात्रों के अभिलेख में संशोधन नहीं किया गया है उनकी सूची के साथ ही यह प्रमाणित करेंगे कि अब कोई संशोधन शेष नहीं है। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए विद्यालय के दूरभाष क्रमांक 07592-232878 पर सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है। 

आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा इंसानियत की लहलहाती हरीतिमा का आगाज : ललित गर्ग

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समय-समय पर रह-रहकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएँ ऐसा वीभत्स एवं तांडव नृत्य करती रही हैं, जिससे संपूर्ण मानवता प्रकंपित हो जाती है। हाल ही में पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाके हो या इससे पूर्व उत्तर प्रदेश का मुजफरनगर -सांप्रदायिक विद्वेष, नफरत एवं घृणा ने ऐसा माहौल बना दिया है कि इंसानियत एवं मानवता बेमानी से लगने लगे हैं। अहिंसा की एक बड़ी प्रयोग भूमि भारत में आज साम्प्रदायिक की यह आग-खून, आगजनी एवं लाशों की ऐसी कहानी गढ़ रही है, जिससे घना अंधकार छा रहा है। चहूँ ओर भय, अस्थिरता एवं अराजकता का माहौल बना हुआ है। जब-जब इस तरह मानवता ह्रास की ओर बढ़ती चली जाती है, नैतिक मूल्य अपनी पहचान खोने लगते हैं, समाज में पारस्परिक संघर्ष की स्थितियां बनती हैं, तब-तब कोई न कोई महापुरुष अपने दिव्य कर्तव्य, चिन्मयी पुरुषार्थ और तेजोमय शौर्य से मानव-मानव की चेतना को झंुकृत कर जन-जागरण का कार्य करता है। भगवान महावीर हो या गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद हो या महात्मा गांधी, गुरुदेव तुलसी हो या आचार्य महाप्रज्ञ। समय-समय पर ऐसे अनेक महापुरुषों ने अपने क्रांत चिंतन के द्वारा समाज का समुचित पथदर्शन किया। अब इस जटिल दौर में सबकी निगाहें उन प्रयत्नों की ओर लगी हुई हैं, जिनसे इंसानी जिस्मों पर सवार हिंसा का ज्वर उतारा जा सके। ऐसा प्रतीत होता है कि आचार्य श्री महाश्रमण की अहिंसा यात्रा इन घने अंधेरों में इंसान से इंसान को जोड़ने का उपक्रम बनकर प्रेम, भाईचारा, नैतिकता, सांप्रदायिक सौहार्द एवं अहिंसक समाज का आधार प्रस्तुत करने को तत्पर है। महाभारत में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को संबोधित करते हुए कहते हैैं-

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।

अर्थात हे अर्जुन जब-जब धर्म की शिथिलता और अधर्म की प्रबलता होती है, तब-तब ही मैं (यानी ईश्वर) जन्म लेता हूँ। वेदव्यास महाभारत के भीष्म पर्व में आगे कहते हैैं-

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।

अर्थात साधुओं की रक्षा, दुष्टों के नाश और धर्म की स्थापना के लिए मैं (यानी ईश्वर) युग-युग में जन्म लेता हूँ।
आज देश में गहरे हुए घावों को सहलाने के लिए, निस्तेज हुई मानवता को पुनर्जीवित करने एवं इंसानियत की ब्यार को प्रवहमान करने के लिए ऐसे महापुरुष/अवतार की अपेक्षा है जो मनुष्य जीवन के बेमानी होते अर्थों में नए जीवन का संचार कर सकें। आचार्य श्री महाश्रमण ऐसे ही एक महापुरुष हैं, जिनके प्रयत्नों से सांप्रदायिकता की आग को शांत किया जा सकता है। आचार्य महाश्रमणजी के प्रति जनमानस का विशेष रूप से आशान्वित होने का एक बड़ा कारण यह है कि उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए विशेष प्रयत्न किए हैं, उनके जीवन का सार अहिंसा है। वे एक संतपुरुष हैं, एक संवेदनशील महामानव हैं। धर्म जगत के वे ऐसे आविष्कारक हैं जो स्वयं अहिंसा का जीवन जीते हुए मानव मात्र में अहिंसा को प्रतिष्ठित कर सकते हैं।

अब जबकि आचार्य श्री महाश्रमण राजधानी दिल्ली के लालकिले से अहिंसा यात्रा पर यात्रायित हुए हैं और उनकी यह पदयात्रा राष्ट्रीय ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय होकर सम्पूर्ण मानवता को अहिंसा से अभिप्रेरित करने वाली है तब देश ही नहीं, दुनिया की नजरें घटित होने वाली एक अभिवन क्रांति की ओर टकटकी लगाये है। यह पहला अवसर है जब कोई जैन आचार्य पदयात्रा करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्रों का स्पर्श करेगा। आचार्य महाश्रमण स्वकल्याण और परकल्याण के संकल्प के साथ 30,000 से अधिक किलोमीटर की पदयात्रा से जनमानस को उत्प्रेरित कर मानवता के समुत्थान का पथ प्रशस्त करेंगे। अहिंसा यात्रा हृदय परिवर्तन के द्वारा अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर हिंसा से अहिंसा की ओर प्रस्थान का अभियान है। यह यात्रा कुरूढि़यों में जकड़ी ग्रामीण जनता और तनावग्रस्त शहरी लोगों के लिए भी वरदान है। जाति, सम्प्रदाय, वर्ग और राष्ट्र की सीमाओं से परे यह यात्रा बच्चों, युवाओं और वृद्धों के जीवन में सद्गुणों की सुवास भरने के लिये तत्पर है। आचार्य श्री महाश्रमण ने अहिंसा यात्रा के तीन उद्देश्य निर्धारित किये हैं-सद्भावना का संप्रसार, नैतिकता का प्रचार-प्रसार एवं नशामुक्ति का अभियान। यह यात्रा भारत के विभिन्न प्रांतों और अन्य देशों में इंसानियत की ज्योति प्रज्ज्वलित करेगी। अहिंसा यात्रा के लिए निर्धारित पथ में आने वाले देश और भारत के विभिन्न प्रांत इस प्रकार हैं- नेपाल, भूटान, मध्यप्रदेश, बिहार, आसाम, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश आदि।

इससे पूर्व अपने गुरु आचार्य श्री महाप्रज्ञ के साथ सात वर्षों तक करीब दस हजार कि.मी. की अहिंसा यात्रा करने वाले आचार्य श्री महाश्रमण ने उनके महाप्रयाण के बाद लगभग दो वर्षों में तीन हजार से अधिक कि.मी. अहिंसा यात्रा की। इस दौरान हजारों ढाणियों, गांवों, कस्बों, नगरों और महानगरों के लाखों-लाखों लोग न केवल आपके दर्शन और पावन पथदर्शन से लाभान्वित हुए, अपितु आपसे विविध संकल्पों को स्वीकार कर वे अमन-चैन की राह पर प्रस्थित भी हुए।

 इस बार वे सुदूर प्रान्तों एवं विदेश की धरती पर अपने कदम रखने वाले हैं, तब उनके भक्तों एवं अनुयायियों में यह आशंका बढ़ रही है कि उनके स्वास्थ्य की प्रतिकूलता के चलते वे कैसे निर्विध्न यह यात्रा कर पायेंगे? इन हालात में आचार्य श्री महाश्रमण को अपनी अहिंसा यात्रा के इस कार्यक्रम को स्थगित कर देने का भी श्रद्धालुओं ने अनुरोध किया। भक्तों की इस भावना का महत्त्व हो सकता है, लेकिन आचार्य श्री महाश्रमण ने इस भावना को नकारते हुए अपने अहिंसा यात्रा के संकल्प को दृढ़ता से दोहराया है। आचार्य महाश्रमण के दृढ़ संकल्प, मानवीय उत्थान के लिए अहिंसक प्रयत्न एवं निडरता को नमन! महात्मा गांधी ने लिखा है-मेरी अहिंसा का सिद्धांत एक अत्यधिक सक्रिय शक्ति है, इसमें कायरता तो दूर, दुर्बलता तक के लिए स्थान नहीं है। एक हिंसक व्यक्ति के लिए यह आशा की जा सकती है कि वह किसी दिन अहिंसक बन सकता है, किंतु कायर व्यक्ति के लिए ऐसी आशा कभी नहीं की जा सकती।“ गांधीजी ने अहिंसा को एक महाशक्ति के रूप में देखा और उसके बल पर उन्होंने भारत को आजादी भी दिलवाई। वे कहते हैं कि अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर-मिटने वाले लड़ाके होंगे तो वे करोड़ों की लाज रखेंगे और उनमें प्राण फूँकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी मेरे लिए मधुर है।“ आचार्य श्री महाश्रमण भी अहिंसा यात्रा के माध्यम से देश और दुनिया में शांति, सद्भावना, नैतिकता एवं अमन-चैन को लौटाना चाहते हैं। निश्चित ही यह शुभ संकल्प है और आचार्य महाश्रमण जैसे महापुरुष ही ऐसे संकल्प लेने की सामथ्र्य रखते हैं। जिन प्रान्तों एवं देशों में अहिंसा यात्रा का विचरण होगा वहां की जनता को आचार्य श्री महाश्रमण का आध्यात्मिक संबल एवं मानवीयता का सिंचन चाहिए। यहां के लोग इसके लिए आतुर हैं और उन्हें विश्वास भी है कि आचार्य महाश्रमण के प्रयत्नों से उनकी धरती पुनः अहिंसा, नैतिकता, सांप्रदायिक सौहार्द एवं इंसानियत की लहलहाती हरीतिमा के रूप में अपनी आभा को प्राप्त करेगी। 

अहिंसा यात्रा का मुख्य उद्देश्य है साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सद्भावना। किसी भी राष्ट्र, समाज और परिवार की उन्नति और शांति के लिए पारस्परिक सद्भाव अपेक्षित होता है। सद्भाव के अभाव में अहिंसा जीवन व्यवहार में प्रतिष्ठित नहीं हो सकती। पारस्परिक टकराव आपसी दूरियां ही नहीं बढ़ाता, अपितु वह कितनों-कितनों के लिए घातक बन जाता है। जाति, भाषा, वर्ण व क्षेत्र का दुराग्रह, साम्प्रदायिक उन्माद, तुच्छ स्वार्थवृत्ति और विकृत मानसिकता पारस्परिक असद्भाव के कारण बनते हैं। अहिंसा यात्रा के दौरान आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा दिया जाने वाला सद्भाव का संदेश जनता के दिलों को छूता रहा है और मैत्री के दीप जलाता रहा है। अग्रिम यात्रा एक अवसर है जब अहिंसा का व्यवस्थित प्रयोग देश में किया जाए। अहिंसा में विश्वास करने वाले सभी लोग निडरता के साथ अहिंसा का संदेश घर-घर पहुँचाएँ। इसके लिए उन्हें अपने घरों से निकलना होगा, भय से मुक्ति पानी होगी और जो हिंसा का तांडव खेल खेल रहे हैं, उनके हृदय को बदलना होगा। आचार्य महाश्रमण की आध्यात्मिक शक्ति इसमें एक सार्थक भूमिका का निर्वाह करेंगी।

अहिंसा यात्रा का दूसरा उद्देश्य है- नैतिकता। बेईमानी सामाजिक स्वस्थता का बाधक तत्व है। जब तक परस्पर धोखाधड़ी का क्रम जारी रहेगा, व्यक्ति सुख और शांति की श्वास नहीं ले सकता। आज के युग में अनैतिकता एक प्रमुख समस्या के रूप में उभर रही है। चोरी न करना, बेमेल मिलावट न करना, अपने लाभ के लिए दूसरों को हानि न पहुंचाना, रिश्वत न लेना, चुनाव और परीक्षा के संदर्भ में अवैध उपायों का सहारा न लेना आदि ऐसे संकल्प हो सकते हैं, जिनका पालन आसान ही नहीं, तनावमुक्त शांतिपूर्ण समाज के लिए अनिवार्य भी है। आचार्य श्री महाश्रमण अहिंसा यात्रा के द्वारा जनजीवन में नैतिकता को प्रतिष्ठित करने का भगीरथ प्रयत्न कर रहे हैं। आप बहुधा लोगों से आह्वान करते हुए कहते हैं- आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान अथवा कार्यक्षेत्र में अन्य देवी-देवताओं के चित्र हों अथवा नहीं, किन्तु ईमानदारी की देवी अवश्य प्रतिष्ठित होनी चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री का संकल्प की- ना मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा- अवश्य ही अहिंसा यात्रा से सफल होगा।

लाखों लोगों को हृदय परिवर्तन के द्वारा नशामुक्त बनाने वाले आचार्य श्री महाश्रमण की अहिंसा यात्रा के दौरान नशामुक्ति का अभियान निरंतर गतिमान रहेगा। आचार्यश्री मानना है- ‘नशा पतन के मुख्य कारणों में एक है। शारीरिक, मानसिक, व्यावसायिक, पारिवारिक, सामाजिक, चैतसिक आदि अनेक नुकसान नशे से हो सकते हैं।’ आचार्यश्री का पवित्र आभामंडल और स्नेह सिंचित आत्मीयतापूर्ण पथदर्शन आगंतुकों के भीतर नई प्रेरणा भरता है, फलस्वरूप वे लोग वर्षों से स्वयं की चेतना को जकड़ने वाले नशे की बेडि़यों को तोड़ गिराते हैं और नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प स्वीकार करते हैं।

साम्प्रदायिक सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति के लिए मानवता तरस रही है। यह प्यास कौन बुझाएगा? अभयी आचार्य श्री महाश्रमणजी! आप अहिंसा के प्रति वचनबद्ध हैं। इसलिए प्रेम का जल देने, नैतिकता की स्थापना करने एवं स्वस्थ जीवनशैली को जन-जीवनशैली बनाने के लिये आपको इन सुदूर प्रान्तों एवं विदेश की भूमि पर जाना ही होगा और इतिहास के आह्वान को स्वीकार कर आपको नया पृष्ठ लिखना ही होगा, यही वर्तमान की जरूरत है। आचार्य श्री महाश्रमण जैसे महान आध्यात्मिक संतपुरुष का उस धरती को स्पर्श मिलना निश्चित ही शुभ और श्रेयस्कर है। आज देश और दुनिया को अहिंसा की जरूरत है, शांति की जरूरत है, नैतिकता की जरूरत है, अमन-चैन की जरूरत है, सांप्रदायिक सौहार्द की जरूरत है-ये स्थितियाँ किसी राजनीतिक नेतृत्व से संभव नहीं हैं। इसके लिए आचार्य श्री महाश्रमण जैसे संतपुरुषों का नेतृत्व ही कारगर हो सकता है। ऐसे ही नेतृत्व की जरूरत है जो आपसी मतभेदों से देशहित को ऊपर मानते हैं, जिनकी निगाहें बिते हुए कल पर नहीं, बल्कि आने वाले कल पर हों। आचार्य श्री महाश्रमण ही ऐसी आवाज उठा सकते हैं कि यह मौका तोड़ने का नहीं जोड़ने का है, टूटने का नहीं जुड़ने का है और इसका मतलब अपने अहं के अंधेरों से उभरने का है।

मेरा अभिमत है कि आचार्य श्री महाश्रमण के आह्वान पर भ्रष्टाचार एवं आपराधिक राजनीति से आकंठ पस्त एवं सांप्रदायिकता की विनाशलीला से थके-हारे, डरे-सहमे लोग अहिंसा और नैतिकता की शरण स्वीकार करेंगे, सांप्रदायिक सौहार्द एवं सद्भावना की घोषणा करेंगे। हिंसा से हिंसा, नफरत से नफरत एवं घृणा से घृणा बढ़ती है। इस दृष्टि से व्यापक अहिंसक प्रयत्नों की जरूरत है। अहिंसा यात्रा एक सशक्त माध्यम है, जिससे पुनः अमन एवं शांति कायम हो सकती है। इतिहास साक्षी है कि समाज की धरती पर जितने घृणा के बीज बोए गए, उतने प्रेम के बीज नहीं बोए गए। अहिंसा यात्रा इस ऐतिहासिक यथार्थ को बदलने की दिशा में प्रयत्नशील बनती है तो निश्चित ही यह एक नई दिशा में प्रस्थान होगा। इसके माध्यम से हम मनुष्य मनुष्य के बीच इतना सशक्त वातावरण बनाएँ कि उसमें भ्रष्टाचार, नशाखोरी, घृणा, नफरत एवं सांप्रदायिक विद्वेष को पनपने का मौका ही न मिले। मेरा मानना है कि अहिंसा और नैतिकता को एक शक्तिशाली अस्त्र के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह अस्त्र संहारक नहीं होगा, मानवजाति के लिए बहुत कल्याणकारी होगा। इस कल्याणकारी उपक्रम यानी अहिंसा यात्रा की सफलता के लिए जरूरी है कि अहिंसा की दिशा में सोचने वाले लोग इस यात्रा के साथ जुड़ें, वे संगठित हो और आचार्य महाश्रमण के स्वरों में स्वर मिलाकर बोलें। 

मेरा विश्वास है कि आचार्य श्री महाश्रमणजी की अहिंसा में इतनी शक्ति है कि सांप्रदायिक हिंसा में जकड़े हिंसक लोग भी उनकी अहिंसक आभा के पास पहुँच जाएँ तो उनका हृदय परिवर्तन निश्चित रूप से हो जाएगा, पर इस शक्ति का प्रयोग करने हेतु बलिदान की भावना एवं अभय की साधना जरूरी है। अहिंसा में सांप्रदायिकता नहीं, ईष्र्या नहीं, द्वेष नहीं, बल्कि एक सार्वभौमिक व्यापकता है, जो संकुचितता और संकीर्णता को दूर कर एक विशाल सार्वजनिन भावना को लिए हुए है।

अहिंसा और नैतिकता की शक्ति असीमित है, पर अब तक उस शक्ति के लिए सही प्रयोक्ता नहीं मिले। आज जब आचार्य श्री महाश्रमणजी जैसे प्रयोक्ता हैं तो हमें भयभीत होने की जरूरत नहीं है। यों तो अहिंसा और नैतिकता सभी महापुरुषों के जीवन का आभूषण है, किंतु आचार्य महाश्रमण जैसे कालजयी व्यक्तित्व न केवल अहिंसक जीवन जीते हैं वरन समाज को भी उसका सक्रिय एवं प्रयोगात्मक प्रशिक्षण देते हैं। आज ऐसे ही सक्रिय एवं प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की जरूरत है। 

आलेख : ​'जादू की झप्पी 'वाला बैग...!!

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बदहाल हिंदी पट्टी में दूसरे मोर्चो पर चाहे जितनी विसंगतिया नजर आए लेकिन उत्तर भारत के गांवों में होने वाली शादियों में मुझे विचित्र किस्म का समाजवाद नजर आता है। 'अच्छी शादी 'हो या 'जैसे - तैसे 'हुई। परिदृश्य में गजब की समानता देखने को मिलती है। वही खेतों में डेरा डाले बाराती और उनकी मेजबानी में जुटे घराती। एेसे हर मामले में नवपरिणिता कन्या के परिजनों की हालत बेहद खराब रहती है। दुल्हन के भाई  अत्यंत लाचार स्थिति में नजर आते हैं। वह बेचारा कभी भाग कर हलवाई को थोड़ी और जलेबी बनाने को कहता है तो कभी दौड़ कर यह पता करने की कोशिश करता है कि जनरेटर अचानक बंद कैसे हो गया। इसके बाद भी बाबूजी से लेकर चाचा - मामा तक उनसे नाराज रहते हैं। अरे पुत्तन ... सामने पानी - सानी देखो यार... या फिर... कितनी बार बोला पंडितजी को चाय दे जाओ... । और पांव - पूजने बैठे वधू के पिता का तो कहना ही क्या। एक दिन के लिए वे मानो दुनिया के सबसे बेबस प्राणी बन जाते हैं। क्योंकि दुल्हे से लेकर समधी और उनके नाते - रिश्तेदार जब - तब 'रिसिया ' (गुस्सा होकर) कर बैठ जाते हैं। नाराज दुल्हे को किसी तरह मनाया तब तक समधीजी मुंह फुला कर बैठ गए। उनसे निपटे तो पता चला कि दुल्हे के चाचा - फूफा व मामा वगैरह भी बारी - बारी से नाराज हो रहे हैं। रुठने - मनाने का यह सिलसिला बारात की विदाई तक लगातार चलता ही रहता है। 

यह दिलचस्प नजारा  उच्च वर्ग से लेकर निम्न मध्य वर्गीय परिवारों में समान रूप से देखने को मिलता है।  लेकिन बारातियों की सामूहिक नाराजगी की काट के तौर पर अमूमन हर वधू के पिता के हाथ में एक बैग रहता है। यह बैग  समय और परिस्थितयों के हिसाब से खुलता और बंद होता रहता है। यही नहीं कन्या पक्ष के लिए यह बैग 'नाराजगी प्रूफ 'या ​'शाक आब्जर्वर ' का काम भी करता है। जैसे ही  पता चला कि दुल्हा नाराज हुआ , झट बैग खुला और कुछ नोट हवा में लहराए । बस नाराजगी दूर। इसी जादू से दुल्हे के पिता से लेकर चाचा - मामा व फूफा तक को साधा जाता है। उत्तर प्रदेश के धुर समाजवादी मुलायम सिंह यादव और उनके मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव की स्थिति भी कुछ एैसी ही है। बेचारे अखिलेश से उनके पिता तो सदैव नाराज रहते ही हैं, चाचा मंडली भी जब - तब मुंह फूला कर बैठ जाती है।  कभी चाचा अमर सिंह को ज्यादा भाव देने के चलते उनके एक और चाचा आजम खान नाराज हो कर पार्टी छोड़ कर चले गए थे। वे लौटे तभी जब अमर सिंह का समाजवादी पार्टी से हूुक्का - पानी बंद हुआ। 

हाल में फिर अमर सिंह को साधने की कोशिश की तो चचा आजम फिर नाराज होने लगे।  हालांकि  उत्तर भारत के ग्रामांचलों की शादियों की तरह पता नहीं क्यों मुझे लगता है मानो मुलायम सिंह यादव के हाथों में भी अदृश्य रूप में कोई एेसा ही जादू की झप्पी वाला बैग मौजूद है। जिसमें नोटों की जगह लोकसभा , राज्यसभा और विभिन्न सदनों  के टिकट मौजूद है। जैसे ही कोई नाराज हुआ , झट बैग खुला और कोई न कोई टिकट पकड़ा कर रिसियाए को मना लिया। अपने जीते - जी तीन पीढ़ियों को संसद भेज चुके मुलायम सिंह यादव जादू की झप्पी वाले इस बैग के जरिए  यूपी में गजब का साम्यवाद प्रदर्शित कर रहे हैं। कभी नंबर दो की हैसियत वाले अमर सिंह से बोलचाल बंद थी। सोचा उन्हें राज्यसभा का टिकट थमा कर मना लें, लेकिन इससे आजम खान  नाराज हो गए। उन्हें मनाने के लिए उनकी पत्नी को राज्यसभा भेजने का फैसला किया तो कुछ दूसरे रिसिया गए। आलोचक इस रुठने - मनाने के खेल की चाहे जिस रूप में व्याख्या करें लेकिन इसके जरिए यूपी में परिवार का जो एक नया समाजवाद जन्म ले रहा है, उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है।





तारकेश कुमार ओझा,
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।

सन्दर्भ: स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता और शाकाहार

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देष में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 145वें जन्म दिन 2 अक्टूबर 2014 (विष्व अहिंसा दिवस) से इस अभियान का षुभारंभ किया। तब से लेकर अब तक इस अभियान से आम आदमी जुड़ा तो देष के विभिन्न क्षेत्रों के अनेक जाने-माने व्यक्ति भी जुड़े हैं। मोटे तौर पर स्वच्छता अभियान का सन्देष है कि हमारे घर, गली-मुहल्ले और बाजार में और सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर कहीं भी कचरा, गन्दगी और प्रदूषण नहीं हो। कोई भी नागरिक हर कहीं कूड़ा-करकट नहीं फेंके, गन्दगी नहीं करे। जहाँ कहीं कचरा या गन्दगी है, उसे बुहारने या हटाने में किसी को संकोच नहीं होना चाहिये। जिस प्रकार हम हमारे घर को साफ-सुथरा रखते हैं, वैसे ही हमें हमारे गली-मुहल्लों और सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा रखना चाहिये। हर व्यक्ति का यह नागरिक-दायित्व है कि वह कहीं भी अस्वच्छता नहीं फैलाए तथा अस्वच्छता का कारण नहीं बने। 

इस क्रम में प्रत्येक व्यक्ति, समूह और समुदाय का यह भी दायित्व बनता है कि उनकी जीवन प्रणाली इस प्रकार की हो कि कम से कम कचरा, गन्दगी और प्रदूषण हो। मनुष्य की जीवनषैली और आदतों से भी स्वच्छता और अस्वच्छता की मात्रा और प्रभाव निर्धारित होते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के इस दौर में हमें इस बात पर अवष्य विचार करना चाहिये कि ऐसी कौनसी जीवन शैली हो सकती है, जिससे न्यूनतम कचरा और प्रदूषण हो। इस प्रष्न का सरल, तथ्यपूर्ण और सर्वमान्य उŸार है - शाकाहारी जीवन शैली एवं शाकाहारी संस्कृति। समाजश्षास्त्र के इस तथ्य को यहाँ फिर से दोहराया जाना चाहिये कि शाकाहार सिर्फ आहार ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण सुविकसित सहअस्तित्वपूर्ण निरापद जीवन शैली है। 

यह शुभ संयोग है कि इस अभियान के सूत्रधार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्ण शाकाहारी हैं तथा जिन बापू की जयन्ती एवं प्रेरणा से इस अभियान का आगाज किया गया है, वे स्वयं भी पूर्ण शाकाहारी थे। महात्मा गांधी न सिर्फ शाकाहारी, अपितु अपने समय से लेकर वर्तमान तक शाकाहार व अहिंसा के वैष्विक प्रवक्ता तथा शाकाहारी जीवन शैली के गौरवषाली प्रतिमान के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वर्तमान में नरेन्द्र मोदी भी एक निष्ठावान शाकाहारी तथा शाकाहारिता के लोकप्रिय प्रतिमान बने हुए हैं।   

शाकाहारी जीवन शैली के अनेक उपयोगी आयाम हैं। उन आयामों में एक महत्वपूर्ण आयाम यह है कि शाकाहार एक प्रदूषण-मुक्त स्वच्छ आहार है। स्वच्छता और पर्यावरण की दृष्टि से शाकाहार और मांसाहार में दिन-रात का अन्तर है। शाकाहार, शाकाहार की उत्पादन-प्रक्रिया, निर्माण-प्रक्रिया और शाकाहारी जीवन शैली स्वच्छता और पर्यावरण के बेहद नजदीक होती है। ठीक इसके विपरीत मांसाहार, मांसाहार की उत्पादन-प्रक्रिया, निर्माण-प्रक्रिया और मांसाहारी जीवन शैली में अस्वच्छता और प्रदूषण की भरमार होती है। यह सुस्थापित तथ्य है कि शाकाहार का स्वच्छता से घनिष्ठ नैसर्गिक सम्बन्ध है। 

खेत, खलिहान, बाडि़याँ, फसलें, पेड़-पौधे, वन, उपवन आदि शाकाहार के विविध  सुन्दर और रमणीय माध्यम होते हैं। हरे-भरे खेत, लहलहाती फसलें, खिलते-महकते बाग-बगीचे तथा अन्य सारे माध्यम मन को सुकून देते हैं, कवियों और कलाकारों को मुखर करते हैं और ऋषियों को उनकी साधना में लीन कर देते हैं। ये सारे माध्यम या साधन प्रकृति और संस्कृति को विकृति से बचाते हैं। ये साधन मानव की रचनात्मक वृŸिायों का उत्कर्ष करते हैं। खेतों में मानव और मवेषी मिलकर कार्य करते हैं। दोनों एक-दूसरे के सहयोगी बने रहते हैं। मनुष्य और पषु-जगत के बीच अहिंसक सम्बन्धों का जीवनक्रम खेती-बाड़ी के साथ जुड़ा हुआ है। अनाज, दलहन, तिलहन तथा अन्य कृषि-उपज से भरे खलिहान, मण्डियाँ, हाट और बाजार किसी प्रकार की दुर्गन्ध और प्रदूषण के कारण नहीं बनते हैं। 

शाकाहार के थाली में आने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया स्वच्छ व सुरभित होती है, दुर्गन्ध और प्रदूषण से मुक्त होती है। शाकाहारी भोज्य पदार्थ के निर्माण से निकलने वाले अवषिष्ट पदार्थ भी थल, जल और हवा में न्यूनतम या शून्य प्रदूषण के कारण ही बनते हैं। शाकाहार से उत्पन्न अपषिष्ट यदि सड़ता-गलता है तो वह किसी घातक रोग या महामारी का कारण नहीं बनता है। जिन इलाकों में शाकाहारी लोग रहते हैं, वे इलाके अधिक स्वच्छ, प्रदूषण-मुक्त और शान्तिप्रिय होते हैं। यह सुस्पष्ट है कि स्वच्छता का एक आयाम शाकाहारी जीवन शैली भी है और शाकाहारी जीवन शैली का एक सुपरिणाम स्वच्छता भी है। यह तथ्य स्थानीय, नगरीय, राष्ट्रीय और वैष्विक; सभी स्तरों पर लागू होता है। 

इसके ठीक विपरीत मांसाहार का उद्गम ही अनेक प्रकार की अस्वच्छताओं और क्रूरताओं से होता है। मांसाहार के लिए मारे जाने वाले प्राणी चीखते-चिल्लाते रह जाते हैं और उनका खून कर दिया जाता है। उनका खून जमीन और नालियों में बहकर प्रदूषण का कारण बनता है। बताया जाता है कि ब्रिटेन के कत्लखानों से प्रतिवर्ष एक अरब किलोग्राम (100000 टन) खून नालियों में बहकर जबर्दस्त प्रदूषण फैलाता है। यह तो सिर्फ खून को लेकर ब्रिटेन की ही बात हुई। मांस उत्पादन अर्थात् पषु-पक्षियों के वध के कारण कई प्रकार की गन्दगी, दुर्गन्ध, दूषण और प्रदूषण जल, थल और वायुमण्डल में व्याप्त हो जाते हैं। 

किसी भी प्राणी के वध करने के बाद उसका मृत कलेवर और मांस बहुत ही तेज गति से सड़ना-गलना शुरू हो जाता है। किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके मृत शरीर के शीघ्र ही अन्तिम संस्कार करने की सार्वभौमिक परम्परा के पीछे यही कारण है कि मृत शरीर तेज गति से सड़ता, बिगड़ता और दुर्गन्ध पैदा करता है। तीव्र सड़न-प्रक्रिया के कारण ही मांस और मांसाहार के रखरखाव और परिवहन में फ्रीजिंग व रेफ्रिजरेटिंग अनिवार्य होता है। ऐसा करने में संसाधनों का भारी खर्च और प्रदूषण होता है। मांस के रखरखाव में बरती जाने वाली थोड़ी-सी लापरवाही भी तीव्र दुर्गन्ध और गन्दगी का कारण बन जाती है। मांस-मछली के बाजारों में भी बहुत सारी अस्वच्छताएँ और दुर्गन्ध होती हैं।   

मांस-उत्पादन से उत्पन्न गन्दगी को धोने और अपषिष्ट को धकेलने के लिए भी अनाप-षनाप जल का उपभोग या अपव्यय किया जाता है। चैंकाने वाला तथ्य है कि एक पौण्ड गेहूँ के उत्पादन में जहाँ 25 गैलन जल की खपत होती है, वहीं एक पौण्ड मांस के उत्पादन में 2500 गैलन पानी खर्च होता है। तात्पर्य यह है कि एक इकाई शाकाहार के उत्पादन में जितना पानी खर्च होता है, उससे लगभग सौ गुना अधिक पानी एक इकाई मांसाहार में खर्च हो जाता है। यह अन्तर सामान्य नहीं, असामान्य और अत्यधिक है। स्वच्छता के लिए पानी बेहद जरूरी द्रव्य है। मांसाहार उस अनमोल पानी की बर्बादी का बहुत बड़ा कारण है। अस्वच्छता का एक कारण जल का अभाव है और जलाभाव का एक बड़ा कारण मांसाहारी जीवन शैली है, जो संसाधनों के अनियंत्रित उपभोग पर टिकी है। 

इसके अलावा बूचड़खाने अस्वच्छता और प्रदूषण के अड्डे तथा उद्गम-स्रोत होते हैं। कत्लखानों की अस्वच्छताओं के कारण अनेक बीमारियाँ मानव तक पहुँचती हैं। बूचड़खानों से निकलने वाला मलवा अस्वच्छता, प्रदूषण और गन्दगी का बहुत बड़ा कारण है। बूचड़खानों से निकलने वाला मलवा तीव्र दुर्गन्ध, अस्वच्छता और प्रदूषण के अलावा संक्रामक रोगों का कारण भी बनता है। आलम यह है कि मांस से परहेज नहीं करने वाले लोगों को भी बूचड़खाने अच्छे नहीं लगते हैं। रूस के विष्वविख्यात शाकाहारी साहित्यकार टाॅल्स्टाॅय का निष्कर्ष था कि मांसाहारी भी पषु-पक्षी वध की क्रूर प्रक्रिया और बूचड़खानों के बेहद गन्दे दृष्यों को देखना नापसन्द करते हैं। स्वच्छता, शाकाहार, करुणा और सहृदयता जैसे सुन्दर जीवन-मूल्य सबको अच्छे लगते हैं। 
जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में खुलने वाले बूचड़खाने के विरोध में कहा था - ‘‘मैं कसाईखानों को बिल्कुल नापसन्द करता हूँ। मैं जब कभी किसी बूचड़खाने के पास से गुजरता हूँ, मेरा दम घुटने लगता है - वहाँ कुŸाों का झपटना और और चील-कौओं का मण्डराना घृणास्पद लगता है।’’ नेहरू के कथन और प्रबल जन-विरोध पर उस समय विदेषी सरकार ने एक अस्वच्छता फैलाने वाला अस्वच्छ कारोबार (कत्लखाना) को रद्द कर दिया गया था। खेत-खलिहानों के सौन्दर्य और बूचड़खानों के वीभत्स दृष्यों में जमीन-आसमान का अन्तर होता है। वक्त की पुकार है कि हमारी अपनी स्वदेषी सरकारें मांसाहार और कत्लखानों पर अंकुष लगाएँ। सरकार, समाज और नागरिकों को चाहिये कि स्वच्छ भारत अभियान के साथ अवध (पषु-पक्षियों का वध नहीं करना) और शाकाहार को भी जोड़ें। 

स्वच्छता सिर्फ ऊपरी, बाहरी और दिखाऊ ही नहीं होनी चाहिये, अपितु वास्तविक और टिकाऊ भी होनी चाहिये। कुछ स्थानों पर मांसाहार का प्रचलन होने के बावजूद बाहर से सफाई नज़र आ सकती है। उस दिखाऊ स्वच्छता के लिए पानी तथा अन्य संसाधनों का भारी खर्च किया जाता है। संसाधनों का वह खर्च प्रकृति और पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुँचाता है। धरती के पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने में ऐसी दिखाऊ या बाहरी स्वच्छताओं का भी बड़ा हाथ है। वस्तुतः शाकाहारिता की अवधारणा और स्वच्छता में बुनियादी रिष्ता है। इसके विपरीत मांसाहार स्वच्छता और स्वच्छ वातावरण का अव्वल दर्जे का दुष्मन है। गांधीवादी लेखिका और नाट्य निर्देषिका गोवरी रामनारायण के अनुसार गांधीजी के लिए सफाई सिर्फ भौतिक मामला ही नहीं था, बल्कि इसका उनके लिए मानसिक और आध्यात्मिक अर्थ भी था। स्वच्छता के साथ शाकाहार को जोड़कर स्वच्छता के मानसिक और आध्यात्मिक अर्थों को भी साकार किया जाना चाहिये। 

देष का मौजूदा स्वच्छता अभियान पाँच वर्षों के लिए चलाया गया है। यह अभियान महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती (सन् 2019) तक गतिमान रहेगा। स्वच्छता अभियान एक उद्देष्यपरक जन-जागरूकता अभियान है। इसलिए यह कहा जा रहा है कि इसे किसी भी प्रकार की राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिये। चूंकि स्वच्छता और शाकाहार एक-दूसरे के पूरक और पर्याय हैं, अतः स्वच्छता के साथ षाकाहार की बात को भी जन-जागरण का हिस्सा बनाया जाना चाहिये। स्वच्छता के साथ शाकाहार को जोड़ने में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिये। स्वच्छता और शाकाहार, दोनों प्राकृतिक और सांस्कृतिक मुद्दे होने के साथ ही वैष्विक और मानवीय मुद्दे भी हैं। स्वच्छता के साथ शाकाहार को और शाकाहार के साथ स्वच्छता को व्यापक अर्थों में आगे बढ़ाया जाना सबका कर्Ÿाव्य है। ऐसा करके देष-दुनिया के निवासी अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।



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- डाॅ. दिलीप धींग
(निदेशक: अंतरराष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन व शोध केन्द्र)
सुगन हाउस, 
18, रामानुजा अय्यर स्ट्रीट
साहुकारपेट, चेन्नई-600001

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