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पार्टी बेवजह बीमा विधेयक बिल का विरोध नहीं करेगी : मायावती

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बीमा विधेयक और काले धन पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता के प्रयास को बसपा ने हल्का झटका दे दिया है। वाम दल, सपा, जदयू और तृणमूल कांग्रेस जहां बीमा विधेयक पर सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल चुके हैं, वहीं बसपा इस गठजोड़ से खुद को अलग दिखा रही है। बसपा ने संकेत दिया है कि पार्टी बेवजह इस बिल का संसद में विरोध नहीं करेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि प्रवर समिति पार्टी के सुझाव मान लेती है, तो हम विधेयक की राह का रोड़ा नहीं बनेंगे। 

जब विधेयक राज्य सभा में आएगा तभी पार्टी इसपर फैसला करेगी। बहरहाल, राज्यसभा में मंगलवार को इस अहम मसले पर हंगामा होना तय है। बीमा विधेयक पर गठित प्रवर समिति से जेपी नड्डा और मुख्तार अब्बास नकवी की जगह दो नए नामांकन भी होने हैं। इन दोनों की जगह नए सदस्यों के नाम को लेकर भी विपक्ष सरकार से भिडऩे की तैयारी कर चुका है।

तृणमूल कांग्र्रेस और जनता दल (यू) ने प्रश्नोत्तर काल स्थगित कर सदन में चर्चा कराए जाने का पहले ही नोटिस दे रखा है। तृणमूल ने तो संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन का भी एलान किया है। शिवसेना के रुख ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। पार्टी ने अपना संशोधन मंजूर नहीं किए जाने की स्थिति में विधेयक का विरोध करने का फैसला लिया है। पार्टी प्रवक्ता अरविंद सावंत ने विदेशी निवेश की जरूरत पर भी सवाल उठाया है।
बीमा संशोधन विधेयक-2008 के पारित हो जाने पर घरेलू बीमा कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की मौजूदा सीमा 26 फीसद से बढ़कर 49 फीसद तक हो जाएगी। यह विधेयक कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने वर्ष 2008 में पेश किया था। उस समय भाजपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था। मौजूदा राजग सरकार मूल विधेयक को 97 संशोधनों के साथ पेश करेगी।

विपक्षी एकता को मजूबत करने का दायित्व संभाले तृणमूल कांग्रेस और जनता दल (यू) ने अन्य सभी राजनीतिक दलों से विरोध करने का आग्रह किया है। सपा और वामदलों ने पहले ही विरोध करने की घोषणा कर रखी है। कांग्रेस की अनिश्चितता और बसपा के रुख से विरोधी दलों की एकता में दरार पड़ती दिख रही है।


छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (24 नवम्बर)

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सभी समितियों मेें पहुंचायें खाद-कलेक्टर
  • समय-सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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छतरपुर/24 नवम्बर/जिले की सभी सेवा सहकारी समितियों में खाद पहुंचाया जाना सुनिष्चित करें, ताकि रबी फसलों के लिये किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो सके। यह निर्देष कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समय-सीमा पत्रों में समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियोें को दिये। उन्होंने कहा कि जिले में खाद का पर्याप्त स्टाॅक उपलब्ध हैं। किसानों को समय पर खाद पहुचाने के लिये कृषि, सहकारिता, जिला विपणन अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी संयुक्त टीम के रूप में कार्य करंे। उन्होंने कहा कि खाद के लिये किसानांे को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने कहा कि जिले में कृषि आदान व्यवस्था की नियमित रूप से समीक्षा की जायेगी, जिसके लिये संबंधित विभागों के अधिकारी पूरी जानकारी के साथ बैठक में नियमित रूप से उपस्थित हों। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय विभाग के द्वारा पेंषन हितग्राहियों को समय पर पेंषन का भुगतान सुनिष्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग द्वारा हितग्राहियों को राषन प्रदान करने हेतु पात्रता पर्चियों का वितरण सुनिष्चित किया जाये। उन्होेंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन एवं जन षिकायत निवारण विभाग के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर विषेष ध्यान देकर उनका निराकरण सुनिष्चित किया जाये। बैठक में उन्होंने नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के तहत नियुक्त किये गये सेक्टर अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर रिर्पाेट प्रस्तुत करने के निर्देष दिये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री एससी गंगवानी, सहायक कलेक्टर श्री गिरीष कुमार मिश्र, संयुक्त कलेक्टर श्री बीके पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर श्री रविन्द्र चैकसे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

48 घण्टे पहले बंद हो जायेगा चुनाव प्रचार-कलेक्टर
  • पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक सम्पन्न

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छतरपुर/24 नवम्बर/नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 के तहत विभिन्न व्यव्स्थाओं की तैयारी को ध्यान में रखते हुये आज कलेक्ट्रेट  सभाकक्ष में पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गयी। बैठक में कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने जानकारी देते हुये कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग केे निर्देषानुसार मतदान समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा। उन्होंने आयोग के निर्देषों का पालन सुनिष्चित कराने के बैठक में निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि 28 नवम्बर को होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार 26 नवम्बर को सायं 5 बजे एवं 2 दिसम्बर को होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार 30 नवम्बर को सांय 5 बजे संबंधित नगरीय निकायों में बंद होगा। उन्होंने अवगत कराया कि मतदान के दिन भ्रमण हेतु नगरीय निकायांे के अध्यक्षों को केवल दो वाहनों की अनुमति प्रदान की जायेगी। इसमें एक वाहन का उपयोग स्वंय अध्यक्ष कर सकेंगे एवं एक वाहन का उपयोग उनके अभिकर्ता कर सकेंगे। इसी तरह पार्षद पद के अभ्यर्थियों को एक वाहन की ही अनुमति प्रदान की जायेगी, जिसका उपयोग वह स्वयं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 6 दिसम्बर को होने वाली मतगणना की तिथि अब संषोधित कर 7 दिसम्बर को कर दी गयी है। उन्होंने पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों को ष्षांतिपूर्ण चुनाव के लिये समन्यव बनाकर कार्य करने के निर्देष दिये। पुलिस अधीक्षक श्री ललित षाक्यवार ने कहा कि षांतिपूर्ण, निर्भीक एवं पारदर्षी चुनाव सम्पन्न कराने के लिये पुलिस अधिकारी जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करना सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि लोकसभा एवं विधान सभा चुनाव की तरह ही नगरीय निकाय का निर्वाचन अति महत्वपूर्ण है। इसलिये कोई भी अधिकारी अति आत्मविष्वास में न रहे। निर्वाचन में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों के अंतर्गत षेष रहे षस्त्र जमा करा लिये जायें। जिला बदर के आरोपियों पर कड़ी नजर रखी जाये। मतदान के पूर्व थाना प्रभारियों द्वारा बार्डर मीटिंग कर ली जाये। मतदान समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व से षराब की दुकानें बंद रखीं जायें। उन्होंने विभिन्न थाना क्षेत्रों में बाउन्ड ओवर की कार्यवाही के संबंध में निर्देष दिये। बैठक में सीईओ जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री एससी गंगवानी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज पाण्डेय, सहायक कलेक्टर श्री गिरीष कुमार मिश्र, संयुक्त कलेक्टर श्री बीके पाण्डेय, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रविन्द्र चैकसे सहित अन्य राजस्व एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाष घोषित

छतरपुर/24 नवम्बर/राज्य षासन द्वारा नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के तहत संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्र में मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाष घोषित किया गया है, अर्थात् नगर पालिका क्षेत्र छतरपुर एवं नगर पंचायत क्षेत्रों हरपालपुर, राजनगर, बारीगढ़ एवं सटई में 28 नवम्बर को सार्वजनिक अवकाष घोषित रहेगा। इसी तरह 2 दिसम्बर को नगर पालिका क्षेत्रों नौगांव एवं महाराजपुर सहित जिले के 7 नगर पंचायत क्षेत्रों में अवकाष रहेगा।    

विशेष आलेख : वह क़लम की ताक़त से वाक़िफ़ था

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टीवी, इंटरनेट और मोबाइल के इस दौर में अगर किसी ने अपनी जगह आज भी बरक़रार रखी है तो वह अखबार ही है. देश से लेकर दुनिया तक बनते बिगड़ते इतिहास का साक्षी यही अखबार रहा है. इसीलिए शायर अकबर इलाहाबादी इसकी तुलना तोप से करते हुए कहते हैं कि 'जब तोप मुक़ाबिल हो तो अखबार निकालो'. इस अखबार को तोप बनाने वालों में एक नाम जुड़ता है संजोय घोष का. देश के एक संभ्रात घराने में जन्मे संजोय ने आम आदमी की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम इसी अखबार को बनाया था. 

दरअसल अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम यदि कोई है तो वह अखबार ही है. यह एक ऐसा माध्यम है जिसने निरंकुश शासक को भी सत्ता से उखाड़ फेंका है. भारत में अखबार या यूँ कहें कि समाचारपत्र की शुरुआत कब और किस उद्देश्य से की गई थी, इसका कोई ठोस प्रमाण तो नहीं मिलता है लेकिन इस बात के सुबूत अवश्य मिल जाते हैं कि आज़ादी की लड़ाई में समाचारपत्र ने भी अपनी दमदार भूमिका अदा की थी. बात चाहे 'बंगाल गज़ट'की हो या फिर गांधी जी द्वारा प्रकाशित 'हरिजन'की या फिर 'अल हिलाल'समाचारपत्र की. सभी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ देशवासियों को एकजुट करने और ब्रिटिश राज के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. यही कारण था कि अंग्रेजी शासक भारतियों द्वारा प्रकाशित किसी भी समाचारपत्र को संदेह की दृष्टि से देखते थे और उसपर फ़ौरन प्रतिबन्ध लगाकर उसकी प्रतियों को जला दिया करते थे.

आज़ादी के बाद देश में समाचारपत्रों की भूमिका भी बदल गई. अब इसमें क्रांति का अलख जगाने की जगह सरकार तक अपनी आवाज़ पहुँचाने का माध्यम ने ले लिया। समाचारपत्र ने जनता की आवाज़ और चुनी हुई सरकार के बीच सेतु का काम करना शुरू कर दिया। जनता के प्रतिनिधि भी इसकी भूमिका के कारण कई बार अपनी नीतियों को बदलने पर मजबूर हो गए. एक वक़्त ऐसा भी आया जब केंद्रीय सत्ता ने निरंकुशता की हदें पार करते हुए अखबार को सेंसरशिप करना चाहा। लेकिन फिर भी इसकी भूमिका किसी प्रकार काम नहीं हुई बल्कि ये और भी मुखर होकर सम्पूर्ण क्रांति का जनक साबित हुआ.

लेकिन बदलते वक़्त के साथ समाचारपत्रों का नजरिया भी बदलने लगा. इसमें जनता की आवाज़ की जगह सरकारी दृष्टिकोण ने ले लिया। नि:स्वार्थ सेवा की सोंच पर बाज़ारीकरण हावी होता चला गया. सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से मिलने वाली मोटी रक़म ने हक़ की आवाज़ को दबाना शुरू कर दिया। प्रकाशक अब इसे कमाई का माध्यम बनाने लगे. परिणामस्वरूप समाज के अंतिम छोड़ पर खड़े व्यक्ति की आवाज़ सरकारी विज्ञापन, चटपटी ख़बरों और पेज थ्री तक सिमट कर रह गई. जो समाचारपत्र हक़ की आवाज़ को उठाने और सरकार को आईना दिखाने का काम करती थी वही अब भ्रष्टाचारियों की चाटुकारिता, उद्धोगपतियों को फ़ायदा पहुँचाने वाली ख़बरें और हीरो-हीरोइनों के गॉसिप छापने का माध्यम भर रह गया. 1990 के बाज़ारीकरण ने प्रिंट मीडिया को भी अपनी चपेट में पूरी तरह से ले लिया।

समाचारपत्रों की इस हैरतअंगेज और बदली भूमिका ने बहुत से बुद्धिजीवियों को विचलित कर दिया। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि बाजार के इशारे पर चलने वाले समाचारपत्र में आम आदमी की आवाज़ को फिर से कैसे बुलंद किया जाये। ऐसे में संजोय घोष ने एक साहसिक क़दम उठाया। विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने और विश्व बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्था की नौकरी का ऑफर ठुकराने वाले संजोय के दिलो-दिमाग़ में आम आदमी की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने का जज़्बा मूर्त रूप लेने लगा था. अपने कार्य को अंजाम देने के लिए उन्होंने 1994 में 'चरखा'नामी एक गैर सरकारी संस्था की नींव डाली और क़लम को अपना माध्यम बनाया। संजोय देश के दूर-दराज़ और पिछड़े क्षेत्रों का दौरा करते और वहां की समस्याओं को हिंदी और अंग्रेजी के समाचारपत्रों में आलेख के माध्यम से प्रमुखता से उठाने लगे. 'साथी हाथ बढ़ाना'की तर्ज़ पर संजोय आम आदमी को ही अपनी समस्यायें स्वयं लिखने की प्रेरणा और प्रशिक्षण देने लगे. परिणामस्वरूप चरखा के बैनर तले एक ऐसी कड़ी तैयार होने लगी जो अपने अपने क्षेत्रों में ही क़लम के माध्यम से सरकार और समाज के अंतिम पंक्ति तक खड़े व्यक्ति के बीच सेतु का काम करने लगी. 

संजोय के इस साहसिक कार्य का एक तरफ जहाँ सकारात्मक परिणाम नज़र आने लगा और समाज के दबे कुचले और दूर दराज़ के लोगों की आवाज़ सरकार तक पहुँचने लगी वहीँ इसका नकारात्मक और घातक परिणाम भी सामने आया. भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे समूह की आँखों में संजोय खटकने लगे और उनकी क़लम की ताक़त को मिटाने की साजिशें शुरू हो गईं. लेकिन किसी भी परिणाम से बेख़ौफ़ संजोय अपने कार्य को अंजाम देने लगे रहे. इसी कड़ी में उन्हें 1996-97 में असम के माजुली द्धीप जाने का अवसर मिला। ब्रह्मपुत्र नदी के बीच दुनिया के इस अनोखे द्धीप पर न केवल मनुष्य बल्कि प्रकृति के साथ भी अन्याय किया जा रहा था. जिसे ख़त्म करने के लिए संजोय ने एक बार फिर क़लम को हथियार बनाया और शोषितों के मार्गदर्शक बन गए. तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगाने वाले भी संजोय के मिशन को रोकने के लिए सारी हदें पार करनी शुरू कर दीं. 

असम में उस वक़्त उल्फा उग्रवादियों का ज़ोर अपने चरम पर था. वह सभी गैर असामियों को सरकारी एजेंसी का साथ देने वाले  मुखबिर की नज़र से देखते थे और भारत सरकार के साथ लड़ाई में बाधक समझते थे. इसका भरपूर फायदा भ्रष्टाचारियों ने उठाया और संजोय के खिलाफ उल्फा उग्रवादियों को भड़काना शुरू कर दिया। आखिरकार वह अपने नापाक मक़सद में कामयाब हो गए. जुलाई 1997 में माजुली से संजोय का अपहरण कर लिया गया और फिर क़लम को सशक्त माध्यम की प्रेरणा देने वाले इस महान जादूगर की आवाज़ को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया. 

संजोय का जाना न केवल हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज़ के साथ अन्याय था बल्कि सामाजिक सरोकार से जुड़े सभी समूह के लिए भी वज्रपात से कम नहीं था. संजोय की जुदाई ने चरखा और उससे जुड़े लोगों के दिलों को अवश्य तोडा था लेकिन उनके हौसले पस्त नहीं हुए थे. उनकी इच्छाओं और मिशन को पूरा करने के लिए चरखा टीम एक बार फिर से उठ खड़ी हुई और इस काम का नेतृत्व संजोय के पिता शंकर घोष ने संभाला। उनके मार्गदर्शन में चरखा कश्मीर के दूर दराज़ क्षेत्रों से लेकर नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ और बाढ़ प्रभावित बिहार तक अपने मिशन को आगे बढ़ाने लगी. वर्ष 2005 में शंकर घोष ने ऐतिहासिक क़दम उठाते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी और उसकी ज़ुबान उर्दू के समाचारपत्रों में भी आलेख प्रकाशित करवाने का काम शुरू करवाया। इस तरह आज चरखा के आलेख देश की तीन प्रमुख भाषा हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी के समाचारपत्रों, पत्रिकाओं और वेबसाइटों में प्रकाशित हो रहे हैं.

चरखा का उद्देश न केवल आम आदमी की आवाज़ को समाचारपत्रों के माध्यम से उठाना है बल्कि उनकी समस्याओं को हल कर उनके जीवन को रौशन भी करना है. इसके लिए चरखा टीम और उससे जुड़े कार्यकर्ता प्रकाशित समस्याओं को सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के समक्ष न केवल उठाते हैं बल्कि उसका निवारण भी करवाने का लगातार प्रयास करते रहते हैं. जम्मू-कश्मीर से लेकर बिहार तक ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमे चरखा द्वारा प्रकाशित आलेख ने सरकारी अधिकारीयों को हरकत में आने और समस्याओं के फ़ौरन हल करवाने के लिए प्रेरित किया है. चरखा से जुड़े ऐसे कई लेखक हैं जिनके प्रभावपूर्ण आलेख के कारण उन्हें राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वर्तमान में चरखा समस्याओं को शब्दों में पिरोने के साथ साथ सरकारी योजनाओं से देश के पिछड़े और दूर दराज़ में रहने वालों को जागरूक करने का काम भी कर रही है.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित संजोय घोष ने जिस उद्देश्य से चरखा की स्थापना की थी आज 20 वर्षों के बाद भी वह अपने मार्ग पर गतिमान है. परिवर्तन के इन 20 वर्षों में चरखा ने भी स्वयं को प्रिंट के साथ साथ डिजिटल से जोड़ लिया है. जो उनके अधूरे सपने और मिशन को लक्ष्य तक पहुँचाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है. संजोय की कमी को पूरा करना असम्भव है लेकिन उनके जीने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणादायक साबित होता रहेगा। संजोय को श्रद्धांजलि इन शब्दों में-
सूरज हूँ ज़िन्दगी की रमक़ छोड़ जाऊंगा 
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊंगा 





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(शम्स तमन्ना)
(लेखक चरखा के पूर्व हिंदी संपादक हैं और वर्तमान में 
डीडी न्यूज़ में असिस्टेंट प्रोडूसर के पद पर कार्यरत हैं )

मशहूर कथक डांसर सितारा देवी का निधन

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कथक नृत्यांगना सितारा देवी का मंगलवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 94 साल की थीं। उनका जन्म 1920 में कोलकाता में हुआ था। सितारा देवी ने अपने पिता के संग्रहित विषयों, कविताओं और नृत्यशैली को अपने नृत्य में उकेरा था। चाहे गांव का माहौल हो या शहर का, उन्होंने अपने नृत्य के लिए आसपास के वातावरण से प्रेरणा ली। सितारा देवी के जीवन के आसपास रहने वाले चरित्र उनके नृत्य में जीवंत हो उठते थे। वह अक्सर कहा करती थीं, 'मैं बस रियाज से कृष्ण-लीला की एक कथाकार हूं।'कथक का अर्थ ही होता है 'कथा'जो कृष्ण मंदिरों में विकसित हुआ और मुस्लिम राजाओं के दरबार में अपनी बुलंदियों पर पहुंचा। सितारा देवी की जड़ें इन्हीं 'कथाकारों'या आरंभिक कथक नर्तकों तक जाती है। 

वह एक ब्राह्मण कथाकार सुखदेव महाराज के परिवार में धन्नोलक्ष्मी के रूप में पैदा हुई थीं और उन्होंने कम उम्र में शादी की जगह नृत्य को ही अपने जीवन के लक्ष्य के रूप में चुना। उनके पिता एक वैष्णव ब्राह्मण विद्वान और कथक कलाकार थे। उन्होंने सितारा को एक स्थानीय विद्यालय में भेजा। जहां उन्होंने 'सावित्री सत्यवान'की प्रस्तुति देकर अपने अध्यापकों और स्थानीय मीडिया का ध्यान खींचा। जब उनके पिता ने देखा तो उन्होंने उनका नाम सितारा रखा। 

उन्होंने अपनी बड़ी बहन की देखरेख में कथक का प्रशिक्षण पाया। जब सितारा देवी 11 साल की थीं तब उनका परिवार मुंबई आ गया। वहां उन्होंने तीन घंटे की एकल प्रस्तुति देकर नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर का प्रभावित किया। टैगोर ने उन्हें 50 रुपये और एक शॉल दी। सितारा ने उसे लेने से मना कर दिया और उनसे आशीर्वाद मांगा। अगले छह दशकों में वह कथक की बड़ी हस्ती बनीं। उन्होंने मुगल ए आजम के निर्देशक के. आसिफ से विवाह किया। 

बाद में उनका विवाह प्रताप बारोट से हुआ। वर्ष 2011 में उन्हें लेजंड्स ऑफ इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। अपने शोक संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथक के क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान को याद किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सितारा देवी के निधन पर शोक जताया। अपने शोक संदेश में सोनिया ने कहा कि उनके निधन से कथक के साथ पूरे भारतीय नृत्य शैली ने एक हस्ती को खो दिया है।

काले छतरी के साथ टीएमसी ने किया विरोध, लोकसभा स्थगित

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शारदा चिटफंड घोटाले में सांसद सृंजॉय घोष की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और केंद्र सरकार के बीच बढ़ी तल्खी का असर संसद भी देखने को मिला। शीतकलीन सत्र के दूसरे दिन तृणमूल कांग्रेस के सांसद लोकसभा में काले छाते के साथ काले धन के मुद्दे पर विरोध जताने पहुंचे। नारेबाजी करते हुए टीएमसी सांसद वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन में उनके साथ लगभग पूरा विपक्ष आ गया। सरकार ने कहा है कि वह इस मसले पर चर्चा के लिए तैयार है। हैदराबाद स्थित राजीव गांधी हवाईअड्डे का नाम बदले जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक एक बार के संक्षिप्त स्थगन के बाद दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित हो गई। 

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सांसदों के काले छाते लेकर सदन में आने पर नाराजगी जताई और हंगामे के बीच कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश करती दिखीं। लेकिन, हंगामा और विरोधी सांसदों की नारेबाजी बढ़ने के बाद उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि काले छातों के साथ सदन के भीतर विरोध की इजाजत नहीं दी जा सकती है। बैठक शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, जेडी (यू) और 'आप'के सदस्य आसन के समक्ष आकर 'काला धन वापस लाओ'के नारे लगाने लगे। इनमें से तृणमूल के कुछ सदस्य छतरियां खोले खड़े थे। इन छतरियों पर भी लिखा था 'काला धन वापस लाओ'। ये सदस्य इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। विपक्ष द्वारा यह मांग किए जाने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में उपस्थित नहीं थे। 

हंगामे के दौरान विपक्ष की बेंचों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठे समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह भी खड़े होकर कुछ कहते नजर आए। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों के विरोध के इस तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हर रोज इस प्रकार के नए तरीके खोज लेना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्य छतरियां बंद करें और उनका यह व्यवहार कतई उचित नहीं है।  अध्यक्ष ने विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और दो प्रश्न भी लिए। लेकिन, भारी नारेबाजी की वजह से प्रश्नकर्ता सदस्यों के पूरक प्रश्न और मंत्रियों द्वारा दिए गए जवाब सुने नहीं जा सके। हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने बैठक करीब 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ठगी के आरोप में केजीएमयू के प्रों के.पी.सिंह गिरफतार

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उत्तर प्रदेश की लखनऊ की चौक पुलिस ने एमबीबीएस में दाखिले दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोप में किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय .केजीएमयू. के एक प्रो. के.पी.सिंह को कल देर रात गिरफतार कर लिया  पुलिस के अनुसार केजीएमयू में कार्यरत माइक्रो बायलोजी विभाग के वरिष्ठ प्रों. के.पी.सिंह के खिलाफं कुछ लोगों ने एमबीबीएस दाखिले दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए थे  उनके खिलाफं चौक थाने में मामला र्दज कराया गया था। 
     
उन्होंने बताया कि कल रात पुलिस ने जालसाज के आरोप में डा.के.पी सिंह को गिरफतार कर लिया 1 पुलिस उन्हें आज अदालत में पेश के करने के बाद रिमांण्ड पर लेनें का प्रयास करेगी   पुलिस का कहना है श्री सिंह के एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर ठगी करने वाले लोगों से संबंध हैं  उनके तार नोएडा एवं अन्य स्थानों से जुडे हैं  इसलिए  रिमाण्ड पर लेकर उनसे पूछताछ की जायेगी

मोदी, सोनियां ने सितारा देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात कथक नृत्यांगना सितारा देवी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए टि्वट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सितारा देवी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कथक के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान कोा याद किया।  94 वर्षीय कथक नृत्यांगना का लंबी बीमारी के बाद आज तडके मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया। उनके दामाद राजेश मिश्रा ने उनके निधन की पुष्टि की। सितारा देवी का अंतिम संस्कार गुरूवार की सुबह किया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना पद्मश्री सितारा देवी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्रीमती गांधी ने अपने शोक संदेश में कहा कि सितारा देवी के निधन से देश ने एक ऐसी कथक हस्ती को खो दिया है जिन्होंने इस विरासत को नई ऊंचाई दी।  गौरतलब है कि संगीत नाटक अकादमी. पद्म श्री तथा कालीदास जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित 94 वर्षीय इस कथक सितारा का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह मुंबई के जसलोक अस्पताल में निधन हो गया।

मोदी ने दिए शरीफ के साथ बातचीत के संकेत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पडोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने की भारत की प्रतिबद्धता दोहरते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीपं के साथ द्विपक्षीय वार्ता के संकेत दिए हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में होने वाले 18 वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ. दक्षेस. सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना होने पहले जारी एक बयान में श्री मोदी ने कहा कि  मैं दक्षेस सम्मेलन में दौरान अन्य नेताों के साथ अलग से द्विपक्षीय वार्ता के प्रति उत्सुकता हूं। 

भारत  दक्ष्िण  एशियाई क्षेत्र के सामाजिक आथरक विकास में सभी स्तरों पर बेहतर क्षेत्रीय एकीकरण पर जोर देता रहा है। भारत ने इसके लिए द्विपक्षीय, उप क्षेत्रीय और क्षेत्रीय स्तरों पर कई कदम उठाए हैं।     श्री मोदी ने भरोसा व्यक्त किया है कि 27 और 28 नवंबर को होने वाले दक्षेस सम्मेलन  में इस क्षेत्र की शांति और समृद्धि की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएगें।उन्होंने कहा ..पडोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाना सरकार की प्राथमिकता है।.. श्री मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में श्री शरीफ ने हिस्सा लिया था और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बातचीत भी की थी।

बिहार में 60 प्रतिशत जनता के पास जमीन का एक दुकडा भी नहीं

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बिहार में विकास और सुशासन के तमाम दावों के बीच गरीबी और बदहाली इसलिए हैें क्योकि 60 प्रतिशत लोगों के पास जमीन का एक टुकडा भी नहीं है और केवल 40 प्रतिशत लोगों को ही मनरेगा का जाब कार्ड बना है तथा इसमें 64 प्रतिशत लोगों को एक दिन का काम भी नहीं मिला है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने पिछले दिनों बिहार में  गांव का सच लोगों का हक नामक अपने र्सवेक्षण में राज्य में आम लोगों की बदहाली का यह कारण बताया है। र्सवेक्षण के अनुसार राज्य के 23 जिलों में जुलाई से सितंबर के बीच 200 जन सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि विकास कार्य के तमाम प्रचार एवं दावों के बावजूद 47.08 प्रतिशत गरीब लोगों ने पलायन भी किया है। आंकडे बताते है कि पलायन रूका नहीं है।

रिर्पोट के अनुसार 27.23 प्रतिशत लोगों का मनरेगा कार्ड गांव के मुखिया के पास बंधक बना हुआ है। जबकि 15.20 प्रतिशत लोगों को एक से सात दिन तथा।।.68 प्रतिशत लोगों से 8 से 15 दिन का ही काम मिला है। रिपोर्ट के अनुसार जमीनी हकीकत यह है कि गांवों में 8.39 प्रतिशत लोगों के पास ही शौचालया है एवं 15.4 प्रतिशत लोगों को बिजली मिली है। 45.69 प्रतिशत गरीब लोग बीपीएल की सूची से बाहर है जबकि वे इसके हकदार है। 23.07 प्रतिशत लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं है। 62.07 प्रतिशत लोग प्रखंडों के 826 पंचायतों में 2 लाख 106 ग्रामीण परिवारों तथा शहरों के 45 वार्डो के 6634 परिवारों के र्सवेक्षण रिपोर्ट में ये आंकडे पेश किए हैं। पार्टी ने यह र्सवेक्षण 44.69 प्रतिशत दलित महादलित परिवारों    24.31 प्रतिशत अतिपिछडा    15.76 प्रतिशत पिछडा एवं 11.45 प्रतिशत अल्पसंख्यक परिवारों में यह र्सवेक्षण किया है। 

र्सवेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अमीदास आयोग भंग करने भूमि सुधार के लिए बंद्धोपाध्याय कमेटी की सिफारिशें लागू न करने तथा समान शिक्षा प्रणाली के लिए मुचकुंद दुबे कमेटी की रिपोर्टो को लागू नहीं कर सकने से राज्य में जमीनी स्तर पर विकास कार्य ठीक से नहीं हो पाया है। एक कमरे में रह रहे 53.96 प्रतिशत छात्रों को छात्रवृद्धि नहीं मिल पाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में अभी भी 66.08 प्रतिशता बटाईदार खेती होती है और भूमि सुधार नहीं होने की वजह से इन खेतिहर मजदूरों की हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया हे। 

कोर्ट ने CBI से पूछा, क्यों नहीं हुई मनमोहन सिंह से पूछताछ?

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कोयला घोटाले के सिलसिले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन से पूछताछ न किए जाने को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने जांच एजेंसी सीबीआई से कड़े सवाल किए हैं। स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के मामले की जांच के दौरान क्या उसने मनमोहन सिंह से पूछताछ की थी? उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास ही था। इस मामले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख समेत कई अन्य लोगों के नाम हैं। 

सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज भरत पराशर ने जांच एजेंसी से पूछा, 'क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ जरूरी थी? क्या आपको उनसे पूछताछ की जरूरत महसूस नहीं होती? क्या आपको नहीं लगता कि एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए उनका बयान जरूरी था?'इसका जवाब देते हुए जांचकर्ता अधिकारी ने अदालत को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों से जांच के दौरान पूछताछ की गई थी और यह पाया गया था कि तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान जरूरी नहीं था। 

बहरहाल, उन्होंने यह बात स्पष्ट की कि तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ की अनुमति नहीं दी गई थी। वर्ष 2005 में जब बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, तब कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था। जांचकर्ता अधिकारी ने कहा, 'पीएमओ के अधिकारियों से पूछताछ की गई थी। पीएमओ के अधिकारियों के बयान की वजह से तत्कालीन कोयला मंत्री कोयला मंत्री से पूछताछ नहीं की गई।'उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ की अनुमति नहीं दी गई थी और यह पाया गया था कि उनका बयान जरूरी नहीं है। 

मई में आम चुनावों से पहले मनमोहन सिंह की गठबंधन सरकार कोयला घोटाले को लेकर विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि कोयला खदानों के आवंटन में पारदर्शिता न बरतने के चलते देश के राजस्व को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अगस्त में इस साल सुप्रीम कोर्ट ने कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता को देखते हुए इनका आवंटन रद्द कर दिया था।

पाकिस्तान ने मोदी और शरीफ की मुलाकात की संभावनाओं को खारिज किया

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पाकिस्तान ने सार्क समिट से इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी पीएम शरीफ के सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को काठमांडू में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोदी और शरीफ की द्विपक्षीय मुलाकात की कोई योजना नहीं है। भारतीय मीडिया में लगातार ऐसी रिपोर्ट्स आ रही थीं, जिनमें कहा जा रहा था दोनों देशों के नेता अनौपचारिक तौर पर मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के कट्टरपंथी हुर्रियत नेताओं से बातचीत करने के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर थी थी।

सरताज अजीज ने कहा कि यदि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ऐसी किसी मुलाकात के लिए आग्रह करेंगी तो यह संभव भी हो सकती है। अजीज ने कहा कि यह भारत के ऊपर है कि वह पाकिस्तानी पीएम के साथ अनौपचारिक बातचीत करना चाहता है या नहीं। हालांकि स्वराज अनौपचारिक तौर पर अजीज से मुलाकात कर चुकी हैं। गौरतलब है कि मोदी भी सार्क बैठक में हिस्सा लेने नेपाल पहुंच चुके हैं। दो दिनों के 18वें दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ शिखर सम्मेलन में रक्षा और सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होगी। साथ ही सदस्य देशों के बीच बेहतर परिवहन संपर्क और व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं का बेहतर प्रवाह सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की जाएगी।

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी एक मजबूत सार्क संगठन के निर्माण पर जोर देते आए हैं और विभिन्न देशों के शीर्ष राजनयिकों में इस बात को लेकर बहुत उत्साह है कि मोदी आठ देशों के इस समूह को क्षेत्रीय महाशक्ति बनाने के लिए क्या प्रस्ताव रखेंगे। शिखर सम्मेलन का विषय 'शांति एवं समृद्धि के लिए गहरा क्षेत्रीय एकीकरण'है और कई सदस्य देशों के राजनयिकों का कहना है कि शिखर सम्मेलन से कुछ क्षेत्रों में 'नई सफलताएं'मिलने की उम्मीद है।

मनमोहन से पूछताछ की नहीं थी अनुमति : सीबीआई

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सीबीआई ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत को मंगलवार को बताया कि उसे कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ की अनुमति नहीं थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने एजेंसी से पूछा, ‘क्या आपको नहीं लगता कि इस मामले में तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ जरूरी थी? क्या आपको उनसे पूछताछ की जरूरत महसूस नहीं हुयी? क्या आपको नहीं लगता कि एक स्पष्ट तस्वीर पेश करने के लिए उनका बयान जरूरी था?’ इस पर जांचकर्ता अधिकारी ने अदालत को बताया कि शीर्ष उद्योगपति के एम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख की संलिप्तता वाले कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले की जांच के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों से पूछताछ की गई थी और यह पाया गया था कि तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान जरूरी नहीं था।

बहरहाल, उन्होंने यह बात स्पष्ट की कि तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ की अनुमति नहीं दी गई थी। बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को जब 2005 में ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए , तब कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास था। जांचकर्ता अधिकारी ने कहा, ‘पीएमओ के अधिकारियों से पूछताछ की गई थी। पीएमओ के अधिकारियों के बयान के आलोक में तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ नहीं की गई।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘तत्कालीन कोयला मंत्री से पूछताछ की अनुमति नहीं थी। यह पाया गया था कि उनका बयान जरूरी नहीं है।’

बिहार : कुलपति आवास पर छात्रों का उग्र प्रदर्शन, पुलिसकर्मियों के साथ तीखी झड़प

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लंबे दिनों से कुलपति द्वारा वार्ता नहीं किये जाने पर जुर्माने की राशि लौटाने के लिए हुआ प्रदर्शन, कुलसचिव ने कुलपति से बातकर की जुर्माने की राशि वापसी का आश्वासन, 27 को ए.आई.एस.एपफ. से कुलपति की होगी वार्ता, कुलानुशासक व थानाध्यक्ष के कापफी समझाने पर कुलपति आवास से हटे छात्रा।

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पटना वि.वि.- आज पटना वि.वि. कुलपति आवास पर सुबह 9.30 बजे आॅल इंडिया स्टूडेंट्स पफेडरेशन ;ए.आई.एस.एपफ.द्ध के छात्रों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। अचानक कुलपति आवास पर पहुंचे प्रदर्शनकारी छात्रों के गुस्से को देख आवास के मुख्य द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं निजी सुरक्षा कर्मियों को कापफी मशक्कत करनी पड़ी। पीरबहोर थाना से पुलिस कर्मियों का बड़ा दल छात्रों के आक्रोश को देख पहुंचा। जिसमें छात्रों और पुलिसकर्मियों मंे तीखी नोंक-झोंक हुई। 
 
तानाशाह कुलपति वाई.सी. सिम्हाद्री वापस जाओ, छात्रों से वार्ता क्यों नहीं जवाब दो, जुर्माने की राशि वापस करो, छात्रों पर दर्ज पफर्जी मुकदमे वापस लो। पटना वि.वि. केन्द्रीय पुस्तकालय 24 घंटे खोलना होगा, छात्रावासों की जर्जर स्थिति दूर करो आदि रोषपूर्ण नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों को देख कुलसचिव डाॅ. सुध्ीर श्रीवास्तव पहुंचे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलसचिव श्री श्रीवास्तव से कहा कि कुलपति एक तरपफ छात्रों को अमर्यादित टिप्पणी के लिए मापफी मांगते हैं जिसमें यह भी जिक्र है 100 पफीसदी उपस्थिति का आदेश उनके द्वारा नहीं दिया गया है बल्कि 75 पफीसदी का 100 पफीसदी करने की बात कही गयी है। वहीं कुलपति के आदेश से कई महाविद्यालयों में छात्रों से 50 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने की राशि वसूल की गई है। इस तरह जिन काॅलेजों में छात्रों से पैसे की वसूली की गयी है तत्काल वापस हेतु काॅलेज व पी.जी. विभागों को निर्देश भेजा जाय। छात्रों ने यह भी  कहा कि जब पटना वि.वि. अध्निियम में जुर्माने का कोई जिक्र नहीं है तो पिफर छात्रों से वसूली कहां तक जायज है। कुलपति से बात कर पुनः लौटे कुलसचिव ने छात्रांेे को आश्वास्त किया कि सभी पी.जी. विभागों एवं काॅलेजों को इस तरह का निर्देश दिया जायेगा जिसमें यह जिक्र होगा 50 रुपया अनुपस्थिति दण्ड छात्रों से नहीं लिये जायें और जिनसे लिये गये हैं तत्काल उसकी वापसी हो। कुलसचिव की बात सुन ए.आई.एस.एपफ. के छात्रांे ने कुलपति द्वारा छात्रों से मिल इन्हीं बातों को कहने की मांग की। जिस पर कुलसचिव ने कहा कि कुलपति आज छात्रों से नहीं मिल पाएंगे। प्रदर्शन कारी छात्रोें ने कहा कि विगत दिनों राज्यपाल व मुख्यमंत्राी ने ए.आई.एस.एपफ. के छात्रांे से वार्ता किये हैं वहीं राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति भी समय-समय पर बात करते हैं तो पिफर पी.यू. कुलपति क्यों नहीं। पीरबहोर थानाध्यक्ष निसार अहमद एवं पटना वि.वि. कुलानुशासक भी इस दौरान पहुंचे तथा छात्रों को समझाने का प्रयास किया। कुलपति से बात कर कुलानुशासक ने छात्रों को कहा कि आज दीक्षांत समारोह में व्यस्तता के कारण छात्रों की वार्ता नहीं हो पाएगी लेकिन 27 नवम्बर गुरुवार ए.आई.एस.एपफ. के छात्रों से कुलपति वार्ता कर बिन्दुवार बात करेंगे। इस पर दो घंटे बाद प्रदर्शनकारी छात्रा गेट से हटे। 

प्रदर्शन में ए.आई.एस.एपफ. के राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्यकार्यकारिणी सदस्य आकाश गौरव, जिला सचिव रूपेश सिंह, जिला सह-सचिव साजन झा, जिलाध्यक्ष महेश कुमार, जिला उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र कुमार, पटना वि.वि. के सचिव मो. हदीश, राहुल कुमार, वि.वि. उपाध्यक्ष प्रभात कुमार, महानगर अध्यक्ष उज्जवल कुमार, रंजीत पण्डित, राकेश कुमार, राहुल, अवनीश, कृष्ण मुरारी, जन्मेजय, राध्े, अजीत, राजीव सहित दर्जनों छात्रा उपस्थित थे।

डीडीए ने जारी किए विजेताओं के नाम

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दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी के घरों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। डीडीए ने करीब 25040 सस्ते घरों के विजेताओं के नाम जारी कर दिए हैं। डीडीए की वेबसाइट पर इन विजेताओं के नाम अपलोड हैं। इसके पहले डीडीए ड्रॉ प्रक्रिया के तहत सीड नंबर जज और विशेषज्ञ समिति के 3 सदस्यों ने चुने। इन सदस्यों में दिल्ली हाई कोर्ट की पूर्व जज मंजू गोयल, आईआईटी प्रफेसर अंजू कुमार और इंफर्मेशन डायरेक्टर महेश चंद्रा शामिल थे। सबसे पहले शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के ड्रॉ की प्रक्रिया चली। इसके बाद बाद रिटार्यड कर्मचारी, शहीद सैनिकों की पत्नियों, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए ड्रॉ की प्रक्रिया चली।

गौरतलब है कि ड्रॉ श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग किया जाएगा। कुल फ्लैटों का 15 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति के आवेदकों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 7.5 फीसदी फ्लैट्स अनुसूचित जनजाति के लिए, 1 फीसदी शहीदों की पत्नियों के लिए, 1 फीसदी रिटायर्ड सैनिकों के लिए और 3 फीसदी फ्लैट्स विकलांगों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस योजना में शामिल कुल 25040 फ्लैटों में से सर्वाधिक 22 हजार के करीब एलआईजी हैं। इनके अलावा 21 एचआईजी, 49 एमआईजी, जनता 1195 और ईडब्ल्यूएस के लिए 700 फ्लैट्स शामिल किए गए हैं।

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (24 नवम्बर)

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गुमनाम, अहस्ताक्षरित, बिना पता लिखी शिकायत नस्तीबद्ध ह¨ंगी, 
  • कर्मचारी मतदान की गोपनीयता बनाए रखें , कलेक्टर ने दिये निर्देश

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टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री केदार शर्मा ने बताया है कि राज्य शासन ने गुमनाम, अहस्ताक्षरित, बिना पता लिखी शिकायत¨ं पर कार्यवाही न करते हुए ऐसी शिकायत¨ं क¨ नस्तीबद्ध करने के निर्देश दिये हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी संबंधितों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि    “मंथन-2007’’ में की गई अनुशंसा के पालन में इस आशय का आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में 25 अप्रैल 2007 में भी जारी किया गया था।

कर्मचारी मतदान की गोपनीयता बनाए रखें 
 श्री शर्मा ने निर्देशित किया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए जारी किए गए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक पदाधिकारी, लिपिक, अभिकर्ता या अन्य व्यक्ति जो निर्वाचन में मतों के अभिलेखन या उनकी गणना के संबंध में किसी कर्तव्य का पालन करता हो, मतदान की गोपनीयता को बनाए रखेगा तथा उसे बनाए रखने में सहायता देगा। साथ ही वह विधि के द्वारा या अधीन प्राधिकृत किसी प्रयोजन की स्थिति को छोड़कर अन्य किसी व्यक्ति को ऐसी कोई भी जानकारी संसूचित नहीं करेगा जिससे कि ऐसी गोपनीयता का अतिक्रमण होता हो। जो भी व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा वह तीन माह तक के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। 

ई.वी.एम. की कमीशनिंग जारी

टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिंह ने बताया है कि नगरीय निकाय निर्वाचन 2014 अंतर्गत ई.वी.एम. मशीनों के द्वितीय रेण्डेमाईजेशन में आवंटित ई.वी.एम. की कमीशनिंग 26 नवंबर 2014 से कृषि उपज मंडी परिसर में की जानी है। तदनुसार 26 को प्रातः 10 से बजे दोपहर 2 बजे तक नगर परिषद तरीचरकलां एवं पृथ्वीपुर के लिये तथा दोपहर 2.30 बजे से कार्य समाप्ति तक नगर परिषद जैरोन एवं कारी के लिये ई.वी.एम. की कमीशनिंग की जायेगी। इसी प्रकार 27 को प्रातः 10 से दोपहर 2 बजे तक नगर परिषद जतारा एवं बल्देवगढ़ के लिये तथा दोपहर 2.30 बजे से कार्य समाप्ति तक नगर परिषद खरगापुर के लिये ई.वी.एम. की कमीशनिंग की जायेगी। साथ ही 28 नवंबर 2014 को प्रातः 10 बजे से कार्य समाप्ति तक नगर पालिका टीकमगढ़ के लिये ई.वी.एम. की कमीशनिंग की जायेगी।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण अब 12 दिसंबर क¨

टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। प्रदेश की जिला पंचायत¨ं के अध्यक्ष पद के लिये आरक्षण अब 25 नवंबर की बजाय 12 दिसंबर 2014 क¨ किया जायेगा। आरक्षण की कार्यवाही 12 दिसंबर क¨ सुबह 11 बजे से मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) कलियास¨त बाँध, भ¨पाल के आॅडिट¨रियम में ह¨गी। आयुक्त पंचायत राज, श्री रघुवीर श्रीवास्तव ने बताया कि अध्यक्ष के लिये अनूसूचित-जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सभी वर्ग में महिलाअ¨ं के लिये लाॅट निकालकर पद आरक्षित किये जायेंगे। 

वीरांगना झलकारी बाई जयंती पर महिलाओं का हुआ सम्मान 

टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने बताया है कि जिले के कुण्डेश्वर, दुर्गानगर (बल्देवगढ़), व बुडेरा में वीरांगना झलकारी बाई जयंती मनाई गई जिसके उपलक्ष्य में शोर्यादल की सदस्यों तथा स्वागत लक्ष्मी योजनांतर्गत प्रतिभाशाली तथा उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली छात्राओं तथा महिलाओं का सम्मान किया गया। इस समारोह का आयोजन तेजस्वनी समूह, फेडरेशन तथा जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिले की प्रतिभावान महिलाओं, छात्राओं, खिलाडि़यों व शौर्या दलों का सम्मान महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती ऋजुता चैहान तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री सुनील वर्मा के द्वारा शील्ड, पुष्प गुच्छ व शाॅल द्वारा किया गया। 

अदेय प्रमाण पत्र हेतु काउंटर खोलें

टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवपाल सिह ने बताया है कि त्रि-स्तरीय पंचायत राज्य संस्थाओं के निर्वाचन हेतु अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत नाम निर्देशन पत्र के साथ अदेय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देश प्राप्त हुये हंै। श्री सिंह ने इस हेतु अधीक्षण यंत्री, म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कंपनी टीकमगढ़ को निर्देशित किया है कि अदेय प्रमाण पत्र जारी करने हेतु काउंटर खोलें तथा आयोग द्वारा दिये गये निर्देशानुसार कार्यवाही करें।

सैनिक स्कूल रीवा हेतु आवेदन आमंत्रित 

टीकमगढ़, 25 नवंबर 2014। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी टीकमगढ़ ने बताया है कि सैनिक स्कूल रीवा (म.प्र.) दूरभाष क्रमांक 07662-257105 में कक्षा 6 एवं 9 में प्रवेश के लिये फार्म लेने की अंतिम तारीख 30 नवंबर है तथा फार्म पहंुचने की अंतिम तारीख 6 दिसंबर 2014 है। उन्होंने बताया कि जो पालक अपने बच्चों को सैनिक स्कूल में पढ़ाने के लिये इच्छुक हो वे विशेष जानकारी के लिये सैनिक स्कूल की वेबसाइट ूूूण्ेंपदपोबीववसतमूंण्ंबण्पद से भी जानकारी प्राप्त कर सकते है। तदनुसार कक्षा 6 के लिये बच्चे का जन्म 2 जुलाई 2004 से एक जुलाई 2005 के मध्य हो तथा वह एक जुलाई 2015 को कक्षा 5वीं उत्तीर्ण हो एवं कक्षा 9 के लिये बच्चे का जन्म 2 जुलाई 2001 से एक जुलाई 2002 के मध्य हो तथा एक जुलाई 2015 को कक्षा 8वीं उत्तीर्ण हो वे ही इस हेतु आवेदन कर सकते हैं।

मांझी ने सरकार के नौ वर्ष पूरा होने पर नौ घोषणायें की

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बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज किसानो को धान की खरीद पर 300 रूपया प्रति क्विंटल की दर से बोनस देने और अनूसूचित जातिश जनजाति और महिलाों को उच्चतर शिक्षा में किसी तरह का शुल्क नही लिये जाने समेत नौ घोषणायें की। श्री मांझी ने आज यहां ..न्याय के साथ विकास यात्रा के नौ वर्ष.. पर रिपोर्ट कार्ड 2014 जारी करते हुये कहा कि राज्य के र्सवांगीण विकास के लिये युवा वर्ग का शिक्षित होना आवश्यक है लेकिन गरीबी के कारण अनुसूचित जाति.जनजाति और महिला शिक्षा प्राप्त नही कर पाती है। उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने अनुसूचित जाति .जनजाति के सभी छात्र.छात्राों तथा सभी वर्गो की छात्राों के लिये उच्चतर शिक्षा को मुफत किया जायेगा। इस पर होने वाले व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आवासीय विद्यालयो में बच्चों की अवासन क्षमता 28 हजार से बढ़ाकर एक लाख की जायेगी 1 उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि कार्य के लिये विशेष अभियान चलाकर सभी इच्छुक किसानो को विद्युत कनेक्शन छह माह में सुनिश्चित किया जायेगा। इसके साथ ही इस वर्ष किसानो को धान की अधिप्राप्ति पर 300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जायेगा।

संविधान की आठवीं अनुसूची में जल्द हीं शामिल होगी भोजपुरी - राजनाथ सिंह

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विश्व भोजपुरी सम्मेलन की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार सिंह और दिल्ली इकाई के  अध्यक्ष मनोज सिंह भावुक  के नेतृत्व में  सम्मेलन का एक प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री राजनाथ सिंह  से मिला और उन्हें भोजपुरी भाषा  को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौंपा। राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधि मंडल को  भरोसा दिलाया कि भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए सरकार जल्द ही उचित कदम उठाएगी।

डॉ० सिंह ने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि इग्नू, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय :बिहार:, बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय :मुजफ्फरपुर:, जयप्रकाश विश्वविद्यालय :छपरा:, मगध विश्वविद्यालय :बोधगया:, रांची विश्वविद्यालय झारखंड, एवं उत्तर प्रदेश के जौनपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीए से लेकर शोध तक भोजपुरी भाषा की शिक्षा दी जा रही है लेकिन प्राथमिक से लेकर इंटर तक इसके पाठ्यक्रम अभी कहीं भी शुरू नहीं हुए हैं।

विश्व भोजपुरी सम्मेलन  की दिल्ली इकाई के  अध्यक्ष मनोज सिंह भावुक ने कहा कि लोकसभा में समय समय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिये विभिन्न सांसद भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के प्रस्ताव ला चुके हैं। पिछली लोकसभा में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आश्वासन दिया था कि विधेयक लाकर इसे पारित करा दिया जाएगा लेकिन विधेयक नहीं लाया जा सका। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा यह ज्ञापन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और  प्रधानमंत्री कार्यालय को भी सौंपा गया।

इसके  बाद भोजपुरी समाज के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जंतर- मंतर पर धरना भी दिया। इस दौरान कई वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया और कहा कि भोजपुरी वर्तमान समय में भारत के अलावा मॉरीशस, फिजी, ब्रिटिश गुआना, अफ्रीकी देशों, नीदरलैंड, सूरीनाम, त्रिनिदाद एंड टोबैको सहित 50 से अधिक देशों में बोली जाती है। गुआना, फिजी और सूरीनाम जैसे देशों में तो भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता भी मिल चुकी है लेकिन भारत में इसे वह सम्मान नहीं मिल पाया जिसकी यह हकदार है। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय समन्वयक अपूर्व नारायण तिवारी ने कहा कि जब तक भोजपुरी को उसका उचित सम्मान नहीं मिल जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा। 

सभा को मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के उपाध्यक्ष अजित दुबे, विश्व भोजपुरी सम्मेलन  की दिल्ली इकाई के  अध्यक्ष मनोज सिंह भावुक  , पत्रकार पद्मपति शर्मा, विजय विनीत, सुभाष सिंह, ब्रजेश राय, विजय प्रताप, के अरविंद, विद्युत प्रकाश आदि ने भी संबोधित किया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (24 नवम्बर)

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वार्डो की सीमाओं का निर्धारण, आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित

विदिशा नगरपालिका क्षेत्र के पूर्व से अवधारित 39 वार्डो की सीमाओं के निर्धारण का प्रस्ताव तैयार किया गया है कि जानकारी देते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं नाम निर्दिष्ट अधिकारी श्री एके सिंह ने बताया है कि प्रस्ताव के संबंध में किसी को कोई आपत्ति या सुझाव हो तो सात दिवस के भीतर लिखित रूप में जमा करा सकते है। विदिशा नगरपालिका परिषद के वार्डो की सीमा निर्धारण संबंधी प्रस्ताव आमजनों के अवलोकनार्थ एवं निरीक्षण के लिए नगरपालिका परिषद विदिशा में कार्यालय दिवसो एवं समय पर उपलब्ध होगा।

जनसुनवाई कार्यक्रम में 107 आवेदन प्राप्त हुए, मौके पर 60 आवेदनों का निराकरण

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कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा आज आहूत जनसुनवाई कार्यक्रम में 107 आवेदकों ने अपने आवेदन प्रस्तुत कर मूलभूत, व्यक्तिगत समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री ओझा ने मौके पर 60 आवेदनों का निराकरण कराया। शेष आवेदनों को संबंधित विभागोे के लिए प्रेषित किए गए है और उन्हें समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। कलेक्टर श्री ओझा ने जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान खरी फाटक की श्रीमती विमला जैन को तथा राघवजी काॅलोनी में निवासरत श्रीमती शीलाबाई और श्रीमती घसीटीबाई को कामकाजी महिला का कार्ड जारी करने के निर्देश दिए। चरण तीर्थ क्षेत्र की श्रीमती सूरजबाई ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन की राशि नही मिली है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को अधिकृत किया गया। ग्राम घाटखेडी के जमना और ग्राम कागपुर के जसवंत सिंह ने भूमि पर कब्जा दिलाए जाने का आग्रह किया। उक्त प्रकरणों पर तहसीलदार को अधिकृत किया गया। सागर पुलिया के आवेदक श्री पप्पू ने बताया कि उन्हंेे मंडी में अनाज देखने नही दिया जा रहा है जिसकी जांच करने हेतु तहसीलदार को अधिकृत किया गया।  कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एमसी श्रीवास्तव, तहसीलदार श्री रविशंकर राय एवं नायब तहसीलदार सुश्री कल्पना कुशवाह के अलावा अन्य विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।

पीएम जनधन योजना का लक्ष्य पूर्ति गुरूवार तक

प्रधानमंत्री जनधन योजना के लक्ष्यों की पूर्ति गुरूवार तक पूरी कर ली जाएगी का आश्वासन मंगलवार को विभिन्न बैंको के क्षेत्रीय प्रबंधकांे ने दिया। कलेक्टर श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में आहूत इस बैठक मंे जिला पंचायत सीईओ श्री सीएम मिश्रा, लीड़ बैंक आफीसर श्री उमेश गुप्ता, जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ श्री भूपेश गुप्ता भी मौजूद थे। कलेक्टर श्री ओझा ने बैंको के क्षेत्रीय प्रबंधकों से कहा कि जिले में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत मात्र 37 हजार 956 खाते खोले जाना शेष है। बैंकर्स प्रतिनिधियों के द्वारा खाते खोले जाने की कार्यवाही शीघ्र सम्पादित की जाए। कलेक्टर श्री ओझा ने इस अवसर पर बताया कि शासन द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत खाते खोले जाने की अंतिम तिथि 28 नवम्बर नियत की गई है। इस अवसर पर सभी बैंको के क्षेत्रीय प्रबंधको ने आश्वस्त कराते हुए कहा कि लक्ष्य तिथि के एक दिन पूर्व सभी खाते स्थानीय बैंको में खोले जाने की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। जिला पंचायत सीईओ श्री मिश्रा ने बताया कि ट्रिपल एस साफ्टवेयर के तहत शासकीय अमले के द्वारा प्रत्येक शहर एवं गांव में डोर-टू-डोर सर्वे किया जा चुका है जिसके आधार पर इस बात का पता लगाया जा चुका है कि कितने परिवार, व्यक्तियों के बैंको में खाते है। खाते से वंचित परिवारो के व्यक्तियों के बैंको में खाते खोले जाने की कार्यवाही क्रियान्वित है। जिपं सीईओ श्री मिश्रा ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रो में दो लाख 93 हजार में से अब तक दो लाख 55 हजार खाते बैंको में खोले जा चुके है इसी प्रकार शहरी क्षेत्रो के एक लाख 24 हजार परिवार, व्यक्तियों के खाते खोले जाने है जिसमें से मंगलवार तक एक लाख व्यक्तियों के खाते खोले जाने की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है। जिला पंचायत सीईओ श्री मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना गरीबों में फैली आर्थिक छुआछूत को मिटाने में प्रत्यक्ष रूप से काम करेगी। उन्होंने कहा कि अब गुल्लक की जगह गरीब परिवार सीधे बैंको में राशि जमा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खुलने वाले बैंक खातो के लिए जो विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी उनमें पैसो की सुरक्षा के साथ ब्याज, डेबिट कार्ड के जरिए किसी भी एटीएम से पैसा निकालने की और खाताधारी परिवार का एक लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा के अलावा खातेधारी के लिए कोई न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता नही है। इसके अलावा हितग्राहियों के लिए अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी उनमें हितग्राही भारत में कही भी आसानी से पैसा भेज सकता है हितग्राही को सरकारी योजना की राशि सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। छह माह तक खाते के संतोषजनक परिचालन के बाद ओव्हर ड्राफ्ट की भी सुविधा उन्हें दी गई है। वही पेंशन बीमा इत्यादि से भी लाभ दिया जाएगा। 

झारखंड में पहले चरण में लगभग 62 फीसदी वोटिंग

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झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में से पहले चरण के चुनाव के तहत आज कुल 61.92 फीसदी वोटिंग हुई। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को नुकसान पहुंचाने की छिटपुट घटनाएं हुईं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, '(वोट) प्रतिशत बाद में अपडेट किया जा सकता है।'पलामू के निर्वाचन अधिकारी के एन झा ने कहा कि छत्तरपुर विधानसभा सीट के बूथ नंबर 191 और 192 पर मामूली विवाद में ईवीएम मशीनों को नुकसान पहुंचाया गया। इन दोनों बूथों पर मतदान रद्द कर दिया गया है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि बाकी बचे माओवाद प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके जाजोरिया ने बताया कि विधानसभा चुनावों के प्रथम चरण में आज शांतिपूर्ण ढंग से कुल 61.92 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य में किसी भी इलाके से किसी तरह की हिंसा की बड़ी खबर नहीं मिली है। राज्य के जिन इलाकों में आज मतदान हुआ वहां के दूर दराज के इलाकों से अभी भी मतदान का विस्तृत विवरण आ रहा है, जिससे मतदान का अंतिम प्रतिशत और अधिक होने की संभावना है।

सिगरेट की खुदरा बिक्री पर लग सकती है रोक

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खुदरा सिगरेट पीने वाले के लिए बुरी खबर है। सरकार ने विशेषज्ञ समिति के उस सुझाव को मान लिया है जिसमें कहा गया है कि खुदरा सिगरेट की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। समिति के सुझाव मान लिए जाने की खबर के बाद शेयर बाजारों सिगरेट निर्माता कंपनियों के शेयर काफी गिर गए। समिति ने तंबाकू खरीदने वालों की उम्र सीमा बढ़ाए जाने का भी सुझाव दिया है। यही नहीं, समिति ने सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट 2003 के प्रावधानों का उल्लंघन करन वालों पर भारी जुर्माना लगाने की बात कही है।

राज्य सभा में लिखित में दिए उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बताया कि मंत्रालय ने दल की सिफारिशों को मान लिया है और विचार विमर्श के लिए कैबिनेट को एक नोट भेज दिया गया है। सिफारिशों को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और इन्हें लागू करने के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत होगी। उल्लेखनीय है कि खुली सिगरेट की बिक्री 70 प्रतिशत होती है क्योकि हर कोई 10 सिगरेट वाला पैकेट नहीं खरीद पाता।

विश्लेषकों के अनुसार, अगर सरकार सिफारिशों को मान लेती है तो सिगरेट की बिक्री में 10 से 20 प्रतिशत की गिरावट आएगी। सिगरेट उद्योग टैक्स के रूप में सरकार को 25 हजार करोड़ अदा करता है, लेकिन सरकार टैक्स के मुकाबले सेहत के प्रति ज्यादा गंभीर दिख रही है।
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