ऊना में मिल्ट्री स्टेशन एवं सीएसडी कैंटीन के लिए भूमि चयनित: डा. शांडिल
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा.(कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि ऊना तथा बिलासपुर जिलों में आधुनिक मिल्ट्री स्टेशन एवं सीएसडी कैंटीन का शीघ्र निर्माण किया जाएगा। इसके लिए ऊना जिले के वरनो, भड़शाली एवं साथ लगते 1100 एकड़ क्षेत्र में भूमि का चयन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले के बस्सी में भी भूमि चयन की प्रक्रिया प्रगति पर है। डॉ. शांडिल आज यहां मिल्ट्री स्टेशन एवं सीएसडी कैन्टीन के लिए भूमि चयन की प्रगति को लेकर आयोजित प्रदेश सैनिक कल्याण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। डा. शांडिल ने कहा कि सेना ने ऊना तथा बिलासपुर जिलों में आधुनिक मिल्ट्री स्टेशन एवं सीएसडी कैंटीन के लिए 2800 एकड़ भूमि की मांग की है। उनकी मांग के अनुरूप सरकार द्वारा ठोस प्रयास किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शेष भूमि का चयन शीघ्र कर लिया जाएगा। उन्होंने ऊना के उपायुक्त तथा सैन्य अधिकारियों को ऊना जिले के तहत चयनित 1100 एकड़ भूमि को सेना के नाम स्थानान्तरित करने की प्रक्रिया शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए ताकि निर्माण प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने आशा जताई कि ऊना तथा बिलासपुर जिलों में मिल्ट्री स्टेशन एवं सीएसडी कैंटीन बनने से इन जिलों से गुजरने वाली प्रस्तावित रेल लाईन को भी सुरक्षा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को दैनिक उपयोग व घरेलू उपयोग की अन्य वस्तुएं उचित दामों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सैनिक कल्याण विभाग द्वारा 27 सीएसडी कैंटीन, 7 विस्तार कांऊटर तथा 55 सचल सीएसडी कैंटीन के माध्यम से सैनिकों एवं उनके आश्रितों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं उचित दामों पर उपलब्ध करवाई जा रही है। ऊना के उपायुकत श्री अभिषेक जैन ने इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग से दो वर्ष पूर्व सेना को स्थानान्तरित भूमि, जिसपर अभी तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है, के लिए दोबारा आवेदन करने का आग्रह किया। इस मौके पर ब्रिगेडियर पी.बी.एस. लाम्बा, कमांडर 95-इन्फैंट्री ब्रिगेड, कसौली ने सैनिक कल्याण हाऊसिंग संगठन प्रोजेक्ट के लिए सोलन जिले के कण्डाघाट तथा न्यू-शिमला में भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की। बैठक में सैनिक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डा. सुनिल चौधरी, सैनिक कल्याण विभाग, हमीरपुर के ओएसडी श्री राकेश वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री से की चिकित्सकों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से आज यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अध्यक्ष श्री एम.के. भान सहित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के चिकित्सकों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न मामलों जैसे ट्रामा उपचार के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं, प्रशिक्षित श्रमशक्ति तथा आईजीएमसी एवं टांडा जैसे टरशरी उपचार केन्द्रों पर पडऩे वाले दबाव को कम करने के लिए सैकेंडरी स्वास्थ्य उपचार को और सुदृढ़ बनाने पर विस्तृत विचार विमर्श किया। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने से सम्बन्धित मामलों पर भी विचार-विमर्श किया।
सरकार पोर्टमोर स्कूल में होस्टल की संभावनाओं का पता लगाएगी
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिमला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर में लड़कियों के छात्रावास के निर्माण के लिए संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। इससे पूर्व इस मामले को वन विभाग से उठाया जाएगा, क्योंकि वन क्षेत्र में छात्रावास के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध है। मुख्यमंत्री आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले के दूरदराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लड़कियां पोर्टमोर स्कूल में पढ़ रही हैं। इसके दृष्टिगत स्कूल में उनके लिए छात्रावास की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने स्कूल परिसर के चारों ओर तारों को लगाने का कार्य पूरा करने, पार्क के निर्माण तथा जल संवद्र्धन ढांचे के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि परिसर के भीतर प्रारम्भिक स्कूल भवन की छत को लगाने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।मुख्यमंत्री ने स्कूल में उच्च गुणात्मक शिक्षा के मापदंडों को बनाए रखने तथा अन्य गतिविधियों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए स्कूल प्रबन्धन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में हर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है।उन्होंने छात्राओं द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने तथा एक्रोबेटिक एवं सेल्फ डिफेंस प्रस्तुत करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला की छात्राओं को 40 हजार रुपये तथा प्रारम्भिक स्कूल पोर्टमोर की छात्राओं को 10 हजार रुपये देने की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी भी ली।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल की स्मारिका ‘वाटिका’ का भी विमोचन किया तथा स्कूल की वैबसाइट ूूूण्चवतजउवतमेबीववसण्पद का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों में मेधावी छात्राओं को पुरस्कार भी बांटे।इससे पूर्व, स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती निशा भलूनी में मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।स्कूल की हैडगर्ल अबरूति चौहान ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। नगर निगम शिमला के महापौर श्री संजय चौहान, प्रधान सचिव शिक्षा श्री पी.सी. धीमान, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के निदेशक श्री अशोक शर्मा, अतिरिक्त निदेशक शिक्षा श्री आर.के. प्रूथी, शिक्षक तथा विद्यार्थी इस अवसर पर उपस्थित थे।
निजी भूमि पर पेड़ों के कटान के मामले पर जांच की जा रही
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिमला के निकट तारा देवी में निजी भूमि पर पेड़ों के कटान के मामले पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि निजी भूमि पर बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान किया गया है तथा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वह आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर, शिमला के वार्षिक समारोह के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कई महत्वपूर्ण बिल रखे जाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिपक्ष प्रदेश के विभिन्न विकासात्मक मामलों पर सकारात्मक चर्चा में पूर्ण सहयोग देगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के हाल ही के सत्र में वाकआउट को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विपक्ष पर निर्भर करता है कि वह महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करना चाहती है या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के विभिन्न हिस्सों से पोर्टमोर स्कूल की छात्राओं के लिए पर्याप्त बस सुविधा सुनिश्चत बनाई जाएगी।
रबी 2014-15 के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । वर्ष 2014-15 में रबी मौसम के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री ने प्रशासनिक मंजूरी प्रदान कर दी है। इस कार्य के लिए भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड (एआईसी) को सोलन जिले में टमाटर की फसल तथा आईसीआईसीआई लोमबार्ड जीआईसी लमिटेड को कांगड़ा जिले में आलू की फसल के लिए कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है। धुंध, ठंड, निम्न व उच्च तापमान, तेज हवा व अत्याधिक वर्षा इत्यादि से होने वाले फसल नुकसान को योजना में शामिल किया जाएगा। भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड ने टमाटर व आलू की फसलों के लिए बीमा के प्रीमियम दरें 11.5 प्रतिशत तय की हैं। कुल प्रीमियम का 50 प्रतिशत बीमित किसान को देना होगा और शेष केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा 50:50 के अनुपात में वहन किया जाएगा। सहकारी बैंक व भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड, जो अग्रणी बैंक व कार्यान्वयन एजेंसियां हैं, यह सुनिश्चित बनाएंगे कि राज्य में योजना का प्रभावी तरीके से कार्यान्वयन हो। इस योजना को निर्धारित एवं चिन्हित क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। टमाटर की फसल के लिए गैर-ऋणी किसानों के फसल बीमा प्रस्ताव की अंतिम तिथि 10 मार्च, 2015 जबकि ऋण प्राप्त किसानों के लिए अंतिम तिथि 15 मार्च, 2015 निर्धारित की गई है। इसी प्रकार, आलू की फसल के लिए ऋणी किसानों के फसल बीमा प्रस्ताव की अंतिम तिथि 5 जनवरी, 2015 और गैर ऋणी किसानों के लिए 31 दिसम्बर, 2014 की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस तिथि के बाद कोई भी बीमा छत्र मान्य नहीं होगा। बैंकों को भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड से प्राप्त दावे की रसीद की तारीख के 15 दिनों के भीतर लाभार्थियों को धनराशि जारी व वितरित करनी सुनिश्चित बनानी होगी।
मुख्यमंत्री द्वारा डोडरा-क्वार के अग्निकांड प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । शिमला जिले के अन्तर्गत डोडरा-क्वार की ग्राम पंचायत जाखा के दुर्गम गांव धारा में अग्निकांड में जिन लोगों के मकान जले, उन प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने हुए मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने 240 बैडसीट/कंबल तथा दो दर्जन से अधिक मैटरसिज उपलब्ध करवाए हैं। धारा गांव में हाल ही में हुए भीषण अग्निकांड में 8 मकान आग की भेंट चढ़े। मुख्यमंत्री ने इन मकानों के पुनर्निमाण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की है। साथ ही, उन मकानों के जीर्णोंद्धार के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है, जिनके मकान आग से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री से आज यहां इस सम्बन्ध में एक प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की।
मनमोहन कटोच को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सचिव नियुक्त किया
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने मनमोहन कटोच को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सचिव नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने कहा कि यह नियुक्ति अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (हाईकमान) के निर्देशानुसार की गई है। उन्होंने कहा कि मनमोहन कटोच पूर्व में हिमाचल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी के युवा, कर्मठ व जुझारू नेता है।
नरेन्द्र बरागटा द्वारा दूसरे चरण के अभियान को ‘असत्यग्रह-2’ करार दिया
शिमला , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । जुब्बल-कोटखाई मण्डल कांग्रेस के अध्यक्ष रमेश चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश रांटा, उपाध्यक्ष राम कृष्ण शर्मा, महासचिव जिया लाल चौहान, चतर सिंह, रूपेन्द्र धांटा, राजेन्द्र सिंह एवं प्रताप चौहान तथा कोषाध्यक्ष हेत राम ने ठियोग-हाटकोटी-रोहड़ू मार्ग को लेकर भाजपा नेता श्री नरेन्द्र बरागटा द्वारा दूसरे चरण के अभियान को ‘असत्यग्रह-2’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर श्री बरागटा ने इस सडक़ मार्ग को लेकर राजनीति ही करनी है तो उन्हें ‘प्रायश्चित यात्रा’ करनी चाहिए थी, क्योंकि नौटंकी, ड्रामेबाजी व भ्रामक बयानबाजी से उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। जुब्बल-कोटखाई मण्डल कांग्रेस के इन नेताओं ने इस बात पर हैरानी जताई कि भाजपा नेता ने अपनी करारी हार के बावजूद भी कोई सबक नहीं लिया है और झूठ का सहारा लेकर पुन: राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता का कहना है कि उन्होंने 80 किलोमीटर के इस मार्ग में करीब 137 जनसभाएं कीं यानि हर चार किलोमीटर से कम दूरी पर उन्होंने जनसभाएं कीं और उनकी इस पद्यात्रा में 57000 लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मु_ी भर लोगों को लेकर उन्होंने यह ड्रामा शुरू किया, जिसमें भाजपा का एक धड़ा ही शामिल था और यह पदयात्रा पूरी तरह फ्लाप साबित हुई। भ्रामक व गुमराहपूर्ण बयान देकर श्री बरागटा क्या साबित करना चाहते हैं, यह समझ से परे है। श्री बरागटा हार के सदमे से उभर नहीं पाए हैं, इसलिए वे पद यात्रा जैसे ड्रामे कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यदि वे वास्तव में सडक़ की हालत से दुखी थे तो उन्हें ठियोग-कोटखाई-हाटकोटी-रोहड़ू मार्ग से ही पद यात्रा करनी चाहिए थी परन्तु भाजपा नेताओं ने पदयात्रा जानबूझ कर टिक्कर होते हुए निकाली। उन्होंने कहा कि जहां तक स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन का सवाल है, तो श्री बरागटा को स्वयं इस बात की जानकारी देनी चाहिए कि पूर्व भाजपा कार्यकाल में उनके पास पांच-पांच मंत्रालय थे और स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल में इस क्षेत्र में कितने स्वास्थ्य शिविर लगाए। जबकि वास्तविक स्थिति यह थी कि क्षेत्र में डाक्टरों की भारी कमी थी और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए लोग तरस गए थे। इन नेताओं ने कहा कि इस सडक़ मार्ग को लेकर वर्ष 2010 में जुब्बल निवासी द्वारा हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय में पीआईएल दायर की थी। उस समय प्रदेश में श्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी और श्री बरागटा मंत्री थे। यह आज भी माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और अब तक इस मामले में 17 से अधिक सुनवाइयां हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस सडक़ को राज्य उच्च मार्ग का दर्जा प्रदान किया था, परन्तु भाजपा सरकार के भेदभावपूर्ण रवैये के कारण ठियोग-कोटखाई-हाटकोटी सडक़ को डिनोटिफाई कर जिला ग्रामीण सडक़ की श्रेणी में लाया गया। उस समय श्री बरागटा प्रदेश सरकार में बागवानी मंत्री थे, उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। गुम्मा स्थित कार्टन फैक्टरी को इन्हीं के कार्यकाल में कबाड़ के भाव बेच दिया गया और इसके पश्चात् इसी स्थान पर जन्मदिन जैसा उत्सव मनाया गया। सडक़ की यह हालत थी कि वर्ष 2010 में एक साल में ही बागवानों को 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। कई-कई दिनों तक सडक़ बंद रही और कई महत्वपूर्ण जानें गईं। बागवानों का सेब सडक़ किनारे सड़ गया और श्री बरागटा तो अपने विभाग का सेब भी नहीं उठा पाए। ऐसे अनेक आंकड़े उपलब्ध हैं, जिनकी कांग्रेस राज से तुलना नहीं की जा सकती। इतना स्पष्ट है कि श्री बरागटा अपने कार्यकाल में केवल बदला-बदली, भोले-भाले बागवानों को गुमराह करने ओर शिगुफे छोडऩे के साथ-साथ कांग्रेस के कार्यों का श्रेय लेने में ही समय पूरा करते रहे। पूरे पांच साल में इस सडक़ का मात्र 10 प्रतिशत भी कार्य नहीं किया गया, जो शर्मनाक है। उन्होंने हैरानी जताई कि ऊना जिले के मेहतपुर-ऊना सडक़ के निर्माण का कार्य भी चीन की उसी कंपनी को आवंटित किया गया था जो ठियोग-कोटखाई-हाटकोटी मार्ग का कार्य कर रही थी। लेकिन, उस मार्ग पर भाजपा नेतृत्व का हित था, इसलिए बनकर तैयार हो गई लेकिन सेब उत्पादक क्षेत्र उपेक्षित रह गए। यह सब भाजपा के शिमला के ऊपरी क्षेत्रों के प्रति द्वेषपूर्ण भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व की प्रदेश सरकार इस सडक़ के निर्माण के प्रति वचनबद्ध है और यह कार्य तीन वर्षों में पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह नाटक बेनकाब होगा और जो राजनीति भाजपा इस मार्ग को लेकर कर रही है उसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
जिया और बड़सर में जैविक प्रोजेक्ट आरंभ
पालमपुर, 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । - जैविक खेती के लिए कृषि विभाग और कॉमसन एग्रो द्वारा प्रदेश भर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ट्रिप्पल पी मोड पर पालमपुर उपमण्डल के जिया और बड़सर क्षेत्र का चयन किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दोनों पंचायतों के कुल 826 एकड़ में से 20 एकड़ भूमि पर गेहूं की बिजाई से कटाई वैज्ञानिक देख-रेख में पूरी तरह जैविक रूप से की जाएगी। प्रदेश सरकार और कॉमसन एग्रो कंपनी द्वारा 70:30 के अनुपात में संचालित किया जा रहा है। जिसमें जैविक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी के उपजाऊपन पर अनुसंधान किया जायेगा। इसमें किसानों से जैविक खाद और परमपरागत दोनों ही रूप मेें खेती करवा कर उत्पादन के अंतर पर अध्यन किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट में किसानों को जैविक खाद इत्यादि किसानों को कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है। फसलों में पूरी तरह रसायनिक खादों और कीटनाशकों का उपयोग समाप्त करके जैविक खाद एवं कीटनाशकों से उसी अनूपात में उत्पादन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रदेश में कांगड़ा जिला के जिया बड़सर क्षेत्र में की गई है और इसके सार्थक परिणाम आने पर चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है।इस प्राजेक्ट में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा और समान्य वर्ग से संबंिधत 102 किसानों को शामिल कर 20 एकड़ भूमि में जैविक खेती के लिए चयनित कर गेहंू की बिजाई की जा रही है। साथ-साथ शेष 800 एकड़ जमीन पर परम्परागत तरीके जैसे रसायनिक खाद एवं कीटनाशकों के उपयोग से भी की जा रही है। दोनों विधियों से खेतीबाड़ी का उत्पादन में क्या अंतर आता है उस पर अध्यन कर किसानों को अधिक से अधिक जैविक खेती की ओर किसानों को प्रेरित किया जायेगा। इसके अलावा किसानों को रसायनों के दुष्परिणामों की जानकारी देने के साथ-साथ जैविक उत्पादों की अधिक मांग और कीमत प्राप्त होने से किसानों की आर्थिक रूप से अधिक लाभ भी प्राप्त होगा। प्रदेश में रसायनिक कीटनाशक मुक्त खेती कि ओर किसानों को प्रेरित करने के लिए यह प्रोजेक्ट जिला कांगड़ा के तीन विकास खण्डों भवारना, सुलह स्थित भेडू महादेव और नगरोटा बगवां के 20 एकड़ क्षेत्र में आलू की फसल पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भी किया जा रहा है। इसके अतंर्गत आलू पंतगा और झुलसा रोग की चपेट में आने वाली आलू की फसल पर जैविक कीटनाशकों से उपचार होगा। भवारना विकास खण्ड के गढ़ इत्यादि के 5 एकड़ क्षेत्र, सुलह का पनापर इत्यादि का 5 एकड़ क्षेत्र और नगरोटा बगवां का पठियार इत्यादि का 10 एकड़ क्षेत्र चयनित किया गया है। मूल रूप से आलू उत्पादन के लिए जाने वाले इन क्षेत्र में अनुसंधान के रूप में इस बार जैविक कीटनाशकों के प्रयोग कर आलू पतंगा और झुलसा रोग पर काबू पाया जायेगा। आतमा के प्रोजेक्ट निदेशक रिपन सूद ने बताया कि खाद्य उत्पादों को रसायनों के प्रयोग को कम करने के लिए किसानों को जैविक खेती की और प्रेरित करने के कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। जिससे किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि ट्रिप्पल पी मोड़ पर प्रदेश में यह परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आरंभ की गई है, जिसमें जमीन की उत्पादकता में जैविक खादों के प्रयोग और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग से उत्पादन के अंतर पर अध्यन किया जा जायेगा।
आरटीआई का प्रयोग जनहित से जुड़े मुद्दों में करने को वरीयता दी जाए- भीमसेन
धर्मशाला, 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । सूचना का अधिकार अधिनियम के विभिन्न कानूनी पहलुओं को जानने वाला प्रत्येक नागरिक सार्वजनिक मंच पर जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाकर लोकायुक्त की भूमिका निभा सकता है। लोगों को व्यक्तिगत मुद्दों के मुकाबले जनहित से जुड़े मुद्दों को वरियता देते हुए सामाजिक हित में सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि सार्वजनिक हित व्यक्तिगत मुद्दों से कहीं अधिक बड़े हैं। यह जानकारी हि0प्र0 सूचना आयुक्त, भीमसेन ने धर्मशाला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम का उपयोग जनहित से जुड़े मुद्दों में करने से हर आम व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का उचित एवं गुणवत्तायुक्त लाभ प्राप्त हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम से जुड़े हर अधिकारी को जनहित के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए और उसे आवश्यक सूचना को सम्बद्ध व्यक्ति या संस्था तक निर्धारित समयावधि में पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरटीआई ने प्रत्येक नागरिक को हर सरकारी संस्था एवं सरकार से अनुदान एवं अन्य सहायता प्राप्त कर रही संस्था से प्रत्येक प्रकार की जानकारी प्रदान करने का अवसर प्रदान किया है अत: प्रत्येक व्यक्ति इन संस्थाओं से किसी भी प्रकार की जानकारी ले सकता है। उन्होंने बताया कि मांगी गई सूचना 30 दिनों के भीतर प्रत्येक जन सूचना अधिकारी को प्रदान करना अनिवार्य है। अगर सूचना इस अवधि में प्राप्त नहीं होती है तो संबंधित व्यक्ति प्रथम अपील कार्यालय जन सूचना अधिकारी को कर सकता है इस संदर्भ में प्रथम अपील कार्यालय 30 दिनों के भीतर अपना फैसला देगा। इस अवधि में अगर जन सूचना अधिकारी से सूचना प्राप्त नहीं होती है तो अपीलकर्ता दूसरी अपील प्रदेश सूचना आयुक्त को कर सकता है। थर्ड पार्टी के संदर्भ में मांगी गई सूचना संबंधित सूचना अधिकारी को जनहित में संबंधित व्यक्ति से 10 दिनों के भीतर मौखिक तौर पर वार्ता कर सूचना मांगने वाले व्यक्ति को तय अवधि में प्रदान करना आवश्यक होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के अधीन हर कार्यालय, गैर सरकारी संस्था एवं सहकारी बैंकों से संबंधित सूचना के संदर्भ में अपील प्रदेश जन सूचना कमीशन से मांगी जानी चाहिए जबकि केंद्र सरकार के अधीन समस्त कार्यालयों एवं बैंक संस्थानों के संदर्भ में सूचना केंद्र जन सूचना कमीशन से मांगी जा सकती है। श्री भीमसेन ने बताया कि प्रदेश में गत वर्ष से यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक कार्यालय में कार्यालय फाईल में की जाने वाली नोटिंग के अंत में नोटिंग करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी अपना पूर्ण नाम व पदनाम अंकित करे जबकि कार्यालय पत्रों के संदर्भ में पत्र जारी करने वाला अधिकारी को पत्र के अंत में अपना पूरा नाम पदनाम सहित लिखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मांगी गई सूचना के विषय में पूर्ण जानकारी उस समय के अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय इत्यादि के संदर्भ में प्रदान की जा सके।
अब महराणा का सफर भी होगा सुहाना : राणा
- सडक़ निर्माण के लिए 68 लाख की राशि स्वीकृत
- गत कई दशकों से उठाई जा रही है सडक़ निर्माण की मांग
सुजानपुर, 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । सुजानपुर उपमंडल की स्पाहल पंचायत के महराणा के लिए सडक़ निर्माण को 68 लाख 87 हजार की राशि नाबार्ड के तहत स्वीकृत की गई है, विगत कई दशकों से इस पंचायत के लोगों द्वारा सडक़ निर्माण की मांग उठाई जा रही थी, अब सडक़ निर्माण के लिए बजट स्वीकृत होने के बाद लोगों को आवाजाही की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। यह जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने पटलांदर में लोगों की समस्याएं सुनने के उपरांत देते हुए कहा कि सुजानपुर के दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसी माह नाबार्ड के तहत तीन करोड़ 11 लाख की राशि स्वीकृत करवाई गई है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विकास के साथ जोड़ा जा सके। उन्होंने स्पाहल पंचायत के ग्रामीणों से सडक़ निर्माण में हर संभव सहयोग प्रशासन को देने का आग्रह भी किया गया है ताकि शीघ्र ही निर्माण कार्य आरंभ हो सके। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पनोह में भ्याल सडक़ के लिए 23 लाख 67 हजार, रंघड़ में सडक़ निर्माण के लिए 84 लाख 14 हजार की राशि स्वीकृत की गई है जबकि अस्थोटा से लंबरी के लिए सडक़ निर्माण पर 45 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि रंघड़ से सणू के लिए सात लाख सत्तर हजार, जंदड़ू से गांव सुरवाणी के लिए सात लाख सत्तर हजार, खनौली से गांव चमियाणा दी खनौली सडक़ के लिए सात लाख सत्तर हजार, बेरड़ा से सणू दी खाती सडक़ के लिए भी सात लाख सत्तर हजार की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों के लिए सडक़ निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है इन क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से सडक़ निर्माण की लोगों द्वारा मांग उठाई जा रही है तथा उनकी मांग को पूरा किया गया है इन सडक़ों के निर्माण से करीब दो हजार से भी ज्यादा लोगा लाभाविंत होंगे। राजेंद्र राणा ने कहा कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र को आदर्श क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा तथा इस के लिए चरणबद्व तरीके से कार्य किया जा रहा है। राणा ने कहा कि सभी पंचायतों का कार्य बिना किसी भेदभाव के करवाया जा रहा है, लोगों की समस्याओं का त्वरित निदान भी सुनिश्चित किया जा रहा है। राणा ने कहा कि वर्तमान सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में अथाह विकास हुआ है, इन दो वर्षों में विकास की ऐसी इबारत लिखी गई है जो कि शायद गत पांच दशकों में भी संभव नहीं हो पाया है। राणा ने कहा कि समाज सेवा ही उनका मुख्य ध्येय है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों की समस्याओं का निदान उनके घर द्वार पर जाकर करने का प्रयास आरंभ किया गया है इसमें सुजानपुर के आम लोगों का रचनात्मक सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जो कुछ भी सुजानपुर के लिए मांगा गया है वह सब पूरा किया गया है। उन्होंने सुजानपुर के सिविल अस्पताल मंजूर करने के लिए भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सिविल अस्पताल के बनने से लोगों को घर-द्वार पर ही स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी इससे सुजानपुर के लोगों ने भी प्रसन्नता जाहिर की है।
जरूरतमंद व्यक्ति क्लाथ बैंक से वस्त्र प्राप्त करें: सहायक आयुक्त
हमीरपुर , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । सहायक आयुक्त डॉ0 आशीष शर्मा ने कहा कि रेड क्रॉस सोसायटी, हमीरपुर इकाई द्वारा पुर्नवास केन्द्र में स्थापित कलाथ बैंक में जरूरतमंद, गरीब , झुग्गी-झोपड़ी वाले वस्त्र प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के वस्त्र (महिला, पुरूष तथा बच्चों के) किसी भी कार्य दिवस पर प्राप्त किये जा सकते हैं।
विद्युत उपभोक्ता वॉलंटियर डिसक्लोजर स्कीम का लाभ उठाएं
हमीरपुर , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । वरिष्ठ अधिशाषी अभिंयता ई0 आर एस ठाकुर ने औद्योगिक विद्युत उपभोक्ताओं को छोडक़र अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं से कहा है कि जिन उपभोक्ताओं ने अपना बिजली का लोड(भार) मौके पर बढ़ा लिया है और समय-समय पर नियमित नहीं करवाया है वे उपभोक्ता विद्युत विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ उठा सकते है। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग द्वारा लोड नियमित करने के लिए 3 माह की अवधि (1.10.14 से 31.12.14)तक वॉलंटियर डिस्कलोजर स्कीम चलाई गई है। उन्होंने बताया कि स्वेच्छा से उपभोक्ता यदि बढ़े हुए लोड(भार) को नियमित करवाते हैं तो उन्हें रिवाईज्ड टेस्ट रिपोर्ट व जुर्माने से छूट होगी,उन्हें केवल विभाग द्वारा जारी किए हुए आवेदन पत्र ए और ए फार्म पर वर्तमान लोड का पूरा विविरण देना होगा। जिसे केवल बढ़े हुए भार की एसीडी जमा करवाने पर स्वीकृत कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो उपभोक्ता इस योजना का लाभ न उठाकर बढ़े हुए लोड की जानकारी नहीं देंगे उन्हें इस योजनावधि की समाप्ति पर पकड़े जाने पर भारी जुर्माना भरना होगा। उन्होंने जनता से आग्रह किया है कि योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाऐं व अवांछित जुर्माने से बचने के लिए 31 दिसम्बर,2014 तक समस्त औपचारिकताऐं पूरी कर लें।
केन्द्रीय दल ने नुकसान के लिया जायजा
हमीरपुर , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । केन्द्रीय दल के सदस्यों ने वीरवार को हमीरपुर जिला में वर्षा ऋतु के दौरान भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लिया तथा जिला प्रशासन को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया । तीन सदसीय केन्द्रीय दल में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीना कुमारी टीम लीडर, अदित्य प्रकाश एस.सी.(सडक़ एवं परिवहन हाई वे), वित्त मंत्रालय से राज वहाद़ुर कौल और हिमाचल प्रदेश राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव डी.सी. राणा के अतिरिक्त लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल थे। केन्द्रीय दल ने लम्बलू, टिक्कर खतरियां, कण्जयाण, जाहू पुल, खड्ड बाजार, धिरड़, बधाणी, चम्बोह, जोह, आदि वर्षा से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का जायजा लेने के साथ बाढ़ प्रभावितों की स्थिति को बारे में भी जानकारी ली। उपाय़ुक्त रोहन चंद ठाकुर ने केन्द्रीय दल को जानकारी देते हुए बताया कि बरसात में भारी वर्षा से हमीरपुर जिला में 72 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया है। जिसमें 39 करोड़ 18 लाख 29 हजार लोक निर्माण विभाग , 11 करोड़ 9 लाख सिंचाई एवं स्वास्थ्य विभाग, 15 करोड़ विद्युत विभाग के अलावा 6 करोड़ 56 लाख रूपये की नुकसान फसलों और कृषि योग्य भूमि का हुआ है । उन्होंने बताया कि गौशालाओं और घरों को आंशिक नुकसान पहुंचने से 71 लाख 64 हजार रूपये की क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान उपमण्डल भोंरज में हुआ है तथा नुकसान कार्य पूर्ति के लिये लगभग 75 करोड़ रूपये की राशि की आवश्यकता है । उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक एवं अस्थाई तौर पर आवाजाही के लिये सडक़ों को खोला गया है, पेयजल योजनाओं को वहाल कर दिया गया है , सिंचाई योजनाओं को ठीक करने के लिये पर्याप्त धन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उपमण्डल भोरंज में चैंथ खड्ड, सीर खड्ड, सुनैल खड्ड, धिरड़, टिक्कर , डोह, जोह, बधाणी, कण्जयाण, धमरोह, खुडल, बड़ैहर, जाहू आदि क्षेत्रों में लगभग 50 एकड़ भूमि क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि 5 करोड़ रूपये की सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभााग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग को नुकसान पहुंचा है। उनहोंनें बताया कि उपमण्डल भोरंज में 29 लाख 56 हजार रूपये की प्रभावितों को तुरन्त सहायता राशि मुहैय्या करवाई गई है। उन्होंने बताया कि इसी उप मण्डल में बैली ब्रिज को नुकसान पहुंचा और 3 लोगों की जाहू में तथा तरक्वाड़ी में 2 और पपलाह में 1 आदमी की मौत हुई। उन्होंने बताया कि हमीरपुर उपमण्डल में कुनाह पुल का नुकसान हुआ, एक व्यक्ति की मृत्यु, और 94 घरों और 84 गौशालाओं को आंशिक क्षति पहुंची, 6 एकड़ भूमि, और विद्युत तथा सडक़ों को नुकसान हुआ । उन्होंने बताया कि उपमण्डल नदौन में कुनाह खड्ड, कोहला, हार, मान खड्ड, झलाण , में 67 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचने से 16 लाख 29 हजार 500 रूपये की क्षति हुई। उन्होंने बताया कि उपमण्डल बड़सर में 1.80 लाख रूपये की तुरन्त सहायता राशि मुहैय्या करवाई गई ।
सीपीएस इन्द्रदत्त का प्रवास कार्यक्रम
हमीरपुर , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । मुख्य संसदीय सचिव (ग्रामीण विकास) इन्द्रदत्त लखनपाल प्रवास विधान सभा क्षेत्र, बड़सर के प्रवास पर आ रहे हैं। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी । उन्होंने बताया कि सीपीएस 30 नवम्बर को 11 बजे बड़सर में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह, बिझड़ी में सहकारी सभाएं की बैठक में भाग लेंगे, पहली दिसम्बर को बड़सर में 10 बजे स्थानीय प्रवास पर होंगे और लोगों की समस्याएं सुनेंगे, 2 दिसम्बर को 12:30 बजे पटनौण (टौणी देवी) में जनसभा में भाग लेंगे, 3 दिसम्बर को बड़सर में स्थानीय प्रवास के दौरान जनता की समस्याएं सुनेंगे। उन्होंने बताया कि 4 दिसम्बर धर्मशाला के लिए रवाना होंगे, धर्मशाला में 5 दिसम्बर से 12 दिसम्बर तक हिमाचल प्रदेश विधान सभा सत्र में भाग लेंगे तथा 12 दिसम्बर को सायं 7:30 बजे बड़सर पहुंचेगे। 13 दिसम्बर को बड़सर में 10 बजे स्थानीय प्रवास के दौरान लोगों की समस्याएं सुनेंंगे। 14 दिसम्बर को 10 बजे घरयाणी में ग्राम पंचायत जमली के लोगों की समस्याएं सुनेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीएस 15 दिसम्बर को स्थानीय प्रवास के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने के उपरान्त सायं 5 बजे शिमला के लिये प्रस्थान करेंगे।
उद्योग मंत्री करेंगें नगनोली, ईसपुर व भदसाली खड्डों के तटीयकरण का भूमि पूजन
ऊना, , 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री शुक्रवार 28 नवम्बर को हरोली विधान सभा क्षेत्र में प्रात:11 बजे नगनोली खडड, दोपहर 12 बजे ईसपुर खड्ड, दोपहर डेढ़ बजे भदसाली खड्ड के तटीयकरण का भूमि पूजन करेंगें। यह जानकारी देेते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सांय 3 बजे हरोली में लोगों से मिलेंगें व जन समस्याएं सुनेंगें।
आल इंडिया मैडीकल इंस्टीच्यूट जिला बिलासपुर में ही खुलना चाहिए
बिलासपुर, 27 नवंबर ( विजयेन्दर शर्मा ) । जिला कांग्रेस प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने प्रैस को जारी बयान में बताया कि आल इंडिया मैडीकल इंस्टीच्यूट जिला बिलासपुर में ही खुलना चाहिए। इसके बारे में जिला कांग्रेस अग्रसर है और माननीय मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह व स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह से ही बात षीघ्र ही की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाष नडृडा से भी अपील की जाती है कि हिमाचल के सभी उच्चस्तरीय नेता आपस में सामंजस्य बिठाकर एम्स को बिलासपुर में ही खोलने की प्रक्रिया को जल्द षुरू किया जाए। इसके साथ जिला प्रवक्ता ने कहा कि बिलासपुर हिमाचल प्रदेष इस संस्थान के लिए सबसे उपयुक्त जगह है। यह हिमाचल प्रदेष का सभी दिषाओं को लेकर केंद्र में स्थापित है। जिसका फायदा ही हिमाचल को नहीं पंजाब और हरियाणा को भी होगा। उन्होंने कहा कि इस संस्थान हेतु आधारभूत तथ्य यह भी है कि जिला मंडी को ईएसआईसी और आईआईटी जैसे केंद्रीय संस्थान मिल चुके हैं;। जिला कांगड़ा में केंद्रीय विष्वविद्यालय और नेषनल इंस्टीच्यूट आफ फॅषन टैक्नालोजी, टांडा मैडीकल कालेज और धर्मषाला में स्वयं एक अंतर्राश्ट्रीय पर्यटक स्थल है। यदि कुल्लु और मनाली की बात की जाए तो अंतर्राश्ट्रीय पर्यटन स्थल है। वहीं सिरमौर में काला अंब, पावंटा साहिब, नारायण गढ़ आदि पहले ही औद्योगिक क्षेत्र के रूप् में विकसित है। और हरियाणा, यूपी और दिल्ली की सीमाओं से सटा होने के कारण बड़े व्यवसायिक क्षेत्र के रूप् में विकसित हो चुके हैें। यही स्थिति किन्नौर और चंबा की भी है। प्रदेष के जिला हमीरपुर में नेषनल इंस्टीच्यूट आफ टैक्नालोजी है और नादौन के लिए एक मैडीकल कालेज स्वीकृत हो चुका है। सांख्यान ने कहा कि यदि जिला सोलन की बात करें तो यहां पर दो ग्राम पंचायतों में सात निजी विष्वविद्यालय और काफी षिक्षण संस्थान है। यही नहीं इसी जिला में बददी परवाणू, नालागढ़, बरोटीवाला में औद्योगिक क्ष़ेत्र स्थापित है। इसीं संदर्भ में यदि जिला उना की बात करें तो वहां पर मैहतपुर अंब, मुबारिकपुर आदि औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो चुके हैं और मैगा फूड पार्क भी वहां स्थापित होने जा रहा है। इसी संदर्भ में हिमाचल प्रदेष के तमाम जिलों के तथ्यों को सामने रखते हुए एम्स के लिए बिलासपुर अपना दावा सषक्ति से ठोक रहा है। वैसे भी यह भाखड़ा विस्थापितों का जिला है इसलिए इस तरह के बड़े संस्थान के लिए बिलासपुर की दावेदारी प्रमुख एवं प्रबल है। बिलासपुर जिला फोरलेन से भी जुड़ रहा है और सही मायनों मे बिलासपुर हिमाचल प्रदेष के हर कोने से उपयुक्त रहेगा। यहीं नहीं बिलासपुर में बंदला पहाड़ी की तलहटी पर पर्याप्त जमीन है। इस आवष्यक मसले पर सभी दलों के नेताओं को आपसी राजनैतिक गतिरोध को तोड़ते हुए एकजुट होकर आगे आना होगा।