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विशेष आलेख : मदद की उम्मीद में बाढ़ प्रभावित

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बाढ़ प्रभावित जम्मू एवं कष्मीर में द्वितीय चरण के मतदान के तहत 18 विधानसभा सीटों के लिए 71 प्रतिषत वोट डाले गए। रियासी में 80 फीसद, उधमपुर में 76 फीसद और पुंछ में 75 प्रतिषत, कुपवाड़ा में 68 फीसद, कुलगाम में 60 फीसद वोट पड़े। सितंबर माह में आई बाढ़ का कोई खास असर चुनाव मतदान प्रतिषत पर दिखाई नहीं दिया। वोट के लिए चंद सप्ताह पहले आई बाढ़ त्रासदी को षायद लोग यह समझकर भूल गए कि आने वाली सरकार राज्य में बाढ़ प्रभावितों के पुनर्वास के लिए बेहतर ढ़ंग से काम करेगी। जम्मू एवं कष्मीर राज्य में आज भी ऐसे लोगों की एक बड़ी तादाद है जिनकी जिंदगी बाढ़ के बाद अभी तक पटरी पर नहीं लौट सकी है। सितंबर माह में आयी बाढ़ ने धरती के स्वर्ग का नक्षा ही बदल कर रख दिया है। बाढ़ ने सीमावर्ती जि़ला पुंछ में भी भारी तबाही मचाई। कहीं ज़मीन खिसकने की वजह से तो कहीं नदी-नालों व तूफानी बारिष की वजह से लोगों ने अपने घर-बार और अपनों को खोया है। जहां कल मकान हुआ करते थे वहां आज नदी-नाले बह रहे हैं या मिट्टी का ढ़ेर पड़ा हुआ है। जहां कल तक पर्यटक सैर करने के लिए आते थे वहां से आज वहीं के षहरी भाग रहे हैं। कुल मिलाकर राज्य के लोग अपना घर-बार सब खोकर खानाबदोषों जैसी जिंदगी गुज़ारने को मजबूर हैं। 
          
पुंछ जि़ले में बाढ़ की वजह से 27 लोगों की जानें र्गइं थी तो वहीं राज्य में बाढ़ के प्रकोप ने न जाने कितने लोगों को हमेषा के लिए मौत की नींद सुला दिया। बाढ़ के बाद जो जिंदा बचे उनकी जिंदगी नर्क से बदतर बनी हुई है। बर्फबारी षुरू हो गयी है और अभी भी ऐसे लोगों की एक बड़ी तादाद है जिनके सर पर अभी भी छत का साया नहीं है। इसके अलावा खेती-बाड़ी के बर्बाद होने और माल-मवेषियों के मरने की वजह से लोगों के पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है। यहां के लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि इन परिस्थितियों में वह करें तो क्या करें ? बाढ़ के बाद हालत कुछ इस तरह के हो गए है कि लोगों के पास घर बनाने के लिए न पैसा है और न भूमि। पुंछ समेत पूरे राज्य में प्रकृति ने ज़बरदस्त कोहराम मचाया। बाढ़ ने पुंछ जि़ले की तहसील मेंढ़र के कालाबन में भी ज़बरदस्त तबाही मचाई। कालाबन के स्थानीय निवासी ज़ुल्फेकार अली से जब पूछा गया कि यह घर किसका है तो मायूसी के साथ उन्होंने जबाब देते हुए कहा कि यह घर तो मेरा ही है लेकिन अब मैं इसे अपना घर मानने से इंकार करता हंू। बाढ़ के बाद आधे टूटे और आधे खुले घर को मैं घर कहंू या आधी खुली कब्र। घर तो वह होता जिसमें पूरे दिन काम करने के बाद रात को एक मज़दूर को आराम से नींद आती है। रहने का कोई ठिकाना न होने की वजह से यहां रहना बस हमारे लिए एक मजबूरी बन चुका है। यहां न तो दिन का सुकून है और न रात का चैन। वह आगे कहते है कि सरकारी और गैर सरकारी संगठनों से न जाने कितना पैसा आया, वह पैसा भी पता नहीं कहां गया? उन्होंने आगे बताया कि हमने मदद के लिए आवेदन तो दिया है। पटवारी भी मौके पर आया था। लेकिन जिस तरह बच्चे को लोरी सुनाकर बहला दिया जाता है उसी तरह वह भी हमें बहलाकर चला गया। हमें अभी भी मदद की ज़रूरत है। हमारा हाल-चाल जानने और सुनने के लिए, अब कोई नहीं आ रहा है। वह आगे कहते हैं कि हम जैसे लोगों की एक बड़ी तादाद है जिनके पास खुले आसमान के नीचे रहने के लिए भी सुरक्षित जगह नहीं बची है। खेती-बाड़ी, फसलें, और बाग सब कुछ बर्बाद हो गए। इसलिए हमारे पास जीने के लिए आजीविका का कोई खास साधन नहीं बचा है। समझ में नहीं आ रहा है कि जिंदगी आगे कैस कटेगी।  
            
कालाबन में बाढ़ के प्रकोप का जायज़ा लेने के लिए जब करामत हुसैन, नज़ीर हुसैन, नसीब मोहम्मद, मोहम्मद असलम आदि से बात-चीत की गई तो सभी ने मायूसी के साथ अपने दर्द की कहानी सुनायी। अपना दर्द बयान करते हुए करामत हुसैन ने बताया कि बाढ़ में मेरा घर बह गया और मैं अब इस काबिल नहीं हंू कि सर छुपाने के लिए कोई झोपड़ीं बना सकंू। पिछले दो महीनों से मैं किसी के घर में ठहरा हुआ हंू। सरकार की ओर से अभी तक हमें किसी तरह की कोेई मदद नहीं मिली है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं कहा जाऊं क्योंकि किसी के घर में इतना लंबा ठहरना ठीक नहीं है। देखने में तो हमारे मकान खड़े हुए हैं लेकिन यह आंषिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। हमारी जान उस दिन तो किसी तरह बच गई थी, लेकिन अब हम इन क्षतिग्रस्त मकानों में हम दोबारा नहीं जा सकते, क्योंकि यही अब हमारी मौत का कारण बन सकते हैं। हमारे घर अब भी ज़मीन खिसकने के खतरे से जूझ रहे हैं। पुंछ समेत पूरे राज्य में बाढ़ प्रभावितों का हाल कुछ इसी तरह का है। इन लोगों को 23 दिसंबर को काउंटिंग के बाद राज्य में बनने वाली नई सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि नई सरकार, नए साल में बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास और उनकी जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए क्या कदम उठाती है? 





राजा अज़हर
(चरखा फीचर्स)

बिहार : पीएमसीएच में विकलांग अनशनकारी वाटर सलाईन चढ़वाने जाते हैं

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  • मुख्यमंत्री  21 सूत्री मांग लें, विपक्षी दल के नेताओं का आगमन जारी

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पटना। पीएमसीएच में विकलांग अनशनकारी वाटर सलाईन चढ़वाने जाते हैं और वहां से लौटकर आकर कारगिल चैक के पास अनशनकारी अनशन करने लगते हैं। यह सिलसिला 3 दिसम्बर से जारी है। गांधी मैदान से जुलूस निकालकर आर.ब्लाॅक चैराहे तक पहुंचे कि वहां से आगे पुलिस बढ़ने नहीं दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समक्ष प्रदर्शन करने लगे। 21 सूत्री मांग पत्र पेश किया गया। वहां से उपेक्षित होने के बाद बिहार विकलांग अधिकार मंच से जुड़े विकलांगों ने कारगिल चैक के पास अनशनक करने लगे। यहां पर उनकी हालत खराब है।

आज चैथे दिन विपक्षी नेता मिलने आएः प्रत्येक दिन अनशनकारियों की स्थिति बढ़ती जा रही है। इंटरनेशनल विकलांग महामंच के अध्यक्ष एवं राजस्थान निवासी राजेन्द्र ढिंढारिया, बिहार विकलांग अधिकार मंच के राज्य सचिव राकेश कुमार, वरिष्ठ सदस्य अभिनाश कुमार नागा , बिहार विकलांग अधिकार मंच के विशेष सचिव अन्तरराष्ट्रीय विकलांग खिलाड़ी अनुराग चन्द्रा रामाशीष दास, अनशन कर रहे हैं। आज बैंडमिंटन खिलाड़ी नीतेश कुमार भी जुड़ गए। बिहार विधान सभा के सदस्य डा.अरूण सिन्हा और नीतीश नवीन आकर अनशनकारी विकलांगों से मिले। इस मसले को बिहार सभा में रखने का वादा किया। 

पुलिसकर्मियों ने रात में उठाकर विकलांगों को पीएमसीएच ले गएः प्रथम बार मंच के वरिष्ठ सदस्य अभिनाश कुमार नागा को पुलिसकर्मी पीएमसीएच ले गए। केवल पीएमसीएच से सलाईन उपलब्ध कराया गया। इसके बाद नौ सौ रू.की दवा खरीदारी करने लिए मेडिसिन लिख दिया। अभिनाश को जमीन पर सुलाकर पानी चढ़ाया गया।इसके बाद चंद घंटों के बाद भारी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे और विकलांग अनशनकारियों को उठाकर पीएमसीएच लेकर चली गयी। इस बार वहां पर अनशनकारियों को बेड दिया गया। 

पुलिसिया ज्यादती की खबर सुनकर विकलांग आने लगेः अनशनकारी विकलांगों से सहानुभूमि जताने और 21 सूत्री मांग पर दबाव बनाने विकलांग आने लगे। मंजू कुमारी,किरण कुमारी, पूनम कुमारी, आशीष कुमार, अजय कुमार, रंजीत कुमार, आलोक कुमार,हीरालाल वर्मा, गौतम कुमार, गुछ्डू कुमार, मो. एजाजुल आलम के अलावे दर्जनों लोग आए। सभी ने एक स्वर से मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से आग्रह किया है कि हम विकलांगों की मांग को मान लें। 
केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव आएंगे? केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्य रामकृपाल यादव अनशकारी विकलांगों से मुलाकात करने आने वाले हैं। 7 दिसम्बर को 11 बजे आने की संभावना है। मंत्री महोदय विकलांगों की समस्याओं को पीएम नरेन्द्र मोदी के समक्ष रखेंगे। जो केन्द्रीय सरकार के अनुरूप मांगों को केन्द्रीय स्तर पर और राज्य स्तर की मांग को मुख्यमंत्री से हल करवाने का प्रयास करेंगे।




आलोक कुमार
बिहार 

विशेष : घर-घर में जाकर क्रिसमस साॅग गाने का सिलसिला शुरू

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  • 7 दिसम्बर से बेतिया में शुरू और 13 दिसम्बर को पटना में शुरू होगा
  • इस तरह से बनाया जा रहा है क्रिसमस का माहौल

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पटना। घर-घर में जाकर क्रिसमस साॅग गाने का सिलसिला शुरू हो गया। गीत मंडली की टोली के किसी एक बच्चे के हाथ में बालक येसु की प्रतिमा रहती है। जब गीत मंडली ईसाई समुदाय के घर में प्रवेश करते हैं तो घर में रहने वाले बालक येसु का स्वागत करने लगते हैं। इस अवसर पर गीत मंडली के द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत शुरू कर देते हैं। आया येसु राजाकृसब मिलकर गाओं खुशियां मनाओ....जगत का राज दुलारा आया.....। खुशी मनाओ रे जन्मा येसु राजा-राजा...जन्मा येसु राजा...। येसु कुछ समय तक क्रिसमस साॅग प्रस्तुत की जाती है। एक घर से दूसरे घर की ओर प्रस्थान करने के पहले घर वालों को हैप्पी क्रिसमस और हैप्पी न्यू ईयर की अग्रिम शुभकामनाएं देते चले जाते हैं।

इन दिनों बालक येसु के आगमन का इंतजार कर रहे हैं ईसाई समुदायः वल्र्ड लेबल पर बालक येसु का इंतजार किया जा रहा है। बालक येसु का जन्म 24 दिसम्बर को मध्यरात्रि को होगा। एक गौशाला में साधारण परिवार के घर में बालक येसु का जन्म होगा। माता मरियम के गर्भ से बालक येसु का आगमन धरती पर होगा। उसे उठाकर कपड़े में लपेटकर चरणी में सुला दिया जाएगा। इसी समय का इंतजार हो रहा है। 

इंतजार के चार रविवार को आगमन का रविवार कहते हैंः आजकल ईसाई समुदय आगमन काल से गुजर रहे हैं। आगमन रविवार 30 नवम्बर कोे प्रथम, 7 दिसम्बर को द्वितीय,14 दिसम्बर को तृतीय और 21 दिवम्बर को चतुर्थ है। 24 दिसम्बर को छोटा पर्व और 25 दिसम्बर का बड़ा पर्व है। बालक येसु का जन्म मध्यरात्रि 24 दिसम्बर को हुआ था। उसी समय से बड़ा दिन शुरू हो जाएगा। विभिन्न गिरजाघरों में 24 दिसम्बर को मध्यरात्रि और 25 दिसम्बर को प्रातःकालीन मिस्सा होगा। इस समारोही मिस्सा पूजा में शिरकत करने लोग जाते हैं। क्रिसमस की शुभकामना का आदान-प्रदान करते हैं। हैप्पी क्रिसमस कहते हैं। खुश जन्म पर्व भी कहते हैं। 

गीत मंडली के द्वारा बेतिया में भक्ति गीत गायन शुरूः आगमन के सेकेण्ड संडे 7 दिसम्बर से गीत मंडली के द्वारा भक्ति गीत गायन शुरू हो गया है। दर्जनों की संख्या में गीत मंडली टोली के बच्चे बेतिया क्रिश्चियन क्वाटर्स में रहने वाले ईसाई समुदाय के द्यर-द्यर में जाकर भक्ति गीत प्रस्तुत किए। इस तरह का सिलसिल सप्ताह भर से अधिक दिनों तक चलेगा। वहीं 13 दिसम्बर से पटना में स्थित कुर्जी पल्ली में भी भक्ति गीत गायन होगा। यहां पर दर्जनों मुहल्ले  एवं संस्थाओं में जाकर गीत मंडली के द्वारा भक्ति गीत पेश किया जाएगा।



आलोक कुमार
बिहार 

विशेष आलेख : जिसके पास खुद पहनने को कपड़े नहीं थे...कहा था देवीलाल ने

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जिसके पास खुद पहनने के लिए कपड़े नहीं थे उसे मैंने कपड़ा मंत्री बनवा दिया फिर भी उसने मेरे साथ गद्दारी करते हुए नहीं सोचा। शरद यादव की टुच्ची राजनीतिक हैसियत को आईना दिखाते हुए जब जनता दल के विभाजन के समय चौ. देवीलाल ने यह वाक्य कहे थे उस समय शरद यादव शर्म और बौनेपन के एहसास मैं दबकर रह गए थे। शरद यादव भले ही 1975 में सेठ गोविंद दास जैसी हस्ती को सिर्फ पच्चीस साल की उम्र में हराकर तब की अत्यंत प्रतिष्ठित मानी जाने वाली धर्मयुग पत्रिका में कवर स्टोरी के बतौर छप कर स्टार बन गए हों लेकिन अंततोगत्वा उनकी नियति धूमकेतू की तरह रही। वैसे 1977 में पहली बार केेंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो शरद यादव को उक्त पृष्ठभूमि के कारण ही सत्तारूढ़ पार्टी की युवा शाखा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया लेकिन इस पद पर रहकर प्रतिभाहीनता के कारण वे कोई कामयाबी हासिल नहीं कर पाए। उन्होंने युवा जनता को एक अराजकत ब्रिगेड के रूप में तब्दील करके जो बदनामी कमाई उससे लोगों का उनसे मोहभंग हो गया। बहरहाल चूंकि वे पहली बार में ही सांसद बन गए थे और युवा जनता के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे इसलिए प्रतिपक्ष के सारे बड़े नेता उनको पहचानने लगे थे। इस कारण गर्दिश के दिन शुरू होने के बावजूद उनका अस्तित्व इसलिए बना रहा कि वे इन नेताओं की चाकरी की हद तक गणेश परिक्रमा में मशगूल हो गए। उन्होंने तीन तिकड़म की राजनीति में महारथ हासिल कर ली। इसी का नतीजा था कि हरियाणा की राजनीति में कोई असर न रखने के बावजूद देवीलाल ने उन्हें अपना सबसे बड़ा कृपापात्र बना लिया। देवीलाल का ही रहमोकरम था कि 1989 में जब लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए उन्हें कोई सीट ढूंढने को नहीं मिल रही थी तब मुलायम सिंह ने उनको उत्तर प्रदेश में बंदायूं में पनाह दी और मुलायम सिंह के सहयोग व समर्थन की बदौलत वे चुनाव जीत पाए। यह दूसरी बात है कि जिस तरह जबलपुर में बाद में उनका कोई नामलेवा नहीं रहा उसी तरह आज बंदायंू में उनके नाम पर कोई वार्ड का चुनाव तक नहीं जीत सकता।

बिना जड़ वाले छुटभैया नेता जब जोड़तोड़ की वजह से बड़ी राजनीति के केेंद्र बिंदु में आ जाते हैं तो मेंटल केस बन जाता है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण शरद यादव हैं। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने के बाद पिछड़ों और दलितों को लामबंद करने के लिए उनमें वर्ण व्यवस्था के विरुद्ध आक्रामक चेतना पैदा की जाना लाजिमी था जिसके लिए वीपी सिंह को जरूरत थी कि इन्हीं तबकों में से कुछ चेहरे आगे लाकर बात कही जाए। इसमें दो चंगू मंगू उन्होंने तलाशे जिनमें एक थे रामविलास पासवान। हालांकि पासवान के व्यक्तित्व को हल्का मानने की गलतफहमी हमें नहीं है। पहली बार में ही लोकसभा में पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी भाषण शैली से जो सिक्का जमाया उससे वे अपने आप में भी एक स्टार थे लेकिन वीपी सिंह के मंगू यानी शरद यादव के बारे में यह बात नहीं कही जा सकती। शरद यादव का बौद्धिक स्तर शुरू से लेकर आखिरी तक सड़क छाप कार्यकर्ताओं से भी गया बीता रहा है। इस कारण वीपी सिंह के पुछल्ले बनकर ही वे धन्य थे क्योंकि इससे उन्हें कम से कम राष्ट्रीय राजनीति में एक मजबूत पहचान बनाने का पहली बार अवसर मिला था।

1997 तक जब वीपी सिंह अपने ब्लड कैैंसर की वजह से पस्त होकर राजनीतिक मैदान छोडऩे के लिए विवश होने लगे तो शरद यादव जिनमें कोई आकर्षण और काबलियत नहीं थी अपनी राजनीतिक उत्तरजीविता के लिए छटपटा उठे। यहां तक कि जिन लालू प्रसाद यादव को वे अपने इशारे पर हांकने का सपना देख रहे थे उन्हें भी जनाधार से खोखले शरद यादव को अपने नेता के रूप में ढोना मंजूर नहीं रहा था। इसी बीच जार्ज फर्नांडीस के नेतृत्व में पथ भ्रष्ट सोशलिस्टों की टोली ने देशहित के नाम पर भाजपा शरणम् गच्छामि होने की योजना बना ली तो उनके शागिर्द बनकर शरद यादव भी सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिपाही के रूप में किए गए अपने योगदान का पुण्य गंवाकर राजग की कर्मनाशा में स्नान करने में लग गए। अब कई वर्ष से जार्ज फर्नांडीस रोग शैया पर बेसुध पड़े महाप्रयाण पर निकलने की तैयारी में हैं। ऐसे में राजनीतिक समीकरणों की वजह से राजग संयोजक बनने का मौका शरद यादव के हाथ में अंधे के हाथ बटेर लगने की तरह आ गया पर इसका असर बचकानेपन से उबर कर उनके परिपक्व राजनीति की ओर अग्रसर होने में न हो सका बल्कि यह असर क्षुद्र नदी जल भर उतराई की तर्ज पर उफना गया। अपने पूर्व मसीहा वीपी सिंह को मंडल आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन में नगण्य जाहिर कर स्वयं को मंडल क्रांति का प्रणेता सिद्ध करने की उनकी बड़बोली कोशिश से उनके नंबर तो नहीं बढ़ पाए लेकिन इस हरकत ने उन्हें राजनीति का विदूषक जरूर बना दिया। देवगुणा सरकार के विश्वास मत पर संसद में हुई चर्चा के समय शरद यादव फरमा रहे थे कि पांच हजार वर्ष पहले बुद्ध के समय से दलित और पिछड़े सामाजिक अन्याय का दंश भोग रहे हैं। इसी बीच भाजपा के एक तेजतर्रार सदस्य ने उन्हें टोका कि बुद्ध पांच हजार नहीं ढाई हजार वर्ष पहले पैदा हुए थे। इसके बावजूद जब शरद यादव बुद्ध की पैदाइश पांच हजार वर्ष पहले साबित करने पर अड़ गए तो जयपाल रेड्डी को हस्तक्षेप करना पड़ा। जयपाल रेड्डी ने कहा कि शरद जी बुद्ध का कार्यकाल ढाई हजार वर्ष पुरानी ही है। इस पर शरद यादव झुंझलाकर बोले मैं इतिहास में क्या जानूं। मैं तो बीटेक का छात्र रहा हूं। विडंबना देखिए कि गठबंधन राजनीति की मजबूरी की वजह से मनमोहन सरकार ने ऐसे छिछले नेता को सर्वश्रेष्ठ सांसद के बतौर नवाज दिया। इसके बाद तो शरद यादव के अहंकार पूर्ण प्रलाप की चरम सीमा हो चुकी है। शरद यादव आजकल बार-बार अपने मुंह से ही खुद को सीनियर मोस्ट सांसद की दुहाई देते नहीं थक रहे।

बहरहाल जनता दल यू में इन हरकतों की वजह से उन्हें बोझ समझा जाने लगा है। नीतीश कुमार ने उन्हें औकात में रखने के लिए ही राजग से नाता तोड़कर मोदी के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। शरद यादव इससे छटपटाए तो बहुत लेकिन करते क्या। अब यह दिखाने के लिए कि इसमें नीतीश की कोई पहल न होकर यह उनका फैसला था। पत्रकारों को बताने लगते हैं कि हमने तो बाबरी मस्जिद टूटने पर अपनी सरकार धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए कुर्बान करना ज्यादा बेहतर समझा था। इस सोच के कारण ही अब जब उन्हें लगा कि भाजपा से दोस्ती खत्म की जानी चाहिए तो अपने सिद्धांतों के लिए उन्होंने राजनीतिक नफा-नुकसान की चिंता किए बिना यह कदम उठा दिया। 1991 में वीपी सिंह सरकार से भाजपा के समर्थन लेने का प्रसंग इतना पुराना नहीं हुआ है कि लोगों को याद न हो कि शरद यादव की हैसियत तब क्या थी। वे वीपी सिंह की कैबिनेट में सबसे कनिष्ठ सदस्यों में थे। इस कारण सरकार को कुर्बान करने के लिए अब उनका मियां मुंह मिट्ठू बनना कोई अर्थ नहीं रखता। सही बात तो यह है कि यह जानते हुए भी कि बीजेपी के नेताओं का दामन बाबरी मस्जिद को शहीद करने के कलंक से दागदार है उन्होंने सरकार में हिस्सेदारी पाने के लिए राजग का हिस्सा बनकर 1991 की पूरी कुर्बानी को गटर में बहा दिया। नीतीश कुमार ने हालिया लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद बिहार में जदयू को मिली करार हार की नैतिक जिम्मेदारी लेने के नाते जब अपना पद छोडऩे का फैसला किया तो शरद यादव उनकी जगह अपना मुख्यमंत्री बिठाने के लिए साजिशों को रचने में मशगूल हो गए थे पर नीतीश ने इसका मौका दिए बिना मुशहर समाज जीतनराम माझी को अपना उत्तराधिकारी बना दिया। जीतनराम माझी में भले ही राजनीतिक होशियारी की कमी हो जिसकी वजह से वे कड़वा सच उगलने की आदत के चलते कुछ हद तक पार्टी के लिए समस्या बन गए हों लेकिन नीतीश ने सही मायने में उन्हें मुख्यमंत्री बनवाकर सामाजिक न्याय का एक चक्र पूरा किया है। पिछड़े नेताओं पर आरोप है कि वे सत्ता मिलने के बाद दलितों के प्रति द्वितीय श्रेणी के नागरिक की तरह व्यवहार करने में सवर्णों को भी दो कदम पीछे छोड़ देते हैं। वर्ण व्यवस्था को बदलने में पिछड़ों की यही गं्रथि सबसे बड़ी बाधा साबित हो रही है। नीतीश कुमार ने सामाजिक न्याय की दिशा में दलितों के लिए पहली बार पिछड़े नेता के रूप में बड़ी पहलकदमी की है जिससे वर्ण व्यवस्था जैसी सड़ी गली व्यवस्था को ढहाने का एक मजबूत आधार बिहार में तैयार हो सका है। दूसरी ओर जीतनराम माझी के बेलाग बयानों से जनता दल यू को राजनीतिक नुकसान के जोखिम से दो-चार होना पड़ रहा है। इसे लेकर पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी जैसे लोग बेहद फिक्रमंद हैं। शरद यादव से तो यह उम्मीद की नहीं जा सकती कि वे जनता दल को एक विचारधारा वाली पार्टी के रूप में पेश कर सकेें क्योंकि थिंक टैंक के रूप में काम करने की उनमें बुनियादी योग्यता तक नहीं है लेकिन केसी त्यागी विद्वान हैं और एक समर्थ सोशलिस्ट आइडियल लाग। उनकी यह विशेषता शरद यादव के मन में उनके प्रति डाह का कारण बन गई है। एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने केसी त्यागी का हवाला आने पर उनके लिए जिस तरह की वितृष्णा दिखाई उससे उनके क्षुद्र व्यक्तित्व का एक और आयाम उजागर हुआ है। मुलायम सिंह व लालू यादव की होने वाली रिश्तेदारी वे अलग नहीं पचा पा रहे। कुल मिलाकर स्थिति यह बन रही है कि जनता दल यू को अपना वजूद कायम रखना है तो उसे शरद यादव जैसे अहंकार के कारण मूढ़ मगजपन की पराकाष्ठा पार कर चुके नेता से छुटकारा पाना होगा।



के पी सिंह 
ओरई

कुनबा बचाने को लालू-मुलायम का नया दांव

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तीसरा मोर्चा यानी जनता परिवार नहीं बल्कि अपना परिवार। मोर्चा बनाने का असल मकसद सिर्फ अपना एवं अपने परिवार का अस्तित्वभर बचाना है। हर चुनाव के पहले मोर्चा बनती है फिर तास के पत्ते की तरह बिखर जाती है। मतलब साफ है उन्हें सिर्फ अपने ही स्टेट में प्रभाव बनाने की चिंता है। जिस मोदी को घेरने की तैयारी जनता परिवार के नाम पर चार राज्यों के छत्रप कर रहे है, वह यह भूल रहे है कि जनता हमेसा नेता में नायक खोजती है, परिवार में नहीं। छत्रप भी नायक तभी बने जब जनता को दिल्ली में कोई नायक नहीं मिला। पहली बार नायक किसी विचारधारा की सवारी करके नहीं बल्कि गर्वनेंस व विकास के नाम पर बना है। इसीजिए पहली बार सवाल सिर्फ मोदी के फेल होने या जनता परिवार के जरिए छत्रपों का सत्ता साधना भर नहीं है, सवाल देश को वापस पटरी पर लाने का है। अगर मोदी फेल हुए तो मानकर चलिए कोई नया नायक पैदा होगा, जनता परिवार से नहीं 

janta-pariwar
तीसरा मोर्चा यानी जनता परिवार या नेताओं का परिवार। जीं हां, जिस नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर अपना अस्तित्व बनाएं रखने के लिए आनन-फानन में चार राज्यों के छत्रपों यानी खानदानी परिवार महामोर्चा बनाने की तैयारी में हाथ-पांव मार रहा है वह कितना सफल होगा यह तो आने वाला वक्त बतायेंगा, लेकिन अभी तक तीसरा या चैथा मोर्चा बनाने वाले अवसरवादी राजनीति का ही परिचय देते रहे हैं। हर चुनाव के पहले तीसरे-चैथे मोर्चे को बनाने की पहल होती है, लेकिन वह मुश्किल से ही परवान चढ़ती है। कहा जा सकता है जनता दल या समाजवादी परिवार अपनी एका से ज्यादा बिखराव के लिए जाना जाता रहा है। यहां जनता परिवार शब्द का जिक्र करना जरुरी इसलिए है कि कही न कहीं इसके पीछे कांग्रेस के दौर की परिस्थितियां थी जब जनता पार्टी बनी थी, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। सदन में भले ही राहुल गांधी के साथ ये छत्रप कदमताल करते नजर आ रहे है पर इन छत्रपों के खेमे से मायावती-ममता जैसे जनाधार वाले दिग्गज गायब है। मतलब जनता परिवार के नाम पर इन छत्रपों को देखें तो नीतिश को छोड़ देते इसमें सबकों अपने कुनबे को ही बचाने की चिंता है। बात अगर मुलायम सिंह यादव अपने पूरे कुनबा जिसमें रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव अखिलेश यादव, डिम्पल यादव, धर्मेन्द्र यादव अक्षय यादव, तेजप्रताप यादव का हो या लालू प्रसाद यादव जिसमें राबड़ी देवी, मिसा भारती, एचडी देवगौड़ा व उनके बेटे कुमार स्वामी, दुष्यंत चोटाला, ओमप्रकाश चोटाला, अजय चोटाला, हरि चोटाला, द्विग्विजय चोटाला को हो या फिर इनके परिवारों की महिलाएं सियासत साधने में लगी है। कहा जा सकता है कि यह जनता का परिवार नहीं नेताओं का परिवार है। इन परिवारों के नेता बार-बार इसलिए बिखरते रहे, क्योंकि नीतियों से अधिक इन्होंने अपने निजी स्वार्थो को महत्व दिया। मतलब साफ है सभी हारे बारी-बारी लेकिन मोदी है इन पर भारी। मुलायम, शरद यादव, लालू यादव जैसे कई बड़े नेताओं ने कई मोर्चा बनाया और मुंह की खानी पड़ी। वह सिर्फ अपने ही स्टेट में प्रभाव बनाने में मशगूल रहे। उनकी दूसरे राज्यों में विस्तार करने की महत्वाकांक्षा कभी दिखी ही नहीं। 

गौर करने वाली बात यह है कि एकजुट होने से सियासी साधी जा सकती है तो फिर गठबंधन के दौर की उम्र सिर्फ ढाई दशक होती नहीं। और जिस नरेन्द्र मोदी को घेरने की तैयारी जनता परिवार के नाम पर चार राज्यों के छत्रप कर रहे है।  दरअसल वह यह भूल रहे कि जनता हमेसा नेता में नायक खोजती है। और छत्रप के नाम पर कभी यूपी में मुलायम सिंह यादव, बिहार में लालू प्रसाद यादव, हरियाणा में चोटाला व कर्नाटक में देवगौड़ा को भी वहां की जनता ने नायक माना। लेकिन राष्टीय तौर पर छत्रपों को कभी नायक माना नहीं गया, जोड़तोड़ की सियासत का हुनरमंद जरुर कहा गया। ध्यान दे ंतो छत्रप भी नायक तभी बने जब जनता को दिल्ली में कोई नायक नहीं मिला। दिल्ली में नायक जब-जब नहीं मिला तब-तब छत्रपों के गठबंधनों में से ही नायक को लेकर राजनैतिक चर्चा मोदी के सामने आने से पहले लगातार होती रही। संयोग से बिहार में नीतिश कुमार छत्रप लालू को हराकर सुशासन के नाम पर नायक बनें, लेकिन लोकसभा चुनाव में फेल इसलिए हुए कि क्योंकि मोदी के सपने नीतिश के सपनों पर भारी पड़ गए। इसीलिए 6 महीने पहले जनता को नरेन्द्र मोदी में नायक नजर आया तो सवाल सिर्फ मोदी के सफल होने भर का नहीं रहा। बल्कि छत्रपों के फेल होने की अनकही कहानी की भी शुरुवात थी। इसके उलट यह भी कहा जा सकता है कि छत्रप फेल होने लगे तो ही मोदी नायक बनकर उभरे। दिल्ली के विसात पर धुरंधर बीजेपी नेताओं को बाकायदा सह देकर मात देते-देते मोदी नायक बन बैठे। ऐसे में अब सवाल तीन है, पहला क्या छत्रपों को लगने लगा है कि नायक मोदी की चमक कम हो रही है, और इसके बाद उनकी चमक वापस लौट आयेगी। दुसरा क्या हारे हुए नायकों को दुबारा जनता नायक मान सकती है, चाहे मोदी की चमक आने वाले वक्त में कमजोर ही क्यों न पड़े। तीसरा क्या वाकई मोदी की लोकप्रियता को काउंटर करने के लिए अपने-अपने घेरे के छत्रपों का जमावड़ा देश में विकल्प पैदा कर सकता है, वह भी राजनीतिक विकल्प। 

असल में गठबंधन की राजनीति के खारिज सिरे को जनता परिवार के नाम पर चार राज्यों के छत्रप इस दौर में पकड़ना चाह रहे है। इसीलिए मौजूदा वक्त में सवाल यह नहीं है कि जनता परिवार के नाम पर तमाम छत्रप खुद को प्रीमेड कर पायेंगे या नहीं, सवाल यह हो चला है कि अगर छत्रपों की राजनीति से उब चुकी जनता के सामने नायक मोदी भी फेल हो गए तो होगा क्या, क्योंकि पहली बार नायक किसी विचारधारा की सवारी करके नहीं बल्कि गर्वनेंस के नाम पर बना है। यानी देश की राजनीति सत्ता ने देश की रफतार ही ठप कर दी तो मोदी ने गर्वनेंस व विकास का सवाल उठाया, जिस पर छत्रप कुंडली मारकर लगातार बैठे रहे। इसीजिए पहली बार सवाल सिर्फ मोदी के फेल होने या जनता परिवार के जरिए छत्रपों का सत्ता साधना भर नहीं है, सवाल देश को वापस पटरी पर लाने का है। इसीलिए अगर मोदी फेल हुए तो मानकर चलिए कोई नया नायक पैदा होगा, जनता परिवार से नहीं। मतलब जनता दल परिवार के नेताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे लोगों का भरोसा हासिल करने के लिए सकारात्मक राजनीति का परिचय दें। इस मामले में केवल पंथनिरपेक्षता की दुहाई देने से बात नहीं बनने वाली। इसलिए और भी नहीं, क्योंकि इन दलों की पंथनिरपेक्षता की नीति बेहद दोषपूर्ण है और उसके चलते समाज में प्रतिक्रिया स्वरूप ध्रुवीकरण होता है। वे इससे परिचित भी हैं, लेकिन खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं। खुद को पंथनिरपेक्ष करार देने भर से कोई ऐसा नहीं हो जाता। इसी तरह किसानों, मजदूरों के हितों के नाम पर घिसी-पिटी राजनीति करने का भी कोई मतलब नहीं। जनता दल परिवार के बिखरे नेताओं के एक मंच पर आने और मिलकर राजनीति करने के संकेत देने का तभी कोई मतलब है जब यह एका ठोस नीतियों और सिद्धांतों के आधार पर हो। जनता परिवार की पांच पाटियों का साथ आना इन पाटियों के लिए कितना फायदेमंद होगा, इस पर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन यह तय है कि आम जनता में इस प्रयोग को लेकर कोई उत्साह नहीं होगा। जनता परिवार के इतिहास में लोग जितनी तेजी से मिलते हैं, उससे दोगुनी तेजी से छिटक जाते हैं। जनता पार्टी से टूटी पार्टियों में भाजपा ही एकमात्र स्थायी पार्टी रही है, उसके अलावा कितनी पार्टियां बनीं, कब विलय हुआ, फिर कब टूट हुई, यह इतिहास राजनीति शास्त्र के पारंगत पंडित भी ठीक से नहीं बता सकते। इसलिए इस नए प्रयोग के स्थायित्व को लेकर संदेह लाजमी है। ऐसा इसलिए भी है कि फिलहाल जनता परिवार की जो स्थिति है, वह अपेक्षाकृत स्थायी है। तमाम बड़े नेताओं ने अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र चुन लिए हैं और उनकी दूसरे राज्यों में विस्तार करने की महत्वाकांक्षा खत्म सी हो गई है। उनका मुख्य ध्यान अपने राज्य पर ही होता है। 

वैसे भी लोकतंत्र में तीसरी ताकत की अपनी एक अहमियत होती है और अपने देश में तो और भी है, लेकिन मुश्किल यह है कि अभी तक तीसरा अथवा चैथा मोर्चा बनाने वाले अवसरवादी राजनीति का परिचय देते रहे हैं। करीब-करीब हर चुनाव के पहले तीसरे-चैथे मोर्चे को बनाने की पहल होती है, लेकिन वह मुश्किल से ही परवान चढ़ती है। यह संभवतः पहली बार है जब चुनाव दूर हैं और फिर भी तीसरी शक्ति नए सिरे से आकार लेती दिख रही है। समाजवाद का यह मतलब नहीं हो सकता और न है कि यथास्थिति कायम रखी जाए। इसी तरह इसका भी कोई औचित्य नहीं कि समाजवाद के नाम पर जातिवाद व परिवारवाद की राजनीति को बल प्रदान किया जाए। सपा सरकार में न सिर्फ चैतरफा गुंडई हो रही है बल्कि अधिकारी खुलेआम जनता को लूट रहे है और चचा, बाप, भतीज अपनी झोली भरने में व्यस्त है। फिलहाल मिशन 2017 हो या लोकसभा चुनाव दोनों बहुत दूर हैं, लेकिन फिर भी एकता की कोशिश की जरूरत कई वजहों से है। सबसे बड़ी वजह भाजपा और नरेंद्र मोदी का बढ़ता प्रभाव है। भाजपा पहली बार पूर्ण बहुमत लेकर केंद्र में सत्ता में आई है और उसने राज्यों में भी अपना प्रभाव तेजी से बढ़ाया है। जो एक साथ आने वाली पाटियों के राज्य हैं, उनमें भी भाजपा ने अपना प्रभाव जमाया है और विशेष खतरा यह है कि जो जातियां या वर्ग इन पार्टियों के समर्थक रहे हैं, उनमें भी उसने सेंध लगा दी है। ऐसे में, इन क्षत्रपों के लिए खतरे की घंटी बज रही है, जिनका आधार अपने-अपने राज्य की पिछड़ी जातियों में है। हाल यह है कि लालू प्रसाद यादव, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की कोई मदद नहीं कर पाएंगे या नीतीश कुमार की वजह से एचडी देवेगौडा को कर्नाटक में कोई फायदा नहीं होगा। संसद में, खास तौर पर राज्यसभा में उन्हें एकता का फायदा हो सकता है, क्योंकि राज्यसभा में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है और इनका संगठित होना इन्हें राज्यसभा में कांग्रेस के बाद दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बना देगा। राजनीति में समाजवाद अब सिफ शब्द भर है, उसके पीछे कोई विचारधारा नहीं बची है। ऐसे में, सिर्फ भाजपा विरोध के सहारे कब तक निभ पाएगी, यह भी सवाल है। लेकिन राजनीति में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, खासकर मामला जब जनता परिवार का हो। 

एकता के इन प्रयासों की दूसरी वजह यह है कि इन लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस की ताकत बहुत घट गई है। अब उसके पास संप्रग जैसे किसी गठबंधन का केंद्र बनने की ताकत नहीं है। ऐसे में, अन्य राजनीतिक ताकतों के लिए अपनी अलग रणनीति बनाना जरूरी हो गया है। भाजपा विरोधी मोचे का केंद्र पिछले दस साल में कांग्रेस बनी हुई थी, इसलिए इन पार्टियों को अलग से एक संगठन या पाटी बनाने की जरूरत नहीं थी, अब स्थिति बदल गई है और इसी वजह से ये सभी नेता एक हो रहे हैं। लेकिन जनता-प्रयोग के शुरुआती दिनों से इन नेताओं का कद बहुत बड़ा हो गया है, तो जब उस वक्त ये साथ नहीं रह पाए, तो अब कैसे रहेंगे? समाजवाद का यह मतलब नहीं हो सकता और न है कि यथास्थिति कायम रखी जाए। इसी तरह इसका भी कोई औचित्य नहीं कि समाजवाद के नाम पर जातिवाद की राजनीति को बल प्रदान किया जाए। खुद को समाजवादी बताने वाले पंथनिरपेक्षता के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं, लेकिन वे भ्रष्टाचार पर मौन रहते हैं। यह भी किसी से छिपा नहीं कि वे कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाए रखने की बात करते हैं, लेकिन अक्सर या तो कांग्रेस को सहारा देते हैं या फिर लेते हैं। दरअसल जदयू, जदएस, सपा, राजद और इनेलो के नेताओं के सामने यह साबित करने की एक बड़ी चुनौती है कि वे देश को एक नया विकल्प देने के लिए एकजुट हो रहे हैं, न कि भाजपा और विशेष रूप से नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद से अपना अस्तित्व बचाने के लिए। यह शुभ संकेत नहीं कि उक्त दलों ने विलय प्रक्रिया को पूरा करने के पहले ही इसका एलान कर दिया कि वे 22 दिसंबर को मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त रूप से धरना देंगे। आखिर इस धरने का मतलब-मकसद क्या है? किसी नीति और कार्यक्रम को घोषित किए बगैर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की तैयारी तो नकारात्मक राजनीति का ही उदाहरण है। इस तरह की राजनीति इन दलों को कहीं पर भी नहीं ले जाएगी। कभी भी केवल विरोध नीति का पर्याय नहीं हो सकता। 

जनता दल परिवार के नेताओं की जिन मुद्दों पर केंद्र सरकार से असहमति है उन पर उन्हें यह बताना होगा कि वे क्या सोचते हैं अथवा उनके पास वैकल्पिक उपाय क्या है? यदि उन्हें कांग्रेस और भाजपा का विकल्प बनना है तो फिर राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर अपना नजरिया सामने रखना होगा और क्षेत्रीय संकीर्णता का परित्याग करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो नए सिरे से तीसरी ताकत बनने की जो कवायद की जा रही है वह निष्फल ही साबित होगी। कोई पार्टी अपने परम्परागत वोट बैंक के जरिये कभी सत्ता में नही आती. अगर ऐसा होता तो यू पी में बीजेपी को कभी 11, कभी 20 और कभी 73 सीट न मिलती। सपा हमेशा जीतती और बसपा का सूपड़ा कभी साफ नही होता। दरअसल देश में फ्लोटिंग वोट ही हमेशा निर्णायक रहा है और यही सबसे बड़ा वोट बैंक भी है। इस देश के जनतंत्र की शक्ति और साख यही फ्लोटिंग वोट है। परंपरागत वोट बैंक के साथ जब फ्लोटिंग वोट किसी पार्टी के समर्थन में जुड़ता है तो अक्सर जीतने वाली पार्टी बहुमत आसानी से हासिल करती है। 2014 का इतिहास केवल संघ ने नही फ्लोटिंग वोट ने रचा था। फ्लोटिंग वोट का एक बड़ा वर्ग दी ग्रेट इंडियन मिडिल क्लास का प्रतिनिधित्व करता है। ये वर्ग राजनीतिक विचारधारा के नाम पर हमेशा तटस्थ रहा है। मुद्दों और परिस्थियों को देखकर ये फ्लोटिंग वोट कभी कांग्रेस के साथ, कभी जनता पार्टी के साथ और कभी बीजेपी के साथ जुड़कर चुनावी लहर को गति देता आया है। 



(सुरेश गांधी)

विशेष आलेख : सन्यास को कलंकित कर रहीं ये साध्वियां

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साध्वी निरंजन ज्योति के विवादित बयान से सरकार की किरकिरी तो हुई ही है संसद सत्र के दौरान यह मामला सामने आने से विपक्ष को एकजुट होकर सरकार पर तीखा हमला करने का अवसर भी मिल गया है। निरंजन ज्योति के माफी मांग लेने के बाद भी विपक्ष उन्हें बर्खास्त करने की मांग पर अड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में स्वयं इस पर बयान दे चुके हैं लेकिन फिर भी विपक्ष शांत होने को तैयार नहीं है। दूसरी ओर यह भी स्पष्ट है कि मोदी को न झुकने वाले नेता की अपनी छवि पर बहुत नाज है जिसकी वजह से कितने दिन भी गतिरोध चले लेकिन वे फिलहाल निरंजन ज्योति से इस्तीफा देने को नहीं कहेंगे।

निरंजन ज्योति के मामले में चल रही उक्त राजनीतिक उठापटक अलग चीज है लेकिन बुनियादी बात यह है कि जो पार्टी अपने को धर्म का ठेकेदार घोषित करती है वह सन्यासी और साध्वियों को सत्ता का टुकड़ा फेेंक कर धर्म की मर्यादा का हनन करने पर क्यों तुली हुई है। जब संसार की नश्वरता और तुच्छता का ज्ञान साधक को हो जाता है और अध्यात्म के शिखर पर अपनी साधना को पहुंचाकर वह परमानंद का रसास्वादन एकबार कर लेता है तब वह वीतराग यानी सन्यस्त होता है। जाहिर है कि राजनीति और सन्यास दोनों के रास्ते एकदम जुदा हैं। सन्यासी होना हर आदमी की क्षमता की बात नहीं है। जो लोग भवसागर से बाहर निकलने में असमर्थ होते हैं वह लोग अच्छी भावना होने पर अपनी सीमाओं के कारण सामाजिक राजनीतिक प्रक्रियाओं से बेहतर दुनिया के निर्माण का रास्ता खोजते हैं जबकि अध्यात्म की दुनिया में यह प्रयास प्रवंचना से ज्यादा महत्व नहीं रखता। सत्ता को अवलंब बनाकर जीवन के उच्चतम लक्ष्य को हासिल करने की कल्पना मृगमारीचिका में भटकने जैसा है। इस तरह देखें तो एक राजा अंततोगत्वा सन्यास की ओर प्रवृत्त हो जाए जैसा कि गौतम बुद्ध ने किया था तो यह उच्चतम की ओर उसका प्रस्थान होगा लेकिन अगर सन्यासी होने के बाद भी कोई राजसत्ता के प्रति आशक्ति दिखाता है तो माना जाएगा कि वह साधक भ्रष्ट है। भाजपा इस मामले में माया महा ठगिन की भूमिका अदा कर रही है। उमा भारती व निरंजन ज्योति को मंत्री बनाकर उसने इन साध्वियों का तप भंग करने का अपराध किया है।

आश्चर्य यह है कि नरेंद्र मोदी और उनके संघीय आकाओं को भारतीय अध्यात्म के मर्म का ज्ञान नहीं है जबकि वे इस अध्यात्म पर हर रोज अपना गाल बजाते हैं। क्या उन्होंने राजा जनक की कहानी पढ़ी है जिन्हें विदेह की उपाधि दी गई थी क्योंकि उत्तरदाई राजा के नाते वे अपनी प्रजा के कल्याण की चिंता में इतने लीन रहते थे कि राजसुख की अनुभूति तो अलग बात उन्हें अपने ध्येय के अस्तित्व का भान तक नहीं रहता था। उन राजा जनक के पास जब सुखदेव जी राजसभा में आसन मांगने गए तो ऋषि पुत्र की यह याचना जनक जी को अस्वीकार करनी पड़ी क्योंकि जनक जी को मालूम था कि राजसत्ता के प्रति ऋषियों में लोलुपता उत्पन्न करने की किसी भी गुंजाइश का निर्माण महापाप है। लगता है कि भाजपा के स्वयंभू रामभक्तों ने जनक और उनके आदर्शों को कभी पढऩे की जरूरत नहीं समझी।

जितने भी साधु सन्यासी और महामंडलेश्वर सांसारिक पदों  जिनमें मंत्री सांसद और विधायक के पद शामिल हैं को स्वीकार किए हुए हैं वे सभी महापातकी हैं और उन्होंने आदर प्राप्त करने का अधिकार खो दिया है। उनके आचरण से लोग आध्यात्मिक अनुभूतियों से विमुख होकर सांसारिकता के पंक में धंसे रहने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी एक दुविधाग्रस्त राजनेता हैं। एक ओर वे वैश्विक प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए स्वयं को आधुनिक दृष्टि से युक्त नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं दूसरी ओर संघ के दबाव में सरकार में उन लोगों को भागीदार बना रहे हैं जिन्हें सत्ता संचालन के आधुनिक प्रतिमानों का कोई ज्ञान नहीं है। जाहिर है कि दकियानूस मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के रहते आधुनिक विश्व के लिए वांछनीय सुशासन कायम नहीं हो सकता। अभी तो नरेंद्र मोदी को केवल एक साध्वी के आचरण का दंश चुभा है। उनके मंत्रिमंडल में उमा भारती, निरंजन ज्योति, गिर्राज सिंह जैसों की भरमार है। राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन के मामले में भी उन्होंने संघ के दकियानूस प्रचारकों को वरीयता दी है। उदाहरण हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का है जिन्हें कोई प्रशासनिक अनुभव न होते हुए भी एक आधुनिक राज्य के संचालन की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अभी मोदी के नए नवेले राष्ट्रीय नेतृत्व की चकाचौंध में इसके नकारात्मक प्रभाव छिपे हुए हैं लेकिन जैसे-जैसे उनमें पुरानापन आता जाएगा उनका मुलम्मा उतरता जाएगा वैसे-वैसे यह प्रयोग जगहंसाई की नौबत बढ़ाते जाएंगे।
उमा भारती को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का परिणाम हालिया अतीत में भाजपा झेल चुकी है। अगर उन्हें कार्यकाल पूर्ण करने का अवसर मिल जाता तो भाजपा का मध्य प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में आना दुश्वार था। सत्ता चलाने के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि का नेता होना चाहिए। शिवराज सिंह चौहान की शख्सियत राजनीतिक है। वे आध्यात्मिक कोटे से नहीं हैं इस कारण अवसर मिलते ही उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा की अलंघ्य सत्ता के निर्माण का करिश्मा दिखा दिया।

भाजपा हिंदू अध्यात्म का जो चेहरा पेश कर रही है उस पर खुली बहस शुरू होनी चाहिए ताकि हिंदू अध्यात्म के गौरव को उसके नटखट के कारण हो रही क्षति की समय रहते भरपाई की जा सके। निरंजन ज्योति ने रामजादे और हरामजादे जैसे जुमलों का इस्तेमाल सार्वजनिक भाषण में करके यह साबित कर दिया कि भाजपा के तथाकथित साधु सन्यासी साधना की पहली पायदान भी नहीं चढ़े हैं। साधना का पहला सिद्धांत है कि व्यक्ति को अपनी आंतरिक चेतना के उच्चतम विकास के लिए अग्रसर होते हुए काम, क्रोध, लोभ मोह के अलावा मद के विकार से भी विरक्त करना पड़ेगा। भाजपाई सन्यासियों में मद की पराकाष्ठा है। यह बात उनके द्वारा धर्मसत्ता की बात कहने पर ही उजागर हो गई थी। वजह यह है कि सत्ता और धर्म में विलोमानुपाती संबंध होता है। धर्म के साथ सत्ता का उपसर्ग या प्रत्यय जोडऩा धर्म का अनर्थ करना है। भाजपा समर्थक छद्म साधु सन्यासी क्रोध और मद से हमेशा चूर रहते हैं जो उनके द्वारा वाणी के संयम के बार-बार उल्लंघन से स्पष्ट है। साधु संतों जैसी हृदय की निर्मलता का वरदान प्राप्त करना सांसारिक व्यक्तियों की अभीप्सा होती है ताकि उनके द्वारा किसी के प्रति कटुता, ठसक से संभाषण करने की चूक न हो सके लेकिन यह सामथ्र्य आसानी से अर्जित नहीं की जा सकती। इसका भी बोध उनको रहता है। यह संसार तभी तक कायम रह सकता है जब तक कि लोग साधुओं जैसी निर्मलता के लिए तरसते रहें। अगर इसके विपरीत आचरण वाले लोगों का परिचय साधु सन्यासियों के रूप में कराया जाएगा तब तो सांसारिक व्यक्तियों के ऊपर उनकी देखादेखी कोई अंकुश ही नहीं रहेगा। इस कारण अगर भाजपा अध्यात्म के महत्व के प्रति जरा भी जागरूक हो तो उसे पात्र साधु संतों को ही सम्मान का वातावरण बनाना पड़ेगा।



के पी सिंह 
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मोदी सांबा में बोले अब नौजवानों को एके 47 नहीं, एंड्रायड वन चाहिए

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जम्मू-कश्मीर के सांबा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की जनता पगड़ी की इज्जत जानती है। मोदी ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के जन-जन और ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह को नमन करता हूं। पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग संकट झेलते रहते हैं, इसके बावजूद इस बार की सभाओं में कल्पना से ज्यादा जनसैलाब उमड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार में इरादा है, तो वह बदलाव ला सकती है, लेकिन जम्मू कश्मीर की सरकारों ने कभी जनता की परवाह नहीं की। सिर पर पगड़ी पहने हुए मोदी ने कहा कि मैं अभिभूत हूं कि मुझे प्रेमनाथ डोगरा की पगड़ी पहनाई गई। मोदी ने कहा कि भाजपा का मंत्री है सबका साथ, सबका विकास। मोदी ने कहा कि विस्थापितों का गुनाह क्या था, कि वो देश के लिए मर मिटने वाले लोग थे।

मोदी ने कहा कि कांग्रेस का कारनामा पहचानने की जरूरत है, क्यूंकि कांग्रेस के लोग बिना मेहनत के मलाई खाना जानते हैं। पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर को वंशवाद से मुक्त कराना होगा ओर वंशवाद के मुक्ति के बिना आप लोकतंत्र का फल नहीं खा सकते। पीएम ने कहा कि देश की बर्बादी का कारण लोकतंत्र के प्रति अनास्था और वंशवाद के प्रति आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके लिए सेना के जवानों ने अपना बलिदान दिया है और हमें उनकी शहादत को नहीं भूलना चाहिए। मोदी ने कहा कि अब नौजवान एके 47 नहीं, एंड्रायड वन चाहता है और गलत रास्तों पर चलने वाले लोगों को भी अब एके 47 बोझ लगने लगा है। मोदी ने कहा कि हमें मिलकर नई राजनीति को आगे बढ़ाना होगा।  

वहीं, श्रीनगर में सोमवार को मोदी की रैली को देखते हुए अधिकारियों ने रैली स्थल पर 4,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। राज्य सुरक्षा ग्रिड के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में आज (सोमवार) प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा में हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। विशेषकर पिछले शुक्रवार घाटी में हुए आतंकवादी हमले के बाद हम पूरी तरह सतर्क हैं। अधिकारी ने इस बात की भी पुष्टि की कि केंद्र और राज्य से करीब 4,000 सुरक्षाकर्मियों को शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम पर तैनात किया गया है, जहां मोदी दोपहर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रैली को संबोधित करने वाले हैं। अधिकारी ने कहा कि रैली स्थल के अलावा पूरे श्रीनगर शहर में जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।

श्रीनगर में पांच पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जिनमें रैनावरी, नौहट्टा, एम. आर. गुंज, खानयार और सफाकदल पुलिस थाने शामिल हैं। भाजपा सूत्रों ने बताया कि मोदी रैली स्थल पर पहुंचने से पहले श्रीनगर में सेना की 15वीं कोर की बादामी बाग छावनी के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे। स्थानीय भाजपा नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री अपना श्रीनगर दौरा बीते शुक्रवार को उरी के महुरा सैन्य छावनी में आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू करेंगे। सुरक्षा का आलम यह है कि परिंदा भी पर न मार सके। स्टेडियम के आसपास का इलाका सील कर दिया गया है और चारों तरफ भारी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं रैली स्थल यानी स्टेडियम के चारों तरफ सेना का कड़ा पहरा है। तलाशी अभियान में खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है और आसपास के पेड़ों पर भी गहन जांच की जा रही है।

इससे पहले घाटी में मतदान को प्रभावित करने के लिए आतंकियों ने एक बार फिर नापाक कोशिश की। आतंकियों ने पुलवामा में ग्रेनेड ब्लास्ट को अंजाम दिया। रविवार को हुए इस ब्लास्ट में सेना का एक जवान घायल हो गया। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 9 दिसंबर को तीसरे दौर की वोटिंग होनी है। इससे पहले हुए दो चरणों के चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 70 फीसदी से भी ज्यादा पड़े वोट पड़े हैं।

साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर जारी गतिरोध खत्म

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राज्यसभा में निरंजन ज्योति को लेकर जारी गतिरोध अब खत्म हो गया है और उप−सभापति पीजे कुरियन ने इस बारे में बयान जारी किया है। इससे पहले सरकार की ओर यह प्रस्ताव दिया गया कि पीएम के बयान को ही सदन की भावना मानकर स्वीकार कर लिया जाए, जबकि विपक्ष इस पर तैयार नहीं था। इससे पहले केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर आज भी राज्यसभा में गतिरोध जारी रहा तथा इस मुद्दे पर निंदा प्रस्ताव लाने की मांग पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के महज 15 मिनट के भीतर ही स्थगित कर दी गई।

सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाने की आसन से अनुमति मांगी। इस पर सदन के नेता अरुण जेटली ने आसन से कहा आपने उन्हें (शर्मा को) इस शर्त पर अनुमति दी थी कि अपनी बात कहने के बाद वह शून्यकाल चलने देंगे। अब क्या वह शून्यकाल चलने दे रहे हैं। इस पर कुरियन ने कहा यह मेरा आग्रह है। इस पर शर्मा ने कहा कि विपक्ष पिछले सप्ताह से साध्वी निरंजन ज्योति के बयान के मुद्दे पर अपना विरोध जता रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता है कि सदन में सामान्य ढंग से कामकाज हो और महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का सदस्यों को मौका मिल सके।

शर्मा ने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए विपक्ष ने इस मंत्री को बर्खास्त करने संबंधी अपनी मांग को नरम करते हुए सदन में एक प्रस्ताव पारित करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि इस दो पंक्ति के प्रस्ताव में किसी का नाम नहीं होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह प्रस्ताव करते हैं कि दोनों सदनों के किसी भी सदस्य अथवा मंत्रीमंडल के किसी भी सदस्य द्वारा संविधान या कानून के विरूद्ध दिए गए अथवा वैमनस्य बढ़ाने वाले किसी भी बयान की यह सदन भर्त्सना करता है। शर्मा ने कहा कि सदन में विपक्ष के पास बहुमत है इसलिए यह प्रस्ताव सदन में पारित करवाया जाना चाहिए। इस पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह ऐसे किसी भी प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं क्योंकि इसे पेश करने से पहले आसन की अनुमति नहीं ली गई है।

संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ऐसे किसी प्रस्ताव का जबरदस्त विरोध करते हुए कहा कि आसन की अनुमति लिए बिना ऐसा कोई भी प्रस्ताव पेश किया जाना सदन के नियमों के विरूद्ध है। विपक्ष इस तरह का प्रस्ताव नहीं पेश कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष आसन की अवज्ञा कर रहा है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सदन में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए विपक्ष द्वारा लाए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस प्रस्ताव का अनुमोदन करते हैं। उन्होंने कहा आप सही कहते हैं कि आसन की अनुमति के बिना कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता। लेकिन आसन भी सदन की अनुमति के बिना कुछ नहीं कर सकता। इसलिए प्रस्ताव को पारित कराया जाना चाहिए।

इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा करना सदन के नियमों के विरुद्ध है। उप सभापति द्वारा प्रस्ताव को पेश करने की मंजूरी नहीं दिए जाने के विरोध में कांग्रेस, सपा और तृणमूल के कई सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए। इसी बीच सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने भी सदन की कार्यवाही चलने देने की मांग शुरू कर दी। कुरियन ने कहा कि आसन की अनुमति के बिना कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता। आसन ने किसी प्रस्ताव की अनुमति नहीं दी है। सदन में हो रहे हंगामे के कारण उप सभापति ने दोपहर करीब सवा ग्यारह बजे बैठक को स्थगित कर दिया।

गौरतलब है कि साध्वी निरंजन ज्योति ने गत सप्ताह मंगलवार को दोनों सदनों में दिए गए बयान में खेद व्यक्त किया था। उन्होंने राज्यसभा में यह भी कहा था कि अगर सदन को लगता है तो वह अपनी टिप्पणियों पर माफी मांगने के लिए भी तैयार हैं। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों सदनों में दिए गए बयान में मंत्री के बयान को पूरी तरह से नामंजूर कर दिया था। लेकिन विपक्ष के निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग पर अड़े रहने के कारण उत्पन्न गतिरोध के चलते गत सप्ताह उच्च सदन की कार्यवाही बाधित रही थी।

पहले टेस्ट में विराट कोहली करेंगे कप्तानी, धोनी अनफिट !!

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में धोनी पूरी तरह फिट नहीं है जिसके कारण टीम इंडिया का नेतृत्व विराट कोहली करेंगे. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के एक ट्वीट के मुताबिक एडीलेड टेस्ट में कप्तान धोनी नहीं खेलेंगे. विराट कोहली ने कहा है कि कप्तान धोनी को पूरी तरह फिट होने में अभी तीन या चार दिन और लग सकते हैं.

टीम इंडिया-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला एडीलेड में मंगलवार से शुरू होगा. सोमवार को होनीवाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी के खेलने को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी. पिछले दो हफ्ते से एडीलेड में मौजूद टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने नेट पर जमकर पसीना बहाया है. पहले टेस्ट में धोनी के अलावा भी भारत को एक और झटका लगा है भारत के धुरधंर युवा गेदबाज भुवनेश्वर को अभ्यास मैच के दौरान टखने में चोट लग गई थी. इसी के चलते भुवी ने रविवार को नेट प्रैक्टिस नहीं की. भुवनेश्वर की गैरमौजूदगी में इशांत शर्मा और वरुण एरोन पर टीम प्रबंधन की नजर रहेगी.

उधर, ऑस्ट्रेलियाई हरफनमौला शेन वॉटसन ने भारतीय टीम पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि कंगारू टीम बदले की भावना से मैदान पर उतरेगी. पिछली बार 0-4 से मिली जीत टीम भूली नहीं है. वाटसन ने कहा कि टीम तेज और आक्रामक खेल दिखाकर टीम इंडिया से हिसाब बराबर करेगी.

नेपाल में सड़क हादसे में 18 की मौत, 49 घायल

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पश्चिमी नेपाल में यात्रियों से भरी एक बस 600 मीटर नीचे गहरी खाई में गिर गई जिससे कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और 49 लोग घायल हो गए। यह ऐक्सिडेंट पोखाराकड़ा गांव के पास रविवार रात को हुआ। बचावकर्मियों ने घटनास्थल से 14 शवों को निकाला, जबकि चार लोगों की अस्पताल में मौत हुई। हादसे के वक्त बस कालिकोट जिले से कैलानी जिले के टीकापुर गांव की ओर जा रही थी।

बस में कुल 67 लोग सवार थे, जबकि इसमें 38 लोगों के बैठने की ही जगह थी। पुलिस ने बताया कि घायलों को निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नोएडा अथॉरिटी के मुख्य अभियंता यादव सिंह निलंबित

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उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा विकास प्राधिकरण के विवादास्पद मुख्य अभियंता यादव सिंह को आज अंतत: निलंबित कर दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यादव सिंह को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं। जांच नोएडा के मुख्य कार्याधिकारी करेंगे। उल्लेखनीय है कि 27 नवंबर की सुबह यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता और उनके साझेदारों की कंपनियों पर आयकर विभाग की टीमों ने छापे मारे थे । दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में ये छापे मेकान इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड और मीनू क्रिएशन्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों पर मारे गये।

इन कंपनियों पर मुख्य आरोप है कि प्रॉपर्टी के काम में इन कंपनियों ने कोलकाता से बोगस शेयर होल्डिंग बनाकर 30 से 40 कंपनियों के जरिए नोएडा प्राधिकरण से अपने नाम भूखंड आवंटित कराये और फिर इन कंपनियों के शेयर बेच दिये। इस प्रकार शेयर खरीदने वाले पक्ष को इन कंपनियों के खरीदे भूखंड मिल गये। ये सभी सौदेबाजी पिछले तीन से चार साल के दौरान हुई। इस प्रकार कर की चोरी हुई है। जिस दौरान भूखंडों की सौदेबाजी हुई, यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण में मुख्य अभियंता के पद पर तैनात थे। आयकर छापों के दौरान यादव सिंह के यहां लाखों रुपये की नकदी, करोड़ों रुपये के हीरे और सोना तथा कई लॉकर बरामद किये गये थे।

उच्चतम न्यायालय की काले धन पर बनी एसआईटी के निर्देश पर आयकर विभाग विभिन्न दस्तावेज और जानकारियां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से साझा कर रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्व की मायावती सरकार के समय यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण के मुख्य अभियंता थे। सपा सरकार आने के बाद यादव सिंह को निलंबित कर उनके खिलाफ सीबीसीआईडी जांच बिठा दी गयी थी लेकिन सीबीसीआईडी जांच में बरी होते ही सपा सरकार ने यादव सिंह को न सिर्फ नोएडा, बल्कि ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे तीन महत्वपूर्ण प्राधिकरणों में तैनाती दे दी। यादव सिंह को नोएडा प्राधिकरण में पुन: तैनात किये जाने और आयकर छापों में अथाह संपत्ति का पता लगने के बावजूद उन्हें निलंबित नहीं किये जाने को लेकर सपा सरकार विपक्ष के निशाने पर थी और उसे विपक्ष की तीखी आलोचना सहनी पड़ी ।

भारत में आर्थराइटिस के 12 करोड़ मरीज

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खराब जीवनशैली के चलते मांसपेशियो और हड्डियो से जुडे विकारो के कारण देश में तकरीबन 12 करोड आर्थइराटिस.गठिया. रोग से ग्रसित है। इस रोग से सबसे ज्यादा भारतीय महिला पीडित है। राष्ट्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्र म के सलाहकार डॉ नरेश पुरोहित ने हाल ही में तैयार की गई अपनी शोध रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए यहां ..यूनीवार्ता. को बताया कि देश में 18 प्रतिशत लोग मांसपेशियो और हड्डियो से जुडे विकारो से ग्रस्त है जबकि इसके एक प्रतिशत पूरी तरह से आर्थराइटिस .गठियां. की चपेट में है। साथ ही 15 से 25 वर्ष आयु के युवा इस अत्याधुनिक युग में बढते एसएमएस और इंटरनेट चेटिंग की आदतो के कारण उनकी उंगलियां कार्पल टनल सिंड्रोम .उंगलियो का गठियां. की बीमारी को जन्म दे रही है। इसके कारण उंगलियो की मांसपेशियो में र्दद होता है तथा उसमें सूजन आ जाती है।  उन्होने देश में 12 करोड आर्थराइटिस के मरीज होने की जानकारी देते हुए बताया कि देश में यह रोग ज्यादा होने का कारण खराब जीवनशैली है और महिलाए र्सवाधिक इस रोग की चपेट में आती है। महिलाओं में मोटापे की वजह से गठियां रोग होता है। उन्होने बताया कि आर्थराइटिस केवल जोडो के र्दद नही बल्कि डायबिटीज की तरह ऐसी बीमारी के रुप में उभर रही है जो शरीर के कई अंगो को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से प्रभावित करती है और इसकी वजह से मांसपेशियो में आने वाली सूजन हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन रही है। 

डॉ पुरोहित ने मध्यप्रदेश के प्रमुख नगरो के 1200 आर्थराइटिस मरीजो पर किये शोध के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह प्रतिरोधी तंत्र से जुडी बीमारी है और कभी कभी शरीर का प्रतिरोधी तंत्र कोशिकाअो को क्षतिग्रस्त करने लगता है। इसे कई संभावित ज्ञात एवं अज्ञात कारण है और यह बीमारी वंशागुत नहीं है। ऐसे रोगियो में इस रोग की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के दौरे पडे और जांच में पाया गया कि मांसपेशियो एवं धमनियो में लगातार सूजन के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। उन्होने आर्थराइटिस रोग होने के प्रमुख लक्षण बताते हुए कहा कि जोडो में र्दद  मांसपेशियो में र्दद एवं सूजन  लगातार बुखार  मुंह में छाले आंखे लाल होना  मांसपेशियो में कमजोरी  बाल झडना  वजन घटना त्वचा सख्त होना  नजर कमजोर होना  सुबह उठने पर पीठ में र्दद होना आदि है। उन्होंने बताया शराब  धूम्रपान तंबाकू का अधिक सेवन तथा मलेरिया  मधुमेह व तपेदीक .टी बी. जैसी बीमारियो के अलावा गलत व्यायाम एवं जिम में अत्यधिक प्रेक्टिस करना इस रोग के संभावित कारण है। उन्होंने कहा कि यह रोग दवाओं से उपचार से संभव है और कुछ मामलो में शल्य चिकित्सा की जरुरत पडती है। इस रोग के उपचार के लिये केवल घुटना प्रत्यारोण ही एकमात्र उपाय नही रह गया है इसके लियें अब ल्यूब्रकिेंट इंजेक्शन एवं सेल्स रि जेनेरटिव जैसी तकनीक उपलब्ध है। इसके अलावा उन्होने अपने शोध निष्र्कष में बताया कि शाकाहारी भोजन गठियां के मरीजो को हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

80 ट्रकों में लोगों को लादकर मोदी की रैली में लाया गया : उमर

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जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उमडी भीड पर टिप्पणी करते हुए आज कहा कि श्री मोदी की चुनावी रैली में शामिल होने के लिए सज्जाद अली लोन के र्समथकों और जम्मू से अन्य लोगों को 80 ट्रकों में भरकर लाया गया। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट. टि्वटर. पर लिखा  मैंने श्री मोदी की चुनावी रैली में शामिल होने जा रहे वाहनों पर और लोगों के पास भारतीय जनता पार्टी. भाजपा.का एक भी झंडा नहीं देखा 1भाजपा को मिल रहे र्समथन की कहानी का कितना अच्छा प्रतीक है।

उन्होंने आगे लिखा..यहां तक कि कांग्रेस के र्समथक नेताों को भी भाजपा की रैली में लोग जुटाने के लिए कहा गया। राजनीति भी कितने अजीब लोगों को करीब लाती है। ..उन्होंने कहा ..जम्मू के बनिहाल से बहुत सारे लोगों को यहां लाया गया। तो आखिर वहीं रैली भी क्यों न आयोजित कर ली गयी। सज्जाद लोन अपने बडे भाई के र्समथकों की संख्या बढाने में मदद करने के लिए समथरकों से भरे 80 वाहन भेज रहे हैं।.. 

अलगाववादी नेता रह चुके सज्जाद लोन ने 1999 में लोकसभा चुनाव जीता था और राजनीति की मुख्यधारा में शामिल हुए थे।वह चुनाव के पहले नयी दिल्ली जाकर श्री मोदी से मिले थे और उन्हें अपना बडा भाई कहा था। कहा जाता है कि इस मुलाकात के बाद भाजपा ने श्री लोन के खिलाफ अपना कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतारा। 

ललित नारायण हत्याकांड में चारों आरोपी दोषी करार

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पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा की 1975 में बम विस्फोट में हुई हत्या के मामले में दिल्ली की एक अदालत चारों आरोपियों को आज दोषी करार दिया। सजा 15 दिसंबर को सुनायी जाएगी। अदालत ने रंजन द्विवेदी. संतोषानंद अवधूत. सुदेवानंद अवधूत और गोपालजी को हत्या का दोषी करार दिया। श्री मिश्रा दो जनवरी 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक समारोह के दौरान हुए बम विस्फोट में बुरी तरह जख्मी हो गए थे और अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई थी। इस हत्याकांड में सीबीआई और चारों अभियुक्तों के वकीलों की दलीलें 12 सितंबर को पूरी हो चुकी थीं। इसका फैसला 12 नवंबर को आना था लेकिन इसे आठ दिसंबर के लिए स्थगित कर दिया गया था। 

आरोपियों ने मुकदमे का निबटारा होने में देरी के आधार पर पूरी कार्यवाही को निरस्त करने की मांग के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन सवोच्च न्यायालय ने ही अगस्त 2012 में उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा था कि 37 साल से मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो जाने के आधार पर कार्यवाही निरस्त नहीं की जा सकती है।

सोनिया ने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू.कश्मीर और छत्तीसगढ में सुरक्षार्कमियों पर हुए हमलों को देखते हुए नौ दिसंबर को अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। श्रीमती गांधी ने पार्टी कार्यर्कताों को भेजे संदेश में कहा है कि जम्मू.कश्मीर में आतंकवादी हमले और छत्तीसगढ में नक्सली हमले को देखते हुए उनका जन्मदिन नहीं मनाया जाए क्योंकि इन हमलों में कई नागरिक और सुरक्षार्कमी शहीद हुए हैं। 

जम्मू.कश्मीर में शुक्रवार को हुए चार आतंकवादी हमलों में आठ सैनिक. तीन पुलिर्सकमी और दो नागरिक मारे गए थे जबकि छत्तीसगढ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान मारे गए थे। 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (08 दिसम्बर)

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पेंषन प्रकरणों के निराकरण हेतु षिविर 10 को 

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छतरपुर/08 दिसम्बर/षासकीय विभागों से सेवानिवृत्त हुये अधिकारियों-कर्मचारियों के लंबित पेंषन प्रकरणों का मौके पर निराकरण हेतु 10 दिसम्बर को षिविर आयोजित किया गया है। षिविर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला पेंषन कार्यालय में आयोजित होगा। जिला पेंषन अधिकारी अनिल खरे ने कार्यालय प्रमुखों से अपील की है कि लंबित पेंषन प्रकरणों के निराकरण के लिये स्थापना लिपिक के साथ नियत तिथि एवं स्थान पर उपस्थित हों, जिससे लंबित पेंषन प्रकरणों का निराकरण किया जा सके। पेंषन अधिकारी श्री खरे ने बताया कि न्यायालयीन अथवा विभागीय जांच के प्रकरणों का निराकरण षिविर में नहीं किया जायेगा।   

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु आरओ एवं एआरओ नियुक्त

छतरपुर/08 दिसम्बर/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने आगामी जनवरी माह में प्रस्तावित त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन हेतु रिटर्निंग एवं जिला तथा विकासखण्डस्तरीय स्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जिसके तहत जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर 8225012682 स्वयं रिटर्निंग अधिकारी रहेंगे। जिला स्तरीय सहायक रिटर्निंग अधिकारी के रूप में जिला पंचायत सीईओ डाॅ. सतेन्द्र सिंह 9425176720 एवं अपर कलेक्टर एस सी गंगवानी 8989917635 को नियुक्त किया गया है, जबकि जिला स्तरीय रिजर्व एआरओ के रूप में डिप्टी कलेक्टर सी एल चनाप को नियुक्त किया गया है।  विकासखण्डस्तरीय एआरओ के रूप में छतरपुर के लिये तहसीलदार विनय द्विवेदी 9425145313 को नियुक्त किया गया है, जबकि नौगांव के लिये तहसीलदार भास्कर गाचले 9425024524, बिजावर के लिये तहसीलदार आर आर चढ़ार 9893316170, बड़ामलहरा के लिये तहसीलदार लाल षाह जगेत 9425435474, बक्स्वाहा के लिये तहसीलदार विनीता जैन 9977024757, लवकुषनगर के लिये तहसीलदार आर एन त्रिपाठी 9425641414, बारीगढ़ के लिये तहसीलदार बी डी नामदेव 9425433893 एवं राजनगर के लिये तहसीलदार बलवीर रमण 9425192835 को एआरओ बनाया गया है, जबकि रिजर्व एआरओ के पद पर डिप्टी कलेक्टर के एल साल्वी एवं प्रभारी एसएलआर आदित्य सोनकिया को नियुक्त किया गया है। 

सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों पर दें ध्यान: कलेक्टर 
  • टी.एल. पत्रों की समीक्षा बैठक सम्पन्न 

छतरपुर/08 दिसम्बर/जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत लंबित सीएम हेल्पलाइन एवं पीजी सेल के प्रकरणों पर विषेष ध्यान दिया जाये। उक्त प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से किया जाये। यह निर्देष कलेकटर डाॅ. मसूद अख्तर ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि उर्जा विभाग के अंतर्गत सीएम हेल्पलाइन के तहत सबसे अधिक 186 आवेदन लेवल वन पर लंबित हैं। इसी तरह पीजी सेल के तहत जिला पंचायत के अंतर्गत सबसे अधिक 144 आवेदन लंबित हैं। जिनका निराकरण तेजी से किया जाना जरूरी है। अन्य विभागों के अंतर्गत भी काफी अधिक संख्या में आवेदन लंबित हैं। जिन्हें तेजी से संबंधित अधिकारियों द्वारा निराकृत कर दिया जाये। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने अवगत कराते हुये कहा कि जिले में 13 दिसम्बर को आयोजित होने वाली मेगा लोक अदालत की विभिन्न विभागों द्वारा तैयारी कर ली जाये। उन्होंने कहा कि मेगा लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण करना सुनिष्चित् किया जाये। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देषित करते हुये कहा कि षासकीय योजनाओं के तहत वित्तीय प्रगति पर ध्यान दिया जाये। उन्होंने मतदाता सूची में विषेष तौर पर महिलाओं के नाम षामिल कराने के लिये निर्देष दिये, ताकि जिले का जेंडर अनुपात बढ़ सके। बैठक में अपर कलेक्टर एस सी गंगवानी, संयुक्त कलेक्टर बी के पाण्डेय, एसडीएम डी पी द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर सी एल चनाप एवं के एल साल्वी सहित अन्य जिलाधिकारी उपस्थित थे। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (08 दिसम्बर)

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तेरह दिसम्बर को आयोजित होगी नेशनल मेगा लोक अदालत, मेगा लोक अदालत में सुलझाये जायेंगे बिजली संबंधी मामले

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सीधी 08 दिसम्बर 2014    राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षण म0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार संपूर्ण देश एवं प्रदेश के समस्त जिला एवं तहसील मुख्यालयों में आगामी 13 दिसम्बर 2014 को मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री व्ही.पी.एस.चैहान के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालयों पर अधिक से अधिक प्रकरणों को निपटाने के लिए विगत दो माह से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री चैहान ने बताया कि उक्त मेगा लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, प्रीलिरिगेशन प्रकरण, निगोशियेबल इस्टूमेन्ट एक्ट के अंतर्गत चेक बाउन्स प्रकरण, उपभोक्ता फोरम, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, राजस्व न्यायालय तथा अन्य प्रकार के प्रकरण निपटाये जायेंगे। साथ ही विभिन्न विभागों की संचालित कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रकरणों सहित विद्युत वितरण कंपनी, यूनियन बैंक, स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, मध्यांचल सेन्ट्रल ग्रामीण बैंक व बी.एस.एन.एल. के बिल मुकदमा पूर्व समझौते हेतु प्रकरणों को प्रस्तुत किया जायेगा। म0प्र0 पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यपालन यंत्री ने बताया कि  विद्युत अधिनियम की धारा 135, 138 एवं 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी, अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत मंे समझौते निराकरण करने के लिए न्यायालय में लंबित निम्नदाब उपभोक्ताओं के प्रकरणों में एक मुश्त राशि जमा करने पर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन आगामी 13 दिसम्बर को किया जा रहा है। प्रीलिटिगेशन धारा 135 तहत दर्ज ऐसे प्रकरण जिसे न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सका है को आगामी 13 दिसम्बर को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किए जायेंगे। एक मुश्त राशि जमा करने पर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत तथा जुर्माना राशि में भी 40 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। ऐसे समस्त घरेलू, समस्त कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू तथा 10 एच.पी.भार तक के औद्योगिक उपभोक्ता जिनके प्रकरण धारा 135 एवं 138 के तहत न्यायालय में लंबित हैं, निर्धारित शर्तों के अनुसार लोक अदालत में  समझौता कर सकते हैं। ऐसे प्रकरणों में एक मुश्त राशि जमा करने पर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। प्रीलिटिगेशन धारा 126 तहत दर्ज ऐसे प्रकरण जिसे न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया जा सका है को लोक अदालत में निराकृत किया जा सकेगा। जुर्माना राशि में भी 40 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। विगत दिवस कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने 13 दिसम्बर को आयोजित होने वाली मेगा लोक अदालत में अधिक से अधिक हितग्राहियों को हित लाभ देने के उद्देश्य से विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित कर निर्देश दिए कि दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों को अधिक से अधिक हित लाभ वितरित किया जाय। 

सहायक गे्रड-3 संविदा आधार पर की यादव नियुक्त

सीधी 08 दिसम्बर 2014     कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में संविदा आधार पर अस्थायी सहायक वर्ग-तीन के पद पर श्री कन्हैया लाल यादव को नियुक्त किया है। इन्हें 31 जुलाई 2015 तक की सीमित अवधि पर 9 हजार रूपये मासिक के आधार पर नियुक्त किया है।

पी.सी.एवं पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक 10 दिसम्बर को

सीधी 08 दिसम्बर 2014     पी.सी. एवं पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक 10 दिसम्बर को आयोजित की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. के.के.शुक्ला ने बताया कि उपरोक्त बैठक अपरान्ह 12.45 बजे से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय कक्ष में आहूत की जायेगी।

सांसद के साथ सचिवालयीन कार्य हेतु श्री यादव अटैच

सीधी 08 दिसम्बर 2014     सांसद लोकसभा क्षेत्र सीधी श्रीमती रीती पाठक के साथ सचिवालयीन सहायक (कार्य) के लिये जनशिक्षा केन्द्र करवाही के जनशिक्षक श्री हीरालाल यादव को कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने सम्बद्ध किया है।

श्रवणबाधित और निःशक्तजनों को 9 दिसम्बर से दिए जायेंगे श्रवण यंत्र,  9 दिसम्बर से आयोजित होंगे शिविर

सीधी 08 दिसम्बर 2014     सीधी जिले में कलेक्टर विशेष गढ़पाले के निर्देश पर जिले के श्रवणबाधित और निःशक्तजनों को श्रवण यंत्र वितरित करने के लिए 9 दिसम्बर से शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि इसके पश्चात एलेम्को द्वारा 11 दिसम्बर से आयोजित शिविर में चिन्हांकित किये गये 531 निःशक्तजनों को कृत्रिम अंग एवं उपकरण वितरित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि एपिड योजना के अंतर्गत चार दिवसीय परीक्षण एवं श्रवण यंत्र वितरित करने के लिए शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। जनपद पंचायत रामपुर नैकिन की ग्राम पंचायत खड्डी में 9 दिसम्बर को, सीधी के कुसमी में 10 दिसम्बर को, सिहावल में 11 दिसम्बर को और मड़वास में 12 दिसम्बर को शिविर आयोजित किया जायेगा। सामाजिक न्याय के उपसंचालक संतोष शुक्ला ने बताया कि भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलेम्को) द्वारा नवम्बर माह में आयोजित शिविर में चिन्हांकित 531 निःशक्तजनों को 11 दिसम्बर से शिविर आयोजित कर कृत्रिम अंग एवं उपकरण वितरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 11 दिसम्बर को जनपद सिहावल में, 12 दिसम्बर को कुसमी और मझौली में तथा 13 दिसम्बर को सीधी और रामपुर नैकिन में शिविरों का आयोजन होगा।      

निर्वाचन के लिए आरक्षित पद से नाम-निर्देशन पत्र भरने वाले अभ्यर्थी को जाति प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा

सीधी 08 दिसम्बर 2014     त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन-पत्र के साथ आरक्षित पद अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का अभ्यर्थी होने पर नाम निर्देशन पत्र के साथ सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। यदि अभ्यर्थी के पास नाम निर्देशन-पत्र भरते समय जाति प्रमाण-पत्र नहीं है तो उसे नाम निर्देशन पत्र की संवीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व शपथ-पत्र प्रस्तुत करेगा अन्यथा अभ्यर्थी का नाम निर्देशन-पत्र निरस्त किया जायेगा।

कलेक्टर ने सिरसी एवं पोड़ी के नोडल अधिकारी को दिया कारण बताओ नोटिस, पोड़ी के विक्रेता को किया पृथक

सीधी 08 दिसम्बर 2014     अन्न उत्सव के दौरान विगत 7 दिसम्बर को उचित मूल्य की दुकानों में उपस्थित रहकर अपने सामने ग्रामीणों को खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री वितरित कराने के निर्देश के बाद भी कलेक्टर विशेष गढ़पाले द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण करने के दौरान विकासखण्ड सीधी के ग्राम पोड़ी में विक्रेता मनमोहन सिंह दुकान में ताला लगाकर कहीं चले जाने के कारण और ग्रामीणों को खाद्यान्न, कैरोसीन तथा शक्कर वितरित न हो पाने पर कलेक्टर ने विक्रेता मोहनलाल सिंह को पद से पृथक करने के निर्देश दिये हैं। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि पोड़ी की उचित मूल्य की दुकान के पर्यवेक्षण के लिए आर.ए.ई.ओ. रंगदेव शर्मा की डियूटी नोडल अधिकारी पद पर लगाई गयी थी। लेकिन शर्मा विक्रेता के साथ दुकान से नदारत पाये गये। इन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसी प्रकार शासकीय उचित मूल्य की दुकान सिरसी के लिये जल संसाधन के सहायक यंत्री हरीश कुमार तिवारी को नोडल अधिकारी बनाया गया था। ये भी अन्न उत्सव के दौरान दुकान से अनुपस्थित मिले। इन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

मानसिक रूप से अविकसित एवं बहु विकलांग निःशक्तजनों को 7 हजार रूपये जारी

सीधी 08 दिसम्बर 2014     कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जिले में 6 वर्ष से अधिक आयु के मानसिक रूप से अविकसित एवं बहु विकलांग निःशक्तजनों को 500 रूपये प्रतिमाह के मान से सहायता राशि जारी की है। कुल 15 निःशक्तजनों को सात हजार पाॅच सौ रूपये स्वीकृत किये गये हैं।  सामाजिक न्याय के उप संचालक संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि मुड़हेरिया ग्राम के बल्लू, धनौली के राज कुमार, बरिगवां के अंजनी कुमार, पनवार के लव सिंह, बरमानी की आभा, पवाई की नेहा, खड्डीकला के रवि कुमार, मझौली के दिलीप कुमार, सचिन और उपेन्द्र कुमार, सेमरी की कलावती, लिलवार के रमई, मरसरहा की गोल्डी, हिनौती की सुधा और लिलवार ग्राम की निलम को पाॅच-पाॅच सौ रूपये की सहायता राशि जारी की गयी है। 

चिटफण्ड कंपनी में जिनने पैसा लगाया है वे 20 दिसम्बर तक कलेक्टर को सूचित करें

सीधी 08 दिसम्बर 2014     कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने निर्देश दिए हैं कि जिला मुख्यालय में जे.के.व्ही.मल्टी स्टेट क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी, सनसाइन इन्फ्राबिल्ड कार्पोरेशन लिमिटेड, रोज वैली हैप्पीनेस अनलिमिटेड, (ज्योत्सना स्कूल के बगल में) एवं एच.बी.एन.क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (पूजापार्क) साई प्रसाद प्रापर्टीज (गांधी चैक) और मानव बन्धन इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रोजेक्ट लिमिटेड, (न्यू मिश्रा नर्सिंग होम के बगल में) संचालित संस्थाओं (चिटफण्ड कंपनियों) में जिस किसी व्यक्ति ने पैसा जमा किया है या पैसा लगाया है या उसे इन कंपनियों द्वारा पैसा की मात्रा बढ़ाने का आश्वासन दिया गया है तो वे व्यक्ति पूर्ण जानकारी के साथ कलेक्टर को 20 दिसम्बर तक लिखित रूप से सूचित करें। 

फरार आरोपियों पर पुलिस ने की पाॅच-पाॅच हजार रूपए इनाम की घोषणा

सीधी 08 दिसम्बर 2014     पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचिका जैन जिन्दल ने तीन फरार अपराधियों की सूचना देने या आरोपियों को गिरफ्तार कराने वालों को पाॅच-पाॅच हजार रूपए पुरस्कार की घोषणा की है। 

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (08 दिसम्बर)

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औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का पालन नहीं करने का मामला, 15 दवा दुकानों के लायसेंस निरस्त
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दुवा दुकानों के निरीक्षण के दौरान दुकान संचालकों द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का पालन नहीं करना पाया जाने पर औषधि लायसेंस प्राधिकारी द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 15 दवा दुकानों के लायसेंस निरस्त कर दिये गये है। इसके साथ ही 07 दवा दुकानों के संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनके लायसेंस निरस्त कर दिये जायें। औषधि निरीक्षक शरद कुमार जैन ने बताया कि दवा दुकानों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दवा दुकानों के संचालकों द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है। दुकान में फामासिस्ट का न होना, समय पर लायसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं करना, रेफ्रिजरेटर का बंद होना, दुकान में सफाई का न होना, दवाओं के क्रय-विक्रय का रिकार्ड न रखना, एक्सपायरी दवाओं का ट्रेड स्टाक के साथ पाया जाना, शेडूल एच.01की दवाओं के क्रय-विक्रय की जानकारी उपलब्ध नहीं कराना पाया गया। जिसके कारण 15 दवा दुकानों के लायसेंस निरस्त कर दिये गये है। जिन दवा दुकानों के लायसेंस निरस्त किये गये हैं, कटंगी तहसील के ग्राम बासी का कमलेश ड्रग्स स्टोर्स, बैहर तहसील के ग्राम पाथरी का आरती औषधि भंडार, बैहर वार्ड नं.09 की नेशनल इंटर प्राईसेस, बालाघाट तहसील के ग्राम जागपुर की अंकित औषधि भंडार, वारासिवनी तहसील के ग्राम लालपुर का गौतम औषधि भंडार, बालाघाट तहसील के ग्राम कोसमी का स्मिता मेडिकल स्टोर्स, चमनटोला का बमलेश्वरी औषधि भंडार, कटंगी तहसील के ग्राम लिंगापौनार का आदर्श औषधि भंडार, किरनापुर तहसील के ग्राम चंगेरा का साई औषधि भंडार, हनुमान चौक बालाघाट की राहुल ट्रेडिंग कंपनी, वारासिवनी तहसील के ग्राम नवेगांव-3 के बालाजी आयुर्वेदक स्टोर्स, ग्राम भजियादंड के बिसेन ड्रग्स स्टोर्स, बालाघाट के राम जनरल स्टोर्स, भटेरा के मोहारे औषधि भंडार तथा कटंगी तहसील के ग्राम बोथवा के सांई औषधि भंडार शामिल है।  औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का पालन नहीं करने के कारण उपकार मेडिकल स्टोर्स किरनापुर, मां मेडिकल स्टोर्स किरनापुर, कांकरिया मेडिकल स्टोर्स चांगोटोला, भवानी मेडिकल स्टोर्स किरनापुर, डाबर मेडिकल स्टोर्स परसवाड़ा, अभिषेक मेडिकल स्टोर्स किरनापुर तथा गणेश मेडिकल स्टोर्स कारंजा के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनका लायसेंस निरस्त कर दिया जाये। 

छत्तीसगढ़ के में. महावर फार्मा. की निर्मित औषधियों की बिक्री पर रोक
औषधि निरीक्षक श्री शरद जैन ने जिले के समस्त दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे में. महावर फार्मा. खम्हारडीह रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा निर्मित सिप्रोसिन टेबलेट 500 मिलीग्राम का विक्रय न करें। इसी प्रकार में. टेक्निकल लेब एंड फार्मा. प्राईवेट लिमिटेड हरिद्वार उत्तराखंड द्वारा निर्मित बैच नं. टी.टी. 450413 की अवसान तिथि 03/2015 की आईबूप्रोफेन 400 मिलीग्राम का विक्रय न करें। इन दवाओं की बिक्री पर म.प्र. शासन के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा रोक लगाई गई है। जिले के समस्त दवा विक्रेताओं से कहा गया है कि वे अपने उपलब्ध इन दवाओं के स्टाक को प्रदार्यकत्ता को तत्काल वापस करें। सभी दवा दुकानों के संचालकों से कहा गया है कि वे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम का कड़ाई से पालन करें। निरीक्षण के दौरान इस अधिनियम का उल्लंघन पाये जाने पर दवा दुकान का लायसेंस निरस्त करने के साथ ही संचालक के विरूध्द कठोर कार्यवाही की जायेगी। 

अधिकारियों/कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध
आगामी समय में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन की अधिसूचना शीघ्र जारी होने वाली है। पंचायत निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री व्ही. किरण गोपाल ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अपरिहार्य परिस्थिति में अवकाश आवेदन समय पूर्व दिये जाने पर जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति से ही अधिकारी/कर्मचारी अवकाश पर जा सकेंगें। सभी विभागों के कार्यालय प्रमुखों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने कहा गया है। 

10 दिसम्बर को वृध्दजनों के अधिकार पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आगामी 10 दिसम्बर को वृध्दजनों के अधिकारों पर आधारित जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल के मुख्य आतिथ्य एवं पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी की अध्क्षता में आयोजित यह कार्यशाला उत्कृष्ट विद्यालय बालाघाट के सभागार में दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होगी। इस कार्यक्रम की संयोजक मानव अधिकार आयोग मित्र श्रीमति फिरोजा खान ने बताया कि इस कार्यशाला में गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों एवं विशेष रूप से महाविद्यालयों के युवाओं को आमंत्रित किया गया है। 

खेल अधिकारी को टी.एल. मीटिंग में उपस्थित रहने के निर्देश
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी को प्रत्येक सप्ताह की टी.एल. बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिये है। खेल अधिकारी के टी.एल. बैठक में उपस्थित नहीं रहने से खेल विभाग के कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा नहीं हो पा रही थी। जिसके कारण खेल अधिकारी को उक्त निर्देश दिये गये है।

छात्रवृत्ति भुगतान में लापरवाही पर कालीमाटी के प्राचार्य को नोटिस
छात्रवृत्ति भगुतान में लापरवाही बरतने के कारण कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने शासकीय हाईस्कूल कालीमाटी के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न इस लापरवाही के लिए उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। प्राचार्य को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है।

पी.आई.यू. के कार्यपालन यंत्री गरेवाल को कारण बताओ नोटिस
आज 08 दिसम्बर को आयोजित टी.एल. बैठक में लोक निर्माण विभाग परियोजना क्रियान्वयन ईकाई के कार्यपालन यंत्री श्री पी.के. गरेवाल के उपस्थित नहीं होने एवं बिना अनुमति के मुख्यालय से बाहर रहने के कारण कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। श्री गरेवाल को तीन दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है। 

13 दिसम्बर को नेशनल एवं मेगा लोक अदालत का आयोजन, लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए सुनहरा अवसर
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार 13 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन उच्च न्यायालय स्तर से जिला एवं तालुका न्यायालयों में किया जा रहा है। विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण करने पक्षकारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर होगा। सभी पक्षकारों से अपील की गई है कि यदि वे अपने लंबित प्रकरण का निराकरण लोक अदालत में कराना चाहते है तो अपनी सहमति प्रदान करें। जिससे वे न्यायालय की लंबी प्रक्रिया से मुक्ति पा सकें। नेशनल लोक अदालत के अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 19 प्रकार के प्रकरणों को चिन्हित किया गया है । इनमें आपराधिक शमनीय प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, दीवानी मामले, राजस्व प्रकरण, मनरेगा प्रकरण, विद्युत एवं जल कर संबंधी प्रकरण, विक्रय कर, आय कर, अप्रत्यक्ष कर इत्यादि से संबंधित मामले, सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, वन अधिनियम अंतर्गत मामले, छावनी बोर्ड से संबंधित मामले, रेल्वे क्लेम, आपदा क्षतिपूर्ति संबंधी मामले, प्रकीर्ण अपीलें, सिविल अपीलें, द्वितीय अपील, याचिकाएं, उच्च न्यायालय के समक्ष एम.ए.सी.टी. अपीलें, प्री-लिटिगेशन मामले एवं विभिन्न विशेष विधियों अंतर्गत मामले महत्वपूर्ण हैं । मध्यप्रदेश में नेशनल लोक अदालत के साथ-साथ 13 दिसंबर को मेगा लोक अदालत का भी आयोजन जिला स्तर से तालुका न्यायालयों तक किया जा रहा है । मेगा अदालत में ऐसे विवादित प्रकरण जो नेशनल लोक अदालत अंतर्गत नहीं आते हैं, उनका निराकरण किया जायेगा । मेगा लोक अदालत में निराकृत किये जाने वाले प्रकरणों में प्रमुखत: उपभोक्ता फोरम, प्ली-बारगेनिंग (अभिवाक सौदेबाजी), सहकारिता, आपराधिक समरी, एफ.आर. आपराधिक प्रकरणों की वापसी, विद्युत अधिनियम के अंतर्गत विद्युत चोरी तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, वन एवं अन्य शासकीय विभागों से संबंधित विधिक सहायता संबंधी मामले उल्लेखनीय है । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधिपति एवं कार्यपालक अध्यक्ष म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के जस्टिस श्री अजित सिंह द्वारा यह अपेक्षा की गई है कि नेशनल एवं मेगा लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में पक्षकारों को लाभांवित कराया जाये एवं उनके प्रकरणों का निराकरण आपसी सद्भाव व सामंजस्य के आधार पर हो और उन्हें शीघ्र सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त हो सके। जिससे भविष्य में पक्षकारों के मध्य कोई विवाद न रहें और वह न्यायालय की लंबी प्रक्रिया से मुक्ति प्राप्त कर सकें ।

13 दिसम्बर को जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन
म.प्र.शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के निर्देषानुसार जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग बालाघाट एवं विकास खंड अंतर्गत ग्रामीण युवा केन्द्रों के संयुक्त तत्वाधान में 13 दिसम्बर 2014 को जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव में जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर मिलेगा । जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि 13 दिसम्बर 2014 को मुलना स्टेडियम परिसर बालाघाट में जिला स्तरीय युवा उत्सव में लोकनृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक, शास्त्रीय संगीत, एकल नृत्य, एकल गीत, सितार, बासुरी, तबला, वीणा, मृदंगम्, हारमोनियम, गिटार, मणिपुरी, ओडिसी, भरतनाटयम,कत्थक, कुचिपुड़ी आदि नृत्य की विधाओं को शामिल किया गया है।इस प्रतियोगिता में जिले के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के ऐसे युवा जिनी आयु 15 से 35 वर्ष के बीच हो और इन विधाओं में दक्षता रखते हो, वे इन विधाओं में भाग ले सकते है। इस युवा उत्सव में भाग लेने के लिये कार्यालय जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, मुलना स्टेडियम बालाघाट में कार्यालयीन समय पर दिनांक 11 दिसम्बर 2014 तक संपर्क कर पंजीय फार्म प्राप्त कर जमा किये जा सकते है। जिला स्तरीय युवा उत्सव में प्रथम स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को संभाग स्तर पर प्रथम स्थान पाने वाले को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के लिये चयन कर भेजा जायेगा ।

राजगढ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 दिसम्बर)

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रोजगार मेला 10 को ब्यावरा में

राजगढ 08 दिसम्बर,2014   जिला रोजगार कार्यालय राजगढ को निजी क्षेत्र के नियोजकों से अनेक रिक्त पद प्राप्त हुए हैं । जिनकी भर्ती रोजगार मेले के माध्यम से की जाना है । रोजगार मेले का आयोजन 10 दिसम्बर 2014 को षासकीय महाविद्यालय कॉलेज परिसर ब्यावरा जिला राजगढ म.प्र. में प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक आयोजन किया जाएगा । इस आषय की जानकारी में जिला रोजगार अधिकारी श्री बी.एस.मीना ने बताया कि बेरोजगार आवेदक जो निजी क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक हैं और जिन्होंने 10 वीं,12 वीं,स्नातक तथा आई.टी.आई. परीक्षा उत्तीर्ण की हो एवं जिनकी आयु 18 से 30 वर्ष के बीच है । ऐसे युवक रोजगार मेले में भाग लेकर कम्पनी के अधिकारी के समक्ष साक्षात्कार दे सकते हैं । चयनित होकर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं । साक्षात्कार के दौरान अपने साथ 10 वीं,12 वीं,स्नातक तथा आई.टी.आई. परीक्षा उत्तीर्ण व अन्य दस्तावेजों की छायाप्रतियां साथ में लाना अनिवार्य होगा । 

नवीन स्वीकृतियां जारी हों और कार्य तत्काल प्रारम्भ करें-कलेक्टर
  • नगरीय निकाय निर्वाचन षांतिपूर्ण सम्पन्न होने पर कलेक्टर द्वारा सबकी प्रषंसा और सबको बधाई
  • समय सीमा बैठक सम्पन्न

rajgarh news
राजगढ 08 दिसम्बर,2014   जिले की 12 नगरीय निकायों में ष्षांतिपूर्ण एवं निर्विघ्न तरीके  से निर्वाचन संपन्न होने पर कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा ने निर्वाचन कार्य में लगे सभी कर्मचारियों,अधिकारियों,पुलिस महकमें की समय सीमा में पत्रों के निराकरण की बैठक में प्रषंसा करते हुए बधाई दी है । उन्होंने मतदाता जागरूकता अभियान में जिले की मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये भी प्रषंसा की और बधाई के साथ धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री अमरपालसिंह,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संतोष वर्मा सहित विभिन्न विभागों के कार्यालय प्रमुख मौजूद थे । बैठक में कलेक्टर श्री ष्षर्मा ने कहा कि आगामी दिनों में ़ित्र-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014-15 की आचार संहिता प्रभावषील हो सकती है । इसके मद्देनजर पहले से स्वीकृत और बंद पडे कार्य तत्काल प्रारम्भ किए जाएं । इसके साथ ही उन्होंने नवीन कार्यो की अविलंब स्वीकृतियां जारी करने और उन्हें भी तत्काल प्रारंभ करने के निर्देष दिए । उन्होंने लंबित पेंषन प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संबंधित कार्यालय प्रमुखों से कहा कि पेन्षनरों के प्रकरण सही समय में निराकृत होने चाहिए । सेवा निवृत्त के बाद कोई कर्मचारी-अधिकारी अनावष्यक परेषान नहीं हों । अधिकारी वर्ग उनके मन की पीडा समझे और पेंषन प्रकरणों के निराकरण के प्रति संवेदनषीलता रखें । इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न विभागों में निःषक्तजनों के लिए आरक्षित रिक्त पदों की जानकारी समय सीमा में देने, अधिकारियों को रोस्टर का पालन करने तथा विभागवार समीक्षा करने के निर्देष दिए ।

जज्बा हो तो चुनौतियां मायने नही रखती- श्री आनन्द कुमार षर्मा
  • षिक्षित निःषक्तजनों के प्रषिक्षणार्थियों से कहा कलेक्टर ने

rajgarh news
राजगढ 08 दिसम्बर,2014   भाग्य उन्हीं का साथ देता है जिनके पास जज्बा हो । संकल्पो को पूरा करने और मुसीबतों,सुनौतियों से लडने की मन में ष्षक्ति एवं भावना मजबूत हो तो ऐसी कोई कठिनाई या समस्या नही है जिससे पार नही पाया जा सके । यह बात आज यहां कलेक्टर श्री आनन्द कुमार ष्षर्मा ने स्थानीय स्टार प्रषिक्षण संस्था में नौकरी के क्षेत्र में जाने के इच्छुक षिक्षित निःषक्त युवा प्रषिक्षणार्थियों से कही । इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संतोष वर्मा,उप संचालक सामाजिक न्याय सहित प्रषिक्षणार्थी निःषक्त युवा महिला-पुरूष मौजूद थे । इस अवसर पर श्री ष्षर्मा ने कहा कि आगे बढने के लिए सरकार साधन और सुविधाएं तो उपलब्ध करा सकती है । लेकिन मुकाम पाने के लिए स्वयं को प्रयास करना भी जरूरी है । उन्होंने कहा कि निःषक्तजन अपनी ष्षक्ति और विषेषज्ञता को पहचाने,कमजोरियों को दूर कर किला फतह करें । उन्होंने षिक्षित निःषक्तजनों हेतु प्रषिक्षण के नए बैच के लिए प्रेरक की भूमिका निभाने का आव्हान किया । इस अवसर पर दुर्घटना में निःषक्त हुई अरूणिमा के हौसले और एवरेस्ट की चोटी तक पहुचने संबंधित प्रेरणादायी फिल्म भी युवा निःषक्त प्रषिक्षणार्थियों को दिखाई गई तथा निःषक्त प्रषिक्षणार्थियों को सफलता के लिए अध्ययन के तरीके भी बताए गए ।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (08 दिसम्बर)

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लंबित आवेदन पत्रों का निराकरण समय सीमा में करें-अपर कलेक्टर 

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पन्ना 08 दिसंबर 14/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर अनिल खरे ने समय अवधि पत्रों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी कार्यालय प्रमुख प्रतिदिन कार्यालय में प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण की समीक्षा करें। उनके विधिवत संधारण तथा निर्धारित समय सीमा में निराकरण के लिए उचित व्यवस्था करें। जनसुनवाई में 1170 आवेदन पत्र लंबित है। मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में भी बडी संख्या में आवेदन पत्र प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। इनमें तत्काल कार्यवाही करके लेबल प्रथम पर ही निराकरण दर्ज कर दें। जनशिकायत निवारण प्रकोष्ठ तथा जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों का भी तत्परता से निराकरण करें। अपर कलेक्टर ने कहा कि नगरीय निर्वाचन सम्पन्न हो चुका है। इसके बाद पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव होंगे। इन चुनाव के लिए तैयारियां की जा रही हैं। पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचन के संबंध में सौंपे गए उत्तरदायित्वों का अधिकारी ठीक से निर्वाह करें। निर्वाचन के कार्य के साथ साथ विभागीय योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से शत प्रतिशत पात्र बच्चों के जाति प्रमाण पत्र तैयार करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला समन्वयक शिक्षा मिशन सभी विद्यार्थियों के आवेदन पत्र एक सप्ताह में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत कर दें। अपर कलेक्टर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न तथा कैरोसिन के वितरण की कडी निगरानी करें। सभी अधिकारी भ्रमण के दौरान उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करें। समग्र पोर्टल पर दर्ज सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्न वितरण के लिए पात्रता पर्ची जारी कराएं। जो परिवार छूट गए हैं उनका एक सप्ताह में सत्यापन करके जिला आपूर्ति अधिकारी खाद्यान्न पर्ची जारी करने की कार्यवाही करें। जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से पात्रता पर्ची का शत प्रतिशत वितरण कराएं। सभी पात्र परिवारों को 10 दिसंबर तक पात्रता पर्ची अनिवार्य रूप से जारी करें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला, सभी एसडीएम, वन मण्डलाधिकारी आर.सी. विश्वकर्मा, उप संचालक टाईगर रिजर्व अनुपम सहाय तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

जिला योजना के प्रस्ताव तीन दिवस में प्रस्तुत करें-श्री खरे

पन्ना 08 दिसंबर 14/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में अपर कलेक्टर अनिल खरे ने जिला योजना के प्रस्तावों के आॅनलाईन दर्ज होने की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिला योजना में शामिल सभी विभागों के अधिकारी आगामी वार्षिक कार्ययोजना के संबंध में वांछित जानकारी निर्धारित प्रपत्र में तैयार कर आनलाईन दर्ज कराएं। इसमें गत वर्ष तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक विभिन्न मदों में व्यय राशि की भी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत करें। इसमें निर्धारित मदों में वर्तमान वर्ष में व्यय राशि के अनुसार आगामी कार्ययोजना में राशि प्रस्तावित करें। विभाग के लिए निर्धारित गतिविधियों को ही कार्ययोजना में शामिल करें।बैठक में जिला योजना अधिकारी बी.के. चैरसिया ने प्रस्तावित कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, राजस्व विभाग तथा कुछ अन्य विभागों की जानकारियां आॅनलाईन दर्ज नही हुई हैं। इन्हें तीन दिवस में अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला, सभी एसडीएम तथा सभी कार्यालय प्रमुख उपस्थित रहे। 

तीर्थदर्शन ट्रेन के समय में परिवर्तन  

पन्ना 08 दिसंबर 14/मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत पन्ना जिले के पात्र तीर्थ यात्रियों को लाभान्वित किया जा रहा है। तीर्थदर्शन ट्रेन 9 दिसंबर को दोपहर 12.30 बजे सतना रेलवे स्टेशन से रामेश्वरम् के लिए प्रस्थान करेगी। ट्रेन के सतना से प्रस्थान के समय में परिवर्तन के कारण पन्ना से तीर्थयात्रियों के प्रस्थान के समय में भी परिवर्तन किया गया है। अब पन्ना जिले के चुने हुए तीर्थ यात्रियों को 9 दिसंबर को प्रातः 8.30 बजे टाउनहाल पन्ना से विशेष वाहनों से सतना रेलवे स्टेशन के लिए रवाना किया जाएगा। प्रभारी अधिकारी धर्मार्थ रत्नेश दीक्षित ने सभी तहसीलदारों से यात्रा के लिए चुने गए तीर्थ यात्रियों को निर्धारित समय के पूर्व पन्ना टाउनहाल अथवा सतना रेलवे स्टेशन भेजने की व्यवस्था का अनुरोध किया है। उन्होंने सभी चुने हुए तीर्थ यात्रियों से निर्धारित समय में टाउनहाल पन्ना पहुंचने का अनुरोध किया है। 

जिला स्तरीय पेंशन शिविर 10 दिसंबर को

पन्ना 08 दिसंबर 14/सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों के लंबित पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला स्तरीय पेंशन शिविर 10 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है। शिविर दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आरंभ होगा। इस संबंध मेें जिला पेंशन अधिकारी आर.डी. अहिरवार ने बताया कि शिविर में सभी विभागों के लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। जिन कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण विभिन्न कमियों के कारण लंबित हैं उनके आहरण संवितरण अधिकारी शिविर में वांछित जानकारी उपलब्ध कराएं। सभी आहरण संवितरण अधिकारी तथा उनके लेखा प्रभारी शिविर में शामिल होकर अपने विभाग के लंबित प्रकरणों का परीक्षण कराएं। जिला पेंशन कार्यालय में पेंशन निर्धारण तथा पीपीओ जारी करने के लिए कई प्रकरण लंबित हैं। इन सभी का निराकरण शिविर में किया जाएगा।               

कम्प्यूटर आपरेटरों को मिलेगा उच्च कुशल श्रेणी का वेतन

पन्ना 08 दिसंबर 14/राज्य शासन द्वारा कर्मकारों के लिए नई श्रेणी उच्च कुशल श्रेणी का गठन किया गया है। इसके लिए नई वेतन दरें एक अक्टूबर 2014 से लागू कर दी गई है। इस संबंध में जिला श्रम अधिकारी ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि शासन द्वारा अकुशल, अर्द्धकुशल तथा कुशल श्रेणी के साथ साथ उच्च कुशल श्रेणी बनाई गई है। इस श्रेणी में कम्प्यूटर आपरेटर, स्टेनो ग्राफर, कम्प्यूटर सह स्टेनो टाइपिस्ट, इंजीनियरिंग डिप्लोमाधारी तथा टेक्निकल डिप्लोमाधारी कर्मकार शामिल किए गए हैं। इनके लिए 325 रूपये प्रतिदिन अथवा 9735 रूपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी शासकीय, अर्द्धशासकीय, अशासकीय कार्यालयों, नगरीय निकायों में कार्यरत उच्च कुशल श्रेणी के कर्मकारों को निर्धारित नवीन वेतन के भुगतान का अनुरोध किया है। यह वेतन अवकाश दिवस सहित निर्धारित किया गया है।    

विधान सभा प्रश्नों के उत्तर दें आॅनलाईन

पन्ना 08 दिसंबर 14/विधान सभा का सत्र 8 दिसंबर से प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर आर.के. मिश्रा ने सभी कार्यालय प्रमुखों को विधान सभा प्रश्नों के उत्तर आॅनलाईन दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि उत्तर दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पासवर्ड दिया जा चुका है। कार्यालय प्रमुख की वेबसाईट उचेमण्दपबण्पदध्मनजजमत पर दर्ज कराए। किसी तरह की कठिनाई आने पर कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रदीप अहिरवार से सम्पर्क करें। 

चुनाव का प्रशिक्षण 9 दिसंबर से 

पन्ना 08 दिसंबर 14/पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचन के संबंध में विभिन्न अधिकारियों को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग में प्रशिक्षण दिया जाएगा। सहायक कलेक्टर अनूप कुमार सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा संबद्ध जिला पन्ना उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी 9 दिसंबर को प्रशिक्षण में शामिल होंगे। अपर कलेटर अनिल खरे 10 दिसंबर को प्रशिक्षण में शामिल होंगे। निर्वाचन आयोग में 11 दिसंबर को आयोजित प्रशिक्षण में तहसीलदार पन्ना बी.एम. शुक्ला, तहसीलदार अजयगढ डी.डी. सुमन तथा तहसीलदार गुनौर जी.आर. शाक्य शामिल होंगे। तहसीलदार पवई रोहित वर्मा तथा तहसीलदार शाहनगर आर.के. तिवारी 13 दिसंबर को आयोजित प्रशिक्षण में शामिल होंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आर.के. मिश्रा ने सभी अधिकारियों को राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार निर्धारित प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए हैं। प्रशिक्षण राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन भवन अरेरा हिल्स भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। 

कल्दा तथा श्यामगिरि में शिविर 10 दिसंबर को 

पन्ना 08 दिसंबर 14/जिले के दूरस्थ क्षेत्र कल्दा तथा श्यामगिरि में 10 दिसंबर को शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर कल्दा में प्रातः 11 बजे तथा श्यामगिरि में दोपहर बाद 3 बजे आरंभ होगा। इस संबंध में कलेक्टर आर.क.े मिश्रा ने बताया कि इन शिविरों मेें विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मौके पर समीक्षा की जाएगी। शिविर में आमजनता से प्राप्त आवेदन पत्रों का मौके पर निराकरण किया जाएगा। आमजनता से सीधा संवाद करके क्षेत्र के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त किए जाएंगे। कल्दा पठार क्षेत्र में दूरसंचार तथा बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए भी शिविर में चर्चा की जाएगी। कलेक्टर ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पेयजल, बिजली, बैंक, अधोसंरचना विकास, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, डीपीआईपी, उद्योग सहित सभी प्रमुख विभागों के जिला एवं खण्ड स्तर के अधिकारियों को शिविर में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसडीएम पवई तथा शाहनगर एवं जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पवई तथा शाहनगर को शिविरों के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। 

हर विद्यार्थी ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें-न्यायाधीश श्री त्रिपाठी

पन्ना 08 दिसंबर 14/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गत दिवस कुंजवन हाईस्कूल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारंभ करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री के.के. त्रिपाठी ने कहा कि हर विद्यार्थी जीवन के ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करें। प्रमुख संवैधानिक प्रावधानों तथा कानूनों की जानकारी रखें। कई बार जानकारी के अभाव में हम कानून का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि अपने घर तथा स्कूल को साफ सुथरा रखें। मेले कपडे पहने वाले, मेले शरीर तथा कर्कश वचन कहने वाले को लक्ष्मी जी छोड देती हैं। शिविर में न्यायाधीश श्री अरविन्द शर्मा ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। हाईस्कूल के प्राचार्य बीरभान धामी ने स्वच्छता, नशामुक्ति के संबंध में विचार व्यक्त किए। शिविर में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती हेमलता मेहदेले, अधिवक्ता श्रीमती आशा गुप्ता, शिक्षकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे। शिविर का संचालन समाज सेवी आशीष बोस द्वारा किया गया। 

अतिक्रमण करने वाले को जेल भेजने के आदेश

पन्ना 08 दिसंबर 14/शासकीय भूमि पर बार-बार अतिक्रमण करने वाले आरोपी लम्मू गडारी को एसडीएम शाहनगर एन.के. बीरवाल ने जेल भेजने के आदेश दिए हैं। जारी आदेश के अनुसार एसडीएम ने थाना प्रभारी शाहनगर को आरोपी लम्मू गडारी निवासी ग्राम बोरी तहसील शाहनगर को 30 दिनों के लिए सिविल कारागार उप जेल पवई में दाखिल कराने के निर्देश दिए हैं। आरोपी द्वारा ग्राम बोरी में खसरा क्रमांक 2709 में अवैध रूप से कब्जा करके नींव खोदी गई। उसके विरूद्ध तहसीलदार शाहनगर द्वारा मध्य प्रदेश राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अवैध रूप से भूमि पर 7 दिनों से अधिक कब्जा रखने पर जेल भेजने की कार्यवाही की गई। कई बार चेतावनी देने तथा नोटिस देनेे के बाद भी आरोपी द्वारा बार-बार अतिक्रमण किया गया। जिसके कारण उसे जेल भेजने की कार्यवाही की गई। 
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