भावी पीढ़ी को दें परम्पराओं की सौगात: डाॅ0 निषंक
देहरादून, 4 जनवरी(निस)। ‘‘आज के दौर में यदि मनुश्य को अपनी सभ्यता और समाज बचाकर रखना है तो उसे अपनी परम्पराओं को संरक्षित करना होगा। ऐसा करने में यदि हम सफल हुए तो समाज के अस्तित्व को बचा पायेंगे। आज प्रदेष और देष में विभिन्न जातियों और जनजातियों से जुड़ीं ऐसी अनेक परम्पराएं और पद्धतियां हैं जो लुप्तप्रायः होने की कगार पर हैं। यदि हम सही मायनो में आने वाली पीढ़ी को कोई धरोहर देना चाहते हैं तो हमें इन परम्पराओं को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे।’’ यह बात उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेष पोखरियाल निषंक जी ने डाॅ0 प्रवीण जोषी द्वारा लिखित ‘‘उत्तराखण्ड की विलुप्तप्राय परम्पराएं’’ पुस्तक का विमोचन अवसर पर व्यक्त किए। यह कार्यक्रम रविवार को डाॅ. निषंक जी के सरकारी में आयोजित किया गया। डाॅ. निषंक ने डाॅ. जोषी के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस विशय पर पुस्तक का प्रकाषन प्रषंसनीय है। इन मान्यताओं-परम्पराओं और प्रणालियों की समृद्ध विरासत को दस्तावेज के रूप में सहेज कर लेखक द्वारा नयी पीढ़ी के ज्ञानवर्द्धन हेतु एक उल्लेखनीय प्रयास है। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक डाॅ. प्रवीण जोषी ने कहा कि डाॅ. निषंक का धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेष की प्राचीन परम्पराओं और पद्धतियों के संरक्षण हेतु उनका यह छोटा सा प्रयास है। ऐसी सभी परम्पराओं का दस्तावेजीकरण आवष्यक है ताकि इनको विलुप्त होने से बचाया जा सके। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि सरकार ऐसे व्यक्तियों एवं संस्थाओं को प्रोत्साहित करे जो इन परम्पराओं के संरक्षण हेतु प्रयासरत हैं। जोषी की इस पुस्तक का प्रकाषन ट्रांसमीडिया प्रकाषन, श्रीनगर द्वारा किया गया। इस पुस्तक में उत्तराखण्ड में प्रचीन एवं वर्तमान में निवास करने वाली जनजातियां एवं विषेश जातीय समूहों से संबंधित परम्पराओं के साथ साथ खेतिहार पषुचारक समुदाय, कृशिप्रणाली एवं औजार, षिकार पद्धति, मछली मारने से संबंधित, हस्तषिल्प, बर्तन निर्माण पद्धति, मिट्टी के बर्तन, काश्ट षिल्प, धातु षिल्प तांबे, पीतल और कांसे की वस्तुएं से जुड़ी रीतियों एवं परम्पराओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों दी गयी हैं। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में श्री विनोद नौटियाल, डाॅ. प्रदीप सकलानी, श्री रामप्रताप जोषी, श्री गोवर्धन पोखरियाल, श्री जगतराम कोठारी, डाॅ. रेखा कोठारी, श्री आदित्य कोठारी, श्री प्रदीप बहुगुणा, श्री राजेन्द्र टम्टा, राजेष रावत, रमेष बर्थवाल, कमलेष जोषी, श्री आर पी थपलियाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री बेचैन कंडियाल ने किया।
आपदाग्रस्त गलाती क्षेत्र के लिये 11 केवी विद्युत लाईन की निविदा स्वीकृत
- आज मनाएंगे गलाती क्षेत्र के लोग दीपावली, भाजपा जिला प्रवक्ता का होगा नागरिक अभिनन्दन
देहरादून, 4 जनवरी(निस)। उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्र धारचूला के आपदाग्रस्त गलाती क्षेत्र की जनता के लिये आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। लम्बे संघर्श के बाद उत्तराखण्ड विद्युत कारपोरेषन ने गलाती क्षेत्र के लिये 11 केवी की बिजली लाईन की निविदा स्वीकृत कर दी है। एक सप्ताह के भीतर ठेकेदार को कार्य करने आदेष दिये जा चुके है। रविवार को गलाती के पंचायत घर में आयोजित बैठक में गलाती वासियों ने आन्दोलन की जीत बताया। उन्होंने तय किया कि आज गलाती क्षेत्र में दीप जलाकर खुषी मनायी जायेगी। गलाती के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता राम सिंह गण्डी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ग्रामीणों ने इस बात को लेकर खुषी जताते हुये मिश्ठान वितरण किया कि एक वर्श के संघर्श के बाद गलाती के लिये 11 केवी की बिजली लाईन की निविदा स्वीकृत होकर निर्माण का मार्ग प्रषस्त हुआ है। ज्ञात हो कि 16-17 जून, 2013 की आपदा के बाद कंज्योती पावर हाऊस के बह जाने के बाद गलाती क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बदहाल हो गयी थी। इस क्षेत्र को रांथी से जोड़ा गया था लेकिन बिजली के दर्षन दुर्लभ हो गये थे। रमतोली से गलाती तक बिजली की 11 केवी लाईन बनाने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया गया। गलाती से होने वाली पानी की आपूर्ति को 24 घण्टे बन्द रखा गया। उपचुनाव के बाद षासन ने आन्दोलन के दबाव में 11 लाख रूपये निर्माण के लिये स्वीकृत किये लेकिन कांग्रेसियों के दबाव में निविदा आमन्त्रित नहीं की जा रही थी। 15 दिसम्बर को ग्रामीणों ने भाजपा के जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया के नेतृत्व में विद्युत कारपोरेषन के अधिषासी अभियन्ता कार्यालय का घेराव किया। उसके बाद विजली विभाग के अफसरों ने निविदा स्वीकृत करने का आष्वासन दिया था। कारपोरेषन के उपखण्ड अधिकारी डीएस निर्खुपा ने बताया कि निविदा स्वीकृत हो गयी है। ठेकेदार से एक सप्ताह के भीतर कार्य षुरू करने को कहा गया है। इस बात की सूचना षनिवार को गलाती पहुंची तो ग्रामवासी खुषी में झूमने लगे। रविवार को गलाती पंचायत घर में हुई बैठक में ग्रामीणों ने आन्दोलन की जीत पर एक दूसरे को बधाई दी। तय किया कि षीघ्र ही तिथि घोशित कर गलाती में भाजपा के जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया का नागरिक अभिनन्द किया जायेगा। इस मौके पर त्रिलोक सिंह गण्डी, दीपक गण्डी, धर्म सिंह गण्डी, जगत सिंह धामी, गजेन्द्र धामी, केषर धामी, भगवान सिंह, हयात सिंह, षेर सिंह धामी, हीरा सिंह कुंवर, त्रिलोक बिश्ट, त्रिलोक दानू, राजेन्द्र गण्डी, गोपाल टाकुली, हर सिंह नेगी, गौर सिंह टाकुली, झुसाल नाथ, षेरी नाथ, केदार नाथ, दानी नाथ, गौरी नाथ, भूपाल बिश्ट, नरेन्द्र सिंह, विरेन्द्र धामी, क्षेत्र पंचायत सदस्य पूरन धामी, जसी राम, नर सिंह, गोपाल सिंह, प्रेम सिंह धामी, हर्श सिंह बोरा, लक्ष्मण बोरा आदि मौजूद थे।
डीडीहाट जिले में डीएम को बिठाने के लिए भाजपा मुखर
- जनजागरण अभियान की तैयारियां पूर्ण, कांग्रेस पर लगाया बौंखलाहट का आरोप
़देहरादून, 4 जनवरी(निस)। भाजपा की डीडीहाट जिला इकाई द्वारा पांच जनवरी से प्रस्तावित जनजागरण अभियान की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। पिथौरागढ के भाजपा जिलाध्यक्ष खुषाल सिंह भण्डारी ने रविवार को तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जब तक डीडीहाट जिले में जिलाधिकारी की तैनाती नहीं होती है भाजपा सरकार को चैन से नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि जिले के सभी मण्डल अध्यक्षों को जनजागरण अभियान का प्रभारी बनाया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष खुषाल सिंह भण्डारी ने यहां जारी बयान में बताया कि 5 जनवरी को डीडीहाट के रामलीला मैदान से अभियान षुरू होगा। इसी दिन थल, काण्डा किरोली होते हुये अभियान बेरीनाग पहुुंचेगा। 6 जनवरी को नाचनी, क्वीटी, तेजम, बला, गिरगांव, गिन्नी बैण्ड, मदकोट और बंगापानी, लुम्ती, मौरी,बरम में सभाएंे की जायेंगी। 7 जनवरी को धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी से होते हुये जनजागरण यात्रा अस्कोट पहुंचकर सम्पन्न होगी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा द्वारा डीडीहाट जिले में जिलाधिकारी की तत्काल नियुक्ति के लिये आम जनता से सम्पर्क किया जायेगा। विभिन्न स्थानों में तीन दर्जन से अधिक सन सभाऐं आयोजित की जायेंगी। श्री भण्डारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने जिले की अधिसूचना जारी की थी। तब चुनाव आयोग द्वारा आदर्ष आचार संहिता लागू करने और कांग्रेसी विधायकों द्वारा नई सरकार को जिलाधिकारी की तैनाती की जिम्मेदारी देने की बात सामने आयी थी। इस कारण से डीएम की तैनाती नहीं हो पायी। उन्होंने कहा कि 2012 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी के कारण कांग्रेस जिलें में डीएम की तैनाती नहीं कर पायी। घोशित जिले के मामले को उलझाने के लिये कांग्रेस सरकार ने जिला पुर्नगठन आयोग बना दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा जारी जिले की अधिसूचना को लागू करने की जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की थी। जिसे वह ढाई वर्श बाद भी पूरी नहीं कर पायी। श्री भण्डारी ने कहा कि जिले में डीएम की नियुक्ति के लिए भाजपा विधायक विषन सिंह चुफाल ने कई बार विधान सभा में इस मामले को उठाया। अब भाजपा जैसे ही जनता के बीच जाने की बात कह रही है तो कांग्रेसियों को अपनी जमीन खिसकती हुई दिख रही है तो वे अर्नगल बयानबाजी कर रहे है। श्री भण्डारी ने कहा कि कांग्रेस यह बताये कि वह जिलाधिकारी को कब नियुक्ति करेगी। डीडीहाट की जनता अब अपने जिले को अस्तित्व में चाहती है। इसके लिए जनता आर-पार का संघर्श करने के लिए तैयार बैठी है।
मुख्यमंत्री ने जश्न ए ईद मिलादुल नबी के जुलूस को झंडी दिखाकर किया रवाना
देहरादून, 4 जनवरी(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को ईद मिलादुल नवी के अवसर पर आयोजित जलसे में शिरकत कर सभी को मुबारकबाद दी। बर्फखाना सहारनपुर रोड पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होने जश्न ए ईद मिलादुल नबी के जुलूस को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मोहम्मद साहब के विचार आज भी प्रांसागिक है सामाजिक एकता व आपसी सद्भाव के उनके संदेशो की हमेशा हमें जरूरत रहेगी, उनकी दी गई शिक्षा व उपदेशो पर चल कर ही हम आदर्श समाज का निर्माण कर सकेंगे, तथा समाज में भाई चारा बढ़ा सकेगें। हमारे विभिन्न धर्म के महापुरूषो ने हमे सही मार्ग पर चलने की राह दिखायी है आवश्यकता उनके सिद्धान्तो व विचारो के अनुसरण की है। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक गुल मोहम्मद ने मुख्यमंत्री श्री रावत का स्वागत किया। बर्फखाना से रेंजर्स कालेज मजार तक निकलने वाले इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग सम्मिलित हुए। इस अवसर पर विधायक हरबंस कपूर, मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक राजीव जैन, ओएसडी आनन्द बहुगुणा, अरूणा कुमार, सलाहकार डा. संजय चैधरी, गौशिया जामा मस्जिद गांधीग्राम व लोहिया नगर मस्जिद के प्रतिनिधि मौ. असरफ, एम रहमान, फरजन अली, इमतियाज अहमद आदि उपस्थित थे।
राज्य की नगर निगम व नगर पालिकाओं में सरकार ने किये सदस्य नामित
देहरादून, 4 जनवरी(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रदेश की विभिन्न नगर निगम/नगर पालिका एवं नगर पंचायतो में नाम निर्दिष्ट सदस्य के रूप में विभिन्न व्यक्तियों को श्रेणीवार सदस्य के रूप में नामित किया है। यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि नामित सदस्यों में नगर निगम हल्द्वानी में प्रेम कुमार चैधरी, मोहन गिरी गोस्वामी, राजेन्द्र सिंह बिष्ट व राकेश अग्रवाल को नामित किया है। इसी प्रकार जिला नैनीताल की नगरपालिका परिषद नैनीताल में बच्ची चन्द्र, राजेश वर्मा, दीपक रूवाली व विनोद परिहार को नामित किया गया है। जिला नैनीताल की नगरपालिका परिषद रामनगर में किशोर लाल, अब्दुल वाजिद, विमला रावत व सुमित तिवारी को नामित किया गया है। जिला नैनीताल की नगरपालिका परिषद भवाली में देवराज वर्मा, सद्दा मियां, फिरोज बेगम व हरीश भट्ट को नामित किया गया है। जिला नैनीताल की नगर पंचायत लालकुंआ में श्रीमती श्याम कुमारी, अमजद खान व महेन्द्र शर्मा नामित किए गए है। जिला नैनीताल की नगर पंचायत भीमताल में भूपेन्द्र कुमार, रविन्द्र गिरी, श्रीमती कमरू निशा व पवन जोशी को नामित किया गया है। जिला नैनीताल की नगर पंचायत कालाढूंगी में अमरजीत, जीवन लाल, जाहिद हबीबी व महेश भट्ट को नामित किया गया है। जिला पिथौरागढ़ की नगर पंचायत गंगोलीहाट में जोग राम, सुरेश बिष्ट, निशाद खान व श्रीमती मुन्नी देवी को नामित किया गया है। जिला पिथौरागढ़ की नगरपालिका परिषद धारचूला में मोहन सिंह कुंवर, श्रीमती नन्दा विष्ट, श्रीमती दीपिका कोरंगा, अशोक गुंज्याल, नवीन खर्कवाल व श्रीमती मन्जू कुटियाल को नामित किया गया है। जिला अल्मोड़ा की नगरपालिका परिषद अल्मोड़ा में फूलचन्द, गौरव वर्मा, प्रताप सिंह सत्याल व धनानन्द जोशी को नामित किया गया है। जिला चम्पावत की नगरपालिका परिषद चम्पावत में विजय वर्मा, अमीर बख्श, विकास शाह व नन्दन सिंह तड़ागी को नामित किया गया है। जिला चम्पावत की नगरपालिका परिषद टनकपुर में रामदयाल, सज्जाद हुसैन, हेमन्त कलखुडि़या व फैजल सिद्दीकि को नामित किया गया है। जिला चम्पावत की नगर पंचायत लोहाघाट में आशीष वर्मा, अजहर अहमद सिद्दकी, पुष्पा ढेक, रमेश सिंह मेहता व जितेन्द्र शाह को नामित किया गया है। जिला बागेश्वर की नगर पंचायत कपकोट में गिरीश मतौलिया, नैन गिरी, हिम्मत सिंह ऐठानी को नामित किया गया है। जिला बागेश्वर की नगरपालिका परिषद बागेश्वर में सुनील वर्मा, मुख्तार अहमद, धीरज शाह व मनोज जोशी को नामित किया गया है। गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत जिला पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका परिषद श्रीनगर में राकेश चन्द्र, रमेश पुरी व मुकेश अग्रवाल को नामित किया गया है। जिला पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका परिषद पौड़ी में योगेन्द्र कुमार, राजेन्द्र सिंह लिंगवाल, श्रीमती संगीता रावत व कलम सिंह रावत को नामित किया गया है। जिला पौड़ी गढ़वाल की नगर पालिका परिषद कोटद्वार में श्रीमती कमला शाह, श्रीमती कल्पना वर्मा, किशन सिंह पंवार व राकेश मिततल को नामित किया गया है। जिला टिहरी गढ़वाल की नगर पालिका परिषद टिहरी में नन्दू कुमार, नफीस खान, अब्दुल अतीक व परशुराम नौटियाल को नामित किया गया है। जिला टिहरी गढ़वाल की नगर पंचायत देवप्रयाग में श्रीमति रूकमणी देवी, सुदर्शन शाह, अनीश खान व रूपेश गुसाँई को नामित किया गया है। जिला टिहरी गढ़वाल की नगर पंचायत चम्बा में रामप्रकाश, गणेश कोठारी, मोहम्मद अशरफ व श्रीमती संगीता राणा को नामित किया गया है। जिला टिहरी गढ़वाल की नगर पालिका परिषद मुनीकीरेती में सचिन सेलवान, श्रीमती लक्ष्मी असवाल, सरदार अवतार सिंह, श्रीमती मंजू असवाल, नितीश कण्डारी व सुनील कपरवान को नामित किया गया है। जिला रूद्रप्रयाग की नगर पंचायत ऊखीमठ में श्रीमती बसन्ती देवी व प्रकाश गुसाँई को नामित किया गया है। जिला रूद्रप्रयाग की नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में वीरपाल लाल, श्री पुरूषोत्तम गोस्वामी, देवी प्रसाद व अनिल जिरवाण को नामित किया गया है। जिला रूद्रप्रयाग की नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग में गोपाल दत्त गोस्वामी, मुबारक हुसैन, गम्भीर सिंह रावत व कुशाल सिंह रावत को नामित किया गया है। जिला चमोली की नगर पंचायत नन्दप्रयाग में प्रदीप लाल मुनियाल, हसमत हुसैन, भोपाल सिंह नेगी व श्रीमती अन्जू कठैत को नामित किया गया है। जिला चमोली की नगर पालिका परिषद जोशीमठ में सुरेन्द्र सिंह शाह, हनीफ सिद्दकी, श्रीमती गीता दीक्षित व महेन्द्र दयाल को नामित किया गया है। जिला चमोली की नगर पंचायत में अजित शाह, मो0 शरीफ, श्रीमती सावित्री देवी व सन्दीप पन्त को नामित किया गया है। जिला चमोली की नगर पंचायत गौचर में शरदलाल, श्रीमती रंजना लिंगवाल, सम्सुदिन, श्रीमती सुनीता रावत, ताजबर सिंह, अर्जुन सिंह नेगी व शैलेन्द्र खतरी को नामित किया गया है। जिला उत्तरकाशी की नगर पालिका परिषद उत्तरकाशी में राकेश मठूडा, नसीर खान, श्रीमती मंजू व विरन्द्र बत्रा को नामित किया गया ।
काले धन पर जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन
- 100 दिन के भीतर सारा कालाधन देश में वापस लाने के वादे का क्या हुआः किषोर
देहरादून, 4 जनवरी(निस)। रविवार को उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने ’’काला धन लाओ, वादा निभाओं‘‘ दिवस मनाते हुए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से जिलाधिकारी आवास तक रैली निकालते हुए जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सैकड़ों की संख्या में प्रदेश कार्यालय में एकत्र कांग्रेसजनों ने प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में ’’तमसो मां ज्योर्तिगमय‘‘ की भावना के साथ दीपक लेकर ’’काला धन लाओ, वादा निभाओं‘‘ के नारे लगाते हुए जिलाधिकारी निवास की ओर प्रस्थान किया। इससे पूर्व बड़ी संख्या में उपस्थित कांग्रेसजनो ंको संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश के समस्त कांग्रेसजन प्रधानमंत्री एवं बाबा रामदेव को स्मरण कराना चाहते हैं कि विगत लोकसभा चुनावों तथा उससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बाबा रामदेव ने विदेशों में जमा किये गये काले धन के बारे में देश वासियों से यह वादा किया था कि उनकी पार्टी यदि केन्द्र में सत्ता में आती है तो 100 दिन के भीतर सारा कालाधन देश में वापस लायेंगे तथा उस धन को युवाओं व महिलाओं के विकास पर लगाया जायेगा। उनके द्वारा देशवासियों से यह भी वायदा किया गया था कि प्रत्येक परिवार के हिस्से में 15 लाख रूपये मिलने के साथ ही प्रत्येक परिवार को हर माह 25 हजार रूपये प्राप्त होंगे तथा देशवासियों को काला धन आने के उपरान्त किसी भी प्रकार का टैक्स भी नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि कालाधन वापस आने पर टैक्स माफ होता तो सबसे ज्यादा असर गरीब की रसोई पर पड़ता तथा आम आदमी को रसोई गैस सिलेण्डर 200 रूपये से भी कम कीमत पर मिलता। आज लगभग दोगुना समय व्यतीत होने के उपरान्त भी न तो काला धन वापस आया और न लोगों का टैक्स माफ हुआ है। देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं बाबा रामदेव से पूछना चाहती है कि उनके द्वारा किया गया यह वादा कब पूरा होगा? उन्होंने कहा कि दोनों महानुभावों ने चुनावों से पूर्व जनता को भ्रमित करने का काम किया है तथा राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति कर राजनैतिक अपराध करने के साथ ही देशवासियों का शोषण भी किया है। जिलाधिकारी निवास पहुंचने के उपरान्त रैली सभा मे बदल गई जिसे पूर्व सांसद महेन्द्र सिंह पाल, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, निजामुद्दीन, विजय सारस्वत, योगेन्द्र खण्डूरी, रजनी रावत, कमलेश रमन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस के कार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्र शाह ने किया। कार्यक्रम के उपरान्त कार्यक्रम स्थल पहुंचकर जिलाधिकारी देहरादून द्वारा ज्ञापन लिया गया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया समन्वयक सुरेन्द्र सिंह आर्य, प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, अंशुल श्रीकुंज, शंकर चन्द रमोला, सूर्यकान्त धस्माना, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, प्रमोद कुमार सिंह, लालचन्द शर्मा, विवेक खण्डूरी, टीका राम पाण्डे, सुमित्र भुल्लर, रामविलास रावत, सुनीता प्रकाश, राजपाल खरोला, जयेन्द्र रमोला, अनिल शर्मा, संतोष कश्यप, महन्त विनय सारस्वत, प्रभुलाल बहुगुणा, डाॅ0 आर.पी. रतूड़ी, जयपाल जाटव, प्रेम बत्ता, कै0 बलवीर रावत, जीतमणि पैन्यूली, विनोद चैहान, अमरजीत सिंह, यामीन अंसारी, महेश काण्डपाल, सुरेन्द्र रांगड़, सुरेन्द्र रावत, टी.सी. भारती, याकूब सिद्धिकी, जगदीश धीमान, विष्णुदत्त, राजेश वालिया, पूजा नेगी, सावित्री थापा, राजकुमारी, सुनील जायसवाल, धर्मसिह पंवार, दीप बोहरा, सुलेमान अली, विशाल मौर्य, पुष्पा देवी, सोमवती, बाला शर्मा, माया देवी, बचन डुगरियाल, संगीता देवी, अधीर चमोली, श्रवण राजौरिया, रवीना, आशीष उनियाल, गुरनाम सिंह राठौर, मीना रावत, ललित जोशी, मेजर हरिसिंह चैधरी, अब्बल सिंह नेगी, पुष्पा देवी, मो0 फैजल सहित सैकड़ों की संख्या में कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
राजधानी शहादत को भी भूली सरकार लेकिन टिहरी के मंत्री ने किया सम्मान, सलाहकार को भी नहीं रही याद
देहरादून, 4 जनवरी । उत्तराखंड को शहीदों की सरजमीं भी कहा जाता है। यहां के लोग देश की रक्षा करने के लिए अपनी शहादत देने में कभी पीछे नहीं रहे। दुर्भाग्य यह है कि यहां की सरकार शहीदों का सम्मान करना तक भूल गई है। अफसरों की बात को दरकिनार करें भी तो सीएम के सलाहकार भी उन्हें यह सलाह नहीं दे रहे हैं कि शहीदों का सम्मान सबसे पहले है। वाक्या बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। विगत दिवस उत्तराखंड का एक सैनिक देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। आज सेना की टुकड़ी शहीद के शव को लेकर वाई एयर उत्तराखंड पहुंची। सहसपुर क्षेत्र के रतनपुर में उसके घर पर अंतिम संस्कार होना था। सेना की ओर गार्ड आफ आनर की पूरी व्यवस्था की। पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। हैरतरअंगेज बात यह रही कि उत्तराखंड सरकार की ओर से शहीद को सम्मान नहीं दिया गया। न तो किसी अफसर से वहां जाकर शहीद के सम्मान में दो फूल समर्पित करने की जहमत उठाई और न ही सरकार के किसी कारिंदे ने। बताया जा रहा है कि शहीद के पिता अंतिम संस्कार की पूरी होने के बाद शहीद की इस बेकदरी पर खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने सरकार की इस तरह की कार्यप्रणाली पर तीखे प्रहार किए। इस मामले में एक बड़ा सवाल यह है कि शहीद का जानबूझ कर अपमान किया गया है या फिर सीएम के सलाहकारों की चूक है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि शहीद के शव को लेकर आने वाला विमान बगैक प्रशासन की जानकारी के जिले की सीमा में नहीं उतरा होगा। जाहिर है कि इस मामले में अफसरों की लापरवाही साफ है। दूसरा बड़ा सवाल यह है कि सीएम के सलाहकार क्या कर रहे थे। अगर उन्हे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि प्रदेश के किसी युवा से अपनी शहादत दी है तो उन्हें इतने बड़े ओहदे पर रहने का क्या अधिकार है। सवाल यह भी है कि शहीद के अंतिम संस्कार के बाद हुई सरकार की फजीहत के लिए कौन लोग दोषी है। इन सवालों के जवाब भले ही सरकार न तलाशे पर एक शहीद के अंतिम संस्कार के वक्त की गई बेकदरी का जवाब को शहीदों की इस भूमि की जनता जरूर मांगेंगी वहीं दूसरी ओर असम में शहीद हुए 11वीं गढ़वाल राईफल के फायरमैन अमर शहीद संदीप सिंह रावत का कोटी कालोनी घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के भतीजों राजा एवं साहिल रावत ने उन्हें मुख्याग्नि दी। बीते शुक्रवार असम में एक सड़क हादसे में 11वीं गढ़वाल राइफल का एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें आठ जवान बैठे थे। दुर्घटना में छः जवानों की मौत तथा दो घायल हो गए थे। मृतकों में दो जवान टिहरी जिले के थे। संदीप रावत चंबा ब्लाॅक व दीपक सिंह मूल्यागांव देवप्रयाग शामिल हैं। रविवार को शहीद संदीप सिंह का शव प्रातः नौ बजे सेना के जवानों ने उनके पैतृक गांव दिखोलगांव पहुंचाया। इसके बाद परिजनों सहित पूरे गांव व क्षेत्र के लोगों ने शहीद के दर्शन कर उनके पार्थिव शरीर पर माल्यापर्ण किया। करीब दस बजे शव को वीर गब्बर सिंह स्मारक पर लाया गया। शहीद के पिता दिलवर सिंह रावत व माता किसनी देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता दिलवर सिंह रावत भी भारतीय सेना में नौकरी के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका कहना है कि अपने सपूत पर उन्हंे गर्व है जो भारत माता की सेवा करते शहीद हुआ। शहीद की पत्नि शांतिदेवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उनके दो जुड़वां बच्चे हैं जो अभी 14 माह के हैं।जबकि बड़ा भाई शैलेंद्र रावत दिल्ली में नौकरी करता है। 11 बजे शहीद का शव कोटी कालोनी के घाट पर लाया गया। जहां 11वीं व 20वीं गढ़वाल राईफल के 20 जवानों ने उन्हें शस्त्र गार्ड आॅफ आॅनर दिया। संदीप केभतीजे राजा एवं साहिल ने उन्हें मुख्गाग्नि दी। अंतिम संस्कार में पूरे जिले के लोगों का हुजूम उमड़ा था। क्षेत्रीय विधायक व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै प्रातः से ही दिखोगांव एवं अंत्येष्टी स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि संदीप की शहादत पर उन्हें व पूरे क्षेत्र को गर्व है। कहा कि प्रदेश सरकार इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के परिवार के साथ है। अंत्येष्टी इलाके के कई गणमान्य लोग भी षामिल हुए
राजधानी शहादत को भी भूली सरकार लेकिन टिहरी के मंत्री ने किया सम्मान, सलाहकार को भी नहीं रही याद
- फायरमैन संदीप रावत का किया राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार’
देहरादून, 4 जनवरी । उत्तराखंड को शहीदों की सरजमीं भी कहा जाता है। यहां के लोग देश की रक्षा करने के लिए अपनी शहादत देने में कभी पीछे नहीं रहे। दुर्भाग्य यह है कि यहां की सरकार शहीदों का सम्मान करना तक भूल गई है। अफसरों की बात को दरकिनार करें भी तो सीएम के सलाहकार भी उन्हें यह सलाह नहीं दे रहे हैं कि शहीदों का सम्मान सबसे पहले है। वाक्या बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। विगत दिवस उत्तराखंड का एक सैनिक देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। आज सेना की टुकड़ी शहीद के शव को लेकर वाई एयर उत्तराखंड पहुंची। सहसपुर क्षेत्र के रतनपुर में उसके घर पर अंतिम संस्कार होना था। सेना की ओर गार्ड आफ आनर की पूरी व्यवस्था की। पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया गया। हैरतरअंगेज बात यह रही कि उत्तराखंड सरकार की ओर से शहीद को सम्मान नहीं दिया गया। न तो किसी अफसर से वहां जाकर शहीद के सम्मान में दो फूल समर्पित करने की जहमत उठाई और न ही सरकार के किसी कारिंदे ने। बताया जा रहा है कि शहीद के पिता अंतिम संस्कार की पूरी होने के बाद शहीद की इस बेकदरी पर खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने सरकार की इस तरह की कार्यप्रणाली पर तीखे प्रहार किए। इस मामले में एक बड़ा सवाल यह है कि शहीद का जानबूझ कर अपमान किया गया है या फिर सीएम के सलाहकारों की चूक है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि शहीद के शव को लेकर आने वाला विमान बगैक प्रशासन की जानकारी के जिले की सीमा में नहीं उतरा होगा। जाहिर है कि इस मामले में अफसरों की लापरवाही साफ है। दूसरा बड़ा सवाल यह है कि सीएम के सलाहकार क्या कर रहे थे। अगर उन्हे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि प्रदेश के किसी युवा से अपनी शहादत दी है तो उन्हें इतने बड़े ओहदे पर रहने का क्या अधिकार है। सवाल यह भी है कि शहीद के अंतिम संस्कार के बाद हुई सरकार की फजीहत के लिए कौन लोग दोषी है। इन सवालों के जवाब भले ही सरकार न तलाशे पर एक शहीद के अंतिम संस्कार के वक्त की गई बेकदरी का जवाब को शहीदों की इस भूमि की जनता जरूर मांगेंगी वहीं दूसरी ओर असम में शहीद हुए 11वीं गढ़वाल राईफल के फायरमैन अमर शहीद संदीप सिंह रावत का कोटी कालोनी घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के भतीजों राजा एवं साहिल रावत ने उन्हें मुख्याग्नि दी। बीते शुक्रवार असम में एक सड़क हादसे में 11वीं गढ़वाल राइफल का एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें आठ जवान बैठे थे। दुर्घटना में छः जवानों की मौत तथा दो घायल हो गए थे। मृतकों में दो जवान टिहरी जिले के थे। संदीप रावत चंबा ब्लाॅक व दीपक सिंह मूल्यागांव देवप्रयाग शामिल हैं। रविवार को शहीद संदीप सिंह का शव प्रातः नौ बजे सेना के जवानों ने उनके पैतृक गांव दिखोलगांव पहुंचाया। इसके बाद परिजनों सहित पूरे गांव व क्षेत्र के लोगों ने शहीद के दर्शन कर उनके पार्थिव शरीर पर माल्यापर्ण किया। करीब दस बजे शव को वीर गब्बर सिंह स्मारक पर लाया गया। शहीद के पिता दिलवर सिंह रावत व माता किसनी देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता दिलवर सिंह रावत भी भारतीय सेना में नौकरी के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका कहना है कि अपने सपूत पर उन्हंे गर्व है जो भारत माता की सेवा करते शहीद हुआ। शहीद की पत्नि शांतिदेवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उनके दो जुड़वां बच्चे हैं जो अभी 14 माह के हैं।जबकि बड़ा भाई शैलेंद्र रावत दिल्ली में नौकरी करता है। 11 बजे शहीद का शव कोटी कालोनी के घाट पर लाया गया। जहां 11वीं व 20वीं गढ़वाल राईफल के 20 जवानों ने उन्हें शस्त्र गार्ड आॅफ आॅनर दिया। संदीप केभतीजे राजा एवं साहिल ने उन्हें मुख्गाग्नि दी। अंतिम संस्कार में पूरे जिले के लोगों का हुजूम उमड़ा था। क्षेत्रीय विधायक व पर्यटन मंत्री दिनेश धनै प्रातः से ही दिखोगांव एवं अंत्येष्टी स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि संदीप की शहादत पर उन्हें व पूरे क्षेत्र को गर्व है। कहा कि प्रदेश सरकार इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के परिवार के साथ है। अंत्येष्टी इलाके के कई गणमान्य लोग भी षामिल हुए