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पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (30 जनवरी )

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मुख्यमंत्री 13 फरवरी को आएंगे पन्ना

shivraj chauahan
पन्ना 30 जनवरी 14/आओ बनाए अपना मध्य प्रदेश सम्मेलन में भाग लेेने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 13 फरवरी को पन्ना आएंगे। मुख्यमंत्री 13 फरवरी को प्रातः 11 सागर से हेलीकाप्टर से प्रस्थान कर 11.45 बजे छतरपुर पहुंचेंगे। छतरपुर में आओ बनाए मध्य प्रदेश सम्मेलन में भाग लेकर वे दोपहर 2.45 बजे हेलीकाप्टर से प्रस्थान कर दोपहर बाद 3.05 बजे पन्ना पहुंचेंगे। पन्ना में वे पालीटेक्निक काॅलेज मैदान में आयोजित आओ बनाए मध्य प्रदेश सम्मेलन में भाग लेंगे। वे स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेकर रात्रि विश्राम पन्ना में करेंगे। मुख्यमंत्री 14 फरवरी को प्रातः 10 बजे हेलीकाप्टर से सतना के लिए प्रस्थान करेंगे। कलेक्टर एम.सी. गुप्ता ने सभी अधिकारियों को आओ बनाए मध्य प्रदेश सम्मेलन तथा मुख्यमंत्री जी के भ्रमण कार्यक्रम की तैयारियों के निर्देश दिए हैं। 

विशेष : अब 'आप'ने दुखी कर दिया है…

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arvind kejriwal aap
पिछले साल के अंत में जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मेरे जैसे तमाम लोगों ने अरविंद केजरीवाल में अपने हर सपने देखें या यूं कहें संजोए भी। तभी तो अचानक  आम आदमी का जनसैलाब 'आप'की टोपी पहनने के लिए बेताब हो गया । जिसमें समाज के हर तबके ने आम आदमी पार्टी में देश के सुनहरे भविष्य की उम्मीद से खुद को 'आप'से जोड़ा। लेकिन जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता को अपने ढ़ग से चलाना शुरू किया तो एक  ही झटके में आम आदमी के सारे अरमान बिखर गएं। अब यह चर्चा का विषय हो सकता है कि यह  'आप'की अनुभवहीनता का रिजल्ट है या अति उत्साह का।  

बहरहाल हमें यह समझना जरूरी है कि आखिर क्यों 'आप'ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी है ? क्या वजह है कि आम आदमी पार्टी से लोगों का भरोसा डिगने लगा है?  या फिर क्यों आम आदमी पार्टी सड़कों से सत्ता को चलाने में विश्वास कर रही है? अगर 'आप'के नजर में लोकतंत्र का मतलब सड़क से सत्ता चलाना होता है तो यह गलत नहीं है। लेकिन  साथ ही लोकतंत्र का मतलब यह भी  बिल्कुल नहीं होता कि सत्ताधारी अपनी ग​लतीयों, अपनी नाकामयाबियों, अपनी असफलता को छुपाने के लिए सड़क पर आकर जनता को बेवकुफ बनाना शुरू कर दे। 

जिस तरीके से अपने ही कानून मंत्री सोमनाथ भारती मंत्री को बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल सड़क पर आए उसके बाद से यह सवाल उठने लगा है कि क्या अरविंद केजरीवाल की ईमानदार, जनता के हित में सोचने वाले नेता की गढ़ी हुई छवि को नुकसान पहुंचा है? क्या दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए दो दिनों तक धरने पर बैठने की वजह से 'ब्रैंड केजरीवाल'को झटका लगा है? 

इन सवालों के जवाबों की उम्मीद न करते हुए यह मानना ही होगा कि वैकल्पिक राजनीति का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी राजनीति को रोल मॉडल के रूप में अब तक देखते रहे कई लोग अब ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सोशल मीडिया, मीडिया और सार्वजनिक बहसों में कई लोग जो 'केजरीवाल छाप'राजनीति के समर्थक रहे हैं, अब निराश हैं। अब कई बुद्धिजीवि अरविंद केजरीवाल के धरने पर बैठने के फैसले की तीखी आलोचना कर रहे हैं। इतना ही नही अब तो अरविंद केजरीवाल को 'राजनीति का लंपटवाद'या 'अराजकतावादी' , 'येड़ा', 'शहरी नक्सली'जैसे नामों से भी नवाजा जाने लगा है। 

अरविंद केजरीवाल का धरना खत्म तो हो चुका है। लेकिन सवाल यह है कि जनता को इसे धरने से परेशानी के अलावा मिला क्या है? क्योंकि केजरीवाल का धरना 'आप'के दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़ला की दिल्ली पुलिस से हुई नोंकझोंक को लेकर था। हालांकि, उन्होंने इसे दिल्ली पुलिस पर दिल्ली सरकार के नियंत्रण का मुद्दा बना कर बड़ा रूप देने की कोशिश जरूर की। लेकिन, जिस तरह मांग पूरी हुए बिना धरना खत्म कर दिया और इसे जनता की जीत बता दिया, उससे उनकी आलोचना ही हो रही है। क्योंकि जनता भी समझ रही है कि यह लड़ाई जनता की नहीं थी  बल्कि यह लड़ाई अरविंद केजरीवाल की अपने मंत्रियों को बचाने के लिए थी। एक बात यह भी है कि केजरीवाल की अपील के बावजूद उतनी बड़ी संख्या में लोग धरने में शामिल नहीं हुए। जिस वजह से भी केजरीवाल को धरना खत्म करनी पड़ी। 

अब सवाल यहां यह भी है कि सोमनाथ भारती की पुलिस से झड़प हुई क्यों? दरअसल, दिल्ली के कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती के मुताबिक दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन इलाके में अफ्रीकी मूल के लोग सेक्स रैकेट और ड्रग्स का धंधा चलाते है लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, जिससे स्थानीय नागरिक परेशान हैं। लेकिन स्थानीय नागरिकों की परेशानी कुछ और ही है। दरअसल, हमारे देश में अफ्रीकी मूल के लोगों के प्रति नाराजगी बहुत पुरानी है। होता यह है कि अफ्रीकी मूल के निवासी अपने तौर तरीकों से लाइफ को जीना पसंद करते हैं, जो जायज भी है। लेकिन हमारे यहां के नागरिकों को उनके चाल—चलन बिल्कुल जंगली जानवरों जैसे लगते हैं। हमारे यहां  उन्हें गुलाब जामून, रसगुल्ले, सुअर जैसे शब्दों से नवाजा जाता है और उन्हें चिढ़ाया जाता है। ​उनके लाइफ स्टाईल से लोग चिढ़ते हैं और शायद इसी वजह से खिड़की एक्सटेंशन के स्थानीय निवासियों का समर्थन सोमनाथ भारती के साथ है। लेकिन क्या यह सही है?  क्योकि हर देश में, हर समाज में अच्छे-बुरे लोग रहते हैं । कई देशों में हमारे देश के लोगों की भी आलोचना होती है। दुर्भाग्य तो यह है कि हमारे देश में ही हमारे लोगों को पराया बनाया जाता है। बावजूद इसके हम 'वसुधैव कुटुम्बकम्'जैसे जुमलों से अपना मन बहलाते हैं। लेकिन सत्ता में बैठे लोग भी जब इस तरह से विदेशी मूल के लोगों के प्रति दुर्व्यवहार करेंगे तो क्या यह जायज है? एक अच्छे राजा का प्रजा को समानता की नजर से देखने का जो धर्म होता है, उसे निभाना ही चाहिए। लेकिन सोमनाथ भारती के साथ- साथ दिल्ली की 'आप'सरकार भी इस धर्म को निभाने में नाकामयाब रही है।

 सबसे अलग की छवि के साथ राजनीति में शानदार शुरुआत करने वाले 'आप'के नेताओं की ऐसी कई हरकतें सामने आई हैं, जिनकी उम्मीद 'आप'से नहीं थी। पहले ही 'आप'के कई नेता और मंत्री विवादित बयानों को लेकर दिल्ली पुलिस ही नहीं, जनता के निशाने पर भी आ चुके हैं। अब सवाल है कि केजरीवाल ने तो अपना धरना अपनी मांग पूरी हुए बिना ही खत्म कर दिया, लेकिन धरना खत्म होने की असली वजह क्या है ? असली वजह कुछ और ही है। इस धरने को लेकर खुद को अराजक कहने वाले केजरीवाल ने सबसे पहले दिल्ली के कुछ पुलिसवालों  को सस्पेंड करनी की मांग की थी। लेकिन बाद में उन्होंने इसमें ढील देते हुए कहा कि इन पुलिसवालों का तबादला कर दिया जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने इनमें से कोई भी मांग नहीं मानी। तो ऐसे में क्यों न मान लिया जाए की केजरीवाल ने यह धरना जनता को गुमराह करने के लिए किया था। 

क्योंकि यह सच है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल हर मोर्चे पर फेल नजर आने लगे हैं। मसलन, अपने कहे अनुसार उन्होंने बिजली के दाम 50 प्रतिशत घटाएं जरूर लेकिन साथ ही बिजली के सप्लाई को भी घटाया है। उसी तरह पानी के साथ भी ऐसा ही हुआ है। यानि घोषणाएं तो बहुत कर चुके हैं लेकिन उन सब को अमली जामा पहनाने में वह अब भी नाकामयाब हैं।

तो ऐसे में यह मानना ही पड़ेगा कि केजरीवाल जनता को बेवकुफ बना रहे हैं। क्योंकि उनको पता है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही चुनाव आचार संहिता का बहाना लेकर वह किसी भी तरह के जनहित के काम नहीं कर पाएंगे। तब तक शायद कांग्रेस समर्थन खिंचने की तैयारी भी कर ले। 

वर्तमान में अरविंद केजरीवाल की जो छवि बनी है, उसके मुताबिक वह एक घमंडी, जिद्दी, उतावले, खुदगर्ज, लंपट और अराजक राजनेता लगते हैं। इनमें से एक अराजकता का तमगा तो उन्होंने खुद ही ले लिया है, मालूम हो कि केजरीवाल ने रेल भवन के पास शास्त्री पार्क में धरने के दौरान खुद को अराजकतावादी कहा था। देश के अन्य राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों से खुद को जोर देकर अलग बताने वाले केजरीवाल की छवि चंद महिनों में ही 'धूमिल'हुई है। जिसने जनता को एक बार फिर से उसी रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां से उम्मीदों की 'आप'की शुरूआत हुई थी। उम्मीदों का इतनी जल्दी बिखर जाने से जनता नराज भी है और निराश भी।  

दिल्ली में 28 दिसंबर, 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले तक अरविंद केजरीवाल की छवि एक ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता और नेता के तौर पर लोगों के दिलों में जगह बना चुकी थी जिसमें लोग उन्हें जनता के हित के लिए लड़ते, भूख हड़ताल करते, पुलिस की लाठियां खाते, सड़कों पर दिन-रात बिताते, सोचने पर मजबूर करने वाली बातें करते हुए सुनने, देखने और पसंद करने के आदी बनते जा रहे थे। उनकी छवि एक ऐसे शख्स की थी जो समाज की हर बुराई से लड़ने को तैयार था। वह राजनीति, प्रशासन, नौकरशाही, न्यायपालिका, पुलिस में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। यह वही दौर था जब जन लोकपाल कानून की मांग कर रहे केजरीवाल सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए लड़ते दिखते थे। एक राजनेता के तौर पर लोगों को केजरीवाल से वही उम्मीदें थीं जो खुद केजरीवाल को बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं से थीं कि वे ईमानदार, कानून और नागरिकों के हक को सम्मान देने वाले और भारत के लोगों के दर्द और दिक्कतों को समझने वाले नेता बनें। लेकिन अब सब कुछ उल्टा हो गया है। अब केजरीवाल भी परंपरागत राजनीति करने वाले नेताओं की तरह कानून की अनदेखी करने वाले, विरोधियों को धमकाने और हड़काने वाले, देश की राजधानी में अराजकता फैलाने वाले, केंद्रीय गृह मंत्री के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने वाले और गणतंत्र दिवस जैसे अहम और ऐतिहासिक आयोजन में बाधा डालते हुए दिखने और इस अवसर के बारे में आपत्तिजनक बातें करने वाले और अपने मंत्रियों को बचाने वाले, पारंपरिक नेताओं के बयानों को दुहराने वाले नेता बन गए हैं।

'आप'को है सलाह की ज़रूरत
दरअसल, आम आदमी पार्टी को अनुभव नहीं है और उन्हे लगता है कि वह सही है, किसी से सलाह लेने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन सच है कि आम आदमी पार्टी का संगठन नहीं है,  उसमें लोग मनमानी से बोलते हैं, उन्हें रोकने के लिए कोई नहीं है,  आपस में लोग लड़ रहे हैं, एक महीने में ही एक एमएलए असंतुष्ट हो गए और उसे  पार्टी से निकाल दिया गया, आम आदमी पार्टी में कुछ लोग हैं जो सलाह दे सकते हैं लेकिन सलाह देना एक अलग बात है और काम करना अलग। एक और ख़तरनाक बात है कि ये पता लगाना मुश्किल है कि जो लोग पार्टी में आ रहे हैं वो भ्रष्ट हैं या ईमानदार हैं। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता तो समझते हैं कि क्या करना है, केजरीवाल भी वरिष्ठ नौकरशाह हैं, वो जानते हैं कि सरकार कैसे चलती है, लेकिन यह जानना कि सरकार कैसे चलनी चाहिए और चलाना कैसे है, ये अलग बात है। जिसमें अब तक आम आदमी पार्टी नाकामयाब है। केजरीवाल को यह समझना होगा कि अब वह बात बात पर सड़क पर आ जाने वाले आम आदमी नहीं हैं, अब वह मुख्यमंत्री हैं। उनके पास सत्ता है, उनके पास शक्ति है। वह चाहते तो दिल्ली पुलिस के इस रवैया के खिलाफ अदालत भी जा सकते थें। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें तो अराजक बनना ही अच्छा लगा। 

वामवाद के अनुसार 'क्रांति सतत चलने वाली प्रक्रिया है और असली विद्रोही वह है जो छह महीने बाद अपनी कुर्सी ख़ुद उलट दे।'तो क्यों न यह मान लिया जाए कि अरविंद केजरीवाल भी इसी राह पर चल रहे हैं। यानि कि अरविंद केजरीवाल के मंसूबे सही नहीं हैं। वह देश में एक नए तरह के वामवाद को लाना चाहते हैं, जो सत्ता को तहस—नहस करना चाहता है। तभी तो अब तक सत्ता पाने के लिए बेचैन अरविंद अब खुद ही उसे ​बिखेरने में लगे हैं। अगर वह ऐसे ही करते रहें तो लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है, देश में भयानक अशांति फैल सकती है। लेकिन हमें यह विश्वास है कि अरविंद केजरीवाल के इस मंसूबे को जनता कामयाब नहीं होने देगी।





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---दीपक कुमार---
मेल : Deepak841226@gmail.com            
मोबाईल—9555403291
  
  

बच्चों की परवरिश करें, अपने साथ रखकर ही

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बच्चों को भविष्य बनाना हर माता-पिता या अभिभावक अपना प्राथमिक कत्र्तव्य समझता है मगर इसका एकतरफा अर्थ सिर्फ यही नहीं है कि अपना बच्चा अपने जीवन और दुनिया के दूसरे सारे कर्मों और अपने फर्ज को भुलाकर सिर्फ पैसे कमाने और जमा करने, भोग-विलासिता के संसाधन इकट्ठा करने का औजार ही बना रहे और जिन्दगी भर इस खुशफहमी में रहे कि उसके पास वो सब कुछ है जो दूसरों के पास नहीं है।

पुरुषार्थ चतुष्टय में धर्म, अर्थ, कर्म और मोक्ष इन चारों को मनुष्य जीवन का प्रमुख अंग माना गया है लेकिन आज के समय में माँ-बाप अपने बच्चों को  शेष तीन बातों को भुलाकर अर्थ ही अर्थ की ओर मोड़ना चाहते हैं और यही कारण है कि आजकल के बच्चों के सामने सिर्फ पैसा और संसाधन ही परम और चरम लक्ष्य के रूप में सामने दिखाया जाता है और उसे पाने के लिए की जाने तमाम प्रकार की दौड़ों की दिशा मेंं धकेलने में हमें कोई परहेज नहीं होता।

यही कारण है कि इंसानों की नई फसल सिर्फ मुद्राओं की टकसाल और भौतिकता भरी  चकाचौंध का पर्याय मात्र होकर रह गई है। हम सभी चाहते हैं कि हमारी संतानें समाज और देश तथा घर-परिवार के फर्ज की बजाय अपने आपको बनाने और कमाने-खाने तथा ज्यादा से ज्यादा जमा करने लायक बनें और ऎसा करने के लिए हम उन सभी मार्गों का सहारा लेना चाहते हैं जिनसे हम पूरी तरह निश्चिंत हो सकें। 

इन हालातों में जो नई पीढ़ी हमारे सामने आ रही है उसका सर्वांगीण विकास पूरी तरह रुक गया है और मुद्रार्चन से भरा एकांगी विकास अभियान की तरह फल-फूल रहा है। मनुष्य मात्र के कत्र्तव्य कर्म, घर-परिवार के दायित्वों और समाज तथा देश के प्रति हमारे फर्ज को पूरा करने और कर्ज उतारने के तमाम ध्येय काफी पीछे छूटते जा रहे हैं।

ज्ञान या हुनर से अधिक कमाई की चिंता है, क्षमता से अधिक बटोरने को हम सब उतावले होते जा रहे हैं । हम अपने समाज की इकाई को कितनी ही समृद्ध बना डालें लेकिन शुचिता और संस्कारों की कमी तथा सामाजिक दायित्वों का भान जिन्हें नहीं होता, वे लोग कितने ही धनाढ्य और प्रतिष्ठित हो जाएं, समाज या देश के किसी काम नहीं आ सकते।

उन्हें हर दिशाएँ किसी दर्पण की ही तरह लगती है जहाँ हर कहीं उन्हें अपना ही अक्स नज़र आता है। न घर - परिवार के लोग या कुटुंबी नज़र आते हैं, न समाज, क्षेत्र और देश। यही कारण है कि आज हमारे सामने समस्याओं का अंबार है, मूल्यहीनता की स्थितियां सामने आती जा रही हैं और सामूहिक विकास तथा सामुदायिकता का बोध समाप्त होने लगा है। इनका सिर्फ हम दिखावा ही करने लगे हैं।

बच्चों का इकतरफा विकास करने की मनोवृत्ति हम सभी पर इतनी हावी हो चुकी है हम उन्हें बचपन के आनंद और घर-परिवार तथा अपने स्नेह दुलार से वंचित रखकर अपने से दूर करने को उतावले हो रहे हैं सिर्फ उनकी समृद्धि और हमारे अहंकार को परितृप्त करने। 

बच्चों के सम्पूर्ण जीवन के लिए माँ-बाप, भाई-बहनों और घर-परिवार, समाज तथा क्षेत्र अपने आप में वे पॉवरफुल टॉनिक हैं जो उसे कहीं और से कभी प्राप्त नहीं हो सकते, चाहे वे कितने ही उच्च विलासी वातावरण और भौतिकता में क्यों न रहें। बच्चों के विकास का अर्थ केवल उसे पैसे कमाने और जमा करने वाली मशीन बनाना नहीं है बल्कि उसके व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास कर समाज और देश के लिए उसे सुनागरिक के रूप में तैयार करना है। 

आज हम मौद्रिक लोभ और अपने बेटे-बेटियों को बाहर पढ़ाकर बड़ा बनाने के अहंकार को आकार देने के लिए उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास नहीं कर पा कर एकपक्षीय विकास कर रहे हैं और यह विकास खण्डित विकास की श्रेणी में आता है जहाँ बच्चा बड़ा होकर पैसे कमाता भी है, जमा भी करता है लेकिन घर-परिवार, समाज और देश के लिए उसकी कोई उपयोगिता नहीं होती।

यहाँ तक कि अधिकतर मामलों में ये बच्चे अपने माँ-बाप के भी नहीं हुआ करते बल्कि माँ-बाप से उनके स्नेह-दुलार और वात्सल्य का रिश्ता इतना टूट चुका होता है कि ये अपने सारे रिश्तों को व्यवसायिकता के ताने-बाने में बंधा और पैदा हुआ देखते हैं। यही कारण है कि हमारी नई पीढ़ी के मौजूदा विकास का दौर जितना अधिक व्यापक होता जा रहा है हमें वृद्धाश्रमों की जरूरत पड़ने लगी है। 

बच्चों का सम्पूर्ण विकास तभी संभव है जब वे हमारे पास और साथ रहकर पले-बढ़ें। इसके लिए यदि स्थानीय स्तर पर उनके लायक शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्ध हो, तो उन्हें अपने साथ रखें तथा ज्यादा ही जरूरी हो तो उन्हें अतिरिक्त सुविधाओं और शिक्षण-प्रशिक्षण का लाभ दिलाएं। बच्चे हमारे वंश की धरोहर हैं उन्हें इस लायक बनाएं कि हमारे वंश की मान-मर्यादा को आने वाले युगों तक कायम रख सकें, उन्हें सिर्फ धन भण्डारपाल न बनाएं।




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---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (30 जनवरी )

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उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद से विजय बहुगुणाा इस्तीफा!
  • हरीश रावत या इंदिरा हृदयेश हो सकते हैं अगले सीएम!


vijay-bahuguna
देहरादून, 30 जनवरी। तमाम अटकलों के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का इस्तीफा हो ही गया है, ऐसा पार्टी सूत्रों का कहना है। कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपना इस्तीफा पार्टी आलाकमान को सौंप दिया है। जिसकी औपचारिक घोषण (आज ) शुक्रवार हो सकती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को जाने के बाद उत्तराखण्ड की कमान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत को सौंपी जा सकती है। वहीं कांग्रेस के सूत्रों का यह भी कहना है कि यदि उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन पर राहुल गांधी निर्णय लेते हैं तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व बहुगुणा मंत्रिमण्डल में शामिल मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश पाठक को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वहीं पार्टी आलाकमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदले जाने पर भी विचार कर रहा है, उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में नव प्रभात, किशोर उपाध्याय व प्रीतम सिंह का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई दिग्गज कांग्रेसी नेता पार्टी आलाकमान पर अपने करीबीयों को एड़जस्ट करने के लिए दबाव की राजनीति शुरू कर चुके हैं, जिसमें सतपाल महाराज प्रमुख हैं। पिछले एक पखवाड़े से प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं से जहां विजय बहुगुणा को हटाने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बढ़ता जा रहा था। वहीं बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर उनके उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा की है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदले जाने को लेकर एक-दो दिन में तस्वीर साफ हो जायेगी। बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास पर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी, केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, महासचिव जनार्दन द्विवेदी व वरिष्ठ नेता अहमद पटेल मौजूद थे। बैठक में यह तय हुआ कि विधायकों की राय जानने के लिए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद देहरादून आएंगे। वहीं माना जा रहा है कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी की रिपोर्ट के बाद ही नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला लिया जाएगा। वहीं नये नेतृत्व को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा की भी राय ली गई है। इधर उत्तराखंड के मंत्री और वरिष्ठ नेता दिल्ली में लगातार वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, महासचिव जनार्दन द्विवेदी व प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी से आकर मिले हैं। इनमें इंदिरा हृदयेश और हरक सिंह रावत भी शामिल हैं। वहीं कांग्रेस सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सीधा मुकाबला चल रहा है। 

राज्य की पीड़ा को समझने वाले व्यक्ति को राज्य की बागडोर सौंपनी चाहिए: कुंजवाल

देहरादून, 30 जनवरी। केन्द्रीय नेतृत्व यदि राज्य में नेतृत्व परिर्वतन करता है तो उसे इस मामले पर शीघ्र निर्णय लेते हुए जमीन से जुडे़ व सामाजिक स्थितियों की जानकारी रखने वाले व राज्य की पीड़ा को समझने वाले व्यक्ति को राज्य की बागडोर सौंपनी चाहिए। यह बात विधानसभा अध्यक्ष मा0 गोविन्द सिंह कुंजवाल ने आज विधानसभा में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही।  कुंजवाल ने कहा कि नेतृत्व परिर्वतन से जुडे मुद्दे पर उन्हें यद्यपि कुछ नहीं कहना है, लेकिन जिस तरह की नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चाएॅं हैं उसे देखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व को शीघ्र फैसला लेना चाहिए। कुंजवाल ने कहा कि राज्य गठन के बाद लोगों को उम्मीद थी कि राज्य का सर्वागीण विकास होगा तथा राज्य को सादगी के साथ आगे ले जाया जायेगा। उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा कि नेतृत्व परिवर्तन हाईकमान को करना है। उन्होंने कहा कि यदि सघर्षशील व जनता से जुडे़ तथा मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों की सामाजिक, भौगोलिक स्थितियों की सही जानकारी रखने वाले तथा जनता में अच्छी पकड़ रखने वाले व्यक्ति को राज्य का नेतृत्व सौंपा गया तो सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित आम जनता में  जहां नई ऊर्जा आयेगी वहीं राज्य में विकास व काम काज के तौर तरीकों पर भी परिवर्तन दिखाई देगा। विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा कैन्टीन में विभिन्न मंत्रालयों के फर्जी मुहर बना कर फर्जी बिलों के सम्बन्ध में कहा कि उन्हें यह जानकारी समाचार चैनलों से मिली है, जो गम्भीर मामला है। उन्होंने कहा कि इन मामलों की लिखित शिकायत आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थों के चलते फर्जी तरीेके से धन कमाने व सुविधा पाने की लोगों में जो होड़ मची है वह चिन्ता जनक है। उन्होंने बताया कि स्वयं उनके निजी सचिव के नाम फर्जी मुहर बना कर दिल्ली उत्तराखण्ड आवास में ठहरने की व्यवस्था के नाम पर भेजे गये फैक्स की जानकारी जब हम उत्तराखण्ड निवास दिल्ली के व्यवस्थाधिकारी द्वारा दी गई तो उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस को दी जिस पर पुलिस पर ऋषिकेश के एक युवक को दिल्ली पहुॅचने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रवृत्तियों का बढ़ना चिन्ता जनक है। 

गांधी जी के आदर्शो व सिद्धान्तों से प्रेरणा लेने का संकल्प लेना होगा: कुंजवाल

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विधानसभा अध्यक्ष मा0 गोविन्द सिंह कुंजवाल के यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास में एक श्रद्धान्जलि सभा का आयोजन कर महात्मा गांधी को याद किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पान्जलि अर्पित करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस मौके पर कुंजवाल ने कहा कि महात्मा गांधी जी का देश के स्वतंत्रता आन्दोलन व देश की आजादी में जो योगदान रहा है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने गांधी जी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें गांधी जी के आदर्शो व सिद्धान्तों से प्रेरणा लेने का संकल्प लेना होगा यही गांधी जी को सच्ची श्रद्धान्जलि होगी। कार्यक्रम में अल्मोड़ा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहनसिंह महरा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता खजान पाण्डे, पी.सी.सी सदस्य दीवानसिंह भैसोड़ा डी0डी0पाण्डे, हरीश कुंजवाल, अजय गुप्ता, एडवोकेट कृष्णसिंह विष्ट, पूर्व प्रमुख महेन्द्रसिंह मेर सहित कई कर्मचारी, अधिकारी व जन प्रतिनिधि मौजूद थे। 

गांधीजी ने दुनियां को सत्य, अहिंसा व समानता का सन्देश दिया: बहुगुणा

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर राजीव गांधी भवन मंे आयोजित कार्यक्रम में गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधीजी ने दुनियां को सत्य, अहिंसा व समानता का सन्देश दिया। मानवता के जिन सिद्धान्तो व आदर्शो पर गांधी जी चले, हमारे संविधान निर्माताओं ने उसे आधार बनाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते है जो सदियों तक जीवित रहते हैं, महात्मा गांधी ऐसे ही लोगों में है। महात्मा गांधी का जन्म जरूर भारत में हुआ, किन्तु उनका प्रकाश पूरे विश्व में फैला। मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन गांधी जी के अहिंसा के सिद्धान्त पर संचालित रहा। इस आन्दोलन के बल पर राज्य बना। हम सबका यह दायित्व है कि गांधी जी के सिद्धान्तों का अनुसरण कर आदर्श राज्य के निर्माण में अपना योगदान दें। आज भी हमारे सामने अनेक चुनौतियां है, जिनका सामना हमें मिलकर करना होगा और गांधीजी के आदर्शो पर चलकर आदर्श समाज का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोंगो को समान रूप से सभी सुविधाये मिले, इसके लिये सभी को प्रयास करने है। यही हमारी गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर राजस्व मंत्री यशपाल आर्य, सह प्रभारी संजय कपूर ने भी अपने विचार व्यक्त कियें। कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. अनुसुइया प्रसाद मैखुरी दायित्वधारी सुंदरलाल मंदरवाल, हेमेश खर्कवाल, विजयपाल सजवाण, विधायक ललित फर्सवाण, सुबोध उनियाल, राजकुमार, उमेश शर्मा ‘काउ’ सहित अनेक जनप्रतिनिधी उपस्थित थे।

ले. कर्नल (से.नि.) इंद्रसिंह रावत ‘‘कीर्तिचक्र’’ को किया सम्मानित

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। ले. कर्नल (से.नि.) इंद्रसिंह रावत ‘‘कीर्तिचक्र’’ को उनकी 100वीं वर्षगांठ में प्रवेश पर एम.जे. रेजीडेसी, हरिद्वार रोड़ देहरादून में रा. जन विकास समिति (पीजी) उत्तराखंड देहरादून द्वारा सम्मानित किया गया। रावत का जन्म जनपद पौड़ी गढ़वाल के सुदूरवर्ती रा. क्षेत्र के पट्टी ढाईज्यूली के ग्राम बगेली में 30 जनवरी 1915 को एक साधारण कृषक परिवार में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा रा. क्षेत्र में ही प्राप्त करने के उपरांत रावत द्वारा विभिन्न स्थानों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने पश्चात भारतीय सेना में कमीशनर पद प्राप्त किया । अपने अदम्भ शौर्य एवं उच्च कोटि की सैन्य सेवा पर उन्हे वर्ष 1957 में भारत के प्रथम महामहिम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा ‘‘कीर्तिचक्र वीरता’’ पदक से अलंकृत किया गया। भारतीय सेना से सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी उन्होंने अपने को निरन्तर सामाजिक कार्यो से जोड़े रखा, उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन में समस्त भूतपूर्व सैनिकों का कुशल नेतृत्व कर राज्य प्राप्ति में उनके द्वारा दिशामय अभूतपूर्व योगदान चिरस्मणीय है। उनके 100वीं वर्षगांठ में प्रवेश पर रा0 जन विकास समिति परिवार की ओर से उन्हे स्नेह एवं शुभकामनायें अर्पित करते हुये ईश्वर से उनके स्वस्थ सुखद एवं दीर्घ जीवन की कामना की गई। समारोह में समिति के अध्यक्ष डा. आर. के. पंत शेखरानंद  रतूड़ी एम.एस. गुसाई पुरूषोत्त ममगाई, ले. जनरल जी.एस. नेगी बिग्रेडियर राजेन्द्र सिंह रावत, कर्नल वी.एस. रावत ई. बी. के. पंत , ई. के. एस. नेगी, एम.एन. बनख्बाल धनसिंह गुसाई, राम प्रकाश करियाल, राजेंद्र नेगी, सुखदेव रतूड़ी, कै. गवरसिंह रावत, मनबरसिंह रावत, शम्भू ममगई तथा कार्यकारिणी समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे। 

आप की नगर व ब्लाक कार्यकारिणी का गठन

गदरपुर/देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक में नगरपालिका के विभिन्न वार्डों एवं ब्लॉक स्तरीय कमेटी का गठन किया गया। कम्बोज धर्मशाला में आयोजित बैठक में आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक पवन शर्मा की उपस्थिति में नगरपालिका गदरपुर के विभिन्न वार्डाें में कमेटियां गठित कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए। शर्मा ने कहा कि पूर्ण स्वराज्य की कल्पना ही आम आदमी पार्टी का उददेश्य है। उन्होनें कहा कि आज जनता को देश में फैले भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आवाज को उठाना जरूरी हो गया है। उन्होनें कहा कि जनता के विश्वास को जगाकर उनके अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाना है। बैठक के दौरान ब्लॉक स्तरीय कमेटी का गठन किया गया, जिसमें गुरविन्दर सिंह को संयोजक एवं शांति देवी को सह संयोजक बनाते हुए राजेश कुमार, विशम्भर लाल मदान, हाजी इकबाल हुसैन, रईस अहमद सैफी, शकील अहमद एवं इकबाल अहमद को सदस्य एवं जसपाल डोगरा को मीडिया संयोजक बनाया गया। बैठक में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता गुरमुख सिंह ने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने के लिए वृहद स्तर पर कार्यकर्ताओं को पार्टी की मुख्यधारा से जोडा जायेगा। उन्होनें कहा कि पंचायत चुनाव में पार्टी चुनाव मैदान में उतरने वाले कार्यकर्ताओं का पूर्ण समर्थन करेगी। बैठक में महेन्द्रपाल सिंह पाहवा, सत्तार अहमद, हाजी मुबारक हसन, मौ. हारिश, नरेन्द्रपाल, सुल्तान नवी, अब्दुल कलाम, श्यामबिहारी, देवेन्द्र सिंह, मौ. शफी, नूर हसन, विशम्भर लाल, परमजीत सिंह, जगीर सिंह, सुरेश कुमार आदि कार्यकर्ता मौजूद थे। 

एडमिशन को लेकर दो छात्र नेताओं के बीच जमकर हंगामा

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। डी.ए.वी. कालेज में स्नातक प्रथम वर्ष के एडमिशन एक बार फिर खुलवाने को लेकर प्रधानाचार्य के आफिस में दो छात्र नेता आपस में जमकर भिड़े। जिसके बाद मामला चौकी पहुंचा जहां एक गुट ने बहतमीजी से बात करने की तहरीर दी हैं तो वही दुसरे गुट ने इसे सिरे से खारिज करते हुए माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। जानकारी छात्र संघ अध्यक्ष चुनाव में तीसरे स्थान पर रही स्वाती नेगी ने बीए प्रथम वर्ष में एक बार फिर एडमिशन खोलने को लेकर प्रधानाचार्य कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। जिस पर छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा ने प्राचार्य से एडमिशन न खोलने की मांग की। जिस बात को लेकर दोनों छात्र नेताओं में जमकर हंगामा हुआ। मामले को बढ़ते देख पुलिस कर्मियों ने दोनों छात्र नेताओं को कालेज से बाहर निकाल दिया। बाद में स्वाती नेगी ने चौकी में तहरीर देकर अध्यक्ष पर बहतमीजी करने का आरोप लगया। जिसे अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा ने सिरे से खारिज करते हुए स्वाती नेगी पर कालेज का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। 

गांधी का शिलापट्ट बना मात्र धरना प्रदर्शन का प्रतीक

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। महात्मा गांधी की शहादत दिवस के अवसर पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर एकमात्र हस्ताक्षरयुक्त शिलापटट की महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति करने वाले राजनीतिज्ञों सहित तमाम संस्थाओं ने उपेक्षा कर महात्मा गांधी के आजादी के लिए आन्दोलन को आईना दिखा दिया। उक्त उपेक्षा ने महात्मा गांधी द्वारा आजादी के आन्दोलन को लेकर किए गए संघर्ष व उनकी सहादत पर उनके हस्ताक्षरयुक्त स्तम्भ पर दो पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजली न दिया जाना उस राजनेैतिक दल की मानसिकता को दर्शा रहा है जो कि उनके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेककर सत्ता की कूर्सी हथियाते रहे हैं। 
महात्मा गांधी के स्तम्भ पर आए दिन धरने प्रदर्शन करने वाले उन राजीतिक संगठनों की सोच पर जागरूक लोगों ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज का दिन ऐसा दिन है जोकि शान्ति के दूत व सत्य अहिंसा के पुजारी जिन्होने अपने जीवन पर्यन्त काल मंे लोगों को आन्दोलन चलाये जाने का मार्ग दिखाया आज उनकी उपेक्षा किया जाना देशहित मे नहीं है।

आप ने गांधी की फोटो पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजली

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। महात्मा गांधी शन्ति के दूत थे वह सत्य, अहिसंा और सत्याग्रह पर विश्वास रखते थे। अपने कार्य को उन्होंने कभी भी हार या जीत के संदर्भ में नहीं लियां । उनका ध्येय केवल लक्ष्य को प्राप्त करना नही था बल्कि उन पर सफलता प्राप्त करने के लिए अपनाए गए संधनों पर अधिक था। उक्त विचार आम आदमी पार्टी ऋषिकेश के मुख्य वक्ता समाज सेवी दिनेश कोठारी ने आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजली देते हुए आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित कार्यालय मे श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्हांेने कहा कि गांधी जी ने कभी भी अमीर गरीब तथा राजनीति के किसी भी वर्ग मंे भेद नहीं रखा। पार्टी के कार्यकर्ता अनीता भारद्वाज व राजेश कपसूडी ने कहा महात्मा गांधी एक निडर, राष्ट्रवादी व्यक्ति थे जो कोई भी व्यक्ति नहीं कर सका वह गांधी ने कर दिखाया। गांधी सभी का भला चाहते थे विशेषकर गरीब असहाय तथा निम्न वर्ग से संबध रखते थे। आप पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर व दो मिनट का मौन रख कर अपनी श्रद्धांजली दी। श्रद्धांजली देने वालों मे  नरेश धींगडा, गीता सचदेवा, नेैतिक तनेजा, सत्यवती डबराल, प्रीति मिश्रा, प्रियंका सेठी, कोमल, सौम्या, प्रदीप गुप्ता,राजेश कपसूडी, नरेश, हर्षिता, सुरेन्द्र, अजय अरोडा, रचना कुन्दनानी, परशुराम, नवीन ,सीता राम, दीपक, रमेश, निर्मल सिंह सहित काफी संख्या मे लोग थे।

मजदूर ही गौला खनन की रीड: दुर्गापाल

हल्द्वानी/देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश के श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने गौलागेट हल्दूचौड में वननिगम द्वारा आयोजित शिविर मे गौला श्रमिकों को कम्बल वितरित किये। कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुये दुर्गापाल ने कहा कि मजदूर ही गौला खनन की रीड है। इन्हंेे सभी सुविधायें दी जायेगी। उन्होने कहा कि मजदूरों हेतु नियमित स्वास्थ शिविर लगवाये जायें तथा सुचारू पेयजल भी उपलब्ध कराया जाए। श्रममंत्री ने कहा कि मजदूरों से ही सारे विकास कार्यों को गति मिलती है। सरकार मजदूरों को सभी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु सजग है। उन्होंने वननिगम अधिकारियो ंको निर्देश दिये कि वे मजदूरों हेतु शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चिित करें साथ ही मजदूरों के बच्चो की शिक्षा, स्वास्थ व्यवस्था भी सुनिश्चिित करें। डीएलएम वन निगम दिवाकर सिह बिष्ट ने बताया कि गौला श्रमिंको ंको आज 1500 कम्बल वितरित किये जा रहे है। कुल 5000 कम्बल वितरित किये जायेगे। इस दौरान कार्यक्रम में सूचना विभाग द्वारा प्रचार साहित्य व नये वर्ष के कलैन्डर भी वितरित किये गये। कर्यक्रम में वननिगम के प्रेमसिह बोरा, घनान्नद जोशी, हरदीप नयाल, हरीश आर्य सहित उमेश कबड्वाल, महेश कबड्वाल, पूरन जोशी, विपिन जोशी,दयाकिशन बमेठा, दयाकिशन कबड्वाल,भूवन पाण्डे, जीवन कबड्वाल, नन्दन दुर्गापाल, मुकेश दुर्गापाल, प्रमोद बमेठा, कन्नू दुम्का, ओम प्रकाश जोशी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। श्रम एवं दुग्ध विकास मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल के कठोर परिश्रम से लाल बहादुर शास़्त्री महाविद्यालय को शासन से 10 बीघा भूमि आबंटित कराने पर महाविद्यालय की प्रबन्धक कमेटी ने उनके आवास में जाकर आभार व्यक्त किया। प्रबन्धक कमेटी के सदस्यों ने क्षेत्र के विकास हेतु  श्रममंत्री द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुये क्षेत्र के विकास में योगदान हेतु कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ व जुझारू नेता बताया। आभार कार्यक्रम में कमेटी के कुशलानन्द दुम्का, कौस्तुरबा नन्द त्रिपाठी, बंशीधर भट्, पूरन चन्द्र फुलारा, मोहन दुर्गापाल, अशोक जोशी, किसनान्द भट् व लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय की प्राचार्य रश्मि पवांर मौजूद थी। 

राज्यपाल ने की संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी से आज कई संगठनों/संस्थाओं के प्रतिनिधि मण्डल / प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। उत्तराखण्ड के प्रमुख उद्योगपति एवं समाज सेवी डा0 एस0 फारूख के नेतृत्व में सी.आई.आई. उत्तराखण्ड के 07 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल से भेंट करके  उनसे मार्च में होनें वाले ‘एनुअल ग्रीन अवार्ड’ समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पधारने हेतु आमंत्रण स्वीकारने का अनुरोध किया। मुलाकातों के इस क्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की सदस्य श्रीमती मंजुला राणा तथा नव गठित हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड  के कुलपति डा0 एम.सी.पंत, रजिस्ट्रार उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्ववि़द्यालय मृत्यंुजय मिश्रा, बद्रीनाथ से आये पुजारी हरीश चन्द्र ध्यानी, सितार गंज से आये चन्दन हरबोला एवं साथियों सहित अनेक लोगों ने राज्यपाल से भेंट करके उनसे अपने-अपने कार्य क्षेत्र सम्बंधी विभिन्न विषयों/समस्याओं पर चर्चा की। उपरोक्त मुलाकातों के बाद फिल्म अभिनेता विवेक ओबराय जो कि विगत लम्बे समय से उत्तराखण्ड भ्रमण पर है, ने भी राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की।

सड़क हादसों में चार की मौत

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। चार लोगों की अलग-अलग सडक दुर्घटनाओं में और एक व्यक्ति की टेªन से कटने से मौत हो गयी। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर परिजनों को सूचित कर दिया।  पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बुधवार देर रात शास्त्रीनगर खाला निवासी शिवम (18)अपनी स्कूटी से घर लौट रहा था। द्रोणपुरी जीएमएस रोड के पास जैसे ही वह मुड़ा तो सामने से आ रही कार(यू.ए07एम-4870) से टकरा गया। सूचना पर मौके पर पहंुची ने 108 की मदद से उसे अस्पताल पहंुचाया जहंा शिवम की मौत हो गई। पुलिस ने कार चालक हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया। दूसरी ओर, डोईवाला क्षेत्रांतर्गत दो सड़क दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। पहली दुर्घटना में महेन्द्र पुण्डीर मोटर साईकल से कहीं जा रहा था कि सामने से आ रहे ट्रक यू.के. 07के-9040 की चपेट आकर घायल हो गया। सूचना पर पंहुची पुलिस ने महंेद्र को अस्पताल पहंुचाया जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने ट्रक चालक मोहन को मौके से गिरफ्तार कर लिया। वहीं, अन्य सड़क दुर्घटना में पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार नेहरू ग्राम निवासी प्रेमलाल अपनी पत्नी शकुंतला के साथ एक्टिवा में सवार होकर गुरूवार सुबह धारचूला से आ रहे थे जब वह डोईवाला के माजरी गांव के पास पंहुचे तो उनकी एक्टिवा सेना के ट्रक से टकरा गई। सूचना के बाद पुलिस मौके पहंुची और दोनों को अस्पताल पहुंचाया जहां उनकी मौत हो गई। वहीं गुरूवार सुबह डोईवाला पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति की टेªन से कटकर मौत हो गई। मोैके पर पहंुचे पुलिस ने मृतक की पहचान धनवंत पुत्र रामकेवल निवासी गार्डन कालोनी डोईवाला के रूप में की। पुलिस ने बताया कि मृतक शुगर मिल डोईवाला में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर परिजनों को सूचित कर दिया।

दो बदमाश दबोचे

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। गहनों से सोने-चाँदी के जेवरात चमकाने के नाम पर सोना निकालने वाले दो बदमाशों को पकड़ने में रायपुर पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेन्द्र प्रसाद सूद निवासी विकासलोक कॉलोनी लेन-2 ने रायपुर पुलिस को सूचना दी कि दो युवक बीते रोज उनके घर आये थे। इन दोनों ने सोने व चाँदी के जेवरात तथा बर्तन आदि धोकर चमकाने की बात कही जिस पर उनकी पत्नी ने अपनी सोने की चूड़ियाँ चमकाने के लिए उनको दे दी। इन दोनों ने सोने की चूड़ियों को अपने साथ लाये कैमिकल/ पाउडर में धो कर दिया। इन चूड़ियों को जब उनकी पत्नी ने पहन कर देखा तो बहुत हल्की महसूस हुई। जिस पर उन्होंने उन युवकों से इस बात को कहा इस पर ये दोनों वहां से भाग गये। इस ठगी की सूचना उन्होंने तत्काल रायपुर पुलिस को दी। इन बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया और गुरूवार सुबह इन दोनों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पूछताछ में इन दोनों ने अपने नाम विक्की कुमार शाह पुत्र विशन देव निवासी ग्राम सेवली थाना फलका जिला कटियार बिहार तथा राजेश कुमार पुत्र अरूण शाह हाल निवासी बेरीबाग सुकुपुरा सहारनपुर उत्तर प्रदेश बताया। इन दोनों ने बताया कि ये दोनों अलग-अलग शहरों में जा कर लोगों से जेवर चमकाने के नाम पर ठगी करते हैं। जेवरों को चमकाने के लिए इनके पास कैमिकल और पाउडर हमेशा ही रहता है। इसके घोल में जेवरों को डाला जाता है जिससे सोने व चाँदी की कुछ मात्रा उसी कैमिकल में रह जाती है। जिसे बाद में अलग निकाल दिया जाता है। यह काम ये लोग देहरादून, हरिद्वार, सहारनपुर व बिजनौर आदि स्थानों पर जाकर यह कार्य करते हैं। पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ थाना रायपुर में धारा 417/420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

वेतन विसंगति दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर गए

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के बैनर तेल प्रदेशभर के कर्मचारी अनिश्चितकालीन वेतन विसंगति दूर करने सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण गुरूवार को सरकारी अस्पतालों के आईसीटीसी, ब्लड बैंक, एसटीआई क्लीनिक, ओएसटी सेंटरी, यूसैक मुख्यालय, एआरटी केंद्रों में कोई कामकाज नहीं हो पाया। इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर कर्मचारियों ने डांडा लखौंड स्थित स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना प्रदर्शन किया। उत्तराखंड एड्स नियंत्रण समिति के बैनर तले कर्मचारी कई बार की स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता कर चुके हैं, लेकिन आज तक कर्मचारियों की मांग स्वीकार नहीं हुई। कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम भी दिया। अल्टीमेटर देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं होने से आक्रोशित कर्मचारियों ने गुरूवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। प्रदेशभर से कर्मचारियों ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना प्रदर्शन कर सरकार का विरोध किया। समिति अध्यक्ष गगन दीप लूथरा ने कहा कि कई बार सरकार से वेतन विसंगति दूर करने सहित अन्य मांगे कर चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन दिया जाता है। इसलिए मजबूर होकर उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जबतक मांग स्वीकार नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी। प्रदर्शनकारियों में सुशील चमोली, रेखा, संजय डबराल, भारती उनियाल, सुनील कुमार, महावीर सिंह असवाल, रणबीर बिष्ट, अनिरूध प्रताप सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।

11 स्कूल वैन सीज

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। विक्रमों के साथ-साथ परिवहन विभाग ने बिना परमिट के दौड़ रही स्कूल वैन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आरटीओ की टीम ने गुरूवार को बल्लीवाला चौक पर 11 स्कूल वैन को सीज कर दिया। इनमें से किसी के पास भी परमिट नहीं था। सभी निजी गाड़ी का  कॉमर्शियल उपयोग कर रहे थे। आरटीओ का अभियान जारी रहेगा। गुरूवार को सुबह सात बजे एआरटीओ राम प्रकाश राठौर और आनंद जयसवाल के नेतृत्व में टीम बल्लीवाला चौक पर पहुंची। इस क्षेत्र में नामी स्कूल होने के कारण बड़ी संख्या में स्कूल वैन गुजरी। टीम ने एक-एक कर सभी स्कूल वैन की चेकिंग करनी शुरू कर दी। चेकिंग में 11 स्कूल वैन बिना परमिट के मिली। मौके पर ही इन सभी स्कूल वैन को सीज कर दिया गया। दोपहर दो बजे टीम ने राजपुर रोड स्थित स्कूल वैन की चेेकिंग की। चेकिंग में इस रूट पर भी बड़ी संख्या में स्कूल वैन का सीज की गई। एआरटीओ राम प्रकाश राठौर ने बताया कि बिना परमिट दौड़ रही 11 स्कूल वैन को सीज किया गया है। उन्होंने बताया कि स्कूल वैन संचालक प्राइवेट गाड़ी का कॉमर्शियल उपयोग कर रहे हैं। इसलिए अभियान जारी रहेगा।

मंत्री-विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का आप ने किया विरोध

देहरादून, 30 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश सरकार की ओर से मंत्री-विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का विरोध किया है। इसके खिलाफ ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने घंटाघर पर सरकार का पुतला फूंका। आप कार्यकर्ताओं ने सरकार से वेतन भत्ते वापस लेने की मांग की है। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता घंटाघर पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद आप ने मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। आप नेता संजय भट्ट ने कहा कि एक तरफ सरकार ने समूह ग की परीक्षा की शुल्क निर्धरित कर बेरोजगारों के साथ धोखा किया है। दूसरी ओर अपने मंत्री और विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाकर उनकी वाह-वाही लूटी है। उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण लोगों के लिए दो वक्त का खाना जुटाना मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर से सरकार अमीरों को और अमीर कर रही है। उन्होंने मंाग की है कि सरकार तत्काल बढ़े वेतन भत्तों को वापस ले। नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों में संजय भट्ट, राजेश बहुगुणा, सुरेश नेगी, कमल देवराड़ी, सुनिता सिंह, विशाल चौधरी, राजू सिंह, आरिफ हुसैन, आर्यन कोठियाल, साहिब सिंह पंवार, हरि व्यास, एमएस रावत, महेश तंगवाल, मनोज कांबोज, प्रदीप रावता, ओंकार भाटिया, प्रहलाद बिष्ट, समीर मुडेपी, पूजा अरोड़ा, जैन उल, अश्विनी पांडे, मंजीत कैंतुरा, गणेश काला, राजेश बहुगुणा सहित बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता मौजूद थे।

बिहार : थम-सी गयी जिंदगी, पैर रूक गये और आंख नरम हो गयी........

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पटना। आज राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर थम-सी गयी जिंदगी, पैर रूक गये और आंख नरम हो गयी.....। जैसे ही घड़ी की सूई 11 पर पहुंची। कृतज्ञ राष्ट्र 2 मिनट मौन धारण करके के लिए रूक गये। पैगाम-ए-मोहब्बत 2014 ऐलान कर दिया। उसी ऐलान पर लोग चले। आक्सफैम के सहयोग से संचालित प्रगति गा्रमीण विकास समिति ने बड़े पैमाने पर आयोजन किया। समिति के संजय कुमार प्रसाद और मंजू डुंगडुंग के कुशल नेतृत्व और बेहतर तालमेल से 11 जगहों पर 2 मिनट सत्याग्रह का सफल संचालन हुआ।

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मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी चम्पारण जिले के बगहा प्रखंड में सतीश पांडेय के नेतृत्व में 25 लोगों ने, पूर्वी चम्पारण जिले के रामगढ़वा में श्यामनंदन सिंह के नेतृत्व में 30 लोगों ने, पटना जिले के नौबतपुर में शिवकुमार ठाकुर के नेतृत्व में 350 लोगों ने, अरवल जिले के कुर्था में नरेश दास के नेतृत्व में 15 लोगों ने, भोजपुर जिले के सहार में दुलारचंद राम के नेतृत्व में 50 लोगों ने , सहरसा जिले के सौर बाजार में कौशल कुमार के नेतृत्व में 70 लोगों ने, मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में लखेन्द्र यादव के नेतृत्व में 20 लोगों ने, बक्सर जिले के राजपुर में रंजीत राजभर के नेतृत्व में 15 लोगों ने ,जमुई जिले के सिकन्दरा में हजारीप्रसाद वर्मा के नेतृत्व में 50 लोगों ने,मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में ध्रुव प्रसाद श्रीवास्तव के नेतृत्व में 345 लोगों ने, कटिहार जिले के समेली में प्रेम प्रकाश के नेतृत्व में 40 लोगों ने 2 मिटन का सत्याग्रह किये। 

 वहीं पटना जिले के दानापुर प्रखंड प्रयाग सेन्टर के स्वाति कश्यप के नेतृत्व में 40 लोगों ने 2 मिटन सत्याग्रह किये। संजू कुमारी,सोनी कुमारी, किसलय कुमार,रागिनी कुमारी, छवि मित्रा, नेहा कुमारी, रंजन कुमार, शिवानी सिन्हा, पूनम कुमारी, दौलत कुमार, नाजिया खातून,साक्षी गोपाल आदि ने सत्याग्रह किये। 




आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : सीधे सादे लोगों के द्वारा प्रेषित सादा कागज पर के आवेदनों को तवज्जों नहीं देते कार्यालय

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नालंदा। अपनी समस्याओं को खुद ही निपटाने के मूड में हैं, अपना बिहार के लोग। नालंदा जिले से सबसे पहले पहल की गयी है। और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र शुरू कर दिया गया है। नालंदा जिले के जिला समन्वयक चन्द्रेशखर बताते हैं कि इस जिले के एकंगर सराय और हिलसा प्रखंड के अधिकारी सीधे सादे लोगों के द्वारा प्रेषित सादा कागज पर के आवेदनों को तवज्जों नहीं देकर रद्दी की टोकरी में फेंक देते हैं। अगर यह सच है कि तो जरूर ही गंभीर बात है। इस ओर प्रशासन की ओर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। 

 पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के जिला समन्वयक चन्द्रशेखर ने कहा कि नालंदा जिले के एकंगर सराय और हिलसा प्रखंड में कार्य किया जाता है। दोनों प्रखंडों से आवासीय भूमिहीनों के हजारों की संख्या में आवेदन पेश किया गया है। जो अंचल कार्यालय के द्वारा आवेदनों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कभी कर्मचारी तो कभी अमीन नहीं रहने की बात कह कर टहला दिया जाता है। 

जिला समन्व्यक चन्द्रेशखर ने कहा कि ग्रामीण अंचल के द्वारा प्रेषित आवेदनों को मजबूती प्रदान करने के लिए गांव-गांव में बने भूमि अधिकार मोर्चा और ग्राम ईकाई गांव स्तरीय मुहर बनायी गयी है। इस तरह के नयापन इनोवेशन कार्य करने से लोगों के द्वारा प्रयास करने पर ताकत प्राप्त होगा। अपने आवेदनों पर मुहर लगाकर कार्यालय में पेश करेंगे। इस तरह के प्रस्ताव आने पर लोगों ने सहर्ष स्वीकार किया गया है। 

 कार्यकर्ता मंजू देवी ने कहा कि धनहर पंचायत के धनहर गांव में वासभूमि संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बबीता रानी है। यहां पर मुहर बनायी गयी है। मोर्चा का नाम, पंचायत का नाम, सचिव और अध्यक्ष उल्लेखीत है। जमुवामा पंचायत के लतातक बीघा के अध्यक्ष राजेश कुमार है। अब इन्हीं लोगों के नाम और हस्ताक्षर से आवेदनों को कार्यालयों में प्रेषित किया जाएगा। 

 अब देखना है कि जिन 4 गांवों में भूमि अधिकार मोर्चा की मुहर बनायी गयी है। उस गांव के द्वारा प्रेषित आवेदनों का क्या परिणाम सामने आ रहा है। यह अपने आप में नयापन कृत्य हैं। 




आलोक कुमार
बिहार 

बिहार के प्रथम महाधर्माध्यक्ष नहीं रहे

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B J Osta
पटना। बिहार के प्रथम महाधर्माध्यक्ष बी.जे.ओस्ता नहीं रहे। उनका निधन गुरूवार को स्थानीय कुर्जी होली फैमिली अस्पताल में हो गया। सुबह 5 बजे अंतिम सांस लिये। कुर्जी चर्च में शनिवार 1 फरवरी को 2 बजे से धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया जाएगा। अनुष्ठान समाप्त होने के बाद पार्थिव शव को एक्सटीटीआई,दीघा में स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया जाएगा।

उस समय की बात है जब पटना धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पद पर अंग्रेजों का कब्जा था। इस पद पर कई दशक तक अंग्रेज अगस्टीन विल्डरमूथ, येसु समाजी काबिज रहें। रोम में रहने वाले पोप धर्माध्यक्ष की खोज करने लगे। कारण कि अंग्रेज धर्माध्यक्ष बुजुर्ग हो गये थे। बिहार में धरती के लाल की खोज होने लगी। उस समय सशक्त दावेदार बीजे ओस्ता और जेबी ठाकुर थे। तब रोम के पोप ने पटना धर्माप्रांत को विभक्त कर मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत बना दिया। इस तरह पटना धर्मप्रांत के बीजे ओस्ता और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के जेबी ठाकुर को धर्माध्यक्ष बनाया गया।

इसके बाद पटना धर्मप्रांत को विभक्तकर बक्सर धर्मप्रांत और मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत को विभक्त करके बेतिया धर्मप्रांत बना दिया गया। कुछ और धर्मप्रांतों को मिलाकर पटना धर्मप्रांत को पटना महाधर्मप्रांत बना दिया गया। पटना महाधर्मप्रांत के प्रथम महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बीजे ओस्ता को बना दिया गया। इस तरह साधारण पुरोहित के बाद एक्सटीटीआई के नोविंश मास्टर से महाधर्माध्यक्ष पद को सुशोभित करने का गौरव प्राप्त किये।

बिहार प्रदेश कांग्रेज अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संयोजक सिसिल साह ने कहा कि महाधर्माध्यक्ष बीजे ओस्ता हिन्दी भाषी क्षेत्र के जाने-माने धर्माध्यक्षों में एक थे। हिन्दी के प्रखर ज्ञाता थे। मधुरवाणी और प्रभावशाली वक्ता थे। महिला शिक्षा को अहमियत देने वाले महाधर्माध्यक्ष थे। पश्चिम चम्पारण के बेतिया के रहने वाले थे।

आलेख : काजल की कोठरी में केजरीवाल...!!

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arvind kejriwal
बीवी का मारा बेचारा किसी से अपनी दुर्दशा कह नहीं सकता। इसी तरह सत्ता को कोस कर सत्ता पाने वाला भी यह कहने की हालत में नहीं रहता कि सब कुछ इतना आसान नहीं है। व्यवहारिक जिंदगी में कई बार एेसा होता है कि हमें बाहर से जो चीज जैसी दिखाई देती है, वह वस्तुतः वैसी होती नहीं। खरी बात यह कि सत्ता हो या राजनीति बाहर रहते हुए निंदा - आलोचना करना जितना आसान है, इसमें उतर कर सही मायने में कुछ करके दिखा पाना उतना ही कठिन। यही वजह है कि 70 के दशक में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई जनता पार्टी का इतिहास हो या 80 के दशक के मध्य में लोगों में उम्मीद बन कर उभरे राजा विश्वनाथ प्रताप सिहं। सत्ता मिलने के बाद सभी जन आकांक्षाओं को पूरा करने में बुरी तरह से नाकाम ही रहे। राजनीति की डगर कितनी कठिन  है इस बात का भान मुझे अपने युवावस्था के शुरूआती दिनों में ही हो गया था। जब स्थापित राजनेताओं व राजनैतिक दलों की मनमानी और  गलत कार्यों से नाराज होकर बगैर पृष्ठभूमि व तैयारी के ही मैं कारपोरेशन चुनाव में उम्मीदवार बन गया। चुनावी मौसम में ऐसे मौकों की तलाश में रहने वालों ने मुझे चने की पेड़ पर चढ़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रहने दी। बहरहाल इससे मेरा उत्साह जरूर बढ़ा। कोई स्थापित राजनैतिक दल तो मुझे टिकट देने वाला था  नहीं , लिहाजा मैने एक विकासशील पार्टी से संपर्क किया। उस दल के गिने - चुने नेताओं के लिए तो यह बिल्ली के भाग्य से छींका टूटने जैसा ही  था। उन्होंने मेरा स्वागत करते हुए हर्षित प्रतिक्रिया दी... आप जैसों का हमारे दल में आना शुभ है, आप को यह फैसला पहले ही लेना चाहिए था। बहरहाल हम आपको टिकट देंगे। 

फिर शुरू हुआ  मुसीबतों का दौर। पेशेवर राजनेता उम्मीदवारों के दबाव में समय के साथ  हमारे एक - एक कर साथी कम होते गए। कुछ ने गुप्त तरीके से तो कुछ ने खुल कर उनके साथ सौदेबाजी भी कर डाली। न घर का न घाट का .. जैसी हालत तो मेरी थी। वह मेरी  बेरोजगारी का दौर था। लिहाजा परिजनों ने हमारी इस नादानी पर छाती पीटना शुरू कर दिया। जिसे अपना शुभचिंतक समझते थे, उन्होंने भी हमें कोसते हुए मदद से हाथ खड़े कर दिए। यह और बात है कि उम्मीदवार बनने से पहले तक वे हमें पूरा साथ देने का आश्वासन दे रहे थे। उलाहना मुफ्त में दिया कि चुनाव लड़ कर कोई जीत तो जाओगे नहीं , क्यों फिजूल में इस झमेले में पड़े। जिस पार्टी ने हमें टिकट दिया था उसने भी यह कहते हुए आर्थिक मदद करने से इन्कार कर दिया कि चुनाव प्रचार को तमाम सेलीब्रिटीज आ रही है, उन पर होने वाला खर्च संभालना ही मुश्किल है। तुम्हारी मदद क्या की जाए। चुनाव नजदीक आने तक हमारी छोटी सी जेब खाली हो गई, तो अपने जैसे कुछ उम्मीदवारों को साथ लेकर हम आर्थिक सहायता मांगने निकल पड़े। जनता के बीच जाने पर उलाहना व तानों के सिवा क्या मिलना था, सोचा कुछ गिने - चुने सक्षम लोगों के सामने ही बात रखी जाए। 

लेकिन वहां भी घोर निराशा हाथ लगी। पेशेवर औऱ धंधेबाज राजनेताओं के लिए अपनी तिजोरी खोल देने वाले धनकुबेरों ने भी हमें सहायता के नाम पर तानों के साथ जो राशि दी, उससे कई गुना ज्यादा वे मोह्ल्लों में आयोजित होने वाले मेला और  पूजा समारोहों में देते थे।  आखिरी दौर में भी हमने देखा कि सामान्य दिनों में जिन नेताओं को लोग गालियां देते थे, चुनावी मौसम में उन्हीं के आगे - पीछे घूमते हुए उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे। दूसरी ओर मैं  अनचाहे कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा था। मेरी हालत चक्रव्यूह में फंसे अभिमन्यु जैसी हो गई थी। इंतजार था तो बस चुनाव  खत्म होने का। चुनाव परिणाम घोषित होते ही धंधेबाज नेताओं के समर्थन में की जा रही हर्ष ध्वनि और  निकाले जा रहे जुलूस के शोर - शराबे  के बीच मैं लगभग वैसे ही भागा, जैसे पिंजरे से छूटने के बाद पक्षी आकाश की ओर उड़ान भरता है। इसलिए अरविंद केजरीवाल की हालत में अच्छी तरह समझ सकता हूं। उन्हें मेरी शुभकामनाएं



तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (31 जनवरी )

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बहुगुणा का उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
  • राज्यपाल ने किया इस्तीफा स्वीकार, बहुगुणा नए नेता के चुनाव तक बने रहेंगे कार्यवाहक मुख्यमंत्री
  • नए मुख्यमंत्री की शपथ शनिवार को!

vijay bahuguna resignation
देहरादून, 31 जनवरी। लंबी ऊहापोह के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपने पद से त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया। मुख्यमंत्री के साथ उनके सभी निकट सहयोगी अंतिम समय में भी शक्ति प्रदर्शन करते हुए राजभवन तक गए, जहां मुख्यमंत्री ने राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी को अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा सौंपने के बाद वापस लौटते हुए मीडिया से बातचीत में बहुगुणा ने कहा कि कल (शनिवार) को नए मुख्यमंत्री को पद की शपथ दिलाई जाएगी। उन्होेंने राज्य के भावी मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं भी दीं। बीते दिनों से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कयासबाजी तेज होने लगी थी, बीते दिन स्पष्ट हो गया कि अब मुख्यमंत्री पद से बहुगुणा की विदाई तय हो गई है। बीते रोज ही सभी समाचार माध्यमों से बहुगुणा के इस्तीफे की चर्चा आम हो गई थी। शाम बीतते-बीतते यह खबर पुष्ट हो गई कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को दोपहर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपकर आलाकमान की इच्छा के अनुसार दिल्ली रवाना हो जाएंगे। शुक्रवार सुबह से ही बहुगुणा खासे व्यस्त दिखे, लंबित फाइलों पर उन्होंने त्वरित निर्णय लिया। इस बीच उनके समर्थक विधायक और पार्टी पदाधिकारी मुख्यमंत्री आवास में जमा होते गए। मीडिया भी सुबह से इस खबर की पुष्टि के लिए मुख्यमंत्री आवास पर डटा रहा। यह भी पता लगा कि बहुगुणा ने जाते-जाते अपने खास समर्थकों को दायित्व देने में कोई कंजूसी नहीं बरती। बीते रोज छह लोगों को दायित्व से उपकृत करने के बाद आज भी बहुगुणा ने विजय सारस्वत, धीरेन्द्र प्रताप, संजय पालीवाल सहित कई के दायित्व की फाइल पर अपनी मंजूरी दी। मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आलाकमान के निर्देश पर वे राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होेंने कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों से अपील भी की कि वे शनिवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव आलाकमान की मंशा के अनुरूप सर्वसम्मति से करें। उन्होंने आलाकमान का आभार भी जताया कि उन्हे उत्तराखण्ड जैसे राज्य में सेवा का अवसर प्रदान किया गया। शुक्रवार को लगभग डेढ़ बजे मुख्यमंत्री आवास से लगभग सौ मीटर की दूरी पर स्थित राजभवन में उन्होंने गाड़ियों में समर्थकों के काफिले के साथ प्रवेश किया और सीधे राज्यपाल को इस्तीफा देने चले गए। करीब पन्द्रह मिनट वे राज्यपाल के साथ राजभवन में रहे और उसके बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में मुख्यमंत्री आवास में दिए बयान को ही दोहराया। बहुगुणा, राजभवन 1000 नम्बर की सरकारी गाड़ी में बैठकर आए और वहां से 2000 नम्बर की निजी कार में बैठकर लौट गए। इसे भी संयोग ही कहा जाएगा कि विजय बहुगुणा ने दो वर्ष पूर्व 13 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 31 जनवरी को इस्तीफा दिया। अंकों का खेल यहां भी लगभग एक जैसा ही रहा। मुख्यमंत्री के निजी गाड़ी में बैठने के बाद राज्यपाल किसी तरह भीड़ को चीरकर उनके पास विदाई देने पहुंचे, लेकिन बहुगुणा गाड़ी में बैठे रहे और राज्यपाल खड़े होकर उनको विदा कर रहे थे। बहुगुणा के इस व्यवहार पर लोगों में खासी चर्चा रही कि जब एक बुजुर्ग राज्यपाल उन्हें गाड़ी तक विदा करने आए तो उन्हें कम से कम गाड़ी का दरवाजा खोल राज्यपाल के सम्मान में गाड़ी से बाहर उतरे होकर मीडिया से बातचीत में राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद से बहुगुणा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नए मुख्यमंत्री के चयन तक उन्हें कार्यवाहक रूप से इस पद को संभालने के लिए कहा है। इस दौरान बहुगुणा के साथ काबिना मंत्री यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, प्रीतम सिंह, विधायक सुबोध उनियाल, विजयपाल सजवाण, उमेश शर्मा काऊ, राजकुमार के साथ संजय पालीवाल, सूर्यकांत धस्माना सहित बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे। 

नए सीएम पर दबाव की राजनीति 

देहरादून, 31 जनवरी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने जाते-जाते भी आने वाले मुख्यमंत्री के लिए दबाव की रणनीति बनाकर छोड़ी। बीते कुछ दिनों से ताबड़तोड़ दायित्वधारियों के एलान ने नए मुख्यमंत्री के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी, जबकि संवैधानिक दायित्व के पदों को छोड़कर अन्य पद मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। बहुगुणा का जाते-जाते यह फैसला नए मुख्यमंत्री को बहुत कुछ सोचने पर विवश कर देगा। 13 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर राज्य की बागडोर संभालने वाले बहुगुणा के आते ही हरीश रावत समर्थक गुट ने जिस तरह दबाव की राजनीति बनाई थी, तभी लगने लगा था कि बहुगुणा के लिए आने वाला समय आसान नहीं रहेगा। हरीश खेमे की नाराजगी के साथ शुरू हुआ बहुगुणा का सफर लगातार हिचकौले खाता रहा। सरकार में शामिल सभी गुटों को संतुष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री के पास लाल बत्ती बांटने के अलावा कोई चारा नहीं था। हरीश गुट के मयूख महर को योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर बहुगुणा ने संतुलन साधने की जो कोशिश की वह सिरे नहीं चढ़ सकी। मयूख ने आज तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण ही नहीं किया। इसके बाद से ही बहुगुणा पर लालबत्ती बांटने का भारी दबाव रहा है, जिसको बहुगुणा ने सिरे नहीं चढ़ने दिया। जब भी सरकार में शामिल गुटों द्वारा दबाव की राजनीति की गई, तो बहुगुणा ने इक्का दुक्का पद बांटकर विरोध पर पानी डालने का प्रयास किया, मगर बहुगुणा के जाने की चर्चा तेज होने के बाद जिस तरह विभिन्न पदों पर आनन-फानन पदों की रेवड़ियां बांटी गईं वह नए मुख्यमंत्री के लिए दबाव की ही राजनीति अधिक कहलाई। बीते चार दिनों में बहुगुणा ने लगभग 25 पदों पर अपने समर्थकों का मनोनयन कर दिया। यहां यह स्पष्ट करना है कि संवैधानिक पदों को छोड़कर शेष पद मुख्यमंत्री के रहने तक ही बने रहते हैंं। अब जबकि शनिवार को नए मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण करनी है तो इस्तीपफे वाले दिन भी पदों की घोषणा करना समझ से परे है। 

14 साल और 8 मुख्यमंत्री 

देहरादून, 31 जनवरी। शनिवार को उत्तराखण्ड के आठवें मुख्यमंत्री की शपथ होगी। 14 साल का इतिहास और आठ मुख्यमंत्री। देश के नवोदित राज्यों में शुमार उत्तराखण्ड धीरे-धीरे ऐसे राज्यों की श्रेणी में आता जा रहा है जो राजनीतिक रूप से अस्थिर हैं। 9 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए तीन नए राज्यों में उत्तराखण्ड भी शामिल रहा। उत्तर प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए इस राज्य को भारतीय जनता पार्टी की अंतरिम सरकार के रूप में पहली सरकार मिली। तब वरिष्ठ एवं वयोवृद्ध नित्यानंद स्वामी को कमान सौंपी गई, किन्तु पहले ही दिन से स्वामी को अपनी ही पार्टी के दिग्गजों के विरोध का सामना करना पड़ा और राज्य के पहले निर्वाचन से लगभग चार माह पहले ही कोश्यारी को नए मुख्यमंत्री के रूप में दायित्व दिया गया। मुख्यमंत्री को बदलने का असर यह हुआ कि राज्य बनाने का श्रेय लेने वाली भाजपा चुनाव हार गई और देश के वरिष्ठतम राजनीतिक नारायण दत्त तिवारी के रूप में सरकार को कांग्रेसी मुख्यमंत्री मिला। तिवारी के पांच साल राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हुए, किन्तु उन्हें भी संगठन के विरोध का लगातार सामना करना पड़ा। यह और बात है कि उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। राज्य के दूसरे निर्वाचन में भाजपा की सरकार बनी और केंद्र में भूतल परिवहन मंत्री के रूप में अपनी छाप छोड़ चुके मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूड़ी को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया। सवा दो साल के बाद अपने ही दल के नेताओं के विरोध् के चलते उन्हें भी इस पद से जाना पड़ा। इसके बाद खण्डूड़ी की सहमति से ही आलाकमान ने डा. रमेश पोखरियाल निशंक को सूबे की कमान सौंपी। सवा दो साल बाद फिर वक्त ने करवट बदली और विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व ही फिर से खण्डूड़ी को कमान सौंपी गई। भाजपा शासनकाल का इतिहास एक बार फिर से अपने को दोहरा रहा है। माना यह जाता था कि कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्रियों को बदलने की परंपरा नहीं थी, किन्तु लगातार बढ़ते असंतोष व आगामी लोकसभा चुनाव में हारने की संभावना को देखते हुए कांग्रेस ने भी बहुगुणा को इस्तीफा देने को कह ही दिया। अब शनिवार को चौदह साल पुराने इस राज्य में आठवां मुख्यमंत्री शपथ लेगा। अब तक हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि अन्य पहाड़ी राज्यों जैसे यहां भी एक बार कांग्रेस की व एक बार भाजपा की सरकार को जनता मौका देती है, किन्तु 2012 में हुए चुनाव में जनता ने किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया। कांग्रेस को 32 व भाजपा को 31 सीटें देकर निर्दलीयों को भाव बढ़ाने का मौका दे दिया। बहुगुणा ने भाजपा के एक विधायक को अपने लिए सीट खाली करने को राजी कर संख्याबल में जहां एक का इजाफा किया, वहीं भाजपा की एक सीट घटा दी। अब आने वाले मुख्यमंत्री को भी छह माह के भीतर चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने की चुनौती है। देश की अस्थिर राजनीतिक परिस्थिति से यह राज्य भी अछूता नहीं बचा है। 

प्रदेश अध्यक्ष की रस्साकसी

देहरादून, 31 जनवरी। आलाकमान के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री पद से बहुगुणा ने भले ही इस्तीफा दे दिया हो, किन्तु अपने समर्थक को मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम नहीं छोड़ी है। राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री अपने सहयोगी काबिना मंत्रियों और विधायकों के साथ दिल्ली कूच कर गए हैं। इसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अपने आदमी की दावेदारी के रूप में भी देखा जा रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखकर राज्य में मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का चयन भी होना है। ऐसे मंे अगर हरीश रावत गुट के हाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी लगती है तो प्रदेश अध्यक्ष पद पर बहुगुणा अपने आदमी की ताजपोशी करने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली के सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री पद पर हरीश रावत की ताजपोशी तय है। हरीश रावत कुमाऊं के ठाकुर हैं, ऐसे में अध्यक्ष पद पर गढ़वाल से ब्राहम्ण का आना तय है। दिल्ली में अध्यक्ष पद पर राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व काबिना मंत्री नवप्रभात व पूर्व राज्य मंत्री किशोर उपाध्याय का नाम चर्चा में है। प्रकाश जोशी कुमाऊं मण्डल से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में उनका दावा कमजोर हो जाता है। किशोर व नवप्रभात गढ़वाल से हैं। किशोर हरीश गुट से ही ताल्लुक रखते हैं और यह गुट सरकार व संगठन के तालमेल को आगे रख अपने गुट के ही व्यक्ति को अध्यक्ष पद पर आसीन कराने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। नवप्रभात पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के खास रिश्तेदार भी हैं, किन्तु बहुगुणा ने अपनी सरकार में उन्हें उपेक्षित किया हुआ था। 

बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर को किया गोलिया से छलनी कर मौत के घाट उतारा

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बदमाशों ने दिन दहाड़े राजधानी देहरादून के रायपुर के आनंदग्राम क्षेत्र प्रॉपटी डीलर संजय को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया। घटना को शुक्रवार की सुबह लगभग पौने दस बजे अंजाम दिया गया। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार संजय दिल्ली के वजीराबाद का रहने वाला है और देहरादून में ससुरालियों के साथ रहता था। संजय आंनदग्राम में ससुरालियों द्वारा दी गई जमीन पर घर बनवा रहा था। शुक्रवार को सुबह घर बनवा रहा था तभी बदमाश आए और उस पर गोलियों से वार कर दिया। जिससे मौके पर ही संजय की मौत हो गई। संजय के परिवार से जब इस बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि संजय की शादी को दो साल हुए हैं और उसकी तीन दिन की बेटी भी है। मृतक की पत्नी ने बताया कि संजय कुछ दिन से परेशान चल रहा था। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस का अनुमान है कि लगभग तीन बदमाश थे और मौक पर पैदल आए थे। बदमाशों ने पिस्तॉल से संजय पर हमला किया। बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरे शहर में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। एसपी सिटी व एसएसपी ने छानबीन तेज करने के निर्देश दिए हैं।

सरकारी अस्तालों में बंद होगी लोकल परचेज की व्यवस्था

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। प्रदेश में मुक्त औषधि योजना  के तहत अब सरकारी अस्पताल में डाक्टर मरीजों को बाहर से मनमर्जी की कोई भी ब्रांडेड दवाई नही लिख पायेंगे। डाक्टरों को वही दवाई मरीजों के पर्चे पर वही दवाई लिखनी होगी जो उस समय जेनेरिक में उपलब्ध है। यह योजना अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इस योजना को शुरू करने का उददेश्य      बीपीएल और वीआईपी मरीजों को फ्री दवाईयां दी जानी है। 
लोकल परचेज के चलते डाक्टर अपनी मनमर्जी की ब्रांडेड दवाई मरीजों के पर्चे पर लिख देते है। जिसे मरीजों को मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ती है। बीआईपी के साथ-साथ बीपीएल, आंदोलनकारियों और पत्रकारों को भी लोकल परचेज व्यवस्था के तहत बाहर से दवाई खरीदनी पड़ती हैं। लेकिन सरकार ने लोकल परचेज पर अंकुश लगाने के लिए अप्रैल से यह व्यवस्था बंद करने जा रही है। जिससे कोई भी सरकारी डाक्टर मरीजों को बाहर से दवाई नही लिख पायेंगे। डाक्टरों को वही दवाई लिखनी होगी जो अस्पताल में उस समय उपलब्ध है।

हजारों की अंग्रेजी शराब सहित दो दबोचे 

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। कार में शराब ढो रहे शराब तस्करों को विकासनगर पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ लिया। वाहन तलाशी में जो अंग्रेजी शराब बरामद हुई, पुलिस पूछताछ में पकड़े गए तस्करों का कहना कि हिमाचल प्रदेश से तस्करी कर लाई जा रही थी। पुलिस ने पकड़े गए युवकों के खिलाफ आबकारी अध्निियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दारोगा राजेन्द्र कुमार के अनुसार मौहम्मद अली पुत्र अजी अली तथा रईस पुत्र अख्तर निवासीगण फतेहपुर सहारनपुर को शराब तस्करी में पकड़ा गया है। दरअसल पुलिस ढकरानी के समीप वाहन चेकिंग कर रही थी। इस दौरान हिमाचल की ओर से आती कार संख्या एचआर02एन-6253 के चालक को चेकिंग के लिए रूकवाया गया। कार में सवार चालक और उसके साथ बैठे दूसरे युवक को उतारकर वाहन की तलाशी ली गई तो वाहन की पिछली सीट पर छिपाकर रखी दो पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। हजारों की कीमत की यह शराब हिमाचल प्रदेश से तस्करी कर क्षेत्र में पहुंचाई जा रही थी। 

कर्नल ने कराया बैंक प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा 

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बैंक के लॉकर में रखे गहने गायब होने पर कर्नल ने बैंक में हंगामा बरपा दिया। कर्मचारियों सहित शाखा प्रबंधक सभी ने उसे काफी समझाया कि यह संभव ही नहीं कि बिना ग्राहक की अनुमति के कोई लॉकर खोल सके। तो फिर उनके गहने गायब कैसे हो गए। हालांकि कर्नल की ओर से यहां नगर कोतवाली में गांधी रोड स्थित इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। विवेचना अधिकारी दारोगा मंजुल रावत ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उनके अनुसार बैंक से पूछताछ की गई तो पता चला कि लॉकर खोलने के लिए दो चाबियां होती हैं, एक ग्राहक तो दूसरी बैंक के पास होती है। दोनांे चाबियां लगाकर ही लॉकर खोला जा सकता है। बैंक के लॉकर में रखे गहने एक साल पहले रखे गए थे। पौंधा निवासी कर्नल आरके सिंह की ओर से बताया गया कि उन्होंने इलाहाबाद बैंक का लॉकर किराए पर लेकर उसमें सोने के गहने और नगदी रखी थी। बीती 14 जनवरी को बैंक पहुंचे और लॉकर खोला तो उसमें से पांच सोने के नेकलेस, कान की बालियां, व अंगुठी तथा एक मोती का हार गायब मिला। बैंक से पूछे जाने पर गायब जेवर के बारे मंे जानकारी होने पर अनभिज्ञता जताई गई। पुलिस के अनुसार बैंक की ओर से लॉकर किराए पर दिए जाते हैं, जिसमें कि ग्राहक अपने कीमती सामान रखते हैं। इस बैंक के लॉकर को खोलने के लिए दो चाबियों इकट्ठी लगानी पड़ती हैं। एक चाबी से लॉकर खोलना कतई संभव नहीं है। ग्राहक लॉकर में क्या-क्या सामान रखता है, इसकी जानकारी बैंक को दी जाए, यह नियम नहीं है। वहीं कर्नल ने बैंक में कितने जेवर रखे थे, इसकी सूची न तो बैंक के पास है और न ही कर्नल के पास उस समय की सूची है, जब यह गहने लॉकर में रखे गए थे। 

शुगर मिल मालिक के मकान में चोरी 

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। हरिद्वार स्थित शुगर मिल मालिक के कैंट क्षेत्र के मकान में घुसे चोरों ने लाखों की चोरी कर ली। खास बात यह रही कि कमरे में घुसे चोर मजबूत लॉकर ही उखाड़कर ले गए। जिसमें कि नगदी, गहने सहित मिल मालिक के बेटे की लाइसेंसी रिवाल्वर रखी थी। परसों देर रात की इस घटना का पता सुबह घर के केयरटेकर के वहां पहुंचने पर चला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौका मुआयना के साथ ही आसपास के इलाकों में कांबिंग की। घटनास्थल से कुछ दूर जंगल के भीतर एक जगल लॉकर की इलेक्ट्रानिक प्लेट टूटी मिली। पुलिस ने इस प्लेट से हाथ के नमूने एकत्र किए हैं। कैंट पुलिस के अनुसार लक्सर शुगर मिल के मालिक सरदार हरदेव सिंह का यहां पौंध रोड के मकान में कभी कभार आना होता है। इस मकान के कुछ दूरी बने मकान में हरदेव की बुढ़ी मां रहती हैं। बंद मकान की देखरेख के लिए स्थानीय निवासी हीरा नन्द को रखा गया है। गहने, एक लाख रूपए और 32 बोर की लाइसंेसी रिवाल्वर चोरी होना बताया गया। 

बिहार डीजीपी ने राज्य की एसटीएफ के काम को सराहा

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बिहार के कुख्यात एक लाख इनामी बदमाश शंभू सिंह उर्फ संतोष मिश्रा को पकड़ने पर बिहार के डीजीपी ने राज्य की एसटीएफ के कार्य की सराहना करते हुए पचास हजार ईनाम की घोषणा की है। बता दें कि पिछले साल अप्रैल माह में जीएमएस रोड से पकड़ा गया था। जिसमें एसटीएफ की उल्लेखनीय भूमिका रही थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1990 के दशक में बिहार में मुन्ना शुक्ला व प्रकाश शुक्ला गैंग हत्यायें कर रहा था तथा ठेके हथिया रहा था जिससे वे बहुत पैसा कमा रहे थे। वर्ष 1997 में अपराधी शम्भू सिंह, मुन्ना शुक्ला व प्रकाश शुक्ला के गैंग में शामिल हो गया। इसका साथी मंटू सिंह भी इसी के साथ गैंग में शामिल हो गया। वर्श 2000 तक इस गैंग ने दर्जनों हत्यायें की तथा ठेकों से पैसा कमाया। इसी दौरान वर्षे 1998 में मुन्ना  ने बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी। शम्भू सिंह ने इस दौरान हत्याओं में ए0के0 47 राइफलों का इस्तेमाल किया था। 

विधायक ने की विधायक निधी से  4 लाख रू. देने की घोषणा

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। नगर पालिका ऋषिकेश में विकास कार्यों को लेकर सर्वहारा नगर, भरत बिहार, शिवा इन्कलैव में कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा आज कल शहर में विकास कार्य ठप्प हो चुके है। विकास कार्यों को लेकर सभासदांे के साथ बैठक हुई थी जिसकें सभासदों ने मुझे बताया कि हमारे क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा हैे। विधायक ने वार्ड न. 3 में विकास के लिए पार्क की बांउड्री वाल बनाने के लिए विधायक निधी से देने की घोषणा की और एक सड़क निर्माण के लिए विधायक निधी से 4 लाख रू. देने की घोषणा की। विधायक द्वारा दी गई विधायक निधी में होने वाले विकास कार्यों के लिए विधायक का जनता ने धन्यवाद दिया । सभासद विकास तेवतिया ने कहा कि न. पा. अध्यक्ष ईर्ष्या से कार्य कर रहे है उनकी सोच व्यक्तिवादी सोच है। तेवतिया ने विधायक की विधायक निधी से बाउंड्री वाल व सड़क का निर्माण कराने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन सभासद शिवकुमार गौतम ने किया, कार्यक्रम में सभासद मनीष शर्मा, तोजेन्द्र नेगी मनेाज कुमार किशन जितेन्द्र बर्थवाल राजेश कुमार आशीष मिश्रा आदि थे

चीन से आए डेढ़ सौ योग जिज्ञासुओं ने की गंगा आरती

देहरादून, 31 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। पड़ोसी देश चीन से आज 150 से अधिक योग जिज्ञासु परमार्थ निकेतन पहुँचे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात की और परमार्थ गंगातट पर सान्ध्यकालीन गंगा आरती में भाग लिया। दल में चिकित्सक, सम्पादक, पत्रकार, फिल्मकार, आर्टिस्ट एवं शिक्षक आदि मौजूद थे। चीन की राजधानी बीजिंग स्थित ‘योगी योगा फाउंडेशन’ के वाइस प्रेसीडेन्ट  यिन यान के नेतृत्व में डेढ़ सौ योग जिज्ञासुओं का दल दोपहर बाद परमार्थ निकेतन पहुँचा। योग की पुण्यभूमि ऋषिकेश और परमार्थ निकेतन की धरती पर अपने-आपको पाकर दल के सदस्य भावविभोर थे। उन्होंने भारतीय योग विज्ञान, अध्यात्म, गंगा, हिमालय आदि विषयों पर स्वामी जी से कई सवाल पूछे, जिनके उत्तर देकर उनकी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं को शान्त किया गया। चीनी दल के सभी सदस्यों ने सान्ध्यकालीन गंगा आरती में भाग लिया। परमार्थ परिवार ने परिसर में सभी के निवास एवं भोजन की व्यवस्था की।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत और चीन के ऐतिहासिक सम्बन्धों की चर्चा करते हुए भविष्य में दोनों पड़ोसी देशों के अच्छे व सौहार्द्रपूर्ण सम्बन्धों की कामना की। स्वामी जी ने चीनी दल की अगुवाई कर रहे यिन यान को रुद्राक्ष का पौधा भेंटकर सभी योग जिज्ञासुओं का सम्मान किया और उन्हें नए वर्ष की शुभकामनायें दीं। उन्होंने उन्हें गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए गंगा एक्शन परिवार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा चीन की नदियों को निर्मल बनाने एवं हरीतिमा संवर्द्धन के लिए प्रयास करने की प्रेरणा दी। चीनी योग जिज्ञासुओं के भारत भ्रमण कार्यक्रम का समन्वयन कर रहे चीन के प्रख्यात योगाचार्य योगी मोहन भण्डारी ने बताया कि यह दल ऋषियों के देश भारतवर्ष में ऋषि प्रणीत योग विज्ञान के मर्म सीखने आया हुआ है। योग की धरती ऋषिकेश और योग विज्ञान का प्रसार वैश्विक स्तर पर करने वाले परमार्थ निकेतन आश्रम को देखने और गंगाजी का संस्पर्श करके भारतीय अध्यात्म को जानने की उनकी इच्छा का समादर करते हुए उन्हें यहाँ लाया गया है।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (31 जनवरी )

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मेरे इस्तीफे की खबर  विरोधियों की साजिश

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शिमला, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की सचिव एवं बनीखेत की विधायक आशा कुमारी ने देर शाम अपने इस्तीफे की खबरों को खारिज कर दिया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की ओर से बाकायदा उनका पत्र मिडिया को जारी किया गया। जिसमें उन्होंने कहा है कि  कि एक साजिश के तहत उनके विरोधी ऐसी खबरों को प्रचारित करवा रहे हैं।  लेकिन कांग्रेस के ही सूत्र बता रहे हैं कि वीरभद्र सिंह व आशा कुमारी के बीच आपसी समझौता हो रहा है । उसी के लिये आशा कुमारी के हवाले से ब्यान दिया गया है। पूर्व शिक्षा मंत्री आशा कुमारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को वह पिछले 30 वर्षों से अपने पिता समान मानती आ रही हैं। राजनीति में उन्होंने वीरभद्र सिंह से काफी अनुभव हासिल किया है। उनके इस्तीफे की जो अफवाहें मीडिया में फैलाई गई हैं, वे महज उनके राजनीतिक विरोधियों की चालमात्र है। जो ये नहीं चाहते हैं कि उनके व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के मध्य मधुर संबंध बने रहें। उन्होंने ऐसी अटकलों का खंडन करते हुए कहा है कि उन्हें राजनीतिक तौर पर कमजोर करने का यह प्रयास है, जिसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए वह हमेशा से तत्पर रही हैं और आगे भी रहेंगी। वह चट्टान की तरह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ खड़ी रहती आई हैं। वीरभद्र सिंह प्रदेश के सर्वमान्य नेता हैं, जिनके साथ उन्होंने 30 वर्षों तक लंबी राजनीतिक पारी खेली है। उनके खिलाफ वह बोलने की कभी सोच भी नहीं सकती हैं, विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की बात तो दूर रही। उधर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने भी ऐसी खबरों का खंडन किया है। विधानसभा के सचिव ने स्पष्ट किया है कि आशा कुमारी ने न तो इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा है, न ही सचिवालय के किसी अधिकारी यह प्राप्त हुआ है।

दिल्ली में गरमाई सियासत, विपक्ष उठाएगा फायदा
इस्तीफा प्रकरण को लेकर दिल्ली में सियासत दिनभर गर्म रही। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसी संदर्भ में प्रदेश पार्टी मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी से बातचीत की और इससे पहले विधायक आशा कुमारी से भी दूरभाष पर इस संदर्भ में बातचीत की। इस सबके बीच भाजपा के हाथ बजट सत्र से पहले एक गरमागर्म मुद्दा लग गया है।

86 बागियों की घर वापसी का मामला लटक गया 

शिमला, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी सियासत सुलगने से निलंबित 86 बागियों की घर वापसी का मामला लटक गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में प्रदेश पार्टी मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी के साथ इस मसले पर चर्चा तो हुई है, मगर आम सहमति नहीं बन सकी है। जाहिर है हमीरपुर, शिमला और कांगड़ा के टिकट विवाद के चलते  घर वापसी को लेकर उत्साहित निलंबित नेताओं के लिए मध्य फरवरी तक कोई भी प्रगति होती नहीं दिख रही है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक निलंबित नेताओं के मामले में भी वरिष्ठ नेताओं व संगठन के बीच अलग-अलग राग हैं। बता दें कि विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में जिन नेताओं को निलंबित किया गया था, उनके मसले पर 29 जनवरी को फैसला लिया जाना था। निलंबित कई नेताओं में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास समर्थक भी शामिल हैं। इनमें कुल्लू, मंडी के नेता विशेष तौर पर इस प्रयास में जुटे हैं कि उन्हें वापस लिया जाए। पार्टी द्वारा आयोजित संसदीय क्षेत्रों की बैठकों में मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि गुण-दोष के आधार पर निलंबित नेताओं की वापसी जायज होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आयाराम-गयाराम को लेकर गंभीरता बरतनी आवश्यक है। मंडी से हट कर कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, किन्नौर, चंबा और सोलन से भी कई वरिष्ठ नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर कर दिए गए थे। अब पार्टी के ही वरिष्ठ नेता इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि लोकसभा चुनावों में ऐसे एक-एक नेता की जरूरत रहेगी, जो अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा जनाधार रखते हैं। हालांकि इस मसले पर अभी भी पार्टी संगठन में एक राय नहीं दिख रही है। बावजूद इसके अब बढ़ते दबाव के कारण कुछ नेताओं को पार्टी में रिएंट्री देने की जो मुहिम चल रही थी, टिकट की जंग में वह उलझ कर रह गई है

14 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली 

शिमला, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । केंद्र द्वारा सबसिडी पर दिए जाने वाले सिलेंडरों की संख्या 9 से 12 किए जाने से हिमाचल के करीब 14 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली है। प्रदेश में वर्तमान में 13 लाख 84 हजार 693 उपभोक्ता हैं और इनकी संख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। दो सिलेंडरों वाले उपभोक्ताओं की संख्या सात लाख एक हजार 945 तथा एक सिलेंडर वाले उपभोक्ताओं की संख्या छह लाख 82 हजार 748 है। वर्तमान में प्रत्येक घरेलू सिलेंडर की कीमत 1351 रुपए 50 पैसे है, जिस पर 840 रुपए50 पैसे की सबसिडी दी जाती है। आधार कार्ड नंबर तथा बैंक खातों में आने वाली सबसिडी को लेकर कई इलाकों में अब भी दुविधा बनी हुई थी, जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी। चूंकि अब सिलेंडर पर सबसिडी पहले की तरह ही मिलेगी। इस सुधार और सिलेंडरों की संख्या को बढ़ाने से एक तरफ जहां लोगों में खुशी है, वहीं दूसरी तरफ अपना साल भर का बजट बनाते समय जेब थोड़ी भारी रहने की भी संभावना है।

मेरी सफाई पर पार्टी को भरोसा है, वीरभद्र 

शिमला, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले में कानून के अपना काम करने संबंधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की राय से उन्हें किसी तरह की सियासी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनका कहना है कि भाजपा नेता अरुण जेटली और प्रेम कुमार धूमल के लगाए गए आरोपों पर उनके जवाबों के बाद पार्टी हाईकमान ने उनसे कुछ नहीं कहा है और उनकी सफाई पर पार्टी को भरोसा है। वीरभद्र ने कारोबारी चंद्रशेखर की कंपनी से नकद लेन-देन को रिश्वत बताने के आरोपों को लेकर राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली पर ही जवाबी आरोप ठोक दिया। उन्होंने कहा कि दरअसल धूमल और उनके सांसद बेटे अनुराग ठाकुर के साथ जेटली के कुछ कारोबारी हित और रिश्ते हैं। इसलिए धूमल परिवार के साथ जेटली को छोड़ कोई भाजपा नेता उन पर आरोप नहीं लगा रहा है।पार्टी हाईकमान के साथ चुनाव समेत तमाम सियासी मसलों पर सलाह के लिए दिल्ली आए वीरभद्र सिंह ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से स्प्ष्ट कहा है कि कारोबारी चंद्रशेखर से जुड़े कथित रिश्वत के जेटली और धूमल के दावे को लेकर उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे को वह पूरी ताकत से बढ़ाएंगे। वीरभद्र ने कहा कि चंद्रशेखर से ली गई रकम कर्ज है और इस रकम को उनके आयकर रिटर्न में दिखाया गया है। इस रकम को वे ब्याज समेत उन्हें वापस भी करेंगे। एक चैनल पर साक्षात्कार में उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर राहुल ने कहा था कि चाहे वीरभद्र सिंह हों, अशोक चव्हाण या शीला दीक्षित, कानून अपना काम करेगा। मगर इस टिप्पणी को अपने खिलाफ मानने से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें कुछ भी उनके खिलाफ नहीं है क्योंकि राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की स्वाभाविक प्रक्रिया से समझौता नहीं करने की बात कही है और वे खुद इससे सहमत हैं। चंद्रशेखर मामले में अपनी सफाई देते हुए वीरभद्र ने कहा कि धूमल सरकार को पूर्व में भी उन्होंने अपने खिलाफ लोकायुक्त से जांच कराने की चुनौती दी थी, मगर इसको कबूल करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

मुख्यमंत्री द्वारा सरकार और मीडिया के बीच संबंध, और प्रगाढ़ करने की आवष्यकता पर बल

शिमला, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सरकार व मीडिया के संबंधों को और प्रगाढ़ किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है तथा कहा कि वर्तमान संचार क्रान्ति के इस युग में ष्कोम्यूनिकेशन गैपष् किसी भी  शासन व प्रशासन के लिए बड़ा घातक होता है । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने सूचना व सम्पर्क तंत्र को और सुदृढ़ बनाने की बड़ी योजना तैयार की है जिसके तहत सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा ।मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज यहॉं दिल्ली में हिमाचल मूल के दिल्ली में कार्यरत पत्रकारों से एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान दी । ये पत्रकार शिष्टाचार के नाते मुख्यमंत्री से उनके दिल्ली स्थित कैम्प आफिस में मिलने आए हुए थे । हिमाचल प्रदेश में विद्यमान अद्भुत सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर और रोमांचित कर देने वाले प्राकृतिक सौंदर्य जैसे विशिष्ट पहलुओं से पत्रकारों को रू-ब-रू कराते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह प्रदेश उद्योगपतियों से लेकर साधु-संतों, विद्वानों, साहित्यकारों तथा प्रकृति-प्रेमियों यानि सभी का पसंदीदा स्थल बना हुआ है । उन्होंने पत्रकारों से हिमाचल भ्रमण पर आकर स्वयं इन अनुभूतियों का एहसास करने का आग्रह किया ताकि मीडिया विशेषकर इलैक्टनिक मीडिया के सशक्त माध्यम द्वारा इस प्रदेश के अनछुए पहलुओं को देश-विदेश के लोगों तक पंहुचाया जा सके । उन्होंने प्रदेश में सभी क्षेत्रों विशेषकर एक वर्ष में हुए अभूतपूर्व विकास और लोगों के कल्याण के लिए आरम्भ की गई अनेक योजनाओं के बारे भी पत्रकारों को अवगत करवाया ।  पत्रकारों के इस समूह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि हरियाणा व अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश सरकार दिल्ली में कार्यरत हिमाचली पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने की सुविधा प्रदान करे ताकि वे प्रदेश हित में राज्य सरकार के साथ बेहतर ताल-मेल स्थापित कर सकें ।  उन्होंने दिल्ली हिमाचल भवन में एक प्रेस रूम स्थापित करने की भी मांग की  मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि इस दिशा में शीघ्र ही कदम उठाए जाएंगे तथा कहा कि सरकार के हिमाचल भवन में स्थापित प्रेस सम्पर्क कार्यालय को और सुदृढ़ बनाया जाएगा तथा व्यवस्था होने तक इस कार्यालय में प्रेस रूम जैसी सुविधा उपलब्ध रहेगी । उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में दिल्ली में कार्यरत हिमाचल मूल के पत्रकारों को  उनसे मिलने के  लिए कोई भी असुविधा नहीं उठानी पड़ेगी । इस अवसर पर सांसद व मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती प्रतिभा सिंह व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्री विक्रमादित्य भी उपस्थित थे ।

संजय ने किया रियायती सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने का स्वागत

ज्वालामुखी, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।  केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा समस्त एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए रियायती सिलेंडरों की संख्या को 9 से बढ़ाकर 12 किये जाने के निर्णय का ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र के इस फैसले से समाज के सभी वर्गों को राहत मिलेगी। संजय रतन ने केन्द्र के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यूपीए सरकार का यह निर्णय लोगों को मंहगाई से राहत प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों के लिए सिलेंडरों की संख्या को बढ़ाने हेतु केन्द्र सरकार के समक्ष जिस जोरदार ढंग से यह मुद्दा उठाया था, उसी के चलते उपभोक्ताओं को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जंगलों पर लकड़ी का दबाव कम होगा और पर्यावरण संरक्षण बना रहेगा। उन्होंने कहा कि विगत में सिलेंडरों की संख्या सीमित किये जाने से उपभोक्ताओं के दिलोदिमाग पर अनावश्यक बोझ था, जो अब हट गया है। पहले निर्धारित छह सिलेंडर के स्थान पर यह संख्या नौ कर दी गई थी, जो छोटे परिवारों के लिए संभवत: ठीक थी परन्तु बड़े परिवारों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। परन्तु नए फैसले से करोड़ों परिवारों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।   गौरतलब है कि इस वर्ष के प्रथम अप्रैल के उपरान्त समस्त उपभोक्ताओं को 12 रियायती सिलेंडर वित्त वर्ष में प्रदान किये जाएंगे। जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान माह फरवरी व मार्च के दौरान एक-एक अतिरिक्त सिलेंण्डर मिलेगा।    

अध्यापक विद्यार्थियों को महापुरूषों की जीवनी पढऩे के लिए प्रेरित करें 

हमीरपुर, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । अध्यापक विद्यार्थियों को महापुरूषों की जीवनी पढऩे के लिए प्रेरित करें ताकि विद्यार्थी उन्हें पढक़र अपने जीवन में उनका अनुसरण कर सकें। यह विचार एपीएमसी के अध्यक्ष प्रेम कौशल ने शीतल मॉडल पब्लिक  पाठशाला पटटा में बार्षिक समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने विद्यार्थियों से आहवान करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रतिस्पर्दा का युग है और बच्चे अपने लक्ष्य को पूर्व में ही निर्धारित कर लें और उसे पाने के लिए उसी प्रकार मेहनत करें। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य संवारने में अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में उनकी प्रतिभा और योग्यता के  अनुसार ही उन्हें विषय पढऩे की आवश्यकता पर बल दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलों तथा स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए। उन्होंने महिला शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि यदि महिला शिक्षित होगी तो परिवार और समाज स्वत: ही शिक्षित होगा। इससे पूर्व स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य रीना शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए स्कूल की वार्षिक गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कौशल ने वार्षिक गतिविधियों उत्कृष्ठ स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया । इस मौके पर  स्कूल प्रबन्धक निदेशक शक्ति शर्मा, केसीसी भूमि विकास बैंक के निदेशक रोशन लाल, ग्राम पंचायत प्रधान सविता मिन्हास, प्रकाश राणा, ध्यान सिंह, आत्म राम, बाल कृष्ण, सीमा कुमारी, अशोक शर्मा, धर्म सिंह, राजेन्द्र मिन्हास, हरी सिंह के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

10 फरवरी को वन उत्पाद की नीलामी

हमीरपुर, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । रेंज कार्यालय अघार तथा नादौन के तहत 10 फरवरी को 11 बजे संबन्धित रेंज अधिकारियों की अध्यक्षता में वन उत्पादों की नीलामी होगी। यह जानकारी वन मण्डलाधिकारी, हमीरपुर अनिल जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि रेंज अघार के तहत टीका नाल्टू में आम की ईंधन योग्य लगभग 40 क्विंटल  लकड़ी, बांस (मगर) 49 अदद, बांस (फगलू) 200 अदद तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, जाहू में लगभग 6 क्विंटल ईंधन योग्य पीपल की लकड़ी  तथा रेंज नादौन के तहत टीका जलाड़ी में सफेदा के 5 मौछे 1.084 क्यूविक मीटर लकड़ी नीलाम की जाएगी। उन्होंने इच्छुक के्रताओं से आग्रह किया है कि स्वेच्छा से दर्शाएं गये स्थानों पर लकड़ी का निरीक्षझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि के्रताओं को बोली से पूर्व 1000 रूपये बतौर बयाना राशि जमा करवानी होगी जो नीलामी उपरान्त लोटा दी जाएगी तथा सफल बोलीदाता के बयाना राशि बोली गई राशि में जोड़ दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सफल बोलीदाता को कर सहित समस्त राशि नियमों के तहत जमा करवानी होगी । अधिक जानकारी के लिये इच्छुक के्रता रेंज कार्यालय अघार/नादौन में सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। 

धूमल के बयान उनकी राजनीतिक हताशा के प्रतीक: प्रेम कौशल

हमीरपुर, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । जिला मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन व राज्य प्रदूषण बोर्ड के सदस्य प्रेम कौशल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा दिए गए बयान को उनकी राजनीतिक हताशा का परिचायक बताया है। आज यहां जारी एक बयान में प्रेम कौशल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक रुतबे और प्रदेश की जनता में उनकी गहरी पकड़ को प्रो. धूमल पचा नहीं पा रहे हैं और ऐसे वक्तव्यों में उनकी कुंठा और हताशा साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि प्रो. धूमल द्वारा ऐसे बयान दिये जाने से साफ पता चलता है कि वह इस बात  से परेशान है कि उनके बेटों व स्वयं उनके द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जो बेवजह आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें प्रदेश की जनता का समर्थन नहीं मिल रहा। प्रेम कौशन ने कहा कि खुद को ईमानदार बताकर पूर्व मुख्यमंत्री अपने मुंह मियां मिठू बनने की कोशिश कर रहे हैं और उस राजनीतिक शख्शीयत पर उंगली उठा रहे हैं जिनके राजनीतिक तजुर्बे और कद के आगे धूमल कहीं नहीं ठहरते।  प्रेम कौशल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रो. धूमल, अरूण जेटली, अनुराग ठाकुर व अरूण धूमल पर माननीय अदालत में मानहानि का अपराधिक मामला दायर किया है और अगर धूमल व उनके बेटों के पास मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत हैं तो वे इन्हें अदालत के सामने रखें। उन्होंने कहा कि मामला चूंकि अब अदालत में जा चुका है इसलिए प्रो. धूमल द्वारा मुख्यमंत्री से जबाव मांगने का कोई तुक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस ने हमीरपुर संसदीय सीट पर खुद को फोकस किया है, उससे धूमल व उनके बेटों के पसीने छूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर आरोपों की बौछार करके धूमल अपने बेटे की सीट नहीं बचा सकते। उन्होंने कहा कि धूमल व अनुराग की कार्यप्रणाली से स्वयं भाजपा का एक तबका नाराज है और जनता का समर्थन भी पूर्व मुख्यमंत्री को नहीं मिल रहा। प्रेम कौशल ने कहा कि इस सीट पर धूमल परिवार अब मोदी के करिश्मे के इंतजार में है लेकिन मोदी का जादू इस सीट पर चलने वाला नहीं है। यह सीट कांग्रेस पार्टी इस बार भाजपा से छीनकर रहेगी। 

लोक नृत्य प्रतियोगिता/उत्सव का आयोजन किया जा रहा

हमीरपुर, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । भाषा एवं संस्कृति  विभाग, हमीरपुर द्वारा  एक फरवरी को 10 बजे सन्तोषी माता मन्दिर, लदरौर में जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता/उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी जिला भाषा अधिकारी , कर्नल नेगी ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के परिरक्षण के साथ-साथ कलाकारों को प्रोत्साहित करने के  दृष्टिगत  इस प्रकार के आयोजन करवाता है। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों में क्षेत्र विशेष का ही लोक नृत्य तथा वेशभूषा , आभूषण आदि पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिये जिला के विभिन्न सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित किया है। 

उद्योग मंत्री आज हरोली में  

ऊना, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री शनिवार एक फरवरी को प्रात: 11 बजे हरोली में ब्लॉक यूथ कांग्रेस द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे और सायं सात बजे ऊना में बूथ प्रभारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह जानकारी हरोली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा ने आज यहां दी। 

कार्यस्थलों पर यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए एक सप्ताह के भीतर कमेटियां गठित करने के निर्देश  

ऊना, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । कार्यस्थलों पर महिला कर्मियों का यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों की अनुपालना व मॉनीटरिंग के लिए आज बचत भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता ऊना के उपायुक्त ने की। बैठक में अम्ब व बंगाणा के एसडीएम, डीएसपी सुरेन्द्र शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी ईरा तंवर सहित जिला के सभी विभागाध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में ईरा तंवर ने बताया कि जिला के 65 कार्यालयों में से 39 कार्यालयों में यौन उत्पीडऩ रोकथाम कमेटियां गठित की जा चुकी हैं जबकि 26 कार्यालयों में अभी तक इन कमेटियों का गठन होना बाकी है। इस पर उपायुक्त ने इन 26 कार्यालयों में एक सप्ताह के भीतर यह कमेटी गठित करने और उसकी सूचना उपायुक्त कार्यालय को देने के निर्देश दिए। बाद में एक अन्य बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बताया कि विपत्ति में महिलाओं व बच्चों हेतु ऊना मुख्यालय सहित जिला के तीनों उपमण्डलों में अस्थाई शैल्टर होम स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने इस बारे उपमण्डल स्तरों पर कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। इस कमेटी के अध्यक्ष सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी (ना) होंगे जबकि उप-पुलिस अधीक्षक, खण्ड चिकित्सा अधिकारी व सम्बन्धित बाल विकास परियोजना अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि जिला में अभी तक कोई बाल/बालिका आश्रम तथा नारी सेवा सदन नहीं है। इसलिए जिला में तीन जगह अस्थाई शैल्टर होम स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक उपमण्डल में चयनित शैल्टर होम के मालिक को दो हजार रूपये वार्षिक की दर से रखरखाव के लिए जाएंगे और जब भी कोई महिला या बच्चा उक्त शैल्टर होम में रखा जाएगा तो 300 रूपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से दिए जाएंगे। 

कोटला कलां में विकास कार्यों का अवलोकन तीन को  

ऊना, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) । कोटला कलां पंचायत के प्रधान बलराम सैनी ने आज यहां बताया कि डीसी ऊना तीन फरवरी को कोटला कलां में विकास कार्यों का अवलोकन और नये बनने वाले रास्तों का भूमिपूजन करेंगे। 

तकनीकी कर्मियों का प्रतिनिधिमण्डल मुकेश अग्रिहोत्री से मिला 

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ऊना, 31 जनवरी ,: सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के तकनीकी कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमण्डल आज यहां हिम लोक सम्पर्क फील्ड स्टाफ एसोसिएशन के जिला प्रभारी सुमन शर्मा की अगुवाई में सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री से मिला और उन्हें तकनीकी कर्मियों की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया। तकनीकी कर्मचारियों का कहना था कि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे तकनीकी कर्मियों के पदनाम बदले जाने चाहिएं क्योंकि तकनीकी क्षेत्र में नई क्रांति आने और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा सरकार की नीतियों के प्रचार व प्रसार के लिए अपनाए जाने वाले अत्याधुनिक माध्यमों के चलते उनके पदनाम अब अतीत की बात हो गये हैं और समय के साथ बदलाव के लिए इन पदनामों में परिवर्तन होना जरूरी है। सुमन शर्मा ने सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री को बताया कि विभाग के तकनीकी कर्मचारी लम्बे अरसे से विभिन्न मंचों पर यह मांग उठाते आ रहे हैं और सरकार द्वारा यह मांग पूरी किये जाने की सूरत में सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि कर्मचारियों की यह मांग आर्थिक लाभ से सम्बन्धित न होकर सिर्फ पदनाम परिवर्तित करने बारे है। उन्होंने सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री से आग्रह किया कि वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी को उपनिदेशक (तकनीकी), तकनीकी सहायक को सूचना अधिकारी (तकनीकी), सहायक रेडिया अभियंता को सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी (तकनीकी), तकनीकी सहायक को वरिष्ठ सूचना सहायक, रेडियो मकैनिक को सूचना सहायक गे्रड-। तथा प्रोजैक्टर ऑप्रेटर के पद को सूचना सहायक ग्रेड-।।  में परिवर्तित किया जाए।  सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री ने विभाग के तकनीकी कर्मियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके निर्णय लेगी। इस अवसर पर संघ के अन्य पदाधिकारी प्रदीप चौहान, बलवीर सिंह व रूप लाल भी उपस्थित थे

ज्वालामुखी में तीन सौ से अधिक लोग गंदा पानी पीने से बीमार

 ज्वालामुखी, 31  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।  ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने आज ज्वालामुखी के घलौर इलाके के आंत्रशोथ पिडि़त गांवों का अधिकारियों की टीम के साथ दौरा किया।  व राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस इलाके में दूषित पानी पीने से करीब तीन सौ लोग चपेट में आ गये हैं। व उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत है। लेकिन पेयजल महकमा यह मानने को तैयार नहीं है कि इलाके के पेयजल की वजह से यह समस्या पेश आई है।  हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी से सटे  घलौर इलाके के सासन,रोहाड़ा,बाहना व भगौर के लोग बुरी तरह चपेट में आ गये हैं। जिससे इलाके में दहशत का महौल है। स्वास्थय विभाग की टीमें इलाके में डटी हैं। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि न तो सेहत महकमें ने न ही पेयजल महकमें ने  समय रहते कोई कदम उठाया। दरअसल पिछले तीन दिन से लोग इस बीमारी की चपेट में आने की बात कर रहे थे, व उल्टी दस्त लगने की शिकायतें आ रही थीं। लेकिन सरकारी अमले ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक स्वास्थय महकमें ने भी उस वक्त गंभीरता दिखाई जब बड़ी तादाद में लोग इसकी चपेट में आ गये। आरोप लगाया जा रहा है कि  कुछ शरारती तत्वों ने गांव के पानी के टैंकों में ही कुछ मिला दिया। विधायक संजय रतन ने भी आज कहा कि यह साजिश है। इसका पता लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोताही बरतने वाले सरकारी लोगों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाये जायेंगे। संजय रतन ने कहा कि उन्हें लगता है कि पूरे इलाके  में दहशत का महौल पैदा करने के लिये ही ऐसा किया गया लगता है। उन्होंने बताया कि पानी के सैंपल लेने के लिये उन्होंने आई पी एच विभाग को कहा है ताकि मामले की तह तक जाया जा सके।

4 फरवरी के बाद शादी ब्याह में खाना देने पर खाद्य क़ानून का करना होगा पालन , मंदिर, गुरूद्वारे और सामजिक कार्यक्रमों को भी करना होगा पालन कैट द्वारा फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट को स्थगित किये जाने की मांग

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केंद्र सरकार के कानून फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट के अंतर्गत खाद्य व्यापार करने वालों को 4 फरवरी 2014 तक रजिस्ट्रेशन कराना और लाइसेंस लेना अनिवार्य होने के कारण देश भर के व्यापारियों में बेहद भय और उत्तेजना का माहौल है क्योंकि व्यापारियों का यह मानना है की उक्त कानून के प्रावधान अत्यंत अव्यवाहरिक और भारत के खाद्य व्यापार की जमीनी हकीकत से कोसों दूर है और उनका पालन करना बेहद असम्भव है ! यह क़ानून केवल व्यापारियों पर ही नहीं बल्कि हर उस जगह लागू होगा जहाँ भी खाद्य वस्तुएं लाभ अथवा बिना लाभ के बिकती या वितरित होती हैं ! इसमें मंदिर, गुरुद्वारा, शादी-ब्याह , सड़क पर लगने वाले ठेले, ट्रांसपोर्ट, महिला उद्योग, कुटीर उद्योग, हाकर्स, सामजिक आयोजन, कॉन्फ्रेन्स, सेमिनार, जागरण और यहाँ तक की सरकार द्वारा चलायी जा रही मिड डे मील स्कीम भी शामिल है ! इस कानून को स्थगित रखने और इस कानून एवं इसके नियम एवं उपनियमों पर पुन : विचार करने की मांग को लेकर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का एक प्रतिनिधिमंडल गत 14 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री ग़ुलाम नबी आज़ाद से मिला था! प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में श्री आज़ाद ने इसकी गम्भीरता को समझते हुए कैट की दोनों मांगे स्वीकार करने का भरोसा दिया था किन्तु अब जबकि रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 4 फरवरी बिलकुल नजदीक आ गयी है और अभी तक कानून को स्थगित करने का कोई नोटिफिकेशन नहीं निकला है , इस कारण से देश भर के व्यापारी बेहद सकते में है क्योंकि बिना पंजीकरण के व्यापार करने पर 5 लाख का जुर्माना और 6 महीने का कारावास हो सकता है ! कैट के ही आग्रह पर लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज और संसद की पब्लिक एकाउंट्स कमैटी के अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भी श्री आज़ाद को पत्र लिख कर कैट की मांगों का समर्थन करते हुए इस कानून को स्थगित रखने का आग्रह किया है ! इसी बीच केंद्रीय कानून मंत्री श्री कपिल सिबल ने आज कैट प्रतिनिधिमंडल से बातचीत मे बतया की उन्होंने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय स्वास्थय मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद से विस्तृत चर्चा की है और श्री आज़ाद का भी यह मानना है की इस कानून के अनेक प्रावधानो पर पुर्न विचार की आवश्यकता है ! श्री सिबल ने बताया की कैट द्वारा उठाए गए मुद्दो पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी और जल्द ही सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे

प्ैथ् ने निकाला आक्रोश मार्च, हमलावरों पर सक्त कार्रवाई करने की किया मांग

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  •  6 फरवरी को काॅलेज प्रशासन करेगी कार्रवाई, मुकमल कार्रवाई नहीं किये जाने पर तीव्र होगा आंदोलन


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आज ।प्ैथ् के  पटना जिला इकाई ने पिछले दिनों जे॰डी॰ वीमेंस काॅलेज के अध्याक्षा  हीना रहमान, आदिला रहमान और मोनिका कुमारी के नेतृत्व में ए॰आई॰एस॰एफ के शांतिपूर्ण धरना पर किया गया जान लेवा हमले के खिलाफ आक्रोष मार्च निकाला मार्च चिडि़या घर मुख्य द्वार के सामने से निकाला गया जिसमें दर्जनों छात्र-छात्राऐं शामिल हुए छात्रों ने काॅलेज प्रषासन मुर्दाबाद, काॅलेज प्राचार्या होष में आओं हमलावरो ष्पर शक्त कार्रवाई करों, काॅलेज में अवेध वासूली बंद करों आदि नारे लगा रहे थे। जुलूस जब काॅलेज गेट पर पहुँचा तो उसे रोक दिया गया और स्वतः पहल लेते हुए काॅलेज प्रषासन ने प्रदर्षनकारियों से आकर बात किया जिसमें पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्राचार्या से जाकर बात किया प्राचार्या ने उक्त घटना पर काफी खेद व्यक्त करते हुए 6 फरवरी तक कार्रवाई करने की आवष्वान दिया राज्य उपाध्यक्ष निखिल कुमार झा ने कहा कि काॅलेज प्रषासन यदि हमलावरों पर सक्त कार्रवाई नहीं की तो आगे में और उग्र से उग्र आंदोलन किया जायेगा। साथ-ही साथ इन तमाम घटनाओं से राजभवन, राज्य महिला आयोग एवं मगध  विष्वविद्यालय प्रषासन को अवगत कर जायेगा। प्रदर्षन में पटना जिला अध्यक्ष अभिषेक आनंद, राज्य परिषद सदस्य मो॰ हदीष, राजेष कुमार, प्रभात कुमार, महेष कुमार, दीपा चैधरी, कृति मंजरी, स्वेता कुमारी, चंचल कुमारी, खूषबू कुमारी, अजय कुमार , कुमारी नेहा, अर्चना, मनीष झा,  दिवाकर झा, अखिल गौरव, गौविद सहित दर्जनों छात्र-छात्राऐं शामिल हुए। 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (30 जनवरी )

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बैरागढ़ टीम ने इमानुअल को किया पराजित 

सीहोर. बैरागढ़ क्रिकेट टीम के विकास 32 रन और राहुल वर्मा की 35 रनों की संघर्षपूर्ण पारियों की बदौलत एक तरफा मुकाबले में आरसीसी बैरागढ़ ने इमानुअल क्रिकेट टीम को 47 रनों के विशाल अंतर से हराकर राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में स्थान पक्का किया। नगर के बीएसआई क्रिकेट मैदान पर खेली जा रही राज्य स्तरीय कृष्णा-ट्राफी में शुक्रवार को पहले मैच में आरसीसी क्रिकेट टीम बैरागढ़ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 142 रनों का स्कोर खड़ा किया। जिसमें विकास 32 रन और राहुल वर्मा ने 35 रनों की शानदार पारी खेली। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी इमानुअल क्रिकेट टीम के बल्लेबाज बैरागढ़ की तेज गेंदबाजी के आगे नतमस्तक हो गए और पूरी टीम 95 रन ही बना सकी। इस प्रकार बैरागढ़ क्रिकेट टीम ने 47 रनों के विशाल अंतर से हराकर प्रतियोगिता के अगले दौर में प्रवेश किया। वही एक अन्य मैच में उज्जैन क्रिकेट टीम ने आष्टा 47 रनों से हराकर प्रतियोगिता के अगले दौर में प्रवेश किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी उज्जैन क्रिकेट टीम ने पलाश की शानदार अर्द्धशतकीय पारी 60 रन, देवेन्द्र 51 रन और शैलेश साहनी 40 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिससे उज्जैन क्रिकेट टीम ने 207 रनों को आष्टा क्रिकेट टीम के आगे रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी आष्टा क्रिकेट टीम 160 रनों पर ढेर हो गई। इस तरह उज्जैन क्रिकेट टीम ने प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में धमाकेदार इंट्री की। 

प्रतियोगिता में आज के मैच 
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला क्रिकेट एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि शनिवार को नगर के बीएसआई क्रिकेट मैदान पर खेली जा रही राज्य स्तरीय कृष्णा ट्राफी में पहला मैच बीएसआई क्रिकेट टीम और शिक्षक इलेवन क्रिकेट टीम एवं दूसरा मैच उज्जैन क्रिकेट टीम और बैरागढ़ आरसीसी क्रिकेट टीम के मध्य खेला जाएगा। 

अब महिलाएं बनेगी झांसी की रानी 

सीहोर। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा वीरांगना योजना के तहत बालिकाओ एवं महिलाओ को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिये नगर के चर्च मैदान स्थित इंडोर स्टेडियम में तीन फरवरी से 15 फरवरी तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसके लिए जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी आनंद स्वामी की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मनोज कन्नौजिया, लखन ठाकुर, राजेन्द्र सेन, भारत वारिया आदि शामिल हुए। इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा बताया कि वीरांगना योजना के प्रशिक्षण शिविर मे न्यूनतम उम्र 10 वर्षीय बालिका से लेकर अधिकतम उम्र की महिलायें प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगी। शारीरिक रूप से अक्षम बालिकाए महिलाए भी प्रशिक्षण मे भाग ले सकती है। प्रशिक्षण मे कम से कम 500 बालिका व महिलाओ को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमे कोई पोषाक विशेष निर्धारित नही है। दैनिक जीवन के उपयोग के सामान्य पोषाक धारण किये जा सकते है। बालिकाओ एवं महिलाओ का यह प्रशिक्षण नि:शुल्क रहेगा। वीरांगना योजना के प्रशिक्षण मे शारीरिक मानसिक भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास किये जायेगें। आत्मरक्षा के प्रशिक्षण मे मार्शल आर्ट, जूडो कराते, ताईक्वाडों और कुश्ती आदि खेलो में उपयोग की जाने वाली तकनीको को समाहित कर प्रारूप तैयार किया गया है ताकि विषय परिस्थितियो मे बालिकाए या महिलाए साहस का परिचय देकर अपनी आत्मरक्षा स्वयं कर सके। 

बालिकाओं को बनाया जाएगा अब झांसी की रानी 
श्री दीक्षित ने बताया कि आगामी 3 फरवरी से नगर के चर्च मैदान पर वीरांगना योजना के अंतर्गत बालिकाओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण मे मार्शल आर्ट, जूडो कराते, ताईक्वाडों और कुश्ती आदि खेलो के कोचों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

राय का किया विदाई समारोह में सम्मान

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म.प्र.वि.म.में कार्यरत करणसिंह राय (विमल राय पत्रकार) के पिताजी को शुक्रवार को उनका कार्यकाल पूर्ण हो जाने पर समस्त स्टाॅफ के लोगो ने कल्याण केन्द्र में एक सादा विदाई समारोह कर श्री राय का सम्मान किया और विदाई दी ,इस अवसर पर सारे वरिष्ट अधिकारी और कर्मचारी मोजूद थे । श्री डी.डी.लवंशी कार्यपालन यंत्री ने राय को हार पहनाकर श्रीफल और एक प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया और अपने उधवोदन में कहां कि राय ने अपना पूरा कार्यकाल एक बेहतर व्यक्ति कि तरह अपने कार्य के प्रति समिर्पित किया है में इनके बाकी के जीवन के लिये मंगल कामना करता हूं और इनकी लम्बी उम्र कि प्रार्थना करता हूंॅं ।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (31 जनवरी )

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ळनुमान जी ने एस पी से नमस्कार किया

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विदिषा के श्री रामलीला मेले में लंका दहन की लीला का मंचन किया जा रहा था जिसमें ग्यारसपुर जनपद अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा हनुमानजी के पात्र के रूप में काम कर रहे थे। जब कलेक्टर एवं एसपी रामलीला देखने पहुचे तो श्री छत्रपाल शर्मा श्री हनुमानजी का रोल भूल गये ओर एसपी साहब को नमस्कार करने लगे जिससे उपस्थित जनसमुदाय ने खूब ठहाके लगाये।। श्रीरामलीला मेले में लंका दहन का बहुत ही सजीव मंचन किया गया, जिसकी कलेक्टर एवं एसपी ने एवं उपस्थित धर्मप्रेमी बंधुओं द्वारा भूरी-भूरी प्रषंसा की गई।

आप ने की मासूम के साथ हुये दुराचार के आरोपी की गिरफ्तारी की मांग

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विदिषा। चार वर्ष की मासूम के साथ विगत दिनों हुये कुकर्म ओर पीढि़त बच्ची को जान से मारने की नीयत से रेलवे पटरी पर रखकर छोड़ दिया लेकिन ईष्वर की मर्जी ही कहंे कि बच्ची के रोने की आवाज सुनकर मौजूद लोग पहुचे और बच्ची को बचाकर उनके परिजनों तक पहुचाया। इसी संदर्भ मे आम आदमी पार्टी की जिला संयोजक श्रीमती  पार्वती भगवतसिह राजपूत के नेतृत्व मंे एक प्रतिनिधिमंडल ने पीढि़त परिवार से मिलकर तहसीलदार को एक ज्ञापन देकर पीढि़ता को आर्थिक मदद प्रदान करने की मांग के साथ ही आरोपी की तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की साथ ही चेतावनी दी कि यदि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया गया तो सड़कांे पर उतरकर आप उग्र आंदोलन करने विवष होगी जिसकी जिम्मेदारी षासन प्रषासन की होगी। प्रतिनिधिमंडल में भगवतसिह राजपूत, मनीष शर्मा, जगदीष शर्मा, परसराम, रणधीरसिंह, सनमानसिंह आदि मौजूद थे। 

सड़क दुर्घटना में युवा जैन संत का देवलोकगमन .

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  • गुरु ब्रज मधुकर बगिया का पुष्प मुरझाया 

jain trajedy
आज सुबह खींवसर (नागौर, राजस्थान) के पास विहार करते समय श्री विनय मुनि जी "भीम"के सुशिष्य सेवाभावी, युवा संत श्री निरंजन मुनि जी महाराज का सड़क दुर्घटना में देवलोकगमन हो गया है l महाराज साहेब के देवलोकगमन से सकल जैन समाज में शोक की लहर व्याप्त हो गयी है.  प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रमण संघीय प्रथम युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी महाराज के सुशिष्य श्री विनय मुनि जी "भीम"आदि ठाना ३ ने आज सुबह सूर्योदय के पश्चात खींवसर से विहार किया . मात्र २-३ किलोमीटर विहार करने के बाद पीछे से आ रहे एक अनियंत्रित टेंकर की टक्कर से युवा संत श्री निरंजन मुनि जी महाराज का आकस्मिक कालधर्म हो गया .पुष्करवाणी गु्रप ने जानकारी देते हुए बताया कि  विनय मुनि जी "भीम"को भी गम्भीर चोट लगी है, जिन्हे प्रारंभिक उपचार के बाद जोधपुर अस्पताल में उपचार के लिए रेफर किया गया .(अब खतरे से बाहर हैं) ह्रदय विदारक हुए इस हादसे के समाचार मिलते ही नागौर श्री संघ, जोधपुर श्री संघ, धनारी श्री संघ तथा आसपास के अनेक श्रावकगण खींवसर पहुंचे. इस घटना के बाद जैन समाज और गाँव वालों में आक्रोश था. गाँव वालों ने सड़क जाम भी किया .

श्री साहिल मुनि जी महाराज के निर्देशानुसार श्री निरंजन मुनि जी महाराज के पार्थिव देह हो नागौर ले जाया गया, जहाँ आज शाम ४ बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा . श्री निरंजन मुनि जी के देवलोकगमन से ना केवल श्रमण संघ, ना केवल स्थानकवासी समाज अपितु समस्त जैन समाज को अपूरणीय क्षति हुयी है . हम जिनशासन देव से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत मुनि श्री की आत्मा को शांति और सदगति मिले, श्री विनय मुनि जी शीघ्र स्वस्थ हो .

73 साल बाद मेवाड़ का सबसे कम उम्र का दीक्षार्थी

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  • आचार्य देवेन्द्र मुनि ने ली थी सबसे कम उम्र में दीक्षा, 
  • आचार्य महाश्रमण जी गंगाशहर में देंगे दीक्षा
  • पदराड़ा (गोगुंदा) के नौ वर्षीय मुमुक्षु प्रिंस लेंगे दीक्षा


jain child guru
दो दिन बाद आचार्य महाश्रमण से दीक्षा लेने जा रहे मुमुक्षु प्रिंस की उम्र 9 वर्ष एक माह 25 दिन है। प्रिंस को संभवतया मेवाड़ का दूसरे सबसे कम उम्र का दीक्षार्थी माना जा रहा है। इससे पहले स्थानकवासी जैन समाज के आचार्य देवेंद्र मुनि ने 9 वर्ष से भी कम उम्र में दीक्षा ली थी। उनकी दीक्षा 73 साल पहले हुई थी। इस बीच दीक्षा लेने वालों की उम्र मुमुक्षु प्रिंस की उम्र से अधिक रही है। मुमुक्षु प्रिंस 2 फरवरी को गंगाशहर में आचार्य महाश्रमण से दीक्षा लेगा। बीते 73 साल में दीक्षा लेने वालों में तेरापंथ जैन समाज के ही सेमड़ (गोगुंदा) निवासी मृदु मुनि व अनुशासन मुनि ने 11-13 साल की उम्र में दीक्षा ली थी। मंदिर मार्गी जैन समाज में करीब 60 साल पहले साध्वी चंद्रकला श्री व कल्पलता श्री ने 10-10 साल की उम्र में दीक्षा ग्रहण की थी। पुष्करवाणी गु्रप ने जानकारी देते हुए बताया कि तरपाल में जन्मी स्थानकवासी जैन समाज की साध्वी सोहन कुंवर ने भी 9-10 वर्ष की उम्र में दीक्षा ली थी। 

प्रिंस का जन्म 8 दिसंबर 2004 को सूरत (गुजरात) में हुआ था। पिता के मुंबई चले जाने पर वे सपाला में रह रहे हैं। मूल रूप से पदराड़ा (गोगुंदा) के रहने वाले प्रिंस के दीक्षा लेने को लेकर समूचे जैन समाज में हर्ष है। दीक्षा से पहले शुक्रवार सुबह 9.30 बजे पदराड़ा (गोगुंदा) में मुमुक्षु का वरघोड़ा निकाला जाएगा। मुमुक्षु प्रिंस व उसके परिवार ने बुधवार को सायरा, नांदेशमा, रावलिया, गोगुंदा आदि गांवों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये बढ़ाए

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दिल्ली में दूध की प्रमुख आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दूध के दामों में शनिवार से दो रुपये बढ़ाने की घोषणा की। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा कि मदर डेयरी की फुल क्रीम दूध (पॉली पैक) अब 46 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। इससे पहले इसकी कीमत 44 रुपये प्रति लीटर थी। इसी तरह टोन्ड दूध की प्रति लीटर कीमत 34 की जगह अब 36 रुपये हो जाएगी। 

डबल टोंड और स्किम्ड दूध की कीमत में एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन 30 लाख लीटर दूध बेचने वाली मदर डेयरी ने यह वृद्धि कच्चे दूध के दामों में बढ़ोतरी की वजह से की है। 

केजरीवाल की कामयाबी में सीआईए का हाथ : अशोक सिंघल

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दक्षिणपंथी धार्मिक संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि केजरीवाल की कामयाबी के पीछे अमेरिका का फोर्ड फाउंडेशन और अमेरिका की खुफिया सीआईए का हाथ है। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल कांग्रेस की घटती लोकप्रियता का फायदा उठाकर जनता को गुमराह करने में लगे हैं।

इलाहाबाद स्थित अपने आवास पर शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंघल ने कहा कि आज पूरे देश में यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि अरविंद केजरीवाल को सत्ता में लाने के पीछे कौन-सी ताकतें काम कर रही हैं। सिंघल ने कहा, "अब धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि केजरीवाल के पीछे अमेरिका का फोर्ड फाउंडेशन और अमेरिका की खुफिया सीआईए का हाथ है।" 

दिल्ली की जनता को विश्वास में लेकर राजनीति के नित नए-नए पैंतरे दिखाने वाले केजरीवाल के करिश्मे को निजी चश्मे से देखते हुए सिंघल ने आरोप लगाया कि फोर्ड फाउंडेशन के माध्यम से केजरीवाल ने उन सारी शक्तियों का एकीकरण किया ताकि नरेंद्र मोदी को भारत का नेता बनने से रोका जा सके। 

उन्होंने कहा कि फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन तथा क्लिंटन फाउंडेशन के द्वारा सीधे और परोक्ष रूप से सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाएं काम कर रही हैं।  भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में आए उबाल को नजरअंदाज करते हुए सिंघल ने कहा कि नक्सलियों के हिंसक संगठन, जेहादियों के हिंसक संगठन और बड़ी तेजी से विदेशी सहायता से चलने वाले चैनल व उनके संचालक तथा पत्रकार व हजारों एनजीओ के लोग केजरीवाल की पार्टी के रूप में अमेरिका के हित साधन करने के लिए भारत में खड़े हो गए हैं। 

राज्यसभा चुनाव : बिहार, तमिलनाडु में सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए

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बिहार से राज्यसभा के लिए नामांकन पर्चा दाखिल किए सभी पांच उम्मीदवारों को शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इनमें सत्तारूढ़ जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के तीन और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेता शामिल हैं। राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए लोगों में जदयू के रामनाथ ठाकुर, हरिवंश और कहकशां परवीन तथा भाजपा के सी़ पी़ ठाकुर और आऱ क़े सिन्हा शामिल हैं। बिहार विधानसभा के सचिव और राज्यसभा चुनाव के लिए रिटर्निग आफिसर फूल झा ने बताया कि शुक्रवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि में किसी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया। सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। 

hariwansh c p thakur
रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं तथा बिहार के मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं कहकशां परवीन राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं। हरिवंश एक स्थानीय दैनिक अखबार के संपादक हैं। भाजपा के सी.पी. ठाकुर वर्तमान समय में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं जबकि सिन्हा का बिहार की राजनीति में बड़ा नाम है। 

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के चार और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) तथा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक-एक राज्यसभा प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। विधानसभा सचिवालय में सचिव एवं निर्वाचन अधिकारी ए.एम.पी. जमालुद्दीन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि राज्यसभा के लिए छह लोग निर्विरोध निर्वाचित हुए। ये लोग इस वर्ष अप्रैल में रिक्त होने वाले स्थानों को भरेंगे। 

तमिलनाडु से राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य हैं-शशिकला पुष्पा, के. सेल्वराज, एस.मुथुकरुप्पन, विजिला सत्यनाथ (सभी एआईएडीएमके), त्रिची एन. सिवा (डीएमके) तथा टी.के. रंगराजन (माकपा)। अप्रैल में जिन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, उनमें एआईएडीएमके के एन. बालगंगा, माकपा के रंगराजन, कांग्रेस के जी.के.वासन व जयंती नटराजन तथा डीएमके के वासंती स्टानले व ए.ए. जिन्ना शामिल हैं।

समान विचार वाले दलों का गठबंधन संभव : नीतीश

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nitish kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में गैर कांग्रेस, गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा समान विचारधारा वाले दलों का एक गठबंधन बनने की संभावना है, लेकिन उन्होंने इसे तीसरा या कोई मोर्चा कहने से साफ इनकार कर दिया। पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बनने की संभावना है।

दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कुछ ही महीनों पहले नाता तोड़ धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने में जुटे जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के नेता ने अब वामपंथी दलों से नाता जोड़ने का संकेत देते हुए कहा, "वाममोर्चा के लोगों ने गठबंधन के लिए पहल की है और जदयू इसका समर्थन कर रहा है।" 

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती जनता दल से निकले कई दल जो अलग-अलग राज्यों में अच्छा काम कर रहे हैं, वे भी गठबंधन के लिए एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं।  नीतीश ने यह भी कहा कि गठबंधन चुनाव से पहले या बाद में भी बन सकता है। यह गठबंधन पूरी तरह गैर कांग्रेस और गैर भाजपा आधारित होगा। जदयू नेता ने यह भी कहा कि वाममोर्चा ने कई राज्यों में अलग-अलग दलों के साथ तालमेल किया है। 

फिर दिल्ली ने देश को किया शर्मशार

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  • दिल्ली में अरुणाचल के छात्र की पीट कर हत्या

ne student killed
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दुकानदारों की पिटाई में घायल हुए अरुणाचल प्रदेश के 20 वर्षीय छात्र की गुरुवार को मौत हो गई। यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी। निदो तानियाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसके साथ बुधवार को मारपीट की गई थी। 

पुलिस ने कहा कि वह दिल्ली के लाजपत नगर-1 इलाके के दुकानदारों से पूछताछ कर रही है, जहां यह घटना हुई है। 
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