प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुए छावनी बोर्ड के चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। घोषित परिणाम के अनुसार वार्ड नंबर एक में संगीता, दो में शैलेंद्र कुमार सिंह, तीन में राजकुमार दास, चार में मसूदा हुसैन, पांच में चंद्रकेशव, छह में शहनवाज अली, सात में शैलजा श्रीवास्तव विजयी हुए। कुल 68.43 फीसदी मतदान हुआ।
केंद्र में सरकार बनने के बाद पहली बार भाजपा ने छावनी बोर्ड के लिए विधिवत सातों वार्ड में प्रत्याशी घोषित किए थे। यही नहीं प्रत्याशियों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, महापौर रामगोपाल मोहले, सांसद महेंद्र नाथ पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह आदि वरिष्ठ नेताओं ने जनसंपर्क भी किया था। इसके बाद भी एक भी सीट पर विजय न मिलना बड़े-बड़ों को मुश्किल में डाल सकता है।
छावनी परिषद में कड़कड़ाती ठंड और कुहासा लोकतंत्र के उत्सव पर भारी नहीं पड़ सका। छावनी बोर्ड चुनाव में मतदान के लिए सुबह 7 से शाम 4 बजे तक लंबी कतारें लगी रहीं। इसमें महिलाओं-युवतियों की संख्या ज्यादा थी। पहली बार वोट डालने पहुंची युवतियों का उत्साह देखने लायक था। दोपहर 12 बजे तक 40 प्रतिशत मतदान हो चुका था। सात वार्डों के लिए लगभग 15 हजार मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
रविवार सुबह काफी गलन और कुहासा था। इसके बाद भी 7 बजे मतदान शुरू हुआ तो मतदाताओं की लंबी लाइन लग गई। कोई पैदल, कोई परिवार के साथ बाइक पर तो महिलाएं समूह में पहुंच रहीं थीं। तीन-चार पहिया वाहनों से भी मतदाता पहुंच रहे थे। वार्ड नंबर एक में महिला-पुरुषों की लंबी लाइन 7.30 बजे ही दिखी। वार्ड दो में सुबह 8 बजे महिलाओं की कतार पुरुषों से लंबी थी। मतदाता सिर से पैर तक गर्म कपड़ों से ढके मतदान के लिए पहुंचे थे। पुलिस की झिड़क और ताम-झाम के बाद भी उनका उत्साह कम नहीं हो रहा था।
वार्ड नंबर तीन में सुबह 9 बजे पहली बार वोट डालने के लिए उत्साहित आधा दर्जन युवतियां लाइन में लगी थीं। वार्ड छह में सुबह 11 बजे महिला-पुरुषों की लंबी लाइन लगी थीं। दोपहर 1 बजे वार्ड नंबर 5 में नोकझोंक के बाद अचानक मतदाताओं की संख्या बढ़ गई। दोपहर बाद 3 बजे एक बार फिर वार्ड नंबर दो और छह में मतदाताओं की लंबी लाइन लग गई। वार्ड छह में शाम 6 बजे तक मतदाताओं की लाइन लगी रही। कुछ पहुंचकर पुलिसवालों के लिए जल रहे अलाव में हाथ सेकने के बाद लाइन में लग रहे थे तो कुछ वोट देने के बाद अलाव की तरफ जा रहे थे। हालांकि पुलिस उन्हें रुकने नहीं दे रही थी। शाम 4 बजे तक मतदाताओं का उत्साह इसी तरह बूथों पर वोट के रूप में बरसता रहा। इसके बाद इक्का-दुक्का ही लोग वोट करने पहुंचे।
छावनी चुनाव मतदान में हिंदू-मुस्लिम एकता की अच्छी मिसाल देखने को मिली। जब वार्ड नंबर छह में दो महिलाएं एक साथ मतदान करने पहुंची। एक तरफ एक बुर्कानशी थी तो उनके साथ एक घूंघट वाली नई बहू। दोनों महिलाएं मोहल्ले से पैदल एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आईं और मतदान करने के बाद एक साथ ही वापस गईं। यह देखकर मतदाता ही नहीं प्रत्याशी भी आश्चर्यचकित थे।
मतदान के लिए वार्ड नंबर छह में काफी लंबी लाइन लगी हुई थी। इससे मतदाताओं को काफी देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। लाइन में लगी ठंड से परेशान एक युवती ने कहा, ‘काश यहां अलाव जलवाया होता। मतदाताओं का इतना भी ध्यान नहीं रखा, बस वोट दे दो।’ हालांकि सामने पुलिस वालों के लिए अलाव जल रहा था लेकिन लाइन छोड़कर जा नहीं सकती थी।
छावनी चुनाव में मतदाता जमकर ढोए गए। ये प्रक्रिया सुबह से शुरू हुई तो देर शाम तक जारी रहा। कुछ बूथों पर तो टैक्सी से कई राउंड में प्रत्याशी समर्थक मतदाताओं को लेकर पहुंच रहे थे और उन्हें बूथ के पास तक जाने दिया जा रहा था। इसी तरह कुछ बूथों पर एक ही चार पहिया वाहन से कई राउंड में मतदाताओं को लाया गया। किंतु पुलिस प्रशासन की ओर से कोई टोकाटाकी नहीं की गई।
मतदान परिणाम की घोषणा के समय उस समय सभी प्रत्याशी तब भौचक रह गए जब जीते हुए प्रत्याशी ने यह कहा कि ‘जीत तो गया पर धोखा हो गया।’ वह प्रत्याशी कुछ देर के लिए बाहर गए और अपने करीबी समर्थकों से वार्ता करते और फिर वही बात दोहराते हुए वापस लौटे। ये वहां लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना रहा।
भाजपा महानगर के अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने छावनी परिषद के चुनाव परिणामों पर कहा कि धनबल ने मतदाताओं को प्रभावित किया। भाजपा ने कभी ऐसे साधनों पर भरोसा नहीं किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत से चुनाव प्रचार किया। मतदाताओं के निर्णय को पार्टी स्वीकार करती है।