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नरकटियागंज (बिहार) की खबर (11 जनवरी)

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शीतलहर के चपेट में नरकटियागंज, अलाव की व्यवस्था नदारद

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नरकटियागंज(पच) पूरे क्षेत्र की जनता दिनों शीतलहर की चपेट में है, बावजूद किसी जनप्रतिनिधि ने जनहित में अलाव जलाने की मांग अनुमण्डल प्रशासन से नहीं किया है। शीतलहर के कारण क्षेत्र का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया हैं। सुबह लोग सात बजे तक घर से निकल रहे हैं, विभिन्न दफ्तरों के हालात् भी कमोबेश उसी तरह है। सरकारी कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी सर्द मौसम की कड़ाके की सर्दी में समय पर नहीं पहुँच रहे है। जिला प्रशासन ने हालाकि स्कूलों को 14 जनवरी 2015 तक बन्द करने का निर्देश जारी कर दिया है, लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन जारी है। वह भी सिर्फ पोषाहार के लिए, जबकि 03 से 06 वर्ष के बच्चे शीतलहर में भोजन के लिए केन्द्र पर जाएँगे, है न विस्मित करने वाली बात! सुबह कोहरे की चादर ओढे आ रही है तो शाम पछिया हवा की चादर लहराती हुई पहँुच जा रही है। चैक चैराहों पर लोग दुकान से निकले कचरों को जलाकर हाथ गर्म करते दिख जाएंगे, जिसमें पाॅलिबैग की तादाद ज्यादा होती है और उससे पर्यावरण को सर्वाधिक नुकसान हो रहा हैं। सरकारी अस्पताल में मरीज व उनके परिजनों को अलाव के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने राशि आवंटित किया भी तो अलाव के नाम पर एक दिन कुछ लकडि़याँ जला कर खानापूरी कर ली गयी। उसके बाद से अस्पताल परिसर में मरीज व उनके परिजनों को सर्द से बचने के लिए कम्बल लपेटना पड़ रहा है अन्यथा सड़क के किनारे पुआल व कचरा जला कर आग का सहारा लेना पड़ रहा हैं।

जेएनयू के छात्रों ने जाना गांवों का हाल

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  • परम्पराओं और लोक रीति से लेकर महिला शिक्षा और कृषि के तौर-तरीको तक पर की खुली बहस 
  • 45 छात्रों का अध्ययन दल देश के 17 राज्यों का कर चुका है प्रतिनिधित्व 
  • बनारस के तीन गावों का अब तक एकत्र कर चुके है ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विकास के कारण व हो रहे बदलाव पर सार्थक आंकड़े 


वाराणसी (सुरेश गांधी )।काशी के चैबेपुर-कैथी स्थित आशा ट्रस्ट के प्रशिक्षण केंद्र पर दो साप्ताहिक अध्ययन प्रवास के दौरान रविवार को दिल्ली से आएं जवाहर लाल विश्व विद्यालय के अध्ययन दल के छात्र-छात्राओं ने ग्राम भंदहाकला प्राथमिक विद्यालय परिसर में जुटे ग्रामीणों की समस्याओं से रु-ब-रु होते हुए गांव की बारीकिया भी जानी कि किस तरह गांव की समस्याओं को दूर कर विकसित किया जा सकता है। इस दौरान ग्रामीणों ने भी उनका पूरा साथ दिया। ग्रामीणों ने सामूहिक खुली बैठक में गाँव की विशेषताओं और समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान परम्पराओं और लोक रीति से लेकर महिला शिक्षा और कृषि के तौर-तरीको तक पर बहस की गयी। 

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बताया गया कि पिछली पीढ़ी के लोगों  ने गाँव की आपसी सामंजस्य और मेल मिलाप की परम्परा को किस तरह कायम रखते रहे। हरित क्रांति के प्रभाव और कृषि के बदले तरीको के कारण तथा बेतहाशा रासायनिक उर्वरको एवं हाइब्रिड बीज के प्रयोग से घटती उपज की भी बात हुयी। पशुपालन में दिनोदिन कमी के कारण कम्पोस्ट खाद की उपलब्धता कम हुयी है। शिक्षा के स्तर में वृद्धि और भौतिकता के प्रभाव से परिवारों का टूटन और संयुक्त परिवारों का लगातार एकल परिवारों में बदलने के कारण सामजिक सुरक्षा में होती कमी भी महसूस की गयी। भंदहाकला गाँव की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा के दौरान गाँव में उचित मार्ग की कमी, स्ट्रीट लाईट, जल निकास की समस्या और सिंचाई के नहर की क्षमता कम होना,सरकारी स्कूल में बिजली का कनेक्शन न होना जैसे बिदु उभर कर सामने आये। 

बैठक में चर्चा के दौरान लोगों ने स्वीकार किया गाँव में लोकरीति आधारित सार्वजनिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति क्रमशः आमजन की अरुचि के वजह से आज मेला, दंगल, रामलीला जैसे कार्यक्रम कम ही हो पाते हैं इनका स्थान टीवी, इंटरनेट, मोबाइल आदि ने ले लिया ह।ै इस कारण सामूहिकता और प्रेम परस्पर के भाव में भारी कमी हुयी है। उपस्थित लोगो ने खुल कर यह भी स्वीकार किया कि पंचायतों में धन की उपलब्धता अधिक होने के कारण पंचायती चुनाव आज अखाड़ा बन गये है जिससे आपसी वैमनस्य बढ़ा है और गाँव के लोगों में जाति, टोले के भावना के साथ बिखराव हुआ है। इसके पूर्व जेएनयू नेत्रित्वकर्ता प्रो बी के चैधरी ने बताया कि 45 छात्रों का यह अध्ययन दल देश 17 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहा है और विभिन्न भाषाओँ तथा संस्कृति से जुड़े छात्र-छात्राए यहाँ आये हुए है। उन्होने बनारस के तीन गावों में आकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विकास के कारण हो रहे बदलाव पर काफी सार्थक आंकड़े एकत्र किये हैं जो निस्संदेश भविष्य में नीतियां बनाने वाले लोगो के लिए सहायक होगा। आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने क्षेत्र की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक और  सांस्कृतिक विशेषताओं और यहाँ उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में प्रमुख रूप से घनश्याम सिंह, तेरसू यादव, डा रामाज्ञा शशिधर, बनवासी यादव, गजानंद पाण्डेय, नागेन्द्र सिंह, नामवर सिंह, आशीष सिंह, उदयभान सिंह, प्रवीण, रामलाल सिंह, नारायण गोस्वामी, जगत सिंह, त्रिलोकी, सुरेश यादव , प्रदीप सिंह, सूरज, कैप्टन राजीव पाण्डेय, कल्पनाथ, जीतेन्द्र तनुश्री, प्रफुल्लित, सोमदत्त , शोभिका, निवेदिता आदि मौजूद थे। 

विशेष आलेख : जनता दल परिवार के विलय का रास्ता आसान नहीं

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जनता दल परिवार को फिर से एकजुट करने की कवायद के बीच 4 दिसंबर के बाद ताजा बैठक 10 जनवरी को हुई जिसमें मुलायम सिंह यादव, प्रो. रामगोपाल यादव, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव व नीतीश कुमार शामिल हुए। सारे नेताओं ने पहले से ही एकीकृत जनता दल की सांगठनिक रूपरेखा के सारे अधिकार मुलायम सिंह के पास सुरक्षित कर दिए हैं। मुलायम सिंह ने ही इस बारे में बैठक बुलाने की पहल की थी। बाद में मुलायम सिंह और लालू प्रसाद यादव के बीच रिश्तेदारी के भी संबंध बन गए जिससे इस प्रक्रिया को और बल मिला। इसके बावजूद अभी जो तय हुआ है उसके मुताबिक 15 जनवरी तक पहले चरण में सिर्फ जद यू व राष्ट्रीय जनता दल का विलय होगा जबकि लोगों को इस बात में ज्यादा उत्सुकता है कि समाजवादी पार्टी इस विलय को लेकर कहां तक गंभीर है और विलय के बाद बनने वाले ढांचे के बारे में मुलायम सिंह यादव के विचार क्या हैं।

मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का जब गठन किया था उस समय उनकी पार्टी में कई नेता थे। समाजवादी पार्टी के स्थापना सम्मेलन में वे खुद बेनीप्रसाद वर्मा को बुलाने गए थे ताकि पार्टी में प्रभावशाली प्रतिनिधित्व की स्थिति उभर सके। उस समय मुलायम सिंह का प्रभाव मंडल इतना मजबूत नहीं था कि वे पार्टी के सफल भविष्य की उम्मीद केवल अपने बूते पर संजो सकते। पार्टी का जब राष्ट्रीय स्वरूप तैयार किया गया तब उसमें अपने जमाने के छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्रा को महासचिव की जिम्मेदारी उन्होंने दी। एक लोकतांत्रिक पार्टी की तरह शुरूआत में समाजवादी पार्टी भी सामूहिक नेतृत्व वाली पार्टी थी लेकिन जैसे-जैसे मुलायम सिंह का कद बढ़ता गया वैसे-वैसे उन्होंने अपने बराबर के कद के नेताओं को या तो अधीनस्थ बनकर रहने की नियति स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया या उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने पार्टी को अपनी निजी जागीर की तरह पेश करने के लिए कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि न होते हुए भी जनेश्वर मिश्र की जगह अमर सिंह को महासचिव पद पर थोप दिया गया और जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष बना दिए गए जो शोभामात्र का पद माना जाता है। इसके बाद भी पार्टी में  कोई विद्रोह नहीं हुआ। आज तो उनकी पार्टी में सारे पद उनके परिवार के लोगों के पास हैं और अच्छे-अच्छे नेता पार्टी में सेवक की भूमिका में हैं। समाजवादी पार्टी को एक लोकतांत्रिक पार्टी कहना इन हालातों में बहुत मुश्किल है।

अब जनता दल परिवार के दलों का एकीकरण होता है तो उन्हें इस संस्कृति में बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। तत्काल में नीतीश, शरद, इसके बाद इनेलो से भी बात चल रही है तो ओमप्रकाश चौटाला और एचडी देवगौड़ा तक इसमें शामिल होंगे और इसके कारण पार्टी का सांगठनिक ढांचा एक व्यक्ति केेंद्रित नहीं हो सकता। न ही पार्टी के सारे पद परिवार के लोगों को ही सौंपने पर आसानी से सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। तमाम नेता अपने-अपने राज्यों में खुद मुख्तारी चाहेंगे। साथ ही राष्ट्रीय सांगठनिक ढांचे में बराबरी के पद। इसका असर मुलायम सिंह की अपनी पार्टी पर भी पड़ सकता है। निश्चित रूप से मुलायम सिंह इसको लेकर ऊहापोह में हैं जिस वजह से शुरूआत करने के बावजूद मुलायम सिंह पहले चरण में विलय की प्रक्रिया से दूर रहना चाहते हैं। मुलायम सिंह को केवल एक बात पता है कि लालू यादव से उनकी जिस ढंग की रिश्तेदारी हुई है उसके बाद उनके साथ लालू को अधीनस्थ बनकर कार्य करने में कोई असुविधा नहीं है। अगर जद यू और राजद के विलय के बाद बनने वाले संगठन के मुखिया लालू हो जाएं तो उनके जरिए इन दोनों दलों के नेताओं का अपना स्वाभिमान व महत्वकांक्षाएं छोड़कर मुलायम सिंह यादव के प्रति शरणम गच्छाम होने का रास्ता तैयार हो सकता है। बिहार व उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में एकाधिकार बनाने के बाद इन्हीं शर्तों पर मुलायम सिंह के लिए हरियाणा और कर्नाटक के नेताओं से बातचीत करना आसान हो जाएगा।

यह मुलायम सिंह का अपना ख्याल है पर बात इतनी आसान नहीं है। फिलहाल तो जनता दल यू में ही दरबारी षड्यंत्र शुरू हो गया है। नीतीश की लोकप्रियता से जले भुने बैठे शरद यादव उनके साथ अपना हिसाब बराबर करने के लिए मुलायम सिंह की प्रभुता तात्कालिक तौर पर स्वीकार करने को तैयार हैं इसीलिए वे इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित कर रहे हैं और इसी रणनीति के तहत वे लालू के प्रति भी अपना पुराना बैरभाव किनारे कर चुके हैं। वैसे जनता दल परिवार का नाम इसे दिया जाना भ्रामक है। जनता दल परिवार तो टूटा ही इसलिए कि इसमें दो राजनीतिक संस्कृतियों के बीच जंग छिड़ गई थी। जनता दल का चेहरा वीपी सिंह थ जो कांग्रेस की उदार राजनीतिक संस्कृति को और स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं के जरिए परिस्कृत करके आदर्श स्थापित करना चाहते थे। दूसरी ओर उनकी पार्टी का जनाधार लोकदल परिवार में निहित था जिसने चौ. चरण सिंह के जमाने से ही फासिस्ट और लोकतंत्र विरोधी संस्कृति को व्यवहारिक राजनीति में अपनाया था। आज नीतीश भी कुछ-कुछ वीपी सिंह जैसे स्वभाव की वजह से ही लोकदल परिवार की संस्कृति से अलग-थलग से हैं। इसी कारण विलय की प्रक्रिया में वे चक्रव्यूह में घिरे नजर आते हैं। बहरहाल इन सारी स्थितियों के बीच जनता दल परिवार का विलय तमाम जटिल प्रश्नों से घिरा है। फलस्वरूप इसका अंजाम क्या होगा इस पर फिलहाल कोई भविष्यवाणी करना आसान नहीं लगता।







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के पी सिंह 
ओरई 

गिर सकती है अखिलेश सरकार

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  • मतलब साफ है सरकार गिरे या ना गिरे, लेकिन चचा, बाप-भतीज की मुश्किलें बढ़ी 

mulayam akhilesh
जीं ही, माफियाओं, लूटेरे व भ्रष्ट पुलिस व प्रशासनिक गुंडई के बल पर चल रही सपा सरकार गिर सकती है। यह हम नहीं बल्कि यूपी के सरधना से बीजेपी के वि‍धायक संगीत सोम का कहना है। उनका दावा है कि‍ यूपी की सपा सरकार कभी भी गिर सकती है। कहा कि‍ यूपी के करीब 25 विधायक उनके सीधे संपर्क में हैं, जबकि 100 से अधिक सपा विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। मतलब साफ है सरकार गिरे या ना गिरे, लेकिन चचा, बाप-भतीज की मुश्किलें बढ़ाने वाले बयान तो है ही। श्री सोम अयोध्या में रामलला दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। 

संगीत सोम ने कहा कि‍ समाजवादी पार्टी का कैसा समाजवाद है, जो बग्घी से शुरू होता है और सैफई में फि‍ल्मी कलाकारों के रंगारंग कार्यक्रम से खत्म होता है। इसलिए जब सरकार गिरने के बाद दोबारा चुनाव होगा तो जनता इनको सबक सिखाएगी। संगीत सोम ने पेरिस में अखबार के दफ्तर पर हमला करने वाले आतंकि‍यों को बसपा नेता हाजी याकूब कुरैशी द्वारा इनाम देने की घोषणा पर कड़ी प्रति‍क्रि‍या दी। कहा, याकूब के साथ आतंकियों का संबंध है। इसकी जांच कराने की उन्होंने मांग भी की। 


(सुरेश गांधी)

डॉ. अनिल शर्मा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

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सीहोर। प्रसिद्ध डेंटल सर्जन डॉ अनिल शर्मा को रविवार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। आइडीए द्वारा आयोजित इस समारोह में प्रदेश के चार अन्य डेंटल सर्जन को भी सम्मानित किया गया है । रविवार की शाम मोटल शिराज भोपाल में इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा आयोजित समारोह मध्यप्रदेश इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र अग्रवाल, भोपाल शाखा अध्यक्ष डॉ सतेन्द्र गुप्ता सचिव डॉ निशांत चौरसिया द्वारा सीहोर के डेंटल सर्जन डॉ अनिल शर्मा को दंत चिकित्सा और कैंसर क्षेत्र में किए जा रहे लगातार उल्लेखनीय कार्यो के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। 

डॉ शर्मा को शाल श्री फल एवं ट्राफी भी भेंट की गई। डॉ शर्मा के अलावा प्रदेश के चार अन्य वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ जीडी अग्रवाल,  डॉ. आनंद वर्मा, डॉ डीके जोशी, डॉ सुधीर सिंघल को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा आयोजित समारोह में डॉक्टर शर्मा द्वारा कैंसर के दो दो आपरेशन के बाद मरीजों की जाने वाली सेवा के अलावा कैंसर के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की जाकर बताया गया कि 14 जनवरी को डॉ शर्मा का जन्म दिन है इसलिए सम्मान की यह घड़ी और भी अविस्मरणीय हो गया है। कार्यक्रम का संचालन आइडीए के मध्यप्रदेश शिविरों के प्रभारी चिकित्सक डॉ डीके जोशी द्वारा किया गया। 

भाजपा वाराणसी छावनी बोर्ड चुनाव में सातों सीट हारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुए छावनी बोर्ड के चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। घोषित परिणाम के अनुसार वार्ड नंबर एक में संगीता, दो में शैलेंद्र कुमार सिंह, तीन में राजकुमार दास, चार में मसूदा हुसैन, पांच में चंद्रकेशव, छह में शहनवाज अली, सात में शैलजा श्रीवास्तव विजयी हुए। कुल 68.43 फीसदी मतदान हुआ।

केंद्र में सरकार बनने के बाद पहली बार भाजपा ने छावनी बोर्ड के लिए विधिवत सातों वार्ड में प्रत्याशी घोषित किए थे। यही नहीं प्रत्याशियों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, महापौर रामगोपाल मोहले, सांसद महेंद्र नाथ पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह आदि वरिष्ठ नेताओं ने जनसंपर्क भी किया था। इसके बाद भी एक भी सीट पर विजय न मिलना बड़े-बड़ों को मुश्किल में डाल सकता है।

छावनी परिषद में कड़कड़ाती ठंड और कुहासा लोकतंत्र के उत्सव पर भारी नहीं पड़ सका। छावनी बोर्ड चुनाव में मतदान के लिए सुबह 7 से शाम 4 बजे तक लंबी कतारें लगी रहीं। इसमें महिलाओं-युवतियों की संख्या ज्यादा थी। पहली बार वोट डालने पहुंची युवतियों का उत्साह देखने लायक था। दोपहर 12 बजे तक 40 प्रतिशत मतदान हो चुका था। सात वार्डों के लिए लगभग 15 हजार मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।

रविवार सुबह काफी गलन और कुहासा था। इसके बाद भी 7 बजे मतदान शुरू हुआ तो मतदाताओं की लंबी लाइन लग गई। कोई पैदल, कोई परिवार के साथ बाइक पर तो महिलाएं समूह में पहुंच रहीं थीं। तीन-चार पहिया वाहनों से भी मतदाता पहुंच रहे थे। वार्ड नंबर एक में महिला-पुरुषों की लंबी लाइन 7.30 बजे ही दिखी। वार्ड दो में सुबह 8 बजे महिलाओं की कतार पुरुषों से लंबी थी। मतदाता सिर से पैर तक गर्म कपड़ों से ढके मतदान के लिए पहुंचे थे। पुलिस की झिड़क और ताम-झाम के बाद भी उनका उत्साह कम नहीं हो रहा था।

वार्ड नंबर तीन में सुबह 9 बजे पहली बार वोट डालने के लिए उत्साहित आधा दर्जन युवतियां लाइन में लगी थीं। वार्ड छह में सुबह 11 बजे महिला-पुरुषों की लंबी लाइन लगी थीं। दोपहर 1 बजे वार्ड नंबर 5 में नोकझोंक के बाद अचानक मतदाताओं की संख्या बढ़ गई। दोपहर बाद 3 बजे एक बार फिर वार्ड नंबर दो और छह में मतदाताओं की लंबी लाइन लग गई। वार्ड छह में शाम 6 बजे तक मतदाताओं की लाइन लगी रही। कुछ पहुंचकर पुलिसवालों के लिए जल रहे अलाव में हाथ सेकने के बाद लाइन में लग रहे थे तो कुछ वोट देने के बाद अलाव की तरफ जा रहे थे। हालांकि पुलिस उन्हें रुकने नहीं दे रही थी। शाम 4 बजे तक मतदाताओं का उत्साह इसी तरह बूथों पर वोट के रूप में बरसता रहा। इसके बाद इक्का-दुक्का ही लोग वोट करने पहुंचे।

 छावनी चुनाव मतदान में हिंदू-मुस्लिम एकता की अच्छी मिसाल देखने को मिली। जब वार्ड नंबर छह में दो महिलाएं एक साथ मतदान करने पहुंची। एक तरफ एक बुर्कानशी थी तो उनके साथ एक घूंघट वाली नई बहू। दोनों महिलाएं मोहल्ले से पैदल एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आईं और मतदान करने के बाद एक साथ ही वापस गईं। यह देखकर मतदाता ही नहीं प्रत्याशी भी आश्चर्यचकित थे।

मतदान के लिए वार्ड नंबर छह में काफी लंबी लाइन लगी हुई थी। इससे मतदाताओं को काफी देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। लाइन में लगी ठंड से परेशान एक युवती ने कहा, ‘काश यहां अलाव जलवाया होता। मतदाताओं का इतना भी ध्यान नहीं रखा, बस वोट दे दो।’ हालांकि सामने पुलिस वालों के लिए अलाव जल रहा था लेकिन लाइन छोड़कर जा नहीं सकती थी।

छावनी चुनाव में मतदाता जमकर ढोए गए। ये प्रक्रिया सुबह से शुरू हुई तो देर शाम तक जारी रहा। कुछ बूथों पर तो टैक्सी से कई राउंड में प्रत्याशी समर्थक मतदाताओं को लेकर पहुंच रहे थे और उन्हें बूथ के पास तक जाने दिया जा रहा था। इसी तरह कुछ बूथों पर एक ही चार पहिया वाहन से कई राउंड में मतदाताओं को लाया गया। किंतु पुलिस प्रशासन की ओर से कोई टोकाटाकी नहीं की गई।

मतदान परिणाम की घोषणा के समय उस समय सभी प्रत्याशी तब भौचक रह गए जब जीते हुए प्रत्याशी ने यह कहा कि ‘जीत तो गया पर धोखा हो गया।’ वह प्रत्याशी कुछ देर के लिए बाहर गए और अपने करीबी समर्थकों से वार्ता करते और फिर वही बात दोहराते हुए वापस लौटे। ये वहां लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बना रहा।

भाजपा महानगर के अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने छावनी परिषद के चुनाव परिणामों पर कहा कि धनबल ने मतदाताओं को प्रभावित किया। भाजपा ने कभी ऐसे साधनों पर भरोसा नहीं किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत से चुनाव प्रचार किया। मतदाताओं के निर्णय को पार्टी स्वीकार करती है।


आने वाले दिनों में निवेश में होगी बढ़ोतरी : जेटली

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घरेलू अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए की गई पहलों के मद्देनजर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि आने वाले दिनों में निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। उन्होंने वायब्रेंट गुजरात सम्मेलन के मौके पर कहा सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं और भारत के बारे में रुझान बहुत सकारात्मक है। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में निवेश में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता होगी बुनियादी ढांचे पर और खर्च करना और विनिर्माण में व्यय प्रोत्साहित करना ताकि वृद्धि को बढ़ावा मिले और अपेक्षाकृत अधिक रोजगार सृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश भर में समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अगले साल तक लागू किया जाएगा। सरकार ने पिछले महीने संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी विधेयक पेश किया है।

गोंडवाना एक्सप्रेस मिला बम, साजिश नाकाम

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जबलपुर से दिल्ली जा रही जबलपुर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस में अचानक एक लावारिस बैग से बम मिलने के बाद हडक़ंप मच गया। इस घटना की जानकारी जब मिली। जब यात्री ने जीआरपी को लावारिस बैग की सूचना दी, जिसके बाद सिहोरा रोड स्टेशन पर बैग को ट्रेन से उतारकर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरानबाद बैग में बम रखा मिला, जो एक मल्टी मीटर से जुड़ा था। बम मिलने की सूचना पर एनआईए और मप्र एसटीएफ की टीमें जांच के लिए रवाना हो गई हैं।

जानकारी के मुताबिक, बम ट्रेन की एस-8 बोगी की 14 नंबर बर्थ के नीचे एक काले रंग के बैग में रखा था। यात्रियों ने बताया कि जिस व्यक्ति ने सिहोरा में जीआरपी के सिपाही को सूचना दी थी वह खुद सागर स्टेशन पर उतर गया था और स्वयं को रेलवे कर्मचारी का बता रहा था। यात्रियों के बयान केमुताबिक आधार पर जीआरपी ने स्केच तैयार किए हैं। उस शख्स की लाल मूंछे और लगभग 45-50 वर्ष उम्र बताई जा रही है।

यात्रियों के मुताबिक, बैग में रखे एक पॉलीथिन में कुछ कागज मिले। जिनमें विजिटिंग कार्ड, ट्रेवल्स कंपनी के बिल सहित अन्य कागजात थे। यह सभी कागज बिहार के मोतीहार, पूर्णिया एवं धनबाद के थे। संदेह के आधार पर पुलिस ने इन्हें जब्त कर लिया है। इसके अलावा पुलिस एस-8 बोगी में सवार यात्रियों से भी जानकारी जुटा रही है। हालांकि, करीब एक घंटे तक चली सभी बोगियों की जांच के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया।

स्पेशल डीजी रेल मैथिलीशरण गुप्त के मुताबिक पायरो बम अति ज्वलनशील होता है। विस्फोट के बाद यह पदार्थ जहां-जहां भी गिरता है, वहां आग लग जाती है। हालांकि जांच एजेंसियों ने किसी बड़े धमाके की साजिश से इंकार किया हैं।

ग्रीनपीस की प्रिया पिल्‍लई को लन्दन जाने से रोक दी गई

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रविवार को एनजीओ ग्रीनपीस इंडिया की एक सीनियर एक्टिविस्‍ट प्रिया पिल्‍लई उस समय हैरान रह गईं जब उन्‍हें वैध वीजा और पासपोर्ट के बावजूद लंदन जाने की इजाजत नहीं दी गई। प्रिया 14 जनवरी को वे लंदन में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करने वाली थीं। जहां वह भारत में कोयला खदान की वजह से वनवासी समुदाय के अधिकारों के उल्लंघन के बारे में जानकारी देने वाली थीं। उन्हें ब्रिटिश सांसदों की ओर से मध्यप्रदेश के जंगल में स्थानीय समुदाय के साथ चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

 उनके पासपोर्ट पर 'ऑफलोडेड'का स्‍टैंड लगाकर उन्‍हें बैंरग वापस लौटा दिया गया। अभी तक गृहमंत्रालय की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार इंटेलीजेंस ब्‍यूरो की उस रिपोर्ट को लेकर काफी गंभीर है जिसमें कहा गया है कि ग्रीनपीस भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को अस्थिर करके देश को एक बड़े खतरे की ओर धकेलना चाहता है। अर्थव्‍यवस्‍था को अस्थिर करने की कोशिशें इंटेलीजेंस ब्‍यूरो की रिपोर्ट में एनजीओ के कुछ एक्टिविस्‍ट्स का हवाला दिया गया है जो न्‍यूक्लियर और कोल प्‍लांट्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों के जरिए उनका मकसद देश की अर्थव्‍यवस्‍था को असंतुलित करना था। इंटेलीजेंस ब्‍यूरो के अधिकारियों की मानें तो प्रिया पिल्‍लई की लंदन यात्रा देशहित में नहीं थी। 

सूत्रों की मानें तो ग्रीनपीस पिछले काफी समय से इंटेलीजेंस ब्‍यूरों की नजरों में है। अधिकारियों की मानें तो न सिर्फ ग्रीनपीस बल्कि कई एनजीओ ऐसे हैं जो देश में विकासशील परियोजनाओं के खिलाफ विरोध करने के मकसद से देश में मौजूद हैं ताकि देश की जीडीपी को नुकसान उठाना पड़े। ग्रीनपीस से जुड़े होने की वजह पिल्‍लई के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। आईबी अधिकारियों के मुताबिक वह लंदन जिस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रही थीं वह देश हित में नहीं था। आईबी के एक‍ अधिकारी के मुताबिक लंदन में वह जो बातें करने वाली थीं वह एक ऐसी संस्‍था के बारे में थीं जो ब्‍लैकलिस्‍टेड है।   

 आईबी के अधिकारियों के मुताबिक गृहमंत्रालय की ओर से उनकी रिपोर्ट को काफी गंभीरता से लिया गया है। देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए यह एनजीओ बड़ा खतरा है और ऐसे में इसकी सुरक्षा काफी अहम है। आईबी ने ग्रीनपीस पर आरोप लगाया है कि वह देश की व्‍यवस्‍था को बदलने के लिए कानूनों का उल्‍लघंन कर रही है। विवादित संस्‍था ग्रीनपीस आईबी अधिकारियों की मानें पिछले कुछ वर्षों में ग्रीनपीस ने देश में कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है। ग्रीन पीस वह एनजीओ है जो देश की आर्थिक सुरक्षा को मुश्किल में डालने की कोशिशों में लगा हुआ है। 

आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनपीस भारत में विदेशों से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का फायदा पहुंचा रहा है। इतना ही नहीं एनजीओ फॉरेन कांट्रीब्‍यूशन एक्‍ट 2010 ( एफसीआरए) का भी उल्‍लंघन किया है। ग्रीनपीस ने मांगा गृह मंत्रालय से जवाब ग्रीनपीस की ओर से इस घटना पर काफी तेजी से प्रतिक्रिया आई है। ग्रीनपीस की ओर से कहा गया है कि यह दूसरी बार है जब एनजीओ के किसी कर्मचारी को एयरपोर्ट पर इस तरह से रोका गया है। ग्रीनपीस की ओर गृहमंत्रालय को एक नोटिस भेजकर इस घटना पर कानूनी रुप से जवाव मांगा गया है। नोटिस में कहा गया है कि गृह मंत्रालय उसे यह जवाब दे कि उसकी कर्मी प्रिया पिल्‍लई को देश छोड़ने से क्‍यों रोका गया वह भी तब जब उनके पास एक वैध बिजनेस वीजा था।


जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री बने रहेंगे: नीतीश कुमार

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जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि जीतनराम मांझी बिहार मुख्यमंत्री बने रहेंगे. पिछले कुछ दिनों से ऐसी अटकलें थीं कि विवादास्पद बयानों की वजह से मांझी को पद से हटाया जा सकता है. दिल्ली से लौटने के बाद नीतीश कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उनको पद से हटाने संबंधी सभी अटकलें गलत हैं." 

नीतीश कुमार ने कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने दिल्ली गए थे. वहां उन्होंने जनता परिवार के विलय के संबंध में चर्चा की. उन्होंने कहा, "वह जनता परिवार के विलय के संबंध में चर्चा के लिए दिल्ली गए थे. इस दौरे में मांझी को पद से हटाने संबंधी कोई बातचीत नहीं हुई."उल्लेखनीय है कि पिछले 72 घंटे से इस तरह की अटकलें जोरों पर थीं कि मांझी को पद से हटाया जा सकता है. बिहार के चार मंत्रियों ने हालांकि नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया था.

एयर एशिया विमान का ब्लैक बाक्स मिला

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एयर एशिया के दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का ब्लैक बाक्स जावा सागर में मिल गया है । इंडोनेशिया के समुद्री परिवहन महानिदेशालय ने कल यहां बताया कि एयर एशिया के दुर्घटना के शिकार हुए विमान क्यूजेड 8501 का ब्लैक बाक्स मिल गया है ।ब्लैक बाक्स  विमान के पिछले हिस्से के मलबे के नीचे से बरामद किया गया एवं ब्लैक बाक्स को निकालने का काम सोमवार को किया जायेगा जिससे इस हादसे के रहस्य से पर्दा उठने की संभावना है । समुद्री परिवहन महानिदेशालय के को .आर्डिनेटर टोनी बुदियानो ने बताया कि नौसेना के जहाज के एन जदायत के गोताखोरों को समुद्र के तीस मीटर की गहराई में ब्लैक बाक्स मिला। श्री बुदियानो ने बताया कि ब्लैक बाक्स अभी विमान के पिछले हिस्से के मलबे के टुकडों के बीच फंसा हुआ है जिससे गोताखोरों को उसे निकालने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है ।

श्री बुदियानो ने कहा कि खोजी दल विमान के मलबे के बीच से ब्लैक बाक्स को निकालने की कोशिश करेंगे जहां वह अभी फंसा हुआ है ।अगर यह तरीका नाकाम रहता है तो विमान के पिछले हिस्से को उठाने में इस्तेमाल की गई बैलून विधि प्रयोग में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि ब्लैक बाक्स निकालने के कोशिशों के तहत घटनास्थल पर उपकरण की जगह पर एक तैरने वाला चिन्ह लगाया गया है । खोज एवं बचाव एजेंसी अभियान के संयोजक एस बी सुप्रियादी ने बताया कि जावा सागर में तेज ध्वनि संकेत सुनाई देने के बाद ब्लैक बाक्स बरामद  किया गया।उन्होंने कहा कि इस आवाज का पता उस जगह से एक किलोमीटर पूर्व में लगा जहां से विमान का पिछला हिस्सा बरामद किया गया था। विमान के पिछले हिस्से को शनिवार को बाहर निकाला गया था लेकिन उससे ब्लैक बाक्स नहीं मिला था। 

गौरतलब है कि इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बडे शहर सुराबाया से सिंगापुर के लिए एयर एशिया का एक विमान रवाना हुआ था लेकिन यह जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।हादसे के समय विमान में 162 यात्री सवार थे.

राजपक्षे के सेना से मदद मांगने के मामले की जांच होगी

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श्रीलंका की नयी सरकार इस बात की जांच करायेगी कि क्या लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे ने हार का एहसास होने पर सत्ता में बने रहने के लिए सेना की मदद मांगी थी। श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेना के प्रवक्ता मंगला समरवीरा ने कल कहा ..नयी कैबिनेट जिस पहली चीज की जांच करायेगी वह है पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा तख्तापलट की कोशिश की साजिश एवं इस बात की भी जांच कराई जायेगी की क्या अन्य देश के नेताओं ने भी उन्हें बरगलाया था. श्री समरवीरा ने कहा..लोग सोचते हैं कि यह शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन था लेकिन यह कुछ और ही मामला था।कुछ वैश्विक नेताओं ने भी श्री राजपक्षे को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण से बरगलाने की कोशिश की लेकिन यह कहना मुश्किल है कि किन.किन नेताओं ने उनसे बात की. इससे पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के मुख्य प्रवक्ता राजीत सेनारत्ने ने कहा था कि श्री राजपक्षे ने चुनाव हारने के बाद सेना प्रमुख लेफि्टनेंट दया रत्नायके पर सैनिकों को तैनात करने का दबाव डाला था।  उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख पर सैनिकों की तैनाती का गहरा दबाव था लेकिन वह नहीं झूके.

श्री रत्नायके ने कहा कि सेना प्रमुख ने कुछ भी गैरकानूनी कार्य करने सं इन्कार कर दिया।श्री राजपक्ष्ो ने अंतिम क्षण तक अपने पद में बने रहने का प्रयास किया लेकिन जब उन्हें यह एहसास हो गया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है तब उन्होंने हटने का फैसला किया। श्री रत्नायके ने कहा ..हम सेना प्रमुख .पुलिस महानिरीक्षक और चुनाव आयुक्तों के सही बात पर अडिग रहने के लिए प्रशंसा करते हैं 1वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखने के लिए अडे रहेंं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रमुख इस सैन्य हस्तक्षेप में हिस्सेदार नहीं बनना चाहते थे और सेना प्रमुख भी उनके साथ थे 1अटार्नी जनरल ने भी चेताया था कि इसके खतरनाक दुष्परिणाम होंगे. इस पूरे मामले पर श्रीलंकाई सेना ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है वहीं श्री राजपक्षे के प्रवक्ता ने इस दावे को बेबुनियाद करार दिया है ।

दक्षिण कोरिया बिना शर्त उत्तरी कोरिया से बातचीत के लिए तैयार.

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दक्षिणी कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गियून हे ने आज कहा कि वह उत्तरी कोरिया के प्रमुख नेता किम जॉग उन से बिना शर्त बातचीत के लिये तैयार हैं। सुश्री पार्क ने आज संवाददाताों से बातचीत में कहा कोरिया प्रायद्वीप में शांति के लिये की जाने वाली इस बातचीत के दौरान उत्तरी कोरिया के नाभकीय कार्यक्रम को समाप्त करना अहम मुद्दा होगा। पर यह बातचीत बिना शर्त के होगी। उन्होंने कहा कि वह यहां शान्ति स्थापित करने के लिये प्रयासरत हैं और इस संबंध में वह किसी के साथ बैठक कर सकती है। 

उल्लेखनीय है कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से कोरिया दो हिस्सों में बंट गया था और तब से दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच केवल दो बार बैठक हुई है। हॉलाकि सुश्री पार्क और श्री किम जोंग उन के बीच होने वाली बैठक के लिये ठोस योजना नहीं बनाई गई है। सुश्री पार्क ने कहा कि विभाजन के बाद दोंनो देशों के बीच बढे तनाव को समाप्त करने तथा शान्तिपूर्ण एकता स्थापित करने के लिये वह किसी के साथ बिना शर्त शिखर वार्ता के लिये तैयार हैं।

बिहार : अब आसमान में उड़ान भरेगे मोदी ओबामा

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब राजधानी पटना के आसमां में उड़ान भरने जा रहे है। मकर संक्राति 14 जनवरी के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों  से चली आ रही है और इस दिन लोग चूड़ा दही खाने के बाद मकानों की छतों तथा खुले मैदानों की ओर दौडे चले जाते हैं और पतंग उड़ाकर आनंदित होते हैं। 14 जनवरी के पतंग महोत्सव को लेकर राजधानी पटना में नरेन्द्र मोदी की तस्वीर वाली पतंगों की धूम मची हुयी है।वहीं इस गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की तस्वीर वाली पतंगों की भी बहार आई हुई है। पटना के गंगा दियारा क्षेत्र में पतंग उत्सव मनाने की राज्य सरकार की पहल के बाद लोगों का रूझान इस ओर तेजी से बढा है। पटना सहित कई इलाकों में पतंग प्रतियोगिताएं भी शुरू  हुई हैं।

नरेन्द्र मोदी के चित्र वाली पतंगों की कीमत 50 रूपए तक है। इनमें से कुछ पतंगों में नरेन्द्र मोदी लोगों को नववर्षा की शुभकामनाएं देते नजर आ रहे हैं वहीं कुछ में उनके चित्र के नीचे महानायक लिखा हुआ है।इन सबके साथ हीं नई पैटर्न वाली पतंगों में मोदी और ओबामा साथ साथ देख्ो जा सकते हैं। पटना के एक थोक व्यापारी राम चौरसिया ने कहा..पहले जहां फिल्म स्टार की तस्वीर वाली पतंगों की मांग ज्यादा रहती थी वहीं अब इनकी जगह मोदी और ओबामा जैसी राजनीतिक हस्तियों की फोटो वाली पतंगों ने ले ली है।इन सबके साथ हीं बच्चों के रूझान को देखते हुये कार्टून चरित्रों जैसे छोटा भीम. स्पाइडर मैन के चित्र वाली पतंगे भी आसमान में उड़ान भरने को तैयार है। चौरसिया का कहना है कि बाजार में पांच रूपये से लेकर 50 रूपए तक की पतंग बिक रही हैं।जबकि लटाई की कीमत 10 से 300 रूपए तक है।चौरसिया ने बताया कि पतंग बनारस से और लटाई मुरादाबाद जबकि मांझे लखनऊ से मंगाए जाते हैं।चाइनीज धागे वाली लटाई 50 से लेकर 800 रूपये तक में उपलब्ध हैं। 

पतंग के एक अन्य थोक व्यापारी ने कहा ..युवाों में भी मकर संक्राति के दिन पतंग उड़ाने का क्रेज जोरो पर है।अपने प्यार का इजजार करने के लिये युवा वर्ग ..दिल और आई लव यू वाली पतंगों की प्रति आर्कषात होते दिख रहे हैं।पिछले तीन सालों से पटना में पतंग का कारोबार काफी बढ़ा है।

तृणमूल नेता मुकुल राय को सीबीआई ने किया तलब

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उच्चतम न्यायालय के  निर्देश पर करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेता एवं पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय को पूछताछ के लिए तलब किया है। सीबीआई सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री राय को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने सुबह श्री राय को फोन करके पूछताछ के लिए उपलब्ध होने को कहा। हालांकि पूर्व रेल मंत्री ने अपनी व्यस्तता का हवाला देकर कुछ मोहलत देने का सीबीआई से आग्रह किया है। इससे पहले गत दिसंबर में ममता बनर्जी सरकार की शारदा चिट फंड घोटाला मामले को लेकर उस वक्त काफी किरकिरी हुई थी. जब सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफतार किया था। श्री मित्रा फिलहाल हिरासत में हैं। 
     
गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने अभी तक तृणमूल के तीन नेताओं को गिरफतार किया है। उल्लेखनीय है कि तृणमूल सुप्रीमो एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बता रही हैं। इसके खिलाफ तृणमूल कांग्रेंस ने राज्य में  विरोध प्रर्दशन भी किया था। अब राज्य सरकार सीबीआई के दुरुपयोग का हवाला देकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने वाली है।

दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के वेतन में होगी बढ़ोत्तरी

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दिल्ली में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के सभी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया है। केंद्र ने दिल्ली प्रशासनीक अथीनस्थ सेवा (डीएएसएस) में कार्यरत सभी कर्मियों की वेतन वृद्धि के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अनिंदो मजूमदार ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डीएएसएस में वेतन वृद्धि के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इस फैसले के अनुसार डीएएसएस और स्टेनो कैडर दोनों को ही लाभ मिलेगा।
मजूमदार ने ये भी बताया कि डीएएसएस ग्रेड दो और स्टेनो ग्रेड दो का बेसिक वेतन 5000-8000 को बढ़ा कर 5500-9000 कर दिया गया है। ये वृद्धि आंशिक रुप से 1 जनवरी 1996 से प्रभावी होगा, जबकि 12 दिसंबर 2006 से इसे वास्तिवक रूप में प्रभावी कर दिया जाएगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोयला अध्यादेश के प्रावधानों के खिलाफ पूर्व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल की कंपनी जेएसपीएल द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को आज नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कंपनी ने कोयला मंत्रालय के आदेश व अध्यादेश के उन प्रावधानों को चुनौती दी है जिसके तहत छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कोयला ब्लाकों के कोयले का अंतिम उपयोग इस्पात की जगह बिजली क्षेत्र के लिए करने की अनुमति दी गई है।

न्यायमूर्ति बदर र्दुज अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने जिंदल स्टील एंड पावर और नवीन जिंदल की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोयला मंत्रालय को नोटिस जारी कर उससे पूछा है कि अंतिम उपयोग क्यों और कहां बदला गया। सुनवाई के दौरान नवीन जिंदल अदालत में मौजूद थे।

याचिकाकर्ताओं ने मंत्रालय के 18 दिसंबर के आदेश और कोयला अध्यादेश के प्रावधानों को दरकिनार करने की मांग की है जिसमें संबंधित कोयला ब्लाक के अंतिम उपयोग को स्टील की जगह बिजली कर दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी। जेएसपीएल ने अपनी याचिका में दलील दी है कि उसे ओडिशा में इस्पात संयंत्र एवं छत्तीसगढ़ में स्पंज आयरन उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए इन दोनों राज्यों में कोयला ब्लॉक आबंटित किए गए थे।

कोयला ब्लाकों का आवंटन 25 अगस्त और 24 सितंबर 2014 को जारी आदेशों के तहत उच्चतम न्यायालय द्वारा रदद किए जाने के बाद सरकार ने कोयला खान (विशेष प्रावधान) अध्यादेश 2014 जारी किया है। इस अध्यादेश के तहत केंद्र को कोयला ब्लाकों को नीलाम करने का अधिकार है।


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (12 जनवरी)

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स्वामी विवेकानंद के पदचिन्हों पर चले युवाजन-विधायक श्री दांगी
  • योग से शारीरिक एवं बौद्धिक विकास-कलेक्टर श्री ओझा
  • सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम सम्पन्न

vidisha news
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ विदिशा में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय पर शासकीय उत्कृृष्ट उ0मा0विद्यालय के प्रागंण मंे आयोजित हुए उक्त कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों के साथ-साथ अधिकारी-कर्मचारियों ने सहभागिता निभाई। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के संदेश का आकाशवाणी से प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी ने कहा कि आज के युग में युवाजन स्वामी विवेकानंद के आदर्शो को अपनाकर समाज, प्रदेश और देश की तरक्की में सहभागी बनें। उन्होंने योग को मानवीय जीवन का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि योग करने वाले व्यक्ति सदैव स्वस्थ और हष्टपुष्ट रहते है। इस दौरान विधायक श्री दांगी ने पांच हजार रूपए की राशि विद्यार्थियों को देने की घोषणा की। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने कहा कि भारतीय संस्कृृति मंे योग को नकारा नही जा सकता। उन्होंने कहा कि नियमित योग से हम शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ रह सकते है। अच्छा स्वास्थ्य और बुद्धि विकास के लिए हर रोज योग करने का आग्रह उन्होंने किया। 

प्रदर्शन
कार्यक्रम के उपरांत कृष्णा रैकवार के नेतृत्व में उनकी टीम सदस्यों द्वारा ताइक्वाडो का प्रदर्शन किया गया वही सुरभि तिवारी के नेतृत्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति उत्कृष्ट विद्यालय की छात्राओं द्वारा की गई। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, सीईओ जिला पंचायत श्री चन्द्रमोहन मिश्र, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया, संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र, डिप्टी कलेक्टर सुश्री नेहा भारती के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। आगंतुकों के प्रति आभार जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था की अध्यापिका डाॅ दीप्ति शुक्ला ने किया।
मतदाता निर्भीक होकर मतदान करें-कलेक्टर श्री ओझा
  • मतदान दल मतदान केन्द्रों पर पहुंचे

त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के आम चुनाव तहत प्रथम चरण में जिले की जनपद पंचायत विदिशा एवं बासौदा में मतदान 13 जनवरी को होगा। मतदानकर्मियों के लिए निर्वाचन सामग्री का वितरण आज 12 जनवरी को किया गया है। संबंधित रिटर्निंग आफीसर ने बताया कि मतदानकर्मियों के मतदान केन्द्रों पर पहुंचने की ओके रिपोर्ट प्राप्त होने लगी है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एमबी ओझा ने दोनो जनपदों के ग्रामीणी मतदाताओं से कहा कि वे निर्भीक होकर मतदान करें। निर्वाचन के दौरान किसी भी घटना की आशंका हो तो अलिवम्ब कंट्रोल रूम अथवा क्षेत्र के सेक्टर मजिस्टेªट को बतलाने का कष्ट करें। प्रशासन द्वारा मतदान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रूप से सम्पादित कराए जाने हेतु तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। 

माॅक पोल
मतदान तिथि 13 जनवरी की प्रातः छह बजे सभी मतदान केन्द्रों पर माॅकपोल किया जाएगा। आयोग द्वारा मतदान का समय प्रातः सात बजे से दोपहर तीन बजे का नियत किया है। विदिशा जनपद पंचायत अंतर्गत कुल 240 मतदान केन्द्रों पर 99 हजार 705 मतदाता अपने मतो का प्रयोग करेंगे। कुल मतदाताओं में पुरूष 53 हजार 740 और महिला मतदाताओं की संख्या 45 हजार 965 शामिल है। इसी प्रकार बासौदा जनपद पंचायत के 286 मतदान केन्द्रों पर एक लाख 33 हजार 765 मतदाता अपने मतो का प्रयोग करेंगे कुल मतदाताओं में पुरूष 71 हजार 684 और महिला मतदाताओं की संख्या 62 हजार 81 शामिल है। 

मदिरा दुकाने बंद
मतदान समाप्ति होने के 48 घंटे पूर्व शराब का क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है जो जनपद पंचायत अथवा जिला पंचायत के सदस्य के निर्वाचन के मामले में संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली प्रत्येक ग्राम पंचायत की भौगोलिक सीमा की परिधि में स्थित शराब की सभी दुकानो पर लागू होगा।  

सामान्य अवकाश
प्रथम चरण के तहत जिले की जिन दो जनपद पंचायत क्षेत्रो में मतदान 13 जनवरी को होगा उन दोनो जनपद विदिशा एवं बासौदा के ग्रामीण क्षेत्रो हेतु सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। 

ईव्हीएम और मतपत्र से मतदान
जिला पंचायत सदस्य और जनपद सदस्य के लिए मतदाता अपना मत ईव्हीएम का बटन दबाकर देंगे। इसी प्रकार सरपंच और पंच पद हेतु मतदान मतपत्र पर मोहर लगाकर देंगे।

राष्ट्रीय खेलों के लिये चयन ट्रायल पर पीटी ऊषा ने उठाये सवाल

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पूर्व ओलंपियन पी.टी ऊषा ने चौथे राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाली केरल की एथलेटिक्स टीम के चयन पर सवाल उठाते हुये खेलों में उनके खराब प्रर्दशन की संभावना व्यक्त की है। उड़नपरी के नाम से मशहूर ऊषा ने कहा कि यह ट्रायल जबरदस्ती कराये जा रहे हैं और घोषित की जाने वाली टीम से उन्हें अब ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। यहां के इरिट्टी के नजदीक चवस्सेरी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सीधे तौर पर राज्य की एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित किये जाने वाले चयन ट्रायल पर सवाल उठाये। ऊषा ने आरोप लगाते हुये कहा.. चयन ट्रायल मात्र उन लोगों को संतुष्ट करने के लिये आयोजित कि ये गये थे जो उनमें शामिल होने के लिये वहां आये थे। चयन ट्रायल में किसी तरह की पारर्दशिता नहीं थी। चयन ट्रायल के माध्यम से  कुछ खिलाडियों का नाम राज्य की टीम में शामिल करने की भी कुछ खबरें मिली हैं।. 
     
उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स एसोसिएशन खिलाडियों की फिटनेस को देखते हुये चयन ट्रायल से पहले ही संभावित खिलाडियों की एक लिस्ट तैयार कर चुकी है जिसकी घोषणा बाद में की जानी है। उंषा ने साथ ही कहा कि कुछ खिलाडि़यों को अनपिंट होने के बावजूद टीम में शामिल किया गया। पूर्व ओलंपिक खिलाडी ने कहा कि ट्रायल के कारण जिश्ना मैथ्यू जैसे लायक और सम्मानित एथलेटिक्स टीम का हिस्सा नहीं बन पाये हैं। वह कन्नूर जिले के चवस्सेरी में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित टिंटु लुका के घर आने पर एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची थी। ऊषा टिंटू की कोच और मेंटर भी है और उन्होंने ही वर्ष 2005 में भारतीय एथलीट टिंटू के घर की नींव रखी थी।

दिल्ली में अपना पता ढूंढ रहे हैं केजरीवाल

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी .आप. के मुखिया अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश करने के लिए राजधानी में एक अदद पते की तलाश में लगे हैं। दिल्ली का मतदाता बनने की उनकी एक कोशिश नाकाम हो चुकी है और अब वह इसके लिए नये सिरे से कोशिश कर रहे हैं। दरअसल श्री केजरीवाल ने अपने पते में परिवर्तन के लिए आवेदन किया था लेकिन एक गैर सरकारी संगठन ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत कर दी कि गाजियाबाद के निवासी होते हुए उनके इस आवेदन पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। श्री केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए पिछले वर्ष तिलक लेन स्थित सरकारी बंगले में रह रहे थे लेकिन पद छोड़ने के बाद गत जुलाई में उन्होंने यह बंगला खाली कर दिया और वह गाजियाबाद स्थित कौशाम्बी में अपने निवास पर रहने चले गये थे। गत 17 नवम्बर कों उन्होंने अपने पते में परिवर्तन के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया था लेकिन आयोग के सूत्रों के अनुसार इसे खारिज कर दिया गया। चुनाव आयोग की वैबसाइट पर उनके आवेदन के सामने .वापस लिया. लिखा हुआ है।

आप. के अनुसार श्री केजरीवाल ने तिलक लेन स्थित आवास से अपना पता बदलकर विट्ठलभाई पटेल हाउस करने के संबंध में आवेदन किया था लेकिन तकनीकी कारणों से इसे स्वीकार नहीं किया गया। पार्टी का कहना है कि अब श्री केजरीवाल दिल्ली का मतदाता बनने के लिए नये सिरे से आवेदन करेंगे। हालाकि यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस पते से यह आवेदन करेंगे। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 5 .सी. के तहत किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए राज्य की किसी भी विधानसभा सीट का मतदाता होना जरूरी है। चुनाव आयोग के अनुसार कोई भी उम्मीदवार नामांकन दायर करने की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक मतदाता बनने के लिए आवेदन कर सकता है। दिसम्बर 2013 के चुनाव के नामांकन में श्री केजरीवाल ने मध्य दिल्ली में 41. हनुमान रोड़ को अपना निवास स्थान बताया था।
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