Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74313 articles
Browse latest View live

विशेष आलेख : दिल्ली के चुनाव और भाजपा का उत्साह

$
0
0
delhi-election-and-bjp
देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों में सक्रियता आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जहां भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी फिर से दिल्ली में पिछले चुनावों जैसा गणित बनाने की ओर अग्रसर होती दिखाई दे रही है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस के नेता बयान कुछ भी दें, लेकिन उसके बड़े बड़े नेताओं की भी चुनाव लडऩे की हिम्मत नहीं हो रही। दिल्ली में अभूतपूर्व विकास के दावे करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का चुनाव मैदान में आने के लिए अरुचि दिखाना इसका साक्षात उदाहरण है। ऐसे में कहा जा सकता है कि दिल्ली के सिंहासन को प्राप्त करने के लिए जहां भाजपा उत्साह से परिपूर्ण है, वहीं आम आदमी पार्टी फिर खेल बिगाडऩे की मुद्रा में दिखाई दे रही है। 

भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में नरेंद्र मोदी का उदय निश्चित रूप से देश की एक परिवर्तनकारी घटना है। जनमानस ने उन्हें बदलाव का वाहक माना और सकारात्मक प्रतिसाद भी दिया। कहीं न कहीं उन्होंने भारतीय जनमानस को उम्मीदों के पंख दिये। संप्रग सरकार से उत्पन्न जनाक्रोश को जिस खूबसूरती से उन्होंने अपनी ताकत बनाया वह उनके राजनैतिक कौशल का ही पर्याय है। अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम से उपजे हालातों ने उन्हें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का मौका जरूर दिया। एक के एक बाद सफलताएं उनके खाते में जुड़ती चली गयी। लोकसभा चुनाव से पहले चार राज्यों में से तीन पर जहां भाजपा की सरकारें बनी, वहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में वे सरकार बनाने में सफल रहे।

अब जब दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल एक बार फिर से बज उठा है, तो ऐसे में दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी यह सवाल भी उठ खड़ा हुआ है। चार राज्यों के साथ जब दिल्ली में चुनाव हुए तो वहां भारतीय जनता पार्टी को सीटों के हिसाब से पहला स्थान प्राप्त हुआ, लेकिन नई नवेली आम आदमी पार्टी ने २८ सीटें जीतकर सबको चौंका दिया। आम आदमी पार्टी के केजरीवाल ने कांगे्रस के साथ बेमेल समझौता करके सरकार बनाई, कांगे्रस ने केजरीवाल को फ्री हैण्ड भी दे दिया, लेकिन केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ धोखा ही दिया और मात्र ४९ दिन में दिल्ली की सत्ता को त्याग दिया। अब जब यहां फिर चुनाव होने हैं तब क्या एक बार फिर से दिल्ली की जनता आप को मौका देगी या फिर भाजपा को। जहां तक आप का प्रश्न है तो दिल्ली की जनता उन्हें एक बार मौका दे चुकी है, लेकिन जितने दिन यह सरकार रही, उतने दिनों तक एक नया ड्रामा खड़ा करती रही। लंबे लंबे वायदे होते रहे लेकिन जब काम करने का समय आया तो आपकी सरकार पीछे हटती चली गयी और ठीकरा दूसरों पर फोड़ती नजर आई। 

चुनावों के लिए भाजपा, आप और कांग्रेस तीनों ही दल सरकार बनाने के दावे करते दिखाई दे रहे हैं। अब सवाल यह भी आता है कि क्या दिल्ली फिर से उसी राजनीतिक राह का अनुसरण कर रही है, जो पूर्व के विधानसभा के परिणामों में बने थे। अरविन्द केजरीवाल का खेल तो कुछ इसी प्रकार का दिखाई दे रहा है, वे किसी भी मामले में पीछे नहीं रहना चाहते। उनके फिर से वैसे ही लुभावने भाषण दिल्ली में सुनाई देने लगे हैं। लगता है इस बार भी केजरीवाल दिल्ली में त्रिशंकु के हालात पैदा करने की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में जनता को भी सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि एक साल खराब होने के बाद जनता को स्थिर और मजबूत सरकार मिलना चाहिए, जो बहुत ही जरूरी है।

लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी राजग सरकार के कामों का विश्लेषण करें तो यह सरकार कहीं भी असफल नहीं हुई चाहे वह भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर स्वार्थी राजनीति का। सत्ता संभालते ही मोदी का जादू देश में सिर चढ़कर बोलने लगा। चाहे मेडसिन स्कवॉयर गार्डन न्यूयार्क हो या सिडनी एलफोन्से एरिना में हुई रैलियां हों। शायद ही किसी एक व्यक्ति ने सारे साल ऐसा प्रभाव छोड़ा होगा जैसा कि नरेन्द्र मोदी ने। 2014 में लोगों ने जानना चाहा कि वे क्या कह रहे हैं और क्या करना चाहते हैं। कांग्रेस का नाम तो इसलिए भी नहीं लिया जा सकता है कि जितने भी चुनाव हुए हैं, उन सब में कांग्रेस बुरी तरह से पराजित हुई है। ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस सरकार बना पायेगी यह कहना बड़ा मुश्किल है। दिल्ली चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है। पिछले चुनाव के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि मई 2014 में संपन्न लोकसभा चुनावों में तस्वीर बिल्कुल पलट गई थी जब भाजपा ने दिल्ली में क्लीन स्वीप कर सभी सातों लोकसभा सीटें जीत ली थीं। इस परिणाम को विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली के ६० विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने सर्वाणिक मत प्राप्त किए। कहना तर्कसंगत ही होगा कि आज भी पूरे देश में भाजपा के प्रति वैसा ही वातावरण है जो लोकसभा चुनावों के प्रति था, क्योंकि लोकसभा चुनावों के बाद अभी तक हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों में भाजपा ने चौंकाने वाले परिणाम ही दिए हैं। ऐसे में अब चुनाव की घोषणा के बाद दिल्ली को लेकर भाजपा का उत्साह चरम पर है।

सच कहा जाए तो दिल्ली का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक तरह से परीक्षा होगी। अब तक के कार्यकाल में हुए कामों की समीक्षा के तौर पर इस चुनाव को देखा जा रहा है। जनता ने उनके कामों को कितना सराहा है, इसकी मुहर इस चुनाव में लगने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रामलीला मैदान से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए बिना नाम लिये ही आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल पर प्रहारों से भाजपा की रणनीति का संकेत दे दिया है तो पिछले चुनाव में बुरी तरह पराजय से पस्त कांग्रेस भी अजय माकन को आगे कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाना चाह रही है। जहां तक आप का सवाल है तो यह वह खुद मान चुके हैं कि 49 दिन बाद इस्तीफा दे देना गलती थी और पुन: सत्ता में आने का मौका मिलने पर किसी भी हाल में पांच साल तक सत्ता नहीं छोड़ेंगे। स्वाभाविक है उन्हें दिल्ली के मतदाताओं को इस सवाल का जवाब देना पड़ेगा कि ऐसी गलती करने वाले को दोबारा मौका क्यों दिया जाए? सवाल यह भी है कि उस मध्य वर्ग में आप की लोकप्रियता कितनी कायम है जिसके बल पर केजरीवाल उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे थे। पस्तहाल कांग्रेस भी अगर पूरी ताकत से दो-दो हाथ करने के इरादे से चुनाव मैदान में उतरती है तो उसका भी सबसे ज्यादा नुकसान आप को ही होने के आसार हैं। दिल्ली छावनी बोर्ड के चुनाव परिणामों को अगर विधानसभा चुनाव परिणामों का संकेतक मानें तो भाजपा तो सबसे आगे है ही।





सुरेश हिन्दुस्थानी
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

विशेष आलेख : गठबंधन में उलझा जम्मू कश्मीर का विकास

$
0
0
महीने भर की राजनितिक उठापटक के बाद आखिरकार जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। कोई भी राजनितिक दल राज्य की जनता को स्थिर सरकार देने लायक आंकड़ा जुटा नहीं पाया। हालांकि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही यह साफ हो गया कि जम्मू कश्मीर की जनता ने किसी एक दल पर विश्वास नहीं किया है और त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर तैयार हुई है। विपक्षी पीडीपी को जहाँ घाटी में सीटें मिली हैं वहीं मिशन 44़ का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरी भाजपा को जम्मू में जनता का विश्वास प्राप्त हुआ है। 19 जनवरी को मौजूदा सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है लेकिन अलग अलग विचारधारा का समर्थन करने वाले राजनितिक दल जनता के हित में एक मंच पर आने और गठबंधन की सरकार बनाने को राज़ी नहीं हैं। चुनाव परिणाम से एक बात तो साफ हो गया था कि राज्य की जनता मौजूदा सरकार के कामकाज से नाखुश है और उसे नकार दिया है। देखा जाये तो इस बार के विधानसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर की जनता ने शोषणकारी राजनितिक नीति से खुद को आजाद करने की ठान ली थी। पाठकों को याद होगा बीते असेंबली कार्यकाल में ऐसे कई अवसर आये जब जनहित फैसले टेबिलों, कुर्सियों और घूसों के बीच लिए गए। जहाँ विधानसभा के कामकाज को बाधित करना एक ट्रैंड बन गया था।
           
बहरहाल राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद अब राज्य का कामकाज परोक्ष रूप से केंद्र के अधीन आ गया है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाये गए सकारात्मक कदमों से न केवल जम्मू कश्मीर की जनता सीधे लाभान्वित होगी बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों की जिंदगी को बेहतर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। सलाना बजट में इसका खास ख्याल रखते हुए विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रूपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। उदाहरण के तौर पर इन क्षेत्रों में स्कूल, सड़कें और अस्पतालों का जाल बिछाने की बात की जा रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने और योजनाएं तैयार करने के हुक्मनामे जारी किए जा रहे हैं। मगर जमीनी सच्चाई को देखकर ऐसा मालूम होता है कि यह योजनाएं सिर्फ नाम के लिए हैं और कागज़ों तक सिमटी हुई हैं। चंद जगहों पर इन योजनाओं  के तहत काम अवश्य होते हैं, मगर अब तक सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को इसका समुचित फायदा होता नज़र नहीं आ रहा है। जिसकी ताजा मिसाल पुंछ जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर की दूरी पर गांव कोसल्लियां जोकि हिंद-पाक की सरहद पर है। इस गांव की आबादी दो हजार से अधिक है। इस गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है और अधिकतर ग्रामीण दैनिक मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते है। विकास की लौ से काफी हद तक पिछड़े हैं।  साइंस और टैक्नोलाजी के इस आधुनिक युग में जहां घर बैठे लोग इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा, व्यापार और विकास के लिए दुनिया के कोने कोने से संपर्क बनाए हुए हैं, ऐसी परिस्थितियों में भारत-पाक के व्यापारिक केंद्र से तकरीबन पांच किलोमीटर पर स्थित यह सरहदी इलाका अनदेखी का षिकार बना हुआ है। आज भी यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहाँ मोबाइल की बात कौन करे, साधारण फोन की सुविधा भी आज तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। ऐसे में इस बात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है कि इस इलाके के वह बच्चे जो रोजी रोटी कमाने परदेस गए हुए हैं उनकी खबर-खैरियत किस तरह उनके परिवार वालों को मिल पाती होगी।
            
यहां बात केवल खस्ताहाल संचार व्यवस्था की नहीं है बल्कि यहाँ की सड़कों की हालत भी बदतर है। बरसों से टूटी फूटी सड़कें होने के कारण समय पर इस इलाके में कोई सवारी-गाड़ी भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। यहां यह भी बताना दिलचस्पी से खाली नहीं होगा कि यह गांव जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके बावजूद आपातकाल स्थिति में यहाँ आवागमन  का कोई सिलसिला नहीं है। ऐसे में बीमारी की हालत में समय पर गाड़ी न मिलने वाले व्यक्ति को काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है। बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस गांव की खस्ताहाली का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। हालांकि हाथी के दिखावे वाले दांत के रूप में सब सेंटर अवश्य स्थापित है लेकिन उसकी बदहाली की कहानी भी सुनते जाइये। सब सेंटर में पदस्थापित डॉक्टर अल्ताफ जो यहाँ के निवासी भी हैं, बताते हैं कि इस सेंटर में वर्ष में एक बार दवाईयां आती हैं। जो तीन माह में ही खत्म हो जाती हैं। इसके बाद यह सेंटर किसी को प्राथमिक चिकित्सा भी उपलब्ध कराने में नाकाम रहता है। यदि किसी को मामुली खरोच भी आ जाए तो उसे फस्र्ट एड भी नहीं मिल सकता है। गांव के रहने वाले एक षख्स षब्बीर अहमद 40 यहाँ की बदहाली की दास्तान बयान करते हुए कहते हैं कि गांव कोसल्लियां में हमें आज तक मोबाइल सर्विस सेे महरूम रखा गया है। 
               
स्वास्थ सुविधा के नाम पर एक सब सेंटर है जिसका खुलने का कोई निश्चित समय नहीं है। गांव के ही आजाद षाह कहते हैं कि यहाँ का सब सेंटर भगवान भरोसे चलता है, जहाँ न तो समय पर दवाईंयां मिलती है और न ही कर्मचारी समय पर आते हैं। इस सब सेंटर में चार कर्मचारी हैं लेकिन गर्भवती औरतों के लिए कोई भी लेडी डाक्टर नहीं जो इनका चैकअप कर सके। इस सब सेंटर में सफाई की भी कोई विशेष सुविधा नहीं है। भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा मुहैया कराने को लेकर सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हों, लेकिन ज़मीनी वास्तविकता कुछ और ही बयान कर रही हैं। लोगों को घर के पास ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक पंचायतों में प्राथमिक उप स्वास्थ केंद्र बनाने की योजना सराहनीय अवश्य हैं लेकिन इनकी सुविधा विस्तार पर ठीक से ध्यान नहीं दिए जाने के कारण ही ग्रामीण आज भी इलाज के लिए शहरों की ओर दौड़ लगाने को विवश हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि हर गांव में स्वास्थ विभाग की ओर से कोई न कोई संचालित सेंटर होना चाहिए लेकिन केंद्र का यह मानना षायद झूठा साबित होगा क्योंकि रियासत जम्मू कश्मीर जिसको जन्नत का दर्जा दिया गया है, यहां पर स्थिति इसके बिलकुल विपरीत है। सरहद पर रहने वाले आज अपनी ही हुकूमत से सवाल करते हैं कि हमने मुष्किल दौर अपने देष की सलामती के लिए कीमती जानें भी कुरबान की हैं। देश की रक्षा के लिए कदम से कदम मिला कर हर तरह की मुसीबतें झेली हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से एक सब सेंटर के लिए क्यों तरसाया जा रहा है? लोकतंत्र, जनतंत्र और गणतंत्र में समान रूप से भागीदार देश के इन पिछड़े और सीमावर्ती लोगों के साथ अन्याय हमारी राजनितिक और प्रशासनिक विफलताओं को उजागर करता है जिसे दूर करना हम सब की जि़म्मेदारी बनती है। 







liveaaryaavart dot com

मुसर्रत यासमीन
(चरखा फीचर्स)

मार्च तक पूरी करनी होगी कालाधन की जांच

$
0
0
स्विस बैंक खातों में कथित तौर पर कालाधन रखने वाले चर्चित ‘एचएसबीसी सूची’ के नामों खिलाफ जांच में तेजी लाने के कदम उठाए गए हैं और सीबीडीटी ने अधिकारियों से कहा कि वे इन मामलों में विदेशों से साक्ष्य जल्द से जल्द इकट्ठा करें और मार्च के अंत तक जांच पूरा कर अंतिम कार्रवाई करें।

ताजा घटनाक्रम गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा इस सूची के नामों को प्रकट करने से जुड़ा है। ये नाम फ्रांस की सरकार ने कुछ साल पहले भारत को दिये थे। ये नाम एचएसबीसी बैंक की जिनीवा शाखा में कथित काला धन जमा करने वालों के है। इनमें कुल 628 भारतीयों के हैं जिनके खातों में कुल 4,479 करोड़ रुपए जमा थे।

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा ‘सभी आयकर जांच इकाइयों से कहा गया है कि वे 15 फरवरी तक इन मामलों में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए विदेश में आवेदन की प्रक्रिया 15 फरवरी तक पूरी कर ली जाए। इन मामलों में कार्रवाई की अवधि 31 मार्च .. चालू वित्त वर्ष के अंत में खत्म हो जाएगी। सीबीडीटी ने इन मामलों में जांच तेज करने और विदेश से सूचना के लिए आवेदन जल्दी भेजने का निर्देश जारी किया है।’

सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग की उच्चतम नीति निर्माता संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इन मामलों में तेजी लाने का फैसला किया है क्योंकि 31 मार्च के बाद कानूनी काला धन धारकों के खिलाफ जांच का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। वित्त वर्ष 2007-08 से जुड़े इन मामलों में कानून के तहत इन पर 31 मार्च 2015 के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

सूत्रों ने कहा कि सीबीडीटी की विदेशी कर शाखा की विशिष्ट सूचना आदान-प्रदान इकाई (ईओआई) ने आयकर विभाग से कहा कि है कि इस मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि अमेरिका, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड और खाड़ी जैसे देशों को कानूनी आग्रह भेजा जा सके। क्यों कि 31 मार्च के बाद इन मामलों में कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इससे पहले कहा था इन मामलों में कार्रवाई 31 मार्च 2015 तक पूरी कर ली जाएगी।

काला हिरण शिकार मामला सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक का आदेश रद्द किया

$
0
0
काला हिरण शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। कोर्ट ने सलमान की सजा पर रोक के आदेश को रद्द कर दिया है। इस मामले में सलमान को चार साल की सजा हुई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सलमान फिर से हाईकोर्ट जा सकते हैं। 

सलमान खान अब ब्रिटेन जैसे कई देशों में नहीं जा सकते हैं। इतना ही नहीं सलमान को विदेश जाने से पहले हर बार अदालत से इजाज़त लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट को गलत ठहराते हुए कहा था कि सज़ा निलंबित करने के लिए मामला अच्छा हो सकता है, लेकिन दोषसिद्धि पर रोक के लिए नहीं, क्योंकि कानून सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। हालांकि, पिछले साल 27 अगस्त को सलमान खान ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि अदालत ने हमेशा ही उन्हें सामान्य नागरिक ही माना है और उन्हें कभी कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है। 

इस मामले में एक निचली अदालत ने उन्हें पांच साल की कैद की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति ए.के गोयल की सदस्यता वाली एक पीठ ने पिछले साल पांच नवंबर को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले पर सवाल उठाया गया था जिसके तहत सलमान की दोषसिद्ध पर मामले के गुण दोष का विचार किए बगैर रोक लगा दी गई थी और ऐसा महज इसलिए किया गया था कि पेशे से जुड़े उद्देश्यों को लेकर वह ब्रिटेन की यात्रा के लिए वीजा हासिल कर सकें। सलमान ने दलील दी थी कि यदि हाईकोर्ट द्वारा उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी तो उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इससे विदेश यात्रा के उनके अधिकार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय का रुख किया। गौरतलब है कि ब्रिटिश आव्रजन नियमों के मुताबिक चार साल से अधिक की सजा पाने वाला कोई व्यक्ति वीजा के लिए योग्य नहीं है। चूंकि अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी इसलिए ब्रिटिश दूतावास ने वीजा देने से इनकार कर दिया था। 

काला हिरण एक संरक्षित प्राणी है और इसका शिकार करना एक संज्ञेय अपराध है। खान के अलावा अभिनेता सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम को जोधपुर के पास फिल्म 'हम साथ साथ हैं'की शूटिंग की दौरान शिकार करने का आरोपी बनाया गया था। यह घटना 1998 की है।  

लश्कर कमांडर को सुरक्षा बलों ने घेरा, मुठभेड़ जारी

$
0
0
जम्मू-कश्मीर के सोपोर में लश्कर ए तैयबा के आतंकी के होने की खबर के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है। लश्कर के कमांडर अबू हुजैफा की तलाश में पहुंची रिहायशी इलाके को घेर कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस घरों में घुसकर आतंकी की तलाश कर रही है।

दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई है पूरे इलाके में तनाव है। आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबल जैसे ही इमारत के करीब पहुंचे, आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की। आतंकी इस वक्त जिस इमारत में छिपे हैं, वो रिहायशी इलाका है ऐसे में सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने में दिक्कत करने का सामना करना पड़ रहा है।

खुली सिगरेट बेचने पर पाबंदी, तम्बाकू खरीदने की उम्र अब 21 साल

$
0
0
सरकार ने धूम्रपान निरोधक कानून में संशोधन की दिशा में कदम उठाते हुए खुली सिगरेट बेचने पर पाबंदी और तंबाकू उत्पाद खरीदने के लिए न्यूनतम आयु मौजूदा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने समेत बडे बदलावों के प्रस्ताव रखे। सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर जुर्माना 200 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। होटेलों और रेस्तरां में अलग से बनाए गए धूम्रपान क्षेत्र हटाने की भी सिफारिश की गई है। 

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन) पर प्रतिबंध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण पर नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2015 के मसौदे में कुछ बड़ी सिफारिशें की गयी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन पर जनता से सुझाव मांगे हैं। विधेयक ने समिति की सिफारिशों को लेकर अटकलों पर विराम लगा दिया। खबरें थीं कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसानों और तंबाकू उद्योग से जुड़े लोगों के विरोध के बाद पैर पीछे खींच लिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में कहा था कि उनके मंत्रालय ने मौजूदा कानून की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और कैबिनेट के लिए एक मसौदा नोट मंत्रालयों के परामर्श के लिए वितरित किया गया है। 

प्रस्तावित कानून के उल्लंघन को और अधिक सख्त बनाने के लिहाज से मसौदा विधेयक में जुर्माने की राशि मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, 'कोई व्यक्ति 21 साल से कम उम्र के किसी दूसरे शख्स को सिगरेट या अन्य कोई तंबाकू उत्पाद फुटकर में नहीं बेचेगा, बिक्री की पेशकश नहीं करेगा या बिक्री की अनुमति नहीं देगा। तंबाकू या तंबाकू उत्पादों की खेती, प्रसंस्करण, बिक्री में 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति को नौकरी नहीं दी जाएगी या शामिल नहीं किया जाएगा।'

मनसे के 4 पूर्व विधायक हुए बीजेपी में शामिल

$
0
0
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को मंगलवार को तब बड़ा झटका लगा जब उसके चार पूर्व विधायकों तथा राज ठाकरे के कुछ करीबी पार्टी पदाधिकारियों ने यहां सत्तारुढ़ बीजेपी का दामन थाम लिया। 

महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने पूर्व विधायकों प्रवीण दारेकर, वसंत गीते, रमेश पाटिल और काशीनाथ मेंगल को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने जिला परिषदों और पंचायत समितियों के कुछ अन्य पूर्व पदाधिकारियों को भी बीजेपी की सदस्यता दिलाई। 

बीजेपी ने कहा कि वह महाराष्ट्र में एक करोड़ सदस्यों को जोड़ने के अभियान के तहत अन्य दलों से और अधिक कार्यकर्ताओं को शामिल करने के लिए तैयार हैं। दारेकर को राज ठाकरे का करीबी माना जाता है और वह MNS के वरिष्ठ नेताओं में शुमार थे, वहीं गीते नासिक में पार्टी को मजबूती प्रदान करने में शामिल रहे।

कोयला घोटाला मामले में झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशकों को मिली जमानत

$
0
0
कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में आज झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आर एस रूंगटा और आर सी रूंगटा को एक विशेष अदालत द्वारा जमानत दे दी गई. दोनों निदेशक उनके खिलाफ जारी समन के तहत अदालत के समक्ष पेश हुए थे. विशेष तौर पर कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले को देख रहे सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने दोनों ही आरोपियों को एक-एक लाख रूपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक मुचलके के आधार पर जमानत दे दी.

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोनों आरोपियों को जमानत दिया जाना न्याय के हित में होगा.’’ इसी दौरान, सीबीआई ने अदालत को बताया कि इस मामले में आरोपियों के रूप में बुलाए गए दो लोगों- रामाबतार केडिया और नरेश महतो की कथित तौर पर मौत हो गई है और वह इन लोगों की मौत से जुड़े तथ्यों की पड़ताल कर रही है. रूंगटा, केडिया और महतो के अलावा अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी के रूप में तलब किया था. लगाए गए आरोप भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान जमानत की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (नकली दस्तावेज का इस्तेमाल) और 477-ए (झूठे खाते खुलवाना) के तहत दंडनीय हैं.

इन सभी को झारखंड में उत्तरी धाडू कोयला ब्लॉक का आवंटन झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को किए जाने के मामले में आरोपियों के तौर पर समन भेजा गया था. यह समन अदालत द्वारा पिछले साल 18 दिसंबर को आरोप पत्र का संज्ञान लिए जाने के बाद भेजा गया था. सुनवाई के दौरान रूंगटा और कंपनियों का पक्ष रखने के लिए आए वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने अपने मुवकिलों के लिए यह कहते हुए जमानत मांगी कि वे जांच में मौजूद रहे हैं और उन्होंने हर तरह सीबीआई के साथ सहयोग किया है.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके मुवकिलों के खिलाफ समन जारी होने पर वे (मुवकिल) अदालत में पेश हुए हैं. वरिष्ठ सरकारी वकील ए के सिंह ने इनकी जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए दावा किया कि हालांकि जांच के लिए इनकी जरूरत नहीं है लेकिन मुकदमे के दौरान इनकी मौजूदगी होनी चाहिए. सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों निदेशकों (रूंगटा) को जमानत दे दी और मामले की सुनवाई को दो फरवरी तक स्थगित कर दिया.

अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जांच के दौरान यह पाया गया था कि जेआईपीएल ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए स्टील मंत्रालय और कोयला मंत्रालय के समक्ष कई पहलुओं को ‘गलत तरीके से पेश’ किया और इस तरह कोयला मंत्रालय के अधिकारियों एवं जांच समिति को प्रेरित किया कि वे कोयला ब्लॉक का आवंटन उसे करें.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि 27वीं और 30वीं जांच समिति ने जेआईपीएल को तीन अन्य कंपनियों-इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड, आधुनिक अलॉएज एंड पावर लिमिटेड और पंवनजय स्टील एंड पावर लिमिटेड के साथ संयुक्त रूप से उत्तरी धाडु स्थित कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया. हालांकि सीबीआई ने 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं करते हुए कहा कि इन अपराधों को अंजाम देने के लिए इनकी संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं मिलते. अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया कि आवेदक कंपनियों द्वारा किए जा रहे दावों की पुष्टि के लिए न तो जांच समिति की ओर से कोई प्रयास किए गए और स्टील मंत्रालय ने आवेदक कंपनियों के आकलन के लिए किसी तरीके का विकास भी नहीं किया.

उसने कहा कि इस मामले से जुड़े कोयला मंत्रालय के कुछ रिकॉर्ड गायब बताए जाते हैं और सीबीआई ने एक अलग एवं प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है. सीबीआई ने कहा कि उसकी जांच के दौरान पूरी प्रक्रिया में किसी भी सरकारी सेवक की संलिप्तता नहीं मिली है.

काजीरंगा उद्यान में मुठभेड़, तीन शिकारियों की मौत

$
0
0
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन रक्षकों के साथ मुठभेड़ में आज तीन शिकारी मारे गए। उप संभागीय अधिकारी एस के सिल सरमा ने बताया कि असम स्थित इस उद्यान में शिकारियों के एक समूह के घुसने की खबर मिलने के बाद वन रक्षकों ने बुरापहार रेंज में एक अभियान चलाया।

सरमा ने बताया कि बोरघाट वन कैंप के पास तड़के करीब तीन बजे वन रक्षकों से सामना होने पर शिकारियों ने उन पर गोलीबारी की। रक्षकों ने जवाबी कार्रवाई की। मुठभेड़ में एक शिकारी मारा गया। उन्होंने बताया कि खदेड़े जाने पर, भाग रहे दो शिकारियों ने भीषण गोलीबारी की। लगभग 25 मिनट तक हुई इस मुठभेड़ में दोनों शिकारी मारे गए।

डीएफओ ने बताया कि शिकारियों के पास से साइलेंसर वाली दो बंदूकें, उनके कारतूस, एक पिस्तौल और उसके कारतूस बरामद हुए हैं। उन्होंने आशंका जताई कि शिकारी शायद समीपवर्ती करबी आंगलोंग पहाडियों से आए थे। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल एक जनवरी को एक गैंडे तथा चार जनवरी को दो गैंडों के मारे जाने के बाद से विश्व धरोहर स्थल में शिकार रोकने के लिए गश्त तेज कर दी गई है।


शाजिया इल्मी BJP के टिकट पर केजरीवाल के खिलाफ लड़ सकती हैं चुनाव

$
0
0
आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता शाजिया इल्मी ने पाला बदल लिया है. सूत्र बता रहे हैं कि अब वह बीजेपी के टिकट पर AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल का इस बाबत कहना है कि इल्मी स्वतंत्र हैं और वो जहां से चाहें चुनाव लड़ सकती हैं. दिल्ली बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पूर्व AAP नेता शाजिया गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो सकती हैं. पार्टी उन्हें केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. शाजिया के बीजेपी के लिए प्रचार करने की संभावना की खबर पहले ही आ चुकी है.


जाहिर है कि चुनाव करीब आने के साथ ही राजनीतिक दलों में आवाजाही तेज हो गई है. मंगलवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कांग्रेस और AAP के कुछ नेताओं के बीजेपी में आने का दावा किया था. हालांकि शाजिया इल्मी की हालिया गतिविधियों को देखते हुए उनका यह कदम खास चौंकाने वाला नहीं है. AAP से अलग होने के बाद से शाजिया खुले तौर पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की आलोचना कर रही थीं . इसके बाद उनके बीजेपी से गलबहियां करने की खबरें भी आईं. प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के लिए उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के साथ झाड़ू उठाने से भी गुरेज नहीं किया. इस मौके पर उन्होंने अपनी पुरानी राजनीतिक राय के उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी.

हालांकि शाजिया और सतीश उपाध्याय का सफाई अभियान विवादों में भी रहा था. मीडिया में आई तस्वीरों के मुताबिक, जहां शाजिया और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने झाड़ू लगाई, वह जगह पहले से साफ थी इसलिए वहां कूड़ेदान में भरकर पत्ते और गंदगी लाई गई और उसे फैलाया गया. बाद में यहां पर शाजिया ने अन्य बीजेपी नेताओं के साथ झाड़ू लगाई. शाजिया इल्मी गाजियाबाद से आम आदमी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ी थीं, लेकिन जमानत जब्त करवा बैठी थीं.








आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मुख्तार अब्बास नकवी को एक साल की सजा

$
0
0
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार चुनाव संहिता के उल्लंघन के आरोप में दोषी करार देते हुए एक साल कैद की सज़ा सुनाई गई, हालांकि कुछ ही देर बाद उन्हें जमानत भी मिल गई। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एडीशनल सिविल जज द्वारा सज़ा सुनाए जाने के बाद नकवी को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन फिर कुछ ही मिनट बाद जमानत याचिका को मंजूर कर लिया गया, जिसके लिए उन्हें 15 हज़ार रुपये का मुचलका भरना पड़ा।

मुख्तार अब्बास नकवी के खिलाफ यह मामला रामपुर में ही धारा 188, 143, 342 व 343 के अलावा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 के तहत दर्ज किया गया था। सुनवाई के बाद उन्हें धारा 188 के तहत बरी कर दिया गया, लेकिन शेष धाराओं के तहत दोषी पाया गया।

सतीश उपाध्याय ने केजरीवाल के आरोपों का दी जवाब

$
0
0

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने जो आरोप उनपर लगाए हैं, वह निराधार हैं। उपाध्याय बुधवार शाम मीडिया के सामने आकर आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं। हालांकि उन्होंने माना कि एक समय उनकी कंपनी बीएसईएस के लिए कॉन्ट्रैक्टर काम करती थी लेकिन उन्होंने कभी मीटर लगाने का काम नहीं किया।


उन्होंने केजरीवाल को सबूत पेश करने की चुनौती देते हुए कहा कि वह 24 घंटे में आरोप साबित करें या राजनीति छोड़ दें। केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि सतीश उपाध्याय की कंपनी बिजली कंपनी बीएसईएस के लिए मीटर लगाने और बदलने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में गलत मीटर उन्हीं की कंपनी ने लगाए। केजरीवाल ने कहा कि उपाध्याय और बीजेपी नेता आशीष सूद इस कंपनी से जुड़़े थे। उन्होंने इसे हितों के टकराव का मामला बताया।

आरबीआई ने की ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती, बाजार में तेजी

$
0
0
मुद्रास्फीति की नरमी एवं आर्थिक वृद्धि के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करके 7.75 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में कटौती करने का निर्णय प्रस्तावित मौद्रिक नीतिगत समीक्षा से करीब एक पखवाड़े पहले ही कर दिया। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा तीन फरवरी को प्रस्तावित थी।

रिजर्व बैंक ने आज जारी बयान में कहा, तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर 8.0 प्रतिशत में 25 आधार अंक की कटौती करके 7.75 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। यह तत्काल रूप से प्रभावी हो गयी है। रिजर्व बैंक जनवरी 2014 से अपनी नीतिगत ब्याज दरें आठ प्रतिशत पर स्थिर रखे हुये था।

आरबीआई ने हालांकि नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। बैंकों द्वारा केंद्रीय बैंक में अनिवार्य तौर पर रखी जाने वाली नकदी का अनुपात सीआरआर कहलाता है। रेपो दर में कटौती के बाद रिवर्स रेपो को समयोजित कर 6.75 प्रतिशत कर दिया गया है और एमएसएफ तथा बैंक दर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया है।

आरबीआई ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) जुलाई 2014 से लगातार घट रहा है और यह आशंका से कम स्तर पर है। साथ ही सरकार ने अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के अनुपालन के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। आरबीआई ने कहा इन घटनाक्रमों ने मौद्रिक नीति की पहलों में बदलाव की गुंजाइश बनाई।

केंद्रीय बैंक ने दिसंबर में अपनी पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक नीति में कहा था यदि मुद्रास्फीति की मौजूदा गति बरकरार रहती है और मुद्रास्फीतिक अनुमानों में बदलाव जारी रहते हैं और राजकोषीय घटनाक्रम उत्साहजनक रहते हैं तो अगले साल की शुरुआत में मौद्रिक नीति की पहलों में बदलाव हो सकता है जिसमें नीतिगत समीक्षा चक्र से बाहर के परिवर्तन भी शामिल हैं।

बयान में कहा गया कि आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों ने सार्वजनिक बातचीत में मध्यम अवधि मुद्रास्फीतिक लक्ष्य प्राप्त करने के साथ ही मौद्रिक नीति में नरमी की प्रक्रिया शुरू करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी। मुद्रास्फीति की स्थिति के संबंध में बयान में कहा गया मुद्रास्फीति जनवरी 2015 के लिए तय आठ प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे आ गई है। मौजूदा नीतिगत व्यवस्था में जनवरी 2016 तक मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है।

बयान में कहा गया फल-सब्जी और अनाज की कीमत में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय जिंस विशेष तौर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट से मुद्रास्फीति उम्मीद से कमतर स्तर पर आ गई। बयान के मुताबिक भू-राजनैतिक क्षटकों के अलावा कच्चे तेल की कीमत इस साल कम रहने की उम्मीद है।

रिजर्व बैंक ने दिसंबर में कहा था कि मौद्रिक पहलों में बदलाव के बाद इसके बाद की पहले इसके अनुरूप होंगी। आरबीआई के बयान में कहा गया आने वाले दिनों में दरों में कटौती के लिए मुद्रास्फीतिक कम करने वाले दबाव बरकरार रहने की पुष्टि करने वाले आंकड़े महत्वपूर्ण रहेंगे। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाला सतत राजकोषीय पुनर्गठन और आपूर्ति बाधाओं को दूर करने की पहल तथा बिजली, भूमि, खनिज एवं बुनियादी ढांचा जैसे प्रमुख अवयवों की सुनिश्चित उपलब्धता भी महत्वपूर्ण होगी।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि आगामी तिमाहियों में संभावित उत्पादन में बढ़ोतरी वृद्धि में अनुमानित तेजी से अधिक हो। आरबीआई ने कहा कि वह नकदी की स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए रोजाना परिवर्तनीय दर वाले रेपो और रिवर्स रेपो को बरकरार रखेगा।


आप को जल्द करूंगी बेनकाब : शाजिया इल्मी

$
0
0
आम आदमी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहीं शाजिया दिल्ली में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। शाजिया इल्मी जल्द ही आम आदमी पार्टी के बारे में बड़ा खुलासा करने वाली है। शाजिया ने कहा कि मैं एक चुनावी रैली में आम आदमी पार्टी को बेनकाब करना चाहती हूं। और मैं ऐसा करूंगी।

गौरतलब है कि शाजिया ने 2013 के विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इसमें शाजिया को हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद लोकसभा चुनाव में भी गाजियाबाद से चुनाव मैदान में उतरीं वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव के बाद शाजिया और केजरीवाल के रिश्ते में दरार आ गई थी। जिसके बाद शाजिया ने पार्टी से किनारा कर लिया। बीजेपी नेता रमेश बिधुरी ने कहा कि शाजिया इल्मी एक बुद्धिमान महिला है, उन्होंने समाज की भलाई के लिए बहुत काम किया है। अगर वो हमारी पार्टी में आती है तो हम उनका स्वागत करेंगे।

किरण बेदी और जया प्रदा बीजेपी में शामिल होंगी

$
0
0
पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के आज बीजेपी में शामिल होने की घोषणा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक अभिनय से राजनीति में आईं जया प्रदा के बीजेपी में शामिल होने पर अभी फैसला लिया जाना है।

गुरुवार सुबह से ही अटकलों का बाजार गर्म है कि दिल्ली में अगले महीने होने वाले चुनावों में बीजेपी अरविंद केजरीवाल के सामने किरण बेदी या जया प्रदा को खड़ा कर सकती है हालांकि 'आप'की पूर्व नेता शाजिया इल्मी ने अफवाहों पर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह बीजेपी की सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहीं। दरअसल, अरविंद केजरीवाल 'आप'की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।

नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से अरविन्द केजरीवाल के विरुद्ध शाजिया इल्मी के चुनाव लड़ने की खबरों के बीच आप की पूर्व नेता ने आज कहा कि वह कहीं से भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने देर रात ट्वीट कर कहा, नेशनल डिफेंस कॉलेज में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। मीडिया के कॉल नहीं उठा पायी। मैं नई दिल्ली या कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ रही। शांत रहें। इससे पूर्व संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल ने आज कहा कि इल्मी आगामी चुनाव में जहां से चाहें, चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, वह इस देश की नागरिक हैं और जहां से चाहें, वहां से चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं हालांकि केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन के कुछ ही घंटे बाद इल्मी के एक पुराने ट्वीट को री-ट्वीट किया, जो 21 नवंबर, 2013 का है। उस समय इल्मी 'आप'में थीं और उन्होंने इस ट्वीट में भाजपा और कांग्रेस के चंदे को लेकर उनकी आलोचना की थी।

पार्टी की प्रमुख नेता और अल्पसंख्यक चेहरा रहीं इल्मी ने 2013 के विधानसभा चुनाव में आर के पुरम से किस्मत आजमाई थी और मामूली अंतर से हार गई थीं। उसके बाद पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ उतारना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। लोकसभा चुनाव में दिल्ली की किसी सीट से टिकट देने की इल्मी की मांग को खारिज करते हुए आप ने उन्हें अंतत: गाजियाबाद से उतारा, जहां वह हार गयीं। इल्मी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कुछ ही दिन बाद केजरीवाल के इर्दगिर्द एक गुट होने का आरोप लगाते हुए पार्टी को छोड़ दिया था।

पाकिस्तान जमात-उद-दावा समेत 12 संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाएगा

$
0
0
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साफ संदेश का असर पाकिस्तान पर होता नजर आ रहा है. पड़ोसी मुल्क ने 12 कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इनमें मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद का आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठन भी शामिल हैं. जानकार इसे पाकिस्तान की रक्षा नीति के लिहाज से एक बड़ा बदलाव मान रहे हैं. इस प्रतिबंध की औपचारिक घोषणा आने वाले दिनों में हो सकती है.

यह फैसला जॉन केरी के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकी मुल्ला फजलुल्लाह को 'विशेष रूप से नामित ग्लोबल आतंकवादी'बताया था. मुल्ला फजलुल्लाह ने ही 16 दिसंबर को पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी.

कागजों पर प्रतिबंध की बात जरूर है, लेकिन जमीनी हालात इससे अलग बताए जा रहे हैं. भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के.एच. सिंह ने आशंका जताई है कि भारत-पाक सीमा से आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा के पास पाकिस्तान ने 36 वॉर रूम बनाए हैं ताकि वह भारत के 'सॉफ्ट टारगेट'इलाकों को निशाना बना सके. सिंह ने कहा कि ओबामा के भारत दौरे के दौरान आतंकी हाईवे और स्कूल्स को निशाना बना सकते हैं. 

केएच सिंह ने दावा किया है कि यह काम आईएसआई करवा रही है. उनका कहना है कि वॉर रूम में हथियारबंद आतंकवादी, पाकिस्तानी सेना के जवान, लोकल कमांडर, स्पेशल सर्विस ग्रुप के लोग और आईएसआई अधिकारी मौजूद हैं.




बसपा अपने बलबूते पर दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर लड़ेगी

$
0
0
बसपा मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करने की घोषणा करते हुए आज यहां कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी।

बसपा मुखिया ने आज पार्टी कार्यालय पर अपने 59वें जन्मदिन के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मैं आज दिल्ली विधानसभा के लिए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करती हूं, पार्टी दिल्ली विधानसभा की सभी सीटों पर अपने बलबूते पर चुनाव लडेगी। यह कहते हुए कि पार्टी कार्यकर्ता पूरे देश और प्रदेश में उनके जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे है, मायावती ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अच्छे दिन के झूठे सपने दिखाकर सत्ता में आयी भाजपा नीत राजग अब दिल्ली के लोगों को झूठे प्रलोभन और सपने दिखाने में लगी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में भाजपा नीत सरकार के साढे सात महीने में अच्छे दिन के सपने पूरे नहीं हुए, अब वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी जनता को धोखा देने के लिए अच्छे सपने दिखा रही है और झूठे प्रलोभन दे रही है।

मायावती ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर जनता से किये वायदे के विपरीत अपने प्रमुख संगठन आरएसएस के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी है और संकीर्ण साम्प्रदायिक सोच के तहत दलितों, पिछडों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निजी क्षेत्र में दलितों और पिछडो को आरक्षण की समुचित व्यवस्था किये बिना सरकारी विभागों के काम निजी क्षेत्रों की कंपनियों को दे रही है, जिससे दलितों और पिछडो के आरक्षण का हक मारा जा रहा है।

आरक्षण के मुद्दे पर बसपा मुखिया ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और कहा कि वह तो भाजपा से भी एक कदम आगे है और आरक्षण व्यवस्था ही समाप्त करने के पक्षधर है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा और आम आदमी पार्टी का दिल्ली में वर्चस्व है, दलितों, धार्मिक अल्पसंख्यकों और यहां तक कि सवर्ण जातियों के गरीबों को भी उनके अधिकार मिलने वाले नहीं है। यह कहते हुए कि इस मुद्दे पर कांग्रेस की नीति भी ढुलमुल ही रही है, मायावती ने मीडिया के जरिये दिल्ली के लोगो से सोच विचार करके सही पार्टी यानी बसपा के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं अपने जन्मदिन पर मीडिया के जरिये दिल्ली में समाज के दबे कुचले और दुखी लोगों से अपील करती हूं कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग बुद्धिमानी के साथ करें और भाजपा, आप और कांग्रेस के धोखे में न आये।




किरण बेदी भाजपा में हुई शामिल

$
0
0
पूर्व र्आईपीएस अधिकारी किरण बेदी आज बीजेपी में शामिल हो गई हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। उन्होंने ने टोल फ्री नंबर पर एसएमएस के जरिये बीजेपी की सदस्यता ली। वैसे, दिल्ली में होने वाले चुनावों के मद्देनजर बीजेपी के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। 

अमित शाह ने कहा कि बीजेपी में किरण बेदी का स्वागत है। किरण बेदी के आने से बीजेपी को ताकत मिलेगी और वह चुनाव लड़ेंगी। नए समाचार की प्रतीक्षा करें। सभी कार्यकर्ता सीएम पद के उम्मीदवार हैं। किरण बेदी ने कहा कि मेरी प्रेरणा पीएम की लीडरशिप है। मैंने तय किया है देश की सेवा करना, मेरी जिंदगी को देश को समर्पित है। मेरी संस्थाएं बच्चों को शिक्षित करती हैं। मेरी संस्थाएं 26 साल से काम कर रही हैं। दिल्ली को स्थिर सरकार की जरूरत है। मुझे काम करना और करवाना आता है। वहीं अरुण जेटली ने कहा कि हम अच्छे और विश्वसनीय लोगों को जोड़ने का लगातार प्रयास करते हैं। हमें खुशी है कि किरण बेदी बीजेपी में शामिल हुईं। उनके पास अनुभव है। वहीं सूत्रों के मुताबिक अभिनय से राजनीति में आईं जया प्रदा के बीजेपी में शामिल होने पर अभी फैसला लिया जाना है।

गुरुवार सुबह से ही अटकलों का बाजार गर्म है कि दिल्ली में अगले महीने होने वाले चुनावों में बीजेपी अरविंद केजरीवाल के सामने किरण बेदी या जया प्रदा को खड़ा कर सकती है हालांकि 'आप'की पूर्व नेता शाजिया इल्मी ने अफवाहों पर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह बीजेपी की सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ या कहीं से भी कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहीं।

200 आतंकवादी पीओके से भारतीय सीमा में घुसपैठ को तैयार : सेना

$
0
0

पीओके से 200 आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ की ताक में हैं। यह कहना है श्रीनगर में 16वीं कोर के प्रमुख ले. जन केएच सिंह का। घुसपैठ की यह कोशिश पीर पंजाल रेंज इलाके से हो सकती है। यह भी जानकारी आ रही है कि पीर पंजाल रेंज के पार 36 जगहों पर आतंकी जमावड़ा है। आतंकी अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे से पहले हमले की ताक में बताए जा रहे हैं।


 शोपियां में आतंकियों और सेना के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए हैं। यह मुठभेड़ शोपियां के खरोट में हुई है। उल्लेखनीय है कि भारत के 65वें गणतंत्र दिवस की परेड में राजकीय अतिथि के रूप में आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 25 जनवरी को भारत पहुंच जाएंगे, और 27 जनवरी तक रहेंगे। इस यात्रा के दौरान बराक ओबामा की पत्नी मिशेल उनके साथ रहेंगी, और दोनों राजधानी नई दिल्ली के अतिरिक्त ताजमहल देखने के लिए आगरा भी जाएंगे।

शैवाल घाटी में ड्रोन हमले, 7 आतंकवादी ढेर

$
0
0
पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में ड्रोन हमलों में सात आतंकवादी मारे गए। जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक,"एक अमेरिकी ड्रोन द्वारा शैवाल घाटी में एक घर पर दो मिसाइलें दागी गई, जिससे घर में आग लग गई और वह पूरी तरह खाक हो गया।"

उत्तरी वजीरिस्तान पाकिस्तान के उन सात कबीलाई जिलों में से एक है, जो अफगानिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं। इन जिलों को तालिबान और अल-कायदा सहित अन्य आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है।

पाकिस्तान की सेना ने इस इलाके में पिछले साल जून में तालिबान के आतंकवादियों के खिलाफ 'जर्ब-ए-अज्ब'अभियान शुरू किया था, जो अभी तक जारी है।

Viewing all 74313 articles
Browse latest View live