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छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (16 जनवरी)

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मतगणना पर विषेष ध्यान दें: कलेक्टर
  • कलेक्टर ने बिजावर में किया चुनाव प्रषिक्षण का निरीक्षण   

chhatarpur news
छतरपुर/16 जनवरी/त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के तहत बिजावर विकासखण्ड में आगामी 19 फरवरी को सम्पन्न होने वाले मतदान के लिये आज प्रषिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रषिक्षण षासकीय उत्कृष्ट उ0मा0 विद्यालय, बिजावर के चार कक्षों में सम्पन्न हुआ। कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर ने प्रषिक्षण में पहुंचकर प्रषिक्षण ले रहे पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रमांक 1, 2 एवं 3 को निर्देषित करते हुये कहा कि पंचायत चुनाव अतिमहत्वपूर्ण चुनाव है। इसे सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिये प्रषिक्षण में बतायी जा रही जानकारी को गंभीरता से ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि मतदान के बाद मतदान केंद्रों पर की जाने वाली मतगणना पर विषेष ध्यान दें। उन्होंने अवगत कराया कि पंच एवं सरपंच पदों की मतगणना संबंधित मतदान केंद्रों पर ही की जाना है, जबकि जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य की मतगणना विकासखण्ड मुख्यालय पर की जाना है। उन्होंने कहा कि मतगणना के कार्य को गंभीरता से लेते हुये सावधानीपूर्वक सम्पन्न करायें। मतगणना केंद्रों पर किसी भी उम्मीदवार अथवा एजेंट को मोबाइल, पानी की बोतल सहित अन्य वस्तुयें ले जाने की अनुमति नहीं होगी। एक बार प्रवेष कर लेने के बाद उम्मीदवार अथवा एजेंट को मतगणना समाप्ति तक मतगणना केंद्र से बाहर जाने की स्थिति में पुनः प्रवेष की अनुमति नहीं होगी।  उन्होंने कहा कि ईव्हीएम मषीन को चलाने का तरीका प्रषिक्षण में अच्छे ढंग से सीख लें। उन्होंने मतपत्र लेखा, ईव्हीएम एवं मत पेटी सील करने, टेण्डर वोट, चैलेंज वोट आदि के संबंध में अच्छी तरह प्रषिक्षण लेने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों की अपेक्षा इस बार के चुनाव में उपयोग की जाने वाली ईव्हीएम कुछ अलग तरह की हैं। अतः ईव्हीएम की सम्पूर्ण जानकारी होना जरूरी हैै। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत सदस्य एवं जनपद पंचायत सदस्य का निर्वाचन ईव्हीएम के माध्यम से होना है। पंच एवं सरपंच का निर्वाचन मतपेटी के माध्यम से होगा। जिले के अन्य स्थानों पर भी आगामी द्वितीय एवं तृतीय चरण के निर्वाचन के लिये प्रषिक्षण का आयोजन किया गया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम श्री अनुराग वर्मा, तहसीलदार श्री आर आर चढ़ार एवं सीईओ जनपद श्री पी एल पटेल सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।     

कार्यषाला आज

छतरपुर/16 जनवरी/जिला पंचायत सभाकक्ष में 17 जनवरी को प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक हमारा जल, हमारा जीवन विषय पर कार्यषाला का आयोजन किया गया है। भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित कार्यषाला में संबंधितों से उपस्थित रहने की अपील अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मंडल, छतरपुर ने की है। 

चुनाव कार्यालय की अनुमति हेतु एसडीएम अधिकृत   

छतरपुर/16 जनवरी/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. मसूद अख्तर ने त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के तहत जिपं एवं जपं सदस्य पद के अभ्यर्थियों को निर्वाचन कार्यालय की अनुमति प्रदान करने हेतु तत्काल प्रभाव से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को प्राधिकृत कर दिया है। अब अभ्यर्थी एसडीएम की अनुमति प्राप्त कर अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव संबंधी कार्यालय संचालित कर सकेंगे। 

अब मेडिकल स्टोर खोलने हेतु आॅनलाइन आवेदन करना होगा     

छतरपुर/16 जनवरी/सम्पूर्ण म0प्र0 के साथ-साथ छतरपुर जिले में भी विगत् एक  जनवरी 2015 से मेडिकल स्टोर खोलने के लिये आॅनलाइन प्रक्रिया अपनाकर आवेदन करना जरूरी कर दिया गया है। आॅनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही ड्रग लाइसेंस का नवीनीकरण भी कराया जा सकेगा। आवेदक एमपी आॅनलाइन कियोस्क के माध्यम से निर्धारित षुल्क का भुगतान कर आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में समस्त औषधि निरीक्षकों को आवष्यक प्रषिक्षण भी प्रदान किया गया है।  

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (17 जनवरी)

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नये शिक्षकों ने विद्यालयों में शिक्षा देकर स्वयं को गर्वान्वित महसूस किया

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पच) टीपी वर्मा काॅलेज में बीएड प्रथम सत्र के सूक्ष्म शिक्षण के तहत सभी प्रशिक्षुआंे को अध्यापन के गुर की विस्तृत जानकारी के लिए 20 दिवसीय पाठ योजना के तहत विभिन्न विद्यालयों में कक्षा संचालन के लिए भेजा गया। इसकी जानकारी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डाॅ. विनोद वर्मा ने देते हुए बताया कि सभी प्रशिक्षु ंआवंटित विद्यालय में शुक्रवार से छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा से परिचित करायेंगे। स्थानीय उच्च विद्यालय में मनीष कुमार, महम्म्द गौहर अहमद, अतुल कुमार, संुधांशु कुमार, विनय कुमार, संजय कुमार ठाकुर, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, कृष्णा कुमार, अभिषेक कुमार, आलोक कुमार राय और अखिलेश शर्मा समेत 17 राजकीय कन्या मध्य विद्यालय नरकटियागंज में रेणु कुमारी, कुमारी अनुराधा, एलिसा कौशर समेत 17 मतिसरा कुँवर बालिका उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में अंजली कुमारी, खुशबू कुमारी, रंजना कुमारी, रेणु कुमारी और वन्दना कुमारी समेत 10 प्रशिक्षु अपना योगदान संबंधित विद्यालय के प्राचार्य को दिया। सबने अपने अपने वर्ग को संचालित किया। अपने प्रथम वर्ग संचालन के उपरान्त अतुल कुमार ने बताया कि बच्चों के बीच अपने को पाकर गर्वांवित महसूस किया और महम्मद गौहर अहमद ने बताया कि ऐसा लगा कि शिक्षण के क्षेत्र में अभी मेरा पहला कदम है, सम्भलकर कदम बढाना होगा। महिला प्रशिक्षु रेणु कुमारी ने बताया कि देश के नौनिहालों को शिक्षा देना एक अलग अनुभव है।

मदरसा शिक्षक 19 जनवरी को मदरसा बोर्ड पर देंगे धरना

नरकटियागंज(पच) नये मदरसा शिक्षक एसोशिएसन पश्चिम चम्पारण के अध्यक्ष मास्टर जैनुलहक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि 2460 मदरसा शिक्षकों की फाइलें सचिवालय में चली गयी है, जबकि कुछ मदरसा शिक्षकों की फाइलें मदरसा बोर्ड में पड़ी हैं। मदरसा बोर्ड में पड़ी फाइलों को सचिवालय भेजकर 737 फाइलों के साथ ग्रान्ट दिया जाए। इन्ही मुद्दो को लेकर प्रभारी अध्यक्ष मदरसा बोर्ड से 2460 मदरसा शिक्षकों के संघ ने मांग किया है कि सरकार जल्दी मदरसा शिक्षकों की मांगों पर ध्यान दे। मदरसा शिक्षको के प्रति सरकारी बेरूखी से बाध्य होकर 19 जनवरी 2015 को मदरसा शिक्षक संघ मदरसा बोर्ड के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। उससे मदरसा शिक्षको की आवाज सरकार के कानों तक पहुँचे।                      

जीतन राम मांझी ने मांगा मोदी से मुलाकात का वक्त

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बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अब उन्हीं की पार्टी जेडीयू खुलकर आंखें दिखाने लगी है. पार्टी ने उन्हें लक्ष्मण रेखा न लांघने की हिदायत दे डाली है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता साधु यादव से मुलाकात के बाद मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 जनवरी को मुलाकात का वक्त मांगा है. इसी बात से जेडीयू खासी नाराज बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि मांझी मोदी से बिहार की विकास योजनाओं को लेकर बात करेंगे. लेकिन इस बैठक के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी का हिदायत देते हुए कहा कि मांझी नीतीश कुमार की खिंची सुशासन की लक्ष्मण रेखा न लांघें, क्योंकि उन्हें नीतीश के मंत्र पर ही काम करने को कहा गया है. उन्होंने कहा, 'सत्ता आनंद के लिए नहीं, सेवा के लिए है.'उन्होंने साधु यादव को आतंक का पर्याय तक कह डाला.

जीतनराम मांझी और नरेंद्र मोदी पिछले साल जून में भी मिले थे. प्रधानमंत्री के दफ्तर की ओर से इसे 'शिष्टाचार के नाते हुई मुलाकात'बताया गया था. बताया जाता है कि इस बैठक में मांझी ने बिहार के लिए विशेष राज्य का मुद्दा उठाया था. लेकिन इस मुलाकात को लेकर वैसा विवाद नहीं हुआ था, जैसा अब हो रहा है. दरअसल, हाल के दिनों में जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांध चुके हैं. साथ ही उनके 'विवादास्पद'बयानों से जेडीयू की छवि को भी धक्का लगा है. हाल फिलहाल की उनकी गतिविधियों पर नजर डालें, तो मांझी की दिल्ली यात्रा पर और भी सवाल उठे हैं.

दरअसल, 16 जनवरी को जीतन राम मांझी साधु यादव के घर गए और दही-चूड़े का लुत्फ उठाया. रिश्ते में साधु यादव आरजेडी प्रमुख लालू यादव के साले लगते हैं. लेकिन अरसे से दोनों के रिश्तों में खटास है. जेडीयू की परेशानी ये है कि पहले ही आरजेडी के साथ उनके विलय को लेकर अड़चने आ रही हैं. जेडीयू और आरजेडी मिलकर अब जनता परिवार बनाने वाले हैं. सूत्र बताते हैं कि आरजेडी के नेता मांझी को पसंद नहीं करते और उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के पक्षधर हैं. वहीं तल्ख तेवरों के साथ आरजेडी से अलग होने वाले साधु यादव से मुलाकात करके मांझी ने आरजेडी नेताओं को और भी नाराज कर दिया है. 

कांग्रेस नेता और बीजेपी के करीब होते जा रहे साधू यादव ने जेडीयू की ओर से खुद को आतंक का प्रयाय कहे जाने पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 'जेडीयू-आरजेडी वाले छटर-पटर कर रहे हैं. बिहार की जनता गर्म है. ऐसे में जेडीयू और आरजेडी के बीच खलबली है.'साधु यादव ने सुरजभान सिंह, प्रभुनाथ सिंह, अनंत सिंह, पप्पू यादव का हवाल जैसे दबंग छवि वाले नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि दोनों पार्टियां सुशासन कायम करने और जंगल राज दूर करने का झूठा दावा कर रही हैं.

हाल ही में जहानाबाद की एक रैली में जीतनराम मांझी ने सरेआम कहा था, 'मैंने नरेंद्र मोदी से दोस्ती का हाथ बढ़ाने का काम किया है. मोदी गरीब-गुरबे के विकास की बात करते हैं और मैं भी गरीबो में एक गरीब हूं.'मांझी ने जिस मंच पर यह बता कही, वहां जेडीयू का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था. बहरहाल, 16 जनवरी को साधू यादव से मिलने के बाद मांझी दिल्ली रवाना हो गए. दिल्ली से उन्हें मुंबई जाना था. 20 जनवरी को नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तैयारी है. 21 जनवरी को जीतनराम मांझी वापस पटना लौटेंगे.



 

अमेरिका ने दाऊद के भाई पर लगाया बैन

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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से पहले अमेरिका ने दो भारतीयों पर बैन लगा दिया है। इसमें सबसे अहम नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई का है । शुक्रवार को अमेरिका ने एक पाकिस्तान बेस्ड पेपर कंपनी पर भी यह कहकर बैन लगाया कि उसका ताल्लुक डी कंपनी से है। दाऊद के भाई शेख अनीस इब्राहिम कास्कर और अजीज मूसा बिलाखिया पर ये बैन बराक ओबामा के भारत दौरे के 10 दिन पहले लगया गया है। बताया जाता है कि अनीस डी कंपनी के ड्रग तस्करी, अवैध वसूली, काॅन्ट्रैक्ट किलिंग और मनी लाॅन्ड्रिंग जैसे धंधे संभालता है। अनीस का नाम 1993 के मुंबई ब्लास्ट से भी जुड़ा हुआ है।

अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने पाकिस्तान स्थित मेहरान पेपर मिल पर भी निशाना साधा है। कथित तौर पर इसका काम भी इब्राहिम ही देखता है। बिलाखिया सीधे अनीस और दाऊद के लिए काम करता है और उगाही, ब्याज वसूली जैसे धंधे देखता है। बिलाखिया भी 1993 के मुंबई ब्लास्ट के वक्त से डी कंपनी से जुड़ा हुआ है। अमेरिका की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि भारत भी बिलाखिया की तलाश कर रहा है। गौरतलब है कि 30 सितंबर को भारत और अमेरिकी ने एक संयुक्त बयान में आपसी तालमेल से पाकिस्तान में रहकर साउथ एशिया में अपना क्रिमिनल नेटवर्क चला रहे दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों पर लगाम कसने की बात कही थी। आॅफिस आॅफ फाॅरेन असेट्स कंट्रोल के डायरेक्टर एडम जे शुबिन ने कहा कि ड्रग तस्करी और आतंकवाद फैला रही डी कंपनी अब अमेरिका के निशाने पर है। उन्होंने यह भी कहा कि डी कंपनी से संचालित हो रहे अपराध पर लगाम कसना और उसका खात्मा करना अमेरिकी की सबसे अहम प्राथमिकता है और अमेरिका लगातार इनके कारनामों का पर्दाफाश करता रहेगा। अमेरिकी विभाग की मानें तो डी कंपनी अंतरराष्ट्रीय क्राइम सिंडिकेट है, जो मूल रूप से भारत, पाकिस्तान और यूएई में आॅपरेट कर रही है।

बता दें कि दाऊद के साथ डी कंपनी के तमाम अन्य सदस्यों के लिए इंटरपोल ने रेड काॅर्नर नोटिस जारी कर रखा है। इसकी मूल वजह 1993 के मुंबई धमाके में इनकी भूमिका है। 2003 में ही अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने दाऊद पर ग्लोबल टेररिस्ट का ठप्पा लगा दिया था।

बेअंत सिंह के हत्‍यारे की पटियाला कोर्ट में पेशी, पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा

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पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंतसिंह की हत्या के प्रमुख साजिशकर्ता बब्बर खालसा के आतंकी जगतार सिंह तारा को आज पटियाला में कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तारा को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। तारा को थाइलैंड से गिरफ्तार करने के बाद कल ही भारत लाया गया था।

बेअंत सिंह की हत्या के बाद तारा को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन जनवरी, 2004 में चंडीगढ़ के बुड़ैल जेल में 110 फीट लंबी सुरंग बनाकर दो अन्य आतंकियों के साथ वह फरार हो गया था। भारतीय एजेंसियां पिछले 11 वर्षों से उसकी तलाश में थीं।

बेअंत सिंह की 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ स्थित सचिवालय परिसर में ही हत्या कर दी गई थी। आत्मघाती हमले में 17 अन्य लोगों की भी मौत हुई थी। इस हत्याकांड को बब्बर खालसा ने अंजाम दिया था। तेरह लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें नौ को गिरफ्तार कर लिया गया और तीन अभी फरार हैं। आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।

शिवसेना दिल्ली में 40 सीटों पर चुनाव लडेगी

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की खेल उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना बिगाड़ सकती है। दरअसल, शिवसेना ने दिल्ली में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। शिवसेना दिल्ली की 70 सीटों में से 40 में अपने उम्मीदवार खड़े करने जा रही है। नई दिल्ली विधानसभा सीट से शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर शिव के तिवारी ने पर्चा भी दाखिल कर दिया। आपको बता दें, शिव के तिवारी ढोल-ताशे के साथ ऊंट पर बैठकर पर्चा दाखिल करने के लिए आए थे।

माना जा रहा है कि शिवेसना के दिल्ली में चुनाव लड़ने से मतों का ध्रुवीकरण्ा हो सकता है, जिसका सीधा असर नतीजों पर पड़ेगा। इससे पहले महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि पार्टी दिल्ली में चुनाव लड़ने पर विचार कर रही हैं। हालांकि, अभी चुनाव में किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं है। हमारे दिल्ली में अच्छे कार्यकर्ता हैं।

दिल्ली में 7 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिवसेना का यह कदम भारतीय जनता पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। हाल में हुए कई सर्वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही चुनावी मुकाबला को दिखा रहे हैं। शिवसेना के आने के बाद यह गणित बदल सकता है।

मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्यपाल से की मुलाकात

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जम्मू कश्मीर में राजनीतिक गतिरोध जारी रहने के बीच पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन की पेशकश ठुकराने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की और संभव सरकार गठन के मुद्दे पर बातचीत की. यह मुलाकात कल रात राजभवन में हुयी. हालांकि बैठक के ब्यौरे के बारे में जानकारी नहीं है. सूत्रों ने बताया, ‘‘उन्होंने रात्रिभोज पर दो घंटे बैठक की और समझा जाता है कि राज्य में सरकार गठन और राजनीतिक गतिरोध पर चर्चा की. बैठक के ब्यौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है.’’ पीडीपी प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि बैठक में क्या चर्चा हुयी, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.

राज्य में सरकार बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन की पेशकश को पीडीपी ने दो दिन पहले ठुकरा दिया था. नेकां के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने 13 जनवरी को राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार गठन के लिए पीडीपी को पार्टी के समर्थन के बारे में औपचारिक रूप से सूचित किया था. पीडीपी द्वारा पेशकश को ठुकरा दिए जाने के बाद नेकां ने कहा कि पेशकश बाहर से समर्थन तक सीमित थी और सरकार में शामिल होने का उसका कोई इरादा नहीं है. सरकार गठन पर गतिरोध के बीच पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों ने सरकार गठन के मुद्दे पर बातचीत की. आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘ मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्यपाल से कल रात राजभवन में मुलाकात की.’’

देश में निर्मित पहला लड़ाकू विमान तेजस भारतीय वायु सेना को मिला

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भारतीय रक्षा एवं वैमानिकी के क्षेत्र में शनिवार को एक नये युग का सूत्रपात हुआ, जब देश में बना पहला हलका लड़ाकू विमान तेजस रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारतीय वायु सेना को सौंपा। 32 साल पहले देश में ही हलके लड़ाकू विमान बनाने के इस मुश्किल और महत्वाकांक्षी सफर की शुरुआत हुई थी, जिसका पहला मील का पत्थर आज तेजस के रूप में भारतीय वायुसेना को सौंपा गया। इस विमान का सौंपा जाना एक ऐसी परियोजना के तहत देश में ही निर्मित किए जा रहे लड़ाकू विमानों को शामिल करने की प्रक्रिया है जिसपर 8,000 करोड़ रुपए की लागत आ चुकी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की इस परियोजना पर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार सौंपे गए विमान को प्रारंभिक परिचालन मंजूरी-2 मिल चुकी है जो इस बात का संकेत है कि तेजस विभिन्न परिस्थितियों में उड़ सकता है। अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) वर्ष के अंत तक मिल जाने की उम्मीद है।
विमान के इस संस्करण में नवीनतम इलेक्ट्रानिक युद्ध विशेषता, जो दो हफ्ते पहले हल्के लड़ाकू विमानों में से एक में लगाई गई, हवा के बीच पुन: ईंधन भरने, लंबी दूरी की मिसाइल दागने की क्षमता, और अन्य चीजों का अभाव है, जिन्हें एफओसी मंजूरी वाले विमानों में लगाया जाएगा।

किरण वालिया केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी

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कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहीं किरण वालिया नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी. इस सीट पर उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से है. पार्टी ने शुक्रवार को यह घोषणा की. दिल्ली में सात फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची जारी की.



स सूची के मुताबिक, नई दिल्ली सीट से किरण वालिया पार्टी प्रत्याशी होंगी. वर्ष 2013 के अंत में हुए चुनाव में इसी सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पार्टी प्रत्याशी थीं, जिन्हें पहली बार चुनाव में उतरे केजरीवाल ने लगभग 26,000 मतों से पराजित कर देश को चौंका दिया था और इसके साथ 15 साल के कांग्रेस राज का अंत हो गया था.

डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के कैबिनेट में तीन बार मंत्री रहीं किरण वालिया पिछले चुनाव में मालवीय नगर से कांग्रेस उम्मीदवार थीं. उन्हें आप नेता सोमनाथ भारती ने हराया था. इस बार के चुनाव में कांग्रेस को मुकाबले से बाहर माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने शुक्रवार को सभी 70 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर अपना पहला काम पूरा कर लिया. एक बार फिर चुनावी समर में उतरी आम आदमी पार्टी अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी है.

चुनाव की घोषणा से ठीक पहले दिल्ली में रैली कर केजरीवाल को जंगल में जाकर नक्सलियों के साथ काम करने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में इन दोनों पार्टियों से अभी पीछे है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अभी एक भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

पूंजीपतियों को भरपायी के लिए भी तैयार रहना चाहिए: राजन

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रिजर्व बैंक (आरबीआई)  के गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि यदि कारोबार अच्छा चलने पर मुनाफा पूंजीपतियों की जेब में जाता है तो उसके विफल होने पर नुकसान की भरपाई के लिए भी उन्हें तैयार रहना चाहिये, न कि इसका बोझ बैंकों पर डाल दिया जाना चाहिये। न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक साक्षात्कार में राजन ने कहा कि पूंजीवाद से जुड़ी एक चिंता यह है कि जब सब अच्छा चल रहा होता है तो उसका फायदा पूंजीपति को मिलता है, लेकिन जब स्थिति विपरीत होती है तो नुकसान सिस्टम को उठाना पड़ता है और पूँजीपति हमेशा सही सलामत रहता है। 

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें निस्संदेह ऐसे लोग चाहिये जो जोखिम ले सकें। लेकिन यदि वे जोखिम लेते हैं तो उन्हें इसकी कीमत भी अदा करनी चाहिये,  बजाय इसके कि सिर्फ जोखिम का फायदा वे उठायें और जब फायदा न हो तो कोई और भरे। राजन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इस बात पर फोकस किया गया है कि कैसे बड़े प्रवर्तकों से नुकसान की भरपायी करायी जाये और बैंकों पर इसका बोझ नहीं पड़ने दिया जाये। उन्होंने कहा कि पैमाना सभी के लिए एक होना चाहिये ताकि बड़े लोग भी ऋण चुकायें और यदि वे नहीं चुका सकते तो ऋणदाता के पास वसूली के सशक्त अधिकार हों। वैश्विक स्तर पर आर्थिक असहयोग के बारे में राजन ने कहा कि मेरा मानना है कि औद्योगिक राष्ट्र सिर्फ अपना हित देख रहे हैं। इस कदर कि सिर पर मंडरा रहे संकट के अलावा किसी और मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सिर्फ कामना ही की जा सकती है।  

बिहार : लगे हाथ सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया

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  • 30 दिनों के अंदर एन.सी.सी.कैडेट संघ, बिहार की 4 सूत्री मांग पूर्ण हो

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गया। एन.सी.सी. कैडेट को मिलने वाली बिहार पुलिस की भत्र्ती में प्राथमिकता समाप्त कर दी है बिहार सरकार। सरकार ने वर्ष 2004 में ब्रेक लगा दिया है।11 साल के बाद खिलाफत धरना और प्रदर्शन करके किया गया है। लगे हाथ सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया गया है। अगर 30 दिनों के अंदर एन.सी.सी.कैडेट संघ, बिहार की 4 सूत्री मांग पूर्ण नहीं कर दी जाती, तो एन.सी.सी.के अनुशासित सिपाही आमरण अनशन करने को बाध्य हो जाएंगे। 

एन.सी.सी.कैडेट संघ, बिहार के अध्यक्ष अविनाश कुमार मिश्र ने कहा कि वर्ष 2004 तक एन.सी.सी.कैडेट को बिहार पुलिस की भत्र्ती में प्राथमिकता दी जाती थी। बहाली की परीक्षा में कुल 15 अंक लाना पड़ता है। 5 अंक शारीरिक दक्षता , 5 अंक मेडिकल और 5 अंक लिखित परीक्षा में लाना पड़ता है। इसमें लिखित परीक्षा में प्राथमिकता दी जाती थी। ‘सी’ प्रमाण-पत्र धारक को 5 अंक  मिल जाता था। केवल 10 अंक के लिए शारीरिक और चिकित्सा संबंधी परीक्षा की दौर से गुजरनी पड़ती। उसके बाद इसे समाप्त कर दिया गया। जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जी 10 सितम्बर 2014 को बनमनखी में आए थे। तो मुख्यमंत्री को स्मार पत्र पेश किया गया। मांग की गयी कि बिहार पुलिस की भत्र्ती में एन.सी.सी.कैडेट को प्राथमिकता मिले। इस स्मार पत्र देने के तीन माह के बाद भी सरकार के द्वारा पहल नहीं की गयी। बाध्य होकर भागलपुर समेत कोसी और सीमांचल के एन.सी.सी.कैडेट ने मिलकर पूर्णिया में दिनांक 26 दिसम्बर 2014 को सरकार से अपनी मांग के समर्थन में शांति पूर्ण ढंग से एक दिवसीय रैली एवं धरना-प्रदर्शन करते हुए पूर्णिया के जिलाधिकारी को पुनः उसी मामले में एक ज्ञापन दिया और सरकार को विचार करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया। लेकिन सरकार के द्वारा कोई आश्वासन नहीं मिलने से बाध्य होकर पूरे बिहार के एन.सी.सी.कैडेट धरना और प्रदर्शन करने को बाध्य हैं। 

हरेक साल स्कूल और काॅलेज में डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राएं एन.सी.सी.कोर्स में शामिल होते हैं। सभी छात्र-छात्राएं दिलचस्पी लेकर कोर्स में शामिल होते हैं। बस एक ही उम्मीद है उज्जवल भविष्य बनाने का। उस पर बिहार सरकार ने पानी फेर दिया है। अब खुद ही कैडेट सवाल उठाते हैं कि केन्द्र सरकार ने एन.सी.सी. के कैडेट को दुलारा है और वहीं बिहार सरकार ने दुत्कारा है। इसके खिलाफ हमलोग एकजूट हो रहे हैं। अविनाश कुमार मिश्र, पुष्पेन्द्र सिंह,मुकेश राम,पवेन्द्र कुमार, मुकेश झा, प्रदीप कुमार,राजेश सिंह,राकेश कुमार,रोहन कुमार आदि ने कहा कि हमलोगों की मांग है कि बिहार पुलिस एवं बिहार सैन्य पुलिस सिपाही भत्र्ती में एन.सी.सी. ‘सी’ प्रमाण पत्र धारी कैडेट को भारतीय सेना बहाली की तरह लिखित परीक्षा माफ हो। वहीं ‘ए’ प्रमाण -पत्र धारी को 10 अंक, ‘बी’ प्रमाण-पत्र धारी कैडेट को 20 अंक मेरिट में प्रदान किया जाय। बिहार गृह रक्षा वाहिनी में भत्र्ती में सीधे तौर पर बिना किसी प्रतियोगिता के एन.सी.सी.‘सी’ प्रमाण-पत्र धारी कैडेट की नियुक्ति सुनिश्चित हो। वहीं ए-बी प्रमाण-पत्र धारी कैडेट को मेरिट में अंक प्रदान किया जाय। बिहार पुलिस के दरोगा भत्र्ती में एन.सी.सी. सी प्रमाण-पत्र धारी कैडेट को मेरिट में 30 प्रतिशत अंक प्रदान किया जाय। वहीं ए प्रमाण-पत्र धारी को 10 अंक और बी प्रमाण-पत्र धारी को 20 अंक दिया जाय। एन.सी.सी.के बेस्ट कैडेट, गणतंत्र दिवस परेड,थल सेना कैंप, राज पथ मार्च में सफल कैडेट को बिहार पुलिस में कैडेट की आयु और योग्यता के अनुसार अविलम्ब नियुक्ति सुनिश्चित की जाय। बिहार सरकार से अपील की गयी है कि इस मांग को बिहार विधान सभा में सर्व सम्मति से पारित किया जाय। एन.सी.सी. कैडेट का बिहार पुलिस में कोटा रिजर्व किया जाय। 

एन.सी.सी.कैडेटों को लिखित परीक्षा माफ हैः एक काॅलेज के कैडेट छात्र भी है। पढ़ाई के साथ-साथ 3 साल तक एन.सी.सी. के क्रियाकलाप में भी शामिल रहता है। वह सिविल प्रशासन एवं सामाजिक एकता, प्राकृतिक आपदा में हमेशा अपना योगदान देने में आगे रहता है। तीन साल में एकता और अनुशासन चरित्र निर्माण में बड़ा महत्व मिलता है। वहीं पर अत्याधुनिक हथियार चलाना, युद्ध विघा , साहसिक प्रशिक्षण, सामाजिक जागरूकता फैलाने इत्यादि में महारथ हासिल रहता है।एन.सी.सी.के प्रथम वर्ष की परीक्षा में उत्र्तीण होने पर ‘ए’ प्रमाण-पत्र मिल जाता है। द्वितीय वर्ष में ‘बी’ और तृतीय वर्ष में ‘सी’ प्रमाण-पत्र मिलता है। केन्द्र सरकार के द्वारा 75 प्रतिशत और राज्य सरकार के द्वारा 25 प्रतिशत खर्च किया जाता है। तब जाकर 1 साल में  1 कैडर पर 25 से 35 हजार रूपए व्यय हो पाता है। एन.सी.सी. के ‘सी’ प्रमाण-पत्र धारक को भारतीय सेना के सिपाही में भारतीय सेना की सिपाही में भत्र्ती होने के समय एन.सी.सी.कैडेटों को लिखित परीक्षा माफ है। शारीरिक दक्षता और मेडिकल परीक्षा में लागू है।



आलोक कुमार
बिहार 

बिहार : ठंड को देखकर जिलाधिकारी अंकल ने स्कूल बंद करा दिए

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  • आंगनबाड़ी केन्द्र में सेविका बच्चों को पढ़ाती हैं और सेविका गरमा-गरम भोजन बनाती हैं
  • यहां तो जानवरों को परोसने लायक एमडीएम बनता है?

MID DAY MEAL
पटना। ठंड को देखकर जिलाधिकारी अंकल ने स्कूल बंद करा दिए हैं। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र को बंद नहीं किया गया है। समय में हेराफेरी कर दिया गया है। बाहर बजे दिन में बच्चे आते हैं। इन बच्चों को सेविका खेल-खेल में पढ़ाना शुरू कर देती हैं। सहायिका गरमा-गरम खाना बनाने में जूट जाती हैं। जबतक खाना बनता है। बच्चों के द्वारा केन्द्र में किलकारी और धमाल मचाया जाता है। आओं बच्चों एमडीएम तैयार है। मिड डे मील तैयार करने वाली सहायिका चखती हैं। उसके बाद सेविका भी तैयार भोजन को चखती हैं। तब बच्चों को एमडीएम परोसा जाता है। जब बच्चों को भोजन परोसा गया तब बच्चे भोजन को देखते ही गजब सा मुंह बना लिए। उनकी भूख सात समन्दर दूर चली गयी। 

यह स्थिति देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद जी के नाम से निर्मित राजेन्द्र घाट पर संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र की है। बांस की चचरी और ऊपर से हवा नहीं आने के लिए प्लास्टिक लगाकर ही आंगनबाड़ी केन्द्र बना दिया गया है। इसी हालात में आंगनबाड़ी केन्द्र एक साल से संचालित है। अभी-अभी केन्द्र को वजन लेने वाली मशीन मिली है। सेविका ज्ञान्ती देवी कहती हैं कि यहां के अधिकांश बच्चे कुपोषित हैं। अत्यंत कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक है। रजिस्ट्रर दिखाती हैं। इसमें ग्रेड बना हुआ है। हरा,पीला और लाल। अधिकांश बच्चे पीला के पाले में पड़ गए हैं। सेविका कहती हैं कि जच्चा और किशोरियों को दाल और चालव देना पड़ता है। हमलोगों को 55 रू.की दर से दाल खरीदने के लिए राशि दी जाती है। बाजार भाव में दाल की कीमत 74 से 80 रू.तक है। प्रति किलो 19 रू. से अधिक व्यय करके दाल खरीदा जाता है। सरकार को और अधिक राशि देनी चाहिए ताकि आसानी से दाल खरीदा जा सके। 

MID DAY MEAL
हां-हां,यहीं है बच्चों का भोजनः समेकित बाल विकास परियोजना के तहत संचालित है आंगनबाड़ी केन्द्र। संतरी से लेकर मंत्री तक आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया करते हैं। पारदर्शिता पर जोर देते हैं। इस केन्द्र की सहायिका अनीता देवी कहती हैं कि केन्द्र में मीनू चार्ट टंगा नहीं है। अगर मीनू चार्ट टंगा रहता है। तो आसानी से मीनू का पता लग जाता है कि आज के दिन बच्चों को क्या भोजन में परोसा गया है। खैर, मीनू चार्ट नहीं भी टंगा रहने से फर्क नहीं पड़ता है। आप खुद ही झूठ नहीं बोलने वाली तस्वीर को देखकर अनुमान लगा सकते हैं। आज बच्चों को भोजन में क्या मिला है। हां, खिचड़ी मिला है। सहायिका ने खिचड़ी बनायी है। इस खिचड़ी में दाल और हल्दी का नामोनिशान नहीं है। बच्चों को बिहार सरकार के द्वारा इसी तरह का पोष्ट्रिक देने वाला आहार बच्चों को दिया जाता है। इसी के बल पर बिहार कुपोषण मुक्त बनेगा? इसमें पोष्ट्रिक आहार रखा गया है। इसे जानवरों को परोस दिया जाएगा। बच्चे अर्द्ध पेट ही भोजन खाकर चले गए होंगे। इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है। जांच करने की जरूरत है। कौन करेंगा जांच और कार्रवाई? अगर होना रहता तो बिहार के आंगनबाड़ी केन्द्र का स्वरूप और मिजाज गजब की होती। 



आलोक कुमार
बिहार 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 जनवरी)

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देहरादून में अब माउण्ट लिटरा जी स्कूल
  • स्कूल अच्छे और बुद्धिमान छात्रों की प्रतिभा को तरासने का काम करेगा: निषंक

uttrakhand news
देहरादून,17 जनवरी। षिक्षा के क्षेत्र में भारत का कोई मुकाबला नहीं है यहां चन्द्रगुप्त तो बहुत है लेकिन चाणक्य की कमी है, यह स्कूल अच्छे और बुद्धिमान छात्रों की प्रतिभा को तरासने का काम करेगा। यह बात षनिवार को पूर्वमुख्यमंत्री व सांसद डा. रमेष पोखरियाल निषंक ने माण्उट लिटरा जी स्कूल की प्रदेश में चैथी शाखा के उद्घाटन के अवसर पर कही। उन्होने कहा यह स्कूल देष के लिए प्रमिभावान छात्र तैयार कर उन्हे भविष्य की चुनौतियों से लड़ने में पारगंत करेगा। यह स्कूल ं अभी नर्सरी से लेकर छठवी कक्षा तक के बच्चों को लेगा लेकिन यह स्कूल 12वीं तक का होगा। स्कूल के प्रबंधक ने बताया कि माउण्ट लिटरा जी स्कूल में बच्चों के संर्वागीर्ण विकास पर ध्यान दिया जाता है। जिसके लिए स्कूल परिसर में फुटबाल मैदान, टेबिल टेनिस कोर्ट, आॅडिटोरियम, संगीत एवं नृत्य की कक्षा एवं जूनियर छात्रों के लिए पुस्तकालय की व्यवस्था की गई है। स्कूल की प्रत्येक कक्षा में आईडब्ल्यूबी बोर्ड हैं एवं सभी कक्षाएं वातानुकूलित है। सुरक्षा के लिहाज से स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। माण्उट लिटरा जी स्कूल के शिक्षक उच्च शिक्षित हैं तथा उन्हें प्रबंधन की ओर से लगभग 60 घण्टे का अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा दे सके। स्कूल के निदेषक पवन चैधरी ने बताया कि निजी क्षेत्र के 12 स्कूलों की श्रंखला में माउण्ट लिटरा जी स्कूल देश भर में दूसरे नम्बर पर है। इस श्रंखला के देश भर में 78 स्कूल संचालित हैं। तथा 120 नए स्कूल संचालित किए जाने की योजना पर कार्य चल रहा है। माउण्ट लिटरा जी स्कूल सुभाष चन्द्रा के नेतृत्व वाले एस्सल गु्रप जी लिमिटेड का हिस्सा है। जिन्होंने 21वीं सदी के लीडर्स को तैयार करने के जी लर्न लिमिटेड की स्थापना की है। माउण्ट लिटरा जी स्कूल देहरादून के चेयरमैन चैनपाल सिंह ने कहा कि माउण्ट लिटरा जी स्कूल का प्रयास बच्चों का सर्वागीर्ण विकास करना है। ताकि भविष्य के जिम्मेदार नागरिक तैयार हो जो देश और समाज को नई दिशा दे सके। इसके लिए बच्चों को तकनीकी शिक्षा के साथ मूल्यपरक शिक्षा भी दी जायेगी। कार्यक्रम में विषिष्ठ अतिथि के रूप में पूर्व कबीना मंत्री प्रकाष पंत व क्षेत्रीय स्कूल निदेशक, जी लर्न की निधि निझावन के अलावा सागर, देवजीत कौर, धीरेन्द्र मुंजाल, पल्लवी, आर. के सिंह, सी.पी.एस. असवाल, गजेन्द्र चैहान, कैलाश भण्डारी, कमल पंत, नीतू गुलेरिया, कीर्ति बंसल, बिपिन बागड़ी, आशीष तिवारी, शाहना जबीं, अनिता चैहान आदि उपस्थित थे।

बीआरओ ने शुरू किया क्षतिग्रस्त डामर की मरम्मत का काम  

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। बीआरओ ने ऋ षिकेश-गंगोत्री राष्ट्र्रीय राजमार्ग पर क्षतिग्रस्त डामर की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। आगराखाल में आस-पास सड़क पर बने गड्ढे हॉटमिक्स से भरे जा रहे हैं। सड़क का डामर उखडने से मार्ग की स्थिति खस्ताहाल बनी हुई थी। राष्ट्र्रीय राजमार्ग पर आगराखाल से नागणी तक बिछाया गया डामर दस माह में ही उखड़ गया था। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे बने होने के कारण यात्रियों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मार्ग पर बने गड्ढों से दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई थी। इन गड्ढों पर बरसात का पानी जमा होने के कारण दुपहिया वाहनों का मार्ग पर चलना मुश्किल हो जाता था। आगराखाल से नागणी तक सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। व्यापार मंडल अध्यक्ष पूरण सिंह रावत का कहना है कि सड़क के मरम्मत का कार्य शुरू होने से वाहन चालकों सहित आम नागरिकों को राहत मिली है।

व्यापारियों ने लगाया जाम, जनता बेहाल

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। चकराता रोड़ में एक व्यापारी वर्ग ने सरकार और प्राधिकरण की नीति का विरोध किया और जाम लगाया। जाम हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स वहां पंहुची लेकिन व्यापारियों ने पुलिस की एक नहीं सुनी। वहीं पुलिस भी प्रदर्शनकारी व्यापारियों द्वारा जाम लगाए जा रहे जाम को खुलवाने में विफल साबित हुई। पुलिस की सुस्ती और व्यापारियों के प्रदर्शन के बीच आम जनता को फजीहत झेलनी पड़ी।
बताते चले कि चकराता रोड़ के कुछ व्यापारी गण सरकार के रि-डवलपमेंट प्लान का विरोध कर रहे हैं। रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी से जुड़े कई व्यापारियों ने आज चकराता रोड़ पर जाम लगाया। जिससे कुछ घंटो तक यहां यातायात रूक गया। यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस प्लान के तहत हाल में चकराता रोड़ में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की जा रही है। जिसके लिए बकायदा आदेश भी जारी हो चुका है। लेकिन इससे पहले ही रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी से जुड़े व्यापारियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। पहले भी कुछ व्यापारी गण इसका विरोध करते रहे हैं। आज सुबह ही व्यापारियों ने यहां जाम लगा दिया। जाम को खुलवाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी सहित फोर्स यहां पंहुची और व्यापारियों से जाम खुलवाने के लिए कहा। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक नहीं सुनी। जिससे काफी देर तक यहां जाम की स्थिति बनी रही। 

अधर में लटकी है सीएम की घोषणाएं

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। उत्तराखंड राज्य में सरकारी योजनाओं की घोषणाएं करने में भले ही सियासदां जल्दबाजी में रहते हैं। लेकिन इनको अमली जामा पहनाने के लिए अफसरों को कोई जल्दी नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी योजनाओं पर काम करने की रफ्तार बहुत धीमी है। हजारों की संख्या में घोषणांए तो हुई लेकिन समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों की सुस्ती को तोडने में रावत सरकार भी विफल साबित हो रही है। सरकार की नरमी और अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते घोषणाओं के जरिए सपने संजोने वाली जनता के पास मन मसोजने के अलावा कोई उपाय नहीं है। वर्तमान सरकार में रोजगार, निर्माण सहित तमाम घोषणाएं की गई। बहुगुणा सरकार में करीब १४०० घोषणांए हुई लेकिन कुछ ही घोषणाओं पर कार्य शुरू हो पाया है। वहीं नेतृत्व परिवर्तन के बाद रावत सरकार ने भी घोषणांओ की झड़ी लगा दी। फरवरी २०१४ से मार्च २०१४ तक करीब ३१३ घोषणाएं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने की। इसके अलावा सीएम रावत ने भी कई घोषणांए की। लेकिन हैरत की बात है कि अपनी घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए मशीनरी की सुस्ती को मुख्यमंत्री भी नहीं तोड़ पाए। लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीएम हरीश रावत ने तमाम घोषणाएं की। शिक्षा विभाग में प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने की कई घोषणाएं की और कई जगहों पर सीएम की घोषणाओं से संबधित बैनर, होर्डिंग भी लगाए गए। लेकिन आज तक इनमें से अधिकांश घोषणांए कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है। वहीं नौकरशाही की सुस्ती को तोडने में फिसड्ड हो रही रावत सरकार के खिलाफ अब भाजपा भी मोर्चा खोलने की तैयारी कर रही है। कई घोषणाएं वित्त में पेंडिग रहने के कारण अटकी हुई है। अधिकारियों की हठधर्मिता के खिलाफ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, गृह मंत्री प्रीतम सिंह, विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी अपनी पीड़ बंया कर चुके हैं। लेकिन उसके बावजूद भी रावत सरकार सुस्त मशीनरी को सुधारने का अलग अंदाज अपना रही है। सरकार के यह अंदाज अधिकारियों को तो खूब भा रहा है। लेकिन जनता के हक में की गई घोषणाओं के प्रति मशीनरी को जवाबदेही बनाने के लिए कारगार साबित नहीं हो रहा है। राज्य में इस समय नौकरशाही की कार्यप्रणाली को लेकर हल्ला मचा हुआ है। सरकार के पास अगले विधानसभा चुनाव के लिए समय कम है। फिर भी बड़ी संख्या में की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए तेजी नहीं दिखाई जा रही है। 

बाघ का निवाला बने मासूम का शव बरामद

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। बाघ का निवाला बने बच्च्ेा का शव शनिवार सुबह वन विभाग के कर्मियों ने बरामद कर लिया हैै। बीते शाम करीब पौने छह बजे फुलसनी क्षेत्र के बाजेवाला गांव में झुग्गी में रहने वाले मजदूर के दस वर्षीय बच्चे को बाघ उठाकर ले गया था। जिसके बाद क्षेत्र के लोगों हडकंप मच गया। स्थानीय लोगों ने बच्चें की देर रात तलाश की मगर उसका कही पता नही लग सका। वहीं वन विभाग की टीम ने क्षेत्र के ही जंगल से बच्चे का छत-विक्षत शव बरामद कर लिया है। वहीं षनिवार सुबह भी स्थानीय लोगों द्वारा बाघ को देखा गया है।   कैंट थाना क्षेत्र केे अंतर्गत फूलसैनी क्षेत्र के बाजेवाला गांव में दस वर्षीय बच्चे कृष्णा को बाघ द्वारा मारे जाने से दहशत का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में काफी समय से बाघ की मौजूदगी की सूचना वन विभाग के कर्मियों को दी गई थी। जिसके बाद भी वन विभाग के आला अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नही दिया। ेगुस्से से बौखलाई महिलाए बीती रात जंगलों में बच्चें को ढूढने निकल गई। वहीं कुछ महिलाओं का कहना था कि यदि वन विभाग बाघ को पकडने में असमर्थ है तो हम बाघ की तलाश में स्वयं निकलते हैं। क्षेत्र में बाघ का आतंक कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी क्षेत्र में बाघ द्वारा कहर बरपाया गया है। अलबत्ता अब आलम ये है कि क्षेत्र में बाघ की उपस्थिति के बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी क्षेत्रवासियों की सुरक्षा की सुद नहीं लें रहे हैं। कुछ दिन पहले एफआरआई में रहने वाले लोगों पर भी बाघ ने हमला किया था। बात दे कि इस क्षेत्र में वनों की संख्या अधिक है जिस वजह से कई बार बाघ या भयानक जानवर आबादी बस्तियों में प्रवेश कर जाते हैं। जिसकी जिम्मदारी वन विभाग की बनती है। वहीं वन विभाग की लपरवाही को लेकर स्थानीय लोगों पुरजोर विरोध किया गया। लोगो का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही की चलते ही मासूम की जान गई है। विभाग समय रहते सचेत हो जाता है तो मासूम को अपनी जान नहीं गवानी पड़ती। लेकिन वन विभाग इस ओर किसी भी तरह से अभी तक सचेत नहीं दिख रहा है। यदि वन विभाग इसी तरह से लापरवाही करता रहेगा तो बाघ का आतंक क्षेत्र में बढ़ता चला जायेगा और न जाने कितने मासूम लोगों को अपनी जान गवानी पड़ेगी। वहीं शासन के तरफ से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। विश्व प्रसिद्ध एफआरआई भी बाघ आतंकी क्षेत्र में पड़ता है। वहीं शासन ने बाघ के हमले में मारे गये मासूम के परिवार वालों का न ही हाल पूछा और न ही किसी तरह के मआवजे की घोषणा की है। 

पुर्ननिर्माण के लिये मांग 20 करोड़, प्रस्ताव बने 27 करोड़ 
  • वर्श 2014 के आपदा के पुर्ननिर्माण में मात्र 1.50 करोड़ रूपये मिले
  • भाजपा ने राज्यपाल को भेजा पत्र

देहरादूऩ, 17 जनवरी(निस)।  उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री के पुर्ननिर्माण के लिये किये जा रहे प्रतिबद्धता की पोल खुल गयी है। मुख्यमन्त्री के विधान सभा के जिले में इस वर्श की आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग व सड़क, पेयजल सहित आवष्यक जन सुविधाओं की बहाली के लिये अभी तक मात्र 1.50 करोड़ रूपये ही मिले है। जिले के आपदा विभाग ने 20 करोड़ रूपये की मांग राज्य सरकार से की है। जबकि 27 करोड़ रूपये के पुर्ननिर्माण के प्रस्ताव जिला कार्यालय में जमा हो चुके है। वित्तीय वर्श की समाप्ति में ढाई माह का समय षेश बचा है। भाजपा ने राज्यपाल को डीएम के माध्यम से पत्र भेजकर आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के निर्माण के लिये बजट जारी करने की मांग की। भाजपा जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया के अगवाई में षनिवार को डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया। भाजपा ने राज भवन में दस्तक देकर राज्य सरकार पर प्रभावी दबाव बनाने की मांग भी की है। भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने बताया कि उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री हरीष रावत आपदा के बाद क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुर्ननिर्माण के लिये नित नये दावे कर रहे है। जबकि हकीकत कुछ और है। उन्होंने कहा कि वर्श 2013 की आपदा से क्षतिग्रस्त 60 प्रतिषत योजनाओं का निर्माण पहले से ही अधर में लटका था। वर्श 2014 में भी योजनाऐं आपदा से क्षतिग्रस्त हुई है। राज्य सरकार ने मई के महिनें में 1.50 करोड़ रूपये की टोकन मनी क्षतिग्रस्त योजनाओं के निर्माण के लिये भेजी थी। साढे़ सात माह के बाद भी राज्य सरकार ने आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुर्ननिर्माण के लिये एक रूपया भी नहीं भेजा है। आपदा से क्षतिग्रस्त पैदल व मोटर मार्ग, पेयजल योजना, स्कूल आदि योजनाओं के पुर्ननिर्माण के मामले अधर में लटके है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में इस कारण आम जन जीवन पटरी में नहीं आ पाया है। स्वयं मुख्यमन्त्री आपदाग्रस्त धारचूला और मुनस्यारी तहसील का प्रतिनिधित्व करते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री को आपदाग्रस्त क्षेत्र की कोई चिन्ता नहीं है। मर्तोलिया ने बताया कि राज्यपाल जी से यह अनुरोध किया गया है वे राज भवन की ओर से सरकार पर दबाव बनाकर आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के निर्माण के लिये तत्काल 30 करोड़ रूपये की राषि जारी करने के लिये कहें। 

पर्वतीय वानिकी रूपांतरण को लेकर पांच दिवसीय संगोष्ठी आज से 
  • -हिन्दू कुश हिमालय क्षेत्रों में पर्वतीय वानिकी पर केन्द्रित किया जाएगा ध्यान 

 देहरादूऩ, 17 जनवरी(निस)। एकीकृत पर्वतीय विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र (आईसीआईएमओडी) नेपाल तथा वन अनुसंधान संस्थान देहरादून हिन्दू कुश हिमालय क्षेत्र में लोगों के कल्याण, वन एवं पर्यावरण के लिए पर्वतीय वानिकी को रूपान्तरित करने की दिशा में एक संगोष्ठी का आयोजन करेंगे। यह संगोष्ठी वन अनुसंधान संस्थान में रविवार को शुरु होगी, जो कि 22 जनवरी तक चलेगी। यह संगोष्ठी ऐसी पहली संगोष्ठी है, जिसमें विशेषकर हिन्दू कुश हिमालय क्षेत्रों में पर्वतीय वानिकी पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इस संगोष्ठी में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली का देहरादून में स्थित वन अनुसंधान संस्थान, जर्मन एजेंसी फाॅर इन्टरनेशनल काॅआपरेशन (जी आई जेड), डीएफआईडी- यू के एड और आॅस्ट्रियन डेवलपमेन्ट एजेन्सी सहयोग कर रहे हैं। वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित पत्रकार वार्ता में संस्थान के निदेशक डा. पीपी भोजवैद ने कहा कि हिन्दू कुश हिमालय के करीब 25 प्रतिशत भाग में वनावरण है और यह अहम पारितंत्र सेवाएं उपलब्ध कराता है। ये प्रकाष्ठ और गैरप्रकाष्ठ संसाधन उपलब्ध कराते हैं, जो स्थानीय आजीविकाओं को बनाए रखने में सहायता करते हैं, खाद्य, जल और ऊर्जा को सुनिश्चित करते हैं और कार्बन पृथक्करण के द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित करते हैं। बाली में 2007  यू एन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन और 2008 विश्व वानिकी कांग्रेस ने विशेषकर हिन्दू कुश हिमालयन क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एवं न्यूनीकरण में सहायता करने में वनों की भूमिका के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित किया, तथापि अनेकों वन पारितंत्रों का स्वास्थ्य और ओज जलवायु परिवर्तन और त्वरित सामाजिक आर्थिक परिवर्तनों के फलस्वरूप धीरे-धीरे अपरदित हो रहा है। इस संदर्भ में, हिन्दू कुश हिमालयों में हितधारकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे वन प्रबंधन को शामिल करते हुए ऐसी पोषणीयता को प्रोत्साहित करें जो पद्धति, नीति और विज्ञान को एक साथ ला सकें। इसके अलावा, वानिकी प्रबंधन यथा, वन उत्पादों का अवैध व्यापार, गलियारा संयोजकता, मानव वन्यजीव संघर्ष, जल प्रबंधन और मूल्य श्रृंखला पोषणीयता से संबंधित  मुद्दे राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं हैं और पृथक-पृथक प्रयासों के जरिए इनका समाधान नहीं किया जा सकता। यह महत्वपूर्ण है कि मजबूत परासीमा सहयोग पर आधारित समाधानों को खोजा जाए। यह पर्वतीय वानिकी संगोष्ठी उन पोषणीय वन प्रबंधन पद्धतियों एवं नीतियों की पहचान करने के लिए 200 से अधिक क्षेत्रीय और विश्व विशेषज्ञों के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगी, जो हिन्दू कुश हिमालयों में परिवर्तनशील अवस्थाओं का समाधान कर सके और ऐसा रास्ता सुझाएंगे जो विकास सहित संरक्षण का समाधान कर सके।  हिन्दू कुश हिमालयों के सभी आठ देश साथ ही साथ मुख्य विश्व पर्वतीय वानिकी केन्द्र इस संगोष्ठी में भाग लेंगे। सहभागियों में नीति निर्माता, वैज्ञानिक, व्यावसायिक, दाता, सिविल सेवक, मीडिया, मार्केट एक्टर और वैधानिक विशेषज्ञ शामिल हैं। सहभागियों में भारत के सभी पर्वतीय राज्यों से उच्च स्तरीय प्रतिनिधि, साथ ही साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और भारत सरकार के अन्य मुख्य मंत्रालयों से भी प्रतिनिधि शामिल हैं। पांच दिवसीय संगोष्ठी के अनेकों विशिष्ट उद्देश्य हैं। इसमें हिन्दू कुश हिमालयों में पर्वतीय वन पारितंत्रों के प्रबंधन और वन पारितंत्र गतिकी की एक आम समझ स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा ताकि एक परासीमा पैमाने पर शोध और विकास का एजेन्डा निर्धारित किया जा सके। क्षेत्र में विभिन्न देशों के सहभागी वन पारितंत्र अनुकूलन में अच्छी पद्धतियों को आपस में साझा करेंगे और प्रोत्साहन-आधारित क्रियाविधियों (पारितंत्र सेवाओं के लिए आर ई डी डी$, भुगतान) को मुख्य धारा में लाने का रास्ता तलाशेंगे। वे नीति कमियों की पहचान और एक परा सीमा पैमाने पर अनुकूलन को शामिल करके अच्छे वन अभिशासन को सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता कार्रवाइयों का प्रस्ताव भी करेंगे ताकि जलवायु परिवर्तन और भूमण्डलीकरण प्रक्रियाओं का समाधान किया जा सके। इस संगोष्ठी का दूसरा मुख्य उद्देश्य सहभागी शोध, विकास और नीति समर्थन के लिए विश्व, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय सहभागिता एवं नेटवर्कों को प्रोत्साहित करना है।  कार्यशाला में हरित पातन पर रोक, मानव-वन्यजीव संघर्ष, सूदूर संवेदी विज्ञान और वन अभियांत्रिकी की भूमिका जैसे अनेकों मुद्दों पर मुख्य सत्र, समानांतर प्रस्तुतिकरण एवं पैनल विचार-विमर्श और परिणामोन्मुखी गहन विचार-विमर्श सत्र शामिल होंगे। इस आयोजन के सत्र में से एक मुख्य सत्र ‘‘नीतिनिर्माता एवं मंत्री सत्र’’ होगा, जिसमें सार्क से वन मंत्री और भारतीय पर्वतीय राज्यों के सांसद एवं वन मंत्री एक साथ होंगे। इसमें मोटे तौर पर पांच विषय कवर किए जाएंगे, जैसे संस्थाए और अभिशासन; वन गतिकी और प्रबंध; प्रोत्साहन आधारित क्रियाविधि; क्षेत्रीय बाजार के लिए सुअवसर और जानकारी साझा करना और क्षेत्रीय सहयोग।  कार्यशाला से पहले कुछ सहभागी मसूरी पहाडि़यों के समीप जलसंभर प्रबंध एवं जैवविविधता संरक्षण क्षेत्र, बांज वन जलसंभर और वन पंचायत (स्थानीय वन परिषदों) में दिनभर क्षेत्र भ्रमण करेंगे।  आयोजन का मुख्य आकर्षण एक क्राफ्ट मेला और पोस्टरों के प्रदर्शन का भी होगा, जिसमें हिन्दू कुश हिमालय क्षेत्र में वन पारितंत्रों की स्थिति और वनों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सुअवसरों को दर्शाया जाएगा।

भारत नेपाल शांति मैत्री सन्धि 1950 विषय पर सेमीनार का आयोजन

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देहरादून, 17 जनवरी(निस)। भारतीय गोर्खा परिसंघ उत्तराखंड राज्य शाखा भारत नेपाल शांति मैत्री संधि 1950 विषय पर मानेकशां भवन गोर्खाली सुधार सभा में सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने इस विषय पर मंथन कर दस्तावेज तैयार किये। यहां मानेकशां भवन गोर्खाली सुधार सभा में राज्य शाखा अध्यक्ष सेनि कर्नल डी एस खडका ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी के प्रथम नेपाल भ्रमण के दौरान इस संधि के विषय में दोनों देश के प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा हुई और संभावित संशोधन के प्रति इच्छा जाहिर हुई है, चूंकि इस संधि के एक आर्टिकल सात के कारण भारतीय गोर्खाओं के चिन्हारी के ऊपर एक खास असर पड रहा है। उनका कहना है कि इसलिए इस खामी को किस प्रकार सुधार किया जाये, जिससे भारतीय गोर्खाओं की चिन्हारी को सुरक्षित किया जा सके, इसका चिंतन मनन करना हमारे लिए आवश्यक समझा गया, इसी उददेश्य से इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है और इसी विषय के ऊपर एक संगोष्ठी कालीग्पोग में गत वर्ष नवम्बर माह में आयोजित किया गया।  संधि के संशोधन एवं पुनर्विचार के वक्त भारतीय गोर्खाओं के विचार और प्रस्ताव को भी ध्यान में रखा जा सके। उनका कहना है कि केन्द्र की सरकार को इस दिशा में शीघ्र ही ठोस कार्यवाही करने की आवश्यकता है जिससे गोर्खा समाज को आजादी मिल सके और केन्द्र सरकार इस दिशा में एक बिल तैयार कर गोर्खा समाज को लाभ दें। इस संगोष्ठी में प्रमुख प्रवक्ता महेन्द्र पी लामा पूर्व उप कुलपति सिक्किम यूनिवर्सिटी, जोएल राई, ब्रिगेडियर सी एस थापा सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित करते हुए दस्तावेज तैयार करने व केन्द्र सरकार को सौंपने की बात कही, जिससे की गोर्खा समाज को लाभ मिल सके। इस अवसर पर राज्य शाखा अध्यक्ष सेनि कर्नल डी एस खडका ने कहा कि राज्य शाखा इस दिशा में प्रयासरत है और सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया है और उम्मीद है कि इस प्रयास से गोर्खा समाज को मजबूती मिलेगी। इस दौरान महासचिव सूरज राई, शिव लाल आले, उपासना थापना, वी के बंसल, कर्नल वी के शर्मा, के के राई, कैप्टन नील कुमार थापा, उमा उपाध्याय, कुमारी पूजा सुब्बा आदि मौजूद थे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने हरीश सरकार को कटघरे में किया खड़ा 

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश की हरीश सरकार को कटघरे में खडा करते हुए कहा कि सरकार के मुखिया लगातार भाजपा विधायकों की अनदेखी कर रहे है और जिसे अब सहन नहीं किया जायेगा। उनका कहना है कि कांग्रेस में अंर्तकलह से विकास कार्य नहीं हो पा रहे है और प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। यहां भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा कि लगातार मुख्यमंत्री प्रदेश का भ्रमण कर वहां पर शिलान्यास व लोकार्पण कर रहे है लेकिन आज तक धरातल पर किसी भी प्रकार का कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहे है और जनता के लुभावने वायदे किये जा रहे है, लेकिन विकास कार्यों को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। केवल जनता के साथ झूठे वायदे किये जा रहे है। उनका कहना है कि सरकार व मंत्री अधिकारियों से काम लेना नहीं जानते है और लगातार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते हुए आ रहे है कि नौकरशाह नकारा हो गये है और कोई कुछ आदेश करता है तो दूसरी ओर मंत्री के आदेशों को अधिकारी बदल रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था, कर्मचारियों में पनप रहे असंतोष तथा ठप पड़े विकास और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा ने अभी सचिवालय का घेराव किया गया लेकिन इसके बाद भी किसी भी प्रकार की कोई विकास कार्यों में तत्परता नहीं दिखाई दी और शीघ्र ही एक बार फिर से  सरकार को जगाने के लिए सचिवालय का घेराव किया जायेगा और जनता के बीच सरकार का असली चेहरा ले जाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सूबे की वर्तमान सरकार अपनी सुरक्षा में ही जुटी हुई है। मंत्रियों के बीच आपसी खींचतान जारी है। सरकार को अपने अस्तित्व में बने रहने की चिंता से ही फुर्सत नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का सदस्यता अभियान पूरी सफलता से जारी है। उन्होंने कहा कि अब तक लक्ष्य से अधिक लोग भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी तीन दिनों में भाजपा अपने सदस्यता अभियान केा और भी प्रभावी ढंग से चलायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपने सहयोगियों से इतनी चुनौतियां मिल रही है कि वह अपनी अंदरूनी गुटबाजी की राजनीति में ही उलझ कर रह गये हैं। राज्य में शीतकालीन चारधाम यात्रा की उपलब्धि यों को शून्य बताते हुए उन्होंने कहा कि जब यात्री और पर्यटक ही नहीं आ रहे हैं तो यात्रा क्या सफल होगी यह भी धरातल पर नहीं है और सरकार प्रचार प्रसार में लगी हुई है । प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद सभी भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में होने वाले कामकाज की समीक्षा करने की बात कही थी लेकिन अब वह भूल गये हैं कि उन्होंने क्या वायदा किया था। १५ दिन में समीक्षा करने की बात की गयी थी लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने समीक्षा का काम शुरू नहीं किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार अपने कामकाज का ढोल पीट रही है लेकिन धरातल पर विकास कार्य ठप पड़े हैं। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विकास योजनाओं को जनता के बीच नहीं ले जाया जा रहा है और कांग्रेस में आपस में ही गुटबाजी हावी हो रही है और एक दूसरे पर लगातार आरोप लगाये जा रहे है और मुख्यमंत्री उन्हें मनाने में ही समय व्यतीत कर रहे है। सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनांदोलन किया जायेगा और रणनीति तैयार की जायेगी।

बिना चिकित्सकों के कैसे होगा ट्रॉमा सेंटर का संचालन

देहरादून, 17 जनवरी(निस)। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे श्रीनगर के बेस अस्पताल में सरकार ने ट्रॉमा सेंटर का उद्घघाटन तो कर दिया, लेकिन बिना डॉक्टरों के ट्रॉमा सेंटर का संचालन कैसे और कब तक होगा, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो सर्जरी विभाग के साथ ही अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता चैबीसों घंटे जरूरी होती है। लेकिन, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जन भी तैनात नहीं हैं। मानकों के अनुसार एक ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो, इमरजेंसी मेडिसन सर्जरी और आर्थोपेडिक मुख्य विभाग होते हैं। इसके अलावा पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोडाइग्नोसिस सहायक विभाग होते हैं। श्रीनगर का बेस अस्पताल इन सभी विभागों में डॉक्टरों की कमी से पहले से ही जूझ रहा है। सड़क दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही अन्य दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायलों को तत्काल उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की जाती है। इसमें न्यूरो सर्जन के साथ ही स्पाइनल सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट और आर्थोपेडिक, जनरल सर्जन, ईएनटी सर्जन सहित विशेष प्रशिक्षित नर्सिग और सपोर्टिग पैरास्टाफ की चैबीसों घंटे तैनाती होनी भी जरूरी है। बेस अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बात तो दूर की कौड़ी है। श्रीनगर बेस अस्पताल की ओर से ट्रॉमा सेंटर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर मार्च 2014 में शासन को प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन, दस महीने बाद भी ट्रॉमा सेंटर के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई। 

रेलवे तथा कोलइंडिया के निजीकरण की कोई मंशा नहीं : जेटली

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वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि रेलवे अथवा कोल इंडिया का निजीकरण करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। श्री जेटली ने बजट पूर्व परार्मश बैठक में कहा कि सरकार संगठित तथा गैरसंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा बल विकसित करना चाहती है। 

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य वर्तमान के रोजगारों की रक्षा करने के साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा करना तथा आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाना है।

हल्का लडाकू विमान तेजस वायु सेना को साैंपा गया

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स्वदेश निर्मित हल्के लडाकू विमान. तेजस . को आज वायु सेना को साैंपा गया।निर्माण सामग्री में  कार्बन फाइबर की अधिकता के कारण हल्के वजन के इस विमान की एक और बडी खासियत इसका डिजिटल फलाइ बाई वायर सिस्टम. फलाइट कंट्रोल सिस्टम और ओपन आक्टिेक्चर कंप्यूटर है। एचएएल द्वारा निर्मित यह  विमान 4.5 पीढी का विमान है। नौसेना के लिए हल्के लडाकू विमान बनाने का काम अभी जारी है।नौसेना के लिए बनाये जा रहे पहले लडाकू विमान ने गत महीने गोवा से पहली परीक्षण उडान भरी थी। 

रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने .तेजस. को वायु सेना को साैंपने के मौके पर आज कहा कि समयानुसार चलने के लिए शोध क्षेत्र में लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। एचएएल के अध्यक्ष आर के त्यागी की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री ने .तेजस. के दस्तावेज यहां वायु सेना प्रमुख अरूप राहा को साैंपे। श्री पार्रिकर ने एचएएल और उसके र्कमचारियों केा बधाई देते हुए कहा कि एचएएल जैसी कंपनियों को अपने मौजूदा ज्ञान का पूरी तरह दोहन करके शोध और प्रोैद्योगिकी को विशेष बढावा देना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि कोई भी एक रात में सब कुछ हासिल नहीं कर सकता है लेकिन कामकाज के तौर तरीकेको बदलकर करके और बेहतर तकनीक अपनाकर बेहतर परिणाम पाये जा सक ते हैं।

मांझी को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जायेगा : नरेन्द्र सिंह

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बिहार के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने आज फिर से दोहराया कि श्री जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री के पद से हटाना पार्टी के लिए जहर खाने जैसा होगा. श्री सिंह ने दिल्ली से लौटने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री मांझी को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जायेगा और वह विधान सभा चुनाव तक पद पर बने रहेंगे। उनको अभी मुख्यमंत्री पद से हटाना पार्टी के लिए जहर खाने जैसा होगा 1 उन्होंने कहा कि आगामी विधान सभा का चुनाव श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा और उस चुनाव के बाद विधायक मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे. मंत्री ने कहा कि उस समय विधायक चाहे तो श्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनायें या श्री मांझी को 1 चाहे श्री नरेन्द्र सिंह या कोई और 1 उन्होंने कहा कि नये मुख्यमंत्री का चुनाव तो नवनिर्वाचित विधायक ही करेंगे . इसको लेकर कहीं कोई दुविधा भी नहीं है । श्री सिंह ने जनता परिवार के विलय के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि दो माह में छह दलों का एक साथ विलय होगा 1 जनता परिवार के विलय होने से पार्टी मजबूत होगी 1 उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के सवाल पर कहा कि अच्छे कामों के लिए जरू र तारीफ करेंगे. लेकिन पिछले आठ महीने में नरेंद्र मादी सरकार ने किसान विरोधी ही काम किया है। 

 कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन :राजग: सरकार मुट्ठीभर पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वह किसानों की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाह रहे हैं और इसके लिए उन्होंने समय भी मांगा है । उन्होंने कहा कि वह उनसे मिलकर आग्रह करेंगे कि वे सभी राज्यों के कृष्ि मंत्रियों से दो दिनों तक बैठक कर राष्ट्रीय कृष्ि नीति बनाएं। श्री सिंह ने कहा कि आज श्री लालू प्रसाद यादव से अधिक खतरा श्री नरेंद्र मोदी और राजग से है । उन्होंने कहा कि वह श्री लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में हुए गलत कार्यो का आज भी विरोध करते है लेकिन आज श्री यादव की सोच और कार्यशैली में परिवर्तन आ चुका है। कृषि मंत्री ने कहा कि 23 जनवरी को राजेंद्र कृष्ि विश्वविद्यालय को केंद्रीय वि.वि. का र्दजा मिल जाएगा। कृष्ि मंत्रालय के अधिकारियों . भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद :आईसीएआर: और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच इस मामले पर अंतिम रू प से हस्ताक्षर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मामला पिछले कई वष्रों से लंबित था।

संताल परगना में नये भूमि कानून का औचित्य नहीं : शिबू सोरेन

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झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और सांसद शिबू सोरेन ने आज कहा कि पहले से ही संतालपगरना काश्तकारी अधिनियम कानून लागू है और इस कानून के रहते हुए नयी भूमि अधिग्रहण कानून इस क्षेत्र में कैसे लागू होगा। श्री सोरेन ने यहां पार्टी की संतालपरगना प्रमंडलीय कमेटी की बैठक में  के न्द्र सरकार द्वारा जारी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश  स्थानीय नीति बनाये बगैर शिक्षकों की नियुक्ति के विरोध में घोषितआंदोलनात्मक कार्यक्रम चलाने  हाल में संपन्न चुनाव में पार्टी के प्रर्दशन विषय के अलावा दो फरवरी को दुमका में आयोजित झारखंड दिवस की तैयारी के मसले पर गहन चर्चा की 1 उन्होंने कहा कि संतालपरगना में पार्टी की स्थिति मजबूत है और कार्यर्कता अपनेशअपने क्षेत्र में शिक्षा के प्रचारशप्रयार के साथ लोगों की समस्याों के निदान के लिए कार्य करें। 
      
श्री सोरेन ने झामुमो द्वारा  दो फरवरी को दुमका में आयोजित झारंखड दिवस को सफल बनाने का आह्वान किया 1बैठक में झामुमो विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी  नलिन सोरेन  रवीन्द्र नाथ महतो  डा अनिल मूर्मू पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी  लोबिन हेम्ब्रम  विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता  झामुमो के  केन्द्रीय महासचिव विजय कुमार  सिंह  और झामुमो छात्र संगठन के अध्यक्ष बसंत सोरेन समेत अन्य नेता मौजूद थे।

सोनिया के निजी जीवन को सामने लाती है : द रेड साडी.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जीवन पर आधारित विवादास्पद पुस्तक .द रेड साडी. के प्रसिद्ध स्पेनी लेखक हेवियर मोरो ने आज कहा कि उन्होंने यह पुस्तक श्रीमती गांधी के निकट सहयोगियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिखी है और उन्हें समझ में नहीं आता कि कांग्रेस ने इसका विरोध क्यों किया। श्री मोरो ने यह बात आज शाम यहां अपनी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कही। इस किताब में उन्होंने श्रीमती गांधी के जीवन को नाटकीय रूप प्र्रदान करते हुए पेश किया है। यह एक ऐसी असाधारण महिला की कहानी है जिसके सपनों के घर को क्रूर काल ने लील लिया था। 

यह पुस्तक सोनिया गांधी के जीवन को बचपन से लेकर जवानी के दिनों तक. जब वह कालेज में भारतीय युवा राजीव गांधी से मिलीं और फिर उनकी सास और भारत की सबसे ताकतवर महिला इंदिरा गांधी के साथ बिताए गए दिनों का बयान करती है और राजनीतिक जीवन में उनके प्रवेश तथा प्रधानमंत्री की कुर्सी के सामने पहुंचने तक के उनके सफर को भी सामने लाती है। बंगलादेश युद्ध. आपातकाल और आपरेशन ब्लू स्टार की पृष्ठभूमि में नेहरू.गांधी खानदान के जीवन पर रचित यह पुस्तक भारत के उस कालखंड का दस्तावेज है. जब आधुनिक भारत की नींव रखी जा रही थी। पुस्तक के प्रकाशक रॉली बुक्स के अनुसार लेखक हेवियर मोरो अपनी गहन खोजबीन क्षमता से उस महिला की कहानी का बयान करते हैं जिसका सामना भारत के जटिल और खतरनाक राजनीतिक संसार से हुआ और उस परिवार में उनका जीवन बीता जिसके इर्दगिर्द प्रतिद्वंद्वी भी थे और प्रशंसक भी। 

लेखक मोरो पुस्तक के उपसंहार में कांग्रेस की हाल की राजनीतिक पराजय का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि सोनिया गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री को ढो रही थी कि जिनके पास राजनीतिक अधिकारों का अभाव था और एक ऐसे बेटे के साथ उनको हमेशा चलना था जो एक राजनीतिक नेता के रूप में हमेशा असहज नजर आते हैं। ऐसी परिस्थिति में उनका सामना भाजपा के मंजे हुए नेता नरेंद्र मोदी से हुआ। लेखक ने कहा कि कांग्रेस को अपने आपको नए सिरे से खोजना है लेकिन सवाल है कि क्या यह काम राहुल गांधी कर सकते हैं। मोरो खुद ही इस सवाल का संदेहास्पद जवाब देते हुए कहते हैं कि शायद इसका जवाब हां भी है और नहीं भी। उन्होंने कहा अगर यह पार्टी सत्ता में वापस आती है तो यह इटली की एक साधारण गृहिणी. जसने श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त भी नहीं थी. की सूझबूझ से या गांधी परिवार की एक और नेता शायद .. इंदिरा गांधी की एकमात्र पौत्री प्रियंका की वजह से आएगी।

चुनाव आयोग ने दिया केजरीवाल को नोटिस

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चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी की शिकायत पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद के जरीवाल को आर्दश चुनाव संहिता के उल्लंघन के आरोप में नोटिस जारी किया है। आयोग ने श्री केजरीवाल से 20 जनवरी की दोपहर तीन बजे तक इसका जवाब देने को कहा है। आयोग द्वारा आज यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने आयोग से शिकायत की थी कि श्री केजरीवाल ने उनके खिलाफ और दिल्ली भाजपा के महासचिव आशीष सूद पर 14 जनवरी को प्रेस कांफ्रें स में बेबुनियादी झूठ और अपुष्ट आरोप लगाए थे।दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने भी अपनी ओर से इस संबंध में एक रिपोर्ट आयोग को भेजी थी। श्री सतीश उपाध्याय ने अपनी शिकायत में यह आरोप लगाया था कि श्री केजरीवाल ने उक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि भाजपा दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा भडकाने की कोशिश कर रही है। और त्रिलोकपुरी तथा नंदनगरी में साम्प्रदायिक हिंसा को फैला रही है तथा नांगलोई एवं बवाना में भी यही कर रही है। इतना ही नहीं दिल्ली के चचा6 पर हमले के लिए भी भाजपा जिम्मेदार है। 

आयोग का कहना है कि आर्दश चुनाव आचार संहिता के अनुसार कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जिससे आपसी नफरत या मतभेद बढ़ता हो और विभिन्न जातियों .सम्प्रदायों तथा धमा6 तथा भाषाों के लोगों के बीच तनाव पैदा होता हो। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आर्दश चुनाव आचार संहिता के तहत किसी भी राजनीतिक दल की नीतियों तथा कार्यक्रमों और उसके कामों एवं इतिहास तक ही आलोचना सीमित होनी चाहिए। पार्टी और उम्मीदवारों को किसी के निजी जीवन की आलोचना नहीं करनी चाहिए और अपुष्ट आरोपों तथा तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने से भी बचना चाहिए। इसलिए आयोग का मानना है कि केजरीवाल ने प्रथम साक्ष्य दृष्टि में अपनी प्रेस कांफ्रेंस में अपनी उपरोक्त बातें कहकर आर्दश चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है। इसलिए वह 20 जनवरी को दोपहर तीन बजे तक अपना स्पष्टीकरण दें और यह बताएं कि क्यों न आर्दश चुनाव संहिता के उल्लंघन के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर केजरीवाल अपना जवाब नहीं देते हैं तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ फैसला लेगा।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (17 जनवरी)

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आर्ट आफ लिविंग का हैप्पीनैस प्रोगा्रम 20 जनवरी से वृंदावन गार्डन में 

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झाबुआ --- आध्यात्मिक संस्था आर्ट आफ लिविंग का 5 दिवसीय हैप्पीनैस प्रोगा्र4म 20 जनवरी से नगर के वृन्दावन गार्डन में शुरू हो रहा है । 24 जनवरी तक चलने वाले इस पांच दिवसीय षिविर में योग,प्राणायाम,सुदर्षन क्रिया के माध्यम से आर्ट आफ लिविंग के वरिष्ठ षिक्षक खुमानसिंह चुण्डावत श्रीश्री रविषंकर गुरूजी द्वारा प्रदत्त जीवन जीने की कला सिखायेगें । षिविर प्रतिदिन प्रातः 6 से 9 बजे तक चलेगा । जिसमें भाग लेने के लिये पूर्व पंजीयन कर वयस्क महिला पुरूष भाग ले सकते है । पंजीयन हेतु दीदी पूर्णिमा कष्यप एवं दीदी नलिनी कुरील के मोबाईल पर संपर्क किया जासकता है ।

 ’’हमारा जल हमारा जीवन‘‘ विशय पर जल संसाधन विभाग की कार्यशाला संपन्न

झाबुआ --- भारत सरकार जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय नई दिल्ली एवं म0प्र0षासन जल संसाधन विभाग के तत्वाधान में जल संरक्षण के लिए हमारा जल हमारा जीवन विशय पर वन वि़द्यालय ईको सेंटर झाबुआ के सभाकक्ष में कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में जिला स्तरीय हमारा जल हमारा जीवन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यषाला में समस्त विभाग के षासकीय सेवक , वरिश्ठ समाज सेवी , बुद्वीजीवि तथा उत्कृश्ट विद्यालय के छात्र-छात्राएॅ उपस्थित हूए । कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर महोदय एवं वरिश्ठ गणमान्य अतिथियों द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का षुभारम्भ किया गया , कार्यक्रम का संचालन श्री षरत षास्त्री दूरसंचार विभाग द्वारा किया गया । सर्वप्रथम कार्यपालन यंत्री श्री एस0के0 अग्रवाल व्दारा मुख्य अतिथियों का पुश्पहार से स्वागत किया गया । कार्य के प्रारंभ में जल संसाधन विभाग द्वारा हमारा जल हमारा जीवन पर जल संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में जल संसाधन उपसंभाग रानापुर के अनुविभागीय अधिकारी सुश्री नीलम मेड़ा व्दारा प्रोजेक्टर पर स्लाइड षो दर्षित कर कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई । तद्उपरांत वरिश्ठ समाज सेवी श्री मांगीलालजी सोलंकी व्दारा जल के उपयोग एवं संवर्धन के संबंध में व्यक्तत्व प्रस्तुत करते हुए द्वापर कालीन युग में जल संवर्धन के लिए किए गए कार्यो का उल्लेख वर्तमान के परिपेक्ष्य से किया । कलेक्टर श्री बी.चन्द्रषेखर जी व्दारा स्कूली छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए पानी का अपव्यय रोकने एवं प्रत्येक व्यक्ति को  दैनिक जीवन में पानी का मितव्ययिता से उपयोग करने पर जोर दिया गया तथा यह बताया गया कि मनुश्य व्दारा जब से जमीन के अन्दर से पानी निकालने की पद्यति का विकास हुआ है तब से पानी का दोहन किया गया परन्तु उसके पुर्नभरण हेतु कभी ध्यान नहीं दिया गया इस ओर सभी का ध्यान आकर्शित किया गया । लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से पानी का अपव्यय रोकने एवं मितव्ययिता से उपयोग करने के संबंध में स्लाइड षो से प्रदर्षन किया गया । कृर्शि विभाग के उपसंचालक व्दारा बताया गया कि माही बांध का निर्माण होने से  फसलों की पैदावार के रकबे में बढ़ोतरी हुई  तथा ड्रिप विधि तथा स्प्रिंकलर पद्वति से सिंचाई करने पर पानी की बचत होती है । ग्रामीण यंात्रिकी विभाग के उपयंत्री श्री तोमर व्दारा जल संवर्धन एवं संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किये गये तथा नदीयों पर श्रंखलाबद्व बड़े बड़े डेम/ बैराज बनाने पर जोर दिया गया है। उत्कृश्ट विद्यालय के छात्र-छात्राओं व्दारा जल ही जीवन है एवं जल के उपयोग पर अपने अपने सकारात्मक विचार व्यक्त किये गये एवं जल का दुरूपयोग रोकने का संकल्प लिया गया । उत्कृश्ट विचार व्यक्त करने वाले छात्र-छात्राओं को विभाग व्दारा पुरूस्कृत किया गया ।  अच्छे परिणाम के लिए जनता का सहयोग भी अतिआवष्यक है - षासन द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अनेक योजना संचालित की जा रही है । योजनाओं के अच्छे परिणाम के लिए जनता का सहयोग भी अतिआवष्यक है । जो जिस जगह पर मौजूद है वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण इमानदारी से करे तो परिणाम सकारात्मक आऐंगे ।

आज 18 जनवरी को बच्चो को पिलाई जायेगी दो बुंद जिन्दगी की जिला टास्क फोर्स की बैठक संपन्न

झाबुआ --- जिले में 18 जनवरी एवं 22 फरवरी 2015 को पल्स पोलियो अभियान के दौरान 0-5 वर्ष तक के बच्चो को पोलियो की दवाई पिलाई जाएगी। अभियान की सफलता के लिए कार्ययोजना बनाने एवं संबंधित विभागों को सौपे गये दायित्व की समीक्षा के लिये आज 17 जनवरी को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने की। बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये। बैठक में सीएमएचओ डा.रजनी डाॅवर सिविल सर्जन डाॅ. कौशल डाॅ. चारण सर्विलेन्स मेडीकल आॅफीसर डब्ल्यू एच ओ सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। पोलियो की दवाई पिलाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2026 वेक्सीनेटर, 120 सुपरवाइजर, 376 बी टाईप टीम, 522 सी टाईप टीम, 10 मोबाईल टीम एवं 837 हाऊस टू हाऊस टीम की नियुक्ति की गई है। आगामी 18 जनवरी को जिले के कुल 1 लाख 83 हजार 635 लक्षित बच्चो को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका द्वारा बच्चो को केन्द्र पर ऐकत्रित किया जायेगा एवं बच्चो को विशेष भोजन आगनवाडी केन्द्र पर दिया जायेगा। 

पोलियो की दवाई पिलाने मे सेवाए नही देने वाली, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की होगी सेवा समाप्त  

झाबुआ --- 18 जनवरी को जिले के कुल 1 लाख 83 हजार 635 लक्षित बच्चो को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका द्वारा बच्चो को केन्द्र पर ऐकत्रित किया जाये एवं बच्चो को विशेष भोजन आगनवाडी केन्द्र पर दिये जाने के निर्देश दिये गये।  पोलियो की दवाई पिलाने मे सेवाए नही देने वाली आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की  सेवाए समाप्त   करने के लिए आज 17 जनवरी को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मे  कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने की जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा को निर्देशित किया।

पोलीयो की फाल्स रिर्पोटिंग करने वाले स्वास्थ्य सेवको पर होगी  कार्यवाही

झाबुआ --- आज 18 जनवरी को जिले के कुल 1 लाख 83 हजार 635 लक्षित बच्चो को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। आज 18 जनवरी को बच्चो को बूथ पर दवाई पिलाई जाएगी एवं 19,20 जनवरी को घर घर जाकर दवाई पिलाई जाएगी। किसी घर मे यदि बच्चा है, एवं उसे दवाई पिलाये बगैर फाल्स रिर्पोटिंग करके उस घर पर पी अंकित किया जाता है,तो ऐसी फाल्स रिर्पोटिंग करने वाले स्वास्थ्य सेवको पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक मे  कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने सीएमएचओ डाॅ रजनी डाबर   को निर्देशित किया।

हमारा जल हमारा जीवन विषय पर कार्यशाला संपन्न

झाबुआ --- आज 17 जनवरी को वन वि़द्यालय ईको सेंटर के सभाकक्ष में जिला स्तरीय हमारा जल हमारा जीवन विषय पर कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला को कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण के लिए शासन द्वारा कई योजनाए संचालित है। जल संरक्षण के लिए जल के उचित उपयोग की आवश्यकता है। अगली पीढी के लिए भी जल बचा रहे इसके लिए जल का प्रबंधन एवं सदउपयोग अति आवश्यक है। कार्यशाला को श्री सोलंकी,श्री के के त्रिवेदी अन्य उपस्थित अतिथियो एवं उपस्थित विद्यार्थियो ने भी संबोधित किया। कार्यशाला मे प्रभारी ईई जल संसाधन श्री अग्रवाल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मतदानदलों का प्रथम प्रशिक्षण आज 18 जनवरी को

झाबुआ---त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014-15 को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए मतदान दलों के पीठासीन अधिकारी एवं पी. 1 का प्रथम प्रशिक्षण 18 एवं 19 जनवरी को होगा। प्रशिक्षण प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक आयोजित होगा। प्रस्तावित  कार्यक्रम के अनुसार उत्कृष्ट उ.मा.वि.झाबुआ में आज 18 जनवरी 2015 को दल क्रमांक 1 से 129 तक के पीठासीन अधिकारी का, 19 जनवरी 2015 को दल क्रमांक 130 से 137 तक का प्रशिक्षण प्रातः 11 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया गया है। शा.क.उ.मा.वि. रामा में 18 जनवरी को दल क्रमांक 1 से 49 तक का एवं 19 जनवरी को दल क्रमांक 50 से 70 तक के पीठासीन अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।  शा.बा.उत्कृष्ट उ.मा.वि. रानापुर में 18 जनवरी को दल क्रमांक 1 से 78 तक के पीठासीन अधिकारियों का एवं 19 जनवरी को दल क्रमांक 23 से 120 तक के पी.1 का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। शा.उत्कृष्ट उ.मा.वि. पेटलावद में 18 जनवरी को दल क्रमांक 1 से 151 तक के पीठासीन अधिकारियों   एवं 19 जनवरी को दल क्रमांक 15 से 179 तक के पी.1 का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण में दल के पीठासीन, अधिकारी, एवं मतदान अधिकारी 1 को प्रशिक्षण में नियत तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए आदेश जारी कर दिये गये है।

सट्टा लिखते हुए आरोपी रंगे हाथो गिरफ्तार, चार हजार से ज्यादा की नकदी जब्त

झाबूआ---पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि आरोपी पन्नालाल पिता नेमचन्द्र, उम्र 55 वर्ष निवासी रानापुर को हार-जीत का सट्टा लिखते रानापुर पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से सट्टा पर्ची व नगदी 4750/-रूपये जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 19/15, धारा 4-क धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

हत्या का 01 अपराध पंजीबद्ध 
          
झाबूआ---फरियादी दीपक पिता मिहिया परमार, उम्र 25 वर्ष निवासी मिण्डल ने बताया कि भतीजी ललिता पिता तोलिया परमार, उम्र 12 वर्ष रोज की तरह घर से बकरिया चराने मिण्डल के जंगल में गयी थी, वापस घर नहीं आने पर आस-पास तलाश की तो आज दिनांक 16.01.15 की सुबह ललिता की लाश तालाब किनारे जमीन मंे गढी हुई मिली। किसी अज्ञात व्यक्ति ने ललिता की हत्या कर लाश को जमीन में गाड दिया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 38/15, धारा 302,201 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 
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