एक की मौत के बाद भी नहीं जागी लोनिवि गोरी नदी में बना मवानी-दवानी झूलापुल जर्जर
- भाजपा ने की लोनिवि एससी, डीएम से षिकायत
देहरादूऩ, 29 जनवरी(राजेन्द्र जोषी)। धारचूला और मुनस्यारी के मध्य में बंगापानी-मवानी दवानी के बीच गोरी नदी में बना झूलापुल जानलेवा बन गया है। एक ग्रामीण की मौत के बाद भी झूलापुल की मरम्मत का कार्य आपदा के डेढ वर्श बाद भी नहीं हो पाया। वर्श 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हुये इस झूलापुल की मरम्मत की मांग लम्बे समय से उठायी जा रही है। झूलापुल में लगे लोहे की तीन चैनों में से एक चैन आपदा के समय टूट गया था जिस कारण झूलापुल एक ओर को झुक गया है। कभी भी इस पुल से एक बड़ा हादसा हो सकता है। भाजपा ने जिलाधिकारी और लोनिवि के अधीक्षण अभियन्ता को पत्र लिखकर तत्काल झूलापुल की मरम्मत करने की मांग की। गोरी नदी में बनी इस झूलापुलिया की दुर्दषा वर्श 2013 में 16-17 जून का आयी विनाषकारी आपदा से षुरू हुई। झूलापुल में लगे लोहे के एक चैन के टूट जाने से झूलापुल एक ओर का झुक गया है। झूलापुल के दोनों ओर सुरक्षा के लिये रैलिंग बनाये जाने की लम्बे समय से मांग की जा रही है। लोक निर्माण विभाग अस्कोट के अधिकारी इस मांग को हमेषा अनसुना करते रहे है। झूलापुल में बंगापानी की ओर से 19 सितम्बर, 2014 को मवानी-दवानी निवासी 35 वर्शीय नारायण सिंह नेगी पुत्र राम सिंह की पैर फिसलने से गोरी नदी में बह जाने के कारण मौत हो गयी। अगर इस स्थान पर रैलिंग बना होता तो इस व्यक्ति की मौत नहीं होती। 35 वर्शीय नारायण सिंह सीमा सड़क संगठन में मजदूरी का कार्य करता था। इस मजदूर की मौत के बाद उसके दो बच्चे और पत्नी बेसहारा हो गये है। इस दर्दनाक हादसे के बाद भी लोनिवि के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है। झूलापुल से प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोगांे की आवाजाही रहती है। इण्टर कालेज मवानी-दवानी, विद्यामन्दिर सहित अन्य विद्यालयों के 800 से अधिक बच्चे प्रतिदिन इस पुल से आर-पार जाते है। मवानी-दवानी में आर्युवैदिक अस्पताल है। इसी के साथ इस झूलापुल से ग्राम पंचायत मवानी-दवानी, आलम, दारमा, माणी धामी, दाखिम, धामीगांव, घरूड़ी के ग्रामीणों का प्रतिदिन आना-जाना रहता है। गोरी नदी पर बने इस पुल के प्रति लोनिवि का रवैया हमेषा ठीक नहीं रहा है। भाजपा जिला प्रवक्ता जगत मर्तोलिया ने आज डीएम और लोनिवि के अधिषासी अभियन्ता को ज्ञापन देकर अस्कोट डिविजन द्वारा की जा रही लापरवाही पर सख्त कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आपदा के करोड़ो रूपये लोनिवि ने बिना निविदा आमन्त्रित किये फूंक दिये है। उन्होंने कहा कि आपदा से क्षतिग्रस्त इस झूलापुलिया के मम्मत के लिये क्यों धन स्वीकृत नहीं किया गया इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी को तत्काल निलम्बित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लोनिवि और जिला प्रषासन ने तत्काल कदम नहीं उठाया तो झूलापुल के जर्जर होने के कारण सम्भावित दुर्घटना को देखते हुये भाजपा ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को साथ में लेकर आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेगी।
हाईवे यात्रा बनी खतरनाक
देहरादूऩ, 29 जनवरी(निस)। गंगोत्री यमुनोत्री हाईवे की हालत सुधारने की सुध न ली गई तो इस बार भी हाईवे यात्रा के लिए खलनायक साबित होंगे। आपदा की मार से बेहाल हाईवे को लेकर प्रशासन संजीदा नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अप्रैल महीने में शुरू होने वाली गंगोत्री यमुनोत्री यात्रा की राह यात्रियों के लिए आसान नहीं होगी।
इस साल अप्रैल महीने में गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा शुरू हो जाएगी। लेकिन, बदहाल हो चुके गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे की दशा सुधारने को लेकर कोई खास कवायद होती नहीं दिख रही। वर्ष 2010 से लेकर 2013 तक आई आपदाओं से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे की हालत बेहद खराब हो चुकी है। दोनों हाईवे पर दर्जनों डेंजर जोन के साथ ही भूधंसाव वाले हिस्सों का दायरा भी बढ़ गया है। ऐसे में गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर सफर यात्रियों के लिए आसान साबित नहीं रहा है। मामूली बारिश में भी दोनों हाईवे पर आवाजाही कई दिनों तक ठप होनी मामूली बात बन गई है। ऐसे में दो महीने बाद शुरू होने वाली यात्रा में हाईवे की यह हालत रोडा साबित न हो, इसके लिए हाईवे का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। वर्ष 2012 में आपदा से गंगोत्री हाईवे पर दो महीने से ज्यादा तक आवाजाही ठप रही थी, तो 2013 में तीन महीने तक गंगोत्री हाईवे पर वाहन नहीं चल सके। 2014 में गंगनानी में लगातार हो रहे भूस्खलन से महीने भर तक गंगोत्री तक वाहन नहीं पहुंच सके। आपदा से ध्वस्त हुए हाईवे को बीआरओ ने उस दौरान सिर्फ आवाजाही लायक बनाया था। बीआरओ की दलील थी कि सीजन खत्म होते ही हाईवे की हालत सुधार दी जाएगी। लेकिन, हाईवे की हालत जस की तस बनी हुई है। आपदा के तीन साल बाद भी हाईवे की स्थिति सुधारने में विफल रही बीआरओ के लिए दो महीने में हाईवे को आवाजाही के लिहाज से दुरुस्त करना मुमकिन नहीं होगा। ऐसे में इस साल यात्रा के शुरुआती दौर में यात्रियों को गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचने के लिये कठिनाईयों से दो-चार होना पडेगा।
जल विद्युत निगम में कुर्सी एक दावेदार दो
देहरादूऩ, 29 जनवरी(निस) । उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम एक अधिकारी के कारण आजकल चर्चाओं में है। विद्युत एवं यांत्रिकी के अधिशासी निदेशक के पद पर तैनात पुरूषोत्तम सिंह जिसे निगम के प्रबंध निदेशक ने कार्यरत 20 लोगों को सुपर सीट करते हुए इस पद पर बैठाया था के प्रतिस्थानी के आ जाने के बावजूद कुर्सी न छोड़ना चर्चा का विषय बना हुआ है। उल्लेख्,ानीय है कि बीेते 27 सितम्बर 2012 को यहां इस पद पर कार्यरत शिवेन्द्र नाथ वर्मा के झारखण्ड राज्य विद्युत परिषद में अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हो गयी जाने के पश्चात उत्तराखण्ड में यह पद रिक्त हो गया था। उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के पत्रांक संख्या 9110 दिनांक 27 सितम्बर 2012 में निगम के प्रबंध निदेशक ने स्पष्ट आदेश किये थे कि वर्मा के झारखण्ड जाने के कारण पद रिक्त होने के चलते पुरूषोत्तम सिंह का चयन वर्मा के पद पर इस प्रतिबंध के साथ किया जाता है कि बर्मा के आने के पश्चात पुरूषोत्तम सिंह को उसी समय तत्काल प्रभाव से हटना होगा। लेकिन वर्मा के आने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुरूषोत्तम सिंह ने अभी तक कार्यभार नहीं सौंपा है। इस मामले में जल विद्युत निगम के कर्मचारी संगठन भी पुरूषोत्तम सिंह के खिलाफ मुखर होने लगे हैं। कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रबंध निदेशक के इशारे पर ही शिवेन्द्र नाथ वर्मा को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है। सबसे चैंकाने वाली बात तो यह है कि पुरूषोत्तम सिंह के पास वर्तमान में विद्युत एवं यांत्रिकी के अधिशासी निदेशक के अलावा निदेशक परिचालन का भी कार्यभार है।
मुुख्यमंत्री ने किया गांधी जी का स्मरण
देहरादूऩ, 29 जनवरी(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) के अवसर पर गांधी जी का भावपूर्ण स्मरण किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने गांधी जी को महानायक बताते हुए कहा कि हिन्दुस्तान को आजादी दिलाने में गांधी जी के योगदान को भुलाया जाना असम्भव हैं। उन्होंने कहा है कि गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सभी को गांधी जी के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए, यही गांधी जी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) के अवसर पर गांधी जी का भावपूर्ण स्मरण किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने गांधी जी को महानायक बताते हुए कहा कि हिन्दुस्तान को आजादी दिलाने में गांधी जी के योगदान को भुलाया जाना असम्भव हैं। उन्होंने कहा है कि गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सभी को गांधी जी के सिद्धान्तों का अनुसरण करते हुए अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए, यही गांधी जी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कांग्रेस ने वादा निभाओं सत्याग्रह कार्यक्रम का आयोजन
देहरादून, 29 जनवरी(निस)। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसजनों द्वारा सुभाष घाट हरकी पैड़ी हरिद्वार में आयोजित श्श्वादा निभाओं्य्य सत्याग्रह कार्यक्रम में डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम संबोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री को लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वायदों को पूरा करने की मांग की गई। हरिद्वार में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार और स्वामी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोला गया। पीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि गया कि 7 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी देश की जनता अपने को ठगा सा महसूस कर रही है। कांग्रेस के पत्र में आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने जनता से किया वायदा पूरा नहीं किया गया। पत्र में स्वामी रामदेव के खिलाफ हरिद्वार में किये जा रहे सत्याग्रह की जानकारी भी दी गई। कांग्रेस का मुख्य बिंदु विदेश में जमा धन को भारत लाने के वायद पर फोकस है। ज्ञापन में प्रदेश अयक्ष किशोर उपायाय ने कहा कि रामदेव जी ने इस धन के सम्बन्ध में केन्द्रीय मंत्रालय से सूचना के अधिकार में मांगे गये जवाब के आंकड़ो का उल्लेख करते हुए विदेशों में भारतीयों के कुल जमा धन का ब्यौरा भी दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने सत्ता में आने के बाद विदेशों में जमा कथित भारतीय धन की वापसी पर पूरी तरह मौन धारण किया हुआ है। ज्ञापन में कहा कि गया कि जनता को जवाब दें कि पन्द्रह लाख रूपये प्रत्येक परिवार के खाते में जमा करने, 25 हजार रूपये पेंशन के रूप में देने तथा सभी प्रकार के करों से मुक्ति की जो घोषणा की थी वह कब तक पूरी होगी। वहीं इस मामले में स्वामी रामदेव द्वारा भ्रामक प्रचार करने का आरोप भी लगाया गया। इसके अलावा गंगा की सफाई के मुददे को भी ज्ञापन के मायम से उठाया गया। जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार गंगा की सफाई को मुद्दा बनाकर इस सम्बन्ध में घोषणा करने और गंगा को पूरी तरह निर्मल बनाने के वायदे को याद दिलाया गया।
ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी व राज्य के सभी कांग्रेसजन आपको याद दिलाते हैं कि आपने विदेशो में जमा धन की वापसी सहित जनता से जो वायदे किये थे उनको पूरा करने के लिए यथोचित कार्यवाही करें अन्यथा भ्रामक वायदों पर देश की जनता को भ्रमित करने के लिए बिना शर्त क्षमा याचना करें।
नेताओं के कहने से तय होते हैं परमिट
देहरादून, 29 जनवरी(निस)। परिवहन विभाग में परमिट जारी करने के लिए नेताओं की सिफारिशों का प्रभाव देखा जा रहा है। देहरादून शहर और ऋषिकेश में थ्री व्हीलर और टाटा मैजिक आयरिस के परमिटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग ढंग से पत्र भेजकर सिफारिश की है। हैरानी की बात है कि परिवहन विभाग शहर में सवारी वाहनों को दबाव और संख्या का आंकलन सिफारिशों पत्रों के मायम से कर रहा है। परमिट को संभागीय परिवहन विभाग पहले ही कटघरे में है। देहरादून सिटी सहित ऋषिकेश शहर में थ्री व्हीलर और टाटा मैजिक के परिमिटों के लिए आए पत्र परमिट जारी करने में नेताओं की दखलअंदाजी को बंया करते हैं। बताते चले कि देहरादून शहर में बड़ी संख्या में विक्रम के परमिट जारी किए गए हैं। हालांकि कुछ समय से विक्रमों के परमिट जारी नहीं किए जा रहे हैं। लेकिन संभागीय परिवहन विभाग ने इसकी जगह टाटा मैजिक आयरिस के परमिट जारी कर शहर में सवारी वाहनों की संख्या बढ़ाने का कार्य किया। विक्रमों के परमिट जारी नहीं करने के पीछे सिटी में सवारी वाहनों की संख्या के चलते यातायात व्यवस्थित बिगडना बताया गया। लेकिन इसके बावजदू भी विक्रम की जगह टाटा मैजिक को परमिट जारी करना विभागीय अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े करता है। वहीं दूसरी ओर आरटीओ द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले विक्रम और सिटी बस चालकों पर भी नकेल नहीं कसी जाती। चर्चा है कि परमिट जारी करने के लिए यातायात की जगह रोजगार को प्राथमिकता दी गई है। जबकि बड़ी संख्या में सवारी वाहन सड़कों पर उतरने से यातायात व्यवस्था बाधित होती है। पिछले कुछ दिन पहले परमिटों को लेकर संभागीय परिवहन विभाग की नीति पर उंगली उठी थी। परमिट को लेकर कुछ कांग्रेसी और भाजपा नेताओं ने अलग-अलग तर्क दिया। कांग्रेस नेता ने ऋषिकेश में वाहनों को दबाव को देखते हुए विक्रम टैम्पों के परमिट जारी नहीं करने की सिफारिश की गई। जिसके पीछे शहर में बढ़ रहे वाहनों के दबाव को बताया गया। जबकि वहीं भाजपा के नेता ने परमिट को जारी करने के लिए अलग से सिफारिश पत्र भेजा। हालांकि आयुक्त कार्यालय ने नियमानुसारी परमिट जारी करने बात की है। लेकिन आटो, विक्रम के परमिटों को लेकर नेताओं की बढ़ रही दिलचस्पी इस बात को बंया करती है। साथ ही इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि परमिट के खेल में शहर की यातायात व्यवस्था को नजर अंदाज किया जा रहा है।
आर एस राणा बने पैरामेडिकल चिकित्सा रजिस्टार
देहरादून, 29 जनवरी(निस)। पैरामेडिकल चिकित्सा परिषद में डा आरएस राणा को संयुक्त निदेशक के पद पर नियुक्ति दी गयी है। यह जानकारी ईसी रोड स्थित कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धसमाना ने दी। उन्होंने बताया कि पैरामेडिकल की स्थापना 6 जून 2011 को की गई थी। इसका उद्देश्य था कि चिकित्सा क्षेत्रा में शिक्षा प्राप्त करने के बाद इधर उधर घूम रहे युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया हो सके। इस उद्देश्य से इस संगठन की नीव रखी गई थी। उन्होंने बताया कि 8 महीने पहले पूर्व विधनसभा सत्रा के दौरान पैरामेडिकल के पद को सहमति देने के बाद सीएम ने एक हफ्ते के अंदर रजिस्ट्रार की नियुक्ति के आदेश दिये गए थे। जिसके आठ महीने बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक व उत्तरांखड पैरा चिकित्सा परिषद् में सचिवध् रजिस्ट्रर पद के दायित्वों का निर्वहन तत्काल प्रभाव से प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने नगर निगम की बदहाल स्थिति पर भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि निगम विकास के नाम पर केवल जनता के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि चाहे वह गांधी पार्क के सौन्दर्यकरण का काम हो या फिर घंटाघर के पुर्ननिर्माण का काम हो सभी के प्रति निगम ने आंखे मूंद रखी हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान पैरामेडिकल वर्कस वैलफेयर सोसाइटी के प्रदेशायक्ष अरूण नेगी, रणवीर सिंहबिष्ट, विनोद थपलियाल, परमात्मा पैन्यूली, सुनील रतूड़ी, केशर सिंह रावत, लक्ष्मण सिंह नेगी और राजमोहन नेगी आदि मौजूद थे।
नाथू राम गोडसे की मूर्ति लगाने का विरोध
देहरादून, 29 जनवरी(निस)। उत्तराखंड सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री और राहुल प्रिंयका ब्रिगेड के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप अपने अनेक साथियो के साथ मेरठ जायेंगे और यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गौडसे की मूर्ति लगाने वाले हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं के श्निन्दनीय राष्ट्रविरोधी कृत्य ्यका सत्याग्रह कर सार्वजनिक विरोध करेगें। यह बात पत्रकारों से मुखातिब होते हुए धीरेन्द्र प्रताप ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत ही नहीं विश्व की महान धरोहर हैं। वे व्यक्ति नही विचारधारा है, जिन्होंने ‘‘सत्य और अहिसा‘‘ का दर्शन देकर विश्व की महान सेवा की है। यहीं नही उन्होंने लबां सघंर्ष कर अंग्रेजों के 200 साल के कुशासन से भारत को आजाद कराया है। ऐसे में चन्द सिरफिरे,उनके हत्यारे नाथू राम गौडसे की मूर्ति मेरठ में लगा दे और राष्ट्रभक्त, कायरो की तरह तमाशा देखे, यह सभ्ंाव नही है। उन्होंने घोषणा कि वे 30 जनवरी को सैकडो साथियों के साथ मेरठ जाएगें और गांधीवादी तरीके से गौडसेवादियो के इस घृणित कृत्य का जम कर विरोध करेगें व गौडसे की मूर्ति लाने के उनके ईरादो को कामयाब नही होने देगें। उन्होंने 30 जनवरी को उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अपने तमाम साथियों से श्मेरठ चलो्य का आवाहन किया है। उन्होने इस मौके पर गौडसे की मूर्ति के मामले में भाजपा की चुप्पी को आपराधिक करार बताया, जो कभी सफल नही होगी। धीरेन्द्र प्रताप आजादी के महान नेता व पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय चैधरी चरण सिहं को भारत के महानतम नेताओं में एक बताते हुए, दिल्ली में तुगलक रोड़ के आवास 12 तुगलक रोड़ को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने की मागं की। उन्होंने हाई कोर्ट बैचं मेरठ में बनाए जाने की मागं की व उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए इसके तीन भागो में विभाजन को जरूरी बताया। उन्होंने मोदी सरकार पर उत्तराखण्ड के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया व राज्य में आपदा, गगां अभियान व गैरसैण राजधनी निर्माण के लिए केन्द्र से 10000 करोड़ के पैकेज की मागं की। इस मौके पर पत्रकार वार्ता में राहुल प्रियकां बिगे्रड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश शर्मा, महासचिव जीतेन्द्र गौड, अल्पसंख्यक सैल के अयक्ष अनीस अहमद व उत्तर प्रदेश अयक्ष विनीत त्यागी अध्विक्ता संजय कटारिया, गोलू भाई, सुनील चैहाण भी मौजूद थे। धीरेन्द्र प्रताप ने मेरठ के विभिन्न मोहल्लों में जाकर उन्होंने सत्याग्रह में नागरिको से सहयोग की अपील की भी अपील की।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित
देहरादून, 29 जनवरी(निस)। उपाध्यक्ष डॉ0 अनुसूया प्रसाद मैखुरी, विधानसभा, उत्तराखण्ड ने अवगत कराया है कि 31 जनवरी से 2 फरवरी, 2015 तक लखनऊ में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने अवगत कराया कि उक्त सम्मेलन में विषय-विकास में संसद का योगदान एवं कागज विहीन संसद तथा अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की स्टैंडिंग कमेटी की उप-समिति की रिर्पोट का प्रस्तुती करण भी किया जायेगा। इस सम्मेलन में उत्तराखण्ड के विधान सभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष एवं सचिव 30 जनवरी 2015, को प्रतिभाग करने लखनऊ पहुंचेंगे।