- इस सम्मेलन में 35 देशों के प्रतिनिधियों, विभिन्न राज्यों के 13 (मौजूदा और भूतपूर्व प्रमुख), मंत्रियों और 90 से अधिक कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद
- केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और श्री सुरेश प्रभु के अलावा अभिनेता और एक्टिविस्ट अर्नोल्ड श्वार्जनेगर और नोबल विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे
नई दिल्ली। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (टेरी) अपने सालाना प्रमुख कार्यक्रम ‘डेल्ही सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट’ (डीएसडीएस) के 15वें आयोजन की मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम नई दिल्ली में 5-7 फरवरी 2015 तक चलेगा।
वैश्विक विकास के नए युग के शुरुआत की रंगभूमि काफी करीब है। 15 वर्षों से चल रहे ‘मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी)’ की जगह अब सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स या सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लेने वाला है। वर्तमान में विकास, डिजाइन और कार्य प्रणाली के ज्यादा समावेशी तरीकों के लिए वैश्विक अनिवार्यता के साथ-साथ अवसर भी हैं।
डीएसडीएस 2015 की थीम ‘सतत विकास लक्ष्य और जलवायु परिवर्तन से सामना’ होगी, और इसमें सतत विकास, पर्यावरण और ऊर्जा की पहुंच और सुरक्षा जैसे मसलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा और उम्मीद है कि एसडीजी, जलवायु परिवर्तन का सामना करने, कार्बन फुटप्रिंट घटाने के अलावा अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर हुई वैश्विक प्रगति का मूल्यांकन किए जाने की अनुमान है।
डीएसडीएस 2015 की प्रासंगिकता के पर टेरी के महानिदेशक डाॅ आर के पचैरी ने कहा, ‘वैश्विक विकास के सतत विकास लक्ष्यों को अंतिम रूप देने की दिशा में जाने और साल 2015 के अंत में पार्टियों के पेरिस कंफ्रेंस में जलवायु परिवर्तन पर समझौते की उम्मीद के साथ ही, इस क्षेत्र में समय पर शुरुआत किए जाने की जरूरत है। यह सम्मेलन न केवल दोनों क्षेत्रों में वैश्विक विकास को रफ्तार देगा बल्कि चर्चा को जाने-माने प्रतिनिधियों के अनुभवों और ज्ञान से समृद्ध भी करेगा ताकि आपस में संबद्ध इन दोनों मसलों पर ध्यान दिया जा सके। डीएसडीएस 2015 में अप्रत्याशित संख्या में सरकार, उद्योग, शिक्षा और सिविल सोसायटी के जाने-माने मार्गदर्शक शामिल होने जा रहे हैं ताकि एसडीजी के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से व्यापक और प्रबुद्ध तरीके से निपटने में सक्षम हुआ जा सके।’
इस सम्मेलन के उद्घाटन से एक दिन पहले कारोबार जगत के दिग्गज 4 फरवरी को ‘उच्च स्तरीय काॅरपोरेट’ वार्ता में ‘दिल्ली से पेरिसः जलवायु परिवर्तन पर काॅरपोरेट के विचार’ पर चर्चा करेंगे। इस वार्ता के विचार-विमर्श को एक दस्तावेज का रूप दिया जाएगा जो 2015 के बाद के विकास एजेंडा का खाका तैयार करने, प्रत्येक मसले व सेक्टर से जुड़ी विशेष चुनौतियां और अवसरों और एक ठोस काॅरपोरेट योजना तैयार करने का आधार बनेगा।
टेरी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट आउटरीच की निदेशक डॉ अन्नपूर्णा वंचेश्वरण ने कहा, ‘डीएसडीएस 2015 की पहली प्रस्तुति, उच्च स्तरीय कॉरपोरेट वार्ता जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कॉरपोरेट के नेतृत्व का खाका तैयार करने पर फोकस करेगा। जैसा कि थीम से स्पष्ट है फरवरी 2015 और नवंबर 2015 के बीच, कॉरपोरेट इंडिया ‘कॉरपोरेट विचार-विमर्श’ में व्यस्त रहेगा, जो नवंबर 2015 में पेरिस में होने वाले सीओपी 21 में ‘बातचीत से क्रियान्वयन’ तक का एजेंडा बनेगा और प्रस्तुत किया जाएगा।’
इस सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग जैसे पेरू के पर्यावरण मंत्री महामहीम अब्ग मैनुएल जेरार्डो पेड्रो पलगर-विडाल ओटालोरा, फ्रांस के विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री महामहीम श्री लॉरेंट फैबियस, भारत सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, भारत सरकार के रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, कैलिफॉर्निया के पूर्व गवर्नर और आर20- जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र के संस्थापक अध्यक्ष और नोबल विजेता और ग्लोबलमार्च भारत के चेयरपरसन श्री कैलाश सत्यांर्थी शामिल हैं।
सम्मेलन में विभिन्न मसलों, एमडीजी से एसडीजी और जलवायु परिवर्तन का सामना कैसे किया जाए; सतत उत्पादन और खपतः नीतियां और प्रैक्टिस, धन और आय की असमानता के जगत में एसडीजी, संवहनीयता, जनवायु परिवर्तन और काॅरपोरेट सेक्टर द्वारा उठाए जाने वाले कदमों, सीओपी-21 में विश्व की जरूरत वाले समझौते, संवहनीय बिल्डिंग, स्मार्ट सिटीज और अन्य मसलों पर विस्तृत सत्रों की मेजबानी की जाएगी। थीम आधारित विषयों, जो विशेष मुद्दों के लिए होगा, का नेतृत्व उस क्षेत्र के विशेषज्ञों, विद्वानों और प्रभावकारी व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। इसका लक्ष्य वैश्विक समुदाय जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उसके लिए व्यवहार्य समाधान उपलब्ध कराना है।
सम्मेलन के दौरान दो रिपोर्ट, टेरी बीसीएसडी-यस बैंक नाॅलेज पेपर जिसका नाम ‘एनैबलिंग पफाइनेंस फाॅर स्केलिंग अप एनर्जी एफिशिएंसी इन एमएसएमई‘ है और टेरी बीसीएसडी-यस बैंक-एसोचैम नाॅलेज पेपर, जिसका नाम ‘रेसपेक्टेड गंगाः एन इनक्लूसिव मल्टी-स्टेकहोल्डर एप्रोच‘ है, जारी किए जाएंगे। इस सम्मेलन में 11वां सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप एवार्ड भी दिया जाएगा। साल 2005 में टेरी द्वारा शुरू किए गए यह एवार्ड सतत विकास के क्षेत्र में वैश्विक मार्गदर्शकों का सम्मान करता है और उन वैश्विक पहलों को प्रोत्साहित करता है जो विश्व को स्थाई भविष्य की ओर ले जा सकता है। पिछले साल महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आनंद महिंद्रा को सतत विकास के क्षेत्र में उनके अनेक योगदानों के लिए 10वें सस्टेनेबल डेवलपमेंट लीडरशिप एवार्ड से सम्मानित किया गया था।
टेरी के बारे में
द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी शोध संस्थान है जो ऊर्जा, पर्यावरण और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण ऊर्जा समस्याओं के लिए पर्यावरण अनुकूल समधान उपलब्ध कराने से लेकर, भारतीय तेल एवं गैस सेक्टर विकास को आकार देने में मदद करना, कई महादेशों के वैश्विक पर्यावरण परिवर्तन मसले को सुलझाने से लेकर स्थानीय समुदायों में वन संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना; बढ़ते शहरी परिवहन और वायु प्रदूषण समस्याओं के लिए उन्नत समाधान उपलब्ध कराना, भारतीय उद्योगों में ऊर्जा सक्षमता को प्रोत्साहित करना, टेरी का हमेशा ही इस बात पर जोर रहा है कि अभिनव समाधानों के जरिए विश्व को एक रहने लायक अच्छी जगह बनाई जाए। टेरी की सभी गतिविधियां स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की नीतियां तैयार करने से लेकर ऊर्जा और पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मसलों पर वैश्विक समाधान का सुझाव देना है।
डाॅ आर के पचैरी के नेतृत्व में, जो नोबल शांति पुरस्कार विजेता पर्यावरण बदलाव इकाई, आईपीसीसी, के चेयरपरसन भी हैं, टेरी अपने अभूतपूर्व शोधों के लिए उत्कृष्ट संस्थान के तौर पर उभरा है और एक वैश्विक ब्रांड के तौर पर राजनीतिक नेताओं, नीति निर्माताओं और काॅर्पोरेट इकाई के साथ-साथ बड़े पैमाने पर समाज द्वारा स्वीकार किया गया है।