पहाडि़यों पर बर्फबारी, सैलानियों, व्यापारियों व किसानों के खिले चेहरे
- मुख्यमंत्री ने ली पर्वतीय जिलों से हिमपात की जानकारी
देहरादून, 04 फरवरी। उत्तराखंड में मौसम ने करवट ले ली है। बारिश के साथ ही सूखी ठंड से लोगों को राहत मिली तो वहीं प्रदेश की उंची पहाडि़यों पर बर्फबारी से सैलानियों, व्यापारियों तथा किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। बर्फवारी से जहां पर्यटन व्यवसाय में लगे होटल,ढाबों व टैक्सी वालों के चेहरे पर मुस्कान नजर आ रही है तो वहीं सैलानी भी मौसम को देखकर प्रफुल्लित है, जबकि किसानों के चेहरों पर इस लिए खुषी नजर आ रही है कि उनकी राजमा व आलू की खेती अब और अच्छी हो जोयेगी वहीं सेव के आर्चिड वाले सेव की पैदावार और अच्छी होने उम्मीद से खुष हैं। उधर मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार ही मौसम ने अपने तेवर दिखाए और बादल जमकर बरसे। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के साथ ही बर्फबारी भी हुई जिससे पहाडि़यों चांदी सी चमकने लगीं। दून में भी ंजमकर बारिश हुई जिससे तापमान में उल्लेखनीय कमी देखने में आई है। जाती हुई सर्दियों के बीच बारिश के बाद बुधवार को जमकर खिली और लोगों ने धूप का आनंद उठाया। उत्तराखंड के चारों धाम भी बर्फबारी से गुलजार हो गए हैं जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी से पर्यटकों एवं व्यापारियों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है। गढ़वाल मंडल के चार धामों केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में व बदरीनाथ के आसपास की पहाडियों पर भी बर्फ गिरी है। बर्फवारी से उत्तराखंड की पहाडि़यों का रंग आजकल बदला हुआ नजर आ रहा है। कड़ाके की सूखी ठंड की जगह अब बर्फानी ठंड लेने जा रही है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान भी सही साबित हुआ है। मौसम विभाग की ओर से सूचना दी गयी थी कि सोमवार से लेकर बुधवार तक बारिश होगी, लेकिन मौसम ने सोमवार से ही रंग दिखाना शुरू किया और प्रदेश भर में रात भर से ही जमकर बारिश हुई। दून में बादल जम कर बरसे। मसूरी एवं दून में बारिश से तापमान में बेहद गिरावट आई। मसूरी के माल रोड़ पर हालांकि अभी बर्फबारी जैसा दृश्य नजर नही आया है लेकिन वीकेंड पर लोगों का यहां पहुंचना शुरू हो गया था, हालांकि बर्फबारी का आनंद नहीं उठा सके। बर्फबारी की संभावनाओं को देखते हुए स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे हैं। उत्तराखंड प्रदेश की ऊंची चोटियों को बर्फ की चादर ओढ़ा दी तो मैदानी इलाकों में भी पारा गिर गया है। बारिश के कारण प्रदेश भर में जनजीवन पर असर साफ देखा गया है। सबसे अधिक दिक्कतें खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने वालों पर आ रही हैं जिनके लिए अभी तक अलाव जलाने की पुख्ता व्यवस्था प्रशासन नहीं कर पाया है। हालांकि मौसम के इस करवट को पर्यटन की दृष्टि से भी काफी मुफीद माना जा रहा है। खासतौर वे नैनीताल, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार एवं दूसरे पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटकों के आने की उम्मीदें जगी हैं। मसूरी में शनिवार एवं रविवार को पर्यटकों की भीड़ रही लेकिन हिमपात न होने के कारण निराशा का सामना करना पड़ा। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक मौसम में सुधार होगा और धूप खिली रहेगी लेकिन सात दिन बाद पुनः बादल आऐंगे जो बरस भी सकते हैं। क्योंकि मौसम विभाग ने बीते दिन पूर्व राज्य के पर्वतीय इलाकों में हिम-तूफान आने की एडवाजरी जारी की है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेष के मुख्यमंत्री हरीष रावत ने राज्य के पर्वतीय जिलों के जिलाधिकारियों से बर्फबारी के बाद की स्थिति की जानकारी ली है। केदारनाथ में हुई बर्फबारी को लेकर मुख्यमंत्री भी नजर लगाए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने डीएम रुद्रप्रयाग से विशेशकर केदारनाथ में बर्फबारी के बाद की स्थिति जानी। डीएम ने सीएम को केदारनाथ में सभी मजदूरों के सकुशल होने की जानकारी दी। गौरतलब हो कि बीते दो दिन से केदारनाथ जोरदार बर्फबारी के चलते छह फीट तक बर्फ जम गई। वर्तमान में यहां निम के लगभग तीन सौ मजदूर व कर्मचारी वहां पुनर्निर्माण कार्य में जुटे हैं। अधिक बर्फबारी के चलते केदारनाथ में गत दो दिनों से पुनर्निर्माण के कार्य नहीं हो सके। मजदूर घरों के आगे से लगातार बर्फ हटाते रहे। वहीं भारी बर्फबारी के सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत भी चिंतित नजर आए। बुधवार सुबह सीएम हरीश रावत ने दूरभाष पर डीएम डॉ. राघव लंगर सहित चमोली व पिथौरागढ़ सहित उत्तरकाषी के जिलाधिकारियों से जानकारियां ली। रूद्रप्रयाग के डीएम ने सीएम को बताया कि केदारनाथ में लगातार संपर्क बना हुआ है। वहां रह रहे सभी मजदूर व कर्मचारी सकुशल हैं। वहीं दूसरी ओर नेहरू पर्वरोहण संस्थान (निम) के सूत्रों के अनुसार केदारनाथ में अप्रैल माह तक का राशन, दवाइयां, ईधन उपलब्ध है। किसी भी परिस्थतियों में मजदूर यहां रहने के लिए सक्षम हैं। बुधवार को मौसम खुलने के बाद एक बार फिर पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गया है। अब क्षतिग्रस्त मकानों को तोड़ा जा रहा है।
शिक्षित बेरोजगार हो रहे लेटलतीफी का शिकार
देहरादून, 04 फरवरी (निस)। शासन स्तर पर लिए जाने वाले निर्णय भी अब मुख्यमंत्री को हस्तान्तरित किए जा रहे हैं। विडम्बना यह है कि अपने स्तर पर शासन के वरिष्ठ अधिकारी निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। जिसका खामियाजा शिक्षित बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। यह बानगी प्राथमिक शिक्षा भर्ती में सामने आ रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजदू भी शासन में बैठे अधिकारी महीनों से लटके पदों पर भर्ती नहीं करा पा रहे हैं। हालात यह है कि नियमावली में संसोधन से लेकर पदों पर भर्ती निकालने के लिए भी अन्तिम तौर पर मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश का ही इंतजार किया जा रहा है। बताते चले कि वर्ष 2014 में शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। बीएड टीईटी बेरोजगारों की संख्या अधिक होने के कारण प्रशिक्षित बेरोजगारों ने सरकार से पद बढ़ाने की मांग की। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक में बकायदा पद सृजित भी करवाए। जिसके तहत आपदा ग्रस्त जनपदों और स्वीकृत 389 पदों पर भर्ती के लिए पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को भर्ती मे बिलम्ब पर फटकार भी लगाई और जल्द भर्ती करने के निर्देश भी दिए। लेकिन कई दिन गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक 389 पदों और आपदा ग्रस्त जनपदों के लिए सृजित पदों पर भर्ती का रास्ता साफ नहीं हो पाया। आलम यह है कि भर्ती को वर्षवार और मेरिट का चयन करने का भी शासन निर्णय नहीं ले पाया है। ज्ञातव्य है। पिछली भर्ती में हाईकोर्ट की डबल बेंच के बाद वर्षवार भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी शासन यह तय नहीं कर पा रहा है। भर्ती का आधार क्या रखा जाए। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार शासन में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बदौलत अभी तक इन पदों पर भर्ती की तैयारी पूरी नहीं हो पाई है। भर्ती को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि आखिर वरिष्ठ अधिकारी अपने स्तर से इस सबंध में निर्णय क्यों नहीं ले पा रही है। अधिकारियों की ढिलाई के चलते सैकड़ों बेरोजगारों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
गैस की समस्याओं को लेकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन
देहरादून, 04 फरवरी(निस)। रसोई गैस, मिटटी तेल एवं आधार कार्ड की समस्याओं के सबंध में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति से जुड़ी महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पंहुचकर रसोई गैस, मिटटी तेल एवं आधार कार्ड की समस्याओं पर हल्ला बोला और डीएम के माध्यम से पीएम,सीएम को समस्याओं के निराकरण की मांग की। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उपभोक्ताओ को गैस एजेंसी, बैंक में डीबीटीएल योजना से जुडने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गैस व मिटटी तेल की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है। जिससे जरूरतमंद लोगों को ईधन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। साथ ही आधार कार्ड को लेकर भी जनता बेहाल है आधार में रजिस्टे्रशन करवाने के बावजूद भी कईयों के आधार कार्ड नहीं मिले है। उपभौक्ताओं को आधार कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। साथ ही कई लोगों के आधार कार्ड वेबसाइड पर दिखाई नहीं दे रहे है। जिसका खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है। इस मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष इंदु नौडियाल, जिलाध्यक्ष ज्योति ठाकुरी, जिला मंत्री नुरेसा, उपाध्यक्ष चंदा ममगाई, कोषाध्यक्ष शाकुम्भरी रावत, सचिव सीमा लिंगवाल आदि मौजूद थे।
डिजिटल इंडिया से जुड़ेंगी ग्राम पंचायतें
देहरादून, 04 फरवरी(निस)। हरिद्वार जनपद की सभी ग्राम पंचायतें अब डिजिटल इंडिया से जुड़ेंगी। पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में अतिरिक्त कर्मचारी भी तैनात होंगे। इससे ग्राम स्तर पर होने वाले कामों पर आसानी से अधिकारी नजर रख पाएंगे। आम जनता भी ग्राम पंचायत में होने वाले कामों के बारे में जानकारी ले पाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया की पहल की है। अब इसे धरातल पर उतारने का काम जिला पंचायत राज कार्यालय ने शुरू कर दिया है। जनपद हरिद्वार में 312 ग्राम पंचायतें हैं। इन गांवों को डिजिटल इंडिया से जोडने के लिए फिलहाल बीएसएनएल की ओर से ओएफसी बिछाने का काम चल रहा है। उसके बाद हर ग्राम पंचायत में कंप्यूटर देकर उसे डिजिटल इंडिया से जोड़ा जाएगा। इसके तहत एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। इसमें ग्राम पंचायतों में होने वाले कामों के बारे में हर कोई आसानी से जान पाएगा। योजनाओं के अमल पर अधिकारी नजर रख पाएंगे। योजना के तहत पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में अतिरिक्त कर्मचारी भी तैनात होंगे। एक एकाउंटेंट व एक कंप्यूटर विशेषज्ञ की तैनाती की जाएगी। इससे काम ग्राम स्तर पर ही होंगे। डीपीआरओ एम जफर खान का कहना है कि डिजिटल इंडिया का काम तेज गति से चल रहा है। ओएफसी लाइन बिछने के बाद काम और गतिशील होगा। इससे योजनाओं पर नजर रखी जा सकेगी और लोग भी इनके बारे में जानकारी रख पाएंगे।
41 पंचायतों के पास नहीं भवन
जनपद में 312 ग्राम पंचायतों में से 41 ऐसे ही जिनके पास अपना पंचायत भवन नहीं है। इसमें से 12 ग्राम पंचायत नई बनी हैं। डिजिटल इंडिया से यह ग्राम पंचायत भी जुड़ पाएं, इसके लिए राज्य सरकार राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान के तहत धन देगी। हर ग्राम पंचायत में 12 लाख की लागत से नया पंचायत घर बनेगा। अब तक बहादराबाद ब्लाक की पंचायत के लिए एक पंचायत भवन स्वीकृत हो चुका है। बाकी जगह भी पंचायत भवन बनाने का प्रस्ताव रखा है।
पांच हजार से अधिक आबादी वाले ब्लाकों के गांव
रुड.की 22
नारसन 16
लक्सर 20
भगवानपुर 23
बहादराबाद 22
खानपुर 05
प्रभावित ग्रामीणों ने फूंका सीएमडी का पुतला
देहरादून, 04 फरवरी(निस)। पावर पुलिंग स्टेशन कंपनी प्रबंधन की ओर से ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों के विरोध में प्रभावित ग्रामीणों ने पोखरी में कंपनी के सीएमडी का पुतला फूंका। उन्होंने कंपनी के वाहनों की आवाजाही भी बाधित रखी इस कारण परियोजना का कार्य प्रभावित रहा। कोटेश्वर पावर पुलिंग स्टेशन प्रबंधन से प्रभावित ग्रामीणों को मुकदमें में फंसाने के विरोध में प्रभावित सौंटियाल गांव, मणगांव, फफराण गांव, कोट, पोखरी के ग्रामीणों का बुधवार को को धरना चैथे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो वह आंदोलन को तेज करेंगे। जून माह में पावर पुलिंग स्टेशन की हाईटेंशन लाइन जमीन में करंट दौडने से सौंटियाल गांव में पांच लोग झुलस गए थे। पुतला फूंकने वालों में पूर्व प्रधान चतर सिंह, पूर्व प्रधान वीर सिंह रावत, ईश्वरी प्रसाद बिजल्वाण, जिपं सदस्य अनिल भंडारी, गजेंद्र खाती, सीता देवी, बैशाखी देवी आदि शामिल थे।
जारी रहेगा चक्काजाम
दूसरी ओर कोटेश्वर बांध प्रभावितों का विस्थापन व परियोजना में रोजगार देने की मांग को लेकर क्यारी व चाका में धरना व चक्काजाम नवें दिन भी जारी रहा। प्रभावितों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों का संतोषजनक हल नहीं निकाला जाता है। वे तबतक धरने पर डटे रहेंगे। जिपं सदस्य रागिनी भट्ट, जीतराम भट्ट, राकेश चमोली, सुरजा देवी, तारा देवी, दयाराम चमोली, काशीराम, ज्योति पंत किशोरी लाल आदि शामिल थे। ग्रामीणों की इस संबंध में एडीएम प्रवेश चंद्र डंडरियाल से वार्ता हुई। लेकिन वार्ता को कोई हल नहीं निकल सका। एडीएम पीसी डंडरियाल ने बताया कि ग्रामीणों की मांगों पर चर्चा की गई है। जल्द ही कोई साकारात्मक परिणाम निकलेगा।
बांध प्रबंधन को भारी परेशानी
ग्रामीणों के चक्का जाम करने से कोटेश्वर बांध प्रबंधन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के कोटेश्वर बांध न जाने के कारण वहां पर शिफ्ट चेंज नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में वहां मौजूद कर्मचारियेां को ही अतिरिक्त कार्य भी करना पड़ रहा है। टीएचडीसी के महाप्रबंधक एसआर मिश्रा ने कहा कि चक्काजाम के कारण हम और अन्य कर्मचारी बांध में नहीं जा पा रहे हैं।
रूड.की में फिर गैंगवार, बदमाशों ने ट्रांसपोर्टर को मारी गोली
देहरादून, 04 फरवरी(निस)। न्यू नेहरू नगर में ट्रांसपोर्टर राजकुमार को बाइक सवार दो बदमाशों ने घर से निकलते ही गोली मार दी। गोली ट्रांसपोर्टर के कंधे में लगी। गोली लगने के बावजूद ट्रांसपोर्टर बदमाशों से भिड़ पड़ा। उधर, गोली की आवाज सुनकर बाहर आए मोहल्ले के लोगों ने हमलावरों की घेराबंदी की तो वह बाइक व तमंचा मौके पर छोड़कर भाग गए। गंगनहर कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक न्यू नेहरू नगर में ट्रांसपोर्टर राजकुमार (47) पुत्र मंगतराम का मकान है। वह रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी से आने वाला सामान दुकानों व प्रतिष्ठानों पर टेम्पो से पहुंचाने का काम करते हैं। बताया गया कि राजकुमार व उनका साथी सोनू पहले साझे में सामान ढुलाई का काम करते थे। अब कुछ दिनों से दोनों ने रेलवे स्टेशन से बाजार में सामान पहुंचाने का काम अलग-अलग कर लिया है। बताया गया कि बुधवार सुबह करीब सवा ग्यारह बजे राजकुमार सामान लोड़ कराने के लिए रेलवे स्टेशन जा रहे थे। जैसे ही वह न्यू नेहरू नगर स्थित मकान से बाइक लेकर चले तो कुछ दूर आगे उन्हें एक बाइक सवार व्यक्ति ने रुकने का इशारा किया। राजकुमार जैसे ही रुका तो उस पर बाइक सवार व्यक्ति ने गोली चला दी। गोली राजकुमार के कंधे में लगी। राजकुमार गोली लगने के बाद भी आरोपी को पकडने की कोशिश करने लगे। राजकुमार व हमलावरों के बीच हाथापाई भी हुई। वहीं, गोली चलने की आवाज सुनाई देने पर न्यू नेहरू नगर के लोग घरों से बाहर आ गये। उन्होंने राजकुमार को हमलावरों के साथ जूझते देख बदमाशों की घेराबंदी करनी चाही। खुद को घिरता देख हमलावर बाइक मौके पर ही छोड़कर भाग गए। उनका तमंचा भी मौके पर ही छूट गया। ट्रांसपोर्टर को गोली मारने की सूचना मिलने पर एएसपी प्रहलाद नारायण मीणा, गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक डीएस भंडारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने चेकिंग कराई लेकिन बदमाशों का पता नहीं लग पाया। घायल राजकुमार को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां से चिकित्सकों ने उसे देहरादून रेफर कर दिया। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक डीएस भंडारी ने बताया कि संदेह के आधार पर इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
आशा कार्यकत्रियों का प्रोत्साहन राशि बजट अवमुक्त
देहरादून, 04 फरवरी(निस)। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ओम प्रकाश ने बताया कि राज्य में कार्यरत समस्त आशा कार्यकत्रियों को राज्य सरकार की ओर से वार्षिक राज्य प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि रू0 5000 वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं आगामी वित्तीय वर्षों में प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में वार्षिक प्रोत्साहन की धनराशि प्रदान किये जाने हेतु धनराशि रू0 5,54,30,000 (रू. पांच करोड़ चैव्वन लाख तीस हजार मात्र) अवमुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन घनराशि प्रतिवर्ष दो अद्धवार्षिक किस्तों (माह मार्च देय अप्रैल एवं माह सितम्बर देय अक्टूबर) में प्रदान की जायेगी। आगामी वित्तीय वर्ष में वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान आशा कार्यकत्रियों को आशा फैसिलिटेटर और ए.एन.एम द्वारा जिला आशा संस्थान केन्द्र के सत्यापन एवं मूल्यांकन उनके प्रशिक्षण पंजिका, गर्भावस्था फार्म, घरों के दौरों के प्रपत्र तथा लक्ष्य दम्पत्ति पंजिका से सत्यापित करने के उपरान्त ही दो अर्द्धवार्षिक किस्तों (माह मार्च देय अप्रैल एवं माह सितम्बर देय अक्टूबर) में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आगामी ंिवत्तीय वर्ष 2015-16 से प्रतिवर्ष योजना 01 अप्रैल से क्रियान्वित मानी जायेगी, जिसके अन्तर्गत आशाओं को दी जाने वाली अर्द्धवार्षिक किस्त (माह मार्च देय अप्रैल एवं माह सितम्बर देय अक्टूबर) प्रदान की जायेगी।