उत्तराखंड के महाविद्यालयों में 58 प्रतिशत प्रवक्ताओं के पद रिक्त
देहरादून, 05 फरवरी। उत्तराखंड के 90 सरकारी महाविद्यालयों में शिक्षकों (प्रवक्ताओं) के 58 प्रतिशत पद रिक्त है। इसमें गढ़वाल मंडल के 48 महाविद्यालयों में 62 प्रतिशत पद तथा कुमाऊं मंडल के 42 महाविद्यालयों में 57 प्रतिशत प्रवक्ताओं के पद रिक्त है। उक्त खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है। उच्च शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना अधिकार के अन्तर्गत सूचना अधिकार कार्यकर्ता, काशीपुर निवासी नदीम उद्दीन एडवोकेट को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड के 90 सरकारी महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं के कुल स्वीकृत 1656 पदों में से 971 पद रिक्त है केवल 685 प्रवक्ता ही नियमित कार्यरत है। इन रिक्त पदों में से 408 पदों पर संविदा पर शिक्षक कार्यरत है। इसके बाद भी 563 पद रिक्त है जिन पर कोई प्रवक्ता व संविदा शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में 20 ऐसे नियमित प्रवक्ता भी है जो महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य नहीं कर रहे है जिसमें 2 प्रतिनियुक्ति के कारण महाविद्यालयों में कार्यरत नहीं है तथा 18 त्याग पत्र व अन्यत्र कार्यरत प्रस्तुत तथा दीर्घ अवधि से अनुपस्थित हैं। इनके पदों को जोड़ते हुये कुल 583 पदों पर कोई शिक्षक कार्यरत नहीं हैै। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार रिक्त 971 पदों में सर्वाधिक रिक्त पद 95 अंग्रेजी विषय के है जबकि शारीरिक विज्ञान, टूरिज्म, दर्शनशास्त्र तथा पत्रकारिता विषय का कोई पद रिक्त नहीं है। अन्य रिक्त पदों में हिन्दी के 85, संस्कृत के 44, भूगोल के 45, अर्थशास्त्र के 74, राजनीतिक शास्त्र के 81, समाजशास्त्र के 61, इतिहास के 52, शिक्षा शास्त्र के 18, मनोेविज्ञान के 7, शारीरिक शिक्षा के 6, गृह विज्ञान के 15, सैन्य विज्ञान के 9, बी.एड.के 15, संगीत के 5, सांख्यिकी के 3, भूगर्भ विज्ञान के 8, विधि 5, चित्रकला के 3, बेसिक हयूमेनेटिज 1, मानव विज्ञान 2, बेसिक साइंस 1, भौतिक विज्ञान 53, रसायन विज्ञान 58, जन्तु विज्ञान 50, वनस्पति विज्ञान 51, गणित 44, वाणिज्य 62, बी.वी.ए. 3, बी.सी.ए. 6, एम.बी.ए. 5, बी.टी.एस 1, कम्प्यूटर विज्ञान के 3 पद रिक्त है। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार कुमाऊं मंडल के कुल 42 सरकारी महाविद्यालयोें में कुल 821 पदों में से 354 पदों पर ही नियमित प्रवक्ता कार्यरत है। शेष 467 पद रिक्त है। इनमें से केवल 198 पदों पर संविदा शिक्षक कार्य कर रहे हैै। जबकि संविदा शिक्षकों के पदों को छोड़कर भी 269 पद रिक्त है जिस पर कोई शिक्षक कार्य नहीं कर रहा है। इसी प्रकार गढ़वाल मंडल के कुल 48 सरकारी महाविद्यालयों में कुल 835 स्वीकृत पदों मेें से 524 पद रिक्त हैं इनमें से 210 पदों पर संविदा शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि संविदा शिक्षकों के पदों को छोड़कर भी 314 पदों पर कोई शिक्षक कार्यरत नहीं है। श्री नदीम को उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह भी स्पष्ट है कि इन रिक्त पदों के जल्दी भरने की भी कोई उम्मीद भी नहीं है क्योंकि बिल्कुल रिक्त 563 पदों में से अधियाचन भी केवल 273 पदों का ही लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। लोेक सेवा आयोग द्वारा अगर इन सबका चयन कर भी दिया जाता औैर सभी शिक्षक कार्य करते रहते हैं तो भी प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में 290 पदों पर कोई प्रवक्ता व शिक्षक कार्य नहीं करेगा।
उत्तराखण्ड में स्थापित हो ‘‘अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान’’: डाॅ0 निशंक
देहरादून,5 फरवरी (निस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार से लोकसभा सदस्य डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक जी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान डॉ निशंक ने उत्तराखंड में आयुर्वेद, आयुष ग्राम तथा आयुष शिक्षा की दशा दिशा पर गहन चर्चा की. डॉ निशंक ने कहा कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड आयुर्वेद का जन्मदाता है. विभिन्न प्रकार की जीवनदायिनी औषधीय जड़ी बूटियों के लिए देवभूमि विश्व विख्यात हैआज सम्पूर्ण विश्व आयुर्वेद तथा इससे सम्बंधित योग, चिकित्सा, शिक्षा तथा जीवन पद्धति को अपनाने के लिए आतुर है. ऐसे में आयुर्वेद की भूमि उत्तराखंड से अभिनव प्रयोग कर पूरी दुनिया में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा एवं औषधीय पद्धति को पहुँचाया जा सकता है डॉ निशंक ने केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेद शोध संस्थान तथा विश्व स्तरीय आयुष ग्राम की स्थापना हेतु पहल की जाय. ज्ञात हो कि डॉ निशंक ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तराखंड में आयुर्वेद पद्धति के बेहतर संवर्धन एवं संरक्षण हेतु सभी जनपदों में आयुष ग्रामों की स्थापना की थी तथा राज्य को प्रथम आयुर्वेद विश्वविद्यालय की सौगात भी दी थी
उग्र हो रहा पूर्व एमएनए तबादला मामला
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। नगर निगम के पूर्व एमएनए के तबादला का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार एक कैबिनेट मंत्री के दबाव पर तबादले का आरोप लगने के बाद मंत्री दिनेश अग्रवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी को अपने सर्विस रूल में रहना चाहिए और उससे बाहर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री ने पूर्व एमएनए के तबादले के लिए दबाव नहीं बनाया है। सरकारी जमीनों पर कब्जा कराने वालों को सरकार के किसी व्यक्ति का समर्थन नहीं है। विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने इस मामले में कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में टिकट के दावेदार कुछ लोग इस बात को तूल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व एमएनए के तबादले में उनका कोई हाथ नहीं है। नगर निगम राजनीतिक जमीन का अड्डा बन गया है। पार्षदों को अपने-अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। दिनेश अग्रवाल ने कहा कि किसी भी अधिकारी को अपने सर्विस रूम के दायरे में ही रहना चाहिए। सरकार के किसी भी मंत्री का सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले लोगों को संरक्षण नहीं है। बताते चले कि एमएनए रहे हरक सिंह रावत ने आनन-फानन में किए गए तबादले के बाद एक मंत्री का तबादले पर दबाव बताया था। जिसके तहत उन्होंने शासन को भी एक शिकायत पत्र सौंपा था।
गुलदार की खाल के साथ तीन तस्कर दबोचे
देहरादून, 05 फरवरी (निस)। पुलिस ने ऋ षिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल्टो कार से गुलदार की एक खाल, हड्डिया व खोपड़ी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी गुलदार की खाल व अन्य अंगों को हरिद्वार में किसी तस्कर को बेचने जा रहे थे। देवप्रयाग थाना प्रभारी हेमंत खंडूड़ी ने बताया कि गुरुवार सुबह डिग्री कॉलेज के समीप वाहन चेकिंग की जा रही थी। करीब सवा आठ बजे श्रीनगर की ओर से आ रही आल्टो कार संख्या यूके09-7445 की जब तलाशी ली गई। उसमें गुलदार की एक खाल, हड्डी व खोपड़ी बरामद हुई। मामले में पुलिस ने कुलदीप सिंह 28 पुत्र दर्शन सिंह, दिवान सिंह 38 पुत्र सोवन सिंह दोनों निवासी चमियाड़ी ङ्क्षहडोलाखा तथा वीरेंद्र सेमवाल 60 पुत्र दयानंद रूमधार ललूड़ीखाल देवप्रयाग को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह खाल व अन्य अंगों को बागवान से हरिद्वार एक अन्य तस्कर को बेचने जा रहे थे। पुलिस ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार को भी कब्जे में ले लिया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने करीब पांच माह पूर्व ललूड़ीखाल के जंगल में गुलदार का शिकार किया था। सूचना मिलने पर रेंजर डांगचैरा कुशाल सिंह रावत भी यहां पहुंचे। पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल संजय गुंज्याल ने देवप्रयाग पुलिस के सराहनीय कार्य पर 2500 रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
उत्तराखण्ड के पंडित की यूपी में गोली मार कर हत्या
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। शामली में पूजा पाठ करने के लिए अपनी बहन के घर आए पंडित का शव शामली में मिला जिसका पुलिस ने लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया। पंडित को शामली से ही फोन कर बुलाया गया था और शामली पहुंचने के बाद उनके सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी। दून मे अपनी बहन के घर आए पंडित के लापता होने के बाद डोईवाला एवं शामली पुलिस में कई चक्कर काटने के बाद भी कार्रवाई की दिशा तय नहंी हो पाई। लगातार पुलिस थानों के चक्कर काटने के बाद थके-हारे परिजनों ने एसएसपी से मदद की गुहार लगाई है लेकिन यहां भी उन्हें मामला उत्तर प्रदेेश पुलिस क्षेत्र का होने के कारण चलता कर दिया गया है। इस मामले में डोईवाला पुलिस का रवैया भी अधिक सहयोग वाला नहीं रहा और पुलिस ने भी सूचना मिलने के कई दिनों तक तो गुमशुदगी ही दर्ज नहीं की। बताया जा रहा है कि इस मामले की शिकायत शामली पुलिस में दर्ज कर ली गयी है और आज एसएसपी देहरादून ने शामली पुलिस से इस मामले में परिजनेंा को पूर्ण सहयोग करने को कहा है। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में पंडिताई करने वाले पंडित हर्षवर्द्धन पोखरियाल (48) देश भर में पूजा-पाठ करने के लिए आते-जाते हैं। 13 जनवरी को हर्षवद्धन के पास शामली से एक फोन आया जिसमें फोन करने वाले ने अपना नाम योगेंद्र बताया और कहा कि वह अपनी बहन के घर पूजा कराना चाहता हैं। सारी बात तय होने के बाद पंडित हर्षवर्द्धन डोईवाला केशवपुर बस्ती निवासी अपनी बहन बिंदी देवी के घर आए। यहां से अगले दिन वह सुबह छरू बजे शामली के लिए बस से निकले। शाम को पंडित हर्षवर्द्धन ने अपनी पत्नी को पौड़ी में फोन किया कि योगेंद्र नाम का यह व्यक्ति उन्हें अपनी बाईक में इधर-उधर घुमा रहा है और तय स्थान पर नहीं ले जा रहा है। इसके बाद पंडित हर्षवर्द्धन का फोन बंद हो जाता है। काफी प्रयासों के बाद भी जब फोन नहीं मिलता तो पंडित हर्षवर्द्धन के भाई जगदीश पोखरियाल ने डोईवाला पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी दी लेकिन पुलिस ने उनकी पंडित हर्षवर्द्धन की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं की। कई चक्कर लगाने के बाद डोईवाला पुलिस ने 21 जनवरी को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की और शामली पुलिस से संपर्क किया। शामली पुलिस से संपर्क करने पर पता लगा कि शामली के बाबरी थाना क्षेत्र में 17 जनवरी को गन्ने के खेतों में एक शव मिला था जिसके सिर में गोली मार कर हत्या की गयी थी जिसका 19 जनवरी को लावारिस में पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया था। इस जानकारी के आधार पर परिजन शामली पहुंचे और पुलिस द्वारा खींचे गए फोटो एवं कपड़ों के आधार पर मृतक की शिनाख्त पंडित हर्षवर्द्धन पोखरिया के तौर पर की। परिजनों ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के लिए शामली पुलिस के भी कई चक्कर काटे लेकिन यहां मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। परिजन डोईवाला पहुंचे लेकिन यहां भी पुलिस ने घटना स्थल शामली को होने के कारण रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बावजूद परिजन पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटते रहे, लेकिन मुकदमा दर्ज कराने में परिजनों को निराशा की ही सामना करना पड़ा। आज परिजन एसएसपी देहरादून से मिले और मदद की गुहार की। एसएसपी देहरादून ने शामली एसएसपी से बात की और परिजनों को इस बात की जानकारी दी कि पंडित हर्षवर्द्धन की हत्या का मुकदमा शामली में दर्ज किया जा चुका है। एसएसपी ने इस संबंध में परिजनेंा को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया और एसएसपी शामली से भी हत्या में लिप्त दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सहयोग मांगा। उधर बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने पूर्व में योगेंद्र को हिरासत में लेते हुए उसके पास से पंडित हर्षवर्द्धन का मोबाईल भी बरामद किया था लेकिन बाद में योगेंद्र एवं उसके भाईयों को छोड़ दिया गया।
समाधान पर सीएम का आदेश भी बेअसर
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। मुख्यमंत्री के निर्देशों का कई अधिकारियों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। यही कारण है समाधान पोर्टल के जरिए भी समस्याओं का समय पर निस्तारण नहीं हो पा रहा है। कई मामले लंबित पड़े हैं। उत्तराखंड सरकार के समाधान पोर्टल के जरिए विभागीय शिकायतोंध्समस्याओं के त्वरित निस्तारण के कुछ समय पहले सीएम हरीश रावत ने सबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया था। लेकिन शायद कुछ विभागों पर इसका असर नहीं हुआ है। यही कारण है कि लंबे समय से समस्या से सबंधित आवेदनों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। जिला स्तर पर भेजे गए शिकायती आवेदनों के लंबित रखने के मामले में देहरादून जनपद पहले नबंर पर है। दून में सबसे ज्यादा 47 आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। जिलाधिकारियों के स्थानान्तरण के बावजूद भी समाधान के जरिए भेजे जा रहे शिकायती आवेदनों के निस्तारण में कोई तेजी होती नहीं दिख रही है। वहीं निदेशालय स्तर शहरी विकास विभाग कीे हालात कुछ इसी तरह है। शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत कुल भेजे गए ३३ आवेदनों में से 21 आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। काफी समय से लंबित आवेदनों पर विभाग की नजर उदासीन बनी हुई है। यही हाल देहरादून जनपद का भी है। सवाल उठ रहा है कि आखिर सीएम के निर्देशों का अधिकांश अधिकारी समय पर पालन क्यों नहीं कर रहे हैे। जनता दरबार का आयोजन नहीं होने से समाधान पोर्टल के जरिए ही शिकायतोंध्समस्याओं के निराकरण की उम्मीद जगी है। सरकार ने भी इस पोर्टल के जरिए शिकायतों के समाधान में तेजी लाने के निर्देश दिए।
तेज रफ्तार डंपर ने दो भाईयों को कुचला, मौत
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। पटेलनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सभावाला में दो बच्चों को डम्पर ने कुचल दिया। जिससे उपचार के दौरान ही अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने हंगामा किया और सड़क पर जाम लगाया। घटना की सूचना पर पंहुचे सीओ विकास नगर, सीओ सदर वहां पंहुचे। पुलिस ने डंपर चालक को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद दोपहर तक वहां तनाव की स्थिति बनी हुई थी। दो बच्चों की मौत के बाद सीएम और डंपर स्वामी ने मुआवजे की बात की। लेकिन गुस्साए लोग शांत नहीं हुए। वहीं लगातार कर्मशियल वाहनों की टक्कर से हो रही दुर्घटना के मामले सामने आने के बाद भी पुलिस की सुस्ती टूटने का नाम नहीं ले रही है। खनन सामग्री वाले वाहनों की रफ्तार पर मेहरबानी का यह एक और उदाहरण है। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार सुबह पटेल थाना क्षेत्र के अन्तर्गत सभावाला मेें पत्थर से भरे लोडिंग डम्पर ने दो सगे भाईयों आदेश कौशिक(17) व राकेश काशिक(15) नया गांव मार्ग पर जा रहे थे। उस वक्त वहां कोहरा फैला हुआ था। इसी दौरान तेज रफ्तार डम्पर ने दोनों भाईयों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदशर््िायों की मदद से घायलों को महन्त इन्द्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। दो भाईयों को कुचलने के बाद फरार हुए डंपर चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों भूरपूर गांव मार्ग को बंद कर दिया। जिससे आने-जाने वाले लोगों खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रशासनिक अधिकारी झरना कमठान व सीओ सदर सहित भारी मात्रा मेें पुलिस बल वहां पहुंचा। कुछ देर बाद विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर भी मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने स्थानीय लोगों को समझाने की कोशिश की मगर लोग शांत नहीं हुए। स्थानीय लोगों को कहना था कि आरोपी डम्पर चालक को पकड़े जाने पर वो लोग मार्ग सूचारू करेंगे। भारी मशक्कत करते हुए पुलिस ने आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद स्थनीय लोगों ने जाम को खोल दिया। साथ ही पुलिस ने बताया कि आरोपी चालक का डम्पर सीज कर दिया गया है। वहीं आरोपी चालक के खिलाफ आगे की कार्यवाही की जा रही है। घर के दोनों चिराग बुझने के बाद से घर में मातम पसरा हुआ है। वहीं हादसे के बाद से मृतक बच्चों की मां बेसुद बताई जा रही है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री और डंपर स्वामी द्वारा मुआवजे की बात करना बताया गया। लेकिन गुस्साए लोग फिर भी शांत नहीं हुए।
आंदोलनकारियों का अनशन जारी
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। चिन्हीकरण समेत विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच ने शहीद स्मारक में अनशन जारी रखा। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय अध्यक्ष नन्दा बल्लभ पांडे ने कहा कि जिस तरह से लगातार आंदोलनकारियों को अनदेखा किया जा रहा है उसे किसी भी तरह से प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी आंदोलनकारियों को पेंशन के दायरे में लिया जाये, राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिया जाये। दस प्रतिशत आरक्षण को कैबिनेट में पास कर विधेयक बनाया जाये। अनशन के दौरान बैठे दामोदर रावत ने कहा कि नेता, अधिकारी व पुलिस सब अपने कल्याण में लगे है परन्तु राज्य आंदोलनकारियों की किसी को भी चिन्ता नहीं है। अभी तक आंदोलनकारियों की किसी को भी चिन्ता नहंीं है। अभी तक उत्तराखंड आंदोलनकारियों में सरकार भटकाने में लगी है अब वे आरपार की लड़ाई लडने के मूड़ में है। इस मौके पर लक्ष्मी रावत, बिमला पंवार, सुशीला रावत, विनोद असवाल, मनोहरी रावत, सरोज थपलियाल, पुष्पा रावत, सुनिता धिल्डियाल, सुनील जुयाल, रेवती बिष्ट, ऊषा लखेड़ा, अमर सिंह नेगी, बीर सिंह, सुशीला चन्दोला, सुनील जुयाल, वीके चतुर्वेदी, उर्मिला शर्मा, सुलोचना मैनवाल, संदीप भट्ट, आदि मौजूद थे।
लोगों ने किया जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन
देहरादून, 05 फरवरी(निस)। ग्राम हर्रावाला के स्थानीय लोगों ने एन एच 72 लक्ष्मण नाला के पास विस्थापितों की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे स्थानीय लोगों ने कहा कि ग्राम हर्रावाला में लक्ष्मण नाला के पास पूर्व सर्वे में पूरी बस्ती विस्थापित हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री एंव जिलाधिकारी के निर्देश पर पुनरू सर्वे किया गया जिसके अनुसार कुछ भू-स्वामी की जमीन का रकबा अधिग्रहण से बच गया और कुछ का अधिग्रहण में आ गया। जिसके रिपोर्ट सर्वे कानूनगों एवं लेखपाल द्वारा भू अधिग्रहण अधिकारी एवं एनएच 72 को सौंपी गयी, जिसको लेकर पूरा जनवरी माह 2015 समय व्यतीत हो गया। एसएलओ विभाग द्वारा मौखिक बताया गया कि आपका कितना रकबा अधिग्रहण में जा रहा है। आज उसका मुआवजा ले लीजिए जिसकी कार्यवाही उन लोगों ने फरवरी माह के प्रथम सन्ताह से शुरू की। लेकिन अभी तक मुआवजे की कोई भी रकम उनको नहीं मिली। उन्होंने कहा कि रिएलायनमेंट के लिये एनएच72 के द्वारा एवं एसएलओ विभाग द्वारा देरी की गयी है। जिसके लिये हम आज के सर्किल रेट के हकदार है तथा हमें भवन तोडने के लिये लगभग 3 माह का समय तथा आज का सर्किल रेट देने के आदेश जारी करने की कृपा करें। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस मौके पर राम प्रसाद, विमलेश देवी, राकेश कुमार, अमरीश कुमार, अमरीश कुमार, रामफल, मूल चन्द्र आदि मौजूद थे।