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राज्यपाल के फैसले पर नीतीश का सवाल गलत : त्रिपाठी

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बिहार के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और जनता दल यूनाईटेड  के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के बीच सियासी उठापटक पर फैसले में देरी को लेकर उठाये रहे सवाल को गलत बताया और कहा कि ऐसे मामलों में फैसला लेने में समय लगता है। श्री त्रिपाठी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर व्यक्ति चाहे गवर्नर हो या न्यायिक विशेषज्ञ विवादों के कानूनी पहलूों और तथ्यों पर विचार के लिए वक्त चाहिए.

उन्होंने कहा कि नौ फरवरी को ही दोनों पक्ष ने उनसे मिलकर अपना दावा किया है और आज 11 तारीख ही है. इसलिए डेढ़ से दो दिन के अंदर ही सवाल खडा किया जाना गलत है। राज्यपाल ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने आज इस मामले पर जो निर्णय सुनाया है उसकी प्रति का वह इंतजार कर रहे हैं। फैसले का अध्ययन कर वह उचित समय पर उनकी मांग पर निर्णय करेंगे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (11 फ़रवरी)

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मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना की

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान सपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने बुधवार को रंगई स्थित श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने यहां 12 फरवरी को आयोजित वैवाहिक तैयारियों का जायजा लिया। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि आश्रम की बेटी सोना की शादी को लेकर उत्साहित हूं। शादी की तमाम तैयारियां साधना सिंह ने की है। माता-पिता का दायित्व निभाते हुए बेटी को विदा करने का दुःख बना रहेगा। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगणों के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

लक्ष्यों की पूर्ति समय सीमा में करें-संभागायुक्त श्री सिंह

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भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने बुधवार को विदिशा जिले में क्रियान्वित हितग्राहीमूलक योजनाओं और निर्माणाधीन विकास कार्यो की समीक्षा कलेक्टेªट में की। उन्होंने हितग्राहीमूलक योजनाओं को क्रियान्वित कराने वाले विभागों के अधिकारियों से कहा कि योजनावार जो लक्ष्य प्राप्त हुआ है उन लक्ष्यों की पूर्ति इस माह में कराना सुनिश्चित करें। संभागायुक्त श्री सिंह ने बैठक में निर्माण कार्याे की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ हो इसके लिए क्रास माॅनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, उद्यानिकी, रेशम, श्रम, स्कूल शिक्षा, कृषि, आदिम जाति कल्याण विभाग, डीपीआईपी और ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र के अलावा विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

शोकाॅज नोटिस जारी

आदिवासी प्राथमिक कन्या आश्रम शाला दनवास के संविदा शाला शिक्षक वर्ग-तीन श्री यादवेन्द्र सिंह यादव अपने कर्तव्य स्थल से लगातार अनुपस्थित रहने पर उन्हें आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक द्वारा शोकाॅज नोटिस जारी किया गया है। संबंधित कोे तीन दिवस में जबाव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।

विशेष आलेख : आनर किलिंग जाति व्यवस्था के दुर्ग को बचाने के लिए

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नीतीश कटारा की हत्या अंतर्जातीय प्रेम संबंधों का परिणाम थी। नीतीश कटारा ब्राह्मण था और उसकी प्रेमिका भारती दबंग राजनेता डीपी यादव की बेटी यानी यादव जाति की है। आनर किलिंग के मामले पहले उच्च जाति की लड़की द्वारा निम्न जाति के लड़के से पे्रम प्रसंग की स्थिति में सामने आते थे। अगर किसी सवर्ण की लड़की ने दलित लड़के से प्रेम विवाह कर लिया तो लड़की का परिवार सामाजिक स्तर पर पतित हो जाता था। उसके लिए अपनी हैसियत और सम्मान बचाने का एक ही तरीका था कि वह अपनी लड़की और उसके पति दोनों की हत्या कर दे। बहुत बार तो ऐसा हुआ कि लड़की को संतान हो गई। इसके बावजूद सवर्ण पिता और भाइयों ने अपने दामाद को नहीं बख्शा। ऐसी वारदात के बाद कानून भले ही लड़की के परिजनों को अपराधी माने लेकिन अपनी बिरादरी में यह पराक्रम उसके महिमा मंडित होने का कारण बन जाता था। ऐसा नहीं है कि आज यह स्थिति बहुत बदल गई हो। कमोवेश आज भी यह स्थिति बरकरार है।

इस मामले में माना यह जाता था कि जाति व्यवस्था के दुर्ग की रक्षा के लिए सवर्ण जातियां ही क्रूरता की हद तक संवेदनशील हैं। उनका प्रभुत्व कमजोर पडऩे पर अंतर्जातीय विवाह के किसी भी सूत्रपात के कठोर दमन की स्थिति काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। जाति व्यवस्था के पिरामिड में सर्वोच्च शिखर पर बैठे ब्राह्म्ïाण युवक से लड़की के प्रेम करने पर लड़की के परिजन अपने भावी दामाद को मौत के घाट उतार दें। यह स्थिति तो कुछ दशक पहले तक अकल्पनीय थी। रूढि़वादिता के बोलबाले के समय ऐसे मामले में हद से हद यह होता था कि लड़की के परिजन अपनी ही लड़की को सजा दे डालें ताकि वे ब्राह्म्ïाण समाज के कोप से बच सकेें। नीतीश कटारा की हत्या ने सीधा गणित लगाने वाले समाज शास्त्रियों को चकराने के लिए मजबूर कर दिया है क्योंकि कहां तो यह था कि राजसूय यज्ञ में अपमानित होने की कोशिश के बाद हस्तिनापुर साम्राज्य में बदलाव की प्रक्रिया में धुरी की भूमिका गंवाने का खतरा देख भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन और अपनी भगिनी सुभद्रा के प्रेम विवाह की भूमिका रच डाली ताकि वे राजवंश के सीधे रिश्तेदार बनकर अपेक्षित कुलीनता के लिए अर्ह हो सकेें और कहां कटारा हत्याकांड की वारदात का विपर्यास।

सामवादियों ने बाबा साहब अंबेडकर और डा. राममनोहर लोहिया को जाति के मुद्दे को प्रगतिवाद से जोडऩे के लिए प्रवंचना का शिकार साबित करने की चेष्टा की क्योंकि सामवादियों का मत रहा है कि जातियां समाज के सुपरफिशियल स्ट्रक्चर हैं। वर्ग चेतना के विकास के बाद जातिगत अस्मिताएं स्वत: तिरोहित हो जाएंगी। दुर्भाग्य यह है कि भारत में वामपंथी दलों की अगुवाई उन नेताओं के पास रही जो कभी जाति के मामले में खुद को ही डी क्लास नहीं कर पाए। नतीजतन दूरदृष्टि का अभाव उनकी कमजोरी बन गया। नीतीश कटारा और उसके कातिल विकास व ïिवशाल यादव की सामाजिक पृष्ठभूमि ऐसी थी जहां जातिगत पहचान गौण हो जाती है और वर्गीय धरातल अधिक महत्वपूर्ण होता है इसलिए कम से कम भारती यादव के परिवार को तो इस जोड़े के संबंध पर खास एतराज होना ही नहीं चाहिए था लेकिन नीतीश की हत्या की वारदात ने साबित कर दिया कि जातिगत चेतना की जड़ें भारतीय समाज में कितनी गहरी हैं जिन्हें वर्ग चेतना के उभरने के बावजूद हिलाना मुश्किल है।

अमेरिका के एक यहूदी लेखक ने कुछ वर्ष पहले एक किताब लिखी थी जिसकी चर्चा स्व. मनोहर श्याम जोशी ने आउटलुक के अपने स्तंभ में की थी। इस पुस्तक में उक्त लेखक ने अमेरिका को चेताया था कि वह पिछड़े समाज वाले देशों में अपेक्षित बदलाव के होमवर्क को अंजाम दिए बिना डेमोक्रेशी थोपने से बाज आए क्योंकि इससे तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। कम से कम भारत के संदर्भ में उसका यह आंकलन काफी सटीक बैठता है। जाति व्यवस्था की जड़ता यहां एक ऐसा अभिशाप है जो देश के वैश्विक महाशक्ति के दर्जे में पहुंच जाने के बावजूद सामाजिक आधुनिकीकरण में बाधक साबित हो रहा है। यहां के लोकतंत्र में इस वर्ण व्यवस्था की वजह से नागरिक चेतना का अंकुरण और विस्तार संभव नहीं हो पा रहा जबकि इसके बिना सुदृढ़ आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।

जाति व्यवस्था को गांधी जी ने श्रम विभाजन माना था। अपने आरंभिक समय में इसकी उत्पत्ति श्रम विभाजन के ही प्रयोजन से हुई थी। उपनिषदों की कहानियां पढऩे से मालूम होता है कि एक ही पिता की अलग-अलग संतानों में एक ब्राह्म्ïाण एक क्षत्रिय और एक वैश्य हो सकता था। जाति व्यवस्था जैसे ही जन्मजात हुई अंतर्जातीय विवाह पर निषेध के लिए कड़े प्रावधान किए जाने लगे। डा. अंबेडकर ने संधि की कथा शीर्षक से अपने लेख में लिखा है कि जाति व्यवस्था से बाहर विवाह करने पर किस तरह से संबंधित दंपति की संतानों की वर्णगत हैसियत गिर जाती थी। यहां तक कि अनुलोम विवाह की स्थिति में भी उनको पद दलित होने की सजा भोगनी पड़ती थी। अनुलोम विवाह यानी जहां लड़का उच्च जाति का हो और लड़की उससे निम्न जाति की। प्रतिलोम विवाह का दुस्साहस तो सर्वाधिक प्रताडऩाओं के योग्य ठहराया गया। अगर पिता ब्राह्म्ïाण हुआ और माता सूद्र तो मनु स्मृति में उसकी संतान को चांडाल श्रेणी में डालने की व्यवस्था है जिसकी स्थिति कितनी नारकीय रही इस बात से सभी परिचित हैं। जाति के अंदर ही विवाह की बाध्यता जाति व्यवस्था के शाश्वत होने की हद तक दीर्घकालीन बन जाने का मुख्य आधार साबित हुई।

लेकिन डा. अंबेडकर और डा. लोहिया जैसे महाविद्वान भी जाति विहीन समाज के निर्माण के लिए रणनीतियां तय करने में चूक कर गए। उन्होंने यह माना था कि जातिवाद के नाते जिन्हें गौरव मिलता है उन्हीं का निहित स्वार्थ इस व्यवस्था को बनाए रखने में है। वंचितों की भौतिक स्थिति को अगर इतना सक्षम बना दिया जाए कि सवर्ण उनके साथ भेदभाव करने की हालत में न रह जाएं तो जाति व्यवस्था का तिलिस्म खुद ही दरक जाएगा पर हालत यह है कि सशक्तिकरण के बाद वंचित जातियां जातिगत मान-सम्मान के लिए सवर्णों से ज्यादा कट्टरता दिखा रही हैं। मुलायम सिंह यादव ने सत्ता मिलने के बाद अपने प्रेरणास्रोत डा. लोहिया की शिक्षा के विरुद्ध पिछड़ी जातियों से कहा कि वे अपने नाम के साथ जाति का उल्लेखन करने से परहेज करने की बजाय गर्व के साथ अपनी जाति को नाम के साथ जोड़ें। मायावती ने भी सारी दलित जातियों को बौद्ध संज्ञा में समाहित करने के बाबा साहब के निर्देश को भुलाकर जातिगत भाईचारा समितियों के माध्यम से भारतीय समाज के सघन कबीलाईकरण का नया दौर शुरू कर दिया।

भारतीय समाज कहे कुछ भी लेकिन मानसिक दासता की वजह से आज उसके लिए श्रेष्ठता और सभ्रांतता का मानक अमेरिकन प्रतिमान है। दूसरी ओर विरोधाभास यह है कि वह अमेरिका से आज की दुनिया में देश की उत्तरजीविता के लिए नागरिक समाज के गठन के महत्व का सबक नहीं पढऩा चाहता। अमेरिका में पंद्रहवीं शताब्दी से उन्नीसवीं शताब्दी तक मूल बाशिंदों का संहार करके स्पेनी, ब्रिटिश, डच आदि यूरोपियन वासियों के बसने का दौर चला जिसके कारण बाद में इन सबने परंपरागत अस्मिता से परे जाकर नई चेतना के मंच की तलाश की। आज हालत यह है कि बाबी जिंदल कहते हैं कि वे भारतीय मूल के अमेरिकन नहीं सिर्फ अमेरिकन हैं। अतीत की बाधक अस्मिताओं का मोह छोड़कर विश्व नागरिकता के इस कालखंड में नई समवेत चेतना का निर्माण युग धर्म बन चुका है। बदलाव के सच्चे संवाहकों यानी प्रगतिशील प्रवृत्ति के धनी सामाजिक अग्रदूतों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे इस दिशा में सफलता के लिए कारगर कार्ययोजना कैसे बनाएं।





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के पी सिंह 
ओरई 

मनीष सिसोदिया बन सकते हैं डिप्टी मुख्यमंत्री

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दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार जीत के बाद अब शपथ की तैयारी जोरों पर हैं. इस बीच आज तक को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के करीबी और पटपड़गंज से AAP विधायक मनीष सिसोदिया को दिल्ली का उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.

सिसोदिया ने 'आज तक'से कहा है कि केजरीवाल जो भी जिम्मेदारी देंगे, वह उसके लिए तैयार हैं. केजरीवाल के मंत्रियों की लिस्ट भी तैयार है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार केजरीवाल बिल्कुल नई टीम बनाने की तैयारी में हैं. उनके संभावित मंत्रियों में मटियामहल से विधायक असीम अहमद खान, त्रिनगर से विधायक जितेंद्र सिंह तोमर, शकूरबस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन, करावल नगर के MLA कपिल मिश्रा, सुल्तानपुर माजरा से विधायक संदीप कुमार को मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं शाहदरा के विधायक रामनिवास गोयल को स्पीकर और शालीमार बाग की विधायक वंदना कुमारी को डिप्टी-स्पीकर बनाने की तैयारी है. इस फैसले की जानकारी गुरुवार को दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग को दी जा सकती है.

याद रहे कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 70 में से 67 सीटें जीती हैं. सिसोदिया पिछली आप सरकार में शिक्षा, लोकनिर्माण मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं. सिसोदिया पटपड़गंज विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीते हैं.

नक्सलियों ने रेलवे पटरी उड़ाया

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बंदी शुरू होने के पहले ही बुधवार देर रात करीब 11:20 बजे नक्सलियों ने धनबाद रेल मंडल के गोमो और भोलीडीह स्टेशन के बीच रेल पटरी को उड़ा दिया। घटना के बाद ग्रैंड कॉर्ड रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप पड़ गया है। जिस समय विस्फोट किया गया उसके थोड़ी देर बाद ही वहां से हावड़ा-ग्वालियर एक्सप्रेस गुजरनेवाली थी लेकिन ओवरहेड तार क्षतिग्रस्त होने के कारण बिजली कट गई। जिससे ट्रेन घटनास्थल के पहले ही रुक गई। 

घटना के बाद कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर रोक दी गई। नक्सलियों ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ गुरुवार को एक दिवसीय बिहार-झारखंड बंद की घोषणा की है। धनबाद रेल मंडल के वरीय सुरक्षा आयुक्त डॉ. एएन झा ने बताया कि पटरी की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। घटना के बाद हावड़ा से दिल्ली जाने वाली कई ट्रेनों को मेन लाइन से भेजा जा रहा है।

विशेष : खत्म होती जा रही जीवन रक्षक जड़ी-बूटियाँ

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जड़ी-बूटियों अथवा आयूर्वेदिक औषधियों से भारत वर्ष में उपचार का प्रचलन काफी प्राचीन रहा है। साधारण से साधारण बीमारी हो या फिर असाध्य रोग, तमाम तरह के रोगों की अचूक दवा हुआ करती थीं जड़ी-बूटियाँ। इन औषधियों के इस्तेमाल से लोग स्वस्थ, स्फूर्त व मानसिक रुप से सबल रहा करते थे। वैदिक काल में लंबी उम्र के बावजूद ऋषि-मुनियों का स्वस्थ रहना इसी बात का द्योतक रहा है। धर्मग्रंथों, प्राचीन व दुर्लभ अभिलेखों में इस बात का जिक्र प्रमुखता के साथ उद्धृत है। जड़ी-बूटियों से उपचार में ऋषि-मुनियों को महारथ हासिल थी, क्योंकि पहाड़-जंगल, रेत-टिल्हों, नदी-झरनों के आजू-बाजू जहाँ एक ओर तपस्या में लीन इन्हें देखा जाता था, वहीं दूसरी ओर स्वच्छ व ताजी हवा तथा प्रकृति का नयनाभिराम दृश्य इनके आत्मा को स्वीकार्य व उद्देश्यों में शामिल हुआ करता था। 

अश्विनी कुमारों की चिकित्सीय व्यवस्था काफी संपन्न थी। कहते हैं इस मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। धर्मग्रंथों में वर्णित और जन श्रुतियों के मुताबिक अजेय योद्धा दशानन रावण पुत्र मेघनाद के वाण से गंभीर रुप से घायल दशरथ पुत्र लक्ष्मण को संजीवनी बूटी से ही जीवन दान प्राप्त हुआ था। राम भक्त हनुमान को इसकी कोई जानकारी नहीं थी, पूरा का पूरा संजीवनी पहाड़ ही लाकर खड़ा कर दिया था उन्होनें। शूरवीर योद्धाओं, राजा-महाराजाओं, से लेकर आम नागरिकों तक का ईलाज हर्बल पद्वति से होने का पुख्ता सबूत आज भी मौजूद है। बबासीर, लिकुरिया, घुटना दर्द, मधुमेह, मिरगी, रतौंधी, धातुस्त्राव, मुर्छावस्था, पीलिया, मस्तिष्क ज्वर, पेशाब में जलन, अपच, बदहजमी, वायु व पित्त रोग, दस्त, डायरिया, शरीर में ऐठन, गर्भाशय व डिम्ब ग्रंथी में गड़बड़ी के कारण उत्पन्न खेत प्रदर व रक्स प्रदर तथा  औरतों के अन्य गुप्त रोगों का उपचार इस पद्धति के द्वारा किया जाता है। राज दरबारों में बैद्यराज की काफी प्रतिष्ठा हुआ करती थी। वे देवताओं के अंश की तरह पूजित थे। उन्हें राजा के सबसे निकट रहने का दर्जा प्राप्त होता था। बड़े-बड़े हुक्मरानों के यहाँ उनका आयुर्वेदिक उपचार चला करता था। युद्धकाल में घायल सैनिकों को हर्बल उपचार से ही भला-चंगा किया जाता था। प्राचीन मिश्र में एक सभ्यता विकसित थी। 

मेसोपोटामिया की सभ्यता। इस सभ्यता के जो अवशेष अब तक बचे हैं उनमें मिश्र के राज घरानों के लोगों की मृत्यु के बाद उनकी लाश हर्बल विधि से ही सुरक्षित रखा जाता था, जो कई-कई सौ वर्षों तक सुरक्षित बना रहता था। कई पिरामिड आज भी इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। जड़ी-बूटियों अथवा अन्य आयुर्वेदिक औषधीय पौधों से उपचार का प्रचलन आज भी जिन्दा है, लेकिन उस रुप में नहीं जैसे पहले हुआ करती था। जड़ी-बूटियों के माध्यम से उपचार करने व उपचार कराने वाले लोगों की तादाद दिन-ब-दिन घटती जा रही है। जंगल-पहाड़ में एक समय बहुतायत में पाऐ जाने वाले सताव, औंरा, बंदरा, काली तुलसी, वनबैगन, सिकटी, हर्रे, घृतकुमारी, पीपर, नीम, सफेद मुसली, सर्पगंधा, मीठा नीम, हरला-वाकस, जंगली (लाल) प्याज, रीठा, सीता पत्ता, मैदा वृक्ष, गुड़माड़ वृक्ष, बेलपत्र, इंदुजा, रामदतवन, धतुरा, कैक्टस, सफेद पलास, काली हरदी, सफेद चंदन, दुधी लता, बहेड़ा, सोमराज, वायडींग, पुनर्नवा, ब्राम्ही, चालमोगरा, दारु हल्दी, जंगली पिकवन, मुटीया लता, कीकर, देवदारु, खरेटी या बरीयार, महानीम्ब, लता कस्तुरी, लाटजीरा, चाकुन्दा, भृंगराज, गुलवेल, चालमोगरा, कुरची, पिप्पली, मकर घ्वज, प्रवाल पिष्टी, शतावरी, हीराकंश, देवनार्हुली, कार्पस, चित्रक जैसे औषधीय पेड़-पौधों सहित जड़ी-बूटियों की उपलब्धता दिन-व-दिन खत्म होती जा रही है। 

विदेशी मूल्कों में उपरोक्त भारतीय औषधीय पौधों की माँग को देखते हुए संताल परगना के जंगलों से इनकी तस्करी भी पिछले कई वर्षों से निर्वाध जारी है। हर्बल गार्डन के रुप में प्रसिद्ध संताल परगना के जंगल-पहाड़ों से बड़े पैमाने पर जड़ी-बूटियों की तस्करी रोकनी होगी अन्यथा वंशागत पेशे से जुड़े लोगों को इसके भावी दुष्परिणाम भुगतने होगें। आर्थिक विपन्नता का दंश झेल रहे उन बहुसंख्यक जनजातीय समाज को भी चिकित्सीय दुष्परिणाम का सामना करना पड़ेगा जिनका अठूट विश्वास आज भी जड़ी-बूटियों में बना हुआ है।  







अमरेन्द्र सुमन,
दुमका, झारखण्ड 

सेना का हेलीकॉप्टर ध्रुव दुर्घटनाग्रस्त, 2 जवान शहीद

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बुधवार देर शाम उत्तरी कश्मीर के बांडीपोर जिले में सेना का एक ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में सेना का एक पायलट और सह-पायलट शहीद हो गए हैं. सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं.

सेना की एविएशन यूनिट के 202 स्कवाड का ध्रुव हेलीकॉप्टर शाम करीब सात बजे मानसबल स्थित सैन्य शिविर से नियमित उड़ान के लिए निकला. इस हेलीकॉप्टर में पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल गुलाटी और सह पायलट मेजर ताहिर खान सवार थे. शाम 07:43 बजे हेलीकॉप्टर का संपर्क अपने नियंत्रण कक्ष से टूट गया. इसके दो मिनट बाद हेलीकॉप्टर सफापोरा इलाके में क्रूशू के जंगल में जा गिरा. हेलीकॉप्टर पहले एक पहाड़ी से टकराया और फिर जोरदार धमके के साथ उसमें आग लग गई.

जंगल के साथ सटे नागमूला चिवा गांव के रहने वाले अब्दुल रशीद ने बताया कि उन्होंने आग की लपटों के साथ हेलीकॉप्टर को गिरते हुए देखा. इस बीच हादसे की सूचना मिलते ही सेना, पुलिस, दमकल कर्मी और स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे. सेना ने हादसे के शिकार पायलट और सह पायलट के शव बरामद कर लिए हैं.

सेना के प्रवक्ता कर्नल ब्रिजेश पांडे ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर की मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि हेलीकॉप्टर नियमित उड़ान पर था और पहाड़ी से टकराने के बाद हादसे का शिकार हुआ है. इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. संबंधित सूत्रों से पता चला है कि हादसे में शहीद हुए मेजर ताहिर खान की तीन माह पूर्व ही शादी हुई थी. 



विशेष आलेख : धार्मिक असहिष्णुता पर वैश्विक चिंतायें

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भारत में धार्मिक असहिष्णुता वैश्विक चिंता का सबब बनती जा रही है, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक ही पखवाड़े के दौरान सावर्जनिक रूप से दो बार भारत में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता का जिक्र किया है, जिसमें एक दफा तो उन्होंने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के जमीन पर ही भारतीयों को चेतावनी देते हुए कहा था कि उन्हें साम्प्रदायिकता या अन्य आधार पर बांटने के प्रयासों के खिलाफ सतर्क होना होगा और भारत तभी सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक या अन्य किसी आधार पर नहीं बंटेगा। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 25 का बाकायदा उल्लेख करते हुए यह भी याद दिलाया कि सभी लोगों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार है। दूसरी बार अमरीका में नेशनल प्रेयर-ब्रेकफास्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भरपूर सौंदर्य लिए इस अद्भुत देश में जबरदस्त विविधता है लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान यहां हर धर्म के मानने वालों को दूसरे धर्मों की असहिष्णुता का शिकार बनना पड़ा है, उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि ‘भारत में धार्मिक असहिष्णुता जिस स्तर पर पहुंच चुकी है, उसे देख कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्तब्ध हो गए होते।’ 

गांधीजी को तो हमने पिछले 65 सालों में बार–बार स्तब्ध किया है लेकिन असली स्तब्धता तो नरेंद्र मोदी को हुई होगी, दरअसल ओबामा ने मोदी की दुखती रग पर हाथ रख दिया है, नए-नए लंगोटिया यार बने "बराक"बार-बार उनके और उनके "संघ परिवार"की कमजोरी पर हमला किये जा रहे हैं।शायद "महाबली"ने कमजोर नस को पकड़ लिया है और यह इस बात का इशारा है  कि अमरीका अपने हितों के हिसाब से समय-समय पर इस कमजोर नस को दबाता रहेगा।

इसी कड़ी में अमेरिका के नामी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अपने एक संपादकीय में देश की रूलिंग पार्टी बीजीपी की संस्था आर.एस.एस. और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों के घर वापसी जैसे कार्यक्रमों,चर्च पर हो रहे हमले पर सवाल उठाते हुए इसे ‘आग से खेलना’ करार दिया है, अखबार ने लिखा है कि ‘इन ज्वलंत मुद्दों पर मोदी की चुप्पी से ऐसा लगता है कि या तो वह हिंदू कट्टरपंथियों को कंट्रोल करना नहीं चाहते या फिर ऐसा कर नहीं पा रहे हैं।'मशहूर चैनल अलजजीरा ने भी इन्हीं मुद्दों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। 

ह्यूमन राइट्स वॉच द्वारा जारी वर्ल्ड रिपोर्ट 2015 में भी मुजफ्फरनगर दंगों में हिंसा भड़काने के आरोपी बी.जे.पी के संजीव बल्यान जैसे नेताओं को संसदीय चुनावों में प्रत्याशी बनाये जाने और केंद्र सरकार में मंत्री भी नियुक्त करने पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि ‘इससे अल्पसंख्यक समुदायों में असुरक्षा की भावना को ओर बल मिला है’। रिपोर्ट में जून 2014 में उग्र हिंदू संगठनों द्वारा पुणे के मोहसिन शेख की दुखद हत्या का भी जिक्र किया गया है। 

शायद वर्ष 2002 के बाद यह पहला मौका है जब भारत में अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा और बहुसंख्यक दक्षिणपंथियों के उभार के खतरे को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतनी गंभीरता के साथ चिंतायें सामने आई है, दिलचस्प तथ्य यह है कि 2002 में देश के सत्ता की बागडोर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एन.डी.ए.के हाथों में थी, उस समय भी नरेंद्र मोदी गुजारत के मुख्यमंत्री के तौर पर इस पूरी परिघटना में थे, उस समय के प्रधानमंत्री के तौर अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मोदी को राजधर्म निभाने का सलाह खूब चर्चित हुआ था।

मई 2014 में निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नई सरकार आने के बाद से भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को आतंकित करने का एक सिलसिला सा चल पड़ा है। संघ परिवार के नेताओं से लेकर केंद्र सरकार और भाजपाशासित राज्यों के मंत्रियों तक हिन्दू राष्ट्रवाद का राग अलापते हुए भडकाऊ भाषण दिए जा रहे हैं, लव जिहाद के नाम पर राजनीति, घर वापसी और हिंदू महिलाओं से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने जैसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, नफरत भरे बयानों की बाढ़ सी आ गयी है, महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की शान में सरेआम कसीदे गढ़े जा रहे हैं। इस साल गणतंत्र दिवस के दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी विज्ञापन में भारतीय संविधान की उद्देशिका में जुड़े ‘धर्मनिरपेक्ष‘ और ‘समाजवादी‘ शब्दों को शामिल नहीं किया गया था। केंद्र के एक मंत्री इस पर बहस करते हुए विज्ञापन को सही ठहराते हए इसकी वकालत कर रहे थे। भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने तो इन शब्दों को संविधान की उद्देशिका से हमेशा के लिए हटा देने की वकालत की है। भारत जैसे बहुलतावादी और विविधता से भरे देश में धर्मनिरपेक्षता सबको साथ लेने और जोड़ने का काम करती है और यह भारतीय संविधान की आत्मा है।

इतना सब होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री की रहस्यमयी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। शायद इसलिए क्योंकि जो कुछ हो रहा है, बहुत साफ़ तौर पर तस्वीर उभर कर सामने आती है कि  विकास के नाम पर सत्ता में आई मोदी की सरकार के दो ऐजेंडे हैं, पूर्ण बहुमत होने की वजह से इस बार भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस हिन्दू राष्ट्र एजेन्डे पर बारीकी से काम कर रहे हैं। संघ और उससे जुड़े संगठन यह बार -बार कह रहे हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और यहाँ रहने वाले सभी लोग हिन्दू हैं ।

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत में धार्मिक असहिष्णुता संबंधी चिंता जताने के बाद केंद्र सरकार को बयान देना पड़ा है कि ‘भारत में सहिष्णुता का बहुत लंबा इतिहास है और अपवाद स्वरूप घटनाएं भारत के इस इतिहास को नहीं बदल सकती हैं।’ अल्पसंख्यक समूहों और उनके इबादतगाहों पर हो रहे हमलों के संबंध में भी यह आश्वासन दिया गया है कि जो लोग इस प्रकार की गतिविधि में शामिल होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 

लेकिन सिर्फ आश्वासन देने और बयान देने से काम नहीं चलेगा, प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को चाहिए कि वे नफरत भरे बयानों और अपने मातृ संगठन और उससे जुड़े संगठनों के कारनामों पर लगाम कसें, आखिरकार सरकार में आने के लिए हिन्दू राष्ट्र का नहीं ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया गया है। हमारी एकता ही हमारी अखंडता की बुनियाद है,सब को साथ लेकर चलने में ही देश की तरक्की संभव है और प्रधानमंत्री देश के नेता है इसलिए यह  जिम्मेदारी उन्हीं को निभानी है। उम्मीद है कि देश में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता को लेकर वैश्विक स्तर से आ रही चेतावनियां मोदी सरकार लिये आंखें खोलने का काम करेंगी। यह चेतावनियां सिर्फ मोदी के लिए नहीं है, एक राष्ट्र के तौर पर हमें भी इन चिंताओं पर गौर करना होगा।




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जावेद अनीस

राज्यपाल ने जीतन राम मांझी से 20 फरवरी को बहुमत साबित करने को कहा

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बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने बुधवार रात मु़ख्यमंत्री जीतन राम मांझी से कहा कि वह 20 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें। राजभवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यहां कहा कि 20 फरवरी को बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद मांझी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि इस बारे में कोई सूचना नहीं है कि राज्यपाल ने गोपनीय मतदान के मांझी के अनुरोध को स्वीकार किया है कि नहीं। राज्यपाल का मांझी को यह निर्देश जदयू नेता नीतीश कुमार, जदयू अध्यक्ष शरद यादव, राजद नेता लालू प्रसाद और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के 130 विधायकों के साथ राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन जाने के कुछ घंटों बाद ही आया है।

दिल्ली विशेष : दिल्‍ली मे अहंकार की आंधी रूकी

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मनुष्‍य के जीवन की सार्थकता का आधार सफलता रहती है । ठीक उसी तरह लोकतंत्र मे भी अस्‍तित्‍व के लिए सफलता मूल तत्‍व है ।आम आदमी पार्टी ने दिल्‍ली विधान सभा चुनाव मे विकास की सकारात्‍मक राजनीति कर के जिस तरह विजयी परचम फहराया और लोकप्रियता की नई इबारत लिखी है वह इस बात को साबित करती है ।वैकल्‍पिक राजनीति के उपज अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली मे कामयाबी का जो इतिहास रचा वह वह नौ माह पहले मोदी की सफलता से भी बड़ी मानी जा रही है ।उन्‍होने ना केवल मोदी के विजयी रथ को रोका वरन चुनावी राजनीति मे पिछले 12 साल से नाबाद चल रहे मोदी को दिल्‍ली की राजनीति से आउट कर दिया ।आप की ये जीत मोदी के विकास माडल ,आधुनिक भारत का सपना ,आर्थिक सुधार की दिशा मे बढ़ते कदम ,गरीबों के हित को प्रभावित करने वाले नये कानून और उन तमाम चुनावी वादों पर भी सवाल खड़ा करती करती है जो वह मई 2014 के पहले से देश की अवाम से करते आये हैं ।केजरीवाल की जीत से ये भी संकेत मिल रहा है कि देश मे अब जातिवाद ,वर्गवाद और मजहबी साम्‍प्रदायिकता का प्रदूषण भी समाप्‍त हो रहा है ।दिल्‍ली के इस
आप्रत्‍याशित नतीजों ने देश मे विपक्ष की राजनीति को भी एक नई ताकत भी दी है ।लोकसभा चुनावों मे भाजपा की भारी सफलता ,कांग्रेस की करारी हार के बाद विपक्ष की राजनीति सुस्‍त पड़ गयी थी ।इस दूसरे शब्‍दों मे इस तरह कहा जा सकता है कि देश की राजनीति एकात्‍मवाद पर चल रही है ।यानी हर – हर मोदी घर – घर मोदी के नारों ने कुछ अहंकार पैदा कर दिया था ।दिल्‍ली के विधान सभा चुनावों मे बीजेपी की ये लगातार पांचवी हार है ।दिल्‍ली की जनता ने इस बुरी तरह से भाजपा को पहले कभी नही नकारा था ।मोदी उभार के ,लोकसभा मे ऐतिहासिक सफलता के बाद भी दिल्‍ली मे भाजपा 16 साल पहले चली गयी है ।सन 1998 मे उसे शीला दीक्षित के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा था ।भाजपा के नेता बड़े गर्व से कहते थे कि मोदी जी के विजय अभियान को रोकने की क्षमता किसी के पास नहीं है। दिल्ली के बाद अब वे बिहार, बंगाल और फिर उत्तर प्रदेश में अपनी विजय-पताका फहराने के सपने देख रहे थे । लेकिन, दिल्ली में भाजपा को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने जिस बुरी तरह से मात दी है, उसकी कल्पना मोदी और उनकी टीम ने भी नहीं की थी ।वह भी तब जब लोकसभा चुनाव में ‘आप’ को दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली थी ।वह किरण बेदी भी चुनाव हार गयी जिन की काबलियत पर मोदी और अमित शाह को नाज था ।जिनके चलते बीजेपी के उन वफादार नेताओं की भी अनदेखी कर दी गयी जिन्‍होने संध से हर हाल मे पार्टी के लिए जीना मरना सीखा था ।बेदी को आमआदमी के एस के बग्‍गा ने 24 सौ मतों से हराया ।

किरण बेदी भले ही भाजपा की मुख्‍यमंत्री के रूप मे मतदाताओं के सामने थी लेकिन असल चुनाव प्रधानमंत्री नोन्‍द्र मोदी और अमितशाह ने ही लड़ा है ।दिल्‍ली का हर कोना मोदी के आदमकद पोस्‍टरों से पटा पड़ा था ।स्‍थानिय नेता कहीं दिखायी नही पड़े ,पन्‍ना प्रमुख के आगे कार्यकर्ता महत्‍वहीन से रहे , हर सभा मे मोदी के वादों की गूंज होती रही ।तो जाहिर है ऐसे मे इस हार को मोदी और अमितशाह की हार मानने से इंकार नही किया जा सकता है ।केजरीवाल की सुनामी ने मोदी की लहर को समेट दिया । ये सवाल भी पैदा होता है कि क्‍या देश की राजनीति अब मौलिक तौर पर बदल रही है ?देश की जनता दिल मे उसे ही जगह देती है जो सकारातमक राजनीति की राह पर चलता है ।लोकसभा मे मोदी ने ये विश्‍वास चताया था तो दिल्‍ली मे केजरीवाल इसे बनाने मे कामयाब हो गये ।दिल्‍ली के प्रचार अभियान पर अगर नजर डालें तो भाजपा का पूरा अभियान नकारात्‍मक राजनीति पर टिका दिखता है ।खुद मोदी जी और भाजपा के बड़े नेताओं ने व्‍यक्‍तिगत हमलें किये और केजरीवाल को जी भर कर कोसा ।नक्‍सली और भगोड़ा तक कहा गया ।शायद दिल्‍ली के एक करोड़ 33 लाख मतदाताओं को ये उन जबानों से सुनना नागवार लगा जो कुछ दिन पहले तक विकास के नारे दे रही थी ।ये साबित होता है कि देश की अवाम ने लवजेहाद ,धर्मान्‍तरण और इस तरह की तमाम बातों को फिर नकार दिया है ।यानी जनता अब धर्मान्‍तरण नही अपनी समस्‍याओं का रूपांतरण चाहती है ।केजरीवाल ने ऐन मतदान के पहले जिस हिम्‍मत से शाही इमाम बुखारी के प्रस्‍ताव को नकारा उसे भी जनता ने सकारात्‍मक रूप से लिया । यह अब राजनीतिक चिन्‍तन – मनन का विषय है कि मोदी विचार की जो आंधी गुजरात से चल कर महाराष्‍ट्र और हरियाणा तक पहुंची अधिकांश भारत को अपने चपेट मे लेलेगी ।इस विचार व्‍वस्‍था को उस प्रदेश
की जनता ने ही सिरे से नकार दिया जहां उसे सबसे बड़ी कामयाबी की उम्‍मीद थी ।
                       
ये भी सही है कि देश की जनता बदलाव की चाहत रखती है और अपने सपनों को उूड़ान भी देना चाहती है ।लेकिन ये जरूरी नही कि हर जगह विकल्‍प एक ही हो ।महराष्‍ट्र और हरियाणा मे भाजपा का विकल्‍प नही था लेकिन जहां जंहा मतदाताओं को कांग्रेस और भाजपा का विकल्‍प मिला वहां उसने उस पर भरोसा जताया ।आमआदमी पार्टी की ऐतिहासिक और अभूतपूर्व जीत ने भी जता दिया कि वोटरों को ये कतई पसंद नही है कि बात करो गरीबों कि और शान रखों अमीरों जैसी ।केजरीवाल आज भी उसी तरह से जैसे अन्‍ना आंदोलन के दौरान थे ।उन्‍होने इंडिया गेट से दूर आबाद उस दिल्‍ली को अपनी प्रथमिकता मे रखा जहां आज भी जिंदगी की बुनियादी जरूरतें नदारत हैं ।फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने , रेहड़ी पटरी वालों और 15 हजार से कम आमदनी वालों ने आमआदमी पार्टी को अपनी आवाज समझा ।अब ये कहने मे हर्ज नही कि दिल्‍ली के चुनाव मे पहली बार अभाव ग्रस्‍त , थके हारे और व्‍यवस्‍था की मार से उदास लोगों की बात की गयी ।उन साठ लाख लोगों की भी आवाज उठी जो दिल्‍ली की तंगहाल और अवैध कालोनियों मे रहतें हैं ।केजरीवाल ने जीत के तुरंत बाद अपने लोगों को सम्‍बोधित करते हुये ठीक ही हिदायत दी कि अगर आप ने भी अहंकार पाला तो फिर उसकी भी वही हालत होगी जो आज जनता ने कांग्रेस और भाजपा का किया है ।कितनी अजीब बात है कि जिस दल ने केवल नौ माह पहले 60 सीट ( लोकसभा की सात ) पर जीत हासिल की उसी को अब सदन मे विपक्ष के नेता के पद के लाले भी दिख रहें हैं ।पूरे पंद्रहसाल तक दिल्‍ली पर शासन करने वाली कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया ।सौ साल पुरानी कांग्रेस के लिए निश्‍चीत रूप से ये समय आत्‍म मंथन का समय है ।दिल्‍ली के नतीजे के फौरन बाद देश के कुछ इलाकों से एक बार फिर राहुल गांधी की नीतियों और नेतृत्‍व पर सवाल उठने लगे हैं ।प्रियंका गाधी को लाओ कि आवाजें भी आने लगी हैं ।इस बात मे फिलहाल शक नही दिखता कि आने वाले दिनों मे इस तरह की आवाजें और तेज होगी ।मोदी की अब तक की सफलता के बाद से माना जा रहा था कि देश मे क्षेत्रिय दलों का वजूद संकट मे पड़ने वाला है और जनता की पसंद अब राष्‍ट्रीय दल ही बनेंगें ।लेकिन अब दिल्‍ली के नतीजे तो दन दावों के खिलाफ दिख रहे हैं ,आम आदमी पार्टी अब दिल्‍ली की उसी तरह से से पार्टी बन गयी दिखती है जैसे दक्षिण के क्षेत्रिय दल या फिर सपा ,बसपा और जदयू जैसे दल हैं ।
                        
वैसे तो दिल्ली को आज तक पूर्ण राज्य का दर्जा भी नहीं मिला है, पर इसकी 70 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव
राष्ट्रीय-राजनीति के लिए महत्वपूर्ण बन गये हैं ।इन चुनावों की अहमियत के चलते ही , जनसंघ-भाजपा राजनीतिक धारा के 63 साल के इतिहास में यह पहला मौका था, जब पार्टी को अपने किसी ‘तपे-तपाये नेता’ के बदले बाहर से ‘सक्षम नेतृत्व’ उधार लेना पड़ा । मोदी-शाह की जोड़ी ने देश की पहली महिला आइपीएस (अवकाशप्राप्त) अधिकारी और अन्ना आंदोलन में केजरीवाल के साथ रहीं किरण बेदी को पार्टी में शामिल किया और स्थानीय नेताओं की असहमति-विरोध की परवाह किये बगैर कुछ ही घंटे के अंदर उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया ।शायद कांग्रेस सहित भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में किसी राष्ट्रीय दल ने ऐसा राजनीतिक-प्रयोग कभी नहीं किया!अब नतीजों के बाद इससे राजधानी की सियासत मे इस तरह के सवाल तैरने लगे कि क्‍या देश भर में अपनी गर्जना से मतदाताओं को मोहित करनेवाले मोदी क्या दिल्ली में अपना ‘जादुई-आकर्षण’ खो बैठे हैं? क्या एकमात्र ‘जिताऊ ताकत’ का उनका खिताब दिल्ली में प्रासंगिक नहीं रह गया है? एक अंजान उम्‍मीदवार से किरण बेदी की हार ने इन सवालों का जवाब दिल्‍ली की जनता ने दे दिया है ।

दरअसल दिल्ली में मोदी की मुश्किलें कुछ खास वजहों से थी । पहली खास वजह है कि यहां भाजपा अपना चुनाव-अभियान गरमाने के लिए कोई ‘पसंदीदा शत्रु’ नहीं खोज सकी। वह किस पर निशाना साधे! दिल्ली में बीते आठ महीने से तो वही सरकार चला रही है। राष्ट्रपति शासन के तहत राज तो केंद्र का ही है । महंगाई, सुरक्षा तंत्र के मामले में शासकीय विफलता, पानी-बिजली संकट, स्वास्थ्य समस्या की तोहमत वह किसके माथे मढ़े! एक खास वजह ये भी थी कि दिल्ली में भाजपा को चुनौती एक कार्यकर्ता-आधारित पार्टी से मिली । फिर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश, श्रम कानून में संशोधन की पहल, छोटे दुकानदारों, रेहड़ी-खोमचे वालों से उगाही आदि पर कोई अंकुश न लगने के नकारात्मक असर से राजधानी का माहौल कम से कम भाजपा-मय हो गया ।असल मे दिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं है, इसमें सौ-सवा सौ छोटे-मझोले गांव और देहाती इलाके भी हैं। इनमें अनेक हैं, जहां आज भी खेती-बाड़ी ही होती है।इस लिए यहां के किसानों को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का भय सता रहा है। इन मुद्दों को केजरीवाल ने बहुत खूबसूरती से जनता के बीच रखा ।जिससे भाजपा को जनता ने सिरे से नकार दिया । ये माना जा सकता है कि दिल्‍ली के नतीजों का असर बिहार और देश के अन्‍य प्रदेशों के चुनावों पर भी पड़ सकता है ।





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** शाहिद नकवी **

विशेष आलेख : बाल विवाह के लिए अभिषप्त लड़कियां

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‘‘मैं अभी बहुत पढ़ना चाहती हूॅ लेकिन मेरे घर वाले मेरी शादी जबरदस्ती करवा रहे थे। शादी रुक जाने से मैं बहुत खुष हंू और अब मैं फिर से स्कूल जा पाऊंगी और अपने मां पिता को कुछ बन कर दिखाऊंगी।’’ यह कहना है 13 साल की तनु की जिसका बाल विवाह होने जा रहा था और प्रषासन की मुष्तेदी से यह विवाह रुक गया। मध्यप्रदेष के उज्जैन के जमुनिया खुर्द गांव की 13 साल की सोनू और तनु के विवाह की तैयारियां चल रही थीं। जिसे प्रषासन के हस्तक्षेप के बाद रदद् किया गया। यह घटना उसी 24 जनवरी के चंद रोज पहले हुआ है जिस दिन पूरा देष ‘नेषनल गर्ल चाइल्ड़ डे’ के रुप में मनाता है। देष और प्रदेष में ऐसी हजारों तनु और सोनू जैसी बच्चियाॅ हैं जो पढ़ना चाहती थीं, कुछ बनना चाहती थीं, लेकिन उन सब की आकाक्षांए और अरमान बाल विवाह की भंेट चढ़ गए।
            
संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का ऐसा छठा देश है, जहां बाल विवाह का प्रचलन सबसे ज्यादा है। भारत में 20 से 49 साल की उम्र की करीब 27 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जिनकी शादी 15 से 18 साल की उम्र के बीच हुई है। जुलाई 2014 में यूनिसेफ द्वारा ‘एंडिग चाइल्ड मैरिजः प्रोग्रेस एंड प्रास्पेक्ट्स’ शीर्षक से बाल-विवाह से संबंधित एक रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 720 मिलियन महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी शादी 18 साल या इससे कम उम्र में हो गई है। विश्व की कुल बालिका बधु की एक तिहाई बालिका बधु भारत में पाई जाती हैं। 
          
इसी प्रकार वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्ष 2012-13 में वर्ष 2011-12 की तुलना में अधिक बाल विवाह हुए हैं। प्रदेष में लड़कियों के बाल विवाह की दर पिछले वर्ष की अपेक्षा वर्ष 2012-13 में 20 जिलों में बढ़ी है जिसमें सबसे ज्यादा झाबुआ, दूसरे स्थान पर शाजापुर तथा तीसरे स्थान पर राजगढ़ है। वैसे प्रदेश में बाल विवाह लड़कियों में लड़कों की तुलना में कम रही है, लेकिन पिछले वर्ष 2011-12 की तुलना में बालिका विवाह 0.2 फीसदी की वृद्धि हुई है। 
           
अगर लड़कों के बाल विवाह को देखें तो उनके बाल विवाह के जिलों में भी बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2012-13 में 21.3 फीसदी लड़कों के विवाह 21 वर्ष से कम उम्र में हुए है, जबकि पिछले वर्ष यह दर 18.3 फीसदी रही। वर्ष 2012-13 में 35 जिलों में लड़कों के बाल विवाह बढ़े हैं और इसमें 10 फीसदी वृद्धि की दर से झाबुआ प्रथम स्थान पर है, वहीं शाजापुर 9.6 फीसदी दर के साथ दूसरे और टीकमगढ़ 42.7 के साथ तीसरे पर है। इसी तरह इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहर भी बाल विवाह वृद्धि दर से अछूते नहीं है। बाल विवाह बाल अधिकारों का उल्लंघन है। लिंगभेद, अशिक्षा, अज्ञानता, असुरक्षा, धार्मिक-सामाजिक मान्यताएँ, रीति-रिवाज,परम्पराऐं, लड़कियों को कमतर समझना,उन्हें आर्थिक बोझ मानना, इत्यादि प्रमुख कारण है। समाज की यह सोच भी कि लड़कीयों की कम उम्र में शादी कर देने से वह दूसरे घर में जल्दी सामंजस्यता बिठा लेती हैं, यह भी बाल विवाह के अनेक कारणों में से एक है। 
            
जिन बच्चियों का बाल विवाह होता है उनका शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व शैक्षणिक विकास सही तरिके से नही हो पाता है। कम उम्र में शादी होने से उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार भी नहीं मिल पाता है। इसके अलावा उन्हें स्वास्थ्य ,पोषण, शिक्षा आदि के अधिकार से महरुम होना पड़ता है और वह हिंसा, दुव्र्यवहार, शोषण, यौन शोषण की षिकार हो जाती हैं। बाल विवाह के कारण बच्चियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं जिससे उनमें स्वास्थ्य समस्याएं होने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है और इसके कारण उनकी मृत्यु, गर्भपात में वृद्धि, कुपोषित बच्चों का जन्म, माता में कुपोषण, खून की कमी होना, शिशु मृत्यु दर, माता में प्रजनन मार्ग संक्रमण यौन संचरित बीमारियां बढ़ती हैं। कच्ची उम्र में मां बनने वाली यह बालिकाएं न तो परिवार नियोजन के प्रति सजग होती हैं और न ही नवजात शिशुओं के उचित पालन पोषण में दक्ष होती हैं। इस कारण बच्चों की सही देखभाल नही हो पाती और बच्चे ताउम्र कमजोर रहते हैं। अध्ययनों से यह सिद्ध हो चुका है कि 15 वर्ष की उम्र में माँ बनने से मातृ मृत्यु की संभावना 20 वर्ष की उम्र में माँ बनने से पांच गुना अधिक होती है।
            
कम उम्र में शादी करने से लड़कियां षिक्षा से वंचित हो जाती हैं। उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। अनपढ़ या कम पढ़ी लिखी होने के कारण वह अपने घर में बहुत ज्यादा आर्थिक सहयोग नही कर पाती हैं और गरीबी निरंतर बनी रहती है। इसके अलावा वह अषिक्षित होने के कारण अपने बच्चों को भी शिक्षित नहीं कर पातीं। यदि विवाह के पश्चात् पति की मौत हो जाए तो उसे छोटी उम्र से ही विधवा का जीवन जीना पड़ता है। इस प्रकार से बाल विवाह लड़की को लिंगभेद, बीमारी, अषिक्षा एवं गरीबी के भंवरजाल में फंसा देता है और एक बार बच्ची इस जाल में फंस जाये तो उससे निकलना मुष्किल हो जाता है। कुल मिलाकर बाल विवाह का दुष्परिणाम जीवन भर सबसे ज्यादा बालिका बधू को भोगना पड़ता है। 
            
बाल विवाह की कुरीति को रोकने के लिए 1928 में शारदा एक्ट बनाया गया था। इस एक्ट के मुताबिक नाबालिग लड़के और लड़कियों का विवाह करने पर जुर्माना और कैद हो सकती थी। आजादी के बाद से लेकर आज तक इस एक्ट में कई संशोधन किए गए है। सन् 1978 में इसमें संषोधन कर लडकी की उम्र शादी के वक्त 15 से बढ़ाकर 18 साल और लड़के की उम्र 18 से बढकर 21 साल कर दी गई थी। बाल ‘विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006’ की धारा 9 एवं 10 के तहत् बाल विवाह के आयोजन पर दो वर्ष तक का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपए जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बाल विवाह कराने वाले अभिभावक, रिश्तेदार, विवाह कराने वाला पंडित, काजी को भी तीन महीने तक की कैद और जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह की शिकायत कोई भी व्यक्ति निकटतम थाने में कर सकता है। अगर बाल विवाह हो जाता है तब किसी भी बालक या बालिका की आनिच्छा होने पर उसे न्यायालय द्वारा वयस्क होने के दो साल के अंदर अवैध घोषित करवाया जा सकता है।    

देश में बाल विवाह के खिलाफ कानून बने हैं और समय के अनुसार उसमें लगातार संषोधन कर उसे ओर प्रभावषाली बनाया गया है फिर भी बाल विवाह लगातार हो रहे हैं। अगर सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद देश में बाल विवाह जैसी कुप्रथा का अंत नही हो पा रहा है, तो इस असफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि बालविवाह एक सामाजिक समस्या है और इसका निदान सामाजिक जागरुकता से ही सम्भव हो सकेगा। केवल कानून बनाने से यह कुरीति खत्म नही होने वाली है। 
            
अगर इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करना है तो इसके लिए समाज को ही आगे आना होगा तथा बालिकाओं के पोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना होगा। समाज में शिक्षा को बढ़ावा देना होगा। अभिभावकों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरुक करना होगा। साथ ही साथ सरकार को भी बाल विवाह के विरुद्व बने कानून का जोरदार ढंग से प्रचार-प्रसार करना होगा तथा कानून का कड़ाई से पालन करना होगा। बाल विवाह प्रथा के खिलाफ समाज में जोरदार अभियान चलाना होगा। साथ ही साथ सरकार को विभिन्न रोजगार के कार्यक्रम भी चलाना होगा ताकि गरीब परिवार गरीबी की जकड़ से मुक्त हो सकें और इन परिवारों की बच्चियां बाल विवाह का निशाना न बन पाएं। 







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उपासना बेहार 
(चरखा फीचर्स)

सीएम बनने के 72 घंटे के अंदर बिजली-पानी का वादा पूरा करेंगे केजरीवाल

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दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली के मुख्य सचिव डी.एम. सपोलिया को आप के 70 सूत्री घोषणा पत्र को लागू करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने को कहा जिसमें बिजली की दर में 50 प्रतिशत की कटौती, शहर में मुफ्त वाई-फाई और 10-15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि घोषणा पत्र में किए गए वादों को कैसे पूरा किया जाय, इस संबंध में प्रस्तुति तैयार करने के स्पष्ट निर्देश सभी विभागों को दिए गए हैं.

सिसोदिया ने कहा, ‘‘ हमने मुख्य सचिव से मुलाकात की और उन्हें आप का 70 सूत्री घोषणा पत्र सौंपा और संबद्ध विभागों द्वारा 19 फरवरी तक एक रूपरेखा तैयार कराने को कहा. पूर्व मंत्री सिसोदिया ने कहा कि संबद्ध विभागों को बिजली और जल की आपूर्ति सुधारने के लिए ‘किसी भी आपात स्थिति से निपटने की योजनाएं’ तैयार करने को कहा गया है. मई और जून में जब सब्जियों के दाम चढ़ते हैं, उस दौरान सब्जियों और फलों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ गर्मी के सीजन में बिजली और जल का संकट रहता है. सब्जियों और फलों के दाम भी चढ़ जाते हैं जिसकी वजह से दिल्ली के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसलिए, हमने उन्हें इन प्रमुख मुद्दों से निपटने के लिए आपात योजनाएं तैयार करने को कहा है.’’ आप ने अपने घोषणा पत्र में पूरी दिल्ली में दो लाख सार्वजनिक शौचालय बनवाने, 20 नए कॉलेज स्थापित करने, निजी स्कूलों में शुल्क का नियमन करने, दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 30,000 पलंग जोड़ने और अगले पांच साल में आठ लाख नए रोजगार पैदा करने का वादा किया था.

सिसोदिया ने कहा, ‘‘ दिल्ली के लोग एक साल से बिना सरकार के थे. हमने एक साल गंवा दिया और विकास कार्य ठप रहा.’’ सपोलिया 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया और वह दो सप्ताह बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (11 फ़रवरी)

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पण्डित उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूण्यतिथि पर किया स्मरण 

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झाबुआ---प्रखर राष्ट्रवाद एवं एकात्म मानवतावाद के प्रतिक भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं भाजपा के पितृ पुरूष पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की  47 वीं पूण्य तिथि पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने उन्हे स्मरण करके उनके निर्वाण दिवस को समर्पण दिवस के रूप  में मनाया । स्थानीय राजगढनाका स्थित पण्डितजी की प्रतिमा पर उनके जयकारों के साथ जिला भाजपा एवं नगर मंडल द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ नमन करते हुए उन्हे माल्यार्पण किया । जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, प्रवीण सुराणा, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, कल्याणसिंह डामोर,मण्डल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, पार्षद सईदुल्लाखान, जमुना वाखला, पूर्व विधायक स्वरूपबेन भाबर, पण्डित महेन्द्र तिवारी, जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी, निर्मल जैन, बबलू सकलेचा, कीर्तिष भावसार,विजय चैहान, योगेन्द्र भावसार, विमल दाणी, लाखन सोलंकी बाबुलाल अग्रवाल, प्रतिभाषर्मा, इन्दू सिंगाड, ओपी राय, ओमप्रकाष शर्मा, शांतिलाल पालिवाल, नंदलाल रेड्डी,दिनेष पालिवाल अमीतषर्मा, अमीत पंवार, सहित बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया तथा उनके बताये मार्ग पर चल कर समाज के सर्वांिगण उत्थान के लिये निर्लिप्त भाव से सेवा करने का संकल्प लिया । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने पण्डित उपाध्याय को देष का महनतम नेता बताते हुए कहा कि पण्डित जी ने अपने एकात्म मानवतावाद के सिद्धांत के माध्यम से पूरे देष की राजनीति में सेवा की भावना से कार्यकरने का जो महामंत्र दिया उस पर चल कर हम जन जन की सुख समृद्धि के लिये कार्य करने का तत्पर है। इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने भी पण्डितजी को स्मरण करते हुए उनकी पूण्य तिथि पर सभी को साथ मिल कर कार्य करने तथा गरीबों,षोषितों के उत्थान के लिये कदम उठाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वाह का संकल्प दिलाया ।

भाजपा ही केवल केडर बेस्ड राजनैतिक दल- शैलेष दुबे
  • आजीवन सहयोग निधि का संग्रहण हुआ- समर्पण दिवस पर आयोजित हुआ धनसंग्रहण कार्यक्रम 

झाबुआ ---देष के विभिन्न राजनैतिक दलों की तरह भारतीय जनता पार्टी व्यक्तिवादी दल नही है ।भाजपा किसी व्यक्ति के नाम से नही जुडी होकर केडर बस्ट राजनैतिक दल है ।यह दल कार्यकर्ताओं के समुह का प्रमाणित दल होकर इसके प्रबंधन में पूरी पारदर्षिता होकर कार्यकर्ताओं द्वारा ही अपनी मेहनत से कमाई गई राषि के समर्पण से एकत्रित रकम से पार्टी की गतिविधिया संचालित होती है । जिससे  भाजपा का एक छोटे से ठोटा कार्यकर्ता भी इसे अपनी पार्टी मानकर इसके संचालन में उसके योगदान का होना भी महसूस करता है । प्रतिवर्ष पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की पूण्य तिथि को भाजपा सहयोग निधि समर्पण दिवस के रूप में मनाती है पिछले चार सालों से पूण्यतिथि को भाजपा एक ही दिन में अपने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से समर्पण राषि एकत्रित करने की परंपरा को स्थापित कर चुकी है ।आज आजीवन सहयोग निधि एकत्रिकरण के लिये समर्पण दिवस पर सभी  कार्यकर्ता रखे गये कलष में अपनी सहयोग निधि का समर्पण कर रहे है । झाबुआ नगर मंडल आज ही 1 लाख 51 हजार के समर्पण निधि के लक्ष्य को पूरा करेगा । उक्त उदबोधन बुधवार को जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित समर्पण दिवस के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने कहीं । उन्होने आगे कहा कि हमे अब भाजपा के सदस्यता अभियान को भी सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ संचालित करना है तथा मंडल स्तर से लेकर बुथ स्तर तक एक अभियान के रूप  में सदस्यता अभियान को चला कर दिये गये लक्ष्यों को पूरा करना है । उन्होने कहा कि  नगर मंडल मे 120 सक्रिय सदस्य बनाने के लिये आगामी 13,14 एवं 15 फरवरी को राजगढ नाका, राजवाडा, एवं बसस्टेंड पर काउंटर लगा कर सदस्यता अभियान को तेजी से चलाना है इसके लिये प्रत्येक सक्रिय सदस्य को 100-100 के मान से सदस्य बनाने का लक्ष्य पूरा करना होगा । उन्होने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि प्रथम एवं द्वितीय चरण के चुनाव के बाद अब तीसरे चरण मेंजिला पंचायत के शेष 6 वार्डो में षत प्रतिषत जीत दर्ज करने के लिये मेहनत करना होगी । नगर भाजपा मंडल द्वारा आयोजित आजीवन सहयोग निधि समर्पण दिवस के बारे में नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार ने संचालन करते हुए नगर मंडल के द्वारा 1 लाख 51 हजार की समर्पण राषि के लक्ष्य को पूरा करने की बात कहते हुए सभी से दिन भर चलने वाले इस अभियान मे मुक्तहस्त से सहयोग करने की अपील की । इस अवसर पर प्रदेष भाजपा कार्यसमिति के सदस्य दौलत भावसार ने भी पण्डित उपाध्याय के जीवनवृत पर रोचक तरिके से जानकारी देते हुए उनका जीवन एकात्म मानवतावाद के सिद्धांत पर आधारित रहने की बात कहते हुए इसे समग्र सृष्टि के विकास का संदेष देने वाला बताया । जिला समर्पण निधि प्रभारी कमलेा दांतला ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि झाबुआ जिले के सभी मंडलों में आज समर्पण दिवस मनाया जाकर सहयोग निधि एकत्रितीकरण का 10 लाख का लक्ष्य पूरा किया जावेगा । प्रत्येक मंडल में प्रभारी एवं वक्ताओं द्वारा पहूंच कर इस दिवस को मनाया जाकर राषि संग्रकहत की जारही है ।इसके लिये हर भाजपा कार्यकर्ता समर्पण की भावना से अपनी सहयोग निधि को समर्पित कर रहा है । जिला भाजपा कार्यालय में नगर मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपाई सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने मुक्त हस्त से सहयोग तिथि पण्डित जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर रखे गये कलष में डाली । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, प्रवीण सुराणा, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, कल्याणसिंह डामोर,मण्डल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, पार्षद सईदुल्लाखान, संजय डाबी, विमल दाणी,जमुना वाखला, पूर्व विधायक स्वरूपबेन भाबर, पण्डित महेन्द्र तिवारी, जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी, निर्मल जैन, बबलू सकलेचा, कीर्तिष भावसार,विजय चैहान, योगेन्द्र भावसार, विमलदाणी, लाखन सोलंकी, बाबुलाल अग्रवाल, प्रतिभाषर्मा, इन्दू सिंगाड, ओपी राय, ओमप्रकाष शर्मा, शांतिलाल पालिवाल, नंदलाल रेड्डी,दिनेष पालिवाल अमीत षर्मा, अमीत पंवार श्रीमती किरण शर्मा सहित बडी संख्या में भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने उपस्थिह रह कर राषि का समर्पण किया । कार्यक्रम का संचालन मंडल नगर अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार ने किया तथा आभार बबलु सकलेचा ने व्यक्त किया ।

एक शाम मूरली वाले के नाम भजन संध्या की तैयारियां अन्तिम दौर में
  • इन्दौर से आयेगें फुल तो साउंड सिस्टम आयेगा दिल्ली से 
  • गादियों एवं कारपेट पर होगी बैठक व्यवस्था- नही लगेगी कुर्सियां 

झाबुआ---षुक्रवार 13 फरवरी को नगर के उत्कृष्ठ विद्यालय मैेदान पर श्रीकृष्ण भक्ति की बयार बहेगी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन गायक विनोद अग्रवाल के श्रीमुख से संगीत मय भजन संध्या से पूरा अंचल श्रीकृष्ण मय हो जावेगा । इस कार्यक्रम को लेकर सुदामा मंडल झाबुआ द्वारा सभी तेैयारिया अन्तिम दौर में पहूंच गई है । उत्कृष्ठ विद्यालय मैदान पर मंच व्यवस्था बडे स्तर पर की जारही है । कृष्णभक्तों के बैठने के लिये अलग अलग विभाग बनाये जारहे है । महिलाओं के बैठने की भी विषेष व्यवस्था की जारही है करीब 500 गादिया लगा कर अतिथियों एवं संतों को बिठाने की व्यवस्था भी कार्यक्रम के दौरान रहेगी । पूरे अंचल में प्रचार-प्रसार के माध्यम से माहौल भक्तिमय हो गया है,जिले के कल्याणपुरा,रायपुरिया, पेटलावद, थांदला, मेघनगर,पिटोल,कुंदनपुर,राणापुर एवं पारा से हजारों की संख्या में भक्तों के आने का अनुमान लगाया जारहा है । कार्यक्रम को लेकर सुदामा मंडल के सदस्यों ने नगर की सभी सामाजिक,एवं धार्मिक संस्थाओं को जोड कर विभिन्न समितियों का गठन किया है ।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सभी समितियां सक्रिय रूप से जुट गई है, स्वागत समिति, मंच व्यवस्था समिति, पार्किंग समिति, जलव्यवस्था समिति, भोजन व्यवस्था समिति, बैठक व्यवस्था समिति जेैसी अनेक समितियां सक्रियता से अपना अपना योगदान दे रही है । 12 फरवरी को उत्कृष्ठ मेदान पर 6 फीट उंचा मंच बना कर तेयार हो जावेगा जिसे आकर्षक रूप देने के लिये फुलों से साज सज्जा की जावेगी ।

संतो का बनेगा मंच
मीडिया प्रभारी राजेन्द्रसोनी के अनुसार संतो को बिठाने की अलग से व्यवस्था की जारही है । जिले के करीब 2 दर्जन संत एक अलग मंच पर एक साथ बिराजित रहेगें ।जिले के सभी संतों से संपर्क कर उन्हे कार्यक्रम में पधारने के आमन्त्रित किया गया है।पिपलखुटा तीर्थ के संत श्री 108 श्री दयारामदास जी महाराज, षिवगंगा के महेषजी शर्मा, खुमसिंह महाराज, कानुजी महाराज, गंगुजी महाराज के अलावा अन्य संतों को  कार्यक्रम में आंमत्रित किया गया है । सुदामा मंडल के नीरजंसिंह राठौर, सुधीर कुष्वाह, राकेष झरबडे, जितेन्द्रषाह, अरूण भावसार, संतोष जैन नाकोडा, देवेन्द्र पांचाल, राधेष्याम पटेल, अब्दूल रहिम, प्रदीप व्यास, केसी टेलर, सहित अनेक कार्यकर्ता कार्यकर्ता कार्यक्रम के पंबंधन मे पिछले दो माह से जुटे हुए है । कार्यक्रम के अन्तिम दौर मे ये अपनी सेवायें कार्यक्रम स्थल पर निरंतर प्रदान कर रहे है ।

इन्दौर से बुलाये गये पुष्पों से होगी मंच सज्जा
सुदामा मंडल के अजय रामावत एवं राजेन्द्रषर्मा ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर तैयारियां अंतिम दौर मे पहूंच गई है। एक बडा मंच भजन सम्राट विनोद जी अग्रवाल एवं उनकी टीम के लिये बनाया जावेगा जो जमीन 6 फीट उंचा, 16 फीट लम्बा एवं 32 फीट चैडा रहेगा । मंच को आकर्षक बनाने के लिये इन्दौर से फुल बुलाये जारहे है फुल लगाने के लिये इन्दौर के ही कलाकार 12 फरवरी की रात झाबुआ पहंच जायेगें । झाबुआ के कलाकार चंदूभाई माली के मार्गदर्षन में मंच को सजाने की व्यवस्था की जारही है।

बैठक व्यवस्था के लिये जोन बनाये गये -
सुदामा मंडल के जीवन पडियार एवं अषोक शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर बैठक व्यवस्था को सुचारू करने के लिये उन्हे अलग अलग झोन मे बांटा गया है, मंच के ठीक सामने कृष्णभक्ति में लीन होकर नृत्य करने वालों के लिये 2 हजार वर्गफीट का स्थान छोडा जा रहा है ।आमंत्रित अतिथियों ,व्हीआयपी ,मीडिया के साथियों ,महिलाओं, पुरूषों एवं प्रषासन के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिये बैठक की अलग अलग व्यवस्था की जारही है। करीब 500 गादी एवं 200 चद्दर लगा कर इन सभी के बैठने की व्यवस्था रहेगी । मंडल ने इस बार यह निर्धारित किया है कि कार्यक्रम स्थल पर एक भी कुर्सी नही लगाई जावेगी । सभी का सम्मानजनक रूप  से भारतीय बैठक व्यवस्था करने के लिये सर्व बा्रह्मण समाज एवं उसकी महिला ईकाई पूरी व्यवस्था का पं्रबंध कर रही है । कार्यक्रम के दौरान सभी की प्यास बुझाने का जिम्मा आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के सदस्यों के पास रहेगा । एक बडा पानी का स्टाल कार्यक्रम स्थल लगाया जा रहा है।

साउंड सिस्टम आयेगा दिल्ली से -
सुदामा मंडल के अजय पंवार के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर पर्याप्त विद्युत व्यवस्था की जारही है । 63 किलोवाट का जनरेट केवल साउंड सिस्टम के लिये लगाया जारहा है साथ ही 125 किलोवाट का जनरेटर पूरे कार्यक्रम की विद्युत व्यवस्था के लिये रहेगा । श्री विनोद जी अग्रवाल की भजन संध्या में मुख्य आकर्षण का केन्द्र साउंड सिस्टम रहेगा जो दिल्ली से झाबुआ आयेगा । इस साउंड सिस्टम की विषेषता यह है कि श्री विनोद अग्रवाल इसी साउंड सिस्टम के माध्यम से पूरे देषभर में अपने भजनों की प्रस्तुति देते आये है । साउंट सिस्टम के संचालन के लिये 10 सदस्यीय दल भी दिल्ली से झाबुआ आरहा है ।वही कायकर््म को हर कोई सुगमता से आनन्द ले सके इसके लिये 2 बडी स्क्रिन लगाई जारही है जिससे विनोद जी अग्रवाल की विभिन्न मुद्राओं को आसानी से देखा जासकेगा ।

नगर के सभी समाजों ने कार्यक्रम मे पधारने की अपील की -
13 फरवरी को आयोजित होने वाली भजन संध्या को सफल बनाने के लिये राजपुत समाज के अध्यक्ष सत्यनारायण सोनगरा, सचिव जयदीप सोलंकी, कमलेष गेहलोत,गोपालसिंह चैहान,जयंतीलाल राठौर, जैेन समाज के यषवंत भंडारी, भरत बाबेल, धर्मचंद्र मेहता,रिंकू रूनवाल, तेली राठौर समाज के महेष राठौर, कमलेष राठौर, रणछोडलाल राठौर, रामचंद्र राठौर, जितेन्द्र राठौर, नीमा समाज के शषिकांत वरदिया, राजेष शाह, लक्ष्मीनारायण शाह, हरिष शाह, स्वर्णकार समाज के पुष्पकरण सोनी, रामेष्वर सोनी, मनोज सोनी, ओम सोनी, सर्वबा्रह्मण समाज के हर्ष भट्ट, प्रो. के के त्रिवेदी, मनीष व्यास,गौतम त्रिवेदी,सुषीला भटृ,सुषमा दुबे, कलाल समाज के  एजनलाल भानपुरिया प्रकाषचन्द्र पडियार पोपट सेठ, जीवन पडियार, कमलेष जायसवाल, हितेष पडियार मेघनगर, क्षत्रिय महासभा के जितेन्द्रसिंह राठौर,राघवेन्द्रसिंह सिसौदिया, जितेन्द्रसिंह सिसौदिया,भावसार समाज से अरूण भावसार,दौलत भावसार, योगेन्द्र भावसार, दीगंबर जेैन समाज के निलेषषाह, बाबुलाल अग्रवाल,निर्मल अग्रवाल,  के अलावा सभी समाािजक संस्थाओं ने अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धर्म लाभ लेने की अपील की है।

पोषण पुनर्वास केन्द्र पर बच्चे क्यो नहीं रूकते रिपोर्ट दे-- कलेक्टर
  • नसबंदी के मेगा शिविर लगाये, एसडीएम की निगरानी में होगी व्यवस्थाएॅ

झाबुआ ---जिल में नसबंदी का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी बीएमओं मैगा नसबंदी शिविर लगवाये। शिविर लगवाने के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएॅ की जाये। व्यवस्थाएॅ एसडीएम की निगरानी में करवाई जाने के लिए कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने संबंधित अधिकारियों को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिये। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने की। बैठक में सीएमएच ओ.डाॅ. रजनी डाबर, सिविल सर्जन डाॅ. कौशल,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सुभाष बर्वे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा सहित बीएमओं एवं स्वास्थ्य सेवक उपस्थित थे। डाॅ.वर्मा ने बताया कि कैंसर फाउण्डेशन इन्दौर ने आदिवासी क्षेत्र में स्तन एवं गर्भाशय कैंसर से पीडित व्यक्तियों को घर-घर जाकर एएनएम और आशा द्वारा सर्वे कर सर्वे में मिले संभावित कैसंर रोगियो के इलाज के लिए शिविर लगाकर उपचार किया जाएगा।

काम नहीं करने वाले स्वास्थ्य सेवकों की सेवा समाप्त कर दे
बैठक में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान सीएमएचओ को निर्देशित किया कि काम नहीं करने वाले स्वास्थ्य सेवकों की सेवा समाप्त कर दी जाये। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने पाया कि अधिकतर एनआरसी में भर्ती बच्चे पूरे समय नहीं रूकते। एमपीटास्क के अधिकारी एवं पीडिशियन पोषण  पुनर्वास केन्द्र को कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने बच्चों के नहीं रूकने के कारणो की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। जननी सुरक्षा योजना का बचा शेष भुगतान 28 फरवरी तक शत-प्रतिशत हो जाना चाहिए। बैंक में यदि जननी का खाता नहीं खुलता है, तों तत्काल सीएमएचओ एवं कलेक्टर को एसएमएस करके रिपोर्ट करे।बैठक में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने सभी स्वास्थ्य सेवको को मुख्यालय पर रहने के लिए आदेशित किया, जो मुख्यालय पर नहीं रहते है उनकी सेवा समाप्त करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिये। रामा बीएमओ को उमरकोट की बजाय रामा में निवास करने की हिदायत दी गई। संस्थागत डिलेवरी के तुरन्त बाद बीसीजी, हेपेटाइटिस बी जीरो डोज 24 घण्टे के अंदर लगाना सुनिश्चित करे। बैठक में कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने बामनिया एवं करवड की टी.बी.यूनिट में कार्यरत स्वास्थ्य सेवक की सेवा समाप्त करने की कार्यवाही करने के लिए सीएमएचओ को निर्देशित किया।

ममता अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवको को पुरस्कृत किया गया

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झाबुआ---ममता अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवकों को प्रोत्साहन राशि एवं स्मृति चिन्ह ट्राफी प्रदान की गई जिसमें डाॅ. शैलेशी वर्मा चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मेघनगर को 2500/-, का चेक प्रशस्ति पत्र,  नानालाल पाटीदार एमपीएस शिवगढ को 2500/-, अनीता भूरिया एएनएम नौगांवा को 2000/-, श्री रतनसिंह डामर शिक्षक प्रा.वि. नौगांवा को 2000/-, ज्योत्सना दीक्षित आंगनवाडी वर्कर नौगांवा को 1500/-, सुकमणी बारिया आशा कार्यकत्र्ता महुडा मेधनगर को 1500/-का चेक एवं प्रशस्ति पत्र बैठक में प्रदान किया गया।

परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए बीईओ भी पढायेगे

झाबुआ---जिले में कक्षा 9 वी व 10 वी में कम परीक्षा परिणाम वाली शालाओं मे परीक्षा परिणाम सुधार की दृष्टि से विशेष प्रायास किये जा रहे है। कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देकर अध्यापन कार्य किया जा रहा है। साथ ही विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी कमजोर परिणाम वाली शालाएॅ अध्यापन/अकादमिक मानिटरिंग हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस द्वारा आवंटित की गई है। विकासखण्ड झाबुआ के बीईओ श्री भारतसिंह गणित विशेषज्ञ को हाईस्कूल सेमलिया बडा, हाई स्कूल कालापिपल, हाईस्कूल करडावद बडी, हाई सकूल झायडा आवंटित की गई है। विकासखण्ड रामा के बीईओ श्री सी.पी.तिवारी विज्ञान विशेषज्ञ को हाईस्कूल खेडा, हाई स्कूल पाडलघाटी, हाईस्कूल खरडू बडी, क.उ.मा.वि. रामा, एवंबा.उ.मा.वि. रामा,हाई स्कूल दौलतपुरा, क.उ.मा.वि.पारा,उ.मा.वि. उमरकोट, हाईस्कूल रोटला, एवं बा.उ.मावि. पारा आवंटित की गई है। विकासखण्ड रानापुर के बीईओ श्री आर सी.मालवीय कृषि विज्ञान विशेषज्ञ को हाईस्कूल खेरमाल, उ.मा.वि.बालक रानापुर, हाई स्कूल कंजावानी, हाईस्कूल ढोलियावड आवंटित की गई है। विकासखण्ड मेघनगर के बीईओ श्री बी.एस नायक अंग्रेजी विशेषज्ञ को हाईस्कूल हत्यादेली, उ.मा.वि.पंचपिपलिया, उ.मा.वि.मदरानी, उत्कृष्ट उ.मा.वि.मेघनगर आवंटित की गई है। विकासखण्ड थांदला के बीईओ श्री डीआर सोलंकी कामर्स विशेषज्ञ को हाईस्कूल बैडावा, हाई स्कूल कुकडीपाडा, हाईस्कूल उदयपुरिया, उ.मा.वि. परवलिया, हाई स्कूल हरिनगर, उ.मा.वि.कन्या थांदला, एवं हाई स्कूल सेमलिया नारेला आवंटित की गई है। विकासखण्ड पेटलावद के बीईओ श्री योगेन्द्र प्रसाद अंग्रेजी एवं हिन्दी विशेषज्ञ को हाईस्कूल देवली, हाई स्कूल कन्या सारंगी, हाईस्कूल अमरगढ, हाई स्कूल बरवेट आवंटित की गई है। बीईओ उक्त शालाओं में प्राचार्य से समन्वय कर स्वयं अध्यापन करेगे तथा किये जा रहे अध्यापन के संबंध में प्रतिदिन की विषयवार टीप अंकित करेगे,शाला के निरीक्षण रजिस्टर में अकादमिक टीप देगे।

1 मार्च को पल्स पोलियों अभियान होगा, जिला टास्क फोर्स की बैठक संपन्न
  • स्लम एरिया पर मोबाइल टीम विशेष फोकस करे-- कलेक्टर

झाबुआ ---पल्स पोलियो अभियान अब 1 मार्च रविवार को होगा कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया कि स्लम एरिया के बच्चों पर विशेष फोकस किया जाये। मोबाइल टीम द्वारा ट्रवल करने वाले बच्चों एवं स्लम एरिया में रहने वाले बच्चो पर विशेष फोकस किया जाये। क्योकि ट्रवल करने वाले बच्चे अक्सर छूट जाते है। उन्हें अभियान के दौरान कवर करना अतिआवश्यक है। जिले में 1 मार्च 2015 को पल्स पोलियो अभियान के दौरान 0-5 वर्ष तक के बच्चो को पोलियो की दवाई पिलाई जाएगी। अभियान की सफलता के लिए कार्ययोजना बनाने एवं संबंधित विभागों को दायित्व सौपने के लिए आज 11 फरवरी को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने की। बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये। बैठक में सीएमएच ओ डा.रजनी डाॅवर सिविल सर्जन डाॅ. कौशल डाॅ. चारण सर्विलेन्स मेडीकल आॅफीसर डब्ल्यू एच ओ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बर्वे, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा सहित विभागीय अधिकारी बीएमओ एवं स्वास्थ्य सेवक उपस्थित थे।

धारदार हथियार की हत्या  
           
झाबूआ---फरियादी मांगू पिता सेकू भिलाला, उम्र 45 निवासी डिग्गी ने बताया कि सेकू पिता वेस्ता, उम्र 65 वर्ष, कुएं पर विघुत मोटर एवं फसल की रखवाली करने गया था, किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से सिर में चोंट पहॅुचाकर हत्या कर दी। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 37/14, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फलियामार की हत्या 

झाबूआ---फरियादी झीतरा पिता पिदिया डामोर, उम्र 65 वर्ष, निवासी नवागांव ने बताया कि आरोपी नरसिंह पिता झीतरा डामोर, निवासी नवागांव, अपनी पत्नि गुरीबाई पति नरसिंह, उम्र 47 वर्ष, निवासी नवागांव को अक्सर मारपीट करता रहता था। इसी बात को लेकर आरोपी ने यह कहा कि झगडे की बात अपने भाई को क्यों बताई, कहकर अपने घर के अंदर दरवाजा बंद कर लटठ व धारदार फालिया से वार कर हत्या कर दी। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 90/14, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 
छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्व 
         
झाबुआ--- फरियादिया ने बताया कि वह अपनी सहेलियों को छोडने जा रही थी कि आरोपी रमजु उर्फ रामसिंह पिता जुवानसिंह भील, निवासी वागनेरा आया व बुरी नीयत से कमर में कसके पकडा व घीसकर ले जाने लगा चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्र0 89/15, धारा 354(क) लें.अ.से बा.का.सं.अधि0 2012 की धारा 7/8 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया

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दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शनिवार को शपथ ग्रहण करने जा रहे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। उनके साथ आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी थे।

प्रधानमंत्री ने गुलदस्ता भेंट कर केजरीवाल का स्वागत किया और उन्हें दिल्ली की जीत पर बधाई दी। 15 मिनट की इस मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं को बताया, "अरविंद ने प्रधानमंत्री को बताया कि केंद्र और राज्य दोनों की ही सरकारों के पास भारी बहुमत है, इसलिए दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाने की दिशा में दोनों के लिए मिलकर काम करने का यह एक सुनहरा अवसर है।"

सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा भी प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया और प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर गौर करने का आश्वासन दिया है। केजरीवाल ने मोदी को 14 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भी दिया, लेकिन पीएम ने समारोह में शामिल होने में असमर्थता जाहिर की, क्योंकि वह उस दिन शहर से बाहर होंगे।

दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल को फोन करके बधाई दी थी। इसी दौरान केजरीवाल ने पीएम से मिलने की इच्छा जताई, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें आज चाय पर बुलाया था। दिल्ली की 70-सदस्यीय विधानसभा के लिए संपन्न चुनावों में 67 सीटें अपने नाम कर 'आप'ने एकतरफा जीत हासिल की है, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने इस शानदार विजय के लिए केजरीवाल को बधाई दी और राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए केंद्र से पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। बधाई के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए केजरीवाल ने कहा था कि वह दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही उनसे मिलना चाहेंगे।

शुक्रवार को केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और उनके आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन के लिए आभार जताया। राष्ट्रपति ने केजरीवाल को अपनी लिखी दो पुस्तकें 'कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया'और 'थॉट्स एंड रिफलेक्शन्स'भेंट कीं। 'आप'के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि मुलाकात का कोई विशेष एजेंडा नहीं था।

विश्वकप क्रिकेट का उद्घाटन समारोह दोपहर दो बजे शुरू होगा

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विश्वकप क्रिकेट का आगाज होने में अब मात्र दो दिन शेष हैं. आज क्रिकेट के इस महाकुंभ का उद्घाटन समारोह है. 2015 के इस महा आयोजन के मेजबान संयुक्त रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं. भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजे ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न और न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में उद्घाटन समारोह आयोजित किया जायेगा. इस उद्घाटन समारोह में आईसीसी ने क्रिकेट के कई दिग्गजों को भी शामिल करने का खुलासा किया है. 

वर्ष 2011 के विश्वकप की मेजबानी भारत-श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर की थी, जिसका फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था और भारत श्रीलंका को हराकर विश्व चैंपियन बना था. इस बार विश्वकप में 14 देश भाग ले रहे हैं और भारत के सामने अपना खिताब बचाने की चुनौती है.

विश्वकप का पहला मैच 14 जनवरी को खेला जायेगा और फाइनल मुकाबला 29 मार्च को खेला जायेगा. शुरुआती मुकाबलों के लिए लाखों टिकट बिक चुके हैं और पहले राउंड में 15 फरवरी को खेला जाने वाला भारत-पाकिस्तान का मुकाबला सबसे दिलचस्प होगा, इस मैच का इंतजार लाखों क्रिकेट प्रेमी कर रहे हैं. विश्व में भाग लेने वाली टीमों को दो वर्ग में बांटकर रखा गया है. पूल ए और पूल बी. दोनों ही ग्रुप में सात-सात टीमें हैं. 


सीतलवाड़ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज,हो सकती हैं गिरफ्तार

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धोखाधड़ी के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और अन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस कदम के बाद पुलिस सीतलवाड़ और उनके पति को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है। याचिकाकर्ताओं पर गुजरात दंगा पीड़ितों की मदद के लिए जमा हुए करीब डेढ़ करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। 

जस्टिस जेबी परदीवाला ने सीतलवाड़, आनंद, गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस एमपी अहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी और गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोज गुलजार द्वारा दायर जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहीं सामाजिक कार्ककर्ता सीतलवाड़ का कहना है कि राजनीतिक मकसद के चलते उनके खिलाफ यह मामला बनाया गया है। सीतलावाड़ ने दोहराया कि उन्होंने किसी भी तरह फंड का दुरुपयोग नहीं किया। 

गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने पिछले साल जनवरी में सीतलावाड़ और अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर पर दंगा पीड़ितों की मदद के लिए जमा हुए धन का गबन करने का केस दर्ज किया गया था। अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगे में मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाने के लिए फंड जमा हुआ था। हालांकि बाद में स्मारक बनाने की योजना रद्द कर दी गई। सोसायटी के 12 लोगों ने सीतलावाड़ और अन्य लोगों के खिलाफ धन के गबन का आरोप लगाया था। 

28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसायटी पर दंगाइयों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे। गोधरा दंगों के बाद यह घटना घटी थी।

ओबामा IS के खि‍लाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी में

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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कांग्रेस से अपील की है कि वह पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मंजूरी दे. बुधवार को ओबामा ने संकल्प जताया है कि वह आईएस संगठन को हराना चाहते हैं और वे हारने जा रहा हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इराक और अफगानिस्तान को ध्यान में रखते हुए बड़े स्तर पर अमेरिका के जमीनी स्तर के बड़े युद्धक अभियानों की संभावना को खारिज कर दिया. व्हाइट हाउस में ओबामा ने कहा कि मेरा मानना है कि अमेरिका को वापस जमीनी स्तर पर एक और लंबे युद्ध में नहीं उलझना चाहिए. ओबामा ने कहा, 'वह इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि अमेरिका को किसी लंबे जमीनी युद्ध में नहीं उलझना चाहिए.'

हालांकि, ओबामा के ऐसा कहते के बाद कांग्रेस से जो शुरुआती प्रतिक्रिया आई, वह बंटी हुई थी और संशय की स्‍थि‍ति बन गई. रिपब्लिकन सदस्यों ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि उन्होंने जमीनी स्तर पर युद्ध करने वाले बलों के लिए किसी भी दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को नहीं चुना, जबकि डेमोक्रेट सदस्यों ने कहा कि उन्होंने उनकी तैनाती कर देने के द्वार खोल दिए हैं.

ओबामा की इस अपील के बाद अमेरिकी कांग्रेस 13 वर्षों के बाद युद्ध अधिकारों पर किए जाने वाले मतदान की ओर बढ़ रही है. गौरतलब है कि ओबामा की यह अपील ऐसे समय आई है, जब अमेरिकी प्रशासन ने कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी बंधक कायला मुलर (26) की हत्‍या कर दी.



 

बीएसपी के राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा होगा ख़त्म

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यूपी की पूर्व सीएम मायावती की अध्यता वाली पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दिल्ली विधानसभा के चुनाव में दो सीटें और छह फीसदी वोट पाने में नाकाम रहने के बाद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म होना तय हो गया है. निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद यहां बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव में सीट और प्राप्त मतों का लक्ष्य हासिल करने में नाकाम रही बीएसपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिल्ली की शिकस्त के बाद खत्म होना तय है.

बीएसपी को अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म करने के मामले में नोटिस दी जाएगी और इसके लिए चलने वाली प्रक्रिया आगले मार्च तक पूरी होगी. बीएसपी ने दिल्ली की सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. बीएसपी प्रमुख मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में जोरदार प्रचार किया, लेकिन बीएसपी का भी कांग्रेस की तरह खाता नहीं खुला. इतना ही नहीं उसे 1.4 प्रतिशत मत ही मिले, जबकि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने के लिए उसे कम से कम छह फीसद मत चाहिए थे.

बीएसपी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन जाने के बाद उसे मिलने वाली कई तरह की सहूलियतों पर विराम लग सकता है. मसलन चुनाव में प्रचार के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन से मुफ्त में समय नहीं मिलेगा और न ही उसका चुनाव चिन्ह हाथी बरकरार रह पाएगा. इससे पहले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को दो सीटें ही मिल सकी थीं. पार्टी ने एक सीट झारखंड और एक सीट हरियाणा में जीती थी.

बीएसपी को अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने के लिये झारखंड और जम्मू एवं कश्मीर में तीन-तीन सीट और महाराष्ट्र और झारखंड में एक-एक सीट जीतना जरूरी था. बीएसपी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. पार्टी को हरियाणा में 4.4 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 2.2 प्रतिशत मत मिले.

पिछले लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग ने बीएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उसका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया जाए. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने की पहली शर्त चार राज्यों में राज्य पार्टी का दर्जा मिलना आवश्यक है.

बीएसपी को अभी तीन राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में ही राज्य पार्टी का दर्जा हासिल है. बीएसपी को 1997 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था, लेकिन यूपी में 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से उसके प्रदर्शन में हर चुनाव में गिरावट देखने को मिली. पिछले लोकसभा चुनाव में उसे एक भी सीट नहीं मिली, जबकि उसने 300 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. बीएसपी को लोकसभा चुनाव में 4.19 फीसद मत ही मिले थे.

नरेन्द्र मोदी केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।

आप नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को बताया कि प्रधानमंत्री के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से वह शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। बकौल सिसोदिया, मोदी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर खुश होते, लेकिन ऐसा हो नहीं पाएगा, क्योंकि पहले से ही कार्यक्रम निर्धारित हैं।

सिसोदिया ने गुरुवार को केजरीवाल के साथ प्रधानमंत्री मोदी से 7, रेसकोर्स रोड स्थित उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शनिवार को रामलीला मैदान में शपथ लेने वाले हैं।

 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (12 फ़रवरी)

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क्षमता से ज्यादा माल व अधिक यात्री वहन के कारण दुर्घटना की बढती आशंका
narkatiaganj news
नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज अनुमण्डल क्षेत्र में क्षमता से ज्यादा यात्री या भार वहन करने वाले वाहनों का परिचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है। उल्लेखनीय है कि गाँव से शहर तक छोटे-बड़े वाहन क्षमता से अधिक लोड लेकर बेखौफ चल रहे हैं। यात्री सुविधा के नाम पर महज औपचारिकता पूरी की जा रही है, किन्तु इस अपराध पर मानों प्रशासन की नज़र ही नहीं है। यात्रियों की भीड़ के कारण प्रायः वाहनो की छत पर सवारियों को बैठाया जाना आम बात है। जिसके कारण कौन वाहन कब और कहाँ दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता। नरकटियागंज से रामपुर मिशन, नरकटियागंज से बेतिया, बल्थर, सिकटा, सहोदरा, भिखनाठोरी, रामनगर, लौरिया, पिंडारी और इनरवा समेत अन्य मार्ग पर क्षमता से ज्यादा सवारी और भार वाहन का परिचालन जारी है। स्थानीय प्रशासन व परिवहन विभाग द्वारा कभी समय से जाँच नहीं किया जाता, जिससे इस प्रकार के वाहनों की संख्या सड़को पर बढ़ती जा रही है। 
अवैध भेण्डरो पर रोक लगाने में विफल रेल प्रशासन से एमपी नाराज
नरकटियागंज(पच) वाल्मीकिनगर सांसद सतीश चन्द्र दूबे नरकटियागंज स्टेशन पर महिनों पूर्व स्टेशन अधीक्षक से मिलकर यात्री समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया। सांसद ने स्टेशन अधीक्षक से कहा कि प्लेटफार्म पर अवैध भेण्डर कैसे काम कर रहे है। स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि आपको परेशानी नहीं होगी तो सांसद ने कहा कि उनसे रेल यात्रियों को काफी परेशानी होती है। सांसद श्री दूबे ने यह भी कहा कि आप मेरी फिक्र ना करे मेरे अंगरक्षक व गार्ड अवैध भेण्डरों को इर्द गिर्द फटकने नहीं देते। समस्या तो तब होती है जब गाड़ी के रूकते ही अवैध भेण्डर डिब्बे के दरवाजे पर यात्रियों के उतरने की फिक्र किये बगैर चढ़ने लगते है। जिससे रेल यात्रियों को काफी परेशानी होती है। भीड़ से भाजपा के किसी नेता ने आवाज दी अरे भाई आप सब उपरी कमाई रोक देंगे तो आरपीएफ वाले और स्टेशन अधीक्षक को भूखे मरेंगे! संभवतः सांसद इन शब्दों को नहीं सुन पाए, उसके बाद आगे बढ़ने पर किसी ने एक चुटकी और ली कि आपकी पार्टी के लोग ही तो एसएस और आरपीएफ को सम्भालते है। कई माह बीत गये लेकिन अवैध भेण्डरों से यात्रियांे को निजात नही मिली।
बीएड प्रशिक्षुओ ने पाठ्य योजना पूरी होने पर किया समारोह
नरकटियागंज(पच) शहर के उच्च विद्यालय में टीपी वर्मा काॅलेज के बीएड प्रशिक्षु द्वारा पाठ्य योजना का बीस दिवसीय कार्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसका शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर डाॅ अनन्त झा, वशिष्ठ नारायण उपाध्याय अनन्त, आलोक रंजन, भोंट चतुर्वेदी और महम्मद मनीर ने किया। अतिथियों ने प्रशिक्षुओं को बताया कि आपने 21 दिन में जो शिक्षण कार्य अभ्यास किया उसे भविष्य में अपने साथ रखेंगे। इसी प्रेरणा के साथ भारत के भविष्य को संवारने का काम करेंगे। प्रशिक्षुओ में अतुल कुमार, महम्मद गौहर, मनीष कुमार, कृष्णा कुमार, अखिलेश कुमार, सुधांशु कुमार, आलोक कुमार राय, शिवचन्द्र कुमार, मुकेश कुमार, अभिषेक कुमार, मनोज कुमार, संजय कुमार, विनय कुमार, संजय कुमार ठाकुर, सूर्य दिव्यं ने विद्यालय परिवार को प्रशिक्षण के दौरान सहयोग के लिए प्राचार्य महम्मद मनीर को मोमेन्टों प्रदान किया। समारोह की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक महम्मद मनीर और संचालन मुकुन्द मुरारी राम ने कियां।
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