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भाजपा की हार का आर्थिक सुधारों पर नहीं होगा कोई असर : जेटली

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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के विदेश मंत्री के साथ अपने साझा प्रेस कान्फ्रेंस में आज कहा कि दिल्ली चुनाव में हमारी हार के बावजूद हम सुधारों की रफ्तार को धीमा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार सुधारों के रास्ते पर आगे बढने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद हम चार चुनाव जीते हैं और अगर एक चुनाव हार जाते हैं तो इसका यह मतलब नहीं हैं कि हमने जो सुधार शुरू किये हैं, उसे हम रोक देंगे. वित्तमंत्री आज अमेरिकी वित्तमंत्री जेक ल्यू के साथ साझा प्रेस कान्फ्रेंस कर रहे थे. 

उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशकों को भारत में आकर्षित करने में हमारी गहरी रुचि है. उन्होंने कहा कि हम विनिर्माण क्षेत्र में निवेश बढाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के साझा हित में मिल कर काम करना जरूरी है. वित्तमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछले कुछ वर्ष कठिनाई भरे रहे हैं.

वहीं, अमेरिकी वित्तमंत्री जैक ल्यू ने कहा कि भारत और अमेरिका आपसी हित में आर्थिक रिश्तों में अहम प्रगति की है. उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक क्षेत्र में अहम सुधारों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत में निवेश बढाने के लिए प्रयास कर रही हैऔर इसके लिए और भी कई कदम उठाने की आवश्यकता है. 

तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 19 फरवरी तक टली गिरफ्तारी

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गुलबर्ग सोसाइटी फंड गबन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोशल ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है । इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने मामले को उठाया था। तीस्ता के वकील सिब्बल और प्रशांत भूषण ने मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाते हुए कहा था कि यह असाधारण परिस्थिति है और ऐसे में मामले की तुरंत सुनवाई की जानी चाहिए।

गुरुवार को कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय करते हुए तब तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट से तीस्ता को राहत मिली और उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई। मामले की सुनवाई के लिए 19 फरवरी का दिन तय किया गया है।

इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस जे.बी. परदीवाला ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और प्रथम नजर में ऐसा लग रहा है कि इन लोगों ने ट्रस्ट के फंड का इस्तेमाल निजी कामों के लिए किया, इसलिए इन्हें अग्रिम जमानत का सुरक्षा कवच नहीं दिया जा सकता है। तीस्ता ने अनुरोध किया था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील का मौका देते हुए आदेश पर रोक लगाई जाए।

2002 में दंगों में तबाह हुई गुलबर्ग सोसायटी के एक म्यूजियम के फंड का कथित तौर पर गोलमाल के मामले में जांच में तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा जांच में सहयोग न करने का आरोप है। गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी और गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोज गुलजार भी इस मामले में आरोपी हैं।

पेशावर के एक शिया मस्जिद के बाहर धमाके , 10 मरे

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इस्लामाबाद पाकिस्तान के पेशावर में एक शिया मस्जिद पर हुए हमले में 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस हमले में 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तानी न्यूज चैनलों के मुताबिक मस्जिद के बाहर एक के बाद एक तीन धमाके हुए। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। 

जानकारी के मुताबिक पेशावर के हैयाताबाद में शिया मस्जिद पर शुक्रवार शाम को सेना की वर्दी पहने पांच से सात आतंकियों ने यह हमला बोला। मस्जिद में हमले के वक्त जुमे की नमाज चल रही थी।  ये आतंकी फायरिंग और ग्रेनेड फेंकते हुए मस्जिद की ओर दाखिल हुए। इसके बाद उन्होंने खुद को उड़ा दिया। इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई है, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों को हयाताबाद के मेडिकल कॉम्पलेक्स में भर्ती कराया गया है। 

पाकिस्तान की सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है। सेना मस्जिद में सर्च ऑपरेशन चला रही है। सेना को मस्जिद और आसपास के इलाकों में कुछ और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। पाकिस्तान के 'जियो न्यूज'के मुताबिक तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के चेयरमैन इमरान खान खान घटनास्थल की ओर रवाना हुए, लेकिन उन्हें पुलिस ने वापस लौटा दिया।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (13 फ़रवरी)

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कन्या मध्य विद्यालय में पाठ्य योजना के समापन पर समारोह

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पच) नरकटियागंज टीपी वर्मा काॅलेज के बीएड पाठ्यक्रम के प्रशिक्षु  छात्राओं ने राजकीय कन्या मध्य विद्यालय नरकटियागंज में 20 दिवसीय पाठ्य योजना के तहत बालिकाओं के बीच शिक्षण कार्यानुभव को प्राप्त किया। पाठ्य योजना के समापन के अवसर पर प्रशिक्षु बीएड छात्राओ ने विद्यालय परिवार को मोमेन्टों प्रदान कर सम्मानित किया। प्रशिक्षु रेणु कुमारी ने बताया कि विद्यालय परिवार के सहयोग के कारण वे अपने अनुभव से बच्चों को पढाने में सफल हो सकी है। बीएड विभाग की पर्यवेक्षिका प्रियंका कुमारी ने बताया कि उनके प्रशिक्षु छात्राओ ने अनुशासनपूर्वक अपने प्राप्त शिक्षा से बच्चियों को लाभान्वित किया। शिक्षण प्रशिक्षण के पाठ्य योजना के उपरान्त कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षक परिवार सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें प्रधान शिक्षक नरेन्द्र नाथ तिवारी, प्रदीप कुमार, अरविन्द तिवारी, प्रमिला श्रीवास्तव, उर्मीला मिश्रा और विजय लक्ष्मी मुख्य रूप से शामिल हुए। पाठ्य योजना के दौरान रेणु कुमारी, एलिजा कौशर, वंदना कुमारी, कुमारी अनुराधा, संजना शुक्ला, संजीदा खातुन, शगुफ्ता परवीन, पल्लवी कुमारी, प्रीति किरण, सुजाता कुमारी, ममता कुमारी, दिव्या और बेबी कुमारी प्रशिक्षु ने अपने प्रतिभा कौशल का परिचय 20 दिनों में दिया। समारोह में महम्मद गौहर और कृष्णा कुमार की उपस्थिति भी देखी गयी।

एजुकेशन जोन का शुभारंभ

नरकटियागंज(पच) शहर के मिश्रा मार्ग में अनुमण्डल क्षेत्र के प्रतियोगी छात्र छात्राओं के लिए एक उचित प्लेटफार्म देने के उद्देश्य से महेन्द्र कुमार पाण्डेय ने एजुकेशन जोन इन्स्टीच्युट की स्थापना की है। जिसका शुभारम्भ डाॅ अनन्त झा बीएड विभागाध्यक्ष टीपी वर्मा काॅलेज ने किया। बकौल श्री झा और परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमन मिश्र प्रतियोगी परीक्षार्थियांे के लिए एजुकेशन जोन नामक इन्स्टिच्युट काफी मददगार साबित होगा। क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के लिए यह संस्था सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। एजुकेशन जोन के संचालक मंजेश गिरी, देवेन्द्र कुमार, ने बताया कि यहाँ बिहार लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिंग, रेलवे और लोक सेवा आयोग समेत प्रतियोगी प्ररीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। संस्था के उद्घाटन के मौका पर डाॅ रामप्रकाश कुशवाहा, विशाल कु.गुप्ता, संदीप मिश्र, बेचू यादव, सदन मिश्र, राजकुमार, देवी लाल और सुबोध जायसवाल मुख् रूप से उपस्थित रहे।

इंसाफ मंच के पहले स्थापना सम्मेलन में दो सौ लोग पटना जाएंगे: बीरेन्द्र गुप्ता

नरकटियागंज(पच) इंसाफ मंच का स्थापना सम्मेलन 15 फरवरी 2015 को पटना क गेट पब्लिक लाईब्रेरी मे होने जा रहा है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए भाकपा माले के राज्य स्थायी समिति के सदस्य वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मणीपुर की इरोम शर्मीला जिस कष्ट से जीवन व्यतीत कर रही है वह मानवता के लिए घातक है। देश में लागू कुछ ऐेसे कानून है जो जनहित में नहीं है उसके खात्मा को लेकर इंसाफ मंच संघर्ष करेगा। उल्लेखनीय है कि एन आई ए नामक कानून की आड़ में पुलिस और सैन्य प्रशासन निर्दोष लोगांे को जेल की सलाखों में डाल देते है। उसके बाद वही प्रशासन कीमती वर्ष बर्बाद करने के उपरान्त उन्हें बाइज्ज्त बरी कर देता है। इस बीच हिरासत में लिया गया निर्दोष भारतीय जवान को जो यातनाएँ मिलती है उसका अंदाजा लगाना मुश्किल हैं। उपर्युक्त सम्मेलन में मैनाटांड के किसान नेता म.बदरूद्दोजा, मुजीब रहमान, कलाम अंसारी, सैयद सहीमुद्दीन समेत करीब दो सौ लोगों के पटना जाने की संभावना है।

21 वर्षीय युवक ने 6 वर्षीया के साथ किया बलात्कार, मानवता हुई शर्मसार

नरकटियागंज(पच) अनुमण्डल के सहोदरा थाना अन्तर्गत पहकौल के एक युवक ने मानवता को शर्मसार कर दिया। मिली खबर के अनुसार पहकौल गाँव के एस धुरवे की 6 वर्षीया मासूम को टहला कर ले आने की बात कह कर उसके नाना के घर से बाहर लेकर कुकृत्य को अंजाम दिया। बताते है कि पहकौल और धनौजी आमने सामने के गाँव है। धुरवे की पुत्री अपने नाना के घर गयी हुई थी। संतू के उसके नाना के घर जाने पर किसी को कोई शक नहीं हुआ। उसने घर के लोगों को बताया कि वह उसे घर पहुँचा देगा। बाद में पीडि़ता के साथ उसने जो कुकृत्य किया उससे मानवीय संवेदना भी शर्मसार हो जाएगी लेकिन उसे शर्म नहीं आई। मासूम के साथ दरिन्दगी ही हद कर दी संतु मांझी के कुकृत्य ने कि उसके रक्तस्राव रूकने का नाम नहीं ले रहा था। उसके बाद घर के लोगों ने मासूम को डाॅ राजीव कुमार से दिखाया। सहोदरा थानाध्यक्ष रामकुमार प्रसाद ने बताया कि एक मासूम 6 वर्षीया चन्दा (काल्पनीक) के साथ पहकौल के ही संतू मांझी ने बलात्कार किया है। सहोदरा थाना में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

मिराक कैपिटल सहारा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी

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भारत के सहारा समूह के साथ वाक-युद्ध जारी रखते हुये अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी मिराक कैपिटल ने कहा है कि वह सहारा के खिलाफ अनुबंध तोड़ने के आरोप में कानूनी कार्रवाई करेगी। मिराक ने यह भी कहा है कि वह अपने खिलाफ निराधार दुष्प्रचार को खत्म करने के लिए भारत के उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेगी।

मिराक ने कल एक बयान में कहा, वह सहारा के खिलाफ अनुबंध तोड़ने, चरित्र हनन करने और उसके साथ कर्ज के सौदे से जुड़ी समस्याओं को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। बयान के अनुसार मिराक समूह सौदे के संबंध में भारत के उच्च न्यायालय में औपचारिक हलफनामा पेश करने की तैयारी में भी है।

सुब्रत राय के नेतृत्व वाले सहारा समूह ने आरोप लगाया है कि मिराक कैपिटल ने उसके साथ 2.05 अरब डॉलर के ऋण सौदे में धोखाधडी और जालसाजी की है। सहारा ने कहा कि उसने मिराक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। मिराक कैपिटल के भारतीय मूल के कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सारांश शर्मा ने कहा कि सहारा की ओर से लगाये जा रहे आरोप तुच्छ हैं और समय बर्बाद करने वाले हैं जबकि सौदे का समय 20 फरवरी को पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि मुकदमे में अदालत का समय बर्बाद करने से पहले तथ्यों की सामान्य जांच और साक्ष्यों की समीक्षा से जारी दस्तावेज की बात निराधार साबित होगी।

मिराक कैपिटल ने कहा है, मिराक कैपिटल समूह निराधार और बहुप्रचारित दुष्प्रचार को खत्म करने के लिए इस समय सहारा समूह के साथ सौदे के संबंध में एक औपचारिक तथ्यात्मक शपथपत्र तैयार कर रहा है, जो भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और उसके साथ साक्ष्य भी रखे जाएंगे।

अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि उसके अधिकारियों को सहारा द्वारा हाल में उठाये गये कानूनी कदमों की जानकारी है। उसने कहा है कि सहारा ऐसा करके सिर्फ समय टालने के लिए हाथ-पैर मार रहा है। मिराक ने सहारा प्रमुख राय पर, खेल खेलने का आरोप लगाते हुये कहा है कि यह अड़गा खड़ा करने की उसकी नयी चाल है। मिराक ने कहा है कि उसके अधिकारियों का मानना है कि यह सौदा पूरा करने के लिए सबसे पहला अवसर उन्हें मिलना चाहिए। मिराक ने सहारा की संपत्तियों की बिक्री की संभावना तलाशने के सुझाव के लिए भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय की सराहना भी की है।

बयान में कहा गया है कि सहारा आज दावा कर रहा है कि उसके पास ऋण जुटाने के लिए और भी विकल्प हैं, जबकि उसकी ओर से इस तरह के 28 प्रयास पहले विफल हो चके हैं। अब मिराक उसकी अड़गेबाजी, दूसरों पर दोषारोपण और अहंकारपूर्ण अनिच्छा का नया शिकार है। मिराक ने कहा है कि इसके बावजूद उसके निवेशक संबंधित संपत्तियों को खरीदने के इच्छुक और उसके लिए समर्थ हैं बशर्ते अदालत उसमें हस्तक्षेप करे।

मिराक कैपिटल ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को जमानत पर छुड़ाने के समूह के प्रयासों में मदद करने की पेशकश की थी। न्यायालय ने सहारा-मिराक सौदे के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया है। लेकिन यह करार टूट गया है क्योंकि बीच में बैंक आफ अमेरिका ने यह रहस्योदघाटन किया कि वह मिराक और सहारा के सौदे में किसी प्रकार से संबद्ध नहीं है, जबकि न्यायालय को बताया गया था कि धन का लेन-देन बैंक के जरिये किया जाना है।


उत्तराखंड की विस्तृत खबर (13 फ़रवरी)

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खरीदो मत, सरकारी जमीन पर करो कब्जा, बहुगुणा के दबाव में सरकार ने दिखाया लोगों को रास्ता
क्रासर.........
  • राज्य में सरकारी जमीन पर कब्जों की आएगी बाढ़, मंत्रियों तक पर लगे हैं इसी तरह के गंभीर आरोप

देहरादून,13 फरवरी। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के दबाव में आई सरकार ने राज्य में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों का रास्ता खोल दिया है। सरकार के इस फैसले से साफ हो गया है कि इस राज्य में जमीन खरीदने के नहीं, बल्कि सरकारी जमीन पर कब्जा करके ही मालिकाना हक मिल सकता है। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि सरकारी जमीन को इस तरह लुटाने का अधिकार सरकार को किसने दिया है ? इस छोटे से राज्य में जमीन की पहले से ही कमी है। पूर्ववर्ती सरकारों ने भी सरकारी जमीन को विकास के नाम पर लुटाने में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन अब तो हालात बे-काबू होते दिख रहे हैं। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने सितारगंज सीट से चुनाव जीतने के लिए जनता के ऐसे वायदे करने में भी गुरेज नहीं किया जिनसे सीधे तौर पर राज्य को नुकसान हो रहा है। मसलन, सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का। अपने कार्यकाल में तो उन्होंने इसे अमलीजामा पहनाया नहीं, अब हरीश की सरकार आई तो उन्हें यह याद आ गया कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए सितारगंज की जनता से कोई वायदा किया था। नतीजा यह रहा कि बहुगुणा से सीएम हरीष रावत  को अल्टीमेटम दे डाला कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वे 15 फरवरी को रुद्रपुर में सरकार के खिलाफ रैली करेंगे। इससे सरकार के सामने संकट और गहरा गया। गौरतलब बात यह है कि इस सरकार के मंत्री और विधायक अपनी जायज और नाजायज मांगों को पूरा करने के लिए इसी तरह के हथियार का पहले भी इस्तेमाल करते रहे हैं। बहुगुणा को सरकार को कमजोरी का पता था सो उन्होंने भी यह तीर छोड़ दिया। नतीजा यह रहा कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर अवैध कब्जा धारकों को भूमिधरी का अधिकार देने का फैसला कर लिया। अब साफ है कि जिन लोगों से सालों पहले सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया, सालों तक उसका उपभोग किया वो लोग अब इन जमीनों के मालिक बन गए हैं और किसी भी समय बेच सकते हैं।

भूमाफियों की बल्ले-बल्ले
सरकार के इस फैसले से भूमाफियों की बल्ले हो गई है। ये लोग अवैध कब्जाधारकों से जमीन औने-पौने दामों में खरीदेंगे और फिर मनमानी कीमतों पर बेचेंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ माफियाओं से अवैध कब्जे वाली जमीनों का सौदा भी अंदरखाने कर लिया है और अब करोड़ों कमाने की तैयारी है। अब इसमें किसकी और कितनी हिस्सेदारी है यह जांच का विषय हो सकता है।

होगी अवैध कब्जों की भरमार
सरकार के इस फैसले से अवैध कब्जा करने वालों को हौसले और भी बुलंद होंगे। गरीबों की गाढ़ी कमाई लेकर कब्जा करवाने वाले सियासतदां अब लोगों को यह आसानी से समझा सकते हैं कि अभी कब्जा कर लो। कुछ समय बाद इसी तरह से भूमिधरी के अधिकार दिला दिए जाएंगे। जाहिर है कि राज्य में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करवाने वालों की पौ-बारह होने वाली है। यहां बता दें कि जमीन पर कब्जे के मामले को लेकर ही एक अफसर का तबादला किया गया है। इस अफसर साफ तौर पर एक मंत्री को कटघरे में खड़ा किया है। यह इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि अवैध कब्जा करवाने में नेताओं का खेल है।

चार माह बाद भी सीएम की घोशणा नहीं आयी काम
  • जौलजीवी में वनराजि बच्चों के स्कूल पर ताला लगने की नौबत
  • 53 बच्चे और 17 षिक्षक-कर्मचारियों का भविश्य संकट में

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देहरादून, 13 फरवरी(निस)।  14 वर्श पूर्व जौलजीवी में वनराजि के बच्चों को षिक्षित करने के लिये बने आवासीय विद्यालय पर आज बन्द होने का खतरा मडराने लगा है। तीन वर्श छः माह से इस विद्यालय को एक रूपया भी बजट के नाम पर नहीं मिला। 14 नवम्बर, 2014 को प्रदेष के मुख्यमन्त्री हरीष रावत ने जौलजीवी मेले में इस विद्यालय को राजकीय बनाने और बजट दिलाने की घोशणा की थी। आज तक यह घोशणा अमल में नहीं आ पायी। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और कनालीछीना,डीडीहाट विकास खण्ड में निवास करने वाली वनराजि जनजाति आदिम जनजाति की श्रेणी में आती है। जंगलों में रहने वाली इस आदिम जाति के बच्चों को षिक्षा से जोड़ने के लिये समाजवादी नेता और पूर्व विधायक हीरा सिंह बोरा ने जौलजीवी में वर्श 2001 को इस आवासीय विद्यालय की स्थापना की। उत्तराखण्ड सरकार की संस्तुति के बाद भारत सरकार से इस विद्यालय को समाज कल्याण द्वारा बजट दिया जाता रहा है। वर्श 2012 से आज तीन वर्श छः माह का समय गुजर गया है बजट के नाम पर इस आवासीय विद्यालय को एक रूपया भी नहीं दिया गया है। विद्यालय के बन्द होने की स्थिति पैदा हो गयी है। इस विद्यालय में षिक्षकांे सहित 17 कर्मचारियों का भविश्य भी बच्चों के साथ संकट में आ चुका है। 16 कमरों के इस भवन में चल रहे आदिम जनजाति के इस आवासीय विद्यालय में 28 लड़कियां तथा 25 लड़के अध्ययन कर रहे है। स्वयं सेवी संस्था द्वारा संचालित आदिम जनजाति के बने इस विद्यालय का राजकीयकरण करने और बजट दिलाने की घोशणा क्षेत्र के विधायक चुने जाने के बाद सीएम हरीष रावत ने की थी। आज तक मुख्यमन्त्री की दो घोशणाओं में से एक भी धरातल में नहीं उतर पाया है। भाजपा के जिला प्रवक्ता और ब्लाक प्रभारी जगत सिंह मर्तोलिया ने षुक्रवार को प्रदेष के राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी के माध्यम से एक पत्र प्रेशित किया। उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति के लिये भारत सरकार ने अलग मंत्रालय तथा उत्तराखण्ड सरकार ने अलग जनजाति निदेषालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति के बच्चे अन्य स्कूलों में जाने से कतराते है। इन्हें अगर जबरन अन्य बच्चों के साथ भेजा जाता है तो ये बच्चे स्कूल जाना ही छोड़ देते है। मर्तोलिया ने कहा आदिम जनजाति के बच्चों के लिये केवल सरकारी सोच से ही नहीं बल्कि मानवतावादी नजरिये से भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से इस मामलें में हस्तक्षेेप करने की मांग की। मर्तोलिया ने कहा कि मुख्यमन्त्री की झूठ रोज सामने आ रही है। अगर सीएम ने बंगापानी में इसका जबाब नहीं दिया तो वे 53 बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जायेंगे।

धारचूला। वर्श 2013 की आपदा के बाद इन बच्चों को 500 रूपये की सहायता मिली। बच्चों ने सहायता से अपने लिये स्कूल के गणवेष बनाये। जिस बच्चे का रूपया बचा तो उसने अपने लिये स्कूल की सामग्री ले ली। आदिम जनजाति के इन बच्चों के षिक्षा व्यवस्था के लिये कोई व्यक्तिगत या संस्थागत मदद के लिये भी आगे नहीं आ रहा है। उत्तराखण्ड सरकार इन बच्चों के प्रति कतई जिम्मेदार नजर नहीं आ रही है।

कृषि, बागवानी, लघु व सूक्ष्म उद्योगों को ऋण स्वीकृति में प्राथमिकता दें बैंक: मुख्यमंत्री

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देहरादून, 13 फरवरी(निस)। उत्तराखण्ड के विकास में बैंक, राज्य सरकार के पार्टनर के तौर पर काम करें। कृषि, बागवानी, लघु व सूक्ष्म उद्योगों को ऋण स्वीकृति में प्राथमिकता दी जाए। कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 52वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य के विकास में बैंको का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा हैं। ऋण-जमा अनुपात में जिलावार विषमता निराशाजनक है। कृषि क्षेत्र को उचित महत्व नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार क्लस्टर आधारित खेती व उत्पादन आधारित खेती को बढ़ावा दे रही है। परंतु आंकडों से ऐसा नहीं लगता कि बैंको द्वारा इस क्षेत्र में सुधार किया गया हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलावार ऋण-जमा अनुपात में विभिन्नता तकलीफदेह है। कई जिलों का ऋण-जमा अनुपात वहां की सम्भावनाओं से काफी कम है। चम्पावत जिले में काॅटेज इंडस्ट्री व कृषि के क्षेत्र में पर्याप्त सम्भावनाएं हैं, परंतु यहां ऋण-जमा अनुपात केवल 29 प्रतिशत है। मैदानी जिलों में आपस में भी बहुत विषमता है। उधमसिंह नगर जिले में 97 प्रतिशत जबकि हरिद्वार जिले में 47 प्रतिशत ही ऋण-जमा अनुपात है। देहरादून जिले की स्थिति भी निराशाजनक है। पूरे राज्य का ऋण-जमा अनुपात केवल 43 प्रतिशत है। इसे सुधारने के लिए बैंको को गम्भीरतापूर्वक हल निकालना होगा। इससे सम्बन्धित लीड बैंको को अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाने में विभिन्न बैंको में आपस में भी काफी विषमता है। एसबीआई, पीएनबी व बीओबी का अपेक्षाकृत प्रदर्शन बेहतर रहा है। इन बैंको को अपना लक्ष्य कुछ और ऊंचा करना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सचिव वित्त को जिलाधिकारियों के साथ ऋण-जमा अनुपात सुधारने की योजना बनाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जन धन योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में खाते खोलने का काम स्वालम्बन योजना से प्रारम्भ किया गया था। 40 प्रतिशत खाते स्वालम्बन के तहत ही खोले गए है। सीएम ने रिपोर्ट में जनधन योजना का विस्तारपूर्वक विवरण न दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने सचिव वित्त से एक योजना बनाने को कहा जिससे जन धन योजना से छूट गए लोगों को खाते खुलवाने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है।  सीएम ने कहा कि ग्रीन एरिया अर्थात सुविधाजनक स्थानों पर कार्यरत बैंकों की परफोरमेंस ग्रे एरिया अर्थात दुरूह जगहों पर स्थित बैंकों की तुलना में कमतर है। उन्होंने कहा कि कनेक्टीवीटी के अभाव में भी बैंक अपनी पहंुच नहीं बढ़ा पा रहे हैं। उन्होंने बीएसएनएल से कनेक्टीवीटी सुधारने की अपेक्षा की। सीएम ने कहा कि राज्य के विकास में बैंक पार्टनर की भूमिका निभाएं। आजीविका जैसी योजनाओं को और आगे बढ़ाने में बैंक मदद कर सकते हैं। हाल ही में सरकार ने महिलाओं को अपना कार्य प्रारम्भ करने के लिए प्रशिक्षण व अनुदान की योजना प्रारम्भ की है। बैंक इसमें भी ऋण व मार्केटिंग के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं। बैठक में सचिव विŸा एमसी जोशी, मुख्य महाप्रबंधक दिल्ली मंडल एसबीआई पल्लव महापात्रा, निदेशक आरबीआई आरएल शर्मा, सीजीएम नाबार्ड सीपी मोहन सहित राज्य सरकार व विभिन्न बैंकों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।  

राज्यपालों के इस 46वें सम्मेलन में राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल 
  • राज्य सरकार द्वारा राज्य में जनहित में कराये जा रहे कार्यों का राज्यपाल ने रखा ब्यौरा

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देहरादून, 13 फरवरी(निस)। राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘राज्यपालों के सम्मेलन’ में उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के समक्ष प्रभावी ढ़ंग से अपनी बातें रखी। राज्यपालों के इस 46वें सम्मेलन में उन्हांेने कहा कि प्रतिकूल जलवायु व विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखण्ड कई क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के लिए उत्तराखण्ड में निहित अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने बताया कि 2013 की आपदा में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त केदारघाटी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के माध्यम से इस क्षेत्र को पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित व आकर्षक बनाने के प्रयास जारी हैं। राज्य की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जनपदों के बार्डर क्षेत्रों की सुरक्षा तथा राज्य की आन्तरिक सुरक्षा को लेकर चिन्तित राज्यपाल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में दुरूस्त सड़कों व आधुनिक संचार व्यवस्थाओं के साथ ही आधुनिक तकनीक व क्षमता से सुसज्जित पर्याप्त सुरक्षा बलों का होना भी जरूरी है। उन्होंने अभिसूचना तंत्र के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त कार्यालय एवं आवासीय सुविधायें बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर भी बल देते हुए कहा कि इसके लिए प्रस्तावित व संभावित धनराशि की व्यवस्था हेतु केन्द्र से प्राथमिकता पर आर्थिक सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील बार्डर एरिया में घुसपैठियों तथा अन्य सभी संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु सीमान्त गाँवों की आबादी के लिए वहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों, सामाजिक ताने-बाने तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बुनियादी सुविधायें व जीविका के पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता को नितान्त आवश्यक बताया। उत्तराखण्ड स्थित, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब तथा पिरान कलियर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों सहित आई.एम.ए, सर्वे आॅफ इंडिया, ओ.एन.जी.सी, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, आयुध कारखानों आदि अनेक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठिानों तथा संस्थानों की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने राज्य में आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से खुफिया और पुलिस बल की क्षमताओं में सुधार को अपरिहार्य बताते हुए ‘पुलिस आधुनिकीकरण योजना’ हेतु केन्द्र सरकार से वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की। राज्यपाल ने, आम नागरिक के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना को एक कारगर योजना बताया और कहा कि उत्तराखण्ड में इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों की तस्वीर उत्साहजनक है। राज्यपाल ने युवाओं की ऊर्जा-शक्ति से राज्य और राष्ट्र निर्माण की संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए कौशल-दक्षता विकास को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। इसी क्रम में उन्होंने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में ‘माडल कैरियर संेटर’ की स्थापना का प्रस्ताव है जो युवाओं को रोजगार के अवसरों के लिए जागरूक करने, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित करके उन्हें उनकी रूचि एवं उपलब्ध रोजगार के अवसरों के अनुरूप रोजगार चयन में मदद करेगा। इससे राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसरों की उपलब्धता को राज्य के समग्र विकास में परिवर्तित किया जा सकता है। सम्मेलन में राज्यपाल ने, ‘राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान’ के तहत महात्मा गाँधी के 150वीं जयन्ती पर स्वच्छ भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राज्य सरकार की गतिविधियों का भी उल्लेख किया। उक्त महत्वपूर्ण विषयों के अतिरिक्त राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष और भी कई मुद्दे चर्चा हेतु रखे गये जिनका लाभ भविष्य में उत्तराखंड को मिल सकता है।

संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख का पद भार मिल सकता है

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एम्स के पूर्व सीवीओ संजीव चतुर्वेदी को केजरीवाल की सरकार अहम जिम्मेदारी दे सकती है. इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के संजीव चतुर्वेदी को मोदी सरकार ने विवादों के बीच पद से हटाया था और कहा था कि फॉरेस्ट सर्विस के होने के कारण वो पद के योग्य नहीं थे. दिल्ली सरकार से खबर ये है कि केजरीवाल सरकार चतुर्वेदी को दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो का चीफ बना सकती है.

आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि, ''हमें दिल्ली में एंटी करप्शन ब्यूरो को बहुत मजबूत करना है, पिछली बार भी हमने यह किया था. चाहें जितने साधन और अधिकारी देने पड़ें. एसीबी को मजबूत करने से भ्रष्टाचार और रिश्वत का बहुत पैसा बचेगा.  हमारी पूरी कोशिश है कि इसके लिए हम ईमानदार अधिकारियों को लेकर आएं. ''मनीष ने कहा, ''इसके साथ ही हम जल्दी से जल्दी भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन को भी शुरु करेंगे. हम कोशिश करेंगे कि संजीव चतुर्वेदी को लाएं, उन जैसे ईमानदार अधिकारी को लाकर दिल्ली को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे.''

मनीष सिसोदिया ने संजीव चतुर्वेदी को लाने पर केंद्र के साथ टकराव की बात से इनकार करते हुए कहा कि, ''केंद्र सरकार के उन्हें  हटाने की वजह अलग हैं. उनको दिल्ली में लाने से केंद्र के साथ कोई टकराव नहीं होगा. वह एक ईमानदार अफसर हैं, उन्होंने हरियाणा में बहुत अच्छा काम किया है. आम आदमी पार्टी की सरकार संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो का प्रमुख बनाना चाहती है. केंद्र सरकार से करेगी बात. संजीव चतुर्वेदी इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी हैं. एम्स के सीवीओ पद से हटाए जाने को लेकर चर्चा में रहे थे.

मोदी सरकार द्वारा एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को हटाये जाने पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल ने उस वक्त सवाल उठाए थे.पद से हटाये जाने की खबर मिलने के बाद संजीव चतुर्वेदी छुट्टी पर चले गए हैं. जून दो हजार बारह में संजीव की नियुक्ति एम्स में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के पद पर हुई थी. उनका कार्यकार चार साल तक दो हजार सोलह तक था लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें पद से हटा दिया गया.

एम्स के जिन चीफ विजिलेंस ऑफिसर संजीव चतुर्वेदी को हटाया गया है वो एक इमानदार अधिकारी माने जाते हैं और कई मौकों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है. एम्स में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था. 3750 करोड़ की लागत से एम्स के विस्तार की योजना में धांधली, सिक्योरिटी एजेंसी को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश को उन्होंने उजागर किया था. इसके अलावा एम्स परिसर में दवा स्टोर को लेकर फर्जीवाड़े के खिलाफ भी उन्होंने कार्रवाई की थी. एम्स में फर्जी कर्मचारियों की नियुक्ती पर भी संजीव चतुर्वेदी ने सवाल उठाए थे. एम्स के चीफ विजिलेंस ऑफिसर बनने से पहले संजीव चतुर्वेदी हरियाणा में तैनात थे. हरियाणा में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला था.

दिल्ली में निशाने पर मिशनरी संस्थान

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दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी नाराज हैं। आजकल दिल्ली के बदमाशों का हौसल्ला सातवें आसमान पर आ जाने से है। इनके साॅफ्ट टारगेट चर्च और स्कूल बन रहे हैं। 3 माह के दरम्यान 6 वारदातों को अंजाम देकर सनसनी पैदा कर दिए हैं। इन वारदातों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को हिलाकर रख दिया है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को काॅल किया। पीएम मोदी के सामने हांफते-हांफते पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी पहुंचे।चर्चा के दौरान चर्च और स्कूलों में वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को कार्रवाई करने का आदेश दिया।

आखिर मतलब क्या है?ः सत्ता परिवर्तन होने के बाद दिल्ली में चर्च और स्कूलों पर हमला होने लगा। ऐसा प्रतीक हो रहा है कि सत्ताधारियों से भी सहयोग मिल रहा है।इस लिए देखते ही देखते 5 दिसम्बर 2014 को वसंत कुंज स्थित चर्च पर हमला कर दिया गया। चर्च को आग के हवाले कर दिए। ईसाइयों के पवित्र समानों को नष्ट कर दिए। महज दो दिनों के बाद 7 दिसम्बर को अन्य जगह में वारदात कर दिए। विकासपुरी में स्थित सेक्रेट हार्ट चर्च में 14 जनवरी 2015 को हमला कर दिए। 2 फरवरी को संत स्ट्रेफन चर्च में हमला कर दिए। तमाम वारदातों के आलोक में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी कार्रवाई करने का आश्वासन दिए। 

और बदमाशों ने आश्वासनों को हवा में ही उड़ा दिएः केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दिए। इन दोनों के द्वारा दिए गए आश्वासनों को बदमाशों ने हवा में उड़ा दिए। इस बार बदमाशों ने 13 फरवरी को होली चाइल्ड आक्जीलियम स्कूल में हमला कर दिए। 6 सीसीटीवी तोड़ दिए। गोदरेज को तोड़कर 12 हजार रू. ले उड़े।तमाम वारदातों को देखकर स्कूल की प्राचार्या सिस्टर लूसी का कहना है कि चोरी की वारदात है। धार्मिक चीजों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। आज स्कूल को बंद रखा गया है। 

तभी अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत और अमेरिका में चिंता व्यक्त किएःगणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत आने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने धार्मिक कटुता को चरम पर नहीं पहुंचाने का नसीहत दिए। यहां से अमेरिका जाने के बाद भी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत को नसीहत दिए। इस नसीहत से ही पीएम मोदी परेशान हो गए हैं। विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा भी ओबामा की नसीहत को याद दिलवाया जाता है। इस बीच होली चाइल्ड आक्जीलियम स्कूल में ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केसरीवाल पहुंचे। स्कूल की प्राचार्या से मिलकर अफसोस जताया। इसके बाद मौके वारदात केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी भी आ पहुंचीं। 

वसंत कुंज क्षेत्र में बवाल करने वालों पर लगाम लगाने की जरूरतः जी हां, वसंत कुंज क्षेत्र में बहाल पुलिसकर्मियों पर शिकंजा कसा जाना ही चाहिए। जो अपने क्षेत्र के अल्पसंख्यक ईसाइयों के दिलो दिमाग में व्याप्त खौफ को दूर नहीं कर पा रहे हैं। इनके अंदर के डर को दूर करने में नाकामयाब हो रहे हैं। मुस्तैद रहने की जरूरत है। अभी बदमाशा तो हादसे को अंजाम दे रहे हैं। इस हादसे के आगे आने वाले लोगों को मौत के घाट उतारने में पीछे भी नहीं रहेंगे। इसी लिए जरूरती है कि इस क्षेत्र में नियमित पुलिसिया गश्ती लगे। मिशनरी फादर और सिस्टरों के साथ बैठक करें और रणनीति के अनुसार कार्य करें।




आलोक कुमार
बिहार 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (13 फ़रवरी)

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स्वाईन फ्लू नियंत्रण के तमाम प्रबंध सुनिश्चित करें -कलेक्टर श्री ओझा

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कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिला टाॅस्क फोर्स समिति की बैठक में कहा कि जिले मंे स्वाईन फ्लू नियंत्रण के तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। उन्होंने सर्दी, जुकाम से पीडि़त मरीजो पर विशेष नजर रखने और उनकी कैस स्टेडी संधारित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि स्वाईन फ्लू की अफवाएं ना फैले इसके लिए हर संभव जन जागृति कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। उन्होंने आमजनों को स्वाईन फ्लू रोकथाम के नियंत्रण एवं सावधानियांे से अवगत कराने की भी अपेक्षा व्यक्त की। सिविल सर्जन सह अधीक्षक डाॅ मंजू जैन ने बताया कि जिला चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक-8 में स्पेशल सेल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक जिन मरीजों के थ्रोट स्वाब, नेसल स्वाब परीक्षण के लिए भेजे गए थे वे सभी निगेटिव पाए गए है। जिला चिकित्सालय में बनाएं गए स्वाईन फ्लू कक्ष में चैबीस घंटे चिकित्सक मौजूद रहते है। स्वाईन फ्लू रोधक दवाईयां पर्याप्त मात्रा में भण्डारित है। स्वाईन फ्लू के जिला नोड्ल अधिकारी डाॅ संजय खरे ने कहा कि स्वाईन फ्लू से डरे नही उन्होंने स्वाईन फ्लू कैसे होता है, उसके बचाव और क्या-क्या सावधानियां बरते की बिन्दुवार जानकारी दी। डाॅ खरे ने बताया कि स्वाईन फ्लू का वायरस जैसे-जैसे तीव्र गर्मी पड़ती है अपने आप नष्ट होने लगता है। उन्होंने भीड़-भाड़ वाले इलाकों में विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया। डाॅक्टर खरे ने बताया कि भोजन करने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं, नाक को हाथ से बार-बार ना रगड़े। डाॅक्टर खरे ने स्वाईन फ्लू के लक्षणों के संबंध में बताया कि इसे तीन केटेगरी ए,बी,सी में बांटा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस दौरान बताया कि जिला चिकित्सालय की तर्ज पर सभी खण्ड चिकित्सालयों, पीएससी और सीएससी में भी एक-एक स्वाईन फ्लू नियंत्रण कक्ष संचालित किए जा रहे हैं। आमजनों में जागरूकता लाने के लिए जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन सतत् जारी हंै। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की सर्दी, खांसी हो तो चिकित्सक से अवश्य परामर्श प्राप्त करने के उपरांत दवाईयां लें। 

स्वाईन फ्लू की जानकारी
स्वाईन फ्लू बीमारी इन्फ्लूएन्जा ‘ए’ (एच1एन1) वायरस से होेती है, यह वायरस मनुष्य में ड्रोपलेट इन्फेक्शन से फैलता है, वायरस का इंक्यूबेशन पिरेड एक से सात दिन तक होता है, वायरस सख्त एवं ठोस जगह पर 24 से 28 घंटो तक जीवित रहता है, वायरस कपड़ो एवं पेपर पर 8 से 12 घंटो तक साथ ही हाथो पर 15 मिनिट तक जीवित रह सकता है। 

प्रकरण परिभाषा
संदिग्ध व्यक्ति वह होगा जिसको बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी गले में खराश एवं सांस लेने में तकलीफ साथ ही सात दिन के अन्दर संभावित एवं कन्फर्म स्वाईन मरीज के सम्पर्क में आने पर या कैसे स्थानों की यात्रा की हो जहां स्वाईन फ्लू के प्रकरण हो रहे है या ऐसे स्थानो पर निवास किया हो जहां एक या एक से अधिक प्रकरण हुए हों। 

स्वाईन फ्लू (एच1एन1) से बचने के उपाय
मुंह एवं नाक को कपड़े से ढ़कना एवं खांसने वाले से दूरी बनाएं रखना, हाथो को नियमित रूप से साबुन से अच्छी तरह धोना तथा भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचना, संतुलित एवं पोष्टिक भोजन का सेवन करना, हाथो से, आंख नाक एवं मुंह छूने से बचना, बच्चों को बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ के लक्षण होने पर उन्हें स्कूल भीड़ वाले स्थान में न भेजे, लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार ले। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया के अलावा समस्त बीएमओ एवं निकायों के अधिकारी तथा निजी चिकित्सकगण और स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चैहान द्वारा पत्रकार श्री मौर्य के निधन पर शोक व्यक्त

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने विदिशा के पत्रकार श्री पूरन सिंह मौर्य के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। श्री मौर्य प्रदेश टाइम्स के विदिशा ब्यूरोचीफ थे। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने दिवंगत आत्मा की शांति तथा श्री पूरन सिंह मौर्य के परिजन को यह दुःख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना ईश्वर से की है।

निराश्रितों का सहारा बना संुदर सेवा आश्रम

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए विदिशा के श्यामा प्रसाद मुखर्जीनगर में अपनी मां के नाम से सुंदर सेवा आश्रम की स्थापना वर्ष 2002 में की जब वह विदिशा सांसद थे।सांसद रहते हुए क्षेत्र के दौरे के दौरान बेसहारा एवं गरीब बच्चों को स्थानीय व्यक्तियों ने आर्थिक सहायता दिलाए जाने का अनुरोध किया था। उनके भविष्य और लालन-पालन को देखते हुए श्री शिवराज सिंह चैहान ने विदिशा में आश्रम स्थापित कराया देखभाल, सुरक्षा के लिए कामगार महिला को और मोहर सिंह एवं उसके परिवार को आश्रम में रखा। वर्तमान में छह बच्चियाँ रह रही हैं जिसमें रिंकी, रेखा, भारती, प्रीति, सुमन और राधा शामिल हंै। आश्रम की सबसे बड़ी बेटी सोना जो विवाह होने से गुरूवार को आश्रम से विदा हुई है। खोआँ गांव के एक मजदूर की बेटी सोना की तकदीर उस समय चमकी थी, जब तत्कालीन सांसद श्री शिवराज सिंह चैहान उस गाँव में दौरे पर गए थे। सात साल की उम्र मंे मां का साया सिर से उठ जाने और पिता के घर छोड़कर कहीं चले जाने के बाद वह जैसे तैसे दिन काट रही थी, उसकी परवरिश के लिए ग्रामीणो ने श्री शिवराज सिंह चैहान से आर्थिक मदद की गुहार लगाई, तो वह तत्काल तैयार हो गए। वे सोना को अपने संुदर सेवा आश्रम ले गए। तब से अब तक उसकी परवरिश इसी आश्रम में हुई। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने आश्रम में रह रही बालिकाओं की शिक्षा की तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए हंै। सभी बच्चियाँ निजी विद्यालय अग्रवाल एकेडमी में अध्ययनरत हैं। उनकी कोचिंग की व्यवस्था की गई है। आश्रमवासी रेखा ने दसवीं की सीबीएससी बोर्ड परीक्षा में 87 प्रतिशत अंक हासिल कर आश्रम का नाम रोशन किया है। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह आश्रम की नियमित देखभाल कर रही हैं। प्रत्येक बुधवार को आश्रम में आकर बच्चियों से रू-ब-रू होकर उनका हालचाल पूछती हैं। वहीं बच्चियों को जिस चीज की आवश्यकता होती है उसकी पूर्ति कराती हंै। कई बार श्रीमती साधना सिंह बच्चियों को अपने साथ बाजार लेकर आवश्यक वस्तुएँ जैसे कपड़े, किताबंे, जूते, चप्पल इत्यादि स्वंय दिलाती हंै। श्रीमती साधना सिंह हर त्यौहार बच्चियों के बीच रहकर मनाती हैं। त्यौहारो पर बच्चियों को मिठाई और उपहार देती हंै। वहीं बच्चियों का जन्म-दिन भी उत्साह से मनाया जाता है। आश्रम की सभी बच्चियाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान और उनके पुत्रांे को रक्षाबंधन के दिन राखी बाँधती हंै। मुख्यमंत्री अन्य स्थान पर व्यस्त होते हंै तो आश्रम की बच्चियाँ भोपाल आकर रक्षाबंधन के पर्व को मनाती हैं। नवरात्रि में मुख्यमंत्री श्री चैहान इन बच्चियों को भोपाल में ही अपने पास रखते हंै। देवियों की प्रतीक कन्याओं की पूजा करते हंै। आश्रम में रह रही बच्चियांे को सदैव पारिवारिक वातावरण मिल रहा है। कालोनी के अन्य रहवासी भी समय-समय पर इन बच्चियों की हौंसला अफजाई करते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देते हैं। इस बात का भी अहसास नहीं होने देते हैं कि उनका कोई सहारा नही हंै।

ईव्हीएम मशीनो का प्रथम स्तरीय रेण्डमाइजेशन आज

 त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2015 के तृतीय चरण तहत जिले के विकासखण्ड सिरोंज, नटेरन एवं लटेरी के मतदान केन्द्रों पर मतदान हेतु उपयोग में लाई जाने वाली ईव्हीएम मशीनों का प्रथम स्तरीय रेण्डमाइजेशन 14 फरवरी को किया जाएगा। कि जानकारी देते हुए विदिशा उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रेण्डमाईजेशन कार्य जिला निर्वाचन कार्यालय (सामान्य) विदिशा में दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है। 

मैं कठपुतली की तरह काम करूंगा, यह नितीश की भूल थी: मांझी

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जेडी(यू) नेता नीतीश कुमार द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर जीतन राम मांझी के चयन को अपनी भूल मानने की बात पर मांझी ने शुक्रवार को कहा कि यह उनकी भूल नहीं बल्कि महाभूल थी। मांझी ने यहां कहा, 'मैंने राजीनति में 34 साल बिताए और मंत्री, विधायक के रूप में कई पदों पर काम किया। उन्होंने यह मानकर भारी भूल की कि मैं उनकी कठपुतली की तरह काम करूंगा।'

नीतीश कुमार पर कोई टिप्पणी करने से अब तक बच रहे मुख्यमंत्री मांझी ने कहा, 'यह सच है कि पिछले साल मई में मुख्यमंत्री बनने के बाद एक-दो महीने तक मुझे उनसे जो भी निर्देश मिलते थे मैं उस पर अमल करता था, लेकिन इस पर लोगों ने मुझे रबड़ स्टैंप मुख्यमंत्री और कुमार द्वारा रिमोट से चलाए जाने वाला मुख्यमंत्री कहना शुरू कर दिया।'उन्होंने कहा, 'लेकिन शीघ्र ही मेरे आत्मसम्मान ने मेरे विवेक को झकझोरना शुरू कर दिया। मैंने गरीबों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना शुरू किया जो उन्हें और उनके आसपास के लोगों को पसंद नहीं आया।'

1980 में कांग्रेस विधायक से अपने चुनावी करियर की शुरुआत करने वाले मांझी ने कहा, 'मैं गरीब जरूर हूं पर स्वाभिमान रखता हूं।'उन्होंने कहा कि गरीबी की बात करके और उनके लिए कुछ कार्यक्रमों की घोषणा करके कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कहा, 'मैंने समाज के एक बहुत बड़े हिस्से (दलित और महादलित जिनका बिहार में 22 फीसदी से अधिक मत है) का वोट जेडी(यू) के प्रति एकजुट किया ताकि वे अब और इधर-उधर न जाएं बल्कि हमारे साथ रहें।'

मांझी ने कहा कि जब उन्होंने कई मंत्रालयों में बिचौलियों पर कार्रवाई की तब समस्या खड़ी होने लगी। दरअसल ये बिचौलिये विकास की रकम का एक बहुत बड़ा हिस्सा निगल जाते थे। उन्होंने कहा, 'पार्टी प्रवक्ता और कुछ मंत्रियों ने मेरे खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी की और जब मैंने उनसे पूछा कि क्या यह उनकी रजामंदी से ऐसा हो रहा है तो उन्होंने चुप्पी साध ली।'मांझी के साथ मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह भी थे।

48 घंटे में नीतीश मांझी को हटवाना चाहते थे- केशरीनाथ त्रिपाठी

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केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा, ''नीतीश कुमार जो कहना चाहें, उसे कहने के लिए वह स्वतंत्र हैं, लेकिन जनता को गुमराह नहीं होना चाहिए. नीतीश कुमार जी चाहते थे कि मैं 24 या 48 घंटे के अंदर जीतनराम मांझी जी को हटा दूं लेकिन यह संविधान संवत नहीं होता.''उन्होंने आगे कहा, ''मैंने कहा है कि जब 20 फरवरी को दोनों सदनों में राज्यपाल के भाषण के बाद जब विधानसभा अलग से बैठेगी तो सबसे पहले मुख्यमंत्री को अपने पक्ष में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे और उस पर मतदान होगा.''

बिहार के राज्यपाल ने कहा, ''मैंने कानून केअनुरूप और सुप्रीम कोर्ट के सभी नियम कायदे पढ़कर 9 तारीख के बाद 11 को यह फैसला ले लिया है. इसलिए जल्दी में उतावलेपन ने इस तरह आरोप लगाने और राजनीतिक बयान देने की नीतीश कुमार जी को जरूरत नहीं  राज्यपाल के इस बयान के पीछे की कहानी ये है कि कल नीतीश ने राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वो दिल्ली की लिखी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं. नीतीश की नाराजगी ये है कि राज्यपाल ने मांझी को बहुमत साबित करने के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया है. नीतीश 130 समर्थक विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड करा चुके हैं. आज मांझी ने सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.

बिहार के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा है. 20 फरवरी को गुप्त मतदान के जरिए बहुमत का फैसला हो सकता है. राज्यपाल के फैसले से नाराज नीतीश कुमार ने बीजेपी पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है. नीतीश ने कल कहा, ‘‘ पहले राज्यपाल की ओर से फैसला करने में देरी और उसके बाद उन्हें (मांझी) अधिक समय देना यह प्रदर्शित करता है कि यह दिल्ली में लिखी गई पटकथा के अनुरूप किया गया है और खरीद-फरोख्त के लाइसेंस पर अमल करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है.’’

अपने चिर प्रतिद्वन्द्वी मोदी पर निशाना साधते हुए जदयू नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह फैसला उच्चतम स्तर पर किया गया. यह मांझी के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद शुरू हुई. राज्यपाल पहले सहमत थे कि शक्ति परीक्षण जल्द होना चाहिए. लेकिल मांझी की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद चीजें बदल गई. यहां पटकथा लिखी गई.’’


बिहार का मुख्यमंत्री कौन ? जीतनराम मांझी या नीतीश कुमार ?
इस सवाल का जवाब 20 फरवरी को मिल सकता है. बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने माझी सरकार को इसी दिन अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा है. सूत्रों के मुताबिक बहुमत की परीक्षा के लिए गुप्त मतदान का तरीका अपनाया जा सकता है. नीतीश कुमार अपने साथ 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं जो मौजूदा बहुमत के आंकडे से 12 ज्यादा है.

जीतनराम मांझी के साथ फिलहाल जेडीयू के 12 विधायक हैं. उन्होंने बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी से सहयोग मांगा है. बीजेपी मांझी के बहाने नीतीश पर तो निशाना साध रही है लेकिन मांझी को समर्थन देने के मुद्दे पर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है.

वाराणसी में दो दिवसीय जन उत्सव कार्यक्रम की शुरुआत

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वाराणसी, 13 फरवरी।पैक्स कार्यक्रम ;डीएफआइडी भारत सरकारद्ध ग्राम्या संस्थान एवं सहभागी शिक्षण केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय जन उत्सव कार्यक्रम का आयोजन कटिंग मेमोरियल स्कूल नदेसर परिसर में हजारों लोगों की साझेदारी में आयोजित किया गया। यह उत्सव स्वंसेवी संगठनों, समुदाय एवं पंचायत प्रतिनिधियों,महिलामंडलो,सामुदायिकसंगठनों, मिडिया प्रतिनिधयों, दानदाता संस्थाओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों का साझा संगम रहा। यह उत्सव समाज में बंचित जन समुदाय, महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य,पोषण, आजिविका,शिक्षा आदि पर पैक्स कार्यक्रम के अन्तर्गत वाराणसी जनपद के चार विकास खण्डों के लगभग 400 गांवों में किये गये प्रयासो, सफलता की कहानियो, चुनौतियों एवं आये बदलाव को साझा करने एवं आगे की दिशा तय करने के मौके के रुप में आयेजित किया गया । जन उत्सव की अनौपारिक शुरुआत ग्राम्या संस्थान की सुश्री विन्दु सिंह द्वारा प्रतिभागियों के स्वागत से किया गया।जन उत्सव कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा0 ज्ञानप्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एम0पी0 चैरसिया, डा0 वीवी सिह, डा0 ए0के0 मौर्या, पैक्स कार्यक्रम के राज्य प्रबंधक प्रशान्त कुमार, सामाजिक कार्यकर्ताओं राजनाथ, सुश्री पल्लवी एवं सुश्री विन्दु सिंह द्वारा संयुक्त रुप से  दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते एवं पैक्स कार्यक्रम के प्रतिनिधि नीतेश मिश्रा ने कार्यक्रम के उद्ेश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो विभिन्न कार्यक्रम हासिये पर छूट गये लोगो के लिए चलाये गये है वो मुद््दे कौन से है संघर्ष की स्थिति उपलब्धियां, सफलताएं एवं आगे की रणनीति को सामने लाना ही इस जन उत्सव का प्रमुख मकसद है। उत्सव को सम्बोधित करते पैक्स कार्यक्रम प्रबंधक प्रशान्त कुमार ने राष्ट्ीय, राज्य एवं समुदाय स्तर पर बंचित समुदायों के आजिविका , स्वास्थ्य शिक्षा, रोजगार, भूमि अधिकार, पंचायत सशक्तिकरण,एवं जेण्डर समानता अदि मुद्दों पर पैक्स कार्यक्रम के अन्तर्गात किये जा रहे प्रयासों को तथा शासन-प्रशासन, समुदाय,स्वंसेवी संगठनों के साथ पैक्स के साझेदारी से संयुक्त अभिक्रम की सम्भावनाओं को विस्तर से रखा। तदोपरान्त वाराणसी में पैक्स के साझीदार संस्थाओं ग्राम्या संस्थान एवं सहभागी शिक्षण केन्द्र की ओर विभिन्न पहलों एवं उपलब्धियों को विस्तार से रखा गया।इसी क्रम में बडा़ गांव, एवं चोलापुर से समुदाय की ओर से रेशमा, संगम,पवि़त्री,छंगो आदि ने आप बीती घटनाओं, संघर्षेा एवं सफलताओं केा सदन के सामने रखा गया। जन उत्सव को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एमपी चैरसिया ने कहा कि सरकार तथा विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को ले कर संकल्पित हैं । इस आयोजन के लिए हम संस्थाओं को बघाई देते है और आश्वस्थ करना चाहते है कि बंचित परिवारों तक स्वास्थ्य सेवाओं का रास्ता सुगम हो तथा स्वस्थ्य समाज का सपना सकार हो सके। इस मैाके पर समाजसेवी राजनाथ सिंह ने कहा कि समुदाय द्वारा उठाई गयी समस्याओं को यहां उपस्थि स्वास्थ्य विभाग के अघिकारियों को गम्भीरता से लेना होगा और एक संयुक्त प्रयास स्वंसेवी संस्थाओं,समुदाय संगठनो, पचायतो एवं मिडिया तथा शासन के साझेदारी से करना होगा। जन उत्सव को सम्बोधित करते संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा0 ज्ञानप्रकाश ने पैक्स कार्यक्रम के द्वारा किये जा रहे प्रयासेा की सराहना करते हुए कहा कि आज इस जन उत्सव में लोगों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर हम संजीदगी से पहल करेगे। जन उत्सव में लवी, सोनाली, महिमा, सबाना आदि ने समाजिक गाीतो की प्रस्तुती की वही वी के राय ने जन अभियान गीत प्रस्तुत किया।  जन उत्सव को सम्बोघित करने वालों में सुरेन्द्र, डा0 एके मौर्या, डा0 बीबी सिंह,पल्वी,आदि ने सम्बोधित किया।दो समानान्तर सत्र चला कर समुदाय की भगीदारी एवं विभिन्न संदर्भब्यक्तियो बी के राय, राजदेव चतुर्वेदी द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य, पोषण, बीमा योजना आदि पर चर्चाएं की गयी। सत्रो का संचालन बिन्दु सिंह ने किया। 

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गामीण क्षेत्रों मे भी स्वासथ्य सेवा कांे बेहत करने का  हम अपने स्तर पर कहा कि समाज में बदलाव के लिए  सामुदाय द्वारा किये गये प्रयास को साझा करने, तथा अपनी मांग को सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के सामने रख कर सामाजिक मुददो को सरकार एवं विभाग के बीच रख कर उसके समस्याओं को दूर कराने  का पहल किया जायेगा। जनसंगठनों को चाहिए कि  सरकारी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर समस्याओं का निदान कराने पहल करने की जरुरत है। पैक्स के राज्य प्रबंधक प्रशान्त कुमार ने बताया कि प्रदेश के 17 जनपदों में जनसंगठन बना कर समाज की बुनियादी आवश्यकताओं पूरा करने में सहयोग प्रदान कर रहे हे। आज इस सममेलन में उपस्थित जनसंगठन के लोगा अपने हक के लिए संघर्ष कर तमाम जन समस्याओं को दूर करने मे सफलता हासिल की है। 

केजरीवाल ने रामलीला मैदान में शपथ ली

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आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को उप राज्यपाल नजीब जंग ने शनिवार को रामलीला मैदान में दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। केजरीवाल के बाद उनके करीबी सहयोगी और पटपड़गंज के विधायक मनीष सिसोदिया ने शपथ ली। पूरी संभवाना है कि उन्हें केजरीवाल सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। मंत्री पद की शपथ लेने वाले अन्य 5 विधायक हैं आसिम अहमद खान, संदीप कुमार, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय और जितेंद्र सिंह तोमर। इस मौके पर अपने भाषण में कजरीवाल ने कहा कि 5 साल में दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे। 

'आप'ने एक साल बाद शानदार वापसी करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की है। दिसंबर 2013 विधानसभा में पहली बार चुनाव लड़ने वाली आप को 28 सीटों पर जीत मिली थी और इसने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन दिल्ली लोकपाल विधेयक पारित न करा पाने का हवाला देते हुए उन्होंने ने 49 दिन बाद ही पिछले साल 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

शपथ ग्रहण समारोह के बाद केजरीवाल ने पिछली बार की तरह भाषण भी दिया है। उन्होंने कहा, 'हम सौभाग्यशाली हैं कि ऊपर वाले ने हमें अपने काम के लिए चुना है। 70 में से 67 सीटें किसी आदमी की मेहनत से नहीं मिल सकती है।'उन्होंने इस मौके पर पार्टी के नेताओं को अहंकार से बचने की हिदायत दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा,'कांग्रेस और बीजेपी को जनता ने अहंकार की सजा दी है। कुछ दिनों से टीवी पर देख रहा है कि हमारे नेता कह रहे हैं कि हम यहां का चुनाव लड़ेगे, वहां का चुनाव लड़ेगे। उनकी बातों में मुझे कहीं न कहीं अहंकार दिखता है। मैं कहना चाहता हूं कि 5 साल तक दिल्ली में रहूंगा और यहां की सेवा करूंगा।' 

केजरीवाल ने कहा कि 49 दिनों की सरकार में भ्रष्टाचार खत्म हो गए थे और भ्रष्टाचारी घबराने लगे थे। उन्होंने पिछली बार की तरह ही जनता से कहा कि दिल्ली में अब कोई घूस मांगे तो इनकार मत कीजिएगा, सेटिंग कर लीजिएगा और रिकॉर्डिंग करके हमें भेज दीजिएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम जल्द ही हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मीडिया से भी आग्रह किया कि वह समयसीमा को लेकर दबाव न बनाए। उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, मीडिया के लोग माइक लगाकर पूछते हैं कि जनलोकपाल कब पास करेंगे, मैं उनसे कहता हूं कि जनता ने हमें 5 साल दिए हैं और इस अवधि में हम सारे वादे पूरा करेंगे। 

पिछली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए केजरीवाल मेट्रो से रामलीला मैदान पहुंचे थे, लेकिन इस बार वह गाजियाबाद स्थित अपने घर से गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे। साथ चल रही गाड़ियों में मंत्रिमंडल के सहयोगी और पार्टी के अन्य पदाधिकारी सवार थे। ऐतिहासिक रामलीला मैदान को शपथ ग्रहण समारोह के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। रामलीला मैदान में करीब तीन हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिनमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी के जवान शामिल हैं। मंच की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के सुरक्षा दस्ते पर है। 

मैदान की सुरक्षा के लिए वहां और उसके आसपास 76 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। दो निगरानी इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमे एक में 51 कैमरों और दूसरे में बाकी 25 कैमरों पर नजर रखी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि मैदान और उसके आसपास मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और पहली बार 60 बैग स्कैनर लगाए गए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने गलती ही नहीं महागलती कर दी : मांझी

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jitan ram manjhi
पटना। यह भी कालचक्र है। अपने अतीत के बारे में एक मुख्यमंत्री को जगजाहिर करना पड़ रहा है।राजनीति के मैदान में 34 साल से हूं।कभी मगध सिडिकेंट के सदस्य रहे। लोक सेवाकार्य सूबे के उप मंत्री और मंत्री के रूप में रह कर किए।लोकसभा के चुनाव में जनता के द्वारा जदयू को नकारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदत्याग कर दिए।इसके बाद महादलित मुसहर वर्ग के बेटे जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। तब से जदयू के कार्यक्रमों को लागू करते चले गए। 

मुख्यमंत्री बनाकर महागलती कर दिएः आम आदमी के द्वारा जदयू को नकारने के बाद नैतिकता की दुहाई देकर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिए। अब कहते हैं कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर गलती कर दिए। इस पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि गलती ही नहीं,बल्कि महागलती कर दिए हैं। बस रबड़ स्टांप बनाकर रखना चाहते थे पूर्व मुख्यमंत्री। कठपुतला बनकर रहने से कार्य नहीं कर पा रहे थे। अब बंधन से मुक्त हूं। इसके आलोक में विकास कार्य प्रगति पर है।सभी क्षेत्र में कल्याण और विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय भूमिहीनों को 3 डिसमिल जमीन के बदले 5 डिसमिल जमीन दे रहे हैं।जमीन क्रय करने के लिए 20 हजार रू.देने की स्वीकृति प्रदान किए। अब तो एमबीआर पर जमीन खरीद कर आवासहीनों को जमीन दी जा रही है। इसे शहर और गांव में भी लागू किया जा रहा है। 

जब खुलकर मुख्यमंत्री ने सवाल उछालाः अगर (नीतीश कुमार) आपको कुर्सी से प्रेम है। तो सहजता से बोल देते। उसी समय कुर्सी छोड़ देते। मगर आप भीष्म पितामह बन गए। अपने प्रवक्ताओं के सहारे जीतन राम मांझी के खिलाफ आग उगलवाते रहे।  आखिर इस परिस्थिति का जनक कौन है? यह सब मामले को देखकर ही स्वाभिमान जाग उठा।सभी तबके के लोगों का विकास होने लगा। एमएलए और अफसर भी सहजता से मुलाकात करने लगे। तब जाकर सभी लोगों के सहयोग से सरकारी दफ्तरों में मक्खियों की तरह भिनभिनाते बिचैलियों का अंत कर दिए। इसके बाद ठेकेदारों पर भी नकेल कंसने लगे। तब यह परिणाम सामने है। लगभग 10 हजार करोड़ रू. ठेकेदारों के पास चला जाता है। इनको 10 प्रतिशत काॅन्ट्रैक्ट बेनेफिट भी दिया जाता था। अब ठेकेदारी में भी एससी/एसटी को आरक्षण दिया जा रहा है। 3 और 4 श्रेणी में आरक्षण दिया जा रहा है। पब्लिक सेंटर में कार्य करना चाह रहे थे। अब दूसरी बार समय मिलने पर और अधिक कार्य करेंगे।

20 फरवरी को विधान सभा में विश्वास मत हासिल करेंगे?ः मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कहते हैं कि 20 फरवरी को बिहार विधान सभा में विश्वास मत हासिल करेंगे। सभी दलों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है।अगर विश्वास मत प्राप्त नहीं कर सकें तो तत्क्षण इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि जीतन राम मांझी हाॅर्स ट्रैडिंग कर रहे हैं। इस संबंध में कहते हैं कि मैं तो फकीर का बेटा हूं। किस तरह से विधायकों को खरीद फरोख्त कर सकते हैं। महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के समक्ष लगभग 100 विधायकों की परेड करवाए। इनको आलिशान होटलों में रखा गया। प्रति विधायक लाखों रू. खर्च कर रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि टिकट लेना है विधान सभा में पहुंचने के लिए। तब खुद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवैधानिक पद पर आसीन महामहिम राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से 48 घंटे के अंदर मत विभाजन करने का आग्रह करने लगे। इस पर महामहिम ने व्यवस्था दी है कि 20 जनवरी को ही वजट सत्र 20 फरवरी से विधान मंडल की बैठक आहुत होने वाली है। इस दिन महामहिम विधान मंडल को संबोधित करेंगे। इसके बाद मत विभाजन होगा। अब देखना है मझधार में मांझी की नाव का परिणाम क्या होता है?



आलोक कुमार 
बिहार 

विशेष : दिल्ली कांग्रेस में बगावती स्वर

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congress blast
दिल्ली में जमीन झाड़ पराजय के बाद भी कांग्रेस पार्टी सबक लेने को तैयार दिखाई नहीं दे रही है। इस अप्रत्याशित पराजय को लेकर दिल्ली के पिछले और इस चुनाव में कांग्रेस के केन्द्र बिन्दु बने शीला दीक्षित और अजय माकन के बीच तो ऐसा लगने लगा है कि दोनों के बीच सीधी लड़ाई का सूत्रपात हो चुका है। जहां शीला दीक्षित ने खुले रूप में अजय माकन के चुनाव अभियान को नाकाफी बताया है, वहीं माकन भी सीधे शब्दों में कांग्रेस की शीला दीक्षित के पन्द्रह वर्षों के कार्यकाल को दोषी ठहरा रहे हैं। दोनों के बीच इस प्रकार की बयानबाजी होना, निसंदेह यह तो साबित करता ही है कि कांगे्रस की इस शर्मनाक हार को किसके मत्थे मढ़ा जाए। अजय माकन वर्तमान में अपने भविष्य को लेकर सशंकित दिखाई देने लगे हैं, मात्र इसी कारण उन्होंने शीला दीक्षित के कार्यकाल को दोषी बताकर यह बताने का प्रयास किया है कि मैं स्वयं तो कांग्रेस का बहुत ही काबिल नेता हूं, लेकिन शीला के कारण ही चुनाव हारे हैं। माकन ने तो यह भी कहा था कि शीला दीक्षित अगर चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की बात नहीं करतीं तो इतनी बुरी स्थिति नहीं होती। उनको संभवत: यही लगा होगा कि शीला दीक्षित के ऐसा बोलने के कारण ही शीला के समर्थकों ने अघोषित रूप से अरविन्द केजरीवाल का समर्थन ही किया है।

कांग्रेस के एक धड़े में यह सुगबुगाहट भी होने लगी है कि शीला दीक्षित ने अंदरूनी तौर पर केजरीवाल से हाथ मिला लिया है, क्योंकि स्वयं शीला भी इस बात से डरी हुई हैं कि कहीं नई सरकार उनके खिलाफ चल रहे घोटालों के मामलों को उजागर करते हुए कार्रवाई न कर दे। कहा जाता है कि इसका मोर्चा स्वयं शीला दीक्षित ने अपने सांसद पुत्र संदीप दीक्षित को आगे करके संभाला। हम जानते हैं कि संदीप दीक्षित ने कांग्रेस के प्रचार अभियान में सक्रिय भूमिका नहीं निभाई। इसीलिए ही कांग्रेस में ही इनकी भूमिका को लेकर कई प्रकार के सवाल उठने लगे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि शीला और माकन में हुए इस झगड़े को लेकर सोनिया गांधी भी काफी चिन्तित हैं, उन्होंने साफ कहा है कि इस प्रकार की बयानबाजी नहीं करें।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब सभी राजनीतिक दलों में आत्म मंथन और आत्म विश्लेषण का दौर शुरु हो चुका है, तब देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस में हार पर रार मची हुई है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस की कमान संभालने वाले अजय माकन के बीच जिस तरह की बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप या कहें 'वार युद्धÓ हो रहा है वह भी कम चौंकाने वाला नहीं है। कांग्रेस में मचे घमासान कांग्रेस पार्टी के भविष्य को बांचने के लिए काफी है। नि:संदेह अल्प समय की राजनीतिक यात्रा करने वाली आम आदमी पार्टी को दिल्ली चुनाव में मिला जनादेश सभी राजनीतिक दलों के लिए आंखें खोलने वाले हैं। दिल्ली चुनाव में देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल का पूरी तरह सफाया हो गया और भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। राजनैतिक विश्लेषक भाजपा की इस हार को मोदी की हार बता रहे हैं जो किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। दिल्ली चुनाव में भाजपा की हार पर पार्टी ने मंथन शुरु कर दिया है और पार्टी उन कारणों पर भी गौर करेगी जिनके चलते उसे पराजय का मुंह देखना पड़ा। ये कारण पार्टी के अंदरुनी और बाहरी दोनों ही हैं। भाजपा समेत सभी राजनैतिक दलों को सोचना होगा कि मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग कैसे आम आदमी पार्टी के पक्ष में चला गया। बहरहाल इस चुनाव में कांग्रेस की जो दुर्दशा हुई उससे पहले कभी नहीं हुई।

दिल्ली विधानसभा कई महत्वपूर्ण प्रश्न भी छोड़ गया है। क्या देश में कांग्रेस मुक्त भारत की तस्वीर बन रही है? क्या आम आदमी पार्टी आने वाले समय में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर उभरेगी? लोकसभा और दिल्ली विधानसभा के हाल ही में हुए चुनाव के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ा। दिल्ली चुनाव में तो वह गिनती से भी बाहर हो गई। जाहिर है लोकसभा और पिछले विधानसभा चुनाव और हाल के दिल्ली विधानसभा चुनावों से कांग्रेस ने कोई सबक नहीं लिया। कांग्रेस के जो अंदरुनी हालात है, उनसे लगता भी नहीं है कि पार्टी में बदलाव और आत्ममंथन का दौर शुरु होगा। कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरु हो गई थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद इस मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। वंशवाद की लीक पर चलने वाली कांग्रेस के लिए मुश्किल यह है कि नेतृत्व परिवर्तन उसे गवारा नहीं है। चुनाव परिणाम के बाद निराशा के दौर में जी रहे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांगे्रस के मुख्यालय पर प्रियंका के समर्थन में या कहें राहुल के विरोध में प्रदर्शन भी किया, लेकिन सोनिया गांधी जबरदस्ती राहुल को ही कांगे्रस पर थोपने का मन बना चुकीं हैं।

लोकतंत्र की ताकत यही है कि मतदाता राजनीतिक दलों में भी लोकतंत्र की अपेक्षा रखता है। ऐसे में कांग्रेस किसी भी स्तर पर मतदाता के सोच के पैमाने पर फिट नहीं बैठती है। सच तो यह है कि कांग्रेस राज में मतदाता इस पार्टी को मजबूरी में ढो रहा था। देश में दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद जो राजनैतिक परिदृश्य सामने आया है, उससे यह साफ हो गया है कि इस देश में कांग्रेस बीते दिनों की बात हो गई है। हालांकि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में ही कांग्रेस मुक्त भारत की घोषणा कर दी थी। देश के राजनैतिक परिदृश्य में मतदाताओं द्वारा सिरे से खारिज कर दी गई कांग्रेस का भविष्य क्या होगा यह सवाल भी लोगों के जेहन में है। हार के बाद कांग्रेसियों में हो रही जूतम-पैजार कब तक जारी रहेगी। अगर यही हालत रहे तो कांग्रेस से टूटने और उसके वजूद को खत्म होने में कोई नहीं रोक सकता है।






---सुरेश हिन्दुस्थानी---
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

विशेष आलेख : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए गंभीर प्रयास ज़रूरी

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rural education in india
सीबीएससी सहित देश भर के सभी स्कूलों में इस समय  वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। यह परीक्षाएं न केवल छात्रों के मानसिक विकास को मापने का एक माध्यम है बल्कि स्कूल की गुणवत्ता को जांचने का एक प्रमुख स्रोत भी है। प्रायः देखा गया है कि जिन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं अर्थात पुस्तकालय और कमरे की सुविधा, शिक्षकों की पर्याप्त संख्या और खेल के मैदान उपलब्ध हैं, उन स्कूलों के बच्चे अपेक्षाकृत शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक विकसित होते हैं। इन्हीं बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए 2010 में केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया था। परंतु करीब पांच वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी देश के कई सरकारी स्कूलों में इन्हीं बुनियादी सुविधाओं का लगभग अभाव है। एक ओर जहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक शिक्षा प्रणाली को चुस्तदुरुस्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा और शिक्षण संस्थानों का इस कदर दिवालिया निकल चुका है कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य प्रभावित होता नज़र आ रहा है। 
        
ऐसी कमी देश के ग्रामीण विशेषकर दूरदराज़ और सीमावर्ती क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में देखने को अधिक मिलती हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि सरकार की ओर से शिक्षा से जुडी योजनाएं देश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू करने की मंशा रहती है। लेकिन न जाने किन कारणों से ऐसी योजनाएं  गांव के स्कूलों में शत प्रतिशत लागू नहीं हो पाती है और सरकार की मंशा धरी की धरी रह जाती हैं। दरअसल यह ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ मीडिया की नज़र बहुत कम पहुँचती है। परिणामस्वरूप योजनाओं के क्रियान्वयन की जि़म्मेदारी पूछने वाला कोई नहीं होता है। ऐसा ही एक सरकारी स्कूल पाकिस्तान की सीमा से सटे नड़याली गांव में है। जहाँ पिछले 48 वर्षों से पूरा स्कूल मात्र दो कमरों में ही संचालित हो रहा है। जम्मू के पुंछ जिला अंतर्गत सुरनकोट के मरहोट स्थित गवर्नमेंट मिडिल स्कूल नड़याली को 1967 में स्थापित किया गया था। दो कमरों से इसकी पढाई शुरू हुई और आज तक न तो अन्य कमरों का निर्माण कराया गया और न ही इसकी मरम्मत कराई गई। परिणामस्वरूप आज इसकी हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि दीवारें गिरने की कगार पर आ गई हैं। खिड़कियां सड़ चुकी है और दरवाज़ों का नामोनिशान मिट गया है। इसे देख कर ऐसा लगता है जैसे यह मुगलिया दौर की कोई इमारत है जिसका कोई मालिक आज मौजूद न हो। स्कूलों के ढांचागत सुधार के लिए प्रत्येक स्कूल को स्कूल फंड से राशि उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस स्कूल को दिया जाने वाला फंड कागज़ों तक ही सीमित रह जाता है। 
          
वर्ष 2005 में इस स्कूल को मिडिल स्कूल का दर्जा मिला अर्थात प्राइमरी से मिडिल का दर्जा पाने में इसे 35 वर्ष लग गए। ऐसे में यहाँ के अभिभावकों को इतेज़ार है कि कब अगले 35 वर्ष गज़रे  और इसे हाई स्कूल का दर्जा प्राप्त हो। मात्र दो कमरों में सभी कक्षाएं चलवाना संभव नहीं हो सकता है ऐसे में छात्रों को खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर होना पड़ता है। वर्षा और बर्फबारी के दिनों में बच्चे किस प्रकार पढ़ाई करते होंगे इसका केवल अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है। अपने नौनिहालों की तकलीफों को देखते हुए 2008 में स्थानीय अभिभावकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने ज़ोेरदार धरना भी दिया था। जिसके बाद उन्हें स्कूल के लिए अतिरिक्त कमरे बनवाने का आश्वासन भी दिया गया। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी आश्वासन ज़मीन पर नहीं उतर पाया है। इस स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले कई छात्र बाद में सरकारी सेवा में अपना योगदान दे चुके है और सेवानिवृत भी हो गए लेकिन इस खंडहर इमारत की दशा जस की तस बनी हुई है. 
           
प्रायः देखा गया है कि निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूल के भवन जर्जर और कहीं कहीं तो खंडहर हालत में होते हैं। जिन सरकारी स्कूलों की हालत कुछ बेहतर होती है तो उनका उपयोग शैक्षणिक कार्य से अधिक सामाजिक और निजी कार्यों के लिए अधिक होता है। या तो इन्हें लोकसभा, विधानसभा अथवा पंचायत चुनाव के दौरान मतदान केंद्र के रूप में उपयोग किया जाता है या फिर प्राकृतिक आपदा के दौरान यह स्कूल की जगह आश्रय स्थल में तब्दील हो जाता है। कई बार ऊँची रसूख वाले इस स्कूल को शादी-ब्याह के आयोजन स्थल के रूप में भी बेधड़क इस्तेमाल करते हैं। सरकारी स्कूलों की बुरी दशा के पीछे नौकरशाही और दोषपूर्ण प्रबंधन भी प्रमुख रूप से जि़म्मेदार है। कई जगह इन स्कूलों को स्थानीय विकास समितियों के साथ जोड़ दिया गया परंतु यह शिक्षा का मंदिर बनने की जगह राजनीति का अखाड़ बन गया है। शिक्षा का अधिकार क़ानून लागू होने के बाद बेशक स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का क्या, जिसके बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना हक़ीक़त नहीं बन सकती है। अब समय आ गया है कि हम उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने से पहले प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ बनाये और शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं पर अधिक ध्यान दें अन्यथा यह खोखली बुनियाद पर ऊंची इमारत तैयार करना नई पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ से अधिक कुछ नहीं होगा। 





इम्तियाज़ अहमद भट्टी
(चरखा फीचर्स)

मुकेश अम्बानी और शीला दी‍क्षित पर भ्रष्‍टाचार का मामला फिर चलेगा : सिसोदिया

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दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। केजरीवाल सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने जा रहे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने यह संकेत दे दिया है कि 49 दिनों की शासनकाल के दौरान किए गए सारे मामलों को आगे बढ़ाया जाएगा। मनीष सिसोदिया ने कहा कि शनिवार को शपथ लेने वाली दिल्ली की आप सरकार पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और उद्योगपति मुकेश अंबानी एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर आगे बढ़ेगी। जब सिसोदिया से पूछा गया कि पिछले साल आप सरकार द्वारा मुकेश अंबानी और तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी तथा दीक्षित के खिलाफ भी आरोपों पर आगे कदम बढ़ाया जाएगा, उन्होंने जवाब दिया, 'बिल्कुल, निश्चित तौर पर।'

पिछले साल 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल एक बार फिर 14 फरवरी को मुख्मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। अपने पिछले कार्यकाल में केजरीवाल ने केजी बेसिन की प्राकृतिक गैस के दामों में वृद्धि में कथित साठगांठ को लेकर मोइली, उनके पूर्ववर्ती मुरली देवड़ा (जिनका निधन हो गया है) और आरआईएल प्रमुख मुकेश अंबानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके अलावा उनकी सरकार ने वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेल के दौरान स्ट्रीट लाइटों की खरीद में घोटाले की भी जांच का आदेश दिया था। इस घोटाल में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की भूमिका संदेह के दायरे में है।

सिसोदिया ने कहा कि आप सरकार उन सभी मामलों को फिर से खोलेगी, जिन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।बिजली की दरें 50 फीसदी घटाने के 'आप'के चुनावी वादे पर उन्होंने कहा कि यह जल्द किया जाएगा।

विशेष : विश्‍व क्रिकेट का सिरमौर बनेगा भारत !!!

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world cup cricket
विश्‍व क्रिकेट के 11वें महाकुम्‍भ का शंखनाद हो चुका है ।क्रिकेट ही ऐसा खेल है जिसमे बादशाहत कायम करने के लिए मुकाबला तो केवल चौदह टीमों के बीच होता है लेकिन दुनियां के बड़े हिस्‍से का माहौल क्रिकेटमय हो जाता है ।क्रिकेट भले इग्‍लैण्‍ड मे जन्‍मा और दूसरे देशों मे इसकी शाखाऐं अंग्रेजों ने फैलायी लेकिन ये आज भारतीय उपमहादूीप मे अपने जन्‍म स्‍थान से कहीं ज्‍़यादा लोकप्रिय है ।भारत और पाकिस्‍तान मे तो क्रिकेट दोनों देशों मे दरार पाटने का भी काम करता है जिसे साकारें अक्‍सर क्रिकेट कूटनीति के रूप मे परिभाषित करती रहती हैं ।यही वजह है कि क्रिकट के मैदान मे जब भी भारत और पाकिस्‍तान के बीच मुकाबला होता है तो मैदान के बाहर दोनो मुल्‍कों के लोग खिलाड़ियों से कहीं ज्‍़यादा हार – जीत का गुणा भाग करते दिखते हैं ।दोनो देशों के क्रिकेट शौकिनों के लिए इससे बेहतरीन मौका नही हो सकता जब विश्‍व क्रिकेट मेले के आगाज के दूसरे ही दिन भारत और पाकिस्‍तान के बीच आस्‍ट्रेलिया के खूबसूरत मैदान एडिलेड मे मुकाबला हो रहा है ।ये पहला मौका है जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय टीम के हर सदस्‍य से अलग – अलग मुलाकात करके जीत की शुभकामनाएं दी हैं ।यही नही उन्‍होने दक्षेस देशों के उन राष्‍ट्र प्रमुखों से भी बात करके एक नई शानदार परम्‍परा डाली है जिन मुल्‍कों की टीमें आस्‍ट्रेलिया वा न्‍यूजीलैंड की संयुक्‍त मेजबानी मे हो रहे विश्‍व कप टुर्नामेंट का हिस्‍सा हैं ।इस सिलसिलें मे तमाम तनाव के बावजूद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से उनकी टेलीफोन बातचीत को कूटनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है ।हमेशा अकड़ और धेखा देने के मौके की तलाश मे रहने वाला पाकिस्‍तान इसे किस ढ़गं से लेता है ये तो बाद मे पता चलेगा ।लेकिन आज इस सबसे बेफिक्र दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने विश्‍व कप के अभियान की शुरूआत करेगें ।ये सहज और स्‍वाभाविक है कि मुकाबला रोचक होगा लेकिन इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि भारत , पाकिस्‍तान को आसानी से हरा देगा ।आंकड़े ना केवल भारत के पक्ष मे है वरन जीतने का जज्‍़बा ,टीम भावना ,खिलाड़ियों का प्रर्दशन और प्रतिभा मे भी भारत भारी है ।
                       
विश्‍व कप के आगाज़ के साथ अब बात केवल पाकिस्‍तान पर जीत के लिए नही हो रही है वरन देश के क्रिकेट प्रेमी इस उम्‍मीद मे हैं कि एक बार फिर विश्‍वकप ट्राफी भारत आयेगी और तीसरी बार विश्‍व विजेता बनने का गोरव हासिल होगा ।यह भी सही है कि टीम इंडिया ने पिछले कुछ समय से अपने नाम और प्रतिभा के अनुरूप मैदान मे प्रर्दशन नही किया है ।आस्‍ट्रेलिया का तत्‍कालीन दौरा भी निराशाजनक रहा है और इतने बड़े अभियान पर निकलने से पहले टीम की पुख्‍ता रणनीतिक तैयारी नही हो सकी है ।टीम संयोजन और अंतिम ग्‍यारह के खिलाड़ियों के फार्म को लेकर भी विशेषज्ञ संतुष्‍ट नही हैं ।देश की पेस बैटरी के पास प्रभावशाली रफ्तार तो है लेकिन बड़े मैचों के दबसव से निपटने की पूरी काबलियत अभी उनमे नही आ सकी है ।बललेबाजी मे सचिन तेंदुलकर ,सहवाग और युवराज सिहं जैसे बड़े नाम भी इस बार टीम को हौसला देने के लिए नही हैं ।भज्‍जी का दूसरा और जहीर का यारकर और राहुल द्रविड़ की दीवाल भी इस बार नही है ।लेकिन इन खिलाड़ियों के बदले टीम मे लिये गये खिलाड़ियों मे जरूर कुछ खास होगा जिससे उनको देश का प्रतिनिधित्‍व करने का मौका मिला है ।दुनियां भर के तमाम क्रिकेट विशेषज्ञ अपने अनुभव और टीम की काबलियत के आधार पर ही तो आखिर भारत को विश्‍व कप का प्रबल दावेदार मान रहें हैं ।गैरी कर्स्‍टन ,शेनवार्न , रविशास्‍त्री ,इयान चैपल से लेकर अपने जमाने के महान खिलाड़ियों ने आशंकाओं के बावजूद देश के खिलाड़ियों को चैम्‍पियन बताया है ।हमें ये नही भूलना चाहिए कि भारत विश्‍व कप का पिछला विजेता है और जब बात देश के आन , बान और शान की हिफाजत की आती है तो फिर भारत से खतरनाक कोई टीम नजर नही आती है ।हर खिलाड़ी देश के लिए अपना सर्वश्रेठ देता है ।अतीत के तमाम प्रर्दशन इस बात के गवाह हैं कि भारतीय रणबाकुरों ने कमाल का खेल दिखा कर सारे कयासों को पलट दिया था ।सन 1983 का विश्‍व कप से बड़ी कोई मिसाल इस मामलें मे मौजूद नही है ।एक दिवसीय मैच मे कम आंकी जाने वाली टीम ने जिम्‍बाबवे के खिलाफ हरा हुआ मैच जीता और ताकतवर वेस्‍टइंडीज़ को धूल चटा कर विश्‍व कप देशवासियों को समर्पित कर दिया था ।ये ऐसा ख्‍वाब था जिसे देखने की हिम्‍मत पहले भारत जैसी टीमें नही जुटा सकी थी ।
                
क्रिकेट आज वैसा खेल नहीं रहा, जैसा किसी जमाने में हुआ करता था। इस तेजी से बदलती दुनिया में या दूसरे व्यवसायों की तुलना में यह कहीं तेजी से बदला है और इसने जान से ज्यादा जोर लगाने और धीरज खोने के जुनून का रूप ले लया है। क्रिकेट अब हर जगह मौजूद रहता है, टेस्ट सीरीज छोटी हो गई हैं और उन्हें अधिक आसानी से भुला दिया जाता है। एक दिन के मैच फॉर्मूले से चलते हैं और सितारे ब्रांड का रूप अख्तियार कर चुके
हैं और ब्रांड बिकने के लिए होते हैं, ख्वाबों को संजोने के लिए नहीं । इसीलिए हर चार साल में एक बार विश्व कप इतना अहम हो जाता है । वैसे तो दो शताब्दियों से खेले जा रहे क्रिकेट के खेल में विश्व कप की उम्र सिर्फ 40 साल है, लेकिन आज यह अतीत से हमारा सबसे मजबूत रिश्ता बन चुका है । हमें भले ही यकीनी तौर पर यह अंदाज न हो कि सपनों का संसार क्या है, लेकिन जिस किसी ने कभी भी एक न एक दिन विश्व कप जीतने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने लायक खून-पसीना बहाया है वह यह ख्वाब देखने का हकदार है। अगर उसने एक बार यह कप जीता है तो कांटे की लड़ाई के इस दौर में जब अगली चुनौती अचानक आ खड़ी होती हो तो वह एक बार फिर इसे जीतने का सपना देखता है।इस लिए अगले सात हफ्तों तक महेंद्र सिंह धोनी और उनके साथियों के कंधों पर विराट जिम्मेदारी है। उन्हें सिर्फ भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की अपेक्षाओं का बोझ ही नहीं उठाना है, बल्कि क्रिकेट के जिस फॉर्मेट के विश्व कप टूर्नामेंट में वे उतर रहे हैं, उसे अनिश्चितताओं से भी निकालना है। क्रिकेट के जुनून वाले इस देश को उम्मीद यही है कि 29 मार्च को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में आईसीसी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी धोनी ही उठाएंगे। भारतीय टीम इस लक्ष्य की ओर मजबूती से बढ़ी तो संभवत: वन-डे क्रिकेट को लेकर जारी आशंकाएं भी निर्मूल हो जाएंगी।इस बार भारत की टीम पिछली टीमों से कतई कमजोर नही है ।लगातार 140 किलो मीटर की गति से गेंद फेंकने वाले तीन गेंदबाज , कैरम बाल के खसियत वाले अश्‍विन और फिरकी के दो महारथी टीम मे हैं । विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के अलावा वनडे मे सबसे बड़ी पारी का रिकार्ड अपने नाम करने वाले रोहित शर्मा के साथ कई नाम हैं जो बल्‍लेबाजी को धार देतें हैं । लेकिन इस सबसे बढ़ कर विपरीत परिस्थितियों को परास्त करना ही धोनी की विशेषता है। और यही इस देश की उम्मीदों का आधार भी है1मैदान पर शान से फहराता तिरंगा झण्‍डा और प्रधान मंत्री मोदी के साथ करोड़ों देशवासियों की शुभकामनाएं भी उन्‍हें बेहतर प्रर्दशन के लिए प्रेरित करेगीं ।मंगल विजय की तरह 29 मार्च को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर भारत विश्‍व क्रिकेट का बादशाह बनेगा ।
                          




** शाहिद नकवी **

ए.आई.एस.एफ का 30 घंटों का भूख हड़ताल 18 फरवरी को

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  • दरभंगा हाउस की बदहाली दूर करने एवं मूलभूत सुविधाओं की बहाली को लेकर ए.आई.एस.एफ का 30 घंटों का भूख हड़ताल 18 पफरवरी को 

darbhanga house
दरभंगा हाउस परिसर की बदहाली के खिलापफ एवं परिसर में मूलभूत संविधाओं की बहाली को लेकर आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स पफेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध ने पुनः आंदोलन का ऐलान किया है। 18 पफरवरी से दो दिवसीय भूख हड़ताल शुरू होगा। विúविú प्रशासन द्वारा पहल नहीं किए जाने पर भूख हड़ताल 30 घंटे तक जारी रहेगा। स्वच्छ पेयजल-  ज्वपसमज की सुनिश्चितता, कैंपस प्लेसमेन्ट, डश्रडब् में लैब, रिक्त स्थानों पर शिक्षक कर्मियों की बहाली जैसे सवालो को लेकर ।प्ैथ् ने विगत 2 पफरवरी को सम्मेलन बुलाया था तथा विúविú प्रशासन को 10 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। विúविú प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर।

आज दरभंगा हाउस इकाई के उपाध्यक्ष विकास कुमार की अध्यक्षता में बैठक दरभंगा हाउस परिसर में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 18 पफरवरी से दो दिवसीय भूख हड़ताल दरभंगा हाउस राजा ब्जाल में किया जाएगा। ।प्ैथ् ने पटना  विúविú अधिकारियों को पत्रा भेज भूख हड़ताल की जानकारी भेजते हुए ठोस कार्रवाई की मांग की है। साथ ही समाधान नहीं मिलने पर चरणब( आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

बैठक में ।प्ैथ् के राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्य पार्षद राकेश कुशवाहा पटना विúविú सचिवमंडल सदस्य गोलू कुमार, दरभंगा हाउस सचिव प्रिंस कुमार, सह सचिव मनोज कुमार एवं अवकाश कुमार, पंकज कुमार, रामकृष्ण तथा समसरोवर सहित दर्जनों छात्रा शामिल थे।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (14 फ़रवरी)

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दो दिवसीय संत शिरोमणि रविदास जयन्ती समारोह सम्पन्न
  • लछनौता में महात्मा बुधई बाबा ने कराया मंदिर निर्माण

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नरकटियागंज(पच) अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड अन्तर्गत लछनौता पंचायत के पोहरा (मुसटोली) लछनौता के मुसहरों के गाँव में महान संत रविदास की जयन्ती पर आयोजित दो दिवसीय समारोह श्रद्धापूर्वक सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और भजन कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजक संत रविदास मंदिर के निर्माता महात्मा बुधईबाबा ने बताया कि वे दलितों के अलावे समाज के कमजोर लोगों के उत्थान के लिए समर्पित हंै। जयन्ती समारोह के शुभारम्भ के अवसर पर बाबा सतनाम ने दीप प्रज्जवलित किया। उसके पूर्व महान संत रविदास के मंदिर में विधिवत प्राण प्रतिष्ठा किया गया। मुख्य अतिथि बाबा सतनाम के साथ अम्बिका बैठा, पूर्व सरपंच हरिहर राम, महात्मा बुधई बाबा के शिष्य भरत राम, पारस राम, सुरूज साहनी की उपस्थिति में भजन कीर्तन का आनन्द लिया। महात्मा संत बुधई बाबा ने दलितोत्थान के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है। पोहरा-लछनौता में दलित संत शिरोमणि रविदास के मंदिर के उद्घाटन के दो दिवसीय कार्यक्रम में अतिथियांे ने संत रविदास के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे दलित समाज को हिन्दू संस्कृति के अन्तर्गत रखते हुए सम्मान देने की वकालत वक्त किये, जिस समय अस्पृश्यता चरम पर था और हिन्दूत्व खतरे में था। उन्होंने कहा था कि ईश्वर सबका है, ईश्वर सबसे एक समान प्रेम करता है। ऐसे में दलित हमारे समाज के अभिन्न अंग है। जिस समय दलितों पर अत्याचार चरम पर था उस समय संत शिरोमणि रविदास ने समाज के दलितो को सनातन समाज से टूटने से रोका। भारतीय समाज में व्याप्त कुरीति के विरूद्ध रविदास ने अभियान चलाया, जिसका कथित ब्रह्मणवादियों ने विरोध भी किया। इस पवित्र कार्यक्रम के दौरान सर्वजीत राम, सुरेश राम, बैद्यनाथ राम, सीता राम, मंभू राम, अकलू मांझी और चंचल गुरू की उपस्थिति सराहनीय रहीं।

शहीदों की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ से लोग परेशान, प्रशासन मौन

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नरकटियागंज(पच) वतन के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर शहीद वीर सपूतों ने यह सपना नहीं देखा होगा कि उनकी प्रतिमाओं को भी आने वाली पीढ़ी सम्मान नहीं देगी। जिस तरह से महात्मा गाँधी की प्रतिमाएँ बना उसकी आत्मा को नेताओं ने देश निकाला दे दिया है, उसी प्रकार वीर सपूतों की आत्मा भी आज का मंजर देखकर मानों आँसू बहा रही होंगी। स्थानीय विधायक रश्मि वर्मा को हाई स्कूूल चैक पर स्थित अमर शहिद सरदार भगत सिंह और हवलदार अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर छतरी लगाने की मांग को लेकर वहाँ के लोगों ने जैसे ही रोका, भाप्रसे अधिकारी सह एसडीओ नरकटियागंज कौशल कुमार ने लोगों के मुखातिब कहा कि वे जल्द ही इस दिशा में कार्य कर उनकी प्रतीमा के उपर छतरी लगाने का कार्य प्रारंभ करा देगें। इसके लिए लोगों को एक बार एसडीओ कार्यालय में आने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि नरकटियागंज में हाईस्कूल चैक पर आजादी के दीवाने सरदार भगत सिंह और देश के सीमा के पहरेदार अब्दुल हमीद की प्रतिमा स्थापित हैं। गणतंत्रता दिवस के दिन उस रास्ते से गुजर रही विधायक रश्मि वर्मा से लोगों ने छतरी लगाने की उम्मीद लगायी। अनुमण्डल पदाधिकारी ने कहा कि इस प्रकार के कार्य करने के लिए स्थानीय प्रशासन सक्षम है। इस अवसर पर राजेन्द्र हजरा(पासवान), विनोद कुमार गुप्ता, अजय प्रसाद ने अनुण्डल पदाधिकारी से कहा कि अमर शहीदों की प्रतिमा की घेराबन्दी नहीं होने से असमाजिक तत्वों द्वारा प्रतिमा को नुकसान पहँुचाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि असमाजिक तत्वों ने अमर शहीद सरदार भगत सिंह की प्रतिमा की टोपी, कान व नाक तोड़ने वालोें के विरूद्ध किसी ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है। अब्दुल हमीद की प्रतिमा के साथ भी कुछ इसी तरह की हरकत की गयी है। इसके लिए ने किसी समाजसेवी ने किसी प्रकार का कदम उठाया है और नहीं किसी प्रशासनिक अधिकारी ने ही कोई निरोधात्मक कार्रवाई किया है। उपर्युक्त स्थल का अतिक्रण कर, गंदगी फैलाई जा रही है। जिससे शहीदो का एक प्रकार से अपमान किया जा रहा हैं, जो उनके सम्मान और समाजहित में उचित नहीं है। 

”आप” ने शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ चलाया सदस्याता अभियान 

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नरकटियागंज(पच) आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य सचीन विश्वास ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्णबहुमत से बनने वाली सरकार की खुशी में स्थानीय उच्च विद्यालय चैक पर शहीद सरदार भगत सिंह और हवलदार अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। उसके उपरान्त सचीन विश्वास ने अपने सहयोगियों रिशु सिंह, आकाश कुमार, विनोद गुप्ता, अनुज कुमार, दिग्विजय राय, अफजल अफरीदी, संदीप कुमार, तपस्या सिंह और दीपक तिवारी ने सदस्यता अभियान चलाया। सचीन विश्वास ने बताया कि हमारे मार्गदर्शक अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैैैैै पहले उन्हें बघाई है। उसके बाद आप के सदस्यों से सदस्यता अभियान मंे सहयोग करने की अपील है। श्री विश्वास ने कहा कि चुनाव के समय लोग बाढ के पानी की तरह पार्टी की ओर आकर्षित होते है किन्तु सामान्य दिनों में कोई नहीं आगे आता। उन्होंने कहा कि आज देश की जो स्थिति है। उसमें आम आदमी पार्टी की अहम भूमिका है, इतना ही नहीं आगामी विधान सभा चुनाव में हमारी पार्टी कही से कोई प्रत्याशी नहीं उतारने जा रहीं है। अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली वासियों को उपहार देने के बाद देश के अन्य क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी अपने नीति और सिद्धान्तों के साथ पूरे दमखम से उतरेगी और कांग्रेस तथा बीजेपी को चुनौती पेश कर जनता को अधिकाधिक लाभ पहुँचाने का काम करेगी।
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