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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (21 मार्च)

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सरकार ने वापस लिया राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक 
  • -इस विधेयक को अब अप्रैल माह में विधानसभा के विशेष सत्र में लाया जाएगा   

uttrakhand vidhan sabha
देहरादून, 21 मार्च । उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शनिवार को आवश्यक कार्य निपटाने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सदन में सरकार ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान जेल गए और घायल आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक वापस ले लिया है। इस विधेयक पर हुई चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने भाग लिया, ज्यादातर सदस्य इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने के पक्ष में थे, लेकिन सरकार ने इस विधेयक चर्चा के बाद वापस लेने की घोषणा कर दी। सरकार ने घोषणा की है कि अब यह विधेयक अप्रैल माह में आयोजित होने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। शनिवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान जेल गए और घायल आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक पर चर्चा हुई। चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने भाग लिया और अपने सुझाव पेश किए। चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि इस विधेयक में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान जेल गए और घायल आंदोलनकारियों के अलावा सभी चिन्हित आंदोलनकारियों को भी शामिल किया जाए। राज्य गठन के 14 साल बाद भी यह मुद्दा नहीं सुलझ पाया। सरकार को राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण को कट आॅफ डेट तय करनी चाहिए। उनका कहना था कि इस विधेयक में पूर्व में जारी किए शासनादेश की बातों को भी शामिल किया जाए। उनका कहना था कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सरकारी कर्मचारियों की भी अहं भूमिका रही। कर्मचारियों ने राज्य आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई। उनका कहना था कि या तो इसे प्रवर समिति को सौंपा जाए या फिर इसको पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। विधायक गणेश जोशी ने कहा कि मसूरी और खटीमा गोलीकांड के बाद ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन ने गति पकड़ी थी। उनका कहना था कि कई वास्तविक राज्य आंदोलनकारियों का अभी तक चिन्हीकरण नहीं हो पाया है। कांग्रेस विधायक सुबोध उनियाल का कहना था कि जिन राज्य आंदोलनकारियों की उम्र ज्यादा हो चुकी है उनके पुत्र व पुत्री को सरकारी सेवा में आरक्षण की परिधि में लाया जाए। विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहना था कि सभी चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को सुविधाएं दी जाएं। कांग्रेस विधायक शैलारानी रावत और भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का कहना था कि राज्य प्राप्ति में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है, मुजफ्फरनगर कांड की शिकार हुई 14 महिला आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाए। इन महिलाओं को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि यह 14 महिलाएं समाज की स्वीकार्यता के भय से अपने को राज्य आंदोलनकारी बताने से भी कतरा रही हैं। विधायक पुष्कर सिंह धामी का कहना था कि पूर्व में निर्गत शासनादेश को भी इस विधेयक में शामिल किया जाए। हरिद्वार जिले के भाजपा विधायक मदन कौशिक और आदेश चैहान का कहना था कि सरकार इस विधेयक को लाने में जल्दबाजी न करें, यह मामला बड़ा गंभीर विषय है। उनका कहना था कि सरकार या तो इस विधेयक को वापस ले या फिर प्रवर समिति को सौंपे। उनका कहना था कि इस मामले में सरकार की जल्दबाजी आगे भारी पड़ सकती है। विधायक भीमलाल आर्य का कहना था कि राज्य आंदोलन में वाहन स्वामियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया था, उन्हें मुआवजा मिला लेकिन वे आंदोलनकारी घोषित नहीं हो पाए।  कांग्रेस विधायक ललित फस्र्वाण का कहना था कि राज्य आंदोलनकारी की परिभाषा स्पष्ट की जानी चाहिए, क्योंकि यहां का हर व्यक्ति राज्य आंदोलनकारी है, किसी न किसी रूप में उसकी राज्य आंदोलन में भागीदारी रही है। भाजपा विधायक पूरन फत्र्याल का कहना था कि इसका पुनः सर्वेक्षण किया जाए। राज्य आंदोलन में टेªड यूनियनों का भी अहं योगदान रहा है, उन्हें सम्मान पत्र जारी किए जाने चाहिए। कांग्रेस विधायक डा. जीतराम का कहना था कि आंदोलन के समय अखबारों में नाम के आधार पर राज्य आंदोलनकारी घोषित नहीं किए जा सकते हैं। कई आंदोलनकारी ऐसे थे जिन्होंने अपने नाम नहीं छपवाए। सरकार की ओर से चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री डा. इंदिरा ह्रदेयश का कहना था कि हर कोई राज्य आंदोलन में सक्रिय रहा है। उन्होंने इस विधेयक को वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को अप्रैल माह में विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान लाया जाएगा। आवश्यक कार्य निपटाने के बाद शनिवार को सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।          

आन्दोलनकारियों ने प्रदेश सरकार का पुतला फंूका

देहरादून, 21 मार्च । राज्य स्थापना के लिए अपना सब कुछ निछावर करने वाले आन्दोलनकारियों की हर स्तर पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए आन्दोलनकारियों ने शनिवार को प्रदेश सरकार का पुतला फंूककर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आन्दोलनकारियों की उपेक्षा को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। यदि सरकार उनकी जायज मांगों पर शीघ्र कोई ठोस कार्यवाही नही करती है, तो वे बड़ा आन्दोलन चलाने को बाध्य होंगे। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आन्दोलनकारी यहां कचहरी परिसर स्थित शहीद स्थल पर एकत्रित हुए और प्रदेश सरकारी की कार्यप्रणाली के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर निकल पड़े। इस मौके पर प्रिंस चैक पर आन्दोलनकारियों ने राज्य सरकार का पुतला भी फंूका। इससे पूर्व शहीद स्थल पर आयोजित सभा में प्रदर्शनकारी आन्दोलनकारियों ने कहा कि बार- बार स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिये जाने के बावजूद भी आन्दोलनकारियों के हितों से संबधित विधेयक विधानसभा में ही नहीं पहंुचे हंै। प्रदेश सरकार के इस छलावे से आंदोलनकारी त्रस्त हंै। उन्होंने कहा कि लगातार सरकार की ओर से आंदोलनकारियों की अनदेखी की जा रही है, हरबार  आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन उनकी  समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं और इसके लिए अब एक बडा आंदोलन चलाने की जरूरत है। जिसके लिए शीघ्र तैयारी की जाएगी। अन्य वक्ताओं ने कहा कि सभी सक्रिय आन्दोलनकारियों को पेंशन के दायरे में लेने व शासन में रूकी पेंशन की फाइलों का तत्काल निराकरण किया जाये और उन्हें 2009 से एक मुश्त पेंशन की व्यवस्था की जाये। वक्ताओं ने कहा कि चिन्हीकरण की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से पूर्ण किया जाये और पेंशन प्रदत्त करने हेतु पेंशन पट्टा प्रदान किया जाये और प्रत्येक पेंशन को पारिवारिक पेंशन में तब्दील कर और मृतक पेंशन धारक सेनानियों की पेंशन को उनके परिजनों को प्रदान की जाये। यही नहीं पेंशन निर्गत करने हेतु कारपोरेट फंड के स्थान पर राजकोषी बजट में पूर्ण प्रावधान किया जाये। रैली में प्रमिला रावत, वेद प्रकाश, शकुंतला भट्ट, रविन्द्र प्रधान, प्रभा नैथानी, प्रभात डंडरियाल, विपुल नौटियाल, मनोज ध्यानी, मुकेश कुमार, गणेश शाह, दान सिंह बिष्ट, चव्रफपाणि, धर्मेन्द्र बिष्ट, कांति कुकरेती आदि मौजूद थे। 

हर्षोलास से मनाया गया हिन्दू नववर्ष

देहरादून, 21 मार्च । विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हिन्दू नववर्ष प्रतिपदा विक्रम संवत 2012 को घंटाघर पर अंबेडकर की प्रतिमा पर हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर शहर में रथ यात्रा भी निकाली गयी। शनिवार की सुबह विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ता घंटाघर स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए और एक दूसरे को नववर्ष की बधाई दी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हिन्दू नववर्ष ही एक मात्र पूरे वर्ष में ऐसा समय होता है जब संपूर्ण भारतवर्ष मंे एक हर्ष की लहर होती है, इस समय किसानों की फसल भी पूर्ण हो जाती है एवं प्रकृति भी अपने एक नये स्वरूप धारण करती है। संघ के महानगर कार्यवाह अनिल नंदा ने कहा कि वर्तमान में हिन्दू अपनी संस्कृति को भूलते चले जा रहे हैं। जबकि किसी भी देश के विकास के लिए उसकी संस्कृति एक महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में होती है। उनका कहना है कि हिन्दूओं की विरासत को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा जो पहल की गई थी, अब समय आ गया है कि स्वयं सेवक संघ अब तत्परता से उस पहल को एक नवीन स्वरूप प्रदान कर हिन्दूओं के उत्थान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगें। कार्यक्रम में सुशीला बलूनी, चन्द्रगुप्त विक्रम, महेन्द्र सिंह नेगी, रीता गोयल, शरद चैधरी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे। 

हरकी पैड़ी क्षेत्र में गंदगी की भरमार

देहरादून, 21 मार्च । यंू तो हरकी पैड़ी को विश्व मानचित्र में बड़े ही आदर भाव से देखा जाता है परंतु इस क्षेत्र में फैली गंदगी हमें शर्मशार भी करती दिखायी देती है। नगर निगम जैसी बड़ी संस्था के पास इसकी साफ-सफाई का जिम्मा होने के बावजूद गंदे कपड़े, व खाने का बचा खुचा सामान, दोने-पत्तल इधर-उधर बिखरे दिखायी देते हैं। माता के रूप में पूजे जाने वाली गाय इनमें मंुह मारते देखी जा सकती है। गंगा सभा जैसी कार्यदायी संस्था की भारी भरकम पदाधिकारी भी जाने क्यूं इस सबके समक्ष बौने नजर आते हैं। जबकि यहां सुबह से शाम तक इस संस्था के कार्यकर्ता आने वाले श्रद्धालुओं से चंदा काटते कहीं पर भी देखे जा सकते हैं। आखिर वे कौन से इतर व्यवस्थाएं जिन पर इस धन को खर्च किया जाता जो दिखायी नहीं देता। दूर-दराज से आये पयर्टक व श्रद्धालु जब इस तरह की गंदगी मुख्य घाटों के आसपास देखते हैं तो वह सिहर उठते हैं और सहसा कह उठते हैं यह कैसा धर्मनगरी का रूप है। हरकी पैड़ी क्षेत्र में यूं तो नगर निगम अपने कर्मचारियों को साफ-सफाई की डयूटी सौंपे रहता है और गंगा सभा के भी कुछ लोग सफाई व्यवस्था देखते हैं परंतु यह कुछ व्यवस्था कुछ निष्चित स्थान तक ही दिखायी देती है। उससे आगे गंदगी का साम्राज्य दिखायी देने लगता है। खास तौर पर यहां घाटों के किनारे अवैध रूप से चलाये जा रहे लंगर इसमे महती भूमिका निभाते नजर आते हैं। यह लंगर धर्म ज्यादा व्यापार का लबादा ओढ़े है। इन लंगरों में दान का प्रसाद लेने के लिए एक ही भिखारी को कई बार खड़े देखा जा सकता है। यह आधा-अध्ूारा लंगर खाने के बाद दोना-पत्तल यहां इधर उधर फेंक देते हैे। इन्हें पास ही रखे कूड़ेदान से कोई सरोकार नहीं रहता। दान के पैसों व कपड़ो इत्यादि को लेने के लिए मारामारी होना भी यहां आम बात है। इन सबसे बेखबर प्रषासन चैन की बंसुरी बजाने में मषगूल नजर आता है।

कई मायनों में ऐतिहासिक रहा यह विधानसभा सत्रः सीएम 

  • -सत्र में 51 घंटे 38 मिनट चली कार्यवाही, 2 घंटे 18 मिनट का रहा व्यवधान 
  • -सदन में सदस्यों की भागदारी का औसत 95 प्रतिशत रहा, 12 विधेयक हुए पेश 

देहरादून, 21 मार्च । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड की तृतीय विधान सभा का प्रथम सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में 51 घंटे 38 मिनट कार्यवाही चली है, जबकि 02 घंटे 18 मिनट का व्यवधान रहा है। इसी प्रकार से सदन में सदस्यों की भागदारी का औसत भी 95 प्रतिशत रहा है। सत्र में कुल 14 विधेयक पेश किये गये, जिनमें से 12 पास हुए, जबकि एक प्रवर समिति को भेजा गया और एक वापस लिया गया। विधानसभा में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही को जीवंत रखने का काम किया है। इस भावना को भविष्य में भी बनाये रखने का कार्य किया जायेगा। उत्तराखण्ड के लिए यह अच्छी बात है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज जिस विधेयक को वापस लिया गया है, उसमें मंत्रिमण्डल व विधायकों द्वारा सुझाव दिया गया कि इस विधेयक में और अधिक सुधार किया जाये, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सकें। इस विधेयक को और अधिक सुधार व सुझाव के साथ अप्रैल माह में आयोजित होने वाले दो दिवसीय विशेष सत्र में रखा जायेगा। बजट को लेकर हमने फाॅलोअप शुरू कर दिया है। वर्ष 2012 के मापदंड को लेकर चले तो इस वर्ष हमारा खर्च दोगुना रहा है। जिला योजना का गठन देर से होने के बाद भी 95 प्रतिशत खर्च का औसत रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक व बाह्य सहायतित परियोजनाओं के खर्च में हमारा रिकार्ड ठीक नही रहा है, हमारा प्रयास रहेगा कि इस वर्ष इसके खर्च की गति को और बेहतर बनाया जायेगा। राज्य का खर्च बढ़ने से राज्य की आय बढ़ती है। हमने इस बार एक कदम और आगे बढ़ते हुए वर्ष 2015-16 के बजट को खर्च करने के लिए अप्रैल से ही तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिये है। हमारा प्रयास होगा कि मार्च में खर्च करने की गति को सितम्बर व अक्टूबर में ला सके। हमने एक और निर्णय लिया है कि प्रत्येक विभाग निर्माण कार्यों के लिए बनने वाली 5 करोड़ रुपये तक की टी.एस.सी. योजनाओं का विभाग में ही सेल बनाया जाय। इससे स्वीकृति की गति को तेजी मिलेगी। हमने बजट में 2500 करोड़ रुपये को खर्च करने की कार्ययोजना बनायी है। इसके लिए हमने निर्णय लिया है कि प्रोजेक्ट बनाते समय तकनीक का उपयोग किया जाय, जिसमें कास्ट रिडयूश हो। हमने नये क्षेत्र भी चिन्हित किये है, कि अधिक पानी का उपयोग करने वालों पर टैक्स लगाया जायेगा। वन विभाग को ईको टूरिज्म के माध्यम से जोड़ा जाय, ताकि आय के साधन बने। हमने सामाजिक क्षेत्र में भी ऐतिहासिक निर्णय लिये है, इसके लिए बजट की कमी को नही होने दिया जायेगा। हमारा प्रयास है कि राज्य से पलायन को रोका जाय। हमने जो कार्ययोजना बनायी है, उसके अनुसार अगले चार वर्ष में पलायन को पूरी तरह से रोक दिया जायेगा।

कैसे व कब दूर होगी पहाड़ों से पलायन की समस्या! 2014 तक 1059 गांव गैर आबाद हो चुके हैं

  • स्कूल और हास्पिटल भी एक बड़ी वजह है पलायन की दर्जनों योजनाओं के होते हुये भी स्थानीय लोग मजबूर
  • कुछ कड़े फैसले लेने होंगें सरकार को

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से पलायन रूकने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। किसी न किसी कारण से आज भी पहाड़ी मूल की आबादी निचले इलाकों में आ रही है। सरकार की तमाम योजनाओं और कोशिशों के बावजूद आने वाले वर्षों में ये समस्या और भी बढ़ेगी। वास्तव में सरकार अभी भी पलायन की मूल वजह नहीं समझ पा रही है और पलायन को रोकने के लिए एसी योजनयें बना रही है जिसका वास्तव में पलायन रोकने से सीधा संबध नहीं है। 26 साल की नीतिशा मूल रूप से टिहरी की रहने वाली है। नीतिशा का घर टिहरी जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर है और उसे यंहा आने के लिए 3- 4 घंटे लग जाते हैं। नीतिशा का एक बेटा है जो कि 5 साल का है और जब उन्होनें अपने दूसरे बच्चे की याजना बनाई तो वो टिहरी के अपने मुल स्थान से करीब डेढ सौ किलोमीटर दूर ऋषिकेश आ गई। नीतिशा का पति संजय मुंबई में छोटी मोटी नौकरी करता है और हर महिने परिवार चलाने के लिए खर्च भेजता रहता है। लेकिन अब उसे मुंबई में थोड़ा ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि उसका परिवार अब गांव से निकलकर शहर की ओर आ गया है। नीतिशा से जब गांव छोड़ने का कारण पूछा गया तो तस्वीर पूरी तरह से साफ हो गई। नीतिशा का कहना है कि उसका बेटा पांच साल का है जिसे स्कूल में भर्ती करनाा है। लेकिन वो देख रही है कि गांव के स्कूल में शिक्षकों  का रवैया  बहुत सकारात्मक नहीं है। ज्यादातर समय स्कूलों में मास्टर साहब गायब रहते हैं। इससे गांव के स्कूल में पड़ रहे कई बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। नीतिशा नहीं चाहती कि उसके बेटे की पढ़ाई पर भी नकारात्मक असर हो सो उसने अपने बेटे को ऋषिकेश में पढ़ाने का फैसला किया। नीतिशा की दूसरी समस्या स्वास्थ्य की है। हालाकि गर्भवती महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं का प्रसार गांव गांव तक हुआ है। लेकिन यदि किसी प्रकार की एमरजेंसी हो जाये तो गांव के अस्पतालों में एक्सपर्ट डाॅक्टर उपलब्ध नहीं हैं। एसे में शहर आने के लिए भी अच्छा खासा समय लगता है। सो दोनों ही कामों को अपनी प्राथमिकता सूची में रखते हुये नीतिशा और उसके पति ने ये फैसला किया। नीतिशा के दूसरे बेटे का जन्म ऋषिकेश में ही हुआ और उसका बड़ा बेटा भी अब स्कूल जाने लगा है। जाहिर है वो अभी बहुत छोटा है मगर उसे अंग्रेजी स्कूल में दाखिला दिलाया गया है। स्कूल में शिक्षक और अस्पताल में डाॅक्टर की समस्या से राज्य की हर सरकार जूझती रही है लेकिन इस समस्या को पिछले 15 साल में हल नहीं किया जा सका है। लेकिन पलायन की समस्या पर सरकारों की गंभीरता तो साफ दिखाई देती ही है। सरकारों ने इस समस्या को सुलझाने के लिए दर्जनों योजनायें बनाई। इन योजनाओं पर हजारों करोड़ रूपये भी खर्च हो चुका है लेकिन हालात आज और भी खराब होते जा रहे हैं। विधान सभा में एक सवाल के जवाब में नियोजन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने लिखित उत्तर में बताया कि 2014 तक 1059 गांव गैर आबाद हो चुके हैं। यानी यंहा पर आबादी नहीं रह रही है या सिर्फ एक दो परिवार ही यंहा पर बचे हैं। ये बहुत आश्यर्च है कि पहाड़ी इलाकों से पलायन न हो इसके लिए पर्यटन, उद्योग, स्व रोजगार, चकबंदी, शिल्पकला, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा और दूसरी कई महत्वपूर्ण योजनायें बनाई गई हैं। इन योजनाओं का निश्चित रूप से फायदा भी हुआ है। तभी शायद कई लोग गांव में रह भी रहे हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर योजनायेें कृषी, आजीविका और स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए हैं। सरकारी आंकड़ों को देखे तो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की आय लगातार कम होती जा रही है। नौजवान आज भी आजीविका तलाशने के लिए बाहर जा रहा है और जो परिवार गांव में रहते थे वो भी राज्य के निचले शहरों की तरफ आ रहे हैं। जाहिर है नीतिशा रोजगार की तलाश में ऋषिकेश नहीं आई बल्कि स्कूल और अस्पताल की जरूरत उसे टिहरी से विस्थापित कर गई। सरकार को इस बात का अंदाजा भी है कि बुनियादी सुविधायें नहीं पंहुच पाने के कारण गांवों में समस्या ज्यादा बढ़ रही है। लेकिन जब स्थानांतरण की कोई ठोस नीति नहीं है तो इस तरह की समस्याओं का हल निकाल पाना बेहद मुश्किल होगा। यदि आज भी सरकार इस पर कोई ठोस पहल कर पाये तो आने वाले दशकों में इसका परिणाम दिख पायेगा वरना पहाड़ों को खाली होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

गुलदार ने अटकाई ग्रामीणों की संासे 

देहरादून, 21 मार्च(निस) । टिहरी जिले के चंबा क्षेत्र के खर्क भेंडी गांव में एक घर में गुलदार घुसने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि इसी क्षेत्र के दूसरे गांव खुरेत में गुलदार ने पांच घंटे तक ग्रामीणों की सांसें अटकाए रखी। बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों ने इस गुलदार को कमरे में बंद किया। करीब तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इसे पिंजरे में कैद किया और ऋषिकेश ले गए। चंबा के पास मसूरी रोड में खुरेत गांव में सुबह सात बजे अचानक एक गुलदार ग्रामीण धन सिंह के घर में घुस गया। गनीमत यह रही कि उस समय परिवार का कोई सदस्य गुलदार के सामने नहीं आया। लोग घर के अंदर ही थे। लोगों ने शोर मचाया तो अन्य ग्रामीण सतर्क हो गए। गुलदार वहीं पास में एक मंदिर में भी घुसा और उसके बाद दिलीप सिंह के घर में घुस गया। गुलदार के इस तरह बीच गांव में घूमने से पूरे गांव में अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों नेे साथ मिलकर हिम्मत दिखाते हुए गुलदार को भगाने का प्रयास किया, तो गुलदार एक कमरे में घुस गया। इसी दौरान ग्रामीणों ने दरवाजा बंद कर दिया। ग्रामीणों की सूचना पर चंबा थानाध्यक्ष डीएस चैहान भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं वन विभाग की टीम दो बजे मौके पर पिंजरा लेकर पहुंची और तीन बजे गुलदार को ऑपरेशन के बाद पिंजरे में कैद किया जा सका। रेंज अधिकारी वीएस पंवार ने बताया कि गुलदार चोटिल है और नर है। गुलदार की उम्र लगभग आठ वर्ष है। गुलदार को राजाजी राष्ट्रीय पार्क में छोड़ने के लिए ले जाया गया है। इससे पहले उसका ऋषिकेश में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों से उपचार कराया जाएगा।

व्यवसायियों पर की गई कार्रवाई का विरोध

देहरादून, 21 मार्च(निस) । केदारघाटी होटल आनर्स एसोसिएशन ने बैंकों की ओर से होटल व्यवसायियों पर की गई कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंनेे इसे आपदा पीडि़त क्षेत्र के व्यापारियों के साथ मजाक बताया है। उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थानीय व्यापारियों को रोजगार दिए जाने की मांग की है। होटल आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल सिंह गजवाण ने कहा कि आपदा के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों ने आपदाग्रस्त क्षेत्र के व्यापारियों को ऋण माफी व मुआवजा दिए जाने की बात की थी। लेकिन, सरकार की ओर से की गई गई घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। ऋण लेने वाले पर्यटन व्यवसायियों से बैंक जबरन वसूली कर रहा है। इसके अलावा बिजली व पानी के मनमाने बिल भी व्यापारियों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि केदारघाटी की तर्ज पर पूरे प्रदेश को आपदाग्रस्त घोषित किया जाना वास्तविक आपदा प्रभावितों के साथ घोर अन्याय है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थानीय लोगों को रोजगार खोलने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा पर आने वाले पर्यटकों की संख्या निर्धारित किया जाना उचित नहीं है। यह संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।

विकास में गरीबों व वंचित वर्गों की भागीदारी जरूरीः सीएम

harish rawat
देहरादून, 21 मार्च(निस) । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश का विकास तभी सार्थक है जब इसमें गरीबों व वंचित वर्गों की भी भागीदारी हो। राज्य सरकार ने समाज कल्याण में कई नई शुरूआत की है। वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग पेंशन की राशि को बढ़ाया गया है जबकि किसान, शिल्पकारों, लोककलाकारों, दुर्घटना का शिकार होने वाली महिलाओं के अशक्तता पेंशन, परित्यक्ता के लिए स्वप्रमाणन के आधार पर पेंशन, जन्म से विकलांग को भरण पोषण राशि की व्यवस्था की गई है।     कालसी में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बढ़ती प्रति व्यक्ति आय का लाभ गरीबों व गांवों तक पहुंचाना है। विकास को सार्थकता प्रदान करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कालसी व चकराता क्षेत्र के विकास के लिए अनेक घोषणाएं कीं। उन्होंने दर्जनों सड़कों के निर्माण, डामरीकरण व विस्तारीकरण को स्वीकृति दी। कालसी व चकराता में हाईस्कूल, क्षेत्र में एक आईटीआई, कालसी विकासखण्ड मे ंदो मिनी स्टेडियम, पीएचसी कालसी में अल्ट्रासाउन्ड मशीन, अटाल में एएनएम सेंटर सहित अन्य घोषणाएं की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास का मार्ग तैयार कर सकती है, परंतु बड़े परिवर्तन के लिए लोगों को भी अपने आपको तैयार करना होगा। गांवों में कृषि, बागवानी व दुग्ध उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि के लिए संकल्प इच्छाशक्ति के साथ प्रयास करने होंगे। राज्य निर्माण के बाद बड़ी संख्या में सड़कों का निर्माण हुआ है, परंतु इनके माध्यम से बाहर के उत्पाद हमारे गांवों में जा रहे हैं जबकि होना यह चाहिए कि हमारे गांवों के उत्पाद दूसरे क्षेत्रों तक जाएं। इसके लिए हमने विशेष प्रोत्साहन योजनाएं तैयार की हैं। दुग्ध सहकारी समितियों को प्रति लीटर बोनस का प्राविधान किया गया है। इसी प्रकार हमारा पेड़ हमारा धन, चाल खाल आदि के लिए प्रोत्साहन राशि दिए जाने की योजनाएं प्रारम्भ की गईं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.गुलाब सिंह जी के नाम पर देहरादून में कला संस्कृति का संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है।। कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में राज्य के विकास को नई दिशा दी जा रही है। विकास में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछड़े क्षेत्रों व गरीबों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, मिल्कीराम अग्रवाल, चंदन रावत, राजेंद्र शाह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

आन्दोलनकारियों की भावना के अनुरूप में सदन में पेष होगा विधेयकः हरीष रावत

harish rawat
देहरादून, 21 मार्च, (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत से विधान सभा स्थित उनके कार्यालय में उत्तराखण्ड आन्दोलकारी मंच के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की। आन्दोलनकारी मंच के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि उनके द्वारा आन्दोलनकारियों की भावना के अनुरूप में सदन में विधेयक पेश किया गया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार आन्दोलनकारियों की भावना का सम्मान करती है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हम प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो विधेयक पेश किया गया था, उसमें कुछ और सुधार करने की आवश्यकता महसूस हुई। इसी को देखते हुए हमने विधेयक वापस लिया, जिसे अप्रैल माह में आयोजित होने वाले विशेष सत्र में फिर से लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी आन्दोलनकारियों से अपील की कि वे राज्य के विकास में अपना सक्रिय योगदान दे। इस अवसर पर उत्तराखण्ड आन्दोलकारी मंच के रामलाल खण्डूड़ी, मोहन खत्री, प्रदीप कुकरेती, क्रांति कुकरेती, धनंजय घिल्डियाल, गणेश शाह, वीरेन्द्र गुसांई, लक्ष्मण भण्डारी, अव्वल सिंह रावत, गोकुल शाह आदि उपस्थित थे। 

ए. आई. एस. एफ. सी.बी.एस.ई. बारहवीं गणित का पेपर रद्द करने की मांग

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  • केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री व सी.बी.एस.ई. निदेशक को पत्र भेजा, 
  • मैट्रिक कदाचार, शर्मनाक, शिक्षा मंत्री का बयान, गैर जिम्मेदाराना।

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पटना:- आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ने 18 मार्च को हुई सी.बी.एस.ई. 12वीं के गणित का पेपर रद्द करने की मांग की है। संगठन ने उक्त परीक्षा में बड़ी मात्रा में आउट आॅफ सिलेबस प्रश्नोें को देखते हुए यह मांग की है कि इसकेा लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी व सी.बी.एस.ई. चेयरमैन को पत्र भी भेजा है। संगठन ने भेजे गए  पत्र में सवाल किया है कि 12वीं के तरूण छात्र-छात्राओं से सी.बी.एस.ई. क्या अपेक्षा करती है। आउट आॅफ सिलेबस प्रश्न पूछकर बोर्ड आखिर क्या जाहिर करना चाहती है। भेजे गये पत्र मंे संगठन ने कहा है कि छात्रोें के भविष्य के साथ खिलवाड़ को संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। 

ए.आई.एस.एफ. ने इस अन्याय के खिलाफ छात्रों से एकजुट होने को आहवान किया है। 
वहीं मैट्रिक की परीक्षा में निरंतर जारी कदाचार पर ए.आई.एस.एफ. ने राज्य सरकार एवं परीक्षा समिति की विफलता पर रोष जाहिर किया है। जारी कदाचार पर सूबे की छवि खराब होने से बचाने एवं मेधावी छात्रों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ पर पहल की बजाय शिक्षा मंत्री पी.के. शाही गैर जिम्मेदाराना बयान जारी कर रहे हैं। ए.आई.एस.एफ. ने कदाचारपूर्ण संम्पन्न सभी परीक्षा केन्द्रों को चिन्हित् कर पुनः परीक्षा कराने की मांग की है।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (21 मार्च)

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गेस पाइप लाइन मे आग लगने से मचा हडकम्प, जिले के आला अधिकारी पहुचे घटना स्थल पर

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पिटोल ---यहा से 2 कि.मी दूर कालाखूट में षाम 7.25 बजे हजीरा से वीजापूर जाने वाली गैस पाइप लाइन पर आग लगने कि सूचना से पूरे पिटोल गाॅव एवं आसपास के क्षै़त्र में हडकम्प मच गया। इस सूचना पर जिला कलेक्टर श्री बोरकर सा. एवं जिला पूलीष कप्तान श्रीमती कृष्णा वेणी देषावतु ने तत्काल मोके पर पहुचकर वस्तू स्थिती का जायजा लिया एवं तुरन्त जिले के सभी प्रषासनिक विभागो को सूचना कर तुरन्त घटना स्थल पर पहुचने के लिए सुचना प्रसारीत कि गइ जिसमें पुलीष विभाग , स्वास्थ्य विभाग , राजस्व विभाग एवं गेल इण्डीया के समस्त अधीकारी मय दल-बल फायर ब्रिगेड एवं गैस पाइप लाइन में लगी आग को बूझाने के संसाधनो को लेकर घटना स्थल पहुच तथा आग पर काबू पाने के बारे में कलेक्टर सा. को अवगत कराया । 

कलेक्टर लेते रहे हर विभाग के घटना स्थल पर पहुचने का समय एवं संसाधनो कि तैयारीयो का जायजा..........................                                  
जेसे घटना की जानकारी मीली सबसे पहले गेल के कर्मचारी अपना फायर ब्रिगेड गाडी के साथ पहुचे एवं मोके पर लगी आग को बुझाने के लिए कितने मीटर फायर गाडी पर पाइप कर्मचारी की जानकारी एवं आग को बुझाया फिर झाबुआ नगर पालीका का फायर ब्रिगेड आया , स्वास्थ्य विभाग से एम्बूलेंस गाडी आयी उसके बाद धीरे-धीरे पूरे जिले के आला अधीकारी घटना स्थल पर पहुचने लगे। जो विभाग घटना स्थल पर पहुचता उसका समय घटना के साथ एवं प्रसाषनीक विभाग घटना स्थल पर पहुचने का समय कलेक्टर सा. नोट करते रहै तथा घटना का समय एवं विभागो के घटना स्थल पर पहुचने के बीेच के समय पर विभागो के अधीकारीयो को समझाते रहै।

इधर पिटोल गाॅव में मच गया हडकम्प....................................................
जेसे ही गाॅव में मालूम पडा की कालाखॅूट गाॅव में गैस पाइप लाइन में आग लगी वेसे ही गाॅव के लोगो में बेचैनी बढ गयी की आग भयावह हो गयी तो क्या स्थिती होगी । लागो के माथे पर चिंता की लकीरे पडने लगी ऐसे में वि़़द्युत विभाग द्वारा विद्युत सप्लाय को बन्द कर देने से ओर चिन्ता बढ गयी क्योकि विद्युत बन्द होने से एवं आग लगने के कारण पिटोल के मालटोडी मोहल्ले के लेाग घरो से बहार निकल सुरक्षीत स्थान पर निकलने कि तैयारी करने लगे।

ओर हो गया घटना का पटाक्षैप...............................................................
जेसे षाम 7.25 बजे से रात्री 9 बजे तक जिले के सभी प्रसाषनीक विभागो के आला अधीकारी एवं कर्मचारी घटना स्थल पर पहुचते रहे तब तक कलेक्टर सा. एवं जिला पुलीष कप्तान घटना स्थल पर डटे रहै । जब सभी विभागो के अधीकरी घटना स्थल पर थे। तब कलेक्टर सा. ने इस घटना का पटाक्षेप किया कि इस जिले में कभी भी इस प्रकार कि कोई अकाल्पनीक घटना हो जाये तो जिला प्रषासन किस प्रकार दल-बल एवं संसाधनो से लेस होकर इस प्रकार कि स्थिती से निपट सकता है इसलीए यह गेस पाइप लाइन पर मार्कड्रील किया गया।

लोगो ने ली राहत कि सांस.................................................
जेसे घटना स्थल पर पिटोल गाॅव के ग्रामीणो एवं अधीकारीयो के बीच कलेक्टर सा. ने आपात कालीन स्थिती से बचने के प्रयोग कि बात कही एवं ग्रामीणो में यह बात तथा जेसे विद्युत सप्लाई गाॅव में चालू हुई तब पिटोल के ग्रामीणो ने राहत कि सांस ली।

गुरू का चुनाव अच्छाई से नही सच्चाई के आधार पर करें - पण्डित विजयषंकर मेहता
  • एक षाम सदगुरू के नाम के ऐतिहासिक आयोजन में  गुरू महिमा पर हुए व्याख्यान

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झाबुआ---जीवन में सबके दो जन्म होते है, पहला जन्म माता पिता के द्वारा दिया जाता है तो व्यक्ति का दूसरा जन्म आत्मा के स्तर पर गुरू द्वारा दिया जाता है। इस पुनर्जन्म को पाने के बाद परमात्मा की अनुभूति होती है । गुरू जीवन आवष्यक हो जाता है । दाम्पत्य परमात्मा का प्रसाद होता है । पारिवारिक जीवन में गुरू का होना उसे दिव्यता प्रदान करता है । गुरू हमारे और परमात्मा के बीच सेतु का काम करते है । ईष्वर तक सीधे छलांग नही लगाई जासकती है । हम एक ऐसा झरोखा चाहिये देव दर्षन के लिये और वह होता है हमारा गुरू ।सच्चे गुरू और गृहस्थ में यह फर्क है कि गुरू सन्यासी, मुनि के रूप  में समझा लेता है कि सब कुछ परमात्मा के भरोसे छोड दो । वह ईष्वर जैसे जिआयेगा वैसा जियेगें ,जैसा करवायेगा वैसा ही करेगें ।हमारे जीवन का पूर्ण निर्णायक वह परम शक्ति हैै । यही ऋषिभाव गुरू अपने षिष्यों में प्रवेष करा देते है । इसलिये गुरू का जीवन में होना आवष्यक है। उक्त सारगर्भित उद्बोधन पण्डित विजयषंकर मेहता ने षुक्रवार को एक नीजि गार्डन में श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति द्वारा हनुमान जयन्ती के अवसर पर आयोजित ’’ एक शाम सद्गुरू के नाम ’’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान के दौरान कहीं । नगर मे सातवी बार हो रहे इस कार्यक्रम का षुभारंभ हनुमानजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । इस अवसर पर समिति के जीवन पडियार, गजेन्द्रसिंह चन्द्रावत, महेष नागर, सुधीर कुष्वाह, सहित बडी संख्या में समिति सदस्यों के अलावा गौरीषंकर दुबे,यषवंत भंडारी,प्रेम अदीबसिंह पंवार, एडीजे सहित अतिथियों ने हनुमान जयन्ती समारोह के आमंत्रण पत्र का विमाचेन किया । समिति की श्रीमती सीमा चैहान ने हनुमान टेकरी सेवा समिति का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन करते हुए गजेन्द्रसिंह चंद्रावत ने विजयषंकर जी मेहता के अभी तक समिति द्वारा किये गये सफल बौद्धिक कार्यक्रमों को वर्णन प्रस्तुत किया । पण्डित विजयषंकर मेहता ने खचाखच भरे पाण्डाल को गुरू महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि  विज्ञान के इस युग में गुरू बनाने के पूर्व हर बात तर्क, समझ, एवं सीख के द्वारा तय की जाती है,कि गुरू किसकों बनाये, क्यो बनाये, किसलिये बनाये, हमारे लिये कोैन गुरू योग्य होगा । किन्तु जीवन में कई बार ऐसा लगता है कि जो दिखता है वो वास्तव में होता नही है, और जो वास्तव में होता है वह दिखता नही है । उन्होने भगवान श्रीकृष्ण एवं रूकमणी का दृष्टांत सुनाते हुए बताया कि रूकमणी को भगवान ने पुर नदी पार करने के लिये साधु को सदा उपवासी एवं लौटती समय साधु ने नदी पार करने के लिये श्रीकृष्ण को अखण्ड ब्रह्मचारी होने की बात कह कर नदी पार होने के चमत्कार का जिक्र करते हुए कहा कि वास्तव में जो होता है वह दिखता नही है और जो दिखता है वह होता नही है । पण्डित मेहता ने आगे कहा कि आज कल हम गुरू भी ऐसा ही ढुंढते है और दूसरे तीसरे दिन से गुरू मे खोट निकालना षुरू कर देते है। ऐसे में पूरी जिंदगी बित जाती है किन्तु सच्चा गुरू हमारे हाथ नही लग पाता है । आज कल पावरफुल गुरू खोजे जाने का रीवाज बन गया है। गुरू मानो आयटम बन चुका है । इसलिये अपनी दैनिक पूजा में यदि आपका कोई गुरू नही है तो परमात्मा से प्रार्थना करते रहना कि उसके लिये कोई सच्चा गुरू भेज देवें -एक ना एक दिन परमात्मा जरूर ही बात को सुनेगा । गुरू उसी को बनाये जो लायक हो  और जिन्हे आध्यात्म मार्ग पर चलना है उन्हे गुरू तो बनाना ही चाहिये । महाभारत का जिक्र करते हुए पण्डित मेहता ने कहा कि अर्जुन द्वारा श्रीकृष्ण को गुरू मान लिये जाने के बाद ही विराट दर्षन हुए और उसका मोह जाता रहा उसीके परिणाम स्वरूप महाभारत युद्ध में उनकी फतह हुई । गुरू का चुनाव अच्छाई से नही, सच्चाई के आधार पर करना चाहिये  और एक बार जिसे गुरू के रूप  में स्वीकार करलो, उसे जीवन भर निभाना चाहिये । पहले परीक्षण बाद में समर्पण का भाव होना चाहिये । क्योकि समर्पण के बाद गुरू की परीक्षा नही होती है । इसलिये पहले ही परीक्षा कर लो, वह भी गुणों के आधार पर । उन्होने आगे कहा कि पारिवारिक जीवन में गुरू का होना उसे दिव्यता प्रदान करता है । गुरू तो आत्मा और परमात्मा के बीच का एक सेतू होता है और उसी के माध्यम से ही परमात्मा की अनुभूति प्राप्त की जा सकती है । श्री मेहता ने आगे कहा कि तुलसी ने गणेषजी के पहले गुरू की ही वंदना की है। हनुमान चालिसा में प्रारंभ ही गुरू वंदना से किया है और गुरू को उच्च स्थान दिया है । गुरू के पावं की धुल में ही वह ताकत होती है कि मन पूरी तरह साफ हो जाता है और आत्मदर्षन होता है । षरीर,मन और आत्मा की शुद्धि के लिये गुरू की आवष्यकता होती है । जिन्हे परमात्मा तक पहूंचना है उन्हे आत्मा रूपी पुल से गुजरना होता है । मन चंचल होता है उसे अच्छे काम अच्छे नही लगते है । मन को आज तक कोई भी जान नही पाया है मन को संत्संग भी पसंद नही आता है । याने सब कुछ मन का ही गडबढ धोटाला है । शांति की खोज के लिये  मन को काबू में करने के लिये गुरू जरूरी होता है। भक्त के लक्षण बताते हुए उन्होने कहा कि उसे शांत होना चाहिये किन्तु देखा गया है कि भगत लोग ही सबसे अधिक अषांत होते है । जब तक मन सक्रिय है आप अषांत ही रहेगें । उन्होने षिव पार्वती के दृष्टांत के माध्यम से नारद द्वारा भगवान विष्णु को श्राप देने का जिक्र करते हुए कहा कि विष्व मोहनी अवतार में नारद का स्त्री वियोग होने से दिये गये श्राप के कारण रामावतार में उन्हे पत्नी वियोग सहना पडा और बंदरों का साथ लेना पडा । गुरू का कैसी भी स्थिति हो बचाव करना चाहिये जैसा कि पार्वती ने अपने गुरू नारद का बचाव किया था । उन्होने रामावतार में तीन तीन गुरूओं का जिक्र करते हुए वषिष्ठ, विष्वामित्र अगस्त ऋषि का दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि राम के पहले गुरू वषिष्ठ जी ने उन्हे  षिक्षा के माध्यम से विद्या ज्ञान दिया । दूसरे गुरू विष्वामित्र ने अधर्मियों के नाष के लिये शस्त्र विद्या सिखाई एवं भाग विलास के बारे में बताया और यज्ञ की रक्षा के लिये राम को ले गये, व्यावहारिक ज्ञान बताया और तीसरे गुरू अगस्त्यऋषि ने मंत्र सिखाये और राक्षसो का विनास करवाया । उन्होने आगे कहा कि हम भी अपने जीवन मे 3 प्रष पुछने चाहिये क्या गुरू बनाना खतारनाक काम है । आज कल माता पिता नाम की संस्था दम तोड रहे है पति पत्नी के रिष्ते भी ठीक तरिके ने नही बन पारहे है वही दूसरी गुरू नामक संस्था भी  इसका षिकार है भगवा वस्त्र भी आज दांव पर लगा हुआ है । आज गुरू को देख कर सन्देह होता है। स्वयं साधु भी आज टेंषन मे दिखाई देते है । जबकि साधु को स्वयं ही मुस्कराने का संदेष देना चाहिये और अपने आप को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना चाहिये । उन्होने आगे कहा कि जीवन में मनुष्य को गुरू के रूप  में मिल जाये तो यह सौभाग्य होगा । स्वयं तुलसीदास जी ने हनुमानजी को गुरू रूप  में स्वीकार किया था और कहा था जय जय जय हनुमान गुसाई कृपा करो गुरूदेव की नाई । उन्होने कहा कि जिनके कोई गुरू नही है उन्हे हनुमानजी को अपना गुरू बनाना चाहिये और हनुमान चालिसा को गुरू मंत्र बना कर प्रतिदिन इसका पाठ करने से निष्चित ही गुरूकृपा प्राप्त होना ही है । हनुमानजी ही एक मात्र जीवित देवता है और हनुमान चालिसा उनका मंत्र है । परमात्मा भी मंत्र से आता है और प्राप्त होता है । उन्होने हनुमान चालिसा के मंत्र उच्चारण की विधि बताते हुए कहा कि ष्वास को अन्दर बाहर करते हुए एक सांस में हनुमान चालिसा का एक चैपाई का पछन करना चाहिये  विचार शून्य श्वास लेने से मन निष्क्रिय होता है  ध्यान का संबंध भी श्वास से है उन्होने इस अवसर पर  मानव शरीर मे स्थित सभी चक्रो की जानकारी देते हुए  कहा कि इनका अलग अलग महत्व है और ध्यान से परमात्मा तक पहूंचा जासकता है । गुरूमंत्र के रूप  में हनुमान चालिसा का सोने के पूर्व एवं उठने के बाद पाठ करने से जीवन में बदलाव आना निष्चित है ।

नाम संकीर्तन के साथ नगर में नववर्ष के स्वागत मे निकाली प्रभात फेरी 
  • पूरा नगर हुआ धर्म मय, नगर के सभी समाज के लोगों ने उत्साह से लिया भाग 

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झाबुआ---पूरा नगर गोविन्द जय जय गोपाल जय जय राधा रमण हरी गोविन्द जय जय के नाम संकीर्तन से धर्ममय होगया । शनिवार को प्रातःकाल 7 बजे स्थानीय राजवाडा चैक से हिन्दू नव वर्ष उत्सव समिति के बैनर तले नगर के सर्व समाज के सदस्यों ने विषाल प्रभात फेरी निकाल कर हिन्दू नववर्ष गुडी पडवा, वर्ष प्रतिपदा, विक्रम संवत 2072 के आगमन का स्वागत किया । पूरा नगर केषरिया ध्वजों में भारतीय संस्कृति के अनुरूप नये साल के आगमन के स्वागत  मे पूरा नगर भगवा रंग मे सराबोर दिखाई दिया । प्रातः प्रभात फेरी के पूर्व राजवाडा चैक पर गुडी स्थापित की जाकर नगर की विभिन्न समाजों की महिलाओं द्वारा गुडी का विधि विधान से पूजन पण्डित गणेष उपाध्याय द्वारा करवाया गया । नगर मे दूसरे वर्ष में निकाली गई हिन्दू नववर्ष की प्रभातफेरी मे सैकडो की संख्या में पुरूषो, बच्चों, एवं महिलाओं ने भाग लिया । प्रभातफेरी राजवाडा चैक से षुरू होकर आजाद चैक, बाबेल चैराहा, थांदला गेट से बस स्टेंड होकर राधाकृष्ण मार्ग, लक्ष्मीबाई मार्ग से होती हुई राजवाडा चैक पर समापन हुआ जहां  षरतषास्त्री एवं पण्डित घनष्याम बैरागी ने वर्ष प्रतिपदा, झुलेलाल जयन्ती, विक्रम संवत 2072  एवं गुडी पडवा पर्व के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इसे हिन्दू संस्कृति की थाती बताया । प्रभातफेरी मे षामील सभी लोगों को निम,मिश्री युक्त शरबत सममानपूर्वक पीलाया गया एवं मिठाई का वितरण भी किया गया । इस अवसर पर ओम प्रकाष शर्मा, विमल कांठी, गणेष उपाध्याय, प्रदीप रूनवाल, निर्मल अग्रवाल, ओपी राय, राजेन्द्र सोनी, सौभाग्यंिसंह चैहान, नगीनलाल पंवार, जितेन्द्र पटेल,राजेन्द्रषर्मा षरतषास्त्री,  अजय रामावत, घनष्याम बैरागी,अजय पोरवाल, दिलीपकुष्वाह, आषीष चतुर्वेदी, संतोष गेहलोत, अंकुष कांठी, श्रीमती नीलीनी बैरागी, चेतना पटेल, मधु शर्मा, भावेष सोलंकी, बंटी गवली, दिलीप आचार्य, अजय सोनी, सुनिताषर्मा, पप्पु कटकानी,यषवंत भंडारी, पप्पु कटकानी, बहादूर, गोपाल सोनी, मनोज सोनी, राजेष नागर, राजेष शर्मा, मनीष शर्मा सहित बडी संख्या में नगरवासियों ने प्रभात फेरी मे भाग लिया ।

आरक्षक से विवाद कर गाली-गलौच व शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाला आरोपी रतनलाल गिरफतार 
           
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि थाना रायपुरिया क्षेत्र का गुण्डा रतनलाल पिता रामनारायण राठौरए उम्र 46 वर्ष, निवासी झकनावदा द्वारा चैकी झकनावदा में तैनात आर0 इन्द्रवीर एवं झकनावदा निवासी मुकेश कुमार कोठारी के साथ में दिनांक 19.3.15 को, इंदौर से बेडहेड टिकिट लाने की बात को लेकर विवाद किया गया था। आर0 इन्द्रवीर की रिपोर्ट पर थाना रायपुरिया में अप0क्र0 42/15, धारा 186,353,294,506,341 भादवि का दिनांक 20.03.2015 को कायम किया गया था। चैकी प्रभारी झकनावदा उप निरीक्षक झिरमल सापल्या एवं आर0 74 रूपसिंह द्वारा आज दिनांक 21.03.15 को आरोपी रतनलाल पिता रामनारायण, उम्र 46 वर्ष, निवासी झकनावदा को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करते समय भी आरोपी रतनलाल ने पुलिस टीम के साथ विवाद/हंगामा करने का प्रयास किया था। उल्लेखनीय है कि आरोपी रतनलाल चैकी झकनावदा/थाना रायपुरिया की गुण्डा सूची में है। आरोपी रतनलाल को जिला दण्डाधिकारी द्वारा एक बार जिलाबदल भी किया जा चुका है। जिलाबदल रहते हुए भी आरोपी ने नियमों का उल्लंघन किया था, जिस पर उसके विरूद्ध रासुका अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। आरोपी रतनलाल के विरूद्ध धारा 151 एवं धारा 110 जा0फौ0 की भी कार्यवाही की जा रही है। आरोपी को गिरफ्तार करने में चैकी प्रभारी झकनावदा उनि झिरमल सापल्या एवं आर0 74 रूपसिंह की मुख्य भूमिका रही है। उक्त सफलता पर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को बधाई दी एवं पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

चोरी का माल ले जाते हुए दो आरोपियों को पुलिस ने रात्रि गश्त के दौरान रंगे हाथों गिरफतार किया, कुन्दनपुर पुलिस को बडी सफलता 
           
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि फरियादी अनिल कुमार पिता अमरसिंह खतेडिया उम्र 40 वर्ष, निवासी पिटोल की कुंदनपुर में किराने की दूकान है। दिनांक 20-21/3/15 की दरम्यानी रात्रि में आरोपियों ने किराना दुकान का ताला तोडकर उसमें से 04 डिब्बे रिफाईन तेल के निकाल लिये थे एवं उक्त तेल के डिब्बे आरोपी ले जा रहे थे। चैकी प्रभारी कुंदनपुर परि0 उनि आशुतोष मिठास, आर0 87 जितेन्द्र एवं आर0 99 गोविन्द द्वारा कस्बा कुंदनपुर में रात्रि गश्त की जा रही थी, पुलिस टीम द्वारा यह देखा गया कि दो आरोपियों द्वारा 4 डिब्बे रिफाईन तेल किराना दूकान में सेे ले जाया जा रहा है। पुलिस टीम ने आरोपियों से पूछताछ किये जाने पर उनके द्वारा फरियादी की किराना दूकान से 04 डिब्बे रिफाईन तेल चुराया जाना स्वीकार किया। आरोपियों से 04 डिब्बे रिफाईन तेल एवं ताला तोडने का उपकरण बरामद किया गया। पुलिस टीम द्वारा गिरफतार किये गये आरोपियों का नाम एवं विवरण निम्नानुसार है:-
01. मुकेश पिता केहू मचार भील, उम्र 23 वर्ष, निवासी काकरादरा थाना रानापुर।
02. मुकेश पिता कसना मेड़ा भील, उम्र 22 वर्ष, निवासी रेतालूंजा, चैकी पिटोल थाना कोतवाली झाबुआ।
फरियादी की रिपोर्ट पर थाना रानापुर में अप0क्र0 105/15 धारा 457,380 भादवि का दिनांक 21.3.15 को कायम किया गया। इस प्रकार चैकी कुंदनपुर पुलिस टीम द्वारा चोरी के 02 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफतार किया गया। पुलिस की इस बडी सफलता पर कुंदनपुर एवं आसपास के गांवों में हर्ष व्याप्त है। इस बडी सफलता में चैकी प्रभारी कुंदनपुर परि0 उनि आशुतोष मिठास, आर0 87 जितेन्द्र, आर0 99 गोविन्द की सराहनीय भूमिका रही है। रंगे हाथों आरोपियों को गिरफतार करने की सराहनीय सफलता पर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को बधाई दी एवं नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को प्रभावी रात्रि गश्त करने के निर्देश दिये गये है। अन्य आरोपियों को भी पुलिस टीम द्वारा इसी तरह रंगे हाथों गिरफतार किया जावे।

 डिप्टी कलेक्टर के निवास से चोरी हुआ सामान बरामद,  संदिग्धों से पूछताछ जारी 
           
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि रातीतलाई स्कूल के पास स्थित शासकीय आवास में निवासरत डिप्टी कलेक्टर श्री पुरूषोत्तम कुमार के शासकीय आवास में ताला तोडकर दिनांक 19.3.15 को रात्रि में अज्ञात आरोपियों ने चोरी की घटना घटित की थी। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 214/15, धारा 457,380 भादवि का कायम किया गया था। थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ निरीक्षक शेरसिंह बघेल एवं सउनि पानसिंह वसुनिया द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में प्रकरण की बारीकी से विवेचना की गई। प्रकरण में एक टी0व्ही0, डी0वी0डी0, प्रेस, पानी की छोटी मोटर, बेड शीट बरामद कर ली गई है। पुलिस टीम द्वारा संदिग्धो से पूछताछ की गई। आरोपी को खुलासा हो चुका है। शीघ्र ही आरोपी को गिरफतार किया जाकर प्रकरण में आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (21 मार्च)

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खेतो में नही, किसानो के सपनों पर गिरे है ओले-मुख्यमंत्री श्री चैहान

shivraj chauuhan
मुख्यमंत्री जी चैहान ने आज विदिषा जिले के शमषाबाद तहसील के ग्राम लाडपुर में  ओला वृष्टि से हुई क्षति को देखा और प्रभावित किसानों से बातचीत की किसान सर्व श्री मुकेष,कमल सिंह और बलराम ने बताया कि गत 15/16 मार्च को ओला गिरने से गेंहू की पुरी फसल खराब हो गई है। उन्होने कहा की ओले फसल पर नही किसानों के सपनों पर गिरे है प्राकृतिक विपदा की इस घडी में शासन ओला प्रभावित किसानों के साथ है।मुख्यमंत्री श्री चैहान ने ओला प्रभावित किसानों से सीधी बातचीत की। उन्होंने कहा फसलों में जो नुकसान हुआ है, उसका आंकलन करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंच, सरपंच की भागीदारी तय करने निर्देश दे दिए गए है, ताकि वास्तविक रूप से पात्र हितग्राही को ही क्षति का मुआवजा मिले। स्थानीय जनप्रतिनिधि, कृषि राजस्व, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को ऐसे किसानों को हुई क्षति में आंकलन करने में मदद करेंगे जिन्हें ओलावृष्टि या असामयिक वर्षा के कारण वास्तव में गंभीर क्षति हुई है। साथ ही उन्होंने फसल कटाई प्रयोगो की शुद्धता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इससे किसानों को फसल-बीमा योजना का लाभ लेना अत्यधिक सुविधाजनक होगा। अभी आमतौर पर बीमा कम्पनियाँ किसानों से फसल बीमा प्रीमियम का पैसा तो ले लेती हैं, किन्तु फसल कटाई प्रयोगों में होने वाली गड़बडि़यों के कारण इसका लाभ किसानों को नही मिल पाता है। श्री चैहान ने फसल कटाई प्रयोगों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे इस कार्य को विशेष सावधानी के साथ पूरा कराएं। श्री चैहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गतवर्ष किसानों को फसल बीमा योजना के तहत 2187 करोड़ रूपए की राशि किसानों को दिलवाई गयी। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि प्राकृतिक विपदा की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ है। उन्होने कहा कि पिछले वर्ष ओला प्रभावित किसानों को 3 हजार करोड रुपये की राहत राशि दी गई थी उन्होने कहा की इस बार भी किसी भी पात्र किसान को राहत से वंचित नही रहनें दिया जायेगा मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि ओला गिरने से यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होेने पर उसके परिजन को डेढ़ लाख रूपए, पशु हानि पर 16 हजार 500 रूपए, छोटे जानवरों की मृत्यु होेने पर दस् हजार रूपए की सहायता दी जाएगी। प्रभावित किसान की बेटी की शादी के लिए 25 हजार रूपए दिए जाएंगे। श्री चैहान ने कहा की राजस्थान से जो लोग भेड चराने आये है तथा उनकी भेडे ओले के कारण मर गई है तो उन्है भी पात्रता अनुसार राषि दी जायेगी। उन्होंने किसानों को सांत्वना देते हुए कहा कि संकट से सभी मिलजुल कर निपटेंगे। इस अवसर पर सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव (सागर संसदीय क्षेत्र)क्षेत्रीय विधायक श्री सूर्य प्रकाष मीणा, जन प्रतिनिधि और प्रषासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

पानी भरने गईं 'हॉट सनसनी'सनी लियोनी को हुआ स्किन इन्फेक्शन!

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नई दिल्ली: बॉलीवुड की 'हॉट सनसनी'सनी लियोनी के साथ सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. सनी लियोनी को इन दिनों स्किन एलर्जी से जूझना पड़ रहा है.सनी इन दिनों अपनी जल्द आने वाली एक पहेली लीला की शूटिंग के लिए राजस्थान में हैं. इस फिल्म के एक सीन की शूटिंग के लिए सनी को एक झील से मटके में पानी भरकर मटका अपनी कमर पर रखकर लाना था. इसी सीन की शूटिंग के बाद सनी के पूरे शरीर में एलर्जी हो गई. 

इसके तुरंत बाद सेट पर ही डॉक्टर को बुलाया गया जिसने सनी का इलाज किया. सनी की फिल्म एक पहेली लीला के ट्रेलर से अंदाजा लगाया जा सकता की फिल्म पुनर्जन्म की कहानी पर आधारित है. इसमें सनी एक से अधिक रोल करती हुई नजर आएंगी. बोल्ड सीन से भरपूर रहने वाले इस फिल्म में मिस्ट्री और ग्लैमर का जबरदस्त तड़का लगने वाला है. फिल्म को डायरेक्ट बॉबी खान ने किया है. फिल्म में 'बेबी डॉल'के अलावा जय भानुशाली, रजनीश दुग्गल और राहुल देव मुख्य भूमिका में है.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कारनामा, संकेतकों पर लगवा दिये अवैध होर्डिंग्स

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नई दिल्ली। सूचना एवं विज्ञापन विभाग उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कारनामा के काली कमाई के बारे में निगमायुक्त समेत पुरे सतर्कता विभाग को जानकारी है। इतनी बड़ी काली कमाई के कारण यह अधिकारी कोई ठोस कदम उठाने की बजाय मौन स्वीकृति देकर भ्रष्टाचार  को बढ़ावा दे रहे है। करोलबाग जोन के अन्तर्गत आने वाले मोतीनगर,करमपुरा,कीर्ति नगर,नारायण,पटेल नगर,राजिंदर नगर में सूचना एवं विज्ञापन विभाग  करोलबाग सूचना एवं विज्ञापन जोन इंस्पेक्टरों की मिलीभगत के बेखौफ चल रहा है।मोतीनगर थाने के सामने बने संकेतक पर निगम के अधिकारीयों ने अपनी जेबे भरकर संकेतक जिसपर रास्ते और जगह का नाम अंकित होता है उसी पर अवैध रूप से सी टी सी प्लाजा का होर्डिंग्स लगवा दिया है।  इस अवैध होर्डिंग्स और यूनिपोलों के माध्यम से यह अफसर लाखों रुपए की कमाई हर महीने कर रहे है। 

इस खेल के चलते करोड़ों के राजस्व का नुक्सान उत्तरी दिल्ली नगर निगम को हो रहा है.जबकि निगम केंद्र सरकार से 700 करोड़ देने की मांग कर रहा है। जानकारों की माने तो निगम में भ्रष्टाचार दूर करे राजस्व बढ़ने की दिशा में सख्ती के साथ कदम उठाये जाये तो निगम में घटा नहीं है। अरबों का हाउस टैक्स,कन्वर्ज़न शुल्क,पार्किंग शुल्क,होर्डिंग्स और यूनिपोलों से होने वाले राजस्व को वसूलना होगा। लेकिन भ्रष्ट निगम अधिकारीयों और कर्मचारियों के कारण आज यह नौबत आ गयी है की निगम के पास वृद्धों और अपने सेवानिवृत कर्मचारियों को देने के लिये पेंशन तक देने को पैसा नहीं हैं.वर्दी,एरियर सर्विस बुक में हस्ताक्षर करवाने के बाद भी पैसा कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है। लेकिन आलिशान कमरों में बैठे निगम के नेता मालामाल कैसे हो रहे है इसका जवाब कोई खुलकर नहीं देता।      

दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की गाजियाबाद शाखा का पदस्थापन समारोह

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  • मारवाड़ी समाज गाजियाबाद में जनकल्याणकारी योजनाओं को आकार देने के लिए तत्पर


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दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री पवन कुमार गोयनका ने कहा कि देश में मारवाड़ी समाज ही एक ऐसा समाज है जो राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक सौहार्द एवं उन्नतिशील राष्ट्र निर्माण में सहभागी रहा है। यह समाज राष्ट्र की हर मुसीबत के समय मदद करता आया है। श्री गोयनका दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की गाजियाबाद शाखा के पदस्थापन समारोह पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। होटल दिल्ली सीजल्स, ई-3, चंद्रनगर (सूर्यनगर) मेन रोड, गाजियाबाद में नई शाखा के पदाधिकारियों के चयन पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए श्री गोयनका ने दिल्ली और एनसीआर में मारवाड़ी समाज के सुदृढ़ संगठन की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि मारवाड़ी समाज दिल्ली और एनसीआर में अपनी जनकल्याणकारी, सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों के लिए तत्पर हो। इस समाज के लोगों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत के जरिये हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की गाजियाबाद शाखा के पदाधिकारियों को माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया। विदित हो कि श्री राजेश जालान को गत दिनों गाजियाबाद शाखा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था। 

गाजियाबाद शाखा के अध्यक्ष श्री राजेश जालान ने बड़ी संख्या में उपस्थित मारवाड़ी भाइयों का स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों ने मारवाड़ी समाज को एकजुट करने का जो बीड़ा उठाया है, उसके निश्चित ही सकारात्मक परिणाम आयेंगे। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज ने अनेक क्षेत्रों में सफलता हासिल की है, लेकिन वह राजनीति के क्षेत्र में पीछे है। समाज को एकजुटता के साथ इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए। शाखा के नवनिर्वाचित महामंत्री श्री शशि खेमका ने राष्ट्र के निर्माण में मारवाड़ी समाज के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे समाज ने देश के कोने-कोने में जाकर उन क्षेत्रों का विकास किया, अनेक जनकल्याणकारी वृहद योजनाओं को आकार दिया। सेवा और परोपकार के कार्यों में एक अलग पहचान बनायी लेकिन हममें एकता न होने के कारण हमारी स्वतंत्र पहचान नहीं बन पायी है। वक्त का तकाजा है कि हम अपने सेवा और जनकल्याण के कार्यों से एक अलग पहचान बनाएं। गाजियाबाद में मारवाड़ी लोगों की बहुलता है उन्हें जोड़कर किसी बड़ी जनकल्याणकारी योजना को आकार देनी चाहिए तभी इस शाखा के गठन का उद्देश्य पूरा होगा। कार्यक्रम का संयोजन दिल्ली प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के महामंत्री श्री राज कुमार मिश्रा ने करते हुए सम्मेलन के उद्देश्य एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी।  इस अवसर पर शाखा के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का अभिनंदन किया गया। श्री ललित गर्ग, श्री राजेश गुप्ता, श्री ओम जालान, श्री मनीष जालान, श्री सुरेश अग्रवाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। 

नवी मुंबई और जबलपुर में चर्च पर हमला, एफआईआर दर्ज

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मुंबई और मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईसाई धार्मिक स्थलों पर तोडफोड की घटना सामने आई है। नवी मुंबई में एक चर्च पर पत्थर फेंके गए, जबकि जबलपुर में चर्च के कैंपस में तोड-फोड की गई।   

शनिवार को तीन बाइक सवार लोगों ने नवी मुंबई के पलवेल इलाके में सैंट जॉर्ज कैथलिक चर्च पर पत्थर फेंके। जानकारी के मुताबिक पत्थर फेंकने वालों ने चेहरा ढका हुआ था। घटना में सेंट जॉर्ज की प्रतिमा के बाहर लगे शीशे क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है।

पूरी घटना सीसीटीवी में रेकॉर्ड हुई है। पुलिस फुटेज की जांच कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है। इस चर्च का निर्माण 2007 में हुआ था। यहां पर 800 से अधिक लोगों के प्रार्थना करने की व्यवस्था है। चर्च के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में भी चर्च परिसर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। यहां शुक्रवार देर रात तब हमला किया गया, जब 200 आदिवासी एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। तथाकथित हिंदू संगठनों का आरोप है कि इन आदिवासियों को धर्म परिवर्तन के लिए लाया गया था। मामले में शनिवार को एफआईआर दर्ज की गई है।

ईसाई समुदाय का कहना है कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो सोमवार को जबलपुर में सभी मिशनरी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने धर्मांतरण के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

'मांझी को आरजेडी में शामिल कर मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए पार्टी: पप्पू यादव

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आरजेडी सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को आरजेडी में शामिल कर उन्हें अगले बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने का आग्रह किया है। पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो को एक पत्र के माध्यम से मांझी को पार्टी में शामिल कर उन्हें अगले बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने का आग्रह किया है।

नीतीश कुमार के साथ सत्ता संघर्ष में मांझी के पक्ष में खड़े रहे पप्पू यादव ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन मांझी के बिना चुनाव में जाने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो ने उन्हें अच्छा व्यक्ति बताया है। मांझी आज दलित और दबे-कुचलों की आवाज बन चुके हैं, इसलिए उनके बिना चुनाव में जाने से हमें नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि जेडीयू द्वारा मांझी के स्थान पर नीतीश को विधायक दल का नया नेता चुन लिए जाने पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जेडीयू के निर्णय का समर्थन किया था।

पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में जेडीयू की करारी हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए मांझी को अपना उत्तराधिकारी मनोनीत किया था। बाद में जीतन मांझी ने पार्टी से निष्कासित कर दिए जाने पर जेडीयू के बागी विधायकों के साथ मिलकर हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) का गठन कर लिया।

मांझी के स्थान पर जेडीयू द्वारा नीतीश को विधायक दल का नेता चुने जाने पर उन्हें बीजेपी ने गत 20 फरवरी को बहुमत सिद्ध करने के दौरान समर्थन की घोषणा की थी, लेकिन मांझी ने उस दिन बहुमत सिद्ध करने के लिए बिहार विधानसभा जाने की बजाय राजभवन जाकर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। पप्पू यादव और आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पूर्व में नीतीश सरकार में मांझी को उपमुख्यमंत्री बनाने की भी वकालत की थी।

विशेष आलेख : मराठवाडा में बीज बचाती महिलाएं

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महाराष्ट्र के मराठवाड़ा का एक गांव है झरी। यह गांव पाथरी के पास है। यहां एक छोटे घर में चटाई पर महिलाएं बैठी हैं। वह यहां अपने गांव में चल रहे देशी बीजों के बारे में बताने आई थी। घर के कोने में मिट्टी के छोटे-छोटे मटकों में कई किस्म के रंग-बिरंगी बालियों वाले देशी बीज रखे थे। हालांकि भीषण सूखे के दौर से गुजर रहे इस इलाके में ठीक से फसलें नहीं हो पा रही हैं। फिर भी बीज संरक्षण का काम जितना संभव हो किया जा रहा है। 
          
फरवरी के पहले सप्ताह में मैंने मराठवाड़ा के कुछ गांवों का दौरा किया। वहां मैंने नकदी फसलों का भी अवलोकन किया, किसान और खासतौर से महिला किसानों से बातचीत की। परंपरागत खेती के कुछ प्रयासों को भी देखा। परभणी जिले में देशी बीजों के संरक्षण में लगे बालासाहेब गायकवाड ने बताया कि झरी, रेनाखाली, बांदरबाड़ा, इटाली, खोने पीपली आदि गांव में बीज बैंक बनाए हैं। गायकवाड जी ने ही मुझे पूरे गांव में घुमाया। यहां कई तरह के देशी बीजों का संग्रह किया गया है। इन बीजों का किसानों के बीच आदान-प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके संग्रह में ज्वारी की 17, बाजरी की 4, मूंग की 5, सब्जियों की 22 और गेहूं की 4 किस्में हैं। पाथरी के झरी गांव की रंजना धरमी, सुमन भिसे, चंद्रकला, शांताबाई, लता, पारो, शांताबाई आदि ने बताया कि ज्वार. मूंग, बाजरी, उड़द, तिल, करड़, अरहर, मटकी के बीज संग्रह में हैं। इसके अलावा, गेहूं, चना, राजगिरी का देशी बीज भी है। इनकी एक से अधिक किस्में भी है।  
           
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विटा गांव की वनमाला काडवदे ने अपने छोटे खेत में विविध प्रकार की फसलें लगाई हैं। उन्होंने अपने खेत में गेहूं के साथ कई प्रकार की सब्जियां, मुनगा और आम जैसे फलदार पेड़ लगाए हैं। उनका कहना कि हम अपने खेत में थोड़ा-थोड़ा सब कुछ उगाते हैं जिससे हमारी भोजन की जरूरतें पूरी हो जाती हैं। खेती की लागत भी कम होती है, कर्ज भी नहीं लेना पड़ता।  पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या के मामले में अग्रणी राज्यों में से एक रहा है। इस वर्ष भीषण सूखे के दौर से गुजर रहे किसान अपनी जान देने मजबूर हैं। विदर्भ के बाद अब मराठवाड़ा में किसान खुदकुशी कर रहे हैं। 
          
पिछले दो सालों से गंभीर अकाल से जूझ रहे किसानों की इस वर्ष सूखे ने कमर तोड़ दी है। चारा-पानी के अभाव में मवेशी भी कम हो रहे हैं। गाय, बैल, भैसों की संख्या कम हो रही है। बी.टी. कपास, अंगूर, संतरे, केले, गन्ना जैसी नकदी फसलों के किसान प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। लेकिन साथ ही उन्हें मानवनिर्मित आपदा का सामना करना पड़ रहा है। खेती की लगातार बढ़ती लागतें, खाद दृबीज की समस्या और नई आर्थिक नीतियों के कारण किसानों का संकट बढ़ता जा रहा है।
          
किसानों का संकट सिर्फ उसी समय नहीं होता है जब प्राकृतिक आपदा से उनकी फसल चैपट हो जाती है। उनका संकट तब भी होता है जब उनकी फसल अच्छी आती है। जब किसान की फसल आती है तब उसके दाम कम हो जाते हैं और जब वह बाजार में आ जाती है तो उसके दाम बढ़ जाते है। लेकिन इसका लाभ किसान को न मिलकर बिचैलियों को मिलता है। यह भी देखने में आ रहा है कि जो किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं उनमें सबसे ज्यादा वह हैं जिन्होंने हरित क्रांति के साथ आई नकदी फसलों की खेती अपनाई है। परंपरागत और सूखी खेती से आत्महत्या की खबरें कम आती हैं। किसानों की बढ़ते संकट के मद्देनजर परंपरागत खेती को बढ़ावा देने की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। इसका एक कारण मौसम बदलाव है। 
          
बालासाहेब गायकवाड का कहना है कि अब जून में बारिश नहीं होती, जुलाई में होती है। अगर कम बारिश हुई तो बीज अंकुरण नहीं होता। इसके अलावा ज्यादा बारिश हुई तो फसल सड़ जाती है। लेकिन परंपरागत बीजों में प्रतिकूल मौसम झेलने की क्षमता होती है। देशी बीज ऋतु के प्रभाव से पक कर तैयार हो जाते हैं। पहले कई प्रकार की फसलें एक साथ लगाते थे। इसके साथ पारंपरिक खेती में खाद्य सुरक्षा तो होती थी, मवेशियों को भूसा और चारा भी मिलता था।
         
विविधता और मिश्रित खेती में खाद्य सुरक्षा के साथ पोषक तत्वों की पूर्ति भी जरूरी है यानी खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा भी जरूरी है। कम खर्च और कम कर्ज वाली खेती जरूरी है। इन सभी दृष्टियों से उपयोगी और सार्थक, देशी बीजों की टिकाऊ खेती है, जो सराहनीय होने के साथ-साथ अनुकरणीय भी है। 








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बाबा मायाराम
(चरखा फीचर्स)

विशेष : शहीद-ए-आजम के बलिदान दिवस पर

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शहीद-ए-आजम भगत सिंह और उनके साथियों का शहीदी दिवस आजादी के बाद इतना लंबा दौर और चार पीढिय़ां गुजर जाने के बावजूद पूरे जोशखरोश से मनाया जाता है। भले ही पंजाब में आतंकवाद के सिर न उठाने तक भगत सिंह व उनके साथियों को सरकारों ने हाशिए पर डालने की कोशिश की हो लेकिन जनता के बीच आजादी की लड़ाई के असल हीरो वही रहे हैं। सिर्फ तेईस साल की उम्र में उन्होंने देश के लिए मर मिटने के जिस जज्बे का परिचय दिया उसकी छाप देशभक्त जनता में कभी धुंधली नहीं हो सकती। यह दूसरी बात है कि भगत सिंह की बहादुरी और हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ जाने की उनकी अदा को लेकर लोगों में जितनी रूमानी भावुकता व्याप्त रहती है उतनी मशक्कत उनकी विचारधारा को समझने के लिए नहीं होती जबकि भगत सिंह ने असेंबली में प्रतीकात्मक बम विस्फोट के बाद अफरा-तफरी में निकल भागने की बजाय स्वयं अपनी गिरफ्तारी का अवसर इसीलिए दिया था कि वे अदालती बहसों का उपयोग उन विचारों के प्रचार के लिए कर सकेें जिनसे इस देश में आजादी के साथ-साथ व्यवस्था परिवर्तन भी हो और अंग्रेजों के आने के पहले से ही दबीकुचली जिंदगी जी रहे देश के आम आवाम को कोऊ होय नृप हमें का हानि की भावना भुलाकर व्यवस्था में हस्तक्षेप के लिए तत्पर किया जा सके।

बहरहाल भगत सिंह के साहस, पराक्रम और बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन करना हम सब लोगों का एक अनिवार्य कर्तव्य है लेकिन भगत सिंह को तब तक सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती जब तक कि उनके विचारों को गहराई तक समझने की और उस पर मंथन करने की उत्कंठा लोगों में जाग्रत न हो। व्यक्ति पूजा की हिमायती ताकतें प्रचारित करती हैं कि भगत सिंह किसी विचारधारा से बंधे नहीं थे लेकिन आज की पीढ़ी को यह बताया जाना चाहिए कि भगत सिंह घोषित रूप से कम्युनिस्ट थे और वे देश में वर्गविहीन समाज के निर्माण के लिए क्रांति का आह्वान करते हुए फांसी पर झूले थे। भगत सिंह लोगों की स्मृतियों में चिर युवा हैं और इस कारण युवा भारत के वे कालजयी आदर्श कहे जा सकते हैं। भगत सिंह के प्रति अपनी तमाम रोमांचक भावनाओं और समर्पण के बावजूद भारत में ग्लोबलाइजेशन युग का मध्यवर्गीय युवा कम्युनिस्ट दर्शन को उनके नाम पर भी पचा नहीं सकता। हालांकि कम्युनिस्ट आंदोलन के इतिहास में भी इस बीच न जाने कितना पानी बह चुका है इस कारण यह प्रश्न भी महत्वपूर्ण हो गया है कि हम क्यों न भगत सिंह की पूजा तक सीमित रहें क्योंकि उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। इसमें पर्याप्त संदेह है। इस पर लंबी बहस की जरूरत है लेकिन हमारे देश में दुनिया के किसी भी अच्छे विचार को इस आधार पर सिरे से खारिज करने की जो मानसिकता युवा पीढ़ी में पनपाई जा रही है कि उसका प्रवर्तन करने वाला विदेशी था जिसकी वजह से इस धरती पर उसके दर्शन को ग्राह्यï किया ही नहीं जा सकता। युवा पीढ़ी में वस्तु परक दृष्टिकोण में यह हठवादिता बेहद घातक साबित हो रही है। इससे युवा मानस को उबारना समय की मांग है। परिस्थितियों के साथ-साथ पुरानी विचारधाराओं के नवीकरण का क्रम चलता रहता है। चीन में कम्युनिस्ट शासन के साथ व्यक्तिगत मिल्कियत को मान्यता इस वैचारिक गतिशीलता का एक उदाहरण है। भगत सिंह के समय आर्थिक परिवेश जैसा था उसमें उन्होंने व्यवस्था की जो रूपरेखा खींच रखी थी जरूरी नहीं कि आज वह ज्यों की त्यों लागू हो लेकिन मुनाफे के लिए लोगों का जीवन लेने की हद तक की लोलुपता पर आधारित शोषण सहन नहीं किया जा सकता। 

आज कारपोरेट सेक्टर भी पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को गरीबों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराने का वायदा करने वाली राजनीतिक ताकतों का समर्थन करने में नहीं हिचक रहा। भले ही वह इन राजनीतिक ताकतों के प्रति इसलिए आकर्षण रखता हो कि यह उसे सेफ्टी वाल्व के रूप में नजर आती हैं लेकिन समाजवादी पूंजीवाद का नारा आज पूरी दुनिया में जोर पकड़ रहा है। इस कारण भगत सिंह के विचार आज के संदर्भ में भी प्रासंगिक हैं। यह बात दावे के साथ कही जा सकती है। शेयर बाजार और ग्लोबलाइजेशन के युग में न्यूनतम शोषण पर आधारित और जाति धर्म जैसे पूर्वाग्रहों से रहित व्यवस्था कैसे कायम की जाए। इस पर चिंतन होना चाहिए। भगत सिंह का व्यक्तित्व याद दिलाता है कि सिर्फ अपने कैरियर को संभालने की सोचना युवा प्रवृत्ति के विरुद्ध है। युवा मानसिकता की असल तासीर व्यवस्था की जड़ता को हिलाने के लिए साहस दिखाने में है जिसे आज का युवा कहीं भूल सा गया है। भगत सिंह का बलिदान दिवस आता है तो लगता है कि यह अवसर है कि उसे उसकी तंद्रा से झकझोरा जाए ताकि एक बेहतर समाज का निर्माण करने में उसकी ऊर्जा का सदुपयोग हो लेकिन अंत में फिर पहले की बात दोहरानी होगी कि भगत सिंह की पूजा पर्याप्त नहीं है उनके विचारों को समझने की जरूरत उससे ज्यादा है।



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के पी सिंह
ओरई 

सक्सेसफुल मॉम बनने के लिए ब्रेक लेंगी प्रियंका चोपड़ा

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अब बच्चों को बड़ा करना और एक सक्सेसफुल मॉम बनना दोनों ही बड़े कठिन काम है। पर लगता है प्रियंका चोपड़ा दोनों ही करना चाहती हैं। अब मॉम बनने के लिए वो शादी करेंगी या फिर अडॉप्ट करके एक सक्सेसफुल सिंगल मदर बनेंगी ये तो उन्होंने नहीं बताया लेकिन प्रियंका चोपड़ा ने बच्चों को लेकर बहुत उत्साह ज़ाहिर किया है। एक इंटरव्यू में प्रियंका ने कहा कि उनके पास अपने लिए भी केवल बिस्तर पर थक कर सोने जितना समय होता है। इसलिए अब वो काम करके काफी थक चुकी हैं। लेकिन काम से ब्रेक वो तभी लेंगी जब उन्हें अपने बच्चों को बड़ा करना होगा। 

प्रियंका का ये भी कहना है कि उन्हें खुद को सरप्राइज़ देना काफी पसंद है इसलिए क्या पता खुद को सरप्राइज़ देने के लिए वो खुद को एक बच्चा गिफ्ट करें। कैसे इस पर वो चुप रह गई। हालांकि प्रियंका ने कहा कि वक्त के बारे में कभी कुछ नहीं कहा जा सकता। वैसे प्रियंका की तरह बॉलीवुड में कई ऐसी सुपरमॉम और सिंगल मदर हैं जिन्होंने करियर से ज़्यादा तरजीह बच्चों को दी है।



अशोक कुमार निर्भय 
वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक 

हिन्दू नववर्ष की पूर्व संध्या पर लंदन मंे हो जायेगा दिन में अंधेरा

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विदेशो में खग्रास सूर्य ग्रहण यह ग्रहण पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र मीन राशि मंे होगा भारत के बाहर उत्तरी गोलार्द्ध में सम्पूर्ण ग्रास के रूप मंे देखा जायेगा, ग्रहण का काल 1ः11 से 05ः20 तक है। यह ग्रहण लंदन मंे शोध का विषय होगा, खग्रास की स्थिति में लंदन मंे अंधेरा हो जायेगा जो कोतूहल का विषय भी होगा इस क्षेत्र के अतिरिक्त ईरान, ईराक, ईटली, रूस, स्वीडन, बिटेªन, आॅस्ट्रेलिया, अलजीरिया आदि देशों में भी देखा जा सकेगा।
इस ग्रहण का प्रभाव नवरात्रि के घट स्थापना आदि उपासना पर नहीं पड़ेगा। 
इसके ठीक 15 दिन बाद एक पखवाड़े में हनुमान जंयती के दिन खग्रास चंद्र ग्रहण होगा हस्तनक्षत्र कन्या राशि पर होने वाला यह खग्रास चंद्र ग्रहण भोपाल मंे 38 मिनिट का हेागा। इसका सूतक हनुमान जंयती को सुबह 09ः37 से प्रांरभ होगा। इस ग्रहण मंे सुबह एवं रात्रि की हनुमान पूजा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परंतु एक पखवाड़े पर दो ग्रहण खतरे की घण्टी तो है ही।
इधर वक्री शनि महाराज को भी 10 वर्ष पश्चात् नव सवंद् सत्र की सत्ता प्राप्त हो रही है अखिल ब्रह्मांड के सर्वोच्च महा न्यायमूर्ति शनि गृह मंगल की राशि पर रहते हुए 10 अंश पर वक्री है। नववर्ष का प्रारंभ कर्क लग्न पर है, मगंल प्रधानमंत्री बनने के दो दिन बाद ही अपनी सत्ता मेष राशि में संभालेगें। न्याय व्यवस्था में कसावट फलस्वरूप तेजी तथा न्याय प्राप्त करने की लाईन में लगे लोगो को न्याय दिलायेगा, मीन राशि का ग्रहण समाज, धर्म, कर्म आदि के क्षेत्र तथा समुद्री क्षेत्र जलीय, तटीय स्थानों पर हानिप्रद है। भारत की प्रभाव राशि मकर के स्वामी शनि को सत्ता प्राप्त होने से न्यायहित कार्यो का प्रांरभ यहां से ही होगा इसके साथ जिन-जिन राशियों को साढ़े साती एवं शनि का प्रभाव चल रहा है उन्हें वर्ष भर शनि का प्रभाव साढे़ साती एवं ढया के रूप मंे रहेगा। 

बदहाल मोतीनगर का वृद्ध मनोरंजन केंद्र,बुजुर्गों को सुविधाओं का है इन्तज़ार

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नई दिल्ली। मोतीनगर में आचार्य भिक्षु अस्पताल के सामने बना वृद्ध मनोरंजन केंद्र की सुध अब न ही यहाँ के भाजपा निगम पार्षद को है और न ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त पी के गुप्ता को। जबकि यही पदासीन चेहरे इसी वृद्ध मनोरंजन केंद्र के  उदघाट्न उद्घाटन समारोह में बड़ी बड़ी योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं। घोषणाओं तो महज लोकदिखावा  रही  वही युवाओं की सेहत बनाने वाले जिम को बदहाल करके यह वृद्ध मनोरंजन केंद्र खोला गया है। 

वर्ष 2014 में 1 दिसंबर को उदघाट्न समारोह निगम की तरफ से आयोजित किया गया था लाखों रुपए पानी में बहाकर नेताओं ने वाहवाही लूटी किन्तु क्षेत्र के बुजुर्ग महिला पुरुषों के लिए बने इस मनोरंजन केंद्र में आज तक टी वी तक नहीं लगाया गया। अख़बार किसी ने कभी यहाँ देखा नहीं। बैठने के नाम पर टूटी कुछ प्लास्टिक की कुर्सी हैं किन्तु टेबल गायब है। इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र के निगम और जनप्रतिनिधियों के कारण इतने बदहाल हालात है की यहाँ आज तक शौचालय तक नहीं बना है,जबकि भाजपा के केंद्र सरकार अरबों रुपए का कैम्पेन स्वच्छ भारत अभियान चला कर जागरूकता बढ़ाना चाहती है। यहाँ के हालात देखकर लगता है की भाजपा निगम में सत्ताधीश बनकर बैठी है किन्तु केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री के कहने का कोई असर दिखाई नहीं देता। इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र की बदहाली के जिम्मेदार सी एस डी विभाग उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अफसरों को यह हालात पता है किंतु फिर भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाना उनकी मज़बूरी को दर्शाता है ? 

इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र की दीवार टूटी हुई है जहां यह केंद्र असामाजिक तत्वों और आवारा जानवरों की शरणस्थली बन गया है। जब रिलेशन और इंडिया के समाचार संपादक ने केंद्र में जाकर जानकारी ली तो  वहां  मौजूद केयर टेकर ने बताया की जब से यह केंद्र खुला है तभी से यहाँ अखबार नहीं आया। खेलने के गेम्स जैसे लूडो,कैरबोर्ड,डॉट्स,पुस्तकें,टेबल,टी वी नहीं आया और बाहर कभी घास नहीं उगाई गयी। आप अगर इसके ग्राउंड को देखे तो कूड़ा कचरा चारों तरफ फैला है जो किसी घातक बीमारी के आगमन की तैयारी कर रहा है। यहां के  गेट की एक चाबी रेहड़ी लगाने वाले के पास रहती है जो यहाँ  अपनी रेहड़ी खड़ी करता है। अधिकतर समय इस केंद्र का गेट बंद ही रहता है। 

गौरतलब है की इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र  का उद्धघाटन वर्तमान भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी और तत्कालीन मोतीनगर के विधायक सुभाष सचदेवा, स्थाई समिति के अध्यक्ष मोहन भारद्वाज,करोलबाग जोन के वार्ड समिति के अध्यक्ष राजेश भाटिया और निगम पार्षद मोतीनगर  वार्ड -99 के भारत भूषण मदान और निगम आयुक्त पी के गुप्ता की उपस्थिति में हुआ था। अब इसकी सुध लेने इनमें से कोई आगे नहीं आ रहा है जबकि उस समय सबने अपनी वाहवाही लूटने के लिए समारोह आयोजित करके लाखों रुपए बहा दिये अब  मोतीनगर क्षेत्र के बुजुर्ग आँखों की कम होती रोशनी में भी टकटकी लगा कर इस वृद्ध मनोरंजन केंद्र में सुविधाओं के इंतज़ार कर रहे है।     

अशोक कुमार निर्भय 

भोपाल में नया पत्रकार भवन बनाने का मार्ग प्रशस्त

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  • लीज निरस्त होने से पत्रकारों ने पुराना भवन सरकार को सौंपा

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भोपाल, राजधानी भोपाल के पत्रकारों ने सरकार को प्रदेश में स्वस्थ संवाद का नया मंच बनाने का अवसर प्रदान कर दिया है। इस फैसले में पत्रकारों ने मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन सरकार को सौंप दिया है ताकि वह इस भवन को गिराकर दस मंजिला सर्वसुविधा युक्त आधुनिक भवन बनाने का काम आरंभ कर सके। आज साधारण सभा की बैठक में पत्रकार भवन समिति के सदस्य पत्रकारों ने विधिवत प्रस्ताव पारित करके भवन का स्वामित्व सरकार को सौंपने का फैसला लिया है। प्रशासन की ओर से टीटीनगर एसडीएम ने भवन का कब्जा विधिवत प्राप्त कर लिया है। इसके साथ ही भवन पर अवैध कब्जे के खिलाफ बरसों से चल रही पत्रकारों की मुहिम ने अपना सुखांत लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब सरकार इस भवन को डाइनामाईट लगाकर गिराएगी और परिसर से समीप स्थित झुग्गियां, किचिन गार्डन के रूप में जुड़े मैदान और पत्रकार भवन को मिलाकर लगभग तीन हजार वर्गमीटर क्षेत्र में नए अत्याधुनिक भवन का निर्माण करेगी। 

भोपाल के जिला दंडाधिकारी निशांत बरवड़े ने विगत 2 फरवरी को पारित प्रकरण क्रमांक 01। अ-20(4)। 13-14 में पत्रकार भवन की लीज निरस्त करने का आदेश दिया था जिसके बाद भोपाल के पत्रकारों ने नवनिर्माण के लिए ये भवन सरकार को सौंपने का फैसला लिया है। पत्रकारों के पास अब तक केवल 27007 वर्गफीट जमीन का पट्टा था जो नए भवन के साथ बढक़र लगभग चार गुना हो जाएगा। कलेक्टर ने यह फैसला लीजधारक वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, भोपाल की ओर से शर्तों के उल्लंघन किए जाने के बाद लिया है।अपने निर्णय में जिला दंडाधिकारी ने कहा है कि वर्ष 1969 में वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल को मालवीय नगर स्थित प्लाट नंबर 01 शीट नंबर 21का 27007 वर्गफीट भूमि का पट्टा सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित करने के उद्देश्य से प्रदान किया गया था। संस्था ने इस भूखंड का उपयोग विवाह और अन्य गैर पत्रकारिता गतिविधियों के लिए करना शुरु कर दिया। इस पट्टे की लीज वर्ष 1999 में समाप्त हो चुकी थी जिसका नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। 

पत्रकार भवन को आपराधिक और व्यावसायिक गतिविधियों का अड्डा बनाए जाने की शिकायतें मिलने के बाद पत्रकार भवन समिति को मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 182 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस दिया गया था कि लीज शर्तों का उल्लंघन करने के कारण क्यों ने भवन को राजसात करके पुन: प्रवेश की कार्रवाई की जाए। वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की ओर से अवधेश भार्गव ने स्वीकार किया कि लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन तो किया ही जा रहा है साथ में भवन का उपयोग गैर पत्रकारिता गतिविधियों के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने आयुक्त जनसंपर्क संचालनालय को भी पत्र लिखकर आबंटित भूमि सरकार को लौटाने का अनुरोध किया। पत्रकार भवन समिति भोपाल के अध्यक्ष एन.पी. अग्रवाल ने भी आयुक्त जनसंपर्क संचालनालय को को पत्र भेजकर बताया कि समिति ने 30.11.2014 को हुई बैठक में इस भूखंड पर समाचार पत्रों और पत्रकारों के हित में बहुमंजिला इमारत बनाए जाने का निर्णय लिया है। 

कलेक्टर के समक्ष सुनवाई के दौरान बाद में पंजीकृत कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने आपत्ति भी दर्ज कराई जिसके जवाब में अनावेदक अवधेश भार्गव ने बताया कि आपत्ति करने वाले लोग मप्र श्रमजीवी पत्रकार संघ के हैं जिसका पंजीयन वर्ष 1992 में हुआ था। अन्य दावेदार इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट का पंजीयन भी वर्ष 1974 में हुआ था। जाहिर है कि बाद में अस्तित्व में आईं इन संस्थाओं का पत्रकार भवन से कोई लेना देना नहीं है। पत्रकार भवन पर अवैध कब्जा जमाने वालों का तर्क था कि लीज डीड में समयावधि नहीं लिखी है इसलिए उसे तीस साल में नवीनीकरण कराए जाने की जरूरत नहीं है। इस पर जिला दंडाधिकारी ने कहा कि वर्ष 2002 तक जो लीज जमा कराई जा रही थी वह लीज डीड की आम शर्तों के अनुसार थी जाहिर है कि पट्टे के आबंटन की सामान्य प्रक्रिया इस प्रकरण में भी लागू होगी। 

भू राजस्व संहिता की धारा 182(2) में साफ लिखा है कि सरकारी पट्टेदार को उसकी भूमि से राजस्व अधिकारी के आदेश द्वारा निम्नलिखित आधारों में से किसी एक या अधिक आधारों पर बेदखल किया जा सकेगा। अर्थात-(एक) यह कि उसने लगान का उस तारीख से जिनको कि वह शोध्य हो गया था , तीन मास की कालावधि तक भुगतान नहीं किया गया है। या (दो) यह कि उसने एसी भूमि का उपयोग उन प्रयोजनों से जिनके लिए वह प्रदान की गई थी, भिन्न प्रयोजनों के लिए किया है। या (तीन) यह कि उसके पट्टे की अवधि का अवसान हो चुका है या(चार) यह कि उसने अनुदान की किसी निबंधन या शर्त का उल्लंघन किया है। 

अपने फैसले में जिला दंडाधिकारी ने कहा है कि लीज धारक ने इन सभी शर्तों का उल्लंघन किया है इसलिए भूखंड पर पुन: प्रवेश का ही विकल्प शेष रह गया है। इसलिए पट्टा निरस्त करके भूखंड का आधिपत्य प्राप्त करने का आदेश दिया जाता है। इसके लिए राजधानी परियोजना टीटीनगर वृत्त भोपाल से उक्त भूखंड पर पुन: प्रवेश की कार्रवाई करके आधिपत्य प्राप्त करें। आज पत्रकार भवन समिति ने साधारण सभा की बैठक में आधिपत्य सौंपने की कार्रवाई का विधिवत प्रस्ताव तैयार करके एसडीएम को सौंप दिया है,ताकि नया भवन बनाया जा सके।

गौरतलब है कि लगभग बीस सालों से सरकारी बजट को छिन्नभिन्न करने वाले सत्ता माफिया के गुर्गे इस पत्रकार भवन का उपयोग कर रहे थे। वे समय समय पर मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों व सचिवों को भी ब्लैकमेल करते थे और उन पर फिजूल खर्ची की योजनाओं के लिए बजट आबंटित करने का दबाव बनाते रहते थे। कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार ने इस सत्ता माफिया को भरपूर प्रश्रय दिया था। इसके बाद भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस माफिया तंत्र को भेदने का प्रयास भी किया लेकिन उनके हटते ही ये गिरोह फिर सक्रिय हो गया था। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने जब ये समस्या लाई गई तो उन्होंने प्रशासन को संविधान सम्मत काम करने के निर्देश दिये। प्रस्तुत तथ्यों के प्रकाश में प्रशासन ने पत्रकार भवन को दुबारा बनाने का फैसला लिया है। जिसके बाद सत्ता माफिया के गढ़ बन चुके इस भवन को ढहाने की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हुआ है। बरसों से प्रदेश और पत्रकारों के हित में लड़ाई लड़ रहे कई जांबाज पत्रकारों ने इस संग्राम में अपनी आहुतियां दी हैं। प्रदेश और पत्रकारों के हित में पहली बार किसी सरकार ने यह फैसला लिया है जिसका स्वागत राजधानी के अलावा प्रदेश भर के जमीनी पत्रकार कर रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि शिवराज सिंह सरकार इस यशस्वी कार्य को बखूबी अंजाम देगी और नई पीढी़ के पत्रकारों के लिए नया भवन बनाकर एक गौरवमयी विरासत में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगी।


-आलोक सिंघई-

आलेख : विपक्ष द्वारा सरकार की विकास नीति में अडंगा

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वर्तमान में लगभग निर्वासन की स्थिति में पहुंच चुका भारत का राजनीतिक विपक्ष अपने आपको राष्ट्रीय परिदृश्य में उभारने के लिए एक बार फिर भरसक प्रयत्न कर रहा है। राहुल गांधी के कथित जासूसी मुद्दे की हवा निकलने के बाद कांगे्रसी नेताओं के स्वरों में जो बेचैनी देखी जा रही है, उसके कारण कांगे्रस सहित सभी विपक्षी दल अपने आपको खबरों में बनाए रखने के लिए मार्ग तलाशने में जुट गए हैं। लेकिन एक बात तो साफ है कि राजनीतिक विपक्ष किसी मुद्दे पर गहन चिन्तन मनन करना ही नहीं चाह रहा। अगर वास्तव में चिन्तन मनन करता तो संभवत: भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विरोध करने का अवसर ही नहीं आता। इस भूमि अधिग्रहण को लेकर विपक्षी दलों द्वारा जिस प्रकार का प्रचार किया जा रहा है, वास्तव में वह वैसा नहीं है। इसकी वास्तविकता का अध्ययन किया जाए तो इसका स्वरूप केन्द्र सरकार की उस नीति पर खरा उतरता दिखाई देगा, जिसमें सबका साथ, सबका विकास की प्रतिध्वनि सुनाई देगी।

भूमि अधिग्रहण मुद्दे को लेकर जिस प्रकार से विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा संसद से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च किया गया, उसे एक महज दिखावा निरूपित किया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जाएगी। क्योंकि यह सभी वही राजनीतिक दल हैं जो हमेशा से ही सत्ता में अपना प्रभाव दिखाना चाहते हैं। इसे सीधे शब्दों में कहा जाए तो यही होगा कि यह दल बिना सत्ता के जीवित ही नहीं रह सकते। वास्तव में यह प्रदर्शन केन्द्र सरकार पर जबरदस्ती दबाव बनाने का असफल प्रयास ही है। यह राजनीतिक दल इतना अवश्य जानते हैं कि वर्तमान में केन्द्र सरकार जिस नीति के तहत कार्य कर रही है, उससे देश का ही भला होगा। विपक्षी दलों द्वारा जिस प्रकार से भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध किया जा रहा है, उसे प्रथम दृष्टया देशहित का विरोध ही कहा जाएगा। क्योंकि केन्द्र का यह कदम सबका साथ सबका विकास वाली अवधारणा पर ही आधारित था।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के कुछ महत्वपूण बिन्दुओं पर विचार करें तो हम पाएंगे कि यह विधेयक देश की प्रगति के लिए महत्वपूण सोपान बनेगा। मोदी सरकार ने किसान हितों की सुरक्षा करने के लिए लोकसभा में इस संशोधन विधेयक में 9 संशोधन पारित किए हैं। इन 9 संशोधनों के अनुसार इस अध्यादेश में भूमि अधिग्रहीत परिवार के एक सदस्य को नौकरी, किसानों की बहु फसली जमीन की मुक्ति एवं सुरक्षा, किसानों को अपील का अधिकार, इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर के लिए सीमित जमीन का प्रावधान, सामाजिक अधो संरचना के लिए शासकीय मंजूरी, सरकार तथा सरकारी एजेन्सी को भी भूमि अधिग्रहण की अनुमति, बंजर जमीन का अलग से रिकार्ड रखने, जिला स्तर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, उपजाऊ जमीन को अंतिम विकल्प जैसे आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। इन सभी प्रावधानों का अध्ययन किया जाए तो हमें स्पष्ट रूप से यह दिखाई देगा कि सभी संशोधन देश और किसानों के हित में ही हैं। वास्तव में विकास की अवधारणा को साकार रूप में परिणित करने के लिए इस प्रकार के कदम की आवश्यकता है।

विपक्ष द्वारा जिस प्रकार से प्रदर्शन किया गया, उसके पीछे उनके अपने स्वार्थ और निहितार्थ होंगे। लेकिन सवाल यह उठता है कि अपने फायदे के लिए देश के विकास के मार्ग को अवरुद्ध करना किस राजनीति का परिचायक है। इस विरोध को विपक्ष का बालहठ कहना ज्यादा न्यायोचित कहा जाएगा, क्योंकि इस प्रकार के हठ में यह दिखाई नहीं देता कि किसका कितना नुकसान होगा। वह तो विरोध ही करेगा। 

एक लम्बे अरसे बाद संसदीय लोकतंत्र की परिपक्वता तथा परस्पर संसदीय सहयोग प्रदर्शित करने वाली एक सुखद खबर मिली। देश की आर्थिक प्रगति के लिए अति आवश्यक बीमा अध्यादेश 2015 राज्यसभा में विपक्ष के सहयोग से आखिरकार पारित कर दिया गया। 12 मार्च 2015 को राज्यसभा में पारित होने के बाद अब यह अध्यादेश राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद मान्य कानून का रूप लेगा। जबकि भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर देशभर में असमंजस एवं विरोध जारी है। संसद में भाजपा और विपक्षी दलों में तीखी नोंक-झोंक सहित विवाद जारी है। यह विधेयक गत दिनों लोकसभा में पारित हो चुका है अब इसे मान्य कानून का रूप देने के लिए 20 मार्च 2015 तक राज्यसभा में पारित किया जाना आवश्यक है। परन्तु संसद के द्वितीय सदन राज्यसभा में सत्तारूढ़ दल भाजपा को बहुमत प्राप्त नहीं है। संख्या बल की दृष्टि से राज्यसभा में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का पलड़ा भारी है। राजनैतिक घटनाक्रम को देखते हुए बिना विपक्षी सहयोग के भूमि अधिग्रहण पारित होना संभव नहीं लगता है।

भूमि संशोधन विधेयक के लिए मोदी सरकार ने लचीला तथा सर्वग्राही रूप अपनाया परन्तु गेंद अब विपक्ष के पाले में है, बिना विपक्ष के पूर्ण सहयोग के राज्यसभा में इस अध्यादेश का पारित होना संभव नहीं लगता है। देश का सर्वाधिक दुर्भाग्य यह है कि इस राष्ट्रीय हित के लिए प्रतिबद्ध इस अध्यादेश को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दल उथली राजनीति कर रहे हैं। जबकि यह अध्यादेश देश के विकास बनाम अधो संरचना की दृष्टि से रेल लाइन, स्कूल, अस्पताल, बिजली कारखानों, औद्योगिक प्रगति के लिए जरुरी है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विधेयक को पारित करने के लिए कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों से राज्यसभा में अपना सहयोग देने का विधिवत आग्रह किया है। उन्होंने किसानों के हित की सुरक्षा गारण्टी देते हुए कहा है कि वे तथा उनकी सरकार किसानों के हितों की पूर्ण रक्षा करेगी। उन्होंने किसान वर्ग के हितों तथा स्वत्व को सुरक्षित रखने हेतु भूमि अधिग्रहण विधेयक में 9 संशोधन लोकसभा में पारित किये हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों से किसान हित के सुझाव तथा संशोधनों के लिए विपक्ष को आमंत्रित किया है लेकिन विपक्ष अपने संख्या बल का लाभ लेते हुए इस अध्यादेश को पारित करने के लिए राज्यसभा में अडंगा डाल रहा है। यह स्थिति उचित नहीं है सत्ता पक्ष और विपक्ष की लड़ाई अब इस मुकाम तक जा पहुंची है कि वहां से विपक्ष की वापसी अब संभव नहीं दिखाई देती है। जबकि भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर देश में विरोध की आंधी तथा आन्दोलनात्मक स्थिति है। इसी तारतम्य में अण्णा हजारे 25 मार्च 2015 से वर्धा दिल्ली तक पद यात्रा करेंगे। यह उनकी तथाकथित यात्रा देश की राजधानी दिल्ली में 27 अप्रैल को समाप्त होगी। खेद का विषय यह है कि मोदी सरकार की सहयोगी शिवसेना भी अपने दुराग्रहों के कारण विरोध की मुद्रा में है। कुल मिलाकर किसानों को उकसाने तथा राजनैतिक लाभ लेने की तैयारी है।

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर मोदी सरकार सजग एवं राष्ट्रीय राजनीति करने के पक्ष में दिखाई देती है। उन्होंने कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों से इस प्रकरण में राष्ट्रीय राजनीति करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए 9 संसोधनों के अलावा इस भूमि अधिग्रहण विधेयक में जो किसान हितकारी संशोधन होंगे उन्हें हर हालत में शामिल किया जायेगा। यह सच है कि देश विकास की राह पर चलना चाहता है, परन्तु मोदी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध प्रतीत होती है किसी भी स्थिति में किसान हितों की अवज्ञा नहीं होनी चाहिए।
इस विधेयक को पारित करने के लिए 20 मार्च 2015 की अवधि निर्धारित है। यह भूमि अधिग्रहण बिल देश के विकास के लिए अति अनिवार्य विकास की गंगा है। इस हेतु मोदी सरकार और उसके प्रधानमंत्री विपक्ष के साथ समन्वय तथा सहयोग की आकांक्षी है। सरकार ने विपक्ष की मंशा के अनुरूप इस अध्यादेश में आवश्यक संशोधन कर लिए हैं तथा वह विपक्ष द्वारा अनुशंसित किसान हितकारी संशोधन को स्वीकृत करने के लिए तैयार है परन्तु राष्ट्रीय हितों की दृष्टि से कांग्रेस सहित सारे विपक्षी दल एक साथ ही त्रिया हठ और बाल हठ के शिकार हैं। इस दृष्टि से विपक्षी दलों को पलायन वादी बनाम मात्र विरोध के लिए विरोध करने की नीति अपनाना उचित नहीं कहा जा सकता है। इस विधेयक को पारित करवाने में तथा आवश्यक संशोधनों को लेकर आम सहमति बनाते हुए विपक्ष को सरकार को पूर्ण सहयोग देना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो एक ओर विपक्ष की अडंगापूर्ण नीति से देश के विकास का एजेण्डा प्रभावित होगा तथा दूसरी ओर इससे देश में विपक्ष का दायित्व भी कलंकित होगा। आज के परिप्रेक्ष्य में विपक्ष के लिए अपनी नकारात्मकता से उबरना ही सही ढंग से राजधर्म का निर्वाह होगा।

इस भूमि अधिग्रहण बिल की महत्ता इस देश के लिए अधिक प्रभावी तथा अत्यावश्यक इसलिए बन गई है कि यह अध्यादेश आगामी दिनों में विकास का मेग्नाकोर्टा बनने वाला है। इस अध्यादेश के बल पर ही 21वीं सदी के भारत की विकास गाथा लिखी जानी है। इसलिए इस अध्यादेश के निर्माण में सत्तारूढ़ दल भाजपा तथा विपक्ष की सहभागिता भी आवश्यक हो गई है। देश यह विश्वास करता है कि इस अध्यादेश के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष में सहमति बनेगी और अभी हाल में बीमा अध्यादेश 2015 को सत्ता पक्ष और विपक्ष ने आम सहमति से पारित कर जिस सदाशयता का परिचय दिया उसी प्रकार की सहमति तथा सर्वसम्मति राज्यसभा में इस अध्यादेश के मतदान के दौरान देखने को मिलेगी। अगर ऐसा हुआ तो यह सत्तापक्ष सहित विपक्ष की देश के लिए अनुपम सेवा होगी।





---सुरेश हिन्दुस्थानी---
लश्कर, ग्वालियर म.प्र.
मोबाइल - 9425101815

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (22 मार्च)

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देश की आधे से ज्यादा आबादी रक्त की कमी से जूझ रही है, 74 प्रतिशत बच्चों के एनीमिया की समस्या 

देहरादून, 22 मार्च (राजेन्द्र जोशी) । सघन आबादी वाले, कृषि पर आधारित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत जैसे देश में एक गंभीर चिकित्सकीय समस्या लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है जिसकी वजह से वयस्कों में कम उत्पादकता, बच्चों की कमजोर वृद्धि, जन्म के समय कम वनज और जन्म के वक्त बच्चों की बढ़ती हुई मृत्यु दर की समस्या जोर पकड़ रही है। एनीमियाको’’खून की कमी’’ कहना कहानी का सिर्फ आधा हिस्सा है। खून दो हिस्सों से मिलकर बनता है। एक तरल हिस्सा जिसे प्लाज्मा कहते हैं और दूसरा सेल्यूलर हिस्सा होता है। सेल्यूलर हिस्से को लालरक्त कणिकाएं, श्वेत रक्तकणिकाएं और प्लेट लेट्स कहा जाता है। एनीमिया एक ऐसी दशा होती है जिसमें मानव शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या कम हो जाती है। ये लाल रक्त कणिकाएं फेफड़े से शरीर के अन्य हिस्सों तक आॅक्सीजन का संचार करती हैं और इस लिए इनका सेहतमंद जीवन शैली के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में एनीमिया के मामलों में 1998 से 2005 के बीच इजाफा हुआ। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 के मुताबिक देश की आधे से ज्यादा आबादी रक्ताल्पता की कमी से जूझ रही है। आयरन की गंभीर कमी, स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की अधिक लागत, भोजन की खराब गुणवत्ता और गंभीर गरीबी इसके प्रमुख कारण हैं। महिलाओं में एनीमिया मातृ मृत्युदर और गर्भ के दौरान मृत्यु का कारण बन सकता है। उत्तर प्रदेश में 49.9 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीडि़त हैं। 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों वाले देश में काफी राज्यों में फैल रहा है। राजस्थान में 6 महीने से लेकर 5 साल तक के 69.7 फीसदी बच्चों में एनीमिया की समस्या है। 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों वाले देश में काफी राज्यों में फैल रहा है। उत्तर प्रदेश में 6 महीने से लेकर 5 साल तक के 74 फीसदी बच्चों में एनीमिया की समस्या है। लेकिन हैरानी की बात है कि ज्यादातर लोग रक्ताल्पता के शुरूआती लक्षणों की ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। यहां तक कि सबसे सामान्य प्रकार के एनीमिया, आईडीए यानी आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया की भी पहचान नहीं हो पाती है। इसके लक्षणों के प्रति लापरवाही ही संभवतः इस का प्रमुख कारण है। आमतौर पर थकान, ऊर्जा की कमी, छोटी सांस, अनियमित धड़कन, कमजोरी और चक्कर आने जैसी मामूली बीमारियों को नजर अंदाज करने की प्रवृत्ति होती है जो कुछ दिन आराम करने से ठीक हो सकती है। इन शुरूआती लक्षणों को नजर अंदाज करना अंगों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर क्षति पहुंचने का लक्षण हो सकता है और इनसे रक्ताल्पता की गंभीर स्थिति की ओर बढ़ने का भी रास्ता भी तय हो सकता है।

भीमताल की सुन्दरता विश्व विख्यामः सीएम 

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देहरादून, 22 मार्च । भीमताल की सुन्दरता विश्व विख्यात है, वही इस कस्बे का ऐतिहासिक महत्व है। होटल व्यवसाय जहां पर्यटन की नींव है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत एवं धरोहर को संजोए रखने मंे भी कडी का कार्य करता है। हम अपने प्रदेश की पारम्परिक विरासत व संस्कृति को बचाने के लिए भीमताल जैसे कस्बों के आसपास के गांवों में हस्तशिल्प ग्राम विकसित करें, ताकि इन छोटे पर्वतीय कस्बों में प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेने वाले पर्यटकों को स्थानीय हस्तशिल्प व उत्पाद मिल सके। इससे पर्यटन एवं रोजगार के अवसर बढंेंगे। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को भीमताल झील के किनारे नवनिर्मित आधुनिकतम सुविधाओं से पूर्ण होटल हर शिखर का लोकार्पण अवसर पर कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने होटल व्यवसायियो से कहा कि वह उत्तराखण्ड की भौतिकी एवं संस्कृति के सम्वर्धन में आगे आयें। उन्होने इस पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि पहाड की लोक संस्कृति, लोकगीत वाद्य यन्त्र, हस्तशिल्प आज की भौतिकता की दौड में हाशिए पर आ गया है। उन्होने कहा कि होटल व्यवसाय के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य के विकास में सहयोग करने का संकल्प लिया है। प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा पूरे वर्ष के लिए प्रारम्भ कर दिया है। हम यात्राओ के सुगम बनाने की दिशा में कार्यरत है। हमारा प्रयास है कि वर्ष 2012 में जितने पर्यटक आये थे, उसमें से कम से कम 80 प्रतिशत वापस उत्तराखण्ड को वापस लौटे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार मेलों के माध्यम से पर्यटन विकास की दिशा मंे भी रणनीति तैयार कर रही है। प्रदेश भर में विभिन्न स्थानो पर वर्ष भर में आयोजित होनेवाले सांस्कृतिक एवं धार्मिक मेलों का कलैन्डर एवं समय सारणी तैयार की जा रही है। जिसे राष्ट्रीय एवं अन्तराष्टीय स्तर पर प्रख्यापित किया जायेगा, ताकि दुनिया के दूर दराज के इलाकों में इन मेंलो की जानकारी पर्यटको केा मिल सकें और वे उत्तरखण्ड का रूख करें। प्रदेश सरकार ने पर्यटन विकास के लिए साहसिक खेलों एवं रिवरराफ्टिंग को भी पर्यटन को जरिया बनाया है। उन्होने स्थानीय लोगो व होटल व्यवसायियों से कहा कि वह भीमताल, नैनीताल, नौकुचियाताल, सातताल व अन्य झीलों मंे साहसिक खेलो का आयोजन करायें या उससे सम्बन्धित प्रस्ताव सरकार को भेजे।  ऐसे आयोजनो को भी सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार साइकिलिंग ट्रैक तथा बाइकिंग ट्रैक भी तैयार करने की दिशा में कार्य कर रही है। ताकि साइकिंलिग व बाइकिंग के जरिये भी पर्यटन विकसित हो। उन्होने कहा कि देश के विभिन्न प्रान्तो एवं विदेशो ंमें पर्यटन का विकास निजी प्रयासो से ही हुआ है। केवल सरकार ने इन प्रयासेा केा मूर्त रूप प्रदान किया है। उन्होने कहा है कि आज भी बडी सख्या मे लोग फूलों का अवलोकन व उनकी सुन्दरता निहारने गंगटोक जाते है। जबकि विश्व प्रसिद्ध फूलों की घांटी उत्तरखण्ड में भी है। उन्होने कहा कि आईये आज हम संकल्प ले कि हम सरकारी प्रयासों के साथ ही निजी प्रयासो के माध्यम से प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को और अधिक गति प्रदान करने के लिए मददगार बने। होटल हरशिखर के चेयरमैन एसपी सिह ने बताया कि उनके द्वारा भीमताल में होटल स्थापित करना एक अलौेकिक अनुभव है। उन्होने कहा कि वह इस व्यवसाय के माध्यम से देवभूमि की सेवा करना चाहते है। उन्होने बताया कि उनकी संस्था एलपीएस द्वारा वर्ष 2012 में केदारनाथ में आयी आपदा से उत्तराखण्ड को उभरने के लिए लखनऊ पब्लिक स्कूल संगठन की तरफ सेे मुख्यमंत्री राहत कोष मे 21 लाख की धनराशि दी गयी थी। एमएलसी एवं होटल हरशिखर की निदेशक श्रीमती कान्ती सिह ने पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह देकर मुख्यमंत्री हरीश रावत व श्रममंत्री हरीश दुर्गापाल का सम्मान किया। कार्यक्रम मंे ब्लाक प्रमुख गीता विष्ट, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन विनोद गुणवन्त,पूर्व सांसद डा0 महेन्द्र सिह पाल,महेश शर्मा, सदस्य मलिन बस्ती सुधार समिति खजान पाण्डे, उपाध्यक्ष जिला पंचायत पुष्कर नयाल, जया विष्ट, केदार पलडिया,हरीश विष्ट,रामसिह कैडा, मुख्यमंत्री के सलाहकार संजय चैधरी, ओसडी मुख्यमंत्री आन्नद बहुगुणा, आयुक्त कुमायू मंडल अवेन्द्र सिह नयाल,अपर जिलाधिकारी उदय सिह राणा के अलावा बडी संख्या मे गणमान्य नागरिक मौजूद थे। आगन्तुकांे के स्वागत मंे लखनऊ पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा कुमाउनी लोकगीत एव ंस्वागत गीत प्रस्तुत किये। 

जलसंस्थान को राजकीय विभाग घोषित करने की मांग 

देहरादून, 22 मार्च (निस)। उत्तराखंड जलसंस्थान कर्मचारी संघ ने जलसंस्थान को राजकीय विभाग घोषित करने की मांग की है। जलसंस्थान का राजकीय करण न होने से कर्मचारी संघ में रोष व्याप्त है। सरकार की ओर से केवल आश्वासन दिए गए लेकिन इस संबंध में कार्यवाही कुछ नहीं की गई है।  संघ के महामंत्री गजेन्द्र कपिल का कहना है कि पिछले काफी समय से इस मांग को लेकर जलसंस्थान कर्मी आंदोलनरत हैं। सरकार की ओर से आश्वासन दिये गये लेकिन आज तक सरकार ने जलसंस्थान को राजकीय विभाग घोषित नहीं किया है। कई बार मुख्यमंत्री एवं पेयजल मंत्री भी इस संबंध में अपनी सहमति जता चुके हंै, लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। उनका कहना है कि जल सम्भरण एवं सीवर व्यवस्था अधिनियम-1975 की उत्तराखंड राज्य में कतिपय संशोधन के उपरांत उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जल संभरण एवं सीवर व्यवस्था अधिनियम-1975 अनुकुलन एवं उपान्तरण आदि 2002 यथावत लागू है। उनका कहना है कि गढ़वाल एवं कुमायूं परिक्षेत्र जलसंस्थान को आमेलित कर उत्तराखंड जल संस्थान निकाय का गठन किया है और इस संस्थान का कार्यक्षेत्र उत्तराखंड राज्य संस्थान, राज्य सरकार के अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत गठित स्वात्यशासी संस्था है और जिस पर राज्य सरकार पूर्ण नियंत्रण है। उत्तराखंड जल संस्थान में पदों का सृजन तथा ऐसे पदों पर नियुक्ति का निबंधन और शर्तों का अवधारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है और वेतन भत्तों का निर्धारण एवं सेवानिवृत्ति लाभ शासन के अनुमोदन के उपरांत जल संस्थान स्वयं की निधि से करता है। पूर्व में धरने प्रदर्शन किये और आश्वासन मिला कि तीन माह में विभाग का राजकीयकरण कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक राजकीयकरण नहीं किया गया है। इस मांग को लेकर संघ विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा कूच भी कर चुका है। 

शक्षा आचार्यों व अनुदेशकों में सरकार के खिलाफ रोष 

देहरादून, 22 मार्च (निस)। शिक्षा आचार्य और अनुदेशक संगठन का अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शिक्षा आचार्य और अनुदेशक पिछले तीन वर्षों से शिक्षामित्र के रूप में समायोजन की मांग को लेकर देहरादून में धरना दे रहे हैं लेकिन उनकी मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।  शिक्षा आचार्य और अनुदेशकों ने धरना स्थल हिंदी भवन के पास अपनी मांग को लेकर नारेबाजी की। शिक्षा आचार्यों ने मांग न माने जाने पर उग्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि लगातार आश्वासन दिये जा रहे है लेकिन आज तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है, जिससे रोष बना हुआ है। सरकार के खिलाफ आर-पार की लडाई लडी जायेगी। इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। आंदोलनरत शिक्षा आचार्यो का कहना है कि वर्ष 2008 से एक सूत्रीय समायोजनकी मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। शिक्षा आचार्य अपनी मांगों को लेकर कई बार सचिवालय कूच, विधानसभा कूच शिक्षामंत्री आवास कूच कर चुके हैं लेकिन कोई कार्यवाही  नहीं हुई। धरने में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, परविन्द्र कुमार, अशोक गुप्ता, रीमा रावत, शमशाद अली, लक्ष्मी, रामकृष्ण ममर्गाइं, सुमित्रा, अल्का कोठारी, रतिराम, देवेन्द्र सिंह बिष्ट, खेम सिंह, अमरीश, राजेश आदि शामिल रहे। 

गदरपुर शुगर मिल को षड़यंत्र के तहत बंद करने का आरोप लगाया 

देहरादून, 22 मार्च (निस)। गदरपुर शुगर मिल लाभ में चलने के बावजूद सरकार द्वारा बंद कर दी गई है, इससे क्षेत्रवासियों में रोष व्याप्त है। रुद्रपुर क्षेत्र के विधायक राजकुमार ठुकराल का कहना है कि सरकार द्वारा गदरपुर शुगर मिल को एक षड़यंत्र के तहत बंद किया गया है।  यहां जारी एक बयान में विधायक राजकुमार ठुकराल का कहना है कि घाटे में जाने वाली चीनी मिलों को तो सरकार द्वारा बंद नहीं किया गया और गदरपुर शुगर मिल जो कि लाभ की स्थिति में थी उसे बंद कर दिया गया है। श्री ठुकराल का कहना है कि डोईवाला शुगर मिल 250 करोड़, सितारगंज शुगर मिल 200 करोड़, नादेही शुगर मिल 180 करोड़ और गदरपुर शुगर मिल सबसे कम 140 करोड़ के घाटे में चल रही थी। उनका कहना है कि वर्ष 2001 से 2014 तक सरकार द्वारा सितारगंज शुगर मिल को 14902.53 करोड़, बाजपुर शुगर मिल को 12923.69 करोड़, नादेही शुगर मिल को 11382.69 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि गदरपुर शुगर मिल को केवल 11180 करोड़ रुपये का का भुगतान किया गया। विधायक ठुकराल का कहना है कि 2013-2014 में डोईवाला शुगर मिल से 292394 क्विंटल, बाजपुर शुगर मिल से 151709 क्विंटल, सितारगंज शुगर मिल से 115058 क्विंटल, किच्छा शुगर मिल से 110183 क्विंटल, नादेही से 35345 क्विंटल गन्ने का उठान किया गया, जबकि गदरपुर चीनी मिल से मात्र 25504 क्विंटल चीनी का उठान किया गया। श्री ठुकराल का कहना हैै कि सबसे कम चीनी का उठान गदरपुर मिल से एक साजिश के तहत किया गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गदरपुर शुगर मिल को शीघ्र चालू किया जाए। 

वन विभाग के गुमशुदा कर्मचारी की शीघ्र हो तलाशः अमृता

देहरादून, 22 मार्च (निस)। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं रामनगर क्षेत्र की विधायक अमृता रावत ने वन विभाग के चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गणेशराम के लापता होने के प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए वन मंत्री दिनेश अग्रवाल तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल से लापता कर्मचारी को ढूढंने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने आश्वस्त किया कि यदि इस प्रकरण का शीघ्र खुलासा नहीं हुआ तो वे मुख्यमंत्री से प्रकरण पर सीबीसीआईडी से जांच करवाने की मांग करेंगे और लापता कर्मचारी के परिवार को न्याय दिलवाएंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के अनुसार यह प्रकरण कालागढ़ क्षेत्र का है जो कि पौड़ी जनपद के अन्तर्गत है। उन्होंने इस प्रकरण को कालागढ़ संदर्भित करने की जनकारी दी है। विधायक अमृता रावत ने वन मंत्री तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल से अनुरोध किया है कि वे इस प्रकरण को गम्भीरता से लें और कर्मचारी के लापता होने के कारणों का पता लगाते हुए उसे ढूंढने के लिए ठोस एवं सार्थक कदम उठाएं। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे इस प्रकरण में गम्भीर हैं और लापता कर्मचारी के ढूंढने तथा उसके लापता होने के कारणों का पता लगाने के लिए प्रयासरत हैं।

झाबूआ (मध्यप्रदेश) की खबर (22 मार्च)

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परीक्षा सर पर अभी तक नही भराए पांचवी आठवी के फार्म, भटक रहे हे प्रायवेट परीक्षा देने वाले                 

पारा---ख् अनिल श्रीवास्तव , विगत दिनो स्कुल शिक्षा विभाग व बोर्ड ने कक्षा पांचवी व आठवी की परीक्षा का ऐलान कर दीया।उक्त दोनो प्राथमिक व माध्यमिक स्तर की परीक्षाए 6 से 15 अप्रेल के मध्य समपन्न की जावेगी। वही जिले भर मे कक्षा पांचवी व आठवी की प्रायवेट परिक्षा देने वाले छात्र सहीत अन्य लोग इधर उधर भटक रहे हे। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्राथमिक व माघ्यमीक की होने वाली वार्षिक परीक्षाओ कि तिथिया घोषीत कि जा चूकि हे जो की संभवतया 6 अप्रेल से 12 अप्रेल के मध्य समपन्न होगी।उक्त जानकारी वाट्स्अप के माध्यम से अध्यापको को मिल रही हे। लेकिन विडम्बना की बात ये की इस बाबात स्कुलो के प्रघान पाठक के पास इस तरह लिखीत मे की कोई जानकारी आज दिनांक तक नही हे। जो जानकारी हे वह उनको भी समाचार पत्रो के माध्यम से मिली हे। परीक्षा आंरभ होने करिब दस बारह दिन का समय शेष हे वही प्रायवेट परीक्षा देने वाले सैकडो परीक्षार्थी इधर उधर भटकने को मजबुर हे उन्हे परीक्षा देने संबधी कीसी भी प्रकार की जानकारी कही से भी नही मिल रही हे कि आखीर फार्म कब भरे जाएगे व कहा पर होगी उनकी परीक्षा।उक्त दोनो ही परीक्षा राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालीत जिला शिक्षा अधिकारी के अधिन सम्पन्न होती हे।यहा तक की परीक्षा के पुर्व रोल नम्बर जारी करने के लिए स्कुलो से बच्चो के नामीनल रोल नम्बर लिए जाते वे भी अभीतक स्कुलो से नही बुलवाए गए।

निजि स्कुलो मे नया सत्र चालु---
एक तरफ जहा सरकारी स्कुलो की प्राथमिक व माध्यमिक स्तर की परीक्षा तिथि घोषीत होकर परीक्षा आरंभ होने मे देर हे वही निजि स्कुलो मे परीक्षा परीणाम घोषीत हाने के बाद नविन शिक्षण सत्र की शुरूआत 23 मार्च से हो चूकी हे।क्या कारण हे कि सरकारी स्कुलो मे प्राथमिक व माघ्यमिक की परीक्षाए अप्रेल माह मे ली जा रही हे जब की राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशानुसार इन स्कुलो का सम्पुर्ण कोर्स फरवरी माह मे ही पुर्ण होजाता हे व मार्च माह मे परीक्षा होने के साथ ही परीणाम भी घोषीत हो जाना चाहीए। बावजूद इसके स्कुल शिक्षा विभाग मे अभी तक प्रायवेट परीक्षार्थीयो के फार्म अभी तक उपलब्ध नही हे।

इस लिए भटक रहे प्रायवेट परीक्षा देने वाले---
क्षेत्र सहीत सम्पुर्ण जिले मे प्रायवेट परीक्षा देने वाले परीक्षार्थीयो की बडी लम्बी प्रतिक्षा सुची हे। इसका मुख्य कारण हे ड्रायविगं लाइसेन्स नही बनना।राज्य व केन्द्र शासन के निर्देशानुसार पांचवी व आठवी पास व्यक्ती का ही ड्रायविगं लाईसेन्स बनेगा।वही कई अन्य निजि व सरकारी कार्यो के लिए भी पाचवी आठवी तक पढना अनिवार्य हे इन परीक्षाओ मे पास होना जरूरी नही वही अंक सुची के आधार पर जन्म तिथि की भी घोषणा भी हो स्कुल रिकार्ड के अनुसार हो जावेगी जो की हर क्षेत्र मे जरूरी हे ऐसे मे बगेर पढे लिखे आदमी को जहा लाईसेन्स नही बन पाएगा जिससे उसे अपना वाहन चलाने कि पात्रता भी नही होगी।वही वर्तमान दोर मे हर पढे लिखे या अनपढ आदमी के पास अपना वाहन हे ऐसे मे अनपढ आदमी का क्या होगा इसी चिंता मे हर अनपढ आदमी प्रायमरी परिक्षा देने के लिए प्रायवेट फार्म की तलाश मे भटक रहा हे।

ये कहना हे इनका--
उक्त परीक्षाए राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा संचलित की जाती हे अभी इस संबध मे हमारे पास कोई निर्देश नही हे। जेसे निर्देश वही से प्राप्त होगे उसीके अनुसार परीक्षा ली जावेगी। : सी पी तिवारी,  बी ई ओ रामा जिला झाबुआ

गणगौर पर्व मनेगा धुमधाम से निकलेगी शोभायात्रा

झाबुआ---आज सोमवार को गणगौर पर्व धुम-धाम से मनाया जावेगा । राजपूत समाज,स्वर्णकार समाज, माहेष्वरी समाज एवं भावासार समाज की महिलाओं  में इस पर्व को लेकर काफी उत्साह  का माहौल है । गणगौर उत्सव समिति के प्रमुख नानालाल कोठारी ने बताया कि गणगौर पव्र पर भगवान षिव-पार्वती की पूजा नगर की महिलाओं  द्वारा की जाती है । सुहागिनी महिलायें अपने पति की दीर्घायु की कामना एवं कुवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिये इस पर्व को उत्साह के साथ मनाती है । राजवाडा में महाराजा उदयसिंह ने वर्ष 1940 से इस पर्व को मनाया जा रहा है जो अभी तक सतत जारी है । विगत 7 दिनों से गणगौर की पूजा रोजागना महिलाओं द्वारा राजवाडे मे की जारही है । भजन कीर्तन,कथा एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर भी सतत जारी है । आज 23 मार्च को गणगौर पर्व के अवसर पर पूरे दिन महिलाएं पूजा पाठ करेगी व कथा का श्रवण करेगी । सायंकाल 5 बजे  राजवाडा चैक से गणगौर की शोभायात्रा  निकाली जावेगी जिसमें राजपूत समाज, स्वर्णकार समाज, माहेष्वरी समाज, बा्रह्मण समाज, भावसार समाज की महिलायें  गणगौर की प्रतिमाओं को सिर पर उदा कर नगर भ्रमण करेगी । भजनों के साथ नृत्य करती हुई महिलाये जुलुस मे चलेगी । शोभायात्रा राजवाडे से प्रारंभ होकर राधाकृष्ण मार्ग, थांदला गेट, बाबेल चैराहा, आजाद चैक, राम मंदिर होते हुए राजवाडा पर सम्पन्न होगी । गणगौर उत्सव समिति के सदस्यों ने नगर की सभी महिलाओं से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है। 

निर्माता हरिष तोलानी फिल्म प्रदर्षन पर सराहना के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया 

झाबुआ---इस अंचल में फिल्माई गई बालीवुड फिल्म अंगूरी बनी अंगारा के निर्माता निदेषक हरिष एम तोलानी,  ने नगर में फिल्म के सतत 10 दिनों से प्रदषैन को लेकर नगरवासियों एवं अंचल के दर्षकों का आभार व्यक्त किया है । श्री तोलानी ने बताया कि इस फिल्म को दर्षको ने काफी पसंद कर  इसकी सराहना की है जिसके लिये वे धन्यवाद के पात्र है। फिल्म के गीतकार इरफान आलीराजपुरी, एवं कथाकार गुलरैज हुसैन ने कहा है कि जिन लोगों ने इस अंचल की माटी की खुष्बु से सराबोर अंगूरी बनी अंगार फिल्म नही देखी है वे जरूर फिल्म को अपने छबिगृह मे देखे । उन्होने पूरे अंचल के लोगों द्वारा फिल्म को पसंद किये जाने पर उनका आभार व्यक्त किया है ।

रक्त सडको पर बहा तो क्या बहा, रक्त सीमाओं पर बहना चाहिये- कर्नल वी पी सिंग
  • रूह का रुख उधर,जिस्म का रुख इधर, अब दोनों मिले तो किस तरह-दीप्ति मिश्रा
  • नववर्ष पर देर रात्रि तक साहित्य की फुहारों के बीच सपंन्न हुआ कवि सम्मेलन 

jhabua news
झाबुआ---वर्ष प्रतिपदा, हिन्दू नववर्ष के आगमन पर हिन्दू नववर्ष उत्सव समिति द्वारा राजवाडा चैक में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन  किया गया रात्रि 9 बजे से प्रारंभ हुए कवि सम्मेलन में रात्रि डेढ बजे तक नगर के साहित्यप्रेमी श्रोताओं ने साहित्य गंगा मे डूबकिया लगा कर कविताओं का रसास्वादन किया । राजवाडा चैक पर आयोजित इस विराट कविसम्मेलन  की अध्यक्षता समाज सेवी हरिष षाह ने की। माता सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पाजंलि एवं माल्यार्पण के साथ कवियों ने अपनी एक से बढ कर साहित्यपूर्ण रचनाओं का देर रात तक बांधे रखा ।  मंचासीन कवियों का नगर के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवायें देने वाले नागरिकों ने आगन्तुक कवियों का पुष्पामालाओं एवं पुष्पगुच्छो से स्वागत के किया गया ।पूरा राजवाडा चैक श्रोताओं से खचाखच भरा हुआ था । षरतषास्त्री ने अपने अनुठे संचालन के माध्यम से स्वागत की रस्म पूर्ण कराने के साथ ही कवि सम्मेलन का आगाज हुआ । सूत्रधार शषिकांत यादव ने आमन्त्रित सभी कवियों का उनकी विधाओं के साथ परिचय कराया । इन्दौर से पधारी कवियित्री सुश्री अर्चना अंजुम ने मां सरस्वती की षास्त्रोक्त श्लोक से प्रार्थना या कून्देन्दू तुषारहार धवला.... से कवि सम्मेलन का श्रीगणेष करते हुए सरस्वती वंदना जयति जय जय मां सरस्वती, जय विणाधारिणी मां, जयति तय पद्मासन धारणा मां तुम हो विघ्न विनाषिनी मां..... प्रस्तुत कर तालिया बटोरी । ओरछा  से आये वीर रस के सषक्त हस्ताक्षर सुमित मिश्रा ने अपनी रचना बहुत दिनों से सोच रहा था एक कहानी लिखने की...कविता सुना कर श्रोताओं में जोष पैदा करते हुए करवा चैथ पर अपनी कविता यह पावन प्रथा पुरानी है, यह उत्सव का श्रृंगार का प्रस्तुत की । वही चान्द के प्रियमत में भी प्यार छिपा रहता है सुना कर तालिया बटोरी । अखिल विष्व में भारत मां की आन ही है मेरी कविता तथा दुजो को छोटा कह कर बडा बनु यह चाह नही सिंधु नदी से हिन्दु सिंधु तक सारी भूमि भारत की सुनाई । वही आरक्षण की आड में जल रहा दर्द लिखता हूं तथा देष भक्ति यही है कि नीज भाषा  का उपयोग करंे,स्वदेषी जीवन शैली हैै स्वदेषी उपभोग करें को काफी पसंद किया गया । भीलवाडा राजस्थान से आये हास्य कवि दीपक पारिख ने अपनी कविता बालक पालक चालक सब खवत है गोली... तथा लिक्विड से खाना खाया एवं एक दिन रावण सीधा स्वर्ग से मंदिर गया को काफी पसंद किया गया । वही पिंकी ने मोबाईल की मदद से खुद के हाथ पीले कर दिये को काफी तालिया मिली । विष्व कविता दिवस के अवसर पर उनकी कविता मंच मंच व्यापारी होगें किन्तु कला का वास न होगा । उनकी रचना नववधु  की तरह श्रृंगार सोलह से सजाया है दिन के गुलदस्ते से मन मधुवन बनाया है को काफी पसंद किया गया ।उनकी रचना हे कोषल नरेष राम  हर मन का दीप जलाओं भारत गिरवी रखने की तैयारी में है नाथ अब जल्दी पधारों को काफी तालिया मिली वही बेटी बचाओं अभियान  पर उनकी रचना कत्ल की गई बेटी मां को लिखती पाती  भले कुमाता मां हो जावे बेटी तो बेटी ही रहती को काफी पसंद किया गया ।पाष्चात्य की भाग दौड में संस्कृति का नाष हुआ, गर्भस्थ षिषु की हत्या से कोई बडा पाप नही होता । को काफी सराहना मिली । अर्चना अंजुम ने अपनी रचना सब देख सब रंग की बोडार हुई होली में,चुनर राधा की तार तार हुई झोली में तथा बुद्धिजीवी रोता यहां  कवि गाये छंद बज रही है तालिया शुभ दिन आया संग एवं महुए में यौवन चढा चटक उठी कचनार, पीली चुनर चोढ कर सरसों है तेैयार को काफी पसंद किया गया । वही उनकी नेताजी इक्कीसा - श्री नेताजी आपकी महिमा अपरम्पार, ढीला कुर्ता धवल पाजामा तुम लगते शकुनी के मामा तथा अब तो हर हाल में ईमान को लाना होगा  भ्रष्ट नेताओं को इंसान बनाना होगा  तथा पहली नजर  वो आपकी क्या काम कर गई एक दर्द देके दिल में हमारे वो उतर गई तथा चांदनी जब तेरे आंगन में उतरती होगी तुझको बैचेन मेरी याद तो करती होगी, षाम के ढलते ही कोई याद तो आता होगा, फिर तेरी रात भी रातों मे गुजरती होगी ।वही  भ्रुण हत्या पर उनकी कृति ना मै गुनहगार तु ऐसे ना धिक्कार मैया देखन दे संसार मेैया देखन दे संसार ने माहौल को नया मोड दिया । बांरा राजस्थान से पधारे हास्य कवि सुरेन्द्र यादवेंन्द्र की रचना हैप्पी न्यू इयर, मैने उाटा तुने चांटा नया साल है तथा फिल्म राम तेरी गंगा मैली की नायिका मंदाकिनी क्यू बहुत दिनों से तेरी कोई फिल्3म नही आई , वही उनकी आषु कविता अर्चना ने सरस्वती की करी पूजा आरती मां की उतारों बताओं तालिया को पसंद किया गया । मंुबई से आई गीत गजल की मलिका सुश्री दीप्ति मिश्रा की गजल एवं षेर - वो नही मेरा मगर उससे मोहब्बत तो है, ये गर रष्मों रिवाजो से बगावत है । वही उनकी रचना  दोस्त बन कर दुष्मनों सा वो सताता है मुझे फिर भी उस जालिम पर मरना अपनी फितरत है तो है । मुझे प्यार करते हो करते रहो तो कभी हक्क जमाने की कोषिष न करना, खुष्बु हूं मैं मुझको महसूस करना, मुझको पाने की कोषिष न करना । वही उनका षेर ये माना बहुत दूर है मेरी मंजील, घडी दो घडी साथ चलो तो चलना पर जनम भर साथ चलने की कोषिष न करना । उनकी एक और गजल हम बुरे है अगर बुरे ही भले, अच्छे बनने का कोई इरादा नही साथ लिखा है तो साथ निभ जावे  पर साथ निभाने की कोषिष न करना  वही उनकी लोक प्रिय रचना रूह का रुख उधर,जिस्म का रुख इधर, अब दोनों मिले तो किस तरह, रूह से जिस्म तक,जिस्म से रूह तक रास्ता सीधा‘साधा नही है, को काफी तालिया मिली । बडौदा गुजरात से आये वीर रस के सषक्त हस्ताक्षर कर्नल व्हीपी सिंह की रचना देष की सरकार चाहे झुक जाये, सेना को नही झुकना चाहिये को काफी तालिया मिली । वही उनकी रचना जब तक ये झण्डा उंचा है तब तक सिर मेरा उंचा है और रक्त में उफान था बस चार दिन, भूल सारे फांसले बस चार दिन, मिट गया जो सरहदो की षान मे, चार दिन में वो कहानी हो गया को काफी पसंद किया गया । वही उनकी कविता रक्त सडको पर बहा तो क्या बहा रक्त सीमाओं पर बहना चाहिये तथा  कर्जो मे छूबकर करो लाख दिखावा इस माटी का कर्ज चुकाना बाकी है, सोचों सभी अपनी खुषियों की सोचेंगें, सब बैठेगें घर की चहार दीवारी में, तो सीमा पर षिष कौन चढायेगा को काफी तालिया मिली । सूत्रधार शषिंकांत यादव ने अपनी रचना सुनाते हुए कहा पति बोला पत्नी से प्राण प्यारी जिंदगी को तुने बंटाढार किया । उनकी रचना धर्म परिवर्तन मकी आंधी गांव गांव में छाले फुटने लगे हर पांव में, कैसा सूरज उगाया आपने विकास का  झोपडी में टिमटिमाता दीपक भी बुझ गया । उनकी रचना राष्ट्रभक्ति वाले पाठ पढाये नही, हमे खुद पाड पढना आता है को काफी तालिया मिली । उनकी रचना जागो भारत मां के बोटो, अपना फर्ज निभाना है, मां से बढ कर कोई खुदा-भगवान नही होता को काफी पसंद किया गया ।कार्यक्रम के अन्त में आयोजन समिति ने अभा कवि सम्मेलन को सफल बनाने के लिये सभी श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

रंगक्रांति संस्कृति शिविर आगज आज, मध्यप्रदेश नाट्य विद्याल के निदेशक संजय उपाध्याय करेंगे उद्घाटन.

झाबुआ--- नगर में आयोजित होने वाले करीब 1 माह के रंगक्रांति शिविर का उद्घाटन आज 6.30 बजे स्थानीय साजरंग परिसर पर होगा । शिविर का उद्घाटन ख्यात रंगकर्मी और मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक संजय उपाध्याय करेंगे । साथ ही कलेक्टर बी चंद्रशेखर, कबीर सम्मान प्राप्त कन्हैयालाल कैथवास,  शिविर निर्देशक भूषण भट्ट ,बिहार से आए रंगकर्मी नंदनसिंह आदि अथिति के रूप में मौजूद रहेंगे । शिविर को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है । रंगक्रांति संस्कार शिविर दिनांक 23 मार्च 2015 शहीद भगतसिंह के शहादत दिवस से अमर शहीद तात्या टोपे के बलिदान दिवस  दिनांक 18 अप्रैल 2015 तक आयोजित किया जा रहा है । जिसमें रंगकर्म कलाओं के साथ-साथ अभिनय, संगीत, नृत्य, क्राफ्ट डिजाईनिंग, माइम, मार्शल आर्ट, स्क्रिप्टिंग, आदि का प्रशिक्षण विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा ।  “रंगक्रांति” रंगशिविर 2015 में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय एवं म.प्र. नाट्य विद्यालय भोपाल के विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जा रहा है । यह शिविर आजाद की धरती से तात्या टोपे को सलाम करने का एक प्रयास होगा । इसके साथ शिविर के बीच- बीच में टीवी जगत की कई हस्तियां प्रतिभागियों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगी । शिविर के दौरान ही तीन प्रस्तुतियां तैयार की जाएंगी जिनका भव्य मंचन शिविर के बाद होगा । क्रांतिकारी तात्या टोपे के जीवन पर आधारित नाटक “जो लड़े दीन के हेत” का मंचन होगा । बच्चों के लिए नाटक मूषक पुराण की प्रस्तुति तैयार की जाएगी । वहीं जिला विकंलाग केन्द्र के बच्चों माइम एक्सपर्ट और मार्शल आर्ट के प्रशिक्षक एक शानदार प्रस्तुति इस शिविर के दौरान तैयार करवाएंगे । शिविर प्रभारी धर्मेन्द्र मालवीय, रंगकर्मी भरत व्यास, आशीष पांडे आदि ने अधिक संख्या में शिविर में भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाने की अपील की है ।

ये रहेंगे प्रशिक्षक
ऽ शिविर निर्देशक - भूषण भट्ट-  बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री भट्ट लेखक, निर्देषक, संगीत निर्देषक, गीतकार, गायक के साथ अभिनेता भी हैं। उन्होंने अपने कैरियर की षुरुआत रंगमंडल (भारत भवन) से की और बाद में ‘रंगायन’ (मैसूर), निनासम (हेग्गोडु) और श्रीराम सेंटर (दिल्ली) से जुड़े। रानावि के पूर्व निर्देषक स्व. ब.व. कारंथ के सहायक के रूप में 14 वर्श तक काम किया। पिछले तीन दषकों से रंगकर्म में सक्रिय हैं और विभिन्न भाशाओं तथा बोलियों जैसे हिन्दी, मराठी, कन्नड़, बुंदेली, मालवी आदि के 200 से ज्यादा नाटकों में काम कर चुके हैं कन्नड़ और मराठी के नाटकों का हिन्दी रूपांतर किया है और विभिन्न भाशाओं के 60 से ज्यादा नाटकों के लिए संगीत दिया है। झाबुआ डेंवलेपमेंट एंड कम्युनिकेषन प्रोजेक्ट (जे डी सी पी), इसरो, अहमदाबाद में अभिनेता, लेखक, निर्देषक, गायक और संगीत निर्देषक के रूप् में झाबुआ की जनजातियों से जुड़े मुद्दों पर आधारित 600 से ज्यादा कडि़यों में काम कर चुके हैं। छŸाीसगढ़ी फीचर फिल्म ‘छŸाीसगढ़ महतारी’ की कहानी, पटकथा और संवादों के लेखन के अलावा एक हिन्दी फीचर फिल्म ‘देख तमाषा रावण का’ के लिए भी लेखन कार्य जो अभी निर्माणाधीन है। ‘मालगुड़ी का नरभक्षी’ (मालगुडी डेज) के 42 एपिसोड़स का लेखन भी किया है। श्री भट्ट लगभग 35 नाटकों का निर्देषन कर चुके हैं और 20 से ज्यादा नाटकों का लेखन तथा निर्देषन दोनों, जिनमें प्रमुख हैंरू ‘जो लड़े दीन के हेत’ (तात्या टोपे पर आधारित), ‘रावण’, ‘मूशक पुराण’, ‘मीरा’, ‘नन्नू मकोड़ा’, ‘ए गर्ल’ आदि। उनकी पटकथाओं के विशय बंधुआ मजदूरी, जातीय भेदभाव, अवसाद और देषभक्ति होते हैं। बच्चों के लिए व्यापक लेखन कार्य। वे वाइल्ड लाइफ फिल्ममेकर भी हैं। वर्श 2003 में आप दूरदर्षन के प्रस्तुति विभाग में रचनात्मक प्रमुख रहे और 2013-14 में जी नेटवर्क में भी इसी पद पर काम किया।
ऽ   श्री कन्हैयालाल कैथवास - राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक श्री कन्हैया आंगिक और वाचिक अभिनय और मंच विन्यास और मुखौटा निर्माण का प्रशिक्षण देंगे. राज्य कबीर सम्मान के सम्मानित श्री कन्हैया वर्तमान में म.प्र. नाट्य विद्यालय में सहायक निर्देशक है. ऽ श्री कुमार दास टी एन - राष्ट्रिय नाट्य विद्यालय के स्नातक केरल मूल के श्री कुमारदास मंच विन्यास,प्रकाश संयोजन और संचालन का प्रशिक्षण देंगे. ऽ श्री सतीश दवे -बाल मनो विशेषज्ञ श्री दवे बाल रंगमंच का प्रशिक्षण एवं विशेष बालकों के लिए अभिकल्पित श्मैं आज़ादश् के विषय विशेषज्ञ का कार्य करेंगे.श्री दवे बच्चों की अग्रणी संस्था बाल मंच निदेशक है और पर्यावरणीय रंगमंच के विशेषज्ञ है. ऽ डॉ.दीपेन्द्र शर्मा - भोज शोध संस्थान धार के निदेशक श्री शर्मा भारतीय आज़ादी और प्राचीन वैभव के विषय विशेषज्ञ रूप में कार्य करेंगे. ऽ श्री सप्तरथी मोहंता -रंगश्री लिटिल बैले ट्रूप के वरिष्ठ कलाकार श्री मोहंता छाऊ नृत्य का प्रशिक्षण देंगे.श्री मोहंता विशेष बच्चो को प्रशिक्षण देने का अनुभव रखते है. ऽ श्री हर्ष दौंड -रंग विदूषक भोपाल के वरिष्ठ सदस्य श्री हर्ष कुशल नर्तक और अभिनेता है.वे देह गति और मूकाभिनय का प्रशिक्षण देंगे. ऽ श्री गोदान कुमार - राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक श्री गोदान अभिनय,उच्चारण एवं हस्त मुद्राओं का प्रशिक्षण देंगे.श्री गोदान अनेक नाटकों में प्रमुख भूमिका निबाहने के साथ अनेक टीवी कार्यक्रमों में अभिनय कर चुके है. ऽ श्री नंदन सिंह -पटना निवासी श्री नंदन केरल की युद्ध शैली कलारी पयाट्टू का प्रशिक्षण देंगे. म.प्र. नाट्य विद्यालय के स्नातक नंदन ने केरल कलामंडलम से इस विद्या का विधिवत प्रशिक्षण लिया है. ऽ सुश्री अनामिका सागर - म.प्र. नाट्य विद्यालय की स्नातक सुश्री अनामिका लोक नर्तन का प्रशिक्षण देंगी.नृत्य संरचना की विशेषज्ञ सुश्री अनामिका ने राष्ट्रिय स्तर पर लोक नृत्य संरचनाओं की प्रस्तुति दी है. ऽ सुश्री पूनम अरोरा - एमिटी यूनिवर्सिटी दिल्ली से काउंसलिंग सयाकोलोजिस्ट की उपाधि प्राप्त सुश्री पूनम पॉवर योग एवं एरोबिक्स का प्रशिक्षण देंगी.सुश्री पूनम दिल्ली के बाल सहयोग के साथ कार्य कर चुकी हे।

चक्कर आकर गीरने से मोत

झाबुआ--फरियादिया बदी पति थावरिया बिलवाल उम्र 55 वर्ष निवासी आम्बा छकतला ने बताया कि जामसिंह पिता कापसिंह पणदा, उम्र 38 वर्ष निवासी छकतला, शादी के कार्यक्रम में गया था, जहा अचानक चक्कर आने से गिर गया व उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी। थाना कालीदेवी में मर्ग क्र0 10/15, धारा 174 जाफौ0 कायम कर विवेचना में लिया गया।
          
सर्प दंश से बच्चे की मोत

झाबुआ--- फरियादी रायसिंह पिता कालिया दयमा भील उम्र 35 वर्ष निवासी भुरीघाटी ने बताया कि वीरेन्द्र पिता तोलिया दयमा, उम्र 10 वर्ष निवासी भुरीघाटी की सांप के काटने से मृत्यु हो गयी। थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 07/15, धारा 174 जाफौ0 कायम कर विवेचना में लिया गया।          

सट्टा खेलते आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार 
          
झाबुआ--पुलिस अधीक्षक कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि थाना पेटलावद की पुलिस टीम ने आरोपी संजू पिता कमलसिंह सकवाल, उम्र 30 वर्ष निवासी पेटलावद को हार-जीत का सट्टा लिखते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से सट्टा पर्ची की डायरी, लीड पेन व नगदी 5,580 रू0 जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 104/15, धारा 4-क धूत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (22 मार्च)

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राहत और बीमा राशि दी जाएगी पीडि़त किसानों को-सांसद श्रीमती स्वराज

sushma swaraj
अतिवर्षा, ओलावृष्टि से विदिशा जिले के जिन किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई है उन सभी को नियमानुसार राहत राशि और फसल बीमा की राशि दिलाई जाएगी। यह बात स्थानीय सांसद और केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज विदिशा जिले के ग्रामों का भ्रमण कर क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लेने के उपरांत किसानों से कही। सांसद श्रीमती स्वराज ने ग्राम गजारचक्क और ग्राम इकोदियाचक्क में किसानों से संवाद स्थापित कर उन्होंने कहा कि फसलों का नुकसान चाहें अतिवर्षा या ओलावृष्टि से हुआ है उन सभी खेतों का सर्वे किया जाएगा। सर्वे में पारदर्शिता के लिए टीम गठित की गई है जिसमें कृषि, राजस्व और ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है। सर्वे दल की रिपोर्ट संबंधित पंचायत के सूचना पटल पर चस्पा कराई जाएगी ताकि गांव के पीडि़त किसान सर्वे सूची का अवलोकन कर सकें। सर्वे के संबंध में आपत्तियां भी प्राप्त की जाएगी। जिनका समयावधि में निराकरण किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन के अलावा कलेक्टर श्री एमबी ओझा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया, विदिशा एसडीएम श्री आरपी अहिरवार के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी साथ मौजूद थे। 

योजनाओं का क्रियान्वयन आंदोलन के रूप में करें-सांसद श्रीमती स्वराज

sushma swaraj
स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय विदेश मंत्री श्री सुषमा स्वराज ने रविवार को विदिशा के सर्किट हाउस में योजनाओं की संक्षिप्त समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं का लाभ सुपात्रों को दिलाने के लिए आंदोलन जैसी कारगर भूमिका निभाएं। जिले में प्रधानमंत्री जन धन योजना के लक्ष्य की पूर्ति निर्धारित अवधि से डेढ़ माह पहले की गई है जो प्रशंसनीय है। सांसद श्रीमती स्वराज ने कहा कि प्रत्येक तीन माह में जिला स्तरीय सर्तकता मूल्यांकन समिति की बैठक आहूत की जाती है जिसमें गहन समीक्षा विभागवार की जाती है। उन्होंने कहा कि जब भी योजना के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता हो तो उसमें प्रदेश ही नही वरन् विदिशा जिला अव्वल रहें यह मेरी इच्छा है और मुझे विश्वास है अधिकरीगण योजनाओं के क्रियान्वयन में मेरे विश्वास को ठेस नही पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नई-नई योजनाओं को अंतिम रूप देती है किन्तु उसका मैदानी क्रियान्वयन अधिकारियों पर निर्भर होता है जिनके द्वारा अच्छे कार्य किए जाएंगे उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर पुरस्कृत किया जाएगा वही लक्ष्यों की पूर्ति की तय अवधि में काम पूरा नहीं करने वालों से उन कारणों की जानकारी प्राप्त की जाएगी। यदि वे वैध हंै तो ठीक अन्यथा संबंधित अधिकारी पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। श्रीमती सुषमा स्वराज ने बताया कि विदिशा जिला पंचायत, जनपद पंचायत और जिले की चार ग्राम पंचायतों के द्वारा उत्कृष्ट कार्यो के आधार पर पुरस्कृत हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्राप्त हुए हंै। राष्ट्रीय स्तर पर उनकी समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर श्री एमबी ओझा द्वारा इससे पहले जिले में सड़कों के निर्माण, सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचाने, शासकीय स्कूलों में गुणवत्ता सुधार हेतु चयनित किए गए प्रत्येक विकासखण्ड में दस-दस माॅडल स्कूल, विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति इत्यादि के संबंध में संक्षिप्त रूप से जानकारी प्रस्तुत की गई। उनके द्वारा जिले में पदस्थ नवीन अधिकारियों का संक्षिप्त परिचय भी कराया। बैठक में स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, श्री मुकेश टण्डन के अलावा जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र समेत विभिन्न विभागोें के अधिकारी मौजूद थे।

संत रविदास धर्मशाला निर्माण के लिए राशि देने की घोषणा

अखिल भारतीय रविदास वंशीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन रविवार को विदिशा के जालोरी गार्डन में सम्पन्न हुआ। जिसमें स्थानीय सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज भी शामिल र्हुइं। यहां उन्होंने कहा कि वर्तमान युग मेें वैवाहिक परिचय सम्मेलनों की उपयोगिता बढ़ती जा रही है। यह युग ऐसा है कि जिसमें युवक-युवतियाँ एक दूसरे से संवाद स्थापित कर शादी का निर्णय लेते हंै और उनके इस निर्णय का समाज साक्षी होता है। श्रीमती स्वराज ने अपनी सांसद स्वेच्छानिधि से विदिशा में रविदास धर्मशाला निर्माण के लिए पांच लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने आगामी सम्मेलन संत रविदास धर्मशाला में हो की अपेक्षा व्यक्त की।प्रदेश के नर्मदा घाटी विकास, सामान्य प्रशासन, विमानन राज्यमंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने इस प्रकार के आयोजन को अतिमहत्पूर्ण बताते हुए कहा कि इससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलता है। विवाह योग्य युवक-युवतियों के परिजनों को भटकना नहीं पड़ता है। राज्यमंत्री श्री आर्य ने जिला मुख्यालय पर बनने वाली संत रविदास धर्मशाला के निर्माण हेतु शेष राशि हेतु मुख्यमंत्री जी से सम्पर्क कर दिलाए जाने का आश्वासन दिया। स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी ने कहा कि संत रविदास के द्वारा बतलाए गए मार्ग पर हम सबकों चलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है। उन्होंने संत रविदास धर्मशाला निर्माण हेतु दो लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की। इससे पहले आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री विनोद अहिरवार ने बताया कि परिचय सम्मेलन में पांच सौ पचास युवक-युवतियों का पंजीयन किया गया था इसके अलावा 150 अतिरिक्त शामिल हुए। वैवाहिक परिचय सम्मेलन के दौरान 130 युवक-युवतियों में आपसी सहमति हुई है। आयोजन स्थल पर संत रविदास सेवा संघ समिति के जिलाध्यक्ष श्री छोटेलाल संभरवाल, समिति के सचिव श्री कुंजीलाल अहिरवार के अलावा अन्य पदाधिकारी और विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे। 

भगवान मीनेष जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुईं सांसद

स्थानीय रामलीला ग्राउण्ड स्थित मीणा समाज की धर्मशाला में आयोजित भगवान मीनेष जयंती के कार्यक्रम में स्थानीय सांसद एवं केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज शामिल र्हुइं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजस्थान में मीणा समाज के द्वारा प्रगति की गई है ठीक वैसे ही प्रदेश के मीणा समाज के बंधु उन्नति करें। उन्होंने मीणा समाज में शिक्षा को बढ़ावा देेने के लिए विशेष प्रयास करने की अपेक्षा समाज के गणमान्य नागरिकों से की। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हंै। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के होनहार बच्चांे को विदेशों में शिक्षा-दीक्षा दिलाए जाने हेतु प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के लिए मुहैया कराए जा रहे उच्च शिक्षा ऋण की भूरि-भूरि प्रशंसा की। शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने सामाजिक एकता को और अधिक मजबूत बनाए रखने की बात कही। उन्होंने समाज के युवक-युवतियों से कहा कि वे शिक्षा अनिवार्य रूप से प्राप्त कर सामाजिक उत्थान में अपना योगदान देें। कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन, मीणा समाज धर्मशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री भवानी सिंह मीणा, श्री रामकिशन चैहान के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी और बड़ी संख्या में समाजबंधु मौजूद थे।

हिमाचल की विस्तृत खबर (22 मार्च)

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मुख्यमंत्री द्वारा सागर चन्द नैय्यर की मृत्यु पर शोक व्यक्त

शिमला, 22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व मंत्री श्री सागर चन्द नैय्यर जिनका देहावसान आज प्रात: उनके निवास स्थान चम्बा में हुआ, की मृत्यु पर शोक प्रकट किया है। वह 88 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री नैय्यर एक नेक दिल इन्सान, अनुशासन प्रिय व्यक्तित्व और एक योग्य प्रशासक थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी मृत्यु से उत्पन्न कमी की भरपाई मुश्किल होगी। उन्होंने कहा कि उनका स्वर्गवास न केवल चम्बा जिले के लोगों, बल्कि राज्य के लिये एक बडी क्षति है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ होने के अतिरिक्त, श्री नैय्यर को उनकी सादगी और निर्णय लेने की क्षमता के लिये भी जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की राजनीति में उनके योगदान अविस्मरणीय है।  वीरभद्र सिंह ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की है और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी है।

तिब्बती लोग शरणार्थी नहीं, हमारे समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं: कौल सिंह
  • विश्व भर में 55 चिकित्सा संस्थान कर रहे मानवता की सेवा

himachal news
धर्मशाला, 22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। ‘‘तिब्बतियन समुदाय के लोगों को वर्तमान समय के संदर्भ में शरणार्थी कहना अप्रसंगिक है। यह हमारे समाज का महत्वपूर्ण अंग है‘‘यह उद्गार हिमाचल प्रदेश के राजस्व, विधि एवं स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने तिब्बतियन शिक्षा संस्थान ‘‘ मेन तसी खंग‘‘ के 54 वें वार्षिक स्थापना दिवस पर धर्मशाला के मैेंकलोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडीकल एंड अस्ट्रो इन्संचयूट ऑफ एच.एच.द दलाईलामा में आयोजित समारोह में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रकट करते हुये कहा कि तिब्बत के लोगों के हिमाचल प्रदेश में इनकी लम्बी अवधि की रियाईश के चलते अब यह लोग भी प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा बन गये है। प्रतिवर्ष भारत व विश्व भर के लाखों श्रद्वालु व पर्यटक तिब्बती धर्मगुरू महामहिम दलाईलामा के दर्शनों व आशीष लेने हेतु यहां पधारते है। कौल सिंह ने इस अवसर पर जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश सरकार को माननीय न्यायलय ने आदेश दिये थे कि जिस प्रकार सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए स्थानीय लोगों पर कार्यवाही की जा रही है, उसी तर्ज पर तिब्बती शरणार्थीैयों के कब्जे भी हटाए जाये। प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग द्वारा केबिनेट में एक लीज पॉलसी निर्मित की गई जिसके अन्तर्गत जितने भी तिब्बतियों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किये है उनके कब्जे नहीं हटाये जायेंगे, लेकिन इन्हें प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित प्रपत्र को भर कर देना होगा, जिस पर प्रदेश सरकार कार्यवाही करके इन कब्जों को नियमित करने की प्रक्रिया अमल में लाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने अपने भाषण में तिब्बतियन चिकित्सा पद्वति के विषय में बोलते हुये कहा कि यह चिकित्सा पद्वति विश्व की श्रेष्ठतम चिकित्सा पद्वतियों में शुमार की जाती है और आज के परिवेश में यह एक अत्यंत लाभदायक, गुणकारी कारगर व सस्ती चिकित्सा पद्वति है, जिसमें बिना किसी साईड ईफॅैक्ट के मनुष्य की सभी बीमारियों का निदान सम्भव है। मौजूदा समय में विश्व भर में 55 तिब्बतियन चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से मानवता की सेवा की जा रही है। अति गम्भीर बीमारियों का निदान भी तिब्बतियन चिकित्सा पद्वति द्वारा जड़ी-बूटियों के माध्यम से किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित डॉ राजेन्द प्रसाद मेडीकल कॉलेज, टांडा तथा इदिरा गांधी मेडीकल कॉलेज, शिमला में भी तिब्बतियन समुदाय मे लोगों के लिए के लिए एक-एक सीट अरक्षित है जबकि शीघ्र आरंभ होने वाले प्रदेश के तीन नये मेडीकल कॉलेजों में भी इनके लिए सीटें अरक्षित करने का प्रावधान किया जायेगा। कौल सिंह ने कहा कि तिब्बतियन चिकित्सा पद्वति के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले औषधीय पौधों को उगाने के लिए अधिक उंचाई वाले सम्भावित क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा 20 से 25 एकड़ भूमि तिब्बतियन संस्थान को लीज पर उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने वाला अग्रणी प्रदेश है। विशेषतय: ग्रामीण स्तर पर चलाई जा रही विभिन्न चिकित्सा योजनाओं का ब्यौरा देते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि लोगों को उनके घर-द्वार पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये। इस अवसर पर 20 से 30 वर्ष तक तिब्बतियन चिकित्सा संस्थान में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रमाण-पत्र, सम्मान-पत्र व ‘खाता‘ पहना कर सम्मानित किया जबकि तिब्बतियन निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डॉ लोबसंग सांगेय सिक्कयोंग, अध्यक्ष तिब्बतियन पॉर्लीयमेंट पेन्पा टीसेंरिग ने भी विभिन्न सत्रों के प्रशिक्षु चिकित्सकों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस अवसर पर प्रधानमंत्री डॉ लोबसंग सांगेय सिक्कयोंग ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा तिब्बतियन लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं व सहयोग के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह व उनकी सरकार का धन्यवाद किया, जबकि अध्यक्ष तिब्बतियन पॉर्लीयमेंट पेन्पा टीसेंरिग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ टी छेरिंग वांगचूक तथा निदेशक स्वास्थ्य ‘‘ मेन तसी खंग‘‘ ने तिब्बतियन चिकित्सा पद्वति के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि 22 मार्च, 1961 को एक चिकित्सक के साथ आरंभ हुआ तिब्बतियन चिकित्सा पद्वति का यह पौधा 54 वर्ष के लम्बे सफर में पूर्णतया प्रगति की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर विधायक लाहौल स्पिति रवि ठाकुर,मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएम गुप्ता के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी व तिब्बतियन समुदाय के लोग उपस्थित थे।   

उत्तरी क्षेत्र भारोतोलन प्रतियोगिता का आयोजन शिमला के इन्दिरा गंांधी खेल परिसर में 23 मार्च से 25 मार्च  तक

धर्मशाला, 22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। उत्तरी क्षेत्र भारोतोलन प्रतियोगिता का आयोजन शिमला के इन्दिरा गंांधी खेल परिसर में 23 मार्च से 25 मार्च  तक आयोजित किया जा रहा है ।  इस प्रतियोगिता में उत्तरी क्षेत्र के लगभग 400 महिला व पुरूष प्रतिभागी हिस्सा लेंगे ।   हिमाचल प्रदेश भारोतोलन  संघ के अध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानियां ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि शिमला में इस प्रकार का आयोजन पहली बार किया जा  रहा है ।  इस आयोजन का मुख्य मकसद प्रदेश के युवाओं में अपने शारीरिक और मानसिक व बौधिक  स्वास्थ्य के प्रति  आकर्षित करने का है  ।   श्री केवल सिंह पठानियां ने बताया है कि इस प्रतियोगिता में जम्मू-कश्मीर, उत्तरांखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश राज्यों तथा चण्डीगढ और दिल्ली के महिला और पुरूष भारोतोलक भाग लेंगे ।  पठानिया ने बताया है कि 23 मार्च 2015 को प्रात: 11-30 बजे हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्री विक्रमादिव्य सिंह इस प्रतियोगिता का शुभारम्भ करेंगे ।  इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री हरीश जनारथा विषेश अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे ।  उन्होंने बताया है कि 24 मार्च 2015 को सांय 4-30 बजे वन मन्त्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी भारोतोलन प्रतियोगिता की महिला विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे ।   इस आयोजन के समापन समारोह की अध्यक्षता 25 मार्च 2015 को शहरी विकास मन्त्री श्री सुधीर शर्मा द्वारा प्रात: 11-30 बजे की जाएगी ।  श्री सुधीर शर्मा भारोतोलन के सभी विजयी   प्रतिभागियों को पुरस्कृत करेंगे । 

वीरभद्र सिंह प्रदेश को आर्थिक कंगाली की ओर धकेल रहे

धर्मशाला, 22 मार्च  ( विजयेन्दर शर्मा )। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रदेश को आर्थिक कंगाली की ओर धकेल रहे हैं। गत दो वर्ष के कांग्रेस शासनकाल के दौरान प्रदेश में विकास की जो दुर्गति हुई है वह किसी से छिपी नहीं है।  देहरा में पत्रकारों को संबोधित करते हुये अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का लक्ष्य मात्र भाजपा की ओर से मंजूर करवाई गई योजनाओं को किसी न किसी बहाने लटका कर विकास की गति को रोकना है। जिला कांगड़ा के लिए प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में देरी के लिए मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए अनुराग ने कहा कि सरकार भी जानती है कि सीयू के लिए सबसे उपयुक्त भूमि देहरा में उपलब्ध है लेकिन क्षेत्र के विकास को रोकने के लिए सरकार नित नए पैंतरे बदलकर जिला कांगड़ा के लोगों से भेदभाव कर उन्हें गुमराह कर रही है। चाहे सरकार कितने भी रोड़े अटका ले केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण देहरा में ही होगा। उन्होंने बिलासपुर में खुलने वाले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण को लेकर भी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी सरकार के रहते प्रदेश के युवाओं व बेरोजगारों का क्या भविष्य है। प्रदेश में रेलवे विस्तार पर चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि भाजपा के प्रयास से प्रदेश का पहली बार रेल बजट में इतनी धनराशि मिली है जिससे प्रदेश में रेलवे काविस्तार कर योजनाओं का सही आकलन हो सकेगा। ऊना से अम्ब-अंदौरा की रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के लिए 17 करोड़ की राशि का प्रावधान करवाया है। प्रदेश के लिए विश्व बैंक के माध्यम से 500 करोड़ की योजना को मंजूरी दिलवाने के लिए वह प्रयत्नशील हैं। 

आई.सी.सी अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण
अनुराग ठाकुर ने टीम इंडिया के सैमीफाईनल में पहुंचने पर बधाई दी। इस दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि बंगलादेश और भारत के बीच हुए मैच पर आई.सी.सी अध्यक्ष द्वारा की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। गौरतलब है कि आई.सी.सी अध्यक्ष ने मीडिया में कहा था कि बंगलादेश और भारत के बीच हुए मैच में अम्पायर द्वारा कुछ गलत फैसले दिए गए जिस वजह से बंगलादेश की हार हुई।  

नरेन्द्र मोदी ने सत्ता हासिल करने के लिए देष की जनता के साथ झूठे वायदे कर गुमराह किया

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धर्मशाला, 22 मार्च  ( विजयेन्दर शर्मा )। आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने अपने प्रादेशिक दौरे के चलते ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जसवां परागपुर का दौरा किया। परागपुर पंहुचने पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप अन्य कार्यकर्ताओं ने की प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर उनके ब्लॉक पर्यवेक्षक विक्रम षर्मा हिमाचल कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के चैयरमैन कर्नल धमेन्द्र पटियाल, सुरेन्द्र मनकोटिया सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जसवां परागपुर के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता हासिल करने के लिए देष की जनता के साथ झूठे वायदे कर गुमराह किया और देश में अच्छे दिन आयेगें का नारा देकर जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। प्रदेषाध्यक्ष ने कहा कि आज मोदी सरकार अपने द्वारा किये गये किसी भी वायदे को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही है।  कांग्रेस प्रदेषाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्व यूपीये सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण विधेयक देष के किसानों व गरिबों को बचाने के लिए लाया गया था परन्तु आज मोदी सरकार जो भूमि अधिग्रहण विधेयक को देष के गरिब किसानों से उनकी भूमि को छीन कर उद्योगपतियों को देने के लिए ला रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इसका पूरजारे विरोध करेगी और भाजपा को कभी भी अपने मनसूबों मे कामयाब नही होने देगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस हमेषा से ही गरिबों की हितैशी रही है और हर वक्त गरिबों के साथ खडी है।  कांग्रेस प्रदेषाध्यक्ष ने कहा कि जसवां परागपुर क्षेत्र का जो भी विकास हुआ है वह कांग्रेस पार्टी की देन है। उन्होंने कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर इस क्षेत्र से तीन बार सांसद बने है और इस क्षेत्र के विकास के लिए कुछ भी नही किया। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर कोई भी एक ऐसा कार्य या उपलब्धि बताए जो उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए किया हो।   प्रदेष कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने सभी कांग्रेसजनों को मिलजूल कर काम करने के लिए पे्ररित किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निष्चित ही देष में कांग्रेस पार्टी वापसी होगी जिसके के लिए हम सब को एकजूट होकर काम करने की जरूरत है। ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहें कार्यो की सराहना की तथा कार्यकर्ताओं को आष्वस्त किया कि उनकी जो भी समस्याएं है उसे संगठन के माध्यम से सरकार तक पंहुचा कर उसका समाधान किया जाएगा।

पालमपुर होली को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने का प्रयास: बुटेल

पालमपुर, 22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। पालमपुर राज्य स्तरीय महोत्सव को राष्ट्र स्तर का दर्जा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। विधान सभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने रविवार होली महोत्सव के सफल आयोजन पर आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यातिथि के रूप में लोगों को संबोधित करते हुए उक्त शब्द कहे।बुटेल ने कहा कि पालमपुर होली महोत्सव का पूरे भारतवर्ष में अपना विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि लोगों की अटूट आस्था और महत्व को देखते हुए हमे इसके उत्थान और विकास के लिए एकजुटता से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पालमपुर होली हमारी संस्कृति और लोक मान्यताओं से जुड़ा पर्व हैै। जिसमें पालमपुर उपमण्डल के लोग बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से आयोजित होने वाले इस पर्व में प्रत्येक वर्ग सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाता है। विधान सभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर समिति के सदस्यों को सम्मानित किया। एसडीएम पालमपुर एवं होली मेला समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र अत्री ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और राज्य स्तरीय होली महोत्सव में समिति के सदस्यों और लोगों के सहयोग के लिए अभार प्रकट किया।कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष बलवंत ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 मदन दीक्षित, व्यापार मण्डल अध्यक्ष सूरेंद्र सूद, मुकेश सूद, औंकार ठाकुर, सहित होली मेला समिति के सरकारी और गैर-सरकारी सदस्यों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले विधान सभा अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत ग्वालटिक्कर में अनिल टुटानियां मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामैंट के समापन समारोह में शिरकत की और विजेता तथा उपविजेता टीमों को पुरस्कृत किया। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच प्राप्त होने से उन्हें आगे बढऩे का मौका मिलता है। उन्होंने आयोजकों को टूर्नामैंट के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने क्रिकेट टूर्नामैंट के आयोजकों को 5 हजार, महिला मण्डल भवन कण्डकवाल टिक्कर को डेढ़ लाख, वार्ड न0 4 के महिला मण्डल रिपेयर को डेढ़ लाख, माता सोलहासुरगनी के लिए दो सोलर लाईटें देने की घोषणा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को खरास मोड़ में वर्षालय बनाने के आदेश दिये। कार्यक्रम में ग्वाल टिक्कर पंचायत की प्रधान बबिता ठाकुर, उपप्रधान देश ठाकुर, बीडीसी सदस्य अशोक कुमार, केसीसी बैंक के निदेशक संजीव राणा और क्षेत्र के लोग मौजूद रहे।

टोल टैक्स बैरियरों वालों को डीसी ने दिए कड़े निर्देश , सभी हिदायतों का पालन करें , हर कर्मी के पास हो पहचान पत्र 

ऊना,  22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। डीसी अभिषेक जैन ने आज टोल टैक्स बैरियरों की नीलामी के दौरान सभी टोल टैक्स बैरियर वालों को साफ हिदायत दी कि वे सभी अनिवार्य शर्तों की  कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करें और लोगों के साथ शालीनता से व्यवहार करें। डीसी ने कहा कि टोल टैक्स के हर कर्मचारी के पास सहायक आबकारी व कराधान आयुक्त द्वारा सत्यापित फोटोयुक्त पहचान पत्र होना चाहिए , जिसे अपनी डयूटी के दौरान उसे पहन कर रखना होगा। साथ ही उसे निर्धारित रंग की बर्दी भी पहननी होगी ताकि उसकी पहचान अलग से नजर आए। उन्होंने कहा कि कई मीडिया कर्मियों सहित आम लोगों की उनके पास शिकायतें पहुंची हैं कि टोल टैक्स बैरियरों पर तैनात कर्मी अशिष्टता से पेश आते हैं और छुट्टे पैसे न होने का बहाना लगाकर या तो पूरी बकाया राशि नहीं लौटाते या फिर उसके एवज में टाफियां थमा देते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी शिकायत मिली तो कड़ी कार्रवाही की जायेगी। डीसी ने विशेष रूप से मैहतपुर बैरियर पर ऐसी शिकायतें बहुतायत में मिलने का जिक्र किया और भविष्य में इन शिकायतों की पुनरावृति न होने की कड़ी चेतावनी दी।  उन्होंने मेहतपुर बैरियर पर जाम लगने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए दो तरफा टोल टैक्स रसीद काटने के निर्देश भी दिए ताकि वाहनों की लंबी कतार न लगे।  डीसी ने यह निर्देश भी दिए कि  टोल टैक्स बैरियरों पर टोल की दरों को ग्लो साईन बोर्ड में प्रर्दशित किया जाना चाहिए ताकि रात को दूर से भी नजर आएं। उन्होंने कहा कि बैरियरों पर सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील होने चाहिए ताकि आवश्यकता पडऩे पर उसकी फुटेज खंगाली जा सके। उन्होंने कहा कि टोल टैक्स बैरियरों की अलाटमैंट में तमाम शर्तों का लिखित में उल्लेख है , जिनकी उल्लंघना होने की सूरत में 5 हजार तक जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने आबकारी व कराधान विभाग के अमले को समय समय पर औचक निरीक्षण करने की हिदायत भी दी। इस अवसर पर संयुक्त आयुक्त सहायक आबकारी व कराधान पालमपुरख्, सहायक आयुक्त डा. राजीव डोगरा व सभी ईटीओ भी उपस्थित थे। 

समाज के लिए बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए-राजेन्द्र राणा
  • शिव राम जन कल्याण समिति बंगाणा के वार्षिक समारोह में बोले राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष

ऊना,  22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेन्द्र राणा ने कहा कि समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राजेन्द्र राणा आज जिला के बंगाणा के डुमखर में शिव राम जन कल्याण समिति, बंगाणा के वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होने कहा कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा कई अच्छे कार्य किए जा रहे हैं जिन्हे प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है ताकि वह दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य कर सकें। उन्होने कहा कि सेवा का रास्ता कठिन है, जिसमें फूल के साथ कांटे भी होते हैं। लेकिन शिव राम जनकल्याण समिति के प्रयासों की प्रंशसा करते हुए कहा कि समाज में सम्मान पाने वालों में से सम्मान देने वाला होना सौभाग्यशाली बात है। उन्होने कहा कि हमें अपने कर्म ठीक रखने चाहिए तथा जीवन में अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। उन्होने संस्था को समाज कल्याण के कार्यों के लिए अपना पूरा सहयोग प्रदान करने की बात भी कही। सीएचसी में डॉक्टरों के रिक्त पदों की मांग को सीएम के पास रखेंगें राजेन्द्र राणा ने कहा कि बंगाणा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने तथा स्वास्थ्य शिविर लगाने को लेकर लोगों की बात वह मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह के पास रखेंगें। 

राजेन्द्र राणा ने दिए 51 हजार रूपये 
आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष ने समाज सेवा के क्षेत्र में किए जारे कार्यों को लेकर शिव राम जन कल्याण समिति को अपनी ओर सेे 51 हजार रूपये देने की घोषणा की।  इससे पहले संस्था के अध्यक्ष रूमेल कुमार ने शिव राम जनकल्याण समिति द्वारा समाज क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न कार्यों का ब्यौरा रखा तथा मुख्यातिथि सहित पंडाल में पहुंचे लोगों का आभार व्यक्त किया। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाले 11 लोग सम्मानित किए कार्यक्रम में शिव राम जन कल्याण समिति की ओर से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को राजेन्द्र राणा ने शाल टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय वॉलीवाल खिलाडी सुरजीत सिंह राणा, राष्ट्रपति सम्मान से पुरूस्कृत सेवानिवृत सैनिक करम सिंह, 62 बार रक्तदान करने वाले देवेन्द्र सिंह चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता दौलत राम शर्मा, छोटू राम शर्मा, बलदेव प्रसाद शास्त्री, मंगला देवी, राजकुमार, आरके जैन, मंगू खान तथा बैडमिंटन खिलाडी  दीपक पठानिया शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न महिला मंडलों  दरियां तथा युवक मंडलों को स्पोटर्स किट भी वितरित की।

करनैल राणा ने प्रस्तुत किए पहाडी गीत
कार्यक्रम में हिमाचल के प्रसिद्ध लोक गायक करनैल राणा ने बाबा बालक नाथ की भेंट से शुरूआत करते हुए एक के बाद एक पहाडी गीत प्रस्तुत कर पूरे पंडाल को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में कुमारी एकता ने राधा तेरी चुनरी नामक गीत पर खूबसूरत डांस प्रस्तुत किया जबकि पल्लवी व सखियों ने पंजाबी गिददा तथा पीएआर मॉडल स्कूल डोहगी की छात्राओं ने डान्स प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व विधान सभा उपाध्यक्ष राम दास मलांगड, जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान वीरेन्द्र धर्मानी, एसडीएम बंगाणा मनोहर लाल, प्रधान बंगाणा चंद्र कुमार, हेमेन्द्र राणा, देश राज गौतम, अंजना धीमान, सुमित शर्मा, सुभाष धीमान, जोगेन्द्र ठाकुर सहित विभिन्न युवक एवं महिला मंडलों के पदाधिकारी एवं सदस्यगण, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

निर्धारित आरक्षित मूल्य से 7.55 प्रतिशत अधिक पर छूटी जिला के औल टैक्स बैरियरों की नीलामी

ऊना,  22 मार्च  (विजयेन्दर शर्मा)। जिला ऊना के टोल टैक्स बैरियरों की नीलामी आज यहां डीसी अभिषेक जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुई जो सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षित मूल्य से 7.55 प्रतिशत अधिक रही। गगरेट यूनिट की नीलामी प्रक्रिया के दौरान सबसे अधिक 5 करोड़ 76 लाख की बोली मोगा निवासी मानव कुमार ने दी। इस यूनिट का आरक्षित मूल्य 6 करोड़ 84 लाख निर्धारित था। मेहतपुर टौल टैक्स बैरियर की नीलामी पहले ही हो चुकी है जिसका आरक्षित मूल्य 6 करोड़ 70 लाख था और इसकी बोली 8 करोड़ 82 लाख में गई थी। इस अवसर पर आबकारी व कराधान विभाग के उत्तरी क्षेत्र के उपायुक्त हितेष शर्मा, शिमला हैडक्वाटर से पर्यवेक्षक के रूप में आए सहायक आबकारी व कराधान आयुक्त राकेश शर्मा , ऊना के सहायक आबकारी व कराधान आयुक्त डा. राजीव डोगरा व सभी ईटीओ उपस्थित थे। 
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