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ग्रामीण स्तर तक सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार जरुरी, तभी विकास संभव- अमरेन्द्र सुमन

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14 महीनें तक शासन करने वाली पिछली सरकार के मुखिया अपने शासनकाल में झारखण्ड ने विकास की गंगा बहाने तक की बात ताल ठांेक-ठोंक कर करते रहे। झारखण्ड में भाजपा सरकार के गठन के बाद कृषि एवं गन्ना विकास विभाग में वतौर मंत्री प्रभार लेने तक मात्र 3 प्रतिशत राशि ही खर्च की गई थी। 14 महीनें की सरकार ने अपने कार्यकाल में मात्र 3 प्रतिशत राशि ही खर्च की थी। ढाई सौ करोड़ रुपये की राशि सरेण्डर करने की बात जब विभागीय सचिव ने कहा तो यह सुनकर उन्हें घोर आश्चर्य हुआ, हैरानी हुई। भूमि अधिग्रहण कानून पर विरोध करने वालों का मुँह, क्षेत्र में काम के माध्यम से बंद कर दिया जाऐगा। आउटडोर स्टेडियम में एक दिवसीय प्रमण्डल स्तरीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपरोक्त बातें मंत्री रणधीर सिंह ने कहा। गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इस अवसर पर दुमका की विधायक व राज्य में कल्याण मंत्री डा0 लुईस मराण्डी, नगर पंचायत मधुपुर के उपाध्यक्ष संजय यादव, संयुक्त निदेशक कृषि, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी दुमका, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा, संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न जिलों यथा-देवधर, जामताड़ा, पाकुड़, साहेबगंज व गोड्डा में पदस्थापित विभिन्न पदाधिकारियों सहित  विभिन्न जिलों से दुमका पहुँचे लाभुकों व अन्य की उपस्थिति में कृषि मंत्री श्री सिंह ने कहा अधिकारियों को गाँव-गाँव तक सरकारी कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिये जाने की जरुरत है ताकि सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी ग्रामीण क्षेत्र के लोग पूरी तरह से जान सकें। 

संताल परगना प्रमण्डल के किसानों के बीच केन्द्र व राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण नीतियों की जानकारी दी जानी चाहिए। मंत्री श्री सिंह ने कहा अप्रैल से गाँव-गाँव तक कृषि जागरुकता से संबंधित कृषि रथ निकाला जाऐगा। झारखण्ड के तमाम प्रमण्डलों में प्रमण्डल स्तरीय किसान मेला सह कृषि प्रदर्शनी लगाई जाऐगी। उन्होनें कहा पूरे राज्य का दौरा वे स्वयं करेगें। कृषि की अब तक की धारणाओं को बदला जाऐगा। जैविक खाद को बढ़ावा दिया जाऐगा। पूरे राज्य में कुल 40 कोल्ड स्टोरेज हैं जिनमें से मात्र 15 ही सही हालत में है। मंत्री रणधीर सिंह ने कहा किसानों को सोलर डीजल पम्प देने की योजना है जो जल्द ही अपने अस्तित्व में आ जाऐगा। उन्होनें कहा कृषि में अबतक जो घोटाला इुआ है उसे और चलने नहीं दिया जाऐगा। अधिकारियों को चेतावनी देते हुए मंत्री ने कहा रोहिणी नक्षत्र से लेकर 15 जून तक किसानों को बीज की प्राप्ति हो जानी चाहिए। उन्होनें कहा आदिवासी भाई-बहनों को आगे बढ़कर काम करने की आवश्यकता है। डेयरी फार्म के लिये 50 प्रतिशत अनुदान पर आदिवासी भाई-बहनों के लिये गव्यपालन की योजना है, लक्ष्य को और अधिक बढ़ाया जाऐगा। स्पेशल फण्ड की कोई कमी होने नहीं दी जाऐगी। मसानजोर डैम विस्थापितों के लिये केन सिस्टम फिशरीज को बढ़ावा दिया जा रहा है। 75 प्रतिशत अनुदान पर सुकर तथा बकरी व मुर्गा इत्यादि का कारोबार स्थापित किया जा सकता है। कार्यकम की अध्यक्षता कर रहे गोड्डा के सांसद निशीकांत दूबे ने कहा झारखण्ड में मात्र 5.6 प्रतिशत भूमि ही कृषि योग्य है। 

संताल परगना में यह प्रतिशत और भी कम है। मात्र तीन-साढ़े तीन प्रतिशत इस क्षेत्र की भूमि कृषि कार्य के लिये अनुकुल है। झारखण्ड की जमीन पर स्थित मसानजोर डैम से उप राजधानी दुमका को न तो कृषि और न ही पेयजल के लिये पानी प्राप्त हो पाता है। दुमका से सांसद रहे शिबू सोरेन ने मसानजोर से दुमका को पानी तक अपने कार्यकाल में उपलब्ध नहीं करा सके। कृषि व रोजगार की भारी कमी है पूरे संताल परगना प्रमण्डल में। इस जिले में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। उधोग-धंधों सहित स्कील डवलपमेंट की भारी कमी है। श्री दूबे ने कहा आदिवासियों की जमीन के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए किन्तु रसैल रिपोर्ट के आधार पर कानून बनाए रखने की जरुरत है। उन्होनें कहा संताल परगना से तीन-तीन मुख्यमंत्री हुए किन्तु आदिवासी-गैरआदिवासी, अगड़ी-पिछड़ी, बाहरी-भीतरी की रणनीति में ही व्यस्त दिखे। इस क्षेत्र के विकास की सुधि किसी ने नहीं ली। डाॅग स्क्वायड के लिये दुमका में पशु रेफरल हाॅस्पीटल है। इस हाॅस्पीटल का शिलान्यास वर्ष 2010 में हुआ था किन्तु अभी तक इसे साधनसंपन्न नहीं बनाया जा सका है। हाॅस्पीटल, एजुकेशन, मीड डे मील की भारी कमी है। जब आदमी को भोजन ही प्राप्त नहीं हो रहा तो फिर कृषि और शिक्षा की बात बेईमानी है। हर खेत को पानी और हर हाथ को काम भाजपा का पुराना नारा है जिसे पूरा करना है। उन्होनें कहा 85 प्रतिशत किसान मार्जिनल खेती पर निर्भर हैं। पूरे इस्टर्न इंडिया में दुमका को छोड़कर डेयरी काॅलेज कहीं नहीं है। उन्होनें कहा हाॅर्टीकल्चर काॅलेज दुमका में खोला जाऐगा। संताल परगना में एक कृषि विश्वविद्यालय खोला जाऐगा। सेन्ट्रल ट्राईबल यूनिवरसिटी के लिये केन्द्र से कई मर्तबा उन्होनें बात भी की है। प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। श्री दूबे ने कहा केन्द्र से जो भी सहायता इस राज्य के लिये बन सकेगा उसे जरुर पूरा किया जाऐगा। कल्याण मंत्री डा0 लुईस मराण्डी ने कहा ग्रामीण स्तर पर कार्यशालाओ के माध्यम से लोगों में जागरुकता की जरुरत है। सोयाबीन, राजमा, शिमला मिर्च जैसी चीजों का उत्पादन संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है इसे अधिकाधिक जगहों पर ले जाने की जरुरत है। खेती के अलावे मार्केटिंग की व्यवस्था भी जरुरी है। अलग-अलग जगहों की मिट्टी के अनुसार फसलों का उत्पादन होना चाहिए। कृषि को मजबूत करने की जरुरत है। अभी भी 80 प्रतिशत लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर किसानों के बीच पावर टीलर, कीटनाशक छिड़काव मशीन तथा अन्य वस्तुओं का वितरण भी किया गया। 

झारखण्ड : वर्षात के पूर्व सभी कुँओं का निर्माण कार्य सुनिश्चित हो-डीसी

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जिले के जरमुण्डी प्रखंड सभागार में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ दुमका डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने दिन शनिवार को बैठक कर सभी लंबित योजनाओं को जल्द पूर्ण करने का निदेश दिया। डीसी ने बरसात के पूर्व लंबित कुँओं को पूर्ण करने का निदेश कहा अक्सर देखा यह जा रहा कि गांवों में कुआँ रहते हुए भी ग्रामीणों द्वारा खेती के कार्य नहीं किये जा रहें। उन्होंने इसके लिए जनसेवकों को सरकारी कुएं का लाभ उठाने एवं कम से कम सब्जी लगाने हेतु किसानों को प्रेरित करने का निदेश दिया, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों एवं किसानों को मिल सके। डीसी ने प्रज्ञा केन्द्र को पंचायत भवन में स्थानान्तरित करने पर बल देते हुए कहा ग्रामीणों को किसी भी प्रमाण-पत्र के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना न पड़े इसे सुनिश्चित किया जाय। बैठक के दौरान प्रखंड में आधार सिडिंग का कार्य 71 प्रतिशत पाये जाने पर डीसी ने इसे युद्धस्तर पर 95 प्रतिषत करने का निदेश दिया। डीसी ने इंदिरा आवास योजना की लंबित योजनाओं को पूर्ण कराने की हिदायत देते हुए कहा कि इस योजना में राशि उपलब्ध रहने के बावजूद इसके कार्यान्वयन में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

ई-नागरिक पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने के निर्देश बैठक में डीसी ने दिये। पंचायत भवन को जल्द से जल्द पूरा करने, लक्ष्मी लाडली योजना में लक्ष्य पूरा करने और सेविका/सहायिका का चयन करने का भी निदेश दिया। बैठक के दौरान डीसी श्री सिन्हा द्वारा संस्थागत प्रसव पर विषेष ध्यान देने एवं इसके लिए सहिया/ए0एन0एम0 को प्रेरित करने का निर्देष दिया गया। डीसी श्री सिन्हा ने जरमुण्डी प्रखंड भ्रमण के क्रम में प्रखंड परिसर में चल रहे प्रज्ञा केन्द्र का निरीक्षण किया एवं दो दिनों के अन्दर प्राप्त आवेदनों का निष्पादन करने का निदेश दिया। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में उपायुक्त द्वारा प्रखंड के तिलबरिया ग्राम में नरेगा के तहत चल रहे कूप निर्माण का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में कूप निर्माण का कार्य अधूरा पाया गया। लाभूक द्वारा डीसी को बताया गया कि उक्त कार्य बहुत दिनों से बंद है। बताया गया कि बिचैलिया द्वारा पैसा की मांग की जा रही थी। डीसी ने संबंधित रोजगार सेवक को अविलम्ब हटाने का निर्देष प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया, तथा बिचैलिया मुकेष कुमार को थाना प्रभारी के हवाले कर दिया गया। इसके पष्चात उपायुक्त द्वारा कुषमाहा पंचायत भवन एवं प्राथमिक विद्यालय, कुषमाहा की भी जाँच की गई। उपस्थित ग्रामीण एवं बच्चों द्वारा बताया गया कि खाना अच्छा मिलता है। इसके बाद उपायुक्त, दुमका वासुकिनाथ मंदिर न्यास समिति की बैठक में भी शामिल हुए। बैठक के बाद उपायुक्त द्वारा मंदिर का निरीक्षण एवं व्यवस्था की जानकारी ली गई। इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि मंदिर के चारों तरफ नाली का निर्माण एवं षिव मंदिर के मुख्य द्वार के मरम्मत की आवश्यकता है। डीसी द्वारा मरम्मत का कार्य श्रावणी मेला के पूर्व कराने एवं मंदिर के आस-पास के अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये। 

2017 में गुंडाराज का होगा खात्मा: अमित शाह

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  • कहा, पूर्ण बहुमत से यूपी में आयेगी बीजेपी, कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं चुनाव तैयारी में, गुंडाराज से उब चुकी है जनता 
  • अनिल राजभर के साथ आएं हजारों लोगों ने की बीजेपी सदस्यता ग्रहण 

amit shah varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी )।उत्तर प्रदेश 2017 के चुनाव में भाजपा की पूर्णबहुमत वाली सरकार बनेगी। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ता अभी से चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। क्योंकि जनता सपा के गुंडाराज से उब चुकी है। सड़क सहित अन्य निर्माण व विकास योजनाओं की धनराशि सरकार अपने माफिया जनप्रतिनिधियों के जरिए लूट रही है। गुणवत्तापरक निर्माण कार्य न होने से ह ीवह अपने निर्धारित अवधि से पहले उखड़ जा रही है। सरकार के काले कारनामों को उजागर करने व आवाज उठाने वालों पर पुलिसिया तांडव कराया जा रहा है। इसका खामियाजा 2017 के वुनाव में सपा को भुगतना ही है, जनता को इंतजार है तो सिर्फ उस घड़ी की। यह बाते बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कही। वह रविवार को नदेसर स्थित कटिंग मेमोरियल ग्राउंड में राजभर समाज के तत्वावधान में आयोजित अधिकार पाओ महारैली को संबोधित कर रहे थे। 

इस दौरान श्री शाह ने पिछड़ों की वकालत करते हुए कहा कि इस समाज की सपा सरकार में घोर उपेक्षा की जा रही है। और यही समाज आगामी चुनाव में यूपी और बिहार में परिवर्तन की नई इबारत लिखेगा। अगर यूपी में बीजेपी सत्ता में आई तो पिछड़ा समाज के साथ-साथ अन्य को भी उसके भागीदारी के हिसाब से आरक्षण में हिस्सेदारी वैज्ञानिक तरीके से देंगी। श्री शाह ने पिछली सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 67 वर्षों तक कांग्रेस के चट्टे-बट्टों ने शासन किया। कोयले और स्पैक्ट्रम की नीलामी में अरबों रुपए का घोटाला कर कमाई किया और लगातार घाटा होना दर्शाया, लेकिन अब वह काम बीजेपी सरकार सरकार सिस्टम से कर रही है तो इससे न सिर्फ घोटाला थम गया बल्कि सरकारी खजाने की कमाई भी बढ़ गयी है। इन दोनों विभागों में नीलामी की है, इससे जनता के लिए तीन लाख करोड़ रुपए आए हैं। 

कहा, गरीबों व पिछड़ों का दर्द मोदी अच्छी तरह समझते हैं। देश के विकास के लिए वह जन धन योजना लेकर आएं हैं। इसका लाभ गरीब और पिछड़ों को जरुर मिलेगा। पहली बार चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बना है, जो गरीबों का दर्द समझ सकता है। श्री शाह ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, बहन जी ने सपा के गुंडाराज, जंगलराज, लूट-खसोट व दलित उत्पीड़न के नाम पर सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन सत्ता में आने के बाद अपने अगल-बगल के लोगों के साथ सिर्फ खुद की गरीबी दूर की। श्री शाह नेे कहा कि बीजेपी का लक्ष्य है यूपी में सबसे अच्छा प्रदेश निर्माण। यह तभी संभव है जब यहां के पिछड़े समाज को अधिकार दिलाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाय। जिसे अभी तक पिछली सरकारों ने उन्हें वोट बैंक के रुप में समझा और लोकलुभावने वादे देकर सिर्फ धोखा ही दिया है, लेकिन अब वे बीजेपी के साथ हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने का काम करेगी।

अमित शाह ने पुरानी बातों का जिक्र करते हुए कहा अलाउद्दीन खिलजी ने धार्मिक स्थलों को तोड़ा। वहीं, मोहम्मद गजनी से सत्ता पाए सैय्यद सालार मसूद ने अयोध्या के कनिंग मंदिर को तोड़ा। राजा सुहैल देव ने यदि उसे खदेड़ा नहीं होता, तो देश में उनका आक्रांत बढ़ गया होता। उन्होंनेे कहा कि इस रैली की आवाज लखनऊ तक जाएगी। गंगा की स्वच्छता पर बोलते हुए उन्होंनेे कहा कि मां गंगा को अविरल करने के लिए सरकार ने 42 करोड़ रुपए दिए हैं। सभा मेंयूपी बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में अनिल राजभर के साथ आएं हजारों लोगों को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कराकर सभी का स्वागत किया। कहा, ये सभी लोग अब परिवर्तन चाहते हैं।

वाराणसी : हत्यारों ने ली छात्र की जान, तोड़फोड़-आगजनी

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  • उपद्रवियों को पुलिस ने लाठी भांजकर खदेड़ा, अज्ञात लोगों के खिलाफ रपट दर्ज  

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वाराणसी (सुरेश गांधी )।पुलिस का अपराधियों से नियंत्रण खत्म हो जा रहा है। भला क्यों नहीं पुलिस अपना कामकाज छोड़ अपराधियों से साठगांठ जो कर ली है। इसका असर यह हो रहा है कि अपराधी खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे है और पुलिस बेबस है। ऐसा ही एक वारदात शनिवार को देर रात आस्था की नगरी वाराणसी में हौसलाबुलंद बदमाशों ने की। बीकाम छात्र सफीकुरहम्मान (सिबू) की उसके घर के सामने ही गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना के बाद कार्रवाई न होने से लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। रविवार की शाम हत्या के विरोध में लोगों ने हरतीरथ चैराहे पर बांस-बल्ली लगाकर चक्का जाम कर जमकर तोड़-फोड़ व आगजनी कर दी। सूचना पर पुलिस के आलाधिकारी समेत भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। उपद्रवियों को लाठी भांजकर घटनास्थल से खदेड़ दिया। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र अंबिया मंडी मोहल्ले की है। 

killed student varanasi
वारदात के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस के मुताबिक मृतक को बदमाशों ने घर के सामने ही सिर में गोली मारी, जिससे वह गिर पड़ा। गोली की आवाज सुनते ही उसके घर वाले बाहर निकले और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वारदात से इलाके में हड़कंप मच गया और लोग हंगामा करने लगे। पोस्टमार्टम के बाद शव को सड़क पर रख चक्का जाम कर दिया। जिसके चलते तोड़फोड़ की घटना हुई। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक सिबू घर का इकलौता था। पोस्टमार्टम के बाद जब उसका शव घर पहुंचा तो परिजन और इलाके के लोगों का धैर्य खो उठा और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद चक्काजाम हिंसक रूप में तब्दील हो गया। भड़के लोगों ने आते-जाते वाहनों को निशाना बनाया और तोड़-फोड़ कर दिया। आक्रोशित लोगों ने रिक्शा और ट्राली में आग लगा दी। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले इलाके के ही कुछ मनबढ़ों के साथ सिबू का झगड़ा हुआ था। लिहाजा ये आशंका जताई जा रही है कि हत्या उसी झगड़े का अंजाम है। पुलिस इस बिंदू पर भी जांच कर रही है। फिलहाल अभी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। 

राजनीति : नई कोपल को मौका के लिए मायावती भी लाईं पतझड़

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बसपा के संस्थापक कांशीराम ने अपने उत्तराधिकारी के बतौर मायावती को मजबूत करने के लिए जब शुरूआती दौर में रामाधीन जैसे कई कद्दावर नेताओं को बिना कारण पार्टी से बाहर कर दिया था तो इस संंवाददाता ने उनकी इस कार्रवाई के औचित्य के बारे में एक पत्रकार वार्ता में सवाल किया जिस पर वे बोले कि पतझड़ में पुराने पत्ते गिरते हैं तभी नई कोपलें जन्म ले पाती हैं। इस तरह उन्होंने निष्कासन की कार्रवाई का कारण बताने से भी अपने को बचा लिया और निष्कासित नेताओं पर उन्हें कोई आरोप लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ी। कांशीराम का इतिहास ही शायद अब मायावती दोहरा रही हैं। वे आज उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहां उस समय कांशीराम थे। इस कारण उन्होंने भी पार्टी में पतझड़ लाकर पुराने पत्ते गिराने शुरू कर दिए हैं। बुंदेलखंड में उनकी कार्रवाई के बुलडोजर की चपेट में पूर्व ग्राम विकास मंत्री दद्दू प्रसाद आ गए हैं जो कल तक उनके अत्यंत विश्वासपात्र लोगों में शुमार थे। दस्यु सरगना ददुआ जिसने कभी बांदा और चित्रकूट जिलों में पैर जमाने में बसपा को बहुत मदद दी थी और जिसके मारे जाने से एक बड़ी कौम बसपा के खिलाफ चली गई। मायावती ने अपनी सरकार में उसका एनकाउंटर पुलिस से इसीलिए करवाया क्योंकि दद्दू प्रसाद यही चाहते थे। इस कारण यह सवाल होना लाजिमी है कि आखिर ऐसी क्या वजह हो गई जिससे दद्दू प्रसाद उनकी नजरों से उतर गए। आज मायावती पार्टी में सर्वमान्य नेता हैं और उनके नेतृत्व को कोई चुनौती दे सके इसकी संभावना भी फिलहाल एक प्रतिशत तक नहीं बची है। इन हालातों की रोशनी में उक्त सवाल और ज्यादा जरूरी लग रहा है।

दद्दू प्रसाद के निष्कासन का असर बुंदेलखंड में बसपा के असर पर गहरा घाव करने वाला साबित हो सकता है। बसपा के इतिहास में बुंदेलखंड वह अंचल है जिसकी अलग ही अहमियत है। वजह यह है कि इसी अंचल से बसपा ने चुनावी फतह का खाता खोलना शुरू किया था। 1989 के विधान सभा चुनाव में बसपा के पक्ष में जीत का पहला एलान हुआ था और यह एलान था जालौन जिले की कोंच सीट से चैनसुख भारती के निर्वाचन का जिन्हें बाद में मायावती ने पहली बार अपनी सरकार गठित होने पर कैबिनेट मंत्री बनाया। चैनसुख भारती कांशीराम के जमाने के मिशनरी नेता हैं लेकिन मायावती ने पार्टी में अपना दबदबा कायम करने के बाद उन्हें भी हाशिए पर ढकेल दिया था। यह दूसरी बात है कि चैनसुख भारती ने इसके बावजूद उनके खिलाफ मुंह खोलने की जुर्रत नहीं की जबकि दलित नेता होने की वजह से अगर वे ऐसा करते तो मायावती को पार्टी के इस सबसे मजबूत गढ़ में उसी समय काफी नुकसान हो सकता था। मायावती ने बुंदेलखंड में दलितों में एक समय बृजलाल खाबरी को सर्वेसर्वा बना दिया था जब वे 1999 में जालौन जिले से लोकसभा की सीट स्वयं जीत हासिल करके पार्टी की झोली में डालने में सफल रहे थे जबकि इसके पहले जिले में सारी विधान सभा सीटें जीतने का रिकार्ड बनाने के बावजूद बसपा यहां की लोकसभा सीट का चुनाव नहीं जीत पा रही थी पर पार्टी के लिए इतने लकी होने के बावजूद वे भी मायावती की नजरों में गिरने से अपने को नहीं बचा पाए। 2007 के विधान सभा चुनाव के पहले उन्हें भी बहुत ही नाटकीय ढंग से मायावती ने बसपा से निकाल फेेंका था पर उन्होंने भी उनके खिलाफ अपने असंतोष का संवरण किया और कहीं भी बगावती तेवर प्रकट नहीं होने दिए इसलिए तीन साल बाद मायावती ने उन्हें यह कह चुकने के बावजूद पार्टी में वापस ले लिया कि अगर बृजलाल नाक भी रगड़ेगा तब भी उसे कभी पार्टी दोबारा नहीं अपनाएगी।

मायावती को दद्दू प्रसाद से भी उम्मीद रही होगी कि वे भी निष्कासन से हुए अपमान का घूंट चुपचाप पी लेंगे और बाद में जब वे रहम की बहुत भीख मांगेंगे तब उन्हें भी क्षमा कर दिया जाएगा पर यह भी एक तथ्य है कि इतिहास अपने आपको हमेशा नहीं दोहराता। दद्दू प्रसाद ने मायावती के आंकलन को फेल कर दिया। उन्होंने अगले ही दिन बगावती तेवर साध लिए और टिकट के बहाने पार्टी को बेचने की उनकी कोशिश के खिलाफ जंग छेडऩे का एलान कर दिया। दद्दू प्रसाद बहुत अ'छे आइडिलाग हैं और उनमें तार्किक ढंग से अपनी बात रखने की क्षमता है इसलिए मायावती उनके अभियान से घबड़ा गईं। महोबा के बाद जब उन्होंने 6 फरवरी को उरई में अपने समर्थकों के साथ गोपनीय तौर पर अनौपचारिक बैठक की तो पार्टी हाईकमान के इशारे पर बसपा के उग्र कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। उन्होंने तोडफ़ोड़ और उपस्थित लोगों के साथ झूमाझटकी की। यहां तक कि दद्दू प्रसाद को भी एक-दो हाथ पड़ गए। मौके पर पुलिस पहुंच गई थी लेकिन दद्दू प्रसाद ने पैंतरा बदल दिया। बजाय घटना की रिपोर्ट कराने के उन्होंने रणनीति के तहत मायावती से सीधे टकराव का रास्ता बदल लिया तब से दद्दू प्रसाद ने कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया है पर उनकी हर गतिविधि मायावती के रडार पर है। जालौन जिले में 17 फरवरी को माधौगढ़ थाने के सुरपतपुरा में ठाकुरों ने एक दलित युवक अमर सिंह के साथ बदसलूकी कर दी। यह घटना माधौगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के कारण दब सी गई थी लेकिन दद्दू प्रसाद अमर सिंह को लेकर झांसी में डीआईजी से मिलने चले गए और उन्होंने घटना का सनसनीखेज प्रस्तुतीकरण किया। मायावती को उसी दिन यह खबर लग गई और वे इसके बाद इतनी विचलित हुईं कि रात में ही उन्होंने पार्टी के बुंदेलखंड प्रभारी एमएलसी तिलक चंद्र अहिरवार की क्लास ले ली। तत्काल जालौन जिले के पार्टी अध्यक्ष मान सिंह ने घटना पर कड़ा बयान जारी किया। तिलक चंद्र अहिरवार ने इस मुद्दे को विधान मंडल के बजट सत्र में जोरदारी से उठाने का एलान कर डाला। जाहिर था कि यह सब दद्दू प्रसाद की सक्रियता से पैदा हुए संकट के अंदेशे का आनन-फानन में प्रबंधन करने की योजना के तहत हुआ था।

दद्दू प्रसाद गोपनीय तौर पर बसपा से जुड़े रहे या अभी भी बसपा में मौजूद घनघोर मिशनरी दलित नेताओं से तार जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। रामाधीन से, जिन्हें वह अपना मार्गदाता कहते हैं उनके कांग्रेस में होते हुए भी अपने अभियान की कामयाबी के लिए उन्होंने खुले तौर पर आशीर्वाद मांगा है लेकिन गोपनीय तौर पर अपने लोगों के जरिए चैनसुख भारती को भी कुरेदने की कोशिश की है। दद्दू प्रसाद की बृजलाल खाबरी से बिल्कुल नहीं पटती लेकिन बृजलाल खाबरी को भी मायावती ने इन दिनों बुंदेलखंड बदर कर रखा है जिसे लेकर उनमें बेचैनी होना स्वाभाविक है और उनकी इस बेचैनी को अपने ढंग से कैश कराने में भी दद्दू प्रसाद पीछे नहीं हैं। दद्दू प्रसाद की ब्यूह रचना मायावती के लिए बेहद घातक है। इस कारण मायावती को अपने गुरू कांशीराम की रणनीति की लगता है शिद्दत से याद आ रही है। भले ही कांशीराम का ही नाम लेकर दद्दू प्रसाद उनके खिलाफ अपनी चुुनौती को प्रबलतम बना रहे हैं। जिस तरह से कांशीराम ने उस समय पार्टी में उभरते मायावती के नए नवेले नेतृत्व की कोपल को महत्व दिया था वैसे ही मायावती भी बुंदेलखंड में पार्टी में नए अखुआ फूटने की जमीन तैयार कर रही हैं। उन्होंने बड़ा सांगठनिक फेरबदल इस अंचल में किया है जिसमें पार्टी की बड़ी जिम्मेदारियां सचिन पलरा जैसे छात्र नेताओं को सौंप दी हैं। उन्होंने दलितों में नए खून के लगभग आधा दर्जन दलित नेता रातोंरात बुंदेलखंड में उभार दिए हैं जो उनका जबरदस्त जनरेशन गैप की वजह से मनोवैज्ञानिक तौर पर पूरा अदब करने को मजबूर रहेंगे। साथ ही उनकी युवा उमंग पुराने गढ़ में पार्टी में नए ज्वार को उठाने का भी लाभ दे सकती है। मायावती बनाम दद्दू प्रसाद की कुरुभूमि बन चुके बुंदेलखंड में इस जद्दोजहद के बीच राजनीति का रंग बेहद चटख हो गया है।

बिहार : जल्द से जल्द गुनाहगारों पर उचित कार्यवाही की मांग

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पश्चिम बंगाल। बुजुर्ग नन के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने को लेकर नाराज हैं लोग। इसका नजारा देखने को मिला। जब रानाघाट स्थित हाॅस्पिटल में जाकर नन को देखने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जा रही थीं। गुस्से लाल चेहरे वाले लोगों ने महिला मुख्यमंत्री ममता दीदी को घंटों घेराव किए। इस बीच काॅन्वेंट आॅफ जीजस एंड मेरी की सिस्टर सुपीरियर की हालत स्थित है। चिकित्सकों ने बताया कि सिस्टर का सफल आॅपरेशन किया गया। 

जल्द से जल्द गुनाहगारों पर उचित कार्यवाही की मांगः अल्पसंख्यक ईसाई  कल्याण संघ,पटना के अध्यक्ष एस.के.लॉरेंस और सचिव ए. पैट्रिक ने कहा है कि इस देश को हमलोग भारत माता कहकर भारत माता को सम्मान व्यक्त करते हैं। वहीं इस देश का बड़प्पन है कि यहाँ की महिलाओं को श्रद्धापूर्ण दृष्टि से देखते हैं। महिलाएं ,जो माँ, बेटी, बहन के रूप में सम्मानित होती हैं। 

आज हर क्षेत्र में महिलाओं की गाथा शिखर में हैं। ऐसे महिलाओं के प्रति अपार स्नेह है। जो घरद्वार छोड़कर मानवसेवा करने को सदैव तत्पर रहती हैं। समाज और जरुरतमंदों की सेवा करने को अपने आप को आजीवन समर्पित कर देती हैं। हां,हां अपने ही देश में गंदी मानसिकता के पोषक वाले पुरुष वर्ग के कुछ लोगों के द्वारा परिस्थितिवश हवस के शिकार होने को बाध्य हो जाती हैं। बहुत अच्छा होता कि उस वक्त धरती फट जाती और महिलाएं आबरू बचाने में सफल हो जाती। 

अभी-अभी समाज को शर्मशार करने वाली करतूत सामने आयी है। कुंठित मानसिकता वाले कुछ पुरुषों ने महिला मुख्यमंत्री के शासनकाल पश्चिम बंगाल में घृणौनी कार्य अंजाम दे दिया है। नदिया जिले के गंगनापुर जिले में संचालित काॅन्वेंट आॅफ जीजस एंड मेरी हाई स्कूल की सिस्टर सुपीरियर माँ रूपी 71 वर्षीय ईसाई धर्म बहन से दुष्कर्म कर दिया।ज्वलंत सवाल है कि बदमाशों को उस समय क्या उनमें अपनी माँ एवं बहन की याद नहीं आई? 

आजकल जिस तरह अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक उन्माद का वातावरण तैयार किया जा रहा है। जिस प्रकार नफरत का बीच बोया जा रहा है। उसकी भावना यदाकदा उत्पन होने लगा है। दिल्ली, बिहार, बंगाल, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि जिलों में देखा और सुना जा सकता है।यह घृणौनी घटना कहीं उसी तरह की मानसिकता का प्रतिफल तो नहीं है?इस दरिंदगी एवं घृणौनी घटना से मर्माहत देश का ईसाई समुदाय एवं देश की सभ्य जनता तथा महिलाएं इसकी घोर निंदा करते हुए प.बंगाल की  मुख्यमंत्री तथा देश के प्रधान मंत्री से जल्द से जल्द गुनाहगारों पर उचित कार्यवाही की मांग करती है तथा दोनों सरकारों से इस घृणौनी घटना पर स्पष्टीकरण चाहती है।

शुक्रवार देर रात को घटी घटना को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका हैं। केवल संदेह के घेरे में 8 लोगों से पूछताछ की जा रही है। वहीं कोलकोता महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष थोमस डिसूजा और पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने अफसोस जाहिर किया है। अनुसंधान कार्य काफी स्लो है। वहीं मांग किया गया है देश के अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान किया जाए ताकि देश-प्रदेश में अमन कायम रहे।

बिहार : भूमि अधिग्रहण कानून और किसान पर नितीश

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  • 1894 में अंग्रेजों के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून में तमाम अधिकार सरकार के पास
  • 2013 में यूपीए सरकार के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून के तमाम अधिकार किसानों के पास
  • 2015 में एनडीए सरकार के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून के तमात अधिकार काॅपेरेट के पास

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के शिष्य भी हैं। 1974 में छात्र आंदोलन में अहम भूमिका अदा किए। उस समय खुलेआम सड़क पर आंदोलन किया करते थे। अब जबकि मुख्यमंत्री हैं। रंक किसान-मजदूरों के आंदोलन नीतीश राजा ने अनोखे ढंग से लड़ा। एयर कंडिनेशन वाले कक्ष में नीतीश राजा आंदोलन किए। 24 घंटे तक उपवास किए। मगर भोर में ही अनशन तोड़कर चले गए। सभी लोगों को धन्यवाद किए। 

मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 1894 में अंग्रेजों के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून में तमाम अधिकार सरकार के पास थी। 119 साल के बाद 2013 में यूपीए सरकार के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून के तमाम अधिकार किसानों के पास कर दिए थे। अगर आपको किसानों की जमीन लेनी है तो 80 प्रतिशत लोगों की सहमति लेनी है। साथ ही सामाजिक प्रभाव का अवलोकन भी करना है।यूपीए सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में एनडीए सरकार का समर्थन प्राप्त था। इसका श्रेय भी एनडीए के द्वारा लिया जाता था। अब मात्र दो साल के अंदर 2015 में एनडीए सरकार के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून के तमात अधिकार काॅपेरेट के पास देने के लिए कानून में संशोधन करने पर अमादा है। इस तरह के काला कानून को लागू करने नहीं देंगे। 

जेपी आंदोलन में जेल जाने वालों के संग न्याय करेंः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलन में जेल जाने वालों को सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री ने केवल मीसा और डीआईआर में जेल जाने वालों को सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री ने सीसीए के तहत जेल में जाने वालों को हाशिए पर ही छोड़ दिया है। ऐसे लोग जेपी आंदोलन के दौरान सीसीए के तहत जेल गए थे। मगर सरकार ने (सीसीए) के तहत जेल जाने वाले को सम्मानित करने के बदले अपमानित कर रखा है। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि सीसीए के तहत जेल जाने वालों को सम्मानित कर पेंशन देने की घोषणा कर दें।

दीघा क्षेत्र के राजीव नगर में 1441 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। उन किसानों को जमीन की कीमत नहीं दी गयी। यहां तक सामाजिक प्रभाव का अवलोकन भी नहीं किया गया। अब तो यहां के किसान जमीन नहीं बेचने के मूड में है। अंग्रेजों के द्वारा निर्मित कानून के तहत बिहार राज्य आवास बोर्ड ने अधिग्रहण कर रखा है। अब जरूरत है कि यूपीए सरकार के द्वारा निर्मित भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत जमीन का अधिग्रहण करें। 



आलोक कुमार
बिहार 

भोपाल : पत्रकार प्रताडऩा विरोधी शिकायत समन्वय प्रकोष्ठ गठित

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भोपाल। प्रदेश के पत्रकारों पर झूठी शिकायतें दर्ज कराने, उनके खिलाफ बढ़ते प्रकरणों को देखते हुये वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया गया है कि एक प्रदेश स्तरीय प्रकोष्ठ का गठन किया जाये। इस प्रकोष्ठ में प्रदेश के संभागीय स्तर से एक-एक सदस्य को लिया जाये। प्रकोष्ठ के सदस्य अपने-अपने संभाग में कम से कम सात सदस्यों की एक समिति का गठन करेंगे। जिसमें संभाग के प्रत्येक जिले से कम से कम एक सदस्य को लिया जायेगा। प्रकोष्ठ के सदस्य पत्रकारों पर हो रहे फर्जी एवं झूठे प्रकरणों एवं उनकी शिकायतों की जाँच कर निराकरण हेतु मुख्यालय भेजेंगे। शिकायतों के निराकरण हेतु तैयार जाँच रिपोर्ट पर त्वरित एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, आयुक्त जनसम्पर्क एवं पुलिस महानिदेशक से चर्चा करेंगे। 

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की प्रदेश मीडिया प्रभारी श्रीमती कल्पना शर्मा ने विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि प्रकोष्ठ के सदस्य पत्रकारों एवं अधिकारियों के मध्य समन्वय एवं सौहार्द्रता स्थापित करायेंगे। प्रकोष्ठ के सदस्यों का मुख्य कार्य पत्रकारों को झूठे प्रकरणों से मुक्त कराकर सम्मान वापस दिलाना होगा। प्रकोष्ठ में भोपाल संभाग से श्री राम मोहन चौकसे, संपादक (युग प्रदेश) मो.-9977992117, इंदौर संभाग से श्री राहुल करैया (आज तक) मो.-9827264844, होशंगाबाद संभाग से दिनेश शर्मा मो.-9425040775, ग्वालियर संभाग से आलोक एम. इन्दौरिया मो.-9425136126, सागर संभाग से राकेश तिवारी (एन.डी.टी.वी.) मो.-9575092260, जबलपुर संभाग से अखिलेश तिवारी (स्टेट न्यूज) मो.-9425966197, उज्जैन संभाग से तुषार कोठारी मो.-9425103793, रीवा संभाग से श्री कुमार कपूर मो.-9425173236, शहडोल संभाग से धर्मेन्द्र द्विवेदी मो.-9424753572। 

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने प्रदेश के पत्रकारों से अनुरोध किया है कि यदि उन पर किसी भी तरह की शिकायत प्रशासनिक स्तर पर अथवा उन पर किसी तरह का प्रकरण दर्ज होता है तो अपने संभाग के प्रकोष्ठ के सदस्य से सम्पर्क कर अपनी समस्या से अवगत कराये। जिससे समुचित कार्यवाही हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा कर निराकरण कराया जा सके। 

विशेष आलेख : प्रवासी पक्षियों के लिए तरसतीं बिहार की प्यासी झीलें

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धरती पर वनस्पति एवं जंतुओं का निवास है। पृथ्वी पर इसके वास के लिए जल का स्थान अतिमहत्वपूर्ण है। इसलिए जल को मानव व अन्य जंतुओं के लिए आधारभूत आवष्यकता माना गया है। यह एक जीवनदायी तत्व है। वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर 14 अरब घन किमी जल है। जिसमें से 97 प्रतिषत खारा पानी है। 1.8 प्रतिषत पानी बर्फ के रूप में ग्रीनलैंड जैसे ठंडे प्रदेषों में स्थित है। सिर्फ 1.2 प्रतिषत भाग पानी हमारे उपयोग के लिए है। विभिन्न जलस्त्रोतों जैसे-नदी, झील, पोखर आदि में उपस्थित है। जिसे हम विभिन्न कार्यों में प्रयोग करते हैं। 

हमारे यहां तालाबों का लंबा इतिहास रहा है। यह हमारी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। पर जैसे-जैसे हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं, उसी तरह हम अपनी संस्कृति व सभ्यता को भी भूलते जा रहे हैं। इसका प्रमाण है बिहार के वैषाली जिले के हजरत जन्दाहा के पूरब में स्थित बरैला झील। इसका इतिहास बड़ा गौरवमय रहा है। यह झील करीब 12 हजार एकड़ में फैली है। यह तकरीबन 250 साल पुरानी झील है। यह झील कभी लोगों के लिए जीवनदायी थी। आज यह सूख कर मृतप्राय हो गयी है। इसके सूख जाने से सबसे बड़ी हानि मछुआरों को हुई है। यह तालाब उनके भरण-पोषश का एकमात्र साधन थी। इसके संरक्षण के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। जब यह झील अस्तित्व में थी, तब यहां साइबेरियाई व कई अन्य देषों के 39 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आया करते थे। हाल यह है कि अब प्रवासी पक्षियों को देखने को आंखें तरस जाती हैं। बरैला क्षेत्र के ग्रामीण अषोक सहनी बताते हैं कि यहां करीब 500 से अधिक चिकारे व नावें चलती थीं। वर्श 2011 में सभी किसानों ने पूरी झील में सरसों की फसल लगाया था। खेती वाकई बेजोर हुई थी। फसल कटवाने के लिए पंजाब से तकनीकी यंत्र मंगाये गये थे। 

यहां तमाम छोटे-बड़े नेता आते रहे हैं, पर किसी ने झील के लिए कुछ नहीं किया। यहां मुख्यमंत्री नीतीष कुमार समेत कई बड़े नेता आ चुके हैं। बिहार सरकार ने इस झील के इकोलाॅजी को देखते हुए ‘सलीम अली पक्षी अभ्यारण्य’ घोशित किया। लेकिन मछुआरों ने कोर्ट में केस कर दिया। यह मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है। यह लगभग 7 करोड़ की प्रस्तावित योजना है। 

आज इस झील की जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा हो गया है। स्थानीय लोग भी झील की जमीन पर अवैध तरीके से  कब्जा करते जा रहे हैं। आज इतनी बड़ी जगह लावारिस पड़ी है। आज भारत में ऐसे न जाने कितनी झीलें व तालाबें होंगी, जो लुप्त होने के कगार पर है। जलस्त्रोतों के इस स्थिति का कारण कहीं-न-कहीं मानव ही है। हमने प्रकृति के नियमों तथा व्यवस्था में हस्तक्षेप करना प्रारंभ करना षुरू कर दिया है। आज हम अपनी इन्हीं भूलों का परिणाम भुगत रहे हैं। जिसे आज हम विकास कहते हैं। वहीं हमारी संस्कृति व सभ्यता के लिए खतरा बनता जा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका की पांच बड़ी झीलों से जल परिवहन द्वारा कोयला व लोहा आवष्यक स्थानों पर पहुंचाया जाता है। लेकिन दुख की बात है कि झीलों तथा नदियों में उद्योगों के कचरों को डालने से वे प्रदूशित हो रही हैं। अधिकांष झीलों से पानी का निकास न होने से इनमें प्रदूशण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
              
पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र कहते हैं कि जब हमारे देष में अंग्रेज आये थे, तब उन्हें कष्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक करीब 20 लाख छोटे-बड़े तालाब व झीलें थीं। तब देष में इंजीनियरिंग सिखानेवाला कोई काॅलेज नहीं था। सरकारी स्तर पर सिंचाई की भी अच्छी व्यवस्था नहीं थी। फिर भी पूरे देष में सिंचाई पर अच्छा काम होता था। तब जनता अपनी जिम्मेदारियां खुद निभाती थीं। पर आज हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।

वैषाली का बरैला झील, दरभंगा जिले का कुशेश्वरस्थान झील समेत जैसी देष की अन्य झीलों व मरती नदियों को उद्धारक का इंतजार है। बरैला झील को बचाने के लिए संघर्शरत पंकज चैधरी का कहना है कि हम लंबे समझ से बरैला के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन व्यापक समर्थन नहीं मिल रहा है। सरकार ने कई बार आष्वासन दिया, लेकिन जमीन पर काम नहीं हुआ। तभी तो षायद अपनी दषा पर आंसू बहा रही बरैला झील के कण-कण से आवाज आती है, ‘‘मेरी हालात पर तरस खाओ और सरकार से जाकर कहो कि मेरी दरकार सुने सरकार....’’ 






सिद्धांत सारंग
(चरखा फीचर्स)

बिहार में बिजली की स्थिति नहीं सुधरी तो वोट नहीं मांगूगा : नीतीश कुमार

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि यदि वह राज्य में बिजली की दशा नहीं सुधार सके तो इस वर्ष के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मांगेंगे.

नीतीश कुमार ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में कहा है कि वह तीन वर्ष पहले किए गए बिजली की दशा सुधारने और गांव में बिजली मुहैया कराने के अपने वादे पर आज भी कायम हैं.

जनता दल-युनाइटेड के नेता ने तीन वर्ष पहले बिहार दिवस की याद दिलाई है जिसमें उन्होंने इस दिशा में बड़े पैमाने पर काम शुरू किया था और 2015 के चुनाव से पहले पूरा करने का वादा किया था. उस समय उन्होंने कहा था, "यदि बिहार में हर गांव को 2015 तक बिजली मुहैया कराने में हम विफल रहे तो अगले विधानसभा चुनाव में मैं लोगों से वोट देने के लिए नहीं कहूंगा."

सीबीआई करेगी आइएएस डी के रवि की मौत की जांच

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 खनन माफिया के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले आइएएस अधिकारी डीके रवि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच अब सीबीआइ करेगी। कर्नाटक कैबिनेट ने यह फैसला लिया है कि इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपने की सिफारिश की जाएगी। संसद से सड़क तक डीके रवि के मौत के मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग हो रही थी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हम चाहते थे कि इस मामले की जांच पहले सीआइडी कर ले। अगर सीआइडी की जांच रिपोर्ट संतुष्टजनक न हो तब सीबीआइ को जांच सौंपी जाए। हमें अपनी पुलिस, सीआइडी और लोकतंत्र पर विश्वास है। लेकिन अब हम इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपने के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आइएएस ऑफिसर डीके रवि की पत्नी को पत्र लिखा है। सोनिया ने इस पत्र में विश्वास दिलाया है कि रवि की मौत की जांच निष्पक्ष होगी। खनन माफिया के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले आइएएस अधिकारी डीके रवि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। रवि का परिवार इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग कर रहा है।

कुछ दिनों पहले सोनिया गांधी ने कहा था कि रवि मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया जाना चाहिए। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा था कि वह इस मामले में कुछ नहीं छिपा रहे है और न ही किसी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इधर कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को डीके रवि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में सीआइडी जांच की अंतरिम रिपोर्ट के खुलासे से रोक दिया है। न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर ने रविवार को अपने आवास पर सुधीर रेड्डी की ओर से दायर याचिका पर विशेष सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि याचिका पर अंतिम फैसला होने तक जांच की अंतरिम रिपोर्ट उजागर करने या किसी तरह के सार्वजनिक बयान देने पर रोक रहेगी।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (23 मार्च)

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वर्ष प्रतिपदा पर निकला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) भारतीय राष्ट्रीय कैलेण्डर शक संवत् का वर्ष 1937 प्रतिपदा नववर्ष रविवार से प्रारंभ हो गया। इसी के साथ अन्य बहुप्रचलित कैलण्डर विक्रम संवत् 2072 भी प्रारंभ हो गया। वर्ष प्रतिपदा को लेकर भारतीय समाज में अपनी जमीनी पहुँच रखने वाली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने नववर्ष उत्सव मनाया और इसके लिए संचलन कार्यक्रम का आयोंजन किया। जिसमें शहर के बच्चे, युवा और वृद्ध स्वयं सेवक पूर्ण गणवेष में शामिल हुए। यह त्योहार पुराकाल से मनाया जाता रहा है लेकिन इसे संभ्रांत वर्ग तक ही सीमित रखा गया। यही कारण है कि आज भी वर्ष प्रतिपदा की छाप आम जनमानस तक नहीं पहुँच सकी हैं। राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) इसे जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास करता रहा है, लेकिन सफलता आज तक नहंी मिल सकी हैं। कारण यह कि संघ की कमान जिन लोगांे के हाथ रही उन्हांेने भारतीय संस्कृति से जुड़े तथ्यों और जानकारी को आम जनमानस तक पहुँचाने का काम नहीं किया। इस लिए देश को एकसूत्र में बाँधकर रखने वाले त्योहार कुछ खास वर्ग तक ही सीमित रह गया। इसलिए अब वर्ष प्रतिपदा पर संचलन जैसे कार्यक्रम परम्परा निर्वहन् जैसे दिखावा बनकर रह गया है। समाज के प्रबुजनांे का मानना है कि इस दिन समाज में नए कार्य प्रारम्भ कर सामान्य, पिछडे़ व दलित वर्ग के गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य किए जाए, जिससे घर वापसी जैसे कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस को नहंीं करना पड़े। गौरतलब है कि वर्ष प्रतिपदा अर्थात् भारतीय संस्कृति का नववर्ष देश की मिट्टी से जुड़ी सुगंध है जिसे कतिपय लोगों ने अपनी चाहरदिवारी में कैद कर रखा था। आज जब उसे चाहरदिवारी से बाहर निकाला जा रहा है तो सुगंध ही समाप्तप्राय हो गयी हैं। बहरहाल नरकटियागंज आरएसएस के तत्वावधान में पथ संचलन का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयं सेवक पूर्ण गणवेश में शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरे, उस दौरान भारतीय स्वर व वाद्ययंत्रांे से सांस्कृतिक ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। इस दौरान नगर कार्यवाह विश्वनाथ प्रसाद बीए, महेश प्रसाद, रविकान्त पराशर, रौशन कुमार, राजेश, गौतम, ब्रजेश, राजन समेत सरस्वती शिशु विद्यामंदिर की छात्राएँ व छात्र शामिल हुए।

प्रथम पाली में छात्र लौटे निराश, जबकि दूसरी पाली में आरबी-संस्कृत परीक्षा समपन्न

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय सात परीक्षा केन्द्र पर मैट्रिक के परीक्षार्थी उस वक्त आश्चर्य में पड़े जब उन्हें परीक्षा केन्द्र से वापस लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है कि स्थानीय उच्च विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर प्रथम पाली में आरबी के 126 परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गये जबकि पहली पाली में संस्कृत के 65 छात्रों ने परीक्षा दिया। उधर उच्च विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर केन्द्राधीक्षक महम्मद मनीर के अनुसार दूसरी पाली में आरबी के 765 और संस्कृत के 868 परीक्षार्थियांे ने अपनी परीक्षा दी। हालाकि कई प्रबुद्धजनों ने आशंका व्यक्त किया है कि सदाचार के साथ केन्द्र अधीक्षकों ने कदाचारयुक्त परीक्षा कराकर देश को अलग दिशा दिया है।

बिहार दिवस पर भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने की अपील, भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू 22 मार्च को हुए शहीद

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मुलन एवं समाज कल्याण संस्थान बिहार इकाई ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उपरान्त एक कार्यक्रम में संगठन के बिहार प्रभारी रमा रमण ंिसंह व संगठन सचिव विजय सिंह यादव ने बिहार दिवस के अवसर पर बिहार वासियांे को शुभकामनाएँ देते हुए। बिहार के विकास में उन सभी बिहार वासियों से अपना योगदान सुनिश्चित करने की अपील की जो दुनिया के किसी भी कोने में देश का नाम रौशन कर रहे है। बैठक में भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने, सत्य, अहिंसा, ईमानदारी व वफादारी को अपने जीवन में उतारने का संकल्प उपस्थित जनों ने लिया। इसके लिए सभी को बिहार दिवस के अवसर पर लोगांे को जागरूक करने का प्रण भी लेना होगा। रमारमण सिंह ने कहा कि देश के महान सपूत सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फाँसी दी गयी थी। उनके शहादत को याद कर युवा अपने अन्दर देश प्रेेम की भावना विकसीत करें। रविवार को आयोजित बैठक में अभय कान्त तिवारी, मनोज कुमार, विजय सिंह यादव समेंत कार्यकारिणी के अन्य सदस्य शामिल हुए। उपर्युक्त जानकारी अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मुलन एवं समाज कल्याण संस्थान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।

बिहार दिवस पर साठी में शायरों की बैठक सम्पन्न

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) बिहार दिवस पर 22 मार्च 2015 पर प्रखण्ड के साठी स्थित अलीगढ पब्लिक स्कूल में बडे़ उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राआंे ने 103 वाँ बिहार दिवस मनाया। उसके बाद शेरो अदम की एक छोटी बैठक आयोजित की गई। जिसमें साठी, नरकटियागंज, बेतिया और मोतिहारी के नामी शायर शामिल हुए। अलीगढ पब्लिक स्कूल के निदेशक सैयद नबी आलम ने मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमे बिहार को शिक्षा की दृष्टि से उन्नत व विकसीत राज्य बनाना है। इसके लिए हमें दिल व जान् से काफी मशक्कत के साथ अपने कत्र्तव्य पथ पर बढते रहना होगा। शेरी नशिस्त के दौरान मारूफ शायर सैयद आरिफ लखनवी ने बताया कि बिहार की शान में शायरों ने काफी कसीदे काढे और अपने शेर के द्वारा बिहार के विकास को गति देने की मांग की गयी।

सानिया मिर्जा युगल रैंकिंग में तीसरे नंबर पर

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भारत की अग्रणी महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा जारी ताजा महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) रैंकिंग के युगल वर्ग में अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ तीसरे पायदान पर पहुंच गईं हैं। सानिया ने अमेरिका के इंडियन वेल्स में अपनी जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस के साथ खेलते हुए बीएनपी पारिबास ओपन का महिला युगल वर्ग का खिताब हासिल किया था।

सानिया के अब कुल 6,885 अंक हो गए हैं और अब वह केवल शीर्ष पर मौजूद इटली की रोबर्टा विंसी और सारा इरानी से पीछे रह गई हैं। रोबर्टा और सारा के 7,640 अंक हैं। इंडियन वेल्स टूर्नामेंट जीतने के कारण सानिया ने 1,000 अंक हसिल किए और दो स्थान ऊपर पहुंच गईं। तीन बार ग्रैंड स्लैम जीतने वाली सानिया अब मियामी ओपन में हिस्सा लेंगी। यहां भी हिंगिस ही उनकी जोड़ीदार होंगी। महिला एकल खिलाड़ियों में भारत की ओर से विश्व वरीयता में सबसे ऊपर अंकिता रैना का नाम है। ताजा रैंकिंग में वह दो स्थान और ऊपर 253वें पायदान पर पहुंच गईं।

पुरुष एकल में भारत के शीर्ष खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन 176वें पायदान पर बने हुए हैं। वहीं, रामकुमार रामनाथन 10 स्थान ऊपर 247वें पायदान पर पहुंच गए। युकी भांबरी ने भी 27 स्थानों की छलांग लगाई है और 257वें पायदान पर हैं। पुरुष युगल वर्ग में लिएंडर पेस चार पायदान नीचे 25वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उनके ठीक नीचे रोहन बोपन्ना हैं। उन्हें एक स्थान नीचे फिसलना पड़ा।

अब हिंदी भाषा का उच्चतम न्यायालय में होगा प्रयोग !

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नई दिल्ली। संविधान के रक्षक उच्चतम न्यायालय का राष्ट्र भाषा हिंदी में कार्य करना अपने आप में गौरव और हिंदी को प्रोत्साहन का विषय है। राजभाषा पर संसदीय समिति ने 28 नवंबर 1958 को संस्तुति की थी कि उच्चतम न्यायालय में कार्यवाहियों की भाषा हिंदी होनी चाहिए। इस संस्तुति को पर्याप्त समय व्यतीत हो गया है, किंतु इस दिशा में आगे कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है। जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में अंग्रेजी भाषी लोग मात्र 0.021% ही हैं। इस दृष्टिकोण से भी अत्यंत अल्पमत की, और विदेशी भाषा जनता पर थोपना जनतंत्र का स्पष्ट निरादर है। देश की राजनैतिक स्वतंत्रता के 65 वर्ष बाद भी देश के सर्वोच्च न्यायालय की कार्यवाहियां अनिवार्य रूप से ऐसी भाषा में संपन्न की जा रही हैं, जो 1% से भी कम लोगों में बोली जाती है। इस कारण देश के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों से अधिकांश जनता में अनभिज्ञता व गोपनीयता, और पारदर्शिता का अभाव रहता है। 

अब संसद में समस्त कानून हिंदी भाषा में बनाये जा रहे हैं और पुराने कानूनों का भी हिंदी अनुवाद किया जा रहा है अतः उच्चतम न्यायालय को हिंदी भाषा में कार्य करने में कोई कठिनाई नहीं है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग, विधि आयोग आदि भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों के नियंत्रण में कार्यरत कार्यालय हैं और वे राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसरण में हिंदी भाषा में कार्य करने को बाध्य हैं तथा उनमें उच्चतम न्यायालय के सेवा निवृत न्यायाधीश कार्यरत हैं। यदि एक न्यायाधीश सेवानिवृति के पश्चात हिंदी भाषा में कार्य करने वाले संगठन में कार्य करना स्वीकार करता है, तो उसे अपने पूर्व पद पर भी हिंदी भाषा में कार्य करने में स्वाभाविक रूप से कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 अनुवादक पदस्थापित हैं, जो आवश्यकतानुसार अनुवाद कार्य कर न्यायाधीशों के न्यायिक कार्यों में सहायता करते हैं। उच्चतम न्यायालय में भी हिंदी भाषा के प्रयोग को सुकर बनाने के लिए न्यायाधीशों को अनुवादक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। 

आज केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत ट्राइब्यूनल तो हिंदी भाषा में निर्णय देने के लिए कर्तव्यरूप से बाध्य हैं। अन्य समस्त भारतीय सेवाओं के अधिकारी हिंदी भाषी राज्यों में सेवारत होते हुए हिंदी भाषा में कार्य कर ही रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय की तो प्राधिकृत भाषा हिंदी ही है और हिंदी से भिन्न भाषा में कार्यवाही केवल उन्ही न्यायाधीश के लिए अनुमत है, जो हिंदी भाषा नहीं जानते हों। क्रमशः बिहार और उत्तरप्रदेश उच्च न्यायालयों में भी हिंदी भाषा में कार्य होता है। न्यायालय जनता की सेवा के लिए बनाये जाते हैं और उन्हें जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए। हिंदी भाषा को उच्चतम न्यायालय में कठोर रूप से लागू करने की आवश्यकता ही नहीं है, अपितु वैकल्पिक रूप से इसकी अनुमति दी जा सकती है और कालांतर में हिंदी भाषा का समानांतर प्रयोग किया जा सकता है। आखिर हमें स्वदेशी भाषा हिंदी लागू करने के लिए कोई लक्ष्मण रेखा खेंचनी होगी-शुभ शुरुआत जो करनी है।

अब देश में हिंदी भाषा में कार्य करने में सक्षम न्यायविदों और साहित्य की भी कोई कमी नहीं है। न्यायाधीश बनने के इच्छुक, जिस प्रकार कानून सीखते हैं, ठीक उसी प्रकार हिंदी भाषा भी सीख सकते हैं, चूंकि किसी न्यायाधीश को हिंदी नहीं आती, अत: न्यायालय की भाषा हिंदी नहीं रखी जाए, तर्कसंगत व औचित्यपूर्ण नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि न्यायालय न्यायाधीशों और वकीलों की सुविधा के लिए बनाये जाते हैं। देश के विभिन्न न्यायालयों से ही उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश आते हैं। देश के कुल 18008 अधीनस्थ न्यायालयों में से 7165 न्यायालयों की भाषा हिंदी हैं और शेष न्यायालयों की भाषा अंग्रेजी अथवा स्थानीय भाषा है। इन अधीनस्थ न्यायालयों में भी कई न्यायालयों की कार्य की भाषा अंग्रेजी है, जबकि अभियोजन की प्रस्तुति हिंदी या क्षेत्रीय भाषा में की जा रही है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु आदि इसके उदाहरण हैं। इस प्रकार कई राज्यों में अधीनस्थ न्यायालयों, उच्च न्यायालय में अभियोजन की भाषाएं भिन्न-भिन्न हैं, किंतु उच्च न्यायालय अपनी भाषा में सहज रूप से कार्य कर रहे हैं।

संसदीय राजभाषा समिति की संस्तुति संख्या 44 को स्वीकार करने वाले राष्ट्रपति के आदेश को प्रसारित करते हुए राजभाषा विभाग के (राजपत्र में प्रकाशित) पत्रांक I/20012/07/2005-रा.भा.(नीति-1) दिनांक 02.07.2008 में कहा गया है-“जब भी कोई मंत्रालय विभाग या उसका कोई कार्यालय या उपक्रम अपनी वेबसाइट तैयार करे तो उसे अनिवार्य रूप से द्विभाषी तैयार किया जाए। जिस कार्यालय की वेबसाइट केवल अंग्रेजी में है, उसे द्विभाषी बनाए जाने की कार्यवाही की जाए।” फिर भी राजभाषा को लागू करने में कोई कठिनाई आती है तो केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो अथवा आउटसोर्सिंग से इस प्रसंग में सहायता भी ली जा सकती है।

संसदीय राजभाषा समिति की रिपोर्ट खंड-5 में की गयी संस्तुतियों को राष्ट्रपति की पर्याप्त समय से पहले, राज-पत्र में प्रकाशित पत्रांक I/20012/4/92-रा.भा.(नीति-1) दिनांक 24.11.1998 से ही स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। संस्तुति संख्या (12)-उच्चतम न्यायलय के महा-रजिस्ट्रार के कार्यालय को अपने प्रशासनिक कार्यों में संघ सरकार की राजभाषा नीति का अनुपालन करना चाहिए। वहां हिंदी में कार्य करने के लिए आधारभूत संरचना स्थापित की जानी चाहिए और इस प्रयोजन के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहन दिए जाने चाहिएं। संस्तुति संख्या (13)-उच्चतम न्यायालय में अंग्रेजी के साथ–साथ हिंदी का प्रयोग प्राधिकृत होना चाहिए। प्रत्येक निर्णय दोनों भाषाओं में उपलब्ध हों। उच्चतम न्यायालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में निर्णय दिया जा सकता है, अत: अब कानूनी रूप से भी उच्चतम न्यायालय में हिंदी भाषा के प्रयोग में कोई बाधा शेष नहीं रह गयी है।

संविधान के अनुच्छेद 348 में यह प्रावधान है कि जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी भाषा में होंगी। उच्च न्यायालयों में हिंदी भाषा के प्रयोग का प्रावधान दिनांक 07-03-1970 से किया जा चुका है और वे राजभाषा अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत अपनी कार्यवाहियां हिंदी भाषा में स्वेच्छापूर्वक कर रहे हैं। ठीक इसी के समानांतर राजभाषा अधिनियम में निम्नानुसार धारा 7क अन्तःस्थापित कर संविधान के रक्षक उच्चतम न्यायालय में भी हिंदी भाषा के वैकल्पिक उपयोग का मार्ग प्रक्रियात्मक रूप से खोला जा सकता है।

धारा 7 क. उच्चतम न्यायालय के निर्णयों आदि में हिंदी का वैकल्पिक प्रयोग-“नियत दिन से ही या तत्पश्चात्‌ किसी भी दिन से राष्ट्रपति की पूर्व सम्मति से, अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिंदी भाषा का प्रयोग, उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित या दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या आदेश के प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत कर सकेगा और जहां कोई निर्णय, डिक्री या आदेश हिंदी भाषा में पारित किया या दिया जाता है, वहां उसके साथ-साथ उच्चतम न्यायालय के प्राधिकार से निकाला गया अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद भी होगा।” इस हेतु संविधान में किसी संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है। हिंदी के वैकल्पिक उपयोग के प्रावधान से न्यायालय की कार्यवाहियों में कोई व्यवधान या हस्तक्षेप नहीं होगा, अपितु राष्ट्र भाषा के प्रसार के एक नए अध्याय का शुभारंभ हो सकेगा

जैज धामी के गीतों पर थिरके युवा

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इंटरनेशनल सिंगर जैज धामी ने अपनी लाइव परफॉर्मेंस से दिल्ली के युवाओं को थिरकने पर मजबूर कर दिया। मौका था नई दिल्ली के सिरीफोर्ट काॅलेज आॅफ कम्प्यूटर टैक्नाॅलोजी एंड मैनेजमेंट द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ‘डैजल 2015’ का। इस अवसर पर जैज ने अपना पाॅपुलर नम्बर हाई हिल्स गाकर समां बांधा वहीं उन्होंने अपनी नई एलबम ‘बेपरवाइयां’ का गीत भी सुनाया। यूके से सम्बंध रखने वाले जैज ने बताया कि जल्द ही उनके गीत बाॅलीवुड की फिल्मों  में भी सुनाई देंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बीरेन्द्र सिंह का काॅलेज के चेयरमैन एस.एस. डागर व डायरेक्टर महाबीर यादव ने स्वागत किया। इस अवसर पर काॅलेज स्टूडेंट्स द्वारा ट्रेजर हंट, डांस, गायन प्रतियोगिता, फेस व टी-शर्ट पेंटिग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में गुरू गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों ने ‘वार आॅफ बैंडस’ की प्रस्तुति भी दी।

मैटा के तीसरे दिन में धोउ और कौमुदी का मंचन किया गया

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महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मैटा) के तीसरे दिन में धोउ ... द वेव; निर्देशक: गुणाकर देव गोस्वामी; पूर्वारंग के द्वारा निर्मित (गुवाहाटी, भाषा: असमिया) शाम ६ बजे एलटीज़ी थिएटर और   कौमुदी; निर्देशक: अभिषेक मजुमदार; रियाद महमूद एजुकेशन एंड आर्ट्स फाउंडेशन एंड इंडियन इनसेम्बल के द्वारा निर्मित (बेंगलुरू, भाषा: हिन्दी) शाम ८ बजे कमानी थिएटर में मंचन किया गया 

धोउ अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिये एक संघर्शषील व्यक्ति एक मछुआरे और एक मछली की कहानी है। एक मछुआरा मछली पकड़ने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्श करता है और  अंत में कड़ी मेहनत और कड़े संघर्श के बाद जब वह मछुआरा समुद्र में मछली को पकड़ लेता है तो वह फिर से मछली को समुद्र में यह कहते हुए छोड़ देता है कि मछली जितने अधिक समय तक समुद्र में होगी कोई दूसरा संघर्श करने वाला व्यक्ति मछली पकड़ने के लिए वहां आएगा और जब तक दुनिया में संघर्श कायम रहेगा तब तक वहां मछली पकड़ने के लिए संघर्श करने वाले आते रहेंगे और वहां जीवन भी कायम रहेगा। यहां मछली आम नागरिक का प्रतीक है जो हमेशा लोकतांत्रिक शासकों का निषाना रहे हैं।

कौमुदी जीवन के संक्रमण काल के संस्कार के बारे में है। इस नाटक में ‘कालातीत’ चांदनी रात, का इस्तेमाल किया गया है जब कृश्ण पांडव सेना के सेनापति का कमान संभाल रहे अर्जुन को धर्मोपदेश देते हैं। इस नाटक के जरिये इस पिता तथा पुत्र के बीच के संबंधों की पड़ताल की गयी है। इसमें एकलव्य की आत्मा तथा अभिमन्यु को चित्रित किया गया है और जिसका मंचन 1960 के आखिरी दषक में इलाहाबाद में एक थियेटर में किया गया था। पिता की भूमिका निभाने वाले सत्यषील एक महान अभिनेता है और उन्होंने अपनी दृष्टि लगभग खो दी है। यह उनके अंतिम तीन प्रदर्शनों में है। उसी तरह पुत्र की भूमिका निभाने वाले पारितोश अपने पिता के बगैर ही बड़े हुए और वह सिर्फ पिता के लिए ही नहीं, बल्कि उनकी पूरी स्कूली सोच को चुनौती देने के लिए आये हैं। कौमुदी तीन सवाल उठाता है: किसका जीवन अधिक मूल्यवान है - बुजुर्ग व्यक्ति की या युवा व्यक्ति की? क्या व्यक्तिगत नीति सार्वजनिक नीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है? क्या कला एक समारोह है, और हम कला को बनाते हैं या कला हमें बनाता है? यह इस बात पर भी प्रकाष डालता है और थियेटर से सवाल पूछता है: क्या थिएटर का कोई अर्थ है या इससे हमारे अहंकार का मर्दन किया जा रहा है? यह किसका थिएटर है - दर्शकों का या व्यवसायियों का? कौमुदी दो ग्रंथों से प्रेरित रही है: आनंद का मलयालम उपन्यास ‘व्यासम विग्नेष्वरम’ और जॉर्ज लुइस बोर्जेस की ‘एस्से ब्लाइंडनेस’।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (23 मार्च)

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रक्षित ने जुबां खोली तो कई होंगे बेनकाब, मददगारों मे मचा हड़कंप

देहरादून,23 मार्च  (राजेन्द्र जोषी)।सिडकुल के जीएम रहे रक्षित जैन को पुलिस ने आठ साल बाद गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि अगर पूछताछ के दौरान रक्षित ने अपनी जुबान खोल दी तो कई लोगों के चेहरों पर पड़ा शराफत का नकाब भी हट जाएगी। इसकी गिरफ्तारी की सूचना से उसके मददगार रहे रसूखदारों में हड़कंप मचा है। आरोप है कि जैन ने पहले तो फर्जी दस्तावेजों के सहारे सिडकुल में महाप्रबंधक का पद हासिल किया और फिर करोड़ों का घोटाला कर डाला। बताया जा रहा है कि उस वक्त जैन को बड़े लोगों की शह मिली हुई थी। इसी वजह से वह सिडकुल में मनमानी से काम करता रहा। बताया जा रहा है कि ऊपरी संरक्षण की वजह से उस वक्त सिडकुल में उसकी तूती बोलती थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद रक्षित 2007 में अचानक फरार हो गया। बताया जा रहा है कि कुछ खास अफसरों की वजह से इसकी गिरफ्तारी की दिशा में कभी भी कोई ठोस पहल नहीं हुई। नतीजा यह रहा कि वह आठ सालों तक मजे से नौकरी करता रहा। बताया जा रहा कि फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी को चल रहे अभियान के तहत रक्षित अनायास ही हाथ आ गया। उसकी पैरोकारी करने वालों को भी अंदाजा नहीं होगा कि वह आठ साल बाद कानून के शिकंजे में आ जाएगा। बताया जा रहा है कि उसके मददगार रहे लोगों में हड़कंप है कि अगर उसने अपनी जुबां खोल दी तो...।

कुछ यूं चल रहा अवैध खनन का कारोबार, रात से गहरे सन्नाटे में जेसीबी मशीनों से चीरा जा रहा सूबे की नदियों का सीना

  • सूबे के चार जनपदों में फैल गया यह काला कारोबार
  • रात में ग्यारह से सुबह पांच बजे तक हो रहा खनन
  • पुलिस और खनन महकमे ने बांधी आंखों पर पट्टी

देहरादून,23 मार्च । उत्तराखंड में इस समय अवैध खनन का हल्ला मचा हुआ है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, तथा नैनीताल जनपदों में मुख्यतः अवैध खनन की जद में पूरी तरह से घिरे हुए हैं। न्यूज वेट इस काले कारोबार की गहनता से पड़ताल की। इस पर पड़ताल पर एक रिपोर्ट।  हरिद्वार जनपद का गंगा नदी क्षेत्र, देहरादून जनपद के विकास नगर का यमुना नदी क्षेत्र, नैतीताल जनपद के गौला नदी कोसी नदी, क्षेत्र ऊधमसिंह नगर में कोसी नदी क्षेत्र में सुनियोजित ढंग से रात को ग्यारह  बजे से  पांच बजे तक  जेसीबी से जमकर खनन किया जाता है। अवैध खनन का लगभग पूरा का  पूरा खनिज  प्रदेश कि सीमा से बहार पहुँचा दिया जाता है या फिर प्रदेश कि सीमा के अंदर भी भी बड़े-बड़े बिल्डर्स  की कंस्ट्रक्शन योजनाओं में खनिज रात  के अंधेरे में ही पहुंचा दिया जाता है। ये सारा गोरखधंधा रात के अंधेरे में ही किया जाता है। ताकि आम जनता को इसकी भनक न लगे और अगर लग भी जाए तो ज्यादा विरोध का सामना न करना पड़े। वैस भी  रात के अंधेरे में आम जनता आर्गनाइज नहीं हो पाती है। फिर अंधेरे में किसी अप्रिय घटना के डर से  विरोध करने में सफल नहीं हो पाते हैं। दिन के उजाले में तो आम जनता खनन माफिया के गुर्गों से कई बार भिड़ चुकी है। लेकिव अब रात में विरोध करना मुश्किल हो रहा है और इसका बखूबी और बखौफ लाभ उठाते है। खनन करने वालों के साथ हथियारबंद लोगों की आवाजाही भी आम लोगों में दहशत पैदा करने की नीयत के साथ ही की जा रही है। बताया जा रहा है कि कई निजी अहलहाधारकों को खनन करने वालों ने मासिक वेतन पर भी रखा है। इन लोगों का काम अपने लाइसेंसी हथियार के साथ खनन स्थल पर मौजूद रहना भर है। दूसरी तरफ एक बात तो पूरी तरह से साफ है कि बगैर सरकारी मशीनरी से मिलीभगत के अवैध खनन संभव ही नहीं है। पुलिस हर  मुख्य चैराहे पर खड़ी रहती है। वैसे भी किसी क्षेत्र में रोज एक ही जगह पर कोई भी अवैध कारोबार हो रहा हो और इलाके के थानाध्यक्ष को पता ही ना हो ये बात गले नहीं उतरती। हरिद्वार जिले में कुछ सिपाहियों की संलिप्तता उजागर होने के बाद उन्हें निलंबित तक किया गया है। यह तो महज एक बानगी है। अगर निष्पछता के साथ जांच की जाए तो साफ होगा कि किस हद तक पुलिस इन खनन कारोबारियों से मिली हुई है। इसी प्रकार खनन विभाग का दायित्व जिले मैं खनन गतिविधियों पर नियंत्रण का है। अब अगर जिले में धड़ल्ले  से अवैध खनन हो रहा हो और राजस्व का नुकसान हो रहा हो और खनन विभाग को पता ही न चल पाए ये बात भी हजम नहीं होती है। इसी प्रकार प्रदेश के राजनेताओ  जैसे विधायकों को ये पता ही न हो कि उनके विधान सभा क्षेत्र में अवैध खनन रात के सन्नाटे में हो रहा है या नहीं  इस बारे में जानकारी ही ना हो इस पर यकीन करना जरा मुश्किल तो होगा ही। ये बात तो साबित करती है कि बिना लोकल राजनेता, खनन अधिकारी और थानेदार के सहयोग के अवैध खनन संभव ही नहीं है। चूंकि प्रदेश  में चैतरफा अवैध खनन का कारोबार धडल्ले से  बेखौफ चल रहा है इससे तो ये प्रतीत होता है कि खनन विभाग के उच्च अधिकारी, मुख्यमंत्री कार्यालय के राजनेता और पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी की भूमिका इसमें संदिग्ध दिखाई देती है। वैसे सचिवालय में तैनात एक अपर  मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी के साथ  खनन विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम खासी चर्चा का विषय बने हुए हैं। ये सालों से यहीं जमे हैं। एक को तो आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश के लिए रिलीव नहीं किया जा रहा है। शायद यही वजह है कि इस रोक लगाने वाले लोग भी निजी स्वार्थों की पूर्ति में लग गए हैं और अवैध खनन का यह धंधा सूबे में तेजी से फल-फूल रहा है।

सुरेन्द्र की पत्नी को टिकट!

देहरादून, 23 मार्च । भगवानपुर सीट पर कांगे्रस के पत्ते नहीं खुल सके थे। जबकि भरोसेमंद सूत्रों की माने तो बसपा की ओर से प्रत्याशी खड़ा न किए जाने की घोषणा और सुरेन्द्र राकेश के निधन के बाद उनके परिवार के प्रति उपजी सहानुभूमि को देखते हुए दिवंगत सुरेन्द्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को कांगे्रस का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। हालांकि अंतिम फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। जबकि प्रदेश संगठन नेतृत्व की ओर से जो संकेत मिले, उससे साफ हो रहा था कि आलाकमान में भी ममता राकेश के नाम को लेकर राय बन चुकी थी। यहां बस फैसला आने का प्रदेश प्रभारी से मिले मैसेज पर आलाकमान का मंथन देर शाम तक जारी हो सकती है नाम की घोषणा इंतजार किया जा रहा था। सुरेन्द्र राकेश के निधन से खाली हुई भगवानपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 11 अप्रैल का दिन तय हो चुका है। जबकि कल 24 अप्रैल को चुनाव में प्रत्याशियों का नामांकन होना है। ऐसे मंे जबकि न तो भाजपा और न ही कांगे्रस की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा की जा सकी। पहले आप पहले आप की तर्ज पर मानों भाजपा कांगे्रस का और कांग्रेस भाजपा की ओर टकटकी लगाए हुए हो। प्रत्याशी उतारने या न उतारने को लेकर आज सुबह से दोपहर तक भगवानपुर में भाजपाईयों का मंथन शिविर लंबा चला। दोपहर तक भाजपा की स्थिति भी स्पष्ट नहीं हो सकी थी। जबकि उक्रांद की ओर से युवा प्रत्याशी मनोज कुमार पर दांव खेला गया है। अंत तक संभावना यही बन रही थी कि भाजपा संभतया कांगे्रस को वाकओवर दे सकती है। कमोबेश कांग्रेस में दोपहर तक इस सीट के लिए प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आ सका था। सूत्रों की माने जिस तरह मुख्यमंत्री हरीश रावत सप्ताह पहले ही साफ कर चुके थे, कि आलाकमान ही इस बारे में निर्णय लेगा। उसी अनुरूप आज भी प्रदेश संगठन नेतृत्व ने आलाकमान के इशारे का इंतजार की बात स्वीकारी। जबकि सूत्रों की माने तो कांगे्रस एक तीर से दो निशाने साध सकती है। हालांकि परिवार में टिकट किसे का सवाल नहीं सुलझ सका है। सुरेन्द्र राकेश की पत्नी ममता राकेश और भाई सुबोध राकेश में ही किसी को टिकट मिलना तो शुरू में ही तय माना जा रहा था। यहां कांगे्रस एक तीर से दो निशाने साधने की नीति अपना सकती है, ममता राकेश को प्रत्याशी बनाकर महिला हितैषी की झलक दिखाई जा सकती है। वहीं दिवंगत परिवार को लेकर उठी सहानुभूति और बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाई जा सकेगी।

हज 2015 कुर्रा अन्दाजी कार्यक्रम का बटन दबाकर मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
  • अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू: हरीष रावत

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देहरादून, 23 मार्च। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को सुभाष रोड़ स्थित वैडिंग प्वांइट में हज 2015 कुर्रा अन्दाजी कार्यक्रम का बटन दबाकर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हज पर जाने वाले सभी लोगो को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व विदेश मंत्री से भेंट कर राज्य का हज कोटा बढ़ाने का अनुरोध करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हज पर जाने वाले लोगांे से कहा कि वे देश व अपने प्रदेश की सुख-समृद्धि व आम आदमी की बेहतरी के लिए दुआ जरूर मांगे। समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान करना किसी भी सरकार की पहली जिम्मेदारी है। हमारी सरकार भी अल्पसंख्यकों के सभी पिछडे़ कमजोर वर्गों के कल्याण एवं उत्थान के लिए वचनबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई है। हज पर जाने वालों को और अधिक सुविधाएं मिले, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। कब्रिस्तान की सुरक्षा दीवार कार्य तेजी से किया जा रहा है। राज्य सरकार ने ऐसे मदरसे जो एस.पी.क्यू.ई.एम. योजना के अन्तर्गत नही आ पा रहे थे, के लिए 5 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था अलग से की है। सरकार हुनर के लिए भी कार्यक्रम को अभियान के तौर पर शुरू कर रही है, ताकि हुनर को संवारा जा सके। मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए भी छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम के माध्यम से आजीविका अवसर प्रोत्साहन योजना, ’’रहबर योजना’’, ’’स्वरोजगार योजना’’, कौशल वृद्वि हेतु ’’प्रशिक्षण योजना’’ आदि संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के अन्तर्गत रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराते हुए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम द्वारा संचालित ’’स्वतःरोजगार योजना’’ में प्रत्येक वर्ष 1.50 करोड रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा रही थी, जिसे बढ़ाकर 10 करोड रूपये करने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में योजना हेतु कुल 4 करोड रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। आई.ए.एस, पी.सी.एस, आई.आई.टी, आई.आई.एम, एन.आई.टी आदि की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित किये जाने एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु ’’मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना’’ तैयार की गई है। इस अवसर पर सभा सचिव फुरकान अहमद, अध्यक्ष आवास विकास परिषद सरवत करीम अंसारी, अध्यक्ष राज्य हज समिति हाजी राव शेर मोहम्मद, अध्यक्ष वक्फ बोर्ड राव काले खां, मुख्यमंत्री के विशेषकार्याधिकारी सैययद मो. कासिम, मीडिया समन्वयक राजीव जैन, जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (23 मार्च)

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नव निर्वाचित ग्राम पंचायत सरपंच/उपसरपंच सम्मिलन का आयोजन 24 को 
  • जनपद पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्षों का सम्मिलन 25 को

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जिले में त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव 2014-15 के निर्वाचन के पश्चात जिला पंचायत, जनपद एवं ग्राम पंचायत के नव निर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्षों तथा सरपंच एवं उपसरपंचों के सम्मिलन के लिये तिथियाॅ निर्धारित की गई है। कलेक्टर सीहोर ने बताया कि शासन के निर्देशांे एवं नियम प्रावधानों के अनुरूप ग्राम पंचायतों के प्रथम सम्मिलन का आयोजन मंगलवार 24 मार्च 2015 को ग्राम पंचायत मुख्यालयों में संपन्न होगा। इस सिलसिले में समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को निर्देशित किया गया है कि आयोजन के लिये नोड्ल अधिकारियों की नियुक्ति करते हुये नव निर्वाचित सरपंच को पदभार दिलाने के साथ ही ग्राम पंचायत के लिये संचालित एकल खाते में सरपंच के हस्ताक्षर को अभिप्रमाणित कराते हुये संबंधित बैंक को भेजे। सम्मिलन के दौरान नव निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा संकल्प के वाचन के साथ ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त कराने हेतु स्वच्छता शपथ ली जाएगी तथा ग्राम पंचायत की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये करारोपण एवं वसूली प्रस्ताव पर चर्चा के साथ निर्णय लिया जाएगा। 

जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सम्मिलन 25 एवं 26 मार्च 2015 को
जनपद पंचायत के लिये नव निर्वाचित अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों का सम्मिलन प्रत्येक जनपद पंचायत मुख्यालय में 25 मार्च 2015 और जिला पंचायत के लिये नव निर्वाचित अध्यक्ष/उपाध्यक्षों का सम्मिलन 26 मार्च 2015 को आयोजित किया जाएगा। 

महात्मा गांधी नरेगा से निर्मित खेल मैदानों की जानकारी, मय फोटो ग्राफ्स प्रस्तुत करें - डाॅ. भोसले

प्रत्येक सोमवार को आयोजित होने वाली साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ.आर.आर. भोसले ने वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से प्रत्येक जनपद पंचायत में चल रहे हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक कार्यो की समीक्षा की। इस दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम म.प्र. की समीक्षा में पाया कि मनरेगा रैंकिग में सीहोर जिला बी श्रेणी में बना हुआ है। तथा विगत माह की तुलना में प्रगति में सुधार नहीं हुआ हैं। जिस पर चिन्ता व्यक्त करते हुये समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया कि रैकिंग के लिये निर्धारित मापदण्डो को पूर्ण करें। जिससे जिला ए श्रेणी आ सकें। 

आधार नंबर एवं एफआरए हितग्राहियों के नाम पोर्टल पर हो दर्ज
समीक्षा के दौरान डाॅ.आर.आर.भोसले ने समस्त सीईओ जनपद पंचायत को निर्देशित कि वनाधिकार पत्रधारी हितग्राहियों के साथ जाॅबकार्ड धारियों के आधार नंबर को महात्मा गांधी नरेगा पोर्टल पर तत्काल दर्ज करावें। आधार कार्ड की पोर्टल पर फीडिंग जिले में मात्र 20 प्रतिशत कराई गई हैं जिसमें जनपद पंचायत सीहोर द्वारा मात्र 15 प्रतिशत आधार फीडिंग की गई है, जोकि संतोषजनक नहीं हैं। साथ ही ऐसे ग्रामवासी जिनके पास आधार नंबर नहीं है अथवा उनकी स्लिप गुम हो गई है, उनके नाम मोबाईल नंबर एवं स्थानीय पिनकोड के द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों के माध्यम से आधार नंबर प्राप्त कर हितग्राही को उपलब्ध कराते हुये पोर्टल में दर्ज कराये जाने की कार्यवाही के निर्देश दिये। 

फोटोग्राफ्स सहित बतायें कहां-कहां बने हैं खेल मैदान
डाॅ.आर.आर.भोसले ने समस्त सीईओ जनपद पंचायत, सहायक यंत्री मनरेगा एवं एपीओ मनरेगा को निर्देशित किया कि महात्मा गांधी नरेगा में बने खेल मैदान की जांच के लिये कमिश्नर कार्यालय द्वारा जानकारी चाही गई है। जिसके लिये जनपद पंचायतों में निर्मित ग्रामीण क्रीड़ागन के फोटोग्राफ्स सहित निर्धारित प्रपत्र में जानकारी तीन दिवस में प्रेषित करें। 

इछावर, नसरूल्लागंज एवं सीहोर को शून्य अंक
महात्मा गांधी नरेगा की रैंकिग मापदण्ड में मस्टर रोल के विरूद्ध शून्य दर्ज मस्टर रोल में जनपद पंचायत इछावर को शून्य अंक प्राप्त हुआ है इसके साथ ही प्रगतिरत कार्य के विरूद्ध शून्य व्यय में जिले को 05 अंक प्राप्त हुआ है। जिसमें जनपद पंचायत नसरूल्लागंज को शून्य अंक मिला है तथा जारी जाॅबकार्ड के विरूद्ध क्रियाशील जाॅबकार्ड में जिले को 05 अंक प्राप्त हुआ है तथा जनपद पंचायत सीहोर को शून्य अंक प्राप्त हुआ है जिस पर चिंता व्यक्त करते हुये डाॅ.भोसले ने निर्देशित किया कि तत्काल कार्यवाही कर जिले को ए केटेगरी में लाने की कार्यवाही करंे अन्यथा कार्यक्रम अधिकारी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक यंत्री महात्मा गांधी नरेगा के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। 

स्वसहायता समूहों को जारी हो रिवाल्विंग फंड, बैंक करें सी सी लिमिट जारी
स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करते हुये डाॅ.आर.आर.भोसले ने निर्देशित किया कि जिले में 47.00 लाख रू. रिवाल्विंग फंड के रूप में उपलब्ध है। सहायक विकास विस्तार अधिकारी ऐसे स्वसहायता समूहों का प्रस्ताव तैयार कर भेजे जिन्हें रिवाल्विंग फंड प्राप्त नहीं हुये ताकि उन्हें फंड जारी किया जा सके। साथ ही ऐसे स्वसहायता समूह जिन्हें पूर्व में रिवाल्विंग फंड जारी किया गया है उन्हें बैंको द्वारा रिवाल्विंग फंड के विरूद्ध 08 गुना के मान से सी सी लिमिट जारी कराने की कार्यवाही करें ताकि स्वसहायता समूह अपनी आजीविका सुदृढ़ कर और बेहतर तरीके से कार्य कर सकें। 

राष्ट्रीय पेयजल जागरूकता सप्ताह का समापन संपन्न

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग सीहोर द्वारा राष्ट्रीय पेयजल जागरूकता सप्ताह का आयोजन जिले के सभी पाॅच विकासखण्डों में 16 से 22 मार्च तक किया गया। जिसमें पाॅच विकासखण्डों के कुल 244 ग्रामों में जाकर ग्रामीणों को शुद्व पेयजल के प्रति जागरूक किया गया। तथा पेयजल जागरूकता रथ के द्वारा सभी 244 ग्रामों का भ्रमण कर ग्रामीणों को शुद्व पेयजल का महत्व तथा अषुद्व पेयजल से होने वाले नुकसान के प्रति सजक किया गया । जागरूकता दल के सदस्यों के द्वारा सभी 244 ग्रामों में विभिन्न जागरूकता संबंधी गतिविधियों जैसे - स्कूल रेैली,  निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिता नुक्कड नाटक, आमसभा, पेयजल स्त्रोतो का जल परीक्षण, तथा एफ.टी.के. का प्रषिक्षण, दीवारों पर नारा लेखन, हैण्डपम्पों पर निषान लगाकर कलर कोडिंग करना, विकासखण्डो के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग बेनर लगाना तथा जागरूकता संबंधी प्रचार सामग्री का वितरण किया गया। इस जागरूकता सप्ताह का मुख्य उद्धेष्य ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के प्रति आम नागरिकों को जागरूक कर जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदार बनाना था। पूरे सप्ताह जिले में जागरूकता सप्ताह धूम-धाम से मनाया गया। तथा ग्रामीणों एवं जन प्रतिनिधियों का इस कार्यक्रम में भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। गत दिवस इस सप्ताह का सफलता पूर्वक समापन किया गया। गत दिवस विकासखण्ड सीहोर के ग्राम चन्देरी, पिपलिया मीरा, बरखेडी, टिटोरा, हीरापुर, उलझावन, रलावती, बिलकिसगंज, पाटनी, ढाबला, केलवाली विकासखण्ड इछावर के ग्राम ब्रजेषनगर, कनेरिया, पांगरा, कालापीपल, लसूडिया कांगड, गाजीखेडी, विकासखण्ड आष्टा के ग्राम किलेरामा, टिपाखेडी, सेन्दूखेडी, चिन्नौटा, चाचरसी, पागरियारामा, विकासखण्ड नसरूल्लागंज के ग्राम गिल्लौर, बडवाडा, ईटावा, इटारसी, गोपालपुरा, सीगाॅव, छिपानेर विकासखण्ड बुदनी के ग्राम सियागहन, जोनतला, नोनभेट, नारायणपुर, शाहगंज, बुदनी  आदि ग्रामों में भ्रमण किया गया। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (23 मार्च)

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किसी से कम नहीं है जिले की बच्चियां हरियाणा में वुशु मार्शल आर्ट में प्रतियोगिता में शामिल होगी

sidhi news
सीधी 23 मार्च 2015 सीधी जिले की बच्चियां किसी भी अग्रणी जिले के छात्रो से कम नहीं है ज्योति पब्लिक स्कूल में कक्षा 8 वीं में पढने वाली शालिनी सिंह भदौरिया और ज्यांेत्सना स्कूल में कक्षा 4 मे अघ्य्यनरत शिवानी केवट  वुशू मार्शल आर्ट में कड़ी मेंहनत और लगन से परिश्रम करके हरियाणा में होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेगी । इन्होने वुशू मार्शल आर्ट में सभी को पिछे छोड़ दिया है । इनका बस एक ही सपना है होने वाली प्रतियोगिता में अब्बल आना । इन बच्चियों को कोच मानेन्द शेर अली खान हरियाणा लेकर जा रहे है। कलेक्टर विशेष गढपाले से मिलने आयी बच्चियों को उन्होने बहुत - बहुत बघाई दी और कहा कि जिले में बेटियां सबला बन रहीं है ये कही भी किसी से कम नहीं है बस जरूरत है तो इन्हे आगे बढाने की । महाविद्यालय के छात्रों ने राज्य-स्तरीय कुश्ती चैंपियन शिप जीती- संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय में व्दितीय वर्ष में अध्ययनरत विशाल मिश्रा ,अमित सिंह और प्रथम वर्ष के अमन सिंह चैहान ने मण्डला में आयोजित राज्य स्तरीय कुश्ती चैपियन शिप में न केवल विजेता का खिताब जीता बल्कि विशाल और अमित सिंह ने कुश्ती का गोल्ड मैडल और अमन सिंह ने कुश्ती का कांस्य पदक भी अपने नाम किया । राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में इन्होने दिखा दिया कि यदि लक्ष्य और मेहनत की जाये तो सामने कोई भी बाधा नहीं आती । बल्कि उसके अच्छे परिणाम भी गोल्ड मैडल के रूप में सामने आये है। कलेक्टर से मिलने आये इन छात्रों को उन्होने हार्दिक बधाई दी और कहा कि ऐसे ही मेहनत के बल पर अपने जिले और महाविद्यालय का नाम रोशन करते रहे। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (23 मार्च)

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किसान¨ं क¨ उदारतापूर्वक राहत देने की मंशा से कार्य करें
  • बजट का नियमानुसार पूर्ण उपयोग करें, टी.एल.की बैठक में कलेक्टर ने दिये निर्देश 

tikamgarh news
टीकमगढ़, 23 मार्च 2015। कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने सभी जिला प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे उपलब्ध बजट का नियमानुसार पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इसी के साथ शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य को भी समय पर पूरा किया जाये। उन्होंने कहा इसकी नियमित समीक्षा करें जिससे सत्र के अंत में परेशानी न हो। श्री शर्मा ने आज टी.एल.की बैठक के दौरान ये निर्देश दिये । श्री शर्मा ने निर्देशित किया कि ओला एवं अतिवृष्टि से किसान¨ं के नुकसान की भरपाई हर हालत में ह¨नी चाहिये। प्रशासन राहत देने में मानवीय दृष्टिक¨ण अपनाये। उन्ह¨ंने कहा कि किसान अपनी मेहनत की पूंजी मिलाकर खेती में लगाता है। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक विपदा से हुए नुकसान में प्रशासन पूरी तरह से उदार दृष्टिक¨ण अपनाकर नुकसान की भरपाई करेगा।

परिवार नियोजन का लाभ दिलायें
श्री शर्मा ने कहा कि प्रत्येक पात्र एवं इच्छुक दंपत्ति को परिवार नियोजन का लाभ दिलायें। उन्होंने कहा इस हेतु सभी संबंधित विभाग समन्वित प्रयास करें जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा राष्ट्रीय एवं पारिवारिक विकास से जुड़ा हुआ यह महत्वपूर्ण मुद्द है जिसमें सबकी समन्वित सहभागिता से अच्छे परिणाम सामने आयेंगे।

हर स्कूल एवं हर घर में शौचालय हो
श्री शर्मा ने कहा कि व्यक्तिगत एवं समग्र स्वच्छता के लिए यह आवश्यक है कि हर स्कूल एवं हर घर में पक्के शौचालय हों तथा घर का प्रत्येक सदस्य उसका उपयोग भी करे। उन्होंने कहा लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ यह महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा इस हेतु सभी संबंधित विभाग लोगों को प्रेरित करें जिससे जिले मेें खुले में शौच की परंपरा पूर्णतः बंद हो सके। 

शिकायतों का निराकरण तत्काल करायें
श्री शर्मा ने कहा कि सभी विभाग प्राप्त शिकायतों का निराकरण तुरंत करायें जिससे हितग्राही परेशान न हों। उन्होंने कहा कि सभी विभाग हर स्तर पर ऐसी व्यवस्था बनायें जिससे वहाँ प्राप्त शिकायत का वहीं से तत्काल निराकरण हो जाये। बैठक के दौरान सभी अधिकारियों ने डीईसी एवं एल्वेंडाजोल गोली का सेवन किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री शिवपाल सिंह, एस.डी.एम. टीकमगढ़ श्री एस.एल. सोनी, सीएमएचओ डाॅ0 ए.के. तिवारीर्, इ.ई.पी.एच.ई श्री महेन्द्र सिंह, आर.ई.एस. श्री जे.पी. रोहित, जिला आयुष अधिकारी श्री एस.के. त्रिपाठी, उप पंजीयक श्री बी.पी. रावत, जिला कोषालय अधिकारी श्री केडी अहिरवार,  जिला पेंशन अधिकारी श्री जी.डी. साहू, जिला खनिज अधिकारी श्रीमती दीपमाला तिवारी, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती ऋजुता चैहान, जिला आबकारी अधिकारी श्री अभिषेक तिवारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

जतारा में अंत्योदय मेले का आयोजन अब 27 को 

टीकमगढ़, 23 मार्च 2015। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनय द्विवेदी ने बताया है कि राज्य शासन के निर्देशानुसार 19 से जनपद पंचायत स्तर पर अंत्योदय मेले आयोजित किये जा रहे हंै। तदनुसार जतारा में 24 मार्च को यह मेला आयोजित किया जाना था जो अब 27 मार्च को आयोजित किया जायेगा। इसी क्रम में टीकमगढ में 25 मार्च को अंत्योदय मेला आयोजित किया जायेगा।

अचल संपत्ति का बाजार मूल्य निश्चित, करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित

टीकमगढ़, 23 मार्च 2015। जिला पंजीयक एवं संयोजक जिला मूल्यांकन समिति श्री बी.पी. रावत ने बताया है कि अचल संपत्ति का बाजार मूल्य निश्चित करने बावत् गाईड लाईन वर्ष 2015-16 के लिये उप जिला मूल्यांकन समितियों टीकमगढ़, जतारा, निवाड़ी, पृथ्वीपुर एवं बल्देवगढ़ से प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं तथा जिला मूल्यांकन समिति द्वारा आज 20 मार्च 2015 को बैठक आहूत कर इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर लिया गया है। यह प्रस्ताव आम जनता के अवलोकनार्थ एवं सुझाव हेतु सभी उप पंजीयक कार्यालयों तथा जिले की वेबसाईट पर प्रदर्शित है। उन्होंने बताया कि 24 मार्च 2015 को सायं 4 बजे तक आम नागरिक अपने सुझाव सभी उप पंजीयक कार्यालयों तथा जिला पंजीयक कार्यालय टीकमगढ़ में लिखित रूप में दे सकते हैं। 

समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 2 अप्रैल से 26 मई तक

टीकमगढ़, 23 मार्च 2015। कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने बताया है कि राज्य शासन द्वारा रबी विपणन मौसम 2015-16 अंतर्गत समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये निर्देश जारी किये गये है। प्रदेश में हुई असमय वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन द्वारा प्रदेश में उपार्जन की अवधि संशोधित की गई है। तदनुसार प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, रीवा एवं शहडोल संभाग के जिलों में 2 अप्रैल 2015 सें 26 मई 2015 तक किया जायेगा।

तम्बाकू नियंत्रण हेतु कार्यशाला 30 को 

टीकमगढ़, 23 मार्च 2015। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अनय द्विवेदी ने बताया है कि तम्बाकू नियंत्रण कानून के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 30 मार्च को किया जायेगा। जिसमें समस्त विभागों के जिला प्रमुख भाग लेंगे साथ ही संबंधित विभागों से खंड स्तरीय शासकीय सेवक एवं अशासकीय संस्थाओं को भी आमंत्रित किया गया है।
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