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भारत को हराकर ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा

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भारतीय क्रिकेट टीम चार साल पहले वानखेड़े स्टेडियम में जीता गया आईसीसी विश्व कप खिताब बचाने में नाकाम रही। ऑस्ट्रेलिया ने उसे गुरुवार को सिडनी क्रिकेट मैदान पर हुए सेमीफाइनल में 95 रनों से हराया। 29 मार्च को मेलबर्न में होने वाले फाइनल में उसका सामना न्यू जीलैंड से होगा। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए स्टीवन स्मिथ (105) और फिंच (81) की शानदार पारियों की मदद से 50 ओवरों में छह विकेट पर 328 रन बनाए। जवाब में खेलने उतरी भारतीय टीम मेजबान टीम के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर सकी और बड़ी व्यक्तिगत पारियों व बड़ी साझेदारियों के अभाव में 46.5 ओवर में 233 रन ही बना सकी। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे अधिक 65 रन बनाए। स्टीवन स्मिथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया। अब कंगारू मेलबर्न का रुख करेंगे जहां वे पहली बार फाइनल में पहुंचे न्यू जीलैंड का सामना करेंगे। कीवी टीम ने ऑकलैंड में 24 मार्च को खेले गए रोमांच से भरपूर सेमीफाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को हराया था।

शिखर धवन (45) और रोहित शर्मा (34) ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई थी। रोहित और धवन ने शुरुआती मुश्किलों को पार करते हुए अच्छे शॉट्स लगाए और स्कोर को 76 रनों तक पहुंचा दिया। धवन खासकर अच्छा खेल रहे थे लेकिन 13वें ओवर की पांचवीं गेंद पर वह जोश हाजेलवुड को अनावश्यक तौर पर सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने के प्रयास में मैक्सवेल के हाथों लपके गए। धवन ने 41 गेंदों पर एक छक्का और छह चौके लगाए। इसके बाद विकेट गिरने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अंत तक जारी रहा। धोनी और अजिंक्य रहाणे (44) ने पांचवें विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी की, जो भारतीय बल्लेबाजों का विकेट पर दूसरा सबसे बड़ां ठहराव साबित हुआ। विराट कोहली (1), सुरेश रैना (7) ने निराश किया जबकि रवींद्र जडेजा (16) ऑस्ट्रेलियाई फील्डरों की चपलता का शिकार हुए। कप्तान धोनी भी रन आउट हुए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जेम्स फॉल्कनर और मिशल स्टार्क ने तीन-तीन विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया लगातार छठी बार सेमीफाइनल में अजेय रहा है। दूसरी ओर, भारत लगातार दूसरी बार फाइनल में स्थान नहीं बना सका। 

इस हार के साथ धोनी के नेतृत्व में 11 मैचों से चला आ रहा जीत का क्रम भी टूट गया। इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 328 रन बनाए। स्मिथ ने 93 गेंदों पर 11 चौके और दो छक्के लगाए। स्मिथ के अलावा उनके साथ दूसरे विकेट के लिए 182 रनों की साझेदारी करने वाले फिंच ने 116 गेंदों पर सात चौके और छक्का लगाया। फिंच और स्मिथ के अलावा मध्यक्रम और पुछल्ले बल्लेबाजों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने वह स्कोर हासिल किया जिस पर सवार होकर वह फाइनल में पहुंच सकता है क्योंकि विश्व कप इतिहास में अब तक कोई भी टीम नॉकआउट दौर में 300 से अधिक रनों का लक्ष्य नहीं हासिल कर सकी है। स्मिथ और फिंच के अलावा मैक्सवेल ने तेजी से 23, शेन वॉटसन ने 28 और जेम्स फॉल्कनर ने 21 रन बनाए। मिशेल जॉनसन 27 रनों पर नाबाद लौटे। मैक्सवेल ने 14 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया। वॉटसन ने 30 गेंदों की पारी में दो चौके और एक छक्का जड़ा जबकि फॉल्कनर ने 12 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का जड़ा। कप्तान माइकल क्लार्क 10 रन ही बना सके। इसी तरह सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने 12 रन जोड़े। 

ऑस्ट्रेलिया ने अंतिम पांच ओवरों में दो विकेट गंवाकर 57 रन बनाए। इसमें अधिकांश योगदान मिशेल जॉनसन का रहा जो 27 रन बनाकर नाबाद लौटे। जॉनसन ने मोहित शर्मा द्वारा फेंके गए अंतिम ओवर में 15 रन जुटाए। जॉनसन ने 9 गेदों का सामना कर चार चौके और एक छक्का लगाया। हेडिन सात रनों पर नाबाद लौटे। इन दोनों ने आठवें विकेट के लिए 30 रनों की साझेदारी की। भारत की ओर से उमेश यादव ने सबसे अधिक चार विकेट लिए। मोहित शर्मा को भी दो विकेट मिले। एक विकेट रविचंद्रन अश्विन को भी मिला। उमेश विश्व कप के नॉकआउट मुकाबलों में दो बार चार विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। उमेश ने सिडनी क्रिकेट मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 72 रन देकर चार विकेट लिए। इससे पहले उमेश ने 19 मार्च को मेलबर्न में बांग्लादेश के साथ हुए क्वॉर्टर फाइनल मैच में 31 रन देकर चार विकेट लिए थे। उमेश ने आईसीसी विश्व कप-2015 में अब तक भारत की ओर से सबसे अधिक 18 विकेट हासिल किए हैं। वह अपने एकदिवसीय करियर के 48 मैचों में अब तक 67 विकेट ले चुके हैं। 27 साल के उमेश ने अब तक तीन मौकों पर पारी में चार विकेट लिए हैं। इनमें से दो मौकों विश्व कप के दौरान ही आए हैं। 

हमने पार्टी से कोई इस्तीफा नहीं दिया है। : योगेंद्र

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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को होने वाली बैठक से ठीक पहले पार्टी के अंदर मचा घमासान पूरी तरह आरपार की लड़ाई में बदल गया है। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला बोला। प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पार्टी को कंट्रोल करना चाहते हैं। केजरीवाल और उनके साथी हमारे बारे में झूठ फैला रहे है।

इस्तीफे और पार्टी द्वारा प्रशांत योगेंद्र की शर्तें मान लेने की खबर पर योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने पार्टी से कोई इस्तीफा नहीं दिया है। आप के वरिष्ठ नेता झूठ बोल रहे हैं। अगर किसी साथी के पास हमारा इस्तीफा है तो वो उसकी कॉपी दिखाएं। योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता झूठ बोल रहे हैं। अभीतक हमारी किसी भी मांग को माना नहीं गया है। अगर पार्टी हमारी मांगे कल शाम तक मान ले तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके और योगेंद्र के बारे में झूठी बातें कही जा रही हैं। हमने केजरीवाल को हटाने की कभी मांग नहीं की। प्रशांत ने कहा कि पार्टी में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है। पार्टी में सिर्फ एक ही आदमी फैसला ले यह पार्टी के हित में नहीं है।

विशेष आलेख : मीडिया की परिभाषा बदलती ग्रामीण लड़कियां

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वर्तमान समय में लड़कियां भले ही हर क्षेत्र में कामयाबी के परचम लहरा रही हों, सेना से लेकर कॉर्पोरेट जगत तक महिलाएं पुरुषों को चुनौतियां दे रही हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो आज भी यहाँ लड़कियों की पहचान की बात तो दूर, समाज में उन्हें अपना स्थान बनाने लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में यदि किसी गांव की लड़कियां मीडिया जैसे क्षेत्र में अच्छे से अपने  कार्य अंजाम दे रही हो तो आश्चर्य अवश्य होता है। लेकिन यह किसी परिकथा का हिस्सा नहीं है और न ही भविष्य के किसी साकार होती रूपरेखा की संकल्पना है। हौसले और आत्मविश्वास से भरी यह कहानी है देश के पिछड़े राज्यों में शुमार बिहार के मुज़फ्फरपुर के एक सुदूर गांव रामलीला गाछी की है, जहां कुछ लड़कियों के बुलंद हौसलों के सामने कॉर्पोरेट घराने की मीडिया भी गौण हो जाती है। दुनिया भर में शाही लीची के लिए मशहूर मुज़फ्फरपुर के पारु ब्लॉक का यह गांव आज भी बुनियादी सविधाओं की कमी से जूझ रहा है। इसके बावजूद यहां की रहने वाली खुशबू, अनीता, रूबी और रोमा के हौसले किसी मंझे हुए मीडिया रिपोर्टर की तरह नज़र  आते हैं। जो हिम्मत और हौसले से अपने सामुदायिक न्यूज़ चैनल ‘‘अप्पन समाचार’’ के माध्यम से समाज में परिवर्तन के लिए प्रयासरत हैं। यह लड़कियां किसी बड़ेे घराने से नहीं हैं बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से कमज़ोर परिवारों से ताल्लुक रखती हैं।

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2007 में स्थापित ‘‘अप्पन समाचार’’ मुजफ्फरपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता संतोष सारंग के प्रयासों का परिणाम है। उनके इस कार्य को स्थानीय समाजसेवी अमृतांज इंदीवर, फूलदेव पटेल और पंकज का भरपूर सहयोग मिला। जिन्होंने न केवल इन लड़कियों की प्रतिभा को पहचाना बल्कि इससे जोड़ने के लिए उनके परिवारवालों को तैयार भी किया। ज़ाहिर है मानसिक रूप से पिछड़ेे और ग्रामीण पृष्भूमि के इस वातावरण में जहाँ लड़कियों को देहलीज़ के बाहर क़दम रखना अच्छा नहीं माना जाता है, वहां इसे बखूबी चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। संस्थापक संतोष सारंग कहते हैं कि यह लड़कियां मज़दूर और किसान की बेटियां हैं। जिन्होंने पत्रकारिता का कोई कोर्स नहीं किया है। ऐसे में ‘‘अप्पन समाचार’’ की कामयाबी इन्हीं लड़कियों के हौसलों का परिणाम हैं। वह कहते हैं कि अब इन लड़कियों ने ख्वाब देखना शुरू किया है जिसे अपनी पढाई के साथ पूरा करना चाहती हैं। ‘‘अप्पन समाचार’’ का उद्देश्य बताते हुए वह कहते हैं कि मुख्यधारा की मीडिया में गांव की ख़बरें नहीं होती है, लेकिन मुद्दे सबसे अधिक वहीँ होते हैं। जहां बुनियादी सुविधाएं और मीडिया दोनों नहीं पहुंच पाती हैं ऐसे में इन मुद्दों को ‘‘अप्पन समाचार’’ के माध्यम से उठाया जाता है। इनमंे किसानों और महिलाओं से सम्बंधित समस्याएं, बाल विवाह, पंचायत और स्वच्छता प्रमुख रूप से केंद्रित हैं। 

‘अप्पन समाचार’’ का संचालन स्थानीय गांव वालों की मदद से संभव होता है। संतोष सारंग कहते हैं कि इसके तैयार करने और प्रसारण तक में सभी लड़कियों का सामान रूप से योगदान है। इनमे कैमरा चलाने से लेकर एंकरिंग तक का काम लड़कियां ही करती हैं। साइकिल और हाथ में कैमरा लिए यह लड़कियां बेबाकी से सवाल करती हैं। 45 मिनट की तैयार ख़बरों को सप्ताह में एक बार लगने वाले हाट बाजार में प्रसारित किया जाता है। इसमें उन मुद्दों को उठाया जाता है जिसे मेनस्ट्रीम मीडिया नज़ररअंदाज़कर देती है। ‘‘अप्पन समाचार’’ में प्रसारित ख़बरों का अब ज़मीनी स्तर पर असर भी नज़र आने लगा है। इस संबंध में संतोष सारंग बताते हैं कि टीम को पता चला कि स्थानीय मिडिल स्कूल की ईमारत के निर्माण में घटिया ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। जिस पर ‘‘अप्पन समाचार’’ टीम ने स्टोरी की और इसे साप्ताहिक हाट बाजार में दिखाया गया परिणामस्वरूप स्थानीय नागरिक की जागरूकता के बाद उन ईटों को बदल दिया गया। ‘‘अप्पन समाचार’’ की टीम के कार्य ने जहां पंचायत में होने वाले बहुत से कामों में पारदर्शिता ला दी है। वहीं टीम की लड़कियों को हर प्रकार से समर्थन भी मिलने लगा है। ‘‘अप्पन समाचार’’ के कार्य ने रामलीला गाछी को विश्व मानचित्र में विशिष्ट पहचान दी है। यही कारण है कि एक तरफ जहां इसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है वहीं बीबीसी, अलजज़ीरा  और जर्मन टीवी ने इसपर वृत्तचित्र भी तैयार किया है। 

अमृतांज इंदीवर बताते हैं कि रामलीला गाछी एक ऐसा गांव है जहां वर्षों से अपराधियों का वर्चस्व रहा है। जहां सरकारी अधिकारी क़दम रखने से घबराते हैं और जहां नक्सलियों के क़दमों की आहट साफ़ सुनाई देती है। सरकार की उपेक्षा के कारण आज भी यह इलाक़ा गरीबी, अशिक्षा और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से लगातार जूझ रहा है। यह वह क्षेत्र है जहाँ अंधविश्वास और सामाजिक बुराइयां जीवन का अभिन्न अंग हैं। जहाँ लड़कियों को परदे के भीतर और शिक्षा से वंचित रखा जाता है। ऐसे में ‘‘अप्पन समाचार’’ की टीम ने पुरे हौसले के साथ इनपर काबू पाया। यही कारण है कि आज यहां के लोगों की विचारधारा में परिवर्तन आने लगा है। अब उन्हें बेटियां बोझ नहीं गर्व का एहसास दिलाती हैं। लेकिन इससे ज़्यादा इन लड़कियों ने अपने हौसले से उस मिथक को तोड़ दिया जिसमे यह माना जाता है कि बड़ी पूंजी और सेटअप के तामझाम के बिना मीडिया का संचालन असंभव है।
           
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में निर्विवाद रूप से मीडिया को चैथा स्तंभ स्वीकार किया जाता है। परिभाषित रूप में देखा जाए तो इसका मुख्य कार्य जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाना और सरकारी नीतियों को नागरिकों तक सुलभ रूप से उपलब्ध करवाना है। हमारे देश में चाहे प्रिंट हो अथवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उसे किसी हव्वा के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि इसका संचालन कॉर्पोरेट के बस की बात है। भारी भरकम पूंजी और महानगरीय सुविधाओं के बिना इसका संचालन संभव नहीं है। लेकिन एक गांव से प्रसारित ‘‘अप्पन समाचार’’ ने इस विचारधारा को हमेशा के लिए बदल दिया है। वहीं इन लड़कियों ने साबित कर दिया है कि नारी को केवल अबला और गुडि़या समझने की परिभाषा गलत है। 






liveaaryaavart dot com

सैयद अनीसुल हक़
(चरखा फीचर्स)

राष्ट्रपति आज अटल बिहारी वाजपेयी को उनके घर जाकर भारत रत्न देंगे

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 पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आज उनके आवास पर भारत रत्न प्रदान किया जाएगा. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी वाजपेयी के कृष्णमेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जाकर भारत रत्न देंगे. वाजपेयी के घर समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ साथ पीएम नरेंद्र मोदी, गृमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा और भी कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे.

90 साल के वाजपेयी काफी दिनों से अस्वस्थ है और उन्हें चलने-फिरने में कठिनाई होती है. पिछले साल दिसंबर में वाजपेयी और जाने माने स्वाधीनता सेनानी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी. महामना मदन मोहन मालवीय के परिजनों को भारत रत्न 30 मार्च को दिया जाएगा. 30 मार्च को ही पद्म पुरस्कार विजेताओं को भी राष्ट्रपति भवन में सम्मान दिया जाएगा.

बीते कई वर्षो से विभिन्न पार्टियों के राजनेताओं सहित समाज के हर तबके द्वारा वाजपेयी को भारत रत्न देने की मांग की जा रही थी. वह साल 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने. इसके बाद साल 1998-2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. वाजपेयी भारत रत्न ग्रहण करने वाले देश के सातवें प्रधानमंत्री होंगे. इससे पहले जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मोरारजी देसाई, लाल बहादुर शास्त्री तथा गुलजारीलाल नंदा को यह सम्मान मिल चुका है. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने का वादा किया था.  

रांची स्थित धौनी के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई

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ऑस्ट्रेलिया के हाथों सिडनी में आज विश्वकप सेमीफाइनल मैच में भारत की करारी हार के बाद यहां कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई और वहां सशस्त्र बलों की अतिरिक्त तैनाती कर दी गई। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि भारत की हार के बाद क्रिकेट प्रेमियों में बढ़े आक्रोश के मद्देनजर एहतियातन भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई। उन्होंने बताया कि धौनी के घर की सुरक्षा रांची पुलिस पूरे वर्ष करती है लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मैचों और प्रतियोगिताओं के समय में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाती है। धौनी के घर के बाहर आज शाम झारखंड सशस्त्र बल की एक कंपनी तैनात कर दी गई।

भारत की हार के तुरंत बाद ही बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी धौनी के घर के बाहर एकत्रित हो गये लेकिन उनकी नाराजगी धौनी से नहीं थी क्योंकि उन्होंने आखिर तक कोशिश की थी। विराट कोहली, सुरेश रैना, शिखर धवन और रवीन्द्र जडेजा जैसे स्टार खिलाड़ियों ने जब अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो अकेला धौनी क्या करता। ज्यादातर क्रिकेट प्रेमी आज यहां बहुत मायूस दिखायी दिए।

हिट जोड़ी शाहरुख-काजोल के साथ ‘दिलवाले’ की शूटिंग शुरु

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नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय ) : फिल्म निर्माता और निर्देशक रोहित शेट्टी, शाहरुख खान और काजोल को लेकर फिल्म बनाने जा रहे है. जिसका नाम ‘दिलवाले’ है और इसकी शूटिंग मुंबई में शुरू हो गई है।  ज्ञात हो कि  फिल्म के सेट की कई तस्वीरें शेयर की गई है जिनमें रोहित शेट्टी, वरूण धवन, वरूण शर्मा, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा आदि एक साथ मस्ती के मूड में नजर आ रहे हैं।  फिल्म को फिलहाल काजोल और शाहरुख ने स्टारकास्ट को जॉइन नहीं किया है। 

बॉलीवुड में शाहरुख और काजोल की हिट जोड़ी दर्शकों को आखिरी बार ‘माई नेम इज खान’ में नजर आई थी।  निर्माता रोहित शेट्टी के मुताबिक दिलवाले में शाहरूख के छोटे भाई का किरदार वरूण धवन निभाएंगे।  गौरतलब है कि इस फिल्म में इनके अलावा कृति सेनन, कबीर बेदी, जॉनी लीवर और वरूण शर्मा मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे. रोहित शेट्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह फिल्म किसी फिल्म की रीमेक नहीं है।  रोहित की पिछली फिल्में "चेन्नई एक्सप्रेस", "सिंघम रिटर्न्स"ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की है।  इस बारे में उनका कहना यह है कि जब भी वह किसी नई फिल्म पर काम करना शुरू करते हैं तो उसके लिए डबल मेहनत करते हैं। अब उनकी मेहनत कितनी सफल होती है यह दर्शक तय करते हैं। 

विशेष : गंगा-जमुनी तहजीब की धुन बिस्मिल्ला खान

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  • भारत रत्न बिस्मिल्ला खां की जन्मशतीवर्ष पर  

भारतीय समाज में शादी एवं अन्य शुभ समारोह में घर की ड्योढ़ी तक सीमित शहनाई को अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचाने में उस्ताद बिस्मिल्ला खां की योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। बचपन से ही शहनाई प्रेम को इबादत बना लिया तो संगीत के लिए देवी सरस्वती के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने, मंदिरों और गंगा के घाट पर शहनाई बजाने में कभी उन्हें परहेज नहीं रहा। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आज देश विदेश में शहनाई की लोकप्रियता का जो मुकाम है वह सिर्फ और सिर्फ उन्हीं के प्रयासों की देन है। उन्हें भारत रत्‍न के अलावा पद्मश्री और पद्मभूषण और पद्म विभूषण भी मिल चुका था। उनका मानना था कि यदि दुनिया का अंत हो भी गया तो भी संगीत जिंदा रहेगा। ठीक उसी तरह भारतीय संगीत के जीवित रहने तक शहनाई और उस्ताद बिस्मिल्ला खान का नाम लोग लेते रहेंगे। चाहे वह राजीव गांधी हो या फिर बाला साहब ठाकरे या फिर सोनिया गांधी सबके सब उनके मुरीद रहे। इतना ही नहीं उन्होंने आजादी की पूर्व संध्या पर भी लाल किले की प्राचीर से शहनाई की धुन पेशकर शांति का संदेश दिया था। तब से लगभग हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के भाषण के बाद बिस्मिल्ला का शहनाई वादन एक प्रथा बन गयी, लेकिन अफसोस है कि सूबे की अखिलेश सरकार वादों व दावों के बावजूद श्रद्धासुमन के दो फूल अर्पित करना तो दूर उनके कब्र का मकबरा तक नहीं बना सकी   

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जी हां, संगीत ही वह विधा है, जिसमें जात-पात, ऊंच-नीच कुछ भी नहीं है। संगीत किसी मजहब का बुरा नहीं चाहता। तभी तो चाहे वह नसीम मिया के घर पड़ी मइयत हो या कपिल के दरवाजे पर शव या फिर बनवारी या कलाम के घर से विदा हो रही बेटी की डोली, शहनाई की गूंज के बिना सबकुछ सूना-सूना सा लगता है। और जब बात शहनाई की तो जेहन में बरबस ही भारत रत्न समेत कईयों पुरस्कारों से विभूषित हो चुके उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का नाम कौंध उठता है। वैसे भी शहनाई को वैश्विक संगीत के क्षितिज पर स्थापित करने में उस्ताद के योगदान को तो कत्तई भूलाया नहीं जा सकता। चाहे वह भारत की आजादी की जश्न का वक्त रहा हो या लालकिले की प्राचीर से झंडा फहराने का, खान की शहनाई की जादुई धुनें जरुर गूंजी। बड़ी बात तो यह है कि तीनों लोकों में न्यारी धर्म की नगरी काशी के घाटों पर मां गंगा की लहरों के साथ-साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में चारों पहर होने वाली आरती में बज रहे घंट-घड़ी-घडि़याल व ढोल-नगाड़े की थाप से तान मिलाकर खां ने जो धून प्रस्तुत की, उसे चाहकर भी काशीवासी नहीं भूल सकते। उनको गंगा और काशी विश्वनाथ से खासा लगाव था, इसीलिए वह काशी छोड़कर कभी नहीं गए। खान की एक फूँक पर शहनाई से ऐसे सुर निकलते थे...जो हर सोये हुए दिलों को जगा देते थे...और रात की तारीकी में दिन के उजाला का एहसास कराती थी...। 

कहा जा सकता है शहनाई उनके लिए अल्लाह की इबादत का माध्यम थी तो सरस्वती वंदना का भी। खां की इसी सोच ने उन्हें औरों से अलग खड़ा किया। चाहे लाल किले की दीवार हो या क्वीन एलिजाबेथ हॉल या फिर अल्बर्ट हॉल, शहनाई बजी तो लोग झूमते ही रहे। इस फन ने उन्हें दौलत और शोहरत दोनों ही बख्शी, लेकिन हमेशा शान-ओ-शौकत से दूर रहे। पूरे साल दुनिया के किसी भी कोने में वह रहे हो, मोहर्रम पर बनारस आकर खास चांदी की शहनाई की धुन से करबला के शहीदों को नजराना-ए-अकीदत पेश करना नहीं भूलते थे। आखिरी दिनों तक दरगाहे फातमान में हजरत अली के रौजे के सामने बैठ करबला के एक-एक वाकयात को मातमी धुन से खींच देते। अपने संगीत के माध्यम से उन्होंने शांति और प्रेम का संदेश दिया।’ लेकिन शहनाई के शहंशाह उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की सांस क्या रुकी... मानो शहनाई भी खामोश हो चली है। खां अब भी कच्ची कब्र में दफन हैं। उनकी हर कामयाबी का गवाह उनका एकमात्र हड़हा सराय (दालमंडी) का मकान आज खतरे में है। इसकी वजह उनके अपने परिवारीजनों में खींचतान है, जो वक्त बे वक्त नुमाया होती रहती है। कभी उनके बेटे घर को गिराकर दुकान बनाने की शिगूफा छोड़ देते हैं, तो कभी उनसे जुड़ी निशानियों के चोरी होने का मुद्दा सामने आ जाता है। उनके इंतकाल के वक्त चाहे वह आजम खां रहे हो या मुलायम सिंह यादव या अन्य बड़ी राजनीतिक हस्तियां, सभी ने ऐलान किया था कि उस्ताद का लाल पत्थरों से भव्य मकबरा बनेगा। मुलायम सिंह ने ही लखनऊ में संगीत अकादमी की स्थापना का भरोसा दिया था। केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई ने दिल्ली में संगीत अकादमी की स्थापना की बात कही थी। तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार ने रेलवे स्टेशनों की सुबह उस्ताद की शहनाई की धुन से शुरू करने का एलान किया था। उनके आवास से लेकर चाहे वह शहनाई या अन्य उनसे जुड़ी यादें या उनके धरोहर संभाल कर रखा जायेगा, लेकिन सब हवा-हवाई ही निकला। जहां-तहां सब बिखरा पड़ा है। न मकबरा बना और न ही उनसे जुड़ी धरोहरों को सहेजने की किसी ने जरुरत समझी। अब तो इतने महान कलाकार की कब्र पर फूल-माला चढ़ाने के लिए लोगों के पास भी वक्त नहीं मिलता। उनकी याद में शासनस्तर पर जो ढेर सारी घोषणाएं की गई थीं कुछ को छोड़कर सब वादा ही रह गया। ऐसे में उनकी निशानी को मिटाने की जगह स्मारक के रूप में विकसित की जानी चाहिए। दुनिया के कई देशों में उनके नाम पर सड़क हैं, लेकिन बनारस में ऐसा कुछ भी नहीं है। एक बार 21 मार्च से शुरू हो रहे उस्ताद के जन्मशती वर्ष पर बनारस फिर उम्मीदों के साथ खड़ा है। उस्ताद की बौद्धिक सम्पदा को संजोने की पहल के लिए समाज के अग्रणी लोगों को आगे आना ही होगा। 

हिन्दुस्तान में शहनाई वादक के नाम से प्रख्यात खान का जन्म जन्म 21 मार्च, 1916 को बिहार के डुमराँव की भिरंग राउत की गली नामक मोहल्ले में हुआ था। तब किसे मालूम था कि मोलाजिम पैगम्बर बख्श मियां के घर जन्मा कमरुदीन हीं आगे चलकर बिस्मिल्लाह खां बन जाएगा। वे अपने माता-पिता की दूसरी सन्तान थे। चूँकि उनके बड़े भाई का नाम शमशुद्दीन था अतः उनके दादा रसूल बख्श ने कहा-बिस्मिल्लाह! जिसका मतलब था अच्छी शुरुआत! या श्रीगणेश अतः घर वालों ने यही नाम रख दिया। और आगे चलकर वे बिस्मिल्ला खां के नाम से मशहूर हुए। खान के घर के अन्य सदस्य लोग भी दरवारी राग बजाने में माहिर थे, जो बिहार की भोजपुर रियासत में अपने संगीत का हुनर दिखाने के लिये अक्सर जाया करते थे। उनके पिता बिहार की डुमराँव रियासत के महाराजा केशव प्रसाद सिंह के दरवार में शहनाई बजाया करते थे। शहनाई से लगाव देखकर आर्थिक तंगी से बेहाल पैगम्बर बख्श ने 6 साल की उम्र में उनको शहनाई के गुण सीखने के लिए चाचा अली बक्श के यहां बनारस भेज दिया। यहीं रहकर उन्होंने शहनाई बजाना सीखा। उनके उस्ताद चाचा विलायती विश्वनाथ मन्दिर में स्थायी रूप से शहनाई-वादन का काम करते थे। यद्यपि बिस्मिल्ला खां शिया मुसलमान थे फिर भी वे अन्य हिन्दुस्तानी संगीतकारों की भांति धार्मिक रीति रिवाजों के प्रबल पक्षधर थे और हिन्दू देवी-देवता में कोई फर्क नहीं समझते थे। देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारतरत्न’ मिलने के बाद भी उस्ताद का जीवन फक्कड़ी बनारसी की तरह रहा। कहा जा सकता है संगीत साधना और शहनाई को घर की ढ्योढी से निकालकर लालकिले की प्राचीर और दुनिया के शीर्ष मंचों तक प्रतिष्ठित करने की कामयाबी बनारस में रहकर ही पाई। वे ज्ञान की देवी सरस्वती के सच्चे आराधक थे। वे काशी के बाबा विश्वनाथ मन्दिर में जाकर तो शहनाई बजाते ही थे, गंगा किनारे बैठकर घण्टों रियाज भी किया करते थे। प्राचीन बालाजी मंदिर भी खां साहब की रियाज का गवाह है। ‘खान कहते थे कि उनकी शहनाई बनारस का हिस्सा है। वह जिंदगी भर मंगलागौरी और पक्का महल में ही रियाज करते हुए जवान हुए हैं। उनकी अपनी मान्यता थी कि उनके ऐसा करने से गंगा मइया प्रसन्न होती हैं। सबसे पहले 1930 में इलाहाबाद में उन्हें कार्यक्रम पेश करने का काफी मशक्कत के बाद मौका मिला। इसके बाद तो जैसे पीछे मुड़कर देखने का मौका हीं नहीं मिला। और देखते ही देखते उन्होंने रियाज के बूते पर साधारण शहनाई पर शास्त्रीय धुन बजाकर पूरे विश्व को अपना मुरीद बना लिया। 

खां साहब ने आखिरी सांस तक काशी को नहीं छोड़ा। अमेरिकी रईस का भी खां साहब ने यह कहकर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि जब हमारी गंगा यहां नहीं ला सकते तो हम भी यहां नहीं रह सकते। काशी की तंग गलियोंही उन्हें भांति है। यह उस्ताद के देशप्रेम की बहुत बड़ी मिसाल है। उनकी शहनाई लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी। कहा जा सकता है कि उन्होंने शहनाई को जिस बुलंदी पर पहुंचाया उसकी मिसाल मुश्किल है। शहनाई का मतलब ही बिस्मिल्लाह खां अगर कहा जाये तो गलत नहीं होगा। इसकी बड़ी वजह रही कि चाहे वह शादी विवाह हो या मातम हर जगह बिस्मिल्लाह खां ने शहनाई बजाकर उसकी धून गली-कूंचों की बुलंदी तक पहुंचाई। इस साज की पहचान उन्होंने सात समन्दर पार विदेशों में भी करायी। जब बिस्मिल्लाह खां थे तो भी लोग शहनाई के लिए उन्हें ही जानते थे आज वो हमारे बीच नहीं हैं मगर शहनाई में कोइ दूसरा नाम दूर-दूर तक नजर नहीं आता। संगीत के कद्रदान शहनाई का नाम आते ही फिर बिस्मिल्लाह खां को ही याद करते दिखाई देते हैं। खुद बिस्मिल्लाह खां के पांच बेटों में दो ही ने शहनाई को अपनाया। बनारस के सरायहड़ा स्थित उनके घराने में शहनाई बजाने वाले केवल चार बेटों में उस्ताद जामिन हुसैन ही हैं। जामिन हुसैन खुद इस बात को स्वीकार करते हैं कि अब्बा जब जिन्दा थे तो भी लोग शहनाई के लिए उन्हें ही जानते थे। बीमारी के कारण तो अब वह भी शहनाई कम ही बजा पाते हैं। पांचवंे बेटे उस्ताद नाजिम हुसैन तबला वादक हैं। आने वाली पीढ़ी में उस्ताद के दो पोते हैं जो शहनाई बजा रहे हैं। आज भी हड़हासराय-दालमंडी स्थित खान साहब के कमरों में रियाज की पिपहरी, जूता, चप्पल, उनके कागजात को सहेज कर रखा गया है। यह भी अजीब इत्तफाक है कि खां साहब की पैदाइश की तारीख भी 21 है और उनके इंतकाल की भी। 21 मार्च को उनका जन्म हुआ था और 21 अगस्त को उनका देहांत। जैसी प्रतिभा के धनी बिस्मिल्लाह थे, उनसे जुड़ीं किंवदंतियां भी वैसी ही हैं। वह हमेशा कहते थे कि अपने को मासूम बनाओ, मालिक दिखाई पड़ेगा। जब कभी बात छिड़ी बताया ‘11 साल की उम्र। अपनी यादों से जुड़ी बातों में उन्होंने जिक्र किया है कि एक बार वह घाट के किनारे धून में रमे थे, तभी जब आंखें खोली तो देखा, सामने काफी लंबे और गोरे से बाबा खड़े है। लंबी दाढी, चैड़ी आँखे, हाथ में डंडा, कमर में बस एक लंगोटी। उन्हें देखकर वह काफी डर गए, तभी बाबा हंसते हुए बोले, ‘वाह बेटा वाह, बजा, बजा, बजा जा मजा करेगा।’ एक दिन तेरा नाम सात समंदर पार तक रोशन होगा। वह कहते थे, संगीत अपने आप में एक मजहब है और इस मजहब को मानने वाले कभी बेसुरी शहनाई न सुनते और न बजाते। दुनिया बदरंग इसलिए कि सबकी डफली और राग अलग-अलग’। जिंदगी भर तरसता रहा कि इंशा अल्लाह एक तो सही सुर लग जाए! गर लगा है तो उसकी मेहरबानी। बीएचयू, शांति निकेतन समेत कई विश्वविद्यालयों ने डी.लिट् उपाधि से नवाजा। 1956 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, 1962 में पद्मश्री, 1968 में पद्मभूषण, 1980 में पद्मविभूषण, 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 

खान तीसरे भारतीय संगीतकार थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। उनकी सख्शियत का तकाजा था कि देश भर के राजनेता से लेकर अभिनेता तक उनके मुरीद थे। स्व. राजीव गांधी ने उन्हें खुद निमंत्रण भेजकर दिल्ली बुलवाया था और घंटों सोनिया गांधी के साथ बैठकर शहनाई की धुनों को सुना था। महाराष्ट्र में स्व. बाला साहब ठाकरे से जब उनकी मुलाकात हुई तो उन्होंने शहनाई कि धुन में बधैया को सुनाने का आग्रह किया था। करीब चालीस मिनट तक शहनाई की ऐसी तान छेड़ी कि बाला साहब उनसे खासे प्रभावित हुए। उनकी शहनाई के धुन को सुनने के लिए इंदिरा गांधी खुद खां साहब को निमंत्रण देकर बुलाती थी। बाबा साहेब ठाकरे खां साहब के सबसे बड़े फैन थे। हर कार्यक्रम में वो उन्हें महाराष्ट्र बुलाते थे। बिस्मिल्लाह खान को बाबा विश्वनाथ में अटूट आस्था थी। इसकी वजह से वह कोई भी कार्यक्रम छोड़ देते थे। वे मानते थे कि उनकी शहनाई के सुरों से जब गंगा की धारा से उठती हवा टकराती थी तो धुन और मनमोहक हो उठती थीं। एक बार एक अमेरिकी उनको हमेशा के लिए अमेरिका ले जाने आया था। उन्होंने उस समय उस अमेरिकी से पूछा था कि तुम क्या अमेरिका में मां गंगा और बाबा विश्वनाथ को दे सकते हो? इस पर वह  व्यक्ति कोई जवाब नहीं दे पाया। यही नहीं अंतिम सांस लेते समय भी उनकी जुबान पर संगीत ही था। भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति की फिजा में शहनाई के मधुर स्वर घोलने वाले प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खान शहनाई को अपनी बेगम कहते थे और संगीत उनके लिए उनका पूरा जीवन था। पत्नी के इंतकाल के बाद शहनाई ही उनकी बेगम और संगी-साथी दोनों थी, वहीं संगीत हमेशा ही उनका पूरा जीवन रहा। अपने जीवन काल में उन्होंने ईरान, इराक, अफगानिस्तान, जापान, अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अलग-अलग मुल्कों में अपनी शहनाई की जादुई धुनें बिखेरीं। खान ने कई फिल्मों में भी संगीत दिया। उन्होंने कन्नड़ फिल्म ‘सन्नादी अपन्ना’, हिंदी फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ और सत्यजीत रे की फिल्म ‘जलसाघर’ के लिए शहनाई की धुनें छेड़ी। आखिरी बार उन्होंने आशुतोष गोवारिकर की हिन्दी फिल्म ‘स्वदेश’ के गीत ‘ये जो देश है तेरा’ में शहनाई की मधुर तान बिखेरीं। 

अस्सी घाट पर जब गूंज उठी शहनाई तो बहुत याद आएं बिस्मिल्लाह खां 
bismillah jayanti
जी हां, मौका था उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की सौवीं जयंती पर उनके नाम समर्पित सुबह-ए-बनारस के मंच पर शहनाई की सुर सर्जना का। अस्सी घाट पर खां की जन्मशताब्दी वर्ष का आगाज ‘याद-ए-बिस्मिल्लाह’ के रूप में हुआ। भोर जब शहनाई के सुर गूंजे तो उनकी धुनों की संजीदगी दिलों में उतर गई। शहनाई के शहंशाह, भारत रत्न मरहूम उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के चाहने वालों की आंखें बरबस ही डबडबा गई। फिर क्या उस्ताद जी की याद में आयोजनों का दौर चला तो फिर देर रात तक जारी रहा और चाहे वह सोमा घोष रही हो या उनके साहबजादे पंडित मोहन लाल त्यागी, जामिन हुसैन व पौत्र आफाक हैदर की शहनाई धून पर लोगबाग उनकी यादों में गोते लगाते रहे। उस्ताद को गंगा तट और बनारसी मिठाइयों में बालूशाही पसंद थी। उनके इसी लगाव को देखते हुए जन्मशताब्दीवर्ष का आगाज गंगा किनारे अस्सी घाट पर ढाई किलो का बालूशाही काटकर किया गया। संगीत के मंच मोहनलाल त्यागी के शहनाई वादन से माहौल खुशगवार हुआ। उन्होंने उस्ताद की लोकप्रिय धुन ‘गंगा द्वारे बधइया बाजे..’सुनाई। इसके बाद डॉ. सोमा घोष ने इसी धुन को स्वर दिया। उन्होंने बाद में दादरा-मेरा बलमा बेदर्दी न जाने दिल की बात सुनाया। तबले पर संगत जब्बार एवं रिदम पर मोहन ने की। इस मौके पर ‘बिस्मिल्लाह खां और गंगा’ पर केन्द्रित फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। पं. शिवनाथ एवं देवव्रत ने पूरबी धुन विशेष रूप से बजाई। 




---सुरेश गांधी ---

कांग्रेस को खड़ा करना अब सोनिया के वश में नहीं: हंसराज भारद्वाज

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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद हासिए पर खड़ी कांग्रेस पर बाहर और अंदर से लगातार हमले हो रहे हैं। कभी राहुल तो कभी वाड्रा को लेकर पार्टी को लगातार हमले झेलने पड़ रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इतने महत्वपूर्ण समय में छुट्टी पर चले जाने को लेकर विरोधियों का तीखा हमला झेल रही कांग्रेस में अब अंदर से भी सवाल उठने खड़े हो गए हैं।

गांधी परिवार के करीबी और पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने प्रियंका गांधी को आगे लाने की वकालत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि राहुल तो मार्केट में ही नहीं हैं और कांग्रेस को दोबारा खड़ा करना बेचारी सोनिया के वश की बात नहीं है। भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस अब कभी दोबारा खड़ी नहीं हो सकेगी क्योंकि लोग अब इनकी सुनने तक को तैयार नहीं हैं।

भारद्वाज का मानना है कि अगर कांग्रेस को दोबारा खड़ा करना है तो प्रियंका को आगे लाना होगा। प्रियंका को आगे लाए बिना यह संभव नहीं है। लोकसभा चुनाव के बाद सोनिया-राहुल पर पार्टी नेताओं ने पहले भी हमले किए हैं लेकिन पहली बार गांधी परिवार के किसी वरिष्ठ नेता ने दोनों नेताओं पर सार्वजनिक और तीखा हमला बोला है।

इस साल का‘क्रिसम’धार्मिक आयोजन 26 मार्च को

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गया। इस साल का ‘क्रिसम’ धार्मिक आयोजन में पटना और मगध प्रमंडल के पल्ली पुरोहित शिरकत करेंगे।ईसाई समुदाय के सात संस्कार है। यह संस्कार है बपतिस्मा, पापस्वीकार, परमप्रसाद, दृढ़करण, पुरोहिताभिषेक/विवाह और अंतमलन।इस अवसर पर पवित्र विलेपन किया जाता है। राजधानी में स्थित प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर,कुर्जी में धार्मिक अनुष्ठान 26 मार्च को 5 बजे से होगा। 

क्या होगा‘क्रिसम’धार्मिक आयोजन मेंः पटना और मगध प्रमंडल के पल्ली पुरोहित 26 मार्च को आएंगे। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर,कुर्जी में 5 बजे धार्मिक अनुष्ठान आरंभ होगा। धार्मिक पूजा के दौरान पात्र में तेल रखा जाएगा।उपस्थित पुरोहित प्रभु येसु ख्रीस्त से दुआ और प्रार्थना करने लगे। दुआ और प्रार्थना के दौरान पात्र में रखे तेल पवित्र हो जाएगा। पूजा समाप्ति के बाद आगत पुरोहितों को पवित्र विलेपन  सौंप दिया जाएगा। पुरोहित लोग पवित्र विलेपन को लेकर प्रस्थान कर जाएंगे।

पवित्र विलेपन का उपयोगः पल्ली पुरोहित पवित्र विलेपन का उपयोग बपतिस्मा,दृढ़करण और अंतमलन संस्कार के समय करते हैं।ईसाई धर्म स्वीकार करने वालों को बपतिस्मा संस्कार दिया जाता है। इसी पवित्र विलेपन का उपयोग किया जाता है। बपतिस्मा,पापस्वीकार और परमप्रसाद संस्कार ग्रहण करने वालों को दृढ़करण संस्कार दिया जाता है। इस अवसर पर पुरोहित पवित्र विलेपन से क्रूस का चिन्ह बनाते हैं। मगर कोई व्यक्ति मौत के मुंह में समाने वाले हैं, तो पुरोहित कर्मेंद्रिया और ज्ञानेद्रिंयों को पवित्र विलेपन से पवित्र करते हैं। यह लोक आस्था है कि ऐसा करने से पापरहित हो जाते हैं। स्वर्ग लोक में पहुंचने में आसानी होता है। 

आयोजक ने आने का न्योता दियाः क्रिसम धार्मिक आयोजन के आयोजक फादर जाॅनसन केलकत,येसु समाजी ने कहा कि बिहार में चार धर्मप्रांत है। बेतिया,मुजफ्फरपुर,बक्सर और पटना धर्मप्रांत है। चारों धर्मप्रांतों को मिलाकर पटना महाधर्मप्रांत बनाया गया है। पटना धर्मप्रांत में औरंगाबाद, गया, अरवल, जहानाबाद, पटना, नालंदा, नवादा, जमुई, बांका आदि जिले हैं। यहां के पुरोहितगण आएंगे। लोकधर्मी भी आएंगे। इन सभी की उपस्थिति में धार्मिक आयोजन होगा। सभी लोगों को न्योता भेज दिया गया है। 



आलोक कुमार
बिहार 

आलेख : एक मुहिम पचनद की पवित्रता को बचाने की

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बढ़ती आबादी के साथ-साथ जीवनशैली में आए बदलाव की वजह से पानी की खपत कई गुना और ज्यादा बढ़ गई है। एक ओर इसकी वजह से जल उपलब्धता का संकट पैदा हो गया है तो दूसरी ओर बढ़ते प्रदूषण की वजह से साफ पानी की समस्या भी गहराने लगी है। ऐसे में बड़ी सदानीरा नदियों को शक्ति देने के लिए बरसाती नालों और छोटी नदियों के सिकुड़ते जा रहे अस्तित्व को बचाने की जिम्मेदारी अहम हो गई है।

नदी प्रदूषण किस खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है इसकी वानगी इटावा और जालौन की सीमा पर प्रवाहित होने वाला पचनद है। इसमें यमुना और उसकी सहायक नदियों चंबल, काली सिंध, पहुज और क्वारी नदियों का संगम है। विश्व में पांच नदियों के एक मात्र संगम का यह उदाहरण अनूठी प्राकृतिक धरोहर के बतौर विद्यमान है। पांच नदियों के मिलने से यह तो सुस्पष्ट ही है कि यह संगम कितना प्रांजल है। इसके बावजूद पचनद तक का पानी कितना प्रदूषित हो चुका है यह देखना हो तो जालौन जिले के कंजौसा गांव के घाट पर पहुंचिए। इसके घाट के इर्दगिर्द पचनद में दूर तक मानव शवों के अïवशेष दुर्गंध फैलाते हुए बिखरे पड़े हैं। यह शव उन मृतकों के हैं जिनके परिजन अंत्येष्टि के लिए विधिविधान से जलधारा के बीच उन्हें प्रवाहित करते हैं। पुराने लोग बताते हैं कि पानी साफ करने वाले जलचर इन शवों को घंटों में चट कर जाते थे लेकिन यह अतीत की बात है। अब पचनद का पानी भी प्रदूषण के कारण इतना जहरीला हो चुका है कि जलचरों की अधिकांश प्रजातियों का इसकी वजह से सफाया हो गया है। कई-कई दिन तक इस वजह से शवों का निस्तारण नहीं हो पाता और वे लहरों के साथ किनारे पर आ लगते हैं। 

पचनद में यह स्थिति तब है जब यमुना को छोड़कर इसकी अन्य घटक नदियों के किनारे न तो कोई शहर है और न ही औद्योगिक इकाई। यहां प्रदूषण में सामाजिक धार्मिक कुरीतियों, शीशम जैसे वृक्षों के सफाए और बरसाती नाले खत्म हो जाने के कारकों ने अहम भूमिका निभाई है। पानी पर महिलाओं की प्रथम हकदारी परियोजना के तहत परमार्थ स्वयंसेवी संस्था ने पचनद को साफ करने का बीड़ा उठाया। परियोजना क्षेत्र के गांव मल्लाहनपुरा के लोगों को इस क्रम में तैयार किया गया। उन्होंने पहुज में गिरने वाले नालों की सफाई से अभियान का श्रीगणेश किया। बेशरम व अन्य खरपतवार पेड़ों के उगे होने से यह नाले अपना अस्तित्व खो चुके थे। इनकी सफाई से गांव के आसपास के सभी नाले पुनर्जीवित हो गए हैं। गांव के किनारे पहुज नदी के जल स्तर में वृद्धि के रूप में इसका प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव दृष्टि गोचर होने लगा है। दूसरी ओर इसके सात्विक प्रभाव ने आसपास के गांवों के लोगों को भी इस दिशा में काम करने के लिए आकर्षित किया है। पहुज क्षेत्र में नालों की सफाई का अभियान नदी स्वच्छता का रूप ले चुका है। 

इसके पहले 2011 में जलपुरुष राजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में कंजौसा में पचनद महोत्सव आयोजित कर इसमें शामिल नदियों के लिए जनचेतना के निर्माण का कारगर प्रयास किया गया। पूरे बुंदेलखंड में यह प्रयास मील का पत्थर साबित हो रहा है। अगली बारी स्थानीय नदी नून को बचाने की है। नालों और छोटी नदियों के सूखने से सदानीरा नदियों का वेग और जल समेट तो कमजोर पड़ता ही है साथ ही अतिक्रमण जैसी गतिविधियां भी शुरू हो जाती हैं जो हमेशा के लिए विलुप्त नदी नालों के पुनर्जीवन की संभावनाओं पर विराम लगा देती हैं। इस कारण जागो बुंदेलो जागो अपनी नदी माताओं को बचाने के लिए।






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के पी सिंह
ओरई 

न्यूयार्क सिटी की इमारत में विस्फोट, 19 लोग घायल

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न्यू यॉर्क के ईस्ट विलेज में अचानक हुए धमाके से एक इमारत गिर गई और पास की एक इमारत में आग लग गई। इस हादसे में अभी तक 19 लोग घायल हुए हैं  जिनमें 3 की हालत गंभीर है।

यह पांच मंजिला इमारत न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के करीब मैनहेटन इस्ट विलेज में स्थित है। दो सटी हुईं इमारतों में आग लगी और अचानक हालात बेकाबू हो गए। इमारत ढही और आग की लपटें इतनी विकराल हो गईं कि दूसरी इमारत के गिरने का भी खतरा पैदा हो गया।

खतरे को देखते हुए यूनिवर्सिटी को भी खाली करा लिया गया है। घटना गुरुवार-शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे (भारतीय समयानुसार) की है। मिली जानकारी के मुताबिक इमारत रेजिडेंशल है और आग बुझाने और फंसे हुए लोगों को बचाने का काम तेजी से चल रहा है।

जिन्‍हें जरूरत नहीं वो सब्सिडी ना लें: नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमीरों से सब्सिडीशुदा रसोई गैस कनेक्शन छोड़ने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार 2022 में ऊर्जा आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पेट्रोलियम कंपनियों की अगले चार साल में पाइप्ड रसोई गैस कनेक्शन मौजूदा 27 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ परिवार करने की योजना साझा करते हुए मोदी ने कहा कि 2.8 लाख उपभोक्ताओं द्वारा एलपीजी सब्सिडी वापस करने के फैसले से 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।

मोदी ने ऊर्जा संगम में कहा मैंने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की छोटी सी बात कही थी। 2.8 लाख लोगों इस पर सकारात्मक पहल की और इससे कम से कम 100 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस 100 करोड़ रुपये का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जा सकता है।

केजरीवाल के खिलाफ मैदान में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव

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आम आदमी पार्टी में सुलह की कोशिशें नाकाम होने के बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी नेतृत्व पर निशाने साधे। योगेंद्र यादव ने कहा कि बीते एक महीने में बहुत कुछ टूटा है, विश्वास टूटा है, कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, देश को 'आप'से बहुत उम्मीदें हैं, सिर्फ आप में ही आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा होती है... पार्टी किसी एक शख्स की नहीं, आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी है।

योगेंद्र यादव ने कहा कि यह आंदोलन को आत्मा की बचाने की लड़ाई है। हमने मर्यादा तोड़े जाने, फंडिंग, शराब बांटने, खरीद-फरोख्त करने की पार्टी की आंतरिक लोकपाल से जांच की मांग की। ये कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव किसी समिति में रहें या न रहें। योगेंद्र ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा ये मुद्दा है ही नहीं, हमने कभी भी इस मुद्दे को नहीं उठाया, पार्टी के संविधान के तहत राष्ट्रीय परिषद वह जगह नहीं है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के मुद्दे पर फैसला हो। कल की बैठक एक पड़ाव भर है।

प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद की तरफ से बार-बार जोर दिया जा रहा है कि या तो ये लोग इस्तीफा दे दें या मैं (केजरीवाल) दिल्ली में अपने 67 विधायकों के साथ अलग पार्टी बना लूं। भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल पिछली बार दोबारा सरकार बनाना चाहते थे और वह कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। भूषण ने कहा कि अगर हमारी मांगें मान ली जाए तो हम इस्तीफा देने को तैयार हैं।

दुर्घटनाग्रस्त डोर्नियर विमान के दूसरे लापता अधिकारी लेफ्टिनेंट अभिनय नागौरी का शव मिला

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गोवा तट के पास प्रशिक्षण उड़ान के दौरान कुछ दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए डोर्नियर विमान के लापता दूसरे नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट अभिनय नागौरी का शव विमान के मध्य से निकाला गया है.

इस युवा अधिकारी का शव मिलने के बाद नौसेना ने तलाश एवं बचाव अभियान समाप्त कर दिया है जो मंगलवार की रात को नौवहन निगरानी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद शुरू किया गया था. अधिकारी का शव गोवा लाया जा रहा है. कल एक अन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट किरण शेखावत का शव विमान के मध्य से निगाला गया था.

उल्लेखनीय है कि भारत का नौसैनिक निगरानी डोर्नियर विमान गोवा तट के दक्षिण पश्चिम तटीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें दो अधिकारियों की मौत हो गई थी जबकि कमांडर निखिल कुलदीप जोशी को बचा लिया गया था जिन्हें 4000 घंटा विमान उड़ाने का अनुभव है. नौसेना ने दो लापता अधिकारियों का पता लगाने के लिए वृहद तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया था जिसमें तटरक्षक बल के दो पोत समेत 12 जहाज और चार विमान शामिल थे.

अटल बिहारी वाजपेयी एक अंतरराष्ट्रीय शख्सियत: राजनाथ सिंह

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक अंतरराष्ट्रीय शख्सियत बताया, जिन्हें हर कोई सम्मान देता है और प्यार करता है। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी केवल भारतीय राजनेता ही नहीं हैं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय शख्सियत हैं, जिन्हें हर कोई सम्मान देता है और प्यार करता है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज वाजपेयी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि यह पूरे देश के लिए बेहद खुशी की बात है कि पूर्व प्रधानमंत्री को भारत रत्न प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, उनका व्यक्तित्व, उनकी भाषण देने की कला, उनकी ईमानदारी और विनम्रता उनकी महानता को दिखाता है। वह एक महान आदमी हैं। प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति आज वाजपेयी को कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके निवास स्थान पर जाकर उन्हें भारत रत्न से नवाजेंगे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मारपीट

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जम्मू-कश्मीेर विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस द्वारा पावर प्रोजेक्ट। का मामला उठाने पर हंगामा हो गया। हंगामा इतना बढ़ गया कि बात विधायकों के बीच हाथापाई और मारपीट तक पहुंच गई। जनप्रतिनिधियों को इस तरह लड़ता देख सदन में मौजूद स्कूल के छात्र भी शर्मसार हो गए। राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने इस घटना पर दुख प्रकट किया।

जम्मू-कश्मी्र विधानसभा में जब विधायकों के बीच हाथापाई हो रही थी, उस वक्त् सदन में कुछ स्कूल के छात्र भी मौजूद थे। सदन का यह नजारा देख स्कूल के बच्चों को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई। एक स्‍कूल की छात्रा ने कहा, विधानसभा में अनुशासनहीनता को देख मुझे काफी निराशा हुई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। जब विधायकों के बीच मारपीट हो रही थी, तक हमारे पूर्व मुख्यिमंत्री उमर अब्दुल्लाव भी सदन में मौजूद थे। मुझे उम्मीद थी कि वह इस हंगामे को शांत कराएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

पीडीपी नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री नईम अख्तुर ने भी विधानसभा में हुई इस घटना पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा,मैं बहुत बुरा महसूस कर रहा हूं कि हमने स्कूल के बच्चों के सामने सदन का ऐसा दृश्य  पेश किया। मुझे नहीं लगता कि स्कूयल के छात्र विधानसभा से अच्छी यादें लेकर लौटे होंगे।

एक अप्रैल से घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम 9 प्रतिशत घटेंगे

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के बीच पहली बार घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य में भी कटौती की जा रही है। एक अप्रैल से घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम नौ प्रतिशत घटकर 4.56 डालर प्रति इकाई रह जायेंगे जिससे बिजली एवं उर्वरक क्षेत्र को काफी फायदा होगा।

सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय केंद्रों के औसत मूल्य के आधार पर प्राकृतिक गैस की कीमत सकल क्लेरॉफिक मूल्य (जीसीवी) के आधार पर 5.05 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) तय की थी। एक शीर्ष पदस्थ सूत्र ने कहा, ‘इसी जीसीवी मूल्य के आधार पर गैस का मूल्य अब एक अप्रैल से 4.56 डालर प्रति एमएमबीटीयू होगा।’ नेट क्लेरोफिक मूल्य (एनसीवी) के आधार पर यह कीमत मौजूदा 5.61 डालर से घटकर 5.01 डालर प्रति एमएमबीटीयू रह जायेगी।

सूत्रों ने कहा, ‘सरकार स्वयं गैस का मूल्य तय अथवा अधिसूचित नहीं करती है। इसके लिये पिछले साल एक फार्मूला अधिसूचित किया गया था। इसी फार्मूले के तहत एक अप्रैल से जीसीवी आधार पर गैस का मूल्य 4.56 डालर प्रति एमएमबीटीयू होगा।’ भारत में प्राकृतिक गैस की कीमत में यह पहली कटौती होगी। प्राकृतिक गैस के दाम में इस कटौती से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे गैस उत्पादकों के राजस्व पर असर होगा लेकिन यह बिजली एवं उर्वरक क्षेत्र के उपयोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा होगा।

पिछले साल अक्तूबर 2014 में गैस मूल्य तय करने की स्वीकृत प्रणाली के मुताबिक देश में उत्पादित गैस मूल्य की हर छह महीने में समीक्षा होगी। यह दाम अमेरिका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नैशनल बैलेंसिंग प्वाइंट, अल्बर्टा (कनाडा) और रूस के केन्द्रों में चल रहे एक तिमाही पहले के गैस मूल्य के औसत मूल्य के आधार पर तय होंगे। इसलिए एक अप्रैल से 30 सितंबर के दाम एक तिमाही पहले की अवधि के जनवरी से दिसंबर 2014 के दौरान रहे अंतरराष्ट्रीय केंद्र के औसत मूल्य पर आधारित होगें।

सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय अगले कुछ दिनों में अगले छह महीने के लिए मूल्य की घोषणा कर सकता है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संभावित मूल्य के संबंध में संकेत देने से इनकार किया और कहा ‘यदि कीमत कम हो रही है तो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।’ इस बीच, ओएनजीसी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के सर्राफ ने कहा कि गैस की कीमत में कमी से कंपनियां पूर्वी अपतटीय और पश्चिमी तट में गैस खोज के विकास में निवेश करने से बचेंगी।

उन्होंने कहा ‘हमें दीर्घकालिक रूख अपनाना चाहिये और मुझे लगता है कि कीमतें निश्चित पर इसमें बाधा नहीं बनेगी और हम गैस विकास में करोड़ों डालर का निवेश जारी रखेंगे।’ मौजूदा 5.61 डालर प्रति एमएमबीटीयू की कीमत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे कम है। चीन उत्खननकर्ताओं को नयी परियोजनाओं के लिए 11.9 डालर प्रति एमएमबीटीयू की कीमत देता है जबकि इंडोनेशिया और फिलिपीन में गैस की कीमत क्रमश: 11 डालर और 10.5 डालर है।

म्यांमार के अपतटीय क्षेत्रों से उत्पादित गैस जिसमें ओएनजीसी और गेल की हिस्सेदारी है, वहां से चीन को 7.72 डालर पर बिक्री हो रही है। थाइलैंड में नयी परियोजनाओं के लिए गैस की कीमत 8.2 डालर प्रति एमएमबीटीयू है। सिर्फ दो ही देश वियतनाम (5.2 डालर) और मलेशिया (पांच डालर) जहां कीमत कम है।

गाड़ी मैं नहीं चला रहा था: सलमान खान

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अभिनेता सलमान खान को 2002 के हिट एंड रन मामले में शुक्रवार को पहली बार कठघरे में खड़े हुए. उन्होंने पेशी के दौरान अपने बचाव में दलील देने के साथ ही उन हालातों के बारे में बताया, जिसमें दुर्घटना हुई थी. सलमान खान ने जज के सामने कहा कि वारदात की रात वो गाड़ी नहीं चला रहे थे. गाड़ी उनका ड्राइवर अशोक चला रहा था. उन्होंने इस बात का भी दावा किया कि उस रात उनके ड्राइवर ने शराब नहीं पी थी.

सलमान खान ने बताया कि उस रात गाड़ी में तीन नहीं चार लोग थे. उन्होंने कहा कि गाड़ी ड्राइवर चला रहा था और वो ड्राइवर की साथ की सीट पर बैठे थे. उसके पीछे गायक कमाल खान और पुलिस कांस्टेबल रविन्द्र पाटिल बैठे थे. सलमान ने कोर्ट को बताया, 'एक्सीडेंट के बाद लेफ्ट साइड का दरवाजा, जहां मैं बैठा था, जाम हो गया था और खुल नहीं पा रहा था. इसलिए मैं ड्राइवर सीट की तरफ वाले दरवाजे से उतरा. सलमान ने कहा कि वो मौका-ए- वारदात से भागे नहीं थे. वारदात के बाद करीब 15 मिनट से ज्यादा वहीं रुके थे.

आपको बता दें कि सलमान पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में अपनी कार एक दुकान से टकरा दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे. यह घटना 28 सिंतबर 2002 को हुई थी. आज सलमान खान को कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका मिला. एक मजिस्ट्रेट द्वारा इस मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोप जोड़े जाने के बाद सत्र अदालत में नए सिरे से सुनवाई हो रही है. इस आरोप के तहत 10 वर्ष तक सजा हो सकती है. इस केस में आरटीओ और आबकारी विभाग ने अपने जवाब में कहा कि सलमान खान ने अपने घर के बाहर शराब पी थी और उसके बाद एसयूवी कार चलाई थी, जबकि उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस था ही नहीं.

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (27 मार्च)

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झाबुआ मे पकडाया विश्व कप क्रिकेट का सट्टा

झाबुआ......झाबुआ कोतवाली पुलिस ने आज  मुखबीर की सूचना पर भारत.आस्टेलिया क्रिकेट मैच के दोरान सट्टा बुकिंग कर रहे चेतन नाम के एक बुकी को गिरफ्तार कर लिया है उसके पास से एक लैपटापए 8 मोबाइल फोन ओर एलसीडी सहित 15ए 500 रुपये नकद भी बरामद किये गये है झाबुआ टीआई ने बताया कि यह बुकी झाबुआ पुलिस कंट्रोल रुम के सामने बने श्गोपालमश् नामक भवन मे बैठकर बुकिंग कर रहा था जब उसे गिरफ्तार किया गया । शैलेष दुबे ने कहादृकिराए पर दिया था मकानदृउधर भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे ने गोपालम मे क्रिकेट सट्टा पकडे जाने के बाद कहा कि उन्होंने गोपालम का वह हिस्सा किराए पर चेतन को दिया था जहाँ पुलिस चेतन को पकडना बता रही है ओर उसकी किराया चिठ्ठी भी उनके पास है साथ ही दुबे ने पुलिस कारवाई को भी संदेहास्पद करार दिया ।

भाजपा जिलाध्यक्ष समेत 15 भाजपा नेताओ का खिलाफ राणापुर मे एफआईआर

झाबुआ ...... भाजपा नेताओ के दिन बुरे चल रहे है भाजपा के कई नेताओ पर राणापुर पुलिस थाने पर कई धाराओ मे मामला दज॔ किया गया है दरअसल भाजपा समथ॔क एक सरपंच को राणापुर पुलिस द्वारा आरोपी बनाये जाने के बाद भाजपा नेताओ ने राणापुर थाने का घेराव कर धरना दिया था ओर कुछ नेताओ ने थाना परिसर मे घुसकर पुलिसकर्मीयो से बहस की थी जिसकी वीडियो रिकार्डींग पुलिस द्वारा करवाई गयी थी इस रिकार्डिंग को देखने के बाद पुलिस ने कल रात राणापुर थाने पर अपराध क्र 117ध्15 धारा 353ए 294ए 147ए 189 के तहत मामला दज॔ किया गया है झाबुआ के एएसपी ने झाबुआ आजतक को बताया कि भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबेए भाजपा नेता मनोहर सेठियाए विजय नायरए सुरेश वागुलए हैदर अलीए राधाकिशन राठोडए रामेश्वर नायकए शेंलेंद्र सोलंकीए दिलीप नलवायाए कांतिलाल प्रजापतए अर्पित राठीए गोविंद अजनारए भंवरसिह बिलवालए हरसिंह पचायाए भययू ठाकुर के खिलाफ मामला दज॔ किया गया है ।

रंगक्रांति शिविर में मनाया गया विश्व रंगमंच दिवस, झाबुआ में रंगमंच के लिए कई चुनौतियां, नहीं नाटकों के मंचन के लिए कोई सभागार.

jhabua news
झाबुआ---27 मार्च को पूरे विश्व में रंगमंच दिवस के रूप में मनाया जाता है । नगर में चल रहे रंगक्रांति शिविर के प्रतिभागियों ने भी रंगमंच की बारिकियों को सीखते हुए इस दिन को मनाया । शिविर में करीब 200 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं ।  इनमें से कई रंगमंच के जरिये अभिनय की दुनिया में जाना चाहते हैं ।  शिविर निर्देशक भूषण भट्ट का कहना है कि रंगमंच एक कलाकार के सपनों का संसार होता है । कलाकार इस रंगमंच पर सबकुछ कर सकता है । जहां तक उसकी कल्पना जाती है, वो सब कुछ मंच पर उतार सकता है ।  बकौल भूषण भट्ट रंगमंच को लेकर अब काफी संभावनाएं हैं । टीवी, फिल्मों में जाने का ये एक अच्छा जरिया होता है । वहीं अब तो रंगमंच सीबीएसई पाठ्यक्रम में ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल कर लिया गया है । पिछले कुछ सालों में रंगमंच को कैरियर के रूप में लिया जा रहा है । यहीं कारण है कि पहले जहां केवल राष्ट्रीय नाट्य विद्याल ही हुआ करता था, अब लगभग राज्य का अपना नाट्य स्कूल है, जो रंगमंच और रंगमंचीय कलाओं को लेकर समर्पित है ।  रंगक्रांति शिविर में जो बच्चे रंगमंच से जुड़ी कलाओं को सीखने आ रहे हैं, उनमें काफी प्रतिभा है । अगर बच्चे लगातार मेहनत करते रहे तो आने वाले सालों में हम इन बच्चों को एक अलग मुकाम पर देंखेगे । पिछले कई सालों से रंगकर्म की अलख जगाने वाले भरत व्यास के मुताबिक झाबुआ जैसे शहर में रंगकर्म करना उतना आसान नहीं है । रंगमंच करना झाबुआ जैसी जगह में एक बड़ी चुनौती है ।  बाकि कलाओं मुकाबले ये  खर्चीली है । बाहरी मदद भी इतनी नहीं मिल पाती कि नाटकों का मंचन का खर्चा निकाला जा सके ।  रंगकर्मी और साज के अध्यक्ष धर्मेन्द्र मालवीय ने कहा कि आज विश्व रंगमंच दिवस है, लेकिन झाबुआ में रंगमंच करने वाले कलाकारों को एक सभागृह, ऑडिटोरियम की कमी खलती है । शहर में एक अच्छा ऑडिटोरियम रंगमंच के विकास में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है । यहां के कलाकार भी टीवी सीरियल में अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं । रंगक्रांति शिविर में प्रशिक्षण देने आए रंगकर्मी नंदनसिंह के मुताबिक रंगमंच एक अलग ही दुनिया होती है । ये दुनिया बहुत कुछ सीखाती है ।  रंगकर्मी  वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की स्थापना 1961 में नेशनल थियेट्रिकल इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। तब से यह प्रति वर्ष २७ मार्च को विश्वभर में फैले नेशनल थियेट्रिकल इंस्टीट्यूट के विभिन्न केंद्रों में तो मनाया ही जाता है, रंगमंच से संबंधित अनेक संस्थाओं और समूहों द्वारा भी इस दिन को विशेष दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है। इस दिवस का एक महत्त्वपूर्ण आयोजन अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संदेश है, जो विश्व के किसी जाने माने रंगकर्मी द्वारा रंगमंच तथा शांति की संस्कृति विषय पर उसके विचारों को व्यक्त करता है। 1962 में पहला अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संदेश फ्रांस की जीन काक्टे ने दिया था। वर्ष 2002 में यह संदेश भारत के प्रसिद्ध रंगकर्मी गिरीश कर्नाड  द्वारा दिया गया था।

गैल के सहयोग से पेटलावद में रविवार को मानसिक निःशक्तजनों का परामर्श, परीक्षण एवं इलाज  आयेंगे विषेशज्ञ चिकित्सक, अनुविभागीय अधिकारी ने शिविर की तैयारीयों एवं निःशक्तजनों को लोने ले जाने हेतु दायित्वों का निर्धारण किया 

झाबुआ---जिला कलेक्टर चन्द्रशेखर बोरकर के मार्गदर्शन में जिले के निःशक्तजनों के सहायतार्थ सामाजिक दायित्व निगमन योजना के अन्तर्गत गेल इण्डिया लिमिटेड झाबुआ द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र झाबुआ के माध्यम से जिले के मानसिक निःशक्तजनों के उपचार एवं परामर्श हेतु अतिथी  विशेषज्ञ  एवं आवश्यकतानुसार औषधी उपलब्ध करवाने हेतु राजस्व अनुभाग स्तर पर (झाबुआ, थान्दला व पेटलावद) उनमें सम्मिलित जनपद पंचायतों को सम्मिलित कर शिविर आयोजित किये जा रहे है। इस कड़ी में सर्व प्रथम दिनांक 29 मार्च रविवार को जिले के पेटलावद अनुभाग क्षेत्र में मानसिक निःशक्तजनों के लिए शिविर का आयोजन स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित किया जा रहा है जिसमें मानसिक रोगो के विशेषज्ञ चिकित्सक, मनोचिकित्सक, सायकोलाॅजिस्ट, तकनीशियन इत्यादि आमंत्रित किये गये है जो शिविर में मानसिक निःशक्तजनों का परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार यथोचित औषधियाॅ (निःशुल्क) उपलब्ध करावेंगे साथ ही उनका बुद्धी लब्धि परीक्षण (प्फ ज्मेज) कर निःशक्तजनों का जिला मेडिकल बोर्ड के माध्यम से शिविर में ही सर्टीफिकेशन करवाया जावेगा । आयोजित शिविर को सफल बनाने एवं उसके संचालन हेतु कलेक्टर जिला झाबुआ द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पेटलावद को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है । अनुविभागीय अधिकारी एन एस राजावत द्वारा अनुभाग के कर्मचारीयों की बैठक आयोजित कर शिविर की तैयारीयों की समीक्षा कर शत प्रतिशत मानसिक निःशक्तजनों की शिविर में उपस्थिति सुनिश्चित की जाने हेतु पंचायतों के सचिव, क्षेत्र के पटवारी, आंगनवाड़ी, नर्स एवं आशा कार्यकर्ता नगरीय क्षेत्र से नगर पालिका / नगर पंचायत के कर्मचारीयों का दायित्व निर्धारित किया गया एवं शिविर स्थल पर सफाई, पेयजल, भोजन व छाया की उपयुक्त व्यवस्था की जाने व शिविर में निःशक्तजनों की संख्याॅ अधिक होने पर शिविर अंतिम निःशक्तजन के परीक्षण तक चलते रहे इस हेतु शिविर स्थल पर बिजली की उपयुक्त व्यवस्था की जाने हेतु जनपद पंचायत एवं नगर पंचायत का दायित्व सुनिश्चित कर दायित्व निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि इन शिविर में मिर्गी इत्यादि मानसिक रोगों से ग्रसित रोगी भी सम्मिलित हो सकते है । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत पेटलावद ने बताया कि, शिविर स्थल पर ही जनपद पंचायतों द्वारा उनके क्षेत्र के मानसिक निःशक्तजनों के विशेष सहायता राशि रूपये 500/- प्रतिमाह ( ऐसे पात्र निःशक्तजन जिन्हें पूर्व से यह सहायता राशि प्राप्त नहीं हो रही है ) एवं नियमानुसार निरामय बीमा योजना व लीगल गार्जियनशीप के अन्तर्गत लाभ दिलवाने हेतु प्रकरण भी तैयार किये जावेंगे इस हेतु शिविर में जनपद एवं नगर पंचायत के कर्मचारीयों को पृथक से आदेशित कर काउण्टर बनाये जावेंगे ।

बागवानी यंत्रीकरण योजना में किसानों को मिले ट्रेक्टर

झाबुआ----बागवानी यंत्रीकरण योजना अन्तर्गत उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानो को ट्रेक्टर वितरित किये गये किसानो को ट्रेक्टर की चाबी विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर द्वारा प्रदान की गई। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस. सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आशीष कनैश सहित किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर कार्यालय परिसर में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक बिलवाल ने कहा कि कृषक हित में यह योजना लाभकारी सिद्ध होगी किसान ट्रेक्टर से खेती करेगे तो उनका लागत व्यय कम होगा एवं उन्हें कम मेहनत से अधिक आमदनी होगी।

इन्हे मिला ट्रेक्टर 
उद्यानिकी विभाग की बागवानी यंत्रीकरण योजना अन्तर्गत अनुदान पर कृषको को ट्रेक्टर वीथ रोटावेटर अधिकतम 20 एचपी प्रदाय किये गये। जिसमें सुरेश पिता बसंतीलाल निवासी सारंगी, मोतिलाल पिता रामलाल निवासी डाबडी, श्रीमति सुन्द्ररबाई पति गेदालाल निवासी जामली,  कैलाश पिता गोपाल निवासी सारंगी, रमेशचन्द्र पिता कोदा निवासी सारंगी, भावचन्द्र पिता वीरसिंग निवासी बोरडी एवं श्रीमती मंगली पति मांगीलाल निवासी बोरडी को विभाग की तरफ से अनुदान राशि 1 लाख 50 हजार स्वीकृत करते हुवे प्रत्येक को 3 लाख 3 हजार रूपये की लागत से ट्रेक्टर वीथ रोटावेटर प्रदाय किये गये।

ट्रेक्टर बेचा तो राशि होगी वसूल
जिन हितग्राहियो को ट्रेक्टर प्रदाय किये गये है उनसे विभाग द्वारा अनुबन्ध करवाया गया है कि वह ट्रेक्टर को स्वयं की खेती के लिए ही उपयोग करेगे। यदि किसान द्वारा ट्रेक्टर किसी अन्य को प्रदाय किया जाता है अथवा बेचा जाता है तो हितग्राही से अनुदान राशि ब्याज सहित वसूल की जायेगी।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान का प्रथम चरण 07 अप्रैल 2015 से 15 अप्रैल 2015 के लिए मीडिया एडवोकैसी 1 अप्रैल को

झाबुआ---मिशन इन्द्रधनुष अभियान का प्रथम चरण 07 अप्रैल से 15 अप्रैल 2015 तक चलेगा। जिसके संदर्भ में एक मीडिया एडवोकैसी का आयोजन 1 अप्रैल 2015 को प्रातः 11.00 बजे से कलेक्टर सभा कक्ष में किया गया है।

26 मार्च तक दो दिन में 6744.50 क्विंटल गेहूॅ खरीदा गया, किसानो को 4225 300 रूपये का हुआ भुगतान

झाबुआ---जिला आपूर्ति अधिकारी श्री खान ने बताया कि जिले में 21 खरीदी केन्द्रो पर किसानो से 25 मार्च से खरीदी प्रारंभ की गई है। विगत दो दिनो में जिले में 6744.50 क्विंटल गेहॅू सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया एवं किसानो को ई. पेमेट के माध्यम से 4225300 रूपये का भुगतान किया गया। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूॅ उपार्जन 25 मार्च 2015 से 26 मई 2015 तक किया जाएगा। रबी विपणन वर्ष 2015-16 के लिए गेहूॅ का समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है। किसानो से अपील की गई है कि वे अपना गेहूॅ सुखाकर एवं छन्ना लगाकर ही खरीदी केन्द्र पर लाये।

किसानो को भुगतान अधिकतम 7 दिवस में
समर्थन मूल्य रू. 1450 प्रति क्ंिवटल के मान से किसानो को उपार्जित मात्रा पर देय राशि की कम्प्यूटराईज प्रिंटेट रसीद उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा प्रदान की जाएगी जिसमें किसान का नाम, बैंक खाता क्रमांक तथा भुगतान योग राशि का विवरण होगा एवं इस रसीद पर उपार्जन संस्था के प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर भी किये जाएगे। किसानो को उनके खाते में उपार्जित गेहूॅ की राशि जमा करने हेतु उपार्जन संस्था द्वारा किसानो के नाम की सूची, बैंक का नाम बैंक खाता क्र. भुगतान योग्य राशि का विवरण एवं संस्था का चेक/डीडी के साथ संबंधित सहकारी बैंक की शाखा में भेजी जाएगी। यदि किसी किसान का खाता सहकारी बैंक में न हो तो संबंधित बैंक को भुगतान हेतु डीडी भेजा जाएगा। जिन सहकारी बैंको में कोर बैकिंग सुविधा उपलब्घ है उनके किसानो का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाएगा। उपार्जन करने वाली संस्था एवं महाप्रबंधक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक सुनिश्चत करेगे कि किसानो के बैंक खाता में राशि अधिकतम 7 दिवस में जमा कर दी जाए।

किसान समस्या 181 पर बताये
प्रदेश के कृषकों द्वारा गेहूॅ उपार्जन से संबंधित अपनी समस्याएं राज्य सरकार के टोल फ्री नम्बर हेल्पलाईन नम्बर 181 पर कर सकेगे। हेल्पलाईन से प्राप्त होने वाली शिकायत/समस्याओं का निराकरण कराने का दायित्व जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारी का होगा। ऐसी समस्या जिनका समाधान शासन स्तर पर किया जाना हो, उनके बारे में प्रतिवेदन संचालनालय खाद्य के ई.मेलकपतविवक/उचण्दपबण्पद  पर भेजा जा सकता है।

पांच दिवसीय थाना प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 
           
झाबुआ---जिला पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संुंदर सिंह कनेश ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिस लाईन परिसर स्थित सामुदायिक भवन में आज 05 दिवसीय थाना प्रबंधन प्रशिक्षण संबंधी कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। शुभारम्भ में यह बताया कि सर्वप्रथम कार्य करने हेतु आत्मविश्वास होना आवश्यक है, यदि आत्मविश्वास है तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। जनता से अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिये, उनकी समस्या का त्वरित समाधान करना चाहिये, अपनी ड्यूटी के प्रति हमेशा सजग एवं सतर्क होना चाहिये एवं अन्य विषयों पर भी प्रशिक्षणार्थियों को व्याख्यान दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रशिक्षुओं का परिचय लिया जाकर उन्हें पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा पाॅवर पाइंट प्रजेण्टेशन के माध्यम से दी गई। थाना प्रबंधन प्रशिक्षण की प्रासंगिकता तथा व्यवहारिक उपयोगिता के संबंध में व्याख्यान आयोजित किया गया। तदोपरांत समाज में थाने की भूमिका, मध्यप्रदेश में थानों का तंत्र, पुलिस थानों का महत्व तथा पुलिस थानों का पुलिस कार्यप्रणाली में योगदान तथा महत्व विषय पर निरीक्षक तेजमल पंवार द्वारा व्याख्यान दिया गया। पुलिस थानों के विभिन्न कार्य, कार्यों का वर्गीकरण, थाने का सीमांकन, थाना घोषित करने की कार्यवाही की जानकारी पर निरीक्षक तारा मण्डलोई द्वारा व्यख्यान दिया गया। तदोपरंत कार्य प्रणाली से जुड़े म0प्र0 पुलिस रेग्युलेशन तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता से जुड़े प्रमुख तत्व पर उप निरीक्षक कुंवरसिंह चैहान द्वारा व्याख्यान दिया गया। तदोपरांत थाने में विभिन्न रजिस्टरों के प्रारूप, शिकायत जांच प्रतिवेदन का प्रारूप, इस्तगासा(107-116, 145 सीआरपीसी) का प्रारूप तैयार करना, धारा 279,337 एवं 294,323 भादवि से संबंधित अपराध की केस स्टडी तैयार करना, इसमें सभी प्रशिक्षणार्थियों को उनकी रूचि सुविधानुसार प्रोजेक्ट वर्क दिया गया व सभी प्रशिक्षणार्थियों ने प्रोजेक्टर वर्क प्रस्तुत किया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
        
झाबूआ-- फरियादी लाखनसिंह पिता कालुसिंह राजपुत, उम्र 50 वर्ष निवासी बड़ा सलुनिया ने बताया कि उसकी लडकी परीक्षा देने स्कूल आई थी, जो बाद बगैर परीक्षा दिये कही चली गई, शंका है कि संदेही परमवीर पिता कोदरसिंह मुणिया निवासी बामनिया बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 113/15, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (27 मार्च)

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अन्त्योदय मेला मेें लाखों हितग्राही लाभांवित हुए

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जिला मुख्यालय पर जिला जल संसद एवं खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला का आयोजन शुक्रवार 27 मार्च को किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शमशाबाद विधायक श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने इस प्रकार के आयोजनों को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सुगमता से एक ही स्थल पर कई विभागों की हितग्राहीमूलक योजनाओं की जानकारी एक साथ प्राप्त हो जाती है। श्री मीणा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की मंशा है कि विदिशा जिला आदर्श जिले के रूप में प्रतिपादित हो। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने गरीबों के उत्थान के लिए नई-नई योजनाएं बनाकर उनका क्रियान्वयन कराया है। विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी ने कहा कि जल के महत्व से हम सब वाकिफ हैं। प्राचीन जल स्त्रोतों के कार्यों को सेवाभावी भावना से अधिक से अधिक करने की अपेक्षा उन्होंने व्यक्त की। अन्त्योदय मेला के उद्धेश्यों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही स्थल पर जहां आमजनों की समस्याओं का निदान और उन्हें शासकीय योजनाओं से लाभांवित कराया जाता है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि जिले के प्राचीन जलस्त्रोतोें के जीर्णोद्वार हेतु पृथक से कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में कम से कम दो-दो तालाब होना चाहिए। जिससे एक तालाब का पानी पीने योग्य हो और दूसरे तालाब का पानी निस्तार कार्यांे के उपयोग में लाया जाए। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ दिलाने के उद्धेश्य से प्रदेश में अन्त्योदय मेला का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से मुख्यमंत्री आवास मिशन के हितग्राहियों को कुल चार करोड़ 63 लाख 63 हजार रूपए का लोन इस आयोजन के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिला जल संसद और अन्त्योदय मेला के उद्वेश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का हम सबका नैतिक दायित्व है। शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर सुपात्र हितग्राहियांे को संबंधित योजनाओं से लाभांवित कराने के अलावा अन्त्योदय मेला में रोजगारमूलक जानकारियां देना है ताकि जिले के शिक्षित युवक-युवतियां शैक्षणिक योग्यता के आधार पर निजी कंपनियों में सुगमता से रोजगार की प्राप्ति कर सकें। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि विदिशा, नटेरन और ग्यारसपुर  विकासखण्ड का संयुक्त अन्त्योदय मेला आयोजित किया गया है इस मेले में हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से लाभांवित कराने के अलावा निर्माण कार्यांे को शिलान्यास और पूर्ण कराए गए निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है। विदिशा जनपद पंचायत के एक लाख 47 हजार 594 हितग्राहियों को 1985.56 लाख रूपए की सामग्री एवं चेक प्रदाय किए गए हैं। इसी प्रकार जनपद पंचायत नटेरन के दो हजार 503 हितग्राहियों को 4155.68 लाख रूपए की तथा जनपद पंचायत ग्यारसपुर के 1051 हितग्राहियों को 420.95 लाख रूपए की सामग्री एवं चेक प्रदाय किए गए हंै। 

लोकार्पण, शिलान्यास
आयोजन स्थल पर अतिथियों द्वारा विभिन्न मदांे के तहत पूर्ण कराए गए निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। वहीं स्वीकृत नवीन निर्माण कार्यांे का शिलान्यास भी किया। विदिशा जनपद पंचायत के अंतर्गत 213.81 लाख रूपए की लागत से पूर्ण कराए गए 24 कार्यों का लोकार्पण किया गया। इसी प्रकार जनपद पंचायत नटेरन में 220.68 लाख रूपए की लागत से पूर्ण कराए गए नौ कार्यो का और ग्यारसपुर जनपद पंचायत में 59.21 लाख रूपए की लागत से पूर्ण कराए गए 11 निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया है। इसके अलावा जनपदवार जिन निर्माण कार्यांे का शिलान्यास किया गया हैै उनमें विदिशा जनपद पंचायत के 225.77 लाख रूपए की लागत के 31, जनपद पंचायत ग्यारसपुर मेें 25.39 लाख रूपए की लागत के 14 निर्माण कार्य शामिल हैं।

जल प्रबंधन
अन्त्योदय मेला में शामिल अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकांे को जल प्रबंधन के संबंध में भी विषय विशेषज्ञों के द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें नदी पुर्नजीवन के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य, जल प्रबंधन में सहभागिता, जनपदवार जल अभिषेक के तहत प्रस्तावित कार्यांे की जानकारी भी दी गई।  

प्रदर्शनियों का अवलोकन
अन्त्योदय मेला परिसर मंे विभिन्न विभागों के द्वारा शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों को रेखांकित करने वाली प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया था वहीं विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों, स्व-सहायता समूहों के उत्पादकों की प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसका अतिथियों द्वारा अवलोकन किया गया। अन्त्योदय मेले में विभिन्न विभागों के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं पर आधारित साहित्य का भी वितरण किया गया जिसमें जनसम्पर्क विभाग के द्वारा प्रकाशित ‘‘आगे आएं लाभ उठाएं’’, ‘‘जीवन में बदलाव की प्रतिबद्ध और कारगर कोशिशें’’, ‘‘शिक्षा के व्यापक और बेहतर मौके’’ तथा ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ पुस्तिका का निःशुल्क वितरण आमजनों को किया गया। आयोजन स्थल पर जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक, विभिन्न विभागों के अधिकारी और बड़ी संख्या में हितग्राही तथा ग्रामीणजन मौजूद थे। 

दो बैंको से शासकीय खाते बंद करने के निर्देश

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने हितग्राहीमूलक योजनाओं में बैंकर्स द्वारा अब तक किए गए वित्त पोषण की समीक्षा की। उन्होंने यूनियन बैंक आफ इंडिया और विजया बैंक के प्रबंधकों द्वारा हितग्राहीमूलक योजनाओं के वित्त पोषण में रूचि ना लेने और स्वीकृत प्रकरणों में वित्त पोषण नहीं करने पर इन दोनो बैंको के सभी शासकीय खाते बंद करने के निर्देश जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को दिए। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में बैंकर्स द्वारा जिन प्रकरणों में स्वीकृति दी गई है उन प्रकरणों में दो दिवस के भीतर वित्त पोषण कराना सुनिश्चित करें। जिन बैंको के द्वारा वित्त पोषण में विशेष रूचि ली जाएगी उन बैंको में ही शासकीय खातों का संचालन किया जाएगा। कलेक्टर श्री ओझा ने विभिन्न बैंको के क्षेत्रीय प्रबंधकों से सीधे संवाद स्थापित कर वित्त पोषण में संबंधित बैंकों के द्वारा बरता जा रहा ढीला रवैया और लक्ष्य पूरा कराने में बैंकर्स को स्पष्ट निर्देश देने की बात कही। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि स्व-रोजगारमूलक योजनाओं में वित्त पोषण करने से हितग्राही का पूरा परिवार लाभांवित होता है उसके जीवन में आशातीत परिवर्तन होता है। उन्होंने मानवीय संवेदनाओं को ध्यानगत रखते हुए शीघ्रातिशीघ्र वित्त पोषण कराने की समझाईंश बैंकर्स को दी। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और लीड बैंक आफीसर श्री उमेश गुप्ता एवं बैंकर्स प्रतिनिधि मौजूद थे।

आज होगा विश्वस्तरीय सवा करोड़ श्री हनुमान चालीस का पाठ
  • सवा क्विंटल सवा मनी की महाप्रसादी भी चढे़गी

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भारत सहित 153 देशों में एक साथ सवा करोड़ श्री हनुमान चालीसा महापाठ का आयोजन आज दिनांक 28 मार्च 2015 दिन शनिवार को हनुमान धाम रंगई मंदिर पर सायं 6.30 बजे से होगा। चरण सेवक उदय सिंह हजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान धाम रंगई पुल विदिशा पर सायं 6.30 बजे से सवा करोड़ श्री हनुमान चालीसा महापाठ का संगीतमय भव्य आयोजन होगा। श्री बजरंग वली महाराज के इस पावन पर्व पर सवा क्विंटल और सवा मनी की महाप्रसादी भी अर्पण होगी। कार्यक्रम संयोजक राहुल सिंह हजारी ने बताया कि गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी हनुमान सिद्ध क्षेत्र पर अनूठा भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। संगीतमय हनुमान स्तुति में बाहर से आए कलाकारो द्वारा भजनों की संगीतमय प्रस्तुति दी जायेगी। राहुल सिंह हजारी ने सभी हनुमान भक्तों से कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की है। 
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