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विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (01 अप्रैल)

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अपर कलेक्टर द्वारा प्रक्रिया का जायजा, गेहूं भण्डारण का कार्य स्टील सायलो में शुरू  

vidisha news
विदिशा जिले में पहली बार समर्थन मूल्य पर किसानों से क्रय किए गए गेहूं के भण्डारण हेतु स्टील सायलो का उपयोग किया जाने लगा है। जिसका आज बुधवार को अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने विधिवत् शुभांरभ किया। इस अवसर पर जिला विपणन अधिकारी श्री विवेक तिवारी और सीसीबी के सीईओ श्री विनय प्रकाश सिंह एवं स्टील सायलो स्थापित करने वाली कंपनी के प्रतिनिधिगण मौजूद थे। खरीदी केन्द्र ग्राम पठारी हवेली स्थित स्टील सायलो उपार्जन केन्द्र पर ही समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी का कार्य आज एक अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। जिसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के दस ग्रामों के पंजीकृत कृषकों को एसएमएस से दी गई है। पठारी हवेली में बनाएं गए स्टील सायलों में दस खरीदी केन्द्रों का 25 हजार मैट्रिक टन गेहूं भण्डारित किया जाएगा। उक्त केन्द्र पर मार्केटिंग विदिशा, पैक्स विदिशा, डाबर, रंगई, खमतला, भदरवाडा गांव, लश्करपुर, पैरवारा, इमलिया एवं हांसुआ क्षेत्र के कृषकों का गेहूं उपार्जन सीधे सायलो भंडार केन्द्र से जोड़ा गया है। 
क्षमता
स्टील सायलों पर प्रतिदिन लगभग तीन सौ ट्रालियों को तौलने की क्षमता है एक समय पर एक साथ 12 ट्रालियों की तुलाई की जा सकती है। इससे किसानों के समय की बचत होगी एवं तुलाई हेतु अधिक समय तक इंतजार नही करना होगा। जिले के ऐसे कृषक जिनका रकबा अधिक होने से उपार्जन अधिक होता है तो उनका गेहूं दो से तीन दिन तक खरीदी केन्द्र पर तुलता रहता है जिससे छोटे किसानों को भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है। परन्तु सायलो केन्द्र पर समस्त बडे एवं छोटे किसानों की उपज की तुलाई शीघ्र की जा सकती है। 

वारदानों से मुक्ति
स्टील सायलो में बिना वारदाने के गेहूं की तुलाई कम से कम समय में की जाती है। जबकि अन्य खरीदी केन्द्रों पर वारदानो में गेहूं भरकर तुलाई की जाती है जिस कारण से तुलाई में अधिक समय लगता है। स्टील सायलो से जहां किसानों के समय की बचत और परेशानियों से एवं  हम्मालांे द्वारा उनका गेहूं अधिक मात्रा में तौल लिया जाता है जैसी शिकायत से निजात मिलेगा। सायलों में किसान के समक्ष पूरी ट्राली की तौल इलेक्ट्राॅनिक तौल कांटे पर एक साथ की जाती है। 

भुगतान
जिला विपणन अधिकारी श्री विवेक तिवारी ने बताया कि स्टील सायलो केन्द्र पर जिन कृषकों का गेहूं समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्हें ई भुगतान के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे राशि जमा कराई जा रही है।

प्रक्रिया से अवगत
अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने स्टील सायलो उपार्जन केन्द्र पर किसानों से समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने वाले गेहूं के लिए क्रियान्वित प्रक्रियाओं का जायजा लिया। उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक ने अवगत कराया कि सर्व प्रथम संबंधित टेªक्टर-ट्राली को प्रिन्टेड अदानी किसान पर्ची प्रदाय की जाती है जिस पर आरएफआईडी टेंग नम्बर, दिनांक, सोसायटी का नाम, किसान का नाम, गांव का नाम, जिला, वाहन का नम्बर और वाहन का प्रकार इत्यादि की जानकारी अंकित की जाती है। स्टील सायलों उपार्जन केन्द्र पर प्रथम अदानी किसान पर्ची ग्राम भैरोखेडी के कृषक श्री दिलीप सिंह को जारी की गई। इसके पश्चात् इलेक्ट्राॅनिक कांटे पर समुचित ट्राली का वजन लिया जाता है। तदोपरांत गेहूं की क्वालिटी का परीक्षण किया जाता है। इसके पश्चात् नियत स्थल पर ट्राली से गेहूं भण्डारित किया जाता है। स्टील सायलों केन्द्र से ट्राली के बाहर निकलते वक्त पुनः उसका वजन लेकर भरी ट्राली में से खाली ट्राली का वजन घटाया जाता है ताकि संबंधित कृषक का गेहूं का कुल वजन पता चल सकें। समुचित प्रक्रिया सम्पादित करने में अधिकतम दस मिनिट लगते है। 

उप जिला निर्वाचन अधिकारी का दायित्व श्रीमती नेहा भारती को

कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी का दायित्व श्रीमती नेहा भारती को और जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र को सौंपा है।

बिहार : प्लेटफार्म टिकट की मूल्यवृद्धि व रेलवे के किराया वृद्धि के खिलाफ रेल मंत्री का पुतला फूंका

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पटनाः- आज आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध पटना जिला परिषद्् के बैनर तले छात्रों ने पटना जंक्शन पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु का पुतला फूंका। आक्रोशित छात्रों ने रेल मंत्रालय से तत्काल प्लेफार्म टिकटों की मूल्यवृद्धि व रेलवे के किराया वृद्धि की वापसी की माॅग की। इससे पूर्व छात्रों ने बुद्धा स्मृति के पास से जुलूस निकाला फ्रेजर रोड होते हुए पटना जंक्शन पहुंचे। पुतला दहन के बाद सभा ए.आई.एस.एफ. के राज्य पार्षद अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में हुई। सभा को संबोधित करते हुए रूपेश सिंह ने कहा कि रेलवे को मोदी सरकार बारंबार निशाना बना रही है। रेलवे के माध्यम निम्न या मध्य वर्ग के लोगों यात्रा करते हैं। मोदी सरकार की निगाह गरीबों के जेब पर है। सरकार कार्पोरेट घटाने का लाभ पहुंचाने के इरादे से निरंतर काम कर  रही है। शीघ्र अगर प्लेटफार्म टिकट एवं रेल के किराये में वृद्धि वापस नहीं होती है तो चरणबद्ध आंदोलन जारी होगा।

वहीं मौके पर मौजूद राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने आते ही पहले बेरोजगारों के सपनों पर प्रहार किया और नई नौकरियों पर ब्रेक रोक लगा दिया। निजीकरण के रास्ते मुनाफेखोरों को लाभ पहुंचाने के इरादे से केंद्र सरकार निरंतर काम कर रही है जिसका जवाब आने वाले चुनाव मंे जनता भाजपा को देगी। जिस तरह दिल्ली में भापजा की बुरी तरह हार हुई है वैसे ही हार पूरे देश में भी होगी। इस दौरान जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्रा नेता कन्हैया कुमार, पूर्व जिला सचिव आकाश गौरव, पुष्पेन्द्र कुमार पटना जिला उपाध्यक्ष, साजन झा जिला सह-सचिव, गोविन्द कुमार, आशुतोष कुमार, अजीत कुमार, अनुराग कुमार, धनंजय कुमार, अनुराग, समरेन्द्र, चन्दन, संदीप, जन्मेजय, अविनाश दर्जनों छात्र उपस्थित थे।     

हिमाचल की विस्तृत खबर (01 अप्रैल)

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राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति को दी बधाई

शिमला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने उपराष्ट्रपति श्री मो. हामिद अंसारी को उनके जन्म दिवस पर बधाई दी है। राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति श्री अंसारी को उनके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री की प्रदेशवासियों को महावीर जयन्ती पर बधाई

शिमला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । राज्यपाल श्री कल्याण सिहं तथा मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेशवासियों को महावीर जयंती के अवसर पर बधाई दी है। राज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि भगवान महावीर का अंहिसा का संदेश हमारे जीवन और समाज में शांति और भाईचारा बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महावीर की शिक्षाएं हमारी वाणी और व्यवहार में सच्चाई का मार्ग दर्शाते हुए हमें सादा एवं स्वच्छ जीवन जीने के लिये प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने अपने संदेश में विशेषकर जैन बन्धुओं को बधाई देते हुए कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाओं, आदर्शों एवं सिद्धान्तों का अनुसरण करना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘‘भगवान महावीर द्वारा दिखाया गया मार्ग हमें सच्चा जीवन जीने के लिये प्रेरित करता हैं। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर शांति, अंहिसा व आपसी सौहाद्र्ध के अग्रदूत थे और हमे उनके दर्शाए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। 

जनजातीय सलाहकार परिषद का कार्यकाल दो वर्ष के लिए बढ़ा

शिमला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद का कार्यकाल आगामी 5 अप्रैल, 2015 से दो वर्षों के लिए बढ़ाया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह परिषद के अध्यक्ष होंगे। वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी, हि.प्र. विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री जगत सिंह नेगी और लाहौल एवं स्पिति के विधायक श्री रवि ठाकुर समिति के सदस्य होंगे।  परिषद के अन्य सदस्यों में किन्नौर जिले से पूह तहसील के गांव रोपा से श्री रामसिंह, पूह से श्री प्रीतम नेगी, निचार गांव से श्री जगदीश नेगी, कल्पा तहसील के शोदरंग गांव से श्री अमर चंद, कोठी गांव से श्री प्रीतम नेगी और पूह तहसील के स्पीलो गांव से श्री नरेश नेगी सम्मिलित किए गए हैं। लाहौल-स्पिति जिले की केलंग तहसील के शरखिंग गांव से श्री नवांग बोध, उदयपुर तहसील के तिंदी गांव से श्री प्यारेलाल, स्पिति तहसील के काजा से श्री सोहन सिंह और काजा तहसील के लरा गांव से श्री दोरजे छोपल समिति के सदस्य होंगे। चंबा जिले से किलाड़ गांव एवं तहसील के श्री राम चरण, किलाड़ तहसील के करयास गांव से श्री किशन चोपड़ा, भरमौर गांव एवं तहसील से श्री भजन सिंह ठाकुर और होली गांव से श्री शुभकर समिति के सदस्य होंगे।  राज्य सरकार के मुख्य सचिव परिषद के पदेन सचिव, जबकि आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव (जनजातीय विभाग) परिषद के पदेन सदस्य होंगे। 

12 जुलाई तक लेनी होगी खान मालिकों को पर्यावरण स्वीकृतियां

शिमला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । उद्योग मंत्री श्री अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आज उद्योग विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पर्यावरण स्वीकृतियां प्राप्त न होने के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में 5 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल की बन्द पड़ी मौजूदा खानों को अन्तिम राहत देते हुए 12 जुलाई, 2015 तक पुन: चलाने की अनुमति दी गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे सभी खानों के मालिकों को     12 जुलाई, 2015 तक पर्यावरण स्वीकृति लेनी होंगी। इससे प्रदेश भर में लगभग एक सौ क्रशर फिर से चल सकेंगे। इससे जहां एक ओर उपभोक्ताओं को उचित मूल्यों पर निर्माण सामग्री उपलब्ध होगी, वहीं इससे क्रशर मालिकों को भी राहत मिलेगी। बैठक में प्रधान सचिव, उद्योग श्री आर.डी. धीमान, राज्य भू-विज्ञानी श्री रजनीश शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने लिफ्ट के नजदीेक क्षतिग्रस्त सडक़ के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया

शिमला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज लिफ्ट के नजदीक क्षतिग्रस्त सडक़ के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस कार्य को शीघ्र-अतिशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए ताकि नियमित रूप से यात्रा करने वालों व आम लोगों को सुविधा मिल सके। उन्होंने सडक़ की दीवार के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने को कहा ताकि लोक निर्माण विभाग उसका जीर्णोद्धार तथा मुरम्मत शीघ्र कर सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका, उपायुक्त श्री दिनेश मल्होत्रा, पुलिस अधीक्षक श्री डी.डब्ल्यू नेगी भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ थे।

359 लोगों को दिलवाया नशे से छुटकारा: मोख्टा 

धर्मशाला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । अतिरिक्त उपायुक्त सुदेश मोख्टा ने जानकारी देते हुए बताया है कि जि़ला रैडक्रॉस सोसायटी द्वारा प्रयास भवन में संचालित नशा निवारण केंद्र के माध्यम से अपै्रल, 2014 से फरवरी, 2015 की अवधि के दौरान 359 लोगों को नशे से छुटकारा दिलवाने में सफलता प्राप्त हुई। इनमें से 240 लोगों को उपचार के लिए केंद्र में भर्ती किया गया था।   उन्होंने बताया कि यह केन्द्र भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सौजन्य से गत् 12 वर्षों से चलाया जा रहा है। यह नशा निवारण केंद्र लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इस केंद्र में एक वक्त में 15 लोगों को ईलाज के लिए भर्ती किये जाने की सुविधा उपलब्ध है। सुदेश मोख्टा ने बताया कि इस केंद्र में नशे के आदी हो चुके व्यक्तियों के लिए सामूहिक परामर्श, पारिवारिक परामर्श, व्यक्तिगत परामर्श, कला चिकित्सा, योग चिकित्सा, मनोरंजक चिकित्सा, भक्ति चिकित्सा, पतन रोकथाम चिकित्सा, व्यावसायिक पुनर्वास और इन्डोर खेलों आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। केंद्र में भर्ती व्यक्तियों को नि:शुल्क दवाईयां भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। भर्ती व्यक्तियों की देखभाल के लिए केंद्र में परियोजना निदेशक, चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, परामर्शदाता, मनोवैज्ञानिक के अतिरिक्त वार्ड बॉय आदि स्टाफ की निपुण टीम उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस केंद्र का लाभ उठाने के लिए कोई भी व्यक्ति केन्द्र के दूरभाष नम्बर 01892-224408, जिला रैडक्रॉस सोसायटी के कार्यालय दूरभाष नम्बर 01892-224888 या सचिव के मोबाईल नम्बर 9418832244 पर सम्पर्क कर सकता है। 

पी0एन0वी0आर0 सेटी में उपलब्ध हैं नि:शुल्क प्रशिक्षण: कमल 

धर्मशाला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) ।  पंजाब नैशनल बैंक ग्राम स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, धर्मशाला द्वारा बेरोजगार युवक एवं युवतियों को स्वरोजगार की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक माह 18 से 45 वर्ष की आयुवर्ग के युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।  यह जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक, कमल प्रकाश ने बताया कि अपै्रल माह के दौरान बेरोजगार युवाओं को 30 दिन का बेसिक कम्प्यूटर, डेयरी फार्मिंग तथा मुर्गी पालन का 6-6 दिन, अचार-मुरब्बा बनाने का 7 दिन, प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम का 6 अथवा 10 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक बेरोजगार युवक एवं युवतियां डीआरडीए कार्यालय भवन के प्रथम तल, कॉलेज रोड़, धर्मशाला में स्थित संस्थान में सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए संस्थान के निदेशक, कमल प्रकाश से उनके मोबाईल नम्बर-9418336850 एवं कार्यालय दूरभाष नम्बर 8894719098 से सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जायेंगे जिसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा स्वयं रोजगार स्थापित करने के लिए संस्थान के माध्यम से जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

गिरिराज सिंह को मंत्री पद से बर्खास्त करो : दीपक शर्मा

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धर्मशाला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को लेकर अभद्र और नस्लीय बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को ओछी मानसिकता का व्यक्ति बताते हुए कहा है कि ऐसे लोगों की जगह मंत्री परिषद में नहीं बल्कि पागलों के पागलखाने में होनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि हिमाचल कांग्रेस ऐसी बयानबाजी को सिरे से खरिज करते हुये निन्दा करती है।  यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुये कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि  केन्द्रिय मंत्री की यह टिप्पणी नाईजिरिया व भारत के संबन्धों में भी खटास पैदा करेगी। नस्लीय टिप्पणी से आज देश शर्मसार है।  दीपक शर्मा ने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी जी ना सिर्फ कांग्रेस अध्यक्षा हैं बल्कि वे एक मां और देश की बहु भी है जिन्होंने 6 चुनाव लगातार जीता है। लेकिन मोदी कैबिनेट के ऐक मंत्री गिरिराज सिंह ने हाजीपुर में उनको लेकर जिस तरह का बयान दिया है वो ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि शर्मनाक भी है। उन्होंने  कहा कि गिरिराज सिंह प्रधान मंत्री मोदी की चापलूसी के चक्कर में पहले भी कई तरह के आपत्तिजनक बयान देकर मंत्री पद पाया है और अभी फिर मंत्री मंडल का विस्तार होने जा रहा है। लोगों को आज भी याद है जब उन्होंने मोदी के विरोधियों को पाकिस्तान भेजने की धमकी दी थी और आंतकी घटनाओं के संबंध में कहा था कि यह सब मुस्लिम समाज के लोग ही करवाते हैं। दीपक शर्मा ने कहा कि देश यह जानना चाहता है कि प्रधान मंत्री मोदी आखिर ऐसे आपत्तिजनक बयान देने वाले को खुला संरक्षण क्यो दे रखा है। कांग्रेस चाहेगी कि प्रधान मंत्री मोदी गिरिराज सिंह को बर्खास्त करे और देश की महिलाओं से माफी मांगे अन्यथा देश ये समझे कि उनके रजामंदी से ही भाजपा के लोग इस तरह के बयान देते हैं।

मनी ऑर्डर सेवा आज से बंद हो गई

धर्मशाला,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । आखिर डाक विभाग की ओर से करीब 135 सालों से दी जा रही मनी ऑर्डर सेवा आज से बंद हो गई और इसकी जगह इंस्टेंट मनी ऑर्डर सेवा की शुरुआत हो गई है।  इंस्टेंट मनी ऑर्डर सेवा के तहत जैसे ही पैसा भेजने कोई डाक घर जाता है तो उसे एक कोड नंबर दिया जाता है। उस कोड नंबर को दूसरी पार्टी को फोन करके बताना होता है। फिर वह व्यक्ति डाक घर में कोड बता कर पैसा हासिल कर सकता है। वहीं, मनी ऑर्डर सर्विस के तहत कोई व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में पैसे और कमीशन जमा कर जिन्हें वह पैसे मिलने होते थे, उनका पता दे देता था। इस पते पर सबसे निकट का पोस्ट ऑफिस डाकिया के जरिए नगद पैसे भेज देता था।  मनी ऑर्डर सर्विस के बंद होने का मुख्य कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी लोगों का मोबाइल बैंकिंग से लेकर इंटरनेट बैंकिंग पर पूरी तरह से सक्रिय होना है। इससे पहले डाक विभाग ने टेलीग्राफ सेवा भी बंद कर दी थी।

5 अप्रैेल को प्रवासी बच्चों को प्लस पोलियो दवाई पिलाई जाएगी: एडीसी 

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । जिला में  0 से 5 वर्ष  आयु वर्ग के 1687 प्रवासी बच्चों को प्लस पोलियो प्रतिरक्षण दवाई 5 अप्रैल (रविवार)  को पिलाई जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि प्रवासी मज़दूरों जो झुगी-झोपडिय़ों,ईट भ_ों, तथा विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों पर काम करते अथवा रहते हैं के अतिरिक्त घुमन्तु लोगों के बच्चों को भी शतप्रतिशत पोलियो प्रतिरक्षण की बूंद पिलाने के लिये विशेष प्रबन्ध किये गये हैं।  उन्होंने सभी पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और स्वयं सेवी संस्थाओं से भी अपील करते हुए आग्रह किया है कि वह पोलियों की दवाई पिलाने के लिये अपना आवश्यक सहयोग दें।  सीएमओ सवित्री कटवाल ने बताया कि दवाई पिलाने के लिये जिला में 30 मोवाईल टीमों का विशेष गठन किया गया है जिसमें 12 सुपरवाईजर , 60 कर्मचारी, और 12 गाडिय़ां तैनात की गई  हैं  ताकि कोई भी बच्चा दवाई पीने से वंचित न रह जाए। 

डॉ सवित्री कटवाल ने अतिरिक्त सीएमओ  हमीरपुर का पदभार संभाला

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । डॉ सवित्री कटवाल ने प्रथम अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, हमीरपुर का कार्यभार संभाला ।  डॉ सवित्री कटवाल ने स्वास्थ्य विभाग में 22-11-1984 में पीएचसी झण्डूता से अपनी सेवाएं आरम्भ की थीं तदोरान्त पीएसची घवांडल, पीएचसी नादौन, पीएचसी भोटा और पीएचसी मैड़ में  सेवाएं दी। डॉ सवित्री कटवाल फरवरी, 2009 में खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदोन्नत हुईं  और 01 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पदभार  ग्रहण किया । 

अतिरिक्त उपायुक्त ने किया चालू वित्त वर्ष की वार्षिक ऋ ण योजना का शुभारम्भ

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । जिला में कार्यरत बैंकों को वित्त वर्ष 2015-16 के लिये 764.68 करोड़ रूपए ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो कि गत वर्ष की तुलना में 68 करोड़ रूपये अधिक है। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने आज वार्षिक ऋण योजना का शुभारम्भ करते हुए दी। उन्होंने बताया कि वार्षिक योजना में प्राथमिकता क्षेत्र के लिये 677.78 करोड़ रूपये, कृषि के लिये 334.69 करोड़ रूपये, एमएसएमई के लिये 181.33 करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा गया है।  उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में 22.04 प्रतिशत की बृद्धि दर्शाई गई है जबकि गैर प्राथमिकता  क्षेत्र के लिये 86.90 करोड़ रूपये लक्ष्य  का प्रावधान किया  गया है। इस मौके पर मुख्य अग्रणी जिला प्रबन्धंक , बी.आर शर्मा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में ज्यादातर फोक्स जिला में ऋण-जमा अनुपात रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त संयुक्त देयता समूह, स्वयं सहायता समूह के  वित्त पोषण पर ज्यादा बल दिया जाएगा । उन्होंने बताया कि कृषि एमएसएमई में वित्त पोषण तथा बकाया  बैंक मित्रों को क्रि याशील बनाया जाएगा । इस अवसर पर मण्डल प्रमुख  पंजाब नैशनल बैंक विशेष कुमार श्रीवास्तव, डी.डी.एम. नाबार्ड विजय नेगी, प्रोजैक्ट अधिकारी डी.आर.डी.ए अंकुश शर्मा, जिला योजना अधिकारी राजीव कुमार संगराय तथा सभी बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित रहे। 

हमीरपुर में युवा जानेंगे फल विधायन में स्वरोजगार की संभावनाएं, सर्वकल्याणकारी संस्था के युवा विंग का शिविर नौ अप्रैल को

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । खाद्य, फल विधायन क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार दिलाने के दृष्टिगत सर्व कल्याणकारी संस्था के युवा संपर्क विंग द्वारा हमीरपुर के बचत भवन में 9 अप्रैल को प्रात: दस बजे जागरूकता शिविर आयोजित करेगी इसमें रिजनल सेंटर फॉर इंटरप्रेन्यूरशिप की ओर से खाद्य विधायन मिशन के तहत आवश्यक प्रशिक्षण भी युवाओं को दिया जाएगा। यह जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा कि हमीरपुर जिला में फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में स्वरोजगार के असीम संभावनाएं हैं तथा यहां पर इकाइयों को संचालित करने के लिए कच्चा माल भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, युवाओं तथा बेरोजगारों के लिए फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां एक बेहतर साधन बन सकती है। सरकार ने फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया को भी काफी सरल बना दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे लाभांवित हो सकें। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता कैंप में सर्व कल्याणकारी संस्था का युवा संपर्क विंग ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कैँप में लाने की तैयारियों में जुटा है ताकि युवा स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकें। राजेंद्र राणा ने बताया कि खाद्य विधायन मिशन के तहत उद्यमी विकास कार्यक्रम, फल विधायन सेक्टर के विकास के लिए केंद्र स्थापित करने के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है ताकि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके। राणा ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हों इस के लिए सर्वकल्याणकारी संस्था ने अपने स्तर पर बनाल में भर्ती रैली आयोजित करवाई गई है तथा अब नौ अप्रैल को बचत भवन में आयोजित होने वाले ट्रेनिंग शिविर में युवाओं को फूड प्रोसेङ्क्षगग में स्वरोजगार कैसे मिल सकता है इसकी जानकारी दी जाएगी। आरआईसीडी के प्रिंसिपल डायरेक्टर परमजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फूड प्रोसेसिंग में युवाओं के लिए स्वरोजगार की संभावनाएं हैं इसमें फल, सब्जियां, मीट, मत्स्य, तेल, बीज, दालें, चावल, मशरूम से संबंधित यूनिट स्थापित करने के लिए प्लाट, मशीनरी तथा तकनीकी सिविल कार्य पर 33 प्रतिशत अनुदान राशि इसके अतिरिक्त समूह, एकाकी रूप से एकीकृत कोल्ड चेन एवं गैर उद्यानों में रूचि रखने वाले युवाओं को 75 प्रतिशत का वित्तीय अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। परमजीत ने युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि इस टे्रेनिंग कैंप में बढ़चढ़ कर भाग लें, कैंप में 25 युवाओं का चयन एक महीने की निशुल्क ट्रेनिंग के लिए भी किया जाएगा ताकि यह युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें।
          
भोरंज में आज ड्राईविंग लाईसैंस के लिए टेस्ट होगा

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । एस डी एम भोरंज राकेश शर्मा ने बताया कि बुद्धवार को मोटर वाहन पासिंग के दौरान उपमंडल भोरंज से सम्बन्धित 60 वाहन मालिकों ने वाहन पासिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया 53 वाहन मालिकों द्वारा वाहन पासिंग अधिनियम की समस्त शर्तों को पूरा करने पर उनके वाहन पासिंग किए गए। इस मौके पर एमवीआई कुलदीप सिंह ने शेष 7 वाहन मालिकों के गाडिय़ों में कमी पाई जाने पर उन्हें कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि वीरवार 2 अप्रैल को 11 से 1बजे तक ड्राईविंग लाईसैंस टेस्ट आयोजित किया जाएगा।

मिनि सचिवालय भोरंज में एसबीआई की शाखा  

हमीरपुर,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । मिनि सचिवालय भोरंज में खुलेगी स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की शाखा। यह जानकारी शाखा प्रबन्धक रविन्द्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि शाखा का शुभारंभ 11 बजे एसडीएम भोरंज राकेश शर्मा करेंगे। 

औद्योगिक उत्पादन, मूल्य संवर्धन एवं आर्थिक वृद्धि में डिजाइन की अहम भूमिका-अभिषेक जैन
  • राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान द्वारा बचत भवन में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में बोले उपायुक्त

ऊना, ,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । उपायुक्त अभिषेक जैन ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन, मूल्य संवर्धन एवं आर्थिक वृद्धि में डिजाइन की अहम भूमिका होती है। उपायुक्त आज बचत भवन में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से डिजाइन जागरूकता पर आयोजित सेमीनार के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि किसी भी औद्योगिक उत्पाद का मूल्य, ब्रांडिंग, पैकेजिंग तथा मार्केटिंग उसके डिजाइन पर निर्भर करती है। डिजाइन किसी भी उत्पाद के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उपभोक्ता किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसकी पैकेजिंग को देखते हैं। ऐसे में उद्योग डिजाइन में सुधार लाकर अपने उत्पाद को ज्यादा मजबूत बना सकते हैं।  डीसी ने कहा कि हमारे समाज में छोटे-छोटे स्वयं सहायता समूह ग्रामीण स्तर पर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करते हैं लेकिन बेहतर डिजाइन के अभाव में उन्हे बाजार में अन्य उत्पादों के मुकाबले अच्छे दाम नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान द्वारा आयोजित इस तरह के सेमीनार उद्योगों के साथ-साथ ग्रामीण परिवेश में कार्य कर रहे स्वंय सहायता समूहों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। जिससे जहां ग्रामीण लोगों की आर्थिकी में बढ़ौतरी होगी तो वहीं उन्हे अपने उत्पाद को बाजार में बेहतर स्थान मिल पाएगा। उन्होने कहा कि ऊना जिला औद्योगिक दृष्टि से प्रदेश के अग्रणी जिलों में शुमार है तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों से यहां नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के साथ-साथ औद्योगिक निवेश भी बढ़ा है। ऐसे में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के इस सेमीनार के माध्यम से न केवल उद्योगों को अपने उत्पाद की बेहतर डिजाइनिंग में मदद मिलेगी बल्कि प्रतिस्पर्धा के बाजार में अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से पेश भी कर पाएंगे। सेमिनार में नेशनल डिजाइन संस्थान अहमदाबाद की डिजाइन एक्सपर्ट बिंदू रंजन ने डिजाइन अवेयरनेस सेमीनार की पृष्ठ भूमि की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के लघु, सूक्ष्म तथा मध्यम उद्योग मंत्रालय द्वारा डिजाइन क्लीनिक स्कीम आरंभ की गई है। जिसका मुख्य उदेश्य एमएसएमई सेक्टर तथा डिजाइन एक्सपर्ट को एक कॉमन प्लेटफॉर्म मे लाकर औद्योगिक समूहों को डिजाइन में आ रही समस्या का समाधान करना तथा उद्योगों के उत्पाद, संचालन, निर्माण तथा व्यापार डिजाइन की दिशा में रच्रात्मक जानकारी प्रदान कर उद्योगिक समूहों की सहायता करना है। उन्होने बताया कि डिजाइन क्लीनिक स्कीम के तहत लगभग 74 करोड रूपये का बजट प्रावधान किया गया है जिसमें से लगभग 49 करोड रूपये भारत सरकार द्वारा स्कीम को विभिन्न चरणों में लागू करने पर व्यय किए जा रहे हैं। उन्होने जानकारी दी कि इस स्कीम के अन्तर्गत पूरे देश में 200 एमएसएमई क्लस्टर तक 200 डिजाइन सेंसीटाइजेशन सेमीनार, 200 डिजाइन क्लीनिक कार्यशाला तथा 400 डिजाइन प्रोजैक्ट के माध्यम से पहुंचा जाएगा। सेमीनार में आईआईटी दिल्ली से डिजाइन एक्सपर्ट सुमेर सिंह इलैक्ट्रिकल मशीनरी एवं लाईट इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज में डिजाइन का महत्व तथा रंजन नैयर ने डिजाइन के महत्व बारे विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी राजेश कुमार मारिया, जीएम उद्योग तिलक राज शर्मा, पीओ डीआरडीए राजेन्द्र गौतम, डॉ0 आरूषि जैन सहित ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी एवं विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

हरोली उत्सव स्मारिका के लिए 8 तक रचनाएं आमंत्रित

ऊना, ,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । हरोली उत्सव में  प्रकाशित होने वाली बहुरंगी स्मारिका की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस स्मारिका में हरोली हलके के विकास, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाते लेख प्रकाशित किए जायेेंगे। इसके अलावा हरोली हलके के प्रमुख धार्मिक स्थलों व यहां की प्रसिद्ध परंपराओं पर आधारित सामग्री का भी स्वागत है। डीपीआरओ गुरमीत बेदी ने आज यहां बताया  इस स्मारिका के लिए रचनाएं जिला लोक संपर्क अधिकारी, ऊना के कार्यालय में 8 अप्रैल तक भेजी जा सकती हैं।

डीसी ने कुंदन शर्मा को दिया उपायुक्त सराहनीय प्रमाणपत्र 

ऊना, ,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । डीसी अभिषेक जैन ने एक समारोह में कुंदन लाल शर्मा को उपायुक्त सराहनीय प्रमाणपत्र प्रदान करके मानित किया और सरकारी सेवाकाल के दौरान उनकी निष्ठापूर्ण सेवाओंस की उन्मुक्त कंठ से सराहना की। श्री कुंदन लाल शर्मा पिछले कल ही 32 साल की अपनी सेवाओं के बाद उपायुक्त के निजी सहायक पद से सेवानिवृत हुए। मूल रूप से जिला ऊना की अंब तहसील के गांव जोह के निवासी श्री कुंदन लाल शर्मा ने 17 फरवरी 1983 में एडीएम ऊना के स्टैनो पद से अपना कैरियर शुरू किया था और 32 साल के अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने कई प्रशासनिक अधिकारियों व जिलाधीशों के साथ काम किया। डीसी अभिषेक जैन ने उनकी निष्ठापूर्ण सेवाओं, समर्पण भाव, ईमानदारी और अपने सहकर्मियों के साथ मधुर संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि वह श्री कुंदन लाल शर्मा के व्यक्तित्व व निष्ठापूर्वक सेवाओं से अत्यंत प्रभावित हुए हैं और इसलिए उन्हें कुलेक्टर्ज एपरीसिएशन अवार्ड से अलंकृत करते हुए हर्ष महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुंदन लाल शर्मा अन्य कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।

पांचवी लघु सिंचाई योजनाओं की गणना के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति गठित-अभिषेक जैन
  • समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने दी जानकारी

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ऊना, ,01 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) । उपायुक्त अभिषेक जैन ने कहा कि हिमाचल सरकार ने उपायुक्त की अध्यक्षता में पांचवी लघु सिंचाई योजनाओं की गणना हेतु जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। जिसमें राजस्व, आईपीएच, कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास, एनआईसी तथा जिला सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। उपायुक्त ने यह जानकारी आज यहां पांचवी लघु सिंचाई योजनाओं की गणना हेतु गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होने बताया कि भारत सरकार के जल संसाधन मंत्रालय द्वारा देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में पांचवी लघु सिंचाई योजनाओं की गणना जिसका संदर्भ वर्ष 2013-14 है की जा रही है। उन्होने बताया कि पूरे देश सहित हिमाचल में अब तक ऐसी चार गणनाएं पूर्ण हो चुकी हैं जबकि पांचवी गणना का कार्य प्रगति पर है। उन्होने जानकारी दी कि यह गणना प्रत्येक पांच वर्ष बाद की जाती है जिसमें जिला में लघु सिंचाई योजनाओं की संख्या, मौसमवार सृजित क्षमता, मौसमवार वास्तविक सिंचित क्षेत्र तथा योजनाओं की किस्म एवं योजनाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में सूचना एकत्रित की जाती है। डीसी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने भी इस गणना में भाग लेने का निर्णय लिया है तथा इस कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए राजस्व विभाग को नोडल विभाग बनाया है। जिसमें राजस्व विभाग के पटवारी सभी लघु सिंचाईं योजनाएं जिनका कृष्य कमान क्षेत्र दो हजार हैक्टेयर से कम है का सर्वेक्षण करेंगें। उन्होने बताया कि इस कार्य को पूर्ण करने के लिए राजस्व विभाग के पटवारियों को तहसील स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा इससे संबंधित डाटा इक्टठा करने के लिए फॉर्म भी वितरित किए जा चुके हैं।  उन्होने बैठक में इस कार्य से संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी स्कीमों से संबंधित डाटा को उपायुक्त के माध्यम से तहसीलदारों को भेजना सुनिश्चित करें ताकि गणना में किसी प्रकार की त्रृटि न रहे। बैठक में जिला राजस्व अधिकारी विशाल शर्मा, अधिशाषी अभियन्ता आनन्द स्वरूप शर्मा, मुकेश हीरा, केसी राणा, उपनिदेशक उद्यान एम एस राणा, कृषि विकास अधिकारी सर्वजीत सिंह, जिला सांख्यिकी अधिकारी राजीव भटनागर, सहायक जिला सूचना अधिकारी अनुराग गुप्ता, सतीश कुमार सैनी सांख्यिकी सहायक  उपस्थित थे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (01 अप्रैल)

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गृह निर्माण समिति के सदस्यों व पदाधिकारियों ने कलेक्टर का माना आभार

झाबुआ---कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति झाबुआ के अध्यक्ष पीटर बबेरिया ने बताया कि समिति के सदस्यों को की गई रजिस्ट्री का नामांतरण एवं वर्तमान अन्य वर्ग के कर्मचारियों को आवंटित भूखंड की रजिस्ट्री राजस्व एवं पजीयन विभाग द्वारा बिना 165 ( 6 क) की स्वीकृति के बिना नही करने पर कलेक्टर झाबुआ को लिखित आवेदन किया था कि कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति झाबुआ म.प्र. पंजीयन क्रमांक जेबीए 92 दिनांक 18.07.1989 होकर संस्था ने विक्रयकर्ता से विक्रय करने की अनुमति मध्यप्रदेष भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 ( 6 क ) के तहत प्राप्त कर संस्था को भूखंड पंजीयन करवाया गया था ताकि सदस्यों को भवन निर्माण हेतु भूखंड आवंटित कर उन्हें पंजीयन करवा सकें। कलेक्टर ने तत्काल तहसीलदार झाबुआ को आदेष दिया कि पृथक से 165 ( 6 क ) की अनुमति की आवष्यकता नही है। तत्संबंधी आदेष न्यायालय तहसीलदार झाबुआ क्रमांक /रीडर-1/ 2015/1128/ 31.03.2015 के अनुसार संस्था के सदस्यों को पृथक से अनुमति की आवष्यकता नही लेनी होगी। अगर संस्था द्वारा पूर्व में 165 ( 6क ) की अनुमति ले चुकी है। यह आदेष प्राप्त होते ही कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्यों व पदाधिकारी श्रीमती विजया देवल, भूपेन्द्रसिंह सिसौदिया, किषोरसिंह चैहान, श्रीमती फिलोबाई, आनंद पंचोली, रेमू भाबर, रणछोड प्रजापज ने हर्श व्यक्त कर कलेक्टर बी.चंद्रषेखर का आभार मान है। उक्त आदेष पारित होने से संस्था सदस्यों को पूर्व में की गई रजिस्ट्री का नामांतरण एवं षेश अन्य वर्ग सदस्यों के भूखंडो की रजिस्ट्री की जा सकेगी। अन्य गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों लक्ष्मीनारायण पाठक संस्थापक अध्यक्ष ऋतुराज गृह निर्माण सहकारी संस्था, सुरेष जैन थांदला, कंवरलाल सांखला मेघनगर, लोकेन्द्र आचार्य थांदला आदि ने कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए आभार माना।

जियो और जीने दो, सिर्फ शब्द नहीं वेदवाक्य है-भाजपा ने दी महावीर जयंती की बधाईयां 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी के जिला भाजपाध्यक्ष शैलेष दुबे विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा ने स्वामी महावीर जयंती के अवसर पर जन-जन का अभिनंदन करते हुए कहा कि महावीर स्वामी का संदेष समय और देष की सीमाओं से परेे और मानव जगत के लिए आज सर्वाधिक प्रासंगिक है। महावीर जयंती का पावन पर्व जन-जन के जीवन में नई रोषनी लायेगा। स्वामी महावीर ने प्रवृत्ति और निवृत्ति दोनों को जिया है। परोपकार की प्रवृत्ति आत्मसात करनें की वस्तु है, किसी को कष्ट न दिया जाये। अहिंसा को मानव धर्म मानकर किसी भी हिंसा का परित्याग किया जाये, यही निवृत्ति का मार्ग है। भारतीय जनता पार्टी के नेतात्रय ने कहा कि महावीर स्वामी ने अपने जीवन में जो उपदेष दिया और उसे अपने जीवन में चरितार्थ किया उनमें दो बाते हमेषा चित्त में धारण करनें की है और दो बातें विस्मरण करनें की प्रेरणा देती है। उन्होनें सृष्टि के सृजनकर्ता को और आने वाली मृत्यु को हमेषा ध्यान में रखनें का संदेष दिया। इसी तरह यदि किसी का परोपकार किया है तो उसे और यदि किसी से कुछ असहज कहते हुए सुना है तो भूल जाने का आग्रह किया है। श्री दुबे, बिलवाल एवं सुराणा ने कहा कि महावीर स्वामी ने कहा है कि जो दूसरों पर विजय पाते है वे तो वीर है, लेकिन जो स्वंयं पर विजय पा लेता है वह महावीर बन जाता है। महावीर स्वामी ने जियो और जीने दो का संदेष दिया, ये मात्र चार शब्द नहीं बल्कि चार वेदवाक्य है। इन पर अमल करनें पर जीवन धन्य हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी ने सभी जिलेवासियों को महावीर जयंती की बधाईयां दी है।

हनुमत संकीर्तन मण्डल का त्रिदिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव आज से 

झाबुआ---पवनपुत्र हनुमान की जयन्ती को समारोह पूर्वक मनाने का क्रम आज से 18 वर्ष पहले शुरू करने का श्रेय यदि किसी को जाता है तो वे थे हनुमान संकीर्तन मंडल के संस्थापक तथा तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी ओंकारलाल कटारिया को । वर्ष 1997 में प्रथम बार जी 10, आफीसर्स कालोनी स्थित अपने सरकारी आवास पर नगर में सर्वप्रथम हनुमान जयन्ती उत्सव को समारोह पूर्वक आयोजित करने वाले तथा तब से ही हनुमान जयन्ती पर विषाल भण्डारे की परम्परा को कायम करने वाले ओंकारलाल कटारिया तब से आज तक पिछले 18 बरसों से सेवा निवृत्ति के बाद भी अपने गृह नगर मंदसौर से पिछले 9 वर्षो से  झाबुआ आकर तीन दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव एवं भण्डारे का आयोजन बिना किसी से चंदा लिये आयोजित करवा रहे है । इस वर्ष भी श्री कटारिया के मार्गदर्षन मे प्रतिवर्षानुसार इस साल भी 2 अप्रेल से 4 अप्रेल तक लक्ष्मीनगर कालोनी में कन्हैयालाल राठौर के मकान पर त्रि दिवसीय हनुमंत जयन्ती समारोह का आयोजन किया जारहा है । निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज 2 अप्रेल गुरूवार को प्रातः 7 बजे से अखण्ड रामायण पाठ आयोजित होगी, 3 अप्रेल शुक्रवार को रामायण विराम के साथ प्रातः 10 बजे आरती होगी । 4 अप्रेल चैत्र पूर्णिमा संवत 2072 षनिवार को प्रातः 6-04 बजे श्री हनुमान जन्मोत्सव के साथ ही हनुमत अष्टोत्तर षतनामार्चन का आयोजन होगा । चन्द्रगुहण होने के कारण अल्पकालीन यज्ञादि कर्म संपादित किये जावेगें और भगवान हनुमान जी के जन्म समय पर ही प्रसादी का वितरण किया जावेगा । इस अवसर पर श्री कष्ट भंजक देव सालंगपुर  गुजरात से लाई गई अखण्ड ज्योति के दर्षन मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा वही श्री विष्णु चरण गयाजी के दर्षन लाभ का सुअवसर भी प्राप्त होगा । आगन्तुक सभी श्रद्धालुओं को श्री लक्ष्मी यंत्र 54 एवं भवन निर्माण यंत्र निषुल्क प्रदान किये जावेगें ।

जैल बगीचे में भक्तिभाव से मनायेगें हनुमान जयन्ती 

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झाबुआ---स्थानीय जैल बगीचा हनुमान मंदिर ’’ बालाजी धाम ’’ झाबुआ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हनुमान जयंती महोत्सव मनाया जारहा है । 4 अप्रेल को ग्रहण होने के कारण भण्डारे का आयोजन 5 अप्रेल रविवार को रखा गया है ।  4 अप्रेल को प्रातः 6 बजे जन्मोत्सव आरती के पश्चात मंदिर में पट बंद रखे जावेगें तथा ग्रहण समाप्ति के पश्चात सायंकाल 7-30 बजे आरती होगी । इस बीच 4 अप्रेल को प्रातः 8-30 बजे से अखण्ड रामायण पाठ होगा जो दिनांक 5 अप्रेल को अपरान्ह 11-30 बजे के लगभग पूर्ण होकर पूर्णाहूति के पष्चात आरती उतारी जावेगी । इसके बाद दोपहर 12 बजे से भंण्डारा प्रारंभ होकर सायंकाल 5 बजे तक चलेगा । बालाजी धाम हनुमान मंदिर समिति जैल बगीचा झाबुआ से सभी सदस्यों ने नगर की धर्मप्रेमी जनता से उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है ।

आर्ट आफ लिविंग कोर्स 8 अप्रेल से

झाबुआ---अंतर्राष्ट्रीय आर्ट आफ लिविंग संस्था की स्थानीय इकाई ’’ व्यक्ति विकास केन्द्र झाबुआ’’ द्वारा विष्व विख्यात हेप्पीनेस प्रोगा्रम 8 अप्रेल से 12 अप्रेल तक एम-2 रिसोर्ट में प्रातः 5-30 से 8-00 बजे तक आयोजित किया जारहा है । मानवतावादी संत और आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविषंकरजी द्वारा सचित हेप्पीनेस प्रोगा्रम के अंतर्गत सरल व्यायाम,आसन,प्राणायाम,ध्यान और सुदर्षनक्रिया द्वारा हमारे व्यक्तित्व को पूरी तरह निखारने का अवसर मिलता है, परिणाम स्वरूप हम ज्यादा स्फूर्ति,खुषी और उत्साह भरी जीवनचर्या पाते है । न्व युवाओं के लिये ’’यस’’ भी जानकारी देते हुए पलिनी कुरील ने बताया कि 13 से 17 वर्ष तक के नपवयुवकों के लिये खेल ही खेल में ज्ञान देने वाला अदभुद कोर्स ’’यस’’ भी आयोजित किया जारहा है  इसका समय सायं 6 से 8 बजे तक रहेगा । षिविर का संचालन आर्ट आफ लिविंग के वरिष्ठ षिक्षक खुमानसिंह चुण्डावत द्वारा किया जावेगा । इस पांच दिवसीय षिविर में भाग लेने के लिये संस्था के सेवाचार्य नलिनी कुरील, विक्रम सिसौदिया, सुनील राठौर, चारू दवे,डा. सविता यादव, रतन मोहनिया, कनिष्का राठौर, आदित्य पोरवाल, हर्ष मेहता, उज्वल कनौजिया, वैषाली कुरील,दीपक वर्मा आदि से संपक किया जासकता है ।

अभय रूनवाल अध्यक्ष, पंकज मोगरा सचिव मनोनित हुए, जैन सोष्यल ग्रुप झाबुआ की नवीन कार्यकारिणी का गठन हुआ

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झाबुआ--जैन सोष्यल ग्रुप के वर्ष 2015-2016 के लिए अध्यक्ष अभय रूनवाल, सचिव पंकज जैन मोगरा का सर्वानुमति से मनोनयन किया गया । नवीन अध्यक्ष व सचिव द्वारा सुनिता बाबेल उपाध्यक्ष, आषीष जैन सह सचिव, मनोज कटकानी कोषाध्यक्ष, राजेष मेहता को पी.आर.ओ. का दायित्व सौंपा गया । काउन्सलिंग मेम्बर पद के लिए प्रवीण रूनवाल, भरत बाबेल, संजय मेहता एवं मुख्य परामर्षदाता शषिकान्त छाजेड़, संतोष नाकोड़ा मनोनित किये गये । संचालक मंडल का दायित्व प्रदीप भंडारी, उल्लास जैन, अनूप घोड़ावत, वैभव सुराना, अमित सकलेचा, आषीष श्रीमाल, देवेन्द्र सेठिया, नितिन सकलेचा, प्रीति अग्रवाल, अंजू भंडारी, किरण भंडारी को सौंपा गया ं।जैन सोष्यल ग्रुप विगत कई वर्षों से सामाजिक कार्य, मानव सेवा, धार्मिक उत्थान के साथ ही ग्रुप के सदस्यों के लिए नित नये कार्यक्रमों का आयोजन करता है। ग्रुप के वर्तमान में 82 दंपत्ति सदस्य हैं । इस अवसर पर ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष निर्मल अग्रवाल सचिव राजेन्द्र संघवी कोषाध्यक्ष प्रेम प्रकाष कोठारी जैन समाज के धर्मचन्द मेहता कैलाष श्रीमाल प्रदीप रूनवाल भानुलाल शाह कमलेष कोठारी मुकेष नाकोड़ा अंतिम जैन प्रदीप जैन निखिल भंडारी मनोज मनोकामना दीपक भंडारी प्रमोद भंडारी द्वारा नई कार्यकारिणी को बधाई दी गई ।

महावीर जयन्ती की कांग्रेस ने दी बधाईयां

झाबुआ ---पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया एवं ने महावीर जयंती के अवसर पर अपने संदेष में कहा कि जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर महावीर स्वामी अहिंसा के मूर्तिमान प्रतिक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से ओत-प्रोत था। उन्होने दुनिया को अंिहंसा का पाठ  पढाया । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल पडियार एवं सुरेषचन्द्र जेन  ने कहा कि महावीर स्वामी ने दुनिया को पंचषील के सिद्वांत बताए। इसके अनुसार सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय, अहिंसा और क्षमा। उन्होने अपने उपदेषों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाने की कोषिष की तथा विष्व कल्याण हेतु सही मार्गदर्षन किया। जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर ने भी महावीर स्वामी के जन्मदिवस पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि महावीर स्वामी के बताए हुए रास्तों पर चलकर समाज, प्रदेष एवं देष के कल्याण हेतु हमें पूरी निष्ठा से अपने योगदान देना होगा तथा सत्य एवं अहिंसा के सद्मार्ग पर चलकर भारतीय संस्कृति को हमेषा अखण्ड बनाये रखना होगा। युवा नेता डा विक्रंात भूरिया, हनुमंतसिंह डाबडी,वीरसिंह भूरिया,रतनसिंह भाबर,नारायण भटृ नगीनषाह सुरेष मुथा, अग्निनारायणसिंह,जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटृ, आचार्य नामदेव, सेवादल संगठन राजेषभट्ट, लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष आषीष भूरिया, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विनय भाबोर,जिला कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहौत्री, उपाध्यक्ष प्रकाष रांका,रूपसिंह डामोर,अकमाल डामोर,संता तेरसिंह,षारदा अमरसिंह गेंदाल डामोर, शांता राजेष डामोर, कलावती मेडा, सायराबानो, मालु डोडियार हेमचंद डामोर मनीष व्यास,सलेल पठान, आदि ने महावीर जयन्ती की बधाईया दी है।

हनुमान मंदिर की रजत जयंति

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पिटोल- पिटोल के श्री संकट मोचन सिद्व हनुमान मंदिर ( हनुमान गढी ) का 25 वां वार्षिक उत्सव इस बार रजत जयंति वर्स के रुप में मनाया जा रहा है। दिनांक 2 अप्रेल से प्रारम्भ होकर 4 अप्रेल तक चलनें वाले इस उत्सव में विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे। 2 अप्रेल को मंदिर प्रांगण से चल समारोह निकाला जाऐगा । मंदिर समिति के संरक्षक ठाकुर दौलतसिंह एवं हर्षदराॅय मोढीया नें बताया कि दोपहर 2 बजे से हनुमान जी की भव्य ष्षोभायात्रा विभिन्न आकर्सणों के साथ हनुमान गढी से प्रारंभ होगी जो ग्राम के प्रमुख मार्गो से होते हुवे निकलेगी । ग्राम के प्रमुख मार्गो पर नवयुवक मण्डल,पाटीदार समाज एवं आजाद चोक युवा समिति द्वारा ष्षोभायात्रा का स्वागत किया जाऐगा।
       
ये होंगे आकर्सण ......
पिपलखंुटा के संत श्री 1008 दयारामदास जी महाराज के सानिध्य में निकलनें वाली इसष्षोभायात्रा में अष्वरोही विजय पताका,बेण्ड बाजे, ढोल, ताषे,सहित अन्य कार्यक्रम होगें। 3 अप्रेल को विषेस पुजा के साथ स्थानिय भक्त मण्डिलियों द्वारा भजन किर्तन एवं अमृतवाणीपाठ का आयोजन रखा गया है। दिनांक 4 अप्रेल को प्रातः 5.45 बजे जन्मोत्सव मंगला आरती, प्रातः 8 बजे हवन, 12 बजे पूर्णाहुति एवं 12 बजे से प्रसादी वितरण का कार्यक्रम रखा गया है। साथ ही दाहोद के डिम्पल भाई द्वारा प्रस्तुत सुमधुर संगीतमय भजनों का भी कार्यक्रम होगा। पिटोल मंदिर समिति के सदस्यों नें क्षैत्र की सभी धर्मप्रेमी जनता से अपिल की है कि वे मंदिर पर आयोजित सभी कार्यक्रमों में अपने नाते रिष्तेदारों सहित सम्मिलित हों।

मिशन इन्द्रधनुष में सात बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगेगे

झाबुआ---मिशन इन्द्रधनूष में सात बीमारियों से बचाव के लिए सात टीके लगाकर सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत 0-2 वर्ष तक के नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को सभी टीके लगाये जायेगे। ईंट भटटों स्लम एरिया निर्माण साइट इत्यादि को इस दौरान विशेष फोकस किया जाएगा।

दों दिन पूर्व से होगी माईंिकग
मिशन इन्द्रधनुष के लिए माइक्रोप्लान बनाया गया है। माइक्रोप्लान के सेशन जहां होने है वहां जिस दिन जिस समय में टीकाकरण होना है वहां भीली भाषा में मुनादी करवाई जाएगी एवं दो दिन पूर्व से ही गाॅव में माईकिंग करवाई जाएगी। आशा के क्षेत्र में सभी छूटे हुए बच्चों/गर्भवती महिलाओं को टीके लगवाने का उत्तरदायित्व आशा का है। यदि 2 वर्ष तक का कोई  बच्चा अथवा पात्र गर्भवती महिला छूट गई है,तो आशा कार्यकत्र्ता को नौकरी से निकाला दिया जाएगा। मीडिया एडवोकेशी में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देश दिये कि नुक्कड नाटक के माध्यम से प्रचार-प्रसार करवाये। हाट-बाजारो में नुक्कड नाटक का आयोजन करवाया जायें। प्रचार-प्रसार करने के लिए पंच सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाये।

50 रूपये प्रति टीकाकरण माॅ को दिया जाये
टीकाकरण करवाने आने वाली माता अपने बच्चे को टीकाकरण केन्द्र पर लाकर यदि टीका लगवाती है, तो उसे हर बार 50 रूपये दिया जाये। इस प्रकार का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए सीएमएचओ डाॅ. रजनी डावर को कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया। मीडिया कार्यशाला आज 1 अप्रैल को कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में संपन्न हुई। मीडिया कार्यशाला में सीएमएच ओ डाॅ. डावर जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. गणावा सहित बी.एम.ओ. एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मिशन इन्द्र धनुष में सहयोग नहीं देने वाली आंगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की होगी सेवा समाप्त  

झाबुआ---आगामी 7 अ्रप्रैल से जिले में मिशन इन्द्रधनुष के तहत छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया कि आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका द्वारा बच्चो एवं गर्भवती महिलाओं को केन्द्र पर ऐकत्रित किया जाये टीकाकरण कार्य में सेवाए नही देने वाली आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की  सेवाए समाप्त कर दी जाएगी।

खरीदी केन्द्र पर छलना, पंखा पेयजल रखने के निर्देश

झाबुआ---कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने गेहूॅ खरीदी केन्द्र के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर नमी मापक यंत्र, छलना, पंखा पेयजल आदि अनिवार्यतः रखे। किसी किसान के गेहूॅ में नमी, कचरा, मिट्टी होने पर खरीदी से मना नहीं किया जावें, अपितु किसान को समझाईश देकर गेहूॅ को सुखाने, छलना लगाने तथा पंखा उपयोग कर गेहूॅ को एफ0ए0क्यू बनवाकर खरीदी की जावे। नाॅन एफ. ए. क्यू गेहूॅ के सेम्पल रखे जाये। नाॅन एफ.ए.क्यू गेहॅू का सेम्पल रखने एवं रजिस्टर संधारित करने का उत्तरदायित्व मण्डी स्तर पर संबंधित मण्डी सचिव का तथा उपार्जन केन्द्र स्तर पर संबंधित उपार्जन संस्था के समिति प्रबंधक का रहेगा। सेम्पल पर किसान का नाम, गाॅव का नाम, दिनांक, खरीदी न करने का कारण आदि का उल्लेख करते हुए समिति के तथा संबंधित कृषक के हस्ताक्षर की पर्ची सेम्पल के अन्दर रखी जावें तथा सील्ड सेम्पल के उपर भी पर्ची की दुसरी प्रति चस्पा की जावे। उक्त आदेश का कडाई से पालन सुनिश्चित किया जावें, समय-समय पर जिला स्तरीय समिति को उपार्जन केन्द्रो के निरीक्षण हेतु भेजा जावेगा, उस समय यदि कोई  त्रुटि पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जावेगी। सभी एसडीएम को कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया है कि उपार्जन केन्द्र स्तर की समितियां गठित करते हुए अपने-अपने प्रभार क्षेत्र में तत्काल व्यवस्थाएॅ सुनिश्चित करे।

मर्ग के दो अपराध कायम

फरियादी भीमा पिता भीमसिंह भील, उम्र 50 वर्ष निवासी उमरकोट ने बताया कि नारसिंह पिता बालू, उम्र 35 वर्ष निवासी बयडी थाना सरदारपुर का अपने ससुराल गया था, शराब पीकर गिरा हुआ था, देखा तो मृत अवस्था में पडा था। थाना कालीदेवी में मर्ग क्र0 11/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी मोहन पिता दल्ला सिंगाड़, उम्र 30 वर्ष निवासी रलियावन ने बताया कि सुभाष पिता नरसिंह सिंगाड, उम्र 16 वर्ष निवासी रलियावन ने जहरीली दवाई पी ली थी। दौराने ईलाज मृत्यु हो गयी। थाना रायपुरिया में मर्ग क्र0 13/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध 
         
झाबुआ---फरियादी केवन पिता मोहन खराडी उम्र 34 वर्ष निवासी भूतखेड़ी ने बताया कि उसकी लडकी अपर्हता अपने कपडे सिलवाने का कहकर रानापुर आई थी आरोपी सुरेश पिता पारसिंग वाखला निवासी बावडी थाना उदयगढ अलीराजपुर का बहला फुसलाकर पत्नी बनाने की नियत से जबरन भगाकर ले गया। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 121/15, धारा 363,366 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (01 अप्रैल)

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दुष्कर्मी को दस साल की कठोर कैद
छतरपुर। सत्र न्यायाधीश आदर्श कुमार जैंन की अदालत ने 15 साल की किशोरी के साथ ज्यादती करने वाले आरोपी को दोषी करार देकर दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 6 जुलाई 2014 को 15 वर्षीय किशोरी के पिता ने थाना महाराजपुर में अपनी पुत्री के गुम होने की गुमसुदगी दर्ज कराई थी। थाना पुलिस ने दिनांक 10 जुलाई को ग्राम बौड़ा के एक खेत में किशोरी को बरामद किया था। किशोरी ने पूंछ तांछ करने पर पुलिस को बताया था कि जब वह दिन के करीब दो बजे दैनिक क्रिया के लिये गई थी। उसी दौरान ग्राम कुसमा का हरदास पुत्र राजाराम कुशवाहा ने आकर उसे शादी करने का झासा दिया और बहला फुसलाकर उसे अपनी मोटर साइकिल में बैठाकर कनेरा हार तरफ ले गया। हरदास ने उसके साथ जबरन ज्यादती की। एएसआई रुपनारायण अरजरिया ने मामला दर्ज करके आरोपी हरदास को गिरफ्तार किया और मामला अदालत के सुपुर्द कर दिया। सत्र न्यायाधीश आदर्श कुमार जैन की अदालत ने आरोपी हरदास को उक्त वारदात का दोषी करार दिया।    न्यायाधीश श्री जैन की अदालत ने आरोपी को ज्यादती के आरोप में आरोपी को दस साल की कठोर कैद, शादी करने का दवाब बनाने के आरोपीे में पॉच साल की कठोर कैद और किशोरी का व्यपहरण करने के आरोपी में तीन साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। 

अधिवक्ता संघ ने जजों को दी विदाई
chhatarpur news
छतरपुर। जिला अधिवक्ता संघ ने स्थानांतरित हुए पांच जजों को एक कार्यक्रम आयोजित कर विदाई दी। अधिवक्ता संघ के सचिव पंकज पाठक ने बताया कि जिला न्यायालय में पदस्थ विशेष न्यायाधीश संजीव दत्ता को कुटुम्ब न्यायालय सागर को प्रधान न्यायाधीश बनाया गया है। एसीजेएम एपी राहुल सीजेएम सीधी, एसीजेएम जेएस श्रीवास्तव सीजेएम उमरिया, चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णमूर्ति मिश्र सवलगढ़ मुरैना और जेएमफएफसी प्रदीप दुबे का निवाड़ी  के लिए स्थानांतरण हो गया है। अधिवक्ता संघ द्वारा बुधवार को वार रूम में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। अधिवक्ताओं द्वारा स्थानांतरित हुए जजों का माल्यार्पण करके शाल-श्रीफल से स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला सत्र न्यायाधीश आदर्श कुमार जैन, सीजेएम संजय कश्तवार, न्यायाधीश केपी सिंह, पीके शंखवार, लवकेश सिंह, वंदना त्रिपाठी, संघ के अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा, उपाध्यक्ष राममिलन शुक्ला, लक्ष्मी रैकवार, कोषाध्यक्ष राजाबाबू शुक्ला, जीपी दिनेश तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता जेडी चंदसौरिया, योगेंद्र प्रताप सिंह, केके त्रिपाठी, सरदार प्यार सिंह, पूर्व अध्यक्ष मनोज व्यास, राजेंद्र गुप्ता, रोमी मिश्रा, प्रमोद पाठक, अम्बोज सक्सेना सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।

सविता हत्याकाण्ड में खाकी पर लगा लापरवाही का दाग
  • पुलिस के नक्कारखाने में नहीं सुनी गई पीड़ित मॉं की करूण पुकार

छतरपुर। मंगलवार को जिस सविता रैकवार नाम की छात्रा की ओरछा रोड थाना क्षेत्र में धुबेला म्युजियम के पास पत्थरों से कुचल कर हत्या कर दी गई, उस मामले में कोतवाली पुलिस की बर्दी पर लापरवाही का दाग लग गया। यदि पुलिस मृतक सविता रैकवार की मॉं रामकुंअर रैकवार की करूण पुकार सुन लेती और समय पर कार्यवाही करती तो सविता रैकवार हत्याकाण्ड होता ही नहीं लेकिन पुलिस तो पुलिस है उसके नक्कारखाने में पीड़ित मॉं की करूण पुकार किसी ने नहीं सुनी। पुलिस के पास 4 बार मृतिका की मां आवेदन लेकर गयी लेकिन हर बार पुलिस ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। घटना वाले रोज तो तब इंतेहा हो गई जब रामकुंअर रैकवार कोतवाली से लेकर सिविल लाईन थाना, खजुराहो और बमीठा थाना तक के चक्कर लगाती रही लेकिन किसी भी थाने की पुलिस ने गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करना तक उचित नहीं समझा। बुधवार को जब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ तो सभी ने पुलिस की कार्यषैली पर सवाल उठाये और उसे जमकर कोसा। 

क्या है मामला ?
शहर के नजर बाग मुहल्ले में रहने वाली रामकुंअर रैकवार घरों में काम कर अपनी तीन बेटियों का लालन पालन कर रही है। रामकुंअर के पति ने उसे केवल इस लिये छोड़ दिया था क्योंकि वह बेटा पैदा नहीं कर सकी थी। किसी तरह घरों में बर्तन मांज मांज कर एक मां ने अपनी तीनों बेटियों को पाला और पढ़ाया। इसी बीच मुहल्ले का ही एक सिरफिरा युवक सूरज रैकवार रामकुंअर की बेटियों को परेषान करने लगा, आये दिन शराब पीकर गाली गलौज करना और बेटियों के साथ छेड़छाड़ करना उसकी आदत में सुमार हो गया था। 19 फरवरी को रामकुंअर रैकवार कोतवाली पुलिस के पास पहुंची और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराना चाही लेकिन पुलिस ने धारा 155 के तहत कार्यवाही कर युवक को समझा बुझाकर भगा दिया। 28 मार्च को रामकुंअर फिर कोतवाली पहुंची और बताया कि सूरज रैकवार उसकी बेटी को जान से मार डालने की धमकी दे रहा है लेकिन पुलिस ने इस बार भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की और पीड़ित मां को दुत्कार कर थाने से भगा दिया। 31 मार्च को सविता रैकवार परीक्षा देने कॉलेज गई लेकिन जब लौट कर नहीं आई तो पीड़ित मां सुबह 10 बजे कोतवाली पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराना चाही, पर कोतवाली पुलिस ने उसे सिविल लाईन थाना पुलिस के पास भेज दिया। सिविल लाईन थाना पुलिस ने भी रिपोर्ट नहीं लिखी, इसी बीच किसी ने बताया कि उसकी बेटी खजुराहो में है, तो मां अपनी छोटी बेटी को साथ लेकर खजुराहो पहुंच गई, खजुराहो पुलिस ने उसे यह कह कर बमीठा थाना भेज दिया कि रेलवे स्टेषन बमीठा थाना क्षेत्र में आता है। इसी बीच सविता की लाष पड़े होने की सूचना पुलिस को मिल गई। पुलिस की यह असंवेदनषीलता यह सावित करती है कि सविता की हत्या पुलिस की लापरवाही के कारण ही हुई है। 

शव वाहन के नीचे लेटी मॉं
अस्पताल में जैसे ही सविता रैकवार का शव लेकर वाहन आगे बढ़ा, पीड़ित मां रामकुंअर रैकवार, उसकी बेटी कविता सहित तमाम लोग शव वाहन के नीचे लेट गये। पीड़ित मां चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी कि कोतवाली टीआई ने उसके सामने सूरज से पैसे ले लिये और मामला दर्ज नहीं किया, अगर पुलिस रिपोर्ट लिख कर आरोपी को पकड़ लेती तो उसकी बेटी की जान बच जाती। यहां देखते ही देखते हंगामा खड़ा हो गया और लगभग डेढ़ घण्टे तक शव वाहन आगे नहीं बढ़ पाया। काफी हंगामें के बाद जब लोगों ने छत्रसाल चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम करने की योजना बनाई और कोतवाली टीआई डीडी आजाद को सस्पेंड करने की मांग ने जोर पकड़ा, तब जाकर कहीं पुलिस ने लोगों की बात सुनी। इसी बीच यहां नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह, उपेन्द्र प्रताप सिंह लकी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, पत्रकार प्रतीक खरे, हरी अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, देवेंद्र दीप सिंह राजू सरदार, अंकुर यादव, राजीव खरे, गोबिंद तिवारी, अभिलेख खरे, अरविंद पटेरिया, पार्षद राघवेंद्र सिंह बुंदेला, द्रोपदी कुषवाहा, मद्दू नेता, लालचंद लालवानी, राममूर्ति राजपूत, अभिषेक खरे, समाज सेविका गायत्री देवी परमार, अफसर जहां, मीरा सिंह, प्रभा वैद्य के अलावा शहर के तमाम गणमान्य नागरिक पहुंचे और टीआई को सस्पेंड करने का  दबाव बनाने लगे।

लाईन अटैच हुये टीआई
मौके पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय, नगर पुलिस अधीक्षक डीएस परिहार, एसडीएम डीपी द्विवेदी निष्पक्ष जांच कराने की बात कहते रहे लेकिन जब हंगामा ज्यादा बढ़ने लगा और अधिकारियों को लगा कि वाकई में कोतवाली पुलिस की गलती है तब कहीं जाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय ने पुलिस कप्तान से दूरभाष पर चर्चा की और फिर सभी की उपस्थिति में टीआई डीडी आजाद को लाईन अटैच करने की घोषणा की लेकिन उसके बाद भी पीड़ित मां एम्बुलेंस के नीचे से उठने को तैयार नहीं हुई। उसका कहना था कि जब तक यह आदेष लिखित में नहीं दिया जायेगा, तब तक वह एम्बुलेंस के नीचे ही लेटी रहेगी। बाद में नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह के समझाने पर किसी तरह विवाद शांत हुआ। 

गुड्डू-अर्चना ने कराया अंतिम संस्कार
इस पूरे घटनाक्रम में मंगलवार को दिन भर पुलिस से संपर्क में रही नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह और रात में पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाते रहे गुड्डू सिंह ने इस होनहार छात्रा का अंतिम संस्कार करवाया। शव अस्पताल से सीधे मुक्तिधाम ले जाया गया, जहां पहली बार 5 दर्जन से भी अधिक महिलायें अंतिम संस्कार के वक्त श्मषान घाट पर मौजूद रहीं। गुड्डू सिंह व उनकी धर्मपत्नि अर्चना सिंह ने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्थायें जुटाईं और अंतिम क्रिया की रष्म सविता की छोटी बहिन कविता ने निभाई। जब कविता ने अपनी बड़ी बहिन को मुखाग्नि दी तो उसकी आंखें नम आंखों को देख अंतिम संस्कार में शामिल हुये सभी समाजसेवियों की भी आंखें छलक पड़ीं। यहां लोगों ने अर्चना सिंह और गुड्डू सिंह द्वारा दिखाई मानवीयता की जमकर सराहना की। 

आज निकाला जायेगा केंडिल मार्च
अंतिम संस्कार के बाद समाज सेविका मीरा सिंह ने श्मषान घाट पर ही 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी और कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण एक होनहार छात्रा उत्पीड़न और हत्या का षिकार हुई है। पुलिस की यह लापरवाही क्षम्य नहीं है। उन्होने कहा कि सभी समाज सेवी महिलायें गुरूवार की शाम 5 बजे छत्रसाल चौराहे पर एकत्रित होंगी तथा अपने अपने सिर पर काली पट्टी बांध कर पुलिस का विरोध करेंगी और केंडिल मार्च निकाल कर मृतात्मा की शांति हेतु ईष्वर से प्रार्थना करेंगी। उन्होने नगर के सभी समाजसेवियों, राजनैतिक संगठनों के प्रतिनिधियों, व्यापारियों, पत्रकारों से आग्रह किया है कि वे इस कार्यक्रम में आवष्यक रूप से उपस्थित हों। 

पहला नहीं है यह मामला
पुलिस की लापरवाही से हुई मौत का यह मामला पहला नहीं है, इससे पहले भी छतरपुर जिले में कई मौतें केवल पुलिस की लापरवाही के कारण हुईं हैं। लगभग 1 महीने पहले ग्राम कालापानी में एक सनकी पति ने अपनी पत्नी को एक कमरे में बंधक बना लिया था, परिजनों इसकी सूचना ओरछा रोड पुलिस को दी, पुलिस मौके पर भी गई और दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सनकी पति को हिदायत देकर वापस लौट आई लेकिन जब उसने महिला को मुक्त नहीं किया तो फिर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मकान के बार खड़ी रही ओर अंदर सनकी पति ने अपनी पत्नी का गला काट कर हत्या कर दी। इस मामले मे ओरछा रोड टीआई दिलीप पाण्डेय पहले ही लाईन अटैच हो चुके हैं और अब कोतवाली पुलिस की लापरवाही के कारण नजर बाग निवासी सविता रैकवार की मौत हुई है। 

ईडी ने की मारन बंधुओं की 742 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी लाउंड्रिंग मामले की जांच के तहत पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके बिजनेसमैन भाई कलानिधि मारन और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों से संबंधित 742.58 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया है। ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी, जिसने पिछले कुछ माह में मारन बंधुओं से कई बार पूछताछ की है, ने प्रोवीजन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्‍ट के तहत अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया है। अटैच की गई संपत्ति में सन टीवी के एमडी कलानिधि मारन की फि‍क्‍स्‍ड डिपॉजिट और म्‍यूचुअल फंड का बड़ा हिस्‍सा है। कलानिधि मारन की पत्‍नी कावेरी की संपत्ति में ईडी ने कुर्क की है। ईडी ने दयानि‍धि की एफडी समेत 7.47 करोड़ रुपए की संपत्ति, कला‍निधि की 100 करोड़ रुपए की एफडी और 2.78 करोड़ रुपए के म्‍यूचुअल फंड, उनकी पत्‍नी की 1.30 करोड़ की एफडी और 1.78 करोड़ रुपए के म्‍यूचुअल फंड को अटैच किया है।

आधिकारिक ऑर्डर में कहा गया है कि 742.58 करोड़ रुपए की अवैध राशि मॉरीशस की कंपनी द्वारा दयानिधि की दो कंपनियों सन डायरेक्‍टर टीवी प्राइवेट लिमिटेड और साउथ एशिया एफएम लिमिटेड को भेजी गई है। इन दोनों कंपनियों का मालिकाना हक और नियंत्रण कलानिधि के पास है। इस धन का उपयोग कंपनियों ने अपने कारोबार और निवेश में किया है। सन डायरेक्‍ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड में कलानिधि और उनकी पत्‍नी कावेरी की 80 फीसदी हिस्‍सेदारी है। इस मामले में मन लाउंड्रिंग जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रही है। ईडी ने इस सौदे को लेकर 2012 में आपराधिक मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने आरोप लगाए हैं कि दयानिधि मारन ने 2006 में दूरसंचार मंत्री रहते हुए चेन्‍नई के टेलीकॉम प्रमोटर सी सिवाशंकरन पर एयरसेल और दो सब्सिडियरी में अपनी हिस्‍सेदारी मलेशिया की कंपनी मैक्सिस ग्रुप को बेचने के लिए जबरन मजबूर किया था।

‘मम्मी पापा हमे पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’

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सर्व शिक्षा अभियान के तहत शहर से लेकर देहात तक में नन्हें-मुन्ने बच्चों संग अध्यापक-अध्यापिकओं ने निकाली जागश्रकता रेली 

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दुद्धी-सोनभद्र। जन-जन का यह नारा है, सर्व शिक्षा अभियान हमारा है, अशिक्षा दूर करो, सब पढ़ो, सब बढ़ो, आओ स्कूल चलें, के संदेश के साथ शहर से लेकर देहात तक के स्कूलों से जनचेतना रैली निकाली गई। रैली में छात्राओं के अलावा अध्यापक व अध्यापिकाएं भी शामिल रही। सर्व शिक्षा अभियान की शुरूआत एक मार्च से की गई है। इस दौरान रैली समापन बाद बच्चों को वार्षिक परीक्षाफल भी वितरीत किया गया। 

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प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा प्रथम, दुद्धी-सोनभद्र के रैली में शामिल बच्चे हाथ में ‘मम्मी पापा हमे पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’, ‘कोई न छूटे अबकी बार, शिक्षा का है सबका अधिकार’, ‘हम बच्चों का नारा है, शिक्षा का अधिकार हमारा है’ आदि की तख्तियां लेकर गांव में घूमे और अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाल बाल अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने में शिक्षकों को लगाया गया है। सरकार द्वारा दी जा रही लाभकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बता कर, बच्चों को विद्यालय जरुर भेजने की अपील की गई। इस दौरान 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, कक्षा 1 से 8 के सभी बच्चों को निःशल्क पाठ्य पुस्तकें, प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चों की पूर्व निर्धारित मीनू के अनुसार गर्म पका-पकाया माध्यांह भोजन, ड्रेस, 1 से 5 कक्षा के बच्चों को 300 व 6 से 8 कक्षा के बच्चों को 480 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति के बारे में लोगों को बता जागरूक करने का प्रयास किया गया। अध्यापिका वर्षा जायसवाल ने कहा कि समाज को 14 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल भेजने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वर्तमान परिवेश में बच्चों की शिक्षा जरुरी है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों के साथ मां-बाप की भी है। स्कूल नहीं आ पा रहे बच्चों को लाने के लिए सभी को आगे आना होगा। रैली में नुक्कड़ नाटक भी पेश किए गए। इन नाटकों में विकलांगता उन्मूलन छुआछूत व सर्वशिक्षा अभियान जैसे मुद्दों को उठाया गया। इसमें बच्चों ने गांवों में जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया।

आज महावीर ज्यादा प्रासंगिक हैं : -गणि राजेन्द्र विजय -

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परमात्मा आत्मा से भिन्न नहीं होता। आत्मा ही क्रमशः विकसित होती हुई परमात्मा बन जाती है। जिस आत्मा के मन, वचन और कर्म एक रूप बन जाते हैं, वह महात्मा है तथा जिसके मन, वचन और कर्म सर्वथा समाप्त हो जाते है वह परमात्मा है। प्रत्येक आत्मा में परमात्मा बनने की शक्ति है। वह अपनी शक्ति का उद्घाटन कर परमात्म-पद प्राप्त कर सकती है। प्रत्येक आत्मा की सर्वोच्च अर्हता का स्वीकार भगवान महावीर की एक अनुपम देन है।
महावीर अब हमारे बीच नहीं है पर महावीर की वाणी हमारे पास सुरक्षित है। महावीर की मुक्ति हो गई है पर उनके विचारों की कभी मुक्ति नहीं हो सकती। आज कठिनाई यह हो रही है कि महावीर का भक्त उनकी पूजा करना चाहता है पर उनके विचारों का अनुगमन करना नहीं चाहता। उन विचारों के अनुसार तपना और खपना नहीं चाहता। महावीर के विचारों का यदि अनुगमन किया जाता तो देश और राष्ट्र की स्थिति ऐसी नहीं होती।
महावीर ने धर्म के धरातल पर खड़े होकर समता का संदेश दिया। उन्होंने जन-जन के आचार-विचार और व्यवहार में समता का बीज अंकुरित किया। अस्पृश्यता, वर्गवाद और जातिवाद को अतात्विक बताया। जो व्यक्ति जातिवाद को प्रश्रय देता है, अमीर और गरीब में विषमता के दर्शन करता है, मनुष्य-मनुष्य के बीच स्पृश्यता और अस्पृश्यता की भेद रेखा खींचता है, वह वस्तुतः न भगवान महावीर के प्रति नत हो सकता है और न ही उनके सिद्धांतों के प्रति ही।
भगवान महावीर का दर्शन अहिंसा और समता का ही दर्शन नहीं है, क्रांति का दर्शन है। उनकी ़़ऋतंभरा प्रज्ञा ने केवल अध्यात्म या धर्म को ही उपकृत नहीं किया, व्यवहार-जगत को भी संवारा। उनकी मृत्युंजयी साधना ने आत्मप्रभा को ही भास्वर नहीं किया, अपने समग्र परिवेश को सक्रिय किया। उनका अमोघ संकल्प तीर्थंकर बनकर ही फलवान नहीं हुआ, उन्होंने जन-जन को तीर्थंकर बनने का रहस्य समझाया। एक धर्म तीर्थ का प्रवर्तन करके ही वे कृतकाम नहीं हुए, उन्होंने तत्कालीन मूल्य-मानकों को चुनौती दी। वे आत्मवेध विद्या में ही पारंगत नहीं थे, लोकाचार को भी बखूबी समझते थे। वे केवल तत्ववेत्ता ही नहीं थे, तत्व की आत्मा को साक्षात देखते थे। उन्होंने प्रगतिशील विचारों को सही दिशा ही नहीं दी, उनमें आए ठहराव को तोड़कर नई क्रांति का सूत्रपात किया। उन्होंने धर्म और कर्म के क्षेत्रा में ही क्रांति की चिनगारियां नहीं विखेरीं, अर्थहीन परम्पराओं को झकझोर डाला।
भगवान महावीर किसी एक परिवार, समाज या राष्ट्र से अनुबंधित नहीं थे। उनकी चेतना के तल पर प्राणीमात्र का दुःख या सुख संवेरित था। वे मानवीय धरातल पर जीते थे और मानवमात्र की हितैषणा में समर्पित थे। उनकी अनुभूति में ऊंच-नीच या छोटे-बड़े की कोई भेदरेखा आकार नहीं ले पाई थी। उन्होंने अपने ज्ञानोपयोग के दर्पण में झांका। वहां प्रतिबिम्बित मानवता के विकृत रूप ने उनको बेचैन कर दिया। मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद की वह ऊंची दीवार उनके लिए असहय अवश्य थी। पर दुर्लघ्य नहीं। उन्होेंने उस दीवार को लांघा ही नहीं, भूमिसात कर दिया।
अपराधी मनोवृत्ति का सर्जक मनुष्य स्वयं तो है ही उसमें परिस्थिति का भी योग रहता है। खलील जिब्रान ने अपराध-चेतना पर अपनी ओर से टिप्पणी करते हुए लिखा है-‘जिस प्रकार वृक्ष का एक भी पत्ता पूरे वृक्ष की मूक चेतना के बिना नहीं गिर सकता, ठीक उसी प्रकार समाज की सुप्त चेतना के बिना अपराधी अपराध नहीं कर सकता।’ जिस समय भारत में महावीर और बुद्ध ने क्रांति की पौध को सिंचन दिया, उस समय चीन में लाओत्से और कन्फ्रयूशियस के दार्शनिक विचारों की धूम थी, यूनान में हेराक्लाइट्स और पाइथागोरस का नाम गूंज रहा था। फिलिस्तीन में पेर्मियाह के मंतव्य की चर्चा थी और पारस देश में जरथुस्त्र का वर्चस्व स्थापित हो रहा था।
दार्शनिक मतवाद के उस काल में भी महावीर कहीं ठहरे नहीं, चलते रहे। क्योंकि उन्होंने सत्य को बाहर से नहीं भीतर से पकड़ा था। इसलिए सत्योपलब्धि की साधना करते समय वे जिन भयावह परिस्थितियों से गुजरे, उनका प्रभाव उनके अन्तस का स्पर्श नहीं कर सका। हर पीड़क घटना में वे अपने निकट से गुजरती हुई मृत्यु को देखते थे, पर एक पल के लिए भी वे प्रकम्पित नहीं होते थे। प्रत्येक झंझावत को अपने सिर पर झेलकर महावीर ने सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया। उस समय वे परिपूर्ण ज्ञानी थे। कुछ लोगांे ने उन पर भांति-भांति के आरोप लगाए, पर महावीर की समता खंडित नहीं हुई।
देश और काल की सीमाओं से अबाधित महावीर के व्यक्तित्व का कोई भी छोर ऐसा नहीं है, जो अलौकिक न हो। वे महाकारुणिक, परिजाता बनकर इस धरती पर आए और उन सबको त्राण दिया, जो समाज में उपेक्षित, प्रताडि़त तथा पीडि़त थे। एक विप्लवी शक्ति के रूप में उभरने पर भी उनके परिपाश्र्व में सृजनात्मक सत्ता का साम्राज्य था। उनके सृजन की शलाका से जो कुछ उकेरा गया, वह शाश्वत बन गया। प्रस्तुतिः ललित गर्ग



(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : विभिन्न गिरजाघरों में पवित्र सप्ताह के दौरान होने वाले धार्मिक कार्यक्रम

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1998 से क्रूस ढोने को बाध्य एंड्रु आंजिलों  एंड्रु आंजिलों को 1998 से क्रूस ढोने को बाध्य कर दिया है। वह संत जेवियर हाई स्कूल के परिसर में ‘येसु समाज‘ के कार्यालय में कार्यरत थे। बीमार पड़ने के बाद चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र लेकर कार्यालय गए। प्रमाण-पत्र देकर कहा कि आपसे कार्य नहीं हो सकेगा। कार्य से विमुक्त कर दिया गया। इसके बाद येसु समाजी फादर विन्सेंट फ्रांसिस के सहयोग से उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज किया गया। यहां पर मामला जमा नही ंतो 2001 में श्रम न्यायालय में मामला पेश किया। यहां पर एंड्रु आंजिलों को डिग्री प्राप्त हुआ। मगर ‘येसु समाज‘ के कार्यालय मान्य नहीं दिया। मामला 2013 में पटना उच्च न्यायालय में रेफर किया गया। माननीय न्यायालय के आदेश से 2013 में ही एक दिन एंड्रु आंजिलों कार्य करने ‘येसु समाज‘ के कार्यालय में गए। वहां के अधिकारी फादर ने कहा कि आप माननीय उच्च न्यायालय से डिग्री लेकर आए,तब जाकर बहाल कर लिया जाएगा। अब सारी निगाहे पटना उच्च न्यायालय पर जाकर टिक गया है।पेश है आलोक कुमार की विशेष रिपोर्ट।

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सूबे के 38 जिलों के गिरजाघरों में पवित्र सप्ताह के दौरान धार्मिक कार्यक्रम होगा। पवित्र शुक्रवार को ईसा मसीह का शहादत दिवस है। इस दिन ईसा मसीह सलीब पर चढ़ाकर मार दिए गए थे। इसके साथ ही 40 दिवसीय दुःखभोग का खात्मा हो जाएगा। पवित्र बाइबिल में उल्लेखित ईसा मसीह सलीब पर चढ़ाने के तीन दिनों के बाद मृत्यु में से जी उठेंगे। इसकी खुशी में पवित्र शनिवार को अर्द्धरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा। इसके अगले दिन ईस्टर संडे को सुबह में धार्मिक पूजा आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही ऐतिहासिक घटना मृतकों में से ईसा मसीह का पुर्नरूत्थान -पर्व (ईस्टर) समाप्त हो जाएगा। 

ईसा को मार डालने का षड़यंत्रः ईसा मसीह ने अपने शिष्यों से कहा,‘तुम जानते हो कि दो दिन बाद पास्का पर्व है। तब मानव पुत्र क्रूस पर चढ़ाये जाने के लिए पकड़वाया जाएगा‘। उसे समय कैफस नामक प्रधानयाजक के महल में महायाजक और जनता के नेता एकत्र हो गए। सभी आपस में यह परामर्श किया कि हम किस प्रकार ईसा को छल से गिरफ्तार कर लें और मरवा दें। फिर भी कहते थे कि पर्व के दिनों में नहीं। कहीं ऐसा न हो कि जनता में हंगामा हो जाए। 

ईसा के बारहों शिष्यों में से एक ने चुम्बन देकर पकड़ा दियाः वह ईसा के परम भक्त शिष्य यूदस इसकारियोती है।जो महायाजकों के पास जाकर कहा कि यदि मैं ईसा को आपलोगों के हवाले कर दूं, तो आप मुझे क्या देने को तैयार हैं? उन्होंने चांदी के तीस सिक्के दिये।संध्या हो जाने पर ईसा बारहों शिष्यों के साथ भोजन करते समय ईसा ने कहा कि तुम में से एक मुझे पकड़वा देगा। यूदस इसकारियोती सीधे ईसा के पास कर कहा कि गुरूवर! प्रणाम! और उनका चुम्बन किया। ईसा ने कहा कि जो करने आए हो, कर लो। तब लोग आगे बढ़ आये और उन्होंने ईसा को पकड़कर गिरफ्तार कर लिया। 

गुड फ्राइडे के दिन सार्वजनिक छुट्टीः इस अवसर पर ईसाई धर्मावलम्बी उपवास और परहेज रखेंगे। मौके पर ईसा मसीह के साथ 40 दिनों तक घटित दुःखभोग को झांकी के रूप में पेश किया जाएगा। इसे 14 मुकाम कहा जाता है। इस बार सुबह और दोपहर में क्रूस का रास्ता तय किया जाएगा। इसमें ईसा मसीह की तकलीफ को दर्शाया गया है। भारी भरकम सलीब ढोने के कारण राह में तीन बार गिर जाते हैं। पसीना से तर ब तर हो जाते हैं। लोग रूमाल से पसीना पोछते हैं। ऐसा करने से मसीह का चेहरा रूमाल में छप जाता है। सलीब ढोने में कुरेने निवासी सिमोन मिला और उसे ईसा का क्रूस उठा ले चलने के लिए बाध्य किया। ईसा कहते हैं कि आपलोग मेरे खातिर मत विलाप करे। आप अपने और अपने परिवार वालों के लिए विलाप करें। 

ईसा को पवित्र शुक्रवार को सलीब पर चढ़ाकर मार डालाः ईसा को गोलगोथा अर्थात् खोपड़ी की जगह कहलाती है। वहां पर ईसा को क्रूस पर चढ़ाया। दोपहर से तीसरे पहर तक पूरे प्रदेश पर अंधेरा छाया रहा। लगभग तीसरे पहर ईसा ने ऊंचे स्वर से पुकारा,एली!एली!लेमा सबाख्रतानी ?इसका अर्थ है- मेरे ईश्वर ! मेरे ईश्वर ! तूने मुझे क्यों त्याग दिया है? तब ईसा ने ऊंचे स्वर से पुकार कर प्राण त्याग देते हैं। इस तरह ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला गया। इस मौत ने मानव को मृत्युलोक में जाने के बाद पुरूत्थान का मार्ग खोल दिया है। खुद को ईसा मसीह के प्रतिनिधि मानने वालों ने एंड्रु आंजिलों को 1998 से क्रूस ढोने को बाध्य कर दिया है। वह संत जेवियर हाई स्कूल के परिसर में ‘येसु समाज‘ के कार्यालय में कार्यरत थे। बीमार पड़ने के बाद चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र लेकर कार्यालय गए। प्रमाण-पत्र देकर कहा कि आपसे कार्य नहीं हो सकेगा। कार्य से विमुक्त कर दिया गया। इसके बाद येसु समाजी फादर विन्सेंट फ्रांसिस के सहयोग से उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज किया गया। यहां पर मामला जमा नही ंतो 2001 में श्रम न्यायालय में मामला पेश किया। यहां पर एंड्रु आंजिलों को डिग्री प्राप्त हुआ। मगर ‘येसु समाज‘ के कार्यालय मान्य नहीं दिया। मामला 2013 में पटना उच्च न्यायालय में रेफर किया गया। माननीय न्यायालय के आदेश से 2013 में ही एक दिन एंड्रु आंजिलों कार्य करने ‘येसु समाज‘ के कार्यालय में गए। वहां के अधिकारी फादर ने कहा कि आप माननीय उच्च न्यायालय से डिग्री लेकर आए,तब जाकर बहाल कर लिया जाएगा। अब सारी निगाहे पटना उच्च न्यायालय पर जाकर टिक गया है।मिशनरी के द्वारा प्रताड़ित सैकड़ों लोग हैं। जो प्रत्येक दिन क्रूस ढोने को बाध्य हैं। इनके लिए आंदोलन नहीं किया जाता है। कारण कि मिशनरी शक्तिशाली होते हैं।

जरूरत है महावीर के अहिंसा दर्शन : - आचार्य महाश्रमण -

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महावीर अब हमारे बीच नहीं है पर महावीर की वाणी हमारे पास सुरक्षित है। महावीर की मुक्ति हो गई है पर उनके विचारों की कभी मुक्ति नहीं हो सकती। आज कठिनाई यह हो रही है कि महावीर का भक्त उनकी पूजा करना चाहता है पर उनके विचारों का अनुगमन करना नहीं चाहता। उन विचारों के अनुसार तपना और खपना नहीं चाहता। महावीर के विचारों का यदि अनुगमन किया जाता तो देश और राष्ट्र की स्थिति ऐसी नहीं होती। भगवान महावीर का दर्शन अहिंसा और समता का ही दर्शन नहीं है, क्रांति का दर्शन है। उनकी ़़ऋतंभरा प्रज्ञा ने केवल अध्यात्म या धर्म को ही उपकृत नहीं किया, व्यवहार-जगत को भी संवारा। उनकी मृत्युंजयी साधना ने आत्मप्रभा को ही भास्वर नहीं किया, अपने समग्र परिवेश को सक्रिय किया। उनका अमोघ संकल्प तीर्थंकर बनकर ही फलवान नहीं हुआ, उन्होंने जन-जन को तीर्थंकर बनने का रहस्य समझाया। एक धर्म तीर्थ का प्रवर्तन करके ही वे कृतकाम नहीं हुए, उन्होंने तत्कालीन मूल्य-मानकों को चुनौती दी।

‘सूयगडो’ सूत्र में एक जगह आया है ‘लोगुत्तमे समणे नायपुत्ते’ अर्थात् श्रमण भगवान महावीर लोक (दुनिया) में उत्तम हैं। लोकोत्तम कौन हो सकता है? लोकोत्तम वही व्यक्ति हो सकता है, जो अहिंसा का पुजारी होता है। श्रमण महावीर परम अहिंसक थे, इसीलिए सूत्रकार ने उन्हें लोकोत्तम विशेषण से विशिष्ट किया है। इस अवसर्पिणी काल में चैबीस तीर्थंकर हुए हैं। माना जाता है कि उन तीर्थंकरों के शरीर के दक्षिणांग में एक चिन्ह था, जिसे ध्वज भी कहा जाता है। महावीर का ध्वज-सिंह है। यह कैसी विसंगति है। एक तरफ अहिंसा अवतार महावीर और दूसरी तरफ सिंह जो हिंसा का प्रतीक है। यह समानता कैसे? क्या इसमें भी कोई राज है? हम दूसरे प्रकार से सोचेंगे तो पता चलेगा कि यह बेमेल नहीं, बल्कि बहुत उचित मेल है। सिंह-पौरुष और शौर्य का प्रतीक है। भगवान महावीर की अहिंसा शूरवीरों की अहिंसा है, कायरों की नहीं। पलायनवादी और भीरु व्यक्ति कभी अहिंसक नहीं हो सकता। अहिंसा की आराधना के लिए आवश्यक है-अभय का अभ्यास। सिंह जंगल का राजा होता है, वन्य प्राणियों पर प्रशासन व नियंत्रण करता है, इसी तरह महावीर की अहिंसा है अपनी इन्द्रियों और मन पर नियंत्रण करना। 

महावीर अगर अभय और पराक्रमी नहीं होते तो वे संगमदेव द्वारा उपस्थापित मारणान्तिक उपसर्गों को सहन नहीं कर सकते। वे चण्डकौशिक के डंक की पीड़ा को आनन्द में नहीं, परिणाम में पाते। जन-साधारण के समक्ष अगर कोई ऐसा उपसर्ग उपस्थित हो जाता है, तो घबड़ा कर भाग जाता है या कोई शक्तिशाली होता है तो उसे मिटाने की कोशिश करता है। महावीर पलायन और प्रतिबंध दोनों से ऊपर उठे हुए थे। महावीर चण्डकौशिक को देखकर घबराये नहीं। सांप ने डंसा तो भी उनके मन में प्रतिशोध के भाव नहीं जागे। वे जानबूझ कर सलक्ष्य सर्प की बांबी के पास गये थे। उन्हें अपनी सुरक्षा का भय नहीं था। महावीर की अहिंसा थी सर्वत्र मैत्री। उनकी मैत्री संकुचित दायरे में आबद्ध नहीं थी। उनके मन में चण्डकौशिक सर्प के प्रति भी उतने ही मैत्री के भाव थे, जितने कि अन्य प्राणियों के प्रति। 

श्रमण महावीर अपने नश्वर शरीर की सार-संभाल छोड़ चुके थे। परम अहिंसक वह होता है जो अपने शरीर की मूच्र्छा त्याग देता है, जिसे मृत्यु का भय व्यथित नहीं करता। भगवान महावीर ने इस संकल्प के साथ अभिनिष्क्रमण किया कि मैं अपने पूरे साधनाकाल में शरीर की सार-संभाल न करता हुआ, शरीर पर मूच्र्छा न करता हुआ विचरण करूंगा। भगवान महावीर अहिंसा की अत्यंत सूक्ष्मता में गये हैं। आज तो विज्ञान ने भी सिद्ध कर दिया है कि वनस्पति सजीव है, पर महावीर ने आज से अढ़ाई हजार वर्ष पूर्व ही कह दिया था कि वनस्पति भी सचेतन है, वह भी मनुष्य की भांति सुख-दुःख का अनुभव करती है। वनस्पति इतनी सुकोमल होती है कि उसका स्पर्श करने मात्र से उसे पीड़ा होती है। महावीर ने कहा-पूर्ण अहिंसा व्रतधारी व्यक्ति सजीव वनस्पति का स्पर्श भी नहीं कर सकता। 

महावीर की अहिंसा है-‘आयतुलेपयासु’ परम अहिंसक वह होता है जो संसार के सब जीवों के साथ तादात्म्य स्थापित कर लेता है, जो सब जीवों को अपने समान समझता है। इस आत्मतुला को जाननेवाला और इसका आचरण करनेवाला ही महावीर की परिभाषा में अहिंसक है। उनकी अहिंसा की परिभाषा में किसी प्राणी का प्राण-वियोजन करना ही हिंसा नहीं है, किसी के प्रति बुरा चिन्तन करना भी हिंसा है। परम-अहिंसक वह होता है जो अपरिग्रही बन जाता है। हिंसा का मूल है परिग्रह। परिग्रह के लिए हिंसा होती है। आज विश्व में परिग्रह की समस्या है। एक महिला जिसके पैरों में सोने के कड़े हैं, उसके पैर काट लिये जाते हैं। एक औरत जिसके कानों में स्वर्ण के कुण्डल हैं, उसके कान काट लिये जाते हैं। ऐसी घटनाएं क्यों घटती हैं? परिग्रह के लिए। परिग्रह में आसक्त व्यक्ति निरपराध प्राणी की भी नृशंस हत्या कर डालता है। एक व्यक्ति धन आदि के प्रलोभन में आकर किसी के कहने से किसी की हत्या कर डालता है। बड़ी-बड़ी डकैतियां और चोरियां होती हैं, इन सब अपराधों का केन्द्र-बिन्दु है-परिग्रह। भगवान महावीर ने दुनिया को अपरिग्रह का संदेश दिया, वे स्वयं अकिंचन बने। उन्होंने घर, परिवार राज्य, वैभव सब कुछ छोड़ा, यहां तक कि वे निर्वस्त्र बने। कुछ लोग उन अपरिग्रही महावीर को भी अपने जैसा परिग्रही बना देते हैं। कई जैन मंदिरों में महावीर की प्रतिमा बहुमूल्य आभूषणों से आभूषित मिलती है। यह महावीर का सही चित्रण नहीं है। हम स्वयं अपरिग्रही न बन सकें तो कम से कम महावीर को तो अपरिग्रही रहने दें, उन्हें परिग्रही न बनाएं। भगवान महावीर ने गृहवासियों के लिए ‘इच्छा-परिमाण’ अणुव्रत दिया। एक श्रावक अपने परिग्रह को असीम न बनाये, एक सीमा से अधिक परिग्रह को न बढ़ाए।

महावीर की अहिंसा है समता। समता के बिना अहिंसा नहीं सधती। समता का अर्थ है-हर स्थिति में मानसिक संतुलन बनाए रखना। हिंसा का मूल है-राग-द्वेष। समता की भूमिका में ये समाप्त हो जाते हैं। जितना-जितना समता का विकास होता है, उतना-उतना राग-द्वेष का विनाश होता चला जाता है। महावीर का पूरा साधना-काल समता की साधना में बीता। उनके सामने अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार के परीषह उत्पन्न हुए। उन्होंने अपनी सहिष्णुता के द्वारा उन परीषहों को निरस्त किया। उनकी समता की साधना थी-‘‘लाभ-अलाभ, सुख-दुःख जीवन-मरण, निन्दा-प्रशंसा तथा मान-अपमान के द्वंद्वों में सम रहना।’’ आगम में कहा-‘‘सव्वे पाणा ण हंतव्वा, एस धम्मे धुए णिइए सासए।’’ किसी प्राणी की हिंसा न करना, यह अहिंसा धर्म ही सबसे अधिक पुराना है, ध्रुव, नित्य और शाश्वत है। महावीर की अहिंसा केवल उपदेशात्मक और शब्दात्मक नहीं है। उन्होंने उस अहिंसा को जीया और फिर अनुभव की वाणी में दुनिया को उपदेश दिया। आज विश्व हिंसा की ज्वाला में झुलस रहा है। अहिंसा के शीतल सलिल से ही संसार को राहत मिल सकती है। प्रस्तुतिः ललित गर्ग




(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज,
फोनः 22727486, 9811051133

विशेष : बुंदेलखंड में अब होने लगी किसानों की मौत की खेती

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बुंदेलखंड में फसलों की खेती किसानों के लिए मौत की खेती में तब्दील होती जा रही है। वैसे तो बुंदेलखंड में हमेशा से ही किसानों के लिए मौसम प्रतिकूल रहा है। कोई कालखंड ऐसा नहीं गया जब यहां भीषण सूखे की मार न पड़ी हो। इसके बीच जीने का तरीका बुंदेलियों ने निकाला। चंदेलकालीन जल संरक्षण और संचयन पद्धतियां व संरचनाएं बुंदेलियों के इसी जीवट और प्रतिभा की निशानी हैं लेकिन अब इस अंचल में खेती पर संकट की अकेली वजह सूखा नहीं है। अनिश्चित मौसम ने इस अंचल में खेती के विनाश के कई नए रूप गढ़ दिए हैं। इस बार जो विनाश हुआ वह बेमौसम बारिश की शक्ल में आया।

2007 तक एक दशक लंबे सूखे ने बुंदेलियों के जीवट को हरा दिया था। इस दौरान हुईं किसानों की सैकड़ों आत्महत्याओं की वजह से बुंदेलखंड राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में छा गया। राष्ट्रीय राजनीति के केेंद्रबिंदु में इस त्रासदी ने बुंदेलखंड को स्थापित कर दिया। मनमोहन सरकार के समय कांग्रेस के राहुल का उडऩखटोला इसी के चलते कई जगह बुंदेलखंड में उतरा। सूखे के स्थाई निरोध के लिए भारीभरकम बुंदेलखंड पैकेज अस्तित्व में आया। मनमोहन सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी के पीछे मुख्य प्रेरक तत्व बुंदेलखंड की ही त्रासदी रही।

लेकिन पिछले तीन वर्षों से साबित हो रहा है कि सिर्फ सूखा बुंदेलखंड के किसानों के दुर्भाग्य का कारण नहीं है। जीवन का प्रतीक जल भी खेती के लिए बैरी साबित हो रहा है। 2013 में 15 जून से ही बारिश शुरू हो गई थी। इसके बाद इसका अंत नहीं हुआ। नतीजतन न खरीफ की बुआई हो पाई और न ही रबी की। किसानों को भारी घाटा झेलना पड़ा। इसके बावजूद उन्हें तसल्ली थी कि अब आने वाले कुछ वर्ष शायद सूखे के होंगे लेकिन इसके बावजूद भूमिगत जल का संकट 2013 की अतिवृष्टि की वजह से अगले तीन साल तक नहीं होगा। इस बीच काफी नलकूप खुद गए थे जिससे किसानों को भरोसा था कि अल्पवर्षण की स्थितियों में भी सिंचाई करके वे खेतों से पर्याप्त उत्पादन लेते रहेंगे लेकिन अगले वर्ष यानी 2014 में बारिश ने नया ट्रेंड अपनाया। जब बुआई का सीजन निकल गया तब तक पानी बरसा नहीं और उस समय झड़ी लग गई जब फसलों में फूल आ रहा था। 2013 के कर्जे को इस साल चुकता कर पाना तो दूर उसका बोझा और बढ़ा लेना किसान की नियति बन गया। फिर भी उसने अपने साहस को किसी तरह से सलामत रखा।

इसकी मुख्य वजह थी कि रबी की वर्तमान फसल की बुआई के सीजन में कुल मिलाकर मौसम उसके लिए ठीक हो गया था। 2014 के अंतिम महीनों में उसे आस बंध गई थी कि इस बार इतनी अच्छी फसल होगी कि उसका पिछला घाटा काफी हद तक कवर हो जाएगा लेकिन जनवरी में थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में मौसम के मिजाज बदलने से किसान सहमा लेकिन आगे चलकर मौसम निष्ठुर ही होता जाएगा इसका अंदाजा फिर भी वह नहीं कर सका था। होली तक फसल एकदम पक चुकी होती है। इसके बाद बारिश की झड़ी लगना या उपलवृष्टि का मतलब है कि किसानों की आंखों के सामने उसकी दुनिया का लुटना। इस कारण मौसम के झंझावत को इस समय पर बर्दाश्त करना उसके बूते में नहीं रह जाता लेकिन फरवरी में यही हुआ। मौसम की मार ने किसानों की व्याकुलता की सारी हदें तोड़ दीं। तैयार खड़ी फसल के बर्बाद हो जाने का गम, अगली रबी फसल आने तक साल भर घर में बिना अनाज के भोजन की व्यवस्था का गम और 2013 से न चुकाए गए बैंक कर्जे के मय ब्याज के भारीभरकम हो जाने का गम। अब किसान जान चुका है कि बैंक कर्जा टल नहीं सकता। इस कारण कर्ज वसूली में उत्पीडऩात्मक कार्रवाई के अदालती रोक से अब उसे बहुत ज्यादा तसल्ली नहीं रह गई। दूसरी ओर जमीन की महंगाई भी इस समय आसमान पर है। 

ऐसे में बैंक अपना कर्जा वसूल करने के लिए उसकी जमीन कुर्क करके नीलाम कराएगी इस आशंका पर जब किसान का चिंतन होता है तो वह अपनी बर्बादी को जमीन के मूल्य के रूप में पहुंचने वाली बीसियों लाख रुपए की चपत के रूप में देखता है और इतने परिमाण के नुकसान का एहसास किसान तो क्या अच्छे खासे व्यापारी के लिए भी असहनीय हो सकता है। यही वजह है कि खलिहान में फसल पहुंचने के कुछ ही समय पहले बारिश और उपलवृष्टि के रूप में खेतों में बरसी आफत को लेकर किसान के मन में कई बहुआयामी चिंताएं घुमड़ीं और खेत व खलिहान में दिल का दौरा पडऩे से किसानों की मौत का तांता लग गया। इसी के साथ कई किसान फांसी लगाकर, जहर खाकर या ट्रेन से कटकर आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए। एक अनुमान के अनुसार फरवरी और मार्च के महीने में उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में लगभग तीन सैकड़ा किसानों की अकाल मौतें हुई हैं। फिर चाहे वह हार्ट फेल से हों या खुदकुशी से। इतने छोटे अंतराल में अकाल मौतों का इतना बड़ा सिलसिला अभूतपूर्व है जिसने 2007 तक के दशक में हुई मौतों की गहनता को भी पीछे छोड़ दिया है।

केेंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इससे हतप्रभ है लेकिन किसानों को किस तरह से तसल्ली दी जाए इस बारे में दोनों ही सरकारें फैसला नहीं कर पा रहीं। वैसे तो राज्य सरकार ने सदमे से किसानों की मौत के मामले में भी सात लाख रुपए तक के मुआवजे का एलान कर दिया है लेकिन अभी इसको लेकर कोई गाइड लाइन जिलों में नहीं पहुंची है। प्राकृतिक आपदा में मौतों को स्वीकार करना सरकार की नजर में गुनहगार बन जाने की ग्रंथि पाले अधिकारी ऐसी दशा में दिशाहारा हो गए हैं। वे फसल के नुकसान की वजह से जीवन के लिए घातक सदमे का ब्यौरा तैयार करने की बजाय किसानों की मौत के मामले में यह रिपोर्ट तैयार करवाने में लगे हैं कि इनका संबंध दैवीय आपदा से नहीं है। दैवीय आपदा से मौत के तकनीकी मानक से हटकर राज्य सरकार की सदमे से मौत के मामले में किसान के परिवार को मुआवजा देने का मानवीय सूत्र उनकी पकड़ में ही नहीं आ रहा जिससे स्थितियां और ज्यादा हाहाकारी हो गई हैं।

बहरहाल इस सूरतेहाल में केेंद्र सरकार को तत्काल किसानों के बैंक कर्जों की माफी का एलान करने के लिए आगे आना चाहिए। उधर राज्य सरकार को भी पिछले तीन साल की किसानों पर सभी बकायों की बकाएदारी माफ करने की घोषणा करनी चाहिए और बेमौत मरने वाले किसानों के आश्रितों की मदद के लिए केेंद्र राज्य सरकार को मिलकर पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए। एक और बुंदेलखंड पैकेज आना चाहिए जिसमें आजीविका के वैकल्पिक साधनों के विकास के लिए बुंदेलखंड में सभी मार्गों पर सुदृढ़ सड़केें, चौबीस घंटे सुनिश्चित बिजली व अन्य जरूरी ढांचागत व्यवस्थाएं की जा सकेें। देश के प्रमुख कारपोरेटों को भी संकट की इस घड़ी में किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह मदद अत्यधिक बर्बाद किसानों की नगद सहायता के रूप में भी होनी चाहिए और बुंदेलखंड जैसे अंचलों में गांव के बेरोजगारों को कौशल वृद्धि करके अपने उद्योगों में रोजगार के लिए ज्यादा से ज्यादा खपाने के रूप में भी।





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के पी सिंह
ओरई 

आज जरूरत है महावीर की समाज-व्यवस्था : -गणि राजेन्द्र विजय-

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rajendra vijay
भगवान महावीर सदियों पहले जन्में, वे जैन धर्म के मौलिक इतिहास की परम्परा में अंतिम तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर प्रभु महावीर के अनेक नाम हैं। उन्हें सन्मति, महत्ति वीर, महावीर, वर्द्धमान, प्रभृति अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है। भगवान महावीर के नामकरण संस्कार के समय राजा सिद्धार्थ द्वारा ‘वर्द्धमान’ नाम रखा गया था। कल्पसूत्र में अन्यत्र उल्लेख है कि भय-भैरव के उत्पन्न होने पर भी अचल रहने वाले, परीषह एवं उपसर्ग को शांति और क्षमा से सहन करने में सक्षम, प्रिय और अप्रिय प्रसंगों में समभावी संयम युक्त तथा अतुल पराक्रमी होने के कारण देवताओं ने ‘श्रमण-भगवान महावीर’ नाम रखा।

महावीर का संपूर्ण जीवन भी विचित्र घटनाओं से परिपूर्ण था। जन्म के समय से लेकर मुनि धर्म स्वीकार करने के तीस वर्ष में उन्होंने जिन नामों से प्रसिद्धि प्राप्त की थी, वे उनके जीवन की विशेष घटनाओं से जुड़े हुए हैं। तीस वर्ष की आयु में उन्होंने मुनि धर्म अंगीकार किया एवं पूर्ण रूप से अकिंचन, अपरिग्रही एवं यथाजात रूप धारण किया और घोर तप में लीन हो गए। इसके बारह वर्ष के पश्चात् जब महावीर की आयु बयालीस वर्ष थी विहार में जृंभिका ग्राम के समीप ऋजुकूला नदी के तट पर अपने अत्यंत उग्र तप एवं पुरुषार्थ को कार्यान्वित करते हुए उन्होंने केवलज्ञान प्राप्त किया और अरहंत बन गए। तीस वर्ष तक आत्मधर्म रूप आत्मविज्ञान का उपदेश देकर जगत के जीवों को स्वभाव रूप होने का मार्ग बताया और 72 वर्ष की आयु पूर्ण कर सिद्धालय में जा विराजे। वे सर्वज्ञ सर्वदर्शी परमात्मा बन गए।

भगवान महावीर एक युगद्रष्टा लोकनायक थे। दलित और पीडि़त मानवता के मसीहा, सत्य, प्रेम और अहिंसा के अग्रदूत, सामाजिक शोषण और कुरीतियों के सुधारक एवं अत्याचार, अनाचार और भ्रष्टाचार के प्रखर विरोधी एवं मानवता के दिव्यदूत थे। महान क्रांतिकारी के रूप में भगवान महावीर सुविख्यात हैं। आज के युगों में समस्याओं का समाधान, भगवान महावीर द्वारा निर्देशित मार्ग में ही खोजा जा सकता है, दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आता। महावीर ने जीवनानुभव और विवेक से सत्यानुवेषण किया। स्वयं आंखों से देखकर, अनुभवों की गहराइयों में जाकर। उनका संपूर्ण जीवन त्याग, समर्पण और निष्ठा का जीवंत उदाहरण है।

भारतीय संस्कृति के कण-कण में महावीर की अनुगूंज है। महावीर ने अहिंसा के आदर्श को जनता के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने एक संपूर्ण अहिंसक जीवनशैली प्रस्तुत की। वे युगदर्शी थे, शाश्वतदर्शी थे, वे कोरे युगद्रष्टा नहीं थे। क्योंकि युगद्रष्टा केवल सामयिक सत्य को देखता है जबकि महावीर ने शाश्वत सत्य को देखा जो त्रैकालिक सत्य होता है। यही कारण है कि उन्होंने भारतीय समाज को जिस गहराई से उपदेश दिया उसमें त्रैकालिक सत्य की सहज ही सुगंध व्याप्त थी। महावीर ने कर्मकांडों को आध्यात्मिक रूप दिया। उन्होंने समता धर्म की स्थापना की जिसके दो मुख्य फलित हैं- अहिंसा और अपरिग्रह। उस युग की समाज-व्यवस्था में धन की भांति मनुष्य का भी परिग्रह होता था और उस पर मालिक का पूर्ण अधिकार रहता। बिका हुआ आदमी दास होता था और उस पर मालिक का पूर्ण अधिकार रहता। भगवान महावीर ने इस प्रथा को हिंसा और परिग्रह-दोनों दृष्टियों से अनुचित बताया और जनता को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित किया। दास-प्रथा-उन्मूलन, अपरिग्रह, मानवीय एकता, स्वतंत्रता, समानता, सापेक्षता, सहअस्तित्व आदि समता के विभिन्न पहलुओं की मूलधारा भगवान महावीर के वचनों तथा प्रयत्नों में खोजी जा सकती है। उन्होंने जन-भाषा में अपनी बात कही और उनकी बात सीधी जनता तक पहुंची। जनता ने उसे अपनाया, पर कोई भी पुराना संस्कार एक साथ नहीं टूट जाता। ढाई हजार वर्षों के बाद हम अनुभव कर रहे हैं कि महावीर-वाणी के वे सारे स्फुलिंग आज महाशिखा बनकर न केवल भारतीय समाज को, किन्तु समूचे मानव-समाज को प्रकाश दे रहे हैं।

भगवान महावीर भारत-भूमि पर अवतरित ऐसे महापुरुष थे, जिनके व्यक्तित्व मंे विकास की ऊंचाई एवं विचारों की गहराई एक साथ संक्रांत थी। उनका अपार्थिव चिंतन जहां आज हिंसा से आक्रांत भूली भटकी मानवता को नया दिशा-दर्शन दे रहा है वहीं स्वस्थ समाज की संरचना का आधारभूत भी बन रहा है।  आचार्य श्रीमद् इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी म.सा. के निकट रहकर मैंने महावीर को सूक्ष्मता से समझा, अहिंसा के दर्शन को समझा और भारतीय समाज में महावीर के महत्व को आत्मसात् किया। महावीर की अहिंसा न केवल जैन इतिहास में नया चिंतन प्रस्तुत करती है, अपितु भारतीय विचारधारा में भी नई सोच पैदा करने की सामथ्र्य 
रखती है।

चेतना के प्रकाशपुंज चरम तीर्थंकर भगवान महावीर ने ‘अहिंसा परमोधर्मः’ कहकर सबको जीवन में हिंसा से दूर रहने एवं समता मूलक समाज की स्थापना करने का शाश्वत संदेश दिया है। अहिंसा का पालन करने पर सत्य का साक्षात्कार स्वतः ही हो जाता है। अतः यह अहिंसा हमारी मुक्ति और मोक्ष का साधन/युक्ति मानी जाती है। अहिंसा का अर्थ है- मनसा, वाचा, कर्मणा किसी भी प्रकार की हिंसा न कर, सबसे साथ दया का व्यवहार करना। यह दया ही हमारे धर्म का मूल है।

आज इस भौतिकवादी दौड़ में विश्व शक्ति के पीछे पागल है। वह तृष्णा का गुलाम/दास बनकर ही रह गया है। अतः उसे आत्मिक सुख, संतोष नहीं, मानसिक शांति नहीं। उसे यह जीवन बहुत दूभर, भारयुक्त और कठिन लगने लगा है। वह ज्ञान, विवेक, संस्कार, चारित्र तथा अहिंसा का मूलमंत्र भूल गया है। संयम तथा अहिंसा की साधना उसको कठिन लगने लगी है। वह योगी नहीं, भोगी बनने पर उतारू और यही भोगलिप्सा उसे विनाश के कगार पर ले आई है। आवश्यकता है महावीर की समाज व्यवस्था को अपनाने की। उसी व्यवस्था को अपनाकर हम स्वस्थ समाज की संरचना कर सकते हैं। 

मृत्यु से डरने वाला तथा कष्ट से घबराने वाला व्यक्ति थोड़ी सी यातना की संभावना से ही विचलित हो जाता है। ऐसे व्यक्ति हिंसात्मक परिस्थितियों के सामने घुटने टेक देते हैं, जो व्यक्ति कष्ट सहिष्णु होते हैं, वे विषम और जटिल स्थिति में भी अन्याय और असत्य के सामने झुकने की बात नहीं सोचते। ऐसे ही व्यक्ति अहिंसात्मक प्रतिकार में सफल होते हैं। ऐसे ही व्यक्ति महावीर की समाज व्यवस्था को साकार कर सकते हैं। भगवान महावीर ने कहा-‘जीओ और जीने दो।’ जीवन में यदि मानव शान्ति चाहता है तो उसे घर-घर जाकर अहिंसा का अलख जगाना होगा, अहिंसा पालन का अभियान छेड़ना होगा। गांव-गांव में अहिंसा को स्थापित कर उसके प्रति समर्पित होना होगा, तभी हमारा जीवन सार्थक एवं सफल माना जाएगा। जन-जन में अहिंसा के प्रति आस्था पैदा करने एवं महावीर की समाज व्यवस्था को स्थापित करने के लिए ही सुखी परिवार अभियान का उपक्रम शुरू किया गया है। सुखी परिवार अभियान महावीर की समाज व्यवस्था की स्थापना का सशक्त माध्यम है।






(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली
फोनः 22727486, 9811051133

सोनिया आज मध्‍य प्रदेश के किसानों से मुलाकात करेंगी

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को को मध्य प्रदेश दौरे पर जाएंगी। सोनिया इस दौरे पर नीमच जिले में ओला एवं अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान का जायजा लेंगी और प्रभावित किसानों से मुलाकात करेंगी। उसके बाद उनका रोड शो भी होगा। उधर, सोनिया के दौरे पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने बताया कि सोनिया गांधी गुरुवार को विशेष विमान से दिल्ली से नीमच पहुंचेंगी। वे यहां के मनसा और जावद में फसल नुकसान का जायजा लेंगी। इसके साथ ही उनका रोड शो भी होगा। उसके बाद वे दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाएंगी।

सोनिया गांधी के ओला एवं अतिवृष्टि प्रभावित मध्य प्रदेश के नीमच जिले के दौरे से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी यात्रा का स्वागत करते हुए सवाल किया कि पिछले कुछ सालों, विशेषकर संप्रग सरकार के दौरान जब प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से किसान परेशान रहे, तब वह कहां थीं। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मध्य प्रदेश के ओला एवं अतिवृष्टि प्रभावित किसानों का हालचाल जानने आज नीमच पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वह हमारी मेहमान हैं, इसलिए मध्य प्रदेश में उनका स्वागत है। लेकिन वह तब कहां थीं, जब पिछले साल विशेषकर संप्रग सरकार के कार्यकाल में मध्य प्रदेश पर इससे कहीं अधिक बड़ी प्राकृतिक आपदा आई थी और किसान बेहद परेशान थे।

उन्होने कहा कि जब संप्रग सरकार सत्ता में थी, तब ऐसी ही प्राकृतिक आपदा के वक्त हमें (मध्य प्रदेश) फसलों को हुए नुकसान की तुलना में बेहद कम मुआवजा दिया गया और केन्द्र ने अपनी मदद को उचित ठहराने के लिए कई नियमों का हवाला दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल ऐसी ही आपदा के दौरान मध्य प्रदेश ने अपने किसानों को मुआवजे के तौर पर लगभग 5487 करोड़ रुपये वितरित किए। हमारे अलावा अन्य कोई राज्य ऐसा नहीं है, जिसने आपदाग्रस्त अपने किसानों को इतना पैसा राहत-मुआवजा के तौर पर दिया हो।

बारामूला में आतंकियों के साथ मुठभेड़, दो जवान शहीद

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आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के तंगमार्ग इलाके में आज दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और एक नागरिक घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुंजेर गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों ने क्षेत्र की घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के गोलीबारी शुरू करने पर मुठभेड़ शुरू हो गई।


अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया और घायल हुए एक सैनिक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया । इसमें एक नागरिक घायल हुआ है। उन्होंने बताया कि जिस मकान में आतंकवादी छिपे हैं, उसे घेर लिया गया है और भीषण गोलीबारी जारी है। आतंकवादियों की संख्या कम से कम दो हो सकती है।

यमन में फंसे 190 भारतीय वायुसेना के विमान से भारत पहुंचे

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संकट ग्रस्त यमन में भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए चलाए गए सरकार के पहले बड़े अभियान के तहत 190 भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान आज तड़के यहां पहुंचा. बचाए गए लोगों में नर्सें और मजदूर तथा अन्य लोग शामिल हैं.

ये लोग भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से यहां पहुंचे और इसके साथ ही सप्ताहभर से चला आ रहा उनका संकट समाप्त हो गया. भारतीय वायुसेना का सी 17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय नागरिकों को लेकर तड़के करीब सवा तीन बजे शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. बचाव अभियान के तहत यह दूसरी उड़ान थी. इससे पूर्व आधी रात के बाद दो बजे भारतीय वायुसेना का विमान यमन से 168 भारतीय नागरिकों को लेकर कोच्चि में उतरा था. रक्षा सूत्रों ने बताया कि बचाए गए लोगों से संबंधित कागजी कार्रवाई लंबित होने के कारण मुंबई आने वाला विमान जिबूती से समय पर उड़ान नहीं भर सका था.

सूत्रों ने बताया कि कई लोगों के पास उनके पासपोर्ट तक नहीं थे इसलिए उड़ान में देरी हुई. महाराष्ट्र के पर्यटन और विधायी मामलों के मंत्री प्रकाश मेहता तथा सांसद किरीट सोमैय्या हवाई अड्डे पर लोगों की अगवानी करने के लिए मौजूद थे. ये लोग उन 350 भारतीयों में शामिल थे जो यमन के बंदरगाह शहर अदन से नौसेना के एक पोत द्वारा बचाए जाने के बाद जिबूती पहुंचे थे. इस बीच, केंद्रीय रेलवे ने इन लोगों को उनके गृह नगरों तक पहुंचने के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने की पेशकश की है. विमान के सह पायलट विंग कमांडर विक्रम एबी ने को बताया कि बचाव अभियान बेहद मुश्किल था क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध नहीं था.

 विमान के चालक दल को बचाव अभियान के बारे में 30 मार्च को बताया गया और विमान ने कल भारत से उड़ान भरी थी. बचायी गयी एक महिला मैरी एम्मा वर्गीज ने बताया कि वह पिछले दो साल से अदन के एक अस्पताल में नर्स के तौर पर कार्यरत थी और एक दिन अचानक ‘‘भारी धमाके की आवाज सुनी ’’ और इसके बाद मैंने काम पर जाना बंद कर दिया. उसने बताया, ‘‘ सभी दुकानें बंद हो गयीं और कई दिनों तक हमारे पास खाना भी नहीं था.’’ विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 350 लोगों में से 206 केरल के , 40 तमिलनाडु के , 31 महाराष्ट्र के , 23 पश्चिम बंगाल से और 22 दिल्ली से हैं. कुछ लोग अन्य राज्यों के हैं.

भारतीयों को सोमवार की रात आईएनएस सुमित्रा पोत ने निकाला जो क्षेत्र में जलदस्यु विरोधी गश्त पर था और इसे वहां से बचाव अभियान के लिए रवाना किया गया. शहर में भारी लड़ाई छिड़ने के कारण इस पोत को लंगर डालने के लिए मंजूरी हासिल करने में कई घंटों का समय लगा.

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने खेमका के ट्रांसफर पर कहा, यह रूटीन ट्रांसफर है

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 हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जरूरत के हिसाब से किसी भी आइएएस का ट्रांसफर किया जा सकता है। यह एक रूटीन ट्रांसफर है और ऐसा जरूरत के मुताबिक किया गया है।
वर्तमान तबादले को मिलाकर खेमका अपने सर्विस कैरियर में 45 बार तबादला झेल चुके हैं। उन्हें परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पद से हटाकर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का सचिव और महानिदेशक नियुक्त किया गया है। खेमका इस विभाग को सजा मानते रहे हैं।

मनोहर सरकार ने सीएम सचिवालय में भी बड़ा फेरबदल किया है। मुख्यमंत्री की अतिरिक्त प्रधान सचिव (प्रथम) सुमिता मिश्रा को मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाकर पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव बनाया गया है। अचानक हुए इस बड़े बदलाव से पूरी अफसरशाही में खलबली मच गई है। सूत्रों के अनुसार सुमिता मिश्रा पिछली सरकार के कुछ विवादित फैसलों के फेर में आ गई हैैं।

सरकार ने खेमका और सुमिता समेत नौ वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। आइएएस अशोक खेमका के तबादले से एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनकी परिवहन मंत्री से भी तकरार चल रही थी। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों एक इलेक्ट्रानिक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस तरह की ट्वीटरबाजी पर एतराज जताते हुए अफसरों को अपना काम करने की नसीहत दी थी। तीन दिन बाद खेमका के तबादले के तौर पर उसका परिणाम भी सामने आ गया है। मनोहर सरकार में यह उनका पहला तबादला है।

आइएएस अशोक खेमका मनोहर सरकार में डंपर लाबी के निशाने पर थे। खेमका ने परिवहन विभाग के आयुक्त पद पर रहते हुए ओवर लोड डंपर पर रोक लगा दी थी और वाहन मालिकों को नियमों का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार सरकार से डंपर मालिकों ने अनुरोध किया था कि उनके बड़े आकार के वाहनों से एकमुश्त जुर्माना राशि वसूल कर ली जाए। इस संबंध में एक फाइल भी चली थी, लेकिन अभी तक यह फाइल लटकी हुई थी। सूत्रों के अनुसार यह मामला भी खेमका के तबादले का कारण बना है।

ग्रामीणों को यकीन नहीं हो रहा है कि हेमंत का बम धमाके में हाथ है

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 बिहार की राजधानी पटना से सटे बहादुरपुर में हुए बम धमाकों में ग्रामीण युवक हेमंत कुमार का नाम सामने आया है। हेमंत का नाम सामने आने से लोग बेहद परेशान हैं। हेमंत के ग्रामीणों को यकीन नही नहीं हो रहा है कि हेमंत इस तरह की गतिविधियों में लिप्त है। मिली जानकारी के अनुसार हेमंत अपने भाईयों में सबसे छोटा है। और वह पढ़ाई में भी काफी होशियार था। मगर उसके पिता का कहना है कि हेमंत अपने बच्चों विकास कुमार और प्रकाश कुमार  के साथ रहता था। 

इनके साथ हेमंत का भतीजा अशोक कुमार और हिमांशु भी रहा करते थे। बच्चों को पढ़ाने के साथ हेमंत पटना के विद्यासागर में ही कोचिंग सेंटर संचालित करता था। हेमंत के पास बेहतर नौकरी भी थी। हालांकि क्षेत्रवासियों का कहना है कि हेमंत की पहचान एक ऐसे युवा से थी जिसके आचरण पर प्रारंभ से ही संदेह था। ग्रामीणों का कहना है कि बम ब्लास्ट की वारदात उसी कमरे में हुई थी जिसमें कुंदन रहता था। हेमंत के कमरे में उसका पुत्र और भतीजा आराम कर रहा थां ब्लास्ट होने पर बच्चे कमरे से निकलकर भागने लगे। हालांकि पिता का कहना है कि हेमंत किसी भी तरह के अपराधों में लिप्त नहीं रहा है। 

गिरिराज सिंह के खिलाफ कोर्ट ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए

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मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सोनिया गांधी पर दिए आपत्तिजनक टिप्पणी पर बिहार के मुजफ्फरपुर से सीजीएम कोर्ट ने एफआईर दर्ज करने का आदेश दिया है. स्थानीय प्रवक्ता ने गिरिराज सिंह के खिलाफ शिकायत की थी और अब सीजीएम ने एफआईआर करने का आदेश दे दिया है. गिरिराज सिंह ने कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर रंगभेदी टिप्पणी की थी जिसके बाद से पूरे भारत में कांग्रेस के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

दिल्ली में गिरिराज के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने  लाठी चार्ज किया. मुंबई में भी इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है, इसे साथ ही बेंगलूरु में भी भारी विरोध प्रदर्शन जारी है. संजय निरुपम की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है. गिरिराज सिंह के आपत्तिजनक बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनके इस्तीफे के मांग की ही है, साथ ही पीएम से सफाई मांगी है. बुधवार को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि बेहद शर्मनाक बयान है और पीएम को इस पर अपना बयान देना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रीता बहुगुणा जोशी ने भी गिरिराज सिंह के बयान को शर्मनाक करार दिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक और केंद्रीय लघु मध्यम उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेस के बाद  राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी के बारे में विवादित बयान दिया था. गिरिराज सिंह ने कहा कि राजीव गांधी ने किसी नाइजीरियन महिला से शादी की होती और गोरी चमड़ी नहीं होती तो क्या कांग्रेस नेतृत्व स्वीकार करती.''

फर्जी IAS मामले का खुलासा, डिप्टी डायरेक्टर को दिए थे नौकरी के लिए 5 लाख

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मसूरी स्थित देश के सर्वोच्च आईएएस प्रशिक्षण संस्थान लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में फर्जी कागजात के आधार पर बतौर ट्रेनी अफसर 7 महीने तक रहकर फरार होने की आरोपी रूबी चौधरी मीडिया के सामने आई है। रूबी ने आरोप लगाया है कि अकादमी के एक अधिकारी ने उससे नौकरी देने की ऐवज में 5 लाख रुपए लिए थे। साथ ही इसी अधिकारी ने उसे अकादमी में रहने के लिए फर्जी कागजात उपलब्ध कराए। रूबी का यह भी आरोप है कि मामला सामने आने के बाद उसे अपना मुंह बंद रखने के लिए 5 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया। उधर, इस मामले में केंद्र सरकार ने अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन से जवाब-तलब किया है।

रूबी चौधरी का कहना है, ''मुझे अकादमी में ट्रेनी के तौर पर 7 महीने तक रखा गया, लेकिन नौकरी नहीं दी गई। मेरी गलती सिर्फ इतनी थी कि मैंने अकादमी के एक अफसर को नौकरी की ऐवज में 5 लाख रुपए दिए थे। मेरे खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद अब यह मेरे सामाजिक प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। अगर इस मामले में मेरी कोई गलती हो तो मुझे जेल भेज दिया जाए।''हालांकि, रूबी ने इस मामले में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है।

अकादमी ने रूबी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक, रूबी चौधरी पुत्री सत्यवीर सिंह, निवासी ग्राम कुटबा, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) फर्जी दस्तावेज के आधार पर स्वयं को प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी बताते हुए सितंबर-2014 से अकादमी में रह रही थी। इस दौरान वह अकादमी के मुख्य स्थानों पर घूमती-फिरती थी और उस पर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं थी। 27 मार्च 2015 को यह महिला अचानक से गायब हो गई। उसके गायब होने के बाद जब उसके कमरे की तलाशी ली गई, तो वहां प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई) नैनीताल की तरफ से जारी एक पहचान पत्र मिला, जिसमें रूबी को एसडीएम दिखाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि रूबी चौधरी कभी देवी सिंह नाम के सुरक्षा गार्ड के क्वार्टर में तो कभी लाइब्रेरी में आया-जाया करती थी।

BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू

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भूमि विधेयक पर आलोचनाओं से घिरी भाजपा ने आज कहा कि वह इस मुद्दे पर वार्ता में किसानों को शामिल करने और विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम और दुष्प्रचार को दूर करने के लिए व्यापक पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम चलाएगी। हालांकि पार्टी ने साथ ही कहा कि वह विपक्षी दलों और किसानों द्वारा सुझाए गए बदलावों को तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शुरू हुई दो दिवसीय भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर विचार मंथन करेगी और अगले महीने सत्ता में एक साल पूरा होने के मौके पर सरकार के अच्छे कार्यों के प्रचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भूमि विधेयक पर चर्चा होगी। विपक्ष ने इसके बारे में बहुत भ्रम फैलाया है और दुष्प्रचार किया है। हम इसके खिलाफ लोगों के पास जाएंगे। औद्योगिकीकरण आवश्यक है और हमें उद्योग तथा कृषि के बीच कोई संघर्ष नहीं दिखता। हम किसानों को एक पक्ष बना रहे हैं और उनके हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।

राव ने कहा कि भाजपा नेतत्व पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह विपक्षी दलों और किसानों से वार्ता का इच्छुक है तथा विधेयक में बदलाव पर विचार किया है। उन्होंने कहा कि हम खुले दिमाग के साथ बात करना चाहते हैं।
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