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राष्ट्रपति ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को मंजूरी दी

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राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मोदी सरकार द्वारा दोबारा लाये गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर आज हस्ताक्षर कर दिया। राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने इस आशय की पुष्टि की। प्रवक्ता के अनुसार श्री मुखर्जी ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह फिर से प्रभावी हो गया। लोकसभा ने बजट सत्र के पहले चरण में इस अध्यादेश को पारित कर दिया था, जबकि राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका था। ऐसे में सरकार ने राज्यसभा के बजट सत्र का सत्रावसान करके इस अध्यादेश को पुन: जारी किया है। 

उल्लेखनीय है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप यह अध्यादेश पांच अप्रैल के बाद निष्प्रभावी होने वाला था लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत 31 मार्च को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को पुन: स्वीकृति दी थी और इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया था।

राज बब्बर ने गिरिराज को मानसिक रूप से बीमार बताया, इलाज का खर्चा उठाने को तैयार

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कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के नेता गिरिराज सिंह को मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति बताया और कहा कि मानवता के नाते वह उनके इलाज का पूरा खर्च उठाने को तैयार हैं । बिहार के छपरा में एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये श्री राज बब्बर ने आज यहां हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि श्री गिरिराज सिंह मानसिक रूप से बीमार हैं और उनका इलाज आगरा या रांची के पागलखाने में कराया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह बीमार श्री सिंह का इलाज कराये और यदि केन्द्र सरकार इसमें समर्थ नहीं है तो वह सामाजिक कार्यकर्ता होने और मानवता के नाते उनके इलाज का खर्च भी उठाने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा अपने गठन के समय से ही जनता से झूठे वादे करती आ रही है। समाज को बांटने और लोगों को आपस में लड़ाने के लिए राम मंदिर-बाबरी मस्जिद, गौ हत्या तो कभी धारा 370 जैसे मुद्दे उठाती रही है। उन्होंने कहा कि देश के विकास से भाजपा को कोई लेना देना नहीं है वह तो सिर्फ नफरत की राजनीति करना जानती है। 

श्री बब्बर ने कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो देश में कुछ काम करने के बजाए सिर्फ बोलने में विश्वास रखती है । लोकसभा चुनाव के समय भाजपा नेताओं ने विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाने और हर व्यक्ति को 15-15 लाख रुपए देने का वादा किया था, लेकिन यह आज तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने झूठे वादे कर जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया है । इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा0 अशोक चौधरी ने श्री बब्बर से किसान मजदूर न्याय पदयात्रा के द्वितीय चरण के कार्यक्रम को झंडा दिखाकर शुरू करने और पदयात्रा का नेतृत्व करने का अनुरोध किया । डा0 चौधरी ने बताया कि श्री बब्बर ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया । इससे पूर्व श्री बब्बर के पटना पहुंचने पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया । इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा0 अशोक चौधरी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे ।

गरीब माताओं की खातिर सम्पन्न लोग गैस सबसिडी छोडें- मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लकड़ी जलाकर खाना बनाने वाली गरीब माताओं को रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिये सांसदों, विधायकों और अधिकारियों सहित सभी संपन्न लोगों से आज गैस सबसिडी छोड़ने की भावनात्मक अपील की । भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग ले रहे श्री मोदी ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि उनकी सरकार ने संपन्न लोगों से रसोई गैस पर मिलनेवाली सबसिडी छोडने की अपील थी, जिसे उत्साहवर्धक समर्थन मिला। करीब दो लाख लोगों ने सबसिडी छोड़ दी है और इससे एक अरब रुपये बचेगा। 

उन्होंने एलान किया कि सबसिडी का जो पैसा बचा है, उससे उन गरीब माताओं को रसोई गैस उपलब्ध कराई जायेगी, जो आज भी लकड़ी जलाकर धुएं में खाना बनाने के लिये मजबूर हैं। सबसिडी की जो भी राशि बचेगी, उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं किया जायेगा।अलबत्ता उससे जरूरतमंद माताओं को रसोई गैस दी जायेगी। उन्होंने सांसदों, विधायकों,बड़े अधिकारियों और बाकी सभी संपन्न लोगों से भी सबसिडी छोडने की भावुक अपील करते हुये कहा कि वे सबसिडी छोडें और कुछ छोड़ने का जो आनंद होता है, उसे भी महसूस करके देखें।उन्होंने कहा कि अगर एक करोड़ संपन्न लोग सबसिडी छोड दें तो इतनी ही संख्या में ऐसी माताओं को भी रसोई गैस नसीब हो जायेगी। दसअसल में यह बड़ी समाजसेवा होगी।

मुम्बई की मुस्लिम छात्रा ने जीती गीता आधारित प्रतियोगिता

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धर्म का मर्म बस उसी धर्म के अनुयायी नहीं समझते बल्कि जिसे रूचि हो वह भी उसे उतनी ही गहराई से समझ सकता है। मुम्बई की छठी कक्षा की एक 12 वर्षीय मुस्लिम छात्रा मरियम सिद्दीकी ने कुछ ऐसा ही किया , जब उसने इस्कॉन द्वारा आयोजित 'गीता चैंपियंस लीग'प्रतियोगिता में कुल 3,000 प्रतिभागियों में पहला स्थान हासिल किया । मरियम ने कहा, 'मैं धर्म के बारे में हमेशा अधिक जानने की इच्छुक रही हूं और अपने खाली समय में अक्सर इसके बारे में पढ़ते रहती हूं। जब मेरे शिक्षक ने इस प्रतियोगिता के बारे में मुझे बताया तो मैंने सोचा कि किताब में लिखी बातों को समझने का अच्छा मौका है। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को लेकर मेरे माता-पिता ने भी काफी प्रोत्साहित किया।'मुम्बई के मीरा रोड स्थित एक विद्यालय में पढ़ने वाली मरियम ने कहा, इस्कॉन द्वारा गीता के बारे में उपलब्ध करायी गयी सामग्री पढ़ी और समझने की कोशिश की कि इसमें क्या कहा गया है। 

मैं अलग-अलग धर्मों के बारे मेें पढ़ती रहती हूं और इसके बाद मुझे महसूस हुआ कि मानवता सबसे महत्वपूर्ण धर्म है और हमें इसका पालन करना चाहिए।'मरियम हमेशा धर्म के बारे में अपने माता-पिता के साथ चर्चा करती रहती थी। मरियम के पिता अासिफ सिद्दीकी ने कहा कि उनका परिवार सभी धर्मों को स्वीकार और सम्मान करने में विश्वास रखता है। कोई धार्मिक उपदेश द्वेषपूर्ण और गलत नहीं है। कुछ सदस्य उसे भ्रमित करते हैं , जिसका बच्चों पर गलत प्रभाव पडता है। हमें उससे बात करने की जरूरत है और सही क्या है यह समझाना चाहिए। .. मरियम के इस सफलता से विद्यालय के सभी शिक्षक गर्व महसूस कर रहे हैं। उनकी एक शिक्षक सपना ब्रह्मांदकर ने बताया कि मरियम हमेशा विद्यालय की परीक्षा में अच्छा करती है और यही सफलता उसने प्रतियोगिता में भी दोहराया है। मरियम को गत 15 मार्च को सम्मानित किया गया।

केन्द्र एवं भाजपा शासित राज्य सरकारें प्रत्येक मोर्चे पर विफल- तेजस्वी

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राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) के युवा नेता और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए आज कहा कि सत्ता के नशे में चूर एवं सभी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भूलने वाली केंद्र एवं भाजपा शासित प्रदेशों की सरकारें प्रत्येक मोर्चे पर असफल साबित हुई है। श्री यादव ने सोशल नेटवर्किंग साईट फेसबुक पर कहा .. केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन में देश फिरकापरस्ती और मौका परस्ती की बुनियाद में बंट चुका है। झूठे राष्ट्रवाद का दंभ भरने वाली एवं जाति, धर्म के नाम पर देश को तोड़ने एवं बांटने वाली इन ताकतों ने अब संघीय व्यवस्था पर हमला कर दिया है। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा स्थानीय नीति बनाकर उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने की बात कर अपनी मंशा ज़ाहिर कर दी है। 

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा.. लोकसभा एवं विधानसभा में वोट बटोरने से पहले भाजपा नेता अपनी मंशा ज़ाहिर करते तो जनता इनको उचित जबाब देती। आखिर झारखण्ड की सरकार बिहार के लोगों को नौकरी से कैसे वंचित कर सकती है..। राजद नेता ने कहा ..भाजपा जब से महाराष्ट्र में सत्ता में आई, भाजपा एवं उसके सहयोगी दल ने कहना शुरू कर दिया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को महाराष्ट्र में नौकरी नहीं लेने देंगे | वहीं हरियाणा में सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया कि हरियाणा के सारे अपराधों के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग दोषी है | 

भाजपाईयों की संकीर्ण नीतियों एवं मानसिकता के कारण हर गली-मौहल्ले में नफरत फैल रही है। यदि सब में आपसी प्यार-मोहब्बत नहीं होगा तो देश एक बार फिर से तबाह हो जायेगा ..। युवा नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी या बदजुबानी के धनी गिरिराज सिंह का खून तब क्यों नहीं खौलता जब भाजपा के दूसरे राज्य इकाइयों के नेता उनके जननी के खिलाफ़ ज़हर उगलते हैं। क्या अपने ही नेताओं को खुश करने के चक्कर में इनका खून पानी हो चुका है। उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी राज्य को कभी संकीर्ण राजनीति की नई प्रयोगशाला नहीं बनने देगी। 

युवराज से आईपीएल में दिल्ली करेगी राज: कर्स्टन

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दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच गैरी कर्स्टन ने कहा कि उनकी टीम काे आईपीएल के आठवें संस्करण में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह से खास प्रदर्शन की जरूरत है। आईपीएल-8 में सबसे महंगे खिलाड़ी के तौर पर 16 करोड रूपये में खरीदे गये युवराज पिछले लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर चल रहे हैं अौर उन्हें विश्वकप टूर्नामेंट से भी बाहर रखा गया था। कर्स्टन ने शुक्रवार को आईपीएल टी20 डॉट कॉम से कहा, “युवराज फिलहाल फिट हैं और हमारी टीम को बेहतर प्रदर्शन के लिये उनकी खास जरूरत है। जब मैं टीम इंडिया का कोच था तब भी वह शानदार खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल थे अौर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे।” उन्होंने कहा, “मेरा युवराज के साथ अच्छा अनुभव है और मुझे पूरी उम्मीद है कि युवराज का ऑलराउंड प्रदर्शन आईपीएल के दौरान भी जारी रहेगा। वह पहले से ज्यादा फिट नजर अा रहे हैं। मेरे लिये उनका टीम में शामिल रहना बहुत जरूरी है क्योंकि मुझे लगता है कि युवराज पूरे आत्मविश्वास से भरे हैं।” 

दक्षिण अफ्रीका के दायें हाथ के बल्लेबाज जेपी डुमिनी को दिल्ली का कप्तान बनाये जाने पर कर्स्टन ने कहा, “वह शानदार खिलाड़ी है और उनमें नेतृत्व क्षमता है। उन्हें दक्षिण अफ्रीकी ट्वेंटी-20 टीम का कप्तान बनाया गया था और दिल्ली डेयरडेविल्स का कप्तान बनाया जाना इसलिये भी अच्छा है कि वह ज्यादातर भारतीय खिलाड़ियों काे पहले से जानते हैं।” विश्व विजेता भारतीय टीम के कोच रहे कर्स्टन ने कहा, “हां यह सच है कि दिल्ली आईपीएल में पिछले सत्र में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी थी लेकिन मेरा मानना है कि टीम ने पिछले सत्र के बाद बहुत कुछ सीखा है। अाईपीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बिल्कुल अलग है और पिछले वर्ष हमें अच्छा बैक-अप नहीं मिला था। लेकिन इस बार हमारे पास शानदार खिलाड़ियों के साथ साथ बेहतरीन बैकअप है।

कांग्रेस सालभर मनाएगी अम्बेडकर की 125वीं जयंती

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कांग्रेस देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के 125वें जयंती वर्ष में पूरे साल कार्यक्रम आयोजित करेगी और उनके नाम पर एक राष्ट्रीय पुरस्कार भी घोषित करेगी। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में जयंती समारोह समिति गठित की गई है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इसका सह अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे को उपाध्यक्ष तथा श्री के राजू को संयोजक बनाया गया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि जयंती समारोहों की शुरुआत 14 अप्रैल को बाबा साहेब के जन्मदिवस पर उनकी जन्मस्थली मध्य प्रदेश के मऊ से की जाएगी। उसके बाद देशभर में ब्लाक तथा जिला मुख्यालयों पर विभिन्न कार्यकम आयोजित किए जाएंगे और कार्यक्रमों का सिलसिला अगले वर्ष 14 अप्रैल तक चलेगा। 

उन्होंने कहा कि पार्टी बाबा साहेब के नाम पर एक पुरस्कार भी स्थापित करेगी। यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर का होगा और सामाजिक बदलाव के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा। इसके लिए एक निर्णाय मंडल का गठन किया जाएगा। समिति के संयोजक श्री राजू ने कहा कि पूरे साल बाबा साहेब के विचारों के प्रसार के लिए वाद- विवाद प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन तथा अन्य कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही साइकिल तथा पद यात्राओं और रैलियों का आयोजन किया जाएगा। 

संसदीय प्रणाली की सहज जानकारी से लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी- नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसदीय प्रणाली की जानकारी सहजता से देने की आवश्यकता पर बल देते हुए आज कहा कि इस प्रणाली की जानकारी अधिक सहज रूप से दी जानी चाहिये ताकि लोगों में इसके प्रति दिलचस्पी और अभिरूचि पैदा हो सके। श्री कुमार यहां जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में नवनिर्मित सभागार का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य की प्रवृति सीखने की होती है। अनुभव से ज्यादा बड़ी शिक्षा नहीं होती है। संसदीय प्रणाली दुनिया भर में कैसे चल रही है, इन सब बातों के लिये शोध की जरूरत है। 

जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान को संस्थान के रूप में ही विकसित करना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्थान को पुनर्जीवित करने की कोशिश हो रही है। संस्थान के नाम के अनुसार यहाॅ पर काम हो, संस्थान में काम करने का सिलसिला फिर से प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बिहार में हुए विभिन्न आंदोलनों की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में जितने आन्दोलन हुये हैं या आजादी की लड़ाई में बिहारवासियों की जो भूमिका रही है, उसकी उतनी चर्चा नहीं हुयी है, जितनी होनी चाहिये थी। इस संस्थान के जरिये संसदीय प्रणाली जो बेहतरीन प्रणाली है, उसके विभिन्न आयामों का शोध इस संस्थान के माध्यम से किया जा सकता है। 

विशेष आलेख : बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को अपेक्षाकृत कम ब्याज पर ऋण देने के मामले में अन्यमनस्कता दिखाने के लिए बैंकों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि किसानों को ऋण देने से बैंकों को नुकसान नहीं होगा। इस मामले में उनका पूर्वाग्रह बेवजह है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों की बर्बादी के कारण किसानों की बदहाली और उसकी प्रतिक्रिया में उनकी असमय मृत्यु जैसी घटनाओं से सरकार से लेकर सारा देश व्यथित है। बैंकों को भी इस मामले में संवेदनशील होना चाहिए।

मोदी की यह नसीहत प्रासंगिक है लेकिन इसमें पाखंड भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब केेंद्र सरकार की बागडोर संभाली थी तो लोगों में ऐसी उम्मीद जता रखी थी कि उन्होंने मान लिया था कि कुछ ही दिनों में भ्रष्टाचार का लगभग अंत हो जाएगा और कानून का राज पटरी पर चढ़ता नजर आएगा। नार्थ ब्लाक और साउथ ब्लाक में दलालों के विचरण पर रोक, अपनी पसंद के पीए नियुक्त करके मंत्रियों द्वारा उद्योगपतियों व अन्य लोगों से उगाही की मंशा पर लगाम और मंत्रियों व सचिवों पर फाइलों के समय से निस्तारण के लिए जोर ताकि फाइलें विलंबित रखकर किसी से भयादोहन की गुंजायश न रहे। ऐसी खबरें जानबूझकर प्रधानमंत्री द्वारा प्रसारित कराई गई थीं जिससे लोगों की उम्मीद का रंग और गाढ़ा हो गया था लेकिन भ्रष्टाचार के खात्मे व साफ-सुथरी गर्वनेंस के मामले में मोदी की उपलब्धि अभी तक सिफर बटा सिफर है। मोदी को शायद यह मालूम नहीं है कि किसान क्रेडिट कार्ड से होने वाली लानिंग बैंकों में व्याप्त जबरदस्त भ्रष्टाचार के कारण उनकी बर्बादी की एक और वजह साबित हो रही है। 

केसीसी पर लिए गए ऋण पर किसान को केवल सात प्रतिशत ब्याज घोषित रूप से चुकाना पड़ता है जबकि हकीकत दूसरी है। केसीसी बनवाने में किसानों को जमकर रुपया देना पड़ता है। इसके बाद उसे ऋण भी तब तक नहीं मिलता जब तक कि बैंक मैनेजर उसकी ऋण राशि में से निर्धारित प्रतिशत अग्रिम नहींले लेता। इस घूसखोरी के तांडव की वजह से कई बार केसीसी पर लिए गए कर्ज की ब्याज दर महाजन के कर्ज से भी ज्यादा हो जाती है। यही वजह है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के जीवन में कोई खास परिवर्तन नहीं ला सकी है बल्कि कई किसान तो इसे अपने अभिशाप का कारण मानते हैं। उनका कहना है कि जब फसल अच्छी होती है तब भी घूसखोरी की वजह से केसीसी से ऋण लेने में उनका इतना पैसा अग्रिम निकल जाता है कि खेती के मुनाफे से उसी की भरपाई नहीं हो पाती इसलिए अच्छे दिनों में भी किसान ऋण से चुकता नहींहो पाता। इस बीच कम से कम हर तीन वर्ष में खेती की बर्बादी एक अनिवार्यता की तरह स्थापित है। ऐसे में बर्बादी के समय वह कर्ज के अभेद्य जाल में जकड़ जाता है। अगर कहीं दो-तीन साल लगातार खेती में घाटे की स्थिति चली तब तो उसकी दशा बहुत बुरी हो जाती है। ऐसे में उसे दिखने लगता है कि अब उसे अपनी पुरखों की निशानी को कर्ज चुकाने के लिए एक न एक दिन खो ही देना पड़ेगा और यह चिंता उसे इतना ज्यादा परेशान कर देती है कि किसानों के द्वारा खुदकुशी जैसे किस्से सामने आने लगते हैं।

ऐसा न हो कि मोदी इस हकीकत से परिचित न हों। उन्होंने कुर्सी में बैठने के बाद जोखिम से बचने के लिए भ्रष्टाचार से टक्कर लेने का इरादा एक कोने में फेेंक दिया। लोगों को इस मामले में अपनी जवाबदेही भुलाने के लिए वे गगन बिहारी होकर विदेशी मोर्चे पर देश का झंडा बुलंदी से फहराने का भ्रम पैदा कर रहे हैं। इस श्रेय को अपनी जरखरीद मीडिया के जरिए भारीभरकम बनाकर उन्होंने अपनी असली जवाबदेही से छुटकारा पाने का रास्ता तैयार कर लिया है। हालांकि लोगों को भ्रष्टाचार से तब तक पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल सकती जब तक कि राज्य भी इस मामले में कटिबद्ध न हों और अभी भी कई राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं। मोदी कह सकते हैं कि इसलिए भ्रष्टाचार को खत्म करने के उनके इरादे परवान नहीं चढ़ पा रहे। चलो यह बात मान भी ली जाए तो कम से कम मोदी को केेंद्र सरकार के अधीन आने वाले विभागों व उपक्रमों में तो भ्रष्ट अधिकारी को ट्रेप कराने और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर शिकंजा कसने के लिए सीबीआई को सक्रिय कर ही देना चाहिए था। सीबीआई भ्रष्टाचार पर रोक के मामले में वैसे ही सुस्त बनी हुई है जैसी यूपीए सरकार में थी। सीबीआई की इस मामले में उदासीनता पर मोदी सरकार में चर्चा तक नहीं हो रही। इससे यह धारणा पैदा हो रही है कि भ्रष्टाचार असाध्य समस्या बन चुका है क्योंकि इस मामले में सभी पार्टियां एक ही थैली की चट्टी बट्टी हैं।

दूसरी ओर गैर भाजपा शासित राज्यों में स्वेच्छा चारिता व भ्रष्टाचार का अंत फिलहाल न हो तो कोई बात नहीं लेकिन विडंबना यह है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है उनमें भी जनता के शोषण और दोहन के मामले में गनीमत नहीं है। मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला उजागर होने के बाद यह साबित हो गया कि गुड गर्वनेंस के एक बड़े नमूने के रूप में प्रचारित भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार की नाक के नीचे क्या हो रहा था। व्यापम घोटाला भ्रष्टाचार के साथ-साथ बेरोजगारों से घोर अन्याय का भी प्रतीक है जो कि मानवीयता के खिलाफ अपराध है। जैसे इतना ही पर्याप्त नहीं था। हरियाणा में अशोक खेमका को फिर से पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में भाजपा की खट्टर सरकार ने फेेंक दिया है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वे सोनिया गांधी के दामाद को जमीन सौदे में फायदा पहुंचाने की कोशिश में अड़ंगा लगाने की वजह से खेमका चर्चित हुए थे। हालांकि उनको तत्कालीन सरकार का जबरदस्त उत्पीडऩ झेलना पड़ा था। उस समय भाजपा उन्हें हीरो बनाकर पेश कर रही थी ताकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को ज्यादा से ज्यादा बदनाम करके राजनीतिक तौर पर पूरी तरह कमजोर किया जा सके लेकिन ईमानदार अधिकारियों के दिन भाजपा के राज में बहुरेंगे यह गलतफहमी खेमका के साथ हरियाणा की भाजपा सरकार के नए सुलूक से दूर हो गई है। उन्हें परिवहन ïिवभाग से नवाजा गया था और इस ïिवभाग में रहते हुए अपनी ख्याति के अनुरूप खेमका ने शक्तिशाली ट्रांसपोर्टर लाबी की मनमानी में नकेल डाल दी। तिलमिलाई ट्रांसपोर्टर लाबी ने इससे खट्टर सरकार पर दबाव बनाया जिसके बाद स्वयं को ईमानदारी का अवतार बनाने वाली यह सरकार उनके आगे घुटने टेकने को मजबूर हो गई। महत्वहीन जगह इतनी जल्दी भाजपा राज में भी तबादले से खेमका को जबरदस्त पीड़ा हुई है जिसका इजहार उन्होंने ट्वीट करके किया। यहां तक कि भाजपा में भी लोग इसको पचा नहीं पाए। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल बिज ने उनका साथ देने का इरादा जताकर इस बात को प्रकट किया है।

बहरहाल किसान और देश के किसी भी ईमानदार मेहनतकश तबके की स्थिति में मोदी सरकार व सर्वत्र भाजपा राज आ जाने के बावजूद कोई सुधार नहीं होने वाला यह बात अब साबित हो चुकी है। कारपोरेट को आरामदायक ढंग से डैने फैलाने का अवसर देने के लिए मोदी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में हर तरह की अड़ंगेबाजी दूर करने के लिए तैयार हैं भले ही इस मामले में उनको सारे जमाने से टकराना पड़े लेकिन इसी तरह की बेबाकी भ्रष्टाचार पर रोक के लिए कर दिखाने की कशिश उनके मन में नहीं है। मोदी व्यक्तिगत रूप से ईमानदार हो सकते हैं लेकिन उनका वर्ग चरित्र उनकी सीमाएं तय कर देता है। वे कारपोरेट वर्ग शक्तियों के मोहरा हैं जो बेईमानी की मुख्य जड़ भोगवाद की मानसिकता को पोषता है और यह मानसिकता नैतिकता के सारे तटबंध तोड़ देने की उच्छृंखलता के लिए उकसाती है। मोदी से भ्रष्टाचार के मामले में अलग हटकर कुछ उम्मीद करना वैसा ही है जैसे बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय।



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के पी सिंह 
ओरई 

केजरीवाल की हां में हां मिलाने वाले ही आप में रह सकते हैं: प्रशांत भूषण

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प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कर दिया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एक खुला खत लिखा है और खुद पर लगे तमाम आरोपों का जवाब दिया है।

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पहले तो पीएसी से बाहर निकाला गया और उसके बाद राष्ट्रीय परिषद से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत और योगेंद्र साथ मिलकर नई पार्टी बना सकते हैं।

अपनी चिट्ठी में उन्होंने उन सभी आरोपों का जवाब दिया है, जो केजरीवाल ने 28 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दिए गए अपने भाषण के दौरान उन पर लगाए थे। उन्होंने अरविंद को चिट्ठी में 'गुडबाय एंड गुड लक'कहा है जिससे माना जा रहा है उन्होंने आम आदमी पार्टी से अपना रिश्ता खत्म कर लिया है।

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने साथ मिलकर 2012 में आम आदमी पार्टी को स्थापित करने में केजरीवाल की मदद की। पिछले वर्ष जब दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने चरम पर था, प्रशांत भूषण के पिता और आप के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने पार्टी का प्रमुख चेहरा बन चुके केजरीवाल के खिलाफ बयानबाजी की। शांति भूषण ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनके दो पसंदीदा व्यक्तियों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी किरण बेदी और कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन होंगे, जबकि केजरीवाल उनकी प्राथमिकता में तीसरे नंबर पर हैं। हालांकि दिल्ली के मतदाताओं ने उनकी पसंद पर मुहर नहीं लगाई। एक हकीकत यह भी है कि जब दिल्ली में जोड़-तोड़ का खेल चल रहा था तब प्रशांत भूषण संदेहास्पद तरीके से पूरे परिदृश्य से गायब रहे। यहां तक कि पत्रकारों को भी समझ नहीं आ रहा था कि वह आप के साथ हैं या नहीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के उन बेहद चुनौतीपूर्ण दिनों में चुप्पी साध रखे प्रशांत आप को मिली भारी जीत के साथ केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होते ही अचानक बेहद सक्रिय हो उठे। योगेंद्र के साथ प्रशांत ने अचानक आंतरिक लोकतंत्र की कमी का हवाला देते हुए आप की निंदा करनी शुरू कर दी। इसके लिए जब केजरीवाल समर्थकों ने उनकी खिलाफत शुरू की तो वह और उग्र होते गए।

फर्जी IAS रूबी चौधरी गिरफ्तार

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मसूरी के हाई प्रोफाइल फर्जी आईएएस मालमे में एसआईटी की टीम ने होटल से रूबी चौधरी की गिरफ्तारी कर ली, इस दौरान रुबी चौधरी ने जमकर पुलिस कर्मियों पर अपना आक्रोश निकाला, गिरफ्तारी के बाद महिला को राजपुर थाने लाया गया। रात दो बजे तक राजपुर थाने का गेट बंद कर के रखा गया और मीडिया कर्मियों को थाने के अंदर तक नहीं आने दिया गया।

पुलिस कर्मियों पर आक्रोश करती रूबी चौधरी। जिस पर मसूरी एलबीएस अकादमी में फर्जी तरीके से रहने का आरोप है, महिला का देहरादून के धर्मपुर रोड स्थित एक होटल में ठहराया हुआ था, लेकिन रात करीब सवा दस बजे मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी की महिला अधिकारी शाहजहां अंसारी अपनी टीम के साथ होटल पहुंची और रीबी चौधरी की गिरफ्तारी कर ली गई। गिरफ्तारी के बाद महिला को राजपुर थाने लाया गया। रूबी चौधरी गुरुवार रात से होटल में ठहरी हुई थी। दो पुलिस महिला कर्मी भी उन पर निगरानी के लिए छोड़ी गई थी, दिन भर इसी बात की आशंका थी कि एसआईटी की टीम किसी भी वक्त इस मामले में नया मोड़ दे सकती है और हुआ भी ऐसा ही रात को रूबी चौधरी को अरेस्ट किया गया।

महिला की गिरफ्तारी के बाद जब राजपुर थाने लाया गया उसके बाद मीडिया भी मौके पर पहुंचा, लेकिन मीडिया को थाने के बाहर ही रोकने के लिए थाने के मैन गेट को बंद कर दिया गया। हांलाकि घंटों का वक्त गुजर जाने के बाद राजपुर थाने के एसओ थाने के गेट पर पहुंचे और जानकारी दी कि कोर्ट से प्रमिशन लेने के बाद महिला की रात को गिरफ्तारी की गई। लेकिन सवाल ये ही है कि अखिर क्या वजह है कि मामले में जांच कर रहे अधिकारी भी मीडिया से बच रहें है।

बिहार : ईसाई समुदाय द्वारा गुड फ्राइडे मनाया गया।

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गया। आज संपूर्ण संसार में परम्परागत ढंग से गुड फ्राइडे मनाया गया।£ीस्तीय विश्वासियों ने ईश पुत्र ईसा मसीह के दुःखभोग और क्रूस-मरण की यादगारी में क्रूस की यात्रा को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूरा किए। श्रद्धालुगण लगभग अपने मन और दिल को प्रार्थनामय कर दिए। हरेक स्तर के कार्यक्रम में लगन से भाग लिए। वैसे तो चालीसा के उपवास के दौरान भक्ति से लोग रोज ही क्रूस की यात्रा करते हैं। 

राजधानी पटना में स्थित लोयला उच्च विघालय से सुबह 5.30 बजे जुलूस के रूप में जीवंत झांकी निकाली गयी। कुर्जी मोड़ से निकलकर मुख्य मार्ग से होकर जब जुलूस कुर्जी पल्ली के प्राँगण में पहुँचा तोे झाँकियों में निर्मित ईसा की दुःखभरी दास्तानों के साथ क्रूस की यात्रा तय किए। इन सभी चैदह मुकामों को भक्तिमय तरीके से प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति इतनी मर्म-भेदी थी कि इन दृश्यों को देख श्रद्धालुओं की आंख में आंसू भर आयी।कई भक्तगण रो पड़े।

जीवंत झांकी के निदेशक विक्टर फ्रांसिस हैं। इनके ही निदेशन में नौ पुरुष, आठ स्त्रियों और छह बच्चों ने मिलकर झाँकियों को उच्चतम प्रस्तुति कर सके। उल्लेखनीय है कि विक्टर फ्रांसिस के द्वारा निर्देशित झांकियों का निर्देशन करने के अलावे ईसा मसीह के रूप में अमिट छाप छोड़ने वाले अभिनय भी किया। डाकुओं के रूप में चाल्र्स सिल्वेस्टर और सुनील जाॅन, माँ मरियम के रूप में श्रीमती रेखा, वेरोनिका के रूप में श्रीमती फिलोमीना बेसरा आदि ने अहम किरदारी की भूमिका अदा की।

आज दोपहर को 3.30 बजे अन्य धर्म विधियाँ प्रारंभ हुई जिसका संचालन फादर जाॅनसन केलकत ये॰स॰ ने किया। दोपहर की इन धर्म-विधियों में करीब 5000 लोग भाग लिए। इस पावन पूजन विधियों में ईसा के अंतिम भोजन के बाद से मृत्यु और दफन क्रिया तक के घटना-क्रमों को पवित्र बाइबिल से पाठ पढ़ कर सुनाया गया। अपने उपदेश में ईसा के उस उत्कृष्ट प्रेम का हवाला देते हुए उन्होंने निःस्वार्थ प्रेम के बारे में समझाया। इसके बाद पवित्र क्रूस की उपासना की गई। साल भर में पवित्र शुक्रवार और पवित्र शनिवार को मिस्सा-पूजा नहीं होती है। इस लिए केवल परमसाद बाँटा गया। धार्मिक विधियों के समाप्ति के बाद भी भक्त जन पवित्र क्रूस की उपासना जारी रखे।

ईश पुत्र ईसा इस दुनिया में प्रेम और अमन का संदेश लेकर आया। उनके जीवनदायी संदेशों जो ग्रहण नहीं कर सके उन्होंने ईसा को अपने प्रतिद्वंति के रूप में देखा और उन्हें किसी भी तरह समाप्त करने की सोच में लगे रहे। ईसा के पार्थिव जीवन के अंतिम एक सप्ताह को दुनिया भर के सभी ईसाई पवित्र सप्ताह के रूप में मनाते हैं। यह खजूर रविवार से ईस्टर रविवार तक की अवधि है।

इसी सप्ताह के गुरुवार को पुण्य वृहस्पतिवार कहते हैं जहाँ ईसाके इपने चेलों के साथ अंतिम भोजन की याद किया जाता है। इस वर्ष पुण्य बृहस्पतिवार अप्रैल 02 को पड़ा। इस भोजन के समय उन्होंने अपने चेलों के पैर धो कर प्रेम और सेवा का यह महान पाठ पढ़ाया है। इसकी यादगारी में कुर्जी चर्च के पल्ली पुरोहित फा॰ जाॅनसन, ये॰स॰ ने अपने पल्ली के बारह प्रतिनिधिों का पैर धोये जिनमे छः महिलाएँ भी थी। कुर्जी पल्ली के इतिहास में यह पहली बार है जब महिलाओं का पैर धोये गये। 

इस बीच बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के पूर्व संयोजक सिसिल साह के संचालन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गयी। इसमें प्रदेश अध्यक्ष डा.अशोक चैधरी आदि उपस्थित होकर विचार व्यक्त किए। एंग्लो-इंडियन समुदाय के द्वारा रक्तदान किया गया। 30 लोगों ने रक्तदान किया। इसकी जानकारी कैथरिन ने दी है।

आलोक कुमार 
बिहार 

बिहार : ईस्टर संडे के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान

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  • पवित्र शनिवार को अर्द्धरात्रि समारोही पूजा

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गया। ईसाई समुदाय चालीस दिनों तक गमगीन रहे। महायाजकों की साजिश के तहत पवित्र शुक्रवार को ईसा मसीह मौत की गोद में चले गए।इसके तीन दिनों के बाद पुर्नजीर्वित हो गए। इसके साथ ही पवित्र शनिवार के देर रात आयोजित समारोही पूजा के बाद गमगीन रहने वाले ईसाई समुदाय खुशी में लीन हो जाएंगे। 

पवित्र शुक्रवार को ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाकर मार डाला है। संध्या समय अरिमथिया का एक धनी सज्जन आया। उसका नाम यूसुफ था और वह भी ईसा का शिष्य बन गया था। उसने पिलातुस के पास जाकर ईसा का शव मांगा और पिलातुस ने आदेश दिया कि शव उसे सौंप दिया जाए। यूसुफ ने शव ले जाकर उसे स्वच्छ छालटी के कफन में लपेटा और अपनी कब्र में रख दिया। जिसे हाल में चट्टान में खुदवाया था और वह चला गया। मरिमय मगदलेना और दूसरी मरियम वहां कब्र के सामने बैठी रही। उस शुक्रवार के दूसरे दिन महायाजक और फरीसी एक साथ पिलातुस के यहां गए और बोले कि श्रीमान्! ळमें याद है कि उसे धोखेबाज ने अपने जीवनकाल में कहा है कि मैं तीन दिन बाद जी उठूंगा। इसलिए तीन दिन तक कब्र की सुरक्षा का आदेश दिया जाए। तब पत्थर पर मुहर लगायी और पहरा बैठाकर कब्र को सुरक्षित कर दिया। 

विश्राम-दि के बाद, सप्ताह के प्रथम दिन पौ फटते ही, मरियम मगदलेना और दूसरी मरियम कब्र देखने आयीं। एकाएक भारी भूकम्प हुआ। प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा , कब्र के पास आया और पत्थर लुढ़का कर उस पर बैठ गया। उसका मुखमंडल बिजली की तरह चमक रहा था और उसके वस्त्र हिम के समान उज्जव थे। दूर को देखकर पहरेदार थर-थर कांपने लगे और मृतक जैसे हो गए। स्वर्गदूत ने स्त्रियों से कहा कि डरिए नहीं। मैं जानता हूं कि आपलोग ईसा को ढूंढ रही हैं, जो सलीब पर चढ़ाये गये थे। वे यहां नहीं है। वे जी उठे हैं, जैसा कि उन्होंने कहा था। इस ऐतिहासिक घटना को ईसाई समुदाय ईस्टर के रूप में मनाते हैं। 

इस ऐतिहासिक ईस्टर पर्व की संपूर्ण तैयारी कर ली गयी है। पवित्र शनिवार को अर्द्धरात्रि और ईस्टर संडे को रविवार को सुबह में धार्मिक अनुष्ठान अदा किया जाएगा। इस दिन पवित्र जल तैयार किया जाता है।पूजा समाप्ति के बाद हेप्पी! ईस्टर, पास्का पर्व मुबारक हो कहकर संबोधित किया जाता है। जो 7 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों को आशीष दी जाती है। श्रद्धालुओं का कहना है कि तकलीफ के बाद तत्क्षण हर्ष प्राप्त होता है। इस पर्व को हमलोग विशेष तौर से मनाते हैं। जन्म तो प्राकृति घटना है। मगर मृतकों में से जी उठना अनौखी और अद्भूत कृत्य है। घर-घर में पकवान बनाने की व्यवस्था कर ली गयी है। लगा है। 

बिहार : सर्वधर्म प्रार्थना सभा कर गुड फ्राइडे मनाया

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पटना. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी (अल्पसंख्यक विभाग) के तत्वावधान में शुक्रवार को 11 बजे से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय,सदाकत आश्रम,पटना में गुड फ्राइडे के अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयाजित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिसिल साह,पूर्व संयोजक,अल्पसंख्यक विभाग,बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने की। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा. अशोक चैधरी,सदस्य विधान परिषद ने कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करती है तथा सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। 

सर्वधर्म प्रार्थना सभा में ईसाई धर्म से सिस्टर सरला लायल,मुस्लिम धर्म से मो.फारूक कासमी,सिख धर्म से गुरजीत सिंह ज्ञानी एवं सनातन धर्म से पंडित विपिन झा ने अपने-अपने धर्म ग्रंथों का पाठ कर समाज में शांति एवं भाईचारे के संदेश पर रोशनी डाला। इस सभा में मुख्य रूप से सर्वश्री अनिल सुलभ,कौकब कादरी, ब्रजेश पांडेय, ब्रजेश प्रसाद मुनन, कुमार आशीष,संतोष कुमार श्रीवास्तव, पुरूषोत्तम मिश्रा,शकीलुर रहमान,शशि रंजन, प्रकाश गुप्ता, सुलतान अहमद,हीरा सिंह बग्गा के अलावे बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे। 


आलोक कुमार
बिहार 

दीनानाथ भास्कर ने एकबार फिर बसपा से नाता तोड़ा

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  • कहा, पार्टी मे लगातार हो रही उपेक्षा, पहले कराया बाहुबलियों के खिलाफ प्रचार, अब कार्यक्षेत्र औराई विधानसभा से 60 लाख लेकर दुसरे को बनाया प्रत्याशी 
  • सपा-बसपा में रह चुके दो बार कैबिनेट मंत्री, तीन बार विधायक व अनुसूचित जाति-जनजाति के चेयरमैन 
  • पार्टी छोड़कर जाने वालों के जैसा ही मायावती पर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप भास्कर ने भी लगाया 

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एक के बाद एक चुनाव हार रही बहुजन समाज पार्टी में अब सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कई पार्टी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, तो कई उपेक्षा व टिकट ना मिलने से नाराज स्वतंः पार्टी छोड़ने लगे है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के दलित समाज के वरिष्ठ नेता दीनानाथ भास्कर ने शनिवार को एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता व प्रमुख पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले भी वह मायावती से आंतरिक विवादों के चलते 1996 में बसपा से इस्तीफा दे चुके है। जबकि 2006 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की उपेक्षात्मक रवैसे इस्तीफा दे चुके है। श्री भास्कर का आरोप है कि सपा हो बसपा दोनों ने उनकी क्षमता, बुद्धि व समाज की उपयोगिता के लिए उनका इस्तेमाल किया, लेकिन जब जब उनकी लोकप्रियता बढ़ी तो उनकी उपेक्षा कर किनारे लगा दिया गया। हाल ही में बसपा सुप्रीमों मायावती ने चुनाव प्रचार से लेकर दलित समाज को एकजुट करने में भरपूर इस्तेमाल किया, लेकिन जब उनके कर्मक्षेत्र औराई विधासभा से प्रत्याशी बनाने की बात आई तो 60 लाख रुपये दुसरे से लेकर उसे प्रत्याशी बना दिया जिसका न कोई जनाधार है और न ही क्षेत्र में वजूद। 

श्री भास्कर ने इस्तीफे की घोषणा भदोही में पत्रकारों से बातचीत के दौरान की। श्री भास्कर ने बताया कि वह 1984 से मान्यवर कांसीराम के साथ रहकर दलित समाज को जोड़ने का काम करते रहे। उनके लगन व मेहनत को देखते हुए कांसीराम ने वर्ष 1987 में वाराणसी का जिलाध्यक्ष बना दिया। वह 1996 तक वाराणसी से जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वह चंदौली से विधायक चुने गए। लेकिन बसपा में उनकी बढ़ती साख को देखकर मायावती ने जब उनकी उपेक्षा करनी शुरु की तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुलायम सिंह यादव से मिलकर सपा ज्वाइन कर ली थी। सपा में भी वह भदोही विधानसभा से दो बार विधायक रहे, लेकिन 2006 के उपचुनाव में मुलायम ने बाहुबलि के कहने पर मेरा टिकट काट दिया फिर भी पार्टी से जुड़ा रहा, लेकिन उपेक्षा के चलते जब घूटन होने लगी तो सपा से भी इस्तीफा दे दिया। 

वर्ष 2009 में मायावती द्वारा बुलाये जाने पर उनकी मुलाकात सीएम आवास पर हुई और उन्होंने यह कहकर बसपा से जोड लिया कि आप फिर से अपने पूरे तेवर के साथ काम करिए। मायावती जी के कहने पर ही मैने पूरी सक्रियता से पार्टी को मजबूत बनाने में जुटा रहा। उनकी सक्रियता को देखते हुए मायावती ने इलाहाबाद-मिर्जापुर मंडल का कोआर्डिनेटर बना दिया। वर्ष 2012 के विधानसुभा चुनाव औराई से प्रत्याशी बनाने के लिए कहा था लेकिन यहकर दुसरे को टिकट दे दिया कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मछलीशहर से लोकसभा प्रतत्याशी बनायेंगे। लेकिन तब भी उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया, वाराणसी मंडल का कोआर्डिनेटर बना दिया। इसके अलावा मेरे कर्मठता को देखते हुए झारखंड प्रदेश का प्रभारी बना दिया और पूर्वांचल सहित पूरे झारखंड के बाहुबलि प्रत्याशियों के इलाकों में उनकी तैनाती की। मायावती शुरुवाती दौर से ही चाहती थी कि भास्कर राजनीति चैपट हो जाय इसके लिए उनका शारीरिक, मानसिक व आर्थिक इस्तेमाल भरपूर किया। सभी चुनाव संपंन हो जाने के बाद वह मायावती से मिलना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने लखनउ व दिल्ली दोनों जगहों के निवास व कार्यालय पर सम्पर्क किया लेकिन मिलने से इंकार कर दिया गया। इसके बाद औराई से पैसा लेकर टिकट दुसरे को दे दिया गया। पार्टी के अन्य कोआर्डिनेटर भी उनकी उपेक्षा करने लग गये थे। लगातार उपेक्षा से वह घूटन महसूस करने लगे थे। ऐसे में उन्होंने सोचा कि अब बीएसपी में उनका बने रहना ठीक नहीं है, जिससे आज अपना इस्तीफा मायावती को भेज दिया है। 

गौरतलब है कि इसके पहले पार्टी के दिग्गज नेता माने जाने वाले अखिलेश दास, दारा सिंह चैहान, कादिर राणा, शाहिद अखलाक के बाद मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता जुगुल किशोर को भी पार्टी से बाहर का रास्ता पहले ही दिखा दिया है। मायावती पर पैसे लेकर सीटें बेचने का आरोप लगाया है। इसके पहले भी सभी ने कुछ इसी तरह के आरोप लगाएं थे। लखीमपुर की मोहम्मदी सीट से विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने भी मायावती पर ये ही आरोप लगाए हैं। मायावती के इन फैसलों की वजह से पार्टी में मायावती के खिलाफ विरोध के सुर और तेज होने लगे हैं। अब पार्टी के मौजूदा विधायक भी मायावती को आड़े हाथों ले रहे हैं। वहीं कांशीराम के करीबी रहे बाबूलाल कुशवाहा, राजबहादुर, बलिहारी बाबू को भी पार्टी में शून्य कर दिया गया है। दूसरी ओर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता स्वामी प्रसाद मौर्या का कहना है कि सभी को पार्टी से निकाला जा रहा है और जिन लोगों को भी पार्टी से निकाला गया है उनकी किसी भी पार्टी में तरक्की नहीं हुई है।




(सुरेश गांधी)

वकील की दलील-कैमरा ट्रायल रूम के बाहर था

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गोवा में फैब इंडिया के चेंजिंग रूम में खुफिया कैमरा पकड़े जाने के मामले की जांच तेज कर दी गई है. इस केस में गिरफ्तार आरोपियों की शनिवार को गोवा के महापूसा कोर्ट में पेशी हुई. आरोपियों के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि कैमरा ट्रायल रूम में नहीं, बल्कि बाहर लगा था. वकील ने कहा कि इसे खुफिया कैमरा नहीं कहा जा सकता है, न ही इसके पीछे कोई आपराधिक मंशा थी. स्टोर के 4 कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अब फैब इंडिया के आला अधिकारियों से इस बारे में पूछताछ की जानी है. स्मृति ईरानी ने चेंजिंग रूम में पकड़ा खुफिया कैमरा

चेंजिंग रूम में कैमरे के खुलासे के बाद गोवा से दिल्ली तक खलबली मची हुई है. मामला केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से जुड़ा है, इसलिए गोवा सरकार भी हरकत में है. शनिवार को ही फैब इंडिया के आला अधिकारियों से पूछताछ होगी. कंपनी के सीनियर अधिकारी शनिवार को गोवा पहुंचेंगे. फैब इंडिया ने एक बयान जारी कर पूरी घटना पर हैरानी जताते हुए जांच में सहयोग की बात कही है.

गोवा के सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा है कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी. पारसेकर ने दूसरे शो रूम की जांच के भी आदेश भी दे दिए. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए स्टोर को सील कर दिया है. पुलिस ने बताया कि उत्तरी जिले की पुलिस ने स्टोर की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है. यह स्टोर तटीय इलाके में स्थित है. इस मामले में गोवा के बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने एफआईआर दर्ज करवाई. तफ्तीश में जुटी पुलिस ने हार्ड डिस्क को अपने कब्जे में ले लिया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को स्मृति ईरानी ने गोवा के फैब इंडिया के चेंजिंग रूम में खुफिया कैमरा पकड़ा, जिससे मामला उजागर हुआ.

विशेष : काशी में तुलसीदास से मिले बजरंगबली

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जी हां, धर्म एवं आस्था की नगरी काशी में साक्षात प्रकट हुए थे बजरंगबली। महान कवि संत सिरोमणी गोस्वामी तुलसीदास जी को पवन हनुमान ने न सिर्फ दर्शन दी थी, बल्कि उन्हें भगवान श्रीराम से भी मिलवाया। वह मनोरम स्थल है काशी का घाट, जिसे कहते है तुसीघाट। खास बात यह है कि तुलसीदास जी अपने आराध्य देवों के साक्षात दर्शन बाद तुलसी कुटिया में अपने ही हाथों निर्मित बजरंगबली की मूर्ति स्थापित कर लिख डाली पूरी रामचरित मानस 

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बेशक, काशी को यूं ही तीनों में सबसे न्यारी या मोक्ष की नगरी नहीं कहा जाता, बल्कि इसके एक-दो नहीं कई कारण है। यहां देवों के देव आराध्य देव भगवान भोलेनाथ तो बसते ही है, उनके अंश यानी 11वें रुद्रावतार बजरंगबली का आना-जाना लगा रहता है। अपने भक्तों का संकट हरने के लिए समय-समय पर बजरंगबली ने कई रुप धरे है, जिसमें एक रुप है संकटमोचन। यह वही रुप है जिसमें बजरंगबली ने तुलसीदास जी को दर्शन देकर उन्हें संत सिरोमणी महान कवि बना दिया। वह स्थान आज भी मौजूद है, तुलसीघाट व संकटमोचन मंदिर के रुप में। तुलसीघाट गंगा जी के किनारे है तो संकटमोचन मंदिर कैंट स्टेशन से बीएचयू लंका मार्ग पर। जहां पूरी आन-बान-शान से स्थापित संकटमोचक मूर्ति को देख भक्तों के मन में सवाल उठ खड़ा होता है कि भला यह कैसा रुप। 

दरअसल, यह रुप उस वक्त का याद दिलाता है जब कुष्ठ ब्राह्मण के रुप में बजरंगबली ने न सिर्फ महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी को दर्शन दी, बल्कि उन्हें भगवान राम से भी मिलवाया। अपने आराध्य देवों के दर्शन बाद तुलसीदास जी ने अपने ही हाथों निर्मित बजरंगबली की मूर्ति स्थापित कर पूरी रामचरित मानस लिख डाली। कहते है संकटमोचन बजरंगबली का आना-जाना यहां आज भी होता है। यही वजह है कि संकटमोचन बजरंगबली का मंदिर अपनी विशालता और उंचाई के लिए तोे जाना ही जाता है, साथ अपनी चमत्कारी और मान्यताओं के चलते देश-विदेश के भक्तों को अपनी ओर खीचता है। यहां आने वाले भक्तों की अधूरी इच्छा तो पूरी होती ही है हनुमान जी के बारे में करीब से दर्शन का मौका मिलता है। हर मंगलवार और शनिवार को हजारों की तादाद में श्रद्धालु हनुमान की पूजा अर्चना अर्पित करने पहुंचते है और मुरादों की झोली भरकर ले जाते है।

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बात 1608 से 1611 के बीच उस वक्त की है जब महान कवि गोस्वमी तुलसीदास अपने ही उपासक भगवान श्रीराम की पटकथा लिख रहे थे। वह जगह आज भी तुलसी आश्रम व घाट के रुप में स्थापित है। मान्यता है कि गंगा घाट के पास आज भी मौजूद विशाल पीपल पेड़ के नीचे बैठकर ही तुलसीदास जी रामचरित मानस की चैपाईयां लिखा करते थे। चूकि भगवान हनुमान अवतार भगवान शिव का शक्तिशाली और रुद्र अवतार के रूप में जाना जाता है, इसलिए चैपाई लिखने से पहले तुलसीदास जी ने अपने ही हाथ से निर्मित बाल हनुमान मूर्ति की स्थापना की। जिसकी ऐतिहासिकता आज भी कायम है और ये मंदिर वर्तमान में लोगों की श्रद्धा का केन्द्र भी बना हुआ हैं। दक्षिणामुखी हनुमान जी की इस मूर्ति को काफी जागृत माना जाता है। इस मंदिर के उपरी तल पर राम-जानकी मंदिर है जिसकी स्थापना भी तुलसी दास जी ने ही की थी। इस मंदिर के पास ही एक कोने में तुलसीदास जी का चित्र लगाया गया है। यह वही स्थान है जहां तुलसीदास जी बैठकर चैपाईयां लिखा करते थे। रोजाना चैपाईयां लिखने से पहले तुलसीदास जी अपने आराध्य हनुमान जी की अपने ही स्थापित मूर्ति पूजन किया करते थे। उसी दौरान एक दिन तुलसीघाट पर स्थित पीपल के पेड़ पर रहने वाले दैत्य से तुलसीदास का सामना हो गया। उस दैत्य ने पहले तो उन्हें खूब छकाया, बाद में जब उन्होंने दैत्य के सामने हनुमान जी का मंत्र पढ़कर आह्वान करना शुरु किया तो दैत्य नतमस्तक हो गया। 

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तुलसीदास जी के कार्यो से प्रसंन दैत्य ने तुलसीदास को हनुमान घाट पर होने वाले रामकथा में श्रोता के रूप में प्रतिदिन आने वाले कुष्ठी ब्राह्मण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। दैत्य ने उन्हें आभास करा दिया कि वह कुष्ठी ब्राह्मण कोई और नहीं, पवनपुत्र ही है। फिर क्या तुलसीदास जी प्रतिदिन उस कुष्ठी ब्राह्मण का पीछा करने लगे। अन्ततः एक दिन उस कुष्ठी ब्राह्मण ने तुलसीदास जी को अपना दर्शन हनुमान जी के रूप में दिया। तुलसीदास जी साक्षात हनुमान का दर्शन पाकर निहाल हो उठे और अपने इष्टदेव भगवान राम से मिलने की इच्छा जताई। प्रसंचित हनुमान ने बताया कि भगवान राम चित्रकूट में मिलेंगे। तुलसीदास जी चित्रकूट पहुंच गए और वहां उनका दर्शन हुआ। चैपाई भी है, चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़, तुलसीदास चंदन घिसय तिलक देत रघुबीर। भगवान राम का साक्षात दर्शन पाने के बाद तुलसीदास पुनः काशी आ गए। और जहां हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया था, जो आज भी दुर्गाकुण्ड से लंका जाने वाले मार्ग पर करीब 3 सौ मीटर आगे बढ़ने पर दाहिनी ओर मौजूद है, पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर दी। जो आज संकटमोचन के नाम से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात है। साढ़े आठ एकड़ भूमि पर फैले इस भव्य संकटमोचन मंदिर परिसर हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित है। 

मान्यता है कि तुलसीदास जी ने रामचरितमानस, हनुमान चालिस सहित कई रचनाओं के अंश संकटमोचन मंदिर के पास विशाल पीपल पेड़ के नीचे बैठकर लिखा था। हनुमान जी की महिमा गुणगान में उन्होंने लिखा है, को नहिं जानत है जग में कपि संकटमोचन नाम तिहारों, जैसी चैपाई मंदिर भक्ति की शक्ति का अदभुत प्रमाण देता है। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को देखकर ऐसा आभास होता है जेसै साक्षात हनुमान जी विराजमान हैं। यहां मूर्ति की स्थापना इस प्रकार हुई है कि वह भगवान राम की ओर ही देख रहे हैं, जिनकी वे निःस्वार्थ श्रद्धा से पूजा किया करते थे। मंदिर में हनुमान जी की सिन्दूरी रंग की अद्वितीय मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि यह हनुमान जी की जागृत मूर्ति है। गर्भगृह की दीवारों पर लिपटे सिन्दूर को लोग अपने माथे पर प्रसाद स्वरूप लगाते हैं। गर्भगृह में ही दीवार पर नरसिंह भगवान की मूर्ति स्थापित है। हनुमान मंदिर के ठीक सामने एक कुंआ भी है जिसके पीछे राम जानकी का मंदिर है। श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन के उपरांत राम जानकी का भी आशीर्वाद लेते हैं। वहीं एक तरफ शिव मंदिर है। इस भव्य और बड़े हनुमान मंदिर में अतिथिगृह भी है जिसमें मंदिर में होने वाले तमाम सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने आये अतिथि विश्राम करते हैं। हनुमान जी के मंदिर के पीछे हवन कुण्ड है जहां श्रद्धालु पूजा पाठ करते हैं। मंदिर परिसर में बंदरों की बहुतायत संख्या है। पूरे मंदिर में बंदर इधर-उधर उछल कूद करते रहते हैं। कभी-कभी तो ये बंदर दर्शनार्थियों के पास आकर उनसे प्रसाद भी ले लेते हैं। हालांकि झुंड में रहने वाले ये बंदर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। 

मंदिर के महंत बिशम्भरनाथ मिश्र के मुताबिक तुलसीदास का सर्वाधिक समय अस्सी घाट पर ही बीता, जिसे अब तुलसीघाट कहा जाता है। यही तुलसी मंदिर या तुलसीदास का अखाड़ा है, जिसमें गोस्वामी जी रहते थे। यही उनका देहावसान हुआ। संवत 1680 अस्सी गंग के तीर। श्रावण कृष्ण तीज शनि तुलसी तज्यों शरीर।। उनका बचपन बहुत ही कष्टमय व्यतीत हुआ, भिक्षाटन तक करना पड़ा। दर-दर भटकना पड़ा। उनकी शादी रत्नावली नाम की कंया से हुई थी। उनकी खड़ाऊं आज भी तुलसीघाट में महंत परिवार के पास सुरक्षित है। जिस नाव पर बैठकर वह मानस लिखा करते थे, उसका टुकड़ा आज भी वहां सहेज कर रखा गया है। इस दौरान वह कई-कई दिनों तक घाट के ऊपर ही बैठे रह जाते थे और मानस को लिखते थे। उनके रहने के घर को राजा टोडरमल ने बनवाया था। रामचरित मानस कवितावली, विनय पत्रिका, दोहावली, श्रीकृष्ण गीतावली, पार्वती मंगल रामाज्ञा, कृष्ण हनुमान, बहूक हनुमान चालिसा, रामलला नक्षुजानकी मंगल, वैराज्ञ संदीपनी आदि उनके ग्रंथों की कुछ पांडुलिपियां अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास, तुलसीघाट में सुरक्षित है। 

मंदिर में हनुमान जी की पूजा नियत समय पर प्रतिदिन आयोजित होती है। पट खुलने के साथ ही आरती सुबह साढ़े 5 बजे घण्ट-घडियाल नगाड़ों और हनुमान चालीसा के साथ होती है जबकि संध्या आरती रात नौ बजे सम्पन्न होती है। आरती की खास बात यह है कि सबसे पहले मंदिर में स्थापित नरसिंह भगवान की आरती होती है। मौसम के अनुसार आरती के समय में आमूलचूल परिवर्तन भी हो जाता है। दिन में 12 से 3 बजे तक मंदिर का कपाट बंद रहता है। आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर हनुमान चालीसा से गूंज उठता है। हनुमान जी के प्रति श्रद्धा से ओत-प्रोत भक्त जमकर जयकारे लगाते हैं। वहीं मंगलवार और शनिवार को तो मंदिर दर्शनार्थियों से पट जाता है। इस दिन शहर के अलावा दूर-दूर से दर्शनार्थी संकटमोचन दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं। माहौल पूरी तरह से हनुमानमय हो जाता है। कोई हाथ में हनुमान चालीसा की किताब लेकर उसका वाचन करता है तो कुछ लोग मंडली में ढोल-मजीरे के साथ सस्वर सुन्दरकांड का पाठ करते नजर आता हैं। बहुत से भक्त साथ में सिन्दूर और तिल का तेल भी हनुमान जी को चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं। परंपराओं की मानें तो कहा जाता है कि मंदिर में नियमित रूप से आगंतुकों पर भगवान हनुमान की विशेष कृपा होती है। संकट मोचन का अर्थ है परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला। 

भगवान हनुमान को प्रसाद के रूप में शुद्ध घी के बेसन के लड्डू चढ़ाया जाता हैं। भगवान हनुमान के गले में गेंदे के फूलों की माला सुशोभित रहती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार भगवान हनुमान मनुष्यों को शनि ग्रह के क्रोध से बचाते हैं अथवा जिन लोगों की कुंडलियों में शनि गलत स्थान पर स्तिथ होता है, वे विशेष रूप से ज्योतिषीय उपचार के लिए इस मंदिर में आते हैं। कहते है कोई काम शुरु करने से पहले भक्त संकटमोचक दर्शन करना नहीं भूलते। दर्शनोंपरांत हनुमान चालिसा का पाठ भक्तों को दिला देता है रक्षा कवच, डाक्टर-इंजिनियर, गीत-संगीत, आईएएस, आईपीएस, पीसीएस सहित परीक्षा में उत्तीर्ण होने का वरदान। 7 मार्च, 2006 को वाराणसी में हुए आतंकवादी हमलों में से तीन विस्फोटों से एक विस्फोट मंदिर में हुआ था। उस दौरान मंदिर में आरती हो रही थी, जिसमें भारी मात्रा में उपासकों और शादी में उपस्थित जन मौजूद थे। लेकिन हनुमान की कृपा थी कि किसी को कुछ नहीं हुआ। विस्फोट का श्रद्धालुओं पर कोई असर नहीं हुआ। अगले दिन फिर से श्रद्धालुओं की बड़ी सख्या के साथ मंदिर में पूजा पुनः आरंभ हुई। 

7 मार्च, 2006 को वाराणसी में हुए आतंकवादी हमलों में से तीन विस्फोटों से एक विस्फोट मंदिर में हुआ था। उस दौरान मंदिर में आरती हो रही थी, जिसमें भारी मात्रा में उपासकों और शादी में उपस्थित जन मौजूद थे। लेकिन हनुमान की कृपा थी कि किसी को कुछ नहीं हुआ। विस्फोट का श्रद्धालुओं पर कोई असर नहीं हुआ। अगले दिन फिर से श्रद्धालुओं की बड़ी सख्या के साथ मंदिर में पूजा पुनः आरंभ हुई। मंदिर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की बात की जाये तो सालभर कुछ न कुछ बड़े आयोजन होते रहते हैं लेकिन हनुमान जयंती, राम जयंती और सावन महीने में मंदिर में होने वाले कार्यक्रमों की बात ही निराली है। मंदिर में हर साल अप्रैल महीने में हनुमान जयंती मनायी जाती है। जयंती के अवसर पर हनुमान जी की भव्य झांकी सजायी जाती है। साथ ही इस मौके पर होने वाला पांच दिवसीय संकटमोचन संगीत समारोह तो काफी प्रसिद्ध है। वैसे तो सावन के महीने में शिव की इस नगरी में हर तरफ मेले जैसा नजारा होता है। इस दौरान पूरे महीने संकटमोचन मंदिर के आस-पास भी मेला लगा रहता है। वहीं सावन के अंतिम दो मंगलवार को हनुमान जी का अलौकिक श्रृंगार किया जाता है। इसी महीने में कृष्ण तृतीया को गोस्वामी तुलसीदास की पुण्यतिथि मनायी जाती है। जिसमें काफी संख्या में ब्राह्मणों, साधु, संतों मंदिर में भोजन करते हैं। 

कार्तिक महीने में एक और बड़ा आयोजन नरकासुर पर हनुमान विजय के उपलक्ष्य में झांकी सजा कर होता है। मंदिर में राम-विवाह का आयोजन भी हर्षोल्लास के साथ होता है। मंदिर में मानस नवाह पाठ होता है जिसे 111 ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न कराया जाता है। हनुमान जी का श्रृंगार भी होता है। अन्त में दो दिन का भजन सम्मेलन भी होता है। इस भजन सम्मेलन में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां बाहर से प्रसाद चढ़ाने के लिए नहीं लेकर आना पड़ता है। मंदिर परिसर में ही देशी घी के लड्डू और पेड़ा की दुकान है। जहां श्रद्धालु रसीद कटवाकर प्रसाद लेते हैं। यहां के लड्डू का प्रसाद तो बहुत प्रसिद्ध है। इसकी विशिष्टता यह है कि कई दिनों बाद भी प्रसाद खराब नहीं होता है। मंदिर में आम दर्शनार्थियों की सुविधाओं के लिए भी कई इंतजाम किये गये हैं। मसलन वाहन पार्किंग के लिए स्टैंड और मोबाइल, जूता, चप्पल रखने की निशुल्क व्यवस्था की गयी है। 



सुरेश गांधी 
लेखक आज तक टीवी न्यूज चैनल से संबद्ध है 

जस्टिस जोसफ ने प्रधानमंत्री को दी धर्मनिरपेक्षता की दुहाई

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न्यायिक सुधार को लेकर गुड फ्राइडे पर बुलाई गई जज कॉन्फ्रेंस पर हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। गुड फ्राइडे पर कॉन्फ्रेंस बुलाने का विरोध करने वाले जस्टिस कूरियन जोसेफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि वो गुड फ्राइडे की वजह से परिवार के साथ केरल में हैं और इस मौके पर आयोजित डिनर में नहीं आ पाएंगे। उन्होंने यह भी लिखा है कि दिवाली, दशहरा, होली, ईद, बकरीद जैसे शुभ और पवित्र दिन ऐसा कोई आयोजन नहीं होता। उन्होंने प्रधानमंत्री से सभी पवित्र दिनों को समान महत्व दिए जाने का आग्रह भी किया है।

जस्टिस जोसेफ ने इससे पहले गुड फ्राइडे से ईस्टर (शुक्रवार से रविवार) के बीच इस सम्मेलन का आयोजन किए जाने पर आपत्ति जताते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू को लिखे अपने पत्र में कहा था, मैं गहरी नाराजगी के साथ आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इस तरह का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन ऐसे समय में नहीं होना चाहिए था, जब हममें से कुछ लोग हमारे धार्मिक समारोहों और पारिवारिक आयोजनों में शामिल होते हैं।

जोसेफ ने कहा कि वह सांप्रदायिक नजरिए से ऐसा नहीं कह रहे, लेकिन इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यक्रम दिवाली, दशहरा, होली, ईद आदि के दौरान नहीं होते। सम्मेलन में न्यायपालिका के कामकाज पर विचार किया जाना है। हालांकि जस्टिस दत्तू ने जवाब में कहा था कि जोसेफ को यह सवाल खुद से पूछना चाहिए, क्योंकि वह उनसे नहीं पूछ सकते कि किसी को संस्थागत हित या व्यक्तिगत हित में से किसे प्राथमिकता देनी चाहिए।

सायना ने दो दिन में गवां दिया ताज

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 आधिकारिक रूप से दुनिया की नम्बर एक खिलाडी बनने के दो दिन बाद भारत की सायना नेहवाल की पांच लाख डालर की पुरस्कार राशि वाले मलेशिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में चिर प्रतिद्वंद्वी चीन की ली जुईरूई के हाथों शनिवार को सेमीफाइनल में 21-13, 17-21, 20-22 से हार का सामना करना पडा और इसके साथ ही उन्होंने अपना ताज गवां दिया। तीसरी सीड सायना ने यह संघर्षपूर्ण मुकाबला एक घंटे आठ मिनट में गंवाया। इस हार के साथ ही सायना ओलंपिक चैम्पियन और टाप सीड जुईरूई के खिलाफ 11 मुकाबलों में नौंवा मैच हार गई। सायना ने जुईरूई को आखिरी बार 2012 में इंडोनेशिया ओपन में हराया था। इस जीत के साथ जुईरूई फाइनल में पहुंच गई और 80764 अंकों के साथ उनका फिर से नम्बर वन बनना तय हो गया। 

दूसरी तरफ सायना के अब 80191 अंक हो जायेगें और आधिकारिक रूप से अगले गुरूवार को उनके हाथ से नम्बर वन रैकिंग निकल जायेगी। सायना गत रविवार को दिल्ली में इंडिया ओपन में चैम्पियन बनी थी। उन्होंने इससे एक दिन पहले विश्व चैम्पियन स्पेन की कैरोलिन मारिन के सेमीफाइनल में हारने के साथ ही पहली बार नम्बर एक स्थान हासिल कर लिया था। गुरूवार को जारी आधिकारिक विश्व रैकिंग में सायना चीन की जुईरूई को अपदस्थ कर नम्बर एक बन गई थी जबकि चीनी खिलाडी तीसरे नम्बर पर खिसक गई थी। लेकिन जुईरूई ने सायना के इंडिया ओपन से चले आ रहे आठ जीत के विजय रथ को यहां थाम लिया। 

विश्व बैंक ने की पाकिस्तान की तारीफ, दुगुना किया ऋण

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विश्व बैंक ने आर्थिक सुधारों तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किये जाने पर पाकिस्तान की तारीफ की है और अगले चार साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा उसे दिया जाने वाला ऋण दु्गुना कर दिया है। दक्षिण एशिया में विश्व बैंक की नयी उपाध्यक्ष एनेट डिक्सन ने कल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा वित्त मंत्री इशाक दार से मुलाकात के बाद अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए सरकार को बधाई दी और कहा कि अपने प्रदर्शन के दम पर पाकिस्तान अगले चार साल तक 50 करोड़ डॉलर सालाना के आईबीआरडी ऋण के लिए पात्र हो गया है। 

इस प्रकार चार साल में अधिकतम दो अरब डॉलर का ऋण उसे दिया जा सकता है जो पहले के मुकाबले दु्गुना है। सुश्री डिक्सन ने कहा “विकास मे तेजी लाने, गरीबी घटाने और साझा संपन्नता लाने तथा बिजली एवं अन्य जटिल राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए सुधार को गति देने के सरकार के प्रयास में उसकी मदद के लिए विश्व बैंक उसके साथ है।”
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