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नीतीश के दावे की पोल खुली .चुनाव में जनता उन्हें बाहर का रास्ता दिखायेगी-कुशवाहा

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केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी :रालोसपा: के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाईटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार अपनी सरकार के शुरूआती दिनों से ही प्रदेश में विकास का दावा करते रहे है लेकिन उनके दावे की पोल हर गांव -मोहल्ले में खुल गयी है और वह फिर से लोगों को बरगलाने में लगे है । श्री कुशवाहा ने यहां के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पार्टी की..किसान -नौजवान रैली.. की पूर्व संध्या पर मुख्य समारोह स्थल के निकट आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह रैली बिहार की राजनीतिक भविष्य को तय करेगी । अब तक बिहार विधानसभा का चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़े जाते रहे है लेकिन उनकी पार्टी का यह प्रयास है कि इस बार के चुनाव में किसानों और नौजवानों की हित ही मुख्य मुद्दा बने । उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री कुमार अपनी सरकार के शुरूआती दिनों से ही विकास का दावा कर रहे है लेकिन उनके दावे की पोल गांव और मोहल्लों की दुर्दशा से खुल गयी है । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि श्री कुमार के कार्यकाल में न तो किसानों और न ही नौजवानो के साथ ही न्याय किया गया है और न ही समाज के किसी अन्य वर्ग के साथ।विधानसभा चुनाव की आहट को देखते हुए श्री कुमार एक बार फिर से लोगों को बरगलाने में लग गये है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार अब अगले पांच वर्षो में एक करोड़ युवाओं का कौशल विकास करने का दावा कर रहे है । अपने दस वर्षो के कार्यकाल में श्रीकुमार युवाओ के लिए तो कुछ नहीं कर सके और अब इसी बहाने फिर से लोगों को गुमराह करने में लगे है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार यह कहते बाज नहीं आते थे कि ..सरकार का काम बोलेगा ..लेकिन उनकी सरकार का काम कही नहीं बोल रहा है ।

श्री कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल:राजद: के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाकर एक तरह से श्री कुमार ने अपनी हार विधानसभा चुनाव से पूर्व ही स्वीकार कर ली है । जंगल राज से लोगों से मुक्ति दिलाने का वादा कर श्री कुमार सत्ता में आये थे लेकिन आज वह राजद अध्यक्ष के समक्ष नतमस्तक हो गये है । उन्होंने कहा कि 15 वर्षो तक श्री यादव और दस वर्षो तक श्री कुमार ने बिहार के लोगो के साथ छल करने का काम किया है । श्री कुमार और श्री यादव एक दूसरे के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाते रहे है । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का यह संकल्प है कि बिहार में जंगल राज की पुनर्वापसी नहीं होने देंगे । रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डा. अरूण कुमार ने कहा कि श्री कुमार के कार्यकाल में किसान और नौजवान बर्वादी के कगार पर खड़े है । बिहार के लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ श्री कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन उस पर खरे नहीं उतर सके ।उन्होंने कहा कि दस वर्ष पूर्व जब श्री कुमार मुख्यमंत्री बने थे तब लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि बिहार बदलेगा लेकिन प्रदेश में अराजगकता की स्थिति उत्पन्न होने से देश में बिहार की छवि खराब हुई है । एक बड़ी आबादी को निराशा में धकेलने का काम उन्होंने किया है । श्री कुमार ने कहा कि आज बिहार में शिक्षकों का अपमान किया जा रहा है और उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है । शिक्षकों का अपमान मानव सभ्यता के विकास पर प्रहारके समान है । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी डा.राममनोहर लोहिया .लोकनायक जयप्रकाश नारायण और जननायक कपूरी ठाकुर के विचारों एवं सिद्धांतों को आगे बढाने के लिए पूरी तरह से वचनवद्ध है । कल की रैली ऐतिहासिक होगी और नीतीश सरकार को उखाड़ फेकने का संकल्प लिया जायेगा ।इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर आजाद .राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मल्लीक और राष्ट्रीय सचिव सीमा सक्सेना समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे ।

राहुल पार्टी को पुनर्जीवित करने पर काम कर रहे हैं .जयराम

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jayram ramesh
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आज कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी छुट्टी पर नहीं है बल्कि वह पार्टी में फिर से जोश भरने तथा इसे पुनर्जीवित करने की रणनीति में जुटे हुये हैं। श्री रमेश ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी के छुट्टी पर जाने तथा देश के राजनीतिक परिदृश्य से लोप होने सम्बंधी सवाल पर कहा कि छुट्टी लेना कोअी बुरी बात नहीं है। कर्मचारी वर्ग भी छुट्टी लेता है। लेकिन राहुल छुट्टी पर नहीं है।
            
उन्होंने कहा कि राहुल कांग्रेस में और अधिक परिवर्तन लाने.इसमें जोश भरने .इसे क्या दिशा देनी है तथा कैसे इसे पुनर्जीवित करना इस रणनीति पर काम करने के लिये मीडिया से दूर शांतिपूर्ण माहौल में इस पर काम करे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ पार्टी 19 अप्रैल को दिल्ली में एक महारैली का आयोजन कर रही है तथा इसमें पार्टी के सभी नेता भाग लेंगे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 अप्रैल)

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कल्याणपुरा सरपंच ने कांग्रेस में जाने की खबर का किया खण्डन
  • भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की ओछी मानसिकता का परिचायक बताया 

झाबुआ---जिला कांग्रेस द्वारा भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरपंचों के भाजपा छोड कर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने का असत्य एवं निराधार  प्रचार-प्रसार किया जारहा  है । कल्याणपुरा के सरपंच शकरसिंह हटिला ने आज समाचार पत्रों में छपी उन खबरों का खण्डन करते हुए कहा है कि वे पूर्व से ही भारतीय जनता पार्टी के अनुषासित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता होकर प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान एवं  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन कल्याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए है तथा वर्तमान में भी वे भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह पार्टी के कार्य को कर रहे है तथा सदस्यता महाभियान में सतत रूप  से अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहे है । कल्याणपुरा सरपंच ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी  जानबुझ कर ऐसे गलत प्रचार-प्रसार को करके भ्रमित करने की चेष्टा कर रही है और वे इसकी निंदा करते है । कल्याणपुरा सरपंच के अनुसार वे पूरी तरह भाजपा के थे और भाजपा के साथ ही रहेगें । भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे,  विधायक शांतिलाल बिलवाल,महामंत्री प्रवीण सुराणा, मंण्डल अध्यक्ष सुरेषचन्द्र चैहान  ने संयुक्त विज्ञप्ति में बताया कि गा्रम पंचायत कल्याणपुरा के सरपंच शंकरसिंह हटिला के भाजपा छोडने एवं कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने का कांग्रेस पार्टी के लोगों द्वारा भ्रामक प्रचार-प्रसार किया जाकर राजनैतिक  लाभ उठाने की नाकाम कोषिषे की जारही है ।कल्याणपुरा के सरपंच शंकर हटिला भारतीय जनता पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है तथा उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी की नीतियों के विरोध में तथा भाजपा के पक्ष में सतत कार्य किया जारहा है । कांग्रेस की यह ओछी मानसिकता का परिचायक है । शंकरसिंह हटिला भाजपा के ही है और भाजपा में ही जुडे कार्य कर्ता होकर उन्होने स्वयं खण्डन ही किया है । भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह इस प्रकार के भा्रमक प्रचार प्रसार के माध्यम से आम लोगों को भ्रमित करने जैसे घृणित कृत्य नही करें । भाजपा एक अनुषासन पर चलने वाला राजनैतिक दल है और इस प्रकार के कांग्रेसी कृत्यों की निन्दा करता है ।

सूरज की पहली किरण के साथ ही मारूति नंदन के जयकारों के साथ मनाया हनुमान जन्मोत्सव
  • पूर्वसंध्या पर आयोजित हुआ प्रष्न मंच एवं भजन संध्या का अभिनव आयोजन
  • हनुमान टेकरी बना तीर्थ स्थल- जय कारो ने हुआ वातावरण धर्म मय

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झाबुआ---मारूति नंदन सर्वव्यापी भगवंत हनुमंत लाला के जन्म दिवस पर हनुमान टेकरी पर त्रि दिवसीय हनुमान जयन्ती महोत्सव पर शुक्रवार की शाम को  हनुमान टेकरी जहां भक्ति रस धारा में सरोबोर रही वही षिव पुराण पर आधारित प्रष्नमंच के माध्यम से भगवान षिव के चरित्र के विभिन्न पहलुओं की दुर्लभ जानकारी भी उपस्थित दर्षकों एवं श्रोताओं को प्राप्त हुई । श्री हनुमान टेकरी सेवा समिति के अध्यक्ष प्रेम अदीबसिंह पंवार, जीवन पडियार एवं गजेन्द्रसिंह चंद्रावत के अनुसार  हनुमंत लला के जन्मोत्सव पर आयोजित भव्य आयोजन में नगर की धर्मप्राण जनता से पूरे प्राणप्रण एवं आस्था के साथ  आयोजित कार्यक्रमों को भाग लिया ।
सायंकाल साढे सात बजे से हनुमान टेकरी पर श्रीमती सीमा चैहान उत्कृष्ट विद्यालय के मार्गदर्षन में षिवपुराण के 400 पृष्ठों पर आधारित  आध्यात्मिक प्रष्नमंच आयोजित किया गया जिसमें  भगवान षिव के ज्योर्तिलिंग तीर्थ के नाम से 6 टीमों ने भाग लिया । महाकांल, सामनाथ, त्रयम्बकेष्वर, केदारनाथ, काषी विष्वनाथ एवं रामेष्वरम नाम से बच्चो एवं महिलाओं की टीमों ने श्रीमती सीमा चैहान द्वारा पुछे गये रोचक प्रष्नों के जवाब दिये । वही श्रोताओं से भी प्रष्न पुछे गये । करीब दो घंटे से अधिक समय तक चले प्रष्न मंच स्पर्धा में  56 अंक अर्जित कर प्रथम स्थान रामेष्वरम टीम को प्राप्त हुआ ।  वही 44 अंक प्राप्त करके महाकाल अीम दूसरे  तथा 40 अंक प्राप्त करके सोमनाथ अीम तीसरे स्थान पर रही । त्रयम्बकेष्वर टीम ने 38 अंक, केदारनाथ टीम ने 32 अंक एवं काषी विष्वनाथ टीम ने 31 31 अंक अर्जित किये । इस अनुठे एवं मानवीयमूल्यों एवं धर्म पर आधारित कार्यक्रम की सभी से मुक्त कंठ से प्रसंषा की ।

भजन संध्या में ढाई बजे तक जमे रहे श्रोता
प्रष्नमंच के समापन के साथ ही भगवान मारूतिनंदन हनुमानजी की प्रतिमा के समक्ष ही रतलाम से पधारे ख्यातिप्राप्त भजन गायक अनिरूद्ध मूरारी के कंठ से भजन संध्या के रूप  में नाम संकीर्तन एवं भजनों की प्रस्तुति ने पूरे वातावरण का धर्ममय बना दिया । श्री मूरारी एवं उनकी टीम का हनुमान सेवा समिति की ओर से पुष्पहारों से आत्मीय स्वागत किया गया । भजन संध्या का आगाज अनिरूद्ध मूरारी ने पधारों विध्न हरण प्रतिपाल गजानन गणनायक गणराज से किया । इस भजन की प्रस्तुति पर पुरूष्ज्ञ एव महिला श्रोता झुम उठे । उन्होने इसके बाद नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविन्दा, ष्याम मनोहर मुखचंदा भजो से मन गोविन्दा पर काफी तालिया बजाई गई । इसके बाद उनके द्वारा प्रस्तुत  मंगलगीत ऐ सखी मंगल गाओं को भी काफी पसंद किया गया । उनका भजन  सियाराम जानकी बैठे है मेरे सीने में  देखलों मेरे दिल के नगीने में गाकर भक्तों को नाचने के लिये विवष कर दिया । श्री मूरारी के द्वारा प्रस्तुत भजन उंचे उंच मंदिर तेरे, उंचा तेरा धाम, कैलाष वाले ऐ भोले बाबा हम करते तुझे प्रणाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं को रोमांचित कर  भक्तिधारा में प्रवाहित किया । वही उनका भजन थांरा झांझ नगारा बाजे रे, सालासर के मंदिर में भगवान विराजे रे  पर तो महिलायें एवं पुरूषो ने नाच कर अपनी भक्ति भावना प्रकट की । वही उनका हनुमानजी का भजन आ लौट के आजा अनुमान तुझे श्री राम बुलाते है, को काफी पसंद किया गया । वही कृष्ण भजन लूटके क्यो लेगया दिल जिगर है सांवरा जादूगर को खुब पसंद किया गया । श्री मूरारी के कण्ठ मे बिराजित मां सरस्वती के स्वरों ने श्रोताओं को रात्रि ढाई बजे तक बांधे रखा उनका भजन भगत के बस में है भगवान, तथा डोली एवं अर्थी को खुब पसंद किया गया ।

प्रातः शुभ मुहर्त में महाआरती के साथ सम्पन्न हुआ जन्मोत्सव-
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर षनिवार को प्रातः ठीक 6 बज कर 4 मिनट पर सूरज की पहली किरण के साथ ही भगवान मारूति नंदन का जन्मोत्सव पूरी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया गया । पूरा हनुमान टेकरी परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया ।  भगवान हनुमानजी का आकर्षक श्रृंगार हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था तथा हर कोई उनकी एक झलक पाने को लालायित दिखाई दिया । महाआरती का लाभ जिला पंचायत के सुधीर कुष्वाह एवं जिला पंचायत आलीराजपुर के मनोहर सोलंकी ने 14 हजार की बोली लगा कर संयुक्त रूप  से प्राप्त किया । आरती के समय घडी घंटालों, नगारों एवं शंखध्वनि से पूरा वातावरण मारूति मय हो गया । आरती के पष्चात पंचमेवा प्रसादी का प्रत्येक श्रद्धालु को वितरण किया गया । चन्द्रग्रहण होने के चलते मुहर्त के बाद  नाम स्मरण के कार्यक्रम आयोजित किये गये प्रातः 8 बजे से सुंदर कांड का पाठ किया गया जिसमें बडी संख्या में श्रद्धालुजनों ने भाग लिया । वही दोपहर 12-15 बजे से 1008 हनुमान चालिसा के पाठ किये गये  जो सायंकाल 6 बजे तक चलते रहे । रात्री में आध्यात्मिक भजनों पर आधारित बालिकाओं के लिये नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया । आज 5 अप्रेल को ग्रहण दोष सामाप्त होने के बाद हनुमान टेकरी पर भगवान के जन्म जयन्ती के अवसर पर विषाल भंडारा प्रसादी का आयोजन किया जावेगा । श्री हनुमान टेकरी सेवा समिति के पदाधिकारियों ने नगर की धर्म प्राण जनता से आज आयोजित होने वाले भण्डारा महाप्रसादी में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है ।

पंचायत सचिवों का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं महारैली भोपाल में मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री को सौंपेगें ज्ञापन

झाबुआ ---प्रदेश की ग्राम पंचायतों में पदस्थ 23 हजार पंचायत सचिव मध्यप्रदेश की 23 विभाग की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं राष्ट्रीय महात्मा गाॅंधी रोजगार गारंटी योजना सहित महत्वपूर्ण कार्य विगत 20 वर्षों से कर रहे हैं । पंचायत सचिव मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व पंचायत राज की धुरी के रूप मंे कार्य कर रहे हैं । माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान एवं पंचायत मंत्री श्री गोपाल भार्गव द्वारा समय-समय पर पंचायत सचिवों को अनेकों प्रकार की सौगातें दी है । फिर भी माननीय मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री की घोषणा करने के बावजुद भी कई प्रकार की माॅंगों का आज तक निराकरण नहीं किया गया । पंचायत सचिव संगठन अपनी माॅंगों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है । उक्त आशय की जानकारी देते हुऐ संगठन के जिलाध्यक्ष श्री रामसिंह बिलवाल एवं महासचिव श्री महेश चैहान ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ती जारी कर बताया कि 07 अपै्रल 2015 को संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा के नेतृत्व में राजधानी शाहजाहनी पार्क (रेलवे स्टेशन के पास) भोपाल में एक दिवसीय धरना दिया जाकर धरना स्थल सेरैली निकालकर निम्नानुसार 08 सूत्रीय माॅगों  का ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवजराजसिंह चैहान  एवं पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव को  सौंपा जावेगा ।

1- वेतन विसंगती का निराकराण कर पूरे प्रदेश के एक समान वेतनमान निर्धारण किया जाये।
2- पंचायत सचिवों हेतु अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया जाये ।
3- तृतीय श्रेणी कर्मचारी के समान वेतनमान सुनिश्चित किया जाये ।
4- अंशदायी पेंशन लागु की जाये ।
5- पंचायत सचिवों को कम से कम 2000/- रूपये आवासीय भाड़ा भत्ता दिया जाये।
6- पंचायत सचिवों को राजस्व विभाग से मुक्त किया जाये ।
7- पंचायत सचिवों के परिवार का 10 लाख का बीमा किया जाये ।
8- पदौन्नती का का लाभ दिया जाये ।

धरना प्रदर्शन महारैली को सफल बनाने के लिए संगठन के रमेश महोदिया, शान्तिलाल कतीजा, मंगलसिंह डामोर, रामचन्द मालीवाड़, करमसिंग डमोर, मांगु खराड़ी, रमण नायक, नरवरंिसंह भाबर, दुलेसिंह सिंगाड़ तोलसिंह निनामा, भावजी डामोर, भारतसिंह राठौर, राजेन्द्र पाटीदार, प्रकाश सोलंकी, गोपाल (राजु) चैहान, करणसिंग चैहान, माॅंगू खराड़ी एवं धुलिया गोयल आदि पदाधिकारियों ने अधिक से अधिक संख्या में भोपाल पहॅंूच कर महारैली को सफल बनाने की अपील की है ।

1986 से पहले सेवा निवृत्त हुए पूर्व सैनिक पी.पी.ओ मे पत्नि का नाम दर्ज करवाये

झाबुआ---जनवरी 1986 से पहले सेवा निवृत्त या सेवा मुक्त हुए है ऐसे सैनिको की सेवा मुक्ति के समय सेवानिवृत्ति भुगतान आदेश पी.पी.ओ. में उनकी पत्नि का नामकरण नहीं हुआ था। अतः सरकार ने उनकी पत्नी के नामकरण का आदेश दिया है। सभी अभिलेख कार्यालयों द्वारा पूर्व सैनिकों के दर्ज पते पर तीन कापी में फार्म भेजे गये है। जिन पूर्व सैनिको ने यह फार्म भरकर नहीं भेजा है, वे जल्दी से जल्दी यह फार्म जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के माध्यम से अपने अभिलेख कार्यालय को भेजे जिससे की पी.पी.ओ. में पत्नी का नामकरण हो सके।

छात्रावासों के लिए 6 माह के लिए खाद्यान्न आवंटित

झाबुआ ---जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा जिले में संचालित कल्याणकारी संस्थाओं में निवासरत कुल 1723 अन्तवासीयों हेतु माह मार्च, 2015 से अगस्त 2015 तक के लिये प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 11 किलो के मान से 18953 किलोग्राम गेहूॅ का विकासखण्डवार तथा कल्याणकारी संस्थावार पुर्नावंटन किया है। गेहूॅ की वितरण दर 1.00 रूपये प्रति किलोग्राम निर्धारित है। निर्धारित दर तथा मात्रानुसार ही कल्याणकारी संस्थाओं को गेहॅू प्रदाय किये जाने के लिए सेल्समेन को आदेशित किया गया है। छःमाह के लिए झाबुआ विकासखण्ड में केजीबीवी करडावद बडी को 176 छात्रों के लिए 11616 गेहॅू, बालिका छात्रावास माण्डलीबडी को 50 छात्रो के लिए 3300 कि.ग्रा. गेहूॅ, सी.डब्ल्यू एस.एन.हाॅस्टल रंगपुरा झाबुआ को 56 छात्रों के लिए 3696 कि.ग्रा.गेहूॅ, महिला मण्डल बालक अनाथ आश्रम झाबुआ को छात्रों के लिए 6072, बालिका छात्रावास देवझिरी को 100 छात्रों के लिए 6600, स्वं. पंडित राजमूख शर्मा वनवासी विद्या विकास समिति अन्तरवेलिया को 50 छात्रों के लिए 3300,  श्रृति विद्यालय (मूख बंधिर) छात्रावास अन्तरवेलिया को 70 छात्रो के लिए 4620 कि.ग्रा गेहूॅ आवंटित किया गया है।
मेघनगर विकासखण्ड में बालिका छात्रावास तोरनिया को 50 छात्रो के लिए 3300, बालिका छात्रावास शिवगढ को 75 छात्रों के लिए 4950,केजीबीवी चैनपुरा को 38 छात्रों के लिए 9108 कि.ग्रा. गेहॅू, विकासखण्ड थांदला के लिये केजीबीवी बेडावा को 120 छात्रों के लिए 7920, बालिका छात्रावास हरिनगर को 50 छात्रों के लिए 3300 कि.ग्रा.गेहॅू, विकासखण्ड पेटलावद में बालिका छात्रावास बावडी को 50 छात्रों के लिए 3300, केजीबीवी करडावद को 179 छात्रों के लिए 11814 बालिका छात्रावास बोलासा को 50 छात्रो को 3300 कि.ग्रा., विकासखण्ड राणापुर में केजीबीवी ढोल्यावाड को 125 छात्रों के लिए 8250, बालिका छात्रावास अंधारवाड को 50 छात्रों के लिए 3300 कि.ग्रा. एवं विकासखण्ड रामा में केजीबीवी रोटला को 192 छात्रो के लिए 12672, बालिका छात्रावास हत्यादेली को 50 छात्रों के लिए 3300 किलोग्राम गेहूॅ आवंटित किया गया है।

शा.क.मा.वि.थांदला को सुधार अभियान अंतर्गत प्रथम पुरस्कार मिला

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झाबुआ---जिला कलेक्टर द्वारा जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिए सुधार अभियान प्रारंभ किया गया। स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अलग-अलग गतिविधियों के लिए अंक निर्धारित कर कुल 100 अंकों की तालिका बनाकर स्कूलों को स्व.मूल्यांकन के लिए पत्रक दिया गया। स्व मूल्याकंन के आधार पर जिले से गठित टीम द्वारा स्कूलों का सतत निरीक्षण भी किया जा रहा है। सुधार अभियान अंतर्गत स्कूल की गतिविधियों में निरंतर सुधार कर 100 में से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली जिले की 32 स्कूलों को गणतंत्र दिवस पर रंनिंग शील्ड प्रदान की गई जिसमें शा.कन्या.मा.वि. थांदला को 88 अंको के साथ थांदला ब्लाक की मीडिल स्कूलों में प्रथम पुरस्कार के रूप में रनिंग शील्ड प्रदान की गई। रनिंग शील्ड को अपने पास रखने के लिए स्कूल को निरंतर सुधार करते रहना होगे। यदि रनिंग शील्ड प्राप्त शाला से अच्छा प्रदर्शन अन्य किसी  शाला का रहेगा तों शील्ड उस शाला को प्रदान कर दी जाएगी।

सुधार के लिए ऐसे मिले अंक
संस्था में अनुशासन के लिए 15 में से 14 अंक, विद्यार्थियों/अध्यापको का समग्र कार्य के लिए 10 मे से 10 अंक, मध्यान्ह भोजन में 10 में से 10, भवन की स्थिति में 20 में से 16 अंक, जल व्यवस्था में 06 में से 06 अंक, वृक्षारोपण में 10 मे से 04 अंक, विद्युत व्यवस्था के लिए 10 में से 06 अंक, खेल/स्काउट में 10 में से 08 अंक, उपलब्ध संसाधन में स्टाॅफ का कार्य स्तर पर 10 में से 08 अंक, एवं संस्था में प्रोत्साहन वितरण की स्थिति के लिए 10 में से 06 अंक, कुल 100 में से 88 अंक शाला द्वारा प्राप्त किये गये। शासकीय कन्या मा.वि.थांदला में स्टाफ एवं बच्चों की उपस्थिति की स्थिति बहुत संतोषजनक है एवं प्रतिमाह बच्चों के टेस्ट होते है प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण में उत्कृष्टता उन्नयन परीक्षा में कोई भी छात्रा डी और ई ग्रेड में नहीं है एवं प्रतिभापर्व में भी छात्राओं ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है साथ ही छात्रवृति भुगतान में संस्था में 6 से 8 तक शतप्रतिशत भुगतान किया जा चुका है एवं वर्तमान सत्र में भी संस्था बेहतर स्थिति में है। शाला में सभी छात्राओं का गणवेश एवं साईकिल हेतु राशि उनके खाते में डाल दी गई है। इसके साथ शाला में पर्यावरण सुधार हेतु पौघा रोपण भी किया गया है। सभी शिक्षक एवं छात्राऐं गणवेश में उपस्थित रहते है एवं शिक्षक टीएलएम का उपयोग करते है। शिक्षको द्वारा शतप्रतिशत एन्ड्रायड मोबाइल का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। स्काउट गाइड के अन्र्तगत मेघनगर में 8, 9, 10 दिसम्बर 2014 को केम्प में शाला की 10 छात्राओं द्वारा सहभागिता की गई है। माह के अंतिम शनिवार को बालसभा का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2013-14 में कक्षा 6 टी, 7 वी एवं 8 वी का परीक्षा परिणाम शतप्रतिशत रहा व शाला में हेडस्टार्ट संचालित है सत्र 2014-15 में स्मार्ट क्लास भी तैयार की गई है। इस वर्ष मींसकम मेरिट में सभी पचपन छात्राओं ने अपनी सहभागिता दी। शाला में मध्याहन भोजन सुचारू रूप से संचालित है समय समय पर पालकों द्वारा भी मध्याहन भोजन किया जाता है।

तीन सफाई कर्मियो को किया नौकरी से बाहर 59 का कटेगा वेतन

झाबुआ ---कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर के नगर भ्रमण के दौरान नगर के सफाई अभियान के अंतर्गत विजय स्तंभ चैक एवं संज्जन रोड पर गंदगी पाई। कलेक्टर के आदेश पर विजय स्तम्भ क्षेत्र में कार्यरत सफाईकर्मी श्रीमती लक्ष्मी रणजीत सज्जन रोड पर कार्यरत श्री विक्रम श्यामु एवं श्रीमती शारदा-राजू को निलंबित कर पद से हटा दिया गया है। श्री मांगीलाल-मंगतिया ‘‘दैनिक मस्टर कर्मचारी को कार्य से बंद करने के निर्देश दिये गये तथा कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले 59 श्रमिकों का 01 दिवस का वेतन काटा जावेगा।

एफआईआर हुई दर्ज
दुकान के बाहर सामान रखकर व्यवसाय करने वालो की दुकाने सील की गई है। नगरपालिका की अनुमति लिये बगैर होर्डिग्स लगाने पर जैन पब्लिक स्कूल एवं पी0ए0टी0 नंबर 01 पर एफ.आई.आर.दर्ज कराई गई।

किशोरावस्था स्वास्थ्य एवं विकास परियोजनान्तर्गत कार्यशाला संपन्न

झाबुआ--- नेहरू युवा केन्द्र झाबुआ के अंतर्गत संचालित किशोरावस्था स्वास्थ्य एवं विकास परियोजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ में ब्लाक स्तरीय कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त परियोजना नेहरूयुवा केन्द्र व समर्थन संस्था के साझा प्रयासों  से झाबुआ जिले के 270 गावों में किशोर किशारियों को जीवन उपयोगी शिक्षा देने के उदेदश्य से संचालित की जा रही है जिससे किशोर किशोरी सीखकर अपने लिए बेहतर व स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सके। कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षण के रूप प्रवाह संस्था से नगमा आबिदी एवं यू.एन.एफ.पी. ए. दिल्ली कार्यालय के प्रतिनिधि गीता नारायण जी उपस्थित थी नहरू युवा केन्द्र झाबुआ से जिला युवा समन्वयक कारण सिंह सोनगरा जी समर्थन संस्था की प्रतिनिधि तृप्ति शर्मा व अमित सिंह जी उपस्थित थे कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु जिला परियोजना अधिकारी सन्देश कटारा, रघुनन्दन पाटीदार, हेमत चंद्रोल जी द्वारा दिल्ली से आये प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया गया व आश्वस्त किया गया की हम अपनी टीम के साथ मिलकर कार्य शाला से मिली सीखो को प्रत्येक गाॅव तक पहुचाकर परियोजना के उददेश्यो को सफल बनायेगे।

मिशन इन्द्रधनुष का प्रथम चरण 7 से 15 अप्रैल तक

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झाबुआ---मिशन इन्द्रधनूष में सात बीमारियों से बचाव के लिए सात टीके लगाकर सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत 0-2 वर्ष तक के नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को सभी टीके लगाये जायेगे। ईंट भटटों स्लम एरिया निर्माण साइट इत्यादि को इस दौरान विशेष फोकस किया जाएगा। चार चरण मे होने वाले मिशन इन्द्रधनूष का प्रथम चरण 7 से 15 अप्रैल तक होगा । 

दों दिन पूर्व से होगी माईंिकग
मिशन इन्द्रधनुष के लिए माइक्रोप्लान बनाया गया है। माइक्रोप्लान के सेशन जहां होने है वहां जिस दिन जिस समय में टीकाकरण होना है वहां भीली भाषा में मुनादी करवाई जाएगी एवं दो दिन पूर्व से ही गाॅव में माईकिंग करवाई जाएगी। आशा के क्षेत्र में सभी छूटे हुए बच्चों/गर्भवती महिलाओं को टीके लगवाने का उत्तरदायित्व आशा एवं एएनएम है। यदि 2 वर्ष तक का कोई  बच्चा अथवा पात्र गर्भवती महिला छूट गई है,तो एएनएम आशा कार्यकत्र्ता को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। टास्क फोर्स की बैठक में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने उक्त निर्देश दिये ।आयोजन का प्रचार-प्रसार करने के लिए पंच सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाये। आज 4 अप्रैल को कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में संपन्न हुई। टास्क फोर्स की बैठक में सीईयो जिला पंचायत धनराजू एस, डाॅ तिवारी ,डाॅ प्रमोद, सीएमएच ओ डाॅ. डावर जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. गणावा सहित बी.एम.ओ. एवं मीडिया टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित थे।

मिशन इन्द्र धनुष में सहयोग नहीं देने वाली आंगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की होगी सेवा समाप्त  हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका द्वारा बच्चो एवं गर्भवती महिलाओं को केन्द्र पर ऐकत्रित किया जाये टीकाकरण कार्य में सेवाए नही देने वाली आगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका की  सेवाए समाप्त कर दी जाएगी।लक्षित हितग्राहियो की सूची फील्ड स्तर के स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास के अमले के पास होना चाहिए। यदि एक भी बच्चा छूटा तो संबंधित जिम्मेदार के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

डकैती की योजना बनाते चार आरोपियों को गिरफ्तार किया 
   
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि थाना प्रभारी काकनवानी को मुखबिर द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई थी कि थंादला-लीमड़ी रोड, रावला घटी पर 5-6 व्यक्ति घातक हथियारों से लैस होकर आने-जाने वाले वाहनों, राहगिरों को लूटने की बातचीत कर रहे हैं। मूखबिर की सूचना के आधार थाना प्रभारी काकनवानी द्वारा दबिश देकर आरोपी विसिया पिता नरसिंह भूरिया, निवासी केलकुंआ, पारस पिता गोवर्धन, मुकेश पिता मगन गेहलोत, निवासीगण काकनवानी, नितेश पिता गोवर्धन डामोर, निवासी गोरिया खदान, कुल 04 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। कालिया पिता भीला डामोर, निवासी काकनवानी, गेंदाल पिता नाना परमार, निवासी मदरानी अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गये। विसिया, पारस, नीतेश, मुकेश को लोहे की राड, एक तलवार, एक गोफन व अन्य हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में थाना काकनवानी मंे अपराध क्रमांक 76/15, धारा 399,402 भादवि का पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डकैती की तैयारी कर रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर काकनवानी पुलिस द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। पुलिस टीम को पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की गई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 02 फरार आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जावेगा। 

भाजपा को नहीं मिला आडवाणी का मार्गदर्शन

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का मार्गदर्शन भाषण नहीं हुआ। श्री आडवाणी कार्यकारिणी में बोलेंगे या नहीं, इसे लेकर पिछले दो दिन से अटकलों का बाजार गर्म था। पार्टी के नेता भी इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ कहने को तैयार नहीं थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में आडवाणी के संबोधन को प्रासंगिक नहीं माना जा रहा था। पार्टी के मार्गदर्शक मंडल तक सीमित किये जा चुके श्री आडवाणी के पिछले इतिहास को देखते हुए पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि वह कोई ऐसा बयान दें, जिससे सरकार और पार्टी पर उंगली उठे। यही कारण है कि कार्यक्रम में उनके संबोधन के लिए समय नहीं रखा गया। परंपरा के मुताबिक अध्यक्ष या प्रधानमंत्री के समापन भाषण से पहले या बाद में श्री आडवाणी अपना संबोधन करते थे, जिसे मार्गदर्शन करना कहा जाता है। सूत्रों के मुताबिक खुद श्री आडवाणी ही भाषण देने के इच्छुक नहीं थे।

इस बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आडवाणी जी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, वह जब चाहें किसी मंच पर पार्टी का मार्गदर्शन कर सकते हैं। पार्टी की व्यवस्था सामूहिक तौर पर तय की जाती है और आंतरिक फैसले मीडिया के साथ साझा नहीं किए जाते हैं। उनसे जब पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में श्री आडवाणी के बारे में कुछ कहा, तो उन्होंने कहा कि भाषण विषयों पर था, किसी व्यक्ति पर नहीं।

किसानों पर मोदी सरकार का चौतरफा कुठाराघात--कांग्रेस

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कांग्रेस ने आज कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने में केन्द्र सरकार के असमर्थता जताने और रबी फसल की सरकारी खरीद के संबंध उसके निर्देशों से यह पूरी तरह साबित हो गया है कि वह किसान विरोधी है और उनकी आजीविका तथा जीवन पर कुठाराघात कर रही है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने यहां एक वक्तव्य में आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश के किसानों की आजीविका, रोटी तथा जीवन पर घिनौना कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के ‘तुगलकी निर्णयों’ के चलते देश में इस बार खाद्यान उत्पादन पहली बार घटने वाला है। इसलिए खेत खलिहान से संसद तक एक ही आवाज सुनाई दे रही है ‘नरेन्द्र मोदी किसान विरोधी’। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और तूफानी हवाओं से 14 राज्यों में 170 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद हुई है जिससे 40 हजार करोड रूपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उनका कहना था कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगडिया का यह बयान सरकार की नीति को दर्शाता है कि किसानों की फसलों का संपूर्ण मुआवजा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने इसे खेदपूर्ण ,निराशाजनक और किसान विरोधी करार दिया ।
             
श्री सुरजेवाला ने कहा कि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का यह बयान और भी कष्टदायी है कि राज्यों को केन्द्र से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष से मुआवजे की मांग करने से पहले किसानों को अपने अापदा प्रबंधन कोष एवं आकस्मिक निधि कोष से मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य मंत्रालय का वह निर्देश भी किसान विरोधी है कि जिसमें 12 से 14 फीसदी से अधिक नमी वाले गेंहूं की खरीद से इंकार किया गया है। इसके अलावा 4 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले तथा 6 प्रतिशत से अधिक सिकुडी तथा टूटे दाने वाली फसल की खरीद पर भी पाबंदी लगा दी गई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बेमौसमी बारिश के बाद पूरी रबी फसल में नमी की मात्रा 20 से 30 प्रतिशत होगी और ऐसी स्थिति में सरकारी एजेन्सियां किसान की फसल नहीं खरीदेंगी जिससे वह पूरी तरह बाजार की ताकतों के रहमोकरम पर निर्भर होगा।

प्रधानमंत्री के रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे न्यायमूर्ति जोसेफ

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गुड फ्राइडे को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन आयोजित करने के विरोध में आवाज उठाने वाले उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज आयोजित रात्रिभोज में शिरकत नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति जोसेफ ने श्री मोदी को पत्र लिखकर रात्रिभोज में शामिल नहीं होने की सूचना दी है। उन्होंने लिखा है कि धार्मिक महत्व की छुट्टियों वाले दिन कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित करना देश की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और इसका गलत संदेश लोगों में जाता है। सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति जोसेफ ने प्रधानमंत्री को तीन—चार दिन पहले ही चिट्ठी लिखी है और रात्रिभोज में नहीं आने की बात कही है। 

उन्होंने ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए देश की धर्मनिरपेक्ष छवि बचाने का भी आग्रह किया है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति जोसेफ ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू को भी गत 18 मार्च को पत्र लिखकर गुड फ्राइडे को सम्मेलन आयोजित करने के उनके फैसले का विरोध किया था। उन्होंने स्प्ष्ट कर दिया था कि चाहे जो हो, वह सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, क्योंकि इस दिन वह केरल के कोच्चि स्थित अपने पैतृक निवास स्थान जाएंगे। न्यायमूर्ति जोसेफ ने तर्क दिया था कि पवित्र और राष्ट्रीय अवकाश के मौके पर सम्मेलन रखकर न्यायपालिका दूसरी संवैधानिक संस्थाओं और सार्वजनिक निकायों के बीच गलत संदेश भेज रही है।

सड़कों का रखरखाव पुख्ता, इसके लिए राशि की कमी नहीं होगी -नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सड़कों का रख-रखाव पुख्ता किये जाने पर बल दिया और कहा कि इसके लिए नीति के साथ ही राशि की भी व्यवस्था कर दी गयी है । श्री कुमार ने यहां बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सड़कों का रख-रखाव पुख्ता हो इसके लिए जहां नीति बनायी गयी है वहीं राशि की भी व्यवस्था की गयी है । अधीक्षण अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक नीयत समय के अंतराल पर घूम-घूम कर सड़कों की स्थिति देखते रहे और इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दें । उन्होंने लोगों से भी अनुरोध किया कि जहां पर सड़क की स्थिति खराब दिखाई दें इसकी सूचना कॉल सेंटर के माध्यम से पथ निर्माण विभाग को तत्काल उपलब्ध करायें । मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंता लोगों से प्राप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करें । सड़कों की स्थिति ठीक ठाक रखने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि सरकार ने जो राशि रख-रखाव के लिए दिया है वह उसी मद में खर्च होना चाहिए । बिहार के विकास के लिए सड़क की स्थिति का बेहतर होना जरूरी है और इसके लिए उनकी ओर से काफी जोर दिया जा रहा है ।

श्री कुमार ने कहा कि कानून का राज स्थापित करने.शिक्षा .स्वस्थ्य .सुशासन.विकास और बुनियादी ढ़चों के विकास पर काफी बल दिया गया है ।उनकी सरकार सड़क निर्माण पर शुरू से ही काम करती रही है । उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग की सड़क हो या अन्य सड़के जिनका निमार्ण ग्रामीण कार्य विभाग से होता है उन सब सड़कों पर राज्य सरकार का ध्यान तो रहता ही है लेकिन केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय उच्च पथ की स्थिति ठीक नहीं है । राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीयउच्च पथ को ठीक करने का प्रयास किया गया लेकिन केन्द्र से अपेक्षित धनराशि नहीं मिल सकी 1 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की राशि से राष्ट्रीय उच्च पथ सड़कों का उन्नयन किया गया है । राष्ट्रीय उच्च पथ के उन्नयन पर लगभग 1000 करोड़ रूपये खर्च किये गये और पैसों के लिए केन्द्र सरकार से बराबर मांग की गयी लेकिन आज तक यह पैसा नहीं मिल सका है । उन्होंने कहा कि सड़कों के रख-रखाव के लिए नये नीति बनायी गयी है जो अपने आप में विशेष है । इसके तहत पांच साल के लिए रख-रखाव का ठेका किया जाता है और सड़कों की स्थिति को बनाये रखने के लिए कहा जाता है । श्री कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय उच्च पथ की सड़कों को बनाने का इरादा नहीं है । केन्द्र सरकार राष्ट्रीय उच्च पथ के रूप में सड़कों को घोषित तो कर देती है लेकिन यह भूल जाती है कि इन सड़कों को बनाना भी है । उन्होंने कहा कि सड़क यदि बनता है तो उसे मोटरेबुल भी रखना होता है और ऐसा नहीं करने से लोगों की कठिनाईयां बढ़ जाती है । राष्ट्रीय उच्च पथ का रख-रखाव करना केन्द्र की जिम्मेवारी है लेकिन वह इसे नहीं कर रही है । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार यदि यह कह दें कि वे इसे नहीं कर सकते है या अभी राशि नहीं है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार अपने संसाधन से इन सड़कों की स्थिति को ठीक करने पर विचार करेगी । 

जनता परिवार के विलय से पूर्व कल राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

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पुराने जनता परिवार के छह दलों के विलय से पूर्व कल राष्ट्रीय जनता दल :राजद: राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली बैठक काफी अहम मानी जा रही है और राजनीतिक जानकारों की इस पर नजर लगी है । राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज यहां कहा कि कल होनी वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश की ताजा राजनीतिक स्थिति और जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार मंथन होगा । जनता परिवार के मिलन की बात हो रही है और इस दिशा में पार्टी की ओर से उठाये जाने वाले कदम पर भी बैठक में चर्चा की जायेगी । उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों की विशेष दिलचस्पी रहती है और मीडियाकर्मी भी इस संबंध में सवाल करते रहते है । 

श्री यादव ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मादी सरकार ने विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाने का वादा किया था लेकिन लगभग दस माह बीत जाने के बाद भी कालाधन वापस नहीं लाया जा सका है । इसी प्रकार युवाओ को रोजगार दिये जाने की बात भी कही गयी थी लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में किसी भी युवा को रोजगार उपलब्ध कराये जाने की बात तो दूर. नियुक्ति पर ही रोक लगा दी गयी है । साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए देश में समान विचारधारा वाली ताकतों की गोलबंदी का प्रयास जोरों पर है । उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनता दल .जनता दल यूनाईटेड .समाजवादी पार्टी .जनता दल सेक्यूलर और इंडियन नेशनल लोकदल समेत छह दलों के विलय के लिए श्री यादव . जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव समेत कई अन्य नेताओ के बीच कई दौर की बातचीत हुई है । 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (04 अप्रैल)

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एक आईटीआई कार्यकर्ता ने राज्यपाल को भेजा सूचना आयुक्त के कारनामों का पुलंदा, अनिल को बर्खास्त करने की मांग
  • पद के दुरुपयोग करने के कई मामले किए उजागर, दो लोगों के साथ गठजोड़ का भी किया खुलासा
  • अफसरों को धमकाने का भी लगाया गया आरोप, आयुक्त की चल-अचल संपत्ति जांच की मांग भी

देहरादून,4 अप्रैल । एक ही आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर दो मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश करने वाले सूचना आयुक्त अनिल शर्मा खुद ही आरोपों के घेरे में आ गए हैं। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयुक्त के कई कारनामों का खुलासा करते हुए मामलों की जांच और पद से बर्खास्त करने की मांग की है। नैनीताल के रामनगर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार ने राज्यपाल सचिवालय में सूचना आयुक्त के खिलाफ एक शिकायती पत्र रिसीव कराया है। इसमें खुलासा किया गया है कि सूचना आयुक्त अनिल शर्मा किस तरह से पद का दुरुपयोग करके मनमाने आदेश जारी कर रहे हैं। इससे एक तरफ सूचना मांगने वालों के अधिकारों का हनन हो रहा है तो दूसरी और सरकारी अफसरों की चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टयां दर्ज हो रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि सूचना आयुक्त किस तरह से महज दो आरटीआई कार्यकर्ताओं की अपीलों पर मनमाने आदेश कर रहे हैं।  शिकायत में नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि द्वितीय अपील में सूचना आयुक्त को केवल यह देखना होता है कि निर्धारित समय में सूचना उपबल्ध कराई गई है या फिर नहीं। इस दूसरी अपील में न तो किसी तरह की जांच का आदेश दिया जा सकता और न ही सीबीआई जांच समेत कोई अन्य सिफारिश की जा सकती है। सूचना आयुक्त ने हरिद्वार में एक ट्रस्ट के ट्रस्टी रमेश चंद्र शर्मा की दूसरी अपील की सुनवाई करते हुए दवा घोटाला कांड की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। (यहां बता दें कि कुंभ घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश भी इसी रमेश चंद्र शर्मा की दूसरी अपील की सुनवाई के दौरान इन्हीं अनिल शर्मा ने की है) शिकायत में कहा गया है कि आरटीआई एक्ट की धारा 19 (8) (बी) और धारा 20 में सूचना आयुक्त के पास क्षतिपूर्ति दिलाने और जुर्माना लगाने का अधिकार है। सूचना आयुक्त ने अरविंद कुमार की अपील संख्या 14692/14, रमेश शर्मा की अपील संख्या 3640/10, किरन शर्मा की अपील संख्या 10561/13 और प्रेम सिंह की अपील संख्या 10588/13 में मनमाने तरीके से कारण बताओ नोटिस जारी किए और खुद ही बगैर कोई कारण बताए निरस्त भी कर दिए। इसी तरह से विनोद प्रकाश की अपील संख्या 15117/2014 के टाइम वार्ड मामले को दबा दिया गया। अरविंद कुमार की अपील संख्या 14629/2014 खुद ही तय कर दिया गया कि वाछिंत सूचना उपलब्ध करा दी गई है। महेंद्र सिंह की अपील संख्या 15152/2014 में आयुक्त ने खुद ही हो परस्पर विरोधी बयान दिए हैं। जय प्रकाश के मामले में सूचना आयुक्त ने अधिकारी पर जुर्माना लगाने की वजाय एक निष्प्रभावी आदेश जारी कर दिया। इस शिकायती पत्र में राज्यपाल से आग्रह किया गया है कि सूचना आयुक्त के कारनामों की जांच सर्वोच्च न्यायालय से कराकर इन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। इस पत्र में सूचना आयुक्त के अब तक के आदेशों की फिर से सुनवाई कराने और इनके आदेश पर अफसरों के खिलाफ दर्ज प्रतिकूल प्रविष्टियों को खत्म किया जाए। शिकायत में कहा गया है कि अनिल शर्मा की चल और अचल संपत्तियों की जांच कराया जाना भी जरूरी है।

निर्णय देने का तरीका भी गलत
शिकायत में कहा गया है कि सूचना आयुक्त निर्णय देने में भी गड़बड़ी कर रहे हैं। किसी भी अपील का निर्णय खुले में न तो सुनाया जाता है और न ही हस्तारित किया जाता है। अपील करने वालों को यह निर्णय डाक से कई रोज बाद मिलते हैं। लेकिन उस पर लिखा होता है कि आज इस निर्णय को खुले में घोषित और हस्ताक्षरित किया गया है।

कहीं साठगांठ तो नहीं 
शिकायत में कहा गया है कि सूचना आयुक्त की रमेश चंद्र शर्मा और जयपाल सिंह से साठगांठ हैं। इन दोनों से एक हजार सूचनाएं मांगी है। इनमें जयपाल की 148 अपीलों और रमेश चंद्र शर्मा की 132 अपीलों की सुनवाई सूचना आयुक्त अनिल शर्मा खुद ही कर रहे हैं।   

शासन स्तर पर हो रही जांच
राजभवन में यह शिकायती पत्र तमाम दस्तावेजी सबूतों के साथ पांच दिसंबर-214 को दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि राजभवन से यह शिकायत सरकार के पास भेजी गई है। इसमें उठाए गए बिंदुओं की जांच की जा रही है। इस बार का खुलासा शिकायतकर्ता को आईटीआई के तहत दी गई एक सूचना में किया गया है।

जांच प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल, आखिर रूबी की तहरीर क्यों नहीं ले रही पुलिस
  • महिला के वरिष्ठ आईएएस पर गंभीर आरोप, एसआईटी के साथ पुलिस भी कर रही पूछताछ
  • देेर रात किया था रूबी को गिरफ्तार

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देहरादून,4 अप्रैल। देश के आईएएस, आईपीएस अफसरों को टेªनिंग देने वाली सबसे बड़ी संस्था लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में एक महिला छः माह से फर्जीवाड़ा करके रहती रही लेकिन एकेडमी के पूरे अमले को इसकी भनक तक नहीं लग पाई और अब एकेडमी के अफसरों ने इस मामले में अपने को पाक साफ साबित करने के लिए महिला के खिलाफ मुकदमा कायम कराकर भले ही उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचवा दिया हो लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि लालबहादुर शास्त्री एकेडमी क्या एक धर्मशाला है जहां कोई भी किसी को ठहरा दे? एसआईटी टीम ने जिस तरह से इस जांच को अति गोपनीय बना दिया है उससे उसकी मंशा पर भी सवालिया निशान  लगने शुरू हो गए हैं। लाख टके का एक ही सवाल अब भी है कि आखिरकार रूबी को किसने लालबहादुर शास्त्री एकेडमी तक पहुंचाया? एसआईटी टीम ने रूबी को अपने यहां ठहराने वाले गार्ड को भी हिरासत में लेकर उससे अभी तक पूछताछ नहीं की है। खुफिया एजेंसियों में इस बात को लेकर भी बहस चल रही है कि इतने बड़े हाईप्रोफाइल मामले की जांच आखिरकार सीबीआई को क्यों नहीं दी जा रही है। इस मामले में अगर सीबीआई जांच करने के लिए आगे आई तो यह तय है कि लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में तैनात कई बड़े अफसर भी बेनकाब हो सकते हैं जिन्होंने संभवतः रूबी को एकेडमी में बड़ी खामोशी से ठहराने का पूरा चक्रव्यूह रचा हुआ था? उल्लेखनीय है कि लंबे समय से लालबहादुर शास्त्री एकेडमी संवेदनशील इलाका माना जाता है और वहां की सुरक्षा भी अभूतपूर्व है। ऐसे में एक महिला कैसे सारी सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में प्रवेश कर गई। यह एक बड़ा सवाल खुफिया एजेंसियों के मन को भी झकझोरने में लगा हुआ है। रूबी के छः माह तक लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी में गुमनाम तरीके से रहने पर लालबहादुर शास्त्री एकेडमी के तमाम अफसरों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं कि आखिरकार क्या यह एकेडमी कोई धर्मशाला है जहां कोई भी किसी भी गेट से प्रवेश कर किसी के यहां ठहर सकता है। रूबी का फर्जीवाड़ा सामने आने पर एकेडमी के बड़े अफसरों ने अपने को बचाने के लिए रूबी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया और एसआईटी टीम को जब इस मामले की जांच मिली तो उसका नेतृत्व सीबीसीआईडी की प्रभारी शाहजहां अंसारी को सौंपा गया। एसआईटी की अब तक की जांच में सिर्फ रूबी को ही टारगेट कर उसका इतिहास खंगाला गया और उस पर एसआईटी ने अपना शिकंजा कस देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया और षनिवार को उसे न्यायालय में भी पेश कर दिया गया। एसआईटी टीम इस मामले में अब पूरी तरह से गोपनीयता बरतते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाने में लगी हुई है। सवाल यह उठता है कि इस मामले में अगर रूबी दोषी है तो एकेडमी में चंद बड़े अफसर भी तो दोषी हैं जिन्होंने एकेडमी की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए छः माह तक यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि आखिर उनकी एकेडमी में कोई अंजान चेहरा गुमनाम तरीके से रह रहा है। एसआईटी अभी तक यह भी नहीं खंगाल पाई है कि आखिरकार रूबी लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में प्रवेश करने से पहले आखिर किसके सम्पर्क में थी जिसने उसे एकेडमी के अंदर दाखिल कराने के लिए किसने सारा ताना-बाना बुना था। एकेडमी के अफसरों ने इस मामले में अपना पिंड छुड़ाने के लिए वहां के गार्ड देव सिंह को निलंबित कर दिया लेकिन आज तक एसआईटी टीम ने रूबी को छः माह तक अपने कमरे में ठहराने वाले गार्ड देव सिंह को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करने का दम क्यों नहीं दिखाया जिसको लेकर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं देव सिंह के सीने में रूबी को ठहराने का जो राज दफन है कहीं उसका खुलासा हो गया तो कई बड़े अफसरों के गिरेबान तक जांच की आंच आ सकती है। एसआईटी टीम रूबी को लेकर ऐसे गोपनीयता बरत रही है मानो उसके हाथों में देश का कितना बड़ा दुश्मन आ रखा हो और अगर उसने उसके राज को उगला तो कोई बड़ा बवाल हो सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो एसआईटी ने अपना मोहरा सिर्फ रूबी को बनाया है और उसे गलत साबित करने के लिए उससे घंटों पूछताछ और उसके आवास पर भी जाकर जानकारियां जुटायी हैं लेकिन अहम सवाल यह है कि आखिरकार पूरी एकेडमी में रूबी ने वहां के डिप्टी डायरेक्टर पर ही क्यों आरोप लगाए। क्या रूबी के लगाए गए आरोपों को मापने के लिए एसआईटी के पास ऐसा कोई पैमाना है जिससे कि वह महिला को झूठी साबित कर डिप्टी डायरेक्टर को क्लीन चिट दे रहे हों। हैरानी वाली बात यह है कि आखिरकार इतने हाईप्रोफाइल मामले की जांच एसआईटी के हाथों में क्यों? क्योंकि रणवीर मुठभेड़ कांड में सीबीसीआईडी ने जांच शुरू की थी तो उसने पुलिस को बचाने का प्रयास किया था लेकिन जब मामला सीबीआई के हाथों में आया तो उसमें पुलिसकर्मी ही हत्यारे निकल आए। चूंकि सीबीसीआईडी की प्रभारी को ही एसआईटी का प्रभारी बनाया हुआ है। ऐसे में उनके द्वारा इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच करने पर भी सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं क्योंकि इस पूरे प्रकरण में रूबी ही विलेन बनी हुई है और एकेडमी के अफसर अपने आपको पाक साफ साबित करने में लग चुके हैं। ऐसे में एकेडमी में हुए हाईप्रोफाइल प्रकरण की जांच अगर सीबीआई के हाथों में आ गई तो यह तय है कि एकेडमी के कई बड़े अफसर भी बेनकाब हो जाएगा।

रूबी को देर रात पुलिस ने किया गिरफ्तार
मीडिया के सामने चिल्ला-चिल्लाकर लालबहादुर शास्त्राी एकेडमी के डिप्टी डायरेक्टर पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रूपया लेने का दाग लगाने वाली रूबी को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर आज उसे महिला अस्पताल में मेडिकल के लिए लाया गया तो उसने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और यहां तक अपना दर्द बयां किया कि वह पिछले तीन दिन से सारी मीडिया के सामने अपनी कहानी बयां कर चुकी हों लेकिन उसे हासिल क्या हुआ। अचानक रूबी के इन तेवरों से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार क्या एसआईटी ने रूबी को कोई ऐसा ज्ञान दे दिया जिससे वह षनिवार को मीडिया के सामने खामोशी साध गयी। 
  हालांकि चर्चाओं का बाजार गर्म है कि एकेडमी के अपफसरों को बचाने के लिए कहीं न कहीं कोई बड़ा खेल खेल दिया गया है। लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में छः माह तक फर्जी तरीके से रहने वाली रूबी ने दो दिन पूर्व तमाम मीडिया के सामने हुंकार भरी थी कि एकेडमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन ने एकेडमी में नौकरी दिलाने के नाम पर उससे बीस लाख रूपए मांगे थे और उसने पांच लाख रूपए दे दिए थे। महिला के इस बयान से एकेडमी प्रशासन में भी बवाल मच गया था। इस मामले के लिए आनन-फानन में एसआईटी का गठन कर शाहजहां अंसारी को जांच दी गई। जिन्होंने अपना सारा फोकस रूबी पर ही लगाया और देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया। अपनी गिरफ्तारी के दौरान रूबी ने एसआईटी के सामने काफी बवाल भी किया था। अब इस हाईप्रोफाइल मामले में सारा दाग रूबी पर लगाकर उसे न्यायालय पेश किया गया। इससे पूर्व जब उसे पुलिस अभिरक्षा में महिला अस्पताल में मेडिकल के लिए लाया गया तो उसने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया और इतना जरूर कहा कि वह तीन दिन से अपने दिल की पीड़ा बयां करती आ रही है लेकिन उसे हासिल क्या हुआ। अचानक रूबी के इस बदले रूप से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या रूबी को इस मामले में मीडिया के सामने कुछ भी न बोलने के लिए एसआईटी ने कोई पाठ तो नहीं पढ़ाया? जिसका असर देखने को मिला है।

गुप्त डील के बाद पलटी रूबी, रूबी का दावाः मैंने बनाया था फर्जी कार्ड
षनिवार  दोपहर कड़ी सुरक्षा के बीच हाईप्रोफाइल मामले में गिरफ्तार की गई रूबी को न्यायालय में पेश किया गया। वहां भी उसने मीडिया के सामने अपनी जुबान पूरी तरह से सील रखी थी लेकिन बाद में उसने मीडिया के सामने यह दावा कर दिया कि आईकार्ड उसने खुद फर्जी तरीके से बनाया था। उसके अचानक बयान पलटने से यह शंकाएं उठ रही है कि इस मामले को दफन करने के लिए शायद एसआईटी के इशारे पर रूबी ने अपने बयान आज आखिरकार जेल जाने से पहले पलट दिए। आज सुबह से लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में फर्जी तरीके से रहने वाली रूबी को राजपुर थाने में रखा गया था। जहां से उसे कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर सवा तीन बजे के लगभग न्यायालय में जेएम प्रथम के यहां पेश किया गया। पेशी के दौरान जब मीडिया ने रूबी से बात करने की कोशिश की तो उसने खामोशी साध ली जिसको देखकर यह आभास हो रहा था कि कहीं न कहीं पुलिस और रूबी के बीच ऐसी कोई गुप्त डील हो गई जिससे कि रूबी ने अपनी जुबान बंद कर ली।

  • आखिर एकेडमी में किस मिशन पर थी रूबी?
  • भारतीय सैन्य एकेडमी में भी पकड़ा जा चुका फर्जी कैडेट

लालबहादुर शास्त्राी एकेडमी में मुजपफरनगर की एक महिला अगर छः माह से वहां गुमनाम तरीके से रह रही थी तो सवाल उठता है कि वह एकेडमी में किस मिशन को लेकर अपनी जान जोखिम में डालकर प्रवेश किए हुए थी क्योंकि सिर्फ अपने परिजनों  व गांव वालों को अपने आईएएस होने का सपना दिखाकर वह इतना बड़ा खतरा तो मोल नहीं ले सकती थी। ऐसे में अब इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कहीं रूबी किसी खतरनाक एजेंडे का हिस्सा तो नहीं थी? क्योंकि मुजपफरनगर में कई बार देश के दुश्मन पकड़े जा चुके हैं और अगर रूबी को सिर्फ जालसाज बताकर उसे एसआईटी ने जेल की सलाखों के पीछे डालने में ही अपनी बहादुरी समझी तो रूबी के दिल में छुपे मिशन को वह कभी बाहर नहीं निकाल पाएगी। ऐसा ही एक मामला कुछ वर्षों पूर्व भारतीय सेना एकेडमी में भी पकड़ा गया था जब पता चला कि पश्चिमी  उत्तरप्रदेश का एक युवक फर्जी दस्तावेज के सहारे एकेडमी में फर्जी तरीके से कैडेट बनने के मिशन में लगा हुआ पाया गया था। इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगा कि रूबी किसी खतरनाक मिशन के तहत एकेडमी में नहीं आयी थी। मसूरी के लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में फर्जी आईकार्ड के सहारे रहने वाली रूबी को एसआईटी टीम ने भले ही धोखाधड़ी के मामलेे में गिरफ्तार  भले ही कर लिया है लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि जब रूबी परिवार की नजर में एकेडमी के अंदर आईएएस की टेªनिंग करने के लिए आई थी तो उसकी कोई समय सीमा तो होती क्योंकि रूबी का दावा है कि वह एकेडमी में  नौकरी लगने के लिए ठहरी हुई थी और उसने डिप्टी डायरेक्टर को 5 लाख रूपए दिए थे लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आखिरकार वह अपने इस झूठ को कब तक परिवार व पति से छुपाती रहती। सवाल उठता है कि अगर रूबी सनक के कारण एकेडमी में रह रही थी तो वह कब तक इस सनक को कब तक बरकरार रखती। रूबी का लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में एक रणनीति के तरह महीनों ठहरना कहीं न कहीं इस ओर भी इशारा कर रहा है कि क्या वह किसी बड़े मिशन को लेकर एकेडमी में अपना रैन बसेरा बनाए हुई थी। सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि क्या रूबी को एकेडमी के अंदर प्रवेश करवाने के लिए कुछ कई बड़े अफसर तो शामिल नहीं हैं जिन्हें अब एसआईटी टीम अपनी जांच को गोपनीय बताकर उन्हें बचाने का खेल खेल रही है? रूबी व एकेडमी के चंद अफसरों के बीच भी एक बड़ा गठजोड़ हो सकता है लेकिन उसे तोड़ने के लिए क्या एसआईटी टीम अपने कदम आगे बढ़ाने का दम भर पाएगी यह भी लाख टके का सवाल है। बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व भी भारतीय सैन्य एकेडमी में उत्तरप्रदेश का एक युवक फर्जीदस्तावेजों के सहारे सेना में कैडेट बनने के लिए आगे आया था और वह एकेडमी में रहकर लंबे समय तक टेªनिंग तक करने में भी सफल हो गया था। ऐेसे में सवाल उठता है कि क्या रूबी सिर्फ अपने रूतबे के लिए लालबहादुर शास्त्री एकेडमी में गुमनाम तरीके से अपने मिशन को अंजाम दे रही थी या वह किसी बड़े मिशन के तहत खामोशी से एकेडमी के अंदर गार्ड रूम में रहकर अपनी चालें चलने में लगी हुई थी। फिलहाल पुलिस व खुफिया एजेंसियों को रूबी का खतरनाक मिशन नजर नहीं आ रहा है लेकिन खुफिया के कुछ लोगांे का यह भी मानना है कि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि रूबी किसी मिशन के तहत एकेडमी में दाखिल हुई थी।

आपने फरमाया था जल्द ही भूरा नहीं पकड़ा तो या तो मैं नहीं या फिर वो नहीं, हुजूर ! भूरा तो अभी नहीं आया गिरफ्त में
  • आप भी वहीं हैं और वो भी कुर्सी पर ही आसीन, साढ़े तीन माह बाद भी पुलिस के हाथ है खाली

देहरादून,4 अप्रैल। पुलिस की हिरासत से शातिर अपराधी भूरा की फरारी से सरकार की पूरे देश में किरकिरी हुई। इससे पुलिस महकमे को भले ही कोई शर्म नहीं आई हो। लेकिन हुजूर बेहद आहत दिखे। पुलिस की इस नाकामी से क्षुब्ध हुजूर ने साफ ऐलान कर दिया था कि अगर जल्द ही भूरा की गिरफ्तारी नहीं की गई तो इसका नतीजा बेहद घातक होगा। हुजूर ने दो टूक कहा कि अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो या तो मैं नहीं या फिर वो नहीं। भूरा अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ और...। रूड़की जेल के बाहर तीन हत्याओं को अंजाम देने के आरोप में दबोचा गया कुख्यात बदमाश अमित भूरा दून पुलिस की अभिरक्षा में बागपत कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते फरार हो गया था। भूरा के साथियों ने पुलिस दल पर हमला बोला और अपने साथी को छुड़ाने के साथ ही पुलिस कर्मियों के अत्याधुनिक हथियार लेकर फरार हो गए। इस घटना से उत्तराखंड सरकार और पुलिस की खासी फजीहत हुई। मामला कई रोज तक मीडिया की सुर्खियां बना रहा। पुलिस के आला अफसर तमाम दावे करते रहे। लेकिन भूरा पुलिस के हाथ नहीं आ सका। मामले में सरकार की भी खासी किरकिरी हुई। मीडिया ने सरकार से भी इस मामले में तमाम सवालात पूछे। आखिरकार हुजूर को गुस्सा आ ही गया। मीडिया के सामने अपने कड़े तेवरों का इजहार करते हुए हुजूर ने ऐलान किया कि अगर जल्द ही भूरा पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया तो या तो वो नहीं या फिर मैं नहीं। वो लफ्ज से हुजूर का इशारा पुलिस महानिदेशक की और था और मैं का मतलब तो वो खुद थे। माना जा रहा है कि यह बात करके हुजूर ने पुलिस महानिदेशक को सीधा इशारा किया था कि वे इस घटना से बेहद आहत हैं और जल्द ही सख्त कदम उठाकर भूरा को गिरफ्तर किया जाए, वरना...। लेकिन हुजूर के इस इशारे का भी कोई असर नहीं हुआ। नतीजा यह है कि भूरा की गिरफ्तारी की बात तो छोडि़ए पुलिस को उसकी लोकेशन तक नहीं मिल पा रही है। अब ऐसे में हुजूर से यह सवाल तो बनता ही है कि आपके उस ऐलान का क्या हुआ। एक तरफ भूरा अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है तो दूसरी तरफ वो साहब अभी भी अपनी कुर्सी पर विराजमान हैं। अब हुजूर खुद तो इस्तीफा दे नहीं सकते। ऐसे में उनसे से सख्ती से पूछना ही चाहिए कि आखिर कहां है भूरा। इस मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि क्या उन्होंने हुजूर की बात को हल्के में ही ले लिया या फिर उन्हें पता है कि हुजूर कह भले ही लें। लेकिन उनके खिलाफ कुछ करेंगे नहीं। बहरहाल, सूबे के अवाम को अब इंतजार है कि हुजूर का रुख अब क्या रहता है। क्योंकि भूरा पुलिस की गिरफ्त में आया नहीं हैं और वो भी कुर्सी पर बैठे हैं। 

जिला क्रियान्वयन इकाईयों को पूर्व की भांति यथावत संचालित किया जाय

देहरादून,4 अप्रैल (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति जुबीन ईरानी को भेजे पत्र में कहा है कि प्रदेश में महिला समाख्या के तहत संचालित होने वाले जिला क्रियान्वयन इकाईयों को पूर्व की भांति यथावत संचालित किया जाय, ताकि राज्य के विकासखण्डों में कार्यक्रमों की मांग को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री को प्रेषित पत्र में अपेक्षा की है कि महिला समाख्या भारत सरकार द्वारा संचालित योजना है, जिसको जनपद टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं नैनीताल की इकाईयों को माह मार्च 2015 से बन्द करने के निर्देश दिये गये है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा है कि महिला समाख्या भारत सरकार का एक जेण्डर आधारित कार्यक्रम है, जो कि पौड़ी जनपद में वर्ष 1995 से लगातार 19 वर्षों से संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में यह कार्यक्रम राज्य के पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर, उत्तरकाशी, हरिद्वार एवं देहरादून जनपदों में संचालित हैं। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं राज्य सरकार के प्रशासनिक संचालन के अधीन है और हाल ही में इस कार्यक्रम का सर्व शिक्षा अभियान में विलय कर दिया गया है। विगत 26 अप्रैल, 2014 को राष्ट्रीय स्तर पर अतिरिक्त सचिव, प्राथमिक शिक्षा भारत सरकार के स्तर पर हुई कार्यक्रम संबंधी बैठक में उन जिला क्रियान्वयन इकाईयों को बन्द करने के निर्देश दिये गये है, जहां पर कार्यक्रम को 10 वर्ष हो चुके है, इससे टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी व नैनीताल जनपदों की इकाईयां माह मार्च 2015 में बन्द हो जायेगी। वर्तमान में इस कार्यक्रम से राज्य के 27 विकासखण्डों में 2875 ग्रामों की लगभग 60 हजार महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इन जिला क्रियान्वयन इकाईयों के बन्द होने से टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं नैनीताल जनपदों में लगभग 300 कार्यकर्ता बेरोजगार हो जायेंगे, जो कि विगत वर्षों से एक अल्प नियत वेतन पर कार्य करते आ रहे है। उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि इन इकाइयों के बन्द होने से इनके जीवन यापन के रास्ते बंद हो जायेंगे, क्योंकि इन कार्यकर्ताओं में अधिकांश राज्य में सरकारी अथवा अर्धसरकारी सेवाओं के लिये आयु सीमा भी पार कर चुके है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वर्तमान में पौड़ी जनपद के 15 ब्लाॅक में से सिर्फ 5 ब्लाॅक में, टिहरी जनपद के 9 ब्लाॅक में से सिर्फ 3 ब्लाॅक में व नैनीताल जनपद में 8 ब्लाॅक में से 5 ब्लाॅक में कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, लेकिन महिलाओं की स्थिति को देखते हुए इन जनपदों के अन्य ब्लाॅकों में भी कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस की जा रही है तथा साथ ही इन विकासखण्डों से कार्यक्रम की लगातार मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि राज्यहित में इन जिला क्रियान्वयन इकाईयों को पूर्व की भांति यथावत संचालित किया जाय। ताकि राज्य के जनपदों के विकासखण्डों में कार्यक्रमों की मांग को पूरा किया जा सके।

बिहार : आसमान से हमको आशीष दीजिए, आसमान से हमको आशीष प्रदान कीजिए.......

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आज अद्भूत नजारा देखने को मिला। आसमान में बादल छा गए। रत्नेश,चांदनी और आलबर्ट ने प्राटैस्टैन्ट धर्म स्वीकार किया। इस दीक्षा समारोह के दौरान ईश्वरीय आशीश के रूप में बारिस होने लगी। जब तीनों बपतिस्मा ग्रहण कर लिए तो बारिश बंद हो गयी। पेश है आलोक कुमार की विशेष रिपोर्ट।

easter-news-ganga-patnaएक ईसाई को जिदंगी में 7 तरह का संस्कार मिलता है। अव्वल ईसाई समुदाय के सदस्य बनने के लिए बपतिस्मा संस्कार ग्रहण किया जाता है। द्वितीय पापस्वीकार, तृतीय परमप्रसाद, चतुर्थ दृढ़करण, पंचम विवाह,षठी पुरोहिताभिषेक और सातवीं अंतमलन संस्कार है।ईसा मसीह भी बपतिस्मा संस्कार ग्रहण किए थे। इसका उल्लेख पवित्र बाइबिल धर्मग्रंथ में है।योहन नामक व्यक्ति ने ईसा मसीह को यर्दन नदी के तट पर ले गए। ईसा और योहन यर्दन नदी में हेल गए।तब योहन ने यर्दन नदी का पानी से ईसा मसीह को बपतिस्मा दे दिया। इसी तरह प्राटैस्टैन्ट धर्मावलम्बी के पादरी कर रहे हैं। बपतिस्मा ग्रहण करने वालों को नदी में ले जाकर बपतिस्मा दे रहे हैं। 

योहन नामक व्यक्ति ने ईसा मसीह को यर्दन नदी के तट पर ले गएःईसा मसीह योहन से बपतिस्मा लेने के लिए गलीलिया से यर्दन के तट पर पहुंचे। योहन ने ईसा मसीह को रोकने का असफल प्रयास किए। तब योहन ने ईसा से कहा कि ‘मुझे तो आप से बपतिस्मा लेने की जरूरत है और आप मेरे पास आते हैं।’ इसके उत्तर में ईसा ने कहा कि अभी ऐसा ही होने दीजिए। योहन से बपतिस्मा लेने के बाद ईसा तुरन्त जल से बाहर निकले। उसी समय स्वर्ग खुल गया और उन्होंने ईश्वर के आत्मा को कपोत के रूप में उतरते और अपने ऊपर ठहरते देखा। स्वर्ग से यह वाणी सुनाई दी कि यह मेरा पुत्र है। मैं इस पर अत्यंत प्रसन्न हूं। 

कैसे गंगा नदी में दिया जाता है बपतिस्माःप्राटैस्टैन्ट धर्म स्वीकार करने वालों को धर्मशिक्षा दी जाती है। जब ईसाई धर्म को अंगाीकार करने का खुद से मन बना लेते हैं। तब बपतिस्मा का दिन और तिथि तय कर दिया जाता है। इस दिन लोग गंगा किनारे आते हैं। गंगा नदी के तट पर प्रार्थना की जाती है और गीत भी पेश किया जाता है। इसके बाद बपतिस्मा देने वाले पादरी और अन्य लोग नदी में हेल जाते है। इतना होने के बाद बपतिस्मा ग्रहण करने वाले भी पानी में हेलकर जाते हैं। वहां पर भी प्रार्थना की जाती है। इसके बाद पीछे करके बपतिस्मा लेने वाले को पानी में 2 बार डुबकी करवाया जाता है। इसके साथ ही बपतिस्मा संस्कार का रस्म अदायगी कर लिया जाता है। 

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गंगा नदी के तट पर दिखा यर्दन नदी का दृश्य: आज शनिवार को ऐतिहासिक पल था। प्राटैस्टैन्ट धर्म अंगीकार करने वालों में दो पुरूष और एक महिला हैं। आसमान में बादल छा गया। संभावित बारिस की आशंका के बीच में कोई चार तो कोई दो पहिया वाहन से नदी किनारे पहुंच गए। सभी मिलकर गंगा नदी के तट पर लघु प्रार्थना करते हैं। हां, मधुर स्वरों में गीत भी पेश किया गया। इसके समापन पर प्राटैस्टैन्ट धर्मावलम्बी पादरी और कुछेक अनुयायी नदी में चले जाते हैं। तभी जोरदार ढंग बारिश होने लगती है। पानी से भींगने की परवाह किए ही लोग नदी में बढ़कर ठेंहुनाभर पानी में जाकर खड़े हो जाते हैं। सभी लोग वर्षा का पानी से भींग रहे हैं। बपतिस्मा ग्रहण करने के लिए सबसे पहले रत्नेश नदी में जाते हैं। वहां पर लघु प्रार्थना करके रत्नेश को बपतिस्मा दे दिया जाता है। इस सिलसिले को जारी रखकर चांदनी जाती हैं और अंत में आलबर्ट को भी बपतिस्मा दिया गया। इस तरह रत्नेश,चांदनी और आलबर्ट बपतिस्मा ग्रहण कर लिए और तीनों कलीसिया का अंग बन गए। इसके कुछ देर के बाद ही आसमान से बरसने वाला पानी बंद हो गया। इसे ईश्वरीय आशीष करार दिया गया। 

रोमन कैथोलिक धर्म अंगीकार करने वालों को गिरजाघरों में ही दिया जाता है बपतिस्माः 2015 साल के बाद भी रोमन कैथोलिक गिरजाघर के अंदर ही बपतिस्मा संस्कार की रस्म अदायगी करते हैं। क्रिसम के समय में तैयार किए गए पवित्र विलेपन से बपतिस्मा ग्रहण करने वालों अभ्यंग किया जाता है। यहां पर जन्म लेने के कुछ सप्ताह के बाद ही बच्चों को बपतिस्मा संस्कार दिया जाता है। नामकरण भी होता है। 



आलोक कुमार
बिहार 

विशेष आलेख : खेमका के बहाने सियासत

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हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अफसर अशोक खेमका का तबादला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री इसे रूटीन ट्रांसफर बता रहे हैं परंतु माना यह जा रहा है कि उनका तबादला माफियाओं के दबाब में किया गया है. हास्यास्पद बात तो यह है कि जिस बीजेपी को विपक्ष में रहते खेमका के तबादले में भ्रष्टाचार और ईमानदार अफसर को परेशान करने की साज़िश नज़र आती थी, सत्ता में आते ही उसी पार्टी को आज उनके ट्रांसफर पर चर्चा किया जाना फ़िज़ूल नज़र आ रहा है. बीजेपी लीडरों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि परिवहन आयुक्त के पद पर रहते हुए उन्होंने जो माइनिंग लॉबी पर शिकंजा कसा वह उनके ट्रांसफर का कारण नहीं है, तो फिर इतनी जल्दी रूटीन ट्रांसफर की नौबत क्यूँ आ गई? 

दरअसल खेमका को देश के उन गिनेचुने ईमानदार अधिकारियों की फेहरिस्त में रखा जाता है. जो बिना किसी दबाब के अपने फ़र्ज़ को अंजाम देते आ रहे है. इसी कार्यशैली के कारण वह सदैव राजीनीतिक दलों की आँखों में खटकते रहे हैं. इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 23 वर्ष के प्रशासनिक कार्यकाल में यह उनका तकरीबन 46वां तबादला है. यानि प्रत्येक 6 माह में उनके तबादले का आदेश जारी कर दिया जाता है. वैसे तो खेमका का तबादला हमेशा से मीडिया की सुर्ख़ियों में रहा है लेकिन इस बार यह मामला इसलिए भी ज़्यादा गरमा गया है क्यूंकि राज्य में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है जिसने कांग्रेस की एक दशक पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए खेमका के पूर्व तबादलों को भी एक प्रमुख मुद्दा बनाया था. यह वही खेमका है जिसने उस वक़्त राज्य और केंद्र की सत्ता पर क़ाबिज़ कांग्रेस की शक्तिशाली अध्यक्षा के दामाद के भूमि सौदे को रद्द कर दिया था और कैग ने भी उनके स्टैंड को उचित ठहराया था. 

सत्ता भले ही बदल गई हो लेकिन राजनितिक दलों के नज़रिये और उनके कामकाज में कोई तब्दीली नहीं आई है. माफियाओं और पूंजीपतियों के साथ राजनितिक दलों का गठजोड़ किसी से छुपा नहीं रह गया है. हालांकि यह साबित करना मुश्किल है परंतु माना जाता है कि यही माफिया और पूंजीपति चुनाव के समय राजनितिक दलों के पक्ष में माहौल बनाने और उन्हें आर्थिक लाभ पहुँचाने में परदे के पीछे से प्रमुख भूमिका अदा करते हैं. जिसके बदले सत्ता में आने पर राजनितिक दल उन्हें लाभ पहुंचाते है. ऐसे में अशोक खेमका जैसे कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अफसर उनकी राह में रोड़ा बनते हैं तो तबादला होना स्वाभाविक है. दूसरी ओर राजनितिक दलों के साथ साठगांठ रखने वाले अधिकारी वर्षों तक मलाईदार पदों पर बने रहते हैं. जिन्हें विधानसभा अथवा लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की सख़्ती के बाद हटाना मुमकिन हो पाता है.

यह पहली बार नहीं है जब देश में किसी ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी को सत्तासीन राजनितिक दल का कोपभोजन होना पड़ा है. इससे पूर्व यूपी में दुर्गा शक्ति नागपाल का ट्रांसफर भी ऐसे ही राजनितिक साजिश का हिस्सा था. देश का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहाँ किसी ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी को सत्तासीन राजनितिक दल के करीबी माफियाओं अथवा पूंजीपतियों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर पुरस्कृत किया गया होगा। अलबत्ता विपक्ष उसे अपने राजनितिक फायदे के लिए अवश्य इस्तेमाल करता है और जब सत्तासीन होता है तो उसी अधिकारी की कार्यशैली उसे संविधान के दायरे से बाहर नज़र आने लगती है. हालांकि हरियाणा सरकार के एक मंत्री जिस प्रकार से खेमका के तबादले का खुलकर विरोध कर रहे हैं उससे राजनितिक दलों के प्रति लोगों में सकारात्मक संदेश अवश्य जायेगा। आम आदमी को विश्वास होगा कि केवल सरकार के विरुद्ध जनक्रांति के अलख से उपजा राजनितिक दल ही भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के प्रति गंभीरता का परिचय नहीं देता है.

अवश्य ही भ्रष्टाचार इस देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है, लेकिन वोट बैंक की खातिर राजनितिक दलों का रवैया भी देश के विकास में एक बड़ी रुकावट बनती रही है. जो एक ईमानदार और संविधान के दायरे में रहकर काम करने वाले अधिकारी के लिए दीवार बन जाती है. जबतक खेमका जैसे अधिकारियों का राजनितिक फायदे के लिए इस्तेमाल होता रहेगा उस वक़्त तक भारत को विश्व शक्ति बनाने का प्रयास मुंगेरीलाल के हसीन सपने से अधिक कुछ नहीं है







liveaaryaavart dot com

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शम्स तमन्ना 
स्वतंत्र पत्रकार 
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(यह लेखक की निजी राय है)

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (05 अप्रैल)

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बाबूधाम ट्रस्ट जनहित के कार्य के लिए क्षेत्र में हर संभव कदम उठाएगा
  • शिक्षा के क्षेत्र में रहेगी, विशेष अभिरूचि तकनीकि शिक्षा पर जोर

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय उच्च विद्यालय में आयोजित महात्मागाँधी श्रेष्ठजन समिति की बैठक में भारत सरकार भूतल परिवहन मत्रालय के संयुक्त सचिव सह बाबू धाम ट्रस्ट के संस्थापक अजय प्रकाश पाठक ने कहा कि ट्रस्ट के माध्यम से तकनीकि शिक्षा के लिए सभी वर्ग के विद्यार्थी को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। किन्तु अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई जा रही है, उन्हें मेधा छात्रवृति भी दी जाएगी। विशेषकर छात्राओं के लिए अतिरिक्त मेधाराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावे बाबू धाम ट्रस्ट का कार्यकलाप बढाने का निर्णय भी लिया गया है। श्री पाठक ने उपस्थितजनों को बताया कि ट्रस्ट अपने कार्यक्षेत्र को बढाते हुए, सिनीयर सिटीजन की सेवा में कार्य बढा रहा है। अजय प्रकाश पाठक ने कहा कि पिता के नाम पर स्थापित इस ट्रस्ट के माध्यम से समाज सेवा का काम कर अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने में लगा हूँ। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के विचारों को रखते हुए कहा कि उन्हाने कहा था कि सरकार के विकास कार्य की राशि का 15 प्रतिशत ही उसके वास्तविक हकदार तक पहुँच पाता है। इसलिए ट्रस्ट अपने सदस्यों के माध्यम से जनसेवा का काम प्रारंभ किया है। प्रबुद्धजन मानते हैं कि इसके पीछे श्री पाठक की पत्नी की राजनीतिक महात्वाकांक्षा भी है। इसी बात को लेकर ट्रस्ट के संस्थापक अजय प्रकाश पाठक क्षेत्र की जनता से सीधा सम्पर्क बनाने का काम कर रहे है। आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर बाबू धाम ट्रस्ट की अध्यक्षा मंजूबाला पाठक की राजनीतिक महात्वाकांक्षा पूर्ण करने के लिए ट्रस्ट निरंतर क्षेत्र की जनता के दुःख दर्द में हाथ बँटा रहा है। आगामी विधान सभा चुनाव में बापूधाम ट्रस्ट की मंजूबाला पाठक चुनाव मैदान में होंगी, जिसमें सिनियर सिटीजन्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। समाज सेवा के क्षेत्र में श्री पाठक की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता किन्तु इसका कितना राजनीतिक लाभ मिलेगा, यह आने वाल वक्त ही बताएगा। बाबूधाम ट्रस्ट की मीटिंग में अवध किशोर सिन्हा, सुरेन्द्र मिश्र, शंकर प्रसाद गुप्ता, कमलेश्वर पाठक, दीपक कुमार गुप्ता, छोटेलाल प्रसाद, अमरेन्द्र विश्वास, प्रभू मिश्र, उमाशंकर प्रसाद, कैलाश राउत, नरेन्द्र कुमार कुशवाहा, वकील मियां, बृजेश कंेजरीवाल और श्यामसुन्दर सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (04 अप्रैल)

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विधायक ट्राफी का हुआ अनावरण, 8 से 12 अप्रेल तक होगी क्रिकेट स्पर्धा 

jhabua news
झाबुआ---मन्नु क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में द्वितीय टेनिस बाॅल क्रिकेट टूर्नामेंट विधायक ट्राफी का आयोजन आगामी 8 से 12 अप्रेल तक स्थानीय उत्कृष्ठ उमावि मैदान पर किया जावेगा जिसमें इन्दौर, दोहद सहित जिले एवं आसपास के क्षेत्रों से करीब 30  से अधिक टीमों के भाग लेने की संभावना है । विधायक ट्राफी 2015 का आज स्थानीय राजवाडा चैक में जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे के मुख्य आतिथ्य एवं विधायक शांतिलाल बिलवाल के विषेष आतिथ्य में समारोह पूर्व  ट्राफियों के अनावरण का कार्यक्रम राजवाडा चैक में आयोजित किया गया । इस अवसर पर भंडार अध्यक्ष विजय नायर,नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, राजेन्द्र सोनी, दिपेष बबलू सकलेचा, सईदुल्लाखान संजयषाह, अर्जुन चैहान, जयदेव दवंडे, ईरषादखान,अमजदखान संदीप कानूनगो, टूई, प्रभात वाखला,  अब्दूल वाहिद खान के अलावा बडी संख्या में क्रिकेटप्रेमी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे । कार्यक्र3म का संचालन करते हुए अब्दूलवाहिद खान ने बताया कि  8 सं 12 अप्रेल तक उत्कृष्ठ मैेदान पर आयोजित होने वाली इस क्रिकेट स्पर्धा में  विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा प्रथम पुरस्कार 31 हजार  एवं द्वितीय पुरस्कार 15000 का रखा गया । वही मेन आफ द सिरीज को 2500 रू. मेन आफ दी मैच को 1000 रु. बेस्ट बल्लेबाज को 500 रु. बेस्टे गेंदबाज को 500 रुपये का पुरस्कार रखा गया है । एंट्री जमा कराने की अन्तिम तिथि 6 अप्रेल तय की गई है । उन्होने इस अवसर पर मैंच के नियमों के बारे में भी जानकारी दी ।

आज मनाया जावेगा भाजपा का स्थापना दिवस, जिले के सभी भाजपा मंडलों में होगें आयोजन 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे ने बताया कि आज 6 अप्रेल को पूरे जिले में उत्साह के साथ भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस  मनाया जावेगा । श्री दुबे के अनुसार जिले के सभी 11 मंडलों में भाजपा के पितृपुरुष दिनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर भाजपा का स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाये जाने के साथ ही जिले में इस दिन सघन सदस्यता अभियान भी चलाया जावेगा । नगर मंडल झाबुआ के अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार ने बताया कि आज 6 अप्रेल को भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर स्थानीय राजगढ नाका स्थित पण्डित दिनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, के मुख्य आतिथ्य में पण्डित उपाण्याय की प्रतिमा पर जिला एवं मंडल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा माल्यार्पण किया जाकर भाजपा के स्थापना दिवस को मनाया जावेगा । सभी भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने निष्चित समय एवं स्थान पर एकत्रित होने का अनुरोध किया है । भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर जिला भाजपाध्यक्षश्री दुबे एवं विधायक शांतिलाल बिलवाल, नगर मंडल अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार सहित जिला एवं मंडल के पदाधिकारी सघन सदस्यता अभियान को नगर के घर घर एवं हर वार्ड में जाकर संचालित करेगें तथा भाजपा के सदस्य बनाने का कार्य करेगें । जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने  भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सभी पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से इसमे सहभागिता करने की अपील की है ।

हनुमान टेकरी पर हुआ भव्य महाप्रसादी भंडारे का आयेाजन, पंचकुण्डी मारूति महायज्ञ में दी गई आहूतियों
  • मारूति नंदन के दर्षनों के लिये उमडी श्रद्धालुओं की भीड 

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झाबुआ---त्रिदिवसीय हनुमान जयन्ती समारोह के अन्तिम दिन सोमवार को श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति ,हनुमान टेकरी झाबुआ द्वारा  समापन अवसर पर पंचकुण्डीय महायज्ञ प्रातः 8 बजे से विद्वान पण्डित विष्वनाथ शुक्ला एवं हिमांषु शुक्ला द्वारा सम्पन्न कराया गया । वैदिक मंत्रों के साथ पांचों कुण्डो पर भगवान हनुमान जी के मारूति महायज्ञ में कई जोडो ने निर्लिप्त भाव से शामील होकर आहूतिया दी । दोपहर 12 बजे भगवान को अर्पित किये गये  व्यंजनों के भोग के लाभार्थी श्रीमती षिवकुमारी सोनी एवं राजेन्द्र सोनी रहे जिन्होने 4100 रुपये में  उक्त दुर्लभ लाभ प्राप्त किया वही आरती की बोली 15 हजार में लगा कर नगर के समाजसेवी एवं उद्योगपति मनोज भाटी ने महा आरती का लाभ प्राप्त किया । हनुमान जयन्ती के समापन दिवस पर  हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महा आरती में भाग लिया । शंख, घडी घंटाल की सुमधुर ध्वनि के साथ महा आरती  के समय पूरा हनुमान टेकरी परिसर बालाजी तीर्थधाम के रूप  में तब्दिल हो गया । हर कोई भगवान मारूतिनंदन के दर्षन के लिये लालायित था और कतार बद्ध होकर सभी ने हनुमंतलला के दर्षन लाभ प्राप्त किये । महायज्ञ के अवसर पर हनुमान मंदिर सेवा समिति की महिलाओं ने  सेवा कार्यो में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह किया । इस अवसर पर मंदिर में भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया । वही यज्ञषाला में कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने परिक्रमा भी लगाई । महा आरती एवं नैवेद्य अर्पण के साथ ही मंदिर परिसर में  महाप्रसादी भंडारें का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कतार बद्ध होकर महाप्रसादी प्राप्त की ।  दोपहर 1 बजे से  सायंकाल 6 बजे तक चले इस भंडारा प्रसादी वितरण में समिति की महिला मंडल की सदस्याओं के अलावा समिति के लोगों ने भी पूरी सेवा भावना से अपनी भूमिका का निर्वाह किया । हनुमान मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष प्रेमअदीबसिंह पंवार, जीवन पडियार, सुधीर कुष्वाह, गजेन्द्रसिंह चन्द्रावत, महेष नागर, सहित समिति के सभी सदस्यों के प्रयासों एवं सेवा के कारण अनुषासन बद्ध तरिके से पूरा कार्यक्रम संपन्न हुआ । पुलिस प्रषासन ने भी यहां पर सुरक्षा के अच्छे इंतजाम किये तथा बडी ही प्रफुललता के साथ त्रिदिवसीय हनुमान जयंती समारोह का समापन हुआ ।

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रात को हुई मनोरंजक स्पर्धा -
हनुमान जयन्ती  के अवसर पर शनिवार को रात्री में भगवान हनुमानजी के दरबार में विष्वकर्मा भजन मंडल उज्जेन द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ तथा भजनों का श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया । इसके पूर्व मंदिर परिसर में महिला मंडल द्वारा धार्मिक भजनों पर आधारित नृत्य स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान पर निहारिका चैहान तथा दूसरे स्थान पर स्वरा कोठारी आई जिन्हे पुरस्कृत किया गया वही  बडे लोगों के लिये महिला मंडल द्वारा कपल गेम का आयोजन किया गया जिसमें 15 से अधिक पति पत्नी के जोडो में भाग लिया । आयोजित खेल स्पर्धा में श्रीमती चंचला लक्ष्मीकांत सोनी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ । रविवार को पूरे नंगर में हनुमान जयंती समारोह के समापन के अवसर पर करीब आधे दर्जन स्थानों पर  महाप्रसादी भंडारे का आयोजन हुआ । हनुमान जयंती के अवसर पर तीन दिनों तक पूरा नगर एवं अंचल मारूति मय बन गया ।

जीव सेवा-षिव सेवा की भावना से गायो को खिलाई हरी सब्जियां

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झाबुआ---जीव सेवा षिव सेवा के महामंत्र को साकार करने में नगर का थांदला गेट मित्र मंडल अपने सेवा कार्यो के कारण नगर में प्रसंषा अर्जित कर रहा है । गायों को 33 करोड देवी देवताओं की स्थली मानने का संकल्प लेकर पिछले 5 बरसों से सतत गौ सेवा- इष सेवा के कार्य को  किया जारहा है । हनुमानजयंती, चैत्र पूर्णिमा एवं ग्रहण मोक्ष के अवसर पर थांदला गेट मित्र मंडल के सदस्यों ने स्थानीय सदगुरू गौषाला में सांयकाल गायो के बीच जाकर उनकी सेवा सुश्रुषा की । इस अंचल के प्रभूतुल्य संत श्री सरस्वतीनंदन जी स्वामी,  परम पूज्य गुरूदेव राजेन्द्रसूरिष्वरजी मसा एवं श्री साई बाबा की प्रेरणा से शनिवार को बण्टू अग्निहोत्री, हर्ष भटृ, रिंकू रूनवाल, प्रीण मालवी, लोकू माली, सत्यनारायण शर्मा, जितेन्द्र अग्निहोत्री, धर्मेन्द्र कोठारी, गोविन्द मंत्री, नीतिन चैहान, श्री बुन्देला, बाबुभाई नायक ने 5 क्विंटल से अधिक ताजे टमाटरे एवं हरी सब्जियों को गौषाला की 40 गायों को सेवा भावना के साथ आहार करवाया । इस संबंध में बण्टू अग्निहोत्री का कहना है कि धर्म जीव सेवा को महान सेवा  बताता है । प्राणी मात्र में ईष्वर का निवास माना जाता है वही गायं की महत्ता हमारी वैदिक संस्कृति में महान बताई है । शनिवार को ग्रहण मोक्ष के समय गायों को हरी घास के साथ ही सब्जिया खीलाने से उनकी तृप्त आत्मा की दुआयें विष्व कल्याण की भावना को विकसित करती है ।  विभिन्न वार त्यौहारों पर इन मुक पशुओं के बीच  जाकर उनकी सेवा करना  हमारा मुख्य लक्ष्य है औ ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी सतत जारी रहेगें ।

परीक्षा देने गई लडकी घर नही लोटी
      
झाबुआ-- फरियादी रूमजी पिता मनजी मुणिया उम्र 45 वर्ष निवासी बेडाखो ने बताया कि उसकी लडकी कक्षा 9 वी में पढती थी परीक्षा देने का कहकर घर से पेटलावद के लिये निकली थी जो अभी तक घर नही पहुची, कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 123/15, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

हिमाचल की विस्तृत खबर (05 अप्रैल)

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प्रदेश में स्थापित प्रशासनिक ट्रिब्यूनल कर्मचारी मामलों के शीघ्र निपटारे में कारगर :मुख्यमंत्री
  • नव सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ मुकदमेबाजी में जुड़े कई नये पक्ष
  • महिलाओं में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के लिए कानून को अम्ली जामा पहनाने के विषयों पर भी चिन्तन आवश्यक

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शिमला, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि हमारी न्यायिक व्यवस्था विश्व की सबसे बेहतरीन व्यवस्था है जिसने समय की मांग और लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक आवश्यक बिन्दुओं का समावेश किया है। उन्होंने कहा कि निजीकरण, खुलेपन और वैश्वीकरण के दौर में कई तरह के कानूनी मुद्दे भी सामने आये हैं जिनसे मुकदमेबाजी में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों के सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार ने मुकदमेबाजी को प्रारम्भिक चरण में निपटाने के उद्देश्य से लिटिगेशन पालिसी बनाई है जिससे समय और पैसा दोनों की बचत हो सकेगी। विभिन्न विभागों को निर्देश दिये गए हैं कि क्लेम के मामलों को जल्दी से निपटाया जाए ताकि व्यर्थ की मुकदमेबाजी से बचा जा सके और इस कार्य के लिए राज्य और विभागीय स्तर पर कमेटियों का गठन भी किया जा चुका है। महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाओ के अधिकारों और सुविधाओं के दृष्टिगत कई कानून मौजूद हैं परन्तु अज्ञानता, निरक्षरता और गरीबी के कारण कई बार इन कानूनी प्रावधानों का लाभ जरूरतमंद महिलाओं तक नहीं पंहुच पा रहा है। इसलिए इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है और सम्मेलन में कानून के इन प्रावधानों के अम्ली जामे के ऊपर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि महिलाओं में सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना पैदा की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की स्थापना की जा चुकी है इससे कर्मचारियों की सेवाओं से जुड़े मामलों को तेजी से निपटाने में सुविधा मिलेगी और उच्च न्यायालय में मुकदमों की संख्या भी कम होगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पूरे राज्य में न्यायिक परिसरों का निर्माण किया गया है और इसके अतिरिक्त न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासों की भी व्यवस्था की गई है। राज्य न्यायिक अकादमी परिसर के शिमला स्थित भवन के लिए बजट में आवश्यक प्रावधान भी किया गया है। सरकार द्वारा किशोरों से जुड़े मामलों के लिए किशोर न्यायिक बोर्ड और बाल कल्याण कमेटियों का भी जिलों में गठन किया गया है ।

मेलों का संस्कृति को संजोने में महत्वपूर्ण योगदान: जगजीवन
  • 2 लाख से संवरेगा दैहण छिंज मैदान

पालमपुर, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। मेलों और त्योहारों का आयोजनों हमारी समृद्ध संस्कृति को नई पीढ़ी तक पंहुचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह उद्गाार मुख्य संसदीय सचिव (आईपीएच) श्री जगजीवन पाल ने उपमंडल पालमपुर के एतिहासिक चार दिवसीय दैहण ंिछंज मेले के समापन पर बतौर मुख्यातिथि लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। सीपीएस ने कहा कि मेलों के आयोजन से आपसी भाईचारे को बढ़ावा तो मिलता है। साथ ही लोगों में आपसी मेलजोल भी होता है। उन्होंने कहा कि मेलों में छिंज के आयोजन से जहां प्रदेष के पहलवानों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अवसर मिलता है वहीं दूसरे प्रदेषों के पहलवानों की कुष्ती देखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि साथ ही लोग को घरद्वार नई-नई चीजों को देखने तथा खरीदने का मौका मिलता है। श्री पाल ने इस अवसर पर मेले में दंगल मैदान निर्माण और इसके सौंदर्यकरण के लिए दो लाख रूपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर  इंटक के प्रदेष महामंत्री एवं मेला कमेटी के चेयरमैन सीताराम सैनी, मेला कमेटी के अध्यक्ष उर्बीधर, दैहण पंचायत के प्रधान गगन चौधरी, उप प्रधान मनोज कुमार, जिला कांग्रेस महामंत्री केएस पटियाल, सुलह ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष अरूण राणा, अरला के प्रधान बाबू राम, प्रधान अंजू ष्षर्मा, केएल मैहता, ईष्वर दास चौधरी, मेजर सिंह, विनोद कुमार, राकेष चौधरी, भूपेंद्र बंटू, प्रताप चंद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मोबाईल एप्प पर होंगे सभी हलके: बुटेल
  • आईमा में कूड़ा एकत्रीकरण वाहन का लोकार्पण

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धर्मशाला, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। विधान सभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने बताया कि ई-विधान प्रणाली के अतंर्गत मोबाईल एप्प का दूसरा चरण आरंभ किया जायेगा, जिसमें प्रदेश के सभी 68 विधान सभा क्षेत्रों को भी प्रणाली से जोड़ा जायेगा। रविवार को पालमपुर में उन्होंने हलके के लोगों की लगभग 110 समस्याओं का निपटारा मौके पर किया। इस अवसर श्री बुटेल ने बताया कि इसी माह विधान सभा क्षेत्र मोबाईल एप्प पार्ट दो का कार्य आरंभ किया जायेगा, जिसमें प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र के अधिकारियों को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसमे विधायक अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की जानकारी, प्रगति और समीक्षा अपने मोबाईल के माध्यम से कहीं से भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके आरंभ होने से विधायकों के पास उनके क्षेत्र की पूर्ण जानकारी मोबाईल फोन पर उपलब्ध होगी तथा विकास कार्यो में पारदर्शिता के साथ-साथ इनको गति भी मिलेगी और सूचना का तुरंत अदान-प्रदान हो सकेगा। इसके बाद श्री बुटेल ने ग्राम पंचायत आईमा में कूड़ा एकत्रीकरण वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कि देव भूमि पालमपुर अपने नैसर्गिक सौंदर्य, चाय बगानों और वीर भूमि होने के चलते राष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में पहचान है और प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहां पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि पालमपुर को आकर्षक ओर साफ-सुथरा शहर बनाये रखने की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 90 लाख की लागत से कूड़ा कचरा प्रबंधन सयंत्र स्थापित किया गया है जिसमें कूड़े का वैज्ञानिक रूप से निष्पादन किया जा रहा है और गलनशील कूड़े से खाद इत्यादि तैयार की जा रही है।  उन्होंने कहा कि पालमपुर शहर के साथ लगती पंचायतों लोहना, आईमा और बंदला में भी नगर परिषद द्वारा कूड़े के डम्पर रखे गये हैं। जिससे पालमपुर और इसके साथ लगती पंचायतें साफ-सुथरी और आकर्षक बनी रहें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कूड़े के अंडरग्राउंड डम्पर स्थापित करने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह हर्ष का विशेष है कि इसके लिए पालमपुर को चुना गया है। उन्होंने आईमा पंचायत को घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने का कार्य आरंभ करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत को स्वच्छ रखने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। इसके पश्चात विधान सभा अध्यक्ष ने टेलिफोन डायरेक्ट्री हैलो पालमपुर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर नगर परिषद के अध्यक्ष बलवंत ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ0 मदन दीक्षित, आईमा के प्रधान औंकार ठाकुर, उपप्रधान अनीश नाग, वार्ड सदस्य, प्रदेश शिकायत निर्वारण समिति के सदस्य त्रिलोक चंद, पार्षद शशी राणा, राजिंद्र ठाकुर, व्यापार मण्डल के प्रधान सुरेंद्र सूद, ऋषि राज, एसडीएम पालमपुर भूपेंद्र अत्री, पुजन भंडारी सहित गणमान्य लोग और विभिन्न विभागों को अधिकारी मौजूद रहे।

लॉरेट इंस्टीट्यूट  में  तीन दिवसीय सेमिनार शुरू  

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धर्मशाला, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अध्यापकों को सशक्त एवं समृद्ध बनाने की लॉरेट इंस्टीट्यूट ज्वालामुखी ने एसोशिएशन ऑफ फार्मसियूटीकल टीचर्ज  ऑफ इंडिया के सोजन्य से एक मौलिक पहल शुरू की है। लॉरेट इंस्टीट्यूट ज्वालामुखी कथोग ने तीन दिवसीय  "क्वालिटी इम्प्रोवेमेंट प्रोग्राम ऑन ट्रेनिंग टीचर्ज फॉर टोमोर्रौज नीड"शुरू किया गया है। जिस में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों  के शिक्षकों ने हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम के माध्यम से आने वाले समय में अनुभवी शिक्षकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुये एक योजना तैयार की जायेगी।

व्यापक अनुसंधान की जरूरत
इस कार्यक्रम के मुख्यअतिथि मनोज कुमार (एचएएस) रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविदल्या हमीरपुर ने दीप प्रजलित कर के कार्यक्रम का आगाज किया ।  उन्होंने अपने संबोधन में  फार्मेसी शिक्षकों से  हिमाचल प्रदेश में फार्मेसी को लोकप्रिय बनाने का आह्वान किया व लोरेट संस्थान की अनूठी पहल को सराहा।  उन्होंने दलील दी कि इस क्षेत्र में अभी भी अनुसंधान की व्यापक संभावनायें हैं। जिन्हें तलाशा जाना चाहिये।  उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार पहले ही इस क्षेत्र में व्यापक प्रयास कर रही है। कि आर्युवैद व फार्मेसी को बढ़ावा मिले।  उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में अनुभवी शिक्ष्कों की जरूरत रहेगी।  लिहाजा इसकी ओर अभी से तैयारी करने की सोच सराहनीय है।   वहीं  इस कोर्स के समन्वयक ड़ा वी कुसुम देवी, प्रोफेसर अल-अमीन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बैंग्लोर एवं ड़ा विनय पंडित , ड़ा धर्मेंद्र कुमार प्रोफेसर लॉरेट  इंस्टीट्यूट ने  अपने संबोधन में कोर्स में शामिल सभी प्रीतिभागियों को बधाई दी । इस कार्यक्रम का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए अनुभवी शिक्षकों  की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

समति के यह हैं सदस्य
समिति के  सदस्यों में  ड़ा एम एस आशवत प्राचार्य  - लॉरेट इंस्टीट्यूट  कथोग, ड़ा  कुसुम देवी अल-अमीन कॉलेज ऑफ फार्मसी बैंग्लोर, प्रोफेसर रशमी रमहोल ग्वेरमेंट एडुकेशन कॉलेज धर्मशाला, ड़ा रणजीत सिंह-प्रेसिडेंट ऐपीटीआई- हिमाचल स्टेट ब्रांच, ड़ा एल राजू - वाइस प्रेसिडेंट ऐपीटीआई- हिमाचल प्रदेश स्टेट ब्रांच, ड़ा आरएस ठाकुर, ड़ा एमएस गनाचारी- प्रोफेसर केएलई यूनिवरसिटि कॉलेज ऑफ फार्मसी बेलगाँव कर्नाटका, ड़ा एन एन शर्मा- डीन ऐकाडीमिक्स हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविदल्या हमीरपुर है।  ये सभी अनुभवी शिक्षक प्रोग्राम में अपने अनुभव प्रशिक्षण के लिए आए शिक्षकों के साथ साझा करेंगे ।  इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक ड़ा रन सिंह ने प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनायें प्रेक्षित की।

लॉरेट इंस्टीट्यूट कथोग में तीन दिवसीय  "क्वालिटी इम्प्रोवेमेंट प्रोग्राम ऑन ट्रेनिंग टीचर्ज फॉर टोमोर्रौज नीड"के उद्घाटन अवसर पर भाजपा की बयानवाजी दुर्भाग्यपूर्ण 

धर्मशाला, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। जिला कांग्रेस प्रवक्ता  वी के शर्मा ने होटल होली डे होम में एक पीएसओ की कथित गोलीबारी पर भाजपा द्वारा की जा रही बयानवाजी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी एक घटना को प्रदेष की कानून व्यवस्था से जोडक़र कदापि नहीं देखा जाना चाहिए। इस पूरे मामाले की जांच पुलिस कर रही है और जांच के बाद ही इसके कारणों व परिस्थितियों की वास्तविकता सामने आएगी।  कांग्रेस प्रवक्ता ने जारी एक बयान में भाजपा पर इस घटना के नाम पर लोगों को गुमराह करने व अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने का आरोप लगाया है। व कहा है कि किसी एक छुट-पुट घटना के लिए सरकार को दोशी नही ठहराया जा सकता। उन्होंने भाजपा के इस कथन पर भी कड़ा ऐतराज जताया है जिसमें उन्होंने प्रदेष में गुंडा राज की बात कही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज के बयान पर भी हैरानी जताई है, जिसमें उन्होंने इस मामले को विधानसभा के अन्दर उठाने की बात कही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि भाजपा इसे राजनैतिक मुद्दा बनाने की कोषिष कर रही है, जबकि यह मामला पुलिस जांच में चल रहा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा को विधानसभा के अन्दर जनसमयाएं व विकास के मद्दों को उठाना चाहिए न कि इस प्रकार की असमायिक घटनाओं को। कांग्रेस प्रवक्ता ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए घायल व्यक्ति के षीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने कहा है कि यह घटना दु:खद है पर इसके पीछे मुख्य दोष किस का रहा, यह जांच का विषय है, इसलिए जांच होने तक इस पूरे मामले पर राजनैतिक बयानवाजी नहीं की जानी चाहिए और इस घटना को प्रदेष की कानून व्यवस्था के साथ जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।

सुजानपुर में मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर जिला के 1500 रोगियों का चेकअप
  • विख्यात विशेषज्ञ चिकित्सक डा राजबहादुर की अगुवाई में 15 डाक्टरों की टीम
  • रोगियों को एक्सरे और अन्य टेस्टों की सुविधा भी निशुल्क मिली
  • ऑर्थो, शूगर तथा ह्दय रोगियों की विशेष जांच की 

हमीरपुर, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। सर्वकल्याणकारी संस्था के मेडिकल कैंप में हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा के 1500 रोगियों के निशुल्क उपचार की सुविधा का लाभ उठाया गया है। रविवार को सर्वकल्याणकारी संस्था के निशुल्क मेगा मेडिकल चेकअप कैंप में बाबा फरीद मेडिकल यूनिवसर्टी के उपकुलपति डा राजबहादुर ऑर्थो विशेषज्ञ की अगुवाई में 15 विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने अपनी सेवाएं दीं डा फरीद पीजीआई में आर्थो हेड के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, कैंप के दौरान एक्सरे तथा विभिन्न टेस्टों की निशुल्क सुविधा सर्वकल्याणकारी संस्था की ओर से की गई थी, निशुल्क कैंप का शुभारंभ रविवार को प्रात: नौ बजे किया गया इस अवसर पर आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने कहा कि सर्वकल्याणकारी संस्था अब तक 18 मेगा मेडिकल निशुल्क कैंपों का आयोजन कर चुकी है इसमें पीजीआई के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हमेशा ही संस्था के मेडिकल कैंपों में अपनी सेवाएं देकर सेवा के इस पुनीत कार्य में अपना रचनात्मक सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि निर्धन तथा गरीब उपचार करवाने के लिए दिल्ली या पीजीआई चंडीगढ़ तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं ऐसे में गरीब परिवारों को उनके घर के समीप ही उपचार तथा रोगों के डायज्नोज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सर्वकल्याणकारी संस्था प्रतिवर्ष सुजानपुर में मेगा निशुल्क मेडिकल कैंपों का आयोजन करती है। जिसमें प्रतिवर्ष दो से तीन हजार तक की संख्या में रोगियों को उपचार की सुविधा मिलती है। उन्होंने विशेषज्ञ चिकित्सकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सर्वकल्याणकारी संस्था के कार्यक्रम में शिरकत कर समाज सेवा के पुनीत कार्य में अपना अमूल्य योगदान दिया है जिस के लिए हिमाचल की जनता उनकी हमेशा ऋणी रहेगी। इससे पहले बाबा फरीद मेडिकल कालेज के उपकुलपति डा राज बहादुर कहा कि सर्वकल्याणकारी संस्था सदैव ही समाज सेवा के प्रकल्पों में अपना सहयोग देती रही है तथा संस्था से साथ जुड्कर आम लोगों को भी समाज सेवा के संकल्प को आगे बढ़ाना चाहिए। मेडिकल कैंप में तीन मेडिसिन की तथा तीन ऑर्थो की ओपीडी जबकि दो सामान्य ओपीडी के माध्यम से लोगों की जांच की गई है इसमें मधुमेह, ऑर्थो, ह्दय के रोगियों के उपचार के लिए विशेष तौर पर व्यवस्था की गई थी, रोगियों के मार्गदर्शन के लिए सर्वकल्याणकारी संस्था के करीब पचास प्रतिनिधियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की गई इस दौरान संस्था के पदाधिकारी प्रात: सात बजे से लेेेकर शिविर के समापन तक सुजानपुर में उपस्थित रहे। राणा ने कहा कि संस्था गरीब तथा निर्धन रोगियों के उपचार के लिए आर्थिक मदद भी मुहैया करवाएगी तथा भविष्य में भी इस तरह के कैंप सुजानपुर में आयोजित किए जाएंगे ताकि निर्धन तथा गरीब रोगियों को उपचार की बेहतर सुविधा मिल सके।

सलोह से नगडोली के बीच लगेगा आलू उत्पाद पर आधारित 200 करोड़ का कारखाना:मुकेश अग्रिहोत्री

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ऊना, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। ऊना जिला में आलू की बहुतायत में पैदावार के दृष्टिगत किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए आने वाले दिनों में हरोली विधानसभा क्षेत्र में सलोह से नगडोली के बीच उपयुक्त जगह पर 200 करोड़ का कारखाना स्थापित किया जायेगा । इसके लिए जगह देखी जा रही है। यह जानकारी उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने आज ईसपुर में आस्था इंस्टीच्यूट के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में विद्यार्थियों व उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस कारखाने में आलू पर आधारित उत्पाद बनेंगे और कारखाने में अनेक युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा। उद्योग मंत्री ने कहा पंडोगा में 112 करोड़ की लागत से मंजूर किये गये औद्योगिक क्षेत्र के लिए अब तमाम औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। होशियारपुर वार्डर पर जहां से हिमाचल की सीमा शुरू होती है, वहां यह औद्योगिक क्षेत्र बनेगा। विभाग को इसके लिए जगह समतल करने के निर्देश दे दिए गए हैं और पिछले साल के बजट में इसके लिए 15 करोड़ रूपए भी जारी किए जा चुके हैं ताकि इस पर काम शुरू हो सके। उन्होंने कहा इस औद्योगिक क्षेत्र को पर्यावरण क्लीयरेंस भी मिल चुकी है। जमीन भी यहां उद्योग विभाग के नाम ट्रांसफर हो चुकी है। इस औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण से यहां युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढेंगे। यहां ट्रक यूनियन सहित ट्रैक्टरों को भी काम मिलेगा। मुयमंत्री वीरभद्र सिंह शीघ्र ही इस औद्योगिक क्षेत्र का शिलान्यास करेंगे।

बनखंडी का विश्राम गृह उद्योग विभाग को हस्तांतरित होगा, बनेगा भव्य भवन
उद्योग मंत्री ने कहा कि वर्तमान में बनखंडी में जो विश्राम गृह है, उसे उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दिया जायेगा और यहां भव्य भवन बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जहां से हिमाचल बार्डर शुरू होता है, वहां बाथू में बन रहे कॉमन फेसीलिटी सेंटर की तर्ज पर 10 करोड़ की लागत से सभी सुविधाओं से परिपूर्ण कॉमन फेसीलिटी सेंटर का निर्माण किया जायेगा। इसमें एक बड़ा हाल भी होगा जिसका इस्तेमाल इलाकावासी शादी-ब्याह व अन्य समाराहों के लिए कर सकेंगे।  

दो सालों में हरोली हलके में पानी की स्कीमों के लिए मिले 75 करोड़
उद्योग मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान हरोली विधानसभा क्षेत्र को  पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए  75 करोड़ रूपए मिले हैं। विभाग ने इसके अलावा 15 करोड़ की अन्य स्कीमों की प्रपोजल भी भेजी है। हलके में नकारा पड़े नलकूपों को बहाल करने के लिए 7 करोड़ रूपए की राशि सरकार द्वारा जारी की गई है। उन्होंने कहा 42 करोड़ रूपए लागत की बीत एरिया सिंचाई योजना पर काम शुरू हो गया है और इस वर्ष के अंत तक बीत के खेतों में पानी पहुंचा दिया जायेगा। इस योजना से अप्पर बीत क्षेत्र में खुशहाली के नए दौर का सूत्रपात भी होगा। इससे क्षेत्र के करीब 4 हजार किसानों की 1122 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस योजना के तहत 18 नलकूपों की श्रृंखला के जरिए बाथू से प्रतिदिन 4 करोड़ 70 लाख लिटर पानी उठाकर अमराली, सिंगा व छेत्रां मेंं पहुंचाया जायेगा , जहां से किसानों के खेत की प्यास बुझाई जायेगी। 

हरोली हलके में 13 करोड़ से बनेगा आडीटोरियम
उद्योग मंत्री ने कहा हरोली विधानसभा क्षेत्र में 13 करोड़ की लागत से खूबसूरत आडीटोरियम बनाया जायेगा और यह आडीटोरियम चंडीगढ़ के टैगोर आडीटोरियम के माडल पर आधारित होगा। सांस्कृतिक आयोजनों व अन्य बड़े कार्यक्रमों के लिए इस आडीटोरियम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। 
           
ईसपुर आयुर्वेदिक अस्पताल 20 बैड क्षमता का होगा, दो सडक़ों पर शुरू होगा काम
उद्योग मंत्री ने कहा कि ईसपुर का आयुर्वेदिक अस्पताल 20 बैड क्षमता का किया जायेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।  ईसपुर में उपतहसील के अपने भवन का जल्दी ही शिलान्यास किया जायेगा। उपतहसील बनने से ईसपुर की महत्ता बढ़ी है। ईसपुर का वानर नसबंदी केन्द्र भी लगभग बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि पंजावर में 1 करोड़ 89 लाख से निर्मित हो रही पीएचसी के लिए इस वर्ष के बजट में सारी राशि का प्रावधान कर दिया गया है। उन्होंने घोषणा की कि लोगों की सुविधा के लिए अप्पर पंजावर में भी स्वास्थय केन्द्र निर्मित किया जायेगा। पालकवाह के लिए पीएचसी स्वीकृत की गई है। उन्होंने समनाल स्कूल को भी स्तरोन्नत करके मिडल करने की घोषणा की। मुकेश अग्रिहोत्री  ने कहा कि पंजावर से भैरा बार्डर तक और ईसपुर के तिपडियां मोहल्ले की सडक़ का काम शीघ्र शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही सलोह, पालकवाह व बडेहड़ा की खड्डों का तटीयकरण कार्य शुरू होगा। 
                       
सलोह में केन्द्रीय मंत्री के आने का करेंगे स्वागत 
मुकेश अग्रिहोत्री  ने कहा कि सलोह को 122 करोड़ की ट्रिपल आईटी के अलावा केन्द्रीय विद्यालय मिलना हरोली हलके के लिए गौरव की बात है। केन्द्रीय विद्यालय में पिछले कल से दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल को केन्द्रीय विद्यालय का शिलान्यास करने के लिए आ रही केन्द्रीय मंत्री का यहां स्वागत किया जायेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि हरोली हलके को दो सालों में विकास के ढेरों तोहफे मिले हैं। हरोली में सचिवालय के निर्माण के लिए 5 करोड़ की पहली किश्त आ गई है। सिविल अस्पताल का निर्माण कार्य आगे बढ़ाने के लिए 3 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं। 
              
नशे के खिलाफ अभियान तेज करने के पुलिस को दिए निर्देश  
मुकेश अग्रिहोत्री  ने कहा कि  हरोली हलके सहित समूचे जिला में नशे के खिलाफ मुहिम तेज करने के पुलिस को कड़े निर्देश दिए गए हैं और नशे के कारोबार में संलिप्त व्यक्ति चाहे किसी भी पार्टी का क्यों न हो, उसके खिलाफ ठोक बजा कर पुलिस को कार्रवाही करनी होगी। 
                
हरोली का विकास देख कई षडयंत्रकारी ताकतें सक्रिय   
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जैसे -  जैसे हरोली का नाम आगे बढ़ रहा है, विकास बर्दाश्त न करने वाली षडय़ंत्रकारी ताकतें व साजिशें रचने वाले सक्रिय हो गए हैं लेकिन वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हरोली में विकास व गरीब की सेवा का एजेंड़ा नहीं थमेगा और इसे पूरी ताकत से आगे बढ़ाया जाता रहेगा।   
       
आस्था संस्थान के विद्यार्थियों को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए दिए 21 हजार
उद्योग मंत्री ने आस्था इंस्टीच्यूट के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की उन्मुक्त कंठ से सराहना की और विद्यार्थियों को 21 हजार रूपए देने व ईनाम हासिल करने वाली सभी 41 छात्राओं को सूट के लिए एक- एक हजार रूपए देने की घोषणा की। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कारों से भी नवाजा। इस अवसर पर हरोली ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत राणा, खादी बोर्ड के निदेशक सतीश बिट्टू्र, लॉ कालेज के चेयरमैन कै. जगदेव, सचिव कमलदेव,  एसडीएम धनवीर ठाकुर, डीएसपी अमित शर्मा, तिलक राज पाठक, शाम पाठक, यशपाल जस्सा, प्रिंसीपल आरएस राणा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे। 

हनुमान जंयती पर भंडारे का आयोजन

ज्वालामुखी, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। हनुमान जयंती के पावन मौके पर ज्वालामुखी के अष्टभुजी के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया गया बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों ने पूजा-अर्चना कर इस जयंती को धूमधाम से मनाया।  इस अवसर पर तपस्वी संत ब्रह्रम ऋषि महाराज ने अपने संबोधन में  कहा कि जिस मनुष्य में त्याग भावना हो उसके लिए ईश्वर से मिलने की राह आसान हो जाती है। ऐसे मुनुष्य भगवान के अति प्रिय होते हैं। यही कारण है कि त्यागी मनुष्य के लिए मोक्ष की प्राप्ति के द्वार खुल जाते हैं। वहीं  मंदिर में आयोजित भंडारे में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। 

मनकोटिया ने डाडासीबा अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन दान दी
ज्वालामुखी, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश कर्मचारी एवं कामगार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने अपनी तीन कनाल भूमि डाडासीबा अस्पताल के भवन निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग के नाम पर दान कर दी है। सुरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र ङ्क्षसह ने उन्हें जसवां परागपुर के लोगों की सेवा के लिए कर्मचारी एवं कामगार कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर भेजा है। पिछड़े क्षेत्र डाडासीबा में सुचारू स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बड़े अस्पताल की आवश्यकता थी। इस बड़े अस्पताल के भवन के निर्माण के लिए अधिक भूमि की भी जरूरत थी। उनकी निजी भूमि अस्पताल भवन के साथ लगती थी। लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, इसे देखते हुए उन्होंने तीन कनाल भूमि अस्पताल भवन बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के नाम कर दी है। मनकोटिया ने कहा कि जसवां परागपुर के विकास कार्यों को गति देने के लिए वह मुख्यमंत्री वीरभद्र ङ्क्षसह के सहयोग से पूरा प्रयास करेंगे। मनकोटिया ने कहा कि भाजपा नेता सिर्फ कोरी बातों में विश्वास रखते हैं। जसवां परागपुर के लोगों को विकास संबंधी झूठी बातों में फंसाकर हमेशा उन्हें राजनीतिक रूप से ठगने का काम करते रहे हैं। मनकोटिया ने भाजपा नेताओं को जसवां-परागपुर के विकास कार्यों को लेकर खुले राजनीतिक मंच पर बहस की चुनौती दी है।

राज्यस्तरीय बैसाखी महोत्सव कालेश्वर महादेव में 13 से 15 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा

ज्वालामुखी, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। राज्यस्तरीय बैसाखी महोत्सव कालेश्वर महादेव में 13 से 15 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। मेला समिति अध्यक्ष एवं  देहरा के एस डी एम विनय कुमार ने बताया कि इस वर्ष भी मेले में व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर कालेश्वर महादेव समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में महोत्सव को गौरवमयी ढंग से संपन्न करने के लिए विभिन्न कार्यों के लिए कमेटियों का गठन किया गया, ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा सफाई व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, बिजली, पीने का पानी और पंजतीर्थी में नहाने की व्यवस्था बारे विस्तार से चर्चा की गई। मेले के दौरान व्यास नदी व पवित्र सरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत बचाव दल का विशेष प्रबंध किया जाएगा। मेले के दौरान जनता के मनोरंजन के लिए 13 और 14 अप्रैल को रंगारंग सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। उनमें स्थानीय लोक कलाकारों के अलावा प्रदेश के जानेमाने लोक कलाकार लोगों का मनोरंजन करेंगे।

प्रदेश में माफिया राज: धवाला

ज्वालामुखी, 05 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार कर्ज पर कर्ज लेकर जैसे तैसे समय पूरा कर रही है। प्रदेश के मंत्री व विधायक बिना बजट के झूठी घोषणाएं करके लोगों को गुमराह कर रहे हैैं।  यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन माफिया, शराब माफिया, नशा माफिया, वन माफिया व अन्य कई माफिया सक्रिय हैं जो सरकार के संरक्षण में काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार भ्रष्ट, निकम्मी व धोखेबाज सरकार साबित हुई है, जिसने बेरोजगारों को नौकरियां देने के झूठे वादे किए। उन्होंने कहा कि सरकार को वेतन व पेंशन देने के लाले पड़े हुए हैं। धवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल में अराजकता का माहौल पैदा किया है। जिसके चलते सरेआम गुंडागर्दी की घटनाएं हो रही हैं।  एक मंत्री के गनमैन सरेआम गोलियां चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला की घटना के साथ अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा सात अप्रैल को शिमला में विधानसभा का घेराव करेगी। जिसमें ज्वालामुखी सहित प्रदेश भर से कार्यकर्ता हाजिर होंगे। उन्होंने कहा कि शिमला की घटना में दोषी युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में हर लड़ाई लड़ेगी। 

श्रीमति जैन के नेत्रों से दो लोग दुनिया देखेंगे

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सीहोर। नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री श्रीपाल जी जैन की धर्मपत्नि श्रीमति रेशम देवी जैन (72 वर्ष) ने आज अपने जीवन की अंतिम सांस ली। उनके पुत्र सुनील जैन एवं परिजनो ने नेत्रदान करवाये। बड़ा बाजार सीहोर निवासी समाजसेवी प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री श्रीपाल जैन की धर्मपत्नि श्रीमति रेशम देवी जैन का बीमारी के चलते रविवार को प्रात: मोक्ष हो गया था। समाज सेवा में अग्रणी जैन परिवार ने ब्रह्मपुरी क्षेत्र में जैन मंदिर के निर्माण कार्य में विशेष सहयोग किया है। श्रीमति जैन कई निर्धन कन्याओं के विवाह एवं शिक्षण में गुप्त रूप से सहयोग कर अपना सामाजिक दायित्व निर्वहन करती थीं। श्रीमति रेशम देवी, ललित जैन बड़ा बाजार व वीरेन्द्र जैन (लड्डु) की काकीजी थीं।
रविवार को नेत्रदान प्रेरक कमल झंवर के सहयोग से जैन परिवार ने नेत्रदान कराने का निर्णय लिया । नेत्र चिकित्सा सहायक प्रभात जैन एवं के.सी.  सोलंकी व राजेन्द्र पाल ने नेत्र प्राप्त कर सेवा सदन अस्पताल बैरागढ़ भेजे वहॉ से यह नेत्र दो नेत्रहीन लोगों को प्रत्यारोपित किये जायेंगे और उनकी अंधियारी जिंदगी में रोशनी लायेंगे। जिला अंधत्व समिति के अध्यक्ष कलेक्टर श्री सुदाम खाड़े, डॉ. नायर, डॉ.एस.के.जैन, सिविल सर्जन डॉ.जोशी, सीएमओ डॉ.आर.के.गुप्ता, सेवा संस्था के प्रकाश व्यास, अशोक वियाणी, अनिल पालीवाल, राजकुमार गुप्ता, चन्द्र मोहन सोनी, सतीश राठौर, गोवर्धन मोर, रमेश साहू, बद्री परमार, ओम सिंह बिजोलिया, देवव्रत शर्मा, कैलाश अग्रवाल ने श्रद्धांजली देते हुए आभार व्यक्त किया है। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (05 अप्रैल)

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क्या देवी सिंह खोलेगा असली राज

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । एल बी एस अकादमी स्कैंडल की नायिका को तो दून पुलिस की एस आई टी ने तमाम जदोजहद के बाद जैसे तैसे गिरफ्तार कर ही लिया है लेकिन इस पूरे कांड के नायक का चेहरा सामनें आना अभी बाकि है । वह कौन है अभी कोई भी आला और अदना अफसर बोलने को कतई तैयार नहीं है। ऐसे में अब निगाहें गार्ड देवी सिंह पर टिकी हुई हैं और सूत्र बताते हैं कि असली राज वही खोलेगा और ऐसे में तब इस कांड के नायक के चेहरे पर पडा नकाब भी उतरना लाजमी है। यहां सबसे हैरानी वाली बात यह है कि पूरे कांड की नायिका रूबी चैधरी को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया लेकिन उसने चिल्ला चिल्ला कर जो प्रश्न खडे़ किये और आरोप लगाये उनकी किसी ने जाँच करना जरुरी नहीं समझा। अगर यह हाल देश के इस प्रतिष्टित संस्थान के अंदर हुये स्कैंडल की जाँच का है तो इससे बडा मजाक कोई नहीं हो सकता। वहीँ दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि पिछले तीन चार दिनों में जिस एक तरफा तरीके से अकादमी के अंदर पुलिस और एस आई टी ने जाँच की है और गार्ड देवी सिंह को हिरासत में लिया गया है उसकी वजह से अकादमी के कर्मचारियों में काफी नाराजगी है और आने वाले दिनों में यह न सिर्फ सामने आ सकती है बल्कि अकादमी प्रशासन को विरोध का सामना भी करना पड सकता है। बहरहाल इतना तय है कि गार्ड देवी सिंह इस पूरे कांड का अहम राजदार है और शायद पूरी असलियत से भी वाकिफ है इसलिये वही अहम कडी साबित हो सकता है और कौन है इस पुरे गंदे खेल का नायक वह भी उसके जरिये सामने आ सकता है लेकिन यह तभी संभव है जबकि जाँच दबाव में न होकर प्रोफेशनल तरीके से हो।

उक्रांद महानगर के महाधिवेशन में कई प्रस्ताव पारित 

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । उत्तराखंड क्रांति दल महानगर इकाई का द्धिवार्षिक महाधिवेशन देहरादून में आयोजित किया गया। महाधिवेशन में एक दर्जन से अधिक प्रस्ताव पारित किए गए। महाधिवेशन में सरकार द्वारा बिजली-पानी की दरों में की गई वृद्धि को वापस लिए जाने, पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए जाने की मांग की गई।  कचहरी रोड स्थित इंद्रमणि बडोनी सभागार में आयोजित इस द्धिवार्षिक महाधिवेशन में महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा वार्षिक रिपोर्ट पेश की गई। वार्षिक रिपोर्ट में दल द्वारा जनसमस्याओं के निराकरण के लिए किए गए आंदोलनों के बारे में बताया गया। महाधिवेशन में 13 प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें देहरादून नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत वार्डों में बिजली-पानी की व्यवस्था को सुचारु बनाए जाने और बिजली पानी की दरों में की गई वृद्धि वापस लिए जाने, निजी स्कूलों में शिक्षा के बाजारीकरण पर रोक लगाए जाने, कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारे जाने और बाहरी लोगों का सत्यापन किए जाने, रमसा कर्मियों को बहाल किए जाने, सफाई और सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने, भूमाफियाओं खनन माफियाओं पर अंकुश लगाए जाने की मांग की गई है। दल का कहना है कि नगर निगम में वर्षों से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए और सफाई कर्मचारियों की नई भर्ती की जाए। सिड़कुल के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार दिए जाने, फर्जी राशन कार्डों, पहचान पत्रों की जांच कराए जाने की मांग की गई है। असहाय, विधवा, विकलांग पेंशन राशि में वृद्धि किए जाने और शहरी क्षेत्र की बढ़ती आबादी के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि किए जाने की मांग यूकेडी के प्रस्तावों में की गई है। महाधिवेशन में अतुल राणा, अनिल डोभाल, उत्तम सिंह रावत, योगंबर सिंह राणा, राजेंद्र प्रधान, कैलाश भट्ट, जरनैल सिंह, फरीद अहमद, कैलाश जोशी आदि मौजूद रहे।        

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मुलाकात करते हुए सीएम हरीश रावत 
  • केंद्र पोषित योजनाओं में सहायता 90ः10 के अनुपात में दी जाएः रावत

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देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । उŸाराखण्ड में लोअर ज्यूडिश्यरी के अवस्थापना से सम्बंधित । नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन सभागार में राज्यों के मुख्यमंत्री एवं न्यायधीक्षों के संयुक्त सम्मेलन में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोअर ज्यूडिश्यरी की अवस्थापना हेतु 550 करोड़ रूपये दिए जाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री को राज्य में न्यायपालिका की बेहतर स्थिति से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि लैंगिक अपराधों से पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार बेहद संवेदनशील है, जिसके लिए राज्य के चार प्रमुख बड़े जिलों में फास्ट ट्रैक न्यायालयों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने न्यायिक सेवा में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को हिन्दी एवं स्थानीय भाषाओं का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिये जाने पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड एक हिन्दी भाषी राज्य है, एवं  राज्य की अधिकतम आबादी हिन्दी व स्थानीय भाषायें जानती है, अतः राज्य न्यायपालिका के आधिकारिक कामकाज हिन्दी में होने से स्थानीय जनता के लिए न्यायिक प्रक्रिया सरल होगी । उन्होंने बैठक में कहा कि लोअर ज्यूडिश्यरी के अवस्थापना से सम्बंधित केंद्र पोषित योजनाओं के लिए केंद्रांश घटाया जाना विशेष दर्जा प्राप्त उत्तराखण्ड राज्य के हित में नहीं है। केंद्र पोषित योजनाओं के लिए 90ः10 का जो अनुपात उत्तर-पूर्व राज्यों के लिए हैं, उसी प्रकार उत्तराखण्ड को भी 75ः25 के बजाय 90ः10 ही दिये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में लोअर ज्यूडिश्यरी की अवस्थापना हेतु 550 करोड़ रूपये की मांग की।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को केंद्र पोषित योजना से आवासीय सुविधाओं के संदर्भ में प्रेषित प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायालयों तथा न्यायिक अधिकारियों के आवासों के निमार्ण हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जा रही हैै। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पूर्ण कालिक सचिवों की तैनाती हेतु राज्य के 13 जनपदों मंेे पूर्णकालिक सचिव तथा स्टाफ के पद सृजित कर दिये गये हैं, जिनकी नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय द्वारा की जानी है। इसके अलावा उत्तराखण्ड में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुसार वैकल्पिक विवाद समाधान(एडीआर सेंटर) एवं मध्यस्थता केंद्रों (मीडियिएशन सेंटर) का निर्माण भी पहले ही किया जा चुका है। स्थायी लोक अदालतों का गठन भी किया गया है, जिनमें नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा की जानी है। प्रत्येक जिले में किशोर न्याय अदालतें हैं, बडे़ जिलों में विशेष रूप से इन अदालतों में प्रधान मजिस्ट्रेट के पदों का सृजन कर दिया गया है। जनपदों में न्यायलय भवनों का निर्माण उच्च न्यायलय की अपेक्षा अनुसार व केंद्र सरकार के बजट से राज्य सरकार द्वारा कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनपद न्यायधीशों की नियुक्ति माननीय उच्च न्यायालय द्वारा की जाती है। वर्ष 2008 से ही राज्य में वादकारिता नीति जारी कर दी गयी है, जिसका पूरे राज्य में प्रभावी रूप से पालन किया जा रहा है। परिवार न्यायालयों के गठन के विषय में उन्होंने कहा कि दूरस्थ पहाड़ी जिलों में पारिवारिक वादों की संख्या अत्यंत कम होने के कारण माननीय जनपद न्यायधीक्ष एवं सिविल जजों के पास भी काम अत्यंत कम है। ऐसे में राज्य के पहाड़ी जिलों में अतिरिक्त परिवार न्यायालयों के गठन की आवश्यकता नहीं महसूस की जा रही। केंद्र से मिलने वाली धनराशि का प्रयोग राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के प्रस्ताव अनुसार किया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीक्षों एवं न्यायमूर्तियों के वेतमान वृद्वि को वित्तीय उपलब्धता के आधार पर किया जायेगा। उक्त सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीक्ष एचएल दत्तू ने की। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालय के न्यायधीक्ष और मुख्यमंत्री भी सम्मिलित थे।

14 साल में घटा 64 लाख हेक्टर कृषि क्षेत्र कंकरीट के जंगल ने निगली कृषि भूमि 

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । प्रदेश में कृषि क्षेत्र लगातार सिमटा जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य बनने के समय 2001 में प्रदेश में 7 लाख 70 हजार हैक्टेयर कृषि क्षेत्र था। जो सिमट कर 2014 में 7 लाख 06 हजार हैक्टेयर रह गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्लायन के कारण कृषि क्षेत्र में जहां लगातार कमीं आ रही है तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में कंकरीट के जंगल खड़े हो रही हैं। विकास की आंधी के कारण प्रदेश में लगातार कृषि क्षेत्र सिमटा जा रहा है। वर्ष 2001 में जहां प्रदेश में कृषि क्षेत्र 7 लाख 70 हजार हेक्टेयर था। जो 2007-08 में 7 लाख 55 हजार हेक्टेयर रह गया। 2008-09 में 7 लाख 53 हजार, 2009-10 में 7 लाख 41 हजार, 2010-11 में 7 लाख 23 हजार और 2011-12 में यह 7 लाख 14 हेक्टेयर तथा 2013-14 में यह 7 लाख 06 हेक्टेयर ही रह गया। प्रदेश में हर वर्ष कृषि भूमि में कमी आ रही है। कृषि क्षेत्र सिमटने के साथ ही फसलों का बुवाई क्षेत्र में सिमट रहा है। वर्ष 2011-12 में 6 लाख 61 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई की गयी थी। जोकि 2012-13 में 5 लाख 30 हजार हेक्टेयर रह गयी। जबकि 2013-14 में यह 4लाख 97 हजार हेक्टेयर ही रह गयी है। घटे कृषि क्षेत्र का मुख्य कारण पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन को माना गया है। प्रदेश में 2010-11 के आंकड़ो के अनुसार 912650 जोतों के खेती हो रही थी। जिनमें से 829468 जोतें लुघ एवं सीमान्त कृषकों की हैं जो कुल जोतों का 91 प्रतिशत होता है। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रांे में पलायन के कारण हजारों की संख्या में जोतों की किसान गायब हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 56 प्रतिशत भाग पर्वतीय क्षेत्र मे अंतगर्त आता है। पर्वतीय क्षेत्रों में भोगौलिक कारणों से भी कृषि भूमि में कमी आ रही है। बादल फटने, अतिवृष्टि और भू-स्खलन से भी कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। बादल फटने से किसानों की पूरी की पूरी जोत ही खत्म हो जाती है। बादल फटने के कारण जोत की मिट्टी बह जाती है और यह भूमि दोबारा कृषि करने लायक ही नहीं रहती है। जिसके कारण भी पर्वतीय किसान कृषि से मुंह मोड़ रहे हैं। भौगोलिक कारणों से एक बार फसल चैपट हो जाने के कारण किसान की कमर टूट जाती है फिर वह दोबारा खेती करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है और पलायन कर जाता है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिकरण और लगातार आसमान छूते ज़मीन के भाव के कारण किसानों को कृषि से मोह भंग हो रहा है।

रमसा कर्मियों ने कहा शीघ्र बहाल करें सरकार 

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । रसमा कर्मियों में सेवा समाप्त किए जाने से खासा रोष व्याप्त है। सरकार द्वारा सेवा समाप्त किए जाने के विरोध में रमसा कर्मियों का आमरण अनशन जारी है। अनशन स्थल पर रमसा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के बजट में कटौती करने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा गत 31 मार्च को विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत 1256 रमसा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। सेवा समाप्त किए जाने के विरोध में रमसा कर्मियों द्वारा हिंदी भवन के समक्ष आमरण अनशन और अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। आंदोलनरत रमसा कर्मियों का कहना है कि सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर उन्हें बहाल किया जाए। रमसा कार्मिकों का कहना है कि सेवा समाप्त किए जाने के कारण उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। कर्मियों का कहना था कि उन्हें शीघ्र बहाल किया जाए।  रमसा कर्मियों का कहना था कि केन्द्र सरकार द्वारा बजट में कटौती करने से उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के 1256 कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाकर जो दुस्साहस किया गया है उसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। सरकार के इस निर्णय के चलते उन सभी कर्मचारियों जो कि पिछले तीन वर्षों से राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यालयों में अपनी सेवायें दे रहे थे, उन्हें आज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संगठन का कहना है कि अब आर-पार की लडाई लड़ी जायेगी। रमसा कर्मियों का कहना है कि जब तक सेवा समाप्ति का आदेश वापस नहीं लिया जाता है उनका आंदोलन जारी रहेगा।

पंचेष्वर बांध परियोजनाः हिमालय में नये खतरे की शुरुआत

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । नेपाल ने 15.95 करोड़ रुपये पंचेश्वर बांध परियोजना की शुरुआत व्यवस्था के लिये दिये है। अगले एक साल में इस बांध की सारी बाधायें दूर करके शुरुआत कर दी जायेगी ऐसा नेपाल सरकार का कहना है। नेपाल स्थित कंचनपुर के पहले कार्यालय में 6 भारतीय व 6 नेपाली अधिकारी होंगे। क्षतिग्रस्त और नाजुक परिस्थिति वाले हिमालय में यह एक नये खतरे की शुरुआत है। नेपाल ने यह हिम्मत जुटाई है हमारे प्रधानमंत्री कि पहली नेपाल यात्रा के बाद। अपनी पहली नेपाल यात्रा में प्रधानमंत्री ने पंचेश्वर बांध परियोजना की शुरुआत का तोहफा नेपाल को दिया। याद रखना चाहिये की माओंवादी सरकार बनने के बाद जब नेपाल के तात्कालिक प्रधानमंत्री प्रचण्ड दहल भारत आये थे तो टिहरी बाँध देखकर बहुत खुश हुए थे और नेपाल में बड़ें बांधों की हिमायत कर बैठे थे। उन्होनंे सिर्फ टिहरी बांध देखा था वे उसमें डूबे शहर और गांवों के लोगों से ना तो मिले, ना ही उनकी समस्याओं से परिचित हुये थेे। इस बार हिमालय के सुंदर देश नेपाल में जब हमारे नये चुने गये प्रधानमंत्री गए तो उन्हंे बड़े बांध बना कर बिजली बेचने की सलाह के साथ, पंचेश्वर बांध परियोजना की शुरुआत की घोषणा भी कर आये है। किसी छोटे देश में बड़े देश के राष्ट्राध्यक्ष का जाना कोई बड़ी परियोजना की सौगात देना जरुरी जैसा माना जाता है। 1986 में जब रूस के राष्ट्राध्यक्ष र्गाेबाचोव जब भारत आये थे तो टिहरी बाँध में उनके देश द्वारा तकनीकी और आर्थिकीय दोनो सहयोग की बात की गई। उत्तराखंड के निवासी, विस्थापितों का पुनर्वास सभंव नही हो पाया है। पर्यावरण की तो अपूर्णीय क्षति हाल में 2013 की आपदा में हम देख ही चुके है। टिहरी बांध परियोजना के सन्दर्भों में ही इस परियोजना को अगर समझें तो 280 मीटर ऊँची यह बाँध परियोजना मध्य हिमालय का बड़ा हिस्सा डुबाएगी। यहाँ कुछ प्रश्न विचारणीय हैं। टिहरी बाँध जैसी विस्थापन की अनुत्तरित समस्याएं और पर्यावरण का कभी सही नहीं होने वाला विनाश जिसमें हजारों, लाखों पेड़ काटेंगे और डूबेंगे यहंा भी होगा। इसके बारे में प्रकृति को समझने वाले वैज्ञानिक और पर्यावरणविदें सहित लोग आंदोंलनकारी करते भी रहे है। यहाँ विस्थापन और पर्यावरण की उपजने वाली समस्याओं की लम्बी सूची दोहराने की कोई जरुरत नहीं लगती है न जाने कितने टन विस्फोटकों का उपयोग होगा जिससे हिमालय का यह हिस्सा और कमजोर होने वाला है। हमारी समझ यह क्यों नहीं समेट पाती कि एक वर्ष पहले उत्तराखंड में जो त्रासदी हुई उसमे बांधों का बड़ा योगदान रहा है। जहाँ आज भी अलकनंदा पर बने विष्णुप्रयाग बाँध की सुरक्षा दीवारें बहती जा रहीं हैं। जिसमे गुणवत्ता का प्रश्न तो है ही किन्तु किसी न किसी तरह बाँध को पूरा करना और उससे बिजली उत्पादन की जिद्द भी है। हम सब जानते है कि हिमालय नया पर्वत है इसके पहाड़-पहाडि़यां कच्चें हैं। पंचेश्वर बांध परियोजना भी भूकम्पीय क्षेत्र के अंतर्गत है जो कि खतरे से भरपूर है। बड़े बांधो की पर्यावरण प्रभाव आंकलन रिपोर्ट बहुत कमजोर बनाई जाती है। नियमों कानूनों की अवहेलना कर मात्र किसी तरह बांध को आगे बढाना की उनका प्रमुख सोच हैं। परियोजना वाले चाहे कोई भी कम्पनी एवं निगम हो वो जानकारी छुपाते है और परियोजनाओं को विकास के लिये, नये शहरों की बिजली की जरुरतों जबरन लादा जा रहा हेै। पंचेश्वर बांध परियोजना जिसमें 280 मीटर ऊँचा बाँध प्रस्तावित है क्या-क्या समस्याएं पैदा होंगी उनकी गिनती टिहरी बाँध की समस्याओं का उदाहरण देखकर की जा सकती है। जुलाई 2006 में टिहरी बाँध का उद्घाटन हुआ किन्तु सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के कारण आज भी टिहरी बाँध पूरी तरह नहीं भरा सका है। टिहरी बाँध के जलाशय के सब ओर के गांव धसक रहे हैं। जिनका भू-गर्भीय परीक्षण कभी ईमानदारी से पूरा नहीं किया गया था। यदि पंचेश्वर बाँध में ऐसा सबकुछ ईमानदारी से किया भी जाने वाला है तो यह बाँध अपने में एक बहुत बड़ा अकल्पनीय समस्याआंे का जनक रहेगा। क्यों इस तथ्य को भूला दिया जा रहा है कि पंचेश्वर बाँध जिस महाकाली नदी पर प्रस्तावित है उसकी प्रमुख सहायक धौली गंगा पर पिछले वर्ष जून 2013 में एनएचपीसी का बाँध बनने के बाद भी आज बर्बाद पड़ा है। साथ ही ऐला तोक जैसे ना जाने कितने रिहायशी इलाकों को भी बर्बाद कर चुका है। सरकारें या नेता बदलने के बाद बातें भी बदल जाती है। टिहरी बांध की समस्याओं को देखते हुये ये त्तकालीन सरकार ने ये कहा की अब हम टिहरी जैसा बांध और नही बनायेंगे। माटू जनसंगठन ने तब भी यह बात उठाई थी की क्या वे पंचेश्वर बांध परियोजना, यमुना पर किसाउ आदि परियोजना को हमेशा के लिये छोड़ देने की बात कर रहे है? पर इन शब्दों की गारंटी क्या होती है मालूम पड़ गई। हम क्यों भूल जाते हैं कि प्रकृति सन्देश बार बार देती है और फिर उसके बाद भीषण तबाही लाती है। हमारे देश का जल संसाधन मंत्रालय बखूबी जानता है कि आजतक किसी भी बाँध में जब प्राकृर्तिक और ंमनुष्य जनित समस्याआंे का समाधान नहीं हुआ तो फिर नए बाँध में कैसे संभव होगा? फिर चूंकि पंचेश्वर बाँध इसी मध्य हिमालय में स्थापित है। इसलिये टिहरी और धौलीगंगा जलविद्युत परियोजनाओं के उदाहरणों को सामने रखना होगा। हमें नही भूलना चाहियें कि हिमालय में विस्थापनहीन-पर्यावरण संरक्षण वाला विकास सही व स्थायी विकास मंत्र सिद्ध होगा।

पैरेंट्स एसोसिएशन ने कहा पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक 

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । उत्तराखंड पैरेंट्स एसोसिएशन ने पब्लिक स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए जाने की मांग की है। एसोसिएशन ने इस संबंध में राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षा विभाग की अकर्मण्यता के कारण ही पब्लिक स्कूल लगातर मनमानी कर रहे हैं। राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज सिंघल का कहना है कि पब्लिक स्कूल मनमानी पर उतारू हैं। एसोसिएशन ने पूर्व में ही शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को इसे लेकर आगाह कर दिया था लेकिन, अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। स्थिति यह हो गई कि निजी स्कूलों को लेकर उन्होंने आंखें मूंद ली हैं। कार्रवाई करने की उनमें न इच्छाशक्ति दिखाई देती है, न मंशा ही। शिक्षा विभाग और प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते पब्लिक स्कूलों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि हर वर्ष मनमानी ढंग से फीस वृद्धि न की जाए। शासनादेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। तय दुकानों से कॉपी-किताब खरीदने को बाध्य न किया जाए। प्रत्येक वर्ष प्रकाशक व किताब बदलना भी उचित नहीं है। एसोएिशन का कहना है कि अधिकांश पब्लिक स्कूलों में पीटीए का गठन नहीं है, वहां पीटीए का गठन किया जाए। बिल्डिंग फंड के नाम पर उगाही बंद की जाए। एसोसिएशन का कहना है कि पब्लिक स्कूलों द्वारा नियम विरुद्ध हर साल प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार का भी लगातार उल्लंघन किया जा रहा है।

विदेशी छात्रों ने किया धार्मिक स्थलों का भ्रमण

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । उत्तराखंड में महिला व बाल अधिकारों के अलावा स्वास्थ्य, रोजगार आदि मुद्दों पर हो रहे कार्याे को देखने के लिए स्वीडन के अल्विंस फोल्का स्कूल के छात्र-छात्राओं का नौ सदस्यीय दल चमोली गया है। दल ने गोपेश्वर के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर यहां की संस्कृति को विश्व को सीख देने वाली बताया।
 स्वीडन के छात्र-छात्राओं के इस दल ने प्रसिद्ध गोपीनाथ मंदिर व गणेश मंदिर में जाकर भगवान की स्तुति भी की। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद थे। ऐसे में दल के सदस्यों ने बाहर से ही पूजा अर्चना की। दल के सदस्य आंद्रस ओहल्सन का कहना है कि भारतवर्ष के उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता कण-कण में भरी हुई है। बावजूद इसके यहां के लोगों का जीवन काफी कठिन है। उनका कहना है कि भारत में स्वैच्छिक संस्थाएं व अघ्र्द्धसरकारी संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता के साथ-साथ जल, जंगल, जमीन के मुद्दों पर पश्चिमी देशों के मुकाबले बेहतर कार्य कर रहे हैं। बताया कि उनकी ओर से किया जा रहा शोध भारत व स्वीडन के बीच सामाजिक संबंधों को नई दिशा देगा। हिमाद समिति के कार्यालय में शोध से संबंधित मुद्दों पर भी विदेशी छात्रों व हिमाद के कार्यकर्ताओं के बीच परिचर्चा हुई। शोध छात्रा फिलिप्स ने कहा कि वह पहली बार भारत आई हैं और चमोली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने के साथ उनकी कठिन दिनचर्या को नजदीक से देखने का मौका उन्हें मिला है। शोध छात्रा मार्टिन ने कहा कि यहां के निवासियों का गीत संगीत उल्लास से भरा है। यहां के धार्मिक रीति रिवाज सबसे जुदा हैं। क्रिस्टिना ने कहा कि उत्तराखंड में सामाजिक कार्याे को तेजी से संचालित करने की जरूरत है। हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने विदेशी शोध छात्र-छात्राओं के दल का स्वागत करते हुए कहा कि इन छात्रों ने चमोली जिले को लघु शोध का विषय बनाया है। उन्होंने विदेशी छात्रों को भारतीय रीति रिवाजों के बारे में जानकारी दी। 

केदारनाथ सेटलमेंट कमिश्नर कार्यालय में स्टाफ की तैनाती

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । केदारपुरी को नए सिरे से बसाने को लेकर केदारनाथ सेटलमेंट कमिश्नर कार्यालय में स्टाफ की तैनाती होने से अब केदारनाथ मास्टर प्लान कार्याे में तेजी आएगी। इसमें विस्थापन, पुनर्वास व बंदोबस्त समेत कई कार्याे को शामिल किया गया है। गत दिसंबर माह में शासनादेश जारी होने के बाद लोनिवि के निरीक्षण भवन गुप्तकाशी में केदारनाथ सेटलमेंट कमिश्नर (विस्थापन, पुनर्वास व बंदोबस्त आयुक्त)का अस्थाई कार्यालय खोला गया था। उक्त कार्यालय के माध्यम से केदारनाथ में भूमि की उपलब्धता, भवनों के आवंटन और आपदा प्रभावितों के संपत्तिधारकों के पुनर्वास संबंधी कार्य होने हैं। आपदा प्रभावित हक हकूकधारी व केदारनाथ में यात्रा सीजन के दौरान अपना रोजगार करने वाले लोगों के पुनर्वास संबंधित कार्याे को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके अलावा सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक के बीच जितने भी आपदा प्रभावित हैं, उनकी पृथक-पृथक पत्रावलियां व सभी भू अभिलेख विस्थापन आयुक्त कार्यालय में संरक्षित करने की कार्रवाई चल रही है। कार्यालय खुलने के दौरान ही डीएम ने एसडीएम ऊखीमठ को क्षेत्र के आपदा प्रभावितों से संबंधित तहसील कार्यालय में उपलब्ध सभी अभिलेखों, पत्रावलियां आयुक्त कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए थे। कार्यालय में डीएम डॉ. राघव लंगर को पदेन बंदोबस्त आयुक्त नियुक्त किया गया था। इसके अलावा एसडीएम जखोली एलआर चैहान को सहायक कमिश्नर, कार्याधिकारी विश्राम सिंह नेगी के साथ ही दो लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। केदारनाथ में भूमि की नपत के बाद भवन स्वामियों को पुनर्वासित व विस्थापन करने की कार्रवाई भी गतिमान है। आयुक्त कार्यालय के कार्याधिकारी विश्राम सिंह नेगी ने बताया कि केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत होने वाले कार्य शुरू हो गए हैं।

ई-डिस्ट्रिक्ट योजना का शुभारंभ

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । रुद्रप्रयाग जिले में ई-डिस्ट्रिक्ट योजना का शुभारंभ हो गया। अब युवाओं को प्रमाण पत्रों के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब अपने घरों से ही संबंधित प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को अब ऑनलाइन प्रमाण भी मिलेंगे। इसके लिए पूर्व में राजस्व विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया था। ई-गवर्नेस योजना (इंटरनेट के माध्यम से राजकाज) के तहत आम लोगों की समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने ई-डिस्ट्रिक्ट योजना शुरू की। इसमें चरित्र, आय, स्थाई, जाति, जन्म, मृत्यु व परिवार रजिस्ट्रर की नकल समेत कई प्रमाण पत्रों को शामिल किया गया है। इन सभी प्रमाण पत्रों के लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ये सभी प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन ही मिलेंगे। इसके लिए जिले के लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है, तभी योजना को जिले में गति मिल सकेगी। सीधे तौर पर आ रहे आवेदनों को तहसील प्रशासन पहले ऑनलाइन कर रहा है, उसके बाद ही प्रमाण पत्रों को बना रहा है। इससे जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, वहीं समय व आर्थिकी का नुकसान भी नहीं झेलना पडे़गा। साथ ही लोगों को समय से प्रमाण पत्र भी मुहैया हो सकेंगे। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए राजस्व कर्मचारियों को पूर्व में प्रशिक्षण भी दिया गया है। 

लावारिस पड़ा गौरीकुंड कस्बा होगा आबाद

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । आपदा के बाद से लावारिस पड़ा गौरीकुंड कस्बा इस बार यात्रा सीजन में फिर से आबाद होगा। यात्रा पूर्व गौरीकुंड के लिए सड़क पूरी तरह बन जाएगी। इससे केदारनाथ की पैदल यात्रा पांच किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही यात्री एक ही दिन में केदार बाबा के दर्शन कर वापस गौरीकुंड लौट सकेंगे।
वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छह किमी मोटर मार्ग पूरी तरह बह गया था। इससे यात्रा सोनप्रयाग से पैदल ही संचालित की गई। ऐसे में यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ तक कुल सात किमी अतिरिक्त दूरी चलनी पड़ी। पूर्व में गौरीकुंड से केदारनाथ तक की दूरी 14 किमी थी। आपदा के बाद गौरीकुड से केदारनाथ के बीच पैदल मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे यह दूरी भी 14 से बढ़कर 16 किमी हो गई थी। बाद में दोबारा पैदल रास्ता ठीक होने पर गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी 14 किमी हो गई थी। वर्तमान में छोटे वाहन गौरीकुंड तक जा सकते हैं, लेकिन अस्थाई रूप से बनाया गया यह मार्ग बारिश से कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसको देखते हुए इन दिनों केदारनाथ प्राधिकरण गुप्तकाशी लोनिवि शाखा गौरीकुंड मार्ग को पुराने एलाइमेंट पर निर्माण कर रहा है। वहीं सोनप्रयाग से आगे सोम नदी पर विदेशी तकनीकी का फोल्डिंग मोटर पुल लगाने की योजना है। वर्तमान में यहां पर बीआरओ ने अस्थाई पुल का निर्माण किया है। इससे वाहनों की आवाजाही हो रही है। व्यापार संघ गौरीकुंड पूर्व अध्यक्ष महेश बगवाड़ी का कहना है कि गौरीकुंड केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ा रहा है। आपदा के बाद फिर से इस कसबे के मोटर मार्ग से जुड़ जाने से केदारनाथ यात्रा काफी आसान हो जाएगी। गौरीकुंड के पूर्व प्रधान मायाराम गोश्वामी का कहना है कि पूर्व में ही सरकार को गौरीकुंड से ही यात्रा संचालित करनी चाहिए थी। यहां से भोले बाबा की यात्रा काफी आसान है। यात्रा आसानी से एक ही दिन में बाबा के दर्शन कर लौट सकता है। 

यात्रियों को नही मिलेगी इस वर्ष भी जाम से निजात

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । इस साल 21 अप्रैल से शुरू होने वाली यात्रा के दौरान प्रशासन की लचर व्यवस्था से यात्रियों को दोनों धाम जाने से पहले जाम से दो चार होना पड़ेगा। कारण यह है कि गंगोत्री-यमुनोत्री के मुख्य यात्रा पड़ाव पर कहीं भी पार्किंग नही है। पिछले तीन साल के अंतराल में आपदा की डर से दोनो धाम में अपेक्षा से कम ही यात्री यहां आए हैं, लेकिन इस साल उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक यात्री आ सकते हैं। गंगोत्री धाम के बेहद प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में ही बस अड्डे और स्थाई वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए ठहरने और घूमने के उत्तरकाशी महत्वपूर्ण जगह है,लेकिन वाहन पार्किंग की स्थाई व्यवस्था ना होने से बीते सालों में अस्थाई व्यवस्थाओं के भरोसे ही वाहनों को व्यवस्थित करने की कोशिश रहती है। इससे यात्रियों को झेलनी पड़ती है। इसके साथ ही यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव बड़कोट के भी यही हाल है। हालांकि बड़कोट में नगर क्षेत्र से दूर वाहन पार्किंग के लिए छोटा सा स्थान चयनित किया गया है। मुख्य बाजार के बीचों बीचों निकलकर गली के रूप में तब्दील हो चुके यमुनोत्री हाईवे पर लगने वाले लंबे जाम से निपटने के बाद ही इस जगह तक पहुंचा जा सकता है। इसके साथ ही गंगोत्री यमुनोत्री के सभी यात्रा पड़ावों पर दस वाहनों के खड़े होने की तक व्यवस्था नहीं है।

पांच किलोमीटर का मार्ग लेगा कठिन परीक्षा

देहरादून, 5 अप्रैैल ( निस) । जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक पांच किलोमीटर लंबा पैदल मार्ग यात्रियों की कठिन परीक्षा लेगा। इस साल बर्फबारी से जगह-जगह पर ध्वस्त हो चुके इस पैदल मार्ग से आवाजाही सुरक्षित नहीं रह गई है। वहीं लोनिवि ने अब तक मार्ग की मरम्मत की भी जहमत नहीं उठाई है। यमुनोत्री धाम की यात्रा शुरू होने को केवल 19 दिन का समय बचा है। लेकिन जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक पहुंचाने वाले पैदल मार्ग की हालत अभी भी नहीं सुधारी जा सकी है। पांच किलोमीटर लंबे इस पैदल मार्ग में बाहर से भी ज्यादा जगहों पर धंसाव जारी है। तो कई जगहों पर पहाड़ी से हुए भूस्खलन से राह खतरनाक हो चुकी है। तो रास्तों के निचले हिस्सों में हुए भूस्खलन से भी रास्ते कई जगहों पर आवाजाही लायक नहीं रह गए हैं। सर्दियों में भारी बर्फबारी से रास्तों को भारी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह पर दरक रहे यमुनोत्री पैदल मार्ग में यात्रियों के लिए यमुनोत्री तक पहुंच और भी मुश्किल पैदा कर देगी। गहरी खाई में बह रही यमुना और ऊपर से ऊंची चोटी के बीच ध्वस्त रास्तों से सफर करना वाकई यात्रियों की यमुना के दर्शन के लिए कड़ी परीक्षा लेगी। वहीं लोनिवि के अधिकारी मरम्मत कार्य तो दूर अब तक रास्तों का जायजा लेने तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में 21 से शुरू होने वाली यात्रा में यात्रियों को खतरनाक राह पार कर ही यमुनोत्री धाम पहुंचना पड़ेगा।

अतिथि शिक्षको का टी.टी. नगर दशहरा मैदान में नौवे दिन भी आदोलन जारी ।

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भोपाल - नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर से आये अतिथि शिक्षको ने टी.टी. नगर दशहरा मैदान में नौवे दिन भी आदोलन जारी रखा। नियमितिकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षक 28 मार्च 2014 से दशहरा मैदान में अनिष्चितकालीन धरना पर बैठै हुये है। धरना स्थल पर अतिथि शिक्षको की सुध लेने नौवे दिन भी कोई प्रशासनिक अधिकारी दशहरा मैदान नही पहुचा। अतिथि शिक्षको ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं विभागीय परीक्षा लेने की घोषणा कर चुके है। बावजूद इसके अफसर- शाही अतिथि शिक्षको के भविष्य के प्रति जवाबदेह नहीं है। अतिथियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने विभागीय परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की थी। सागर जिले के रहली से आये अतिथि शिक्षक मोहन मिश्रा ने  वताया कि गुरूजी और अनुदेशकों की भांति पृथक से विभागीय परीक्षा लेकर उन्हें भी नियमित किया जाए, जिससे अनिश्चितता की जो तलवार लटकी हुई है, वह भी हट सके। म.प्र. प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के साथ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से भी बदतर बर्ताव हो रहा है। एक तो उन्हें लिखित नियुक्ति आदेश नहीं दिया जाता तथा दूसरा, उन्हें अतिथि शिक्षक के बतौर विद्यालय में शिक्षकीय कार्य के लिए जुलाई में रखा जाता है। इस कारण मार्च से जून, चार महीने वे बेकार हो जाते हैं तथा उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाता है। यह एक अमानवीय व्यवहार है, जो राज्य सरकार की जानकारी में अतिथि शिक्षकों के साथ हो रहा है। मप्र अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने प्रदेश में आंदोलनरत डेढ़ लाख अतिथि शिक्षकों ने मांगों को ‘‘न्यायोचित’’ और मानवीय आधार पर मंजूर करने योग्य बताते हुए राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह संवेदनशीलता और व्यावहारिकता का परियच देते हुए अतिथि शिक्षकों की वाजिब मांगों को शीघ्र मंजूर करे जिससे  अतिथि शिक्षकों का शोषण बंद हो सके और उनके सामने अनिश्चितता की जो तलवार लटकी हुई है, वह भी हट सके। 

आखिर हमें क्यों नहीं…………………….. 
दिल्ली हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित कर चुकी है। म.प्र. सरकार अतिथि शिक्षको को नियमित क्यो नही करती । अतिथि शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि जब गुरुजियों और अनुदेशकों की पात्रता परीक्षा लेकर नियमित कर सकती है। तो आखिर उन्हें यह लाभ क्यों नहीं? अतिथियों को भी पात्रता परीक्षा लेकर नियमित करना चाहिए। अतिथि शिक्षकों की पात्रता परीक्षा लेकर संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जाए। अतिथि शिक्षको ने बताया कि जब तक सरकार नियमितीकरण का आदेश नही देती तब तक आदोलन जारी रहेगा।

लालू यादव ने की जनता परिवार में विलय की घोषणा

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राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी के जनता परिवार में विलय की औपचारिक घोषणा कर दी। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अब आगे की घोषणाएं मुलायम सिंह यादव करेंगे। जनता परिवार का फिर से गठन केंद्र में बीजेपी की सरकार से मुक़ाबले के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश समाजवादियों का एक निशान और एक मोर्चा मांग रहा है। इस घोषणा के साथ ही लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो वादे किए थे, उन पर तो वह अमल नहीं कर रही है और उनकी पार्टी के कई नेता बेतुके बयान दे रहे हैं।

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, 'बीजेपी चीटर है, सबको सब्जबाग दिखाकर केंद्र में गद्दी पर बैठ गई और अब सब कुछ भूल गई है। चुनाव प्रचार के दौरान किए गए सभी वादों से उलट काम कर रही है।'पूर्व रेलमंत्री ने अपने खास अंदाज में एक चुटकुला सुनाते हुए कहा कि झूठ बताने वाला भगवान का घंटा भी बीजेपी के सत्ता में आने के बाद टन-टन बजने लगा है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी का बिहार में ही 'खोंता' (घोंसला) उजड़ेगा।'

यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को भी जनता परिवार में शामिल किया जाएगा, लालू ने कहा, 'मैं सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को इसमें शामिल होने की अपील कर रहा हूं।'बैठक में इलियास हुसैन ने राजद का राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया। इसके अलावा आर्थिक प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। वहीं, केंद्र सरकार की विफलताओं तथा भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध की वजह बताने के लिए गांव-गांव तक जाने की बात पर सहमति बनी।

बैठक में लालू प्रसाद के अलावा आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, रघुवंश प्रसाद सिंह, रामचंद्र पूर्वे, सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव भी शामिल हुए। गौरतलब है कि आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 71 स्थायी और आमंत्रित सहित कुल 262 सदस्य हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री खालिदा जिया को मिली जमानत

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के दो मामले में रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद जमानत मिल गई है. वह करीब तीन महीने बाद अपने पार्टी कार्यालय से बाहर निकली हैं. यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि देश में कुछ महीनों से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध में कमी आ सकती है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष 6,50,000 डॉलर के भ्रष्टाचार के दो मामलों में जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने के लिए अपने गुलशन कार्यालय से बाहर निकलीं. वह बीते तीन जनवरी से यहां ठहरी थीं. खालिदा गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद 39 दिनों बाद कोर्ट में पेश हुईं. खालिदा के इस कदम से बांग्लादेश में बीते तीने महीने से चले आ रहे राजनीतिक संकट के कम होने की संभावना है. बांग्लादेश में बीते तीन महीने की हिंसा में 130 से अधिक लोग मारे गए हैं.

ढाका की अदालत के न्यायाधीश अबू अहमद जमादार ने खालिदा और दो अन्य आरोपियों को जमानत देते हुए कहा, ‘मैं गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करता लेकिन मुझे ऐसा करने को विवश होना पड़ा.'ढाका की एक कोर्ट के जज ने कहा, ‘मुझे सरकारी वकील की इस दलील से सहमत होना पड़ा कि गिरफ्तारी वारंट जारी किए बिना सुनवाई में प्रगति नहीं हो सकती.’ जमादार ने कहा कि खालिदा की उम्र को देखते हुए उनको जेल भेजने का उनका कोई इरादा नहीं है और अगर वह निर्दोष पाई जाती हैं तो वह बरी हो जाएंगी. अभियोजन पक्ष के मुख्य वकील मुशर्रफ हुसैन काजोल ने इससे पहले अदालत से कहा कि वह खालिदा के ‘ओहदे, सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा तथा उम्र’ को देखते हुए वह जमानत का विरोध नहीं करेंगे.

केजरीवाल ने दिल्ली में फिर शुरू की एंटी करप्शन हेल्पलाइन

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में 50 दिन पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर केजरीवाल ने एंटी करप्शन हेल्पलाइन 1031 को एक बार फिर से लॉन्च कर दिया। अगर आपको कोई भी सरकारी कर्मचारी परेशान कर रहा है और काम करने के बदले घूस मांग रहा है तो, आप इस नंबर पर उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 2013 में 49 दिन की AAP सरकार ने बड़े जोर-शोर से यह सेवा शुरू की थी। लेकिन सरकार गिरने के साथ ही एंटी करप्शन हेल्पलाइन भी बंद हो गई थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक बार फिर इस सेवा को शुरू कर दिया है।

भ्रष्टाचार से निपटने के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का वादा आम आदमी पार्टी के घोषणापत्र का एक अहम फीचर था। 24 घंटे चलने वाली इस सेवा के लिए खासतौर पर कुछ लोगों को ट्रेनिंग दी गई है। ताकि आसानी से हिन्दी और अंग्रेजी में लोगों की समस्याएं निपटाई जा सकें। यही नहीं ये एग्जक्यूटिव लोगों को स्टिंग ऑपरेशन करने के तरीकों के बारे में भी बताएंगे। हेल्पलाइन पर आने वाली सभी फोन कॉल्स को सीरियस और नॉन सीरियस दो हिस्सों में बांटा जाएगा।
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