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डॉ० रैणा “विधि एवं न्याय मंत्रालय की हिंदी-सलाहकार-समिति"में मनोनीत।

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प्रसिद्ध साहित्यकार और शिक्षाविद डॉ० शिबन कृष्ण रैणा को गृह मंत्रालय द्वारा  हाल ही में जारी की गयी विज्ञप्ति के अनुसार “विधि एवं न्याय मंत्रालय” की हिंदी सलाहकार समिति में गैर-सरकारी सदस्य के तौर पर मनोनीत किया गया है।१९६६ में राजस्थान लोकसेवा आयोग से चयनित तथा कई पुरस्कारों और सम्मानों से विभूषित डॉ० रैणा कई वर्षों तक अलवर महाविद्यालय  में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे और  बाद में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान,शिमला में  फेलो के रूप में चयनित हुए,जहाँ पर उन्होंने “भारतीय भाषाओं से हिंदी में अनुवाद की समस्याएँ” पर शोधकार्य किया.उनका यह कार्य संस्थान से प्रकाशित हो चुका है.डॉ० रैणा की अब तक पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.ये पुस्तकें भारतीय ज्ञानपीठ,राजपाल एंड संस,हिंदी बुक सेण्टर,साहित्य अकादमी आदि से प्रकाशित हुयी हैं.

राजस्थान साहित्य अकादमी का प्रथम अनुवाद-पुरस्कार प्राप्त करने  का श्रेय डॉ० रैणा को है.डॉ० रैणा देश की कई साहित्यिक-सांस्कृतिक-अकादमिक  संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। हाल ही मैं भारत सरकार के संस्कृति-मंत्रालय ने इन्हें अपनी प्रतिष्ठित सीनियर फ़ेलोशिप प्रदान की है.पिछले दिनों केन्द्रीय हिंदी निदेशालय  (मानव संसाधन विकास मंत्रलय) की हिंदी अनुदान और पुरस्कार समितिओं के भी डॉ0 रैणा विशेष-सदस्य मनोनीत किये गये थे।डॉ0 रैणा अपने इस सम्मान और उपलब्धि के लिए अपनी मेहनत और लगन को महत्व देने के साथ-साथ प्रभु श्रीनाथजी की अनुकम्पा को स्वीकार करते हैं। उल्लेखनीय है कि इनका अधिकांश सेवाकाल श्रीनाथद्वारा और अलवर में बीता है।प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में डॉ० रैणा लगभग दस वर्षों (१९६७ से लेकर १९७७) तक रहे हैं.डॉ. रैणा ने राजस्थान विश्वविद्यालय से एम०ए०(अंग्रेजी) की उपाधि भी अर्जित की है.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (20 अप्रैल)

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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, आज 950 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे

दीनदयाल अन्त्योदय मिशन ‘‘मुख्यमंत्री कन्यादान’’ योजना अंतर्गत आज 21 अपै्रल अक्षय तृतीया पर जिले के दस स्थलों पर एक साथ वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें 950 जोडे़ परिणय सूत्र में बंधेंगे। सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक ने ततसंबंध में बताया है कि सर्वाधिक जोड़े तीन सौ जनपद पंचायत बासौदा के मंडी प्रागंण में आयोजित सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम में परिणय सूत्र में बंधेंगे। इसी प्रकार जनपद पंचायत नटेरन की ग्राम पंचायत वर्धा में 160 जोड़े, जनपद पंचायत ग्यारसपुर के तहसील कार्यालय में दो सौ जोड़े, ग्राम पंचायत खामखेडाचैरासी में 39 जोड़े, ग्राम पंचायत सतपाडासराय में 36 जोड़े, ग्राम पंचायत सुल्तनिया में 16 जोड़े, ग्राम पंचायत देवखजूरी में 35 जोड़े, ग्राम पंचायत अहमदपुर कस्बा मेें 31 जोड़े, ग्राम पंचायत ठर्र में 23 जोड़ो के अलावा विदिशा नगरपालिका क्षेत्र के श्रीरामलीला मेला प्रागंण में 110 जोडे़ परिणय सूत्र में बंधेंगे। 

उपभोक्ता कल्याण क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों से आवेदन आमंत्रित

जिले के ऐसे उपभोक्ता संगठनों से आवेदन आमंत्रित किए गए है जो उपभोक्ता कल्याण गतिविधियों के कार्य कर रहे है जो कम्पनी अधिनियम के तहत तीन वर्ष की अवधि के लिए रजिस्ट्रीकृत है। समय-समय पर शासन के दिशा निर्देशानुसार उन्हें अनुदान प्रदाय किया जा सकें। डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती नेहा भारती ने जानकारी देते हुए बताया कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अपै्रल है। इच्छुक उपभोक्ता संगठन ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी एवं आवेदन का प्रारूप और अनुदान की शर्ते के लिए खाद्य विभाग की बेवसाइट का उपयोग कर सकते है। राज्य उपभोक्ता कल्याण निधि 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का परीक्षण उपरांत पांच मई तक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक को प्रेषित किया जाना है। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी के कार्यालय से कार्यालयीन दिवसों अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।

अनुपस्थित अधिकारी को शोकाॅज नोटिस देने के निर्देश

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अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने आज लंबित आवेदनों की विभागवार समीक्षा की। टीएल बैठक में अनुपस्थित मत्स्य विभाग के सहायक संचालक श्री एके दीक्षित को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने कहा कि जिले के 62 सेवानिवृतों की पेंशन अब तक लंबित है। उन्होंने संबंधित विभाग के जिलाधिकारी को सचेत करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि न्यायालयीन प्रकरणों को छोड़कर अन्य सेवानिवृतों की पेंशन के प्रकरण एक सप्ताह में तैयार कर उन्हें पेंशन दिलाई जाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। 

रोजगार मेला
अपर कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि जिले में हर माह कम से कम एक रोजगार मेला का आयोजन किया जाए। रोजगार मेला आयोजन के लिए गठित दल में डीपीआईपी, अन्त्यावसायी, जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र और जिला रोजगार अधिकारी को शामिल किया गया है। टीएल बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र, विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार, संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नेहा भारती समेत समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

सेना ने संदिग्ध पाकिस्तानी बोट से हजारों करोड़ के नशीले पदार्थ बरामद

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नौसेना और तट रक्षक की टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दोनों ने संयुक्त अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में नशे की खेप बरामद की है। नशे की ये खेप एक संदिग्ध नाव से बरामद हुई है जो पोरबंदर के पास पकड़ी गई। ये संदिग्ध नाव पोरंबदर से भारत में घुसपैठ की कोशिश में थी। संदिग्ध नाव पाकिस्तान का बताया जा रहा है जिस पर चार से पांच घुसपैठिए सवार थे।

दो दिनों पहले खूफिया एजेंसियों ने खबर दी थी कि समुंद्र के रास्ते पाकिस्तानी घुसपैठ कर सकते हैं। इस अलर्ट के बाद नौसेना और तट रक्षक की टीम ने एक अभियान चलाया। दो दिनों तक चले इस अभियान के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए नौसेना और तट रक्षक ने एक संदिग्ध नाव को पकड़ा। ये नाव गुजरात के रास्ते भारत में घुसने की फिराक में था। अभियान के दौरान इस संदिग्ध नाव को पोरबंदर के पास पकड़ लिया गया। इस नाव पर चार से पांच संदिग्ध घुसपैठिये सवार थे। ये सभी पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं।

नौसेना के जवानों ने जब इस नाव की तलाशी ली तो इस पर हजारों करोड़ के ड्रग्स बरामद हुए। इतना ही नहीं इस नाव से कई सेटेलाइट फोन भी बरामद हुए हैं। फिलहाल तट रक्षक की टीम इस संदिग्ध नाव को पोरबंदर लेकर आ रही है।

'हम'अकेले दम पर चुनाव लड़ेगा: जीतन राम मांझी

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भर के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में 'एकला चलो'का नारा दे दिया है. यानि विधानसभा चुनाव से पहले मांझी बिहार में किसी पार्टी के साथ तालमेल नहीं करेंगे. पटना के गांधी मैदान में सोमवार को रैली कर मांझी ने ये ऐलान किया.

रैली में मांझी ने कहा, 'मैं चुनाव बाद वह भाजपा समेत किसी भी दल से गठबंधन कर सकता हूं. ऐसी किसी गठबंधन का हिस्‍सा नहीं बनूंगा जिसमें नीतीश कुमार होंगे. हां, अगर लालू यादव ने नीतीश का साथ छोड़ दिया तो उनसे भी कोई परहेज नहीं होगा.'

गांधी मैदान के मंच से मांझी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमले किए. साथ ही मीडिया को भी धमकी दी. कहा कि वह सत्ता में आए तो ऐसी मीडिया को भी देख लेंगे. धमकी अधिकारियों को भी ऐसी ही मिली. एक घंटे से भी ज्यादा के भाषण में मांझी के निशाने पर नीतीश ही रहे. गरीब स्वाभिमान रैली के दौरान मांझी ने राजद-जदयू के विलय को लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर निशाना साधा. कहा कि विधानसभा चुनाव हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ('हम') अकेले लड़ेगी. हालांकि इसके लिए अधिकारिक तौर पर बैठक कर ही निर्णय लिया जाएगा.
'लालू से नहीं है परहेज'

मांझी ने कहा की चुनाव के बाद सभी विकल्प खुले रहेंगे. उन्‍होंने कहा कि यदि लालू प्रसाद यादव यदि नीतीश कुमार का साथ छोड़ते हैं तो वह लालू के सर्मथन पर विचार कर सकते हैं. बड़े-बड़े दावों के बीच सोमवार को पटना के गांधी मैदान में हुई पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की रैली अपने ही दावों पर खरी नहीं उतरी. रैली से पहले मांझी ने दावा किया था कि उनकी रैली में पांच लाख लोग नहीं आये तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. रैली के बाद उनके सुर ही बदल गये.

मांझी ने कह दिया कि उनके लोग गांधी मैदान में आने के बजाय चिड़ियाघर और दूसरे जगहों पर बैठे रह गये. सफाई देने में जुटे मांझी समर्थक नेताओं ने कहा कि उनके एक-एक आदमी 10 लोगों के बराबर हैं. कइयों ने गांधी सेतु जाम होने का आरोप लगाया तो कुछ ने कहा कि उनके लोग रैली के बजाय घर पर पहुंच गये. पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि गरमी के बावजूद जितने लोग पहुंचे यह रैली की सफलता है. पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अभी भी आ रहे हैं, कई बस रास्ते में है.

पूर्व सीएम मांझी की रैली पर जदयू और राजद दोनों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है. जदयू और राजद दोनों ने एक सुर में मांझी को राजनीति से संन्‍यास लेने की याद दिलाई है. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने 'हम'की रैली को सुपर फ्लाप बताया. संजय सिंह ने कहा कि भाजपा पर एकबार फिर से मांझी को धोखा देगी. वहीं राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दकी ने कहा है की मांझी जो कहते हैं वह करते हैं इस लिहाज से जल्द की राजनीति से संन्यास ले सकते हैं.

मोबाइल कंपनी के प्रमुख को महेंद्र सिंह धोनी की अर्जी पर नोटिस

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की याचिका पर मोबाइल कंपनी मैक्स मोबिलिंक के सीएमडी को सोमवार को अवमानना नोटिस भेजा। आरोप है कि कंपनी ने धोनी के विज्ञापन वाले उत्पाद बेचना बंद करने के अदालत के आदेश का उल्लंघन किया।

न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने मैक्स मोबिलिंक प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय आर अग्रवाल को धोनी की अवमानना याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। याचिका में कंपनी के निदेशक पर 22 जनवरी के अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की गयी है।

अदालत ने कहा, ‘नोटिस जारी कर पूछा जाता है कि मैक्स मोबिलिंक प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए।’ अदालत ने कहा कि उन्हें 23 जुलाई से पहले अपना जवाब दाखिल कर देना चाहिए।

अदालत ने कंपनी को 22 जनवरी को मोबाइल फोन समेत ऐसे किसी भी उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था जिसमें धोनी का विज्ञापन हो। धोनी के वकील गौरव मित्रा और रजनीश चोपड़ा ने अदालत को सूचित किया था कि कंपनी अब भी क्रिकेटर के नाम का इस्तेमाल करके उत्पाद बेच रही है जो अदालत के पहले के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है और अवमानना के समान है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (20 अप्रैल)

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जिला सहकारी बैंक चुनाव की प्रारंभिक मतदाता सूची में विसंगतियों को लेकर आपत्तिया प्रस्तुत की 

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झाबुआ---जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ के संचालक मंडल के चुनाव को लेकर प्रांरभिक मतदाता सूची में ढेरों विसंगतियों को लेकर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, मनोहर सेठिया, प्रवीण सुराणा, कमलेष दांतला, विजय चैहान ने उप पंजीयक सहकारी संस्थायें एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सीसीबी झाबुआ  बबलु सातनकर से भेंट कर उन्होने मतदाता सूची के प्रकाषन में व्याप्त विसंगतियों को लेकर ज्ञापन सौपा । सीसीबी चुनाव को लेकर प्रकाषित प्रारंभिक मतदाता सूची में व्याप्त अनेकों एवं गंभीर विसंगतियों के चलते विधायक सुश्री निर्मला भूरिया, विधायक कलसिंह भाबर, शांतिलाल बिलवाल की और से भी मतदाता सुची के प्रकाषन को लेकर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को पत्र प्रस्तुत किये गये । इस बैंक चुनाव में झाबुआ एवं आलीराजपुर दोनों जिले शामील है तथा मतदाता सूची के प्रांरभिक प्रकाषन को लेकर आलीराजपुर जिले से भी बडी संख्या में आपत्तिया दर्ज करवाई गई है ।

पंचायतों के साथ भेदभाव को लेकर कांग्रेस ने किया जंगी प्रदर्शन, जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

झाबुआ---केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों  सरपंच, पंच, जनपद, जिला पंचायत के साथ भेदभाव व्यवहार हो रहा है ।पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई गई रोजगार गारंटी योजना ,बीआरजीएफ, के महत्व को कम किया जारहा है तथा आबंटन देने में काफी परेशानियां खडी की जारही है । पूर्व में किये गये मनरेगा की राशि प्रदाय नही हो रही है इसके कारण खेत्रीय विकास में बाधाये आरही हे । गा्रमीण जनता पलायन को मजबुर है । नये कार्यो की स्वीकृति नही हो रही है । भीषण गर्मी के कारण पूरे जिले में पेयजल संकट गहराता जारहा हैे तथा जन प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन किया जारहा है । इन सब बातों को लेकर झाबुआ जिले के समस्त पंच सरपंच, जिला एवं जनपदों के प्रतिनिधि, आदि 20 अप्रेल सोमवार को प्रातः 11-30 बजे जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर झाबुआ को ज्ञापन सौंपा । स्थानीय कलेक्टर कार्यालय परिसर के सामने करीब दो घंटे से अधिक चले धरना प्रदर्शन में जिले से आये कई सरंपच,जनपद,जिला जनपद के निर्वाचित जन प्रतिनिधिगणों ने आका्रेश व्यक्त करते हुवे राज्य सरकार व केंद्र सरकार के विरु़द्ध सौतेले व्यवहार के लिये जमके नारेबाजी करते हुवे धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुवे जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने प्रदेश व केंद्र सरकार को आडे हाथों लेते हुवे कहा कि सरपंच व जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को सीमित किया जा रहा है तथा पूर्व की सरकारों द्वारा दिये अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार के अडियल रवैये के कारण क्षेत्र का विकास रुक सा गया है।सरपंचों को किये गये कार्यों की राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा। प्रदेश में नव निर्वाचित सरपंचों के निर्वाचन को लगभग 2 से 3 माह हो चुके है किन्तु नव निर्वाचित सरपंचों को आज तक वित्तीय अधिकार प्राप्त नहीं हुए है जिससे नव निर्वाचित सरपंच एवं ग्राम पंचायत विकास कार्यो को अमलीजामा नहीं पहना सकी है। जिले को न ता रोजगार गारंटी का पैसा मिल रहा है नहीं कोई नवीन योजनाओं के लिये पैसा आ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जन प्रतिनिधियों की मांगे नहीं मानी गई तो भोपाल जाकर व दिल्ली जाकर भी हम अपनी लडाई लडते रहेंगे साथ ही पूरे जिले में हडताल कर जिला बंद करेंगे। पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व की सरकार की जनपद को जो अधिकार सौंपे थे उनको वर्तमान सरकार कम करने में लगी है जिससे कि पंचायत स्तर पर काम करने में काफी कठिनाईयां महसूस हो रही है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर ने इस अवसर पर कहा कि देश गांव में बसता है और गांव का विकास ही देश का विकास होता है किंतु वर्तमान सरकार इन कामों में रौडा बनने का काम कर रही है।इससे सिद्ध होता है कि भारतीय जनता पार्टी पूंजीपतियों का सहयोग कर ग्रामीणों की अनदेखी कर रही है।श्री चन्द्रवीरसिंह राठौर ने कहा कि भाजपा केवल गांधीजी के जन्मदिन एवं पुण्यतिथि पर केवल नाम मात्र के फुल चढाकर इतिश्री करली जाती है,गांधी जी के सपने को कांगेस पाटी ने सकार किया भाजपा ने उसे खत्म कर दिया। जनपद अध्यक्ष गेंदाल डामोर ने कहा कि केंद्र की कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा रहा है तथा पूर्व में किये गये कार्यों की राशि भी जनपदों को प्राप्त नहीं हो रही है। उन्होंने शासन से मांग की है कि यथाशीघ्र पूर्व में किये कार्यों की राशि जनपद पंचायतों के खातों मं जमा की जाये जिससे क्षेत्र के विकास संभव हो सके। श्री हेमचंद डामोर ने इस अवसर पर भाजपा को आडे हाथों लेते हुवे कहा कि भाजपा के नेता पंचायत एवं सरपंचों के द्वारा दिये गये प्रस्तावों की अवहेलना कर निजी लोंगों के कार्य रातोंरात किये जा रहे है। ऐसे भाजपाईयों के विरुद्ध कार्यवाई करने की भी बात कही तथा उन्होंने कहा बीआरजीएफ योजना 1 अप्रेल 15 से बन्द कर दी गई है जिससे करोडों रूपयों के निर्माणकार्य अधूरे पडे है उसकी लिए राशि का कोई पहल नही की जा रही है, उक्त बीआरजीएफ योजना से भवन, स्वास्थ्य भवन , आंगनवाडी भवन आदि कार्यो हेतु राशि प्राप्त हो रही थी अब वह भी पंचायत में नहीं आ रही है। जिससे स्वास्थ्य/शिक्षा आदि जैसी योजनाओं पर भी प्रभाव पढेगा इस व्यवस्था को लेकर भी पंचायत पदाधिकारी आक्रोशित है। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र प्रसाद अग्निहोत्री ने किया एवं आभार शंकरसिंह भूरिया ने माना। धरना प्रदर्शन के बाद समस्त जनप्रतिनिधिगण कार्यालय कलेक्टर पहुंचे एवं अनुविभागीय अधिकारी अंबाराम पाटीदार को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन का वाचन जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर ने किया। 

आज निकलेगी भगवान परषुराम की भव्य षोभायात्रा

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झाबुआ---तीन दिवसी परषुराम जयंति महोत्सव के अंतिम दिन आज ब्राहमणो के आराध्य देव भगवान परषुराम की भव्य भषोभायात्रा स्थानीय जगदीष मंदिर से षाम 5 बजे प्रारंभ होगी। संगठन के मीडिया प्रभारी अमित षर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि भव्य षोभायात्रा राजवाडा चैक, रूनवाल बाजार, थांदला गेट, बाॅबेल चैराहा, गोर्वधन नाथ मंदिर होते हुए स्थानीय जगदीष मंदिर पर पहुंचकर समाप्त होगी। षोभायात्रा में सबसे आगे प्रचार वाहन, बैंड बाजे, समाज के वरिश्ठजन, षंकरजी का अभिशेक करते हुए भगवान परषुराम की झांकी, नासिक ढोल, युवाओं की टोली, बटुको का रथ, ढोल महिलाओं का समूह व परषुरामजी की रथ पर विराजमान मूर्ति रहेगी। षोभायात्रा में समाज के पुरूश सफेदर रंग की धोती कुर्ता या कुर्ता पजामा एवं महिलायें लाल या पीली साडी पहनकर षामिल होंगे। सायं साढे सात बजे स्थानीय जगदीष मंदिर में समाजजनों द्वारा भगवान परषुराम की आरती की जायेगी। आरती के बाद समाजजनों का सहभोज जगदीष मंदिर प्रांगण में होगा।

कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, समाज की प्रतिभाओं का किया सम्मान
स्थानीय जगदीष मंदिर प्रांगण में रविवार रात्रि 8 बजे कवि सम्मेलन का आयोजन किया। सर्वप्रथम प्रसिद्ध हास्य कवि जाॅनी वैरागी एवं अतिथियों ने कार्यक्रम का षुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर परषुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षा गीता दुबे ने की, मुख्य अतिथि जाॅनी वैरागी ( राजोद ) विषेश अतिथि पुश्पेन्द्र जोषी थे। मुख्य अतिथि जाॅनी बैरागी द्वारा समाज की प्रतिभा सुषील वाजपेयी, आयुशी दत्त, पुश्कर षर्मा एवं कवि रामषंकर चंचल, गौरीषंकर दुबे, प्रकाष त्रिवेदी, दिनेष पंडया, डाॅ. गीता दुबे, जयेन्द्र बैरागी, महेष पांडे का षाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम में स्थानीय समाज के कविगणों ने कविता प्रस्तुत करी। तत्पष्चात मंच हास्य कवि जाॅनी बैरागी ने अपनी हास्य व्यंग्यात्मक कविताओं की झडी लगाकर श्रोताओं को गदगद कर दिया। वही बडनगर के पुश्पेन्द्र जोषी ने मां की कविता से श्रोताओं को  भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन षरद षास्त्री ने किया व आभार प्रदर्षन ओमप्रकाष षर्मा ने माना।

सजल नेत्रों से स्वामीजी को दी बिदाई 

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झाबुआ---नगर के पूराना हाउंसिंग बोर्ड कालोनी में 12 से 19 अप्रेल तक आयोजित श्री मदभागवत कथा में ज्ञान गंगा का अमृतपान कराने आये उज्जैन के पूज्य स्वामी कृष्णषरणदेवजी महाराज  को सोमवार को सायंकाल हाउंसिंग बोर्ड कालोनी से मुख्य यजमान आरएस रघुंवषी के अलावा  समिति के सदस्यों ने सजय नेत्रों से बिदाई दी । श्री रघुवंषी के निवास पर पूज्य स्वामीजी के बिदाई के अवसर पर संजय कांठी ने कहा कि सम्पूर्ण अंचल में भागवत कथा की ज्ञान गंगा  एवं गुरूदेव के कंठ में बिराजित सरस्वती ने पूरे नगर को भागवत मय कर दिया । नगर के हर व्यक्ति का यह कहना है कि इस प्रकार की भागवत कथा सुन कर सभी के मन आल्हादित हुए है । मुख्य यजमान रघुवंषी  ही नही पूरा नगर इस भागवत कथा के ऐतिहासिक आयोजन को लेकर अविभूत है । इस अवसर पर नगर की जनता की ओर से गोपालसिंह पंवार, अजय रामावत, श्री सिसौदिया, संजय काठी, श्री रघुवंषी ने स्वामी का पुष्पमालाओं से स्वागत कर ढोल ढमाकों के साथ स्वामीजी की बिदाइ्र यात्रा निकाल कर उन्हे वाहन तक ले गये । पूज्य स्वामीजी ने सभी को शुभाषीष देते हुए सभी की मंगल कामना की । स्वामी जी ने नगर की जनता से मिले स्नेह के लिये अभी का धन्यवाद ज्ञापित किया । स्वामीजी को बिदा करने में महिला श्रद्धालु भी बडी संख्या में उपस्थित रही और भजन-कीर्तन कर गुरूवंदना की ।

एमआर पी से अधिक राशि ली तो दुकाने होगी सील्ड--कलेक्टर

झाबुआ---कलेक्टर ने सभी व्यापारियों एवं खुदरा विक्रेताओं को सचेत किया है कि सभी सामग्री एवं सामान जिन पर अधिकतम ख्ुादरा बिक्री मूल्य छपा हुआ रहता है, उससे यदि ज्यादा रकम उपभोक्ताओं से ली गई तो उस दुकानदार की दुकान को सील कर दिया जाएगा एवं व्यापारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

जिला पंचायत की स्थाई समितियों का गठन हुआ

झाबुआ---विगत 17 अप्रैल 2015 को सचिव,म0प्र0 शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार जिला पंचायत की स्थाई समितियों के गठन हेतु जिला पंचायत सदस्यों का सम्मिलन जिला पंचायत के सभाकक्ष में आहुत किया गया। जिसमें स्थायी समितियों का गठन किया गया। कृषि स्थायी समिति में श्री रूपसिह डामोर, श्री कलावती गहेलोत, श्रीमती शांति राजेश डामोर, श्रीमती सनता तेरसिंह भूरिया, श्रीमती रमिला डामोर, श्री कमलेश भीमा मचार, श्री मेगजी अमलियार एवं श्री राजेश वसुनिया को शामिल किया गया। इसी प्रकार शिक्षा स्थायी समिति में श्रीमती शारदा डामोर, श्रीमती रमिला डामोर, श्री अकमालसिंह डामोर, श्रीमती शांति राजेश डामोर, श्री कमलेश भीमा मचार, श्रीमती देवली ताहेड एवं श्री मेगजी अमलियार को शामिल किया गया। संचार संकर्म स्थायी समिति में श्रीमती शारदा डामोर, श्री रूपसिह डामोर, श्री अकमालसिंह बादर डामोर, श्री कलावती गहेलोत, एवं श्री राजेश वसुनिया को शामिल किया गया। सहकारिता एवं उद्योग स्थायी समिति में श्री कमलेश मचार, श्रीमती शांता भूरिया, श्री अकमालसिंह बादर डामोर, श्रीमती देवली ताहेड एवं श्री बहादुरसिंह भाभर को शामिल किया गया। स्वास्थ्य एवं महिला बाल कल्याण स्थायी समिति में श्रीमती देवली ताहेड, श्री राजेश वसुनिया, श्री मेगजी अमलियार, श्रीमती शारदा डामोर, श्री रूपसिह डामोर, श्रीमती शांति राजेश डामोर, श्रीमती रमिला कैलाश डामोर को शामिल किया गया।

अब तक जिले में 173715.55 क्विंटल गेहूॅ खरीदा गया, किसानो को 251887547.50 रूपये का हुआ भुगतान

झाबुआ---जिला आपूर्ति अधिकारी श्री खान ने बताया कि जिले में 21 खरीदी केन्द्रो पर किसानो से 25 मार्च से खरीदी प्रारंभ की गई है। अब तक जिले में 173715.55 क्विंटल गेहॅू सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया एवं किसानो को ई. पेमेट के माध्यम से 251887547.50 रूपये का भुगतान किया गया। अब तक कुल 165207 क्विंटल गेहूॅ का परिवहन कर भण्डार ग्रह तक पहुचा दिया गया है।
जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूॅ उपार्जन 26 मई 2015 तक किया जाएगा। रबी विपणन वर्ष 2015-16 के लिए गेहूॅ का समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है। किसानो से अपील की गई है कि वे अपना गेहूॅ सुखाकर एवं छन्ना लगाकर ही खरीदी केन्द्र पर लाये।

किसानो को भुगतान अधिकतम 7 दिवस में
समर्थन मूल्य रू. 1450 प्रति क्ंिवटल के मान से किसानो को उपार्जित मात्रा पर देय राशि की कम्प्यूटराईज प्रिंटेट रसीद उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा प्रदान की जाएगी जिसमें किसान का नाम, बैंक खाता क्रमांक तथा भुगतान योग राशि का विवरण होगा एवं इस रसीद पर उपार्जन संस्था के प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर भी किये जाएगे। किसानो को उनके खाते में उपार्जित गेहूॅ की राशि जमा करने हेतु उपार्जन संस्था द्वारा किसानो के नाम की सूची, बैंक का नाम बैंक खाता क्र. भुगतान योग्य राशि का विवरण एवं संस्था का चेक/डीडी के साथ संबंधित सहकारी बैंक की शाखा में भेजी जाएगी। यदि किसी किसान का खाता सहकारी बैंक में न हो तो संबंधित बैंक को भुगतान हेतु डीडी भेजा जाएगा। जिन सहकारी बैंको में कोर बैकिंग सुविधा उपलब्घ है उनके किसानो का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाएगा। उपार्जन करने वाली संस्था एवं महाप्रबंधक, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक सुनिश्चत करेगे कि किसानो के बैंक खाता में राशि अधिकतम 7 दिवस में जमा कर दी जाए।

किसान समस्या 181 पर बताये
प्रदेश के कृषकों द्वारा गेहूॅ उपार्जन से संबंधित अपनी समस्याएं राज्य सरकार के टोल फ्री नम्बर हेल्पलाईन नम्बर 181 पर कर सकेगे। हेल्पलाईन से प्राप्त होने वाली शिकायत/समस्याओं का निराकरण कराने का दायित्व जिला आपूर्ति नियंत्रक/अधिकारी का होगा। ऐसी समस्या जिनका समाधान शासन स्तर पर किया जाना हो, उनके बारे में प्रतिवेदन संचालनालय खाद्य के ई.मेलकपतविवक/उचण्दपबण्पद  पर भेजा जा सकता है।

वर्षा प्रभावित जिलों में 40 प्रतिशत तक चमक विहीन गेहूॅ का उपार्जन होगा
रबी विपणन वर्ष 2015-16 में समर्थन मूल्य पर गेहूॅ खरीदी की जा रही है। प्रदेश के कई जिलों में असमय वर्षा तथा ओले के प्रकोप हाने से गेहूॅ की चमक प्रभावित हुई है। इस संबंध में शासन द्वारा किसानो के हित में निर्णय लेते हुए निर्देश जारी किये है कि गेहूॅ के एफक्यू स्पेसीफिकेशन में किसानो को छूट प्रदान की जाये सिकुडे एवं टुटे दाने में छूट की मात्रा 6 प्रतिशत से बढाकर 10 प्रतिशत की गई है।

40 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूॅ उपार्जन के तहत क्रय किया जा सकेगा।
यह छूट क्रय किए जाने वाले गेहूॅ में मात्र सिकुडे एवं टूटे दाने तथा चमकविहीन के लिए दी गई है, इसमें से सिकुडे एवं टूटे दाने का अपग्रेडेशन किसान द्वारा सरलता से छलना लगाकर किया जा सकता है। अतएव जहाॅ गेहॅू को पंखा एवं छनना लगाने के उपरान्त अपगेड किया जा सकता है, वहाॅ यह सुविधा मण्डी तथा समिति स्तर पर किसानो को दी जाकर गेहॅू एफएक्यू स्तर तक लाने के लिए निर्देश जारी किये गये है। समर्थन मूल्य के रिलेक्स्ड मापदण्ड अंतर्गत 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहॅू के बोरो में अंग्रेजी अक्षर वाय और सिकुडे एवं टूटे दाने 6 प्रतिशत से अधिक एवं 10 प्रतिशत तक तथा चमकविहीन गेहॅू 10 से 40 प्रतिशत तक के गेहूॅ के बोरो पर अंग्रेजी अक्षर जेड मार्क लगाया जायेगा। बोरो पर मार्क लगाने का कार्य गेहूॅ खरीदी करने वाली संस्थाओं द्वारा किया जावेगा। ऐसे चिन्हाकित बोरियों का परिवहन सामान्य बोरियों से पृथक किया जाएगा जिससे इनका भण्डारण अलग स्टैक में हो। उपार्जन एजेसिंयों द्वारा इसका स्पष्ट हिसाब भी रखा जाकर उपार्जन प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया जाएगा।

मतदाता सूची में आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर जुडवाये

झाबुआ---भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्वच्छ एवं त्रुटी रहित मतदाता सूची के लिए आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर को वोटर लिस्ट के साथ जुडवाने का कार्य किया जा रहा है। मतदाता स्वयं भी आयोग की साइट पर जाकर अपना आधार लिंक कर सकते है। अथवा अपने बी.एल.ओ से संपर्क करके भी आधार लिंक करवा सकते है। आधार नम्बर मतदाता सूची में जोडने का तरीका इस प्राकर है। वेबसाइट लिंक पर जार प्रदेश के 62690 बूथ लेबिल अधिकारियों में से अपने अपने क्षेत्र के बी.एल.ओ.को जाने एवं उसे अपना आधार व मोबाइल नंबर प्रदान कर मतदात सूची से लिंक करायें। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदश्ेा की वेबसाइट पर बने। लिंक में जाकर स्वयं आधार एवं मोबाईल नंबर की जानकारी भरे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता अपने वोटर आई.डी.नम्बर आधार नम्बर एवं माबोइल नम्बर की जानकारी मेें राज्यस्तरीय सहायता केन्द्र 17, अरेरा हिल्स भोपाल या अपने जिले एवं विधानसभा के मतदाता सहायता केन्द्र पर देकर लिंक करा सकते है।

शासकीय सेवाओं को सिटीजन संेट्रिक बनाने के लिए सिविल सेवा दिवस के अवसर पर अधिकारियो ने किया विचार विमर्श

झाबुआ---आज 20 अप्रैल सिविल सेवा दिवस के अवसर पर कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर, पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतु, गेल इण्डिया के उप प्रबंधक श्री असीम प्रसाद, सीईओ जिला पंचायत श्री धनराजू एस.एवं जिले के विभागो के अधिकारी उपस्थित हुए एवं सिविल सर्विसेस कों जनहितैषी बनाने के लिए विचार विमर्श किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री बी.चन्द्रशेखर ने कहा कि शासन का कार्य जनता के लिए करने वाला हर व्यक्ति सिविल सर्वेट है। नीतिया ऐसी बनाना चाहिए जिसमें जनता को फोकस किया जाये। जनप्रतिनिधि द्वारा जनता के लिए बनाई गई कल्याणकारी नीतियाॅ क्रियान्वित करने का कार्य हम सिविल सर्वेंट करते है। भारत में प्रशासन को जनता के लिए जवाबदेह बनाया गया है। हम सभी को जनता के लिए जवाबदारी से कार्य करना है। जनता के लिए कार्य करने की जवाबदारी एवं पारदर्शिता की शुरूआत गाॅव स्तर से होना चाहिए। नागरिकों की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है व्यक्तिगत एवं सामूहिक सुरक्षा के बाद ही व्यक्ति शासन की योजना का लाभ लेना चाहता है। सुरक्षा के बाद ही विकास की बात आती है। इसलिए हमारे सुरक्षाकर्मी भी ईमानदारी से जनता को सुरक्षा प्रदान करे। भारत जैसे असमानता वाले देश में हमारा नजरिया समानता वाला होना जरूरी है। एक लोकसेवक का न्यूट्रल होना बहुत जरूरी है। तभी जनकल्याण की बात हो सकेगी। लोकसेवक होने के नाते हमें जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। जब भी कोई व्यक्ति आपके कार्यालय में आता है, तो आप उसको अपनी जगह रखकर उसे सेवाएॅ प्रदान करे तब आप सच्चे अर्थो में सेवाएॅ जनता को दे पायेेगे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमें जनता के लिए प्रशासन को चलाना है जो कि बनाया जनप्रतिनिधियों द्वारा गया है और हमें सिर्फ अच्छे से चलाने के लिए सौपा गया। गेल इण्डिया के डायरेक्टर श्री असीम प्रसाद ने कहा कि जनता के लिए प्रशासन में पारदर्शिता जरूरी है। एलडीएम श्री पाण्डे ने कार्यशाला में जनता तक पहुॅच सुलभ बनाने पर जोर दिया। कार्यशाला में स्वागत एवं कार्यक्रम की रूपरेखा पर उद्बोधन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस.ने दिया एवं आभार प्रदर्शन अनुविभागीय अधिकारी झाबुआ श्री पाटीदार ने किया। कार्यशाला में विभागो के शासकीय सेवक उपस्थित थे।

डी.बी.डी के (डायरेक्ट बेनीकेट ट्रांसफर फाॅर केरोसिन) योजना की बैठक संपन्न

  • 24 अप्रैल को समग्र पोर्टल पर बैंक खाते लिंक करने के लिए चलेगा अभियान
झाबुआ---शासन की विभिन्न योजनाओं के पात्र परिवारों को अनुदान की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किये जाने हेतु बैंक खाते की प्रविष्टि समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर होना आवश्यक है। सहकारी उचित मूल्य की दुकानो से मिलने वाले राशन पर मिलने वाली सब्सिडी भी अब डारेक्ट उपभोक्ता के खातों में ट्रांसफर की जाऐगी। अभियान की शुरूआत में केरोसीन की सब्सिडी उपभोक्ता के खातों में जमा करने की योजना हैं। इसके लिए पहले शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को समग्र पोर्टल पर दर्ज करने के लिए 24 अप्रैल 2015 को विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान में ऐसे परिवार जिनके बैंक खातों की जानकारी समग्र पोर्टल पर दर्ज नहीं है उनकी जानकारी परिवार से प्राप्त कर समग्र पोर्टल पर प्रविष्टि करना तथा जिन परिवारों के बैंक खाते की जानकारी पोर्टल पर उपलब्घ है उनकी पुष्टि संबंधित बैंक शाखा से की जाएगी। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये पूर्व तैयारी हेतु बैठक आज 20 अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई एवं अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये है। बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री खांन सहित, मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका/परिषद झाबुआ/ रानापुर/ मेघनगर/ थांदला/पेटलावद लीड बैंक अधिकारी, बैंक आॅफ बडौदा जिला झाबुआ। सहायक/कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी झाबुआ, रामा/ राणापुर/ मेघनगर/ थांदला/ पेटलावद उपस्थित थे।

बाल-विवाह हुआ तो टेण्ट, बैण्ड, पत्रिका वाले एवं रिश्तेदार को भी हो सकती है सजा

झाबुआ---शासन बाल विवाह की रोकथाम के लिए अब सख्त हो गया है। शासन द्वारा विवाह समारोह में सेवादाताओं को सचेत किया है कि बाल विवाह में सेवाएॅ ना दे। यदि सेवाएॅ दी तो दण्डात्मक कार्यवाही हो सकती हैं। लाडो अभियान 2015 के तहत बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के नियम 11 के अनुसार प्रिटिग प्रेस, हलवाई केटरर,धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैंडवाला, ट्रांसपोर्ट की सेवायें देने के पूर्व बालक एवं बालिका के उम्र सबंधी प्रमाण-पत्र प्राप्त कर परीक्षण( बालक 21 वर्ष या उससे अधिक व बालिका 18 वर्ष या उससे अधिक के उपरान्त ही सेवायें प्रदाय करने के लिये हिदायत दी गई है। जिला महिला सशक्तीकरण अधिकारी ने अपील की है कि बाल विवाह प्रतिषंध अधिनियम 2006 की धारा 11 के अंतर्गत बाल विवाह में शामिल होने वाले वर वधु पक्ष विवाह पत्रिका छापने वाले प्रिटिंग प्रेस, हलवाई, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बेण्डबाजावाला, ट्रांपोर्ट करने ववाले गार्डन मालिक आदि व्यक्तियों को दोषी माना जायेगा। और इस गैर जमानती अपराध में उन्हें 2 साल की सजा के साथ आर्थिक जुर्माना की संजा भी होगी। अपील की जाती है कि लडकी की उम्र 18 या उससे अधिक वर्ष एवं लडके की उम्र 21 या उससे अधिक वर्ष होने संबंधी दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत ही विवाह में अपनी सेवाये दे। उम्र संबंधित प्रमाण के लिए स्कूल की अंकसूची जन्म प्रमाण पत्र, आंगनवाडी केन्द्र के रेकार्ड से मिलान किया हुआ प्रमाण-पत्र एवं इन दस्तावेजो के अभाव में स्वास्थ्य विभाग का मेडिकल प्रमाण पत्र को मान्य किया जायेगा। सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले एवं आयोजकों को भी बाल विवाह होने पर दोषी मानकर कार्यवाही की जायेगी और सजा का भुगतान करना पडेगा।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (20 अप्रैल)

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रूबी को राहत मिलने की उम्मीदें कम, जमानत याचिका पर आज होनी है सुनवाई

देहरादून,20 अप्रैल । फर्जी आईएएस प्रकरण पर आज रूबी के वकील ने जमानत याचिका दायर की है, हालांकि कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि जमानत याचिका पर रूबी को राहत मिलने के आसार कम ही हैं। वहंी एसआईटी अभी भी रूबी से जुडे़ इस प्रकरण पर साक्ष्यों को खंगाल कर रही है और अब तक मिले साक्ष्यों आधर पर अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है। राजधानी के फर्जी आईएएस प्रकरण में एसआईटी ने अपनी सभी जरूरी जांच कर ली है। अब तक एसआईटी पर एलबीएस अकादमी के उपनिदेशक सौरभ जैन से पूछताछ न करने का दबाव माना जा रहा था लेकिन रूबी के 164 के बयान दर्ज होने के बाद सौरभ जैन से भी पूछताछ की जा चुकी है। उधर रूबी के वकील की ओर से आज कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गयी है। जमानत याचिका में कहा गया है कि रूबी के बयान दर्ज हो चुके हैं और अब उसे न्यायिक हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं हैं, साथ ही याचिका में एसआईटी के गठन पर भी सवाल उठाए गए हैं। हालांकि इस बात की उम्मीद कम ही नजर आ रही है कि रूबी चैधरी को इस मामले में आसानी से जमानत मिल जाएगी। मालूम हो कि रूबी के खिलाफ आईएएस अकादमी में फर्जी तरीके से रहने के आरोप हैं। लंबे समय से रूबी चैधरी मसूरी एलबीएस अकादमी में रह रही थी। मामला खुलने के बाद रूबी ने सौरभ जैन पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे जिसमें उसने कहा था कि उसे अकादमी में लाईब्रेरियन की नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था जिसके लिए बीस लाख रूपए रिश्वत की बात सामने आई थी। इसके लिए पांच लाख रूपए पेशगी के तौर पर दिए गए थे। उधर सौरभ जैन ने प्रारंभिक तौर पर रूबी जैन से किसी भी प्रकार का संपर्क होने से इंकार कर दिया था। रूबी वर्तमान में सुद्धोवाला जेल में ही है और वह खुद अपने बयानों में अकादमी के सौरभ जैन सहित एक महिला को भी लपेट चुकी है। एसआईटी द्वारा मसूरी एलबीएस अकादमी में भी जांच पड़ताल की जा रही है। 

मैक्स खाई में गिरी, सात की मौत, हल्द्वानी से बागेश्वर जाते वक्त हुआ भीषण हादसा
  • चार अन्य सवारियां भी गंभीर रूप से घायल, चालक को नींद की झपकी से हुआ यह हादसा
  • मृतकों में कोटद्वार निवासी एक अध्यापक भी, मुख्यमंत्री  हरीश ने जताया हादसे पर शोक

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देहरादून,20 अप्रैल । हल्द्वानी से बागेश्वर जा रहा एक मैक्स वाहन अचानक असंतुलित होकर डेढ़ सौ फीट गहरी खाई में जा गिरा। इस हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक ने उपचार के लिए ले जाते वक्त दम तोड़ दिया। इसके अलावा चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सीएम ने हादसे पर शोक जताते हुए अफसरों को घायलों को समुचित उपचार देने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार आज सुबह पांच बजे हल्द्वानी से एक मैक्स वाहन संख्या यूके 02 टीए- 0597 10 सवारियों को लेकर बागेश्वर की चला। बताया जा रहा है कि बागेश्वर से 32 किलोमीटर पहले ही एक वाहन अचानक ही अनियंत्रित होकर डेढ़ सौ फीट गहरी खाई में जा गिरा। रास्ते से गुजर रहे अन्य वाहनों में सवार लोगों ने इसकी सूचना 108 को दी। इसके बाद मौके पर आई टीम ने बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। इस बीच डीएम बीएस मनराल और एसपी भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। टीम ने खाई में पड़े लोगों को किसी तरह से बाहर निकाला। उस वक्त तक बागेश्वर निवासी नरेश भट्ट, यश मेहता दिनेश चंद्र और गोकुल सिंह के साथ ही राजकीय इंटर कालेज के प्रवक्ता कोटद्वार निवासी सुभाष चंद्र की मौत हो चुकी है। खाई से निकाले जाने तक मैक्स के चालक बबलू की भी मौत हो चुकी थी। इसके बारे में अधिका जानकारी नहीं मिल सकी। गंभीर रूप से कपकोट निवासी पवन ने बेहतर इलाज के लिए ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस हादसे में चार अन्य लोग घायल हुए हैं। सभी को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। बताया जा रहा है कि चालक बबलू को नींद की झपकी आने से मैक्स वाहन अचानक अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा। मुख्यमंत्री हरीश रावत और काबीना मंत्री डा.श्रीमती इंदिरा ह्रदयेश ने इस हादसे में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की है। सीएम हरीश ने बागेश्वर के डीएम को निर्देश दिए हैं कि घायलों को तत्काल बेहतर इजाल मुहैय्या कराया जाए। सीएम ने मृतकों के परिजनों और घायलों को मुआवजा देने का निर्देश भी डीएम को दिया है।

बड़ा सवालः क्या आम चुनाव में नजीर बनेगा भगवानपुर विस सीट का उपचुनाव, पशोपेश में पीडीएफ कोटे के मंत्रियों से हारे कांग्रेसी नेता
  • अपने नेताओं को टिकट देने में पेश आएंगी दिक्कतें, तीन काबीना मंत्री तो वैसे भी हैं पुराने कांग्रेसी नेता
  • टिकट न मिलने से बागी लड़े और कांग्रेस को हराया, फिलवक्त सूबे की कांग्रेसी सरकार को दे रहे समर्थन

देहरादून,20 अप्रैल। कांग्रेस के अंदर से पीडीएफ कोटे के मंत्रियों को बाहर करने की तेज मांग के बीच ही भगवानपुर विधानसभा के उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को हराने वाले बसपा नेता की पत्नी ममता राकेश को ही पार्टी का टिकट दे दिया गया। ममता को ऐतिहासिक जीत मिली और अब वे मंत्री पद की मांग कर रही है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि काबीना मंत्रियों से हारे कांग्रेसी नेताओं का आम चुनाव में क्या भविष्य होगा। 2012 में हुए विधानसभा के आम चुनाव में टिकट न मिलने पर कई कांग्रेसी नेताओं ने बागी होकर चुनाव लड़ा। इनमें से मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै और हरीश चंद्र दुर्गापाल ने जीत हासिल की। उस चुनाव देवप्रयाग सीट पर नैथानी की वजह से कांग्रेस प्रत्याशी सूरवीर सिंह सजवाण तीसरे नंबर पर रहे। टिहरी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी किशोर उपाध्याय को कांग्रेस के बागी दिनेश धनै से महज 377 वोटों से हार का सामना करना। लालकुंआ सीट पर कांग्रेस के बागी नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी नवीन चंद्र दुम्का को 884 वोटों से हरा दिया। काबीना मंत्री प्रीतम पंवार यमुनोत्री सीट पर केदार सिंह रावत को 3832 मतों से पटखनी दी। पंवार यूकेडी के टिकट पर जीते। काबीना मंत्री पद सुविधाएं ले रहे संसदीय सचिव सरबत करीम अंसारी ने बसपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन को 698 मतों के अंतर से हरा दिया। 2012 के नतीजों ने त्रिशंकु विधानसभा दी। कांग्रेस के बागियों के साथ ही बसपा के तीन और यूकेडी के एक विधायक ने कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार बनवा दी। कांग्रेस ने इसके ऐवज में इन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया। इसके बाद विधानसभा में कांग्रेस की ताकत बढ़ती गई और आज 3 कांग्रेस अपनी दम पर स्पष्ट बहुमत में हैं। तीन सीटों का उप चुनाव जीतने के बाद से कांग्रेस में पीडीएफ कोटे के मंत्रियों को बाहर करने की मांग उठती रही है। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की इस मांग को कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का भी समर्थन मिला। लेकिन सीएम हरीश रावत ने इनकी मांग को दरकिनार कर दिया। फिर काबीना मंत्री सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद सवाल उठा कि इस सीट से टिकट किसे दिया जाए। अधिकांश कांग्रेसियों की मांग थी कि क्षेत्र के पुराने कांग्रेसी को ही चुनाव लड़वाया जाए। लेकिन कुछ लोग सुरेंद्र के परिवार से ही किसी को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में थे। काफी रस्साकसी के बाद आखिरकार टिकट उस महिला को दिया गया, जिसके पति ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था। इसके बाद से ही कांग्रेस में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि देवप्रयाग, टिहरी, मंगलौर, लालकुआं और यमुनोत्री सीटों पर पुराने कांग्रेसियों को टिकट दिया जाएगा या फिर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को हराकर मंत्री पद की सुविधाओं को भोगने वाले कांग्रेस के बागियों और दूसरे दलों के विधायकों को। हरीश दुर्गापाल को कांग्रेस में विधिवत शामिल कराने की कोशिश करना, पीडीएफ मंत्रियों को हटाने की मांग को दरकिनार करना और ताजे मामले में कांग्रेस का टिकट ममता की झोली में जाना तो यही इशारा कर रहा है कि पुराने कांग्रेसियों को तरजीह नहीं मिलने वाली। 

प्रदेश अध्यक्ष खुद भी इसी लिस्ट में
एक अहम बात यह भी है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय खुद ही इन्हीं में शामिल हैं। उन्हें इस बात का अहसास हो चुका है कि अगले चुनाव में पार्टी अध्यक्ष होने के बाद भी उन्हें टिकट के लाले पड़ सकते हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने हाईकमान को पत्र लिखकर पूछा है कि अगला चुनाव कौन लड़ेगा प्रदेश अध्यक्ष या फिर मुख्यमंत्री। अगर हाईकमान सीएम को चुनाव लड़ने को कहेगा तो किशोर 2016 में खाली हो रही राज्यसभा की सीट पर दावा कर सकते हैं। 

चुनाव हारे नेताओं की नहीं कोई पूछ
काबीना मंत्रियों से चुनाव हारे कांग्रेस प्रत्याशी तमाम मौकों पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगा चुके हैं। इनका सीधा कहना है कि मंत्री के इशारे पर क्षेत्र के अफसर उनकी कोई बात नहीं सुन रहे हैं। जनता के किसी के काम लिए उन्हें अफसरों के चक्कर लगाने पड़ रहे है तो मंत्रियों के पीए के फोन से ही काम हो जा रहा है। ये नेता कई बार कह चुके हैं कि इन हालात में उनके क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो रही है और कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। माना जा रहा है कि टिकट की मांग के वक्त उनके इसी दर्द को आधार बनाकर दावेदारी को कमजोर किया जा सकता है।

बद्रीनाथ पहुंचे सीएम, कार्यो का जायजा लिया 
  • लामबगड़ स्लाइडजोन का उपचार टनल बनाकर होगा: हरीष रावत

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देहरादून,20 अप्रैल(निस) । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को श्री बद्रीनाथ धाम जाकर वहां यात्रा की चल रही तैयारियों का जायजा लिया व श्री बदरीविशाल भगवान से चारधाम यात्रा की सफलता व उŸाराखण्डवासियों की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बदरीनाथ धाम में बिजली, पानी, दूरसंचार, आवास व अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। तैयारियों को संतोषजनक बताते हुए अधिकारियों से इनमें और अधिक सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में बर्फ हटाकर यात्रा मार्ग को पूरा खोल दिया गया है। टनल बनाकर दो वर्ष में लामबगड़ लैंडस्लाईड क्षेत्र का स्थायी उपचार कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बामणीगांव में सुरक्षा दीवार के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए। जोशीमठ के मारवाड़ी में बोल्डर आने से अवरूद्ध हुए मार्ग को जल्द से जल्द खोला जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेशवासियों की आर्थिकी का आधार है। चाररधाम यात्रा को सुचारू तरीके से सम्पन्न कराने के लिए सरकार ने अपने पूरे प्रयास किए हैं। एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई है। एएसपी चमोली नवनीत भुल्लर को निम के सहयोग से दुर्गम पर्वतीय क्ष़्ोत्रों के 100 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने का जिम्मा दिया गया है। प्रशिक्षण के उपरान्त हाई एल्टीट्यूड में आपदा जैसी परिस्थितियों में ये युवा राहत व बचाव कार्यों में सक्षम होंगे। सैनिक कल्याण विभाग को भी इसके लिए सक्रिय किया जाएगा। मुन्स्यारी में स्पोर्ट्स कालेज स्थापित किया जाएगा। स्कूली बच्चों को भी चारधाम यात्रा कराने के लिए योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे लोगों ने दिन रात एक कर काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा काफी तैयारियां की गई हैं व पूरा विश्वास है कि इसका अच्छा रेस्पोंस मिलेगा। देश विदेश से श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर बिना डर व झिझक के आ सकते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चारों धामों के कपाटोद्घाटन दिवस एवं उसकी पूर्व संध्या पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं हेतु राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क भण्डारा आयोजित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अंतर्गत 20 व 21 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री में, 23 व 24 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तथा 25 व 26 अप्रैल को श्री बदरीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं हेतु राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क भण्डारे की व्यवस्था की गई है। इसके लिए गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निःशुल्क भण्डारे की आयोजक संस्था नामित किया गया है। इस अवसर पर उपाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्रम व क्षेत्रीय विधायक राजेन्द्र भण्डारी, सचिव लोनिवि अमित नेगी, आयुक्त गढ़वाल मण्डल सीएस नपलच्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  

चारों धाम में सरकार करेगी भण्डारा 

देहरादून,20 अप्रैल(निस) । चारों धामों के कपाटोद्घाटन दिवस एवं उसकी पूर्व संध्या पर राज्य सरकार द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं हेतु निःशुल्क भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए सचिव डाॅ. उमाकांत पंवार ने बताया कि चारों धामों के कपाटोद्घाटन दिवस एवं उसकी पूर्व संध्या पर राज्य सरकार द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भण्डारे का आयोजन किया जायेगा। इसके अंतर्गत 20 व 21 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री में, 23 व 24 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तथा 25 व 26 अप्रैल को श्री बदरीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं हेतु राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क भण्डारे की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क भण्डारे के लिए गढ़वाल मण्डल विकास निगम को आयोजक संस्था बनाया गया है।

चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सड़क सुरक्षा के लिए राज्यपाल चिंतित  

देहरादून, 20 अप्रैल(निस) । उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सड़क सुरक्षा के संदर्भ में कहा कि आस्था और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से चारधाम यात्रा अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड आने वाले प्रत्येक पर्यटक व तीर्थाटक, यात्री के दिल में ‘सुरक्षित यात्रा’ का विश्वास जागृत करने के लिए हरसंभव एहतियात व सावधानियाँ बरती जानी जरूरी हैं। वर्तमान कार्ययोजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रोटरी संस्था सहित अन्य समाजसेवी संगठनों एवं स्कूलों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा ‘उत्तराखण्ड की यात्रा-सुरक्षित यात्रा’ का संदेश देने का यह सबसे बेहतरीन अवसर है। राज्यपाल ने दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील व खतरनाक तथा दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में यातायात सतर्कता सम्बन्धी सभी आवश्यक संकेत (साइनेजेज) लगाये जाने, सड़कों के किनारे जहाँ भी आवश्यक हो, क्रैश बैरियर्स व पैराफिट्स बनाने, ओवरलोडिंग आदि रोकने के लिए सघन चैकिंग आदि के साथ ही यातायात नियमों  विशेषतः यात्रा रूट के संदर्भ में बनाये गए नियमों से सम्बन्धित ट्रैफिक रूल्स के होर्डिंग्स सभी प्रमुख स्थानों पर लगाए जाने के निर्देश दिये। इससे अतिरिक्त यातायात नियमों  के संदर्भ में व्यापक जागरूकता के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। यातायात नियमों के प्रति स्कूल के बच्चों में जागृति लाने और उनमें एक जिम्मेदार नागरिक की भावना उत्पन्न करने की दृष्टि से राज्यपाल ने कहा कि स्कूलों में सीनियर कक्षाओं के विद्यार्थियों के ‘टैªफिक स्क्वायड’ बनाकर उन्हें ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रशिक्षण दिया जाए। इन प्रशिक्षित बच्चों से यातायात नियंत्रण और सड़क सुरक्षा में मदद ली जा सकती है। टैªफिक पुलिस के अधिकारी सभी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ यथाशीघ्र बैठक करके एक कार्ययोजना बनायें जिसे आगामी सप्ताह से लागू किया जा सके।   राज्यपाल ने आज आई.जी.गढ़वाल रेंज, एस.एस.पी तथा एस.पी.टैªफिक देहरादून के साथ बैठक कर उक्त निर्देश दिए।‘सड़क सुरक्षा’ के संदर्भ में रोटरी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से सक्रिय सहयोग करने की राज्यपाल की अपील के क्रम में सहयोग हेतु सोमवार को रोटरी डिस्ट्रिक्ट-3080 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन भी राज्यपाल से मिले।   

आखिर कौन रोकेगा अवैध खनन, सिस्टम मौन, लोग ले रहे एनजीटी और हाईकोर्ट की शरण
  • हरिद्वार में तो हरकी पैड़ी तक पहुंच गए माफिया, यूएस नगर में भी थम नहीं अवैध खनन का धंधा

देहरादून, 20 अप्रैल । सूबे में अवैध खनन के कारोबार पर जितना हल्ला मच रहा है, उतनी ही तेजी से यह धंधा पनप रहा है। नैनीताल, यूएस नगर और देहरादून जिले में इस धंधे में शामिल लोग करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। सूबे में इस समय खनन वैध रूप से प्रतिबंधित है। लेकिन मिलीभगत के चलते यह धंधा बेखौफ चल रहा है। लोगों के हौसले इतने बुलंद है कि ऐतिहासिक हरकी पैड़ी तक इन लोगों ने अपनी पोकलैंड मशीने पहुंचा दी है। सरकारी सिस्टम की उदासीनता से परेशान आम लोग अब नेशनल ग्रीन ट्रब्युनल और हाईकोर्ट की शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं। हमारे नैनीताल संवाददाता ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ उच्च न्यायालय में दो अलग-अलग मामलों में जनहित याचिकाएं डाली गई हैं। उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में गौलापार के अमृतपुर में हो रहे खनन पर सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांग लिया है। इसके आलावा बाजपुर की नदी में भी अनियंत्रित अवैध खनन मामले में न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली मंगलवार 21 अप्रैल को होगी। बता दें की सरकार की खनन नीति को चुनौती देते हुए और अवैध खनन को दर्शाते हुए गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी ने जनहित याचिका डाल अवैध खनन से बाढ़ का खतरा और हल्द्वानी शहर को खतरा बताया था। इसके आलावा बाजपुर निवासी मोदा राम एवं अन्य ने याचिका डाल न्यायालय को बताया की बाजपुर में खनन माफिया नदी के बीचों बीच से खनन करने के बजाए किनारे से खनन कर रहे हैं। जिसके कारण हर वर्ष बाढ़ की नौबत आ रही है और उन्हें खनन करने का मौका मिल रहा है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने दोनों मामलों की सुनवाई करने के बाद अमृतपुर मामले में सरकार से चार हफ्ते में जवाब माँगा है जबकि बाजपुर में अवैध खनन मामले में सरकार से निर्देश मांगते हुए मंगलवार को सुनवाई की तारिख तय की है। इससे पहले नेशलन ग्रीन ट्रब्युनल भी राज्य सरकार से देहराहून में अवैध खनन पर एक रिपोर्ट मांग चुका है। सूत्रों ने बताया कि सरकारी अफसर इस बारे में अब तक रिपोर्ट नहीं भेज सके हैं। माना जा रहा है कि अगली सुनवाई के दौरान ट्रब्युनल इस मामले में कड़ा रुख अपना सकता है।

काजी मोहिद्दीन को कैबिनेट का दर्जा

देहरादून, 20 अप्रैल(निस) । मुख्यमंत्री हरीश रावत के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया है कि काजी मोहिद्दीन (भूतपूर्व मंत्री यू.पी. सरकार) व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र ंिसंह को राज्य कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। काजी मोहिद्दीन को अध्यक्ष, सीनियर सिटीजन वेलफेयर बोर्ड जबकि राजेंद्र सिंह को अध्यक्ष, बेकवर्ड क्लास वेलफेयर बोर्ड की जिम्मेवारी दी गई है।  

प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया

देहरादून, 20 अप्रैल(निस) । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान खेत मजदूर कांगे्रस रैली में उत्तराखण्ड राज्य से हजारों की संख्या में भागीदारी करने वाले प्रदेशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा द्वारा सत्ता प्राप्त करने के उपरान्त पूरे देश के किसानों, मजदूरों एवं गरीबों का सबसे अधिक शोषण किया जा रहा है, जिसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में खेत मजदूर किसान रैली का आयोजन कर केन्द्र की भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि कंाग्रेस सदैव गरीब, मजदूर, किसान के साथ हमेशा खडी रही है तथा उस पर किसी भी प्रकार का अत्याचार सहन नहीं करेगी तथा उनकी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ेगी। श्री उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के सभी जनपदों से कांग्रेसजनों ने बड़े उत्साह के साथ हजारों की संख्या में रामलीला मैदान पहुंचकर रैली में भागीदारी की जिसके लिए वे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अन्तर्मन से धन्यवाद करते हैं।

खस्ताहाल मोटर मार्ग का सुधारीकरण किए जाने की मांग

देहरादून, 20 अप्रैल(निस) । विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते त्यूणी-रायगी-कुल्हा मार्ग की हालत खस्ता बनी हुई है। सड़क पर जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हैं, जिस कारण मार्ग काफी संकरा हो चुका है। मार्ग से वाहन बड़ी मुश्किल से क्रास हो पाते हैं। मार्ग का सुधारीकरण न किए जाने से ग्रामीणों में रोष है। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर सड़क का सुधारीकरण कार्य कराए जाने की मांग की है। त्यूणी-रायगी-कुल्हा मोटर मार्ग से देवघार क्षेत्र के रायगी, शेडिया, भाटगढ़ी, मेघाटू, भगवत व छुमरा समेत एक दर्जन से अधिक गांव जुड़े हुए हैं। यह मार्ग शुरुआत से ही विवादों के घेरे में रहा है। इस मार्ग के निर्माण को लेकर क्षेत्र के लोगों ने कई बार शासन-प्रशासन से शिकायत की लेकिन उसके बाद भी सड़क का निर्माण जारी रहा। निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी के चलते सड़क की हालत कुछ ही समय बाद बद से बदतर हो गई। मार्ग पर जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर पुश्ते टूटने व पहाड़ दरकने से मार्ग बेहद संकरा हो गया है। मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस खस्ताहाल सड़क का शीघ्र सुधारीकरण किया जाए। उनका कहना है कि मार्ग की पेंटिंग उखड़ चुकी है और जगह-जगह पर गड्ढे बन चुके हैं। मार्ग के किनारे मलबा पड़े होने से वाहन बड़ी मुश्किल से क्रास हो पाते हैं। कई बार इस मार्ग पर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। उनका कहना है कि मार्ग के जो पुश्ते क्षतिग्रस्त हो चुके हैं उनका शीघ्र नवनिर्माण किया जाए। 

प्रभावित किसानों तक शीघ्र उचित मुआवजा पहुंचवाये सरकारः सतपाल 

देहरादून, 20 अप्रैल(निस) । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा चलाये गये स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया से देश का विकास त्वरित गति से होगा। उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण अभियान हैं जिनका प्रभाव भविष्य में देखने को मिलेगा और निश्चित रूप से राष्ट्र के विकास की अधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी जगह-जगह कार्यक्रम कर रहे हैं तो इसमें किसी को आपत्ति क्यों है वे भी कार्यक्रम कर लें उन्हें कौन रोकता है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने कहा कि भूमि अधिग्र्रहण बिल अत्यंत आवश्यक है जिसमें गांवों में मार्किट रेट का चार गुना और शहरों में दो गुने मुआवजे का प्रावधान है। आज जब गांवों में सड़क, सिंचाई, विद्यालय, काॅलेज, अस्पताल आदि बनाने हैं तो उसके लिए जमीन की आवश्यकता तो पड़ेगी जिसके लिए अधिग्रहण आवश्यक है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उनकी सरकारों ने भूमि अधिग्रहण नहीं की फिर आज वह किसानों को क्यों झूठ बोल कर बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसान विरोधी नहीं है। ओले व असमय वर्षा को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह प्रभावित किसानों तक शीघ्र उचित मुआवजा पहुंचवायें। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने असमाजिक तत्वों द्वारा किये गये हमले में घायल रामनगर के प्रभात ध्यानी से मुलाकात कर उनका हालचाल पूछा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर इस प्रकार के हमले नहीं किये जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह उन पर हुए हमले की जांच होनी चाहिए और दोषियों सजा मिलनी चाहिए।

लाठीचार्ज में कई आंगनबाड़ी कार्यकत्री हुईं घायल

देहरादून, 20 अप्रैल(निस)। राज्य कर्मचारी घोषित करने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री आवास कूच कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पुलिस ने भाजपा महानगर कार्यालय के पास रोक दिया। रैली को रोके जाने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की पुलिस के साथ तीखी नोक-झोंक हुई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे कुछ कार्यकत्री घायल हो गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपनी मांगों को लेकर सोमवार को परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच कर रहीं थीं, जैसे ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का जुलूस धरना स्थल से सीएम आवास के लिए निकला, पुलिस ने भाजपा के महानगर कार्यालय के पास जुलूस को आगे बढ़ने से रोक दिया। जुलूस को रोके जाने से आंगनबाड़ी कार्यकत्री भड़क गई और उनकी पुलिस के साथ तीखी नोक-झोंक हुई। काफी देर तक पुलिस और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बीच नोक-झोंक चलती रही। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर लाठियां बरसा दीं, जिससे कई कार्यकत्री घायल हो गई। एक कार्यकत्री के सिर में गंभीर चोटें आई हैं, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री के ओएसडी आनंद बहुगुणा ने मौके पर पहंुचकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनकी मांगों पर कार्यवाही करने का भरोसा दिया, लेकिन वह नहीं मानी और वहीं सड़क पर ही धरने पर बैठ गई। पुलिस की कार्यवाही से भड़की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रदर्शन से सुभाष रोड पर काफी देर तक जाम लगा रहा, बाद में पुलिस को रूट डायवर्ट करना पड़ा।

आई0डी0पी0एल0 ने केन्द्रीय विद्यालय को दी भूमि: निषंक ने जताया आभार

देहरादून, 20 अप्रैल(निस)। क्षेत्रीय सांसद, लोकसभा आष्वासन समिति के अध्यक्ष व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ0 रमेष पोखरियाल ‘निषंक’ ने ऋषिकेष स्थित आईडीपीएल केन्द्रीय विद्यालय संचालित किए जाने हेतु रसायन व उर्वरक मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने का स्वागत किया है। इसके साथ ही केन्द्रीय विद्यालय, आईडीपीएल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं व अभिभावकों की लंबे समय से चली आ रही दुविधा समाप्त हो गयी है। ज्ञातव्य है कि डाॅ0 निषंक के नेतृत्व में क्षेत्र की जनता ऋषिकेष में आईडीपीएल परिसर में केन्द्रीय विद्यालय बंद किए जाने का विरोध कर रही थी। विद्यालय के विद्यार्थियों, अध्यापकों और अभिभावकों की लंबे समय से चली आ रही मांग के दृष्टिगत रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने आई.डी.पी.एल. में केन्द्रीय विद्यालय चलाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। पूर्व में डाॅ0 निषंक ने इस सिलसिले में केन्द्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री से कई बार व्यक्तिगत रुप से मिलकर आई.डी.पी.एल. परिसर भूमि केन्द्रीय विद्यालय संगठन को हस्तांतरित करने का पुरजोर आग्रह किया था। केन्द्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री के अतिरिक्त डाॅ0 निषंक ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी से इस सबंध में भेंट की थी। श्रीमती इरानी ने विद्यालय का संचालन जारी रखने पर सहमति जतायी थी। डाॅ0 निषंक को लिखे अपने पत्र में केन्द्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने बताया कि उनके मंत्रालय ने डाॅ0 निषंक के अनुरोध पर आई.डी.पी.एल. में केन्द्रीय विद्यालय संचालित करने के लिए अनापत्ति प्रदान कर दिया है। उन्होंने आगे बताया कि इस बाबत आई.डी.पी.एल. के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेषक श्री प्रवीण कुमार को आवष्यक निर्देष जारी कर दिए गए हैं। डाॅ0 निषंक ने क्षेत्र की जनता की ओर से माननीय मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विष्वास जताया कि सरकार के इस कदम से जहाँ मझधार में अटके हुए अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत मिलेगी वहीं भूमि हस्तांतरण से नये भवन निर्माण का मार्ग प्रषस्त होगा। उपरोक्त केन्द्रीय विद्यालय के सभी छात्रों के प्रति शुभकामनाएं  व्यक्त करते हुए डाॅ0 निषंक ने कहा कि विद्यार्थियों का कल्याण हमेषा उनकी प्राथमिकता रहा है और इसके लिए वे सदैव तत्पर हैं। इस अवसर पर डाॅ0 निषंक ने क्षेत्रीय विद्यायक श्री प्रेमचन्द अग्रवाल और अभिभावक संघ के पदाधिकारियों को इस सफलता पर बधाई दी। 

लोकसभा में राहुल के तेवर, मोदी पर निशाना !!

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अच्छे दिन का वादा दावा नहीं मोदी सरकार का धोखा और छलावा साबित हुआ !!!










योगेंद्र-प्रशांत-आनंद और अजीत झा की पार्टी से छुट्टी

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आम आदमी पार्टी(AAP) ने अपने बागी नेताओं की पार्टी से छुट्टी कर दी है. अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव , आनंद कुमार और अजीत झा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाल दिया है. AAP की राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने एक बैठक के बाद यह फैसला लिया. AAP नेता दीपक वाजपेयी ने इसकी पुष्टि की है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब सचिवालय तक सिमटकर रह गई है और पार्टी को कोयले और हीरे में फर्क नहीं पता. उन्होंने कहा कि यह फैसला इमरजेंसी की याद दिलाता है. AAP के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके आनंद ने कहा, 'यह आदर्शवादियों और अवसरवादियों की लड़ाई थी और अवसरवादियों के हाथ में अनुशासन का चाबुक था. पर इस फैसले से, चार लोगों के जाने से कोई बड़ा पहाड़ नहीं टूटेगा.'

फोन पर बात करते हुए योगेंद्र यादव इस मौके पर निराश नजर आए. उन्होंने कहा, 'आपको कैसा लगेगा कि जब आपको आपके घर से घसीटकर बाहर निकाल दिया जाए. फिर कैसा लगेगा जब कोई कैमरा लगाकर पूछे कि आपको कैसा लग रहा है. लोग टिप्पणी कर रहे हैं, समझ रहे हैं, बोल रहे हैं. मैं क्या बोलूं.'उन्होंने कहा कि उन पर केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने की साजिश रचने और पार्टी को हराने के लिए काम करने जैसे आरोप लगे थे. लेकिन साबित न किए जाने की वजह से वे हटा लिए गए. योगेंद्र ने कहा कि उन्हें जो आरोप पत्र इस बारे में दिया गया है, उसमें इन दोनों आरोपों का जिक्र नहीं है.

गौरतलब है कि इन नेताओं को निकाले जाने के कयास 'स्वराज-संवाद'बैठक के बाद से ही लगाए जा रहे थे. बैठक के बाद पार्टी ने बागी नेताओं को 'कारण बताओ'नोटिस जारी किया था. जवाब में प्रशांत भूषण ने सोमवार को खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया और AAP सचिव पंकज गुप्ता पर ही पीएसी की इजाजत लिए बिना चंदा लेने का आरोप लगा दिया. पलटवार करते हुए भूषण ने आशीष खेतान पर एस्सार समूह से रिश्तों के आरोप लगाए.

चारों नेताओं के खिलाफ मुख्य आरोप बीते 14 अप्रैल को स्वराज संवाद आयोजित करने का है जिसमें स्वयंसेवियों से नई पार्टी गठित करने के बारे में राय ली गई थी. सूत्रों ने बताया कि योगेंद्र यादव पर एक पत्रकार को सूचना लीक करने और पार्टी नेतृत्व की कथित तौर पर छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है. याद रहे कि AAP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और आनंद कुमार ने पार्टी के बागी नेताओं के साथ गुड़गांव में बैठक की थी. बैठक को 'स्वराज संवाद'का नाम दिया गया था.




ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री जानकी बल्लभ पटनायक का निधन

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ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और असम के पूर्व राज्यपाल जानकी बल्लभ पटनायक का मंगलवार को निधन हो गया। एक पारिवारिक सूत्र ने बताया कि 89 वर्षीय पटनायक ने मंगलवार तड़के तीन बजे आखिरी सांस ली। वह एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। 

पटनायक सोमवार को तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने तिरुपति पहुंचे थे, जहां वह मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। पटनायक विश्वविद्यालय के कुलपति थे। पटनायक की बहू सौम्या रंजन पटनायक ने बताया कि बाद में उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

कांग्रेस के अनुभवी नेता पटनायक के परिवार में उनकी पत्नी जयंती पटनायक, बेटा पृथ्वी बल्लभ पटनायक और दो बेटियां सुदत्ता पटनायक एवं सुप्रिया पटनायक हैं। पटनायक के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए मंगलवार दोपहर विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा जाएगा, जहां पुरी स्थित स्वर्गद्वार में उनका दाह संस्कार किया जाएगा। 

ओडिशा के खोरढा जिले के रामेश्वर गांव में तीन जनवरी 1927 को जन्मे पटनायक असम के राज्यपाल के रूप में सेवा देने के बाद बीते साल दिसंबर में ओडिशा लौटे थे। वह 1980-1989 तक दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे थे और 1995-1999 में तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाली थी। 2004-2009 तक वह ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके थे। 

पटनायक एक कुशल राजनेता होने के अलावा प्रख्यात साहित्यकार और पत्रकार भी थे। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। ओडिशा सरकार ने पटनायक के सम्मान में मंगलवार को राजकीय अवकाश और सात दिनों का शोक घोषित किया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्यपाल एस. सी. जमीर, कई मंत्री और राजनीतिज्ञों ने पटनायक के निधन पर शोक जताया।

केंद्र ने इंदिरा-राजीव का नाम हिंदी दिवस पुरस्‍कारों से हटाया

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नरेंद्र मोदी की सरकार ने हिंदी दिवस पर दिए जाने वाले राजभाषा पुरस्कारों के नाम से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम बदल दिए हैं. सरकार के इस कदम से विवाद पैदा हो सकता है. ये पुरस्कार सरकार में हिंदी के प्रगतिशील तरीके से उपयोग के लिए दिए जाते हैं.

राजभाषा विभाग की ओर से 25 मार्च 2015 को जारी आदेश के मुताबिक, दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कारों को बदल दिया गया है. 1986 में शुरू किया गया 'इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार'अब 'राजभाषा कीर्ति पुरस्कार'के नाम से जाना जाएगा, जबकि 'राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार'को अब 'राजभाषा गौरव पुरस्कार'कहा जाएगा.

यह आदेश मंत्रालय की ज्वॉइंट सेक्रेटरी पूनम जुनेजा की ओर से जारी किया गया है. नई पुरस्कार योजनाएं 2015-16 से शुरू की गई हैं और ये 1986 और 2005 में जारी पुराने निर्देश की जगह लेंगी. गृह मंत्रालय की ओर से यह निर्देश सभी राज्यों, मंत्रियों, प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति सचिवालय, कैबिनेट सचिवालय और लोकसभा, राज्यसभा सचिवालयों को भेजा गया है. ये पुरस्कार राष्ट्रपति 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर मंत्रालयों, पीएसयू, केंद्र सरकार के अधिकारियों और प्राइवेट सिटीजंस को देते हैं.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह फैसला मंत्रालयों और जनता के बीच मौजूदा पुरस्कार योजनाओं को लेकर भ्रम को समाप्त करने के लिए लिया गया है. अभी तक इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार के तहत हिंदी का सबसे प्रगतिशील उपयोग करने वाले मंत्रालयों या सरकारी कंपनियों या बैंकों को पुरस्कार के तौर पर शील्ड दी जाती थी, जबकि हिंदी में सर्वश्रेष्ठ मौलिक पुस्तकें लिखने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 40,000 रुपये से एक लाख रुपये तक के नकद पुरस्कार मिलते थे.

राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार के तहत विज्ञान आधारित विषयों पर हिंदी में किसी व्यक्ति की ओर से लिखी गई पुस्तकों को 10,000 रुपये से दो लाख रुपये तक के पुरस्कार दिए जाते थे.

नए आदेश के तहत राजभाषा कीर्ति पुरस्कार योजना के तहत मंत्रालयों, पीएसयू, ऑटोनोमस बोर्ड्स और सरकारी बैंकों को 39 शील्ड्स दी जाएंगी. नई राजभाषा गौरव पुरस्कार योजना के तहत ज्ञान और विज्ञान विषयों पर क्वॉलिटी वाली पुस्तकें लिखने वाले नागरिकों को 10,000 रुपये से दो लाख रुपये के 13 पुरस्कार दिए जाएंगे. लेकिन हिंदी में मौलिक पुस्तकें लिखने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 30,000 रुपये से एक लाख रुपये के चार नकद पुरस्कार दिए जाएंगे.

खालिदा जिया के काफिले पर हमला

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बांग्लादेश की विपक्षी नेता खालिदा जिया को लेकर जा रही कार पर उस वक्त गोलियां चलाई गईं जब वह ढाका के एक बाजार में रुकीं. यह जानकारी खालिदा के सचिव ने आज दी. टीवी फुटेज में दिखाया गया कि कई लोग खालिदा के काफिले पर हमला कर रहे हैं.

बांग्लादेश के राजनीतिक संकट में इस हमले को एक खतरनाक मोड के तौर पर देखा जा रहा है. यह हमला उस वक्त हुआ जब खालिदा मेयर के चुनाव में किस्मत आजमा रहे एक उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए व्यस्त बाजार में रुकीं. मेयर के चुनाव ढाका में इस महीने के अंत में होने वाले हैं.

खालिदा के निजी सचिव शिमुल विश्वास ने ‘एएफपी’ को बताया, ‘‘वह बाल-बाल बचीं क्योंकि उनकी कार बुलेट प्रूफ थी. लेकिन कार पर गोलियों के निशान अब भी हैं.’’ पुलिस ने ‘एएफपी’ को बताया कि वह गोलियां चलने के दावों की पडताल कर रही है. पुलिस प्रवक्ता जहांगीर आलम ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने झडपों के दौरान गोलियां चलने की आवाजें सुनी. हम मामले की जांच कर रहे हैं.’’

विशेष : मनुवाद से मुक्ति, शुरूआत कैसे?

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मनुवादी-धार्मिक-अंधविश्वासों के चलते हर दिन सैकड़ों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं!

सोशल मीडिया के मार्फ़त देशभर में मनुवाद के खिलाफ एक बौद्धिक मुहिम शुरू हो चुकी है। जिसका कुछ-कुछ असर जमीनी स्तर पर भी नजर आने लगा है! लेकिन हमारे लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विचारणीय सवाल यह है कि यदि हमें मनुवाद के खिलाफ इस मुहिम को स्थायी रूप से सफल बनाना है तो हमें वास्तव में इस देश के बहुसंख्क लोगों को और विशेषकर आम लोगों को साथ लेना होगा, जिनको बामसेफ और बसपा वाले बहुजन कहते और लिखते हैं, लेकिन हकीकत में मनुवाद बामसेफ और बसपा के नेतृत्व द्वारा परिभाषित देश के बहुसंख्यक अर्थात बहुजनों के कंधे पर पर ही ज़िंदा है। इसलिए हमें ऐसा सरल और व्यावहारिक रास्ता निकालना होगा, जिससे कि दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक अर्थात सभी अनार्य भारतीय केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि दैनिक व्यवहार में भी मनुवाद के विरुद्ध स्वेच्छा से एकजुट हो सकें, जिसके लिए मनुवाद के विरुद्ध केवल अतिवादी सोच या अतिवादी लेखनी मात्र से कुछ नहीं होगा। बल्कि ऎसी अतिवादी सोच या लेखनी हमें हमारे आम लोगों से दूर भी ले जा सकती है। 

यह मुहिम दोधारी तलवार जैसी है। मेरा मानना है कि हमें हमारे अनार्य लोगों के साथ सीधा संवाद कायम करना होगा। वातानुकूलित कक्षों से बाहर निकलकर हमें लोगों के बीच जाना होगा, क्योंकि चालाक आर्यों ने मनुवाद को हजारों सालों से धर्म की चासनी में लपेट रखा है। समस्त अनार्य, आर्यों के मनुवादी षड्यंत्र के शिकार होते आये हैं। आज भी मानसिक रूप से हमारे लोग मनुवादियों के गुलाम हैं और सबसे दुखद तो यह है कि उनको इस गुलामी का अहसास ही नहीं है, बल्कि इस मानसिक गुलामी को अनार्य लोग धार्मिक स्वाभिमान और आस्था का प्रतीक मान चुके हैं। उनके अवचेतन मन पर मनुवाद ही धर्म के रूप में स्थापित हो चुका है। हमारे ही लोगों को मनुवाद का विरोध, पहली नजर में धर्म का विरोध नजर आता है, ऐसे में हमें यह विचार करना होगा कि हम किस प्रकार से अपने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहात किये बिना, उनको किस प्रकार से मनुवाद से मुक्ति दिला सकते हैं? क्योंकि यदि हम बिना विचारे मनुवाद और मनुवादी धार्मिक प्रतीकों का सीधा विरोध करते रहे तो ऐसे में सबसे बड़ा खतरा यह है कि आर्य-मनुवादियों तथा अनार्य मनुवादी अंधभक्तों द्वारा हमारी मुहिम को कमजोर करने के लिए हमारे मनुवाद विरोधी सही, सच्चे और तार्किक विचारों को भी हिन्दू धर्म विरोधी करार दिए जाने के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे। बल्कि किये भी जा रहे हैं। 

जातीय खाप पंचायतों को हमारे खिलाफ खडा किया जा सकता है। जिनमें न तर्क सुने जाते हैं और न ही वहां पर, उनसे न्याय की अपेक्षा की जा सकती है! यही नहीं धर्म के नाम पर हमारे ही लोग हमारे खिलाफ खड़े हो सकते हैं! जिससे हमारी मुहिम पहले दिन से कमजोर हो जाती है। अत: हमको आत्मचिन्तन करना होगा कि मनुवाद के दुश्चक्र को कैसे परास्त किया जाए? इसके लिए हर उस व्यक्ति को जो मनुवाद से आहात है, उसको गहन चिन्तन और मनन करना होगा! यद्यपि मेरा निजी अनुभव है कि मनुवाद से सर्वाधिक आहत मेहतर जाति के लोग तक मनुवाद का खुलकर विरोध करने की स्थिति में नहीं हैं! लेकिन यह भी सच है कि मनुवाद से मुक्ति के बिना भारत के अनार्यों, मूल निवासियों और वंचित वर्गों के लिए संविधान के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना असम्भव है! इसलिए हमें हर हाल में, लेकिन बौद्धिक तरीके से मनुवाद मुक्त समाज की स्थापना के लिए अनेक स्तरों पर लगातार प्रयास करने होंगे! सबसे पहले हम धर्म के नाम पर संचालित अवैज्ञानिक-अंधविश्वासों और स्वास्थ्य के साथ किये जाने वाले खिलवाड़ के प्रति आम लोगों में जागरण लाना होगा! जैसे उदाहरण के लिए हमें हमारे लोगों को समझाना होगा कि-रात दिन मंदिर, मस्जिद या चर्च में रहने वाला पुजारी, मौलवी या पादरी जब बीमार होता है तो वह अपना उपचार करवाने के लिए सीधा डॉक्टर के पास जाता है, जबकि अनार्य अनपढ़ और भोले लोग बीमार होने पर पुजारी, मौलवी या पादरी के पास जाते हैं! जहां इनको-झाड, फूंक, व्रत, भजन, कीर्तन, पाठ, सवामणी, कथा, गंदा, ताबीज आदि उपचार बतलाये जाते हैं और इस प्रकार मनुवादी धार्मिक अन्धविश्वास के चक्कर में हमारे लोग अपनी बीमारी को असाध्य बना लेते हैं! दुष्परिणामस्वरूप बीमारी इतनी असाध्य हो जाती है, जिसका डॉक्टर भी उपचार करने से इनकार कर देते हैं! बीमार की अकाल मौत हो जाती है! लेकिन मनुवादी इसे भी ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार करने और बीमार की अकाल मृत्यु पर भी पुण्य-दान करने की सलाह देते हैं! 

एक कडवी सच्चाई यह भी है कि ऐसे मनुवादी-धार्मिक-अंधविश्वासों के चलते हर दिन सैकड़ों लोग बेमौत मारे जा रहे हैं! ऎसी मौतों के बाद भी मनुवादियों द्वारा हमें बतलाया जाता है कि दान-पुण्य करने से मृतक को मोक्ष मिलेगा और मृत-आत्मा को पाप नीच योनी से मुक्ति मिलेगी! यदि और कुछ नहीं कर सकते तो हम ऎसी पोंगापंथी धूर्त मनुवादी कहानियों से तो हम अपने अनार्य बन्धुओं को बचा ही सकते हैं! शुरूआत में ऐसे प्रयोग मनुवादी शिकंजे से मुक्ति के पुख्ता आधार बन सकते हैं!





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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, 
राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन

बिहार : राजधानी में स्थित जू प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है

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  • कोई 50 जहार की संख्या में लोग जू में बैठे हैं
  • गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं की तरह बना दिए बहाना 

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पटना। राजधानी में स्थित जू प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है। जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से पूछा गया कि गरीब स्वाभिमान रैली में कितने लोग शिरकत लिए? तब पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच लाख लोग शामिल हैं। कोई 50 जहार की संख्या में लोग जू में बैठे हैं। वहां के अधिकारी कह रहे हैं कि यहां से 50 हजार लोगों को ले जाए। इस तरह पूर्व मुख्यमंत्री ने गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं की तरह बहाना बना दिए। जो हमाम में नंगा साबित हुआ। 

सोमवार को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के द्वारा गरीब स्वाभिमान रैली आयोजित की गयी। 38 जिले के लोग शामिल हुए। मगर उपस्थिति 5 लाख से बहुत ही कम रही। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कहा करते थे कि अगर गरीब स्वाभिमान रैली में 5 लाख लोगों की जनसंख्या नहीं रहेगी, तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। अब तो स्पष्ट हो ही गया है कि उपस्थिति बहुत कम थी। जदयू ने कहा कि कोई 10 हजार की संख्या में लोग उपस्थित थे। अब उनको सन्यास ले ही लेना चाहिए। 

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कहते हैं कि आसन्न चुनाव के समय तक एकला चलो की रणनीति के तहत बढ़ते चले जाएंगे। बिहार चुनाव के बाद ही निर्णय लेंगे कि अब आगे क्या करना है?सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर गरजे। अधिकारियों पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि आखिरकार नीतीश कुमार कबतक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अबर सत्ता में आए तो अधिकारियों को समझ लेंगे। उसी तरह मीडिया को भी नहीं छोड़ा। यहां तक  कह दिए कि जो टी.वी.वाले गरीबों की खबर नहीं दिखाते हैं। तो उसको छोड़कर अन्य चैनल देखें जो गरीबों की खबर दिखाता है। 

इसके पहले विधायकी गवां देने वाले राहुल कुमार,सुमीत सिंह, अजय प्रताप सिंह,सुरेश चंचल,पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा आदि ने जमकर नीतीश कुमार पर भड़ास निकाले। मंत्री वृषिण पटेल, नरेन्द्र सिंह आदि ने भी खुब बोले। उन नेताओं से पीछे गरीब लोग भी नहीं रहे। महादलित मुसहर समुदाय के मुख्यमंत्री को जलील करके कुर्सी छीनने वाले मुख्यमंत्री नीतीश को लेकर चेहरा लाल कर देते थे। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को 15 माह तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना था। जब मिट्टी का माधव बनकर नहीं बैठे तो जीतन राम सदृश्य विवेकशील मुख्यमंत्री बनकर कार्य करने लगे तो नीतीश कुमार को खराब लगने लगा। यह सोचने लगे कि यह तो मुझसे भी बड़ा लकीर खींचने लगा है तो दूध में पड़े मक्खी तरह निकाल दिए। 

गांवघर के आने वाले हर-हर मांझी घर-घर में मांझी नारा भी लगाने लगे। गैर सरकारी संस्थाओं के कार्यक्रमों में हर दम आए हैं तेरे लिए आज  आए हैं अपने लिए नारा लगाते थे। मगर आज नारा लगाने वाले ही ठगा गए। अपना कार्यक्रम में ही जमकर नहीं आ सके। राजधानी के आसपास के मुसहरी से लोग आए थे। परन्तु इतनी संख्या नहीं थी कि एक आवाज राजनीतिज्ञों तक पहुंचा सके। 

यह यक्ष सवाल है कि आने वाले लोगों को पूर्व मुख्यमंत्री से कोई लाभ नहीं मिला। अनुसूचित जाति की श्रेणी से निकालकर मुसहर समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में रखने वाला कार्य भी नहीं कर सके। आज भी महादलित झोपडि़यों में रहने को बाध्य हैं। इंदिरा आवास योजना के तहत अर्द्धनिर्मित मकान पर रहते हैं। अन्य योजनाओं से निर्मित मकान ध्वस्त हो गया है। उन मकानों का जीर्णीद्धार भी नहीं किया गया। 





आलोक कुमार
बिहार 

‘रिफॉर्मर इन चीफ’ बनाम ‘जॉब सीकर इन नीड’

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अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसीज भारतीय सरकार और अर्थव्यवस्था की जमकर तारीफ कर रही हैं वहीँ विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भविष्यवाणी की है कि भारत जल्द ही दुनिया की सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लेगा और साल 2016 तक चीन को पीछे छोड़ देगा। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की माने तो साल 2016 में चीन की जीडीपी घटकर 6.3% रह जाएगी वहीँ भारत की जीडीपी बढ़कर 7.5% हो जाएगी। कहा तो यहाँ तक जा रहा है की चीन की अर्थव्यवस्था में साल 2009 के बाद सबसे तेज़ गिरावट आयी है और संभल नहीं सकी है। इसका सीधा मतलब है की हमारी अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था से आगे निकल जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो हम सबके लिए तो ये गर्व की बात होगी। ‘रिफॉर्मर इन चीफ’ को शायद सबसे ज्यादा गौरवान्वित होने का दिन होगा। बात ये भी सच है की रफ़्तार में भले ही हम आगे निकल जाएं लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था आकार में छोटी है। भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2 ट्रिलियन है जबकि चीन का 10 ट्रिलियन है।

अच्छे दिन आने वाले है के बीच एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है जिसका सर्वे चंडीगढ़ के लेबर ब्यूरो ने किया है। यह लेबर ब्यूरो भारतीय श्रम व रोजगार मंत्रालय की संस्था है जो मजदूरी, वेतन, उत्पादकता आदि पर जानकारी जुटाती रहती है। ब्यूरो के इस सर्वे के मुताबिक 2014-15 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान आठ सेक्टरों में रोज़गार में कमी आयी है। ये सेक्टर है ऑटोमोबिल, ट्रांसपोर्ट, हैंडलूम, पॉवरलूम, टेक्सटाइल, मेटल, जवाहरात एवं आईटी-बीपीओ। ऑटोमोबिल और मेटल सेक्टर में ही लगभग 43 हज़ार लोगों की नौकरी चली गयी है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार तीसरी तिमाही में सिर्फ 1 लाख 17 हज़ार नई नौकरियों का सृजन हुआ है जबकि पहली तिमाही में यह आकड़ा था 1 लाख 82 हज़ार।

विकास की तेज रफ़्तार के बाद भी अगर रोज़गार सृजन की चाल सुस्त है तो इसे क्या समझा जाये यह कि औद्योगिक घराने निवेश वहां कर रहें है जहाँ मज़दूरों की जरूरत कम होती है। अगर यह बार सच है तो सरकार और नीति आयोग को श्रम कानूनों के बदलाव के लिए आगे आना चाहिए जिससे निवेश के साथ-साथ पर्याप्त संख्या के रोज़गार भी पैदा हों।

अमेरिकी राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘रिफॉर्मर इन चीफ’ बताया तो समय गवाएं प्रधानमंत्री ने उनका शुक्रिया अदा किया जो की शिष्टाचार में लिहाज़ से बहुत ही अच्छी बात है लेकिन ‘जॉब सीकर इन नीड’ को नौकरी के लिए कब तक सब्र करना होगा, 1 साल, 2 साल या 5 साल। उम्मीद है मोदी जी इसका भी जवाब ईमानदारी और साफगोई से दे देंगे। जवाब मिलने के बाद मेरा भी उनको शुक्रिया।





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(राजीव सिंह)
इमेल : rajivr.singh@yahoo.co.in

विशेष आलेख : राज्यपाल हैं या नृवंश विज्ञानी अथवा मेडिकल साइंटिस्ट

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उत्तर प्रदेश राज्यपाल राम नाइक वैसे तो नेता रहे हैं लेकिन संघ परिवार के हर कार्यकर्ता की तरह वे भी स्वयं सिद्ध इतिहासकार, नृवंश विज्ञानी और मेडिकल साइंटिस्ट हैं इसीलिए उन्होंने राज्यपाल के पद को एकबार फिर विवादों में घेरते हुए यह बयान दे डाला कि इस भारत में रहने वाले हर व्यक्ति में भगवान राम का ही डीएनए है। राम नाइक के लिए व्यक्ति के तौर पर भगवान राम आस्था के केेंद्र हो सकते हैं और बहुत से लोगों के लिए वे आस्था के केेंद्र हो सकते हैं लेकिन पूरे भारत का ठेका उन्होंने इसलिए ले लिया कि उन्हें इस महाद्वीप नुमा देश की सांस्कृतिक विविधता का ज्ञान नहीं है। एक धर्मनिरपेक्ष संविधान की शपथ लेने के बाद राज्यपाल पद पर आसीन हुए राम नाइक लगातार धर्म विशेष के प्रचारक की भूमिका अपनी पदीय हैसियत में निभा रहे हैं जिससे उक्त शपथ के साथ विश्वासघात हो रहा है। उनका उक्त बयान मुसलमानों को लक्ष्य करके दिया गया है लेकिन उनकी बात तो बहुत बाद में होती है। राम नाइक को यह नहीं पता कि मुसलमानों के अलावा भी इस देश में बहुत से ऐसे समुदाय हैं जो राम को श्रद्धेय नहीं मानते। विशेष रूप से तमिलनाडु में तो राम के पुतले तक का दहन होता है। इसके बावजूद देश की एकता में कोई आंच नहीं आती।

एक समय था जब उत्तर प्रदेश भी अर्जक आंदोलन जैसे आंदोलनों का गढ़ बना हुआ था। इस आंदोलन को चलाने वाले रामचरित मानस जलाते थे और दशहरे के दिन रावण की बजाय राम का पुतला फूंकते थे। पुखरायां के आसपास हाल के वर्षों तक छिटपुट तौर पर इस तरह की घटनाएं होती रहीं। भारतीय इतिहास और संस्कृति के कई पहलू बेहद जटिल हैं और इसे देखते हुए पूरे भारत का ठेका लेकर कोई ऐसी बात संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए जिससे आस्था के केेंद्र माने जाने वाले व्यक्तित्व को लेकर कोई विवाद छिड़े। दलितों के मसीहा के रूप में प्रचारित बाबा साहब डा. अंबेडकर का इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी जबरदस्त महिमा मंडन किया है लेकिन उनके विचार भी भगवान श्रीराम के बारे में दूसरी तरह के हैं। रिडिल्स इन हिंदुज्म जैसी उनकी किताब के बारे में जानते हुए भी संघ के मुख पत्र पांचजन्य ने उनके बारे में विशेषांक प्रकाशित किया तो इसका अर्थ यह है कि संघ की भी यह मान्यता है कि कोई महापुरुष अगर भगवान राम के विषय में हमारी आस्था के विपरीत विचार रखता है लेकिन मानवता के हित में उसका योगदान विराट है तो संघ उसका भी सम्मान करेगा। यह एक अच्छी पहल है।

भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें उनके सामाजिक आचरण को खास तौर से प्रेरक बनाए जाने की कोशिश निहित है। जैसा उनका अपने भाइयों के प्रति प्रेम था। वैसा प्रेम इस देश में रहने वाले सभी लोग अपने भाइयों के प्रति रखें। यह एक अच्छा विचार है लेकिन रामचरित मानस में ही एक चौपाई है जाके मन रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। बहुत से लोग राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप को प्रेरणा का बिंदु बनाने में उतनी दिलचस्पी नहीं रखते जितना दिलचस्पी उनके शंबूक वध के प्रसंग में रखते हैं। समाज के लिए इसमें गलत संदेश होने की वजह से ही गोस्वामी तुलसीदास ने यह प्रसंग रामचरित मानस में छोड़ दिया था। बाबा साहब डा. अंबेडकर ने अपने एक लेख में लिखा है कि अगर कोई अस्पृश्य अच्छे कपड़े पहन ले, अच्छा खाना खा ले, अपने बेटे का अच्छा नाम रखने की कोशिश करे तो इसमें सवर्ण हिंदु का कौन सा अहित है। फिर ऐसा क्यों होता है कि वे हैवानियत की सारी हद तोड़कर उस अस्पृश्य को सबक सिखाने के लिए जुट जाते हैं। डा. अंबेडकर का निधन हुए कई दशक हो चुके हैं तब जाति प्रथा कू्ररतम रूप में थी। आज इस प्रथा का स्वरूप काफी हद तक बदल गया है। इसके बावजूद मध्य भारत के गांवों में घोड़े पर चढ़कर दलित युवक की बारात निकलने के बाद खानदान सहित उसकी बर्बर पिटाई की घटनाएं आज तक पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।
डा. अंबेडकर ने अपने उक्त लेख में दुराग्रह पूर्ण सवर्ण मानसिकता को लेकर कहा था कि वे लोग ऐसा इसलिए करते हैं कि धार्मिक परिवेश में उनके दिमाग में जो विचार भरे जाते हैं उनके कारण वे यह समझते हैं कि धर्म रक्षा के लिए दलितों को गरिमा के साथ जीने से रोकना उनका अनिवार्य कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जब तक वे दलितों के साथ बर्बर कृत्य को अपना धार्मिक कर्तव्य समझते रहेंगे तब तक इस तरह की घटनाओं का अंत नहीं होगा। उन्होंने यूरोप का उदाहरण दिया जहां धार्मिक सुधार के बाद घोषित किया गया कि पोप राज्य से ऊपर नहीं होगा बल्कि राज्य के अधीन होगा और साथ ही कोई व्यक्ति ऐसा धर्म प्रचार नहीं करेगा जो राज्य की नीति के विरुद्ध हो। अगर वह ऐसा करता है तो उसे दंडित किया जाएगा। दूसरी ओर भारत में धर्म निरपेक्ष संविधान तो बन गया लेकिन राज्य की मानवाधिकार वादी नीति के विरुद्ध धर्म प्रचार को दंडित करने की व्यवस्था यहां नहीं की गई इसलिए सामाजिक कानून और प्रथाएं अभी भी यहां संवैधानिक कानून से ऊपर बनी हुई हैं।

यूरोप की तरह यहां भी स्थितियां बदल सकती थीं लेकिन यहां पर माइंड सेट के मामले में कुछ बुनियादी गतिरोध हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से की बात हो युवा प्रवृत्ति आम तौर पर विद्रोही होती है और इसकी अभिव्यक्ति वह पहले से चले आ रहे सिस्टम को बदलने की जिद दिखाकर करती है। युवाओं के सनातन चरित्र की वजह से सामाजिक प्रगति दुनिया के अन्य हिस्सों में पींगें भरती रही लेकिन इस मामले में भारतीय युवा प्रवृत्ति अप्राकृतिक रही है। यहां सिस्टम बदलने का मतलब है कि जाति पर आधारित समाज व्यवस्था का सिस्टम बदलने की सोचना और यह बात अगुवाकार भारतीय युवा इसलिए नहीं सोच सकता था कि उसे लगता था कि अगर यह सिस्टम बदल गया तो बिना कुछ किए उसे जन्म के आधार पर जो गौरव प्राप्त होता है उसके लाभ से उसको हाथ धोना पड़ेगा और इस मानसिकता के चलते वह ऐसी यथास्थितिवादी जकडऩ में फंसने को अभिशप्त हो गया कि आज साफ्टवेयर इंजीनियर के मामले में भारत सबसे अगुवा देश है। अमेरिका की सिलकान वैली में भारतीय साफ्टवेयर इंजीनियरों के कारण ही आउट सोर्सिंग पर रोक वहां के राष्ट्रपति के चुनाव में मुख्य मुद्दा बन जाती है पर भारतीय साफ्टवेयर इंजीनियर केवल नौकरी कर पाते हैं। साफ्टवेयर और नई एप डेवलप करके इस विधा से फेसबुक व वाट्सअप संचालकों की तरह खरबों रुपए लाभ का सिस्टम खड़ा करना उनके बूते की बात नहीं है।

यह कमजोरी भारतीय समाज की असुरक्षा ग्रंथि का पर्याय बन गई है। इस कारण इतिहास और संस्कृति से जुड़े प्रश्नों के बारे में किसी साहसिक विचार श्रंखला को जन्म देना उसके बूते की बात नहीं है। वह इस अंतर्विरोधों से भरे उप महाद्वीप को व्यवस्थित और स्थिर बनाने के लिए किसी नए समायोजन के बारे में भी विचार नहीं कर पाता। हालांकि फिर भी यहां दुनिया के किसी हिस्से से ज्यादा स्थिरता है तो वजह यह है कि प्रैक्टिस में तो उसने नए समायोजन को गढ़ लिया है लेकिन विचारों की दुनिया में परंपरागत फोबिया की वजह से इस समायोजन को लेकर ईमानदार स्वीकार्यता उसके बूते के बाहर की बात है। यहां अजातशत्रु को सर्वश्रेष्ठ गुण माना जाता है और अजातशत्रु का मतलब है यथास्थितिवादी। जिसने भी सेफ्टी वाल्व जैसे कुछ सुधार करके सामाजिक यथास्थिति को भंग होने से बचाया उसे भारत रत्न का अधिकारी बना दिया जाता है और सामाजिक न्याय की ओर कदम बढ़ाना यहां सबसे बड़ा गुनाह बन जाता है लेकिन बहुत दिनों तक जातिवाद पर आधारित समाज व्यवस्था को चलाए रखना संभव नहीं होगा और अगर इसकी जिद की जाएगी तो उससे देश का अनिष्ट होने की ही आशंका है। इस व्यवस्था से उबर कर ही यह देश सही मामले में अपनी शक्ति को पहचान सकता है। जिन्होंने यहां की मुख्य धारा के समाज में प्रतिष्ठित होने की परवाह न करके इसके लिए प्रयास किया वे ही देर सवेर प्रतिष्ठित हुए हैं जिसके उदाहरण खुद बाबा साहब अंबेडकर हैं इसलिए अब ऐसे प्रतीकों को खड़े करने की साजिशों से बाज आना होगा जिनमें सामाजिक अन्याय पर आधारित व्यवस्था को फिर से ताकत देने का उपक्रम निहित हो।





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के  पी  सिंह 
ओरई 

इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ बिहार एंड झारखण्ड क़तर, ने मनाया “बिहार और झारखण्ड दिवस”

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शुक्रवार का दिन, क़तर में रह रहे प्रवासी भारतियों के लिए बहुत खास था. इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ बिहार एंड झारखण्ड क़तर, ने दोहा में अल महा अकादमी के हॉल में “बिहार और झारखण्ड दिवस” का भव्य  आयोजन किया. जिस में क़तर में रह रहे बिहार और झारखण्ड के प्रवासी भारतीय ने भारी संख्या में भाग लिया. इस समारोह के मुख्य अतिथि श्री दिनेश उदनिया (फर्स्ट सेक्रेटरी इंडियन एम्बेसी, क़तर), और सम्माननीय अतिथि, सबीह बुखारी (महाप्रबंधक, सट्को इंटरनेशनल) थे. इस समारोह में आर० के० सिंह (इंडियन एम्बेसी), सैयद अब्दुल हई और नीलांशु डे (क़तर पेट्रोलियम) ने भी उपस्थित हो कर माहौल को और भी खुशगवार बना दिया.

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समारोह की शुरुआत वहां उपस्थित बच्चों ने राष्ट्र गान गा कर की. फिर सभी बच्चों ने मिलकर बिहार गान भी गया. इस अवसर पर IABJ के अध्यक्ष श्री फारूक अहमद ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया. फारूक अहमद ने कहा की समारोह में उपस्थित लोगों के जन सैलाब इस बात का प्रमाण है की हम लोग अपने देश से कितना अधिक प्रेम करते हैं. उन्होंने आगे कहा की सन 2009 से ही IABJ प्रति वर्ष बिहार एवं झारखण्ड दिवस का आयोजन करता आ रहा है. उन्होंने कहा की IABJ क़तर में रह रहे बिहार और झारखण्ड के लोगों के लिए जो काम कर रही है वह वास्तव में प्रशंसा के योग्य है. उन्हों ने कहा की अपने इसी प्रकार के सामाजिक कार्यों की वजह से आज IABJ क़तर की एक जानी मानी संस्था बन चुकी है. उन्होंने विश्वास दिलाया की IABJ क़तर में रह रहे बिहार और झारखण्ड के लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्हों ने लोगों से IABJ से जुरने का आव्हान किया.

 इसके बाद IABJ के जनरल  सेक्रेटरी सैयद अलीम अख्तर ने IABJ का वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया. उन्होंने अपने रिपोर्ट में गत वर्ष IABJ द्वारा आयोजित सभी आयोजनों का ब्यौरा दिया. उन्होंने गत वर्ष में IABJ द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों के विवरण से भी समारोह में उपस्थित लोगो को अवगत कराया. इसके उपरांत बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. नन्हे मुन्ने बच्चों को सुन्दर पोशाकों में देख पूरा हॉल तालियों की गर्गाराहट से गूंज उठा. IABJ की महिला विंग की कार्यकर्ता शबाना खान ने सभी उपस्थित अतिथियों का अभिवादन किया. और सभी अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया.

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अपने भाषण में मुख्य अतिथि श्री दिनेश उदनिया जी ने IABJ द्वारा बिहार  झारखण्ड दिवस आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की. उन्होंने बिहार और झारखण्ड के ऐतिहासिक पृष्टभूमि पर भी प्रकाश डाला. सम्माननीय अतिथि सबीह बुखारी ने भी इस कार्यक्रम को खूब सराहा और ऐसा  कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उन्हों ने IABJ के सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया. श्री नीलांशु डे ने IABJ को खूब प्रोत्साहित किया. उन्हों ने अपनी ओर से IABJ को हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया. समारोह के बीच में IABJ द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत किया. फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया.

मुख्य अतिथि ने IABJ द्वारा प्रकाशित पत्रिका “उन्नति” का अनावरण भी किया. IABJ ने दोहा के प्रसिद्ध सिंगिंग बर्ड म्यूजिकल ग्रुप को भी इस समारोह में सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम के आयोजन के लिए आमंत्रित किया था. इस आयोजन में मुख्य रोल निभाने वाले IABJ के एक लोकप्रिय सदस्य जावेद आलम सिद्दीकी ने ऑर्केस्ट्रा की धुन पर अपने पार्श्व गायन की विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्शन किया. उन्हों ने किशोर कुमार के गाने सुना कर लोगों का मन मोह लिया. IABJ की उन्नति और प्रगति में अहम् भूमिका निभाने के लिए गुफरान मोहम्मद को “मैन ऑफ़ IABJ” घोषित किया गया और ट्राफी से सम्मानित किया गया.

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IABJ ने बच्चों के मनोरंजन के लिए मैजिकल शो का भी आयोजन किया. जादूगर जेम्शु ने अपनी तो बच्चों का दिल ही मोह लिया. बच्चों ने जादूगर जेम्शु के जादू के खेल का खूब आनंद लिया. समारोह के अंत में IABJ की ओर से इस समारोह के समन्वयक जावेद आलम सिद्दीकी ने सब लोगों का शुक्रिया अदा किया. इस समारोह का संवाहन और उदघोषण अफरोज दावर, हामिद रज़ा, शबाना खान, और गुफरान मुहम्मद के द्वारा किया गया.

पाकिस्तान भारत के खिलाफ अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करेगा: हक्कानी

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पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक रह चुके हुसैन हक्कानी का कहना है कि जिहादियों से मुकाबले के लिए अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को बेचे गए करीब एक अरब डॉलर के जंगी हेलिकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य रक्षा उपकरणों को भारत के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है. 

हुसैन हक्कानी अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हैं और पाकिस्तान की भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. बेनजीर भुट्टो के भरोसेमंद राजनीतिक सलाहकार के रूप में भी हक्कानी ने काम किया है. फिलहाल हुसैन हक्कानी अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर के तौर पर भी कार्यरत हैं. पाकिस्तान और भारत के संबंधों पर हक्कानी समय-समय पर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं. अभी हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे पर भी हक्कानी ने पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन में भारत और अमेरिका की निकटता को लेकर पाकिस्तान के लिए चीन के साथ एक नए रिश्ते की शुरुआत की बात कही थी.

हक्कानी ने कहा कि ओबामा प्रशासन के पाकिस्तान को अमेरिका निर्मित जंगी हेलिकॉप्टरों, मिसाइलों और अन्य उपकरण बेचने के फैसले से इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ देश की लडाई का मकसद तो पूरा नहीं होगा बल्कि इससे दक्षिण एशिया में संघर्ष भडकेगा. हक्कानी ने 'क्यों हम ये हमलावर हेलिकॉप्टर पाकिस्तान को भेज रहे हैं'शीर्षक से वाल स्टरीट जर्नल में लिखा है कि अपने जेहादियों से निपटने में पाकिस्तान को नाकामयाबी हथियारों की कमी के कारण नहीं बल्कि इच्छाशक्ति नहीं रहने के कारण मिली है. जब तक पाकिस्तान अपना वैश्विक नजरिया नहीं बदलता तब तक अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल जिहादियों से मुकाबले की बजाए भारत और कथित घरेलू दुश्मनों के खिलाफ लडने में या उन्हें धमकाने में होता रहेगा. 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पिछले व्यवहार को देखते हुए ऐसा लगता है कि 15 एएच-एक जेड वाइपर हेलिकॉप्टर और 1,000 हेलिफायर मिसाइलों के साथ ही संचार और प्रशिक्षण उपकरणों का इस्तेमाल उत्तर पश्चिम में जिहादियों के खिलाफ लड़ने की जगह कश्मीर में विवादित सीमा पर और दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत में बागियों के खिलाफ होगा.

हक्कानी ने कहा, भारत के साथ प्रतिस्पर्धा अभी भी पाकिस्तान की विदेशी और घरेलू नीतियों में दबदबे वाला विचार बना हुआ है. पिछले वर्षों में  पाकिस्तान को 1950 के बाद से करीब 40 अरब डॉलर की सहायता से भारत के साथ क्षेत्रीय सैन्य बराबरी की खुशफहमी को बल मिला. अपने से बडे पडोसी के खिलाफ सुरक्षा लक्ष्य की बात तो जायज है लेकिन हमेशा बराबरी में लगे रहना, ये ठीक नहीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को और सैन्य उपकरण बेचने की बजाए अमेरिकी अधिकारियों को इस्लामाबाद को समझाना चाहिए कि भारत से होड़ वैसी ही है जैसे बेल्जियम प्रतिद्वंद्वी फ्रांस और जर्मनी से करता है. 

दोनों दक्षिण एशियाई परमाणु हथियार संपन्न प्रतिद्वंद्वियों के बीच तुलना करते हुए हक्कानी ने कहा कि भारत की आबादी पाकिस्तान की आबादी से छह गुणा ज्यादा है जबकि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से 10 गुणा बडी है. तकरीबन 2,000 अरब डॉलर की भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ रही है, वहीं 245 अरब डॉलर के साथ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कभी-कभार ही बढती है और जिहादी आतंकवाद का इस पर साया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंरिक राष्ट्रवादी एकता को बनाए रखने के लिए अपने स्कूली पाठ्यक्रम, प्रचार और इस्लामी विधान तक इस्लामी विचारधारा पर टिका हुआ है. निस्संदेह, इससे चरमपंथ और धार्मिक असहिष्णुता को बढावा मिलता है.


वेंकैया नायडू ने राहुल के भाषण को बताया "शैतान का प्रवचन"

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भूमि विधेयक पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए भाजपा ने आज कहा कि विपक्षी पार्टी का अध्यादेश पुन: जारी करने की आलोचना करना शैतान के प्रवचन देने की कहावत जैसा है। कांग्रेस शासनकाल के पिछले रिकॉर्ड को सामने रखते हुए सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में रिकॉर्ड संख्या में अध्यादेश जारी किये गए और विपक्षी दल को यह अधिकार नहीं है कि वे हमारे उपर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाए।

भाजपा ने अपने सांसदों को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान अध्यादेश जारी करने के रिकार्ड से लैस करते हुए उनसे संसद में महत्वपूर्ण भूमि विधेयक पारित होने से पहले आलोचना करने वालों का पर्दाफाश करने को कहा। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्षी पार्टी का अध्यादेश मार्ग की आलोचना करना शैतान के प्रवचन देने के समान है। ऐसा एक कहावत है। उनका रिकॉर्ड बदतर रहा है। उन्होंने बार बार अध्यादेश का मार्ग अपनाया। पिछले 50 वर्षों में 456 अध्यादेश जारी किये गए। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरु के समय में 77 अध्यादेश, इंदिरा गांधी के कार्यकाल में तकरीबन 77 अध्यादेश जबकि राजीव गांधी के शासनकाल में 35 अध्यादेश जारी किये गए।

वेंकैया ने कहा कि माकपा समर्थिक संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 77 अध्यादेश जारी किये अर्थात प्रतिमाह की दर से तीन अध्यादेश जारी किये गए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी समर्थिक संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान केवल 61 विधेयक पारित किये गए जबकि 77 अध्यादेश जारी किये गए। वे आज अध्यादेश जारी करने पर आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं जबकि इस बारे में विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श किया गया है।

भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में वेंकैया ने अध्यादेश जारी करने की पूर्व की सरकार के रिकार्ड के बारे में बताया। कांग्रेस को अतीत की याद दिलाते हुए वेंकैया ने कहा,  दुष्प्रचार की एक सीमा होती है। 10 बार दोहराने से झूठ कभी भी सच नहीं हो सकता है। हम पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाने से पहले आप यह देंखें कि जब आपने आपातकाल लगाया था और लाखों लोगों को जेल में बंद कर दिया, मीडिया को दबाया, इसे आप क्या कहेंगे। आप पिछली सभी बातें भूल गए हैं। उन्होंने कहा, हमारी आलोचना करने से पहले कुछ होमवर्क करें। सौ चुहे खाकर बिल्ली चली हज हो। हम केवल आपको याद दिलाना चाहते हैं कि आप भी इसे लाए थे।

विकास के गुजरात मॉडल का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपकी अपनी सरकार ने डीआईपीपी के जरिये एक अध्ययन कराया था जिसमें कहा गया कि गुजरात मॉडल सर्वेश्रेष्ठ है। यह 2014 के चुनाव से पहले डीआईपीपी की रिपोर्ट है। उन्होंने डीआईपीपी के अध्ययन के अनुरूप गुजरात की भूमि नीति को सर्वश्रेष्ठ बताये जाने की उच्चतम न्यायालय द्वारा सराहना करने का जिक्र किया और पूर्व की केंद्रीय भूमि कानून को छल बताया।

वेंकैया ने कहा कि मैंने अपने सांसदों को इस बारे में बताया और ब्यौरा दिया। सभी तथ्य सामने आने पर संसद में भूमि विधेयक पारित होने से पहले कांग्रेस का लोगों के समक्ष पर्दाफाश हो जायेगा।

केजरीवाल ने कहा 40 से 50 प्रतिशत वादे ही पूरे कर पाऊंगा

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने बड़े-बड़े चुनावी वादों से मुकरते नजर आ रहे हैं। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अगर पांच साल में उनकी सरकार ने चुनाव में किए गए 40 से 50 फीसदी वादे भी पूरे कर दिए तो ये बुरा नहीं होगा।

केजरीवाल ने कहा पिछले दो महीने में उनका नौकरशाहों के साथ अनुभव काफी अच्छा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की हमारी सरकार से बड़ी अपेक्षाएं हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि पांच साल के अंदर अगर 100 फीसदी वादे पूरे नहीं कर सके, और 40 से 50 फीसदी भी वादे पूरे कर दिए तो ये बुरा नहीं होगा।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन जब जनता ने उनपर विश्वास जताकर इतनी बड़ी जीत दिलाई तो वो अब अपने वादे से मुकरते दिख रहे हैं।
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