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नरकटियागंज (बिहार) की खबर (24 अप्रैल)

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नरकटियागंज में रामबाबू का चिराग बुझ गया, नहीं हुआ पोस्टमार्टम

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नगर परिषद् नरकटियागंज के वार्ड संख्या 11 निवासी राम बाबू प्रसाद के दस वर्षीय पुत्र प्रिंस कुमार गुरूवार को अपने घर में मृत पाया गया। खबर मिलने पर पूर्व नगर पार्षद प्रतिनिधि वार्ड संख्या 12 सह समाजसेवी बच्चा पंडित ने उसे सरकारी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे बताया कि बच्चा पहले ही मर चुका है। प्रिंस की मौत पर मुहल्ले के लोगों ने बताया कि वह लोगों की प्रताड़ना कि उसके दो-दो बाप से तंग आ चुका था। वहीं शिकारपुर पुलिस के अवर निरीक्षक सह प्रभारी थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दिये जाने के बाद भी प्रिंस के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। मृतक रामबाबू प्रसाद मजदूरी के लिए बाहर गया है, जबकि वह अपने पिता का एकलौता पुत्र था। मुहल्ले की महिलाएँ विलाप करती दिखी और कहा कि उतने अच्छे बच्चे को किसकी नजर लग गयी। वैसे सूत्र बताते है कि रामबाबू की थोड़ी ही सम्पत्ति रही है जिसका वह एकलौता वारिस था। उसकी मौत के बाद से रामबाबू की तीन पुत्रियाँ शेष रह गयी है, जिनमें दो अभी कुँवारी है। रामबाबू की अनुपस्थिति में उसके भाई स्व.प्रभू प्रसाद के पुत्र व समाजसेवी बच्चा पण्डित ने उसका अंतीम संस्कार किया।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में दर्जनांे मरीज का हुआ इलाज

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज के नव उद्घाटित लाइफ लाईन हाॅस्पीटल में शुक्रवार को निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पाँच दर्जन मरीजों की जाँच की गयी और दवाएँ दी गयी। प्रधान चिकित्सक डाॅ जे साहू, डाॅ गुलाम साबिर और डाॅ दीपक कुमार की देखरेख में चलाए गये तीन दिवसीय चिकित्सा शिविर में दवाएँ भी निःशुल्क वितरीत की गयी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी लाइफ लाईन हाॅस्पीटल जे साहू ने बताया कि ईश्वर दयाल मेमोरियल अस्पताल पटना के जेनरल फिजीसियन डाॅ एम एन प्रसाद की देख रेख में सभी मरीजो का इलाज किया गया। इस जाँच के दौरान नरकटियागंज और आस पास के गरीब मरीजांे का निःशुल्क चिकित्सा की गई और बड़ी बिमारियांे की दवाएँ सशुल्क भी दी गयी।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (24 अप्रैल)

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बोल बम...हर हर महादेव के जयकारों के साथ खुले बाबा केदार के द्वार केदारपुरी बेस कैम्प तक छोटे वाहनों के लिए बनेगी सड़क:मुख्यमंत्री
  • 2200 से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्षन, कैलाष-मानसरोवर के लिए पौराणिक मार्ग से हो यात्रा
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देहरादून, 24 अप्रैल। शुक्रवार को प्रातः काल में बाबा केदार के जयकारों व श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। केदारधाम के कपाट खोले जाने के अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल डाॅ कृष्णकांत पाल, मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत व दिनेश धनै, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक शैलारानी रावत, मयूख महर व ललित फस्र्वाण के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति से अभीभूत सीएम श्री रावत ने भी पूरे उत्साह के साथ बाबा केदार के जयकारे लगाये तथा इस अवसर पर फिल्म जगत के मशहूर सूफीयाना गायक कैलाश खेर व स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बाबा केदार के भजनों पर झूमे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को प्रातःकाल में लैंचैली से केदारपुरी तक पैदल रास्ते से पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से केदारधाम पहुॅच रहे श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनका स्वागत करने के साथ ही उनसे यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं पर उनकी राय ली, जिस पर श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्ग पर राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतुष्टि व्यक्त की गई। मुख्यमंत्री ने लैंचोली से केदारपुरी तक पैदल मार्ग, पेयजल, आवासीय, शौचालय, आदि मूलभूत व्यवस्थाओं के निरीक्षण के साथ ही घोडे-खच्चर व्यावसायियों व पोर्टरों से भी बातचीत कर यात्रा सुविधाओं के सम्बन्ध में उनके सुझाव लिए। केदारनाथ धाम में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा के बाद पिछले वर्ष पैदल रास्ते ठीक नही थे, जिन्हें इस वर्ष यात्रा के लिए ठीक कर दिया गया है। साथ ही यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए अनेक नई सुविधायें विकसित की गई हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में राज्य सरकार और भी अधिक सुविधाएं विकसित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा हैं कि श्रद्धालुआंे की भीड़ व जोश देखकर हमारा भी जोश बढ़ा है। उन्होंने बताया कि कपाटोद्घाटन के अवसर पर बाबा केदार के दर्शन के लिए अभी तक 2200 से अधिक श्रद्धालुओं के पहंुचने की जानकारी प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य यात्रा को साल भर चलाना है। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव होगा आगामी एक-दो वर्षों में केदारपुरी बेस कैम्प तक के पैदल मार्ग पर छोटे वाहनों के आवागमन के लिए रास्ते बनाने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश-विदेश में चला गया है, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए जुट रहे है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार धाम यात्रा से जुडे अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर और अधिक सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दे दिये गये हैं। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी चारधाम यात्रा के लिए स्वागत है, साथ ही हम प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करेंगे कि पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पौराणिक यात्रा मार्ग को बहाल किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भगवान शिव के प्रति श्रद्धा एवं जज्बा ही है जो उन्होंने बड़ी तेजी से गौरीकुण्ड से केदारपुरी तक पैदल यात्रा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष केदारपुरी के अद्भुत दृश्य को देखकर लगता है कि मानो साक्षात भगवान शिव के दर्शन हो रहे हों।

दिवंगतों को इज्जत देने की खातिर आया पैदल, केदारधाम की व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखे राहुल
  • सीएम के हेलीपैड कांसेप्ट को कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सराहा,नकारात्मक बातों के लिए मीडिया पर भी किया कटाक्ष
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केदारधाम। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2013 की आपदा में दिवंगतों की आत्माओं को इज्जत देने के लिए ही पैदल आया। इसके अलावा पैदल यात्रा का दूसरा मकसद दुनिया को यह संदेश देने का भी था कि चारधाम यात्रा अब सुरक्षित है। बाबा केदार के दर्शन करने के बाद चंद लम्हों के लिए मीडिया से रूबरू हुए राहुल ने कहा कि उनकी इस पैदल यात्रा के दो मकसद थे। उन्होंने सोचा कि 2013 की यात्रा में दिवंगत लोगों की आत्मा को इज्जत देने के लिए पैदल की चलना चाहिए। वो लोग भी पैदल ही आए थे। अगर हेलीकाप्टर से यहां आता तो उन लोगों की इज्जत नहीं होती। राहुल ने कहा कि उनका दूसरा मकसद यह संदेश देने का भी था कि आपदा के बाद अब चारधाम यात्रा सुरक्षित हो चुकी है। राहुल ने कहा कि वे आपदा के वक्त भी यहां आए थे। आज सेना, अफसरों और मजदूरों की वजह से केदारधाम फिर से सज गया है। इसके लिए इन सभी का सराहना करनी होगी। यहां काम करने वालों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और वे लोग घबराए हुए भी है। उन्होंने तमाम लोगों से मिलकर उनमें उत्साह पैदा करने की कोशिश की है। राहुल ने कहा कि कहना तो नहीं चाहिए पर सत्य बात यह है कि आप लोगों (मीडिया) ने भी बहुत नकारात्मक बातें की। कहा कि कुछ काम नहीं हो रहा है। मैंने देखा कि यहां किस तरह से बेहतरीन काम हुआ है। राहुल ने कहा कि सीएम के जगह-जगह हैलीपैड बनाने का आइडिया अच्छा है। उनकी कोशिश होगी कि अन्य राज्य भी इसे अपनाएं। इससे किसी आपात स्थिति में लोगों को निकालने में ज्यादा सहूलियत होगी।

मैं कुछ मांगता नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा की। लेकिन कुछ मांगा नहीं। मैं किसी मंदिर में जाकर कभी कुछ मांगता नहीं हूं।

हवाई सेवा के दावे भी ‘हवाई ‘, चापर उपलब्ध न होने से तीर्थयात्री हो रहे परेशान
  • अब तक पहुंच सके निजी कंपनियों के चापर, पहाड़ के हेलीपैड पर श्रद्धालु कर रहे इंतजार
  • केदारधाम की यात्रा में पैदा ही रही एक बाधा
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देहरादून। चारधाम की यात्रा पर आने वाले संपन्न तीर्थयात्रियों के लिए हर वक्त चापर उपलब्ध कराने का सरकारी सिस्टम का दावा हवाई साबित हो रहा है। लोग हेलीपैड के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें चापर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सरकारी सिस्टम की इस उदासीनता का यात्रा पर बुरा पड़ने की आशंका है। चारधाम यात्रा की तैयारियों के दौरान सरकारी सिस्टम की ओर से दावा किया गया था कि केदारधाम और बदरीधाम के लिए निजी विमानन कंपनियों से बातचीत हो चुकी है और हवाई मार्ग से यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को चापर की कोई दिक्कत नहीं होगी। उस समय यह भी कहा गया कि चूंकि हवाई मार्ग से यात्रा पर जाने वाले यात्री आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। ऐसे में चापर का किराया कंपनियां ही तय करेंगी। अब यात्रा शुरू हो चुकी है और तीन धामों के कपाट खुल चुके हैं। तीर्थयात्री उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं तो पता चल रहा है कि केदारधाम जाने के लिए चापर ही उपलब्ध नहीं है। सरकार ने केदारनाथ धाम के लिए नारायणकोटी. अगस्त्यमुनि और गुप्तकाशी में हेलीपैड बनवाएं हैं। इन्ही तीन स्थानों से चापर केदारधाम और देहरादून के लिए उड़ान भरेंगे। बाहर से आ रहे श्रद्धालु इन हेलीपैड के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी निजी विमानन कंपनी का चापर इन्हें नहीं मिल पा रहा है। टीवी सीरियल निर्माता मदन सिंह रावत ने फोन पर बताया कि दो रोज की कोशिश के बाद भी केदारधाम जाने के लिए किसी भी कंपनी का चापर नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुख्यमंत्री हरीश रावत की हेलीपैड योजना की तारीफ करके इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकारी सिस्टम इस व्यवस्था को तरीके से लागू ही नहीं कर पा रहा है। माना जा रहा है कि अगर हवाई सेवा को जल्द ही पटरी पर नहीं लाया गया तो इसका प्रतिकूल असर चारधाम यात्रा पर पड़ने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।

प्रदेेष अध्यक्ष किशोर ने भी राहुल को दिखाया अपना दमखम
  • राहुल बोले, लंबी है कांग्रेसियों की लाइन
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राहुल गांधी के सामने अपनी सांगठनिक ताकत का प्रदर्शन किया। केदारधाम से लौटते वक्त राहुल को जौलीग्रांट से अपना विशेष विमान पकड़ना था। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष किशोर ने तमाम कांग्रेसियों के साथ राहुल से मिलने की इच्छा जताई। सूचना अंदर गई तो वक्त कम होने के बाद भी राहुल मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ एयरपोर्ट के बाहर आए और कांग्रेसियों से मुलाकात की। इस मौके पर राहुल ने सिर्फ इतना ही कहा कि उत्तराखंड में तो कांग्रेसियों की लंबी लाइन है। इस मौके पर विधायक सुबोध उनियाल, विधायक फुरकान अली, जोत सिंह बिष्ट, राजपाल सिंह खरोला के साथ ही महिला कांग्रेस से जुड़ी कई महिलाएं भी मौजूद रहीं। 

केदार बाबा को किसी के प्रचार की जरूरत नहीं, राहुल की यात्रा से आम यात्री परेषान हुआ:अजय भट्ट
  नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि आज जिस तरह से राहुल गांधाी को यात्रा के नाम पर ‘‘प्राजेक्ट’’ किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी यात्रा में वीवीआईपी व्यवस्था करने में पूरी सरकार लगी रही है। ‘‘जैट प्लस’’ सुरक्षा में होने के कारण आम यात्रियों को भारी परेषानी उठानी पड़ी है। सरकार राहुल गांधी को केदारधाम हेतु प्रचार करने एवं मैसेज देने हेतु आने के लिये धन्यवाद कर रही है, परन्तु सरकार को ज्ञात होना चाहिये कि केदार बाबा को किसी के प्रचार की जरूरत नहीं है। केदार बाबा सर्वषक्तिमान हैं, वे स्वयं लोगों को बुलाते हैं स्वयं हर बात तय करते हैं।

चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर विपक्षी दल भाजपा के हौंसले हो सकते हैं पस्त, सूबे के लिए खासा मुफीद होगा राहुल का दौरा
  • चारधाम यात्रा के सुरक्षित होने का गया बड़ा संदेश
देहरादून। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की केदारधाम यात्रा से सूबे को खासा फायदा होने के संकेत मिल रहे हैं। इस यात्रा के बाद राहुल ने व्यवस्थाओं की तारीफ करके मुख्यमंत्री हरीश रावत के सियासी कद में इजाफा किया तो साथ ही यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से हो रहे हमलों की धार को भी कुंद किया है। इतना ही नहीं, राहुल की इस यात्रा से सरकार के चारधाम यात्रा के सुरक्षित होने का संदेश देने की मुहिम को भी खासा बल मिला है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार को अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी जाना था। लेकिन राहुल ने अचानक ही केदारनाथ धाम की यात्रा का निर्णय लिया तो सरकार के हाथ-पांव फूल से गए। इसकी एक वजह तो मीडिया में यात्रा की तैयारियों को लेकर उठ रहे सवालात थे तो दूसरी ओर इसी मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से लगाए जा रहे आरोप थे। सरकार को लगा कि अगर कहीं कोई गड़बड़ी हो गई तो दिक्कत आ सकती है। यही वजह रही कि सीएम ने अपने स्तर से ही तमाम व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने का जायजा लिया। अब राहुल लौट चुके हैं तो लग रहा है कि उनकी इस यात्रा से उत्तराखंड को खासा फायदा हो सकता है। राहुल ने एक तो पैदल यात्रा की और रास्तेभर लोगों से मिलकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की। इस यात्रा से चारधाम यात्रा को खासा फायदा हो सकता है। सरकार की ओर से यह प्रचारित करने की तमाम कोशिशें की जा रही थीं कि यात्रा की तमाम तैयारियां मुकम्मल हैं और यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन मीडिया में आ रही बातें और भाजपा के वार सरकार की इस मुहिम को कुंद करते दिख रहे थे। अब राहुल ने न केवल यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित करार दिया, बल्कि मीडिया पर नकारात्मक बात करने का कटाक्ष तक कर डाला। राहुल का यह बयान देभभर की मीडिया में छा गया। अब अन्य प्रांतों से आने वाले तीर्थयात्रियों को यह भरोसा और बढ़ सकता है कि चारधाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित हैं। राहुल के इस दौरे से भाजपा की ओर से तैयारियों को लेकर किए जा रहे हमले की धार भी अब कमजोर होगी। अब अगर केंद्र सरकार की ओर से सूबे के भाजपाइयों की ओर से दी गई नकारात्मक रिपोर्ट पर कोई बात उठाई गई तो राहुल खुद ही सरकार की पैरवी में उठ खड़े होंगे।

और बढ़ा हरीष रावत का सियासी कद
सियासी गलियारों में माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के कामों की तारीफ करके सीएम हरीश के सियासी कद में और इजाफा किया है। एक तरफ केदारधाम में राहुल सरकार की तारीफ कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर देहरादून में हरदा के धुर विरोधी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा पीडीएफ कोटे के मंत्रियों की चर्चा करके कैबिनेट में कांग्रेसी विधायकों को शामिल करने की बात कर रहे थे। माना जा रहा है कि अब सीएम और भी फ्री-हैंड होकर काम कर सकते हैं।

कहां गए ब्रांड अंबेसडर विराट
चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और तीन धामों के कपाट भी खुल चुके हैं। लेकिन इस यात्रा के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाए गए क्रिकेटर विराट कोहली ने अब तक उत्तराखंड का रुख नहीं किया है। हां, अचानक ही उत्तराखंड की ओर आए कांग्रेसी युवराज ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा करके ब्रांड अंबेसडर की भूमिका में जरूर आ गए। 

पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। उत्तराखण्ड के शिक्षा एवं पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने 23 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण, पंचायती राज स्वचछता, पेयजल मंत्री भारत सरकार चै. विरेंद्र सिंह से संसद भवन में मुलाकात कर उत्तराखण्ड राज्य की पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की श्री नैथानी ने विभिन्न पंम्पिग पेयजल योजनाओं के लिए त्वरित क्रियान्वयन के लिए कम से कम 250 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त किये जाने की ंमांग की। श्री मं़त्री ने कहा कि पूर्व में राज्य को आवंटित बजट में भी कटौती कर दी गयी है। केंद्रीय मंत्री चै. विरेंद्र सिंह ने संयुक्त सचिव भारत सरकार को विभिन्न राज्यों को आवंटन करने वाली धनराशि में से उचित धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिये। दूसरी ओर श्री नैथानी ने सुश्री उमा भारती से नमामि गंगे के अंतर्गत पूर्व में प्रेषित योजनाओं के विरूद्ध 207 करोड़ की प्रस्तावित योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त करने की मांग की संसद भवन में उन्होंने नगर विकास एवं आवास, नगरीय गरीबी उन्मूलन मंत्री भारत सरकार वेंकैया नायडू से उत्तराखण्ड राज्य के पांच नगरों क्रमशः देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, मसूरी एवं मंगलौर को नगरीय पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं का जे.एन.यू.आर.एम. तथा यू.आई.डी.एस.एम.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भीषण आपदा से जनधन का नुकसान हुआ है। व्यापक नुकसान के कारण कई नगरीय पेयजल योजनाएॅं एवं जलोत्सारण योजनाएॅं क्षतिग्रस्त हो गयी थी। जिनका पुनर्निमाण किया जा चुका है परन्तु बहुत से नगर अभी भी गम्मीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने मंत्री से भारत सरकार से उक्त परिपेक्ष में उत्तराखण्ड राज्य के 18 नगरों की पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं के प्राक्लन जिसकी अनुमानित लागत रू0 72503.33 लाख, जे0एन.यू.आर.एम.तथा यू.आई.डी.एफ.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान में भी अन्य नगर भी योजनाओं हेतु लगभग 3000 लाख के प्राक्कलन प्रेषित किये जा चुके है। उन्होंने श्री वैंकेया नायडू से उक्त प्राक्कलनों को शीर्ष प्राथमिकता पर भारत सरकार द्वारा वर्तमान में संचालित की जाने वाली योजनाओं मंे सम्मलित करते हुए स्वीकृति निर्गत कराने की अपेक्षा की है।

पंजीकरण कार्ड दिखाने पर मिलेगी रियायती खाने की सुविधा

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रियों के अलावा घोड़ा खच्चर, दंडी कंडी और सफाई मजदूरों के लिए भोजन और नाश्ते की दरें तय कर दी हैं। यात्रियों को नाश्ता 30 रुपये जबकि खाना 40 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से मिलेगा। दंडी-कंडी वालों और मजदूरों को खाना 25 रुपये प्रति प्लेट मिलेगा। यात्रियों को रियायती खाने की सुविधा बायोमैट्रिक पंजीकरण कार्ड दिखाने पर ही मिलेगी। प्रशासन की ओर से सबसे महत्वपूर्ण भोजन व्यवस्था का जिम्मा जीएमवीएन को दिया है। भोजन निशुल्क नहीं मिलेगा लेकिन दाम काफी कम होंगे। केदारनाथ धाम के लिए संचालित होने वाले घोड़ा खच्चर, कंडी-कंडी मजदूरों और सफाई कर्मचारियों को मात्र 25 रुपये प्रति थाली के हिसाब से भोजन दिया जाएगा। भीमबली, लिनचोली व केदारनाथ बेस कैंप में मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की गई है। मजदूरों को सुबह व शाम का भोजन ही रियायती दरों पर मिल सकेगा। इनके लिए सभी मजदूरों को संबंधित संस्थाओं की ओर से दिए परिचय पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। केदारनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों के लिए भी प्रशासन की ओर से खाने की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। यात्रियों को नाश्ता 30 रुपये प्रति प्लेट के अलावा दोपहर और रात्रि भोजन के लिए मात्र 40-40 रुपये प्रति प्लेट चुकाने होंगे। गौरीकुंड समेत पैदल मार्ग जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली व बेस कैंप केदारनाथ आदि पड़ावों पर जीएमवीएन और केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड में निम की ओर से यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। जिलाधिकारी डा. राघव लंगर का कहना है कि मजदूरों को दो समय का रियायती भोजन तीन स्थानों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के संबंधित पड़ाव के प्रभारियों की ओर से एक पंजिका अनुरक्षित की जाएगी। जबकि केदारनाथ पड़ावों पर स्थित भोजनालयों में आने वाले तीर्थ यात्रियों का बायोमेट्रिक पंजीकरण कार्ड देख कर लिया जाएगा।

पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला आयोजित 

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। पृथ्वी दिवस के अन्र्तगत गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा ने स्विस डेवलपमैन्ट एवं कोपरेशन (एसडीसी), नई दिल्ली के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली में ’’हिमालय लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला’’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पद्म भूषण चण्डी प्रसाद भट्ट ने ’’हिमालयः सवेदनशीलता एवं वर्तमान संकट’’ विषय  पर उपरोक्त श्रृंखला का साॅतवा व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के अपर सचिव हेम पांण्डे उपस्थित थे। इस अवसर पर भट्ट ने मौसम बदलाव के कारण हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हो रही जान-माल के नुकसान पर अपनी चिन्ता प्रकट की तथा उन्होने कहा कि मौसम परिवर्तन का हमारे देश में सबसे ज्यादा प्रभाव पिछले कुछ वर्षो में हिमालय क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। जिसका प्रभाव न केवल हिमालय क्षेत्र में अपितु देश के मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। हिमालय क्षेत्र में इसका ज्यादा प्रभाव उन स्थानों में हुआ है जहाॅ मानव ने अपने निजी हितों के कारण वृक्षों का अवैज्ञानिक दोहन किया तथा विकास के लिए सड़कों का निर्माण तथा नदियों के किनारें भवन निर्माण किये हैं। उन्होंने हिमालय क्षेत्रों में ग्लेशियर, नदियों, एवं जलवायु का वृहत अध्ययन की आवश्यकता पर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया तथा हिमालय क्षेत्र से सम्बन्धित समस्त आकड़े किसी एक नोडल एजेन्सी के पास संरक्षित रखे जाने की सलाह दी, ताकि विकास कार्य हेतु भविष्य में आकड़ो की आवश्यकता पड़ने पर आसानी से प्राप्त किया जा सके। इसके लिए गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान को नोडल एजेन्सी के रूप में उपयुक्त होने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ  मानव निर्मित कारणों पर भी विस्तृत अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने अभी तक हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में हुऐ शोध कार्य से निकले निष्कर्षो पर सरकार द्वारा उचित कदम न उठाने पर चिन्ता प्रकट की। भट्ट जी ने प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित पूर्व सूचना तंत्र का व्यापक स्तर पर हिमालय क्षेत्र में उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि भविष्य में आपदा से होने वाले जान-माल की क्षति को बचाया अथवा कम किया जा सके। उन्होंने हिमालय के वर्तमान संकट को समझने एवं कम करने में भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें, विभिन्न शोध संस्थान, स्वयं सेवी संगठन एवं अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हेम पाण्डे जी द्वारा परमपरागत ज्ञान का हिमालय क्षेत्र के विकास हेतु उपयोग किये जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाये गये नेशनल मिशन फाॅर सस्टेंनिंग हिमालयन इको सिस्टम (निम्सी) कार्यक्रम को हिमालय पारिस्थिकीय एवं मौसम परिवर्तन के कारकों को समझने हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। संस्थान के निदेशक डा0 पीताम्बर प्रसाद ध्यानी जी ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता का स्वागत किया तथा संस्थान द्वारा शुरु किये गये ’’हिमालय लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला’’ की व्यापक जानकारी दी। इस अवसर पर संस्थान द्वारा शुरु किये गये आठ नई पहल न्यूज लेटर एवं इनविस न्यूज लेटर का विमोचन क्रमशः मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इस अवसर पर एसडीसी की निदेशिका डा जेनिन कुरीगर, प्रो. एच. वाई. मोहन राम, अनुपम मिश्रा, डा. आर के मेखुरी, डा. निशा मेहंदीरत्ता सहित देश के विभिन्न संस्थानों, मंत्रालयों, स्वंयसेवी संगठनों के अधिकारी एवं पत्रकार उपस्थित थे।

नेता प्रतिपक्ष ने चार धाम यात्रियों का किया स्वागत, सरकार पर लगाया फिजूलखर्ची का आरोप, यात्रा पर सरकार कर रही राजनीति

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। चार धाम यात्रा प्रारम्भ होनेे एवं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने देषभर से आने वाले यात्रियों का स्वागत किया है। श्री भट्ट ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करते है कि छः माह तक चलने वाली चार धाम यात्रा निर्विघ्न सम्पन्न हो। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से 16-17 जून 2013 के बाद से चारो धाम की यात्रा बाधित हो रही है, यदि सरकार सरकारी धन का समय पर सदुपयोग कर कार्य करती तो एक साल पूर्व ही यात्रा प्रारम्भ हो जाती, परन्तु सरकार आपदा के समय से आज तक आपसी गुटबाजी एवं अपनी अंदरुनी आपदा को बचाने में रही, जिस कारण यात्रा इतनी देर से आरम्भ हो पायी। श्री भट्ट ने कहा कि जहां एक तरफ हम लोग चार धामों में पैदल भ्रमण कर सरकार की कमियों को एवं चार धामों की समस्याआंे को उजागर करते रहे तथा सदन से लेकर सड़क तक एक-एक बिन्दु पर दबाव बनाते रहे तथा सरकार को लिखित रुप से भी अवगत कराते रहे, लेकिन सरकार मूक दर्षक बनकर बैठी रही। इतना ही नही सरकार ने सरकारी धन जो आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए था तथा देषभर के लोगों द्वारा भी आपदा ग्रस्त लोगों हेतु दिलखोल कर दान दिया था उसकी भी खूब बर्वादी करी एवं अपने लोागो को जो पात्र भी नही थे उन्हें भी लाखों रुपया सहायता के रुप में बाट दिये, जब मामला प्रकाष में आया और पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम एवं जिलाधिकारी ने भी माना कि गलत लोगों को आपदा का पैसा चला गया है तथा वसूली हेतु नोटिस दिया तो सरकार ने बजाय वसूली के बकायदा कैबिनेट में लाकर लाखो रुपया जो अपात्र व्यक्तियों को दिया गया था, माफ कर दिया । षायद यह भारत का पहला उदाहरण है कि सरकार ने पहले अपने चेहतो को पैसा बाटा बाद में स्वीकार भी किया कि अपात्रों को आपदा की धनराषि दी गयी, और जब पता चला कि सभी सत्ता पक्ष से जुड़े लोग है तो कैबिनेट से ही माफ कर दिया, इस प्रकार भश्ट्राचार तो स्वंय सरकार ने ही खुद किया। श्री भट्ट ने कहा कि अभी गांवो की हालत ठीक नहीं है, पुल-पुलिया जो टूटे थे बने नहीं हैं। ‘‘ब्लैक टाॅप’’ की गुणवत्ता भी ठीक नहीें है। 20 करोड़ से अधिक की धनराषि सरकार ने अपने अधिकारियों से नहीं बल्कि एक संस्था थे बटवायी, जिसमें मानकों की धज्जियां उड़ा कर अपनांे को धनराषि दी गयी। आदि काल से जब पूज्य षंकराचार्य जी ने केदारनाथ की स्थापना की तब से कई बार बड़ी-बड़ी आपदाएं आती रही हैं, आस्था, आपदाओं पर भारी पड़ती रही है। लोग घास पकड़ कर भी यात्रा पर जाते रहे हैं। श्री भट्ट ने कहा कि आज सरकार ऐसा कर रही है जैसे उसने बहुत बड़ी जीत दर्ज कर ली है, यह तो सरकार की ही नाकामी है कि दो साल तक यात्रा नहीं चला पायी और चारधान यात्रा मार्गो के लोगों की आर्थिक रीढ़ टूट गयी। आज भी सरकार यात्रा के नाम पर राजनीति कर रही है।
श्री भट्ट ने कहा कि आज ये बड़ी बात है कि छः माह बाद पुनः यात्रा प्रारम्भ हो रही है, ये बड़ी बात नहीं कि राहुल गांधाी जी आ रहे हैं। देष के काने-कोने से एक से बढ़कर एक भक्त केदार बाबा के दर्षन को आते हैं, ये सिर्फ भक्ति भाव से आते हैं राजनीति हेतु नहीं, परन्तु सरकार यात्रा में भी राजनीति कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार ने राहुल गांधी के लिये जौली ग्राण्ट से लेकर केदार धाम तक जिस तरह से सभी हद पार कर दी उससे साफ हो गया कि सरकार सिर्फ एवं सिर्फ राजनीति कर रही है।

विधायक चुफाल सीएमओ कार्यालय पर गरजे, मुख्यमन्त्री के खिलाफ नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन
  • डीडीहाट विधान सभा के सौतेला व्यवहार कर रही है प्रदेश सरकार, 40 में से 10 चिकित्सक है तैनात, 10 अस्पतालों में ताले लटके 
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)।  चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर डीडीहाट विधान सभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ विधायक विशन सिंह चुफाल शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में हरीश रावत की सरकार के खिलाफ जमकर गरजे। भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमन्त्री के खिलाफ नारेबाजे की। कहा कि डीडीहाट विधान सभा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते विधान सभा क्षेत्र के अस्पतालों में ताले लटक चुके है। मरीज बेहाल है। सीएमओ कार्यालय के आगे विधायक विशन सिंह चुफाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुये प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजे कते हुए प्रदर्शन किया। कई घण्टों तक धरना-प्रदर्शन चलता रहा। भाजपा विधायक विशन सिंह चुफाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की पर्वतीय क्षेत्र में चिकित्सकों की नियुक्ति करने के लिए कोई नीति नहीं है। सरकार केवल खनन और शराब में लगी हुई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण जिले के 175 चिकित्सकों के सापेक्ष केवल 48 चिकित्सक तैनात है। सीमान्त जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल स्थिति में पहंुच चुकी है। चिकित्सकों के अभाव में मरीज बिना दवा और उपचार के अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं। राज्य की इस भयावह स्थिति को छुपाने के लिए कांग्रेस की जनता का ध्यान भटकाने के लिए नकली विरोध करवा रहे है। चुफाल ने कहा कि डीडीहाट विधान सभा के भीतर 40 चिकित्सकों की जगह मात्र 10 चिकित्सक तैनात है। एक भी महिला चिकित्सक विधान सभा क्षेत्र में तैनात नहीं है। महिलाओं को उपचार तथा प्रसव के लिए पिथौरागढ़ और हल्द्वानी के चक्कर काटने पड़ रहे है। विधायक चुफाल ने कहा कि चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए भी अन्तिम क्षणों तक संघर्ष करेंगे। डीडीहाट में 59 दिनांे तक चले आन्दोलन में स्वास्थ्य विभाग ने जो समझौता किया था उसे पूरा तो नहीं किया जा रहा है। सरकार कांग्रेसियों के दबाव में कार्य कर जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित कर रही है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार से आम जनता अब उब चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री अगर चिकित्सक नहीं भेज सकते है तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 बीएस टोलिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमन्त्री को ज्ञापन भेजा गया। धरना-प्रदर्शन को भाजपा के वरिष्ठ नेता जगजीवन सिंह कन्याल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बोहरा ने सम्बोधित किया। संचालन जिला महामन्त्री मनोज सामन्त और अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावत ने किया। इस मौके पर भाजपा के नेता मोहन भण्डारी, गेहराज पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, पवन धामी, संजय भण्डारी, जगत चन्द, ललित लुण्ठी, कोमल साही, सोहन जोशी, मनीष महर, योगेश पन्त, बबलू राम, मुन्ना धामी, नरेन्द्र गोबाडी, गोलू पाठक, यशवन्त सोराड़ी, जीवन चन्द्र पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, गणेश जोशी, श्याम सिंह सामन्त, अनिल रौतेला, नवीन चन्द, केदार सिंह, गोविन्द गुरंग, जगदीश लोहनी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। 

बाॅक्स- डीडीहाट विधान सभा में स्वास्थ्य विभाग की स्थितियां-पिथौरागढ़। 
1- डीडीहाट विधान सभा के 40 चिकित्सालयों में मात्र 10 चिकित्सक तैनात है। 
2- अस्कोट तथा मुवानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है।
3-डीडीहाट तथा थल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 18 चिकित्सकों की जगह मात्र तीन चिकित्सक तैनात है। जिसमें एक भी महिला चिकित्सक तैनात नहीं है। डीडीहाट में नौ में एक तथा थल में नौ में दो तैनात है। 
4-डीडीहाट विधान सभा के राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय अणागांव, छड़नदेव, ख्वांकोट,तितरी, पंथ्याली, चमाली, हड़कटिया, बिनकोट में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है। 
चुफाल को धरने के दिन मिले 10 डाॅक्टर
पिथौरागढ़।   डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल द्वारा पूर्व में दिये गये आन्दोलन के नोटिस के दबाव में आंखिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार आ ही गयी। धरने के दिन डीडीहाट विधान सभा को 10 चिकित्सक मिलने की सूचना प्रभारी मुख्यचिकित्सा अधिकारी डाॅ0 बीएस टोलिया ने दी। उन्होंने बताया कि डीडीहाट सीएससी में दो महिला चिकित्सक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बडालू और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भागीचैरा में एक-एक महिला चिकित्सक, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झूलाघाट में दो चिकित्सक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनालीछीना में एक चिकित्सक तथा राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय देवलथल तथा मड़मानले में एक-एक चिकित्सक की तैनाती के आदेश किये गये है। इनमें से पांच चिकित्सकों ने कनालीछीना, बडालू, झूलाघाट, देवलथल, मडमानले में आज के दिन कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डाॅ0 टोलिया ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डीडीहाट में एक चिकित्सक की तैनाती भी कर दी गयी है। चिकित्सक ने आज ही कार्यभार ग्रहण किया। विधायक चुफाल ने 21 अप्रैल को आन्दोलन का नोटिस दिया था। इसके चलते प्रदेश सरकार दबाव में आयी।

एनएसयूआई ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला, अनुसूचित जाति के बच्चों की छात्रवृत्ति में कटौती का विरोध
  • दलितों के उत्पीड़न से बाज आने की चेतावनी
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। एनएसयूआई ने अनुसुचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति में भारी कटौती के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला फूंका। संगठन ने केंद्र सरकार को दलितों के उत्पीड़न से बाज आने की चेतावनी दी है।
संगठन की राष्ट्रीय प्रतिनिधि स्वाति नेगी के नेतृत्व में संगठन के सदस्य प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में एकत्र हुए। यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्लोब चैक पहुंचे और मोदी सरकार का पुतला फूंका। छात्र नेत्री स्वाति नेगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में भारी कटौती है। यूपीए सरकार के समय में जो राशि बच्चों के लिए दी जा रही रही थी, उसमें 49 करोड़ रुपये की कटौती करके केंद्र सरकार ने दलितों के साथ धोखा किया है। चुनाव के वक्त दलित समाज को बड़े-बड़े सपने दिखाने वाली मोदी सरकार अब उनके साथ छल कर रही है। स्वाति ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने अपने दलित विरोधी रुख में बदलाव नहीं किया तो छात्र इंका देशभर में उग्र आंदोलन छेड़ने को विवश होगी। इस मौके पर छात्र नेता जितेंद्र नेगी, रोबिन त्यागी, प्रभाकर भट्ट, नित्यानंद कोठियाल, जय सिंह, सौरभ ममगई समेत तमाम छात्र मौजूद रहे।

डोनेशन को घोषित किया जाए संज्ञेय अपराध, शिक्षा जनसंघर्ष समिति ने सीएम को दिया ज्ञापन
  • निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने से रोकने को जारी हो जीओ, सरकार से वेतन लेने वालों के बच्चे जाएं सरकारी स्कूल
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। शिक्षा जन संघर्ष समिति ने सीएम को एक ज्ञापन देकर निजी स्कूलों में लिए जा रहे डोनेशन को संज्ञेय अपराध घोषित करने का शासनादेश जारी करने की मांग की है। समिति की संयोजक कमला पंत की ओर से मुख्यमंत्री के दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि सरकारी खजाने से वेतन लेने वाले सभी कर्मियों, अफसरों और मंत्रियों समेत अन्य लोगों के बच्चों को सरकारी स्कूल में ही बढ़ाने के विषय में तत्काल ही एक शासनदेश जारी किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि निजी स्कूल डोनेशन के नाम पर अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इन निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए डोनेशन लेने को संज्ञेय अपराध मानने की शासनादेश भी जारी किया जाए। इसी तरह निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने के लिए भी एक शासनादेश की जरूरत है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि निजी स्कूलों में अन्य खर्चों के नाम पर भी अभिभावकों से वसूली की जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। समिति का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए इन मामलों के शासनादेश तत्काल जारी करने की जरूरत है। ऐसा किए बिना निजी स्कूल अपनी हरकतों से बाज आने वाले नहीं हैं।

भाजपा ने मनाया ग्राम स्वराज दिवस

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया। पंचायतीराज दिवस को प्रदेश भाजपा ने ग्राम स्वराज संकल्प दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भाजपा ग्राम पंचायतों को और अधिका मजबूती देने की पक्षधर हैं। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी ने कहा कि पार्टी इस दिशा में पहले ही काम कर रही है। अब इस काम में और तेजी लाई जाएगी। इस मौके पर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती मधु चैहान और प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल समेत अन्य भाजपाई मौजूद रहे।

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। कैंट थाना क्षेत्र के कौलागढ़ में विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। कैंट थाना क्षेत्र के कौलागढ़ निवासी सुधीरथापा पुत्र किशन सिंह थापा ने कैन्ट कोतवाली में निम्बूवाला कैन्ट निवासी सुखदेव शर्मा पुत्र कालूराम के खिलाफ अपने व अपने साथी मनोज कोटियाल को विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर 2 लाख 70 हजार रूपये ठगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। सुधीर थापा का आरोप है कि उसे व मनोज कोटियाल को सुखदेव शर्मा ने 2012 में मिलकर अफगानिस्तान में नौकरी लगवाने की बात की और इसकी एवज में उसने उनसे 2 लाख 70 हजार रूपये ले लिये। सुधीर का कहना है कि सुखदेव शर्मा ने उन्हे नवम्बर 2012 में अफगानिस्तान भेज दिया। सुधीर ने बताया कि अफगानिस्तान पहुंच कर उन्हे एक धर्मशाला मंे ठहराया गया। इसके बाद जब वह नौकरी की बात करते तो सुखदेव शर्मा उन्हे टहलाने लगता। सुधीर के अनुसार तीन माह बाद भी जब उनको नौकरी नहीं दी गयी और उनका वीजा भी खत्म हो गया तो वह वापस देहरादून लौट आये। इसके बाद जब वह सुखदेव शर्मा के यहंा गये तो उनके घर वालों ने उसे बेदखल करने की बात कहते हुए उन्हे टालना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि सुखदेव का अपना परिवार भी उसी घर में रहता है तथा वह छुपकर दून आता जाता रहता है पता चला है कि सुखदेव इन दिनों अफगानिस्तान में नौकरी कर रहा है तथा वह इन दिनों दून आने वाला है। वहीं यह भी पता चला है कि सुखदेव सिंह ने और भी कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

यात्रा सीजन से पूर्व बर्बाद हुए घाटों का पुनर्निर्माण न होने से परेशानी

देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। यात्रा सीजन शुरू हो गया है, लेकिन बाढ़ से तबाह हुए घाटों का पुनर्निर्माण न होने से यात्री पुण्य लाभ नहीं कमा पा रहे हैं। पहले सीजन की शुरूआत में ही घाट यात्रियों से भरे रहते थे। गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर में भागीरथी के जल से जलाभिषेक का बड़ा महत्व है। वर्ष 2013 से पहले गंगोत्री धाम का रुख करने वाले या गंगोत्री धाम से दर्शन कर लौटने वाले यात्री उत्तरकाशी में रुक कर विश्वनाथ में जलाभिषेक करते थे। इसके चलते मणिकर्णिका घाट, जड़भरत घाट, गंगा घाट आदि में सुबह शाम काफी चहल पहल बढ़ जाती थी। लेकिन इस बार नजारा अलग है। विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को तो यात्री पहुंच रहे हैं। लेकिन गंगा भागीरथी के तटों का रुख नहीं कर रहे। हालांकि इसके पीछे नगर क्षेत्र में पार्किंग के इंतजाम और नगर पालिका की ओर से यात्रा की तैयारियों में कमी को जिम्मेदार माना जा रहा है। नगर पालिका परिषद की ओर से घाटों पर सुरक्षा इंतजाम के साथ ही यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों को सूचना उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम भी नहीं किया गया है। इसके कारण यहां पहुंचने वाले अधिकांश यात्री घाटों की स्थिति व उन तक पहुंचने वाले रास्तों से भी अनजान हैं। दूसरी ओर भागीरथी तट पर सुरक्षा दीवार निर्माण का कार्य चल रहा है, इसके साथ ही घाटों का निर्माण भी होना है। अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका है, जिससे घाट पहले जैसी सुरक्षित स्थिति में नहीं हैं। यात्रियों की आवाजाही न होने के कारण इस बार मणिकर्णिका घाट पर शाम के वक्त गंगा आरती भी नहीं हो रही है। वहीं तटों पर पूजा पाठ को भी बहुत कम तादाद में लोग पहुंच रहे हैं।

गजेंद्र सिंह के परिवार ने की सीबीआई जांच की मांग

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जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह के खुदकुशी करने के दो दिन बाद शुक्रवार को आप ने डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए। जहां, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना के बाद भी रैली स्थगित न करने को लेकर गजेंद्र के परिजनों से माफी मांगी वहीं, पार्टी नेता संजय सिंह ने किसान के दौसा स्थित गांव नांगल झामरवाड़ा पहुंचकर परिजनों को दस लाख रुपये का चेक सौंपा। हालांकि, गजेंद्र के पिता, मां, भाई और बहन को केजरीवाल की माफी बिल्कुल मंजूर नहीं है।


मां शकुंतला कहती हैं-‘क्या माफी फी मांगने से मेरा बेटा वापस आ सकता है। अगर ऐसा है तो मैं केजरीवाल के पैरों में गिरकर माफी मांगती हूं कि वे मेरे गजेंद्र को वापस लौटा दें।’ बहन रेखा का कहना है कि अब माफी मांगने से क्या होगा? मेरा भाई तो चला गया। केजरीवाल ने तो घटना के बाद दो मिनट के लिए भी अपनी रैली नहीं रोकी। गजेंद्र को उकसाया गया। इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है। भाई विजेंद्र सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी मेरे भाई को फिर से जिंदा कर दे तो मैं उन्हें एक करोड़ रुपये देने को तैयार हूं। पिता बनै सिंह ने दोहराया कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता। जो होना था हो चुका। गजेंद्र के बच्चे अनाथ हो गए हैं।

परिवार की मांग
-पूरे मामले की सीबीआइ जांच हो
-गजेंद्र को शहीद का दर्जा मिले
-उसके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले
-परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
-किसानों को दी जाने वाली राहत योजना गजेंद्र के नाम पर हो

इससे पहले सुबह केजरीवाल ने माफी मांगते हुए कहा कि ‘मैं दोषी हूं। मुझे दोष दीजिए। मैं मानता हूं कि रैली समाप्त कर देनी चाहिए थी। लेकिन कृपया किसानों के असली मुद्दे पर ध्यान दें, राजनीति नहीं करें। जो भी दोषी हो उसे फांसी दे दें। बहस का मुद्दा यह होना चाहिए कि किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।’

संजय सिंह ने गांव पहुंचकर गजेंद्र के परिजनों से बातचीत की। उनको मनाने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद परिवार वालों ने दस लाख रुपये का चेक स्वीकार कर लिया। उन्होंने अपनी पांच मांगें भी बताईं जिसे संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। राजस्थान भाजपा ने भी पीड़ित परिजनों को चार लाख रुपये का चेक प्रदान किया। गांव पहुंचे प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार गजेंद्र के तीनों बच्चों की पूरी पढ़ाई की जिम्मेदारी लेती है।


झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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मुक्ताकाश मंच पर होगा महानाट्य -जो लड़े दीन के हेत का मंचन
  • एक साथ 200 से ज्यादा कलाकार देंगे लाइव प्रस्तुति 

jhabua news
झाबुआ---साज संस्था के कलाकार एक माह के कठिन परिश्रम से तैयार महानाट्य जो लड़े दीन का मंचन जेल बगीचे में शनिवार शाम को करेंगे । इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं । कार्यक्रम में विशेष तौर पर जयंत देशमुख भी मौजूद रहेंगे । जयंत देशमुख तारक मेहता का उल्टा चश्मा के आर्ट डायरेक्टर हैं । वहीं कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में अपना आर्ट डायरेक्शन दे चुके हैं । नाट्य मंचन के लिए जेल बगीचे में बरगद के पेड़ की गोद में मुक्ताकाशीय मंच तैयार किया गया है । तीन की कड़ी मेहनत से इस मंच को तैयार किया गया । वहीं नाटक में दृश्य प्रभाव उत्पन्न करने के लिए करीब 100 ज्यादा स्टेज लाइट्स लगाई जा रही है । नाटक का लेखन, संगीत एवं निर्देशन ख्यात रंगकर्मी भूषण भट्ट ने किया है । इसके साथ ही 23 मार्च से जारी रंगक्रांति शिविर 2015 का समापन भी हो जाएगा । इस महानाट्य में झाबुआ नगर के 200 से ज्यादा कलाकार एक साथ लाइव प्रस्तुति देंगे । नाटक 1857 की क्रांति और तात्या को जीवन को नजदीक से समझने का मौका देगा । नाटक जो लड़े दीन के हेत 1857 की क्रांति के महानायक तात्या टोपे के जीवन पर आधारित है । तात्या ने ही सबसे पहले भारत की आजादी का सपना संजोए ग्राम स्वराज की बात कही थी ।

जेल बगीचा स्थित बरगद का पेड़ ही क्यों ?
संस्था के रंगकर्मी दीपक दोहरे के मुताबिक बगीचे के इस पेड़ की उम्र 200 साल के करीब है । यानी ये पेड़ 1857 की क्रांति का जीवित लेकिन मौन साक्षी है । हवाओं की कोई सीमा नहीं होती । ना ही उन्हें बांधकर रखा जा सकता है । 1857 के क्रांति के समय हो रही घटनाओं को हवाओं ने इस पेड़ को दूर-दूर से आकर सुनाया है । एक-एक किस्सों कहानियों से वाकिफ है ये बरगद । इसलिए 1857 की क्रांति की गाथा सुनाने के लिए इससे बेहतर जगह नहीं हो सकती थी । शिविर निर्देशक भूषण भट्ट का कहना है कि महीने भर सभी बच्चों ने ,कलाकारों ने शिविर में दिल्ली-भोपाल से आए प्रशिक्षकों ने खूब मेहनत की है । हमारी मेहनत काफी है या हम कितने सफल है, इसे झाबुआ की जनता को तय करना है, इसके लिए उन्हें जेल बगीचे के भव्य मुक्ताकाश मंच पर क्रांति गाथा को सुनने के लिए आना पड़ेगा । नाटक देखने वालों के लिए प्रवेश पत्र रखे गए हैं . जो साज संस्था कार्यालय से प्राप्त किए जा सकते हैं ।

1 मई से पूरे जिले में भाजपा चलायेगी महा जनसम्पर्क अभियान
  • 29 अप्रेल को सभी 11 मंडलों में आयोजित होगी विषेष बैठकें 

झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगामी 1 मई से पूरे जिले में सभी मंडलों में एक साथ महा जनसम्पर्क अभियान संचालित करेगी । उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने बताया कि इस अभियान के दौरान भाजपा पूरे जिले में भाजपा के जो प्राथमिक सदस्य बने है, उनके घर घर जाकर उनका स्वागत एवं अभिनंदन करेगी ।तथा पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता प्रदेष की षिवराजसिंह सरकार एवं केन्द्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में  जानकारी दी जाकर इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिये प्रेरित किया जावेगा । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी के अनुसार जिला भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि 1 मई से प्रारंभ होने वाले महा जनसम्पर्क अभियान को लेकर पूरे प्रदेष में एक साथ 29 अप्रेल को सभी भाजपा मंडलों की बैठकें आयोजित की जावेगी जिसमें महाजनसम्पर्क अभियान की कार्ययोजना को अन्तिम रूप  दिया जाकर दायित्व सौपे जावेगें । इसी कडी में झाबुआ जिले के सभी 11 मंडलों में 29 अप्रेल को विषेष बैठकांे का आयोजन किया जारहा है । श्री दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि खवासा मंडल में शंकर मंदिर परिसर में, थांदला मंडल में कृषि उपज मंडी समिति परिसर में, मेघनगर में सामुदायिक भवन कमेटी हाॅल में, पेटलावद में गायत्री मंदिर परिसर में, रायपुरिया में हनुमान मंदिर परिसर में, रामा में कालिका माता मंदिर परिसर पर, पारा मंडल की बैठक नवापाडा में, रानापुर की बैठक पाडलवा सोसायटी परिसर में, झाबुआ नगर मंडल की विधायक कार्यालय आफीसर्स कालोनी पर, पिटोल की बैठक गा्रम मोद (खाकरा) में तथा कल्याणपुरा की बैठक अंतरवेलिया आश्रम पर आयोजित होगी । जिसमें संबंधित मंडलों के पदाधिकारियों  कार्यकर्ताओं को अनिवार्यरूप  से उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया । इसी कडी मे शुक्रवार को झाबुआ विधानसभा के 4 मंडलों तथा पेटलावद विधानसभा क्षेत्र के 2 मण्डलों की बैठक जिला भाजपा कार्यालय में संपन्न हुई जिसमें सभी 6 मंडल अध्यक्षगण सर्वश्री गोपालसिंह पंवार नगरमंडल झाबुआ, मेजिया कटारा पिटोल मंडल, सुरेष चैहान कल्याणपुरा मंडल, शैलेन्द्रसिंह सोलंकी रानापुर मंड मदनभूरा रामा मंडल एवं ओंकार डामोर पारा मंडल  उपस्थित थे । श्री दुबे ने बताया कि 29 अप्रेल को आयोजित होने वाली बैठक में योजनाओं को अन्तिम रूप दिया जावेगा तथामंडलवार बैठकों में सक्रिय सदस्यों की सूची बनाई जावेगी । उन्होने आव्हान किया है कि जिन कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने अभी तक सदस्यता महा अभियान के पत्रक जमा नही किये है, वे संबंधित मंडलों मे अपने अपने पत्रक अनिवार्यं रूप  से जमा करावायें ं।

श्री खंडेलवाल को कांग्रेस ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की 

झाबुआ ---जिला सहकारी केन्द्रीय बंेक के सेवा निवृत  प्रबंधक एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया के पूर्व कार्यालय सचिव एवं काग्रेस पार्टी से आजीवन जुडे रहने वाले रानापुर निवासी बंषीधर खण्डेलवाल का 72 वर्ष की आयु में  असामयिक निधन होने की सूचना से पूरे जिले में शोक की लहर व्याप्त हो गई । वे अपने पीछे तीन पुत्र संजय खण्डेलवाल, मनीष  एवं सुनील खण्डेल वाल  तथा दो पुत्रियों को छोड गये है । श्री खण्डेलवाल बेहद मिलनसार व्यक्तित्व होकर उनकी सेवाओं व्यवहार के चलते जन जन के प्रिय रहे है । गुरूवार को रानापुर स्थित मुक्तिधाम पर उनके छोटे पुत्र मनीष ने मुखाग्नि दी । इनके निधन पर पूर्व केन्द्रीयमंत्री कांतिलाल भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष शांतिलाल पडियार, सुरेषचन्द्र जैन पप्पुसेठ, डा. विक्रांत भूरिया,चन्दूलाल पडियार,हर्ष भटृ, आचार्य नामदेव, जितेन्द्र अग्निहौत्री, नगरपंचायत रानापुर अध्यक्ष कैलाष डामोर, अषोक अग्रवाल, मुदीत शर्मा, अभय जैन,हनुमंतसिंह डाबडी, चन्द्रवीरसिंह राठौर, श्रीमती  कल्पना भूरिया, राजेष भटृ, आषीष भूरिया,जामसिंह डामोर, रिंकू रूनवाल, वीरसिंह भूरिया  नारायण भटृ, नगीनषाहजी, अलीमुद्दीन सैयद,रूपसिंह डामोर,हेमचंद डामोर, शंकर भूरिया, गौरव सक्सैना,सायराबानो, बंटू अग्निहौत्री, सूरसिंह भूरिया, आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मृतात्मा की आत्मीय शांति की प्रार्थना की है तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाऐं व्यक्त की है । इनकी शवयात्रा में सैकडो की संख्या में सभी समाजजनों ने भाग लिया ।

हादसों  के मृतकों को जिला कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि,  की मुआवजे मांग  

झाबुआ---काकनवानी थाने के देवका गांव में पुल से गुजरते वक्त  जीप के खाई में गिरने से चार लोगों की आकस्मिक निधन हो गया तथा कई गंभीररुप से घायल हो गये । जिला कांग्रेस ने बसंतीबाई पांचाल कल्याणपुरा, गीताबाई पांचाल उमरकोट,हीना पांचाल एवं राजेष चालक की मौत पर उन्हे श्रद्धांजलि देते हुए उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की । इसी तरह कल्याणपुरा में दीवार के ढहने से मारे गये बालक को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार को ष्षोक संतप्त परिवार को संवेदनायें व्यक्त करते हुए मारे गये लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है ।तथा घायलों को समुचित उपचार दिलाये जाने की मांग करते हुए प्रषासन से तत्काल कार्यवाही करने की आनुरोध किया है 

चेारो ने दिवार खोद कर की हजारो की चोरी 
     
झाबुआ--- फरियादी रामा पिता विजय भूरिया, उम्र 45 वर्ष निवासी अमलवानी ने बताया कि अज्ञात आरोपी उसके घर के पीछे की दीवार खोदकर अंदर घुसकर घर में बांधे 08 बकरा, बकरी 9 व अलमारी में रखे 02 चांदी की चुडी, 02 हाथ के कडे व नगदी 5,500/-रूपये, कुल मश्रुका 45,000/-रूपये का चुराकर ले गये। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 53/2015 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

छेडछाड का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादिया ने बताया कि आरोपी नंदु पिता पंुजा चरपोटा निवासी बाछीखेडा गांव में शादी में आया था। उसका दरवाजा खटखटाया, बाहर निकलने पर हाथ पकडकर ले जाने लगा, चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 149/15, धारा 354 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वाहन दुर्घटना मे मौत 
    
झाबुआ---फरियादी राजेन्द्र पिता कजरूलाल पंचाल, उम्र 47 वर्ष निवासी उमरकोट ने बताया कि मृतिका गीताबाई पति कजरूलाल पंचाल, टीनाबाई पति विजय पंचाल निवासीगण मेघनगर की तुफान जीप पलटने से एक्सीडंेट में आयी गंभीर चोंट के कारण मृत्यु हो गयी। थाना काकनवानी में मर्ग क्र0 16/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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ग्रीष्मकाल में पेयजल आपूर्ति पर विशेष नजर रखें-संभागायुक्त श्री सिंह

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भोपाल संभागायुक्त श्री एसबी सिंह ने शुक्रवार को विदिशा में विकास कार्यो एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की समीक्षा की। कलेक्टर चेम्बर में सम्पन्न हुई इस बैठक में कलेक्टर श्री एमबी ओझा, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। संभागायुक्त श्री सिंह ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल के दौरान खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के संकट निर्मित ना हो इसके लिए स्थानीय स्तर पर रणनीति तय की जाए। उन्होंने बिगडे़ हेण्डपंपों के सूचना प्राप्ति और सुधार कार्य के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। विभागीय अधिकारी ने बताया कि जिला मुख्यालय के साथ-साथ प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर एक-एक कंट्रोल रूम संचालित किया जा रहा है। कंट्रोल रूम पर बिगडे़ हेण्डपंपों की शिकायता प्राप्त होने पर उसी दिन अथवा अधिकतम दो दिवस के भीतर सुधार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कारणों से 105 नलजल योजनाएं अक्रियाशील है जिसमें स्त्रोत बंद से 24, बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से 40 तथा अन्य ग्राम की समिति द्वारा बिजली बिल अदा ना करने के कारण बंद है। संभागायुक्त ने कहा कि ग्रीष्मकाल में एक भी नलजल योजना बिजली के कारण बंद ना हो। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारी को सूची उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर इन नलजल योजनाओं को क्रियाशील कराएं। कमिश्नर श्री सिंह ने स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए संबंधितों से कहा कि ग्रीष्मकाल के दौरान जो मौसमी बीमारियां फैलती है के नियंत्रण हेतु आवश्यक दवाईयां स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने टीकाकरण के लिए क्रियान्वित मिशन इन्द्रधनुष के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाईयों का पर्याप्त भण्डारण किया जा चुका है। शासकीय कार्यो के प्रति उदासीनता बरतने पर 32 आशा कार्यकर्ताओं को हटाने की कार्यवाही की गई है। संभागायुक्त ने कहा कि टीकाकरण की क्रास मानिटरिंग के लिए परख कार्यक्रम के निर्धारित प्रपत्र में जानकारियां अंकित कराई जाए। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में 580 आंगनबाड़ी केन्द्र किराए के भवनों में संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि विगत छह माह से नटेरन का पोषण पुर्नवास केन्द्र बंद है ततसंबंध में कलेक्टर के माध्यम से पत्राचार करने हेतु उन्हें निर्देशित किया गया। इस दौरान लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को प्रदाय की जाने वाली एनएससी के संबंध में जानकारी प्राप्त की। संभागायुक्त श्री सिंह ने निकाय के कार्यो की समीक्षा के दौरान कहा कि निकाय क्षेत्रांे के ऐसे हितग्राही जिन्हें शासन की कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित किया गया है उनके स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को नियमानुसार छात्रवृत्ति प्रदाय की जानी है। उक्त कार्य एक माह में पूर्ण करने के निर्देश उनके द्वारा दिए गए। बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग, ऊर्जा विभाग, स्कूल शिक्षा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क, आरईएस के अलावा जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र की योजनाओं के अंतर्गत लक्ष्य पूर्ति हेतु की गई कार्यवाही की संबंधितों द्वारा जानकारी प्रस्तुत की गई। संभागायुक्त श्री सिंह ने समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं क्रय हेतु क्रियाशील उपार्जन केन्द्रों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की गई। उन्हांेने कहा कि जिन किसानांे को एसएमएस के माध्यम से सूचनाएं प्रेषित कर उपार्जन केन्द्र पर गेहूं लाने हेतु कहा जाता है उनसे स्थानीय कोटवार सम्पर्क करें और उपार्जन केन्द्रों पर वे ही कृषक गेहूं लेकर आएं जिन्हें उस दिनांक को बुलाया गया है। इस दौरान बताया गया कि जिले में अब तक दो लाख 20 हजार मेट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है। गेहूं के भण्डारण हेतु परिवहन के संबंध में हो रही दिक्कतों की जानकारी जिला विपणन अधिकारी ने दी। 

पहल विदिशा
कौशल उन्नयन को बढ़ावा देने और शिक्षित बेरोजगार युवकांे को सहूलियते मिल सकंे इसके लिए विदिशा जिले मंे अभिनव प्रयास किया गया है। विदिशा प्रदेश का एक मात्र जिला है यहां पहल विदिशा के नाम से बेवसाइट तैयार की गई है। बेवसाइट को टोल फ्री नम्बर 1800-2333-819 से भी जोड़ा गया हैै जिसका आज संभागायुक्त श्री सिंह ने अवलोकन किया। संभागायुक्त श्री सिंह ने पहल विदिशा बेवसाइट का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराए जाने पर बल दिया। उन्हांेंने प्रत्येक शासकीय कार्यालय में फ्लेक्स के माध्यम से प्रचार प्रसार की बात कही। 

सायलो का जायजा
विदिशा जिले में पहली बार समर्थन मूल्य पर किसानों से क्रय किए गए गेहूं के भण्डारण हेतु स्टील सायलो का उपयोग किया जा रहा है जिसका आज शुक्रवार को संभागायुक्त श्री सिंह ने ग्राम पठारी में स्थित स्टील सायलो उपार्जन केन्द्र पर पहंुचकर जायजा लिया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार भी साथ मौजूद थे। संभागायुक्त श्री सिंह ने इस दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के लिए आए किसानों से चर्चा की। उपार्जन केन्द्र के प्रबंधक ने अवगत कराया कि सर्व प्रथम संबंधित टेªक्टर-ट्राली को प्रिन्टेड अदानी किसान पर्ची प्रदाय की जाती है जिस पर आरएफआईडी टेंग नम्बर, दिनांक, सोसायटी का नाम, किसान का नाम, गांव का नाम, जिला, वाहन का नम्बर और वाहन का प्रकार इत्यादि की जानकारी अंकित की जाती है। इसके पश्चात् इलेक्ट्राॅनिक कांटे पर समुचित ट्राली का वजन लिया जाता है। तदोपरांत गेहूं की क्वालिटी का परीक्षण किया जाता है। इसके पश्चात् नियत स्थल पर ट्राली से गेहूं भण्डारित किया जाता है। स्टील सायलों केन्द्र से ट्राली के बाहर निकलते वक्त पुनः उसका वजन लेकर भरी ट्राली में से खाली ट्राली का वजन घटाया जाता है ताकि संबंधित कृषक का गेहूं का कुल वजन पता चल सकें। समुचित प्रक्रिया सम्पादित करने में अधिकतम दस मिनिट लगते है। जिन मशीनों से गेहूं की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है का भी संभागायुक्त ने जायजा लिया। 

फ्लाई ओवर का निरीक्षण
संभागायुक्त श्री सिंह ने विदिशा नगर में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जाए जिसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने तकनीकी रूप से फ्लाई ओवर के मोड़ ठीक है कि नही के संबंध में इंजीनियरांे से पूछताछ की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

बैंक खातो की जानकारी हेतु सर्वे जारी

जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत पात्र परिवार जिनके समग्र पोर्टल पर बैंक खातों की जानकारी दर्ज नही है हितग्राहियों से बैंक खातो की जानकारी लेने हेतु निकाय क्षेत्रांे मेें दल गठित किए गए है कि जानकारी देते हुए प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती नेहा भारती ने बताया कि निकाय क्षेत्रों में सर्वे के लिए 220 कर्मचारी तैनात किए गए है। सर्वे कार्य शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है जो सोमवार तक जारी रहेगा। प्रथम दिवस 2226 बैंक खातो की जानकारी सर्वे दल द्वारा प्राप्त की गई। ऐसे उपभोक्ता जो नियत पते पर निवासरत नही पाए जाएंगे उनका पंचनामा तैयार कर समग्र पोर्टल से नाम विलोपित करने की कार्यवाही की जाएंगी और उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आवंटन बंद किया जाएगा। अभियान के प्रथम दिवस 275 उपभोक्ताओं के पंचनामे तैयार किए गए है। 

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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वृध्द माता-पिता, वरिष्ठ नागरिकों के सम्मानजनक जीवन के लिए अनूठी पहल
  • वृध्द माता-पिता का पालन पोषण नहीं करने वालों पर होगी कार्यवाही

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समाज के वरिष्ठ नागरिकों एवं वृध्द माता-पिता का उनकी संतानों एवं उत्तराधिकारियों द्वारा सम्मानजनक ढंग से पालन-पोषण नहीं जा रहा हो तो वे अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को वस्तुस्थिति की जानकारी दे सकते है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भरण-पोषण अधिनियम के अंतर्गत सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय दिया जायेगा। जिससे वृध्दजन एवं वरिष्ठ नागरिक सम्मानजनक ढंग से जीवन के शेष दिनों को गुजार सके। उप संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती हर्षिका सिंह ने बताया कि सामाजिक न्याय (मंत्रालय) भोपाल द्वारा वृध्दजनों के समग्र कल्याण एवं नागरिको और अभिभावको को समर्थता प्रदान करने वाली व्यवस्था के लिए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिको का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के अंतर्गत भरण-पोषण के लिये आदेश का न्याय निर्णयन करने और उसका विनिश्चय करने के लिये अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में भरण-पोषण अधिकरण का गठन विगत वर्षो में किया गया है। इस अधिकरण के आदेश के विरूध्द अपील की सुनवाई करने के लिये जिले में कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में अपील अधिकरण का गठन किया गया है। इसके लिए उपसंचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग को भरण-पोषण अधिकारी के रूप अधिसूचित किया गया है। संतान या उत्तराधिकारी द्वारा वृध्द माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक का भरण-पोषण नहीं किये जाने पर वे निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को प्रस्तुत कर सकते है। श्रीमती सिंह ने बताया कि भरण-पोषण अधिनियम के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति, जो अपने वयोवृध्द नातेदारों की संपत्ति विरासत में प्राप्त करते है, वे अपने वृध्दजनों के भरण-पोषण के लिये कानूनी रूप से बाध्य है। उन्हें वृध्दजनों के भरण-पोषण, बेहतर चिकित्सा सुविधा, उनके जीवन एवं संपत्ति की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। अत: ऐसे वृध्दजन जिनकी उचित देखभाल उनके उत्तराधिकारियों द्वारा नहीं की जाती है एवं जीवनोपयोगी समुचित मिलने वाली सुविधायें प्रदान नहीं किये जाने से दुखदायी एवं असम्मानजनक वातावरण में अपने जीवन के अंतिम पडाव को बिताने मजबूर हो गये है, एैसे वृध्दजन अपना आवेदन पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुये प्रस्तुत कर सकते है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा प्राप्त आवेदन पत्र की जांच कर व सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लिया जायेगा। यदि उनके निर्णय से कोई पक्ष असंतुष्ट रहता है, तो वह कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट (अपील अधिकारी) के समक्ष अपनी अपील प्रस्तुत कर सकता है। जिले के समस्त माता-पिता, बुजूर्गो और वरिष्ठ नागरिकों से अपील की गई है कि यदि उनके बच्चों व उत्तराधिकारियों द्वारा उन्हें भोजन, चिकित्सा सुविधा एवं जीवनोपयोगी आवश्यक समुचित सुविधायें प्रदान करने में सहयोग नहीं देने से वृध्दजन कुण्ठित/कठिनाईयों का जीवन जीने मजबूर हो गये है तो वे आपका आवेदन पत्र स्वयं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को प्रस्तुत करें। उन्हें अच्छा व सम्मानजनक जीवन बिताने के लिये अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिकरण द्वारा समुचित व्यवस्था प्रदान की जावेगी।

ग्रामीण युवाओं के लिए डाटा एन्ट्री आपरेटर एवं ड्रेस डिजाईनिंग का प्रशिक्षण
  • 01 मई से ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में प्रारंभ होगा प्रशिक्षण  

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वित्त पोषित संस्था ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान बालाघाट द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए नियमित रूप से नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इसी कड़ी में आगामी 01 मई से कम्प्यूटर डाटज्ञ एन्ट्री आपरेटर एवं 06 मई से ड्रेस डिजाईनिंग फार वूमेन का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के संचालक श्री ए.के बग्गा ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र से 18 से 45 वर्ष तक की आयु के जो भी युवा 01 एवं 06 मई 2015 से प्रारंभ होने वाले प्रशिक्षण में शामिल होना चाहते है वे संस्थान के कार्यालय डॉ. देवरस बिल्डिंग वार्ड नं. 18 सिन्धी मोहल्ला बालाघाट में सम्पर्क कर सकते है। संस्थान के दूरभाष नं. 07632-241803 पर भी सम्पर्क कर सकते है। कम्प्यूटर डाटा एन्ट्री आपरेटर का प्रशिक्षण 30 दिन तथा ड्रेस डिजाईनिंग फार वूमेन का प्रशिक्षण 21 दिन चलेगा। यह प्रशिक्षण पूरी तरह से नि:शुल्क है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को नाश्ता एवं भोजन भी प्रदान किया जाता है। युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ मोटीवेशन, टाईम मेनेजमेंट, आत्मविश्वास, मार्केट मेनेजमेंट, बैंक मेनेजमेंट, इंश्योरेंस आदि के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद यह संस्थान प्रशिक्षित युवाओं को बैंक से वित्तीय सहायता दिलाकर उन्हें स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने में भी मदद करता है। इस संस्थान द्वारा डेयरी, पोल्ट्री, बकरी पालन, अगरबत्ती निर्माण, टू-व्हीलर मरम्मत, ब्यूटी पार्लर, इलेक्ट्रीक मोटर वाईडिंग, घरेलू बिजली के उपकरणों की मरम्मत, फोटोग्राफी, प्लंबिंग एवं सेनेटरी वर्क का भी नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। 

10 मई को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन, 05 मई तक कराना होगा पंजीयन
विश्व शांति जनकल्याण संस्था बालाघाट द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 10 मई को बालाघाट में आदर्श सर्वधर्म सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सामूहिक विवाह का यह कार्यक्रम शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मैदान बालाघाट में आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में अपना विवाह सम्पन्न कराने के इच्छुक वर-वधु एवं उनके परिजन नगर पालिका बालाघाट में या विश्व शांति जनकल्याण संस्था बालाघाट द्वारा नियुक्त व्यक्तियों के पास 05 मई 2015 तक पंजीयन करा सकते है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विवाह कराने वाले वर की आयु 21 वर्ष तथा वधु की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। विवाह के लिए वर-वधु को स्वयं की एवं परिवार की समग्र आई.डी., वर-वधु का आधार कार्ड क्रमांक, जाति प्रमाण पत्र, कन्या का बचत खाता क्रमांक बैंक के आई.एफ.सी. कोड सहित, आयु संबंधी प्रमाण पत्र, अभिभावक का मोबाईल नम्बर आदि की जानकारी प्रस्तुत करना होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए विश्व शांति जनकल्याण संस्था के सुरेन्द्र खोब्रागड़े से मोबाइल नम्बर 9981429736 या प्रवीण मेश्राम के मोबाईल नम्बर 9425822823 या मंजू बौध्द के मोबाईल नम्बर 9407311036 पर सम्पर्क किया जा सकता है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत जिन कन्याओं का सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विवाह कराया जायेगा, उनमें से प्रत्येक कन्या के विवाह के लिए 25 हजार रु. की सहायता राशि का प्रावधान है। इसमें से 16 हजार रु. की सामग्री विवाहित दम्पत्ति को गृहस्थी चलाने के लिए उपहार के रूप में प्रदान की जायेगी तथा कन्या के नाम से 5 वर्ष तक के लिए 6 हजार रु. की सावधि जमा राशि प्रदान की जायेगी। सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था को प्रत्येक कन्या के लिए 3 हजार रु. की राशि विवाह कार्यक्रम संबंधी व्यवस्था के लिए प्रदान की जायेगी। 

टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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सब मिलकर कुपोषण को हरायेंगे, स्नेह सरोकार कार्यक्रम के माध्यम से होगी सबकी सहभागिता 

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। कलेक्टर श्री केदार शर्मा ने समाज के सभी वर्गाें से अपील की है कि वे जिले से कुपोषण के कलंक को मिटाने हेतु अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यकमों में जनभागीदारी को बढ़ावा दिये जाने हेतु विशेष कार्यक्रम ’’ स्नेह सरोकर ’’ चलाया जा रहा है जिसके माध्यम से सभी वर्गों के लोग अपनी सहभागिता निभा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक के बच्चों, गभवर्ती/धात्री महिलाओं तथा किशोरी बालिकाओं के लिये विभाग की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस क्रियान्वयन में समुदाय की भागीदारी एवं उनकी सहभागिता की सुनिश्चिता हेतु विभाग की ओर से ’’ स्नेह सरोकर ’’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन किये जाने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम अंतर्गत जनसमुदाय, जनप्रतिनिधि, शासकीय सेवक, औद्योगिक घरानों/संस्थानों के सहयोग से आंगनवाड़ी केंद्र हेतु संसाधनों की उपलब्धता, उनमें सुधार, संचालन हेतु सहयोग एवं अति कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार की गतिविधियां सम्मिलित है। श्री शर्मा ने बताया कि बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य तथा पोषण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार की यह बचनबद्धता विगत वर्षों में कई योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से परिलक्षित हुई है। इन योजनाओं और कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम सामने आये है। इसने शिशु मृत्यु दर में कमी और शिशुओं में पोषण की स्थिति को सुधारने में सकारात्मक प्रभाव डाला है। समेकित बाल विकास सेवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी गांवो, टोलो, मजरों में आंगनवाड़ी केंद्र और मिनी आंगनवाड़ी केंद्र खोलने के सशक्त प्रयास किये गये है, ताकि ज्यादा से ज्यादा हितग्राही स्वास्थ्य पोषण सुविधाओं का लाभ उठा सकें। जिले में भारत सरकार के मापदंडो अनुसार वर्तमान में 1406 आंगनवाड़ी केंद्र और 205 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहें है। बच्चों के वर्तमान के साथ ही साथ उनके भविष्य को भी सृदृढ़ बनाने में गांव के आंगनवाड़ी केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यदि समुदाय आंगनवाड़ी की सेवाओं को लेने के लिये सकारात्मक रूप से आगे आए और आंगनवाड़ी की गतिविधियों और कार्यक्रमों के संचालन में सक्रिय भूमिका निभाए तो सभी स्वास्थ्य सूचकांको में तेजी से सुधार लाया जा सकता है। श्री शर्मा ने बताया कि कई जिलों में आंगनवाड़ी केंद्र के अतिकम बजन वाले बच्चों को शासकीय सेवकों, जनप्रतिनिधि, समुदाय, औद्योगिक घरानों/संस्थाओं द्वारा पोषण स्तर में सुधार हेतु गोद लिया गया है, या आंगनवाड़ी केंद्र हेतु सामग्री दी गई है, जिनके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। इस नवाचार को पूरे प्रदेश में किये जाने हेतु विशेष कार्यक्रम ’’ स्नेह सरोकर ’’ प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। अतिकम बजन वाले बच्चों हेतु दिये जाने वाला सहयोग आॅन टाईम अथवा निर्धारित 3 माह, 6 माह, 1 वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिये हो सकता है। उदाहरण स्वरूप अतिकम बजन वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने हेतु सलाह/सहायता अथवा चिकित्सीय उपचार हेतु सहयोग आॅन टाईम के लिये हो सकता है। किसी अतिकम बजन वाले बच्चों को निर्धारित अवधि के लिये गोद लेकर उसके पोषण सुधार हेतु आवश्यक सहयोग यथा अतिरिक्त पोषण आहार दूध, प्रोटीन, विटामिन सलाह अनुसार उपलब्ध कराना। इसके अतिरिक्त आंगनवाड़ी केंद्र हेतु संसाधन/सामग्री के रूप में आंगनवाड़ी भवन हेतु भूमि, भवन निर्माण, पंखे, यूनिफार्म इत्यादि सहयोग के रूप में प्रदाय की जा सकती है।

भारतीय थल सेना में रिलेशन के आधार पर भर्ती

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। जिले के पूर्व सैनिक और विधवाओं तथा सेवारत सैनिको को सूचित किया गया है कि पूर्व सैनिक और विधवाओं तथा सेवारत सैनिको के बच्चों का रिलेशन के आधार पर भर्ती का आयोजन 5 मई 2015 को 3 ई.एम.ई. सेंटर, भोपाल में सुबह 5 बजे से किया जायेगा। जिन भूतपूर्व सैनिको और विधवाओं को अपने बच्चों की भर्ती करानी है वह 5 मई 2015 को सुबह 5 बजे 3 ई.एम.ई. संेटर, भोपाल में भेजें। इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिये जिला सैनिक कल्याण कार्यालय टीकमगढ़ टेलीफोन नं. 07683-240709 से संपर्क कर सकते है। 

भारतीय थल सेना में रिलेशन के आधार पर भर्ती 

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। जिले के पूर्व सैनिक और विधवाओं तथा सेवारत सैनिको को सूचित किया गया है कि पूर्व सैनिक और विधवाओं तथा सेवारत सैनिको के बच्चों का रिलेशन के आधार पर भर्ती का आयोजन 22 जून 2015 को कोर आॅफ सिगनल सेंटर, जबलपुर में सबुह 5 बजे से किया जायेगा। जिन भूतपूर्व सैनिक और विधवाओं को अपने बच्चों की भर्ती करानी है वह 22 जून 2015 को सुबह 5 बजे आईजी ग्राउंड, 2 टीटीआर, जबलपुर में भेजे। इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिये जिला सैनिक कल्याण कार्यालय टीकमगढ़ टेलीफोन नं. 07683-240709 से संपर्क कर सकते है। 

सैनिक अपनी जानकारी दर्ज करायें 

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। जिले के सभी थल/जलसेना/वायुसेना के सेवारत सैनिकों एवं उनके आश्रितों को यह सूचित किया गया है कि वे उनसे संबंधित जानकारी जल्द से जल्द जिला सैनिक कल्याण कार्यालय, टीकमगढ़ में दर्ज करायें ताकि उनका नाम जीवन प्रमाण पत्र एवं डिजिटल डाटा बेस हेतु पंजीयन कराया जा सके। अगर डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र नहीं बना तो पेंशन बंद हो सकती है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिये जिला सैनिक कल्याण कार्यालय टीकमगढ़ टेलीफोन नं. 07683-240709 से संपर्क कर सकते है। 

लोक अदालत आज

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अभय कुमार मिश्रा ने बताया है कि म.प्र.रा.वि.सेवा प्राधिकरण जबलपुर ने निर्देशानुसार जिला न्यायाधीश श्री अनुपम श्रीवास्तव के कुशल नेतृत्व में 25 अप्रैल 2015 को जिला टीकमगढ़ में पारिवारिक, राजस्व, भू-अर्जन, मनरेगा व श्रम प्रकरणों के संबंध में मासिक नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। इस लोक अदालत में आपसी सुलह समझौते से प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। इस मासिक नेशनल लोक अदालत में 27 खंडपीठों का गठन किया गया है। आम जनता से अपील की गई है कि इस मासिक नेशनल लोक अदालत में अपने-अपने प्रकरणों का निराकरण करवाकर नेशनल लोक अदालत का लाभ उठायें। 

गेस्ट कांऊसलर पैनल में नामांकन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित, 

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। जिला रोजगार कार्यालय टीकमगढ़ में कॅरियर कांऊसिलिंग योजनांतर्गत गेस्ट कांऊसलर पैनल (वर्ष 2015-16 के लिये) में नामांकन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है, जिन्हें निर्धारित दिवसों में निर्धारित मानदेय पर बेरोजगार आवेदकों को मार्गदर्शन हेतु आमंत्रित किया जायेगा। जिला रोजगार अधिकारी श्री डी.के. ठाकुर ने बताया है कि मार्गदर्शन के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले इच्छुक शिक्षक/प्रशिक्षकों/कांऊसलरों से आवेदन प्राप्त कर कार्यालय में 30 अप्रैल 2015 तक प्रस्तुत किया जाना है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी हेतु जिला रोजगार कार्यालय, टीकमगढ़ से कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है।

उपभ¨क्ता कल्याण निधि से अनुदान के लिये आवेदन आमंत्रित, 30 अप्रैल तक प्राप्त किये जायेंगे आवेदन

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभ¨क्ता संरक्षण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य उपभ¨क्ता कल्याण निधि-2009 के प्रावधान के अंतर्गत उपभ¨क्ता कल्याण निधि से अनुदान के लिये उपभ¨क्ता संगठन¨ं से आवेदन-पत्र आमंत्रित किये गये हैं। संबंधित संगठन जिला कलेक्टर के माध्यम से आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन 30 अप्रैल तक संचालनालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभ¨क्ता संरक्षण, विंध्याचल भवन में जमा करवाये जा सकते हैं। ऐसे उपभ¨क्ता कल्याण संगठन, ज¨ कम्पनी अधिनियम-1956 के तहत 3 वर्ष की अवधि से पंजीकृत हैं, वे अनुदान के लिये मध्यप्रदेश राज्य उपभ¨क्ता कल्याण निधि-2009 में दिये गये प्रारूप श्कश् में आवेदन कर सकते हैं। संगठन क¨ आवेदन-पत्र के साथ उपभ¨क्ता के हित¨ं के संवर्धन, संरक्षण के लिये किये जा रहे अधिकतम 3 वर्ष के कार्यकलाप की विस्तृत प्र¨जेक्ट रिप¨र्ट संलग्न करनी ह¨गी। आवेदन-पत्र का प्रारूप एवं अनुदान की शर्तें विभाग की वेबसाइट ूूू.उच.विवक.हवअ.पद पर भी प्रदर्शित की गई है। इस संबंध में जिला खाद्य एवं आपूर्ति कार्यालय से भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

एम.एड., बी.पी.एड. एवं एम.पी.एड. में प्रवेश हेतु, पंजीयन देने की तिथि 26 तक

टीकमगढ़, 24 अप्रैल 2015। प्रदेश के महाविद्यालय¨ं एवं विश्वविद्यालय¨ं में द¨ वर्षीय एम.एड., बी.पी.एड. एवं एम.पी.एड. पाठ्यक्रम में सत्र 2015-16 में प्रवेश के लिये आॅनलाइन पंजीयन 26 अप्रैल तक ह¨गा। दस्तावेज¨ं का सत्यापन 28 अप्रैल तक करवाया जा सकता है। विद्यार्थी एम.पी. आॅनलाइन की वेबसाइट ूूू.उचवदसपदम.हवअ.पद के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

मानव सेवा करना ही, जीवन का लक्ष्य, निःशुल्क प्याऊ का हुआ शुभारंभ

tikamgarh news
टीकमगढ़। भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता, मानव सेवा ईश्वर की भक्ति के समान है, सेवा करने से मनुष्य लोक और परलोक में विशेष स्थान पाता है, गर्मीओं के इस मोसम में मानवीय संवेदना समिति हर वर्ष निःशुल्क प्याऊ खोलकर सराहनीय प्रयास करती है, लोगों को समिति के कार्यो से प्रेरणा लेना चाहिऐ, यह उद्गार निःशुल्क प्याऊ के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदीप खरे पत्रकार ने व्यक्त किय। स्थानीय कटरा बाजार में संचालित मानवीय संवेदना समिति कार्यालय पर आज निःशुल्क प्याऊ का शुभारंभ किया गया इस मौके पर नन्हे मुन्हे बच्चों ने वेभू, देवांश नीखरा, शशिगुप्ता ने लोगों काो पानी पिलाकर प्याऊ का शुभारंभ किया, समिति के सचिव मनीराम कठैल ने मानवीय संवेदना समिति द्वारा कराये जा रहे सेवा भावी कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डाला, इस मौके पर उन्होंने कहा कि समिति सर्दी में कम्बल वितरण एवं गर्मियों में निःशुल्क प्याऊ जैसे कार्योे को प्राथमिकता से करती आ रही है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक अवसरों पर समिति स्वागत् कार्यक्रमों के माध्यम से अपना योगदान देती आ रही है। इस मौके पर श्री कठैल ने आगे भी इस तरह के आयोजनों को बढ़ावा देने की बात कही इस मौके पर अध्यक्ष देवेन्द्र योगी, कमलेश कठैल विनोद राय, इरफान अहमद, के.एल., मनोज बाबू चैबे, मोसम मिश्रा, कन्हैया सिन्धी, पुरूषोत्तम अग्रवाल मिट्ठू सिन्धी सहित अनेक लोग मौजूद थे।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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कलेक्टर ने पकडे अवैध रेत परिवहन करते चार ट्रेक्टर

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पन्ना 24 अप्रैल 15/रेत के अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने अजयगढ क्षेत्र का भ्रमण किया। उन्होंने ग्राम चंदौरा में अवैध रेत परिवहन के लिए बनाए गए 2.5 कि.मी. के मार्गो का निरीक्षण किया। चंदौरा घाअ में रेत के अवैध परिवहन के लिए बनाया गया अस्थाई पुल भी मिला। नदी के दूसरी ओर चार बिना नम्बर के ट्रेक्टर रेत उत्खनित करते पाए गए। कलेक्टर के निर्देश पर खनिज तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों ने चारो ट्रेक्टर जप्त किए। उन्हें खोरा चैकी में रखा गया। इनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई। कलेक्टर के निरीक्षण के समय उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि चंदौरा घाट से वर्तमान में रेत उत्खनित नही हो रही है। इसके लिए उपयोग में लाए जा रहे मार्ग को खोद दिया गया है। उसके दूसरी ओर छतरपुर तरफ से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। ग्रामीणों ने जिगनी घाट, चांदी पाठी तथा खरौनी घाट से भी रेत के अवैध उत्खनन की जानकारी दी। कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित राजस्व तथा पुलिस अधिकारियों को खनिजों के अवैध परिवहन पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चंदौरा घाट में अभी रेत का उत्खनन नही हो रहा है लेकिन अवैध रूप से बना पुल तथा रेत खदान अवैध उत्खनन के प्रमाण हैं। इन पर कठोर कार्यवाही करें। निरीक्षण के समय एसडीएम अजयगढ पुरूषोत्तम गुप्ता, उप संचालक खनिज के.पी. दिनकर, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आनन्द शुक्ला, कार्यपालन यंत्री पीएचई के.पी. वर्मा, नगर निरीक्षक अरविन्द दांगी तथा मैदानी कर्मचारी उपस्थित रहे।

उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरों की नीलामी 27 से

पन्ना 24 अप्रैल 15/जिले में लोगों द्वारा एक वर्षीय भूमि का पट्टा प्राप्त कर हीरे की खुदाई की जाती है। इन उथली खदानों से प्राप्त कुल 142 नग हीरो की नीलामी कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित हीरा कार्यालय में की जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने बताया कि नीलामी 27 से 30 अप्रैल 2015 तक की जाएगी। प्रतिदिन सुबह 10 बजे से एक बजे तक हीरो का निरीक्षण किया जाएगा। दोपहर 2 बजे से शाम 5.30 बजे हीरो की बोली की जाएगी। इसमें उज्जवल, मैले एवं औद्योगिक किस्म के लगभग 142 हीरे जिनका कुल वजन लगभग 136.44 कैरेट है। इनकी अनुमानित राशि लगभग 57 लाख 46 हजार 983 रूपये है। इच्छुक बोलीदार 5 हजार रूपये की अमानत राशि जमा करके बोली में भाग ले सकते हैं। उच्चतम बोली वाले बोलीदार को अंतिम निर्णय के तुरन्त बाद नीलामी राशि का 20 प्रतिशत तत्काल जमा करना होगा। शेष राशि 30 दिन में जमा करना अनिवार्य होगी। 

व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए राशि मंजूर

पन्ना 24 अप्रैल 15/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत चन्द्रशेखर शुक्ला ने बताया है कि मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद पंचायत अजयगढ की ग्राम पंचायत बहादुरगंज में निर्मित व्यक्तिगत शौचालय की राशि पंजाब नेशनल बैंक के जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अन्तर्गत संचालित खाते के माध्यम से हितग्राही पट्टू कुशवाहा, बृन्दावन कुशवाहा, सीताराम कुशवाहा तथा रघुराज कुशवाहा के खातों में 12-12 हजार रूपये के मान से राशि के भुगतान की स्वीकृति प्रदाय की गई है। राशि का भुगतान स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अन्तर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की राशि से विकलनीय होगा। 

पप्पू बुन्देला की मौत की हो रही है मजिस्टेªरियल जांच

पन्ना 24 अप्रैल 15/कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी शिवनारायण सिंह चैहान ने कथित अपराधी पप्पू बुन्देला उर्फ सुरेन्द्र चैरसिया निवासी मोहन्द्रा की पुलिस मुठभेड में मौत हो गई थी। इस घटना की मजिस्ट्ररीयल जांच के आदेश दिए गए थे। घटना की जांच अनुविभागीय दण्डाधिकारी पवई एम.एस. मरावी द्वारा की जा रही है। इस जांच में शामिल किए गए बिन्दुओं में क्या तथाकथित घटना के कारण मृतक को तत्काल पकडना और मृतक को पकडने के लिए आम्र्स एम्युनेशन के साथ पुलिस बल उपयोग करना आवश्यक हो गया था। क्या मृतक पप्पू उर्फ सुरेन्द्र बुन्देला द्वारा आरक्षक आकाश यादव पर जान से मारने के उद्देश्य से कट्टे द्वारा दो फायर किए गए थे। क्या आरक्षक आकाश यादव द्वारा आत्मरक्षा के लिए दो फायर मृतक पर किए या मृतक की मृत्यु कारित करने के लिए फायर किए गए थे। क्या मृत्यु कारित घटना को टाला जा सकता था और मृतक को जीवित नही पकडा जा सकता था। घटना की जांच कर रहे अनुविभागीय दण्डाधिकारी पवई श्री मरावी द्वारा अपील की गई है कि घटना से जुडे उपरोक्त बिन्दुओं के संबंध में कोई भी व्यक्ति लिखित एवं मौखिक साक्ष्य उनके न्यायालय में 4 मई 2015 तक उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकता है। 

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से 15 जोडों के विवाह

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पन्ना 24 अप्रैल 15/मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत गरीब कन्याओं के विवाह कराए जाते हैं। इसी क्रम में पन्ना जनपद पंचायत में 15 जोडों को इस योजना में दम्पत्ति सूत्रों में बांधा गया। इस समारोह का आयोजन सांरग मंदिर में किया गया। इन 15 जोडों में से 9 अनुसूचित जाति वर्ग, अनुसूचित जनजाति वर्ग का एक, अन्य पिछडा वर्ग के 4 तथा सामान्य वर्ग से एक जोडा शामिल है। इस समारोह में एक निःशक्त जोडे को भी दम्पत्त सूत्र में बांधा गया। शासन की कल्याणकारी योजना में प्रत्येक जोडे को 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई तथा 10 हजार रूपये के फिक्स डिपाजिट की रसीद भी दी जाएगी। निःशक्तजन विवाह योजनान्तर्गत निःशक्त जोडे को 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता पृथक से दी जाएगी। इस योजना के तहत पन्ना जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना चन्द्रसेन सिंह, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह द्वारा निरंतर प्रयास किए गए। समारोह में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री माघवेन्द्र सिंह द्वारा एक-एक साडी कन्याओं को उपहार स्वरूप दी गई। श्रीमती स्नेहलता पारासर उपाध्यक्ष नगरपालिका पन्ना द्वारा प्रत्येक जोडे को एक-एक स्टील का डिब्बा भेंट किया गया। कन्यादान योजना की सहायता राशि के चेक भाजपा जिलाध्यक्ष श्री सतानन्द गौतम द्वारा वितरित किए गए। इस अवसर पर बडी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं आमजन उपस्थित रहे। 

प्रत्येक मतदान केन्द्र में विशेष कैम्प 26 अप्रैल को

पन्ना 24 अप्रैल 15/उप जिला निर्वाचन अधिकारी पन्ना ने बताया कि मतदाता सूची के सहज परिशोधन एवं सहज पंजीकरण अभियान के तहत जिले में 26 अप्रैल को प्रत्येक विधान सभा के प्रत्येक मतदान केन्द्र मंे विशेष कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मतदाता अपने आधार कार्ड नम्बर एवं मोबाईल नम्बर, ई-मेल की जानकारी कैम्प में बीएलओ, पंचायत सचिव, पटवारी या आंगनवाडी कार्यकर्ता को दें। साथ ही मतदाता सूची में नवीन 18 वर्ष के मतदाता के नाम जोडने के लिए मतदाता सूची में नाम, उम्र. लिंग, रिश्ता या फोटो में संशोधन तथा मृत अथवा अपात्र मतदाताओं के नाम, विवाहित लडकियों/मतदाताओं के नाम हटाए जाने के लिए कैम्प में निर्धारित प्रपत्र प्राप्त कर आवेदन करें व मतदाता सूची को शत प्रतिशत त्रुटिरहित बनाने में अपना योगदान प्रदान करें। 

धनजन योजना की शत प्रतिशत फीडिंग 27 अप्रैल तक करें-श्री शुक्ला
  • अनुपस्थित पाए गए सचिवों की एक-एक दिन की वेतन काटी गई

पन्ना 24 अप्रैल 15/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत चन्द्रशेखर शुक्ला द्वारा जनपद पंचायत पन्ना के सभागार में शासन की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में उपयंत्री, पीसीओ, सचिव एवं रोजगार सहायक उपस्थित थे। धनजन योजना के तहत ग्राम पंचायतवार आम आदमी के खातों की फीडिंग का कार्य 15 ग्राम पंचायतों में अपेक्षा से कम पाए जाने पर संबंधित सचिवों को चेतावनी दी गई। इसके अलावा समस्त सचिवों एवं रोजगार सहायकों को 27 अप्रैल तक शत प्रतिशत खातों की फीडिंग कर जानकारी जिला पंचायत में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार पेंशनधारियों के बैंकों में खाते खोलने की जानकारी दी गई। 10 पेंशनधारियों में 9100 खाते खोले जाने की जानकारी दी गई। खाते खोलने के लिए शेष रहे 900 पेंशनधारियों के खाते एक सप्ताह के अन्दर खुलवाने के निर्देश पीसीओ एवं सचिवों को दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पेंशनधारी को ई बैंकिंग के जरिए उनके बैंक खाते में पेंशन की राशि भेजी जाए। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रत्येक उपयंत्री 200 शौचालयों का निर्माण कराएगा। शौचालय निर्माण का लक्ष्य अपेक्षा अनुसार पूरा न होने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। स्वच्छ भारत अभियान के तहत चलाए जा रहे शौचालय निर्माण के कार्य पर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सतत निगरानी बनाए रखें। इसी प्रकार नव निर्वाचित सरपंचों के हस्ताक्षर नमूना बैंकों में जमा कराने की समीक्षा की गई। इसमें 77 ग्राम पंचायतों के सरपंचों के हस्ताक्षर नमूना बैंकों को भेजे गए। शेष चार ग्राम पंचायतों के सरपंचों के नमूना हस्ताक्षर तत्काल भेजने के निर्देश दिए गए। एक पंचायत एक खाता के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक खाता एक सप्ताह के अन्दर करने के निर्देश पंचायत सचिवों को दिए गए। कपिल धारा कूप निर्माण योजनान्तर्गत बुन्देलखण्ड पैकेज के माध्यम से डीजल पम्प प्रदाय किए जाने की समीक्षा की गई। जिसमें अभी तक बुन्देलखण्ड पैकेज के माध्यम से 1319 हितग्राहियों को डीजल पम्प उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसी प्रकार अन्य योजना के अन्तर्गत 76 हितग्राहियों को डीजल पम्प दिए गए हैं। डीजल पम्प पाने के लिए शेष रहे 27 हितग्राहियों को एक सप्ताह के अन्दर कृषक अंश जमा कराकर डीजल पम्प दिलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा 154 प्रगतिरत कपिल धारा कूपों की उपयंत्रीवार समीक्षा करते हुए 30 मई तक पूर्ण कराने के लिए निर्देश दिए गए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री शुक्ला द्वारा प्रत्येक उपयंत्री, सचिव एवं पीसीओ को अनिवार्य रूप से अपने मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहे 7 ग्राम पंचायत सचिवों का एक-एक दिन का वेतन काटने एवं कारण बताओ सूचना जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शुक्ला ने सचिव ग्राम पंचायत कुंजवन विजय अहिरवार तथा सचिव ग्राम पंचायत गोल्हीपाठक पूरन सिंह यादव के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। सम्पन्न हुई इस बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना चन्द्रसेन सिंह, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह परिहार, सहायक यंत्री आई.बी. त्रिपाठी, खण्ड पंचायत अधिकारी घनश्यामदास शर्मा, समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन कपिल पटैरिया के साथ उपयंत्री, पीसीओ, सचिव एवं रोजगार सहायक उपस्थित रहे। 

मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण 7 से 14 मई तक

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पन्ना 24 अप्रैल 15/मिशन इन्द्रधनुष के द्वितीय चरण को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 एल.के. वितारी, डाॅ0 ए.के. गुरहा, उप संचालक डाॅ0 दिलीप हाडाउ ओआईसी पन्ना, डाॅ0 भवेन्द्र दवे एसएमओ, दिनेश दुबे एसपीएमयू, डाॅ0 जितेन्द्र खरे नोडल अधिकारी के साथ समस्त बीएमओ, पीपीएम, बीसीएन उपस्थित रहे। बैठक में समस्त बीएमओ को निर्देश दिए गए कि एमआई के प्रथम चरण में पाई कमियों को दूर कर द्वितीय चरण को सफलतापूर्वक संचालित किया जाए। सभी एएनएम के माध्यम से ग्रामों का सर्वे कराए जाने का निर्देश दिए गए। यह भी निर्देश दिए गए कि सर्वे में टीकाकरण से छुटे हुए बच्चों एवं गर्भवती माताओं की लाईनलिस्टिंग में सुपरविजिंग के दौरान कोई बच्चा या महिला मिलती है तो संबंधित एएनएम के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। एमआई के द्वितीय चरण में पहले से हेल्पकाउंट करना आवश्यक है। इसके लिए माईक्रो प्लानिंग तैयार कर छुटे हुए बच्चों एवं माताओं का शत प्रतिशत टीकाकरण कराया जा सके। जिले में कुछ ग्रामीण अंचल में निजल्स के केस पाए गए हैं। इसलिए प्रभावित क्षेत्रों में एएनएम छुटे हुए डेढ साल से 5 साल के बच्चों को निजल्स का सेंकेड डोज अनिवार्य रूप से दिया जाए जिससे क्षेत्र निजल्स विहीन हो सके। 

तीर्थदर्शन ट्रेन 10 मई को जाएगी रामेश्वरम् 

पन्ना 24 अप्रैल 15/जिले के पात्र वरिष्ठ नागरिकों को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना से लाभान्वित करने के लिए निःशुल्क तीर्थदर्शन ट्रेन 10 मई को रामेश्वरम् के लिए प्रस्थान करेगी। इस तीर्थ यात्रा में 165 यात्रियों को रामेश्वरम् जाने का अवसर प्राप्त होगा। इस संबंध में प्रभारी अधिकारी धर्मार्थ तथा हीरा अधिकारी रत्नेश दीक्षित ने बताया कि तीर्थयात्रियों को तीर्थ यात्रा के दौरान आवास, भोजन तथा पेयजल की निःशुल्क सुविधा दी जाएगी। इसका लाभ वे ही व्यक्ति उठा सकते हैं जो 60 वर्ष से अधिक आयु के हों तथा आयकर दाता न हों। एक व्यक्ति को केवल एक बार ही तीर्थ यात्रा का अवसर दिया जाएगा। अधिक आयु के तीर्थ यात्रियों को अपने साथ सहायक की भी सुविधा दी जाएगी। तीर्थ यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए शासकीय कर्मचारी भी तैनात रहेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि प्राप्त कार्यक्रम अनुसार रामेश्वरम् जी की यात्रा 10 मई से 15 मई 2015 तक जाने वाली यात्रा के आवेदन 28 अप्रैल तक प्राप्त कर 29 अप्रैल 2015 तक इस कार्यालय में हार्डकापी एवं साॅफ्टकापी भेजें। निर्धारित तिथि एवं निर्धारित प्रारूप पर आवेदकों की सूची न भिजवाने पर आप स्वयं उत्तरदायी होंगे। 

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों की प्रविष्टियां प्रारंभ

पन्ना 24 अप्रैल 15/कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान द्वारा शासन के निर्देशानुसार शहरी क्षेत्रों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के के पात्र परिवारों के बैंक खातों की जानकारी उचित मूल्य दुकानवार, वार्डवार तैयार की जाना है। आगामी समय में इन हितग्राहियों को योजनाओं से संबंधित अनुदान की राशि बैंक खातों में भुगतान की जाएगी। हितग्राहियों के खातों की प्रविष्टियों का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। यह कार्य 27 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य के लिए नगरपालिका, नगर परिषदवार दल गठित कर दिए गए हैं। दलों का प्रभारी तथा नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्र के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को बनाया गया है। गठित दल आवंटित क्षेत्र के लोगों की जानकारियां एकत्र कर सूचीकरण करेंगे। 

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (24 अप्रैल)

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बड़वानी की तपती भूमि को शीतलता प्रदान करने हेतु नहरो में प्रवाहित माॅ नर्मदा के जल का दुग्धाभिषेक किया मुख्यमंत्री शिवराजंसिह चैहान ने 
  • नहरो में प्रवाहित माॅ नर्मदा के जल को 31 मीटर लम्बी चुनरी चढ़ाई मुख्यमंत्री शिवराजंसिह चैहान ने

badwani news
बड़वानी 24 अप्रैल/प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने शुक्रवार को बड़वानी जिले के ग्राम झिरनिया पहुंचकर इंदिरा सागर सिंचाई योजना की मुख्य नहर में प्रवाहित हो रही माॅ नर्मदा के जल का पूजन अर्चन कर 31 मीटर लम्बी चुनरी प्रवाहित की। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने इंदिरा सागर सिंचाई योजना की 243 किमी लम्बी नहर के 195 किलोमीटर पर स्थित ग्राम झिरनिया के उच्च स्थल पर यह पूजा अर्चना की। जहां से यह नहर बड़वानी जिले के 150 ग्रामो की 36800 हैक्टर क्षेत्र में सिंचाई करने हेतु प्रवेश कर रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 9 कन्याओ का पूजन करते हुए उपस्थित जनो के साथ नर्मदा के जल का दुग्धाभिषेक करते हुए अर्चन किया कि हे! पुण्य सलिला माॅ नर्मदा आप नहरो के द्वारा प्रवाहित होकर निमाड़ की इस तपती भूमि को इतनी शीतलता प्रदान करना की यहां के खेतो में उत्पादित अन्न की गर्मी से सभी किसान धन-धान्य से परिपूर्ण हो सके। ज्ञातव्य है कि इंदिरा सागर सिंचाई योजना की मुख्य नहर 243 किलोमीटर लम्बी है। यह नहर 195 किलोमीटर बाद बड़वानी जिले में प्रवेश करती है। बड़वानी जिले के 150 गांवो के हजारो किसानो के 36800 हैक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। इससे किसानो को अपने 60000 हैक्टर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई करने की सुविधा मिलेगी। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कुंवर विजय शाह, खरगोन-बड़वानी सांसद सुभाष पटेल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं खण्डवा के सांसद नंदकुमार चैहान, इन्दौर के पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, पानसेमल के विधायक दिवानसिंह पटेल, सरदार सरोवर डूब स्थापित संघ के संरक्षक महेश तिवारी, कलेक्टर रविन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक तिलकसिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य किसान बंधु उपस्थित थे। 

हास्य - व्यंग्य : 'सेवा 'में करियर...!!

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साइकिल - घड़ी और रेडियो। यदि एेसी चीजें सात फेरे लेने जा रहे दुल्हे की खिदमत में पेश की जाती थी, तो आप सोच सकते हैं कि वह जमाना कितना वैकवर्ड रहा होगा। तब की पीढ़ी के लिए करियर का मतलब साइकिल के पीछे लगे उस सहायक उपकरण  से था, जिस पर बैठा कर वह ज्यादा से ज्यादा अपनी पत्नी को सिनेमा दिखाने ले जा सकता था। या फिर इसका इस्तेमाल भतीजे को बिठा कर घर से  स्कूल पहुंचाने या स्कूल से घर लाने में कर सकता था। लेकिन आधुनिकता के साथ बाजारवाद का प्रभाव बढ़ने पर हमें पता चला कि करियर का मतलब कुछ और भी है। उस जमाने की फिल्मी पत्रिकाओं में तब के हीरो - हीरोइनों के अक्सर बयान छपते थे कि ... अभी मेरा पूरा ध्यान करियर पर है, फिलहाल शादी का मेरा कोई इरादा नहीं है...। 

मैें अपने करियर को लेकर इन दिनों काफी सीरियस हूं... दूसरी बातों के लिए मेरे पास समय नहीं है...वगैरह - बगैरह। समय के साथ सामान्य वर्ग के युवा भी करियर बनाने की चिंता में दुबले होने लगे। अपने जैसे लड़कों को करियर की बात करते देख हमें हैरत होती कि यह आखिर क्या बला है। हमने तो कभी इस विषय पर सोचा ही नहीं। अपने राम हमेशा नून - तेल लड़की की मशक्कत में डूबे रहे, और एक के बाद एक पीढ़ियां डाक्टरी से लेकर इंजीनियरिंग में करियर की संभावनाएं तलाशती रही। समय की दौड़ में हमें भान हुआ कि करियर बनाने की दौड़ में हम दुनिया से काफी पिछड़ चुके हैं। फिर इस बात का अहसास भी कि सर्वाधिक आरामदायक करियर जनता की  सेवा के क्षेत्र मेें है। क्योंकि हर प्रकार के चुनाव के समय हर वर्ग के नामचीन लोगों को जनता से कातर प्रार्थना करते सुनता कि ... भगवान का दिया उनके पास सब कुछ है, अब उनकी दिली ख्वाहिश है कि वे चुनाव जीत कर जनता की सेवा करें। इसलिए यह मौका उन्हें दिया जाए...। 

चमकती - दमकती दुनिया के आउट डेटेट व रिटायर्ड कलाकार ही नहीं बल्कि एेश्वर्य - वैभव का भरपूर सुख भोग रहे कलाकारों को भी जनता के सामने सेवा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए दया भिक्षा करते देखा । पीढ़ी दर पीढ़ी इस क्षेत्र में दबदबा बनाए रखने वालों का तो कहना ही क्या। मतदाता सूची में नाम दर्ज हुआ नहीं कि पहुंच गए चुनावी अखाड़े में ... भाईयों अभी तक मैने आप लोगों की तहे दिल से सेवा की... अब आगे यह काम मेरा फलां करेगा.... बस आप लोग इसे आर्शीवाद दें। सेवा में करियर बनाने की आतुरता दुनिया के दूसरे देशों में भी है। पड़ोसी देश के एक नामी खिलाड़ी को रिटायरमेंट के बाद स्वाभाविक रूप से इस क्षेत्र ने अपनी ओर आकर्षित किया। सो वे इसमें चले भी गए। 

फिर अचानक उन्हें भान हुआ कि बुढ़ौती में उन्हें फिर शादी कर लेनी चाहिए। इसलिए जनता की अनुमति से उन्होंने फिर घर बसा लिया। इसी देश के एक और नामचीन  पिता की प्रेरणा से जनता की सेवा में जुटे। फिर निजी कारणों से पिता से दो साल की छुट्टी मांग ली। ताकि विदेश में कुछ समय अपने लिए भी जी सके। अपने देश में भी यह सुविधा सिर्फ जनता की सेवा के क्षेत्र में ही है कि आप बगैर किसी को कुछ बताए महीनों विदेश में छुट्टियां बिता लें। तिस पर धमक यह कि जनता की अधिक मनोयोग से सेवा के लिए जरूरी चिंतन - मनन को उन्होंने यह समय विदेश मे बिताया। ताकि और अधिक तत्परता के साथ जनता की सेवा कर सके। करियर के करिश्मे से पूरी तरह से वंचित होकर मेरी अब ईश्वर से यही प्रार्थना है कि कम से कम अगले जन्म में मुझे जनता की एेसी ही सेवा करने का मौका दे। 






तारकेश कुमार ओझा,
खड़गपुर (पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और दैनिक जागरण से जुड़े हैं। 

विशेष आलेख : मोदी की सामाजिक चेतना

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डा. अंबेडकर पर प्रस्तावित विश्व केेंद्र को स्थापित करने के लिए अपनी उत्साहपूर्ण स्वीकृति प्रदान करते हुए एक बार फिर दोहराया है कि अगर डा. अंबेडकर न होते तो वे उस जगह पर नहीं पहुंच सकते थे जहां आज हैं। अपनी चुनावी सभाओं में भी नरेंद्र मोदी ने कुछ इसी तरह से डा. अंबेडकर का आभार जताया था। उन्होंने कहा था कि यह उन्हीं के बनाए संविधान की देन है जो आज उन जैसा व्यक्ति प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित हो सका। उन जैसा से उनका तात्पर्य अपनी सामाजिक पृष्ठभूमि के बारे में था।

जाहिर है कि नरेंद्र मोदी ने जातिगत भेदभाव के कारण देश के सामने उत्पन्न रहीं विसंगितयों को व्यक्त किया है और उनमें क्रांतिकारी परिवर्तन का श्रेय डा. अंबेडकर को देने के मामले में उन्हें कोई संकोच नहीं रहा है। यह डा. अंबेडकर के पुनर्मूल्यांकन का समय है। 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया था। उस समय भी उनका योगदान और कृतित्व उतना ही उजागर था जितना आज है ेलेकिन तब उन्हें सर्वमान्य महापुरुष मानना तो दूर उनको एक खलनायक के रूप में मुख्य धारा के समाज में प्रस्तुत किया जाता था। सरकारी तौर पर उनकी जयंती या निर्वाण दिवस मनाने की बात भी नहीं सोची जा सकती थी लेकिन जो लोग सरकारी हवा से फूले गुब्बारे के रूप में उस समय आसमान पर उड़ते नजर आते थे आज धीरे-धीरे उनका नामलेवा न रहने की स्थिति बनती जा रही है। दूसरी ओर डा. अंबेडकर की स्वीकार्यता में देश-विदेश में भारी इजाफा हुआ है। आज उन्हें केवल दलितों के मसीहा के बतौर नहीं मानवाधिकार के चैंपियन के रूप में सारी दुनिया में देखा जा रहा है और यह युग मानवाधिकारों का युग है। संयुक्त राष्ट्र संघ का मानवाधिकार चार्टर दुनिया के किसी भी देश की सभ्य व्यवस्था के लिए मानक माना जाता है जिसका किसी भी अग्रणी देश द्वारा उल्लंघन संभव नहीं रह गया है। ऐसे में वर्ण व्यवस्था को जारी रखने का दुराग्रह मन में रखते हुए भी परंपरावादी और कट्टरवादी तक अनुभव कर रहे हैं कि उन्हें अपने संगठन को गरिमामय कलेवर के रूप में प्रस्तुत करना हो तो डा. अंबेडकर को मान्यता देना अपरिहार्य है जबकि डा. अंबेडकर इसीलिए लब्ध प्रतिष्ठ हुए कि उन्होंने भारत की वर्ण व्यवस्था जैसी अभैद्य सामाजिक जड़ता की चूलें हिलाने में बिना किसी रक्तपात के असाधारण कामयाबी हासिल की। इस संदर्भ में वर्तमान वर्ष में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा डा. अंबेडकर का सर्वाधिक महिमा मंडन अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि यह एक विरोधाभास की स्थिति है। संघ एक ओर जिस भारतीय संस्कृति के पोषण की बात करता है जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग को मानवीय गरिमा, पद और साधनों से वंचित करने का अभीष्ट उसमें सर्वोपरि है। दूसरी ओर डा. अंबेडकर हैं जिन्होंने मनुु स्मृति से लेकर धर्म शास्त्र के अनेक विधानों के संबंध में सप्रमाण उद्धरणों के साथ उनकी मानवाधिकार विरोधी व्यवस्थाओं को बेनकाब किया। संघ को चाहिए कि अंबेडकर के पूरे साहित्य में समाहित इस ध्वनि के विषय में पढऩे की शिक्षा भी अपने कार्यकर्ताओं को दे ताकि एक गर्हित व्यवस्था की पुनर्बहाली का जो सपना वे भाजपा के अकेले बहुमत में आने पर संजोए हुए हैं उसके बारे में उनकी तमाम गलतफहमियां दूर हो सकेें। साथ ही वर्ण व्यवस्था की क्रूरताओं की वापसी की आशंका भी बहुत लोगों के मन में दूर हो सके।

मंडल आयोग की रिपोर्ट के लागू होने के तत्काल बाद बने माहौल में आने वाले वक्त की नब्ज संघ ने पहचान ली थी। 1991 में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाना इसी की काट में संघ द्वारा लाया गया ब्रह्म्ïाास्त्र था लेकिन संघ में उस समय कट्टरवादियों का बोलबाला था जिन्हें एक पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री की अधीनता स्वीकार नहीं थी। लखनऊ के बख्शी के तालाब इलाके में भाजपा के विधायकों की एक बड़ी बैठक में कल्याण सिंह को निशाना बनाते हुए जो उद्गार प्रकट किए गए थे उनसे व्यापक हिंदू एकता का रेशमी आवरण छिन्नभिन्न हो गया था और साफ जाहिर हो गया था कि जातिवाद ही इस पार्टी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यहां तक कि सवर्ण होते हुए भी सोशल इंजीनियरिंग की सिफारिश करने की वजह से अपनी तमाम ईमानदारी के बावजूद गोविंदाचार्य को अपने राजनीतिक कैरियर का बुरा हश्र देखना पड़ा। उमा भारती को कई बार आहत होकर सार्वजनिक रूप से कहना पड़ा कि भारतीय जनता पार्टी में किसी पिछड़े नेता का उदय बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक सवर्ण वादी पार्टी है।  तब से आज तक भाजपा व संघ में जमीन आसमान का परिवर्तन है। इससे भारतीय समाज की रचनात्मक गतिशीलता प्रकट हुई है जो स्वागत योग्य है। आज मुख्यमंत्री के पद पर नहीं देश के सर्वोच्च कार्यकारी प्रधानमंत्री के पद पर भाजपा जैसी पार्टी में पिछड़े वर्ग के नेता को उसकी क्षमता के आधार पर सहज स्वीकार किया गया। नरेंद्र मोदी के पहले भाजपा के सारे राज्यों में मुख्यमंत्री भी इसी वर्ग के थे जिनको संघ और पार्टी ने काम करने में पूरी स्थिरता प्रदान की। एक ओर दलितों की पार्टी बसपा है जिसकी शुरूआत सवर्णों से पूर्णतया दूरी रखने के नारे के साथ हुई थी लेकिन जैसे ही यह पार्टी मुख्य धारा में स्थापित हुई इस पार्टी ने अपने नारे बदल दिए और सवर्णों को भी सत्ता में सहभागिता देने के लिए अपने द्वार खोल दिए। दूसरी ओर भाजपा के सामाजिक दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव यह भारतीय लोकतंत्र का इतना आकर्षक पहलू है कि लगता है कि परिवर्तन के औजार के रूप में लोकतंत्र दुनिया के किसी देश में सबसे ज्यादा कामयाब हुआ है तो वह भारत है।

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जिन राज्यों में भाजपा सत्तारूढ़ हुई उनमें सवर्णों को नेतृत्व प्रदान किया गया। हो सकता है कि यह एक संयोग हो लेकिन सत्ता संचालन की योग्यता के मामले में सक्षम नेतृत्व को अपनाने में जातिगत मानदंड लागू न हों यह उस दिशा में आगे बढ़ा एक महत्वपूर्ण कदम है। डा. अंबेडकर ने जब दलितों के लिए कम्युनल अवार्ड मांगा था तो इसे विघटनकारी कदम के रूप में प्रचारित किया गया था। डा. अंबेडकर के पास आंकड़े थे जिनके आधार पर गोलमेज सम्मेलन में उन्होंने ब्रिटिश सरकार के सामने साबित किया कि अगर दलित हिंदू समाज के स्वाभाविक अंग होते तो जमीन संपत्ति के मामले में उनकी स्थिति निल न होती। गांधी जी ने इसके विरुद्ध तमाम भावनात्मक दलीलें दीं और वर्ण व्यवस्था के अत्याचारों को यह व्यवस्था श्रम विभाजन की व्यवस्था जताकर ओझल करने की कोशिश की। तब डा. अंबेडकर को बहुत लांछन झेलने पड़े लेकिन डा. अंबेडकर एक जातिवादी व्यक्ति नहीं थे। कम्युनल अवार्ड के माध्यम से उन्होंने जानबूझकर भारतीय समाज के मठाधीशों पर ऐसी चोट की थी जिससे वे तिलमिलाकर टूट जाएं लेकिन अंततोगत्वा उनका लक्ष्य भारतीय समाज को एक ऐसी दिशा में ले जाना था जहां विकास और चुनाव के मामले में जातिगत पूर्वाग्रह अर्थहीन हो जाएं। वे एक सच्चे लोकतंत्र का निर्माण करना चाहते थे। जब उन्हें संविधान सभा में काम करने का अवसर मिला तो उन्होंने इस दिशा में क्रांतिकारी बीजारोपण किया।

किसी भी देश में बदलाव एक दिन में नहीं हुआ। इसी कारण लोकतंत्र का समता बंधुत्व का डा. अंबेडकर द्वारा रोपा गया बीज भी काफी जद्दोजहद के बाद फलित हो पाया। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की गई तो सामाजिक समानता को संभव बनाने की दिशा में किए गए इस एक और महत्वपूर्ण प्रयास से देश में बवंडर खड़ा हो गया। जिस तरह आज कहा जा रहा है कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए उसी तरह तब कहा गया था कि मंडल आयोग का गठन पिछड़े वर्गों के लिए किया गया था न कि पिछड़ी जातियों के लिए। बाद में उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि भारत के संदर्भ में पिछड़े वर्ग से मतलब जातियों के आधार पर पिछड़ेपन से है। आरक्षण की व्यवस्था भारत में बहुत बाद में लागू हुई। इसके पहले विशेष अवसर का सिद्धांत कनाडा जैसे देश से सृजित हुआ जो सर्वमान्य सिद्धांत बना। यह सिद्धांत कहता है कि अगर किसी भेदभावपूर्ण सामाजिक व्यवस्था की वजह से कोई सामाजिक वर्ग विकास की दौड़ में पीछे ढकेल दिया जाता है तो उसको समकक्षता पर लाने के लिए उन्नति में विशेष अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। अमेरिका में भी नस्ल के आधार पर न केवल सरकारी नौकरियों में बल्कि निजी कंपनियों व ठेकों और आपूर्ति तक में कालों के लिए आरक्षण का प्रावधान उनकी आबादी के अनुरूप किया गया। आरक्षण का इस्तेमाल आर्थिक गैरबराबरी के लिए न तो कभी किया गया और न ही करना औचित्यपूर्ण है। भारत में जो लोग ऐसी मांग करते हैं उन्हें वैश्विक व्यवस्थाओं और सिद्धांतों का कोई ज्ञान नहीं है।

बहरहाल डा. अंबेडकर का लक्ष्य था कि जातिगत व्यवस्था के दोषों को दूर करके मानव इकाई के रूप में देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकार का सम्मान किया जाए और इसके बाद ऐसी स्थितियां बनें कि सभी जातियों द्वारा स्वीकार्य लोग नेता के रूप में आगे आएं। आज स्थितियां कुछ इसी तरह की बनी हुई हैं लेकिन वर्ण व्यवस्था की सच्चाइयों के बारे में दलितों व अन्य पिछड़े वर्गों द्वारा उठाई जाने वाली आवाज को नकारने की हठधर्मिता से बना बनाया खेल बिगडऩे की आशंका है। संघ को अपनी रणनीति के संदर्भ में इस पहलू पर भी गौर करना होगा।



liveaaryaavart dot com

के पी सिंह
ओरई 

झारखण्ड : मीड डे मील के नाम पर होती रही लूट

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दिवाकालीन पहाडि़या कल्याण प्राथमिक विद्यालय, धोबाचापड़ के बच्चों को यह भी पता नहीं कि मीड डे मील होता क्या है ? सोनामुनी कुमारी, पार्वती कुमारी, लखीन्द्र देहरी, बाबूराम देहरी, राजू देहरी, शिबू देहरी, जीतू देहरी, पवन देहरी, माला देहरी, पार्वती देहरी, रासमुनी देहरी को पता नहीं कि मीड डे मील के तहत बच्चों को भोजन में क्या-क्या चीजें प्राप्त होती हैं। मीड डे मील की किस व्यवस्था के तहत लागू है ? प्रतिदिन बच्चों को यह मिलनी चाहिए या फिर सप्ताह अथवा महीनें में एक मर्तबा ? विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अनुसार प्रभारी शिक्षक मुनमुन माल्टो ने अपने कार्यकाल में मीड डे मील के निमित्त चूल्हा तक जलने नहीं दिया। बच्चों ने विद्यालय के रसोई में कभी धुआँ तक उठते हुए नहीं देखा।  किसी को कुछ भी पता नहीं कि विद्यालय में बच्चों के लिये क्या-क्या सरकारी सुविधाएँ प्राप्त है ? क्षत-विक्षत दीवारों के बीच गाँव का ही इन्टर पास विद्यार्थी देवेन्द्र देहरी बच्चों में जला रहा शिक्षा का अलख। वह चाहता है आदिम जनजाति पहाडि़या समाज के बच्चे समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। साढ़े तीन-चार लाख रुपये वेतन सहित मीड डे मील के नाम पर तकरीबन तीन लाख रुपये विद्यालय के प्रभारी शिक्षक मुनमुन माल्टो ने गड़क लिये। आसनसोल (पश्चिम बंगाल) में प्रभारी शिक्षक मुनमुन माल्टो ने बना रखा है अपना आशियाना। जाँच के दायरे में आने के डर से शिक्षक माल्टो ने विशिष्ट पदाधिकारी, पहाडि़या कल्याण, दुमका को मोटी रकम अदा कर  शिकारीपाड़ा प्रखण्ड अन्तर्गत पहाडि़या विद्यालय इन्दरबनी में करवा रखा है अपना स्थानान्तरण करवा लिया। बीडीओ गोपीकान्दर ने विद्यालय की सघन जाँच की बात कही। उन्होनें कहा डीसी दुमका से की जाऐगी शिक्षक के विरुद्ध शिकायत। दोषी पर होगी कार्रवाई। सीपीएम नेता एहतेशाम अहमद ने सरकारी व्यवस्था पर उठाया सवाल। कहा दुर्गम पहाडि़यों के बीचोंबीच बसे आदिम जनजाति पहाडि़या, घटवाल व संताल गाँवों में विकास की किरणें आज भी हैं कोसो दूर। पढि़ये धोबाचापड़ से लौटकर अमरेन्द्र सुमन की रिपोर्ट  
                   
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जिले के तमाम विद्यालयों में मीड डे मील देने की सरकारी व्यवस्था के बाद भी बच्चों को इससे दूर रखना कितना  न्यायसंगत है, भले ही अवाम को इसकी पूरी जानकारी हो किन्तु शिक्षको को इस बात का कोई इल्म नहीं ? आदिम जनजाति पहाडि़या, घटवाल व संताल बहुल गाँव के बच्चों के निवाले जो शिक्षक खुद ही गड़क जाते हों, ऐसे शिक्षकों की सजा क्या होनी चाहिए ? चारों ओर पहाड़ से घिरे आदिम जनजाति बाहुल्य गाँव धोबाचापड़ की कहानी सरकारी व्यवस्था पर कई सवाल छोड़ जाती है। जो गाँव मुख्य सड़क के संपर्क से मीलों दूर हो, उस गाँव के विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था क्या होगी सहर्ष ही समझा जा सकता है। जीवन जीने की तमाम संघर्ष भरी संभावनाओं के बीच भी जब अपने ही समाज के बीच के व्यक्ति से लोग छले जाते हों, तो फिर किसपर किया जाऐगा विश्वास ? यह अन्याय नही ंतो और क्या कहा जाऐगा ? 

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जिले के गोपीकान्दर प्रखण्ड अन्तर्गत गाँव धोबाचापड़ (पंचायत ओड़मो) के दिवाकालीन पहाडि़या उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के छात्रों की दर्द भरी कहानी सुनकर कोई भी पसीज सकता है ? उप राजधानी दुमका से तकरीबन 50 किमी (दुमका-पाकुड़ मार्ग) की दूरी पर गोपीकान्दर प्रखण्ड के धोबाचापड़ गाँव (पंचायत ओड़मो) में पदस्थापित शिक्षक मुनमुन माल्टो ने पूर्णिमा के चाँद की तरह अपने पूरे कार्यकाल में विद्यालय में उपस्थित दर्शायी। इस शिक्षक ने न तो विद्यालय के बच्चों में शिक्षा का कभी अलख जगाया और न ही फटेहाल जिन्दगी जी रहे बच्चों को मीड डे मील का एक भी निवाला हजम करने दिया।  प्रतिमाह 35-40 हजार रुपये वतौर वेतन प्राप्त करते रहने के बाद भी  विद्यालय के सर्वांगिण विकास व आधारभूत संरचनाओं के नाम पर प्रतिवर्ष प्राप्त होने वाली राशियों का दुरुपयोग पूरी निष्ठा से वे करते रहे। सीपीएम नेता एहतेशाम अहमद के अनुसार पिछले ढाई वर्षों के दौरान साढ़े तीन से चार लाख रुपये बैठे-बैठे उन्होनें प्राप्त कर लिये। शिक्षक मुनमुन माल्टो के विरुद्ध ग्रामवासियों का आक्रोश परवान पर है। 

ढाई वर्ष के अपने कार्यकाल में विद्यालय के प्रभारी श्री माल्टो ने बच्चों को एक भी दिन मीड डे मील से परिचय नहीं कराया। शिक्षक खुशी-खुशी इस बात को स्वीकारता भी है और यह भी कहता हैं कि प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपये मीड डे मील के नाम पर राशि की निकासी वे करते रहे। श्री माल्टो को इस बात का कोई अफसोस नहीं कि ढाई वर्षों तक विरादरी के बच्चों के निवाले वे छिनते रहे। वे कहते हैं अकेले एकमात्र वे ऐसा करने वाले नहीं हैं। धोबाचापड़ ग्रामवासी लक्ष्मण देहरी, मंगला देहरी, बुधन देहरी, सुखदेव देहरी, मंजू देहरी, खुदिया मराण्डी, सहदेव राय, पिंटू राय, के अनुसार उनके बच्चे पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहते हैं। ग्रामीणों की वैसी कोई आमद नहीं की पहाड़ से निकलकर समतल भूमि पर वशोवाश कर वे अपना जीवनस्तर सुधार सकें, वे कहते हैं, बच्चों के शिक्षा के लिये जो भी सरकारी व्यवस्था है उसका लाभ भी उनके बच्चों को प्राप्त नहीं होता। सारी व्यवस्था का लाभ शिक्षक उठा ले जाते हैं, जिनकी प्रतिनियुक्ति इस विद्यालय में होती रही है। ढाई वर्षों के कार्यकाल में विद्यालय के प्रभारी शिक्षक मुनमुन माल्टो ने यदा-कदा ही अपना दर्शन गाँव में दिया होाग। 

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गरीब, अनपढ़, गंवार होने की वजह से ग्रामवासियों को यह भी पता नहीं होता कि शिक्षकों की जबावदेही क्या है ? शिक्षा के नाम पर जिस गाँव के विद्यालय में शिक्षकों की गाहे-बगाहे ही उपस्थिति हो ? विद्यालय में कुर्सी-टेबुल तक उपलब्ध न हो, उस विद्यालय में बच्चोें को शिक्षा कैसे दी जा सकती है ? पहाडि़या कल्याण के नाम पर विद्यालयों में जिस तरह की सुविधा होनी चाहिए, शिक्षकों द्वारा उसे गड़क लिया जाना एक बड़े अपराध से कम नही है। दुर्गम पहाडि़यों के बीच बसे ऐसे गाँव के बच्चे क्या मुख्य धारा से कभी जुड़ पाऐगें ? उप राजधानी दुमका के गोपीकान्दर प्रखण्ड में विकास कार्यों की क्या स्थिति है, इस बात की जानकारी प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतों के पहाडि़या, घटवाल, संताल व अन्य वंचित तबकों के ग्रामों के भ्रमण से प्राप्त किया जा सकता है। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से उपरोक्त ग्रामों में न तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और न ही शिक्षा, सिचाई, सड़क की ही व्यवस्था मौजूद है। वर्ष 2000 में बिहार से अलग हुए झारखण्ड के 15 वर्ष बीत गए। इन पन्द्रह वर्षों के कालखंड में राज्य के नेताओं व ब्यूरोक्रेट्स ने विकास के नाम पर इस राज्य को पूरा लूटा। इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे तो काफी हैं किन्तु पढ़ाने वाला यह कहकर अपना पल्ला झाड़ता रहा कि स्कूल काफी अंदर है जहाँ प्रतिदिन पहुँचना टेढ़ी खीर है जबकि जो शिक्षक हैं वे भी ऐसे ही पहाड़ों से आच्छादित गाँव से आते हैं। आदिम जनजाति पहाडि़या समुदाय का शिक्षक ही शोषण करता रहा अपनी बिरादरी का। झारखण्ड शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में इन दिनों स्कूल चलें कार्यक्रम चलाया जा रहा है किन्तु कई ऐसे प्रखण्ड हैं जहाँ के जंगल-पहाड़ों के बीच बसे गाँवों में इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा। 

ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने की कवायद शहरी क्षेत्रों मे भले ही दिखती हो किन्तु सुदूर देहात में ऐसा कोई कार्यक्रम देखने को नहीं मिलता। सीपीएम नेता एहतेशाम अहमद का मानना है सरकारी व्यवस्था और व्यवस्थापक जबतक सुदूरवर्ती गाँवों में खुद भ्रमण नहीं करेगें, वैसे गाँवों का विकास मात्र कल्पना ही साबित होगा। पहाडि़या नेता देवेन्द्र देहरी सरकार की वर्तमान व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहते है- पहाडि़या कल्याण के नाम पर प्रतिवर्ष विशिष्ट पदाधिकारी पहाडि़या कल्याण को भारी राशि का आवंटन प्राप्त होता है किन्तु तमाम राशियाँ आॅफिस में ही संचिकाओं की पूर्णाहुति के बाद समाप्त कर दी जाती है। पहाड़ों पर बसने वाले कोरी कल्पना के साथ ही अपना जीवन गुजार लेते हैं। पहाडि़या नेता देवेन्द्र देहरी के अनुसार धोबाचापड़ में विद्यालय का जर्जर भवन अपने अस्तित्व की कहानी तो बयां करता है किन्तु जिस विद्यालय में खिड़की-किवाड़ी तक मयस्सर न हो, टेबुल-कुर्सी और विद्यार्थियों के बैठने के लिये बैंच तक की व्यवस्था न हो उस विद्यालय में पढ़ाई की क्वालिटी क्या होगी किसी से छुपा नहीं है। 

जिन शिक्षकों को देश के नौनीहालों को संवारने की जिम्मेवारी सौंपी जाती है वे अपनी रोटी सेंक रहे हैं। उन्हें क्या मतलब बच्चे पढ़े या नहीं ? उप राजधानी दुमका के नये डीसी राहुल कुमार सिन्हा से इन गाँववासियों को काफी उम्मीदें हैं। पूरी इमानदारी से वर्तमान डीसी ने जिले की विधि-व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर रखी है। भ्रष्टाचारियों पर काफी कुछ अंकुश लगा है। शोषकों के विरुद्ध आवाजें उठने लगी हैं। चाहे पदाधिकारी हो या फिर कर्मचारी। हर सरकारी कर्मी में इस बात का भय तो अवश्य बना हुआ है कि उनके विरुद्ध शिकायतों का परिणाम उन्हें अवश्य भुगतना होगा तथापि कुछ ढीठ किस्म के लोग अपने भ्रष्ट आचरण से बाज नहीं आ रहे। 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (25 अप्रैल)

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भूकम्प के भीषण झटकों ने क्षेत्र के लोगांे को हिलाकर रख दिया 

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) शनिवार की पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 42 मिनट पर आए भूकम्प के भीषण झटके ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। डेढ मिनट तक मानों सबकी सांसे थम सी गयी। स्त्री-पुरूष, बच्चे, बूढे व जवान सभी घरों से निकलकर सड़क पर आ गए। चारो तरफ चित्कार मची रही, निजी व सरकारी स्कूल के बच्चांे को विद्यालय प्रबंधन ने कक्षा से बाहर निकाल खुले मैदान में खड़ाकर दिया। इतना ही नहीं कई विद्यालयांे ने तो भूकम्प के प्रथम झटका के बाद अवकाश कर दिया। अभी पहले झटके को बीते आधा घंटा हुआ कि करीब 34 मिनट बाद दूसरा झटका आया फिर से वही मंजर व चित्कार शुरू हुआ कि लोग के होश उड़ गये लेकिन यह झटका काफी कम समय के लिए रहा। भूकम्प के बारे में बताया जाता है कि रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 07.5 रही। जिसका केन्द्र नरकटियागंज से उत्तर पश्चिम नेपाल में बताया गया है। इस भूकम्प के दोनों झटके ने लोगों को इतना सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ के भयंकर नतीजे हो सकते है। सूत्र बताते हैं कि नरकटियागंज शहर में कई मकान एक से कई एक इन्च खिसक चुके हैं, कई मकानों में दरार आ चुकी है। प्रबुद्धजनांे का कहना है कि यदि भूकम्प की तीव्रता उतनी ही रहती और थोड़ी देर होती को शहर के कई मकान धरासायी हो गये होते और जानमाल के खतरे की संभावना भी रहती। वैसे एच.एस.डी.ए.वी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से बच्चों को छुट्ठी दे दी गयी। बच्चे सकुशल अपने घरों को पहुँच चुके है। अलबत्ता एक अन्य झटका के आने की संभावना से लोग सहमे हुए से है।

पाकिस्तान मानवधिकार कार्यकर्ता की हत्या

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पाकिस्तान की मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता सबीन महमूद की कल शाम कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह 38 वर्ष की थी। कराची (दक्षिण) के पुलिस उप-महानिरीक्षक डॉ. जमील अहमद इसे लूटपाट से संबंधित मामला मानने से इंकार करते हुए बताया कि सुश्री महमूद को जान बूझकर निशाना बनाया गया। उनकी हत्या की साजिश पहले से रची गयी थी हालांकि उन्होंने इसके पीछे के मकसद के बारे में कोई भी जानकारी साझा नहीं की।

सुश्री महमूद बलूचिस्तान में एक सेमिनार का आयोजन करने के बाद अपनी मां के साथ वापस लौट रही थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह एक हत्या की सुनियोजित घटना है लेकिन सुश्री महमूद को किसी प्रकार की धमकी मिली है, ऐसी जानकारी नहीं है। मामले की जांच जारी है और हत्या के मकसद पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

सैन्य पुलिस अधिकारी कंसान डीन के बताया मोटरसाइकिल में पीछे बैठ सवार ने सुश्री महमूद और उनकी मां पर गोलियां दागी। गोली लगने के बाद उन दोनों को पास के निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने सुश्री महमूद को मृत घोषित कर दिया। बाद में उनकी मां को आगा खां यूनीवर्सिटी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया। सुश्री महमूद का शव जिन्ना पोस्ट-ग्रजुएेट मेडिकल सेंटर पर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने सुश्री महमूद की हत्या की निंदा की। पत्रकार रज़ा रूमी ने लिखा है कि उनकी बर्बरतापूण हत्या एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, अपितु एेसे आवाज को खामोश करने की कोशिश है जो समाजिक मुद्दों पर मुखर रही है।

बिहार में भूकंप का तेज झटका.सात की मौत

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बिहार में आज भूकंप का तेज झटका आया जिसमें घरों की दीवार गिरने से मलवे में दबकर सात लोगों की मौत हो गयी तथा कई अन्य घायल हो गये । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि भूकंप के कारण दरभंगा में तीन . भागलपुर में दो और सोनपुर तथा सीतामढ़ी में एक-एक बच्ची की मकान के मलवे में दबकर मौत हो गयी है । भूकंप के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में मकानों में दरार पड़ने और दीवारों के गिरने की खबरें मिली है । दरभंगा के जिलाधिकारी कुमार रवि के अनुसार जिले के साेनकी थाना के टीकापट्टी गांव और गौराबौराम प्रखंड के मंसारा गांव तथा बडगांव सहायक थाना के अधलार गांव में एक-एक व्यक्ति की घर की दीवार गिरने से दबकर मौत हो गयी । उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण दीवारों के गिरने से आठ लोग गंभीर रूप से घायल हुए है ।

श्री रवि ने बताया कि सभी घायलों को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है । इसके साथ ही भूकंप पीड़ितों की मदद के लिये कंट्रोल रूम भी बनाया गया है । उन्होंने बताया कि सभी अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को गांव गांव में जाकर भूकंप से हुयी क्षति का आकलन करने और इसकी रिपोर्ट तुरंत देने का निर्देश दिया गया है । भागलपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के नाथनगर इलाके में मकान की दीवार गिरने से मलवे में दबकर दो लोगों की मौत हो गयी है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नही हुयी है । वहीं सीतामढ़ी में भी एक बच्ची की दीवार गिरने से मौत की सूचना मिली है जबकि चार लोग घायल हुए है। इसी तरह सारण जिले के सोनपुर थाना के सैदपुर गांव में संजय महतो की चार वर्षीय पुत्री रागनी कुमारी की मौत हो गयी ।

हाजीपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार वैशाली जिले के कुतुबपुर थाना के विदुपुर गांव में दस वर्षीय रविता कुमारी. सदर थाना के दिग्घीकला गांव में 35 वर्षीय मंजू देवी. नगर थाना क्षेत्र के बागमली मुहल्ले में 37 वर्षीय अंजुला श्रीवास्तव और बराटी ओपी के तितरा गांव में 30 वर्षीय हेमंत कुमार घर की दीवार के गिरने से मलवे में दबकर घायल हो गये है । सभी घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है । सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भूकंप के कारण मंडल कारा की करीब 30 फीट उंची और 80 फीट लम्बी दीवार गिर गयी है। जिलाधिकारी ने कैदियों की गिनती कराने का आदेश दिया है । 

भूकंप से थर्राया नेपाल,150 से अधिक मरे , भारत में भी तेज झटके

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हिमालय के गाेद में बसे नेपाल में आज भीषण भूकंप आया, जिसमें 150 से अधिक व्यक्तियों के मारे जाने, सैकड़ों लोगों के घायल होने तथा भारी संख्या में भवनों और इमारतों के ढहने की खबरें हैं। रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकम्प के झटकों से नेपाल में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। पहले तो लोगों को कुछ समझ में ही नहीं आया, मगर बाद में धरती से लेकर इमारतें हिलने पर लोग खाली मैदानों की ओर दौड़ पड़े। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर दूर स्थित लमजुंग को माना जा रहा है। अमेरिकी समाचार चैनल सीएनएन ने नेपाल के गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से 150 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर दी है, जबकि बीबीसी ने नेपाल के एक मंत्री के हवाले से बताया है कि भूकंप के केंद्र के आसपास के इलाकों में ज्यादा नुकसान हुआ है। नेपाल सरकार की ओर से अभी तक 114 लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई है।

भूकंप की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बातचीत कर भूकंप से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री कार्यालय की आेर से भूटान में भारतीय दूतावास से बातचीत कर भूकंप के बारे में जानकारी ली गयी। भूकंप के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) को हाई अलर्ट पर रखा है।

बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किये गये। ये झटके लगभग 20 सेकंड तक जारी रहे। भूकंप के कारण दिल्ली मेट्रो सेवा कुछ समय के लिए बाधित रहने के बाद फिर से बहाल हो गयी जबकि कोलकाता में सुरंग में दरार आ जाने के कारण मेट्रो सेवा अब भी बाधित है। भूकंप के कारण लोग अपने-अपने घरों और कायार्लयों से बाहर निकल आये। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। कई जगह बिजली के तार टूट गये हैं और विद्युत आपूर्ति बाधित हो गयी है। देश में भूकंप से किसी के हताहत होने की फिलहाल कोई खबर नहीं है।

सोनिया-राहुल ने की लोगों के सुरक्षित होने की कामना

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नेपाल और भारत में आज सुबह आए तीव्र भूकंप से प्रभावति क्षेत्रों के लोगों के सुरक्षित होने की कामना की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आज यहां जारी बयान में उम्मीद जताई है कि भूकंप से अत्यधिक प्रभावित नेपाल के साथ ही भारत के उत्तर प्रदेश तथा बिहार में कम नुकसान हुआ होगा। 

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि वह प्रभावित क्षेत्रों में जानमाल के कम नुकसान होने की कामना करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पीडित लोगों तक बचाव और राहत का काम तत्काल पहुंच सकेगा। गौरतलब है कि आज सुबह नेपाल तथा भारत के कई इलाकों में भूकंप के तगडे झटके महसूस किए गए और नेपाल में इससे भारी नुकसान हुआ है।

भूकम्प से थर्राया नेपाल, 450 की मौत

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हिमालय के गाेद में बसे नेपाल में आज आये विनाशकारी भूकंप में कम से कम 450 व्यक्तियाें की मृत्यु हो गई तथा विभिन्न क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। नेपाल पुलिस के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कमल सिंह बाम ने यहां रायटर को बताया कि रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकम्प के कारण कम से कम 450 व्यक्ति मारे गए हैं, जिसमें ज्यादातर काठमांडू घाटी के हैं। मृतकों की संख्या 1000 के पार पहुंचने की आशंका जताई गई है। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर दूर स्थित लमजुंग को माना जा रहा है।

भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन की घटना हुई। नेपाल के एक पर्यटन अधिकारी ने बताया कि नेपाल एवरेस्ट के आधार शिविर का कुछ हिस्सा उसमें दफन हो गया। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से फोन पर बातचीत की और उन्हें दुख की इस घड़ी में हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया। नयी दिल्ली से प्राप्त समाचार के अनुसार, श्री मोदी ने राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) के जवानों और चिकित्सकों को नेपाल की सहायता के लिए भेजा है।
विभिन्न समाचार माध्यमों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूकंप के कारण अनेक पुरानी इमारतें ढह गई हैं, कुछ मकानों की दीवारें ढह गई हैं, जहां-तहां मलबों का ढेर लग गया है, सड़कों में दरारें आ गई हैं, पूरे इलाके में धूल के गर्द एवं गुब्बार आसमान में उठते दिखाई दे रहे हैं। लोग सड़कों पर खड़े नजर आ रहे हैं।

काठमांडू में उन्नीसवीं सदी में निर्मित एक ऐतिहासिक मीनार के ढह जाने और उसमें 50 से अधिक लोगों के फंसे होने की खबर है। ‘धरहरा टावर’ को 1832 में बनाया गया था, जिसे भीमसेन टावर भी कहा जाता है। लगभग 63 मीटर ऊंची मीनार को पिछले 10 साल से दर्शकों के लिए खोल दिया गया था। इसकी आठवीं मंजिल स्थित बालकोनी से लोग आसपास का दृश्य देखते थे। अस्पतालों में अफरातफरी का माहौल नजर आया, घायलों को गोद में और कंधों पर उठाये लोगों को बदहवाश भागते देखा गया। कुछ घायलों का इलाज सड़क पर ही किया जा रहा है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने फोन पर बताया, “स्थिति भयावह है, चारों आेर लोगों के कराहने और चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही हैं।”

भूकंप को लेकर सामने आई तस्वीरों में इसके असर को साफतौर पर देखा जा सकता है। स्थानीय समयानुसार 11 बजकर 41 मिनट पर भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया। इसके बाद भूकंप के अन्य झटके आए। भूकंप से कुछ मंदिर भी प्रभावित हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की जानकारी सामने आई है।

बिहार में अब तक भूकंप के सात झटके आये. जारी किया गया एलर्ट

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बिहार में आज चार घंटे के अंतराल में भूकंप के कम से कम 07 झटके महसूस किये गये हैं जिसके बाद मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 48 घंटे में भूकंप के और झटके आने की आशंका जताते हुए लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है । मौसम विज्ञान विभाग पटना के निदेशक ए.के.सेन ने यहां  बताया कि भूकंप का पहला झटका पूर्वाह्न करीब 11 बज कर 42 मिनट पर महसूस किया गया । इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 आंकी गयी । उन्होंने बताया कि इसके बाद 12 बजकर 15 मिनट पर दोबारा झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 6.6 आंकी गयी । श्री सेन ने बताया कि इसके बाद तीन बजे 5.0 और तीन बजकर 51 मिनट पर 4.2 की तीव्रता वाला भूकंप का झटका महसूस किया गया । उन्होंने बताया कि इसके बाद भी दो और झटके महसूस किये गये जिसकी तीव्रता का फिलहाल पता नहीं चल सका है लेकिन इसकी तीव्रता निश्चित रूप से पहले के झटकों से कम थी ।

मौसम विज्ञान विभाग पटना के निदेशक ने बताया कि अगले 48 घंटे में भूकंप के और झटके आ सकते हैं । इसी
के मद्देनजर बिहार के सीतामढ़ी. पूर्वी चम्पारण. अररिया. किशनगंज. दरभंगा. मधुबनी और सुपौल जिला तथा उसके आस-पास के इलाकों में चेतावनी जारी कर दी गयी है । उन्होंने बताया कि इन जिलों में छह या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप के झटके अगले 48 घंटे में आ सकते हैं। श्री सेन ने लोगों से कच्चे मकानों और पुराने तथा कमजोर मकानों में नहीं रहने की सलाह दी । उन्होंने बताया कि मौसम का बिगड़ा मिजाज 27 अप्रैल तब ठीक हो जाने की संभावना है । आसमान में कल तक बादल छाये रह सकते हैं और आंधी-तूफान आने की भी संभावना है । इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा है कि अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं और इस दौरान लोगों को सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों को भूकंप का झटका महसूस होने पर तत्काल घरों से बाहर निकलकर किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाने की सलाह दी।

हिमाचल की विस्तृत खबर (25 अप्रैल)

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नलेटी के नवीन कुमार बने एस एस बी में डी एस पी क्षेत्र में खुशी की लहर 

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ज्वालामुखी, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   देहरा से सटे नलेटी के होनहार नवीन कुमार  सशस्त्र सीमा बल एस एस बी में डी एस पी बन गये है। उन्हें इस औहदे में एसिसटेंट कमांडैंट का रैंक मिलेगा। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर दौड़ गयी है। नवीन कुमार 25 जुलाई 2002 में एस एस बी में  कांस्टेबल के रूप में जी डी तैनात हुये थे। उन्होंने एस एस बी में भर्ती होने के बाद भी अपनी शिक्षा जारी रखी उनमें कुछ कर दिखाने की भूख थी। उनके अंदर का जुनून उनके अंदर के तुफान को  जिंदा रखे हुये था कि जीवन में कोई मुकाम हासिल करना है। नवीन कुमार ने उन्होंने इग्नू से दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम से फिजिक्स आनर्स में बी एस सी पास की । उसके बाद सीधे सब इंस्पैक्टर की परीक्षा पास करके वर्ष 2007 में सब इंस्पैक्टर बने। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लग्न से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने डयूटी के दौरान ही टैलीकाम में दूरवर्ती शिक्षा के माध्यम से एम बी ए पास की है ।  अब वे पदोन्नत होकर एस एस बी में डी एस पी यानि एसिसटेंट कमांडैँट बन गये है। उनकी पदोन्नति के समय डिप्टी कमांडैंट पी सी रातुरी ,एसिस्टैंट कमांडैंट विनय कुमार,सैक्शन आफिसर डी आर तंवर,उनकी माता श्रीमति विजय लक्ष्मी पिता श्री राजेश कुमार शिमला में आयोजित हुये समारोह में उपस्थित थे। नवीन कुमार की इस उपलब्धि पर देहरा उपमंडल की जनता का सिर स्वाभिमान से ऊंचा हुआ है। एस एस बी प्रशिक्षण केन्द्र सपड़ी के सभी अधिकारियों व जवानों ने नवीन कुमार को बधाई दी है। तथा उज्जवल भविष्य की कामना की है। फोटो कैप्शन नवीन कुमार फोटो डी एस पी बनने के बाद प्रसन्नचित

160 लाख से निर्मित होगा कुडन-देहल पुल: बुटेल
  • पालमपुर को मिले 16 स्कूल, जिया स्कूल का लोकार्पण

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धर्मशाला, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   विधान सभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि प्रदेश का समग्र विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकत है। पालमपुर हलके में सडक़ शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, पेयजल और सिंचाई केे क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया गया है।विधान सभा अध्यक्ष ने शनिवार को ग्राम पंचायत बड़सर में लाडा के तहत बनने वाले पर्यटक विश्राम गृह का शिलान्यास, ग्राम पंचायत जिया में स्तरोन्नत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला और 5 लाख रुपये की लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण भी किया। श्री बुटेल ने कहा कि पालमपुर हलके में एक वर्ष के दौरान बिजली के सुधार पर लगभग 6 करोड़ रुपये व्यय किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के वर्तमान कार्याकाल में 16 नए स्कूलों को स्तरोन्नत किया किया गया है। उन्होंने कहा कि कुडन-देहल पुल के लिए नाबार्ड से 1 करोड़ 60 लाख रुपये की राशी स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि दो वर्षों में जरूरतमंद साढ़े 900 लोगों को समाजिक पेंशन सुविधा उपलब्ध करवाई गई है और 107 गरीब लोगों को नए मकान बनाने के लिए धनराशी उपलब्ध दी गई है। उन्होंने कहा कि जिया बड़सर क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिया बड़सर तथा दियाला कूहलों पर 27 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं।  विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि जिया और बड़सर क्षेत्र अपने नैसर्गिक सौंदर्य, हिमानी चामुण्डा के लिए यहां से रास्ता और पन-बिजली परियोजनाओं से आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को ओर अधिक आकर्षक पर्यटक स्थल के रुप में विकसित करने के लिए हर-संभव सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे लोगों को पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत द्वारा पर्यटक विश्राम गृह के निर्माण से पर्यटको को यहां ठहरने के लिए बढिय़ा स्थान उपलब्ध होगा जिसका फायदा इस क्षेत्र के लोगों को भी होगा। उन्होंने दोनों पंचायतों को जोडऩे वाले चमोटू जिया सडक़ मार्ग की टारिंग करने के  आदेश विभाग को दिये। श्री बुटेल ने हलके के सभी पंचायत प्रतिनिधियों से आहवान किया कि विधायक निधि में उपलब्ध धनराशी से शीघ्र विकास कार्यों को आरंभ कर पूरा किया जाये जिससे लोगों को इनका लाभ प्राप्त हो सके।     इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने मिड-हिमालय परियोजना के तहत  तीन स्वयं सहायता समूहों को 31 महिलाओं खड्डियां और बुनाई की मशीनें वितरित की, जिससे महिलाएं को स्व-रोजगार का साधन उपलब्ध हो सके। इससे पहले जिया पंचायत के प्रधान झोंफी राम ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।   कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष बलवंत ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ0 मदन दीक्षित, प्रदेश शिकायत निवाण समिति सदस्य त्रिलोक चंद, जिला परिषद सदस्य कपूर चंद, विजय कुमार, संतोष कुमार, दीप कुमार, उपनिदेशक शिक्षा देश राज शर्मा, पवनेश कौशल, यशपाल सिंह, एसएमसी प्रधान दशनीक, मंगला देवी, सहित ििर्वभन्न विभागों के अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोगों उपस्थित रहे।

पशु जनित रोगों से बचाव हेतु करें कूड़ा कचरा का उचित प्रबन्धन: मोख्टा

धर्मशाला, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   विश्व पशु चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में आज धर्मशाला स्थित डीआरडीए हॉल में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुये अतिरिक्त उपायुक्त श्री सुदेश मोख्टा ने बताया कि वर्ष 2000 से आरंभ किये गये इस दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह के अंतिम शनिवार को किया जा रहा है। पशु चिकित्सा संघ की पहल पर शुरू किये गये इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य पशुओं के स्वास्थ्य एवं पशुओं की विभिन्न बिमारियों एवं पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली विभिन्न बिमारियों की रोकथाम हेतु जागरूकता फैलाना है।     श्री सुदेश मोख्टा ने विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये बताया कि यह प्रयास निरंतर जारी रहने चाहिये ताकि आम आदमी इस प्रकार के संक्रमणों से अपना बचाव कर सके। उन्होंने लोगों को पशु शालाओं में व्यवस्थित कूड़ा प्रबन्धन बारे भी कदम उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर उप निदेशक पशु पालन विभाग डॉ0 विपिन चंदर कटोच ने बताया कि इस कार्यशाला का विषय पशु पक्षियों के प्रभाव से मनुष्यों में फैलने वाले रोग है। उन्होंने बताया कि  मनुष्यों को जानवरों से स्वाभाविक रूप से संक्रामण होता है। अभी तक विश्व भर से लगभग 200 विभिन्न प्रकार के संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में फैलने की जानकारी मिली है। इनमें से कुछ संक्रमण प्राण घातक भी सिद्व हुये हैं। जूनोटिक रोग न केवल जानवरों के उत्पादन क्षमता को प्रभावित करते हैं बल्कि यह मानव स्वास्थ्य तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए संगठित एवं ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। राजकीय आर्युविज्ञान महाविद्यालय, टांडा के सहायक प्रोफसर डॉ0 दिनेश कुमार ने पहाड़ी राज्यों में मनुष्यों में पनपने वाले जूनोटिक रोगों की रोकथाम के लिये उनके विभाग द्वारा किये गये प्रयासों बारे विस्तृत जानकारी दी।  कार्यशाला के तकनीकी सत्र में एसवीओ कांगड़ा डॉ0 मुकेश महाजन व पशु विज्ञान पैथोलोजिस्ट डॉ0 सर्वेश गुप्ता ने जूनोटिक रोगों से सम्बन्धित विभिन्न तकनीकी पहलूओं पर प्रकाश डाला।  इस अवसर पर एसडीएम श्री बलवीर ठाकुर, उप निदेशक डीआरडीए श्री कुलवीर राणा, ईओ श्री ललित कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त क्षेत्र के पशु पालक उपस्थित थे। 
               
विद्युत उपमण्डल भोटा के तहत क्षेत्रों की 27 अप्रैल बिजली बंद रहेगी

हमीरपुर, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   विद्युत उपमण्डल भोटा के ई. वतन सिंह महला ने जानकारी दी है कि  27 अप्रैल को 132 के0वी सव स्टेशन अणु (हमीरपुर) की आवश्यक मुरम्मत के कारण वहां से 33 और 11 के0वी0 विद्युत लाइनों की विद्युत आपूर्ति 9 बजे से 5 बजे तक वाधित रहेगी।  उन्होंने बताया कि संबन्धित सव स्टेशन की मुरम्मत के कारण 33 के0वी सव स्टेशन लदरौर के साथ 33 के0वी0 भोरंज तथा 33 के0वी खुडला से भी विद्युत आपूर्ति बंद रहेगी।  उन्होंने बताया कि 33 के0वी / 11 के0वी0 सव स्टेशन लदरौर के अन्तर्गत आने वाले  अनुभाग लदौर, खरवाड़, मैड़, भोटा तथा शुक्करखड्ड क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति बंद रहेगी ।  उन्होंने संबन्धित क्षेत्रों के प्रभावित होने वाले उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। 

गारली खड्ड पुल के निर्माण के लिए एक करोड़ की डीपीआर तैयार : सीपीएस    
  • बघेड़, क्यारा, मंगलोटी पंचायतों को मिलेगी आवाजाही की बेहतर सुविधा

   हमीरपुर, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   बड़सर उपमंडल की गारली खड्ड पर पुल के निर्माण के लिए एक करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है, इस पुल के निर्माण होने से बघेड़, क्यारा, मगनोटी पंचायतों के लोगों को आवाजाही की बेहतर सुविधा मिलेगी। यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव इंद्र दत्त लखनपाल ने शनिवार को प्लासड़ू-बघेड़ कच्चा संपर्क मार्ग का लोकार्पण करने के उपरांत एक जनसभा को संबोधित करते हुए दी इस दौरान सीपीएस ने इस संपर्क मार्ग का निरीक्षण भी किया गया तथा संपर्क मार्ग को पक्का करने के दिशा निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। मुख्य संसदीय सचिव इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि बघेड़ के ग्रामीणों की काफी लंबे समय से संपर्क मार्ग बनाने की मांग रही है, इसे अमलीजामा पहनाया गया है। उन्होंने कहा कि संपर्क मार्ग के लिए ग्रामीणों ने अपनी निजी भूमि दान में देकर सराहनीय कार्य किया गया है इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेकर विकास कार्यों में अपना सहयोग सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्य संसदीय सचिव इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि सडक़ें किसी भी क्षेत्र की भाज्य रेखाएं कहलाती हैं, सडक़ों के निर्माण के साथ ही गांवों का विकास भी सुनिश्चित होता है यही नहीं किसानों को भी अपने उत्पाद मार्केट तक पहुंचाने में बेहतर सुविधा मिलती है इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है। सीपीएस ने कहा कि गारली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 35 लाख की राशि स्वीकृत की गई है, पीएचसी का निर्माण कार्य भी आरंभ हो चुका है इससे गारली के आसपास के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही गारली सीनियर सेकेंडरी स्कूल में साईंस लैब का काम भी आरंभ हो चुका है इस पर 60 लाख की राशि व्यय की जा रही है। उन्होंने कहा कि सलौणी-बिझड़ी-दियोटसिद्व मार्ग की रिपेयर के लिए भी पंद्रह लाख की राशि स्वीकृत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या में बढ़ोतरी के साथ साथ लोगों को रोजमर्रा के कार्यों के लिए पानी की जरूरत में भी बढ़ोतरी हो रही है इसी को ध्यान में रखते हुए बड़सर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में कुंओं के उचित रखरखाव के लिए भी विशेष ध्यान देने के दिशा निर्देश दिए गए हैं ताकि कुंओं के माध्यम से लोगों को पेयजल की सुचारू सुविधा मिल सके। इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 250 हैंडपंप स्थापित किए गए हैं तथा गर्मियों के सीजन में भी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हैंडपंप स्वीकृत किए जा रहे हैं जबकि 12 बड़े स्तर के हैंडपंप भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वीकृत किए गए हैं इन हैंडपंपों में मोटर इत्यादि का प्रयोग कर लोगों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे पहले पंचायत के उपप्रधान रूप लाल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए गांव के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण करवाने पर आभार भी व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सेवादल के समन्वयक सुरेंद्र अज्न्हिोत्री, पूर्व बीडीसी चेयरमैन कैप्टन अमीं चंद, पूर्व प्रधान कैप्टन चौकस राम, पंचायत उपप्रधान गारली संजय शर्मा, पूर्व प्रधान निक्का राम, अमरनाथ, ईश्वर दास, पूर्व प्रधान जगत राम, पुरूषोत्तम, अर्जुन, ब्रह्मदत्त सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।

हरोली उत्सव के दौरान लगेगा स्वास्थ्य विभाग का शिविर 

ऊना, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   28 से 30 अप्रैल, 2015 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कांगड के मैदान में मनाए जाने वाले हरोली उत्सव के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एक स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 टीसी मंहत ने बताया कि इस शिविर में आम लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। उन्होने बताया कि हरोली उत्सव के दौरान ही एक बेबी शो का आयोजन 29 अप्रैल को प्रात: 11 बजे किया जाएगा। जिसमें 0 से एक वर्ष, एक से दो वर्ष तथा दो वर्ष से तीन वर्ष आयु वर्ग के बच्चे भाग ले सकते हैं। उन्होने सभी अभिभावकों से आग्रह किया है कि वह बच्चों का प्रतिरक्षण कार्ड अवश्य साथ लाएं। उन्होने बताया कि बेबी शो में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र एवं ईनाम वितरित किए जाएंगें।

विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर लालसिंगी में लगा स्वास्थ्य शिविर

ऊना, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला ऊना द्वारा लालसिंगी में स्वां नदी के किनारे बसे प्रवासियों के लिए एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उपस्थित लोगों को मलेरिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। यह जानकारी देते हुए जिला सूचना, शिक्षा एवं संप्रेषण अधिकारी डॉ0 राज कुमार राणा ने बताया कि इस स्वास्थ्य शिविर में स्वास्थ्य शिक्षक गोपाल कृष्ण ने उपस्थित लोगों को मलेरिया के लक्षण एवं बचाव तथा मलेरिया पैदा करने वाले मच्छरों के पनपने को रोकने के तरीकों तथा उपचार संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई। शिविर में बीसीसी समन्वयक कंचन माला ने भी मलेरिया से संबंधी जानकारी दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता सुरिन्द्र सिंह, ऊषा देवी, एनजीओ कार्यकत्र्ता सविता देवी, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता मन्जुबाला सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे।  

डीसी ने जिला में वर्षा जल संग्रहण को प्राथमिकता देने और परंपरागत जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार के दिये निर्देश

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ऊना  , 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   डीसी अभिषेक जैन ने जिला में वर्षा जल संग्रहण सर्वोच्च प्राथमिकता देने और जिला के सभी परंपरागत जलस्त्रोतों की समुचित साफ-सफाई व आवश्यक मुरमत करने के निर्देश दिये हैं। आज यहां बचत भवन में प्रशासन में कार्यकुशलता लाने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी अभिषेक जैन ने कहा कि भू-जल की उपलब्धता धीरे-धीरे कम होते जाने और गर्मियों में पेयजल स्त्रोतों पर अधिक दबाव पडऩे के दृष्टिगत वर्षा जल संग्रहण तकनीक को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों की योजनाओं को अमलीजामा पहनाते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वर्षा जल संग्रहण का प्रावधान हो, जिसके लिए विभागों को समुचित फंड मुहैय्या करवाए जाते हैं। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि वर्षा जल संग्रहण को जितनी प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी, उतनी अभी तक नहीं दी गई है। उन्होंने सभी विभागों से यह विवरण भी मांगा कि जिला ऊना में उनके कितने वर्षा जल संग्रहण ढांचे मौजूद हैं। डीसी ने जिला के सभी कुओं, बावडिय़ों, तालाबों व टोबों जैसे परंपरागत प्राकृतिक जल स्त्रोतों का पुनरुद्धार करके उन्हें उपयोग में लाने योग्य बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विकास पारंपरिक जल स्त्रोतों को नष्ट करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए, बल्कि इनका समुचित रखरखाव सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन परंपरागत जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार व साफ-सफाई मनरेगा के तहत भी की जा सकती है।  डीसी ने जिला में विभिन्न विभागों को मनरेगा कार्यों को और अधिक गति देने के लिए गंभीरता दर्शाने के निर्देश दिये। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर सभी खण्ड विकास अधिकारियों को विभिन्न विभागों द्वारा मांगे गये मस्टरोल पर समुचित कार्यवाही करने की हिदायत भी दी। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की संया में धीरे-धीरे आ रही कमी का भी संज्ञान लिया और आंगनवाड़ी केन्द्रों के समुचित रखरखाव, इन्हें और अधिक क्रियाशील बनाने और समय-समय पर आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करने के निर्देश भी बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि गांवों में आंगनवाड़ी केन्द्र बच्चों को पोषाहार उपलब्ध करवाने के अलावा उनके विकास व सेहत पर पूर्ण नज़र राने में अहम भूमिका निभाते हैं। डीसी ने बैठक ने बताया कि पिछले एक साल के दौरान जिला ऊना में विद्युत विभाग द्वारा 250 पुराने बिजली के ाबे बदले गये हैं और शेष बचे 104 ांबे भी अगले छ: माह के  भीतर बदल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई साल के दौरान ऊना शहर में बिजली विभाग द्वारा 69 नये ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं और 11 ट्रांसफार्मरों की क्षमता में सुधार किया गया है। डीसी ने जिला में बढ़ रही सडक़ दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और जन-साधारण में यातायात नियमों के प्रति जागरुकता मुहिम चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह के दौरान जिला में 46 सडक़ दुर्घटनाओं में 19 लोगों ने अपनी जान गंवाई है और 87 घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण यातायात नियमों की अवहेलना रही है। उन्होंने पुलिस को यातायात नियमों की उलंघना करवाने वालों से कड़ाई से पेश आने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि अगर कोई शराब पीकर व्यवसायिक गाड़ी चलाकर लोगों की जान जोखिम में डालते हुए पाया जाता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने हर शहर में जैबरा लाइन लगाने के निर्देश भी दिये। इस अवसर पर एडीएम राजेश कुमार मारिया, एएसपी वीरेन्द्र ठाकुर, अंब व बंगाणा के एसडीएम, सहायक आयुक्त चेतना ाड़वाल सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

हरोली उत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सूची जारी

ऊना, 25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   28 से 30 अप्रैल तक हरोली के कांगड़ में मनाये जा रहे तीन दिवसीय हरोली उत्सव के दौरान दोपहर बाद साढ़े तीन बजे से लेकर सायं छ: बजे तक हरोली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने का समय और तिथि उत्सव की सांस्कृतिक समिति ने तय कर दी है। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 28 अप्रैल को बढेड़ा, बालीवाल, बाथड़ी, बाथू, बीटन, भदसाली, बटकलां, धर्मपुर, दुलैहड़ व गोंदपुर बूहला सीनियर सकैंडरी स्कूलों के विद्यार्थी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों देंगे, जबकि 29 अप्रैल को गोंदपुर जयचन्द, हरोली, हीरां, ईसपुर, लोअर बढेड़ा, कांगड़, खडड, कंगरेट, कुठारबीत, ललड़ी, नंगल खुर्द सीनियर सकैंडरी स्कूलों व हाई स्कूल भदौड़ी के विद्यार्थियों की प्रस्तुतियां होंगी। उत्सव के अंतिम दिन 30 अप्रैल को नंगल कलां, रोड़ा, नगनोली, पालकवाह, पंडोगा, पंजाबर, पूबोवाल, पोलियां बीत, छेत्रां, सलोह, सिंघा सीनियर सकैंडरी स्कूलों व हाई स्कूल पंजुआणा के विद्यार्थी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा आस्था इंस्टीच्यूट ईसपुर के विद्यार्थी 29 अप्रैल को नाटी और 30 अप्रैल को भंगड़ा प्रस्तुति देंगे। शिशु मॉडल पब्लिक हाई स्कूल ललड़ी के विद्यार्थी 29 अप्रैल को जबकि केसी पब्लिक स्कूल पंडोगा के विद्यार्थी 30 अप्रैल को अपनी प्रस्तुति देंगे। चौथी कक्षा में पढऩे वाले नौ वर्षाीय साहिल शर्मा 29 अप्रैल को शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे।  हरोली विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय कलाकारों में हरोली के दिलबाग सिंह व ईसपुर के राम किश्र भटटी 28 अप्रैल को, ईसपुर के सोमनाथ झल्ला, भदसाली के संदीप सिंह व बीटन के एएसआई सुखदेव सिंह 29 अप्रैल को तथा हीरां की अमृत कौर व हलेड़ा की मनप्रीत कौर 30 अप्रैल को पंजाबी लोकगीतों की प्रस्तुतियां देंगे। प्रवक्ता ने बताया कि अन्य स्थानीय व प्रादेशिक कलाकारों की सूची को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

आत्मा परियोजना के तहत बहडाला में मौन पालन पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित

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ऊना,  25 अप्रैल ( विजयेन्दर  शर्मा) ।   आत्मा परियोजना के तहत उद्यान विभाग द्वारा गांव बहडाला में फॉर्म स्कूल का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 25 किसानों ने मौन पालन से जुडे विभिन्न तकनीकि पहेलुओं बारे जानकारी हासिल की। इस शिविर के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता विषयवाद विशेषज्ञ कृषि डॉ0अश्वनी दत्ता ने की। इस अवसर पर उन्होने किसानों से मौन पालन अपनाकर अपनी आर्थिकी मजबूत करने का आहवान किया। शिविर में आत्मा परियोजना के डीपीडी डॉ0 रविन्द्र जसरोटिया ने उपस्थित किसानों को आत्मा परियोजना बारे विस्तृत जानकारी दी जबकि केवीके रामपुर के वैज्ञानिक डॉ0 संजय शर्मा ने किसानों को मौन पालन के विभिन्न तकनीकि पहेलुओं बारे अवगत करवाया। इस दौरान उद्यान विकास अधिकारी डॉ0 रजनी बाला ने उद्यान विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं बारे भी जानकारी दी। शिविर में किसानों को मौन पालन से जुडी किट भी वितरित की गई। इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत बहडाला सोमा देवी, उद्यान प्रसार अधिकारी विनोद कुमार टंडन भी मौजूद थे। 
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