बोल बम...हर हर महादेव के जयकारों के साथ खुले बाबा केदार के द्वार केदारपुरी बेस कैम्प तक छोटे वाहनों के लिए बनेगी सड़क:मुख्यमंत्री
- 2200 से अधिक श्रद्धालुओं ने किये दर्षन, कैलाष-मानसरोवर के लिए पौराणिक मार्ग से हो यात्रा
देहरादून, 24 अप्रैल। शुक्रवार को प्रातः काल में बाबा केदार के जयकारों व श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के बीच श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए। केदारधाम के कपाट खोले जाने के अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल डाॅ कृष्णकांत पाल, मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत व दिनेश धनै, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक शैलारानी रावत, मयूख महर व ललित फस्र्वाण के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति से अभीभूत सीएम श्री रावत ने भी पूरे उत्साह के साथ बाबा केदार के जयकारे लगाये तथा इस अवसर पर फिल्म जगत के मशहूर सूफीयाना गायक कैलाश खेर व स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बाबा केदार के भजनों पर झूमे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को प्रातःकाल में लैंचैली से केदारपुरी तक पैदल रास्ते से पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से केदारधाम पहुॅच रहे श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनका स्वागत करने के साथ ही उनसे यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं पर उनकी राय ली, जिस पर श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्ग पर राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतुष्टि व्यक्त की गई। मुख्यमंत्री ने लैंचोली से केदारपुरी तक पैदल मार्ग, पेयजल, आवासीय, शौचालय, आदि मूलभूत व्यवस्थाओं के निरीक्षण के साथ ही घोडे-खच्चर व्यावसायियों व पोर्टरों से भी बातचीत कर यात्रा सुविधाओं के सम्बन्ध में उनके सुझाव लिए। केदारनाथ धाम में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा के बाद पिछले वर्ष पैदल रास्ते ठीक नही थे, जिन्हें इस वर्ष यात्रा के लिए ठीक कर दिया गया है। साथ ही यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए अनेक नई सुविधायें विकसित की गई हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में राज्य सरकार और भी अधिक सुविधाएं विकसित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा हैं कि श्रद्धालुआंे की भीड़ व जोश देखकर हमारा भी जोश बढ़ा है। उन्होंने बताया कि कपाटोद्घाटन के अवसर पर बाबा केदार के दर्शन के लिए अभी तक 2200 से अधिक श्रद्धालुओं के पहंुचने की जानकारी प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य यात्रा को साल भर चलाना है। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव होगा आगामी एक-दो वर्षों में केदारपुरी बेस कैम्प तक के पैदल मार्ग पर छोटे वाहनों के आवागमन के लिए रास्ते बनाने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश-विदेश में चला गया है, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए जुट रहे है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार धाम यात्रा से जुडे अधिकारियों को यात्रा मार्गों पर और अधिक सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दे दिये गये हैं। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी चारधाम यात्रा के लिए स्वागत है, साथ ही हम प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करेंगे कि पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पौराणिक यात्रा मार्ग को बहाल किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भगवान शिव के प्रति श्रद्धा एवं जज्बा ही है जो उन्होंने बड़ी तेजी से गौरीकुण्ड से केदारपुरी तक पैदल यात्रा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष केदारपुरी के अद्भुत दृश्य को देखकर लगता है कि मानो साक्षात भगवान शिव के दर्शन हो रहे हों।
दिवंगतों को इज्जत देने की खातिर आया पैदल, केदारधाम की व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखे राहुल
- सीएम के हेलीपैड कांसेप्ट को कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सराहा,नकारात्मक बातों के लिए मीडिया पर भी किया कटाक्ष
केदारधाम। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2013 की आपदा में दिवंगतों की आत्माओं को इज्जत देने के लिए ही पैदल आया। इसके अलावा पैदल यात्रा का दूसरा मकसद दुनिया को यह संदेश देने का भी था कि चारधाम यात्रा अब सुरक्षित है। बाबा केदार के दर्शन करने के बाद चंद लम्हों के लिए मीडिया से रूबरू हुए राहुल ने कहा कि उनकी इस पैदल यात्रा के दो मकसद थे। उन्होंने सोचा कि 2013 की यात्रा में दिवंगत लोगों की आत्मा को इज्जत देने के लिए पैदल की चलना चाहिए। वो लोग भी पैदल ही आए थे। अगर हेलीकाप्टर से यहां आता तो उन लोगों की इज्जत नहीं होती। राहुल ने कहा कि उनका दूसरा मकसद यह संदेश देने का भी था कि आपदा के बाद अब चारधाम यात्रा सुरक्षित हो चुकी है। राहुल ने कहा कि वे आपदा के वक्त भी यहां आए थे। आज सेना, अफसरों और मजदूरों की वजह से केदारधाम फिर से सज गया है। इसके लिए इन सभी का सराहना करनी होगी। यहां काम करने वालों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और वे लोग घबराए हुए भी है। उन्होंने तमाम लोगों से मिलकर उनमें उत्साह पैदा करने की कोशिश की है। राहुल ने कहा कि कहना तो नहीं चाहिए पर सत्य बात यह है कि आप लोगों (मीडिया) ने भी बहुत नकारात्मक बातें की। कहा कि कुछ काम नहीं हो रहा है। मैंने देखा कि यहां किस तरह से बेहतरीन काम हुआ है। राहुल ने कहा कि सीएम के जगह-जगह हैलीपैड बनाने का आइडिया अच्छा है। उनकी कोशिश होगी कि अन्य राज्य भी इसे अपनाएं। इससे किसी आपात स्थिति में लोगों को निकालने में ज्यादा सहूलियत होगी।
मैं कुछ मांगता नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा की। लेकिन कुछ मांगा नहीं। मैं किसी मंदिर में जाकर कभी कुछ मांगता नहीं हूं।
हवाई सेवा के दावे भी ‘हवाई ‘, चापर उपलब्ध न होने से तीर्थयात्री हो रहे परेशान
- अब तक पहुंच सके निजी कंपनियों के चापर, पहाड़ के हेलीपैड पर श्रद्धालु कर रहे इंतजार
- केदारधाम की यात्रा में पैदा ही रही एक बाधा
देहरादून। चारधाम की यात्रा पर आने वाले संपन्न तीर्थयात्रियों के लिए हर वक्त चापर उपलब्ध कराने का सरकारी सिस्टम का दावा हवाई साबित हो रहा है। लोग हेलीपैड के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें चापर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। सरकारी सिस्टम की इस उदासीनता का यात्रा पर बुरा पड़ने की आशंका है। चारधाम यात्रा की तैयारियों के दौरान सरकारी सिस्टम की ओर से दावा किया गया था कि केदारधाम और बदरीधाम के लिए निजी विमानन कंपनियों से बातचीत हो चुकी है और हवाई मार्ग से यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को चापर की कोई दिक्कत नहीं होगी। उस समय यह भी कहा गया कि चूंकि हवाई मार्ग से यात्रा पर जाने वाले यात्री आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। ऐसे में चापर का किराया कंपनियां ही तय करेंगी। अब यात्रा शुरू हो चुकी है और तीन धामों के कपाट खुल चुके हैं। तीर्थयात्री उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं तो पता चल रहा है कि केदारधाम जाने के लिए चापर ही उपलब्ध नहीं है। सरकार ने केदारनाथ धाम के लिए नारायणकोटी. अगस्त्यमुनि और गुप्तकाशी में हेलीपैड बनवाएं हैं। इन्ही तीन स्थानों से चापर केदारधाम और देहरादून के लिए उड़ान भरेंगे। बाहर से आ रहे श्रद्धालु इन हेलीपैड के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी निजी विमानन कंपनी का चापर इन्हें नहीं मिल पा रहा है। टीवी सीरियल निर्माता मदन सिंह रावत ने फोन पर बताया कि दो रोज की कोशिश के बाद भी केदारधाम जाने के लिए किसी भी कंपनी का चापर नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुख्यमंत्री हरीश रावत की हेलीपैड योजना की तारीफ करके इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकारी सिस्टम इस व्यवस्था को तरीके से लागू ही नहीं कर पा रहा है। माना जा रहा है कि अगर हवाई सेवा को जल्द ही पटरी पर नहीं लाया गया तो इसका प्रतिकूल असर चारधाम यात्रा पर पड़ने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता।
प्रदेेष अध्यक्ष किशोर ने भी राहुल को दिखाया अपना दमखम
- राहुल बोले, लंबी है कांग्रेसियों की लाइन
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राहुल गांधी के सामने अपनी सांगठनिक ताकत का प्रदर्शन किया। केदारधाम से लौटते वक्त राहुल को जौलीग्रांट से अपना विशेष विमान पकड़ना था। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष किशोर ने तमाम कांग्रेसियों के साथ राहुल से मिलने की इच्छा जताई। सूचना अंदर गई तो वक्त कम होने के बाद भी राहुल मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ एयरपोर्ट के बाहर आए और कांग्रेसियों से मुलाकात की। इस मौके पर राहुल ने सिर्फ इतना ही कहा कि उत्तराखंड में तो कांग्रेसियों की लंबी लाइन है। इस मौके पर विधायक सुबोध उनियाल, विधायक फुरकान अली, जोत सिंह बिष्ट, राजपाल सिंह खरोला के साथ ही महिला कांग्रेस से जुड़ी कई महिलाएं भी मौजूद रहीं।
केदार बाबा को किसी के प्रचार की जरूरत नहीं, राहुल की यात्रा से आम यात्री परेषान हुआ:अजय भट्ट
नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि आज जिस तरह से राहुल गांधाी को यात्रा के नाम पर ‘‘प्राजेक्ट’’ किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरी यात्रा में वीवीआईपी व्यवस्था करने में पूरी सरकार लगी रही है। ‘‘जैट प्लस’’ सुरक्षा में होने के कारण आम यात्रियों को भारी परेषानी उठानी पड़ी है। सरकार राहुल गांधी को केदारधाम हेतु प्रचार करने एवं मैसेज देने हेतु आने के लिये धन्यवाद कर रही है, परन्तु सरकार को ज्ञात होना चाहिये कि केदार बाबा को किसी के प्रचार की जरूरत नहीं है। केदार बाबा सर्वषक्तिमान हैं, वे स्वयं लोगों को बुलाते हैं स्वयं हर बात तय करते हैं।
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर विपक्षी दल भाजपा के हौंसले हो सकते हैं पस्त, सूबे के लिए खासा मुफीद होगा राहुल का दौरा
- चारधाम यात्रा के सुरक्षित होने का गया बड़ा संदेश
देहरादून। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की केदारधाम यात्रा से सूबे को खासा फायदा होने के संकेत मिल रहे हैं। इस यात्रा के बाद राहुल ने व्यवस्थाओं की तारीफ करके मुख्यमंत्री हरीश रावत के सियासी कद में इजाफा किया तो साथ ही यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से हो रहे हमलों की धार को भी कुंद किया है। इतना ही नहीं, राहुल की इस यात्रा से सरकार के चारधाम यात्रा के सुरक्षित होने का संदेश देने की मुहिम को भी खासा बल मिला है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार को अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी जाना था। लेकिन राहुल ने अचानक ही केदारनाथ धाम की यात्रा का निर्णय लिया तो सरकार के हाथ-पांव फूल से गए। इसकी एक वजह तो मीडिया में यात्रा की तैयारियों को लेकर उठ रहे सवालात थे तो दूसरी ओर इसी मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ओर से लगाए जा रहे आरोप थे। सरकार को लगा कि अगर कहीं कोई गड़बड़ी हो गई तो दिक्कत आ सकती है। यही वजह रही कि सीएम ने अपने स्तर से ही तमाम व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने का जायजा लिया। अब राहुल लौट चुके हैं तो लग रहा है कि उनकी इस यात्रा से उत्तराखंड को खासा फायदा हो सकता है। राहुल ने एक तो पैदल यात्रा की और रास्तेभर लोगों से मिलकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की। इस यात्रा से चारधाम यात्रा को खासा फायदा हो सकता है। सरकार की ओर से यह प्रचारित करने की तमाम कोशिशें की जा रही थीं कि यात्रा की तमाम तैयारियां मुकम्मल हैं और यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन मीडिया में आ रही बातें और भाजपा के वार सरकार की इस मुहिम को कुंद करते दिख रहे थे। अब राहुल ने न केवल यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित करार दिया, बल्कि मीडिया पर नकारात्मक बात करने का कटाक्ष तक कर डाला। राहुल का यह बयान देभभर की मीडिया में छा गया। अब अन्य प्रांतों से आने वाले तीर्थयात्रियों को यह भरोसा और बढ़ सकता है कि चारधाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित हैं। राहुल के इस दौरे से भाजपा की ओर से तैयारियों को लेकर किए जा रहे हमले की धार भी अब कमजोर होगी। अब अगर केंद्र सरकार की ओर से सूबे के भाजपाइयों की ओर से दी गई नकारात्मक रिपोर्ट पर कोई बात उठाई गई तो राहुल खुद ही सरकार की पैरवी में उठ खड़े होंगे।
और बढ़ा हरीष रावत का सियासी कद
सियासी गलियारों में माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के कामों की तारीफ करके सीएम हरीश के सियासी कद में और इजाफा किया है। एक तरफ केदारधाम में राहुल सरकार की तारीफ कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर देहरादून में हरदा के धुर विरोधी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा पीडीएफ कोटे के मंत्रियों की चर्चा करके कैबिनेट में कांग्रेसी विधायकों को शामिल करने की बात कर रहे थे। माना जा रहा है कि अब सीएम और भी फ्री-हैंड होकर काम कर सकते हैं।
कहां गए ब्रांड अंबेसडर विराट
चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और तीन धामों के कपाट भी खुल चुके हैं। लेकिन इस यात्रा के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाए गए क्रिकेटर विराट कोहली ने अब तक उत्तराखंड का रुख नहीं किया है। हां, अचानक ही उत्तराखंड की ओर आए कांग्रेसी युवराज ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा करके ब्रांड अंबेसडर की भूमिका में जरूर आ गए।
पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। उत्तराखण्ड के शिक्षा एवं पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने 23 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण, पंचायती राज स्वचछता, पेयजल मंत्री भारत सरकार चै. विरेंद्र सिंह से संसद भवन में मुलाकात कर उत्तराखण्ड राज्य की पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की श्री नैथानी ने विभिन्न पंम्पिग पेयजल योजनाओं के लिए त्वरित क्रियान्वयन के लिए कम से कम 250 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त किये जाने की ंमांग की। श्री मं़त्री ने कहा कि पूर्व में राज्य को आवंटित बजट में भी कटौती कर दी गयी है। केंद्रीय मंत्री चै. विरेंद्र सिंह ने संयुक्त सचिव भारत सरकार को विभिन्न राज्यों को आवंटन करने वाली धनराशि में से उचित धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिये। दूसरी ओर श्री नैथानी ने सुश्री उमा भारती से नमामि गंगे के अंतर्गत पूर्व में प्रेषित योजनाओं के विरूद्ध 207 करोड़ की प्रस्तावित योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त करने की मांग की संसद भवन में उन्होंने नगर विकास एवं आवास, नगरीय गरीबी उन्मूलन मंत्री भारत सरकार वेंकैया नायडू से उत्तराखण्ड राज्य के पांच नगरों क्रमशः देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, मसूरी एवं मंगलौर को नगरीय पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं का जे.एन.यू.आर.एम. तथा यू.आई.डी.एस.एम.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भीषण आपदा से जनधन का नुकसान हुआ है। व्यापक नुकसान के कारण कई नगरीय पेयजल योजनाएॅं एवं जलोत्सारण योजनाएॅं क्षतिग्रस्त हो गयी थी। जिनका पुनर्निमाण किया जा चुका है परन्तु बहुत से नगर अभी भी गम्मीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने मंत्री से भारत सरकार से उक्त परिपेक्ष में उत्तराखण्ड राज्य के 18 नगरों की पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं के प्राक्लन जिसकी अनुमानित लागत रू0 72503.33 लाख, जे0एन.यू.आर.एम.तथा यू.आई.डी.एफ.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान में भी अन्य नगर भी योजनाओं हेतु लगभग 3000 लाख के प्राक्कलन प्रेषित किये जा चुके है। उन्होंने श्री वैंकेया नायडू से उक्त प्राक्कलनों को शीर्ष प्राथमिकता पर भारत सरकार द्वारा वर्तमान में संचालित की जाने वाली योजनाओं मंे सम्मलित करते हुए स्वीकृति निर्गत कराने की अपेक्षा की है।
पंजीकरण कार्ड दिखाने पर मिलेगी रियायती खाने की सुविधा
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रियों के अलावा घोड़ा खच्चर, दंडी कंडी और सफाई मजदूरों के लिए भोजन और नाश्ते की दरें तय कर दी हैं। यात्रियों को नाश्ता 30 रुपये जबकि खाना 40 रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से मिलेगा। दंडी-कंडी वालों और मजदूरों को खाना 25 रुपये प्रति प्लेट मिलेगा। यात्रियों को रियायती खाने की सुविधा बायोमैट्रिक पंजीकरण कार्ड दिखाने पर ही मिलेगी। प्रशासन की ओर से सबसे महत्वपूर्ण भोजन व्यवस्था का जिम्मा जीएमवीएन को दिया है। भोजन निशुल्क नहीं मिलेगा लेकिन दाम काफी कम होंगे। केदारनाथ धाम के लिए संचालित होने वाले घोड़ा खच्चर, कंडी-कंडी मजदूरों और सफाई कर्मचारियों को मात्र 25 रुपये प्रति थाली के हिसाब से भोजन दिया जाएगा। भीमबली, लिनचोली व केदारनाथ बेस कैंप में मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था की गई है। मजदूरों को सुबह व शाम का भोजन ही रियायती दरों पर मिल सकेगा। इनके लिए सभी मजदूरों को संबंधित संस्थाओं की ओर से दिए परिचय पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। केदारनाथ धाम पहुंचने वाले यात्रियों के लिए भी प्रशासन की ओर से खाने की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। यात्रियों को नाश्ता 30 रुपये प्रति प्लेट के अलावा दोपहर और रात्रि भोजन के लिए मात्र 40-40 रुपये प्रति प्लेट चुकाने होंगे। गौरीकुंड समेत पैदल मार्ग जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली व बेस कैंप केदारनाथ आदि पड़ावों पर जीएमवीएन और केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड में निम की ओर से यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। जिलाधिकारी डा. राघव लंगर का कहना है कि मजदूरों को दो समय का रियायती भोजन तीन स्थानों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के संबंधित पड़ाव के प्रभारियों की ओर से एक पंजिका अनुरक्षित की जाएगी। जबकि केदारनाथ पड़ावों पर स्थित भोजनालयों में आने वाले तीर्थ यात्रियों का बायोमेट्रिक पंजीकरण कार्ड देख कर लिया जाएगा।
पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला आयोजित
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। पृथ्वी दिवस के अन्र्तगत गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा ने स्विस डेवलपमैन्ट एवं कोपरेशन (एसडीसी), नई दिल्ली के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली में ’’हिमालय लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला’’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पद्म भूषण चण्डी प्रसाद भट्ट ने ’’हिमालयः सवेदनशीलता एवं वर्तमान संकट’’ विषय पर उपरोक्त श्रृंखला का साॅतवा व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के अपर सचिव हेम पांण्डे उपस्थित थे। इस अवसर पर भट्ट ने मौसम बदलाव के कारण हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से हो रही जान-माल के नुकसान पर अपनी चिन्ता प्रकट की तथा उन्होने कहा कि मौसम परिवर्तन का हमारे देश में सबसे ज्यादा प्रभाव पिछले कुछ वर्षो में हिमालय क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। जिसका प्रभाव न केवल हिमालय क्षेत्र में अपितु देश के मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगा है। हिमालय क्षेत्र में इसका ज्यादा प्रभाव उन स्थानों में हुआ है जहाॅ मानव ने अपने निजी हितों के कारण वृक्षों का अवैज्ञानिक दोहन किया तथा विकास के लिए सड़कों का निर्माण तथा नदियों के किनारें भवन निर्माण किये हैं। उन्होंने हिमालय क्षेत्रों में ग्लेशियर, नदियों, एवं जलवायु का वृहत अध्ययन की आवश्यकता पर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया तथा हिमालय क्षेत्र से सम्बन्धित समस्त आकड़े किसी एक नोडल एजेन्सी के पास संरक्षित रखे जाने की सलाह दी, ताकि विकास कार्य हेतु भविष्य में आकड़ो की आवश्यकता पड़ने पर आसानी से प्राप्त किया जा सके। इसके लिए गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान को नोडल एजेन्सी के रूप में उपयुक्त होने का सुझाव दिया। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ मानव निर्मित कारणों पर भी विस्तृत अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने अभी तक हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में हुऐ शोध कार्य से निकले निष्कर्षो पर सरकार द्वारा उचित कदम न उठाने पर चिन्ता प्रकट की। भट्ट जी ने प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित पूर्व सूचना तंत्र का व्यापक स्तर पर हिमालय क्षेत्र में उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि भविष्य में आपदा से होने वाले जान-माल की क्षति को बचाया अथवा कम किया जा सके। उन्होंने हिमालय के वर्तमान संकट को समझने एवं कम करने में भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें, विभिन्न शोध संस्थान, स्वयं सेवी संगठन एवं अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हेम पाण्डे जी द्वारा परमपरागत ज्ञान का हिमालय क्षेत्र के विकास हेतु उपयोग किये जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाये गये नेशनल मिशन फाॅर सस्टेंनिंग हिमालयन इको सिस्टम (निम्सी) कार्यक्रम को हिमालय पारिस्थिकीय एवं मौसम परिवर्तन के कारकों को समझने हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। संस्थान के निदेशक डा0 पीताम्बर प्रसाद ध्यानी जी ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता का स्वागत किया तथा संस्थान द्वारा शुरु किये गये ’’हिमालय लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला’’ की व्यापक जानकारी दी। इस अवसर पर संस्थान द्वारा शुरु किये गये आठ नई पहल न्यूज लेटर एवं इनविस न्यूज लेटर का विमोचन क्रमशः मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। इस अवसर पर एसडीसी की निदेशिका डा जेनिन कुरीगर, प्रो. एच. वाई. मोहन राम, अनुपम मिश्रा, डा. आर के मेखुरी, डा. निशा मेहंदीरत्ता सहित देश के विभिन्न संस्थानों, मंत्रालयों, स्वंयसेवी संगठनों के अधिकारी एवं पत्रकार उपस्थित थे।
नेता प्रतिपक्ष ने चार धाम यात्रियों का किया स्वागत, सरकार पर लगाया फिजूलखर्ची का आरोप, यात्रा पर सरकार कर रही राजनीति
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। चार धाम यात्रा प्रारम्भ होनेे एवं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने देषभर से आने वाले यात्रियों का स्वागत किया है। श्री भट्ट ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करते है कि छः माह तक चलने वाली चार धाम यात्रा निर्विघ्न सम्पन्न हो। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से 16-17 जून 2013 के बाद से चारो धाम की यात्रा बाधित हो रही है, यदि सरकार सरकारी धन का समय पर सदुपयोग कर कार्य करती तो एक साल पूर्व ही यात्रा प्रारम्भ हो जाती, परन्तु सरकार आपदा के समय से आज तक आपसी गुटबाजी एवं अपनी अंदरुनी आपदा को बचाने में रही, जिस कारण यात्रा इतनी देर से आरम्भ हो पायी। श्री भट्ट ने कहा कि जहां एक तरफ हम लोग चार धामों में पैदल भ्रमण कर सरकार की कमियों को एवं चार धामों की समस्याआंे को उजागर करते रहे तथा सदन से लेकर सड़क तक एक-एक बिन्दु पर दबाव बनाते रहे तथा सरकार को लिखित रुप से भी अवगत कराते रहे, लेकिन सरकार मूक दर्षक बनकर बैठी रही। इतना ही नही सरकार ने सरकारी धन जो आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए था तथा देषभर के लोगों द्वारा भी आपदा ग्रस्त लोगों हेतु दिलखोल कर दान दिया था उसकी भी खूब बर्वादी करी एवं अपने लोागो को जो पात्र भी नही थे उन्हें भी लाखों रुपया सहायता के रुप में बाट दिये, जब मामला प्रकाष में आया और पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम एवं जिलाधिकारी ने भी माना कि गलत लोगों को आपदा का पैसा चला गया है तथा वसूली हेतु नोटिस दिया तो सरकार ने बजाय वसूली के बकायदा कैबिनेट में लाकर लाखो रुपया जो अपात्र व्यक्तियों को दिया गया था, माफ कर दिया । षायद यह भारत का पहला उदाहरण है कि सरकार ने पहले अपने चेहतो को पैसा बाटा बाद में स्वीकार भी किया कि अपात्रों को आपदा की धनराषि दी गयी, और जब पता चला कि सभी सत्ता पक्ष से जुड़े लोग है तो कैबिनेट से ही माफ कर दिया, इस प्रकार भश्ट्राचार तो स्वंय सरकार ने ही खुद किया। श्री भट्ट ने कहा कि अभी गांवो की हालत ठीक नहीं है, पुल-पुलिया जो टूटे थे बने नहीं हैं। ‘‘ब्लैक टाॅप’’ की गुणवत्ता भी ठीक नहीें है। 20 करोड़ से अधिक की धनराषि सरकार ने अपने अधिकारियों से नहीं बल्कि एक संस्था थे बटवायी, जिसमें मानकों की धज्जियां उड़ा कर अपनांे को धनराषि दी गयी। आदि काल से जब पूज्य षंकराचार्य जी ने केदारनाथ की स्थापना की तब से कई बार बड़ी-बड़ी आपदाएं आती रही हैं, आस्था, आपदाओं पर भारी पड़ती रही है। लोग घास पकड़ कर भी यात्रा पर जाते रहे हैं। श्री भट्ट ने कहा कि आज सरकार ऐसा कर रही है जैसे उसने बहुत बड़ी जीत दर्ज कर ली है, यह तो सरकार की ही नाकामी है कि दो साल तक यात्रा नहीं चला पायी और चारधान यात्रा मार्गो के लोगों की आर्थिक रीढ़ टूट गयी। आज भी सरकार यात्रा के नाम पर राजनीति कर रही है।
श्री भट्ट ने कहा कि आज ये बड़ी बात है कि छः माह बाद पुनः यात्रा प्रारम्भ हो रही है, ये बड़ी बात नहीं कि राहुल गांधाी जी आ रहे हैं। देष के काने-कोने से एक से बढ़कर एक भक्त केदार बाबा के दर्षन को आते हैं, ये सिर्फ भक्ति भाव से आते हैं राजनीति हेतु नहीं, परन्तु सरकार यात्रा में भी राजनीति कर रही है। श्री भट्ट ने कहा कि सरकार ने राहुल गांधी के लिये जौली ग्राण्ट से लेकर केदार धाम तक जिस तरह से सभी हद पार कर दी उससे साफ हो गया कि सरकार सिर्फ एवं सिर्फ राजनीति कर रही है।
विधायक चुफाल सीएमओ कार्यालय पर गरजे, मुख्यमन्त्री के खिलाफ नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन
- डीडीहाट विधान सभा के सौतेला व्यवहार कर रही है प्रदेश सरकार, 40 में से 10 चिकित्सक है तैनात, 10 अस्पतालों में ताले लटके
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर डीडीहाट विधान सभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ विधायक विशन सिंह चुफाल शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में हरीश रावत की सरकार के खिलाफ जमकर गरजे। भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमन्त्री के खिलाफ नारेबाजे की। कहा कि डीडीहाट विधान सभा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते विधान सभा क्षेत्र के अस्पतालों में ताले लटक चुके है। मरीज बेहाल है। सीएमओ कार्यालय के आगे विधायक विशन सिंह चुफाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुये प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजे कते हुए प्रदर्शन किया। कई घण्टों तक धरना-प्रदर्शन चलता रहा। भाजपा विधायक विशन सिंह चुफाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की पर्वतीय क्षेत्र में चिकित्सकों की नियुक्ति करने के लिए कोई नीति नहीं है। सरकार केवल खनन और शराब में लगी हुई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण जिले के 175 चिकित्सकों के सापेक्ष केवल 48 चिकित्सक तैनात है। सीमान्त जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल स्थिति में पहंुच चुकी है। चिकित्सकों के अभाव में मरीज बिना दवा और उपचार के अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं। राज्य की इस भयावह स्थिति को छुपाने के लिए कांग्रेस की जनता का ध्यान भटकाने के लिए नकली विरोध करवा रहे है। चुफाल ने कहा कि डीडीहाट विधान सभा के भीतर 40 चिकित्सकों की जगह मात्र 10 चिकित्सक तैनात है। एक भी महिला चिकित्सक विधान सभा क्षेत्र में तैनात नहीं है। महिलाओं को उपचार तथा प्रसव के लिए पिथौरागढ़ और हल्द्वानी के चक्कर काटने पड़ रहे है। विधायक चुफाल ने कहा कि चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए भी अन्तिम क्षणों तक संघर्ष करेंगे। डीडीहाट में 59 दिनांे तक चले आन्दोलन में स्वास्थ्य विभाग ने जो समझौता किया था उसे पूरा तो नहीं किया जा रहा है। सरकार कांग्रेसियों के दबाव में कार्य कर जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित कर रही है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार से आम जनता अब उब चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री अगर चिकित्सक नहीं भेज सकते है तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 बीएस टोलिया के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमन्त्री को ज्ञापन भेजा गया। धरना-प्रदर्शन को भाजपा के वरिष्ठ नेता जगजीवन सिंह कन्याल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह बोहरा ने सम्बोधित किया। संचालन जिला महामन्त्री मनोज सामन्त और अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह रावत ने किया। इस मौके पर भाजपा के नेता मोहन भण्डारी, गेहराज पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, पवन धामी, संजय भण्डारी, जगत चन्द, ललित लुण्ठी, कोमल साही, सोहन जोशी, मनीष महर, योगेश पन्त, बबलू राम, मुन्ना धामी, नरेन्द्र गोबाडी, गोलू पाठक, यशवन्त सोराड़ी, जीवन चन्द्र पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, गणेश जोशी, श्याम सिंह सामन्त, अनिल रौतेला, नवीन चन्द, केदार सिंह, गोविन्द गुरंग, जगदीश लोहनी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बाॅक्स- डीडीहाट विधान सभा में स्वास्थ्य विभाग की स्थितियां-पिथौरागढ़।
1- डीडीहाट विधान सभा के 40 चिकित्सालयों में मात्र 10 चिकित्सक तैनात है।
2- अस्कोट तथा मुवानी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है।
3-डीडीहाट तथा थल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 18 चिकित्सकों की जगह मात्र तीन चिकित्सक तैनात है। जिसमें एक भी महिला चिकित्सक तैनात नहीं है। डीडीहाट में नौ में एक तथा थल में नौ में दो तैनात है।
4-डीडीहाट विधान सभा के राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय अणागांव, छड़नदेव, ख्वांकोट,तितरी, पंथ्याली, चमाली, हड़कटिया, बिनकोट में एक भी चिकित्सक तैनात नहीं है।
चुफाल को धरने के दिन मिले 10 डाॅक्टर
पिथौरागढ़। डीडीहाट के विधायक विशन सिंह चुफाल द्वारा पूर्व में दिये गये आन्दोलन के नोटिस के दबाव में आंखिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार आ ही गयी। धरने के दिन डीडीहाट विधान सभा को 10 चिकित्सक मिलने की सूचना प्रभारी मुख्यचिकित्सा अधिकारी डाॅ0 बीएस टोलिया ने दी। उन्होंने बताया कि डीडीहाट सीएससी में दो महिला चिकित्सक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बडालू और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भागीचैरा में एक-एक महिला चिकित्सक, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झूलाघाट में दो चिकित्सक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कनालीछीना में एक चिकित्सक तथा राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय देवलथल तथा मड़मानले में एक-एक चिकित्सक की तैनाती के आदेश किये गये है। इनमें से पांच चिकित्सकों ने कनालीछीना, बडालू, झूलाघाट, देवलथल, मडमानले में आज के दिन कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डाॅ0 टोलिया ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डीडीहाट में एक चिकित्सक की तैनाती भी कर दी गयी है। चिकित्सक ने आज ही कार्यभार ग्रहण किया। विधायक चुफाल ने 21 अप्रैल को आन्दोलन का नोटिस दिया था। इसके चलते प्रदेश सरकार दबाव में आयी।
एनएसयूआई ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला, अनुसूचित जाति के बच्चों की छात्रवृत्ति में कटौती का विरोध
- दलितों के उत्पीड़न से बाज आने की चेतावनी
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। एनएसयूआई ने अनुसुचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति में भारी कटौती के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला फूंका। संगठन ने केंद्र सरकार को दलितों के उत्पीड़न से बाज आने की चेतावनी दी है।
संगठन की राष्ट्रीय प्रतिनिधि स्वाति नेगी के नेतृत्व में संगठन के सदस्य प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में एकत्र हुए। यहां से केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्लोब चैक पहुंचे और मोदी सरकार का पुतला फूंका। छात्र नेत्री स्वाति नेगी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में भारी कटौती है। यूपीए सरकार के समय में जो राशि बच्चों के लिए दी जा रही रही थी, उसमें 49 करोड़ रुपये की कटौती करके केंद्र सरकार ने दलितों के साथ धोखा किया है। चुनाव के वक्त दलित समाज को बड़े-बड़े सपने दिखाने वाली मोदी सरकार अब उनके साथ छल कर रही है। स्वाति ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने अपने दलित विरोधी रुख में बदलाव नहीं किया तो छात्र इंका देशभर में उग्र आंदोलन छेड़ने को विवश होगी। इस मौके पर छात्र नेता जितेंद्र नेगी, रोबिन त्यागी, प्रभाकर भट्ट, नित्यानंद कोठियाल, जय सिंह, सौरभ ममगई समेत तमाम छात्र मौजूद रहे।
डोनेशन को घोषित किया जाए संज्ञेय अपराध, शिक्षा जनसंघर्ष समिति ने सीएम को दिया ज्ञापन
- निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने से रोकने को जारी हो जीओ, सरकार से वेतन लेने वालों के बच्चे जाएं सरकारी स्कूल
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। शिक्षा जन संघर्ष समिति ने सीएम को एक ज्ञापन देकर निजी स्कूलों में लिए जा रहे डोनेशन को संज्ञेय अपराध घोषित करने का शासनादेश जारी करने की मांग की है। समिति की संयोजक कमला पंत की ओर से मुख्यमंत्री के दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि सरकारी खजाने से वेतन लेने वाले सभी कर्मियों, अफसरों और मंत्रियों समेत अन्य लोगों के बच्चों को सरकारी स्कूल में ही बढ़ाने के विषय में तत्काल ही एक शासनदेश जारी किया जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि निजी स्कूल डोनेशन के नाम पर अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इन निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए डोनेशन लेने को संज्ञेय अपराध मानने की शासनादेश भी जारी किया जाए। इसी तरह निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने के लिए भी एक शासनादेश की जरूरत है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि निजी स्कूलों में अन्य खर्चों के नाम पर भी अभिभावकों से वसूली की जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। समिति का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए इन मामलों के शासनादेश तत्काल जारी करने की जरूरत है। ऐसा किए बिना निजी स्कूल अपनी हरकतों से बाज आने वाले नहीं हैं।
भाजपा ने मनाया ग्राम स्वराज दिवस
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गया। पंचायतीराज दिवस को प्रदेश भाजपा ने ग्राम स्वराज संकल्प दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भाजपा ग्राम पंचायतों को और अधिका मजबूती देने की पक्षधर हैं। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी ने कहा कि पार्टी इस दिशा में पहले ही काम कर रही है। अब इस काम में और तेजी लाई जाएगी। इस मौके पर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्षा श्रीमती मधु चैहान और प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल समेत अन्य भाजपाई मौजूद रहे।
विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। कैंट थाना क्षेत्र के कौलागढ़ में विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। कैंट थाना क्षेत्र के कौलागढ़ निवासी सुधीरथापा पुत्र किशन सिंह थापा ने कैन्ट कोतवाली में निम्बूवाला कैन्ट निवासी सुखदेव शर्मा पुत्र कालूराम के खिलाफ अपने व अपने साथी मनोज कोटियाल को विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर 2 लाख 70 हजार रूपये ठगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। सुधीर थापा का आरोप है कि उसे व मनोज कोटियाल को सुखदेव शर्मा ने 2012 में मिलकर अफगानिस्तान में नौकरी लगवाने की बात की और इसकी एवज में उसने उनसे 2 लाख 70 हजार रूपये ले लिये। सुधीर का कहना है कि सुखदेव शर्मा ने उन्हे नवम्बर 2012 में अफगानिस्तान भेज दिया। सुधीर ने बताया कि अफगानिस्तान पहुंच कर उन्हे एक धर्मशाला मंे ठहराया गया। इसके बाद जब वह नौकरी की बात करते तो सुखदेव शर्मा उन्हे टहलाने लगता। सुधीर के अनुसार तीन माह बाद भी जब उनको नौकरी नहीं दी गयी और उनका वीजा भी खत्म हो गया तो वह वापस देहरादून लौट आये। इसके बाद जब वह सुखदेव शर्मा के यहंा गये तो उनके घर वालों ने उसे बेदखल करने की बात कहते हुए उन्हे टालना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि सुखदेव का अपना परिवार भी उसी घर में रहता है तथा वह छुपकर दून आता जाता रहता है पता चला है कि सुखदेव इन दिनों अफगानिस्तान में नौकरी कर रहा है तथा वह इन दिनों दून आने वाला है। वहीं यह भी पता चला है कि सुखदेव सिंह ने और भी कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया हुआ है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यात्रा सीजन से पूर्व बर्बाद हुए घाटों का पुनर्निर्माण न होने से परेशानी
देहरादून, 24 अप्रैल(निस)। यात्रा सीजन शुरू हो गया है, लेकिन बाढ़ से तबाह हुए घाटों का पुनर्निर्माण न होने से यात्री पुण्य लाभ नहीं कमा पा रहे हैं। पहले सीजन की शुरूआत में ही घाट यात्रियों से भरे रहते थे। गंगोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर में भागीरथी के जल से जलाभिषेक का बड़ा महत्व है। वर्ष 2013 से पहले गंगोत्री धाम का रुख करने वाले या गंगोत्री धाम से दर्शन कर लौटने वाले यात्री उत्तरकाशी में रुक कर विश्वनाथ में जलाभिषेक करते थे। इसके चलते मणिकर्णिका घाट, जड़भरत घाट, गंगा घाट आदि में सुबह शाम काफी चहल पहल बढ़ जाती थी। लेकिन इस बार नजारा अलग है। विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को तो यात्री पहुंच रहे हैं। लेकिन गंगा भागीरथी के तटों का रुख नहीं कर रहे। हालांकि इसके पीछे नगर क्षेत्र में पार्किंग के इंतजाम और नगर पालिका की ओर से यात्रा की तैयारियों में कमी को जिम्मेदार माना जा रहा है। नगर पालिका परिषद की ओर से घाटों पर सुरक्षा इंतजाम के साथ ही यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों को सूचना उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम भी नहीं किया गया है। इसके कारण यहां पहुंचने वाले अधिकांश यात्री घाटों की स्थिति व उन तक पहुंचने वाले रास्तों से भी अनजान हैं। दूसरी ओर भागीरथी तट पर सुरक्षा दीवार निर्माण का कार्य चल रहा है, इसके साथ ही घाटों का निर्माण भी होना है। अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका है, जिससे घाट पहले जैसी सुरक्षित स्थिति में नहीं हैं। यात्रियों की आवाजाही न होने के कारण इस बार मणिकर्णिका घाट पर शाम के वक्त गंगा आरती भी नहीं हो रही है। वहीं तटों पर पूजा पाठ को भी बहुत कम तादाद में लोग पहुंच रहे हैं।