उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर सरकार की मेहरबानियां जारी, मूल लागत से चार गुना में “रेनोवेषन”
- नए सिरे से सजेगा सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर, अब पांच करोड़ की लागत से किया जाएगा पुर्निमाण
- छह साल पहले सवा करोड़ में बनाया गया था सेंटर
देहरादून, 25 अप्रैल । सचिवालय परिसर में बने मीडिया सेंटर को नया लुक देने की तैयारी है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये का इंतजाम कर लिया गया है। छह साल पहले सवा करोड़ में बने इस मीडिया सेंटर के मूल ढांचे में महज ढाई फीट की चैड़ाई बढ़ाई जा रही है। यह काम भी सरकार और अफसरों की चहेती कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दिया गया है। केवल रेनोबेसन के लिए पांच करोड़ की भारी भरकम राशि दिया जाना तमाम सवालात खड़े कर रहा है। लगभग छह साल पहले खडूड़ी सरकार के समय में इस मीडिया सेंटर को बनाया गया था। इसे पूरी तरह से भूंकपरोधी तकनीक से बनाया गया था। पूरा सेंटर लोहे के ढांचे पर खड़ा किया गया है। ग्राउंड फ्लोर पर कांफ्रेंस हाल है और पहले तल पर अफसरों के कमरे और पत्रकार कक्ष बने हुए हैं। इस मीडिया सेंटर के निर्माण की गुणवत्ता पर उस वक्त भी सवाल उठे थे। लेकिन बात उससे आगे नहीं बढ़ सकी थी। उस वक्त इसे बनाने में तकरीबन सवा करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। सूत्रों ने बताया कि अब इस मीडिया सेंटर को नया लुक देने की तैयारी है। नया लुक देने के लिए इसकी चैड़ाई को महज ढाई फीट ही बढ़ाया जा रहा है। बाकी लोहे का स्ट्रक्चर मूल रूप में ही रहेगा। खिड़कियां और दरवाजे भी पुराने की रहेंगे। हां, उन्हें रंग-रोगन करके नई जगह पर लगा दिया जाएगा। इस काम के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसके रेनोबेसन का जिम्मा कई बार काली सूची में डाली जा चुकी यूपी की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दिया गया है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि महज ढाई फीट चैड़ाई बढ़ाने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च करने की क्या तुक है। इतने भारी राशि में कंक्रीट और सीमेंट का आलीशान भवन बनाया जा सकता है। महज रेनोबेसन के नाम पांच करोड़ का खर्च तमाम सवाल पैदा कर रहा है। ये सवाल पैदा होने की एक वजह कार्यदायी संस्था भी है। उत्तराखंड की अपनी कई कार्यदायी संस्थाओं को दरकिनार करके यूपीआरएनएल को काम देना किसी की समझ में नहीं आ रहा है। इस संस्था इसके कारनामों की वजह से कई बार काली सूची में डाला जा चुका है। लेकिन संस्था के अफसर अपने ठेकेदारों की दम पर न केवल बार-बार काली सूची से बाहर ले आते हैं, बल्कि उत्तराखंड की कार्यदायी संस्थाओं के हक मारकर मोटी राशि वाले निर्माण का ठेका हासिल कर लेते हैं।
62.50 लाख देने होंगे अतिरिक्त
यूपीआरएनएल उत्तराखंड से बाहर की कार्यदायी संस्था है। ऐसे में इस एजेंसी कुल लागत की साढ़े बारह फीसदी राशि सेंटेज चार्जेज के रूप में सरकार को अलग से देनी होती है। मीडिया सेंटर के रेनोबेसन के लिए पांच करोड़ का ठेका दिया गया है। ऐसे में सरकार को अब 62.50 लाख रुपये यूपीआरएनएल को अतिरिक्त रूप से देने होंगे। अगर यही काम उत्तराखंड की किसी कार्यदायी संस्था के कराया जाता तो यह 62.50 लाख रुपये नहीं देने होते। लेकिन इस संस्था पर सरकार और अफसरों की नेमत लगातार बरस रही है। लिहाजा जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है।
योजना भवन में मिलेंगे तीन कमरे
रेनोबेसन का काम पूरा होने तक मीडिया सेंटर के लिए सचिवालय के पास बने योजना आयोग के नए भवन में तीन कमरे आवंटित करने की तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि यूपीआरएनएल के काम शुरू करते ही मीडिया सेंटर को अस्थायी रूप से योजना भवन के तीन कमरों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
निदेशालय भवन की नहीं किसी को सुध
सूचना निदेशालय का अपना भवन रायपुर रोड पर सालों से निर्माणाधीन है। निशंक सरकार के समय में सूचना महानिदेशक काम संभालने वाले अरविंद सिंह ह्यांकी के समय में इस भवन निर्माण के काम में तेजी आई। उन्होंने खुद प्रयास करके भवन के लिए पैसा दिलवाया। उसके बाद किसी भी महानिदेशक ने निदेशालय की सुध नहीं ली। निदेशालय भवन के नाम पर आज भी महज दो कमरे बने। काम में सालों की देरी होने से इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
पनाश वैली मामला, कहीं डूब न जाए निवेशकों का पैसा, एसडीएस का आदेश निरस्त होने के आसार बढ़े
- फर्जी दाखिल खारिज से जमीन नाम कराने की आशंका, 2007 में रविवार के दिन ही जारी किया गया है आदेश
देहरादून, 25 अप्रैल । दस्तावेजी दिक्कतों में फंसी पनाश वैली पर छाए संकट के बादल एक बार फिर से गहराते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि चालंग गांव की कई एकड़ जमीन के बारे में 2007 को जारी किया गया एसडीएम का आदेश फर्जी होने की वजह से निरस्त किया जा सकता है। इस जमीन का बड़ा हिस्सा पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट में आता है। अगर यह आदेश निरस्त हो गया तो निवेशकों के करोड़ों रुपये डूबने की आशंका है। यूं तो पनाश वैली प्रोजेक्ट के हिमायती अफसर व अन्य लोग बचाने की जुगत में हैं। लेकिन दस्तावेजी साक्ष्यों के आगे किसी की दाल गलती नहीं दिख रही है। यह पनाश वैली प्रोजेक्ट चांलग गांव में बनाया जा रहा है। इस गांव की जमीन में इतने खेल हैं कि मामले की जांच करने वाला राजस्व विभाग भी चकरा रहा है। रोजाना नए-नए राज सामने आ रहे हैं। मामले की जांच में लगी टीम ने पाया कि चालंग गांव के 207 खेतों के दाखिल खारिज के मामले में तत्कालीन एसडीएम ने एक आदेश 15 अप्रैल-2007 को जारी किया है। इसी आदेश के सहारे जमीन का पट्टा दिया गया था। पट्टे के बाद जमीन की बिक्री भी हो गई। अब जांच में पाया गया कि यह एसडीएम का यह आदेश रविवार के रोज जारी किया गया है। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि यह आदेश ही फर्जी हो सकता है। हो सकता है कि तत्कालीन एसडीएम के आदेश पर हस्ताक्षर ही फर्जी हों। अब एसडीएम के इस आदेश की गहनता से जांच की जा रही है। एसडीएम कोर्ट ने इस आदेश की पत्रावली पर फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। अब बात निवेशकों की। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर एसडीएम का 15 अप्रैल-2007 का आदेश निरस्त होता है तो उसके बाद के तमाम दाखिल खारिज और जमीन का नक्शा स्वतः ही निरस्त हो जाएंगे। जाहिर है कि इन हालात में इस जमीन को खरीदने वालों की सारी रकम डूब जाएगी। इससे निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है। लोग अपना पैसा वापस लेने की जुगत में हैं। यहां बता दें कि पनाश वैली प्रोजेक्ट को राजस्व विभाग की ओर से दी गई एनओसी निरस्त हो चुकी है और एमडीडीए इस हाउसिंग प्रोजेक्ट ने मानचित्र को निलंबित कर चुका है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट में किसी तरह के निर्माण पर भी पाबंदी लगी है। पनाश वैली प्रबंधन ने इन आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी रविनाथ रमन जवाब दाखिल करने गए तो पनाश वैली ने हाईकोर्ट से अपनी याचिका ही वापस ले ली। इससे यह संदेश भी जा रहा है कि कहीं न कहीं पनाश वैली प्रोजेक्ट में कोई खामी जरूर है। अगर ऐसा नहीं होता तो हाईकोर्ट से याचिका वापस नहीं ली जाती।
बाकी है केदारधाम की मरम्मत, एएसआई ने बनाई रणनीति, सरकार से मांगा सहयोग
- आपदा में कुछ पत्थर अपने स्थान से हिले, रात के वक्त काम करेगी एएसआई की टीम, तीर्थयात्रियों को नहीं होगी किसी तरह परेशानी
देहरादून, 25 अप्रैल । कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार के दर्शनों को देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ धाम पहुंच रही है। सरकार के स्तर से तो तैयारियां लगभग पूरी होने की बात की जा रही है। लेकिन आपदा के दौरान मंदिर को पहुंचे नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी है। भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) ने अब मंदिर की मरम्मत का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। अलबत्ता एएसआई के काम से धाम आने वाले श्रद्धलुओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। बताया जा रहा है कि 2013 की आपदा के वक्त बाबा केदार के मंदिर को भी क्षति पहुंची थी। इस मंदिर के कुछ पत्थर अपने स्थान से खिसक गए हैं। एएसआई ने इस क्षति का आंकलन तो कर लिया था। लेकिन कपाट बंद होने और मौसम के मिजाज की वजह से मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका था। सूत्रों ने बताया कि एएसआई ने अब मंदिर का मरम्मत का पूरा इंतजाम कर लिया है। इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग मांगा गया है। एएसआई चाहता है कि सरकार मरम्मत का सामान धाम तक पहुंचाने और मजदूर आदि के मामलों में सहयोग करे। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने एएसआई को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। एएसआई ने मंदिर की मरम्मत की रणनीति इस तरह से तैयार की है,जिससे यात्रा में किसी तरह की बाधा न आए। तय किया गया है कि दिन में तो श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे और एएसआई की टीम रात में मंदिर की मरम्मत का काम करेगी। माना जा रहा है कि मंदिर की पूरी तरह से मरम्मत करने में चार माह से भी ज्यादा का वक्त लग सकता है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रही सरकारी योजनाओं का जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा कोई लाभ, हुजूर ! इन दुखियारों की भी सुन लो
- एक दलित महिला को इलाज के लिए दो लाख की दरकार, सरकारी योजना के तहत नहीं किया जा रहा मुफ्त इलाज
देहरादून, 25 अप्रैल । कहने को तो सरकार की अनेकों स्वास्थ्य योजनाएं चल रही हैं। लेकिन जिन्हें स्वास्थ्य कार्ड की आवश्यकता है उनका बनता नहीं। ऐसी ही एक दलित महिला इलाज के लिए भटक रही है और कोई उसकी सुध लेने वाला नहीं हैं। पौड़ी के ग्राम उज्याड़ी की रहने वाली 44 साल की दलित महिला बसंती देवी ढाई साल पहले एक पहाड़ी से गिरने की वजह से जख्मी हो गई थी। पति राजालाल भी विकलांग है और घर की रोटी किसी तरह मजदूरी से चल रही है। जख्मी होने के बाद से ही महिला इलाज के लिए भटक रही है। डाक्टरों के पास चक्कर लगा रही है तो इलाज के डेढ़ से दो लाख रुपये ही जरूरत बताई जा रही है। ढाई सालों से यह महिला लोगों से थोड़ी-थोड़ी रकम लेकर इलाज करा रही है। लेकिन जब तक आपरेशन नहीं होगा, महिला का हाथ ठीक नहीं हो सकता। नतीजा यह है कि दलित महिला इलाज के लिए भटक रही है। कुहनी से ऊपर हाथ की हड्डी के पूरी तरह से दो टुकड़े हुए हैं। मांस पर हाथ लटका हुआ है। अहम बात यह है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या फिर सरकारी अस्पताल के डाक्टर इस महिला की कोई मदद करने को तैयार नहीं हैं। सरकारी व्यवस्था के अनुसार दलित और बीपीएल परिवार से होने की वजह से इस महिला का इलाज पूरी तरह से निशुल्क होना चाहिए। लेकिन इससे ढाई लाख रुपये की मांग की जा रही है। हो सकता है कि पौड़ी में इस महिला के आपरेशन की पर्याप्त सुविधाओं का अभाव हो। ऐसे में इसे श्रीगर मेडिकल कालेज में भी भेजा जा सकता है या फिर देहरादून में इलाज कराया जा सकता है। लेकिन संवेदनहीन हो रहे प्रशासन को दलितों की कोई परवाह नहीं है।
अब इस महिला को सरकार के मुखिया से ही मदद की उम्मीद है। उसे लग रहा है कि अगर उसकी फरियाद मुखिया के दरबार तक पहुंच गई तो उसे नया जीवन मिल सकता है। वरना यूं ही पूरा परिवार घुट-घुट कर आखिर कब तक जी सकेगा।
लावारिस हालत में पड़े दो युवक
पिछले दिनों फाटा में एक बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल दो युवकों को जौलीग्रांट अस्पताल में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया है। घटना वाले रोज तो सरकारी मशीनरी ने तेजी दिखाई और दोनों को एयर लिफ्ट करके तत्काल जौलीग्रांट मेडिकल कालेज में भर्ती भी करा दिया। इसके बाद किसी भी सरकारी अधिकारी ने इनकी कोई सुध नहीं ली। अस्पताल वाले पैसा मांग रहे हैं और इनके पास कोई राशि नहीं है। सरकार के स्तर से भी इनके इलाज के लिए किसी तरह का कोई आदेश जौलीग्रांट अस्पताल को नहीं दिया गया है। नतीजा यह है कि दोनों घायल युवक अस्पताल में लावारिस स्थिति में पड़े हैं।
भूकंप के झटकों से दहशत, दो बार हिली उत्तराखंड की धरती
- पहाड़ी और मैदानी जिलों में महसूस किए गए झटके, राज्य में कहीं भी जान-माल हानि की नहीं कोई सूचना
- यूपी, बिहार, बंगाल और दिल्ली एनसीआर में भी खौफ
देहरादून, 25 अप्रैल । धरती डोली तो दहशत में आए लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। अभी लोग समझ भी नहीं आए थे कि धरती एक बार फिर कांप उठी। भूकंप के लगातार दो झटकों से पूरे राज्य में लोग दहशत में रहे। शुक्र की बात यह है कि इन झटकों से किसी तरह की जान या माल की हानि होने की कोई सूचना नहीं है। सुबह 11.45 पर अचानक धरती हिलने लगी और लगभग 30 सेकेंड तक हिलती रही। इसके बाद 11.52 पर फिर से झटके महसूस किए गए। इससे दहशत में आए लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने-अपने शहर में झटके महसूस करने का अपडेट डालने लगे। बताया जा रहा है कि राज्य के सभी जिलों में ये झटके महसूस किए गए। समाचार लिखे जाने तक इस भूकंप से उत्तराखंड में किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी। आपदा प्रबंधन विभाग दूरस्थ पर्वतीय अंचलों से भी सूचनाएं एकत्र करने की कोशिश में है। भूकंप के इन दो झटकों को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और एनसीआर के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए। केंद्रीय मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर के अनुसार इस भूकंप रिएक्टर स्केल पर इस भूकंप की क्षमता 7.4 आंकी गई है। इसके केंद्र काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में बताया जा रहा है। उत्तराखंड समेत समूचा उत्तर भारत भूकंप के तेज झटकों से कांप उठा। पूर्वाह्न 11.45 बजे उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का अहसास होते ही लोगों में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल गए। देहरादून, उत्तरकाशी समेत कई इलाके भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के महसूस होते ही लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग घरों और से निकलकर बाहर सड़कों और गलियों में खड़े हो गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के काठमांडू के पास है। भूकंप की तीव्रता 7.5 रेक्टर मापी गई है। देहरादून में तीन मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। सचिवालय सहित पशुधन भवन देहरादून की चार मंजिला इमारत और रिलाइंस कार्यालय में भूकंप के झटके महसूस होते ही कर्मचारी बिल्डिंग से निकलकर भागने लगे। उत्तराखंड के सटे नेपाल में भूकंप के केंद्र होने से उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लगभग 11.45 बजे उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। चारधामों में प्रमुख धाम बदरीनाथ धाम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। धाम के आस-पास के इलाकों में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। कुमाऊं में भूकंप के झटके महसूस किए गए। कुमाऊं का अधिकांश इलाका नेपाल से सटा हुआ है। पूरे इलाके में 1 मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। अभी तक उत्तराखंड में कहीं से भी कोई जान-माल के नुकसान के सूचना नहीं है। राज्य मौसम विभाग के निदेशक डा. आनन्द कुमार शर्मा का कहना कि उत्तराखण्ड 80 डिग्री अक्षांश में आता है, जबकि भूकंप का केंद्र उत्तराखण्ड से काफी दूर 84.2 डिग्री अक्षांश पर रहा। मौसम विभाग के अनुसार भूकंप की तीव्रता और गहराई नुकसान कम या अधिक होने का कारण होती है। हालांकि 6.5 तीव्रता और इससे बाद का भूकंप काफी बड़ा और असरदार नुकसान करने लायक माना जाता है।
केदारधाम नहीं जाएंगे राष्ट्रपति
देहरादून, 25 अप्रैल । महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का 18 मई को देहरादून आने का कार्यक्रम तय हो गया है। अलबत्ता राष्ट्रपति के कार्यक्रम में केदारनाथ जाने का जिक्र नहीं हैं। मुख्य सचिव ने राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों की समीक्षा की। शासन को मिले कार्यक्रम के मुताबिर राष्ट्रपति 18 मई को ढाई बजे दिल्ली से चलकर 3.20 पर जौलीग्रांट में उतरेंगे। वहां से हेलीकाप्टर के जरिए जीटीसी हेलीपैड पर उतरने के बाद विधानसभा जाएंगे और वहां चार से पांच बजे तक विस के विशेष सत्र को संबोधित करने के बाद राजभवन आएंगे। राजभवन में सात बजे से होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। रात्रि विश्राम राजभवन में ही करने के बाद 19 मई की सुबह वृक्षारोपण करेंगे। 11 बजे चापर से जौलीग्रांट के लिए रवाना होंगे और 12.50 पर दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्य सचिव एन रविशंकर ने आज अफसरों के साथ बैठक करके आगमन की तैयारियों की समीक्षा की। इस कार्यक्रम से साफ हो गया है कि राष्ट्रपति का केदारनाथ जाने का कोई प्रोग्राम नहीं है। इससे पहले अप्रैल में उनके केदारधाम आने की सूचना थी।
बदरीधाम पूरी तरह सुरक्षित, अब प्लान-टू पर काम करेंगे सीएम हरीश
- चारधाम यात्रा के लिए पीएम को करेंगे आमंत्रित, भूकंप पर मांगी सभी जिलों से तलब की रिपोर्ट
देहरादून, 25 अप्रैल । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बदरीधाम को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया गया है। रविवार को हजारों लोगों की मौजूदगी में धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि उनका प्लान एक पूरी हो गया है। अब प्लान दो पर काम किया जाएगा। चारधाम यात्रा के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा। बीजापुर में पत्रकारों से वार्ता में सीएम ने कहा कि बदरीनाथ धाम में सभी तैयारियां पूरी हो गई है। हजारों तीर्थयात्री वहां पहुंच गए हैं। रविवार को कपाट खुलने के मौके पर वे खुद भी वहां मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ ही जागेश्वर धाम के साथ ही मदमहेश्वर धाम को भी विकसित किया जाएगा। यह उनके प्लान दो का हिस्सा हैं। इसी तरह छोटा कैलास यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार तीर्थयात्रियों को अनुदान भी देगी। सीएम ने कहा कि कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग को और बेहतर बनाने के लिए केएमवीएन को पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि उनका प्लान एक पूरा हो गया है। इसे राज्य सरकार ने अपने संशाधनों से पूरा किया है। अब प्लान दो को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की मदद की जरूरत होगी। सीएम ने कहा कि वे चारधाम यात्रा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित कर रहे हैं। उनके आने से प्लान दो को पूरा करने में मदद मिलेगी। वार्ता के दौरान सुरेंद्र कुमार और राजीव जैन भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व वहां पर सभी व्यवस्थाये दुरस्त कर दी गई है। बद्रीनाथ तक सडक मार्ग खोल दिया गया है लगभग 750 तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंच चुके है जबकि 1000 लोग शंकराचार्य की गद्दी एवं गाडू घडी तेल कलश यात्र के साथ चल रहे हैं। यात्रा के प्रति लोगो में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। चारधाम यात्रा पर उम्मीद से बढ़कर यात्री आ रहे है। यह यात्रा के लिये निश्चित रूप से शुभ संकेत है। उन्होने कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं के लिये जिलाधिकारियों के साथ ही सचिव स्तर के अधिकारियों को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रविवार को बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद अब हमारी प्राथमिकता व अगला लक्ष्य मानसरोवर यात्रा को संचालित कराने का है, जिसके लिये अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। हमारा प्रयास है कि केदारनाथ की व्यवस्थाओं की तुलना में इस यात्रा मार्ग को भी हम अधिक सुगम और सुरक्षित बना सके इसके लिये 5 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है। के.एम.वी.एन को भी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है। इस अंर्तराष्ट्रीय यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित कर इसे राज्य की बेहतरी के लिये बडे सौभाग्य के रूप में बदलने के लिये हमारा प्रयास है। शिव विवाह का यह परम्परागत पौराणिक मार्ग है, इस मार्ग को अच्छी प्रकार विकसित करना भी हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसके साथ ही छोटा कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा भी सब्सिडाइज्ड बेस पर चलाने की भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यात्रा प्रारम्भ करने की योजना का प्रथम चरण पूरा हो गया है दूसरे चरण के कार्य 1 मई से प्रारम्भ किये जाने है। इसके अन्र्तगर्त वर्ष भर यात्रा संचालित करने के लिए यात्रा मार्गो व स्थलों को और अधिक उपयोगी व सुविधा युक्त बनाया जायेगा। जागेश्वर व मदमहेश्वर को भी यात्रा से जोडा जायेगा। इन स्थलों पर भी अवस्थापना सुविधाओं को विकास किया जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 10 हजार यात्री केदारनाथ की यात्रा कर चुके है। जो उम्मीद से चार गुना ज्यादा है। केदारनाथ पुननिर्माण से हमारी प्रतिष्ठा जुडी हुई थी, केदारनाथ यात्रा उत्तराखण्ड की सामूहिक संकल्पशीलता की जीत है। उन्होंने कहा कि केदारपुरी के दोनो ओर नदी से भूमि कटाव हो रहा है। उसके लिये सुरक्षा दीवार बनायी जानी है। चैराबाडी तक सुरक्षा दीवार का कार्य किया जाना है इसके अतिरिक्त रामबाड़ा से लिनचैली तक भी नदी से होने वाले भू कटाव के उपचार की व्यवस्था भी प्राथमिक्ता के आधार पर की जानी है। इसके लिये केन्द्र से आवश्यक मदद की दरकरार है। अपने संसाधनों से रामबाडा में स्मृति स्थल बनाने, छोटी-छोटी दुकाने बनाने के साथ ही गौरीकुण्ड व भीमबली में छोटे टाउन शिप विकसित करने का कार्य कर रहे है। पूर्व में केन्द्र स्तर पर गठित उत्तराखण्ड सब कमीटी द्वारा 8 हजार करोड का प्रस्ताव स्वीकार किया था। हमे उम्मीद है यह धनराशि राज्य को प्राप्त होगी। इसके आधुनिक तकनीकि के साथ केदारनाथ सहित अन्य यात्रा मार्गों पर वृहदस्तर पर होने वाले आवश्यक निर्माण कार्यों को गति मिल सकेगी। उन्होने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तराखण्ड एवं केदारनाथ भ्रमण को उपयोगी बताया। लोगो में उत्तराखण्ड आने के लिये उत्साह बढ़ाने का कार्य उनकी यात्रा से हुआ है। उन्होने कहा कि वे प्रधानमंत्री को भी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देंगे।
अब चैंपियन को मंत्री बनाने की उठी मांग, हरिद्वार से आए लोगों ने गांधी पार्क में किया प्रदर्शन
देहरादून, 25 अप्रैल । कैबिनेट में खाली चल रहे एक मंत्री पद के लिए विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने खुलकर ताल ठोंक दी है। हरिद्वार से आए सैकड़ों लोगों ने चैंपियन को मंत्री बनाने की मांग को लेकर धरना और प्रदर्शन किया। बाद में सीएम को एक ज्ञापन भी भेजा गया। कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद प्रदेश सरकार में खाली हुई मंत्री की कुर्सी पाने के लिए कांग्रेस के अंदर जोर-अजमाइश शुरु हो गई है। विधायकों ने इसके लिए शक्ति प्रदर्शन तक शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को हरिद्वार जिले के खानपुर क्षेत्र के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने उन्हें मंत्री बनाए जाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपने क्षेत्र की जनता को राजधानी देहरादून की सड़कांे पर उतारा। चैंपियन के समर्थकों ने हरिद्वार जिले के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया। कैबिनेट मंत्री रहे सुरेंद्र राकेश हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। उनके निधन के बाद खाली हुई इस विधानसभा सीट पर सत्ताधारी कांगेस ने सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को चुनाव लड़वाया, जो कि वहां से विधायक चुनी गई हैं। विधायक चुने जाते ही ममता राकेश ने उन्हें सरकार में मंत्री बनाए जाने की मांग कर डाली। हरिद्वार जिले के अंतर्गत कलियर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद भी सरकार से अपने को मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुके हैं। शनिवार को खानपुर क्षेत्र के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने हरिद्वार जिले के साथ भेदभाव किए जाने को लेकर राजधानी देहरादून में अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। विधायक चैंपियन के समर्थकों का कहना है कि पर्वतीय राज्य में राजस्व का अधिकतम हिस्सा मैदानी जनपद से ही एकत्रित होता है। अन्यथा सरकार को तनख्वाह देने के भी लाले पड़ जाएं। जब कभी राजनीतिक दलों को भीड़ एकत्रित करनी होती है तथा दिल्ली में किसी रैली का आयोजन होता है तो हरिद्वार के नेताओं के बल पर वहां बड़ी भीड़ इकट्ठी की जाती है लेकिन हक, अधिकार दिए जाने के मामले में हरिद्वार की जनता का लगातार अपमान किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उत्तराखंड नवनिर्माण के बाद प्रदेश में कांग्रेस ने दो बार सत्ता संभाली लेकिन कांग्रेस पार्टी के हरिद्वार के विधयक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कांग्रेस पार्टी सामाजिक अधिकारिता तथा न्याय के संतुलन की पक्षधर है लेकिन उत्तराखंड कैबिनेट में यह चरितार्थ नहीं हो रहा है। वैसे भी कैबिनेट में स्वर्ण जातियों का बाहुल्य है जिसमें पांच मंत्री राजपूत समाज से, तीन मंत्री ब्राह्मण समाज से, एक वैश्य समाज से तथा दो दलित समाज से हैं। ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग जो कि प्रदेश की आबादी का 20 प्रतिशत है को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोग कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उच्च शिक्षा प्राप्त ऊर्जावान सात वर्ष राष्ट्रीय चैम्पियन रहे आधे विश्व का भ्रमण कर चुके कुंवर प्रणव चैम्पियन को कैबिनेट मंत्राी का पद देकर हरिद्वार जिले का मान बढ़ाया जाय।
जन्मदिवस पर हेमवती नंदन बहुगुणा को दी श्रद्धांजलि
देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा हिमालय पुत्र अविभाजित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा के जन्म दिन के अवसर पर प्रदेश कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयेाजन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयेाजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, विधायक सुबोध उनियाल, साकेत बहुगुणा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष़्ा जोत ंिसह बिष्ट, सहित बड़ी संख्या में उपस्थित कांग्रेसजनों ने स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने एम.डी.डी.ए. मार्केट घण्टा घर स्थित स्व0 बहुगुणा जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरे विश्व में उत्तराखण्ड के गौरव को बढ़ाया है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित केन्द्र में अनेक मंत्रालयों में मंत्री रहते हुए स्व0 बहुगुणा जी ने विशेषकर शिक्षा तथा रसाई गैस के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में नई क्रान्ति को जन्म दिया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों से उत्तराखण्ड का शैक्षिक प्रतिशत देश के विभिन्न राज्यों मे अग्रणी है। उत्तराखण्ड क्षेत्र के विकास में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए वे सदैव याद किये जाते रहेंगे। प्रयार्ववरण संवर्द्धन के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान से न केवल घर-घर कुकिंग गैस पहुंची बल्कि वनो का संरक्षण तथा माताओं एवं बहनों के जीवन में खुशियों का समावेश हुआ। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर चन्द रमोला, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, विधायक राजकुमार, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, आशा टम्टा, पूनम भगत, पार्षद जगदीश धीमान, बीना बिष्ट, विवेकानन्द खण्डूरी, चै0 राजेन्द्र सिंह, प्रदेश महिला अध्यक्षा सरोनी कैन्तूरा, धर्मसिह पंवार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सदस्यता सह प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, तरूण पन्त, मनोज खुल्वे, टीका राम पाण्डे, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, अमरजीत सिंह, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, सुलेमान अली, रोशनी गोदियाल, महावीर रावत, बाला शर्मा, नासिर, अधीर चमोली, टी.सी. भारती, पुष्पा देवी, मालती देवी, विशाल मौर्य, सोमवती, शरीफ अहमद बेग, अनुराधा तिवारी, गुरनाम सिंह राठौर, नरेन्द्र क्षेत्री, लाखीराम बिजलवाण, पायल बहल, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।
मां सरस्वती जहां विद्या के साधक व साधना होती है, वहां वास करती हैः सीएम
देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । मां सरस्वती सुख साधन नही चाहती है, वह जहां विद्या के साधक व साधना होती है, वहां वास करती है। हमें अपने अंदर के मंथन और विश्वास से आगे बढ़कर अपना व अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन करना चाहिए। समाजहित में जो कार्य सामूहिक प्रयास से किये जाते है, वह सबसे बडा प्रयास होता है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजपुर रोड़ के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज यह विद्यालय अपने स्थापना के 200 वर्ष पूरे कर रहा, जो हम सबके लिए गौरव की बात है। विद्यालय ने अपने स्वरूप को बनाये रखा, जो आज हमारे सामने एक विरासत के रूप में है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी विद्यालय के लिए 200 साल का सफल काफी लम्बा होता है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय में कम्पयूटर शिक्षा के लिए अपने वेतन से 51 हजार रुपये की धनराशि देने तथा विद्यालय भवन की मरम्मत व अन्य व्यवस्थाओं के लिए 5 लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे पहले दून को एक सुन्दर शहर के रूप में जानते थे या फिर राजधानी के तौर पर। लेकिन दून एक और बात के लिए जाना जाता है, वो है आपस में मिलजुलकर काम करने के लिए, जो समाज की चकाचैंध से हटकर काम करते है। उन्हांेने कहा कि सरकार एक माध्यम है काम करने का। व्यक्ति व सामूहिक प्रयास से किये गये काम सबसे बड़ा काम होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए धन, वैभव या साधन की आवश्यकता नही होती है, केवल साधक की जरूरत होती है। उन्हांेने कहा कि दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है, जो बचपन में अनाथ थे, लेकिन जब उनको रास्ता मिला, तो उसका उपयोग कर वे औरो के लिए मिशाल बने। हमें भी अपने अंदर के मंथन और विश्वास से आगे बढ़कर नाम रोशन करना होगा। उन्होंने कहा कि यहां आकर आज अच्छा लगा, मानवता के स्वर सुनना काफी अच्छा लगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत विद्यालय परिसर का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री स्कूली बच्चों से मिले। उनकी कक्षा में बैठे और बच्चों से सवाल-जवाब भी किये। विद्यालय के छात्र-छात्राओं सुल्तान, लक्ष्मी, सुमित, नितिन, चांदनी, हर्ष से मुख्यमंत्री मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही भवन जर्जर हो, लेकिन यहां के बच्चे काफी होश्यिार है। विद्यालय के बच्चे भी अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर सभी बच्चे काफी उत्साहित दिखे। विद्यालय के छात्र राहुल ने मुख्यमंत्री को ‘बच्चो का आग्रह’ नाम से ज्ञापन सौपा। एक अन्य छात्र सुरेश ने गंगा पर कविता का प्रस्तुतीकरण किया। जिसे सुनकर मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यहां के बच्चों ने दिल की गहराई वाले भाव प्रस्तुत किये है, जो उन्हें सदैव याद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बच्चो को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हुकुम सिंह उनियाल ने विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक गोपाल राणा, लाॅ कालेज के डीन राजेश बहुगुणा, नर बहादुर, मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक राजीव जैन, जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।
एक मार्केट स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों के लिए बनेगीः हरीश रावत
देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । प्रदेश की सभी मंडियां आगामी 6 माह में एक मार्केट स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों के लिए बनायेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में बनने वाले बड़े स्पोर्टस स्टेडियम, रोडवेज स्टेशन, चारधामों में भी ऐसे ही मार्केट बनाये जायेंगे। हमें अपने उत्पादों की ब्रांडिंग खुद करनी होगी। इसके हम सभी को अपने समन्वित प्रयास करने होंगे। हम अपनी खेती, अच्छी शिक्षा और पानी पर फोकस करें, तो हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगे और पलायन रूकेगा। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निरंजनपुर में उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कृषक मेला के उदघाटन अवसर पर कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेले में लगे स्टाॅलों का अवलोकन भी किया और स्टाॅलों में रखे गये उत्पादों की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि लोग फिर से खेती को आशावादी नजरिये से देखे। इस पर विचार करना होगा और इसके लिए कृषि व उद्यान क्षेत्र से जुडे सभी विभागांे की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे इस दिशा में आगे बढे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि किसानों को नई तकनीक, अच्छी गुणवत्ता के बीज, नई जानकारियां पहुंचानी होगी। प्रदेश में ऐसे कई किसान है, जिन्होने अपनी मेहनत से अपने लिए खुशहाली के रास्ते खोले है। ऐसे किसान औरों के लिए भी प्रेरणा बन सकते है। कृषि विभाग के अधिकारी प्रत्येक जिले में ऐसे किसानों को चिन्हित करें और उनसे अन्य किसानों के साथ चर्चा करवाये। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की आवश्यता है। इसके लिए निर्देश दिये गये है कि ब्लाॅकों को माॅडल ब्लाॅक के रूप में चिन्हित करें। अब माल्टा, अखरोट, नीबू आदि को ब्लाॅकवार विकसित करें। हमें अपने स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग स्वयं करनी होगी। इसके लिए हम सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे। सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। हमने आंगनबाड़ी में मंडुवा व काले भट का अधिक उपयोग करने के निर्देश दिये है। इसी प्रकार से राजकीय भोज समारोह में भी स्थानीय उत्पादों को शामिल करने का कहा गया है। कृषि मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के दृढ़ संकल्प का परिणाम है हम किसानों के हितों में अहम निर्णय ले पाये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन मण्डी समिति, निरंजनरपुर के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह आनन्द, सभा सचिव एवं विधायक डाॅ. हरक सिंह रावत, पूर्व विधायक गोपाल राणा, केदार सिंह रावत, प्रमुख सचिव कृषि एस.रामास्वामी आदि उपस्थित थे।