Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74302 articles
Browse latest View live

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 अप्रैल)

$
0
0
उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम पर सरकार की मेहरबानियां जारी, मूल लागत से चार गुना में “रेनोवेषन”
  • नए सिरे से सजेगा सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर, अब पांच करोड़ की लागत से किया जाएगा पुर्निमाण
  • छह साल पहले सवा करोड़ में बनाया गया था सेंटर

देहरादून, 25 अप्रैल । सचिवालय परिसर में बने मीडिया सेंटर को नया लुक देने की तैयारी है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये का इंतजाम कर लिया गया है। छह साल पहले सवा करोड़ में बने इस मीडिया सेंटर के मूल ढांचे में महज ढाई फीट की चैड़ाई बढ़ाई जा रही है। यह काम भी सरकार और अफसरों की चहेती कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दिया गया है। केवल रेनोबेसन के लिए पांच करोड़ की भारी भरकम राशि दिया जाना तमाम सवालात खड़े कर रहा है। लगभग छह साल पहले खडूड़ी सरकार के समय में इस मीडिया सेंटर को बनाया गया था। इसे पूरी तरह से भूंकपरोधी तकनीक से बनाया गया था। पूरा सेंटर लोहे के ढांचे पर खड़ा किया गया है। ग्राउंड फ्लोर पर कांफ्रेंस हाल है और पहले तल पर अफसरों के कमरे और पत्रकार कक्ष बने हुए हैं। इस मीडिया सेंटर के निर्माण की गुणवत्ता पर उस वक्त भी सवाल उठे थे। लेकिन बात उससे आगे नहीं बढ़ सकी थी। उस वक्त इसे बनाने में तकरीबन सवा करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। सूत्रों ने बताया कि अब इस मीडिया सेंटर को नया लुक देने की तैयारी है। नया लुक देने के लिए इसकी चैड़ाई को महज ढाई फीट ही बढ़ाया जा रहा है। बाकी लोहे का स्ट्रक्चर मूल रूप में ही रहेगा। खिड़कियां और दरवाजे भी पुराने की रहेंगे। हां, उन्हें रंग-रोगन करके नई जगह पर लगा दिया जाएगा। इस काम के लिए पांच करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसके रेनोबेसन का जिम्मा कई बार काली सूची में डाली जा चुकी यूपी की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दिया गया है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि महज ढाई फीट चैड़ाई बढ़ाने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च करने की क्या तुक है। इतने भारी राशि में कंक्रीट और सीमेंट का आलीशान भवन बनाया जा सकता है। महज रेनोबेसन के नाम पांच करोड़ का खर्च तमाम सवाल पैदा कर रहा है। ये सवाल पैदा होने की एक वजह कार्यदायी संस्था भी है। उत्तराखंड की अपनी कई कार्यदायी संस्थाओं को दरकिनार करके यूपीआरएनएल को काम देना किसी की समझ में नहीं आ रहा है। इस संस्था इसके कारनामों की वजह से कई बार काली सूची में डाला जा चुका है। लेकिन संस्था के अफसर अपने ठेकेदारों की दम पर न केवल बार-बार काली सूची से बाहर ले आते हैं, बल्कि उत्तराखंड की कार्यदायी संस्थाओं के हक मारकर मोटी राशि वाले निर्माण का ठेका हासिल कर लेते हैं।

62.50 लाख देने होंगे अतिरिक्त
यूपीआरएनएल उत्तराखंड से बाहर की कार्यदायी संस्था है। ऐसे में इस एजेंसी कुल लागत की साढ़े बारह फीसदी राशि सेंटेज चार्जेज के रूप में सरकार को अलग से देनी होती है। मीडिया सेंटर के रेनोबेसन के लिए पांच करोड़ का ठेका दिया गया है। ऐसे में सरकार को अब 62.50 लाख रुपये यूपीआरएनएल को अतिरिक्त रूप से देने होंगे। अगर यही काम उत्तराखंड की किसी कार्यदायी संस्था के कराया जाता तो यह 62.50 लाख रुपये नहीं देने होते। लेकिन इस संस्था पर सरकार और अफसरों की नेमत लगातार बरस रही है। लिहाजा जनता का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है।

योजना भवन में मिलेंगे तीन कमरे
रेनोबेसन का काम पूरा होने तक मीडिया सेंटर के लिए सचिवालय के पास बने योजना आयोग के नए भवन में तीन कमरे आवंटित करने की तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि यूपीआरएनएल के काम शुरू करते ही मीडिया सेंटर को अस्थायी रूप से योजना भवन के तीन कमरों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

निदेशालय भवन की नहीं किसी को सुध
सूचना निदेशालय का अपना भवन रायपुर रोड पर सालों से निर्माणाधीन है। निशंक सरकार के समय में सूचना महानिदेशक काम संभालने वाले अरविंद सिंह ह्यांकी के समय में इस भवन निर्माण के काम में तेजी आई। उन्होंने खुद प्रयास करके भवन के लिए पैसा दिलवाया। उसके बाद किसी भी महानिदेशक ने निदेशालय की सुध नहीं ली। निदेशालय भवन के नाम पर आज भी महज दो कमरे बने। काम में सालों की देरी होने से इसकी लागत लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।  

पनाश वैली मामला, कहीं डूब न जाए निवेशकों का पैसा, एसडीएस का आदेश निरस्त होने के आसार बढ़े
  • फर्जी दाखिल खारिज से जमीन नाम कराने की आशंका, 2007 में रविवार के दिन ही जारी किया गया है आदेश


देहरादून, 25 अप्रैल । दस्तावेजी दिक्कतों में फंसी पनाश वैली पर छाए संकट के बादल एक बार फिर से गहराते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि चालंग गांव की कई एकड़ जमीन के बारे में 2007 को जारी किया गया एसडीएम का आदेश फर्जी होने की वजह से निरस्त किया जा सकता है। इस जमीन का बड़ा हिस्सा पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट में आता है। अगर यह आदेश निरस्त हो गया तो निवेशकों के करोड़ों रुपये डूबने की आशंका है। यूं तो पनाश वैली प्रोजेक्ट के हिमायती अफसर व अन्य लोग बचाने की जुगत में हैं। लेकिन दस्तावेजी साक्ष्यों के आगे किसी की दाल गलती नहीं दिख रही है। यह पनाश वैली प्रोजेक्ट चांलग गांव में बनाया जा रहा है। इस गांव की जमीन में इतने खेल हैं कि मामले की जांच करने वाला राजस्व विभाग भी चकरा रहा है। रोजाना नए-नए राज सामने आ रहे हैं। मामले की जांच में लगी टीम ने पाया कि चालंग गांव के 207 खेतों के दाखिल खारिज के मामले में तत्कालीन एसडीएम ने एक आदेश 15 अप्रैल-2007 को जारी किया है। इसी आदेश के सहारे जमीन का पट्टा दिया गया था। पट्टे के बाद जमीन की बिक्री भी हो गई। अब जांच में पाया गया कि यह एसडीएम का यह आदेश रविवार के रोज जारी किया गया है। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि यह आदेश ही फर्जी हो सकता है। हो सकता है कि तत्कालीन एसडीएम के आदेश पर हस्ताक्षर ही फर्जी हों। अब एसडीएम के इस आदेश की गहनता से जांच की जा रही है। एसडीएम कोर्ट ने इस आदेश की पत्रावली पर फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। अब बात निवेशकों की। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर एसडीएम का 15 अप्रैल-2007 का आदेश निरस्त होता है तो उसके बाद के तमाम दाखिल खारिज और जमीन का नक्शा स्वतः ही निरस्त हो जाएंगे। जाहिर है कि इन हालात में इस जमीन को खरीदने वालों की सारी रकम डूब जाएगी। इससे निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है। लोग अपना पैसा वापस लेने की जुगत में हैं। यहां बता दें कि पनाश वैली प्रोजेक्ट को राजस्व विभाग की ओर से दी गई एनओसी निरस्त हो चुकी है और एमडीडीए इस हाउसिंग प्रोजेक्ट ने मानचित्र को निलंबित कर चुका है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट में किसी तरह के निर्माण पर भी पाबंदी लगी है। पनाश वैली प्रबंधन ने इन आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी रविनाथ रमन जवाब दाखिल करने गए तो पनाश वैली ने हाईकोर्ट से अपनी याचिका ही वापस ले ली। इससे यह संदेश भी जा रहा है कि कहीं न कहीं पनाश वैली प्रोजेक्ट में कोई खामी जरूर है। अगर ऐसा नहीं होता तो हाईकोर्ट से याचिका वापस नहीं ली जाती। 

बाकी है केदारधाम की मरम्मत, एएसआई ने बनाई रणनीति, सरकार से मांगा सहयोग
  • आपदा में कुछ पत्थर अपने स्थान से हिले, रात के वक्त काम करेगी एएसआई की टीम, तीर्थयात्रियों को नहीं होगी किसी तरह परेशानी

देहरादून, 25 अप्रैल । कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार के दर्शनों को देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ धाम पहुंच रही है। सरकार के स्तर से तो तैयारियां लगभग पूरी होने की बात की जा रही है। लेकिन आपदा के दौरान मंदिर को पहुंचे नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी है। भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) ने अब मंदिर की मरम्मत का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। अलबत्ता एएसआई के काम से धाम आने वाले श्रद्धलुओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। बताया जा रहा है कि 2013 की आपदा के वक्त बाबा केदार के मंदिर को भी क्षति पहुंची थी। इस मंदिर के कुछ पत्थर अपने स्थान से खिसक गए हैं। एएसआई ने इस क्षति का आंकलन तो कर लिया था। लेकिन कपाट बंद होने और मौसम के मिजाज की वजह से मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका था। सूत्रों ने बताया कि एएसआई ने अब मंदिर का मरम्मत का पूरा इंतजाम कर लिया है। इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग मांगा गया है। एएसआई चाहता है कि सरकार मरम्मत का सामान धाम तक पहुंचाने और मजदूर आदि के मामलों में सहयोग करे। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने एएसआई को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। एएसआई ने मंदिर की मरम्मत की रणनीति इस तरह से तैयार की है,जिससे यात्रा में किसी तरह की बाधा न आए। तय किया गया है कि दिन में तो श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे और एएसआई की टीम रात में मंदिर की मरम्मत का काम करेगी। माना जा रहा है कि मंदिर की पूरी तरह से मरम्मत करने में चार माह से भी ज्यादा का वक्त लग सकता है। 

स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रही सरकारी योजनाओं का जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा कोई लाभ, हुजूर ! इन दुखियारों की भी सुन लो
  • एक दलित महिला को इलाज के लिए दो लाख की दरकार, सरकारी योजना के तहत नहीं किया जा रहा मुफ्त इलाज

देहरादून, 25 अप्रैल । कहने को तो सरकार की अनेकों स्वास्थ्य योजनाएं चल रही हैं। लेकिन जिन्हें स्वास्थ्य कार्ड की आवश्यकता है उनका बनता नहीं। ऐसी ही एक दलित महिला इलाज के लिए भटक रही है और कोई उसकी सुध लेने वाला नहीं हैं। पौड़ी के ग्राम उज्याड़ी की रहने वाली 44 साल की दलित महिला बसंती देवी ढाई साल पहले एक पहाड़ी से गिरने की वजह से जख्मी हो गई थी। पति राजालाल भी विकलांग है और घर की रोटी किसी तरह मजदूरी से चल रही है। जख्मी होने के बाद से ही महिला इलाज के लिए भटक रही है। डाक्टरों के पास चक्कर लगा रही है तो इलाज के डेढ़ से दो लाख रुपये ही जरूरत बताई जा रही है। ढाई सालों से यह महिला लोगों से थोड़ी-थोड़ी रकम लेकर इलाज करा रही है। लेकिन जब तक आपरेशन नहीं होगा, महिला का हाथ ठीक नहीं हो सकता। नतीजा यह है कि दलित महिला इलाज के लिए भटक रही है। कुहनी से ऊपर हाथ की हड्डी के पूरी तरह से दो टुकड़े हुए हैं। मांस पर हाथ लटका हुआ है। अहम बात यह है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या फिर सरकारी अस्पताल के डाक्टर इस महिला की कोई मदद करने को तैयार नहीं हैं। सरकारी व्यवस्था के अनुसार दलित और बीपीएल परिवार से होने की वजह से इस महिला का इलाज पूरी तरह से निशुल्क होना चाहिए। लेकिन इससे ढाई लाख रुपये की मांग की जा रही है। हो सकता है कि पौड़ी में इस महिला के आपरेशन की पर्याप्त सुविधाओं का अभाव हो। ऐसे में इसे श्रीगर मेडिकल कालेज में भी भेजा जा सकता है या फिर देहरादून में इलाज कराया जा सकता है। लेकिन संवेदनहीन हो रहे प्रशासन को दलितों की कोई परवाह नहीं है।
   अब इस महिला को सरकार के मुखिया से ही मदद की उम्मीद है। उसे लग रहा है कि अगर उसकी फरियाद मुखिया के दरबार तक पहुंच गई तो उसे नया जीवन मिल सकता है। वरना यूं ही पूरा परिवार घुट-घुट कर आखिर कब तक जी सकेगा।

लावारिस हालत में पड़े दो युवक
पिछले दिनों फाटा में एक बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल दो युवकों को जौलीग्रांट अस्पताल में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया है। घटना वाले रोज तो सरकारी मशीनरी ने तेजी दिखाई और दोनों को एयर लिफ्ट करके तत्काल जौलीग्रांट मेडिकल कालेज में भर्ती भी करा दिया। इसके बाद किसी भी सरकारी अधिकारी ने इनकी कोई सुध नहीं ली। अस्पताल वाले पैसा मांग रहे हैं और इनके पास कोई राशि नहीं है। सरकार के स्तर से भी इनके इलाज के लिए किसी तरह का कोई आदेश जौलीग्रांट अस्पताल को नहीं दिया गया है। नतीजा यह है कि दोनों घायल युवक अस्पताल में लावारिस स्थिति में पड़े हैं।

भूकंप के झटकों से दहशत, दो बार हिली उत्तराखंड की धरती
  • पहाड़ी और मैदानी जिलों में महसूस किए गए झटके, राज्य में कहीं भी जान-माल हानि की नहीं कोई सूचना
  • यूपी, बिहार, बंगाल और दिल्ली एनसीआर में भी खौफ

देहरादून, 25 अप्रैल । धरती डोली तो दहशत में आए लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। अभी लोग समझ भी नहीं आए थे कि धरती एक बार फिर कांप उठी। भूकंप के लगातार दो झटकों से पूरे राज्य में लोग दहशत में रहे। शुक्र की बात यह है कि इन झटकों से किसी तरह की जान या माल की हानि होने की कोई सूचना नहीं है। सुबह 11.45 पर अचानक धरती हिलने लगी और लगभग 30 सेकेंड तक हिलती रही। इसके बाद 11.52 पर फिर से झटके महसूस किए गए। इससे दहशत में आए लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने-अपने शहर में झटके महसूस करने का अपडेट डालने लगे। बताया जा रहा है कि राज्य के सभी जिलों में ये झटके महसूस किए गए। समाचार लिखे जाने तक इस भूकंप से उत्तराखंड में किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी। आपदा प्रबंधन विभाग दूरस्थ पर्वतीय अंचलों से भी सूचनाएं एकत्र करने की कोशिश में है। भूकंप के इन दो झटकों को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और एनसीआर के साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल में भी महसूस किए गए। केंद्रीय मौसम विभाग के महानिदेशक एलएस राठौर के अनुसार इस भूकंप रिएक्टर स्केल पर इस भूकंप की क्षमता 7.4 आंकी गई है। इसके केंद्र काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में बताया जा रहा है। उत्तराखंड समेत समूचा उत्तर भारत भूकंप के तेज झटकों से कांप उठा। पूर्वाह्न 11.45 बजे उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का अहसास होते ही लोगों में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल गए। देहरादून, उत्तरकाशी समेत कई इलाके भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों के महसूस होते ही लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग घरों और से निकलकर बाहर सड़कों और गलियों में खड़े हो गए। भूकंप का केंद्र नेपाल के काठमांडू के पास है। भूकंप की तीव्रता 7.5 रेक्टर मापी गई है। देहरादून में तीन मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। सचिवालय सहित पशुधन भवन देहरादून की चार मंजिला इमारत और रिलाइंस कार्यालय में भूकंप के झटके महसूस होते ही कर्मचारी बिल्डिंग से निकलकर भागने लगे। उत्तराखंड के सटे नेपाल में भूकंप के केंद्र होने से उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। लगभग 11.45 बजे उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। चारधामों में प्रमुख धाम बदरीनाथ धाम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। धाम के आस-पास के इलाकों में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। कुमाऊं में भूकंप के झटके महसूस किए गए। कुमाऊं का अधिकांश इलाका नेपाल से सटा हुआ है। पूरे इलाके में 1 मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। अभी तक उत्तराखंड में कहीं से भी कोई जान-माल के नुकसान के सूचना नहीं है। राज्य मौसम विभाग के निदेशक डा. आनन्द कुमार शर्मा का कहना कि उत्तराखण्ड 80 डिग्री अक्षांश में आता है, जबकि भूकंप का केंद्र उत्तराखण्ड से काफी दूर 84.2 डिग्री अक्षांश पर रहा। मौसम विभाग के अनुसार भूकंप की तीव्रता और गहराई नुकसान कम या अधिक होने का कारण होती है। हालांकि 6.5 तीव्रता और इससे बाद का भूकंप काफी बड़ा और असरदार नुकसान करने लायक माना जाता है।

केदारधाम नहीं जाएंगे राष्ट्रपति

देहरादून, 25 अप्रैल । महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का 18 मई को देहरादून आने का कार्यक्रम तय हो गया है। अलबत्ता राष्ट्रपति के कार्यक्रम में केदारनाथ जाने का जिक्र नहीं हैं। मुख्य सचिव ने राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों की समीक्षा की। शासन को मिले कार्यक्रम के मुताबिर राष्ट्रपति 18 मई को ढाई बजे दिल्ली से चलकर 3.20 पर जौलीग्रांट में उतरेंगे। वहां से हेलीकाप्टर के जरिए जीटीसी हेलीपैड पर उतरने के बाद विधानसभा जाएंगे और वहां चार से पांच बजे तक विस के विशेष सत्र को संबोधित करने के बाद राजभवन आएंगे। राजभवन में सात बजे से होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। रात्रि विश्राम राजभवन में ही करने के बाद 19 मई की सुबह वृक्षारोपण करेंगे। 11 बजे चापर से जौलीग्रांट के लिए रवाना होंगे और 12.50 पर दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्य सचिव एन रविशंकर ने आज अफसरों के साथ बैठक करके आगमन की तैयारियों की समीक्षा की। इस कार्यक्रम से साफ हो गया है कि राष्ट्रपति का केदारनाथ जाने का कोई प्रोग्राम नहीं है। इससे पहले अप्रैल में उनके केदारधाम आने की सूचना थी। 

बदरीधाम पूरी तरह सुरक्षित, अब प्लान-टू पर काम करेंगे सीएम हरीश
  • चारधाम यात्रा के लिए पीएम को करेंगे आमंत्रित, भूकंप पर मांगी सभी जिलों से तलब की रिपोर्ट

देहरादून, 25 अप्रैल । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बदरीधाम को पूरी तरह से सुरक्षित कर लिया गया है। रविवार को हजारों लोगों की मौजूदगी में धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि उनका प्लान एक पूरी हो गया है। अब प्लान दो पर काम किया जाएगा। चारधाम यात्रा के लिए पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा। बीजापुर में पत्रकारों से वार्ता में सीएम ने कहा कि बदरीनाथ धाम में सभी तैयारियां पूरी हो गई है। हजारों तीर्थयात्री वहां पहुंच गए हैं। रविवार को कपाट खुलने के मौके पर वे खुद भी वहां मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ ही जागेश्वर धाम के साथ ही मदमहेश्वर धाम को भी विकसित किया जाएगा। यह उनके प्लान दो का हिस्सा हैं। इसी तरह छोटा कैलास यात्रा को बढ़ावा देने के लिए सरकार तीर्थयात्रियों को अनुदान भी देगी। सीएम ने कहा कि कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग को और बेहतर बनाने के लिए केएमवीएन को पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि उनका प्लान एक पूरा हो गया है। इसे राज्य सरकार ने अपने संशाधनों से पूरा किया है। अब प्लान दो को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की मदद की जरूरत होगी। सीएम ने कहा कि वे चारधाम यात्रा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित कर रहे हैं। उनके आने से प्लान दो को पूरा करने में मदद मिलेगी। वार्ता के दौरान सुरेंद्र कुमार और राजीव जैन भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व वहां पर सभी व्यवस्थाये दुरस्त कर दी गई है। बद्रीनाथ तक सडक मार्ग खोल दिया गया है लगभग 750 तीर्थयात्री बद्रीनाथ पहुंच चुके है जबकि 1000 लोग शंकराचार्य की गद्दी एवं गाडू घडी तेल कलश यात्र के साथ चल रहे हैं। यात्रा के प्रति लोगो में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। चारधाम यात्रा पर उम्मीद से बढ़कर यात्री आ रहे है। यह यात्रा के लिये निश्चित रूप से शुभ संकेत है। उन्होने कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं के लिये जिलाधिकारियों के साथ ही सचिव स्तर के अधिकारियों को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रविवार को बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद अब हमारी प्राथमिकता व अगला लक्ष्य मानसरोवर यात्रा को संचालित कराने का है, जिसके लिये अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदारी दी गई है। हमारा प्रयास है कि केदारनाथ की व्यवस्थाओं की तुलना में इस यात्रा मार्ग को भी हम अधिक सुगम और सुरक्षित बना सके इसके लिये 5 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है। के.एम.वी.एन को भी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है। इस अंर्तराष्ट्रीय यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित कर इसे राज्य की बेहतरी के लिये बडे सौभाग्य के रूप में बदलने के लिये हमारा प्रयास है। शिव विवाह का यह परम्परागत पौराणिक मार्ग है, इस मार्ग को अच्छी प्रकार विकसित करना भी हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसके साथ ही छोटा कैलाश व ओम पर्वत की यात्रा भी सब्सिडाइज्ड बेस पर चलाने की भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यात्रा प्रारम्भ करने की योजना का प्रथम चरण पूरा हो गया है दूसरे चरण के कार्य 1 मई से प्रारम्भ किये जाने है। इसके अन्र्तगर्त वर्ष भर यात्रा संचालित करने के लिए यात्रा मार्गो  व स्थलों को और अधिक उपयोगी व सुविधा युक्त बनाया जायेगा। जागेश्वर व मदमहेश्वर को भी यात्रा से जोडा जायेगा। इन स्थलों पर भी अवस्थापना सुविधाओं को विकास किया जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 10 हजार यात्री केदारनाथ की यात्रा कर चुके है।  जो उम्मीद से चार गुना ज्यादा है। केदारनाथ पुननिर्माण से हमारी प्रतिष्ठा जुडी हुई थी, केदारनाथ यात्रा उत्तराखण्ड  की सामूहिक संकल्पशीलता की जीत है। उन्होंने कहा कि केदारपुरी के दोनो ओर नदी से भूमि कटाव हो रहा है। उसके लिये सुरक्षा दीवार बनायी जानी है। चैराबाडी तक सुरक्षा दीवार का कार्य किया जाना है इसके अतिरिक्त रामबाड़ा से लिनचैली तक भी नदी से होने वाले भू कटाव के उपचार की व्यवस्था भी प्राथमिक्ता के आधार पर की जानी है। इसके लिये केन्द्र से आवश्यक मदद की दरकरार है। अपने संसाधनों से रामबाडा में स्मृति स्थल बनाने, छोटी-छोटी दुकाने बनाने के साथ ही गौरीकुण्ड व भीमबली में छोटे टाउन शिप विकसित करने का कार्य कर रहे है। पूर्व में केन्द्र स्तर पर गठित उत्तराखण्ड सब कमीटी द्वारा 8 हजार करोड का प्रस्ताव स्वीकार किया था। हमे उम्मीद है यह धनराशि राज्य को प्राप्त होगी। इसके आधुनिक तकनीकि के साथ केदारनाथ सहित अन्य यात्रा मार्गों पर वृहदस्तर पर होने वाले आवश्यक निर्माण कार्यों को गति मिल सकेगी। उन्होने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तराखण्ड एवं केदारनाथ भ्रमण को उपयोगी बताया। लोगो में उत्तराखण्ड आने के लिये उत्साह बढ़ाने का कार्य उनकी यात्रा से हुआ है। उन्होने कहा कि वे प्रधानमंत्री को भी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देंगे। 

अब चैंपियन को मंत्री बनाने की उठी मांग, हरिद्वार से आए लोगों ने गांधी पार्क में किया प्रदर्शन

देहरादून, 25 अप्रैल । कैबिनेट में खाली चल रहे एक मंत्री पद के लिए विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने खुलकर ताल ठोंक दी है। हरिद्वार से आए सैकड़ों लोगों ने चैंपियन को मंत्री बनाने की मांग को लेकर धरना और प्रदर्शन किया। बाद में सीएम को एक ज्ञापन भी भेजा गया।  कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद प्रदेश सरकार में खाली हुई मंत्री की कुर्सी पाने के लिए कांग्रेस के अंदर जोर-अजमाइश शुरु हो गई है। विधायकों ने इसके लिए शक्ति प्रदर्शन तक शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को हरिद्वार जिले के खानपुर क्षेत्र के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने उन्हें मंत्री बनाए जाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपने क्षेत्र की जनता को राजधानी देहरादून की सड़कांे पर उतारा। चैंपियन के समर्थकों ने हरिद्वार जिले के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया।  कैबिनेट मंत्री रहे सुरेंद्र राकेश हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। उनके निधन के बाद खाली हुई इस विधानसभा सीट पर सत्ताधारी कांगेस ने सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश को चुनाव लड़वाया, जो कि वहां से विधायक चुनी गई हैं। विधायक चुने जाते ही ममता राकेश ने उन्हें सरकार में मंत्री बनाए जाने की मांग कर डाली। हरिद्वार जिले के अंतर्गत कलियर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद भी सरकार से अपने को मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुके हैं। शनिवार को खानपुर क्षेत्र के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने हरिद्वार जिले के साथ भेदभाव किए जाने को लेकर राजधानी देहरादून में अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। विधायक चैंपियन के समर्थकों का कहना है कि पर्वतीय राज्य में राजस्व का अधिकतम हिस्सा मैदानी जनपद से ही एकत्रित होता है। अन्यथा सरकार को तनख्वाह देने के भी लाले पड़ जाएं। जब कभी राजनीतिक दलों को भीड़ एकत्रित करनी होती है तथा दिल्ली में किसी रैली का आयोजन होता है तो हरिद्वार के नेताओं के बल पर वहां बड़ी भीड़ इकट्ठी की जाती है लेकिन हक, अधिकार दिए जाने के मामले में हरिद्वार की जनता का लगातार अपमान किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उत्तराखंड नवनिर्माण के बाद प्रदेश में कांग्रेस ने दो बार सत्ता संभाली लेकिन कांग्रेस पार्टी के हरिद्वार के विधयक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कांग्रेस पार्टी सामाजिक अधिकारिता तथा न्याय के संतुलन की पक्षधर है लेकिन उत्तराखंड कैबिनेट में यह चरितार्थ नहीं हो रहा है। वैसे भी कैबिनेट में स्वर्ण जातियों का बाहुल्य है जिसमें पांच मंत्री राजपूत समाज से, तीन मंत्री ब्राह्मण समाज से, एक वैश्य समाज से तथा दो दलित समाज से हैं। ओबीसी अन्य पिछड़ा वर्ग जो कि प्रदेश की आबादी का 20 प्रतिशत है को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोग कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उच्च शिक्षा प्राप्त ऊर्जावान सात वर्ष राष्ट्रीय चैम्पियन रहे आधे विश्व का भ्रमण कर चुके कुंवर प्रणव चैम्पियन को कैबिनेट मंत्राी का पद देकर हरिद्वार जिले का मान बढ़ाया जाय। 

जन्मदिवस पर हेमवती नंदन बहुगुणा को दी श्रद्धांजलि 

देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा हिमालय पुत्र अविभाजित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा के जन्म दिन के अवसर पर प्रदेश कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयेाजन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।  प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयेाजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, विधायक सुबोध उनियाल, साकेत बहुगुणा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष़्ा जोत ंिसह बिष्ट, सहित बड़ी संख्या में उपस्थित कांग्रेसजनों ने स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये।  कार्यक्रम से पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने एम.डी.डी.ए. मार्केट घण्टा घर स्थित स्व0 बहुगुणा जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।  इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा को प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरे विश्व में उत्तराखण्ड के गौरव को बढ़ाया है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित केन्द्र में अनेक मंत्रालयों में मंत्री रहते हुए स्व0 बहुगुणा जी ने विशेषकर शिक्षा तथा रसाई गैस के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में नई क्रान्ति को जन्म दिया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों से उत्तराखण्ड का शैक्षिक प्रतिशत देश के विभिन्न राज्यों मे अग्रणी है। उत्तराखण्ड क्षेत्र के विकास में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए वे सदैव याद किये जाते रहेंगे। प्रयार्ववरण संवर्द्धन के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गये अभूतपूर्व योगदान से न केवल घर-घर कुकिंग गैस पहुंची बल्कि वनो का संरक्षण तथा माताओं एवं बहनों के जीवन में खुशियों का समावेश हुआ। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर चन्द रमोला, प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, विधायक राजकुमार, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, आशा टम्टा, पूनम भगत, पार्षद जगदीश धीमान, बीना बिष्ट, विवेकानन्द खण्डूरी, चै0 राजेन्द्र सिंह, प्रदेश महिला अध्यक्षा सरोनी कैन्तूरा, धर्मसिह पंवार, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सदस्यता सह प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, तरूण पन्त, मनोज खुल्वे, टीका राम पाण्डे, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, अमरजीत सिंह, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, सुलेमान अली, रोशनी गोदियाल, महावीर रावत, बाला शर्मा, नासिर, अधीर चमोली, टी.सी. भारती, पुष्पा देवी, मालती देवी, विशाल मौर्य, सोमवती, शरीफ अहमद बेग, अनुराधा तिवारी, गुरनाम सिंह राठौर, नरेन्द्र क्षेत्री, लाखीराम बिजलवाण, पायल बहल, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।

मां सरस्वती जहां विद्या के साधक व साधना होती है, वहां वास करती हैः सीएम 

देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । मां सरस्वती सुख साधन नही चाहती है, वह जहां विद्या के साधक व साधना होती है, वहां वास करती है। हमें अपने अंदर के मंथन और विश्वास से आगे बढ़कर अपना व अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन करना चाहिए। समाजहित में जो कार्य सामूहिक प्रयास से किये जाते है, वह सबसे बडा प्रयास होता है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजपुर रोड़ के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज यह विद्यालय अपने स्थापना के 200 वर्ष पूरे कर रहा, जो हम सबके लिए गौरव की बात है। विद्यालय ने अपने स्वरूप को बनाये रखा, जो आज हमारे सामने एक विरासत के रूप में है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी विद्यालय के लिए 200 साल का सफल काफी लम्बा होता है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय में कम्पयूटर शिक्षा के लिए अपने वेतन से 51 हजार रुपये की धनराशि देने तथा विद्यालय भवन की मरम्मत व अन्य व्यवस्थाओं के लिए 5 लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे पहले दून को एक सुन्दर शहर के रूप में जानते थे या फिर राजधानी के तौर पर। लेकिन दून एक और बात के लिए जाना जाता है, वो है आपस में मिलजुलकर काम करने के लिए, जो समाज की चकाचैंध से हटकर काम करते है। उन्हांेने कहा कि सरकार एक माध्यम है काम करने का। व्यक्ति व सामूहिक प्रयास से किये गये काम सबसे बड़ा काम होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए धन, वैभव या साधन की आवश्यकता नही होती है, केवल साधक की जरूरत होती है। उन्हांेने कहा कि दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है, जो बचपन में अनाथ थे, लेकिन जब उनको रास्ता मिला, तो उसका उपयोग कर वे औरो के लिए मिशाल बने। हमें भी अपने अंदर के मंथन और विश्वास से आगे बढ़कर नाम रोशन करना होगा। उन्होंने कहा कि यहां आकर आज अच्छा लगा, मानवता के स्वर सुनना काफी अच्छा लगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत विद्यालय परिसर का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री स्कूली बच्चों से मिले। उनकी कक्षा में बैठे और बच्चों से सवाल-जवाब भी किये। विद्यालय के छात्र-छात्राओं सुल्तान, लक्ष्मी, सुमित, नितिन, चांदनी, हर्ष से मुख्यमंत्री मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही भवन जर्जर हो, लेकिन यहां के बच्चे काफी होश्यिार है। विद्यालय के बच्चे भी अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर सभी बच्चे काफी उत्साहित दिखे। विद्यालय के छात्र राहुल ने मुख्यमंत्री को ‘बच्चो का आग्रह’ नाम से ज्ञापन सौपा। एक अन्य छात्र सुरेश ने गंगा पर कविता का प्रस्तुतीकरण किया। जिसे सुनकर मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यहां के बच्चों ने दिल की गहराई वाले भाव प्रस्तुत किये है, जो उन्हें सदैव याद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बच्चो को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हुकुम सिंह उनियाल ने विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक गोपाल राणा, लाॅ कालेज के डीन राजेश बहुगुणा, नर बहादुर, मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक राजीव जैन, जनसंपर्क समन्वयक जसबीर रावत आदि उपस्थित थे।

एक मार्केट स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों के लिए बनेगीः हरीश रावत 

uttrakhand news
देहरादून, 25 अप्रैल(निस) । प्रदेश की सभी मंडियां आगामी 6 माह में एक मार्केट स्वंय सहायता समूहों के उत्पादों के लिए बनायेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में बनने वाले बड़े स्पोर्टस स्टेडियम, रोडवेज स्टेशन, चारधामों में भी ऐसे ही मार्केट बनाये जायेंगे। हमें अपने उत्पादों की ब्रांडिंग खुद करनी होगी। इसके हम सभी को अपने समन्वित प्रयास करने होंगे। हम अपनी खेती, अच्छी शिक्षा और पानी पर फोकस करें, तो हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगे और पलायन रूकेगा। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निरंजनपुर में उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कृषक मेला के उदघाटन अवसर पर कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेले में लगे स्टाॅलों का अवलोकन भी किया और स्टाॅलों में रखे गये उत्पादों की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि लोग फिर से खेती को आशावादी नजरिये से देखे। इस पर विचार करना होगा और इसके लिए कृषि व उद्यान क्षेत्र से जुडे सभी विभागांे की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे इस दिशा में आगे बढे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि किसानों को नई तकनीक, अच्छी गुणवत्ता के बीज, नई जानकारियां पहुंचानी होगी। प्रदेश में ऐसे कई किसान है, जिन्होने अपनी मेहनत से अपने लिए खुशहाली के रास्ते खोले है। ऐसे किसान औरों के लिए भी प्रेरणा बन सकते है। कृषि विभाग के अधिकारी प्रत्येक जिले में ऐसे किसानों को चिन्हित करें और उनसे अन्य किसानों के साथ चर्चा करवाये। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की आवश्यता है। इसके लिए निर्देश दिये गये है कि ब्लाॅकों को माॅडल ब्लाॅक के रूप में चिन्हित करें। अब माल्टा, अखरोट, नीबू आदि को ब्लाॅकवार विकसित करें। हमें अपने स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग स्वयं करनी होगी। इसके लिए हम सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे। सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। हमने आंगनबाड़ी में मंडुवा व काले भट का अधिक उपयोग करने के निर्देश दिये है। इसी प्रकार से राजकीय भोज समारोह में भी स्थानीय उत्पादों को शामिल करने का कहा गया है। कृषि मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के दृढ़ संकल्प का परिणाम है हम किसानों के हितों में अहम निर्णय ले पाये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। इस अवसर पर उत्तराखण्ड कृषि उत्पादन मण्डी समिति, निरंजनरपुर के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह आनन्द, सभा सचिव एवं विधायक डाॅ. हरक सिंह रावत, पूर्व विधायक गोपाल राणा, केदार सिंह रावत, प्रमुख सचिव कृषि एस.रामास्वामी आदि उपस्थित थे।  

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (25 अप्रैल)

$
0
0
12 वर्ष की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार कर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास, बीस हजार का अर्थदण्ड 

झाबुआ---पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि दिनांक 16/01/2015 को थाना कोतवाली झाबुआ पर यह सूचना मिली थी कि ग्राम मिण्डल के जंगल में उदयपुरिया तालाब के पास एक लडकी का शव पत्तों से ढका हुआ है। उक्त सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ निरीक्षक शेरसिंह बघेल ने घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तथा राजस्व अधिकारियों को दी। थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ निरीक्षक शेरसिंह बघेल अपनी पुलिस टीम- उप निरी एस0डी0सिंह, रामजी मिश्रा, शिवपूजनसिंह यादव, आशुतोष मिठास, सउनि राजीव सिंह, के0एल0 प्रजापति, वेस्ता सोलंकी, प्र.आर. नरेन्द्र 227, प्र, आर. 90 प्रवीण, प्र.आर. 510 उमेश पुरोहित को साथ लेकर घटना स्थल पहुंचे तथा कार्यपालिक दण्डाधिकारी के निर्देशानुसार विधिवत शव को निकलवाया गया। उक्त शव ग्राम मिण्डल निवासी तौलिया की नाबालिग लडकी ललीता, उम्र लगभग 12 वर्ष का होना पाया गया। शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल झाबुआ मे करवाया जाने पर डाँ. द्वारा बताया गया कि मृतिका के साथ बलात्कार हुआ व मारपीट कर उसकी हत्या की गई है। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0 क्र0 38/15, धारा 302,201 भादवि का कायम किया गया व प्रकरण को विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 376( 2 )-झ व 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम बढ़ाई गई एवं प्रकरण में अग्रिम विवेचना की गई। इस जघन्य सनसनीखेज अपराध को पुलिस द्वारा चेलेंज के रूप में लिया गया एवं इस अंधे कत्ल को टेªस किये जाने हेतु विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों   द्वारा कई मुखबिर भी लगाये गये। पुलिस महानिरीक्षक महोदय, इंदौर जोन, इंदौर श्री विपिन माहेश्वरी, पुलिस महानिरीक्षक महोदय, महिला अपराध-इंदौर जोन श्री आर0पी0श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अ0अ0पु0 झाबुआ द्वारा प्रकरण की लगातार समीक्षा की गई। पुलिस टीमों द्वारा अज्ञात आरोपी की पतारसी करते घटनास्थल पर उक्त दिनांक को किस-किस व्यक्ति की आवाजाही रही, सभी से बारीकी से पूछताछ की गई। दिनांक 20/01/15 को मुखबिर द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई कि घटना के समय मुन्ना उर्फ थामस डामोर, निवासी माधौपुरा का भी वहीं पर था, जो वहां से भागते देखा गया था। पुलिस टीम द्वारा उक्त सूचना से वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया गया। पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुंदरसिंह कनेश एवं अ0अ0पु0 झाबुआ श्रीमती रचना मुकाती भदौरिया के मार्गदर्शन में टीम बनाकर आरोपी मुन्ना उर्फ थामस उर्फ राजेश पिता प्रकाश उर्फ धुमा डामोर, निवासी माधौपुरा के यहाँ दबिश देते आरोपी घर से भागकर उसके ससुराल पिपलिया इशगढ-कल्याणपुरा पर होना पता चला, जिस पर से उपरोक्त पुलिस टीम द्वारा पिपिलया इशगढ में दबिश दी गई। पुलिस टीम द्वारा आरोपी को दबिश देकर उसके ससुराल पिपलिया इशगढ से दिनांक 20.01.2015 को पकडा गया था। आरोपी मुन्ना उर्फ थामस उर्फ राजेश पिता प्रकाश उर्फ धुमा डामोर, निवासी माधौपुरा को घटना के संबंध मे पूछताछ हेतु थाना कोतवाली झाबुआ पर पुलिस टीम द्वारा लाया गया था। आरोपी मुन्ना उर्फ थामस उर्फ राजेश पिता प्रकाश उर्फ धुमा डामोर, निवासी माधौपुरा ने पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि उसके द्वारा ललीता की हत्या की गई है। आरोप की निशादेही से हत्या में प्रयुक्त सामग्री को जप्त किया गया था। प्रकरण को जघन्य सनसनीखेज अपराध में चिन्हित किया गया। गवाहों को समंस तामील करवाये जाकर उनकी शीघ्र साक्ष्य करवाई गई। दिनांक 24.4.15 को माननीय न्यायालय ने आरोपी आरोपी मुन्ना उर्फ थामस उर्फ राजेश पिता प्रकाश उर्फ धुमा डामोर, निवासी माधौपुरा 302,376 भादवि एवं 3/4 लैंिगक अपराधों से बालको के संरक्षण अधिनियम में आजीवन कारावास से दण्डित किया गया एवं धारा 201 भादवि में 7 वर्ष के कारावास से दण्डित किया गया। आरोपी को 20000/-रू. का अर्थदण्ड भी दिया गया। पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने उक्त सजायाबी पर प्रकरण के विवेचक थाना प्रभारी कोतवाली झाबुआ निरीक्षक शेरसिंह बघेल एवं पुलिस टीम को बधाई दी है एवं नगद पुरूस्कार से पुरूस्कृत किये जाने की घोषणा की है।

व्यापम मामले में दिग्विजय सिंह की किरकिरी भाजपा ने किया पुतलादहन

jhabua news
झाबुआ --- भारतीय जनता पार्टी झाबुआ के कार्यकर्ताओ ने भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेश दुबे  के नेतृत्व में स्थानीय राजगढ़ नाके पर शनिवार दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का पुतला दहन किया। भाजपा जिलाध्यक्ष शैलेश दुबे ने बताया की दिग्विजय सिंह द्वारा जिस पेनड्राइव को असली बताकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान पर व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा था, वो फर्जी निकली। यह पेनड्राइव व्यापमं घोटाले के व्हिसिलब्लोअर द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में यह कहते हुए जमा कराई थी कि जिस एक्सेल शीट पर जांच हो रही है उसमें छेड़छाड़ की गई है जबकि असली डाटा इस पेनड्राइव में है। इसी मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने काफी दिनों तक मीडिया में फुटेज बटोरे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। पुतला दहन में भण्डार अध्यक्ष विजय नायर, जिला कार्यालय मंत्री संजय शाह, मंडल अध्यक्ष गोपाल पवार, मंडल महामन्त्री कीर्ति भावसार, बबलू सकलेचा, कमलेश दातला, अमित शर्मा, जितेंद्र पवार, सुनिल शर्मा, नरेंद्र पवार, मुकेष मेहता, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष मुजमिल खान संदीप कानूनगो नवनीत त्रिवेदी जेम्स सिंगाड जयदेव डवन्दे आदि सेकड़ो कार्यकर्ता उपस्तिथ थे। उक्त जानकारी भाजपा मण्डल मिडिया प्रभारी अमित शर्मा ने दी।

गैल के सहयोग से झाबुआ में 26 अप्रैल रविवार को मानसिक निःशक्तजनों का परामर्श, परीक्षण एवं इलाज  आयेंगे विषेशज्ञ चिकित्सक, अनुविभागीय अधिकारी ने शिविर की तैयारीयों एवं निःशक्तजनों को लोने ले जाने हेतु दायित्वों का निर्धारण किया 

झाबुआ--जिला कलेक्टर चन्द्रशेखर बोरकर के मार्गदर्शन में जिले के निःशक्तजनों के सहायतार्थ सामाजिक दायित्व निगमन योजना के अन्तर्गत गेल इण्डिया लिमिटेड झाबुआ द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र झाबुआ के माध्यम से जिले के मानसिक निःशक्तजनों के निःशुल्क उपचार एवं परामर्श हेतु अतिथी  विशेषज्ञ  एवं आवश्यकतानुसार औषधी उपलब्ध करवाने हेतु राजस्व अनुभाग स्तर पर (झाबुआ, थान्दला व पेटलावद) उनमें सम्मिलित जनपद पंचायतों को सम्मिलित कर शिविर आयोजित किये जा रहे है। उपसंचालक सामाजिक न्याय आर डी जर्हा ने बताया कि गैल इंडिया के सहयोग से पेटलावद और थान्दला अनुभाग में शिविर सम्पन्न हो चुके है दिनांक 26 अप्रैल रविवार को जिले के झाबुआ अनुभाग क्षेत्र में मानसिक निःशक्तजनों के लिए शिविर का आयोजन जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र्र में आयोजित किया जा रहा है जिसमें मानसिक रोगो के विशेषज्ञ चिकित्सक, मनोचिकित्सक, सायकोलाॅजिस्ट, तकनीशियन इत्यादि आमंत्रित किये गये है जो शिविर में मानसिक निःशक्तजनों का परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार दवाईयाॅ निःशुल्क उपलब्ध करावेंगे साथ ही उनका बुद्धी लब्धि परीक्षण (प्फ ज्मेज) कर निःशक्तजनों का जिला मेडिकल बोर्ड के माध्यम से शिविर में ही सर्टीफिकेशन करवाया जावेगा । उन्होने बताया कि इन शिविर में मिर्गी, उदासी, चिन्ता, घबराहट, डर तनाव, अकेले में बड़बड़ाना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन इत्यादि मानसिक रोगों से ग्रसित रोगी भी सम्मिलित हो सकते है । आयोजित शिविर को सफल बनाने एवं उसके संचालन हेतु कलेक्टर जिला झाबुआ द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) झाबुआ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है । अनुविभागीय अधिकारी अम्बाराम पाटीदार द्वारा अनुभाग की झाबुआ, रामा व रानापुर जनपद एवं नगर पालिका झाबुआ व नगर पंचायत रानापुर कर्मचारीयों की पृथक-पृथक बैठक आयोजित कर शिविर की तैयारीयों की समीक्षा कर शत प्रतिशत मानसिक निःशक्तजनों की शिविर में उपस्थिति सुनिश्चित की जाने हेतु पंचायतों के सचिव, क्षेत्र के पटवारी, आंगनवाड़ी, नर्स एवं आशा कार्यकर्ता नगरीय क्षेत्र से नगर पालिका / नगर पंचायत के कर्मचारीयों का दायित्व निर्धारित किया गया एवं शिविर स्थल पर सफाई, पेयजल, भोजन व छाया की उपयुक्त व्यवस्था की जाने व शिविर में निःशक्तजनों की संख्याॅ अधिक होने पर शिविर अंतिम निःशक्तजन के परीक्षण तक चलते रहे इस हेतु शिविर स्थल पर उपयुक्त व्यवस्था की जाने हेतु जनपद पंचायत एवं नगर पालिका झाबुआ का दायित्व निर्धारित किया गया है। श्री पाटीदार ने बताया कि, शिविर स्थल पर ही जनपद पंचायतों द्वारा उनके क्षेत्र के मानसिक निःशक्तजनों के विशेष सहायता राशि रूपये 500/- प्रतिमाह ( ऐसे पात्र निःशक्तजन जिन्हें पूर्व से यह सहायता राशि प्राप्त नहीं हो रही है ) एवं नियमानुसार निरामय बीमा योजना व लीगल गार्जियनशीप के अन्तर्गत लाभ दिलवाने हेतु प्रकरण भी तैयार किये जावेंगे ।

बुरी नियत से हाथ पकडा

झाबुआ--फरियादिया ने बताया कि वह अपनी ननद के काका ससुर के लडके की शादी में गयी थी, जो घर बाहर आंगन में सोई थी। आरोपी दिलीप पिता भुरा सिंगाड निवासी डाबतलाई ने बुरी नीयत से हाथ पकडा। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 174/15, धारा 354, 506 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

मर्ग गोदाम कि दिवार धंसने से मौत
    
झाबुआ---फरियादी संतोष पिता कसना डिण्डोर, उम्र 19 वर्ष निवासी बरखेडा ने बताया कि मृतक भारत पिता धुलिया हिहोर, उम्र 17 वर्ष निवासी बरखेडा व संतोष जैन किराना दुकान पर आये थे, बाद गोदाम के किनारे गली में सोच करने गये, अचानक गोदाम की दिवार गिरने से दोनों दब गये, जिससे भारत की मौके पर ही मौत हो गयी। थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्र0 15/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना में मृत्यु का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---आरोपी आशीष कुमार पिता अनोखीलाल निवासी कल्याणपुरा के विरूद्ध मर्ग क्र0 15/15 धारा 174 जाफौ0 की जांच के दौरान धारा 304-ए, 337 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। थाना कल्याणपुरा में अप0क्र0 80/15, धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (25 अप्रैल)

$
0
0
मुख्यमंत्री श्री चैहान से जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दांगी मिले
  • विदिशा को मिले पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कर की दी जानकारी

vidisha news
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान से विदिशा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने आज शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर सौजन्य भेंट की। श्री दांगी ने मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार से जिला पंचायत को प्राप्त पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कर की जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एमबी ओझा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चन्द्रमोहन मिश्र भी साथ मौजूद थे। शासकीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के आधार पर उत्कृष्ट कार्यो का सम्पादन करने पर जिला पंचायत विदिशा को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री वीरेन्द्र सिंह ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी को ‘‘पंचायत सशक्तिकरण’’ पुरस्कार से गत दिवस सम्मानित किया है। ज्ञातव्य हो कि प्रदेश में विदिशा एक मात्र ऐसा जिला है जहां त्रि-स्तरीय पंचायत राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार से सम्मानित हुई है। जिसमें विदिशा जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत हिनोतिया एवं ठर्र को भी पुरस्कृत किया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने बताया कि जिला पंचायत को राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चयनित किया गया था। पुरस्कार के रूप में तीस लाख रूपए की राशि और प्रशंसा पत्र प्रदाय किया गया है। केन्द्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर विदिशा जनपद पंचायत  को प्रथम पुरस्कार प्रदाय किया गया है जबकि ग्राम पंचायत ठर्र और हिनोतिया निर्विरोध महिला पंचायत होने के कारण उन्हें भी पुरस्कृत किया गया है।

जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी विदिशा द्वारा कुरवाई विकासखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण आयोजित कराया गया |

vidisha news
जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी विदिशा द्वारा जिले में विकासखंड स्तर पर शासकीय कर्मचारियों हेतु चलाये जा रहे बेसिक कंप्यूटर एवं इन्टरनेट के प्रशिक्षण के अंतर्गत दिनांक 24/04/15 को जिले के कुरवाई  विकासखंड में एक दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया गया | इसके अंतर्गत विकासखंड के समस्त विभागों के सभी शासकीय कर्मचारियों को बेसिक कंप्यूटर एवं इन्टरनेट के प्रशिक्षण के साथ साथ शासान द्वारा चलायी जा रही ई-गवर्नेंस की विभिन्न परियोजनाओ से अवगत कराया गया | उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासखंड में पदस्थ सहायक ई-गवर्नेंस प्रबंधक सुश्री पलक जैन द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया | इस मौके पर  एस.डी.एम कुरवाई, तहसीलदार कुरवाई, जिला ई गवर्नेंस प्रबधक श्री जीशान अली खान, सहायक ई-गवर्नेंस प्रबंधक श्री अर्जुन पटेल एवं लेखापाल श्री अरविन्द यादव उपस्थित रहे | 

नेपाल में हाहाकार:1130 की मौतृ,हजारों घायल

$
0
0
1130-dead-in-nepal-earthquackनेपाल में आज आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या एक हजार 130 पर पहुंच गयी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। भूकंप का कहर इसके बाद सबसे अधिक भारत पर बरपा , जहां अब तक कम से कम 62 लोगों के मौत की खबर है। इसके कारण तिब्बत में 12 और बंगलादेश में चार लोगों की मौत हो गयी। देश में आये इस जलजले के कारण नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला अपनी इंडोनेशिया यात्रा को बीच में छोड़कर आज वापस लौट आये। पिछले 81 वर्षों में नेपाल में आया यह अब तक का सबसे भीषण भूकंप है। इससे पहले 1934 में आये विनाशकारी भूकंप में नेपाल आैर बिहार के हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। नेपाल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण काठमांडू घाटी में 970 मारे गए हैं।

नेपाल में भारतीय सेना के एक पर्वतारोहण दल को एवरेस्ट से 18 शव बरामद होने की सूचना मिली है। इसी महीने वार्षिक पर्वतारोहण सत्र के शुरु होने के कारण यहां 400 विदेशी समेत 1000 से ज्यादा पर्वताराेही मौजूद थे। सेना के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र श्रेष्ठ ने बताया कि भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन की घटना हुई। हिमस्खलन के कारण एवरेस्ट के आधार शिविर का कुछ हिस्सा बर्फ में दफन हो गया और दो शिविर घायलों से भर गए हैं। विश्व प्रसिद्ध पशुपति नाथ मंदिर को भूकंप से किसी तरह का नुकसान नहीं पहुचां है लेकिन प्राचीन धरहरा मिनार ढह गई।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर दूर स्थित लमजुंग को माना जा रहा है। नेपाल से लगे देश के उत्तरी और पूर्वी राज्यों में भूकंप से कम से कम 62 लोगों की मौत हो गयी और 133 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के कारण सबसे ज्यादा 45 लोग बिहार में मारे गए हैं। उत्तर प्रदेश में 12 और बंगाल में पांच लोगों की मौत हुई है। राहत और बचाव कार्यों के लिये राष्ट्रीय आपदा कार्य बल की एक टीम गोरखपुर और चार टीमें बिहार भेजी गयी हैं।

बिहार में भूकम्प से 27 लोगों की मौत . 81 घायल

$
0
0
27-dead-in-bihar-earthquack
बिहार में आज आये उच्च तीव्रता वाले भूकम्प से 27 लोगों की मौत हो गयी जबकि 81 अन्य घायल हो गये । आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि भूकम्प से अब तक 27 लोगों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुई है । उन्होंने कहा कि पूर्वी चंपारण में सबसे ज्यादा आठ लोगों की मृत्यु हुई जबकि सीतामढ़ी में छह लोग मारे गये । उन्होंने बताया कि दरभंगा में पांच जबकि सुपौल और सारण जिले में दो-दो तथा अररिया .शिवहर. पश्चिम चंपारण और मधुबनी जिले में एक-एक लोगों के मारे जाने की खबर है । श्री व्यासजी ने बताया कि भूकम्प में 81 लोगों के घायल होने की सूचना प्राप्त हुई है जिसमें दरभंगा जिले में सबसे अधिक 29 लोग घायल हुए है । उन्होंने बताया कि इसी तरह सीतामढ़ी में 12. पश्चिम चंपारण 11.पूर्वी चंपारण में नौ . किशनगंज में दो और अन्य जिलों से भी लोगों के घायल होने की सूचना मिली है ।

बिहार में 26 अगस्त 1833 को भूकंप का झटका महसूस किया गया था और उस समय इसकी तीव्रता करीब 7.9 आंकी गयी थी। इस भूकंप में भी भागलपुर और मुंगेर इलाके में कई मकान क्षतिग्रस्त हुए थे । अधिकांश मौत नेपाल के काठमांडू में हुई थी । इसके बाद 04 अक्टूबर और 18 अक्टूबर 1833 को आये भूकम्प का केन्द्र भी भारत-नेपाल सीमा पर था और इसके क्षटके बिहार समेत पूर्वी भारत में महसूस किये गये थे । फिर 21 मई 1842 को बिहार के बांका-धरैया और 11 नवम्बर 1842 को आये भूकम्प का केन्द्र बिहार बंगाल की सीमा पर था । बिहार में 23 मई 1866 .सात अक्टूबर 1920.17 फरवरी 1985 और 15 फरवरी 1993 को भी भूकम्प का क्षटका महसूस किया गया था लेकिन इसकी तीव्रता कम थी जिसके कारण जान माल की क्षति नहीं नहीं हुई थी ।

तूफान में मारे गये लोगों की लाशों पर राजनीति कर रही भाजपा- जदयू

$
0
0
bjp-politicise-bihar-cyclone
जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने उत्तर और उत्तर-पूर्वी बिहार में मंगलवार रात आये चक्रवाती तूफान के प्रभावितों तक समुचित राहत उपलब्ध नहीं कराने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव के आरोप पर पलटवार करते हुए आज कहा कि भाजपा नेता तूफान में मारे गए लोगों की लाशों पर राजनीति कर रहे हैं। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ़ निहोरा प्रसाद यादव ने यहां कहा कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का बस नहीं चलता। मंगलवार की रात्रि में आया चक्रवाती तूफ़ान बिहार के लिए अपनी तरह की पहली आपदा थी और इसको लेकर कोई अलर्ट नहीं था। इसके बावजूद राज्य सरकार ने जिस तत्परता से बचाव, राहत और सहायता का कामकाज तत्काल चलाया वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के राहत एवं बचाव कार्य को स्वयं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी आँखों से देखा और इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना भी की।

डॉ़ यादव ने कहा कि केवल बयान देने और राज्य सरकार को कोसने से राजनीति नहीं होती। इससे आपकी नकारात्मकता को लोग समझने लगते हैं। उन्होंने श्री यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा .. यदि आप बिहार और यहाँ की जनता के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते, तो राज्य सरकार को तो करने दीजिये। राज्य के विकास और जनता के कल्याण के कामकाज में अड़ंगेबाजी नेता प्रतिपक्ष के लिए शोभनीय नहीं है..। जदयू नेता ने कहा कि बेमौसम बरसात से किसानों को भारी नुकसान के बाद चक्रवाती तूफ़ान पहले से पीड़ित लोगों पर दोहरी मार थी। आज आया भूकंप लोगों को और भी डरा गया है। ऐसे समय में सभी लोगों को दलीय भावना से ऊपर उठकर राज्य और यहाँ की जनता की भलाई में जुटने की जरूरत है।

विशेष आलेख : प्रोमिला शंकर की किताब

$
0
0
भारतीय प्रशासनिक सेवा की सेवानिवृत्त अधिकारी प्रोमिला शंकर की किताब गाड्स आफ करप्शन इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। सन् 2012 में सेवानिवृत्त हो चुकीं प्रोमिला शंकर ने इस किताब में कई राजनीतिज्ञों व वरिष्ठ अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। हालांकि उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने सेवानिवृत्ति के बाद जेहादी दिखाने की अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रोमिला शंकर को नौकरी में रहते हुए गैरकानूनी दबावों के प्रतिकार का काम करना चाहिए था। अब जबकि वे नौकरी से रिटायर होकर सुरक्षित हो गई हैं तो उनके द्वारा क्रांतिकारिता झाडऩे का कोई मतलब नहीं है। अमिताभ ठाकुर के मूल शब्द चाहे जो हों लेकिन उनके कथन का आशय यही है। अमिताभ ठाकुर को प्रोमिला शंकर के सामने इस तरह के सवाल उठाने का हक इस कारण है कि वे खुद नौकरी में रहते हुए इस तरह का साहस दिखाने की मिसाल बन गए हैं।

आईएएस यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा औपनिवेशिक शासन की आईसीएस सेवा का स्वाधीनता उपरांत का संस्करण है। आईसीएस सेवा का गठन भारत में ब्रिटिश हुकूमत को मजबूत बनाए रखने के लिए किया गया था। किसी गैर हुकूमत का दूसरे देश में राज करना आसान काम नहीं है। उसका उद्देश्य चाहे कुछ हो लेकिन उसूलों के मामले में उच्चतम स्तर पर अपने को स्थापित रखकर ही ऐसी हुकूमत काम कर सकती है। आईसीएस अधिकारियों के बारे में हम कह सकते हैं कि साख के मामले में उनका कोई जवाब नहीं था। जैसे किसी उच्च कुल का गर्व होता है वैसे ही आईसीएस संवर्ग की आने वाली पीढ़ी अपने से पिछली पीढ़ी के अधिकारियों की परंपरा का बहुत ही गर्व के साथ उल्लेख करती थी। कई मामलों में आईसीएस अधिकारी सचमुच रूल आफ ला बनाए रखने के संदर्भ में स्टील फ्रेम वर्क कहलाए जाने के अधिकारी रहे। पर उनके परवर्ती संस्करण आधुनिक आईएएस सेवा के अधिकारियों के बारे में यह बात नहीं कही जा सकती। आज भी भले ही उन्हें कानून के शासन का लौह सांचा कहा जा रहा हो लेकिन अब इसका अर्थ एक सजावटी मुहावरे से ज्यादा नहीं रह गया। हालत तो यह है कि आईएएस अधिकारी ही आज नेताओं को इस कदर भ्रष्ट बनाने के लिए गुनहगार हैं। वे कानून के शासन की रक्षा नहीं करते बल्कि उसे पंगु करके कैसे स्वार्थ सिद्ध किए जा सकते हैं इसकी तरकीबें नेताओं को बताते हैं। अपने बैच के टापर प्रदीप शुक्ला इस बात के गवाह हैं जिन्होंने बाबू सिंह जैसे लोगों को सिखाया कि एनआरएचएम के बजट का अधिकतम भाग कैसे निजी तौर पर हड़पा जा सकता है। उसके नतीजे में वे और बाबू सिंह दोनों जेल पहुंचे। पहले किसी आईएएस अधिकारी का जेल पहुंचना अपवाद के तौर पर ही होता था और ऐसा प्रसंग बहुत बड़ी सनसनी का कारण बन जाता था लेकिन अब तो जेल की हवा खाने वाले आईएएस अधिकारियों की खास तौर से उत्तर प्रदेश में तो भरमार है जिनमें प्रदीप शुक्ला से पहले अखंड प्रताप सिंह और नीरा यादव जैसे नाम सामने आ चुके हैं जो अपने जमाने के बेहद तीरंदाज प्रशासक थे और कई मुख्यमंत्रियों ने जिनका महिमा मंडन किया था।

प्रोमिला शंकर अपने को दूध का धुला साबित करने की चाहे जितनी कोशिश करें लेकिन इस समय देश के जनसाधारण को बिल्कुल भी यकीन नहीं है कि कोई आईएएस अधिकारी ऐसा हो सकता है जो किसी भी दृष्टि से अपने को पाक साबित करे। हालांकि ऐसा नहीं है। कई आईएएस अधिकारी हैं जो बेहतर ढंग से अपना फर्ज अदा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह सेवा इतनी बदनाम हो चुकी है कि जनसाधारण को किसी पर विश्वास नहीं है। पहले लगभग सभी आईएएस अधिकारी जब तक छोटे जिलों में कलक्टर रहते थे यानी दस साल की सेवा तक रिश्वत और कमीशन से अपना दामन पूरी तरह बचाए रखने के प्रति सजग रहते थे लेकिन अब तो ज्यादातर आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो कलक्टर बनने के पहले ही पैसा बनाना शुरू कर देते हैं।

जहां तक स्वाधीन देश की आकांक्षाओं के अनुरूप देश के सर्वोच्च नौकरशाहों को डालने का प्रश्न है इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा अपेक्षाओं पर कदापि खरी नहीं उतर पाई है। स्थिति यह है कि जैसे-जैसे लोकतंत्र का विकास हो रहा है वैसे-वैसे इस तरह की प्रतिबद्धता आईएएस अधिकारियों में और ज्यादा घटती जा रही है। आईएएस अधिकारी कहते हैं कि वे राजनीतिक दबाव की वजह से सही काम नहीं कर पाते जबकि हालत यह है कि वे जो काम करते हैं उनमें से केवल दस या बीस प्रतिशत के लिए वे राजनीतिक दबाव से मजबूर होते हैं शेष अस्सी प्रतिशत तक काम वे अपनी मर्जी से करते हैं। जिनमें शस्त्र लाइसेंस का काम भी शामिल है लेकिन नब्बे प्रतिशत आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो किसी जरूरतमंद को कभी शस्त्र लाइसेंस नहीं देते। अगर वे लाइसेंस में घूस नहीं लेते तो भी लाइसेंस तभी जारी करते हैं जब किसी नेता या उनसे उच्चाधिकारी अथवा किसी तेजतर्रार पत्रकार की सिफारिश हो। पीडि़त आदमी अगर उसके साथ कोई प्रभावशाली व्यक्ति नहीं है तो उसकी शिकायत को तार्किक परिणति पर ले जाने की सूझ आईएएस अधिकारी के दिमाग में कभी नहीं रहती। अधिकांश आईएएस अधिकारी तो ऐसे हैं जो कि किसी शरीफ या निरीह आदमी से सीधे मुंह भी बात करना पसंद नहीं करते। जिनसे उन्हें नुकसान का भय रहता है वे केवल उन्हीं का काम करते हैं। आईएएस अधिकारी अगर चाहें तो राजनीति में बढ़ती खरपतवार पर काफी अंकुश लगा सकते हैं लेकिन यह उन्हीं की देन है कि आज नेता अवांछनीय तत्व बन रहे हैं। जाहिर है कि विघ्नकर्मियों मात्र को तवज्जो देने की उनकी मानसिकता इसके लिए मुख्य रूप से प्रेरक है। ऐसे लोगों को जब अपने संकट मोचक के रूप में आईएएस अधिकारी की बदौलत जरूरतमंद आदमी बार-बार देखता है तो वह उसे नेता बनाने को मजबूर हो जाता है और ऐसे नेता बाद में आईएएस अधिकारियों के लिए ही भस्मासुर साबित होते हैं। आईएएस अधिकारियों के साथ नेताओं द्वारा दुव्र्यवहार की लगातार बढ़ती प्रवृत्ति इसी का परिणाम हैं जिनका रोना रोने का कोई अधिकार आईएएस अधिकारियों को नहीं है। अगर उनका तिलिस्म टूटा है तो उसका मुख्य कारण उनका खुद का घटिया व्यवहार है।

हालांकि आज कुछ आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो कि गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि से निकलकर सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा तक पहुंचे जिसकी वजह से उनके मन में यह एहसास है कि समाज के उस हिस्से का जो उनकी गर्भनाल है दर्द उन्हें दूर करना चाहिए। यह आईएएस अधिकारी गरीब फरियादी की बात सुनकर उसे सार्थक राहत पहुंचाने की कोशिश करते हैं। यही लोग आईएएस सेवा के लाइट पोस्ट हैं जिनकी रोशनी में इस सेवा के अधिकारी आगे बढ़ें तो यह सेवा वास्तव में महिमा मंडित हो सकती है। साथ ही आईएएस अधिकारियों की पदोन्नति को उनकी परर्फोमेंस से जोडऩे की नीति के तहत अब उनके सर्विस रिकार्ड में जहां-जहां उनकी तैनाती रही वहां-वहां किए गए अभिनव कार्य के अंक जोड़े जाने लगे हैं। इसके कई फायदे सामने आ रहे हैं। प्रोमिला शंकर जैसी अफसरों को सेवानिवृत्ति के बाद जिनसे उनकी नहीं पटी उनके खिलाफ किताब छापकर भड़ास निकालने का काम करने की बजाय यह करना चाहिए कि वे नए आईएएस अधिकारियों को अपने स्वाभिमान व इज्जत को बनाए रखने के साथ-साथ यशस्वी होने के गुर बताने के लिए किताब लिखें और जिसमें इस बात का प्रायश्चित भी हो कि अपनी कमजोरियों की वजह से इस दिशा में वे जो काम नहीं कर पाईं उसे उनके उत्तराधिकारी अधिकारी जरूर पूरा करेंगे।





liveaaryaavart dot com

के पी सिंह 
ओरई 

फारवर्ड प्रेस की वर्षगांठ पर 'बहुजन संस्कृति और राजनीति का भविष्य'पर चर्चा

$
0
0
forward-prees-anniversiryफारवर्ड प्रेस की छठी वर्षगांठ के समारोह का आयोजन 29 अप्रैल को कंस्‍टीट्यूशन क्‍लब में किया जाएगा। इस अवसर पर 'बहुजन संस्‍कृति और राजनीति का भविष्‍य'विषय पर चर्चा आयोजित की गयी है। चर्चा में बीज वक्‍तव्‍य 'डी-ब्रह्मनाइजिंग हिस्‍ट्री'के लेखक ब्रजरंजण मणि का होगा। कार्यक्रम में अन्‍य वक्‍ता होंगे - प्रोफेसर वीरभारत तलवार (आलोचक), रमणिका गुप्‍ता (संपादक, युद्धरत आम आदमी), रामदास अठावले (अध्‍यक्ष, आरपीआई, सांसद ), श्‍योराज सिंह बेचैन (सुप्रसिद्ध लेखक), अली अनवर (अध्‍यक्ष, पसमांदा मुस्लिम महाज, सांसद), संजय पासवान (पूर्व केंद्रीय राज्‍य मंत्री), जयप्रकाश कर्दम (लेखक), अनुप्रिया पटेल (अध्‍यक्ष, अपना दल, सांसद),  अरविंद जैन (लेखक व प्रसिद्ध अधिवक्‍ता), अनिल सहनी (सांसद), रमा देवी (सांसद), सुजाता पारमिता (संस्‍कृति समीक्षक) और सोना झरिया मिंज।


इस अवसर पर फारवर्ड प्रेस की 'बहुजन साहित्‍य वार्षिकी, 2015'विमोचन ख्‍यात लेखिका अरूंधति राय करेंगे। 
इस मौके पर ब्रजरंजन मणि, ए.आर अकेला (लोकगायक व लेखक) तथा डॉ. हीरालाल आलवा (संस्‍थापक, जय आदिवासी युवा शक्ति) को द्वितीय'महात्‍मा जा‍ेतिबा और क्रांतिज्‍योति सावित्री बाई फुले बलिजन रत्‍न अवार्ड प्रदान किया जाएगा।

रुपये में 20 महीने की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

$
0
0
rupees-fall-maximum-in-20-week
शेयर बाजारों की भारी गिरावट और कच्चे तेल में तेजी के दबाव में बीते सप्ताह अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 2.02 प्रतिशत यानि 1.20 रुपये लुढ़ककर 63.56 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया जो अगस्त 2013 के बाद इसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। आलोच्य सप्ताह में भारतीय मुद्रा में 1.20 रुपये की गिरावट दर्ज की गयी। यह रुपये की लगातार दूसरी साप्ताहिक गिरावट है। इसके साथ ही यह इस साल छह जनवरी (63.57) के बाद का न्यूनतम स्तर भी है। रुपये की इससे बड़ी साप्ताहिक गिरावट 30 अगस्त 2013 को समाप्त सप्ताह में दर्ज की गयी थी जब यह 3.95 प्रतिशत टूटा था।

बीते सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र की शुरुआत ही रुपये ने 55 पैसे की गिरावट से की। मंगलवार और बुधवार को क्रमश: दो पैसे और पाँच पैसे की मामूली बढ़त के बाद अगले दो सत्रों में इसमें फिर भारी गिरावट रही। गुरुवार को यह 48 पैसे और शुक्रवार को 30 पैसे कमजोर हुआ था। आलोच्य अवधि में प्रमुख शेयर बाजारों में आयी भारी गिरावट से भारतीय मुद्रा पर दबाव रहा। बीते सप्ताह बीएसई का सेंसेक्स 3.53 फीसदी यानि 1004.16 अंक और एनएसई 3.49 फीसदी यानि 300.75 अंक लुढ़क गया।

कारोबारियों ने बताया कि प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से भी भारतीय मुद्रा दबाव में रही। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत में 2.88 प्रतिशत और अमेरिकी क्रूड की कीमत में 2.52 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से बैंकों एवं तेल आयातक कंपनियों पर डॉलर लिवाली का दबाव और अधिक हो गया, जिससे भारतीय मुद्रा कमजोर हुई है।

संसदीय समिति को दिखी कोयला की ई-नीलामी में गड़बड़ी की आशंका

$
0
0
coal-block-allotment
उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द कोयला ब्लाकों की ई-नीलामी को सरकार भले ही बहुत अधिक पारदर्शी और लाभकारी प्रक्रिया बता रही है लेकिन संसद की एक समिति का कहना है कि इसमें भी खामियां हैं और गड़बड़ी की काफी संभावना है इसलिए इस ओर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। कोयला और इस्पात संबंधी संसद की स्थायी समिति ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लाकों के आवंटन की ई-नीलामी प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया से देश को अच्छा खासा राजस्व हासिल हुआ और निश्चितरूप से यह पारदर्शी तरीका भी है ,लेकिन इसमें भी बड़ी गड़बड़ी होने की आशंका है इसलिए सरकार को इस प्रक्रिया पर भी तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

समिति ने स्पष्ट कहा है कि कोयला मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और लाभकारी तो करार दिया है लेकिन इसमें निहित उस खामी पर ध्यान नहीं दिया जिसमें छोटे और मझौले उद्यमियों को नजरअंदाज किया गया है। समिति मानती है कि इस प्रक्रिया में बड़े और प्रभावशाली पार्टियाें को ही मौका मिला है और छोटे कारोबारियों को इसमें शामिल होने का उवसर नहीं दिया गया है। घरेलू और अन्य छोटे कारोबारियों के लिए कोयला खदानों की उपयोगिता के संदर्भ में समिति की 15वीं लोकसभा में प्रस्तुत दो रिपोर्टों की उन्हीं सिफारिशों को दोहराया गया है जिनमें छोटे कारोबारियों और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखने की अनुशंसा की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार छोटे हितधारियों की जरूरतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

आईएस ने इराक में 127 सैनिकों की हत्या की, बांध पर किया कब्जा

$
0
0
इराक और सीरिया में तबाही मचाने वाले खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अनबर प्रांत में फल्लुजाह के निकट एक बांध पर कब्ला जमा लिया और कम से कम 127 सैनिकाें की हत्या कर दी। अनबर प्रांत के उप प्रमुख फलेह अल इस्सावी ने इस बात की जानकारी देते हुये बताया कि आतंकवादियों ने बांध पर कब्जा जमाने के साथ साथ फर्स्ट आर्मी डिवीजन के कमांडर की भी हत्या कर दी। उन्हाेंने बताया कि आतंकवादियों ने 127 सैनिकाें की भी हत्या कर दी।

इराक के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार, इराकी सेना ने थरथार बांध को अपने कब्जे में लेने के लिये सैन्य अभियान चलाया था। यह बांध थरथार और हबानिया झीलों के पानी को नियंत्रित करता है जो तिगरिस नदी में गिरती हैं।

बिहार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हुई

$
0
0
42-killed-in-bihar-earthquack
नेपाल से लेकर समूचे उत्तर भारत को कल हिला देने वाले शक्तिशाली भूकंप से बिहार में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गयी है. वहीं दूसरी ओर इसके बाद से आज सुबह तक राज्य में आये दस झटकों से लोग डरे सहमे हुए है । आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप से राज्य में 42 लोगों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुयी है जबकि 156 लोग घायल हुए है । सबसे ज्यादा आठ लोगों की मौत पूर्वी चम्पारण में हुयी है । वहीं दरभंगा और सीतामढ़ी में छह-छह . लखीसराय . अररिया और सीवान में तीन-तीन . सुपौल .सहरसा . शिवहर . सारण और मधुबनी में दो-दो तथा कटिहार .पश्चिम चम्पारण और गया में एक-एक व्यक्ति की मौत हुयी है ।

इसी तरह दरभंगा में सबसे अधिक 49 लोग घायल हुए है । इनमें से दस को गंभीर चोटें आयी है जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है । इसके अलावा पश्चिचम चम्पारण में 21 .सीतामढ़ी में 18 . मधुबनी में 12 . मुंगेर में 13 . पूर्वी चम्पारण में 09 . सहरसा में 07 . नालंदा में 06 .वैशाली में 05. भोजपुर में 04 . कटिहार में 03 . किशनगंज .अररिया और सारण में दो-दो तथा शिवहर .पटना और गया में एक-एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है । भूकंप के कारण करीब 53 घरो के क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना मिली है । 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (26 अप्रैल)

$
0
0
दूसरे दिन भी मिला जबरदस्त झटका, लोग निकले घर से बाहर

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) अनुमण्डल क्षेत्र मंे शनिवार को 11 बजकर 42 मिनट पर आए भूकम्प के सबसे बड़े झटके के बाद छोटे-छोटे आधे दर्जन झटके लोगों ने महसूस किया। भूकम्प के भय से गाँव व शहर के लोगों ने रतजगा भी किया। बावजूद इसके रविवार की अपराह्न करीब 12 बजकर 42 मिनट पर करीब 20 सेकेन्ड तक का एक ऐसा झटका आया जिससे लोग खौफजदा होकर घरांे से बाहर निकल आए। अनुमण्डल के विभिन्न प्रखण्ड से साते सात तीव्रता वाली भूकम्प की प्रचण्डता का एहसास 1934 के बाद जन्में करीब अधिकांश लोगांे को हो गया। सनद रहे कि सोमवार 16 जनवरी 1934 को करीब नौ बजे सुबह भयंकर भूकम्प हुआ था जिसमें गंगा बेसिन के अलावे उत्तर भारत और नेपाल में भयंकर तबाही का मंजर सामने आया था। उस समय क्षति का वास्तविक आकलन भी नहीं लगाया जा सका था। क्योंकि भारत अंग्रेजों का गुलाम मुल्क हुआ करता था। जमीन्दारांे की सूचना पर तबाही की सूची बनाई जाती थी। उस समय अर्थात् करीब 81 वर्ष पूर्व की तबाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नेपाल में करीब 10,000 (दस हजार लोगांे) व्यक्तियों की मौत हुई थी और भूकम्प की तीव्रता साढे नौ थी। वर्ष 2004-2005 में आई भूकम्प ने भी उत्तर भारत व बिहार के लोगांे के माथा पर बल ला दिया था। भू-वैज्ञानिकांें ने आकलन व्यक्त किया था कि लोग खासकर भूकम्प की पट्टी वाले कभी भी भयंकर भू-स्खलन या भूकम्प की चपेट में आ सकते हैं। उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्य भूकम्प के कोर एरिया में बताए जाते है। भूगर्भशास्त्री बताते है कि इस क्षेत्र में रहने वालें लोगांे को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। पृथ्वी के भीतर खिसकने वाले प्लेट के कारण उपर्युक्त वर्णित क्षेत्रों में भूकम्प के झटके आते रहेंगे। झटको की तीव्रता बढ़ने पर जानमाल को नुकसान हो सकता है। भूकम्प की चपेट में शनिवार का साहेब कुमार 17 वर्षीय सीढ़ी से गिर गया, जिसमें उसके चेहरे पर चोट आई और ठुड्ढ़ी पर एक ईन्च कट गया। जिसकी प्राथमिक चिकित्सा कर दी गयी। फिलहार भूवैज्ञानिकांे के अनुसार 15 दिनांे तक जमीन के भीतर की गतिविधियों को लेकर भूकंपीय झटके महसूस किये जाते रहेंगे। जिससे क्षेत्रीय लोगों को घबराने की नहींे बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता हैं।

सोनी कुमारी की संदिग्ध मौत, गौनाहा थाना में प्राथमिकी दर्ज, नामजद फरार 

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज स्थित सुमन विहार निवासी सुरेश कुमार की करीब 17 वर्षीया पुत्री की लाश मिलने से सनसनी फैल गयी। इस बावत सुरेश कुमार के आवेदन पर गौनाहा थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए बेलवा-बहुअरी के अंशु साह, बिटू साह और उसकी माँ उर्मिला देवी को नामजद किया है। बुद्धिजीवी यह मानते है कि मृतका सोनी कुमारी शुक्रवार को अपने घर से टीपी वर्मा काॅलेज निकली और अपने घर नहीं पहुँची तो परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी या नहीं। आखिर सोनी बेलवा-बहुअरी कैसे, क्यांे और कब पहुँच? सोनी रवीन्द्र साह के घर में छत पर कैसे पहुँची और वह मृत पाई गयी तो वह कैसे मरी या उसकी हत्या किसने की यह प्रश्न लोगांे के दिल व दिमाग में बिजली की भाँति कौंध रही है। फिलहाल सोनी की मौत से पर्दा उसी वक्त हटेगा जब पुलिस हत्यारे को पकड़ लेगी। नवागत गौनाहा थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह के लिए सोनी की मौत की पहंेली सुलझाना एक चुनाती से कम नहीं।

‘जान देंगें पर जमीन नहीं’का जोरदार नारा बुलंद होने लगा

$
0
0
land-ordinance-oppose-jharkhand
रांची। झारखंड सरकार ने आदिवासियों की 165 एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा कर लिया !! यहां पर झारखंड हाई कोर्ट बनाने का निश्चय किया गया है। यह जमीन आदिवासियों की है। सरकार के द्वारा ‘छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम’का खुलमखुला उल्लघन है।जिसके विरोध में आदिवासी विस्थापितों के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया!! जिसमें ‘सरना युवा शक्ति’धरना में शामिल होकर विस्थापितों का मनोबल बढ़ाया!!‘जान देंगें पर जमीन नहीं’का जोरदार नारा बुलंद होने लगा है।ऐसा समझा जा रहा है कि इस धरना और विरोध की गूँज से दिल्ली भी जरूर हिल जाएगी?जानकार लोगों का कहना है कि फिलहाल न्यायालय 2-2.5 एकड में है। वहां से आदिवासियों/ मूलवासियों को न्याय नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में 165 एकड रैयती जमीन कब्जा करना तो मजाक है और क्या ?

land-ordinance-oppose-jharkhand
इस समय देश और प्रदेश में भूमि अधिग्रहण को लेकर हंगामा मचा हुआ है। यूपीए सरकार भूमि अधिग्रहण करने के पूर्व जमीन मालिकों से मंजूरी लेना ही है। वहीं एनडीए सरकार ने जमीन मालिकों से मंजूरी लेना अनिवार्य नहीं कहा गया है। ऐसी स्थिति में 165 एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। किसी भी हाल में आदिवासी रैयती जमीन देने को राजी नहीं होंगे। यह तो चेतावनी धरना दिया गया है। व्यापक जनांदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। 



आलोक कुमार
पटना 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (26 अप्रैल)

$
0
0
ब्रहा बेला में भगवान बदरीनाथ के कपाट खुले, मुख्यमंत्री रहे उपस्थित 

uttrakhand news
देहरादून, 26 अप्रैल। रविवार को ब्रह्म बेला में बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। बताया जा रहा है कि शनिवार शाम तक यहां आठ हजार से ज्यादा यात्री पहुंच चुके थें। हालांकि जोशीमठ के एसडीएम अनूप नौटियाल यह तादाद पांच हजार बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यहां सात हजार लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।  रविवार को बह्ममूहूर्त में बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए। इस दौरान रिकॉर्ड तोड़ भक्त धाम में मौजूद रहे। सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर हल्की फुआरों के बीच चैथे धाम के कपाट खुल गए। कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 12 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। कपाट खुलने के दौरान बदरीनाथ धाम में मुख्यमंत्री हरीश रावत, पर्यटन मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधासभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी मौजूद थे। भगवान कुबेर और उद्वव की डोली बदरीनाथ गर्भ गृह पहुंची, जिसके बाद कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू की गई। कपाटोद्घाटन के शुभ मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन के लिए देश-विदेश से शनिवार देर शाम तक करीब चार हजार तीर्थयात्री धाम पहुंच चुके थे। कपाट खुलने के समय बदरीनाथ धाम में मुख्य मंदिर को 30 क्विंटल गेंदे और गुलाब से सजाया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए बिजली-पानी और संचार व्यवस्था बहाल की जा चुकी है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों से बर्फ साफ की जा चुकी है, लेकिन नगर में अब कई जगह सात फीट तक बर्फ जमा है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रख मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है। इसके अलावा बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंचन गंगा में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए चुनौती बना हिमखंड हटाने का कार्य जारी है। हालांकि छोटे वाहनों के लिए मार्ग को अस्थायी तौर पर खोल दिया गया है। यहां पर हिमखंड के बीच ही लोहे की प्लेट लगाकर वाहनों की आवाजाही पुलिस-प्रशासन की निगरानी में कराई जा रही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूजा अर्चना की तथा श्रद्धालुओं के साथ पूरे जोश व उत्साह से बद्रीविशाल के जयकारे लगाये। इस अवसर पर गढ़वाल स्काउट्स द्वारा विभिन्न धूनों के माध्यम से मनभावन प्रस्तुतियां दी गई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बामणी गांव की स्थानीय महिलाओं के दल के साथ नृत्य भी किया। मुख्यमंत्री श्री रावत देश-विदेश से आये अनेक श्रद्धालुओं से मिले तथा उनसे यात्रा के बारे में जानकारी ली व यात्रा की सुगमता हेतु उनके विचार जाने। मीडिया प्रतिनिधियों से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा की चारधाम यात्रा हमारे पास मानवता की धरोहर है, और इससे लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुगम कैसे बनाया जाए, इस पर और अधिक विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मैं इस अवसर पर समस्त भारतवासियों व प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। उन्हांेने कहा कि चारधाम यात्रा में उम्मीद से बढ़कर श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे हमारा मनोबल और भी अधिक बढ़ा है। हमने अपनी ओर से व्यवस्थाओं को दुरस्त करने का पूरा प्रयास किया है। पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ तक रास्ता थोडा चुनौतीपूर्ण है, वहां बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है, परन्तु मैं लोगो को पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूॅ, कि रास्तो के कारण यात्रा बाधित नही होगी। सम्पूर्ण रूप से यात्रा सुरक्षित होगी और मैंने अपने उच्चतम अधिकारियों को इस कार्य में लगा रखा है, भगवान की हम पर असीम कृपा है।

मौसम का बिगड़न मिजाज यात्रियों की ले रहा परीक्षा
इस बार भी यात्रा शुरू होते ही मौसम का बिगड़ा मिजाज यात्रियों की परीक्षा लेने लगा है। हर रोज हो रहा खराब मौसम गंगोत्री यमुनोत्री पहुंचने वाले श्रद्धालुओं बारिश से दो-चार होना पड़ रहा है। 21 अप्रैल से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने वाले दिन से लेकर मौसम का मिजाज हर रोज बिगड़ रहा है। कपाट खुलने के दौरान मौसम पूरी तरह साफ रहा था, लेकिन दोपहर बाद ही गंगोत्री यमुनोत्री समेत ही जिले भर में खूब बारिश हुई। लिहाजा यात्रियों को पहले ही दिन ही बारिश के चलते पैदा हुई अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ा। अगले दिन 22 अप्रैल को दोपहर तक गंगोत्री यमुनोत्री धाम में मौसम साफ रहा, लेकिन दोपहर बाद ही फिर से दोनों धामों में जमकर बारिश हुई। ऐसे में दोपहर बाद ना तो यात्री गंगोत्री यमुनोत्री पहुंच सके ना हीं गंगोत्री यमुनोत्री से यात्री वापिस लौट सके। 23 अप्रैल को भी मौसम का यही मिजाज रहा। सुबह से साफ मौसम का मिजाज दोपहर बाद बिगड़ गया। इससे दोनों धामों और पूरे जिले में बारिश हुई। लिहाजा जो यात्री जिस पड़ाव पर पहुंचा उसे वहीं रुकना पड़ा। यही हाल रहे। सुबह से साफ मौसम ने दोपहर बाद ही रंग बदलना शुरू कर दिया। गंगोत्री यमुनोत्री में बारिश से जहां दोनों धामों में पारा लुढ़कने से ठंड बढ़ गई तो वहीं निचले इलाकों से यात्री बारिश के चलते गंगोत्री यमुनोत्री की ओर से नहीं बढ़ सके। गौरतलब है कि गंगोत्री यमुनोत्री हाईवे की स्थिति कई जगहों पर खतरनाक बनी हुई है। ऐसे में यात्री भी इस साल बारिश के दौरान हाईवे पर आवाजाही के जोखिम लेने से बच रहे हैं।

धार्मिक यात्रा का राजनीतिकरण करना उचित नहींः किशोर

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि धार्मिक यात्रा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए हताशा में बयानबाजी कर रही है। एक बयान में किशोर उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा कर देशभर में सुरक्षित चारधाम यात्रा का संदेश दिया है। इससे राज्य को लाभ होगा। तीर्थाटन और पर्यटन पर निर्भर राज्य की आर्थिकी मजबूत हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने खुद ही केदार धाम जाने की इच्छा जताई थी। राहुल गांधी की केदारनाथ यात्रा पर भाजपा की प्रतिक्रिया पर रोष जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक यात्रा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए हताशा में बयानबाजी कर रही है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा मार्गाे की बदहाल स्थिति के लिए बीआरओ और केंद्र सरकार दोषी है। राज्य सरकार की ओर से बार-बार ध्यान दिलाने पर भी केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गाे को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए।

मारूती खाई में गिरी,दो घायल

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही यात्रा के पहले दिन ही बदरीनाथ हाईवे पर मारुति कार हादसे का शिकार हो गई। बदरीनाथ हाईवे पर साकनिधार के पास ट्रक ने मारुति कार को जोरदार टक्कर मारी दी, जिससे कार खाई में जा गिरी। जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उधर, रुद्रप्रयाग से ऋषिकेश लौट रही सेंट्रो कार व मैक्स की टक्कर से छिटककर 100 मीटर खाई में जा गिरी। स्थानीय लोगों की मदद से प्रशासन के कर्मचारियों ने घायलों को खाई से बाहर निकाला और उपचार के लिए बेस चिकित्सालय में पहंुचाया।  इस दुर्घटना में भी दो लोगों के घायल होने की खबर है। फिलहाल अभी किसी के मरने की सूचना नहीं मिली है। आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम की यात्रा तो शुरू हो गई है, लेकिन धाम तक ले जाने वाले हाईवे बेहद बदहाल स्थिति में है।

भूकम्प में क्षति के आंकलने की सीएम ने दिये निर्देश 

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भूकम्प के कारण जो भी हानि व क्षति हुई है, उसका आंकलन कर विवरण तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कतिपय स्थानों में आज भी भूकम्प के झटके महसूस किए गए है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने भूकम्प से सतर्कता बरतने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भूकम्प के कारण चार धाम यात्रा में कोई रूकावट नहीं आयी हैं, और यात्रा सूचारू रूप से चल रही है। साथ ही चारों धामों के यात्रा मार्ग खुले हुए है।

भूकम्प में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की 

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नेपाल व भारत में भूकम्प के कारण मृत लोगो के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कामना की है।  

मानव सेवा दल भूकंप पीडि़तों की मदद करेंः सतपाल महाराज

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने नेपाल में आये भीषण भूकम्प को दुखद करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरी हिमालयन बेल्ट सेसमिक जोन 5 के अंतर्गत आती है और ऐसे में वहां भीषण भूकम्प ने पूरे नेपाल की जनता के साथ-साथ भारत की जनता को भी झकझोर कर रख दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने नेपाल स्थित अपनी संस्था नेपाल मानव सेवा दल के स्वयंसेवकों को निर्देशित कर दिया है कि वे आपदा प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाये। उनके भोजन, स्वच्छ पेयजल, उपचार तथा बच्चों के लिए दूध उपलब्ध करवाये। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में पूरा भारत देश नेपाल के साथ खड़ा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि भूकम्प के आते ही प्रधानमंत्री मोदी ने एन.डी.आर.एफ. की टीमें सबसे पहले भेज कर यह साफ कर दिया है कि पड़ोसी देशों के प्रति उनके मन में कितनी संवेदनशीलता है। प्रधानमंत्री जी द्वारा नेपाल से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तत्काल आपरेषन मैत्रीय षुरू किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत में भूकम्प से प्रभावित राज्यों बिहार, उŸार प्रदेश, उत्तराखण्ड और वेस्ट बंगाल में भी एन.डी.आर.एफ. की टीमें भेज नुकसान की समीक्षा कर प्रभावितों को हरसंभव मदद प्रदान कर रहे हैं। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले हैं ऐसे में उŸाराखण्ड के नागरिक मुख्यमंत्री से भूकम्प पीडि़तों के प्रति दो शब्द संवेदना के सुनने चाहते थे परन्तु ऐसा नहीं हुआ जोकि उनकी संवेदनहीनता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि उŸाराखण्ड की सीमा नेपाल से लगती है और ऐसे में उनका दर्द हर उŸाराखण्डवासी का दर्द है जो कि इस विकट समय में नेपाल की जनता के साथ हैं।

उत्तराखण्ड में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। उत्तराखण्ड के कई क्षेत्रों में रविवार को दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। देहरादून सहित श्रीनगर गढ़वाल, रुड़की में भी लोगों ने झटके महसूस घ्किए। इसके साथ पूरे उत्तर भारत ही में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप के इस झटके की तीव्रता 6.9 रिक्टर रिकॉर्ड किया गया। उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में रविवार की दोपहर भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए। पंखे और घरेलू सामानों को हिलता देख दहशत में कई स्थानों पर लोग घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल प्रदेश में कहीं से नुकसान की खबर नहीं है।राज्य आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र ने भी इसकी पुष्टि की। केंद्र प्रभारी मेजर राहुल जुगरान कमान संभाले हुए थे, जबकि वहां तैनात दूसरे कर्मी राज्य के सभी 13 जिलों से पल-पल की जानकारी एकत्रित करने में जुट गए। मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुताबिक सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। विशेषकर दूर दराज के क्षेत्रों की स्थिति का आंकलन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

टिहरी झील की पहचान को कसरत शुरू

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। देश और दुनिया में टिहरी झील की पहचान बनाने के लिए सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। दिल्ली की एक कंपनी को टिहरी झील परिक्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी ने पहले चरण का प्लान बनाकर प्रशासन और सरकार को सौंप दिया है। फाइनल प्लान दो माह बाद दिया जाएगा। इस मास्टर प्लान के तहत टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र का सुनियोजित विकास का तरीका बताया जाएगा। टिहरी झील वर्ष 2006 से पहचान के लिए तरस रही है। 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशाल झील और उसके आसपास के क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली की कंपनी आइआइडीसी के साथ करार किया था। करार के तहत झील के आसपास के 40 हजार एकड़ के क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाना है। कंपनी ने पहले चरण का प्लान बनाकर प्रशासन और सरकार को सौंप दिया है। चार करोड़ रुपये में कंपनी मास्टर प्लान बनाकर देगी। इस प्लान में झील के आसपास के क्षेत्र में निर्माण से संबंधित कार्य का उल्लेख किया जाएगा। कंपनी के सीनियर मैनेजर विकास चंद्रा ने बताया कि अभी प्राथमिक चरण का प्लान दिया गया है। जल्द ही फाइनल प्लान दिया जाएगा।

रम्माण मेला विश्व में अपनी पहचान बना चुका हैः सीएम 

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। सलूड़-डुुंग्रा में आयोजित विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण मेले के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह मेला विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने कहा कि इस मेले को भव्य रूप देने के लिए पूरा प्रयास किया जायेगा साथ ही अगले वर्ष इस मेले को वृहद रूप मे आयोजित करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने मन्दिर के सौन्दर्यीकरण के लिए जिलाधिकारी को क्षेत्रीय विधायक से समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उन्होंने सलूड़-डुंग्रा इण्टर कालेज के लिए चार अतिरिक्त कक्ष निर्माण की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने जोशीमठ में मंड़ी स्थापित करने की भी घोषणा की। मेला के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी।  इस अवसर पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, उपाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्रम व विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र भण्ड़ारी, ब्लाॅक प्रमुख जोषीमठ रणजीत रावत, नगर पालिका अध्यक्षा रोहिणी रावत आदि मौजूद थे।

पलायन पर चिंता जरूरी: जोशी

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। उत्तराखंण्ड के गांवो से निरंतर बढते पलायन पर गहरी चिंता जतातें हुए पर्यावरण्विद् अनिल जोशी ने कोटद्वार में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। जिसमें पत्रकारों से मुखातिब होते हुए जोशी ने बताया कि उत्तराखंण्ड राज्य 15 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है, जबकि वर्तमान में 14 वर्ष इस अलग राज्य उत्तराखंण्ड को बने बीत चुके हैं, इसके साथ ही उत्तराखंण्ड एक ऐसा राज्य भी रहा है जिसमें सबसे अधिक मुख्यमंत्रीयों ने अब तक सत्ता को संभाला है, लेकिन इसके बावजूद भी आज धरातल पर यहां के गांवो की स्थिति बडी बद्त्तर और दयनीय बनी हुई है। जिससे राज्य आन्दोलनकारीयों का अलग राज्य बनने के बाद विकास का सपना भी अब चकनाचूर होता नजर आ रहा है। लगातार प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंण्ड के कई गांवो की उपेक्षा की जा रही है जिससे पलायन जैसीं बडी समस्या आम हो गयी है, वर्तमान में गांव के गांव खाली होते नजर आ रहे हैं, ग्रामीण इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही जिसका मुख्य कारण है। उत्तराखंण्ड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं आम हैं, लेकिन उन समस्याओं का निराकरण करने के लिए राज्य बनने के बाद से अब तक किसी भी सरकार ने कोई ठोस योजना तैयार तक नहीं की है। जिसके चलते ही ग्रामीणों का गांवो से मोह भंग होता नजर आ रहा है, और वह आधुनिकता की चमक धमक की ओर दौड लगाकर शहरों में बसने पर विवश हैं, पलायन जैसीं बडी समस्या को देखते हुए अब उत्तराखंण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तमाम समस्याओं को लेकर 24 मई को देहरादून में एक बैठक आहूत की जा रही है जिसमें सूबे के कई ग्रामीण, सामाजिक संगठन, आन्दोलनकारी हिस्सा लेगें और गांवो की समस्याओं के सन्दर्भ में विचार मंथन कर प्रदेश व केन्द्र सरकार को इस ओर चेताने का काम करेगीं, ताकि गांवो से बडते पलायन पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं ग्रामीण अंचलों में बढते पलायन को लेकर व पर्यावरण्विद जोशी के जीवन पर दूरदर्शन द्वारा एक फिल्म भी बनने जा रही है, जिस पर उनकी शिक्षा दीक्षा व उनके जीवन के मुख्य पलों का फिल्मांकन किया जाएगा।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 3 मई को उत्तराखंड आएंगे
  • -पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के स्वागत की तैयारियों में जुटेगी

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के उत्तराखंड आगमन को लेकर पार्टी नेताओं की यहां एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने पूरे देश के प्रवास के दौरान 3 मई को उत्तराखंड आएंगे। उन्होंने कहा कि अमित शाह के उत्तराखंड आगमन से भाजपा को ऊर्जा के साथ-साथ प्रदेश के कार्यकर्ताओं को उनका मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अमित शाह का स्वागत नरेंद्र मोदी के समकक्ष हुआ है और उत्तराखंड का कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। जिस प्रकार से देश में अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने कई राज्यों में जीत दर्ज कर इतिहास बनाया वहीं, देश में भाजपा को दस करोड़ की सदस्य संख्या का आंकड़ा पार कर विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का गौरव प्राप्त हुआ है।  श्याम जाजू द्वारा अमित शाह के स्वागत की तैयारियों की समीक्षा की गई, जिसके दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने अमित शाह के उत्तराखंड आगमन को ऐतिहासिक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं महानगर के सभी कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का अनुशासन एवं पूर्ण उत्साह के साथ स्वागत करेंगे। महानगर के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत कार्यकर्म को ऐतिहासिक बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव नेतृत्व को दिए।  भाजपा के मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 3 मई को जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे, जहां परवादून एवं प्रदेश के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। उसके उपरांत डोईवाला, रिस्पना पर भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया जाएगा और बड़ी स्कूटर रैली के साथ शहर के प्रमुख मार्गों से सर्वे आॅफ इंडिया, हाथीबड़कला के सभागार तक ले जाया जाएगा। जहां अमित शाह प्रदेश स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे। अमित शाह के सवागत के लिए पूरे नगर में तोरण द्वार लगाए जाएंगे और बूथ स्तर त राजधानी को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिए भाजपा के झंडों एवं बैनरों से सजाया जाएगा। बैठक में विधायक हरबंश कपूर, रविंद्र कटारिया, भगवत प्रसाद मकवाना, नीलम सहगल, अनुराधा वालिया, इंदुवाला ने अपने सुझाव रखे। भाजपा के महामंत्री संगठन संजय कुमार द्वारा सभी कार्यकर्ताओं के सुझावों को कलमबद्ध कर कााफल बनाने का आगाज किया।

16 बाईकों के साथ 3 दबोचे 

देहरादून, 26 अप्रैल(निस)। रूड़की की गंगनहर पुलिस को वाहन चोरी के मामले में एक बडी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचने के साथ ही चोरी की 16 बाईके बरामद करने का दावा किया है। गंगनहर कोतवाली में वाहन चोरी के मामले का खुलास करते हुए कोतवाली प्रभारी डीएस भंडारी ने बताया कि जनपद स्तर पर वाहन चोरी की बढती घटनाओं के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर उनके नेतृत्व मे थाना स्तर पर टीमें गठित की गई थी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को एसएसआई प्रमोद कुमार उनियाल चैकिंग अभियान चलाया हुए थे तभी मुखबिर से सूचना मिली कि तीन वाहन चोर किसी को चोरी के वाहन बेचने के लिए पुहाना से सोलपुरगढा वाले रास्ते से रुड़की आ रहे है। सूचना पर पुलिस टीम रसूलपुर तिराहे पर चैंकिग करने लगी तभी तीन बाईको पर तीन व्यक्ति आते दिखाई दिये, और पुलिस को देख बाईक मोड भागने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने तीनो को घेराबंदी कर दबोच लिया। अभियुक्तों ने पूछताछ में अपना नाम हसीन पुत्र वकील निवासी शाहपुर, थाना भगवानपुर, इन्तजार पुत्र जमशेद निवासी शाहपुर थाना भगवानपुर व मुराद पुत्र रिजवान निवासी मानक मजरा, भगवानपुर बताया है इसके साथ ही 13 अन्य चोरी की गाडि़या अपने पास होना बताया जिन्हे उनकी निशानदेही पर सर्वज्ञ स्कूल के पास से बरामद किया गया है। डीएस भंडारी ने बताया कि पकडे गये आरोपियों में से हसीन व इन्तजार थाना गंगनहर से पूर्व में भी वाहन चोरी के मामले में जेल जा चुके है और उस दौरान भी इन आरोपियों से भारी मात्रा में बाईक बरामद की गई थी। उन्होंने बताया कि तीनो अभियुक्तों द्वारा सहारनपुर, मु.नगर, मेरठ, बिजनौर व बीएचईएल हरिद्वार से चोरी करते है तीनों एक साथ बाईक चोरी के लिए जाते थे तथा एक अपराधी चोरी करता था व बाकी दो रैकी। उन्होंने बताया कि यह लोग पन्द्रह-बीस गाडी एकत्रित होने पर ग्राहक को 5-6 हजार में बेचा करते थे। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दिनेश भंडारी, एसएसआई प्रमोद कुमार उनियाल, एसआई धर्मेन्द्र राठी, सोनू, दिनेश, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, कपिल, सुशील, योगेन्द्र भंडारी आदि मौजूद रहे। 

अनुराग ठाकुर पर बुकी से रिश्ते रखने का आरोप

$
0
0

anurag-thakur-bokkie-relation
धर्मशाला,26 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा)।   हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद  एंव बीसीसीआई के सचिव अनराग ठाकुर नये विवाद में फंस गये हैं।  मिली जानकारी के मुताबिक इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक क्रिकेट बुकी (सट्टेबाज) से रिश्ते रखने के मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर को चेतावनी दी है। कहा जा रहा है कि अनुराग लगातार एक बुकी से दोस्ती बढ़ा रहे हैं जिसे लेकर क्रिकेट संस्था ने आपत्ति जताई है। बता दें कि अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट बोर्ड से बीसीसीआई में प्रतिनिधित्व करते हैं। वह बीजेपी से सांसद और पार्टी की युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, आईसीसी की एंटी-करप्शन एंड सिक्युरिटी यूनिट (एसीएसयू) की निगरानी वाली लिस्ट में शामिल करण गिलोत्रा के साथ अनुराग को कई बार देखा गया है। हालांकि, दोनों की मुलाकात का मकसद साफ नहीं है। लेकिन खबरों की मानें तो मुलाकातों के कारण अनुराग सवालों के घेरे में आ गए हैं। 

जानकारों का मानना है कि आईसीसी की ओर से सवालों के घेरे में रखे गए व्यक्ति के साथ अनुराग की मुलाकात को लेकर बीसीसीआी को असहज स्थिति का सामाना करना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह रिपोर्ट 22 अप्रैल को ही लीक हुई थी, लेकिन बीसीसीआई की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मीडिया में ऐसी तस्वीरों के होने का दावा किया जा रहा है जिसमें अनुराग बुकी के साथ हैं और एक पार्टी में दोनों एक साथ केक काटते हुए देखे जाते हैं। केक काटने के बाद तस्वीरों में दोनों एक-दूसरे को केक खिला रहे हैं। इस मीटिंग को लेकर आईसीसी ने बीसीसीआई को मेल के जरिए चेताया है। इस संबंध में बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आई सी सी की ओर से डेविड रिचर्डसन ने जगमोहन डालमिया को मेल भेजा है।   इस नये विवाद ने भाजपा को भी बैकफुट पर ला खड़ा कर दिया है।  अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पे्रम कुमार धूमल के बेटे हैं। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (26 अप्रैल)

$
0
0
शनिवार शाम को हुई लुट के दो आरोपी धराए

पारा---शनिवार की शाम को ग्राम झुमका के समीप पारा राजगड रोड पर  हुई लुट डकेती की घटना के बाद पारा पुलिस को भारी सफलता हाथ लगी।लुट की घटना को अंजाम देने वाले 6 आरोपीयो मे से मुखबिर की सुचना पर पुलिस ने जिला पुलिस अधिक्षक व कोतवाली टीआई झाबुआ के दिशा निर्देश मे तत्काल  घेराबंदी कर 2 अपराधियो को बोरी रोड से पकड ने मे सफलता प्राप्त की शेष चार आरोपी भाग निकले।

यह थी घटना--
प्राप्त जानकारी के अनुसार बंटु पिता वसना खराडी निवासी पारा रातिमाली शनिवार की शाम को साढे सात बजे के लगभग अपनी पत्नि संगीता व पुत्र रतन के साथ मोटर सायकल से ग्राम आम्बा मे एक विवाह मे शामिल होने के लिए जा रहा था की तभी ग्राम झुमका मे हनुमान मंदिर के समिप दो मोटर सायकल पिछे आई जिन तिन तिन मिलाकर 6 लोग बेठे थे जिसमे से एक ने मोटर सायकल बंटु की गाडी के सामने लगाकर खडी कर दी व दुसरे पिछे से ओर बंटु व उसके परिवार को चारो ओर घेर लिया तभी एक आदमी ने बंटु की पत्नि की गरदन पर फालीया लगा कर उसके गले मे पहनी पांच सो ग्राम वजनी चांदी की तागली व 50 ग्राम की चांदी की चुडिया निकाल ली वही दूसरे ने बंटु की जेब मे रखे दो हजार रूप्ए निकाल लिए इसी बिच मोका मिलते ही बटु का पुत्र रतन मोटर सायकल लेकर भाग  गया। सामने से डामोर बस को देख कर अपराधी भी भाग निकले पर बस की लाईट मे अपराधियो की मोटर सायकल जी जे बीआर 6205 हिरोहोन्डा स्पलेन्डर व जी जे 9897 सीडी डिलक्स का नम्बर बंटु ने देख लिया व पारा पुलिस चोकी पर लुट की सुचना दी। चोकी प्रभारी जी पी यादव ने अपने वरिष्ठ अधिकारीयो के मार्ग निर्देशन मे मुखबिर की सुचना पर प्रधान आरक्षक मुनेन्द्र सिह कुशवाह,रूपसिह भुरीया आरक्षक अशोक, चन्दर व स्टाफ को कर अपराघियो को घेरा बंदी कर बोरी रोड से दो अपराधी भीलु पिता केसु डावर 22 वर्ष निवासी बयडा थाना उदयगढ जिला अलिराजपुर व राजेन्द्र उर्फ राजीया पिता इन्दर सिह 21 निवासी बयडा थाना उदयगढ को  हीरो होन्डा स्पलेन्डर मोटर सायकल सहीत पकड लिया शेष चार अपराधी सुरेश पिता केरीया वसुनिया,हरम पिता खेमा अजनार,सुरभान पिता ज्ञानसिह अजनार व मुकेश पिता राजन अजनार निवासी बयडा थाना उदयगढ जिला अलिराजपुर फरार होगए।पुलिस ने धारा 395 व 397 मे मामला दर्ज कर विवेचना मे लेकर जांच शूरू कर दी हे।

जो लड़े दीन के हेत, महानाट्य ने जीता लोगों का दिल, अभिनय के जरिये मुक्ताकाश मंच पर बिखेर 1857 की क्रांति के रंग 

jhabua news
झाबुआ---जिले में रंगकर्म की अलख जगाने वाली संस्था साज रंग ने महानाट्य जो लड़े दीन के हेत के मंचन के साथ ही एक नया इतिहास रच दिया । 1857 की क्रांति के नायक तात्या टोपे के जीवन पर आधारित इस नाटक में कलाकारों के अभिनय, वेशभूषा,रूपसज्जा , भव्य मंच और अदभुत ध्वनि और प्रकाश संयोजन और सबसे ऊपर भूषण भट्ट के निर्देशन और लेखन ने जेल बगीचे में मौजूद 1000 से ज्यादा लोगों को अचरज कौतुहल में डाल दिया कि ये रंग चमत्कार झाबुआ में झाबुआ के ही लोग कर रहे हैं । कई लोगों को तो नाटक खत्म होने के बाद भी विश्वास ही नहीं हुआ कि मंच पर अभिनय करने वाले कलाकार झाबुआ नगर के ही हैं । नाटक सभी पात्रों और कलाकारों की अतिथियों समेत लोगों ने जमकर तारीफ की । करीब 200 लोगों ने इस नाटक में एक साथ अपनी प्रस्तुति दी, जिनमें 26 बच्चे जिला विकलांग पुर्नवास केन्द्र के भी शामिल थे ।  नाटक में तात्या टोपे की भूमिका निभाने वाले वीरेन्द्र सिहं ठाकुर, नारायण सिंह पिंडारी की भूमिका में भरत व्यास, बगाराम पंडित की भूमिका में आशीष पांडे, जनरल मीड की भूमिका धर्मेन्द्र मालवीय, बाजीराव पेशवा की भूमिका में वीरेन्द्र सिंह राठौर, केशव  की भूमिका में रघुवीर सिंह चैहान , राजा मानसिंह की भूमिका में हर्षुल त्रिवेदी को खूब सराहा गया ।  दिल्ली से आए कुमारदास और सप्तरथी मोहंता की लाईट डिजाईनिंग, कन्हैयाल लाल कैथवास की मंच आकल्पन और हर्ष दौंड और अनामिक सागर के नृत्य संयोजन की भी लोगों ने जमकर वाह-वाही की । मंच पर तीसरी घंटी बजने के बाद ही अभिनेताओं ने ऐसा जलवा बिखेरा की 1 घंटे 20 मिनट तक दर्शक नाटक में पूरी तरह से रमे रहे । झाबुआ की आदिवासी लोक परंपरा में अनुरूप वेशभूषा में इस क्रांति गाथा को आगे बढ़ाने वाले सूत्रधारों को भी खूब सराहा गया । वहीं संगीत ,गीत और नृत्य ने भी लोगों का मन मोह लिया । खासकर होली वाले गीत पर लोग झूमने लगे । नाटक ने 1857 की क्रांति के समय अलग-अलग परिस्थियों को बखूबी उकेरा गया । ग्राम स्वराज का सपना संजोए तात्या की जीवन के कई किस्सों को जेल बगीचे के 200 साल पुराने बरगद के नीचे दी गई इस प्रस्तुति दी सभी दृश्यों को जीवंत बना दिया । नाटक का लेखन, संगीत और निर्देशन ख्यात रंगकर्मी भूषण भट्ट ने किया था । नाटक के मंचन के साथ ही एक माह से  चल रहे रंगक्रांति शिविर का समापन हो गया । शनिवार शाम जेलबगीचे में तैयार किए गए मुक्ताकाश मंच पर मंचित इस नाटक को लोगों का खूब प्रतिसाद मिला । नाटक के पहले अतिथि के रूप में पधारे झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल, कलेक्टर बी. चंद्रशेखर, एसपी कृष्णावेणी देसावतु, सीईओ जिला पंचायत धनराजू एस , ख्यात आर्ट डायरेक्टर जयंत देशमुख ने तात्य टोपे के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया । नाटक के बाद रंगक्रांति शिविर में प्रशिक्षण देने वाले भूषण भट्ट, कन्हैयालाल कैथवास,कुमारदास टीएन,सप्तरथी मोहंता,हर्ष दौंड, विक्रम मोहन, नंदनसिंह, सुश्री अनामिका सागर, सुश्री पुनम अरोरा, आशीष पांडे आदि प्रशिक्षकों का अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया । नाटक के बाद कलेक्टर बोरकर ने कहा कि ये प्रस्तुति अदभुत दी, मैं कुछ और ही सोच कर आया था लेकिन कलाकारों के उम्दा प्रदर्शन ने मेरा भ्रम तोड़ दिया । कलेक्टर  ने झाबुआ आकर प्रशिक्षण देने वाले सभी प्रशिक्षकों का आभार माना और कहा कि आगे भी हमें इस तरह के आयोजन देखने को मिलेंगे । विधायक शांतिलाल बिलावल ने कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरी टीम की मेहनत रंग लाई है । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मंच से परे दीपक दोहरे, विकास पांडे, आदित्य गुप्ता,आकाश विश्वकर्मा,रविन्द्र सिंह झाला, विपिन अडबालकर आदि का भी सहयोग सराहनीय रहा । कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से आभार धर्मेन्द्र मालवीय ने माना । कार्यक्रम का संचालन शरद शास्त्री ने किया ।

गैल के सहयोग से झाबुआ में 102 मानसिक निःशक्तजनों का परामर्श, परीक्षण एवं इलाज सम्पन्न

झाबुआ---जिला कलेक्टर चन्द्रशेखर बोरकर के मार्गदर्शन में जिले के निःशक्तजनों के सहायतार्थ सामाजिक दायित्व निगमन योजना के अन्तर्गत गेल इण्डिया लिमिटेड झाबुआ द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र झाबुआ के माध्यम से जिले के मानसिक निःशक्तजनों के निःशुल्क उपचार एवं परामर्श हेतु अतिथी  विशेषज्ञ  एवं आवश्यकतानुसार औषधी उपलब्ध करवाने हेतु राजस्व अनुभाग स्तर पर (झाबुआ, थान्दला व पेटलावद) उनमें सम्मिलित जनपद पंचायतों को सम्मिलित कर शिविर आयोजित किये गये । उपसंचालक सामाजिक न्याय आर डी जर्हा ने बताया कि गैल इंडिया के सहयोग से दिनांक 26 अप्रैल रविवार को जिले के झाबुआ अनुभाग क्षेत्र में मानसिक निःशक्तजनों के लिए शिविर का आयोजन जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र्र में आयोजित किया गया जिसमें इन्दौर से आये मानसिक रोगो के विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ आशीष गोयल, सायकोलाॅजिस्ट डाॅ संजीव त्रिपाठी उनकी टीम के तकनीशियन एवं जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के तकनिकी स्टाफ द्वारा शिविर में 102 मानसिक निःशक्तजनों का परीक्षण कर उन्हें गैल इंडिया के सौजन्य से दो -दो माह की दवाईयाॅ निःशुल्क उपलब्ध करावाई गयी साथ ही उनका बुद्धी लब्धि परीक्षण (प्फ ज्मेज) कर निःशक्तजनों का जिला मेडिकल बोर्ड के माध्यम से शिविर में ही सर्टीफिकेशन करवाया गया । आयोजित शिविर को सफल बनाने एवं उसके संचालन हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) झाबुआ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था अनुविभागीय अधिकारी अम्बाराम पाटीदार ने तहसीलदार प्रवीण पाटीदार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद झाबुआ श्री यादव के सहायोग से अल सुबह से ही शिविर की व्यवस्था सम्हालते हुए अपने प्रभार की दोनों तहसील झाबुआ एवं रानापुर के तहसीलदारा तीनों जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारीयों और दो नगर पालिकाओं के मुख्य नगर पालिका अधिकारीयों के समन्वय से निःशक्तजनों को मैदानी कर्मचारीयों के माध्यम से बुलवाना प्रारम्भ किया, और उन्हें शिविर के माध्यम से लाभान्वित किया, शिविर में गेल इंडिया के अधिकारी श्री नरेन्द्र टेलर ने शिविर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया डाॅक्टरो से भेंट की और षिविर में की गई व्यवस्थाओं से संतुष्टी जताई । शिविर के मुख्य चिकित्सक डाॅ अशीष गोयल ने बताया कि कई मस्तिष्क और तंत्रिका जनित बीमारीयों का ईलाज दवाईयों के माध्यम से सम्भव है । शिविर में ऐसे ही मानसिक रोगीयों को दो - दो माह की औषधीयाॅ उपलब्ध करवाई जा रही है । झाबुआ जिला प्रशासन और गैल द्वारा जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र झाबुआ द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है परन्तु ऐसे मानसिक रोगीयों को जिनका ईलाज दवाईयों से सम्भव है को दो माह के उपरान्त पुनः दवाईयों की आवश्यकता होगी उन्होने जिला प्रशासन से आह्वान किया कि, आगामी दो माह में दवाईयों के लिए चिन्हित मानसिक रोगीयों को पुनः जिला स्तर पर बुलवाकर दवाईयों का लाभ दिलावें । शिविर के नोडल अधिकारी श्री पाटीदार ने बताया कि, शिविर स्थल पर ही जनपद पंचायतों द्वारा उनके क्षेत्र के मानसिक निःशक्तजनों के विशेष सहायता राशि रूपये 500/- प्रतिमाह ( ऐसे पात्र निःशक्तजन जिन्हें पूर्व से यह सहायता राशि प्राप्त नहीं हो रही है ) एवं नियमानुसार निरामय बीमा योजना व लीगल गार्जियनशीप के अन्तर्गत लाभ दिलवाने हेतु प्रकरण भी तैयार किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई 

छेडछाड का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादिया ने बताया कि वह दुकान पर शैम्पु लेने गयी थी आरोपी अमृतलाल पिता सुखराम वसुनिया, निवासी रूपारेल आया व बुरी नीयत से हाथ पकड़ा व उसके भाई के आने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 54/15, धारा 354-घ भादवि एवं 7/8 लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

एआईएसएफ ने कैंडिल मार्च निकाला, भूकंप पीडि़तों के साथ एक साथ एकजुटता व्यक्त

$
0
0
  • राहत कोष के लिए कल डाकबंगला पर उतरेगें एआईएसएफ के छात्र

aisf-candel-march-patna
पटनाः-आज आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के बैनरतले छात्रों ने पटना वि0वि0  गेट से कैडिंल मार्च निकाला अपनी एकजुटता व्यक्त किया। कैंडिल मार्च में शामिल छात्रों ने गाँधी मैदान के समीप शहीद भगत ंिसंह चैक पर मृतकों को श्रदांजली अर्पित किया। भारत-नेपाल की एकजुटता जिन्दाबाद , भूकंप पीडि़त  हम तुम्हारे साथ  है,  मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देना होगा , घायलों के बेहतर इलाज  की  व्यवस्था करां आदि नारे लगाते हुए छात्रा शहीद भगत सिंह चैक पहुँचें।
कैंडिल मार्च यहाँ सभा में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राज्य सचिव सुषील कुमार ने कहा कि समाज के अंदर संवेदनशील का पता चलता है कि प्राकृतिक आपदा के वक्त पीडि़तांे के साथ कितने लोग खड़े हैं। भारत और नेपाल के हता हत परिवारों  के साथ छात्र अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए श्रदांजली अर्पित  करते हैं। साथ ही ऐसे मौके पर अफवाह फैलाने पर प्रशासन कड़ी  नजनर रखें। इस मौके पर रूपेष सिंह कहा   कि  मृतक के परिजनों को  उचित मुआवजा तथा घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था सरकार करें। अगर  प्रशासन व सरकार सचेत रहती तो जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता था। इस सभा की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष महेश कुमार ने किया। सभा को ए0आई0एस0एफ0 के राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश गौरव, जिला सह-सचिव साजन झा जिला सचिव मंडल सदस्य राहुल कुमार, पटना महानगर सचिव सुशील उमाराज, पटना वि0वि अध्यक्ष संदीप कुमार, अमित कुमार ंिसंह, अभिषेक दूबे, आदित्य सिंह, चंदन कुमार, धन्नजय कुमार, कृष्णमुरारी, नीरज कुमार, मंजीत कुमार, अशुतोष कुमार, शशिकांत तिवारी, विकाश कुमार ने संबोधित किया और इस सभा में दर्जनों छात्र मौजुद  थे।

नेपाल में मृतकों की संख्या 2500 के पार, भारी बारिश से भय का माहौल

$
0
0
2500-death-in-nepal-earthquack
नेपाल में दो दिन में आये जबरदस्त भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या 2500 के पार पहुंच गई है और हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए हैं इस बीच बारिश शुरु हो जाने से राहत एवं राहत कार्य में बाधा पैदा हो रही है। लोगों में इस कदर डर का माहौल है कि वह घरों से बाहर टेंट लगाकर बैठे हुए हैं।

प्रशासन के अनुसार भूकंप से मरने वालों की संख्या 2500 से ज्यादा है जबकि 6492 लोग घायल है। पुलिस ने बताया कि काठमांडू में कम से कम 1100 लोग मारे गए है। भूकंप का कहर सबसे ज्यादा नेपाल के बाद भारत पर बरपा, जहां 66 लोगों की मौत हो गयी है। वहीं बंगलादेश में चार लोगों के मारे जाने की खबर है। चीन की सरकारी समाचार समिति शिन्हुआ के अनुसार तिब्बत में मृतकों की संख्या बढकर 18 हो गयी है।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एल एम राठौड़ ने कहा है कि नेपाल में राजधानी काठमांडू, सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल के उपहिमालयी क्षेत्रों में 27 अप्रैल को तेज और 28 अप्रैल को ज्यादा तेज बरसात होने एवं तेज हवाओं के साथ बौछार होने की संभावना है।

बिहार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हुई

$
0
0
52-dead-in-bihar-earthquack
 नेपाल से लेकर पूरे उत्तर भारत को हिला देने वाले भूकंप से बिहार में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गयी है वहीं घायलों की संख्या 173 तक पहुंच गयी है । आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने यहां बताया कि कल आये भूकंप से राज्य में अब तक 51 लोगों के मारे जाने की सूचना प्राप्त हुयी है जबकि 173 लोग घायल हुए है । सबसे ज्यादा 11 लोगों की मौत पूर्वी चंपारण में हुयी है। वहीं सीतामढ़ी में सात. दरभंगा और अररिया में छह-छह. लखीसराय. शिवहर और सीवान में तीन-तीन. पश्चिम चम्पारण. सुपौल. सहरसा. सारण और मधुबनी में दो-दो तथा कटिहार और गया में एक-एक व्यक्ति की मौत हुयी है । इस बीच समस्तीपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आज दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर फिर से आये भूकंप के दौरान जिले के घटहो आउट पोस्ट के लगमा गांव में बिजली का खंभा 50 वर्षीय विनोद राय के सिर पर गिर गया जिससे उनकी मौत हो गयी ।

भूकंप के कारण दरभंगा में सबसे अधिक 49 लोग घायल हुए है । इनमें से दस को गंभीर चोटें आयी है जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। इसके अलावा सीतामढ़ी में 26. पश्चिम चम्पारण में 21. मुंगेर और पूर्वी चम्पारण में 13-13. मधुबनी में 12. सहरसा में 07. नालंदा में 06. वैशाली में 05. भोजपुर में 04. कटिहार में 03. किशनगंज. अररिया और सारण में दो-दो तथा पटना और गया में एक-एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है । भूकंप के कारण करीब 53 घरो के क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना मिली है ।
Viewing all 74302 articles
Browse latest View live




Latest Images