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भूकंप के कारण बिहार में दो दिन बंद रहेंगे सभी स्कूल

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भूकंप के कारण बिहार में अगले दो दिनों तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यहां बताया कि कल से आ रहे भूकंप के झटकों के कारण राज्य में लोग दहशत में है और इसी को ध्यान में रखकर सोमवार और मंगलवार को राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है । उन्होंने बताया कि राज्य में हेल्प लाइन और इमरजेंसी रिसपांस सेंटर खोले गये है जो 24 घंटे काम कर रहे है । लोग चाहें तो अपनी परेशानी हेल्प लाइन या इमरजेंसी रिसपांस सेंटर के अलावा जिलाधिकारी और मीडिया को भी दे सकते है ।इनके माध्यम से सरकार तक सूचना पहुंचेगी और इसपर तुरंत कार्रवाई की जायेगी ।

श्री कुमार ने लोगो से अफवाहों पर ध्यान नही देने की अपील करते हुये कहा कि कल सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने का गंदा काम किया गया था लेकिन मीडिया ने तत्काल इसका खंडन कर बहुत अच्छा काम किया है । उन्होंने कहा कि सबको सक्रिय रहने की जरूरत है और सबके सहयोग से हीं इस आपदा से निकला जा सकेगा ।

बिहार में मंत्री और सचिव जिलों में कैंप कर राहत कार्य चलायेंगे-नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल आये भूकम्प के तेज झटके में राज्य में 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए सभी मंत्रियों और विभिन्न विभागो के सचिवों को अपने प्रभार वाले जिलों में कैंप कर राहत एवं बचाव कार्य को युद्ध स्तर पर चलाने का निर्देश दिया है । श्री कुमार ने आज यहां विभिन्न विभागों सचिवों के साथ बैठक करने के बाद सचिवालय स्थित सभाकक्ष में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कल आये भूकम्प के कारण राज्य में अब तक करीब 50 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है । उन्होंने कहा कि आज दोपहर भी भूकम्प के बाद का झटका फिर से महसूस किया गया और इस दौरान भी समस्तीपुर में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव. पुलिस महानिदेशक. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक की थी । इसी बैठक के दौरान भूकम्प का तेज झटका महसूस किया गया । इसके बाद सभी विभागो के सचिव के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की । उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी मंत्रियों और विभागों के सचिवों को अपने प्रभार वाले जिलों में कैंप कर भूकम्प पीड़ितों. चक्रवाती तूफान और इससे पहले ओलावृष्टि से प्रभावित लोगों के बीच राहत का कार्य युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया है ।

श्री कुमार ने कहा कि भूकम्प में मारे गये लोगो के परिजनों को चार-चार लाख रूपया अनुग्रह राशि का भुगतान लगभग कर दिया गया है । इसके साथ ही जिनका घर क्षतिग्रस्त हो गया है उन्हें एक क्विंटल अनाज के अलावा 5800 रूपया और फसल की क्षति का आकलन कर मुआवजा दिया जायेगा । उन्होंने कहा कि जिन घरों में दरार आ गयी है उसकी सूचना मिलने पर सरकार की ओर से अभियंताओं को वहां भेजा जायेगा । इसके लिए आज शाम ही चार बजे सभी विभागों से जुड़े सिविल अभियंताओं की एक बैठक आपदा नियंत्रण विभाग में बुलायी गयी है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूकम्प और उसके बाद के आ रहे झटकों के कारण लोगों के मन में चिंता का भाव उत्पन्न हो गया है ।वह ऐसे लोगों से अपील करते है कि वे धैर्य और साहस का परिचय दें । उच्च तीव्रता का भूकम्प आने के बाद ऐसे झटके आते है । इस बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है जिसमें मीडिया का सहयोग मिल रहा है । उन्होंने कहा कि भूकम्प आने के बाद से बहुत लोग खुल मैदानों और पार्को में आ गये है । उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी और अधिकारियों को लगातार स्थिति पर नजर रखने का आदेश दिया गया है । श्री कुमार ने कहा कि लोगों में दहशत को देखते हुए सभी पार्को को रात में भी खुला रखने का आदेश दिया गया है । इसके साथ ही वहां पीने के पानी और शेड लगाने का भी इंतजाम कराया जा रहा है । उन्होंने लोगों से दहशत को त्याग कर धैर्य रखने और सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार लोगों को हर संभव मदद करेगी । बिहार सरकार केन्द्र से भी संपर्क में है । केन्द्र से सहयोग का वचन मिला है और सहयोग मिल भी रहा है । उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग से इस आपदा से हमें निकलना है ।

जानकी जयंती : क्या रावण इतना बलशाली था कि सीताजी का अपहरण कर सके ?

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परमेश्वरी सीताजी के रावण द्वारा बलपूर्वक अपहरण के संदर्भ में मेरा सीधा प्रश्न है कि क्या रावण वास्तव में इतना बलशाली और समर्थ था कि सीताजी का अपहरण कर सके ? इस प्रश्न का उत्तर एक पौराणिक कथा से सहज ही मिल जाता है।  

वह, पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है कि भगवान श्री राम के राज्याभिषेक के पष्चात एक दिन संध्याकाल में भगवान तथा जानकीजी अयोध्या के सर्वश्रेष्ठ राजकीय उपवन पहुंचे। उनके पदार्पण के साथ ही उपवन के समस्त पेड़-पौधे, यहां तक कि समूची हरितिमा कल्पवृक्ष बन गई, उपवन की पूरी धरती और परिवेष कामधेनु बन गए। कण-कण परम दिव्य, भव्य, रमणीय तथा आनंददायक बन गया, परन्तु सीता तो खिन्न और उदास ही बनी हुईं थीं। श्री रामजी ने जब इसका कारण पूछा तो परमेष्वरी ने उन्हें बताया कि उन्हें लंका का वह अषोक वृक्ष निरंतर स्मृति में बना रहता है, जिसकी छत्र छाया में उन्होंने शरण ली थी। इस पर श्री रामजी ने कहा कि चिंता करने की आवष्यकता नहीं, हम हनुमानजी को लंका भेजकर उस अषोक वृक्ष को अयोध्या बुलवाकर इसी उद्यान में रोपित करा देंगे।

बस, फिर क्या था, श्री रामजी के आदेष पर हनुमानजी महाराज मन की गति से तत्काल लंका पहुंच गए, पर वहां तो वातावरण पूरी तरह परिवर्तित था। प्रत्येक नागरिक भयभीत होकर मौन धारण किए हुए था, परन्तु वहां हनुमानजी महाराज इतने लोकप्रिय थे कि कुछ नागरिकों ने उस नवीन प्रतिकूल वातावरण का रहस्य प्रकट कर दिया। रहस्य यह था कि लंका में अब विभीषण का नहीं, अपितु रावण के उस पुत्र मुलकासुर का राज्य था, जिसको रावण ने जन्म के तत्काल पष्चात पाताल लोक भिजवा दिया था, क्योंकि उसकी जन्म कुण्डली में रावण द्वारा उसे देखे जाने के साथ, रावण के लिए मरण-घातक योग था। उसी मुलकासुर ने विभीषण को बंदी बनाकर लंका का राज्य हथिया लिया और विभीषण को बेडि़यों में जकड़कर राजमहल के तलघर में डाल दिया था। हनुमानजी को लंकावासियों ने यह भी बता दिया कि मुलकासुर कोई सेना लेकर नहीं आया था। उसके साथ उसके केवल 2 गण थे, परन्तु उन तीनों के पास बेलन के आकार का चपटा सा एक शस्त्र है, जो दिखाते ही विषेष प्रकाष छोड़कर बडे़-बड़े योद्धाओं और सेनाओं को मूच्र्छित कर धराषायी कर देता है। कहने का आषय यह कि उन तीनों के पास परमाणु शस्त्र जैसा कोई अति चमत्कारी आग्नेय शस्त्र था। उन तीनों ने इसी शस्त्र के बल पर विभीषणजी और उनकी सेना को पराजित कर लंका पर आधिपत्य किया था। बुद्धिमत्ताम् श्रेष्ठम् हनुमानजी महाराज को स्थिति की अति विकरालता भांपने में देर नहीं लगी और उन्होंने अयोध्या वापसी के पूर्व विभीषणजी को मुक्त कराने की ठानकर समुद्र मार्ग से राजमहल के उस तलघर के पास पहुंच गए, जहां विभीषणजी बंदी थे। तलघर को तोड़ने में भी उन्हें देर नहीं लगी और वे विभीषणजी को अपने साथ लेकर अयोध्या पहुंच गए। अयोध्या में उन दोनों ने भगवान श्री रामजी को पूरी भीषण स्थिति से अवगत कराया। इस पर रामजी ने मुलकासुर तथा उसके गणों को बंदी बनाने अथवा मारने का आदेष दिया। 

आदेष के पालन में भरतजी, लक्ष्मणजी तथा शत्रुघ्न जी सहित अनेक अधीनस्थ सेनापति एक विषाल सेना लेकर लंका पहुंचे। हनुमानजी महाराज भी सेना के साथ गए थे, परन्तु श्री रामजी ने उन्हें रण क्षेत्र से दूर से पर्यवेक्षण करने का निर्देष दिया था। अंततोगत्वा हुआ ये कि श्री रामजी की सेनाएं आक्रमण कर पाएं, इसके पहले ही मुलकासुर तथा उसके साथियों ने अपने चमत्कारी शस्त्र से रामानुजांे सहित सारी सेना को मूच्र्छित कर धराषायी कर दिया। यह देखते ही हनुमानजी महाराज तत्काल अयोध्या पहुंचे और भगवान श्री रामजी को पूरा वृत्तांत सुनाया। स्पष्ट है कि अपने अनुजों सहित अपने योद्धाओं और सेना की ऐसी भीषण पराजय से श्री रामजी शोक में चाहे डूबे, पर इतने कुपित-क्रोधित भी हुए कि स्वयं अपनी शेष सेना लेकर लंका पहुंच गए। हनुमानजी महाराज ने पूर्ववत रण क्षेत्र से दूर रहकर पर्यवेक्षण का दायित्व ग्रहण किया। फिर वहीं हुआ, भगवान श्री राम और उनकी सेना आक्रमण करें, इसके पहले ही मुलकासुर तथा उसके दोनों गणों ने अपने उसी परम चमत्कारी शस्त्र से भगवान श्री रामजी तथा उनकी सेना को मूच्र्छित कर धराषायी कर दिया। अयोध्या पहुंचकर हनुमानजी ने जब यह समाचार राजमहल में सुनाया तो तीनों माताएं अपनी पुत्रबधुओं तथा अन्य परिजनों सहित बिलख-बिलखकर मूच्र्छित हो गईं। हां, जगजननि जानकीजी अवष्य ना बिलखीं, ना मूच्र्छित हुई, अपितु उन्होंने लंका प्रस्थान करने का निर्णय लिया और मन की गति से वे तत्काल लंका पहुंच गई। हनुमानजी महाराज भी उनके साथ गए। लंका पहुंचते ही परमेष्वरी जानकीजी की दृष्टि जैसे ही मूच्र्छित भगवान श्री रामजी, उनके अनुजों, अन्य योद्धाओं तथा सेना पर पड़ी तो उनका आकार हिमालय से भी बड़ा हो गया और उनका विषाल शीष आकाष छूने लगा। वे साक्षात रणचण्डी बन गईं। उनके विषाल मुख से एक साथ अनेक ज्वालामुखी प्रकट हो गए। देखते ही देखते उन्होंने मुलकासुर और उसके गणों को उनके शस्त्रों सहित निगलकर मौत के घाट उतार दिया। जब इसके बाद भी उनका क्रोध शांत नहीं हुआ तो आकाष से ब्रह्मा, विष्णु, महेष आदि एक साथ उनके पास पहुंचे और उनसे शांत होने की प्रार्थना करने लगे। इस पर जानकीजी ने अपनी परमदिव्य शक्ति से सभी मूच्र्छितों की मूर्छा दूर कर अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। इसके बाद भी जब जानकीजी शांत नहीं हुई तो अंततोगत्वा भगवान श्रीरामजी को भी उनसे निवेदन करना पड़ा। तभी वे शांत हुईं और रामजी के साथ अयोध्या लौटीं। 

अब मैं यह प्रष्न दोहराऊँ कि क्या रावण, ऐसी परम शक्ति जानकीजी का अपहरण कर सकता था, इसके पहले कुछ और स्मरण करा दूं। महाराजा जनक के धनुष यज्ञ में रावण जिस षिव धनुष को हिला भी नहीं पाया था, उस धनुष को तो पराम्बा जानकीजी ने तब अपने हाथों पर उठा लिया था, जब वे ठुमुक-ठुकुक कर चलना सीख रहीं थीं और ऐसे ही ठुमकते हुए षिव धनुष के पास पहुंच गईं थीं। महाराजा जनक ने उसी घटना के कारण सीताजी के विवाह के लिए धनुष यज्ञ आयोजित कर घोषणा की थी कि सीताजी का विवाह उसी के साथ होगा, जो षिव धनुष तोड़ेगा।
मुलकासुर मर्दिनी तो वे काफी बाद में बनीं, पर षिव धनुष उठाने का चमत्कार तो उन्होंने शैषवकाल में ही कर दिखाया था। क्या ऐसी परम शक्ति का रावण क्या, कोई भी अपहरण कर सकता था ? फिर प्रष्न यह है कि जानकी जी ने अपना अपहरण क्यों होने दिया ? इसका सीधा सा उत्तर है, ‘‘मैच फिक्सिंग’’। वह सीता-रामजी और रावण के मध्य ‘‘मैच फिक्सिंग’’ थी और रावण की परम अनुनय-विनय पर भगवान षिवषंकर की अनुषंसा पर सीतारामजी ने मैच फिक्सिंग की थी, जिससे रावण अपने सम्पूर्ण कुल-खानदान और सहयोगियों आदि सहित पापों से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सके। रावण जानता था कि भगवान भोलेनाथ और भगवान श्री रामजी उसे क्षमाकर पाप मुक्त तो कर सकते थे, पर उससे उसे मोक्ष नहीं मिलता। दूसरे, वह अकेले नहीं, अपितु अपने समस्त परिजनों-आत्मीयजनों तथा स्वजनों और सहयोगियों सहित उद्धार चाहता था, इसलिए उसने मैच फिक्सिंग के लिए भगवान को तैयार कर उनके हाथों मरकर सद्गति और परम मुक्ति पाई। 
यहां यह भी स्मरणीय है कि रावण की नीयत में कोई खोट होती तो वह सीताजी को अपने महल में ले गया होता, अषोक वाटिका में नही रखता। वह तो अपनी परम पूज्या माँ को अपने साथ लेकर गया था। जमाने को दिखाने उसके साथ सीताजी को भी नाटकीयता करनी पड़ी थी। 
परम दुखद विडम्बना यह है कि रामानुजों सहित श्रीराम सेना को पराजित और स्वयं भगवान श्रीराम को भी युद्ध की चुनौती देने वाले लव-कुष की परम पूज्या मातुश्री मुलकासुर मर्दिनी सीताजी को परित्याग का दंष भी झेलना पड़ा। यह परित्याग भी रामजी और सीताजी का पारस्परिक मैच फिक्सिंग ही प्रतीत होता है, क्योंकि महर्षि बाल्मीकि के आश्रम में ही लव-कुष बाल्यकाल में ही सर्वथा संस्कारित, सुषिक्षित तथा परम अजेय योद्धा बन सकते थे।
सर्वज्ञात है कि रामजी ही भगवान श्री कृष्णजी के स्वरूप में अवतरित हुए। प्रष्न यह है कि सीताजी किस स्वरूप में अवतरित हुईं ? क्या रूक्मणिजी अथवा राधाजी के रूप में ? वास्तविकता यह है कि धरती की बेटी सीताजी का व्यक्तित्व धरा जैसा ही इतना विराट था कि वे किसी एक स्वरूप में समाहित नहीं हो सकतीं थीं, अतएव वे भगवान श्री कृष्ण की 16 हजार 108 पटरानियो, महारानियों-रानियों सहित राधाजी और अन्य लाखों गोपियों के रूप में एक साथ अवतरित हुईं। क्या ऐसी विराट स्परूपा परमेष्वरी का रावण अथवा अन्य कोई कभी अपहरण कर सकता था ?
धन्य हैं ऐसी परमेष्वरी ! हनुमानजी महाराज को तो उन्होंने लव-कुष के जन्म के पूर्व ही अपना सुत अर्थात स्वयं का जाया सुपुत्र घोषित कर दिया था। लंका में अषोक वृक्ष के नीचे हनुमान जी को सुत कहते हुए, ‘‘अजर-अमर, गुणनिधि सुत होऊ, करहिं सदा रघुनायक छोहू’’ और ऐसा परमाषीष तो उन्होंने किसी और को क्या, लव-कुष को भी नहीं दिया। वैसे भी, शुभाषीर्वाद देने में वे कुछ कृपण रहीं हैं, क्योंकि उनके शुभाषीर्वाद अमोध रहे हैं। उनके शुभाषीर्वाद के लिए हनुमानजी महाराज जैसी परम सुपात्रता परमावष्यक है। धन्य हैं हनुमानजी महाराज जिन्हे परमेष्वरी जानकीजी का ऐसा परम दिव्य शुभाषीर्वाद प्राप्त हुआ। 
परमेश्वरी जानकीजी परम शारीरिक शक्ति के साथ एक और परम दुर्लभ परम शक्ति से भी संपन्न हैं। वो परम विषेष शक्ति हैं, किसी को भी परम मोक्ष्य प्रदान करने की शक्ति। कैसे ? ‘‘‘‘जनकसुता जगजननी जानकी, अतिषय प्रिय करूणानिधान की, ताके युग पदकमल मनाऊँ, जासु कृपा ‘‘निर्मल मति’’ पाऊं’’’’ अर्थात उनकी कृपा हो जाए तो ‘‘निर्मल मति’’ प्राप्त हो जाए। समस्त शास्त्र और संत इस तथ्य पर एक मत हैं कि कितने ही बड़े ज्ञानी हो जाओ, कितनी ही भक्ति कर लो, पर यदि ‘‘मति निर्मल’’ नहीं है तो परम मुक्ति नहीं हो सकती। स्पष्ट है कि जगजननि जानकीजी कि दया से परम मोक्ष्य रूपी परम वरदान भी प्राप्त होता है। हाँ, श्रीरामजी के बिना अकेली जानकीजी की भक्ति से वे प्रसन्न नहीं हो सकतीं। दोनों की ही भक्ति एक साथ करनी होगी। सीता-रामजी के साथ हनुमानजी महाराज की भक्ति भी हो जाए तो सोने पे सुहागा। फिर, जानकीजी को प्रसन्न करने से स्वयं जानकीजी भी नहीं रोक सकतीं। 

टीप
यह पौराणिक कथा ब्रह्मलीन सन्यासी-संत तथा सुविख्यात वेदांताचार्य पूज्य योगानंदजी सरस्वतीजी महाराज ने विदिषा में अपने प्रवचन में सुनाई थी। इन स्वामीजी को भिण्ड-मुरैना लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपना प्रत्याषी घोषित किया था, परन्तु उन्होनें समूची प्रचार अवधि में अपना अथवा अपने दल का कोई प्रचार नहीं किया। प्रचार सभाओं में भी प्रवचन ही किए और वे विधिवत लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे और उसके बाद उन्होंने पुनः लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। वे उस लोकसभा के सदस्य रहे, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। वे प्रायः कहा करते थे कि जब उन्हें सुनाई देना बंद हो गया, तब अटलजी ने उन्हें श्रवण यंत्र विदेष से मंगवाकर भेंट किया था। 




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-जगदीष प्रसाद शर्मा-
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नेपाल में जलजला से 2500 लोगों की मौत, 1050 भारतीयों की वतन वापसी हुई

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पटना। काठमांडू एयरपोर्ट बंद। भूकंप के बाद भारी बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य में विध्न पड़ना शुरू। जलजला के कारण 2500 लोगों की मौत हो गयी है। वहीं 6239 लोग घायल हैं। देश-विदेश के लोग परेशान हैं। सभी लोग चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द से जल्द जलजला के जलन से मुक्ति दिला दें। यहां से बाहर निकाल दें। मोदी सरकार से भारी उम्मीद पाल लिए हैं। बेशक सरकार भी उनके उम्मीदों पर पानी फेरने के मूड में नहीं हैं। पीएम मोदी ने कह चुके हैं कि हर हाल में पड़ोसी देश को सहायता करेंगे ही। 

नेपाल से चलकर भूकंप भारत में 11.44 बजे प्रवेश कर गया। शनिवार को रिक्टर स्केल पर भूकंम की तीव्रता 7.9 थी। कल से आजतक नेपाल में भूकंप के चालीस झटके महसूस किए गए।हजारों की संख्या में लोग परलोक सिधार चुके हैं। रविवार को भी जलजला देखने को मिला। प्रथम झटका 12.39 में 6.9, द्वितीय 12.56 में 5, तृतीय 1.06 में 4, चतुर्थ 2.10 में 4.6 और पांचवी 2.16 में 4 रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता थी। सिस्मोलाॅजिस्टों का कहना है कि एक सप्ताह तक जलजला का झटका महसूस किया जाएगा। जो घबराने की बात नहीं है। भूकंप की तीव्रता कम होती चली जा रही है। इसके आलोक में बिहार सरकार ने 2 दिनों तक स्कूल को बंद कर दिया है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि बिहार में 51 लोगों की मौत हो गयी है।

भारत सरकार के द्वारा नेपाल में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। त्वरित कार्रवाई के दरम्यान 50 टन पानी और 22 टन खाघ सामग्री भेजा जा चुका है।नेपाल से कल भारतीय वायुयान से 546 लोगों को भारत लाया गया। अभी तक 783 लोगों को वायुयान से लाया गया है। अब रास्ते से लोगों को भारत लाया जाएगा। इसमें 35 बस को लगाया गया है। रक्सौल और सुगौली मार्ग से लोगों को बस से लाया जाएगा। गृह,रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिवों ने पीसी किए। इन सचिवों का कहना है कि 13 भारतीय वायुयान लगाया गया है। 10 एनडीआरएफ की टीम कार्यसेवा में शामिल हैं।मेडिकल सहायता देने वाले,इंजीनियरिंग कार्य करने वाले लोग भी लगे हुए हैं। अभी तक 62 लोगों की मौत हो गयी है। बिहार के 46,उत्तर प्रदेश के 13, पश्चिम बंगाल के 2 और आसाम के 1 व्यक्ति मारा गया है। नेपाल में कितने भारतीय मारे गए हैं? इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। मृतकों को 6 लाख रूपए मुआवजा दिया जाएगा। गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार नेपाल में 2355 लोगों की मौत हो गयी है। वहीं भारत में 79 लोगों मारे गए हैं।




आलोक कुमार
बिहार 

प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. का उपवास शुरू

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  • सालों से जमीन पर काबिज, पट्टा नहीं दे रही सरकार
  • कंपनियों को जल्दी मिलती है जमीन पर गरीबों को देर से भी नहीं
  • सरकार में नैतिकता है तो जमीन संबंधी समस्या का जल्द करे समाधान

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भोपाल। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए किसान, आदिवासी एवं भूमिहीनों के साथ प्रसिद्ध गांधीवादी एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. ने आज भोपाल के नीलम पार्क में चार दिवसीय उपवास शुरू कर दिया। प्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं किए जाने और किसानों से जमीन छिनकर उद्योगपतियों के हवाले करने के लिए बनाए जा रहे कानून के खिलाफ एकता परिषद द्वारा आयोजित धरने एवं उपवास को देश भर से समर्थन मिल रहा है।

उपवास से पहले गांधी भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद रैली निकाली गई। धरने में आम सभा में सीहोर जिले के नसरूल्लागंज के डोंगलापानी गांव से आए खुमान सिंह बारेला आदिवासी ने बताया कि उनके गांव के लगभग 200 लोग पीढि़यों से वन भूमि पर खेती करते आए हैं, पर जब उन्होंने वन अधिकार के तहत पट्टे के लिए दावा किया तो उसे निरस्त कर दिया गया। पूछने पर अधिकारी यह नहीं बताते कि दावा निरस्त क्यों हुआ और उनका अधिकार कैसे मिलेगा?

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उपवास में बैठे राजगोपाल पी.व्ही. ने कहा कि खुमान सिंह की तरह प्रदेश में लाखों आदिवासी, किसान एवं वंचित समुदाय के लोग जमीन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हमसे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संवाद के लिए संपर्क किया गया था। जब हम कल उनसे मिले तो हमने कहा कि पहले के विस्थापितों का पुनर्वास हो और जमीन संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जाए, तब नई योजनाओं को लाया जाए। पर हम देख रहे हैं कि गरीबों को अधिकार देने के बजाए एक के बाद एक आ रही कंपनियों को जमीन दी जा रही है और उनके लिए नियम बनाए जा रहे हैं। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आपके पास समय नहीं है तो सामाजिक संगठनों के साथ राज्य, जिला एवं तहसील स्तर पर सरकार एक सशक्त समिति का गठन करे, जो इन समस्याओं का त्वरित समाधान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि समस्या पर टास्क फोर्स गठित करेंगे और भूमि सुधार आयोग बनाएंगे। हम देखना चाहते हैं कि सरकार इस पर कितनी जल्द अमल करती है। हम सरकार पर नैतिक दबाव देने के लिए यहां उपवास पर बैठे हैं, पर यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम संख्या बल के आधार पर प्रदर्षन करेंगे।

एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. रन सिंह परमार ने कहा कि पिछले 10 सालों में हमने कई बड़े राष्ट्रीय आंदोलन कर भारत सरकार को भूमि सुधार के लिए मजबूर किया, जिसके बाद सरकार ने कुछ काम किए और कुछ अधूरे हैं, पर उस अनुरूप मध्यप्रदेश में भूमिहीनों के लिए काम नहीं हुआ। आज भी वंचितों को अधिकार देने के बजाए उन्हें सरकारी कर्मचारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने में 72 किसानों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश में साढ़े 13 लाख भूमि संबंधी प्रकरण चल रहे हैं, जिससे किसान, आदिवासी एवं भूमिहीन परेशान हैं। फसलें बर्बाद होने किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली रही है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसमें अपने हिस्से की राशि जमा नहीं की है। उद्योगपतियों पर ध्यान देने वाली सरकार गरीबों एवं किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।

एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि राज्य स्तर पर उपवास के समर्थन में 20 जिलों में एकता परिषद के बैनर तले आदिवासी, किसान एवं वंचित समुदाय उपवास कर रहे हैं। श्री राजगोपाल के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 20 साथी चार दिन के उपवास पर बैठ गए हैं और इनके समर्थन में एक दिन के उपवास पर सैकड़ों साथी शामिल हुए।


आलोक कुमार
पटना 

चुनौती मानता हॅू हर किरदार को: गौतम अरोडा

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साउथ की अनेक फिल्में करने के बाद में गौतम अरोडा फिल्म ‘तमाशा से बालीवुड में डेब्यू कर रहे है। इम्तिआज अली द्वारा निर्देशित तमाशा में मैेन लीड में रणवीर कपूर और दीपिका है। दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगें, और बर्फी जैसी फिल्मों कायल रहे गौतम सही मायने में सलमान खान के दीवाने रहे है। वह सलमान खान के तारीफों के पुल बांधते नही थकते हैं। गौतम ने कहा कि बॉलीवुड में सबसे अच्छा अनुभव सलमान खान के साथ का रहा है। ‘वह एक अद्भुत इंसान हैं, लोगों को सलमान के बारे में गलतफहमी है। सलमान सेट पर हुकम नहीं देते वह अपनी राय दूसरों पर नहीं थोपते। जब आप उनका साथ चाहते हैं तो वह हमेशा आपके साथ होते हैं।  गौतम को बचपन से ही अभिनय का शौक था,लेकिन बालीवुड में कोई दूर तक रिश्तेदार नही था। इसलिए काफी मे सघर्ष करना पडा।पहले माॅडलिंग फिर डीजे और अभिनय ।आज वह तीनों ही जगह सक्रिय है। गौमत की कई फिल्म साउथ में हिट रही है। अब पहली बार ‘तमाशा’ हिन्दी फिल्मों की रूख कर रहे है। उनका कहना है कि ‘मैं चुनौती मानता हॅू हर किरदार को । हाल में ही उनसे बातचीत करने का मौका मिला। पेश है, मुलाकात के अंशः

तीन वषों के बाद पुनः फिल्म इंडस्ट्री में वापसी हो रही है। आपके लिए यह कैसा अनुभव रहा?
तीन वर्षों के बाद पुनः फिल्म इंडस्ट्री में आगे आना स्वयं में काफी चुनौतीपूर्ण था। मैंने एक कदम पीछे इसलिए हटाया ताकि वह और लंबी छलांग लगा सकें। पिछले कई वषों में मैं माॅडल ,डीजे और अभिनेता तो बन गया, परंतु अपनी जड़ों तथा हकीकत से दूर चले गया। पिछले 3 वर्षों में मैंने हकीकत को जानने की कोशिश की। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से दूर रह कर जीवन के विभिन्न पहलुओं का जानने का मौका मिला। यह अनुभव भी काफी जरूरी था। 

‘तमाशा’ फिल्म की शूटिंग के दौरान रंणवीर कपूर के साथ यादगार पल कौन से रहे?
तीन वर्षों के बाद जब मैं सैट पर लौटा तो काफी डरा हुआ था। इस दौरान मैंने एक्टिंग नहीं की थी। मेरे मन में भय व खौफ था। कैमरे का सामना करने के लिए अनुभव काफी जरूरी था। शूटिंग के दौरान रणवीर के साथ काम करते हुए मैंने उनको बहुत बारीकी से देखा और उनसे प्रेरणा भी लेते रहा।

आपने हिट फिल्मों में काम किया है तो क्या आपको लगता है आपके जीवन का सबसे अच्छा समय आ चुका है या फिर बाद में आएगा?
गौतम ने हंसते हुए - अभी तो पिक्चर बाकी है मेरे भाई, यह तो ट्रेलर था। अभी मेरा अच्छा समय आना है, मैं जब तक इंडस्ट्री में रहूंगा तब तक अपने अच्छे अभिनय से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करूंगा। मैं कॉमेडी और रोमांटिक फिल्म करना चाहता हूं। परंतु मुझे इसका अधिक मौका नहीं मिला। इस फिल्म के दौरान मैंने काफी एंज्वाय किया। 

इम्तिआज अली काफी सुलझे डारेक्टर है,उनके साथ काम करने कैसा अनुभव रहे ?
इम्तियाज जी,अनुभवी व सुलझे इंसान है,कलाकारों से कैसे काम लिया जाता है वह उनकी नब्ज जानते है,और उसी के अनुरूप काम लेते है। मेरा उनके साथ करने का एक अलग ही अनुभव रहा है।

साउथ की फिल्मोें अपेक्षा कर रहे है,बालीवुड में काम करने की कोई खास वजह। जबकि जबकि अधिकांश कलाकार साउथ की और कूंच कर रहे है?
मेरे पास भी साउथ कई फिल्मों के आफर है,लेकिन तमाशा में काम करने का आफर मिला तो मैने हाॅ कर थी।

आप माॅडल और डीजे भी कैसे अपने को मैनेंज करते हो?
मैं कम किन्तु अच्छा काम करना पंसद करता हॅू। उसी के मुताबिक काम करता हॅू,साथ ही इस वक्त का ध्यान रखता हॅू कि किसी की भी डेटस क्लेश ना हो।






प्रेमबाबू शर्मा

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (27 अप्रैल)

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पोशाक राशि की उपलब्धता के बावजूद, परेशान छात्राएँ पोशाक राशि से वंचित

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर स्थित लड़कियों के एकमात्र उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय मतिसरा कुँवर में प्लस टू की छात्राओं के बीच अभी तक पोशाक राशि का वितरण नहीं किया जा सका है। इस बावत प्रभारी प्रधान अध्यापक कृष्ण कुमार पाठक ने बताया कि शनिवार को पोशाक राशि का वितरण किया जाएगा। किन्तु शनिवार को छात्राएँ लौट गई और उन्हे पोशाक राशि नहीं मिल सकी। मायुस छात्राओं की माने तो अधिकांश को कई बार विद्यालय प्रबंधन ने पोशाक राशि के लिए बुलाया किन्तु सरकार की कल्याण योजना की उपर्युक्त राशि ग्यारहवीं व बारहवीं की छात्राआंे को अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। समाज के प्रबुद्धजनांे का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन समय का निर्धारण कर पोशाक राशि का वितरण कर देता तो छात्राओं को परेशानी नहीं होती। उल्लेखनीय है कि विद्यालय के प्लस टू कक्षा में कुल नामांकित छात्राओं में 40 के बीच पोशाक राशि का वितरण किया जा चुका है जबकि अन्य करीब आठ दर्जन छात्राएँ पोशाक राशि से वंचित है। बताया गया है कि पोशाक राशि मद में प्रत्येक छात्राओं को एक हजार रूपये दिया जाना है। इस प्रकार करीब एक लाख रूपये विद्यालय प्रबंधन के पास पड़ा हुआ है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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मुख्यमंत्री श्री चैहान एक मई को विदिशा आएंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान एक मई को विदिशा आएंगे कि जानकारी आज टीएल बैठक में कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चैहान स्टेडियम के समक्ष बनने वाले जिला अस्पताल के 350 बिस्तरीय निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि शासन के दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक स्कूल केम्पस में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग एक-एक शौचालय का निर्माण कराया जाना अनिवार्य है। उक्त कार्य 15 जून के पूर्व तक पूर्ण कराया जाना है। 15 जून को संबंधित बीईओ और बीआरसी शौचालय बन चुके के आशय का प्रमाण पत्र जमा कराएं।

स्कूल चलें हम अभियान जारी
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जिले में स्कूल चले हम अभियान का प्रथम चरण का क्रियान्वयन जारी है जिसकी आज कलेक्टर श्री ओझा ने समीक्षा की। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ जन शिक्षक, शिक्षकों को आवश्यक जबावदेंही सौंपी गई है। अभियान के तहत कक्षा पहली में दाखिला लेने वाले बच्चों के अलावा शाला त्यागी बच्चोें का सर्वे जारी है। 

एनआरसी शुरू कराएं
कलेक्टर श्री ओझा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि नटेरन विकासखण्ड की बंद एनआरसी को शीघ्र पुनः शुरू कराएं। उन्होंने एनआरसी के संचालन हेतु आवश्यक पदों की पूर्ति के लिए शीघ्र विज्ञापन प्रकाशित कराने के भी निर्देश दिए। 

पावर प्रजेन्टेशन
टीएल बैठक में पशु चिकित्सा सेवा के उप संचालक श्री एमएल मेहरा और मत्स्य विभाग के सहायक संचालक श्री एके दीक्षित ने विभागीय योजनाओं की बिन्दुवार जानकारी दी। टीएल बैठक में मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नेहा भारतीय समेत समस्त विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

फ्लाई ओवर का निरीक्षण

पेढ़ी स्कूल के समीप निर्माणाधीन फ्लाई ओवर का आज प्रातः स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी, कलेक्टर श्री एमबी ओझा और समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन ने संयुक्त रूप से जायजा लिया। इस अवसर पर विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार, विदिशा मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री आरपी मिश्रा, ग्यारसपुर जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्री छत्रपाल शर्मा भी साथ मौजूद थे। कलेक्टर श्री ओझा ने फ्लाई ओवर निर्माण कार्य को क्रियान्वयन करने वाले ठेकेदार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि मई माह तक फ्लाई ओवर कार्य पूर्ण कराया जाए अन्यथा ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने निर्माण कार्य में पूर्ण गुणवत्ता का ध्यान रखने की भी बात कही। पेढ़ी स्कूल के अनुपयोगी शौचालय को तोड़ने की कार्यवाही की गई। इस दौरान बतलाया गया कि रायसेन गेट के समीप नाग मंदिर से लेकर रायपुरा स्कूल तक सीधी सड़क बनाई जाएगी। वहीं पेढ़ी स्कूल के समीप फ्लाई ओवर के एक तरफ पार्क और दूसरी तरफ पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पेढ़ी स्कूल के समीप स्थित बावड़ी का जीर्णोद्वार किया जाएगा।

रामेश्वरम् तीर्थ दर्शन के लिए हितग्राहियों का चयन

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत एक मई को जिले के तीर्थ यात्री रामेश्वरम् दर्शन के लिए विदिशा स्टेशन से स्पेशल टेªन से रवाना होंगे। इसके लिए जिले की सभी तहसीलों में प्राप्त आवेदनों में से तीर्थ यात्रिओं का चयन कम्प्यूटर रेण्डमाइजेश्न प्रणाली से सोमवार को डिप्टी कलेक्टर एवं योजना की नोड्ल अधिकारी श्रीमती नेहा भारतीय के समक्ष किया गया। लोक सेवा गारंटी के प्रबंधक श्री अमित अग्रवाल ने कम्प्यूटर रेण्डमाइजेशन के माध्यम से ड्रा निकाला। डिप्टी कलेक्टर एवं योजना की नोड्ल अधिकारी श्रीमती भारती ने बताया कि रामेश्वरम् तीर्थ दर्शन के लिए जिले को कुल 247 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसके विरूद्व कुल 517 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनका परीक्षण उपरांत 134 आवेदन ऐसे पाए गए जिनके द्वारा पूर्व में योजना का लाभ लिया जा चुका है। उन आवेदनांे को निरस्त करने की कार्यवाही की गई। इस प्रकार 383 आवेदनों में से ड्रा कर 247 हितग्राहियों का चयन किया गया है। तीर्थ यात्रिओं के साथ पांच अनुरक्षक और चार एक का गार्ड के अलावा चिकित्सक डा विजय सिंह ठाकुर साथ जाएंगे। 

अस्सी हितग्राही पात्र पाए गए

नौलखी क्षेत्र मंे रह रहे परिवारांे को नगरपालिका के द्वारा निर्माण कराए गए राजीव आश्रय भवनों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए निकाय द्वारा सूची तैयार की गई है। सोमवार को कलेक्टर श्री एमबी ओझा और विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार ने नौलखी में पहुंचकर हितग्राहियों से संवाद स्थापित किया और उन्हें वर्षाकाल के दौरान होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने के लिए नवीन आवासो मंे शिफ्ट होने में सहयोग प्रदाय करने की बात कहीं। जिस पर सभी हितग्राहियों ने सहमति व्यक्त की है। विदिशा उपखण्ड अधिकारी श्री आरपी अहिरवार ने बताया कि नौलखी क्षेत्र में कुल 88 मकान हैं जिसमें से आठ खण्डहर हैं। इस प्रकार कुल 80 परिवारों को राजीव आश्रय के तहत मकान दिलाए जाने की कार्यवाही क्रियान्वित है। सभी हितग्राहियों के बैंक खाते खोलकर उन्हें अनुदान पर बैंक लोन मुहैया कराये जाने की कार्यवाही जारी है। 

मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए स्थानीय रणनीति बनाई जाएंगी

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जिले में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर रणनीति बनाई जाएंगी। ज्ञातव्य हो कि गर्भावस्था, गर्भपात, प्रसव के दौरान अथवा प्रसव के 42 दिन के भीतर होने वाली महिलाओं की मृत्यु माता मृत्यु कहलाती है। आमजन ततसंबंधी जानकारी टोल फ्री नम्बरों के माध्यम से अविलम्ब दे सकते है। सूचना देने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की गई है। एम्स की चिकित्सक डाॅ गरिमा वर्मा ने बैठक में मातृ मृत्यु दर कम करने और आंकडे एकत्रित करने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आमजन मोबाइल टोल फ्री नम्बर 8827546666 अथवा टेलीफोन टोल फ्री नम्बर 104 तत्काल सूचित कर सकते है। शोध संबंधित किसी विशेष जानकारी या किसी शिकायत के लिए शोधकर्ता डाॅ सूर्यावाली एम्स भोपाल से उपरोक्त नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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पिटोल क्षेत्र मे बडी चोरी की वारदात

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पिटोल---पिटोल चोकी में लगने वाले आसपास के ग्रामीण अंचलो के टोलो मंजरो पर निवासरत मजदुर किसानों के घरों पर चोरी की वारदाते अचानक बढ गई है। अंचलो मे आज किसी तो कल किसी ओर के घर चोरी की घटनाओ के समाचार मिल रहे है। कई चोरी की घटनाओ की रिपोर्ट तो पुलिस चोकी तक पहुंच रही है एवं कई गांव तक ही दबी रह जा रही है। चोर इन दिनो खासकर मवेषीयो के साथ ही षादी ब्याह या उनके आसपास के घरों को निषाना बना रहे है। रविवार सोमवार की दरम्यानी रात पिटोल के समिप स्थित माल फलिये में आसपास रहने वाले दो लोगो के यहां चोरो ने चोरी की घटना को अंजाम दिया यहां से वे तकरीबन डेढ लाख रुपये के माल सामान पर हाथ साफ कर गऐ जिसमें एक मोटर सायकल सहित चांदी के गहने एवं नगदी ष्षामिल है। मोटर सायकल का नं.एमपी 45/एमजी7162 है। चोर बाबु पिता खुनजी गुण्डिया के आंगन से मोटर सायकल व एक बकरी एवं नाना पिता गुलाब के घर से 300 ग्राम चांदी, 500ग्राम चांदी की तागली व नगदी ले गऐ । चोर रात के अंधेरे में घर की दीवार में सेंध लगाकर अन्दर घुसे। घटना का पता घर वालों को सुबह उठनें चला। उल्लेखनिय है कि भीषण गर्मी के कारण घर के लोग खुली हवा में घर आंगन में खटिया डालकर सो जाते है। साथ ही अभी इन दिनो आदीवासी समाज में षादी ब्याह का समय भी चल रहा है जिसके कारण परिवार के लोग उसमें सम्मिलित होने को चले जाते है एवं चोर अवसर पाकर घटनाओ को अंजाम दे रहे है।   पिटोल के माल फलिये से मोटर सायकल चोरी एवं सेधमारी की प्राथमिकी दर्ज की गई है धारा 497,380 के तहत प्रकरण पंजीबद्व किया जा रहा है।  

कुए मे हुए ब्लास्टीग से एक गंभीर घायल

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पिटोल---रविवार को सुबह 10 बजे समिपस्थ आदीवासी अंचल के गांव कोटडा में हुवे ऐक हादसे में एक कुंआ खुदवा रहा कुंऐ का मालिक कुंऐ में ही रह गया ओर कुंऐ में लगे डायनामाईट फट गऐ जिसके मलबे से बाबु पिता कालु गम्भीर रुप से घायल हो गया जिसे उपचार के लिये गुजरात के दाहोद ले जाया गया जहां उसकी हालत चिन्ताजनक बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुंऐ के मालिक ने पत्थरों की खुदाई के लिये डायनामाईट टेªक्टर बुलवाया एवं उसमें डायनामाईट की राडे लगवाई गई। ब्लास्टिंग के पुर्व कुंऐ का मालिक लगी राडे अन्दर गिन रहा था कि इधर टेªक्टर चालक यह भूल गया कि अन्दर कोई है एवं ब्लास्ट कर दिया जिसकी चपेट में बाबु आगया। दोडकर ग्रामीणों नें मलबे में फंसे घायल को मषक्कत कर बाहर निकाला एवं उपचार के लिये दाहोद पहुचाया।

चोरी छुपे बगेर परमिषन कर रहे ब्लास्टिंग
इन दिनो जिले में बगैर परमिषन के जहां तहां ब्लास्टींग का कार्य कई व्यवसाई प्रषासन की आंख बचाकर कर रहे है नासमझ चालक किसी संभावित घटना के पुर्व क्षैत्र के लोगों को सतर्क किये बिना ब्लास्टिंग कर देते है जिसके चलते हादसे का भय बना रहता है। कोटडा में हुई यह दुर्घटना इसी का परिणाम है । संभवतः उक्त ब्लास्टिंग की भनक जिम्मेदार विभाग के अधिकारीयों को भी नहीं होगी।

सफाई अभियान मे दूकानो का कचरा सडक पर मिलने पर किया जुर्माना वसुल

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झाबुआ---नगरपालिका परिषद झाबुआ द्वारा स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत समस्त व्यसाईयो को सूचना पत्र जारी किया जाकर एवं लाउडस्पीकर द्वारा नगर के मुख्य मार्गो एवं अन्य क्षेत्रो में मुनादी की जाकर सुचित किया गया था की अपनी प्रतिष्ठान से निकलने वाला कचरा सडक पर फैकन एवं डस्टबीन नही रखे जाने पर समझाईस दी गई की डस्टबीन अनिवार्य रूप से रखे जाकर समस्त कचरा उनमें एकत्रित कर निकाय के वाहन/सफाई कर्मचारी को ही देवे, परन्तु जिन व्यसाईयो के यहा पर दिनंाक 27.04.2015 को नगर पालिका के चन्द्रकान्त जैन रा.उ.नि. कमलेश जायसवाल स्वच्छता प्रभारी, श्रीचेतन सोलंकी टोनी मलिया सफाई जमादार , श्री जहागीर कुरेशी साफाई जमादार द्वारा जिन प्रतिष्ठानो पर डस्टबीन होने के बावजुद भी दुकान के समाने कचरा/गन्दगी पाई जाने पर प्रत्येक दुकानदार को प्रथम बार गलती होने से  राशि रूपयें 125/- से दण्डित किया जाकर बस स्टेण्ड क्षेत्र के 06,मेन रोड पर 01, जनपद पंचायत के सामने 01 व्यसाईयो से जुर्माना वसुला जाकर भविष्य में साफ-सफाई रखे जाने की ताकीद की गई । श्री एम.आर. निंगवाल मुख्य नगर पालिका अधिकारी  द्वारा बताया गया की नरगरवासी एवं व्यापारी स्वच्छता मुहीम में सहयोग करे; अन्यथा मुहिम के अंतर्गत लापरवाही करने वाले पर उक्तानुसार कार्यवाही की जावेगी ।

अवैध शराब  जब्त चार आरोपी को गिरफ्तार  
     
झाबुआ---थाना मेघनगर पुलिस के द्वारा आरोपी विनोद पिता नटवर नायक, उम्र 25 वर्ष निवासी रंभापुर के अवैध कब्जे से 03 पेटी देशी मदिरा प्लेन शराब किमती 4,350/-रूपये,     थाना कल्याणपुरा पुलिस के द्वारा आरोपी महलु पिता किसीया भील, उम्र 35 वर्ष निवासी बिसोली के अवैध कब्जे से 18 क्वार्टर देशी प्लेन शराब किमती 1,600/-रूपये की, तथा आरोपी राधु पिता वसना भील, उम्र 18 वर्ष निवासी ढेबर के कब्जे से 12 बीयर शराब किमती 800/-रूपये की, थाना झाबुआ पुलिस के आरोपी नंदा पिता नवला भूरिया, उम्र 25 वर्ष निवासी कालापीपल के कब्जे से 12 बीयर शराब किमती 850/-रूपये की जप्त की गयी। इन प्रकरणों में क्रमशः अपराध क्रमांक 86,81,82,304/2015, धारा 34-ए आबकारी एक्ट के पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये गये।

13 वर्षीय लडकी का रेल्वे स्टैशन से अपहरण

झाबुआ---फरियादी रामा पिता भगला डिडोंर, उम्र 40 निवासी मोई वागली ने बताया कि उसकी पत्नि मंगलीबाई व उसकी लडकी उम्र 13 वर्ष मजदुरी करने जाने के लिये बामनिया, रेल्वे स्टेशन गये थे। लडकी को बाहर खडी कर सातान लेने चले गये, वापस आ कर देखा तो लडकी सविता नहीं थी। संदेह है कि आरोपी मुकेश पिता कालिया मुणिया, निवासी रलियावन औरत बनाने की नियत से भगाकर ले गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 154/14, धारा 363 भादवि एवं 3/4 लै0अप0बा0संर0 अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

बालक आश्रम का टुटा ताला हजारो की चोरी
      
झाबुआ---फरियादी रमण पिता सकना पारगी, उम्र 38 वर्ष निवासी बालवासा ने बताया कि अज्ञात आरोपी ने बालक आश्रम का ताला तोडकर 50 कंबल, 02 तपेले, 02 परात, 30 नग चादर, 02 नग कोठी, 20 नग थाली, 04 नग पंखे, 02 नग दिवाल घडी इस प्रकार कुल मश्रुका 26,950/-रूपये चुराकर ले गये। थाना काकनवानी में अप0क्र0 86/15, धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

डॉ. हेडगेवार ‘शतरंज’ प्रतियोगिताः वीके सिंह ने किया शुभारंभ

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  • कल त्यागराज स्टेडियम आएंगी हेमा मालिनि

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नई दिल्ली। नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आज से डॉ. हेडगेवार शतरंज प्रतियोगिता का शुभारंभ हो गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद श्री सिंह ने कहा कि शतरंज एक ऐसा बौद्धिक खेल है, जो हमें नीति और रणनीति दोनों के बेहतर तालमेल बनाने की प्रेरणा देता है, जो हर क्षेत्र में जरूरी है। वहीं दरियागंज की पार्षद सिम्मी जैन ने कहा कि डॉ. हेडगेवार जी के जीवन से प्रेरणा लेते इस तरह का टूर्नामेंट बच्चों के विकास और उत्साह के लिए काफी जरूरी है। इस मौके पर कई ग्रैंडमास्टर्स भी शिरकत करते नज़र आए। ग्रैंडमास्टर्स में पीएम थिप्सय, वैभव सूरी, सहज ग्रोवर, श्रीराम झा शामिल हैं, वहीं वूमेन ग्रैंडमास्टर्स में तानिया सचदेव होंगी, इंटरनेशनल मास्टर्स अतानु लाहिरि भी मौजूद रहे। पहले राउंड के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुताबिक, 28 अप्रैल को तीसरे राउंड के दौरान अतिथि एचएस ब्रह्मा (इसीआई) होंगे, वहीं उसी दिन चौथे राउंड के लिए रुसी राजदूत एमएस काडाकीन होंगे, वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनि भी इस प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। 29 अप्रैल को पांचवें राउंड के लिए अतिथि के रूप में केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर मौजूद होंगे, वहीं उसी दिन छठे राउंड के दौरान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी होंगे। 30 अप्रैल को सातवें राउंड के दौरान अतिथि केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी होंगे, वहीं उसी दिन आठवें राउंड के दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह होंगे। एक मई को नौवें राउंड के दौरान अतिथि महेश शर्मा होंगे, वहीं पुरस्कार का वितरण केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय युवा मामलों व खेल मंत्री सरबनंदा सोनवाल करेंगे। बता दें कि ऐसा शायद पहली बार होगा कि नई दिल्ली में आयोजित हो रही शतरंज प्रतियोगिता के लिए अलग-अलग राउंड्स में अलग-अलग केंद्रीय मंत्री मौजूद होंगे। प्रतियोगिता के आयोजन समिति के संयोजक शिरिश जैन बताते हैं कि शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन ही इसलिए किया गया क्योंकि यही एक खेल है जो हमें जीवन में धैर्यवान होने की प्रेरण देता है। इसके अलावा जीवन में यह भी सीख देता है कि योजना और क्रियान्वयन का बेहतर तालमेल हो तो जीवन में एक छोटा मनुष्य भी बहुत बड़ा कर सकता है।
बता दें कि यह प्रतियोगिता एक मई तक चलेगी। इस टूर्नामेंट में अलग-अलग स्तर पर विजयी प्रतिभागियों के बीच 10 लाख रुपए तक की इमानी राशि वितरित की जानी है।

इस प्रतियोगिता में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बने हैं, दृष्टिहीन बच्चे। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी फॉर ब्लाइंड ब्यॉयज के बच्चों के साथ कई और स्कूली बच्चे बेहतर खेल दिखा रहे हैं। इस प्रतियोगिता ने कुल 15 ऐसे बच्चे शामिल हैं, जिनके आंखों में भले ही रौशनी न हो, लेकिन हौंसले बुलंद हैं। सत्यप्रकाश, राकेश, शशांक ने बताया कि उन्हें इस प्रतियोगिता में आकर बहुत अच्छा लगा और वह इस प्रतियोगिता को लेकर खासे उत्साहित हैं। 

पहले राउंड के विजेता रहेः
सप्तर्शी रॉय, पालित सोमक, श्रीराम झा, रवि तेजा, अक्षत झा, राजेश वी. गुसैन हिमल, संगमा राहुल, चक्रवर्ती रेड्डी, आराध्य गर्ग, मित्रा गुहा, निशांत मल्होत्रा, साइ जीवितेश, अरिंधम मुखर्जी, ग्रोवर सहज, हिमांशु शर्मा, रॉय चौधरी सप्तर्शी, थिप्सय प्रवीण, ठाकुर आकाश, प्रिंस बजाज, लाहिरि अतानु, अभिषेक दास, हेमंत शर्मा, संतु मोंडल, पाटिल प्रतीक, प्रदीप घोष, जोशी गोविंद, सौरभ, आनंद, अर्पण दास, सुमित ग्रोवर, भट्टाचार्य नीलाद्री, तारिणी गोयल, अनुराग जायसवाल, रूप सौरव, कौशिक शुभम, सुदर्शन मित्रा, वर्मा एच.एस., पाटिल प्रतीक, प्रदीप घोष, कौस्तुव कुंडू, दीपक कटियार, सिंह अरविंदर, राघव श्रीवास्तव, गांगुली, नेगी विरेंद्र सिंह, ओजस कुलकरणी, दीपक राज, आशुतोष कुमार

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (27 अप्रैल)

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सीएम हरीश रावत ने जन्मदिन पर पंद्रह कांग्रेसियों को दायित्वों से नवाजा 
  • -सरोजनी कैंत्यूरा महिला आयोग की अध्यक्ष और योगेंद्र खंडूड़ी बने बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष

uttrakhand news
देहरादून, 27 अप्रैल। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने जन्मदिवस के मौके पर पंद्रह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दायित्वों से नवाजा है। इसके अलावा 22 अन्य दायित्वधारियों के नाम तय किए जा रहे हैं, इनकी घोषणा भी जल्द होने की उम्मीद है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरोजनी कैंत्यूरा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष और योगेंद्र खंडूड़ी को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की मौजूदगी में दायित्वधारियों के नामों की घोषणा की। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरोजनी कैंत्यूरा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, रजनी रावत को आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनूसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष हरिद्वार के पूर्व सांसद हरपाल सिंह साथी को बनाया गया है, जबकि राजेंद्र बाराकोटी को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का अध्यक्ष किरन पाल वाल्मीकि को बनाया गया है, जबकि संतोष गौरव और सिकंदर पंवार को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। अनुसूचित जनजाति कल्याण परिषद का उपाध्यक्ष पूर्व विधायक गोपाल राणा और कैलाश रावत को बनाया गया है, इस परिषद के अध्यक्ष सीएम हैं और सह अध्यक्ष गृहमंत्री प्रीतम सिंह। पूर्व सैनिक कल्याण परिषद (उपनल) का अध्यक्ष ले. ज. रिटायर्ड गंभीर सिंह नेगी को बनाया गया है। अर्धसैनिक कल्याण परिषद का अध्यक्ष सेवानिवृत्त पुलिस उप महानिरीक्षक बलराम सिंह नेगी को बनाया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी को बनाया गया है, जबकि विजय लक्ष्मी गुसाईं व पुष्पा भट्ट को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। डा. सतीश जैन को अल्प संख्यक आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा 22 अन्य दायित्वधारियों के नाम तय किए जा रहे हैं, संबंधित विभागों के मंत्रियों से सलाह-मशविरा करने के बाद जल्द ही इन नामों की घोषणा कर दी जाएगी। सीएम ने कहा कि दायित्व केवल नाम के लिए नहीं बल्कि काम के लिए दिए जा रहे हैं, इसलिए इन 22 दायित्वधारियों के लिए काम भी तय किया जा रहा है। आयोगों में जो सदस्य काम कर रहे हैं वे यथावत बने रहेंगे।      

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी 

देहरादून, 27 अप्रैल(निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने आज मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनके 68वें जन्मदिन की बधाई देेते हुए उनके स्वस्थ व सम्मानित दीर्घायु के लिए शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री आज पूर्वान्ह में राज्यपाल को अपनी सुपुत्री के विवाह का निमन्त्रण देने राजभवन आये थे।  इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच आपदा प्रबन्धन के विषय पर भी चर्चा हुई जो मुख्यतः वर्तमान में भूकम्प के दृष्टिगत किसी भी प्रकार के सम्भावित संकट से होने वाले नुकसान की रोकथाम विषयक थी।  

मां चामुण्डा देवी मंदिर मूर्ति काण्ड का खुलासा फर्जी
  • सूचना अधिकार के अन्तर्गत पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से भी स्पष्ट

देहरादून, 27 अप्रैल(निस)। प्रदेश भर में चर्चा में रहें काशीपुर के आर्यनगर स्थिित मां चामुण्डा देवी मंदिर मूर्ति प्रकरण का गत 19 अप्रैल को उधमसिंह नगर जिले के डी.एम तथा एस.एस.पी द्वारा कोतवाली काशीपुर में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों तथा मीडिया कर्मियोें की मौजूदगी में किया गया खुलासा फर्जी था, यह सूचना अधिकार के अन्तर्गत सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को स्वयं पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से स्पष्ट हुआ है। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने काशीपुर के मौहल्ला आर्य नगर स्थित मां चामुण्डा देवी मंदिर में मूर्ति खंडित करने सम्बन्धी अपराधिक घटना के 19 अप्रैल 2015 को मीडिया तथा पत्रकारों के सामने किये गये खुलासे से सम्बन्धित 14 बिन्दुओं पर सूचना अपने सूचना प्रार्थना पत्र दि0 20-04-2015 से मांगी। इस पर काशीपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक तथा लोक सूचना अधिकारी द्वारा अपने पत्रांक सू0सैल 88/2015 दिनांक 24-04-2015 द्वारा सूचना उपलब्ध करायी हैै। इसमें विवेचना पूर्ण न होना स्पष्ट लिखा है तथा चार्जशीट सहित विभिन्न सूचनायें विवेचना जारी रहने के आधार पर उपलब्ध नहीं करायी है। इससे स्पष्ट है कि मामले की जांच पूरी हुये बगैर ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने गिरफ्तार किये गये पांच किशोरों को मीडिया के सामने अपराधी घोषित कर दिया है। बिना विवेचना पूर्ण हुये मीडिया के सामने किया गया वह खुलासा फर्जी है। एडवोकेट नदीम को पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना के खुलासे हेतु पुलिस टीम को पुरस्कार सम्बन्धित कोई लिखित आदेश सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक न प्राप्त होने की भी लिखित सूचना दी गयी है। इससे भी स्पष्ट है कि मीडिया कर्मियों को पुलिस टीम को इनाम देने की भी गलत जानकारी दी गयी हैै। एडवोकेट नदीम के सूचना प्रार्थना पत्र पर अभियुक्त की गिरफ्तारी का विवरण दर्शाने वाले गिरफ्तारी मीमो तथा तलाशी व बरामदगी का विवरण दर्शाने वाली सम्बन्धित फर्द की फोटोे प्रति भी देने से भी अवैध रूप से इंकार किया गया है जिससे भी यह संदेह उत्पन्न होता है कि पुलिस द्वारा जिन्हें अपराधी घोषित किया गया है वह वास्तवित अपराधी ही है। एडवोकेट नदीम नेे बताया कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा घटना के खुलासे के नाम पर मीडिया कर्मियों तथा पत्रकारों केे सामने जो कहानी बतायी है वह भी गले उतरने वाली नहीं है और न ही न्यायालय में चलने योग्य हैं। किशोरों को अपराधी घोषित करने में अधिकारियों द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2000 तथा दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन का भी खुला उल्लंघन किया गया है। 

नेपाल भूकम्प पीडि़तों को क्यों नहीं मदद भिजवा रही उŸाराखण्ड सरकारः सतपाल महाराज

देहरादून, 27 अप्रैल(निस)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने आज एक बयान में उŸाराखण्ड सरकार से पूछा कि वह क्यों नहीं नेपाल भूकम्प पीडि़तों को मदद नहीं पहुंचा रही उन्होंने इसे सरकार की आपदा के प्रति संवेदनहीनता करार दिया। राजस्थान, दिल्ली आदि की सरकारों ने नेपाल भूकम्प पीडि़तों के लिए मदद भेजी है परन्तु उŸाराखण्ड सरकार ने वहां के लिए कुछ भी नहीं भेजा जबकि उŸाराखण्ड की सीमा नेपाल से लगती हैं साथ ही वह हमारा पड़ोसी भी है ऐसे में वहां राहत न पहुंचाना राज्य सरकार की प्रभावितों के प्रति उदासीनता का परिचायक है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने कहा कि उŸाराखण्ड की सरकार तो वहां की जनता के प्रति भी संवेदनहीन है तथा अपने बड़े नेताओं के दौरो संबंधी बातों को भी गोपनीय रखती है। क्या उसे नहीं चाहिये था कि जब उनके बड़े नेता केदारनाथ गये तो 2013 के आपदा प्रभावितों से मिल उनकी समस्याएं सुनते वहां के तीर्थ पुरोहितों की बात सुनते परन्तु वहां की सरकार ने ऐसा नही किया क्योंकि उन्होंने आपदा प्रभावितों के लिए कुछ नहीं किया। उनकी बात सुनने से सरकार की पोल खुल जाती। आपदा के लिए इतनी राषि प्राप्त हुई उसका भी कोई हिसाब आज तक नहीं दिया गया हाल यह है कि जिनके घर आपदा की भेंट चढ़ गये थे उनके आज तक घर नहीं बने हैं जो मार्ग बह गये थे वह भी अब तक नहीं बने हैं। यह सब बताता है कि दो वर्शों बाद भी आपदा के बाद प्रदेष में कुछ भी नहीं हुआ है। अब तक विस्थापन और पुनर्वास की नीति नहीं बनी। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा सबसे पहले वहां सहायता भेज और भारतीय नागरिकों को सकुषल वहां से निकालने की तत्काल पहल सफल है तथा वहां की जनता आज भी राहत सामग्री व अन्य कार्यों के लिए भारत सरकार की सराहना कर रही है तथा उन्हें भारत के नागरिकों व यहां की सरकार से उम्मीद है।

सोनप्रयाग में वाहन पार्किंग की समस्या गंभीर

देहरादून, 27 अप्रैल(निस)। केदारयात्रा के अंतिम पड़ाव सोनप्रयाग में वाहन पार्किंग की समस्या होने लगी है। यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों की संख्या बढ़ने से यातायात समस्या और गंभीर हो सकती है। मंदाकिनी नदी किनारे अस्थायी वाहन पार्किंग तो बनाई गई है, लेकिन नदी में लगातार बढ़ रहे पानी से वाहन को खतरा पैदा हो जाएगा। वर्ष 2013 में आई भीषण त्रासदी के बाद से सोनप्रयाग में वाहन पार्किंग की समस्या भी गंभीर हो गई है। पूर्व में यहां पर दो पार्किंग थी, लेकिन आपदा में सब बह गए। व्यवस्थाएं अभी तक पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट सकी है। आपदा के बाद से अभी गौरीकुंड तक मोटर मार्ग का कार्य भी पूर्ण नहीं हो सका है, जिससे सोनप्रयाग से आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा है। यहां से प्रशासन की ओर से कुछ छोटे वाहनों को ही आगे जाने की अनुमति दी गई। पिछले वर्ष आपदा के बाद काफी कम मात्रा में यात्री केदारनाथ दर्शन को पहुंचे थे, लेकिन इस बार यात्रा सीजन अच्छा चलने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे वाहनों के साथ ही यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होने की उम्मीद है। ऐसे में सोनप्रयाग में वाहनों के लिए समुचित पार्किंग की व्यवस्था न होने से लगातार वाहनों का दबाव बढ़ रहा है। इससे आने वाले समय में सोनप्रयाग में वाहन पार्किंग की समस्या काफी बढ़ जाएगी। मंदाकिनी नदी के तट पर बनी अस्थायी पार्किंग पर बरसात के दौरान पानी बढ़ने से खतरा बढ़ रहा है। यहां बड़ी पार्किंग की जरुरत महसूस की जा रही है ताकि यात्रा सीजन में यात्रियों समुचित पार्किंग की व्यवस्था मिल सके। सोनप्रयाग में वाहनों की बड़ी पार्किंग, शापिंग कॉम्पलैक्स एवं हेलीपैड के लिए लगभग 65 करोड़ का प्रस्ताव शासन में प्रस्तावित तो है, लेकिन अभी धनराशि उपलब्ध नहीं हो सकी है। सोनप्रयाग में लगभग 65 करोड़ से बनने वाली स्थायी पार्किंग के साथ ही शापिंग कॉम्पलैक्स शासन में प्रस्तावित है। इसके अलावा, हेलीपैड का निर्माण भी होना है। पिछले वर्ष जैसे-तैसे कर अस्थाई पार्किंग का निर्माण किया गया है।

भूकम्प त्रासदी में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि

देहरादून, 27 अप्रैल(निस)। टीम अन्ना हजारे, किसान मंच, उत्तराखण्ड क्रांति दल व राज्य आंदोलनकारी संगठन द्वारा आज  गांधी पार्क  मंे भूकम्प त्रासदी मंे मारे गये लोगों तथा आत्महत्या कर रहे किसानों के प्रति शोकसभा आयोजित कर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही  दिल्ली मंे किसान स्व0 गजेन्द्र के हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। आज गांधी में सुबह 11 बजे से विभिन्न संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्रित हुए जहां उन्होंने भूकम्प मंे मारे गये लोगांे को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा घायलों के तुरन्त स्वास्थ्य लाभ की कामना की। कहा गया कि भूकम्प से क्षतिग्रस्त हुए  क्षेत्रों के पुर्ननिर्माण और आहत हुए लोगों  के जनजीवन को सुधारने के लिए बड़ी मदद की आवश्यकता है, जिसे मानवता के नाते पूरा किया जाना चाहिए।  श्रद्धांजलि देने वालों मंे भोपाल चैधरी, मनमोहन लखेड़ा, अनूप नेगी, मनोज ध्यानी, जबर ंिसंह पावेल, हीरा सिंह नेगी, अमर सिंह कश्यप, सुरेन्द्र भट्ट, स्वनिल सिन्हा, जितेन्द्र सिंह, पूजा सुब्बा, सुनीता क्षेत्री, उमा उपाध्याय, उषा भट्ट, गणेशी नेगी, जय सिंह राता, बासु सती, मनोज कुमार, अशोक नेगी उपस्थित रहे। वहीं  टीम अन्ना हजारे के प्रदेश कोर्डिनेटर एवं किसान मंच उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष भोपाल सिंह ने कहा है कि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी किसानों के वोट बटोरने के लिये एवं अपने प्रति सहानुभूति प्रकट करवाने हेतु गजेन्द्र को बलि का  बकरा बनाया गया था। जिससे सचमुच ही उसकी हत्या हो गयी। केजरीवाल अन्ना के नाम का बार-बार दुरूपयोग कर रहे है इसलिए अब टीम अन्ना चुप नहीं बैठेगी।  अब टीम अन्ना अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन करती रहेगी। उन्होंने किसान गजेन्द्र के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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बारह करोड की लागत से बनाई जा रही सडक गुणवत्तावीहीन नही हो रहा सुधार एस. ओ.आर की उडाई जा रही धज्जियां नगर पालिका प्रशासन एवं जिला प्रशाषन मोन 

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पन्ना नगर के प्रमुख स्थानो की चार सीसी रोड मुख्यमंत्री अद्योसंरचना के तहत बारह करोड की लागत से शाषन द्वारा स्वीकृत की गई थी उक्त सडको का ठेका झांसी के ठेकेदार लखन लाल गुप्ता के नाम है लेकिन उक्त कार्य पेटी पर कोई अन्य ठेकेदार करा रहा है तथा सडको के देख रेख एवं सुपरवीजन का कार्य नगर पालिका की जिम्मे है उक्त सडको के निर्माण को लेकर नगर की जनता में काफी उत्साह था की इस बार यह मुख्य सडके अच्छी एवं गुणवत्तायुक्त बनेगी जिससे लोगो ने एक वर्ष पूर्व अपने-अपने अतिक्मण भी स्वयं हटालिए थे जिसमें लोगो का भारी नुकशान भी हुआ था लेकिन लोगो का मनना था की नगर में एक बार अच्छी सीसी सडके बन जाने से हमेशा की समस्या खत्म हो जाएगी लेकिन उक्त सडको के निर्माण में नगर पालिका परिषद की भूमीका पूर्व से ही संदिग्ध रही है चूकीं सबसे पहले तो सडको की चैडाई ही कम कर दी गई फिर उसके बाद रही सही कसर निर्माण एजंेसी एवं ठेकेदार द्वारा की जा रही है मुख्य वेस में जहा नीचे की खुदाई करके मुरम एवं गिट्टी (हार्ड स्टोन) डालने का प्रावधन है उक्त स्थान पर मिट्टी युक्त चचरा डाल कर मुख्य वेस बनाया गया, जबकी जो चचरा डाला गया है वह शाषन द्वारा स्वीकृत एस.ओ.आर एवं एन.आई.टी. में दर्ज नही है, जिला अ।स्पताल के सामने हो रहे सडक निर्माण में जहा एक साइड साढें तीन फुट रोड निमार्ण में लोगो के विराध के बाद डीएलसीसी ठीक ठाक की गई लेकिन वर्तमान समय में दूसरी साइड टेकनिकल महा विद्यालय के सामने से लेकर बाद शाह साई ईद गाह तक बनाई गई डीएलसीसी रोड बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताविहीन है इस प्रकार ठेकेदार द्वारा सडक निर्माण में लापर वाही एवं गुणवत्तावीहीन कार्य को अंजाम दिया जा रहा है, उक्त निर्माण कार्य के लिए नगर पालिका द्वारा उपयंत्री विद्यासागर मिश्रा एवं आशिष तिवारी कांे नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा भी कार्य की मानीटिरिंग करने मे कोई रूची नही ली जा रही है तथा ठेकेदार मनमाने ढंग से कार्य को अंजाम दे रहे है, संबंधित उपयंत्रीयो द्वारा जिस स्थान पर सीसी रोड का मसाला तैयार होता है उसकी भी मानीटिरिगं की जानी चाहिए क्योकी, उपयोग किए जा रहे मटेरियल में सीमेन्ट के स्थान पर डस्ट मिलाने की जानकारी लगा तार प्राप्त हो रही है, गोर तलब पहेलू यह है की संबंधित सडको की एन.आइ.टी एवं एस.ओ.आर की जानकारी नगर पालिका परिसद की उपाअघ्यक्ष एवं पार्षदो द्वारा मागी गई थी लेकिन संबंधित तकनीकी अधिकारीयो ने आज तक उपलब्ध नही कराई।

तुलसी और कबीर आज भी प्रासांगिक हैं-डाॅ0 अजय तिवारी
  • भक्तिकालीन कविता का प्रभाव कालजयी है-डाॅ0 सतेन्द्र शर्मा

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पन्ना 27 अप्रैल 15/शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय में संत एवं भक्तिकालीन साहित्य एक पुनः मूल्यांकन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए विद्वानों ने भक्तिकालीन साहित्य की मीमांसा की। कार्यशाला का समापन करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ0 अजय तिवारी ने कहा कि तुलसी दास जी और कबीर दास जी की रचनाएं आज भी प्रासांगिक हैं। तुलसी ने रामचरित मानस की रचना करके भारतीय संस्कृति तथा साहित्य ही नही हर क्षेत्र के लिए मार्गदर्शन दिया है। उसमें समस्याओं का समाधान, भक्त और भगवान के संबंध, राजनैतिक व्यवस्था, आदर्श राज्य से लेकर सामाजिक एवं परिवारिक संबंधों तक की आदर्श व्याख्या है। रामराज की परिकल्पना तुलसी ने ही की थी। साहित्य का मूल संवेदना है। रामचरित मानस में काव्य के साथ-साथ जो जनमानस की संवेदना है उसके कारण वह आज भी विश्व का सर्वाधिक पढा जाने वाले ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि कबीर किसी से डरे नही। उन्होंने राज्य सत्ता, पंडित तथा धर्माचर्यो को जनविरोधी तथा धर्मविरोधी बातों के लिए फटकार लगाई। उनके जैसी निडरता से बात कहने वाला दूसरा कोई नही है। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन के लिए छत्रसाल काॅलेज को धन्यवाद देते हुए कहा कि पन्ना ने एक कठिन विषय पर शानदार कार्यशाला आयोजित की है। भक्तिकालीन साहित्य देश के साहित्य का स्वर्णकाल है। इसका जितना मंथन करेंगे उतने ही नये तथ्य और ज्ञान प्राप्त होगा। समापन सत्र में सतना से आए डाॅ0 सतेन्द्र शर्मा ने कहा कि माक्र्सवादियों ने तुलसी सहित पूरे भक्तिकाल के साहित्य को खारिज कर दिया था। डाॅ0 रामविलास शर्मा ने इसे पुनः स्थापित किया। भक्तिकाल के कवि और लेखक दूरदर्शी, साहसी और आमजनता की नब्ज पहचानने वाले थे। रामचरित मानस जैसे काव्य ने संकटकाल में लोगों को संबल देने के साथ रामराज की कल्पना और ज्ञान तथा भक्ति की धारा दी। निहित स्वार्थी तत्वों ने भक्तिकाल के कविओं और साहित्य को अपने लाभ के लिए जाति और धर्म के खांचे में बांटने की कोशिश की। राजनेताओं ने भी वोट की राजनीति के कारण इन्हें अपनाया या ठुकराया लेकिन भक्तिकाल हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना का नाम है। इस चेतना का बंटवारा संभव नही है। भक्तिकालीन साहित्य किसी राजा की यशोगाथा नही है। वह आमजन को धार्मिक अंधकार और राजनैतिक पराधीनता से मुक्त करने का प्रयास है। इसने व्यक्ति और समाज को बनाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस ने सामान्य से राजा के पुत्र राम को समाज में मर्यादा पुरूषोत्तम के रूप में स्थापित किया। कार्यशाला में छत्रसाल महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ0 टी.आर. नायक ने कहा कि जनमानस की मंगल कामना के लिए ही कार्यशाला का आयोजन किया गया। समापन के पूर्व विभिन्न सत्रों में भक्तिकालीन साहित्य पर विद्वानों अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में डाॅ0 बृजमोहन द्विवेदी, डाॅ0 एस.आर. दांगी दतिया, डाॅ0 जे.पी. मिश्रा, डाॅ. नीरज तिवारी, प्रो. संतशरण राठौर, डाॅ. बी.एल. जैन, डाॅ. कुसुमलता नई दिल्ली, डाॅ. रमेश कुमार सिंह, डाॅ. पी.पी. मिश्रा तथा डाॅ. वीरेन्द्र कुमार दीक्षित ने भक्तिकालीन साहित्य के संबंध में आलेख प्रस्तुत किए। समापन सत्र का संचालन डाॅ. जंगबहादुर सिंह ने किया। कार्यशाला का संयोजन डाॅ. उमा त्रिपाठी ने किया। कार्यशाला में डाॅ. एच.एस. शर्मा, डाॅ. पी.पी. गौर, डाॅ. ममता अग्रवाल सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। 

पन्ना में बाघों से सहज ही होगी भेंट-मुख्यमंत्री 

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पन्ना 27 अप्रैल 15/गत दिवस पर्यटन नगरी खजुराहो में प्रथम खजुराहो फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक रमेश शिप्पी का सम्मान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा राज्य है। यहां हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। फिल्म निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त स्थल तथा अनुकूल वातावरण मध्य प्रदेश में है। उन्होंने फिल्मकारों को मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण काय निमंत्रण देते हुए कहा कि हमारी परम्परा अतिथि देवोभव की है। यहां आपकों पूरी सुविधा मिलेगी। खजुराहो तथा पन्ना में अनेक मनोरम स्थल हैं। पन्ना में आपकी बाघों से सहज ही भेंट हो सकती है। पन्ना में कई सुन्दर मंदिर तथा प्राकृतिक स्थल फिल्मों की शूटिंग में उपयोग में लाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिए हम जल्द ही नई फिल्म नीति का निर्माण करेंगे। प्रदेश में जिन फिल्मों की 50 प्रतिशत से अधिक शूटिंग होगी उन्हें मनोरंजन कर में छूट दी जाएगी। फिल्मकार मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण करेंगे तो इस प्रदेश के हजारों व्यक्तियों को रोजगार का अवसर मिलेगा। यह अवसर उनका जीवन बदल सकता है। उन्होंने नेपाल सहित देश के कई प्रदेशों में आए विनाशकारी भूकंप में कालकवलित व्यक्तियों के प्रति शौक प्रकट किया। समारोह में मृतकों को मौन श्रद्धांजलि दी गई। समारोह में उस्ताद अलाउद्दीन खां के मैहर बैंड ने मध्य प्रदेश गान की सराहनीय प्रस्तुति दी। समारोह में पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, सांसद श्री नागेन्द्र सिंह, विधायकगण, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा सिनेमा की कई जानीमानी हस्तियां उपस्थित रही। 

विश्व पशुचिकित्सा दिवस पर किया गया पशुओं का टीकाकरण

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पन्ना 27 अप्रैल 15/जिला पशु चिकित्सालय परिसर में 25 अप्रैल को विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया गया। जिला पशु चिकित्सा संघ द्वारा इस अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन कर पालतू पशुओं का निःशुल्क टीकाकरण किया गया। समारोह में नगर पालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा तथा कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने भी भाग लिया। इस संबंध में संचालक पशुपालन डाॅ0 सुरेश चन्द्र वर्मा ने बताया कि विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर 103 पालतू पशुओं का निःशुल्क टीकाकरण किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा पशुओं के नस्ल सुधार, डेयरी उद्योग, पशुओं की विभिन्न बीमारियों से रक्षा तथा कृत्रिम गर्भाधान विषय पर चर्चा की गई। जिले में मिल्क रूट तैयार करने, दुधारू पशुओं के वैज्ञानिक तरीके से पालन पोषण एवं समूहों के माध्यम से डेयरी के विकास पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में डाॅ. एस.के. शुक्ला, डाॅ. वंदना सिंह, डाॅ. आर.पी.एस. बुन्देला, डाॅ. बी.एस. तिवारी, डाॅ. दीपेश सोनी, डाॅ. उमेश पटेरिया, डाॅ. सी.पी. चैरसिया, डाॅ. आर.के. शर्मा तथा डाॅ. अमिल कावडे सहित पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशुपालक उपस्थित रहे। 

अब मतपत्र में लगेंगे उम्मीदवार के फोटो

पन्ना 27 अप्रैल 15/निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार मतपत्र में अब उम्मीदवार के फोटो भी लगाए जाएंगे। इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक ओहरी ने बताया कि आगामी एक मई 2015 से लागू हो रहे नये अधिनियम के अनुसार डाक मतपत्र तथा सामान्य मतपत्र में उम्मीदवारों के विवरण के साथ उनकी फोटो भी मुद्रित की जाएगी। उन्होंने सभी एसडीएम तथा रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। 

जिला योजना समिति का हुआ पुर्नगठन

पन्ना 27 अप्रैल 15/गत दिवस जिला पंचायत सभागार में आयोजित निर्वाचन कार्यक्रम में एडीएम तथा पीठासीन अधिकारी अनिल खरे ने जिला योजना समिति के सदस्यों का निर्वाचन सम्पन्न कराया। इसमें जिला पंचायत सदस्यों से 10 तथा नगरीय निकाय के अध्यक्ष एवं पार्षदों से किया गया। निर्वाचन का संचालन जिला योजना अधिकारी बी.के. चैरसिया ने किया। निर्वाचन के समय जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रविराज सिंह, उपाध्यक्ष श्री माघवेन्द्र सिंह, नगरपालिका पन्ना अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा, जिला पंचायत के सभी सदस्य तथा नगरीय निकायों के अध्यक्ष एवं पार्षदगण उपस्थित रहे। इस संबंध में जिला योजना अधिकारी बी.के. चैरसिया ने बताया कि जिला योजना समिति में ग्रामीण क्षेत्र के लिए निर्धारित 10 प्रतिनिधियों के लिए जिला पंचायत सदस्यों में से 10 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित किए गए। इनमें जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रविराज सिंह, उपाध्यक्ष श्री माघवेन्द्र सिंह तथा जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ममता शर्मा, श्रीमती गिरजा बाई, श्री प्रहलाद लोधी, श्री कालीशरण, श्रीमती सीमा शाह, श्रीमती पूनम, श्रीमती माया यादव तथा श्री जगदीश सिंह शामिल हैं। नगरीय क्षेत्रों से जिला योजना समिति केे दो सदस्य चुने गए। इनमें नगरपालिका पन्ना से प्रतिनिधि के रूप में पार्षद श्री स्वामी प्रसाद मिश्रा निर्विरोध निर्वाचित किए गए हैं। नगरीय निकाय के पार्षदों में से एक सदस्य का जिला योजना समिति के लिए चुनाव पार्षदोें के बीच मतदान के द्वारा किया गया। मतदान तथा मतगणना के बाद श्री अश्विनी भटनागर पार्षद को निर्वाचित घोषित किया गया। इसके साथ ही जिला योजना समिति के सभी 12 सदस्यों का निर्वाचन सम्पन्न हुआ। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा की जाती है। समिति में जिले के सभी विधायकगण पदेन सदस्य होते हैं। 

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि, आवास मिशन में 3018 के घर के सपने को किया साकार

पन्ना 27 अप्रैल 15/ग्रामीण क्षेत्र के आवासहीनों को सर पर छांव देने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजना लागू की गई है। इस योजना में पन्ना जिले ने लक्ष्य से अधिक उपलब्धि हासिल करके प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। योजना के लिए निर्धारित 2 हजार 730 के लक्ष्य के विरूद्ध 31 मार्च तक 3 हजार 227 प्रकरण बैंकोें से स्वीकृत किए गए हैं। गत वित्तीय वर्ष में इस योजना से 3 हजार 18 हितग्राहियों के घर के सपने को साकार किया गया। इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में बैंकों में 4 हजार 405 प्रकरण प्रेषित किए गए। जिनमें लक्ष्य से अधिक उपलब्धि अर्जित की गई। इसके लिए उन्होंने बैंकों तथा विकास विभाग के अधिकारियों को बधाई दी है। श्री शुक्ला ने बताया कि ग्रामीण आवास मिशन के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए नई रणनीति बनाकर प्रयास किए गए। तहसीलदारों द्वारा नियमित रूप से आवासहीनों को भूमि के पट्टे जारी करके जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराया गया। पात्र हितग्राहियों के प्रकरण तैयार कर संबंधित बैंकों में नियमित रूप से भेजे गए। बैंकों में प्रत्येक बुधवार तथा गुरूवार को एडीईओ ने भ्रमण करके इन प्रकरणों की स्वीकृति के प्रयास किए। बैंक शाखा प्रबंधकों ने भी बिना देरी लगाए पात्र प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की। इन प्रकरणों का नियमित रूप से वितरण कराया गया। जिसके कारण योजना में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि प्राप्त हुई। योजना में सराहनीय कार्य करने वाले बैंेक शाखा प्रबंधकों तथा अन्य अधिकारियों को गणतंत्र दिवस समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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सामाजिक एवं पारिवारिक फिल्मों का हो निर्माण: श्री भार्गव

  • खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन हुये आकर्षक कार्यक्रम 
  • फिल्मकार एवं उद्योगपति श्री मनमोहन षेट्टी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार    

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छतरपुर/27 अप्रैल/आज के समय में ऐसी फिल्मों का निर्माण होना जरूरी है, जिन्हें पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सके। आज हमारा समाज एवं परिवार एक-दूसरे से दूर होता जा रहा है। ऐसे में यदि सामाजिक एवं पारिवारिक फिल्मों का निर्माण किया जाये, तो यह हमारे लिये बेहतर होगा। यह विचार प्रदेष के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय व निःषक्त कल्याण तथा सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने खजुराहो के षिल्पग्राम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दूसरे दिवस व्यक्त किये। उन्होंने इस अवसर पर म0प्र0 षासन की ओर से विख्यात फिल्मकार एवं  उद्योगपति श्री मनमोहन षेट्टी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। समारोह के दूसरे दिन आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ फिल्मों का भी प्रदर्षन किया गया। समारोह में दीप्ति नवल द्वारा निर्देषित फिल्म दो आने की धूप, चार पैसे की बारिष का प्रदर्षन किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन प्रयास प्रोडक्षन के प्रमुख अभिनेता एवं निर्देषक श्री राजा बुंदेला के समन्वय से मध्यप्रदेष षासन द्वारा कराया जा रहा है। इसके लिये वे बधाई के पात्र हैं। उन्हांेने कहा कि इससे न केवल खजुराहो का बल्कि पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र का महत्व बढे़गा प्रदेष की पहचान के साथ-साथ भारत को भी  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरव प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखण्ड में कई स्थान फिल्मों के निर्माण के लिये उपयुक्त हैं। प्ंाचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने इस फिल्म महोत्सव को अनवरत रूप से प्रतिवर्ष आयोजित कराने की भी बात कही। उन्होेंने कहा कि आज के समय में दर्षकों की रूचि के अनुसार फिल्मंे बनाई जाएं, तो फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। फिल्मों में लय, ताल एवं कहानी का विषेष ध्यान रखा जाना जरूरी है। बालीवुड का अस्तित्व बनाए रखना फिल्मकारों की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में एसडीएम श्री रविन्द्र चैकसे, देष-विदेष के फिल्मकार, प्रषासनिक अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

सीआर की जानकारी तीन दिवस में भेजें अधिकारी: अपर कलेक्टर
  • समय-सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देष

छतरपुर/27 अप्रैल/जिन अधिकारियों  ने अभी तक अपनी सीआर की जानकारी नहीं भेजी है, वे अधिकारी तीन दिवस के अंदर कलेक्टर को जानकारी भेजना सुनिष्चित करें। जानकारी प्राप्त नहीं होने पर सीआर समय पर न लिखे जाने की जबावदारी अधिकारियों की स्वयं होगी। यह निर्देष अपर कलेक्टर श्री एस सी गंगवानी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित टी0एल0 बैठक में अधिकारियों को दिये। अपर कलेक्टर श्री गंगवानी ने कहा कि जिले से जब भी कोई अधिकारी स्थानांतरित होता है या पदभार ग्रहण करता है तो उसकी जानकारी सीएम हेल्पलाइन के प्रभारी अधिकारी एवं प्रबंधक लोक सेवा गारंटी को अवष्य दें। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर पूर्व अधिकारी के पासवर्ड में ही षिकायतें जुड़ती जायेंगी। उन्होंने लंबित सीएम हेल्पलाइन, पीजी सेल एवं टीएल के प्रकरणों का षीघ्र निराकरण करने के निर्देष दिये। बैठक के दौरान सीएमएचओ डा. विनोद कुमार गुप्ता द्वारा जिला टास्क फोर्स की बैठक के माध्यम से अवगत कराया कि जिले में मिषन इन्द्रधनुष अभियान के तहत आगामी  7 मई से 14 मई तक द्वितीय चरण चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि बीमारियों से बचाव के लिये दो वर्ष तक के बच्चों का इस अभियान के तहत टीकाकरण किया जा रहा है। बैठक में एसडीएम श्री डी पी द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नीता राठौर, ईई, एमपीईबी श्री एस एन मिश्रा, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस श्री राहुल तिवारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जल उपभोक्ता संथाओं के निर्वाचन का कार्यक्रम जारी

छतरपुर/27 अप्रैल/जल संसाधन विभाग के तहत कुटनी बांध परियोजना अंतर्गत जल उपभोक्ता संथाओं देवीखेड़ा, धरमपुरा एवं बसंतपुरा के प्रादेषिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों के निर्वाचन हेतु कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसके तहत 28 अप्रैल से 1 मई तक अभ्यर्थियों द्वारा रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नाम-निर्देषन पत्र भरे जायेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 2 मई को की जायेगी। अभ्यर्थिता से नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 5 मई को अपरान्ह 3 बजे तक नियत है। संथा सदस्यों के निर्वाचन हेतु 17 मई को प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक वोट डाले जायेंगे। मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना कराई जायेगी, जबकि निर्वाचन परिणाम की घोषणा 19 मई को की जायेगी।  

एसडीएम बड़ामलहरा ने ली संकुल प्राचार्यों की बैठक 

छतरपुर/27 अप्रैल/अनुविभागीय अधिकारी, बड़ामलहरा चिरोंजी लाल चनाप ने तहसील सभाकक्ष, बड़ामलहरा में अनुविभाग अंतर्गत कार्यरत संकुल प्राचार्यों की बैठक ली। एसडीएम श्री चनाप ने बैठक में संकुल प्राचार्यों को निर्देष दिये गये कि 30 अप्रैल तक अपने संकुल अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र के आवेदन निर्धारित प्रारूप पर तैयार कर लोक सेवा केंद्र में जमा करा दें। इसके अतिरिक्त स्कूल चलें हम अभियान 2015-16 के तहत 6 से 14 साल के सभी बच्चों की सूची तैयार करने की कार्यवाही 9 मई तक पूरी करने हेतु निर्देषित किया गया। बैठक के दौरान अनुपस्थित रहे संकुल प्राचार्यों जे पी सोनकिया, गीता षर्मा एवं के पी सिंह के निलंबन हेतु प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारी को भेज दिया गया है। 

खेल प्रषिक्षण षिविर हेतु बैठक 29 को

छतरपुर/27 अप्रैल/प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन खेल प्रषिक्षण षिविर का आयोजन मई माह के पहले सप्ताह से जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय सहित ग्रामीण स्तर पर किया जायेगा। षिविर आयोजन की आवष्यक तैयारी एवं आधारभूत व्यवस्थाओं हेतु 29 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जायेगी। इस दौरान सभी संबंधितों से उपस्थित रहने की अपील की गई है।    

जल का संरक्षण/परिरक्षण आवश्यक है:- पी.के. गुरू

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छतरपुर- उक्त उद्गार महाराजा महाविद्यालय छतरपुर में विगत दिवस भूजल रिचार्ज/संग्रहण पर एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री पी.के. गुरू ने व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मल्र्यापण कर पूजा-अर्चना से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि/मुख्य वक्ता श्री पी.के. गुरू का माल्र्यापण द्वारा स्वागत डाॅ. बी.एल. कुम्हार ने किया। विशिष्ट अतिथि भूजल विशेषज्ञ श्री अनिल खरे एवं श्री अविनाश खरे का माल्र्यापण द्वारा स्वागत क्रमशः एम.एस-सी भूगर्भशास्त्र की छात्राओं जाग्रती जैन एवं श्रद्धा शुक्ला ने किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष संस्था के प्राचार्य डाॅ. एल.एल. कोरी का माल्र्यापण कर स्वागत डाॅ. के.एल. पटेल ने किया। स्वागत भाषण एवं कार्यशाला के विषय का प्रर्वतन आयोजन सचिव डाॅ. पी.के. जैन ने दिया। मुख्य अतिथि श्री पी.के. गुरू ने पावर पाइन्ट प्रजेन्टेशन द्वारा भूजल के संरक्षण एवं परिरक्षण विषय पर अपने ब्याख्यान में बोलते हुए बतलाया कि छतरपुर जिले में जल की कुल आवश्यकता 2220.39 मैट्रिक क्यूविक मीटर (एम.सी.एम) है जबकि वर्तमान जल की उपलब्धता 700 एम.सी.एम है। छतरपुर जिले के लिए कुल 25.4 प्रतिशत जल की आवश्यकता है जिसमें से 24.86 प्रतिशत सिंचाई के लिए तथा 0.605 प्रतिशत पेयजल के लिए आवश्यक है। शहरी क्षेत्र के लिए पेयजल की आवश्यक मात्रा 19.67 एम.सी.एम प्रतिवर्ष है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह मात्रा 34.84 एम.सी.एम प्रतिवर्ष है। जबकि शहरी क्षेत्र के लिए पेयजल की उपलब्धता 135 लीटर प्रतिदिन है तथा ग्रामीण क्षेत्र मंे पेयजल की उपलब्धता 70 लीटर प्रतिदिन है। श्री गुरू ने बतलाया कि भूजल का उपयोग कम करे सतहीय वर्षाजल को रोकर उसका उपयोग करे, वाटर टेबिल को नीचे जाने से रोकने के लिए विभिन्न विधियों के द्वारा कृतिम पुनः भरण के द्वारा भूजल को रिचार्ज कर सकते है। कृतिम पुनः भरण के लिए जो संरचनायें विद्यार्थी, प्राध्यापकगण बनवाना चाहते हो उसके लिए तकनीकी सहयोग/सहायता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी जा सकती है। विशिष्ट अतिथि श्री अनिल खरे ने बोलते हुए बतलाया कि भूजल संवर्धन के लिए विभिन्न संरचनाओं की आवश्यकता इसलिए पड़ रही है क्योंकि जरूरत से ज्यादा पानी का अपव्यय हो रहा है, शहरी क्षेत्र में जल का अपव्यय ज्यादा होता है इसलिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर में रिचार्ज संरचनायें बनाना चाहिए। इसके लिए रिचार्ज शाफ्ट/डग वैल का उपयोग कर सकते है। दूसरे विशिष्ट अतिथि अविनाश खरे ने बतलाया कि सिंचाई की विधियों में परिवर्तन कर ड्रिप इरीगेशन, स्पिंक्लिर जैसी नई विधियों को अपनाकर जल की बचत कर सकते है। जिससे जल की उपलब्धता बढ़ेगी तथा फसल का उत्पादन भी बढ़ सकेगा। आयोजन सचिव डाॅ.पी.के जैन भी पावर पाईन्ट प्रेजिन्टेशन के द्वारा विभिन्न संरचनाओं के द्वारा भूजल के आर्टीफिसियल रिचार्ज की जानकारी प्रदान की इन संरचनाओं को छतरपुर जिले में विभिन्न वाटर शैड परियोजनाओं के माध्यम से बनाकर भूजल रिचार्ज किया जा रहा है। अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्था के प्राचार्य डाॅ.एल.एल. कोरी ने सभी प्रतिभागियों से वक्ताओं द्वारा बतलायी गई विधियों को अपना कर जल की बचत करना चाहिए। इस अवसर पर डाॅ. बी.एल. कुम्हार, डाॅ. एम.एस. विमल तथा एन.एस.एस. के छात्र प्रशान्त खरे, अरविन्द निषाद एवं लोकेश रावत ने भी जल बचत कर पर्यावरण को संरक्षित करने के बारे में बतलाया।कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापकों/सहा. प्राध्यापकों, एन.एस.एस., एन.सी.सी. के छात्र तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों द्वारा कार्यशाला में सहभागिता की गई। कार्यशाला के आयोजन में विशेष रूप से डाॅ. ओम प्रकाश साहू, डाॅ. ए.के. सक्सेना, डाॅ. के.एल. पटेल, डाॅ. एम.सी. अवस्थी, डाॅ. ममता पाठक, का विशेष सहयोग रहा। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. एम.एस. विमल ने किया। कार्यशाला का संचालन डाॅ. पी.के. जैन ने किया।

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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समय-सीमा की बैठक सम्पन्न

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सीधी 27 अप्रैल 2015 कलेक्टर सीधी विषेष गढ़पाले की अध्यक्षता में साप्ताहिक विभिन्न विभागों के विकास कार्यों एवं लम्बित प्रकरणों का निराकरण सम्बन्धी समय सीमा अन्र्तगत निपटारा करने के समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने पिछले बैठक की कार्यवाही पूर्ण न होने के कारण जिले के अधिकारियों के कार्य में असंतोष व्यक्त किया। कलेक्टर ने लम्बित प्रकरणों का त्वरित निराकरण नही करने वाले अधिकारियों को कडी फटकार लगाते हुए कहा कि अगामी बैठक में अद्यतन जानकारी तैयार कर स्वयं उपस्थित होगें। जिस विभाग की प्रकरण से सम्बन्धित जानकारी पूर्ण नही होने की स्थिति सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देषित किया है कि लापरवाह कर्मचारियों एवं अधीनस्थ अधिकारियों की निलम्बन की कार्यवाही करने का प्रस्तावित करें। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को विषेष जोर देते हुए कहा कि अविवादित राजस्व प्रकरणों पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि त्वरित निराकरण करें। जिले के कुछ अधिकारियो द्वारा अद्यतन जानकारी के साथ न लाने पर उनको नोटिस देने का निर्देषित किये। जिला पेन्षन अधिकारी सीधी को लम्बित पेन्षन प्रकरण निराकृत न होने के कारण कहा कि सम्बन्धि विभाग प्रमुखो को नोटिस के माध्यम से अवगत करायें कि जल्द से जल्द लम्बित पेन्षन प्रकरण का निराकण करें अथवा निलम्बन की कार्यवाही प्रस्तावित करें। कलेक्टर ने षिक्षाा अधिकारी को कहा कि छात्रवृत्ति लम्बित है तो सम्बन्धित प्राचार्यों को निलम्बन की कार्यवाही करें इसी तरह सिविल सर्जन जिला चिकित्षालय सीधी द्वारा स्पताल में मरीजो एवं उनके देख रेख करने वाले सहायकों को ठण्डा पानी न मिलने के कारण बन्द पडे बाटर कूल का सुधार करवाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीधी को नोटिस देने का निर्देष दिये।

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (27 अप्रैल)

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22 निःशक्तजनो को अब प्रतिमाह मिलेगी 5 सौ रुपये की राशि

27 अप्रैल/जिले के 22 निःशक्तजनो को बहुविकलांग पेंशन स्वीकृत की गई है। इसके तहत अब अन्हे प्रतिमाह 5 सौ रुपये पेंशन की राशि सीधे बैंक खाते के माध्यम से मिला करेगी। इस योजना से लाभान्वित होने वालो में 4 हितग्राही नगर पालिका बड़वानी क्षेत्र के, 5 हितग्राही जनपद पंचायत पानसेमल क्षेत्र के, 13 हितग्राही जनपद पंचायत ठीकरी क्षेत्र के है।  उप संचालक सामाजिक न्याय जयराम अहिरवार से प्राप्त जानकारी अनसुार जिनकी पेंशन स्वीकृत हुई है, उनमें बड़वानी नगर के महेश श्रीराम, मनोज लक्ष्मीनारायण, कैलाश तुकाराम, सारा सैयद, ग्राम मतराला के अख्तर पठान, जैतपुरा की योगिता ज्ञानसिंग, निसरपुर के रक्षक गणेश, बालझिरी की लता शिवदास एवं प्रकाश शिवदास, नंदगांव के गोरा सुनील, सेगवाल की कमलाबाई शंकर, लखनगांव के राजेश देवराम, लोहारा की ललिता जगदीश एवं भूरी नरसिंग, ब्राम्हणगांव के अनिल मांगीलाल, ममता विश्वास, ओमप्रकाश रेवाराम, रमेश रेवाराम, नंदकिशोर रेवाराम, पारू कोरपी, अकलेश किशोर, सीमा गिरधारी सम्मिलित है। 

तकनीकी कारणो से बंद हेण्डपम्पो को तुरंत सुधारा जाये-कलेक्टर

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बड़वानी 27 अप्रैल/सोमवार को हुई समय सीमा बैठक में कलेक्टर रविन्द्रसिंह ने पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री एसके पटवा को निर्देशित किया कि गर्मी के मद्देनजर सुनिश्चित किया जाये कि जिले में कही पर भी कोई हेण्डपम्प या जल वितरण व्यवस्था किसी तकनिकी कारणो के कारण बंद न रहें अगर जल सतह गिरने के कारण बंद हेण्डपम्पो में पाईप की संख्या बढ़ाकर उन्हे पुनः उपयोगी बनाया जा सकता है, तो ऐसा तुरंत किया जाये। इसी प्रकार नल-जल योजनाओ पर भी सतत् नजर रखकर उन्हे सतत् क्रियाशील बनाये रखा जाये। बैठक के दौरान कलेक्टर रविन्द्रसिंह ने पीएचई विभाग के अधिकारी को आदेश्ाित किया कि हेण्डपम्प मैकेनिकी क्षेत्र में खराब हेण्डपम्प की शिकायत प्राप्त होने के तुरंत पश्चात् उसे सुधार रहे है यह अपने विभागीय इंजीनियरो के माध्यम से सुनिश्चित किया जायें वही कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित समस्त एसडीएम सहित अन्य विभागो के जिला अधिकारियो को भी निर्देशित किया कि वे भी अपने दौरे के दौरान ग्रामीणो से पेयजल उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करे, और अगर कही पर खराब हेण्डपम्प की जानकारी या पेयजल उपलब्धता में परेशानी बताई जाती है तो तत्काल इसकी जानकारी कार्यपालन यंत्री पीएचई के मोबाईल नम्बर 94250-55098 पर दे। 

प्रमाण पत्र नही देने वाले संकुल प्राचार्यो का रूका वेतन
सेामवार को हुई टाईम लिमिट बैठक में स्कूल विद्यार्थियो के बनने वाले जाति प्रमाण पत्रो की निरंतरता की समीक्षा करते हुए कलेक्टर रविन्द्रसिंह ने जिला कोषालय अधिकारी जितेन्द्र मण्डलोई को निर्देशित किया कि वे संकुल प्राचार्यो का वेतन तब तक आहरित न करे, जब तक उनके वेतन बिल में, यह प्रमाण पत्र न लगा हेा कि उन्होने अपने संकुल क्षेत्र में स्थित समस्त स्कूलो में बनने वाले जाति प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन शत प्रतिशत लोक सेवा केन्द्रो में जमा करा दिये है। साथ ही अपने शिक्षको के माध्यम से उनका सत्यापन करवा दिया है। साथ ही कलेक्टर ने समस्त एसडीएम एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को भी निर्देशित किया कि वे अपने स्तर से इस कार्य की सतत् समीक्षा करे, जिससे स्कूल विद्यार्थियो को जल्दी से जल्दी जाति प्रमाण पत्र बनाकर आॅनलाईन किया जा सके। 

अवकाश के दौरान शिक्षण संस्थानो में करवाया जाये शौचालय निर्माण
टाईम लिमिट बैठक में कलेक्टर ने डीपीसी दीपक आर्य को निर्देशित किया कि शिक्षण संस्थानो में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यार्थियो की उपस्थिति व आवश्यकतानुसार शौचालयो का निर्माण प्रारंभ करवाकर पूर्ण करवाया जाये। जिससे नवीन शिक्षा सत्र से विद्यार्थियो को इन निर्माण कार्यो का लाभ मिलने लगे। इसके साथ ही कलेक्टर ने प्रभारी डीपीसी को यह भी निर्देशित यिका कि वे निर्माण कार्यो के प्रारंभ करवाने के पूर्व यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करे कि यह निर्माण कार्य वही प्रारंभ करवाया जाये, जहां पर इसकी आवश्यकता है। 

नेपाल भूकंप: मृतकों की संख्या 3725 पर पहुंची, 15000 तक जाने की आश्ंका

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हिमालय की तराई में बसे पड़ोसी देश नेपाल में 81 वर्ष बाद शनिवार को आये विनाशकारी भूकंप के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3725 हो गयी है और छह हजार से अधिक लोग घायल हैं। आशंका जतायी जा रही है कि मृतकों की संख्या 15 हजार से ऊपर जा सकती है। इस बीच, युद्ध स्तर पर चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में बारिश और मौसम खराब होने के कारण काफी मुश्किलें आ रही हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों से संपर्क नहीं जोड़ पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों की संख्या पांच हजार के पार जाने की आशंका है। 

हालांकि भूकंप पीड़ितों की मदद कर रहें मानवीय सहायता संगठन ‘केयर इंटरनेशनल’ के अभियान का निर्देशन कर रहे रेक्स केसेनबर्ग ने मरने वालों की संख्या 15 हजार से ऊपर जाने की आशंका जताते हुए बताया कि दूरदराज के कुछ गांवों में 70 से 90 फीसदी मकान तबाह हो चुके हैं। पिछले तीन दिन से भूकंप के लगातार आ रहे झटकों से भयभीत लोग काठमांडू से पलायन कर रहे हैं। शहर से बाहर जाने वाली सभी सड़कों पर जाम लग गया है। लोग बसों, कारों, ट्रकों और परिवहन के अन्य साधनों से यहां से निकलने का प्रयास कर रहे हैं। यहां स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शहर से निकलने के इच्छुक लोगों की लंबी कतारें लगी हुयी हैं। नेपाली पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने आज बताया कि मलबा हटाये जाने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जतायी है। खाद्य एवं पेयजल के लिए लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं और दवाइयों एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। देश के मुख्य सचिव लीला मणि पौडेल ने कहा “पीड़ितों को राहत मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है। 

हम अन्य देशों से राहत सामग्री एवं चिकित्सा दल भेजने का आग्रह करते हैं। हमें इस संकट से निकलने के लिए विदेशों से और अधिक मदद की जरूरत है।” कल भी भूकंप के झटके लगने से घर-बार छोड़कर खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर लोगों के लिये बारिश ने और मुश्किलें पैदा कर दी हैं। बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य में भी बाधा आ रही है तथा मलबा हटाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। भारतीय मौसम विभाग ने नेपाल में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश का अनुमान जताया है। विभाग ने बताया कि देश के लगभग सभी हिस्सों में हल्की अथवा तेज बारिश होगी। राजधानी काठमांडू और पूर्वी क्षेत्रों में भारी बारिश होने का अनुमान है।

नेपाल में आए भूकंप के झटकों से भारत में 72 लोगों की मौत

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नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप और उसके असर से भारत के कयी हिस्सों में महसूस किए गए तगडे झटकों से अबतक 72 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप का केन्द्र काठमांडू के पास लामजुंम में स्थित होने के कारण नेपाल से सटे भारत के कुछ प्रांतों पर इसका जबरदस्त असर दिखाई दिया। सबसे ज्यादा 57 लोग बिहार में मारे गए जबकि उत्तर प्रदेश में 12 पश्चिम बंगाल मे तीन और राजस्थान में एक व्यक्ति मारा गया। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि भूकंप के कारण राज्य में 200 लोग जख्मी भी हुए हैं। इसके अलावा नेपाल गए भारतीय नागरिकों में दस से अधिक के भूकंप में मारे जाने की भी खबर है। इसमें असम से नेपाल यात्रा पर गयी असम की 7 महिलाएं भी शामिल है। 

केंद्र सरकार ने भूकंप में मारे जाने वाले लोगों केे परिजनों के लिए मुअावजा राशि बढ़ाकर छह लाख रुपए कर दी है। केंद्र सरकार ने इसके लिए राष्‍ट्रीय आपदा राहत कोष से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधन कर दिया है। संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण मृत्‍यु होने की स्थिति में मुआवजा राशि 1 लाख 50 रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, भूकंप में गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय राहत कोष से बतौर मुआवजा 50,000 रुपये देने की घोषणा भी की गई है। इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया है कि नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों में से अब तक 2500 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नेपाल में राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक राष्ट्रीय आपदा कार्य बल (एनडीआरएफ) की दस टीमें भेजी जा चुकी है, छह टीमें और भेजी जा रही है। भारतीय बचाव दल ने वहां अब तक मलबे से दस लोगों को जीवित निकाला है। 

उन्होंने कहा कि वहां अब तक 50 टन खाद्य सामग्री, 50 टन पानी, 1400 कम्बल, 40 तम्बू, तथा चिकित्सा दल के साथ दो टन दवाएं भेजी जा चुकी है और यह सिलसिला जारी है। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक माह का वेतन भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार श्री मोदी अपने एक माह का वेतन भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में देंगे। नेपाल में शनिवार को भूकंप के तगडे झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 7 दशमलव 9 मापी गयी थी। यह झटके इतने जोरदार थे कि इसका असर बिहार अौर बंगाल समेत समूचे उत्तर भारत में महसूस किए गए। शनिवार के बाद रविवार और सोमवार को भी उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में भूंकप के हल्के झटके आए। इस बीच सरकार ने भविष्य में ऐसी किसी आपदा से निबटने के लिए राहत और बचाव योजना को दुरूस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।

सोनिया ने नेपाली प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर व्यक्त की समवेदना

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को पत्र लिखकर वहाँ भूकंप से बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की घटना पर दुख प्रकट किया है। श्रीमती गांधी ने अपने पत्र में लिखा, “नेपाल में भीषण भूकंप तथा उसके बाद बड़ी संख्या में आए हल्के झटकों के कारण देश में मची तबाही से मुझे गहरा दुख पहुँचा है।” उन्होंने कहा, “हजारों की संख्या में लोगों के मारे जाने तथा चारो और तबाही के मंजर को देख कर हम शोकाकुल है और मैं अपनी तथा पूरी कांग्रेस पार्टी की तरफ से नेपाल की जनता को समवेदना व्यक्त करती हूँ।” 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दोनों देशों के बीच एतिहासिक संबंध है और भारत तथा नेपाल की जनता के बीच एक स्वभाविक अपनापन भी है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस भारतीय वायुसेना तथा सेना द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो का तहेदिल से समर्थन करती है।” श्रीमती गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा तथा माधव के नेपाल को भी पत्र लिखकर समवेदनाएं व्यक्त की ।

भूकंप से नेपाल में मारे गये बिहारियों और बिहार में मारे गये नेपालियों को भी मिलेगा मुआवजा : नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि भूकंप में नेपाल में मरने वाले बिहारियों और बिहार में मरने वाले नेपाली नागरिकों को भी राज्य सरकार चार-चार लाख रूपया मुआवजा देगी । श्री कुमार ने यहां मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव आपदा, सचिव ऊर्जा एवं राहत कार्यों से जुड़े सभी महकमों के प्रधान सचिवों के साथ भूकम्प पीड़ितों के बीच चलाये जा रहे राहत कार्यों  की करीब तीन घंटे तक लगातार समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार के वैसे मृतकों के परिजनों को भी चार-चार लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान सरकार देगी, जिनकी मृत्यु नेपाल में भूकम्प से हो गयी है। इसके साथ ही नेपाल के नागरिक जिनके संबंधी बिहार में हैं तथा भूकम्प के दौरान बिहार में उनकी मृत्यु हुयी है, उन्हें भी चार-चार लाख रूपये का सरकार अनुग्रह अनुदान देगी ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्य पूरी मुस्तैदी से चलाये जा रहे हैं और आगे भी चलाये जायेंगे । उन्होंने कहा कि आज राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गयी। अभी तक सभी जिलों के जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से प्राप्त सूचना के अनुसार भूकम्प से मरने वालों की संख्या 57 है। वहीं घायलों की संख्या दो सौ के करीब है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुये हैं उसके पुनर्निर्माण के लिये सहायता राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी मंत्री और विभागीय सचिव अपने प्रभार वाले अपने-अपने जिलों में कैम्प कर रहे हैं तथा पूरी मुस्तैदी से चल रहे राहत कार्यों का अनुश्रवण कर रहे हैं। जो लोग भूकम्प से प्रभावित हुये हैं या जिन्हें चक्रवाती तूफान से नुकसान पहुंचा है. वैसे परिवारों से मिलकर उन्हें राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है। श्री कुमार ने कहा कि राहत कार्यों के निष्पादन के लिए पूर्णिया में विशेष जिलाधिकारी की पदस्थापना की गयी है और आज वरीय पुलिस पदाधिकारी के रूप में एक पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जहां भूकम्प से ज्यादा क्षति की सूचना नहीं आयी है, वहां भी कैम्प लगाकर एक-एक गांव में मुआयना के बाद गृह क्षति, फसल क्षति के मुआवजा और राहत वितरण में तेजी लायी जाये । मुख्यमंत्री ने कहा कि पक्के एवं बहुमंजिले मकान जो क्षतिग्रस्त हुये हैं या जिनके भवनों की दीवारों एवं छतों में दरार आ गयी है, ऐसे भवनों का सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरों की टीम गठित कर की जा रही है। ऐसे भवनों को जी- 1, जी- 2, जी- 3, जी- 4, जी- 5 श्रेणी में चिह्नित किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि जी- 1, जी- 2 श्रेणी के मकानों में लोग रह सकते हैं। जी- 3, जी- 4 और जी- 5 के मकानों से कुछ सामान निकालना है तो लोग निकाल सकते हैं लेकिन उसमें रह नहीं सकते हैं। 

झारखंड में मैट्रिक और इंटर विज्ञान का परीक्षाफल जारी

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झारखंड में आज शाम मैट्रिक, इंटर विज्ञान और वाणिज्य का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया। राज्य की मानव संसाधन मंत्री नीरा यादव और झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने यहां मैट्रिक, इंटर विज्ञान और इंटर वाणिज्य का परीक्षाफल जारी किया।

झारखंड में मैट्रिक में 71.02 प्रतिशत छात्र और छात्राएं सफल रहे जबकि इंटर विज्ञान में 63.88 और इंटर वाणिज्य में 73.99 प्रतिशत छात्र और छात्राएं सफल रहे। परीक्षाफल को नेट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है और साइबर कैफे में परीक्षा परिणाम जानने को लेकर छात्रों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
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