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मोगा बसकांड को लेकर संसद में हंगामा

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संसद में मंगलवार को दोनों सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मोगा बस मामले पर हंगामा हुआ. हंगामे की भेंट चढ़े सदन में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव भी दिया, जिसे स्पीकर ने तत्काल खारिज कर दिया. हालांकि हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित की गई.

मोगा बस कांड की आंच से राज्यसभा में भी माहौल गर्म रहा, वहीं लोकसभा में जेडीयू ने नीतीश कुमार को नेपाल यात्रा की अनुमति नहीं मिलने का मामला उठाया. सदन में जीएसटी और रीयल एस्टेट रेगुलेशन बिलों पर भी घमासान के आसार हैं. लोकसभा में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल पर चर्चा होनी है. जबकि विपक्ष से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने मंत्रियों के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई. सदन में पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद हैं.

रीयल एस्टेट रेगुलेशन बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश होना है. लेकिन मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसिबत ऊपरी सदन में अल्पमत है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने दोनों सदनों में जीएसटी बिल के विरोध का फैसला किया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि वह रीयल एस्टेट बिल का भी विरोध करेंगे. विपक्ष की रणनीति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कैबिनेट की बैठक बुलाई. मंत्रियों के कोर ग्रुप में जीएसटी और रीयल एस्टेट बिल के अलावा काले धन से जुड़े बिल पर चर्चा हुई. जबकि कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने बुधवार को सुबह 9:15 बजे कांग्रेस संसदीय दल की बैठक बुलाई है.





प्रधानमंत्री मोदी 14 को जाएंगे चीन, 12 महीने में 16वां विदेश दौरा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14-19 मई तक चीन, मंगोलिया और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर रहेंगे। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा कर दी। पिछले साल 26 मई को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी 15 देशों के दौरे कर चुके हैं। इस दौरान वे करीब 40 दिन विदेश में रहे। मोदी का पिछला दौरा फ्रांस, जर्मनी और कनाडा का था। देश में मोदी के 50 से ज्यादा दौरे हुए हैं। वे 12 बार महाराष्ट्र और आठ बार जम्मू कश्मीर गए हैं। मोदी जिस रफ्तार से विदेश यात्रा कर रहे हैं, उससे लगता है कि वह सबसे ज्‍यादा विदेश दौरा करने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे।

मनमोहन सिंह ने दस साल में जितने विदेश दौरे किए, मोदी उसका आधा एक साल में ही कर रहे हैं. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 के बीच प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 10 साल के शासन के दौरान 40 देशों के कुल 70 से ज्यादा दौरे किए। यूपीए-1 की सरकार के वक्त 30 और यूपीए-2 की सरकार के वक्त उन्‍होंने 40 विदेश दौरे किए।  

मोदी एक साल में 15 देशों के दाैरे कर चुके हैं। मोदी की विदेश यात्राओं की सूची में 3 और देश चीन-मंगोलिया-साउथ कोरिया की यात्रा के बाद जुड़ जाएंगे। यही रफ्तार रही तो मोदी 5 साल में कम से करीब 90 विदेश दौरे कर चुके होंगे। विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि यात्रा के पहले चरण में मोदी चीन जाएंगे। वहां वह जियान, बीजिंग और शंघाई की यात्रा करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री चीन के प्रमुख नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत में शामिल होंगे। साथ ही सांस्कृतिक और व्यावसायिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री चीन में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री 17 मई को मंगोलिया पहुचेंगे। किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली मंगोलिया यात्रा होगी।
दक्षिण कोरिया में मोदी 18 और 19 मई को रहेंगे। वे सियोल में प्रधानमंत्री पार्क जियुन ह्ये और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। चीन यात्रा को लेकर मोदी काफी उत्‍साहित हैं। उन्‍होंने सोमवार को चीन की सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट वीबो भी ज्‍वॉइन की थी और कहा था कि वह चीन के लोगों से बातचीत करना चाहते हैं। एक ही दिन में वीबो पर मोदी के करीब 30 हजार फॉलोअर्स बन गए। हालांकि, कई ने उन पर नस्‍लभेदी कमेंट्स भी किए।

प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा की शुरुआत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के गृहनगर जियान से करेंगे। खबरों के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति मोदी का यहां उसी तरह का शानदार स्वागत करेंगे, जिस तरह जिनपिंग के अहमदाबाद आगमन के दौरान प्रधानमंत्री ने किया था। सिंतबर में चीनी राष्ट्रपति और उनकी पत्‍नी पेंग के भारत दौरे के वक्त मोदी ने अहमदाबाद में दोनों को झूले की सवारी करवाई थी। वे उन्हें साबरमती आश्रम भी ले गए थे, जहां जिनपिंग और मोदी ने चरखा भी चलाया था।

मोदी की यात्रा के दौरान भारत चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे और घरेलू उत्पादों की बाजार तक पहुंच के मुद्दे उठाएगा। चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2013-14 में 37.8 अरब डॉलर रहा, जबकि द्विपक्षीय व्यापार 65.85 अरब डालर का रहा। विशेषज्ञ बढ़ते घाटे को चिंताजनक बता रहे हैं। भारत चीन से वाहनों और फार्मास्युटिकल्स सहित घरेलू उत्पादों के चीन के बाजारों में पहुंच बढ़ाने के मुद्दे पर भी बातचीत करेगा। इस बात पर भी नजर होगी कि चीन का निवेश किस तरीके से भारत लाया जा सकता है।

सीमा विवाद : भारत और चीन के बीच सीमा का विवाद 2 हजार किलोमीटर के दायरे में है, जिसके अधिकांश भाग में अरुणाचल प्रदेश आता है। भारत का कहना है कि विवादित सीमा 4 हजार किलोमीटर के दायरे में है। खासकर इसमें अक्साई चीन शामिल है जिसपर चीन ने 1962 के युद्ध में कब्जा कर लिया था। वियतनाम में तेल की खोज का मामला : भारतीय तेल कंपनियां दक्षिण चीन सागर में वियतनाम के समुद्री क्षेत्र में तेल की खोज में लगी हुई हैँ। दक्षिण चीन सागर में सीमा को लेकर चीन और वियतनाम के बीच विवाद है। चीन का आरोप है कि भारत ने चीनी सीमा में अपने संयंत्र लगाए हैं। चीन ने भारतीय कंपनियों को हाल ही में धमकी भी दी थी। उम्मीद की जा रही है कि भारत चीन के साथ बातचीत में इस मुद्दे को उठा सकता है।औद्योगिक गलियारे का रोडमैप : मोदी और जिंगपिंग भारत-बांग्लादेश-म्यांमार-चीन के बीच औद्योगिक गलियारा बनाने को लेकर बनी सहमति को भी मूर्त रूप देने के बारे में भी बात कर सकते हैं।

सीटों के बंटवारें को लेकर बिहार में आरजेडी और जेडीयू के बीच चल रहा विवाद सुलझा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोकने की चाह में बने जनता परिवार में काफी समय से चली आ रही रार अब खत्म होती दिखाई दे रही है। खबरों के मुताबिक बिहार में सीटों के बंटवारें को लेकर आरजेडी और जेडीयू के बीच चल रहा विवाद सुलझा लिया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू और आरजेडी के बीच 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने की डील हुई है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक जनता परिवार के विलय के बाद एक नाम, एक झंडा और एक चुनाव चिन्ह को लेकर निर्णय लिए जा चुके हैं। अब केवल इनकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। खबरों के मुताबिक बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एकीकृत पार्टी का सीएम उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इस पर विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे हैं। वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पार्टी का संयोजक बनाया जा सकता है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को पहले ही पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया जा चुका है।

एकीकृत पार्टी का नाम समाजवादी जनता दल और चुनाव चिन्ह साइकिल होने की संभावना है। पार्टी के पार्टी के झंडे में दो लाल पट्टी के बीच एक हरी पट्टी होगी, जिस पर साइकिल का निशान होगा। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को निर्विरोध राज्यसभा में पार्टी का नेता चुना गया है, जबकि आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दकी बिहार में जनता परिवार की कमान संभालेंगे। अब्दुल बारी सिद्दकी को लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता है।  

जेडीयू और आरजेडी के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है। साथ ही सहयोगियों के लिए भी सीटें तय हो गईं है। दोनों दलों में 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर सहमति बनी है। वहीं 43 सीटें गठबंधन के दलों कांग्रेस और सीपीआई के लिए छोड़ दी गई हैं। गौरतलब है कि बीजेपी को मात देने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए बीते दिनों जनता परिवार का गठन किया गया था। समाजवादी पार्टी, जेडीयू, आरजेडी, समाजवादी जनता पार्टी और आईएनएलडी ने इस महाविलय की घोषणा की थी।

AAP के 350 कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में इस्तीफा दिया

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आम आदमी पार्टी से बाहर हुए नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए महाराष्ट्र के 350 आप कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस्तीफा दे दिया. आप की महाराष्ट्र इकाई की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य मारुति भापकर ने कहा,350 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आप से इस्तीफा दिया और यह आंकड़ा बढ़ सकता है. 

भापकर ने पुणे में सामूहिक इस्तीफा कार्यक्रम की अगुवाई की. उन्होंने कहा, 'हम देश भर में स्वराज की अवधारणा सच्चे अर्थों में बनाए रखने में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का हाथ मजबूत करने के लिए अब उनके साथ हैं.'उन्होंने कहा, 'आप तथाकथित नेता अरविंद केजरीवाल की संवेदनशीलता के बारे में सोच सकते हैं, जिनकी आंखों के सामने एक किसान मर गया और वह राजनीतिक भाषण देते रहे.'

भापकर ने कहा, 'न सिर्फ पुणे बल्कि मुंबई , नासिक, पिंपड़ी-चिंचवाड़, औरंगाबाद, नवी मुंबई आदि स्थानों से भी कार्यकर्ता आप से इस्तीफा देने के लिए पुणे आए थे.'हालांकि एक वरिष्ठ आप नेता ने इन इस्तीफों को कमतर आंकते हुए कहा कि इससे पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रवि श्रीवास्तव ने कहा, 'महज मुट्ठीभर पार्टी कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं और उनमें कोई वरिष्ठ नेता या कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं. मैं नहीं समझता कि इससे पार्टी पर कोई असर पड़ेगा.'वहीं आप के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष वारे से इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया, क्योंकि वह अहमदनगर में जिला कार्यकर्ताओं की एक बैठक कर रहे थे.

और प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने मायुष होकर तोड़ दिए उपवास

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  • महिलाओं ने शर्बत पिलाकर उपवास तोड़वाया, चार दिनों तक न मंत्री आए और न ही संतरी

ekta-parishad-rajgopal-fast
भोपाल। यहां के नीलम पार्क में प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक राजगोपाल पी.व्ही. उपवास कर रहे थे। प्रसिद्ध गांधीवादी मायुष होकर उपवास तोड़ दिए। महिलाओं ने शर्बत पिलाकर उपवास तोड़वाया। मगर सीएम और अधिकारियों के बर्ताव से हताश दिखे। गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह करने वालों को तवज्जों ही नहीं दिया गया। अब नए सिरे से आंदोलन करने का शंखनाद किया गया है। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि संगठन के सभी मांगों पर राज्य सरकार ने निर्णय नहीं लिया है, इसलिए अब गांव-गांव में पोस्टकार्ड लिखो अभियान चलाया जाएगा। 15 अगस्त को सांसदों एवं विधायकों का घेराव, 11 सितंबर को जिला स्तरीय प्रदर्शन एवं रैली का आयोजन और 2 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में चक्का जाम किया जाएगा।अब देखना है कि सरकार का रवैया किस प्रकार का रहता है। 

जी हां, यहां के नीलम पार्क में प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक राजगोपाल पी.व्ही. उपवास कर रहे थे। मध्यप्रदेश ही एकता परिषद की कार्य स्थली रही है। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एकता परिषद को जानते और पहचानते हैं। और तो और सीएम चौहान बुनियादी मुद्दों से भी परिचित हैं। जब सीएम अमेरिका प्रवास में थे। तब उन्होंने 2007 में अमेरिका से जनादेश में शामिल पदयात्रियों को टेलिफोन से ही संबोधित किए थे। बहुत अच्छा लगा कि सात समंदर दूर रहने पर भी सीएम आदिवासियों को भूले नहीं हैं। और न ही वनवासी लोगों को वनभूमि में बसाने संबंधी निर्णय को अमल करने का वादा ही छोड़े हैं। सभी लोगों को उम्मीद बनी थी। हमलोगों के सीएम जल,जंगल और जमीन के मुद्दे का समाधान कर देंगे। देखते ही देखते 8 साल गुजर गए। परन्तु सीएम आदिवासियों की समस्या दूर नहीं कर सके। सीहोर जिले के नसरूल्लागंज के डोंगलापानी गांव से आए खुमान सिंह बारेला आदिवासी ने बताया कि उनके गांव के लगभग 200 लोग पीढ़ियों से वन भूमि पर खेती करते आ रहे हैं, पर जब उन्होंने वन अधिकार के तहत पट्टे के लिए दावा किया तो उसे निरस्त कर दिया गया। पूछने पर अधिकारी यह नहीं बताते कि दावा निरस्त क्यों हुआ और उनका अधिकार कैसे मिलेगा?अब सीएम भी अधिकारियों के राह पर अग्रसर हो गए हैं।चार दिवसीय उपवास करने वालों की सुधि लेने सीएम नहीं आए और न अधिकारियों को ही आदेश दिए कि कुछेक लोगों को बुलाकर लाए और सीएम वार्ता करेंगे। 

प्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं किए जाने और किसानों से जमीन छिनकर उद्योगपतियों के हवाले करने के लिए बनाए जा रहे कानून के खिलाफ एकता परिषद द्वारा आयोजित धरने एवं उपवास को देश भर से समर्थन मिला। कई दशक से गांधीवादी विचारक राजगोपाल पी.व्ही. किसानों और मजदूरों के बीच में कार्यरत और आंदोलनरत हैं। जैसे खुमान सिंह प्रदेश में लाखों आदिवासी, किसान एवं वंचित समुदाय के लोग जमीन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हमसे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संवाद के लिए संपर्क किया गया था। जब हम कल उनसे मिले तो हमने कहा कि पहले के विस्थापितों का पुनर्वास हो और जमीन संबंधी समस्याओं का निराकरण किया जाए, तब नई योजनाओं को लाया जाए। पर हम देख रहे हैं कि गरीबों को अधिकार देने के बजाए एक के बाद एक आ रही कंपनियों को जमीन दी जा रही है और उनके लिए नियम बनाए जा रहे हैं। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आपके पास समय नहीं है तो सामाजिक संगठनों के साथ राज्य, जिला एवं तहसील स्तर पर सरकार एक सशक्त समिति का गठन करे, जो इन समस्याओं का त्वरित समाधान करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि समस्या पर टास्क फोर्स गठित करेंगे और भूमि सुधार आयोग बनाएंगे। हम देखना चाहते हैं कि सरकार इस पर कितनी जल्द अमल करती है। हम सरकार पर नैतिक दबाव देने के लिए यहां उपवास पर बैठे हैं, पर यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हम संख्या बल के आधार पर प्रदर्शन करेंगे।

एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रन सिंह परमार ने कहा कि पिछले 10 सालों में हमने कई बड़े राष्ट्रीय आंदोलन कर भारत सरकार को भूमि सुधार के लिए मजबूर किया, जिसके बाद सरकार ने कुछ काम किए और कुछ अधूरे हैं, पर उस अनुरूप मध्यप्रदेश में भूमिहीनों के लिए काम नहीं हुआ। आज भी वंचितों को अधिकार देने के बजाए उन्हें सरकारी कर्मचारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। किसान नेता शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने में 72 किसानों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश में साढ़े 13 लाख भूमि संबंधी प्रकरण चल रहे हैं, जिससे किसान, आदिवासी एवं भूमिहीन परेशान हैं। फसलें बर्बाद होने किसानों को बीमा की राशि नहीं मिली रही है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसमें अपने हिस्से की राशि जमा नहीं की है। उद्योगपतियों पर ध्यान देने वाली सरकार गरीबों एवं किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है। 

तो जल्द ही अभिजात्य वर्ग की गिरफ्त में होगी पत्रकारिता भी....!!

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क्या गीत - संगीत व कला से लेकर राजनीति के बाद अब लेखन  व पत्रकारिता के क्षेत्र में भी जल्द ही  ताकतवर अभिजात्य  वर्ग का कब्जा होने वाला है। क्या बड़े - बड़े लिक्खाड़ इस वर्ग के पीछे वैसे ही घूमते रहने को मजबूर होंगे , जैसा राजनीति के क्षेत्र में देखने को  मिलता है। क्या यह क्षेत्र अब तक इस वर्ग की धमक से काफी हद तक इस वजह से बची रह पाई है क्योंकि इसमें उतना पैसा व प्रभाव नहीं है। ये बातें मेरे जेहन में हाल में हुए अपने शहर के नगर - निगम चुनाव को नजदीक से देख कर हुआ।

पाई - पाई का मोल भला कलम चला कर आजीविका चलाने वाले से ज्यादा अच्छी तरह कौन समझ सकता है। अब एेसे बेचारों के सामने यदि कोई लाख - करोड़ की बातें एेसे करे मानो दस - बीस रुपए की बात की जा रही हो, तो हालत बिल्कुल भूखे पेट के सामने छप्पन भोग की बखान जैसी ही होगी। मेरी भी कुछ एेसी ही  हालत है। दरअसल अभी कुछ दिन पहले ही मेरे शहर का नगर निगम चुनाव संपन्न हुआ है। विधानसभा और संसदीय चुनाव को मात देने वाले इस चुनाव में ताकतवर- अभिजात्य वर्ग का दखल साफ नजर आया। कहने को तो चुनाव में खर्च की अधिकतम सीमा महज 30 हजार रुपए तक तय थी। लेकिन सच्चाई यह है कि हारे हुए उम्मीदवार भी चुनाव में 20 से 25 लाख तक खर्च हो जाने की दुहाई देते हुए अब अपने जख्मों को सहलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके दावों में अतिशयोक्ति की जरा भी गुंजाइश नहीं है। क्योंकि गांव से कुछ बड़े स्तर के इस चुनाव में धन बल व जन बल का प्रभाव साफ देखा गया। बड़े - बड़े कट आउट से लेकर दर्जनों कार्यकर्ताओं के भोजन - पानी  व मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किए गए खर्च को जोड़ कर हिसाब किया जाए तो इतना खर्च स्वाभाविक ही कहा जाएगा। सवाल उठता है कि क्या एेसी परिस्थिति में  चंद हजार में गुजारा करने वाला कोई  साधारण व्यक्ति चुनाव लड़ने की हिम्मत कर सकता है। 

क्या इसका मतलब यह नहीं कि समाज के दूसरे क्षेत्रों की तरह राजनीति में भी अब अभिजात्य व कुलीन वर्ग का पूरी तरह से दबदबा कायम हो चुका है। कुछ दशक पहले तक कुछ क्षेत्र एेसे थे, जिनमें नैसर्गिक प्रतिभा का ही बोलबाला था। माना यही जाता था कि मेधा , बुद्धि व क्षमता वाले इन क्षेत्रों में तथाकथित बड़े घरों के लोगों की नहीं चल सकती है। बचपन में एेसे कई नेताओं को नजदीक से देखा भी जो बेहद तंगहाली में जीते हुए अपनी - अपनी पार्टी की नुमाइंदगी करते थे। कुलीन व पैसे वालों की  भूमिका बस पर्दे के पीछे तक सीमित रहती थी। लेकिन देखते ही देखते एक के बाद एक हर क्षेत्र में पैसे की ताकत सिर चढ़ कर बोलने लगी। जिसके पास पैसा व ताकत उसी के पीछे दुनिया वाली कहावत हर तरफ चरितार्थ होने लगी। ग्राम प्रधानी से लेकर सभासदी के जो चुनाव महज  चंद हजार रुपए में लड़े और जीते जाते थे, आज इसके पीछे लोग लाखों रुपयों का निवेश करने को खुशी - खुशी राजी है। सवाल उठता है कि आखिर गांव - मोहल्ला स्तर के इन पदों में एेसा क्या है जो लोग इसके पीछे बावले हुए  जा रहे हैं। क्या सचमुच समाज में प्रतिष्ठा की भूख इतनी मारक हुई जा रही है कि लोग इसके पीछे लाखों खर्च करने से गुरेज नहीं कर रहे या मामला कुछ दूसरा है।

जानकारों का मानना है कि आज के दौर में एक सभासद को उसके पांच साल के कार्यकाल में साधारणतः डेढ़ करोड़ रुपए तक मिलते हैं। सीधा गणित यह है कि अपने कार्यकाल के दौरान 50 लाख रुपए की विकास राशि जनता पर खर्च कर करीब एक करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ इसमें अर्जित किया जा सकता है। जो किसी दूसरे क्षेत्र में संभव नहीं है। इसके साथ ही पद को मिलने वाले मान - सम्मान का फायदा अलग। एक के बाद एक सभी क्षेत्रों में अभिजात्य व ताकतवर वर्ग के कायम होते प्रभुत्व को देखते हुए पता नहीं क्यों मुझे लगता है  जल्द ही लेखन व पत्रकारिता के क्षेत्र में एेसे लोगों का ही दबदबा कायम होता जाएगा।देश में शीर्ष स्तर पर इसकी बानगी दिखाई भी देने लगी है। 







तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934 
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और दैनिक जागरण से जुड़े हैं। 

विशेष : बड़ा पद न सही उसके छोटे-मोटे काम तो होने ही चाहिए

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सत्ता-परिवर्तन के तुरन्त बाद सत्तारूढ़ पार्टी से किसी भी तरह से जुड़े छोटे-बड़े नेता,कार्यकर्ता,हमदर्द आदि का यह सोचना स्वाभाविक है कि नई सरकार से उसे कुछ प्रसाद अवश्य मिलना चाहिए।वह यह भी सोचता है कि उसी की मेहनत अथवा सदिच्छाओं से सत्ता-परिवर्तन हुआ है,अतः बड़ा पद न सही उसके छोटे-मोटे काम तो होने ही चाहिए।सत्तापक्ष के लिए परेशानी यहीं से शुरू होती है।अपने विश्वास-भाजनों को पुरस्कृत/उपकृत करने की भारी मशक्कत में बहुत सावधानी,समझ और तार्किकता बरतने के बावजूद कुछ के काम नहीं हो पाते या फिर उन्हें बड़े पद नहीं मिल पाते।जिस को मिला वह खुश और जिसको नहीं मिला, वह नाख़ुश।मेरी समझ में अरुण शौरी की नाखुशी भी कुछ-कुछ इसी तरह की है।सत्ता प्राप्त करने के बाद सन्तुष्टों/असंतुष्टों और सत्ता-लोलुपों के बीच सामञ्जस्य बिठाना कोई बाएं हाथ का खेल नहीं है। हर सरकार के समक्ष यह चुनौती का विषय रहा है।

किसी भी पार्टी का कार्यकर्त्ता या नेता अगर मन की भड़ास निकालने के लिए बीच चौराहे पर घर के मैल को धोता है तो उसकी पार्टी के प्रति निष्ठाएँ संदेह के घेरे में आजाती हैं और यह काम प्रायः वही करता है जिसकी पार्टी के प्रति आस्थाएं/प्रतिबद्धताएँ कच्ची अथवा लचीली होती हैं और जो पार्टी से कुछ 'उपहार'पाने की आशा से पार्टी में आया हुआ होता है।हर पार्टी की मजबूरी यह रहती है कि उसे ऐसे सेवाभावी और समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए जगह निकालनी पड़ती है जो समय-असमय या फिर दुर्दिनों में भी पार्टी के साथ एकनिष्ठ रहे हों।जिन्होंने वाजिब मुद्दों पर धरने दिए हों,डंडे खाये हों,सभा-सम्मेलनों में झाझमे बिछायी/समेटी हों या फिर जेल गए हों आदि।सत्ता में परिवर्तन ऐसे ही लोग लाते हैं और फिर बाद में ऐसे ही लोग 'पुरस्कृत'भी होते हैं।बिना सुदृढ़ राजनीतिक पृष्ठभूमि या सेवाभाव वाले ‘भद्रजन’ अपने मतलब के लिए जैसे अचानक अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, वैसे ही अचानक भुला भी दिए जाते हैं.

लाख टक्के का सवाल यह है कि अगर शौरीजी को मंत्री अथवा किसी अन्य गरिमाशाली पद से नवाज़ा गया होता,तब भी क्या वे ऐसे ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा कर देते?



शिबन कृष्ण रैणा
अलवर
संपर्क  : 9414216124

विशेष आलेख : कठिन है ढाई घर की चाल की शह को समझना

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अरुंधति राय का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। प्रतिरोध की संस्कृति को खड़ा करने में उन्होंने जो भूमिका निभाई है उससे उनकी प्रमाणिकता स्वयं सिद्ध है। इन दिनों वे जाति व्यवस्था के खिलाफ बहुत ही तीखे ढंग से मुखर हैं। पहले उन्होंने गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल के कार्यक्रम में इस देश में जातिवादी प्रेरणाओं से संचालित मीडिया की कार्यशैली को आड़े हाथों लिया। इसके बाद फारवर्ड प्रेस के देश की राजधानी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में दलित बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था गुलामी और रंगभेद से भी अधिक बदतर है।

बुद्धिजीवियों का एक तबका सोलहवीं लोकसभा चुनाव के पहले से ही यह स्थापित करने की चेष्टा में लगा हुआ है कि नरेंद्र मोदी जैसे महाकाय जननेता के राजनीतिक क्षितिज पर उभरने के साथ ही भारतीय राजनीति एक नए युग में प्रवेश कर गई है जिसमें जातिवादी भावनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। इसके बाद हाल में कराए गए एक सर्वे से इस तरह के फरेब को और मजबूती देने में मदद मिली। उक्त सर्वे के अनुसार अस्सी प्रतिशत ब्राह्म्ïाण और इससे कुछ कम लेकिन आधे से भी ज्यादा क्षत्रिय अभी भी मोदी को सर्वश्रेष्ठ नेता मानते हैं। जाहिर है कि अगर घनघोर सवर्ण एक बैकवर्ड को अपने जनमानस के सिंहासन पर भी विराजमान किए हुए हैं तो इसका अर्थ यही होना चाहिए कि इस समय जातिवाद को पूरी तरह तिलांजलि दी जा चुकी है किंतु तथ्यों की सरलीकृत व्याख्या से वही लोग गुमराह होते हैं जिन्हें यह पता नहीं है कि भारतीय समाज में सीधी चालें नहीं चली जातीं बल्कि शतरंज की ढाई घर चालें इसका भविष्य तय करती हैं। यह चालें आम तौर पर अदृष्ट रहती हैं जिससे सामने वाला खिलाड़ी का दिमाग आसानी से उसके मोहरे को मिल रही शह को नहीं भांप पाता और इस चूक में उसके मोहरे मात खा जाते हैं।

बौद्ध धर्म के साथ क्या हुआ। इस धर्म में एक समय सुनियोजित ढंग से उन लोगों ने दीक्षा ली जो तथागत बुद्ध के समतावादी उद्घोष के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने बौद्ध धर्म में शामिल होकर इसे खोखला किया। अंततोगत्वा तख्ता पलट में कामयाब होते ही इस धर्म के सर्वनाश के लिए इतने क्रूर दमनकारी विधान चला दिए कि जिनका कोई और तानाशाही शासन सानी नहीं रखता। एक बौद्ध भिक्षु का सिर काट लाने पर एक स्वर्ण मुद्रा इनाम में देने का तालिबानी फरमान दुनिया में सबसे पहले भारत की धरती पर सुना गया। एक ओर भारतीय संस्कृति के बारे में दुहाई दी जाती है कि यह अहिंसा और शांति की सबसे प्रबल पक्षधर है। वहीं इस संस्कृति में धार्मिक कथाएं पूरी तरह भीषण महायुद्धों और रक्तपात से ओतप्रोत हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किन प्रेरणाओं की निमित्त बनती रही होंगी। ओज और वीर रस के ऐसे संचार में जुटे लोग दयावान हो सकते हैं। यह मानना प्रवंचना ही होगी। यह दूसरी बात है कि मानसिक रूप से हिंसक भावना रखने का मतलब साहसी बन जाना नहीं हो सकता जिसकी वजह से अगर कोई ऐसी भावनाओं को मूर्त रूप देने में इतिहास में सफल नहीं हो पाया है तो इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि वह अहिंसावादी या हिंसा विरोधी है।

बहरहाल यह मार्केटिंग का युग है। पूरी दुनिया में मुनाफाखोरी के लिए जिन हथकंडों को इस्तेमाल किया जाता है उनमें धार्मिक साहित्य में उल्लिखित मायावी युद्ध के मिथक का साकार रूप देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यायाधीशों के सम्मेलन में न्याय पालिका से एनजीओ द्वारा दायर कराई जाने वाली जनहित याचिकाओं में धारणा के आधार पर फैसले देने से बचने की जो गुजारिश की थी उसके पीछे मायावी युद्ध के प्रहारों का संत्रास उनकी जुबान से व्यक्त हो रहा था। एनजीओ के माध्यम से किसी दूसरे देश में औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा अपने ही हितों के विरुद्ध नीतियां बनाने का माहौल तैयार किया जाता है ताकि उपनिवेशवादी शक्तियों के स्वार्थों और हितों की पूर्ति हो सके। भारत में विवेकवान लोग हाल के कुछ दशकों में परंपरागत नैतिक धारणाओं के विरुद्ध हुए अनर्थकारी बदलावों के साक्षी हैं लेकिन वितंडावाद इस ढंग से घटाटोप बनाता है कि विवेकवान लोग असहाय हो जाते हैं और जनता में उनके सचेत करने के प्रयासों का कोई असर नहीं होता। भारत की जातिवादी शक्तियां तो इसमें पहले से ही निष्णाथ हैं इसलिए देशकाल के हिसाब से अपने ढांचे की रक्षा के लिए रंग बदलने में उनका कोई जवाब नहीं है। मोदी की जाति क्या है इसका कोई मतलब नहीं है। समझने वाली बात यह है कि उन्हें संचालित करने वाली वर्गीय शक्तियां कौन सी हैं। संघ परिवार में उन्हें जो दीक्षा मिली है उसके संस्कारों के वशीभूत वे संस्कृति के नाम पर उन विचारों और कर्मकांडों से सम्मोहित हैं जिनकी सशरीर परिणति जातिगत ऊंचनीच की विषैली भावनाएं समाज में सहज रूप में इंजक्ट करने की होती है।

वर्ण व्यवस्था कुछ लोगों की सामाजिक सत्ता का निर्माण करती है और हर सत्ता की तरह यह सत्ता भी संक्रमणकाल में उन लोगों की शिनाख्त करने में सक्षम है जो उत्पीडि़त वर्ग से होकर भी उनके लिए  विभीषण के रूप में इस्तेमाल हो सकेें। रूप के आधार पर चरित्र का निर्धारण नहीं होता असल महत्व तासीर रखती है। बर्फ इसका उदाहरण है जो रूपगत आधार पर ठंडी होती है लेकिन उसका प्रभाव शरीर में गर्मी पैदा करने वाला होता है। डा. राममनोहर लोहिया ने पिछड़ों में बांधी गांठ सौ में पावें साठ का नारा दिया था। डा. लोहिया स्वयं सवर्ण थे और उनकी यह धारणा बिल्कुल नहीं थी कि वे जातिगत पिरामिड को उल्टा करें ताकि उत्पीडि़त वर्ग को सवर्णों से इतिहास में हुए अन्याय का बदला लेने का मौका मिल सके। फ्रांस की राज्य क्रांति के विचारों और लोकतांत्रिक समाजवाद की धारणाओं के प्रभाव में होने की वजह से उनके मन में भारत को आदर्श राष्ट्र राज के रूप में ढालने के जो सपने थे उसमें वर्ण व्यवस्था उन्हें सबसे बड़ी रुकावट लगती थी। इस कारण वे सत्ता में सर्व प्रतिनिधित्व पूर्ण व्यवस्था बनाना चाहते थे ताकि जातिगत विशेषाधिकारों का कोई महत्व न रह जाए लेकिन उनके आंदोलन के प्रभाव से मुलायम सिंह जैसे जो नेता सत्ता के शिखर पर पहुंचे उन्होंने इस मंतव्य को पूरा करने की बजाय जातिवादी किले को और मजबूती प्रदान करने में भूमिका अदा की। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह का प्रभाव इसलिए लगातार मजबूत नहीं हुआ कि उनके साथ सारे पिछड़े गोलबंद थे। उनके बार-बार सत्ता में पहुंचने में सवर्ण समर्थन ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने से वर्ण व्यवस्था के दुर्ग में जो प्रकंपन पैदा हुआ था उसे शांत करने में मुलायम सिंह ने उस कालखंड में जाने अनजाने में बहुत प्रभावी भूमिका निभाई थी। इसके बाद वर्ण व्यवस्थावादी शक्तियों ने उन्हें इस्तेमाल करने की गुंजायश भांप ली। मुलायम सिंह ने जब बसपा के साथ गठबंधन करके प्रदेश विधान सभा चुनाव लडऩे का फैसला किया था उस समय सतही व्याख्या कारों को यह गलतफहमी हो गई थी कि वर्ण व्यवस्था का निर्णायक अंत उनका मकसद है। हालांकि वर्ण व्यवस्थावादी ताकतें उस समय भी जानती थीं कि यह समझौता अल्पकालिक है और ऐसा ही हुआ। मुलायम सिंह ही नहीं आज पक्ष में हों या विपक्ष में अधिकांश पिछड़े वर्ग के नेता जजमानी का अधिकार पाकर वर्ण व्यवस्था से लडऩे की बजाय उसका पोषण करने में अपने को कृतार्थ समझ रहे हैं।

वैसे तो मायावती जैसी दलित नेता भी निर्णायक अवसर पर पक्षद्रोह के लिए कलंकित हो चुकी हैं लेकिन वर्ण व्यवस्था के अलंबरदारों के लिए पिछड़ी जातियों का समाज उतना बड़ा खतरा नहीं है जितना दलित जातियां हैं। दलित मुक्ति आंदोलन की लंबी परंपरा में इस समुदाय ने अपने वैकल्पिक प्रतीक, धर्म, साहित्य व महापुरुष विकसित कर लिए हैं। इस तरह से वे वर्ण व्यवस्था से अलगाव में काफी दूर तक जा चुके हैं जबकि पिछड़ों के साथ ऐसा नहीं है क्योंकि उन्होंने अपने को ऐसी वैकल्पिक आस्थाओं से नहीं जोड़ा जिसकी वजह से परंपरागत आस्थाओं में अपने को गर्क कर लेना उनकी नियति साबित हुई। आज हाल यह है कि वे वर्ण व्यवस्था की रक्षक सेना के सेनापति बनकर दलितों के दमन में प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने जैसा कदम इसका उदाहरण है। दूसरी ओर भारत सरकार के सचिवों और राज्यपालों आदि की नियुक्तियों में मोदी सरकार द्वारा दलितों की उपेक्षा भी इसी प्रभाव के परिणाम के रूप में देखी जा रही है। वर्तमान राजनीतिक परिवेश में दलित निरंतर हाशिए की ओर खिसकते जा रहे हैं। यह एक हकीकत है।

कोंस्टीट्यूशनल क्लब की ऊपर उल्लिखित गोष्ठी का विषय था दलित साहित्य और अन्याय जनित क्रोध से वर्ण व्यवस्था का मुकाबला लेकिन इसमें अरुंधति राय ने यह भी कहा कि न्याय भावना का जो सौंदर्य है क्रोध में उससे परे होकर प्रतिक्रियावाद को हावी होने से बचना होगा ताकि किसी तरह के बौनेपन की झलक आप लोगों के आचरण में उत्पन्न न हो पाए। अरुंधति राय की इस सलाह पर भी गौर किया जाना चाहिए। वर्ण व्यवस्था के उन्मूलन के पीछे कानून के शासन की मनोभूमि राष्ट्रीय जनमानस में निर्मित करने का लक्ष्य सर्वोपरि रखा जाए तभी यह जद्दोजहद रचनात्मक क्रांति के रूप में फलित होना संभव है।




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के पी सिंह
ओरई 

विशेष : सम्पादक जी ! छूंछ पैलगी जिव झन्न...

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मेरा आलेख आप अपने लोकप्रिय समाचार-पत्रों में प्रकाशित करते रहते हैं, देखता-पढ़ता हूँ, बड़ा आनन्द मिलता है। कभी-कभार मेरी फोटो भी छाप दिया करें, तब इस उम्र में जीने की चाहत और भी बढ़ जाएगी। जवानी की फोटो तो तत्समय के पाठकों ने देखा है, वर्तमान के लिए आपकी मेहरबानी चाहिए। डियर एडिटर सर- आप को बैठे बिठाए मुझ जैसा पृष्ठ पोषक फ्री-फोकट में मिल जाता है। हाँ जी मुझे अच्छी तरह मालूम है कि जितने भी लेखक/समीक्षक हैं वह अपना नाम और प्रकाशित आलेख देख/पढ़कर खुश हो जाते होंगे। लेकिन एक मैं ही हूँ, जिसे आप से ढेर सारी अपेक्षाएँ हैं। 

आप का मूड अपसेट भी हो सकता है मेरे द्वारा प्रेषित आलेखों का प्रकाशन ठप्प करवा सकते हैं, मैं क्यों बुरा मानूँ, यह तो आप का अधिकार है। आप अपना काम करें और मैं बतौर कलमघसीट अपना। आप के बारे में बहुत सुनता हूँ, कि आप विद्वान व्यक्ति हैं, स्वाभिमानी हैं। आप की गणना धाकड़ सम्पादकों में की जाती है। यही सब सुनकर मुझे यह आस बँधी है कि चार दशक के लेखन काल में अब मेरे भी अच्छे दिन आने वाले हैं। मेरा आलेख मेरी फोटो के साथ प्रकाशित होगी, साथ ही आप द्वारा निर्धारित नीति के तहत मुझे पारिश्रमिक भी मिल सकता है, ऐसी स्थिति में मैं यह नहीं कहूँगा कि सम्पादक जी! छूंछ पैलगी जिव झन्न।  

हे धाकड़, स्वाभिमानी, निडर, निर्भीक, निष्पक्ष सम्पादक मेरी जाति पर मत जाना। जातिवाद से ऊपर उठकर बस इतना समझो कि मैं एक पत्रकार/मीडिया परसन हूँ यही मेरी जाति है। यदि ऐसा सोचोगे तो मुझे अपना स्वजातीय ही मानोगे। कृपा कर कुछ उल्टा-सीधा अर्थ मत लगाना। मैं वही हूँ जो तुम हो। मैं ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र नहीं मैं तो एक कलमकार हूँ। तुम भी एक कलमकार ही हो मेरे स्वजातीय। रहम करो, भेदभाव मत रखो। 

समाचार-पत्र के सम्पादकीय पृष्ठ पर मेरे आलेखों को स्थान देने से कम से कम एक प्रति का ग्राहक तो बढ़ेगा, वह मैं स्वयं हूँगा। वैसे वर्तमान के पाठक सम्पादकीय पृष्ठ बहुत कम ही देखते हैं। इन्हें कथित विद्वानों के चिन्तन, समीक्षात्मक लेखों के प्रति कम ही रूचि होती है। व्यंग्यादि लेख बड़ी रोचकता से पढ़े जाते हैं। हालाँकि मेरा लेखन किस स्तर का है, इसे या तो पाठक या फिर आप ही समझ सकते हैं। असली-आलोचक/विश्लेषक तो पाठक ही होता है। बुरा न मानें चूँकि आप सम्पादक हैं, तो छापने के पहले आप का नजरिया भी जरूरी है। 

मैं और मेरे जैसे अन्य भाई/बिरादर यदि पाठकों की अभिरूचि का ध्यान नहीं देंगे तो समझिए कि किसी भी प्रकाशन का बेड़ा गर्क हो सकता है। क्लिष्ट भाषा और शैली में लिखे आलेखों को पढ़ने का समय किसी के पास नहीं है। तनावभरी जिन्दगी में पाठकगण सीधा सरल भाषा में लिखा हल्का-फुल्का आलेख जिस के पढ़ने के लिए मस्तिष्क पर ज्यादा बोझ/दबाव न डालना पड़े वही पसन्द करते हैं। बड़े-बड़े कथित नामचीन लेखकों के दिन लद चुके हैं। मीडिया/समाचार-पत्रों में यदि क्लिष्ट भाषा शैली का प्रयोग करके लेखकगण अपनी विद्वता प्रदर्शित करने का मोह नहीं छोड़ेंगे, तब तो समझिए कि वह लोग अनर्थ कर रहे हैं, जिसे क्लिष्ट भाषा शैली पढ़नी होगी, वह अखबार न पढ़कर हिन्दी के प्राचीन लेखकों को पढ़ेगा। 

जी नहीं मैं कोई नसीहत नहीं दे रहा, आपसे आशा/प्रत्याशा की चर्चा करते हुए विषयान्तर करने की गलती नहीं करूँगा। मैं तो मात्र इतना ही कहूँगा कि आप के प्रकाशन का पोषण मैं बहैसियत एक कलमकार करूँगा और आप से अपेक्षा करता हूँ कि उसके एवज में कुछ मुझे भी प्रदान करें ताकि लेखन के क्षेत्र में जीवित रहकर पाठकों और आपकां खुश रख सकूँ। आप बोर हों और मुझसे कुपित हो जाएँ ऐसा कदापि नहीं चाहता हूँ। यह समझिए कि हम दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों हाथों से ही ताली बजती है। तालियाँ बजती रहें इसके लिए दोनों हाथों को एक्टिव होना पड़ेगा।

मानव हूँ, भोजन तो करूँगा ही- ऐसा न कर पाने की स्थिति में प्राणहीन हो जाऊँगा। सम्पादक एक संवेदनशील प्राणी माना जाता है। आप में सभी गुण हैं। आप के प्रकाशन से सम्बद्ध मुझ जैसों की समस्या एक सी हो सकती है, परन्तु मेरे बारे में विस्तृत जानकारी करने पर आप को हकीकत पता चल जाएगी कि मेरा कथन कितना सत्य और असत्य है। मैंने महसूस किया है कि लाखों रूपए प्रतिमाह कमाने वाले शौकिया लेखन कार्य कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी मंशा सुस्पष्ट है कि शोहरत अर्जित करें- मैं तो खाँटी कलमकार हूँ, जिसे आप जैसों की कृपादृष्टि ही स्वस्थ और जीवित रख पाएगी। सर्वे कर डालिए आपके प्रकाशन में छपने वाले लोग कितने अमीर-गरीब हैं (आर्थिक रूप से)?

हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े-लिखे को फारसी क्या? आप को यह सब बताने की आवश्यकता नहीं है। आप तो सर्वज्ञाता हैं। यह नवनीत लेपन नहीं, अपितु एक तंगहाल तंगदस्ती का शिकार कलमकार की व्यथा-कथा है। आप ने अपने पुरूषार्थ से आज यह मुकाम हासिल किया है, जिसके कायल हम सभी हैं। मेरे कहने का लब्बो-लुआब यह कि थोड़ा रहमदिल होकर मुझे भी अर्थ का स्वाद चखवाइए ताकि मेरा कलमघिसना व्यर्थ न जाए। 40 साल फ्री-फोकट में बहुत घिस डाला कलम। अब चाहता हूँ कि लिखने/छापने की एवज में आप जैसा रहमदिल कुछ ही सही पर मेरे हाथ पर जरूर रखे ताकि मैं कुछ दिन और जीकर कलम घिस सकूँ। प्रतीक्षा में........................






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(डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी)

रोजलीन खान और अभिनव कुमार ने किया सेक्सी धमाल !!

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सेक्स बॉम्ब रोजलीन खान और नवोदित आभिनव कुमार उस रोज मुम्बई के कांदिवली स्थित परवानी स्टूडियो में चल रही फैमिली सोशल थ्रिलर ‘जी लेने दो एक पल’ की शूटिंग पर मदहोशी के आलम में अपनी सारी सीमाएं लाँघ गए .....जी हाँ! यह सीक्यून्स था जब रिमी (रोजलीन खान ) गांव के सीधे सादे  युवक शेखर (अभिनव कुमार) को जाने माने फिल्म निर्माता विनोद(विरजेश हिरजी) के यहाँ एकांत पाकर  हमबिस्तर होने  के लिए प्रभोक करती है। शेखर अपनी लिमिट  में रहने की बहुत कोशिश  करता है  मगर मौसम,मौका और दस्तूर की वजह से.........वो अपने आपको  रोक नहीं पाता और हमबिस्तर हो जाता है.जिसकी.वजह से शेखर को.अपने जीवन की.बहुत बड़ी  कीमत  चुकानी पड़ती.है.

सेक्स बॉम रोजलीन खान से जब यह पूछा गया कि जिस तरह आप इस फिल्म में सेक्सी और हॉट सीन्स दे रही  है क्या यह ओवरनाइट  सफल होने का शॉर्टकट स्टंट तो नहीं  है। इस बाबत रोजलीन खान  ने कहा-‘मैं कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं रच  रही हूँ और ना ही किसी किस्म की सस्ती.पब्लिसिटी में यकीन  रखती  हूँ । मैंने  जो भी हॉट और सेक्सी सीन्स शूट किये  है  उनका ताल्लुक फिल्म की स्क्रिप्ट की डिमांड रही  है । एक मामूली लड़की रिमी की  फिल्मों में हीरोइन बनने की लालसा रखने का पूरा सफरनामा है,स्ट्रगल है। उसे अपनी छोटी -छोटी जरूरतों के लिए किन -किन रास्तों से गुजरना पड़ता है यही मेरे किरदार रिमी  की एप्रोच है ।’
     
हॉट और सेक्सी और इंटिमेट सीन्स कर के क्या आप सनी लियोन की कैटेगरी वाली गरमा-गरम हीरोइन  बनना  चाहती  हैं? 
रोजलीन खान  ने कहा -हाँ  यदि लोग मुझे सनी लियोनी से कमपेयर  करना चाहे  तो यह मेरे लिए कॉम्प्लीमेंट होगा। आज  जिस तरह का सिनेमा ऑडियंस पसंद  कर रही है उसमें  तो रेखा और  स्मिता पाटिल बनना किसी भी न्यू कॉमर  के लिए पॉसिबल नहीं  है.जबकि..दिली.तौर  पर रेखा  मेरी रोल मॉडल है और मैं  उसी हाइट पर जाना चाहती हूँ . ‘जी लेने दो एक पल’ में नायक  शेखर की भूमिका निभा रहे नवोदित अभिनव कुमार  ने इस इंसिडेंट का खुलासा करते हुए बताया -‘मैं इस फिल्म में शेखर नामक युवक का संवेदनशील,भावुक रोल कर रहा हूँ  जो अपनी पत्नी सुधा(सुखबीर लाम्बा) से बेतहाशा मोहब्बत करता है मगर जब उसकी मर्दानगी को रिमी चैलेन्ज  करती है ,तो.वो ऐसा कुछ कर गुजरता है जो उसके दाम्पत्य जीवन को  हिला कर रख देता है.मेरे कैरेक्टर में विबिध  शेड्स है.यूँ तो मैंने बॉलीवुड में कई फिल्मों में अलग -अलग किरदार किये हैं. मगर बतौर हीरो मेरी यह मेरी पहली फिल्म  है।’

कहानीकार और निर्देशक संजीव राय से जब  रोजलीन खान और अभिनव कुमार पर फिल्माए जा रहे सेक्सी और हॉट सीन्स की चर्चा निकली.तो उन्होंने कहा -‘यह  सीक्यून्स फिल्म का टर्निंग पॉइंट है स्क्रिप्ट की  डिमांड है,इसलिए  हमने इसे फिल्माया है.रोजलीन खान और अभिनव कुमार ने बहुत अच्छा परफॉर्म किया  है.निर्देशक के तौर पर मेरे.ऊपर बहुत बड़ी जवाबदेही है  मैं अनगर्ल सीन्स फिल्मा कर. अपने कैरियर को बिना वजह  की कंट्रोवरसी में कैद  करना  नहीं चाहता हूँ.श्जी लेने दो एक पल एक मार्मिक बैकड्रॉप पर आधारित है.इसमें जीवन के कई रंग  है.मुझे लगता है कि यह फिल्म हर किसी के अपने  जीवन का अहम् हिस्सा साबित  होगी।’ इस फिल्म में अभिनव कुमार,रोजलीन खान,सुखबीर लाम्बा विरजेश हिरजी,टीनू आनंद,जरीना वहाब,अंजन श्रीवास्तव, शकीला मजीद,प्रतिष्ठा विज, राज  शाही, सूरज शाह और एहसान  खान की.मुख्य भूमिकाऍ हैं.

शरद चंद्रा जो इस फिल्म के प्रजेंटर हैं उनका कहना है -ष्मेरा सम्बन्ध शिक्षा से है कई कॉलेज और शिक्षण संस्थानों का चेयरमेन हूँ.फिल्म.में वही दिखाने का प्रयत्न किया जा रहा है जो  पारिवारिक स्तर पर देखा जा सके . अब देखना यह है ‘जी लेने दो एक पल’ में सेक्स को भुनाने की कोशिश की जा रही है या फिर  वाकई यह संवेदनशील.फिल्म है? 

झारखण्ड : उपराजधानी दुमका में डीपीसी का चुनाव

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  • डीपीसी का चुनाव 31 मई को, रविवार को हुई कार्यकारिणी समिति में फैसला

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मुख्य संरक्षक राय सच्चिदानंद की अध्यक्षता में रेड क्राॅस भवन में दिन रविवार को डीपीसी कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में महासचिव राजकुमार उपाध्याय, उपाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार सिन्हा, राहुल कुमार गुप्ता, अमित कुमार बरियार, अशोक सिंह, संयुक्त सचिव रविकांत सुमन, सुबीर चटर्जी, व अशोक राउत, कार्यालय सचिव अमरेन्द्र सुमन, कोषाध्यक्ष अश्विनी कुमार मिश्रा, कार्यकारिणी सदस्य विप्लव चक्रवर्ती, गौतम कुमार ठाकुर, राकेश कुमार मुन्ना, विकास प्रसाद, चंदन कुमार, रूपम किशोर सिंह, सिरीश कुमार सिन्हा, बसंत भालोटिया और आर के मिश्रा मौजूद थे।  दुमका प्रेस क्लब के कार्यकारिणी की अगली बैठक 10 मई को दिन के 11.00 बजे निर्धारित किया गया। 31 मई 2015 को प्रेस क्लब के चुनाव के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। कार्यसमिति का चुनाव तीन वर्ष की कार्यावधि के लिये होगा। 

मतदाता सूचि का प्रकाशन 10 मई तथा चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी की जायेगी। 29 मई को पूर्वाः 10ः00 से अपराहन 12ः00 बजे तक नामांकन भरा जा सकेगा। नामांकन के लिए प्रस्तावक को तीन समर्थकों की सहमति अनिवार्य बनाई गई है। पद के मुताबिक अनुभव प्रमाण या शपथपत्र दाखिल करना अनिवार्य होगा।अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व महासचिव पद के लिए 1000 रूपये, संयुक्त सचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिए 750 रूपये तथा कार्यकारिणी समिति सदस्य पद के लिए 500 रूपये वतौर नामांकन शुक्ल निर्धारित किया गया है। नाम वापसी की स्थिति में नामांकन शुल्क वापस कर दिया जायेगा। चुनाव संपादन के लिए तीन सदस्यीय चुनाव पर्यवेक्षण समिति का गठन किया गया। इस समिति में गौतम चटर्जी निवार्ची पदाधिकारी तथा रविकांत सुमन व अश्विनी मिश्रा सहायक निर्वाची पदाधिकारी होगें। 11 पदों के लिए होने वाले चुनाव में डीपीसी के सदस्य तमाम पद के प्रत्याशियों के लिये अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगें। मतदाता सूचि प्रकाशन से पूर्व अध्यक्ष, महासचिव व मुख्य संरक्षक उसका सत्यापन करेंगे। 31 मई को 10.00 से 11.00 बजे तक नामांकन पत्रों की संविक्षा। 11.00 से 11.30 बजे तक नाम वापसी। 12 बजे मतपत्र का प्रकाशन। 1.00 से 3.00 बजे तक मतदान।  3.30 से 4.30 बजे तक मतगणना और 5 बजे परिणाम की घोषणा व प्रमाण पत्र का वितरण किया जायेगा। 

वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए सदस्यता अभियान को अंतिम रूप दे दिया गया।  दुमका प्रेस क्लब में अबतक कुल 85 सदस्यों ने अपनी सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 2014-15 में बने सदस्यों के नवीनीकरण के लिए 8 मई को अंतिम तिथि निर्धारित किया गया। यह भी तय किया गया कि अगले वित्तीय वर्ष से 15 मार्च से 15 अप्रैल तक सदस्यता अभियान और नवीनीकरण का कार्य किया जाऐगा। आर के नीरद को दुमका प्रेस क्लब के सम्मानित सदस्य बनाने के पूर्व के कार्यसमिति के निर्णय को खारिज करते हुए स्पष्ट किया गया कि दुमका जिला में कार्यरत पत्रकार/छायाकार ही दुमका पे्रस क्लब के सदस्य होंगे और जैसे ही वह दुमका जिले से बाहर काम करने लगेंगे, उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जायेगी। कैलाश केशरी की सदस्यता स्वीकृत कर ली गई। नवीन कुमार अम्बष्ट द्वारा प्रमाण उपलब्ध नहीं करवाने की वजह से उनकी सदस्यता खारिज कर दी गई।  सिकन्दर कुमार की सदस्यता फिलवक्त लंबित रखने का निर्णय लिया गया।

आलेख : धनकड़ के ये कैसे बोल?

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किसान दिन-रात मेहनत कर अपनी फसल को उगाता है। लेकिन जब उसपर कुदरत मेहरबान नही होती तो इक पल में सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है। देश की मजबूत अर्थव्यवस्था में खेती सबसे अहम है। सरकार को किसानों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। देश की रीढ़ बने ये किसान आखिर कब तक इसका दंश झेलेगें। इस साल भारी बारिश और ओले से किसानों की फसल बर्बाद हो गई। कर्ज से दबे किसानों ने खुदकुशी करनी शुरू कर दी। जो कि देश के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है। किसान की फसल और मेहनत को बारिश ने एक झटके मे धो दिया।  ऐसे में जब किसान की आत्महत्या का मामला सामने आता है तो बहुत दुख होता है। दूसरों का पेट भरने के लिए अपना पेट काटकर मेहनत करने वाला किसान की ऐसी हालत क्यों हैं। सरकार को इस पर अमल करना चाहिए। लेकिन देश में किसान मरता है तो मरे खबर आएगी लोग भूल जाएगे। या फिर उल्टे सीधे बयानबाजी शुरू कर देगें।  

हरियाणा के कृषि मंत्री ओ पी धनकड़ ने किसानों की खुदकुशी को कायर करार तो दे दिया। लेकिन क्या उनका दर्द समझने की कोशिश की। कभी सरकार ने ये जानने की कोशिश की कि किसान क्यों मर रहे है। कायर कहना उन्हें आसान है तो कह देते हैं। खुद सम्पन्न है तो क्या पता चले जमीनी हकीकत क्या है। अगर किसान ऐसा कदम उठा रहा है तो, उसे सरकार में बैठे ऐसे मंत्री कायर न बोलकर किसान को समझा सकते है। वो तो होने वाला नही है इनसे। पांच साल में एक बार ही ऐसा वक्त आता है। जब किसान इनके लिए भगवान बन जाता है। वक्त गया तो कौन पूजता है ऐसे भगवानों को। पड़े रहो किसी कोने में। मंत्री ओ पी धनकड़ को कौन समझाए जो दिन-रात में वो सुकून की रोटी खाते है उसके लिए किसानों ने कितना पसीना बहाया है। ख़ुदकुशी करने वाले किसानों के परिवार जहां सरकार की तरफ टकटकी लगाकर किसी तरह की राहत का इंतजार कर रहे हैं, यही ये नेता ऐसी बात कर रहे हैं। अरे जख्म पर मरहम नही लगा सकते तो उसे कुरोदों मत। धनकड़ के इस बयान से सरकार की किसानों के प्रति असंवेदनशीलता उजागर तो हो गई है। इन गरीबों पर अपनी राजनीतिक रोटी मत सेको। भारतीय कृषि बहुत हद तक मानसून पर निर्भर करती है। मानसून की असफलता के कारण नकदी फसलें नष्ट होना किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं का एक मुख्य कारण माना जाता रहा है। मानसून की विफलता, सूखा, कीमतों में वृद्धि, कर्ज आदि किसानों की समस्याएं बनती हैं।

जिससे  बैंकों, महाजनों, बिचौलियों आदि के बीच में फँसकर भारत के विभिन्न हिस्सों के किसानों ने आत्महत्याएं की है। एक किसान को बैंक से लोन लेने के लिए कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बात को लेकर कोई नेता नही बोलेगा। लेकिन किसान की मौत पर सभी के राजनीतिक मंसूबे खुल जाते है। बारिश से मंड़ी में रखी फसल भी सड़ रही है। इस पर सरकार का कोई विचार नही होता। बस कायर कह देना उचित होता है। किसान के अनाज खरीद में भी धांधली होती है। उस पर क्या सोचती है सरकार। अगर किसी प्रदेश के का मामला होता है कि ये राज्य का मामला है। अरे क्या राज्य क्या केंद्र किसान तो पूरे देश का है। आखिर कब तक इन राजनीतिक करोगे। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाओगे। सभी मिलकर इनकी भलाई के बारे में सोचो। वरना वो दिन दूर नही होगा। देश में भुखमरी की शुरूआत हो जाएगी। सरकार और किसान के बीच का ये मतभेद देश के लिए खतरे का सबक बन सकता है। 



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रवि श्रीवास्तव
रायबरेली, उ.प्र.
9718895616, 9452500016
लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार 
फिलहाल एक टीवी न्यूज ऐजेंसी से जुड़े हैं।

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (05 मई)

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नेपाल त्रासदी में दिगवंतो को श्रृद्धाजलि देने हेतु थम गया पूरा बड़वानी

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बड़वानी 05 मई /नेपाल त्रासदी में दिगवंतो को अपनी श्रृद्धाजलि देने हेतु 05 मई को प्रातः 11 बजे पूरा बड़वानी भी 1 मिनट को थम गया । इस वक्त जो जहाॅ था वहाॅ पर रूककर उसने अपनी श्रृद्धसुमन भूकम्प में कालकल्वित हुये लागो को अर्पित की । कलेक्टरेट कार्यालय में भी अधिकारियो, कर्मचारियो ने सामूहिक रूप से कार्यालय के बाहर आकर 1 मिनट का मौन धारण किया । मौन धारण करने वालो में कलेक्टर श्री रवीन्द्रसिंह, पुलिस अधीक्षक श्री तिलकसिंह सहित कलेक्टरेट एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत समस्त अधिकारियो, कर्मचारियो के अलावा मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में उपस्थित दूर-दराज क्षेत्रो से आये ग्रामीणो ने भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई । इसी प्रकार नगर-कस्बो में स्थापित विभिन्न प्रतिष्ठानो के संचालनकर्ता, उसमें कार्य करने वाले कर्मियो ने अपने प्रतिष्ठानो के बाहर आकर जहाॅ 1 मिनट का मौन धारण किया । वहीं मार्ग पर पैदल चलने वालो ने रूककर तथा वाहन से चल रहे लोगो ने अपने वाहनो को सड़क के किनारे रोककर 1 मिनट का मौन धारण किया । 

जिले के समस्त शासकीय कार्यालयो में हुआ मौन धारण
मंगलवार को प्रातः 11 बजे होने वाले इस 1 मिनट के मौन धारण में जिले के समस्त शासकीय कार्यालयो में पदस्थ कर्मियो ने भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई । इसके लिये कार्यालय में पदस्थ कर्मियो ने प्रातः 11 बजे कार्यालय के बाहर सामूहिक रूप से एकत्रित होकर भूकम्प में मृत्य लोगो को श्रृद्धासुमन अर्पित किया । 

पुलिस जवानो ने यूनिफार्म पहनकर किया मौन धारण
कलेक्टरेट में आयोजित इस सामूहिक 1 मिनट के मौन धारण में पुलिस जवानो ने अपनी सम्पूर्ण यूनिफार्म पहनकर अपना श्रृद्धासुमन अर्पित किया । 

कार्यालय प्रमुख अपने कर्मियो से एकत्रित राशि जमा कराये कलेक्टरेट
कलेक्टर श्री रवीन्द्रसिंह ने जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखो को निर्देशित किया कि वे नेपाल त्रासदी हेतु उनके कार्यालय में कार्यरत कर्मियो से एक दिन के वेतन की राशि स्वेच्छा से एकत्रित कर उसका ड्राफ्ट बनाकर कलेक्टरेट कार्यालय के नजारत शाखा या अधीक्षक के पास जमा कराये । जिससे एकत्रित राशि के ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सहायता कोष हेतु भिजवाया जा सके । कलेक्टर ने समस्त कार्यालय प्रमुखो को निर्देशित किया कि एकत्रित राशि के ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम से बनाया जाये । जिससे राशि आहरित करने में परेशानी न आये । वही उन्होने बताया कि यह राशि सीधे मुख्यमंत्री सहायता कोष में भी बैंक के माध्यम से सीधे जमा कराने पर बैंक से प्राप्त रसीद की छायाप्रति भी कलेक्टरेट में उपलब्ध कराई जा सकती है । जिससे जिले से भेजी गई राशि का समुचित रेकार्ड तैयार किया जा सके । 

जनसुनवाई में आये 45 आवेदन

बड़वानी 05 मई/प्रति मंगलवार को कलेक्टरेट कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में इस बार 45 आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदनो में व्यक्तिगत सुनवाई करते हुए कलेक्टर रविन्द्रसिंह एवं डिप्टी कलेक्टर डाॅ. अभयसिंह खरारी ने आवेदनो को संबधित विभागो को भेजकर समय सीमा में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है । 

मूक बधिर पुत्री व उसके मंदबुद्धि पुत्र की अवस्था का लाभ उठा कर हड़प ली जमीन
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जनसुनवाई में वृद्ध महिला श्रीमती जानकी राठौड़ ने आवेदन देकर बताया कि उनकी मूक बधिर पुत्री वर्तमान में बेवा है, वही उसका पुत्र भी विकलांग होकर मंदबुद्धि का है । पुत्री व उसके पोते की इस स्थिति का लाभ उठाते हुये एक व्यक्ति ने उनकी ग्राम पिपरी की एक हेक्टर से अधिक कृषि भूमि को अपने नाम करवाॅ ली है । रजिस्ट्री में भूमि को असिचिंत बताया है व 21 लाख में बेचना बताया है । जबकि वास्तविकता यह है कि इस भूमि पर पुराना जीवित कुआ भी है और यदि उसने पुत्री को 21 लाख रूपये दिये होते तो इतनी बड़ी राशि किसी बैंक में तो रखी जाती । अतः धोखेबाज इस व्यक्ति को दण्डित करते हुये उनकी पुत्री की जमीन को वापस दिलवाया जाये । इस पर डिप्टी कलेक्टर डाॅ. अभयसिंह खरारी ने ठीकरी तहसीलदार को आवेदन भेजकर तत्काल प्रकरण में समुचित परीक्षण करवाने व उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये । 

मृत्यु उपरान्त पति की सम्पति से कर दिया है बेदखल 
जनसुनवाई में बड़वानी की एक बेवा ने आवेदन देकर बताया कि 25 वर्ष पूर्व उन्होने प्रेम विवाह किया था । इससे उन्हें 18 वर्षीय एक पुत्र भी है । किन्तु पति की मृत्यु के पश्चात तथा कथित कुछ लोगो द्वारा उनकी चल-अचल सम्पति से उन्हें बेदखल कर दिया है । जिसके कारण उन्हें अपने व पुत्र के गुजर - बसर के लिये मजदूरी करना पड़ रही है । अतः पति के हिस्से की सम्पति उन्हे दिलवाई जाये । इस पर कलेक्टर श्री रवीन्द्रसिंह ने एसडीएम बड़वानी को आवेदन भेजकर समुचित परीक्षण उपरान्त यथायोग्य कार्यवाही करने के निर्देश दिये । 

बैंक नही दे रही है ऋण राशि
जनसुनवाई में ग्राम पानवा के श्री दयाराम ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत जुलवानिया की बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण की राशि नही दी जा रही है । जिसके कारण अपने परिवार को आश्रय उपलब्ध कराने में अत्यधिक दिक्कत आ रही है । अतः बैंक से स्वीकृत  ऋण की राशि दिलवाई जाये । इस पर कलेक्टर श्री रवीन्द्रसिंह ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रकरण भेजकर तत्काल कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये गये । 

स्कूल तक बनवाया जाये सड़क
जनसुनवाई में ग्राम घोंघसा के ग्रामीणो ने आवेदन देकर मांग की कि उनके ग्राम में प्रधानमंत्री सड़क योजना के निर्माण का कार्य चल रहा है । इस सड़क को ग्राम के पटेल फल्या में स्थित स्कूल तक बढ़वाया जाये । जिससे ग्रामीणो के साथ-साथ विद्यार्थियो को भी इस सड़क का लाभ  मिल सके । इस पर कलेक्टर श्री रवीन्द्रसिंह ने आवेदन को प्रधानमंत्री सड़क योजना के प्रबंधक को भेजकर उचित कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये । 

डीएलएड डिलोमा का घोषित करवाया जाये परीक्षा परिणाम
जनसुनवाई में कुछ शिक्षको ने सामूहिक रूप से उपस्थित होकर शिकायत दर्ज कराई कि उन्होने राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशानुसार इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित डीएलएड द्विवर्षीय डिप्लोमा कोर्स हेतु डाईट बड़वानी के माध्यम से परीक्षा दी थी । इग्नू द्वारा द्वितीय वर्ष का अभी तक परीक्षा परिणाम घोषित नही किया गया है । जिससे उनका संविलियन रूका हुआ है । अतः इग्नू से शीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करवाया जाये । इस पर डिप्टी कलेक्टर डाॅ. खरारी ने आवेदन को जिला शिक्षा अधिकारी को भेजकर उचित फोरम पर समुचित कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये । 

अधिकारी से मारपीट करने वाले सहायक यंत्री हुये निलम्बित

बड़वानी 05 मई / परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पीआईयू भोपाल श्री विजयसिंह वर्मा ने संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग पीआईयू बड़वानी श्री आर गुप्ता के साथ कार्यालय में मारपीट करने वाले सहायक यंत्री श्री एलएस मण्डलोई को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है । निलम्बन काल में श्री मण्डलोई का मुख्यालय अतिरिक्त परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग पीआईयू ग्वालियर रहेगा । 

आदिवासी विकास विभाग की प्रावधिक वरिष्ठता सूची जारी,  07 दिवस में दावे-आपत्ति आमंत्रित

बड़वानी 05 मई / सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री आरके श्रोती ने  विभाग में कार्यरत प्रशिक्षित / अप्रशिक्षित लेखापाल, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3 की तथा चतुर्थ श्रेणी हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण कर्मचारियो की प्रावधिक वरिष्ठता सूची 01 अप्रैल 2015 की स्थिति में जारी की है । जारी इस सूची पर संबंधित कर्मचारी 07 दिवस में अपनी आपत्ति, अभ्यावेदन प्रमाणित अभिलेखो के साथ प्रस्तुत कर सकेंगे । 

दावे-आपत्तियो के आवेदनो की जाॅच हेतु अधिकारी नियुक्त

बड़वानी 05 मई /कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री रवीन्द्रसिंह ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशो पर जिले में चल रहे मतदाता सूचियो में नाम जोड़ने, हटाने एवं संशोधन के संबंध में प्राप्त आवेदनो के निराकरण से संबंधित रजिस्ट्ररो की जांच हेतु विधानसभावार जाॅच अधिकारी नियुक्त किया है । जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार संयुक्त कलेक्टर श्री एसपीएस चैहान को विधानसभा सेध्ंावा के लिये, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया को विधासभा राजपुर के लिये, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती उषासिंह को विधानसभा पानसेमल के लिये एवं डिप्टी कलेक्टर श्री हृदयेश श्रीवास्तव को विधानसभा बड़वानी के लिये नियुक्त किया गया है । नियुक्त किये गये यह अधिकारी विधानसभा के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध प्रारूप आवेदनो का निरीक्षण करेंगे । 

सैनिको की भर्ती रैली, 19 से 22 मई तक होगी देवास में 

बड़वानी 05 मई / सेना भर्ती कार्यालय महू द्वारा उज्जैन तथा इन्दौर संभाग के युवाओ के लिये सैनिक भर्ती रैली का आयोजन 19 से 22 मई तक आईटीआई ग्राउण्ड देवास में प्रातः 4 बजे से किया जायेगा । इस भर्ती रैली में बड़वानी जिलें के युवा 22 मई को भाग ले सकेंगे । इस रैली के माध्यम से सैनिक सामान्य ड्यूटी, सैनिक तकनीकी, सैनिक नर्सिग सहायक/नर्सिग सहायक वेटनरी, सैनिक लिपिक/स्टोर कीपर और सैनिक टेªडमैन का चयन किया जायेगा । भर्ती रैली में भाग लेने वाले उम्मीदवारे को अपने साथ शिक्षा प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, शपथ पत्र की मूल प्रति एवं उसकी दो-दो छायाप्रति तथा हाल में ही खीची गई स्वयं की 15 पासपोर्ट साईज रंगीन फोटो बिना टोपी तथा चश्मे के लाना होगा । शैक्षिक योग्यता, शारीरिक मापदण्डो एवं डाक्टरी जाॅच से संबंधित जानकारी के लिये जिला सैनिक कल्याण कार्यालय अथवा सेना भर्ती कार्यालय महू से सम्पर्क किया जा सकता है ।  

कृषको को समझाई कृषि प्रचार साहिल्यो की भूमिका

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बड़वानी 05 मई / कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी की कृषि प्रचार वैज्ञानिक कुमारी नीरजा पटेल ने ग्राम उचावद में कृषक एवं कृषक महिलाओ को कृषि तकनीकी ज्ञान में वृद्धि के लिये कृषि प्रसार साहित्यो की भूमिका को विस्तार से समझाया साथ ही कृषि से संबंधिक मानकीकृत पत्रिकाये एवं कृषि समाचार पत्र कृषको के बीच प्रदर्शित कर उनकी महत्ता बताई । डाॅ. डीके जैन वैज्ञानिक उद्यानिकी ने भी सब्जी उत्पादन करने वाले कृषको के लिये उद्यानिकी पत्रिका फल-फूल पढने का आग्रह करते हुये उन्हें मिर्च, पपीता एवं केले की फसल से संबंधित पूछे गये प्रश्नो के उत्तर भी दिये । कार्यक्रम के दौरान कृषको को विगत वर्ष मिर्च में आये वायरस की रोकथाम हेतु सुझाव भी दिये गये । 

वैज्ञानिको द्वारा बाजरा फसल का किया गया निरीक्षण

बड़वानी 05 मई/कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी के वैज्ञानिक डाॅ. दिनेश जैन एवं कुमारी नीरजा पटेल वैज्ञानिक कृषि प्रचार ने ग्राम बालकुआ में बाजरा की संकर किस्म का निरीक्षण किया। उन्होने बताया कि इस किस्म की मुख्यतः 2 विशेषताएॅ है पहली इसके पौधो की उचाई कम होने के कारण तेज हवा में गिरने की संभावना कम रहती है साथ ही इसके भुट्टे पर नोकदार रोए उपस्थित होते है इसलिये कोई भी पक्षी इन भुट्टो को खाकर नुकसान नही पहुंचा पाता । वहीं इफको संस्था के श्री प्रणय कबीर ने बताया कि इसके भुट्टो की लम्बाई भी सामान्य किस्मो से अधिक होने तथा दानो का भराव ज्यादा ठोस होने से उत्पादन भी अच्छा प्राप्त होता है । 

जनपद पंचायत कार्यालय में भी दी गई श्रद्धांजलि

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बड़वानी 05 मई/जनपद पंचायत कार्यालय बड़वानी के कार्यालयीन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा नेपाल में भूकम्प से मारे गये लोगो को मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भूकम्प की त्रासदी में मृत लोगो की आत्मा को शांती प्रदान करने एवं घायल लोगो के शीघ्र स्वस्थ होने की ईष्वर से कामना की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष शांतीलाल यादव, खण्ड पंचायत अधिकारी कीर्तिकुमार चतुर्वेदी, सहायक लेखाधिकारी एम.ए.शेख, मुकेष कुमार वर्मा, जयवन्त जाधव, जगदीष षिमले, धीरेन्द्रसिंह  सिसोदिया, भारत जाधव, आषीष रायपुरिया, जगदीष मालवीय, विनोद सेन एवं समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (05 मई)

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पत्नी की विदाई के लिए पति ने लगाई पुलिस से गुहार

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) शिकारपुर थाना के मंगरहरी निवासी मनसा पटेल की पुत्री माधुरी देवी का विवाह विगत 2012 में रामनगर थानाक्षेत्र के रतनपुरवा निवासी राजकुमार पटेल के साथ विधिवत् सम्पन्न हुआ था। विवाह के एक वर्ष बाद गौना सम्पन्न हुआ, करीब दो माह के बाद माधुरी के पिता दिन रखकर बुला ले गये। उसके बाद मेरी पत्नी को भड़काकर उसे मेरे परिजनों के विरूद्ध खड़ा कर दिया गया। उसके बाद राजकुमार पटेल कई बार पत्नी को बुलाने के लिए ससुराल मंगरहरी गया। लेकिन उसके माता-पिता ने अपने दामाद की एक नहीं सुनी और उसे भगा दिया गया। राजकुमार पटेल ने शिकारपुर पुलिस को एक आवेदन देते हुए लिखा है कि वह अपनी पत्नी के साथ सफल दाम्पत्य जीवन व्यतीत करना चाहता है। अलबत्ता माधुरी के माता पिता उसकी विदाई नहीं करना चाहते है। राजकुमार पटेल ने शिकारपुर थाना में आवेदन देकर अपनी पत्नी माधुरी देवी की विदाई कराने की मांग की है।

तैयब अंसारी की जान बची चार गिरफ्तार

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज प्रखण्ड के केसरिया पंचायत के संरपंचपति की दयालुता, इंसाफपसंदगी कतिपय लोगों को रास नही आ रही थी। इसी को लेकर उन्हें निशाना बनाने के लिए विनय ग्रुप को सुपारी दी गई थी। बताते है कि अपनी न्यायप्रियता के लिए क्षेत्र में जाने पहचाने जाते है तैयब अंसारी। जिन्हें खत्म करने की सुपारी दी गयी थी और इसके लिए शहर में संदिग्ध लोगांे की गतिविधियाँ बढ गई थी। शिकारपुर पुलिस ने इसकी सूचना पर करीब चार दिनों से नरकटियागंज-बल्थर रोड में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की जाँच की गई जिसमें करीब आधा दर्जन लोगांे को हिरासत मंे लिया गया और चार लोगों को नामजद कर बेतिया न्यायालय के हवाले कर दिया गया। गिरफ्तार युवकों ने अपनी कारस्तानी स्वीकार कर पुलिस की राह आसान कर दी है। गौरतलब है कि शहर के नागेन्द्र तिवारी चैक पर विगत दिनों भभटा के निवासी इलियास अंसारी पर अज्ञात अपराधियोें ने खुलेआम गोली मार दी थी ।

रिखबचंद जैन : जिनका सच सपना जैसा है

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एक ऐसा निराला व्यक्तित्व और अच्छे भाग्य का नायक, जिन्होंने मानवीय संबंधों, भावनाओं, संवेदनाओं और सफलताओं की जो दुनिया रची, वह सबके लिये प्रेरक बनी है। ऐसे ही प्रेरक पुरुष है दिल्ली प्रवासी एवं बीकानेर निवासी देश के शीर्षस्थ औद्योगिक समूह टीटी ग्रुप के चेयरमैन श्री रिखबचंद जैन। कुुछ लोग होते हैं जिनकी ओर दुनिया उम्मीद से देखती है और कुछ ऐसे होते हैं जो दुनिया को उम्मीदें दिखाते हैं। ऐसे लोगों की जिन्दगी का हर लम्हा, हर पन्ना बहुत खास होता है क्योंकि उन्हीं से मिलते हैं एक सफल, सार्थक और समृद्ध जिन्दगी के असली सबक। ऐसी ही एक उम्मीद है श्री जैन, जिन्होंने आर्थिक जगत की एक महाशक्ति के रूप में स्वयं को स्थापित कर एक नया इतिहास बनाया है। एक सफल, सक्षम एवं महान आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर उन्होंने न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक, राजनीतक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक दृष्टि से नई ऊंचाइयां प्राप्त की है। लगभग छह दशक से टीटी गु्रप का नेतृत्व करते हुए उन्होंने इस समूह को बीज से बरगद बनाया है। कलकता के संेट जेवियर्स काॅलेज से स्नातक करने के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ कोलकाता से मार्केटिंग और बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए किया। वे यूके से चार्टर्ड सेक्रेटरी का कोर्स करने के बाद इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ कंपनी सेक्रेटरीज के सदस्य बने। उन्होंने वेस्टइंडीज यूनियर्सिटी के द्वारा बिजनेस मैनेजमेंट में पीएचडी भी की है। प्रारंभ में शिक्षा के पेशे से जुड़ने के बाद उन्होंने व्यवसाय को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया और नित नये ऊंचाइयां छूते हुए सफलता के शिखरों पर आरोहण किया। अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित श्री जैन उन्नत समाज संरचना के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं।  

मेरे सौभाग्य है कि मुझे श्री रिखबचंदजी जैसे जैन दर्शन के विशिष्ट मर्मज्ञ, जैन समाज के स्तंभ एवं सामाजिकता के आदर्श उदाहरण का प्रेरक स्नेह और मार्गदर्शन मिला। हाल ही में करोलबाग स्थित उनके कार्यालय में उनसे लंबी चर्चा का अवसर भी प्राप्त हुआ। मेरी दृष्टि में श्री जैन का जीवन मानव मूल्यों से जुड़ी सच्चाइयों की सच्ची अभिव्यक्ति है। उन्होंने लीक से हटकर कुछ कहने का तथा लोगों की मानसिकता को झकझोरने का सघन प्रयत्न किया। वे हर व्यक्ति को कुछ सोचने, समझने एवं बदलने के लिए उत्प्रेरित करते हैं। मानवमात्र की सेवा की दृष्टि से एक नया दृष्टिकोण उन्होंने दिया है। कुछ लोग ठहरी हुई जिंदगी पसंद करते हैं। जो हो रहा है, वही ठीक है। न कोई मौलिक चिंतन, न स्वस्थ समाज की चिंता। यह जीना भी कोई जीना है? जीवन के मूल्य को न समझ पाने का यह परिणाम है। आत्मशक्ति से सर्वथा अपरिचित रह जाने की यह विडंबना है। वैचारिक क्षमता को सर्वथा अस्पृश्य छोड़ देने से हम विकास के क्रम में कितने पीछे छूट जाएँगे, कहना कठिन है। स्वस्थ चिंतन से परिवर्तन की जो बुनियाद तैयार होगी वही स्वस्थ समाज एवं लोकमंगलकारी जीवन का नव-विहान करती है। यही श्री रिखबचंदजी के जीवन का हार्द है। निश्चित ही उनसे हुई मुलाकात कुछ नया करने, कुछ मौलिक करने, सेवा का संसार रचने, सद्प्रवृत्तियों को जागृत करने एवं राष्ट्रीयता की भावना को जगाने की आधारभूमि तैयार करता है।

श्री रिखबचंदजी जैन जन्मजात उच्च संस्कारों के धनी हैं। उनकी विशेषता यह है कि वे केवल अपने परिवार के लिए ही नहीं जीते वरन् अपनी शक्ति एवं सामथ्र्य का समाज एवं राष्ट्र की सेवा में भी सोत्साह सदुपयोग करते हैं। उनका संपूर्ण जीवन सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक उत्थान के लिए समर्पित है। उन पर मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की संयुक्त कृपा है। वे जितने बड़े उद्यमी हैं उतने ही बड़े सरस्वती पुत्र हैं। उनकी जानकारी असाधारण है। जैन दर्शन एवं इतिहास के विशिष्ट जानकार है। मैं उनकी विद्वता से जितना प्रभावित हूं उससे कहीं ज्यादा प्रभावित हूं उनकी अखण्ड सक्रियता और चिंतन के सातत्य से। वे औपचारिकता को इस प्रकार निभाते हैं कि सब कुछ अनौपचारिक हो जाता है।

श्री रिखबचंदजी जैन की अनेकानेक विशेषताओं में एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे सदा हंसमुख रहते हैं। वे अपने गहन अनुभव एवं आध्यात्मिकता के कारण छोटी-छोटी घटना को गहराई प्रदत्त कर देते हंै। अपने आस-पास के वातावरण को ही इस विलक्षणता से अभिप्रेरित करते हैं। उनकी सहजता और सरलता में गोता लगाने से ज्ञात होता है कि वे गहरे मानवीय सरोकार से ओतप्रोत एक अल्हड़ व्यक्तित्व हैं। संसार और अपने परिवेश को देखने की उन्होंने बड़ी वेधक मानक दृष्टि विकसित कर ली है। वह जितनी संलग्न है, उतनी ही निस्संग और निर्वैयक्तिक भी। यही मानक दृष्टि उनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व को समझने की कुंजी है।  

श्री रिखबचंदजी के जीवन के बारे में कहा जा सकता है कि उन्होंने भीतरी शक्तियों के प्रस्फुटन को सफल एवं सार्थक जीवन की अनिवार्यता बनाया है। वे अपने जीवन के हर कोर से, हर कोण से, हर मोड़ से हमे परोपकारी, सेवार्थी, परमार्थी और साहसी बनने की सीख देते हैं। उनकी संपूर्ण जीवनगाथा कत्र्तव्यनिष्ठ, स्नेह-सहयोग, परोपकार, दयालुता, आत्मीयता, परदुःखकातरता, अहंकारशून्यता, दृढ़निश्चयी जैसे गुणों से ओतःप्रोत होने के साथ ही अपने सुधारवादी दृष्टिकोण से सदा ही सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए प्रयत्नशील हैं। मानवमात्र के प्रति अपनत्व का भाव रखने वाले श्री रिखबचंदजी जात-पांत, ऊंच-नीच और छुआछूत के भेदभाव से सर्वथा मुक्त हैं। वे समर्पित-भाव से मानवीयता को व्यापक बनाने के कार्य में लगे हैं। यही कारण है कि आपके जीवन की दिशाएं विविध हैं। आपके जीवन की धारा एक दिशा में प्रवाहित नहीं है, बल्कि जीवन की विविध दिशाओं का स्पर्श करती है। आपके जीवन की खिड़कियाँ समाज को नई दृष्टि देने के लिए सदैव खुली रहती है। उनकी व्यापक सोच, सक्रियता और सेवाभावना इन्हीं खुली खिड़कियों से आती ताजी हवा के झोंकों का अहसास कराती हैं। न केवल मारवाड़ी समाज बल्कि संपूर्ण मानवता इन हवाओं को महसूस कर गौरवान्वित है।
श्री रिखबचंद जैन एक ऐसे सफल व्यावसायी, विख्यात विचारक एवं हस्ती हैं, जिन्होंनें राष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यक्तित्व को निखारा। वे सफल अर्थशास्त्री, सफलता के प्रेरक, अनेक गतिविधियों के समवाय, राष्ट्रीय स्तर के प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं। वे भविष्य के अर्थ और व्यवसाय को गढ़ने वाले चमत्कारी पुरुष हैं। उनका चमत्कार और तेजस्वी व्यक्तित्व समय-समय पर न केवल जैन समाज के संदर्भों में बल्कि राष्ट्रीय संदर्भों मंे अपनी उपस्थिति का अहसास कराता रहा है। उनके कुछ सृजनशील संकल्प भी हैं, जिनसे उनकी स्वतंत्र पहचान राष्ट्रव्यापी स्तर पर बनी है। इस पहचान को और निखारने के लिए वे एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में सक्रिय हैं। उन्होंने एक स्वतंत्र परंपरा और विरासत को कायम किया। उनके उज्ज्वल एवं चमकपूर्ण आभावलय से हर कोई आकृष्ट होता रहा है। 

विरलता एवं विलक्षणताओं के धनी श्री रिखबचंदजी अपनी अनूठी दानशीलता, सेवाभावना, आध्यात्मिकता एवं धार्मिकता की उत्कठ भावना एवं संलग्नता के कारण जन-जन में लोकप्रिय हैं। वे सच्चे समाज सेवक, संवेदनशील व्यक्तित्व, उदारचेता, विनम्र एवं सादगीमय व्यक्तित्व के धनी हैं। आपके पिताजी एवं माताजी से विरासत में मिले असाधारण आध्यात्मिक संस्कारों और दानशीलता की प्रवृत्ति के बल पर आपने उल्लेखनीय समाजसेवा के उपक्रम किये हैं। अपनी प्रखर वैचारिक मेधा एवं व्यापक मानवीय सोच के कारण वे राजधानी दिल्ली के अनेक संस्थाओं के शीर्ष पदों पर आसीन हैं। हाल ही में उन्हें दिल्ली विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष रूप में मनोनीत किया गया और इस पद पर रहते हुए उन्होंने समान नागरिक संहिता, राम मंदिर, धर्मांतरण, हिन्दू राष्ट्र जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अपनी स्वतंत्र सोच की मोहर लगाई। इन दिनों वे अनिवार्य मतदान जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर प्रयासरत हैं। सचमुच महानता का चरित्र विचित्र होता है, महानता का वरण करने वाले लोग लक्ष्मी को तिनके के समान लघु मानते हैं परन्तु उसके भार के भार से झुक जाते हैं। अर्थात् लक्ष्मी की परवाह नहीं परन्तु लक्ष्मी के पास होने पर वे अधिक नम्र हो जाते हैं। समृद्धि और वैभव से संपन्न ऐसे ही महान लोगों का चित्त कमल की भांति कोमल होता है। ऐसे लोग हाथ से श्रेष्ठ त्याग, सिर से गुरुचरणों में प्रणाम, मुख से सत्यवाणी, हृदय में पवित्रता आदि विशेषताएं धारण किये होते हैं। इन लोगों की प्रकृति ही महानता के सहज गुणों से अभिमंडित होती है, उनके स्वाभाविक तेज को किसी शारीरिक, भौतिक आकार-प्रकार की अपेक्षा नहीं होती है। अपने सतत पुरुषार्थ, निस्वार्थ भाव, परोपकार की भावना और निरन्तर उत्कृष्ट कार्यों की ओर संलग्नता से ऐसे व्यक्ति महानता का वरण करते हैं। श्री रिखबचंद जैन ऐसी महानता से न केवल अपने जीवन को बल्कि अपने संपूर्ण परिवेश को महान बनाया है। ज्यों-ज्यों व्यावसायिक सफलता के शिखरों को हासिल किया वैसे-वैसे अपनी दानशीलता, उदारता एवं सौजन्यता के द्वारा समाज में उदारचेता होने का खिताब भी पाया। उनमें दृढ़संकल्प है, अनूठी इच्छाशक्ति है, अटल विश्वास है, जो समय के सिन्धु को बांध असंभव को संभव करने की क्षमता रखता है।

सचमुच श्री रिखबचंद जैन धुन के धनी हैं, जिस काम को हाथ में लेते हैं, पूरी निष्ठा, समर्पण, लगन एवं आत्मविश्वास से करते हैं। उनमें त्रैकालिकता देखी जा सकती है और देखा जा सकता है कि वैभव में जीने वाला व्यक्ति अपनी जीवन प्रणाली को किस प्रकार साधारण बना रहा है, अनुभूति के आधार पर वर्तमान तथा भविष्य को जोड़ने की चेष्टा कर रहा है। वे जैन समाज के प्रति जितने निष्ठावान हैं, उतने ही राष्ट्रीय एवं सामाजिक कत्र्तव्यों के प्रति जागरूक हैं। उनके जीवन रहस्यों को समझते हुए उनकी विलक्षण सेवाओं और सामाजिकता को समझा जा सकता है।

आपके व्यक्तित्व में अगणित विशेषताओं का जैसा सुन्दर संगम है, वैसा बहुत कम मनुष्यों में मिल पाता है। जन्म से ही आपको पवित्र, निर्मल संस्कार, उदग्र प्रतिभा, अविचल धैर्य, सहिष्णुता और निरंतर कर्मठतापूर्ण जीवनवृत्ति और सद्गुण प्राप्त हैं। उन्हीं के फलस्वरूप आप अपने जीवन में सद्संस्कारों और जीवन मूल्यों को खूब बढ़ाया, और नई दिशाओं में भी सफलताओं के झंडे गाड़े। 




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(ललित गर्ग)
नई दिल्ली-110024
मो. 9811051133

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देसी तकनीक, रक्षा वैज्ञानिकों की तीस साल की मेहनत आकाश को जमीन पर उतार लाई. जमीन से आसमान पर मार करने वाली मिसाइल 'आकाश 'की पहली रेजिमेंट मंगलवार को भारतीय सेना के हवाले कर दी गई. पूरी तरह से देसी तकनीक से बनी ये मिसाइल किसी भी तरह के मौसम में दुश्मनों के लड़ाकू विमान पर हमला कर उसके परखच्चे उड़ा सकती है. देसी तकनीक से बनी इस आकाश वेपन सिस्टम की पूरी प्रणाली जबरदस्त है. इस मिसाइल की रेंज 25 किलोमीटर तक की है. वजन 720 किलोग्राम और लंबाई पौने छह मीटर है. ये मिसाइल 30 मीटर से 20 किलोमीटर ऊंचाई तक के निशाने पर अचूक वार करती है. दुश्मन लड़ाकू विमान उड़ाए, हेलिकॉप्टर उड़ाए या फिर मानव रहित ड्रोन, इसकी मार से कोई नहीं बच सकता.

'आकाश'की संचार व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित और अभेद्य है. सबसे जरूरी इसका अपना ऑटोमेटेड इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम है. डीआरडीओ, बीडीएल और सेना की अन्य एजेंसियों के वैज्ञानिकों की तीन दशकों की मेहनत से तैयार इस आकाश वेपन सिस्टम में सबसे पहले थ्री डी सेंट्रल एक्विजिशन रडार सौ किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के विमान की टोह ले लेते हैं. ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम को फौरन इसकी जानकारी दी जाती है. 3 से 10 सेकेंड के बीच मिसाइलों को अलर्ट कर दिया जाता है. इंतजार शुरू होता है दुश्मन के विमान के 25 किलोमीटर के रेंज में आने का और जैसे ही दुश्मन का विमान रेंज में आया वैसे ही 'आकाश'मिसाइल उसे नेस्तनाबूत कर देगी.

आकाश वेपन सिस्टम की पहली खेप भारतीय सेना को सौंप दी गई है. जल्दी ही सीमावर्ती इलाकों में इसकी तैनाती भी हो जाएगी. इसके साथ ही भारतीय सेना ने आत्म सुरक्षा की ओर आत्मविश्वास से भरा एक और कदम बढ़ा दिया है.

अटल बिहारी बाजपेयी होंगे डि लिट की उपाधि से सम्मानित

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मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालाय पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी को सम्मानित करेगा। विश्वविद्यालय ने उन्हें डि लिट की उपाधि से सम्मानित करने का फैसला किया है। यह सम्मान उन्हें राजनीति, शिक्षा, साहित्य और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक जफर ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में ही उन्हें यह सम्मान देने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि अब उन्हें दिल्ली स्थित उनके आवास पर बुधवार को यह सम्मान दिया जाएगा। जफर ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री को डि लिट की उपाधि से सम्मानित करेंगे। इस मौके पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, राज्य मंत्री दीपक जोशी, सांसद आलोक संजर समेत कैबिनेट के कई मंत्री शामिल होंगे।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (05 मई)

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मौके पर अधिकांश आवेदनों का निराकरण

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कलेक्टर श्री एमबी ओझा के मार्गदर्शन में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में आज संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र के समक्ष 92 आवेदकोें ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। जिसमें से मौके पर 20 आवेदनों का निराकरण किया और शेष लंबित आवेदनों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किए गए हैै। जनसुनवाई कार्यक्रम में विदिशा तहसीलदार श्री रविशंकर राय समेत विभिन्न विभागोें के जिलाधिकारी मौजूद थे।

नेपाल त्रासदी मेें दिवंगत नागरिकों को दी गई श्रद्धांजलि

नेपाल में भूकम्प त्रासदी से असमय दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए पूरे प्रदेश के साथ-साथ विदिशा जिला मुख्यालय पर भी सुबह 11 बजे माधवगंज चैराहा पर एक मिनिट का मौन रखा गया। श्रद्धांजलि सभा में धर्मगुरूओं के अलावा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी और पूर्व विधायक द्वय श्री ठाकुर मोहर सिंह, श्री गुरूचरण सिंह के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, समाजसेवी श्री मुकेश टण्डन तथा पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, सीईओ जिला पंचायत श्री चन्द्रमोहन मिश्र, समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, व्यापारीगण एवं पत्रकारगण, नगर सुरक्षा समिति के सदस्यगण, समाजसेवी संगठनांे के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने उपस्थित गणमान्य नागरिकों से आग्रह किया कि पीडि़त मानवता की सेवा के लिए आगे आए और भूकम्प प्रभावितों के लिए जो भी संभव हो मदद करें। अपर कलेक्टर की अपील पर जनप्रतिनिधियांे, गणमान्य नागरिकों ने राशि दान पेटी में जमा कराई।

सीधे राशि जमा कर सकते है
मुख्यमंत्री सहायता कोष (नेपाल त्रासदी) के लिए आमजन सीधे राशि चेक अथवा ड्राफ्ट या आॅन लाइन जमा कर सकते है। इसके लिए आमजन एकाउंट नम्बर 900710110009394 आईएफएसी कोड़ ठज्ञप्क्0009007 के नाम से भेज सकते है। इसके अलावा बेवसाइट ूूूण्उचवदसपदमण्हवअण्पद के माध्यम से भी राशि इस खाते में सीधे जमा कराए जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 

समितियों को 315 गठाने प्रदाय

समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन कार्यो को सम्पादन करने वाली सहकारी समितियों को 315 गठाने प्रदाय की गई है कि जानकारी देते हुए जिला विपणन अधिकारी श्री विवेक तिवारी ने बताया कि प्रत्येक गठान में पांच सौ बारदाने होते है। समितियों को आवश्यकता पड़ने पर और बारदाने मुहैया कराए जाएंगे। जिले की जिन 22 उपार्जन केन्द्रों को बारदानो की गठाने प्रदाय की गई है उनमें उपार्जन केन्द्र धमनौदा को 35 गठाने एवं करेला के लिए 30 गठाने, सांकलखेड़ाखुर्द, सतपाडासराय और खामखेडा के लिए क्रमशः 20-20 गठाने, कोलिंजा, कागपुर, धामनौद, लटेरी सहित प्रत्येक के लिए 15-15 गठाने इसके अलावा करारिया, ठर्र, इमलावदा, गुरोद, मार्केटिंग सिरोंज, शहरखेडा, धतूरिया, वन बर्रीघाट और अंडियाकलां उपार्जन केन्द्र सहित प्रत्येक के लिए क्रमशः दस-दस गठाने, मूंगवारा एवं हिनोतिया के लिए क्रमशः पांच-पांच गठाने प्रदाय की गई है।

निकाय क्षेत्र मंे शौचालय निर्माण हेतु आवेदन आमंत्रित

स्वच्छ भारत मिशन के तहत विदिशा नगरपालिका क्षेत्रांतर्गत शौचालय विहिन परिवारों से शौचालय निर्माण हेतु आवेदन सात मई तक आमंत्रित किए गए है कि जानकारी देते हुए मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री सत्येन्द्र सिंह धाकरे ने बताया कि निकाय अमले द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निकाय क्षेत्र के ऐसे परिवारों से अपील की है जिनके घर में शौचालय नही है और वे शौचालय का निर्माण कराना चाहते है तो निकाय की स्वास्थ्य शाखा में निर्धारित प्रारूप में अपने आवेदन अंतिम तिथि तक प्रस्तुत कर सकते है। 

सचिव निलंबित

शासकीय कार्यो मेें लापरवाही बरतने पर दो सचिवों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्र के द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि जनपद पंचायत कुरवाई के ग्राम पंचायत भौंरासा के सचिव श्री टीकाराम सेन और विदिशा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सायर के सचिव श्री अजब सिंह पाल के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में दोनो का मुख्यालय संबंधित जनपद पंचायत कार्यालय नियत किया गया है। निलंबन अवधि में दोनो को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

स्नेह सरोकार सम्मेलनांे का आयोजन जारी

आंगनबाडी केन्द्रों के प्रति आमजनों की रूचि बढाने और सतत निगरानी मेें उनकी सहभागिता परलिक्षित हो और कुपोषित बच्चों के प्रति विशेष स्नेह उनका प्राप्त हो इसके लिए स्नेह सरोकार सम्मेलनों का आयोजन जिले में सतत जारी है। पांच मई को पूरे जिले की समस्त आंगनबाडी केन्द्रों में एक साथ ततसंबंधी सम्मेलनों का आयोजन किया गया था। स्नेह सरोकार कार्यक्रम के तहत अति कम वजन के बच्चों को दी जाने वाली सेवाओं से जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों को जोड़ने की विशेष पहल की जा रही है। विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री देवेन्द्र सुंदरियाल ने मंगलवार को नटेरन विकासखण्ड के आंगनबाडी केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया और आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। श्री सुंदरियाल की पहल पर आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक-4 के अति कम वजन की बच्ची नेहा अहिरवार को सरपंच श्री सीताराम दिलेरिया ने गोद लेकर बच्ची को कुपोषित निजात दिलाने की शपथ ली। इसी प्रकार ग्राम पंचायत की पंच संगीता बघेल ने बच्ची अमृता और पंच रेखा अहिरवार ने मुस्कान को गोद लिया है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (05 मई)

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झाबुआ के कलाकारों ने इंडियास् गोट टैंलेट में दी प्रस्तुति 

jhabua news
झाबुआ---साज रंग के दो युवा कलाकारों ने कलर्स पर प्रसारित होने वाले इंडियास् गोट टैंलेट के मंच पर रविवार रात को नजर आए । दोनों युवा कलाकार हिमांशु भूरिया और महावीर परमार पिछले 3 सालों से संस्था के नृत्य प्रशिक्षक आशीष पांडे से डांस की विभिन्न शैलियां सीख रहे हैं । रविवार को इन दोनों युवाओं ने इंदौर के डांस ग्रूप के साथ अपनी प्रस्तुति दी । इस डांस का ग्रूप का नाम कथक बॉयस है । कथक बॉयस ग्रूप के बलवीर सिंह ने आशीष से संपर्क कर दोनों कलाकारों को इंदौर बुलवाया था । जहां से पूरी टीम ने मुबंई में इंडियास गोट टैंलेट के मंच अपनी धमाकेदार प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया । शो की जज और मशहूर अभिनेत्री किरण खेर खुद को रोक नही पाई और ग्रूप के साथ डांस करने मंच पर जा पहुंची ।  पूरे टीम में 50 लोग शामिल थे ।  इस डांस ग्रूप का चयन राउंड के लिए हो चुका है । संस्था के कलाकारों की इस सफलता पर सभी अध्यक्ष धर्मेन्द्र मालवीय, शैलेन्द्र सिंह राठौर, भरत व्यास, प्रशिक्षक आशीष पांडे, दीपक दोहरे, विकास पांडे, वीरेन्द्र सिंह राठौर, प्रवेश उपाध्याय, वीरेन्द्र सिंह ठाकुर,ताहा अली, हर्षुल त्रिवेदी, आदित्य गुप्ता, राहुल बैरागी आदि ने बधाई दी ।

सत्यसाई सेवा समिति आज मनायेगी ईष्वरम्मा दिवस

झाबुआ---श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा बुधवार 6 मई को पूरी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ श्री सत्यसाई बाबा की माता ईष्वरम्मा राजू के निर्वाण दिवस पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जावेगा । समिति के सौभाग्यसिंह चैहान ने जानकारी देते हुए बताया कि  पूरे विष्व में ईष्वरम्मा दिवस पर बालविकास के बच्चों के द्वारा आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रसतुत किये जाते है तथा महिलाओं के लिये आध्यात्मिक आयोजन होते है । सत्यसाई समिति द्वारा विवेकानंद कालोनी स्थित सत्यधाम पर 6 मई को ईष्वरम्मा दिवस मनाया जावेगा । ओंकारम सुप्रभातम के अलावा दिन में गरीबों के लिये नारायण सेवा का आयोजन समिति द्वारा किया जावेगा वही सायंकाल को सर्वधर्म नाम संर्कीतन का आयोजन किया जावेगा तथा बाल विकास के बच्चों द्वारा आध्यात्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी  तािा महामंगल आरती के पष्चात प्रसादी वितरण किया जावेगा ।

जनसुनवाई में सुनी गई समस्याएं, कलेक्टर ने लिये आवेदन

झाबुआ---शासन के निर्देशानुसार प्रातः 11 बजे से जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनसुनवाई में जनसमस्या सें संबधित आवेदन प्राप्त हुवे। जनसुनवाई में आवेदन कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता डिप्टी कलेक्टर सेंयद अशफाक अली, संयुक्त कलेक्टर श्री एन.एस.राजावत ने लिये। आवेदन निराकरण के लिये संबंधित विभागों को आॅनलाइन भेज दिये गये है। जनसुनवाई में विंकलांग कोदरसिंह पिता भावसिंह निवासी झूमका ब्लाक झाबुआ ने विकलांग पेंशन पुनः प्रारंभ करवाने के लिए आवेदन दिया। रावजी पिता नाना निवासी भीमफलिया ने भूमि का सीमांकन करवाने के लिए आवेदन दिया। पंकज पिता अमरा निवासी राणापुर ने नामांतरण करवाने के लिए आवेदन दिया। ग्राम पंचायत धोली खाली ब्लाक पेटलावद के ग्रामीणो ने डूब क्षेत्र में गई भूमि की मुआवजा राशि दिलवाने के लिए आवेदन दिया। श्रीमती तोला पति पांगलिया निवासी भूतेडी तहसील झाबुआ ने चाय का ठेला लगाने हेतु ऋण दिलवाने के लिए आवेदन दिया। श्रीमति झीतर पति हुमजी निवासी फुलमाल तहसील झाबुआ ने बंद हुई विधवा पेंशन पुनः चालू करवाने के लिए आवेदन दिया। अमरसिंग पिता केगु निवासी ग्राम डुंगरालालु ने स्वीकृत इंदिरा आवास की राशि का भुगतान करवाने के लिए आवेदन दिया। श्रीमति धुली पति मानसिंह निवासी फुलमाल ने बंद हुई विधवा पेंशन पुनः चालू करवाने के लिए आवेदन दिया। लालसिंह अमलावद निवासी पेटलावद ने स्वाइन फ्लू रोग से पीडित होने पर उपचार के लिए मुख्य मंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता दिलवाने के लिए आवेदन दिया।

कलेक्टर श्रीमति अरूणा गुप्ता ने कार्यभार ग्रहण किया

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झाबुआ---भोपाल से अपर संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र से स्थानांतरित होकर कलेक्टर झाबुआ पदस्थ हुई श्रीमति अरूणा गुप्ता ने आज 5 मई 2015 को पूर्वान्ह में झाबुआ कलेक्टर का कार्य भार ग्रहण कर लिया है।

भुकम्प की दिवंगत आत्माओ को 1 मिनट का मौन रखकर दी श्रद्धाजंली

झाबुआ---शासन के निर्णय अनुसार आज 5 मई को पूरे प्रदेश में प्रातः 11 बजे नेपाल में भूकम्प के कारण दिवंगत हुई आत्माओं को श्रृद्धान्जली देने के लिये एक मिनिट का मौन रखा गया। झाबुआ जिले में, राजवाडा चैक पर, विभागो के शासकीय कार्यालयो, शैक्षणिक संस्था परिसर इत्यादि स्थानो पर नागरिको द्वारा एकत्रित होकर भूकम्प में दिवंगत आत्माओं को श्रृद्धान्जली देने के लिये 1 मिनिट का मौन रखा गया। मौन धारण के समय राजवाडा चैक पर नवागत कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत श्री धनराजू एस. सहित शासकीय सेवक एवं नागरिकगण उपस्थित थे। मौन के बाद अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकत्र्ताओं ने दानपात्र लेकर व्यवसायिक प्रतिष्ठानो से भूकंप पीडितों के लिए राशि एकत्रित की। भूंकप पिडितो के सहयोग के लिये नागरिकगण चेक/ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सहायता कोष खाता क्र 900710110009394 बैंक आॅफ इंडिया, अरेरा हिल्स, भोपाल के नाम से जारी कर सकते है। ूूूण्उचवदसपदमण्हवअण्पद  के माध्यम से भी यह राशि इस खाते में सीधे जमा की जा सकती है।

समाजसेवी यशवंत भण्डारी ने भूकंप पीडितों के लिये 5 हजार रूपये दिये

झाबुआ---समाजसेवी श्री यशवंत भण्डारी ने नेपाल में आये भूकंप के कारण पीडित परिवारों की सहायता के लिए 5 हजार रूपये दान दिया है।

कैण्डल मार्च निकालकर कर दी श्रृद्धांजली
झाबुआ---विगत 4 मई को शासकीय सेवक एवं झाबुआ शहर के नागरिकों ने कैण्डल मार्च निकालकर नेपाल में भूकंप के कारण दिवंगत हुई आत्माओं को श्रृद्धांजली दी।

बीएसएनएल टावर से बैटरीयो की चोरी
   
झाबुआ--फरियादी मनोहर पिता विजय सिंह भाटी, उम्र 51 वर्ष निवासी अमलेश नामली ने बताया कि अज्ञात आरोपी बीएसएनएल. टावर से बैटरी सेट 24 सेल पावंर प्लाट माडयुल 05 किमती 35,000/‘- रूपये के चुराकर ले गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 165/2015 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बस स्टेण्ड से मिली लाश

झाबुआ---फरियादी मिसरू पिता रामा अमलियार, उम्र 45 वर्ष निवासी लालूडुंगरा ने बताया कि अमरसिंह पिता कालू मेड़ा, उम्र 40 वर्ष निवासी लालडूंगरा काफी शराब पीता था। पांगल जैसा हो गया था। आज उसकी लाश बस स्टेण्ड पर पडी मिली। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में मर्ग क्र0 29/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फांसी लगाकर की आत्महत्या
         
झाबुआ---फरियादी सतरू पिता नरसिंह भूरिया, उम्र 35 वर्ष निवासी बडा घोंसलिया ने बताया कि उसकी माता वदलीबाई पति नरसिंह भूरिया, निवासी बडा घोंसलिया ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्र0 15/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (05 मई)

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विधायक भीमलाल भाजपा ने निलंबित, कांग्रेस से बढ़ रही थी भाजपा नेता की नजदीकियां

देहरादून,5 मई (निस)। घनसाली से भाजपा विधायक भीमलाल आर्य को पार्टी के निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि विधायक की कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ रही थी और उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बैठक का भी बहिष्कार किया था। मंगलवार को भाजपा मुख्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से पार्टी के महामंत्री नरेष बंसल ने बताया कि उन्हे पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेष अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।   भाजपा के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने बताया कि विधायक भीमलाल को तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता ने निलंबित कर दिया गया है। बंसल ने इसका कारण तो नहीं बताया लेकिन समझा जा रहा है कि विधायक की कांग्रेस ने बढ़ती नजदीकियों की वजह से ही ऐसा किया गया है। भाजपा कई बार मुख्यमंत्री हरीश रावत की खुलेआम तारीफ कर चुके हैं। जबकि भाजपा सीएम के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए थी। इस बीच विधायक ने अमित शाह की बैठक का भी बहिष्कार कर दिया। बताया जा रहा है कि विधायक ने पार्टी के साथ हाईकमान के बारे में दुष्प्रचार किया है।

अंडरवर्ड का पैसा लग रहा दून रियल स्टेट कारोबार में!, एनसीआर से टक्कर ले रहा राजधानी का बिल्डिंग कारोबार
  • प्रवर्तन निदेशालय की निगाहें इस कारोबार पर तिरछी, कहां से आ रहा इतना पैसा, इस बारे में हो रही जांच
  • गहन जांच में सीबीआई की भी ली जा सकती है मदद

देहरादून,5 मई (निस)। पिछले कुछ सालों में देहरादून के रियल स्टेट कारोबार में बूम सा आ गया है। हालात ये हैं कि शहर के अंदर ही नहीं चारों ओर कंक्रीट के जंगल खड़े हो रहे हैं। राजधानी का यह कारोबार इन दिनों दिल्ली एनसीआर से मुकाबले खड़ा हो गया है। आशंका है कि इस कारोबार में अंडरवर्ल्ड का पैसा खपाया जा रहा है। शायद यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशालय की निगाहें इस कारोबार पर तिरछी हो गईं है। कई रियल स्टेटे कारोबारियों की अंदरखाने जांच भी शुरू हो गई है। अगर बाहरी पैसा लगने की आशंका सच साबित हुई तो इसकी जांच में सीबीआई का भी सहयोग लिया जा सकता है। दून घाटी में रियल स्टेट का कारोबार तेजी से पनप रहा है। राज्य के लोगों के साथ ही कई बाहरी बिल्डर भी यहां कंक्रीट के जंगल खड़े कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि दून के इस रियल स्टेट कारोबार में इस वक्त डेढ़ से दो हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। जिस तेजी से रोजाना नए-नए प्रोजेक्ट सामने आ रहे हैं, उससे इस कारोबार में होने वाला निवेश ढाई हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि इस कारोबार में मनी लांड्रिंग के जरिए विदेशों से पैसा लगाया जा रहा है। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि इस कारोबार में लगे लोगों को विदेश में लगातार आना-जाना हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस कारोबार में किसी न किसी स्तर पर अंडरवर्ल्ड का पैसा भी इस्तेमाल हो रहा हो। शायद इसी आशंका के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ रियल स्टेटे कारोबारियों की अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि ईडी की जांच के दायरे में फिलवक्त एक दर्जन से अधिक रियल स्टेट कारोबारी हैं। प्रवर्तन निदेशालय इस अत्यंत गंभीर मामले में की गहन जांच में लगा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि और जरुरत पड़ने पर सीबीआई की मदद भी इस संवेदनशील मामले में लेने की तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि इस जांच का दायरा बढ़ सकता है और कुछ महत्वपूर्ण लोग भी इसकी जद में आ सकते हैं। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े जिन कारोबारियों की जांच हो रही है उनका पूरा इतिहास खंगाला जा रहा है। देहरादून की जिन प्राइम लोकेशन पर इन लोगों के हाउसिंग और कामर्शियल प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं या बन चुके हैं, उनका पूरा आंकलन करने के साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन बिल्डरों की उतनी हैसियत है कि जितना पैसा इन प्रोजेक्ट्स में लगा है। यहां यह बता दें कि इस समय दून में कई बड़े हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन हैं। इनमें कई सौ करोड़ रुपया लगा हुआ है। जितना पैसा यहां चल रहे प्रोजेक्ट्स में लगा है उतनी हैसियत इस इलाके में शायद ही किसी बिल्डर की हो। बताया जा रहा है कि बैंक या अन्य किसी फाइनेंस कंपनी ने भी इतना बड़ा फाइनेंस यहां नहीं किया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ईडी की जांच में क्या निकलता है और इन कारोबारियों पर किस हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।

बाइक से विदेशी कार तक
बताया जा रहा है कि इस धंधे में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि कुछ पहले तक एक बाइक से घूमा करते थे। कुछ ही सालों में इनका कारोबार सैकड़ों करोड़ तक पहुंच गया। देश के अलावा विदेश तक में कारोबार फैला हुआ है। विदेशों में लगातार आना-जाना है। दून में ये लोग विदेशी और खासी मंहगी गाडि़यों में घूमकर पैसे की चमक बिखेरते रहते हैं। बताया जा रहा है कि ईडी की निगाह इन लोगों पर भी है।

गैरसैंण को राजधानी घोषित करे केंद्र, कांग्रेस अध्यक्ष का भाजपा पर राज्य को उलझाने का आरोप
  • पेट्रो पदार्थों की कीमत में इजाफा चंद लोगों की खातिर, छह मई को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

देहरादून, 5 मई (निस)। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दौरे को राज्य के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया। किशोर ने कहा कि भाजपा केंद्र में बहुमत के साथ सत्ता में है। लिहाजा गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने के लिए संसद में प्रस्ताव पारित करे। यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से रूबरू किशोर ने कहा कि भाजपा इस उत्तराखंड राज्य को बनाने के श्रेय लेना चाहती है। लेकिन भाजपा ने ही इस राज्य के अहम मुद्दों को उलझा रखा है। आखिर क्या कारण रहा राज्य बनाते वक्त इसकी राजधानी के बारे में कोई फैसला नहीं किया लिया। अब भाजपा केंद्र में बहुमत में है। ऐसे में भाजपा को गैरसैंण को राजधानी घोषित करने के लिए संसद में प्रस्ताव लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर राज्य बनाते वक्त सही फैसला लेती तो आज उत्तराखंड की जमीन पर बने जलाशयों और सिंचाई नहरों पर उत्तर प्रदेश का कब्जा नहीं होता। भाजपा ने ही इस नए राज्य को तमाम उलझनों में फंसाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के देहरादून दौरे को राज्य के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला बताया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए केंद्र सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया। इसी तरह हरिद्वार कुंभ के लिए भी कोई राशि नहीं दी है। चारधाम यात्रा मार्ग या तो नेशनल हाई-वे हैं या फिर बीआरओ के पास हैं। इन संस्थाओं को भी केंद्र सरकार कोई पैसा नहीं दे रहा है। इससे यात्रा मार्गों की हालत भी खराब हो रही है। पूरे राज्य में बेमौसमी बारिश ने किसानों को तबाह कर दिया है। लेकिन केंद्र कोई मदद देने को तैयार नहीं है। इन हालात में अमित शाह के दौरे से उम्मीद थी कि वे अपनी पार्टी की सरकार से उत्तराखंड के लिए कुछ मदद लेकर आएंगे। लेकिन शाह तो यहां अपनी ही पार्टी के नेताओं के सवालों का जवाब नहीं दे सके। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम होने के बाद भी भाजपा पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा उन लोगों को लाभ पहुंचाने की है, जिन्होंने लोकसभा के चुनाव में उन्हें भरपूर पैसा दिया। कांग्रेस ने तय किया है कि पेट्रो पदार्थों के मूल्य में बढ़ोतरी के खिलाप छह मई को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। वार्ता के दौरान लाल चंद शर्मा और राजेंद्र शाह भी मौजूद रहे।

मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने तहसील मुख्याल में किया जोरदार प्रदर्शन, प्रदेश सरकार, क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय सांसद के खिलाफ की नारेबाजी

गुप्तकाशी, 5 मई (निस)। केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी कर तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री हरीश रावत को ज्ञापन भेजते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अन्तर्गत मांगों पर अमल नहीं किया गया तो आगामी 12 मई को गुप्तकाशी मंे चक्काजाम किया जायेगा। पूर्व निधारित कार्यक्रम के तहत केदारघाटी के दर्जनोें गांवों के सैकडों तीर्थ पुरोहित मंधुगंगा हेलीपैड पर एकत्रित हुये तथा लगभग साढ़े ग्यारह बजे मंधुगंगा हेलीपैड़ से प्रदेश सरकार, क्षेत्रीय संासद व क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुये मुख्य बाजार होते हुये तहसील परिसर पहुंचे। तहसील परिसर पहुंचते ही प्रदर्शनकारी एक सभा में तब्दील हुये। सभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कहा कि आपदा के दो वर्ष बाद प्रदेश सरकार द्वारा केदारनाथ यात्रा को विधिवत शुरू तो किया गया है, मगर स्थानीय तीर्थ पुरोहितों व व्यापारियों को केदारनाथ धाम से दूर रखा गया है। केदारनाथ धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यांे का लाभ मैदानी लोगों व पूंजीपतियों को मिल रहा है, जबकि पुनर्निर्माण कार्यो में कमीशन बाजी जोरो पर है। वक्ताओं ने कहा कि आपदा के दो वर्ष बाद भी केदारपुरी की सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा दीवारों व आपदा की भंेट चढ़े ईशानेश्वर महादेव, अमृतकुण्ड, उदककुण्ड, नवदुर्गा मन्दिर, सत्यनारायण, पंचमुखी महादेव, अन्नपूर्णा मन्दिर, गंगाघाट, रेतस व हंस कुण्ड का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है। मध्यमार्ग के दोनों ओर वास आउट भवनों का पुर्नमूल्यांकन से मुआवजा धन राशि सहमति के आधार पर शीघ्र वितरण की जाय तथा नये भवनों के निर्माण के लिये भूमि चयन प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाय। तीर्थ पुरोहितों ने मांग की कि ऊखीमठ तहसील को पिछडा क्षेत्र घोषित करने के साथ-साथ केदारनाथ धाम को मोटरमार्ग से जोडा जाय। तीर्थ पुरोहित समाज ने तहसील प्रशासन के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी है कि यदि सात दिनों तक उनकी मांगांे पर अमल नहीं किया गया तो वे 12 मई को गुप्तकाशी में चक्काजाम करने के लिए बाध्य जाएंगे। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष शंकर प्रसाद बगवाडी, महामंत्री केशव तिवाडी, माधव कर्नाटकी, विष्णुकान्त शुक्ला, जयन्ती कुर्माचली, दिनेश बगवाडी, चन्द्रशेखर शर्मा, पशुपतिनाथ बगवाडी, कैलाश पुरोहित, कुवेरनाथ पोस्ती, राजेन्द्र प्रसाद लहरी, किशोरलाल बहुगुणा, प्रेम प्रकाश जुगराण, अनिल तिवाडी, सुमन तिवाडी, विपिन सेमवाल, गंगाधर नौटियाल, राजाराम सेमवाल, राकेश तिवाडी, देवेश चन्द्र शुक्ला, राजकुमार तिवाडी सहित कई तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।

प्रदेश में 600 हेक्टेयर में चाय बागान विकसित होंगे विकसित, पर्वतीय क्षेत्रों में बीज उत्पादन प्रोत्साहन की योजना होगी शुरू: मुख्यमंत्री
  • किसानों को सहयोग व सहारे की जरूरत: हरक सिंह रावत

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देहरादून, 5 मई (निस)। टीडीसी द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बीज उत्पादन प्रोत्साहन की योजना प्रस्तुत करने पर राज्य सरकार कार्यशील पूंजी के लिए साॅफ्टलोन उपलब्ध करवाएगी। कृषि व उद्यान विभाग कुछ फसलों को चिन्हित कर अग्रिम अनुदान योजना प्रारम्भ करे जिसमें कि किसानों को फसलों के बोने से पहले ही कुछ राशि अग्रिम अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई जाए।  शिमला बाईपास पर  आयोजित कृषक महोत्सव खरीफ 2015 में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एक वर्ष में प्रदेश में 600 हेक्टेयर में चाय बागान विकसित किए जाएंगे। पावर ट्रिलर आदि कृषि उपकरणों में यदि विभाग को वेट हटाए जाने की आवश्यकता महसूस होती है तो प्रस्ताव भेजने पर सरकार विचार करेगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 9 प्रतिशत भाग ऐसा है जिस पर न तो वन हैं और न ही खेती होती है। इस भाग को उत्पादक भाग के रूप में बदलना है। माल्टा, नींबू व आंवला के पेड़ पर 300 रूपए प्रति वृक्ष जबकि अखरोट पर 400 रूपए प्रति वृक्ष की प्रोत्साहन राशि की योजना प्रारम्भ की गई है। इसके तहत अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाए। मंडुवा, चैलाय व फाफर के लिए अलग से उत्पादन, संवर्धन व विपणन बोर्ड बनाया जाए। मंडुवा, चैलाय व फाफर के उत्पादन पर बोनस राशि देने के लिए प्रमुख सचिव कृषि योजना बनाकर केबिनेट में प्रस्तुत करें। यह जानकारी दिए जाने पर कि 50 प्रतिशत काश्तकारेां के साॅयल हेल्थ कार्ड बना दिए गए हैं, मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस काम में और भी अधिक तेजी लाई जाए। हर किसान के पास साॅयल हेल्थ कार्ड होना चाहिए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय हमारे किसान भाई परेशान हैं। प्रकृति के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी पूरी तरह से भरपाई नहीं की जा सकती है। फिर भी राज्य सरकार किसानों के साथ सदैव खड़ी है। कृषि व उद्यान विभागों को 200 करोड़ रूपए निर्गत किए गए हैं ताकि प्रभावित काश्तकारों को नुकसान की भरपाई की जा सके। न्यूनतम मुआवजे को बढ़ाकर 1500 रूपए किया गया है जो कि देश में सर्वाधिक है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगली फसल के बीज किसानों को समय से उपलब्घ करवाना सुनिश्चित किया जाए। मिनी किट का वितरण निशुल्क किया जा रहा है। बची हुई बागवानी को सुरक्षित करने के लिए कीटनाशकों का राज्य सरकार की ओर से छिड़काव किया जाएगा। हल्दी व अदरक के बीजों पर 70 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हिम्मत बनाए रखें। राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। कृषि यंत्रीकरण पर उŸाराखण्ड में सर्वाधिक अनुदान दिया जा रहा है। किसान, समूह बनाकर कृषि यंत्रों का प्रयोग करें। सहकारी बैंकों के माध्यम से गैप-मनी उपलब्ध करवाई जाएगी।  मुख्यमंत्री ने जैविक बागवानी के लिए दो जिले चिन्हित करने के निर्देश दिए। वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अपनी आय बढ़ाने वाले किसानों की सूची तैयार की जाए। उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित किया जाए और कृषि महोत्सवों, संगोष्ठियों में आमंत्रित कर अपने विचार व सुझाव रखने के लिए पे्ररित किया जाए। कृषि व बागवानी विभाग बीज ब्लाॅक के रूप में कुछ ब्लाॅक विकसित करें। प्रति वर्ष 5 से 10 प्रतिशत किसानों को बीज उत्पादक किसान के रूप में परिवर्तीत करें। बीज बदल को अभियान के तौर पर चलाया जाए। किसान बहुआयामी बनें। कृषि के साथ ही अन्य सहायक गतिविधियों जैसे कि डेयरी, सब्जी उत्पादन आदि को भी अपनाएं। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध सहकारी समितियों को 4 रूपए जबकि महिला दुग्ध सहकारी समितियों को 6 रूपए प्रति लीटर का बोनस दिया जा रहा है। रेशम में कुछ कार्य होता दिख रहा है। गढ़वाल व कुमायूं में लेमन ग्रास आदि सुगन्धित पौधों के 6-6 क्लस्टर बनाए जाएं। कृषि मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने कहा कि कृषि महोत्सवों से जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। इस समय किसानों को सहयोग व सहारे की जरूरत है। सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। किसान भाई अधिक से अधिक इनका लाभ उठाएं। प्रदेश के प्रत्येक न्याय पंचायत में कृषि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कृषि प्रदेश की आर्थिकी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कृषि रथों को औपचारिक रूप से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। कुछ किसानों को ‘‘किसान श्री’’ व ‘‘किसान भूषण’’ से सम्मानित किया गया जबकि कुछ किसान समूहों को कृषि यंत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। 

कृषि महा उत्सव खरीफ का शुभारंभ किसानों को दी लाभकारी योजनाओं की जानकारी

हरिद्वार ,5 मई (निस)। राज्य सरकार द्वारा कृषि महा उत्सव खरीफ का शुभारंभ जहां राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत, कृषि मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत द्वारा राजधानी देहरादून मंे किया गया वहीं हरिद्वार में भी कृषि महा उत्सव खरीब बहादाबाद ब्लाॅक में गोष्ठी की गई जिसमें किसानों द्वारा अपनी समस्याओं के निदान के लिये क्रमवार अधिकारियों के सम्मुख अपनी उपज से सम्बन्धित कृषि खेती की समस्याओं के बारे में अधिकारियों के सम्मुख उठाया गया। कृषि महा उत्सव खरीब के मुख्य अतिथि पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष चै0 राजेन्द्र सिंह, विशिष्ट अतिथि कैबिनेट दर्जा प्राप्त रूड़की के विधायक प्रदीप बत्रा, विशिष्ट सम्मानित अतिथि कृषि उत्पादन मण्डी समिति अध्यक्ष संजय चोपड़ा सहित मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सहायक मनोज शर्मा पंत नगर विश्वविद्यालय से आये कृषक वैज्ञानिक व ग्रामीण क्षेत्रों के प्रधान व जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किसानों तक हरसंभव भरपूर लाभ देना। कार्यक्रम के संयोजक मुख्य कृषि अधिकारी जे0पी0 तिवारी द्वारा मुख्य अतिथि व जनप्रतिनिधियों का माल्यार्पण व बुके देकर स्वागत किया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष चै0 राजेन्द्र सिंह ने कहा राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा किसानों की सुविधाओं के लिये राज्य में भ्रतक प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देशन मंे कृषि महाउत्सव खरीब द्वारा राज्य की किसान कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि किसान भाईयों की सहुलियत के लिये इस प्रकार के आयोजन साल में दो बार किये जाते हैं। रूड़की के विधायक दर्जाधारी कैबिनेट मंत्री प्रदीप बत्रा ने कहा कि बिन मौसम बारिश से जो किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है उसके लिये हमारी सरकार बचनबद्ध हैं और निरंतर प्रयास कर किसानों की हर समस्या के निदान के लिये कृषि मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत पूरे प्रदेश में किसान क्रांति के लिये भरपूर प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देशन में यह कार्यक्रम 05 मई से 14 मई तक हर नये पंचायत में किसान रथों के माध्यम से किसानों को जागरूक किये जाने का कर रहे हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट सम्मानित अतिथि कृषि उत्पादन मण्डी समिति चैयरमेन संजय चोपड़ा ने कहा कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा किसानों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये इस प्रकार के आयोजनों किये जाते हैं। कृषि उत्पादन मण्डी समिति किसान के द्वार यह प्रयास मेरी ओर से जारी है। उन्होंने कहा शीघ्र ही हरिद्वार में फूलों के किसान के लिये 12 दुकानें व आयुष के लिये 6 दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं राज्य की सरकार की ओर से पहले जो किसान खेती के समय जिनका व्यक्तिगत दुर्घटना हो जाती थी उसकी राशि में भी राज्य सरकार द्वारा चैगुनी वृद्धि की गई है। किसान भाई मण्डी में अपनी उपज का सही मूल्य अर्जित कर सकें। इसके लिये मेरे प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत के निजी सहायक मनोज शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पूर्व में केन्द्रीय मंत्री सांसद रहते हुए इस हरिद्वार क्षेत्र का किसान भाईयों के लिये अपार विकास करने का कार्य किया है। वहीं पूर्व में अर्द्धकुंभ मेले की बैठक में किसानों को हरसंभव राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिये व युद्ध स्तर पर पर्वतीय क्षेत्रों व तराही क्षेत्रों में ताबातोड़ सभायें व जनसभाओं के माध्यम से राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं।

अवैध खनन रोकने के लिए दमन विरोधी संघर्श समिति को समर्थन 

देहरादून , 5 मई,(निस)ः पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने आज नई दिल्ली स्थित जन्तर मन्तर पर धरना दे रहे दमन विरोधी संघर्श समिति ग्राम वीरपुर लच्छी, रामनगर जिला नैनीताल को अपना समर्थन देते हुए कहा कि राज्य में हर तरफ अवैध खनन माफिया पनप रहा है। उन्होंने कहा कि कल हुए रामनगर तराई पष्चिमी क्षेत्र की आई.एफ.एस. अधिकारी कल्याणी पर हुए जानलेवा हमले की भत्र्सना करते हुए कहा कि यदि अवैध माफिया अधिकारियों पर इस प्रकार हमले करेगा तो आम जनता का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा कि अवैध माफिया की राज्य सरकार से सांठगांठ है जिससे उनके हौसलें बढ़े हुए हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चैथा स्तंभ है और ऐसे में पत्रकारों पर हमला सीधा लोकतंत्र पर हमला है। प्रभात ध्यानी पर हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि दोशी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। सरकार द्वारा उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। राज्य की सरकार पर निषाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदेष की जनता व जनता के हितो से कोई सरोकार नहीं है तभी तो लोग खनन माफिया से त्रस्त हैं लेकिन प्रदेष सरकार मस्त है। भाजपा राश्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने कहा कि रामनगर के मुख्य मार्ग के आस-पास की भूमि सस्ती हो गई है क्योंकि रातभर वहां अवैध खनन के डम्फर षोर करते रहते हैं ऐसे में लोगों की नींद भी पूरी नहीं हो पाती इस कारण वहां कोई जमीन लेने को तैयार नहीं है। अवैध खनन से जनता में एक भय व्याप्त है लेकिन प्रदेष सरकार को बार-बार षिकायत देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही जो सरकार की उदासीनता का परिचायक है। 

गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषा के सरंक्षणम के लिये आगे आये युवा पीढ़ीः नेगी
  • वार्षिकोत्सव में कवि सम्मेलन का आयोजन

गुप्तकाशी, 5 मई (निस)। एमएल पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव के द्वितीय सत्र में कलश एवं लोक भाषा समिति के तत्वावधान में गढ़वाली कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए गढ़ गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी धीरे-धीरे गढ़वाली बोलचाल को त्याग कर रही है। जो कि हमारे पहाड़ की संस्कृति के लिये बहुत ही बुरा है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली एवं कुमाऊंनी भाषा को आठवीं अनुसूचि में शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही यहां के युवाओं को गढ़वाली बोली भाषा का बढ़-चढ़कर प्रचार-प्रसार करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कलश संस्था के अध्यक्ष ओम प्रकाश सेमवाल ने कहा कि गढ़वाली भाषा से ही पहाड़ की पहचान है। बाहरी क्षेत्रों से आने वाली व्यक्ति हमारी भाषा एवं पहनावे से खासे प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि कलश द्वारा समय-समय पर गढ़वाली एवं कुमाऊंनी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिये इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने यखेई पिरथिमा ये ही जलम मा देखित त छैंच कख देखी होली, कवि देवेन्द्र नेगी ये उच्चा डांडा, मुरली दीवान शून्य तैं मजाक होंई, ओमप्रकाश सेमवाल कर सृजन, नया सृजन होण चैंद, बदलों की सिरोबगड़, नई बहाण औण चैंद, जगदम्बा प्रसाद ने कति चैणों खाणों तैं, कति चैणू लाण तै, कति धाणि छिन चैंणी ये गौं पराण तैं आदि कवितओं की प्रस्तुति दी। इस दौरान कलश की ओर से युवा पत्रकार मोहित डिमरी को बेहतरीन पत्रकारिता एवं फोटोग्राफी के लिये स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर कवि सुधीर बत्र्वाल, देवेन्द्र उनियाल, डाॅ शैलेन्द्र मैठाणी, गणेश खुगशाल गणि सहित कई मौजूद थे।

बड़कोट से दून आ रही विवाहिता गायब, पुलिस ने टीमें बना कर शुरू की तलाश

देहरादून, 5 मई (निस)। बड़कोट से विकासनगर के लिए चली दो बच्चो की मां संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गयी है। परिजनों ने बड़कोट थाने में तहरीर देकर गुमशुुदगी दर्ज करायी है। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और संभवतः यह महिला अभी देहरादून के विकासनगर भी नहीं पहुंची है। पुलिस परिजनों से भी पूछताछ कर रही है हालांकि फिलहाल कोई पारिवारिक कारण अब तक सामने नहीं आया है। घटनाक्रम के अनुसर बड़कोट मे ग्राम सभा सिड़क से मुज्जफरनगर के ग्राम कादीपुर थाना भोपा में महिला का ससुराल था और अपने मायके ग्राम सिड़क से 30 अप्रैल को बड़कोट आयी। महिला को बड़को से विकासनगर जाना था परन्तु वह नाटकीय अंदाज में रास्ते से ही लापता हो गयी । थानाध्यक्ष विजय भारती के अनुसार महिला के पिता गुरू प्रसाद पुत्रा सुरेशानन्द ने थाना बड़कोट में अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी है जिसमें उनके द्वारा बताया कि 27 फरवरी को श्रीमती आशा देवी पत्नी लोकेन्द्र मुज्जफरनगर से एक शादी में सिड़क गांव आये हुए थे और तब से वह गांव में ही थी। 30 अप्रैल को बड़कोट से उसे विकासनगर जाना था, जहां उसका पति उसका इन्तजार कर रहा था। बताते हैं कि बड़कोट से निकलने के बाद वह विकासनगर नही पहुंची। परिजनों के अनुसार काफी तलाश की गयी। ससुराल पक्ष ने भी महिला की तलाश की लेकिन पता नही चल पाया। हर तरफ से निराश होने के बाद आखिर कल बडकोट पुलिस को इस संबंध् में जानकारी दी गयी।  थाना बड़कोट से टीमों का गठन कर महिला को खोजने का प्रयास किया जा रहा है। महिला के पति लोकेन्द्र ने बताया कि 30 अप्रैल को उसे बड़कोट से विकासनगर आना था, अपनी पत्नी को लेने वह भी विकासनगर आया था परन्तु देर रात तक उसके न पहुचने पर हमने अपने ससुराल सम्पर्क किया जहां से हमे यह जानकारी दी गयी कि वह देहरादून के लिए सुबह ही चल पड़ी थी। इसके बाद आशा की तलाश शुरू की गयी लेकिन आशा का कहीं कुछ पतानहीं चल पाया। आशा के बारे में निकटवर्ती थानों में भी सूचना दे दी गयी है। 

तीन घरों में बिजली चोरी हुई उजागर

देहरादून, 5 मई (निस)। विद्युत विभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर पटेलनगर क्षेत्र में एक साथ छापे मारे जहां एक ही मौहल्ले के कई घरों में बिजली चोरी पकड़ी गयी। सभी लोगो के खिलाफ विद्युत अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार पटेलनगर क्षेत्रा गणेशपुर में कापफी दिनों से लाईन लाॅस्ट की शिकायत मिल रही थी। इसी आधर पर विद्युत प्रवर्तन दल ने गणेशपुर में मुखबिरों को भेजा और सही लोकेशन निकाल कर एक साथ छापे मारे। टीम ने यहां कैसूवाला गांव में श्रीमती सविता पत्नी भजनलाल, दयाराम, अशोक एवं मनजीत के घर पर बिजली चोरी पकड़ी। इन लोगों ने मेन लाईन पर कंटिया डाल कर घर में बिजली ले रखी थी। वहीं बताया जा रहा है कि गांव में अन्य घरांे मंें भी बिजली चोरी की जा रही थी लेकिन टीम के आने की खबर मिलते ही अधिकांश लोगों ने मेन लाईन से कंटिया खींच ली। ऐसे लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। अवर अभियंता राजपाल सिंह की ओर से उक्त सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

दहेज लोभियांे के खिलापफ दो मामले दर्ज

देहरादून, 5 मई (निस)। दून में दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार बढ रहे हैं। ससुरालियों की डिमांड पूरी न करने पर ऐसी महिलाओं को शादी के बाद भी अपने माता-पिता की शरण लेनी पड़ रही है। वहीं महिला हैल्प लाईन भी इस प्रकार के मामलों में सुलहनामे कराने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है जिस कारण ऐसे मामलों की सूची लगातार तेजी से बढ रही है। ऐसे ही दो मामलांे में दहेज उत्पीड़न के मामले में पटेलनगर कोतवाली में पति समेत अन्य ससुरालियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पटेलनगर निवासी श्रीमती आरती ने पुलिस को बताया कि उसका विवाह हरिद्वार निवासी अर्पण के साथ हुआ था। महिला के अनुसार शादी के तुरंत बाद से ही उसके ससुरालियों द्वारा न केवल उसका दहेज को लेकर उत्पीड़न कर रहे थ्ेा बल्कि उसके मारपीट करते हुए दहेज में नगदी एवं सामान लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। पति एवं ससुराल के अन्य सदस्यों द्वारा रोज के दबाव के बाद आरती ने इस बारे मेें अपने परिजनों केा बताया तो उन्होंने भी दहेज की इस मांग को पूरा करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी। लड़की मायके से इंकार सुनने के बाद ससुराली उस पर अत्याचार करने लगे जिस पर आरती को अपने पति का घर छोड़ अपनी मां के घर आना पड़ा। पटेलनगर पुलिस ने पति सहित आध दर्जन ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं पटेलनगर थाने में ही भंडारी बाग निवासी श्रीमती पल्लवी ने भी अपने ससुरालियांे के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया है। पल्लवी का ससुराल नोएडा में है। पल्लवी की शिकायत पर पति अंकित सहित अन्य लोगों के खिलापफ वाद पंजीकृत कर लिया गया है। दोनों मामलांे में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

शराब व सट्टा पर्चा बरामद, एक आरोपी पफरार

देहरादून, 5 मई (निस)। अवैध शराब लेकर जा रहा शराब तस्कर पुलिस को देखकर फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी का स्कूटर एवं शराब जब्त कर ली है। आरोपी की तलाश की जा रही है। वहीं सट्टे की खाईबाड़ी में लिप्त एक युवक को भी पुलिस ने कल शाम गिरफ्रतार किया है। सहसपुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार तिलवाडी रोड भाउवाला में चैकिंग के दौरान स्कूटर पर आ रहे एक युवक को रोक कर जब पुलिस ने उसकी तलाशी लेनी चाही तो स्कूटर सवार ने पहले ही अपना स्कूटर रोक दिया और उसमें से उतर कर पफरार हो गया। पुलिस ने युवक का पीछा किया लेकिन युवक हाथ नहीं लगा। स्कूटर की तलाशी लेने पर पर उसमें से देशी शराब के 52पव्वे बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार पफरार आरोपी का नाम अजय कुमार है और वह भाउफवाला का ही रहने वाला है। पुलिस के अनुसार आरोपी की तलाश की जा रही है। वहीं कैंट पुलिस ने गजियावाला क्षेत्रा से पदम बहादुर को गिरफ्रतार कर उसके पास से सट्टे के पर्चे एवं नगदी बरामद की है।

दिल्ली में गूंजा उत्तराखण्ड में अवैध खनन का मामला, जंतर-मंतर पर धरने में सतपाल महाराज और ऐरी भी बैठे
  • दमन विरोधी संघर्ष समिति का था आह्वान, परिवर्तन पार्टी ने भी की धरने में हिस्सेदारी
  • प्रदेशभर से पहुंचे लोगों ने किया प्रदर्शन, सरकार पर माफिया से मिलीभगत का आरोप

नई दिल्ली/देहरादून,5 मई (निस)। दमन विरोधी संघर्ष पार्टी के आह्वान पर आज उत्तराखंड के लोगों ने जंतर-मंतर पर धरना और प्रदर्शन किया। इनका आरोप था कि उत्तराखंड में सरकार और माफिया के गठजोड़ से राज्य में अवैध खनन का काम हो रहा है और अनुसूचित जाति के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। अफसरों पर हमले हो रहे हैं और सरकार मौन बैठी है। भाजपा नेता सतपाल महाराज, उत्तराखंड क्रांति दल के नेता काशीसिंह ऐरी के साथ ही उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मुखिया पीसी तिवारी ने भी धरने पर बैठकर समिति की मांग को जायज करार दिया। समिति के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों से लोग जंतर-मंतर पहुंचे और धरना दिया। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार और माफिया तंत्र का गठजोड़ हावी हो गया है। सूबे में हर तरफ अवैध खनन हो रहा है। इसे रोकने वाला कोई नहीं है। अगर कोई अफसर इसे रोकने की दिशा में कदम बढ़ाता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है। पहले तो एफआईआर ही दर्ज नहीं होता। अगर हो भी जाए आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाती है। वक्ताओं ने कहा बाजपुर में एक महिला आईएफएस कल्याणी ने अवैध खनन रोकने की कोशिश की तो दबंगों ने उसके साथ मारपीट और अभद्रता की। मुख्य आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़ा। इसी वजह से एफआईआर के पांच रोज बाद तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो की गई। कोटद्वार में एक नायब तहसीलदार को भी अवैध खनन करने वालों ने पीटा। जंतर -मंतर पर धरने का समर्थन करने पहुंचे पूर्व रेल राज्यमंत्री और भाजपा नेता सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार प्रदेश में लूट-खसोट करने के साथ ही खनन माफियाओं को शह दे रही है। उक्रांद नेता काशीसिंह ऐरी ने कहा कि राज्य में अवैध खनन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यध पीसी तिवारी ने कहा कि ग्राम वीरपुर लच्छी के अनुसूचित जाति के लोगों को प्रताड़ित किया रहा है और उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं है। धरना देने वालों में दमन विरोधी संघर्ष समिति के प्रभात ध्यानी, छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष गणेश रावत, व्यापारी नेता मनमोहन अग्रवाल के अलावा वीरपुर लच्छी ग्राम के तमाम अनुसूचित जाति के लोग मौजूद रहे।

सरकार किसान के द्वार का शुभारम्भ मनोज तिवारी ने किया 

अल्मोड़ा, 5 मई (निस)। कृषि निवेशों की उपलब्धता बनाये रखने एवं तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘‘सरकार किसान के द्वार’’ कार्यक्रम कृषक महोत्सवों का आयोजन खरीफ के मौसम में किया जा रहा है यह बात संसदीय सचिव मनोज तिवारी ने आज विकास भवन में कृषि रथों को हरी झंडी दिखाकर प्रस्थान करने के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 05 मई से 15 मई तक प्रत्येक न्यायपंचायत स्तर पर कृषि महोत्सवों का आयोजन किया जा रहा है। इन महोत्सवों के माध्यम से कृषकों को नयी तकनीक की जानकारी के साथ कृषि निवेशों के बारे में भी ज्ञान कराया जायेगा। उनहोंने इन महोत्सवों में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता पर बल देते हुए अधिकाधिक लोगों से इन महोत्सवों का लाभ उठाने की बात कहीं। संसदीय सचिव ने कहा कि इन महोत्सवों में खरीफ फसलों के उन्नतशील बीजों की जानकारी एवं वितरण, सब्जी बीजों का वितरण, उन्नतशील कृषि यंत्रों की जानकारी, पशु टीकाकरण, विभिन्न वैज्ञानिकों व अधिकारियों द्वारा कृषि उद्यान, डेरी विकास, मत्स्य विकास एवं जड़ीबूटी आदि से सम्बन्धित नवीनतम जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृषक महोत्सवों से ग्रामीण अंचलों के काश्तकारों को लाभ मिल रहा है। संसदीय सचिव ने जनपद स्तर के पाॅच उन्नत कृषकों को आजिविका परियोजना के तहत 25-25 हजार रू0 नगद पुरूस्कार सहित किसान भूषण सम्मान से नवाजा साथ ही 46 ब्लाॅक स्तरीय कृषकों को 10-10 हजार रू0 नगद पुरूस्कार व कृषि श्री सम्मान से नवाजा। यह पुरूस्कार कृषि, बागवानी, सब्जी, पशुपाल, मत्स्य पालन के क्षेत्र में दिया गया इसके अलावा इस अवसर पर 04 काश्तकारों हरगोविन्द सिंह, संजय सिंह, गोपाल सिंह, इन्द्रपाल सिंह को पावर वीडर प्रदान किया गया जो हवालबाग ब्लाॅक के थे। इसी तरह दो काश्तकारों को मडुवा थ्रेशर हर गोविन्द सिह, संजय सिंह, एवं ताकुला ब्लाॅक के दो काश्तकार महेन्द्र सिंह व रमेश चन्द्र जोशी को जल पम्प, मुख्य अतिथि व विषिश्ट अतिथि द्वारा प्रदान किये गये। संसदीय सचिव ने स्वैच्छिक चैकबन्दी अपनाने के लिए काश्तकारों को प्रेरित किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो कृषक अपनी कृषि कार्य करने के दौरान अपंग हो जाते है उन्हें तीलू रौतेली पेंशन योजना से लाभान्वित किया जायेगा। संसदीय सचिव ने जैविक खेती को अपनाने के लिए काश्तकारों से अपील की साथ ही उन्होंने कहा कि शासन द्वारा कृषकों के उत्थन हेतु जो योजनायें चलायी जा रही है उसका लाभ व अवश्य लें। इससे पूर्व प्रातः मां0 संसदीय सचिव ने विकास भवन में पशुपालन, उद्यान, आजिविका, कृशि, विवेकानन्द कृशि अनुसंधान, मत्स्य, रेशम द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसका शुभारम्भ भी किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश महिलायें काश्तकारी से जुड़ी रहती है इसलिए हमंे उसकी ओर विशेष ध्यान देना होगा साथ ही शासन द्वारा जो कृषि के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे है उनका लाभ लेना होगा। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य विकास अधिकारी डा0 अहमद इकबाल ने कहा कि इन महोत्सवों में प्रत्येक विभाग के अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा जल संरक्षण व संवर्द्धन के लिए लोगों को पे्ररित करने के साथ ही साथ कच्चे तालाब निर्माण चाल-खाल संरक्षण पौलीथिन टैंक आदि के बारे में भी जानकारी दी जायेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पर्वत का पानी पर्वत में, जलागम का पानी जलागम में, गाॅव का पानी गाॅव में, खेत का पानी खेत में संरक्षित करके एक जल संस्कृति के सार्थक व व्यवहारिक दृष्टिकोण पर भी बल दिया जा रहा है। मुख्य कृशि अधिकारी डा0 अभय सक्सेना ने बताया कि ‘‘सरकार किसान के द्वार ’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत समस्त विकासखण्डों के न्यायपंचायत मुख्यालयों में इन कृषि रथों को भेजा जा रहा है आज विकासखण्ड हवालबाग, लमगड़ा, ताकुला, भैंसियाछाना व धौलादेवी को हरी झंडी दिखाकर रवानगी की गयी। दूरस्थ क्षेत्र के विकासखण्डों के लिए कृषि रथों का प्रस्थान कल कर दिया गया था कि आज से षुरू होने वाले कार्यक्रमों में वे समय से पहले पहॅुच सके। इन रथों में शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से सम्बन्धित प्रचार साहित्य व सूचना विभाग द्वारा प्रकाषित निःशुल्क प्रचार साहित्य वितरण हेतु उपलब्ध कराया गया है साथ ही कृषि निवेश व कीटनाषक दवाइयाॅ आदि भी उपलब्ध कराई गयी हैं। उन्होंने कहा कि इस बार न्याय पंचायत स्तर पर कृषि यन्त्रीकरण के प्रचार-प्रसार को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा। इस समारोह में मुख्य पशुधन अधिकारी डा0 बी0एस0 जगंपागीं, किसान विज्ञान केन्द्र मटेला के बी0बी0 सिंह, उद्यान अधिकारी एन0आर्या, सहायक निदेशक रेशम पी0पाण्डे, सहायक निदेशक मत्स्य गणेश चन्द्र जोशी, सहित कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों ने अपने सुझाव काश्तकारों को दिये। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने काश्तकारों को जागरूक रहने की अपील की साथ ही कहा कि हमें तकनीक का लाभ उठाना होगा। विभिन्न क्षेत्रों के आये काष्तकारों ने पाॅलीहाउस के निर्माण हेतु जो अनुदान दिया जाता है उसे शीघ्र स्वीकृत कराने अदरक, हल्दी, लौकी, मूली, आलू का बीज समय से उपलब्ध कराने की बात कही। इनमें मोहन सिंह चैखुटिया, बृजमोहन फुलारा दूनागिरी, करन रावत स्याल्दे देघाट, मोहन सिंह बग्वालीपोखर, नन्दाबल्लभ पाण्डे भैसियाछाना, जसवन्त सिंह अधिकारी ढौरा, सोमेष्वर के किषोर नयाल आदि प्रमुख थे। इस गोश्ठी में विषेशकर सब्जी उत्पादन, फूल उत्पादन, फल उत्पादन, मौन पालन, फल संरक्षण, अदरक और हल्दी की खेती अपनाने विचार विमर्ष हुआ और काष्तकारों की समस्याओं को सुना गया। इन काष्तकारों ने स्याल्दे क्षेत्र में दुग्घ उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही साथ जनपद के प्रत्येक विकासखण्ड में उन्नत नस्ल के गायों को उपलब्ध कराने की बात कही। कृशि तकनीकी प्रसार एवं कृशक कल्याण संस्थान द्वारा कृषक समूहों को इसमें लाया गया। इस कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक मत्स्य गणेश चन्द्र जोशी ने किया।
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