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विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (06 मई)

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अपने बच्चों का टीकाकरण कराये 

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मिशन इन्द्रधनुष के तहत जिलेे के ऐसे बच्चें जों किन्ही कारणों से टीकाकरणों से बंचित हो गये थे, उनके लिये विशेष प्रयास मिशन इन्द्रधनुष के तहत किये जा रहे है। कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री एम.बी.ओझा ने जिले के समस्त अभिभावको से अपील की है कि वे अपने बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और खुशहाल जीवन के लिये उन्हे टीकाकरण केन्द्रों अवश्यक लेकर आये ताकि समय अनुसार टीके लगाये जा सके। अपर कलेेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने मिशन इन्द्रधनुष अभियान के गत माह की समीक्षा की स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री राजेन्द्र खरे ने बताया की जिले में प्रथम चरण के अतर्गत 2 साल तक के 10 हजार पाॅंच बच्चों का तथा 3 हजार 99 गर्भवती माताओ का टीकाकरण  किया गया है। टीकाकरण के माध्यम से 7 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से निजात मिलेगी। अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरियों ने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के उद्देश्यों की प्राप्ती के लिये हर संभव प्रयास किये जायेेगे उन्होंने खास कर ग्रामीणों क्षेत्रों एवं सिलिम एरिया, वनग्राम क्षेत्रों में प्रचार प्रसार के संशाधनों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाये और स्थानीय रहवासियों को टीकाकरण की उपयोगिता से अवगत कराया जायें। मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण 07 से 14 मई 2015 तक पुनः क्रियान्वयन जारी है। टीकाकरण अभियान अतर्गत चिन्हित 1131 स्थलो पर टीकाकरण का आयोजन किया जायेगा इसके अलावा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 143 मोबाईल टीम का भी गठन किया गया है। उक्त अवधि में सर्वेक्षित 5915 बच्चों का और 1554 गर्भवती माताओ का टीकाकरण किया जायेगा। जिले के जनप्रतिनिधीगण एवं गणमान्य नागरिक, मीडियाकर्मी के अलावा समस्त शासकीय अमले से मिशन को सफल बनाने की अपील की गई है।
पीएससी परीक्षा की तैयारियों संबंधि बैठक आज  

मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियों के परिप्रेक्ष में 07 मई 2015 को बैठक आयोजित की गई है, परीक्षा की नोडल अधिकारी एवं संयुक्त कलेक्टर सुश्री माधवी नागेन्द्र ने बताया की तैयारी संबंधित बैठक  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगी। ज्ञात्वय हो कि पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा के लिये जिले में 4 केन्द्र बनाये गये है। इन केन्द्रों के लिये नियुक्त सेन्टर प्रभारी और प्रेक्षक बैठक में शामिल होगे, उन्हे परीक्षा के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण दिया जायेगा।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (06 मई)

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लब्धी पूर्णिमा पर हुआ पूजा अर्चना के साथ हवन

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झाबुआ---विगत 4 मई को लब्धी पूर्णिमा के अवसर पर प्रसिद्ध तीर्थस्थल देवझिरी में भगवान आदिनाथ एवं मणिभद्रजी के मंदिर पर विधिविधान से पूजा अर्चना के साथ हवन समारोहपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री व पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, सुश्री कलावती भूरिया, आचार्य नामदेव तथा हर्श भट्ट के अतिरिक्त बडी संख्या में गुजरात तथा महाराश्ट्र तथा मालवा क्षैत्र के श्रद्धालुगण उपस्थित थे। इसी क्रम में जैन मंदिर के विस्तारीकरण का निर्माण कार्य जारी रहा जिसमें नवीन जिनालय की मुख्य षिलाओं के पूजन का लाभ पोपटभाई षाह मुम्बई, महेन्द्रभाई मुम्बई, मणिभद्र मंडल मुबंई तथा बाबुलालजी कोठारी तथा निर्मल मेहता, अनोखीलाल मेहता झाबुआ पूजन के लाभार्थी रहें। मंदिर द्वारा चैखट पूजन के लाभार्थी उदयगढ ( जोबट ) के एडव्होकेट यतिन्द्रनारायण षर्मा रहें जिन्होंने सपत्निक पूजन किया। इसी तरह हवन चारो चक्रो के आवृत्त में किया गया। प्रथम चक्र मणिभद्र मंडल मुम्बई, द्वितीय चक्र निर्मल मेहता परिवार, राजुभाई दाहोद (गुजरात ) तथा बाबुलाल कोठारी झाबुआ द्वारा लाभ लिया गया। नवकारसी तथा स्वामीवात्सल्य का लाभ आदिनाथ मणिभद्रजी ट्रस्ट देवझिरी द्वारा लिया गया। उक्त जानकारी प्रतिक मेहता अधिवक्ता द्वारा दी गई।

आज 7 मई से मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण प्रारंभ

झाबुआ---मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण आज 07 मई से 14 मई तक पूरे जिले में आयोजित किया जायेगा। अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे हुए 0-2 वर्ष के बच्चे 6467 व गर्भवती माताओं 1682 का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए कुल 793 सत्र आयेाजित किये जायेगे। इसमें 6 जिला स्तरीय आब्जर्वर व सहयोगी दलों के अधिकारियों द्वारा एवं 252 टीकाकर्मी व 45 सुपरवाइजर द्वारा कार्य किया जायेगा। प्रतिदिन जिला स्तर व ब्लाॅक स्तर पर सायंकालीन समीक्षा बैठक का आयोजन किया जावेगा।

अपील
श्रीमती अरूणा गुप्ता कलेक्टर(आईएएस) झाबुआ ने सभी जिले वासियों से अपील की है कि मिशन इन्द्रधनुष अभियान का द्वितीय चरण 07 मई से 14 मई के बीच चलेगा। अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे 0-2 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती माताओं को टीके अवश्य लगवाए।

परियोजना सलाहकार मण्डल की बैठक 11 मई को

झाबुआ---आगामी 11 मई को दोपहर 2.00 बजे कलेक्टेªट सभाकक्ष में श्री शांतिलाल बिलवाल अध्यक्ष एवं विधायक विधानसभा क्षैत्र झाबुआ की अध्यक्षता में परियोजना सलाहकार मण्डल झाबुआ की बैठक का आयोजन रखा गया है। बैठक में आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता राजस्व एवं पूूॅजीगत मद अंतर्गत प्राप्त कार्ययोजना/प्रस्ताव,संविधान के अनुच्छेद 275(1) केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत प्राप्त कार्ययोजना/प्रस्ताव पूर्व में स्वीकृत कार्यो के स्थान पर नवीन कार्य, आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद अंतर्गत योजनाओं में परिवर्तन हेतु प्राप्त प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।

शौचालय निर्माण की सी.सी.7 दिवस में जारी करवाये --कलेक्टर

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झाबुआ---सभी बी.आर.सी.समग्र पोर्टल से सूची निकाल कर विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की सूची बनाये। समग्र शिक्षा पोर्टल में कितनी इन्ट्री है देखे। सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत स्वीकृत स्कूली शौचालय निर्माण में जमीन की समस्या है, तो एसडी एम से मिलकर जमीन प्राप्त कर कार्य प्रारंभ करवाये। पूर्ण निर्माण कार्यो की सी.सी.सात दिवस में जारी करवाये। एसडीएम, बीईओ, बी.आर.सी., सबइंजीनियर की टीम जाकर शौचालय निर्माण कार्य का वेरीफिकेशन करे। यदि जमीन की समस्या है, तो दूर करने के लिए सभी एसडीएम को कलेक्टर अरूणा गुप्ता ने निर्देशित किया। सभी बीईओ बीआर सी ऐसे स्कूल की सूची दे जहाॅ शौचालय निर्माण कार्य में जमीन की समस्या हो। कोल इण्डिया गेल कहाॅ शौचालय बना रही है देखे एवं स्थान चिन्हिकित करके दे। जिन शौचालयो की डिमांड है वहाॅ लेआउट डलने के बाद ही पैसा मिलेगा जीआईएस पोर्टल पर लेआउट की जानकारी डलने के बाद ही बजट रिलीज होगा। कोई समस्या हो, तो आज ही बताये, परिणाम के समय कोई समस्या नहीं बताये तय समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने की दशा में अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी। शिक्षको के युक्तियुक्तकरण के संबंध में कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मोहिनी श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षक वाली शाला में शिक्षक को अन्य स्कूलों से स्थानांतरित करे जहाॅ अधिक शिक्षक है। आर टी के अनुसार स्कूल के बच्चे एवं शिक्षक अधिसूचित करवाये एवं उसके अनुसार शिक्षको की भर्ती करवाये। अथवा अतिथि शिक्षक रखे। कितने स्कूल ऐसे है जहाॅ प्रायमरी/माध्यमिक एवं हाई/हायरसेकेण्डरी स्कूल एक ही कैम्पस में है उनकी सूची बनाकर रखे। शासन के निर्देशानुसार इस वर्ष स्कूलो में इंग्लिश मीडियम शुरू करवाये एवं जहाॅ संभव है उन स्कूलो में पहली कक्षा में इसी वर्ष इग्लिश मीडियम प्रारंभ करवाये। अतिथि शिक्षकों का पैनल अभी से ही बना ले एवं उन्हें भी 15 दिवस का प्रशिक्षण दिलवाये ताकि वे दक्षतापूर्ण तरीके से पढा पाये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस., सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मोहिनी श्रीवास्तव, प्रभारी डीपीसी श्री महेश पाटीदार  सहित बीईओ, बीआरसी उपस्थित थे।

अब तक जिले में 245941.00 क्विंटल गेहूॅ खरीदा गया, किसानो को 356769600.00 रूपये का भुगतान हुआ

झाबुआ---जिला आपूर्ति अधिकारी श्री खान ने बताया कि जिले में 21 खरीदी केन्द्रो पर किसानो से 25 मार्च से खरीदी प्रारंभ की गई है। अब तक जिले में 245941.00 क्विंटल गेहॅू सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया एवं किसानो को ई. पेमेट के माध्यम से 356769600.00 रूपये का भुगतान किया गया। अब तक कुल 242580.00 क्विंटल गेहूॅ का परिवहन कर भण्डार ग्रह तक पहुचा दिया गया है। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूॅ उपार्जन 26 मई 2015 तक किया जाएगा। रबी विपणन वर्ष 2015-16 के लिए गेहूॅ का समर्थन मूल्य 1450 रू. प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है। किसानो से अपील की गई है कि वे अपना गेहूॅ सुखाकर एवं छन्ना लगाकर ही खरीदी केन्द्र पर लाये।

भूकम्प पिडितो के लिए एमपीईबी एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक ने 2 लाख 56 हजार राहत राशि दी

झाबुआ---नेपाल में भूकंप पीडितों की सहायता के लिए एमपीईबी की ओर से ई.ई.श्री सक्सेना ने 1 लाख 36 हजार एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक के शासकीय सेवको की ओैर से महाप्रबंधक केन्द्रीय सहकारी बैंक श्री कुर्मी ने 1 लाख 20 हजार का चेक कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता को भेंट किया।

अधिकारी वार्षिक लक्ष्य एवं पूर्ति के लिए कार्ययोजना की जानकारी दे-कलेक्टर

झाबुआ---सभी विभागीय जिला प्रमुख विभाग से संबंधित योजनाओं की संबंध में शासन से प्राप्त लक्ष्य एवं पूर्ति के लिए बनाई गईकार्ययोजना की जानकारी कलेक्टर कार्यालय को उपलब्घ करवाये। उक्त निर्देश विगत 5 मई को कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने विभागीय अधिकारियो को दिये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस.सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

अवैध शराब जब्त 03 आरोपी को गिरफ्तार 
   
झाबुआ---थाना रायपुरिया के द्वारा आरोपी काना पिता कांतिलाल माली, उम्र 22 वर्ष निवासी झकनावदा के कब्जे से 24 बीयर, कीमती 2880/-रूपये, थाना रानापुर के द्वारा आरोपी मानु पिता मिठिया डामोर, उम्र 30 वर्ष निवासी लम्बेला के कब्जे से 20 क्वार्टर प्लेन शराब किमती 800/-रूपये, थाना कल्याणपुरा के द्वारा आरोपी अंकित पिता राजेश पांचाल, उम्र 19 वर्ष निवासी झायड़ा के कब्जे से 48 बीयर, कीमती 5000/-रूपये की जप्त की गई। आरोपी अंकित के कब्जे से बिना नंबर की मो0सा0 जप्त की गई। इन प्रकरणों में क्रमशः अपराध क्रमांक 63,206,92/2015, धारा 34-ए आबकारी एक्ट के पंजीबद्ध कर विवेचना में लिये गये। 

गुमशुदा का प्रकरण कायम 
   
झाबुआ---फरियादी मनीष पिता कादर भुरिया, उम्र 21 वर्ष निवासी बखतगढ ने बताया कि गुम इंसान हरीश पिता रामलाल उम्र 34 वर्ष निवासी भैसोला ट्रक ड्रायवर अपने ट्रक को थांदला बस स्टैंड खडाकर गया, जो वापस नही आया। प्र्रकरण में थाना थांदला में गुम इंसान क्रमांक 8/2015 दर्ज कर विवेचना में लिया गया।

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर सेमिनार आयोजित

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पटना विश्वविद्यालय गेट पर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर सेमिनार आयोजित, नोट देने वालों से हमदर्दी और वोट देनेवालों को लूटने के इरादे में जुटी सरकार, 10 मई को पूरे राज्य में अध्यादेश के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे ।प्ैथ् के छात्र, चरणबद्ध आंदोलन चलाने का एलान।

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पटना वि॰वि॰ः- देश का अन्नदाता संकट मंे पड़ा हुआ है और नित-प्रतिदिन आत्महत्या को विवश है। ऐसे हालात में हर समय निर्णायक भूमिका निभानेवाले अगुआ दस्ता छात्र समुदाय क्या खामोश रहेगा या आगे बढ़कर संघर्ष मंे कूद निर्णायक बनाएगा। पटना वि॰वि॰ गेट पर आॅल इण्डिया स्टूडैन्ट्स फेडरेशन ;।प्ैथ्द्ध  द्वारा आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करते हुए ।प्ैथ् के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने कहा। सेमिनार को संबोधित करते हुए ।प्ैथ् के पूर्व राज्य सचिव एवं पटना वि॰वि॰ छात्र संघ के पूर्व महासचिव रामबाबू कुमार ने कहा कि मौजूदा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जनतांत्रिक प्रक्रियाओं के पीठ में छुरा घोंप वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया है। नोट देने वालों से सरकार की पूरी हमदर्दी और वोट देनेवालों को लूटने की तैयारी में अध्यादेश के माध्यम से सरकार शामिल है। कार्ल माक्र्स जयंती को समर्पित सेमिनार का विषय ”श्रमेव जयते“ के आलोक में भूमि अधिग्रहण रखा गया था। सेमिनार को संबोधित करते हुए मजदूर नेता व माक्र्सवादी चिंतक शिवशंकर शर्मा ने कहा कि यह कितनी त्रासद स्थिति है कि आज देश के चालीस फीसदी किसानों ने खेती करना छोड़ दिया और आज कोई किसान अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता। ऐसी हालत में कारपोरेट घरानों के प्रति संजीदगी पर काफी खतरनाक संकेत करती है। मौके पर मौजूद ।प्ैथ् के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के जनविरोधी स्वरूप को देखते हुए ।प्ैथ् निर्णायक संघर्ष चलाएगा। 10 मई को 1857 के विद्रोह के शुरुआत के दिन ।प्ैथ् के छात्र पूरे राज्य में सड़कों पर अध्यादेश की वापसी को लेकर सड़क पर उतरेंगे और मानव शृंखला बना अपना विरोध जाहिर करेंगे। अध्यक्षता संगठन के पीयू उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने किया।
मौके पर किसान नेता रामजीवन सिंह, इंसाफ के महासचिव इरफान अहमद, ।प्ैथ् के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अकाश गौरव, जिलाध्यक्ष महेश कुमार, उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रणय, पीयू अध्यक्ष संदीप कुमार, पीयू सचिव प्रभात रंजन, मो॰ अदनान, पम्मी कुमारी, लाॅ काॅलेज सचिव अमित कुमार सिंह, राजीव कुमार, जयनारायण, राहुल प्रियदर्शी, चंदन कुमार, अनुराग, सुशील उमाराज आदि सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (06 मई)

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बेटी को विधवा दर्शाकर लगाई पेंशन, -पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लाक का है मामला
  • -प्रधान व पूर्व प्रधान के कारनामे हुए उजागर, -वर्तमान प्रधान की पत्नी ही है पूर्व प्रधान

समाज कल्याण विभाग की आठ सौ रुपया प्रतिमाह मिलने वाली विधवा पेंशन के लिए यदि कोई दंपति अपनी तलाकशुदा पुत्री को विधवा साबित कर दें, तो इससे बड़ा घिनौना कृत्य क्या हो सकता है। लेकिन पौड़ी जनपद के कल्जीखाल विकासखंड के ग्राम मरोड़ा में वहां के पूर्व प्रधान व मौजूदा प्रधान द्वारा फर्जीवाड़े की तमाम हदों को लांघते हुए अपनी पुत्री को विधवा साबित कर दिया गया। हैरान कर देने वाली बात यह है कि पूरी तरतीब के साथ चलाए गए इन फर्जी कागजी घोड़ों पर ब्लाक प्रशासन, तहसील व समाज कल्याण विभाग की नजर नहीं पड़ पाई। गौरतलब है कि इस ग्राम पंचायत के मौजूदा प्रधान की पत्नी ही पूर्व प्रधान है। लोक सूचना अधिकार अधिनियम से जानकारी लेने पर अनेक खुलासे के बाद अब ग्रामीणों द्वारा इस दंपति के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की जा रही है। आरटीआई से हुए खुलासे के मुताबिक प्रधान व पूर्व प्रधान दंपति द्वारा अपने जीवित तलाकशुदा दामाद को मृत घोषित कर अपनी पुत्री को विधवा प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। उसके बाद अपनी पुत्री के नाम पर समाज कल्याण विभाग की विधवा पेंशन भी लगा दी गई। प्रधान व पूर्व प्रधान द्वारा दस्तावेजों पर छेड़छाड़ कर विकासखंड से लेकर समाज कल्याण विभाग व राजस्व प्रशासन की आंख में भी धूल झोंक दिया गया। जानकारी के मुताबिक वर्तमान प्रधान व पूर्व प्रधान दंपति की पुत्री का विवाह रामनगर निवासी एक युवक के साथ हआ था, लेकिन दोनो के मध्य तालमेल न हो पाने के कारण न्यायाधीश परिवार न्यायालय पौड़ी में 8 फरवरी 2008 में दोनों का तलाक हो गया। फैसले के मुताबिक न्यायालय द्वारा भरणपोषण के लिए उसके पति को परित्यका पत्नी के नाम चार लाख पचास हजार की एफडीआर करने के आदेश भी दिए गए थे। बेटी को समाज कल्याण विभाग की विधवा पेंशन का हकदार बनाने के लिए प्रधान दंपति द्वारा रामनगर जिला नैनीताल निवासी अपने तलाकशुदा दामाद को पौड़ी तहसील के मरोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम तोली का मूल निवासी बना दिया गया। इसके बाद 12 नवंबर 2008 को  तलाकशुदा दामाद को ग्राम सभा के अंतर्गत ही बाडि़यूं में मृत घोषित कर बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं पुत्री के नाम तहसील कोटद्वार से फर्जी आय प्रमाणपत्र भी बनवा दिया गया। इन तमाम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रधान दंपति द्वारा समाज कल्याण विभाग से अपनी तलाकशुदा पुत्री के नाम विधवा पेंशन भी लगवा दी गई। मरोड़ा ग्राम पंचायत निवासी सुरेंद्र सिंह पटवाल व प्रवेंद्र सिंह नयाल द्वारा इस बाबत विभिन्न कार्यालयों में सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां एकत्र की गई। आरटीआई से मिली जानकारियों के आधार पर सुरेंद्र सिंह व प्रवेंद्र सिंह ने इस संगीन मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा कराए जाने व इस मामले में पद का दुरपयोग करने संबंधी आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। 

सीबीआई से कराओ रूबी कांड की जांच, डीजीपी बोले, मामले के खुलासे के दावे साबित हवाई
  • एक वरिष्ठ आईएस पर रूबी ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप, बड़े लोगों पर हाथ डालने से कतरा रही उत्तराखंड की पुलिस
  • आरोपी महिला शुरूआत से कर रही सीबीआई जांच की मांग, पुलिस मुख्यालय ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी सिफारिश

देहरादून,6 मई(निस)। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में घुसपैठ के मामले की जांच से उत्तराखंड पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए है। डीजीपी बीएस सिद्धू ने राज्य के गृह मंत्रालय से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है। अकादमी में एक महिला रूबी चैधरी की कथित घुसपैठ मामले की जांच से उत्तराखंड पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। पुलिस सवा महीने से इस मामले की जांच कर रही है और पुलिस की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे  थे। इस मामले में आरोपी महिला रूबी पहले रोज से ही अकादमी के उप निदेशक और वरिष्ठ आईएएस सौरभ जैन पर गंभीर आरोप लगाती रही है। रूबी का कहना था कि उत्तराखंड पुलिस बड़े अफसर पर हाथ नहीं डाल रही है। ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई से ही करानी चाहिए। ताकि असली आरोपी का चेहरा सामने आ सके। हमने पहले ही लिखा था कि सीबीआई से मामले की जांच होने से ही इसके रहस्य से परदा उठ सकता है। इसके बाद भी पुलिस के अफसर अपने दावे करते रहे। सूत्रों ने बताया कि अब पुलिस ने हार मान ली है। डीजीपी ने राज्य के गृह मंत्रालय को भेजी अपनी सिफारिश में कहा है कि इसकी जांच सीबीआई से ही कराई जाए। शायद यह पहला मौका होगा, जबकि पुलिस ने मुखिया ने खुद ही किसी मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि डीजीपी की सिफारिश पर सरकार का क्या रुख रहता है।

लक्ष्मी की हत्या से लेकर जस्से की मौत तक राजनीति बस सियायत और सियायत
  • - युवक की मौत को भुनाने की कोशिश में सियासतदां
  • कभी नौजवान पिटवाए तो कभी सहानूभूति लेने की होड़

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किच्छा (ऊधमसिंह नगर),6 मई(निस)। ग्राम नारायणपुर कोठा निवासी दलित महिला लक्ष्मी देवी की निर्मम हत्या से लेकर पुलिस हिरासत में जस्से की मौत तक पूरे प्रकरण में सूबे के दोनों प्रमुख दलों में जनता की सहानूभूति का श्रेय लेने की होड़ लगी रही है। इसे लेकर भाजपा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक दूसरे पर बांहें चढ़ाने से भी बाज नहीं आए। 36 वर्षीय लक्ष्मी की मौत बीते 12 मार्च की बेहरमी के साथ कर दी गई थी। दलित महिला हत्याकांड को खोलने के लिए पुलिस पर भारी दबाब था। इसका दोनों दलो ने इस समय का भरपूर फायदा उठाते हुए चुनाव के समय की खुन्नस को निकालने का खेल शुरु किया। नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने नेताओं के कहने पर ग्राम लालपुर, रामेश्वरपुर आदि क्षेत्रों से लगभग 80 से 100 नौजवान, अधेड़ों को पूछताछ के नाम पर बुरी तरह पीटा। पुलिस की पिटाई के शिकार कुछ युवकों ने बताया कि उन्हे चुनावी रंजिश के चलते नेताओं ने पुलिस से पिटवाया। पुलिस ने उन्हें कलकत्ता चैकी ले जाकर उनके साथ अमानवीय अत्याचार किया। आखिरकार इसी कड़ी में सोमवार रात ग्राम रामेश्वरपुर के पूर्व प्रधान इकबाल सिंह के पुत्र जसविंदर सिंह उर्फ जस्से की मौत हो गई। इकबाल सिंह ने सीओ सितारगंज जेआर जोशी, एसएसआई कमालखान, लालपुर चैकी इंचार्ज मनोज कुमार व अन्य को उसकी मौत का जिम्मेदार बताया। मृतक जस्से के भाई दलजीत ने एसएसपी के सामने चीख- चीख कर कहा कि चुनावी रंजिश के चलते ही उसके भाई को पुलिस से उठवाया गया था। जस्से की पुलिस हिरासत में मौत के बाद जहां एक तरफ सत्ता पक्ष के लोग शासन -प्रशासन को पाक साफ साबित करने में जुट गए। वहीं विपक्ष के नेताओं को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया। लक्ष्मी देवी व जस्से की हत्या के बाद आए मुआवजे के चेक के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के नेताओ में ऐसी ओछी राजनीति का खेल खेला गया जिसे देख कर सभी लोग दंग रह गए। गुरुवार पीडि़त परिवार ने सत्ता तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना देने का मन बनाया। इस बीच कांग्रेस के सौरभ बहुगुणा अपने पिता पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के दूत बनकर मृतक के घर पहुंचे और पीडि़त परिवार को कुछ समय इंतजार करने मना लिया। इधर भाजपा के नेता एक फिर सत्ता के खिलाफ नारेबाजी करने से नहीं चूकना चाहते थे। बाजी बिगड़ती देख भाजपा के विधायक राजेश शुक्ला ने पीडि़त परिवार को कोतवाली में धरना देकर आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी करने की मांग पर डटे रहने को कहा। जस्से का परिवार विधायक शुक्ला के साथ आरोपियों को सजा दिलाने के लिए धरने पर जाकर बैठ गया। पूरा दिन धरने पर बैठने के बाद अंत में पीडि़त परिवार को मनाने आए डीआईजी पुष्कर सिंह सैलाल ने 10 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया। लेकिन अगुवाई कर रहे विधायक राजेश शुक्ला आरोपियो की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़ गए।  गर्मा गर्मी के बीच शुक्ला ने डीआईजी से बंद कमरे में वार्ता करने को कहा। इस प्रस्ताव को डीआईजी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।  बंद कमरे में विधायक की लगभग दो घंटा डीआईजी, डीएम व एसएसपी के साथ मैराथन बैठक चली। इसके बाद आरपार की लड़ाई का वास्ता देकर धरना स्थल तक पीडि़त परिवार को लाए विधायक ने हथियार डाल दिए। अब पीडि़त परिवार को अहसास हो चला था कि वह राजनीतिक दलों का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। न्यायालय ने उनकी रिट को स्वीकार करते हुए उन्हे तुरंत सरकारी सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से 10 मई तक जबाब मांगा है। लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक दल बाज नहीं आ रहे है। मृतक जस्से के पिता इकबाल सिंह के मना करने के बावजूद चार  मई को विधायक राजेश शुक्ला ने आरोपियों की गिरफ्तारी व सीबीआई की जांच की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ कोतवाली परिसर में धरना दे दिया। जबकि इकबाल सिंह का कहना है कि उनका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अब न्यायालय कर जो भी आदेश होगा वह उसे मानेंगे। इसलिए वह धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नही रहता। एसएसपी नीलेश आनंद भरणे की वार्ता के बाद विधायक ने धरना समाप्त कर दिया। जाहिर है कि सियासी लोग युवक की मौत को अपने सियासी फायदे के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है आखिर कब लाशों पर कुर्सी के पाए धरे जाते रहेंगे।

पूर्व जिलाधिकारी पुरुषोत्तम ने कराई थी पाश्र्वनाथ बिल्डर की जमीन की जांच, डीएम सर ! एक और फाइल दबी है आपके दफ्तर में
  • सहस्त्रधारा रोड पर किसानों से खरीदी थी 200 बीघा जमीन, बाद में इस जमीन का लैंडयूज चेंज कराया गया एसईजेड में
  • अब जमीन पर खड़ी की जा रही बहुमंजिली आवासीय कालोनी, इसी तरह दबी थी पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच भी

देहरादून,6 मई(निस)। देहरादून में जमीनों को खुर्द-बुर्द करके बहुमंजिले आवासीय फ्लैट खड़े किए जा रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की जमीनों का खेल भी अजीब है। बताया जा रहा है कि सहस्त्रधारा रोड पर पार्श्वनाथ बिल्डर के फ्लैट की जमीन में भी कुछ झोल है। पूर्व डीएम बीवीआर पुरुषोत्तम के समय में इस जमीन की जांच भी कराई गई थी। लेकिन बाद में यह जांच रिपोर्ट भी पनाश वैली की जांच रिपोर्ट की तरह ही फाइलों में दब गई। मौजूदा डीएम ने पनाश वैली की फाइल तो खोल दी। लेकिन पार्श्वनाथ बिल्डर की फाइल अभी दबी हुई है। सूत्रों ने बताया कि पार्श्वनाथ बिल्डर ने पांच-छह साल पहले सहस्त्रधारा रोड पर किसानों से लगभग दो सौ बीघा जमीन खरीदी थी। कृषि जमीन को सीधे तौर पर व्यावसायिक आवास के लिए उपयोग करने को सरकार की अनुमति जरूरी होती। नियमानुसार ऐसा किया जाना आसान नहीं था। लिहाजा बीच का रास्ता निकाला गया। अफसरों से मिलीभगत करके इस जमीन का लैंड यूज एसईजेड (स्पेशल इकनामिक जोन) करवा लिया गया। इसके बाद इस जमीन का अधिकांश हिस्सा उद्योगों को ही दिया जाना था। कुछ जमीन आवासीय कालोनी के लिए भी प्रयुक्त हो सकती है। बताया जा रहा है कि अब बिल्डर ने पूरी जमीन पर ही आवासीय फ्लैट बनाने की तैयारी कर कर ली है। निवर्तमान जिलाधिकारी बीवीआर पुरुषोत्तम को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी जांच कराई। इस जांच में यह देखा गया कि बिल्डर से एसईजेड की शर्तों का उल्लंघन तो नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट में एसईजेड की कई शर्तों को पालन ही नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन डीएम के समय में ही यह जांच रिपोर्ट फाइलों में दब गई। सूत्रों का कहना है कि अगर उस जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने कोई एक्शन लिया होता तो आवासीय कालोनी पर रोक लगाई जा सकती थी। लेकिन फाइल दबी है और बिल्डर अपने काम में लगा है। बताया जा रहा है कि पनाश वैली की जांच भी पुरुषोत्तम के डीएम रहते ही हुई थी। लेकिन बाद में रिपोर्ट को दबा दिया गया था। मौजूदा डीएम रविनाथन ने इस दबी रिपोर्ट को बाहर निकाला तो पता चला कि क्या-क्या गड़बड़ियां की गईं हैं। इसके बाद ही पनाश वैली प्रोजेक्ट के खिलाफ एक्शन तेज किया गया। माना जा रहा है कि अगर डीएम ने इस पार्श्वनाथ बिल्डर की दबी पड़ी जांच रिपोर्ट से धूल साफ कराई तो इस प्रोजेक्ट की कई खामियां सामने आ सकती है।

गायब हो गए सैकड़ों पेड़
इस जमीन पर सैकड़ों की संख्या में फलदार पेड़ लगे हुए थे। लेकिन आज इस पूरी जमीन पर एक भी पेड़ नहीं दिख रहा है। ये पेड़ कहां गए और किसकी अनुमति से काटे गए, बिल्डर से इस बारे में कोई पूछने वाला नहीं है। अगर जांच होती है तो यह भी पूछा जाएगा कि पेड़ आखिर गए कहां।

पट्टा निरस्त, अब क्या होगा पनाश वैली का
प्रशासन के एक फैसले बहुचर्चित पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट का भविष्य चैपट होता दिख रहा है। प्रशासन ने चालंग गांव में 2007 में दिए गए एक पट्टे को निरस्त कर दिया है। अहम बात यह बताई जा रही है कि इस प्रोजेक्ट की तमाम जमीन इसी पट्टे के आधार पर थी। इसी जमीन की कई बार खरीद-फरोख्त की गई। नियमानुसार इस जमीन का मालिकाना हक अब सरकार के पास आ गया है। ऐसे में इस पट्टे वाली जमीन पर बने फ्लैट्स खरीदने वालों का पैसा डूब जाएगा। यहां लोगों ने सवा करोड़ रुपये तक के फ्लैट्स खरीदे हैं। प्रशासन के इस फैसले इस प्रोजेक्ट में फ्लैट या जमीन खरीदने वालों में हड़कंप मचा है। 

बढने लगी चोरियां, सत्यापन मुहिम हाशिए पर पुलिस का अधिक समय जुलूस-प्रदर्शनों मंे व्यतीत
  • क्राईम कंट्रोल में अकुशल हैं अधिकांश पुलिसकर्मी

देहरादून,6 मई(निस)। गर्मियांे का मौसम हो और दून में चोरियां न हों, यह मुमकिन नहीं है। पुलिस अधिकारी भी इस सत्य से भली-भांति वाकिफ हैं और गर्मियां शुरू होने से पूर्व ही थानेदारों को इस दिशा में सतर्क रहने के निर्देश भी देते हैं। किंतु जिस जनपद की पुलिस पहले से ही जुलूस-प्रदर्शनों एवं वीआईपी ड्यूटी में अपना सारा समय बिता रही हो उससे अपराध् उन्मूलन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? और हो भी यही रहा है। चोरियों की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कार्यनीति नहीं बन पा रही है। इसलिए अब चोरियों का छिपाने का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है। हाल ही में ऐसेी कई चोरियों को पुलिस ने छिपाने कोशिश की है लेकिन यह समस्याओं से निपटने का कोई समाधन नहीं है। दून में एकाएक चोरियों का क्रम पिफर से बढने लगा है। सोमवार को एसएसपी ने अपराध समीक्षा बैठक में चोरियों को रोकने के दिशा-निर्देश दिए और इधर अगले ही दिन ही तीन चोरियों के मामले प्रकाश में आए। इनमंे एक चोरी को छिपाने का प्रयास किया गया था। इससे पूर्व भी चोरियांे का क्रम चलता आ रहा था। दून पुलिस के लिए सबसे बड़ी समस्या बाहरी लोगों का आगमन बना हुआ है। दून में अब आम एवं लीचियांे का मौसम शुरू होने जा रहा है। दून में सैकड़ों बाग हैं जहां आम-लीची तोड़ने का काम बाहरी लोग करते हैं। यही बाहरी लोग अक्सर दून में ऐसी घटनाएं कर जाते हैं जो कभी खुल  नहीं पाती। ऐसे बाहरी लोगों के सत्यापन में भी पुलिस अब तक पिछड़ती ही आई है। अक्सर यह लोग लूट-डकेती एवं चोरियों की वारदातों को करने के बाद आम-लीची के बागों में आकर छिप जाते हैं। पुलिस एकाध दिन हाथ-पैर मारती है और पिफर शांत बैठ जाती है। दून घाटी में ऐसे कई गिरोह आज भी सक्रिय हैं जो अलग-अलग तरीकों से घरों एवं दुकानों में चोरी करते हैं। कुछ बंद घरांें चोरी करते हैं तो कुछ घर के लोगों की मौजूदगी में भी हाथ साफ कर देते हैं। चोरियों की अपेक्षा पुलिस के खुलासों की उपलब्ध् िबेहद निराशाजनक है। चोरियों का आंकड़ा लगातार बढ रहा है और पुलिस की असफलताओं का भी। अक्सर पुलिस अधिकारी सत्यापन का अभियान चलाए जाने का दावा करते हैं, लेकिन यह कड़वा सच है कि सत्यापन अभियान को महज औपचारिकताओं के बीच ही निपटाया जा रहा है। हर थाना क्षेत्र में ऐसे हजारों किराएदार हैं जिनका आज तक सत्यापन ही नहंी हुई। मजदूरों, फड़-फेरी लगाने वाले जैसे अन्य लोगों की तो बात ही छोडि़ए। सत्यापन अभियान ही एकमात्र एक ऐसा काम है जिसके माध्यम से कुछ हद तक बाहरी लोगों की आमाजिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है, लेकिन यही महत्वपूर्ण कार्य पूरी निष्ठा एवं कर्तव्यनिष्ठा से नहंी हो रहा है। जिस गति से दून में पिछले दस दिनों में चोरियों की घटनाएं प्रकाश में आई हैं उससे साफ संकेत मिलने लगे हैं कि दून वासियों के घर अब सुरक्षित नहीं हैं। यह क्रम अभी बढ़ने वाला है, लिहाजा अपने घरों की सुरक्षा के प्रति कम से कम तीन महिने बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस चोरी-चकारी रोकने से कहीं अधिक व्यस्त ऐसे कामों में हैं जिससे आम जन का कोई लेना-देना नहीं है। मसलन जुलूस-प्रदर्शन, वीआईपी कार्यक्र्रम, वीआईपी लोगांे की सुरक्षा एवं अन्य। अधिकांश समय ऐसे ही कामों में निकल जाता है, उस पर चोरी एवं अन्य आपराध्कि घटनाओं से जूझने के प्रति अकुशलता भी एक अहम कारण बन रहा है।

तलाशती रही पुलिस, मामा के घर मिली महिला 12 घंटे तक पुलिस की हुई फजीहत

देहरादून,6 मई(निस)। बड़कोट से विकासनगर के लिए निकली महिला श्रीमती आषा देवी को पुलिस ने खोज निकाला है। फिलहाल महिला द्वारा रचे गए इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है लेकिन बताया जा रहा है कि महिला बिना किसी को बताए अपने मामा के घर चली गयी थी। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा रहा है कि कहीं न कहीं इस पूरी कहानी के पीछे कोई बड़ा झोल छिपा हुआ है हालांकि पुलिस ने गुमशुदगी की  रिपोर्ट लिखे जाने के 12 घण्टे बाद आशा के सामने आ जाने के बाद पुलिस ने जरूर चैन की सांस ली है। बता दें कि श्रीमती आशा देवी पत्नी श्री लोकेन्द्र निवासी ग्राम कादीपुर ,थाना भोपा , जिला मुजफरनगर अपने मायके ग्राम सिड़क थाना बड़कोट एक विवाह समारोह में आयी थी और 30 अप्रैल को बड़कोट से विकासनगर जाने के लिए निकली थी जहां उसे अपने पति के पास जाना था। बड़कोट से निकलने के बाद भी आशा देवी विकास नगर नही पहुंची , परिजनों द्वारा कापफी खोजबीन के बाद भी आशा का जब पता नही चला तो उसके पति और मायके पक्ष से माता पिता थाना बड़कोट में पहुंचे जहां पर उसका हुलिया दिया गया। पुलिस ने भी आशा देवी के बारे में तमाम जगहों पर पता लगाने का प्रयास किया। आखिरकार 12 घंटे बाद आशा पुलिस को मिल गयी। सारी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पुलिस ने आशा को उसके माता पिता के हवाले कर दिया। फिलहाल इस मामले में अभी कई रहस्य छिपे हुए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर आशा विकासनगर में अपने पति के पास न जाकर सीधे अपने मामा के घर क्यों चली गयी और क्यों उसने इस बात की सूचना अपने पति को नहीं दी। पूरे मामले में पुलिस आशा के सकुशल मिलने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। 

चंद मिनटोें मंे चुरा ले गए बाईक

देहरादून,6 मई(निस)। एक तरफ घरों मंे चोरियों की घटनाएं और दूसरी तरपफ नगर मंें वाहन चोर और टप्पेबाज भी सक्रिय। पटेलनगर क्षेत्र में चोरेां ने बंैक आए एक व्यक्ति की बाईक चोरी कर ली है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गांधी ग्राम निवासी मोहम्मद राशिद अपने काम से बैंक आए थे। बैंक के बाहर बाईक खड़ी करने के कुछ देर बाद जब वह वापस लौटे तो उनकी बाईक संख्या यूके 07 एएफ 7014वहां से गायब हो चुकी थी। चंद मिनटों में ही वाहन चोरों ने उनकी बाईक चोरी कर ली थी। आसपास के लोगांे से पूछताछ की गयी लेकिन बाईक के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

गाजियाबाद पुलिस दून के लिए हुई रवाना

देहरादून। डालनवाला थाना क्षेत्रा में कल प्रकाश में आए सामूहिक दुराचार मामले में जांच गाजियाबाद पुलिस को सौंपी जा रही है। वहीं एसएसपी गाजियाबाद से भी संपर्क साधा गया है जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस की एक टीम देहरादून के लिए आने की बात कही जा रही है। डालनवाला पुलिस के अनुसार युवती के आरोपों के बाद कल उससे अस्पताल में ही पूछताछ भी की गयी। बताया जा रहा है कि युवती एवं उसके कुछ दोस्त कल दिन में गाजियाबाद से दून के लिए आए थे। युवती के अनुसार इसी दौरान उसे कार में ही नशीला पदार्थ पेयजल में दिया गया जिसके बाद उससे सामूहिक दुराचार किया गया एवं बाद में कार में आए उसके साथी उसे रास्ते में ही छोड़ कर वापस चले गए। कल रात युवती ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी। डालनवाला पुलिस ने आज सुबह इस मामले की जानकारी गाजियाबाद के एसएसपी को दी जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस जांच के लिए दून आ रही है। 

डोली रथ यात्रा सामाजिक एवं सांस्कृतिक यात्राः सीएम

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देहरादून, 6 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को नगर निगम सभागार में श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली की 16वीं रथयात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी यात्राएं हमारी भक्ति भावना को पर्यटन, सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता को एक साथ जोड़ने का प्रयास करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोली रथ यात्रा केवल धार्मिक यात्रा ही नही है, यह एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक यात्रा है। उन्हांेने कहा कि डोली रथ यात्रा जनता से जुड़ने का भी माध्यम है। उन्होंने इसके लिए यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा। हम सभी अपने आस-पास के पर्यटक व तीर्थ स्थलों का भ्रमण करें, इससे अन्तर्राज्यीय पर्यटन की सोच विकसित होगी। राज्य के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री एवं रथ यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा के विषय में बताया कि यह डोली रथ यात्रा विश्व शान्ति एवं देव संस्कृति के उत्थान हेतु तपस्थली विशोन पर्वत से वर्ष 2000 से प्रारम्भ हुई। उन्होंने कहा कि यह रथ यात्रा 5 हजार कि.मी. तय कर 13 जिलों का भ्रमण करेगी। इस वर्ष भी 05 मई 2015 से डोली हरिद्वार से प्रस्थान कर 28 मई, 2015 को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर वापस विशोन पर्वत पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि डोली रथ यात्रा के साथ-साथ जनता की समस्याओं को भी सुना जायेगा। इस अवसर पर मेयर देहरादून विनोद चमोली, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग अशोक वर्मा, विधायक राजकुमार, विधायक ममता राकेश के साथ ही श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति के सदस्य उपस्थित रहे।    

पेट्रो कीमतों के विरोध में कांग्रेस मुखर सभी जिला मुख्यालयों प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन
  • मोदी सरकार पर लगाया वायदा खिलाफी का आरोप, कच्चे तेल के दाम कमी के बाद भी बढ़ रही कीमत

देहरादून,6 मई(निस)।प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के विरोध में डीएम आवास प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। कांग्रेस ने पेट्रो पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोत्तरी वापस लिए जाने की मांग की है। कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार को प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट के नेतृत्व में डीएम आवास एकत्रित हुए और पेट्रो पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोत्तरी के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों का कहना था कि भाजपा नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देश की जनता से पेट्रोलियम पदार्थो के दाम कम करने के साथ-साथ महंगाई पर नियंत्रण करते हुये आम आदमी को राहत देने का वायदा किया था। आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 प्रतिशत की कमी होने के बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार तेल कम्पनियों को फायदा पहुंचाते हुये पेट्रोल डीजल को ऊंची दरों पर बेच कर आम आदमी की जेब पर डाक डाल रही है। आम जरूरत की चीजें सस्ती होने की बजाय और महंगी हो गयी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगातार घटने के बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा उस अनुपात में खुदरा बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी नहीं की गई, जबकि बढ़ती कीमतों का बोझ आम जनता पर डाला जा रहा है। यू.पी.ए. सरकार के समय जब कच्चे तेल की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 159 डाॅलर प्रति बैरल थीं तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखा था। भाजपा सरकार के सत्ता में आने पर जब कच्चे तेल की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 डाॅलर प्रति बैरल तक गिर गई थी, परन्तु खुदरा बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में उस अनुपात में कमी नहीं की गइर्, जिससे यह आम धारणा बन गई कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के हिसाब से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतो में इसलिए कमी नहीं आ रही है कि केन्द्र सरकार बडे़ रसूखदारों, जो इस व्यवसाय से जुडे हैं, उनके दबाव में काम कर रही है और उन्हें फायदा पहुंचाने की नीयत से तेल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। यदि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें उसी अनुपात में कम होती तो सबसे ज्यादा असर गरीब की रसोई पर पड़ता तथा आम आदमी को रसोई गैस सिलेण्डर 200 रूपये से भी कम कीमत पर मिलता साथ ही माल भाडा कम होने से गरीब देशवासियों को मंहगाई से भी राहत मिलती। प्रदर्शन करने के पश्चात कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को इस संबंध में एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन देने वालों में कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, नवीन जोशी, गोदावरी थापली, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, प्रदेश सचिव गोपाल चमोली, संजय किशोर, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, दीप बोरा, विवेकानन्द खण्डूरी, धर्मसिह पंवार, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, विनय सारस्वत, अल्पसंख्यक अध्यक्ष मंजूर बेग, अमरजीत सिंह, हरपाल सेठी, राजवीर सिह, महावीर रावत, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, सुलेमान अली, सावित्री कपूर, बाला शर्मा, अधीर चमोली, अनिल गुप्ता, अनुराधा तिवारी, गुरनाम सिंह राठौर, पायल बहल आदि शामिल रहे।

किसानों को मुआवजे के चैक बांटे 

देहरादून, 6 मई (निस)। तहसील डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत वर्षा तथा ओलावृष्टि से नष्ट हुई किसानों की फसलों का मुआवजा के चैक सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य एवं स्थानीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट द्वारा आज तहसील क्षेत्रान्तर्गत 75 किसानों को वितरित किए गये। इस अवसर पर सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य ने कहा, कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसके निर्माण में किसानों की महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होने कहा किसानों को  फसलों के नुकसान से जो आघात पंहुॅचा है, उसकी  भरपाई करना सम्भव नही है फिर भी सरकार का एक प्रयास है, कि अपने सीमित संसाधनों से जितना हो सके किसानों की सहायता की जाए। उन्होने विश्वास जताया कि किसानों को मुआवजा राशि मानकों के अनुसार ही वितरण की जा रही है। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये, कि वे यह भी सुनिश्चित कर लें कि कोई भी पात्र किसान मुआवजा राशि पाने से वंचित न रह जाए। उन्होने कहा कि किसानों को उन्नत खेती एवं अन्य उद्यमों का प्रशिक्षण दिया जाए जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत हो सके। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार की भावना है कि ऐसे  किसान जिनकी फसल नष्ट हो गयी है को आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होने किसानों को फसल का मुआवजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होने सिंचाई एवं राजस्व मंत्री श्री यशपाल आर्य से अनुरोध किया, कि जिन किसानों के पट्टे की भूमि है तथा उनकी फसल नष्ट हो गयी उनको भी मुआवजा राशि दिलाया जाए।। उन्होने लिस्ट्राबाद से लाल तप्पड़ तक सिंचाई की नहर को भूमिगत करने तथा उस पर फार लेन स्वीकृत करने तथा रानीपोखरी में पाॅलिटैकनिक कालेज खोलने के निर्णय के लिए  सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य का एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का आभार व्यक्त किया। उन्होने क्षेत्र में और ट्यूबबेल व नलकूप की लम्बित पड़ी योजनाओं तथा रानीपोखरी पाॅलटैक्निक कालेज का जल्द निर्माण कार्य शुरू करने हेतु अनुरोध किया एवं सौंग एवं सुसवा नदी पर बाढ सुरक्षा कार्य कराने का अनुरोध किया गया। जिस पर सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य द्वारा पट्टे की भूमि वाले किसानों का मुआवजा देने हेतु वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट एवं प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा वर्तमान में 75 हैक्टयर भूमि पर ट्यूबैल व नलकूप लगाये जाते थे, जिसे सरकार अब 40 से 45 हेेक्ट्यर भूमि पर ट्यूबबैल व नलकूप लगाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होने अधिकारियों को सुसवा एवं सौग नदी पर सुरक्षा दीवार लगाने हेतु की गयी कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये, तथा क्षेत्रीय विधायक से उक्त स्थलों का निरीक्षण  करने हेतु दिन निश्चित करने को कहा। इस अवसर उप जिलाधिकारी डोईवाल वन्दना ने अवगत कराया कि डोईवाला तहसील के अन्तर्गत  कुल 3751 काश्तकारों को एन.डी.आर.एफ से 1,31,38,897 की धराराशि तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से रू0 43,703 की धनराशि, कुल 1,32,82,600 रू0 की मुआवजा राशि के चैक वितरित किये जा चुके है जिनमें सिंन्धवाल गांव के 97, दूधली 387, रामनगर डाण्डा 541, सनगांव 256, जौलीग्रान्ट 212, मारखमग्रान्ट-प्प् 312, मारखमग्रान्ट प् 186, अठूरवाला 964, माजरीग्रान्ट 796 काश्तकारों को मुआवजा राशि चैक वितरित किये गये। उन्होने बताया कि डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत 62 गांव जिनमें से 59 गांव के काश्तकारों मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है तथा शेष तीन गांव के काश्तकारों को 10 मई से पहले मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी। उन्होने कहा कि यह मुआवजा लेखपालों द्वारा क्षेत्र में सर्वेक्षण कर उपलब्ध कराई गयी रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है। इस अवसर पर ब्लाक अध्यक्ष कांग्रेस मनोज नौटियाल, तहसीलदार गुरदीप सिंह काला, उप राजस्व निरीक्षक पी.डी नौटियाल एवं पीताम्बर राठौर, ब्लाक कमाण्डर युवाकल्याण उपस्थित थे।

भूकंप के मृतकों को दी श्रद्धांजलि

देहरादून, 6 मई (निस)। छात्रों ने नेपाल और भारत में भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। श्रद्धांजलि सभा में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस मौके पर एकेडमी के चेयरमैन सरदार राजा सिंह ने कहा कि भूकंप पीडि़तों के लिए संस्थान द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी। एकेडमी के चेयरमैन सरदार राजा सिंह ने कहा कि विगत दिनों नेपाल में आये भीषण भूकम्प से हुई त्रासदी में हजारों लोग मारे गए हैं। भूकंप में हजारों लोग बेघर हो गये और कइयों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। संकट की इस घड़ी में जहां एक ओर शासन, प्रशासन, सरकारी, गैर सरकारी संस्थाएं व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इस आपदा में मारे गये लोगों की आत्मा की शांति के लिए देशभर में प्रार्थना सभाएं, कैंडल मार्च हवन-यज्ञ व श्रद्धांजली समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जी.आर.डी. वल्र्ड स्कूल के बच्चों ने संस्थान परिसर से कैंडल मार्च निकालकर शोक व्यक्त किया। कैंडल मार्च भाऊवाला मुख्य बाजार से होते हुए वापस संस्थान परिसर में समाप्त हुई, जहां बच्चों ने कैडल स्थापित कर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन सरदार राजा सिंह व निदेशक लता गुप्ता ने कहा कि जी.आर.डी. ग्रूप को इस हादसे का गहरा दुखः है। इस संकट के समय वे यर्थात सहायता पहुंचाने का प्रयास करेंगे। संस्थान के प्रार्चाय आर.के. शर्मा व योगिता शर्मा ने कहा कि दुखः की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करतें हैं कि पीडि़त परिजनों को इस सदमें को सहने की शक्ति प्रदान करे। कार्यक्रम में हिमाानी फरासी, कुलदीप राणा,मोहन पिमोली, नवीश, राजू थापा, सुमन, अरविंद तोमर, कामिनी मैठाणी, आकांशा चढ्ढा, अनुजा रावत, नेहा, लक्ष्मी कोहली, शालिनी, प्रीती रतूड़ी, सपना व प्रीती भट्ट सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

अधिशासी अभियन्ता को किया निलंबित 

देहरादून, 6 मई (निस)। उप सचिव लोक निर्माण विभाग अरविन्द सिंह पांगती ने बताया है कि प्रभारी अधिशासी अभियन्ता वल्र्ड बैंक खण्ड, लोक निर्माण विभाग गोपेश्वर दयाकिशन आर्या को अपने दायित्वों का निर्वह्न पूर्ण जिम्मेदारी के साथ न करने, ना ही वांछित सूचनाऐं समय पर दिये जाने के कारण सचिव लो.नि.वि. द्वारा श्री आर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। यह जानकारी देते हुए उप सचिव लोनिवि पांगती ने बताया कि प्रभारी अधिशासी अभियन्ता वल्र्ड बैंक खण्ड, लोनिवि गोपेश्वर श्री दयाकिशन को निर्देशित किये जाने के उपरान्त भी उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नही आ रहा है, उनके द्वारा शासकीय कार्यों में कोई रूची नही ली जा रही है। साथ ही कार्यालय में अक्सर नशे की स्थिति में भी पाये जाते है और उनका मोबाईल भी बन्द रखा जाता है। उनके द्वारा समय पर निर्माण कार्यों से संबंधित वांछित सूचनाएं नहीं दी जा रही है। अधीक्षण अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता वल्र्ड बैंक द्वारा श्री आर्या को अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए जाने के उपरान्त भी उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नही लाया गया है। संबंधित अधिकारी का महत्वपूर्ण पद होने और जनपद चमोली के आपदा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण भी श्री आर्या द्वारा अपने कार्यों के प्रति रूची नही ली जा रही है। जिस कारण उन्हें पूर्ण रूप से दोषी मानते हुए प्रथमदृष्टया कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 एवं नियम-4 के उल्लंघन के दोषी पाया गया है। श्री आर्या को उक्त लापरवाही के लिए पूर्ण रूप से दोषी पाये जाने के फलस्वरूप उन्हें शासन द्वारा तत्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया गया है।

जेपी जोशी बनेे अपर सचिव राजस्व 

देहरादून, 6 मई (निस)। शासन द्वारा जनहित में अपर सचिव जे.पी.जोशी को अपर सचिव, राजस्व, पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी देते हुए उप सचिव कार्मिक महावीर सिंह ने बताया कि अपर सचिव जनगणना, सिंचाई, समाज कल्याण, आयुक्त, निःशक्तजन, निदेशक, जनजाति निदेशालय, प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम तथा निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण किशन नाथ को प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम के पदभार से अवमुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। श्री नाथ के पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। अपर सचिव वन एवं पर्यावरण तथा कार्मिक रमेश चन्द्र लोहनी को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अपर सचिव, खेल, युवा कल्याण, समाज कल्याण विभाग तथा प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। अपर सचिव समाज कल्याण तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बी.आर.टम्टा को अपर सचिव समाज कल्याण विभाग के पदभार से अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। श्री टम्टा के पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर तथा निदेशक, प्रशासन एवं मानीटरिंग, पंतनगर विश्वविद्यालय, उधमसिंहनगर डाॅ. आशीष कुमार श्रीवास्तव को अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर के पदभार से अवमुक्त करते हुए मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम, रूद्रपुर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनकेे पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। डिप्टी कलेक्टर उधमसिंहनगर पूरन सिंह को वर्तमान पदभार के साथ-साथ मुख्य नगर अधिकारी, नगर निगम, काशीपुर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। डिप्टी कलेक्टर उधमसिंहनगर, महाप्रबंधक, चीनी मिल बाजपुर, अपर मुख्य नगर अधिकारी, नगर निगम रूद्रपुर तथा मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम काशीपुर तीर्थपाल को मुख्य नगर  अधिकारी नगर निगम काशीपुर के पदभार से अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनके पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। इसी प्रकार पीसीएस मुख्य कार्मिक अधिकारी, पन्तनगर विश्वविद्यालय, उधमसिंहनगर तथा मुख्य नगर अधिकारी रूद्रपुर सुश्री दीप्ति सिंह को मुख्य नगर अधिकारी रूद्रपुर के पदभार से अवमुक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनके शेष पदभार यथावत रहेंगे।  

लगातार बढ़ रही है बंदरों के आतंक की घटनाएं, नौनिहालों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं अभिभावक 

रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। शहर में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। बंदर इतने खूंखार हो गए हैं कि किसी पर भी झपट्टा मारने से नहीं चूक रहे। स्थिति यह हो गई है कि स्कूली बच्चें स्कूल जाने से डरने लगे हैं। लोग अपने घर के बाहर कुछ भी सामान रखने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। एक ताजा मामले में दि क्रिएटिव एकेडमी की एक छात्रा पर बंदर ने हमला कर उसे घायल कर दिया। राहत की बात यह है कि बच्ची सकुशल है। चिकित्सालय में उपचार के बाद बच्ची को छुट्टी दे दी गई है। नगर पालिका क्षेत्र में बंदर बेखौफ होते जा रहे हैं। आम लोगों से बंदर घबराने के बजाय उन पर आक्रमण करने पर उतारू हैं। पूरे शहर में बंदरों ने भय का माहौल बनाया हुआ है। कहीं पर भी बंदर हमला कर सकते हैं। बुधवार सुबह बंदरों ने अपर बाजार स्थित दि क्रिएटिव एकेडमी की कक्षा चार की छात्रा प्रियंका पर हमला बोल दिया। नन्हीं बच्ची के हाथ पर बंदर के दांत और नाखूनों के निशान पड़ गए। विद्यालय प्रबंधन और अभिभावक बच्ची को चिकित्सालय ले गए। उपचार के बाद बच्ची को रिलीव कर दिया गया। यह पहली घटना नहीं है। तीन दिन पहले इसी विद्यालय की एक छात्रा को बंदर ने इतना भयभीत कर दिया था कि वह नीचे गिरकर चोटिल हो गई। कुछ दिनों पूर्व विद्यालय में फीस जमा करने आए एक छात्र की दादी के हाथ पर पर भी बंदर ने अपने नाखून के निशान छोड़ दिए। बंदरों के हमले की घटनाएं आम बात हो गई है। हर रोज कोई न कोई व्यक्ति बंदर के हमले का शिकार हो रहा है। विद्यालय की प्रबंधक सतेश्वरी डोभाल, स्थानीय निवासी कुणाल डोभाल, सलिल डोभाल का कहना है कि बंदरों के भय के कारण स्कूली बच्चे डरे हुए हैं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावक बंदरों के कारण बहुत ज्यादा चिंतित है। बंदरों को किसी का भय नहीं है। उन्होंने वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं रुद्रप्रयाग शहर के अलावा अन्य क्षेत्रो में भी बंदरों का आतंक बना हुआ है। लोग अपने घर के बाहर सामान रखने से डर रहे हैं। बंदर सीधे घरों के अंदर घुसने से भी नहीं डर रहे। इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद सरकार बंदरों से छुटकारा दिलाने में कोई कारगर नीति नहीं बना पाई है। सूबे के मुख्यमंत्री ने बंदरों के लिए बाड़ा बनाने की घोषणा की थी, जिस पर अभी तक कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही। वन विभाग पूरी तरह बंदरों के आगे नतमस्तक है। ऐसे में आम जनता बेहाल है। जिसकी सरकार को फिक्र नहीं है।

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली धाम के लिये रवाना, प्रथम रात्रि प्रवास किया भूतनाथ मंदिर में

रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। अब आठ मई को डोली के तुंगनाथ धाम पर पहुंचने पर ग्राीष्मकाल के छह माह के लिये भगवान तुंगनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। बुधवार को पंच पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में भगवान की मूर्तियों का वैदिक मंत्रोचारण के साथ अभिषेक किया। तदपश्चात विशेष पूजा-अर्चना के बाद भगवान तुंगनाथ की मूर्ति को डोली में विराजमान किया गया व डोली का भव्य श्रृंगार कर वस्त्रों, फूल-मालाओं से डोली को सजाया गया। ब्राहम्णों, वेदपाठियों व हक-हकूकधारियों ने डोली की आरती उतारकर डोली को सभामंडप से मंदिर परिसर लाया  गया। चल-विग्रह डोली के साथ चल रही देवकंडी, रूप छडी, त्रिशूल सहित विभिन्न देवी-देवताओं के निशाणों ने मक्कूमठ मन्दिर की तीन परिक्रमा कर श्रद्वालुओं को आशीर्वाद दिया। आशीर्वाद देते समय श्रद्वालुओं द्वारा पुष्प अक्षत्रों से डोली का भव्य स्वागत किया गया व वस्त्र चढाकर मनोतीयां मांगी गई। स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों, श्रद्वालुओं की जयकारों के साथ सम्पूर्ण मक्कूमठ गंुजायमान हो उठा तथा नर रूप में कई देवी-देवता अवतरित हुए। इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कू गांव से होते हुए पुणखी (भोग) नामक तेाक में पहुंची। जहां पर श्रद्वालुओं द्वारा डोली को दशकों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भोग लगाया गया। देर सांय भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए गांव के मध्य स्थित भूतनाथ मंदिर पहुंची। बृृहस्पतिवार  को भूतनाथ मन्दिर से प्रस्थान कर भगवान तुंगनाथ की डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेगी। शुक्रवार आठ मई को शुभ लग्नानुसार तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगें।  इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव शैलारानी रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट, जिपंस मीना पुण्डीर, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, पूर्व प्र्रधान जयसिंह चैहान, दिलवर सिंह नेगी, श्रीचन्द सिंह रावत, प्रकाश मैठाणी, विजयपाल सिंह नेगी, लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, मनोज सिंह नेगी, विनोद मैठाणी, जसपाल सिंह नेगी, महेन्द्र सिंह, कलम सिंह, मदल सिंह राणा, वृजमोहन मैठाणी, आन्दन सिंह नेगी सहित कई श्रद्वालु व हक-हकूकधारी मौजूद थे। 

गुलदार के हमले में एक भैंस की मृत्यु और दूसरी घायल, भरदार क्षेत्र के सिलगांव में गुलदार की दहशत

रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। भरदार क्षेत्र के सिलगांव में इन दिनों पशुभक्षी गुलदार का आतंक फैला हुआ है। गुलदार आये दिन ग्रामीणों की गौशालाओं का दरवाजा तोड़कर बंधे मवेशियों को निवाला बना रहा है। गुलदार के भय से ग्रामीण भी खौफजदा हैं। बुधवार सुबह गुलदार ने एक भैंस को निवाला बना दिया तो दूसरी भैंस को गंभीर रूप से घायल कर दिया। ग्रामीणों ने गुलदार के बढ़ते आतंक को देखते हुए गुलदार को पकड़ने के लिये गांव में पिजंरा लगाने के साथ ही प्रभावित ग्रामीणों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। भरदार क्षेत्र के सिलगांव में गुलदार के आतंक के ग्रामीण सांय होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। गुलदार किसी भी समय गांव में घुसकर गौशाला में बंधे मवेशियों को निवाला बना रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण अब गौशालाओं में जाने से भी डरने लग गये हैं। बुधवार प्रात: गुलदार न दीपा देवी की भैंस को निवाला बना दिया। जबकि कमल सिंह की भैंस को गुलदार ने गंभीर रूप से घायल कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सिंह पंवार ने बताया कि गुलदार के भय से ग्रामीण खौफजदा हैं। ग्रामीण महिलाएं मवेशियों की चारापत्ती लाने के लिये जंगलों के साथ ही गौशालाओं में जाने से डर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की आजीविका भैंस पर निर्भर थी। ग्रामीण भैंस का दुध बेचकर किसी तरह अपनी आजीविका का निर्वहन करते हैं, लेकिन गुलदार भैंसों को आये दिन निवाला बना रहा है। जिस कारण ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ गई हैं। उन्होंने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिये गांव में पिंजरा लगाने के साथ ही प्रभावित ग्रामीणांे को उचित मुआवजा देने की मांग की है। 

देवी-देवताओं की मूर्तियों से शीघ्र ही धूल हटेगी

बागेश्वर, 6 मई (निस)। ऐतिहासिक बागनाथ मंदिर समूह के एक कक्ष में वर्षाे से बंद 60 देवी-देवताओं की मूर्तियों से शीघ्र ही धूल हटेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा पर यदि अमल हुआ तो यह मूर्तियां न केवल संग्रहालय की शोभा बढ़ाएंगी बल्कि आम जनता भी सातवीं व आठवीं सदी में बनी देवी-देवताओं की दुर्लभ मूर्तियों के दर्शन कर सकेगी। कत्यूरी राजाओं के शासन काल में यहां पर सातवीं और आठवीं शताब्दी में कई मंदिर समूहों का निर्माण किया गया। इन मंदिरों में बागनाथ मंदिर समूह, वैजनाथ मंदिर समूह, लक्ष्मीनारायण मंदिर, केदारेश्वर, रक्षा देवल, शक्तिनारायण और बद्रीनाथ मंदिर शामिल हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इन मंदिरों में रखी गई बहुमूल्य देवी देवताओं की मूर्तियों को वर्षाे पूर्व पुरातत्व विभाग ने कमरों में बंद कर दिया। इसके बाद इन मूर्तियों की सुध किसी ने नहीं ली। इसके साथ ही मंदिर परिसर में म्यूजियम के निर्माण के लिए पुजारियों की सहमति नहीं बन पा रही थी। जिसके चलते मूर्तियां इतने वर्षाे तक कमरे में कैद रही। इस तरह की लगभग 60 मूर्तियां बागनाथ मंदिर परिसर के एक कक्ष में रखी गई हैं। इनमें मुख्य रूप से शिवजी, उमा महेश, चतुर्मुखी शिवलिंग, धन-कुबेर, लक्ष्मी और सूर्य भगवान की प्रस्तर की मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों की सुरक्षा के लिए एक कर्मचारी नियुक्त किया गया है। परंतु सदियों पुरानी दुर्लभ मूर्तियों के कोठरियों में बंद होने से कोई भी आज तक इनको नहीं देख सका है। मूर्तियों के कमरों में बंद होने से सर्वाधिक क्षति पर्यटन के क्षेत्र में उठानी पड़ रही है। देश विदेश से यहां आने वाले पर्यटक मंदिरों की शैली और इसके महत्व से तो रूबरू होते हैं परंतु कभी इन मंदिरों की शोभा रहे देवी देवताओं के दर्शन नहीं कर पाते हैं। पिछले दिनों जनपद भ्रमण पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय, धर्मशाला और चारदीवारी निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद प्रशासन की ओर से घोषणाओं पर अमल को लेकर पहल शुरू हो गई है। प्रशासन की योजना पुरातत्व विभाग के म्यूजियम को प्रस्तावित धर्मशाला की दूसरी मंजिल में शिफ्ट करने की है।  पुरातत्व विभाग, तहसील प्रशासन और मंदिर के पुजारियों की संयुक्त बैठक में मंदिर परिसर में म्यूजियम व धर्मशाला सहित अन्य निर्माण कार्याे के लिए सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद शीघ्र की म्यूजियम बनने की उम्मीद जगने लगी है।

विशेष आलेख : किशोर न्याय अधनियम में बदलाव की सार्थकता

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आखिरकार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव की मंजूरी दे दी है जिसके तहत अब 16 से 18 वर्ष तक के बच्चों द्वारा किये गये “जघन्य अपराधों” के मामलों में उन पर वयस्क अपराधियों जैसा मुकदमा चलाया जाएगा। इसका मतलब है कि भारत “विधि विवादित बच्चों” (बीपसकतमद पद बवदसिपबज ूपजी संू) को लेकर अपने पहले के स्टैंड से बदल गया है, पहले कानून का मकसद उन्हें सुधरने और पुनर्वास का मौका देना था। अब मंत्रिमंडल ने तय किया है कि “जघन्य अपराधों” में संलिप्त सोलह साल की उम्र के किशोरों पर बालिगों के हिसाब से मुकदमा चलेगा उन्हें बालिगों के साथ रखा जाएगा। इसके लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यह तय करेगा कि किसी नाबालिग के अपराध को “जघन्य” माना जाए या नहीं। 
           
यह फैसला अचानक नहीं हुआ है, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अपना पदभार ग्रहण करते ही यह संकेत देना शुरू कर दिया था कि उनकी सरकार इस मसले को लेकर गंभीर है। हालांकि इस बदलाव के समर्थन में देश का एक बड़ा हिस्सा था लेकिन इसको लेकर समाज के एक धड़े, बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और सुधारवादियों की आपत्तियां भी थीं। इससे पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति ने भी 16 से 18 साल के बीच के नाबालिगों से वयस्क किशोरों के तौर पर पेश आने के सरकार के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे कानून के साथ संघर्ष की स्थिति पैदा होगी, समिति ने सरकार से 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए अलग बर्ताव करने के प्रस्ताव की समीक्षा करने को कहा था और यह माना था कि 18 साल से कम उम्र के सभी नाबालिगों को सिर्फ बच्चे के तौर पर देखा जाना चाहिए। लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि “जघन्य अपराधों” के मामलों में किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा की जरूरत है। 
           
दरअसल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद पूरे देश में इस कानून में परिवर्तन के लिए एक माहौल बना, इस बर्बर अपराध में एक 17 वर्षीय किशोर भी शामिल था, जिसे किशोर सुधार गृह भेजा गया। जनमत बनाने में मीडिया की भी बड़ी भूमिका रही है, बदलाव के पक्ष में कई तर्क दिए गये जैसे, आजकल बच्चे बहुत जल्द बड़ेे हो रहे हैं, बलात्कार व हत्या जैसे गंभीर मामलों में किशोर होने की दलील देकर “अपराधी” आसानी से बच निकलते हैं, पेशेवर अपराधी किशोरों का इस्तेमाल जघन्य अपराधों के लिए करते हैं, उन्हें धन का प्रलोभन देकर बताया जाता है कि उन्हें काफी सजा कम होगी और जेल में भी नहीं रखा जाएगा आदि। अमरीका और इग्लैंड का मिसाल दिया जाता है जहां इस तह का कानून है कि अगर नाबालिक “क्रूर अपराधों” में शामिल पाए जाते हैं तो उन पर मुकदमा बालिगों की अदालत में चलेगा। इन्ही तर्कों के आधार पर यह मांग जोरदार ढंग से रखी गयी कि किशोर अपराधियों का वर्गीकरण किया जाए, किशोर की परिभाषा में उम्र को 16 वर्ष तक किया जाए ताकि नृशंस अपराधियों को फांसी जैसी सख्त सजा मिल सके। निर्भया कांड के बाद बलात्कार के मामलों में सख्त कानून बनाने के लिए गठित जस्टिस जे.एस. वर्मा कमेटी किशोर अपराध के मामलों में आयु-सीमा घटाने के पक्ष में नहीं थी। इसको लेकर दिवंगत जस्टिस वर्मा ने कहा था कि “हमारे सामाजिक ढांचे की वजह से इसका सामान्यीकरण नहीं किया जा सकता”। शायद जनाक्रोश को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने इन मांगों आगे बढाया होगा लेकिन गुस्साई भीड़ के दबाव में कोई कानून बनाने और किसी को भीड़ के मुताबिक सजा दिए जाने का चलन खतरनाक साबित हो सकता है।
           
निश्चित रूप से निर्भया तथा इस तरह की दूसरी वीभत्स और रोंगटे खड़ी करने घटनाओं में किशोरों की संलिप्तता एक गंभीर मसला है, लेकिन इस मसले पर एक देश और समाज के रूप में हमारी कोई संलिप्तता नहीं है क्या ? इस तरह के अमानवीय घटनाओं में शामिल होने वाले बच्चे/किशोर कहीं बाहर से तो आते नहीं हैं, यह हमारा समाज ही है जो औरतों के खिलाफ हिंसा और क्रुरता को अंजाम देने वालों को पैदा कर रहा है, आज भी हमारे समाज में औरतें गैर-बराबरी और तंग-नज़री की शिकार हैं और यह सोच हावी है कि औरत संपत्ति और वंश-वृद्धि का मात्र एक जरिया है। इसलिए गंभीर अपराधों में शामिल किशोरों को कड़ी सजा देने से ही यह मसला हल नहीं होगा, बाल अपराध एक सामाजिक समस्या है, अतः इसके अधिकांश कारण भी समाज में ही विद्यमान हैं, एक राष्ट्र और समाज के तौर में हमें अपनी कमियों को भी देखना पड़ेगा और जरूरत के हिसाब से इसका इलाज भी करना पड़ेगा। 
           
किशोरावस्था में व्यक्तित्व के निर्माण तथा व्यवहार के निर्धारण में वातावरण का बहुत हाथ होता है। इसलिए एक प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में हम ने ऐसा कानून बनाया जो यह स्वीकार करता है कि किशोरों द्वारा किए गए अपराध के लिये किशोर बच्चे स्वयं नहीं बल्कि उसकी परिस्थितियां उत्तरदायी होती हैं। इसलिए कानून का मूल मकसद किशोर-अपराधियों को दंड नहीं सुधार का था। किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 तक पहुँचने में हमें लम्बा  लगा है। 1985 में संयुक्तराष्ट्र की आम सभा द्वारा किशोर न्याय के लिए मानक न्यूनतम नियम का अनुमोदन किया गया जिसे “बीजिंग रूल्स” भी कहते हैं। इसी के आधार पर भारत में 1986 में किशोर न्याय कानून बनाया गया, जिसमें 16 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को किशोर माना गया।1989 में बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र का दूसरा अधिवेशन हुआ जिसमें लड़का-लड़की दोनों को 18 वर्ष में किशोर माना गया। भारत सरकार ने 1992 में इसे स्वीकार किया और सन् 2000 में 1986 के अधिनियम की जगह एक नया किशोर न्याय कानून बनाया गया। 2006 में इसमें संशोधन किया गया । इस तरह एक लम्बी प्रक्रिया के बाद  हम सुधार पर आधारित एक किशोर न्याय कानून बना पाए हैं । 
           
निश्चित रूप से किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों की उम्र 18 साल करने के अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। इसके दुरुपयोग से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, जघन्य अपराधों में किशोरों के इस्तेमाल के मामले सामने आये हैं। वर्तमान कानून में कई खामियां भी हो सकती है, लेकिन इसका एकमात्र हल यह तो नहीं है कि इसमें बच्चों तथा किशोरों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने को लेकर जो व्यवस्थाएं है उनसे छेड़- छाड़ की जाए। इस बदलाव के पक्ष में सरकार यह दावा कर रही है कि सजा का आकलन एक ऐसे बोर्ड द्वारा किया जाएगा जिसमें मनोचिकित्सक और समाज विशेषज्ञ होंगे, और इसी आकलन के आधार पर तय किया जाएगा कि किशोरों पर बालिगों के हिसाब से मुकदमा चलेगा या नहीं , लेकिन हमारी व्यवस्था को देखते हुए यह आकलन आसान नहीं है एक ऐसे देश में जहां मात्र 2500 प्रशिक्षित मनोचिकित्सक हों वहां “विधि विवादित बच्चों” का मनोवैज्ञानिक आकलन महज एक कोरी कल्पना हो सकती है। उलटे इसके दुरूपयोग की संभावना ज्यादा है, आंकड़ेे बताते हैं कि 80: “विधि विवादित बच्चे” ऐसे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं जिनके परिवारों की वार्षिक आय 50 हजार रुपये के आस-पास होती हैं। हमारे पुलिस का जो ट्रैक- रिकॉर्ड और कार्यशैली है उससे इस बात की पूरी संभावना है कि इस बदलाव के बाद इन गरीब परिवारों के बच्चे पुलिस व्यवस्था का सॉफ्ट टारगेट हो सकते हैं और इन पर  गलत व झूठे केस थोपे जा सकते हैं। ऐसे होने पर गरीब परिवार इस स्थिति में नहीं होंगें की वह इसका प्रतिरोध कर सकें । 
          
दरअसल हकीकत यह है कि हम किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में बुरी तरह असफल रहे हैं, किशोर न्याय अधिनियम, 2000 के अधिकतर प्रावधानों को लागू ही नहीं किया जा सका है। पुलिस, अभियोजन पक्ष, वकीलों और यहाँ तक कि जजों को भी इस कानून के प्रावधानों की पूरी जानकारी नहीं है। किशोरों के विरुद्ध दर्ज हो रहे लगभग तीन चैथाई मुकदमे फर्जी हैं, किशोरों को सरकारी संरक्षण में रखने के लिए कानून में बताई गई व्यवस्था की स्थिति दयनीय है और इसकी कई सारे प्रावधान जैसे सामुदायिक सेवा, परामर्श केंद्र और किशोरों की सजा से संबंधित अन्य प्रावधान जमीन पर लागू होने के बजाये कागजों में ही है। देश में कुल 815 किशोर सुधार गृह ही हैं, जिनमें 35 हजार किशोरों को ही रखने की व्यवस्था है, लेकिन किशोर अपराधियों की संख्या 17 लाख के आसपास है। हमारे किशोर सुधार गृहों की हालत कितनी बदतर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां से निकलने वाले करीब 40 फीसदी किशोर अपराध की दुनिया से जुड़ जाते हैं। बाल सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था “आंगन” के 31 संप्रेक्षण गृहों के कुल 264 लड़कों से बात करने के बाद जो निष्कर्ष सामने आये हैं वह हमारी किशोर न्याय व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी हैं, कुल 72ः बच्चों ने बताया कि उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के सामने प्रस्तुत करने से पहले पुलिस लॉक-अप में रखा गया था, इनमें से 38ः बच्चों का तो कहना था कि उन्हें पुलिस लॉक-अप में 7 से 10 दिनों तक रखा गया था, जो की पूरी तरह से कानून का उलंघन है। इसी तरह से  45ः बच्चों ने बताया कि पुलिस कस्टडी के दौरान उन्हें शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया गया , जिसमें चमड़े की बेल्ट और लोहे की छड़ी तक का इस्तेमाल किया गया। कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि उन्हें उन अपराधों को स्वीकार करने के लिए बुरी तरह से पीटा गया जो उन्होंने किया ही नहीं था। किशोर न्याय व्यवस्था की कार्यशाली और संवेदनहीनता को रेखांकित करते 75ः बच्चों ने बताया कि पेशी के दौरान बोर्ड ने उनसे कोई सवाल नहीं पुछा और ना ही उनका पक्ष जानने का प्रयास किया। एक बच्चे ने बताया की पूरे पेशी के दौरान बोर्ड के सदस्यों द्वारा अपनी नजरों को ऊपर उठाकर हम पर एक नजर डालने की भी जहमत नहीं की गयी। वास्तव में असली मुद्दा तो पूरी न्यायिक संरचना से जुड़ा हुआ है, जिसे संवेदनशील बनाने की जरूरत है। लेकिन दुर्भाग्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन तमाम पहलुओं को गौर करने और कुछ ठोस कदम उठाने की जगह आसान रास्ता चुनते हुए तथाकथित “जनभावनाओं” को तुष्टीकरण करने का काम किया है । एक प्रगतिशील मुल्क होने के नाते हम अपराध में संलिप्त अपने किशोरों को कड़ी सजा देकर उन्हें व्यस्क अपराधियों के साथ जेल में नहीं डाल सकते, यह उनके भविष्य को नष्ट करने जैसा होगा, अब अमरीका और इग्लैंड जैसे मुल्क भी यह मानने लगे है कि किशोर अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़ेे प्रावधानों की व्यवस्था अप्रभावी साबित हुई है, अमरीका में किशोर न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान, “नेशनल कैम्पेन टू रिफार्म स्टेट जुवेनाइल सिस्टम” के अनुसार वहां बड़ों के जेलों में रहने वाले 80ः किशोर जेल से वापस करने के बाद और ज्यादा गंभीर अपराधों में संलिप्त हो जाते हैं। इसलिय हमें इससे सबक लेते हुए अपनी  निष्क्रिय और चरमराई किशोर सुधार व्यवस्था को बेहतर बनाना होगा, किशोर न्याय अधिनियम को  लागू करने के लिय जमीन तैयार पर ध्यान देना होगा , इसके दुरूपयोग के संभावनाओं को सीमित करते हुए  ऐसे मजबूत व्यवस्था का निर्माण करना होगा जहां “विधि विवादित बच्चों” को सजा नहीं बल्कि  सुधार और पुनर्वास का मौका मिल सके।  




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जावेद अनीस
(चरखा फीचर्स)

विशेष : पारम्परिक पेशा या मजबूरी : हैरतअंगेज करतब दिखाकर पेट पालने की जुगत में बच्चे

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उम्र खेलने-कूदने की हो और स्कूल जाकर तालीम हासिल करने की लेकिन इन पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इन्हें विरासत में मिली अपनी परम्परा का निर्वहन जो करना है। यही कारण है कि ये कम उम्र में ही पेट पालने तथा परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने नाजुक कन्धों पर लेकर शहर दर शहर घूम-घूमकर करतब दिखाते हैं। इस तरह का पेशा करने वाले प्रायः नट जाति के होते हैं, लेकिन गरीबी और बेरोजगारी की वजह से अब अन्य जाति वर्ग के लोगों ने भी इसे अपनाना शुरू कर दिया है, और उन्हें इसका अच्छा आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। यह भी देखा गया है कि शिक्षा के अभाव में इस जाति/समुदाय के लोगों के बच्चे बड़े होकर अवैध तरीके से धनोपार्जन करना शुरू कर देते हैं, और छोटे-मोटे अपराध से लेकर जघन्य कृत्य करने से भी परहेज नहीं करते। 

इनके कुनबे की युवतियाँ भी अनैतिक पेशा अख्तियार करके सुख-सुविधा, साधन की व्यवस्था करती हैं। इनके कुनबे के मुखिया (महिला-पुरूष, युवक-युवतियाँ) अपने बच्चों की कमाई का उपयोग माँस-मदिरा का सेवन करने के लिए करते हुए दुष्कृत्यों में संलिप्त रहते हैं। सुना गया है कि जो बच्चे अपने माता-पिता का कहना न मानकर करतब दिखाने से इनकार करते हैं, उन्हें उनके माँ-बाप के कोप का भाजन बनकर दैहिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ती है, जो कि अत्यन्त शोचनीय विषय है।

हालाँकि अब इन लोगों को भी सम्मानित जीवन जीते हुए देखा जाने लगा है। इस बारे में कहा जाता है कि कई समाजसेवी संगठनो की पहल व प्रेरणा से इनमें शिक्षा, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा होने लगी है। इसके अलावा सरकार द्वारा दिया जाने वाला आरक्षण भी इनके लिए लाभदायी सिद्ध हो रहा है, जिसका परिणाम यह है कि ये लोग राजनीति के अलावा शासन, सत्ता एवं पुलिस व प्रशासनिक सेवाओं के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी प्रमुखता से अपना योगदान देने लगे हैं, फिर भी अभी इस तरह के लोगों को अपवाद ही माना जा सकता है। 

इस जाति/समुदाय के लगभग 90 प्रतिशत लोगों में आज भी अशिक्षा है, वे अपनी पुरानी परम्पराओं की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, और सदियों से चले आ रहे अपने रीति-रिवाजों के अनुसार ही कार्य करना उचित समझते हैं। वह चाहे बाजीगरी व करतब दिखाने का कार्य हो अथवा नाच-गाना आदि। देश/प्रदेश के कस्बों, शहरों व ग्रामीण बाजारों में इनका कुनबा अपने बच्चों समेत तरह-तरह के हैरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों से कुछ पाने की उम्मीद में घूमता-फिरता रहता है। दुःखद पहलू यह है कि इनकी तरफ लोगों का ध्यान ही नहीं जा रहा है, यदि जाता भी है तो इनके करतब और कुकृत्य व अपराध के संवादों की सुर्खियों की खोज के लिए। लाल और नीली बत्ती वाली गाड़ियों में बैठे कथित माननीय भी इनके डेरे से होकर गुजरते रहते हैं, करतब दिखा रही टीमों को कभी-कभार ये लोग बतौर बख्शीस कुछ पैसे भी दे दिया करते हैं, किन्तु इनके स्थायित्व एवं विकास के लिए जिम्मेदार व चिन्तित कोई नहीं दिखता।

हमें उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जनपद के पूर्वांचल स्थित ग्रामीण क्षेत्र के एक पत्रकार ने एक फोटो और इससे सम्बन्धित संवाद भेजा, जिसे देख-पढ़ कर यह प्रतीत होता है कि इस तरह के मासूम बच्चों को सरकार के सर्व शिक्षा अभियान की जानकारी ही नहीं है। जबकि सर्वशिक्षा अभियान के नाम पर पैसे पानी की तरह बहाये जा रहे हैं। उक्त संवाददाता के अनुसार करतब दिखाने वालों में बड़े, किशोर व छोटे बच्चे (लड़के और लड़कियाँ) शामिल हैं। जिले के विभिन्न शहरी व ग्रामीण बाजारों में करतब दिखाने वाले इस ग्रुप का नन्हा मुखिया रवि नामक एक किशोर बताया गया है, जिसने उक्त संवाद सूत्र को बताया कि गरीबी के चलते हम लोग घूम-घूम कर जगह-जगह अपना करतब दिखाकर पैसा कमाते हैं। इससे हमारे व हमारे परिवार के लिए दो वक्त की रोटी की व्यवस्था हो जाती है। उक्त जिले के विभिन्न जगहों पर डेरा डालकर रहने वाले इन बच्चों का नाम- सोहानी (12), रवि (9), अमृता (4) और नेहा (3) बताया गया है। रवि के अनुसार वे लोग स्कूल नहीं जाते हैं, उनका पिता भी इन्हीं लोगों के साथ करतब दिखाने वाले पेशे से जुड़ा है। 

इस संवाद को पढ़ने और सम्बन्धित फोटो को देखने के बाद प्रश्न यह उठता है कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सभी योजनाएँ आखिर इन तक क्यों नहीं पहुँच रही हैं? क्या शासन द्वारा चलाई जाने वाली सारी योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले प्रशासनिक अमलों की नजर इन तक नहीं पहुँच रही है? या फिर इन बच्चों के पालक (माता-पिता/अभिभावक) इन्हें जबरिया ऐसा करने पर मजबूर कर रहे हैं। बेहतर यह होगा कि सरकारी योजनाओं का ईमानदारी एवं कर्मठता के साथ पारदर्शिता बरतते हुए क्रियान्वयन कराया जाए, ताकि शिक्षा ग्रहण करने की उम्र में अपना जान जोखिम में डालकर करतब दिखाने वाले इन नन्हें-मुन्ने बच्चों का भविष्य सँवर सके, और ये अपराधी बनने की जगह सुशिक्षित नागरिक बनकर अपने समाज और देश का नाम रौशन कर सकें। 

हम तो चाहेंगे कि इस तरह के मासूमों के वे माँ-बाप जो उन्हें करतब दिखाने के लिए प्रताड़ित व बाध्य करते हों, उन पर वांछित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए और न्यायालय द्वारा उन्हें दण्डित किया जाए। यदि इस तरह के कुछेक प्रकरण सामने आयें तो भयवश ये लोग ऐसा करने से जरूर बाज आयेंगे। काश! ऐसा ही कुछ होता.........। 



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 -रीता 
सम्पादक
रेनबोन्यूज डॉट इन
मो.नं. 8765552676

मेक इन इंडिया : दहाड़ता शेर या अंधों का हाथी

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अतीत के रेड कारपेट पर लेटी हुई 'सोने की चिड़िया'को भविष्य का 'दहाड़ता शेर'बनाने की मुहिम में मेक इन इंडिया का शेर कहीं अंधों का हाथी न बन जाये। प्रचार के सरकारी तम्बू में बैठकर इस अभियान के हकीकत और फ़साने को समझना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं।

मेक इन इंडिया मुहिम के तहत सरकार हिंदुस्तान को औद्योगिक उत्पादन का हब बनाना चाहती है। बकौल मोदी, “आइए भारत में बनाइए और दुनिया भर में बेचिए”। इस महत्वाकांक्षी मुहिम के द्वारा मोदी विकास का सन्देश देने के अपने मंसूबे में कामयाब तो दिख रहे है लेकिन इस मुहिम को असली जामा पहनाने में मुश्किलें भी बहुत है। मसलन भारत में निर्मित सामान कितना सस्ता होगा ? अमेरिका और चीन जैसे विकसित देश पहले से ही घरेलू और विदेशी बाज़ारों में अपनी पकड़ मजबूत बनाये हुए है। हालांकि इस रेस में भारत को सफल होने से कोई रोक नहीं सकता अगर हम मजबूत इरादे और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ आगे आयें। साथ ही सामान की गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो।

एक अहम चुनौती है भूमि अधिग्रण का जो अबतक अध्यादेश के सहारे ही चलता दिख रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के भूमि अधिग्रण बिल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालांकि सरकार के पास संयुक्त सत्र बुलाकर बिल को पास कराने का भी विकल्प खुला है। मेक इन इंडिया के तहत सरकार ने ऐसे 25 क्षेत्र चुने है जिसमे निवेश बढ़ाने के साथ ही निर्माण क्षमता अगले 7 से 9 वर्षों में बढ़ानी है। इसमें नौकरियां कितनी बढ़ेंगी अभी भी बहस का विषय है। इन सभी क्षेत्रों में निर्माण बढ़ाने के लिए हुनरमंद कामगारों की बड़ी संख्या में आवश्यकता होगी। हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए 'स्किल्ड इंडिया'मुहिम भी सरकारी योजना का हिस्सा है।

इस बात को मोदी विरोधी भी स्वीकारते है की जनता की नब्ज पकड़ने में उन्हें महारत हासिल है। लेकिन मोदी हिंदुस्तान के शायद पहले प्रधानमंत्री है जो एक अच्छे सेल्समेन भी है। सपना को हकीकत बनाकर बेचने की कला उनमे कूट-कूट कर भरी हुई है।

भारत की जीडीपी लगभग 2000 अरब डॉलर की है और पिछले 5 वर्षों में लगभग 195 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है। 57% अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर की भागीदारी है। इसमें कोई शक नहीं कि मेक इन इंडिया की सफलता एक्सपोर्ट पर निर्भर होगी जबकि दुनिया भर में मांग घटने के कारण एक्सपोर्ट घटा है।

इस को मुहिम सफल बनाने के लिए भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को जड़ से खत्म करना होगा जो बहुत ही मुश्किल है। लेकिन मेक इन इंडिया के कर्ताधर्ता को पूर्ण विश्वास है कि सरकार भ्रष्टाचार और लालफीताशाही को खत्म कर निवेशकों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस देने की दिशा में लगातार काम कर रही है। 'डिजिटल इंडिया'और 'स्किल्ड इंडिया'की मदद से मौजूदा समस्याएं दूर हो सकती है।




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राजीव सिंह
Email – rajivr.singh@yahoo.co.in

मनोज बाजपाई ने बिताया कुछ समय सिलीगुड़ी के जवानो के साथ बांग्लादेश के बॉर्डर पर

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मनोज बाजपाई एक इवेंट के लिए सिलीगुड़ी वेस्ट बंगाल में गाये थे जहा कुछ जवान आये थे उनसे मिलने फोटो खीचने जब उनको पता चल की आर्मी कैंप आस पास है तोह उन्हों ने एक सरप्राइज  विजिट करने का सोचा। मनोज को अचानक देख जवान खुश हो गया मनोज ने कुछ समय उनके साथ बिताया.

मनोज बाजपाई  इस साल ५ फिल्मो में नज़र आयेगे मनोज अब अभिनेता से  निर्माता भी बाने गाये जिसमे  वह तंबू के साथ नज़र आयेगे 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (07 मई)

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घर मंे घुसकर सामान ले जाने व मारपीट का मामला, पुलिस कर रही छानबीन, घरेलु मजदूरों से रहे सावधान!

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज स्थित शिकारपुर थानाक्षेत्र के डी.के.शिकारपुर गाँव के निवासी विनय कुमार ने मंगलवार को शिकारपुर थाना में आवेदन देकर अपने घर में काम करने वाले मजदूर श्याम बिहारी साहनी व उसके परिवार वालों पर कार्रवाई की मांग की है। श्किारपुर पुलिस को दिए आवेदन में यह वर्णित है कि श्याम बिहारी सहनी, सीता देवी व दो अन्य उनके यहाँ मजदूरी किया करते थे। विगत वर्ष श्याम बिहारी की पुत्री की शादी में उन्होने 40000 चालीस हजार रूपये बतौर कर्ज दिया, जिसे काम करके वर्ष भर में चुका देने का आश्वासन उन लोगों द्वारा दिया गया। सोमवार को विनय कुमार रूपये मांगने उसके घर गए तो उन लोगांे ने कहा कि शाम में आपके घर आकर दे देंगे। उसी शाम करीब साढे सात बजे सीता देवी अपने पुत्र उपेन्द्र साहनी के साथ विनय के घर पहुँचे, तो उन्होने उनसे बैठने को कहा, उसके बाद बैठने के बदले तीनो मिलकर विनय कुमार को पीटने लगे, इसी बीच विनय कुमार की पत्नी बीच बचाव करने पहुँची तो वो भी उनकी पिटाई की शिकार बन गयी। उन लोगो से गाली गलौज भी हुई। उसके बाद सीता देवी घर में रखे पत्नी का बक्सा, गहने व कपड़े लेकर भाग गयी। इस बावत पूछे जाने पर शिकारपुर थानाध्यक्ष हरिश्चन्द्र ठाकुर ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। हालाकि मंगलवार को दिए गये आवेदन के विरूद्ध बुधवार तक कोई कार्रवाई नही की जा सकी थी।

भू-धारी व पर्चाधारियांे के बीच फिलहाल तनाव खत्म, डीएम करेंगे फैसला

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) पश्चिम चम्पारण के बेतिया पुलिस के सहायक पुलिस अधीक्षक अभियान राजेश कुमार की पहल पर बनबैरिया व धमौरा में उत्पन्न भूमि विवाद फिलहाल रूक गया है। मंगलवार को सहायक पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार अपने दल-बल के साथ सहोदरा थाना के बन बैरिया स्थित घटना स्थ्ज्ञल पर पहुँचे हालात का जाएजा लिया। उसके बाद उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने की दिशा में पहल प्रारंभ किया। एएसपी अभियान ने पर्चाधारियांे व भूधारियांे को अपने कागजात के साथ जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह से मिलने की बात कही उसके बाद जो निर्णय होगा, उसपर दोनो पक्ष अमल करेंगे तब तक हालात स्थिर रखी जाए। दोनो पक्ष विवादित भूमि पर कोई नया काम नहीं करने पर सहमत हो गये। नरकटियागंज एसडीएम ने समझौते का उलंघन करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

आपदा में मृत व्यक्तियांे की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि समारोह

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित राजयोग केन्द्र नरकटियागंज में गुरूवार को श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। विगत दिनों हिमालय की पर्वतश्रेणियांे समेत गंगा बेसिन में आए प्रलयंकारी भूकम्प में असमय काल कवलित हुए आत्मा की शांति के लिए नरकटियागंज की ब्रह्माकुमारीज बहने व भाइयांे ने श्रद्धांजलि सभा का अयोजन किया और भूकम्प में मृत नश्वर शरीर को त्यागने वाली आत्मा की शांति के लिए शिवबाबा से प्रार्थना किया। ब्रह्मकुमार और ब्रह्माकुमारी बहनों ने भूकम्प जैसी आपदा में घायल भारतीय व नेपाली लोगो के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया कि उनको दर्द सहन करने की क्षमता ईश्वर प्रदान करे। श्रद्धांजलि सभा में बीके अविता, बीके गीता, बीके सविता, बीके संध्या और बीके ओमप्रकाश के अलावा अन्य शामिल हुए।

पप्पू यादव को राजद से निष्कासित किया !!

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राजद नेता व मधेपुरा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद पप्पू यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में राजद से छह साल के लिए निकाल दिया गया है। वैसे इस बात की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी कि पप्पू यादव राजद छोड़ सकते हैं या उन्हें पार्टी से निकाला जा सकता है। उधर, राजद के प्रवक्ता जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा है कि पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ कर देख लें उन्हें पता चल जाएगा कि वह कितने पानी में हैं। उन्होंने कहा कि राजद में अनुशासन कायम रखने के लिए पप्पू यादव को पार्टी से निकाला गया है।

राजद से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद सांसद पप्पू यादव ने कहा कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है। उनके मुताबिक, लोग यह देख रहे थे कि लालू के बाद राजद की विचारधारा को पप्पू यादव आगे बढ़ा रहा है। बिहार के लाखों लोग मुझसे जुड़ रहे थे। यही कारण है कि मुझे पार्टी से निकाला गया है। पप्पू यादव ने कहा कि अब वह जनता के बीच जाएंगे और अपनी बात रखेंगे। आगे कोई पार्टी बनाना है या किसी से साथ रहना है, इसके जवाब में पप्पू ने कहा कि जनता जो कहेगी वहीं करूंगा।

मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि हम गरीबों की आवाज उठाने वाले हैं। इसलिए हमें निशाना बनाया गया। ये लोग मेरी हत्या भी करा सकते हैं। राजद में लालू से कुछ होने वाला नहीं था लोगों का भरोसा मुझपर था। मैं जनता के बीच जाऊंगा। मुझे बिहार के हर जाति के युवाओं का समर्थन मिल रहा था। इसलिए ये लोग घबराकर कर्रवाई कर रहे हैं। लोक सभा चुनाव में लालू के परिवार से कोई नहीं जीत सका। हमने जीत कर दिखा दिया था।

राजद प्रमुख लालू यादव और पप्पू यादव के बीच विवाद उसी समय से शुरू हो गया था जब पप्पू ने नीतीश कुमार के खिलाफ जीतन राम मांझी का समर्थन किया था। पप्पू का यह भी कहना था कि मांझी को राजद में शामिल किया जाए और उन्हें पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जाए। लेकिन पप्पू यादव की इस मांग को लालू यादव ने स्वीकार नहीं किया। इसके साथ ही पप्पू यादव ने लालू से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित करने की मांग की थी। यह बात भी लालू को नागवार गुजरी और राजद प्रमुख ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी उनका बेटा ही हो सकता है। पप्पू यादव उनके बेटे नहीं हैं। इस पर पप्पू ने लालू पर वंशवाद करने का आरोप लगाया था। इन सब बातों को देखते हुए इस बात की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थी कि पप्पू के दिन राजद में गिने चुने हैं।

डॉलर के मुकाबले रुपया 20 महीने के निचले स्तर पर

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डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपया 20 महीने के निचले स्‍तर पर आ गया है। बिकवाली के दबाव में रुपया 64.23 के स्‍तर पर बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 9 सितंबर, 2013 के निचले स्तर पर फिसल गया है। रुपए में गिरावट से आने वाले दिनों मे खाने-पीने की वस्‍तुओं सहित कई चीजे महंगी हो सकती हैं। भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी पेट्रोलियम पदार्थ आयात करता है। रुपए में गिरावट से इनका आयात महंगा हो जाएगा। इसके चलते घरेलू बाजार में इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं और महंगाई में उछाल आ सकता है। इस बीच, शेयर बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को 17 दिसंबर, 2014 के बाद निफ्टी पहली बार 8000 प्वाइंट के नीचे आया। हालांकि, बाद में वह फिर ऊपर आया और 8 हजार के स्तर को पार कर गया।

डॉलर के मुकाबले रुपया 69 पैसे (1.09 फीसदी) की कमजोरी के साथ 64.23 के स्तर पर बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 9 सितंबर 2013 के निचले स्तर पर फिसल गया है। गुरुवार सुबह रुपया 24 पैसे की कमजोरी के साथ 63.78 पर खुला और गिरावट बढ़ती गई। बुधवार को यह 63.54 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। फॉरेक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रुपए में गिरावट का बड़ा कारण सरकार की आर्थिक मोर्चे पर नाकामी है, जिसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजारों से पैसा निकालकर अन्य एशियाई देश चीन और सिंगापुर की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में, इसमें भारी गिरावट आ सकती है। सिटी अपनी रिपोर्ट में रुपए के 69 के स्‍तर तक लुढ़कने का अंदेशा जता चुकी है।

एक्‍सपर्ट क्‍या मानते हैं रुपए में गिरावट की वजह
- MAT सहित अन्‍य टैक्‍स मसलों पर नाराज FII भारतीय बाजारों से बिकवाली कर रहे हैं।
- रुपया ओवरवैल्यूड हो गया था, जिसके चलते उसमें करेक्‍शन हो रहा है।
- ग्‍लोबल मार्केट में क्रूड की कीमतों में तेजी।
- एफआईआई की बिकवाली से भारतीय शेयर बाजारों में तेज गिरावट।
- निर्यात के माेर्चे पर हम लगातार पिछड़ रहे हैं, जबकि हमारा आयात बढ़ रहा है।

भारत अपनी जरूरत का करीब 80 फीसदी पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट आयात करता है। रुपए में गिरावट से पेट्रोलियम पदार्थों का आयात महंगा हो जाएगा। तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों में बढ़ोत्‍तरी कर सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है। 2013-14 के दौरान देश में 16515.37 करोड़ डॉलर का पेट्रोलियम उत्पाद आयात हुआ था। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपए के कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं। 2013-14 में 933.67 करोड़ डॉलर का खाद्य तेल और 174.39 करोड़ डॉलर की दाल का आयात हुआ था।

रुपए में गिरावट से गर्मियों की छुट्टियों में विदेश घूमने की प्‍लानिंग कर रहे लोगों का बजट बढ़ सकता है। इसके अलावा, रुपए में गिरावट के चलते विदेश में शिक्षा हासिल करना भी महंगा हो जाएगा।

रुपए में गिरावट का फायदा निर्यातकों खासकर आईटी, फार्मा, टेक्‍सटाइल, डायमंड, जेम्‍स एवं ज्‍वैलरी सेक्‍टर को मिलेगा। इसके अलावा देश से चाय, कॉफी, चावल, गेहूं, कपास, चीनी, मसाले का भी अच्‍छा खासा निर्यात होता है। यानी कृषि और इससे जुड़े उत्‍पाद के निर्यातकों को भी रुपए में गिरावट का लाभ होगा। 2013-14 के दौरान भारत से 4106.74 करोड़ डॉलर का जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात हुआ है। जबकि टेक्सटाइल और टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात 3147.62 करोड़ डॉलर का हुआ है। इस अवधि में 4,257.04 करोड़ डॉलर का कृषि और इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात हुआ है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (07 मई)

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डाॅ. मेहा घोडावत की होगी संविदा समाप्त, डाॅ. शैलेक्षी वर्मा होगे निलंबित
  • ओचक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर गुप्ता ने दिये निर्देश

jhabua news
झाबुआ---कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने आज 7 मई को मेघनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने पाया कि डाॅ. मेहा घोड़ावत एवं डाॅ. शैलेक्षी वर्मा बिना सूचना के कार्य पर अनुपस्थित थे। इस पर कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की एवं संविदा डाॅ. मेघा घोडावत की संविदा तथा डाॅ. शैलेक्षी वर्मा को निलंबित करने की कार्यवाही करने के लिए सीएमएचओ डाॅ. रजनी डाॅवर को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान साढे 10 बजे तक कार्य पर उपस्थित नहीं हुए डाटा इन्ट्री आॅपरेटर का वेतन काटने एवं पद से हटाने की कार्यवाही करने के लिए सीएमएचओ को निर्देश दिये। कलेक्टर श्रीमती गुप्ता ने अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड, सर्जिकल वार्ड का भी निरीक्षण किया।

मरीजो से की चर्चा
ओपीडी में अपनी बारी का इंतजार कर रहें मरीजों की भीड देखकर उनसे चर्चा की मरीजों द्वारा अस्पताल की व्यवस्था के संबंध में दिये गये फीडबेक पर नाराजगी जाहिर करते हुए बी.एम.ओ श्री वर्मा को फटकार लगाते हुए कहा कि कैसे प्रशासक है आप जो एक अस्पताल की व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है। डाॅ. अनुपस्थित वे भी बिना आवेदन के डाॅक्टर अनुपस्थित है और मरीज बडी संख्या में हेै, इसलिए आप स्वयं भी इलाज करे। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्रीमती गुप्ता के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस., सीएमएचओ डाॅ. रजनी डाबर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बर्वे जिला टीकाकरण अधिकारी श्री गणावा, डब्ल्यू एचओ के प्रतिनिधि डाॅ. चारण, सीईओं जनपद श्री नायक, बीएमओ डाॅ. विक्रम वर्मा सहित शासकीय सेवक उपस्थित थे। अस्पताल के निरीक्षण के बाद कलेक्टर श्रीमती गुप्ता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस ने मेधनगर के शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण ले रहे शिक्षको से चर्चा की एवं फीडबेक लिया।

पेंशनर एसोसिऐषन ने नवागत कलेक्टर का किया सम्मान 

झाबुआ---जिला पेंषनर एसोसिएषन के पदाधिकारियों ने जिला संगठन के अध्यक्ष भेरूसिंह राठौर के नेतृत्व मंें नवागत कलेक्टर श्रीमती अरुणा गुप्ता से सौजन्य भेंट करके उनसे पेंषनरों के हित में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया । जिला अध्यक्ष भेरूसिंह राठौर, एम सी गुप्ता, राजेष नागर, रतनसिंह राठौर, पीडी रायपुरिया, जयेन्द्र बैरागी, बालमुकुन्दसिंह चैहान, भगवतीलाल शाह, कन्हैयालाल गेहलोत, सहित बडी संख्या में पेंषनरों ने कलेक्टर श्रीमती गुप्ता का पुष्पगुच्छों से स्वागत करते हुए  उनसे आग्रह किया कि पूर्ववर्ती कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत के कार्यकाल में प्रतिमाह शासकीय सेवा से सेवा निवृत्त होने वाले कर्मचारियों का सम्मान समारोह आयोजित करने की परिपाटी को बंद कर दिया गया था, उसे पेंषनर हित में पुनः चालू करने के अनुरोध पर उन्होने इस परिपाटी को इसी माह के अंत से पुनः प्रारंभ करने का भरोसा दिलाया । पेंषनरों ने श्रीमती गुप्ता के उज्जवल कार्यकाल की कामना करते हुए प्रषासन को हर रचनात्मक कार्य में सहयोग करने का भरोसा दिलाया ।

’प्यार के हम दीप जलाएॅ-चांद शाह गुलाब शाह के आंगन में’ झाबुआ उर्स का भव्य शुभारंभ

झाबुआ- सभी अकीदत मंदो को एक साथ कुरआन-ए-पाक का पाठ करते देखना क्या बच्चे क्या बडे सभी के हाठों पर कुरआन शरीफ की आयते दरूदो फातेहा और लोबान की खुषबु सारा माहौल एकदम रूहानी और शब्द जहाॅ वर्णन न कर सके ऐसा दिव्य वातावरण यह मंजर था झाबुआ के हूसैनी चैक में स्थित जमाअत खाने का अवसर था कुरआन ख्वानी के आयोजन का झाबुआ उर्स के सिलसिले में किया गया था। इसी से झाबुआ उर्स का आगाज हुआ कुरआन ख्वानी में बडी तादात में सभी मदरसों के बच्चे, नौजवान, बजुर्गु एवं महिलाएॅ शरीक हुए। पाक कुरआन शरीफ का पाठ किया गया एवं इसके सवाब-ए-दारेन (पुण्य) को बुजूर्गाने दिन को बक्षा (समर्पित किया)। बुजूर्गाने दिन के सदके में (संरक्षण में) कुल इंसानियत कि बेहतरी एवं सभी की बक्षीस दुआएॅ की गई तथा आलमें इंसानियत (विष्व मानवता) के लिए नेक मुष्तकबिल(उज्जवल भविष्य) की दुआएॅ कि गई। शाम का मंजर (दृष्य) भी कम हसीन न था। स्थानीय हुसैनी चैक में अकीदत मंदो का आने का सिलसिला शुरू हुआ कोई सिर पर फुलो का थाल लिए तो कोई गुलाब की माला का थाल लिए, तो कोई सुखे मेवों का थाल, तो कोई मिठाई का थाल लिए हूसैनी चैक पहुच रहा था। बैंड व डीजे पर नात-ए-रसुल एवं शुफियाना कलाम की स्वर लहरियों के मध्य चादर शरीफ का थाल लेकर जलसा प्रारंभ हुआ। शहर के मुख्य मार्गो से गुजरते हुए जलसा देर शाम दरगाह शरीफ पर पहुचा। दरगाह शरीफ दोनो सुफी हजरात हजरत चांद शाह वली गुलाब शाह वली (रे.अ.) के मजार शरीफ पर चादर शरीफ पेष की गई। हाजी सलीम बाबा एवं हाजी निसार बाबा ने मुल्क एवं कुल इंसानियत के हक में शान्ति, पे्रम, भाईचारा एवं एकता के लिए दुआ की। शाम का हसीन मंजर दरगाह शरीफ पर झीलमील करते हजारों बल्बों की रोषनी मानों टिमटिमातें सितारो का आभास दे रहे थे। रात्री में इषा की नमाज के बाद दरगाह शरीफ पर भव्य मंच पर मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया। नात-ए-पाक से मिलाद शरीफ का आगाज हुआ। इस्लाम के विद्धानों ने इस्लाम की षिक्षाओं पैगम्बर हजरत मोहम्म्द साहब एवं कुरआन शरीफ के हवाले से अपने विचार व्यक्त कियें। मिलाद शरीफ के सम्पन्न होने साथ ही उर्स मुबारक के पहले दिन के तमाम कार्यक्रम समाप्त हुए।

आज के कार्यक्रम...............................
शुक्रवार को रात्री में नमाज-ए-इषा के बाद दरगाह शरीफ के पास बने भव्य मंच पर आगाज होगा। महफील-ए-सिमा का कव्वाली की शानदार दावत की पहली रात के फनकार होंगे देष विदेषों में अपने हुनर की धाक जमा देने वाले कव्वाल सरफराज चिष्ती (सम्बल मुरादाबाद) एवं दनिष शबाब (मुम्बई) दोनो ही पार्टी शुफियाना कलाम की बेहतरीन पेषकष के लिए जानी जाती है। इस पेषकष की मुख्य अतिथि होंगी सुश्री कलावली भुरिया जिला पंचायत अध्यक्ष एवं विषेष अतिथि होंगे डाॅ. विक्रांत भुरिया (युवा नेता), सुरेष चन्द्र जैन (पप्पू भैया) एवं हितेष पडियार मेघनगर उर्स कमेटी ने सुफी संतो की सांप्रदायीक सदभाव की परम्परा के सिलसिले में सभी अकीदत मंदो से गुजारिष है कि भारी तादाद में षिरकत कर उर्स मुबारक को कामयाब बनाएॅ।

ईष्वरम्मा दिवस भक्ति भाव के साथ मनाया गया, भूकंप पीडितों के सहायतार्थ समिति ने 5 हजार की राषि भेजी 

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झाबुआ---भगवान श्री सत्यसाई बाबा की माताजी  ईष्वरम्मा कें निर्वाण दिवस पर स्थानीय विवेकानंद कालोनी में श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा श्रद्धा एवं भक्ति के साथ ईष्वरम्मा दिवस का आयोजन किया गया । समिति द्वारा दोपहर में स्थानीय वनवासी आश्रम के बच्चों के लिये नारायण सेवा का आयोजन किया गया । ओंकारम सुप्रभातम के साथ ही सत्यधाम पर आकर्षक झांकी ओम प्रकाष नागर द्वारा लगाई गई । सायंकाल को आध्यात्मिक नामसंकीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें श्रीमती षिवकुमारी सोनी, ज्योति सोनी, कृष्णा चैहान, मनोरमा यावले आदि द्वारा संुदर भजनों  की प्रस्तुति दी गई । वही नगीनलाल पंवार,षरद पंतोजी, ओम नागर, हिमांषु पंवार,गजानन यावले ने भी नाम संकीर्तन प्रस्तुत किये । ईष्वरम्म दिवस पर बोलते हुए सौभाग्यसिंह चैहान ने कहा कि जब जब भी अवतार हुए है उनकी जन्मदात्री मातायें हमेषा कष्ट में ही रही है । श्रीराम के जन्म के बाद कौषल्या जो को बचपन में राम को भेजना पडा, राज्याभिषेक की जगह राम को वनवास भोगना पडा, वही कृष्ण की मां देवकी भी कृष्ण के जन्म के बाद उनसे बिछोह हो गया और पुत्र सुख यषोदा को मिला । इसी तरह मां ईष्वरम्मा को भी सत्यसाई अवतार होने के बाद इसी प्रकार अपनी ममता से विमुख होना पडा । यह सभी अवतार लीला का एक अंग किन्तु इन अवतारों के कारण ही इनकी माताओं को विष्वपूज्य बना दिया है । उन्होने ईष्वरम्मा के जीवनवृत पर प्रकाष डालते हुए कहा कि वे अत्यन्त ही भोली एवं सरलहृदय की विदूषी माता रही है ।वे स्वयं सत्यसाई बाबा को स्वामी के नाम से पुकारती रही और 1971 में उन्होने अपना भौतिक शरीर त्याग कर साई चरणों में विलिन हो गई । ईष्वरम्मा को बाबा महिला जागृति एवं बच्चों के विकास का प्रकल्प मानते थे । बाल विकास के बच्चों को ईष्वरम्मा के जीवन का अध्ययन करवा कर समिति के बाल विकास गुरू नैतिकता की षिक्षा देते है । महामंगल आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया गया तथा बाल विकास के बच्चों ने संस्कृत श्लोकों के साथ ही आध्यात्मिक  भजन प्रस्तुत किये ।

भूकंप पीडितों के लिये 5000 की राषि भेजी
समिति संयोजक राजेन्द्रकुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि ईष्वरम्मा दिवस के पावन अवसर पर नेपाल में आई भूकंपीय त्रासदी में मारे गये लोगों एवं नेपालवासियों की सहायतार्थ श्री सत्यसाई सेवा समिति झाबुआ की ओर से आर्थिक सहायता के रूप  में 5000 हजार की राषि स्टेंट आफीस को भेजी गई है जहां से पूरे प्रदेष की सत्यसाई सेवा समितियों से राषि का संकलन करके उसे प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजा जावेगा ।

आज 7 मई से मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण प्रारंभ

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झाबुआ---मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण आज 07 मई से पूरे जिले में प्रारंभ हो गया है। अभियान के दौरान टीकाकरण से छूटे हुए 0-2 वर्ष के बच्चे 6467 व गर्भवती माताओं 1682 का टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए कुल 793 सत्र आयेाजित किये जायेगे। इसमें 6 जिला स्तरीय आब्जर्वर व सहयोगी दलों के अधिकारियों द्वारा एवं 252 टीकाकर्मी व 45 सुपरवाइजर द्वारा कार्य किया जायेगा। प्रतिदिन जिला स्तर व ब्लाॅक स्तर पर सायंकालीन समीक्षा बैठक का आयोजन किया जावेगा। अंतरवेलिया के तडवी फलिये में बने टीकारकण बूथ पर कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री धनराजू एस., सी एमएचओ डाॅ. रजनी डाॅबर ने बच्चों को पोलियों की दवा पिलाकर मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ किया।

बेटे कौन सी कक्षा में पढती हो
कलेक्टर श्रीमती अरूणा गुप्ता ने आज ग्राम अंतरवेलिया में मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित छोटे-छोटे बच्चों को दुलार किया। आंगनवाडी केन्द्र के पास लगे बूथ पर उपस्थित बालिका से चर्चा करते हुए कहा बेटा कौन सी कक्षा में पढती हो स्कूल जाती हो या नहीं। बूथ पर उपस्थित महिलाओं से चर्चा करते हुए उन्हें बताया कि अपने बच्चों को सभी टीके लगवाये। टीके लग जाने से बच्चा बीमारियों से सुरक्षित रहता है एवं स्वस्थ रहता है।

किशनपुरी आवासीय योजना में भू-खण्डों का आवंटन 11 मई को

झाबुआ---जिले के अधिकारी,कर्मचारियों को आवासीय भू-खण्ड आवंटन योजना के अधीन ग्राम किशनपूरी जिला झाबुआ की आवासीय योजना में 171 विभिन्न आकार के भू-खण्डों के क्रमांक का आवंटन लाॅटरी के माध्यम से 11 मई 2015 को प्रातः 11 बजे ग्राम किशनपुरी तहसील झाबुआ में आयोजित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना 2015-16 अन्तर्गत कृषकों से 11 मई तक आवेदन आमंत्रित

झाबुआ---राज्य के किसानो को खेती की नवीन एवं उन्नत तकनीक उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत कृषि एवं सहबद्ध विभागों के प्रगतिशील कृषकों को योजना में निहित प्रावधानो के आधार पर चयनित कर विभिन्न देशो में नवीन कृषि तकनीकी, विपणन एवं मूल्य संवर्धन आदि के अध्ययन कर अपनी खेती को लाभकारी बनाने के लिए भेजा जायेगा। किसान विदेश यात्रा के लिए होने वाले व्यय पर लघु एवं सीमान्त कृषको को 90 प्रतिशत अनुदान एवं सामान्य वर्ग के अन्य कृषको को 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति,जनजाति कृषको को 75 प्रतिशत अनुदान की पात्रता होगी। शेष राशि कृषक स्वयं को वहन करना होगी। आवेदन प्राप्त करने हेतु कृषक कार्यालय उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाऐ, सहायक संचालक, मत्स्य विभाग, सहायक संचालक, उद्यानिकी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, उपसंभाग झाबुआ,थांदला वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकाखण्ड झाबुआ, रामा, राणापुर, थांदला, पेटलावद, मेघनगर विकासखण्ड एवं संबंधित विकासखण्ड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से भी सम्पर्क कर आवेदन पत्र का प्रारूप प्राप्त कर सकते है। योजनान्तर्गत आवेदन के लिए कृषकों को स्वयं का पासपोर्ट, 35 गुणा 45 एम.एम. के चार फोटोग्राफ हल्के रंग के शर्ट के 80 प्रतिशत चेहर के साथ पांच फोटोग्राफ, विगत तीन वर्षो का आयकर रिर्टन, कृषक ऋण पुस्तिका भाग-1 एवं 2  की प्रमाणित छायाप्रति, छः माह का बैंक स्टेटमेन्ट, पेनकार्ड, आधारकार्ड की छायाप्रति इत्यादि अभिलेखों की आवश्यकता होगी। इच्छुक कृषक दस्तावेजो के साथ पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन 11 मई 2015 तक जिस कार्यालय से आवेदन प्राप्त किया है उसी कार्यालय में जमा कर सकते है।

बुरी नियत से हाथ पकडा

झाबुआ--- फरियादिया ने बताया कि वह अपनी ननद के यहां दुधी परवट से अपने घर जा रही थी। रास्ते में आरोपी तोलू पिता नानजी मईडा निवासी दुधी परवट मो0सा0 लेकर आया व उसका बुरी नीयत से हाथ पकड कर मो0सा0पर बिठाने लगा, चिल्लाने पर भाग गया। प्र्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्र0 57/15, धारा 354,506 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सट्टा पर्ची लिखते आरोपी गिरफतार 
           
झाबुआ--- थाना कल्याणपुरा पुलिस द्वारा आरोपी प्रभु पिता बापू कटारा, उम्र 25 वर्ष निवासी जुलवानिया, जो कि हार-जीत का सट्टा लिख रहा था, को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से सट्टा पर्ची, नगदी 450/-रूपये जप्त किये गये। प्र्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 94/15, धारा 4-क सट्टा अधि0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पानी मे डुबने से मोत 

झाबुआ---फरियादी सुरतान पिता रंगजी भुरिया, उम्र 30 वर्ष निवासी पटेवा ने बताया कि पूजा पिता सुरतान, उम्र 3 वर्ष निवासी पटेवा नहाने गयी थी, जिसकी पानी में डूबने से मृत्यु हो गयी। थाना रायपुरिया में मर्ग क्र. 16/15, धारा 174 जाफौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भागों देवी की हत्या की तीव्र निन्दा की

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने पार्टी की खगडि़या जिला कार्यकारिणी की सदस्या तथा दलित-पीडि़त गरीब जनता की लोकप्रिय नेत्री भागों देवी की हत्या की तीव्र निन्दा की है और हत्यारों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। 
आज यहां पार्टी के राज्य कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज सुबह आठ बजे खगडि़या जिला के अलौली अंचल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की लोकप्रिय नेत्री भागों देवी की नृषंस हत्या अपराधियों ने गोली मारकर  कर दी। घटना की खबर मिलते ही पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह घटना स्थल पर पहुँच गये जहां हजारों लोग भागों देवी के षोक में आँसू बहा रहे थे। भागों देवी लरही गांव की थी। वह पार्टी कार्यालय के निकट बैठी थी तभी मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने उन्हें गोली  मार दी। 
भागों देवी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की लोकप्रिय नेत्री थी और खेत मजदूरों, दलितों और भूमिहीनों के अधिकारों के लिए सतत् जुझारू संघर्ष करती थी। अलौली के भूमि संघर्ष में भागों देवी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। 
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अलौली अंचल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा लंबे समय से भूमि आन्दोलन चलाया जा रहा है। 2013 में सैकड़ों एकड़ जमीन पर पार्टी ने कब्जा किया था, जिसको अवैध रूप से सामंती तत्वों ने कब्जा किया था। उस भूमि संघर्ष के दौरान सामंती तत्वों ने माओवादियों और अपराधियों से मिलकर पार्टी नेता विन्देष्वरी साव की हत्या 7 अगस्त, 2013 को कर दी। अगले महीने 25 सितम्बर को इन्हीें अपराधी गिरोहों ने पार्टी के अलौली के अंचल सचिव सुखदेव राम की हत्या कर दी। भागों देवी सुखदेव राम हत्याकांड में मुद्दई थी। इस हत्या के साक्ष्य को मिटाने  तथा भूमि आंदोलन से जुड़े भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकत्र्ताओं एवं भूमिहीनों को आतंकित करने के उद्देष्य से सुखदेव राम के हत्यारों ने आज भागों देवी की भी हत्या कर दी। 
पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि अलौली अंचल में हजारों एकड़ भूदान, सरकारी, गैरमजरूआ आम आदि किस्म की जमीन पर सामंतों ने वर्षों से कब्जा जमा रखा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में भूमिहीन गरीबों के आन्दोलन से सामंती तत्व बौखला गये हैं। इस आन्दोलन को कुचलने के मकसद से सामंती तत्व अपराधियों एवं माओवादियों से सांठगांठ करके कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की हत्या कर रहे हैं। आजकल अलौली सामंती तत्वों, अपराधियों और माओवादियों का केन्द्र बन गया है। स्थानीय पुलिस प्रषासन इन्हीं असामाजिक तत्वों का साथ दे रहा है। जिसका लाभ उठाकर ये असामाजिक तत्व कम्युनिस्ट कार्यकत्र्ताओं की हत्या कर रहे हैं। पुलिस-प्रषासन के गैर जिम्मेदाराना रूख से इन अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। सत्य नारायण सिंह ने स्थानीय पुलिस-प्रषासन सहित बिहार सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य सरकार बिहार में भूमि सुधार के काम को ईमानदारीपूर्वक अंजाम देने में विफल है। साथ ही राज्य के राजनीतिक कार्यकत्र्ताओं, दलितों, भूमिहीनों गरीबों आदि की हिफाजत करने में भी असफल है। सत्य नारायण सिंह ने मांग की है कि भागों देवी के परिवार को दस लाख रुपया बतौर मुआवजा सरकार दे तथा हत्यारों को अविलंब  गिरफ्तार करें। उन्होंने यह भी कहा है कि अपराधियों की इन अमानवीय कार्रवाइयों से आम जनता और पार्टी के कार्यकत्र्ता आतंकित नहीं होंगे, बल्कि इनकी लड़ाई और तेज होगी। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (07 मई)

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राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा नौ को आयोजित, परीक्षार्थियों की फोटो एवं वीडियोग्राफी प्रतिबंधित

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मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा (प्रारंभिक परीक्षा) वर्ष 2014 की परीक्षा का आयोजन नौ मई शनिवार को दो सत्रों में किया जाएगा। प्रथम प्रश्न पत्र प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक और द्वितीय प्रश्न पत्र दोपहर 2 बजे से सायं 4 बजे तक आयोजित किया गया है। जिले में राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा सुव्यवस्थित रूप से सम्पादित कराए जाने के उद्धेश्य से आज गुरूवार को लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक सेवानिवृत्त डीआईजी श्री आरडी शर्मा ने गहन समीक्षा बैठक ली उन्होंने लोक सेवा आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुपालन के तहत परीक्षा सम्पादित कराने की समझाईंश दी। 

चार केन्द्र
जिले में राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के चार केन्द्रो पर कुल 2314 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि परीक्षा केन्द्र इंजीनियरिंग काॅलेज एसएटीआई में सर्वाधिक एक हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। इसी प्रकार शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल में छह सौ, सेन्टमेरी स्नातकोत्तर काॅलेज में पांच सौ और उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल में 214 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। 

केन्द्र प्रभारी
अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक परीक्षा केन्द्र के लिए एक-एक परीक्षा केन्द्र प्रभारी भी नियुक्त किया है। तदानुसार एसएटीआई डिग्री परीक्षा केन्द्र के लिए केन्द्र प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा, शासकीय महारानी कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिए सहायक संचालक श्रीमती विनिता कासबा, सेन्टमेरी पीजी काॅलेज परीक्षा केन्द्र के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एमके मुद्गल को तथा  परीक्षा केन्द्र शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल का केन्द्र प्रभारी आत्मा परियोजना के प्रोजेक्टर डायरेक्टर श्री आनंद बडोनिया को बनाया गया है। 

कार्यपालिक मजिस्टेªट
परीक्षा केन्द्रों के लिए कार्यपालिक मजिस्टेªट भी नियुक्त किए गए हैं जिसके अनुसार एसएटीआई डिग्री परीक्षा केन्द्र के लिए कार्यपालिक मजिस्टेªट गुलाबगंज के अतिरिक्त तहसीलदार श्री संजय जैन, शासकीय महारानी कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिए विदिशा के अतिरिक्त तहसीलदार श्री राजन शर्मा, सेन्टमेरी पीजी काॅलेज परीक्षा केन्द्र के लिए ग्यारसपुर के तहसीलदार श्री बृजेश सक्सेना को और परीक्षा केन्द्र शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिए कार्यपालिक मजिस्टेªट विदिशा के अतिरिक्त तहसीलदार श्री केएन ओझा को दायित्व सौंपा गया है। संबंधित मजिस्टेªट परीक्षा केन्द्र पर सतत निगरानी रखकर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाएं रखेगे। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर कानून व्यवस्था बनाएं रखने के लिए आवश्यक पुलिस बल भी तैनात किया जा रहा है। 

कंट्रोल रूम
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए जिला मुख्यालय पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। कंट्रोल रूम अधीक्षक भू-अभिलेख के कार्यालय में संचालित होगा जिसका दूरभाष क्रमांक 07592-237880 है। कंट्रोल रूम के बेहतर संचालन के लिए अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 

चिकित्सक मौजूद रहंेगे
प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर चिकित्सक की उपस्थिति भी सुनिश्चित कराई गई हैै। चिकित्सक मेडीकल किट सहित उपस्थित रहंेगे। 

प्रतिबंधित
राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा 2014 के लिए जारी मार्गदर्शिका में स्पष्ट उल्लेख है कि परीक्षा केन्द्रों की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी पूर्णतः प्रतिबंधित की गई है। इसके अलावा परीक्षार्थियों को मोबाइल, केलकुलेटर इत्यादि इलेक्ट्राॅनिक उपकरण एवं पठन सामग्री लेकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। 
प्रवेश की अनुमति
परीक्षार्थियों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जारी प्रवेश पत्र की मूल प्रति परीक्षा केन्द्र पर लानी होगी। परीक्षा कक्ष में नौ मई शनिवार को प्रथम प्रश्न पत्र के लिए प्रातः 9.30 बजे से प्रवेश की अनुमति होगी। प्रश्न पत्र वितरण अर्थात 10 बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी प्रकार द्वितीय प्रश्न पत्र के लिए दोपहर 1.45 बजे से प्रवेश की अनुमति होगी। प्रश्न पत्र वितरण के उपरांत किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। प्रवेश के पूर्व इस बात की जांच की जाएगी कि परीक्षार्थी के पास मूल परिचय पत्र, प्रवेश पत्र पर लगे फोटो, अंकित नाम से आवेदक के फोटो का मिलान हो रहा है कि नही। मूल परिचय पत्र ना होने पर अथवा परिचय पत्र एवं प्रवेश पत्र पर लगे फोटो का मिलान ना होने पर आवेदक को प्रवेश नहीं दिया जाएगा तथा इस परीक्षार्थी के नाम तथा अनुक्रमंाक की सूचना तत्काल जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को दी जाएगी। इसी प्रकार जिन परीक्षार्थियों के पास प्रवेश पत्र नही है तथा उनका रोल नम्बर लिस्ट मंे भी नाम नही है उन्हें प्रवेश नही दिया जाएगा। जिन परीक्षार्थियों केे प्रवेश पत्र में हस्ताक्षर एवं फोटो स्पष्ट नही पाए जाएंगे ऐसे आवेदकों को प्रवेश पत्र में छपे महत्वपूर्ण निर्देश क्रमांक 11 पर दिए गए निर्देशो का पालन करना होगा।   

ओएमआर शीट
परीक्षार्थियांें को प्रदाय की गई ओएमआर शीट में उत्तर देने के लिए सेट के गोले में काली स्याही डाॅट पेन से गोेले को भरना होगा। परीक्षार्थी परीक्षा के उपरांत प्रश्न पत्र अपने साथ वापिस ले जा सकते है। प्रश्न पत्र चार सेट एबीसीडी क्रम के होंगे। 

दृष्टिहीन एवं निःशक्तजन आवेदकों के लिए
प्रत्येक सत्र दो घंटे का होगा किन्तु ऐसे परीक्षार्थी जो दृष्टिहीन है जिनके दोनो हाथ नही है या जो दोनो हाथों से लिख नही पाते है उन्हें चालीस मिनिट प्रति सत्र अतिरिक्त अनुकम्पा समय दिया जाएगा। परीक्षार्थी से उसकी निःशक्तता के संबंध में सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र लिया जाएगा। 

घोषणा पत्र
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के सम्पादन हेतु नियुक्त किए गए अधिकारी, कर्मचारियों को घोषणा पत्र में जानकारी देनी होगी। ऐसे अभिभावकगण को प्रारंभिक परीक्षा के सम्पादन का दायित्व सौंपा गया है। उनकी ड्यूटी उनके परिजन के परीक्षा केन्द्र पर नही लगाई जाए।  

मिशन इन्द्रधनुष, द्वितीय चरण का शुभांरभ

जिला चिकित्सालय में गुरूवार सात मई को मिशन इन्द्रधनुष के द्वितीय चरण का शुभांरभ डिप्टी कलेक्टर श्री राजीवनंदन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा रमेश सोनकर और सिविल सर्जन सह अधीक्षक डा मंजू जैन ने नवजात शिशुओं को पोलियो ड्राप्ट और अन्य टीके लगाकर किया। इस अवसर पर तहसीलदार श्री रविशंकर राय, डब्ल्यूएचओ के सलाहकार डाॅ राजावत, रोटरी क्लब के अध्यक्ष डाॅ सुरेन्द्र सोनकर, डीपीएम श्री खरे भी मौजूद थे। रोटरी क्लब के द्वारा बच्चों को खिलौने प्रदाय किए गए। मिशन इन्द्रधनुष का द्वितीय चरण 14 मई तक क्रियान्वित किया जाएगा। एक सप्ताह की अवधि में सात प्रकार की जानलेवा बीमारियों से निजात दिलाने के लिए दो वर्ष की आयु तक के बच्चो और गर्भवती माताओं को सात प्रकार के टीके लगाए जाएंगे। 

सर्विस प्रोवाइडर का लायसेंस जारी हेतु आवेदन आमंत्रित

वरिष्ठ जिला पंजीयक श्री एके सिंह ने बताया कि जिले के उप पंजीयक कार्यालयों के लिए सर्विस प्रोवाइडर का लायसेंस जारी किया जाएगा। चयन हेतु आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए गए है। सेवा प्रदाता के लिए व्यक्तिगत, बैंक, वित्तीय संस्थाएं या डाक-घर आवेदन कर सकेंगे। सर्विस प्रोवाइडर का लायसेंस के लिए जो पात्रताएं निर्धारित की गई हैं उनमें सूचना प्रौद्योगिक अधिनियम की विभिन्न धाराओं एवं उपबंधो के अनुसार इलेक्ट्राॅनिक हस्ताक्षर, कम्प्यूटर प्रिन्टर, बायोमैट्रिक डिवाइस, इलेक्ट्राॅनिक रायटिंग पेन, वेब केमरा, यूपीएस, स्केनर के अलावा ब्राड बेण्ड, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शनधारित होना चाहिए। ई-स्टाम्प के विक्रय एवं अन्य संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए साख-सीमा प्राप्त करने के लिए वित्तीय रूप से सक्षम होना चाहिए। हिन्दी और अंग्रेजी दोनो भाषाओं में सेवा उपलब्ध कराने की क्षमता होनी चाहिए। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए जिला पंजीयक कार्यालय से कार्यालयीन दिवसों अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।

मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना के तहत आवेदन आमंत्रित

राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना के तहत जिले के कृषकों से आवेदन 10 मई तक आमंत्रित किए गए हैं। योजना की सम्पूर्ण जानकारी एवं आवेदन प्रपत्र का प्रारूप किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की बेवसाइट ूूूण्उचातपेीपण्वतह तथा मंडी बोर्ड की बेवसाइट ूूूण्उंदकपइवंतकण्वतह से प्राप्त की जा सकती है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री बीएल बिलैया ने जानकारी देेते हुए बताया है कि किसानों को खेती की नवीन एवं उन्नत तकनीकी उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से क्रियान्वित मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना के तहत जिले से पांच कृषको का चयन किया जाना है। चयनित कृषकगण हालेण्ड, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, स्पेन, चिली, पेरू, एवं ब्राजील देश दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलेण्ड, केन्या, आस्टेªलिया, दक्षिण एशिया के देशो में से राज्य सरकार द्वारा चयनित विदेशो की अध्ययन यात्रा पर भेजे जा सकेगे। भ्रमण यात्रा दस दिवसीय होगी। योजनातंर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों को 90 प्रतिशत अनुदान की पात्रता होगी। जबकि सामान्य वर्ग के अन्य कृषकों को पचास प्रतिशत और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कृषकों को 75 प्रतिशत अनुदान की पात्रता होगी। आवेदक की अधिकतम आयु 65 वर्ष होना चाहिए। किसान को पासपोर्ट स्वंय को बनवाना होगा। पूर्ण भरे आवेदन के साथ पासपोर्ट की फोटो प्रति, पांच फोटोग्राफ, तीन वर्ष का आयकर रिटर्न एवं कृषक ऋण पुस्तिका का भाग एक, दो, खसरा पांच साल का एवं खतोनी की प्रमाणित छायाप्रति और बैंक खाते का छह माह तक का स्टेटमेंट की प्रति बैंक की सील सहित इसके अलावा आवेदक को पेनकार्ड, आधार कार्ड की छायाप्रति प्रस्तुत करनी होगी। आवेदक कृषक को दस रूपए के नान ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (07 मई)

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आदिवासी परिवारों को हुआ बैल जोड़ी का वितरण 

sidhi news
ब्यूरो,सीधी। आदिवासी विकास विभाग एवं पषु चिकित्सा विभाग द्वारा आदिवासी उपयोजना के तहत अमरपुर हटवा एवं करवाही में बैल जोड़ी का वितरण किया गया। अमरपुर में बैल जोड़ी वितरण को लेकर आयोजित कार्यक्रम को लेकर मुख्य अतिथि सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल रहे जिनके द्वारा बीपीएल धारी आदिवासी परिवारो को निःषुल्क 13 बैल जोड़ी का वितरण किया गया। इस अवसर पर अध्यक्षता जिपं उपाध्यक्ष राजमणि साहू द्वारा की गई। कार्यक्रम में रामडीह, अमरपुर, मरसरहा, खोरी, हटवा के सरपंच एवं आजजन उपस्थित रहे। अलावा डाॅ. एसएस चैहान पषु चिकित्सा अधिकारी बहरी डाॅ. रजनीष कुमार द्विवेदी कार्यपालिक अधिकारी सीधी भूपेन्द्र प्रताप सिंह सहायक पषु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी सपही, अरूण कुमार बहेलिया, अर्जुन सिंह पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। विधायक श्री शुक्ल द्वारा 4 मई को आदर्ष ग्राम करवाही में भी बैल जोड़ी का वितरण किया गया। यहां बघवारी, सुकवारी, सपनी, दुआरी एवं करवाही के सरपंच तथा जनपद सीधी के उपाध्यक्ष चंन्द्रषेखर सिंह, विधायक प्रतिनिधि धर्मेन्द्र सिंह परिहार एवं भाजपा उपाध्यक्ष विष्वबंधुधर द्विवेदी उपस्थित रहे। 

हटवा में बैल जोड़ी का वितरण 

सिहावल विधानसभा क्षेत्र के ग्राम हटवा में बीपीएल धारी आदिवासी परिवारों को बैल जोड़ी का वितरण आदिवासी विकास विभाग एवं पषु चिकित्सा विभाग द्वारा किया गया। आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिहावल विधायक कमलेष्वर पटेल अध्यक्षता, जनपद अध्यक्ष सिहावल श्रीमान सिंह नें की। मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष द्वारा आदिवासी परिवारों 6 मई को 12 बैल जोड़ी का वितरण किया गया। इस अवसर पर सरपंच एवं जनपद सदस्य व ग्रामीणों के अलावा डाॅ. एसएस चैहान पषु चिकित्सा बहरी, डाॅ. रजनीष कुमार द्विवेदी कार्यपालिक अधिकारी, भूपेन्द्र प्रताप सिंह सहायक पषु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी तथा अर्जुन सिंह पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 मई)

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सात दिन में ही दम तोड़ती दिख रही नई एफएल-2 की नीति, न शराब मयस्सर और न ही मिल रहा राजस्व
  • सूबे भर में खाली पड़ी है फुटकर शराब की अधिकांश दुकानें, लक्ष्य के आधार पर अब तक 35 करोड़ के राजस्व की हानि

देहरादून। सरकार की बहुप्रचारित थोक शराब की एफएल-2 नीति सात दिनों में ही दम तोड़ती दिख रही है। फुटकर शराब की दुकानें खाली पड़ी है और जो ब्रांड उपलब्ध भी हैं, उनकी मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। एक अहम बात यह है कि इससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। आबकारी विभाग के शराब की बिक्री से होने राजस्व के लक्ष्य के अनुसार इन सात दिनों में 35 करोड़ के राजस्व की हानि हो चुकी है। तमाम विरोध और अफसरों को नेगेटिव नोटिंग के बाद भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद पहल करके थोक शराब की बिक्री के लिए एफएल-टू की नई नीति लागू करवाने में सफलता हासिल कर ही ली। इस नई नीति को लेकर सरकार की ओर से तमाम बड़े-बड़े दावे किए गए। कहा गया कि इससे राजस्व में खासा इजाफा होगा ही, सूबे के लोगों को बढिया शराब मयस्सर हो सकेगी। अपने इस दावे के पक्ष में सरकार की ओर से समाचार पत्रों में तमाम विज्ञापन भी छपवाए गए। अब एक मई से नई नीति लागू हो चुकी है। गुजरे सात दिनों में दिखा नजारा यह कहने के लिए पर्याप्त है कि यह नई नीति फ्लाप साबित हो रही है। आलम यह है कि इस मामले में अब तक न तो मंडी परिषद कोई खाका तैयार कर सकी है और न जीएमवीएन और केएमवीएन। हालात ये हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में खुली फुटकर शराब बिक्री की दुकानें पूरी तरह से खाली पड़ी है। कोई शराब कंपनी एफएल-2 को शराब देने के लिए तैयार ही नहीं है। आलम यह है कि दुकानों में चंद ब्रांड ही उपलब्ध हैं। ये भी सामान्य ब्रांड ही हैं। इनकी भी मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। दुकानों पर ज्यादा कीमत को लेकर आए दिन मयकशों और दुकानदारों के बीच विवाद हो रहा है। इसका एक दूसरा पहलू सीधे तौर पर सरकारी खजाने से जुड़ा है। शराब की बिक्री होने पर सरकारी खजाने में पैसा आता है। अब जब शराब है ही नहीं तो बिकेगी कहां से और बिकेगी नहीं तो खजाने में पैसा कौन दे देगा। एक अनुमान के अनुसार इन सात दिनों में सरकार को 35 करोड़ के राजस्व का सीधा नुकसान हो चुका है। आबकारी विभाग ने इस साल शराब की बिक्री से राजस्व पाने का लक्ष्य 1800 करोड़ तय किया है। इस लिहाज से एक दिन में पांच करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आने हैं। सात दिनों में माल की बिक्री ही नहीं हो रही है तो खजाने में पैसा आएगा कहां से।

हाईकोर्ट में सुनवाई कल
नई एफएल-2 नीति को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में हो रही हीलाहवाली की एक वजह हाईकोर्ट में दाखिल याचिका भी है। अगर हाईकोर्ट ने नई नीति पर कोई नया फैसला दिया तो तमाम तैयारियां धरी रह जाएंगी। यही वजह है कि शराब कंपनियां अभी मंडी परिषद से कोई समझौता नहीं कर रही हैं।

बढ़ रही है कालाबाजारी
भले ही दुकानों पर शराब उपलब्ध नहीं है। लेकिन शौकीन लोग कहीं न कहीं से अपने मनपसंद ब्रांड की जुगाड़ कर ले रहे हैं। यह अलग बात है कि उन्हें इसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। यह शराब दूसरे प्रांतों से तस्करी करके लाई जा रही है। दूसरी तरफ आर्मी कैंटीन में शराब का हर ब्रांड उपलब्ध हैं। ऐसे में इस शराब की कालाबाजारी भी बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। 

हरिद्वार को 329 स्कूलों में मिलेंगे शौचालय: डाॅ0 निशंक

देहरादून, 7 मई (निस)। आज सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, हरिद्वार से लोकसभा सांसद एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार लोक सभा क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान के तहत 329 विद्यालयों में शौचालय निर्माण कराए जाने की जानकारी दी। ज्ञातव्य है कि डा. निशंक ने हरिद्वार क्षेत्र में विद्यालयों को शौचालय उपलब्ध कराने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कई बार आग्रह किया था। डाॅ. निशंक ने शौचालय निर्माण अभियान में केन्द्रीय उर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल का विशेष धन्यवाद करते हुए आशा प्रकट की कि उनके कुशल नेतृत्व में उर्जा, कोयला और नवीकरणीय उर्जा मंत्रीलय से जुड़ी सभी संस्थाएं उत्तराखण्ड के विकास के लिए अभिनव योजनाए लाएंगी। डाॅ. निशंक ने श्री गोयल का उत्तराखण्ड में फोटो वोल्टाइक उर्जा संयंत्रों के विकास की परियोजना के तहत उर्जा संयंत्रों हेतु 30 करोड़ रूपये आवंटित करने पर भी आभार जताया। डाॅ. गोयल ने डाॅ. निशंक को बताया कि उत्तराखण्ड संस्थाओं में संवितरण किए जाने के लिए भारतीय सौर उर्जा निगम को 12 करोड़ की पहली किश्त दी जा चुकी है। डाॅ0 निशंक ने इस अवसर पर उत्तराखण्ड क्षेत्र में कार्य कर रही विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं से स्वच्छता अभियान में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। 

मंडी परिषद को शराब का लाइसेंस देना मंडी एक्ट के खिलाफः भट्ट

देहरादून, 7 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि मण्डी परिषद को एफ0एल0-2 का लाइसेंस दिया जाना गलत है। मंडी परिषद को एफएल-2 का लाइसेंस दिए जाने संबंधी शासनादेश जारी कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कृषि कार्यों के लिए गठित मण्डी परिषद एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गठित कुमांऊ मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम पर्यटन के विकास के बजाय शराब बेचेंगे। उन्होंने कहा मंडी परिषद को शराब का काम दिया जाना मंडी एक्ट के खिलाफ है।  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने अपने शासनादेश के बिन्दु सं0 4 में स्पष्ट लिखा है कि मण्डी परिषद द्वारा अपनी व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए ऐसी कोई भी व्यवस्था की जा सकती है, जो व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक हो, इसका मतलब भी स्पष्ट है कि बैंक डोर से अथवा परोक्ष रूप से शराब माफियाओं को लाभ पहँुचाने के उद्देश्य से ही मण्डी परिषद इस तरह का व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनायेगा। प्रदेश के मुखिया को आबकारी विभाग जिसे वे स्वयं देख रहे हैं द्वारा उनके जन्म दिवस पर एफ0एल0-2 का तोहफा दे दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सम्पूर्ण आबकारी नीति 1 साल की है और मुख्यमंत्री ने एफ0एल0-2 की नीति को 5 वर्ष के लिए दे दिया है। इससे भी स्पष्ट होता है कि इसमें बड़ी मात्रा में लेन-देन हुआ है, जिसकी प्रतिपूर्ति करने में कम से कम 5 वर्ष लगेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आबकारी नीति जारी करने के लिए सत्र से पूर्व कैबिनेट में प्रस्ताव लायी लेकिन सत्र में विपक्ष द्वारा आबकारी विभाग को माफियाओं के हाथों को सौंपने का विरोध होने के कारण आबकारी नीति को स्थगत कर विधानसभा सत्र के बाद पास कराया। यदि सरकार की मंशा कु0मं0वि0नि0 और ग0मं0वि0नि0 को पर्यटन के क्षेत्र में आपदा के बाद हुए नुकसान की भराई के लिए एफ0एल0-2 का कार्य देने की थी तो सरकार सीधे इन निगमों को कार्य देती बीच में मण्डी परिषद को लाने की क्या आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद को एफ0एल0-2 देकर, इन दोनों निगमों को सरकार ने एक तरह से लाॅलीपाॅप दिखा दिया और मण्डी परिषद के माध्यम से शराब माफियाओं को पूरी छूट देकर उनके लिए लूट-खसोट के रास्ते खोल दिये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि राज्य का राजस्व प्रतिवर्ष लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है तो फिर मुख्यमंत्री द्वारा एफ0एल0-2 कम्पनियों को 5 साल तक के लिए वर्तमान समय से ही इसी राजस्व पर यानि 1.25 करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से एफ0एल0-2 अनुज्ञापन देने की बात कही गयी है। मतलब यह है कि सरकार ने इससे सरकारी खजाने पर भी चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। क्योंकि इससे सरकारी खजाने में प्रतिवर्ष के हिसाब से राजस्व की कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिन्दु सं0 4 में सरकार द्वारा मण्डी परिषद को अपनी व्यवस्था के अनुसार कार्य संचालन हेतु कोई भी व्यवस्था करने की छूट देने का मतलब है कि वह उन्हें अपना पार्टनर बनायेगी जिनसे लेन-देन हुआ है। यहाँ भी प्रश्न चिन्ह लगता है कि यदि मण्डी परिषद स्वयं एफ0एल0-2 हेतु सक्षम नहीं था तो उसे कार्य दिया ही क्यों और यदि मण्डी परिषद सक्षम है तो किसी और को पार्टनर बनाकर क्या व्यवहारिकता दिखाना चाहते हैं।

पहाड़ की चोटियों पर गांवों की पेयजल किल्लत को लेकर सरकार नहीं संजीदा, प्यासे ग्रामीणों को पिला रहे झूठे दावों की घुट्टी
  • ग्रेविटी आधारित योजनाओं ने दे दिया है जवाब, सालभर पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण
  • समस्या के समाधान को कोई नहीं ले रहा रुचि

पौड़ी,7 मई (निस)। पेयजल मंत्री भले ही यह दावा कर रहे हों कि वह डोली यात्राओं में मस्त भी रहेंगे तो भी प्रदेशवासी पेयजल किल्लत से त्रस्त नहीं होंगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। ग्रेविटी आधारित योजनाओं के जवाब देने के बाद अब पंपिंग योजनाओं पर ही पहाड़ की चोटियों पर बसे गांवों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने की उम्मीद टिकी है। लेकिन इन योजनाओं को तय समय पर पूरा करने को लेकर न तो मंत्री, विधायक ही संजीदा है और न ही विभागीय अधिकारी। पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल की मनियारस्यूं पूर्वी व पश्चिमी पट्टी की करीब दस दर्जन बस्तियां वर्ष भर पेयजल संकट से जूझती हैं। इन गांवों को पेयजल मुहैया कराने के लिए चिनवाड़़ी डांडा पंपिंग पेयजल योजना का प्राक्कलन पेयजल निगम की पौड़ी प्रकल्प शाखा द्वारा करीब आठ वर्ष पूर्व तैयार कर दिया गया था। हाल ही में निगम द्वारा इस योजना के लिए करीब 26 करोड़ का संशोधित प्राक्कलन तैयार किया गया। लेकिन विभागीय कयावदें फाइलों में ही चक्कर काट रही हैं। पेयजल एवं निर्माण निगम की पौड़ी शाखा के अधिशासी अभियंता के मुताबिक इस बारे में तमाम औपचारिकताएं पूरी कर शासन को भेजी जा चुकी हैं। लेकिन क्षेत्र की जनता विधायक व निगम के अधिकारियों के खोखले दावों से आजिज आ चुकी है। पूर्व के अनुभव को देखते हुए स्वीकृत हो चुकी कोला पातल पंपिंग योजना का निर्माण कब शुरू होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है। वहीं दो वर्ष स्थापित की गई महत्वाकांक्षी कल्जीखाल की मुंडेश्वर पंपिंग योजना अपने पहले ही पायदान पर जवाब देने लगी है। इस योजना से जुड़े गांवों के ग्रामीण अभी भी अनियमित जलापूर्ति से परेशान हैं। योजनाओं में हुई गड़बडि़यों की जांच पौड़ी के उपजिलाधिकारी सदर पीएल शाह ने की तो अनेक अनियमितताओं का खुलासा हुआ। वहीं इसी ब्लाक की ज्वाल्पा देवी पंपिंग योजना भी अब आखिरी सांसे गिनने की कगार पर पहुंच गई है। वहीं जिले की निर्माणाधीन डांडानागराजा पंपिंग पेयजल योजना का हाल भी इससे इतर नहीं है। 

प्रवासी विधायक मंद्रवाल के दावे हवाई
स्थायी रूप से देहरादून में रहने वाले पौड़ी सुरक्षित विधानसभा के विधायक सुंदरलाल मंदवाल ने बीते नवंबर माह में चिनवाड़ी डांडा पंपिंग पेयजल योजना की स्वीकृति का दावा किया था। लेकिन इसके बाद जमीनी कार्रवाई शुरू न होने पर जब इस वर्ष फरवरी में इस योजना के बावत पूछा गया तो उनके जनसंपर्क अधिकारी दिनेश डोभाल ने मार्च तक योजना को स्वीकृति मिलने की बात कही। मार्च में फिर जब जानकारी चाही गई तो कह दिया गया कि एक दो महीने में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। ऐसे में क्षेत्र की जनता का अपने विधायक के दावों पर विश्वास पूरी तरह उठ चुका है। क्षेत्रीय जनता की सबसे बड़ी मुसीबत यह है वर्ष में कभी कभार क्षेत्र में पहुंचने वाले बुजुर्ग विधायक से सवाल करें भी तो कैसे। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व चिनवाड़ी डांडा पंपिंग योजना की स्वीकृति की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने विधायक के आश्वासन पर ही आंदोलन स्थगित किया था।

सिंचाई भूमि पर बनाये गये अवैध मकानों को एचआरडीए ने किया सील

हरिद्वार, 6 मई (निस) । सिंचाई विभाग की भूमि पर कब्जा कर बनायी दुकानों को एचआरडीए ने सील कर दिया है। जमीन पर आरटीआई व अवैध वसूली के लिए मशहूर एक पत्रकार द्वारा कब्जाकर निर्माण करवाया गया था। एचआरडीए सचिव निधि यादव का कहना है कि अवैध निर्माण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व आरटीआई व अवैध वसूली के लिए मशहूर एक पत्रकार ने ज्वालापुर पांवधोई में सिंचाई विभाग के एक बड़े भूखण्ड पर कब्जा किया था। बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व कथित पत्रकार ने उस पर कुछ दुकानों का निर्माण बिना एचआरडीए की अनुमति कि निर्माण कर लिया। अर्वध निर्माण पर सख्त हुए एचआरडीए ने कार्यवाही करते हुए बीते रोज दुकानों को सील कर दिया। एचआरडीए सचिव निधि यादव का कहना है कि अवैध निर्माण किये जाने पर सील की कार्यवाही की गई है। सील की कार्यवाही के बाद अब विभाग अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी करेगा। बताया जाता है कि अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही किये जाने के बाद से पत्रकार परेशान है तथा वह सील खुलवाने तथा ध्वस्तीकरण न हो इसके लिए अधिकारियों के आगे हाथ-पांव मार रहा है। बता दें कि शहर में अवैध निर्माण की इन दिनों बाढ़ आई हुई। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। पंचपुरी के हर क्षेत्रा में अवैध निर्माण बेरोकटोक जारी है। बताया जाता है कि विभाग शीघ्र ही भूपतवाला में भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही करने वाला है। विभाग के पास ऐसे दर्जनों अवैध निर्माण के मामले हैं जिन पर कार्यवाही होनी है। अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही से अवैध निर्माण करने वालों में खलबली मची हुई है।

जगदीशिला डोली का हरकी पौड़ी पर हुआ भव्य स्वागत 

देहरादून, 6 मई (निस) । टिहरी गढ़वाल स्थित विशोन पर्वत पर स्थित भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला की वार्षिक डोली रथ यात्रा कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी एवं श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति विशोन पर्वत, 11 गांव हिन्दाव के तत्वाधान में हरकी पौड़ी पहुंची जहां पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, भारत माता मंदिर के श्री महंत ललितानंद, डोली रथ यात्रा के स्थानीय संयोजक आमेश शर्मा, योगेश शर्मा, हरिओम पटवर, राजेश वर्मा, देवांश त्रिपाठी, अंकुर पालीवाल, धीरज पालीवाल, मनोज झा, श्रीगंगा सभा के स्वागत मंत्री श्रीकांत वशिष्ठ सहित डोली रथ यात्रा में शामिल टिहरी गढ़वाल से आए रथ यात्रा के अध्यक्ष रूप सिंह बजियाला, सचिव भरत सिंह रावत, केदार सिंह युठियागी, भक्त दुर्गादास एवं सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने डोली रथ यात्रा का स्वागत कर पूजा-अर्चना के साथ रथ यात्रा को उत्तराखण्ड भ्रमण के लिए रवाना किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नैथानी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में तीर्थाटन की अपार संभावनाएं है, विगत 16 वर्षो से डोली रथ यात्रा उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं तीर्थाटन को नए आयाम दे रही है। जिन-जिन भागों से यह रथ यात्रा होकर गुजरती है, वहां-वहां पर गढ़वाल की संस्कृति और परम्परा का प्रसार करती है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है, चार धाम के अलावा उत्तराखण्ड में देव स्थलों, शक्ति पीठों एवं ऋषि-मुनियों की तपस्थली के रूप में मठ, मंदिर और तीर्थ प्राचीन समय से स्थित है इस प्रकार की डोली रथ यात्राएं उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करने का काम करती है।  भारत माता मंदिर के श्रीमहंत स्वामी ललितानंद महाराज ने भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा के सूत्रधार कैबिनेट मंत्री नैथानी को साधुवाद देते हुए कहा कि उनका एक प्रयास इन 16 वर्षों में एक परम्परा बन गया हैं, नैथानी के प्रयासों से ही उत्तराखण्ड में भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला तीर्थ धाम का सम्पूर्ण उत्तर भारत में प्रचार-प्रसार हुआ है इसके लिए मंत्री प्रसाद नैथानी बधाई के पात्र है। हरकी पौड़ी पर विधायक आदेश चैहान, स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, दर्जाधारी मंत्री अरविन्द शर्मा, ओ.पी. चैहान, विपुल डडंरियाल, विभिन्न विभागों के अधिकारी, पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। 

पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद को राज्यपाल ने ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित किया

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देहरादून, 7 मई (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं संस्कृत वि.वि के कुलाधिपति डा. कृष्ण कांत पाल ने गुरूवार को स्वामी सत्यमित्रानंद जी को संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड की मानद् उपाधि ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने स्वामी जी को भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा- स्वामी जी, भावी पीढ़ी और विश्वभर में भारतीय संस्कृति, आदर्शों तथा परम्पराओं के वर्तमान में सबसे सशक्त एवं प्रभावी संवाहक हैं। ‘नर सेवा-नारायण सेवा’ का संकल्प लेकर जनसेवा के लिए निरन्तर सक्रिय विद्वान विभूति स्वामी जी को मानद् उपाधि से विभूषित करके वे स्वयं तथा संस्कृत विश्वविद्यालय गौरवान्वित है। उन्होंने कहा- ‘संस्कृत भाषा के माध्यम से ही भारतीय विद्धानों का सूक्ष्म चिन्तन व दर्शन देश और दुनिया के समक्ष पहुँचा। श्रेष्ठ समाज के मार्गदर्शक, चारों वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, महाभारत तथा भगवद् गीता जैसी महान रचनाओं में देश और दुनिया की समस्याओं का समाधान निकालने के अद्भुत संदर्भ समाहित हैं। ये सभी कालजयी रचनायें संस्कृत भाषा मेें ही लिखी गई हैं।’ राज्यपाल ने कहा - ‘हमारा दायित्व और समय की पुकार है कि हम संस्कृत भाषा सहित अपने देश की प्राचीन धरोहरों, विद्याओं को आधुनिक ज्ञान, विज्ञान की धारा से जोड़कर विश्व के समक्ष प्रस्तुत करें और उन्हें भावी पीढियों तक पहुँचाने के लिए उन्हें निरन्तर पोषित करते रहें। विश्व शान्ति, विश्वकल्याण और विश्वबन्धुत्व की जो अवधारणा भारत में और विशेष रूप से संस्कृत साहित्य में है, उसी से विश्व का कल्याण होगा। हमें यह प्रत्येक क्षण ख्याल होना चाहिए कि आधुनिकता का मतलब यह नहीं कि हम अपनी जड़ों और संस्कृति की उपेक्षा करें या उन्हें भूल जायें।’ उन्होंने संस्कृत वि.वि के कुलपति सहित वि.वि के सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि यह विश्वविद्यालय देश का एक ऐसा श्रेष्ठ शिक्षण-संस्थान बने जिसमें प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी तथा शोधार्थी गर्व महसूस कर सकें। विश्वविद्यालय का दायित्व है कि कम्प्यूटर के जरिये संस्कृत भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार करे। इससे भाषा के साथ-साथ पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की जड़ें भी मजबूत होंगी। ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित 84 वर्षीय स्वामी सत्यमित्रानंद जी ने अपने ओजस्वी एवं प्रभावी सम्बोधन में भारत की समृद्ध प्राचीन गुरू-शिष्य परम्परा से लेकर महात्मा गाँधी, बिनोवा भावे तथा शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खाँ सहित भारत की अनेक गौरवशाली हस्तियों के त्याग, बलिदान और मार्गदर्शन का उल्लेख किया और कहा कि जो अपनी परम्पराओं और संस्कृति को जीवित रखता है वही राष्ट्र जीवित रहता है। इस सम्मान के लिए कुलाधिपति का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी जी ने राज्यपाल को आशीर्वाद स्वरूप भारत माता मन्दिर का चित्र भेंट किया और उन्हें भारत माता मन्दिर में आने के लिए आमंत्रित भी किया। राजभवन के प्रेक्षागृह में संपन्न ‘मानद् उपाधि प्रदान समारोह’ का शुभारंभ परम्परागत रूप से दीप प्रज्जवलन तथा कुलपति प्रो0 महावीर अग्रवाल के स्वागत सम्बोधन से हुआ। कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर तथा भारत माता मन्दिर के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद, राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस राजेश टंडन, अपर मुख्य सचिव एस.राजू तथा राज्यपाल के सचिव अरूण ढ़ौंडियाल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं विद्वतजन उपस्थित थे। सूच्य है कि स्वामी जी को यह ‘मानद् उपाधि’ 20 मार्च, 2015 को संपन्न हुए संस्कृत वि.वि के दीक्षान्त समारोह में प्रदान की जानी थी किन्तु अपरिहार्य कारणों से वे समारोह में उपस्थित नहीं हो सके थे।  

दो दिवसीय ‘गंगा ज्ञान धारा समाग्रह संवाद’ कार्यशाला आज से 

देहरादून, 7 मई (निस)। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में शुक्रवार से आयोजित होने वाले दो दिवसीय ‘गंगा ज्ञान धारा समाग्रह संवाद’ कार्यशाला में पर्यावरणविद्, शिक्षाविद्, आध्यात्मिक गुरु एवं छात्र भाग लेंगे। इस कार्यशाला का आयोजन गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा रहा है। गंगा एक्शन परिवार के संस्थापक एवं परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि “कार्यशाला का मुख्यउद्देश्य विशेषकर उत्तराखंड से सरकार, शिक्षा जगत एवं नागरिक समाज से विचार, नीति एवं कार्यान्वयन का नेतृत्व करने वालों के चुनिंदा समूह को एक साथ लाना है। इसका लक्ष्य पवित्र गंगा नदी के संरक्षण एवं पुनरुद्धार से संबंधित मुद्दों पर प्रतिभागियों के विचार जानना तथा स्थानीय समुदायों को गंगा के प्रति संवेदनशील बनाने और साथ लेने तथा विभिन्न पक्षों को सक्रिय बनाने के लिए कार्य एवं प्रतिभागिता योजना तैयार करना है। कार्यक्रम में गंगा के पुनरुद्धार में बड़ी खामियों को पहचानने तथा उनके समाधान की योजना तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।” स्वामी चिदानंद ने कहा कि “संबंधित पक्षों की चर्चा एवं कार्यशाला के आधार पर गंगा के पुनर्जीवन की राह में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए सिफारिशें एवं सुझाव सामने आएंगे। इसमें गंगा के पुनर्जीवन के महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कार्य के लिए उचित रणनीति, आवश्यकताएं एवं अवसर तलाशे जाएंगे और संभावित साझेदार संस्थानों, संगठनों एवं व्यक्तियों को पहचाना जाएगा तथा उनकी भूमिकाएं और दायित्व भी तय किए जाएंगे। कार्यशाला का आयोजन चुनौतियों, अवसर, तालमेल, परियोजना की संभाविता एवं समग्र कार्य तथा प्रतिभागिता योजना से जुड़े विशिष्ट विषयों पर गोलमेज वार्ता के रूप में किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि “हम मानते हैं कि इन क्षेत्रों में आपकी विशेषज्ञता एवं विचारों से चर्चा और समृद्ध होगी तथा ‘अविरल एवं निर्मल गंगा’ के हमारे साझे लक्ष्य में इसका योगदान होगा। हम आपकी विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सतत, टिकाऊ और सफल रास्ता तैयार करना चाहते हैं।” स्वामी चिदानंद ने कहा कि “स्वच्छ भारत एवं नमामि गंगे के स्वप्न एवं अभियान के अंतर्गत 9 मई को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक रायवाला रेलवे स्टेशन पर एक सफाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय क्षेत्र के सैकड़ों स्वयंसेवी एवं छात्र तथा आईआईपीए एवं गंगा एक्शन परिवार के सदस्य हिस्सा लेंगे।”

खाई में मैक्स गिरी 3 की मौत 

देहरादून, 7 मई (निस)। जनपद के भिकियासैण तहसील में बासोट नामक स्थान पर दिल्ली से आ रही एक मैक्स यूके 04 टीए 4033 प्रातः 6ः00 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। यह गाड़ी दिल्ली से मासी जा रही थी जो बासोट नामक स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें कुल 10 यात्री सवार थे 03 यात्रियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई है। मृतकांे में दो महिलायें तथा एक बच्चा था। चार यात्री गम्भीर रूप से घायल थे जिनमें 02 घायलों को हल्द्वानी के लिये रेफर कर दिया गया है। 02 यात्रियों को रानीखेत चिकित्सालय के लिये रेफर किया गया है। शेष 03 यात्री सामान्य रूप से घायल है। घटना की सूचना प्राप्त होती ही जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने तुरन्त सहायता कार्यो हेतु प्रशासन की टीम को घटनास्थल पर भेजा। इस दुर्घटना पर प्रदेश मुख्य मंत्री हरीश रावत ने दुखः प्रकट करते हुये मृत आत्मा की शान्ति के लिये ईश्वर से कामना कीै तथा शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतक परिवारों को तुरन्त अहैतुक सहायता प्रदान करने सहित घायलों के उपचार के निर्देश जिलाधिकारी को दिये है।

दुर्घटना में मृतकों के प्रति सीएम ने संवेदना व्यक्त की 

uttrakhand news
देहरादून, 7 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनपद अल्मोड़ा के भिक्यिासैंण व जनपद टिहरी के कण्डीसौड में हुयी वाहन दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा व टिहरी को निर्देश दिये कि दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए। साथ ही दुर्घटना में घायल हुए लोगों का उपचार प्राथमिकता पर किया जाय। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार आज प्रातः लगभग 7ः00 बजे जनपद अल्मोडा में एक टाटा सूमो तहसील भिक्यिासैंण के अन्तर्गत स्थान बासौट के समीप खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में 09 कुल सवारी थे जिसमें 03 मृतक व 06 लोग घायल है। जनपद टिहरी में आज दोपहर लगभग 12ः12 बजे 01 टाटा सूमो उत्तरकाशी से देहरादून आते समय तहसील कण्डीसौड (चिन्यालीसौड़) से 15 किमी0 आगे पोखरी गांव के पास गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में 11 लोग सवार थे। जिनमें 03 मृतक व 08 लोग घायल है।
   
अधिवक्ताओं के लिए बीमा योजना शुरू की जायेगीः सीएम 

देहरादून, 7 मई (निस)। जिला बार एसोसियेशन टिहरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बीमा योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए न्याय विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये है। प्रत्येक जिले में ई-लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए भी सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बार एसोसियेशन के पुस्तकालय हेतु 10 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक बेहतर पुस्तकालय होना चाहिए। जनपदों मंे स्थापित होने वाली तहसीलों में पब्लिक नोटरी के पद सृजित किये जाने, राजस्व वादांे व सेवा न्यायाधिकरण की ब्रांच खोलने के संबंध में भी विचार किया जायेगा। उन्होंने अधिवक्ताओं के आवासीय भवनों की समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि परीक्षण रिपोर्ट शासन को भेजी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुभवों का लाभ ले। आज तकनीक का युग है, जिस कारण हर क्षेत्र में स्पर्धा बढ़ गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है, जो पुराने हो चुके कानूनों या जिनकी वर्तमान में कोई आवश्यकता नही है, का अध्ययन करेगी। टिहरी शहर के स्वरूप को बनाये रखने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके लिए स्मार्ट सिटी के तहत योजना बनायी जा रही है। इस अवसर पर बार एसोसियेशन द्वारा मुख्यमंत्री को अभिनंदन पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। श्री धनै ने भी बार एसोसियेशन के पुस्तकालय हेतु 5 लाख रुपये की धनराशि विधायक निधि से देने की घोषणा की। कार्यक्रम में विधायक भीमलाल आर्य, जिला जज श्रीमती मीना तिवारी, बार एसोसियेशन अध्यक्ष जगमोहन सिंह रांगड़, आनन्द प्रकाश, दिनेश सिंह मिया, मुकेश गुसांई, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

सीएम ने किया प्रेस क्लब भवन का विस्तारीकरण कार्य का किया शिलान्यास 

देहरादून, 7 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को नई टिहरी में 11 करोड़ की लागत से बनने वाले होटल मैनेजमेंट संस्थान, 6 करोड़ रुपये लागत से त्रेपन सिंह नेगी राज्य स्तरीय युवा कौशल विकास केन्द्र तथा खेल मैदान बौराड़ी का विस्तारीकरण के साथ ही 94.27 लाख रुपये लागत से प्रेस क्लब भवन के विस्तारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विक्टोरिया क्रास विजेता गब्बर सिंह तथा दरबान सिंह के पैतृक आवासों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित करने, जू.हा. स्कूल जड़धारगांव के उच्चीकरण करने, चम्बा जू.हा. स्कूल का उच्चीकरण, बैतोगी नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्य, गाजणा व चम्बा-कुडियालगांव में 3-3 कि.मी. सड़क निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हंस फाउण्डेशन की मदद से टिहरी झील के दोनो किनारे पर 3 शमशान घाटों का निर्माण किया जायेगा। उन्होने कहा कि घनसाली पिछड़ा सीमांत क्षेत्र है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि घनसाली का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाय, ताकि उसके लिए अलग से विकास योजना बनायी जा सके। इसमें रजाखेत तथा ढूंगमंधार क्षेत्रों को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा सामाजिक कार्यों में बेहतर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि संस्था को विकास पार्टनर के रूप में सहयोगी बने, इसके लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है।मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे व्यंजन, हमारे उत्पाद राज्य की पहचान बनें, इस दिशा में हम सबकों सामूहिक प्रयास करने होंगे। टिहरी में होटल मैनेजमेंट संस्थान खुलने से प्रदेश के युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान का उपयोग बहुआयामी हो इसके लिये प्रयास किये जाय। युवाओं को इस प्रकार से तैयार किया जाय कि वे अपने स्थानीय उत्पादों व व्यंजनों की बेहतर पैकेजिंग कर सके। उन्होंने कहा कि हम सभी को विचार करना होगा कि हम अपनी अर्थ व्यवस्था को कैसे और बेहतर बना सकते है। राज्य सरकार द्वारा कुछ अभिनव योजनाएं शुरू की गई है, जिनका लाभ सभी को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चैलाई, मंडुवा, माल्टा, नीबू, अखरोट, आवाला आदि को प्रोत्साहित करने के लिए बोनस योजना शुरू की गई है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन पर जोर देने की बात कही। उत्पादों के लिए बाजार व्यवस्था सरकार तैयार करेगी। राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भी बोनस आदि की योजनाएं शुरू की गई है। इस क्षेत्र में भी स्थानीय लोग स्वरोजगार अपनायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सामूहिक रूप से समेकित प्रयास करते हुए उत्तराखण्ड को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना होगा। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि टिहरी में होटल मैनेजमेंट संस्थान की स्थापना होने से रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का सफल संचालन मुख्यमंत्री के निर्देश में हो पाया है। श्री धनै ने कहा कि टिहरी जिले को प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। कार्यक्रम को शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर हंस कल्चरल फाउण्डेशन द्वारा स्थानीय लोगो के लिए आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। जिसके चैक मुख्यमंत्री श्री रावत की उपस्थित में वितरित किये गये। कार्यक्रम में विधायक घनसाली भीमलाल आर्य, हंस फाउण्डेशन की माता मंगला, भोले जी महाराज, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, सूचना आयुक्त राजेन्द्र कोटियाल, नगर पालिका अध्यक्ष उमेश चरण गुसांई, ब्लाॅक प्रमुख आनंदी नेगी, विजय गुनसोला, कांग्रेस जिला अध्यक्ष शांति भट्ट, सचिव पर्यटन डाॅ. उमाकांत पंवार, प्रभारी सचिव युवा कल्याण शैलेश बगोली, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 9 मई से होगी लागू

देहरादून, 7 मई (निस)। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9 मई को कोलकता में किया जायेगा। इस योजना का मुख्य आकर्षण यह है कि वह सभी बैकों में बचत खाताधारक जिनकी आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के मध्य है वह 330 वार्षिक प्रीमियम अपने खाते से कटौती करवाकर दो लाख तक की जीवन बीमा सुरक्षा किसी भी अवस्था में जैसे दुर्घटना अथवा सामान्य मृत्यु प्राप्त कर सकते हैं।  धर्मपुर स्थित एलआईसी के मंडल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक रमेश चन्द्र ने कहा कि इस योजना की अवधि एक जून 2015 से 31 मई 2016 तक होगी, एक वर्ष पश्चात पुनः इस योजना का नवीनीकरण किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस योजना के फार्म सभी भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालयों सहित सभी बैंकों की शाखाओं में उपलब्ध हैं। बैंक इस योजना के अंतर्गत कटौती की गई प्रीमियनम राशि को भारतीय जीवन बीमा निगम के पेंशन एवं समूह बीमा कार्यालय को प्रेषित करेंगे तथा इसी कार्यालय से भविष्य में दावों का भुगतान भी किया जायेगा। योजना में सम्मिलित होने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, यह अवधि एक मई से 31 मई तक रखी गई है। जोखिम संरक्षण एक जून 2015 से प्रारंभ होगा, इस योजना का मुख्य आकर्षण यह है कि भारत सरकार द्वारा छूट प्राप्त होने के कारण इसका प्रीमियम बीमा की प्रीमियम दरों से काफी कम रखा गया है। प्रतिदिन मात्र एक रूपये से भी कम की राशि में दो लाख तक की बीमा सुरक्षा पात्र बीमाधारक को उपलब्ध है, क्षेत्र में लगभग 16 हजार फार्म पंजीकरण के लिए प्राप्त हो चुके हंैं।

मैखुरी ने गैरसैण विकास परिषद की बैठक ली 

देहरादून, 7 मई (निस)। विधानसभा स्थित सभागार में अध्यक्ष (उपाध्यक्ष) विधानसभा डाॅ0 अनसूया प्रसाद मैखुरी की अध्यक्षता में गैरसैण में विधानसभा भवन एवं सचिवालय भवन निर्माण को दृष्टिगत् रखते हुए विकास खण्ड गैरसैण और विकासखण्ड चैखुटिया में अवस्थापना सुविधाओं की सुनिश्चित विकास हेतु गठित गैरसैण विकास परिषद की बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष (उपाध्यक्ष) डाॅ0 मैखुरी, ने अवगत कराया  कि राज्य सरकार द्वारा परिषद को 2014-15 में उपलब्ध कराये गये चार करोड़ के सापेक्ष कईं योजनाओं का विधिबद्व रूप से बैठक में अनुमोदन किया गया जिसमें लगभग 2 करोड़ 47 लाख गैरसैण तथा लगभग 1 करोड़ 53 लाख रूपये चैखुटिया के लिए स्वीकृत किये गये। बैठक में उन्होंने बताया कि गैरसैण-सारकोट-भराडीसैण रिंग रोड़ के शेष 1.5 किमी0 मोटर मार्ग का नव निर्माण कराया जायेगा, (प्रथम चरण) में गैरसैण में टैक्सी स्टेण्ड का निर्माण, गैरसैण बाजार से निरीक्षण भवन सम्पर्कं मोटर मार्ग सुदृढीकरण, गैरसैण, सलियाणा बैण्ड के पास हैण्ड पम्प से मोटर पम्प अधिष्ठापन कर मुख्य जलाशय तक 1700 मीटर पाईप लाईन बिछाने का कार्य, गैरसैण नगर क्षेत्र में 11 के0वी0 टाउन पोषक (विद्युत) का निर्माण कार्य, गैरसैण नगर क्षेत्र में विद्युत के तीन (03) हाई मास्क लाईट लगाये जाने का कार्य, गैरसैण में स्टेडियम से लंकाधार तक 325 मीटर नाला निर्माण, दिवालीखाल मोटर स्टेशन के आस-पास सुलभ शौचालय का निर्माण, चैखुटिया के विश्राम गृह भवन का निर्माण लो0नि0वि0 द्वारा कराया जायेगा, अगनेरी मन्दिर के पास चैखुटिया में सार्वजनिक भवन, (सभागार) का निर्माण, चैखुटिया क्षेत्र हेतु सोलर लाईट लगाये जाने का कार्य, चौखुटिया पण्डुवाखाल रोड़ पर सुलभ शौचालय का निर्माण तथा प्रथम चरण में चैखुटिया में टैक्सी स्टैण्ड का निर्माण कराया जायेगा। बैठक में गैरसैण विकास परिषद द्वारा 25 करोड़ वित्तीय वर्ष 2015-16 में  विभिन्न योजनाओं के निर्माण के लिये स्वीकृति किये जाने हेतु मांग की गयी है। इसके अलावा विधान भवन हेतु नामित कार्यदायी संस्था एन0बी0सी0सी0 को निर्देशित किया गया कि वे भराडीसैण-गैरसैण तथा चैखुटिया नगर क्षेत्र का एक महीने के अन्दर मास्टर प्लान तैयार कर विकास परिषद को प्रेषित करेंगे, ताकि परिषद की अगली बैठक में गैरसैण एवं चैखुटिया के अवस्थापन सुविधाओं के विकास के लिए और कारगर योजनाओं को योजनाबद्व तरीके से निर्मित किया जाय। बैठक में (उपाध्यक्ष)  मदन सिंह बिष्ट, अध्यक्ष नगर पंचायत गैरसैण, ब्लाॅक प्रमुख चैखुटिया, अपर मुख्य सचिव, राकेश शर्मा, सचिव, नगर विकास डी0 एस0 गर्बयाल, अपर सचिव, अरविन्द सिंह ह्ंयाकी अपर सचिव, किशननाथ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय खेतवाल, मुख्य विकास अधिकारी, अल्मोड़ा अधीक्षण अभियन्ता विद्युत, मौजूद थे।

अवैध खनन प्रकरण में जांच का मोर्चे ने किया स्वागत

देहरादून, 7 मई (निस)। जन संघर्ष मोर्चे ने अवैध खनन के प्रकरण में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री द्वारा अपर मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए जाने का स्वागत किया है। मोर्चे का कहना है कि यह उसके आंदोलन की जीत है। मोर्चा इस प्रकरण की जांच की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत रहा है। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि देहरादून जिले में उच्च न्यायालय के प्रतिबंध के बावजूद लगभग 190 लोगों को खनन भंडारण के लाइसेंस जारी किये गये थे, जिनकी आड़ में खनन माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध कारोबार को इन लाइसेंस की आड़ में वैध बनाने का काम किया। खनन भंडारण लाइसेंस की आड़ में लगभग चार हजार करोड़ का काला कारोबार किया गया। इन भंडारण लाइसेंसधारियों ने अपने रोजनामचे में फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर उप खनिज की आमद दर्ज की। जनपद की वन चैकियों एवं व्यापार कर विभाग की चैकियों में कहीं भी आमद दर्ज नहीं थी तथा इनके द्वारा उप खनिज की आमद अन्य प्रदेशों में आयात की गई दर्शायी गई, जबकि उप खनिज का उठान जनपद की प्रतिबंधित की नदियों से किया गया। उन्होंने कहा कि सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने अपील पर सुनवाई के दौरान इस प्रकरण की जांच के लिए प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को संदर्भित किया जिसके अनुपालन में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण पर जांच के लिए अपर मुख्य सचिव औद्योगिक को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। इस प्रकरण की जांच होने से खनन माफियाओं से खनिज नियमावली के प्रावधानों के तहत लगभग पांच सौ करोड़ रुपये राजस्व मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मोर्चा तीन वर्षों से मामले की जांच को संघर्ष कर रहा था, जो कि मोर्चे की बड़ी जीत है। पत्रकार वार्ता में मोर्चे के महामंत्री आकाश पंवार, हाजी असद, यमन चैधरी, दिवाकर त्यागी, पिन्नी शर्मा, विजय राम शर्मा, समीर,वीरेन्द्र सिंह मौजूद रहे।

नेपाल आपदा में अखिल विश्व गायत्री परिवार की सक्रिय भूमिका
  • गायत्री परिवार स्कूलों एवं गाँवों के पुनर्वास का कार्य करेगाः डॉ0प्रणव पण्ड्या

हरिद्वार, 7 मई (निस)। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख एवं देसंविवि के कुलाधिपति डॉ0प्रणव पण्ड्या, शांतिकुञ्ज के व्यवस्थापक  गौरीशंकर शर्मा एवं दे0सं0वि0वि0के प्रतिकुलपति डॉ0 चिन्मय पण्ड्या नेपाल में गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे आपदा का निरीक्षण करने, भावी योजना बनाने एवं पुनर्वास हेतु विशिष्ट भूमिका सम्पादित करने नेपाल पूर्व उपप्रधानमंत्री के0पी0ओली, एवं चीफ सेक्रेटरी लीलामणि पौडियाल से विशेष चर्चा करने मई को काठमाण्डू पहुँचे। उल्लेखनीय है कि आपदा के दूसरे ही दिन ख्म् अप्रैल को ही दर्जन भर वाहनों से वीरेन्द्र तिवारी जी,श्री राजू अधिकारी एवं डॉ0भीखू भाई के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश, गुजरात, मुम्बई के सैकड़ों कार्यकर्ता, एम्बूलेंस, दवाई, कम्बल, खाद्य सामिग्री लेकर पहले ही पहुँच चुके थे। डॉ. प्रणव पण्ड्या ने बताया कि रेस्क्यू एवं रीलिफ के बाद नेपाल सरकार के साथ मिलकर पुनर्वास के लिए गाँव एवं स्कूलों को गोद लेने उन्हें विकसित करने का कार्य गायत्री परिवार करेगा। इसके लिए सेक्रेटरी स्तर से बातचीत चल रही है। आद0गौरीशंकर शर्मा जी ने नेपाल वासियों को कहा ‘इस आपदा की घड़ी में समूचा गायत्री परिवार का स्नेह, अपनत्व, राहत पूरे नेपाल के  नवनिर्माण के लिए  है’। इसके बाद अखिल विश्व गायत्री परविार की ओर से नेपाल प्रहरी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, महाराजगञ्ज में बनाया गया आपदा राहत बेस केम्प का निरीक्षण भ्रमण किया। नेपाल पुलिस के ए.आई.डी.जी.पी. आद0राजेन्द्र सिंह भण्डारी ने अतिथियों का स्वागत किया और आपदा व्यवस्थापन और पुनर्निर्माण कार्य के साथ मिलकर काम करने की बात कही। शांतिकुञ्ज से आई उच्चस्तरीय दल ने पूर्व कार्य कर रहे गायत्री परिवार के आपदा राहत दल के साथ मिलकर काठमाण्डू में भूकम्प पीडित क्षेत्र वनस्थली क्षेत्र में जाकर भूकम्प पीडि़तों को राहत सामिग्री वितरित किया। जहाँ पर गायत्री परिवार के अग्रज कार्यकर्ता नरहरि धिमिरे ने अतिथियों का स्वागत किया। पूरे दल ने भूकम्प के कम्पन्न से अत्यधिक प्रभावित ऐतिहासिक धरोहर और प्राच्य मंदिरों की नगरी भक्तपुर का भ्रमण किया। दूसरा दल डॉ0चिन्मय पण्ड्या जी के नेतृत्व में काठमाण्डू से 65 कि0मी0दूर सिन्धुपारचैक गये जहाँ भूकम्प से सबसे अधिक प्रभावित हुए।  डॉ0 चिन्यम पण्ड्याजी ने अपनी टोली की साथ उस स्थान का जायजा लिया। वहाँ पर भ् दिनों से हिसान, नोबेल अस्पताल, नेपाल स्काउट जैसे संस्थाओं के साथ मिलकर आपदा राहत कैंप चल रहा है। जहाँ से खाद्य सामग्री, कम्बल, बर्तन, त्रिपाल पीडि़तों को दिया गया। मुम्बई और गुजरात से आई हुई गायत्री परिवार के आपदा दल से जुड़े डाक्टरों की टोली द्वारा दैनिक 300 घायल और मरिजों का उपचार किया गया। डॉ0चिन्मय पण्ड्या ने कहा- यह कैंप पीड़ा निवारण के लिए सबके लिए एक आदर्श केम्प बना हुआ है। प्रवास में पूर्व उपप्रधानमंत्री के0पी0औली, एल एम पौडियाल नेपाल के चीफ सेक्रेटरी, जया एम खनल सचिव उद्योग मंत्रालय,  राजेन्द्र सिंह भण्डारी एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल पोलिस, रूद्र प्रसाद बसयाल  डीएसपी, युवराज धिमरे नेपाल में मीडिया प्रमुख से विशेष मुलाकात एवं चर्चा हुई। गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्य को देखकर पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री के0पी0औली ने कहा-‘भूकम्प, बाढ़, तूफान से जूझने के लिए गायत्री परिवार के पास जो अनुभव एवं तकनीकि ज्ञान है उसे नेपालवासियों ने प्रत्यक्ष अनुभव किया। सच्चे अर्थों में गायत्री परिवार ने ही विपदा की घड़ी में बिना नाम-यश के सेवा कार्य किया है। हम सभी गायत्री परिवार के इसी आपदा प्रबंधन के इसी सिस्टम को लागू करेंगे। 

विशेष : नर्मदा के संतानों की रूहें

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कई सालों से देश के किसान मुसलसल आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन किसानों के इस देश में  यह एक मुद्दा तब बन पाया जब एक किसान का बेटा लुटियंस की दिल्ली में ठीक हुक्मरानों के  सामने खुदकशी कर लेता है। इसके बाद देश भर में भूमि अधि‍ग्रहण कानून और किसान आत्महत्या से जुड़े मुद्दे कुछ समय के लिए बहस के केन्द में तो आ जाते हैं लेकिन इसकी मियाद ज्यादा लम्बी नहीं होती है, व्यवस्था के चेहरे से गजेन्द्र के खून के छीटें अभी सूखे भी नहीं थे कि इधर मध्यप्रदेश में नर्मदा की संतानें अपने आप को रूह बनाने के लिए मजबूर हैं। खंडवा जिले के घोघलगांव में ओंकारेश्वर बांध क्षेत्र के डूब प्रभावित किसान पिछले11अप्रैल से नर्मदा की पानी में अपना शरीर गलाते हुए प्रतिरोध कर रहे हैं और सैकड़ों लोग पानी से बाहर से उनका साथ दे रहे हैं। यह वही नर्मदा नदी है जिसे यहाँ के लोग प्यार और सम्मान से “नर्मदा मैया” कर के बुलाते है और जो सदियों से उनकी जीवन रेखा रही हैं, लेकिन विडम्बना देखिये कि हमारे सिस्टम ने सैकड़ों सालों से लोगों की पालनहार रही नर्मदा की धारा को उसकी आँचल में बसे लोगों के लिए जानलेवा बना दिया है, यह विस्थापन बनाम तथाकथित “विकास”  की लडाई है जिसमे जीत अक्सर “विकास” की ही होती है और जिनकी कीमत और नाम पर यह “विकास” होता है वह हार जाते हैं। भोपाल और दिल्ली में बैठे इस लोकतंत्र के हुकमरानों के कानों में जैसे लोहा जम गया है क्योंकि अपनी जान की बाजी लगाकर जल-समाधि ले रहे इन आवाजों को सुनने के लिए उन्हें पूरे 21 दिन लग गये। इक्कीसवें दिन बाद सरकार सत्याग्रहियों से मिलने के लिए पुनासा के तहसीलदार को अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजती है जिसके नतीजे में ना तो कोई हल निकलना था और ना ही निकला। इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते 24 अप्रैल को खंडवा के चांदेल में पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना का लोकार्पण के लिए आये थे लेकिन उन्होंने सत्याग्रहियों से मिलना मुनासिब नहीं समझा उलटे उन्होंने जलसत्याग्रहियों से कहा कि ‘निमाड़ अंचल के किसानों की आकांक्षाएं पूरा करनें के लिए ओंकारेश्वर बांध की उंचाई 191 मीटर तक करना जरूरी है और जो लोग पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर सत्याग्रह में शामिल हो गये हैं वे जनहित की आवश्यकता को समझते हुये इसे तत्काल समाप्त कर दें और निमाड़ के समृद्धि उत्सव में शामिल हो जायें।‘ अब मुख्यमंत्री महोदय को कैसे समझाया जाए कि बर्बादी के उत्सव में शामिल होना कितना दर्दनाक होता है, यह मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के लिए निमाड़ का समृद्धि उत्सव तो हो सकता है लेकिन उन किसानों के लिए बर्बादी का दंश हैं जिनकी उपजाऊ जमीने इसकी भेंट चढ़ाई जा रही हैं। उनके लिए इस उत्सव में शामिल होने से अच्छा है कि वह अपने लोगों के लिए इन्साफ की उम्मीद में खुद के शरीर को उसी नर्मदा में गला दे जो उन्हें और उनके पुरखों की सदियों से जीवन और समृद्धि देती आई है।

सत्याग्रही यही तो कर रहे हैं, वे ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर बढ़ाए जाने को लेकर जल सत्याग्रह कर रहे हैं, क्योंकि पिछले दिनों मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ओंकारेश्वर बांध के जलस्तर को 189 मीटर से बढ़ाकर 191 मीटर कर दिया गया है जिससे उस क्षेत्र में आने वाले किसानों की कई एकड़ उपजाऊ जमीन डूब क्षेत्र में आ गयी है। किसानों का कहना है कि सरकार ने अपनी मनमर्जी से बांध का जलस्तर बढ़ा दिया है, इसके बदले सरकार द्वारा जो जमीन दी गयी है वह किसी काम की नहीं है। इधर लगातार पानी में खड़े होने से सत्याग्रही किसानों की हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही अब उनके पैर लगभग गल चुके हैं ,वह बीमार भी हो रहे हैं,उन्हें सूजन,सर्दी- जुखाम, बदन दर्द हो रहे हैं,धूप भी लगातार तीखी होती जा रही है, डॉक्टरों ने  सत्याग्रहियों के पैरों की जांच और इलाज की सलाह दी है मगर उन्होंने उपचार लेने से मना कर दिया है, इतना सब होने के बावजूद प्रदेश सरकार असंवदेनशीलता नजर आ रही है, लेकिन जल सत्याग्रही “लड़ेंगे, मरेंगे ज़मीन नहीं छोड़ेंगे", “हक लेंगे या जल समाधि दे देंगे” के नारों के साथ डटे हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार हमें जीते जी मारने पर तुली हुई है इसलिए हमने भी ठान लिया है कि मर जाएंगे, मगर जमीन नहीं छोड़ेंगे।
सत्याग्रहियों की मांग है कि पुनर्वास नीति के तहत जमीन के बदले जमीन और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मुआवजा दिया जाए। यह आन्दोलन नर्मदा बचाओ आंदोलन और “आप” के नेतृत्व में चल रहा है, आदोलनकारियों के समर्थन में अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी लिख चुके हैं जिसमें प्रभावितों के उचित पुनर्वास की मांग की गयी है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास भी घोघलगांव पहुँच जल सत्याग्रह को अपना समर्थन जता चुके हैं। 

विस्थापन और पुनर्वास की यह लडाई पुरानी है जिसे नर्मदा बचाओ आंदोलन पिछले 30 सालों से अहिंसात्मक तरीके से लड़ रही है, लेकिन घोघलगांव के सत्याग्रहियों के प्रति सरकार के रिस्पांस को देख कर यही लग रहा है कि इसका हमारी सरकारों पर खास प्रभाव नहीं हुआ है। ओंकारेश्वरबांध के विस्थापित अपने हक के लिए पिछले नौ सालों से नर्मदा बचाओ आन्दोलन के बैनर तले संघर्ष कर रहे हैं। ओंकारेश्वर बांध का निर्माण 2006 में पूरा हो गया था। उस समय वायदा किया गया था कि इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों का पुनर्वास बांध निर्माण के 1 वर्ष पूर्व यानी 2005 में ही कर लिया जाएगा,लेकिन पुनर्वास नीति का पालन नहीं किया गया और प्रभावितों का पुनर्वास नहीं किया गया, तब से यह संघर्ष चल रहा है। इससे पहले वर्ष 2012 में भी राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले एवं पुनर्वास नीति को नजर अंदाज़ करते हुए ओंकारेश्वर बांध को 189 मीटर से बढ़ाकर 193 मीटर ऊंचाई तक भरने का निर्णय लिया था जिससे 1000 एकड़ जमीन और 60 गांव डूबने के कगार पर आ चुके थे, इसके  विरोध में इसी घोघलगांव में 51 पुरुष और महिलायें जल सत्याग्रह करने को मजबूर हुए थे जिनके समर्थन में वहां के आसपास के 250 गांवों के करीब 5000 लोग जुड़ गए थे। यह  आंदोलन 17 दिनों तक चला और सरकार द्वारा जमीन के बदले जमीन देने और ओंकारेश्वर बांध के जल स्तर को 189 मीटर पर नियंत्रित रखने के आदेश के बाद समाप्त हुआ था। 

अब एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है लेकिन इस बार सरकार ज्यादा उदासीन दिखाई दे रही है और वह किसानों और प्रभावितों की बात ही सुनने को तैयार नहीं दिखाई पड़ती है, इक्कीसवें दिन बाद पुनासा के तहसीलदार सरकारी नुमाइंदे के तौर पर आन्दोलनकारियों से मिलने आते हैं लेकिन वह सुनने से ज्यादा सुनाकर चले जाते है, यहाँ भी सरकार का वही ना झुकने वाला रवैया दिखाई पड़ा, सरकारी नुमाइंदे के तौर पर आये तहसीलदार ने अपनी बात- चीत में वही सब दोहराया जो सरकार पहले से कहती आ रही है। उन्होंने विस्थापितों से जल-सत्याग्रह समाप्त करके सरकार के पास उपलब्ध लैंड बैंक और प्लाट लेने का विकल्प चुनने को कहा, जिसको प्रभावितों ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वे लैंड बैंक की इन बंजर एवं अतिक्रमित जमीनों को पहले भी कई बार देख चुके हैं जहाँ से कई विस्थापितों को अतिक्रमणकारियों ने पहले ही भगा दिया था। आन्दोलनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार के राजस्व विभाग के पत्र 28 मई 2001 में साफ कहा गया है कि नर्मदा घाटी मंत्रालय द्वारा पुनर्वास के लिए आरक्षित की गई लैंड बैंक की जमीनें अनउपजाऊ है। आन्दोलनकारियों ने सरकारी नुमाइंदे के सामने मांग रखी है कि सरकार या तो उन्हें जमीन खरीद कर दे या वर्तमान बाजार भाव पर पात्रता अनुसार न्यूनतम पांच एकड़ जमीन खरीदने के लिया अनुदान दे ताकि उनका उचित पुनर्वास हो सके।

इससे पहले सरकार के कारिंदे लगातार यही कहते रहे कि बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने से किसी की जमीन डूब में नहीं आई है। राज्य सरकार के नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य ने इस आंदोलन का आधारहीन करार देते कहा था कि “महज कुछ लोग ही जलस्तर बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं...ओंकारेश्वर नहर से हजारों किसानों को सिंचाई का लाभ देने का विरोध समझ से परे है”। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो नर्मदा बचाओ आंदोलन को विकास और किसान विरोधी तक करार दे चुके है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता और आम आदमी पार्टी (आम) के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने मनमर्जी से बांध का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिससे किसानों की जमीन डूब में आ गई है, विस्थापितों को बंजर और अतिक्रमित जमीन देकर धोखा दिया गया है, आज तक एक भी प्रभावित को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सिंचित व् उपजाऊ जमीन नहीं दी गयी है। बिना पुनर्वास, प्रभावितों से जमीन का पैसा वापस लेने के बाद, इन जमीनों को डुबाना सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का खुला उल्लंघन है, उनका आरोप है कि सरकार ओंकारेश्वर विस्थापितों का उचित पुनर्वास इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि वह बांध बना रही सरकारी कंपनी नर्मदा हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी को लाभ पहुंचाना चाहती है जिसने 4000 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है।

इंसानी हौसले और सरकार की हठधर्मिता के बीच ओंकारेश्वर बांध से प्रभावित रमेश कडवाजी जैसे किसान अपना अहिंसक सत्याग्रह जारी रखे हुए है जिनकी 4.5 एकड़ जमीन डूब में आ रही है। उनकी जमीन उपजाऊ थी जिसमें वह पर्याप्त मात्र में गेहूं, मूंग, चना, सोयाबीन जैसी फसलें उगाते थे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिकायत निवारण प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा था कि वे 5 एकड़ जमीन के पात्र हैं,आदेश के अनुसार रमेश ने मुआवजे के मिले 3 लाख रूपये वापस कर दिए इसके बदले में उन्हें अतिक्रमित व गैर उपजाऊ जमीन दिखाई गयी। जिसे उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। अभी तक उन्हें कोई दूसरी जमीन नहीं दिखाई गयी है। उनका कहना है कि अब हम सब किसान से मज़दूर हो गए हैं और उन जैसे सैकड़ों किसान अपने पैरों को सड़ा का अपना प्रतिरोध जताने को मजबूर है।  

गेंद एक बार फिर सरकार के पाले में है, दूसरी तरफ सत्याग्रही हैं जो हर बीतते दिन के साथ समाधि के कगार पर पहुँच रहे है, अब समय बहुत कम बचा है, लेकिन इन आन्दोलनकारियों की हिम्मत,जुझारूपन,संघर्ष और लड़ने का हौसला कायम है, तब तक जब तक कि इस व्यवस्था की कानों पर पड़ा लोहा पिघल ना जाए। इस लोहे को पिघलाने के लिए अब बच्चे भी मैदान में आ गये हैं। 11 अप्रेल से लगातार जल सत्याग्रह कर रहे किसान सोहन लाल की बेटी संतोष ने अपने आपको प्रदेश भर के बच्चों का मामा कहलवाना पसंद करने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक ख़त लिखा है जिसमें उसने लिखा है कि “प्रिय मामा जी, मेरा नाम संतोष है मैं घोघलगावं में रहती हूँ, कुछ दिन पहले हमारे खेत में ओंकारेश्वर बांध का पानी भर गया, मेरे पापा ने कर्ज लेकर मुआवजा वापस कर दिया। उन्हें कोई जमीन दिए बिना हमारे खेत में पानी भर दिया। मेरे पापा पिछले बाईस दिनों से पानी में सत्याग्रह कर रहे हैं, उनके पैर गल गये हैं और उनकी तबीयत बहुत खराब है, आप उनकी बात क्यूँ नहीं सुन रहे हैं, आप हमारे मामा है तो आप हमारी मां का परिवार नहीं बचओंगे क्या? जल्दी हमारे गांव आओ और हमारा गांव बचाओ”। 



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---जावेद अनीस---
ईमेल : Javed4media@gmail.com



विशेष आलेख : बालश्रम का दंष झेल रहा बचपन

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बचपन से जिन बच्चों केे हाथ गुड्डे-गुडियों व मिट्टी के खिलौने से खेलते हैं, आज उन्हीं हाथों को समाज ने जिंदगी भर, मजदूरी व भटकने के लिए छोड़ दिया है। जिस उम्र में बच्चों को मां-बाप का प्यार, समाज से संस्कार, स्कूल से अक्षर ज्ञान मिलना चाहिए, वहीं इसके बदले उसे अपने और परिवार के पेट की खातिर ज़ोखिम भरा काम करना पड़ रहा है। ऐसे बच्चों को ढाबों, होटलों, रेस्टोरेंटों व रेलवे स्टेषन पर काम करते देखा जा सकता है। कमरतोड़ श्रम के बाद दो जून की रोटी कहीं नसीब हो पाती है। हमारे देष में ऐसे ढेर सारे बच्चे हैं, जो फटेहाल जिंदगी जी रहे हैं, जो सड़क किनारे, बस व रेलवे स्टेषन पर कूडे़-कचरे में अपना जीवन तलाष रहे हैं। इन बच्चों को समाज नाजायज़ करार देता है। सड़क पर जीवन बीताने वाले बच्चों की संख्या हमारे देष में लाखों में है। यह प्रष्न उन तमाम देषों के षासन-प्रषासन व नीति नियंता के लिए चुनौती है, जो कहते हैं कि बाल श्रमिक अब न के बराबर हैं। 
           
यूनिसेफ की मानें तो भारत में सड़कों पर जीवन बसर करने वाले बच्चों की संख्या दो करोड़ से भी अधिक है। जो भुखमरी के साथ साथ उपेक्षा उत्पीड़न और षोशण  के भी षिकार हैं। इतना ही नहीं इनसे अनैतिक कार्य भी कराए जाते हैं। भीख मांगने, चोरी और षराब बेचने के अलावा जेब काटने जैसे अनैतिक कार्य इन बच्चों से कराए जाते हैं। जिसकी वजह से इनकी जिंदगी नरकीय बनती जा रही है। पूरे भारत में असामाजिक तत्वों एवं एजेंटों के ज़रिए पैसा कमाने के लिए इन मासूमों का सौदा बेरोकटोक किया जा रहा है। परिणामतः बच्चे भी कच्ची उम्र में षराब, सिगरेट, खैनी, बीड़ी आदि का सेवन करने लगते हैं। दूसरी ओर बाल मजदूरी निषेधाज्ञा और विनियमन कानून को बने ढाई दषक हो गए पर बाल मजदूरी के ग्राफ में कमी आने के बजाय 15 प्रतिषत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार के कुछ प्रभावी प्रोजेक्ट भी बने और चले भी पर भ्रश्टाचार की गंगोत्री में आकंठ डूब,े सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं ने बच्चों का निवाला ही छीन लिया। जिसमें प्रमुख रूप से ‘बालश्रमिक विषेश विद्यालय’ और एनजीआरपी योजना’ षामिल है। जिसके तहत बालश्रमिकों को मुख्यधारा में लाकर तीन वर्शों का ब्रिज कोर्स, पांच रूपए की दर से मध्याह्न भोजन, सौ रुपए छात्रवृति, नियमित स्वास्थ्य जांच एवं वोकेषनल (रोजगारपरक) टेªनिंग उपलब्ध कराया जाना था। इसके अलावा सरकार ने अभियान चलाया कि ढाबों, होटलों, मनोरंजन केंद्रों सहित छोट-छोटे धंधों में लगे बच्चों को नौकरी पर रखने वालों को जेल की हवा खानी पड़ेगी। कुछ दिनों तक धड़-पकड़ का अभियान ज़ोरों पर रहा, कुछ समय के बाद अभियान भी बंद हो गया। 
           
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के हुस्सेपुर, चांदकेवारी पंचायत के दलित-महादलित व पिछड़े टोले के नन्हें से हाथ महानगरों की चकाचैंध में जोखिम भरा काम कर रहे हैं। सरयुग, अर्जुन, टुन्नी, दरोगा (काल्पनिक नाम)  आदि बच्चे सूरत(गुजरात) ,दिल्ली, कोलकता, असम आदि जगहों पर आधी मजदूरी में काम करने को मजबूर हैं। सरयुग प्राथमिक स्कूल की पढ़ाई छोड़कर घर की माली हालत सुधारने के लिए सूरत कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी कर रहा है। दो साल बाद जब घर आया तो आसपास के अपने स्कूल साथियों के साथ जींस पैंट और टी-षर्ट में हीरो से कम नहीं दिख रहा था। पूर्व के साथी ने जींस पैंट पर लिखे अंग्रेज़ी का षब्द पढ़ा, तो सरयुग अवाक रह गया। अरे, ‘तुम्हें दो साल में अंग्रेजी भी पढ़ने आ गयी। मैं तो एबीसीडी के अलावा कुछ नहीं जाना।’ मित्रों ने कहा, ‘तुम पैसे कमा रहे हो और मैं पढ़ाई कर रहा हूं।’ तुम हीरो दिखते हो और हम सब बच्चे ही दिखते हैं।’ सरयुग घर का इकलौता कमाने वाला है। उसकी कमाई से ही घर-परिवार की गाड़ी चलती है। पढ़ाई से नाता टूटते ही सरयुग समाज, संस्कार, नैतिकता, मां की ममता आदि चीजों से वंचित हो गया। आज वह 13 साल का है और महीने में पांच हज़ार रुपये तक कमाता है। इसके अलावा सरयुग सूरत में गलत लोगों की संगति में आकर षराब, सिगरेट और वयस्क फिल्में देखने का भी आदी हो चुका है।  उससे बात करने पर लगता है कि पूर्णतः वयस्कता प्राप्त कर ली है। हाथ में कीमती मोबाइल पर फूहड़ गीत बजाते हुए गांव-कस्बों से निकलता है, तो तथाकथित समाज के लोग गालियां देते थकते नहीें। पर, भला इसमें सरयुग का क्या दोश ? जब उसकी माली हालत खराब हुई तो कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। किसी ने परिवार वालों को नहीं समझाया कि अभी यह बच्चा है, इसे परदेस कमाने के लिए मत भेजो। इन सवालों में घिरे समाज व सरकार ने आज भी सैकड़ों सरयुग जैसे मासूमों की जिंदगी के सुखद लम्हों को कुंभलाने के लिए छोड़ दिया है। हमारे समाज में पढ़े लिखे लोगों और समाज सेवियों की कमी नहीं हैं। लेकिन वह भी इनके भविश्य को संवारने के बजाय इनके साथ भेदभाव करने से नहीं हिचकिचाते। सरयुग जैसे अनपढ़ ही देष के सामाजिक व आर्थिक विकास में बाधक बनते हंै।   
       
गौरतलब है कि बाल मजदूरों की लंबी सूची है, जो कुपोशित होने के साथ साथ  भुखमरी के कगार पर है। आज भी हमारे देष में खासतौर से गरीब महिलाएं खून की कमी का षिकार होती हैं, तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे स्वस्थ कैसे होंगे ? प्रायः गर्भधारण से लेकर प्रसव के दौरान मरने वाली महिलाओं की संख्या कम नहीं है। पोशण का सवाल इस बात से सीधे जुड़ा है कि बच्चा जन्म ले पाएगा या नहीं और जन्म ले भी लेता है, तो उसे सही पोशण व सम्मानित जीवन जीने का अधिकार मिलेगा या नहीं, यह कहना मुष्किल है। आंकड़े बताते हैं कि 85 प्रतिषत से लेकर 90 प्रतिषत बच्चे 6 वर्श से कम उम्र में ही मर जाते है।
            
सबसे आष्चर्यजनक तथ्य तो यह है कि खाद्य सुरक्षा व बाल विकास परियोजना के तहत चल रहे ‘आंगनबाड़ी केंद्र’ पर बच्चों को दिया जाने वाला पोशाहार और अन्य सामग्रियां सिर्फ नाम मात्र के लिए ही मिलती है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए आने वाली सामग्रीम या तो बेच दी जाती है या फिर कागज़ी खानापूर्ति कर दी जाती है।  ऐसे में गरीब झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवार के बच्चों को खाद्य सुरक्षा की गारंटी मिलेगी, कहना मुष्किल है। मौजूदा हालात में ऐसे परिवार अपने बच्चों को पेट की खातिर मजदूरी करने के लिए नहीं भेजंेगे तो क्या करेंगे? 
           
ज्यादातर बाल मजदूर गरीबी के कारण हजारों की संख्या में अन्यत्र राज्यों में पलायन कर रहे है। कमोबेष सभी राज्यों से गरीब ,भूमिहीन, आदिवासी, दलित एवं पिछड़ी जातियांे  से हजारों की तदाद में बच्चे पलायन कर दिल्ली, मुबंई, कोलकाता, आदि जगहों पर आधी मजदूरी में काम करने को मजबूर हैं। सर्वषिक्षा अभियान कार्यक्रम 6 से 14 वर्श के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य षिक्षा देने की बात करता है। दूसरी ओर पलायन कर रहे बच्चे या तो अषिक्षित हैं या फिर बीच में ही पढ़ाई छोड़कर अपने पेट की आग बुझाने को विवष हैं। वस्तुतः गरीब के भूखे बच्चों को हाथ से काम छीनकर जर्बदस्ती किताब पकड़वाने से अच्छा होता कि षिक्षा को श्रम से जोड़कर एक नई परिभाशा गढ़ी जाती। रोटी बिना किताब किस काम की। किसी उर्दू षायर ने ठीक ही कहा है-

‘जब चली ठंडी हवा, बच्चा ठंड से ठिठुर गया।
मां ने अपने लाल की तख्ती (स्लेट) जला दी रात को।’






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अमृतांज इंदीवर
(चरखा फीचर्स)

विशेष आलेख : भारत बन रहा है नेपाल का मजबूत सहारा

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प्राय: कहा जाता है कि जिस देश की बुनियाद मजबूत होती है, उसे कोई भी हिला नहीं सकता। किसी भी उत्थान के लिए भूमि का मजबूत होना अत्यंत जरूरी माना जाता है। लेकिन अगर किसी देश की जमीन ही हिल जाए तो उसके तमाम विकसित अवधारणाएं धराशायी हो जाती हैं। वर्तमान में नेपाल में जिस प्रकार की तीव्रता के साथ जमीन हिली है, उससे उसके पांव डगमगा गए हैं। उसे खड़ा करने के लिए एक मजबूत सहारे की तलाश है। विश्व के अनेक देशों में नेपाल की दशा सुधारने की कवायदें हो रहीं हैं, लेकिन भारत ने जिस त्वरित गति से नेपाल की इस भयावहता को महसूस किया है, वैसा संभवत: अन्यत्र दिखाई नहीं देता। भारत द्वारा इस प्रकार की सक्रियता के पीछे स्वाभाविक प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन विश्व के अनेक देशों के अपने निहितार्थ हो सकते हैं। 
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से नेपाल के प्रति दर्द को व्यक्त किया है, वैसा किसी अपने के अंदर ही होता है। 

हम जानते हैं कि भारत और नेपाल सांस्कृतिक धारणा को लेकर एक जैसा वातावरण अपनाए हैं। जब दोनों देशों की कार्यविधि में इतना सांमजस्य है, तब व्यावहारिक निकटता हो ही जाती है। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह निकटता केवल सरकारी स्तर ही नहीं है, बल्कि भारत का आम जनमानस भी नेपाल के दर्द में समान रूप से दुख का अनुभव कर रहा है। देश भर में वैश्विक उत्थान और सेवा कार्यों के प्रति समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने नेपाल में जो अभूतपूर्व सेवा की है, वह जिन आंखों ने देखा है, वह मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहा है। वैसे संघ का प्रारंभ से ही इस बात पर बल रहा है कि सेवा कार्यों को करते समय कभी भी प्रसिद्धि पाने की आकांक्षा नहीं रहना चाहिए। आज तक संघ ने जितने भी सेवा कार्य किए हैं वह सभी पूरी तन्मयता के साथ किए हैं। संघ के कार्यों में समर्पण होता है। यह समर्पण भाव का होता है, जिस संस्था में विश्व के कल्याण का सकारात्मक भाव होता है, उसके अंदर ही यह समर्पण का भाव प्रकट होता है। परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई के भाव को अंगीकार करते हुए संघ अपने सेवा कार्यों को करता है। सेवा कार्य करते समय संघ किसी का संप्रदाय नहीं देखता। भारत के अनेक शहरों में घर घर जा रहे संघ के स्वयंसेवक नेपाल को सहायता करने के लिए परिश्रम कर रहे हैं।

केवल इतना ही नहीं भारत में अन्य गैर सरकारी संगठन भी नेपाल के प्रति अपनी सहानुभूति का प्रदर्शन कर रहे हैं। कई शहरों में यह संगठन में नेपाल के लिए सहायता एकत्रित कर रहे हैं। अब सवाल यह आता है कि नेपाल के प्रति भारत में इस प्रकार का भाव क्यों हैं। इसके पीछे निश्चित ही भारत और नेपाल का वह सांस्कृतिक तादात्म्य है, जो एकरूपता के प्रदर्शन के साथ निकटता का दर्शन कराते हैं।

नेपाल में चाहे विदेशी राहत टीमों को नेपाल सरकार ने यह कहकर अपने देश जाने के लिए कह दिया है कि अब नेपाल को बाहर की राहत टीमों की आवश्यकता नहीं है। सात हजार से अधिक लोग भूकंप के कारण मौत के हवाले हो गए है और हजारों की संख्या में घायल होकर मौत से जूझ रहे हैं। अब भी कई लोगों के मलबे के अंदर दबे होने की आशंका है। हाल ही में 102 वर्षीय वृद्ध आठ दिन बाद जिंदा मलबे से निकाला गया। इस प्रकार और भी लोग मलबे में दबे हुए हैं। जब जापान में नागासाकी-हिरोशिमा के एक लाख से अधिक लोग द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिकी अणु बम से मारे गए थे। उसकी याद में अब भी हर वर्ष जापानी अणु बम में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हंै। नेपाल की त्रासदी की सबसे अधिक चिंता भारत के लोगों को है। भारत ने सबसे पहले नेपाल को सहायता पहुंचाई। अभी हाल ही में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों से भी नेपाल में जो लोग मृत्यु की भेंट चढ़ गए है, लाखों लोग बर्बाद हो गए, उनके आशियाने प्रकृति ने छीन लिए, उन्हें इन राज्यों द्वारा आर्थिक एवं अन्य मदद दी जा रही है। नेपाल की त्रासदी की पीड़ा जितनी नेपाल को है उतनी ही भारत में दिखाई दे रही है। सरकार और सामाजिक संस्थाएं नेपाल की पीडि़त जनता के लिए धन संग्रह कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा भारती के माध्यम से पीडि़तों के लिए दान प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार नेपाल सरकार ने चाहे विदेशी राहत टीमों को वापस जाने के लिए कह दिया हो, लेकिन भारत से लगातार सहायता की खेप नेपाल पहुंच रही है। 

चीन ने भी सहायता के लिए चीनी टीमें भेजी है। भारत द्वारा लगातार सहायता भेजने का सिलसिला चल रहा है। नेपाल के लोग और वहां की सरकार भी भारत की सरकार और श्री मोदी को सहयोग के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। चीन और अन्य देश चाहे कूटनीति दृष्टि से नेपाल को सहयोग दे। भारत के लोगों का सांस्कृतिक संबंध नेपाल से रहा है। हम कह सकते है कि नेपाल और भारत के रिश्ते अटूट है। हिन्दुओं की आस्था जितनी पशुपतिनाथ के प्रति है उतनी ही काशी विश्वनाथ के प्रति है। सांस्कृतिक अटूट संबंध होने से चाहे नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल होती रहे, लेकिन भारत के साथ नेपाल के रिश्ते टूटते नहीं है। भारत का कूटनीतिक स्वार्थ नेपाल के लिए नहीं है। इसलिए भारत के प्राय: सभी सामाजिक और धार्मिक संगठन और सरकार नेपाल को अधिक सहायता पहुंचाने में जुटे हुए हैं। भाजपा के सांसद, विधायकों ने एक माह का वेतन राहत कोष में दिया है। छोटे-बड़े अफसर, कर्मचारियों ने भी अपने वेतन की राशि राहत कोष में अर्जित की है। भारत की सहायता सहयोग से नेपाल के पीडि़त बंधुओं को मदद मिले। नेपाल भी पहले से अधिक ऊर्जा से उठकर खड़ा हो, यही भारत सरकार और जनता की इच्छा है।



सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी उत्तरप्रदेश
09425101815

आलेख : किस पर करें विश्वास?

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आप(आम आदमी पार्टी) का विवादों से बहुत पुराना नाता है। एक न एक विवाद में ये फसें ही रहते हैं। अभी हाल में कानून मंत्री जितेद्र सिंह पर उनकी डिग्री फर्जी होने का आरोप लगा था। जिसे लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा। मीडिया में काफी चर्चा रही। फिर एक नया मामला सामने आ गया। इस बार आरोप आम आदमी पार्टी की महिला कार्यकर्ता का कथित तौर पर कुमार विश्वास से अवैध संबन्ध का है। जिसे लेकर काफी हंगामा हो रहा है। महिला कार्यकर्ता कह रही हैं कि ये पूरी तरह से अफवाह है। इस अफवाह की वजह से उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो रही है। महिला पति ने उसे घर से निकाल दिया है। उस महिला ने कुमार विश्वास की पत्नी पर संबंधों को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप भी लगाया गया है। साथ ही कहा कि कुमार विश्वास इसपर पूरी तरह सफाई दे। ताकि उसकी जिदंगी बर्बाद होने से बच जाए।

जब महिला ने मीडिया के सामने बयान दिया तो उसका कहना था कि उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। ये वही पार्टी है जो महिलाओं की सुरक्षा और हितों के लिए बात करती रहती है। लेकिन आज इस मामले ने झकझोर कर रख दिया है। आखिर किस पर विश्वास किया जाए। एक तरफ महिला न्याय के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री का दरवाजा भी खटखटया पर नतीजा शून्य था। आप नेता कुमार विश्वस से मिलने घर गई वहां भी वो नही मिल पाई। इस पूरे प्रकरण में महिला आयोग से नोटिस भी जारी होने की बात हुई। महिला का कहना है कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर बदनाम करने की उसे कोशिश की जा रही है, उसकी सार्वजनिक तौर पर कुमार विश्वास खण्डन करे। बात भी सही है अगर आप ने कोई गलती नही की तो डर किस बात का है। मैने ऐसा कुछ नही किया कहने में क्या बुराई है।

महिला आयोग के नोटिस को लेकर मीडिया ने जब बात की तो, इतना गम्भीर अपने आप को रखने वाले विश्वास भी झल्ला उठे। मीडिया से पूंछ लिया कि आप के घर में मां बहन नही हैं क्या? वाह क्या बात है। आप कह रहे हैं कि आरोप लगाया जा रहा है तो खंडन कर दो आरोपों का। इसमें मीडिया पर क्यों भड़क रहो हो साहब। मीडिया ने क्या बिगाड़ा है। महिला के अनुसार तो इस धुएं की शुरूआत तो आप के घर से हुई है। आप की पत्नी ने ये आरोप लगाया है। फिर एक नया वीडियों सामने आया जिसमें मीडिया से बात करने से पहले एक व्यक्ति उसको समझा रहा है कि क्या बोलना है। इस मामले को लेकर पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने अपने नेता के बचाव में पत्रकार वार्ता में कहा यह आरोप पूरी तरह से फर्जी और बेबुनियाद है। इस आरोप का कोई आधार नहीं है कृपया हमारे परिवारों को बख्श दें। तो यही बात वह महिला भी कह रही है। कि ये बेबुनियाद है, इस पर सफाई दे और मेरे परिवार को टूटने से बचाएं।

खैर इस मामले में राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटियां सेकने लग गई हैं। आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। हर जगह विश्वास और पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। महिला का आरोप है कि उसे लगातार धमकी मिल रही हैं। आप नेता कुमार विश्वास ने सफाई देते हुए कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है और यह सब उन्हें और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। लेकिन महिला विश्वास की पत्नी पर आरोप लगा रही हैं। ये माजरा तो घहराता जा रहा हैं कि अब आखिर किसपर विश्वास करें।



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रवि विनोद श्रीवास्तव
Email-ravi21dec1987@gmail.com
.लेखक, कवि, व्यंगकार, कहानीकार 
फिलहाल एक टीवी न्यूज ऐजेंसी से जुड़े हैं।
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