बेटी को विधवा दर्शाकर लगाई पेंशन, -पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लाक का है मामला
- -प्रधान व पूर्व प्रधान के कारनामे हुए उजागर, -वर्तमान प्रधान की पत्नी ही है पूर्व प्रधान
समाज कल्याण विभाग की आठ सौ रुपया प्रतिमाह मिलने वाली विधवा पेंशन के लिए यदि कोई दंपति अपनी तलाकशुदा पुत्री को विधवा साबित कर दें, तो इससे बड़ा घिनौना कृत्य क्या हो सकता है। लेकिन पौड़ी जनपद के कल्जीखाल विकासखंड के ग्राम मरोड़ा में वहां के पूर्व प्रधान व मौजूदा प्रधान द्वारा फर्जीवाड़े की तमाम हदों को लांघते हुए अपनी पुत्री को विधवा साबित कर दिया गया। हैरान कर देने वाली बात यह है कि पूरी तरतीब के साथ चलाए गए इन फर्जी कागजी घोड़ों पर ब्लाक प्रशासन, तहसील व समाज कल्याण विभाग की नजर नहीं पड़ पाई। गौरतलब है कि इस ग्राम पंचायत के मौजूदा प्रधान की पत्नी ही पूर्व प्रधान है। लोक सूचना अधिकार अधिनियम से जानकारी लेने पर अनेक खुलासे के बाद अब ग्रामीणों द्वारा इस दंपति के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की जा रही है। आरटीआई से हुए खुलासे के मुताबिक प्रधान व पूर्व प्रधान दंपति द्वारा अपने जीवित तलाकशुदा दामाद को मृत घोषित कर अपनी पुत्री को विधवा प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। उसके बाद अपनी पुत्री के नाम पर समाज कल्याण विभाग की विधवा पेंशन भी लगा दी गई। प्रधान व पूर्व प्रधान द्वारा दस्तावेजों पर छेड़छाड़ कर विकासखंड से लेकर समाज कल्याण विभाग व राजस्व प्रशासन की आंख में भी धूल झोंक दिया गया। जानकारी के मुताबिक वर्तमान प्रधान व पूर्व प्रधान दंपति की पुत्री का विवाह रामनगर निवासी एक युवक के साथ हआ था, लेकिन दोनो के मध्य तालमेल न हो पाने के कारण न्यायाधीश परिवार न्यायालय पौड़ी में 8 फरवरी 2008 में दोनों का तलाक हो गया। फैसले के मुताबिक न्यायालय द्वारा भरणपोषण के लिए उसके पति को परित्यका पत्नी के नाम चार लाख पचास हजार की एफडीआर करने के आदेश भी दिए गए थे। बेटी को समाज कल्याण विभाग की विधवा पेंशन का हकदार बनाने के लिए प्रधान दंपति द्वारा रामनगर जिला नैनीताल निवासी अपने तलाकशुदा दामाद को पौड़ी तहसील के मरोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम तोली का मूल निवासी बना दिया गया। इसके बाद 12 नवंबर 2008 को तलाकशुदा दामाद को ग्राम सभा के अंतर्गत ही बाडि़यूं में मृत घोषित कर बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं पुत्री के नाम तहसील कोटद्वार से फर्जी आय प्रमाणपत्र भी बनवा दिया गया। इन तमाम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रधान दंपति द्वारा समाज कल्याण विभाग से अपनी तलाकशुदा पुत्री के नाम विधवा पेंशन भी लगवा दी गई। मरोड़ा ग्राम पंचायत निवासी सुरेंद्र सिंह पटवाल व प्रवेंद्र सिंह नयाल द्वारा इस बाबत विभिन्न कार्यालयों में सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां एकत्र की गई। आरटीआई से मिली जानकारियों के आधार पर सुरेंद्र सिंह व प्रवेंद्र सिंह ने इस संगीन मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा कराए जाने व इस मामले में पद का दुरपयोग करने संबंधी आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है।
सीबीआई से कराओ रूबी कांड की जांच, डीजीपी बोले, मामले के खुलासे के दावे साबित हवाई
- एक वरिष्ठ आईएस पर रूबी ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप, बड़े लोगों पर हाथ डालने से कतरा रही उत्तराखंड की पुलिस
- आरोपी महिला शुरूआत से कर रही सीबीआई जांच की मांग, पुलिस मुख्यालय ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी सिफारिश
देहरादून,6 मई(निस)। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में घुसपैठ के मामले की जांच से उत्तराखंड पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए है। डीजीपी बीएस सिद्धू ने राज्य के गृह मंत्रालय से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है। अकादमी में एक महिला रूबी चैधरी की कथित घुसपैठ मामले की जांच से उत्तराखंड पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। पुलिस सवा महीने से इस मामले की जांच कर रही है और पुलिस की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे। इस मामले में आरोपी महिला रूबी पहले रोज से ही अकादमी के उप निदेशक और वरिष्ठ आईएएस सौरभ जैन पर गंभीर आरोप लगाती रही है। रूबी का कहना था कि उत्तराखंड पुलिस बड़े अफसर पर हाथ नहीं डाल रही है। ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई से ही करानी चाहिए। ताकि असली आरोपी का चेहरा सामने आ सके। हमने पहले ही लिखा था कि सीबीआई से मामले की जांच होने से ही इसके रहस्य से परदा उठ सकता है। इसके बाद भी पुलिस के अफसर अपने दावे करते रहे। सूत्रों ने बताया कि अब पुलिस ने हार मान ली है। डीजीपी ने राज्य के गृह मंत्रालय को भेजी अपनी सिफारिश में कहा है कि इसकी जांच सीबीआई से ही कराई जाए। शायद यह पहला मौका होगा, जबकि पुलिस ने मुखिया ने खुद ही किसी मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि डीजीपी की सिफारिश पर सरकार का क्या रुख रहता है।
लक्ष्मी की हत्या से लेकर जस्से की मौत तक राजनीति बस सियायत और सियायत
- - युवक की मौत को भुनाने की कोशिश में सियासतदां
- कभी नौजवान पिटवाए तो कभी सहानूभूति लेने की होड़
किच्छा (ऊधमसिंह नगर),6 मई(निस)। ग्राम नारायणपुर कोठा निवासी दलित महिला लक्ष्मी देवी की निर्मम हत्या से लेकर पुलिस हिरासत में जस्से की मौत तक पूरे प्रकरण में सूबे के दोनों प्रमुख दलों में जनता की सहानूभूति का श्रेय लेने की होड़ लगी रही है। इसे लेकर भाजपा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक दूसरे पर बांहें चढ़ाने से भी बाज नहीं आए। 36 वर्षीय लक्ष्मी की मौत बीते 12 मार्च की बेहरमी के साथ कर दी गई थी। दलित महिला हत्याकांड को खोलने के लिए पुलिस पर भारी दबाब था। इसका दोनों दलो ने इस समय का भरपूर फायदा उठाते हुए चुनाव के समय की खुन्नस को निकालने का खेल शुरु किया। नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने नेताओं के कहने पर ग्राम लालपुर, रामेश्वरपुर आदि क्षेत्रों से लगभग 80 से 100 नौजवान, अधेड़ों को पूछताछ के नाम पर बुरी तरह पीटा। पुलिस की पिटाई के शिकार कुछ युवकों ने बताया कि उन्हे चुनावी रंजिश के चलते नेताओं ने पुलिस से पिटवाया। पुलिस ने उन्हें कलकत्ता चैकी ले जाकर उनके साथ अमानवीय अत्याचार किया। आखिरकार इसी कड़ी में सोमवार रात ग्राम रामेश्वरपुर के पूर्व प्रधान इकबाल सिंह के पुत्र जसविंदर सिंह उर्फ जस्से की मौत हो गई। इकबाल सिंह ने सीओ सितारगंज जेआर जोशी, एसएसआई कमालखान, लालपुर चैकी इंचार्ज मनोज कुमार व अन्य को उसकी मौत का जिम्मेदार बताया। मृतक जस्से के भाई दलजीत ने एसएसपी के सामने चीख- चीख कर कहा कि चुनावी रंजिश के चलते ही उसके भाई को पुलिस से उठवाया गया था। जस्से की पुलिस हिरासत में मौत के बाद जहां एक तरफ सत्ता पक्ष के लोग शासन -प्रशासन को पाक साफ साबित करने में जुट गए। वहीं विपक्ष के नेताओं को बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया। लक्ष्मी देवी व जस्से की हत्या के बाद आए मुआवजे के चेक के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के नेताओ में ऐसी ओछी राजनीति का खेल खेला गया जिसे देख कर सभी लोग दंग रह गए। गुरुवार पीडि़त परिवार ने सत्ता तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना देने का मन बनाया। इस बीच कांग्रेस के सौरभ बहुगुणा अपने पिता पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के दूत बनकर मृतक के घर पहुंचे और पीडि़त परिवार को कुछ समय इंतजार करने मना लिया। इधर भाजपा के नेता एक फिर सत्ता के खिलाफ नारेबाजी करने से नहीं चूकना चाहते थे। बाजी बिगड़ती देख भाजपा के विधायक राजेश शुक्ला ने पीडि़त परिवार को कोतवाली में धरना देकर आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी करने की मांग पर डटे रहने को कहा। जस्से का परिवार विधायक शुक्ला के साथ आरोपियों को सजा दिलाने के लिए धरने पर जाकर बैठ गया। पूरा दिन धरने पर बैठने के बाद अंत में पीडि़त परिवार को मनाने आए डीआईजी पुष्कर सिंह सैलाल ने 10 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया। लेकिन अगुवाई कर रहे विधायक राजेश शुक्ला आरोपियो की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़ गए। गर्मा गर्मी के बीच शुक्ला ने डीआईजी से बंद कमरे में वार्ता करने को कहा। इस प्रस्ताव को डीआईजी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। बंद कमरे में विधायक की लगभग दो घंटा डीआईजी, डीएम व एसएसपी के साथ मैराथन बैठक चली। इसके बाद आरपार की लड़ाई का वास्ता देकर धरना स्थल तक पीडि़त परिवार को लाए विधायक ने हथियार डाल दिए। अब पीडि़त परिवार को अहसास हो चला था कि वह राजनीतिक दलों का शिकार बन रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। न्यायालय ने उनकी रिट को स्वीकार करते हुए उन्हे तुरंत सरकारी सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से 10 मई तक जबाब मांगा है। लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक दल बाज नहीं आ रहे है। मृतक जस्से के पिता इकबाल सिंह के मना करने के बावजूद चार मई को विधायक राजेश शुक्ला ने आरोपियों की गिरफ्तारी व सीबीआई की जांच की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ कोतवाली परिसर में धरना दे दिया। जबकि इकबाल सिंह का कहना है कि उनका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। अब न्यायालय कर जो भी आदेश होगा वह उसे मानेंगे। इसलिए वह धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नही रहता। एसएसपी नीलेश आनंद भरणे की वार्ता के बाद विधायक ने धरना समाप्त कर दिया। जाहिर है कि सियासी लोग युवक की मौत को अपने सियासी फायदे के लिए भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है आखिर कब लाशों पर कुर्सी के पाए धरे जाते रहेंगे।
पूर्व जिलाधिकारी पुरुषोत्तम ने कराई थी पाश्र्वनाथ बिल्डर की जमीन की जांच, डीएम सर ! एक और फाइल दबी है आपके दफ्तर में
- सहस्त्रधारा रोड पर किसानों से खरीदी थी 200 बीघा जमीन, बाद में इस जमीन का लैंडयूज चेंज कराया गया एसईजेड में
- अब जमीन पर खड़ी की जा रही बहुमंजिली आवासीय कालोनी, इसी तरह दबी थी पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच भी
देहरादून,6 मई(निस)। देहरादून में जमीनों को खुर्द-बुर्द करके बहुमंजिले आवासीय फ्लैट खड़े किए जा रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की जमीनों का खेल भी अजीब है। बताया जा रहा है कि सहस्त्रधारा रोड पर पार्श्वनाथ बिल्डर के फ्लैट की जमीन में भी कुछ झोल है। पूर्व डीएम बीवीआर पुरुषोत्तम के समय में इस जमीन की जांच भी कराई गई थी। लेकिन बाद में यह जांच रिपोर्ट भी पनाश वैली की जांच रिपोर्ट की तरह ही फाइलों में दब गई। मौजूदा डीएम ने पनाश वैली की फाइल तो खोल दी। लेकिन पार्श्वनाथ बिल्डर की फाइल अभी दबी हुई है। सूत्रों ने बताया कि पार्श्वनाथ बिल्डर ने पांच-छह साल पहले सहस्त्रधारा रोड पर किसानों से लगभग दो सौ बीघा जमीन खरीदी थी। कृषि जमीन को सीधे तौर पर व्यावसायिक आवास के लिए उपयोग करने को सरकार की अनुमति जरूरी होती। नियमानुसार ऐसा किया जाना आसान नहीं था। लिहाजा बीच का रास्ता निकाला गया। अफसरों से मिलीभगत करके इस जमीन का लैंड यूज एसईजेड (स्पेशल इकनामिक जोन) करवा लिया गया। इसके बाद इस जमीन का अधिकांश हिस्सा उद्योगों को ही दिया जाना था। कुछ जमीन आवासीय कालोनी के लिए भी प्रयुक्त हो सकती है। बताया जा रहा है कि अब बिल्डर ने पूरी जमीन पर ही आवासीय फ्लैट बनाने की तैयारी कर कर ली है। निवर्तमान जिलाधिकारी बीवीआर पुरुषोत्तम को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी जांच कराई। इस जांच में यह देखा गया कि बिल्डर से एसईजेड की शर्तों का उल्लंघन तो नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट में एसईजेड की कई शर्तों को पालन ही नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि तत्कालीन डीएम के समय में ही यह जांच रिपोर्ट फाइलों में दब गई। सूत्रों का कहना है कि अगर उस जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने कोई एक्शन लिया होता तो आवासीय कालोनी पर रोक लगाई जा सकती थी। लेकिन फाइल दबी है और बिल्डर अपने काम में लगा है। बताया जा रहा है कि पनाश वैली की जांच भी पुरुषोत्तम के डीएम रहते ही हुई थी। लेकिन बाद में रिपोर्ट को दबा दिया गया था। मौजूदा डीएम रविनाथन ने इस दबी रिपोर्ट को बाहर निकाला तो पता चला कि क्या-क्या गड़बड़ियां की गईं हैं। इसके बाद ही पनाश वैली प्रोजेक्ट के खिलाफ एक्शन तेज किया गया। माना जा रहा है कि अगर डीएम ने इस पार्श्वनाथ बिल्डर की दबी पड़ी जांच रिपोर्ट से धूल साफ कराई तो इस प्रोजेक्ट की कई खामियां सामने आ सकती है।
गायब हो गए सैकड़ों पेड़
इस जमीन पर सैकड़ों की संख्या में फलदार पेड़ लगे हुए थे। लेकिन आज इस पूरी जमीन पर एक भी पेड़ नहीं दिख रहा है। ये पेड़ कहां गए और किसकी अनुमति से काटे गए, बिल्डर से इस बारे में कोई पूछने वाला नहीं है। अगर जांच होती है तो यह भी पूछा जाएगा कि पेड़ आखिर गए कहां।
पट्टा निरस्त, अब क्या होगा पनाश वैली का
प्रशासन के एक फैसले बहुचर्चित पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट का भविष्य चैपट होता दिख रहा है। प्रशासन ने चालंग गांव में 2007 में दिए गए एक पट्टे को निरस्त कर दिया है। अहम बात यह बताई जा रही है कि इस प्रोजेक्ट की तमाम जमीन इसी पट्टे के आधार पर थी। इसी जमीन की कई बार खरीद-फरोख्त की गई। नियमानुसार इस जमीन का मालिकाना हक अब सरकार के पास आ गया है। ऐसे में इस पट्टे वाली जमीन पर बने फ्लैट्स खरीदने वालों का पैसा डूब जाएगा। यहां लोगों ने सवा करोड़ रुपये तक के फ्लैट्स खरीदे हैं। प्रशासन के इस फैसले इस प्रोजेक्ट में फ्लैट या जमीन खरीदने वालों में हड़कंप मचा है।
बढने लगी चोरियां, सत्यापन मुहिम हाशिए पर पुलिस का अधिक समय जुलूस-प्रदर्शनों मंे व्यतीत
- क्राईम कंट्रोल में अकुशल हैं अधिकांश पुलिसकर्मी
देहरादून,6 मई(निस)। गर्मियांे का मौसम हो और दून में चोरियां न हों, यह मुमकिन नहीं है। पुलिस अधिकारी भी इस सत्य से भली-भांति वाकिफ हैं और गर्मियां शुरू होने से पूर्व ही थानेदारों को इस दिशा में सतर्क रहने के निर्देश भी देते हैं। किंतु जिस जनपद की पुलिस पहले से ही जुलूस-प्रदर्शनों एवं वीआईपी ड्यूटी में अपना सारा समय बिता रही हो उससे अपराध् उन्मूलन की उम्मीद कैसे की जा सकती है? और हो भी यही रहा है। चोरियों की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कार्यनीति नहीं बन पा रही है। इसलिए अब चोरियों का छिपाने का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है। हाल ही में ऐसेी कई चोरियों को पुलिस ने छिपाने कोशिश की है लेकिन यह समस्याओं से निपटने का कोई समाधन नहीं है। दून में एकाएक चोरियों का क्रम पिफर से बढने लगा है। सोमवार को एसएसपी ने अपराध समीक्षा बैठक में चोरियों को रोकने के दिशा-निर्देश दिए और इधर अगले ही दिन ही तीन चोरियों के मामले प्रकाश में आए। इनमंे एक चोरी को छिपाने का प्रयास किया गया था। इससे पूर्व भी चोरियांे का क्रम चलता आ रहा था। दून पुलिस के लिए सबसे बड़ी समस्या बाहरी लोगों का आगमन बना हुआ है। दून में अब आम एवं लीचियांे का मौसम शुरू होने जा रहा है। दून में सैकड़ों बाग हैं जहां आम-लीची तोड़ने का काम बाहरी लोग करते हैं। यही बाहरी लोग अक्सर दून में ऐसी घटनाएं कर जाते हैं जो कभी खुल नहीं पाती। ऐसे बाहरी लोगों के सत्यापन में भी पुलिस अब तक पिछड़ती ही आई है। अक्सर यह लोग लूट-डकेती एवं चोरियों की वारदातों को करने के बाद आम-लीची के बागों में आकर छिप जाते हैं। पुलिस एकाध दिन हाथ-पैर मारती है और पिफर शांत बैठ जाती है। दून घाटी में ऐसे कई गिरोह आज भी सक्रिय हैं जो अलग-अलग तरीकों से घरों एवं दुकानों में चोरी करते हैं। कुछ बंद घरांें चोरी करते हैं तो कुछ घर के लोगों की मौजूदगी में भी हाथ साफ कर देते हैं। चोरियों की अपेक्षा पुलिस के खुलासों की उपलब्ध् िबेहद निराशाजनक है। चोरियों का आंकड़ा लगातार बढ रहा है और पुलिस की असफलताओं का भी। अक्सर पुलिस अधिकारी सत्यापन का अभियान चलाए जाने का दावा करते हैं, लेकिन यह कड़वा सच है कि सत्यापन अभियान को महज औपचारिकताओं के बीच ही निपटाया जा रहा है। हर थाना क्षेत्र में ऐसे हजारों किराएदार हैं जिनका आज तक सत्यापन ही नहंी हुई। मजदूरों, फड़-फेरी लगाने वाले जैसे अन्य लोगों की तो बात ही छोडि़ए। सत्यापन अभियान ही एकमात्र एक ऐसा काम है जिसके माध्यम से कुछ हद तक बाहरी लोगों की आमाजिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है, लेकिन यही महत्वपूर्ण कार्य पूरी निष्ठा एवं कर्तव्यनिष्ठा से नहंी हो रहा है। जिस गति से दून में पिछले दस दिनों में चोरियों की घटनाएं प्रकाश में आई हैं उससे साफ संकेत मिलने लगे हैं कि दून वासियों के घर अब सुरक्षित नहीं हैं। यह क्रम अभी बढ़ने वाला है, लिहाजा अपने घरों की सुरक्षा के प्रति कम से कम तीन महिने बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस चोरी-चकारी रोकने से कहीं अधिक व्यस्त ऐसे कामों में हैं जिससे आम जन का कोई लेना-देना नहीं है। मसलन जुलूस-प्रदर्शन, वीआईपी कार्यक्र्रम, वीआईपी लोगांे की सुरक्षा एवं अन्य। अधिकांश समय ऐसे ही कामों में निकल जाता है, उस पर चोरी एवं अन्य आपराध्कि घटनाओं से जूझने के प्रति अकुशलता भी एक अहम कारण बन रहा है।
तलाशती रही पुलिस, मामा के घर मिली महिला 12 घंटे तक पुलिस की हुई फजीहत
देहरादून,6 मई(निस)। बड़कोट से विकासनगर के लिए निकली महिला श्रीमती आषा देवी को पुलिस ने खोज निकाला है। फिलहाल महिला द्वारा रचे गए इस घटनाक्रम को लेकर पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है लेकिन बताया जा रहा है कि महिला बिना किसी को बताए अपने मामा के घर चली गयी थी। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा रहा है कि कहीं न कहीं इस पूरी कहानी के पीछे कोई बड़ा झोल छिपा हुआ है हालांकि पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखे जाने के 12 घण्टे बाद आशा के सामने आ जाने के बाद पुलिस ने जरूर चैन की सांस ली है। बता दें कि श्रीमती आशा देवी पत्नी श्री लोकेन्द्र निवासी ग्राम कादीपुर ,थाना भोपा , जिला मुजफरनगर अपने मायके ग्राम सिड़क थाना बड़कोट एक विवाह समारोह में आयी थी और 30 अप्रैल को बड़कोट से विकासनगर जाने के लिए निकली थी जहां उसे अपने पति के पास जाना था। बड़कोट से निकलने के बाद भी आशा देवी विकास नगर नही पहुंची , परिजनों द्वारा कापफी खोजबीन के बाद भी आशा का जब पता नही चला तो उसके पति और मायके पक्ष से माता पिता थाना बड़कोट में पहुंचे जहां पर उसका हुलिया दिया गया। पुलिस ने भी आशा देवी के बारे में तमाम जगहों पर पता लगाने का प्रयास किया। आखिरकार 12 घंटे बाद आशा पुलिस को मिल गयी। सारी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पुलिस ने आशा को उसके माता पिता के हवाले कर दिया। फिलहाल इस मामले में अभी कई रहस्य छिपे हुए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर आशा विकासनगर में अपने पति के पास न जाकर सीधे अपने मामा के घर क्यों चली गयी और क्यों उसने इस बात की सूचना अपने पति को नहीं दी। पूरे मामले में पुलिस आशा के सकुशल मिलने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।
चंद मिनटोें मंे चुरा ले गए बाईक
देहरादून,6 मई(निस)। एक तरफ घरों मंे चोरियों की घटनाएं और दूसरी तरपफ नगर मंें वाहन चोर और टप्पेबाज भी सक्रिय। पटेलनगर क्षेत्र में चोरेां ने बंैक आए एक व्यक्ति की बाईक चोरी कर ली है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गांधी ग्राम निवासी मोहम्मद राशिद अपने काम से बैंक आए थे। बैंक के बाहर बाईक खड़ी करने के कुछ देर बाद जब वह वापस लौटे तो उनकी बाईक संख्या यूके 07 एएफ 7014वहां से गायब हो चुकी थी। चंद मिनटों में ही वाहन चोरों ने उनकी बाईक चोरी कर ली थी। आसपास के लोगांे से पूछताछ की गयी लेकिन बाईक के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
गाजियाबाद पुलिस दून के लिए हुई रवाना
देहरादून। डालनवाला थाना क्षेत्रा में कल प्रकाश में आए सामूहिक दुराचार मामले में जांच गाजियाबाद पुलिस को सौंपी जा रही है। वहीं एसएसपी गाजियाबाद से भी संपर्क साधा गया है जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस की एक टीम देहरादून के लिए आने की बात कही जा रही है। डालनवाला पुलिस के अनुसार युवती के आरोपों के बाद कल उससे अस्पताल में ही पूछताछ भी की गयी। बताया जा रहा है कि युवती एवं उसके कुछ दोस्त कल दिन में गाजियाबाद से दून के लिए आए थे। युवती के अनुसार इसी दौरान उसे कार में ही नशीला पदार्थ पेयजल में दिया गया जिसके बाद उससे सामूहिक दुराचार किया गया एवं बाद में कार में आए उसके साथी उसे रास्ते में ही छोड़ कर वापस चले गए। कल रात युवती ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी। डालनवाला पुलिस ने आज सुबह इस मामले की जानकारी गाजियाबाद के एसएसपी को दी जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस जांच के लिए दून आ रही है।
डोली रथ यात्रा सामाजिक एवं सांस्कृतिक यात्राः सीएम
देहरादून, 6 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को नगर निगम सभागार में श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली की 16वीं रथयात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी यात्राएं हमारी भक्ति भावना को पर्यटन, सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता को एक साथ जोड़ने का प्रयास करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोली रथ यात्रा केवल धार्मिक यात्रा ही नही है, यह एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक यात्रा है। उन्हांेने कहा कि डोली रथ यात्रा जनता से जुड़ने का भी माध्यम है। उन्होंने इसके लिए यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा। हम सभी अपने आस-पास के पर्यटक व तीर्थ स्थलों का भ्रमण करें, इससे अन्तर्राज्यीय पर्यटन की सोच विकसित होगी। राज्य के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री एवं रथ यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा के विषय में बताया कि यह डोली रथ यात्रा विश्व शान्ति एवं देव संस्कृति के उत्थान हेतु तपस्थली विशोन पर्वत से वर्ष 2000 से प्रारम्भ हुई। उन्होंने कहा कि यह रथ यात्रा 5 हजार कि.मी. तय कर 13 जिलों का भ्रमण करेगी। इस वर्ष भी 05 मई 2015 से डोली हरिद्वार से प्रस्थान कर 28 मई, 2015 को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर वापस विशोन पर्वत पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि डोली रथ यात्रा के साथ-साथ जनता की समस्याओं को भी सुना जायेगा। इस अवसर पर मेयर देहरादून विनोद चमोली, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग अशोक वर्मा, विधायक राजकुमार, विधायक ममता राकेश के साथ ही श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
पेट्रो कीमतों के विरोध में कांग्रेस मुखर सभी जिला मुख्यालयों प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन
- मोदी सरकार पर लगाया वायदा खिलाफी का आरोप, कच्चे तेल के दाम कमी के बाद भी बढ़ रही कीमत
देहरादून,6 मई(निस)।प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के विरोध में डीएम आवास प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। कांग्रेस ने पेट्रो पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोत्तरी वापस लिए जाने की मांग की है। कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार को प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट के नेतृत्व में डीएम आवास एकत्रित हुए और पेट्रो पदार्थों के दामों में की गई बढ़ोत्तरी के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों का कहना था कि भाजपा नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देश की जनता से पेट्रोलियम पदार्थो के दाम कम करने के साथ-साथ महंगाई पर नियंत्रण करते हुये आम आदमी को राहत देने का वायदा किया था। आज अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 प्रतिशत की कमी होने के बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार तेल कम्पनियों को फायदा पहुंचाते हुये पेट्रोल डीजल को ऊंची दरों पर बेच कर आम आदमी की जेब पर डाक डाल रही है। आम जरूरत की चीजें सस्ती होने की बजाय और महंगी हो गयी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगातार घटने के बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा उस अनुपात में खुदरा बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी नहीं की गई, जबकि बढ़ती कीमतों का बोझ आम जनता पर डाला जा रहा है। यू.पी.ए. सरकार के समय जब कच्चे तेल की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 159 डाॅलर प्रति बैरल थीं तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखा था। भाजपा सरकार के सत्ता में आने पर जब कच्चे तेल की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग 50 डाॅलर प्रति बैरल तक गिर गई थी, परन्तु खुदरा बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में उस अनुपात में कमी नहीं की गइर्, जिससे यह आम धारणा बन गई कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के हिसाब से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतो में इसलिए कमी नहीं आ रही है कि केन्द्र सरकार बडे़ रसूखदारों, जो इस व्यवसाय से जुडे हैं, उनके दबाव में काम कर रही है और उन्हें फायदा पहुंचाने की नीयत से तेल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। यदि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें उसी अनुपात में कम होती तो सबसे ज्यादा असर गरीब की रसोई पर पड़ता तथा आम आदमी को रसोई गैस सिलेण्डर 200 रूपये से भी कम कीमत पर मिलता साथ ही माल भाडा कम होने से गरीब देशवासियों को मंहगाई से भी राहत मिलती। प्रदर्शन करने के पश्चात कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को इस संबंध में एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन देने वालों में कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी, नवीन जोशी, गोदावरी थापली, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, प्रदेश सचिव गोपाल चमोली, संजय किशोर, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, दीप बोरा, विवेकानन्द खण्डूरी, धर्मसिह पंवार, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, विनय सारस्वत, अल्पसंख्यक अध्यक्ष मंजूर बेग, अमरजीत सिंह, हरपाल सेठी, राजवीर सिह, महावीर रावत, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, सुलेमान अली, सावित्री कपूर, बाला शर्मा, अधीर चमोली, अनिल गुप्ता, अनुराधा तिवारी, गुरनाम सिंह राठौर, पायल बहल आदि शामिल रहे।
किसानों को मुआवजे के चैक बांटे
देहरादून, 6 मई (निस)। तहसील डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत वर्षा तथा ओलावृष्टि से नष्ट हुई किसानों की फसलों का मुआवजा के चैक सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य एवं स्थानीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट द्वारा आज तहसील क्षेत्रान्तर्गत 75 किसानों को वितरित किए गये। इस अवसर पर सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य ने कहा, कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसके निर्माण में किसानों की महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होने कहा किसानों को फसलों के नुकसान से जो आघात पंहुॅचा है, उसकी भरपाई करना सम्भव नही है फिर भी सरकार का एक प्रयास है, कि अपने सीमित संसाधनों से जितना हो सके किसानों की सहायता की जाए। उन्होने विश्वास जताया कि किसानों को मुआवजा राशि मानकों के अनुसार ही वितरण की जा रही है। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये, कि वे यह भी सुनिश्चित कर लें कि कोई भी पात्र किसान मुआवजा राशि पाने से वंचित न रह जाए। उन्होने कहा कि किसानों को उन्नत खेती एवं अन्य उद्यमों का प्रशिक्षण दिया जाए जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत हो सके। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार की भावना है कि ऐसे किसान जिनकी फसल नष्ट हो गयी है को आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होने किसानों को फसल का मुआवजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होने सिंचाई एवं राजस्व मंत्री श्री यशपाल आर्य से अनुरोध किया, कि जिन किसानों के पट्टे की भूमि है तथा उनकी फसल नष्ट हो गयी उनको भी मुआवजा राशि दिलाया जाए।। उन्होने लिस्ट्राबाद से लाल तप्पड़ तक सिंचाई की नहर को भूमिगत करने तथा उस पर फार लेन स्वीकृत करने तथा रानीपोखरी में पाॅलिटैकनिक कालेज खोलने के निर्णय के लिए सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य का एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का आभार व्यक्त किया। उन्होने क्षेत्र में और ट्यूबबेल व नलकूप की लम्बित पड़ी योजनाओं तथा रानीपोखरी पाॅलटैक्निक कालेज का जल्द निर्माण कार्य शुरू करने हेतु अनुरोध किया एवं सौंग एवं सुसवा नदी पर बाढ सुरक्षा कार्य कराने का अनुरोध किया गया। जिस पर सिंचाई एवं राजस्व मंत्री यशपाल आर्य द्वारा पट्टे की भूमि वाले किसानों का मुआवजा देने हेतु वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट एवं प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा वर्तमान में 75 हैक्टयर भूमि पर ट्यूबैल व नलकूप लगाये जाते थे, जिसे सरकार अब 40 से 45 हेेक्ट्यर भूमि पर ट्यूबबैल व नलकूप लगाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होने अधिकारियों को सुसवा एवं सौग नदी पर सुरक्षा दीवार लगाने हेतु की गयी कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिये, तथा क्षेत्रीय विधायक से उक्त स्थलों का निरीक्षण करने हेतु दिन निश्चित करने को कहा। इस अवसर उप जिलाधिकारी डोईवाल वन्दना ने अवगत कराया कि डोईवाला तहसील के अन्तर्गत कुल 3751 काश्तकारों को एन.डी.आर.एफ से 1,31,38,897 की धराराशि तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से रू0 43,703 की धनराशि, कुल 1,32,82,600 रू0 की मुआवजा राशि के चैक वितरित किये जा चुके है जिनमें सिंन्धवाल गांव के 97, दूधली 387, रामनगर डाण्डा 541, सनगांव 256, जौलीग्रान्ट 212, मारखमग्रान्ट-प्प् 312, मारखमग्रान्ट प् 186, अठूरवाला 964, माजरीग्रान्ट 796 काश्तकारों को मुआवजा राशि चैक वितरित किये गये। उन्होने बताया कि डोईवाला क्षेत्रान्तर्गत 62 गांव जिनमें से 59 गांव के काश्तकारों मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है तथा शेष तीन गांव के काश्तकारों को 10 मई से पहले मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी। उन्होने कहा कि यह मुआवजा लेखपालों द्वारा क्षेत्र में सर्वेक्षण कर उपलब्ध कराई गयी रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है। इस अवसर पर ब्लाक अध्यक्ष कांग्रेस मनोज नौटियाल, तहसीलदार गुरदीप सिंह काला, उप राजस्व निरीक्षक पी.डी नौटियाल एवं पीताम्बर राठौर, ब्लाक कमाण्डर युवाकल्याण उपस्थित थे।
भूकंप के मृतकों को दी श्रद्धांजलि
देहरादून, 6 मई (निस)। छात्रों ने नेपाल और भारत में भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। श्रद्धांजलि सभा में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस मौके पर एकेडमी के चेयरमैन सरदार राजा सिंह ने कहा कि भूकंप पीडि़तों के लिए संस्थान द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी। एकेडमी के चेयरमैन सरदार राजा सिंह ने कहा कि विगत दिनों नेपाल में आये भीषण भूकम्प से हुई त्रासदी में हजारों लोग मारे गए हैं। भूकंप में हजारों लोग बेघर हो गये और कइयों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। संकट की इस घड़ी में जहां एक ओर शासन, प्रशासन, सरकारी, गैर सरकारी संस्थाएं व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इस आपदा में मारे गये लोगों की आत्मा की शांति के लिए देशभर में प्रार्थना सभाएं, कैंडल मार्च हवन-यज्ञ व श्रद्धांजली समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जी.आर.डी. वल्र्ड स्कूल के बच्चों ने संस्थान परिसर से कैंडल मार्च निकालकर शोक व्यक्त किया। कैंडल मार्च भाऊवाला मुख्य बाजार से होते हुए वापस संस्थान परिसर में समाप्त हुई, जहां बच्चों ने कैडल स्थापित कर दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन सरदार राजा सिंह व निदेशक लता गुप्ता ने कहा कि जी.आर.डी. ग्रूप को इस हादसे का गहरा दुखः है। इस संकट के समय वे यर्थात सहायता पहुंचाने का प्रयास करेंगे। संस्थान के प्रार्चाय आर.के. शर्मा व योगिता शर्मा ने कहा कि दुखः की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करतें हैं कि पीडि़त परिजनों को इस सदमें को सहने की शक्ति प्रदान करे। कार्यक्रम में हिमाानी फरासी, कुलदीप राणा,मोहन पिमोली, नवीश, राजू थापा, सुमन, अरविंद तोमर, कामिनी मैठाणी, आकांशा चढ्ढा, अनुजा रावत, नेहा, लक्ष्मी कोहली, शालिनी, प्रीती रतूड़ी, सपना व प्रीती भट्ट सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
अधिशासी अभियन्ता को किया निलंबित
देहरादून, 6 मई (निस)। उप सचिव लोक निर्माण विभाग अरविन्द सिंह पांगती ने बताया है कि प्रभारी अधिशासी अभियन्ता वल्र्ड बैंक खण्ड, लोक निर्माण विभाग गोपेश्वर दयाकिशन आर्या को अपने दायित्वों का निर्वह्न पूर्ण जिम्मेदारी के साथ न करने, ना ही वांछित सूचनाऐं समय पर दिये जाने के कारण सचिव लो.नि.वि. द्वारा श्री आर्या को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। यह जानकारी देते हुए उप सचिव लोनिवि पांगती ने बताया कि प्रभारी अधिशासी अभियन्ता वल्र्ड बैंक खण्ड, लोनिवि गोपेश्वर श्री दयाकिशन को निर्देशित किये जाने के उपरान्त भी उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नही आ रहा है, उनके द्वारा शासकीय कार्यों में कोई रूची नही ली जा रही है। साथ ही कार्यालय में अक्सर नशे की स्थिति में भी पाये जाते है और उनका मोबाईल भी बन्द रखा जाता है। उनके द्वारा समय पर निर्माण कार्यों से संबंधित वांछित सूचनाएं नहीं दी जा रही है। अधीक्षण अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता वल्र्ड बैंक द्वारा श्री आर्या को अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए जाने के उपरान्त भी उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नही लाया गया है। संबंधित अधिकारी का महत्वपूर्ण पद होने और जनपद चमोली के आपदा की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण भी श्री आर्या द्वारा अपने कार्यों के प्रति रूची नही ली जा रही है। जिस कारण उन्हें पूर्ण रूप से दोषी मानते हुए प्रथमदृष्टया कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 एवं नियम-4 के उल्लंघन के दोषी पाया गया है। श्री आर्या को उक्त लापरवाही के लिए पूर्ण रूप से दोषी पाये जाने के फलस्वरूप उन्हें शासन द्वारा तत्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया गया है।
जेपी जोशी बनेे अपर सचिव राजस्व
देहरादून, 6 मई (निस)। शासन द्वारा जनहित में अपर सचिव जे.पी.जोशी को अपर सचिव, राजस्व, पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी देते हुए उप सचिव कार्मिक महावीर सिंह ने बताया कि अपर सचिव जनगणना, सिंचाई, समाज कल्याण, आयुक्त, निःशक्तजन, निदेशक, जनजाति निदेशालय, प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम तथा निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण किशन नाथ को प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम के पदभार से अवमुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। श्री नाथ के पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। अपर सचिव वन एवं पर्यावरण तथा कार्मिक रमेश चन्द्र लोहनी को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अपर सचिव, खेल, युवा कल्याण, समाज कल्याण विभाग तथा प्रबंध निदेशक, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। अपर सचिव समाज कल्याण तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बी.आर.टम्टा को अपर सचिव समाज कल्याण विभाग के पदभार से अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। श्री टम्टा के पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। इसी प्रकार अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर तथा निदेशक, प्रशासन एवं मानीटरिंग, पंतनगर विश्वविद्यालय, उधमसिंहनगर डाॅ. आशीष कुमार श्रीवास्तव को अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर के पदभार से अवमुक्त करते हुए मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम, रूद्रपुर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनकेे पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। डिप्टी कलेक्टर उधमसिंहनगर पूरन सिंह को वर्तमान पदभार के साथ-साथ मुख्य नगर अधिकारी, नगर निगम, काशीपुर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। डिप्टी कलेक्टर उधमसिंहनगर, महाप्रबंधक, चीनी मिल बाजपुर, अपर मुख्य नगर अधिकारी, नगर निगम रूद्रपुर तथा मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम काशीपुर तीर्थपाल को मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम काशीपुर के पदभार से अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनके पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। इसी प्रकार पीसीएस मुख्य कार्मिक अधिकारी, पन्तनगर विश्वविद्यालय, उधमसिंहनगर तथा मुख्य नगर अधिकारी रूद्रपुर सुश्री दीप्ति सिंह को मुख्य नगर अधिकारी रूद्रपुर के पदभार से अवमुक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी (एफ व आर) उधमसिंहनगर के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है। उनके शेष पदभार यथावत रहेंगे।
लगातार बढ़ रही है बंदरों के आतंक की घटनाएं, नौनिहालों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं अभिभावक
रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। शहर में बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। बंदर इतने खूंखार हो गए हैं कि किसी पर भी झपट्टा मारने से नहीं चूक रहे। स्थिति यह हो गई है कि स्कूली बच्चें स्कूल जाने से डरने लगे हैं। लोग अपने घर के बाहर कुछ भी सामान रखने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। एक ताजा मामले में दि क्रिएटिव एकेडमी की एक छात्रा पर बंदर ने हमला कर उसे घायल कर दिया। राहत की बात यह है कि बच्ची सकुशल है। चिकित्सालय में उपचार के बाद बच्ची को छुट्टी दे दी गई है। नगर पालिका क्षेत्र में बंदर बेखौफ होते जा रहे हैं। आम लोगों से बंदर घबराने के बजाय उन पर आक्रमण करने पर उतारू हैं। पूरे शहर में बंदरों ने भय का माहौल बनाया हुआ है। कहीं पर भी बंदर हमला कर सकते हैं। बुधवार सुबह बंदरों ने अपर बाजार स्थित दि क्रिएटिव एकेडमी की कक्षा चार की छात्रा प्रियंका पर हमला बोल दिया। नन्हीं बच्ची के हाथ पर बंदर के दांत और नाखूनों के निशान पड़ गए। विद्यालय प्रबंधन और अभिभावक बच्ची को चिकित्सालय ले गए। उपचार के बाद बच्ची को रिलीव कर दिया गया। यह पहली घटना नहीं है। तीन दिन पहले इसी विद्यालय की एक छात्रा को बंदर ने इतना भयभीत कर दिया था कि वह नीचे गिरकर चोटिल हो गई। कुछ दिनों पूर्व विद्यालय में फीस जमा करने आए एक छात्र की दादी के हाथ पर पर भी बंदर ने अपने नाखून के निशान छोड़ दिए। बंदरों के हमले की घटनाएं आम बात हो गई है। हर रोज कोई न कोई व्यक्ति बंदर के हमले का शिकार हो रहा है। विद्यालय की प्रबंधक सतेश्वरी डोभाल, स्थानीय निवासी कुणाल डोभाल, सलिल डोभाल का कहना है कि बंदरों के भय के कारण स्कूली बच्चे डरे हुए हैं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावक बंदरों के कारण बहुत ज्यादा चिंतित है। बंदरों को किसी का भय नहीं है। उन्होंने वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं रुद्रप्रयाग शहर के अलावा अन्य क्षेत्रो में भी बंदरों का आतंक बना हुआ है। लोग अपने घर के बाहर सामान रखने से डर रहे हैं। बंदर सीधे घरों के अंदर घुसने से भी नहीं डर रहे। इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद सरकार बंदरों से छुटकारा दिलाने में कोई कारगर नीति नहीं बना पाई है। सूबे के मुख्यमंत्री ने बंदरों के लिए बाड़ा बनाने की घोषणा की थी, जिस पर अभी तक कार्रवाई होती नहीं दिखाई दे रही। वन विभाग पूरी तरह बंदरों के आगे नतमस्तक है। ऐसे में आम जनता बेहाल है। जिसकी सरकार को फिक्र नहीं है।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली धाम के लिये रवाना, प्रथम रात्रि प्रवास किया भूतनाथ मंदिर में
रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना हो गई है। अब आठ मई को डोली के तुंगनाथ धाम पर पहुंचने पर ग्राीष्मकाल के छह माह के लिये भगवान तुंगनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। बुधवार को पंच पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में भगवान की मूर्तियों का वैदिक मंत्रोचारण के साथ अभिषेक किया। तदपश्चात विशेष पूजा-अर्चना के बाद भगवान तुंगनाथ की मूर्ति को डोली में विराजमान किया गया व डोली का भव्य श्रृंगार कर वस्त्रों, फूल-मालाओं से डोली को सजाया गया। ब्राहम्णों, वेदपाठियों व हक-हकूकधारियों ने डोली की आरती उतारकर डोली को सभामंडप से मंदिर परिसर लाया गया। चल-विग्रह डोली के साथ चल रही देवकंडी, रूप छडी, त्रिशूल सहित विभिन्न देवी-देवताओं के निशाणों ने मक्कूमठ मन्दिर की तीन परिक्रमा कर श्रद्वालुओं को आशीर्वाद दिया। आशीर्वाद देते समय श्रद्वालुओं द्वारा पुष्प अक्षत्रों से डोली का भव्य स्वागत किया गया व वस्त्र चढाकर मनोतीयां मांगी गई। स्थानीय वाद्ययंत्रों की मधुर धुनों, श्रद्वालुओं की जयकारों के साथ सम्पूर्ण मक्कूमठ गंुजायमान हो उठा तथा नर रूप में कई देवी-देवता अवतरित हुए। इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कू गांव से होते हुए पुणखी (भोग) नामक तेाक में पहुंची। जहां पर श्रद्वालुओं द्वारा डोली को दशकों से चली आ रही परम्परा के अनुसार भोग लगाया गया। देर सांय भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए गांव के मध्य स्थित भूतनाथ मंदिर पहुंची। बृृहस्पतिवार को भूतनाथ मन्दिर से प्रस्थान कर भगवान तुंगनाथ की डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेगी। शुक्रवार आठ मई को शुभ लग्नानुसार तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगें। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव शैलारानी रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट, जिपंस मीना पुण्डीर, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, पूर्व प्र्रधान जयसिंह चैहान, दिलवर सिंह नेगी, श्रीचन्द सिंह रावत, प्रकाश मैठाणी, विजयपाल सिंह नेगी, लम्बोदर प्रसाद मैठाणी, मनोज सिंह नेगी, विनोद मैठाणी, जसपाल सिंह नेगी, महेन्द्र सिंह, कलम सिंह, मदल सिंह राणा, वृजमोहन मैठाणी, आन्दन सिंह नेगी सहित कई श्रद्वालु व हक-हकूकधारी मौजूद थे।
गुलदार के हमले में एक भैंस की मृत्यु और दूसरी घायल, भरदार क्षेत्र के सिलगांव में गुलदार की दहशत
रुद्रप्रयाग, 6 मई (निस)। भरदार क्षेत्र के सिलगांव में इन दिनों पशुभक्षी गुलदार का आतंक फैला हुआ है। गुलदार आये दिन ग्रामीणों की गौशालाओं का दरवाजा तोड़कर बंधे मवेशियों को निवाला बना रहा है। गुलदार के भय से ग्रामीण भी खौफजदा हैं। बुधवार सुबह गुलदार ने एक भैंस को निवाला बना दिया तो दूसरी भैंस को गंभीर रूप से घायल कर दिया। ग्रामीणों ने गुलदार के बढ़ते आतंक को देखते हुए गुलदार को पकड़ने के लिये गांव में पिजंरा लगाने के साथ ही प्रभावित ग्रामीणों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। भरदार क्षेत्र के सिलगांव में गुलदार के आतंक के ग्रामीण सांय होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। गुलदार किसी भी समय गांव में घुसकर गौशाला में बंधे मवेशियों को निवाला बना रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण अब गौशालाओं में जाने से भी डरने लग गये हैं। बुधवार प्रात: गुलदार न दीपा देवी की भैंस को निवाला बना दिया। जबकि कमल सिंह की भैंस को गुलदार ने गंभीर रूप से घायल कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सिंह पंवार ने बताया कि गुलदार के भय से ग्रामीण खौफजदा हैं। ग्रामीण महिलाएं मवेशियों की चारापत्ती लाने के लिये जंगलों के साथ ही गौशालाओं में जाने से डर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों की आजीविका भैंस पर निर्भर थी। ग्रामीण भैंस का दुध बेचकर किसी तरह अपनी आजीविका का निर्वहन करते हैं, लेकिन गुलदार भैंसों को आये दिन निवाला बना रहा है। जिस कारण ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ गई हैं। उन्होंने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिये गांव में पिंजरा लगाने के साथ ही प्रभावित ग्रामीणांे को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
देवी-देवताओं की मूर्तियों से शीघ्र ही धूल हटेगी
बागेश्वर, 6 मई (निस)। ऐतिहासिक बागनाथ मंदिर समूह के एक कक्ष में वर्षाे से बंद 60 देवी-देवताओं की मूर्तियों से शीघ्र ही धूल हटेगी। मुख्यमंत्री की घोषणा पर यदि अमल हुआ तो यह मूर्तियां न केवल संग्रहालय की शोभा बढ़ाएंगी बल्कि आम जनता भी सातवीं व आठवीं सदी में बनी देवी-देवताओं की दुर्लभ मूर्तियों के दर्शन कर सकेगी। कत्यूरी राजाओं के शासन काल में यहां पर सातवीं और आठवीं शताब्दी में कई मंदिर समूहों का निर्माण किया गया। इन मंदिरों में बागनाथ मंदिर समूह, वैजनाथ मंदिर समूह, लक्ष्मीनारायण मंदिर, केदारेश्वर, रक्षा देवल, शक्तिनारायण और बद्रीनाथ मंदिर शामिल हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इन मंदिरों में रखी गई बहुमूल्य देवी देवताओं की मूर्तियों को वर्षाे पूर्व पुरातत्व विभाग ने कमरों में बंद कर दिया। इसके बाद इन मूर्तियों की सुध किसी ने नहीं ली। इसके साथ ही मंदिर परिसर में म्यूजियम के निर्माण के लिए पुजारियों की सहमति नहीं बन पा रही थी। जिसके चलते मूर्तियां इतने वर्षाे तक कमरे में कैद रही। इस तरह की लगभग 60 मूर्तियां बागनाथ मंदिर परिसर के एक कक्ष में रखी गई हैं। इनमें मुख्य रूप से शिवजी, उमा महेश, चतुर्मुखी शिवलिंग, धन-कुबेर, लक्ष्मी और सूर्य भगवान की प्रस्तर की मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों की सुरक्षा के लिए एक कर्मचारी नियुक्त किया गया है। परंतु सदियों पुरानी दुर्लभ मूर्तियों के कोठरियों में बंद होने से कोई भी आज तक इनको नहीं देख सका है। मूर्तियों के कमरों में बंद होने से सर्वाधिक क्षति पर्यटन के क्षेत्र में उठानी पड़ रही है। देश विदेश से यहां आने वाले पर्यटक मंदिरों की शैली और इसके महत्व से तो रूबरू होते हैं परंतु कभी इन मंदिरों की शोभा रहे देवी देवताओं के दर्शन नहीं कर पाते हैं। पिछले दिनों जनपद भ्रमण पर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय, धर्मशाला और चारदीवारी निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद प्रशासन की ओर से घोषणाओं पर अमल को लेकर पहल शुरू हो गई है। प्रशासन की योजना पुरातत्व विभाग के म्यूजियम को प्रस्तावित धर्मशाला की दूसरी मंजिल में शिफ्ट करने की है। पुरातत्व विभाग, तहसील प्रशासन और मंदिर के पुजारियों की संयुक्त बैठक में मंदिर परिसर में म्यूजियम व धर्मशाला सहित अन्य निर्माण कार्याे के लिए सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद शीघ्र की म्यूजियम बनने की उम्मीद जगने लगी है।