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हिमाचल की विस्तृत खबर (12 मई)

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पाकिस्तान के लिए तीर्थयात्रा

शिमला, 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने भारत सरकार द्वारा जारी सूचना की जानकारी देते हुए आज यहां कहा कि शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह जी की बरसी के अवसर पर 500 सिक्खों/सहजधारी श्रद्धालुओं का एक जत्था पाकिस्तान में स्थापित गुरूद्वारों की यात्रा के लिए जा रहा है। तीर्थ यात्रियों का यह जत्था पाकिस्तान के विभिन्न ऐतिहासिक गुरूद्वारों के दर्शन करेगा। 10 दिन की यह यात्रा 21 जून, 2015 से 30 जून, 2015 तक होगी। इस जत्थे में तीन हिमाचली श्रद्धालुओं का कोटा आवंटित किया गया है। आवेदन प्राप्त करने की अन्तिम तिथी 14 मई, 2015 है। प्रवक्ता ने सभी इच्छुक सिख श्रद्धालुओं से सादे कागज पर अपना नाम, पता, दूरभाष नम्बर एवं मोबाईल नम्बर की पूरी जानकारी सहित पासपोर्ट और हिमाचली प्रमाण पत्र संलग्न कर आवेदन पत्र भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्र श्री रामा नन्द शाशनी, अनुभाग अधिकारी (गृह-सी), कमरा नम्बर-104, योजना भवन, आम्र्सडेल भवन, हिमाचल प्रदेश सचिववालय शिमला-2 के पते पर भेजे जा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति कार्यालय दूरभाष नम्बर- 0177-2880527 अथवा मोबाईल नम्बर- 94180-90159 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमण्डल की भेंट

शिमला, 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  ब्राह्मण कल्याण सभा, रोहड़ू के एक प्रतिनिधिममण्डल ने आज यहां मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से शिमला जिला की रोहडू तहसील के गंगटोली में खाली पड़ी सरकारी भूमि को ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने के लिए देने का आग्रह किया।मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल को उनकी मांगों पर सहानूभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। सभा के सदस्य श्री डी.डी.शर्मा, श्री रामानन्द शर्मा, श्री रोशन लाल, श्री गंगा राम, श्री गीता राम, श्री विश्वा देव, श्री सूरत राम, श्री शेर सिंह, श्री सत्य प्रकाश और श्री जय प्रकाश उपस्थित थे।

अंतराष्र्ट्रीय नर्सिंग दिवस का आयोजन टांडा में: कौल सिंह ठाकुर

धर्मशाला, 12 मई  (विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य है। यह उद्गार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व राजस्व एवं विधि मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने अंतराष्र्ट्रीय नर्सिंग दिवस के शुभांरभ के अवसर पर डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में व्यक्त करते हुए कहा कि सभी को बेहतर एवं विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। स्वास्थ्य सूचकांकों की दृष्टि से तुलना की जाए तो हिमाचल प्रदेश पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। इस अवसर पर उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में जानकारी देते हुए बताया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में 6 करोड़ रूपये की लागत से केन्द्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है तथा 5 करोड़ की लागत से नर्सिंग स्कूल को कॉलेज में परिवर्तित किया जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आह्वान किया कि वह रोगियों व उनके तिमारदारों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में 350 स्टाफ नर्सें भरी गई है जिसमें से 150 स्टाफ नर्सें आई0जी0एम0सी0 शिमला में नियुक्ति की है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में 7750 आशावर्करों की नियुक्ति की गई है जो कि ग्रामीण स्तर तक स्वास्थ्य संबंधी लोगों को जानकारी उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने निजी क्षेत्रों में लगी अल्ट्रासाउंड मशीनों के कड़ाई से निरीक्षण के आदेश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लिंग परिक्षण पर कड़ाई से कार्यवाही अमल में लाई जाए। डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल चौहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा मेडिकल कॉलेज की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षुओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यअतिथि ने 15 हजार रूपये देने की घोषणा की। स्वास्थ्य विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को मुख्य अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किएब गए। इस अवसर पर एसडीएम कांगड़ा अद्वितीय नेगी, डॉ0 मधु मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी0 एम0 गुप्ता, भावना ठाकुर, कल्पना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।  

स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय होंगे 1700 करोड़ रुपए - कौल सिंह

धर्मशाला, 12 मई  (विजयेन्दर शर्मा) ।  प्रदेश सरकार लोगों को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए कृत संकल्प है। इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1700 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है जबकि गत वर्ष  यह राशि 1265 करोड़ रुपए थी। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा राजस्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने आज जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में स्वास्थ्य विभाग कांगड़ा की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अधिकांश लोग गांवों में बसते है, इसलिए सरकार प्रयास कर रही है कि ग्रामीण स्तर पर अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले जाएं ताकि गांव में रहने वाले लोगों को शहरों की ओर उन्मुख न होना पड़े।  कौल सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में तीन मैडीकल कॉलेज हमीरपुर, चम्बा और नाहन में खोले जा रहे हैं तथा मंडी के जोगिन्द्रनगर में कैंसर अस्पताल भी खोला जा रहा है ताकि प्रदेशवासियों को अच्छी और गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य राज्यों को रूख न करना पड़े। उन्होंने चिकित्सकों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि ऋतु परिवर्तन से पूर्व वह सुनिश्चित कर लें कि उनके क्षेत्रों में किसी भी स्तर पर किसी की लापरवाही के कारण जल-जनित रोग न फैलें। उन्होंने चिकित्सकों को यह भी आदेश दिए कि मरीजों को रोग संबंधी आवश्यक दवाईयां ही लिखें जिसके लिए विभाग द्वारा अब दो पर्ची प्रणाली आरंभ की गई है जिससे रोगियों को अनावश्यक दवाईयां लिखने पर नियंत्रण लगेगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सों व अन्य पैरा-मैडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए नए स्टाफ की भर्ती की जा रही है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी.एम.गुप्ता ने जिला में चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की प्रगति व विभाग को आ रही कठिनाईयों के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा लोगों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए समय-समय पर ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है तथा स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से लोगों को प्रोत्साहित व जागरूक भी किया जाता है। इसके उपरांत कौल सिंह ने सिद्धबाड़ी मठ में जाकर बौद्ध धर्मगुरू दलाईलामा जी से भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस बैठक में एमओएच कांगड़ा डॉ0 आरएस राणा, एसएमओ, समस्त कार्यक्रम अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

घाड़ में विज्ञान कक्षाएं आरंभ, बुटेल ने कहा स्कूल में बनेगा साईंस ब्लॉक

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पालमपुर, 12 मई  (विजयेन्दर शर्मा) ।  विधान सभा अध्यक्ष, श्री बृज बिहारी लाल बुटेल ने मंगलवार को पालमपुर हलके की ग्राम पंचायत घाड़ में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कुमारी आंचल का ग्याहरवीं (विज्ञान) कक्षा में का दाखिला कर विधिवत विज्ञान संकाय की कक्षाओं का शुभारंभ किया।     विधान सभा अध्यक्ष, ने इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि घाड़ में विज्ञान संकाय की कक्षाओं के आरंभ होने से इस क्षेत्र केे लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने के साथ-साथ बच्चों को घर के नजदीक विज्ञान की पढ़ाई का लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा एवं अधारभूत ढ़ांचे के विकास और उत्थान के लिए कृतसंकल्प है और चालू वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र में 5077 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। श्री बुटेल ने कहा कि पालमपुर हलके में घाड़ के अतिरिक्त बंदला, डाढ़ और खलेट में इसी सत्र से विज्ञान संकाय की कक्षाएं आरंभ की गयी हैं। उन्होंने कहा कि घाड़ में शीघ्र ही ं विज्ञान भवन अलग से दिया जायेगा जिससे बच्चों को लाभ हो सके। उन्होंने कहा कि हलके के स्तरोन्नत सभी स्कूलों में अध्यपकों के अधिकतर पदों को भर दिया गया है तथा शेष पद शीघ्र भर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि स्तरोन्नत स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से मांग पर अतिरिक्त कमरे भी उपलब्ध करवा दिये जायेंगे। उन्होंने अध्यपकों से आह्वान किया कि अध्यापक शिक्षा पर विशेष ध्यान दें।  उन्होंने कहा कि घाड़ पंचायत में धरमदेई कूहल पर 107 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं जिससे इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि घाड़ स्कूल के मैदान को सुंदर स्टेडियम का रूप दिया जायेगा जिससे बच्चों को खेल का अच्छा मैदान मिले। उन्होंने कहा कि मैदान के पास बहने वाले नाले का चैनलाईजेशन किया जायेगा। उन्होंने स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार रुपये देने की घोषणा की।  इससे पहले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाड़ के प्रधानाचार्य एनडी बिंद्रा मुख्यातिथि का स्वागत किया और विद्यालय की विस्तृत रिर्पोट प्रस्तुत की। कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम पंचायत की प्रधान मोनिका, उपप्रधान सुरेंद्र मस्ताना, बीडीसी सदस्य सीमा देवी, निशा शर्मा, ललिता वालिया, कै0 कन्हैया, धर्म सिंह, पंचम राणा, वकील सिंह, राधा ठाकुर, संजीव धीमान, विद्यालय एसएमसी के सदस्य ििर्वभन्न विभागों के अधिकारी और क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

लोककलाओं व लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में भाषा एवं संस्कृति विभा की भूमिका अहम्- सुधीर
  • क्षेत्र के युवाओं को सिनेमा के विभिन्न पहलुओं से जुडऩे व तकनीकी बारीकियों को सीखने का मिलेगा अवसर

धर्मशाला, 12 मई  (विजयेन्दर शर्मा) । भाषा एवं संस्कृति विभाग, हि0प्र0 प्रदेश की लोककलाओं व लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अहम् भूमिका का निर्वहण कर रहा है। विभाग द्वारा कला प्रतिभाओं को सशक्त मंच प्रदान करवाने की दिशा में समय-समय पर विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर युवाओं को न केवल प्रोत्साहित ही किया जा रहा है अपितु भविष्य के कलाकारों को तराशकर स्पर्धा के लिए भी तैयार किया जा रहा है। यह उद्गाार हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश एवं फिल्म और टैलीविजन इस्टीच्यूट पुणे के तत्वावधान में मैक्लोडग़ंज के होटल भागसू में आयोजित तीन दिवसीय फिल्म एप्रिसेएशन कार्यशाला के शुभारंभ पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में न केवल हिमाचल के युवाओं को अपने घर-द्वार पर सिनेमा के विभिन्न पहलुओं से जुडऩे व तकनीकी बारीकियों को सीखने का अवसर ही मिलेगा अपितु भविष्य में फिल्म व्यवसाय से जुडऩे वाले प्रदेश के कलाकारों व तकनीशियनों की नई पौध भी तैयार होगी। सुधीर शर्मा ने भाषा एवं संस्कृति विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग द्वारा जिस प्रकार पहाड़ी चित्रकला, मूर्तिकला, लोकगीतों व नृत्यों आदि ललित कलाओं को संरक्षण और संवर्धन देकर तथा प्रचार-प्रसार के उत्कृष्ट प्रयास करके इन्हें शीर्ष तक पहुंचाया है। इसी तर्ज पर हिमाचल के युवाओं को सिनेमा विधा से जोडक़र प्रदेश के लिए इस क्षेत्र में और अधिक अवसर सृजित करने के प्रयास होंगे। इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक अरूण शर्मा ने कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में 160 प्रशिक्षुओं को ‘‘ दॉ नेचर ऑफ सिनेमा, निरेशन इन सिनेमा, फारमलीजम एंड रिएलीजम, साऊंड एंड सिनेमा, इन्ट्रोडेक्शन टू नॉन फिक्शन, फिल्म स्क्रीनिंग और टक्नोलॉजी एंड फीचर ऑफ सिनेमा संबंधी विभिन्न विषयों की जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर विशेष अतिथि पिंग माशू धोलिया ने भी फिल्म तकनीक संबंधी विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि इस विधा में सम्र्पण और साधना से ही कोई कलाकार शीर्ष तक पहुंच सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में सपने देखने वाले व्यक्ति अधिकतर सफल हुए हैं।  इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव उपमा चौधरी, अतिरिक्त उपायुक्त सुदेश मोख्टा एडीएम बलवीर ठाकुर, भारतीय फिल्म एवं टैलीविजन संस्थान पुणे के विषय विशेषज्ञ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

डीसी रोहन चंद ठाकुर ने किया गवारड़ू पंचायत का दौरा

हमीरपुर , 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने मंगलवार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत गवारडू में स्वच्छता पर चल रहे कार्य और पंचायत में चलाए जा रहे अन्य विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पंचायत कक्ष, सभा कक्ष तथा पंचायत के रिकार्ड और पंचायत द्वारा स्थापित गैस संयत्र का भी निरिक्षण किया। उन्होंने राजकीय प्राथमिक पाठशाला लोहाखर, करसोह तथा राजकीय उच्च पाठशाला लोहाखर, का निरिक्षण किया। निरिक्षण के दौरान उन्होंने स्कूल स्वच्छता, वातावरण स्वच्छता व बच्चों की स्वच्छता का भी आकलन किया तथा स्कूल के बच्चों के साथ रू-ब-रू हुए।  उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र लोहाखर का निरिक्षण किया तथा रिकार्ड जांचा। उन्होंने करसोह में तरल प्रबन्धन के लिए बनाई गई नाली तथा 15 घरों के रसोई और बाथरूम के पानी को एकत्रित कर एक जगह पर बनाए गए सोक्ता गडडे में डाला गया है का भी निरिक्षण किया। उन्होंने करसोह में हल्दी बनाने वाले स्वयं सहायता समूह का भी निरिक्षण किया और प्रशंसा  करते हुए कहा कि समूह अच्छा कार्य कर रहा है।  उपायुक्त ने कहा कि ग्राम पंचायत गवारड़ू ने स्वच्छता के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने के साथ-साथ क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का भी सफलतापूर्वक क्रि यान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पंचायत अव्वल पंचायतों की सूची में शामिल होगी। इस अवसर पर उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी अंकुश शर्मा, बीडीओ सुर्दशन सुमन, कनिष्ठ अभियंता  चन्द्रशेखर, खंड समन्वयक अनिल पटियाल, पंचायत प्रधान अनिल ठाकुर , उपप्रधान मस्त राम तकनीकी सहायक कर्म चंद, बार्ड सदस्य के अतिरिक्त अन्य ग्रामीण उपस्थ्ति थे। 

मेरे गांव की सही पहचान, कूड़े कचरे का न रहेगा नामोनिशान पर कार्यक्रम आयोजित 
  • नादौन विकास खंड की 13 ग्राम पंचायतों को किया जागरूक

हमीरपुर , 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  हमीरपुर ने स्वच्छता के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में प्रत्येक स्तर पर जनजागरण अभियान की गति को तेज कर दिया है। जिला को स्वच्छ बनाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों व प्रोत्साहन योजनाओं को लागू किया है ताकि लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हों।  यह जानकारी उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी अंकुश शर्मा ने डीआरडीए भवन में मेरे गांव की सही पहचान, कूड़े कचरे का न रहेगा नामोनिशान पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी। कार्यक्रम में नादौन विकास खंड की 13 ग्राम पंचायतों कमलाह, बलडुहक, नारा, गोईस, उटप, गौना, किटपल, अमलैहड़, रंगस, फस्टे, भरमोटी, बड़ा व मैड़ के पंचायत प्रतिनिधियों,पंचायत सचिवों, तकनीकी सहायकों के अतिरिक्त जेई व नोडल अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने  बताया कि स्वच्छता के क्षेत्र में विकास खंड नादौन में बेहतर कार्य करने वाली चार पंचायतों बल्ह विहाल, नौहगी, बेला, लहड़ा व मझियार में प्राथमिकता के आधार पर कार्य आरम्भ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त द्वारा ठोस तरल अवशिष्ट प्रबन्धन के कार्यों की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा सुनिश्चित की जा रही है।  उन्होंने बताया कि इन पंचायतों में अब तक 120 सोक्ता गडडों व आवश्यकता के अनुसार नालियों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत सचिवों तथा तकनीकी सहायकों से कहा कि ठोस तरल अवशिष्टप्रबन्धन की कार्य योजना को 21 मई तक सुनियोजित तरीके से तैयार करके भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कूड़े कचरे से निजात पाने के लिये कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों की मानसिकता  में परिवर्तन और सुधार लाया जा सकता है।  इसके लिए समय समय पर  ‘‘मेरे गांव की सही पहचान, कूड़े कचरे का न रहेगा नामोनिशान  ’’ कार्यक्रम पर आधारित जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला समन्वयक गोविन्द राणा  ने ठोस तरल अवशिष्ट प्रबन्धन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए आवश्यक कार्य बिन्दुओं पर चर्चा की और कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में जन सहभागिता के साथ गांव का भ्रमण किया जाए जिसमें प्रत्येक घर को शामिल किया जाए। उन्होंने बताया कि ठोस तरल अवशिष्ट प्रबन्धन की कार्ययोजना को ध्यान में रखते हुए वास्तविक कार्य योजना को तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए पंचायतो को धन राशी उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर परियोजना अर्थशास्त्री हरि चंद अत्री, ख्ंाड सम्रवयक संदीप रैणा के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।                                         

145 लाख से बनेगी पुंग खड्ड-चम्योला सडक़ : राणा
  • निर्माण कार्य किया आरंभ, लोगों को मिलेगी आवाजाही की बेहतर सुविधा 

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हमीरपुर , 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  वर्तमान सरकार ने सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्राम पंचायत पनोह के लिए पुंग खड्ड से चम्योला तक संपर्क मार्ग निर्मित करने के लिए एक करोड़ 45 लाख की राशि स्वीकृत की गई है इस संपर्क मार्ग पर एक पुल का निर्माण भी किया जाएगा। यह जानकारी आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा ने मंगलवार को चम्योला में सडक़ निर्माण कार्य के शुभारंभ करने के उपरांत एक जनसभा को संबोधित करते हुए दी। राजेंद्र राणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आवाजाही की बेहतर सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत खनौली के गांव सचूही में बाढ़ नियंत्रण के लिए तीन करोड़ तीस लाख, पटलांदर समैणा पुंग खड्ड में चैक डैम के लिए 44 लाख, उठाऊ सिंचाई योजना खैरी के लिए 48 लाख की स्कीम स्वीकृत की गई है इसके अतिरिक्त सुजानपुर के डोली के लिए एक लाख दस हजार लीटर की भंडारण क्षमता के टैंक के निर्माण के लिए 15 लाख, पनोह के लिए चालीस हजार लीटर भंडारण टैंक के लिए निर्माण के लिए दस लाख, धरोल के लिए पच्चीस हजार लीटर क्षमता का टैंक स्वीकृत किया गया है इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत रंघड़ में तीस हजार लीटर नया टैंक, स्पाहल पंचायत के विपल गांव के ििलए 15 हजार लीटर तथा ग्राम पंचायत पटलांदर के लोहारा बस्ती के लिए बीस हजार लीटर क्षमता का टैंक स्वीकृत किया गया है।  उन्होंने बताया कि पटलांदर के जिंदडू में ओवर हेड टैंक का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि चमियाणा के भरमाड़ , स्पाहल की धीमान बस्ती, कशीरी में ओवरहेड टैंक का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। परनोह के भ्याड़ तथा जोल के समाना में भी टैंक का निर्माण किया जा चुका है। राणा ने कहा कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य तथा शिक्षा की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष बल दिया जा रहा है वहीं लोगों की समस्याओं का समाधान उनके घर द्वार पर करने के लिए भी प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम सरकार द्वारा आयोजित किए जा  रहे हैं।इस मौके पर बार्ड सदस्य प्रकाशो देवी, महिला मंडल प्रधान सलोचना देवी, राजेन्द्र कुमार, डा0 अशोक कुमार, सुबेदार राजेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, राजकुमार, सुभाष चंद, रघुवीर सिंह, विजय कुमार के अतिरिक्त बीडीओ बलवीर सिंह, एसडीओ पीसी वर्मा उपस्थित रहे। 

हिम ऐलॉइ एंड स्टील लिमिटेड में हेल्पर के 25 पद अधिसूचित, 15 मई को होंगें साक्षात्कार

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ऊना, 12 मई (विजयेन्दर शर्मा) ।  हिम ऐलॉइ एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड ओद्यौगिक क्षेत्र अंब जिला ऊना ने 25 पद हेल्पर के अधिसूचित किए हैं। यह जानकारी देते हुए जिला रोजगार अधिकारी, ऊना आरसी कटोच ने बताया कि इन पदों के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार 15 मई, 2015 को प्रात: साढे दस बजे उप-रोजगार कार्यालय अंब में लिया जाएगा। उन्होने बताया कि इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होना चाहिए। आयु 18 से 40 वर्ष के बीच में होनी चाहिए तथा चयनित उम्मीदवार को 5500 रूपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि इच्छुक आवेदक अपनी शैक्षणिक योग्यता,जन्म तिथि, रोजगार कार्यालय का पंजीकरण कार्ड, बोनाफाइड हिमाचली होने का प्रमाण पत्र की मूल प्रति तथा इनकी एक-एक छाया प्रति सहित 15 मई, 2015 को प्रात: साढे दस बजे उप-रोजगार कार्यालय अंब में साक्षात्कार हेतु उपस्थित हो सकते हैं। साक्षात्कार में भाग लेने के लिए आवेदक को किसी प्रकार का दैनिक व यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।

नेपाल में भूकंप से 57 की मौत, भारत में भी 10 मरे

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नेपाल में मंगलवार को आए भूकंप में कम से कम 57 लोगों की मौत हो गई तथा 1,129 अन्य लोग घायल हो गए। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के बाद दोबारा आए इस जोरदार भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है।  उधर, पड़ोसी देश भारत के राज्यों-बिहार व उत्तर प्रदेश में 10 लोग मारे गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 मापी गई और इसका केंद्र कोदारी था, जहां से दोलखा की दूरी 130 किलोमीटर है। इस हादसे में दरारों वाली इमारतें भरभराकर कर धराशायी हो गईं, भूस्खलन से सड़कों में दरारें पड़ गईं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी प्रसाद ढकाल ने कहा कि हादसे में दोलखा में 19, सिंधुपालचौक में पांच, काठमांडू में चार, सिंधूली में दो तथा ललिलपुर, सुंसरी, रौथात, धनुषा तथा सरलाही में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। मारे गए दो अन्य लोगों का विवरण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। भूकंप के झटकों से आतंकित लोग अपने घरों व दफ्तरों से निकलकर खुले स्थान में पहुंच गए।  एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "यह डरावना था। यह पिछली बार से भी अधिक बदतर था।"

नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहा कि सरकार ने तलाशी, राहत व बचाव दलों को प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिए हैं। वहीं उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया है कि उन्होंने अधिकारियों को बचाव व राहत अभियानों के लिए अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, "एक उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने नेपाल तथा भारत के हिस्सों में आए भूकंप पर हालात का जायजा लिया।"भारत मौसम विभाग के प्रमुख एल.एस.राठौड़ ने कहा कि कुछ सप्ताह या महीनों तक ऑफ्टरशॉक जारी रहेंगे। भूकंप के झटके भारत की राजधानी दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर, कोलकाता तथा पूर्वोत्तर के शहरों गुवाहाटी में भी महसूस किए गए। यहां तक कि दक्षिण के शहर कोच्चि में भी झटके महसूस किए गए।  झटकों के बाद काठमांडू में बिजली व इंटरनेट सेवा ठप हो गई।  इस दौरान लोग मोबाइल फोन से अपनों से संपर्क करते दिखे, लेकिन उसने भी काम करना बंद कर दिया। मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया।

काठमांडू हवाईअड्डे को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया, क्योंकि एटीसी के कर्मचारी टावर के बाहर निकल गए। बिहार में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। पटना के निकट दानापुर में एक निर्माणाधीन दीवार गिर जाने से एक मजदूर की मौत हो गई, वहीं सीवान जिले में एक बच्चे की मौत हो गई। दरभंगा जिले के मनिगाछी में दो बच्चे तथा सीतामढ़ी जिले के डुमरा में एक महिला की मौत हो गई। वैशाली, नवादा तथा सारण जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।  भोजपुर जिले के बिहियां में एक सरकारी माध्यमिक विद्यालय में कक्षा से निकलने के प्रयास में आधा दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हो गईं। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को क्षति का आकलन करने को कहा है, हालांकि उन्होंने केवल छह लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। लेकिन उन्होंने कहा कि 15 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है, जिसकी अधिकारियों को पुष्टि करने के लिए कहा गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो गए।  हमीरपुर में एक मजदूर की मौत हो गई, वहीं संबलपुर में एक लड़की की मौत हो गई। अंबेडकर नगर में एक दीवार गिर जाने से दो बच्चे घायल हो गए।  लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस होते ही मुख्यमंत्री अखिलेश के कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई। उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, दुर्गापुर, सिलिगुड़ी जिले सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटकों के मद्देनजर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के भूमि कानून की हत्या की : राहुल गाँधी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पारित भूमि विधेयक की हत्या करने का मंगलवार को आरोप लगाया। राहुल ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि उनका आगे का रास्ता आसान नहीं होगा।लोकसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, "इस सरकार को विधेयक पारित करने की जल्दबाजी है। यह इतनी आसानी से नहीं होगा। यदि हम इसे यहां (संसद) रोकने में सक्षम नहीं हुए, तो इसके खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।" कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने अपने नए विधेयक में सहमति तथा सामाजिक प्रभाव पर आवश्यक प्रावधानों को हटा दिया है।

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में लाए गए भूमि विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने इसे सूट बूट की सरकार तथा कॉरपोरेट समर्थक सरकार करार दिया और इस तरह सरकार की बार-बार चुटकी ली। उन्होंने कहा, "हमने दो साल मेहनत कर इस विधेयक को लाया था। राजग सरकार ने चंद ही दिनों में इसकी हत्या कर दी।"उन्होंने संप्रग सरकार द्वारा 2013 में लाए गए भूमि अधिनियम में सहमति के प्रावधान को इस कानून का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।  राहुल ने कहा, "सरकार कहती है कि अगर उसे जमीन छीननी होगी, तो वह किसानों को बताए बिना ऐसा करेगी।"राहुल ने कहा कि विधेयक का शव गिरने के बाद सरकार ने उसपर दूसरी बार कुल्हाड़ी चलाई है।

उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि सामाजिक प्रभाव का आकलन (एसआईए) नहीं होना चाहिए।  राहुल ने कहा कि एसआईए से यह जानने में मदद मिलेगी कि परियोजना से कौन लाभान्वित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उस प्रावधान को हटाने के लिए तीसरी बार कुल्हाड़ी चलाई है, जिसके तहत पांच साल के भीतर परियोजना शुरू नहीं होने पर जमीन किसान को वापस देने का प्रावधान है।  राहुल ने कहा, "परियोजना चाहे पांच साल में पूरी हो या 50 साल में, अब जमीन किसानों को वापस नहीं दी जाएगी।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि वित्त मंत्रालय द्वारा सूचना के अधिकार कानून के तहत दी गई जानकारी के मुताबिक, केवल आठ फीसदी परियोजनाएं भूमि संबंधी समस्याओं के कारण लंबित हैं। उन्होंने कहा, "सरकार के पास जमीन है। विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) में 40 फीसदी जमीनें खाली पड़ी हैं। लेकिन फिर भी आप किसानों की जमीन छीनना चाहते हैं।"राजग सरकार पर किसानों की जमीन छीनने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, "सोवियत संघ के एक अर्थशास्त्री ने मुझसे एक दिन कहा था कि चोर केवल रात में ही नहीं आते, बल्कि दिन में भी और सूट बूट पहनकर आते हैं।"

उन्होंने कहा, "जमीन की कमी नहीं है। आप गरीबों की जमीन छीनना चाहते हैं।"उन्होंने कहा कि जमीनें नोएडा, गुड़गांव तथा राजधानी के निकट ली जा रही हैं, जहां बेहद बढ़िया रिटर्न है, न कि बुंदेलखंड या राजस्थान में। उन्होंने कहा, "सरकार जमीनें पूंजीपतियों को देना चाहती है। यह वास्तव में सूट-बूट वालों की सरकार है।"तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने भी विधेयक का विरोध किया और कहा कि उनकी पार्टी जमीन के मालिकों व किसानों की है और वह उनसे चर्चा करेंगे और जमीन की कीमत संबंधी समस्याओं का निपटारा करेंगे। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य एम.सलीम ने प्राकृतिक संपदाओं को पूंजीपतियों के हाथों बेचने का सरकार पर आरोप लगाया।

मध्य प्रदेश जल सत्याग्रह 32 दिन बाद स्थगित

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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने के विरोध में चल रहा जल सत्याग्रह 32वें दिन इस संकल्प के साथ स्थगित कर दिया गया कि आगामी कुछ दिनों में जोरदार संघर्ष किया जाएगा। साथ ही किसान-मजदूरों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया। नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर 189 मीटर से 191 मीटर किए जाने से खेती की जमीन डूब गई है और कई परिवार रोजी-रोटी के संकट से घिर गए हैं। प्रभावित किसानों ने 11 अप्रैल को घोगलगांव में जल सत्याग्रह शुरू किया था, जिसे नर्मदा बचाओ आंदोलन और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला।

32 दिनों से पानी में सत्याग्रह करने वालों की हालत बिगड़ रही थी, उनके पैर पहले ही गल चुके थे। उधर सरकार ने साफ कर दिया था कि वह जलस्तर कम नहीं करेगी। सरकार ने वादा किया कि पुर्नवास नीति का पालन करते हुए वह कहीं और जमीन मुहैया करा देगी। प्रभावितों को जमीन दिखाई भी गई, मगर उन्हें पसंद नहीं आई।  जल सत्याग्रह के 32वें दिन घोगलगांव पहुंचे आम आदमी पार्टी के पवक्ता संजय सिंह ने नर्मदा घाटी के किसानों के साथ सत्याग्रह को स्थगित करने का आग्रह किया। सब ने सत्याग्रहियों को आश्वासन दिया कि सब लोग मिलकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। 

नर्मदा बचाओ आंदोलन की चितरूपा पालित ने बताया कि डूब प्रभावितों के अधिकारों के लिए संघर्ष को तीव्र करने के संकल्प के साथ जल सत्याग्रह को स्थगित किया गया और प्रशासन को विस्थापितों का पुनर्वास करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार की किसान के प्रति असंवेदनशीलता को देखते हुए, राज्य सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में किसान-मजदूर संघर्ष शुरू करने का संकल्प लिया गया। सत्याग्रह स्थगित होने के बाद सारे सत्याग्रहियों को एम्बुलेंस में खंडवा अस्पताल ले जाया गया।

विशेष : अमेरिकी पेट में एनजीओ पर प्रहार से पैदा हुई मरोड़

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दो अमेरिकी एनजीओ का लाइसेंस निरस्त करने के मामले में भारत सरकार पर दबाव बनाने की अमेरिका की कोशिशों पर संघ ने जबरदस्त तीखी प्रतिक्रिया दर्शाई है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पैरवी करने वाले संघ और उपभोगवादी आधुनिक आर्थिक दर्शन के प्रणेता अमेरिका के बीच सच्ची वैचारिकता के लिहाज से देखें तो कैर बैर का संग है जो निभना नहीं चाहिए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका के प्रति दासों की तरह की आसक्ति से यह उम्मीद नहीं लग रही थी कि दार्शनिक मतभेद के बावजूद संघ और अमेरिका के बीच किसी तीखे टकराव की नौबत आ सकती है। अलबत्ता संघ ने जो रुख प्रदर्शित किया है वह सही दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है और उम्मीद की जानी चाहिए कि भारत के लिए बाजारवादी छाया से मुक्त जिन वैकल्पिक नीतियों को गढ़े जाने की जरूरत है उन पर मोदी सरकार को अंततोगत्वा काम करना पड़ेगा क्योंकि यह इतिहास की शक्तियों की बाध्यता है।

भारत सरकार ने तीन साल से रिटर्न न देने के कारण अमेरिका के दो एनजीओ ग्रीन पीस व फोर्ड फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। अमेरिका उसके इस कदम से इतना बौखला गया कि उसने इस बात की भी परवाह नहीं की कि वह अन्य देश की संप्रभुता का सम्मान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर के तहत बंधा हुआ है। उसने जिस ढंग से भारत सरकार को धौंसियाने की कोशिश की है वह उसके अभिमान व तानाशाही की पराकाष्ठा है। संघ ने तत्काल ही इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। उसने अपने मुख पत्र आर्गनाइजर में दि अनसिविल इंटरवेंशन शीर्षक से प्रकाशित लेख में अमेरिका द्वारा एनजीओ की आड़ में अंजाम दिए जा रहे साम्राज्यवादी हथकंडों को निर्ममता और साहस पूर्वक बेनकाब कर दिया है।

मोदी सरकार ने उक्त दो एनजीओ के खिलाफ जो कदम उठाया है वह अनायास नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर विदेशी एनजीओ द्वारा महाशक्तियों की स्वार्थपूर्ति के लिए आंदोलनकारी तरीकों से देश के संदर्भ में विनाशक एजेंडा लागू करने पर एतराज जताते रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के सम्मेलन में अपने संबोधन में न्याय पालिका से आग्रह किया कि वह इन एनजीओ द्वारा बनाई गई धारणाओं के आधार पर फैसले देने से बचें। उन्होंने इंगित किया कि इन फैसलों से देश का भारी नुकसान हो रहा है और मोदी की इस बात में कोई संदेह नहीं है।

यह दूसरी बात है कि खुद भाजपा ने भी इस मामले में एनजीओ का इस्तेमाल किया। अन्ना हजारे व्यक्तिगत रूप से भले हो सकते हैं लेकिन वे एनजीओ की आड़ में विदेशी शक्तियों द्वारा अंजाम दी जाने वाली धूर्तताओं से परिचित नहीं हैं इसीलिए उनके जनलोकपाल आंदोलन में जब एनजीओ ने अपनी ताकत झोंकी तो वे इसमें देश के लिए निहित खतरों को नहीं समझ पाए। दूसरी ओर भाजपा ने भी एनजीओ की देश को अस्थिर करने की तत्कालीन मुहिम को प्रबल करने में आग में घी डालने की भूमिका निभाई। भाजपा को उस समय मनमोहन सरकार को चित्त करके अपनी गोटी लाल करने की पड़ी थी। इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि जनसूचना अधिकार अधिनियम, मनरेगा, जनलोकपाल अधिनियम की मुहिम आदि से देश को फायदा हुआ या देश को चारागाह समझने वाली विदेशी शक्तियों को। भाजपा ने जनलोकपाल विधेयक के आंदोलन का समर्थन किया था लेकिन उसकी राज्य सरकारें और मोदी सरकार खुद भी इसके लिए इच्छुक नहीं है। 

अरविंद केजरीवाल के बारे में भी शुरू में खबरें आई थीं कि उनके एनजीओ में शोध के नाम पर एक ऐसी छात्रा ने कई महीनों काम किया जिस पर संदेह है कि वह सीआईए के लिए काम करती थी। संघ ने अपने आलेख में इस बात का भी इशारा किया है और कहा है कि सिविल सोसायटी के नाम पर विदेश नीति के हस्तक्षेप का अशिष्ट तरीका मान्य नहीं किया जा सकता। अधिकार आधारित मुद्दे उठाने वाले एनजीओ के विदेशी वित्त पोषण के मामले में निगरानी के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं से अमेरिका भारत में उनको छूट क्यों दिलाना चाहता है। अगर वे उसकी सरजमीं पर ऐसा ही काम कर रहे हों तो क्या वह इसे सहन कर लेगा। वास्तविकता यही है कि उक्त दोनों एनजीओ ने इसलिए रिटर्न नहीं दिया कि इसमें पता चल जाएगा कि उन्हें फंडिंग कौन कर रहा है और उनके द्वारा कथित वंचितों के अधिकारों के लिए किए जा रहे आंदोलन के पीछे किन विदेशी शक्तियों का निहित स्वार्थ है।




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के  पी  सिंह
ओरई 

आलेख : पहलवान फूलचन्द्र का दीर्घाहारी होना उसके लिए बना कष्टकारी

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ट्रैक्टर, ट्राली का एक हिस्सा उठाने के साथ ही मोटर साइकिल भी अपने सिर तक हवा में उठाने की क्षमता रखता है फूलचन्द्र। उसका भोजन इतना कि बड़े-बड़े खिलाने वालों को छूट गये पसीने। गोण्डा के सांसद ठाकुर ब्रजभूषण शरण सिंह वर्तमान में फूलचन्द्र यादव पहलवान की करा रहे हैं क्षुधा शान्ति। फूलचन्द्र पहलवान का नाश्ता छः लीटर दूध और 2 किलो कच्चा चना। एक वक्त के भोजन में लेता है तीन किलो आटे की रोटी, दो किलो दाल, और ढाई सौ ग्राम घी। भोजन न मिलने की स्थिति में फूलचन्द्र को अपनी क्षुधा शान्ति के लिए पीना पड़ता है कम से कम 160 कच्चे अण्डे। इस पहलवान को लोग सीकिया पहलवान कह कर पुकारते हैं। 

यह सुनने में अजीब जरूर है पर है पूरी तरह सत्य। जिले का एक ऐसा युवा पहलवान है जो भरपेट भोजन के लिए भटक रहा है। क्योंकि उसका आहार ही इतना अधिक है कि कोई भी उसे दो चार दिन भोजन कराने के बाद ही हिम्मत हार जाता है। यह अलग बात है कि देखने मे दुबला-पतला सा वह युवक अपनी ताकत की बदौलत ट्रैक्टर-ट्राली का एक हिस्सा हाथों से पकड़ कर उठाने के साथ-साथ मोटर साइकिल भी हवा में उठा देता है। 

अम्बेडकरनगर जिले की जलालपुर तहसील मुख्यालय के तमसा पार उत्तर तरफ स्थित ग्रामीण बाजार मंगुराडिला से सटे मदरहा पुरवे का फूलचन्द्र यादव (25 वर्ष) अपने अप्रत्याशित भोजन के साथ तरह-तरह के शारीरिक करतबों को लेकर चर्चा मंे है। जब वह महज 19 वर्ष का था तब उसके घर के निकट तमसा नदी में एक ट्रैक्टर फंस गया था, उस समय फूलचन्द्र ने उक्त ट्रैक्टर को बड़ी आसानी से खींच कर बाहर निकाल दिया था। इस घटना के बाद फूलचन्द्र की ताकत देख सभी हैरत में पड़ गये थे। वहीं से मिले प्रोत्साहन और आत्मबल के चलते उसका साहस दिनों दिन बढ़ता रहा। वह मोटर साइकिल दोनों हाथों से पकड़ कर सर्कसी अन्दाज में अपने सिर के ऊपर तक उठा लेता है, और खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली को भी हाथों से पकड़ कर उठाने की क्षमता रखता है। 

शारीरिक शिक्षा में स्नातक इस युवा की सबसे खास बात यह है कि उसे नाश्ते में छह लीटर दूध, दो किलो कच्चा चना, कम से कम चाहिए। जिसके बाद भोजन में तीन किलो आटे की रोटी दो किलो दाल, और ढाई सौ ग्राम घी की आवश्यकता होती है। यहीं भोजन उसे शाम को भी चाहिए। यदि शाम को भोजन न मिले तो वह कम से कम 160 कच्चे अण्डे तोड़ कर पीने के लिए विवश होता है, तब जा कर कही उसकी क्षुधा को शांति मिल पाती है। आखिर कम कमाई मंे उसके माँ बाप उसे कैसे भोजन दे पायें? यह एक बड़ी समस्या है। पेट पालने के लिए उसने कई सत्ता पक्षीय माननीयों के अलावा अफसरों की शरण ली, लेकिन वहां भी ज्यादा दिन तक उसे ठौर नहीं मिल सका। इस समय वह अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष/गोण्डा के सांसद ठाकुर ब्रज भूषण शरण सिंह के अखाड़े की देख-भाल करता है, जहाँ से उसके भरपेट भोजन और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति हो रही है। 

हालांकि फूलचन्द्र यादव के उपरोक्त वर्णित करतबों को देख-सुनकर कहा जा सकता है कि वह बलशाली है, जबकि उसकी शारीरिक बनावट सामान्य है। जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि वह अपनी क्षुधा शान्ति के लिए इतना भोजन उदरस्थ करता होगा। यदि भोजन/आहार के अनुसार उसका शरीर अपेक्षाकृत भारी होता तो लोग उसे देखकर अवश्य ही कलयुगी भीम कहते। भीम के बारे में जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि उनका आहार सामान्य से कई गुना अधिक था और महाभारत में वर्णित उल्लेखों के अनुसार कई हजार हाथियों का बल उनके शरीर में समाहित था। 

यह तो रही इतिहास/पुराण की बात लेकिन 21वीं सदी में फूलचन्द्र यादव को देखकर इस बात की पुष्टि होती है कि द्वापर युग में सामान्य लोगों से कई गुना अधिक आहार ग्रहण करने वाले महाबली, गदाधारी भीम में कई हजार हाथियों की ताकत जरूर रही होगी। हमें फूलचन्द्र यादव के बारे में यह रिपोर्ट और करतब दिखाते उसकी फोटो अम्बेडकरनगर (उ.प्र.) के पत्रकार घनश्याम भारतीय ने भेजा है, जो वर्तमान में पायनियर हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र से सम्बद्ध रहकर स्वतंत्र लेखन भी कर रहे हैं। यहाँ बताना अवश्यक हो गया है कि घनश्याम भारतीय की रिपोर्ट में फूलचन्द्र यादव के माता पिता के नामों का जिक्र नहीं था, यदि ऐसा होता तो हम उनका जिक्र जरूर करते।



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-रीता विश्वकर्मा-
सम्पादक 
रेनबोन्यूज डॉट इन
Mob. 8765552676

गर्मी में ऐसे पाएं निखरी रंगत

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लाह है कि रोजाना आठ गिलास पानी पिएं व जंक फूड न खाएं। दिल्ली के 'स्टार सैलून एंड स्पा'की मालकिन आश्मीन मुंजाल ने दमकती व स्वस्थ त्वचा के कुछ ऐसे ही उपयोगी टिप्स बताए हैं। आइए डालें इन पर एक नजर :

-प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी पिएं, जिससे आपके शरीर से विषैले तत्व (टॉकिन्स) निकल जाएं।

-केला, नारियल के गूदे का दूध और शहद को लगाएं, क्योंकि यह चीजें आपके चेहरे में नमी लाती हैं। यह झुर्रियों व काले घेरे से भी बचाते हैं।

-गर्मी के मौसम में जंक फूड से परहेज करें। यह शरीर में न केवल पोषक तत्वों की कमी करते हैं, बल्कि विषैले तत्व भी बनाते हैं। विटामिन और खनिज पदार्थो से भरपूर भोजन का सेवन करें।

-गुलाब जल में विटामिन ई तेल एवं कुछ चुटकी कपूर पाउडर डालें और अच्छे से मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं। यह लेप सर्वश्रेष्ठ स्क्रीन टोनर का काम करता है। पोषण के लिए टोनिंग जरूरी है।

झटपट निखार पाने के तरीके :

-एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस लेकर मिला लें। इसे चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट बाद सादे पाने से धो लें।

-एलोवेरा जैल को शहद के साथ मिलाएं और चेहरे पर लगाएं।

-मलमल के कपड़े में थोड़ी सी बर्फ लें और पार्टी या किसी अन्य समारोह में जाने से पहले इसे 30 मिनट के लिए अपने चेहरे पर हल्के हाथों से मलें।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों की तस्वीरें सरकारी विज्ञापनों में नहीं लगेंगी

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सरकारी विज्ञापनों में नेताओं और मंत्रियों की तस्वीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के अलावा किसी और नेता या मंत्री की तस्वीर लगाने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने इस बाबत याचिका पर अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि आगे से विज्ञापन में मुख्यमंत्री, मंत्रियों या किसी दूसरे नेताओं की तस्वीर भी नहीं लगाई जा सकती है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले में तीन सदस्यीय लोकपाल बनाने के लिए कहा है, जो अदालत के फैसले के पालन और इस ओर नजर रखने का काम करेगी. कोर्ट ने कहा कि इस ओर स्पेशल ऑडिट की अभी जरूरत नहीं है.

कराची में बस में अंधाधुंध फायरिंग, 47 की मौत

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पाकिस्तान के कराची में बुधवार को मोटरसाइकिल सवार आठ बंदूकधारियों ने एक बस पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें कम से कम 47 लोग मारे गए और 20 जख्‍मी हो गए। मरने वालों में 16 महिलाएं थीं। हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) ने ली है। बस इस्‍माइली समुदाय के लोगों को लेकर जा रही थी। इन पर हमला कराची के सफूरा चौक इलाके में हुआ। हमले के वक्त बस में 50 से 60 लोग सवार थे।


एक चश्‍मदीद के मुताबिक तीन-चार मोटरसाइकिल पर सवार आठ लोगों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हालांकि, वीडियो फुटेज में बस पर गोलियों के निशान नहीं दिखाई दे रहे हैं। इससे लगता है कि हमलावर बस के अंदर घुस गए थे। एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर 'डॉन'अखबार को बताया कि आतंकी बस के अंदर घुस गए थे। उन्‍होंने मुसाफिरों के सिर में गोलियां मारीं।

रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील की जांच के लिए एक उच्‍चस्‍तरीय आयोग बनाने की तैयारी में सरकार

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 रॉबर्ट वाड्रा के लैंड डील की जांच बीजेपी सरकार करवाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, हरियाणा सरकार इस लैंड डील की जांच के लिए उच्‍च स्‍तरीय जांच आयोग बनाने की तैयारी है। वहीं, हरियाणा सरकार ने इस जांच से जुड़े दस्‍तावेज केंद्र सरकार को भेज दिए हैं। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते जांच आयोग का ऐलान हो सकता है।

हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान हुए तमाम जमीन सौदों की जांच एक उच्चस्तरीय जांच आयोग करेगा। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत न्‍यायाधीश करेंगे। जांच खासकर उन जमीन सौदों की होगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जांच आयोग जल्द से जल्द अगले सप्ताह तक इसकी जानकारी देगी। मनोहर लाल खट्टर सरकार इस जांच पैनल को बनाने के आखिरी चरण में है। खट्टर सरकार इस जांच आयोग का खाका पहले ही तैयार कर चुकी है। राज्‍य सरकार ने इसकी पूरी जानकारी केंद्र को भेज दी है और जांच आयोग पर आखिरी मुहर केंद्र सरकार लगाएगी।

हालांकि भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। भाजपा हरियाणा प्रभारी और राष्‍ट्रीय महासचिव अनिल जैन ने इस बात की पुष्टि की है कि जांच आयोग बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। जैन के मुताबिक, जमीन सौदों में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए हम जांच आयोग बनाने में आगे बढ़े हैं। इस जांच पैनल की अगुवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज स्वतंत्र कुमार सरकार की पहली पसंद हैं। भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर कांग्रेस की ओर से दबाव बनाने के कारण मोदी सरकार बैकफुट पर है। हरियाणा सरकार के इस कदम को कांग्रेस को आइना दिखाने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। बुधवार को राहुल गांधी ने इस बिल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला था। जिसका हरियाणा से संबंध रखने वाले केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने करारा जवाब देते हुए राज्‍य में हुए भूमि अधिग्रहण को लेकर तत्‍कालीन हुड्डा सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया था।


सपा सरकार किसान विरोधी: अमित शाह

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बीजेपी ने बिहार और उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. अमित शाह ने बिहार के सभी सांसदों की बुधवार शाम बैठक बुलाई है. उधर अमित शाह अब उत्तर प्रदेश को भी साधने में लग गए हैं. शाह ने मंगलवार को अखिलेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को राहत के लिए केंद्र से भेजे गए सैकड़ों करोड़ रुपये प्रदेश सरकार के खजाने में है और राज्य का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है.

शाह ने अखिलेश सरकार से कहा कि किसानों के मुद्दे पर राजनीति बंद करें और कहा कि अखिलेश सरकार 33 प्रतिशत के आधार पर सर्वें क्यों नहीं करा रही. साथ ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को यह भी ताकीद दी कि वे यह सुनिश्चित करें कि मोदी सरकार से किसानों की मदद के लिए जो हजारों करोड़ रुपये राज्य सरकार को दिए गए, वे मंत्रियों के भ्रष्टाचार में न डूब जाये. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से हमने 1 करोड़ 86 लाख लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने का काम किया और इससे साबित होता है कि अब राज्य की सत्ता में आने से हमें कोई नहीं रोक सकता.

शाह ने कहा कि 1950 में 10 सदस्यों से शुरू हुई पार्टी एक लंबे संघर्ष के बाद बड़ी यात्रा तय करते हुए दस करोड़ से भी अधिक संख्या वाली पार्टी बन गई हैं. उन्होंने कहा आज देश में 13 राज्यों में हमारी सरकारें है. अब हम सब कार्यकर्ताओं का यह दायित्व बनता है कि हम अपने संगठन का और ज्यादा विस्तार कर पार्टी की पंचायत स्तर तक उसका जनाधार मजबूत करने का काम करें. उन्होंने कहा सिर्फ पार्टी की सदस्य संख्या बढ़ाकर हमारा काम नहीं चलने वाला बल्कि जो नए सदस्य बने हैं उनसे संपर्क संवाद कायम करके अपनी विचारधारा में जोड़कर उन्हें कार्यकर्ता बनाने का काम भी हमें करना होगा. जिस दिन हम इन नए सदस्यों को कार्यकर्ता बनाकर उन्हें संगठन कार्य में लगा देगे उस दिन कोई भी ताकत हमें राज्य की सत्ता में आने से नहीं रोक पायेगी.

शाह ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे जनहित के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस भरोसे और विश्वास के साथ जनता ने हमें केन्द्र की सत्ता सौंपी उस पर हम खरे उतरे है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सुशासन की अच्छी नींव रखी है. फिर भी कुछ विपक्षी दल भ्रम फैलाने में जुटे है. लेकिन उनके घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा यूपीए के शासन में हर दूसरे माह कोई न कोई घोटाला उजागर होता था. लेकिन मोदी सरकार में कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने को है इतने कम समय में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने की दिशा में हमने महत्वपूर्ण काम किये है. उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार, महंगाई, सुशासन, सहित जनता से किये गये अपने हर वायदे को पूरा किया है. जनधन योजना, पेंशन, सुरक्षा कवच, जीवन बीमा योजना सहित कई योजनाएं लागू करके जनहित में समाज के नीचले तबके तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुॅचे इसका प्रयास किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की दुर्दशा के लिए सपा-बसपा को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार में तो कमीशन राज चल रहा हैं. नौकरियां बिक रही है, खदानों-ठेकों में भारी कमीशन चल रहा है. उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराकर विकास के पथ पर तब तक नहीं ले जाया जा सकता जब तक सपा बसपा के हाथों से राज्य की जनता को मुक्त कराकर प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बन जाती.

शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आवाह्न किया कि वे जनता के बीच जाकर गर्व से कहे कि केन्द्र की मोदी सरकार विकास के हर पैमाने पर जन अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुई आगे बढ रही है. वे संगठन तंत्र को मजबूत करते हुए जनहित में संघर्ष करें और ‘उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश’ बनाने के संकल्प के साथ मिशन 2017 की तैयारियों में जुटकर राज्य की सत्ता से सपा बसपा और कांग्रेस की तिगड़ी को सत्ता से बेदखल करने की तैयारी करें.


झारखंड सरकार के मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी

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झारखंड सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला किया है. पश्चिम सिंहभूमि जिले के चायबासा में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय हुआ. मुख्यमंत्री रघुबर दास ने बैठक की अध्यक्षता की. कैबिनेट सचिवालय और समन्वय विभाग के प्रधान सचिव एसके सतपति ने कहा कि बैठक में 22 फैसले किए गए जिनमें कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला भी शामिल है.

अब मुख्यमंत्री का सालाना वेतन 24.60 लाख रुपये हो जाएगा जो पहले 17.22 लाख रुपये था. कैबिनेट मंत्रियों को सालाना 21.60 लाख रुपये मिलेंगे. अब तक उनका वेतन 15.30 लाख रुपये था. विधायकों को 21.64 लाख रुपये प्रति वर्ष का वेतन मिलेगा. अब तक विधायकों को सालाना 11.62 लाख रुपये मिलते थे.

उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री को तोप से उड़ाया गया

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उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोन उंग के बेहद करीबी माने जाने वाले देश के रक्षा मंत्री ह्यॉन योंग चोल को सरकारी आदेशों की अवहेलना करने की हिमाकत करने के कारण देशद्रोह के आरोप में सरेआम तोप से उड़ा दिया गया। कहा जाता है कि ह्यान किम जोंग उन की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के दौरान सो गए थे, जिसे किम ने अपने आदेशों की अवहेलना माना और ह्यान को इस हिमाकत के लिए मौत की सजा दे दी।

समाचार एजेंसी योनहाप ने देश की खुफिया एजेंसी एनआईएस के हवाले से खबर दी है कि 66 वर्षीय ह्यान को सैकड़ों लोगों की मौजदूगी में 30 अप्रैल को एक सैन्य प्रशिक्षण रेंज में विमानभेदी तोप से उड़ा दिया गया। ह्यान को मौत की सजा उनकी गिरफ्तारी के तीन दिन बाद दी गई। उनपर किसी तरह का मुकदमा नहीं चलाया गया था, लिहाजा उन्हें अपनी सफाई में कुछ भी कहने का मौका भी नहीं दिया गया।

ह्यान को दी गई मौत की सजा की स्वंतत्र रूप से  पुष्टि नहीं हो पायी है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यदि यह खबर गलत होती तो ह्यान या फिर सरकार की ओर से अब तक इसंका खंडन आ जाता। योनहाप की खबरों में बताया गया है कि एनआईएस ने देश के सांसदों के साथ आज हुई एक गुप्त बैठक में यह जानकारी दी कि ह्यान को मौत की सजा दे दी गयी है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि एनआईएस को खुद यह जानकारी कहां से मिली है।

ऐसी भी खबर है कि ह्यान अपने शीर्ष नेता किम जोंग उन के आदेशों की लगातार अवहेलना करते आए थे। कुछ समय पहले रूस में एक सम्मेलन के दौरान भी उन्होंने किम के खिलाफ कुछ बोला था, जिससे किम उनसे काफी नाराज थे। ह्यान वर्ष 2012 में उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री बनाए गए थे। उन्हें किम का काफी करीबी माना जाता था। ऐसे में उन्हें इतने निर्मम तरीके से मौत की सजा दिए जाने की खबर ने यह बात साफ कर दी है कि किम के राज में उनकी अवहेलना या फिर उनके साथ दगाबाजी की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

अपने पिता किम जोंग इल के निधन के बाद सत्ता संभालने के साथ ही किम अपने राजनीतिक विरोधियों या फिर उनकी सत्ता को चुनौती देने वाले करीब 70 नेताओं और अधिकारियों को मौत के घाट उतार चुके हैं।

मेरा चीन का दौरा एशिया के लिए नया मील का पत्थर साबित होगा: नरेंद्र मोदी

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सीमा मुद्दे और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीन की आधारभूत परियोजनाओं जैसे परेशान करने वाले मुद्दों के बीच चीन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कल चीनी नेतृत्व से मुलाकात कठिन चुनौती होगी हालांकि, उन्होंने उम्मीद जतायी है कि यह एशिया के लिए नया मील का पत्थर साबित होगा।

प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की अपनी पहली यात्रा पर जा रहे मोदी एक शिखर सम्मेलन के लिए सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर एक असाधारण कदम के तहत कल राष्ट्रपति शी जिनपिंग के गह शहर, प्राचीन शहर जियान पहुंचेंगे। पिछले साल सितंबर में भारत दौरे के दौरान मोदी ने भी चीनी नेता का अहमदाबाद में स्वागत किया था।

अपने दौरे के पहले प्रधानमंत्री ने चीनी मीडिया से कहा, मैं चीन के अपने दौरे के लिए आशान्वित हूं, 21 वीं सदी एशिया की है। हिन्‍दी में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके दौरे से भारत-चीन का संबंध आगे अधिक प्रगाढ़ होगा और एशिया तथा विकासशील देशों के लिए नया मील का पत्थर साबित होगा। अपने दौरे के पहले सरकारी सीसीटीवी से मोदी ने कहा, मेरा मानना है कि चीन के मेरे दौरे से केवल चीन-भारत दोस्ती ही प्रगाढ़ नहीं होगी बल्कि यह दौरा एशिया में विकासशील देशों के साथ ही दुनिया भर में संबंधों के लिए नया मील का पत्थर होगा। इसमें जरा भी संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन ने हालिया वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में बड़ी प्रगति की है और धैर्य व परिपक्वता के साथ अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश की है।

मोदी ने कहा, चीनी मीडिया के साथ संवाद कर मैंने भारत-चीन संबंधों की मजबूत संभावनाओं को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा, मैंने खासकर, गरीबी उन्मूलन में विकासशील देशों की मदद के लिए हमारी साक्षा जिम्मेदारी पर बात की। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, बुद्ध की जमीं होने के नाते एशिया पर यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि यह सदी जंग से मुक्त हो।

मोदी ने जिक्र किया कि उन्होंने पिछले एक साल में राष्ट्रपति शी से तीन बार मुलाकात की और विविध मुद्दों पर समग्र बातचीत की। दो साल पहले शी के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब वह बीजिंग के बाहर किसी विदेशी नेता का स्वागत करेंगे और मोदी के साथ अनौपचारिक तौर पर संवाद के लिए इतना वक्त गुजारेंगे। शी ने इससे पहले जिस दूसरे नेता के साथ इस तरह टहलकर वक्त बिताया, वह थे बराक ओबामा जिनसे वह एपेक सम्मेलन के दौरान मिले। अमेरिकी राष्ट्रपति को वह बीजिंग में इंपेरियल गार्डन जोजानहाई ले गए जहां पर चीन का नेतृत्व रहता है।

बहरहाल, दोनों देश जिन बातों पर गौर करेंगे उसमें सीमा विवाद से लेकर भारत के चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को चीन का समर्थन भी शामिल है। राष्ट्रपति शी ने 20 अप्रैल को पाकिस्तान के अपने दौरे पर राजमार्ग और पनबिजली परियोजनाओं के साथ ही पीओके होते हुए बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह तक चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर सहित आधारभूत संररचनाओं के निर्माण के लिए 46 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी।

नई दिल्ली ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर पर बीजिंग के समक्ष आपत्ति दर्ज करायी है। सीमा मुद्दों पर गंभीर मतभेद बना हुआ है यहां तक कि दोनों पक्ष यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहे हैं कि शांति बनी रहे। चीन पिछले साल चीनी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान मोदी की ओर से प्रस्तावित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्पष्ट करने का इच्छुक नहीं है। 

सीमा के प्रस्ताव के पहले एलएसी के संबंध में स्पष्टता से दोनों पक्षों की आक्रामक गश्त रुकने की उम्मीद है। पिछले दो साल में प्रधानमंत्री ली क्विंग और शी के भारत दौरे के दौरान लददाख में चीनी सैनिकों की दो घुसपैठों से दौरे का महत्व फीका पड़ गया था। घटनाओं के बाद मोदी ने शी को सुक्षाव दिया था कि एलएसी के स्पष्ट होने से सीमा पर शांति बनाए रखने में बड़ी मदद मिलेगी, जहां दोनों तरफ के सैनिक अपना-अपना दावा जताते रहते हैं। इस साल मार्च में सीमा वार्ता के 18 वें चरण के दौरान भी मुद्दे पर चर्चा हुयी थी।

शी अपने गृहनगर जियान में मोदी के साथ वार्ताओं के अलावा उन्हें प्रसिद्ध वाइल्ड गूज पैगोडा भी लेकर जाएंगे। वाइल्ड गूज पैगोडा की स्थापना बौद्ध धर्म को लोकप्रिय बनाने में बौद्ध भिक्षु शियान जांग के योगदान के प्रतीक के रूप में छठी शताब्दी ईसा पश्चात की गई थी। इस आध्यात्मिक स्थल की यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शियान ने प्राचीन रेशम मार्ग के माध्यम से 645 ईसा पश्चात भारत की यात्रा की थी और वे यहां अनमोल बौद्ध ग्रंथों के साथ 17 वर्षों तक रहने के बाद घर वापस गए थे। दोनों नेताओं के प्रीतिभोज करने से पहले पारंपरिक चीनी शाही तांग राजवंश मोदी का स्वागत करेगा।

दोनों नेताओं के बीच सीमा संबंधी मसलों, चीन की समुद्री रेशम मार्ग (एमएसआर) परियोजना और भारत में चीनी निवेशों के मुद्दों पर बात होगी। चीन रेशम मार्ग परियोजना को आगे बढाना चाहता है जबकि इस परियोजना को लेकर भारत को कुछ संदेह हैं। चीन इस परियोजना के लिए पहले ही 40 अरब डॉलर की घोषणा कर चुका है। मोदी शियान से बीजिंग जाएंगे जहां वह प्रधानमंत्री ली क्विंग से द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता करेंगे।

विदेश सचिव एस जयशंकर ने यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा, द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मामलों, बहुपक्षीय मामलों समेत सभी राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। केवल राजनीतिक ही नहीं बल्कि आर्थिक मामलों पर भी बात की जाएगी। इस दौरान व्यापार, आपसी सहयोग वाली ढाचांगत परियोजनाओं पर निवेश और मुक्षे लगता है कि लोगों के बीच संपर्क संबंधी व्यापक मुद्दों पर भी बात की जाएगी। दोनों पक्ष व्यापार, निवेश और अन्य विविध क्षेत्रों में सहयोग को बढावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

भूकंप से चीन-नेपाल राजमार्ग का संपर्क टूटा

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चीनी अधिकारी नेपाल में आये ताजा भूकंप के कारण चीन-नेपाल राजमार्ग पर जमा 40,000 घन मीटर मलबे को हटा कर मार्ग को फिर से खोलने के प्रयास में लगे हुए हैं. नेपाल में आये ताजा भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.3 मापी गयी थी.

अभियान के प्रमुख लियू गुओरोंग के हवाले से सरकारी समाचार एजेन्सी शिन्हुआ ने खबर दी है कि चाम शहर और तिब्बत के चाम बंदरगाह के बीच 13 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मलबे को हटाने के काम में 18 खुदाई यंत्रों के साथ 120 से अधिक पुलिस अधिकारी लगे हुये हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि आज सुबह चीनी संवाददाताओं ने भूकंप के बाद बंद पडे मार्ग पर पहाड़ से पत्थरों को गिरते हुये देखा है. ताजा भूकंप के कारण नेपाल में 65 और तिब्बत में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.
     
25 अप्रैल को नेपाल में आये 7.9 तीव्रता के भूकंप के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडो और झाम पोर्ट के बीच चीन-नेपाल राजमार्ग के एक अन्य हिस्से का संपर्क टूट गया था. इसके दो सप्ताह के बाद चीनी सशस्त्र पुलिस की मदद से इसे फिर से खोला गया.  25 अप्रैल को आये भूकंप में नेपाल में 8,000 और दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत में 26 लोगों की मौत हो गयी थी.

ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ ढाका जाएंगी

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करीब चार साल पहले सितंबर 2011 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका जाने से इनकार कर दिया था। ममता ने यह फैसला अचानक लिया था क्योंकि मनमोहन सिंह के साथ उनकी ढाका यात्रा तय थी। इंडिया-बांग्लादेश रिश्तों में जान फूंकने के लिए पीएम मोदी जून में ढाका जाने वाले हैं। इस बार मोदी के साथ ममता बनर्जी भी जाएंगी। 9 मार्च 1972 में दोनों देशों के बीच हुई संधि की अवधि 1997 में ही खत्म हो गई है।

पिछले हफ्ते मोदी कोलकाता पहुंचे थे। खबर है कि उन्होंने नजरुल मंच पर ममता से बातचीत के दौरान साथ में ढाका चलने को कहा। शुरुआती बातचीत में पीएम और सीएम के बीच इस यात्रा को लेकर सहमति बन गई है। हालांकि राज्य सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। मोदी के इस प्रस्ताव पर ममता ने कहा कि उन्हें जुलाई में चार दिवसीय यात्रा पर लंदन जाना है। उन्होंने पीएम से कहा कि यदि बांग्लादेश दौरे की तारीख फाइनल हो जाती है तो वह उसी हिसाब से तैयारी करेंगी।

ममता की मोदी के साथ ढाका यात्रा के बाद केंद्र से 3,009 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज मिलने का रास्ता और सुनिश्चित हो जाएगा। भारत-बांग्लादेश सीमा पर 111 परिक्षेत्रों से आबादी को बसाने में संसद ने इस मुआवजे का वादा किया है। ममता ने मोदी से कहा है कि दोनों देशों के बीच परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान से पहले मुआवजा पहली आवश्यकता है। इस मुआवजे के बाद केंद्र और राज्य के बीच तनातनी की स्थिति खत्म होगी। जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तीन बीघा कूचबिहार गए थे तो ममता ने कड़ी आपत्ति जतायी थी। ममता बनर्जी तब उत्तर बंगाल में थीं। वह ने इस बात से परेशान थीं कि राजनाथ सिंह बिना बात किए कूच बिहार क्यों गए।

इस साल फरवरी में ममता बनर्जी ढाका गई थीं। उन्होंने बांग्लादेश में कहा था कि वह दो मुद्दों- दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी के पानी की साझेदारी और लैंड बाउंडरी ऐग्रिमेंट पर बने गतिरोध को खत्म करना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह पीएम से बात कर इन मुद्दों को जल्द सुलझा लेंगी। राज्य के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ममता की इस यात्रा से बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के बीच दोस्ती के साथ इंडो-बांग्ला रिश्तों पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।

नारायण साई के खिलाफ अहम गवाह को अज्ञात लोगों ने गोली मारी

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 बलात्कार मामले में फंसे आसाराम और उसके बेटे नारायण साई मामले के एक अहम गवाह को अज्ञात लोगों ने गोली मार दी है। मामला हरियाणा के पानीपत का है, जहां अज्ञात लोगों ने गवाह महेंद्र चावला को उनके घर में घुसकर गोली मार दी। महेंद्र को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

महेंद्र चावला पहले ही कह चुके थे कि उनकी जान को खतरा है। ये महेंद्र चावला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने आसाराम और नारायण साई के सूरत आश्रम की कई काली करतूतों पर से पर्दा उठाने का काम किया था। चावला ने ही सूरत की दो बहनों के साथ रेप के मामले में नारायण साई के खिलाफ बयान दिया था।

रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव ने फोन पर बताया, 'कुछ अज्ञात लोगों ने चावला पर गोली चलाई। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया और अब वह खतरे से बाहर हैं।'इस घटना के संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया गया है। खतरे की आशंका के चलते गवाह को सुरक्षा के लिए एक बंदूकधारी उपलब्ध करवाया गया था। जाधव ने कहा, 'हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना के समय बंदूकधारी कहां था?'

पानीपत के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने कहा, 'हम उस दिशा में काम कर रहे हैं और हमें जल्दी ही गिरफ्तार किए जाने की उम्मीद है।'एक महिला ने नारायण पर आरोप लगाया था कि साल 2002 और 2005 के बीच जब वह सूरत स्थित उसके आश्रम में रह रही थी, तब नारायण साईं ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद नारायण के खिलाफ बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, उत्पीड़न, गलत ढंग से बंदी बनाना समेत भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

नारायण के खिलाफ सूरत की महिला द्वारा बलात्कार का मामला दर्ज कराए जाने के बाद दिसंबर 2013 में उसे गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से वह सूरत जेल में बंद है। फरवरी में अभियोजन पक्ष के एक गवाह को एक व्यक्ति ने जोधपुर में अदालत परिसर में ही चाकू मार दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले रविवार 11 जनवरी 2015 को यूपी के मुजफ्फरनगर में रात को बाइकसवार बदमाशों ने अखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अखिल गुप्ता की पहचान आसाराम और नारायण साई के पूर्व सेवादार के तौर पर की गई थी। अखिल के परिजनों ने बताया था कि कुछ समय पहले गुजरात पुलिस ने अखिल से पूछताछ की थी और वो उसे अपने साथ गुजरात भी लेकर गई थी। परिजनों का कहना था कि अखिल ने आसाराम और नारायण साई के ख़िलाफ़ गवाही भी दी थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी आसाराम मामले में गवाही देने वाले एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इनकी पहचान आसाराम के निजी फिजीशियन (डॉक्टर) अमृत भाई के रूप में हुई थी। बताया जा रहा है कि इन्होंने भी आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी। इस मामले में गौर करने की बात यह भी है कि जोधपुर की कोर्ट में जिस जज की कोर्ट में यह मामला चल रहा है उन्हें भी कई बार धमकाया जा चुका है। तमाम चिट्ठियां उन्हें ऐसी ही भेजी गई हैं। सूरत मामले में तीन और लोगों पर हमले हो चुके हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने रेप मामले में नारायण साई की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। यही नहीं, कोर्ट ने साफ कहा था कि नारायण साई को जमानत तब ही मिलेगी, जब उसकी मां के ऑपरेशन का दिन तय हो जाएगा। कोर्ट ने कहा, 'नारायण साई को तभी रिहा किया जाएगा, जब डॉक्टर लिखि‍त तौर यह बताएंगे कि अमुख तारीख को नारायण साई की मां का ऑपरेशन होना है।'

मां की सर्जरी के नाम पर ही नारायण साई ने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखि‍ल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे तीन हफ्ते के लिए जमानत पर रिहा कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मां की सर्जरी के बाद नारायण साई को तुरंत फिर से सरेंडर करना होगा। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि अगर नारायण साई रिहा होता है तो उसके समर्थक कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।

काला धन संबंधी विधेयक पर संसद की मुहर

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विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश में लाने संबंधी “अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति (कराधान) विधेयक 2015” को आज राज्यसभा की मंजूरी मिलने साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गयी। चार घंटे की चर्चा के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया जबकि लोकसभा इसे सोमवार को पहले ही पारित कर चुकी थी। 

चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने अरूण जेटली ने कहा कि सरकार देश को काले धन की समस्या से हमेशा 
के लिए निजात दिलाने के लिये कटिबद्ध है और इस कानून से विद्यार्थियों, पेशेवरों एवं प्रवासियों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। यह कानून केवल उन्हीं भारतीय नागरिक पर लागू होगा जो कम से कम 192 दिन स्वदेश में रहेंगे और जिनके विदेशी खातों में पांच लाख रुपए से अधिक की संपत्ति होगी। 

विपक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में जानबूझकर रोड़े अटकाता रहा- वेंकैया नायडू

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संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर महत्वपूर्ण विधेयकों को संसदीय समितियों में भेजने पर अड़ा रहा और इस तरह उसने देश की प्रगति और विकास के सरकार के प्रयासों में रोड़ा अटकाने का काम किया।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के समापन पर यहां संवाददाता सम्मेलन में श्री नायडू ने हर विधेयक को संसद की स्थायी या किसी अन्य समिति को भेजने तथा लगभग हर रोज प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस देने की विपक्ष की प्रवृति को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उसे अपनी इस भूमिका के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता तथा लोकतांत्रिक तरीके के साथ काम करना चाहती है लेकिन उसके प्रगति से जुडे प्रयासों पर ब्रेक लगाने के लिए प्रक्रिया के नाम पर विधेयकों को एक या दूसरी समिति को भेजने की मांग निश्चित रूप से ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बार संसदीय समिति में भेजे गये विधेयक को दोबारा उसी समिति में भेजने की मांग की जाती है। भूमि अधिग्रहण, वस्तु एवं सेवा कर तथा रियल एस्टेट विधेयक के मामले में ऐसा ही हुआ। इन विधेयकों पर विभिन्न समितियों में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। इन्हें फिर से संसदीय समिति में भेजने से कानून बनने में देरी ही होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में सभी दलों को दलगत राजनीति से उपर उठकर निर्णय लेने चाहिए। प्रकियाओंं का उद्देश्य समीक्षा करना होता है और इनके कारण कानून बनाने में देरी नहीं होनी चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों को मिलकर संसद के माध्यम से लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने का मंच बनना चाहिए।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (13 मई)

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किसान विदेश अध्ययन यात्रा के लिए, आवेदन सोमवार तक जमा होंगे

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मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना के तहत जिले के कृषकों से आवेदन प्राप्ति की अवधि बढाई गई है किसान भाई अपने भरे हुए आवेदन 18 मई सोमवार तक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक कार्यालय मेें जमा कर सकते है। योजना की जानकारी एवं आवेदन प्रपत्र के प्रारूप हेतु विभाग की बेवसाइट एवं मंडी बोर्ड की बेवसाइट से अपलोड किए जा सकते है। जिला मुख्यालय पर प्राप्त आवेदनांे का परीक्षण 19 मई को किया जाएगा और सुपात्र आवेदनो को 20 मई को राज्य स्तरीय चयन समिति को भेजे जाएंगे। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक कार्यालय से अथवा उनके मोबाइल नम्बर 9424386019 से सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। 

डीएल एड पत्राचार पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित

जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान विदिशा में डीएल एड प्रथम वर्ष पत्राचार पाठ्यक्रम से करना चाहते है। वे अपने भरे हुए आवेदन 28 मई तक जमा कर प्रवेश ले सकते है। संस्था की प्राचार्या ने बताया कि शासकीय अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है जिसमें जिले के ऐसे समस्त सहायक शिक्षक, गुरूजी, संविदा शिक्षक वर्ग-तीन जो अप्रशिक्षित है वे पत्राचार पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते है। 
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