राजधानी में निजी बिल्डरों की मनमानी का थमता नहीं दिख रहा सिलसिला, आवेदकों को लाटरी से किया जाएगा फ्लैटों का आवंटन
- रिवर वैली प्रोजेक्ट ने बनाई लाटरी की योजना, एक आवेदन फार्म की कीमत है 570 रुपये
- हजारों की संख्या में बिक रहे आवेदन के फार्म, महज 2550 फ्लैट ही बिल्डर के पास उपलब्ध
- महज फार्मों से ही हो जाएगी लाखों की कमाई
देहरादून,13 मई । देहरादून में निजी बिल्डरों की मनमानी पर कोई अंकुश लगाने वाला नहीं है। नतीजा यह है कि अब मकानों के आवंटन के लिए लाटरी सिस्टम शुरू किया जा रहा है। इस नए सिस्टम से बिल्डर को लाखों रुपये तो केवल आवेदन फार्म की बिक्री से ही मिल जाएंगे। लाटरी में अगर मकान नहीं निकला तो आवेदन पत्र खरीदने में खर्च किए गए पैसे वापस भी नहीं मिलेगे। बताया जा रहा है कि सरकारी नियमों की खामियों का फायदा उठाकर ऐसा किया जा रहा है। दून में आवासीय कालोनी बनाने बिल्डर जमकर मनमानी कर रहे हैं। नियमानुसार कुल आवासों का 15 फीसदी हिस्सा ईएसडब्लयू (आर्थिक रूप से कमजोर तबका) के लिए आरक्षित होता है। लेकिन देहरादून की किसी भी कालोनी में इस नियम का पालन नहीं किया गया है। सरकारी तंत्र की ओर से इन्हें नोटिस जारी करके खानापूरी भर कर दी जाती है। कई कालोनियों में बिल्डर के फ्लैट तो बेच दिए। लेकिन तमाम काम अधूरे छोड़ दिए है। सर्विस टैक्स अदा न करने के मामले भी सामने आते रहे हैं। इन बिल्डरों के रसूख के आगे सरकारी सिस्टम मौन साधे बैठा है। अब दून के एक बिल्डर ने नया फंडा शुरू कर दिया है। इस बिल्डर से अपने प्रोजेक्ट का जमकर प्रचार-प्रसार किया। नतीजा यह है कि लोगों में इस कालोनी में मकान लेने की होड़ सी मच गई है। रिवर वैली नामक इस हाउसिंग प्रोजेक्ट को सरकारी सिस्टम के अनुसार चलाने की कोशिश हो रही है। प्रोजेक्ट के प्रमोटर से भारतीय स्टेट बैंक से टाईअप किया है। इस बैंक की तमाम शाखाओं से आवेदन फार्म की बिक्री कराई जा रही है। इसके अलावा बिल्डर अपने स्तर से भी इन आवेदन फार्मों की बिक्री करवा रहा है। एक आवेदन पत्र की कीमत 570 रुपये रखी गई है। इसे जमा करते वक्त फ्लैट की कीमत के अनुसार ही 75 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक जमा करने होंगे। यहां तक तो सिस्टम को ठीक माना जा सकता है। लेकिन इससे आगे कुछ गड़गड़झाला सा लग रहा है। इस रिवर वैली प्रोजेक्ट में विभिन्न कैटेगरी के कुल तीन हजार फ्लैट बनने हैं। इनमें से 15 फीसदी ईएसडब्लयू के लिए आरक्षित हैं। इस लिहाज से बिल्डर के पास कुल 2550 फ्लैट ही बच रहे हैं। आवेदन फार्मों की बिक्री जमकर हो रही है। सूत्रों ने बताया कि अब तक बैंक के माध्यम से लगभग सात हजार से ज्यादा फार्म बिक चुके हैं। फिर तमाम फार्म बिल्डर खुद भी बेच रहा है। ऐसे में फ्लैटों का आवंटन लाटरी के माध्यम से ही होगा। जाहिर है कि 2550 लोगों को ही फ्लैट मिल सकेंगे। बाकी आवेदकों की फार्म खरीद की राशि बिल्डर के खाते में ही जाएगी। इसके अलावा आवेदन फार्म के साथ जमा होने वाली राशि भी बिल्डर के खाते में महीनों तक जमा रहेगी। जाहिर है कि प्रोजेक्ट शुरू होते ही बिल्डर के खाते में करोड़ों की रकम जमा हो जाएगी। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या निजी बिल्डर को लाटरी से मकान बेचने का अधिकार है। सरकारी अफसरों की कहना है कि कानून में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि निजी बिल्डर लाटरी से मकान नहीं बेच सकता। जाहिर है कि कानून की इसी खामी का फायदा उठाकर बिल्डर मकान लेने के इच्छुक लोगों को फार्म लेने के लिए प्रेरित कर रहा है। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि बिल्डर उतने ही फार्म क्यों नहीं बेच रहा है, जितने की उसके पास फ्लैट हैं। आखिर हजारों की संख्या में आवेदन फार्म बेचने के पीछे बिल्डर की मंशा क्या है। भले ही एक व्यक्ति के 570 रुपये की कोई ज्यादा अहमियत न हो, लेकिन हजारों की संख्या में फार्म बिकने से बिल्डर के खाते में तो लाखों रुपये आ जाएंगे। इससे अच्छा धंधा और हो भी क्या सकता है।
---बैंक ने बिल्डर को लाटरी से मकान बेचने के बारे में कोई अनुमति नहीं दी है। वैसे भी बैंक को इस बारे में कोई अधिकार नहीं हैं।महेश बत्थर््ावाल, मुख्य प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, कामर्शियल शाखा
--एमडीडीएम केवल ईएसडब्लयू वाले फ्लैट का आवंटन ही लाटरी से करेगा। अन्य फ्लैट बिल्डर अपने स्तर से ही बेचेगा। वह कैसे बेचता है, इसका एमडीडीए से कोई लेना-देना नहीं हैं।पीसी दुम्का, सचिव, एमडीडीए
--हमारे पास लाटरी से फ्लैट बेचने की अनुमति है। बेहतर होगा कि आप रिवर वैली के दफ्तर में आकर बात करे। प्रवीन, प्रतिनिधि रिवर वैली, मो.
एक मंत्री ने मुबंई में रंगीन की शाम, सरकारी खर्च पर ऐश करने में एक अफसर ने की मदद
- विभागीय कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई गए थे नेता जी
देहरादून,13 मई। इस कांग्रेस सरकार में एक मंत्री जी का महिला प्रेम तो पहले से ही जगजाहिर था। अब उनका साथ निभाने के लिए एक दूसरे मंत्री जी भी महिला प्रेमी हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री ने मुंबई प्रवास के दौरान एक शाम रंगीन करने के लिए सरकारी खजाने से पैसा पानी की तरह बहाया। बताया जा रहा है कि इस काम में मंत्रीजी का साथ दिया सूबे के एक चर्चित नौकरशाह ने। अब यह मामला किसी तरह से खुला तो नेता और अफसर चटखारे लेकर इसकी चर्चा कर रहे हैं। दरअसल, यह बात कुछ महीने पहले की है। बड़ी मशक्कत के बाद कैबिनेट मंत्री बनने वाले एक नेता जी अपने विभाग के एक कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई गए थे। साथ में पूरा सरकारी अमला और मंत्री जी का स्टाफ भी था। विभागीय कार्यक्रम किसी तरह से पूरा हुआ तो अचानक मंत्रीजी को किसी ने मुंबई में मनाई जा सकने वाली हसीन शाम का जिक्र किया। अब दिल ही तो बात मंत्री जी को जम गई। सोचा इसका भी लुफ्त उठा लिया जाए। बताया जा रहा है कि दिल में हसीन सपने देखते ही मंत्री जी ने साथ गए अफसरों से इस बारे में बात की। कहा गया है कि शाम रंगीन करने में पैसा बहुत खर्च होगा। बताया जा रहा है कि मंत्रीजी पूरा मन बना चुके थे। ऐसे में सोचा कि जब सरकारी खजाने से करोड़ों रूपये पानी में बहाए ही जा रहे हैं तो कुछ और बह जाएंगे। क्या फर्क पड़ता है। वैसे भी ऐसे मौके बार-बार आने वाले नहीं हैं। ऐसे में क्यों न विभागीय नौकरशाह से कहा जाए कि वही शाम रंगीन करने की व्यवस्था का जिम्मा संभालें। मंत्रीजी ने जोश में आकर आला नौकरशाह को फरमान सुना दिया कि रंगीन शाम का इंतजाम किया जाए। ये नौकरशाह जनाब तो पहले से ही वहां के गुर्गों से संपर्क थे। उन्होंने अपने तरकस के सारे तीर मंत्री जी को खुश करने के लिए आजमा दिए। आखिरकार मंत्रीजी की शाम को खास करने का इंतजाम भी हो गया। बताया जा रहा है कि शाम रंगीन करने के इंतजाम में विभाग को लाखों रुपये चुकाने पड़े। पैसे जाने का दर्द न मंत्री को हुआ और ना नौकरशाह को, क्योंकि दोनों की जेब से तो वे पैसे गए नहीं। पैसा गया सरकारी खजाने से। बताया तो यह भी जा रहा है कि यह पैसा सूबे के ब्रांड अंबेसडर बनाए गए एक क्रिकेटर के नाम पर खर्च किया गया। बताया जा रहा है कि यह मामला उस वक्त गरमाया जब लोगों ने कहा जिसे ब्रांड अंबेसेडर बनाया है, उसे चारधाम यात्रा संचालन से पहले बुला तो लो। लेकिन अंबेसडर साहब नहीं आए। अरे जनाब वो तो आते तो तब जब उन्हें कुछ माल मिला होता। इन्हें दिया जाने वाला माल तो कहीं और खर्च हो गया। इसके बाद से ही मंत्रीजी की शाम रंगीन होने का मामला खासी सुर्खियों में आ गया है।
उत्तराखंड में शराब महंगी, तस्करी बढ़ी, खाली पड़ी दुकानें, राजस्व का हो रहा नुकसान
देहरादून,13 मई (निस)। उत्तराखंड में शराब अब महंगी हो गई है। वैट में बढ़ोतरी से इंग्लिश शराब की कीमत 15 प्रतिशत और देशी में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब पॉलिसी जारी होने के बाद वैट में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में इस साल आबकारी नीति को लेकर पहले ही बहुत बवाल हो चुका है. सरकार ने विचलन के तहत शराब के वैट में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है।लेकिन इसका सीधा असर शराब के तस्करों को फायदा पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब सहित हिमाचल व चंडीगढ़ में शराब के दाम अब भी उत्तराखंड से काफी कम है। बीते कई सालों से शराब की तस्करी उत्तराखंड की राजधानी ही नहीं बल्कि राज्य के दूर दराज तक के इलाकों तक में होती रही है। इसका खामियाजा उत्तराखंड को शराब से मिलने राजस्व में हानि से होता है। हालांकि, आबकारी विभाग के पास अभी तक वैट बढ़ोत्तरी के आदेश नहीं पहुंचे हैं। आयुक्त वाणिज्य कर दिलीप जावलकर ने शराब की कीमतों में वैट बढ़ाए जाने की संस्तुति की है। देहरादून में शराब के शौकीनों पर नई आबकारी नीति काफी भारी पड़ रही है। कई कंपनियों द्वारा मोल भाव किए जाने की वजह से शराब का संकट गहरा गया है। पहले तो शराब के ब्रांड को लेकर रार चल रही थी। लेकिन दो दिनों से ठेकों पर रम के अलावा कोई दूसरी शराब नहीं मिल रही है। चुनिंदा ठेकों पर शराब है, लेकिन उसके अधिक दाम वसूले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से शराब की मारामारी चल रही है यह स्थिति दो-तीन दिनों में समाप्त होने वाली नहीं हैं। आबकारी विभाग की नई नीति ने शराब के शौकीनों के साथ-साथ ठेकेदारों तक को परेशान कर दिया है। गौरतलब है कि इस साल शराब के ठेकों का आवंटन 31 मार्च के बजाय 15 अप्रैल को हुआ था. नई आबकारी नीति बनाने को लेकर अधिकारी बहुत पसोपेश में थे। इस कारण एक पखवाडे़ का वक्त नई आबकारी नीति बनाने में लग गया था। एफएल -2 की घोषणा एक मई को हो पाई। एफएल -2 का लाइसेंस राज्य मंडी परिषद को दिया गया है, जबकि शराब की सप्लाई जीएमवीएन व केएमवीएन के स्टोर से होनी हैं। अब शराब कंपनियों की लामबंदी से शराब का शहर में टोटा बन गया है. देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह का कहना है कि जल्द ही मामले का निदान कर लिया जाएगा और शराब की सप्लाई में कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। वहीँ शराब के ठेकेदारों का कहना है कि अब उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि वे लाइसेंस की फीस जमा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें शराब की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है.
सरकार नहीं दिला पा रही गन्ना उत्पादक किसानों को उनका बकाया पैसा, अब नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी
- भाकियू की कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, चीनी मिलों पर बकाया हैं किसानों से 555 करोड़
- अब नियमानुसार ब्याज की मांग करेंगे किसान
बाजपुर (ऊधमसिंह नगर),13 मई (निस)। भारतीय किसान यूनियन ने राज्य की चीनी मिलों पर किसानों की बकाया राशि 555 करोड़ का भुगतान दिलाने के लिए अब नैनीताल उच्च न्यायालय की शरण में जाने का फैसला किया। भाकियू की कोर कमेटी ने तय किया है एक जनहित याचिका के माध्यम ने गन्ना मूल्य के साथ ही बकाया राशि पर ब्जाय भी दिलाने की मांग की जाएगी। भाकियू ने इसकी पूरी कार्य योजना भी तैयार कर ली है और अगले सप्ताह तक याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल कर दी जाएगी। एक फार्म हाउस पर हुई भाकियू कोर कमेटी की बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान के मामले में प्रदेश सरकार पर गन्ना उत्पादक किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया गया। भाकियू की यूथ विंग के मंडलीय महासचिव विकास डोगरा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार गन्ना उत्पादक किसानों के साथ छल कर रही है। मेहनतकश किसान प्रकृति की मार से बेहाल है तो गन्ने को चीनी मिलों तक पहुंचाने के बाद भी झोली खाली है। कुदरत की मार से पीडि़त किसानों को उम्मीद थी कि सरकार चीनी मिलों से भुगतान कराकर उन्हें सदमे से उबरेगी। लेकिन सरकार और चीनी मिलों ने कुछ नहीं किया। इतना ही नहीं कर्जा देने वाले बैंक, गन्ना समितियां किसानों से वसूली पर आमादा हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार से दो-दो हाथ करना मजबूरी बन गया है। हरिद्वार की इकबालपुर, लक्सर, तथा उत्तमनगर चीनी मिलों पर लगभग 345 करोड़ ऊधमसिंह नगर की नादेही, बाजपुर, गदरपुर, सितारगंज तथा किच्छा चीनी मिल पर लगभग 180 करोड़ तथा देहरादून की डोईवाला चीनी मिल पर लगभग 30 करोड़ बकाया बना है। सरकार ने पहले जीओ में अगेती प्रजाति के गन्ने के लिए 290 रुपये तथा सामान्य प्रजाति के लिए 280 रुपये कीमत तय की थी। इसमें कहा गया है कि मिलें गन्ना क्रय करने की तिथि से 14 दिन में 40 रुपये कम की दर से भुगतान करेंगी। अवशेष मूल्य मिल बंद होने के तीन माह के अंदर अदा किया जाएगा। भुगतान न करने पर मिलें ब्याज सहित भुगतान करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार के अडि़यल रवैये के चलते न्यायालय अलाव कोई मददगार नही दिख रहा है। भाकियू की कोर कमेटी ने तय किया है कि किसान अब सरकार के आग हाथ नहीं फैलायेगा और अगले सप्ताह उच्च न्यायालय में किसानों का हक दिलाने को जनहित याचिका दायर कर दी जाएगी। वरिष्ठ किसान नेता दलजीत सिंह गौराया ने कहा कि चीनी मिलों में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा वित्तीय कुप्रबंधन के लिये किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। किसानों के उनका हक चाहिए और इसे देने की जिम्मेदारी सरकार की है।
मुकदमे को कमजोर करने की कवायद तेज, अवैध खनन का माल नहीं किया जब्त
- कल्यााणी पर हमले का मामला, एक स्टोन क्रशर पर डाला गया था करोड़ों का माल
- क्रशर को दिया जा रहा माल गायब करने का मौका, पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने साध लिया मौन
बाजपुर (ऊधमसिंह नगर),13 मई (निस)। इसे सियासी संरक्षण ही किया जाएगा कि एक महिला आईएफएस अफसर कल्याणी पर हुए हमले की जांच भी भगवान भरोसे चल रही है। आलम यह है कि अवैध खनन करके एक स्टोन क्रशर पर भेजे गए करोड़ों रुपये की रेता-बजरी की ओर किसी का ध्यान नहीं है। जानकारों का मानना है कि नियमानुसार इसे जब्त न करके मामले को हल्का करने की कवायद की जा रही है। 29 अप्रैल की रात को महिला आईएफएस कल्याणी पर हुए हमले की असली वजह अवैध खनन ही था। अफसर इस अवैध खनन को रोकने गई तो उसे लगभग बंधक बनाकर रखा गया और खनन चलता रहा। अफसर के साथ मारपीट भी की गई। एफआईआर में भी इस बात का जिक्र है कि अवैध रोकने की कोशिश करने पर महिला अफसर पर हमला किया गया। बताया जा रहा है कि अवैध खनन से निकले रेता-बजरी को बन्नाखेड़ा के एक स्टोन क्रशर पर भेजा जाता रहा। इस मामले में एफआईआर होने के बाद नैनीताल जिले के बैलपड़ाव थाने की पुलिस ने मुख्य आरोपी कुलविंदर सिंह किन्दा व दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया लगता है। शायद यही वजह है कि 50 अन्य अज्ञात लोगों में से किसी को भी पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मामला यहीं तक नहीं है। पुलिस ने वारदात के 14 दिनों बाद भी स्टोन क्रशर पर डाले गए रेता-बजरी की कोई सुध नहीं ली। बताया जा रहा है कि स्टोन क्रशर प्रबंधन को इस माल को एडजस्ट करने का मौका दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस इस समय सियासी दबाव में काम कर रही है। यही वजह है कि पुलिस या प्रशासन ने अवैध खनन करके निकाले गए रेता-बजरी के बारे में स्टोन क्रशर प्रबंधन से कोई पूछताछ नहीं की।
खनन विभाग ने भी नहीं लिया कोई एक्शन
कायदे से खनन विभाग को अवैध खनन से निकाले गए माल के बारे में स्टोन क्रशर से जानकारी करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि खनन वाला पूरा इलाका एक उपनिदेशक के अधीन आता है। लेकिन सरेआम हो रहे अवैध खनन पर उप निदेशक की निगाह आज तक नहीं गई। अवैध खनन रोकने गई महिला अफसर पर हमले के बाद भी उप निदेशक ने मामले की जांच करने या फिर अवैध खनन वाले माल को जब्त करने की कोई कोशिश नहीं की। बताया जा रहा है कि उप निदेशक पर एक बड़े सियासी नेता का हाथ हैं और ये अफसर उन्हीं के इशारे पर सारा काम करता है।
अवैध खनन की अलग होनी चाहिए थी रिपोर्ट
इस मामले में एक अहम बात यह भी है कि महिला अफसर पर हमले की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई। लेकिन वन अधिनियम या खनन अधिनियम के तहत किसी ने भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। अगर ऐसा किया गया होता तो स्टोन क्रशर पर डाले गए माल की जब्त करने या फिर निकाले गए माल पर रायल्टी वसूल की जा सकती थी। लेकिन सरकारी राजस्व की इस बड़ी हानि पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह रहा है कि स्टोन क्रशर पर डाले गए माल खुर्द-बुर्द कर दिया गया।
बाजपुरः गुटीय संघर्ष में दो जख्मी, दो दिग्गजों के समर्थकों के बीच जमकर चले लाठी-डंडे
- पीडि़त पक्ष की ओर से कोतवाली पर किया गया प्रदर्शन, एक लाख रुपये लूटने का आरोप, एक घायल युवक गंभीर
बाजपुर (ऊधमसिहं नगर),13 मई (निस)। गुटीय रंजिश को लेकर हुए एक विवाद में दर्जनों युवकों ने दो युवाओं की लाठी डंडों और तलवारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना में घायल एक युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है। पीडि़त पक्ष ने एक लाख रुपये भी लूटने का आरोप लगाया है। घटना के बाद एक गुट के समर्थकों ने कोतवाली हंगामेदार प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर धरना दिया। कोतवाली सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बन्नाखेड़ा निवासी सरदूल तथा नागेंदर अपने ट्रैक्टर ट्राली पर खाली ड्रम व गैलन आदी रख कर डीजल लेने के लिए आए थे। देर रात लगभग सवा नौ बजे के करीब दोनों युवक रामराज रोड स्थित हुडडा पेट्रोल पंप पर डीजल नहीं मिलने पर एक जीप से बाजपुर स्थित अन्य पेट्रोल पंपों पर तेल का पता करने लगे। पीडि़तों ने बताया कि जैसे ही दोनो युवक एनडीटी पेट्रोल पंप पर पहुंचे तो वहां पहले से ही घात लगा कर बैठ दर्जनभर युवकों ने उन पर सुनियोजित तरीके से हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि अचानक हुए इस हमले से वे घबरा गए। आरोपी युवकों ने उन्हें घेर कर उन के साथ मारपीट शुरु कर दी। उन्होंने बताया कि वे किसी तरह बच कर जीप से वापिस भागे पर आरोपी युवकों ने उन्हें बाजपुर गुरुद्वारे के समीप पकड़ लिया और फिर उन पर धारधार हथियारों से हमला कर उन्हें गम्भीर रुप से घायल कर दिया। पीडि़त युवकों ने आरोप लगाया कि हमलावर लोगों ने उन के पास रखे एक लाख रुपये भी छीन लिए। पीडि़त युवकों की ओर से अमर रंधावा, काका, गुल्लू, अमृत, सत्तू, सोनी, हैप्पी, बिरसा आदी को नामजद किये जाने की बात कही जा रही है। दोनो पीडि़तों ने बताया कि वे किसी तरह बच कर कोतवाली बाजपुर पहुंचे और वहां पहुंच कर उन्होंने अपने समर्थकों को घटना की सूचना दी। इधर घटना की सूचना पा कर दर्जनो समर्थक भी कोतवाली पहुंच गए और क्षेत्र में हो रही गुंडागर्दी को लेकर हो हल्ला मचाने लगे। बाद में आक्रोशित समर्थक कोतवाली बाजपुर के सामने सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और तत्काल आरोपी युवकों की गिरफतारी की मांग करने लगे। जाम लगने से दूर दूर तक वाहनो की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहीं। बाद में पुलिस ने मामले की एफआईआर दर्ज कर ली। बताया जा रहा है कि पीड़ित पक्ष सत्ताधारी गुट और आरोपी मुख्य विपक्षी दल के बताए जा रहे हैं।
फांसी पर झूलती मिली छात्रा, कारण अज्ञात
देहरादून, 13 मई (निस)। रायपुर थाना क्षेत्रा तरला आमवाला में आज सुबह मानसिक रूप से परेशान एक छात्रा ने अपने ही कमरे में फांसी पर झूलकर जान दे दी। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भ्ेाज दिया है। रायपुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह तरला आमवाला निवासी दिलीप सिंह की 16 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी का शव परिजनों ने उसके कमरे में झूलते हुए देखा और थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों ने बताया कि सुबह जब लक्ष्मी रोज की तरह स्कूल जाने के लिए कमरे से बाहर नहीं आई तो परिजन उसके कमरे में गए। यहां कमरे में लक्ष्मी को फांसी पर झूलते देख कर सबके होश फाख्ता हो गए। परिजनों ने लक्ष्मी के शव को नीचे उतारा और आसपास के लोगों को इस बात की जानकारी दी। उधर मौके पर पहुंची पुलिस ने लक्ष्मी के कमरे एवं बैग की भी तलाशी ली लेकिन ऐसा कोई सुसाईड नोट नहीं मिला। परिजनों से भी बात करने पर ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई जिससे कि आत्महत्या के कारणों की पुष्टि हो सके। परिजनों का कहना है कि लक्ष्मी ने कभी भी ऐसी कोई बात या परेशानी उनके साथ साझा नहीं जो कि उसके द्वारा इस कदम का उठाने की ओर इशारा करती हों। पुलिस के अनुसार इस मामले में अब लक्ष्मी के सहपाठियों से भी जानकारी जुटाई जाएगी। क्षेत्र के लेागों का कहना है कि 16 वर्षीय कक्षा 11 की छात्रा लक्ष्मी मिलनसार स्वभाव की थी और सामान्यतः खुश ही रहती थी।
मुख्यमंत्री ने जाना यात्रा मार्गों का हाल, मानसरोवर व ओम पर्वत का किया जाये प्रचार प्रसार:मुख्यमंत्री
देहरादून,13 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार देर रात्रि तक सचिवालय में हेमकुंड साहिब, मानसरोवर यात्रा तथा पिण्डारी ग्लेशियर ट्रेक रूट यात्रा के संबंध में पिथौरागढ़, चमोली व बागेश्वर जनपदों के जिला अधिकारियों के साथ वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिये कि मानसरोवर यात्रा पर आने वाले प्रत्येक यात्री की सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाय। कुमांयू मण्डल विकास निगम के अतिथि गृहों को और बेहतर बनाया जाय। मानसरोवर यात्रा के अलावा ऊँ पर्वत व छोटा कैलाश यात्रा का भी अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय। के.एम.वी.एन ऐसी योजना बनाये, जिससे स्थानीय युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिले। कुटी, बुद्दी व नाबी गांव में होम स्टे योजना को मूर्तरूप दिया जाय। छोटा कैलाश और होम स्टे योजना को प्रोत्साहित करने के लिए के.एम.वी.एन. द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी योजना तैयार की जाय। जौलजीवी में के.एम.वी.एन. का अतिथि गृह के साथ ही हैलीपैड भी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मानसरोवर यात्रा के पारंपरिक यात्रा मार्ग को बनाये रखा जाय। इससे कोई छेड़छाड़ न की जाय। आपदा की स्थिति को देखते हुए वैकल्पिक मार्गों का विकास भी किया जाय। गुंजी से धारचूला के बीच एस.डी.आर.एफ. की यूनिट भी तैनात की जायेगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ व लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसरोवर यात्रा मार्ग को पूरी तरह से सुचारू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाय। तवाघाट-पांगल-गरबाघाट मोटर मार्ग को सुचारू करे। इसके लिए वहां पर नियमित रूप से मशीने रखी जाय। सिरका-मालपा-लमारी मोटर मार्ग का तत्काल ठीक किया जाय। कालापानी से लिपुलेख और नाबीढांग से गंुजी तक के मोटर मार्ग का रखरखाव लोनिवि तथा गंुजी से आगे के मोटर मार्ग की मरम्मत आदि बी.आर.ओ. व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानसरोवर यात्रा मार्ग पर पीने का पानी, शौचालय व जगह-जगह शेड जरूर होने चाहिए। नदी किनारे के मार्ग पर रेलिंग लगायी जाय। के.एम.वी.एन. अपने कुछ लोगो को हाई एल्टीटयूड मे कार्य करने के लिए प्रशिक्षित करे। इसके लिए अलग से यूनिट भी बनायी जा सकती है। यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 5 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा को निर्देश दिये कि जनपद पिथौरागढ़ व चमोली को 2-2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि दी जाय। जबकि यात्रा मार्ग के अन्य जनपदों व बागेश्वर को एक-एक करोड़ रुपये देने के निर्देश दिये। हेमकुंड साहिब यात्रा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि गोविन्दघाट-घांघरिया मोटर मार्ग को 25 मई तक हर हाल में सुचारू कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि वे स्वयं घांघरिया तक जायेंगे और व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन लोनिवि विभाग के माध्यम से हेमकुंड तक रास्ता सुचारू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाय। यात्रा मार्ग पर पानी, शौचालय, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। प्रत्येक 500 मीटर पर पानी की व्यवस्था रहनी चाहिए। यात्रा मार्ग पर बायोडाइजस्ट शौचालय लगाये जाय। साथ ही प्रत्येक यात्री का बायोमिट्रिक रजिस्टेशन किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं यात्रा शुरू होने से पहले घांघरिया तक जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे और यदि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही पायी गई, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने पिंडारी यात्रा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी बागेश्वर को निर्देश दिये कि पिंडारी क्षेत्र में ट्रेकिंग रूट को और बेहतर बनाया जाय। साथ ही खराब मोटर मार्ग को दुरूस्त करने के लिए कार्य किये जाय। मुख्यमंत्री ने सचिव पर्यटन को निर्देश दिये कि सभी ट्रेकिंग रूट का मास्टर प्लान तैयार किया जाय। बैठक में पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, सभा सचिव हेमेश खर्कवाल, अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, मुख्य सचिव एन.रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, सचिव पर्यटन डाॅ. उमाकांत पंवार, सचिव लोनिवि अमित नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।