केवल आवेदन पत्र से ही कमा लिए एक करोड़ रुपये, आवेदकों की संख्या कई गुना होने से लाटरी से बिकेंगे फ्लैट
- स्टेट बैंक पूरे प्रदेश में बेच रहा हाउसिंग प्रोजक्ट के फार्म, लाटरी के लिए नहीं ली गई सरकार से किसी तरह की मंजूरी
- हजारों आवेदकों का फार्म का पैसा जाएगा बिल्डर के खाते में
देहरादून,14 मई । रिवर वैली प्रोजेक्ट के बिल्डर की फ्लैट आवंटन के लिए फार्म की बिक्री से पैसा कमाने की योजना बेहद कामयाब होती दिख रही है। बताया जा रहा है कि इन अब तक लगभग 20 हजार लोग फार्म खरीद चुके हैं। इससे मिली लगभग एक करोड़ रुपये की राशि बिल्डर के खाते में जमा हो चुकी है। अगर ईडब्ल्यू के फ्लैट भी जोड़ लिए जाएं तो बिल्डर के पास महज तीन हजार फ्लैट ही हैं। ऐसे में हजारों आवेदकों की फार्म खरीद का पैसा बिल्डर का अपना हो जाएगा। विंडलास कंस्ट्रकशन की ओर से हरिद्वार रोड पर रिवर वैली प्रोजेक्ट हाउसिंग का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में कुल तीन हजार फ्लैट बनाए जाने हैं। इनमें से 15 फीसदी यानि 450 फ्लैट ईडब्ल्यूईएस के लिए हैं। इनका आवंटन एमडीडीए के द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार बिल्डर के पास लोगों के लिए महज 2550 फ्लैट की उपलब्ध होंगे। इन फ्लैटों को बेचने के लिए निजी बिल्डर पूरी तरह से सरकारी संस्था की तरह ही काम कर रहा है। बिल्डर ने फ्लैट खरीदने वालों को पहले आवेदन करने को कहा है। इसके लिए आवेदन फार्म भारतीय स्टेट बैंक से ठीक उसी तरह से बिक्री कराए जा रहे हैं, जैसे कोई सरकारी विकास प्राधिकरण कराता है। एक फार्म की कीमत 570 रुपये रखी गई है। अहम बात यह भी है कि ये फार्म भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से तो बिक्री किए ही जा रहे हैं, बिल्डर अपने स्तर से भी फार्मों की बिक्री कर रहा है। प्रोजेक्ट के साथ एक तो भारतीय स्टेट बैंक का नाम जुड़ा है, फिर इस प्रोजेक्ट का जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। एक दैनिक समाचार पत्र में इस प्रोजेक्ट के बारे में छपे एक विज्ञापन में साफ लिखा गया है कि यह प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। जाहिर है कि इस प्रोजेक्ट में फ्लैट के लिए पूरे प्रदेशभर से लोग आवेदनपत्र खरीद रहे हैं। साथ ही मामला स्टेट बैंक का है तो प्रदेश के बाहर के निवेशक भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि केवल बैंक के माध्यम से अब तक 15 हजार से अधिक आवेदन फार्म बिक्री किए जा चुके हैं। इसी तरह बिल्डर के पास से भी पांच हजार से ज्यादा फार्म बिक्री होने की खबर है। इस लिहाज से बिल्डर के खाते में एक करोड़ से ज्यादा रकम जमा हो चुकी है। अभी आवेदन पत्रों की बिक्री जारी है। ऐसे में बिल्डर के खाते में रोजाना मोटी रकम आ रही है। अब फ्लैट कम है और आवेदन उससे कई गुना ज्यादा है। ऐसे में बिल्डर फ्लैटों की बिक्री लाटरी के माध्यम से करने की तैयारी में हैं। रिवर वैली के प्रतिनिधि प्रवीन न्यूज वेट से बातचीत में कह चुके हैं कि लाटरी की अनुमति उनके पास है। लेकिन अनुमति किस विभाग या अधिकारी ने दी है, इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है। जाहिर है कि बिल्डर बगैर सरकारी अनुमति के ही लाटरी खिलवा रहा है। इस मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि जिन लोगों को लाटरी में फ्लैट नहीं मिलेगा, उनके फार्म के पैसे तो बिल्डर के हो ही जाएंगे।क्योंकि फार्म में कही भी यह नहीं लिखा है कि यदि उसका आवेदन अस्वीकृत हो जाता है तो उसका आवेदन शुल्क वापस किया जायेगा लिहाजा इस तरह से बिल्डर केवल आवेदन फार्म से ही लाखों की कमाई करने की तैयारी में है।
अभी वाणिज्यकर भी नहीं किया जमा
इन आवेदन पत्रों की बिक्री पर बिल्डर को पांच फीसदी की दर से वाणिज्यकर भी अदा करना है। बताया जा रहा है कि अभी तक यह राशि भी जमा नहीं की गई है। वाणिज्यकर विभाग की सहायक आयुक्त अंजली गुसाई से इस बारे में बात की गई। उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर बिल्डर से बात की गई थी। बिल्डर ने जल्द ही टैक्स जमा करने का भरोसा दिलाया है।
दून क्लब की एजीएम पर सवाल, अदालत 15 मई को तय करेगी एजीएम का भविष्य
- 16 मई को बुलाई गई है क्लब की एजीएम, दो सदस्यों ने की बैठक को रोकने अपील
- क्लब में हुए कथित घोटाले का मामला
देहरादून,14 मई (निस)। शहर के प्रतिष्ठित दून क्लब की 16 मई को होने वाली एजीएम (वार्षिक आम सभा) का भविष्य कल 15 मई को तय होगा। एजीएम रोकने की दो सदस्यों की अपील पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। फैसला क्या है, इसका खुलासा शुक्रवार को होगा। दून क्लब के दो पूर्व पदाधिकारियों विशाल वोरा और राजीव शर्मा पर क्लब के पैसे में घोटाला करने का आरोप मौजूदा कार्यकारिणी ने लगाया है। आरोप है कि कार्यकारिणी का पदाधिकारी रहते दोनों सदस्यों ने क्लब के वाशरूमों की मरम्मत कराई थी। दोनों ने इस काम पर तीस लाख रुपये का व्यय दर्शाया था। नई कार्यकारिणी बनी तो इस खर्च पर संदेह जताया गया। कहा गया कि इतने पैसे से तो नए वाशरूम बनवाए जा सकते थे। इसके बाद कार्यकारिणी ने पूरे मामले की जांच कराई। खर्च के नाम पर लगाए बीजकों की गहनता से पड़ताल कराई तो सामने आया कि लगभग 10 लाख रुपये का घोटाला किया गया है जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यकारिणी ने 16 मई को क्लब की सालाना आम सभा बुलाई। इस बैठक एजेंडे के साथ ही सभी सदस्यों को जांच रिपोर्ट की प्रति भी भेजी गई। एजेंडे के मुताबिक एजीएम को इस रिपोर्ट पर चर्चा करके यह तय करना है कि दोनों सदस्यों के खिलाफ क्या एक्शन होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कथित घोटाले के आरोपी दोनों सदस्य शहर की नामचीन हस्तियों में गिने जाते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों को कार्यकारिणी का इस तरह का फैसला रास नहीं आया। इसके बाद दोनों के जिला अदालत में इस एजीएम को रोकने की अर्जी दाखिल की। सूत्रों ने बताया कि अदालत ने इस मामले में 13 मई की सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने तय किया है कि एजीएम रोकने की अर्जी पर अब फैसला कल शुक्रवार यानि 15 मई को सुनाया जाएगा। जाहिर है कि अब यह शुक्रवार को ही तय होगा कि दून की 16 मई को प्रस्तावित सालाना आम सभा होगी या नहीं। हां, इतना जरूर बताया जा रहा है कि अगर 16 मई को एजीएम होगी तो इसके खासा हंगामेदार रहने के आसार है।
राजस्व हानि का ठीकरा किसके सर, प्रदेशभर में खाली पड़ी शराब की दुकानें, कई पर लगे ताले, नई पालिसी का नतीजा
- अब तक 70 करोड़ के रेवेन्यू का है नुकसान, दूसरे प्रदेशों के शराब सरेआम हो रही तस्करी
- मनमानी कीमतें वसूल कर रहे कुछ ठेकेदार, वैट में बढ़ोतरी का तस्कर उठा रहे पूरा लाभ
देहरादून,14 मई (निस)। उत्तराखंड लागू की गई नई एफएल-टू नीति से राज्य को फायदे की जगह नुकसान हो रहा है। सूबे में शराब की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हैं और राजधानी देहरादून समेत कई शहरों में शराब की दुकानों पर ताले लटक रहे हैं। कुछ दुकानों पर मंहगे ब्रांड हैं भी तो उनकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। नजीता यह है कि एक तरफ सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ शराब की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राजस्व के इस नुकसान का जिम्मेदार किसे माना जाएगा।
सरकार ने नई एफएल-टू को लागू करने के लिए हरसंभव तरीका अपनाया और तमाम विरोध के बाद भी इसे आखिरकार लागू कर ही दिया। उस समय तर्क दिया गया था कि इस नीति से मयकशी के शौकीन लोगों को सस्ती और बेहतर शराब मिल सकेगी। लेकिन पिछले एक पखवाड़े पर नजर डालें तो हालात एकदम विपरीत नजर आ रहे हैं। सूबे में शराब की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हैं तो तमाम दुकानों पर ताले लटक रहे हैं। कुछ दुकानों पर थोड़ी बहुत शराब उपलब्ध भी है तो उसकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब कंपनियों और आबकारी विभाग के बीच डील ही फाइनल नहीं हो पा रही है। कंपनियां आबकारी विभाग की ओर से लागू की शर्तों पर काम करने को तैयार ही नहीं हैं। इतना ही नहीं विभाग की कुछ अंडरहैंड मांग भी पिछले साल की तुलना में खासी बढ़ गई है। नतीजा यह है कि कंपनियां अपने ब्रांड इस प्रदेश में बेचने को तैयार ही नहीं हैं। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। आबकारी विभाग ने इस साल रोजाना पांच करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य तय किया है। इस लिहाज से सरकार को आज तक 70 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हो चुका है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राजस्व के इस नुकसान के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन है। आने वाले समय में कैग जब विभाग के लेखों का परीक्षण करेगा तो यह भारी भरकम राशि आखिर किससे वसूल की जाएगी। एक तरफ राजस्व का नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ दूसरे प्रदेशों से शराब की तस्करी बेहद तेज हो गई है। करेला और नीम चढ़ा वाली कहावत उस समय चरितार्थ हो गई,जबकि सरकार ने शराब पर वैट बढ़ा दिया। इस वैट में इजाफे के बाद इंग्लिश शराब की कीमत 15 प्रतिशत और देशी में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब पॉलिसी जारी होने के बाद वैट में बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा असर शराब के तस्करों को फायदा पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब सहित हिमाचल व चंडीगढ़ में शराब के दाम अब भी उत्तराखंड से काफी कम है। बीते कई सालों से शराब की तस्करी उत्तराखंड की राजधानी ही नहीं बल्कि राज्य के दूर दराज तक के इलाकों तक में होती रही है। इसका खामियाजा उत्तराखंड को शराब से मिलने राजस्व में हानि से होता है। हालांकि, आबकारी विभाग के पास अभी तक वैट बढ़ोत्तरी के आदेश नहीं पहुंचे हैं।
लाइसेंसी जाएंगे अदालत की शरण में
फुटकर शराब बेचने का लाइसेंस लेने वालों को शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है। विभाग इसके ऐवज में लाइसेंसियों से पैसा लेता है। बीते एक पखवाड़े से फुटकर विक्रेताओं को शराब ही नहीं मिल रही है तो बिक्री कहां से होगी। इसके बाद भी आबकारी विभाग का पैसा इन लाइसेंसियों पर बकाया होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि लाइसेंसी उस वक्त तक पैसा नहीं देता चाहते, जब तक कि उन्हें शराब मिल नहीं जाती। अगर विभाग ने इसे जबरन वसूलने की कोशिश की तो ये फुटक विक्रेता इसके खिलाफ अदालत की शरण लेंगे। जाहिर है कि पैसा न मिलने की दशा में सरकार को भारी राजस्व की हानि होगी।
कौन लेगा भावी कर्णधारों की सुध, काबीना मंत्री के इलाके में तेजी से फैल रहा कुपोषण
- महज चंद गांवों की जांच में सवा सौ बच्चे मिले अतिकुपोषित, चार गंभीर हालत बच्चों को भेजा गया रुद्रपुर के पुर्नवास केंद्र
बाजपुर (ऊधमसिंह नगर),14 मई (निस)। बाल विकास विभाग की एक जांच में बाजपुर क्षेत्र में बच्चों के कुपोषण से बुरी तरह ग्रसित होने की पुष्टि हुई है। हालात ये हैं कि 14 हजार बच्चों के परीक्षण में से आठ सौ कुपोषित और सवा सौ बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। अगर पूरे क्षेत्र में परीक्षण कराया जाए तो कुपोषित बच्चों का आंकड़ा बेहद चैंकाने वाला हो सकता है। यह बात यह भी है यह इलाका सूबे के कद्दावर मंत्री यशपाल आर्य का है। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर देश के इन भावी कर्णधारों की सुध कौन लेगा। बाल कल्याण विभाग की सुपवाइजर शशि टम्टा और योगेश कंबोज ने पिछले दिनों बाजपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बच्चों का परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इस टीम ने इलाके के कई ग्रामों का दौरा करके लगभग 14 हजार बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इस परीक्षण के नतीजे बेहद चैंकाने वाले रहे। टीम ने परीक्षण के बाद पाया कि लगभग पौने आठ सौ बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इतना ही नहीं सवा सौ बच्चे तो अतिकुपोषित की श्रेणी में पाए गए हैं। इस टीम की परीक्षण रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में चार बच्चों को रुद्रपुर में बने पुर्नवास केंद्र में दाखिल करा दिया गया है। इनमें बाजपुर गांव की सना, ग्राम नमूना की मानवी,केलाखेड़ा की सुमन और गांन घनसारा की शिखा को कौशल पुनर्वास केंद्र रुद्रपुर भेजा गया है। गांव तोताबेरिया की रहने वाली तीन साल की बच्चा वंशिका के दिल में छेद पाया गया है। इस बच्ची को इलाज के लिए हल्द्वानी भेजा गया है। अहम बात यह है कुपोषण की भयावह तस्वीर महज 288 आंगनवाड़ी केंद्रों पर तीन साल तक की उम्र वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की है। अगर पूरे क्षेत्र में पांच साल तक की उम्र वाले बच्चों की तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए तो तस्वीर क्या उभरेगी, इसका कल्पना आसानी से की जा सकती है। गौरतलब है कि यह बाजपुर क्षेत्र सरकार के कद्दावर काबीना मंत्री यशपाल आर्य का निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि इस इलाके के भावी कर्णधारों के स्वास्थ्य की सुध कौन लेगा। यह परीक्षण इस बात की भी तस्दीक करता है कि इस इलाके में ग्रामीण अंचलों में रहने वालों के पास खाने तक का इंतजाम नहीं है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं के शिलान्यास से ही आम लोगों का विकास भी हो जाएगा। इन्हीं आम लोगों के वोटों की वजह से ही मंत्रीजी विधायक बने हैं। अगर इन्हीं की सुध नहीं ली जाएगी तो आने वाले समय में क्या होगा, इसे आसानी से समझा जा सकता है।
क्या है कुपोषण
शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लंबे समय तक न मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। कुपोषण प्रायरू पर्याप्तसन्तुलित अहार के आभाव में होता है। बच्चों और स्त्रियों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है। स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं।
निती-माणा के लोगों की जमीन संबंधी समस्या का हो समाधान:सतपाल महाराज
देहरादून,14 मई (निस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि उन्होंने माननीय प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अपील की है कि चीन सरकार के साथ नीती-माणा गाँव के रहने वाले लोगों की जमीन की समस्याओं का हल करवाएँ। नीती-माणा के लोग पहले तिब्बत में व्यापार करने जाते थे तथा वहाँ पर उनको जमीनें मिली हुई थीं, परंतु अब व्यापार बंद होने के कारण वे लोग बड़ी दुविधा व कठिनाइयों में जीवन यापन कर रहें हैं। पूर्व कंेद्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि नीती-माणा के लोग तिब्बत में व्यापार करने जाते थे तथा वहाँ जमीनें मिली हुई थीं, जिनके कागजात आज भी उनके पास है। परंतु पूर्व सरकारों के उदासीन रवैये के कारण ये लोग आज भी जस के तस हैं। श्री महाराज जी ने प्रधनमंत्री मोदी जी से आग्रह किया है कि इन लोगों की परेशानियों को देखते हुए चीन सरकार से बातचीत करके इस समस्या का भी सामाधान करवाएँ।
उक्रांद ने राज्यपाल को ज्ञापन देेकर संस्कृत विश्वविद्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग
देहरादून,14 मई (निस)। उत्तराखण्ड क्रांति दल व प्रादेशिक संस्कृत शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने महामहिम राज्यपाल से उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय मंे प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पर तुरन्त रोक लगाने के साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल की जांच करने की मांग की है। इस सन्दर्भ में महामहिम राज्यपाल को आज साक्ष्यों के साथ चालीस पृष्ठीय ज्ञापन भी दिया गया । राज्यपाल महोदय से मिलने के बाद एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये उत्तराखण्ड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की शैक्षिक अभिलेखों पर संदेह है। उन्हांेने कहा कि आरटीआई के तहत संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री महावीर अग्रवाल से सम्बन्धित जानकारियां गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय व राजभवन सचिवालय से अलग-2 मांगी गई थी, लेकिन दोनों संस्थाओं ने अपीलार्थियों को श्री अग्रवाल द्वारा अपनी अंकतालिकाएं न दिये जाने से सम्बन्धित पत्र दिखाकर सूचना अधिकार नियम की धज्जियां उड़ा दी। लखेड़ा ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि कुलपति के शैक्षणिक अभिलेखों में संदेह है क्यांेकि कुलपति चयन समिति का अध्यक्ष होता है। अतः यह आवश्यक है कि उनकी शैक्षिक योग्यताओं पर उठ रहे सवालों का निराकरण किया जाए। लखेड़ा ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय भारी अनियमितताओं के चलते अपनी स्थापना के उद्देश्यों से भटककर परम्परागत स्वरूप खो रहा है। हमारी मांग है कि यहां पर केवल पारम्परिक विषयों को ही पढ़ाया जाये। उन्हांेने हाल में ही प्रकाशित विज्ञप्ति पर सवाल उठाते हुये कहा कि आखिर इसमंे संशोधन करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। श्री लखेड़ा ने कहा कि प्रो0 महावीर अग्रवाल के खिलाफ 2007 व 2010 में राजभवन में लिखित शिकायत होने के बावजूद भी कुलपति पद पर उनका चयन होना व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। उन्हांेने कहा कि विश्वविद्यालय मंे नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है तथा अपने चेहतों को नियुक्त करने के लिए परम्परागत विषयों के स्थान पर आधुनिक विषयों का समावेश किया जा रहा है। लखेड़ा ने कहा कि जब तक पूर्व में चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया रोकी जानी चाहिए। प्रादेशिक संस्कृत शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि यदि संस्कृत विश्वविद्यालय में जारी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई गई तो एक सप्ताह बाद यूकेडी व उनका संगठन राज्य के अन्य छात्र संगठनों के साथ मिलकर जनांदोलन करेंगे। मनोज शर्मा ने कहा कि एक छात्र संख्या वाले विषय में एक प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर व दो एसोसियेट प्रोफेसरांे की नियुक्ति किया जाना तर्कपूर्ण नहीं है। आर0टी0आई0 व सामाजिक कार्यकर्ता श्यामलाल सुन्दरियाल ने विश्वविद्यालय परिसर मंे पेड़ों के काटे जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की तथा मानकों के विपरीत निर्माणाधीन छात्रावास मंे हो रही भारी अनियमितताओं की भी जांच की मांग की। पत्रकार वार्ता मंे अनूप नेगी, जितेन्द्र भट्ट, जर्नादन कैरवाण, पुरूषोत्तम कोठारी, सूरज विजल्वाण जय सिंह राता आदि उपस्थित रहेे।
एएसपी तृप्ति भट्ट के बेहतरीन कार्यों से जनता खुश, चोरो, बदमाशों व खनन माफियाओं में दहशत
देहरादून,14 मई (निस)। राज्य की पहली महिला पुलिस अधिकारी कंचन चैधरी भट्टाचार्य ने पद संभालने के बाद से ही अपनी एक अलग पहचान बनानी शुरु कर दी थी, जिसके चलते पछवादून क्षेत्र मे घटित होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगी थी। ठीक उसी तरह कोतवाली विकासनगर प्रभारी एवं एएसपी ने भी अपने द्वारा किये गये कार्याे के बल पर क्षेत्र की जनता के सामने अपनी एक अलग पहचान छोड दी है। स्थानीय लोगे को एएसपी की तारीफ करते बाजार मे आम तौर पर देखा जा सकता है। यदि सूत्रों की माने तो जहाॅ अक्सर देखने में आता है कि कुछ अधिकारीं पद संभालते ही लाबडतोड कार्यवाही कर वाहवाही लूटने का काम करते है। पर समय बीतने के साथ ही यह सारी व्यवस्था फिर से पुरानी कार्यशैली के हिसाब से चलने लगती है ओर काले धन्धों मे लगे माफिया फिर से अपने काम धंधो में लग जातें है, वैसा शायद अब पछवादून में कुछ होता दिखाई देने की उम्मीद बहुत कम है, क्योंकि कोतवाली विकासनगर प्रभारी एवं एएसपी तृप्तीं भट्ट ने ये साबित कर दिया है कि इंसान अगर चाहंेतो अपने हौंसलों के दम पर भी अपनी उडान भर सकता है। विदित हो कि जब से एएसपी तृप्ती भटट ने थाना विकासनगर का चार्ज सम्भाला है तब से लेकर कोई बडी चोरी की वारदात शहर में नहीं हुयीं है, बल्किं उल्टा कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का खुलासा करने मे भी पुलिस को चन्द दिनो का ही समय लगा। वहीं दूसरी ओर जहाॅ डाकपत्थर खनन पट्टे व अम्बाडी खनन पटटे पर सीमांकन से बाहर अवैध खनन होने, सूर्यास्त के बाद व बिना रवन्ने के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवैध खनन के आरोप लगते रहें है, इन सभी आरोपो को गम्भीरता से लेते हुये एएसपी सुबह 6 बजे राउंड पर निकलती है उसके बाद सूर्यास्त के बाद भी खनन पटटों पर से निकलने वाली अवैध गाडियों पर कार्यवाहीं करती है साथ ही क्षेत्र मे तेजी से फैल रही अवैध गतिविधियों पर भी काफी हद तक अंकुश लगाने मे एएसपी कामयाब साबित हुई है। आजकल उनकीं दहशत से डाकपत्थर बैराज पुल के पास अवैध खनन के दर्जनों वाहन रात 9 बजे के बाद ही बेधडक निकलते दिखाई देते है, वो भी तब जब माफियाओं का नेटवर्क उन्हें यह सूचना देता है कि हाॅ अभी मैडम कोतवाली में ही है, बाहर नहीं निकलीं। यदि सूत्रों की मानें तो डाकपत्थर क्षेत्र में कुछ खनन माफिया ऐसे भी है जिनके उपर बडे लोगो का संरक्षण बताया जाता है और उसी के दम पर ये खनन माफिया उछलते दिखाई फिरते थे और एक फोन पर ही अपनी गाडी को छुडवाने का दम रखने की बात करते है। आम तौर पर यह कहने वाले माफिया कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता, आज अपने खनन के वाहनों केा छुडवाने के लिए कोतवाली विकासनगर के चक्कर काटते आसानी से देखे जा सकते है। ऐसे मे साफ है कि विकासनगर ने उन खनन माफियाओं की गलत फहमी (हेकडी) को एएसपी द्वारा काफी हद तक समाप्त कर दिया है, और बिना थके व बिना रूकें वे अपनी कार्यप्रणाली के दम पर ही क्षेत्र की जनता को प्रभावित करते हुये वाहवाहीं लूट रहीं है और वर्तमान में जनता की चहेती अधिकारीं व प्रशंसा की पात्र बनीं हुयीं है। वहीं देखने की बात यह भी है कि एएसपी के द्वारा बनायी गयी यह व्यवस्था कार्य समय तीन माह बीत जाने के बाद लागू रह पाती है या फिर (ढाक के तीन पात) यह कहावत लागू हो जायेगी।
पारम्पारिक खाद्य उत्पादों की खेती को किया जाय प्रोत्साहित: हरीष रावत
देहरादून,14 मई (निस)। मंडुवा, चैलाई, रामदाना, फाफर व झिंगोरा की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए जैविक पारम्परिक कृषि प्रोत्साहन योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को बीजापुर हाउस में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए राज्य में पारम्परिक जैविक खेती को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडुवा, चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा के उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग जल्द से जल्द मानक तय कर ले। मंडुवा उत्पादकों को बोए गए क्षेत्र के आधार पर जबकि चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा के उत्पादकों को उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन की योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडुवा, झिंगोरा, चैलाय आदि पारम्परिक कृषि उत्पादों की बाजार में बहुत मांग है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए पारम्परिक जैविक कृषि को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इसके लिए पारम्परिक कृषि प्रोत्साहन योजना तैयार कर इसे मूर्त रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देशित किया कि जिन बिस्किट, नमकीन व अन्य उत्पादों में प्रदेश में उगाए गए जैविक मंडुवा, चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा का अधिक प्रयोग किया जाता है, उनमें वेट (ट।ज्) में छूट दी जाए। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के बाहर रहने से उनकी कृषि भूमि बिना बोए ही रह जाती है। ऐसी कृषि भूमि का उपयोग हो सके, इसके लिए पर्वतीय संविदा खेती योजना प्रारम्भ की जाए। इससे बंजर पड़ी भूमि का उपयोग हो सकेगा और राज्य का कृषिगत उत्पादन भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि को निर्देशित किया कि विगत में फसल खराब होने से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया की लगातार माॅनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में किसी तरह के संकेत नहीं दिए गए हैं। परंतु राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों की जितनी सहायता कर सकती है, वह किया जाए। किसानों को अपनी अगली फसल बोने के लिए हरसम्भव सहयोग किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव कृषि एस रामास्वामी , औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रधान डाकघर में उŸाराखण्ड राज्य की प्रथम एटीएम सेवा का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
देहरादून,14 मई (निस)। भारतीय डाक सेवा देश की प्राचीनतम सेवा में से है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचानी है तो भारतीय डाक सेवा को बैंकिंग से जोड़ना होगा। देहरादून प्रधान डाकघर परिसर में उŸाराखण्ड राज्य की प्रथम एटीएम सेवा का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भारतीय डाक सेवा भी बदलते हुए दौर की आवश्यकताओं के अनुसार खुद को बदल रही है। इसकी सेवाओं में बड़ा परिवर्तन आता जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि दुनियाभर में पोस्टमास्टर की अलग ही पहचान है। डाक सेवाएं बहुपयोगी होते हुए भी इस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया है जितना दिया जाना चाहिए था। डाक विभाग ग्रामीण बचत को प्रोत्साहित करता है जो कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, उŸाराखण्ड परिमण्डल उदय कृष्ण ने बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालय के प्रधान डाकघर कोर बैंकिंग से जुड़ गए हैं। देहरादून में पहला एटीएम प्रारम्भ किया गया है। चरणबद्ध तरीके से सभी जिला मुख्यालयों में भी एटीएम प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। अभी ये एटीएम केवल डाकघरों से ही जुड़े हैं। अन्य बैंकों से ये नहीं जुड़े हैं। प्रदेश के किसी भी डाकघर में खाता होने पर इनसे धन की निकासी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना में लक्ष्य से कही अधिक खाते उŸाराखण्ड परिमण्डल द्वारा प्रारम्भ किये गये हैं। इस अवसर पर निदेशक वीके सिंह, बहादुर सिंह सहित डाक सेवा के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
राजमार्ग निर्माण से प्रभावितों ने किया एमडीडीए के खिलाफ प्रदर्शन
देहरादून,14 मई (निस)। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिग्रहण संघर्ष समिति ने हर्रावाला में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-72 के चैड़ीकरण कार्य से प्रभावित लगभग 80 परिवारों एवं दुकानदारों का एमडीडीए द्वारा उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए एमडीडीए के खिलाफ प्रदर्शन किया। समिति ने इन परिवारों को एमडीडीए द्वारा नोटिस जारी किए जाने का विरोध किया। समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जिला मुख्यालय में एकत्रित हुए और एमडीडीए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। समिति का कहना था कि एमडीडीए द्वारा राजमार्ग निर्माण से प्रभावित परिवारों का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है। हर्रावाला में सड़क के दोनों ओर लगभग पचास साल से भी पहले से पुरानी आबादी पर घर व दुकान निर्मित थे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही की गई, जिसके बाद पीडि़त परिवारों ने स्वयं अपने मकान, दुकान आदि तोड़ दिए, उसके उपरांत शेष बची हुई भूमि पर अपने जीवन-यापन के लिए मकान, दुकान आदि का निर्माण मुआवजे में मिली धनराशि से कराया जा रहा है। एमडीडीए द्वारा नोटिसों व ध्वस्तीकरण के आदेश कर गरीब पीडि़त ग्रामीणों को निर्माण आदि के लिए रोका जा रहा है। नौ हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा राशि प्रदान की गई, जबकि वर्तमान में हाईवे पर सर्किल रेट 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर चल रहा है। निर्माण का 150 से 200 रुपये वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया है, जबकि निर्माण की पीडब्ल्यूडी द्वारा 1500 रुपये वर्ग फीट है। एमडीडीए द्वारा सीलिंग तथा ध्वस्तीकरण के नोटिस भेजकर ग्रामीणों को भयभीत किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शन करने वालों में समिति के अध्यक्ष संजय सिंह, मूलचन्द शीर्षवाल, प्रमोद कपरूवाण शास्त्री, हेमा पुरोहित, हरीश अग्रवाल, बबीता रावत आदि शामिल रहे।
तराई के किसानों के हित में कांग्रेस सरकार का बड़ा कदम: शिल्पी
- बीजेपी विधायक सिर्फ दिखावा करके जनता को गुमराह करते है
देहरादून,14 मई (निस)। कांग्रेस महासचिव शिल्पी अरोरा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने तराई के किसानों के हित में कांग्रेस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि लिए जाने पर बाजार मूल्य पर किसानों को मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है। इससे किसानों को राहत मिलेगी। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा सिर्फ दिखावा करती है और जनता को गुमराह करती है। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कौन विकास कर रहा है और कौन बाते। देश में यू टर्न और प्रदेश में क्रेडिट लेने का काम करती है, भाजपा। श्रीमती अरोरा ने कहा कि गदरपुर क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री रावत प्रदेश के हर क्षेत्र को विकास से जोड़ने के लिए कार्य कर रहे है। किसानों की सच्ची हितैषी केवल कांग्रेस सरकार है।
रेल से कटकर व्यक्ति की मौत
देहरादून,14 मई (निस)। डोईवाला थाना क्षेत्र प्रेमनगर रेलवे फाटक के निकट रेलवे पटरी पर चल रहे एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में टेªन से कट कर मौत हो गयी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त कर उसके परिजनों को सूचित कर दिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक मिर्गी की बिमारी के कारण परेशान रहता था। जिस कारण उसने डीएलएस टेªन के आगे कूद कर अपनी जान दे दी। मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की सुबह एक युवक का शव प्रेमनगर रेलवे फाटक के पास मिला। बताया जा रहा है कि टेªन के आते ही यह व्यक्ति उसके आगे कूद गया था। उधर इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के कपड़ांे की तलाशी ली। जेब से मिले कागजों के आधार पर मृतक की शिनाख्त 36 वर्षीय वीर सिंह पुत्र शिव लाल निवासी वार्ड संख्या पांच, सांई गली प्रेमनगर डोईवाला के रूप में की गयी। तत्काल पुलिस ने परिजनों को भी सूचित कर दिया। फिलहाल यह पुष्टि नहीं हो पाई कि वीर सिंह ने आत्महत्या की है या फिर दुर्घटनावश ऐसा हो गया। हालांकि मौके पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि वीर सिंह विवाहित था और उसे मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे। जिस कारण वह डिप्रेसन में भी रहता था।
10 लाख का सम्पत्ति धोखाधड़ी का केश दर्ज
देहरादून,14 मई (निस)। पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र संजय गुंज्याल द्वारा आवेदक श्री जसवीर सिह पुत्र तेज सिह डीडीए फ्लेट मदनगीर नई दिल्ली द्वारा डा. अनिल आदि के विरुद् जमीन का फर्जी बिक्रय अनुबन्ध पत्र बनाकर 10 लाख रु.हडप लेने के सम्बन्ध में मामले की विशेष जांच ईकाई (एस०आई०टी०) परिक्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा कराने के निर्देश दिया गया। जिसमे आवेदक ने अवगत कराया कि डा. अनिल चैधरी पुत्र डी.एस.चैधरी रेलवे कालोनी जबलपुर मध्य प्रदेश, श्रीमती मृलाण चैधरी पुत्र स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नि. चेतक सेतु भोपाल व श्रीमती बन्दिता जोशी पुत्री स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नियर चेतक सेतु भोपाल मध्य प्रदेश एक बिक्रय अनुबन्ध पत्र पार्टी, वादी जसबीर सिह के साथ गत 4 मार्च को खेवट स. 11/1 ग्राम करनपुर खास पार्क बिला राजपुर रोड स्थित 15 बीधा 10 विश्वा जमीन के बिक्रय का अनुबन्ध पत्र रु. तीन करोड की धनराशि पर तैयार किया गया, जिसमे पार्टी दृप्रथम द्वारा १० लाख रु. जिसमें तीन लाख रु. नकद तथा ७ लाख रुपये तीन चैको में चैक स. 811171,811173 व 811175 से धन लक्ष्मी बैक लाजपत नगर नई दिल्ली ब्रांच के जरिये उपरोक्त तीनों पार्टी प्रथम को उपलब्ध कराया गया। अनुबन्ध पत्र मे शेष राशि दो करोड नब्बेलाख को अगले छः माह मे देकर रजिस्ट्री कराने का अनुबन्ध था, परन्तु विपक्षीगणों द्वारा रजिस्ट्री नही करायी गयी। जांच के दौरान पाये गये तथ्यों से मालूम हुआ कि उपरोक्त भूमि के संबंध में रविन्द्र कुमार मौर्य पुत्र बनवारी लाल आबूनगर रोड सिविल लाईन फतेपुर उ.प्र,. द्वारा पार्टी प्रथम व अन्य 3 लोगों के विरुध वाद स. 46/8-9 वाद स. 38/14 अनिल चैधरी आदि का धारा 34 भूराअधि नान जेड ए में वाद विचाराधीन था, जो तथ्य पार्टी प्रथम अनिल चैधरी आदि द्वारा बिक्रय अनुबन्ध पत्र के दौरान छुपाकर जानबूझ कर धोखाधडी कर 10 लाख रु. प्राप्त किये गये है। प्रकरण में आवेदक जसवीर सिह का मूल प्रार्थना पत्र व जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को प्रेषित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र संजय गुंज्याल द्वारा निर्देशित किया गया कि डा. अनिल चैधरी पुत्र डी.एस.चैधरी रेलवे कालोनी जबलपुर मध्य प्रदेश, श्रीमती मृलाण चैधरी पुत्र स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नि. चेतक सेतु भोपाल व श्रीमती बन्दिता जोशी पुत्री स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नियर चेतक सेतु भोपाल मध्य प्रदेश के विरुध आवदेकत के साथ धोखाधडी करने के सम्बन्ध में नियमानुसार उचित धाराओं मे तत्काल अभियोग पंजीकृत कराकर यथोचित कार्यवाही कर गुण-दोष के आधार पर अभियोग का सफल निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भाकपा ने किया प्रदर्शन
देहरादून,14 मई (निस)। केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क के बाहर प्रदर्शन किया व धरना दिया। भाजपा का कहना है कि यह अध्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी है, इससे एक सामाजिक अराजकता पैदा होगी। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि भूमि अधिग्रहण कानून वर्ष 2013 में किसानों एवं भूमि से जुडे़ अन्य लोगों के हित के लिए जो प्राविधान किसान समुदाय के लंबे संघर्षों के बाद शामिल किये गये थे, भूमि अधिग्रहण 2015 में उन सब प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है। यह कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है। केंद्र की भाजपा सरकार के नये प्रस्ताव में भूमि अधिग्रहण से पहले 80 प्रतिशत किसानों की सहमति प्राप्त करने की धारा को हटा दिया गया है। नये बिल के प्रावधानों में सामाजिक प्रभाव आंकलन को हटा दिया गया है, सामाजिक प्रभाव आंकलन अत्यधिक महत्व का मुद्दा है। 18 औद्योगिक गलियारों के लिए भाजपा सरकार के प्रस्तावों के दायरे में खेती योग्य जमीन का 35 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आ जायेगा, जिससे हजारों गांवों के लुप्त हो जाने और करोड़ों लोगों की रोजी रोटी छिनने का रास्ता साफ हो जायेगा। इससे एक सामाजिक अराजकता पैदा होगी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जन समूहों के हितों के विरूद्ध कारपोरेट घरानांे को फायदा पहंुचाने के लिए विकास के नाम पर दुस्साहस का परिचय दे रही है और राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों को लुटाने उनका बडा इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि विशेषज्ञों का मत है कि वैज्ञानिक उचित तौर पर भूमि प्रबंधन के आधार पर प्रत्येक परिवार को 3.4 हैक्टेयर भूमि उपलब्ध हो सकती है, जो उनके लिए रोजगार का स्थाई स्रोत होगी व उनकी भविष्य की स्थायी गारंटी प्रदान करेगी, लेकिन केन्द्र सरकार उल्टे किसानों की जमीन हथियाने पर आमादा है। पूर्व की सरकारों द्वारा अधिग्रहित भूमि के 45 प्रतिशत का अभी तक उपयोग नहीं हो पाया है। भाकपा कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में जिला प्रशासन के जरिये राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा।
21 बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को लेकर बस रवाना
नैनीताल,14 मई (निस)। मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत 21 बुजुर्गाें को तीर्थ यात्रा हेतु आज तल्लीताल बस स्टैण्ड से उत्तराखण्ड रोडवेज की बस में बिठाकर क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव सरिता आर्या, व जिलाधिकारी दीपक रावत ने हरी झण्डी दिखाकर बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया। यात्रा में 13 पुरूष व 08 महिलायें तीर्थ यात्रा में भेजी गयी। सरकार की मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत 65 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके बुजुर्गों को निःशुल्क तीर्थ यात्रा करायी जा रही है, जिसमें यदि बुजुर्ग जोडा हो, उसमें 01 की भी 65 वर्ष आयु हो तो जोडे का दूसरा सदस्य भी तीर्थ यात्रा में जा सकता है। मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के नोडल पर्यटन विभाग को बनाया गया है, जिसमें केएमवीएन, जीएमवीएन व उत्तराखण्ड रोडवेज सहयोग कर रहे हैं। यह यात्रा पूर्णतया निःशुल्क है। जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत प्रत्येक बृहस्पतिवार को बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजा जाना है। उन्होनंे जनपद के सभी बुजुर्गों एवं जनता से अपील की है कि 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा हेतु प्रोत्साहित करें तथा उनका पंजीकरण पर्यटन विभाग में कराना सुनिश्चित करें। उन्होनें बताया कि पर्यटन विभाग यात्रा का नोडल बनाया गया है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए पर्यटन कार्यालय पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होनंे बताया कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत आज भेजे गये बुजुर्गों को बद्रीनाथ धाम की यात्रा करायी जायेगी, जो तीन दिवसीय है। यात्रा के साथ ही खाने-पीने, रहने आदि व्यवस्थायें सभी निःशुल्क होगी। इस दौरान महाप्रबन्धक केएमवीएन टीएस मर्तोलिया, उप निदेशक पर्यटन जेसी बेरी, मारूती साह, मुन्नी तिवारी, आदि उपस्थित थे।
किसानों को गुमराह कर रही केन्द्र सरकारः रावत
पन्तनगर, 14 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गत दिनों ओलावृष्टि और बरसात के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं उन्हें सरकार उचित मुआवजा देगी। इसके लिए राज्य के जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। श्री रावत पंतनगर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को जो 1500 रूपए मुआवजा दिया जा रहा है वह अनुमानित नहीं है। इसके लिए डीएम आंकलन करें ताकि उन्हें अधिक से अधिक मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामले में केंद्र सरकार किसानों को गुमराह कर रही है जिसका राज्य सरकार विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। श्री रावत ने कहा कि चारधाम के लिए कुमायूं और गढ़वाल से यात्री चिन्हित कर लिये गये हैं और चारधाम यात्रा के लिए हेलीकाॅप्टर की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाआंे पर माओवादियों की गतिविधियों के चलते केंद्रीय गृहमंत्री को अवगत करा दिया गया है और केंद्र सरकार से आर्थिक मदद भी मांगी गई है। एक सवाल के जबाव में सीएम रावत ने कहा कि लाल बत्ती देने का औचित्य राज्य का विकास करना है ताकि दायित्वधारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। वहीं पार्टी में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाता है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकार की योजनाएं जनजन तक पहुंचायें। उन्होंने कहा कि भाजपाई राज्य सरकार का पुतला फूंक रहे हैं जबकि राज्य में भाजपा के पांचों सांसद हैं। ऐसे में वह बतायें कि उन्होंने केंद्र से कितनी धनराशि जनहित में खर्च की है। इससे पूर्व बीज प्रमाणीकरण संस्था अध्यक्ष तिलकराज बेहड़ ने भूमि अधिग्रहण बिल व किसानों के हुए नुकसान से सीएम रावत को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसलों के नुकसान का उचित आंकलन कराये और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये साथ ही भूमि अधिग्रहण मामले में भी आ रहे लोगों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाये। वार्ता के दौरान पुष्कर राज जैन, सेवा सिंह, हरीश पनेरू, हरीश बावरा, विजय सुखीजा, साहब सिंह, गणेश उपाध्याय, प्रीत ग्रोवर, सुरेंद्र नरूला, निशान सिंह, प्रेमलता, दया जोशी आदि मौजूद थे।