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ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई से मेक इन इंडिया को बड़ा खतरा

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ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई को अनुमति देने के मुद्दे पर वाणिज्य मंत्रालय के डी आई पी पी विभाग ने आज इस से सम्बंधित सभी वर्गों की एक बैठक दिल्ली में बुलाई जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्रीमती निर्मल सीतारमण ने के ! बैठक में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स, फिक्की, एसोचैम सहित ई कॉमर्स व्यापर करने वाली कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे !

बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रीमती निर्मल सीतारमण ने कहा की इस मामले पर सरकार का दिमाग पूरी तरह खुला हुआ है और सभी संभावित विषयों पर विचार किया जायेगा ! उन्होंने कहा की टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल मेक इन इंडिया को देश में बढ़ाने के लिए हो, यह सरकार की सोच है लेकिन किसी भी कारन से वस्तुओं का आयत बहुतायत में न बढ़ जाए, यह भी देखना होगा ! उन्होंने ने कहा की ऐसी जानकारी मिली है की कुछ राज्यों ने अपने तौर पर मानक तय करते हुए ई कॉमर्स व्यापर पर देख रेख की हुई है और एक संघीय राज्य में ऐसा हो सकता है ! लेकिन मौटे तौर पर एक राष्ट्रीय नीति का न होना भी इसकी एक वजह हो सकती है ! उन्होंने कहा की सरकार इस विषय से सम्बंधित हर पहलू को देखेगी और जल्द ही डी आई पी पी विभाग अन्य मंत्रालयों से इस विषय पर सम्बंधित मुद्दो को लेकर चर्चा करेगा ! उन्होंने भरोसा दिया की सभी वर्गों से इस विषय पर संवाद कायम रखा जाएगा !

इस से पूर्व कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स के राश्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने श्रीमती सीतारमण को एक बैठक में एक  विस्तृत ज्ञापन देते हुए कहा की ई कॉमर्स में  ऍफ़ डी आई को लागू करने से असंगठित रिटेल बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसका अध्यन करना बेहद जरूरी है ! इस बाजार में 5 .77 करोड़ व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं जो 46 करोड़ लोगों मको रोज़गार देते हैं और देश की जी डी पी में इस बाजार का हिस्सा 45 प्रतिशत है ! कोई कदम ऐसा न उठाया जाये जिससे यह बाजार ख़राब हो !

उन्होंने ने कहा की ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई को लागू करने से सीधा विपरीत असर प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान पर पड़ेगा क्योंकि ऍफ़ डी आई के कारन से हजारों वस्तुएं विदेशों से आयत होकर भारत में बेचीं जाएँगी ! इस से भारत का लघु उद्योग का स्वरुप ही बिगड़ जायेगा ! उन्होंने कहा की नीति आयोग के दिशा निर्देश में 5 करोड़ छोटे व्यवसायिओं के लिए समर्थन नीतियां बनाने की बात कही गयी है ! ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई से यह दिशा निर्देश भी बिलकुल बेकार हो जायेगा ! प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 31 मार्च 2015 को देश के व्यापारियों के नाम लिखे एक खुले पत्र में छोटे व्यापर को मजबूत रखने की प्रतिबध्दता दोहराई थी जो ऍफ़ डी आई के कारन इस नष्ट होगी वहीँ अभी तक ई कॉमर्स के लिए कोई स्थापित नियम एवं कानून न बने होने के कारन ई कॉमर्स कम्पनियों के लिए बाजार में खुला खेल हो गया है !

श्री खण्डेलवाल ने सुझाव देते हुए कहा की कोई भी निर्णय लेने से पहले सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत और मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत ऍफ़ डी आई से देश को क्या लाभ हुआ है, इसका व्यापक अध्यन होना जरूरी है ! ई कॉमर्स में ऍफ़ डी आई के बजाय सरकार वर्त्तमान रिटेल ढांचे का आधुनिकीकरण करे जिससे देश के व्यापारी वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला कर सकें ! उन्होंने यह भी कहा की रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय नीति भी बनायीं जाए ! देश में आंतरिक व्यापर को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए एक बोर्ड ऑफ़ इंटरनल ट्रेड गठन किया जाए 

"धूमधाम से मनाई जाएगी महाराणा प्रताप जयंती "

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maharana pratap jayanti
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती पर गेहलोत मेवाड़ा राजपूत समाज द्वारा सीहोर  में 21 मई गुरुवार  को विशाल चल समाहरोह  का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। विभिन्न कमेटियों का गठन करके सभी को जिम्मेदारी सौंप दी गई है ! युवा संगठन प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह मंडलोई एवं अध्यक्ष सीहोर ~ भोपाल पटेल नारायण सिंह मेवाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया की  महाराणा प्रताप जयंती समारोह पूणतः सामाजिक और गरिमामय होगा जिसमे की गेहलोत मेवाड़ा राजपूत समाज के लोग ही शामिल होगे !

मुख्य आकर्षण अनुशासित चल समारोह होगा जिसकी की चिम्मेदारी चल समारोह अध्यक्ष पटेल दिनेश मेवाड़ा ( पूर्व सरपंच ) अध्यक्ष दिनेश मेवाड़ा सेमली ( सरपंच )  सह सयोजक दसरथ सिंह ,हेम सिंह ,उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह ,सचिव भगबत सिंह , प्रताप सिंह ,सहसचिव जीवन सिंह ,गब्बर सिंह , भोजन व्यवस्था पंडाल प्रभारी धन सिंह,  सुरक्षा यातायात  पर्वत सिंह , कोषाध्यक्ष  डॉ सुरेन्द्र सिंह , सुचना अधिकारी राजू राजपूत , दीपक सिंह ठाकुर ,माखन सिंह राजपूत ,चाँद सिंह मेवाड़ा , अचल सिंह छात्रावास अध्यक्ष , जगदीश मेवाड़ा , गजराज सिंह , एवं अन्य स्वंयम सेवको द्वारा सेवा प्रदान की जाएगी ! महाराणा प्रताप जयंती चल समाहरोह का शुभारंभ प्रातः 11 बजे  पुराना कलेक्ट्रेड  ग्राउंड से शरू होकर  गेहलोत मेवाड़ा छात्रावास कंचन माकेर्ट भोपाल नाका सीहोर पर समापन होगा ! केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक श्री केदार सिंह मंडलोई जी और केंद्रीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक श्री फूल सिंह मेवाड़ा जी , नगर पालिका अध्यक्ष सीहोर नरेश मेवाड़ा जी की अनुमति से धूमधाम से मनाई जाएगी महाराणा प्रताप जयंती !

समाज समिति के सभी अध्यक्ष ,सचिव ,को निमंत्रित किया गया हे ! आयोजन समिति का मार्गदर्शन अचल सिंह मेवाड़ा जी वकील साहव द्वारा किया जायेगा 

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (14 मई)

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फसल मुआवजा राशि की लूट मची है नीतीश की हुकूमत में,सरकार ने बटाइदारों का नहीं रखा ख्याल

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) फसल मुआवजे की राशि में कर्मचारी अधिकारी लूट मचाए हुए है और सरकार बटाईदारों के साथ अन्याय कर रही है। चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के बकाए रकम का भुगतान नहीं करना और केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को अनुदान देना काॅरपोरेटपरस्ती को दर्शाता है। कम्पनी परस्ती के कारण किसान बदहाल और कम्पनी वाले खुशहाल है। भाकपा माले सह खेत मजदूर सभा के नेता का.वीरेन्द्र गुप्ता, मुख्तार मियाँ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि किसानों की बदहाली के लिए मोदी व नीतीश दोनो ही जिम्मेदार है क्योंकि दोनो ने कारखाना वालों को दोबारा अनुदान दिया किन्तु किसानांे को अनुदान के नाम पर उनके खजाने खाली हो जाते है। भाकपा माले के नेताद्वय ने कहा है कि देश की अधिकांश खेती बटाइदारों के हाथों में है लेकिन फसल अनुदान के लिए बटाइदारांे को राहत के नाम पर कुछ राहत नहीं मिल रहा। नेताओं ने रामनगर विधानसभा क्षेत्र में लोस चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी के चुनावी घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि गन्ना किसानांे के बकाए का भुगतान 14 दिनों के अन्दर दिलाने, किसानांे के उत्पाद गन्ना का मूल्य बढाने की बात की थी किन्तु सरकार बनने के साथ जनता से किए गये वादा भूल गये मोदी जी। गन्ना का उत्पादन कर किसान अपनी बेटी की शादी जमीन बंेचकर अथवा गिरवी रखकर कर रहे है और चीनी मिलों को अपनी आपूर्ति की गई ग्रन्ना मूल्य का भुगतान सरकार के निर्देश पर भी नहीं हो रहा है। डिलेयड पेमेन्ट एक्ट की धज्ज्यिा भी उड़ाई जा रही है। किसानांे की जमीन बटाई जोतने वाले किसानों को भी मुआवजा दिए जाने का प्रावधान होना चाहिए।

आलोक वर्मा क्रिकेट टूर्नामेंट, अब 16 टीमें, गुरूवार से क्र्वाटर फाइनल शुरू
  • आरसीसी बेतिया ने रेलवे परिसर और सुपर किंग्स ने बाबा इलेवन को हराया

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) आलोक वर्मा की याद में स्थानीय उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय के मैदान पर खेले जा रहे टेनिस बाॅल 20-20 क्रिकेट मैंच का रोमांच आखिरी गेन्द तक बना रहा। अपने निर्णय को सफल साबित कर दिया सुपर किग्स नरकटियागंज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 16 ओवर में 135 रन बना लिया। जवाब में बाबा इलेवन की टीम की शुरूआत अच्छी नहीं रही। किन्तु उसके जुझारू बल्लेबाजों ने खेल के आखिरी गेन्द तक रोमांच को बनाए रखा। अन्ततोगत्वा बाबा इलेवन एक रन से पराजित हो गयी। मैच के अन्तीम ओवर मंे खिलाडि़यांे ने निर्णायक के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए विरोध किया। आखिरकार मैच प्रारंभ किया गया एक बाॅल पर जीत के लिए दो रन बनाए जाने थे और बाबा इलेवन की टीम एक रन ही बना सकी। नरकटियागंज सुपर किंग्स ने अपनी जगह क्वार्टर फाईनल में सुरक्षित कर लिया। बुधवार को ही खेले गए दूसरे लीग मैच में आरसीसी बेतिया ने रेलवे परिसर को पराजित कर क्वार्टर फाईनल में अपनी जगह बना ली। बेतिया आरसीसी के कप्तान रवि कुमार गुप्ता ने टाॅस जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 16 ओवर मंे 6 विकेट खोकर 129 रन बनाया। उसके बाद जवाब में खेलते हुए रेलवे परिसर नरकटियागंज ने 119 रन ही बना सकी। इस प्रकार सुपर किंग्स नरकटियागंज और आरसीसी बेतिया गुरूवार को पहले सेमीफाइनल में खेलेंगे।

नप नियोजन समिति ने आठ शिक्षक शिक्षिकाआंे के नियोजन को दी हरी झंडी

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नगर परिषद् नरकटियागंज की नियोजन समिति ने शिक्षक शिक्षिकाओं के आठ पदों पर विषयवार नियोजन कर दिया है। हमारे सूत्रों के अनुसार उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय नरकटियागंज में हिन्दी के दो उमेश यादव, पंकज चैबे अंग्रेजी के एक मनोज कुमार पाण्डेय, उर्दू के एक मो.जबीहुल्लाह और संस्कृत के एक विभाकर दूबे का नियोजन किया है। रेलवे प्रवेशिका उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय में भूगोल विषय के एक सुनिल कुमार यादव, मतिसरा कुँवर बालिका उच्चŸार माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी की एक प्रीति मणि, गृहविज्ञान की एक किरण कुमारी का नियोजन किया गया है। हालाकि इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गयी है। लेकिन नगर परिषद सूत्रों के अनुसार नगर परिषद् नियोजन समिति की सहमति उपर्युक्त अभ्यर्थियांें के नियोजन पर बन गई है।

तैयब अंसारी हत्या की साजीश में आपूर्तिकर्ता के भ्रामक नाम, जाँच के आदेश

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) शिकारपुर थाना काण्ड संख्या 183/15 के गिरफ्तार  अभियुक्तांे ने पुलिस को गुमराह करने की नियत से अपने पुराने रंजीश वाले लोगो को फँसाने का काम किया है। जिससे तैयब अंसारी (मियाँ) की हत्या की साजीश के आपूर्तिकर्ता के सम्बन्ध में विकास कुमार श्रीवास्तव के बयान भ्रामक है। उपर्युक्त फरियाद रवि ठाकुर के पिता सुदर्शन ठाकुर ने चम्पारण प्रक्षेत्र के डीआईजी गोपाल प्रसाद से मिलकर एक आवेदन देकर किया है कि पुरानी रंजीश को लेकर विकास कुमार श्रीवास्तव ने उनके बेटे को फँसाया है। रवि ठाकुर विगत आठ वर्ष से उŸाराखण्ड के हल्द्वानी में पोलम्बर का काम करता रहा है। श्री प्रसाद ने नरकटियागंज अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी अमन कुमार को इसकी जाँच को निर्देशित किया है।

रनिंग रूम के क्षतिग्रस्त, रिटायरिंग रूम में अस्थाई तौर पर ठहरेंगे रनिंग स्टाॅफ

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) सहायक मण्डल अभियंता पूर्व मध्य रेल नरकटियागंज के कार्यालय के ज्ञापांक डब्लू 98 डैमेज एनकेई दिनांक 12 मई 2015 द्वारा सहायक यांत्रिक अभियन्ता को पत्र दिया गया। जिसकी प्रतिलिपि समस्तीपुर मण्डल के सहायक मंडल रेल प्रबंधक को भेजी गयी। सहायक मण्डल प्रबंधक बीएस दोहरे ने अविलम्ब भूकम्प से क्षतिग्रस्त रनिंग रूम का जाएजा लिया। उल्लेखनीय है की बुधवार को श्री दोहरे ने अपनी टीम को साथ लेकर स्थिति का जाएजा लिया। 15 कमरा के 36 बेड वाले रनिंग रूप की हालत देख कर मर्माहत हुए बीएस दोहरे ने क्षतिग्रस्त कमरे का उपयोग नहीं करने की हिदायत दी। इन परिस्थितियों मंे यात्री विश्रामालय रिटायरिंग रूम में रहेगे रनिंग स्टाफ। बीएस दोहरे के साथ एसएच भट्ट, एसएस लालबाबू राउत व अन्य देखे गये।

बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने विशाल प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया

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पटना, 14 मई। ‘‘भूमि अधिग्रहण संषोधन विधेयक वापस लो’’ की मांग को लेकर तथा केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पेष भूमि अधिग्रहण संषोधन विधेयक तथा अध्यादेष के खिलाफ आज राजधानी पटना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने विषाल प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया। भीषण गर्मी और देह जला देने वाली धूप के बावजूद लगभग पचास हजार लोगों ने प्रतिरोध मार्च में भाग लिया। इस मार्च में ग्रामीण महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही। 
मार्च में शामिल विषाल जन समूह को आर॰ ब्लाॅक चैराहा के निकट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उप महासचिव एवं ऐटक के महासचिव गुरूदास दास गुप्ता, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के महासचिव नागेन्द्र नाथ ओझा तथा पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने संबोधित किया। गुरूदास दास गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज समूचे देष में केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक तथा अध्यादेष के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विरोध दिवस का आयोजन कर रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इस विधेयक का इसलिए विरोध कर रही है, क्योंकि नरेन्द्र मोदी की सरकार कानून बनाकर किसानों की जमीन बलपूर्वक छीनना चाहती है। जमीन पर न सिर्फ किसानों; बल्कि समाज के अन्य तबके के लोगों का जीवन यापन निर्भर है। इसलिए इस विधेयक के खिलाफ की लड़ाई सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है; बल्कि समाज के अन्य लोगों की भी यह लड़ाई है। जमीन छीन जाने का मतलब है, करोड़ों लोगेां को जीवन यापन का जरिया छीन जाना है। जमीन का सवाल देष के करोड़ों लोगों की जिन्दगी का महत्वपूर्ण सवाल है। इसीलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बार-बार यह संकल्प दोहराती है कि हम लोग खून देंगे, जान देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे। 
श्री दासगुप्ता ने देष के लोगों से इस विधेयक के खिलाफ बड़ी और दीर्घकालीन लड़ाई के तैयार रहने की अपील की। आज का यह प्रतिरोध मार्च उस बड़ी लड़ाई का आरंभ है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आगे भी अपनी इस लड़ाई को जारी रखेगी। इस बड़ी लड़ाई को हम सभी वामदलों और लोकतांत्रिक दलों के साथ मिलकर लड़ेंगे। 
आज यहां प्रतिरोध मार्च लगभग साढ़े ग्यारह बजे दिन में पटना के गाँधी मैदान से निकला और जे॰पी॰ गोलम्बर, आकाषवाणी, फ्रेजर रोड, डाकबंगला चैक और पटना जंक्षन होते हुए आर॰ ब्लाॅक चैहारा पहुँचा हाथ में लाल झंडे और बैनर लिए हुए हजारों नर-नारी भूमि अधिग्रहण संषोधन विधेयक और अध्यादेष के खिलाफ नारे लगा रहे थे। गाँधी मैदान से जुलुस निकल जाने के बाद भी शहर के विभिन्न सड़कों से लाल झंडे लिए हुए हजारों लोग बस से, जीप से मिनी बस से और पैदल लोग आते रहे। शहर में जिधर भी देखे लाल झंडों का जनसैलाब दिखलाई पड़ रहा था। 
इस दुःखद पहलू यह था कि उत्तर बिहार में आये भूकंप के कारण जैसी तैयारी थी उसके अनुकूल मार्च में भाग लेने वालों की संख्या नहीं हुई। यदि भूंकप का प्रकोप नहीं होता तो लगभग एक लाख लोग सभी जिलों से प्रतिरोध मार्च में भाग लेते। भूकंप के असर, भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप को झेलते हुए लगभग पंचास हजार लोग मार्च में शामिल हुए। इससे स्पष्ट है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ व्यापक जन आक्रोष है। 
संध्या 5 बजे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के राज्यपाल से मिला और एक स्मार-पत्र उन्हें दिया। स्मार-पत्र में मांग की गई है कि केन्द्र सरकार जनहित का ख्याल करते हुए और जन भावना का सम्मान करते हुए भूमि अधिग्रहण संषोधन विधेयक को वापस ले, क्योंकि यह विधेयक जनविरोधी, अमानवीय; क्रूर और लोकतांत्रिक कल्याणकारी राज्य के मूल तत्वों के विरूद्ध हैं । 

प्रतिनिधिमंडल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह, पूर्व राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक, पूर्व राजय सचिव बद्री नारायण लाल, पूर्व विधान पार्षद पार्टी के वरिष्ठ नेता रामनरेष पाण्डेय, पूर्व विधायक और केदार नाथ पाण्डेय,सदस्य, बिहार विधान परिषद शामिल थे। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (14 मई)

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केवल आवेदन पत्र से ही कमा लिए एक करोड़ रुपये, आवेदकों की संख्या कई गुना होने से लाटरी से बिकेंगे फ्लैट
  • स्टेट बैंक पूरे प्रदेश में बेच रहा हाउसिंग प्रोजक्ट के फार्म, लाटरी के लिए नहीं ली गई सरकार से किसी तरह की मंजूरी
  • हजारों आवेदकों का फार्म का पैसा जाएगा बिल्डर के खाते में

देहरादून,14 मई । रिवर वैली प्रोजेक्ट के बिल्डर की फ्लैट आवंटन के लिए फार्म की बिक्री से पैसा कमाने की योजना बेहद कामयाब होती दिख रही है। बताया जा रहा है कि इन अब तक लगभग 20 हजार लोग फार्म खरीद चुके हैं। इससे मिली लगभग एक करोड़ रुपये की राशि बिल्डर के खाते में जमा हो चुकी है। अगर ईडब्ल्यू के फ्लैट भी जोड़ लिए जाएं तो बिल्डर के पास महज तीन हजार फ्लैट ही हैं। ऐसे में हजारों आवेदकों की फार्म खरीद का पैसा बिल्डर का अपना हो जाएगा। विंडलास कंस्ट्रकशन की ओर से हरिद्वार रोड पर रिवर वैली प्रोजेक्ट हाउसिंग का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में कुल तीन हजार फ्लैट बनाए जाने हैं। इनमें से 15 फीसदी यानि 450 फ्लैट ईडब्ल्यूईएस के लिए हैं। इनका आवंटन एमडीडीए के द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार बिल्डर के पास लोगों के लिए महज 2550 फ्लैट की उपलब्ध होंगे। इन फ्लैटों को बेचने के लिए निजी बिल्डर पूरी तरह से सरकारी संस्था की तरह ही काम कर रहा है। बिल्डर ने फ्लैट खरीदने वालों को पहले आवेदन करने को कहा है। इसके लिए आवेदन फार्म भारतीय स्टेट बैंक से ठीक उसी तरह से बिक्री कराए जा रहे हैं, जैसे कोई सरकारी विकास प्राधिकरण कराता है। एक फार्म की कीमत 570 रुपये रखी गई है। अहम बात यह भी है कि ये फार्म भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं से तो बिक्री किए ही जा रहे हैं, बिल्डर अपने स्तर से भी फार्मों की बिक्री कर रहा है। प्रोजेक्ट के साथ एक तो भारतीय स्टेट बैंक का नाम जुड़ा है, फिर इस प्रोजेक्ट का जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। एक दैनिक समाचार पत्र में इस प्रोजेक्ट के बारे में छपे एक विज्ञापन में साफ लिखा गया है कि यह प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। जाहिर है कि इस प्रोजेक्ट में फ्लैट के लिए पूरे प्रदेशभर से लोग आवेदनपत्र खरीद रहे हैं। साथ ही मामला स्टेट बैंक का है तो प्रदेश के बाहर के निवेशक भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि केवल बैंक के माध्यम से अब तक 15 हजार से अधिक आवेदन फार्म बिक्री किए जा चुके हैं। इसी तरह बिल्डर के पास से भी पांच हजार से ज्यादा फार्म बिक्री होने की खबर है। इस लिहाज से बिल्डर के खाते में एक करोड़ से ज्यादा रकम जमा हो चुकी है। अभी आवेदन पत्रों की बिक्री जारी है। ऐसे में बिल्डर के खाते में रोजाना मोटी रकम आ रही है। अब फ्लैट कम है और आवेदन उससे कई गुना ज्यादा है। ऐसे में बिल्डर फ्लैटों की बिक्री लाटरी के माध्यम से करने की तैयारी में हैं। रिवर वैली के प्रतिनिधि प्रवीन न्यूज वेट से बातचीत में कह चुके हैं कि लाटरी की अनुमति उनके पास है। लेकिन अनुमति किस विभाग या अधिकारी ने दी है, इसका कोई जवाब उनके पास नहीं है। जाहिर है कि बिल्डर बगैर सरकारी अनुमति के ही लाटरी खिलवा रहा है। इस मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि जिन लोगों को लाटरी में फ्लैट नहीं मिलेगा, उनके फार्म के पैसे तो बिल्डर के हो ही जाएंगे।क्योंकि फार्म में कही भी यह नहीं लिखा है कि यदि उसका आवेदन अस्वीकृत हो जाता है तो उसका आवेदन शुल्क वापस किया जायेगा लिहाजा इस तरह से बिल्डर केवल आवेदन फार्म से ही लाखों की कमाई करने की तैयारी में है।

अभी वाणिज्यकर भी नहीं किया जमा
इन आवेदन पत्रों की बिक्री पर बिल्डर को पांच फीसदी की दर से वाणिज्यकर भी अदा करना है। बताया जा रहा है कि अभी तक यह राशि भी जमा नहीं की गई है। वाणिज्यकर विभाग की सहायक आयुक्त अंजली गुसाई से इस बारे में बात की गई। उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर बिल्डर से बात की गई थी। बिल्डर ने जल्द ही टैक्स जमा करने का भरोसा दिलाया है।

दून क्लब की एजीएम पर सवाल, अदालत 15 मई को तय करेगी एजीएम का भविष्य
  • 16 मई को बुलाई गई है क्लब की एजीएम, दो सदस्यों ने की बैठक को रोकने अपील
  • क्लब में हुए कथित घोटाले का मामला

देहरादून,14 मई (निस)। शहर के प्रतिष्ठित दून क्लब की 16 मई को होने वाली एजीएम (वार्षिक आम सभा) का भविष्य कल 15 मई को तय होगा। एजीएम रोकने की दो सदस्यों की अपील पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। फैसला क्या है, इसका खुलासा शुक्रवार को होगा। दून क्लब के दो पूर्व पदाधिकारियों विशाल वोरा और राजीव शर्मा पर क्लब के पैसे में घोटाला करने का आरोप मौजूदा कार्यकारिणी ने लगाया है। आरोप है कि कार्यकारिणी का पदाधिकारी रहते दोनों सदस्यों ने क्लब के वाशरूमों की मरम्मत कराई थी। दोनों ने इस काम पर तीस लाख रुपये का व्यय दर्शाया था। नई कार्यकारिणी बनी तो इस खर्च पर संदेह जताया गया। कहा गया कि इतने पैसे से तो नए वाशरूम बनवाए जा सकते थे। इसके बाद कार्यकारिणी ने पूरे मामले की जांच कराई। खर्च के नाम पर लगाए बीजकों की गहनता से पड़ताल कराई तो सामने आया कि लगभग 10 लाख रुपये का घोटाला किया गया है जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यकारिणी ने 16 मई को क्लब की सालाना आम सभा बुलाई। इस बैठक एजेंडे के साथ ही सभी सदस्यों को जांच रिपोर्ट की प्रति भी भेजी गई। एजेंडे के मुताबिक एजीएम को इस रिपोर्ट पर चर्चा करके यह तय करना है कि दोनों सदस्यों के खिलाफ क्या एक्शन होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कथित घोटाले के आरोपी दोनों सदस्य शहर की नामचीन हस्तियों में गिने जाते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों को कार्यकारिणी का इस तरह का फैसला रास नहीं आया। इसके बाद दोनों के जिला अदालत में इस एजीएम को रोकने की अर्जी दाखिल की। सूत्रों ने बताया कि अदालत ने इस मामले में 13 मई की सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने तय किया है कि एजीएम रोकने की अर्जी पर अब फैसला कल शुक्रवार यानि 15 मई को सुनाया जाएगा। जाहिर है कि अब यह शुक्रवार को ही तय होगा कि दून की 16 मई को प्रस्तावित सालाना आम सभा होगी या नहीं। हां, इतना जरूर बताया जा रहा है कि अगर 16 मई को एजीएम होगी तो इसके खासा हंगामेदार रहने के आसार है।

राजस्व हानि का ठीकरा किसके सर, प्रदेशभर में खाली पड़ी शराब की दुकानें, कई पर लगे ताले, नई पालिसी का नतीजा
  • अब तक 70 करोड़ के रेवेन्यू का है नुकसान, दूसरे प्रदेशों के शराब सरेआम हो रही तस्करी
  • मनमानी कीमतें वसूल कर रहे कुछ ठेकेदार, वैट में बढ़ोतरी का तस्कर उठा रहे पूरा लाभ

देहरादून,14 मई (निस)। उत्तराखंड लागू की गई नई एफएल-टू नीति से राज्य को फायदे की जगह नुकसान हो रहा है। सूबे में शराब की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हैं और राजधानी देहरादून समेत कई शहरों में शराब की दुकानों पर ताले लटक रहे हैं। कुछ दुकानों पर मंहगे ब्रांड हैं भी तो उनकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। नजीता यह है कि एक तरफ सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ शराब की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राजस्व के इस नुकसान का जिम्मेदार किसे माना जाएगा।
सरकार ने नई एफएल-टू को लागू करने के लिए हरसंभव तरीका अपनाया और तमाम विरोध के बाद भी इसे आखिरकार लागू कर ही दिया। उस समय तर्क दिया गया था कि इस नीति से मयकशी के शौकीन लोगों को सस्ती और बेहतर शराब मिल सकेगी। लेकिन पिछले एक पखवाड़े पर नजर डालें तो हालात एकदम विपरीत नजर आ रहे हैं। सूबे में शराब की अधिकांश दुकानें खाली पड़ी हैं तो तमाम दुकानों पर ताले लटक रहे हैं। कुछ दुकानों पर थोड़ी बहुत शराब उपलब्ध भी है तो उसकी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब कंपनियों और आबकारी विभाग के बीच डील ही फाइनल नहीं हो पा रही है। कंपनियां आबकारी विभाग की ओर से लागू की शर्तों पर काम करने को तैयार ही नहीं हैं। इतना ही नहीं विभाग की कुछ अंडरहैंड मांग भी पिछले साल की तुलना में खासी बढ़ गई है। नतीजा यह है कि कंपनियां अपने ब्रांड इस प्रदेश में बेचने को तैयार ही नहीं हैं। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। आबकारी विभाग ने इस साल रोजाना पांच करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य तय किया है। इस लिहाज से सरकार को आज तक 70 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हो चुका है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि राजस्व के इस नुकसान के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन है। आने वाले समय में कैग जब विभाग के लेखों का परीक्षण करेगा तो यह भारी भरकम राशि आखिर किससे वसूल की जाएगी। एक तरफ राजस्व का नुकसान हो रहा है तो दूसरी तरफ दूसरे प्रदेशों से शराब की तस्करी बेहद तेज हो गई है। करेला और नीम चढ़ा वाली कहावत उस समय चरितार्थ हो गई,जबकि सरकार ने शराब पर वैट बढ़ा दिया। इस वैट में इजाफे के बाद इंग्लिश शराब की कीमत 15 प्रतिशत और देशी में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब पॉलिसी जारी होने के बाद वैट में बढ़ोतरी हुई है। इसका सीधा असर शराब के तस्करों को फायदा पहुंचाने वाला साबित हो रहा है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब सहित हिमाचल व चंडीगढ़ में शराब के दाम अब भी उत्तराखंड से काफी कम है। बीते कई सालों से शराब की तस्करी उत्तराखंड की राजधानी ही नहीं बल्कि राज्य के दूर दराज तक के इलाकों तक में होती रही है। इसका खामियाजा उत्तराखंड को शराब से मिलने राजस्व में हानि से होता है। हालांकि, आबकारी विभाग के पास अभी तक वैट बढ़ोत्तरी के आदेश नहीं पहुंचे हैं।

लाइसेंसी जाएंगे अदालत की शरण में
फुटकर शराब बेचने का लाइसेंस लेने वालों को शराब उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है। विभाग इसके ऐवज में लाइसेंसियों से पैसा लेता है। बीते एक पखवाड़े से फुटकर विक्रेताओं को शराब ही नहीं मिल रही है तो बिक्री कहां से होगी। इसके बाद भी आबकारी विभाग का पैसा इन लाइसेंसियों पर बकाया होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि लाइसेंसी उस वक्त तक पैसा नहीं देता चाहते, जब तक कि उन्हें शराब मिल नहीं जाती। अगर विभाग ने इसे जबरन वसूलने की कोशिश की तो ये फुटक विक्रेता इसके खिलाफ अदालत की शरण लेंगे। जाहिर है कि पैसा न मिलने की दशा में सरकार को भारी राजस्व की हानि होगी।

कौन लेगा भावी कर्णधारों की सुध, काबीना मंत्री के इलाके में तेजी से फैल रहा कुपोषण
  • महज चंद गांवों की जांच में सवा सौ बच्चे मिले अतिकुपोषित, चार गंभीर हालत बच्चों को भेजा गया रुद्रपुर के पुर्नवास केंद्र

बाजपुर (ऊधमसिंह नगर),14 मई (निस)। बाल विकास विभाग की एक जांच में बाजपुर क्षेत्र में बच्चों के कुपोषण से बुरी तरह ग्रसित होने की पुष्टि हुई है। हालात ये हैं कि 14 हजार बच्चों के परीक्षण में से आठ सौ कुपोषित और सवा सौ बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। अगर पूरे क्षेत्र में परीक्षण कराया जाए तो कुपोषित बच्चों का आंकड़ा बेहद चैंकाने वाला हो सकता है। यह बात यह भी है यह इलाका सूबे के कद्दावर मंत्री यशपाल आर्य का है। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर देश के इन भावी कर्णधारों की सुध कौन लेगा। बाल कल्याण विभाग की सुपवाइजर शशि टम्टा और योगेश कंबोज ने पिछले दिनों बाजपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में बच्चों का परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इस टीम ने इलाके के कई ग्रामों का दौरा करके लगभग 14 हजार बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि इस परीक्षण के नतीजे बेहद चैंकाने वाले रहे। टीम ने परीक्षण के बाद पाया कि लगभग पौने आठ सौ बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। इतना ही नहीं सवा सौ बच्चे तो अतिकुपोषित की श्रेणी में पाए गए हैं। इस टीम की परीक्षण रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में चार बच्चों को रुद्रपुर में बने पुर्नवास केंद्र में दाखिल करा दिया गया है। इनमें बाजपुर गांव की सना, ग्राम नमूना की मानवी,केलाखेड़ा की सुमन और गांन घनसारा की शिखा को कौशल पुनर्वास केंद्र रुद्रपुर भेजा गया है। गांव तोताबेरिया की रहने वाली तीन साल की बच्चा वंशिका के दिल में छेद पाया गया है। इस बच्ची को इलाज के लिए हल्द्वानी भेजा गया है। अहम बात यह है कुपोषण की भयावह तस्वीर महज 288 आंगनवाड़ी केंद्रों पर तीन साल तक की उम्र वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की है। अगर पूरे क्षेत्र में पांच साल तक की उम्र वाले बच्चों की तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए तो तस्वीर क्या उभरेगी, इसका कल्पना आसानी से की जा सकती है। गौरतलब है कि यह बाजपुर क्षेत्र सरकार के कद्दावर काबीना मंत्री यशपाल आर्य का निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि इस इलाके के भावी कर्णधारों के स्वास्थ्य की सुध कौन लेगा। यह परीक्षण इस बात की भी तस्दीक करता है कि इस इलाके में ग्रामीण अंचलों में रहने वालों के पास खाने तक का इंतजाम नहीं है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं के शिलान्यास से ही आम लोगों का विकास भी हो जाएगा। इन्हीं आम लोगों के वोटों की वजह से ही मंत्रीजी विधायक बने हैं। अगर इन्हीं की सुध नहीं ली जाएगी तो आने वाले समय में क्या होगा, इसे आसानी से समझा जा सकता है।

क्या है कुपोषण
शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लंबे समय तक न मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। कुपोषण प्रायरू पर्याप्तसन्तुलित अहार के आभाव में होता है। बच्चों और स्त्रियों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है। स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं।

निती-माणा के लोगों की जमीन संबंधी समस्या का हो समाधान:सतपाल महाराज

देहरादून,14 मई (निस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता सतपाल महाराज ने आज एक बयान में कहा कि उन्होंने माननीय प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अपील की है कि चीन सरकार के साथ नीती-माणा गाँव के रहने वाले लोगों की जमीन की समस्याओं का हल करवाएँ। नीती-माणा के लोग पहले तिब्बत में व्यापार करने जाते थे तथा वहाँ पर उनको जमीनें मिली हुई थीं, परंतु अब व्यापार बंद होने के कारण वे लोग बड़ी दुविधा व कठिनाइयों में जीवन यापन कर रहें हैं।  पूर्व कंेद्रीय मंत्री महाराज ने आगे कहा कि नीती-माणा के लोग तिब्बत में व्यापार करने जाते थे तथा वहाँ जमीनें मिली हुई थीं, जिनके कागजात आज भी उनके पास है। परंतु पूर्व सरकारों के उदासीन रवैये के कारण ये लोग आज भी जस के तस हैं। श्री महाराज जी ने प्रधनमंत्री मोदी जी से आग्रह किया है कि इन लोगों की परेशानियों को देखते हुए चीन सरकार से बातचीत करके इस समस्या का भी सामाधान करवाएँ।

उक्रांद ने राज्यपाल को ज्ञापन देेकर संस्कृत विश्वविद्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग 

देहरादून,14 मई (निस)। उत्तराखण्ड क्रांति दल व प्रादेशिक संस्कृत शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने महामहिम राज्यपाल से उत्तराखण्ड संस्कृत  विश्वविद्यालय मंे प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पर तुरन्त रोक लगाने के साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल की जांच करने की मांग की है। इस सन्दर्भ में महामहिम राज्यपाल को आज साक्ष्यों के साथ चालीस पृष्ठीय ज्ञापन भी दिया गया । राज्यपाल महोदय से  मिलने के बाद एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये उत्तराखण्ड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की शैक्षिक अभिलेखों पर संदेह है। उन्हांेने कहा कि आरटीआई के तहत संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्री महावीर अग्रवाल से सम्बन्धित जानकारियां गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय व राजभवन सचिवालय से अलग-2 मांगी गई थी, लेकिन दोनों संस्थाओं ने  अपीलार्थियों को श्री अग्रवाल द्वारा अपनी अंकतालिकाएं न दिये जाने से सम्बन्धित पत्र दिखाकर सूचना अधिकार नियम की धज्जियां उड़ा दी। लखेड़ा ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि कुलपति के शैक्षणिक अभिलेखों में संदेह है क्यांेकि कुलपति चयन समिति का अध्यक्ष होता है। अतः यह आवश्यक है कि उनकी शैक्षिक योग्यताओं पर उठ रहे सवालों का निराकरण किया जाए। लखेड़ा ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय भारी अनियमितताओं के चलते अपनी स्थापना के उद्देश्यों से भटककर  परम्परागत स्वरूप खो रहा है। हमारी मांग है कि यहां पर केवल पारम्परिक विषयों को ही पढ़ाया जाये। उन्हांेने हाल में ही प्रकाशित विज्ञप्ति पर सवाल उठाते हुये कहा कि आखिर इसमंे संशोधन करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। श्री लखेड़ा ने कहा कि प्रो0 महावीर अग्रवाल के खिलाफ 2007 व 2010 में राजभवन में लिखित शिकायत होने के बावजूद भी कुलपति पद पर उनका चयन होना व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। उन्हांेने कहा कि विश्वविद्यालय मंे नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है तथा अपने चेहतों को नियुक्त करने के लिए परम्परागत विषयों के स्थान पर आधुनिक विषयों का समावेश किया जा रहा है। लखेड़ा ने कहा कि जब तक पूर्व में चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया रोकी जानी चाहिए। प्रादेशिक संस्कृत शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि यदि संस्कृत विश्वविद्यालय में जारी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई गई तो एक सप्ताह बाद यूकेडी व उनका संगठन राज्य के अन्य छात्र संगठनों के साथ मिलकर जनांदोलन करेंगे।  मनोज शर्मा ने कहा कि एक छात्र संख्या वाले विषय में एक प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर व दो एसोसियेट प्रोफेसरांे की नियुक्ति किया जाना तर्कपूर्ण नहीं है। आर0टी0आई0 व सामाजिक कार्यकर्ता श्यामलाल सुन्दरियाल ने विश्वविद्यालय परिसर मंे पेड़ों के काटे जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की तथा मानकों के विपरीत निर्माणाधीन छात्रावास मंे हो रही भारी अनियमितताओं की भी जांच की मांग की।  पत्रकार वार्ता मंे अनूप नेगी, जितेन्द्र भट्ट, जर्नादन कैरवाण, पुरूषोत्तम कोठारी, सूरज विजल्वाण जय सिंह राता आदि उपस्थित रहेे।

एएसपी तृप्ति भट्ट के बेहतरीन कार्यों से जनता खुश, चोरो, बदमाशों व खनन माफियाओं में दहशत

देहरादून,14 मई (निस)। राज्य की पहली महिला पुलिस अधिकारी कंचन चैधरी भट्टाचार्य ने पद संभालने के बाद से ही अपनी एक अलग पहचान बनानी शुरु कर दी थी, जिसके चलते पछवादून क्षेत्र मे घटित होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगी थी। ठीक उसी तरह कोतवाली विकासनगर प्रभारी एवं एएसपी ने भी अपने द्वारा किये गये कार्याे के बल पर क्षेत्र की जनता के सामने अपनी एक अलग पहचान छोड दी है। स्थानीय लोगे को एएसपी की तारीफ करते  बाजार मे आम तौर पर देखा जा सकता है। यदि सूत्रों की माने तो जहाॅ अक्सर देखने में आता है कि कुछ अधिकारीं पद संभालते ही लाबडतोड कार्यवाही कर वाहवाही लूटने का काम करते है। पर समय बीतने के साथ ही यह सारी व्यवस्था फिर से पुरानी कार्यशैली के हिसाब से चलने लगती है ओर काले धन्धों मे लगे माफिया फिर से अपने काम धंधो में लग जातें है, वैसा शायद अब पछवादून में कुछ होता दिखाई देने की उम्मीद बहुत कम है, क्योंकि कोतवाली विकासनगर प्रभारी एवं एएसपी तृप्तीं भट्ट ने ये साबित कर दिया है कि इंसान अगर चाहंेतो अपने हौंसलों के दम पर भी अपनी उडान भर सकता है। विदित हो कि जब से एएसपी तृप्ती भटट ने थाना विकासनगर का चार्ज सम्भाला है तब से लेकर कोई बडी चोरी की वारदात शहर में नहीं हुयीं है, बल्किं उल्टा कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का खुलासा करने मे भी पुलिस को चन्द दिनो का ही समय लगा। वहीं दूसरी ओर जहाॅ डाकपत्थर खनन पट्टे व अम्बाडी खनन पटटे पर सीमांकन से बाहर अवैध खनन होने, सूर्यास्त के बाद व बिना रवन्ने के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवैध खनन के आरोप लगते रहें है, इन सभी आरोपो को गम्भीरता से लेते हुये एएसपी सुबह 6 बजे राउंड पर निकलती है उसके बाद सूर्यास्त के बाद भी खनन पटटों पर से निकलने वाली अवैध गाडियों पर कार्यवाहीं करती है साथ ही क्षेत्र मे तेजी से फैल रही अवैध गतिविधियों पर भी काफी हद तक अंकुश लगाने मे एएसपी कामयाब साबित हुई है। आजकल उनकीं दहशत से डाकपत्थर बैराज पुल के पास अवैध खनन के दर्जनों वाहन रात 9 बजे के बाद ही बेधडक निकलते दिखाई देते है, वो भी तब जब माफियाओं का नेटवर्क उन्हें यह सूचना देता है कि हाॅ अभी मैडम कोतवाली में ही है, बाहर नहीं निकलीं। यदि सूत्रों की मानें तो डाकपत्थर क्षेत्र में कुछ खनन माफिया ऐसे भी है जिनके उपर बडे लोगो का संरक्षण बताया जाता है और उसी के दम पर ये खनन माफिया उछलते दिखाई फिरते थे और एक फोन पर ही अपनी गाडी को छुडवाने का दम रखने की बात करते है। आम तौर पर यह कहने वाले माफिया कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता, आज अपने खनन के वाहनों केा छुडवाने के लिए कोतवाली विकासनगर के चक्कर काटते आसानी से देखे जा सकते है। ऐसे मे साफ है कि विकासनगर ने उन खनन माफियाओं की गलत फहमी (हेकडी) को एएसपी द्वारा काफी हद तक समाप्त कर दिया है, और बिना थके व बिना रूकें वे अपनी कार्यप्रणाली के दम पर ही क्षेत्र की जनता को प्रभावित करते हुये वाहवाहीं लूट रहीं है और वर्तमान में जनता की चहेती अधिकारीं व प्रशंसा की पात्र बनीं हुयीं है। वहीं देखने की बात यह भी है कि एएसपी के द्वारा बनायी गयी यह व्यवस्था कार्य समय तीन माह बीत जाने के बाद लागू रह पाती है या फिर (ढाक के तीन पात) यह कहावत लागू हो जायेगी।  

पारम्पारिक खाद्य उत्पादों की खेती को किया जाय प्रोत्साहित: हरीष रावत

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देहरादून,14 मई (निस)। मंडुवा, चैलाई, रामदाना, फाफर व झिंगोरा की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए जैविक पारम्परिक कृषि प्रोत्साहन योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को बीजापुर हाउस में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए राज्य में पारम्परिक जैविक खेती को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडुवा, चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा के उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग जल्द से जल्द मानक तय कर ले। मंडुवा उत्पादकों को बोए गए क्षेत्र के आधार पर जबकि चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा के उत्पादकों को उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन की योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडुवा, झिंगोरा, चैलाय आदि पारम्परिक कृषि उत्पादों की बाजार में बहुत मांग है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए पारम्परिक जैविक कृषि को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इसके लिए पारम्परिक कृषि प्रोत्साहन योजना तैयार कर इसे मूर्त रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देशित किया कि जिन बिस्किट, नमकीन व अन्य उत्पादों में प्रदेश में उगाए गए जैविक मंडुवा, चैलाय, रामदाना, फाफर व झिंगोरा का अधिक प्रयोग किया जाता है, उनमें वेट (ट।ज्) में छूट दी जाए। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के बाहर रहने से उनकी कृषि भूमि बिना बोए ही रह जाती है। ऐसी कृषि भूमि का उपयोग हो सके, इसके लिए पर्वतीय संविदा खेती योजना प्रारम्भ की जाए। इससे बंजर पड़ी भूमि का उपयोग हो सकेगा और राज्य का कृषिगत उत्पादन भी बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि को निर्देशित किया कि विगत में फसल खराब होने से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया की लगातार माॅनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में किसी तरह के संकेत नहीं दिए गए हैं। परंतु राज्य सरकार अपने संसाधनों से किसानों की जितनी सहायता कर सकती है, वह किया जाए। किसानों को अपनी अगली फसल बोने के लिए हरसम्भव सहयोग किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव कृषि एस रामास्वामी , औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधान डाकघर में उŸाराखण्ड राज्य की प्रथम एटीएम सेवा का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

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देहरादून,14 मई (निस)। भारतीय डाक सेवा देश की प्राचीनतम सेवा में से है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचानी है तो भारतीय डाक सेवा को बैंकिंग से जोड़ना होगा। देहरादून प्रधान डाकघर परिसर में उŸाराखण्ड राज्य की प्रथम एटीएम सेवा का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भारतीय डाक सेवा भी बदलते हुए दौर की आवश्यकताओं के अनुसार खुद को बदल रही है। इसकी सेवाओं में बड़ा परिवर्तन आता जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि दुनियाभर में पोस्टमास्टर की अलग ही पहचान है। डाक सेवाएं बहुपयोगी होते हुए भी इस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया है जितना दिया जाना चाहिए था। डाक विभाग ग्रामीण बचत को प्रोत्साहित करता है जो कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, उŸाराखण्ड परिमण्डल उदय कृष्ण ने बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालय के प्रधान डाकघर कोर बैंकिंग से जुड़ गए हैं। देहरादून में पहला एटीएम प्रारम्भ किया गया है। चरणबद्ध तरीके से सभी जिला मुख्यालयों में भी एटीएम प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। अभी ये एटीएम केवल डाकघरों से ही जुड़े हैं। अन्य बैंकों से ये नहीं जुड़े हैं। प्रदेश के किसी भी डाकघर में खाता होने पर इनसे धन की निकासी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना में लक्ष्य से कही अधिक खाते उŸाराखण्ड परिमण्डल द्वारा प्रारम्भ किये गये हैं। इस अवसर पर निदेशक वीके सिंह, बहादुर सिंह सहित डाक सेवा के अन्य अधिकारी मौजूद थे। 

राजमार्ग निर्माण से प्रभावितों ने किया एमडीडीए के खिलाफ प्रदर्शन

देहरादून,14 मई (निस)। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिग्रहण संघर्ष समिति ने हर्रावाला में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-72 के चैड़ीकरण कार्य से प्रभावित लगभग 80 परिवारों एवं दुकानदारों का एमडीडीए द्वारा उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए एमडीडीए के खिलाफ प्रदर्शन किया। समिति ने इन परिवारों को एमडीडीए द्वारा नोटिस जारी किए जाने का विरोध किया।  समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जिला मुख्यालय में एकत्रित हुए और एमडीडीए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। समिति का कहना था कि एमडीडीए द्वारा राजमार्ग निर्माण से प्रभावित परिवारों का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है। हर्रावाला में सड़क के दोनों ओर लगभग पचास साल से भी पहले से पुरानी आबादी पर घर व दुकान निर्मित थे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण की कार्यवाही की गई, जिसके बाद पीडि़त परिवारों ने स्वयं अपने मकान, दुकान आदि तोड़ दिए, उसके उपरांत शेष बची हुई भूमि पर अपने जीवन-यापन के लिए मकान, दुकान आदि का निर्माण मुआवजे में मिली धनराशि से कराया जा रहा है। एमडीडीए द्वारा नोटिसों व ध्वस्तीकरण के आदेश कर गरीब पीडि़त ग्रामीणों को निर्माण आदि के लिए रोका जा रहा है। नौ हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा राशि प्रदान की गई, जबकि वर्तमान में हाईवे पर सर्किल रेट 18 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर चल रहा है। निर्माण का 150 से 200 रुपये वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया है, जबकि निर्माण की पीडब्ल्यूडी द्वारा 1500 रुपये वर्ग फीट है। एमडीडीए द्वारा सीलिंग तथा ध्वस्तीकरण के नोटिस भेजकर ग्रामीणों को भयभीत किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शन करने वालों में समिति के अध्यक्ष संजय सिंह, मूलचन्द शीर्षवाल, प्रमोद कपरूवाण शास्त्री, हेमा पुरोहित, हरीश अग्रवाल, बबीता रावत आदि शामिल रहे।

तराई के किसानों के हित में कांग्रेस सरकार का बड़ा कदम: शिल्पी
  • बीजेपी विधायक सिर्फ दिखावा करके जनता को गुमराह करते है 

देहरादून,14 मई (निस)। कांग्रेस महासचिव शिल्पी अरोरा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को धन्यवाद दिया है कि उन्होंने तराई के किसानों के हित में कांग्रेस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि लिए जाने पर बाजार मूल्य पर किसानों को मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है। इससे किसानों को राहत मिलेगी। श्रीमती अरोरा ने कहा कि भाजपा सिर्फ दिखावा करती है और जनता को गुमराह करती है। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कौन विकास कर रहा है और कौन बाते। देश में यू टर्न और प्रदेश में क्रेडिट लेने का काम करती है, भाजपा। श्रीमती अरोरा ने कहा कि गदरपुर क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री रावत प्रदेश के हर क्षेत्र को विकास से जोड़ने के लिए कार्य कर रहे है। किसानों की सच्ची हितैषी केवल कांग्रेस सरकार है।

रेल से कटकर व्यक्ति की मौत

देहरादून,14 मई (निस)। डोईवाला थाना क्षेत्र प्रेमनगर रेलवे फाटक के निकट रेलवे पटरी पर चल रहे एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में टेªन से कट कर मौत हो गयी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव की शिनाख्त कर उसके परिजनों को सूचित कर दिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक मिर्गी की बिमारी के कारण परेशान रहता था। जिस कारण उसने डीएलएस टेªन के आगे कूद कर अपनी जान दे दी।  मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की सुबह एक युवक का शव प्रेमनगर रेलवे फाटक के पास मिला। बताया जा रहा है कि टेªन के आते ही यह व्यक्ति उसके आगे कूद गया था। उधर इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के कपड़ांे की तलाशी ली। जेब से मिले कागजों के आधार पर मृतक की शिनाख्त 36 वर्षीय वीर सिंह पुत्र शिव लाल निवासी वार्ड संख्या पांच, सांई गली प्रेमनगर डोईवाला के रूप में की गयी। तत्काल पुलिस ने परिजनों को भी सूचित कर दिया। फिलहाल यह पुष्टि नहीं हो पाई कि वीर सिंह ने आत्महत्या की है या फिर दुर्घटनावश ऐसा हो गया। हालांकि मौके पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि वीर सिंह विवाहित था और उसे मिर्गी के दौरे भी पड़ते थे। जिस कारण वह डिप्रेसन में भी रहता था।

10 लाख का सम्पत्ति धोखाधड़ी का केश दर्ज 

देहरादून,14 मई (निस)। पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र संजय गुंज्याल द्वारा आवेदक श्री जसवीर सिह पुत्र तेज सिह डीडीए फ्लेट मदनगीर नई दिल्ली  द्वारा डा. अनिल आदि के विरुद् जमीन का फर्जी बिक्रय अनुबन्ध पत्र बनाकर 10 लाख रु.हडप लेने के सम्बन्ध में मामले की विशेष जांच ईकाई (एस०आई०टी०) परिक्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा कराने के निर्देश दिया गया।  जिसमे आवेदक ने अवगत कराया कि  डा. अनिल चैधरी पुत्र डी.एस.चैधरी रेलवे कालोनी जबलपुर मध्य प्रदेश, श्रीमती मृलाण चैधरी पुत्र स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नि. चेतक सेतु भोपाल व श्रीमती बन्दिता जोशी पुत्री स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नियर चेतक सेतु भोपाल मध्य प्रदेश एक बिक्रय अनुबन्ध पत्र पार्टी, वादी जसबीर सिह के साथ गत 4 मार्च को खेवट स. 11/1  ग्राम करनपुर खास पार्क बिला राजपुर रोड स्थित 15 बीधा 10 विश्वा जमीन के बिक्रय का अनुबन्ध पत्र रु. तीन करोड की धनराशि पर तैयार किया गया, जिसमे पार्टी दृप्रथम द्वारा १० लाख रु. जिसमें तीन लाख रु. नकद तथा ७ लाख रुपये तीन चैको में चैक स. 811171,811173 व 811175 से धन लक्ष्मी बैक लाजपत नगर नई दिल्ली ब्रांच के जरिये उपरोक्त तीनों पार्टी प्रथम को उपलब्ध कराया गया। अनुबन्ध पत्र मे शेष राशि दो करोड नब्बेलाख को अगले छः माह मे देकर रजिस्ट्री कराने का अनुबन्ध था, परन्तु  विपक्षीगणों द्वारा रजिस्ट्री नही करायी गयी। जांच के दौरान पाये गये तथ्यों से  मालूम हुआ कि उपरोक्त भूमि के संबंध में रविन्द्र कुमार मौर्य पुत्र बनवारी लाल आबूनगर रोड सिविल लाईन फतेपुर उ.प्र,. द्वारा पार्टी प्रथम व अन्य 3 लोगों के विरुध वाद स. 46/8-9 वाद स. 38/14 अनिल चैधरी  आदि का धारा 34 भूराअधि नान जेड ए में वाद विचाराधीन था, जो तथ्य पार्टी प्रथम अनिल चैधरी आदि द्वारा बिक्रय अनुबन्ध पत्र के दौरान छुपाकर जानबूझ कर धोखाधडी कर 10 लाख रु. प्राप्त किये गये है। प्रकरण में आवेदक जसवीर सिह का मूल प्रार्थना पत्र व जांच रिपोर्ट  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को प्रेषित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र संजय गुंज्याल द्वारा निर्देशित किया गया कि डा. अनिल चैधरी पुत्र डी.एस.चैधरी रेलवे कालोनी जबलपुर मध्य प्रदेश, श्रीमती मृलाण चैधरी पुत्र स्व. डी.एस. चैधरी शान्ति निकेतन नि. चेतक सेतु भोपाल व श्रीमती बन्दिता जोशी पुत्री स्व. डी.एस. चैधरी  शान्ति निकेतन नियर चेतक सेतु भोपाल मध्य प्रदेश के विरुध आवदेकत के साथ धोखाधडी करने के सम्बन्ध में नियमानुसार उचित धाराओं मे तत्काल अभियोग पंजीकृत कराकर यथोचित कार्यवाही कर गुण-दोष के आधार पर अभियोग का सफल निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।   

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भाकपा ने किया प्रदर्शन

देहरादून,14 मई (निस)। केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क के बाहर प्रदर्शन किया व धरना दिया। भाजपा का कहना है कि यह अध्यादेश पूरी तरह से किसान विरोधी है, इससे एक सामाजिक अराजकता पैदा होगी। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि भूमि अधिग्रहण कानून वर्ष 2013 में किसानों एवं भूमि से जुडे़ अन्य लोगों के हित के लिए जो प्राविधान किसान समुदाय के लंबे संघर्षों के बाद शामिल किये गये थे, भूमि अधिग्रहण 2015 में उन सब प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है। यह कानून पूरी तरह से किसान विरोधी है। केंद्र की भाजपा सरकार के नये प्रस्ताव में भूमि अधिग्रहण से पहले 80 प्रतिशत किसानों की सहमति प्राप्त करने की धारा को हटा दिया गया है। नये बिल के प्रावधानों में सामाजिक प्रभाव आंकलन को हटा दिया गया है, सामाजिक प्रभाव आंकलन अत्यधिक महत्व का मुद्दा है। 18 औद्योगिक गलियारों के लिए भाजपा सरकार के प्रस्तावों के दायरे में खेती योग्य जमीन का 35 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आ जायेगा, जिससे हजारों गांवों के लुप्त हो जाने और करोड़ों लोगों की रोजी रोटी छिनने का रास्ता साफ हो जायेगा। इससे एक सामाजिक अराजकता पैदा होगी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जन समूहों के हितों के विरूद्ध कारपोरेट घरानांे को फायदा पहंुचाने के लिए विकास के नाम पर दुस्साहस का परिचय दे रही है और राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों को लुटाने उनका बडा इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी का कहना है कि विशेषज्ञों का मत है कि वैज्ञानिक उचित तौर पर भूमि प्रबंधन के आधार पर प्रत्येक परिवार को 3.4 हैक्टेयर भूमि उपलब्ध हो सकती है, जो उनके लिए रोजगार का स्थाई स्रोत होगी व उनकी भविष्य की स्थायी गारंटी प्रदान करेगी, लेकिन केन्द्र सरकार उल्टे किसानों की जमीन हथियाने पर आमादा है। पूर्व की सरकारों द्वारा अधिग्रहित भूमि के 45 प्रतिशत का अभी तक उपयोग नहीं हो पाया है। भाकपा कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में जिला प्रशासन के जरिये राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा।

21 बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को लेकर बस रवाना 

नैनीताल,14 मई (निस)। मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत 21 बुजुर्गाें को तीर्थ यात्रा हेतु आज तल्लीताल बस स्टैण्ड से उत्तराखण्ड रोडवेज की बस में बिठाकर क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव सरिता आर्या, व जिलाधिकारी दीपक रावत ने हरी झण्डी दिखाकर बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया। यात्रा में 13 पुरूष व 08 महिलायें तीर्थ यात्रा में भेजी गयी। सरकार की मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत 65 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके बुजुर्गों को निःशुल्क तीर्थ यात्रा करायी जा रही है, जिसमें यदि बुजुर्ग जोडा हो, उसमें 01 की भी 65 वर्ष आयु हो तो जोडे का दूसरा सदस्य भी तीर्थ यात्रा में जा सकता है। मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के नोडल पर्यटन विभाग को बनाया गया है, जिसमें केएमवीएन, जीएमवीएन व उत्तराखण्ड रोडवेज सहयोग कर रहे हैं। यह यात्रा पूर्णतया निःशुल्क है। जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना  के तहत प्रत्येक बृहस्पतिवार को बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजा जाना है। उन्होनंे जनपद के सभी बुजुर्गों एवं जनता से अपील की है कि 65 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को तीर्थयात्रा हेतु प्रोत्साहित करें तथा उनका पंजीकरण पर्यटन विभाग में कराना सुनिश्चित करें। उन्होनें बताया कि पर्यटन विभाग यात्रा का नोडल बनाया गया है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए पर्यटन कार्यालय पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होनंे बताया कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के तहत आज भेजे गये बुजुर्गों को बद्रीनाथ धाम की यात्रा करायी जायेगी, जो तीन दिवसीय है। यात्रा के साथ ही खाने-पीने, रहने आदि व्यवस्थायें सभी निःशुल्क होगी। इस दौरान महाप्रबन्धक केएमवीएन टीएस मर्तोलिया, उप निदेशक पर्यटन जेसी बेरी, मारूती साह, मुन्नी तिवारी, आदि उपस्थित थे।

किसानों को गुमराह कर रही केन्द्र सरकारः रावत

पन्तनगर, 14 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गत दिनों ओलावृष्टि और बरसात के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं उन्हें सरकार उचित मुआवजा देगी। इसके लिए राज्य के जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।  श्री रावत पंतनगर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को जो 1500 रूपए मुआवजा दिया जा रहा है वह अनुमानित नहीं है। इसके लिए डीएम आंकलन करें ताकि उन्हें अधिक से अधिक मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामले में केंद्र सरकार किसानों को गुमराह कर रही है जिसका राज्य सरकार विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। श्री रावत ने कहा कि चारधाम के लिए कुमायूं और गढ़वाल से यात्री चिन्हित कर लिये गये हैं और चारधाम यात्रा के लिए हेलीकाॅप्टर की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाआंे पर माओवादियों की गतिविधियों के चलते केंद्रीय गृहमंत्री को अवगत करा दिया गया है और केंद्र सरकार से आर्थिक मदद भी मांगी गई है। एक सवाल के जबाव में सीएम रावत ने कहा कि लाल बत्ती देने का औचित्य राज्य का विकास करना है ताकि दायित्वधारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। वहीं पार्टी में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जाता है। ऐसे में कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकार की योजनाएं जनजन तक पहुंचायें। उन्होंने कहा कि भाजपाई राज्य सरकार का पुतला फूंक रहे हैं जबकि राज्य में भाजपा के पांचों सांसद हैं। ऐसे में वह बतायें कि उन्होंने केंद्र से कितनी धनराशि जनहित में खर्च की है। इससे पूर्व बीज प्रमाणीकरण संस्था अध्यक्ष तिलकराज बेहड़ ने भूमि अधिग्रहण बिल व किसानों के हुए नुकसान से सीएम रावत को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसलों के नुकसान का उचित आंकलन कराये और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये साथ ही भूमि अधिग्रहण मामले में भी आ रहे लोगों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाये। वार्ता के दौरान पुष्कर राज जैन, सेवा सिंह, हरीश पनेरू, हरीश बावरा, विजय सुखीजा, साहब सिंह, गणेश उपाध्याय, प्रीत ग्रोवर, सुरेंद्र  नरूला, निशान सिंह, प्रेमलता, दया जोशी आदि मौजूद थे।

बीजेपी में कार्यकर्ता ही बनता है प्रधानमंत्री: डा लक्ष्मीकांत

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  • पूरे दमखम के साथ बीजेपी में पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर, औराई विधानसभा से भास्कर को टिकट मिलने के संकेत 
  • राहुल को भूमि अधिग्रहण और अखिलेश को किसानों की मदद के मुद्दे पर बोला हमला, कहा दोनों है किसान विरोधी 

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भदोही (सुरेश गांधी )।कांसीराम के दौर में उत्तर प्रदेश के संभावित मुख्यमंत्री के तौर पर चर्चा में आये भास्कर ने एकबार फिर से राजनीति में नई पारी की शुरुवात की है। गुरुवार को भदोही के ज्ञानपुर स्थित डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क में आयोजित जनसभा में भास्कर ने पूरे दमखम व अपने लौह-लश्कर के साथ प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी सांसद वीरेन्द्र सिंह, काशी प्रांत प्रभारी लक्ष्मण आचार्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान ज्ञानपुर से विधायक व मंत्री रहे रामकिशोर बिन्द को भी भास्कर के साथ पार्टी में शामिल कर फूलमालाओं से उनका स्वागत किया गया। माना जा रहा है कि भास्कर के जुड़ने से पूर्वांचल में बीजेपी काफी मजबूत होगी। घोषणा तो नहीं की गयी, लेकिन अपने अध्यक्षीय भाषण में लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने यह कहकर साफ कर दिया कि बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जहां उर्जावान, कर्मठ व लगनशील कार्यकर्ता प्रधानमंत्री तक बन सकते है। अगर पार्टी में शामिल होने वाले कार्यकर्ता पार्टी के मंसूबों पर खरे उतरे तो उनकी हर इच्छा पूरी करने में भाजपा पीछे नहीं हटेगी। हालांकि इस दौरान श्री बाजपेयी ने अखिलेश सरकार पर भी जमकर हमला बोला, कहा किसानों के साथ भेदभाव व उनकी उपेक्षा करना बंद नहीं किया गया तो पार्टी पूरे सूबे में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी। 

श्री बाजपेयी ने अखिलेश व राहुल को किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा किसानों को राहत प्रदान करने के लिए केंद्र की तरफ से भेजे गए सैकड़ों करोड़ रुपए प्रदेश सरकार खजाने में दबाये बैठी है। इस कारण प्रदेश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर सपा सरकार द्वारा बरती जा रही उदासीनता पर हैरानी जताते हुए सीएम अखिलेश से किसानों के मुद्दे पर राजनीति बंद करने को कहा है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा किसानों के 33 फीसदी नुकसान को आधार मानकर मुआवजा दिए जाने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश सरकार 33 फीसदी के आधार पर सर्वें क्यों नहीं करा रही? साथ ही उन्‍होंने सीएम को यह भी ताकीद दी कि वे यह सुनिश्चित करें कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की सहायता के लिए जो आर्थि‍क मदद दी जा रही है, वो मंत्रियों के भ्रष्टाचार में न डूब जाए।

उन्‍होंने कहा कि यूपी में पार्टी कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से ही प्रदेश में 1 करोड़ 86 लाख लोगों को बीजेपी का सदस्य बनाया जा सका है। इससे साबित होता है कि अब प्रदेश की सत्ता में आने से बीजेपी को कोई नहीं रोक सकता है।

कार्यकर्ताओं का बलिदान और लंबे संघर्ष का ही परिणाम है कि आज हम देश में आजादी के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ गैर कांग्रेसी सरकार बनाने में सफल रहे। आज देश में 13 प्रदेशों में बीजेपी की सरकार है। उन्‍होंने कहा कि अब हम सब कार्यकर्ताओं का यह दायित्व बनता है कि हम अपने संगठन का और अधिक विस्तार कर पार्टी की पंचायत स्तर तक उसका जनाधार मजबूत करने का काम करें। उन्होंने राहुल गांधी को अमर्यादित शब्दों को प्रयोग न करने की हिदायत देते कहा कि उनका पीडि़त किसानों से कोई वास्ता नहीं है, वह सिर्फ उन्हें बरगलाना चाहते है। डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि राहुल गांधी घडि़याली आंसू बहाने के बजाए अपने ‘जीजाजी’ द्वारा हरियाणा में किसानों की ली हुई भूमि को वापस कराएं। केंद्र के भूमि अधिग्रहण कानून को तरक्की के लिए आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसे बनाया गया है। दावा किया कि अधिग्रहीत भूमि किसी अंबानी अथवा अडानी को नहीं दी जाएगी। वाजपेयी ने मोहम्मद आजम खां, राम गोपाल यादव व शिवपाल सिंह यादव के नामों के उल्लेख के साथ चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भी क्या करें। वह तो चाचा-ताऊ से घिरे रहते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सामने चुनौतियां हैं, लेकिन उसे किसी तरह की चिंता नहीं है। भाजपा का महासंपर्क अभियान 24 मई से प्रारम्भ होगा तथा 26 से यह बूथ स्तर पर पहुंचेगा। एक सवाल के जवाब में यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राजनीति से जुड़ा मसला नहीं है यह आस्था का प्रश्न है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लिहाजा कोर्ट आदेश पर काम होगा। सभा में डा राकेश दुबे, जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय, शैलेन्द्र दुबे, गोरेलाल पांडेय, सपना दुबे आदि ने अपनी बाते कहीं। 

बता दें, वर्ष 1984 से वाराणसी जिले के चंदौली क्षेत्र से बसपा के साधारण कार्यकर्ता के रुप में राजनीति में कदम रखने वाले दीनानाथ भाष्कर वर्ष 1987 तक चंदौली जिले में बसपा के ब्लाक व तहसील अध्यक्ष का रास्ता तय करते हुए वर्ष 1987 से 1995 तक वाराणसी से बसपा जिलाध्यक्ष रहे। वर्ष 1993 में चंदौली से चुनाव जीतने के साथ तत्कालीन सपा-बसपा गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद मायावती की निजी जिन्दगी पर विवादास्पद बयान देकर पार्टी से अलग होकर वर्ष 2002 के विस चुनाव में विधायक निर्वाचित होने के बाद अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का अध्यक्ष बन गये। लेकिन तेज-तर्रार व वूसलों की राजनीति से समझौता न करने वाले भास्कर ने सपा सिर्फ इसलिए छोड़ दिया कि वह मुलायम सिंह के बातों को यह कहकर इंकार कर दिया कि वह दलितों के साथ गद्दारी नहीं कर सकते। दरअसल मुलायम सिंह यादव चाहते थे कि दलितों को जमीन बेचने के मामले में परिसीमन के नाम पर जो रोक लगी है उस कानून को निरस्त कर दिया जाय। इसके पीछे मंशा यह थी कि अगर दलितों को जो पट्टा मिला वह उसे बेचने के साथ-साथ अपनी पैतृक जमीन भी बेचकर सड़क पर होगा और मूफलीसी में मायावती के वोट बैंक से कट जायेगा, लेकिन भास्कर ने यहां समाजहित में उनकी बात को टाल दिया। परिणाम यह हुआ कि मुलायम सिंह यादव के ईशारे पर ही बाहुबलि विधायक का वह कोपभाजन बनने लगे और उन्हें सपा छोड़नी पड़ी। काफी मान-मनौवल के घनचक्क्र में एक जून 2009 को भास्कर फिर से बसपा में शामिल हो गए। कांसीराम के दौर में उत्तर प्रदेश के संभावित मुख्यमंत्री के तौर पर चर्चा में आये भास्कर फिर से बसपा छोड़ दी है। कहा जा सकता है कांशीराम के सबसे नजदीकी और भरोसेमंद माने जाने वाले भास्कर ही वह शख्स हैं जिनकी वजह से मुलायम सिंह यादव और मायावती के बीच ऐसी दीवार खड़ी हो गयी जो आज तक नहीं गिर पायी। कम लोग जानते हैं कि मायावती से पहले दीनानाथ भास्कर को ही मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव सामने आया था। भास्कर को भी भाजपा उसी नजरिए देख रही है और पार्टी में शामिल कर पूर्वांचल के दलितों को बताना चाहती है कि उसका कल्याण भाजपा ही कर सकती है। 
देखा जाय तो बीजेपी को चिंता बिहार, पश्चिम बंगाल व उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव की है। बिहार में साल के आखिर में चुनाव होने है। यहां दलितों की आबादी 22 प्रतिशत यानी 423 सीटों में 39 सीटे आरक्षित है। पश्चिम बंगाल में साढ़े 10 प्रतिशत दलित है यानी 254 सीटों में से 18 सीटे आरक्षित है। जबकि यूपी में 2017 में चुनाव होने है और यहां साढ़े 20 प्रतिशत दलित है। और इन्हीं दलितों पर सबकी निगाहे टिकी है, क्योंकि वर्तमान में जिस तरह एक वर्ग के मतों का ध्रुवीकरण हुआ है उसमें दलित वोट बैंक के जरिए ही राजनीतिक पार्टिया टक्कर देने में सफल हो सकती है। 

आलेख : किसानों की आत्महत्या के पीछे कुछ अबूझे तथ्य

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अन्नदाता किसान दिल से बहुत मजबूत होता है। इस देश में तो किसान न जाने कितने नुकसान और अत्याचार को झेलता रहा लेकिन उसकी जिजीविषा खत्म नहीं हुई। इस देश का प्राचीन इतिहास किसानों की खुशहाली के किस्सों से भरा पड़ा है। यहां तक कि मुगल काल में भी किसानों की हालत बहुत बेहतर थी। भारत की कृषि अर्थ व्यवस्था इतनी मजबूत थी कि वैश्विक जीडीपी में इसी की बदौलत भारत की भागीदारी तैंतीस प्रतिशत से ज्यादा आंकी जाती थी। ब्रिटिश राज में किसानों का भारी दमन और उत्पीडऩ हुआ। उन्हें कंगाल बना दिया गया। अंग्रेजों ने जब भारत छोड़ा तो यहां कृषि अर्थ व्यवस्था की स्थिति कितनी दयनीय हो गई थी इसका अंदाजा वैश्विक जीडीपी में भारतीय भागीदारी एक प्रतिशत से भी कम में सिमट जाने के आंकड़े से हो जाता है। फिर भी किसानों की आत्महत्या या सदमे से उनकी थोक मौत की खबरें उस समय कहीं दर्ज नहीं हैं। उस पर बुंदेलखंड में तो किसान के जीवट का कोई जवाब ही नहीं है। यहां कम वर्षा का क्षेत्र होने से खेती के लिए हमेशा चुनौती रही। फिर भी यहां के किसानों ने खेती को सरसब्ज रखा। 

हर कुछ वर्ष के अंतराल में सूखा और कई-कई वर्ष के लिए सूखे की निरंतरता यहां की जलवायु का अभिन्न अंग रहे हैं। किसानों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है। बुंदेलखंड के किसान कुदरत की विरासत में मिली बेरुखी की वजह से दीनहीन नियति के लिए मजबूर भले ही रहे हों लेकिन उन्होंने कभी जीवन संघर्ष का साहस नहीं खोया इसलिए सूखा और अकाल की भीषण पुनरावृत्ति के बावजूद ब्रिटिश काल में भी यहां किसानों के बेमौत मरने की खबरें इतिहास में नदारद हैं।

लेकिन ऐसा क्या हो गया कि अब बुंदेलखंड में सामूहिक रूप से खेती के नुकसान के बाद किसान हाराकीरी जैसे रास्ते पर चल पडऩे लगे हैं। इस इलाके के लिए यह एक नया और झकझोरने वाला ट्रेंड है। सूखे के दौरान इस शताब्दी के पहले दशक में बुंदेलखंड में लगभग साढ़े तीन हजार किसानों ने आत्महत्याएं कीं। इसके बाद सरकारें जागरूक हुईं। केेंद्र और राज्य सरकार दोनों ने ही बुंदेलखंड में खेती की स्थिति सुधारने के लिए काफी कुछ नए उपाय लागू किए। पहले की तुलना में सिंचाई के साधन काफी बढ़े हैं जिससे इस इलाके में अब बारहमासी खेती की गुंजाइश कई जगह पैदा हो गई है और अगर एक सीजन में किसान को नुकसान होता है तो दूसरे सीजन में वह इसकी भरपाई कर सकता है। इसी कारण 2013 में जब अनवरत बरसात होने की वजह से खरीफ की बुआई बिल्कुल भी नहीं हो पाई तो किसान को इससे ज्यादा सदमा नहीं लगा। इस फसली वर्ष में भी अवर्षण के कारण खरीफ की खेती नहीं हो पाई थी लेकिन किसान की उम्मीद नहीं टूटी थी। 

इसके बाद रबी में शुरू में तो बारिश नहीं हुई लेकिन बाद में बारिश का क्रम इतना ठीकठाक रहा कि उम्मीद से ज्यादा बेहतर फसल खेतों में लहलहाने लगी जिससे किसान फूले नहीं समा रहे थे लेकिन फरवरी और मार्च में अप्रत्याशित रूप से अनवरत बारिश हुई तो किसान की पूरी मेहनत चौपट हो गई। जब उम्मीद ज्यादा होती है तो आघात भी ज्यादा लगता है। स्वाभाविक है कि ऐसी स्थिति में किसान इस बार कुछ ज्यादा ही विचलित होते लेकिन जिस तरह से किसानों की इस प्रतिक्रिया स्वरूप बुंदेलखंड अंचल में ताबड़तोड़ असामायिक मौतें हुई हैं वह स्तब्ध करने वाली हैं। पिछले कुछ वर्षों से देश भर में बेमौत किसानों के मरने का मामला ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार 1995 से 2013 तक 296438 किसानों ने देशभर में आत्महत्याएं कीं। 2012 में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या देश में 13524 थी और 2013 में यह घटकर 11747 रह गई। इससे लगा था कि किसानों का मनोबल शासन की नीतियों से अब बढ़ रहा है लेकिन इस वर्ष तो स्थिति बेहद भयावह हो गई है।

बहरहाल इसके पहले किसानों की आत्महत्या के कारणों को जानने के लिए तमाम शोध हुए। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने पंजाब जैसे संपन्न राज्य में किसानों की आत्महत्या के मामलों को लेकर कुछ स्टडी केस के आधार पर निष्कर्ष निकाले। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या को जातिगत कारणों से भी जोड़ा गया। अध्ययन में पाया गया कि सामाजिक रूप से पिछड़ी जाति के किसानों के पास एक तो जोत छोटी थी दूसरे उनमें तकनीकी जागरूकता का अभाव था जिसकी वजह से बीटी काटन कपास जैसी पूंजी आधारित खेती में घाटे का झटका वे झेल नहीं पाए। बुंदेलखंड में पहले किसानों की आत्महत्या के पीछे बैंक कर्जों की वजह से जमीनों की नीलामी का भय रेखांकित किया गया था लेकिन कुछ वर्षों से बुंदेलखंड में हाईकोर्ट ने किसानों से वसूली में उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। साहूकारी कर्जे का प्रकोप भी बुंदेलखंड के किसानों पर कम हुआ है तो भी इस कदर आत्महत्याएं और जीवन का अंत करने वाले फसल नुकसान जनित आघात चौंकाने वाला है। निश्चित रूप से यह कारणों की खोज के मामले में नए विश्लेषण की मांग करता है। बुंदेलखंड में खेती के मामले में जालौन जिला सर्वाधिक प्रगतिशील है लेकिन यहां पर भी कम मौतें नहीं हुईं। सिंचाई के बेहतर साधन होने की वजह से किसानों ने यहां पर पिछले कुछ वर्षों में मटर व मैंथा जैसी अत्यंत लाभकारी जिंसों की पैदावार की है। किसानों में यहां कृषि वाहनों के अलावा निजी वाहनों की बढ़ती तादाद उनकी अपेक्षाकृत संपन्नता को बयान करती है।

लेकिन इस सबके साथ-साथ यहां कई चीजें और भी हुई हैं। अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव डालने वाले सामाजिक कारक नजरअंदाज किया जाना यहां आत्महत्याओं की तह तक न पहुंच पाने की एक प्रमुख वजह है। एक समय था जब लालबहादुर शास्त्री जैसे प्रधानमंत्री ने सामाजिक कुरीतियों के निवारण को भी सरकारी कार्यक्रमों में प्रमुखता से शामिल किया था। इसके तहत उत्सव व समारोहों में आयोजित की जाने वाली दावतों में लोगों की संख्या को प्रतिबंधित किया गया था। इस दिखावे की वजह से बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में गरीब ही नहीं आम लोग तक बर्बाद हो रहे हैं। पिछले कुछ समय से इन प्रथाओं ने फिर तेजी से सिर उठा लिया है। यहां त्रयोदशी तक के भोज में ठीकठाक परिवार को एक हजार लोगों को न्यौतना पड़ता है। शादियां यहां जितनी खर्चीली होती चली जा रही हैं वह किसानों पर अप्रत्याशित व्यय भार की तरह है। किसान भी इस इलाके में उत्सव गृहों में लड़के-लड़कियों के वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित करने के अभ्यस्त हो गए हैं। विवाहघरों की वजह से कैटरिंग का व्यवसाय फलफूल उठा है। इसके कारण कैटरिंग के ठेकेदार अधिक मुनाफे के लिए अपने ग्राहक को तमाम तामझाम करने को प्रेरित करते हैं। विवाह के खाने के साथ-साथ चाट, फ्रूट, पान आदि के स्टाल शादी की व्यवस्था को बहुत महंगा कर देते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण यहां इसी अनुत्पादक खर्चों में जाया हो जाता है। जहां तक ज्यादा मुनाफा दिलाने वाली फसलों की स्थिति है वे एक छलना की तरह हैं। मटर कभी उम्मीद से तिगुना चौगुना मुनाफा दिलाता है तो अगले साल वह इतने नीचे आ जाता है कि लागत वसूलना तक मुश्किल हो जाती है। 

ऐसा ही उतार-चढ़ाव मैंथा में भी हुआ जबकि किसान अपने सारे खर्चे इनके अधिकतम मुनाफे के हिसाब से निर्धारित कर लेने की नादानी कर बैठता है। यह उसकी अर्थ व्यवस्था को ध्वस्त करने का कारण बन गया है। जीवन स्तर बढऩे के साथ-साथ उसने दहेज का रेट भी कई गुना ज्यादा स्वीकार कर लिया है जिससे लड़की वाले किसान खेती के एक झटके की रिकवरी भी नहीं कर पाते। घाटे के सीजन में लड़की की शादी का दहेज तो उन्हें पहले से तय वदा के आधार पर ही देना पड़ता है जो इतना अंतराल पैदा कर देता है कि उसे पाटने में उसका पूरा जीवन गुजर जाए फिर भी वह पट नहीं सकता। उस पर गांवों में उपभोक्तावादी संस्कृति की तेजी से पैठ। इसके कारण किसान के जीवन में भी आवश्यक वस्तुओं का दायरा सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता चला जा रहा है। पहले आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में गांवों में दस्तकारी, पशुपालन जैसे व्यवसाय भी खूब फलते-फूलते थे जो किसान की अतिरिक्त आय का कारण बनते थे लेकिन अब गांवों में आजीविका के वैकल्पिक साधनों की कोई गुंजाइश नहीं बची है। 

किसानों की असामायिक मौत के पीछे इन अदृश्य कारणों को समझने की कोशिश नहीं की जा रही। आर्थिक उपायों मात्र से यहां के किसानों के संबल नहीं मिलने वाला। सरकारों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी सशक्त वैधानिक प्रतिकार की व्यवस्थाएं करनी होंगी। दावतों में संख्या की पाबंदी, दहेज जैसी बुराई को रोकने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन इसमें शामिल है लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी। वजह यह है कि इस देश में उपभोक्ता बाजार तो दहेज प्रथा पर भी टिका हुआ है। वैसे लोग बहुत कम खरीददारी करते हैं लेकिन सबसे ज्यादा खरीददारी इसी कुप्रथा के कारण होती है और आज हालत यह है कि सरकार किसी भी पार्टी की हो लेकिन वह बाजार के हाथों बंधक है और बाजार के स्वार्थ के खिलाफ नीतिगत फैसले लेना उसके बूते की बात नहीं है।



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के  पी  सिंह  
ओरई 

विशेष : न्यूटन से हजारों नहीं वरन सहस्त्राब्दियों वर्ष पूर्व वेद और वैदिक ग्रन्थों में गुरूत्वाकर्षण के नियम

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भारतवर्ष के प्रसिद्ध और जाने-माने वैज्ञानिक एवं भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) के भूतपूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने गत दिनों यह कहकर पाश्चात्य पद्धति से शिक्षित भारतीयजनों में हड़कम्प मचा दिया है कि वेद के कई श्लोकों में चन्द्रमा पर जल की उपलब्धता अर्थात मौजूदगी का विवरण अंकित है और आर्यभट्ट जैसे खगोलविद् न्यूटन से भी कहीं पहले गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानते थे। वेदों पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पद्म विभूषण पुरस्कार से विभूषित इकहतर वर्षीय भूतपूर्व इसरो प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि न्यूटन से १५०० साल पहले भारत को गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानकारी थी। भारतीय वेदों और प्राचीन हस्तलेखों में भी धातुकर्म, बीजगणित, खगोल विज्ञान, गणित, वास्तुकला एवं ज्योतिष-शास्त्र के बारे में सूचना थी और यह जानकारी उस वक्त से थी, जब पश्चिमी देशों को इनके बारे में पता तक नहीं था। वर्ष २००३ से २००९ तक इसरो के अध्यक्ष रहे नायर ने यह दावा भी किया कि हड़प्पा सभ्यता के दौरान शहरों के निर्माण में गणना के लिए ज्यामिति का इस्तेमाल किया गया और पायथागोरियन सिद्धांत वैदिक काल के समय से ही वजूद में है। उन्होंने कहा कि वेदों में दी गई जानकारी संक्षिप्त स्वरूप में थी, जिससे आधुनिक विज्ञान के लिए उन्हें स्वीकार करना मुश्किल हो गया। एक वेद के कुछ श्लोकों में कहा गया है कि चन्द्रमा पर जल है, लेकिन किसी ने इस पर भरोसा नहीं किया। हमारे चन्द्रयान मिशन के जरिये हम इसका पता लगा सके और यह पता लगाने वाला हमारा देश भारतवर्ष विश्व का पहला देश है। आदिग्रन्थ वेदों की प्रशंसा में नायर ने कहा कि वेदों में लिखी सारी बातें नहीं समझी जा सकतीं, क्योंकि वे क्लिष्ठ संस्कृत में हैं। पाँचवीं सदी के खगोलविद्-गणितज्ञ आर्यभट्ट की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, हमें वास्तव में गर्व है कि आर्यभट्ट और भास्कर ने ग्रहों एवं बाहरी ग्रहों के विषय पर गहन कार्य किया है। यह एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था। उन्होंने कहा, यहां तक कि चन्द्रयान के लिए भी आर्यभट्ट का समीकरण इस्तेमाल किया गया। वैदिक गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बारे में भी न्यूटन को इसके बारे में करीब १५०० साल बाद पता चला, परन्तु गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त की यह जानकारी हमारे वैदिक और पौराणिक ग्रन्थों में पूर्व से ही अंकित है।

वेद और वैदिक ग्रन्थों के अध्ययन से इस सत्य का सत्यापन होता है कि न्यूटन के सहस्त्राब्दियों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों ने वेदों से अपनी तपश्चर्या से गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त को जान लिया था,जिसके समक्ष न्यूटन कहीं नहीं ठहरते हैं।यही कारण है कि वेद और वैदिक ग्रन्थों में गुरूत्वाकर्षण के नियम का विषद उल्लेख अंकित है और और यह भी सत्य है कि वैदिक ग्रन्थों में गुरूत्वाकर्षण के नियम को समझाने के लिये पर्याप्त सूत्र उपलब्ध हैं, परन्तु इन ग्रन्थों के अध्ययन नहीं करने के कारण पाश्चात्य शिक्षण पद्धति से शिक्षित भारतीयजन, प्रमुखतः आजकल के युवा वर्ग इस गौरवमयी भारतवर्ष की विद्वता से अनजान केवल पाश्चात्य वैज्ञानिकों के पीछे ही श्रद्धाभाव रखते हैं । जबकि यह सहस्त्राब्दियों वर्ष पूर्व से ही परमेश्वरोक्त आदिग्रन्थ वेदों में सूक्ष्म ज्ञान के रूप में वर्णित हैं , परन्तु इस बात से अनजान भारतीय सहित सम्पूर्ण संसार के लोग इसे न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त के नाम से जानते हैं । ऐसे लोगों ने आँग्ल शासकों द्वारा लागू की गई मैकाले की पाश्चात्य शिक्षा पद्धति द्वारा शिक्षित और दुर्भावना से प्रेरित बुद्धिजीवियों द्वारा विकृत किये गए भारतीय इतिहास को पढ़कर अपनी उपर्युक्त धारणाएँ बना रखीं हैं, उन्हें वेद और वैदिक ग्रन्थों तथा भारतीय परम्परा के अन्तर्गत लिखी गई इतिहास , पुराण के ग्रन्थों का शोधपरक अध्ययन करना चाहिए। उपर्युक्त कथन के विपरीत, सूर्य जैसा जगमगाता हुआ सच तो यह है कि भारतवर्ष के लोगों का गुरुत्वाकर्षण के साथ सर्वप्रथम परिचय न्यूटन से सहस्त्राब्दियों पूर्व हुआ था।अतः, इस कथन में कोई सच्चाई नहीं है कि गुरुत्वाकर्षण के नियम का आविष्कार सर्वप्रथम न्यूटन ने सेव के फल को पेड़ से गिरते हुए देखकर किया था। 

वैदिक ग्रन्थों में गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का उल्लेख

गुरुत्वाकर्षण के नियम का उल्लेख अनेक वैदिक ग्रन्थों में होने के कारण वैदिक सभ्यता-संस्कृति के प्रशंसक भारतीय जन इसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त  नहीं वरन प्राकृतिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (Nature's Law Of Gravitation)  कहते हैं ।आर्यभट्ट ने तो आपने ग्रन्थ में गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त का वर्णन का वर्णन किया ही है । इसके साथ ही गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का उल्लेख ऋग्वेद , बृहत् जाबाल उपनिषद् ,प्रश्नोपनिषद, महाभारत, पतञ्जली कृत व्याकरण महाभाष्य , वराहमिहिर कृत ग्रन्थ पञ्चसिद्धान्तिका, भास्कराचार्य द्वितीय पूर्व की सिद्धान्तशिरोमणि आदि अनेक वैदिक और पुरातन ग्रन्थों में अंकित मिलता है। वेदव्यासकृत महाभारत में गुरुत्वाकर्षण का अंकन देखकर वैदिक ग्रन्थों के विद्वतजनों , अध्ययनकर्ताओं का मत है कि वस्तुतः न्यूटन को जो गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त के आविष्कार का श्रेय मिला वह तो हमारे पितामह भीष्म को मिलना चाहिए,जो आइंस्टीन के सिद्धांत से अधिक समीप हैं ।भूत पदार्थों के गुणों का वर्णन करते हुए भीष्म पितामह ने युद्धिष्ठिर से कहा था -

भूमै: स्थैर्यं गुरुत्वं च काठिन्यं प्र्सवात्मना, गन्धो भारश्च शक्तिश्च संघातः स्थापना धृति ।
- महाभारत-शान्ति पर्व . २६१

अर्थात- हे युधिष्ठिर! स्थिरता, गुरुत्वाकर्षण, कठोरता, उत्पादकता, गंध, भार, शक्ति, संघात, स्थापना, आदि भूमि के गुण है। -भीष्म पितामह

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण (बल) कोई शक्ति नहीं है बल्कि पार्थिव आकर्षण मात्र है । यह गुण भूमि में ही नहीं वरण संसार के सभी पदार्थो में है कि वे अपनी तरह के सभी पदार्थो को आकर्षित करते है एवं प्रभावित करते है। इसका सर्वाधिक उत्तम व अच्छा विश्लेषण हजारों वर्ष पूर्व महर्षि पतंजलि ने सादृश्य एवं आन्तर्य के सिद्धान्त से कर दिया था। गुरुत्वाकर्षण सादृश्य का ही उपखण्ड है। सामान गुण वाली वस्तुएँ परस्पर एक दूसरे को प्रभावित करती है। उससे आन्तर्य पैदा होता है । पतंजलि ने कहा है -

अचेतनेश्वपी, तद-यथा-लोष्ठ क्षिप्तो बाहुवेगम गत्वा नैव तिर्यग गच्छति नोर्ध्वमारोहती प्रिथिविविकारः प्रिथिविमेव गच्छति – आन्तर्यतः । तथा या एता आन्तरिक्ष्यः सूक्ष्मा आपस्तासां विकारो धूमः । स आकाश देवे निवाते नैव तिर्यग नवागवारोहती । अब्विकारोपि एव गच्छति आनार्यतः । तथा ज्योतिषो विकारो अर्चिराकाशदेशो निवाते सुप्रज्वलितो नैव तिर्यग गच्छति नावगवरोहति । ज्योतिषो विकारो ज्योतिरेव गच्छति आन्तर्यतः । 
पतंजलि महाभाष्य, सादृश्य एवं आन्तर्य- १/१/५०

अर्थात -चेतन अचेतन सबमें आन्तर्य सिद्धांत कार्य करता है।मिट्टी का ढेला आकाश में जितनी बाहुबल से फेका जाता है, वह उतना ऊपर चला जाता है, फिर ना वह तिरछे जाता है और ना ही ऊपर जाता है, वह पृथ्वी का विकार होने के कारण पृथ्वी में ही आ गिरता है। इसी का नाम आन्तर्य है । इसी प्रकार अंतरिक्ष में सूक्ष्म आपः (hydrogen) की तरह का सुक्ष्म जल तत्व का ही उसका विकार धूम है। यदि पृथ्वी में धूम होता तो वह पृथ्वी में क्यों नहीं आता?  वह आकाश में जहाँ हवा का प्रभाव नहीं, वहाँ चला जाता है- ना तिरछे जाता है ना नीचे ही आता है। इसी प्रकार ज्योति का विकार अर्चि  है। वह भी ना निचे आता है ना तिरछे जाता है। फिर वह कहा जाता है? ज्योति का विकार ज्योति को ही जाता है।

इसके पूर्व के मन्त्र व्याकरण महाभाष्य स्थानेन्तरतमः -१/१/४९ में महर्षि पतंजलि ने गुरूत्वाकर्षण के सिद्धान्त का स्पष्ट उल्लेख करते हुए कहा है -
लोष्ठः क्षिप्तो बाहुवेगं गत्वा नैव तिर्यक् गच्छति नोर्ध्वमारोहति ।
पृथिवीविकारः पृथिवीमेव गच्छति आन्तर्यतः । 
-महाभाष्य  स्थानेन्तरतमः, १/१/४९ सूत्र पर 
अर्थात- पृथिवी की आकर्षण शक्ति इस प्रकार की है कि यदि मिट्टी का ढेला ऊपर फेंका जाता है तो वह बहुवेग को पूरा करने पर, न टेढ़ा जाता है और न ऊपर चढ़ता है । वह पृथिवी का विकार है, इसलिये पृथिवी पर ही आ जाता है ।



उपनिषद ग्रन्थों में प्रमुख बृहत् जाबाल उपनिषद् में गुरूत्वाकर्षण सिद्धान्त का वर्णन है और वहाँ गुरुत्वाकर्षण को आधारशक्ति नाम से अंकित किया गया है।इस उपनिषद में इसके दो भाग किये गये हैं -पहला, ऊर्ध्वशक्ति या ऊर्ध्वग अर्थात ऊपर की ओर खिंचकर जाना । जैसे कि अग्नि का ऊपर की ओर जाना ।और दूसरा अधःशक्ति या निम्नग अर्थात नीचे की ओर खिंचकर जाना । जैसे जल का नीचे की ओर जाना या पत्थर आदि का नीचे आना ।
बृहत् उपनिषद् में भी गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त के सूत्रांकित हैं - 
अग्नीषोमात्मकं जगत् ।
- बृहत् उपनिषद् २.४ 
आधारशक्त्यावधृतः कालाग्निरयम् ऊर्ध्वगः । तथैव निम्नगः सोमः । 
-बृहत् उपनिषद् २.८ 
अर्थात- सारा संसार अग्नि और सोम का समन्वय है । अग्नि की ऊर्ध्वगति है और सोम की अधोःशक्ति । इन दोनो शक्तियों के आकर्षण से ही संसार रुका हुआ है ।


प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं ज्योतिषी भास्कराचार्य ,जिन्हें भाष्कर द्वितीय (1114 – 1185) भी कहा जाता है , के द्वारा रचित एक मुख्य ग्रन्थ सिद्धान्त शिरोमणि है जिसमें लीलावती, बीजगणित, ग्रहगणित तथा गोलाध्याय नामक चार भाग हैं। भास्कराचार्य द्वितीय पूर्व ने अपने सिद्धान्तशिरोमणि में यह कहा है-
आकृष्टिशक्तिश्चमहि तया यत्
खस्थं गुरूं स्वाभिमुखं स्वशक्त्या ।
आकृष्यते तत् पततीव भाति
समे समन्तात् क्व पतत्वियं खे ।।
- सिद्धान्त० भुवन० १६ 
अर्थात - पृथिवी में आकर्षण शक्ति है जिसके कारण वह ऊपर की भारी वस्तु को अपनी ओर खींच लेती है । वह वस्तु पृथिवी पर गिरती हुई सी लगती है । पृथिवी स्वयं सूर्य आदि के आकर्षण से रुकी हुई है,अतः वह निराधार आकाश में स्थित है तथा अपने स्थान से हटती नहीं है और न गिरती है । वह अपनी कील पर घूमती है।
वराहमिहिर ने अपने ग्रन्थ पञ्चसिद्धान्तिका में कहा है-
पंचभमहाभूतमयस्तारा गण पंजरे महीगोलः ।
खेयस्कान्तान्तःस्थो लोह इवावस्थितो वृत्तः ।। 
-पञ्चसिद्धान्तिका पृ०३१ 
अर्थात- तारासमूहरूपी पंजर में गोल पृथिवी इसी प्रकार रुकी हुई है जैसे दो बड़े चुम्बकों के बीच में लोहा ।

अपने ग्रन्थ सिद्धान्तशेखर में आचार्य श्रीपति ने कहा है -
उष्णत्वमर्कशिखिनोः शिशिरत्वमिन्दौ,.. निर्हतुरेवमवनेःस्थितिरन्तरिक्षे ।।
 - सिद्धान्तशेखर १५/२१ )
नभस्ययस्कान्तमहामणीनां मध्ये स्थितो लोहगुणो यथास्ते ।
आधारशून्यो पि तथैव सर्वधारो धरित्र्या ध्रुवमेव गोलः ।। 
-सिद्धान्तशेखर  १५/२२ 
अर्थात -पृथिवी की अन्तरिक्ष में स्थिति उसी प्रकार स्वाभाविक है, जैसे सूर्य्य में गर्मी, चन्द्र में शीतलता और वायु में गतिशीलता । दो बड़े चुम्बकों के बीच में लोहे का गोला स्थिर रहता है, उसी प्रकार पृथिवी भी अपनी धुरी पर रुकी हुई है ।

प्रश्न उपनिषद् में ऋषि पिप्पलाद ने कहा है-
पायूपस्थे - अपानम् । 
-प्रश्न उपनिषद् ३.४ 
पृथिव्यां या देवता सैषा पुरुषस्यापानमवष्टभ्य० । 
    - प्रश्न उपनिषद ३.८ 
तथा पृथिव्याम् अभिमानिनी या देवता ... सैषा पुरुषस्य अपानवृत्तिम् आकृष्य.... अपकर्षेन अनुग्रहं कुर्वती वर्तते । अन्यथा हि शरीरं गुरुत्वात् पतेत् सावकाशे वा उद्गच्छेत् । 
-शांकर भाष्य, प्रश्न० ३.८ 
अर्थात- अपान वायु के द्वारा ही मल मूत्र नीचे आता है । पृथिवी अपने आकर्षण शक्ति के द्वारा ही मनुष्य को रोके हुए है, अन्यथा वह आकाश में उड़ जाता ।

गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के लिए ऋग्वेद के यह मन्त्र प्रसिद्ध है -
यदा ते हर्य्यता हरी वावृधाते दिवेदिवे ।
आदित्ते विश्वा भुवनानि येमिरे ।। 
ऋग्वेद अ० ६/ अ० १ / व० ६ / म० ३ 
अर्थात - सब लोकों का सूर्य्य के साथ आकर्षण और सूर्य्य आदि लोकों का परमेश्वर के साथ आकर्षण है । इन्द्र जो वायु , इसमें ईश्वर के रचे आकर्षण, प्रकाश और बल आदि बड़े गुण हैं । उनसे सब लोकों का दिन दिन और क्षण क्षण के प्रति धारण, आकर्षण और प्रकाश होता है । इस हेतु से सब लोक अपनी अपनी कक्षा में चलते रहते हैं, इधर उधर विचल भी नहीं सकते ।

ऋग्वेद के अन्य मन्त्र में कहा है-
यदा सूर्य्यममुं दिवि शुक्रं ज्योतिरधारयः ।
आदित्ते विश्वा भुवनानी येमिरे ।।३।। -ऋग्वेद अ० ६/ अ० १ / व० ६ / म० ५ 
अर्थात - हे परमेश्वर ! जब उन सूर्य्यादि लोकों को आपने रचा और आपके ही प्रकाश से प्रकाशित हो रहे हैं और आप अपने सामर्थ्य से उनका धारण कर रहे हैं , इसी कारण सूर्य्य और पृथिवी आदि लोकों और अपने स्वरूप को धारण कर रहे हैं । इन सूर्य्य आदि लोकों का सब लोकों के साथ आकर्षण से धारण होता है । इससे यह सिद्ध हुआ कि परमेश्वर सब लोकों का आकर्षण और धारण कर रहा है। 


वैदिक ग्रन्थों में वर्णित गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त न्यूटन के तथाकथित सिद्धान्त से आगे की बात भी बतलाते हैं । पतंजलि महाभाष्य, सादृश्य एवं आन्तर्य- १/१/५०में वर्णित आन्तर्य के सिद्धांत से शरीर के स्थूल और सूक्ष्म सभी तत्वों का विश्लेषण किया जा सकता है । इनमे सभी स्थूल द्रव्य आदि अपने-अपने क्षेत्र की ओर चले जाते हैं ,परन्तु प्रत्येक क्षेत्र का अनुभव करने वाला अर्चि कहाँ जाता है? उसे भी आन्तर्य सिद्धांत से कहीं जाना चाहिए। उसका भी कोई ब्रह्माण्ड और ठिकाना होना चाहिए, जहाँ वह ठहर सके। जब इस प्रकार का ध्यान किया जाता है तब एक ऐसी उपस्थिति का बोध होता है जो समय, ब्रह्माण्ड, और गति से भी परे होता है! वह कारण चेतना ही ब्रह्म है।

योग का उद्देश्य शरीरस्थ क्षेत्रज्ञ को उस कारण सत्ता में मिला देना है ।आन्तर्य सिद्धांत ध्यान की इसी स्थिति को सिद्ध करता है। इसीलिए इसे प्रतिगुरुत्वाकर्षण बल कहा जा सकता है, अर्थात मन को अन्य सभी विकारों का परित्याग कर केवल चेतना को चेतना से ही, प्रकाश को प्रकाश से ही मिलाने का अभ्यास करना चाहिए। इसी से पदार्थ से परे, राग-द्वेष से परे शुद्ध-बुद्ध, निरंजन आत्मा और परमात्मा की अनुभूति की जा सकती है । इस प्रकार यह स्पष्ट है कि न्यूटन से हजारों वर्ष पूर्व आर्यभट्ट ने अपने ग्रन्थ में गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त का उल्लेख किया है तथा ऋग्वेद में गुरुत्वाकर्षण का उल्लेख होने से यह भी प्रमाणित सत्य है कि सहस्त्राब्दियों वर्ष पूर्व भारतीय गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत से भली-भान्ति परिचित ही नहीं थे वरन न्यूटन के सिद्धांत से आगे की बात के अन्तः तक पहुँच चुके थे ।





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---अशोक “प्रवृद्ध”---
झारखण्ड 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (14 मई)

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एक शाम स्वर्गीय मीना कुमारी के नाम, झाबुआ की बहू देगी इन्दौर में  ठाडे रहियो कार्यक्रम 
  • न्ेापाल भूकंप पीडितों के सहायतार्थ महानगर में देगी कार्यक्रम 

jhabua news
झाबुआ---मीना कुमारी का नाम जेहन में आते ही हसास होता है, खुबसुरती, नजाकत और बेहतरीन अदाकारी का और गुंज उठते है उनके सदाबहार नगमें । मगर मीना कुमारी महत एक अदाकारा ही नही थी वे एक आला दर्जे की शायरा और गायिका भी थी । मीना कुमारी के गीता गजलों  और उनकी जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं से सजी एक शाम ठाडे रहियों का आयोजन हो रहा है । नेपाल भूकंप पीडितों के सहायतार्थ झाबुआ की बहु श्रीमती स्मृति दिलीप आचार्य की यह अनुठी पेषकष उनके ही मधुर स्वरों में 16 मई शनिवार सायंकाल 7-30 बजे से आनन्द मोहन माथुर सभागृह इन्दौर में आयोजित हो रही है । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती आषा कैलाष विजयवर्गीय व रमेष मेंदोला रहेगें । श्रीमती स्मृति दिलीप आचार्य कला जगत में झाबुआ का नाम रोषन कर रही है । पूर्व में भी आपके द्वारा कई कार्यक्रमों कों अंजाम दिया गया है उसमें बेगम अख्तर, नूरजहां,फरीदाखान,रेषमा और चित्रासिंह की गजलों पर आधारित आज जाने की जिद् न करों व गीतादत्त की रूहानियत भरे स्वर से सजी गीतमाला ’’ जाने क्या तुने कहीं ’’ उल्लेखनीय है । कई बरसों से कठोर परिश्रम से स्मृति दिलीप आचार्य नाम की इस झाबुआ की प्रतिभा ने कला जगत के क्षितिज पर अपनी आभा बिखेरी है । साधनों के अभाव में इन्दौर शहर को अपनाने वाली स्मृति आचार्य ने  यही सक देष भर में भ्रमण कर अपने मधुर स्वर की छाप छोडी है । आज  स्मृति किसी परिचय की मोहताज नही बल्कि एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है और इनके नाम के साथ ही झाबुआ की शोहरत भी बढी है । गीत गुंजन की मधुर पेषकष ठाडे रहियों  के द्वारा नेपाल भूकंप पीडितों की सहायतार्थ यह अनुठा कार्य इनके द्वारा किया जारहा है यह निष्चित ही झाबुआ के लिये गौरव का विषय है ।

पेयजल समस्या को लेकर कांग्रेस ने किया पीएचई का घेराव, नारे बाजी कर किया प्रभावी प्रदर्षन 

झाबुआ---कांग्रेसजनों द्वारा जिले में व्याप्त पेयजल किल्लत को लेकर सुश्री कलावती भूरिया के नेतृत्व में गुरूवार को दोपहर में एक रैली निकाल कर पीएचई कार्यालय पहूंच कर जमकर नारेबाजी के साथ घेराव किया एवं खाली मटके पीएचई आफीस के सामने फोडे गये । सुश्री कलावती भूरिया के नेतृत्व में  पीएचई कम्रचारियों से जमकर बहसबाजी भी हुई । विभाग के आला अफसर इस मौके पर नदारद थे । पीएचई विभाग को इस प्रदर्षन की भनक लगते ही उन्होने अपने सारे गेट बंद कर दिये जिससे प्रदर्षन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आका्रेष व्यक्त किया । जिले में हो रही पेय जल समस्या को लेकर  अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ तिखी बहस हुई वे कांग्रेस पदाधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों के सवालों के जबाब देने में टालमटोल कर रहे थे । सुश्री कलावती भूरिया एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, ब्लाक अध्यक्ष अग्निनारायणसिंह, गेंदाल डामोर,  कालू मुणिया, यामिनशेख आषीष भूरिया, जितेन्द्र अग्निहोत्री, प्रवक्ता हर्षभटृ, कमलेष पटेल, दिलीप पुरोहित, सिराजुद्दीन शेख, कलावती मेडा सहित अनेक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने  जमकर नारे बाजी कर  अपना आक्रोष व्यक्त किया । अंत में  अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठों से सलाह मषवीरा कर सोमवार तक कांग्रेस जनों की मांगों के निराकरण का आष्वासन दिया  तब कहीं जाकर घेराव प्रदर्षन खतम हुआ । इस अवसर पर कलावती भूरिया ने पीएचई विभाग पर श्रृंखलाबद्ध आरोप लगाते हुए कहा कि पीएचई विभाग द्वारा कांग्रेसी जन प्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जारहा है। और रात में भाजपा  नेताओं के कहने पर चेारी छिपे खनन किया जारहा है तथा जहां सरपंच द्वारा प्रस्ताव रखे गये है वहा कोई काम नही किया जारहा है । सुश्री भूरिया ने कहा कि प्रषासन की अनदेखी के चलते लोगों को गंदा एवं झीरी का पानी पीने को बाध्य होना पड रहा है जिससे जलजनित रोगों का फैलाव हो रहा है तथा गा्रमीण अंचलों में उल्टी दस्त हैजे जेसे बीमारियों के प्रकोप की संभावनाये बढ चुकी है किन्तु विभाग एवं भाजपा सरकार की लापरवाही के चलते लोगों को पेयजल की व्यवस्था करने में पूरी तरह नाकाम सिद्ध हो रहा है । जहां कार्य हो रहा है वहां पैसे व पार्टी लेकर काम किया जारहा है जिससे गा्रमीण अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है । झाबुआ नगर  सहित नगरीय क्षेत्रों में 6-7 दिन में  पानी वह भी अल्प मात्रा में सप्लाय किया जारहा है वह भी पीने योग्य नही है । कलावती ने कहा कि नगरीय एवं गा्रमीण अंचलों में यदि पेयजल व्यवस्था में सुधार नही हुआ तो कांग्रेस पार्टी पुनः जनआन्दोलन चलाकर हजारों की संख्या में पीएचई एवं प्रषासन का घेराव करेगी एवं समस्या के हल नही होने तक आनदोलन को जारी रखेगी ।इस अवसर पर  बबलू कटारा विनय भाबोर, कलजी पण्डा, मालू डोडियार, हेमचंद डामोर, आषीष भूरिया सिराजुददीन षेख, भूरजी पंडा, तेरसिंह, बबलू कटारा, प्रषांत बामनिया सहित सैकडो पंच व सरपंच गण उपस्थित थे।

सदस्यता अभियान को लेकर जिला कांग्रेस की बैठक संपन्न

झाबुआ---सदस्यता अभियान को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की एक महत्वपूर्ण जिलाध्यक्ष निर्मल मेहता की अध्यक्षता में प्रदेष कांग्रेस कमेटी के महामंत्री श्री मुजीब कुरेषी एवं जिला पंचायत अध्यक्षा सुश्री कलावती भूरिया के विषेश आतिथ्य में संपन्न हुई। बैठक में सदस्यता अभियान की समीक्षा करते हुए संतोश प्रकट किया गया। सदस्यता के लिये ब्लाॅक कांग्रेस कमेटियों और सदस्यता के प्रभारियों को 15 मई तक सभी बुकें व सुपात्र सदस्यता के फार्म जमा करने के निर्देष एवं मार्गदर्षन दिया गया और प्रक्रिया समझाई गई। बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी के 29 मई को प्रस्तावित महू आमसभा की तैयारियों के लिये चर्चा की गई और प्रत्येक ब्लाॅक से 50 वाहन से कार्यकर्ता ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। आमसभा की सफलता के लिये प्रत्येक ब्लाॅक के लिय्र प्रभारी नियुक्त करने का निर्णय किया गया। आमसभा की सफलता सुनिष्चित करने की तैयारियों का जायजा लेने के लिये श्री कांतिलाल भूरिया द्वारा पुनः एक बैठक ली जायेगी और कार्यकर्ताओं को मार्गदर्षन किया जायेगा। इस दौरान तैयारी संबंधी जानकारी लेकर ब्लाॅक अध्यक्ष एवं प्रभारियों द्वारा अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा। जिले के कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में अपने विचार व्यक्त किये और बैठक को संबोधित करते हुए संगठन को अधिक मजबूत एवं सक्रिय बनाने पर विचार विमर्ष किया गया। बैठक में सर्वश्री मुजीब कुरेषी, सुश्री कलावती भूरिया, श्री निर्मल मेहता, पूर्व विधायक रतनसिंह भाबर, वीरसिंह भूरिया, वालसिंह मेडा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष ठाकुर चंद्रवीरसिंह लाला, जिला प्रवक्ता हर्श भटट, हेमचंद्र डामोर, रूपसिंह डामोर, हीरालाल डाबी ने अपने विचार व्यक्त किये। ब्लाॅक अध्यक्ष सर्वश्री मानसिंह मेडा, कालूसिंह मुणिया, गेंदाल डामोर, महबूब षेख, अग्निनारायणसिंह राठौर, केमता डामोर, ठाकुर जीवनसिंह ने सदस्यता अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए अपने ब्लाॅक में आ रही दिक्कतों को प्रकट किया। जिला कांग्रेस की इस बैठक में विजय पांडे, विनय भाबोर, यामिन षेख, कमलेष पटेल, दिलीप पुरोहित, श्रीमती कलावती मेडा, श्रीमती मालू डोडियार, अलीमुददीन सैययद, आषीश भूरिया सिराजुददीन षेख, भूरजी पंडा, तेरसिंह, बबलू कटारा, प्रषांत बामनिया सहित सैकडो पंच व सरपंच गण उपस्थित थे। बैठक का संचालन जिला कांग्रेस प्रवक्ता आचार्य नामदेव ने किया तथा आभार प्रदर्षन जिला कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री ने माना।  

हत्या कर लाश रेल की पटरी पर डाली  
       
झाबुआ--- आरोपी सोहन पिता मंगू डामोर, आदि-03 निवासीगण हत्यादेली ने मृतक रतना पिता हवसिंह निवासी हत्यादेली को डाकना है व हमारे परिवार के लोगों को मारकर खा गया कहकर गला घोटकर मार देना व साक्ष्य छिपाने के लिये रेत्वे पटरी पर फेंक दिया।  मर्ग क्र0 22/2015 की जांच पर से कायमी की गयी। प्र्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्र0 128/15, धारा 302,201,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रेम प्रसंग मे जहरीली दवाई पी 
      
झाबुआ--- आरोपी तोलसिंह पिता रूपला दाहीमा, आदि-01 निवासीगण मोहनकोट ने मृितका काली पिता कन्नु मेेंडा, उम्र 15 वर्ष निवासी मोहनकोट की प्रेम प्रंसग को लेकर लडके द्वारा मना करने पर जहरीली दवाई पिने से ईलाज के दौरान मुत्यु हो गयी थी। मर्ग क्र0 54/2015 की जांच व लोक अभियोजन अधिकरी जिला झाबुआ के आदेश से अप0 पंजीबद्व किया गया। प्र्रकरण में थाना राचपुरिया में अपराध क्र0 67/15, धारा 306,213,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

रास्ता रोक कर की लूट 

फरियादी मोहन पिता धन्ना पटलिया, उम्र 35 वर्ष निवासी धुतखेडी ने बताया कि वह अपनी मो0सा0 से चांदी के जेवर लेकर मोहनपुरा भुरका बहन के घर जा रहे थे। रास्ते में अज्ञात 04 बदमाश रास्ता रोककर मारपीट की व चांदी की 02 साकली, 01 तागली, 02 मोबाईल, जिसके सिम नं0 96306-90542 व 88895-81184 कुल मश्रुका 41,000/-रूपये लूट कर ले गये। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अप0क्र0 226/2015 धारा 394 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

ताला तोड कर उडाया माल  

झाबुआ--- फरियादी नारायणलाल उदाजी नाड उम्र 34 वर्ष निवासी गेहडी ने बताया कि अज्ञात बदमाश उसके घर का ताला तोडकर अंदर घुसकर आलमारी में रखे चांदी के 02 कडे, पायजेप व बिच्छुडी जोड तथा नगदी 22500 रू0 का चुराकर ले गये। कुल मश्रुका 38000 रू0। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 181/2015 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी करने वाला संदेही गिरफतार कब्जे से मोटरसायकल जप्त 

झाबुआ--- आरोपी अनिल पिता पप्पू गवली उम्र 20 वर्ष निवासी थांदला के कब्जे से बिना नंबर की एक मोसा0 पल्सर बजाज इंजन नं डीएनजेडसीईएच 45321 जिसका लाॅक टूटा हुआ था मोसा0 चोरी की होने का संदेह होने पर जप्त कर गिरफतार किया गया। प्र्रकरण में थाना रायपुरिया में सिलसिला क्रमांक 01/2015 धारा 41(2)102 जाफौ0 व 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कोच की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीयता महत्वपूर्ण नहीं : द्रविड

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पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड ने कहा है कि भारतीय टीम प्रबंधन के कोच की नियुक्ति में राष्ट्रीयता को तरजीह नहीं देते हुए यह देखना चाहिए कि कौन इस पद से लिए उपयुक्त है। द्रविड ने कहा, "हमें कोच चुनते समय यह नहीं देखना चाहिए कि वह कोई भारतीय है या विदेशी। ज्यादा जरूरी यह है कि वह उस पद के लिए उपयुक्त है या नहीं। यह दुनिया बहुत पेशेवर हो चुकी है। बाहर से लोग भारत आते हैं तो कई बार यहां से भी लोग बाहर अपनी सेवाएं देने जाते हैं।" गौरतलब है डंकन फ्लेचर का भारतीय टीम के साथ कार्यकाल विश्व कप तक ही सीमित था।

जारी आईपीएल सत्र में राजस्थान रॉयल्स टीम के मेंटर की भूमिका निभा रहे द्रविड ने भारत और पाकिस्तान के बीच श्रृंखला आयोजित करने को लेकर चल रही हालिया बातचीत का भी समर्थन किया और कहा कि क्रिकेट के लिहाज से इन दोनों देशों को बीच कोई भी श्रृंखला दिलचस्प होगी। केविन पीटरसन के लिए इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम के दरवाजे बंद होने संबंधि सवाल पर द्रविड ने कहा, "मैनें राजस्थान रॉयल्स टीम में खेलते हुए उनके साथ कुछ समय बिताया है और मुझे उनसे व्यक्तिगत रूप से कभी कोई परेशानी नहीं हुई। यह प्रशंसकों के लिहाज से बुरा समाचार है। वह शानदार खिलाड़ी हैं।"

द्रविड के अनुसार, "यह अजीब बात है। पहले उनसे कहा गया था कि वह अच्छे प्रदर्शन के बल पर टीम में वापसी कर सकते हैं लेकिन फिर अचानक उन्हें कभी शामिल नहीं किए जाने का फैसला सुना दिया गया।"

राहुल गांधी की तेलंगाना में 'पदयात्रा'शुरू

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खराब फसल के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए शुक्रवार को तेलंगाना के अदिलाबाद जिले में 'पदयात्रा'की शुरुआत की। राहुल गुरुवार रात महाराष्ट्र के नांदेड़ पहुंचे थे, जहां से वह निर्मल आए हैं और शुक्रवार सुबह यहां से चार किलोमीटर दूर कोरातिकल गांव से पदयात्रा शुरू की। कांग्रेस नेता दो मई को फसल की बर्बादी के कारण खुदकुशी कर लेने वाले किसान वेल्मा राजेश्वर के घर गए। उन्होंने किसान की पत्नी और बच्चे से मुलाकात की तथा उनके प्रति संवेदना जताई।

राहुल से किसान के परिवार ने तेलुगू में बात की, जबकि कांग्रेस पार्टी के तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने उन्हें उनकी समस्या को समझाने में मदद की। कांग्रेस नेता ने परिवार को एक लाख रुपये की वित्तीय मदद भी दी।  सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ राहुल फिर लक्ष्मणानंद गांव दो किसानों के परिवार वालों से मिलने गए, जिन्होंने खुदकुशी कर ली थी। वह पदयात्रा में 12 किलोमीटर के दायरे में पांच गांवों का दौरा करेंगे। वह किसानों से मिलेंगे तथा खेतों का भी दौरा किया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष वडियाल में एक बैठक को संबोधित करेंगे, जहां उनकी पदयात्रा का अंत होगा। राहुल हैदराबाद आकर निर्मल जाने वाले थे, लेकिन अंतिम क्षण में उनका कार्यक्रम बदल गया। वह गुरुवार रात सात बजे के करीब नांदेड़ पहुंचे और सड़क मार्ग से निर्मल के लिए रवाना हुए। वह रात 10 बजे निर्मल पहुंचे। पदयात्रा में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं। राज्य की सभी 119 विधानसभाओं से करीब 200-200 कार्यकर्ता इसमें हिस्सा ले रहे हैं। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद यह राहुल का पहला तेलंगाना दौरा है।

भारत का नक्शा: ना जम्मू कश्मीर, ना अरुणाचल प्रदेश

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चीन के सरकारी स्वामित्व वाले चैनल सीसीटीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की खबरें दिखाए जाते समय भारत के नक्शे को जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के बिना दिखाए जाने के बाद गुरुवार विवाद खड़ा हो गया। 

प्रधानमंत्री की यात्रा से जुड़ी एक खबर के दौरान यह नक्शा दिखाया गया। चीन अरुणाचल प्रदेश पर और जम्मू कश्मीर के हिस्सों पर दावा करता रहा है लेकिन भारत इसका पुरजोर विरोध करता रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा का मुद्दा अनसुलझा है और दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच अब तक 18 दौर की बात हो चुकी है।

चीन का कहना है कि सीमा मुद्दा केवल 2000 किलोमीटर तक सीमित है जिसमें अधिकतर हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है, वहीं भारत का मानना है कि विवाद करीब 4000 किलोमीटर सीमा को लेकर है।

अगले महीने खुल जाएगा कैलाश- मानसरोवर जाने के लिए नाथुला मार्ग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली चीन यात्रा के दौरान कैलाश मानसरोवर जाने वालों के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैलाश- मानसरोवर जाने वालों के लिए एक और मार्ग अगले महीने से खुल जाएगा। इससे और अधिक संख्या में लोग कैलाश-मानसरोवर की पवित्र यात्रा कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत से कैलाश-मानसरोवर जाने वालों के लिए नाथुला मार्ग जून से खुल जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का धन्यवाद किया। भारत और चीन के बीच 24 समझौतों पर हस्ताक्षर होने के बाद अपने संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के खुल जाने से और अधिक संख्या में भारतीय लोग कैलाश-मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे।

गौरतलब है कि इस समय वहां जाने के लिए एक ही मार्ग है, वह है उत्तराखंड से लिपुलेख पास होकर। उत्तराखंड में 1913 के भयंकर बाढ़ में इस मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा। नाथुला पास से कैलाश- मानसरोवर जाने में लोगों को काफी आसानी होगी खास कर अधिक उम्र के लोगों के लिए यह काफी सुविधाजनक साबित हो सकता है। इस मार्ग से बस से भी लोग वहां जा सकते हैं। हालांकि हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ी चुनौती है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (15 मई)

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पीडि़त किसानो के लिए राहत राशि जारी

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मार्च माह में हुई ओलावृष्टि से जिले के जिन किसानो की फसले क्षतिग्रस्त हुई थी उन्हें सर्वे उपरांत आरबीसी के प्रावधानो के तहत तात्कालिक सहायता राशि आठ लाख 85 हजार 755 रूपए जारी कर दिए गए है। अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने पीडि़त किसानों के लिए जारी की गई राहत राशि के संबंध में बताया है कि गुलाबगंज तहसील को 20 हजार रूपए, लटेरी को दो लाख 25 हजार रूपए, नटेरन को 28 हजार 919 रूपए, ग्यारसपुर को एक लाख एक हजार 836 रूपए, सिरोंज के लिए तीन लाख पचास हजार रूपए और शमशाबाद तहसील के लिए एक लाख 60 हजार रूपए जारी किए गए है।  अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने संबंधित तहसीलों के तहसीलदारो को निर्देशित किया है कि उप कोषालयों में बिल प्रस्तुत कर पीडि़त किसानों को ई-पेमेन्ट के माध्यम से उनके बैंक खातों में राशि जमा कराया जाना सुनिश्चित करें और उपयोगिता प्रमाण पत्र जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 

विश्व योग दिवस का आयोजन 21 जून को

संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किया गया है। के उपलक्ष्य में प्रदेश के समस्त जिलो में सामूहिक योगाभ्यास आयोजित करने के लिए लोक शिक्षण आयुक्त श्री डीडी अग्रवाल के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है। अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया की अध्यक्षता में शुक्रवार को ततसंबंध में बैठक आहूत की गई थी। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा समेत महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्रतिनिधि, बीईओ, बीआरसी और डीपीसी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि मुख्य समारोह भोपाल के जम्बूरी मैदान मंे 21 जून की प्रातः आयोजित किया गया है जिसमें जिले के लगभग पांच हजार विद्यार्थीगण भी शामिल होंगे। इसके लिए जिला स्तर पर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विदिशा एवं बासौदा विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले शैक्षणिक संस्थाओं के कम से कम डेढ़-डेढ़ हजार, सिरोंज लटेरी से क्रमशः 250-250 और शेष अन्य विकासखण्डो से पांच-पांच सौ ऐसे विद्यार्थी जो कक्षा नवीं से बारहवीं तक के है वे  भोपाल में आयोजित योग दिवस में शामिल होंगे। योग दिवस आयोजन के पूर्व विद्यार्थियों से सहमति लेकर उन्हें योगासन से प्रशिक्षित करने के निर्देश समस्त बीईओ, बीआरसी को दिए गए। भोपाल के लिए चयनित होने वाले बच्चों की सूची जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए है।  मौसम की अनुकूलता को देखते हुए भोपाल जाने वाले विद्यार्थियों के लिए जिला स्तर पर किए जाने वाले प्रबंधो के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इसी प्रकार के आयोजन ग्राम, नगर में भी आयोजित किए जाएंगे जिनमें मीडिल स्कूल तक के बच्चे शामिल है। 

खरीफ के लिए क्षैत्राच्छादन का लक्ष्य निर्धारित

खरीफ आदान व्यवस्था के संबंध में गत दिवस बैठक आयोजित की गई थी जिसमें जिले के लिए कुल चार लाख दस हजार हेक्टेयर क्षैत्राच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुल लक्ष्य में से धान दस हजार हेक्टेयर, ज्वार 1150 हेक्टयेर, मक्का चार हजार पांच सौ हेक्टेयर, अरहर पांच हजार हेक्टेयर, उड़द, 85 हजार दो सौ हेक्टेयर, मूंग तीन हजार पांच सौ हेक्टेयर तथा प्रमुख फसल में सोयाबीन दोे लाख 99 हजार पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्र में बोयी जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री बीएल बिलैया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक में खरीफ बीज भण्डारण व्यवस्था के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। उपस्थित बीज उत्पादक समितियों एवं निजी बीज उत्पादकों द्वारा बीज की उपलब्धता की जानकारियां दी गई। विभागीय अधिकारी ने बीज उत्पादक सहकारी समितियों को बीज संघ के माध्यम से सोयाबीन ब्रीडर बीज खरीद कर अधिक से अधिक आधार बीज का उत्पादन तैयार करने की समझाईंश दी। बैठक में बताया गया कि जिले में सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से 19 हजार क्ंिवटल सोयाबीन बीज की मांग की गई है। खाद, बीज एवं अन्य कृषि उपकरणों की उपलब्धता के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया।

कृषकों से पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित

आत्मा परियोजना के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री एमबी ओझा ने जिले के ऐसे कृषक जो वैज्ञानिक पद्वति से कृषि कार्य को अंजाम दे रहे है उनसे अपील की है कि वे पुरस्कार हेतु अपने आवेदन अंतिम तिथि 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से जमा कराएं। आत्मा परियोजना के संचालक डाॅ आनंद कुमार बडोनिया ने बताया कि प्रत्येक विकासखण्ड से एक-एक कृषक का चयन किया जाएगा और सर्वोत्तम कृषक को दस हजार रूपए का नगद पुरस्कार प्रदाय किया जाएगा। इसके अलावा पांच समूहो में जिला स्तर पर क्रमशः बीस-बीस हजार रूपए का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह पुरस्कार सामूहिक प्रयासों से उन्नत कृषि को बढ़ावा देने वालो को प्रदाय किया जाएगा। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी और आवेदन प्राप्ति के लिए कृषक बंधु अपने विकासखण्ड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या खण्ड स्तरीय कृषि कार्यालय से कार्यालयीन दिवसों में सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है।

चुनाव संबंधी बैठक सोमवार को

विदिशा नगरपालिका के चुनाव तैयारियों के संबंध में आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के परिपालन में मीडियाकर्मियांे और राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक 18 मई सोमवार को आयोजित की गई है यह बैठक में कलेक्टेªट सभाकक्ष में सायं चार बजे से प्रारंभ होगी। बैठक में अब तक विदिशा नगरपालिका चुनाव के परिप्रेक्ष्य में की गई तैयारियों की जानकारियांे से संबंधितों को अवगत कराया जाएगा।

पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (15 मई)

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कन्यादान योजना से 271 युगल बंधे विवाह बंधन में, स्वच्छता के संकल्प के साथ दम्पत्य जीवन प्रारंभ करें-मंत्री सुश्री मेहदेले

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पन्ना 15 मई 15/मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अजयगढ विकासखण्ड मुख्यालय में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इसमें 271 युगल विवाह बंधन में बंधे। समारोह में 7 गरीब मुस्लिम कन्याओं के निकाह भी काजी साहब ने सम्पन्न कराएं। समारोह की मुख्य अतिथि सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पशुपालन, पीएचई, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य ने नव युगलों को आर्शीवाद दिया। समारोह में जनपद अध्यक्ष श्री भरतमिलन पाण्डेय, कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने भी नव युगलों को आर्शीवाद दिया। इस अवसर पर मंत्री सुश्री मेहदेले ने कहा कि जनपद अजयगढ में 271 गरीब कन्याओं का विवाह करके जनपद के अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों ने सराहनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री जी की कन्यादान योजना से गरीब की बेटी के भी विवाह धूमधाम से हो रहे हैं। सभी नव युगलों का दम्पत्य जीवन सुखी रहे। उन्होंने कहा कि सभी नवयुगल स्वच्छता के संकल्प के साथ दम्पत्य जीवन प्रारंभ करें। घर में साफ सफाई रखें। स्वच्छ शौचालय का निर्माण कराके उसका नियमित उपयोग करें। इसके लिए शासन द्वारा 12 हजार रूपये की सहायता भी दी जा रही है। विवाह के लिए भी आभूषण, कपडे, वर्तन तथा 10 हजार रूपये की राशि दी जा रही है। उन्होंने समारोह के सफल आयोजन के लिए जनपद पंचायत के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को बधाई दी। समारोह में जनपद अध्यक्ष श्री भरतमिलन पाण्डेय ने कहा कि कन्यादान योजना से विवाह के लिए 302 कन्याओं का पंजीयन किया गया है। इनमें से 271 का विवाह सम्पन्न किया जा चुका है। अगले माह पुनः विवाह समारोह का आयोजन करके सभी पंजीकृत कन्याओं का विवाह कराया जाएगा। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से गरीब कन्याओं के विवाह में आने वाली कठिनाईयां दूर हो गई हैं। उल्लास के साथ उनके विवाह सम्पन्न हो रहे हैं। समारोह में श्री सतानन्द गौतम ने कहा कि 250 से अधिक गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह में विवाह सम्पन्न होना अजयगढ क्षेत्र के लिए उपलब्धि है। सभी नवयुगलों को उपहार सामग्री तथा बारातियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। उन्हांेंने नवयुगलों से स्वच्छ शौचालय निर्माण की अपील की। नवयुगलों को नगर पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप विश्वकर्मा, श्री तरूण पाठक, श्री राजेश गौतम सहित जनप्रतिनिधियों, एसडीएम पी.डी. गुप्ता, तहसीलदार श्रीमती बबिता राठौर तथा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आनन्द शुक्ला ने भी आर्शीवाद दिया। अजयगढ जनपद परिसर में उत्सव के माहौल में विवाह तथा निकाह सम्पन्न हुए। एक तरफ शहनाई तथा बैंण्ड बाजे बज रहे थे, एक तरफ आर्कस्टा के गीत गूंज रहे थे और दूसरी ओर महिलाएं मंगल गीत गा रही थी। भोजन, पानी तथा सामग्री वितरण के लिए अलग-अलग स्टाल लगे हुए थे। हजारों बाराती तथा वर-कन्या के परिजन इस समारेाह में शामिल थे। समारोह में साफिना बेगम ने मोहम्मद साहिद, साहीन ने करीम तथा शहरबानो ने सद्दाम के साथ निकाह किया। समारोह में रेखा कुशवाहा, रानी साहू, मंजू, जाबिया खातून, रोहिणी, प्रेमादेवी, साधना जैसी सैकडों कन्याओं के विवाह धूमधाम से सम्पन्न हुए।   

राज्य सूचना आयुक्त श्री शर्मा द्वारा की गई आवेदनों पर सुनवाई, प्राप्त आवेदनों का निराकरण समय सीमा करें-श्री शर्मा

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पन्ना 15 मई 15/राज्य सूचना आयुक्त श्री जयकिशन शर्मा द्वारा कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में राज्य स्तर पर प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की गई। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि कार्यालयों में प्राप्त सूचना के अधिकार संबंधी आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय सीमा के अन्दर करें। आवेदनों का निराकरण संतोषजनक होना चाहिए। जिससे आवेदक को अपीलीय अधिकारी अथवा राज्य लोक सूचना अधिकारी के कार्यालय तक आवेदन प्रेषित न करने पडे। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के दस्तावेज यदि उनके कार्यालय में उपलब्ध नही है तो संबंधित कार्यालय से अभिलेख की सत्यापित छायाप्रतियां उपलब्ध कराए। राज्य सूचना आयुक्त द्वारा नगरपालिका पन्ना से संबंधित सुरेश पाण्डेय, अनीता पाण्डेय, नगरपालिका अमानगंज से संबंधित सुरेश प्रसाद त्रिवेदी, नगर पंचायत ककरहटी से संबंधित रोशन लाल शेख के प्रकरण की सुनवाई की गई। जनपद पंचायत शाहनगर से संबंधित संजय कुमार राव, अजयगढ जनपद से संबंधित जयराम यादव, ग्राम पंचायत शाहनगर से संबंधित प्रहलाद कुमार के प्रकरणों की सुनवाई की गई।उन्होंने वन मण्डलाधिकारी कार्यालय से संबंधित अब्दुल रमजान के प्रकरण में बताया कि उनका प्रकरण तीसरे व्यक्ति की सेवापुस्तिका से संबंधित है उसकी सहमति के बगैर दस्तावेज उपलब्ध नही कराए जा सकते। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से संबंधित सी.एल. गुप्ता के प्रकरण सुनवाई करते हुए बताया गया कि चाहे गए दस्तावेज संबंधित कार्यालय में न होकर महालेखागार कार्यालय में संधारित हैं। इस पर श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि एक माह के अन्दर दस्तावेज के सत्यापित प्रतियां मांगाकर आवेदक को उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार आदिम जाति कल्याण विभाग से संबंधित जयपाल सिंह एवं रामकिशोर सिंह का प्रकरण, कलेक्टर कार्यालय पन्ना से संबंधित उमेश कुमार का प्रकरण तथा स्नातकोत्तर महाविद्यालय पन्ना से संबंधित छिद्दीलाल के प्रकरण की सुनवाई की गई। सुनवाई करने के उपरांत राज्य सूचना आयुक्त श्री शर्मा ने संबंधित विभागों के लोक सूचना अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवेदकों को समय पर चाही गई जानकारी जो नियम में आती है उसे समय पर उपलब्ध कराएं। यदि आवेदन दस्तावेज अवलोकन का हो तो नियमानुसार अवलोकन कराएं। प्राप्त आवेदनों का पूरी तरह परीक्षण करने के बाद स्वीकार किए जाएं। आवेदनों के साथ नियमानुसार शुल्क संबंधी स्टाम्प न लगे हो तो आवेदन निरस्त करके संबंधित को सूचित कर दें। इसी प्रकार उन आवेदनों पर भी तुरन्त कार्यवाही करें जो उनके अधिकार क्षेत्र में नही आते। किसी भी स्थिति में निर्धारित समय सीमा के बाद प्रकरण लंबित रहने पर संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। जिन प्रकरणों से संबंधित आवेदक मौके पर उपस्थित नही हो पाए उन प्रकरणों में भी सूचना आयुक्त श्री शर्मा ने प्रकरणों का निराकरण करके की गई कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तर पर भेजने के निर्देश दिए। 

मुख्यमंत्री ने दी उपचार सहायता

पन्ना 15 मई 15/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने स्वैच्छानुदान मद से श्री पन्ना लाल पाठक निवासी पगरा अमानगंज जिला पन्ना को केंसर रोग के उपचार के लिए 50 हजार रूपये की सहायता दी है। यह राशि जवाहर लाल नेहरू केंसर हास्पिटल एवं अनुसंधान केन्द्र भोपाल को जारी कर दी गई है। 

सांसद आदर्श ग्राम योजना से महेबा का करें चहुमूखी विकास-सांसद
  • महेबा के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करें-कलेक्टर 

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पन्ना 15 मई 15/सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत महेबा ग्राम पंचायत का चयन किया गया है। इसमें किए जा रहे विकास कार्यो की महेबा हायर सेकेण्डरी सभागार में बैठक में सांसद श्री नागेन्द्र सिंह ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना से महेबा का चहुमुखी विकास करें। इसके लिए निर्धारित की गई कार्ययोजना के अनुसार विभिन्न विभाग समन्वय के साथ कार्य समय सीमा में पूरा कराएं। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। पेयजल, सडक, प्रकाश, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं के कल्याण, सामाजिक कल्याण, कृषि, उद्यानकी तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महेबा आदर्श ग्राम पंचायत बनें। महेबा में चल रहे निर्माण कार्यो की नियमित समीक्षा करें। इन कार्यो में लापरवाही तथा देरी सहन नही की जाएगी। सांसद ने पूरे गांव का भ्रमण करके खेल मैदान, बाजार, सामुदायिक भवन तथा विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए आवश्यक स्थलों का चिन्हाकन किया। बैठक में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान कहा कि महेबा के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ करें। इसमें देरी सहन नही की जाएगी। महेबा के विकास के संबंध में गत दो बैठकों में जो निर्णय लिए गए हैं उन्हें तत्परता से लागू करें। इनके लिए आवश्यक राशि की मांग संबंधित विभाग वरिष्ठ कार्यालयों से करें। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा स्वीकृत सडक निर्माण का कार्य तत्काल प्रारंभ कराएं। इसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। जिला शिक्षा अधिकारी हायर सेेकेण्डरी स्कूल महेबा तथा अन्य विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों की तत्काल पूर्ति सुनिश्चित करें। विद्यालय का कक्षा 10वीं तथा 12वीं का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नही रहा है। इसकी पूरी समीक्षा करें। कलेक्टर ने कहा कि स्वीकृत निर्माण कार्य में यदि ठेकेदार विलम्ब करते है तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करें। कन्या शाला भवन का निर्माण कार्य जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूरा कराएं। गांव में सोलर लाईट लगाने के लिए ऊर्जा विकास निगम को राशि जारी कर दी गई है। इसे लगाने का कार्य एक सप्ताह में प्रारंभ कराएं। महेबा बस स्टेण्ड निर्माण के लिए प्रस्तावित स्टीमेट में किए गए परिवर्तन के संबंध में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। गांव की नलजल योजना के विस्तार के लिए कार्यपालन यंत्री पीएचई आवश्यक कार्यवाही करें। गांव में स्कूल भवन के पास पडी रिक्त भूमि में ग्राम स्तर के विभिन्न कार्यालयों, आंगनवाडी केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, पशु औषधालय तथा सामुदायिक भवन एक ही स्थान में बनाने के लिए कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग एक सप्ताह में प्राक्कलन प्रस्तुत करें। शांति धाम में चार दिवारी निर्माण तथा वृक्षारोपण के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि गांव की साफ सफाई तथा पेयजल व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। कार्यपालन यंत्री पीएचई के.पी. वर्मा ने बताया कि पेयजल व्यवस्था के लिए गांव में 19 कि.मी. लम्बाई की पाईप लाईन बिछायी जाएगी। इसके लिए निविदा की कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर ने वन मण्डलाधिकारी को गुनौर मार्ग दोनो ओर तथा रिक्त शासकीय भूमि में वृक्षारोपण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्हांेंने कहा कि निर्माण कार्यो के लिए जो समय सीमा निर्धारित की गई है उसमें निर्माण कार्य अनिवार्य रूप से पूरा कराएं। उन्होंने बैठक से अनुपस्थित उप संचालक कृषि को कारण बताओ नोेटिस देने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने महेबा में अब तक किए गए निर्माण कार्यो की जानकारी दी। बैठक में सरपंच श्रीमती कस्तूरी चैधरी, एसडीएम गुनौर आर.एस. बाकना सहित जिला तथा खण्ड स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे। 

स्थाई समितियों के सभापति निर्वाचित

पन्ना 15 मई 15/मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1994 की धारा 47 अध्याय 2 (15) के उपबंधों तथा मध्य प्रदेश जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत की स्थाई समितियों के नियम 1994 में वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत स्थाई समितियों के सभापतियों का निर्वाचन किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा निर्वाचन सम्पन्न कराने के उपरांत जिला पंचायत की 5 स्थाई समितियों के सभापतियों के नामों की घोषणा की गई। निर्वाचित सभापतियों में स्थाई कृषि समिति के सभापति श्री प्रहलाद लोधी, संचार एवं संकर्म समिति के सभापति जगदीश सिंह यादव, सहकारिता एवं उद्योग समिति के सभापति कु0 मीरा कबीरपंथी, स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल कल्याण समिति के सभापति श्रीमती माया यादव तथा स्थाई वन समिति के सभापति श्रीमती सीमा साह को निर्वाचित घोषित किया गया है। 

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर (15 मई)

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केन्द्रीय जेल में शुभारंभ हुआ लीगल सर्विसेस क्लीनिक 

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बड़वानी 15 मई / जिला सत्र न्यायाधीश श्री आरके श्रीवास्तव के निर्देशन में केन्द्रीय जेल बड़वानी में लीगल सर्विसेंस क्लीनिक का शुभारंभ जिला रजिस्ट्रार एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री संजय कुमार गुप्ता द्वारा किया गया । शुक्रवार को केन्द्रीय जेल में इस क्लीनिक का शुभारंभ करते जिला रजिस्ट्रार ने बताया कि लीगल सर्विसेस क्लीनिक में दो बंदियो को पेरालीगल वांटेलियर के रूप में पदस्थ किया जा रहा है । जो जेल में निरूद्ध ऐसे बंदी जिनके न्यायालयीन प्रकरणो में अधिवक्ता प्रतिनिधित्व के अभाव में कार्यवाही नही हो पा रही है । उनके विधिक सेवा के आवेदन अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजेंगे । जिससे इस प्रकार के बंदियो को भी विधिक प्रावधानो के अंतर्गत सहायता मिल सके । इस अवसर पर न्यायाधीश श्री निर्मला कुमार गरवा, केन्द्रीय जेल अधीक्षक श्री नरेन्द्रसिंह, उपअधीक्षक श्री एचपी शरण, जिला विधिक सहायता अधिकारी कुमारी अंकिता प्लास, समाज सेवी श्रीमती अनिता चैयल, पेरालीगल वांलेटीनियर श्री नरसिंह माली सहित जेल मे निरूद्ध बंदी उपस्थित थे । 

युवाओ के दल ने सरहद की लाई मिट्टी से किया कलेक्टर का तिलक

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बड़वानी 15 मई / मध्यप्रदेष शासन की योजना माॅ तुझे प्रणाम मे जिले से चयनित दल द्वारा सीमा दर्षन कर लौटने पर बडवानी जिले के कलेक्टर श्री रविन्द्रसिंह का सरहद की माटी से तिलक कर अपने यात्रा के अनुभव कलेक्टर को बताये गयें । उक्त कार्यक्रम के दौरान खेल एवं युवक कल्याण विभाग से जिला खेल अधिकारी श्री रूपसिंह कलेष, दल के सदस्य श्री सचिन कुमार पाटीदार , श्री जितेन्द्र लछेटा, श्री गोरेलाल सोंलकी, श्री मुकेष गावड व श्री निलेष खरते उपस्थित थें । उक्त दल द्वारा राजस्थान की बीकानेर के समीप बोरनीवाला बार्डर 39 केजेडी पर तैनात बी.एस.एफ. के सैनिको की दिनचर्या, सीमा रेखा की परिस्थितियो के बारे मे जानकारी प्राप्त करने के उपरांत अब जिले मे निवासरत युवाओ को सैना मे कार्य करने हेतु प्रेरित किया जावेगा । जिससे  युवाओ मे मातृभुमि के प्रति समपर्ण की भावना, देष प्रेम की भावना को बल मिल सके व राष्ट्र की सेवा मे वे भी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर सकें । 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (15 मई)

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मध्यस्थता जागरूकता शिविर आज आयोजित होगा

सीधी 15 मई 2015   कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मुख्य न्यायाधिपति, मुख्य संरक्षक मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय कार्ययोजना वर्ष 2015-16 में मध्यस्थता जागरूकता शिविर 16 मई से न्याय सेवा सदन न्यायालय परिसर में दोपहर 2.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि मध्यस्थता शिविर में पक्षकारों व उनके अधिवक्ताओं को मध्यस्थता द्वारा प्रकरण के निराकरण की प्रक्रिया को विस्तृत रूप से बताया जायेगा। इस जागरूकता शिविर का आयोजन जिला न्यायाधीश सहित न्यायिक अधिकारी, अधिवक्तागण, प्रशिक्षित मध्यस्थों व अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी की उपस्थिति में किया जायेगा। आम नागरिकों से अपील की जाती है कि मध्यस्थता प्रक्रिया जानकारी प्राप्त करने हेतु उक्त तिथि व समय तक न्याय सेवा सदन जिला न्यायालय में उपस्थित रहें। 

उप संचालक कृषि श्री चन्द्रावत ने पदभार ग्रहण किया

सीधी 15 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक आर.एस.शर्मा के सीधी जिले से अनूपपुर जिले के लिए स्थानान्तरित हो जाने पर विगत दिवस श्री शर्मा को अनूपपुर के लिए भारमुक्त कर दिया है। उनके स्थान पर मुरैना जिले से स्थानान्तरित होकर आये उप संचालक महेन्द्र प्रताप सिहं चन्द्रावत ने सीधी जिले में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। उप संचालक श्री चन्द्रावत ने बताया कि उनका दूरभाष क्रमांक 07822-252254 है तथा मो0नं0 9589978791 है। इन दूरभाषों पर उनसे सम्पर्क किया जा सकता है। 

जिला प्रशासन की अनूठी पहल
  • भारतीय होटल प्रबन्ध संस्थान (इण्डियन इस्टीट्यूट आॅफ होटल मैनेजमेन्ट) के द्वारा 100 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जायेगा

सीधी 15 मई 2015   बेरोजगार युवकों को कौंशल उन्नयन के क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा सीधी जिले में अनूठी पहल की गयी है। कलेक्टर विशेष गढ़पाले की विशेष पहल पर जिले में होटल प्रबन्धन के क्षेत्र में जानीमानी संस्था भारतीय होटल प्रबन्ध संस्थान (इण्डियन इस्टीट्यूट आॅफ होटल मैनेजमेन्ट) के द्वारा 100 बच्चों को होटल प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपरोक्त प्रशिक्षण 15 जुलाई से प्रारंभ होगा। होटल प्रबन्ध संस्थान द्वारा हाउस कीपिंग में 50 बच्चों को और फूड एवं बेवरेज कोर्स में 50 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को 1500 रूपये का स्टाइपेन्ड दिया जायेगा। उपरोक्त प्रशिक्षण 6 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए युवक न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण हों और अधिकतम 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण हों, उनकी आयु 18 वर्ष से 28 वर्ष के बीच हो। उपरोक्त प्रशिक्षण के लिए पृथक से आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। प्रशिक्षण प्राप्त युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाएगा। यहाॅ यह भी उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के संयोजन में एसीए योजना के तहत सुदूर आदिवासी ग्राम भुइमाड़ में 200 से अधिक युवक-युवतियों को कौंशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विकासखण्ड कुसमी के आदिवासी बाहुल्य ग्राम टमसार में 500 से अधिक बच्चों को कौंशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

कृषि महोत्सव के दौरान आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी किसानों को दी जाय-कलेक्टर
  • कृषि महोत्सव का आयोजन 25 मई से 15 जून तक होगा

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सीधी 15 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने कहा है कि जिले में 25 मई से 15 जून तक कृषि महोत्सव का आयोजन कर कृषि क्रांति रथ गांव-गांव में जाकर आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी किसानों को देगा तथा शाम को किसान गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को कृषि की बारीकियों के बारे में समझायेगा। बैठक में अपर कलेक्टर मनोज मालवीय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास के उप संचालक महेन्द्र प्रताप सिंह चन्द्रावत, परियोजना अधिकारी आत्मा संजय श्रीवास्तव, आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त के.के.पाण्डेय सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि कृषि महोत्सव में मुख्य रूप से मृदा स्वास्थ्यकार्ड, एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन, जैविक खेती का चयनित क्षेत्रों में प्रसार, दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी, उद्यानिकी क्षेत्र एवं उत्पादकता और गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी, कृषि में फसल नुकसानी की रोकथाम और कृषि को लाभकारी धन्धा बनाने की जानकारी दी जायेगी। कृषि महोत्सव के दौरान रथ के जाने के लिए रूटचार्ट तैयार कर लिया जाय। कृषि क्रांतिरथ प्रत्येक दिन तीन ग्राम पंचायतों का भ्रमण करेंगा। कृषि क्रांतिरथ के साथ जिला स्तर से तकनीकी अधिकारी भी जायेगे। उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषि क्रांतिरथ से पौधों का सशुल्क वितरण किया जायेगा। बलराम तालाब योजना के कार्यों का शुभारम्भ किया जायेगा। पशुपालन विभाग द्वारा रथ के भ्रमण के दौरान चयनित ग्राम में पशु चिकित्सा शिविर आयोजित कर टीकाकरण, बधियाकरण किया जायेगा।  उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आयुष एवं आयुर्वेद विभाग द्वारा चयनित ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी, मत्स्य पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियाॅ आयोजित की जायेंगी। जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा रूटचार्ट के गांवों में फागिंग मशीन से दवा का छिड़काव किया जायेगा। प्रत्येक विकासखण्ड में एक किसान संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। कृषि महोत्सव के दौरान जिला स्तर में कृषि विज्ञान मेला एवं प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी। 

परख वीडियो कांफ्रेंसिंग 21 मई को आयोजित होगी

सीधी 15 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने बताया कि मूलभूत सुविधाओं एवं सेवाओं का अनुश्रवण कार्यक्रम परख वीडियो कांफ्रेंसिंग 21 मई को पूर्वान्ह 10.30 बजे से आयोजित की गयी है। मुख्य सचिव द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग में हैण्डपम्पों के संचालन एवं संधारण, उपार्जन की प्रगति, प्रदेश में शुद्ध पेयजल की स्थिति, विवाह पंजीयन एवं मृत्यु पंजीयन की स्थिति, असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से फसलों आदि को हुए नुकसान के लिए राहत वितरण और जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने की विशेष अभियान के प्रगति की समीक्षा की जायेगी।

अमिलई में 18 जोड़ों का हुआ विवाह 

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सीधी। मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत जनपद पंचायत रामपुर नैकिन क्षेत्र के ग्राम पंचायत ममदर एवं अमिलई का संयुक्त विवाह कार्यक्रम शासकीय प्राथमिक आदिवासी शाला अमिलई के प्रांगण में दिन गुरूवार को आयोजित किया गया। इसमें 18 जोड़ों का विवाह वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार बड़े धूम-धाम से संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के अध्यक्ष के.डी.सिंह रहे। अध्यक्षता जनपद सदस्य सुषमा सिंह सहकारिता समिति की सभापति ने की। सामाजिक न्याय विभाग से संतोष शुक्ला, जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्द्र मिश्रा, प्रदीप सिंह, अनुराग सिंह भैसरहा सरपंच, अषोक कुमार कोरी उप सरपंच भैसरहा, रामलखन वैष्य सरपंच, रामलखन गोंड़ पूर्व सरपंच, कमलेष नापित, दमोदर चतुर्वेदी, रामलखन मिश्रा, रमाकांत तिवारी पीसीओ, जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के मुख्य लिपिक श्री पटेल एवं बृहस्पति साहू सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे। ग्राम पंचायत ममदर के सम्मेलन स्थल पर ही हेतराम पाठक पूर्व तहसीलदार उम्र 80 वर्ष की आकस्मिक निधन हो जाने के कारण विवाह कार्यक्रम परिवर्तित कर अमिलई में पंजीकृत जोड़ों का विवाह किया गया।

डाॅस विन्ध्य डांस 3 का अॅाडिषन आज टाटा काॅलेज में सीधी के कलाकारो के लिए सुनहरा अवसर - इंजी0 आ.बी. सिंह

  • महराजा पुष्पराज सिंह आज  कार्यक्रम में होंगे शामिल

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शहर में लगातार कलात्मक गतिविधियों को देष में लगातार सम्मान व स्थान मिल रहा है। इसी तारतम्य में पिछले 2 वर्षों की भाॅति इस वर्ष भी कअक-3 का आयोजन पुनः टाटा काॅलेज प्रांगण में होने जा रहा है। जिसमें सीधी के सभी बडे-छोटे बच्चे जिन्हे नृत्य मे रूचि है वह आ कर अपने प्रतिभाओं का प्रदर्षन कर सकते है। इस कार्यक्रम मे ग्राण्ड मास्टर के रूप मे रीवा महाराज पुष्पराज सिंह जी आ रहे है, साथ ही निर्णाय के लिए जजो को बाहर से बुलाया गया है । विन्ध्य क्षेत्र की प्रतिभओं को आगे बढ़ाने के लिए यह एक मंच है इस मंच का प्रसारण लाइफ ओके, फूड एक्स्पो जैसे चैनलों मे डी.वी.डी के बच्चे काम कर चुके है इस लिए आप के शहर सीधी मे भी डी,वी,डी,3 का आॅडिषन दिनाॅक 16/05/2015 का प्रातः 10 बजे से टाटा कलेज मे प्रारम्भ होगा । इस आॅडिषन मे वेस्टन नृत्य,क्लासिकल नृत्य व हर तरह के डाॅस फाॅम के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन कर सकते है । इस आॅडिषन मे आप सब आंमंत्रित है ।  

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (15 मई)

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धरोहरों का किया जायेगा जीर्णोद्धार, नगर पालिका ने बनाई योजना, जल्द शुरू होगा काम

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छतरपुर। अपना अस्तित्व खो रही धरोहरों को बचाने के लिये उनका जीर्णोद्धार किया जायेगा। नगर पालिका जल्द ही प्राचीन धरोहरों को चिन्हित कर उन्हें पुनः उसी स्वरूप में लाने का प्रयास करेगी ताकि आने वाली पीढ़ी भी अपने पूर्वजों द्वारा बनाई गई प्राचीन इमारतों से परिचित हो सके। इसके लिये नगर पालिका छतरपुर ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है और जल्द ही उस कार्ययोजना को मूर्त रूप में परिणित करने के लिये नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह ने अधिकारियों को निर्देष दिये हैं। नगर पालिका के उपयंत्री एलएल तिवारी की देखरेख में इन धरोहरों का जीर्णाेद्धार किया जायेगा। भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री एवं नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि पुष्पेंद्र प्रताप सिंह गुड्डू ने पूरी योजना की विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि कभी छतरपुर शहर में चार गौरवषाली द्वार हुआ करते थे। इन दरवाजों में अब केवल सरानी दरवाजा, बसारी दरवाजा और मस्तान शाह बाबा की मजार के पास बना दरवाजा तथा बकायन खिड़की पर ही इन दरवाजों के अवषेष देखने को मिलते हैं। शेष दरवाजे अतिक्रमण की चपेट में आकर विलुप्त हो गये हैं। उन्होने कहा कि नगर पालिका इन दरवाजों को संरक्षित करने और उन्हें पुनः उसी स्वरूप में लाने की दिषा में ठोस योजना बना रही है ताकि यह दरवाजे विलुप्त होने से बचाये जा सकें और पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई धरोहर को सहेज कर रखा जा सके। उन्होने कहा कि इन दरवाजों का जीर्णोद्धार तो किया ही जायेगा, साथ ही शहर में स्थित प्राचीन मकबरों की भी मरम्मत की जायेगी। उन्होने कहा कि बस स्टेण्ड इलाके में जितने भी मकबरे हैं नगरपालिका उन सभी मकबरों की मरम्मत कर उन पर रंग रोगन करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि यह मकबरे छतरपुर के गौरवषाली इतिहास की गाथा हैं और इन्हें हर हाल में संरक्षित किया जायेगा।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (15 मई)

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मुख्यमंत्री हरीश के हिंदुत्व की ओर झुकाव की काट तलाश रहा भाजपा हाईकमान, अब सतपाल महाराज के नाम पर किया जा रहा मंथन
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल के देशभर में फैले हैं भक्त, भाजपा के तीन दिग्गजों को भेजा जा चुका है लोस
  • अन्य नेताओं में कोई करिश्मा नहीं आ रहा नजर

satpal maharaj
देहरादून,15 मई। मुख्यमंत्री हरीश रावत के हिंदुत्व की ओर बढ़ते कदमों से भाजपा हाईकमान चैकन्ना हो गया है। माना जा रहा है कि इसकी काट के लिए पार्टी हाईकमान किसी धार्मिक छवि वाले नेता की तलाश में जुटा है। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की निगाहें सतपाल महाराज पर टिकीं हैं। अगर सब ठीक रहा तो महाराज को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। मुख्यमंत्री हरीश रावत पिछले कुछ समय से हिंदुत्व वाली बातों को खासी तरजीह दे रहे हैं। चारधाम यात्रा से सीएम ने खुद को जोड़ा तो सूबे के अन्य धार्मिक स्थलों की भी सुध ली। हज यात्रा की तर्ज पर पहली आदि कैलास की यात्रा के लिए अनुदान देने की घोषणा की तो कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 50 करोड़ रुपये दिए। इतना ही नहीं, हरिद्वार में कैबिनेट बैठक के बहाने संत समाज के साथ लंबी बातचीत की। बताया जा रहा है कि सीएम की इस सियासत से भाजपा के कान खड़े हो गए हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की कवायद पहले से ही चल रही थी। कई नामों पर हाईकमान ने विचार किया। लेकिन चुनाव में हरीश की सियासी चालों का मुकाबला करने वाले नेता की तलाश पूरी नहीं हो सकती। पार्टी की दिक्कत यह है कि तीन पूर्व सीएम बीसी खंड़ूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी और डा, रमेश पोखरियाल निशंक की आपस में ट्यूनिंग बनती नहीं है। कभी कोई किसी से हाथ मिलाकर तीसरे को सियासी पटखनी देता है तो कुछ माह दुश्मन ही दोस्त की भूमिका में आ जाता है। बताया जा रहा है कि भाजपा हाईकमान चुनावी बेला में पार्टी के अंदर किसी तरह का घमासान नहीं चाहता है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के अंदरूनी हालात और सीएम की सियासी चालों के बीच हाईकमान ने अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज में संभावनाएं तलाशन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बात पर मंथन कर रही है कि महाराज किस हद तक हरीश की सियायत का मुकाबला कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि महाराज के पक्ष में सबसे बड़ा आधार उनकी धर्मगुरु की छवि को माना जा रहा है। महाराज के देश-विदेश में अनुयायियों की बहुतायत है। वैसे भी महाराज के अनुज भोले महाराज से कांग्रेस की नजदीकियां किसी से छुपी नहीं हैं। भाजपा इन्हीं बातों के मद्देनजर महाराज की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि हाईकमान इस बात पर भी विचार कर रही है कि महाराज को अध्यक्ष बनाने से पार्टी में किसी तरह का विरोध तो नहीं झेलना होगा। माना जा रहा है कि अगर हाईकमान को माहौल अनुकूल नजर आया तो महाराज को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी जा सकती है।

गांववासी है संघ की पसंद
भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहनसिंह रावत गांववासी आरएसएस की पहली पसंद बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गांववासी खांटी संघी है और प्रदेश भाजपा में उनकी पकड़ है। अमित शाह के दून दौरे के वक्त भले ही प्रदेश भाजपा ने उन्हें कार्यक्रम में नहीं बुलाया। लेकिन संघ की चली तो कमान गांववासी को उसी तरह से दी जा सकती है. जैसे कि उत्तर प्रदेश में रामप्रकाश गुप्ता अचानक मुख्यमंत्री की कुर्सी पा गए थे।

युवाओं की बात हुई तो धामी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं पर फोकस कर रहे हैं। इस प्रदेश में भी अगर हाईकमान ने किसी युवा कंधे को कमान सौंपने का मन बनाया तो खटीमा विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहने वाला है। वैसे प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए इस वक्त जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें भी धामी का नाम शामिल है।

शराब छोड़ो, ऊपर तक देता हूं पैसा, अवैध शराब पकड़ने वाले अफसर को इस अंदाज में दी धमकी
  • ऋषिकेश में धड़ल्ले से बेची जा रही देशी शराब, प्रवर्तन दल ने दो दिन में पकड़ा 31 पेटी माल
  • सीएम दफ्तर से मिले थे छापामारी के निर्देश

देहरादून,15 मई(निस)। धर्मनगरी ऋषिकेश में देशी शराब की सरेआम बिक्री की जा रही है। सीएम दफ्तर के निर्देश पर प्रवर्तन दल ने छापामारी की तो दो दिन में देशी शराब की 31 पेटियां बरामद की गईं हैं। इससे बौखलाए ठेकेदार के आदमी ने दफ्तर में घुसकर सहायक आयुक्त को माल छोड़ने के लिए धमकाया। मना करने पर कहा गया कि मैं ऊपर तक पैसा देता हूं। तुम्हारा क्या हश्र होगा, इसे आसानी से समझ सकते हो। सहायक आयुक्त ने इस कथित ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यूं तो ऋषिकेश में कच्ची शराब की बिक्री होती रहती है। लेकिन यात्रा सीजन में इसमें और भी तेजी आ गई है। प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी ने इस मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री दफ्तर में की थी। वहां से प्रवर्तन दल के सहायक आयुक्त विवेक सोनकिया को इस बारे में एक्शन लेने को कहा गया था। इस टीम ने पिछले दो दिनों में ऋषिकेश शहर के गोविंद नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, यात्रा बस अड्डा, जेजे ग्लास, चंद्रभागा, मायाकुंड और जाटव मोहल्ला समेत अन्य स्थानों पर छापामारी की। इस दौरान टीम को देशी शराब की 31 पेटियां मिलीं। अहम बात यह भी है कि इस देशी शराब की बिक्री के काम में महिलाएं भी शामिल पाईं गईं हैं। इतनी ज्यादा मात्रा में माल पकड़ने से रायवाला देशी शराब की दुकान का कथित ठेकेदार राजीव उर्फ पुजारी बौखला गया। यह व्यक्ति अपने कुछ साथियों के साथ आबकारी विभाग के ऋषिकेश तहसील परिसर स्थित दफ्तर में पहुंचा। इस व्यक्ति ने सहायक आयुक्त से कहा माल उसका है। तत्काल छोड़ दो। सहायक आयुक्त ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस पर इस पुजारी नाम के व्यक्ति ने कहा कि शायद तुम्हें मालूम नहीं है कि हम लोग ऊपर तक पैसा देते हैं। पुलिस या आबकारी विभाग के सारे बड़े अफसरों से उसके ताल्लुकात हैं। बताओ किससे फोन करवाना है। इसके बाद भी सहायक आयुक्त ने इस व्यक्ति की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वह धमकियां देता हुआ फरार गया। सहायक आयुक्त की ओर से इस पुजारी नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

रायवाला से ही ऋषिकेश जाती है शराब
ऋषिकेश में बिकने वाली अधिकांश शराब रायवाला के ठेके से ही जाती है। इसके अलावा कुछ शराब रानीपोखरी के ठेके से भी ले जाई जाती है। बताया जा रहा है कि ठेके से बिक्री कम होती है। लेकिन ऋषिकेश में दो नंबर से शराब की बिक्री करके पैसे कमाए जाते हैं। इसकी जानकारी सभी को है। लेकिन पुलिस या आबकारी महकमा इस ओर से जानबूझ कर आंखें बंद किए रहता है।

ठेकेदार कोई और काम कर रहा कोई और
इस रायवाला ठेके की कहानी भी अजीब है। लाटरी में ठेका भले ही किसी के नाम निकलें। लेकिन इस पर कब्जा बरेली निवासी एक शराब कारोबारी का ही रहता है। आबकारी विभाग ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं कि क्या ठेकेदार की हैसियत शराब के कारोबार में इतना मोटा पैसा लगाने की है भी या नहीं। यह भी इस बात की ओर इशारा करता है कि सब कुछ मिलीभगत से हो रहा है।

वाणिज्यकर अफसर ने एक स्टोन क्रशर को नियमों के विपरीत जारी किया मान्यता प्रमाणपत्र, सात साल में लगाया करोड़ों के राजस्व का चूना
  • प्रमाणपत्र ने डीजल खरीद में मिलती रही भारी छूट, मामला खुला तो निरस्त कर दिया गया प्रमाणपत्र
  • लालकुआं स्टोन क्रशर ने नहीं की गई कोई वसूली, दोषी अफसर पदोन्नति पाकर बने अपर आयुक्त
  • सूचना अधिकार से मिली जानकारी से खुला खेल

देहरादून,15 मई(निस)। वाणिज्यकर विभाग के अफसर ने एक स्टोन क्रशर स्वामी से सांठगांठ करके सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा दिया। क्रशर स्वामी इसी आदेश के जरिए सात साल तक डीजल व अन्य सामान की खरीद में कर चोरी करता रहा। मामला खुला तो आदेश निरस्त कर दिया गया। लेकिन न तो स्टोन क्रशर से कोई रिकवरी की गई और न ही अफसर के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया। यह अफसर पदोन्नति पाकर विभाग में अपर आयुक्त जरूर बन गए। वाणिज्यकर विभाग निर्माता इकाइयों को वैट में छूट के लिए एक मान्यता प्रमाणपत्र जारी करता है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर इकाई कच्चे माल और निर्माण में प्रयोग होने वाले अन्य सामान की खरीद में वैट पर छूट का लाभ लेती है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर डीजल की खरीद में वैट 20 फीसदी की बजाय एक से दो फीसदी तक ही लगता है। इसी नियम का लाभ रुद्रपुर के लालकुआं स्टोन क्रशर को देकर करोड़ों के राजस्व का चूना सरकार को लगाया गया है। सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार रुद्र्पुर में वाणिज्यकर विभाग के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर पीयूष कुमार ने लालकुआं स्टोन क्रशर को 28 सितंबर-06 को मान्यता प्रमाणपत्र सदैव के लिए जारी कर दिया। इसके जारी होने के बाद क्रशर को डीजल समेत तमाम अन्य वस्तुओं की खरीद पर वैट में छूट मिलना शुरू हो गई। वैट में छूट का यह सिलसिला जून-13 तक बदस्तूर चलता रहा है। बताया जा रहा है कि बाद में आए अफसर को इस प्रमाणपत्र के बारे में जानकारी हुई तो उसे निरस्त कर दिया गया। अहम बात यह है कि यह प्रमाणपत्र अवैध रूप से जारी किया गया। इसे जारी करने का अधिकार सहायक आयुक्त के पास होता है। लेकिन डिप्टी कमिश्नर पीयूष ने इसे खुद ही जारी कर दिया। इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने लालकुआं स्टोन क्रशर बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के वाद में साफ कर दिया है कि स्टोन क्रशर को निर्माता इकाई नहीं माना जा सकता। इसी फैसले के आधार पर उस समय स्टोन क्रशर को जारी किया गया मान्यता प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद भी डिप्टी कमिश्नर ने इसी स्टोन क्रशर को मान्यता प्रमाणपत्र जारी करके सरकार को सात सालों में करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगवा दिया। सूत्रों ने बताया कि स्टोन क्रशर ने सबसे ज्यादा कर का नुकसान डीजल की खरीद में किया है। इस मान्यता प्रमाणपत्र की वजह से डीजल की खरीद पर स्टोन क्रशर को 20 फीसदी के स्थान पर एक से दो फीसदी ही कर देना पड़ा। बताया जा रहा है कि डीजल की खरीद केवल जनरेटर आदि चलाने के लिए ही की जा सकती है। लेकिन भारी मात्रा में डीजल की खरीद साफ इशारा करती है कि इसका इस्तेमाल माल ढोने में भी किया गया होगा। बताया जा रहा है कि अगर 2006 से 2013 के बीच इस स्टोन क्रशर द्वारा खरीदे गए डीजल की जांच की जाए तो साफ होगा कि किस तरह से मिलीभगत करके राजस्व का चूना लगाया गया है। इस मामल में अफसरों ने 2013 में स्टोन क्रशर को जारी मान्यता प्रमाणपत्र निरस्त तो कर दिया। लेकिन स्टोन क्रशर से किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं की गई। इतना ही नहीं विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाने वाले अफसर अब विभाग के अपर आयुक्त भी बन गए हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर मामले की ईमानदारी से जांच की जाए तो स्टोन क्रशर से करोड़ों की वसूली हो सकती है।

रूबी प्रकरणः नहीं होगी सीबीआई जांच, मुख्यमंत्री हरीश ने ठुकराई डीजीपी की सिफारिश
  • पुलिस की जांच सही न होने का दिया गया तर्क, आईएएस लाबी के दबाव में फैसला लेने की चर्चा

देहरादून,15 मई(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू की ओर से की गई रूबी मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश को ठुकरा दिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि पुलिस ने इस मामले की जांच सहीं ढंग से नहीं की है। इधर चर्चा इस बात की भी हो रही है कि मुख्यमंत्री ने आईएएस लाबी के दबाव में सीबीआई जांच की सिफारिश को ठुकराया है। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में रूबी चैधरी नामक महिला की कथित घुसपैठ का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस मामले की जांच पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू ने कथित रूप से गठित एक एसआईटी के हवाले की थी। डेढ़ माह की कवायद के बाद भी एसआईटी मामले की तह तक नहीं पहुंच सकी। इसके बाद डीजीपी ने मामले की जांच से हाथ खड़ा करते हुए सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। राज्य के गृह मंत्रालय ने इस सिफारिश के बारे में डीजीपी से तर्क जानने की कोशिश की। इस पर कहा गया कि यह बड़ा मामला है। लिहाजा जांच सीबीआई से कराई जाए। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय डीजीपी के तर्कों से सहमत नहीं था। इसके बाद मामला मुख्यमंत्री हरीश रावत के संज्ञान में लाया गया। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने डीजीपी की सिफारिश को खारिज कर दिया है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि पुलिस ने जांच सही ढंग से नहीं की। लिहाजा सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। अब पुलिस को ही इस मामले की जांच करनी होगी। इधर सूत्रों का कहना है कि भले ही सीएम के स्तर से जांच सही ढंग से न होने की बात की गई है। लेकिन अंदरखाने कहीं न कहीं यह फैसला आईएएस लाबी के दबाव में लिया गया है। बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता से जांच हो तो एलबीएस अकादमी में तैनात कुछ आईएएस अफसरों पर भी आंच आ सकती है। अगर जांच उत्तराखंड पुलिस के पास ही रहेगी तो यहां के पुलिस अफसर किसी न किसी तरह दबाव में रहेंगे और किसी बड़े को जांच के दायरे में लेने से पहले सौ बार सभी पहलुओं पर विचार करेंगे। इसी वजह से आईएएस लाबी ने कोशिश करके सीबीआई जांच की सिफारिश को रद्द करवा दिया है।

भिलंगना हाइड्रो प्रोजैक्ट प्रभावितों ने अपर आयुक्त का सुनाई समस्या  

देहरादून,15 मई(निस)। भिलंगना हाइड्रो पावर प्रोजैक्ट से प्रभावितों हुई ग्राम पंचायतों का एक शिष्टमण्डल विधायक भीमलाल आर्य के नेतृत्व में प्रभावितों की समस्याओं के समाधान हेतु अपर आयुक्त गढवाल मण्डल हरक सिंह रावत के साथ कैम्प कार्यालय में बैठक कर समस्याओं से अवगत कराया। बैठक में विधायक घनसाली भीम लाल आर्य ने  बताया कि भिंलगना हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट लि0 द्वारा प्रभावित ग्राम पंचायतों के साथ जो अनुबन्ध एवं समझौता किया गया था, कम्पनी द्वारा उसके अनुसार कार्य नही किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कम्पनी द्वारा किसानों की अधिग्रहण की गयी भूमि का मुआवजा एवं प्रोजैक्ट द्वारा जो सड़के, सिंचाई नहरे, खेत, मन्दिर, शमशान घाट क्षतिग्रस्त हुए है उनके मरम्मत कराने  का कार्य ठीक प्रकार से नही किया जा रहा है तथा प्रभावितों के परिवार के सदस्यों को रोजगार उपलब्ध नही कराया जा रहा है। उन्होने यह भी अवगत कराया है कि मुख्य मार्ग घुतु घंसाली मोटर मार्ग से सम्पर्क मोटर मार्ग कटवाड़ नामक तोड़ से ग्राम वीना तक चार किलो मीटर सड़क निर्माण  की भी मांग की गयी तथा क्षेत्र में प्रर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति भी नही की जा रही है। उन्होने बताया कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा मा0 मुख्यमंत्री से भी भेट कर प्रभावितों की समस्याओं से भी अवगत कराया गया। जिस पर मा0 मुख्यमंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया है कि प्रभावितों का जो भी भिलंगना हाइड्रो पावर प्रोजैक्ट से जो भी क्षति व नुकसान हुआ है उसकी क्षतिपूर्ति कम्पनी द्वारा कराई जाएगी। जिसके लिए घनसाली विधायक श्री भीमलाल आर्य ने मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि मा मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में अपर आयुक्त गढवाल द्वारा यह बैठक बुलाई गयी है। बैठक में अपर आयुक्त हरक सिंह रावत ने भिलंगना हाईड्रो पावर प्रोजैक्ट से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रभावित ग्रामवासियों  की जो भूमि अधिग्रहण की गयी है तथा उसका उन्हे अभी तक उचित मुआवजा न दिया गया है तो उन्हे तत्काल मुआवजा उपलब्ध करा दें। उन्होने यह भी निर्देश दिये है कि निर्माण कार्य से जो क्षेत्र की सड़के, सिंचाई नहरे, पुल व झुला पुल, गावं के मन्दिर एवं शमशान घाट क्षतिग्रस्त हुए है उनका पुर्ननिर्माण एवं सौन्दर्यकरण करना सुनिश्चत करें तथा कम्पनी द्वारा प्रभावितों के साथ हुए अनुबन्ध के अनुसार बेराजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होने कहा कि प्रभावित  ग्राम थाती, वीना, मलेथा, चन्दाल, चक्र एवं पुजार गांव के प्रभावितों की जो भी समस्याएं एवं शिकायतें है उनका निराकरण समय पर कराना सुनिश्चित करें। उन्होने यह भी अवगत कराया है कि गढवाल मण्डल क्षेत्र में जितने भी पावर प्रोजैक्ट कार्य कर रहें है उनका सम्बन्धित  उप जिलाधिकारियों से निरीक्षण कराया जाएगा तथा इन पावर प्रोजैक्ट से जो भी ग्राम पंचायतें एवं क्षेत्रवासी प्रभावित हुए हैं उन्हे उचित मुआवजा दिया गया है की नही इस सम्बन्ध में वे अपनी  आख्या प्रस्तुत करेंगे ताकि प्रभावितों को सम्बन्धित कम्पनियों द्वारा किये गये अनुबन्ध के अनुसार उचित मुआवजा देने तथा प्रभावित क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जा सके। बैठक में कम्पनी के हाईड्रो प्रोजैक्ट के बी.पी सिंह, तनवीर अखक्तर,  प्रधान ग्राम चक्र पे्रम सिंह गुंसाई, ग्राम प्रधान भलगांव परमानन्द भट्ट, ग्राम प्रधान थाती नत्थीलाल, ग्राम प्रधान चन्दला गजेन्द्र, भगवती प्रसाद उनियाल, विनयराम उनियाल, शम्भू प्रसाद उनियाल, हरिप्रसाद उनियाल उपस्थित थे।

यूपीसीएल एवं सी.एस.सी.-एस.पी.वी. के मध्य अनुबंध आज

देहरादून,15 मई(निस)। राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के लिये विद्युत बिलों को समय पर जमा किये जाने एवं बिल संग्रह केन्द्रों तक उपभोक्ता की पहुंच को और अधिक सरल एवं सुलभ बनाये जाने के उद्देश्य से सुभाष कुमार, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा यूपीसीएल को ई-गवर्नेंस आॅफ इण्डिया लिमि0 के अंतर्गत संचालित काॅमन सर्विस सेन्टर्स (सी.एस.सी.-एस.पी.वी.) के साथ समन्वय स्थापित कर विद्युत बिल संग्रह प्रणाली को सुदृृढ़ किये जाने एवं इस सुविधा का राज्य में विस्तार किये जाने के निर्देश पूर्व मंें दिये गये थे। उक्त क्रम मेें वर्तमान तक हुई प्रगति की समीक्षा हेतु सुभाष कुमार, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा शुक्रवार को एक बैठक आहूत की गई। उक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 16 मई को मुख्य अभियन्ता (वाणिज्यिक), यूपीसीएल एवं राज्य प्रमुख (सी.एस.सी.-एस.पी.वी.) द्वारा संयुक्त रूप से यूपीसीएल एवं सी.एस.सी.-एस.पी.वी. के मध्य अनुबंध को अन्तिम रूप दिया जायेगा तथा आगामी सप्ताह तक यूपीसीएल एवं सी.एस.सी.-एस.पी.वी. के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। अनुबंध सम्पादित होने के उपरांत प्रारम्भिक परीक्षण के पश्चात् काॅमन सर्विस सेन्टर्स (सी.एस.सी.-एस.पी.वी.) के माध्यम से विद्युत बिल जमा करने की सुविधा आम विद्युत उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध रहेगी। यूपीसीएल द्वारा अवगत कराया गया कि बिल संग्रह केन्द्रों में वर्तमान नेटवर्क के अंतर्गत अभी प्रत्येक ब्लाॅक में केवल एक ही संग्रह केन्द्र उपलब्ध है। इस प्रकार राज्य में लगभग 95 संग्रह केन्द्र हैं तथा सी.एस.सी.-एस.पी.वी. के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में 2000 सी.एस.सी. केन्द्र क्रियाशील हैं। इस प्रकार दोनों संस्थाओं के मध्य सम्पन्न होनेवाले उक्त अनुबंध के उपरांत बिल संग्रह केन्द्रों के नेटवर्क का व्यापक विस्तार स्वतः ही हो जायेगा। सी.एस.सी.-एस.पी.वी. के प्रतिनिधि द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान में प्रत्येक 06 गांवों के लिये 01 काॅमन सर्विस केन्द्र उपलब्ध है। विद्युत बिल जमा किये जाने की सेवा को सी.एस.सी. के इस नेटवर्क से जोड़े जाने से दूर-दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें विद्युत बिल जमा करने के लिये लंबी दूरिया तय करनी पड़ती थी। बैठक में एस0एस0 यादव, प्रबन्ध निदेशक, यूपीसीएल, नीरज सती, सचिव, उविनिआ, कृष्ण कुमार, राज्य प्रमुख (सी.एस.सी.-एस.पी.वी.), प्रभात डिमरी, निदेशक (तकनीकी), उविनिआ, एस0के0 टम्टा, मुख्य अभियन्ता (वाणिज्यिक), यूपीसीएल एवं संजय माथुर, कंसंलटेंट, ट्रेजरीज पेंशन एवं हकदारी द्वारा भाग लिया गया।

उपलब्धियों भरा रहा 108 सेवा का सात साल का सफरः नौटियाल 

देहरादून,15 मई(निस)। उत्तराखंड में 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा के सफर को सात साल पूरे हो गए हैं। तत्कालीन प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य की दिशा में शुरू की गई इस अनूठी पहल को स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इंडियन मीडिया सेंटर के अध्यक्ष एवं 108 सेवा के प्रथम पूर्व प्राथमिक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (अनूप नौटियाल का कहना है कि 108 सेवा का बीते सात साल का कार्यकाल बेहद उपलब्धियों भरा रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश की विपरीत भौगोलिक परिस्थतियों में भी एक काॅल पर इस सेवा का पहुंचना इस सेवा से जुड़े कर्मियांे की मुस्तैदी को समझने के लिए काफी है। हांलाकि कुछ समय पहले सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते इस सेवा का पैसा न मिलने से 108 सेवा के पहिए थमने जैसे हालात पैदा कर दिए गए थे। इस दौरान 108 सेवा चार दिन नहीं चली तो पूरे राज्य में मरीजों की जान पर बन आई थी। मामला सुर्खियों में आने पर सरकार ने इस सेवा की महत्ता से समझा और बिगड़ते हालातों को संभाला। प्रदेश के वर्तमान स्वास्थ्य हालातों को देखते हुए सरकार को इस सेवा की निरंतरता को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाना होगा। अनूप नौटियाल ने बताया कि प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए 15 मई 2008 को तत्कालीन सरकार ने 108 सेवा की शुरूआत की थी। इस सेवा का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में प्रदेश की जनता को इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध करवाना था। अपने शुरूआती दौर में ही कार्यशैली और त्वरित उपलब्धता के चलते यह सेवा लोगों के दिलों में अपनी एक विशेष जगह बनाने में कामयाब हुई। 108 सेवा के दक्ष कर्मियों ने प्रदेश में एक नई कार्य संस्कृति की नींव रखने के साथ ईमानदारी से अपने कार्य को अंजाम देने की मिसाल कायम की। इस दौर को स्वास्थ्य की दिशा में बेहद क्रांतिकारी दौर कहना गलत न होगा। अनूप नौटियाल का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य हालातों की बेहतरी के लिए इस सेवा की मजबूती बेहद जरूरी है। इस दिशा में सरकार को 108 सेवा के संचालन को प्राथमिकता देनी होगी जिससे आम जनता का विश्वास सरकार के प्रति बना रहे। सरकार को 108 सेवा की उपलब्धियों को समझते हुए इसकी उपयोगिता को और अधिक अमल में लाने की दिशा में सोचना होगा। आपातकालीन सेवा के सफलतम तंत्र की उपयोगिता का इस्तेमाल प्रदेश के भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप पूर्व राहत एवं बचाव कार्यों के प्रशिक्षण एवं विश्व स्तरीय काॅल सेवा के रूप में किया जाना जाना निश्चय ही बेहद कारगर साबित होगा। अनूप नौटियाल ने कहा है कि 108 सेवा के प्रदेश में उपलब्धियों भरे आठ साल के कार्यकाल और इस सेवा से जुड़े कर्मियों की विश्वसनीय कार्यशैली और उनके जजबे के लिए हम सभी प्रदेशवासी उनके दिल से शुक्रगुजार हैं।

कांग्रेस ही अल्पसंख्यकों की सच्ची हितैषीः इंदिरा

देहरादून,15 मई(निस)। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष कारी मोहम्मद बाबर अली की सरपरस्ती में हल्द्वानी शहर की अल्पसंख्यक इकाई का गठन कर दिया गया है। नवगठित कार्यकारिणी के लोगों द्वारा वित्त मंत्री डा. इन्दिरा हृदयेश से उनके आवास संकलन में मुलाकात कर खुशी का इजहार किया। 
  शहर इकाई के अध्यक्ष मंजूर अहमद बेग ने कहा कि डा. हृदयेश के नेतृत्व में हल्द्वानी विधानसभा ही नहीं बल्कि पूरा सूबा तरक्की के रास्ते पर है। अपनी बात रखते हुए कारी मौहम्मद बाबर ने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो गरीबों खासतौर पर अल्पसंख्यक समाज का विशेष ध्यान रखती है। यह पार्टी विकास करने में माहिर है। इस पार्टी द्वारा झूठे वायदे जनता से नहीं किये जाते हैं। यह पार्टी जो कहती है, वह करके दिखाते भी है। सभी नव मनोनीत पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी विधानसभा में तकरीबन एक हजार करोड़ के विकास कार्य चलाये जा रहे हैं। हल्द्वानी की अनेकों विकराल समस्याएं हैं, जिसमें से महानगर के रूप में तबदील हल्द्वानी शहर को एक सुव्यवस्थित सीवर निस्तारण योजना की जरूरत है। इसके लिए एक सौ पचास करोड की लागत से सीवर योजना को सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इस योजना में नब्बे करोड का सीवर ट्रीटमैंट प्लान्ट इन्द्रानगर में बनाया जायेगा। उन्होनें कहा कि मेरे दरवाजे हर गरीब व आम आदमी के लिए हर समय खुले हैं। समस्या लेकर आयें व समाधान लेकर जायें। इस मौके पर उपाध्यक्ष जुहैद सिद्दकी, महामंत्री अनस नवाब, नगर प्रभारी आदिल हुसैन, महासचिव फैसल खान, उपाध्यक्ष इलियास सिद्दकी, फाईज खान, संगठन मंत्री इमरान मर्चैंट तथा मोहसीन खान, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मकसूद हुसैन, संयोजक वसीम कुरैशी, महासचिव आफताब अंसारी आदि मौजूद रहे।

भीषण आग से दो दुकाने खाक

देहरादून,15 मई(निस)। रायपुर क्षेत्र के सुन्दरवाला इलाके में शुक्रवार की सुबह भीषण आग लगने से दो दुकाने जलकर राख हो गयी। सूचना पर मौके पर पहंुची फायर ब्रिगेड की टीम ने बड़ी मश्कक्त से आग पर काबू पाया।  इस अग्निकांड में लाखों रूपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार सुन्दरवाला ओखला में सुनील थपलियाल पुत्र गणेश थपलियाल तथा राजेश गिरी पुत्र जगदीश गिरी की बराबर से सटी दुकानें है। सुनील की परचून की दुकान है जबकि राजेश गिरी का डेरी, परचून व बुटीक का कारोबार है। बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब लोग गहरी नींद में सोये हुए थे। इसलिए इस घटना की जानकारी लोगों को देर से लगने के कारण भी नुकसान ज्यादा हुआ है। दोनों ही व्यापारियों की दुकानें पूरी तरह से जलकर राख हो गयी है और वहंा रखा कोई भी सामान सुरक्षित नहंीं बचा है। व्यापारी राजेश गिरी का कहना है कि उनका सब कुछ खत्म हो गया है, डेरी में रखे दो डीफ्रिजर, दो टी.वी व इन्वेटर के साथ अन्य सभी सामान जलकर राख हो गये है, वहीं बुटीक में नये पुराने तमाम कपड़े भी जल गये है उनका कहना  है कि उनका लाखों का नुकसान हुआ है, वहीं सुनील की परचून की दुकान में भी कुछ भी सामान शेष नही ंबचा है। बताया जा रहा है कि इस आग की सूचना राह चलते लोगों द्वारा रायपुर थाना पुलिस को दी गयी तथा पुलिस की सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाडि़यों ने घंटो की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अनुमान लगाया जा रहा है कि आग लगने का कारण शाट सर्किट हो सकता है। 

मंत्रिमंडल के निर्णयों की होगी समीक्षा  

देहरादून,15 मई(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत 25 मई, 2015 को मंत्रिमंडल के निर्णयों और घोषणाओं की समीक्षा करेंगे। समीक्षा बैठक में फरवरी 2014 से अब तक हुए कैबिनेट निर्णयों और मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर चर्चा होगी। इस संदर्भ में मुख्य सचिव एन. रवि शंकर ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे 25 मई से पहले अपने स्तर पर समीक्षा कर मंत्रिमंडल के निर्णयों और मुख्यमंत्री के घोषणाओं के प्रगति की तैयारी कर लें

'अच्छे दिन'सिर्फ मोदी के, जनता के नहीं : राहुल गांधी

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि अच्छे दिन सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कुछ कारोबारी मित्रों के आए हैं, आम जनता के नहीं। राहुल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को भी आड़े हाथों लिया और उन्हें 'मिनी मोदी'करार दिया। राहुल ने वाडियाल गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए किसानों को दरकिनार करने और चुनावी वादे पूरे न करने के लिए दोनों नेताओं पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।  कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी के पांच से छह व्यवसायी दोस्त हैं और पूरा देश उन्हीं के लिए चलाया जा रहा है। 

आदिलाबाद जिले में आर्थिक विपन्नता के कारण खुदकुशी करने वाले किसानों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए 15 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पूरी करने के बाद राहुल ने कहा, "यह चुनिंदा लोगों की सरकार है। यह शूट-बूट और चुनिंदा उद्योगपतियों की सरकार है।"अलग राज्य बनने के बाद तेलंगाना के अपने पहले दौरे के दौरान राहुल ने पांच गांवों की यात्रा की, जिस दौरान उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली और विपक्षी पार्टी का मनोबल ऊंचा हुआ। उन्होंने पांच परिवारों को सांत्वना देते हुए प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये की सहायता दी।

उन्होंने कहा, "अच्छे दिन जनता के तो नहीं आए, लेकिन मोदी के आए, जो विभिन्न देशों के दौरे कर रहे हैं।"उन्होंने कहा, "एक साल बीत गया। क्या आपने कोई नौकरी पाई जिसका वादा केंद्र में मोदी और तेलंगाना में मिनी मोदी (के.चंद्रशेखर राव) ने किया था।"कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, "मैं जहां कहीं भी जाता हूं, लोग यही कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वोट देकर गलती कर दी।"उन्होंने कहा कि राजग और तेलंगाना राष्ट्र समिति कह रही है कि वे क्रमश: भारत तथा तेलंगाना में बदलाव लाएंगे, लेकिन वे किसानों को भूल गए, जो वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।

भूमि अधिग्रहण विधेयक में प्रस्तावित संशोधन पर राजग सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार किसानों से जमीन छीनना चाहती है और इसे मोदी के कुछ करीबी उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है।  उन्होंने किसानों से कहा, "वे आपकी जमीन छीनना चाहते हैं, क्योंकि जमीन सोना है। आने वाले समय में जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी और यह आपको तथा आपके बच्चों को लाभान्वित करेगी।"राहुल ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी विकास के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, "उद्योगों को आगे आना होगा। उद्योग, किसानों और श्रमिकों के बीच साझेदारी होनी चाहिए। हम सिर्फ पूंजीवादी मित्रवाद के खिलाफ हैं। पूंजीवादी मित्रवाद मतलब हर चीज सिर्फ दो या तीन उद्योगपतियों को सौंप देना है।"

उन्होंने कहा कि राजग सरकार जल्दबाजी में भूमि अधिग्रहण विधेयक पारित करना चाहती है। राहुल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक सरकारों को शक्ति देगी, जिससे वह किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीन ले लेंगे। जबकि संप्रग सरकार में किसानों की सहमति अनिवार्य बनाई गई थी।  गांधी ने कहा कि सरकार किसानों को जमीन वापस करने संबंधी प्रावधानों को हटा रही है कि अगर परियोजना अगले पांच सालों में नहीं आती, तब भी जमीन वापस नहीं दी जाएगी।  किसानों से राहुल की मुलाकात को लेकर हो रही आलोचना पर राजग और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि अगर मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव किसानों से मिले होते, तो उन्हें मिलने की जरूरत क्यों पड़ती।

उन्होंने संप्रग सरकार में 70,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी और अगले 10 सालों में किसानों को आठ लाख रुपये ऋण देने की घोषणा को याद करते हुए कहा कि बावजूद इसके कृषि ऋण 700 प्रतिशत बढ़ गया है।  कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि राज्य में पिछले 11 महीनों में 700 किसानों ने खुदकुशी की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एस.जयपाल रेड्डी और वरिष्ठ नेता के.जना रेड्डी, मोहम्मद अली शब्बीर, वी. हनुमंत राव और मल्लू बट्टी विक्रमार्का ने भी सभा को संबोधित किया।
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