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पेट्रोल, डीजल करीब 3 रुपये महंगा

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परिवहन ईंधन पेट्रोल और डीजल की कीमत शुक्रवार रात से बढ़ा दी गई है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक बयान से मिली। सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कारपोरेशन द्वारा जारी बयान के मुताबिक शुक्रवार रात से दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 3.13 रुपये और डीजल प्रति लीटर 2.71 रुपये महंगा कर दिया गया है। इससे पहले एक मई को पेट्रोल मूल्य प्रति लीटर 3.96 रुपये और डीजल मूल्य प्रति लीटर 2.37 रुपये बढ़ाया गया था।

ताजा वृद्धि के बाद स्थानीय कर को समायोजित करते हुए दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 66.29 रुपये और डीजल की कीमत 52.28 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। अन्य महानगरों में प्रति लीटर पेट्रोल मूल्य कोलकाता में 73.76 रुपये, मुंबई में 74.12 रुपये और चेन्नई में 69.45 रुपये हो जाएगा। इसी प्रकार डीजल मूल्य प्रति लीटर कोलकाता में 56.85 रुपये, मुंबई में 59.86 रुपये और चेन्नई में 55.74 रुपये हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पेट्रोल मूल्य को जून 2010 में नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था, जबकि डीजल मूल्य को 18 अक्टूबर 2014 को नियंत्रण मुक्त किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के अनुरूप पेट्रोल और डीजल मूल्य की हर महीने के शुरू और मध्य में समीक्षा की जाती है।

भारत-पाकिस्तान बीच शांति प्रक्रिया एकमात्र रास्ता : मुफ्ती

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जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने शुक्रवार को कहा कि भारत तथा पाकिस्तान के संबंध को आगे बढ़ाने के लिए शांति प्रक्रिया एकमात्र रास्ता है और तमाम हिचकिचाहट के बावजूद जारी रहनी चाहिए। उन्होंने दोपहर के भोजन के दौरान यहां मीडिया से कहा, "भारत तथा पाकिस्तान संबंध को आगे बढ़ाने के लिए शांति प्रक्रिया एकमात्र तरीका है और यह हिचकिचाहट के बीच भी जारी रहनी चाहिए।" सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा स्वागतयोग्य कदम है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध की राह तैयार करेगी। उन्होंने कहा, "इस तरह की पहल जम्मू एवं कश्मीर की जनता को फायदा पहुंचाएगी।"

सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षेस और विश्व के नेताओं से मिल रहे हैं और हर किसी को ऐसे कदम का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने सरकार के कामकाज के बारे में कहा, "मेरी सरकार एक जून को 90 दिन पूरी करेगी। मैं बड़े-बड़े दावे करने में यकीन नहीं करता। मेरी प्राथमिकता सुशासन, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान और राज्य में पंचायती राज को मजबूत करना है।"सईद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पर्यटन भरोसे का क्षेत्र है और मौसम की वजह से पर्यटकों की आवक प्रभावित होती है।

उन्होंने कहा, "जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग खराब मौसम के कारण प्रभावित हुआ था। पर्यटकों को इससे परेशानी होती है। अमरनाथ यात्रा बारिश के मौसम में होता है और इस दौरान पर्यटक अपने पसंद के स्थान नहीं जा सकते।"सईद ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान आधारभूत संरचना और जम्मू की अन्य सुविधाओं पर है। उन्होंने कहा, "हमारी जम्मू शहर के लिए 18 होल वाले गोल्फ कोर्स बनाने की योजना है। अगर गुलमर्ग गैंडोला हो सकता है, तो जम्मू शहर में रोपवे क्यों नहीं हो सकता? हम जम्मू में रोपवे बिछाने के काम में उसी कंपनी को लगा सकते हैं, जिसने बारामुला जिले में गैंडोला परियोजना का निर्माण किया है।"सईद ने सांबा जिले में निर्मित होने वाले आईआईटी के बारे में भी बात की।

उन्होंने जम्मू की जगह कश्मीर घाटी में एम्स के स्थापित होने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू क्षेत्र को आईआईटी मिला, जबकि केंद्र सरकार ने घाटी को एम्स दिया है। निर्मल सिंह ने कहा कि जम्मू क्षेत्र के सभी अस्पतालों को पूरी तरह विकसित किया जाएगा और उसमें सभी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा, "हमने एम्स का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाया है। संभवत: जम्मू क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एम्स से भी बेहतर कुछ मिलेगा।"

रघुवंश के 143 सीटों पर दावा किये जाने से नीतीश खफा.

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  • कहा सभी 243 सीटों पर दावा कर ले राजद

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बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के सीटो के तालमेल के संबंध में राष्ट्रीय जनता दल  के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोका है । श्री कुमार ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजद नेता श्री सिंह जिस तरह से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक रहे है .उससे तो ज्यादा अच्छा यह होता कि कुल 243 सीटों पर दावेदारी पेश करते । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव में राजद .कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  से सीटों का तालमेल करना चाहती थी । 

उन्होंने कहा कि भाकपा ने वाम दलों के साथ अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि वामदलों के अलग मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने का एलान किये जाने के बाद उनकी पार्टी जदयू अब राजद और कांग्रेस के साथ विधान परिषद चुनाव के लिए सीटों का तालमेल करना चाहती है । उन्होंने कहा कि सीटों के तालमेल पर बातचीत के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को अधिकृत किया गया है ।उन्होंने कहा कि सीटों के तालमेल के लिए बातचीत चल रही है लेकिन अभी सहमति नहीं बन पायी है । 

विशेष : जंगल में लगने वाली आग से पेड़-पौधों सहित जीव-जन्तु को क्षति

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इस वर्ष वर्षा रानी वसन्त ऋतु में ही मेहरबान हो गई, और देश के प्रायः सभी इलाकों में वर्षा रानी की मेहरबानी के कारण बैशाख की तपिश और जंगलों में आग लगने की घटना में कमी दिखलाई दे रही है, परन्तु यह अनुभव सत्य है कि गर्मी का मौसम प्रारम्भ होते ही देश के जंगलों मे आग धधकने प्रारम्भ हो जाते हैं। यह कोई एक वर्ष की बात नहीं,वरन ऐसा प्रतिवर्ष ही गर्मी के दिनों में होता है और वसन्त के आगमन के साथ ही झारखण्ड, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा,महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न भागों के जंगलों में आग लगने की घटनाये बढ़ जाती हैं,  जिसकी जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से हमें मिलती, और चिन्तित करती रहती हैं। यह सर्वविदित है कि जंगल में आग लगने से पेड़-पौधों सहित जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों को अपूरणीय क्षति होती है, जंगलों में दिन-रात सुलगती आग की दर्द भरी तपिश को बेजुबान पशु-पक्षियों को भटकते हुए और जंगली पादपों को अपनी वंशनाश करते हुए झेलनी पडती है, फिर भी देश के जंगलों में महुआ चुनने और अन्य उद्देश्यों को लेकर दशकों से जंगल में लगाई जाती रही है। उत्तराखण्ड,आसाम आदि देश के राज्यों में नए कृषि क्षेत्र के निर्माण, नयी घास उगाने, पेड़ काट कर उसके  निशान मिटाने के उदेश्य से लोग जंगलों में आग लगाते हैं तो झारखण्ड ,छत्तीसगढ़ आदि में  महुआ चुनने के चक्कर में जंगल में आग लगाई जाती है। जंगलों में यह आग प्रतिवर्ष वसन्त काल में महुआ चुनने और विभिन्न अन्य उद्देश्यों के लिए लगाई जाती है जिससे जंगलों में नए-नए पनप रहे नवीन पादप आग से जल अथवा झुलस कर मर जाते हैं।इन पादपों में जंगली बृक्षों के साथ ही विभिन्न प्रकार की औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियाँ भी शामिल होती हैं। जंगलों में लगने वाली आग की विभीषिका का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस आग की तपिश में वन्य प्राणियों के साथ ही विभिन्न पेड़-पौधे व जड़ी-बूटियाँ झुलस कर मर जाने के परिणामस्वरूप जीव-जन्तुओं और जंगल के पेड़,  मूल्यवान पौधे तथा औषधीय व जड़ी-बूटी आदि पादपों की कई विभिन्न प्रजातियों पर अस्तित्व का संकट उत्पन्न होता जा रहा है lऔर अब स्थिति ऐसी बन आई है कि जीवनोपयोगी जड़ी-बूटियाँ ढूंढे से भी नहीं मिल रही हैं और बाहर के बाजारों से इनकी आपूर्ति पर स्थानीय लोग करने लगे हैं  

1988 में घोषित वननीति के तहत देश में वनों का प्रतिशत कुल क्षेत्रफल के मुकाबले 33 प्रतिशत होना  अनिवार्य घोषित किया गया है, इसके बावजूद वनों के निरन्तर सिकुड़ने कहीं-कहीं समाप्त होने के कगार पर पहुँचने की मुख्य कारण बनी, जंगल की आग का प्रकोप प्रतिवर्ष देश के जंगलों में जारी है। देश में 6,75,538 वर्गकिलोमीटर में जंगल होने के दावे किये जाते रहे हैं। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 20.55 प्रतिशत ही है। देश के वन्य क्षेत्र को और फैलाने और पैंतालीस हजार से अधिक प्रकार की वनस्पतियों को बचाए रखने की चुनौती सरकार के सामने है, लेकिन सरकार और सरकारी पदाधिकारियों विशेषतः वन पदाधिकारियों के रुख और कार्य-प्रणाली से यह स्पष्ट हो जाता है कि उनकी भी मंशा ठीक नहीं है। ऐसी परिस्थिति में यह बात और भी दुःखद हो जाती है कि झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा,पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के आपस में सटे क्षेत्रों के जंगलों में आग लगती नहीं बल्कि लगाई जाती है ।वह भी आसानी से महुआ का फल चुनने के लिए। लेकिन सिर्फ महुआ चुनने के उद्देश्य से लगायी गई इस आग से महत्वपूर्ण जंगली पादप प्रतिवर्ष आग की भेंट चढ़ जाने से इन पादपों के प्रजातियों के नष्ट हो जाने की संकट आन खड़ी हो रही है, परन्तु वन विभाग इस समस्या का समुचित समाधान कर पाने में अब तक असफल रहा है। स्थिति यह है कि जब जंगलों में आग लगती है तो सूचना देने के घंटों बाद वन्य कर्मी आग बुझाने के उपकरण के साथ पहुँचते हैं, और पहुँचने के बाद घंटों नहीं कई बार तो सप्ताहों तक वन्यकर्मियों के द्वारा आग बुझाने की प्रयास किये जने के बावजूद आग नहीं बुझती और दावानल बन भारी तबाही मचाती है। प्रत्येक स्थान से एकसमान शिकायत मिलती है कि वन्य कर्मी सक्रिय व  सजग नहीं रहते, वहीँ दूसरी ओर स्थानीय जनता का भी अपेक्षित सहयोग आग बुझाने में नहीं मिलती। ऐसी परिस्थिति में सरकारी लालफीताशाही और आम जनता की उपेक्षा का शिकार पूरा जंगल दावानल में परिवर्तित हो जाता है।

एक ओर वन विभाग द्वारा वन बचाओ का नारा दिया जा रहा है, और इस कार्य पर करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों द्वारा जंगलों में आग लगा दिए जाने से अमूल्य धरोहरों को क्षति हो रही है। प्रतिवर्ष जंगलों में आग लगाये का सिलसिला वसन्त ऋतु के आगमन के साथ ही शुरु हो जाने से पेड़-पौधों,वन्य जीवों पर खतरा उत्पन्न हो गया है, वहीं वन एवं स्थानीय पर्यावरण को भी काफी क्षति हो रही है है। उल्लेखनीय है कि देश के कई अन्य राज्यों की भान्ति ही झारखण्ड में जंगलों को आग व विविध प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, सरंक्षण और प्रवर्द्धन के लिए गाँवों में ग्राम वन सुरक्षा प्रबन्धन समिति का गठन किया गया है, ये वन समितियाँ वन्य ग्राम के वन्यवासियों को जंगलों की संरक्षण- परिवर्द्धन और सुरक्षा के लिए प्रेरित और उसके लाभ के प्रति जागरूक करती हैं। इसमें जंगलों को आग से बचाने के उपाय और उससे होने वाली लाभ से वन्यवासियों को अवगत कराना भी शामिल है,परन्तु इनके कोशिशों के बावजूद प्रत्येक वर्ष महुआ के फल लगने के दौरान महुआ चुनने वालों द्वारा जंगल में आग लगा दिया जाता है। पतझड़ के मौसम में सूखी पत्तों में चिंगारी लगने से पूरे जंगल में आग की लपटें फैल जाती है। वन विभाग द्वारा भी आग बुझाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। जानकार लोग कहते हैं,वन सुरक्षा समिति सर्फ दिखावे के लिए है, इसका उद्देश्य वनों की रक्षा करना नहीं बल्कि इनके सहयोग, मिलीभगत और हस्ताक्षर से sarkarinidhiसरकारी निधि की सुरक्षित हेराफेरी की जाती है। यही कारण है कि वन सुरक्षा समिति के सदस्य भी जंगलों में आग लगने की स्थिति की ओर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते, बल्कि कई तो स्वयं महुआ चुनने और अपने स्वार्थी इरादों की पूर्ति इसकी आड़ में करने में लग जाते हैं। नतीजतन जंगल में आग की लपटें तेज होती जाती हैं । कई क्षेत्र के वन्यवासियों और ग्रामीणों का मानना है कि जंगल में गिरे पत्ते में आग लगाने से रुगड़ा का उत्पादन अधिक होता है और इसी अंधविश्वास के कारण कुछ लोग जंगल में आग लगा देते हैं, जिससे भारी नुकसान होता है।

जंगली क्षेत्रों में जंगल में लगी आग का दिन में तो पता नहीं चलता लेकिन रात होते ही जंगलों में ऊंची लपटे उठते देखी जा सकती हैं। पतझड़ में पेडों से पत्ते सूख कर गिर जाने से लोगों को शिकार करने व महुआ चुनने में काफी परेशानी होती है। इन परेशानियों से बचने के लिए लोग सूखे पत्तों को एकत्र कर आग लगा देते है। लेकिन यही आग देखते ही देखते भयंकर रूप धारण कर पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले लेती है। प्रतिवर्ष जंगलों में आग लगने से वन्य-सम्पदा के जलकर राख हो जाने से करोड़ों का नुकसान तो पहुँचता ही है लेकिन सबसे ज्यादा कष्ट जंगलों के निवासी, बेजुबान वन्यप्राणियों को पहुँचता है। जंगलों में आग लगने से वन्य-प्राणी कराहने को मजबूर हो जाते हैं और खामोश होकर संकटों का सामना करने लगते है। वे उम्मीद की एकमात्र किरण समझ इस आशा में स्थानीय लोगो के पास भागे चले आते है कि वे हमें आग से बचायेंगे लेकिन इनकी आवाज को सुनने ,पहचानने के स्थान पर उल्टा खतरा समझकर इन्हें मार दिया जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में उम्मीद की किरण स्थानीय जनता से जागने की आशा की जानी चाहिए थी, लेकिन चिन्तनीय बात है कि जंगलों पर निर्भर स्थानीय समाज भी खामोशी से सारी घटनाओं को एक तमाशे की तरह देख रहा है और कहीं-कहीं तो वह स्वयं ही इन आग को लगाने वालों में भी शामिल हुआ पाता देखा जा रहा है। कटु सच्चाई यह है कि सरकार के वन विभाग के पास न तो आग लगने से पहले और न ही आग लगने के बाद के लिए कोई रणनीति या उचित प्रबन्ध है। जिसके कारण वन विभाग अपनी पूरी सक्रियता के बावजूद हर बार आग नियंत्रण कार्य असफल हो जाता है।




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---अशोक “प्रवृद्ध”---
गुमला
झारखण्ड

आलेख : ...अब तो जागो मेरे सरकार !

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  • - सन 2005 में सत्ता में आते ही नीतीष सरकार ने जोर षोर से घोशणा की थी कि कई सालों से बंद उत्तर बिहार की चीनी, जूट, चावल जैसी कृशि आधारित मिलों को फिर से चालू किया जाएगा, लेकिन सालों बीत गए स्थिति यथावत बनी हुई है
  • - बैजनाथपुर फैक्ट्री में पड़ी करोड़ों रूपये की मषीन को जंग खा रही है और भवन आदि भी धीरे धीरे ध्वस्त हो रहे हैं

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कुमार गौरव, सहरसा: अपनी स्वघोशित उपलब्धियों से जनता को अवगत कराने के लिए बिहार सरकार हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करती है। साल 2012 में नीतीष सरकार न्याय के साथ विकास यात्रा: रिपोर्ट कार्ड 2012 जारी कर चुकी थी, जिसमें कयास लगाये जा रहे थे कि अब षायद बैजनाथपुर स्थित पेपर मिल से धुआं निकलने लगेगा लेकिन ऐसा हो न सका। हरेक साल जारी रिपोर्ट कार्ड में तमाम विभागों की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की गई है। हैरत की बात यह है कि उद्योग विभाग की बातें महज दो पंक्तियों में निपटा दी गईं। इससे पता चलता है कि सूबे में औद्योगिक विकास का क्या आलम है। जब प्रचार पत्र में स्थिति इतनी दयनीय है तो जमीनी सच्चाई कैसी होगी ? 

चूंकि नीतीष सरकार सूबे में तेज आर्थिक विकास की बात कर रही है इस लिहाज से यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। वैसे तो उद्योग और पूंजी निवेष के मामले में समूचे बिहार की  स्थिति कमोबेष एक जैसी है लेकिन उत्तर बिहार की स्थिति नीतीष सरकार के सत्ता में आने के पहले और आने के बाद जस की तस ही बनी हुई है। अगर कुछ निवेष हुए भी हैं तो वे मुख्य रूप से मध्य बिहार तक सीमित हैं। गौरतलब है कि सन 2005 में सत्ता में आते ही नीतीष सरकार ने जोर षोर से घोशणा की थी कि कई सालों से बंद उत्तर बिहार की चीनी, जूट, चावल जैसी कृशि आधारित मिलों को फिर से चालू किया जाएगा, लेकिन सालों बीत गए स्थिति यथावत बनी हुई है। लंबी कवायद के बाद दरभंगा जिला स्थित रैयाम चीनी मिल, मधुबनी जिला स्थित सकरी और लोहट चीनी मिलों को निजी हाथों में सौंपा गया लेकिन उम्मीदें अब दम तोड़ रही हैं। लोगों को लोहट चीनी मिल के पुनरूद्धार को लेकर बहुत भरोसा था, क्योंकि इसे बड़े औद्योगिक घराने डालमिया समूह को सौंपा गया था लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डालमिया समूह ने अब अपना मन बदल लिया है। 

इसके साथ ही रैयाम, सकरी की तरह लोहट मिल के फिर से चालू होने की संभावना क्षीण हो गयी है। तमाम अध्ययनों में कहा गया है कि पूर्वोत्तर बिहार में जूट मिल की अपार संभावनाएं हैं। यह इलाका देष का तीसरा बड़ा जूट उत्पादक क्षेत्र है लेकिन नई मिलों की बात तो दूर पुरानी मिलों के खुलने की भी संभावना नहीं दिख रही है। केद्र सरकार द्वारा संचालित प्रसिद्ध कटिहार जूट मिल वर्शों तक बंद रही। एक जमाने में यह एषिया की सबसे बड़ी जूट मिल थी। लंबी कवायद के बाद कुछ समय पहले इसकी कुछ यूनिटों को दोबारा चालू किया गया लेकिन भारी भ्रश्टाचार, मजदूरों की हकमारी और लालफीताषाही के कारण स्थिति फिर डांवाडोल हो गई है। दूसरी ओर बिहार सरकार द्वारा संचालित तमाम जूट मिलें दो-तीन दषक से बंद हैं। जिनमें से कई खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। समस्तीपुर में एक जूट मिल चालू तो है लेकिन इसकी भी स्थिति दयनीय है। एक जमाने में बड़े तामझाम से बैजनाथपुर (सहरसा) और दरभंगा में पेपर मिलें षुरू की गई थी। 

इसके लिए काफी जमीन अधिगृहित की गई और बड़े बड़े भवन बनाए गए लेकिन कुछ ही सालों के बाद दोनों फैक्ट्रियों पर ताले लग गए। बैजनाथपुर फैक्ट्री में पड़ी करोड़ों रूपये की मषीन को जंग खा रही है और भवन आदि भी धीरे धीरे ध्वस्त हो रहे हैं। सरकार इसे न तो खुद चालू करवा सकी और न ही निजी कंपनियों को सौंप सकी। दरभंगा स्थित अषोक पेपर मिल निजी हाथ में दिये जाने के बावजूद बार बार विवादों में फंसती रही और बार बार बंद होती रही। हाल में ही यह मिल हत्या के गंभीर कांड में उलझ गई है और इसके फिर से बंद होने की नौबत है। मालिक धरम गोधा पर मिल के बेषकीमती सामान चुराने के अलावा हत्या के आरोप हैं। जहां तक उत्तर बिहार के अन्य उद्योगों की बात है तो लगभग सभी की हालत खास्ता है। मधुबनी जिले के पंडौल स्थित सूत मिल को आज भी किसी उद्धारक का इंतजार है। उत्तर बिहार में मछली पालन और मखाना उद्योग की प्रचुर संभावनाएं हैं लेकिन इस दिषा में कुछ खास नहीं हो सका है। 

इन विडंबनाओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने कुछ समय पहले नई औद्योगिक नीति बनाई थी लेकिन सवाल यह है कि अच्छी औद्योगिक नीति के बावजूद जमीन पर कोई बदलाव षक्ल क्यों नहीं ले सका ? विषेशज्ञों को कहना है कि इसके लिए लालफीताषाही, बुनियादी सुविधा का अभाव, राजनीितक इच्छााषक्ति की कमी और औद्योगिक संस्कृति का अभाव आदि मुख्य रूप से जिम्मेदार है। यह सही है कि मौजूदा सरकार ने उद्योगों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाए हैं और छोटे उद्योगों में करोड़ों रूपये का पूंजी निवेष हुआ है। यह भी सच है कि औद्योगिक समूह अब रंगदारी, अनावष्यक राजनीतिक हस्तक्षेप, कमजोर कानून व्यवस्था आदि की षिकायतें नहीं करते। लेकिन भरपूर संभावना और नीतिगत सुधारों के बावजूद बड़े उद्योग नहीं लग रहे यह बेषक बिहारी आवाम के लिए चिंता का विशय है।

आलेख : पोर्टल मीडिया : उम्मीदें और आशंका

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तकनीकी विकास ने समाज की हर गतिविधि को बदला है और पत्रकारिता भी इसमें शामिल है। प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रानिक मीडिया और इसके बाद अब साइबर मीडिया तक के सफर में पत्रकारिता के चाल, चरित्र और चेहरे में काफी बदलाव आया है। साधनों या उपकरणों के बदलने से हर क्रिया बदलती ही है यह सृष्टि का एक नियम है। इस कारण पत्रकारिता में तकनीकी के कारण हो रहा बदलाव कोई अजूबा नहीं है।

आधुनिक पत्रकारिता का उदय लोकतंत्र के साथ हुआ और धीरे-धीरे यह गतिविधि लोकतंत्र का अनिवार्य पहलू बन गई। भारत में आधुनिक पत्रकारिता का जन्म उस समय हुआ जब देश विदेशी शासन के अधीन था। इस कारण यहां पत्रकारिता का विकास कुछ अलग ढंग से हुआ। ज्ञान का कोई भी रूप हो, बाद में वह कितने भी भौतिक लाभ और समृद्धि की कुंजी बना हो लेकिन उसकी शुरूआत में व्यवसायी करण का कभी कोई स्थान नहीं रहा। यह नियम अभियांत्रिकी से लेकर चिकित्सा विज्ञान तक के लिए लागू किया जा सकता है जबकि दुनिया में सबसे पहले प्रोफेशनल कोर्स इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस के ही बने। इस कारण गुलाम भारत में जब पत्रकारिता का प्रकाश पुंज फूटा तो जिन दीवानों ने इस गंगा का अवतरण किया उनके मन में यह बात होना तो दूर कि इससे लाभ क्या होगा वे तो इसे कुर्बानी की विधा मानकर और समझकर अपनाने की जुर्रत कर रहे थे। उनके मन में दीए की लौ के लिए अपने अस्तित्व को न्यौछावर करने वाले पतंगे की भावना थी और उनके संदर्भ में दीए की लौ थी देश को किसी भी कीमत पर आजादी दिलाने की कशिश। उस समय सरकार विरोधी लेख और समाचार लिखने की वजह से प्रेस कुर्क होने के साथ पत्रकार का सर्वस्व चला जाता था। इसके बाद भी वह अखबार निकालने के साहस से बाज नहीं आता था। जेल की यातनाएं भी उसे पत्रकारिता के रास्ते से विपथ नहीं कर पाती थीं। खैर आजादी के बाद पत्रकारिता में जुनून का यह तत्व धीरे-धीरे कम हुआ और कैरियर व व्यवसाय का आग्रह प्रबल होता गया लेकिन फिर भी कई दशकों तक गनीमत रही। बैनेट कोलमेन एंड कंपनी की दिनमान जैसी पत्रिका की प्रतिष्ठा चाहे जितनी ऊंची हो लेकिन वह व्यवसायिक रूप से घाटे की पत्रिका थी फिर भी साहू शांतिप्रसाद जैन को उसे निकालने पर गर्व था लेकिन उनकी तीसरी पीढ़ी आते-आते तक समीर जैन ने मुनाफे को सर्वोपरि मानते हुए पहले दिनमान के स्वरूप को बदला और इसके बाद भी जब कामयाबी नहीं दिखी तो उस पर ताला डाल दिया।

तकनीकी विकास के क्रम में इलेक्ट्रानिक मीडिया के पहले अवतार में दूरदर्शन के समाचार आए जो सरकारी होने की वजह से मर्यादाओं से बंधे थे। इस बीच यह बहस छिड़ी कि लोकतंत्र में जानकारी देने का सबसे सशक्त माध्यम सरकारी शिकंजे में कैद रखा जाना कहां तक उचित है। इसके बाद तमाम किंतु परंतु के बीच निजी क्षेत्र को इलेक्ट्रानिक माध्यम से समाचार चैनल चलाने की छूट मिली। शुरू में जब दूरदर्शन पर ही आज तक और परख के लिए स्लाट एलाट कराए गए थे तब इलेक्ट्रानिक चैनल के क्षेत्र में निजीकरण का प्रयोग बेहद आकर्षक लगा था। लोगों को लगा था कि अब सरकार के लिए असुविधाजनक खबरों को दबाना मुश्किल होगा और सच्चाई जानने में उन्हें पहले से बहुत ज्यादा मदद मिलेगी। लोकतंत्र में पारदर्शिता का जरूरी गुण और निखरेगा वगैरह-वगैरह। अपने मयार तक पहुंचते-पहुंचते निजी इलेक्ट्रानिक चैनल कहां तक अपनी स्वच्छ तस्वीर को कायम रख पाए हैं यह आज सर्वविदित है। बीज रूप में इतना ही कहना उचित होगा कि सरकारी बंदिश से मुक्त होने के बाद भी पाठकों और दर्शकों के हितों की कसौटी पर इलेक्ट्रानिक समाचार चैनल शायद ही कभी खरे उतरे हों लेकिन आज जबकि दर्शकों का स्थान ग्राहकों ने ले लिया है तो वे बाहरी कारकों की पूरी तरह कठपुतली बन चुके हैं।

इसी आपाधापी के बीच तकनीकी विकास के एक और चरण के परिणाम स्वरूप साइबर मीडिया अस्तित्व में आई। तहलका डाट काम और कोबरा डाट काम ने अपना आगाज सत्ता के शीर्ष केेंद्रों में भूचाल पैदा करने वाली ताकत के साथ किया लेकिन शुरूआत में यह कल्पना नहीं थी कि निकट भविष्य में यह प्रयोग जन माध्यम के नए विकल्प के रूप में देखा जा सकेगा। तब नेट की उपलब्धता बेहद सीमित थी जिसकी वजह से महानगरों की हाईफाई सोसायटी तक ही डाट काम पत्रकारिता की पहुंच थी लेकिन वनजी से टूजी और थी्रजी तक का सफर इतनी जल्दी तय हुआ कि लोगों को पता ही नहीं चला। एंड्राइड मोबाइल की लांचिंग के बाद तो जैसे नक्शा ही बदल गया है। पोर्टल की पत्रकारिता आने वाले दिनों में पत्रकारिता की मुख्य धारा का स्थान लेती प्रतीत हो रही है। अब डाट काम की पत्रकारिता केवल राजधानियों और महानगरों तक सीमित नहीं रह गई जिलों तक में इसके प्रयोग हो रहे हैं और उन्हें स्वीकृति मिल रही है। पोर्टल पत्रकारिता कम पंूजी में भी संभव है। इस कारण प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया के कारपोरेटीकरण के बाद जन पक्षधरता की इनमें एक भी प्रतिशत गुंजाइश पर जिस तरह से प्रश्नचिह्नï लग चुके हैं उसे देखते हुए डाट काम की पत्रकारिता लोगों के लिए और लोगों की असली पत्रकारिता बनेगी ऐसा ख्याल पैदा होना लाजिमी है। डाट काम की पत्रकारिता पर बाजार, पूंजी और साम्राज्यवादी शक्तियों का कोई दबाव नहीं है। सोशल मीडिया भी इसी के साथ जुड़ी हुई है। इस कारण यह पत्रकारिता नई बहसों को जन्म दे पा रही है। गुम हो चुके असल सरोकार इस पत्रकारिता ने फिर सतह पर ला दिए हैं। फिर भी इस पत्रकारिता को लेकर बहुत बड़ी-बड़ी उम्मीदें संजो लेना भी उचित नहीं होगा। अभी तो तेल देखना है और तेल की धार देखना है। वैसे भी बहुत ज्यादा उम्मीदें नजर लगाने का काम करती हैं और ऊपर वाला न करे कि जन सरोकारों से जुड़ी जो एक संभावना मीडिया के क्षेत्र में पैदा हुई है उससे बहुत जल्द मोहभंग की स्थिति का सामना करना पड़े।





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के  पी  सिंह
ओरई 

विशेष आलेख : राहुल का बार बार पदार्पण क्यों?

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rahul gandhi
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में जबरदस्ती नेता के रूप में स्थापित किए जा रहे राहुल गांधी को लेकर कांगे्रस में बार बार पदार्पण का नाटक किया जाता है, लेकिन राहुल गांधी हैं कि बार बार के पदार्पण के बाद भी स्थापित होने में असमर्थ साबित होते हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व राहुल गांधी की अज्ञात यात्रा से वापसी पर जिस प्रकार का नाटक खेला गया, वह वास्तव में ही इतना बड़ा प्रकरण नहीं था कि राहुल गांधी का इतना भारी भरकम सम्मान करने का नाटक किया जाए, लेकिन सत्ता से दूर रहने वाली कांगे्रस इस बात के लिए जी तोड़ उपक्रम करती दिखाई दे रही है कि कैसे भी हो राहुल गांधी का मजबूत पदार्पण हो जाए और देश की सत्ता एक बार फिर कांगे्रस के हाथ में आ जाए।

हम जानते हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 56 दिनों के लिए भारतीय राजनीति से ऐसे गायब हुए कि उनका स्वयं कांग्रेसी नेताओं तक को पता नहीं था। जिनको पता भी होगा उनके बोलने की मनाही थी। अगर यह मनाही वाली बात सत्य है तो यह अत्यंत ही खतरनाक बात है कि एक राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित किए जा रहे नेता के बारे में सच को जान बूझकर छुपाया जा रहा है। भारतीय राजनीति के इतिहास का अध्ययन किया जाए तो यह बात स्पष्ट रूप से परिलक्षित है कि राजनेताओं का भारत की आम जनता के साथ सीधा तादात्म्य रहा है, फिर चाहे वह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हों, राममनोहर लोहिया हों या फिर जयप्रकाश हों, सभी के अंदर जनमानस के प्रति असीम प्रेम था। उनके व्यक्तिगत जीवन में आमजनता के दर्द का प्रस्फुटन दिखाई देता था। मात्र इसी आधार पर जनता ने उनको अपना नेता माना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में यह स्पष्ट मत है कि वह उनका जन सरोकार से कोई नाता नहीं है, हां यह बात जरूर है कि वे जनता के दुख दर्द में शामिल होने का दिखावा करते हैं। इतना ही नहीं उनका यह दिखावा नजर भी आ जाता है। फिर भी कांग्रेस में सोनिया मंडली के राजनेता अपनी प्रभावी सहभागिता बनाए रखने के लिए राहुल के लिए जी तोड़ राजनीति करते दिख रहे हैं। इन राजनेताओं के लिए अपना खुद का कद ज्यादा महत्वपूर्ण है। ये लोग राहुल गांधी के बारे में कितनी ईमानदारी से प्रयास करते होंगे ये तो यही जानें, लेकिन इतना तय है कि जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, वैसे तलवे चाटने वाले प्रयासों से इन पर जरूर कृपा हो जाएगी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में कहा जाता है कि वे देश से ऐसे कई महत्वपूर्ण अवसरों पर गायब हो जाते हैं, जहां उनकी बहुत आवश्यकता होती है। महत्वपूर्ण कार्य की राजनीति में उदासीन रवैया अपनाकर राहुल गांधी अगर यह सोचते हैं कि वे राष्ट्रीय नेता स्थापित हो सकते हैं तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल ही साबित होगी। हालांकि राहुल के बारे में कई राजनेताओं की स्पष्ट धारणा है कि राहुल जितना विदेश के बारे में सोचते हैं, उतना भारत के बारे में नहीं सोचते, इतना ही नहीं उन्हें भारत के बारे में भी पूरी तरह से जानकारी ही नहीं है। सोनिया गांधी के बारे में यह बात कही जाती कि उन्हें भारत के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं है, तो यह स्वीकार करने वाली बात हो सकती थी, क्योंकि सोनिया गांधी विदेश में पैदा हुईं, उनका बचपन भी इटली में गुजरा। तो स्वाभाविक है कि उनको इटली के बारे में पूरी जानकारी होगी ही, लेकिन राहुल अगर पूरे भारत के बारे में नहीं जानते तो यह उनकी खुद की कमजोरी है। इसी कमजोरी के कारण ही वर्तमान में राहुल को बार बार स्थापित करने की पटकथाएं लिखी जा रहीं हैं, लेकिन राहुल है कि हर बार इन पटकथाओं पर पानी फेर देते हैं।

भारत के राजनीतिक इतिहास में यह कारनामा जरूर चौंकाने वाला कहा जाएगा कि राहुल के बारे में ऐसा प्रयास बार बार क्यों किया जा रहा है। हर बार असफल होने के बाद राहुल के बारे में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या राहुल को इतना भी ज्ञान नहीं हैं कि वह भारत की राजनीति को समझ सकें। अगर वास्तव में इतना ज्ञान नहीं है तो बार बार जनता को बेवकूफ क्यों बनाया जा रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय राजनीति में ऐसे नए अभिनेता है, जो एक जैसा अभिनय बार-बार करते हैं। जिस तरह बेंगलोर में एक-दो माह की प्राकृतिक चिकित्सा के बाद व्यक्ति स्वयं को तरोताजा अनुभव करता है और वह अधिक क्रियाशील दिखाई देता है, वैसे ही राहुल चुनावी हार की मानसिक थकान मिटाने के लिए करीब दो माह के विदेशी यात्रा के बाद नई उमंग के साथ अपना नया अभिनय कर रहे हैं। राजनीति में भी ऐसे अभिनय की आवश्यकता रहती है, जिससे लोग प्रभावित हो सके। अभी तक जितने अभिनय सोनिया गांधी या राहुल गांधी ने किए, उनका विपरीत असर जनता पर हुआ। कांग्रेस को ऐतिहासिक दुर्गति का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी कांग्रेस का भविष्य हैं, इसलिए यदि उनकी राजनीति को भारत की जनता ने बार-बार नकार दिया तो कांग्रेस इतिहास के पृष्ठों में सिमट सकती है। आईसीयू में पड़ा रोगी भी अपने जीवन का मोह नहीं छोड़ पाता है। यही स्थिति कांग्रेस की है। शहजादे ने किसान का मुद्दा पकड़कर किसानों के सबसे बड़े हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी सरकार कार्पोरेट की सरकार है, यह सूटबूट की सरकार है, राहुल शायद यह भूल गए कि नेहरूजी और उनके पिता राजीव गांधी ने भी सूटबूट से विदेश के दौरे किए थे। यह बात भी चर्चा में रही थी कि नेहरूजी के कपड़े पैरिस से धुलकर आते थे। इसलिए राहुल को कम से कम यह बात तो नहीं करना चाहिए।





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सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी उत्तरप्रदेश  284001
संपर्क : 09455099388

बिहार : एक और किसान ने कर ली खुदकुशी?

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  • सरकार को सामान्य मौत होने पर शक्ति ना लगाकर
  • समस्याओं का समाधान करने की दिशा में पहल करनी चाहिए 

bihar map
खिजरसराय। अब बिहार में खुदकुशी करने लगे हैं किसान। दिल्ली में पेड़ पर चढ़कर किसान गजेन्द्र ने कर ली थी खुदकुशी। यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि पटना में बटाईदार किसान गजेन्द्र ने विषपान करके आत्महत्या कर ली। बीती रात गया में भरत नामक किसान की संदेहास्पद मौत हो गयी है। इस मौत की जांच अधिकारी करने लगे हैं कि वह छत पर गिरकर मरा है अथवा आत्महत्या कर लिया है?अबतक हादसा और आत्महत्या पर से पर्दा नहीं हट पाया है। पोस्टमार्टम करने के बाद ही सच्चाई पता चल पाएगा। 

गया जिले के खिजरसराय प्रखंड के गुरारू थाना में सनसनी पैदा हो गया। कोहडीहरा गांव में रहने वाले भरत सिंह ने छत से गिरकर आत्महत्या कर ली। इस गांव में रहने वाले किशोरी शर्मा ने कहा कि भरत सिंह की बेटी की शादी होने वाली थी। वह काफी परेशान था। वह पैक्स और व्यापार मंडल से धान बेचा था। दुर्भाग्य से भरत सिंह को धान की कीमत नहीं मिल पायी थी। इसको लेकर जनता दरबार में जाकर डीएम को आवेदन भी दिया था। डीएम भी सहायक नहीं हो सके। इस बीच गया में खाघ एवं आपूर्ति मंत्री और गया जिले के प्रभारी मंत्री श्याम रजक आए थे। उनसे भी फरियाद किया गया। सभी जगहों से निराश होकर भरत सिंह ने सख्त कदम उठा लिया। 

इस खुदकुशी की खबर सुनकर सुशासन सरकार के अधिकारी कोहडीहारा गांव आने लगे। मौके पर एसडीओ और एलआरडीसी पहुंचे। गुस्से से तनमनाए किसानों ने एलआडीसी के साथ धक्कामुक्की कर बैठे। यहीं पर किसान शांत नहीं हुए। प्रभारी मंत्री श्याम रजक का पुतला भी अग्नि को समर्पित कर दिए। इस अवसर पर मांग कर रहे थे कि भरत सिंह के परिवार को चार लाख रू. मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। 

परिजनों का कहना है कि भरत सिंह परेशान थे। दो दिनों से भोजन भी नहीं करना चाहते थे। हादसा के दिन तो भोजन भी नहीं किए। यहां के किसानों का कहना है कि पैक्स और व्यापार मंडल का व्यवहार सकारात्मक नहीं रहता है। किसानों से धान नहीं खरीदना चाहते हैं। अगर धान खरीद भी लिए तो उसकी राशि देने में कौताही किया जाता है। सभी किसानों ने एक स्वर से कहा कि अधिकारियों को ध्यान देना होगा। जिनकी बकायी राशि है तो उसको तुरंत ही भुगतान कर देना चाहिए। ऐसा नहीं करने से अन्य किसान भी खुदकुशी करने को बाध्य हो जाएंगे। वहीं खेत में कार्यरत मजदूरों पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। ऐसा न हो कि मजदूरों को भूखों मरने की नौबत न आ जाए। 


आलोक कुमार 
बिहार 

मुख्तार अब्बास नकवी चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी

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उत्तर प्रदेश में रामपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन अौर मार्ग अवरुद्ध करने के मामले में आज बरी कर दिया।  श्री नकवी को इस मामले में चार माह पहले रामपुर की ही एक निचली अदालत ने एक वर्ष का कारावास और चार हजार रुपये का जुर्माना सुनाया था।


अभियोजन के अनुसार वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान रामपुर जिले के पटवाई थाने में हंगामा करने और थाने के सामने शाहबाद-रामपुर मार्ग जाम करने के आरोप में श्री नकवी समेत 23 भाजपा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामले दर्ज किये गये थे। उनके विरुद्ध चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 341,342 और अन्य आरोपों में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।  विवेचना के बाद पुलिस ने श्री नकवी के अलावा 19 भाजपा नेताओं के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। एडिशनल सिविल जज(सीनियर डिविजन)की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के बाद 14 जनवरी 2015 को श्री नकवी को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के कारावास की सजा और चार हजार का अर्थदंड़ सुनाया था।


श्री नकवी ने अदालत के इस फैसले के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके गोयल की अदालत में अपील की थी जहां इस मामले में नौ मई को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई थी।न्यायाधीश गोयल ने श्री नकवी को सभी आरोपों से बरी करते हुए उन्हें सजा से मुक्त कर दिया।  बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्याम लाल ने कहा कि उन्होंने न्यायालय के समक्ष उन पत्रावलियों को प्रस्तुत किया था जिसमें श्री नकवी के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि नहीं होती थी।श्री लाल ने बताया कि आरोपपत्र में जिस मार्ग अवरुद्ध का जिक्र किया गया है,अभियोजन पक्ष उसे प्रमाणित नहीं किया जा सका।इसी को आधार मानते हुए न्यायालय ने श्री नकवी को दोषमुक्त करने का फैसला सुना दिया है।


श्री लाल ने कहा इस मामले में श्री नकवी के साथ 19 भाजपा कार्यकर्ताओं को भी निचली अदालत ने सजा सुनायी थी।वे मामले भी इसी श्रेणी में तो हैं,लेकिन अलग-अलग हैं लिहाजा उन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी आज के फैसले का लाभ मिलने की पूरी उम्मीद है। श्री नकवी ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इसे सत्य की जीत करार दिया है।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (16 मई)

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आरडीभी ने नाइस क्रिकेट क्लब को रौंद सेमीफाइनल मंे जगह सुनिश्चित किया

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय उच्च विद्यालय के मैदान पर खेले जा रहें आलोक वर्मा टेनिस बाॅल 20-20 क्रिकेट टूर्नामेन्ट के क्वार्टर फाइनल में मेराज इलेवन ने धूमनगर के डीसीसी को नौ विकेट पर 121 रन के मुकाबले पाँच विकेट से शिकस्त देकर सेमिफाइनल में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया। जबकि अन्तीम क्वार्टर फाईनल मुकाबला नाइस क्रिकेट क्लब बगही और आरडीभी नरकटियागंज के बीच खेला गया। आरडीभी के कप्तान रवि ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। आरडीभी की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में पाँच विकेट खोकर 169 रन का स्कोर खड़ा किया। नाइस क्रिकेट क्लब बगही को जीत के लिए निर्धारित 20 ओवर में 170 रन बनाने का लक्ष्य मिला। लेकिन आरडीभी के विशाल स्कोर को देख कर बगही की टीम अपना संतुलन बनाए नहीं रख सकी और मात्र 12 ओवर में 88 रन बनाकर सिमट गयी। इस प्रकार आलोक वर्मा टेनिस बाॅल 20-20 क्रिकेट टूर्नामेन्ट के सेमीफाइनल के आखिरी चार टीमों में आरडीभी ने अपनी जगह बना ली। आलोक वर्मा टेनिस बाॅल 20-20 क्रिकेट टूर्नामेन्ट के  सेमीफाइनल खेलने वाली चार टीम आरसीसी बेतिया, सीएसके नरकटियागंज, मेराज इलेवन नरकटियागंज और आरडीभी नरकटियागंज है। इनमें आरसीसी बेतिया की टीम सुपर किंग्स नरकटियागंज और मेराज इलेवन की आर डी भी नरकटियागंज के बीच मुकाबला होगा। इन चार टीमों में दो फाइनल मुकाबले में पहुँचेंगी। 

अवरनिबंधन कार्यालय शिकारपुर, अधिकारी पति के भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना
  • खेसरावार पंजि को नज़रअंदाज कर हो रहा धड़ल्ले से निबंधन
  • सरकारी राजस्व को चूना लगा अपनी जेब कर रहे गर्म

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज अनुमण्डल स्थित अवर निबंधन कार्यालय शिकारपुर अधिकारी पति के भ्रष्टाचार का अखाड़ा बन कर रह गया है। जहाँ सरकार पाल पर और सरकारी निबंधन अधिकारी, कर्मी व बिचैलिया सतसाल पर सोते दिख जाने वाली कहावत चरितार्थ करते नजर आ रहे है। शिकारपुर अवर निबंधन कार्यालय में अनियमितता सिर चढकर बोल रहा है, इतना ही नहीं बिचैलिये कार्यालय के अधिकारी व कर्मियों की साँठ-गाँठ से कार्यालय का मठाधीश बन बैठे है। गौरतलब है कि कार्यालय में व्याप्त अव्यवस्था के कारण जमीन की खरीद बिक्री करने वालों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। सूत्र बताते है कि निबंधन कार्यालय की अवर निबंधक पूजा भारती के पति अखिलेश गिरी की मनमानी से ग्राहक के अलावे कर्मचारी भी नाखुश दिखते है, हालाकि वे खुलकर सामने नहीं आते, आखिर बिल्ली की गले में घंटी बाँधे तो कौन? उनका यह भी कहना है कि पूजा भारती से उनकी कोई शिकायत नहीं है। शिकायत है तो सिर्फ उनके पति से है जो अनधिकृत रूप से काम करते है, उनके इशारे के बगैर पूजा मैडम की कलम ही नहीं चलती। बुधवार की शाम 3.30 बजे अपराह्न से शनिवार की शाम साढे तीन बजे तक कार्यालय से अधिकारी नदारद पाई गयी। कार्यालयकर्मियों ने बताया कि मैडम के नहीं रहने पर मैडम द्वारा रखे गये कर्मियांे द्वारा लिया जाता है एकरारनामा। उनका यह भी कहना गलत नहीं कि जब काम नहीं होगा तो आमदनी कैसे होगी, इसलिए मैडम आवास से काम करें या कार्यालय से हमे तो काम से मतलब है। नन इन्कम्ब्रेन्स सर्टिफीकेट के नाम पर वसूली जाते है 600 रूपये, सिरिस्ता के नाम पर, साहेब के नाम पर, भले मैडम कार्यालय नहीं आए विलम्ब शुल्क के नाम पर वसूली जारी है। सिंचित का असिंचित, विकसीत को अविकसीत भूमि दिखाकर सरकारी राजस्व को चूना लगाना कोई इनसे सीखे। प्रबुद्धजनांे ने बताया कि कई ऐसे मामले है जिसकी जाँच कराई जाए तो सरकारी राजस्व को चुना लगाने का मामला सामने आ जाएगा। जमीन खरीद विक्री के नाम पर सरकारी राजस्व को चुना लगाकर अपनी आमदनी का इजाफा करने का मैडम व पतिदेव का अलग अंदाज है। कार्यालय के जानकार बताते है कि इन दिनों सीजन के दौरान सरकारी राजस्व प्रतिदिन 20 हजार रूपये का नुकसान होता है। इतना ही नहीं जितनी हानि सरकारी राजस्व की होती है उसका दोगुना फायदा कार्यालय के  अधिकारी व कर्मचारी को होता है।

किसानों को नहीं मिल रहा गन्ना के बकाया राशि का भुगतान

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण)  अली हसन अंसारी जो हृदय रोग से पीडि़त है, किसान कोड 402/31 है। उन्होंने करीब एक लाख रूपये का गन्ना आपूर्ति न्यु स्वदेशी सुगर मिल्स को किया। इलाज वास्ते चीनी मिल से रूपये की मांग करने के बावजूद कोई सुनवाई चीनीमिल प्रबंधन कोई सुनवाई नहीं किया। इन दिनों सरकारी दवाब में चीनी मिलांे के प्रबंधन ने धीरे-धीरे किसानों के बैंक खाता में राशि भेजना सुनिश्चित किया है। अलीहसन ने कार्यालय में पहुँचकर बताया कि किसानों का जितना शोषण किया जा रहा है उतना शोषण शायद ही किसी का होता होगा। कर्ज लेकर इलाज करा रहे है श्री अंसारी और चीनी मिल प्रबंधन एक माह बाद आंशिक राशि भुगतान करने की बात करता है। 

आंगनबाड़ी सेविका चयन के लिए आयोजित आमसभा हंगामा के बाद स्थगीत
  • महिलाओं ने अधिकारियों को खदेड़ा, एसडीओ ने कहा कोई अप्रिय घटना नहीं

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) आंगनबाड़ी सेविका चयन में रिश्वतखोरी को लेकर मामला इतना बढा कि गौनाहा प्रखण्ड के जमुनिया पंचायत के प्रेमनगर में आम सभा के दौरान हुए हंगामा में सीडीपीओ, भाप्रसे अधिकारी सह एसडीओं नरकटियागंज बमुश्किल प्रतिष्ठा बचाकर भागे। हमारे सूत्रों ने खबर दिया है कि जमुनिया के प्रेमनगर वार्ड में दो टोला में एक सेविका चयन का मामला कई माह से लम्बित चला आ रहा है। इस बावत बताया जाता है कि सीडीपीओ सभी उम्मीद्वारों से चयन वास्ते राशि वसूल चुकी थी। एक प्रत्याशी ने बताया कि डेढ लाख से तीन लाख तक लेकर चयन करने का सिलसिला चल रहा है। अब देखी हमनी के रोपया मिलता की ना। चयन को आशान्वित सेविकाओं से पूछे जाने पर किसी ने रिश्वत देने की बात स्वीकार तक नहीं किया, नाम नहीं छापने की शर्त पर यह बात सामने आई। चयन तो एक सेविका का होना है शेष सेविका अभ्यर्थी अपनी राशि वापस पाने के लिए उम्मीद लगाए हुई थी लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहोदरा पुलिस को सीडीपीओ ने बुला लिया उसके बाद अनुमण्डल पदाधिकारी भी पहुँच गये। किसी बात पर एक किशोर जिसका नाम करण कुमार बताया जाता है उसकी पिटाई किसी अधिकारी ने कर दी। मामला यही से संगीन हो गया और महिलाआंे ने पहले उस अधिकारी की पिटाई कर डाली। उसके बाद लगभग सभी अधिकारी उसकी जद में आ गये। पुलिस से संपर्क किए जाने पर खबर मिली कि घायल अधिकारियों की प्राथमिक चिकित्सा कराई जा रही है, बाद में बात करते है। उधर अनुमण्डल पदाधिकारी कौशल कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया वहाँ कुछ विशेष नहीं हुआ है। सेविका चयन के लिए आयोजित आम सभा को हंगामा के बाद स्थगीत कर दिया गयां। उनके साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई है। अब प्रश्न यह उठता है कि लोग इतने आक्रोशित क्यों, महिलाए सहनशीलता को कैसे छोड हाथ मंे झाडू और डंडा लेकर आगे आ गई। निश्चित ही यह एक शर्मनाक घटना है, प्रशासन के लोगों को यह समझना चाहिए कि आम जनता भी हाड़मांस का पुतला है। रिश्वतखोरी पहले से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी यह तय है किन्तु एक हद तक। जब-जब लोगों ने हदे पार की है या उनका साथ दिया है जो ज्यादती कर रहे है, तो लोग हिंसा पर उतारू हो जाते है।

बस्तर में विस्फोटक समेत दो युवक गिरफ्तार

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छत्तीसगढके बस्तर जिले की नगरनार पुलिस ने विस्फोटक पदार्थों के साथ कल रात दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि आरोपियों ने खदान के लिए विस्फोटक ले जाया जाना बताया है किंतु आशंका है कि उक्त सामग्री नक्सलियों को आपूर्ति की जा रही थी। फिलहाल पुलिस मामले के समग्र पहलुओं की बारीकी से छानबीन कर रही है।

बस्तर एसपी अजय यादव ने बताया कि सूचना मिली थी कि दो युवक आकाश पात्र निवासी कलचा गांव एवं राज यादव गोपनीय रूप से विस्फोटक पदार्थ लेकर जा रहे हैं। फौरन ही नगरनार पुलिस की टुकड़ी रवाना की गयी जिसने योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर दोनों युवकों को रात लगभग दस बजे स्कूटी से जाते वक्त पकड़ लिया। तलाशी के दौरान बैग में छिपाकर रखा गया 25 किलो जिलेटीन एवं 1275 मीटर बिजली का तार बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि दोनों ही आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है कि यह विस्फोटक सामग्री किस प्रयोजन के लिए ले जायी जा रही थी। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (16 मई)

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सियासी खेलः हरीश की ढपली से मिल नहीं पा रहे हैं किशोर के राग, काश !  मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
  • सीएम के कामों पर सवालिया निशान लगा रहे किशोर, मौजूदा सियासी हालात से पसोपेश में हैं आम कांग्रेसी

देहरादून,16 मई । हालाता इशारा कर रहे हैं कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुर एक नहीं हो पा रहे हैं। किशोर की बातों को सीएम अपने अंदाज में हवा में उड़ा रहे हैं तो किशोर भी मुख्यमंत्री के कामों पर सवाल उठाने में पीछे नहीं हैं। हालात ये हैं कि आम कांग्रेसी पसोपेश में है कि संगठन प्रमुख की बात पर काम करें या फिर सत्ता के मुखिया की। लोगों को लग रहा है कि अगर इसी तरह से सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष अपनी-अपनी ढपली पर अपना-अपना राग अलापते रहेंगे तो मिशन-2017 को कैसे फतह किया जा सकेगा। किशोर के प्रदेश कांग्रेस संगठन का मुखिया बनने के बाद से ही ये हालात पैदा हुए हैं। बताया जा रहा है कि किशोर ने दस जनपथ में अपनी पहुंच के चलते ही यह पद हासिल किया है। दूसरी तरफ सीएम हरीश भी अपने ही बलबूते पर बहुगुणा को रुखसत करने में सफल रहे हैं। ऐसे में कोई भी खुद को किसी से कमतर मानने को तैयार नहीं है। किशोर कुछ कह रहे हैं तो सीएम अपने अंदाज में उन्हें जवाब दे रहे हैं। कई मुद्दों पर दोनों की राय जुदा हैं। अहम बात यह है कि बंद कमरे में होने वाली बातों को भी खतो-किताबत के जरिए आम किया जा रहा है। ताजा मामला शिक्षा विभाग देख रहे काबीना मंत्री मत्री प्रसाद नैथानी का ही लिया जा सकता है। मंत्री जी तमाम कामकाज छोड़कर डोली लेकर निकले हुए हैं। मंत्री के पास पेयजल विभाग भी हैं। ऐसे में गर्मी के इस मौसम में मंत्री का अवकाश पर जाना किसी की समझ के परे हैं। इसके बाद भी मुख्यमत्री हरीश रावत ने काबीना मंत्री की इस डोली यात्रा को खुद ही रवाना किया। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो संगठन के मुखिया किशोर उपाध्याय खुद को रोक नहीं सके। उन्होंने मीडिया के सामने आकर मंत्री की इस यात्रा पर तमाम सवालात खड़े कर दिए। एक तरफ सीएम डोली यात्रा को रवाना कर रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इस यात्रा पर सवाल उठा रहे हैं। दोनों के बीच सुर और ताल मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी दोनों के बीच इसी तरह के वाक्ये सामने आ चुके हैं। किशोर लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि पीडीएफ कोटे के मंत्रियों का कामकाज की समीक्षा करके कुछ लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इस पर सीएम ने साफ कहा कि सरकार कैसे चलानी है, यह उनका काम है। किशोर को संगठन के काम पर ही फोकस करना चाहिए। अब कौन सही है और कौन गलत, इसका फैसला तो कांग्रेस हाईकमान को ही करना होगा। लेकिन इतना तय है कि इसका कोई अच्छा संदेश कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं में नहीं गया। इसके बाद किशोर ने सीएम हरीश रावत की चारधाम यात्रा की तैयारियों में गहरी रुचि को देखते हुए भाजपा के हमले का जवाब देने के इरादे से कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों को यात्रा पर जाने का फरमान सुना दिया। किशोर का यह पैतरा सीएम की समझ में नहीं आया और उन्होंने बकायदा एक खत लिखकर किशोर को इस इस निर्देश को वापस लेने का फरमान सुना दिया। नतीजा यह रहा किशोर ने अपने आह्वान को वापस ले लिया। यह अलग बात है कि इसके कुछ रोज बाद ही सीएम ने विपक्षी विधायकों को चारधाम यात्रा पर आने का न्योता दे डाला। कुछ इसी तरह का वाक्या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दौरे के दौरान नजर आया। किशोर ने बकायदा प्रेस कांफ्रेस करके अमित शाह को काले झंडे दिखाने का ऐलान किया। लेकिन बाद में सीएम के कहने पर इसे तत्काल वापस भी ले लिया। बताया जा रहा है कि विरोध का आह्वान दिल्ली के निर्देश पर किया गया था। इसे इस तथ्य के प्रकाश में देखें कि युवक कांग्रेस ने किशोर के फरमान के बाद भी विरोध किया और इस काम के लिए दिल्ली से यूथ कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव को यहां भेजा भी गया था। साफ दिख रहा है कि किशोर और हरीश के न तो सुर मिल रहे हैं और न ही ताल। दोनों अपनी-अपनी ढपली बजा रहे हैं। नतीजा यह है कि मिशन-2017 फतह करने की तैयारी में जुटी कांग्रेस के आम कार्यकर्ता पसोपेश में हैं कि सीएम की ताल में ताल मिलाई जाए या फिर संगठन के मुखिया के सुर से सुर। जाहिर है कि इन हालात को किसी भी दशा में किसी भी पार्टी के लिए हितकर नहीं माना जा सकता। 

राष्ट्रपति के संबोधन तक दफ्तरों में कैद रहेंगे अफसर-कर्मचारी

देहरादून,16 मई (निस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के शहर आगमन और विधानसभा सत्र के संबोधन को लेकर शनिवार को स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने सर्वदलीय बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृद्येश शामिल रहीं। इसके बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें सीएम, नेता प्रतिपक्ष और इंदिरा के साथ विस उपाध्यक्ष अनुसुईया प्रसाद मैखुरी ने भी शिरकत की। विस अध्यक्ष की अगुवाई में तीसरी बैठक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई। इसमें तय किया गया कि इसमें फैसला लिया गया कि विस में महामहिम राष्ट्रपति की मौजूदगी तक कोई अफसर-कर्मचारी अपने कार्यालय से बाहर नहीं निकलेगा। विस परिसर के अंदर कोई भी नहीं घूम सकेगा। परिसर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे।

फिर बढ़ी नामधारी की मुश्किलें, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर चलेगा हत्या का मुकदमा
  • शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा और भाई की हत्या का मामला, निचली अदालत ने नामधारी पर नहीं पाए थे कोई भी आरोप
  • दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के फैसले को दी थी चुनौती

देहरादून,16 मई (निस)। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए पूर्व भाजपा नेता सुखदेव सिंह नामधारी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती दिख रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को खारिज करके नामधारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया है। शराब व्यवसायी पोंटी चड्ढा और उसके भाई की हत्या के मामले में मौके पर मौजूद उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुखदेव सिंह नामधारी ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। बाद में पुलिस ने अपनी विवेचना में नामधारी को ही हत्या का आरोपी बनाया था। इस मामले की सुनवाई करने के बाद दिल्ली की निचली अदालत ने नामधारी पर कोई भी आरोप सही नहीं पाया था। दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की एकल बेंच के जस्टिस एसपी गर्ग ने इस मामले में नामधारी समेत कुल 21 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोप तय करने के स्तर पर निचली अदालत को इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती है कि वह सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दे। वो भी उस स्थिति में जब कि पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हों। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से नामधारी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती दिख रही है। निचली अदालत से दोषमुक्त होने के बाद नामधारी फिर से सामान्य जिंदगी जी रहे थे

क्या था मामला
वर्ष 2012 में दक्षिणी दिल्ली स्थित एक फार्म हाउस में पोंटी चड्ढा और उसके भाई हरदीप सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वारदात की पृष्ठभूमि में संपत्ति का विवाद बताया जा रहा है। इस मामले में नामधारी समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था। विगत 15 जनवरी 2014 को दिल्ली की एक निचली अदालत ने सभी के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने से इंकार कर दिया था।

उत्तराखंड के एक अफसर का नाम भी था उछला
इस हत्याकांड के वक्त उत्तराखंड शासन के एक आला अफसर की भी फार्म हाउस के मौजूदगी की चर्चा खासी तेज रही थी। मामला मीडिया में उछला भी। लेकिन बाद में इसे रफा-दफा कर दिया गया और इस अफसर की वहां मौजूदगी का सच आज तक जनता के सामने नहीं आ सका।

लाल बहादुर शास्त्री आईएएस अकादमी मसूरी का मामला, रूबी को मिली जमानत
  • पुलिस की लचर पैरवी बनी रूबी की जमानत का आधार

देहरादून,16 मई (निस)। लाल बहादुर शास्त्री आईएएस अकादमी मसूरी में फर्जी ढंग से दाखिल होने की आरोपी रूबी चैधरी को जिला एवं सत्र न्यायालय ने 30 हजार रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। मामले में रूबी के खिलाफ पुलिस की लचर पैरवी रूबी की जमानत का आधार बनी। इससे पहले शुक्रवार को सीएम हरीश रावत ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश ठुकरा दी थी। करीब डेढ़ महीने की जांच के बावजूद एसआइटी मामले में रूबी के खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं जुटा पाई। पुलिस अदालत में साबित नहीं कर पाई कि फर्जी आईएएस बनने के पीछे रूबी चैधरी का असल मकसद क्या था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जिला जज आरडी पालीपाल की अदालत ने मामले की विवेचक एएसपी ममता बोरा को तलब कर पूछा था कि वह रूबी के फर्जी आईएएस मामले में गिरफ्तार किया गया है तो पुलिस साबित करें कि रूबी का आखिर मकसद क्या था। ममता बोरा ने मामले में किसी नतीजे तक पहुंचने के लिए तीन दिन का वक्त मांगा था,  लेकिन शनिवार तक वह अदालत में कुछ पुख्ता दलील नहीं रख पाई, लिहाजा जिला जज आरडी पालीवाल ने रूबी को 30 हजार रूपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। मामले में रूबी की ओर से अधिवक्ता राजीव रतूड़ी ,विवेक गुप्ता और अंबरीश अग्रवाल ने बहस की।

फड़-फेरी व अस्थाई बाजार वालों को हटाना अब प्रशासन के बस में नहीं

देहरादून,16 मई (निस)।  भारत सरकार द्वारा नगरीय फेरी व्यवसायी (आजीविका सुरक्षा तथा व्यवसाय विनियम) अधिनियम 2014 लागू होने के बाद फड़-फेरी वालों तथा अस्थाई बाजारों के व्यापारियों को उनके स्थान से हटाना अब पुलिस, प्रशासन, नगर निगम तथा नगर निकायों के अधिकारियों के बस में नहीं रह गया है। इस अधिनियम के अनुसार वेडिंग जोन निर्धारित करने या पथ विक्रेताओं को स्थानांतरित करने पर निर्णय लेने व कार्यवाही करने का अधिकार अब केवल धारा 22 के अन्तर्गत गठित 40 प्रतिशत फेरी व्यवसासियोें के प्रतिनिधित्व वाली ”नगर फेरी समिति” को है। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता तथा कानून विशेषज्ञ नदीम उद्दीन एडवोकेट को सूचना अधिकार के अन्तर्गत नगरीय फेरी व्यसायी (अजीविका सुरक्षा तथा फेरी व्यवसाय विनियम) अधिनियम 2014 के अन्तर्गत उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाई गयी नियमावली की प्रति शहरी विकास निदेशालय के लोेक सूचना अधिकारी ने उपलब्ध करायी है। उसके नियम 6(2) के अनुसार भी नगर फेरी समिति द्वारा वर्तमान फेरी वालों तथा अस्थाई व्यापरियों का सर्वेक्षण तथा नगर फेरी समिति द्वारा उन्हें लाइसंेस जारी होने तक न तो हटाया जायेगा और न ही विस्थापित किया जायेगा।  श्री नदीम को शहरी विकास निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड नगरीय फेरी व्यवसायी (अजीविका सुरक्षा तथा फेरी व्यवसाय विनियम) नियमावली 2015 के नियम 12 तथा अधिनियम की धारा 22 के अनुसार नगरीय फेरी समिति में न्यूनतम 40 प्रतिशत सदस्य फेरी संगठनों से हांेगे जो उनके द्वारा स्वयं चयनित किये जायेंगेे जिसमें न्यूनतम एक तिहाई महिला प्रतिनिधि होनी अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त न्यूनतम 10 प्रतिशत सदस्य स्वयं सेवी संस्था तथा समुदाय आधारित संगठनों से हांेगे। इसके अतिरिक्त इस समिति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक तथा अपंग व्यक्तियों को नगर फेरी समिति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी नियमावली के नियम 16 तथा फेरी अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत फेरी वालों तथा अस्थाई व्यापारियों के पुलिस तथा अन्य अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न किये जाने पर भी रोक लगायी गयी है। श्री नदीम ने बताया कि अगर किसी अधिकारी द्वारा भारत सरकार द्वारा 01 मई 2014 से लागू फेरी व्यवसायी अधिनियम के उल्लंघन में किसी अस्थाई व्यापारी, फेरी, फड़ वाले या अस्थाई बाजार को स्थानांरित करने तथा हटाने की कार्यवाही की जाती है तो वह गैर कानूनी है तथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 166, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारास 13(1) (डी) तथा 13(1) (सी) तथा एस.सी.एस.टी. एक्ट के अपराधों के मुकदमें दर्ज कराये जा सकते है। इसके अतिरिक्त लोकायुक्त, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अ.जाति, अ.ज.जा. महिला, मानवाधिकार तथा बाल अधिकार आयोग की शरण लेने के साथ सम्बन्धित सेवा नियमों के अन्तर्गत भी ऐसे अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करायी जा सकती है तथा नुकसान का मुआवजा न्यायालयों के माध्यम से वसूला जा सकता है।

कांग्रेस ने चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक व्यवस्था की सुदृढ़
  • प्रदेष महामंत्रियों को जनपद प्रभारी तथा प्रदेष सचिवों को सह प्रभारी बनाया गया

देहरादून,16 मई (निस)। प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने प्रदेष में कांग्रेस संगठन को सुदृढ करने एवं पार्टी सदस्यता अभियान कार्यक्रम को गति देते हुए प्रत्येक मतदान केन्द्र तक सदस्यता अभियान सम्पन्न करवाने के उद्देष्य से प्रदेष महामंत्रियों को जनपद प्रभारी तथा प्रदेष सचिवों को सह प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेष कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिश्ट ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेष अध्यक्ष किषोर उपाध्याय द्वारा पार्टी के सभी 28 संगठनात्मक जिलों में पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों के सफल संचालन हेतु प्रदेष महामंत्रियों को जनपद का प्रभारी तथा प्रदेष सचिवों को सह प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है। इसके तहत जनपद अल्मोड़ा में प्रदेश महामंत्री श्री जगत सिंह खाती प्रभारी तथा प्रदेश सचिव श्री दीप सती सह प्रभारी, रानीखेत में प्रदेश महामंत्री श्री खजान पाण्डे तथा प्रदेश सचिव श्री मोहन गोस्वामी सह प्रभारी, बागेश्वर में प्रदेश महामंत्री श्री विजय सिजवाली तथा प्रदेश सचिव श्री राम पाण्डे सह प्रभारी, चम्पावत में प्रदेश महामंत्री श्री रामंिसह कैडा तथा प्रदेश सचिव श्री ललित जोशी सह प्रभारी, चमोली में प्रदेश महामंत्री श्री प्रदीप बगवाडी तथा प्रदेश सचिव श्री मनोज धनगर सह प्रभारी, देहरादून ग्रामीण में प्रदेश महामंत्री श्री इरशाद तथा प्रदेश सचिव श्री कुमुद शर्मा सह प्रभारी, महानगर देहरादून में प्रदेश उपाध्यक्ष श्री एस0पी0 सिंह इन्जीनियर तथा प्रदेश सचिव श्री जयप्रकाश नौटियाल सह प्रभारी, ऋषिकेश में प्रदेश महामंत्री श्री जोत ंिसह नेगी तथा प्रदेश सचिव श्रीमती ममता गुरूंग सह प्रभारी, हरिद्वार महानगर में प्रदेश महामंत्री श्री दिनेश व्यास तथा प्रदेश सचिव श्रीमती सुनीता प्रकाश सह प्रभारी, हरिद्वार ग्रामीण में प्रदेश महामंत्री श्रीमती गोदावरी थापली तथा प्रदेश सचिव श्री सूरज राणा सह प्रभारी, रूड़की ग्रामीण में प्रदेश महामंत्री श्री घनानन्द नौटियाल तथा प्रदेश सचिव श्री संजय किशोर सह प्रभारी, रूड़की महानगर में प्रदेश महामंत्री श्री यामीन अंसारी तथा प्रदेश सचिव श्री विवेक शर्मा सह प्रभारी, नैनीताल में प्रदेश महामंत्री श्रीमती शिल्पी अरोड़ा तथा प्रदेश सचिव श्री महेश जोशी सह प्रभारी, कालाढूंगी में प्रदेश महामंत्री श्री सतपाल ब्रहमचारी तथा प्रदेश सचिव श्री तारक बसाल सह प्रभारी, हल्द्वानी महानगर में प्रदेश महामंत्री श्री करण महरा तथा प्रदेश सचिव श्री गणेश उपाध्याय सह प्रभारी, पौडी गढ़वाल में प्रदेश महामंत्री श्री राजेश जुवांठा तथा प्रदेश सचिव श्री मूर्ति ंिसह नेगी सह प्रभारी, कोटद्वार में प्रदेश महामंत्री मास्टर सतपाल तथा प्रदेश सचिव श्री गोपाल चमोली सह प्रभारी, पिथौरागढ में प्रदेश महामंत्री श्री मोहन पाठक तथा प्रदेश सचिव श्रीमती बिमला सजवाण सह प्रभारी, डीडीहाॅट में प्रदेश महामंत्री श्री हरीश पनेरू तथा प्रदेश सचिव श्री राजेन्द्र खववाल सह प्रभारी, रूद्रप्रयाग में प्रदेश महामंत्री श्री नवीन जोशी तथा प्रदेश सचिव श्री सुशील रावत सह प्रभारी, टिहरी में प्रदेश महामंत्री श्री जयपाल जाटव तथा प्रदेश सचिव श्री ताहिर अली सह प्रभारी, देवप्रयाग में प्रदेश महामंत्री श्री ओ0पी0 चैहान तथा प्रदेश सचिव श्रीमती आशा टम्टा सह प्रभारी, बाजपुर में प्रदेश महामंत्री श्री अर्येन्द्र शर्मा तथा प्रदेश सचिव श्री अरूण चैहान सह प्रभारी काशीपुर में प्रदेश महामंत्री श्री के0एस0 राणा तथा प्रदेश सचिव श्री महेश शर्मा सह प्रभारी, रूद्रपुर में प्रदेश महामंत्री श्री आननन्द रावत तथा प्रदेश सचिव श्रीमती पुष्पा गोस्वामी सह प्रभारी, उधमसिंह नगर में प्रदेश महामंत्री श्री राजपाल खरोला तथा प्रदेश सचिव श्री मनीषी तिवारी सह प्रभारी, जिला उत्तरकाशी गंगाघाटी में प्रदेश महामंत्री श्री राजपाल बिष्ट तथा प्रदेश सचिव श्री अशोक धींगान सह प्रभारी, जिला उत्तरकाशी यमुनाघाटी में प्रदेश महामंत्री श्री सुबोध राकेश तथा प्रदेश सचिव श्री दीप बोरा सह प्रभारी होंगे।  मा0 प्रदेष अध्यक्ष जी द्वारा सभी प्रभारीगणों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने दायित्वों का निश्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए वरिश्ठ कांग्रेसजनों के सहयोग से जनपद में कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान करने का कार्य करेंगे। प्रभारीगणों से यह भी अपेक्षा है कि अविलम्ब अपने प्रभार के जिले में अपना कार्य प्रारम्भ करेंगे। 

किसाऊ परियोजना पर उत्तराखण्ड व हिमाचल के बीच चर्चा, मुख्यमंत्री से की हिमाचल के मुख्यसचिव ने मुलाकात
  • दोनों राज्य असहमतियों को करें दूर: हरीष रावत

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देहरादून,16 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि किसाऊ परियोजना उŸाराखण्ड व हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है। इसको लेकर दोनों राज्यों में जो भी असहमतियां हैं,उन्हें दूर किया जाना चाहिए। शनिवार अपराह्न में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव पी मित्रा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात कर किसाऊ परियोजना पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जब केंद्र में जल संसाधन मंत्री थे तब किसाऊ व हिमाचल की रेणुका परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के तौर पर लिया गया था। इन परियोजनाओं की लागत के लिए 90ः10 के अनुपात का प्राविधान किया गया था। किसाऊ परियोजना में 90 प्रतिशत धनराशि केंद्र द्वारा जबकि 5-5 प्रतिशत धनराशि हिमाचल व उŸाराखण्ड द्वारा दी जानी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना आयोग को समाप्त करने से उŸाराखण्ड व हिमाचल प्रदेश को नुकसान हुआ है। अपने विशेष राज्य के स्तर को बरकरार रखने के लिए दोनों राज्यों को सम्मिलित प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसाऊ परियोजना को प्राथमिकता देते हुए इस पर जल्द से जल्द दोनों राज्यों में सहमति बनाई जाए। वहीं दूसरी ओर किसाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के बारे में हिमाचल प्रदेश के साथ शनिवार को सचिवालय में हुई वार्ता सफल रही। इस परियोजना से मिलने वाले सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के हिस्सेदार दोनों राज्य बराबर-बराबर होंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव पी. मित्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एन. रविशंकर के साथ हुई बैठक में दोनो राज्यों में सहमति बन गई है। किसाऊ परियोजना हेतु संयुक्त उपक्रम (जेवी) (660 मेगावाट) के बनाने के लिये एमओयू ड्राफ्ट पर दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा हुई। ड्राफ्ट पर आम सहमति बन गई है। इसे दोनों राज्यों की कैबिनेट से मंजूरी के लिए रखा जायेगा। कैबिनेट से अनुमोदन के बाद उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्रियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, सचिव ऊर्जा उमाकांत पवांर, सचिव सिंचाई आनन्द वर्द्धन, हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा एसकेबीएस नेगी, एमडी हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन डीके शर्मा, निदेशक सिविल एके गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अब तीन दिन जनता से नहीं मिल पायेंगे मुख्यमंत्री

देहरादून,16 मई (निस)। मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक राजीव जैन ने बताया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत से 17, 18 व 19 मई, 2015 को सामान्य मुलाकात नहीं हो पायेंगी। मा. राष्ट्रपति के प्रस्तावित कार्यक्रम व शासकीय व्यस्तताओं के कारण मुख्यमंत्री श्री रावत से सामान्य तौर पर होने वाली मुलाकाते नही हो पायेंगी, जबकि अन्य पूर्व निर्धारित कार्यक्रम यथावत रहेंगे। 

ब्रीपिफंग में दिए पुलिसकर्मियांे को दिशा-निर्देश, राष्ट्रपति के दौरे को लेकर हर तैयारी पूर्ण

देहरादून। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के दून दौरे की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। शनिवार को ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मियों को अपर पुलिस महानिदेशक ;सुरक्षा एवं कानून व्यवस्थाद्ध अनिल रतूड़ी ने दिशा निर्देश दिए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे जनपद को कड़े सुरक्षा के दायरे में रखा गया है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा में संबोधन करना है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। राष्ट्रपति  के दून में रहने के दौरान जहां सुरक्षा व्यवस्था चाक चैबंद रहेगी वहीं इस दौरान दून के कई रास्तों को जीरो जोन घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से 14 एसपी, 18 डीएसपी, तीस निरीक्षक, 100 उपनिरीक्षक सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा दिल्ली से आए विशेष सुरक्षा दस्ते भी सुरक्षा तैयारियों का जायजा ले रहे है। शनिवार को पुलिस लाईन मंें राष्ट्रपति ड्यूटी में लगाए गए पुलिसकर्मियांे को दिशा-निर्देश दिए गए। कल तैयारियों को लेकर सुरक्षा अध्किारी रिहर्सल करेंगे। पुलिसकर्मियांे को ब्रीपफ करते हुए एडीजी लाॅ एंड आर्डर अनिल रतूड़ी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान हर तरफ से सुरक्षाकर्मी सतर्कता बरतें और अपने ड्यूटी स्थान पर तय समय पर पहुंचे। सभी वाहनों को दुरस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं एवं संदिग्धें से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई के लिए कहा गया है। हालांकि राष्ट्रपति दौरे के दौरान कुछ मार्गोे को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा लेकिन इसके बावजूद भी यातायात डायवर्ट की इस व्यवस्था को सख्ती के साथ अमल में लाने के आदेश दिए गए हैं। जहां एक तरफ पुलिस ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं वहीं स्वास्थ्य, लोनिवि एवं दूसरे विभागों को भी इस दौरान किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रपति 18 मई को दून आऐंगे और 19 मई को वापस दिल्ली जाऐंगे। इस दौरान वे राजभवन में ही रहेंगे। राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से हाईटैक प्रबंध किए गए हैं।

नीतीश सरकार बिहार में खेलों को बढ़ावा देने लिए संकल्पित

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बिहार की गन्ना उद्योग मंत्री डा. रंजू गीता ने आज कहा कि राज्य में खेलों को बढ़वा देने के लिए नीतीश सरकार कृत संकल्पित है। डा.गीता ने समस्तीपुर शहर के पटेल मैदान में तीन दिवसीय एथलेटिक प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ्य जीवन के लिए खेल जरूरी है। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजकों को शानदार आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि यह प्रतियोगिता बच्चों को खेल के प्रति जागृत करेगा । 

इस अवसर पर जिला एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष प्रो.शाहिद अहमद ने प्रतियोगिता के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि 18 मई तक चलने वाले इस प्रतिस्पर्धा में जिले के करीब 300 बालक एवं बालिकाऐं प्रतिभागी भाग ले रहे है । प्रतियोगिता में दौड़ समेत अन्य खेलों का आयोजन किया किया गया है। इस मौके पर जदयू के राज्य सभा सदस्य रामनाथ ठाकुर. एथलेटिक्स संघ के पेट्रान इन चीफ सह जिलाधिकारी एम.रामचन्द्रु-डू . जदयू विधायक राजकुमार राय .मंजू कुमारी जदयू दलित प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबालक पासवान उपस्थित थे ।

ग्रीनपीस एन जी ओ मोदी सरकार के निशाने पर क्यों?

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ग्रीनपीस के भारतीय कार्यालय को बंद करने के सरकार के इरादे का मुख्य कारण क्या है, इस पर अधिक चर्चा नहीं हो रही है। इसका प्रमुख कारण कोयला हो सकता है, जो देश का औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने की नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के केंद्र में है। विश्व संसाधन संस्थान के आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त दुनिया भर में 14 लाख मेगावाट से अधिक क्षमता के कुल 1,199 नए कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र प्रस्तावित हैं। इनमें से 455 संयंत्र अकेले भारत में प्रस्तावित हैं।

भारत लगभग पूरी तरह से कोयला, तेल एवं गैस जैसे जीवाश्म ईंधन पर आश्रित है, जो देश की कुल जरूरत के तीन-चौथाई हिस्से की पूर्ति करता है। मोदी सरकार हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे रही है। जीवाश्म ईंधन में भी तेल और गैस सिर्फ 30 फीसदी के करीब बिजली जरूरत की ही पूर्ति करते हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत के पास कोयले का विशाल भंडार मौजूद है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है।

कोयला देश की कुल बिजली जरूरत के 54.5 फीसदी हिस्से की पूर्ति करता है और देश की कुल स्थापित क्षमता में 61.5 फीसदी योगदान करता है। यह इस्पात तथा सीमेंट उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक देश में 2035 तक कोयले की खपत बढ़कर दोगुना हो जाएगी और 2020 तक यह सबसे बड़ा कोयला आयातक बन जाएगा। कोयला यद्यपि सस्ता है, लेकिन इससे सर्वाधिक कार्बन उत्सर्जन होता है। कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र जलवायु परिवर्तन के सबसे बड़े कारण हैं।

ग्रीनपीस दुनिया भर में कोयला खनन और ईंधन रूप में कोयला के उपयोग के विरुद्ध आंदोलन चला रहा है। इसकी भारतीय इकाई ने भी कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्रों और जंगलों में कोयला खनन के विरोध में सशक्त अभियान चलाया है।

कोल इंडिया और अडाणी निशाने पर :
सरकार के लिए परेशानी की बात यह भी है कि ग्रीनपीस कोल इंडिया और अडाणी को निशाना बना रहा है। कोल इंडिया देश की पांचवीं सर्वाधिक बाजार मूल्य (35.9 अरब डॉलर) वाली कंपनी है और गुजरात के अडाणी समूह के प्रमोटर गौतम अडाणी की मोदी से काफी निकटता है। ग्रीनपीस ने दोनों ही कंपनियों के विरुद्ध अभियान चलाया है। ग्रीनपीस की आस्ट्रेलिया शाखा ने दुनिया के सबसे बड़े कोयला भंडार (क्वींसलैंड का कारमिकेल खदान, जिसका अधिग्रहण अडाणी ने 16.5 अरब डॉलर में किया है) विकसित करने की अडाणी की योजना का विरोध किया है।

चीन की तर्ज पर औद्योगीकरण :
मोदी सरकार भारत के लिए 'दुनिया का कारखाना'की चीन की पहचान पर कब्जा जमाना चाहती है, जिसमें कोल इंडिया और अडाणी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। चीन की तर्ज पर भारत के औद्योगीकरण की सरकार की इच्छा का संकेत पहली बार तब मिला, जब सरकार ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कई विशालकाय परियोजनाओं की घोषणा की। इन परियोजनाओं की राह में पहली बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण की थी, जिसका निदान कानून में संशोधन के जरिए किया जा रहा है। दूसरी प्रमुख बाधा बिजली की है, जिसमें कोयला बड़ी भूमिका निभा सकता है। यही ग्रीनपीस जैसे संस्थानों के प्रति खुन्नस का प्रमुख कारण हो सकता है।

कोयला और जलवायु परिवर्तन : अस्तित्व के लिए बड़ी चुनौती
कोयला, तेल और गैस जलाए जाने से विशाल मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन होता है। चूंकि वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर काफी ऊंचा है, इसलिए जीवाश्म ईंधन के एक सूक्ष्म हिस्से का उपयोग किया जाए, तभी वातावरण सुरक्षित रह सकता है। इसीलिए ग्रीनपीस जैसी संस्थाएं कोयला जैसे जीवाश्म ईंधनों के उपयोग की विरोधी हैं। लेकिन मोदी सरकार और देश के बुर्जुआ वर्ग के लिए यह उनकी पसंदीदा संपत्ति को उनके हाथ से छीनने के जैसा है। यही कारण है कि ग्रीनपीस सरकार के निशाने पर आ गया, जो इस कड़ी में पहला ही है।



सजय जोस,
बेंगलुरू 

महिलाओं को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराएगी बिहार सरकार

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nitish kumar
बिहार में अब महिलाओं को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी राज्य सरकार कराएगी। इसके लिए एक योजना बनाई गई है। बिहार राज्य महिला विकास निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) इमामुद्दीन अहमद ने शनिवार को बताया कि महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी सरकार कराएगी। सरकार का मानना है कि कई महिलाएं अभाव के कारण प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाती हैं। 

उन्होंने बताया, "राज्य के सभी जिलों में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। समिति के अध्यक्ष जिले के जिलाधिकारी होंगे। यह समिति अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर छापेमारी कर या औचक निरीक्षण कर भ्रूण की जांच करने और उसकी हत्या करने की जांच करेगी।" 

अहमद ने बताया कि महिलाओं को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कार्य योजना बनेगी। उन्होंने बताया, "सभी विभागों की योजना में महिलाओं के विकास के प्रावधान तय किए जाएंगे। सभी विभागों से समन्वय कर इसे कारगर ढंग से लागू किया जाएगा।" 

भूमि अधिग्रहण के कारण सिर्फ 8 प्रतिशत परियोजनाएं लंबित

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भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं की वजह से देश भर में 804 औद्योगिक परियोजनाओं में से सिर्फ आठ प्रतिशत परियोजनाएं लंबित हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दिए गए एक आवेदन से यह खुलासा हुआ है।  आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक को मिली जानकारी के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण की समस्याओं की वजह से इस साल फरवरी से सिर्फ 8.2 प्रतिशत यानी 804 में से कुल 66 परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं, जिनमें से 29 सरकारी और 37 निजी परियोजनाएं हैं।

आरटीआई में इन 150 से अधिक परियोजनाओं के लंबित होने के कारण को 'अन्य'कर दर्शाया गया है, जिसका अर्थ समझ में नहीं आता, जबकि 120 से अधिक परियोजनाओं के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। मंजूरी नहीं मिलने की वजह से लगभग 95 यानी 11.8 प्रतिशत परियोजनाएं बाधित हुई हैं, जबकि अवांछित बाजार स्थितियों की वजह से कम से कम 97 यानी 12 प्रतिशत परियोजनाएं रुकी हुई हैं। पूंजी नहीं मिलने की वजह से 10.5 प्रतिशत यानी 85 परियोजनाएं फंसी हुई हैं और प्रमोटरों के हितों की वजह से 11.1 प्रतिशत यानी 90 परियोजनाओं में देरी हुई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी में संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश किया था, जिसमें देश भर में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में लंबित पड़ी परियोजनाओं की पूरी सूची शामिल थी। दिल्ली के स्थानीय निवासी एवं आरटीआई दायर करने वाले कार्यकर्ता नायक ने इन परियोजनाओं के लंबित होने के कारणों के बारे में जानकारी मांगी। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने बताया कि भूमि अधिग्रहण समस्याओं की वजह से 1,10,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं। आंकड़े बताते हैं कि पर्यावरणीय मंजूरियां नहीं मिलने की वजह से लगभग 30 परियोजनाएं रुकी हुई हैं।

नायक ने आईएएनएस को बताया कि 75 परियोजनाएं होटलों और रिजॉर्ट निर्माण से संबंधित थीं। 34 परियोजनाएं शानदार रिहायशी घरों, 28 शॉपिंग मॉल और पांच परियोजनाएं मल्टीप्लेक्सों के निर्माण से संबंधित थीं। कुल मिलाकर, ये परियोजनाएं बिजली उत्पादन, हवाईअड्डों के निर्माण एवं विस्तार, सड़क एवं रेलवे विस्तार, औषधि, कपड़ा और सॉफ्टवेयर क्षेत्रों से जुड़ी हुई थी।

गांधीवादी दर्शन आतंकवाद से लड़ने में मददगार : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शंघाई में फुतान विश्वविद्यालय में गांधी और भारतीय अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन आतंकवाद से लड़ने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार हो सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फुतान विश्वविद्यालय के गांधी और भारतीय अध्ययन केंद्र का ऐतिहासिक शुभारंभ।" इस आयोजन में दो चीनी छात्रों ने भगवद्गीता के श्लोक पढ़कर सुनाए।

मोदी ने विद्यार्थियों को हिंदी में संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व दो प्रमुख समस्याओं आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिग से जूझ रहा है। महात्मा गांधी को युग पुरुष और युग मानव संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गांधी दर्शन से आतंकवाद का सामना करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ने सदियों से ज्ञान की खोज में अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा, "ज्ञान की खोज पर आधारित संबंधों के सदियों तक लाभकारी प्रभाव रहे हैं।"

मोदी ने कहा कि उन्हें विद्यार्थियों से बातचीत कर और चीन की यात्रा कर बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि शंघाई के फुतान विश्वविद्यालय और बीजिंग के सिन्हुआ विश्वविद्यालय में जाकर विद्यार्थियों से बातचीत करने का उन्हें दो बार अवसर मिला है। 

चीनी कंपनियों संग 26 समझौतों में अधिकांश अडानी, भारती ने झटके

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भारत और चीन के कारोबारियों के बीच शनिवार को 22 अरब डॉलर मूल्य के 26 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इन समझौतों से अडानी और भारती समूह को सर्वाधिक लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां भारत-चीन बिजनेस फोरम की बैठक में चीनी कंपनियों से भारत में निवेश करने का आह्वान किया, और दोनों देशों की कंपनियों के बीच ये समझौते हुए।  भारतीय उद्योग जगत के कुछ दिग्गज कारोबारियों के अलावा चीन के उद्योग जगत की भी कई नामचीन हस्तियां यहां मौजूद थीं, जिनमें हवाई, दोंगफांग इलेक्ट्रिक, हैरन, शंघाई अर्बन कंस्ट्रक्शन, बाओस्टील, अलीबाबा, ट्राइना, चिंट, सैक मोटर और शंघाई मीडिया के अध्यक्ष शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे को याद करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच साझेदारी को एक नए सिरे से मजबूत करने का अवसर मिला, विशेष रूप से कारोबारी क्षेत्र में। मोदी ने कहा, "मुझे राष्ट्रपति शी और मेरे द्वारा बनाए जा रहे संबंधों से बहुत उम्मीद है। उन्होंने सितंबर 2014 में अपने दौरे के दौरान 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी।"

"हमने औद्योगिक पार्को, रेलवे, कर्ज, लीजिंग सहित कुल 13 अरब डॉलर के 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।"बीजिंग में भारतीय दूतावास ने शनिवार को हुए इन समझौतों के बारे में बयान में कहा कि 22 अरब डॉलर के 26 समझौते हुए हैं। दूतावास ने कहा कि ये समझौते नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, बुनियादी ढांचा, इस्पात, छोटे और मझोले उद्यमों सहित विभिन्न क्षेत्रों में हुए हैं। अडानी समूह ने बिजली, बंदरगाह विशेष आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक पार्क और गैस बिजली उत्पादन के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। खास समझौतों में एक चीनी बंदरगाह के साथ सहयोगी रिश्ता, और मुंद्रा बिजली परियोजना के लिए संभव वित्तीयन और उसी बंदरगाह शहर में एक विशेष क्षेत्र के लिए समझौते शामिल हैं।

भारती समूह ने जो समझौते किए हैं, उनमें कंपनी के पोर्टफोलियो विस्तार के लिए और इसके पूरे संचालन (इस समय 20 देशों मैं फैले) में डेटा नेटवर्क वृद्धि में निवेश के लिए दो चीनी बैंकों से 2.5 अरब डॉलर तक की वित्तीय पूंजी प्राप्त करने के समझौते शामिल हैं।

हिमाचल की विस्तृत खबर (16 मई)

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बयान को विकास विरोधी और राजनीति से प्रेरित करार दिया 


शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  बहुउद्देश्यीय परियोजना एवं ऊर्जा मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने भाजपा नेता श्री नरेन्द्र बरागटा द्वारा सावड़ा कुड्डू जल विद्युत परियोजना की ‘एडिट टनल’ निर्माण के संदर्भ में दिए गए बयान को विकास विरोधी और राजनीति से प्रेरित करार दिया है।आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में श्री पठानिया ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि श्री बरागटा जो स्वंय को जुब्बल और कोटखाई क्षेत्र के लोगों का हितैषी कहते हैं वह राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए क्षेत्र की महत्वकांक्षी परियोजना में बाधा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री बरागटा लोगों को गुमराह कर उन्हें परियोजना के लाभों से वंचित करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित की जा रहीं सभी जल विद्युत परियोजनाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप लगाई जा रही हैं और इनमें सभी सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं।श्री पठानिया ने कहा कि परियोजना के तहत एडिट टनल का निर्माण प्रदेश और देश के लोगों के हित में शीघ्र पूरा करने के उददेश्य से किया जा रहा है। इस सुरंग के निर्माण का कार्य मैसर्ज पटेल कंपनी को वर्ष 2013 में दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. और स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों की एक समिति गठित करने लिए कहा था ताकि मामले को सुलझाया जा सके। लेकिन लोगों में एक मत न होने के कारण एस.डी.एम. रोहडू तथा परियोजना के अन्य अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद समिति का गठन नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ स्थानीय लोगों द्वारा स्थानीय क्षेत्र विकास निधि और कैचमेंट ट्रीटमेंट प्लान के संदर्भ में उठाए गए विभिन्न मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया ताकि इस परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके। इसलिए यह कहना गलत होगा कि प्रदेश सरकार ने इस मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास नहीं किया। बहुउद्देश्ीय परियोजना एवं ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह पता लगाने के लिए कि क्षेत्र स्लाईडिंग जोन के अन्तर्गत तो नहीं आता, केन्द्रीय खनन संस्थान, धनबाद से क्षेत्र का सर्वेक्षण करवाया गया है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित है और सुरंग निर्माण से क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थलाकृति पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गांव प्रस्तावित सुरंग से 600 मीटर अधिक है और थाना गांव की आंतरिक दूरी भी प्रस्तावित सुरंग से 400 मीटर से ऊपर है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा नेता केवल अपने राजनीतिक हित साधने के लिए सुरंग के संदर्भ में अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना की मुख्य सुरंग गांव के नीचे पहले ही निर्मित की जा चुकी है लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया। श्री पठानिया ने कहा कि परियोजना के प्रबन्धन ने निर्माणाधीण क्षेत्र में एक सिस्मोग्राफ स्थापित किया है ताकि यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि साथ लगते क्षेत्रों के घरों को कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबन्धन ने यह पहले ही स्पष्ट कर रखा है कि किसी भी प्रकार की संपदा हानि की स्थिति में परियोजना प्रबन्धन सारे खर्च का वहन करेगा।उन्होंने श्री बरागटा को इस तरह की गुमराह करने वाली, राजनीति से प्रेरित और विकास विरोधी बयानबाजी से दूर रहने की सलाह दी है।

प्रत्येक जिले में रेडक्रास भवन के निर्माण पर विचार:श्री कौल सिंह ठाकुर

शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  स्वास्थ्य मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में रेडक्रास भवनों के निर्माण पर विचार कर रही है। उन्होंने इस संदर्भ में उपायुक्तों को उपयुक्त भूमि तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर जिले में रक्त पृथक्करण इकाई स्थापित करने पर भी विचार कर रही है।श्री कौल सिंह ठाकुर जो राज्य रेडक्रास प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं, आज यहां हिमाचल प्रदेश रेडक्रास समिति की प्रबंध समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।बैठक में राज्य रेडक्रास सोसाइटी के वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए 62 लाख 94 हज़ार 100 रुपये के बज़ट का अनुमोदन किया गया।स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य रेडक्रास समिति द्वारा आयोजित गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि समिति गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा करके मानव कल्याण की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक नियमित तौर पर आयोजित की जानी चाहिए, ताकि पिछले कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ भावी योजनाओं पर भी विचार किया जा सके। इसके दृष्टिगत उन्होंने समिति की अनिवार्य रूप से सालान बैठक बुलाना सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए।रेडक्रास समितियों में तैनात कर्मियों के नियमितिकरण का जिक्र करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार 8 वर्ष से अधिक समय से समिति को अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर तैनात करने पर विचार कर रही है। इसके तहत इन कर्मियों को रोगी कल्याण समितियों के अंतर्गत लाने के उपरांत अनुबंध सेवाओं में लाकर नियमित करने पर विचार किया जाएगा। श्री ठाकुर ने जिला स्तरीय रेडक्रास समिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को बतौर सचिव तैनात करने और सहायक आयुक्त को कोषाध्यक्ष बनाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य स्तर पर रेडक्रास की आजीवन सदस्यता अभियान को पुन: आरंभ करने के निर्देश भी दिए। बैठक में आजीवन सदस्यता के लिए शुल्क को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने पर भी सहमति बनी।स्वास्थ्य मंत्री ने सभी उपायुक्तों से जि़लों में अधिक से अधिक लोगों को रेडक्रास गतिविधियों से जोडऩे एवं आजीवन सदस्य बनाने के अभियान को गति देने का आग्रह किया। उन्होंने उपायुक्तों से अपने जिलों में हर वर्ष रेडक्रास मेले आयोजित करने एवं समिति की आमदनी बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह भी किया।स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य रेडक्रास को प्रशासनिक व्यय के लिए प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये प्रदान करना सुनिश्चित बनाने के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार रेडक्रास भवनों पर गृहकर लगाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने इसमें छूट प्रदान करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने  के निर्देश दिए, ताकि इसे मंत्रीमण्डल की बैठक में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा खरीदे जाने वाले उपकरणों पर मूल्यवर्धित कर में छूट के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग से मामला उठाया जाएगा।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के ग्रामीण एवं दूर दराज क्षेत्रों में लोगों को आधुनिक एवं गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिशु लिंगानुपात में और बेहतर सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेटियों के जन्म के उपरांत परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवारों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में व्यापक वृद्धि की गई है।बैठक में चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा श्रीमती उमा बाल्दी, श्रीमती सोनिया चौहान और श्रीमती जोगेश कौर को राज्य रेडक्रास कार्यकारिणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया।बैठक का संचालन राज्यपाल के सचिव एवं राज्य रेडक्रास सोसाइटी के महासचिव श्री संजय गुप्ता ने किया।बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त अथवा उनके प्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, गैर-सरकारी सदस्यों सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।



पांचवी कक्षा तक की पुस्तकों का प्रकाशन नए पाठ्यक्रम के अनुरूप

शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिए तीसरी से पांचवीं कक्षा की पाठ्य पुस्तकों का मुद्रण नए पाठ्यक्रम के अनुरूप किया गया है। कुछ पुस्तकों में मानचित्र सम्मिलित करने तथा इनका सत्यापन करवाने के लिए भारतीय सर्वेक्षण कार्यालय देहरादून में भेजे जाने के कारण प्रकाशन की प्रक्रिया जारी है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पुस्तकों के मुद्रण के लिये कागज गुणवत्ता के निर्धारित मानकों (आई.एस. 1848-2007) के अनुसार नियन्त्रक, मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग के माध्यम से क्रय किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा पाठ्य पुस्तकों में 80 जीएसएम क्रीम वूव वाटर मार्क पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा वर्षों से उपयोग में लाए जा रहे इस कागज की गुणवत्ता निर्धारित मानकों पर खरा उतर रही है।   उन्होंने कहा कि पुस्तकों के मुद्रण पर नियमित निगरानी के लिये बोर्ड ने प्रकाशन समिति का गठन किया है। मुद्रण में किसी प्रकार की कमी की रिपोर्ट पर बोर्ड मुद्रक पर आर्थिक दण्ड लगा सकता है अथवा मुद्रण कार्य से वंचित कर सकता है।प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2015 में मुद्रित की गई पाठ्य पुस्तकों को पहले ही बोर्ड के समस्त पुस्तक भण्डारों में विक्री हेतु उपलब्ध करवाया जा चुका है।



एमआईएस के तहत आम की खरीद को मंजूरी



शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  प्रदेश सरकार ने मण्डी मध्यस्थता (एमआईएस) योजना के तहत वर्ष 2015 के लिए बागवानों से प्रोसेसिंग ग्रेड के आम की खरीद का निर्णय लिया है। यह खरीद 34 फल प्रापण केन्द्रों के माध्यम से की जाएगी। यह योजना प्रथम जुलाई, 2015 से 15 अगस्त, 2015 तक जारी रहेगी।  प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि इस योजना के तहत अंकुर प्रजाति के 300 मीट्रिक टन एवं कलमी प्रजाति के 200 मीट्रिक टन आम की खरीद क्रमश: 5.50 रुपये एवं 6.50 रुपये प्रति किलो की दर से की जाएगी। फल खरीद का यह कार्य एचपीएमसी और हिमफैड के माध्यम से किया जाएगा। यह एजेंसियां 1.30 रुपये प्रति किलो की दर से रख-रखाव शुल्क की पात्र होंगी।उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी अंकुर और कलमी प्रजाति के आम के विक्रय से क्रमश: 2000 व 3000 रुपये प्रति मीट्रिक टन औसतन आय का अनुमान है।प्रवक्ता ने कहा कि खरीद केन्द्रों को मांग आधार पर खोला जाएगा और इनका संचालन एचपीएमसी और हिमफैड अपने कर्मियों के माध्यम से करेंगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसानों/बागवानों से निर्धारित मात्रा से 2.5 प्रतिशत ज्यादा तक की खरीद की जाएगी ताकि प्रापण के दौरान होने वाली किसी भी क्षति की पूर्ति की जा सके। उन्होंने कहा कि आम की खरीद केवल उन्हीं किसानों-बागवानों से की जाएगी, जिनके पास बागवानी कार्ड और 10 बीघा या इससे कम आम की खेती वाली जमीन होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत ठेकेदारों से किसी तरह की खरीद नहीं की जाएगी।

दूरदराज क्षेत्रों को सडक़ मार्गों से जोडऩा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री

शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के डोडरा-क्वार, काशापाठ, पांगी, बड़ा भंगाल इत्यादि अति दुर्गम क्षेत्रों को सडक़ मार्गों से जोडऩे और शिक्षा एवं स्वास्थ्य संस्थान खोलने को प्राथमिकता प्रदान कर रही है ताकि इन क्षेत्रों का राज्य के दूसरे भागों की तर्ज पर तीव्र विकास सुनिश्चित हो सके।मुख्यमंत्री गत शुक्रवार देर सांय कुल्लू जिले की दूरवर्ती लगघाटी के भुट्टी में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाबू जोत सुरंग के शीघ्र निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं। इस सुरंग के निर्माण से कई किलोमीटर की दूरी कम होगी और वर्ष भर वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित होगी।श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि हालांकि, प्रदेश सरकार ने स्कूलों में युक्तिकरण की नीति अपनाई गई है, लेकिन कठिन क्षेत्रों की विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में विद्यार्थियों को उनके घरद्वार के नजदीक शिक्षा सुविधा सुनिश्चित बनाने के लिए नए शिक्षण संस्थान खोले जा सकते हैं।मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत मजाहट के डुपकन तथा भलियाणी पंचायत के खडक़ा में नई राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं खोलने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय प्राथमिक पाठशाला सुम्मा को माध्यमिक पाठशाला, राजकीय माध्यमिक पाठशाला फल्लां, चारा कोठी, भुमतीर और कडिंगचा को उच्च पाठशालाएं, जबकि राजकीय उच्च पाठशाला बगान और डुगिलग को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं स्तरोन्नत करने की भी घोषणाएं की।श्री वीरभद्र सिंह ने आश्वासन दिया कि टंडारी से डुपकन सडक़ निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने डुपकन से फल्लां, जिन्डी, चलाह-कडिंगचा-समालंग-त्यूण और सतरिंग से जठानी सडक़ों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने विभाग को नाघुजोत पावर हाऊस से ग्रमांग-2, बगान-बेढार-लाही, सर्कुलर रोड़ डोडरा पावर हाऊस से लोअर गडारिया, रूजाग-बाड़ी, नेरी-छोटी नेरी, डारका पावर हाऊस डुगिलग और फैजड नाला से सलधाडी सडक़ों के निर्माण का सर्वेक्षण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने भारी वर्षा से क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक क्षतिग्रस्त सडक़ों की मुरम्मत एवं सुधार के भी निर्देश दिए।स्थानीय लोगों की मांग पर श्री वीरभद्र सिंह ने कुल्लू-डुगिलग-खाणिपंड, कुल्लू-मशाण-थाच और कुल्लू-ब्रेहीराग्रां -भुुमतीर के बीच बस सेवाएं आरम्भ करने का मामला परिवहन विभाग से उठाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री ने डुपलन में आयुवेर्दिक औषधालय, डुखरीघर पंचायत के गांव शालंग और मजहाट पंचायत के गांव डुपकन में सामुदायिक सभागार निर्मित करने की भी घोषणाएं की।राज्य कांग्रेस पार्टी के महासचिव ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उनके समक्ष क्षेत्र की मांगे रखी।प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्री विक्रमादित्य सिंह, बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री कर्ण सिंह, वूल फैडरेशन के अध्यक्ष श्री रघुवीर ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष श्री हरिचन्द शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री बुद्धि सिंह ठाकुर, उपायुक्त कुल्लू श्री राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री अमितपाल सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक श्री दिनकर बुराथोकी, कांग्रेसी नेता श्री धर्मवीर धर्माणी सहित पंचायतों के जन प्रतिनिधि, महिला एवं युवक मण्डलों के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

फसल आधारित बीमा योजना के तहत आएंगी अदर, टमाटर और मटर की फसलें

शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  प्रदेश सरकार ने खरीफ मौसम, 2015 के लिए राज्य में उत्पादित की जाने वाली तीन फसलें अदरक, टमाटर और मटर मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत लाने को मंजूरी प्रदान की है। इस योजना के तहत उत्पादकों को तेज बारिश, गर्मी, आद्र्रता, ओलावृष्टि तथा सूखे आदि की स्थिति में खरीफ की उपरोक्त फसलों को होने वाले नुकसान के लिए बीमा सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी।एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज यहां कहा कि केन्द्र प्रायोजित इस योजना के अन्तर्गत अदरक फसल के लिए बिलासपुर जिला के सदर, घुमारवीं, झण्डूता विकास खण्ड, शिमला जिला के मशोबरा और रामपुर विकास खण्ड, सिरमौर जिला के नाहन, पावंटा, शिलाई, राजगढ़, संगड़ाह और पच्छाद विकास खण्डों तथा सोलन जिला के कुनिहार, कण्डाघाट और धर्मपुर विकास खण्ड, टमाटर की फसल के लिए बिलासपुर जिला के विकास खण्ड सदर, घुमारवीं और झण्डूता, कांगड़ा जिला के भेडू महादेव, नगरोटा बगवां, कांगड़ा, रैत, भवारना और बैजनाथ, कुल्लू जिला के विकास खण्ड कुल्लू, नग्गर, निरमण्ड, मण्डी जिला के सराज, गोहर, करसोग, बल्ह और द्रंग, शिमला जिला के विकास खण्ड ठियोग, रामपुर, बसंतपुर, नारकण्डा, मशोबरा, रोहडू, चौहारा, चौपाल, जुब्बल और ननखड़ी, सिरमौर जिला के नाहन, पावंटा, राजगढ़, संगड़ाह, शिलाई और पच्छाद तथा सोलन जिला के विकास खण्ड कुनिहार, कण्डाघाट, धर्मपुर और सोलन को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह मटर की फसल के लिए चम्बा जिला के विकास खण्ड शलूनी, तीसा, किन्नौर जिला के पूह, कल्पा, निचार, कुल्लू जिला के निरमण्ड, आनी, कुल्लू, नग्गर और बंजार, लाहौल-स्पीति जिला के विकास खण्ड स्पीति, केलंग, मण्डी जिला के विकास खण्ड सराज, गोहर, करसोग, बल्ह और द्रंग तथा शिमला जिला के विकास खण्ड ननखड़ी, नारकण्डा, रोहडू, चौहारा, जुब्बल, मशोबरा, ठियोग, चौपाल, बसन्तपुर और रामपुर इस योजना के तहत शामिल किए गए हैं।प्रवक्ता ने कहा कि यह योजना ‘क्षेत्रीय पहुंच’ के सिद्धांत के आधार पर अधिसूचित ‘सन्दर्भित इकाई क्षेत्र’ में लागू होगी। यह क्षेत्र विशेष सन्दर्भित मौसम केन्द्रों से जुड़े होंगे, जोकि मुआवजे के आकलन के लिए मौसम संबंधी डाटा उपलब्ध करवाएंगे। इस योजना के लिए सहभागी उत्पादक और पट्टेदार किसान दोनों ही पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना ऋणधारक उत्पादकों के लिए अनिवार्य है, जबकि गैर ऋणधारक उत्पादक भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।उन्होंने कहा कि ऋणधारक उत्पादकों के लिए बीमा छत्र संबंधित वित्तीय संस्थानों और नोडल बैंक के माध्यम से और गैर ऋणधारक उत्पादकों को बीमा छत्र बीमा कम्पनियों के माध्यम से प्राप्त होगा।प्रवक्ता ने कहा कि मटर और टमाटर के लिए एक लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और अदरक के लिए 1.50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से बीमा आवरण प्रदान किया जाएगा, साथ ही मटर की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए 15 हजार रुपये का अतिरिक्त आवरण प्रदान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि अदरक और मटर के लिए प्रीमियम की दर 11 प्रतिशत और टमाटर के लिए 10.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है, जबकि मटर फसल को ओलावृष्टि से बचाने हेतु विशेष छत्र के तहत 11 प्रतिशत की दर से प्रीमियम देय होगा।  उन्होंने यह भी कहा कि कुल प्रीमियम का 50 प्रतिशत भुगतान उत्पादक द्वारा, जबकि बकाया 50 प्रतिशत का भुगतान केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा 50:50 के आधार पर अदा किया जाएगा।प्रवक्ता ने कहा कि बीमा राशि संबंधित बीमा कम्पनियों द्वारा बीमा अवधि पूरी होने के 45 दिन के भीतर नोडल बैंकों को हस्तांतरित कर दी जाएगी और नोडल बैंक इसे आगे संबंधित बीमा धारक के बैंक खाते या वित्तीय संस्थान को भेज देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय बैंक समिति, अग्रणी बैंकों के प्रबन्धकों, सहकारी बैंक और बीमा कम्पनियां जिला स्तर पर इस योजना को क्रियान्वित करेंगे।

तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला

शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान में ‘तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चण्डीगढ़ में किया गया। इस कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश के 13 निजी विश्वविद्यालय और 7 निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. एम.पी. पूनिया और हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की अध्यक्षा श्रीमती सरोजनी गंजू ठाकुर ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कार्यशाला में संबद्धता प्रक्रिया, परिणाम आधारित शिक्षा, रोजगार एवं नियोजन, अकादमिक और औद्योगिक अन्तरापृष्ठ और शिक्षक अध्ययन प्रक्रिया में नवोन्वेषण आदि विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क और रणनीति पर भी विवेचना की गई ताकि तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाया जा सके।प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की विवेचनाओं से राज्य के निजी विश्वविद्यालयों को संबद्धता के लिए तैयारी करने में सहायता मिलती है और प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता के उन्नयन में यह एक मील पत्थर साबित होंगीं।



सिंगल रिटर्न दायर कर सकेंगे डीलर



शिमला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश मूल्यवर्धित कर नियम, 2005 और केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम (हिमाचल प्रदेश) नियम, 1970 में अधिनियमों के तहत रिटर्न के संयोजन और केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम (हिमाचल प्रदेश) नियम, 1970 के नियम-7 में संशोधन किया है। प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मूल्यवर्धित कर नियम, 2005 और केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम के रिटर्न के संयोजन के फलस्वरूप अब डीलरों को एक ही रिटर्न भरनी होगी, जिससे उन्हें दो अलग-अलग रिटर्नें भरने के झंझट से छुटकारा मिलेगा। इससे वे अपने रिकार्ड का बेहतर तरीके से संरक्षण, छंटाई और विश्लेषण कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से रिटर्न भरने की प्रक्रिया का सरलीकरण हुआ है, जिससे प्रशासनिक स्तर पर भी कार्य में दक्षता आएगी।



21 से 27 मई के मध्य किया जाएगा किसान सत्याग्रह आंदोलन: सुधीर शर्मा

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धर्मशाला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  जिला में 21 से 27 मई के मध्य किसान सत्याग्रह आंदोलन के अंतर्गत पद यात्राओं का आयोजन कर कृषकों को वर्तमान केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल से होने वाली क्षति के विरूद्ध जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। यह जानकारी शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री श्री सुधीर शर्मा ने आज यहां आंदोलन की तैयारियों के संदर्भ में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए दी। श्री सुधीर शर्मा ने बताया कि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता जिला के प्रत्येक खंड में उक्त तिथियों को 10 से 15 किलोमीटर लम्बी पद यात्रा कर संबंधित ब्लॉक के कृषकों, बागवानों एवं आम नागरिक को इस बिल से भविष्य में इस वर्ग के लोगों पर पडऩे वाले प्रभाव बारे विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। पद यात्रा के अंत में प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में संबंधित एसडीएम एवं तहसीलदार को इस बिल के विरूद्ध ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर पूरे भारतवर्ष में इस अभियान को चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का जिमा चम्बा-कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र की युवा कांग्रेस को सौंपा गया है, जिसके सहयोग के लिए संबंधित ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी व उनके नेता को विशेष रूप से कहा गया है। अभियान में आम आदमी की उपस्थिति भी सुनिश्चित हो इसके लिए संगठन को पूर्व में आम आदमी के पास जाकर यूपीए सरकार एवं वर्तमान केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल में व्याप्त अंतर को समझाने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की पूर्व यूपीए सरकार हमेशा किसान एवं गरीबों की हितेशी रही है तथा कांग्रेस एवं यूपीए सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान कोई भी ऐसा निर्णय एवं विधेयक पारित नहीं किया गया जो इस वर्ग के लोगों के लिए नुकसानदायक रहा हो। इसकी अपेक्षा केन्द्र की वर्तमान बीजेपी सरकार ने इस वर्ग को हताश करते हुए नया भूमि अधिग्रहण बिल लाया है जो कि पूर्णतया किसान विरोधी है। सुधीर शर्मा ने बताया कि आने वाली 2 जून को जिला मुख्यालय में युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य की अध्यक्षता में युवा कांग्रेस एक बड़ी किसान जागरूक रैली का आयोजन भी करेगी। जिसके लिए भी उन्होंने जिला युवा कांग्रेस के समस्त पदाधिकारियों को तैयारियां करने के निर्देश दिये। बैठक में नुरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री अजय महाजन एवं वन निगम के उपाध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानिया ने भी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया। इस बैठक में कांगड़ा-चम्बा लोकसभा चुनाव क्षेत्र के विभिन्न ब्लॉकों के युवा कांग्रेस के पदाधिकारी धर्मशाला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष श्री राकेश धीमान, जयसिंहपुर संजय राणा सहित उपाध्यक्ष यूथ कांग्रेस सुनिल शर्मा, विजय इन्द्र करण सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।   

पैट की परीक्षा अब 24 मई, 2015 को

धर्मशाला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  बोर्ड द्वारा छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 17 मई, 2015 को होने वाली ;च्।ज्द्ध की परीक्षा अब 24 मई, 2015 को प्रात: 10 से 1 बजे तक संचालित करवाई जानी निश्चित की गई है। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव सुनील वर्मा ने बताया कि बहुतकनीकी प्रवेश परीक्षा ;च्।ज्द्ध हेतु उम्मीदवारों द्वारा आवेदन फार्म के साथ बैंक में जमा शुल्क की डिटेल अपलोड नहीं की गई है। जिसके लिए बोर्ड द्वारा उम्मीदवारों को बार-बार समाचार पत्रों, दूरभाष के द्वारा सूचित किया गया है। तथा इन छात्रों के फीस का विवरण न होने के कारण इनके प्रवेश पत्र नहीं बन पाए है। इन छात्रों द्वारा जमा फीस की डिटेल बोर्ड को अभी भी प्राप्त हो रही है तथा लगभग 2 हजार के करीब उम्मीदवार अभी भी ऐसे रहते है जिनकी फीस विवरण न होने के कारण उन्हें प्रवेश कार्ड जारी नहीं किए जा सके हैं। सचिव ने बताया कि फीस विवरण भेजने के लिए ऐसे उम्मीदवारों को अंतिम अवसर देते हुए फीस विवरण भेजने हेतु 18 मई, 2015 निर्धारित की गई है। इसके उपरांत फीस संबंधी मामले स्वीकार्य नहीं होंगे। प्रवेश परीक्षा हेतु निर्धारित तिथियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने ने बताया कि दिनांक 17 मई, 2015 हेतु जारी रोल नम्बर रद्द होंगे तथा पैट हेतु निर्धारित नई तिथि के लिए उम्मीदवारों को प्रवेश कार्ड दोबारा जारी किए जायेंगें। जिन्हें उम्मीदवार दिनांक 19 मई, 2015 सांय से बोर्ड की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकेंगे। सुनील वर्मा सचिव हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने जानकारी देते हुए कहा कि उम्मीदवारों को नये जारी प्रवेश कार्ड के अनुसार ही परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी तथा 17 मई की परीक्षा तिथि वाले डाउनलोड प्रवेश कार्ड के आधार पर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जायेगी।  उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बोर्ड द्वारा दिनांक 24 मई, 2015 को संचालित करवाई जाने वाली लेटरल ऐंटरी प्रवेश परीक्षा (स्म्म्ज्. 2015) अब दिनांक 31 मई, 2015 को प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक संचालित करवाई जाएगी।

18 मई, 2015 को बिजली बंद

धर्मशाला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)। सहायक अधिशासी अभियंता विद्युत उपमंडल नं0 2 के जफर इकबाल खान ने जानकारी देते हुए बताया कि एच टी लाईन के चलते मुरम्मत व उचित रख-रखाव के कारण 18 मई को बिजली बंद रहेगी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आईपीएच परिसर क्षेत्रीय अस्तपाल, आर्युवेदिक अस्तपाल, जुडिशियल कोर्ट, दूरभाष केन्द्र, एसपी, उपायुक्त, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, कचैहरी अड्डा, डिपू बाजार, पुलिस लाईन, सिविल लाईन, हाऊसिंग कोलनी, सिविल बाजार, प्रयास भवन, फोरेनसिक लैब, श्याम नगर, राम नगर, एक जोत कोलनी, कोतवाली बाजार, गुरूद्वारा रोड, टीसीवी, चरान खड्ड, सरस्वती नगर और दाडऩू इत्यादि में 18 मई, 2015 को प्रात: 10 बजे से 4 बजे तक बिजली बंद रहेगी। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है कि मौसम के खराब होने के कारण यह कार्य अगले दिन किया जायेगा।  

वार्ड नम्बर 6 लोअर वीरता में उचित मूल्य की दुकान खोली जानी है

धर्मशाला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  जिला नियंत्रक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, धर्मशाला ने जानकारी देते हुए बताया कि विकास खंड कांगड़ा की ग्राम पंचायत वीरता के स्थान वार्ड नम्बर 6 लोअर वीरता में उचित मूल्य की दुकान खोली जानी हैं। जिला नियंत्रक ने बताया कि उचित मूल्य की दुकान के लिए इच्छुक प्रार्थियों, एकल नारी (महिला एवं बाल विकास हिमाचल प्रदेश द्वारा निर्धारित किया गया हो) विधवा जो अपने बच्चों का स्वयं पालन-पोषण कर रही हो, महिला मंडल, महिलाओं की सहकारी सभा या महिलाओं का अन्य कोई समूह, शारीरिक रूप से अपंग व्यक्ति जो कि उचित मूल्य की दुकान का कार्य ठीक प्रकार से करने में सक्षम हो, भूतपूर्व सैनिक , शिक्षित बेराजगार व्यक्ति परिवार से कोई भी सदस्य नियमित रोजगार में न हों, ग्राम पंचायत एवं सहकारी सभाओं से उचित मूल्य की दुकान आवंटन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाते है। उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति व संस्थाओं से अनुरोध है कि वे अपना आवेदन-पत्र निर्धारित प्रपत्र पर 10 जून, 2015 तक जिला नियंत्रक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कांगड़ा स्थित धर्मशाला के कार्यालय में प्रस्तुत करें। आवेदन करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास है। उन्होंने बताया कि आवेदन-पत्र के साथ दसवीं का प्रमाण पत्र, वित्तीय स्थिति से संबंधित दस्तावेज, गोदाम की उपलब्धता, भंडारण क्षमता संबंधी दस्तावेज और बेरोजगार होने बारे प्रमाण पत्र की प्राधिकृत अधिकारी से सत्यापित प्रतियां संलग्न करना अनिवार्य है, जिनके बिना आवेदन अस्वीकृत, रद्द कर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त उच्च शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, स्वयं तथा परिवार के किसी भी सदस्य के नियमित रोजगार में न होने संबंधी प्रमाण पत्र यदि आवेदक बीपीएल/एससी/ओबीसी/एसटी परिवार से संबंध रखता है या रखती है तो इस संबंध में प्रमाण-पत्र, भूतपूर्व सैनिक प्रमाण-पत्र, अपंगता प्रमाण पत्र, यदि आवेदक उसी वार्ड का है जिसमें उचित मूल्य की दुकान खोली जानी प्रस्तावित है तो इस संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा जारी प्रमाण पत्र विधवा, एकल नारी से संबंधित दस्तावेज जो भी उपलब्ध हो कि प्राधिकृत अधिकारी से सत्यापित छाया प्रतियां भी आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना सुनिश्चित करें। ताकि इसी आधार पर मैरिट तय की जा सके। 



प्रो0 डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री होंगे उड़ान 2015 के मुख्यातिथि

धर्मशाला, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  अस्थायी शैक्षणिक खंड शाहपुर में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम उड़ान 2015 के मुख्यातिथि माननीय कुलपति हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री होंगे। यह जानकारी प्रो0 एच0 आर0 शर्मा अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने देते हुए बताया कि 19 मई, 2015 मंगलवार को आयोजित किए जाने वाले हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय उड़ान 2015 वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रात: 10 बजे आरम्भ होगा। 
              
कवि सम्मेलन व मासिक साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित

हमीरपुर , 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा संस्कृति सदन सलासी में शनिवार को कवि सम्मेलन व मासिक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह जानकारी जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल ने दी। उन्होंने कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग सदैव नवोदित कवियों तथा वरिष्ठ कवियों/ लेखकों को मंच प्रदान करने के लिए तत्पर रहता है तथा इस दिशा में सदैव कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति का संरक्षण करना अति आवश्यक है ताकि आने वाले समय में युवा संस्कारों को समझें। उनहोंने बताया कि संगोष्ठी में प्रथम सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें राकेश कुमार, मनोहर लाल, दलीप चंद,देश राज कमल, पुरूषोतम ठाकुर, सुदेश रानी,श्रद्धा, लता तथा इन्दु वाला ने मां, भ्रष्टाचार, शिक्षा, झूठ और धोखा, नौजवान पीढ़ी आदि विषयों पर पहाड़ी कविताएं पढ़ी, जबकि दूसरे सत्र में साहित्यक संगोष्ठी में हमारी संस्क्ति हमारी विरासत विषय पर कवियों ने अपने लेख प्रस्तुत किए। 

सीपीएस लखनपाल का प्रवास कार्यक्रम

हमीरपुर , 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  मुख्य संसदीय सचिव आई डी लखनपाल 17 मई से 26 मई तक बड़सर विधान सभा क्षेत्र के दौरे पर होंगे। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि सीपीएस लखनपाल 17 मई को 10:30 बजे धबड़ाणा में पंचायत घर,वन विभाग का निरिक्षण हट का शिलान्यास करने के उपरांत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत घबडय़ाणा, टिक्कर राजपूतां,ननावां,कलौण, कउ़साई, कनोह, गारली, क्यारा बाग तथा घ्ंागोट पंचायतों के लिए आयोजित जागरूकता शिविर में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीएस 18 मई 10:30 बजे बिझड़ी विश्राम गृह में कुलेहड़ा,कठियाणा,बिहालधनवान,बल्ह-बिहाल, धंगोटा, समताना और सोहारी पंचायतों के लिए तथा 19 मई को 10:30 बजे जोड़े अंब में बड़सर, बल्याह,पथ्यार,उसनाड़ कलां,झंजियाणी,बणी, भकरेड़ी,गयाराग्रां तथा जोडे अंब पंचायतों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित जागरूकता शिविर में भाग लेंगे तथा 20 मई को 10 बजे बड़सर विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीएस 21 मई को 10:30 बजे बिझड़ी विश्राम गृह में जजरी, रैली,दलचेहड़ा,कलवाल,समैला, चकमोह , जमली,महारल, बड़ा ग्रां,सकरोह ,बिझड़ी,सठवीं,धवीड़ी पंचायतों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित जागरूकता शिविर में भाग लेंगे तथा 22 मई को 10 बजे बड़सर विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे। 23 मई को करेर में 10:30 बजे मक्कड़, पाहलू,करेर,धनेड, गलोड़ पंचायतों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित जागरूकता शिविर में भाग लेंगे तथा 24 मई को बड़सर विराम गृह में जन समस्याऐं सुनेंगे। उन्होंने बताया कि सीपीएस  25 मई को 10:30 बजे दांदड़ू में दांदड़ू, ज्योली देवी,टिप्पर, फाहल,गाहलिंया,लजयाणा और मैड़ पंचायतों के लिए तथा  26 मई को 11 बजे भोटा विश्राम गृह में भोटा, मोरसू सुलतानी, सौर,लोघर, पांडवीं, आघार, उखली,डिंडवीं, ताल और साहनवीं पंचायतों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित जागरूकता शिविर में भाग लेंगे तथा 27 मई को बड़सर में, 28 मई को बिझड़ी में आईपीएच के विश्राम गृह, 29 तथा 30 मई को बड़सर में जनसमस्याएं सुनेंगे। 

बेजुवान पशुओं की भावनाओं को समझें ,परिवार के सदस्यों की तरह पालें : प्रेम कौशल
  • 100 पशुपालकों को किटे वितरित की
हमीरपुर , 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा भरेड़ी पंचायत में लगभग 12 पंचायतों के किसानों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अघ्यक्षता एपीएमसी के अध्यक्ष प्रेम कौशल ने की। इस अवसर पर उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों का रूझान  कृषि, पशुधन ओर बागवानी के क्षेत्र की ओर बढ़ाना है ताकि आर्थिकी को भी मजबूत किया जा सके। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि बेजुवान पशुओं की भावनाओं को समझें उन्हें परिवार के सदस्यों की तरह पालें और स्वार्थ उपरांत खुले न छोड़े। उन्होंने कहा कि गऊ सदनों के निर्माण के लिए ग्रामीण एकजुट होकर प्रयास करें,ताकि शीघ्र ही गऊ सदनों का निर्माण किया जा सके ।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों कल्याणकारी योजनाओं चलाई जा रही है। योजनाओं का किसानों -बागवानों तक लाभ पहुंचाने के लिये ग्रामीण स्तर तक कृषि विपणता जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो कर लाभान्वित हो सकें। उन्होंने युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ कृषि और पशुधन में भी रूचि पैदा करें। उन्होंने कहा कि दिन प्रति दिन बढ़ती बेरोजगारी में कृषि और पशुधन को स्वरोजगार के रूप में अपनाकर घर में ही रोजगार प्राप्त कर आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों, बागवानों और पशुपालकों के लिए अनेकों योजनाओं चलाई गई हैं युवा इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने लिए रोज़गार अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने 12 पंचायतों के 100 पशुपालकों को निशुल्क पशुओं की दवाईयां, आहार से सम्बन्धित किटें भी  वितरित की। इस मौके पर विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों, बागवानों व पशुपालकों के कल्याण के लिए  चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी और उनका लाभ उठाने के लिये सीधे  संबन्धित विभाग के साथ सम्पर्क करने का आग्रह किया । इस अवसर पर उपनिदेशक पशुपालन डा0 वाई एस राठौर, डा0 सतीश,डा0 राकेश,डा0 के0के शर्मा के अतिरिक्त प्रधान बडैहर ंपंचायत मीरा देवी,  प्रधान पपलाह राजेश मैहर,प्रधान धीरड़ अतिरिक्त भारी मात्रा में  कृषक उपस्थित थे।

सेन्टिस फॉर्मा में एप्रेन्टिस के 15 पद अधिसूचित, 18 मई को होंगें साक्षात्कार

ऊना, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  सेन्टिस फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड गांव खेडांनीला बददी तहसील नालागढ़ जिला सोलन ने एप्रेन्टिस के 15 पद अधिसूचित किए हैं। यह जानकारी देते हुए जिला रोजगार अधिकारी, ऊना आरसी कटोच ने बताया कि इन पदों के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार 18 मई, 2015 को प्रात: साढे दस बजे जिला रोजगार कार्यालय ऊना में लिया जाएगा। उन्होने बताया कि इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता इलैक्ट्रीकल, फीटर व इलैक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में आईटीआई पास होना चाहिए। आयु 20 वर्ष तक होनी चाहिए तथा चयनित उम्मीदवार को 6000 रूपये प्रतिमाह स्टाइपंड दिया जाएगा। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि इच्छुक आवेदक अपनी शैक्षणिक योग्यता,जन्म तिथि, रोजगार कार्यालय का पंजीकरण कार्ड, बोनाफाइड हिमाचली होने का प्रमाण पत्र की मूल प्रति तथा इनकी एक-एक छाया प्रति सहित 18 मई, 2015 को प्रात: साढे दस बजे जिला रोजगार कार्यालय ऊना में साक्षात्कार हेतु उपस्थित हो सकते हैं। साक्षात्कार में भाग लेने के लिए आवेदक को किसी प्रकार का दैनिक व यात्रा भत्ता देय नहीं होगा।

स्थानान्तरण के आदेशों पर अमल न होने को लेकर डीसी ने लिया कडा संज्ञान


  • आदेशों की अनुपालना न करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की होगी जबाव तलबी
ऊना, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  उपायुक्त अभिषेक जैन ने सरकार द्वारा कर्मचारियों के किए जा रहे तबादलों पर महीनों अमल न होने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों की जबावतलबी की जाएगी। डीसी ने कहा कि अधिकारी कर्मचारियों के तबादलों पर सरकारी आदेशों की अनुपालना नहीं कर रहे हैं जिससे विभिन्न विभागों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होने कहा कि इस तरह सरकारी आदेशों की महीनों अवहेलना होना जहां कंडक्ट रूल्जस का सीधा उल्लंघन है तो वहीं पर्सनल विभाग द्वारा समय-समय पर जारी नियमों की भी अवहेलना है। उन्होने बताया कि स्थानान्तरित होने वाले कर्मचारी न तो अपना चार्ज छोडते हैं न ही दूसरे कर्मचारी को हस्तांतरित करते हैं। जिससे संबंधित विभाग व कार्यालय के सरकारी कार्य लगातार प्रभावित हो रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि स्थानान्तरण को लेकर न तो जिम्मेदार अधिकारी सरकारी आदेशों की महिनों तक अनुपालना कर रहे हैं न ही कारणों को बता रहे हैं। उन्होने कहा कि इस तरह के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


एसडीएम ने दिलाई मानोनीत पार्षद विजय आंगरा को शपथ

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ऊना, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  एसडीएम ऊना धनवीर ठाकुर ने आज अपने कार्यालय मेें नगर परिषद ऊना के मनोनीत पार्षद विजय आंगरा को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर नगर परिषद की अध्यक्षा ममता कश्यप, पार्षद शिव सैनी, सुरेन्द्र कौर, मीना नगर परिषद के कार्याकारी अधिकारी संजय शर्मा, पूर्व पार्षद सुरजीत चडढ़ा, देवेन्द्र वत्स, नवदीप कश्यप व विजय कत्ना भी मौजूद थे।

जिला ऊना में बैंकों ने गत वर्ष बांटे 846 करोड रूपये के ऋण
  • एडीएम की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय वार्षिक बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक में दी जानकारी
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ऊना, 16 मई (विजयेन्दर शर्मा)।  जिला स्तरीय वार्षिक बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक का आयोजन आज स्थानीय माया होटल परिसर में किया गया। बैठक की अध्यक्षता एडीएम ऊना राजेश कुमार मारिया ने की। इस अवसर पर बैंकों की कारगुजारी पर बधाई देते हुए एडीएम राजेश कुमार मारिया ने कहा कि बैंको द्वारा वार्षिक क्रेडिट योजना 2014-15 के लक्ष्यों की 100प्रतिशत तक हासिल करना एक बेहतरीन कार्य है। उन्होने बताया कि बैंकों ने गत वित्तीय वर्ष के दौरान 844 करोड़ रूपये के लक्ष्य के मुकाबले 846 करोड़ रूपये के ऋण वितरित किए हैं। जिसमें $कृषि सैक्टर के 370 करोड रूपये के ऋण शामिल हैं। उन्होने बताया कि जिला में लगभग 62 हजार किसानों के किसान क्रेडिट कॉर्ड बनाए गए हैं जिसमें में से लगभग 59 सौ गत वर्ष बनाए गए हैं। इसके अलावा जिला में जहां 172 किसान क्लब गठित किए जा चुके हैं तो वहीं जिला में 3490 स्वयं सहायता समूहों को गठित कर 3258 को ऋण देने तथा सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के साथ जोडा गया है। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत जिला में 26 जनवरी, 2015 तक 53266 खाते खोले गए हैं। एडीएम ने जिला में बैंकों की सीडी अनुपात जो राष्ट्रीय लक्ष्य 60 प्रतिशत के मुकाबले महज 35 प्रतिशत रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक इसे 40 प्रतिशत से अधिक ले जाने के लिए प्रयास करें। इस मौके पर पंजाब नेशनल बैंक के हमीरपुर सर्कल के प्रमुख सुबोध कुमार काला ने बताया कि गत वर्ष जिला में कार्यरत सभी राष्ट्रीयकृत, निजी एवं सहकारी बैंकों में लगभग 5654 करोड रूपये की राशि जमा हुई जो वर्ष 2014 से 793 करोड रूपये अधिक है जिसमें लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इसके अलावा बैंकों के ऋण वर्ष 2014-15 में 1732 करोड़ से बढक़र 1983 करोड हो गए हैं जिसमें लगभग साढे चौदह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। उन्होने बताया कि जिला में कृषि क्षेत्र में 462 करोड रूपये के ऋणों की भागीदारी है जो कि कुल ऋणों का लगभग 23 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय लक्ष्य 18 प्रतिशत है। बैठक में मुख्य जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक रवि कांत शर्मा ने सरकारी प्रायोजित योजनाओं के लक्ष्य एवं प्राप्तियों बारे जानकारी देते हुए बताया कि एनआरएलएम के अन्तर्गत 93, एससी/एसटी के 120, पीएमईजीपी के 84 केस वितरित किए गए।

इस मौके पर ये रहे मौजूद:
बैठक में जिला परिषद ऊना की अध्यक्षा रानी रणौत, बैंक  के सर्कल हैड सुबोध कुमार कालिया, डीडीएम नाबार्ड विवेक पठानिया, आबीआई के अधिकारी रमेश चंद सहित विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयकों, सीवीएस बैंक प्रबंधकों तथा सरकारी व गैर सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। 



हरोली हलके में पेयजल व सिंचाई स्कीमों के लिए 15 करोड़ मंजूर :मुकेश अग्रिहोत्री
          
ऊना, ,16 मई (विजयेन्दर शर्मा)। उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने आज हरोली विधानसभा क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया और इन सभी योजनाओं को निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने घालूवाल में 3 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बाढ़ मानीटिरिंग सेंटर व विश्राम गृह का कार्य भी देखा और कहा कि 30 सितंबर तक इसका निर्माण कार्य पूरा करके इसे जनता को समर्पित कर दिया जायेगा।  प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला ऐसा केन्द्र होगा, जिसके अन्तर्गत मॉनसून और संभावित वर्षा के समय सैटेलाईट और राडार के माध्यम से नदी के बहाव की निगरानी की जाएगी। इस केन्द्र में तमाम अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए यह जानकारी भी मिल सकेगी कि जिला में कितनी बारिश होगी और कितना पानी स्वां की खड्डों में आयेगा। बाद में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि हरोली विधानसभसा क्षेत्र में पेयजल व सिंचाई की नई योजनाओं के लिए 15 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सिर से घड़ा उतारना और खेत तक पानी पहुंचाना उनका शुरू से एजैंडा रहा है और हरोली हलके में पूरी ताकत से इस एजैंडे को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इन दो वर्षों के दौरान हरोली विधानसभा क्षेत्र को  पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए  75 करोड़ रूपए मिले हैं और 15 करोड़ की नई स्कीमें मंजूर होने से यह राशि 90 करोड़ रूपए हो गई है। उन्होंने कहा हरोली हलके में नगड़ोली से बाथड़ी तक नलकूपों की तादाद 200 हो गई है और यह सिलसिला थमने वाला नहीं है। हलके में नकारा पड़े नलकूपों को बहाल करने के लिए 7 करोड़ रूपए की राशि सरकार द्वारा जारी की गई है। उन्होंने कहा 42 करोड़ रूपए लागत की बीत एरिया सिंचाई योजना पर काम शुरू हो गया है और इस वर्ष के अंत तक बीत के खेतों में पानी पहुंचा दिया जायेगा। इस योजना से अप्पर बीत क्षेत्र में खुशहाली के नए दौर का सूत्रपात भी होगा। 



दुलैहड़ व संतोषगढ़ पीएचसी के लिए 11-11 पद मंजूर



उद्योग मंत्री ने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थय सुविधाओं को भी लगातार सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हरोली में 11 करोड़ से सिविल अस्पताल का कार्य युद्धस्तर पर चला हुआ है। टाहलीवाल में ईएसआई अस्पताल बनने जा रहा है। पालकवाह के लिए पीएचसी स्वीकृत की गई है। ईसपुर में पीएचसी का भवन बन रहा है। दुलैहड़ व संतोषगढ़ की सीएचसी के लिए 11-11 पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा दुलैहड़ सीएचसी के सुदृढ़ीकरण के लिए 50 लाख रूपए की राशि भी मंजूर कर दी गई है। पंजावर में 1 करोड़ 89 लाख से निर्मित हो रही पीएचसी के लिए इस वर्ष के बजट में सारी राशि का प्रावधान कर दिया गया है। सोमवार 18 मई को आयुर्वेदिक सेंटर ईसपुर का लोकार्पण किया जायेगा । इसके अलावा इसी दिन ईसपुर के उपतहसील भवन का शिलान्यास भी होगा। 



गोंदपुर बुला व दुलैहड़ के जलाशय आज जनता को होंगे समर्पित
उद्योग मंत्री ने कहा हरोली हलके में 2 करोड़ रूपए खर्च करके यहां के टौबों का जीर्णोंद्धार व सौंदर्यकरण किया जा रहा है और इन्हें खूबसूरत सरोवरों में बदला जा रहा है।  इन जलाशयों के इर्द गिर्द खूबसूरत ट्रैक बनाए जा रहे हैं ताकि लोग सुबह- शाम यहां सैर कर सकें। इसके अलावा रैलिंग व पेड़ पौधे भी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रविवार 17 मई को गोंदपुर बुला व दुलैहड़ के खूबसूरत जलाशय जनता को समर्पित किए जायेंगे। गोंदपुर बुला के जलाशय में डेढ़ हेक्टेयर व दुलैहड़ के जलाशय में अढ़ाई हेक्टेयर मीटर जल भंडारण की क्षमता होगी।  इन दोनों के इर्द गिर्द खूबसूरत ट्रैक बनाया गया है । गोंदपुर के टौबे के इर्द गिर्द लगे पीपल व आम के पुराने वृक्ष जो इस गांव की अनूठी विरासत हैं, उन्हें भी सहेज कर रखा गया है। उद्योग मंत्री ने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में टौबों के जीर्णाेद्धार व सौंदर्यकरण की कड़ी में कांगढ़ व पंजावर में खूबसरत जलाशय निर्मित किए जा चुके हैं जबकि ललड़ी , बीटन व सलोह में वन विभाग के तत्वाधान में 30-30 लाख की लागत से निर्मित होने वाले जल संग्रहण जलाशयों के जीर्णोंद्धार का काम जारी है। पूबोबाल में  जलाशय के साथ भव्य पार्क निर्मित करके यहां अनारकली रेलिंग लगाई गई है । 

2 जून को कांगढ़ में लगेगा रोजगार मेला 
उद्योग मंत्री ने कहा कि आगामी 2 जून को हरोली विधानसभा क्षेत्र के कांगढ़ में मैगा रोजगार मेला का आयोजन किया जायेगा जिसका शुभारंभ उनके व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह द्वारा किया जायेगा। इसमें कई नामी कंपनियों के प्रतिनिधि अपने उद्यमों में रोजगार के लिए युवाओं का चयन करेंगे। इससे पूर्व टाहलीवाल में भी एक मैगा रोजगार मेला का आयोजन किया जा चुका है जो काफी सफल रहा था और प्रदेश भर से युवा इसमें भाग लेने पहुंचे थे। 

गोंदपुर बुला में बनेगा हाट बाजार
उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने बताया कि गोंदपुर बुला में एक हॉट बाजार निर्मित किया जायेगा जिसमें स्थानीय उत्पाद बेचें जा सकेंगे । इनसे स्थानीय लोगों के लिए आय के अवसर भी बढ़ेंगे।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (16 मई)

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महासम्पर्क अभियान में घर घर जाकर  देगें योजनाओं की जानकारी, भाजपा की जिला स्तरीय कार्यषाला सम्पन्न 

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झाबुआ---भारतीय जनता पार्टी  की जिला स्तरीय कार्यषाला शुक्रवार को पेटलावद में आयोजित की गई । जिले मे प्रथम चरण में सदस्यता महा अभियान चलाने के बाद दूसरे चरण में तीन माह तक सतत महा जनसम्पर्क अभियान को मूर्तरूप  देने के लिये भाजपा पदाधिकारियों, एवं मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों एवं विभिन्न निर्वाचित प्रतिनिधियों को वृहद मार्गदर्षन देने के लिये इस एतिहासिक जिला स्तरीय सम्मेलन में  मुख्य अतिथि के रूप  में पूर्व सांसद एवं इन्दौर के पूर्व महापौर कृष्णमूरारी मोघे एवं संभाग के सदस्यता अभियान के प्रभारी बाबुसिंह रघुवंषी विषेष रूप  से मार्ग दर्षन देने के लिये उपस्थित रहे । सम्मेलन में  जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक थांदला कलसिंह भाबर, विधायक झाबुआ शांतिलाल बिलवाल उपस्थित थे । अतिथियों का स्वागत महामंत्री द्वय प्रवीण सुराणा, राजू डामोर, महा संपर्क अभियान के जिला प्रभारी विजय नायर, उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम प्रजापति, मनोहर सेठिया, दिलीप कटारा, अनोखीलाल मेहता , जिले के सभी 11 मंडलों के अध्यक्ष शैलेन्द्र सोलंकी रानापुर, गोपालसिंह पंवार नगरमंडल झाबुआ, मेजिया कटारा गा्रमीण मंडल पिटोल, ओंकारसिंह डामोर पारा, मदन भूरा रामा, कमलेष डामोर मेधनगर, सुरेष चैहान कल्याणपुरा, बंटी डामोर थांदला, राजमल चोपडा खवासा, नाथु गरवाल पेअलावद, नन्दू पाटीदार रायपुरिया के अलावा मंडल अध्यक्ष भरत पाटीदार पेटलावद, मन्नु डामोर थांदला, भंवरसिंह बिलवाल झाबुआ, नपा झाबुआ अध्यक्ष धनसिंह बारिया, मेघनगर नप अध्यक्षा ज्योति बामनिया,नप थंादला की उपाध्यक्ष संगीता सोनी, रामा जनपद अध्यक्ष रादु भूरिया, रानापुर जनपद अध्यक्ष माना अजनार, जिला पंचायत सदस्य मेगजी अमलियार आदि ने अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया । 31 जुलाई तक जिले के घर घर जाकर भाजपा के बनाये गये सदस्यों से सम्पर्क स्थापित करने के लिये चलाये जाने वाले महासंपर्क अभियान के लिये आयोजित इस सम्मेलन में 350 से अधिक भाजपा के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भाग लिया । सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद एवं पूर्व महापौर इन्दौर एवं  प्रदेष प्रवक्ता एवं सदस्यता अभियान के संभागीय प्रभारी  बाबुसिंह रघुवंषी ने अपने संबोधन में  कहा कि तीन माह तक चलने वाले इस महासपंर्क अभियान का मुख्य उद्देष्य हमारे सभी नये सदस्यों से जुडने का  अखिल भारतीय प्रयास है । जिन लोगों को भाजपा ने महासदस्यता अभियान के दौरान मोबाईल से सदस्य बनाया है , भाजपा के कार्यकर्ताओं की टोली उन सभी के घरों पर जाकर उनसे वयक्तिगत भेंट करेगी  और जिनकों सदस्य बनाया गया है उनको भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति  के बारे बारे मे साहित्य भेंट करके केन्द्र की मोदेी सरकार और प्रदेष की षिवराजसिंह सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानकारी देगी । भाजपा की टोली प्रत्येक व्यक्ति जो भाजपा का सदस्य बना है, उनसे व्यक्तिगत जानकारी का बायोडाटा संकलित करेगी  और प्रपत्र की पूर्ति करके लायेगी । भाजपा के कार्यकर्ताओं की टोली व्यक्तिगत संपर्क के साथ ही पुनः मोबाईल से टोलफ्री नम्बर 18001034444 से सम्पर्क करेगी ताकि दिल्ली भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय को जानकारी हो सकें कि  इस परिवार एवं सदस्य से सम्पर्क पूरा हो चुका है । यह अभियान 31 जुलाई तक सतत जारी रहेगा तथा गांव गांव एवं घर घर तक इस अभियान के तहत भेंट दी जावेगी । इसके  पूर्व  कार्यषाला की प्रस्तावना एवं स्वागत भाषण देते हुए जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने कहा कि प्रथम चरण में पूरे देष के साथ ही जिले में भी महा सदस्यता अभियान को चलाया गया । संगठन पर्व के दूसरे चरण में जिले के गांव गा्रव एवं घर घर तक महासम्पर्क अभियान में बनाये गये सदस्यों से सम्पर्क किया जाकर उन्हे विस्तार से जानकारी दी जावेगी । तीसरे चरण में इन लोगों के लिये प्रषिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जावेगा तथा चैथे चरण में संगठन के निर्वाचन  की रचना होगी । पेटलावद में आयोजित जिला स्तरीय कार्यषाला की तरह ही जिले के सभी मंडलों में आगामी सप्ताह में इसी प्रकार की कार्यषालाओं का आयोजन किया जावेगा । पेटलावद में आयोजित की गइ्र जिला स्तरीय कार्यषाला को सफल बनाने में पेटलावद मंडल के शंकर राठौर, संजय कहार, दीपक मुणत, कीर्तिष चाणोदिया, लाला चैधरी आदि का भरपुर एवं सराहनीय सहयोग रहा । कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री हेमंत भटृ ने किया तथा आभार प्रदर्षनजिला महामंत्री राजू डामोर ने व्यक्त किया ।

ज्ञानायतन षिविर में जाने के लिये छात्रों का प्रस्थान, 7 दिनों तक लेगें धार्मिक ज्ञान 

झाबुआ---स्थानीय राजेन्द्र जयंत धार्मिक पाठषाला के 12 छात्र गुजरात राज्य के सुरत महानगर में ज्ञानायतन षिविर में भाग लेने के लिये पहूंचे । उक्त जानकारी देते हुए परिषद के महामंत्री निखील भंडारी ने बताया कि राष्ट्रसंत श्रीमद विजय जयंतसेन सूरिष्वर जी महाराज की पावन निश्रा में 16 मई से 22 मई तक इस षिविर के माध्यम से  देष भर से आये विद्यार्थियों को धार्मिक सूत्र ज्ञान, जैेन धर्म के तत्व विचार एवं संस्कार तथा योग के बारे में सात दिनों तक विभिन्न विषयों के विषेषज्ञों द्वारा प्रषिक्षण दिया जावेगा । इस  षिविर में भाग लेने के लिये धार्मिक पाठााला के संचालक श्रावक संजय मेहता के नेतृत्व में पुनित सकलेचा,षाष्वत महेता, ऋषभ मेहता, वैभव जेन, सार्थक मेहता, संकमीत कोठारी एवं हार्दिक जैन ने सुरत नगर की और प्रस्थान किया । इस अवसर पर जैन श्री संघ के सह सचिव अनील रूनवाल भी षिविरार्थियों के साथ सुरत पहूंचे । ज्ञानायतन षिविर में भाग लेने वाले छात्रों को स्थानीय राजवाडा चैक से श्री संघ के पदाधिकारियों  वं परिषद के सदस्यों, पाठषाला के छात्रों ने भाव पूर्ण बिदाई दी । इस अवसर पर पाठषाला संचालिका कविता मेहता, कविता कोठारी, पूजा जेैन, श्री संघ के सोहनलाल कोठारी, रामनारायण जेन, राकेष मेहता, योगेन्द्र नाहर,यषवंत भंडारी  योगेन्द्र नाहर मुकेष जेन एवं रिंकू रूनवाल सहित पाठषाला के छात्र छात्राओं ने बडी संख्या में उपस्थित रह कर बिदाई दी ।

दर्षनार्थियों को महावीर के सन्देष को अंगीकार करने का दिया सन्देष ।

झाबुआ---गच्छाधिपति आचार्य श्री रवीन्द्रसूरिष्वर जी मसा की सुषिष्या साध्वी श्री रत्नत्रयारीजी आदि ठाणा मेघनगर नगर में  बिराजमान है । शुक्रवार को उनके 12 वें दीक्षा दिवस पर झाबुआ श्री संघ से श्रावक एवं श्राविकाओं ने पहूंच कर उनके दर्षन लाभ प्राप्त किये । इस अवसर पर साध्वी श्री रत्नत्रयाजी एवं तत्वत्रयाजी ने आषीर्वचन देते हुए कहा कि भगवान महावीर का जीवन समुचे विष्व के लिये शांति सवं प्रेम एवं करूणा का संदेष देता है। उनके बताये मार्ग का यदि मानव अनुकरण करे तो इस भोैतिकवादी युग में भी आत्म साक्षात्कार प्राप्त करने में कोई अवरोध पैदा नही होगा ।

वार्षिक साधारण सभा में रतनसिंह राठौर निर्विराध पेंषनर एसो0 के अध्यक्ष निर्वाचित, पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल की सराहना की गई 

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झाबुआ---स्थानीय एकलव्य भवन स्थित जिला पेंषनर एसोसिएषन कार्यालय परिसर में जिले के पेंषनरों की वार्षिक साधारण सभा का आयोजन किया गया जिसमें जिले भर के पेंषनर प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।  इस अवसर पर त्रिवार्षिक जिला एसोसिएषन के अध्यक्ष पद का भी सर्वानुमति से निर्वाचन, इलेक्षन आफीसर अरविंद व्यास के द्वारा सम्पन्न कराया गया जिसमें रतनसिंह राठौर को एकमत से  जिला पेंषनर एसोसिऐषन का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया ।  इस अवसर पर संरक्षक विजयसिंह राठौर, मुख्य परामर्षदाता डा. के के त्रिेवदी, परामर्षदाता मांगीलाल सोलंकी, के एन गुप्ता, अरविंद व्यास, राजनारायण मिश्रा के अलावा बडी संख्या में पेंषनर संघ के पदाधिकारी, समाज सेवी एवं साहित्य संस्था के प्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक समुह के प्रतिनिधि, महिला प्रतिनिधि सुषीलाभटृ, मुन्नीदेवी बाजपेयी, रोषनी डोडियार, कुंता सोनी, कृष्णा चैहान सहित बडी संख्या में पेंषनरों ने भाग लिया ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए पीडी रायपुरिया ने अतिथियों का शाब्दिक अभिनंदन किया । इस अवसर पर एसोसिएषन के प्रतिवेदन का वाचन करते हुए निवृतमान अध्यक्ष भेरूसिंह राठौर ने एसोसिएषन द्वारा पेंषनरों के हित में किये गये कार्यो एवं भूमिका का जिक्र करते हुए पेंषनरों की समस्याओं का जिला कोषालय से तालमेल बिटा कर निराकरण करने में अपनी सकारात्मक भूमिका का जिक्र करते हुए पारिवारिक पेंषनधारियों के लिये किये गये कार्यो का ब्यौरा दिया ।  80 वर्ष से अधिक आयु के पेंषनरों को अतिरिक्त पेंषन दिलाने के नियमों के तहत उन्हे लाभ दिलाने की दिषा में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए श्री राठौर ने संस्था के महासचिव बीएल साकी की अनुकरणीय सेवाओं के लिये उन्हे साधुवाद देते हुएसंगठन की सक्रियता के बारे में जानकारी दी ।उन्होने विभिन्न राष्ट्रीय पर्वो, पेंषनर दिवस, वरिष्ठ नागरिक दिवस  आदि पर 75 वर्ष से अधिक आयु कें पेंषनरों के सम्मान समारोह के बारे में भी बताया प्रदेष में जिला पेंषनर एसोसिएषन को अग्रणी बताते हुए समय समय पर संगठन द्वारा पेंषनर हित में धरना प्रदर्षन आदि के बारे में बताया ।  इस अवसर पर रतनसिंह राठौर ने आय व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया जिसमें 59183 की आय एवं 40000 के व्यय की जानकारी देते हुए 34470 रूपये बेंक अकाउंट में जमा होने के बारे में बताया । प्रातीय निकाय को जिला ईकाई द्वारा 1000 के मान से अंषदान भेजने की जानकारी भी दी गई । साधारण सभा में आय वयय के ब्यौरें का सर्वानुमति से अनुमोदन किया गया । साधारण सभा में सुभाष दुबे द्वारा परम्परानुसार सर्वानुमति से अध्यक्षीय चुनाव कराने का समर्थन करतल ध्वनि से किया गया । निर्वाचन अधिकारी अरविन्द व्यास ने चुनाव प्रक्रिया को प्रारंभ किया  निवृत मान अध्यक्ष भेरूसिंह राठौर ने अपने उत्तराधिकारी के रूप  में रतनसिंह राठौर का नाम प्रस्तावित किया जिसका समर्थन एमसी गुप्ता ने किया और उपस्थित सभी पेंषनरों ने करतलध्वनि के साथ  रतनसिंह राठौर को अध्यक्ष निर्वाचित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी । निर्वाचन अधिकारी ने कोई और नाम नही आने से रतनसिंह राठौर को सर्वानुमति से जिला पेंषन एसोसिएषन का जिला अध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया । इस  अवसर पर निवृतमान अध्यक्ष भेरूसिंह राठौर ने दिये गये सहयोग के लिये सभी पेंषनरों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए  नवागत अध्यक्ष रतनसिंह राठौर को भी पूर्ण सहयोग दिये जाने का आव्हान किया । डा. के के त्रिवेदी ने अपने संक्षिप्त उदबोधन मेंकहा कि जनता की आवाज भगवान की आवाज होती है और इसी के अनुसार सर्वानुमति से रतनसिंह राठौर को यह दायित्व सौपा गया है ।अभी तक संवेदना एवं षालीनता के साथ पेंषनर संघ के अध्यक्ष पद को गरीमा मिली है जो सतत जारी रहेगी संगठन में पेंषनर हितों के साथ ही सामाजिक, संास्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों में जुडे रह कर नया आयाम स्थापित किया है । नव निर्वाचित अध्यक्ष रतनसिंह राठौर ने अपने प्रथम अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि झाबुआ जिले में सर्वानुमति से अध्यक्ष के चयन की परम्परा का कायम रखा है । नगर की  समाज सेवी संस्थायें आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के राजेष नागर, आजाद साहित्यपरिषद के गणेष उपाध्याय, वरिष्ठ नागरिक फोरम के एमसी गुप्ता, पंतजली योग पीठ के जयेनद्र बैरागी, राजपूत समाज के गोपालसिंह पंवार, उर्दू फेकल्टी के षायर एजाज धारवी, राजेन्द्र सोनी, भगवतीलाल शाह आदि सहित सभी पेंषनरों का स्वागत के लिये आभार व्यक्त किया । उन्होने  कहा कि पिछले तीन सालों का काम आप सभी के सामने है और निर्विरोध की परम्परा निष्चित ही झाबुआ की थाती है । आभार प्रदर्षन बीएल साकी ने व्यक्त किया ।

सट्टा लिखते आरोपी रंगे हाथों गिरफ्तार
          
झाबुआ---पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ श्रीमती कृष्णा वेणी देसावतु ने बताया कि आरोपी सलीम पिता नसरूद्दीन मुसलमान, उम्र 30 वर्ष निवासी राजापुरा को हारजीत का सट्टा लिखते सट्टा डायरी, पेन व नगदी 520/-रूपये जप्त कर गिरफ्तार किया गया। प्र्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्र0 182/15, धारा 4-क धु्रत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

र्दुघटना मे घायल की मोत

झाबुआ---फरियादी प्रदीप पिता मेसू भूरिया, उम्र 24 वर्ष निवासी सीएच झाबुआ ने बताया कि ने बताया कि मृतक पासुबाई पति राहुल गामड, उम्र 24 वर्ष निवासी खेडी थाना कल्याणपुरा की एक्सीडेंट में आयी चोंटों के कारण ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्र्रकरण में थाना थांदला में मर्ग क्रमांक 28/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर विवेचना में लिया गया।
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