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पन्ना (मध्यप्रदेश) की खबर (19 मई)

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जनसुनवाई में 121 आवेदन पत्रों में हुई सुनवाई, कलेक्टर ने जनसुनवाई में निराकृत किए कई प्रकरण

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पन्ना 19 मई 15/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान तथा अपर कलेक्टर विकास चन्द्रशेखर शुक्ला ने 121 आवेदन पत्रों पर सुनवाई की। कलेक्टर ने जनसुनवाई के दौरान ही अधिकारियों को निर्देश देकर कई आवेदन पत्रों का मौके पर निराकरण कराया। उन्हांेंने सभी अधिकारियों को जनसुनवाई के आवेदन पत्रों का तत्परता से निराकरण करने तथा हर सप्ताह प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय अवधि पत्रों की समीक्षा बैठक में जनसुनवाई के आवेदन पत्रों के निराकरण की भी समीक्षा की जाती है। अधिकारी आवेदन पत्रों का समय सीमा में निराकरण करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।कलेक्टर ने ग्राम पंचायत रानीगंजपुरवा की आवेदिका सुनीता बाई के कपिल धारा कूप निर्माण में अनियमितता की जांच करने के निर्देश जनपद के मुख्य कार्यपालन को दिए। उन्होंने ग्राम कठवरिया के कल्ला तथा अन्य आवेदकों के कपिल धारा कूप की मजदूरी का भुगतान एक सप्ताह में करने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। जनसुनवाई में ग्राम मडला के आवेदक कांति अहिरवार ने बताया कि उसके पुत्र की डूबने से मौत हो गई थी। जिसकी सहायता राशि एक लाख रूपये अब तक प्राप्त नही हुई है। जनसुनवाई में उपस्थित तहसीलदार पन्ना ने बताया है कि राशि स्वीकृत करके चेक प्रदान कर दिया गया था लेकिन समय पर इसका भुगतान प्राप्त न करने के कारण चेक वापस आ गया है। पुनः इसे दो दिवस में जारी कर दिया जाएगा।जनसुनवाई में कलेक्टर ने आवेदिका कला बाई निवासी खजरीकुडार तथा दो अन्य कन्याओं का विवाह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से करने के निर्देश जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए। मध्यान्ह भोजन योजना की राशि प्राप्त न होने के संबंध में ग्राम बघवार के माॅं दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा जनसुनवाई में आवेदन दिया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि समूह में परिवर्तन जनपद द्वारा वेध तरीके से नही किया गया है जिला पंचायत द्वारा शाला प्रबंधन समिति को मध्यान्ह भोजन बनाने के आदेश दिए गए हैं जिसे मध्यान्ह भोजन की राशि नियमित रूप उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि मध्यान्ह भोजन के स्व सहायता समूहों को परिवर्तित करने की प्रक्रिया का कठोरता से पालन करें। इसमें मनमानी करने वाले जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर कार्यवाही करें। जनसुनवाई में ग्राम गोरा में नियुक्त कोटवार श्रवण कुमार द्वारा मानदेय की राशि दिलाए जाने का आवेदन दिया गया। कलेक्टर ने एसडीएम गुनौर को श्री श्रवण कुमार की नियुक्ति संबंधी जांच करके उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में राजू पाल द्वारा एक वर्ष से निःशक्तजन पेंशन की राशि भुगतान न होने की शिकायत की गई। कलेक्टर ने जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तीन दिवस में राशि का भुगतान करने तथा बिलम्व का कारण स्पष्ट करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में कलेक्टर ने मुआवजा वितरण, मध्यान्ह भोजन योजना, मजदूरी भुगतान, अतिक्रमण हटाने, सीमांकन तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित आवेदन पत्रों की सुनवाई की। 

गौ-शालाओं के 16 लाख 74 हजार की सहायता मंजूर
  • गौशालाओं में निराश्रित पशुओं की उचित देखभाल करें-कलेक्टर 

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पन्ना 19 मई 15/कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला गौ-संवर्धन बोर्ड की बैठक में गौ शालाओं के लिए 16 लाख 74 हजार 743 रूपये की सहायता राशि की मंजूरी दी गई। बैठक में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने कहा कि पन्ना जिले में गौवंशीय पशुओं की संख्या अधिक है। यहां बडी संख्या में निराश्रित पशु हैं जिन्हंें गौशालाओं में आश्रय दिया गया है। गौशालाओं में निराश्रित पशुओं की उचित देखभाल करें। इन्हें समय पर भूसा-चारा तथा पेयजल प्रदान करें। गौशालाओं का प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके से करें। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सभी गौशालाओं को पशुओं की संख्या के आधार पर सहायता राशि मंजूर की गई है। समिति के सदस्य तथा पशुपालन विभाग के अधिकारी दल बनाकर एक सप्ताह में सभी गौशालाओं में दर्ज तथा मौके पर उपलब्ध पशुओं का सत्यापन करें। बैठक मंें 5 समितियों को सहायता राशि मंजूर की गई। इन्हें 419 रूपये प्रति पशु के मान से राशि मंजूर की गई। श्री विद्यासागर गौ रक्षा समिति पवई को 2914 पशुओं के लिए 12 लाख 20 हजार 966 रूपये तथा श्रीराम असहाय जन चेरिटेबल समिति झिन्ना को 834 पशुओं के लिए 3 लाख 49 हजार 440 रूपये की सहायता राशि मंजूर की गई। श्री सिद्धनाथ गौसेवा सदन देवगांव को 104 पशुओं के लिए 43 हजार 576 रूपये, शासकीय कृषि फार्म गौशाला अजयगढ को 55 पशुओं के लिए 23 हजार 45 रूपये तथा शासकीय कृषि फार्म गौशाला भैंसवाही को 90 पशुओं के लिए 37 हजार 710 रूपये की सहायता राशि मंजूर की गई। बैठक में उप संचालक पशुपालन डाॅ0 सुरेश शर्मा ने जिला पशु संवर्धन समिति द्वारा किए गए कार्यो एवं गौशालाओं के कार्यो का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सभी गौशाला संचालक वर्ष 2014-15 में जारी की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र तथा आडिट रिर्पोट प्रस्तुत करें। बैठक में जिला पशु चिकित्सालय में संचालित पालीक्लिनिक में डार्क रूम निर्माण एवं जिला पशु चिकित्सालय नवीन भवन में आवश्यक सुधार कार्य हेतु व्यय की अनुमति दी गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला, समिति के सदस्यगण तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

प्रभारी मंत्री 21 मई को आएंगे पन्ना

पन्ना 19 मई 15/जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ. गौरीशंकर शेजवार मंत्री वन, जैव प्रौद्योगिकी एवं जैव विविधता एक दिवसीय प्रवास पर 21 मई को पन्ना आएंगे। प्रभारी मंत्री 20 मई को भोपाल से रात 10 बजे रेवांचल एक्सप्रेस ट्रेन से प्रस्थान करके 21 मई को प्रातः 4.45 बजे कटनी पहुंचेंगे। कटनी से प्रातः 8 बजे कार द्वारा प्रस्थान कर प्रभारी मंत्री प्रातः 10 बजे पन्ना पहुंचेंगे। पन्ना में वे प्रातः 10 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित कृषि महोत्सव सलाहकार समिति की बैठकी की अध्यक्षता करेंगे। इसके बाद प्रातः 11 बजे से जिला पंचायत सभागार में ही जिला योजना समिति की बैठक में भाग लेंगे। प्रभारी मंत्री दोपहर 12 बजे से जिला स्वास्थ्य समिति तथा दोपहर एक बजे से आयोजित जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। प्रभारी मंत्री दोपहर 2.30 बजे पन्ना से कार द्वारा प्रस्थान करके ग्राम कुुंजवन पहुंचकर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा अटल पेंशन योजना का जिले में शुभारंभ करेंगे। इसके बाद प्रभारी मंत्री कार द्वारा प्रस्थान कर गुनौर विकासखण्ड के ग्राम हिनौती में शाम 4.30 बजे तथा शाहनगर विकासखण्ड के ग्राम टिकरिया में शाम 6.30 बजे पहुंचकर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति योजना तथा अटल पेंशन योजना का शुभारंभ करेंगे। प्रभारी मंत्री शाम 7.30 बजे ग्राम टिकरिया से प्रस्थान कर रात 8 बजे कटनी पहुंचेंगे। वे कटनी से रात 10.40 बजे रेवांचल एक्सप्रेस ट्रेन से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे। 

जिला योजना समिति की बैठक 21 मई को

पन्ना 19 मई 15/जिला योजना समिति की बैठक 21 मई को प्रातः 10 बजे से जिला पंचायत सभागार में आयोजित की जा रही है। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री डाॅ0 गौरीशंकर शेजवार मंत्री वन, जैव विविधता एवं जैव प्रोद्योगिकी करेंगे। बैठक में समिति की गत बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन पर चर्चा की जाएगी। बैठक में जिला बाल संरक्षण योजना के वर्ष 2015-16 के बजट पर चर्चा एवं अनुमोदन तथा स्वास्थ्य विभाग के कार्यो की समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने जिला योजना समिति के सभी सदस्यों से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की प्रगति की आद्यतन जानकारी के साथ बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से 17 कन्याओं के हांथ पीले, सारंग मंदिर में कन्यादान योजना से 17 ने रचाए विवाह

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पन्ना 19 मई 15/मुख्यमंत्री कन्यादान तथा निकाह योजना के तहत जिलेभर में सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। पन्ना जनपद पचंायत में सारंगधर मंदिर परिसर में आयोजित विवाह समारोह में 17 गरीब कन्याओं के हांथ पीले हुए। मंदिर परिसर मंें बैंण्ड बाजे, आतिशबाजी तथा पूरी धूमधाम के साथ वैदिक रीति से विवाह सम्पन्न कराए गए। नवयुगलों को जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शोभा सिंह तथा जनपद उपाध्यक्ष श्री अरविन्द सिंह ने सुखद दाम्पत्य जीवन का आर्शीवाद दिया। इस संबंध में जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रसेन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से सामूहिक विवाह समारोह में अनुसूचित जाति के 7, अनुसूचित जनजाति के 5 तथा अन्य पिछडा वर्ग की 5 कन्याओं के विवाह सम्पन्न कराए गए। इन सभी नवयुगलों को 22 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। इसमें गृहस्थी की सामग्री के लिए 10 हजार 550 रूपये, वर्तन, प्रेशर कुकर तथा अन्य सामग्री दी गई। दुल्हन के खाते में 5 वर्ष की 10 हजार रूपये की सावधि जमा रसीद प्रदान की गई। महिलाओं के विवाह गीतों की गूंज के बीच सभी विवाह सम्पन्न कराए गए। समारोह में श्री संजय शुक्ला, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह, खण्ड पंचायत अधिकारी घनश्याम दास शर्मा, श्री प्रकाश चनपुरिया, गौरी शंकर गुप्ता, राजेश पाराशर, नीरज श्रीवास्तव ने सराहनीय योगदान दिया। समारोह का आयोजन ग्राम पंचायत इटवाखास द्वारा कराया गया। 

भूकंप पीडितों के लिए 1.68 लाख की सहायता प्राप्त

पन्ना 19 मई 15/नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से पीडितों के लिए लगातार सहायता राशि प्राप्त हो रही है। इसे मुख्यमंत्री सहायता कोष में प्रेषित किया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चैहान ने बताया कि भूकंप पीडितों के लिए एक लाख 68 हजार 771 रूपये की सहायता राशि प्रे्रषित की गई है। भूकंप पीडितों के लिए प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पन्ना द्वारा 22 हजार 300 रूपये, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 31 हजार 180 रूपये, अधीक्षक भू अभिलेख द्वारा 30 हजार 501 रूपये, प्राचार्य उत्कृष्ट उमावि. शाहनगर द्वारा 31 हजार रूपये तथा प्राचार्य आर.पी. उमावि. पन्ना द्वारा 10 हजार रूपये की सहायता राशि के चेक दिए गए हैं। इसी तरह कार्यालय कलेक्टर पन्ना द्वारा 33 हजार 230 रूपये, जिला अन्त्यावसायी सहकारी समिति द्वारा 3 हजार 260 रूपये, सामाजिक संस्था जनचेतना समर्थन द्वारा 1100 रूपये तथा व्यक्तिगत दानदाताओं द्वारा 4200 रूपये की राशि सहायता के रूप में दी गई है। 

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (19 मई)

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राजस्व न्याय शिविरों का आयोजन आज से प्रारम्भ

सीधी 19 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले के निर्देशन में आज से सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में राजस्व शिविरों का आयोजन प्रारम्भ कर दिया गया है। ये शिविर 22 मई तक आयोजित किया जायेगा। इस तीन दिवसीय राजस्व न्याय शिविरों में राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। राजस्व शिविरों में अविवादित बंटवारा, अविवादित नामांकन, सीमांकन, फौतीनामा जैसे प्रकरण निपटाये जायेंगे। इन राजस्व न्याय शिविरों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जायेंगे साथ ही उप संचालक कृषि (आत्मा) तहसीलवार आयोजित राजस्व न्याय शिविर में समस्त कृषकों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक इन शिविरों में बीमा योजना का प्रचार-प्रसार करेंगे और ग्रामीणों से आवेदन-पत्र भरवायेंगे। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने निर्देश दिए हैं कि इन राजस्व शिविरों में बंटवारा, नामांतरण, नक्शा तरमीम, वसूली, भूअधिकार प्रमाणपत्र, बी-1 का वाचन, कब्जा संबंधी विवाद, सीमांकन, परिसंपत्तियों को खसरे में इन्द्राज, जाति प्रमाण-’पत्र, भूअर्जन संबंधी शिकायतों का निराकरण तथा ऋणपुस्तिका वितरित की जाय। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को राजस्व शिविरों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। जिला अग्रणी बैंक अधिकारी को राजस्व शिविर में नई बीमा योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार कर ग्रामीणों से बीमा के आवेदन पत्र भरवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि गोपद बनास तहसील के ग्राम बमुरी और चैफाल में 20 से 22 मई तक राजस्व न्याय शिविर आयोजित किया जायेगा। रामपुर नैकिन तहसील के मऊ ग्राम के हायर सेकेण्ड्री स्कूल परिसर में, चुरहट के बरिगवां ग्राम के शासकीय हायर सेकेण्ड्री स्कूल बरिगवां में, मझौली तहसील के ग्राम खडौरा के ग्राम पंचायत भवन में और सिलवार के ग्राम पंचायत भवन में राजस्व न्याय शिविर आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कुसमी तहसील के ग्राम पोड़ी में हायर सेकेण्डीª स्कूल परिसर में 20 मई को, टंसार हायर सेकेण्ड्री स्कूल परिसर टंसार में 21 मई को और भुइमाड़ के हायर सेकेण्ड्री स्कूल परिसर में 22 मई को राजस्व न्याय शिविर आयोजित किया जायेगा। इसी प्रकार बहरी तहसील के तरका ग्राम में ग्राम पंचायत भवन में 20 से 22 मई तक और सिहावल तहसील के ग्राम अमिलिया के हायर सेकेण्ड्री स्कूल परिसर में 20 मई से 22 मई तक राजस्व न्याय शिविर आयोजित किया जायेगा। 

कलेक्टर ने बीमा योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार करने के दिए निर्देश

सीधी 19 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और समस्त तहसीलदारों को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि अटल पेंशन योजना मुख्य तौर पर असंगठित श्रमिकों एवं समाज के ऐसे तबके के लोगों के लिए तैयार की गयी है जो किसी भी अन्य माध्यम से पेंशन के लिए पात्र नहीं हैं। वहीं उपरोक्त प्रथम दो योजनाएं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाभदायक है। इन दो योजनाओं में आय सीमा का कोई बन्धन नहीं है और चाहे व्यक्ति आर्थिक रूप से सम्पन्न हो या गरीबी रेखा के नीचे हो, चाहे शासकीय सेवक हो या ग्रामीण श्रमिक या फिर उद्योगपति या गृहणी हर एक व्यक्ति इसके पात्र है इसमें मात्र आयु की सीमा है।कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 18 से 70 वर्ष की आयु के व्यक्ति पात्र हैं तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्ति पात्र हैं। एक शर्त यह है कि हितग्राही के स्वयं का बैंक खाता होना चाहिए। योजनाओं में शामिल होने हेतु मात्र आवेदन फार्म भरना है जो प्रत्येक राष्ट्रीकृत बैंक में उपलब्ध है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना हेतु वार्षिक प्रीमियम 12 रूपये है जिससे दुर्घटना से मृत्यु या अपंगता हेतु 2 लाख रूपये तक का बीमा दिया जायेगा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत वार्षिक प्रीमियम मात्र 330 रूपये है जिससे किसी भी कारण से मृत्यु होने पर उत्तराधिकारी को दो लाख रूपये का बीमा दिया जायेगा। उन्होंने कहा है कि राजस्व शिविर 20 मई से 22 मई तक सभी तहसीलों में राजस्व शिविरों के माध्यम से सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें जिससे शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन और लाभ सभी को मिल सके। 

जिला चिकित्सालय में फेको विधि से मोतियाबिन्द आपरेशन की सुविधा प्रारम्भ

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सीधी 19 मई 2015   जिला चिकित्सालय सीधी में फेको विधि से मोतियाबिन्द आपरेशन की सुविधा प्रारम्भ हो गयी है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा अभी हाल ही में जिला चिकित्सालय को अत्याधुनिक फेको मशीन उपलब्ध करायी गई है जिसके द्वारा नेत्र चिकित्सक डा0 लक्ष्मण पटेल मोतियाबिन्द का आपरेशन विगत 13 मई से फेको विधि से आरम्भ कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि अभी तक सम्भाग के श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा में ही यह सुविधा उपलब्ध थी। अब सीधी जिले के नागरिक भी निःशुल्क आपरेशन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।  

कृषि महोत्सव के मद्देनजर कलेक्टर ने अवकाश पर प्रतिबन्ध लगाया

सीधी 19 मई 2015   किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार आगामी 25 मई से 15 जून तक कृषि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अतः कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने कृषि महोत्सव से सम्बद्ध विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों पर आगामी 20 जून तक के लिए सभी प्रकार के अवकाशों पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी अधिकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार के अवकाश पर प्रस्थान नहीं करेंगे। यदि कार्यालय प्रमुख द्वारा पूर्व में अवकाश स्वीकृत किया गया हो तो तत्काल निरस्त कर अवगत करायेंगे। चिकित्सा अवकाश जिला मेडिकल बोर्ड के अनुमोदन पश्चात स्वीकृति प्राप्त कर स्वीकृत करें। 

राजस्व न्याय शिविरों के साथ ही स्थानीय बैंकों द्वारा नवीन बीमा योजना के लिए शिविर आयोजित किए जांय

सीधी 19 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने समस्त बैंक के जिला समन्वयकों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 20 से 22 मई तक जिले में राजस्व न्याय शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में समस्त शाखा प्रबन्धक उपस्थित होकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री अटल पेंशन योजना तथा बचत खाते खोले जाने का अभियान चलायें। 

कृषि क्रांति रथ 25 मई से 15 जून तक कुल 371 ग्रामों में भ्रमण करेगा

सीधी 19 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने बताया कि आगामी 25 मई से आयोजित होने वाले कृषि महोत्सव के दौरान 5 विकासखण्डों में कृषि क्रांति रथ कुल 371 ग्रामों में भ्रमण करेगा। इसमें सीधी के 67 ग्रामों में, रामपुर नैकिन के 90 ग्रामों में, मझौली के 70 ग्रामों में, सिहावल के 64 ग्रामों में और कुसमी के 80 ग्रामों मंे कृषि क्रांति रथ भ्रमण कर कृषकों को आधुनिक खेती लेने के लिए जागरूक करेंगे। प्रत्येक विकासखण्ड के लिए अलग-अलग कृषि क्रांति रथ भ्रमण करेंगे। एक दिन में तीन ग्रामों में कृषि क्रांति रथ भ्रमण करेगा तथा रात्रि में विश्राम वाले गांव में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। कृषि विभाग के उप संचालक श्री चन्द्रावत ने बताया कि 25 मई से 15 जून तक कृषि क्रांति रथ ग्रामों में भ्रमण करेगा। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड सीधी में 25 मई को कृषि क्रांति रथ करौंदियाटोला, कठास और सतनरा का भ्रमण करेगा तथा सतनरा ग्राम में रात्रि विश्राम करेगा और कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। 26 मई को कृषि क्रांति रथ बहेरा पूर्व, पड़खुरी नं-1 और बिसुनीटोला का भ्रमण कर बिसुनीटोला में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 27 मई को ग्राम भाठा, पड़री और सेमरहिया में भ्रमण कर सेमरहिया ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 28 मई को तेगवा, माड़ा पानी और बरमबाबा ग्राम का भ्रमण करेगा और बरमबाबा में रात्रि विश्राम कर कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 29 मई को ठेगरही, मुरकुदा और उड़ैसा ग्राम का भ्रमण करेगा तथा उड़ैसा ग्राम में रात्रि विश्राम कर कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 30 मई को कृषि क्रांति रथ घुसमुनिया, सलैहा और मलवारी ग्राम का भ्रमण कर मलवारी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 31 मई को कृषि क्रांति रथ छवारी, रक्साटोला और करवाही में भ्रमण कर करवाही ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि कृषि क्रांति रथ विकासखण्ड रामपुर नैकिन में 25 मई को ग्राम मुर्तला, अगडाल, मझियार और रघुनाथपुर ग्रामों का भ्रमण कर रघुनाथपुर में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 26 मई को नैकिन, गोडहाटोला, बघवार और चोरगड़ी में भ्रमण कर चोरगड़ी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 27 मई को बुढ़गौना, पिपरांव, मझिगवां और धौरहरा ग्रामों का भ्रमण धौरहरा ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 28 मई को पटना, खारा, भरतपुर और भैंसरहा ग्रामों का भ्रमण कर भेैंसरहा में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 29 मई को कपुरी, रैदुअरिया, गड़हरा, अमिलई और बाघड़खास ग्रामों का भ्रमण कर बाघड़खास ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 30 मई को बाघड़ धवैया, चोभरा, शिकारगंज, मगरोहर और मौरा ग्रामों का भ्रमण कर मौरा ग्राम में किसान संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 31 मई को बड़ेसर, खड्डीकला, खड्डीखुर्द एवं बरौं ग्रामों का भ्रमण कर बरौं में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। उप संचालक ने बताया कि विकासखण्ड मझौली में कृषि क्रांति रथ 25 मई को नौढि़या, चुनगुना और परसिली ग्राम का भ्रमण कर परसिली में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 26 मई को कृषि क्रांति रथ चमराडोल, बोदारीटोला और सेमरिहा ग्राम का भ्रमण करेगा और सेमरिहा में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 27 मई को खमचैरा, पोड़ी, बडकाडोल ग्रामों का भ्रमण कर कृषक संगोष्ठी पोड़ी ग्राम में आयोजित की जाएगी, 28 मई को कृषि क्रांति रथ मझौली, धनौली और पांड ग्रामों का भ्रमण कर पांड ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 29 मई को करमाई, ताला और खंतरा ग्राम का भ्रमण कर खंतरा में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 30 मई को तिलवारी, रूपईडोल और छुही में भ्रमण कर छुही ग्राम में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 31 मई को सेंधवा, अमझर और गजरी ग्राम का भ्रमण कर गजरी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड सिहावल में कृषि क्रांति रथ 25 मई को गेरूआ, मढौली और बघोर ग्राम का भ्रमण कर बघोर में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 26 मई को बांकी, चितवरिया और सुपेला ग्राम का भ्रमण कर सुपेला में कृषि संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 27 मई को सजवानी, कोदौरा और बड़ागांव का भ्रमण कर बड़ागांव में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 28 मई को बघौड़ी, डमक और बिठौली में भ्रमण कर बिठौली में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 29 मई को तेंदुहा, कारीमाटी और चितांग ग्रामों का भ्रमण कर चितांग में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 30 मई को खोरवाखास, हटवादेवार्थ और हटवाखास ग्रामों का भ्रमण कर हटवाखास में कृषक संगोष्ठ आयोजित की जाएगी, 31 मई को मुर्दाडीह, गहिरा और घोघरा ग्रामों का भ्रमण कर घोघरा ग्राम में कृषि संगोष्ठिी आयोजित की जाएगी।  उन्होंने बताया कि विकासखण्ड कुसमी में 25 मई को कृषि क्रांति रथ भगवार, बड़वाही और कुसमी ग्रामों का भ्रमण कर कुसमी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 26 मई को देवार्थ नौढि़या, कोटमा, जूरी, रौहाल और मेड़रा ग्राम का भ्रमण कर मेडरा में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जायेगी, 27 मई को कमछ, धुपखड़, आमगांव और पोड़ी ग्राम का भ्रमण कर पोड़ी में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 28 मई को हैकी, ददरी,लुरघुटी, साइडोल और कुन्दौर ग्रामों का भ्रमण कर कुन्दौर में कृषक संगांेष्ठी आयोजित की जायेगी, 29 मई को ताल, हर्दी, कोटा, खैरी, बस्तुआ और रामगढ़ का भ्रमण कर रामगढ़ में कृषक संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, 30 मई को कृषि क्रांति रथ लवाही, बिटखुरी और चिनगवाह ग्राम का भ्रमण कर चिनगवाह में कृषि संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसी प्रकार 31 मई को कृषि क्रांति रथ डेवा, खरवर और कंचनपुर ग्राम का भ्रमण कर कंचनपुर मंे कषि संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। 

ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें पेंशन नहीं मिलती सम्पर्क करें

सीधी 19 मई 2015   जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ले0कर्नल सेवानिवृत्त पी.गंगा ने कहा है कि जिला सीधी एवं सिंगरौली के ऐसे भूतपूर्व सैनिक एवं विधवाएं जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है और जिन्हें पेंशन नहीं मिलती है वे डिस्चार्ज बुक, भूतपूर्व सैनिक विधवा पहचान पत्र, आयु प्रमाण-पत्र, बैंक पासबुक, आधारकार्ड एवं आय प्रमाणपत्र तहसीलदार द्वारा जारी समस्त दस्तावेजों की मूल प्रति एवं छायाप्रति के साथ इस कार्यालय में उपस्थित हों ताकि उनके कल्याणार्थ कार्यवाही की जा सके। 

भूतपूर्व सैनिकों के लिए सुरक्षा प्रहरी के 40 पद रिक्त

सीधी 19 मई 2015   जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ले0कर्नल सेवानिवृत्त पी.गंगा ने बताया कि सीधी एवं सिंगरौली जिले के ऐसे भूतपूर्व सैनिक जो रोजगार के इच्छुक हैं और जिनकी आयु 50 वर्ष से कम है उनके लिए शहडोल में रिलायन्स कम्पनी में रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। सुरक्षा प्रहरी के 40 पद रिक्त हैं रहने के लिए आवास निःशुल्क है। साथ ही वर्दी, पीएफ, इएसआई एवं अवकाश लागू है। प्रतिमाह वेतन 19041 रूपये होगा। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नम्बर 9223172766 एवं 9223172843 से सम्पर्क किया जा सकता है। 

सीधी जिले के 165 तीर्थयात्री 11 जून को रामेश्वरम जायेंगे

सीधी 19 मई 2015   मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के अन्तर्गत सीधी जिले के 165 तीर्थयात्री 11 जून को रामेश्वरम तीर्थदर्शन के लिए विशेष ट्रेन से रवाना होंगे। कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने बताया कि तीर्थयात्रियों को लेकर यह ट्रेन 16 जून को वापस आयेगी। तीर्थयात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को प्रतिदिन नास्ता, भोजन एवं मिनरल वाटर निःशुल्क दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पूर्व में यात्रा कर चुके हैं उनका नाम पुनः न अंकित किया जाय। 

स्वच्छ सरोवर अभियान प्रत्येक तालाब की अस्मिता का अभियान
  • 21 मई से 27 मई 2015 तक शहर के अमहा तालाब पर आयोजित होगा श्रमदान
  • कलेक्टर द्वारा समस्त विभागों, महाविद्यालयों, स्वैच्छिक संगठनों,
  • समाजिक कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय जन से सम्मलित होनें की अपील

सीधी 19 मई 2015   शासन और समाज विकास के दो पहिये की तरह हैं जिसमें दोनों की गतिशीलता परिणामों की प्राप्ति में गति लाता है। समाज और शासन के बीच समन्वय की दृष्टि से म.प्र.शासन द्वारा गठित म.प्र. जन अभियान परिषद के सीधी इकाई द्वारा जिला प्रशासन एवं नगर पालिका के मार्गदर्शन में जिले की समस्त स्वैच्छिक संगठनों के द्वारा जल संरचनाओं के पुनर्जीवन, रखरखाव एवं स्वच्छता को बढ़ावा देनें हेतु स्वच्छ सरोवर अभियान, सीधी के तहत  दिनांक 21-27 मई 2015 तक सात दिवसीय श्रमदान कार्यक्रम अमहा तालाब गहरीकरण एवं साफ-सफाई के माध्यम से प्रारंभ किया जायेगा। आयोजन का उद्देश्य सीधी के जनमानस में जल स्रोतों के प्रति संवेदना का संचार कर जनभागीदारी को बढ़ावा देना है। अभियान की सफलता के लिये जिला कलेक्टर विशेष गढ़पाले द्वारा समस्त शासकीय विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ-साथ विभिन्न प्रतिष्ठित कालेजों के शिक्षक एवं छात्रों सहित सभी स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, जातीय एवं धार्मिक संगठनों के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं शहर के सभी जल प्रेमी जनों से अपील के माध्यम से प्रतिदिन प्रातः 6 से 8 बजे तक श्रमदान के लिये आमंत्रित किया गया है।स्वच्छ सरोवर अभियान को लेकर म.प्र.जन अभियान परिषद, सीधी के मार्गदर्शन में समस्त गतिविधियों के समन्वय एवं प्रसार हेतु स्वयंसेवी संगठनों की बैठक की गयी जिसमें मुख्य रूप से समग्र प्रगति सेवा संस्थान, इन्द्रवती नाट्य समिति, प्रस्फुटन समिति रामगढ़, सद्भावना सेवा समिति, जन सहायक समाज सेवी समिति, स्वदेश सेवा समिति, अवध स्मृति ग्रामीण विकास समिति, गांधी बहुउद्देश्यीय समिति, ममत्व महिला मंडल, संदीप ग्रामीण विकास एवं जन कल्याण समिति, निरापद समिति, जयति जन सेवा समिति, केशव ग्राम विकास समिति, छत्रपति विवेकानन्द युवक मंडल, प्रकाश जन कल्याण समिति आदि के कार्यकर्ता सम्मलित रहे। समिति द्वारा अमहा तालाब के आस-पास निवासरत स्थानीय जनों से सम्पर्क कर तालाब गहरीकरण हेतु श्रमदान के लिये आह्वान किया गया। बैठक में सभी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं सहित जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक एवं विकासखण्ड समन्वयक उपस्थित रहे।

स्वच्छ सरोवर अभियान अंतर्गत विभागवार श्रमदान के लिये कलेक्टर द्वारा की गयी अपील

सीधी 19 मई 2015   दिनांक 21 मई को पुलिस विभाग, नगर पालिका परिषद्, एस.आई.टी. कालेज, एन.सी.सी/एनएस.एस समस्त कालेज दिनांक 22 मई को महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचात एवं ग्रामीण विकास विभाग, शासकीय कन्या महाविद्यालय, दिनांक 23 मई को स्वास्थ्य विभाग, नगर सेना, डी.पी.आई.पी, कमला कालेज, दिनांक 24 मई को लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, वन विभाग, नेहरू युवा केन्द्र, संजय गांधी महाविद्यालय, दिनांक 25 मई को खेल एवं युवक कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, सीधी के समस्त बैंक, एकलव्य कालेज, सी.एम.आई.टी कालेज, दिनांक 26 मई को पशु चिकित्सा विभाग, उद्यानकी विभाग, राजस्व विभाग, दिनांक 27 मई को आदिवासी विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, म.प्र. विद्युत मंडल, टाटा कालेज सीधी द्वारा विशेष सहयोग देनें की अपील की गयी है। म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा विभिन्न सामाजिक संस्थाये द्वारा संचालित इस अभियान में जिले की समस्त प्रस्फुटन समितियों के सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी प्रतिदिन श्रमदान में पहंुचनें की अपील की गयी है।

34 पटवारी स्थानान्तरित

सीधी 19 मई 2015   कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने बताया कि प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरान्त 34 पटवारियों के अन्यन्त्र स्थानान्तरण किए गए हैं। इसमें से 28 पटवारियों के स्थानान्तरण प्रशासनिक दृष्टिकोण से और 6 पटवारियों के स्थानान्तरण स्वयं के व्यय पर किए गए हैं। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बताया कि पटवारी सुरेन्द्र प्रताप सिंह का पटवारी हल्का चैफाल से पटवारी हल्का सीधीगिर्द, रमेंश प्रताप वर्मा का नौढिया से विजयपुर, राजेश कुमार पटेल का विजयपुर से ताला, महेश कुमार कोल का खैरही से मनकीसर, विनोद कुमार पटेल का महराजपुर से बघोर, गिरजा प्रसाद शुक्ला का सीधीगिर्द से महराजपुर, उपेन्द्र सिंह का सारोकला से पटवारी हल्का नौढि़या, श्रीकान्त सिंह का उडैसा से बिठौली, नन्दलाल पटेल का बिठौली से बड़खरा, राम सलोने वर्मा का पटवारी हल्का सेमरी से पटवारी हल्का चन्दवाही स्थानान्तरण किया गया है। नरेन्द्र प्रसाद पटेल का पटवारी हल्का बघोर से पटवारी सारोकला, लक्ष्मण प्रसाद कोल का घोपारी से गजरी, अनिल सिंह का तितली से चैफाल, श्याम सुन्दर शर्मा का पोखरा से उडैसा, सूर्यभान सिंह का डिहुली से बढ़ौना, शोभनाथ सिंह का पटवारी हल्का कोष्टा से पटवारी हल्का सिरौला, राम बहोर कोल का कपुरी से उमरिया, गोरखनाथ विश्वकर्मा का बढ़ौना से कपुरी, राघवेन्द्र सिंह का खैरा से खड्डी, मनमोहन सिंह का मनकीसर से गाजर, भगवानदास विश्वकर्मा का खड्डी से भदौरा, ज्ञान सिंह का पटवारी हल्का ताला से पटवारी हल्का खैरा, शिव प्रसाद बैगा का पटवारी हल्का जोडौरी से तितली, अवध बिहारी सिंह का गजरी से खैरही, गुलाब प्रसाद पनिका का सिरौला से डिहुली, जोहन प्रसाद कोरी का उमरिया से सेमरी, सुरेश कुमार प्रजापति का भदौरा से पोखरा और कन्हैयालाल कोल का पटवारी हल्का गाजर से पटवारी हल्का शिकारगंज स्थानान्तरण किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वयं के व्यय पर निम्नलिखित पटवारियों के स्थानान्तरण किए गए हैं। कमलेश कुमार गौतम का पटवारी भितरी से पटवारी हल्का तरका, लक्ष्मीकान्त मिश्रा का तरका से भितरी, जितेन्द्र पाण्डेय का पटवारी हल्का शिकारगंज से पटवारी हल्का कोष्टा, राजेश कुमार प्रजापति का चन्दवाही से जोडौरी, राममिलन प्रजापति का गहिरा से कंधवार और बाल्मीक प्रसाद विश्वकर्मा का पटवारी कंधवार से पटवारी हल्का गहिरा स्थानान्तरण किया गया है। 

जयललिता 22 मई को जनता के सामने आएंगी

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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता 22 मई को संभवत: सात माह बाद जनता के सामने आएंगी। पार्टी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एआईएडीएमके ने कहा कि उस दिन (22 मई) जयललिता यहां पार्टी के संस्थापक एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के संस्थापक सी.एन. अन्नादुरई और द्रविड़ कड़गम (डीके) के संस्थापक ई.वी. रामस्वामी के स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगी।  एआईएडीएमके ने 22 मई को पार्टी मुख्यालय पर इसके विधायक दल की बैठक भी बुलाई है। 

बैठक का एजेंडा यद्यपि अभी तक नहीं किया गया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जयललिता को एआईएडीएमके विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। इससे उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।  पार्टी के विधायक पी. वेत्रीवेल ने रविवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वह राधाकृष्ण नगर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे।  उनके इस्तीफे के बाद 234 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी के 150 सदस्य रह गए हैं।

इस घटनाक्रम के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जयललिता के दोबारा से मुख्यमंत्री बनने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।  बेंगलुरू की निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने पड़ा था। वह श्रीरंगम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीती थीं।  कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में सजा के खिलाफ उनकी अपील को सही ठहराते हुए उन्हें बरी कर दिया है। इसके बावजूद भी वह सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई हैं।

दिल्ली में सीवर, जल विकास शुल्क में भारी कटौती

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दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली जलबोर्ड द्वारा लिए जाने वाले सीवर, जल विकास शुल्क पर लगभग 80 फीसदी की कटौती की है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। सीवर विकास शुल्क 494 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है।  जल विकास शुल्क भी 440 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। बयान में कहा गया है कि नई दरें 200 वर्ग मीटर के आकार के भूखंड का उपयोग करने वाले घरेलू और मिश्रित उपभोक्ताओं पर लागू होंगी। 

बयान में कहा गया है कि इस फैसले से दिल्ली की लगभग 1,700 अवैध कॉलोनियों में रह रहे लाखों लोगों को लाभ होगा।  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह पानी और सीवर कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष कैंप लगाए और नई दरों का लाभ उठाने में राजधानी के निवासियों को मदद करे। 

उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड को यह भी आदेश दिया है कि वह नई दरों से लोगों को अवगत कराने के लिए अभियान चलाए।  पाइप द्वारा जल आपूर्ति की सुविधा फिलहाल दिल्ली की 917 अवैध कॉलोनियों में मौजूद है और 152 कॉलोनियों में सीवर की लाइन डाल दी गई है। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग इस सुविधा का तुरंत लाभ उठा सकते हैं।

बनारस में भाजपा सांसद मनोज तिवारी से मारपीट!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित लाइव प्रसारण के दौरान भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी और कांग्रेस विधायक अजय राय के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई और दोनों ओर से पथराव भी किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी के सांसद मनोज तिवारी के साथ मारपीट की। दोनों पक्षों ने पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। 

पुलिस निरीक्षक आशुतोष ओझा ने बताया, "दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं। ऐसे में एक साल के अंदर संसदीय क्षेत्र में उनके विकास कार्यो की समीक्षा करने के लिए एक समाचार चैनल द्वारा अस्सी घाट पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।" उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में भाजपा सांसद मनोज तिवारी, कांग्रेस के विधायक अजय राय और समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल शामिल थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार्यक्रम के दौरान जब लोगों से जवाब-सवाल का सिलसिला शुरू हुआ तो बीच में हूटिंग होने लगी। इसके बाद कुछ कार्यकर्ता गाली-गलौज करने लगे। इसी दौरान अजय राय और मनोज तिवारी के समर्थक आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर जमकर लात-घूसे बरसाए। समर्थकों ने जमकर पथराव भी किया। इसके बाद मनोज शो बीच में ही छोड़कर चले गए। मारपीट के दौरान विधायक अजय राय और भाजपा नेता भेलूपुर थाने पहुंच गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।

वाराणसी से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अजय राय ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके कार्यकर्ता रोहित चौरसिया के साथ मारपीट की, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया।  वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके सांसद मनोज तिवारी के साथ कांग्रेस के नेताओं ने मारपीट की। पुलिस सच जानने का प्रयास कर रही है।

देश ने गलत प्रधानमंत्री चुना : कपिल सिब्बल

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भारत की जनता ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुनकर गलती की है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को यह बात कही। सिब्बल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "आपने गलत व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया है। प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय मोदी कहेंगे कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि अमेरिका के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाकर भारत लाना है, जबकि देश में किसान और छोटे व्यापारी कठिनाइयों से गुजर रहे हैं।"

मोदी पर सोचे बिना बोलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि तथ्यों की जांच किए बिना टिप्पणी करना उनकी आदत बन गई है।  सिब्बल ने कहा कि मोदी जब सोमवार को सियोल में भारतीय मूल के लोगों से बात कर रहे थे तो उन्होंने कहा कि पहले लोगों को लगता होगा कि उन्होंने ऐसे क्या पाप किए हैं जो कि उन्हें भारत में जन्म लेना पड़ा। सियोल में मोदी के भाषण की एक क्लिप चलाते हुए सिब्बल ने कहा, "वह बिना सोचे बोलते हैं। यह उनकी आदत बन गई है।" 

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन उन्हें देश में रह रहे लोगों के बारे में कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, "जब भी वह बाहर जाते हैं, वह कहते हैं कि भारत बदल गया है लेकिन वह यह देश के लोगों से कभी नहीं कहते।"सिब्बल ने मोदी के बीजिंग दौरे के दौरान चीनी पर्यटकों को ई-वीजा देने की घोषणा की भी निंदा की। 

मुख्यमंत्री के पद से हटाये जाने के लिये आतंकी संगठन से धमकी मिली थी : मांझी

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा :हम: के वरिष्ठ नेता जीतन राम मांझी ने आज कहा कि मुख्यमंत्री के पद से हटाये जाने के लिये उनपर दबाव बनाया जा रहा था और नही मानने पर  आतंकी संगठन से जान से मारने की धमकी दी गयी थी ।  श्री मांझी ने यहां के बगहा अनुमंडलीय मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के  पद से हटाये जाने के लिये दवाब बनाया जा रहा था लेकिन इसके लिये वह तैयार नही हुए तब उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी । आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन द्वारा जान से मारने की धमकी दी गयी थी । उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वह बगैर किसी खौफ के गरीबों के लिये काम करते रहे । मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार उन्हें अपना कठपुतली बनाना चाहते थे और विरोध करने पर पद से हटा दिया गया । 

पूर्व मुख्यमंत्री ने श्री नीतीश कुमार की अगुवायी वाली जनता दल यूनाइटेड:जदयू: सरकार को हर मोर्चे पर  विफल बताया और कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में सिर्फ प्राक्कलन घोटाला हो रहा है । प्रदेश की जनता सब देख रही और इस वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में बैलेट के माध्यम से करारा जवाब देगी । उन्होंने कहा कि बिहार के लोग राजनीतिक रूप से काफी जागरूक है और किसी के भुलावे में आने वाले नही है । श्री मांझी ने कहा कि उनकी सरकार के समय गरीबों एवं अल्पसंख्यक वर्गो के उत्थान के लिये 37 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी थी लेकिन मुख्यमंत्री श्री कुमार ने सत्ता संभालते ही इसमें अड़चन पैदा करने का काम किया । इसी तरह गरीबों . बेरोजगार युवकों तथा नियोजित शिक्षकों के साथ भी जदयू की सरकार ने नाइंसाफी करने का काम किया है । इस अवसर पर सभा को पूर्व मंत्री वृशिण पटेल . महाचंद्र प्रसाद सिंह और विनय बिहारी ने भी संबोधित किया । 

जनता परिवार के विलय को लेकर कहीं कोई भ्रम नहीं : शरद

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जनता दल यूनाइटेड :जदयू: के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज कहा कि जनता परिवार के विलय को लेकर कहीं कोई भ्रम नहीं है और इस बारे में कोई भी बयान या फैसला लेने के लिए जनता परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव हीं अधिकृत हैं । श्री यादव आज यहां पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जनता परिवार का विलय हो चुका है और अब कहीं कोई भ्रम नहीं है । चार-पांच दौर की बैठकों के बाद पिछले माह दिल्ली में जनता परिवार के छह  दलों के विलय की घोषणा की गई थी । इसके बाद बनने वाली नई पार्टी का अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव को बनाने का भी एलान कर दिया गया था। 

उन्होंने कहा कि इसलिए अब विलय को लेकर किसी भी तरह के बयान या फैसला लेने के लिए श्री मुलायम सिंह यादव हीं अधिकृत हैं । जदयू अध्यक्ष ने विलय के संबंध में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के बयान की ओर ध्यान दिलाये जाने पर कहा कि वह किसी व्यक्ति के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं । उनका मानना है कि सभी छह दलों के नेताओं को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए । उन्होंने कहा कि जनता परिवार का विलय हो चुका है और अब अन्य मुद्दों पर बातचीत हो रही है ।

नहीं थम रहा निर्यात में गिरावट का दौर, बाजार नहीं दे रहा मोदी का साथ

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों, विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के महत्वकांक्षी कार्यक्रम “ मेक इन इंडिया” की जोर शोर से शुरूआत और नयी विदेश व्यापार नीति घोषित करने के बावजूद केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पिछले एक वर्ष के शासन के दौरान निर्यात में गिरावट का रूख रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार निर्यात में दिसंबर 2014 से गिरावट का दौर चल रहा है। अप्रैल 2014 में कुल निर्यात 25 अरब 63 करोड़ डालर का रहा था जोकि अप्रैल 2015 तक 22 अरब पाँच करोड़ डालर पर सिमट गया। 

आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के दौरान कुल मिलाकर 310 अरब 53 करोड़ डालर का निर्यात किया गया। इसी अविध निर्यात के 500 अरब डालर का लक्ष्य रखा गया था। मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद कई निर्णय ऐसे लिए हैं जिनसे विदेश व्यापार प्रणाली में आमूल चूल परिवर्तन हुआ है। इस वर्ष अप्रैल में नयी विदेश व्यापार नीति की घोषणा की गयी। इसमें कहा गया कि विदेश व्यापार के तौर तरीकों में परिवर्तन किया जाएगा और निर्यातकों को छूट,रियायत और सब्सिडी पर भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि नए बाजार तलाशने और निर्यात योग्य नयी वस्तुओं की तलाश करनी चाहिए। 

नयी विदेश व्यापार नीति में निर्यातकों को दी जा रही सभी प्रकार की छूट और रियायतों को वापस लेने की घोषणा करते हुए दो नयी योजनाएं शुरू की जिन्हें विनिर्माण उद्योग और सेवा क्षेत्र से जोड़ा गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए सरकार ने कहा कि यूरोप और अमेरिका के परंपरागत बाजारों को छोड़कर निर्यातकों को अफ्रीका और एशिया के बाजारों की ओर देखना चाहिए। सरकार ने हस्तशिल्प , चाय मसाले,खनिज और कपास जैसे परंपरागत निर्यात के अलावा भारी औद्योगिक उत्पादाें, इंजीनियरिंग उत्पादों, सूचना प्रौद्योगिकी तथा सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है।

विशेष : बालश्रम कानून में बदलाव के साईडइफेक्ट

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भारत ने अभी तक संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते की धारा 32 पर सहमति नहीं दी है  जिसमें बाल मजदूरी को जड़ से खत्म करने की बाध्यता है।1992 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में यह जरूर कहा था कि अपनी आर्थिक व्यवस्था को देखते हुए हम बाल मजदूरी को खत्म करने का काम रुक-रुक कर करेंगे क्योंकि इसे एकदम से नहीं रोका जा सकता है, आज 22 साल बीत जाने के बाद हम बाल मजदूरी तो खत्म नहीं कर पाए हैं उलटे केंद्रीय कैबिनेट ने बाल श्रम पर रोक लगाने वाले कानून को नरम बनाने की मंजूरी से दी है,इस पर अंतिम मुहर संसद में संशोधित बिल पास होने के बाद लगेगी। इसमें सबसे विवादास्पद संशोधन पारिवारिक कारोबार या उद्यमों, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और स्पोर्ट्स एक्टिविटी में संलग्न 14 साल से कम उम्र के बच्चों को बाल श्रम के दायरे से बाहर रखने का है। यह संशोधन एक तरह से ‘बाल श्रम को आंशिक रूप से कानूनी मान्यता देता है, हालांकि इसमें यह पुछल्ला भी जोड़ दिया गया है कि ऐसा करते हुए अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि बच्चे की पढ़ाई प्रभावित न हो और उसकी सेहत पर कोई विपरीत असर न पड़े। इसके अलावा संशोधन में माता-पिता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान में ढील और खतरनाक उद्योगों में 14 से 18 साल की उम्र तक के किशोरों के काम पर भी रोक लगाने जैसे प्रावधान शामिल हैं। इस संशोधन को लेकर विशेषज्ञों और बाल अधिकार संगठनों की चिंता है कि इससे बच्चों के लिए स्थितियां और बद्तर हो जायेगी क्योंकि व्यवहारिक रूप से यह साबित करना मुश्किल होगा कि कौन सा उद्यम पारिवारिक है और कौन-सा नहीं।इसके आड़ में घरों की चारदीवारी के भीतर चलने वाले उद्यमों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बाल मजदूर के तौर पर झोके जाने की संभावना बढ़ जायेगी लेकिन इस दिशा में मोदी सरकार का यह पहला कदम नहीं है, इसी साल जून में सरकार द्वारा फैक्टरी अधिनियम और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम में संशोधन की घोषणा की गयी है, जो नियोक्ता को बाल मजदूरों की भर्ती करने में समर्थ बनाता है और ऐसे मामले में सजा नियोक्ता को नहीं माता-पिता को देने की वकालत करता है।

तमाम सरकारी-गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद हमारे देश में बाल मजदूरी की चुनौती बनी हुई है, सावर्जनिक जीवन में होटलों, मैकेनिक की दूकानों और एवं सार्वजनिक संस्थानों में बच्चों को काम करते हुए देखना बहुत आम है जो हमारे समाज में इसकी व्यापक स्वीकारता को दर्शाता है,समाज में कानून का कोई डर भी नहीं है।  सरकारी मशीनरी भी इसे नजरअंदाज करती हुई नजर आती है,2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 5 से 14 साल के बच्चों  की कुल आबादी  25.96 करोड़ है. इनमें से 1.01 करोड़ बच्चे मजदूरी करते हैं  इसमें 5 से 9 साल की उम्र के 25.33 लाख बच्चे और 10 से 14 वर्ष की उम्र के 75.95 लाख बच्चे शामिल हैं । राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा बाल मजदूर उत्तरप्रदेश (21.76 लाख) में हैं जबकि दूसरे नम्बर पर बिहार है जहाँ  10.88 लाख बाल मजदूर है, राजस्थान में 8.48 लाख, महाराष्ट्र  में 7.28 लाख तथा, मध्यप्रदेश में 7 लाख बाल मजदूर है । यह सरकारी आंकड़े है और यह स्थिति तब है जब 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बाल श्रम की परिभाषा के दायरे में शामिल थे, वैश्विक स्तर पर देखें तो सभी गरीब और विकासशील देशों में बाल मजदूरी की समस्या है।इसकी मुख्य वजह यही है कि मालिक सस्ता मजदूर चाहता है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने पूरे विश्व के 130 ऐसे चीजों की सूची बनाई गई है जिन्हें बनाने के लिए बच्चों से काम करवाया जाता है,इस सूची में सबसे ज्यादा बीस उत्पाद भारत में बनाए जाते हैं। इनमें बीड़ी, पटाखे, माचिस, ईंटें, जूते, कांच की चूड़ियां, ताले, इत्र कालीन कढ़ाई, रेशम के कपड़े और  फुटबॉल बनाने जैसे काम शामिल हैं। भारत के बाद बांग्लादेश का नंबर है जिसके 14 ऐसे उत्पादों का जिक्र किया गया है जिनमें बच्चों से काम कराया जाता है। 

घरेलू स्तर पर काम को सुरक्षित मान लेना गलत होगा। उदारीकरण के बाद असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्र में काफी बदलाव आया है, काम का साधारणीकरण हुआ है। अब बहुत सारे ऐसे काम घरेलू के दायरे में आ गये हैं जो वास्तव में इन्डस्ट्रीअल हैं, आज हमारे देश में बड़े अस्तर पर छोटे घरेलू धंधे और उत्पादक उद्योग असंगठित क्षेत्र में चल रहे हैं जो संगठित क्षेत्र के लिए उत्पादन कर रहे हैं। जैसे बीड़ी उद्योग में बड़ी संख्या में बच्चे काम कर रहे हैं, लगातार तंबाकू के संपर्क में रहने से उन्हें इसकी लत और फेफड़े संबंधी रोगों का खतरा बना रहता है। बड़े पैमाने पर अवैध रूप से चल रहे पटाखों और माचिस के कारखानों लगभग 5० प्रतिशत बच्चे होते हैं,जिन्हें दुर्घटना के साथ-साथ सांस की बीमारी के खतरे बने रहते है। इसी तरह से चूड़ियों के निर्माण में बाल मजदूरों का पसीना होता है जहाँ 1०००-18०० डिग्री सेल्सियस के तापमान वाली भट्टियों के सामने बिना सुरक्षा इंतजामों के बच्चे काम करते हैं। देश के कालीन उद्योग में भी लाखों बच्चे काम करते हैं। आंकड़े बताते है कि उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कालीन उद्योग में जितने मजदूर काम करते हैं उनमें तकरीबन 4० प्रतिशत बाल श्रमिक होते हैं। वस्त्र और हथकरघा खिलौना उद्योग में भी, भारी संख्या में बच्चे खप रहे हैं।पश्चिम बंगाल और असम के चाय बागानों में लाखों की संख्या में बाल मजदूर काम करते हैं। इनमें से अधिकांश का तो कहीं कोई रिकॉर्ड ही नहीं होता। कुछ बारीक काम जैसे रेशम के कपड़े बच्चों के नन्हें हाथों बनवाए जाते हैं ।

विडम्बना देखिये अभी पिछले साल ही बाल मजदूरी के खिलाफ उल्लेखनीय काम करने के लिए कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जिनका कहना है कि “बच्चों से उनके सपने छीन लेने से और ज़्यादा गम्भीर अपराध क्या हो सकता है और जब बच्चों को उनके माता-पिता से जुदा कर दिया जाता है, उन्हें स्कूल से हटा दिया जाता है या उन्हें तालीम हासिल करने के लिए स्कूल जाने की इजाज़त ना देकर कहीं मज़दूरी करने के लिए मजबूर किया जाता है या सड़कों पर भीख माँगने के लिए मजबूर किया जाता है, ये सब तो पूरी इंसानियत के माथे पर धब्बा है।” लेकिन ऐसा लगता है कैलाश सत्यार्थी की यह आवाजें अभी भी हमारे नीति– निर्माताओं के कानों तक नहीं पहुची है। बालश्रम निषेध और नियमन कानून में  यह संसोधन बाल श्रम  और शोषण को परिसीमित करने के बजाय उसे  बढ़ावा ही देगा।





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जावेद अनीस 
ई मेल : javed4media@gmail.com

आलेख : हिन्दू धर्म और इस्लाम

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इस्लाम के भारतीय समाज पर आघात को सन् ७१२ ई० से आरम्भ समझा जाता है, परन्तु तब का आक्रमण शीघ्र ही विलीन हो गया थाl यद्यपि सन् ७१२ में भी आक्रमण में राजनैतिक कारणों के साथ मजहब के विस्तार का भी लक्ष्य थाl इस कारण जब राजनतिक प्रभाव क्षीण हुआ तो मजहबी प्रभाव भी क्षीण हो गया, परन्तु जब सन् १००८ में राजा आनन्दपाल की महमूद गजनी से पराजय हुई तो महमूद ने अपनी राजनितिक विजय और मजहबी विजय के दो पृथक-पृथक रूप निर्माण करने का यत्न कियाl इस बार उसने पीर दाता गंद बख्श नामक एक पीर  को लाहौर के हाकिम के अतिरिक्त यहाँ पर बैठा दियाlउसने लाहौर में अपना एक इदारा स्थापित कियाl वह इदारा देखने में लाहौर के सूबेदार से पृथक था, किन्तु वास्तव में ये दोनों परस्पर पूरक ही थेl यह सिंध पर अरबी आक्रमण से पृथक बात थीlदाता गंद बख्श की ख्याति धीरे – धीरे मुसलमान आक्रमण कारियों से पृथक होती गईl राज्य-बल से पोषित परन्तु प्रत्यक्ष में पृथक मजहब का प्रचार सबसे पहले इस पीर ने आरम्भ किया थाl ऐसा माना जाता है कि इस पीर की रूहानी विशेषता का  प्रभाव लाहौर और उसकी आस- पास की हिन्दू जनता पर होने लगा थाl 

इसका अभिप्राय यह है कि हिन्दू समाज में उस समय तक किसी प्रकार की खराबी प्रविष्ट हो चुकी थीl उसके कारण ही इस्लामी हीन जीवन मीमांसा का प्रभाव हिन्दू जनता पर होने लगा थाl तत्कालीन इतिहास के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि इसके मूल में हिन्दू समाज की जन्म से वर्णधर्म की मान्यता और स्त्री समाज की सर्वथा हीन वौद्धिक अवस्था ही थीlलाहौर स्थित दाता गंद बख्श की ख्याति हिन्दू समाज की श्रेष्ठता से सर्वथा अनभिज्ञ समाज को प्रभावित कर सकी थीl तदपि इसका प्रभाव गौरी इत्यादि अफगानों के आक्रमण के समय हुआ था lसन् १००८ से लेकर सन् ११७५ के बीच के काल में हिन्दू समाज में उत्पन्न दुर्बलता में इन पीर-पैगम्बरों का पर्याप्त हाथ थाl

पठानों और मुगलों के राज्य मे भी इन पीर-पैगम्बरों ने भोली-भाली हिन्दू जनता को भ्रमित करके मुसलमानों के पक्ष में करने में पर्याप्त प्रयत्न किया थाl अजमेर तथा लाहौर के मिया मीर की दरगाहों ने इस दिशा में बहुत प्रचार किया थाl इस काल में जहाँ–जहाँ मुसलमानी राज्य जाता था वहाँ–वहाँ मुल्ला-मौलाना राज्य की महिमा को बढाने के लिए यत्न करते रहते थेl उन दिनों घूम रहे पीर मुर्शिद एक ओर तो इस्लामी सेना को इस्लामी शासकों के अधीन रखने का यत्न करते रहते थे, वहाँ भूले-भटके हिन्दू बेखबर घटकों को भी मुसलमान बनने के लिए प्रेरित करते रहते थेl इस्लाम के इस अंग ने ही बहुत सीमा तक अकबर को हिंदुओं की ओर झुकने से रोका हुआ थाl

यद्यपि मुसलमानी शासन कुछ परिवारों का ही शासन कहा जाता है तथापि वास्तव में ऐसा था नहींl मुसलमान शासक परिवार इस्लामी मजहबी नेताओं से भरपूर सहायता लेते थे और फिर इस्लामी मुल्ला–मौलाना इस्लाम के विस्तार के लिए राजनीतिक प्रभुत्व का पूरा–पूरा लाभ प्राप्त करते थेl इस्लाम अपने जन्म काल से ही दो टाँगों पर चलता रहा हैl राजनीतिक शक्ति और मजहबी प्रचारl यह माना जाता है कि इस्लामी पीरों का हिन्दू समाज पर अति न्यून प्रभाव थाl इस पर भी इन पीरों का देश में रहना दो काम तो करता ही थाl एक तो मुसलमान सैनिकों की क्रूरता को पवित्र बताते रहना और दूसरे निम्न जाति के हिंदुओं को श्रद्धा में शिथिल करते रहनाl 

ध्यातव्य है कि मजहब और धर्म भिन्न – भिन्न हैं lधर्म का सम्बन्ध व्यक्ति के आचरण से होता है और मजहब कुछ रहन – सहन के विधि– विधानों और कुछ श्रद्धा से स्वीकार की गई मान्यताओं का नाम हैl आचरण में भी जब बुद्धि का बहिष्कार कर केवल श्रद्धा के अधीन स्वीकार किया जाता है तो यह मजहब ही कहाता हैl मजहब कभी भी  व्यक्ति की मानसिक तथा आध्यात्मिक उन्नत का सूचक नहीं होता, वह सदा पतन का ही सूचक होता हैl कभी संगठन के लिए मजहबी मान्यताएं सहायक हो जाती हैं, परन्तु वह सहायता सदा अस्थायी होती है और जो मानसिक दुर्बलताएँ तथा मूढता उत्पन्न होती है, वह घोर पतन का कारण बनती हैंl

श्रद्धा पर आधारित समाज निरन्तर पतन की ओर ही जाता दिखाई देता हैl जब श्रद्धा बुद्धि के अधीन की जाती है अर्थात श्रद्धा की बातों को समय–समय पर बुद्धि कि कसौटी पर कस के उसमें संशोधन किया जाता रहता है, वह बुद्धिवाद कहाता हैl वह प्रगत्ति का सूचक हैl इस्लाम में ईश्वरीय कार्यों में अक्ल को दखल देना कुफ्र माना जाता हैl इस कारण इस्लाम निरन्तर पतन की ओर जा रहा हैl इसमें विशेषता है कि बुद्धि हीनता के साथ बनी श्रद्धा के साथ प्रत्येक प्रकार का बल सहायक होता है और इस बल का संचय करने के लिए प्रत्येक प्रकार के इन्द्रिय सुखों का प्रलोभन दिया जाता हैl इस प्रकार इस्लाम की गाड़ी दो चक्कों पर चल रही हैl एक ओर सब प्रकार के इन्द्रिय सुखों का प्रलोभन है और दूसरी ओर इस्लाम के नाम पर किये गये सब प्रकार के अत्याचारों का पुरस्कार खुदा की ओर से बहिश्त दिया जाना बहुत बड़ी आशा हैl यह गाड़ी कब तक चलेगी, यह बता पाना कठिन है? परन्तु वर्तमान बुद्धिशीलों के लिए यह एक भयंकर भय व चिंता का कारण बना हुआ हैl भय यह है कि श्रद्धा में बंधे हुए और अज्ञानता में किये प्रत्येक प्रकार के पाप–कर्म का बहिश्त में मिलने वाले ऐश और आराम का प्रलोभन भले लोगों की चीख–पुकार को कुंठित कर रहा हैl 

हिन्दू समाज ने इस श्रद्धावाद का विरोध श्रद्धा से ही करने का यत्न किया हैl वह  प्रयास  आज भई उसी रूप में जारी है, किन्तु अभि तक यह प्रयास सफल नहीं हो पाया हैl इस श्रद्धा का श्रद्धा से विरोध केवल एक बात में सफल हो पाया हैl वह यह कि इस्लाम की श्रद्धा भारत में उस गति से और उस सीमा तक सफल नहीं हुई जिस सीमा तक यह अन्य देशों में हुई हैl परन्तु शनैः–शनैः श्रद्धा कि यह भित्ति गिरती जा रही है और जनसंख्या में हिन्दू– मुसलमान का अनुपात हिंदुओं के विरुद्ध जा रहा हैl अंग्रेजी काल में इस्लाम के मानने वालों अनुपात तो मुग़ल और पठानों के काल से भी अधिक तीव्र गति से बढ़ता चला जा रहा थाl इसका कारण है यूरोपियन रेंश्नेलिज्मl इसे यूरोपियन बुद्धिवाद भी कहा जा सकता है,परन्तु वास्तव में यह बुद्धिवाद नहीं हैl यह तो एक प्रकार की मूढता को छोड़कर दूसरी प्रकार की मूढता को ग्रहण करना हैl एक उदाहरण से इसे अच्छी प्रकार समझा जा सकता हैl हिन्दुओं में किसी युग में सत्ती प्रथा प्रचलित थीl जिन लोगों को उस काल का कुछ भी ज्ञान है वे यह बता सकते हैं कि सत्ती प्रथा की व्यापकता तो बात थी, वह केवल नाम मात्र की प्रथा थीl जो महिलायें बिधवा हो जाति थी उनमे सत्ती होने वाली कदाचित एक प्रतिशत भी नहीं होती थीl कोई बिरला ही महिला होती थी जो सत्ती हो जाया करती थीl  इन सत्ती होने वाली में हम उन महिलाओं की गणना नहीं करते जो किसी विधर्मी की विजय के समय उनके द्वारा किये जाने वाले बलात्कार के भय से सत्ती हो गई थींl वह तो एक सीमा तक देश विभाजन के समय पंजाब में भी हुआ था . यह किसी रीति –रिवाज के कारण नहीं किया गया थाl उन्होंने इसकी आवश्यकता को अनुभव किया और सत्ती हो गईंl 

इसके आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि सत्ती की प्रथा तो विद्यमान थी, किन्तु यह अनिवार्य नहीं थीlऐसा तो कभी–कभी व्यापर में अत्यधिक हानि होने पर पुरूष भी निराश होकर आत्महत्या कर लिया करते हैंl स्वेच्छा से की जाने वाली आत्महत्या में कभी–कभी सार्वजनिक प्रशंसा अथवा दबाव भी होता देखा गया था, परन्तु यह बात विरली ही होती थीl  ईसाई पादरियों ने इसे प्रचार का माध्यम बनाकर हिन्दू समाज की निन्दा करनी आरम्भ की और उसके आश्रय पर ईसाईयत का प्रचार करना आरम्भ किया, परन्तु अंग्रेजी पढ़े–लिखे लोग आज भी इसको समाज का एक महान दुर्गुण बता रहे हैंl इस प्रकार अनजाने में ही हिन्दू समाज की अन्य अनेका अच्छी बातों को छिपाए रखने में साधन बन रहे हैंl इसका अभिप्राय यह नहीं है कि हम सत्ती प्रथा को मान्यता देना चाहते हैं अथवा उसका पुनर्प्रचलन करना चाहते हैंl हमारी दृष्टि में तो यह हिन्दू समाज का ऐसा व्यवहार है जो कि अन्धश्रद्धा पर आधारित थाl सत्ती प्रथा जिसे जौहर कहा जाना चाहिए उसके सम्मुख हम नतमस्तक हैंl जौहर बुद्धि गम्य है जबकि मात्र सत्ती हो जाना कोरी श्रद्धा हैl

इसी प्रकार मूर्ति पूजा का प्रश्न हैl मूर्ति पूजा पर श्रद्धा करना एक प्रकार से हीन प्रथा है, परन्तु मूर्ति पूजा का बौद्धिक रूप भी है, जिसे हम स्वीकार करते हैंl जब कभी भी हम नरसिंह अवतार को हिरण्यकशिपु का पेट फाड़ते हुए का चित्र देखते हैं तो हमको मेजिनी और गैरीबाल्डी का शौर्यपूर्ण कृत्य स्मरण होने लगता हैl इन दोनों ने जनता के बल के आधार पर इटली सर ऑस्ट्रिया वालों को खदेडकर बाहर कर दिया थाl इसके स्मरण आते ही नरसिंह को इसी रूप में स्मरण कर उसके सम्मुख हाथ जोड़ कर प्रणाम करने को मन करता हैlयह है मूर्ति पूजा का बौद्धिक रूपl जब मर्यादा पुरुशोत्तम श्रीराम और लक्ष्मण को धनुष-वाण कन्धे पर लिए सीता के साथ वन में विचरण करते हुए का चित्र देखते हैं तो रावण तथा उसके जैसे अन्य राक्षसों के अत्याचार से पीड़ित वनवासियों को स्मरण कर श्रीराम और लक्ष्मण के सम्मुख नतमस्तक हो जाते हैंl यह है मूर्ति पूजा का बौद्धिक रूपl ईसाईयों ने हिंदुओं के इन रिवाजों को निन्दनीय कहना आरम्भ कियाl अङ्ग्रेजी शिक्षा ने इसको मिथ्या श्रद्धा कह कर हिन्दू युवकों को इनके विपरीत करने का यत्न किया, क्योंकि हिन्दू समाज इसका बौद्धिक रूप न समझ सका और न समझा ही सकाlसरकारी शिक्षा प्राप्त करने वाले हिन्दू युवक हिन्दुओं की इन प्रथाओं को मूर्खता कहने लगे तो हिन्दू समाज अपने ही घटकों को इनकी बौद्धिकता का बखान नहीं कर सकाl उसका परिणाम यह हुआ कि अङ्ग्रेजी शिक्षा ग्रहण किया भारतीय युवक हिन्दू रीति–रिवाजों को मूर्खता मानने लगा और इस प्रकार हिन्दुओं की जनसँख्या का अनुपात कम होने लगाl  

अङ्ग्रेजी काल में मुसलमानों की संख्या बढ़ने का यही मुख्य कारण रहा हैl इसका अभिप्राय यह है कि अङ्ग्रेजी राज्य काल में हिन्दुओं का अनुपात में से मुसलामानों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण तत्कालीन शिक्षा थीl उस शिक्षा के साथ हिन्दू समाज अपने रीति-रिवाज में बौद्धिक आचार का विश्लेषण करने में असमेथ थाl वह श्रद्धा का राग ही अलापता रहाl  एक उदाहरण से इसे अधिक स्पष्ट रूप से समझा जा सकता हैl इस्कोन और अन्यान्य कई कृष्ण मंदिरों तथा गोरखपुर में गीता भवन की दीवार के साथ भगवान श्री कृष्ण की जन्म–लीला के बहुत ही सुन्दर चित्र सजाये गए हैंl भवन के एक छोर से दूसरे छोर तक सारे के सारे चित्र कृष्ण के जन्म से आरम्भ कर कंस की ह्त्या तक के ही वे सारे चित्र हैंlउन सब चित्रों को देखने से विस्मय होता है कि आज पाँच सहस्त्र वर्ष तक भी श्रीकृष्ण क्या इस बाल –लीला के आधार पर ही स्मरण किये जाते हैं? ये लीलाएं सत्य हो सकती हैं, परन्तु कृष्ण की विश्व की ख्याति की वे मुख्य कारण नहीं हो सकतींl श्रीकृष्णका वास्तविक सक्रिय जीवन तो उस समय से आरम्भ हुआ मानना चाहिए जब उन्होंने युद्धिष्ठिर को राजसूय यज्ञ के लिए प्रेरित किया थाl श्रीकृष्ण के जीवन का सुकीर्तिकर कर्म तो वह था जब उसने वचन भंग करने वाले परिवार के सभी सदस्यों को सुदर्शन चक्र से मृत्यु के घाट उतार दिया थाl श्रीकृष्ण ने तब यह सिद्ध कर दिया था कि वह जो कहता है उस पर आचरण भी करता हैl श्रीकृष्ण ने कहा था -

न जायते भ्रियते भ्रियते वा कदाचिन्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोअयं पुराणों न हन्यते हन्यमाने शरीरे।।
- श्रीमदभगवद गीता  अध्याय२ -१२० 

अर्थात्- यह आत्मा न तो कभी उत्पन्न होता है और न मरता हैl ऐसा भी नहीं कि जब एक बार अस्तित्व में आ गया तो दोबारा फिर आएगा ही नहींl यह अजन्मा है , नित्य है , शाश्वत्त है , पुरातन हैl शरीर का वध हो जाने पर भी यह मारता नहीं हैl जब बन्धु - बान्धवों ने भी वही किया जो दुर्योधनादि ने किया था तो उसने जो अपने बन्धु - बान्धवों के साथ करने को अर्जुन को कहा था वही स्वयं भी कियाl वह था कृष्ण का बौद्धिक व्यवहारl देश की वर्तमान  राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में से उपजी आज की कठिनाई में भी जाति को इसी प्रकार की बौद्धिक व्यवहार की प्रेरणा दी जानी चाहिएl इस व्यवहार से इस्लाम जैसी निकृष्ट जीवन-मीमांसा से सुगमता से पार पाया जा सकता हैl हमें अपनी उन सब मान्यताओं को, जिनका आधार बुद्धि वाद है , लेकर हिन्दू जाति के द्वार को खोल देना चाहिए और सबको अपने समाज में समा जाने के लिए आमंत्रित करना चाहिएl इस प्रकार सहज ही समाज की सुरक्षा का प्रबंध हो सकता हैl हमे किसी को अपनी मान्यता छोड़ने कि बात नहीं कहनीl उनके पीर–पैगम्बरों की यदि कोई बात बुद्धि गम्य हो तो उसको भी छोड़ने के लिए हम नहीं कहते, परन्तु मूढ़ श्रद्धा के सम्मुख हम बुद्धिवाद का बलिदान नहीं कर सकते lबुद्धि की दृढ चट्टान पर स्थित होकर हम अपने मार्ग पर चलने लगे तो सुख – शान्ति और समृद्धता निश्चित है, इसमें कोई संशय नहीं l




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---अशोक “प्रवृद्ध”---
गुमला
झारखण्ड 

विशेष आलेख : हम तो जीने के लिए पल पल तड़पते हैं

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भगवान ने हमें देखने के लिए दो आंखे, सुनने के लिए दो कान, सूंघने के लिए नांक, चलने के लिए दो टांगे और काम करने के लिए दो हाथ दिए हैं। अगर भगवान के ज़रिए दिए गए इन अनमोल उपहारों में से किसी एक में भी कोई कमी हो जाए तो जिंदगी नर्क हो जाती है। भगवान के ज़रिए इतना सब कुछ दिए जाने के बाद भी हम उसका धन्यवाद तक अदा नहीं करते। ऐसे लोगों को भगवान को धन्यवाद कहना चाहिए जो उसके ज़रिए दिए गए इन सारे उपहारों से मालामाल हैं। दुनिया में आज बहुत से लोग ऐसे हैं जो किसी कारणवष विकलांगता का षिकार हो गए हैं। ऐसे लोगों का जिंदगी में आगे बढ़ना काफी कठिन हो जाता है। विकलांगता  जन्मजात भी हो सकती है और जन्म के बाद भी। एक ऐसी ही कहानी जम्मू एवं कष्मीर के पुंछ जि़ले की तहसील मंडी के अड़ाई पंचायत की है। अड़ाई पंचायत में जन्म के चार पांच साल बाद बच्चे विकलांगता का षिकार हो जाते हैं। विकलांगता से पीडि़त लोग मानसिक तौर पर काफी स्वस्थ हैं मगर षारीरिक विकलांगता ने इन्हें जिंदगी के सफर में आगे बढ़ने से रोक दिया है। अड़ाई में कुल तीन पंचायतें हैं जिनमें अड़ाई मलकां, अड़ाई पीरां और अड़ाई हवेली षामिल है। अड़ाई मलकां के एक स्थानीय निवासी के मुताबिक-‘‘ पूरी अड़ाई में लगभग 72 लोग विकलांग है। जन्म के बाद यहां के लोग पोलियों जैसी बीमारी का षिकार हो जाते हैं। अगर अड़ाई मलकां की बात की जाए तो यहां कुल 26 लोग विकलांग हैं। इनमें से किसी का भी अभी तक विवाह नहीं हुआ है। ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जिंदगी के लंबे सफर में विकलांगता के बोझ के साथ यह लोग कैसे जिंदगी गुज़ारेंगे। यह सब लोग अपने अभिभावकों पर निर्भर हैं।
              
इस बारे में यहां के स्थानीय निवासी मोहम्मद रियाज़ मलिक कहते हैं कि-‘‘अड़ाई को 2014 में माॅडल विलेज का दर्जा दिया जा चुका  है। अड़ाई मलकां की आबादी 5 हज़ार है। इतनी बड़ी जनसंख्या  के लिए न कोई चिकित्सालय है और न कोई सड़क। ऐसे में  सड़क न होने की वजह से विकलांग व्यक्ति को काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है। अपनी इस समस्या को लेकर मैं कई बार डीसी और क्षेत्र के विधायक से मिला लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हमारा देष भारत षिक्षा के मैदान में काफी आगे बढ़ चुका है। लेकिन इस  क्षेत्र के विकलांग लोगों का क्या होगा जो पढ़ने की चाह तो रखते हैं लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकलांगता के चलते पढ़ नहीं सकते। हमारे क्षेत्र में इतनी सुविधाएं नहीं है कि उनको षिक्षित बनाया जा सके।’’ पंचायत मलकां की स्थानीय निवासी षहनाज़ अख्तर (26)  जोकि विकलांग होने के साथ-साथ बोल भी नहीं सकती हैं। षहनाज़ के बारे में उनके भाई मोहम्मद फारूक कहते हैं कि-‘‘षहनाज़ सिर्फ पांच साल की थी जब उसको पोलियो ने अपनी चपेट में लिया। हिम्मत न हारते हुए षहनाज़ ने किसी तरह तीसरी कक्षा पास की लेकिन जब विकलांगता बढ़ गई तो बेबस और लाचार हो गयी और उसे मजबूरी में अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। पोलिया का षिकार होने के कुछ समय बाद ही वह फालिज का षिकार हो गई। इसकी वजह से वह अब सिर्फ घर के अंदर रहती है। गर्मी, सर्दी, बरसात, जाड़ा उसे सिर्फ एक चारपाई पर ही गुज़ारना पड़ता है। षहनाज़ इतनी बेबस हो गयी है कि वह पूरी तरह दूसरों की सहायता पर निर्भर है। यह चिंता का विशय है कि आखिर यहां के बच्चे जन्म के चार-पांच साल बाद विकलांगता का षिकार क्यों हो जाते हैं? बड़ी बड़ी लाइलाज बीमारियों पर काबू पा लिया जाता है। लेकिन सब कुछ पहले से मालूम होने के बावजूद भी इस लाइलाज बीमारी पर अभी तक काबू क्यों नहीं पाया जा सका है? 
           
हमारा देष मंगल मिषन तक भी कामयाब हो चुका है। लेकिन अभी तक षहनाज़ और इसके दूसरे अपंग साथियों को सरकार की ओर से एक व्हील चेयर भी नसीब नहीं हो सकी है। अड़ाई की निवासी नसीम अख्तर (23) कहती हैं-‘‘ मैं जब ढ़ाई साल की थी तो इस खतरनाक बीमारी का षिकार हो गयी। मैं भी पूरी तरह से अपने घर वालों पर निर्भर हंू। मैं चलकर घर से बाहर नहीं जा सकती। सिर्फ लाठी के सहारे चंद कदम चल सकती हंू। आज तक सरकार की ओर से मुझे कोई भी मदद नहीं मिली है। मैं हाथ से काम कर सकती हंू।’’ नसीम अख्तर ऐसा क्या करे जिससे वह अपने खर्चे घर वालों के सर से उतार पाए। नसीम अख्तर के लिए इस समय यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। औरतों के साथ साथ यहां का पुरूश वर्ग भी इस बीमारी का षिकार है और आने वाले समय में इस बीमारी का खतरा और ज़्यादा बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। न जाने और कितने लोगों को इसका षिकार बनना पड़ेगा। यहां के एक और स्थानीय निवासी मोहम्मद इस्हाक कहते हैं-‘‘मैं घर पर सबसे बड़ा हंू , पिता जी का देहांत हो चुका है। 2013 में दसवीं की परीक्षा मैंने इसी अपंगता की हालत में पास की थी। यहां हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं है और इस विकलांगता की हालत में हायर सेकेंडरी स्कूल मंडी नहीं जा सकता। इसके अलावा घर की आर्थिक स्थिति भी मेरी पढ़ाई में एक बड़ा रोड़ा बनी हुई है। यहां से सड़क तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। अगर सड़क तक पहुंच भी जाता हंू तो गाडि़या न मिलने की वजह से सिवाय परेषानियों के कुछ नहीं मिलता। इसलिए मैंने तंग आकर अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया।’’ विकलांगता से त्रस्त लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से अपंगों को दिए जाने वाले स्कूटर के लिए हमनें कई बार फाइल जमा करायी, लेकिन हमें आज तक सरकारी खज़ाने सके कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। इन्हीं लोगों में से एक अब्दुल बाकी कहते हैं कि-‘‘ अगर हममें से कोई बीमार हो जाता है तो मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने के लिए मज़दूर को 4 सौ रूपये देते हैं। हमें सरकारी खज़ाने से हर महीने 4 सौ रूपये पेंषन के मिलते हैं और वह भी छह माह के बाद। पहले यह पैसे डांक में आया करते थे लेकिन अब बैंक में आने लगे हैं जिसकी वजह से हमें बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मेरे पास अगर इतनी सुविधा होती कि मैं बाज़ार तक जा सकता तो मैं भीक मांगकर अपना काम चला सकता था। लेकिन मैं खुद 90 प्रतिषत अपंग हंू। अगर सरकार की ओर से हमें एक व्हील चेयर मिल जाए तो काफी हद तक हमारा सहारा बन सकती है।’’ 
            
इस संबंध में जब लेखक अपने एक साथी के साथ विकलांगों की मदद के लिए तहसील सोषल वेलफेयर आॅफिस गया तो संबंधित विभाग के अधिकारी ने कहा कि-‘‘ विकलांग खुद यहां आए, उसे फार्म देंगे।’’ जब लेखक ने कहा कि वह विकलांग है और यहां तक आने के काबिल नहीं हैं। लिहाज़ा आप फारम मुझे दे दें तो उन्होंने जबाब दिया कि आप जि़ला सोषल वेलफेयर आॅफिस में जाओ और वहां से ले लो। उनकी बात को मानते हुए लेखक ने वहां से फार्म हासिल कर लिया। कुछ रोज़ के बाद फार्म हासिल करके जब जमा करवाना चाहा तो उसके साथ दस्तावेज़ मागे गए। यह बात बिल्कुल ठीक है कि हर फार्म के साथ ज़रूरी दस्तावेज़ लगते हैं लेकिन किसी अपंग व्यक्ति के लिए इन औपचारिकताओं को पूरा करना किसी मुसीबत से कम नहीं है।़ दस्तावेज़ों की कमी के चलते बहुत से लोग सरकार की इन कल्याणकारी योजनाओं से फायदा नहीं उठा पाते। ऐसे में विकलांग सरकार से अपील करते हैं कि दस्तावेज़ों की औपचारिकताओं को ज़्यादा से ज़्यादा आसान बनाया जाए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा विकलांग लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। 




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बशारत हुसैन शाह बुखारी
(चरखा फीचर्स)

रेड कार्पेट को लेकर नर्वस हैं ऋचा

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nurvous-richa-for-red-carpetजैसे जैसे कान फिल्म समारोह की तारीख नज़दीक आती जा रही है वैसे वैसे ऋचा के दिल की धडकन भी तेज़ होती जा रही है. अपने खास दिन के लिए ऋचा इस शनिवार को कान फिल्म फेस्टिवल के लिए रवाना होंगी. खबर है कि कान फिल्म फेस्टिवल को लेकर ऋचा काफी नर्वस हैं. 

सूत्रों की मानें तो दूसरी बार इस समारोह को अटेंड करने जा रहीं ऋचा का यह पहला मौका है जब वह रेड कार्पेट पर चलेंगी. गौरतलब है कि इस बार फिल्म के साथ फिल्म में निभायी गयी अपनी मुख्य भूमिका के लिए भी ऋचा खुद पर ज़िम्मेदारी का भाव महसूस कर रही हैं. अब इसे ऋचा की नर्वसनेस कहें या फैशन को लेकर अति सतर्कता लेकिन सच यह है कि कान फिल्म समारोह में रेड कार्पेट पर पहली बार चलने के लिए काफी नर्वस हैं.    

धर्मशाला गैंग रेप: पीड़िता को जान से मारने की कोशिश

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  • सरकार में बैठे किसी मंत्री के इशारे पर पुलिस तंत्र खामोश?

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धर्मशाला , । धर्मशाला कॉलेज में फर्स्ट इयर की छात्रा से हुए गैंगरेप पर तरह तरह की चर्चाएं सामने आ रहीं हैं। पुलिस सूत्रों ने  बताया है कि घटना तो हुई है, यह बात तय है। मगर विक्टिम और उसके परिजनों की तरफ से कोई भी सामने न आने की वजह से पुलिस को छानबीन करने में समस्या हो रही है।नाम न छापने की शर्त पर बताया गया कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और इस मामले में प्रिंसिपल व कुछ छात्रों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री इस मामले की जांच कर रही हैं। वॉट्सऐप आदि पर शेयर हो रहे मेसेज में कहा गया है कि छात्रा चम्बा जिले की रहने वाली है और उसके मां-बाप नहीं हैं। बताया जा रहा है कि दरिंदों ने ऐसा सलूक किया है कि लड़की के अंदरूनी अंग भी बाहर आ गए हैं। चर्चा यहां तक है कि टांडा अस्पताल में छात्रा को जान से मारने की कोशिश की गई, जिस कारण उसे इलाज़ के लिए प्रदेश से बाहर भेज दिया गया है। परन्तु प्रदेश के बाहर भेजा जाना भी षड़यंत्र का ही हिस्सा लग रहा है।दबी जुबान में लोग बता रहे हैं कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है, उन्हें कांगड़ा के एक रसूखदार नेता की शह प्राप्त है। उसी नेता के दबाव के कारण पुलिस और खासकर मीडिया तंत्र खामोश हो गया है।

'छेड़छाड़ की शिकायत करने पर किया रेप'
बताया जा रहा है कि पहले छेड़छाड़ पर आरोपियों के बारे में इस छात्रा ने पुलिस में कंप्लेंट की थी। इसी बात पर आरोपियों से उसे किडनैप करते हुए जघन्य अपराध को अंजाम दिया। ऑनलाइन मल्टिमीडिया पोर्टल 'हिमाचल अभी-अभी'ने यूट्यूब पर एक विडियो भी शेयर किया है। इस विडियो में कॉलेज के छात्र पूरी घटना को सत्यापित कर रहे हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल को साफ तौर पर टाल-मटोल करते हुए देखा जा रहा है। छात्र गुस्से में नारेबाजी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पूरे मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। पुलिस भी अभी खुलकर कुछ भी कहने से बच रही है।

बिहार में होमगार्ड के जवानों ने किया 'चक्का जाम'

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बिहार में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे होमगार्ड के जवानों ने बुधवार को कई रेलगाड़ियां रोक दी और मुख्य मार्गो को जाम कर दिया। होमगार्ड के जवान राज्य सरकार पर वेतन वृद्धि और बीमा-सुरक्षा सहित दूसरी मांगें पूरी करने का दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "प्रदर्शनकारियों ने 20 मई को अपने 'चक्का जाम'को प्रभावी बनाने के लिए पटना, दरभंगा, भागलपुर, जहानाबाद, मुंगेर, जमुई, आरा, गया, सुपौल और दूसरे रेलवे स्टेशनों पर रेलगाड़ियां रोक दी हैं।" मुख्य मार्गो में राष्ट्रीय राजमार्ग 83, 110 और 98 को जाम कर दिया गया है।

बिहार होमगार्ड वॉलंटियर्स एसोसिएशन के नेता सिद्धेश्वर प्रसाद ने यहां मीडिया को बताया कि वे गुरुवार से अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे और 'जेल भरो आंदोलन'शुरू करेंगे। उन्होंन कहा, "चक्का जाम की सफलता के बाद अब हम जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे।"बिहार में 70,000 से ज्यादा होमगार्ड कर्मियों ने पिछले सप्ताह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शनकारी होमगार्ड वेतन बढ़ाने, ड्यूटी के दौरान दुर्घटना होने पर बीमा सुरक्षा और सेवानिवृत्ति के बाद विशेष सुविधाएं दिए जाने की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं।

संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ठाकुर ने कहा कि वे तब तक आंदोलन और प्रदर्शन करना बंद नहीं करेंगे, जब तक राज्य सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती। होमगार्ड कर्मी पिछले कुछ सालों से राज्य सरकार से अपनी मांगें पूरी किए जाने का आग्रह कर रहे हैं। राज्य गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि होमगार्ड जवानों की नियुक्ति यातायात नियमन, बैंकों, जेल, पुलिस थानों एवं आवासों में की गई है।

.मां ने की बेटे की हत्या

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  • आर्थिक तंगी के चलते मानसिक रुप से थी विक्षिप्त 
  • तीन साल पहले ही छोड़ चुका है पति 

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भदोही (सुरेश गांधी )। माता बनी कुमाता, कहावत उस वक्त चरितार्थ हो गयी, जब एक महिला ने अपने जिगर के टुकड़े को पटक-पटक कर मार डाला। वाकया कोतवाली भदोही से मात्र 25 मीटर की दूरी पर घटित हुई। घटना के वक्त पास-पड़ोस के लोगों का मजमा लग गया, लेकिन पुलिस तो दूर किसी भी व्यक्ति ने साहस नहीं जुटा पाया कि मां के हाथों पिटते बच्चे बचा लें। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ऐसा भी नहीं है कि महिला ने आज ही बच्चे को पटका है, इसके पहले भी वह कई बार छत से नीचे फेंक चुकी है तो कई बार जमीन पर पटक दी है, लेकिन आज के वाकये से बच्चा इस दुनियाजहां से रुखसत हो गया। वाकया के घंटों बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पुहंची। जबकि कुछ लोग बता रहे है कि समय रहते कुछ ही फर्लांग की दूरी पर स्थित हास्पिटल में अगर बच्चे को पहुंचा दिया गया होता तो वह बच सकता था। 

पड़ोसियों के मुताबिक स्टेशन रोड स्थित ग्लोरी होटल के सामने काफी दिनों से अरविन्द हलवाई का परिवार रहता है। अनबन हो जाने से अरविन्द पत्नी सुनीता उम्र 25 वर्ष एवं पुत्र लड्डू उर्फ गोलू 3 वर्ष को छोड़कर कही चला गया। महिला बच्चे के साथ अकेले रहती थी। बताया जा रहा है वह आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। इस बीच उसकी मानसिक हालत भी ठीक नहीं था। मानसिक हालत ठीक न होने से ही जब बच्चा कुछ खाने-पीने को मांगता था तो वह मारने-पीटने लग जाती थी। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। बताया जा रहा है कि वाकये के बाद कुछ लोग जब महिला से बच्चे को अस्पताल ले जाने की बात कहीं तो बोली डाक्टर मुफत में इलाज करेगा क्या? पुलिस खर्ची देगी क्या? और न जाने क्या-क्या बक रही थी।  

केजरीवाल ने मोदी से कहा, हमें काम करने दें

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दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर उप-राज्यपाल नजीब जंग से विवाद के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उनकी जनतांत्रिक तरीके से निर्वाचित दिल्ली की सरकार को स्वतंत्रतापूर्वक काम करने दिया जाए। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पत्र में केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली में उनकी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार उप-राज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से चलाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

मुख्यमंत्री ने रविवार को एक रैली में भी सार्वजनिक तौर पर यह आरोप लगाया था। इससे पहले मंगलवार को केजरीवाल और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राष्ट्रपति प्रणब जुखर्जी से शिकायत की थी कि उप-राज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं।

बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय टीम घोषित, हरभजन की वापसी

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चयन समिति ने अगले महीने बांग्लादेश दौरे के लिए बुधवार को भारतीय टेस्ट और एकदिवसीय टीम की घोषणा कर दी। ऑफ स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह की लंबे समय बाद टेस्ट टीम में वापसी हुई है। साथ ही किसी सीनियर खिलाड़ी को आराम भी नहीं दिया गया है। पूर्व में ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी को आराम दिया जा सकता है। 

भारतीय टीम को बांग्लादेश में एक टेस्ट और तीन एकदिवसीय मैच खेलने हैं। विराट कोहली टेस्ट टीम का नेतृत्व करेंगे, जबकि एकदिवसीय टीम की कमान धौनी के हाथों में होगी।

भारतीय टेस्ट टीम :विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, शिखर धवन, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रिद्धिमान साह, रविचंद्रन अश्विन, हरभजन सिंह, कर्ण शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, वरुण एरॉन, इशांत शर्मा।

एकदिवसीय टीम : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), सुरेश रैना, अंबाती रायडू, रविद्र जडेजा, विराट कोहली, शिखर धवन, अक्षर पटेल, स्टुअर्ट बिन्नी, धवल कुलकर्णी, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, मोहित शर्मा।

राज्य व केन्द्र सरकार उद्योगपतियो के फायदे के लिये जनता को दे रही धोखा-मेघा पाटेकर

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सीधी। विन्ध्य जनांदोलन समर्थन समूह द्वारा 18 मई को खेत बचाओ, गांव बचाओ महापंचायत का आयोजन किया गया। सुबह 10 बजे से शास0 हायर सेकण्डरी स्कूल निवास के मैदान मे शुरू हुई महापंचायत मेें रीवा एवं शहडोल संभाग के सभी जिलो के साथ-साथ प्रदेश एवं देश से लोग पहुुचे। ‘खेत बचाओे गांव बचाओ महापंचायत मे किसानो के साथ उद्योगपतियों द्वारा शासन-प्रशासन की संाठ-गांठ से की जा रही लूट का विरोध किया गया। महापंचायत में जे0पी0 पावर प्लांट निगरी द्वारा प्रभावित किसानो को बसाहट की ब्यवस्था न किये जानेे ,किसानो को नौकरी न दिये जानेे तथा नौकरी से निकाले गये लोगो के सवालो को उठाया गया, साथ ही महापंचायत में इन सवाल को भी उठाया गया कि कानून है कि यदि अधिग्रहीत भ्ूामि पर 5 साल के अंदर उद्योग संचालित नही होता तो किसान की जमीन किसान को मिलनी चाहिये, तो फिर डी0वी0 पावर प्लांट के लिये 2008 में महुआगांव के किसानों की अधिग्रहीत जमीन पर उद्योग स्थापित न होने के कारण किसानोे की जमीन उन्हे वापस क्यो नही दी जा रही है? इसी प्रकार आर्यन पावर कम्पनी को ग्राम भुमका एवं मूसामूडी के किसानो की जमीन फर्जी तरीके से अधिग्रहीत की गई। अधिकतर किसानों द्वारा मुआवजा भी नही लिया गया। कानून की मंशा के अनुरूप किसानो को पुनः क्यो नही भूमि स्वामी घोषित किया जा रहा है ? महापंचायत में किसानो के ऊपर 2014 मे की गयी लाठी चार्ज तथा कायम किये गये फर्जी मुकदमोे को वापस किये जानेे की भी मंाग की गयी। 
महापंचायत के मुख्य अतिथि एवं नर्मदा बचाओं आंदोलन की नेता मेघा पाटेकर नेे अपने सम्बोधन मे कहा कि प्रदेश एवं केन्द्र की सरकार उद्योगपतियों के इशारे पर कार्य कर रही है,जिस कारण किसानो की लूट मची हुयी है। हमे संगठित होकर जल, जंगल,जमीन बचानें की लड़ाई लड़नी होगी। उन्होनेे लडेगे, जीतेंगे, का नारा भी दिया। किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विनोद सिंह नेे महापंचायत को सम्बोधित करते हुये कहा कि जे0पी0,डी0बी0,आर्यन से बडा उद्योगपती अडानी है, उसकोे हमनेे किसानो को संगठित कर दादरी में धूल चटायी है। उसे वहां से भागना पडा है। आप भी संगठित हो जाये, आपकी जीत निश्चित है। माकपा के प्रदेश सचिव काम0 बादल सरोज नेे अपने सम्बोधन में कहा कि देश मे सरकार बनाने वाली पार्टियां जब सडक मे होती है, तब जनता की बात करती है, सत्ता पर पहुचते ही पूंजीपतियो की दलाली मे लग जाती है। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डाॅ. सुनीलम् नेे अपनी बात रखते हुये कहा कि किसानो को संगठित होकर संघर्ष करना पड़ेगा, उनकी जीत निश्चित होगी। किसान संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी‘ नेे अपने उद्वबोधन मे कहा कि किसान के पास वह ताकत है कि यदि वह संगठित होकर एक साल के लिये अन्न उत्पादन बंद कर दे तो देश में हाहाकार हो जायेगा। भाकपा के राज्य सचिव काम0 अरविन्द श्रीवास्तव ने अपने विचार रखते हुये कहा कि किसानों को अपनी लड़ाई लडते हुये इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हमें यदि लूट और शोषण से मुक्ति मिले, इसके लिये हमें अपनी सैद्वांतिक समझ भी मजबूत करनी होगी। भाकपा के प्रदेश उप सचिव काम0 हरिद्वार सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा कि शासन-प्रशासन और उद्योगपतियों की तिकडी से वर्षेा से हमारी लड़ाई जारी है, हम मजबूती से मुकाबला किये है तथा जीते भी है। जमीन की लड़ाई के साथ-साथ राजनैतिक विकल्प पर भी हमे सोचना होगा। महापंचायत को माकपा किसान सभा के प्रदेश सचिव काम0 रामनारायण पुररिया ने भी सम्बोधित किया। महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे टांेको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि आज की यह महापंचायत विघ्य के किसानो को लुटेरो से बचाने के लिये प्रेरणादायी एवं ऊर्जा प्रदान करने वाली होगी। महापंचायत में यह निर्णय किया गया कि ग्राम निवास से बैढन तक की पदयात्रा करके किसानों की लूट का विरोध किया जायेगा। 
19 मई को अवैध बांध हटाओ नदी बचाओ धरना गोपद नदी पर जे0पी0पावर प्लांट द्वारा बनाये गये अवैध बांध स्थल पर किया गया। धरने की मांग की थी कि जे0पी0पावर कम्पनी द्वारा बनाये गये अवैध बांध को ध्वस्त किया जाये तथा कम्पनी द्वारा किये गये वन एवं शासकीय भूमि के अवैध कब्जे को हटाकर आपराधिक प्रकरण कायम किया जाये। धरना स्थल पर सिंगरौली एवं सीधी जिले का कोई भी प्रशासनिक अमला नही पहुचा। प्रशासनिक अमले के न पहुचने का कारण जो पता चला है कि जे0पी0द्वारा वास्तव मे बिना अनुमति बांध बनाया गया है, उसे मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है, हम कुछ कर नही सकते, आंदोलनकारियों के पास क्या मुंह दिखाने जांये। धरने को निम्न लोगोे ने सम्बोधित किया,डाॅ. सुनीलम्, डाॅ. बादल सरोज, कक्का जी, काम0 सुन्दर सिंह,अवधेश जी, अजय खरे,सिद्वनाथ साहू, शिवकुमार ंिसंह, बलराज सिंह, मदन जायसवाल, विनोद शर्मा, विजय लक्ष्मी, रविदत्त सिंह, राजबहोर बॅैगा, भूपेन्द्र कुशवाहा, शालिग द्विवेदी धरने मे आयोजित सभा का संचालन कामरेड रामलल्लू गुप्ता ने किया।   

नरकटियागंज (बिहार) की खबर 20 मई)

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फौंकानिया की परीक्षा प्रारंभ, प्रशासनिक लापरवाही उजागर

narkatiaganj news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के दो परीक्षा केन्द्र पर बिहार राज्य मदरसा एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा फौंकानिया की परीक्षा बुधवार से प्रारंभ हो गयी है। नरकटियागंज स्थित प्लस टू उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय और पंडित केदार पाण्डेय मेमोरियल इण्टर काॅलेज नरकटियागंज में क्रमशः 1061 और 499 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे है। परीक्षा केन्द्र पर परीक्षार्थी स्वेच्छा से शांतिपूर्ण परीक्षा दे रहे है। मदरसा बोर्ड की बडप्पन देखिए करीब 45 वर्ष का दिखने वाला शख्स 20 वर्ष का परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दे रहा है और केन्द्राधीक्षक का कहना है कि मैं उम्र की जाँच नहीं कर सकता इसके लिए मेडिकल बोर्ड बैठाना पडे़गा। परीक्षार्थी नदीम अहमद जिसके एडमिट कार्ड पर जन्मतिथि 10 जून 1995 लिखा है और उसकी शक्ल करीब 40 वर्ष से ज्यादा की नजर आती है। जिसका रौल नम्बर 193 है, दूसरे है महम्मद मजीबुल्लाह अंसारी जिनके प्रवेश पत्र पर जन्म तिथि 16 जून 1988 अंकित है किन्तु वे करीब चालिस वर्ष से ज्यादा के नजर आते हैं बे खौफ फौंकानिया का परीक्षा देने में मशगूल है। ये दोनांे परीक्षार्थी  क्रमशः धूमनगर और मल्दहिया मदरसा से परीक्षा देने आए हुए है। जब केन्द्राधीक्षक हर्ष मिश्र से इस बावत पूछा गया तो उन्होेने बताया कि यह मामला मेडिकल बोर्ड का है और हम उसे परीक्षा देने से रोक नहीं सकते। कमोबेश हालात ये है कि परीक्षा देने वाले पर इच्छा से नहीं लिखकर स्व इच्छा से मिलें प्रश्नों का हल अपनी काॅपी में लिख रहे है। नरकटियागंज हाईस्कूल परीक्षा केन्द्र के मुख्य दरवाजे पर परीक्षार्थी से ज्यादा उनके अभिभावकों की भीड़ दिख जाएगी।

गन्ना मुल्य भुगतान को लेकर जनता दल राष्ट्रवादी करेगा चरणबद्ध आन्दोलन

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज स्थित के के बिड़ला समूह की चीनीमिल न्यु स्वदेशी सुगर मिल के पास किसानों का करोड़ो रूपये का बकाया है। भारतीय कृषक समाज के किसानों ने सरकार को आत्मदाह की धमकी भी दे डाली है। इसके अलावे भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधिमण्डल गन्ना मुल्य के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला। इधर जनता दल राष्ट्रवादी के जिलाध्यक्ष महम्मद गुलाम साबिर ने एसडीओं नरकटियागंज को पत्र देकर गन्ना किसानों के बकाए रकम के शीघ्र भुगतान कराने की मांग की है। क्षेत्र के चीनी मिल के पेराई सत्र की शुरूआत होते ही गन्ना किसान खुश होता है कि उसके एक साल की मेहनत का फल अब मिलने वाला है। किन्तु मिल प्रबंधन जब किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं देता है तो बाल बच्चों की शिक्षा दीक्षा, विवाह व अन्य कार्य के लिए कर्ज का सहारा लेना पड़ता है और कर्ज का ब्याज भरते भरते जमीन बेंचने की नौबत आ जाती है। जदरा के जिला अध्यक्ष गुलाम साबिर ने एक सप्ताह में भुगतान करने की मांग करते हुए कहा है कि ऐसा नहीं करने पर पार्टी चरणबद्ध आन्दोलन करने को बाध्य होगी। जिसकी जवाबदेही मिल प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन की होगी।

सामूहिक दुष्कर्म गिरफ्तारी नही

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज के शिकारपुर थाना क्षेत्र में शेख नेयाज उर्फ नन्हकू, शेख सद्दाम व तीन अन्य ने मरियम नामक युवती से सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया। जिसमें आशिया व शबनम ने दुष्कर्मियों का साथ दिया इस बावत शिकारपुर थाना में एक सप्ताह बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी। इस संबंध में पीडि़ता के परिजनों ने बताया कि दुष्कर्मियांे की धमकी से प्राथमिकी मंे विलम्ब हुआ। समाचार लिखे जाने तक कोई गिरफ्तारी की खबर नहीं मिली है।

दुर्घटना में एक की मौत 

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय शहर के पुरानी बाजार में एक हुई दुर्घटना में एक 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत की खबर मिली है। सूत्र बताते है कि धमौरा पंचायत के लक्ष्मीपुर का निवासी रामनारायण पटेल अपने धर वापस लौट रहा था कि एक ट्रक की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गयी। पुलिस सूत्रो के अनुसार वैशाली जिला का सत्यनारायण राय नाम चालक पुलिस की हिरासत में है।
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