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मुंबई एयरपोर्ट के ऊपर संदिग्ध पैराशूट दिखे, जांच के आदेश

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मुंबई एयरपोर्ट के आसमान पर शनिवार शाम उड़ते दिखे पांच संदिग्ध पैराशूट खुफिया एजेंसियों के लिए पहेली बन गए हैं. प्रधानमंत्री दफ्तर (पीएमओ) ने संज्ञान लेते हुए इस घटना पर चिंता जताई है और इंडियन एयरफोर्स, नेवी, इंटेलीजेंस ब्यूरो, सीईएसएफ और मुंबई पुलिस से जवाब मांगा है. बताया जा रहा है कि ये पैराशूट रिमोट कंट्रोल्ड थे . हालांकि ये कहां उतरे, इसकी कोई जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है.

सूत्रों के मुताबिक सभी जांच एजेंसियों के चीफ इस बारे में जानकारी साझा करने के लिए मुंबई में सोमवार को बैठक करेंगे. शनिवार करीब 6 बजे जेट एयरवेज की एक फ्लाइट के टेक-ऑफ करने से पहले आसमान में ये पांच मानवरहित पैराशूट उड़ते दिखे थे.

जेट एयरवेज के पायलट कैप्टन दिनेश कुमार ने शनिवार शाम 5.55 बजे पहली बार इन पैराशूट्स को मुंबई एयरपोर्ट के ऊपर उड़ते देखा. उन्होंने इसकी सूचना फौरन एयर ट्रैफिक कंट्रोल को दी. मुंबई पुलिस को इसकी सूचना दी गई और एयरपोर्ट प्रशासन ने दो-तीन फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ कुछ देर के लिए टाल दी. एजेंसियों के लिए यह घटना अब तक गुत्थी बनी हुई है. एयरपोर्ट प्रशासन ने माना, 'हमें ठीक से नहीं पता है कि वे पैराशूट थे या पैराग्लाइडर. पर हां ऐसी घटना हुई थी और इसकी जांच की जा रही है.'


लालू नीतीश को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने को तैयार नहीं

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बिहार में जेडी (यू) और आरजेडी के बीच चुनाव से पहले का गठबंधन मुश्किल नजर आ रहा है। दरअसल, संभावित गठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पेश किए जाने पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को आपत्ति है। जनता परिवार के एकीकरण का अभियान परवान नहीं चढ़ने के कारण नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चुनावी गठबंधन को लेकर इच्छुक थे, लेकिन यादव गठबंधन के नेतृत्व पर किसी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं हैं, जिससे दोनों नेताओं के गठबंधन पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। 

राम गोपाल यादव समेत समाजवादी पार्टी के एक तबके ने तकनीकी कारणों से बिहार विधानसभा चुनावों तक विलय का विरोध किया था। इस राय का आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने भी समर्थन किया था। मुलायम सिंह यादव के विलय के इस मसले पर किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने से संकेत मिल रहे हैं कि एकीकरण का अभियान फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। 

हालांकि, जेडी(यू) को हैरानी लालू यादव के व्यवहार में आए 'अचानक बदलाव'से है। जेडी(यू) के एक नेता ने बताया, 'लालूजी को नीतीश कुमार सरकार के कामकाज में खामियां नजर आने लगी हैं। लोकसभा चुनाव के बाद जब उन्होंने राज्य सरकार को समर्थन दिया था, तब यह बात नहीं थी। लालूजी ने नीतीश कुमार को सीएम कैंडिडेड बनाने के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई थी, लेकिन अब उन्हें इस पर आपत्ति है।'इस नेता के मुताबिक, कुमार के साथ सीटों के बंटवारे पर आरजेडी का रुख काफी सख्त हो गया है। 

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बीजेपी विरोधी मोर्चा में शामिल होने के आरजेडी सुप्रीमो के ओपन ऑफर से भी कुमार को झटका लगा। जेडी(यू) के एक सीनियर नेता ने बताया, 'यह हमारे लिए चिढ़ाने वाली बात है। मांझी जी को न्योता देकर लालूजी ने साफ संकेत दिए हैं कि वह पूर्व मुख्यमंत्री के साथ नीतीश कुमार की कीमत पर भी गठबंधन करने को तैयार हैं। दरअसल, मांझीजी का नाम पेश कर लालूजी मुख्यमंत्री नीतीश जी को आतंकित कर रहे थे।' 

जेडी(यू) और आरजेडी के बीच गठबंधन इस चुनावी राज्य में बीजेपी को रक्षात्मक मुद्रा में ला सकता है। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के सालाना सर्वे के मुताबिक, जेडी(यू)-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 127 सीटों पर जीत हासिल होने की संभावना है। हालांकि, ये दल अगर अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं, तो बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन विजेता बनकर उभरेगा और उसे 126 सीटें मिल सकती हैं और जेडी(यू) को 66, आरजेडी को 42 और कांग्रेस को 2 सीटें मिलने की संभावना होगी। 

जेडी(यू) प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, 'यह सबको पता है कि बीजेपी विलय और जेडी(यू)-आरजेडी गठबंधन में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर रही है। वह अपने तमाम संसाधनों के जरिये यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि बिहार में सेक्युलर गठबंधन नहीं हो। मैं यह दोहराना चाहूंगा कि हम नेतृत्व के सवाल पर किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते। गठबंधन को नीतीशजी को पहले सीएम घोषित करना होगा।'

दिल्ली में हो सकता है संवैधानिक संकट

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से बुलाए गए दो दिन के विधानसभा के आपात सत्र पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अब अपने संख्या बल की ताकत का इस्तेमाल कर सकती है. मगर इससे दिल्ली के संवैधानिक संकट की ओर बढ़ने की आशंका भी पैदा हो रही है.
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार आपात सत्र में दो नए प्रस्ताव पास कर सकती है. पहला तो दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे पर होगा, जबकि दूसरा गृह मंत्रालय की तरफ से अफसरों की नियुक्ति और ट्रांसफर पर जारी नोटिफिकेशन पर. इनमें से दूसरा प्रस्ताव ऐसा है, जिसका असर तुरंत देखने को मिलेगा.

अगर विधानसभा गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन को न मानने का फैसला लेती है तो राष्ट्रपति दखल देते हुए सरकार को इसे मानने के लिए कह सकते हैं. अगर दिल्ली सरकार ने फिर भी इससे मना किया तो संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा.

केंद्र सरकार के एक सूत्र ने बताया, 'मामला सीधे राष्ट्रपति के हाथ में आ जाएगा. वही तय करेंगे कि दिल्ली का शासन कैसे चलेगा.'केंद्र सरकार पहले से ही इंतजार कर रहा है कि मामला आखिरी फैसले के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचे. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अगर दूसरे प्रस्ताव को कोर्ट ले जाया जाता है, तो संविधान के प्रावधानों के तहत कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, वही आखिरी होगा.

मंगलवार से शुरू होने जा रहे विशेष सत्र से पहले रविवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक हुई . खबरों के मुताबिक पार्टी विधायक अल्का लांबा ने कहा, 'अगर विधानसभा कोर्ट जाने का फैसला करती है, तो हम कोर्ट जाएंगे. आप एलजी की मदद से चोर दरवाजे से चुनी हुई सरकार को नहीं चला सकते.'

पूर्व सॉलसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने केजरीवाल सरकार और गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन पर कहा था कि शायद यह राष्ट्रपति की अप्रूवल के बिना ही जारी कर दी गई है. मगर राष्ट्रपति को मामले की पूरी जानकारी है.

मशहूर अर्थशास्त्री नोबेल पुरस्कार विजेता जॉन नैश का निधन

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नोबल पुरस्कार विजेता और गणितज्ञ जॉन नैश की न्यूजर्सी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। वह 86 साल के थे। हादसे में उनके साथ सफर कर रहीं उनकी 82 वर्षीय पत्नी एलिसिया की भी मौत हो गई।

नैश को 'गेम थ्योरी'पर किए शोध के लिए 1994 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। पुलिस के अनुसार नैश और उनकी पत्नी शनिवार को एयरपोर्ट से टैक्सी से घर वापस जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी हुई थी। उनकी टैक्सी के ड्राइवर ने अचानक वाहन से अपना संतुलन खो दिया और कार डिवाइडर से जा टकराई। हादसे में जॉन और एलिसिया बाहर सड़क पर गिर गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

नैश सिजोफ्रेनिया से पीडि़त थे। उनके जीवन पर 2001 में ऑस्कर विजेता हॉलीवुड फिल्म 'ए ब्यूटीफुल माइंड'बनी थी। इस फिल्म में अभिनेता रसेल क्रो मानसिक बीमारी से जूझते गणितज्ञ की भूमिका अदा की थी। इस फिल्म को चार ऑस्कर मिले थे।

नरकटियागंज (बिहार) की खबर 25 मई)

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अवैध शराब के कारोबार के विरूद्ध फूटा गुस्सा आगजनी, पुलिस उदासीन

narkataganj-news
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज स्थित शिकारपुर थानाक्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में अवैध शराब का अविरल स्रोत बह रहा है। सूत्र बताते है कि अवैध शराब के उस बहते स्रोत को शिकारपुर थाना के कतिपय कर्मियांे का परोक्ष शह प्राप्त है। कभी कभी थानाध्यक्ष को इस बात की जानकारी होती है तो कई ऐसे थानेदार होते है जिन्हें इसकी जानकारी नहीं होती। हाँ! ऐसे मामलों में पुलिसकर्मियों के भय से कोई मुँह खोलने को तैयार नहीं होता है। वैसे नरकटियागंज शहर के पोखरा चैक, पुरानी बाजार, धांगड़टोली, हरदिया चैक समेत अन्य कई जगह है। जहाँ कतिपय पुलिसकर्मियों के कथित संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। वहाँ से पुलिस का बँधी बँधाई एकमुश्त रकम मिलती है। नगर परिषद् के अलावे करीब सभी पंचायत के गाँव विशेष में अवैध शराब के कारोबारी अपने काम को अंजाम देते है। जिससे समाज में विद्वेष व नफरत के साथ विषवमन का खेल बढता जा रहा है। विगत शनिवार को लोगों के अन्दर पुलिस व शराब माफियाओं के गठजोड़ के विरूद्ध शहरी महिलाओं का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा और वे सड़क पर उतर आई। इस काम के लिए भी महिलाओं को अपना कदम बढाना पड़ा। शहर में अवैध शराब की विक्री पर रोक लगाने की मांग करने वाली महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ नरकटियागंज-बेतिया मुख्य पथ को घंटो अवरूद्ध कर दिया। महिलाओं व बच्चों को चिलचिलाती धूप में आगे आकर पुलिस के विरूद्ध कदम बढाते देख कतिपय जवान व वृद्ध भी उनके साथ आ खड़े हुए। उसके बाद उŸोजित शराबबन्दी जत्था ने सड़क पर आगजनी भी की। महिलाओं का कहना है कि अवैध शराब के कारोबारी अपने घर से लेकर बाहर तक शराब बेंचने व पीने पिलाने का कारोबार करते है। किन्तु समाज में महिलाओं व बच्चों पर पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव का किसी को ख्याल नही, आन्दोलनकारी महिलाओं ने कहा कि इसब पुलिसे वाला करावत बाडे़ सं! शराब बन्दी के लिए आगे आई महिलाओं ने अवैध शराब व पुलिस प्रशासन क विरूद्ध जमकर नारेबाजी किया। शराब बन्दी के लिए सड़क पर उतरी महिलाअंांे से पुलिस वाले भी बचने का प्रयास करते नजर आए। मौके पर पहुँचे शिकारपुर पुलिस के प्रभारी एसएचओ नागेन्द्र साहनी ने हालात को किसी प्रकार संभाला। अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ फूटने वाला आमजनों का गुस्से को यदि पुलिस समझ लेती है तो बहुत अच्छी बात होगी। वहाँ कि महिलाओं का कहना है कि पुलिस के लोग आ शराब वाला मिलल बाड़े लोग। उल्लेखनीय है कि अवैध शराब के कारोबार से पुलिस व उत्पाद पुलिस को प्रतिमाह लाखों रूपये की अवैध उगाही होती हैं। इसलिए सब जानते हुए कोई कार्रवाई नहीं होती हैं। उधर गौनाहा थानाक्षेत्र के दोमाठ में वहाँ की महिलाएँ जागरूक हुई तो उन्होंने अपने पति के मुँह में कालिख पोतकर अवैध शराब के विरूद्ध आन्दोलन किया।

किसान सलाहकारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चैथे दिन जारी

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नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज के किसान सलाहकारों का आन्दोनलन आज चैथे दिन जारी रहा। नरकटियागंज प्रखण्ड के सभी किसान सलाहकार भीएलडब्लू /भीईडब्लू के पद पर समायोजन करने के सरकार के वादाखिलाफी के विरूद्ध बिहार राज्य किसान सलाहकार संघ पटना के आह्वान पर नरकटियागंज शाखा के किसान सलाहकार 22 मई 2015 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गये है। इतना ही नहीं कोई सरकारी काम किसी अधिकारी द्वारा नहीं हो इसके लिए सभी किसान सलाहकार ई-किसान भवन के मुख्य दरवाजे पर तालाबन्दी कर दी गयी है। उसके उपरान्त संघ प्रदर्शन, काला पट्टी, सत्याग्रह, मशाल जुलूस, अर्थी जुलूस और अर्द्ध नग्न प्रदर्शन भी की जाएगी। हमारी मांगे घोषणा आधारित नहीं है। इसलिए किसी प्रकार के आश्वासन नहीं बल्कि मुख्मंत्री माने और उर्दू शिक्षकों की बहाली का रास्ता स्वयं ढूंढ ले। हमारी मांगे बिहार सरकार मान ले अन्यथा सारी जवाबदेही सरकार की होगी। जबतक हमारी मांग पूरी नही होती है तबतक आन्दोलन जारी रहेगा। किसान सलाहकारों में मुकेश मिश्र, अखिलेश मिश्र मूरत साह, प्रदीप पाण्डेय, कुन्दन पाण्डेय, अनिल कुमार, सुजीत पण्डेय, अरविन्द दूबे, अजय वर्मा, अनिल कुमार, सैल्युकश कुमार, कुन्दन पाण्डेय, अजय वर्मा, आदित्य प्रकाश व अन्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। किसान सलाहकारो ने कहा कि सरकार के किसी प्रकार के आश्वासन पर उन्हे भरोसा नहीं बल्कि विभागीय पत्र पर पूरा भरोसा है। इसलिए हमारी मांगों के समर्थन में जबतक विभागीय पत्र नहीं मिलेगा आन्दोलन जारी रहेगा।

पति के हत्यारांे ने पुत्र पर चैकीदार से कराया हमला, बालक की हालत गंभीर

नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज अनुमण्डल के शिकारपुर पुलिस अंचल की आनामति देवी के पति के हत्यारों के विरूद्ध करीब डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है। बाध्य होकर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए पुलिस वालों के विरूद्ध पति के हत्यारों के साथ संलिप्तता का आरोप लगाया है। उसके बाद बौखलाहट में आनामति देवी के विपक्षियों ने उसके करीब 8 से 10 वर्ष के बच्चे की जमकर पिटाई कर दी। मरनासन्न स्थिति में उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज वास्ते बेतिया रेफर कर दिया है। सहोदरा पुलिस के के एम गुप्ता ने दूरभाष पर बताया कि मामले की जाँच कर समुचित कार्रवाई की जाएगी, घायल बच्चे की प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। घायल बालक की माँ आनामति देवी ने बताया कि सहोदरा थाना के चैकीदार योगेन्द्र पासवान अपने सहयोगियो के साथ स्व. महन्थ महतों के घर पहुँचकर उसके बेटे की जमकर पिटाई कर डाली जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आनामति देवी ने बताया कि पुलिस पर केस करने के बाद बौखलाहट में पुलिस के अधिकारियो ने पति की हत्या के बाद उसके घर के चिराग को बुझाने की नियत से मारपीट किया। 

मुरी एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे दो की मौत, 50 से अधिक घायल

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राउरकेला से जम्मू तवी जा रही 18109 मूरी एक्स्प्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. सोमवार दोपहर 2 बजे इलाहाबाद मंडल के कौशांबी में अटसराय रेलवे स्टेशन के पास हादसा हुआ. घटना में कम से कम एक महिला की मौत हो गई है. ट्रेन चला रहे ड्राइवर ने बताया कि जिस वक्त इमरजेंसी ब्रेक लगाई उस वक्त महज 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी.
हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. घायलों की हालत देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि मरनेवालों की तादाद बढ़ सकती है. 

घटना की सूचना मिलते ही रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर से घटनास्थल रवाना हो चु्के हैं. सिन्हा ने जीएम एनसीआर और डीआरएम इलाहाबाद को घायलों को तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इलाहाबाद के लिए 05321072 और कानपुर के लिए 05121072 नंबर पर घटना से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं. घटना के बाद दिल्ली-हावड़ा अप-डाऊन रूट बंद कर दिया गया है. वहीं, मुगलसराय, फतेहपुर और कानपुर जाने वाली ट्रेनों का परिचालन भी रोक दिया गया है. गौरतलब है कि एक दिन पहले शनिवार को असम में गुवाहाटी सिफुंग एक्स्प्रेस पटरी से उत री थी. चलती ट्रेन के डिब्बे पुल के नीचे गिर गए थे.

कोई बड़ा निवेश मोदी सरकार के पहले साल में नहीं हुआः CII

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सीआईआई ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले एक साल के दौरान कोई बहुत बड़ा निवेश नहीं हुआ और बिजनस करने को आसान बनाने के क्षेत्र में काम किए जाने की जरूरत है।

सीआईआई के प्रेजिडेंट सुमित मजूमदार ने आसानी से बिजनस करने के वर्ल्ड बैंक की देशों की रैंकिंग में भारत को टॉप-50 में पहुंचाने की सरकार की योजना को महत्वाकांक्षी करार दिया। मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर मजूमदार ने कहा, 'जो नहीं दिखाया गया है, वह है कि देश में कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ है। लेकिन इसमें समय लगेगा।' उन्होंने कहा, 'मैं सरकार को धीमे और निरंतर विकास करते हए देखना चाहूंगा। इसमें कितना समय लगेगा यह कह पाना मुश्किल है। लेकिन विभिन्न लोगों से मेरी चर्चा के मुताबिक हमें इस साल की तीसरी या चौथी तिमाही से निश्चित तौर पर इसके परिणाम दिखने चाहिए।'सीआईआई प्रेजिडेंट ने कहा है कि वह बिजनस आसान बनाने के लिए लालफीताशाही पर नियंत्रण लगते हुए देखना चाहेंगे। 

यह पूछे जाने पर कि जमीनी स्तर पर बिजनस करना आसान बनाना जमीनी स्तर पर कब दिखने शुरू होगा। मजूमदार ने कहा, 'यह बहुत जल्द ही जमीनी स्तर पर दिखना शुरू हो जाएगा। लेकिन इसके पूरे होने में एक-दो साल का समय लगेगा।' देश में बड़े निवेश के न आने के बारे में उन्होंने कहा, जब तक बिजनस करने को आसान बनाने के लिए कदम नहीं उठाए जाते तब तक निवेश के मामले में अनिच्छा ही दिखेगा क्योंकि अगर हम देखें तो जो विदेशी निवेशक यहां आए, 3-4 साल तक कोशिश की और मोहभंग के कारण वापस लौट गए। 

उन्होंने कहा कि पिछले 4-5 साल में देश में बमुश्किल कोई बड़ा निवेश हुआ है और यह भारतीय निवेशकों के बीच भी चिंता का कारण है। उन्होंने कहा, 'इसका कारण उच्च ब्याज दर को बताया जाता है लेकिन निवेश न आने का सिर्फ यही एक कारण नहीं हो सकता। इसका कारण है कि निवेशकों को पिछली सरकार के प्रति विश्वास का अभाव था।' 

आतंकियों ने किया सोपोर के मोबाइल दुकान पर हमला, एक की मौत, दो घायल

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सोपोर शहर में एक दूरसंचार कंपनी की एक दुकान पर आज आतंकियों के हमले में एक व्यक्ति मारा गया तथा दो अन्य घायल हो गए. सोपोर उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के अंतर्गत आता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने यहां से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोपोर के इकबाल बाजार में बीएसएनएल के एक फ्रेंचाइजी पर गोलीबारी की जिससे उसके तीन कर्मी घायल हो गए.

अधिकारी ने बताया कि घायलों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें यहां के एक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. उन्होंने बताया कि एक घायल मोहम्मद रफीक की अस्पताल में मौत हो गई. 26 वर्षीय रफीक कुपवाड़ा जिले के हंडवारा इलाके का रहने वाला था. अधिकारी के अनुसार, दो घायलों... गुलाम मोहम्मद भट :40: और इम्तियाज अहमद लोन :30: का इलाज जारी है. दोनों ही सोपोर के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला दूरसंचार संचालकों पर किया गया था क्योंकि बीते समय में आतंकियों ने उन्हें धमकी दी थी. सोपोर क्षेत्र में बीते 48 घंटे से भी कम समय में यह ऐसा दूसरा हमला है.

संदिग्ध आतंकियों ने 23 मई और 24 मई की मध्य रात्रि को एक रिहायशी परिसर पर ग्रेनेड फेंका था. इस परिसर में मोबाइल ट्रांसमिशन टावर लगा हुआ था. अधिकारियों ने हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा कि आतंकी दूरसंचार से जुड़े प्रतिष्ठानों को क्यों निशाना बना रहे हैं? लेकिन सूत्रों ने बताया कि आतंकी सोपोर और इसके आसपास के इलाकों में मोबाइल ट्रांसमिशन टावरों से अपने संचार उपकरणों की ‘चोरी’ हो जाने के कारण नाराज हैं. आतंकियों ने निजी एवं सरकारी कंपनियों के टावरों के शीर्ष पर कथित तौर पर अपने संचार उपकरण लगा रखे थे.



झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (25 मई)

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सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा क्रांति में जन-जन को भागीदार बनायें राष्ट्रीय सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि का अहसास करायें- मुख्ता़र अब्बास नकवी
  • केन्द्र सरकार, प्रदेष सरकार और संगठन की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचानें मे मीडिया प्रभारी ध्वजवाहक बनें-नंदकुमार सिंह चैहान
  • नरेन्द्र मोदी के विदेष प्रवास और प्रयासों से दुनिया ने भारत की धमक महसूस की- गोपाल भार्गव

jhabua news
झाबुआ--- शनिवार को प्रदेष भाजपा कार्यालय में आहूत प्रदेष स्तरीय मीडिया कार्यषाला में जिला भाजपा प्रभारी राजेन्द्रकुमार सोनी एवं पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अर्पित जैन ने भाग लिया । जिला मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी ने कार्यषाला की जानकारी देते हुए बताया कि प्रादेषिक मीडिया कार्यषाला का पण्डित दीनदयाल परिसर भोपाल में शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि केन्द्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का दुनिया में सम्मान बढ़ा है। विष्व में विष्वास का सिलसिला आरंभ हुआ है, जिससे भारत के बारें में सकारात्मक बदलाव दुनिया के देषों में आया है। हम गर्व के साथ इस तथ्य को जन-जन तक पहुंचायें जिससे आम भारतीय का मस्तक गर्व से ऊंचा हो सके। उन्होनें कहा कि पिछले 10 वर्षों में जहां भारत की रेटिंग घट गयी थी, निवेष बंद हो चुका था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका, चीन, जापान जैसे औद्योगिक क्षितिज पर पहुुंचे देषों में जाकर मेक इन इंडिया की गर्जना की और उन देषों को भारत में आने का निमंत्रण दिया। इससे विष्व में संदेष गया कि भारत में विकास की एक अभिनव क्रांति आयी है। श्री नकवी ने कहा कि कांगे्रस अपनी हीन ग्रंथि के कारण इन उपलब्धियों को पचा नहीं पा रही है। सामंती मानसिकता और लूट की लाॅबी में जो दिल्ली में गठजोड़ बना है वह तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर गुमराह करना चाहती है, लेकिन हमें जन-जन को जमीनी वास्तविकता से अवगत कराना है। संपर्क, संवाद और समन्वय की जिम्मेदारी पार्टी के मीडिया कर्मियों को निर्वाह करना है। मीडिया का समाज पर तत्काल और स्थाई इम्पेक्ट पड़ता है। उन्होनें कहा कि जिन मुद्दों को लेकर नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच गये थे, उन पर हमनें पहल की है। भ्रष्टाचार, घोटाले और लूट पर अंकुष लगाया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने काॅमनवेल्थ गेम्स के साथ ही लूट पर्व आरंभ कर दिया था लेकिन श्री मोदी सरकार के अवतरित होते ही सत्ता के गलियारों से दलालों की दुकानें बंद हो चुकी है। राजनेताओं और नौकरषाहों के बीच जो लोग दलाली करते थे उनका लाईजनिंग बिजनेस तालाबंदी का षिकार हो चुका है। हमनें घरेलू और वैदेषिक मोर्चा पर नाकामियों के निषान मिटा दिये है, दुनिया की प्रभावी मैग्जीन टाईमस और इकाॅनोमिकस ने मोदी सरकार के बारें में जो टिप्पणियां लिखी है, उनमें बताया गया है कि भारत विष्व की सबसे सषक्त अर्थव्यवस्था होगी और 2016 में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अग्रणी बनेगी। देष की साख की पहचान दुनिया में बदल चुकी है। मुख्तार अब्बास नकवी ने यूपीए सरकार की विफलताओं पर प्रकाष डालते हुए कहा कि उसनें उदारवाद के नाम पर देष को उधारवाद में फंसा दिया, देष को मंदी के भंवर में फंसा दिया गया, जिससे भारत के बारें में दुनिया के देषों का विष्वास डगमगा गया। मंहगाई 13 प्रतिषत का अंक पार गई। नरेन्द्र मोदी सरकार ने कुषलतापूर्वक उसे 3 प्रतिषत पर कैद कर दिया है, दुनिया में भारत के प्रति विष्वास जगा है। भारत की सकारात्मक छवि बनी है। अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एषिया के पड़ौसी देषों को आमंत्रित करनें का जोखिम श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उठाया था, जो विष्वास का सेतु बन चुका है। उन्होनें कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी किसानों के नेता बनने का ढांेग करते है, लेकिन वे सत्तू और सूप में फर्क नहीं जानते। श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी का किसान परस्त होना उनका एक ढांेग है जो किसानों के प्रति क्रूर मजाक है। उन्होनें कहा कि यूपीए सरकार में जहां रूपया कंगाल हो रहा था, आज भारत का रूपया सषक्त हुआ है और डाॅलर कमजोर हुआ है। दुनिया में जब पेट्रोल के भाव घटते थे, यूपीए सरकार भाव बढ़ा देती थी, लेकिन एनडीए सरकार के दौरान यदि एक रू. लीटर पेट्रोल घटा है तो सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए दो रू. लीटर की राहत दी, जिससे देष-विदेष का भारत का इकबाल ऊंचा हुआ है। उन्होनें मीडिया कर्मियों का आव्हान किया कि वे विकास पर्व को लेकर सीना तानकर जनता के बीच जायें और राष्ट्रीय सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि में जन-जन को भागीदार बनायें। सोषल सिक्युरिटी और इकोनाॅमिक सिक्युरिटी की जो क्रांति नरेन्द्र मोदी सरकार की देन है उसकी जनता को सुखद अनूभूति करायें। उन्होनें मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान की जनोन्मुखी नीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेष का सौभाग्य है कि उसे ऐसा सहज, सरल संत मुख्यमंत्री सुलभ हुआ है। इस संयोग का पूरा-पूरा लाभ जनता को दिलायें।

सत्तू और सूप में राहुल बाबा फर्क नहीं समझते
मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां मीडिया कार्यषाला में बिहार के किसान कांगे्रसी कार्यकर्ता की आप बीती बताते हुए कहा कि किसानों के मसीहा बननेे वाले राहुल गांधी का ढोंग किसानों की समझ में आ गया है। जब बिहार के किसान कार्यकर्ता ने राहुल से मिलकर उन्हें सत्तू भेंट किया तो राहुल जी ने यह कहकर कार्यकर्ता के उत्साह पर घड़ो पानी डाल दिया कि सत्तू का सूप बन जाता है। उन्होनें कहा कि आजादी के 65 वर्षों तक कांगे्रस ने किसानों को हाषिये पर डालकर रखा। आज सैनिकों के खैरख्वाह बन रहे है जबकि उनके कार्यकाल में पूर्वोत्तर में चीनी आक्रमण के समय फौज के पास न तो ड्रेस थी, न ही ठंड से बचने का साजो-सामान और न ही असला-बारूद था। आज एक रेंक एक पेंषन की बात करते है, पैंसठ सालों तक क्यों नहीं की। सत्ता से बेदखल कर दिये गये तो किसान-जवान याद आने लगे। आज किसान-जवान जो समस्याएं भुगत रहे है, वह कांगे्रस की अदूरदर्षिता की देन है। सत्ता में रहते कांगे्रस उपेक्षा की और सत्ता के मद में मस्त रही। अब किसान, जवान की चिंता की नौटंकी करके कांगे्रसी जख्मों पर नमक छिड़क रहे है। प्रादेषिक मीडिया कार्यषाला की अध्यक्षता करते हुए प्रदेष अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चैहान ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चैथा स्तंभ है, हमें इसके प्रति सदैव संवेदनषील रहना है। मीडिया के मिजाज को समझते हुए मीडियाकर्मी अपने आचार-व्यवहार को संवेदनषील बनायें और सजगता के साथ कार्य करें। प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चैहान ने भारतीय पत्रकारिता के इतिहास से मीडिया कर्मियों को अवगत कराते हुए कहा कि समाचार-पत्रों ने आजादी के दौरान नव-जागरण का संदेष देकर जनता को जागृत किया और आजादी के लिए एकजुट होने का मंच दिया। उन्होनें कहा कि 21वीं सदी संवाद की सदी है। हमें संचार माध्यमों का समुचित उपयोग कर जनता में चेतना जगाना है, जिससे वह उपलब्ध सुविधाओं का, केन्द्र सरकार की योजनाओं और राज्य सरकार की योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। समुचित जानकारी देकर हम उन्हें योजनाओं की सफलता में भागीदार बनायें। उन्होनें मीडिया प्रभारियों का आव्हान किया कि वे अपनी भूमिका का सजगता का निर्वाह करें। मीडिया का कार्य पूरी तत्परता की अपेक्षा करता है, किसी भी रेलगाड़ी से यात्री की प्रतीक्षा की उम्मीद नहीं की जाती, उसी तरह हमें समयषीलता के साथ मीडिया की आवष्यकताओं को ध्यान में रखते हएु उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों, वैचारिक दर्षन और सरकार की नीतियों से लगातार रूबरू कराते रहना है। उन्होनें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रिाॅनिक मीडिया, सोषल मीडिया और डिजीटल मीडिया का समुचित उपयोग करनें में अग्रसर होने का आग्रह किया। उन्होनें कहा कि एक वर्ष में नरेन्द्र मोदी सरकार ने देष में सकल घरेलू उत्पाद को जिस तरह बढ़ाया है, वह उल्लेखनीय उपलब्धि है और जनता तक इसकी जानकारी होना चाहिए। उन्होनें कहा कि भारत-बांग्लादेष के बीच 41 वर्षों से सीमा संधि प्रतीक्षा कर रही थी, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसे आनन-फानन में संवैधानिक संषोधन लाकर पूर्ण किया है, जिसका लाभ देष को मिलेगा। सीमा संधि को लंबित रखनें में कांगे्रस अपना वोट बैंक तलाषती थी और देष की सुरक्षा के साथ समझौता करती रही। इस संधि के बाद गौ-वंष की तस्करी रूकेगी और घुसपैठियों की आवाजाही पर नकेल लग जायेगी। उन्होनें कहा कि नरेन्द्र मोदी ने विदेषों से कालाधन लाने के लिए कठोर कानून लाकर चुनावी घोषणा को पूर्ण किया है। हमें केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों को तथा पार्टी के वैचारिक दर्षन को जनकल्याण पर्व और महासंपर्क अभियान के दौरान जन-जन तक पहुंचाना है। 26 मई से 30 मई तक जनकल्याण पर्व प्रदेष में आयोजित किया जायेगा, जिसमें केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली, श्रीमती सुषमा स्वराज, सुरेष प्रभु, नरेन्द्रसिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान सहित प्रदेष के पदाधिकारी सभाओं, रैलियों में भाग लेंगे और प्रदर्षनियां आयोजित की जायेगी। इन अवसरों को उपलब्धियों में बदलना मीडिया कर्मियों की जिम्मेदारी होगी। 

मीडिया समाज को दिषा देने में सक्षम- श्री गोपाल भार्गव
मीडिया कार्यषाला को संबोधित करते हुए केबिनेट मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हमें मीडिया के प्रभाव को तीन स्तरों पर आंकना होगा, राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर। जिला मीडिया कर्मियों को स्थानीय स्तर पर सत्त जागरूकता का परिचय देना होगा, क्योंकि केन्द्र और राज्य सरकार के प्रति एंटी इनकमबेंसी का ज्वार आंचलिक स्तर से उठता है, जिसके लिए क्षेत्रीय निकाय की भूमिका असरदार होती है। इसलिए मीडिया प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में सजगता का परिचय दें। खबरों की प्रमाणिकता बनायें रखनें की आवष्यकता रेखांकित करते हुए श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि आज जहां प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रिाॅनिक मीडिया जन अवधारणा को प्रभावित करते है, वहीं माउथ पब्लिसिटी का भी अपना स्थान है। हमें संवाद, संपर्क और समन्वय स्थापित कर इस स्तर पर सदैव जागरूक रहना होगा। सूट-बूट की सरकार का जुमला परोसकर कांगे्रस ने गरीबों का मजाक उड़ाया है, गोपाल भार्गव ने कहा कि कांगे्रस के लिए फटे कपड़े पहने हुए व्यक्ति ही किसान की पहचान है। क्योंकि कांगे्रस किसी को खुषहाल देखना गवारा नहीं करती। हमें कांगे्रस की कमजोरी से जनता को वाकिफ करना है। उन्होनें कहा कि नरेन्द्र मोदी ने विदेष यात्राएं कर विदेषों में भारत के उदय का संदेष दिया है, यह हमारे लिए गर्व की बात है। कांगे्रस अपनी विफलताओं पर परदा डालने के लिए विदेषी दौरों के काम की मूल्यांकन की ओछी बात करती है, नरेन्द्र मोदी ने विदेषों में भारत में इकबाल बुलंद होने और प्रगति के नये सौपान की दहलीज पर पहुंचनें का संदेष देकर भारत की सवा अरब जनता का मान बढ़ाया है। हमें जनता को अपनी उपलब्धियों की जानकारी देकर उसमें नया विष्वास पैदा करनें की आवष्यकता है, इसलिए मीडिया प्रभारी हमेषा अपडेट रहें और सरकार तथा संगठन के अच्छे कामों को जन-जन तक पहुंचानें के लिए मीडिया की सेवाओं का भरपूर लाभ उठायें। साथ ही आवष्यक है कि मीडिया प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में संचार माध्यमों से जुड़ें कर्मियों के प्रति संवेदनषील और जबावदेह के रूप में पेष आये। कार्यषाला के सफल आयोजन के लिए प्रदेष प्रवक्ता विजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया और मीडिया प्रभारीजन से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पहुंचकर जनकल्याण पर्व और महासंपर्क अभियान की सफलता के अनुरूप वातावरण बनानें में जुट जायें। कार्यषाला का संचालन करते हुए प्रदेष संवाद प्रमुख डाॅ. हितेष वाजपेयी ने सदस्यता महाअभियान की सफलता, महासंपर्क अभियान के कुषल संचालन और जन-कल्याण पर्व को हृदयग्राही और प्रभावी बनानें में मीडिया कर्मियों की भूमिका को विस्तार से परिभाषित किया । केन्द्रीयमंत्री श्री नक्वी, एवं प्रदेषाध्यक्ष नन्दकुमारसिंह चैहान से मीडिया प्रभारी ने जिले के भ्रमण के लिये अनुरोध किया  श्री नक्वी ने सहमति जताते हुए इसके लिये कार्यक्रम निर्धारित करने की बात कहीं । झाबुआ जिले के मीडिया प्रभारी के कार्य की समीक्षा में भी प्रसंषा की गई ।

नपा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने प्रभारी मंत्री से भेंट कर आवासीय जमीन के लिये किया अनुरोध ।

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झाबुआ । जिले के भ्रमण पर आये प्रभारी मंत्री अंतरसिंह आर्य को सोमवार को सर्कीट हाउस पर  नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुषील बाजपेयी के नेतृत्व में आवेदन प्रस्तुत किया जाकर उन्हे आवासीय प्रयोजन के लिये रतनपुरा में  जमीन अलाट किये जाने के लिये अनुरोध किया गया । नपा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुषील बाजपेयी द्वारा जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, भंडार अध्यक्ष विजय नायर, मंडल भाजपा अध्यक्ष गोपालसिंह पंवार, मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सोनी की उपस्थिति में प्रभारी मंत्री  को नगरपालिका के कर्मचारियों को 1988 में आवास नीति के तहत आबण्टित रतनपुरा स्थित सर्वे क्रमांक 09 रकबा 0688 नपा कर्मचारियों के लिये प्रस्तावित होकर इसे आवासीय प्रयोजन के लिये आबंटन की प्रक्रिया की गई थी । प्रभारी मंत्री ने नपा कर्मचारी संघ द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर सौहाद्रपूर्ण चर्चा कर अपनी टीप के साथ नगपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया को आवेदन सौप का आवेदनानुसार त्वरित कार्यवाही करने के लिये कहा है। कम्रचारी संघ ने मंत्री जी एवं भाजपा पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

नेषनल हाईवे की दुर्दषा को लेकर सांसद ने गडकरी को लिखा पत्र

झाबुआ---इन्दौर अहमदाबाद नेषनल हाई वे की जर्जर हालक को दुरूस्त करने के लिये सांसद दिलीपसिंह भूरिया द्वारा केन्द्र एवं प्रदेष सरकार को  बार बार लिखे जाने के बाद भी इस महत्वपूर्ण राजमार्ग की दुर्दषा अभी तक यथावत बनी रहने के लिये सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने सोमवार को पुनः केन्द्रीय  सडक परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी को पत्र लिखा है जिसमें सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने जिक्र किया है कि आपने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 59 इन्दौर-अहमदाबाद  4 लेन का निर्माण कार्य माह सितम्बर 2015 तक पूर्ण करा दिये जाने का आश्वासन दिया था । किन्तु मुझे अत्यन्त खेदपूर्वक यह निवेदन करना पड रहा है कि मेरे द्वारा प्रधानमंत्री को दिनांक 16 फरवरी 2015 की मध्यरात्री मंे इस मार्ग के माछलिया क्षेत्र में अधुरे निर्माण कार्य के कारण  यात्री बस के 200 फीट गहरी खाई में गिर जाने से 9 व्यक्तियो की दर्दनाक मृत्यु घटना स्थल पर हो जाने,  44 व्यक्तियो के गंभीर रूप से जख्मी हो जाने और अनेको परिवारो के निराश्रित हो जाने की घटना का उल्लेख करते हुए 17 फरवरी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आपके मंत्रालय में विशेष सेल का गठन किया जाकर इस मार्ग के अधुरे निर्माण कार्य को समयबद्व कार्यक्रम के अनुसार पूर्ण कराया जावें । श्री भूरिया ने मंत्री गडकरी को लिखा है कि यह पत्र आपके मंत्रालय को प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजे जाने ओर इस संबंध में समय-समय पर आपको तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रीजी को पत्र लिखे जाने के बावजूद आज तक इस मार्ग के अधुरे निर्माण कार्य को पूरा करवाने के संबंध में कोई ठांेस कार्यवाही नही हुई है और राजमार्ग का अधुरा कार्य उसी स्थिती में है । श्री भूरिया ने पत्र मे लिखा है कि वर्षाकाल अनकरीब है तथा इस मार्ग पर अनिर्मित पुल-पुलियाओ और उनके आसपास छोडे गये डायवर्सन अत्यन्त खराब स्थिती में है जिससे वर्षा ऋतु में भंयकर दुर्घटनाएॅ घटित होने की संभावनाएॅ बनी हुई है। विभिन्न बैंकर्स द्वारा भारत सरकार की ग्यारन्टी के अभाव में मेसर्स आई.वी.आर.सी.एल. लिमिटेड को पर्याप्त वित्तीय सहायता उपलब्ध नही करवाये जाने के कारण वर्ष 2013 से अभी तक एक इंच भी रोड का निर्माण कार्य नही हो सका है । राज्य सरकार द्वारा भी पूर्व के मार्ग पर मेंटनेंस नही किये जाने के कारण पुराना रोड भी जर्जर होकर उपयोग के योग्य नही रह गया है । देश में प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था के अंतर्गत हमारा यह संवैधानिक दायित्व है कि क्षैत्र की आम जनता को आवागमन की पर्याप्त बुनियादी सुविधाएॅ उपलब्घ कराई जावें । किन्तु सुशासन के वादो के बावजूद हमने गत 4 वर्ष के लम्बे समय से आम जनता को दुर्धटना में मरने और दुरह जीवन यापन करने के लिए लावारिस हालत में छोड रखा है । श्री भूरिया ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि व्यापक जनहित में इस राजमार्ग के कार्य को आपके मंत्रालय में विशेष सेल गठित कर एवं भारत सरकार एवं राज्य सरकार की ग्यारन्टी पर बैंक से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाकर सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पूर्ण कराया जावें । 

नवोदय विधालय आंवटन के लिए सांसद ने लिखा प्रदेष के मुख्य सचिव को पत्र

झाबुआ---प्रदेष के मुख्य सचिव अण्टोनी डिसूजा को जवाहर नवोदय विद्यालय के लिये आबंटन भेजने की मांग करते हुए सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने पत्र लिखा है कि जिला झाबुआ मे केन्द्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग की संख्या को ध्यान मे रखते हुवे वर्ष 2009 मे जिले की थांदला तहसील मुख्यालय पर जवाहर नवोदय विद्यालय प्रारम्भ करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी तद्नुसार अस्थाई परिसर थांदला के वागडिया फलिया स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय मे संचालित किया जा रहा है जहा कक्षा 6 टी से 10 वी तक कुल 192 विद्यार्थी अघ्ययन कर रहे है। विद्यालय के स्थायी भवन के निर्माण हेतु जिला प्रषासन द्वारा ग्राम मछलईमाता तहसील थांदला मे 30 एकड शासकीय भूमि का चयन किया जाकर आवंटन हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे गये थे किन्तु पांच वर्ष की लम्बी अवधि व्यतीत हो जाने पर भी आज दिनांक तक सरकार से आवंटन आदेष प्राप्त नही हुये है । इस कारण विद्यालय के संचालन मे अनेक कठिनाइया आ रही है। सांसद के पत्रानुसार पूर्व मे मुख्यमंत्री को  गतवर्ष 17 सितम्बर को इस सबंध मे एक पत्र भी भेजा गया था संबधित अधिकारियो से टेलीफोन पर चर्चा भी की है किन्तु कोई सकारात्मक कार्यवाही की जाना ज्ञात नही हुआ है। श्री भूरिया ने अनुरोध किया है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थीयो के व्यापक हित मे व्यक्तिगत ध्यान देकर वाछिंत आवंटन आदेष शीघ्र जारी किया जावे ।

पण्डित नेहरू की पूण्यतिथि मनाएगी कांगेस

झाबुआ---पुर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू की 52 वीं पुण्यतिथि जिला कांग्रेस कार्यालय में समारोह पूर्वक मनाई जाकर पण्डित नेहरू को स्मरण कर उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया जावेगा । 27 मई  बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी झाबुआ द्वारा जिला कांग्रेस कार्यालय पर प्रातः 11 बजे देश के महान राष्ट्र नेता को श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा गया हैैं। । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता एवं प्रवक्ता आचार्य नामदेव ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया, सहित,पुर्व विधायक गण जनप्रतिनिधि गण ब्लाक कांग्रेस षहर कांग्रेस महिला कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई,किसान कांग्रेस एवं विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहेगे सभी ब्लाक मुख्यालयांे पर भी कांगे्रस कमेटियों द्वारा पूण्य तिथि पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिला कांग्रस ने सभी कांग्रेसजनों से इस कार्यकम शामील होकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

आज काला दिवस मनाएगी कांग्रेस- मोदी सरकार की विफलताओं पर विरोध मे निकालेगी रैली

झाबुआ---मोदी सरकार के एक वर्षीय कार्यकाल पूरा होने पर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आज 26 मई को काला दिवस मनाया जावेगा । जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता,जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरिया, जिला महामंत्री हेमचंद डामोर, जितेन्द्रप्रसाद अगिनहौत्री एवं प्रवक्ता हर्ष भटृ ने जानकारी देते हुए बताया कि  कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारीगण स्थानीय राजवाडा चैक पर प्रातः 11 बजे एकत्रित होगें तथा  कालीपट्टी बांध कर  रैली के रूप  में नगर के प्रमुखमार्गो से होते हुए जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहूंचेगें ।तथा अपना विरोध प्रदर्षन करेगें । श्री महेता ने बताया कि रैली में युवाओं द्वारा पेट्रोल डीजल के भावों में बेतहाषा बढोत्तरी को लेकर विरोध स्वरूप साईकिल रैली भी निकाली जावेगी तथा पोस्टर बैनर्स के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करावेगें । श्री मेहता ने बताया  िकइस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया  प्रदेष कांग्रेस महामंत्री एवं जिला प्रभारी मुजीब कुर्रेषी , विधायक जितू पटवारी, सहित अन्य प्रादेषिक नेतागण विषेष रूप  से उपस्थित होकर रैली में सहभागी होगें । श्री मेहता के अनुसार रैली के प्ष्चात  जिला कांग्रेस की विषेष बैठक का आयोजन भी किया गया है जिसमें  2 जून को महूं में  अभा कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राहूल गांधी के  दौरे पर आने पर झाबुआ जिले से अधिक सं अधिक संख्या में हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भेजने के लिये अन्तिम रूप  दिया जावेगा । साथ ही प्रेस कांफ्रेस का आयोजन भी इस अवसर पर किया जावेगा । समस्त प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को इसमे आमंित्रत किया जावेगा । जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री मेहता,डा. विक्रंात भूरिया, बण्टू अग्निहौत्री, सेवादल संयोजक राजेष भटृ,युवाकांग्रेस अध्यक्ष आषीष भूरिया,एनएसयुआई जिलाध्यक्ष  विनय भाबर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कलावती मेडा सहित समस्त ब्लाक अध्यक्षगण एवं विभिन्न मोर्चा संगठनों के पदाधिकारीयों ने इस रैली को सफल बनाने की अपील की है ।

370 गाॅवो में जायेगे कृषि क्रांति रथ, पेटलावद में प्रभारी मंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

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झाबुआ---प्रभारी मंत्री एवं श्रम मंत्री म.प्र. शासन श्री अंतरसिंह आर्य ने आज पेटलावद में उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में आयोजित कृषि महोत्सव कार्यम में कृषि क्रांति रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रथ गाॅव-गाॅव धुमकर कृषि संबंधी जानकारी देगा। जिले के 6 ब्लाकों के 370 गाॅवों में कृषि क्रांति रथ 25 मई से 15 जून तक भ्रमण करेगा। कृषि महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री श्री आर्य ने कहा कि कृषि क्रांति रथ के साथ एक तकनीकि दल भी भ्रमण करेगा जो किसानो को खेती संबंधी उन्नत तकनीको की जानकारी देगा। किसानो की मांगो, समस्याओं का समाधान करेगा एवं किसानो के खेतो की मिटटी का परीक्षण कर साॅइल हेल्थ कार्ड दिये जायेगा। किसान को यह बताया जाएगा कि उसे अपने खेत में किस प्रकार की और कितनी मात्रा में खाद डालनी है। जैविक खेती की ओर किसानो को अग्रेषित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। किसान के लाभो में वृद्धि करने के लिए हर तरह का तकनीकी सहयोग कृषि क्रांति रथ में उपस्थित दल द्वारा दिया जाएगा। कृषि क्रांति रथ के भ्रमण के दौरान राजस्व विभाग, विद्युत मण्डल पशु चिकित्सा विभाग, सहकारिता विभाग, मत्स्य विभाग स्वास्थ्य विभाग के शासकीय सेवक भी भ्रमण कर विभाग से संबंधित सेवाएॅ ग्रामीणो को देगे। हर गाॅव में कृषि क्रांति रथ का स्वागत आनाज से किया जाएगा एवं स्वागत में प्राप्त अनाज आंनवाडी केन्द्र पर बच्चों के सुपोषण के लिए दिया जाएगा। कार्यक्रम को सांसद श्री दिलीपसिंह भूरिया ने भी संबोधित किया। स्वागत भाषण प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. ने दिया। कार्यक्रम की रूपरेखा उप संचालक कृषि श्री त्रिवेदी ने बताई कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।

हितग्राहियों को दिया सोयाबीन बीज कीट
कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों द्वारा किसानो को सोयाबीन बीज कीट, किसान केडिट कार्ड एवं अन्य हितलाभ का भी वितरण किया गया। जिले के झाबुआ एवं राणापुर ब्लाक में विधायक शांतिलाल बिलवाल ने, थांदला एवं मेघनगर में कलसिंह भाभर ने एवं रामा में सांसद श्री दिलीपसिंह भूरिया ने कृषि क्रांति रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

12 रूपये में 2 लाख का बीमा, योजनाओं में बीमा करना बने जन आंदोलन -प्रभारी मंत्री

झाबुआ---विधानसभा क्षेत्र पेटलावद में आयोजित प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जाग्रति शिविर को संबोधित करते हुए सांसद श्री दिलीपसिंह भूरिया ने कहा ग्रामीणजन शराब का त्याग करे कुरीतियों को छोडकर शराब और कुरीतियों पर होने वाले खर्च को बचाकर बैंक में जमा करे उससे आपका विकास होगा। प्रधान मंत्रीजी की इन बीमा योजनाओं में अपना बीमा करवाये ताके परिवार की सुरक्षा हो सके। मात्र एक बीडी के बिण्डल की लागत से भी कम में सालभर के लिए 2 लाख का बीमा सरकार द्वारा किया जा रहा है। अपना बीमा करवाये एवं जीवन को सुरक्षित करे। सांसद श्री भूरिया ने कहा कि खवासा में यूरिया उर्वरक बनाने के लिए 7 करोड लागत का कारखान लगेगा इससे आसपास के लोगो को रोजगार मिलेगा। थांदला में कृषि महाविद्यालय भी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना के लिए आज 25 मई को पेटलावद में आयोजित जनजागृति शिविर को संबोधित करते हुए जिले के प्रभारी मंत्री एवं श्रम मंत्री म.प्र. शासन ने कहा कि गरीब आदिवासी लोग आगे आने चाहिए इसलिए विकास की कई योजनाएॅ शासन द्वारा चलाई गई है राज्य बीमारी सहायता योजना में कैंसर, हार्ट, वाल्व इत्यादि का इलाज शासन द्वारा करवाया जा रहा है। स्कूली बच्चों को किताब, गणवेश एवं साइकिल मुफ्त में दी जा रही है। अपने बच्चों को पढाये और अपना विकास करे। तथा शासन ने अब जीवन की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना प्रारंभ की है। मात्र 12 रूपये वार्षिक प्रीमियम में दो लाख का दुर्घटना बीमा एवं 330 वार्षिक प्रीमियम में किसी भी प्रकार की मृत्यु होने पर जीवन बीमा की सौगात हर वर्ग के व्यक्ति के लिए शासन द्वारा दी गई है। बीमा योजनाओं में बहुत कम प्रीमियम पर 2 लाख तक का बीमा है। इन योजनाओं में अपना बीमा करवाये। शासन द्वारा किसानो को कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ देने के लिए 25 मई से 15 जून तक कृषि महोत्सव मनाया जाएगा। इस अवधि में भी बैंकर्स द्वारा आपके बैंक खाते भी खोले जायेगे और बीमा किये जायेगे। आप उन्हें अपना सहमति फार्म भरकर दे। इस योजना में परिवार के 18 वर्ष से अधिक के सभी व्यक्तियों का खाता खुलवाये एवं बीमा करवाये। यह योजना व्यक्तिगत है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में शीघ्र विशेष ग्राम सभाएॅ होगी आप सभी जनप्रति निधि ग्रामीणो के बीमा करवाये जो लोग मजदूरी के लिए बाहर गये है उनका  भी जिले में वापस लौटने पर इन बीमा योजनाओ में बीमा करवाये। विशेष ग्राम सभा में जनप्रतिनिधि एवं शासकीय सेवक समन्वय स्थापित कर कार्य करते हुए जिले के हर व्यक्ति का बीमा करवाये। जनप्रतिनिधि की जवाबदारी है कि अपने क्षेत्र के एक-एक व्यक्ति का बीमा करवाये। स्वागत उदबोधन में प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस ने कहा कि देश के हर नागरिक एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना प्रारंभ की गई है। बीमा योजनाओं में 18 वर्ष से 70 वर्ष तक के व्यक्ति को बीमित करने की योजना है।

नवम्बर माह तक भरे जा सकते है फार्म
शिविर में योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए एलडीएम श्री प्रीतेष पाण्डे ने कहा कि इस वर्ष इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए नम्बर माह तक फार्म भरे जा सकतें है। कार्यक्रम में एसडीएम श्री जाधव थांदला, सीईओ जनपद श्री रावत सहित बैंकर्स एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

दीवार तोडकर की नगदी सहीत ढेढ किलो चांदी की चोरी 

झाबुआ--- फरियादी बहादुर पिता बुचा उर्फ बापु उम्र 20 वर्ष निवासी मोरडुंगरा ने बताया कि अज्ञात 3 बदमाश ने उसके घर की दीवार तोडकर अंदर रखी चांदी की साकली 500 ग्राम, दो चांदी के कटोरे 500 ग्राम, दो चांदी के कडे 500 ग्राम, चांदी की चुडिया व नगदी 30,000 रू0 चुराकर ले गये। थाना मेघनगर में अप0क्र0 113/15, धारा 458,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

वाहन दुर्घटना में मोत
          
झाबुआ---फरियादी भारतसिंह पिता बापू राठौर उम्र 50 वर्ष निवासी बरझर थाना आजादनगर ने बताया कि वाहन क्रमांक एमपी-9 एमजी 0654 का चालक अपने वाहन को तेज गति व लापरवाही पूर्वक चलाकर लाया व रमण पिता बापू की मोसा0 को टक्कर मार दी, जिससे रमण की मृत्यु हो गयी। थाना कोतवाली में अप0क्र0 365/15, धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अग्नी दग्धा की ईलाज के दोरान मोत 
    
झाबुआ---फरियादी प्रदीप पिता मेसू भुरिया, उम्र 24 वर्ष तैनात जिला चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि मृतक वीरजी पिता तिवनासिंह, उम्र 39 वर्ष निवासी मकोडिया को जलने के कारण सीएच झाबुआ में भर्ती करवाया गया था। ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। थाना थांदला में मर्ग क्र0 31/15, धारा 174 जा0फौ0 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (25 मई)

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कृषि बीमा योजनाओ को और व्यावहारिक बनाया जायेगा, कृषि महोत्सव के माध्यम से प्रदेष मंे  कृषि विभाग को नई दिषा मिलेगी-मुख्यमंत्री श्री चैहान 
  • मुख्यमंत्री श्री चैहान ने सीहोर जिले के षाहगंज, में 22 दिन चलने वाले कृषि महोत्सव की षुरूआत की

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मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि प्रदेष में किसान बीमा योजना को और प्रभावी बनाया जायेगा। ताकि किसानों को योजना का अधिकतम लाभ मिल सके। इसके लिये षीध्र ही बैठक बुलाई जायेगी। इसमें बीमा कम्पनियों के अधिकारी बैंक तथा कृषि सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगें। वे आज सीहोर जिले के षाहगंज मे राज्य स्तरीय कृषि महोत्सव का षुभांरभ का रहे थे। इस अवसर पर प्रदेष के कृषि मंत्री श्री गौरी षंकर बिसेन, राजस्व मंत्री और सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह मार्कफंड के अध्यक्ष श्री रमाकांत भार्गव तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री चैहान ने कहा कि अभी तक बीमा कम्पनियाॅ किसानो से इंष्योरेंस तो ले लेती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा की स्थिति मंें किसान को हुए उसके नुकसान की भरपाई नही हो पाती है। अब ऐसी फसल बीमा योजना बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें किसानों को क्षति होने की स्थिति में न्यूनतम राषि की भरपाई हो । किसानो को ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, या अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्षति की समुचित भरपाई हो सके। अभी तक जो बीमा योजना बनी उनसे बीमा कम्पनियो को तो इंष्योरेंस से मिलने वाली राषि मिल जाती है लेकिन किसान को विषेष लाभ नही होता है। भविष्य में बनने वाली नई बीमा निति मे प्रीमियम की राषि केन्द्र और राज्य भरें ऐसा प्रयास किया जायेगा। खेती किसानी को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये राज्य षासन द्वारा उठाये जा रहें प्रयासो का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि किसान अन्तर वर्तीया फसले लें। उघानिकी फसले की खेती अब अधिक लाभप्रद है इसे अपनाएंे । साथ ही कृषि विभाग के अधिकारीयों से कहा  िकवे किसानों को मौसम के अनुकूल फसले लेने के लिये प्रेरित करें। बार-बार एक ही तरह की फसलों के उत्पादन से किसानांे को यथोचित लाभ नही मिल पाता है। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने किसानो से मिट्टी परीक्षण कर ही रासायनिक उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी। उन्होने कहा कि एक ओर  तो रासायनिक उर्वरकोें को खरीदने के लिये किसानों को अनाप-षनाप कीमत चुकानी पड़ती है। कही दूसरी ओर मिट्टी उपजाउ क्षमता पर भी इसका गहरा विपरीत प्रभाव पड़ता है। श्री चौहान ने बताया मिट्टी परीक्षण के लिये अब किसानों को परेषान नही होना पड़ेगा। प्रदेष के हर विकास खंड मुख्यालय पर ही मिट्टी परीक्षण प्रयोग षालाऐं स्थापित की जा रही है। अगले तीन साल में प्रत्येक किसान के पास उसके खेती की मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड होगा। कार्यक्रम को संबोेधित करते हुए मध्यप्रदेष के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री श्री गौरी षंकर बिसेन ने कहा कि मुख्यंमत्री चैहान ने कृषि के क्षेत्र मे प्रदेष को नई पृथक पहचान दी है। प्रदेष का सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री स्वयं एक कृषक है। और निरन्तर किसान हितैषी योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन सुनिषिचत कर रहे है।

लगभग 14 करोंड के विकास कार्याे का लोकापर्ण और षिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कृषि महोत्सव के षुभारंभ के पूर्व 30.16 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित नगर परिषद कार्यालय भवन तथा एक करोड़ पचास लाख रूपये  की लागत से नवनिर्मित सीमेट काॅक्रीट सड़को तथा नालियो का लोकापर्ण किया। उन्होने 11.88 करोड़ रूपये  की लागत के आठ विकास कार्यो का षिलान्यास भी किया। इन कायों मे षाहगंज नगर में 4.23 करोड़ रूपये  लागत की पेयजल योजना तथा नगर के आंतरिक मार्ग, नाली निर्माण व सौन्द्रयीकरण के 4.69 करोड रूपये का कार्य षामिल है। मुख्यमंत्री ने जहां बकतरा कृषि  उपज मंडी समिति के लिए 80 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले  सीमेंट कांक्रीट  रोड ,50 लाख रूपये की लागत के 500 मिट्रिक टन के दो गोदाम 20 लाख रूपये की हाई मास्ट लाईट व 4 लाख रूपये से 11 के.वी. ट्रांसफार्मर के कार्य का षिलान्यास किया वहीें षाहगंज मंडी  में एक करोड 22 लाख रूपये की लागत से निेर्मित होने वाले सीमेंट कांक्रीट रोैड तथा 20 लाख रूपये की लागत के 11 के वी लाईन व ट्रªांसफार्मर कार्य का शिलान्यास किया!  

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में लक्ष्य एवं उपलब्धि की गई समीक्षा

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्टर डाॅ.सुदाम खाडे़ की अध्यक्षता में गत दिवस कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में सर्वप्रथम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इछावर को आई.एस.ओ.प्रमाण पत्र जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर डाॅ.सुदाम खाडे़ तथा सूर्यकिरण क्वाॅलिटी सिस्टम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस.के.विद्यार्थी द्वारा बी.एम.ओ.इछावर डाॅ.बी.बी.शर्मा को प्रदान किया गया। गौरतलब है कि सीएचसी इछावर प्रदेष का पहला ऐसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आई.एस.ओ.प्रमाण प्रदान किया गया है। इसके उपरांत स्वास्थ्य विभाग भोपाल से जारी जिला स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार स्वास्थ्य कार्यक्रमों की क्रमवार समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जिन स्वास्थ्य कार्यक्रमांे में जिले की रैंक आषानुरूप नहीं रही उन कार्यक्रमों में सुधार के सख्त निर्देष कलेक्टर द्वारा सीएमएचओ,समस्त कार्यक्रम अधिकारियों तथा समस्त बी.एम.ओ. को दिए। बैठक में कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए कि वर्ष 2015-16 में अभी से समस्त कार्यक्रमों की सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर कार्य करें,तथा सौ प्रतिषत लक्ष्य प्राप्त करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि कि राष्ट्रीय स्वाथ्य मिषन के अंतर्गत प्रदेष में  संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों की सघन माॅनीटरिंग एवं प्रदेष के जिलों की प्रगति के तुलनात्मक अध्ययन के उद्देष्य से राज्य स्तर से जिला स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है। इस कार्ड में ई-हेल्थ अभियान अंतर्गत चिन्हित साफ्टवेयर एवं अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मासिक रिपोर्ट में आने वाले सूचकांकों का समावेष किया गया है जिसमें जिले की प्रगति एवं राज्य में जिले की रैंकिंग को प्रदर्षित किया गया है। समीक्षा के दौरान कलेक्टर महोदय ने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए राज्य से प्राप्त बजट का सौ प्रतिषत खर्च करने के निर्देष दिए गए। जिले में क्रियाषील  प्रसव केन्द्रों की जानकारी प्राप्त की गई तथा अक्रियाषील प्रसव केन्द्रों पर लक्ष्यअनुसार प्रसव कराने के निर्देष दिए गए। कलेक्टर महोदय ने कहा कि जिले में पदस्थ समस्त चिकित्सक प्रसव के लिए प्रषिक्षित होना चाहिए है,अप्रषिक्षित चिकित्सकों के लिए प्रषिक्षण कार्यक्रम बनाकर प्रषिक्षित करने के निर्देष दिए गए। बैठक में मातृ एवं षिषु स्वास्थ्य कार्यक्रम, रेफरल ट्रांसपोर्ट, परिवार कल्याण, टीकाकरण, राष्ट्र बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किषोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, आर.एन.टी.सी.पी., राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम, मलेरिया कार्यक्रम,एन.सी.डी.,दवा वितरण तथा आई.डी.एस.पी.कार्यक्रम की भी विस्तृत समीक्षा की गई इस दौरान कार्यक्रमवार  रैंकिंग की समीक्षा की गई तथा जरूरी दिषा निर्देष मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं समस्त बी.एम.ओ. को दिए गए। कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही करने के निर्देष भी सीएमएचओ को दिए गए। जिले में 25 मई से 15जून 2015 तक संचालित कृषि महोत्सव के अंतर्गत कृषि रथ संचालन वाले ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरी सेवाएं दिए जाने तथा संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों के कृषि महोत्सव एवं स्वास्थ्य षिविर में उपस्थित रहने एवं जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं दिए जाने के निर्देष भी कलेक्टर महोदय द्वारा दिए गए। 

वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न 

सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला - सीहोर की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई जिसका मुख्य उद्देष्य जिले के कृषि के विकास हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तैयार की गयी कार्ययोजना पर चर्चा व वर्ष 2014 -15 की प्रगति प्रतिवेदन का प्रस्तुतीकरण कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक द्वारा किया गया। बैठक में मुख्यरूप से कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे, डाॅ. एस. के श्रीवास्तव, निदेषक विस्तार सेवायें, आर. वी. एस. के. वी. वी., ग्वालियर, डाॅ. एस. बी. ताम्बी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, सीहोर, श्री अवनीष चतुर्वेदी, उप संचालक, कृषि, डाॅ. एन. पी. एस. गंगवार, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजगढ व केन्द्रीय कृषि अभियान्त्रिकीय संस्थान, भोपाल के प्रतिनिधि, विभिन्न जिला स्तरीय विभागों के प्रमुख/प्रतिनिधि व कृषक एवं महिला कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमति शारदा फोगाट, कार्यपालक संचालिका, कृषि विज्ञान केन्द्र, सीहोर द्वारा की गई। बैठक में श्री जे. के. कनौजिया, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केन्द्र, सीहोर ने कृषि विज्ञान केन्द्र की वर्ष 2014 - 15 की उपलब्धियाॅ व वर्ष 2015-16 की प्रस्तावित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया। केन्द्र के समस्त विषय विषेषज्ञों द्वारा अपने - अपने विषय से सम्बन्धित वर्ष 2015 - 16 की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। कलेक्टर डाॅ. सुदाम खाडे, ने बैठक को सम्बोधित करतेे हुए कहा कि जिले की कृषि के लिए आवष्यक है कि कृषि से समस्त विभाग परस्पर सहयोग बनाकर कार्य करें। जिसमें मुख्यरूप  से कृषकों को मृदा स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए पोषक तत्व प्रबन्धन, नियमित आय व जलवायु परिवर्तन को दृष्टिगत रखते हुए, कृषि विविधीकरण जैसे विषयों पर कृषकों को जागरूक करने की आवष्यकता है। उन्होंने कृषि उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त करने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों के गठन हेतु कृषकों को प्रेरित करने पर बल दिया। बैठक में डाॅ. एस. के. श्रीवास्तव, निदेषक विस्तार सेवाये, आर. वी. एस. के. वी. ग्वालियर ने कहा कि नियमित आय प्राप्त करने हेतु समन्वित कृषि प्रणाली के माॅडल तैयार कर कृषकों को इन्हे अपनाने हेतु प्रेरित करने की आवष्यकता है। कृषि तकनीकों के व्यापक प्रचार - प्रसार हेतु केन्द्र द्वारा प्रदर्षित तकनीकों के आर्थिक विष्लेषण को संकलित करने पर बल दिया। डाॅ. एस. बी. ताम्बी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, सीहोर द्वारा कृषकों को स्वबीज उत्पादन, जल व मृदा संरक्षण, सिंचाई की सूक्ष्म पद्धतियाॅ जैसे विषयों पर कृषकों को प्रेरित करने पर बल दिया। श्री अवनीष चतुर्वेदी, उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, सीहोर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जिले की कृषि के विकास हेतु किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी प्रकार केन्द्र का सहयोग भविष्य में भी प्राप्त होता रहेगा। डाॅ. एन. पी. एस. गंगवार, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें ने कहा कि केन्द्र द्वारा निरन्तर विभाग को तकनीकी मार्गदर्षन प्राप्त होता रहता है। विभाग द्वारा तैयार किये गये गौसेवकों का केन्द्र द्वारा कौषल विकास किया जाये, जिससे गौसेवक ग्राम स्तर पर पशुपालन के क्षेत्र में प्रभावी तरीके से सेवायें दे सकें। कृषक श्री देवकरण वर्मा, ग्राम वफापुर, विकासखण्ड - आष्टा ने केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र मृदा स्वास्थ्य कार्ड में बाजार में उपलब्ध उर्वरकों के आधार पर फसल अनुसार अनुसंषा करें। 

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (25 मई)

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राजस्व बचाए या संत की जान खनन को लेकर पशोपेश में सूबे की सरकार
  • खनन पूरी तरह से बंद कराने को शिवानंद तप पर, अन्न के बाद जल भी त्यागा, सेहत में भारी गिरावट
  • सरकार की कमेटी पर संत को नहीं जरा भी भरोसा, राजस्व में कमी व अन्य मामलों पर चिंतित सीएम

uttrakhand news
देहरादून,25 मई। यूं तो अवैध खनन को लेकर पूरे प्रदेश में भी माहौल बेहद गर्म है। लेकिन हरिद्वार में खनन को लेकर सरकार पशोपेश में हैं। जद्दोजेहद का मुद्दा यह है कि एक संत की जान बचाई जाए या फिर राजस्व हानि समेत अन्य मामलों की रक्षा की जाए। आलम यह है कि सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करके समस्या का समाधान चाहती है तो संत खनन पर तत्काल रोक की मांग को लेकर अपनी जान ही देने पर आमादा हैं। हरिद्वार में मातृ सदन के स्वामी शिवानंद खनन को पूरी तरह से बंद करने का मांग को लेकर तप कर रहे हैं। शिवानंद से पहले तो अन्न छोड़ा और अब पिछले तीन रोज से जल का भी त्याग कर चुके हैं। संत का कहना है कि 25 से तीस पोकलैंड मशीने गंगा का सीना चीर रही हैं। इन पर कोई रोक नहीं लगा रहा है। सरकार अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने की बात की जा रही है। मुख्य सचिव पर उन्हें जरा भी यकीन नहीं है। पहले भी कई खत लिखे गए। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है। अब या तो खनन बंद होगा या फिर उनकी जान जाएगी। इधर, सरकार की अपनी समस्या है। खनन बंद होने से स्थानीय रोजगार पर तो असर पड़ेगा ही, विकास कार्यों के निमार्ण में भी दिक्कतें आएंगी। फिर अगर नदियों से चुगान नहीं होगा तो परेशानी और बढ़ेगी। खनन को लेकर दबाव में आई सरकार के मुखिया ने हरीश रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी इन्हीं तमाम बिंदुओं पर कैबिनेट को अपनी रिपोर्ट देगी। सीएम का कहना है कि उसके बाद ही तय किया जाएगा कि हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में खनन पूरी तरह से बंद किया जाए या फिर नहीं।

काश तय होती रिपोर्ट की समयसीमा
सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी तो बनाई है। लेकिन रिपोर्ट के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है। जानकारों का मानना है कि अगर समयसीमा तय होती तो इससे यह संदेश जाता कि सरकार इस मामले में यकीनी तौर पर गंभीर है। अब कमेटी कब रिपोर्ट तैयार करेगी और कब कैबिनेट फैसला लेगी, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है।

एक संत की पहले हो चुकी है मौत
इसी खनन को लेकर मातृ सदन के संत निगमानंद की मौत हो चुकी है। भाजपा शासनकाल में डा.रमेश पोखरियाल निशंक के सीएम रहते निगमानंद ने भी खनन रोकने के लिए तप किया था। उस समय समस्या का समाधान वक्त पर नहीं हो सका था और निगमानंद की मौत हो गई थी। यह वजह है कि मौजूदा सरकार स्वामी शिवानंद के तप को लेकर परेशान हैं।

संतों से यूपी के खनन माफियाओं से डील की भी है चर्चा 
चर्चाएँ तो यहाँ तक हैं कि मातृ सदन के स्वामी शिवानंद का खनन को लेकर अनशन उत्तरप्रदेश के खनन माफियाओं के इशारे पर लिया जा रहा है ताकि उत्तराखंड में खनन बंद हो और वे उत्तरप्रदेश से आकर उत्तराखंड में अपने खनन की आपूर्ति कर पायें वह भी मनमाने दामों पर. क्योंकि वर्तमान में उत्तराखंड में खनन के खुले होने से उनका माल यहाँ नहीं बिक पा रहा है।

भाजपा ने की पुस्ता लगाओ, बस्ती बचाओ की मांग, दून जिला मुख्यालय पर 16 जून को होगा प्रदर्शन
  • बिंदाल और रिस्पना नदी तट की बस्तियों का मामला

देहरादून,25 मई (निस)। भाजपा ने बिंदाल और रिस्पना नदियों के तटों पर बसी गरीबों की बस्तियों को बचाने के लिए 16 को जिला मुख्यालय पर  प्रदर्शन का एलान किया है। यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक हरबंस कपूर समेत अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि बारिश का मौसम आने वाला है और नदियों के तटों पर बसे डेढ़ लाख लोगों को बचाने की दिशा में सिंचाई विभाग कोई काम नहीं कर रहा है। इस बारे में विभाग से लगातार मांग की जा रही है। लेकिन विभाग मुआवजे की बंदरबांट के चक्कर में इस बारे में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग की इस लापरवाही के विरोध में भाजपा 16 जून को जिला मुख्यालय का घेराव करेगी। भाजपा का यह प्रदर्शन पुस्ता लगाओ, बस्ती बचाओ के बैनर तले होगा। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद शर्मा के साथ ही पार्षद बाबूराम, पार्षद अनीता सिंह और पार्षद प्रदीम दुग्गल मौजूद रहे।

कैंट बोर्ड के खिलाफ शुरू किया क्रमिक अनशन, कैंट युवा समिति का बोर्ड की मनमानी के खिलाफ अभियान

देहरादून,25 मई (निस)। कैंट युवा समिति ने कैंट बोर्ड की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। समिति का कहना है कि बोर्ड की मनमानी से आम लोगों को खासी दिक्कत हो रही है। अनशन स्थल पर हुई एक सभा में वक्ताओं ने कहा कि कैंट बोर्ड में मनमानी और भ्रष्टाचार चरम पर है। बोर्ड के अस्पताल में व्याप्त खामियों को ठीक करने की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकार की पहल के बाद राज्यभर के सरकारी दफ्तरों में सेवा अधिकार अधिनियम को लागू किया जा चुका है। लेकिन कैंट बोर्ड इसे लागू करने को तैयार नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों को भवनकर से पूरी तरह से मुक्ति दे दी है। लेकिन कैंट बोर्ड इस आदेश को भी मानने के लिए तैयार नहीं है। इस क्षेत्र में सैनिकों और पूर्व सैनिकों की संख्या खासी ज्यादा है। इस आदेश का पालन न होने से इन लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। वक्ताओं ने कहा कि डाकरा और गढ़ी कैंट क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या विकरास रूप ले चुकी है। इसके बाद भी बोर्ड इस दिशा में कोई काम करने को तैयार नहीं है। बोर्ड की इन्ही गड़बडघ्यिों के खिलाफ समिति ने क्रमिक अनशन शुरू किया है।

बस्तियां उजाड़ने के विरोध में इंटक का धरना

देहरादून,25 मई (निस)। इंटक का बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में धरना जारी रहा। लैंसडोन चैक पर हुए धरने के दौरान जिलाध्यक्ष सचिन कुमार ने कहा कि वन विभाग और जिला प्रशासन किसी खास व्यक्ति की मदद करने के इरादे से गरीबों की बस्तियों को उजाड़ रहे हैं। इसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर वन विभाग और जिला प्रशासन का यही रुख रहा तो इंटक अपने आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होगी। धरना स्थल पर तरुण कुमार, अर्चना देवी, केसरिया देवी, मनीष साहनी और रेखा देवी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

फर्जी आईएएस प्रकरणः मित्र पुलिस की योग्यता पर भी प्रश्न चिन्ह
  • एसआईटी के पफेल होने से प्रकरण भी ठंडे बस्ते में हाईप्रोफाइल मामलों की जांच में अभी परिपक्वता नहीं

देहरादून,25 मई (निस)। फर्जी आईएएस प्रकरण मंे एसआईटी पस्त हो चुकी है। राज्य सरकार भी सीबीआई जांच कराए जाने को लेकर अपनी अस्वीकृति दर्ज करा चुकी है। यानी की यह हाईप्रोफाईल मामला अब अधर में लटक गया है। एसआईटी पहले ही जांच की दौड़ में अपनी लाचारगी प्रकट कर चुकी है तो इन परिस्थितियों में अब जांच किए एजेंसी से कराई जाए, यह एक पेचीदगी भरा सवाल बन गया है। सरकार ने साफ मना कर दिया है कि सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती है और स्थानीय पुलिस ही इसकी जांच करे। स्थानीय पुलिस का स्तर सबके सामने आ चुका है। इन्हीें परिस्थितियोें में रूबी चैधरी को जमानत भी मिल चुकी है। पूरा प्रकरण अब ठंडे बस्ते में है। इस प्रकरण ने उत्तराखंड पुलिस की काबलियत पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं। स्थिति तो साफ यही दर्शाती है कि उत्तराखंड पुलिस महज साधारण मामलों की जांच के ही लायक है और किसी बड़े खुलासे की उम्मीद इस पुलिस से नहीं की जा सकती है। यही कारण है कि नेता प्रतिपक्ष ने जांच समिति बनाने का प्रस्ताव तक सरकार को दे दिया जिसमें वह जांच समिति के अध्यक्ष तक बनने को तैयार हैं। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्राी आईएएस अकादमी के फर्जी आईएएस अकादमी प्रकरण में एसआईटी को सौरभ जैन के इर्द-गिर्द घूम कर ही ठंडी पड़ चुकी है। बड़ी मुश्किल से साहस करते हुए जांच टीम ने रूबी चैधरी के 164 के तहत दर्ज किए जाने वाले बयानों के आधार अकादमी के उपनिदेशक सौरभ जैन से पूछताछ करने की हिम्मत जुटाई थी लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। जांच का पूरा दायरा सिर्फ और सिर्फ रूबी चैधरी तक ही आकर सिमट गया। एसआईटी पूरे मामलें में खानापूर्ति करती रही, साक्ष्यों के नाम पर लाईब्रेरी और वर्दी से आगे नहीं बढ़ पाई। भारी-भरकम एसआईटी हर स्तर पर फर्जी आईएएस प्रकरण में नकारी साबित हो गयी। यहां तक की एसआईटी का मनोबल इस प्रकार से टूट गया कि जांच अधिकारी बीमार हो गयी और जांच टीम से अलग हो गयीं। अन्य पुलिसकर्मियों की दशा भी महज खानापूर्ति वाली ही रही। जांच का एक सिरा भी रूबी से आगे नहंी बढ पाया जबकि रूबी द्वारा लगाए गए आरोपों की तफतीश करने तक की हिम्मत एसआईटी नहीं कर पाई। जांच का स्तर और एसआईटी पर पड़ रहा दबाव देख कर सापफ लग रहा था कि इसमें परिणाम निकलने की कोई उम्मीद नहीं थी। हुआ भी ठीक ऐसा ही। रूबी अब अपने घर है और एसआईटी भी ‘जान बची तो लाखों पाए’ सोच कर शांत बैठ गयी है।  पूरे प्रकरण में एकमात्र सीबीआई जांच से ही थी। एसआईटी की नाकामी पर पुलिस मुख्यालय ने सीबीआई जांच की सिपफारिश करते हुए फाईल सरकार के पाले में फंेक दी, लेकिन भला सरकार भी कैसे आईएएस लाॅबी से जूझे। लिहाजा सरकार ने सीबीआई जांच कराने से मना कर दिया। इसका तोड़ भी नेता प्रतिपक्ष ने निकाल लिया। सरकार को प्रस्ताव भेजा कि जांच समिति बनाई जाए जिसका अध्यक्ष बनने के लिए वह तैयार हैं। अब तक सरकार का जवाब नहीं आया है। जाहिर है कि इस मामले की तह तक पहुंचने में किसी को भी रूचि नहीं है। जिस तेजी के साथ सारा मामला उठा था उससे भी दुगनी गति से उत्तराखंड पुलिस की फजीहत करा कर यह प्रकरण अब शांत हो गया है। रूबी पर कार्रवाई तक सिमटे जांच के तरीके ने उत्तराखंड पुलिस को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। 

तम्बाकू साइलेंट किलर हैः राज्यपाल

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देहरादून,25 मई (निस)। राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल ने युवाओं के लिए अपने प्रेरक सम्बोधन में कहा कि ‘तम्बाकू साइलेंट किलर है‘ इसके सेवन के भंयकर दुष्परिणाम देख्ेा गये हैैं। तम्बाकू सेवन जैसी बुरी आदतों से बचने के लिए युवाओं को स्वयं को रचनात्मक कार्यो से जोड़ना होगा। प्राणायाम, योग का एक ऐसा अभ्यास है जो तम्बाकू सेवन जैसी अन्य सभी बुरी लतों से मुक्त रखने का आत्मबल देने के साथ ही रचनात्मक कार्यो के लिए प्रेरित करता है। राज्यपाल ने, संसार में तम्बाकू सेवन तथा भारत में इसके चलन के इतिहास की जानकारी दी और इसके सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों का भी उल्लेख किया।  उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में ‘वल्र्ड लंग फाउन्डेशन‘ के सौजन्य से सोमवार को देहरादून के राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद  राज्यपाल ने बच्चों से कहा यदि आपका पसंदीदा फिल्मी हीरो या अन्य कोई व्यक्ति जिससे आप प्रभावित हों वह तम्बाकू या अन्य किसी नशे का  सेवन करता हो तो उससे प्रभावित न हों। बुरी आदतों के प्रभाव से भटकाव को रोकने के लिए खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखे। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए वल्र्ड लंग फाउडेंशन की पहल और प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों तथा सार्वजनिक स्थानों आदि के आस-पास किसी भी प्रकार की नशीली सामग्री के क्रय-विक्रय पर कठोर कार्यवाही आवश्यक होने के साथ ही बुरे व्यसनों के खिलाफ युवाओं में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने भी जरूरी है।  कार्यक्रम में, तम्बाकू के सेवन के दुष्परिणामों से लोगों को जागरूक बनाने के अभियान के अन्र्तगत आयोजित राज्यस्तरीय निबंध तथा चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर आयोजकों द्वारा राज्यपाल को एक विशेष स्मृति चिन्ह भेंट किया गया जिसका घंटा बजाकर राज्यपाल ने उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त राज्य बनाने के संकल्प का प्रतीकात्मक शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य सचिव श्री एन. रविशंकर तथा अपर मुख्य सचिव श्री एस. राजू ने तम्बाकू मुक्त प्रदेश बनाने की पहल की सराहना करते हुए  बच्चों को इस हानिकारक व्यसन से दूर रहने की सलाह दी। वल्र्ड लंग फाउन्डेशन के चेयरमैन डा0 जी.आर. खत्री ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आकड़ेा के आधार पर तम्बाकू के सेवन से होने वाली मृत्यु की संख्या व अन्य दुष्परिणामों पर विस्तृत प्रकाश डाला।

प्रदेश सरकार माफियाओं व नौकरशाही के आगे लाचारः अजय भट्ट

देहरादून,25 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कभी प्रदेश के कृषि मंत्री कहते हैं कि प्रदेश सचिवालय में सेटिंग और गेटिंग का खेल चल रहा है और नौकरशाह किसी की बात नहीं सुनते हैं, तो अब प्रदेश के कद््ावर राजस्व मंत्री ने अपनी दिल की पीड़ा बयां कर कहा कि यहाॅं कोई किसी की नहीं सुनता है जब मुख्यमंत्री के आदेश हवा में उड़ते हों तो हम क्या हैं। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचार सरकार इससे पहले प्रदेश में कभी देखने को नहीं मिली, क्योंकि इतना ही नहीं इससे पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि यहाॅ मेरे आदेश जलेबी की तरह घूमते हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकार नाम की कोई चीज प्रदेश में है ही नहीं, और न ही अधिकारियों को कोई भय है। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचारी में तो सर्वप्रथम सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए वरना प्रदेश के मंत्रीगण जो इस लाचारी के साथ अपना आत्मसम्मान भी गंवा रहे हैं कम से कम उन्हें तो अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तत्काल अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार की इस लाचारी पर तरस आता है कि जब कोई विभागीय मंत्री के सामने उनके विभाग के ही अधिकारी यह कहते हों कि काश मुख्यमंत्री आते तो कोई आदेश होने की उम्मीद जगती क्योंकि विभागीय मंत्री की तो इस प्रदेश में कोई सुनता ही नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता हो कि मंत्री के अधिकारियों को ही मंत्री के सामने उनकी लाचारी को उजागर करना पड़ा हो। श्री भट्ट ने कहा कि ऐसी लाचारी से जहाॅ सरकार आये दिन मात्र दिन बिताने का काम कर रहे हों वहीं दूसरी पूरे प्रदेश की आये दिन दुर्दशा हो रही है ऐसी स्थिति में नैतिकता के आधार पर बिना एक पल बिताये सरकार को प्रदेश की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार मात्र खनन और शराब माफियाओं की कठपुतली बनकर काम कर रही है, बिते दिनों विकासनगर की एएसपी द्वारा तस्करों से चरस ही नहीं पकड़ी गयी बल्कि उन्होंने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ भी जमकर मोर्चा खोल रखा था और लाखों रूपये के चालान कर प्रदेश के खजाने में जमा कराने के आदेश दिये थे, किन्तु शायद उन्हें भी नहीं पता था कि यह खनन माफिया कोई और नहीं बल्कि स्वयं पूरी प्रदेश की सरकार है, और इसके एवज में उन्हें समय से पहले अन्यत्र स्थानान्तरित कर पुरस्कृत किया जायेगा। श्री भट्ट ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी अच्छा काम कर रहे हों और वह भी माफियाओं के खिलाफ तो उन्हें सरकार तत्काल अन्यत्र स्थानान्तरित कर उनका मनोबल तुरंत गिरा देती है, क्योंकि खनन कोई और नहीं बल्कि सरकार के ही लोग कर रहे हैं, खनन के खिलाफ इससे पूर्व भी हरिद्वार के एसएसपी ने जब मोर्चा खोलने का प्रयास किया और अपनी ईमानदारी का परिचय देना प्रारम्भ किया था तो उन्हें भी मात्र चंद महीनों में हटा दिया गया था। श्री भट्ट ने कहा अब ताजा उदाहरण विकासनगर के एएसपी तृप्ति भट्ट जो कि अंडर ट्रेनिंग थी और उन्हें कम से कम तीन महीने तक वहाॅ पर बने रहना था किन्तु सरकार ने आवाज उठाने के एवज में उन्हें भी पुरस्कृत कर समय से पूर्व ही स्थानान्तरण कर दिया।

एक सौ छह वर्ष पहले 25 मई को बिजली से रोशन हुई थी मसूरी

देहरादून,25 मई (निस)। मसूरी के पास गलोगी पावर हाउस के अस्तित्व में आने के बाद 106 साल पहले 25 मई को ही ब्रिटिश काल के दौरान पहाड़ों की रानी मसूरी बिजली की रौशनी से जगमगाई थी। गलोगी उत्तर भारत का पहला और देश का दूसरा जल विद्युत गृह है, जहां विद्युत उत्पादन शुरू हुआ था। अपनी प्राकृतिक फिजा के कारण मसूरी अंग्रेजी की पंसददीदा जगह बनी, इसलिए अग्रेजी शासन के दौरान मसूरी मे हर प्रकार की नागरिक सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए। इनमें विद्युत सुविधा मुहैया कराना भी एक था। इसके लिए मसूरी-देहरादून मार्ग पर भट्टा गांव से करीब तीन किमी नीचे तलहटी में सिटी बोर्ड मसूरी के माध्यम से गलोगी पावर हाउस का निर्माण करवाया गया। पावर हाउस की टरबाइन, पाइप और अन्य विद्युत सामग्री इंग्लैंड से समुद्र के रास्ते मुंबई मंगवाई गई। वहां से देहरादून तक रेल और देहरादून से राजपुर होते हुए गलोगी तक बैलगाडि़यों से यह सामान लाया गया। एक पावर हाउस हालांकि 1907 में बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना होने के कारण अंग्रेज अधिकारी इसको चालू करने से पहले शत-प्रतिशत आश्वस्त हो जाना चाहते थे। लिहाजा, लगभग सवा साल तक ट्रायल लेते रहे और पूरी तरह आश्वस्त हो जाने के बाद 1909 में 25 मई का दिन मसूरी को विद्युत प्रकाश देने के लिए दिन नियत किया गया। आखिर वह शुभ घड़ी भी आ गई और 25 मई की शाम लाईब्रेरी चैक में जब बिजली के लट्टूओं ने चमक बिखेरी तो मसूरीवासी हतप्रभ रह गए। सबसे पहले सरकारी कार्यालयों को विद्युत सप्लाई दी गई और उसके बाद स्कूल, होटल और घरों को विद्युत कनेक्शन दिए गये। बाद में देहरादून के राजपुर, अनारवाला आदि स्थानों तक भी बिजली पहुंचाई गई। वर्तमान में भी गलोगी पावर हाउस से मसूरी के झड़ीपानी व बार्लाेगंज के इलाकों सहित कई क्षेत्रों को विद्युत सप्लाई दे रहा है।

सीएम ने लिया हेमकुण्ड साहिब यात्रा का जायजा 

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देहरादून,25 मई (निस)। सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हेमकुण्ड साहिब यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हेमकुण्ड साहिब यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए की गई तैयारियों पर संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा हेमकुण्ड साहिब की यात्रा के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई है। लोनिवि को निर्देश दिये गये है कि सड़क मार्ग पर जहां-जहां पर मरम्मत की आवश्यकता है, वहां पर तत्काल मरम्मत की जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हेमकुण्ड़ साहिब यात्रा व्यवस्थाओं की तैयारी के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गुरूद्वारे में श्रद्धालुओं को पहाड़ी व्यंजन उपलब्ध हो, इसके प्रयास किये जाय। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों के विपणन हेतु जिला प्रशासन ठोस कार्ययोजना तैयार करे। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि लोनिवि द्वारा गुरूद्वारा से पुलना तक मोटरमार्ग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 66 मीटर टाइल्स बिछाने का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। हाई मास्क लाइट स्थापित की जा चुकी है। सुलभ शौचालय का निर्माण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा। चार रैन शेल्टर तथा चालीस स्टील बैंच स्थापित कर दिये गये हैं। अधिशासी अभियन्ता लोनिवि ने बताया कि यात्रा मार्ग में 9 कूड़ादान स्थापित किये गये हैं व मार्ग निर्माण हेतु 18 गैंग जिसमें 74 मजदूर लगाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने लोनिवि को 2 किमी. पुलना पैदल मार्ग के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए बताया गया कि गोविन्दघाट गुरूद्वारे की सुरक्षा दीवार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विभाग को गुरूद्वारे से एन.एच. लिंक मार्ग तक मोटर मार्ग की सुरक्षा के लिए वायर गेटिंग करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के भी निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग को मोबाईल फार्मासिस्टों की तैनाती एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये। जिला पूर्ति अधिकारी को पूरी यात्रा के दौरान मिट्टी तेल तथा खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए भण्ड़ारण की व्यवस्था के निर्देश दिये गये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जल संस्थान पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाये रखे। बैठक के दौरान अध्यक्ष नगर पालिका परिषद जोशीमठ द्वारा मारवाड़ी में भूस्खलन के कारण नदी मे आये बोल्ड़रों से बनी झील से जोशीमठ शहर को खतरा बताते हुए नदी किनारे सुरक्षा दीवार की माॅग की। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को आंगणन तैयार करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने घांघरिया का हवाई सर्वे भी किया। इस अवसर पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष व हेमकुण्ट साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, उपाध्यक्ष बीस सूत्री कार्यक्रम व विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र सिंह भण्ड़ारी, प्रबन्धक गुरूद्वारा समिति सेवा सिंह, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, जिलाधिकारी अशोक कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी, गुरूद्वारा कमेटी के पदाधिकारी एवं कार सेवक आदि उपस्थित थे।

अमर शहीद श्रीदेव सुमन को याद किया 

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देहरादून,25 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में टिहरी जन क्रांति के नायक शहीद श्री देव सुमन की जयंती के अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया। बीजापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के बलिदान को भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे एक अदभुत व्यक्तित्व वाले थे। दुनिया में जब कभी भी अपने देश के लिए बलिदान होने वालों का इतिहास लिखा जायेगा, उसमें श्रीदेव सुमन का नाम सबसे ऊपर याद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन का सदैव यह विचार रहा है कि दरिद्रनारायण की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहे। उन्होंने कहा कि हमारा भी यही ध्येय है, कि हम दरिद्र नारायण की सेवा तन, मन, धन से करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीदेव सुमन ने इस क्षेत्र के लिए जो बलिदान दिया, संघर्ष किया, उसे कभी भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण भी संघर्षों से हुआ है और हमें प्रयास करना होगा कि हम इसे एक आदर्श प्रदेश बनाये। वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं गोष्ठी का आयेाजन किया गया। कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हेें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन ने टिहरी में प्रजामण्डल की स्थापना कर सामन्तशाही के खिलाफ आन्दोलन चलाते हुए 28 वर्ष की कम उम्र में 84 दिन की अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल कर टिहरी को राजशाही से मुक्त करवाया था। इस आन्दोलन में उन्हें अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से मांग की कि अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जीवन वृत्त को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए प्रत्येक पुस्तकालय में उनके जीवन वृत्त को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाया जाय। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि उनकी स्मृति को अक्षुण बनाये रखने के लिए टिहरी झील का नाम श्रीदेव सुमन सागर रखा जाय। गोष्ठी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता दीपेन्द्र हुड्डा, प्रदेश महामंत्री राजेश जुवांठा, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, प्रदेश मुख्य समन्वयक राजेन्द्र शाह, सचिव दीप बोहरा, महानगर कार्यकारी अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, पार्षद जगदीश धीमान, गंगा क्षेत्री, विपुल नौटियाल, शरद चैहान, धर्मसिंह पंवार, राजेश पाण्डे, इन्द्रदेव डोभाल, अमरजीत सिंह, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश कौशिक आदि ने संबोधित किया। गोष्ठी का संचालन प्रदेश सचिव गोपाल चमोली ने किया।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार, सचिव मेहरलता जज, संजय किशोर, विवेकानन्द खण्डूरी, एनएसयूआई के श्याम सिंह चैहान, अनिल गुप्ता, जिलाध्यक्ष दीन मोहम्मद, महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सेवादल के रामविलास रावत, कुंवर सिंह यादव, आईटी प्रकोश्ठ के अमरजीत सिंह, अल्पसंख्यक अध्यक्ष मंजूर अहमद बेग, अनिल नेगी, स्वाति नेगी, अनिल गुप्ता, नजमा खान, टीका राम पाण्डे, पायल बहल, रोशनी गोदियाल, पुष्पलता ममगांई, सावित्री थापा, सुधा शुक्ला, राजकुमारी, सुलेमान अली, विशाल मौर्य, पुष्पा देवी, नासिर हुसैन, भरत शर्मा, बाला शर्मा, माया देवी, संगीता देवी, महावीर सिंह नेगी, श्रवण रजौरिया, आशीष उनियाल, भरत शर्मा, ललित जोशी, संयोगिता रानी, सरोज देवराडी, पुष्पांजलि दीवान, अनुराधा तिवारी, बिमला मन्हास, राधिका शर्मा, आशा शर्मा, विजय लक्ष्मी गुसांई, नीरज यादव, रविन्द्र रावत, रवि ठाकुर, गोविन्द थापा, उपेन्द्र थापली, जयराम चैहान, सोनू तिवारी, पंकज अग्रवाल, लता जोशी,यशपाल चैहान, सोनू तिवारी, सहित अनेक कांगे्रस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कंुजवाल ने मनाया 70 वां जन्म दिवस 

देहरादून,25 मई (निस)। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल का 70 वां जन्म दिवस उनके आवास तल्ली बमौरी हल्द्वानी में बडी सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल डा. केके पाॅल, प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत, वित्त मंत्री डा. श्रीमती इन्दिरा हृदयेश, कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल ने दूरभाष पर श्री कुंजवाल को जन्म दिवस की बधाई देते हुए उनकी दीर्घायु एवं स्वास्थ जीवन की मंगलकामना की, वहीं श्री कुंजवाल को उनके 70 वें जन्मदिवस की बधाई देने हेतु उनके आवास पर प्रातः से ही लोगों का तांता लगा रहा। श्री कुंजवाल को बधाई देने वालों में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद् के उपाध्यक्ष तारादत्त पांडे, मलिन बस्ती सुधार समिति के सदस्य खजान पांडे, जलागम प्रबन्धन परिषद् के उपाध्यक्ष दिनेश कुंजवाल, अल्मोडा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशांत भैसोडा, पूर्व प्रधानाचार्य एनएस मालसूनी, नगरपालिका पिथौरागढ़ के अध्यक्ष जगत सिंह खाती, पूर्व प्रमुख लक्ष्मण सिंह लमगडिया, बलवन्त सिंह मेहरा, डा0 बुकमैन, सरदार गुरमीत सिंह, अजय गुप्ता, धीरेन्द्र बिष्ट, आयुक्त कुमायूं एएस नयाल, जिलाधिकारी दीपक रावत सहित कई प्रशासनिक अधिकारी, समाजिक राजनैतिक कार्यकता व मीडिया कर्मी मौजूद थे। इस अवसर पर श्री कुंजवाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारें कन्धों पर उत्तराखण्ड राज्य की उन्नति का लक्ष्य है, जिसे पूरा करने के लिए हमें निरन्तर प्रयासरत रहना होगा, ताकि जनता के सपनों को पूर्ण किया जा सके तथा प्रदेश का नाम देश ही नहीं विदेंशों में भी रोशन हो सके।

मुख्यमंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक के ई-कुबेर कोर बैंकिग का किया उद्घाटन

देहरादून,25 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखण्ड राज्य हेतु ई-भुगतान एवं ई-प्राप्ति सुविधा (ई-कुबेर, रिजर्व बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा और ई-कोष, राज्य सरकार केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली का समेकन) का उद्घाटन सचिवालय परिसर में किया गया।  मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह व्यवस्था लाभकारी सिद्ध होगी। इससे राज्य सरकार व आरबीआई के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होगा। हमारे यहां पहले से ही सभी कोषागार आॅन लाईन भुगतान प्रणाली पर कार्य रहे है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों और अगस्त 2014 के दौरान मुख्य सचिवों एवं वित्त सचिवों के सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्य सरकारों हेतु ई-प्राप्ति और ई-भुगतान सुविधा के क्रियान्वयन को विशिष्ट प्राथमिकता दी है। इसलिए रिजर्व बैंक ने ई-कुबेर (रिजर्व बैंक की करेर बैंक्रिंग सुविधा) आधारित ई-भुगतान और ई-प्राप्ति का एक मानकीकृत माॅड्यूल विकसित किया है जो प्रत्येक राज्य सरकार की आवश्यकताओं पर उनकी विशिष्ट आन्तरिक प्रक्रिया के होते हुए भी खरा उतरता है। चूॅकि ई-कुबेर आईएसओ20022 मेसेजिंग स्टैण्डर्ड को सूचना अन्तरण हेतु प्रयोग करता है, इसलिए यह राज्य सरकारों के विभिन्न प्रणाली के साथ, सुरक्षा एवं संदेशों की पूर्णता पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एकीकरण कर लेता है। मानकीकृत ई-भुगतान माॅड्यूल ई-कुबेर और राज्य सरकार के ई-कोष(केन्द्रीकृत कोषगार प्रणाली) के मध्य सुरक्षित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेंसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित इंटरफेस के जरिए राज्य सरकार के भुगतानों की सीधी एवं त्वरित प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है। पूरी तरह से स्वचालित प्रक्रिया होने के कारण संदेशों की एक छोर से दूसरे छोर तक निर्बाध प्रोसेसिंग, गणना और स्क्राॅल का सृजन एवं प्रेषण होता है। यह माॅडयूल सुनिश्चत करता है कि सभी भुगतानों की कुशल प्रोसेसिंग हो और लाभार्थियों को बिना विलंब के भुगतान प्राप्त हो। इस माॅड्यूल के जरिए राज्य सरकार को प्रतिदिन स्क्राॅल उपलब्ध होंगे जिसके द्वारा राज्य सरकार अपनी निधियों का अधिक कुशलता से प्रबन्धन कर सकेगी।  इस अवसर पर आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक आर.एल.शर्मा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, मुख्य सचिव एन. रवि शंकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

राधावल्लभ शारदा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर स्वागत किया

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  • बैतूल मीडिया सेंटर में जनसम्पर्क कार्यालय की मांग

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बैतूल। बड़े हर्ष का विषय है कि वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय दादा राधावल्लभ जी शारदा प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ इंडियन फेडरेशन ऑफ मीडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। विगत माह में विलासपुर (छग) में 21 प्रांतों के पत्रकार संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों ने सर्वानुमति से दादा को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना। यह हमारे लिये गर्व का विषय है। जब हमारे अपने को कोई उपलब्धी होती है तब हम एक आयोजन कर उनका स्वागत सम्मान करते है जिससे आम जनों तक हमारी भावना पहुंचती है। 

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय महासचिव श्री प्रवीण गुगनानी जी (मो. 9425002270) एवं बैतूल जिला इकाई के अध्यक्ष श्री नवल वर्मा (मो. 9425002316) के प्रयास एवं जिले के पत्रकारों के सहयोग से 22 मई 2015 को बैतूल में दादा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर स्वागत समारोह रखा। इस अवसर पर जहां दादा का सम्मान हुआ वहीं हमारे प्रदेश अध्यक्ष का जिले के पत्रकार साथियों से मिलना हुआ जिससे संगठन को ताकत मिली। पत्रकारों ने अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया। दादा ने समस्याओं के समाधान का रास्ता दिखाया। 

बैतूल जिले में कार्यरत बहुत से पत्रकार साथी किराये के आवास में रहते है उन्हें एक गृह निर्माण सहकारी संस्था बनाने तथा शासन स्तर से उचित दर पर शासकीय भूमि दिलाने का आश्वासन दिया। इसी अवसर पर बैतूल के मीडिया सेंटर जिसमें शासकीय ताला डला है को जनसम्पर्क विभाग को देकर बैतूल जनसम्पर्क विभाग का कार्यालय बना दिया जाये। आज बैतूल में जनसम्पर्क कार्यालय किराये के भवन में संचालित होता है। समस्या सुनने के बाद वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने पत्रकार साथियों को आश्वासन दिया कि उच्च स्तर पर चर्चा कर समस्या का समाधान निकाला जायेगा।

मूरी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 4 यात्री मरे, 250 घायल

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  • 10 डिब्बे पटरी से उतरे, घंटों ठप रहा आवागमन 
  • मृतक परिजनों को दो-दो लाख व घायलों को 50-50 हजार 
  • हादसे की वजह ड्राइवर की लापरवाही बतायी जा रही है 

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उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद-कानपुर रेलवे मार्ग के कौशांबी-सिराथू स्टेशन के राउरकेला से जम्मूतवी जा रही मूरी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। इसके चलते टेन के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। जिसमें एसी के दो बोगी, स्लीपर के पांच बोगी व एक जनरल बोगी शामिल है। बताया जा रहा है पटरी से उतरे डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ गए हैं। हादसे में पांच यात्रियों की मौत हो गयी है, जबकि 260 यात्री गंभीर रुप से घायल है। मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। घटना की जानकारी होने पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा सहित जीएम एनसीआर और डीआरएम इलाहाबाद पहुंच गए है।

अधिकारियों ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मुगलसराय और इलाहाबाद से भी रेलवे की राहत टीमें मौके पर पहुंच गयी है। यूपी सरकार के मुख्य सचिव ने तुरंत राहत कार्य शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के चलते दिल्ली-हावड़ा अप और डाउन रुट बंद कर दिया गया है। कई ट्रेनों को आसपास के स्टेशनों पर रोक दिया गया है। रेलवे की तरफ से हेल्पलाइन नंबर 05121072 किया गया है। इसके अलावा हादसे में मृतक परिजनों को दो-दो लाख रुपए व घायलों को पचास-पचास हजार देने का एलान किया है।

महिला ऩक्सली की हत्या के विरोध में गया में नक्सलियों का उत्पात

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भारी हथियारों से लैस माओवादियों ने बिहार और झारखंड में अपने दो दिवसीय बंद के पहले दिन आज जिले में ग्रांड ट्रंक रोड पर टैंकरों और कंटेनरों समेत 32 वाहनों को आग लगा दी. बंद का आह्वान माओवादियों ने अपनी एक महिला नेता के मारे जाने की घटना के विरोध में किया है. हालांकि कोलकता को नई दिल्ली से जोड़ने वाले इस मार्ग पर तड़के हुए इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ और यातायात बहाल हो चुका है.

पटना जोनल महानिरीक्षक (आईजी) कुंदन कृष्णन ने बताया कि बिशनपुर और ताराडीह गांवों के निकट जीटी रोड पर 50 से अधिक माओवादियों ने 32 वाहनों को आग लगा दी. उन्होंने बताया कि इन वाहनों में से चार टैंकरों में गैस सिलिंडर थे और एक वाहन में डीजर भरा हुआ था. माओवादियों ने इन टैंकरों में वाहन चालक के बैठने वाली जगह को आग लगा दी लेकिन आग टैंकों तक नहीं पहुंच पाई. उन्होंने बताया कि हमलावरों ने एक कार को आग लगाने से पहले उसमें बैठे परिवार को सुरक्षित जाने दिया.

माओवादियों ने 16 मई को सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ स्पेशल एरिया समिति की सदस्य सरिता उर्फ उर्मिला गंझू की मौत के विरोध में बंद का आह्वान किया है. महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस बल और गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपमहानिरीक्षक घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और जले हुए वाहनों को हटा दिया गया है.

कृष्णन ने कहा कि दो दिवसीय बंद के मद्देनजर इलाके में माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें रोकने के लिए विशेष अभियानों पर विचार किया जाएगा. इस बीच राज्य के सारण जिले के पानापुर में भी सशस्त्र माओवादियों ने एक मोबाइल टावर को आग लगा दी.

आप सरकार ने गिनाईं 100 दिन की उपलब्धियां, मोदी पर प्रहार

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में कैबिनेट बुलाकर जनसमूह को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केंद्र में 'तानाशाह'सरकार चला रहे हैं। उप-राज्यपाल नजीब जंग के साथ जारी विवाद में सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से उत्साहित केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए दिल्ली में तानाशाही लागू करने की कोशिश कर रही है।  उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में कहा कि उप-राज्यपाल दिल्ली में विधायी मामलों में निर्णय नहीं ले सकते।

केजरीवाल ने कहा, "हम केंद्र सरकार के साथ लड़ नहीं रहे, बल्कि हम तो उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। लेकिन भाजपा-नीत केंद्र सरकार दिल्ली में तानाशाही थोपना चाहती है, क्योंकि वे विधानसभा चुनाव में आप को मिले भारी बहुमत को पचा नहीं पा रहे।"गौरतलब है कि दिल्ली की आप सरकार और उप-राज्यपाल के बीच चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एक 21 मई को अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में लोक व्यवस्था, पुलिस और सेवाओं के मामले में निर्णय लेने का अधिकार उप-राज्यपाल को है। केजरीवाल ने कहा, "हमने प्रधानमंत्री से कहा है कि आपको संसद में बहुमत मिला है और हमें दिल्ली की विधानसभा में। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का यह सुनहरा अवसर है, लेकिन यह तो तानाशाही है।"

केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर दिल्ली वासियों को बधाई दी जिसमें अदालत ने कहा है कि दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विपिन संघी की पीठ ने सोमवार को कहा कि दिल्ली पुलिस के अधिकारी एसीबी के क्षेत्राधिकार में आते हैं। साथ ही न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 2014 में जारी उस अधिसूचना पर भी सवाल उठाए जिसमें कहा गया था कि एसीबी को केवल दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ नहीं।

न्यायाधीश संघी ने कहा, "मैंने यह पाया है कि पीसी एक्ट के तहत आने वाली शिकायतों पर एसीबी के जरिए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) के कार्यकारी अधिकार को जीएनसीटीडी के अधिकारियों और कर्मचारियों तक सीमित करने के संबंध में 23 जुलाई 2014 को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती थी।"केजरीवाल ने कहा, "पिछले वर्ष 49 दिनों की आप सरकार के दौरान एसीबी ने भ्रष्टाचार में लिप्त कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। हमारा कार्यकाल खत्म होते ही केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर एसीबी के अधिकार क्षेत्र को सीमित कर दिया।"

मोदी सरकार में आर्थिक दृष्टि का अभाव : चिदंबरम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार में आर्थिक दृष्टि का अभाव है। चिदंबरम ने एक निजी चैनल से कहा कि सरकार का प्रथम वर्ष गंवाए हुए अवसर का साल रहा। उन्होंने नकद सब्सिडी हस्तांतरण तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की कई और योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की हालांकि सराहना भी की। उन्होंने कहा कि सरकार का सबसे बड़ा नकारात्मक पक्ष कृषि पर ठीक तरह से ध्यान न देना रहा। उन्होंने कहा, "कृषि से संबंधित आय नहीं बढ़ रही है। इसलिए कृषि क्षेत्र में मांग नहीं बढ़ रही है।"

उन्होंने सरकार पर कल्याणकारी योजनाओं में कटौती करने का आरोप लगाया। उन्होंने साथ ही वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की समय सीमा को एक साल आगे बढ़ाने पर भी नाराजगी दिखाई। फरवरी में पेश बजट में जेटली ने 2015-16 के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.9 फीसदी, 2016-17 के लिए 3.5 फीसदी और 2017-18 के लिए 3.0 फीसदी रखा है। उन्होंने 'मेक इन इंडिया'को सिर्फ नारा बताया और कहा, "कुछ भी नहीं हुआ है और भारत में विनिर्माण करने के लिए कोई नहीं आया है।"

मोदी यानी मर्डरर ऑफ डेमोक्रेटिक इंडिया : जयराम रमेश

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केंद्र में काबिज नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बनारस के छावनी इलाके में स्थित एक होटल में मीडिया के सामने रिपोर्ट कार्ड रखा। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि नमो का मतलब 'नो एक्शन मैसेजिंग ओनली'है, जबकि मोदी शब्द का असली मतलब 'मर्डरर ऑफ डेमोक्रेटिक इंडिया'है। जयराम रमेश ने मथुरा में मोदी के रिपोर्ट कार्ड पेश करने पर व्यंग्य किया। उन्होंने कहा, "पीएम को हेमा मालिनी ने बुलाया है, इसलिए रैली के लिए उन्होंने मथुरा को चुना, बनारस को नहीं।"

प्रधानमंत्री के विदेश भ्रमण पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी की तरह सुपर गगन विहारी वाजपेयी बनकर विदेशों का भ्रमण कर रहे हैं।" जयराम रमेश ने कहा, "मोदी आजकल केवल अपनी भक्ति का योग सभी को सिखा रहे हैं। केंद्र में सरकार भाजपा की नहीं, बल्कि मोदी हुकूमत है जहां मंत्री केवल संतरी बनकर रह गए हैं। किसी की हिम्मत नहीं कि मोदी के सामने कुछ बोल दे। वह बुलेट ट्रेन का सपना दिखा रहे हैं और भारत के ट्रेनों में शौचालय तक नहीं हैं।"

उन्होंने कहा कि मोदी का 'काउंट डाउन'शुरू हो चुका है। पहले दिल्ली चुनाव में हार, इसके बाद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर हार और तीसरी हार बिहार चुनाव में होनी है।  रमेश ने कहा कि मोदी सरकार 'किसान मुक्त'भारत बना रही है। इस समय नरेंद्र मोदी का 'यू-टर्न'चल रहा है। आधार कार्ड, भूमि अधिग्रहण विधेयक, नमामि गंगे और जीएसटी, एफडीआई-ये सभी योजनाएं यूपीए की थीं। मोदी ने इनमें कुछ संशोधन कर केवल नाम बदल दिया है।

जिनके बुरे दिन आए हैं, उनके अच्छे दिन की गारंटी नहीं : प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में आयोजित जनकल्याण रैली को संबोधित करते हुए विरोधियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने लोगों से पूछा कि भाजपा सरकार बनने के बाद बुरे दिन गए या नहीं? आगे कहा, "अब जिनके बुरे दिन आए हैं, वे चीख रहे हैं और चिल्ला रहे हैं। जिनके बुरे दिन अब आए हैं, उनके अच्छे दिन आने की अब कोई गारंटी नहीं है।"मोदी ने कहा कि ब्रज की भूमि के कण-कण में श्रीकृष्ण का वास है। सरकार चाहती तो एक वर्ष पूरा होने का जश्न किसी भी दिल्ली जैसे बड़े शहर में कर सकती थी, लेकिन इसके लिए मथुरा को चुना गया। 

उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, गांधी और लोहिया को अपना प्रेरणास्रोत बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन तीन महापुरुषों ने देश की राजनीति में अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने इन्हें भारतीय राजनीति का मार्गदर्शक बताया। यूपीए सरकार पर सवाल उठाते हुए मोदी ने अपने संबोधन में यूपीए को घोटालों की सरकार बताया। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान भारत की धाक पूरी दुनिया में बढ़ी है। देश में घोटालों की सरकार का खात्मा हुआ है और भ्रष्टाचार में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के शासनकाल में किसी तरह के घोटाले की खबर किसी ने नहीं सुनी होगी, जबकि यूपीए सरकार में यह बेहद आम बात थी। उन्होंने देश की राजनीति में बदलाव लाने के लिए लोगों का शुक्रिया भी अदा किया। 

मोदी ने कांग्रेस को परिवारवाद की राजनीति करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि देश की जनता ने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाकर परिवारवाद की राजनीति को जड़ से उखाड़ फेंका। प्रधानमंत्री ने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के आदर्शो से प्रेरणा लेकर ही कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। दस लाख रुपये के सूट को लेकर चर्चित मोदी ने कहा कि जिस सादगी में पंडित जी ने जीवन बिताया, वह सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।  नगला चंद्रभान में स्थित दीनदयाल धाम में उनकी प्रतिमा को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी ने कहा कि देश के किसी भी कोने में पर्यावरण की रक्षा कैसे करनी चाहिए, महिला सशक्तीकरण कैसे हो, किसी गांव का समुचित विकास कैसे हो यह दीनदयाल जी के जीवन से सीखा जा सकता है। 

मोदी ने कहा, "इस पवित्र जगह पर आने का अवसर मिला, इसके लिए मैं सदैव आभारी रहूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष से स्वयं मैंने दीन दयाल धाम आने का आग्रह किया था। इसके साथ ही अटल जी के गांव जाने और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के गांव जाने की बात जेहन में आई थी।"मोदी ने कहा, "दीनदयाल धाम से जो प्रेरणा मिलेगी, वह आगे आने वाले समय में काफी काम करेगी। जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसमें एक नया संचार होगा।"उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में इस रैली का आयोजन किया गया है। भाजपा ने इसे 'जनकल्याण पर्व'नाम दिया है। उत्तर प्रदेश में अब केंद्रीय मंत्रियों की रैलियां होंगी। सोमवार को प्रधानमंत्री ने रैली श्रृंखला की शुरुआत की है।

विशेष : सदमें से किसान की मौत : मरता है कोई तो मर जाए.........

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अपने देश में प्राकृतिक(दैवीय) आपदा से त्रस्त लोग मानवजनित आपदाओं के प्रकोप की पीड़ा सहज नहीं कर पा रहे हैं-परिणाम यह हो रहा है कि वह आत्महत्या करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश सूबे में गत महीनों चक्रवातिक बरसात से किसानो की फसल बरबाद हो गयी थी। सरकार ने रहम कर पीड़ितों को क्षतिपूर्ति देने का फरमान जारी कर दिया। क्षतिपूर्ति की धनराशि ऊँट के मुँह मे जीरा ही साबित हो रही है, साथ ही पात्र किसान राहत का चेक पाने से वंचित भी हो रहे हैं। शासनादेश का अनुपालन करने व कराने वाले जिम्मेदार हुक्मरानों पर कोई असर नहीं पड़ रहा हैं। हुक्मरानों की इस बेरूखी से त्रस्त किसान सदमें में आकर आत्महत्याएँ करना शुरू कर दिये हैं।

जिलों में तैनात सरकारी मुलाजिम ‘कफनखसोट‘ जैसा व्यवहार करने लगे हैं। लेखपाल और राजस्व विभाग के अधिकारी गण अपनी मनमानी पर लगाम नहीं लगा रहे हैं। किसानों की समस्याओं के प्रति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी संवदेनहीन बने हुए हैं। किसानों को राहत चेक मिले या न मिले इससे उनको कोई सरोकार नहीं है।  एक तरह से कहा जा सकता है कि ‘अन्नदाता‘ (किसान) पर सरकारी व्यवस्था भारी पड़ रही है। जनप्रतिनिधि और हाकिम भी इधर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। संकट और समस्याग्रस्त होकर किसान अब असहाय महसूस करने लगा हैं।

कभी ऊपर वाले, कभी इन्द्रदेव/वरूणदेव, कभी अग्निदेव के तान्डव का शिकार होकर आम आदमी विशेष तौर पर किसान अपना सब कुछ गवाँ रहा है। सरकारी इमदाद के नाम पर ऊँट के मुँह मे जीरा जैसी धनराशि का चेक किसानों को मिलेगा ही यह नहीं कहा जा सकता। गरीबोे, किसानों आम लोगों के विकास हेतु नीतियाँ बनाने वाले वातानुकूलित कक्षों में बैठते हैं, इसीलिए उन्हें गर्मी, जाड़ा, बरसात किसी भी मौसम की वास्तविकता का अन्दाज नहीं हो पाता है।

इधर आम आदमी भूखे पेट समस्याग्रस्त रहकर क्या करे, क्या न करे इसी सोच में डूबा डिप्रेस हो जा रहा है। परिणाम यह हो रहा है कि प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित आम किसान अब सरकारी इमदाद के लिये सरकारी दफ्तरों कर चक्कर लगाने लगा है। जिन्हें ‘इमदाद‘ की रकम कैश/चेक नहीं मिल पाती हैं-वह ‘आत्महत्या‘ करने लगे हैं। बीते दिवस एक समाचार पढ़ा था जिसमें लिखा था कि ‘‘राहत का चेक न मिलने के सदमे से किसान की मौत’’ पूरा समाचार पढ़ा जो कुछ इस तरह का था-

उत्तर प्रदेश सूबे के जनपद बाराबंकी की एक तहसील है नवाबगंज। इसी तहसील के गाँव गदिया का निवासी किसान राम आसरे की 15 बीघा गेहूँ की फसल मौसम के कहर से नष्ट हो गई है। बीते दिवस गाँव में नगर विधायक सुरेश यादव फसल नुकसान का राहत चेक बांट रहे थे। कुछ किसानों को चेक वितरित करके विधायक वापस लौट गये। राहत चेक प्राप्त करने की कतार में राम आसरे भी लगा था। पूरे दिन लाइन में लगकर अपनी बारी का इन्तजार करने वाले किसान राम आसरे को अन्ततः पता चला कि उसका चेक अभी बना ही नहीं है, इसलिए उसे चेक बाद में मिलेगा। यह सुनते ही सदमें में आकर राम आसरे बेहोश होकर गिर पड़ा। किसान राम आसरे के पुत्र राम विलास के अनुसार लेखपाल से जब उसने चेक न मिलने की बात किया तो उन्होंने कहा कि अपने पिता से कह दो कि चेक कल आकर ले लेंगे, लेकिन जब तक राम विलास अपने पिता को यह बात बताता तब तक किसान राम आसरे के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। 

यह तो रही किसान राम आसरे की बात। इसके पूर्व हमें बहुत से ऐसे समाचार पढ़ने-सुनने को मिले हैं, जिनमें किसानों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याएँ प्रमुख हैं। अरविन्द केजरीवाल सी.एम. दिल्ली की जनसभा में सार्वजनिक तौर पर आत्महत्या करने वाले हरियाणा के किसान गजेन्द्र सिंह का नाम लोगों की जुबान पर है। इस किसान ने भी फसल बरबादी के सदमें में आकर आत्महत्या कर ली ऐसा कहा जाता है।  कमोवेश कुछ इसी दौरान हमें ऐसे समाचार मिले थे, जिसमें प्राकृतिक आपदा से त्रस्त किसानों, गरीबों ने आत्महत्या करने के साथ ही अपना घर-बार छोड़कर परदेश जाकर रोजी-रोटी कमाने के लिए पलायन करना शुरू कर दिया था, जो अब भी जारी है। सदमा और आत्महत्या जैसी घटनाएँ आए दिन हो रही हैं, यह बात अलग है कि मीडिया में कुछ ही खबरों को सुर्खियाँ मिल पा रही हैं।

हमें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, गोण्डा, अम्बेडकरनगर तथा मध्यप्रदेश के छतरपुर समेत कई अन्य जगहों पर तनावग्रस्त किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने का समाचार मिल चुका है, जिसे हमने हमारे वेब पोर्टल रेनबोन्यूज डॉट इन पर प्रमुखता से स्थान भी दिया है। रामआसरे और गजेन्द्र सिंह जैसे किसानों की मौत की खबर ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक तरफ गरीब किसान, आम आदमी अनेकानेक समस्याओं से ग्रस्त होकर डिप्रेस होने लगा है, वहीं दूसरी तरफ सामाजिक ठेकेदार व सरकारी अहलकार मौके का लाभ लेते हुए अपनी-अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। इन जेब भरने वालों को कफनखसोट न कहा जाए तो क्या कहा जाए...? अब रही बात जनप्रतिनिधि, जननेताओं और उच्च पदस्थ अधिकारियों की तो इन्हें हृदयहीन व संवेदनहीन ही कहा जा सकता है।   किसान सदमें में आए और आत्महत्या करे यह सब इन लोगों के लिए कुछ मायने नहीं रखता, इन्हें बस अपनी सुख-सुविधा, ऐशो-आराम और कफनखसोटी कार्य से ही मतलब रहता है। 

इलाहाबाद, गोण्डा, अम्बेडकरनगर, छतरपुर, दिल्ली कहीं भी किसी भी जगह कोई किसान सरकारी नीतियों के चलते सदमें में आकर अपनी जान दे दे क्या फर्क पड़ने वाला है। सब कुछ तो यथावत् ही संचालित हो रहा है। मरने वाले, वालों के यहाँ रूदन-क्रन्दन कुछ दिन तक फिर उसके बाद स्थिति पूर्ववत्। हर कोई अपना काम बखूबी कर रहा है, चाहे वह प्रकृति हो या फिर मानव। प्रकृति भी ताण्डव मचाये हुए है, और मानव ने भी आसुरी प्रवृत्ति धारण कर लिया है। किसान राम आसरे मरें चाहे गजेन्द्र या फिर कोई और कुछ भी फर्क नहीं पड़ता सरकार, सरकारी अहलकार, जनप्रतिनिधि, सामाजिक ठेकेदारों और पेशेवर कफन खसोटों के ऊपर। इनके ऊपर तो फिल्मी गीत का यह मुखड़ा बिल्कुल सटीक बैठता है कि- ‘‘मरता है कोई तो मर जाए, हम अपना निशाना क्यों छोड़ें.......।’’






live aaryaavart dot com

-रीता विश्वकर्मा
सम्पादक 
रेनबोन्यूज डॉट इन
Mob.No. 8765552676

आलेख : भ्रष्टाचार का गरलःनिजात नहीं सरल

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चाणक्य ने कहा था कि जिस तरह अपनी जिह्ना पर रखे शहद या हलाहल को न चखना असंभव है, उसी प्रकार सरकारी कोष से संबंधित व्यक्ति राजा के धन का उपयोग न करे, यह भी असंभव है। जिस प्रकार पानी के अन्दर मछली पानी पी रही है या नहीं, जानना कठिन है, उसी प्रकार राज कर्मचारियों के पैसा लेने या न लेने के बारे में जानना भी असंभव है।

भारत में यह समय भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ने का है। समस्त देश में भ्रष्टाचार एक व्यापक मुद्दा है जिसके लिए जनता के जनजागरण की आवश्यकता है। जनता जागी है, इसमें सन्देह नहीं है। क्योंकि वर्तमान केन्द्र की सरकार हो या दिल्ली में ‘आप’ की सरकार इसी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर जीत हासिल की है। हमने इससे पहले भी भ्रष्टाचार को लेकर सरकारें बदली है और सरकारें बनाई भी है। लेकिन हम भ्रष्टाचार को रोकने में सफल नहीं हो पाए। इसका कारण यह है कि भ्रष्टाचार सरकारों की खामियों से ही नहीं बल्कि व्यवस्था की खामियों से भी है। यह स्थिति हाल ही में देश के सबसे बडे़ उद्योग चैम्बर फिक्की और प्रख्यात पिंकर्टन कॉरपोरेट रिस्क मैनेजमेंट की ताजा रिपोर्ट से उजागर हुई है। रिपोर्ट के अनुसार देश की आर्थिक प्रगति के सामने सबसे बड़ी समस्या अभी भी भ्रष्टाचार ही है। इस रिपोर्ट में साइबर सुरक्षा में सेंध को दूसरे स्थान पर रखा गया है, जबकि आतंकवाद तीसरे स्थान पर है। यह रिपोर्ट चार वर्षों से एक व्यापक सर्वेक्षण के बाद तैयार होती है। फिक्की का दावा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही कई कंपनियां आगे की रणनीति बनाती हैं। ऐसे में अगर भ्रष्टाचार को अभी भी उद्योग जगत एक बड़ी समस्या मान रहा है तो इसका मतलब है कि मोदी सरकार को मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना है।यह सर्वेक्षण इसलिए भी अहम है क्योंकि इसे निजी व सरकारी कंपनियों के अलावा आम प्रोफेशनल्स व कई अन्य क्षेत्रों के लोगों से बात करने के बाद तैयार किया जाता है। इंडिया रिस्क सर्वे 2015 के मुताबिक भ्रष्टाचार और कॉरपोरेट धोखाधड़ी को सबसे बड़ी अड़चन के तौर पर देखा गया है। यह लगातार दूसरा वर्ष है कि भ्रष्टाचार व कॉरपोरेट धोखाधड़ी को देश की अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़े अरोधक के रूप में देखा जा रहा है। इस सर्वेक्षण में दुनिया की अन्य रिपोर्टों का भी हवाला दिया गया है जिसमें भारत में कारोबार करने की चुनौतियों का जिक्र है। मसलन, विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कारोबार करने के लिए 189 बेहतर देशों की सूची में भारत का स्थान 142वां था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को शीर्ष 50 देशों की सूची में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। यह तभी संभव है जब हम भ्रष्टाचार के विरुद्ध सशक्त लड़ाई लडे़ेगे। क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले सम्पूर्ण राष्ट्रीय गरिमा एवं पवित्रता को धूमिल किये हुए है। 

भारत सरकार की प्रामाणिक संस्थाओं के सर्वेक्षणों ने भी ऐसे ही चैंकानेवाले तथ्यों को  उजागर किया हैं। ये तथ्य आश्चर्यजनक रूप से भ्रष्टाचार के शिष्टाचार बनने की बात को व्यक्त करते है। इन सर्वेक्षणों से पता चला है कि हमारे देश का हर शहरी परिवार हर साल कम से कम 4,400 रुपए रिश्वत देता है और ग्रामीण परिवार 2900 रुपए! शहरों में नौकरी पाने और तबादले करवाने के लिए प्रति व्यक्ति को औसत 18000 रुपए देने पड़ते हैं। एक तरह से हमारे देश में रिश्वत का बाजार लाखों-करोड़ों नहीं, अरबों-खरबों रूपए का है। यह तो तस्वीर केवल प्रशासनिक गलियारों की हैं, राजनीतिक रिश्वत इसमें शामिल नहीं है, जो हमारे नेता लोग खाते हैं। 

सर्वेक्षण के तथ्यों ने हमें चैकाया है, क्या राजनीति के लोग भी चैंके हंै? क्या राजनीतिक शुद्धिकरण के नाम पर और भ्रष्टाचार कोे जड़ से समाप्त करके सत्ता में काबिज होने वाले नेताओं को भी ये तथ्य डराते हैं? क्या उनकी नींद उड़ाने के लिये यह पर्याप्त है? आज जबकि रिश्वत का भ्रष्टाचार तो राष्ट्रीय शिष्टाचार बन गया है। मोदी कैसे इस पर नियंत्रण करेंगे? मोदीजी की क्या योजना है भ्रष्टाचारमुक्त शासन देने की? क्या मोदी कोई ऐसा यंत्र निर्मित करेंगे जो बता सके कि देश में भ्रष्टाचार कितना कम हुआ है? या अब भ्रष्टाचार कोरा चुनाव जीतने भर का हथियार बन कर रह जायेगा? 

हमारा देश विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में आगे बढ़ने के दृश्यों के बीच में कितना पीछे होता जा रहा है, सहज की महंगाई, भ्रष्टाचार, सामाजिक-आर्थिक अन्याय एवं बेरोजगारी की विभीषिका से अन्दाज लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने भ्रष्टाचार को मुद्रास्फीति के साथ भारत की विकास दर में सर्वोच्च रुकावट माना है। यह भारत में गिरती नैतिकता की महत्वपूर्ण स्वीकारोक्ति है। सरकार का हर स्तंभ अभी भी भ्रष्टाचार की काली छाया से मुक्त नहीं है। 

आज नैतिकता को भी राजनीतिक दल अपने-अपने नजरिये से देखने को अभिशप्त हैं। राजनीति से जुड़े लोगों के लिये भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र का निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता होनी ही चाहिए। शोषित एवं वंचित वर्ग के बढ़ते असन्तोष को बलपूर्वक दबाने के प्रयास छोड़ कर भ्रष्टाचार मुक्त एवं सामाजिक समरसता वाले भारत के निर्माण की दिशा में प्रयत्न किये जाने की आवश्यकता है। हमारे राष्ट्र की लोकसभा का यही पवित्र दायित्व है तथा सभी प्रतिनिधि भगवान् और आत्मा की साक्षी से इस दायित्व को निष्ठा व ईमानदारी से निभाने की शपथ लें। भ्रष्टाचार के मामले में एक-दूसरे के पैरों के नीचे से फट्टा खींचने का अभिनय तो सब करते हैं पर खींचता कोई भी नहीं। रणनीति में सभी अपने को चाणक्य बताने का प्रयास करते हैं पर चन्द्रगुप्त किसी के पास नहीं है। घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए हल्ला उनके लिए राजनैतिक मुद्दा होता है, कोई नैतिक आग्रह नहीं। कारण अपने गिरेबार मंे तो सभी झांकते हैं वहां सभी को अपनी कमीज दागी नजर आती है, फिर भला भ्रष्टाचार से कौन निजात दिरायेगा।

कैसी विडम्बना है कि आजादी के बाद सातवें दशक में भी हम अपने आचरण और काबिलीयत को एक स्तर तक भी नहीं उठा सके, हममें कोई एक भी काबिलीयत और चरित्र वाला राजनायक नहीं है जो भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था निर्माण के लिये संघर्षरत दिखें। यदि हमारे प्रतिनिधि ईमानदारी से नहीं सोचंेगे और आचरण नहीं करेंगे तो इस राष्ट्र की आम जनता सही और गलत, नैतिक और अनैतिक के बीच अन्तर करना ही छोड़ देगी। एक तरह से यह सोची समझी रणनीति के अन्तर्गत आम-जन को कुंद करने की साजिश है। इस साजिश को नाकाम करना वर्तमान सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें खुशी है कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार को चर्चित करके मोदी प्रधानमंत्री बने, हमें इस बात की भी खुशी है अब तक न तो मोदी और न ही उनके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगा है। लेकिन इस तरह के निष्कर्ष और इस तरह क्लिन चीट देना जल्दबाजी होगा। मूल प्रश्न भ्रष्टाचार को समाप्त करने का या उस पर नियंत्रण करने का है। विदेशों से काले धन को लाने से ज्यादा जरूरी है कि काले धन की उत्पत्ति के सारे रास्ते बन्द हो। काला धन भारत में वापस आये यह अच्छा है लेकिन इससे पहले हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि क्या काला धन बनना बंद हुआ? क्या काला धन बाहर जाना बंद हुआ है? इसलिए जरूरी यह है कि काला धन बनना रुके और देश से बाहर जाना रुके। हमारे भीतर नीति और निष्ठा के साथ गहरी जागृति जरूरी है। नीतियां सिर्फ शब्दों में हो और निष्ठा पर सन्देह की पर्तें पड़ने लगें तो भला उपलब्धियों का आंकड़ा वजनदार कैसे होगा? भ्रष्टाचार को हम कैसे देश निकाला दे पाएंगे। बिना जागती आंखों के सुरक्षा की साक्षी भी कैसी! एक वफादार चैकीदार अच्छा सपना देचाने पर भी इसलिये मालिक क्षरा तत्काल हटा दिया जाता है कि पहरेदारी में सपनों का खयाल चोर को खुला आमंत्रण है। राष्ट्र में जब राष्ट्रीय मूल्य कमजोर हो जाते हैं और सिर्फ निजी हैसियत को ऊँचा करना ही महत्त्वपूर्ण हो जाता है तो वह राष्ट्र निश्चित रूप से कमजोर हो जाता है और वर्तमान सरकार का दायित्व है कि वह राष्ट्र को कमजोर न होने दे। उसे दोहरा दायित्व निभाना है। अतीत की भूलों को सुधारना और भविष्य के निर्माण में सावधानी से आगे कदमों को बढ़ाना। वर्तमान सरकार के हाथों में उन्नत, विकसित एवं भ्रष्टाचारमुक्त भारत की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां थमी हुई हैं। भ्रष्टाचार की समस्या का कल नहीं, आज और अभी समाधान ढूंढना है, तभी भविष्य सुरक्षित रह पायेगा। 





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ललित गर्ग
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